Tag: risto me chudai

  • रिश्तों के लिए दी चूत की कुर्बानी xxx kahani

    प्रिय पाठकों कहानियों की इस दुनिया में आपका स्वागत करती हूं। मेरा नाम आयुषी है और मेरी उम्र महज 22 साल है। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी से अवगत करवाने वाली हूँ जो मेरे साथ कुछ 6 महीने पहले ही बीती है। तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करती हूं।

    जैसा कि मैने आपको बता ही दिया है कि मेरा नाम आयुषी है। मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ। मैं अभी कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई पूरी कर रही हूं। मैं दिखने में काफी खूबसूरत लगती हूँ। कॉलेज में तो सब लड़के मुझे ऐसे देखते है जैसे मैं उनके सामने नंगी खड़ी हूँ। मेरे अलावा मेरी एक फ्रेंड निशा भी है ओर वो भी दिखने में काफी हॉट है लेकिन मेरे बूब्स ओर गांड दिखने में उसे बहुत ही ज्यादा आकर्षित है। पढ़ाई के सिलसिले में मेरा निशा के घर आना-जाना चलता ही रहता था। इसी बीच मुझे निशा के भाई गौरव से बहुत ज्यादा प्यार हो गया था। निशा भी इस बात को जानती थी कि मैं उसके भाई गौरव को पसन्द करती हूं। लेकिन मेने कभी निशा को खुद से नही बताया कि मैं उसके भाई गौरव को पसन्द करती हूं। गौरव एक शांत स्वभाव और एक खूबसूरत शरीर और चेहरे का मालिक था, इसलिए मैं उससे प्यार करने लग गयी थी। मुझे बार-बार किसी ना किसी बहाने से निशा के घर पर जाना अच्छा लगता था, जिससे कि मैं बार-बार गौरव को देख सकूँ।

    लेकिन एक दिन ऐसा आया जब मेरी जिंदगी ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया था। मेरी फ्रेंड निशा को हमारे कॉलेज के सीनियर अजय से प्यार हो गया था। अजय एक नम्बर का वाहियाद नकारा ओर बुरा लड़का था। मुझे अजय बिल्कुल भी पसन्द नही था, लेकिन मेरी फ्रेंड निशा उसके प्यार में बिल्कुल पागल हो गयी थी। निशा, अजय के प्यार में अंधी होकर ये तक नही समझ पा रही थी कि अजय बस उसका फायदा उठाना चाहता है और वह उससे बिल्कुल भी प्यार नही करता है। जब निशा में मुझे बताया कि अजय उसके साथ शारीरिक संबंध बी बना चुका है तब मुझे बहुत ही हैरानी हुई साथ ही मुझे निशा पर बहुत ज्यादा गुस्सा भी आ रहा था। लेकिन मैं पूरी तरह से मज़बूर थी, क्योंकि इस समस्या को लेकर मैं कुछ भी नही कर सकती थी। अजय के माता-पिता बहुत बड़े बिजनेस मैन थे। अजय उसके माता पिता का इकलौता लड़का था, इसलिए वह दिन भर शराब पीता ओर अय्याशी करता रहता था।

    मुझे अजय बिल्कुल भी पसंद नही था। क्योंकि मैं जब से कॉलेज में आई थी, तब से ही अजय मुझ पर गंदी नजर टिकाए हुए था। वह हमेशा मेरे फिगर को घूरता ही रहता था। मुझे इस बात का पूरा यकीन था कि अजय ने मुझे तक पहुंचने के लिए ही निशा को अपना मोहरा बनाया है और निशा उसके जाल में आसानी से फंस भी चुकी थी। मेने एक दिन निशा को काफी अच्छे से समझाया कि अजय बहुत बुरा लड़का है और वह बस तुम्हारा फायदा उठा रहा है, लेकिन निशा ने मेरी बातों को मानने से पूरी तरह से इनकार ही कर दिया था। यही नही निशा ने यह बात अजय को भी बता दी कि मैं उसे अजय से दूर रहने का बोल रही हूँ। यह सुनकर अजय को काफी गुस्सा आ गया था। एक दिन जब कॉलेज में लंच के समय क्लास में अकेले बैठ कर पढ़ाई कर रही थी, तभी अचानक से अजय मेरे कमरे में आ गया था।

    अजय ने क्लास में घुसते से ही मुझे कहा कि “ क्यो बे साली क्या कह रही थी तो? मैं निशा का फायदा उठा रहा हूँ। हां मैं उसका फायदा उठा रहा हूँ और उसके बाद तेरा भी फायदा उठाऊंगा बोल क्या कर पाएगी तू”?

    “मुझे तुझसे कोई बाद नही करनी यहां से चुपचाप बाहर निकल जाए तू समझा”।- मेने अपना मुंह फेरतें हुए कहा

    तभी अचानक से अजय मेरे करीब आ गया था। मैं घबरा कर बेंच पर से खड़ी हो गयी थी, लेकिन अजय मेरे करीब बढ़ता ही जा रहा था। अचानक से उसने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर मुझे बाहों में जकड़ लिया था। मैं काफी घबरा गयी थी, ओर इससे पहले की मैं कुछ कहती अजय ने मेरे होंठ पर होंठ रख दिये और वह मुझे चूमने लग गया था। इस बार मैं ओर भी ज्यादा गुस्सा हो गयी थी। मेने पहले तो उसे धक्का देते हुए खुद को उसकी बाहों से छुड़वाया ओर फिर मेने सीधा उसके गालों पर एक जोरदार तमाचा दे मारा। मेरा तमाचा पढ़ने के बाद वह ओर भी ज्यादा गुस्सा हो गया था। वह दोबारा मेरे पास आया और उसने फिर से मेरे दोनों बूब्स को आने हांथों में जकड़ कर मुझे किस करने की कोशिश की लेकिन मेने इस बार फिर से उसके गालों तमाचा दे मारा। दो बार मेरे हाथों से ज़ोरदार तमाचा खाने के बाद अजय ओर भी ज्यादा आगबबूला हो गया था। इसके बाद अजय ने मुझसे कहा कि वो इस बेज्जती का बदला मुझ से जरूर लेगा, ओर बस इतना कहते हुए वह क्लास रूम से बाहर चला गया था।

    उस घटना के बाद तो मैं ओर भी ज्यादा घबरा गई थी, क्योंकि पहली बार किसी ने सार्वजनिक जगह पर किस किया और मेरे बूब्स को दबाया था। कुछ दिन तक तो मैं इस सदमे से बाहर ही नही निकल पाई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद मेने इस घटना के बारे में अपनी दोस्त निशा को सबकुछ बता दिया था। निशा ने पहले तो मेरी बातों को मानने से कर दिया और कहने लगी कि अजय कभी ऐसा कर ही नही सकता है। यह सुनकर मुझे निशा पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था और अब मैं ओर ज्यादा बर्दाश्त नही कर सकती थी, इसलिए मैंने उस दिन के बाद से निशा से बात करना पूरी तरह से बंद कर दिया था। कुछ दिन तक मैंने निशा से बात करना बिल्कुल ही बंद कर दिया था, लेकिन एक दिन निशा अचानक से मेरे पास आकर कहती हैं कि “आयुषी मेरे भाई गौरव के लिए घर वालों ने लड़की पसंद कर ली है और उसकी जल्द ही शादी करवाने वाले है”। यह सुनकर तो मेरे पैरों तले जमीन ही ही खिसक गई थी। आयुषी यह बात अच्छे से जानती थी कि मैं उसके भाई गौरव से बहुत प्यार करती हूं।”

    यह सुनकर तो मैं पूरी तरह से बेबस हो चुकी थी। मुझे समझ ही नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ? इसलिये मेने निशा से कहकर इस शादी को जल्द से जल्द रुकवाने ली मांग कि क्योंकि केवल निशा ही उसके भाई गौरव की शादी रुकवा सकती थी।

    “ठीक है आयुषी मैं तुम्हारे लिए इस शादी को रुकवा सकती हूं, लेकिन बदले में तुम्हें भी मेरी एक मदद करना होगी।” – निशा ने कहा

    “ठीक है पर मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकती हूं निशा??” – मेने जवाब देते हुए कहा

    “देखो तुमने मुझसे अजय से मिलने के लिये मना किया ना? इस बात से अजय मुझसे नाराज़ हो गया है और वह मुझसे शादी करने के लिए मना कर रहा है। अगर तुम चाहती हो कि मैं अपने भाई गौरव की शादी को रोक दूं, तो तुम्हे पहले मेरे लिए अजय से एक बार अकेले में मिलना होगा और तभी वह मुझसे शादी करेगा”। – निशा ने चालाकी से भरी निगाहों से कहा

    अब तक मैं समझ गयी थीं कि निशा मेरे पास मेरी मदद के लिए नही, बल्कि खुद की मदद करने के लिए मेरे पास आई है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह थी कि उसने मुझसे उसके भाई गौरव की शादी के बारे में भी झूठ कहा था, लेकिन मैं उसके जाल में बुरी तरह से फंस चुकी थी। इसलिए गौरव की शादी को रुकवाने के लिए में निशा के बॉयफ्रेंड अजय से अकेले में मिलने के लिए तैयार हो चुकी थी। कुछ दिनों बाद मैं निशा के बताए हुए समय के अनुसार, उसके बॉयफ्रेंड अजय से मिलने के लिये निकल चुकी थी। अजय ने मुझे जिस जगह पर बुलाया था, वह काफी सुनसान जगह थी, इसलिए मुझे बहुत डर लग रहा था। थोड़ी ही देर बाद मैं उस फ्लेट पर पहुंच जाती हूँ जहां पर अजय ने मुझे बुलाया था। मैं बाहर से ही दरवाज़ा बजाती हूँ ओर अजय से दरवाज़ा खोलने के लिए कहती हूँ। अजय तुरंत ही अपना दरवाज़ा खोलता है और मुझे अंदर आने के लिए कहता है।

    अजय नशे मैं काफी धुत्त लग रहा था, ओर कुछ देर तक उसने मुझसे कुछ नही कहा और बस ऐसे ही कुछ देर तक तो मुझे ऊपर से नीचे की तरफ घूरता रहा ओर फिर अचानक उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया था। वह बहुत ही गंदी नियत के साथ मेरे कंधे पर हाथ फेर रहा था, जो कि मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था। सच बताऊं तो अजय के ऐसे बर्ताव से मैं काफी डर गई थी और डर के मारे मेरी सांसे भी तेज होती जा रही थी। कुछ ही देर बाद अजय मेरे करीब आया और मुझे चूमने के लिए आगे बढ़ने लगा, तो मेने उसे धक्का देते हुए कहा कि “देखो तुम्हारे कहने पर मैं यहां पर आ चुकी हूं अब मैं वापस जा रही हूं”।

    मैं जैसे ही जाने के लिए आगे बढ़ी उसने मेरा हाथ पकड़ कर अप शब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि “साली रंडी तुझे क्या लगता है मेने क्या तुझे यहां सिर्फ देखने के लिए बुलाया है? आज मैं तेरी सारी अकड़ उतार कर तेरे उस दिन मुझे थप्पड़ मारने का बदला लेना चाहता हूं”।

    बस इतना कहते ही उसने मुझे इतनी कस कर बाहों में जकड़ लिया कि मैं उससे खुद को छुड़वा ही नही पा रही थी। उसने बिना मेरी इजाज़त के मेरे मुंह को पकड़ा और भूखे भेड़िये की तरह मेरे होंठो को चूमना शुरू कर दिया था। इस बार मेने जैसे-तैसे कर के खुद को उसके चंगुल से छुड़वाया ओर फिर तुरंत ही उसके गालों पर एक चांटा रसीद दिया था। अब वह ओर भी ज्यादा आगबबूला हो गया था। उसने मुझसे कहा कि “अबे साली रंडी तुझे क्या लगता है तू बहुत ही ज्यादा होशियार है? मैं जानता हूँ कि तू निशा के भाई से प्यार करती है, लेकिन तू यह नही जानती कि निशा के पेट मे मेरा बचा है और अगर तूने कोई भी होशियारी की तो तेरे साथ तेरी फ्रेंड की भी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”

    यह सुनकर तो मेरी रूह ही कांप चुकी थी। मुझे समझ ही नही आ रहा था कि अब क्या करना चाहिए। अब मैं बस चुपचाप खड़ी थी और मेरी आँखों से लगातार आंसू गिर रहे थे, क्योंकि मैं बहुत ज्यादा खुद को बेबस महसूस कर रही थी। मेरी मजबूरी का फायदा उठाते हुए अजय फिर से मेरे पास बड़ा और फिर मेरे होंठ पर होंठ रखकर मुझे चूमने लग गया था। इस बार मैं इतनी बेबस हो चुकी थी कि चाहकर भी उसका विरोध नही कर पा रही थी। उस दिन मेने नीली टॉप ओर ब्लैक स्कर्ट पहनी हुई थी। कुछ देर बाद अजय ने मेरी टॉप के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया था। इस दौरान मेरी आँखों से आंसू बहने लगे गए थे, लेकिन मेरे पास उसे मना करने के अलावा और कोई रास्ता नही था। लेकिन हां में ये भी जानती थी कि अब मैं कुछ भी नहीं कर सकती हूँ।

    कुछ देर बाद उसने उसने मेरी टॉप को भी ऊपर से खींच कर उतार दिया था। अब मैं केवल ब्रा में ही अजय के सामने खड़ी थी। मेने अपने स्तन को छुपाने के लिए अपनी ब्रा को अपने दोनों हाथों से ढंक कर रख दिया था। लेकिन अजय ने ज़बरदस्ती मेरे हाथों को हटा कर मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को चूमना शुरू कर दिया था। उसने एक के बाद एक मेरे शरीर के सभी हिस्सों को चूमना शुरू कर दिया था। इस दौरान मेरे चेहरे से आंसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। मेने कई बार अजय को मुझे जाने देने के लिए कहा, लेकिन वह एक भी सुनने के लिए तैयार ही नही था। अब अजय ने ऊपर से ही मेरी स्कर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी योनि को मसलना शुरू कर दिया था। अजय बार-बार मुझे गाली देकर मुझे बेबस किये जा रहा था। अजय के इस तरह योनि जो मसलने से मेरी सांसें तेज होती जा रही थी मैं ना चाहकर भी खुद को उत्तेजित होने से रोक ही नही पा रही थी। कुछ देर बाद अजय ने मेरे बूब्स की मेरी ब्रा से अलग कर दिया था। मैं देख पा रही थी कि मेरे बूब्स को देख कर अजय का लन्ड तन का खड़ा हो गया था, क्योंकि मैं उसके लन्ड को अपने शरीर से टकराते हुए महसूस कर सकती थी।

    अजय अब मेरे बूब्स को दबाकर मेरे निप्पल को चूस रहा था। उसके चूसने से मेरे निप्पल बहुत ही ज्यादा टाइड हो गए थे। वह कभी मेरे निप्पल को दांतों से काट रहा था, तो कभी बेरहमी से उन्हें मसल कर चूसते ही जा रहा था। कुछ देर बाद अजय ने अपनी पेंट को खोलकर मेरे सामने अपना 8 इंच का कड़क लन्ड बाहर निकाल लिया था। मेने पहली बार किसी जवान मर्द के लन्ड को आंखों से देखा था। अब अजय अपने लन्ड को मुझे मुंह मे लेने के लिए कह रहा था। मैं अजय के लन्ड को चुसने के लिए अपने घुटनों पर बैठ गयी थीं। जैसे ही मैं घुटनों पर बैठी तो अजय का कड़क लन्ड लगातार मेरे चेहरे से टकरा रहा था। मेने जैसे ही अजय के लन्ड को पकड़ा तो अजय अप शब्दों का प्रयोग करते हुए मुझे कहने लगा कि “चल साली रंडी अब चुपचाप से मेरे लन्ड को चूसना शुरू कर दे”।

    “मुझे माफ़ कर दो ओर कृपया कर के मुझे जाने दो “ – मेने बेबस होकर कहा

    “अच्छा रंडी ये सब तो तुझे मेरा अपमान करने से पहले सोचना था। चल अब जैसा मैं कहूँ वैसा करती जा नही तो मैं तेरी फ्रेंड को बदनाम कर दूंगा” – अजय ने गुस्से में कहा

    यह सुनकर मुझे काफी रोना आ रहा था, लेकिन मेरे पास अजय की बात मानने के अलावा ओर कोई दूसरा रास्ता भी नही था। मेने रोते हुए अजय के मोटे लन्ड को अपने हाथों में पकड़ा और फिर उसे अपने मुँह मे ले लिया था। मेने पहली बार किसी के लन्ड को इस तरह से मुंह मे लिया था, इसलिए मुझे पहली बार मे लंड का स्वाद काफी बुरा लगा इसलिये मेने उसे लन्ड को आधा मुंह मे लेकर उसे बाहर निकाल दिया था। मेने अजय को कहा भी कि मैने आज तक किसी के लन्ड को मुंह मे नही लिया है लेकिन अजय पर तो जैसे खून ही सवार था। उसे मुझ पर जरा सी भी दया नही आ रही थी, उसने तुरंत ही मेरे बालों को पकड़ा और फिर ज़बरदस्ती अपने लन्ड को मेरे मुँह में देकर जोर-जोर झटके देते हुए मेरे मुंह की चौदने लगा। अजय का लन्ड मेरे गले तक जा रहा था, इसलिए एक पल के लिए तो में तड़प ही गयी थी। कुछ देर तक वह ऐसे ही मेरे लन्ड को चूसने लगा और फिर वह एक बार झड़ गया था, उसने अपने गर्म और गढ़े वीर्य को मेरे मुंह पर ही ढोल दिया था।

    मैं यह देख पा रही थी कि अजय का लन्ड अभी भी काफी कड़क था। इससे मैं एक बात तो समझ चुकी थी कि आज मैं बहुत ही ज़बरदस्त तरीके से चुदने वाली थी। कुछ देर बाद ही अजय ने मुझे उठाकर एक बिस्तर पर ले जाकर घोड़ी बनाकर बैठा दिया था। उसने पहले तो मेरी स्कर्ट के नीचे से मेरी पेंटी को उतार कर नीचे फेंक दिया था और फिर मेरी स्कर्ट को ऊपर कर के मेरी कमर तक ऊंचा कर दिया था। अजय ने बिना देर किए पहले तो मेरी योनि को चाटना शुरू कर दिया था। उसने मुझे कुछ ही देर में तेजी से उत्तेजित कर के रख दिया था। कुछ देर बाद अजय ने अपने कड़क औजार को मेरी योनि की दीवार पर ले जाकर रख दिया था ओर फिर एक ही झटके में अपने लन्ड को केवल टोपे तक ही मेरी योनि के अंदर उतार दिया था। इस झटके से मुझे तेज दर्द हुआ जिससे मेरी तेज चीख ही निकल आयी थी बोर मेरी आँखों से आंसू ही निकल पड़े थे। कुछ देर तक अजय ऐसे ही मुझे केवल टोपे तक ही झटके देते हुए चोदते जा रहा था और मैं बस दर्द से तड़प कर “आह आह ओह्ह बस करो” कहते हुए चुदती ही जा रही थी। कुछ देर बाद अजय का लन्ड फिसल कर बाहर की ओर आ जाता है ओर वह अगले प्रयास में एक ही झटके में अपने पूरे लन्ड को मेरी योनि के अंदर उतार देता है। इससे पहले की चीखती अजय मेरे मुंह को पकड़ कर मुझे अपनी पूरी रफ्तार के साथ झटके देते हुए चौदने लगता है। अब तक मेरी योनि 2 बार पानी छोड़ चुकी थी, लेकिन अजय थमने का नाम ही नही ले रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह सेक्स बढ़ाने की दवाई लेकर चुदाई कर रहा है।

    इतनी देर तक चुदने के बाद अब मुझसे भी रहा नही जा रहा था। कुछ देर बाद मुझे भी अजय से चुदने में आनंद आने लग गया था। मैं अजय से किसी कामुक लड़की की तरह जोर-जोर से चौदने के लिए कह रही थी और अजय मुझे लगातार अलग-अलग पोजिशन में मुझे चोदता ही जा रहा था। कुछ देर बाद है ने मुझे बिस्तर पर सीधा लेता दिया और फिर मेरी टांगो को अपने कंधे पर रखकर मुझे फिर से मशीन की तरह चौदने लग गया था। इस दौरान में अपने बूब्स को दबाकर चुदने का मजा ले रही थी। कुछ देर बाद अजय बिस्तर पर लेट गया था और मैं उसके ऊपर बैठ गयी थी। मैं पहले तो अजय के लिंग पर अपनी योनि को सेट करने लगी और फिर उसके लिंग को अपनी योनि में लेकर उपर नीचे होकर मजे से चुदने लग गयी थी। इस दौरान अजय मेरी कमर को पकड़े हुए था और मैं अपनी कमर को घुमाकर ओर उपर नीचे करते हुए अजय को चर्म सुख का आनन्द दिए जा रही थीं। अजय की इस लंबी चुदाई ने मुझे बिल्कुल बेशर्म ही बना दिया था। इस दौरान अजय ने अपने वीर्य को भी मेरी योनि में ही उतार लिया था। उसके बाद में अपने घर चली आयी थी ओर मेने अपने सभी रिश्तों को भी टूटने से बचा लिया था।

    अगर आपको यह कहानी पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

  • अंकिता ने अपनाया चुदाई का रास्ता Hindi sex story

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं बैगलोर के एक बैंक में कर्मचारी हूँ| काफी साल से बैंक में नौकरी करने की वजह से मेरी बैंक वालों से काफी अच्छी बनी हुई थी| कुछ ही समय तक बैंक में काम करते हुए मुझे बैंक में मैनेजर भी बना दिया गया था| आज मैं आपको मेरी एक सच्ची सेक्स की कहानी बताने वाला हूँ जिसे जानकर आपको मजा ही आ जाएगा|

    यह बात आज से करीब 1 साल पहले की है जब मेरी उम्र 32 साल थी| मेरी शादी हो चुकी थी और मेरे दो बच्चे भी थे| मैं काफी सरल स्वभाव का हूँ लेकिन मैं काफी ज्यादा कामुक हूँ| मुझे अपनी सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करना अच्छे से आता है और यही वजह है कि आज तक मेने अपनी बीवी के अलावा किसी और लड़की को चोदने के बारे में सोचा तक नहीं था| मेरी जिन्दगी काफी सही चल रही थी| मैं अपनी बीवी और दो बच्चो के साथ बहुत खुश था, लेकिन एक दिन मेरी जिन्दगी में एक ऐसी लड़की आई जिसने मेरी जिंदगी को काफी हद तक बदल कर ही रख दिया था| एक बार की बात है जब हमारे बैंक में एक नयी कर्मचारी आयी और उस कर्मचारी का नाम अंकिता था|

    अंकिता की उम्र 28 साल थी, लेकिन उसका शरीर 20 साल की किसी खुबसुरत लड़की की तरह लगता था| अंकिता की शादी एक साल पहले ही हुई थी, लेकिन अभी तक उसका कोई बच्चा नहीं था| अंकिता का शरीर एक दम गौरा और चिकना था| उसकी शर्ट के ऊपर से दिखने वाले हलके से और सफेद बूब्स उसे और भी ज्यादा आकर्षित बनाते थे| जब भी वह चलती थी, तो उसकी ठुमकती हुई चाल के साथ लोगों की नजर उसकी गांड और बूब्स पर टिक सी जाती थी| अंकिता हमेशा काली स्कर्ट में बैंक आया करती थी, जिसमे हिल वाली सेंडिल पहनने के कारण मेरी नजर बार-बार उसकी ठुमकती हुई टांगों और गांड की तरफ जाती थी| मैं जब भी अंकिता को देखता था, तो मेरी पेंट में एक लम्बा चौड़ा तम्बू तन जाया करता था| पता नहीं क्यूँ पर मुझे अंकिता वासना की भूखी लगती थी|

    वो काफी समय से बैंक में काम कर रही थी, लेकिन फिर भी काफी समय से मेरी अंकिता से बात नहीं हो पा रही थी| कुछ दिन बाद ऐसे हुआ कि अंकिता खुद ही मुझे देखकर मुझसे थोड़ा हाय हेल्लो करते हुए बाते करने लग गयी थी| वो अक्सर मुझसे मुस्कुरा कर बातें करती थी और मुझसे बातें करने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ ही लिया करती थी| कुछ दिन से तो वह मेरे ऑफिस में भी आने लग गयी थी| वह बातों ही बातों में जानबूझकर मुझसे डबल मीनिंग वाली बातें करने लग जाया करती थी| साथ ही मौका मिलने पर वह बातों ही बातों में बार-बार झुक कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवा दिया करती थी| अंकिता की हरकतों को देख कर समझ गया था कि अंकिता मुझसे किसी बड़ी वजह से नजदीकिया बड़ा रही है| वैसे तो मैं लड़कियों के मामले में काफी सख्त था और अपनी पत्नी के अलावा किसी और लड़की के बारे में सोच भी नहीं सकता था लेकिन फिर भी पता नहीं क्यूँ मैं अंकिता की तरफ खींचा ही चला जा रहा था| शायद मेरा अंकिता की तरह आकर्षित होने की वजह उसका लाजवाब फिगर था| अब मैं भी अंकिता के साथ नजदीकियां बढाकर उसे चोदना चाहता था और साथ ही यह भी जानना चाहता था कि आखिर अंकिता मेरे साथ इतनी नजदीकियां क्यों बढ़ा रही है|

    कुछ ही दिनों में अंकिता और मेरी अच्छी बातचीत होने लग गयी थी| हम अक्सर ऑफिस से घर जाने के बाद रात भर फ़ोन पर एक दूसरे से बातचीत किया करते थे| एक बार ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे के साथ फिल्म देखने के लिए भी चले गए थे| हम दोनों ने थियेटर में एक दम कोने वाली सिट ले रखी थी| थियेटर में एक रोमांटिक फिल्म चल रही थी| मेने सही मौका पाते हुए पहले तो अंकिता के हाथ पर हाथ रख दिया और जैसे ही अंकिता ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा मेने अंकिता के होठ पर होठ रखते हुए उसे एकदम जबर्दस्त किस कर दिया था| उसके मेरे चूमने का बिलकुल भी बुरा नहीं लगा था जिस वजह से मेरी हिम्मत और भी ज्यादा बढ़ने लग गयी थी| फिल्म देखने के दौरान ही मैं अंकिता की जाँघों पर हाथ फेरने लग गया था| इस दौरान अंकिता कि सांसे तेज और भारी हो गयी थी| उसकी आँखें बार-बार बंद हो रही थी, शायद उसे भी काफी मजा आ रहा था|

    उसके बाद हमें घर पर निकलना था, इसलिए मेने अंकिता को उसके घर पर छोड़ दिया था| उस दिन के बाद से मैं रोज अंकिता को ऑफिस के बाद उसके घर छोड़ने जाया करता था| एक बार की बात है जब अंकिता के पति अपने काम के सिलसिले से कहीं बाहर गए हुए थे| इसी दौरान अंकिता ने मुझे चाय पीने के लिए अपने घर पर बुलाया था| रोजाना की तरह मैं, अंकिता को उसके घर पर छोड़ते हुए उसके घर चाय पीने के लिए रुक गया था| पहले तो अंकिता एक रूम में गयी और अपनी ऑफिस ड्रेस को बदलकर एक हॉट अंग प्रदर्शन करने वाली ड्रेस पहन कर मेरे सामने आ गयी थी| अंकिता मुझसे कहा “आप बैठिये मैं थोड़ी देर में आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ| कुछ ही देर में अंकिता चाय बनाकर मेरे पास आ चुकी थी| अंकिता चाय का कप रख कर मेरे पास बैठ गयी थी| मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मुझसे कुछ कहना चाहती है लेकिन वो शायद कुछ कह नहीं पा रही थी| लेकिन मेरा इरादा शायद कुछ और ही था| मैंने अंकिता की तरफ प्यार भरी निगाहों से देखा और फिर उसे छूने के लिए आगे बढ़ने लगा| मेने अंकिता के होंठ पर अपने होंठ रखे ही थे कि अंकिता ने मुझे दूर करते हुए कहा कि “सर मैं आप से कुछ बात खाना चाहती हूँ”| मेने भी थोड़ी हैरानी से देखते हुए अंकिता से कहा “ हाँ बोलो तुम मुझसे क्या कहना चाहती हो?”|

    अंकिता का चेहरा निराशा से भर गया था| उसने रोते हुए मुझसे कहा “सर मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूँ और एक साल पहले ही मेरी शादी हुई है| मैं अपने पिता की इकलौती लड़की हूँ इसलिए उन्होंने मुझे पालने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी| उन्होंने मुझे पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और उन्ही की वजह से मैं आज बैंक में काम कर रही हूँ| मेरी सभी सपनों को पूरा करने से लेकर मेरी शादी करने तक के लिए उन्होंने इतना कर्जा ले लिए था कि अब वह कर्जे में बिलकुल डूब ही गए है| मैं उनकी मदद करना चाहती हूँ लेकिन अब मेरे ससुराल वाले मुझे उनकी कुछ ख़ास मदद नहीं करने देते है| लेकिन अगर आप चाहे तो आप मेरी काफी मदद कर सकते है|

    मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूँ” – मेने थोड़ी हैरानी से पूछा

    “अगर आप मेरे प्रमोशन की सिफारिश कर देते है तो मैं अपने परिवार की ज्यादा से ज्यादा मदद कर सकती हूँ और इसके लिए आप जो बोलेंगे मैं आपके लिए वो सब करने के लिए भी तैयार हूँ”| – अंकिता ने जवाब देते हुए कहा

    “ अच्छा तो तुम मेरे लिए क्या कर सकती हो”? – मेने ऐसे ही अंकिता से पूछ लिया

    अंकिता काफी समझदार थी और वह मेरी जरुरत को काफी अच्छे से समझती थी| वो तुरंत ही मेरी तरफ बड़ी और उसने मुझसे धक्का देते हुए बिस्तर पर लेटा दिया था| अब वह मेरे ऊपर बैठ गयी थी| इस दौरान मैं उसकी यौनी को अपने लिंग से रगड़ खाते हुए महसूस कर सकता था| उस समय अंकिता ने एक हॉट स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी| अब मेने अंकिता की शर्ट के ऊपर से ही बूब्स को दबाना शुरू कर था| अंकिता की सांसे एक दम तेज होने लग गयी थीं| अंकिता बहुत ही ज्यादा हॉट दिखने वाली लड़की थी, वह मेरे लिंग के ऊपर बैठकर अपनी चूतड़ से मेरे लिंग पर रगड़ें जा रही थी। अंकिता की इस तरह की कार्रवाई से मैं काफी ज्यादा उत्तेजित होता जा रहा था। तेज उत्तेजना के कारण अब मुझसे ओर सब्र नही हो पा रहा था। मैं तेजी से बैठा ओर मेने भी धक्का देते हुए अंकिता को बिस्तर पर लेटा दिया था। अंकिता को बिस्तर पर लेटा देने के बाद पहले तो मैने उसके कपड़े के ऊपर दे दिख रहे हल्के से बूब्स की लकीरों चूमना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही देर बार मेने अपने होंठ को अंकिता के होंठ पर रखकर उसके होंठ के रस को पीना शुरू कर दिया था। अंकिता के होंठ काफी नर्म थे, ऐसा मन कर रहा था जैसे कि हमेशा उसके होंठ को ऐसे ही चूमता रहूं। अब हम बिस्तर पर एक के बाद एक कर के एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर किसी भूखें भेड़िये की तरह एक दूसरे को चूमते ही जा रहे थे।

    कुछ देर बाद अंकिता ने मेरी पेंट को खोलकर मेरे 7 इंच के लन्ड को बाहर निकाल दिया था। उसने पहले किसी चुदासी औरत की तरह मुस्कुराते हुए पहले तो मेरी तरफ देखा और फिर उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था। अंकिता ने कुछ ही देर में मेरे लंड को पूरी तरह से गीला कर दिया था। वह मेरे लंड को अपने गले तक चुस्ती ही जा रही थी, उसे देखकर मुझे बस यही ख्याल आ रहा था कि उसका पति कितना खुश नसीब होगा जिसे ऐसी पत्नी मिली। वह इतने अच्छे से मेरे लंड को मुंह मे ले रही थी कि एक बार तो मैने अपना वीर्य उसके मुंह मे ही छोड़ दिया था। इससे पहले की अंकिता के पति घर पर पहुंचते में जल्दी से अपने घर की तरफ निकल चुका था। मैं अंकिता के जिस्म का स्वाद बिल्कुल वैसे ही चख चुका था, जैसे कि किसी शेर की दाढ़ में खून लग गया हो, इसलिए अब मेरा मन अंकिता को जमकर चौदने का कर रहा था। अंकिता ने मुझे पूरी तरह से खुश कर दिया था, इसलिए मैंने उसके कहे मुताबिक जल्दी से उसके जॉब प्रमोशन की भी मांग कर दी थी। भले ही मैं अपनी पत्नी को धोखा यही देना चाहता था, लेकिन अंकिता ने मुझे पूरी तरह से बेबस कर दिया था अब मैं किसी भी तरह से अंकिता को चौदना चाहता था।

    एक दिन ऑफ़िस की छुट्टी के बाद मेने अंकिता से मिलने का प्लान बनाया था। मेने सोच लिया था कि मैं एक बार अंकिता को अच्छे से चोदूँगा ओर फिर हमेशा के लिए अंकिता का ख्याल अपने दिल से निकाल दूँगा। उस दिन मेने नज़दीक में ही अपने दोस्त का फ्लैट 3 घंटे के लिए ले लिया था। ऑफ़िस से छूटने के बाद तुरंत ही अंकिता को लेकर रूम में जाने के लिए निकल गया था। उस दिन अंकिता ने बहुत ही खूबसूरत ड्रेस पहन रखी थी। उसकी स्कर्ट देख कर मैं इतना पागल हो गया था कि रूम में जाने से पहले ही मेने एक सुनसान जंगल की तरफ अपनी गाड़ी रोक दी थी। इससे पहले की अंकिता मुझसे गाड़ी रोकने के कारण पूछती मेने अंकिता की गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया था। मेरी इस अचानक कि कार्रवाई से अंकिता की सांसे तेज होने लग गयी थी। कुछ ही देर में अंकिता भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी। अंकिता ने पहले तो मेरी शर्ट को उतार कर मुझे ऊपर की तरफ से नँगा कर दिया था। अब उसने मेरे सीने पर अपना नर्म हाथ फेरना शुरू कर दिया था। उसके सिर्फ स्पर्श भर से ही मेरा लन्ड अपनी पूरी रफ्तार से तन कर खड़ा हो गया था।

    अब वह मेरे सीने पर हल्के से चुम्बन की बरसात कर रही थी, जिस वजह से मेरा लंड ओर भी ज्यादा तन कर खड़ा हो गया था। अंकिता को देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी तरह वह भी चुदाई करने के लिए मरी ही जा रही है। कुछ ही देर बाद उसने मेरे लंड को निकाल कर उसे चूसना शुरू कर दिया था। इस दौरान मैं उसके सर पर हाथ फेर रहा था और वह जोर जोर से मेरे लन्ड को चूसते चली जा रही थी। कुछ देर तक तो वह मेरे लन्ड को ऐसे ही चुस्ती रही और फिर मेने उसकी स्कर्ट के नीचे से उसकी पैंटी को निकाल कर नीचे फेंक दिया था। अब मैं उसकी गुलाबी योनि के साथ खेले जा रहा था। मैं उसकी योनि के बीज को अपने हाथों से मसलकर उसे चूसे जा रहा था। इस दौरान अंकिता के मुंह से हल्की “आह आह” की आवाजे निकल रही थी। अब मेने अंकिता की सफेद शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया था। इतने में ही अंकिता ने अपनी शर्ट को भी उतार कर पीछे की तरफ फेंक दिया था। अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा ओर स्कर्ट में थी। मैं अंकिता की ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमते चला जा रहा था। तेज उत्तेजना के कारण अंकिता ने अपनी ब्रा को भी उतार कर नीचे फेंक दिया था। मेने देखा कि अंकिता के बूब्स वाकई में लाजवाब थे, ओर उसके निप्पल का रंग भी गुलाबी था, जो कि मेरी उत्सुकता का करना था।

    मेने बिना देरी किये अंकिता के गोल-मटोल बूब्स को आपस मे रगड़ कर उसे मसलना शुरू कर दिया था। मैं उसके बूब्स को बिल्कुल आम की तरह चूसते जा रहा था। इस दौरान अंकिता ओर भी ज्यादा उत्तेजित होती हुई दिखाई दे रही थी। मैं उसके बूब्स को चूस रहा था और वह अपनी योनि में उंगली डालकर खुद को ओर भी ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी। अब मुझसे ओर ज्यादा इंतज़ार नही पा रहा रहा था। पहले तो मैने अंकिता की स्कर्ट को ऊपर किया और फिर वह मेरे सामने सीधा मेरी गोद मे आकर बैठ गयी थी। पहले तो अंकिता ने मेरे लिंग को पकड़ कर अपनी योनि पर सेट किया और फिर धीरे-धीरे मेरे लिंग को अपनी योनि में घुसाने लग गयी थी। लिंग अंदर ले लेने के बाद वह अपनी कमर को घुमाते ओर झटका देते हुए मुझे चर्म सुख का आंनद दे रही थी। बस कुछ ही देर में अंकिता ने मुझे अपनी चरम सीमा पर पहुंचा दिया था। मैं निकिता की गांड ओर कमर पर हाथ फेरतें हुए उसे लागातर जोर जोर से झटके देते हुए चोदे जा रहा था। इस दौरान अंकिता के मुंह से तेज “आह आह आई अम्म ओह्ह” की आवाजें आ रही थी। वह मुझे चूमते हुए बहुत तबियत से मुझसे चुदती ही जा रही थी।

    मेरा लंड अभी भी थमने का नाम ही नही ले रहा था। जैसे-तैसे कर के मेने अंकिता को अब गांड चुदाई के लिए भी मना लिया था। अंकिता की चुत में से अब तक उसका कामरस बह चुका था, जिस वजह से उसकी पूरी गांड ही गीली हो गयी थी। मैं उसकी गीली गांड में अपना लन्ड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा था। कुछ ही देर में मैने अंकिता को सीट पर ही घोड़ी बना कर बैठा दिया था। अब मैं अंकिता के पीछे जाकर उसकी गीली गांड के छेद पर अपना लन्ड रगड़ रहा था। पहले तो मैने अंकिता की गांड पर अपना लन्ड रखा और एक ही झटके में सिर्फ टोपे तक ही अपना लन्ड अंकिता की गांड में घुसेड़ दिया था। इस दौरान अंकिता के मुंह से तेज चीख निकल गयी थी। वह बार-बार मुझसे कह रही थी कि “आह आह दर्द हो रहा प्लीज इसे बाहर निकालो” लेकिन के भी अब कहा सुनने वाला था। मेने भी तुरंत ही दूसरे झटके में अपना पूरा लन्ड ही अंकिता की गांड में उतार दिया था। अब अंकिता दर्द से चुद रही थी और मैं डॉगी स्टाइल में अंकिता को जोर-जोर से झटके देते गए चोदता ही जा रहा था। कुछ ही देर बाद मैं झड़ गया था और मैने अपना गर्म गाढ़ा वीर्य अंकिता की गांड में ही ढोल दिया था। कुछ देर बाद हम वहां से जा चुके थे। उस दिन के बाद मेने फिर कभी अंकिता को चौदने के बारे में नही सोचा था।

    अगर आपको यह कहानी पसंद आयी हो तो इसे दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

  • गर्लफ़्रेंड की फ्रेंड को बुला कर चोदा

    हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अभिषेक है, और मैं कानपुर का रहनें वाला हूँ| मेरे घर वालों की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण मेने अपना कॉलेज हमेशा के लिए छोड़ दिया था, और यही कानपुर में जॉब करना स्टार्ट कर दिया था| काफी मुश्किलों के बाद मुझे मेरे ही ऑफ़िस में काम करने वाली एक लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी, और देखते ही देखते पता ही नहीं चला की कब हम एक दूसरे से सच्चा प्यार करने लग गए|



    मेरी गर्लफ़्रेंड सुहानी की एक फ्रेंड थी, जिसका नाम सुनीता था| सुनीता, सुहानी की काफी अच्छी फ्रेंड हुआ करती थी, इसलिये हम दोनों कभी-कभी एक दूसरे से बात किया करते थे|

    मेरी गर्लफ़्रेंड की फ़्रेंड उससे काफी जला करती थी, वो अक्सर फ़ोन पर मेरी गर्लफ्रैंड की बुराई किया करती थी| लेकिन मैं इस बात पर ध्यान नहीं दिया करता था|मेरी गर्लफ्रैंड की फ़्रेंड सुनीता और मैं अक्सर एक दूसरे से बात चीत किया करते थे, और क्योंकि सुनीता का कोई ब्वॉयफ़्रेंड नहीं था इसलिये वो मुझसे कुछ भी खुल्लम-खुल्ला बोल देती थी|

    सुनीता अक्सर मेरे और सुहानी के बीच क्या हुआ, ये सब मुझसे पूछा करती थी| यहाँ तक की वह हमसे हमारी किस और सेक्स के बारे में भी पूछा करती थी| सुनीता और मेरे बीच ज्यादातर बातें हंसी -मज़ाक और सेक्स की ही होती थी| सुनीता अक्सर मुझसे ऐसे ही सवाल पूछा करती थी जैसे :- “तुम सुहानी को कहा-कहा पर टच करते हो, तुम्हारे बीच कुछ हुआ है, या नहीं? कुछ इसी प्रकार के सवाल अक्सर हुआ करते थे|

    कुछ दिन बातों ही बातों ही बातों मैं सुनीता ने मेरे अंदर सुहानी को लेकर इतना जहर भर दिया की मैं सुहानी से नफरत करने लगा गया था| अक्सर सुहानी और मेरा झगडा हो जाया करता था और इसलिये एक दिन मेने सुहानी से ब्रेक अप कर लिया| सुहानी से ब्रेक अप होने के बाद में काफी उदास रहने लगा था| और इसी बीच मेरी सुनीता से काफी अच्छी बनने लगी थी, और हम दोनों एक दूसरे काफी ज्यादा बातें करने लगे थे| काफी दिन बीत गए और सुनीता और मेरे बीच नजदीकियां काफी ज्यादा बढ़ने लगी थी| एक दिन सुनीता ने खाने पर जाने का प्लान बनाया, और अपने घर वालों को झूट बोलकर मेरे साथ घुमने के लिए मेरे पास आ गयी| सुनीता का घर मेरे घर से करीब 20 किमी की दूरी पर था|

    सुनीता लाल कलर की स्कर्ट और टॉप पहन कर मेरे साथ घूमने के लिए आई थी| पहले हम दोनों ने खाना खाया और इसी बहाने मेने कई बार सुनीता को टच किया और उस पर हाथ भी रख दिया, लेकिन उसे इस बात का बिलकुल भी बुरा नहीं लग रहा था| वह मेरी गर्लफ़्रेंड की तरह मुझसे काफी ज्यादा घुल मिल गयी थी| फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने फिल्म देखने का प्लान बनाया और एक मॉल में फिल्म देखने के लिए चले गए थे| हम दोनों फिल्म देखने में काफी ज्यादा व्यस्त थे, और इसी बीच मेने सुनीता के कंधे पर भी हाथ रख दिया था, जिसका उसने जरा सा भी बुरा नहीं माना था| कुछ देर बाद फिल्म में एक काफी ज्यादा रोमांटिक किसिंग सीन आता है, जिसे देखकर सुनीता मुझसे पूछ बैठी कि ”क्या तुम भी ऐसे ही सुनीता को किस किया करते थे??

    नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं किया करता था – मैंने जवाब देते हुए कहा

    फिर कैसे किया करते थे – सुनीता ने फिर से पूछा


    हम ने थिएटर में बिलकुल कोने वाली सिट ले रखी थी, जहां पर कोई भी नहीं बैठा हुआ था| मेने सही मौका देख कर सुनीता के होंठ पर अपने होंठ रख दिए, और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लग गए थे| करीब 5 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को चुमते रहे, और फिर फिल्म खत्म हो जाने के बाद हम वहां से चले गए| वहीँ से कुछ दुरी पर मेरे एक दोस्त का फ्लेट था, मेने अपने दोस्त को पहले ही बता दिया था कि मैं वहां पर आ रहा हूँ| मेरे दोस्त का फ्लेट अक्सर खाली रहता था, इसलिये उसने मुझे पहले ही अपने फ्लेट की चाबी दे रखी थी|

    कुछ देर बाद मैं सुनीता को लेकर अपने दोस्त के फ्लेट पर आ गया, जहां पर सुनीता और मैं एक दुसरे से हंसी-मज़ाक और बातचीत करने में लग गए| कुछ देर बाद बातों ही बातों में मैंने सुनीता के बूब्स पर हाथ रख दिया, वह एक दम से चौक गयी, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं कहा| फिर धीरे से मेने अपना दूसरा हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे किस करने लगा| किस करने के बाद सुनीता की आवाज़ भारी हो गयी, और उसकी साँसे तेज चलने लगी| मैं समझ गया था कि सुनीता गर्म हो चुकी है, और वो भी अब पूरी तरह से मजे लेने के मूड में है|

    अब धीरे से मैंने सुनीता के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया, और सुनीता के मुंह से आह,आह,अम्म्म, ओह्ह्ह्ह की आवाजें आने लगी, और कुछ ही देर मे सुनीता भी उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँच गयी| सुनीता ने मुझे अचानक से बिस्तर पर धक्का दे दिया और फिर अपना टॉप उतार कर जमीन पर फेंक दिया| कुछ ही देर बाद सुनीता ने अपनी ब्रा भी उतार कर ज़मीन पर फेंक दि| मैं सुनीता के इतने बड़े बूब्स देख कर हैरान ही रह गया था, सच में उसका शरीर काफी ला जवाब था, और उसके शरीर की बनावट के तो क्या कहने, कोई भी इंसान उसे देखकर ही फ़िदा हो जाए| इतने बड़े बूब्स देखकर मुझसे जरा भी रहा नहीं गया और मैं अपने हाथों से उसके बूब्स को मसलते हुए उसे चूसना शुरू कर दिया|

    सुनीता का शरीर काफी गौर था, और रेशमी भूरे रंग के बाल और सिर्फ काली पेंटी में वो काफी हॉट लग रही थी| हम दोनों एक दूसरे को भूखे भेडिये की तरह चुमते हुए बिस्तर पर लौट लगा रहे थे| कुछ देर बाद सुनीता ने मुझे लेटा कर मेरी अंडरवियर को उतार कर फेंक दिया, और मेरे 7 इंच के विशाल लंड को अपने मुंह के पूरा अन्दर लेकर चूसने लगी| उसे देख कर लग रहा था कि वो किसी के लंड को लेने के लिए काफी समय से भूखी थी, इसलिये वो मेरी गर्लफ़्रेंड से काफी जला करती थी| मैं भी इस भड़कते हुए शौले का पूरी तरह से फायदा उठाना चाहता था, इसलिये मेने सुनीता को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी पेंटी उतार कर फेंक दि, अब उसकी लाल चूत पर लगे उस बीज को मेने अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया था| सुनीता के मुंह से अब आवाज़ काफी तेज निकलने लगी थी, वह अपने बूब्स को मसलते हुए लगातार कह रही थी “ ओह्ह्ह्ह अभिषेक आह्ह्ह्ह चोद दो मुझे मैं काफी समय से भूखी हूँ””

    कुछ देर बाद उसकी चुद में से सफेद पानी बाहर आ गया, जिसे देखकर अब मेरा लंड भी उफान पकड़ने लगा था| मेने अपने लंड को उसकी लाल शेव चुद में डालने के लिए सेट किया और एक ही बार मैं अपना लंड उसकी चुद मैं पूरी तरह से अन्दर उतार दिया| सुनीता के मुंह से चीख निकल गयी, वो कहने लगी आह्ह्हह्ह्ह्ह बाहर निकालो इसे प्लीज, लेकिन अब मैं भी कहा रुकने वाला था मैं अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चुद के अंदर बाहर करने लग गया था| कुछ देर बाद उसका दर्द बंद हो गया, और मैं लगातार ठप-ठप की आवाज़ के साथ उसे पेले जा रहा था| सुनीता अपने मुंह को छुपाते हुए मुस्कुराते हुए सेक्स का आनंद ले रही थी| कुछ देर बाद सुनीता भी मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे लंड को अपनी चुद में डालते हुए दंड बैठक लगाने लगी, मेरे भी मुंह से “ आह सुनीता तुम कितनी अच्छी हो, आह्ह्ह की आवाजें आने लगी थी| उस दिन सुनीता को पता नहीं क्या हो गया था, वो काफी लम्बे समय तक झड़ ही नहीं रही थी|



    थोड़ी देर बाद मेने उसे लेटा कर मशीनरी अंदाज़ में उसे चोदना शुरू किया, और तब जाकर आह,आह की जोर की आवाज़ निकालते हुए सुनीता झड गयी| कुछ देर बाद मैं भी झड गया था और मेने अपना गर्म वीर्य सुनीता के मुंह में ही ढोल दिया था| सुनीता ने मेरे गर्म वीर्य को अपने गले में उतार लिया, और फिर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर 2 घंटे तक सोते रहे| फिर करीब 2 घंटे बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और रूम की अच्छे से सफाई की, और वहां से मेने सुनीता को उसके घर पर ही छोड़ दिया|

    उस दिन के बाद से में सुहानी को बिलकुल भूल ही गया था, और मैं बस सुनीता से ही बात किया करता था| हम दोनों हर हफ्ते ऐसे ही घूमने का प्लान बनाया करते थे, और फिर मेरे दोस्त के फ्लेट पर आकर जम कर चुदाई किया करते थे| अब मुझे हमेशा सुनीता ही आगे से चुदाई के लिए फोन लगाया करती थी|

    दोस्तों अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आई हो तो इसे शेयर जरुर करें|

  • ढोंगी बाबा से चुदवा लिया

    हेल्लो प्रिय दोस्तों, आप सभी लोगों का एक बार फिर से स्वागत करती हूं शानदार कहानियों की इस दुनिया में, और आज जो सच्ची कहानी मैं आप सभी से शेयर करने जा रही हूं वो काफी ज्यादा मजेदार होने वाली है, इसलिए हमारे साथ बने रहिएगा।



    सबसे पहले मैं अपने बारे में कुछ बता देती हूँ मेरे नाम रागिनी है और इंदोर के विजयनगर एरिया की रहने वाली हूँ| मेरी सुन्दरता का तो क्या कहना है मेरी सुन्दरता के चर्चे यहाँ पर दूर-दूर तक फेलें हुए है| मेरे बाल एक दम सीधे और भूरे रंग के है दरअसल मेने अपने बालों को पार्लर में ऐसा करवाया है जिससे मैं काफी ज्यादा आकर्षित लगने लगू|

    मेरी आँखे भूरे रंग की है जो कोई भी मुझे एक बार देख लेता है वो पूरी तरह से मेरी आँखों में बस जाता है| मेने जिम जाकर अपने शरीर को भी काफी आकर्षित बना दिया है|

    मेरे परिवार अक्सर मेरे पापा, चाचा और बड़े पापा की जायदाद को लेकर लड़ाईयां होती रहती है इसलिये ज्यादातर मेरे परिवार में कोई भी एक दूसरे से ज्यादा बात नहीं करता है| मेरी यहाँ बस मेरी भाभी से ही सबसे ज्यादा बनती है| अब मैं आपको जरा अपनी भाभी के बारे मैं भी कुछ बता देती हूँ|

    मेरी भाभी मॉडलिंग किया करती थी और वह काफी फेमस भी थी| पर उनको मेरे भाई से प्यार हो जाने के बाद उन्होंने मॉडलिंग करना बंद कर दिया था| लेकिन वो अभी किसी स्लिम खुबसुरत अप्सरा की तरह लगती है| उनका शरीर काफी गौरा और आकर्षक है कहना तो नहीं चाहिए पर उन्होंने अपने बूब्स और गांड को भी काफी ज्यादा मेंटेन रखा हुआ है| मेरी भाभी अभी किसी हिरोइन से कम नहीं लगती है|




    भाभी और मैं अक्सर हमारे घर से थोड़ी ही दूर बने एक बाबा के आश्रम में जाया करते थे| वहां पर हम ध्यान और योगा करने जाया करते थे साथ ही हमारे घर की शांति के लिए पार्थना भी किया करते थे| उस आश्रम के बाबा ज्यादा पहुंचे हुए बाबा थे उनका नाम पूरे इंदौर में मशहूर था|

    अब तक हमें उस आश्रम में जाते-जाते 4 महीने बीत चुके थे और सबकुछ ठीक ही चल रहा था|

    लेकिन मेने इतने समय में यह नोटिस किया जब भी हम ध्यान लगाते थे, वह बाबा हमारे शरीर की तरफ देखता रहता था| मेने ध्यान लगाते हुए चुके से आखे खोलकर बहुत बार बाबा की इस हरकत को देखा था और मेने इस बारे में भाभी को भी काफी समय पहले ही बता दिया था|

    पहले मुझे लगा यह सब साधारण लगा क्योकि मेरे बूब्स काफी उभरे हुए थे और ध्यान लगाते वक्त सांस अंदर बाहर करते हुए बहुत ही बाहर निकलते हुए दिखते है साथ ही मेरी भाभी भी काफी हॉट लगती है इसलिये शायद बाबा का ध्यान हमारी तरफ आकर्षित हो जाता था|

    काफी समय से तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन कुछ समय बाद अचानक से हमारे घर में जायदाद को लेकर झगड़े काफी ज्यादा बड़ने लग गए थे| भाभी और मैं काफी ज्यादा परेशान थे और हमें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसी परेशानी में हम क्या करें? तभी हमारा ध्यान बाबा की तरफ गया और भाभी और मेने मिलकर बाबा से इस परेशानी का उपाय बताने के बारे में सोचा|

    अगले ही दिन भाभी और मैं बाबा के आश्रम गए और हमने वहां पर बाबा से हमारी इस परेशानी के हल के बारे पूछा और बाबा ने हमसे कहा अभी ध्यान लगाओ और जैसे ही यहाँ आश्रम से सब लोग चले जायेंगे मैं तुम्हे तुम्हारी हर परेशानी से मुक्त कर दूंगा|



    भाभी और मैं काफी ज्यादा खुश थे, क्योकि बाबा हमारी परेशानी का निराकरण करने के लिए मान गए थे| जैसे ही हमने ध्यान लगाने की क्रिया को खतम किया तो सभी लोग वहां से जा चुके थे, अब बस आश्रम में भाभी, मैं और बाबा के साथ उनकी दासियाँ मौजूद थी|

    कुछ ही देर बाद बाबा ने मुझे उठ कर गले लगाया और मेरी नंगी कमर पर हाथ फेरते हुए कहा देखो सबकुछ ठीक हो जाएगा, और तुम्हारी सभी परेशानियों का निराकरण हो जाएगा| मुझे ये सब काफी अजीब लगा उसके बाद बाबा फिर से अपनी जगह पर जाकर बैठ गए|

    कुछ देर बाद बाबा की दासियों ने मेरी भाभी को उठाया और बाबा की गोद में ले जाकर बैठने के लिए कहा| बहाबी ने इसके लिए साफ़ इनकार कर दिया लेकिन दासियों ने उन्हे खा कि अगर आपको अपनी सभी परेशानियों का निराकरण करना है तो बाबा से संयोग तो बनाना ही पड़ेगा|

    बाबा आप से संयोग स्थापित कर के आपकी सभी परेशानियों को अपने अंदर हर लेंगे और फिर आप आजाद हो जाओगी|- उन दासियों ने अपनी बातों को जारी रखते हुए कहा

    इतना सुन कर ही भाभी उस बाबा की गोद में आकर बैठ गयी, फिर बाबा मेरी भाभी की कमर पर अपना हाथ फेरने लगा और कहने लगा कि सबकुछ ठीक हो जाएगा चितना की कोई बात नहीं है|

    कुछ देर बाद बाबा और उनकी दासियाँ हमें एक कमरे में लेकर चले गए और फिर कुछ देर बाद बाबा भी लुंगी पहन कर वहां पर आ गये थे| मैं लुंगी के अंदर बाबा का बड़ा उभरा हुआ लंड देख सकती थी इसलिये मुझे कुछ गलत होने का आभास हो ही रहा था|

    कुछ देर बाद बाबा ने भाभी को सम्बन्ध बनाने के लिए कहा और कहा कि यही एक आखिरी रास्ता है| मैं तुम्हारे सारे दुःख और दर्द अपने अंदर ले लूँगा, और इतना कहते हुए बाबा ने अपने होंठ भाभी के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूमने में लग गए|

    मैं देख रही थी कि भाभी उनके साथ अभी तक काफी सहज है और उनका जवाब देते हुए वो भी बाबा को चूम रही है| बाबा लगातार भाभी को गले से लेकर बूब्स तक सभी जगह चूमे जा रहा था| यह सब देख कर मैं खड़ी-खड़ी गर्म होती जा रही थी|

    कुछ ही देर बाद बाबा ने भाभी की साडी को पूरी तरह खोल दिया था| भाभी भी अब तक काफी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी इसलिये वह भी खुद को नहीं रोक पा रही थी| मेने बाबा का यह रूप पहले कभी भी नहीं देखा था इसलिये सब से ज्याद हैरानी मुझे अभी तक इसी बात की हो रही थी|



    कुछ ही देर मैं बाबा ने भाभी की ब्लाउज और ब्रा दोनों उतार दि और बाबा ने भाभी के बूब्स को चुसना शुरू कर दिया था| भाभी की सिस्कारियों की आवाज सुन कर में भी अब काफी ज्यादा टूट चुकी थी| बाबा लगातर जोर-जोर से भाभी के बूब्स को दबाकर उसे चुसे जा रहा था|

    कुछ ही देर बाद बाबा ने भाभी का पेटीकोट ऊपर उठाया और भाभी की चुद के बीज को अपनी जुबान से चाटने लगा| वह भाभी को चोदने से पहले काफी ज्यादा तडपाये जा रहा था, और उससे भी ज्याद वो मुझे तडपा रहा था|

    कुछ देर बाद बाबा ने अपनी लुंगी को उतार दिया, उनका बहुत बड़ा और बलशाली लंड था जिसे देखकर भाभी चौक ही गयी थी| बाबा ने बिना देर किये भाभी की टांगों को ऊपर उठाया और एक ही झटके के साथ अपना पूरा लंड भाभी की चुद में उतार कर तेजी से अंदर बाहर करे लग गए|

    वहीँ भाभी के मुंह से भी जोर-जोर से आह आह ओह्ह्ह अम्म्म की सिस्कारियां निकले जा रही थी| ज्यादा उम्र होने के बाद भी बाबा थक ही नहीं रहे थे और उन्होंने भाभी की चोद-चोद कर पूरी तरह तडपा दिया था|

    मुझे लग रहा था कि बाबा ने किसी तरह की दवाई खा रही है इसलिये वो थक ही नहीं रहे थे वहीँ भाभी की चीखे भी बहुत तेजी से आ रही थी| यह सब देखकर तो मेरी चुद में से पानी ही छुट गया था| कुछ ही देर बाद बाबा मेरी भाभी की छोड़कर अब मेरे पास आ गये थे|

    उन्होंने मेरे बड़े-बड़े बूब्स को देखते से मसलना शुरू कर दिया उनके जोर-जोर से मसलने के कारण मेरा एक बूब्स अचानक मेरे कपड़ों से बाहर निकल गया और वह मेरे बूब्स को चूसने लग गये| बाबा ने मुझे चोदने में ज्यादा देरी नहीं लगाई और मुझे पीछे की तरफ दीवार पर हाथ रख कर झुकने के लिए कहा, और पीछे से मेरी जींस की पेंट और पेंटी को मेरे घुटनों तक खिसकाकर मेरी चुद में अपना लंड घुसा दिया, उनके लंड डालने से ही में जोर से चीख पड़ी| उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में पूरी रफ़्तार के साथ चोदना शुरू कर दिया था| और मैं भी आह आह आह आह की आवाज के साथ पूरे मजे में चुद रही थी| बाबा ने मुझे लम्बे समय तक चोदा और आखिर मैं उनका वीर्य बाहर निकल गया, उनका वीर्य भी बहुत ज्यादा था| उन्होंने अपना वीर्य थोडा मेरी चुद में ही ढोल दिया और बाकी जमीन पर ढोल दिया था|

    फिर भाभी और में बाबा के आश्रम से इस आशा में काले आये कि अब सबकुछ ठीक हो जाएगा| कुछ एक महीने तक बाबा हमें ऐसे ही रोजाना चोदता रहा लेकिन हमारे घर की स्थिति अभी तक ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही थी| बहभी और मैं अब तक ये समझ चुके थे कि उस बाबा ने हमे चुतिया बनाया है| हमें काफी ज्यादा अफ़सोस हो रहा था और फिर कुछ दिन बाद हमने उस बाबा के यहाँ जाना बंद कर दिया|



    दोस्तों अगर ये कहानी आपको पसंद आई है तो इसे एक बार शेयर जरुर करें|

  • स्कूल के 2 दोस्तों से चुदवा लिया

    हाय दोस्तों, मेरा नाम रूपा है और मैं सागर की रहने वाली हूँ| मैं अभी 9वी क्लास में पढ़ रही हूँ मेरी पढने में रूचि काफी अधिक है| अभी मेरी उम्र महज 18 साल है और मैं 21 साल की किसी जवान लड़की की तरह लगती हूँ मेरा शरीर काफी ज्यादा उभरा हुआ है| मेरे बूब्स तो काफी ज्यादा ला जवाब है क्योंकि मैं कहीं भी जाती हूँ लोगों की नजर मुझसे ज्यादा मेरे बूब्स पर ही होती है|



    सागर में मेरे 2 दोस्त भी है जो की मेरे ही स्कूल में पढ़ते है| उन दोनों का नाम सुनील और राजेश है हम तीनों इतने अच्छे दोस्त है कि रोज़ाना साथ में ही स्कूल से आना जाना किया करते है| सुनील और राजेश मुझसे 2 क्लास आगे है वे दोनों ही 11वी कक्षा में पढ़ते है|

    सुनील और राजेश दोनों ही मेरे पापा की शॉप पर काम करते है इसलिये पापा का उन दोनों पर काफी ज्यादा भरोसा है| कभी-कभी तो मैं उन दोनों का नाम लेकर घूमने के लिए भी चली जाती हूँ| सुनील और राजेश दोनों ही जिम जाते है और उनका शरीर काफी तगड़ा और खम्भे की की तरफ बड़ा है| मैं उन दोनों के मुकाबले काफी ज्यादा छोटी नजर आती हूँ|

    एक बार की बात है जब रोज़ाना की तरह हम सब स्कूल गए हुए थे, उस दिन मौसम काफी खराब था इसलिये स्कूल वालों ने समय से आधे घंटे पहले ही हमें छुट्टी दे दि थी| हम घर के लिए निकल ही रहे थे कि रास्ते पर जोर की बारिश होने लगी, जिस वजह से हम रास्ते पर ही एक पुराने घर के बाहर रुक गए थे|



    वह घर सालों से खाली पड़ा हुआ था और बारिश के चलते हम तीनों ठीक उस घर के बाहर दरवाज़े पर खड़े बारिश के रुकने का इंतजार कर रहे थे| कुछ देर बाद जोर की बिजली कडकती है जिसकी आवाज़ सुनकर डर की वजह से मैं दरवाज़े से टकरा जाती हूँ और दरवाज़े की कुण्डी टूट जाती है| क्योंकि बहुत तेज बारिश होती है इसलिये हम घर के अंदर ही बारिश के रुकने का इंतजार करने लगते है|

    हम जैसे ही घर के अंदर घुसते है तो हम देखते है कि वहां पर पुराना सामान वैसा का वैसा ही पडा हुआ था बस उसमे थोड़ी धूल जम रही थी| कुछ देर बाद वापस से तेज बिजली कडकती है और डर के मारे में सीधा जाकर सुनील से चिपक जाती हूँ| मैं कुछ देर ऐसे ही सुनील से चिपके रहती हूँ और वो भी मेरी पीठ को सहला रहा था जिससे मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था| थोड़ी देर बाद मैं सुनील से अलग होकर साइड में जाकर खडी हो जाती हूँ और सुनील से कहती हूँ- “मुझे माफ़ करना, मैं थोड़ा सा डर गयी थी|”|

    सुनील मेरी बातों का जवाब देते हुए कहता है “कोई बात नहीं रूपा ऐसा होता रहता है”| मुझे नही पता कि सुनील उस समय कैसा महसूस कर रहा था, लेकिन पता नहीं क्यूँ मुझे सुनील से चिपकने के बाद काफी ज्यादा अच्छा महसूस हो रहा था|

    कुछ देर बाद घर में से कुछ गिरने की आवाज़ आती है, और फिर राजेश भी मुझे पीछे पकड़ लेता है लेकिन उसका हाथ गलती से मेरे बूब्स पर पड जाता है, जिस वजह से वह काफी शर्मा जाता है| वह मुझसे इस बात के लिए माफ़ी माँगता है, और मैं भी इसका कोई विरोध नहीं करती हूँ क्योकि मुझे ये सब काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था|

    कुछ देर बाद फिर से तेज बिजली कडकने लगती है और इस बार मैं पहले से और भी ज्यादा घबरा जाती हूँ और सीधा जाकर फिर से सुनील से चिपक जाती हूँ| इस बार सुनील मे अचानक से मेरे बूब्स को दबाने लगता है, मैं इस अचानक कार्यवाही से काफी गुस्सा हो जाती हूँ|

    देखो मैं इस बारे में सबको बता दूंगी – मेने गुस्सा होकर सुनील से कहा

    अरे तो इसमें बुराई क्या है ऐसा तो सभी लोग करते है – सुनील ने जवाब देते हुए कहा



    इतने में पीछे राजेश आकर मेरे बूब्स को जोर से दबा देता है, और मैं फिर से गुस्सा होकर राजेश को कहती हूँ “देखो प्लीज ऐसा मत करो”| भले ही मैं उन पर बनावटी गुस्सा कर रही थी पर पता नहीं क्यों मन ही मन मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था| उस दिन बारिश के साथ काफी तेज-तेज हवा अंदर आ रही थी और मैं हलकी सी भीगी हुई थी इसलिये मेरा शरीर सेक्स करने के लिए काफी ज्यादा उत्तेजित हुआ जा रहा था|

    सुनील न मुझे देखा और मेरे बूब्स को हलके से मसलते हुए कहने लगा – ‘देखो कुछ नहीं होगा, तुम्हें काफी अच्छा लगेगा और शरीर भी थोड़ा गर्म हो जाएगा|” ऐसा कहते हुए सुनील ने अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर रख दिए और अब मैं भी उसे बिलकुल मना कही कर सकती थी क्योंकि मेरा शरीर चुदने के लिए तड़पे जा रहा था|

    कुछ देर बाद राजेश ने भी मुझे पीछे से पकड़ा लिया और पीछे से पेंट के अंदर से ही अपने लंड को मेरी स्कर्ट से रगड़ता हुआ मेरी पीठ को अपने हाथों से मसलने लगा| अब तक मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी|

    बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी, और मेरी उत्तेजना तेजी के साथ बढ़ती ही चली जा रही है थी| कुछ देर बाद सुनील ने ज़मीन पर एक चादर बिछा दिया, मेरी साँसे काफी ज्यादा तेज होती जा रही थी , इसलिये मैं भी चुपचाप उस चादर पर जाकर लेट गयी थी|

    सुनील बिना मेरी इजाज़त के मेरी पास आकर बैठ गया और मेरे शर्ट के बटन को एक-एक कर के खोल रहा था, जिस वजह से मेरी सांस और भी ज्यादा गहरी और बूब्स बिलकुल टाइड हो गए थे| उत्तेजना के कारण इतनी ठंडी में भी मैं काफी गर्म महसूस कर रही थी, और इसलिए अब मैं भी अपनी सारी हदें पार करने के लिए तैयार थी| मेने अपना हाथ पीछे किया और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया| सुनील ने मेरी ब्रा निकाल कर साइड में पटक दि और अपने हाथों से मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया| मुझे काफी अच्छा लग रहा था और इस दौरान मेने अपनी आंखे बंद कर ली थी, क्योंकि मैं पहली बार किसी के साथ सेक्स कर रही थी तो मुझे काफी शर्म महसूस हो रही थी|

    इतने मैं ही राजेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया उसका मोटा और लम्बा एकदम कडक लंड देखकर मैं काफी घबरा गयी थी| राजेश अचानक से मेरे पास आकर बैठ गया पर मेरे गुलाबी निप्पल को चूसने लगा, हाययय अब तो मुझे काफी ज्यादा मजा आने लगा था| राजेश मेरे बूब्स को लगातार चुसे जा रहा था और मैं अपने एक हाथ को अपनी स्कर्ट के अंदर डालकर अपनी योनी को सहला रही थी|



    राजेश जैसे ही मेरे पास से हटा सुनील ने भी अपना 9 इंच का लंड बाहर निकाल लिया और मेरे ऊपर आकर लेट गया| मैं उसके बड़े लंड को अपनी चुद से रगड़ खाता हुआ महसूस कर रही थी जिस वजह अब मुझसे बिलकुल भी रहा नहीं जा रहा था| सुनील ने अपने लंड को मेरी चुद पर रगड़ते हुए अपने होंठ को मेरे होंठ पर रख दिया और मुझे जोर-जोर से चूमने लगा था और इस दौरान मेने अपनी आँखे बंद कर ली थी|

    कुछ देर बाद राजेश अपना लंड लेकर मेरे पास आ गया और मुझे अपना लंड हाथ मैं लेकर हिलाने के लिए कहने लगा| मेने पहली बार किसी का इतना बड़ा लंड हाथ में लिया था| मैं राजेश का कडक लंड हाथ में लेकर उसे जोर से हिलाने लगी| राजेश के मुंह से आह्ह्ह की आवाजें निकल रही थी, जिससे मेरा उत्साह भी काफी बढ़ रहा था|

    इतने में ही सुनील ने मेरी स्कर्ट को ऊपर कर के मेरी पेंटी को निकाल कर बाहर फेंक दिया और मेरी चुद को चाटना शुरू कर दिया| एक तरफ मैं राजेश का लंड हिला रही थी और दूसरी तरफ सुनील मेरी चुद को चाट रहा था आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह करते हुए मैं तो पूरी तरफ से टूट ही गयी थी|

    मेरे मुंह से जोर जोर की आवाजें आ रही थी, जिससे पूरा कमरा गूँज गया था| कुछ देर बाद मुझे सुनील ने खड़ा रहने के लिए कहा, और मैं तुरंत खड़ी हो गयी थी| अब मैं पूरी तरह नंगी थी और बस स्कर्ट में थी| मेरे टाइड बूब्स को देखकर राजेश का दिमाग ही खराब हो गया था| राजेश तुरंत अपने खड़े लंड को लेकर मेरी तरफ बड़ा और मुझे लंड चूसने के लिए कहने लगा, मेने भी उसके लंड को पूरी तरह अपने मुंह में घुसा दिया|

    पहले तो मुझे उसका लंड चूसने में काफी अजीब लगा इसलिये मेने काफी बार उसके लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया लेकिन बाद मैं मुझे उसका लंड काफी पसंद आने लगा और मैं पेप्सी की तरह उसके लंड को चूसने में खो गयी थी|

    सुनील काफी देर से पीछे से मेरी चुद को घुर के देख रहा था| शायद मेरी गुलाबी चुद को देख कर उसे लग रहा था की उसकी किस्मत अब चमक चुकी है| सुनील ने पीछे से अपने लंड को मेरी चुद में दो से तीन बार रगडा और एक ही झटके के साथ उसके पुरे लंड को मेरी चुद के अंदर घुसा दिया था| मैं एकदम से चीख के कारण उचक पड़ी, मुझे काफी दर्द महसूस हो रहा था सुनील ने मेरी सील को एक ही बार में तोड़ दिया था| कुछ देर सुनील ने मुझे समझाया और मेरी चुद को साफ़ किया और कुछ देर बाद फिर से मुझे खड़ा कर के झुकाते हुए मेरी चुद में अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा|

    मुझे काफी ज्यादा दर्द हो रहा था, मेरी आँखों से हल्के-हलके आँसू भी बाहर निकलने लग गए थे| कुछ देर बाद मेरी चुद से गर्म पानी निकलने लगा और मेरा दर्द भी खत्म हो गया था तो मैं काफी अच्छा महसूस कर रही थी| सुनील मुझे लगातार 15 मिनट से चोदे जा रहा था और मुझे काफी मजा आ रहा था|



    कुछ देर बाद ऐसे ही चोदते हुए सुनील का वीर्य बाहर आ गया और उसने 4 से 5 झटके देते हुए अपने वीर्य को मेरी चुद के ही अंदर डाल दिया था| अब सुनील साइड में जाकर बैठ गया था| राजेश मुझे चुदते हुए कब से देख रहा था, उसका 7 इंच लम्बा लंड भी काफी तन्ना रहा था|

    वह घूमता हुआ मेरे पीछे आया और एक ही झटके के साथ जोर-जोर भूखे भेड़िये की तरह मुझे चोदना शुरू कर दिया| राजेश का लंड काफी ज्यादा बड़ा था और वह अपनी पूरी रफ़्तार के साथ मुझे चोद रहा था, उसने कुछ ही देर में मेरी चीख बाहर निकलवा दि थी|

    मुझे आज तक इतना मजा नहीं आया था, मेने आगे भी कुछ दिन बाद सेक्स करने का मन बना लिया था| कुछ देर बाद राजेश का भी वीर्य बाहर निकल गया था उसने मेरी गांड पर अपना वीर्य ढोल दिया था| अब हम तीनों ठंडे पड़ चुके थे, हम तीनों ने रविवार को छुट्टी वाले दिन फिर से चुदाई का प्लान बना लिया था| अब तक बारिश रुक चुकी थी, मेने अपने कपड़े पहने और हम तीनों घर के लिए निकल पड़े थे|

    अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे|

  • दोस्त की गर्लफ्रेंड को पटा कर चौदा

    नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रजत है। मैं इंदौर के विजय नगर क्षेत्र का रहवासी हूँ। स्वभाव से में काफी सीधा हूँ। मैं काफी ज्यादा मजाकिया भी हूँ लेकिन मैं किसी के बारे में कभी बुरा नही सोचता हूँ। बस मेरी एक ही कमज़ोरी है मुझे सेक्स के प्रति काफी ज्यादा रुचि है जिस वजह से मैं अक्सर परेशान रहता हूं। आज मैं आपको मेरी एक कहानी बताने वाला हूँ जिसमें मैने अपने ही एक दोस्त की गर्लफ़्रेंड को पटाया ओर उसे बहुत चोदा। चलिये जानते है ये सब आखिर कैसे हुआ?



    मेने अपनी स्कूल की 12वी कक्षा पूरी कर ली थी जिसके बाद मेने इंदौर में ही एक बढ़िया से कॉलेज में एडमिशन ले लिया था। कॉलेज में सबकुछ बढ़िया चल रहा था लेकिन यहां की गौरी ओर चिकने बदन वाली लड़कियाँ जो लड़को को पटाने के लिए ही रोज सज धज के कॉलेज आती है, मेरे दिमाग को बिल्कुल खराब ही कर रही थी। कॉलेज की लड़कियों को देखकर मुझे मुट्ठी मारने की भी आदत लग गयी थी जिसकी वजह से में काफी ज्यादा परेशान रहने लगा था।

    कॉलेज में 3 महीने बीत जाने के बाद वहां पर मेरा एक अच्छा दोस्त बन गया, जिसका नाम राहुल था। राहुल पढ़ने में काफी अच्छा था और उसकी एक गर्लफ़्रेंड भी थी। लेकिन मैं आज तक उसकी गर्लफ़्रेंड से मिला नही था। एक दिन कॉलेज में ही उसने मुझे उसकी गर्लफ़्रेंड से मिलाया। मेने जैसे ही उसकी गर्लफ़्रेंड को देखा मेरा लंड तो खड़ा होकर सलामी ही देने लग गया था| उसकी गर्लफ़्रेंड का बदन बिल्कुल दूध के जैसा था। उसकी आँखें भूरी ओर गाल एक दम गुलाबी थे। उसके बूब्स ओर गांड भी मस्त बाहर निकलती हुई दुख रही थी। सच मे उसकी गर्लफ़्रेंड काफी ज्यादा लाजवाब थी।

    वह राहुल की दो साल से गर्लफ़्रेंड थी। मेने सोचा था मैं भी कोई गर्लफ़्रेंड बना लू लेकिन घर वालों के प्रेशर से कभी सोच भी नही पाया था। बस मुट्ठी मार कर ही मेरी जिंदगी का गुजारा हो रहा था। एक बार राहुल ने मेरे घर आकर अपना फ़ोन देते हुए मुझे कहा कि “ भाई मेरी गर्लफ़्रेंड का फ़ोन आएगा निशा नाम है, जिससे मेने तुझे बुलाया था याद है? उसका फ़ोन उठाकर बोल देना की वो कही गया है बाद में आपकी बात कराऊंगा”।

    मेने अपने दोस्त से कहा “ भाई तू कहा जा रहा है?




    तेरे भाई ने दूसरी लड़की पटाई है बस उससे ही मिलने जा रहा हूँ – दोस्त ने जवाब देते हुए कहा

    इसके बाद राहुल मेरे घर से चला गया था। मुझे यकीन नही हो रहा था कि राहुल इतनी अच्छी लड़की को पटाने के बाद भी दूसरी लड़कियों की तरफ मुंह मारेगा। खैर, मैने सोचा कि मुझे क्या करना? उसकी मर्जी वो जो भी करे। कुछ समय बाद उसकी गर्लफ्रेंड निशा का फोन आया ओर मेने बिल्कुल वैसा ही करा जैसा मेरे दोस्त ने मुझे कहा था।

    कुछ दिन बाद मेरी ओर राहुल कि फिर से मुलाकात हुई तभी निशा का फोन आता है। राहुल उस दिन निशा से किसी बात पर झगड़ रहा था लेकिन मुझे कुछ ज़मझ नही आ रहा था। दरअसल, राहुल दूसरी लड़कियों के चक्कर मे निशा से बात नही कर रहा था शायद इसलिए निशा उससे नाराज़ थी।

    एक दिन अचानक ही निशा की मेरे फेसबुक पर रिक्वेस्ट आयी। मेने जैसे ही रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की इतने में ही निशा का मैसेज आया, जिसमे लिखा था कि “आप राहुल के दोस्त हो ना?”

    हां मैं राहुल का दोस्त हूँ – मेने जवाब देते हुए कहा

    मुझे पता था कि निशा मुझसे राहुल के बारे में ही बात करना चाहती है लेकिन वो समझ नही पा रही थी कि शुरुआत कहा से करे इसलिए इधर-उधर की बातें कर रही थी। मेने अभी तक राहुल को इस सब के बारे में नही बताया था, लेकिन मेने सोच लिया था कि मैं निशा को अपने दोस्त के बारे में कुछ भी नही बताऊंगा।



    कुछ दिन तक मैं ओर निशा ऐसे ही बाते करने लगे, लेकिन बातों ही बातों में मुझे पता ही नही चला कि कब मुझे निशा से प्यार हो गया था। निशा भी अब मुझसे रोज बातें करने लग गयी थी, जबकि वो अभी भी राहुल से ही प्यार करती थी। एक दिन बातों ही बातों में निशा ने मुझसे राहुल के बारे में पूछ लिया। मुझे निशा से प्यार हो गया था इसलिए मैं भी उससे ज्यादा कुछ छुपा नही सका और मैने निशा को सब कुछ बता दिया कि राहुल कैसा लड़का है और कितनी लड़कियों से बातें करता है।

    निशा ने तुरंत ही मुझसे मेरा नम्बर मांगा ओर मुझे कॉल कर दिया। वो कॉल पर राहुल की बातें करते हुए रोने लगी, लेकिन मेने उसे जैसे तैसे कर के समझाया ओर उसे चुप करवा दिया। मैं काफी मजाकिया मिजाज का हूँ इसलिए मैंने कब उसके रोने को हंसी में बदल दिया पता ही नही चला था।

    अगले ही दिन निशा ने राहुल से ब्रेकअप कर लिया और मुझसे रोजाना बातें करने लग गयी थी। हंसी मजाक करते हुए मैं उससे थोड़ी अलग बातें भी कर लिया करता था जैसे कि “मुझे किस कब करोगे या ओर भी बाकी सभी बातें कर लेता था”। अब निशा भी मुझसे खुलकर कुछ भी बात कर लिया करती थी।

    काफी समय से बात करते-करते निशा मुझसे काफी ज्यादा घुल मिल गयी थी। अब मुझे निशा को चोदने का काफी ज्यादा मन कर रहा था। रोजाना वो अलग-अलग अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़ों में मेरे भूखे ओजार को दावत दिए जा रही थी। काफी कुछ सोचने के बाद मेने पढ़ाई के बहाने से अपने कॉलेज से कुछ ही दूर एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया था। वो घर एक बुजुर्ग इंसान का था, ओर जो घर मेने किराए पर लिया था ठीक उसी के नीचे ही उस बुजुर्ग आदमी का घर था। वह बुजुर्ग आदमी ज्यादातर अपने काम से बाहर ही रहता था, इसलिए मेने उसके ऊपर वाला कमरा किराए से ले लिया था।

    एक दिन निशा ओर मैं घूमने गए थे। हर बार किस करते हुए अब हम दोनों का ही मन सेक्स के लिए काफी ज्यादा मचल रहा था। फर्क बस सिर्फ इतना ही था कि निशा मुझसे कुछ कहती नही थी। घूमने के बाद मैं निशा को उस कमरे की तरफ ले गया, जिसे मेने बुजुर्ग इंसान से किराए पर ले रखा था। कुछ समय तो हम दोनों ऐसे ही रूम पर एक दूसरे से बातें करते रहे और मैं धीरे-धीरे मजाक में ही निशा के बूब्स को दबाने लग गया था। वो बार-बार मुझे चिल्लाते हुए कह रही थी “प्लीज छोड़ो मुझे ये सब मुझे अच्छा नही लगता है”। लेकिन मैं बिल्कुल भी नही मान रहा था। कुछ देर बाद मेने निशा को होंठ पर चूमना शुरू कर दिया उसने पहले तो 2 मिनट के लिए मुझे छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन फिर वो भी अपने आप को रोक नही पायी ओर मुझे जोर-जोर से सभी जगह चूमने लग गयी।



    मेने निशा को चूमते हुए उसके ऊपर के सभी कपड़े उतार दिए थे। उसे पता भी नही चला कि मेने कब उसके बूब्स को उसके कपड़ों से आजाद कर दिया था। कुछ देर बाद मैं उठकर दूसरे कमरे में गया और वहां पर अपने बैग में रखी हुई हतकड़ियाँ लेकर निशा के पास आ गया। पहले निशा ने कहा “ ये क्या है”। हम ऐसे ही सेक्स कर लेते है।

    मेने कहा “इसे बांधने के बाद तुम्हे ओर भी ज्यादा मजा आएगा मेरी जान।” बस इतना ही कहते हुए मेने निशा को पलंग के दोनों सिरे से उसके हाथों को हतकड़ियों से बांधकर उसे पलँग पर ही सुला दिया था। अब निशा के दोनों हाथ बंधे हुए थे इसलिए अब मैं जो चाहूँ उसके साथ कर सकता था। हालांकि, निशा ने मुझे बताया था कि वो राहुल के साथ पहले भी सेक्स कर चुकी है लेकिन फिर भी मैं निशा को एक अलग ही सेक्स का मजा देना चाहता था।

    कुछ देर बाद मैं निशा के ऊपर चढ़ गया और मैने उससे पूछा “क्या तुम अभी भी राहुल से प्यार करती हो?

    निशा, राहुल को भुला नही पाई थी, इसलिए उसने इसका जवाब हां में दिया। इतने में ही मेने निशा के बूब्स को पीना शुरू कर दिया। उसके मुंह से आह आह की सिसकारियां निकलने लगी थी। उस दिन मैं उसे इतना चोदने वाला था कि उसकी ज़ुबान से राहुल का नाम ही मिट जाने वाला था। कुछ ही देर बाद मेने निशा के बूब्स के ऊपर एक बर्फ का टुकड़ा रखा और उसके बूब्स को चूमते हुए बर्फ का टुकड़ा उसकी पूरी बदन में रगड़ने लगा था। निशा का बदन धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा था, वो चुदने के लिए मानों तड़प सी रही थी।

    कुछ देर बाद मैं उसके बूब्स को चूमते हुए नीचे की तरफ गया और उसकी चुद के बीज को चाटने लगा। ओर अपने हाथों से उसकी योनी में उंगली करने लगा। निशा के हाथ बंधे होने के कारण वो काफी तड़प रही थी। उसके मुंह से तेज आउच्च अम्मा ओह्ह हाय मार डाला कि आवाजें आ रही थी। मैं कुछ ही देर में बैठा ओर निशा के मुंह के सामने अपना ओजार लेकर चल गया ओर उसके मुंह मे अपना ओजार डाल दिया। निशा के हाथ बंधे हुए थे इसलिए मेने उसके सर के बालों को पकड़ा और बेरहम तरीके से उसके मुंह में पूरा अंदर तक अपने लंड को घुसेड़ दिया था। उसकी आंखे उपर होने लग गयी थी, जैसे वो आज मर ही जाएगी, इसलिए मैंने फिर से अपने लंड को उसके मुंह से बाहर निकाल दिया था।



    आखिरकार, अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नही जा रहा था। मैं निशा की चुद की तरफ बढ़ा और अपने लंड को निशा की योनी की दीवार पर फेरने लगा, इस दौरान निशा की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लग गयी थी। उसके हाथ बंधे हुए थे, इसलिए वो अपने पैरों से अपनी योनी को छुपाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मेने अपने हाथों से उसके पैरों को चौड़ा किया और एक ही झटके में अपना पूरा लण्ड उसकी चुद के अंदर उतार दिया था। इस दौरान निशा की बहुत तेज चीख निकल गयी थी। हालांकि, उसने पहले भी सेक्स कर रखा था इसलिए उसे ज्यादा फर्क नही पड़ा था। मेने निशा की टांगों को उपर कर के लगातार उसकी चुद को चोदे जा रहा था। मेने 15 मिनट तक तेजी से मशीन की रफ्तार में उसकी चुद को चोदा इतने में ही निशा का पानी बाहर निकल गया था। जिसे देखने के बाद जोर-जोर से झटके देने के बाद मेरा भी वीर्य निकल गया, जिसे मेने निशा की चुद के अंदर ही ढोल दिया था।

    निशा ने पहले कभी इतनी जमकर चुदाई नही करवाई थी इसलिए पहले तो उनसे मुझसे कुछ दिन तक बात ही नही की थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद निशा ने खुद मुझसे चुदने के लिए फ़ोन लगाया था। अब हम हर महीने 2 से 3 बार चुदाई जरूर किया करते है।

    अगर आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर ज़रूर कीजियेगा।