Category: कजिन की चुदाई

  • बड़ी बहन की चूत में ऊँगली डाली, bro sis sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 23 साल है. मेरी हाईट 5.11 इंच है, में दिखने में बिल्कुल ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 5.5 इंच है. दोस्तों यह कहानी सिर्फ एक लड़की के जिस्म के साथ है जो कि में सबसे पहले थोड़ा बहुत उनका परिचय भी आप सभी को करवाना होगा. दोस्तों मेरी तीन बहन है और तीनों ही मुझसे बड़ी है और उनके साथ रहते रहते मैंने लड़कियों के बारे में लगभग हर एक चीज़ को सीख लिया था, इसलिए उन्हे अपनी तरफ आकर्षित करना मेरे लिए एक आम बात बन चुकी थी और ख़ासकर मुझसे तीन चार साल बड़ी उम्र की लड़कियाँ तो बहुत ही आसानी से पट जाती रही थी.

    दोस्तों यह बात आज से कुछ साल पुरानी है और में उस साल शायद हर एक दिन मुठ मारता था और मेरे दोस्त भी इतने शरीफ थे कि उन्होंने मुझे क्लास 8 में ही ब्लूफिल्म दिखानी शुरू कर दी थी. में सबसे पहले उन एक्ट्रेस को सोचकर मुठ मारता था और फिर अंजान लड़कियों को सोचकर. फिर बहनो की फ्रेंड्स, फिर खुद की बहनें, फिर कोई भी औरतें, भाभियाँ और शायद उस समय मैंने अपनी ज़िंदगी में मिलने वाली हर एक औरत, लड़की को सोचकर कम से कम एक बार मुठ जरुर मारी. दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. में उस समय कुछ दिनों के लिए अपने मामा के घर पर गया हुआ था, मेरे बड़े मामा की सिर्फ़ दो बेटियाँ है, उसमे बड़ी वाली का नाम शालिनी है और छोटी वाली का नाम मेघना और उस वक़्त शालिनी की उम्र करीब 19 साल की थी और मेघना की उम्र करीब 17 साल थी. दोस्तों हमारे घर और खानदान में लड़कियों के बाहर आने जाने कहीं घूमने फिरने पर बहुत ज्यादा ध्यान देते है, इसलिए वो दोनों ही एकदम घरेलू टाईप लड़कियाँ थी.

    दोस्तों शालिनी दीदी और मेरी बचपन से ही बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन मेघना से में ज़्यादा बात नहीं करता था तो एक रात को हम सब सोने की तैयारी कर रहे थे, शालिनी दीदी मेरे साथ सोने के लिए हमेशा बहुत बैचेन रहती थी, क्योंकि उनको मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में जानना था तो हमें उस रात को बातें करते करते रात के 1:30 बज गये और फिर मैंने उनसे कहा कि चलो अब हम सो जाते है और फिर आँख बंद करने के करीब दस मिनट बाद दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और प्यार से सहलाने लगी, मुझे भी उनका मेरे साथ ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैंने भी उनका हाथ अब कसकर पकड़ लिया और फिर वो अपने एक पैर से मेरे पैर को मसलने लगी, लेकिन पता नहीं क्यों अचानक उन्हे ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने कुछ ही देर के बाद अपना पैर एकदम से पीछे खींच लिया और फिर वो सो गयी. फिर मैंने भी उस बात पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर कुछ दिनों के बाद मेरी मौसी की बेटी की शादी थी, तो हम सब वहीं पर गये थे. हम वहां पर बहुत मस्ती करते थे. दिन भर मस्ती, गाना और बहुत कुछ करते रहते थे.

    दोस्तों वहाँ पर भी मुझसे तीन साल बड़ी एक लड़की थी, जो मुझ पर हमेशा बहुत बार लाईन मारा करती थी और शरारती बातें किया करती थी. फिर में भी उस समय उसके बड़े मज़े ले रहा था, रात को नाचना, गाना चल रहा था और करीब 12 बजे थे, लेकिन अब मुझे बहुत नींद आ रही थी तो इसलिए में एक रूम में आकर सो गया, वो रूम बहुत बड़ा था और उसमें पहले से ही तीन चार लोग सोए हुए थे और फिर में बिल्कुल चुपचाप सबसे आखरी में जाकर रज़ाई में घुसकर सो गया. वो दिसम्बर का महीना था और उस समय की ठंड तो आप जानते ही होंगे. फिर करीब दो बजे रात को अचानक से मेरी नींद खुली, नींद खुली तो में जिस तरह से सोया हुआ था, वो सब देखकर तो मेरे एकदम होश ही उड़ गये, क्योंकि मेरे एक तरफ पास में कोई लड़की सोई हुई थी और मेरा एक हाथ उसके नाईट सूट वाले टॉप के अंदर उसकी ब्रा के ऊपर था और उन सबको समझने में मुझे पूरे दो मिनट लग गये, क्योंकि रूम में पूरा अंधेरा था और फिर मैंने थोड़ा आसपास टटोलकर देखा तो मुझे समझ में आ गया कि शालिनी दीदी के ही नाईट सूट के अंदर मेरा वो हाथ था.

    एक तरफ दिल की धड़कने बढ़ गई और वहीं दूसरी तरफ लंड का साईज़ भी बड़ने लगा और अब मेरे दिमाग़ में तरह तरह के ख्याल आने लगे, क्या मैंने अंजाने में अपना हाथ उनके टॉप के अंदर उसकी ब्रा में घुसा दिया था? या फिर दीदी ने खुद जानबूझ कर डाला था, क्योंकि में एक जवान लड़का था और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को छूने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरा मन तो हाथ को भी बाहर निकालने का नहीं कर रहा था और फिर मैंने सोचा कि बेटा थोड़ा रिस्क तो लेना ही पड़ेगा.

    फिर में धीरे धीरे ब्रा के अंदर हाथ घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो बहुत टाईट थी, इसलिए पहले दो, तीन मिनट में हल्का हल्का मसलता रहा, लेकिन फिर जब मेरी भूख बढ़ने लगी तो में उनके पेट पर हाथ फेरने लगा और अब मेरा लंड पूरी से तरह तनकर खड़ा हो चुका था, लेकिन तभी कुछ देर के बाद मुझे शक हुआ कि शायद दीदी अब जाग रही है और वो सिर्फ सोने का नाटक कर रही है और इस बात को जानने के लिए मुझे एक आईडिया आया.

    फिर में अपने हाथ को उनकी पीठ की तरफ ले गया और थोड़ा धीरे धीरे सहलाने के बाद मैंने कसकर उनकी कमर को पकड़ लिया और उनको अपनी तरफ घुमा दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के चेहरे के आमने सामने थे और उनकी आखें अब भी बंद थी, लेकिन इतनी ज़ोर ज़ोर से लगातार हिलाने के बाद भी वो नहीं उठी तो में समझ गया कि अब दीदी नींद में नहीं है और अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और कुछ देर तक पीठ सहलाने के बाद में उनकी ब्रा के हुक को टटोलने लगा. दोस्तों मैंने इससे पहले अपनी बहनों की ब्रा को कई बार बाथरूम में लटकते हुये देखा था और में कभी कभी उनको लंड पर रगड़कर मुठ भी मारा करता था, इसलिए एक हाथ से ब्रा के हुक को खोलना मेरे लिए बायें हाथ का खेल था. फिर मैंने तुरंत ही उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया, लेकिन वो अब भी बिल्कुल वैसे ही लेटी हुई थी.

    फिर उनके कंधो के ऊपर से ब्रा को उतारते हुए मैंने धीरे धीरे ब्रा को उनके हाथ से भी निकालकर खोल दिया और अब उनके बूब्स मुझे एकदम साफ साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनका सीधा वाला बूब्स थोड़ा सा उनके शरीर के नीचे दबा हुआ था और अब तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, इसलिए मैंने फटाफट उनके निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और थोड़ा थोड़ा बूब्स को दबाने लगा. तभी अचानक से दीदी ने करवट ले ली और अब वो बिल्कुल सीधी हो गई, जिसकी वजह से में एकदम से डर गया और मुझे फिर से शक हुआ कि कहीं दीदी सच में सो तो नहीं रही? और अगर वो उठ गयी और उन्होंने यह सब देखा तो में मर जाऊंगा, लेकिन कहते है सेक्स का नशा इंसान पर एक बार चढ़ जाए तो फिर वो झड़ने के बाद ही उतरता है.

    फिर में उनके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा, लेकिन वो बिल्कुल भी हिल नहीं रही थी और उसी समय मैंने थोड़ा सा उठकर उनके एक निप्पल को मुहं में लेकर चूसा भी और अब मेरे अंदर का शैतान उठकर छटपटाने लगा और अब मुझे बस चूत चाहिए थी. फिर मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उनकी पेंट के अंदर घुसाया, सबसे पहले में उनकी जाँघो को सहलाता रहा. वाह दोस्तों क्या चिकनी जांघे थी उनकी? फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी पर रखा. फिर मैंने महसूस किया कि उनकी पेंटी पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी. फिर यह सब महसूस करके तो में और भी पागल होने लगा, जोश में मैंने जैसे ही उनकी पेंटी में हाथ डाला तो मेरे कान में किसी ने कुछ बहुत धीरे से फुसफुसाया कि तुम यह क्या कर रहे हो सूरज भैया?

    दोस्तों मेरी तो जैसे वो आवाज सुनते ही साँसें एकदम रुक सी गई और मेरी गांड फटकर हाथ में आ गई. में चूत की तरफ इतना मग्न हो गया था कि मैंने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया कि दीदी ने पिछले एक मिनट से मेरी तरफ मुहं कर रखा था और अब उस ऐसी रूम में भी मुझे पसीने आने लगे और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? मेरे दोनों हाथ भी वैसे के वैसे ही रह गए थे और आँखों के सामने कभी मामा, मामी का चेहरा आ रहा था तो कभी अपने पापा, मम्मी का और फिर मुझे लगा कि अब तो में काम से गया, दीदी शायद अब तक शर्म के मारे यह सब बर्दाश्त कर रही थी, लेकिन अब तो वो कल सुबह सबको बता देगी कि पिछली रात को मैंने उसके साथ क्या क्या किया, क्योंकि मेरी किस्मत भी बहुत खराब थी. उस कमरे में और भी लोग सोए हुए थे वरना में दीदी को कुछ ना कुछ कहकर शायद पटा लेता, लेकिन फिर दोबारा से मेरे कान में एक आवाज़ आई, दीदी ने बड़े ही प्यार भरी आवाज में मुझसे कहा कि तुम रुक क्यों गये?

    दोस्तों उस एक शब्द ने तो मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया और मेरी जान में जान आ गई और उसके बाद मेरा हाथ एक मिसाईल की तरह उनकी चूत पर पहुंच गया. वाह क्या मस्त चूत थी, वो एकदम जवान वर्जिन चूत और रस से भरी हुई और उसे ऊपर थोड़ी थोड़ी झाँटे थी और जो शायद कुछ दिन पहले ही कटी थी और उसे चूत के दोनों होंठ बिल्कुल फूले हुए थे और फिर मेरे चूत में उंगली डालते ही दीदी एकदम से सिहर गई और उनका पूरा शरीर बिल्कुल कसा हुआ था और उनकी चूत भी हद से ज़्यादा टाईट थी.

    मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली अंदर घुसाई और थोड़ी सी अंदर घुसने के बाद में उसे जल्दी जल्दी हिलाने लगा और अब मेरा लंड भी अंदर ही अंदर छटपटा रहा था और तनकर खड़ा हुआ था. फिर मैंने दीदी का सीधा हाथ पकड़कर अपनी अंडरवियर में डाल दिया और एक घरेलू लड़की होने के नाते उन्हे यह भी नहीं पता था कि अब उन्हे इसके आगे क्या करना है? फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लिया और लंड को पकड़कर हिलाने लगा और अब उनका एक हाथ मेरी अंडरवियर में था और मेरा एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर. दोस्तों वाह क्या मज़ा आ रहा था.

    फिर एक दो मिनट हिलाने के बाद ही हम दोनों झड़ गये. दोस्तों दीदी को तो शायद यह भी पता नहीं चला कि उनके साथ यह सब क्या हुआ, वो बहुत घबरा गई थी और जिसकी वजह से हम आपस में बात भी नहीं कर पा रहे थे और हमें यह भी डर था कि कहीं कोई जाग ना जाए. दीदी ने तुरंत अपना हाथ अंडरवियर से बाहर निकाला और अपने कपड़े पहनने लगी और वो शायद कुछ ज़्यादा ही डर गयी थी. फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट बाद लौटी और फिर मेरे पास में लेटकर उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि सूरज भैया प्लीज़ आज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जाना.

    फिर में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर थोड़ा उदास हो गया और फिर में भी उठकर बाथरूम में चला गया और फिर मैंने वहीं पर दीदी को सोच सोचकर दो बार और मुठ मारी और सब कुछ आधा अधूरा रह गया था. मुझे दीदी के साथ कुछ भी कर ना पाने का गम तो बहुत था, लेकिन मुझे इस बात की खुशी भी बहुत थी कि आज पहली बार मैंने किसी लड़की की बिना चुदी चूत में अपनी उंगली डाली है और उसके बूब्स को छूकर महसूस किया है, दबाया है, चूसा है और उसकी चूत में अपनी उंगली करके उसके जिस्म के अंदर की गरमी को महसूस किया है. उसके जिस्म के हर एक हिस्से को छुकर महसूस किया है और वो मेरा पहला अहसास मुझे आज भी वो रात याद दिलाता है, जिसमे मैंने एक कामुक लड़की के जिस्म की गरमी को छुकर उसकी चूत के अहसास को मन में लेकर अपने लंड को पहली बार झड़ने पर मजबूर किया था.

    फिर दूसरे दिन सुबह ही हमें वहां से अपने घर के लिए निकलना था, शायद इसलिए दीदी से मेरी बात ही नहीं हो सकी या फिर दोस्तों आप यह समझ लो कि अब हम एक दूसरे से नज़रें ही नहीं मिला पा रहे थे और उसके बाद मैंने कई बार दोबारा अपने मामा के यहाँ पर जाकर अपनी दीदी को चोदने के प्लान बनाए, लेकिन किस्मत के कारण कुछ भी ऐसा हो ही नहीं पाया और फिर दो साल बाद उनकी किसी अलग शहर में शादी हो गई और अब करीब करीब हमारा मिलना लगभग बंद ही हो गया और मैंने इस बात को छोड़ देना ही बेहतर समझा.

  • दोस्त के घर चुदाई का मजा | dost ki behen sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हारून है और में जम्मू का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में आपकी तरह बहुत समय से इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी बहुत अच्छी लगेगी, क्योंकि यह कोई कहानी नहीं बल्कि यह मेरी एक सच्ची घटना है और जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई.

    दोस्तों में एक अच्छे परिवार से हूँ और में जम्मू शहर में रहता हूँ. मेरे पापा एक बिजनसमेन है और मेरी माँ यहीं के एक सरकारी स्कूल में लेक्चरार है, मेरे एक छोटी बहन है जो अभी स्कूल में अपनी पढ़ाई कर रही है और एक छोटा भाई है और वो भी उसके साथ स्कूल जाता है और में अपनी पढ़ाई एक सरकारी कॉलेज में कर रहा हूँ, जिसमे में अभी बी.कॉम के 3rd साल में हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से उस घटना को बताता हूँ.

    दोस्तों में जब कॉलेज के 2nd साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था तो उसी समय मेरी एक लड़के से दोस्ती हुई, जो धीरे धीरे बहुत हद तक बढ़ गई, उसका नाम फरहान था. हम दोनों बहुत ही कम समय में एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये और फिर हम दोनों कॉलेज में एक साथ रहते थे. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि फरहान का फोन गुम हो गया और वो बहुत उदास था. फिर मैंने उससे कहा कि चलो यार अब ज्यादा उदास मत हो, यह सब तो होता रहता है और फिर मैंने उसको दूसरे दिन अपने घर से लाकर एक सेल फोन उसे दे दिया, क्योंकि उस समय मेरे पास एक एक्सट्रा फोन था और इस तरह उसको मुझ पर और भी ज़्यादा भरोसा होने लगा और ऐसे ही दिन गुज़रते चले गये.

    फिर सर्दियो में फरहान की बड़ी बहन की शादी थी तो उसने मुझे भी शादी में अपने घर पर बुलाया और जब में उनके घर पर गया. फिर मैंने भी फरहान की बहन की शादी के कामों में उसकी बहुत मदद करवाई और खाना खाकर मुझसे फरहान ने उसके रूम में जाने के लिए बोला. उसने मुझसे कहा कि तुम अब थोड़ा आराम कर लो, क्योंकि हम दोनों काम करके बहुत थक चुके थे.

    फिर में उसके कमरे में गया और में जब उसके बेड पर लेटा हुआ था और मोबाइल के साथ खेलने लगा तो थोड़ी देर बाद एक लड़की अंदर आई और उसको वहां से कोई चीज लेनी थी और फिर वो लेकर चली गयी, लेकिन मैंने उस लड़की की तरफ ज़्यादा रूचि नहीं दिखाई और अपने मोबाइल के साथ खेलता रहा और करीब 10-15 मिनट के बाद में सो गया, लेकिन में अभी भी गहरी नींद में नहीं था और उस समय कमरे की लाईट बंद थी, लेकिन मुझे अभी नींद नहीं आई थी.

    फरहान ने दरवाज़ा खोला और मुझसे कहा कि हारून क्या अभी से सो गये? फिर मैंने कहा कि हाँ यार में सो गया हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है, में कल सुबह तुमको जगा दूंगा और अब में बाहर के कुछ काम देखने जा रहा हूँ. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार और फिर वो चला गया. फिर कुछ ही देर बाद किसी ने फिर से दरवाज़ा खोलकर कमरे की लाईट चालू की और जब मैंने देखा तो यह वही लड़की थी. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ और आपको क्या चाहिए? और आप कौन हो?

    वो बोली कि में तुम्हारे दोस्त की बहन हूँ. दोस्तों वो फरहान की छोटी बहन थी, लेकिन वो क्या माल थी? में तो उसे बातों ही बातों में नीचे से ऊपर तक घूरता रहा और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने कहा कि मेरा नाम सबिया है. वो एकदम टाईट जीन्स और लाल कलर का टॉप पहने हुई थी और उन कपड़ो में वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, वैसे वो दिखने में बहुत खुबसूरत थी, मेरी नजरे उसके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और में उसको घूरता रहा.

    उसने मुझसे कहा कि क्या आप डांस नहीं करोगे? मैंने झट से कहा कि नहीं, मुझे डांस करना नहीं आता. फिर वो बोली कि चलो उठो में आपको सिखाती हूँ और फिर मैंने एकदम सही मौके को पाकर कहा कि नहीं पहले तुम मुझे यहाँ पर इस कमरे में सिखाओ और फिर उसके बाद में पार्टी में जाऊंगा तो वो नहीं मानी और उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींच लिया और में जानबूझ कर खुद उसकी तरफ गया, जैसे कि उसी ने ही मुझे खींचा हो और उसकी छाती से लिपट गया.

    वो हँसने लगी और कहा कि चलो अब बाहर डांस पार्टी में. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले हम यहाँ पर करेंगे. फिर बाहर में पार्टी में जाएगें और अब वो मान गई. फिर उसने मुझसे आँखों में आंखे डालकर कहा कि चलो अब डांस करने के लिए तैयार हो जाओ. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले दरवाजा तो बंद करो. फिर वो बोली कि लो बाबा चलो अब मैंने दरवाजा भी बंद किया, क्या अब शुरू करें? तो मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन मुझे अपने हाथों से पकड़कर डांस सिखाना, क्योंकि में कुछ भी नहीं जानता हूँ.

    फिर उसने अपना एक हाथ मेरी कमर पर सटा दिया और दूसरा हाथ मेरे हाथ में रखकर मुझे गोल गोल घूमाने लगी, में गरम हो गया और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और फिर मैंने कुछ सोचकर उस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कमर को पकड़कर उसको अपनी छाती से लगा लिया और अब में उसको छूने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस मेरी आखों में लगातार देखकर शरारती हंसी हंसती रही. फिर मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और में उसका चेहरा पकड़कर उसके गालों पर किस करने लगा और अपने एक हाथ से उसके चूतड़ दबाने लगा.

    उसकी साँसे तेज़ हो गयी और में अपना काम करता रहा और अब मैंने उसको अपने हाथ से इशारा करके साईड में बुलाया और फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया. फिर उसने मुझे बिना कुछ कहे मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट को भी खोलकर उतार दिया. फिर में भी उसके कपड़े उतारकर उसको लिप किस करने लगा और अब में उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और वो इतनी हॉट हो गई कि उसने कहा कि जानू मुझे जल्दी से चोद डालो ना प्लीज जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.

    फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चूसना शुरू किया और फिर मैंने कुछ ही देर उसकी चूत को चूसा. फिर मैंने अपने लंड को थूक से गीला कर दिया और उसकी चूत में डालना शुरू किया. मेरे लंड से चूत पर ज़ोर लगने से वो एकदम चीखने चिल्लाने लगी उूईईईईईइई माँ मर गई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह प्लीज, अब इसे बाहर निकाल दो, यह तो बहुत बड़ा है उह्ह्ह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में नहीं माना और उसकी छटपटाती चूत पर लगातार झटके मारता रहा जब तक कि पूरा लंड उसकी चूत में नहीं भर दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई तो मैंने उसके होंठ अपने हाथों से दबाकर उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लगातार चोदता रहा, उसकी चूत अब थक सी गई थी, क्योंकि में कब से अपना तना हुआ लंड उसकी चूत में धक्के देकर ठोक रहा था और अब उसकी चूत से सफेद कलर के झाग आना शुरू हो गए थे और अब करीब बीस मिनट के बाद उसने कहा कि चल जानू अपना माल मेरी चूत में ही डाल दो और में कुछ धक्के मारकर उसकी चूत में ही झड़ गया, उसने तभी अपनी चूत को और टाईट किया और मेरा पूरा माल अपनी चूत के अंदर भर लिया और में पूरा नंगा ही उसके ऊपर लेटा रह.

  • कज़िन बहन को चोद डाला

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गुरु है और आज में जो कहानी आप सभी लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी एक सच्ची कहानी है. दोस्तों सबसे पहले तो में आप लोगों को थोड़ा अपने बारे में बता दूँ कि में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे सभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. मेरी लम्बाई ठीक-ठाक है और मेरा शरीर भी दिखने में अच्छा लगता है. में एकदम फिट हूँ और अगर दूसरी चीज़ो की बात करे तो मेरा लंड 8 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है, जो कि किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को संतुष्ट करने के लिए अकेला ही बहुत है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ.

    दोस्तों, यह कहानी मेरे और मेरी पड़ोसन के बारे में है जिसकी मैंने जमकर चुदाई की. वैसे दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मुझसे एक साल छोटी है करीब 22 साल, उसका नाम प्रियंका है और में उसके बारे में क्या बताऊँ वो बहुत सेक्सी है, एकदम साफ रंग ऊपर से जब वो टी-शर्ट पहनती है तो उसके गोल गोल बूब्स देखकर तो में बिल्कुल ही पागल हो जाता हूँ और कभी कभी जब वो गहरे गले की टी-शर्ट पहनती थी और में अपनी बालकनी में खड़ा होता था तो में तो बस उसके बड़े बड़े बूब्स की लाइन ही देखता रहता था और उसकी गोल गांड के तो क्या कहने?

    में जब भी उसकी गांड को देखता तो मेरा मन करता था कि बस उसी समय उसके कपड़े उतारकर उसे चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं हो पता था, तो मुझे उसकी चुदाई करने की सारी तड़प अपनी गर्लफ्रेंड पर उतारनी पड़ती या मजबूरी में मुठ मारनी पड़ती थी, लेकिन उससे बुरी बात तो यह थी कि वो अब मुझे भैया बोलने लगी थी, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन दोस्तों अगर कोई लड़की आपको भाई बोलती है तो उसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप उससे कभी भी जब मर्ज़ी हो मिलने जा सकते हो और उसे कहीं भी बुला सकते हो और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आप कभी भी उसे चोद भी सकते हो और आपके ऊपर किसी को शक भी नहीं होगा.

    दोस्तों जब से वो जवान हुई थी में तो उसे चोदने के सपने देखने लगा और में दिन रात उसके बारे में सोचने लगा. में उसके बारे में सोच सोचकर एकदम पागल होने लगा था, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि अगर मैंने कुछ किया तो उसका रिज़ल्ट क्या होगा? फिर भी में तो कभी कभी थोड़ी थोड़ी कोशिश करता रहता था, जैसे कि जब में उसके घर जाता था तो उसके साथ बैठने की कोशिश करता था. उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता था या उसे घूरता रहता था, लेकिन उसकी तरफ से कभी भी कोई ऐसा जवाब नहीं आया कि जिससे मुझे लगे कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन मुझे उससे क्या लेना, मुझे तो बस उसे चोदना था?

    एक दिन हुआ यह कि में अपने कॉलेज के पेपर की तैयारी कर रहा था और में उस समय कॉलेज के आखरी साल में था, उस वक़्त प्रियंका भी अपने दूसरे साल के पेपर की तैयारी कर रही थी. वो अक्सर मेरे पास अपनी समस्या लेकर आती रहती और में उसकी मदद किया करता था. में कई बार मज़ाक मज़ाक में उसे पढ़ाते वक़्त उसके बूब्स और गांड पर हाथ मार दिया करता था, लेकिन वो मुझे कभी कुछ नहीं बोलती थी, शायद वो मुझे अपना भैया समझती थी.

    फिर हुआ यह कि प्रियंका के पापा का ऑफिस दिल्ली के बाहर है और इसलिए वो हर रोज अप-डाउन करने की बजाए कभी कभी वहीं पर रुक जाते है और घर नहीं आते और फिर हमारे पेपर शुरू होने के ठीक एक हफ़्ता पहले एक दिन प्रियंका की मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने बोला कि उनके भाई मतलब प्रियंका के मामा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है और उन्हे और उनके पति को वहां पर जाना पड़ रहा है और वो प्रियंका को अपने साथ नहीं ले जा सकते, क्योंकि उसके पेपर शुरू होने वाले थे और फिर उन्होंने बोला कि आप लोग प्लीज उसका ध्यान रखना और कभी कभी गुरु को प्रियंका के पास भेज देना ताकि वो उसे पढ़ा दे और उस वजह से प्रियंका को अकेलापन भी महसूस नहीं होगा. तो में एक तरफ खड़ा खड़ा यह सारी बातें सुन रहा था और मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, अब मुझे लग रहा था कि शायद अब में प्रियंका को चोदने का अपना ख्वाब पूरा कर सकता हूँ.

    तो अगले दिन जब में कॉलेज से वापस आया तो में बहुत खुश था, क्योंकि में जानता था कि आज प्रियंका घर पर एकदम अकेली है और आज मेरे पास पूरा मौका है उसे चोदने का, लेकिन में अब भी यही सोच रहा था कि में यह सब कैसे करूँगा? और फिर सोचते सोचते शाम पड़ गई और तब तक प्रियंका भी घर पर आ चुकी थी तो मैंने मम्मी से बोला कि आप प्रियंका और मेरा खाना पेक कर दो में उसके साथ ही खा लूँगा. तो मम्मी ने बोला कि ठीक है. दोस्तों प्रियंका मुझे हमेशा भैया बोलती थी तो इसलिए हम पर कोई भी ऐसे शक नहीं कर सकता था और फिर उसके बाद रात को 9 बजे मैंने खाना पेक करके प्रियंका के घर की घंटी बजाई और जब उसने दरवाजा खोला तो में तो बस उसे देखता ही रह गया. उसने आज एक बहुत छोटी सी स्कर्ट, एकदम टाईट टी-शर्ट पहन रखी थी.

    में तो उसकी गोरी गोरी जांघे देखता ही रहा फिर में अंदर गया और में पीछे से उसकी उठी हुई स्कर्ट में से उसकी जांघे झाँकने लगा, लेकिन कुछ ज्यादा नज़र नहीं आ रहा था और अब में उसके बूब्स को घूरने लगा जो उस टी-शर्ट में एकदम सेक्सी लग रहे थे. फिर मैंने प्रियंका को खाना दिया और उसे प्लेट में डालकर लाने को बोला और में टीवी चलाकर बैठ गया. मैंने टीवी पर सारे चेनल चला दिए, लेकिन किसी पर भी कोई सेक्सी फिल्म नहीं आ रही थी तो मैंने टीवी को बंद कर दिया. फिर प्रियंका ने पूछा कि भैया आपने टीवी क्यों बंद कर दिया? तो मैंने बोला कि उस पर कुछ नहीं आ रहा था और मैंने उससे पूछा.

    में : और बता क्या चल रहा है?

    प्रियंका : सब मस्त है भैया आप बताओ आपका क्या हाल है, क्या पेपर की तैयारी हो गई?

    में : नहीं यार, मेरा तो आज कल कहीं मन ही नहीं लगता.

    प्रियंका : क्यों भैया ऐसा क्या हुआ?

    में : पता नहीं यार, आज कल कहीं दिल नहीं लगता, पता नहीं क्या बात है?

    प्रियंका : क्या में बताऊ भैया आपको क्या हुआ है?

    में : हाँ जल्दी बताओ?

    प्रियंका : शायद आपको कोई पसंद आ गया है और यह सब प्यार में ही होता है. (वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी)

    में : हाँ शायद तू बिल्कुल सही कह रही है, आजकल तो में बस उसके ही सपने देखता रहता हूँ और हमेशा उसी के बारे में सोचता रहता हूँ.

    प्रियंका : वो कौन है भैया प्लीज मुझे भी बताओ ना?

    में : कोई नहीं है तू अपना खाना खा और पढ़ाई कर.

    प्रियंका : नहीं भैया मुझे नहीं पढ़ना, प्लीज पहले आप मुझे बताओ ना कौन है?

    में : अच्छा तू खाना खा ले जब हम पढ़ने लगेंगे तो में तुझे पक्का बताऊंगा.

    प्रियंका : क्या पक्का वादा?

    में : हाँ पक्का वादा.

    प्रियंका : फिर ठीक है.

    फिर उसके बाद प्रियंका वहां से उठी और चली गई और फिर थोड़ी देर बाद प्रियंका ने मुझसे बोला कि वो नहाने जा रही है. तो मैंने उससे बोला कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना फिर हम पढ़ना शुरू कर देंगे. तब मैंने मन ही मन सोचा कि आज में इसको सब सच सच बता दूँगा और अगर सब ठीक रहा तो आज इसकी जमकर चुदाई भी कर दूँगा और फिर मैंने भी अपने घर पर जाकर बोल दिया कि आज में लेट ही आऊंगा, क्योंकि मुझे आज प्रियंका को पढ़ना है.

    मम्मी ने मुझसे बोला कि तो तू वहीं पर सो जाना और अब मेरे तो जैसे लॉटरी लग गई, मैंने मम्मी को झट से हाँ बोल दिया और जल्दी से वापस प्रियंका के घर चला गया और उसके बाद में सीधा प्रियंका के रूम में कुछ किताब लेने के लिए चला गया, उसका दरवाजा खुला हुआ था और मैंने बस अभी तक हल्का सा दरवाजा खोला था और मेरी नज़र जब रूम में पड़ी तो में तो पूरी तरह से हिल गया. मैंने अंदर की तरफ देखा कि प्रियंका सिर्फ़ एक टावल को लपेटकर खड़ी हुई थी और शायद वो कुछ ढूंड रही थी. में तो बस पीछे से उसकी गोरी गोरी जांघे देखने लगा और उसकी गांड भी बहुत बाहर की तरफ निकली हुई थी, कसम से अब तो में और भी पागल होता जा रहा था और मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो चुका था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं?

    तभी मैंने देखा कि उसने अलमारी में से अपनी एक काली कलर की ब्रा-पेंटी निकाली जो की बहुत सेक्सी थी और देखकर लग रहा था कि शायद वो वहीं पर चेंज करेगी, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वो तो बाथरूम की तरफ जाने लगी थी तो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने दरवाजा खोला और जानबूझ कर उसके रूम में ग़लती से अंदर जाने की एक्टिंग करने लगा. तो वो अचानक से डर गई और मैंने उसे देखते ही सॉरी बोला.

    प्रियंका बोली कि भैया अपने तो मुझे डरा ही दिया था. मैंने उससे कहा कि में कुछ किताब लेने अंदर आया था. में उसके हाथ की तरफ देख रहा था, उसके हाथ में उसकी ब्रा और पेंटी थी. जब उसने इस बात पर गौर किया तो उसने झट से अपनी ब्रा-पेंटी को अपनी गांड के पीछे छुपा लिया. मेरा तो बस मन कर रहा था कि उसको यहीं पर लेटाकर चूमना, चाटना शुरू कर दूँ और अब वो भी थोड़ा शरमाने लगी थी, क्योंकि वो मेरे सामने सिर्फ़ एक टावल में खड़ी हुई थी. तो मैंने उससे बोला कि शरमाने की कोई बात नहीं है तुम जाकर चेंज कर लो, में बाहर तुम्हारा इंतजार करता हूँ. यह बात सुनकर उसने मुझे स्माइल दी और जैसे ही वो बाथरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक उसका टावल अलमारी के हेंडल में अटक गया और एक ही झटके में वो टावल उसके शरीर से अलग हो गया और जो मैंने उसके बाद देखा.

    दोस्तों वो में आपको शब्दो में भी बया नहीं कर सकता, क्योंकि वो ठीक मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हुई थी और उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सामने थे, जिन्हे में पूरा दिन रात चूसने के सपने देखता था और उसकी गुलाबी चूत देखकर तो में पागल ही हो गया और मेरा लंड भी अब मेरी पेंट फाड़कर बाहर आने लगा था. तो उसने मेरे लंड के बड़ते हुए आकार को महसूस कर लिया था और फिर करीब 30 सेकिंड तक उसे समझ में नहीं आया कि वो अब क्या करे? उसके बाद जब वो थोड़ा झुककर टावल उठाने लगी तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी में सीधा उसके पास गया और उसे अपने गले से लगा लिया और बोला कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो में तुम्हारे बिना नहीं जी सकता. तो उसने अपने आपको मुझसे छुड़वाया और अपना टावल उठाकर लपेट लिया और बोला कि नहीं भैया ऐसा नहीं हो सकता क्या आप पागल हो गए हो और यह आप क्या बोल रहे हो?

    फिर मैंने बोला कि में जो भी बोल रहा हूँ वो सब सच बोल रहा हूँ. उसने बोला कि अगर किसी को पता चल गया तो सब क्या बोलेंगे? तो मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और किसी को बताएगा भी कौन? यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी. तो उसने बोला कि नहीं भैया प्लीज आप ऐसा मत सोचो, यह सब बिल्कुल ग़लत है. फिर मैंने बोला कि इसमे कुछ ग़लत नहीं है और फिर मैंने धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया.

    पहले तो वो मेरा विरोध करती रही, लेकिन जब मैंने ज़बरदस्ती अपने होंठो को उसके होंठो पर रखे तो थोड़ी ही देर बाद वो जोश में आकर मेरा साथ देने लगी और मुझे भी अब लगा कि लोहा गरम हो गया है तो मैंने भी धीरे धीरे उसका टावल खींचना शुरू कर दिया, पहले तो वो मेरा हाथ हटाती रही लेकिन जब मैंने उसे खींचकर बेड पर लेटाया और उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसका टावल उसके शरीर से एक बार फिर से अलग कर दिया. अब वो मेरी बाहों में बिल्कुल नंगी पड़ी थी. में उसकी चूत देखकर पागल हुआ जा रहा था. फिर में एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और में एक हाथ उसकी चूत पर रखकर उसे मसलने लगा.

    फिर वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और सिसकियों की आवाजें निकालने लगी, लेकिन में उसके होंठो को लगातार चूसता रहा जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली और फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और मैंने बहुत बार उसके निप्पल पर भी काटा जिससे वो एकदम मचल जाती थी और फिर में धीरे धीरे चूमते चाटते नीचे जाने लगा. उसका पेट कांप रहा था और उसे भी अब सेक्स चड़ने लगा था और उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया.

    फिर मैंने देखा कि अभी तक उसकी आँखे बंद थी और उसने मेरे लंड को नहीं देखा था. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने देखा कि वो अभी तक पूरी तरह से वर्जिन थी, शायद उसने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी. फिर मैंने अपनी जीभ के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो पूरे मज़े के साथ हवा में उछलने लगी और आवाज़े निकालने लगी प्लीज भैया ऐसा मत करो अहाहहह आईईई, लेकिन कुछ देर बाद ही वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत मज़ा रहा उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा और अंदर करो प्लीज भैया और अंदर अह्ह्हह्ह्ह्ह.

    उसके मुहं से यह आवाज़े सुनकर मुझमें भी अब जोश आ गया और में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. तो वो बोलने लगी कि भाई अह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है आऐईईई अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो अआह्ह्ह रहा प्लीज भैया रूको, लेकिन में नहीं रुका और उसकी चूत को लगातार चूसता, चाटता रहा और उसी वक़्त वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल अपनी चूत से बाहर निकाल दिया. तो मैंने एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी चूत को साफ किया और फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला कि अब जानेमन तुम्हारी बारी है और मैंने उसे इशारे में अपना लंड चूसने को बोला.

    पहले उसने साफ साफ मना किया, लेकिन मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उससे थोड़ी सी ज़बरदस्ती की और उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर वो भी बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने लगी. दोस्तों में क्या बताऊँ में तो उस समय जैसे सातवें आसमान पर था, वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मानो कोई छोटा बच्चा आईसक्रीम खा रहा होता है. वो अपनी पूरी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर घुमा रही थी और थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ गया. वो लंड पर से अपना मुहं हटाना चाहती थी, लेकिन मैंने मजबूती से उसका सर पकड़ लिया और सारा माल उसके मुहं में ही निकाल दिया और फिर बाद में उसने उसे थूक दिया.

    फिर हम एक दूसरे के साथ ऐसे ही नंगे लेटे हुए थे और वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथों से दोबारा सहलाने, दबाने लगी. तो में भी झट से समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है और अब आज मेरा भी सपना पूरा होने वाला था.

    फिर उसने थोड़ी देर मेरा लंड सहलाया और वो तनकर खड़ा हो गया. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोलकर अपने पेट पर घुमा दिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और एक तेल की बोतल अपने पास रख ली, लेकिन वो अब बहुत डर रही थी और बोल रही थी कि भैया प्लीज रहने दो हम फिर कभी कर लेंगे, आपका लंड बहुत बड़ा है यह मेरे अंदर नहीं जाएगा, लेकिन में कहाँ मानने वाला था?

    मैंने तेल की बोतल खोली और उसकी चूत को पूरा तेल के साथ भर दिया ताकि लंड आसानी से अंदर चला जाए और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसके मुहं से एक बहुत तेज़ चीख निकली आअहहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई, इसे बाहर निकालो प्लीज, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज भैया ऊईइइइईईईई माँ, भैया प्लीज मुझ पर थोड़ा तरस खाओ, प्लीज अह्ह्हह्ह्ह इसे बाहर निकालो, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था और मैंने एक और धक्का लगा दिया जिसकी वजह से वो और बहुत तेज़ छटपटाने लगी, उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसे अपने पैरों के साथ जकड़ लिया था और उसके मुहं पर अपना मुहं रखा था ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना निकल सके.

    फिर में थोड़ी देर तक एक जगह पर रुका रहा और मैंने नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था, शायद वो वर्जिन थी और यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए खून चूत से बाहर निकला होगा और थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और जब उसकी आवाज़ कम हो गई तो मैंने उसके मुहं से अपना मुहं हटा लिया और उसकी चूत में पूरे ज़ोरदार धक्के मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा था वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. हमारी आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी और में उससे बोल रहा था कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैंने हमेशा से तुम्हे ऐसे ही चोदना चाहता था.

    प्रियंका भी बोल रही थी कि हाँ भैया में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ और अब उसकी सिसकियाँ भी बड़ने लगी थी और वो बोल रही थी कि भैया थोड़ा और ज़ोर से करो अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आज इसमें पूरा अंदर डाल दो अपना लंड उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ हाँ बहुत मज़ा आ गया, भैया प्लीज आज मुझे अपनी बना लो और हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहना. तो में भी बोलने लगा कि मेरी रानी तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अब दिन रात एक करके तुझे चोदूंगा और तेरी चूत को शांत करूंगा, में तुझे अपनी रानी बनाकर रखूंगा.

    फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद एक तेज धक्के के साथ हम दोनों एक एक करके झड़ गये. मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और में बहुत थककर एकदम निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और अब उसके शरीर के साथ साथ उसकी चूत भी ढीली हो गई थी और वो मेरी तरफ देखकर मुझे स्माइल दे रही थी और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उठकर उसे एक किस किया और एक कपड़ा लेकर उसकी चूत और अपने लंड से खून को साफ किया और उसके बाद मैंने उस रात उसे तीन बार और चोदा, लेकिन उसके बाद में अब तक में उसे पता नहीं कितनी बार चोद चुका हूँ और हर बार में उसे एक नई स्टाईल में चोदता हूँ, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश हो जाती है.

  • मामा की लड़की की धमाकेदार चुदाई कहानी

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम आर्यन है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 6 फीट है और में बहुत अच्छे दिखने वाले शरीर का मलिक हूँ, मेरा रंग गोरा है और सब कुछ एकदम फिट और ठीक है. दोस्तों यह बात आज से करीब 7 या 8 साल पहले की है, मेरे घर पर में, मेरे दो छोटे भाई और मेरी मम्मी रहती थी और हम लोग घर पर अधिकतर समय अकेले ही रहते थे, क्योंकि मेरे पिता जी आर्मी में होने की वजह से हमेशा बाहर ही रहते थे और साल में एक महीना ही घर पर रहते थे. में 12th में था और उस वक़्त मेरी उम्र करीब 18 या 19 साल की होगी और उस समय एक दिन मेरी मम्मी की तबियत अचानक खराब हो गयी और हमारी कोई बहन या किसी और औरत के घर में ना होने के कारण हम बहुत परेशान थे.

    तब एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे मेरे मामा जी की लड़की को लेकर आने के लिए बोला. तो मैंने मामी जी को फोन करके अपने घर का सारा हाल बताया तो मामी जी ने भी अपनी लड़की को मेरे साथ भेजने के लिए हाँ कर दी और फिर अगले दिन में अपनी बाईक लेकर अपनी बहन को लेने अपने मामा जी के घर पर चला गया और शाम तक उसे अपने साथ लेकर वापस आ गया और उधर माँ के बारे में पता चलने पर मेरे पिता जी भी तब तक घर पर आ गये थे और तब हमारे घर की कुछ स्थिति सुधरी हुई नज़र आई और अब हम सब बहुत खुश लग रहे थे, लेकिन तीन कमरे होने की वजह से मम्मी, पापा एक कमरे में और हम तीनों भाई एक बेड पर और मामा की लड़की एक अलग चारपाई पर हमारे ही कमरे में सोती थी और फिर ऐसे ही दिन कट रहे थे.

    तो दोस्तों 4 या 5 दिन बाद मेरे साथ एक ऐसी घटना घटी कि जिससे मेरा दिल और दिमाग़ दोनों ही हिल गये, मेरे मामा जी की लड़की मुझसे एक साल बड़ी है और उसका रंग मेरे जैसा और उसका फिगर एकदम मस्त था. तो एक दिन जब हम सब सो रहे थे तो अचानक देर रात को मेरी आँख खुली और मुझे लगा कि जैसे कोई मुझे आवाज़ दे रहा है और मैंने जब उठकर देखा तो पाया कि मेरी बहन मुझे धीमी धीमी आवाज़ में पुकार रही थी. तो मैंने बहुत हैरान होकर इधर उधर देखा सभी सो रहे थे तो मैंने उससे पूछा क्या बात है सब ठीक तो है ना? तो उसने धीरे से अपनी आखें खोली और कहा कि हाँ सब कुछ ठीक है और अब दोस्तों इसके आगे की कहानी कुछ इस तरह थी.

    बहन : आर्यन क्यों नींद आ रही है?

    में : जी, नहीं दीदी.

    बहन : क्या में एक बात बोलूं?

    में : हाँ बोलो ना क्या बात है?

    बहन : क्या में तुम्हे एक किस कर सकती हूँ?

    में : लेकिन क्यों?

    बहन : बस ऐसे ही आज मेरा बहुत दिल कर रहा है.

    में : लेकिन आपका दिल ऐसा क्यों कर रहा है?

    बहन : क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो.

    में : क्या तुम मेरी परीक्षा ले रही हो?

    बहन : ऐसा नहीं है.

    तो में अब बहुत हैरान था और इस तरह हमारी बातचीत चलती रही और एक लड़का और वो भी जवान आख़िर कब तक में अपने आप को रोक पता और आख़िरकार मैंने हाँ कर दी. में अपने आपको नहीं रोक पाया और उसे थोड़ा खिसकने के लिए बोला और में भी उसकी चारपाई पर चला गया और तब उसने मुझे माथे पर एक किस किया और गौर से मुझे देखने लगी. तो मैंने कहा कि क्यों बस हो गया? तो वो बोली कि हाँ तो मैंने कहा कि लेकिन में तो अब तुमसे कुछ और भी चाहता हूँ. तो वो बोली कि क्या? और इतना कहते ही मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और लिप किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, लेकिन कुछ ही मिनट के लिप किस करते करते मेरे शरीर में एक आग सी लगाने लगी और मैंने उसके पूरे शरीर को चूमना और सहलाना शुरू कर दिया और वो तो पहले से ही गरम थी वो मेरे साथ मजे लेने लगी और करीब दस मिनट बाद हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे.

    तो मैंने अब एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे और कुछ ही मिनट की देरी बाद उसके बड़े ही आकर्षित बूब्स उसकी ब्रा में मेरे सामने झूलने लगे. में उन्हें देखकर और भी जोश में आने लगा. मेरे लंड ने अब उसके जिस्म को देखकर सलामी देकर झटके देने शुरू कर दिए और उसके जिस्म को देखकर मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सा जोश आने लगा और फिर में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने, दबाने लगा और चूत में ऊँगली करने लगा मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम और गीली जोश से भरी हुई थी. वो अब सिसकियाँ लेने लगी थी और मैंने महसूस किया कि मेरी ही तरह उसका भी यह पहला अनुभव था इसलिए उसे मेरे ऐसा करने से बहुत मज़ा और जोश आ रहा था. वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून से निशान करने लगी और में अपना काम.

    हम दोनों अब अपने आपको ज़्यादा देर तक नहीं रोक पाए और मैंने फटाफट अपने कपड़े भी उतार फेंके और उसे एकदम सीधा लेटाकर उसके दोनों पैर अपनी कमर के दोनों लिए लपेट लिए और अपना लंड जो कि किसी लोहे के गरम सरीए की तरह टाईट था. तो मैंने उसकी चिकनी चूत के मुहं के ऊपर अपना लंड रखा और कम से एक हल्का सा धक्का मारा तो लंड फिसलकर नीचे चला गया और मैंने फिर से दोबारा लंड, चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का झटका मारा जिससे उसके मुहं से हल्की सी चीख निकल गई और वो मेरे नीचे से निकलने की कोशिश करने लगी. मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी, लेकिन मैंने उसे कसकर जकड़ लिया और उसे समझाया कि पहली बार थोड़ा दर्द होगा, लेकिन उसके बाद मज़ा भी बहुत आएगा और मेरे बहुत समझाने के बाद तब जाकर वो थोड़ा शांत हुई मुझे उसकी आखों में सहमती नजर आने लगी.

    फिर जब मैंने नीचे देखा तो अभी तक मेरे लंड का सिर्फ़ टोपा ही अंदर गया था और पहले कुछ देर तक तो मैंने थोड़ी देर उसे किस किया और उसके सही होने के बाद उसके होंठो को अपने होंठो में जकड़ लिया और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा, जिससे मेरा 7.2 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ उसकी चूत की गहराई में समाता चला गया, लेकिन वो दर्द से बहुत छटपटा रही थी.

    मैंने उसके पूरे शरीर को सहलाना शुरू किया और फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से खून निकल रहा था इसलिए मैंने अपनी बनियान उसकी चूत के नीचे रख दी, जिससे नीचे के कपड़े खराब ना हो और कुछ देर बाद जब वो शांत हुई तो वो भी अब मेरा साथ देने लगी और वो मेरी ही स्पीड से अपने चूतड़ को उछाल रही थी और अब हम दोनों सब कुछ भूलकर चुदाई का आनंद ले रहे थे और वो लगातार आआहहउुउऊहह आहीईईईईईईईईईईई मेरी जान निकालकर ही छोड़ना आईीईईईईईईई में मर गई आआआईईईईईईई की आवाज़ें करके सिसकियाँ ले रही थी और जिससे मेरा जोश और भी बढ़ता ही जा रहा था और हमे ऐसे ही चुदाई करते करते करीब 15-20 मिनट हो गये थे.

    तो जिसमे वो एक बार झड़ चुकी थी, लेकिन अब मेरी रफ़्तार और तेज होने लगी थी और में अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाला था और अब हमारी पकड़ भी एक दूसरे पर तेज होने लगी और हमें इतना मज़ा आ रहा था कि में झड़ने वाला था तो मैंने इतना भी ध्यान नहीं दिया कि अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लूँ और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और मुझे इतना मज़ा आया, इतना मज़ा आया कि में उसे अपने शब्दों में भी बयान नहीं कर सकता, लेकिन मेरे साथ साथ उसने भी चुदाई का पूरा मज़ा लूटा.

    हम दोनों ऐसे ही दस मिनट थककर लेटे रहे. में दोनों बूब्स को धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगा और फिर कुछ देर के बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे, जिससे हम फिर से एक बार चुदाई के लिए तैयार थे और फिर हमने उस रात तीन बार चुदाई की, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब हो गये और फिर हमारी चुदाई का दौर शुरू हो गया.

  • 19 साल की बहन को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रजनीकांत है और आज में आप सभी को अपनी bahan ki chudai ki सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसको पढ़ने के बाद शायद आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और यह कहानी कुछ समय पहले की है.

    यह मेरी और मेरी कज़िन बहन की है और उसकी उम्र लगभग 19 साल की होगी, लेकिन उस समय उसके बूब्स इतने बड़े थे कि एक हाथ में उसका एक बूब्स पकड़ना बहुत मुश्किल था और उसकी गांड और में उसके जिस्म की पूरी तारीफ शब्दों में नहीं कर सकता, लेकिन में उस समय में हमेशा उसको घूरता रहता था, क्योंकि में उस समय उनके घर पर ही रहता था और जब भी घर का कोई काम करती झाड़ू लगाती तो उसके बड़े बड़े बूब्स के मुझे दर्शन हो जाते या फिर जब वो खाना बनाती तो उसके आधे आधे बूब्स उसके आधी बाहं के कपड़ो से नजर आते या फिर जब वो पोछा लगाती तो मुझे उसके बूब्स की हल्की सी झलक दिखती जिसे देखकर में बहुत खुश हुआ करता था और वैसे भी दोस्तों उसके क्या टाईट और बड़े गोल गोल बूब्स थे.

    तो में हमेशा बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ ज़रूर मारा करता था और फिर जब एक दिन आंटी घर पर नहीं थी तो में बिना चिंता किये अपने मोबाईल पर ब्लूफिल्म देख रहा था और तभी वो भी मेरे पीछे से आकर फिल्म देखने लगी और जब मैंने पीछे की तरफ मुड़कर देखा तो उसकी एक उंगली उसकी चूत के ऊपर थी, शायद वो अपनी चूत को सहला रही थी और वो ठीक मेरे पीछे की तरफ खड़ी हुई थी और में उसे देखकर एकदम हैरान हो गया और फिर वो बिना कुछ कहे अपने रूम में चली गयी और में जब उसके पीछे तो मैंने देखा कि उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद पाकर में बाहर चला गया. तो बाहर आकर मैंने देखा कि सड़क की साईड में कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे और में दूर खड़ा हुआ अपना मुरझाया हुआ लंड लेकर उन्हे देख रहा था. तो इतने में बॉल आकर मेरी बालकनी में आ गिरी और उसी बालकनी में मेरी बहन का रूम था और फिर में बालकनी में गया और मैंने वो बॉल उन्हे दे दी, लेकिन जब में वहां से नीचे आ रहा था तब मैंने रूम के अंदर से कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनी और तब मैंने दरवाजे के होल से अंदर की तरफ देखा तो वो अपने कपड़े उतार कर अपनी चूत में एक उंगली को अंदर बाहर कर रही थी.

    यह सब देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने अपने मोबाइल में उसकी एक फोटो खींच ली और में कुछ देर के बाद बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और करीब एक घंटे बाद वो रूम में से बाहर आई और उस समय तक आंटी भी आ गई थी और उसके बाद में क्या था? में हमेशा उसका वो फोटो देखकर मुठ मारता रहा. तो एक दिन की बात है. जब मेरी आंटी और अंकल कुछ दिनों के लिए अपने शहर से बाहर चले गये. तो उस दिन में और बहन हम दोनों ही घर पर थे, में उसके पास गया और उसे वो फोटो दिखाकर डराने लगा और उससे कहने लगा कि में अब यह फोटो आंटी को दिखा दूँगा.

    वो मेरी यह बात सुनकर बहुत डर गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज भैया आप ऐसा मत करना, वर्ना पापा तो मुझे मार ही डालेंगे. तो मैंने उससे कहा कि ठीक है में नहीं कहता, लेकिन उसके लिए तुम्हे मेरी एक शर्त माननी पड़ेगी और फिर उसने जल्दी से कह दिया कि आप जो कहोगे में सब कुछ वो करूँगी, लेकिन प्लीज आप मेरी यह बात किसी को मत कहना.

    तो झट से मैंने उसको अपना फोन उसे दिया और उसमे ब्लूफिल्म चालू करके उससे बोला कि आज हम यह सब करेंगे. तो उसने तुरंत मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया और कहा कि इन सब के लिए तो में कब से तैयार हूँ और में आपको मेरे बूब्स दिखाना और अपनी तरफ आकर्षित करना इसी के लिए तो कर रही थी, लेकिन आप ही इतने दिनों से समझ नहीं पाए.

    दोस्तों उसके मुहं से यह सब बातें सुनकर मुझे मेरे कानो पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था, क्योंकि अब तक में जिसका नाम लेकर हमेशा मुठ मारता था. में आज उसे चोदने वाला हूँ. फिर उसने कहा कि आप रूम में तैयारी करो, में आधे घंटे में नहाकर आती हूँ और फिर वो बाथरूम में चली गई और में रूम जाकर बैठा हुआ था और बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार कर रहा था. तो वो कुछ देर बाद नहाकर बाथरूम से सिर्फ़ टावल में मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी, में तो उसको देखकर एकदम पागल सा हो गया और मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठो पर किस करने लगा और वो किस करीब 15 मिनट तक चला.

    फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी बाहों में लेकर बेड पर लेटाया और टावल खोल दिया और तभी मेरे मुहं से वाह सेक्सी शब्द निकल गया. उसके गोल गोल बूब्स देखकर मेरा लंड तो मानो लोहे के सरिए के जैसा हो गया और मैंने देखा कि उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. तो मैंने अपने कपड़े झट से उतार दिए और उसके ऊपर लेट गया और उसे किस करने लगा, थोड़ा नीचे आकर उसकी चूत खोली और चूत के गुलाबी हिस्से को चाटने लगा. में उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था, जैसे कोई बच्चा आईसक्रीम चाट रहा हो और वो मचल रही थी और अब धीरे धीरे उसकी आखें बंद हो रही थी.

    फिर में उसकी गांड में उंगली डालकर हिलाने लगा और वो दर्द की वजह से मचल रही थी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. फिर में उसको बेड के आखरी में लाया और मैंने अपना लंड उसके मुहं में दे दिया और वो मानो लोलीपोप की तरह मेरे लंड को चूस रही थी और आआहह आहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह सिसकियाँ लेने लगी और अब वो धीरे धीरे अपनी स्पीड को बड़ाती गई.

    फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे का चूसने चाटने लगे. करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गये और 10 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही लेटे रहे. फिर मैंने उसको किस करना शुरू किया और वो मेरे लंड को सहलाने चाटने लगी तो मेरा लंड अब फिर से धीरे धीरे खड़ा होने लगा था तो में उसको मिशनरी पोज़िशन में लाया और उसकी चूत पर लंड को रखकर उसको सहलाने लगा, वो चिल्ला रही थी और कह रही थी प्लीज डालो ना क्या कर रहे हो? में उसको और तड़पा रहा था.

    फिर मैंने एक झटका मारा और मैंने लंड को चूत के अंदर घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. तो वो चिल्ला रही थी कि प्लीज धीरे करो मेरा यह पहली बार है अहहअहहअह उह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो अईईईईईईइ. तो में धीरे धीरे झटके मारकर लंड को अंदर बाहर करने लगा और अब उसका दर्द थोड़ा कम होने के बाद में लगातार 20-30 झटके मार रहा था, लेकिन इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी आने वाला था.

    फिर मैंने उसको उठाया और मुहं में लंड देकर चूसने लगा और फिर 5 मिनट बाद में भी झड़ गया ऊऊफफफफ्फ़. यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था इसलिए में उसे आज भी सोचकर गर्म हो जाता हूँ. फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर नहाने लगे और वो मेरा लंड फिर से सहलाने लगी और में उसकी चूत चाट रहा था और उसकी गांड पर मैंने साबुन लगाया तो उसने पूछा कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि अब तेरी गांड की बारी है और वो डर गयी और कहने लगी कि इतना लंबा लंड कैसे जाएगा? फिर उसको बहुत समझाकर मैंने धीरे धीरे उसकी गांड मारनी शुरू कर दी. दोस्तों कितना भी चूत में लंड डालो, लेकिन असली मज़ा तो गांड में ही है और मैंने करीब 20 मिनट तक जोरदार धक्के देकर उसकी गांड मारी और वो दर्द से बेहाल होकर मुझसे लंड को बाहर करने को कहती रही, लेकिन में बिना कुछ सुने उसे चोदता रहा.

  • वर्जिन कजिन की चूत खोली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दीपक है और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ. में इस साईट का बहुत बड़ा फेन हूँ और मैंने इस साईट की लगभग सारी स्टोरी पढ़ी है, इसलिए मेरा भी मन हुआ कि में भी अपना अनुभव आप लोगों के साथ बाटूँ. ये Hindi sex kahani मेरी और मेरी कज़िन के बारे में है. में अपनी कज़िन के बारे में बता दूँ, उसका नाम शिवानी है और वो थोड़ी साँवली है, लेकिन उसका फिगर तो किसी को भी मस्त कर देने वाला है. अब में सीधे कहानी पर आता हूँ.

    ये आज से 2 साल पहले की बात है, में चंडीगढ़ में जॉब करता हूँ और मेरी कज़िन भी चंडीगढ़ में ही जॉब करती है, हमारे ऑफीस आस-पास ही थे और हम एक ही सोसाइटी में रहते थे, इसलिए सुबह जब में ऑफिस जाता हूँ तो वो भी मेरे साथ ही जाती है, क्योंकि में अपनी कार से जाता था. फिर इसी तरह साथ जाते और आते पता नहीं कब में उसे प्यार करने लगा, लेकिन में शादीशुदा हूँ और वो मेरी बहन थी, इसलिए कभी उससे कह नहीं सका. लेकिन एक दिन मेरी पत्नी अपने घर गयी हुई थी, तो मेरी कज़िन मेरे लिए डिनर लेकर आई, क्योंकि हमारा घर आस-पास ही था. में उस समय में अपने लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था और जैसे ही मैंने उसकी आवाज़ सुनी, मैंने झटसे अपना लेपटॉप बंद कर दिया और वॉशरूम में चला गया और जब में हाथ धो कर बाहर आया तो मेरा लेपटॉप शिवानी के पास था और उसमे वही ब्लू फिल्म चल रही थी और शिवानी उसे देख रही थी. में उसके पीछे खड़ा था, लेकिन शिवानी को ये नहीं पता था.

    मैंने सोचा कि आज ही सही मौका है अपने दिल की बात उसे बताने का, लेकिन कैसे कहूँ? ये समझ नहीं आ रहा था. फिर अचानक मेरे दिमाग में एक आइडिया आया, जब तक मूवी चलती रही में चुपचाप खड़ा रहा और जब मूवी ख़त्म हुई तो मैंने शिवानी से पूछ लिया कि मूवी कैसी लगी? वो एकदम डर सी गयी और कुछ भी नहीं बोली. मैंने आराम से उसका हाथ पकड़ा और फिर से पूछा कि बताओ ना मूवी कैसी लगी? तो उसने बस इतना ही कहा कि आप ख़ाना खा लेना में बर्तन बाद में ले जाउंगी. मैंने उससे कहा कि बाद में क्यों? मेरे पास थोड़ी देर बैठो ना और बर्तन साथ में ही ले कर जाना, तो वो मान गयी. मैंने खाना शुरू किया और साथ ही मैंने दोबारा शिवानी से पूछा कि बताओ ना मूवी कैसी लगी? तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और जाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और एकदम से कह दिया कि शिवानी में नहीं जानता जो में कह रहा हूँ वो ठीक है या ग़लत, लेकिन में तुमसे प्यार करने लगा हूँ. वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी.

    तो मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और ज़बरदस्ती उसे किस करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो नहीं मान रही थी और कह रही थी कि भैया ये ग़लत है, आप मेरे भाई है और हमारे बीच में ऐसा रिश्ता ग़लत है, प्लीज़ मुझे छोड़ दो. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उससे पूछा कि एक बात बताओ क्या में तुम्हें अच्छा नहीं लगता, तो वो बोली कि भैया ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन भाई बहन के बीच में ये सब ग़लत होता है. मैंने उसे अपनी बाहों में भर रखा था और फिर मैंने उसकी चूची दबानी शुरू कर दी और वो कहने लगी कि भैया प्लीज़ मत करो, दर्द होता है.

    में : देख तू मान जायेगी, तो इतना दर्द नहीं होगा, प्लीज़ मान जाओ ना.

    शिवानी : प्लीज़ भैया, प्लीज़ मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो. इतने में मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल दिया था और उसकी चूचीयों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.

    में : शिवानी तेरे बूब्स तो बहुत अच्छे है. प्लीज एक बार मान जा, में तुझे आज सितारों की सैर करवाऊंगा और फिर में उसकी टी-शर्ट ऊपर करने लगा, वो मना कर रही थी, लेकिन अब उसका विरोध कुछ कम हो गया था. शायद उसके भी अरमान जागने लगे थे और फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को और ब्रा को ऊपर कर दिया और उसकी चूची चूसने लगा, थोड़ी देर में शिवानी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी.

    शिवानी : आआआह्ह्ह्ह भैया बहुत दर्द हो रहा आराम से करो.

    में : जानू आराम से ही करूँगा, बस अब तू मान गयी है तो अब दर्द कम होगा और मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया और बेड पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर आकर उसकी चूचीयाँ चूसने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी और मेरे बालों में अपना हाथ फेर रही थी और कह रही थी.

    शिवानी : भैया में भी आपको बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन कभी कह नहीं पाई, क्योंकि हमेशा बस इतना ही सोचती रही कि उसके बाद में भाभी से कैसे नज़र मिला पाऊँगी. लेकिन आज आपने ऐसा करके मेरे सोये हुए अरमान जगा दिए, आआआह्ह्ह्ह्हह भैया प्लीज़ थोड़ा आराम से चूसो, ये मेरा फर्स्ट टाइम है और में भी तो आपकी ही हूँ, आराम से करो ना, प्लीज.

    में : जानू में, तो कब से जानता था कि तू मुझे चाहती है और में भी तुझे बहुत चाहता हूँ, लेकिन बस कभी कह नहीं पाया, आज मौका मिला है. में एक हाथ धीरे-धीरे नीचे लेकर जाने लगा और उसकी नाभि में घुमाने लगा.

    फिर धीरे-धीरे वो मस्त होती गयी, लेकिन इतने में डोर बेल बज गयी और हमें अलग होना पड़ा. मैंने बाहर आ कर देखा तो आकाश शिवानी का भाई खड़ा था और वो पूछने आया था, क्योंकि शिवानी को बहुत देर हो गयी थी, तो मैंने उससे कहा कि बस में खाना खा रहा हूँ और शिवानी अभी बर्तन लेकर आ जायेगी और मैंने उसे वापस भेज दिया. लेकिन अब शिवानी को भी जाना था, क्योंकि अब इतनी देर रुकना ठीक नहीं था, नहीं तो और किसी के आने का डर था, लेकिन फिर मैंने रूम में आकर देखा तो शिवानी अपने कपड़े पहन चुकी थी और वो अब जाने लगी थी, लेकिन उसके चेहरे पर भी एक उदासी साफ नज़र आ रही थी. मैंने शिवानी को गले लगाया और उससे कहा कि प्लीज़ जैसे भी हो सके आज रात को आ जाना, में अब तुमसे अलग नहीं रह पाऊँगा.

    शिवानी : भैया, में भी कहाँ आपसे अलग रह पाऊँगी, लेकिन अगर मम्मी आने देगी तभी आ पाऊँगी और फिर वो चली गयी.

    मुझे बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि शिवानी रात को वापस आ पायेगी. रात के 11 बजे थे और डोर बेल बजी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने शिवानी खड़ी थी. मैंने उससे पूछा कि कैसे आई हो तो उसने बताया ककी उसने मम्मी को यानी मेरी मौसी से बोला कि भैया और में मूवी देखने वाले है और में मूवी देखकर वापस आ जाऊँगी. लेकिन पहले तो मम्मी ने बोला कि रहने दो रात को अच्छा नहीं लगता, लेकिन फिर मैंने कहा कि मेरे पास दिन में टाईम ही कहाँ होता है? तो मम्मी मान गयी. मैंने जल्दी से शिवानी को घर के अंदर लिया और दरवाजा बंद कर दिया.

    में : जानू मुझे नहीं पता था कि तुम मुझसे इतना प्यार करती हो.

    शिवानी : आपको क्या पता? में आपसे कितना प्यार करती हूँ, में तो खुद अब आपसे मिलने के लिए मरी जा रही थी.

    में : तो जान आओ ना मेरे साथ, अब हम साथ में मिलकर मूवी देखते है और हम अपने बेडरूम में आ गये और मैंने अपने लेपटॉप पर एक और ब्लू फिल्म चालू कर दी.

    शिवानी : भैया, ये लड़कियाँ वो अपने मुँह में कैसे ले लेती है.

    में : जानू एक बार तुम भी लेकर देखो, इसमें बहुत मज़ा आता है और बातें करते हुए, मैंने शिवानी की टी-शर्ट में हाथ डाल दिया और उसकी चूचीयाँ दबाने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से सहलाने लगा. अब वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी.

    फिर शिवानी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और इसी तरह हम करीब 10 मिनट तक किस करते रहे और में उसकी चूचीयाँ और चूत को सहलाता रहा और फिर मैंने शिवानी की टी-शर्ट और पजामा ऊतार दिया, उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी हुई थी. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी लेटी हुई थी और फिर मैंने उसके पूरे शरीर पर किस करना शुरू किया और किस करते-करते में नीचे आ गया और उसकी चूत पर मैंने जैसे ही किस किया तो उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी.

    शिवानी : आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैया ये क्या कर रहे हो आपप्पप्पप्प बहुत मज़ा आआआआआ रहा है.

    में : अभी, तो और भी मज़ा आयेगा जानेमन, बस तुम देखती जाओ और मैंने शिवानी की चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो ऐसे तड़पने लगी कि जैसे बिना पानी की मछली हो.

    शिवानी : ऊऊऊऊऊऊऊहह भैया, आई लव यू, आज मुझे पूरी तरह से अपनी बना लो, भैया मुझे चोद कर कली से फूल बना दो, मैंने ये चूत आपके लिए ही संभाल कर रखी हुई थी.

    में : ज़रूर जानेमन आज में तुम्हें इतना प्यार दूँगा कि तुम मुझसे दूर कभी नहीं जा पाओगी.

    शिवानी : ऊऊऊऊऊऊऊहह भैया थैंक यू, में अब आपसे दूर कभी नहीं जाऊँगी. इस तरह में शिवानी की चूत को करीब 15 मिनट तक चूसता रहा और इतने में वो झड़ गयी, ऊऊऊऊऊऊहह भैया मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, आईईईईईई म्‍म्म्मम भैया आआअहह.

    में : जानू कैसा मज़ा आया?

    शिवानी : भैया आज मुझे पता चला है कि सेक्स में कितना मज़ा आता है.

    में : डार्लिंग, ये तो अभी शुरुआत थी. आगे आगे देखो कितना मज़ा आता है, जैसे मैंने तुम्हारी चूत चूसी है वैसे ही अब तुम भी मेरा लंड चूसो और देखो कितना मज़ा है.

    शिवानी : प्लीज़ भैया नहीं, मुझसे ये नहीं होगा.

    में : जानू एक बार लेकर तो देखो, अगर नहीं होगा तो रहने देना, लेकिन प्लीज़ एक बार मुँह में डालकर एक मिनट चूसो तो सही और शिवानी ने मेरे कपड़े ऊतार दिए और मेरे 6 इंच के लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी.

    फिर धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसती रही. अब मेरा लंड एक हार्ड स्टील रोड के जैसा हो चुका था, मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उसे बेड पर लेटा दिया और में वॉशरूम में जाकर तेल की बोतल ले आया.

    शिवानी : भैया आप ये तेल किस लिए लाये हो?

    में : डार्लिंग तुम्हें दर्द ना हो इसलिए लाया हूँ, तुम्हारा फर्स्ट टाईम है ना.

    शिवानी : हाँ भैया थैंक यू, आप मेरा कितना ख्याल रखते हो.

    में : आख़िर तुम मेरी जान हो, में तुम्हारा ख्याल नहीं रखूँगा, तो कौन रखेगा?

    फिर मैंने शिवानी की चूत पर थोड़ा सा तेल डाला और उसकी चूत के अंदर तक 5 मिनट तक मालिश करता रहा, ताकि चूत अंदर से नरम हो जाये और उसे ज्यादा दर्द ना हो और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अपने होंठो से शिवानी के होंठो से मिला दिया, ताकि वो आवाज़ ना कर सके.

    में : जान अब में अंदर डालने जा रहा हूँ तुम्हें थोड़ा सा दर्द तो होगा, लेकिन प्लीज़ सहन कर लेना.

    शिवानी : ठीक है भैया, लेकिन प्लीज़ आराम से करना और फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड 2 इंच तक शिवानी की चूत में घुस गया और वो दर्द के मारे चिल्ला उठी, उउउइईईईई म्‍म्म्ममाआआ मर गयी, प्लीज़ भैया आराम से करो बहुत दर्द हो रहा है.

    में : में कुछ देर के लिए रुक गया और जब शिवानी का दर्द कुछ शांत हुआ तो मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिससे मेरा करीब 4 इंच लंड अंदर जा चुका था और शिवानी फिर से चिल्लाना चाहती थी, लेकिन इस बार मैंने उसके होठों को अपने होठों से मिला रखा था तो उसकी आवाज़ अंदर ही दब कर रह गयी और में फिर से कुछ देर के लिए रुक गया. फिर एक आखरी झटके के साथ मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. इस बार शिवानी को दर्द तो हुआ लेकिन वो उसे सहन कर गयी. फिर मैंने धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, तो थोड़ी देर तो शिवानी को दर्द हुआ, लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा और वो बड़बड़ाने लग गयी.

    शिवानी : ऊऊऊऊऊऊहह भैया, आज आपने मुझे कली से फूल बना दिया, आज से में आपकी रंडी बन कर रहूंगी, आप जैसे चाहो मुझे चोदना, आआऊऊऊहह.

    में : जानेमन आज के बाद, तो में तुम्हें हर जगह चोदूंगा और तेरी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दूंगा.

    शिवानी : जो चाहो बना दो भैया, अब ये चूत भी तुम्हारी है और में भी तुम्हारी हूँ.

    फिर में उसे करीब 25 मिनट तक चोदता रहा, इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और वो दूसरी बार झड़ने वाली थी.

    शिवानी : भैया, प्लीज़ और तेज करो में फिर से झड़ने वाली हूँ.

    फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और 5 मिनट के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया था. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे और थोड़ी देर के बाद जब शिवानी उठी तो उसने देखा कि नीचे बिछी चादर खून ही खून में हो गई थी. उसने मुझसे पूछा कि भैया ये क्या हुआ? तो मैंने उसे बड़े प्यार से समझाया कि पहली बार अक्सर ऐसा हो जाता है. फिर हमने साथ में शॉवर लिया और फिर शिवानी जाने के लिए तैयार हो रही थी तो मैंने उससे कहा कि में घर पर बात कर लेता हूँ, तुम यहीं पर रुक जाओ और मैंने अपनी मौसी को फोन करके बोल दिया कि शिवानी मूवी देखते देखते सो गयी है, वो सुबह आ जायेगी.

    मौसी ने कुछ नहीं कहा और शिवानी उस रात मेरे साथ ही रुक गयी, हम लोग एक ही कंबल में पूरे नंगे होकर एक साथ सोते रहे. फिर कुछ देर के बाद हमारा फिर से मन हुआ और हमने फिर से चुदाई की. उस रात मैंने शिवानी को 3 बार चोदा, जिससे उसकी चूत फूलकर मोटी हो गयी थी. मैंने रात में उसे दर्द की गोली दे दी, जब सुबह वो उठी तो उसके दर्द में बहुत आराम था और वो अपने घर चली गयी और उसके बाद से हमे जब भी मौका मिलता है हम लोग चुदाई करते है.

  • कज़िन को चोदकर बहनचोद बना

    हेल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में औरंगाबाद महाराष्ट्र से हूँ और मेरी यह पहली कहानी है. में आशा करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आयेगी और यह कहानी थोड़ी सी लंबी है.. क्योंकि में अपना दिनभर का अनुभव दो लाईन में तो नहीं बता सकता. मेरी हाईट 5 फीट 10 इंच है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

    मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और में हूँ और कहानी की नायिका ऋतु मेरी कज़िन है. जैसा कि में कह रहा था कि ऋतु जो मेरी कज़िन है.. दिखने में वो बहुत सेक्सी लड़की है. उसका फिगर कुछ 32-29-32 है और हाईट 5 फीट 7 इंच है.. वो मेरी कज़िन यानी मेरे चाचा की लड़की है.. वैसे मेरे चाचा के 2 लड़कियाँ और 1 बेटा है. बचपन से ही ऋतु और मेरी बहुत बनती थी और घर का इकलोता लड़का होने के कारण चाची हर साल छुट्टियों में ऋतु को हमारे घर मुझे कंपनी देने भेज देते थे और इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ.

    ऋतु गावं में रहने के कारण बस 10वीं तक ही पढ़ी थी और फिर उसके घरवालों ने उसकी पढ़ाई रुकवा दी.. क्योंकि गावं का माहोल काफ़ी खराब था और इसलिये ऋतु को वो हमेशा घर में ही रखते थे.. इसलिये वो शायद इतनी गोरी थी.

    ऋतु और मेरी खूब जमती थी और हम बेस्ट फ्रेंड्स थे और ना उसके कोई बॉयफ्रेंड था और ना मेरे कोई गर्लफ्रेंड थी और हर साल की तरह जब वो मेरे घर आई.. तो में खुश हो गया.. क्योंकि मुझे अकेलापन बिल्कुल पसंद नहीं था.. पर इस साल ऋतु पर कुछ ख़ास नज़र पड़ रही थी. उसके बूब्स और गांड हद से ज़्यादा बड़े लग रहे थे और उसकी अदायें भी कामुक थी और यह बाते मेरे दिमाग़ में चुम्बक जैसे चिपक गई थी और मेरे दिमाग पर उसे चोदने का भूत सवार होने लगा..

    वो मम्मी के कामों में अक्सर मदद किया करती और में उसे देखा करता. जब वो कपड़े धोती.. तो उसका सलवार और आधा बदन गीला हो जाता और उसकी गांड की दरार साफ दिखती और जब वो झाडू लगाती और बर्तन धोती.. तो मुझे उसके बूब्स के दर्शन हो जाते और में ये सब देखकर मूठ मार लिया करता था.

    हम दोनों एक ही रूम में सोते थे और सोने से पहले देर रात तक बातें करते और बताते कि मुझसे क्या हुआ? किसने क्या किया और हम कभी किसी से बातें नहीं छुपाते.. जैसे अक्सर भाई बहन में लिमिट होती है.. हमारे बीच वो बहुत कम थी. एक दिन जब में सोकर उठा.. तो मैंने देखा कि पापा और मम्मी कही जाने की तैयारी कर रहे है और यही जानने के लिए जब में मम्मी के पास गया.. तो मम्मी ऋतु को बता रही थी कि खाना गर्म ही खाना और दोनों बाहर भी नहीं जाना और जाओ और लॉक को दो बार चेक करना.

    तभी मैंने मम्मी को बीच में टोकते हुये पूछा कि बात क्या है पैकिंग क्यों की जा रही है.. तो मम्मी ने कहा कि हमारे दूर के चाचा जी की डेथ हो गई है. मुझे कोई प्रोब्लम ना हो इसलिये मम्मी ने मुझे और ऋतु को घर पर ही रहने को कहा और ऋतु को कुछ पैसे दे दिये. फिर दोपहर को में उन्हे रेलवे स्टेशन पर ड्रॉप कर वापस घर आया. फिर मैंने जब डोर बेल बजाई.. तो ऋतु ने दरवाज़ा खोला और उसकी आँखों में एक चमक नज़र आ रही थी और फिर ऋतु ने खाना लगाया और हमने खा लिया.

    फिर ऋतु उसकी साईड से ही मेरे बर्तन उठाने लगी और उसकी कमीज़ से उसके बूब्स नज़र आने लगे. मेरी पूरी नज़र वही थी और ऐसा लग रहा था कि सब कुछ स्लो मोशन में हो रहा है. फिर वो बर्तन किचन में रखकर धोने लगी और में उसी को देख रहा था और बर्तन धोते हुये उसकी कमीज़ ऊपर से गीली हो गई और में नज़ारा देखने के लिये चला गया.

    पानी पीने के बहाने में पानी पीते समय उसके बूब्स को देख रहा था. उसकी कमीज़ पूरी तरह से बूब्स से चिपक गई थी और में उसे देख ही रहा था कि उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और मैंने नज़र हटाई और पतली गली से निकलने की सोची. फिर में जा ही रहा था कि उसने मुझे रोकते हुये पूछा. (गुस्से में नहीं नॉर्मली और नॉटी स्टाईल से)

    ऋतु : तुम दिनभर मुझे क्यों घूरते रहते हो? (मेरी तो आधी फट गई थी)

    में : नहीं तो मेडम.. कब घूरता हूँ? ऐसा तो कुछ नहीं है.

    ऋतु : अच्छा जब में बर्तन धोती हूँ.. कपड़े धोती हूँ और बाकि काम करती हूँ. फिर मैंने सोचा कि झूठ बोलूँगा.. तो और फंस जाऊंगा और मैंने सामने रखे बर्तनो को देखकर कहा.

    में : में तो बस सोच में डूब जाता हूँ कि तुम सारा काम इतनी अच्छे से कैसे कर लेती हो.. अगर मैंने ट्राई किया.. तो नज़ारा कुछ और ही रहेगा.

    ऋतु : ओह.. तो तुम्हे मेरा काम इतना अच्छा लगता है. (और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया)

    में : और नहीं तो क्या? तुम्हारे बर्तन कितने अच्छे से चमकते रहते है.

    ऋतु : ओह रियली.. कौनसे ऊपर वाले या नीचे वाले?

    में : मुझे सारे पसंद है.. पर काम ऊपर से नीचे हो तो अच्छा लगता है ना.

    ऋतु : बाप रे तुमसे इन बातों में कोई नहीं जीत सकता.. राहुल मेरा एक काम करोगे?

    में : हाँ बोलो मेडम जी.

    ऋतु : पीछे से मेरी ब्रा का हुक ठीक कर दो ना.. पता नहीं क्यों 5-10 मिनट से चुभ रहा है और फिर मैंने उसकी कमीज़ उठाई.. तो वो उसके शरीर से बिल्कुल चिपक रही थी.. इसलिये मैंने उसे पूरा उतारना चाहा. फिर मैंने सोचा कि वो विरोध करेगी.. पर उसने खुद अपने हाथ ऊपर करके मुझे कमीज़ निकालने में हेल्प की.. और अब वो मेरी तरफ पीठ करके सिर्फ़ ब्रा में थी.

    उउउफ़फ्फ़ क्या बदन था उसका और बिना कमीज़ के उसकी उभरी हुई गांड भी कमाल की लग रही थी.. आपको क्या बताऊँ? उसकी दूध के रंग की पीठ को देखकर में किसी और दुनिया में पहुँच गया. फिर तभी वो बोली कि क्या हुआ? जल्दी करो. फिर मैंने उसका हुक ठीक करने के बजाये पूरा हुक खोल दिया और अब उसकी ब्रा उसके हाथ में थी और में धीरे धीरे उसकी पीठ को एक उंगली से सहलाने लगा और अब वो भी बड़ी अजीब आवाजें हम्मम्म अहह निकाल रही थी और मुँह इधर उधर कर रही थी.

    फिर मैंने उसे अपनी तरफ मोड़ा और वो मुझसे चिपक गई.. मतलब गले लग गई. उसके नंगे बूब्स जब मेरी छाती से टच हुये.. तो मेरे अंदर सनसनी होने लगी और मेरा लंड लोहे की राड़ की तरह खड़ा हो गया और उसकी चूत पर मेरा लंड रगड़ने लगा. फिर हमने एक किस किया और में उस समय एक अलग ही दुनिया में था.

    15-20 मिनट तक मेरे लिये तो समय रुक ही गया था और में जन्नत में पहुँच चुका था. हमने अपना थूक एक्सचेंज किया और हम एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे.. क्या बताऊँ यारों? में तो जन्नत में था और वो मेरी अप्सरा थी. फिर मुझे थोड़ा होश आया और में किस करते करते उसके बूब्स दबाने लगा और फिर उसे वही पर लेटा दिया और उसकी सलवार और पेंटी उतारकर अपने भी कपड़े उतार दिये.

    फिर मैंने सोचा कि लेटकर उसकी चूचीयां दबाऊँ.. लेकिन मेरे लेटने से पहले ही उसने मेरा लंड जो कि पूरा 7 इंच का हो गया था और उसको पकड़कर आगे पीछे करने लगी और सारा मज़ा अकेले ही लूटेगा क्या? ऐसा बोलकर मेरा लंड चूसने लगी. वो तो जानवर जैसे मेरे लंड को चूस रही थी. में तो सातवें आसमान पर था और फिर 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद वो मेरे अंडो को चूसने लगी और फिर बोली कि आज तो तोड़ दे मेरी सील और बन जा बहनचोद और फाड़ डाल मेरी चूत. वो भी पूरे जोश में थी और फिर में उसके ऊपर लेटा. (ये सब किचन में ही हुआ) फिर उसके एक बूब्स को आम जैसे चूसने लगा.. साथ ही साथ एक हाथ से दूसरा बूब्स मसलने लगा और दूसरे हाथ की उंगली को चूत में डालकर रगड़ने लगा.. वो पूरी उछल रही थी और चिल्लाने लगी.. हमम्म आहह उउउहह ससस्स और बोली और ना तड़पा मार दे मेरी चूत और अगर अब नहीं डाला.. तो में तड़पते तड़पते मर जाउंगी.

    फिर मैंने अपना मुँह उसकी गुलाबी चूत के पास किया.. वहां पर एक भी बाल नहीं था और हल्का हल्का पानी निकल रहा था और उसकी खूशबु मेरी नाक में जा रही थी. फिर मैंने हल्की सी जीभ उसकी चूत पर लगाई.. क्या गर्म चूत थी और फिर में उसे चाटने लगा और वो आअहह उम्म्म ह्म्म्मम्म जैसी आवाजें निकालने लगी. फिर मैंने अपने हाथ के बीच की उंगली उसकी चूत में डाली.. वो बहुत टाईट थी. उसकी सील भी टूटी हुई नहीं थी.. वो वर्जिन थी और में भी अब मैंने अपनी उंगली पूरी तरह से उसकी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगा और वो सिसकियां भरती रही.

    फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पर रखा और डालने की कोशिश की और वो आधे से थोड़ा कम चूत में चला गया.. तभी वो ज़ोर से चिल्लाई आआहाआ और उसकी आँखों से आँसू आने लगे और वो छटपटाने लगी.. लेकिन मैंने ध्यान नहीं देते हुये पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. मुझे भी थोड़ा दर्द महसूस हुआ.. क्योंकि उसकी चूत काफ़ी टाईट थी और इस बार वो फिर चिल्लाने लगी.

    फिर मैंने उसे किस करने की सोची और दोनों तरफ काम जारी रखा और दो तीन झटके और दे दिये और होंठ हटाकर उसके बूब्स चूसने लगा.. वो आह आ आ हम्म्म्म करने लगी. फिर 5 सेकंड के ब्रेक के बाद फिर मैंने जब उसकी चूत में लंड डाला और स्पीड बढ़ा कर चोदने लगा.. तो में 5 मिनट तक रुका ही नहीं और अब वो भी गर्म हो गई थी और गांड उछाल उछाल कर चुदवा रही थी और आआहह सस्स्सस्स उम्म आअहह करके सिसकियां ले रही थी. इससे मेरा कॉन्फिडेन्स और बढ़ रहा था और अब उसकी गुलाबी रंग की चूत लाल रंग की चूत हो चुकी थी. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और लंड चूत में डाल दिया.. इस बार लंड जल्दी अंदर चला गया.. क्योंकि वो चुदाई के दौरान दो तीन बार झड़ चुकी थी और में अब तक इसलिये नहीं झड़ा.. क्योंकि मैंने सुबह ही मम्मी और उसके नाम की मूठ मारी थी.

    फिर अब मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदने के बाद उसे खड़ा करके डाइनिंग टेबल पर बिठाकर उसकी एक टाँग ऊपर अपने कंधे पर रख दी और उसे किस करते करते चोदा और फिर 5 मिनट बाद में भी झड़ गया. फिर चोदते चोदते पता ही नहीं चला कि कब दोपहर से शाम हो गई और फिर हम वही किचन में एक दूसरे की बाहों में लेट गये और फिर हम 7 बजे उठे. तब ऋतु और मैंने खाने की तैयारी की.. क्योंकि पूरे हफ्ते भर के लिए भी तो एनर्जी चाहिये थी. उसने खाना बनाया और हमने एक ही थाली में खाना खाया और पानी की जगह दूध पिया वो भी एक ही ग्लास में.. क्योंकि मुझे पता था कि उससे ताकत मिलती है. फिर रात को मैंने उसकी बहुत जमकर चुदाई की.

  • भाई और बहन की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों… मेरा नाम नमन है. में हरियाणा की एक छोटी सी सिटी से हूँ. में बी.टेक थर्ड ईयर का स्टूडेंट हूँ. ये कहानी मेरी और मेरे मामा की लड़की कणिका की है में अपने बारे में बता दूँ.. मेरी हाईट 6 फुट है बॉडी स्लिम और लंड 6.5 इंच का है. वैसे तो में और कणिका बचपन से एक दूसरे को जानते है और काफ़ी अच्छे दोस्त भी थे लेकिन मैंने कणिका के बारे मे कभी ग़लत नहीं सोचा.. वो 12वीं क्लास में पढ़ती थी.

    ये कहानी 1 महीने पुरानी है जब में अपने मामा के घर गया. मेरे मामा के 2 बच्चे है कणिका और आर्यन अभी छोटा है. में और कणिका बहुत सी बातें शेयर करते थे तो वो मुझसे अक्सर पूछती रहती थी कि तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड्स है और में हमेशा बोलता था कि मेरी तो एक भी नहीं है.. लेकिन आजकल उसे देखकर मन मे अजीब सी फीलिंग्स आने लगी थी. उसके बूब्स बहुत बड़े हो गये थे.. उसका साइज़ था 34-28-36.. उसके बूब्स देखकर कभी कभी मन मे अजीब सी इच्छा होती थी. मन करता था कि अभी जाकर पकड़ लूँ और सारा रस पी लूँ लेकिन इतनी हिम्मत नहीं होती थी. उसने भी बहुत बार मेरे खड़े लंड को देख लिया था.

    एक दिन मामा मामी मार्केट गये हुए थे और आर्यन कोचिंग गया था. कणिका मेरे लिए चाय बन रही थी और में ड्रॉइंग रूम मे बैठा टी.वी देख रहा था तो उसी टाईम मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी क्या गांड थी उसकी? मन कर रहा था कि अभी लंड घुसा दूँ अपना. में उसकी गांड की तरफ देख ही रहा था कि उसने मुझे देख लिया और बोली भाई क्या देख रहा है. मैंने अपने आप को संभाला और बोला कि कुछ नहीं बस तेरी बॉडी शेप को देख रहा हूँ.. काफ़ी बड़ी हो गई है तू.

    इतना बोलते ही वो शरमा गई और थोड़ी देर में 2 कप चाय लेकर आ गई और मुझे चाय दी.. वो मेरी साईड में ही बैठी थी. में भी उसकी साईड देखने लग गया.. वो बोली भाई ऐसे क्या देख रहा है? में तेरी बहन हूँ. में चुपचाप टी.वी देखने लगा और टी.वी का रिमोट उठाकर चेनल बदलने लगा. इतने में चाय का कप मेरे उपर गिर गया तो वो एकदम से घबरा गई और मुझसे बोलने लगी भाई क्या हुआ? अभी तो टाँगे जल जाती.. उसने मुझसे कहा कि जल्दी से पेंट उतारो.. में पानी ले कर आती हूँ. मैंने अपनी पैंट उतार दी. अब में सिर्फ़ अंडरवेयर और टी-शर्ट में था. वो पानी लेकर आई.. में सोफे पर बैठ गया और वो रूमाल से मेरी जांघे साफ करने लगी. पहले तो कोई प्रोब्लम नहीं हुई.. लेकिन बाद में मेरा लंड टाइट होने लगा.

    वो मेरे लंड को देखकर शरमा गई और पीछे हटकर लंड को देखने लगी. पहले तो में लंड को ढकने लगा.. लेकिन बाद में मैंने हाथ हटा लिया.. वो शरमा कर अपने रूम मे भाग गई. में पीछे गया तो वो बेड पर बैठी थी में भी उसके पास बैठ गया. उसके हाथ के ऊपर हाथ रख लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. वो गर्म होने लगी और उसने मेरे लिप्स पर लिप्स रख दिए. में भी उसे किस करने लगा और किस करते करते मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. वो आवाजें निकालने लगी.. उम्म ज़ोर से दबाओ मेरी जान.. सारा दूध पी जा.. कुछ मत छोड़. वो ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी. मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी. उसने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को किस करना शुरू कर दिया.

    वो भी गर्म होकर मेरी छाती पर किस करने लगी और बोलने लगी कि मुझे चोद दे.. आज बहुत दिन से तेरे ख्वाब देख रही हूँ.. बस अब मत छोड़ो मुझे. मैंने उसकी पेंट भी उतार दी.. वो अब मेरे सामने पेंटी और ब्रा में थी. मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके बूब्स को किस करने लगा और उस पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा और उसके पेट पर किस करने लगा. मन कर रहा था कि खा जाऊं उसके बूब्स को.

    अब मैंने उसकी पेंटी के उपर से ही चूत पर हाथ रख दिया.. वो कूद पड़ी और आवाज़ निकालने लगी उह्ह्ह प्लीज डाल दे अपना लंड.. मर जाउंगी में, चोद दे मुझे. मैंने भी अपना अंडरवियर उतारा और लंड उसकी चूत के उपर रख दिया.. वो अपने आप उछलने लगी और बोलने लगी कि अब ना देर लगा.. डाल दे और फाड़ दे मेरी चूत.

    मैंने लंड पर थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसकी चूत बहुत टाईट थी. मैंने एक झटका लगाया तो आधा लंड उसकी चूत मे अंदर गया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी.. उउऊईई माँ मररर गई.. बहुत दर्द हो रहा है.. पूरा डाल दे. मैंने फिर ज़ोर से झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे अंदर चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. उसकी चूत में से खून निकल रहा था. मैंने उससे पूछा आर यू वर्जिन तो उसने कहा कि नो आई एम नोट वर्जिन.. उसकी चूत में से खून आ गया और वो बोलने लगी ज़ोर से चोद. मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और ज़ोर से झटके मारने लगा.. वो उम आईईईई मर गई की आवाज़ निकल रही थी. मैंने और ज़्यादा स्पीड बड़ा दी और वो बोलने लगी मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है. ये सुनकर मैंने स्पीड और बड़ा दी और वो झड़ गई. उसके झड़ने की गर्मी से मैंने भी माल उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर सो गया. फिर हम दोनों ने किस किया और उठकर कपड़े पहने. दोस्तों ये थी हमारी कहानी.. में आज भी उस पल को याद करके गर्म हो जाता हूँ और मूठ मारता हूँ.

  • टीचर ने मेरी बहन चोद डाली

    हेल्लो दोस्तों.. यह मेरी पहली कहानी है और यह एकदम सच्ची घटना है. यह तब की बात है.. जब में 12वीं क्लास में पढ़ता था. में वेस्ट बंगाल का रहने वाला हूँ और मेरी एक कज़िन सिस्टर थी.. जिसका नाम रूपा था.. वो बहुत ही खूबसूरत है और वो मुझसे एक क्लास नीचे पढ़ती थी. हम दोनों दोस्त की तरह बहुत फ्रेंक थे.. वो मेरे घर से 5 मिनट कि दूरी पर रहती थी.

    एक दिन उसने मुझे फोन किया तो वो रो रही थी.. कहने लगी कि भैया में बहुत प्रोब्लम में फंस गई हूँ.. प्लीज़ मेरी हेल्प करो. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने मुझे घर पर आने को कहा. में तुरंत उसके घर गया.. तो घर में उसके अलावा कोई नहीं था. फिर में उसके रूम में गया और वो मुझे देखकर रोने लगी.

    फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? लेकिन वो बता नहीं पा रही थी. फिर मेरे फोर्स करने पर बताने को राज़ी हुई और वो बोली कि उसकी चूत से बहुत खून निकल रहा है और बोली कि मुझे डॉक्टर के पास ले चलो.. पहले तो मुझे लगा कि पीरियड की प्रोब्लम है. फिर उसने मुझे अपनी एक सलवार दिखाई.. जो खून से पूरी लाल थी.

    फिर में समझ गया कि सेक्स की वजह से हुआ है.. में जल्दी से पापा की बाइक लेकर आया और थोड़ी दूरी पर ही एक लेडी डॉक्टर के पास ले गया. पहले कुछ चेकअप किया और फिर डॉक्टर ने मुझे बहुत भला बुरा सुनाया और मैंने चुपचाप सुन लिया. फिर एक इंजेक्शन और कुछ दवाई लिखकर दी. हम दोनों वहां से निकले और मेडिसिन खरीदकर घर आ गये.. इंजेक्शन की वजह से उसका दर्द थोड़ा कम हो गया था और पता चला कि उसके मम्मी पापा बाहर गये हुये थे.. तो शाम को आयेंगे.

    फिर मैंने पूछा कि यह सब कैसे हुआ? तो उसने पूरी तरह से बात बताई और हम दोनों बहुत ज्यादा फ्रेंक थे.. तो उसे बताने में तकलीफ़ नहीं हुई. उसने बताया कि मेरे फिज़िक्स टीचर की वजह से यह सब हुआ है.. हमारे एरिया में उससे अच्छा टीचर कोई नहीं है.. इसलिये पापा ने मेरी उसके पास कोचिंग लगा रखी है. कुछ दिन पहले से वो मुझे घर पर अलग से पढ़ाने के लिये बुलाता था. उसकी उम्र 45 साल के ऊपर होगी.. इसलिये मम्मी पापा बेफिक्र होकर भेज देते थे..

    वो दोपहर 2 बजे के बाद मुझे बुलाते थे. उसकी बीवी सो जाती थी और वो मुझे ऊपर के कमरे मे ले जाकर पढ़ाते थे.. में भी बहुत खुश थी कि सर मुझे इतना टाईम देते थे.. लेकिन कुछ दिन बाद वो बार बार मेरी पीठ पर हाथ रखते तो मुझे थोड़ा बुरा लगता था.. लेकिन वो मुझसे इतने बड़े थे.. तो मैंने कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

    एक दिन उनके घर पर कोई नहीं था और जब में गई तो उसने मुझे कहा कि बहुत सर दर्द कर रहा है. फिर मैंने कहा कि फिर में आज चली जाती हूँ.. कल आ जाउंगी. उसने कहा कि नहीं.. मेरे पास थोड़ी देर बैठो और वो बिस्तर पर सोये हुये थे.. में उनके पास बैठ गई. फिर उन्होंने कहा कि थोड़ा सर दबा दो और में कुछ करती उससे पहले ही उन्होंने मेरी गोद पर अपना सर रख दिया और में चौक गई.. लेकिन में कुछ कह नहीं पाई. फिर मैंने सर दबाना शुरू किया.. तो वो बार बार मेरे बूब्स पर धक्का दे रहे थे.. मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था.. लेकिन में चुप रही.. क्योंकि में सर से बहुत डरती थी.

    फिर अचानक उन्होंने मुझे उठकर पकड़ लिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया.. में डर गई और वो मुझे किस करने लगे.. में कुछ कहती कि उससे पहले उन्होंने कहा कि चुपचाप लेटी रहो.. वरना बहुत बुरा होगा और वो मेरे होठों को चूसते रहे. कुछ देर किस करते करते मेरे होंठो को दाँत से दबाया और मेरे होंठ से खून निकल आया.

    फिर वो खून भी चूस के पी गये. फिर उन्होंने मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया और टी-शर्ट के ऊपर से ही इतना ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे कि मेरी जान निकले जा रही थी.. भूखे जानवर की तरह वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे और टी-शर्ट के ऊपर से दाँत से भी काट रहे थे. 20-25 मिनट तक उन्होंने मेरे बूब्स को पागलों की तरह दबाने के बाद मुझे ड्रेस उतारने को कहा.. तो में रोने लगी और कहा कि मुझे घर जाना है और बहुत तेज रोने लगी.

    फिर उन्होंने मुझे छोड़ दिया और में घर आ गई. डर की वजह से माँ को कुछ नहीं बता पाई और अंदर जाकर टी-शर्ट उतारकर देखा.. तो में खुद डर गई थी और मेरी पूरी छाती लाल हो गई थी और इतना दर्द हो रहा था कि क्या बताऊँ? में टच भी नहीं कर पा रही थी.. ड्रेस पहनते वक़्त थोड़ा सा भी हाथ लग जाये.. तो जान निकले जा रही थी. फिर में दो दिन कोचिंग नहीं गई और माँ से बोला कि तबीयत ख़राब है.

    फिर टीचर ने माँ को फोन किया और माँ को डाटा और कहा कि कल से कोचिंग भेज देना.. तो माँ ने मुझे अंदर आकर बहुत डाटा और कल से कोचिंग जाने के लिये कहा. फिर मैंने कहा कि मुझे सबके साथ पढ़ना है.. में अकेले में नहीं जाउंगी. माँ और भी गुस्सा हो गई और कहा कि सर तुम्हारा कितना ख्याल रखते है और तुम्हे कोई चिंता नहीं है.. तुम कल से अकेले ही जाओगी. फिर मुझे बहुत डर लगने लगा. अगले दिन माँ मुझे सर के घर छोड़कर आई.. उस दिन में सलवार पहने हुये थी. सर मुझे पढाते वक़्त बहुत बुरी तरह से देख रहे थे.. में कुर्सी पर बैठ के कुछ लिख रही थी कि अचानक वो मेरे पीछे से आकर मेरे बूब्स पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मेरे बूब्स पर अभी भी दर्द था.

    फिर मैंने कहा कि सर मुझे दर्द हो रहा है.. तो वो मुझे ऊपर के छोटे कमरे में ले गये.. वहां एक छोटा सा बेड था. मुझे बहुत डर लग रहा था. फिर उन्होंने दरवाजा बंद करके मेरे सलवार की चैन खोल ड़ी और सलवार खींचने लगे.. में मना करने लगी.. पर उन्होंने नहीं सुना और एक थप्पड़ लगाया.. तो में चुप हो गई और मेरा सलवार उतार दिया और फिर ब्रा भी.

    फिर मुझे बेड पर लेटाया और वो मेरे ऊपर आ गये. फिर वो मेरे बूब्स को चूसने लगे.. जैसे तो मानो मेरे बूब्स को खींचकर उखाड़ देंगे.. इतने ज़ोर ज़ोर से चूस रहे थे और कभी कभी दाँत से भी दबा रहे थे. फिर 15 मिनट तक उन्होंने मेरे बूब्स को दबाया चूसा और चाटा. फिर उन्होंने अपना पज़ामा उतारा और उनका लंड ओह्ह गॉड में देखकर डर गई.. 8 इंच का होगा और बहुत मोटा था. फिर मैंने कहा कि में सेक्स नहीं कर सकती.. तो वो ज़बरदस्ती करने लगे. मैंने कहा कि में चिल्लाउंगी.

    फिर उन्होंने कहा कि फिर तो मुँह में ले ले. मैंने मना किया.. लेकिन वो जबरदस्ती करने लगे. फिर थोड़ी देर बाद मैंने बहुत तकलीफ़ से मुँह मे लिया. मैंने सिर्फ़ अपने बॉयफ्रेंड का लंड 2 बार मुँह में लिया था.. लेकिन उसका लंड इससे बहुत छोटा था. फिर उन्होंने कहा कि ज़ोर ज़ोर से चूस मज़ा नहीं आ रहा है तो में जोर से चूसने लगी. फिर वो मेरे मुँह पर ही झटके मार रहे थे. मे साँस भी नहीं ले पा रही थी.. उन्होंने मुझे 8-10 मिनट चुसवाया और मुँह पर पूरा माल निकाल दिया. फिर मैंने उल्टी कर दी.. इतनी बुरी स्मेल और टेस्ट था.

    फिर में मुँह धोकर घर चली गई.. ऐसे वो मेरे साथ रोज करने लगे. एक दिन उन्होंने मेरे कुछ नंगे फोटो लिये और कहा कि अगर सेक्स नहीं करने दिया तो वो सबको दिखा देगें और में मान गई. फिर आज घर पर कोई नहीं था.. तो वो मेरे घर आये थे और मेरे साथ सेक्स किया. में वर्जिन थी तो उन्होंने इतनी बुरी तरह से मुझे चोदा कि में बेहोश हो गई थी.

    फिर होश आने के बाद उन्होंने मुझे फिर चोदा.. वो बस बार बार अपने लंड पर तेल लगा रहे थे और चोद रहे थे. आज सुबह से उन्होंने मुझे 7 बार चोदा है और लास्ट बार जब में चूत में और नहीं ले पा रही थी.. तो उन्होंने मेरी गांड पर तेल लगाकर.. गांड भी मारी. इतना दर्द हुआ कि में ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी. डॉक्टर को मैंने गांड के दर्द के बारे में नहीं बताया.. लेकिन इंजेक्शन देने के बाद अब दर्द थोड़ा कम है.

  • दीदी ने मुझे जियाजी से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में रायपुर के एक कॉलेज में पड़ती हूँ मेरे घर में मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ.. वैसे यह एक कहानी नहीं, यह मेरी एक सच्ची घटना है जिसने मेरे जीवन को एकदम बदल कर रख दिया और यह घटना उस समय की है जब मेरी और मेरे भाई की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी..

    मेरे मम्मी, पापा ने हमे मतलब मुझे और मेरे छोटे भाई को जो मुझसे 6 साल छोटा है घूमने की इजाजत दे दी कि तुम लोग अपनी बड़ी बहन काजल के यहाँ रहने जा सकते हो.. जिसकी शादी नागपुर में पिछले 5 साल पहले हुई थी और वो मेरे जीजाजी सुरेश के साथ एक छोटे से फ्लेट में रहती थी. तो मेरे जीजाजी मेरी कज़िन सिस्टर काजल को बहुत मारते थे और वो दारू भी बहुत पीते थे.. लेकिन फिर भी दीदी उनकी सब बात मानती थी और उन्हे बहुत प्यार करती थी और जब उन्हे पता चला कि हम दोनों आ रहे है तो वो बहुत खुश थी.

    फिर हम दोनों नागपुर स्टेशन पहुंचे तो देखा कि जीजाजी हमे लेने आए हुए थे और उनकी नज़र मुझ पर अटक गयी.. क्योंकि वो हम से बड़े दिनों के बाद मिल रहे थे. तो अब तक में एक छोटी सी बच्ची से एक जवान, खुबसूरत लड़की हो चुकी थी.

    फिर वो मेरे पास आए और उन्होंने मेरे माथे पर एक किस किया और मुझे गले लगाया और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया मेरे बूब्स एकदम उनके स्पर्श से टाईट हो गये और मेरे पूरे जिस्म में एक सनसनी दौड़ गयी और फिर उन्होंने सोनू को भी गले लगाया. फिर हम जैसे तैसे उनके घर पर पहुंचे.. जो बहुत दूर एक सुनसान इलाक़े में था.. लेकिन हमे काजल दीदी से मिलने पर बहुत ख़ुशी हुई.

    फिर हमने उन्हे बताया कि हम दो महीनों के लिए यहाँ पर आए है.. तो वो और भी खुश हो गयी. फिर जीजाजी ने कहा कि चलो तुम लोग फ्रेश हो जाओ थक गए होंगे.. अब वैसे सोनू को जैसे आज़ादी मिल गई हो वैसे ही उसने कहा कि में नहीं थका हूँ और में नीचे खेलने जा रहा हूँ और में सूटकेस से सामान निकालने लगी और जीजाजी काजल दीदी के साथ किचन की तरफ चले गये.. में कुछ उनके लिए सर्प्राइज़ लाई थी.. इसलिए चुपके से उनके पीछे गयी तो जीजाजी काजल दीदी को पकड़कर धीरे धीरे कह रहे थे कि यार नीलू तो बहुत मस्त माल बन गयी है और साली तो सही में आधी घरवाली होती है.. कहकर हंस रहे थे.

    फिर में तो उनकी यह सब बातें सुनकर पानी पानी हो गयी और फिर वापस रूम में चली गयी. मेरे जीजाजी कहीं कपड़े की दुकान पर नौकरी करते थे और हर दिन दोपहर में 2-3 घंटे के लिए घर आ जाते थे और फिर शाम को दुकान पर चले जाते थे. तो धीरे धीरे रात हो गयी थी और हम सब जब खाना खाने एक साथ बैठे हुए थे तो जीजाजी मुझे घूर घूरकर देख रहे थे और दीदी को कह रहे थे कि दो दिन बाद होली है.. नीलू को बहुत रंग लगाएँगे और सोनू को भी.. तो सोनू यह बात सुनकर बोला कि फिर तो बहुत मज़ा आएगा और जीजाजी सोनू के साथ प्लॅनिंग कर रहे थे और में, दीदी रूम में जाकर बिस्तर लगा रहे थे.

    मैंने दीदी से बोला कि दीदी यहाँ पर तो सिर्फ एक ही बेड है इस पर हम लोग कैसे सोएंगे? तो दीदी तपाक से बोली कि तू अपने जीजाजी के साथ बेड पर सो जाना और में, सोनू के साथ नीचे ज़मीन पर. तो में एकदम घबराकर बोली कि ना बाबा ना आप ही सोना जीजाजी के साथ और फिर हम सो गए.. लेकिन रात भर मुझे नींद नहीं आई एक तो बहुत मच्छर थे और उस पलंग की बहुत आवाज़ आ रही थी.

    फिर दूसरे दिन जीजाजी ने कहा कि शॉप की 6 दिन के लिए छुट्टियाँ है तो हम सब बहुत मज़े करेंगे और मेरी तरफ देखने लगे. तो इतने में मैंने कहा कि आज इसी बात पर खाना में बनाउंगी और दीदी मान गयी. फिर जीजाजी और दीदी कुछ बहुत धीरे धीरे बात कर रहे थे और में चुपके से सुन रही थी.. क्योंकि रूम किचन के बिल्कुल पास में था.. जीजाजी, दीदी को कह रहे थे प्लीज कुछ ऐसा करो कि नीलू एक बार मान जाए बहुत मज़ा आएगा. तो दीदी बोली कि बिल्कुल नहीं.. किसी को पता चल जाएगा तो मुसीबत आ जाएगी और जीजाजी बहुत ज़ोर दे रहे थे.

    दीदी बोली कि ठीक है में कोशिश करती हूँ और मैंने बस इतना ही सुना और में खाना बनाने लगी. तो दिन को हम सब खाना खाने बैठे तो जीजाजी मेरे खाने और मेरी तारीफों के पुल बांध रहे थे.. मैंने दीदी से बोला कि देखो जीजाजी मुझे छेड़ कर रहे है. तो दीदी हंसी और बोली कि साली के ऊपर तो जीजा का पूरा हक बनता है और में शरमा गयी और जैसे तैसे रात हुई.

    फिर जब हम सोने जा रहे थे.. जीजाजी बोले क्यों नीलू कल नींद तो अच्छी तरह से आई थी ना? और मैंने भी उन्हे छेड़ते हुए कहा कि आपकी वजह से नहीं आई. तो जीजाजी बोले कि मुझे पता है छोटा सा रूम है और तुम कल नीचे सोई थी.. लेकिन कोई बात नहीं आज में नीचे सो जाता हूँ और यह बात सुनते ही सोनू बोला कि में अकेले नीचे सो जाता हूँ आप तीनों ऊपर पलंग पर सो जाओ. तो यह बात सुनते ही में मना करने लगी.

    थोड़ी देर बाद काजल दीदी एक बहुत ही सेक्सी गहरे गले का बिना बांह वाला छोटा गाऊन पहन कर आई और मुझसे बोली कि तू ऊपर नहीं सोएगी तो में सोनू के साथ नीचे सो जाउंगी. तो यह बात सुनकर में मान गयी. मैंने भी एक ढीला ढाला आगे से खुला हुआ गाऊन पहना हुआ था. फिर पलंग के एक तरफ जीजाजी एक तरफ में और बीच में दीदी सोई हुई थी और सुबह जब में उठी तो सब सो रहे थे और में देखकर हेरान रह गयी.. मेरे गाऊन के सारे बटन खुले हुए थे और मेरी ब्रा पेंटी साफ साफ दिख रही थी और दीदी का भी गाऊन उतरा हुआ था और मेरी नजरें दीदी के बूब्स पर गई जो कि बहुत बड़े थे.. लेकिन मुझसे कम और उनके पेट पर एक आक्रति बनी हुई थी और चूत गीली थी. बिस्तर से भी कुछ महक आ रही थी. जीजाजी उस तरफ मुहं करके सोए हुए थे. तो में एकदम बहुत घबरा कर जल्दी से उठी अपना गाऊन ठीक तक किया और टॉयलेट में जाकर ज़ोर ज़ोर से फ्लश की आवाज़ करने लगी.. ताकि सब जाग जाए और फिर ऐसे ही हुआ.

    फिर उस दिन जीजाजी घर पर ही थे क्योंकि कल होली थी.. तो दीदी बोली कि हम लोग आज कुछ स्पेशल बनाते है और उस दिन हम दोनों सुबह से किचन में थे. तो बातों ही बातों में दीदी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो मैंने साफ मना कर दिया और फिर मैंने भी दीदी को छेड़ते हुए बोल ही डाला कि कल रात को क्या क्या किया आपने और जीजाजी ने.. मैंने हंसते हुए कहा? और आपने पेट पर वो आक्रति कहाँ से बनवाई.. वो बहुत अच्छी लग रही थी.

    दीदी हंसी और बोली कि क्या तूने कल वो सब कुछ देख लिया? तो मैंने कहा कि क्या? फिर दीदी बोली कि यह तो किसी भी रात मुझे नहीं छोड़ते है और आज तो यह कहकर गये है कि थोड़ा लेट हो जाएगा क्योंकि वो दारू पीकर आएँगे.. कल होली है ना इसलिए और वो आक्रति तेरे जीजाजी ने ही बनाई है.. उनके पास एक मशीन है और वो बोली कि क्या तुझे भी बनवानी है? तो में इनको बोल दूँगी और फिर मैंने मना कर दिया.

    फिर मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए पूछा कि दीदी क्या आप रोज़ सेक्स करती हो? तो दीदी बोली कि इसमे इतनी शरमाने वाली क्या बात है? इनका लंड ही इतना बड़ा सुडोल और मस्त है कि मुझसे रहा नहीं जाता और दीदी ने चान्स मारते हुए कहा कि तुझे भी सेक्स करना है क्या? और दीदी बोली कि तेरे बूब्स तो मेरे से भी बड़े है.. उन्होंने चिकोटी काटते हुए कहा और में वहाँ से भाग गयी.. लेकिन दिन भर मुझे कुछ कुछ हो रहा था. एक अजीब सी खुजली हो रही थी और मेरी चूत भी दिन भर एकदम गीली थी और में दीदी की बात को सोचे जा रही थी. फिर ऐसे ही दिन गुज़र गया..

    रात को दीदी ने बिस्तर लगा दिए और हमने अपने गाऊन भी पहन लिए और सोनू भी सो गया था. तो दीदी और में बात कर रहे थे.. दीदी बोल रही थी देखना यह पीकर आएँगे और इनका सब काम मुझे करना पड़ेगा और इतने में घंटी बजी और दीदी दरवाजा खोलने गई. तो जीजाजी थोड़ा लड़खड़ाते हुए अंदर आए और मुझसे बोले कि यार सॉरी वो कल होली है.. इसलिए दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी है. हम कल सुबह बात करते है और वो हैप्पी होली कहकर बिस्तर पर धम से गिर पड़े और में एकदम से डर गयी.

    फिर दीदी बोली कि देखा ना ऐसा ही करते है और दीदी नीचे झुककर उनके जूते, मोजे उतार रही थी तो एकदम साफ दीदी के बूब्स लटकते हुए नज़र आ रहे थे और उन्होंने जीजाजी की शर्ट को भी उतार दिया.. फिर बेल्ट निकालने लगी तो वो बड़ी मुश्किल से हिला हिलाकर निकली. फिर पेंट के हुक खोले और उसे उतारने की कोशिश कर रही थी और मुझे बोली कि नीलू मेरी थोड़ी मदद कर इनकी पेंट मुझसे नहीं उतर रही है. तो मैंने उनकी मदद की और उनकी पेंट उतर गई और अब जीजाजी सिर्फ़ अंडरवियर में थे.. जिसे में बहुत ध्यान से देखे जा रही थी और सोच रही थी कि दीदी अब मुझसे अंडरवियर भी ना उतारने के लिए कहे और जीजाजी के बदन से मेरी आँखें नहीं हट रही थी. क्या मस्त बॉडी थी उनकी सीना चौड़ा और अंडरवियर के अंदर कोई बहुत बड़ी सी चीज़ जो बाहर आने के लिए बेताब हो एसी नजर आ रही थी. तो अचानक से दीदी ने मुझे देख लिया कि में जीजाजी के लंड की तरफ देख रही हूँ और उन्होंने मुझसे कहा कि यह वही सांप है जो रोज़ मुझे डसता है.. क्या तुझे देखना है तो बता?

    तो में कुछ नहीं बोल पा रही थी और मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या जवाब दूँ? में बस देखे जा रही थी और इतने में देखते ही देखते दीदी ने अंडरवियर को एक झटका देकर खींच दिया और लंड को बाहर निकालकर सलहलाने लगी. तो में देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे डर लग रहा था कि कहीं जीजाजी उठ ना जाए?

    दीदी बोली देख इन्हे कितना मज़ा आ रहा है.. में तो बस देखे ही जा रही थी. उनका इतना बड़ा और मोटा था कि बस पूरी चूत गीली हो रही थी. फिर दीदी बोली कि तू भी एक बार इस सांप को पकड़कर देख कितना मज़ा आता है और उन्होंने मेरा हाथ खीचकर लंड पर रख दिया और बोली कि ऊपर नीचे करके देख कितना मज़ा आएगा. फिर मैंने जैसे ही हाथ रखा वो इतना गरम था और इतना मोटा, सख्त, लंबा कि मेरे पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ रही थी. मेरे हाथ रखने के कुछ देर बाद जीजाजी ने मुहं से आवाज़ निकाली और मैंने एकदम हाथ हटा दिया और सो गयी.

    दीदी ने लाईट बंद की और दीदी मेरे पास में लेटकर मेरे बूब्स को पकड़कर बोली कि क्यों नीलू सांप को देखने से इतनी घबरा रही हो कि ठंड के मारे तुम्हारी कंपकपी छूट रही है और अगर वो काट लेता तो क्या होता? वो हंस पड़ी और सो गयी.

    में रात भर सो नहीं पाई और मेरे दिमाग़ में अजीब अजीब ख़याल आ रहे थे. में उस मोटे और तगड़े लंड के बारे में सोच रही थी और अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि जीजाजी पूरे नंगे मेरे पास में सोए थे और दीदी हमारे बीच में नहीं थी और मेरे गाऊन के बटन भी खुले हुए थे.. जीजाजी मु मु मु कर रहे थे और अचानक से उन्होंने मेरे बूब्स नींद में पकड़ लिए और दबा रहे थे. बहुत सख्त हाथ थे उनके.. उन्होंने मेरे बूब्स को मसल मसल कर लाल कर दिया और मुझे भी मज़ा आ रहा था. तो मैंने सोचा कि यह तो मेरे जीजाजी है में इनके साथ कैसे यह सब कर सकती हूँ और दीदी के आने की आहट से में घबराकर उनसे अपने आपको छुड़ाकर उठ गयी और बाहर हॉल में आ गयी.

    दीदी हॉल में आई और बोली कि हैप्पी होली.. आज तो बहुत मज़ा आएगा और होली वाले दिन में बहुत घबराई हुई थी और जीजाजी उठ गये थे.. लेकिन में उनसे नज़रें चुरा रही थी और दीदी मंद मंद मुस्करा रही थी और सोनू तो सुबह से ही रंग के गुब्बारे और अपनी पिचकारी के साथ व्यस्त था. तो दीदी, जीजाजी कुछ धीरे धीरे कह रही थी.. शायद कल रात वाली बात के बारे में और फिर दीदी हॉल में आकर बोली कि जल्दी से पुराने कपड़े पहन ले वरना कोई भी रंग लगा देगा और फिर होली खेलकर हम सब खाना खाएगें.. आज मैंने चिकन लोलीपोप बनाया है और इतने में जीजाजी बोले लोलीपोप खाया नहीं चूसा जाता है.. तो सब हंसने लगे और में रूम में भाग गयी.. लेकिन पुराने कपड़े मेरे पास नहीं थे..

    मैंने दीदी से बोला कि उनके पास पुराने कपड़े है क्या? तो दीदी बोली कि हाँ है और उन्होंने मुझे एक लाल कलर का टॉप दिया जो बहुत टाईट था और एक स्कर्ट दी जो कुछ छोटी सी थी.

    फिर दीदी बोली कि यह मेरे हनिमून में इन्होने मुझे गिफ्ट दिया था.. तब में बहुत पतली दुबली थी और मैंने उसे पहन लिया और कांच में देखा तो मेरे बूब्स उसमे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे और कमर एकदम पतली और गांड पीछे से निकली हुई थी और मुझे बहुत शरम आ रही थी.. क्योंकि वो टॉप इतना टाईट था कि मेरी निप्पल उसमे से एकदम साफ नज़र आ रही थी और बड़ी मोटी मोटी लग रही थी. तो जीजाजी ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोले कि नीलू क्या सेक्सी दिख रही हो? मुझे तुम्हे देखकर अपने हनिमून की याद आ गयी.

    फिर दीदी बोली कि बस एक अंतर है मेरे बूब्स थोड़े छोटे थे.. इसके बहुत बड़े है और में नीचे मुहं करके किचन में चली गयी. तो जीजाजी, दीदी से कह रहे थे कि आज मेरा कैसे भी काम बनवा दो प्लीज और इतने में सोनू पूरा रंग डलवाकर आया और बोला कि बाहर उसे किसी ने रंग के ड्रम में डाल दिया और में उसे नहीं छोड़ूँगा. फिर उसने एक बाल्टी में बहुत गाढ़ा रंग बनाया और सब रंग डालकर बाहर जा रहा था. तभी जीजाजी ने कहा कि बस हो गयी होली.. तू अब कहीं नहीं जाएगा.. लेकिन वो सुनने वाला कहाँ था.

    तो जीजाजी उसे डांटते हुए बोले कि जाकर नहा ले और नीलू रंग उतारने में उसकी मदद कर दो.. तो सोनू बोला कि में कर लूँगा. तो जीजाजी गुस्से में उससे बोले कि चल जल्दी से अपने कपड़े उतार. इतने में सोनू बाथरूम में जाकर अपने सारे कपड़े उतारकर खड़ा था और जीजाजी बोले कि नीलू साफ करने में मदद करो और मैंने उसका लंड कभी नहीं देखा था वो भी ठीक ठाक था और में मन ही मन में जीजाजी के लंड के साथ उसकी तुलना कर रही थी और फिर रंग उतारने में व्यस्त हो गयी और नीचे बैठकर उसके पेट पर साबुन लगा रही थी. तो सोनू का लंड मेरे मुहं से छू रहा था. तभी जीजाजी पीछे खड़े थे वो बोले कि अब सब जगह से रंग उतर गया है और उन्होंने कहा कि लंड पर भी साबुन लगाओ और ऊपर नीचे करके रगड़ो. तो सोनू बोला कि में खुद ही कर लूँगा.

    फिर जीजाजी चिल्लाते हुए बोले कि चल लगवा साबुन और में साफ कर रही थी और ना जाने कब जीजाजी ने वो सोनू ने जो रंग भरी बाल्टी बनाई थी.. पीछे से मेरे ऊपर डाल दी और बोले हैप्पी होली. तो में ठंड में कांप रही थी और मेरी पूरी भीगी हुई थी स्कर्ट और टॉप चिपक गये और मेरे बूब्स तन गये थे.. गांड साफ नज़र आ रही थी और सोनू मज़े कर रहा था. तो वहाँ पर दीदी भी आ गयी और उन्होंने मुझे और भी रंग लगाया और जीजाजी को भी लगाया और रंग लगाते लगाते हम फ्लेट के बरामदे में आ गये और सोनू नीचे चला गया और जीजाजी, दीदी से बोले कि पकड़ो नीलू को.. आज में इसे अच्छी तरह रंग लगता हूँ और यह कहकर उन्होंने मुझे कमर पर और फिर अपना हाथ आगे बड़ाते हुए मेरे टॉप के अंदर बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाया में चिल्ला रही थी.. लेकिन वो दोनों हंस रहे थे और जीजाजी ने मेरी जांघो पर, गर्दन पर और सब जगह रंग लगाया. तो मैंने गुस्सा होकर अंदर रूम वाले टॉयलेट में अपने आपको बंद कर दिया.. फिर दीदी आई और बोली कि पगली क्या कोई ऐसे रोता है क्या रंग लगाने से? वो तेरे जीजाजी है चल अब खोल जीजाजी यहाँ पर नहीं है.

    फिर मैंने डर के मारे थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और में दीदी से बहुत नाराज़ हुई और बोली कि जीजाजी ने मेरे बूब्स पर इतने ज़ोर से नाख़ून लगाया है कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. क्या कोई ऐसे कोई करता है? तो काजल दीदी बोली कि चल में तेरा रंग उतार देती हूँ और यह कहकर वो मेरी स्कर्ट उतारने लगी तो में बोली कि में खुद ही कर लूँगी. तो वो बोली कि तू मेरा रंग उतार और में तेरा.. में बोली कि मुझे शरम आती है. तो वो बोली कि में तेरी बहन हूँ और तूने तो मेरा सब कुछ देख ही लिया है और मैंने भी देखा है फिर शरमाने की क्या बात है.

    फिर में मान गयी और अपनी स्कर्ट, टॉप को उतार दिया और दीदी भी ब्रा, पेंटी में थी और बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था क्योंकि बाथरूम बहुत छोटा था. तभी अचानक से जीजाजी रूम में आ गये और बोले कि मेरा भी रंग उतारो भाई और यह कहकर उन्होंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे और बाथरूम में आ गए. तो में बहुत हैरान हो गयी और में दीदी से बोली कि यह सब ठीक नहीं है.. मुझे बाहर जाना है.

    फिर दीदी ने कहा कि साली तू शरमाती बहुत है आज यह तेरी शरम उतारनी पड़ेगी और वो जीजाजी से बोली कि आप ही समझाओ इसे और दीदी बोली कि बाहर चल.. उन्होंने मेरी ब्रा उतार फेंकी और मेरे दोनों कपड़ो को जल्दी से खींचकर फाड़ दिया और जीजाजी ने अंदर आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. में छटपटा रही थी, चिल्ला रही.. लेकिन मुझे बचाने वाला वहाँ पर कोई नहीं था.

    फिर दीदी ने मेरे दोनों हाथ आगे से हाथ पकड़ लिए और जीजाजी पूरे नंगे हो गये थे और उनका लंड मेरी गांड को छू रहा था और वो मेरे बूब्स को दबाए जा रहे थे और दीदी साबुन को मेरे पैरों पर, जांघो पर, और मेरे पूरे बदन पर लगाए जा रही थी.

    तो जीजाजी मेरे पूरे बदन को सहला रहे थे और मानो मेरे जिस्म में हजारों बिजलियाँ दौड़ रही थी.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब तक दीदी मेरी पेंटी को नीचे गिरा चुकी थी और अपनी एक ऊँगली को मेरी चूत पर बार बार रगड़ रही थी और साबुन लगा रही थी. फिर कुछ देर बाद वो बहुत तेज़ी से अंदर बाहर अपनी ऊँगली करने लगी और जीजाजी ने मुझे इतने ज़ोर से पकड़ा हुआ था कि में छटपटा रही थी और दीदी से कह रही थी और करो अह्ह्ह ह्म्‍म्म्मा ओहूऊऊऊः करे जा रही थी.

    फिर जीजाजी मेरे सामने आए और उन्होंने मुझे ज़ोर से गले लगाया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहे थे. निप्पल को चूसे जा रहे थे और वो एक हाथ से अपनी ऊँगली को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे. तो मैंने उनका लंड देखा और बोला कि जीजाजी यह कितना बड़ा हो गया है और उस सख्त लंड की नसे भी दिखाई दे रही थी.

    फिर दीदी ने कहा कि नीचे बैठ जा और में नीचे बैठी.. तो वो बोली कि दोनों पैर को फैला और मैंने वैसे ही किया. फिर दीदी ने अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में और एक चूत में डालना शुरू किया और में जीजाजी का लंड पकड़कर सहला रही थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चूसो इसे.. फिर में ज़ोर ज़ोर से लंड की टोपी मुहं में अंदर बाहर कर रही थी और दीदी उतनी ही तेज़ी से मेरी चूत, गांड में उंगली कर रही थी और जीजाजी ज़ोर ज़ोर के झटके से मुहं में लंड दबा दबाकर अंदर बाहर कर रहे थे और में आहह उह्ह्ह कर थी थी. फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और मैंने बोला कि जीजाजी यह बहुत मोटा है.. लेकिन दीदी ने ऊपर से मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए थे और वो बोली कि सुरेश इस साली की चूत में लंड एक बार में अंदर जाना चाहिए. तो जीजाजी ने जोश ही जोश में मेरी चूत के अंदर लंड को इतनी ज़ोर से डाला कि मेरी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और आखों से आंसू बाहर आ गये.. में जोर से चीखी.. फट गई मेरी चूत, प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बचाओ माँ.. मेरी चूत फट गयी.

    दीदी मेरे बूब्स और निप्पल को नोंचे जा रही थी और जीजाजी अंदर बाहर लगातार करते रहे और में चिल्लाती रही.. फिर उसने मेरे पैर और फैला दिए और वो ज़ोर ज़ोर से झटके देकर लंड को अंदर डाले जा रहे थे. में उईई माँ उईईइइममाआ आवाज़ किए जा रही थी और ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.. लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं सुन रहे थे. तो दीदी ने कुछ इशारा किया और जीजाजी ने मुझे पीछे पलटा. तो दीदी ने साबुन उनके लंड पर लगा दिया और थोड़ा मेरी गांड पर रख दिया.

    तो में बोली कि दीदी पीछे नहीं जाएगा.. जितना करना है आगे ही कर लो प्लीज.. में आपका लंड और चूस देती हूँ.. लेकिन जीजाजी ने मेरी एक नहीं सुनी और बोले कि उठ कुछ नहीं होगा.. में बस धीरे धीरे धक्के दूंगा और कहने बाद दीदी ने मुझे झुकाया और जीजाजी को आँख मारी और जीजाजी ने ऐसा झटका मारा कि लंड मेरी गांड में घुसता चला गया और में बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन मेरी कोई नहीं सुन रहा था और दीदी हँसे जा रही थी. वो झटके पर झटके मारते चले गये और 10 -15 झटके के बाद में मरे जा रही थी और में अधमरी सी हो गयी थी और फिर जीजाजी जब झड़ गये तो उनका पूरा वीर्य मेरी गांड के अंदर चला गया और मुझे मेरी गांड में इतनी जलन हो रही था कि में क्या बताऊँ. फिर पूरी चुदाई होने के बाद दीदी ने मुझे नहलाया और बेड पर लेटा दिया.. में चल भी नहीं पा रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

    फिर अचानक से मेरी आखं लग गई और में करीब 4 घंटे बाद सोकर उठी तो मेरा दर्द ख़त्म हो चुका था. दीदी मेरे पास आई और पूछा कि मजा आया.. तो मैंने भी जवाब में एक स्माईल दे दी. दीदी ने खुश होकर मुझे गले से लगा लिया और बोली कि अब तो तेरी शर्म उतर चुकी है.. अब तू भी हमारे साथ चुदाई के मजे ले.. लेकिन ध्यान रखना कि यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए. में दीदी से बोली कि आप चिंता मत करो.. में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी.

    दोस्तों फिर उसके बाद तो में जीजाजी की दूसरी बीवी बन गई थी. दीदी और जीजाजी भी बहुत खुश थे. अब हम तीनों चुदाई के फुल मजे लेने लगे थे. सेक्स में ऐसा कोई काम नहीं था जो हमने नहीं किया हो. दीदी जीजाजी के लंड को पकड़कर मेरी चूत पर रखती और में अपनी चूत खोलकर उसे पूरी मस्ती के साथ स्वीकार करती थी. कभी दीदी मेरे सामने जीजाजी से चुदवाती तो कभी में उनके सामने जीजाजी के लंड पर कूदती. उन दो महीनों में मैंने अपनी चूत और गांड को जीजाजी से बहुत चुदवाया.. फिर दो महीने बाद हम अपने घर वापस लौट आये. आज मुझे मेरा जीवन बिना लंड के अधूरा लगता है.. क्योंकि दो महीने तक चुदवाने के बाद तो मेरी चूत को लंड का जोरदार चस्का लग चुका है. आज भी रोज जब मेरी चूत में आग लगती है तो मेरी दो उँगलियाँ चूत में जाती है और उसे ठंडी करके ही वापस बाहर आती है.

  • मामी और उसकी बेटी को एक साथ चोदा

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशान है और मेरी उम्र 24 साल है. में पुणे का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आपको मेरी मामी अंजू और मामी की लड़की निक्की के साथ चुदाई का अनुभव बताने जा रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुये सीधे कहानी पर आता हूँ. में इंजीनियरिंग Ist ईयर का स्टूडेंट हूँ. यह बात मेरी छुट्टियों की है..

    यह बात ऐसे शुरू हुई कि छुट्टियों के दौरान मैंने अंजू मामी को और निक्की को बहुत बार चोदा था.. लेकिन दोनों को साथ में चोदने का मौका तो नहीं मिला था. में उसी मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. वैसे तो 12वीं क्लास में अच्छे मार्क्स लाने की वजह से मेरा दाखिला इंजिनियरिंग कॉलेज में हुआ था और मैंने पास की सिटी में कॉलेज जॉइन किया था.

    फिलहाल कॉलेज पर आना जाना चालू हुआ.. वो कॉलेज मेरे मामा के घर के नज़दीक में ही था.. तो जब भी मुझे अवसर मिलता था तो में मामा के घर चला जाता था. दोस्तों एक बार निक्की को चोदते वक़्त मेरी अंजू मामी मतलब उसकी मम्मी ने देख लिया था और बाद में मैंने अंजू मामी के साथ भी ट्रेन में सेक्स किया था.. तो एक दिन ऐसे ही दोपहर में मामा के घर पहुँचा. शनिवार का दिन था..

    दोपहर के 2 बजे घर पहुँचा. घर में निक्की उसके रूम में अपनी चूत को सहला रही थी और मुझे बार बार फोन करके घर पर सेक्स करने को बुला रही थी. फिर जब में पहुँचा.. तो निक्की एक केले को अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी.. साथ ही साथ ब्लू फिल्म देखना भी जारी था. फिर में जैसे ही रूम में गया. मैंने सीधे जाकर निक्की के बेड पर उसे लंबा किस किया और उसके बूब्स दबाने लगा.. वो सेक्स की भावना से तड़प उठी और में उसे किस करता रहा और वो अपने एक हाथ से केले को उसकी चूत में डाल रही थी.

    फिर बाद में मैंने उसके हाथ से वो केला लिया और केले को खाने लगा और कुछ केला उसे भी खिला दिया. उसके बाद उसने सिर्फ नाईटी पहना हुआ था. फिर मैंने उसकी नाईटी को उसके शरीर से अलग कर दिया. अब निक्की मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. फिर में उसके बूब्स को चाटने लगा और एक हाथ से बूब्स दबाने लगा.. साथ ही साथ निक्की अपनी चूत पर मेरे लंड को सहलाने लगी. मुझे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने निक्की को बोला कि जाओ और अपने घर के गेट को लॉक लगा के आओ.. तो वो बोली कि आज माँ यानि अंजू मामी बाहर गयी है और जल्दी आने वाली नहीं है.

    फिर में गेट बंद करने बाहर गया.. तो मैंने अंजू मामी को फोन लगाया और बोला कि अंजू किधर है.. तो अंजू मामी ने रिप्लाई दिया कि वो किसी मीटिंग में व्यस्त है. फिर मैंने उससे बोला कि में अभी तुम्हे चोदना चाहता हूँ.. तो अंजू मामी बोली कि तुम इंतज़ार करो.. में 15 मिनट में घर आती हूँ.. तो में मन ही मन में बहुत ही खुश हो गया. आख़िरकार वो दिन आ ही गया कि जिस दिन में दोनों को साथ साथ चोदने का आनंद लेने वाला था और में गेट बंद करके अंदर आ गया. उस टाईम गेट की दूसरी चाबी अंजू मामी के पास थी.

    फिर मैंने अपने सेल फोन से उसे मैसेज किया कि में आज तुम दोनों माँ–बेटी की चूत फाड़ने वाला हूँ.. तो वहां से अंजू ने रिप्लाई किया कि में तैयार हूँ और फिर में अंदर आकर निक्की के पास बैठा और निक्की ने कुछ रोमेंटिक गाने चालू कर दिए और हमने साथ साथ डांस भी किया.

    उस दौरान 15-20 मिनट गुजर चुके होंगे.. तो अंजू मामी भी घर पहुँच गयी और वो अपने साथ कुछ खाने के लिए पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आई थी. आज अंजू अपनी बेटी के साथ मुझसे चुदने वाली थी.. वैसे तो निक्की इस बात से पूरी तरह अंजान थी कि में उसकी माँ अंजू को भी चोद चुका हूँ.. तो जैसे ही अंजू घर में अंदर आई.. तो उसने मुझे मिस कॉल कर दिया. उसके मिस कॉल को देखकर में समझ गया कि अंजू घर में आ चुकी है.. तो में पानी पीने के बहाने अंदर किचन में चला गया.. वहां जाते ही मैंने अंजू मामी को एक जोर से किस कर दिया. फिर उसने पूछा कि निक्की किधर है. फिर मैंने कहा कि तुम्हारी गुड़िया अंदर है.. तो हमने मिलकर एक प्लान बनाया कि निक्की को चोदते समय अंजू मामी हमे रंगे हाथ पकड़ेगी और बाद में कुछ तो सजा देगी.

    फिर यह प्लान बना के में अंदर चला गया.. मेरे अंदर जाते ही निक्की ने मेरी जीन्स निकाल दी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और लंड मुँह में लेकर आइसक्रीम जैसे चाटने लगी और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी और अपनी चूत पर वैसलीन लगा लिया और मेरे लंड पर भी वैसलीन लगा दिया. अब निक्की मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा एक झटके में निक्की की चूत में डाल दिया और जोरदार धक्के देने लगा. उस दौरान प्लान के मुताबिक अंजू मामी अंदर आ गई और सेक्स करते दौरान कुछ टाईम में पकड़े जाने से निक्की हड़बड़ा उठी और उसने जल्दी से उठकर अपनी नाईटी पहन ली. अंजू मामी हम दोनों को डांटने लगी.. उसकी इस हरकत से निक्की रोने लगी.

    में निक्की के पास गया और उससे अपनी बाहों में पकड़ लिया.. निक्की ने मुझे दूर कर दिया. अब अंजू मामी मुझे बोली कि में अभी तुम्हारी शिकायत तुमारे मामा और निक्की के पापा से करती हूँ. यह सुनकर निक्की की तो अब पूरी फट चुकी थी.. मेरे मामा स्वभाव के बहुत ही तेज थे और यह सुनकर दोनों को मार सकते थे. फिर मैंने प्लान के मुताबिक अंजू मामी को झूठी रिक्वेस्ट की और बोला कि वो ऐसा कुछ भी ना करे.. आप दूसरी कोई भी सजा दोगे तो वो हमें मंजूर है.. तो अंजू आंटी ने निक्की को डांटते हुये पूछा कि कबूल है? तो निक्की भी बोली कबूल है..

    फिर अंजू मामी ने मुझसे कहा कि यहाँ मेरे नज़दीक आओ.. तो में मामी के नज़दीक पहुँच गया.. फिर अंजू मामी ने मुझे कहा कि मेरे कपड़े उतारो. यह सुनकर निक्की हैरान हो गयी.. वैसे मैंने झट से अंजू मामी की साड़ी उसके बदन से उतार दी. बाद में उसने कहा कि मेरे ब्लाउज को अपने हाथ से खोलो. यह सुनकर निक्की के बूब्स दो गुना बड़े हो गये.. वो चुपचाप सब देख रही थी. फिर मैंने अपने हाथ से एक एक करके उसके ब्लाउज के हुक खोलना चालू कर दिया. इस दौरान अंजू मामी ने निक्की को डाटते हुये कहाँ कि उसकी नाईटी उतार दिया जाये.. तो निक्की ने झट से अपनी नाईटी उतार दी.

    अब मैंने भी उसके ब्लाउज के हुक खोल दिये. बाद में अंजू ने मुझे नज़दीक बुला के मेरे लिप्स पर किस कर दिया और मुझे ऑर्डर दिया कि जो तुम्हारा और निक्की का चुदाई प्रोग्राम चल रहा है.. वो चालू कर दो. फिर में निक्की के पास पहुँच गया. निक्की अब पूरी तरह से हैरान हो गयी थी.. उसकी माँ को क्या हो गया है? लेकिन वो ऑर्डर फॉलो करने के अलावा कुछ कर नहीं सकती थी.. वो झट से अपने बेड पर लेट गयी.

    मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. हमारा सेक्स प्रोग्राम निक्की के बेड पर चल रहा था.. वहां अंजू मामी पहुँच गयी. उसने अपनी ब्रा और पेंटी निकाल दी और अपनी गुड़िया की चुदाई देख के अपनी चूत में उंगली करने लगी. उसने मुझे ऑर्डर दिया कि उसकी ब्रा निकाल दो. फिर मैंने निक्की को चोदने के दौरान उसकी ब्रा को निकाल दिया और अंजू के बूब्स को चाटने लगा. अब निक्की को कुछ समझ नहीं आ रहा था. वैसे तो मेरा वीर्य उसकी चूत में निकलने ही वाला था.. तो अंजू मामी ने झट से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और में भी निक्की को किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा.. बाद में और अंजू मामी दोनों हंसने लगे.

    अब मैंने खुद ही सब सच्चाई निक्की को बता दी कि कैसे मैंने उसकी माँ को चोदा. यह सुनकर उसके मुँह पर भी एक चमक सी छा गयी. अब दोनों माँ-बेटी एक दुसरे को हग करने लगे. अब मेरा लंड दोनों की चूत और गांड मारने के लिए तैयार था.. वैसे तो अंजू मामी और निक्की दोनों ही सेक्सी टाईप की थी और दोनों ही मुझसे चुदने के लिए हमेशा तैयार थी.

    फिर हम तीनों लोगों ने साथ में पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक शेयर की. हम तीनो नंगे ही थे. अब निक्की मेरे लंड को चूसने लगी और में अंजू मामी को किस करने लगा. निक्की के चूसने के बाद मैंने अपना लंड अंजू मामी की चूत में डाल दिया और उसके क्रॉस साईड को अंजू मामी की गांड के बिल्कुल पास गांड करके निक्की को खड़ा कर दिया. अब इसकी वजह से निक्की और अंजू मामी की चूत बहुत ही नज़दीक आ गयी.. तो में एक शॉट निक्की की चूत में मेरा लंड डालता और दूसरा शॉट अंजू मामी की चूत में डालता.. इससे दोनों को भी बहुत ही मज़ा आता.

    अब निक्की अपनी गांड में उंगली करने लगी और अपनी उंगली को सूंघने लगी.. वैसे ही मामी ने भी करना शुरू कर दिया. दोनों की चूत मारने के बाद मैंने अंजू मामी को डॉगी स्टाईल में करके उनकी गांड मारी.. जिससे वो बहुत ही खुश हो गई थी. फिर मैंने निक्की की गांड भी उसी स्टाईल में मार दी और वो दोनों भी मेरी चुदाई से बहुत ही संतुष्ट हो चुकी थी. अब हम तीनों मिलकर रोज सेक्स धमाका करते है.

  • उर्मिला की चूत को चोदा रात में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मुकेश हूँ और में दिल्ली से हूँ, मेरी उम्र 24 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच और मेरे लंड का साईज 6 इंच है. अब में आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. हमारे घर के सामने एक फेमिली रहती थी, जिसमें एक उर्मिला नाम की लड़की रहती थी, लेकिन वो अपना घर बेचकर कहीं और रहने चले गये, वहाँ पर उर्मिला की शादी हो गयी, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उसने अपने पति को छोड़कर किसी और से शादी कर ली और उसके कुछ टाईम के बाद उसने दूसरे पति को भी छोड़ दिया और तीसरी शादी करके हमारे सामने वाले पुराने घर में वापस किराए पर रहने आ गयी.

    अब में आपको उसके फिगर के बारे में बताता हूँ, उसके बड़े बूब्स लगभग 40 के होंगे और गांड मोटी थी. में तो शुरू से ही उसका दीवाना था, लेकिन मुझे क्या पता था? कि वो यहाँ पर वापस मुझसे चूत मरवाने ही आई है. उसका मेरे घर में आना जाना लगा ही रहता था, वो मुझसे बात करने के बहाने ढूढ़ती थी, कभी मोबाईल की प्रोब्लम, कभी घर में लाईट की प्रोब्लम और भी बहुत कुछ प्रोब्लम लेकर आती रहती थी और इन्ही बहानों से मुझसे चिपकती रहती थी.

    अब में भी उससे किसी ना किसी बहाने चिपकता रहता था और किसी बहाने से उसकी गांड और चूची को टच कर देता था. अब हमारी फोन पर बातचीत होने लगी और धीरे-धीरे उसने अपनी सेक्स की इच्छा मुझे बताई, मेरे तो मन में लड्डू फूट रहे थे, लेकिन हमें सेक्स करने का मौका नहीं मिल रहा था. अचानक एक दिन उसके पति को किसी काम से 4 दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा, अब बस हमें मौका मिल गया था.

    फिर उसने मेरे घर आकर मम्मी से मुझे अपने घर भेजने के लिए कहा, क्योंकि उसे रात में डर लगता था, तो मम्मी ने हाँ कह दिया. अब में रात को उसके घर गया, उसने मैक्सी पहन रखी थी, अब मैंने उसके घर में घुसते ही दरवाजा अन्दर से बंद किया और उसे किस करना स्टार्ट कर दिया, अब हम लिप किस कर रहे थे और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर धीरे-धीरे में उसके लिप से नीचे बूब्स से होते हुए उसकी नाभि तक जा पहुंचा, इस बीच हमारे सारे कपड़े ऊतर चुके थे, जैसे ही में उसकी नाभि पर पहुंचा उसके मुँह से एक आहह निकली. फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत पर पहुँच गया और चूत को चूसना चालू कर दिया, अब वो तड़पने लगी थी. मुझे चूत को चूसना बहुत पसंद है, अब में उसकी चूत को 15 मिनट तक चूसता रहा, इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और दूसरी बार झड़ने वाली थी. अब मैंने देर ना करते हुए अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और लंड चुसवाने लगा.

    अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन में अपना वीर्य इतनी जल्दी नहीं गिराना चाहता था, तो मैंने अब सीधे उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया और डालने लगा तो उर्मिला चिल्लाकर बोली, मुकेश प्लीज़ आराम से डालना, क्योंकि मैंने आज तक इतना बड़ा लंड नहीं लिया. में ये सुनकर हैरान हो गया कि तीन शादी के बाद भी उसे इतना बड़ा लंड नहीं मिला. खैर मैंने एक झटका आराम से लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में चला गया तो उसके मुँह से एक आह्ह्ह्ह निकली. फिर मैंने एक तेज झटका दिया और आधा लंड उसकी चूत में चला गया, तो उसके मुँह से एक तेज चीख निकली. फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और एक जबरदस्त धक्का मारा. फिर उसके बाद मैंने धक्के लगाने स्टार्ट कर दिए तो धीरे-धीरे उर्मिला भी मेरा साथ देने लगी और मेरी कमर पकड़कर तेज-तेज धक्के लगवाने लगी.

    फिर में स्टाइल चेंज करके उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा, फिर ऐसे ही हमने स्टाइल चेंज करते हुए 30 मिनट तक ही चुदाई की होगी और वो थक कर लेट गयी. फिर मैंने उसे मिशनरी पोज़िशन में चोदना स्टार्ट किया और 5 मिनट के बाद ही हम दोनों खल्लास हो गये. उस रात हमने 4 बार चुदाई की और अगले दिन उसकी गांड भी मारी..

    धन्यवाद …

  • मौसी की बड़ी बहु की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, में दिल्ली में बचपन से रह रहा हूँ. मुझे शादीशुदा लेडीस ज्यादा पसंद है और मोटी लेडीस भी बहुत पसंद है. ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी की बड़ी बहु के बीच की है. मेरी मौसी की बड़ी बहु का नाम रजनी है और उनकी उम्र 43 के आस पास है, लेकिन वो दिखने में लगती नहीं है. ये कहानी साल 2013 की है, भाभी के दो बच्चे है जो स्कूल जाते है और भैया प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है. मेरी मौसी हमारे घर के पास ही रहती थी. में हमेशा उनके घर जाता था.

    में इस साल भी न्यू ईयर पर उनके घर गया तो मौसी को विश करने के बाद में सीधा भाभी के फ्लोर पर चला गया. जब में गया तो भाभी कपड़े प्रेस कर रही थी. मैंने भाभी को हैल्लो किया और न्यू ईयर विश किया. भाभी ने भी मुझे न्यू ईयर विश किया. मैंने मज़ाक में भाभी से बोल दिया कि भाभी पंजाबियों में क़िसी भी चीज़ को ऐसे विश नहीं करते तो भाभी अचानक से मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर बोली ऐसे विश करते है.

    फिर जैसे ही भाभी ने मुझे गले लगाया तो उनके शरीर का स्पर्श पाकर में दो मिनट के लिए सन्न रह गया. फिर भाभी जाकर कपड़े प्रेस करने लगी और मुझे बोलने लगी कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. भाभी बोली कि कभी क़िसी को गले नहीं लगाया क्या? तो में बोला नहीं मैंने कभी क़िसी को गले नहीं लगाया. मैंने भाभी से बोला कि मेरी छाती पर हाथ रखकर देखो कितनी ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. तो भाभी ने हाथ रखा और बोली तेरा तो सही में बड़ी ज़ोर-ज़ोर से दिल धक-धक कर रहा है. मैंने भाभी से बोला कि भाभी क्या में आपको दुबारा गले लगा सकता हूँ?

    भाभी ने दुबारा मुझे गले लगाया तो मैंने भी उनको जवाब में गले लगा लिया और उनको कमर से पकड़कर जकड़ में ले लिया. अब मेरा तो हाल बुरा हो रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका शायद भाभी को पता लगने लगा था. भाभी बोली अब छोड़ दे तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. फिर हम बात करने लगे और भाभी कपड़े प्रेस करने लगी. फिर बातों-बातों में मैंने फिर से उनको पीछे से गले लगा लिया, जिसकी वजह से मेरा लंड भाभी की गांड में दबने लगा. भाभी बोली कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी बड़ा अच्छा लग रहा है और मन कर रहा है कि में आपको ऐसे ही गले लगाये रखूं. फिर भाभी ने भी कोई जवाब नहीं दिया और में ऐसे ही गले लग कर खड़ा रहा.

    फिर भाभी ने मुझे हटाया और फिर हम बात करने लगे और थोड़ी देर के बाद में चला गया. फिर में नॉर्मली उनके घर आने जाने लगा और भाभी को गले मिलकर मिलता. फिर एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया कि बच्चों का होमवर्क निकालकर ला दे. भाभी ने फोन पर लिखवा दिया और में फिर होमवर्क निकाल कर सीधा उनके घर दोपहर को 12 बजे गया, जब भैया भी घर नहीं होते और बच्चे भी स्कूल गये होते है. में जैसे ही घर गया तो मैंने मौसी को नमस्ते करके उनका हाल चाल पूछा और फिर पूछा कि भाभी कहाँ है? बच्चों का होमवर्क देना है तो मौसी बोली ऊपर है, ऊपर ही चला जा.

    मेरी मौसी को घुटनो की प्रोब्लम है इसलिए वो ऊपर नहीं चढ़ सकती. फिर में जैसे ही ऊपर गया तो भाभी किचन में चाय बना रही थी. भाभी ने पीले कलर का सूट पहना था जिसमें वो एकदम मस्त लग रही थी. फिर मैंने भाभी से बोला में बच्चों का होमवर्क ले आया हूँ तो भाभी बोली वही टेबल पर रख दे. फिर मैंने टेबल पर पेपर रखकर सीधा भाभी के पास किचन में चला गया और भाभी को पीछे से हग करके खड़ा हो गया तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला कि गले मिल रहा हूँ. फिर वो कुछ नहीं बोली.

    फिर मैंने बोला कि आपने बड़ी अच्छी खुशबू लगाई है तो में अपने मुँह को भाभी के कान के पास ले जाकर सूंघने लगा. तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला करने दो ना अच्छा लग रहा है, फिर धीरे- धीरे में भाभी के कान पर किस करने लगा और मेरा लंड भाभी की गांड में टच होने लगा और अपने दोनों हाथों को में भाभी के पेट पर घुमाने लगा. अब भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी और मेरे दोनों हाथों को अपने पेट पर दबाने लगी. फिर धीरे-धीरे मैंने भाभी से पूछा कि भाभी तुमको छूने का दिल कर रहा है तो भाभी बोली छू तो रहे हो.

    फिर में बोला भाभी आपकी पूरी बॉडी को छूने का दिल कर रहा है, क्या में छु लूँ? तो भाभी ने कुछ नहीं बोला. फिर मैंने उनको किचन की दीवार के साथ घुमा कर खड़ा कर दिया तो उनका चेहरा मेरी तरफ आ गया और उनके गालो के पास जाकर किस कर दिया, भाभी सिसकियां लेने लगी. फिर मैंने हिम्मत करके अपने होठों को भाभी के होठों के पास रख दिया और लिप किस करने लगा.

    फिर मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा तो भाभी कम आवाज़ में बोली कि मत कर कोई आ जायेगा. में बोला कि भाभी बस थोड़ी देर करने दो, कोई नहीं आयेगा. फिर में अपने एक हाथ को उनके सूट के अंदर डालकर उनकी कमर को सहलाने लगा. उनकी बॉडी के स्पर्श को जब मैंने महसूस किया था, क्या मस्त कमर थी? फिर में कमर को सहलाता रहा और किस करता रहा. अब भाभी भी मेरा साथ देने लगी और में अपने लंड का दबाव उनकी चूत पर दबाता रहा. फिर मैंने उनके होठों को छोड़कर दोनों हाथ से उनके सूट को ऊपर उठा दिया.

    फिर जैसे ही मैंने सूट उठाया तो में सन्न हो गया. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे सफ़ेद चादर पर कोई काली फुटबॉल हो. उन्होंने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी तो में ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने ब्रा ऊपर खिसका दी और पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरे सिर पर हाथ फैरने लगी और भाभी का सूट मेरे ऊपर आ गिरा और में भाभी के सूट के अंदर बूब्स सक करने लगा. फिर मुझे भाभी के सलवार का नाड़ा नज़र आया और मैंने भाभी का नाड़ा एक झटके में ऊतार कर खोल दिया, जिससे उनकी सलवार खुल गई और अब मुझे भाभी की गोरी-गोरी जांघे और जांघो के बीच में लाल कलर की पेंटी में उनकी चूत के शेप नज़र आ रही थी.

    फिर में एकदम से खड़ा हुआ और भाभी को पकड़कर रूम में ले गया और उस फ्लोर वाले गेट को लॉक कर दिया. फिर मैंने भाभी को जाते ही बेड पर लेटा दिया और उनका सूट ऊपर करके पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और सक करते-करते में अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डालकर उसके गोरे-गोरे और मुलायम कूल्हों को सहलाने लग गया.

    फिर मैंने उनको दबोच लिया और एक हाथ से उसके निप्पल को मसलने लगा, तो उसकी सिसकियां निकलने लगी. फिर मैंने एक झटके से उसकी पेंटी को ऊतार कर उसको बेड पर लेटा दिया और मैंने भी जल्दी से सिर्फ़ अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दिया. अब भाभी ने झट से खड़ी होकर मेरे लंड को पकड़कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने लाईफ में कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था. अब में जन्नत जैसा महसूस कर रहा था. अब वो मेरे लंड को चूसती रही और में उसके बूब्स को कभी सहलाने लगता तो कभी निप्पल पर काट देता. फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर इस तरह से आ गयी जिसके कारण उसकी चूत जो कि बिना बालों की थी वो ठीक मेरे मुँह के पास थी. फिर में भी उसकी चूत में उंगली डालकर चाटने लगा. उसकी गांड का छेद भी गुलाबी कलर का था. अब में बीच-बीच में उसमें भी उंगली डाल देता जिसके कारण वो एकदम चिल्ला पड़ती. फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसको नीचे लेटा दिया.

    फिर उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखकर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अंदर चला गया. जिसके कारण वो चिल्ला उठी तो में रुक गया और उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से उसकी जांघो को पकड़कर धक्का मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, वो एकदम से चिल्ला उठी. फिर मैंने उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया.

    फिर उसके थोड़ा नॉर्मल होने पर में उसकी गांड के छेद में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था और में साथ में उसकी चूत में भी उंगली भी कर रहा था, जिससे उसको और मज़ा आ रहा था. अब वो सिसकियां लेने लगी और बोली रवि थोड़ा और तेज़ करो, तो में और तेज़ करने लगा.

    फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो अपनी गांड को टाईट करने लगी. फिर वो बोली कि रवि में गयी, में गयी बोलकर वो आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी, लेकिन में रुका नहीं. फिर 5 मिनट के बाद मेरा भी निकलने वाला था. में बोला कि भाभी मेरा भी निकलने वाला है कहाँ निकालूं? तो वो बोली अंदर ही निकाल दे.

    फिर मैंने थोड़ी देर धक्के मारने के बाद अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया, ये मेरा पहली बार था और जब में क़िसी की गांड में अपना पानी छोड़ रहा था. फिर में उसके ऊपर लेट गया और फिर थोड़ी लेटने के बाद हम दोनों ने अपने आपको साफ किया और वापस आकर दोबारा बेड पर लेट गये और बातें करने लगे. फिर थोड़ी देर के बाद में फिर से तैयार हो गया और फिर मैंने उसकी चूत की जमकर चुदाई की. उस दिन मैंने 2 बार उसके साथ चुदाई की. उसके बाद मैंने चाय पी और फिर में अपने घर आ गया. अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में और भाभी खूब मजे करते है.

  • शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा

    हैल्लो डियर फ्रेंड्स.. आज में अंकित आपको अपने नये सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ.. में इस स्टोरी में यह बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी सगी बहन को जो कि शादीशुदा है और दो छोटे बच्चो की माँ है मैंने कैसे उसकी मर्ज़ी से मस्ती के साथ उसे चोदा.. यह मेरा वादा है कि स्टोरी के आखरी तक सभी लड़के अपनी मुठ मार रहे होंगे और लड़कियां अपनी प्यारी सी चूत में उंगली कर रही होगी.

    अब में अपनी स्टोरी शुरु करने से पहले अपने और अपनी फेमिली के बारे में कुछ विस्तार से बता देना चाहूँगा. मेरा नाम अंकित है और में मेरी उम्र 20 साल है.. मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच है और में बिल्कुल भी झूठ नहीं बोल रहा.. मेरे पापा की उम्र 65 साल और मेरी मम्मी की उम्र 60 साल है. मेरी दो बड़ी बहनें है और में घर में सबसे छोटा हूँ इसलिए मुझे सबका बहुत प्यार मिलता है. मेरी एक बहन 40 साल की है और दूसरी बहन 34 साल की और मेरे सेक्स संबंध दूसरी बहन के साथ बने.. उसका नाम शिवानी है और उसका पति एक प्राइईट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर नौकरी करता है.

    दोस्तों जब में छोटा था तब शिवानी की शादी हुई.. मेरी उससे बहुत बनती थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मुझे उसकी शादी के बाद बहुत दुख हुआ और में बहुत रोया. फिर जैसे जैसे में बड़ा होता गया मेरा प्यार मेरी बहन के लिए सेक्स के नाम में बदल गया और में उससे सेक्सी लेडी के रूप में देखने लगा. अब में थोड़ा बहुत शिवानी के बारे में बताना चाहूँगा.. उसकी उम्र 34 साल है और उसकी हाईट 5.3 है और वो बहुत ही मस्त और उसका सेक्सी शरीर है उसके बूब्स 38 कमर 34 और कुल्हे 39 है.. कुल मिलाकर देखा जाए तो वो एक बहुत ही सेक्सी औरत है और किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है. एक साल पहले हमे पता चला कि मेरे जीजा जी का किसी दूसरी लड़की के साथ बहुत समय से चक्कर है और उनके नाजायज संबंध भी है और यह बात मालूम पड़ने पर घर में सभी लोगों को बहुत टेंशन होने लगी और मेरी बहन भी बहुत दुखी रहने लगी.. उसके दो बच्चे है एक लड़का 6 साल का और एक लड़की 4 साल की.

    फिर में हमेशा से उसकी बेटी को बहुत प्यार करता हूँ तो जब हमे जीजा जी के रिलेशन का पता चला तो हमने उसके परिवार से बात की.. लेकिन हमे कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला और बस अब तक तो सब कुछ सही चल रहा था.. लेकिन अब वो मेरी बहन को हाथ भी नहीं लगाता और यह बात मेरी बहन ने मुझे बाद में बताई. फिर में अपनी बहन को पिछले 1 साल से चोदने का बहाना खोजने की कोशिश में लगा हुआ था और जब भी मेरी बहन हमारे घर पर रहने आती थी तो में छुपकर उसके बूब्स देखा करता था और उसकी पेंटी को हाथ में लेकर मुठ मारता था और पेंटी की चूत वाली जगह को मुहं में लेकर चाटता था और मुझे उसकी चूत की खुश्बू बहुत अच्छी लगती थी और मुझे बहुत बार मेरी बहन ने उसके बूब्स को घूरते हुए देखा था.. लेकिन उसने मुझे कभी कुछ नहीं बोला और इसे में उसकी तरफ से एक हरी झंडी समझने लगा. फिर 6 महीने पहले मेरे पापा की तबियत खराब हो गई और वो मोहाली के हॉस्पिटल में भर्ती हुए तो माँ को भी उनके साथ रहना पड़ा और में भी साथ में हॉस्पिटल गया और हमारे घर पर शिवानी अपने दोनों बच्चो के साथ घर को संभालने के लिए रहने आ गई. फिर उन दिनों मेरी पढ़ाई के पेपर चल रहे थे 3rd सेमेस्टर के.

    वो दिसम्बर का समय था तो में एक दो दिन में ही पापा को भर्ती करवा कर हॉस्पिटल से वापस घर पर आ गया और जब में घर पर आया तो कुछ देर बाद मेरी बहन नहाकर बाथरूम से बाहर आई और सीधी मेरे रूम में चली आई. दोस्तों उस समय में उसे देखता ही रह गया.. उसने लोवर और एक पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी और उसकी टी-शर्ट उसके बूब्स से पानी की वजह से चिपक गई थी. तो मेरा लंड यह सब देखकर खड़ा हो गया और बहुत मुश्किल से मैंने उसे छुपाया और फिर वो कुछ सामान लेकर मेरे रूम से चली गई. फिर रात को खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे हमारे घर में तीन बेडरूम है. एक मेरा एक मेरे माता पिता का और एक मेहमानों का रूम. फिर में अपने रूम में आ गया और मेरी बहन अपने दोनों बच्चों के साथ मम्मी, पापा के रूम में सोने चली गई. उस रात मुझे बिल्कुल नींद नहीं आई और मैंने अपनी बहन के नाम की तीन बार मुठ मारी.. अगली सुबह मेरे कॉलेज की छुट्टी थी उस दिन कोई भी पेपर नहीं था. तो में थोड़ा देरी से उठा और नहाकर नाश्ता किया और अपनी छोटी भांजी के साथ खेलने लगा मेरी बहन भी मुझसे बातें कर रही थी.. उसने सलवार कमीज़ पहना था वो बार बार हंस रही थी तो मेरे पूछने पर कि तुम बार बार हंस क्यों रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं वैसे ही.

    खैर फिर लंच टाइम हुआ तो लंच करके में अपने रूम में आ गया और बेड पर लेट गया. मेरा लंड फिर से मचलने लगा और में मेरी बहन के नाम की मुठ मारने लगा. उस वक़्त मेरी बहन दूसरे रूम में अपने दोनों बच्चो को सुला रही थी. तो मुझे बिल्कुल भी इस बात का ध्यान ही नहीं रहा और में मस्ती से धीरे धीरे उसका नाम लेते हुए मुठ मारने लगा. जैसे ही मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने अपनी दोनों आंखे बंद कर ली और उसका नाम लेकर ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और जब मेरा पानी निकला तो मैंने थोड़ा अच्छा महसूस करके अपनी आंख खोली तो देखा कि मेरी बहन दरवाजे के पास खड़ी सब कुछ देख रही है और तब मुझे याद आया कि में दरवाजा बंद करना ही भूल गया था. तो मेरी बहन मेरे पास आई और उसकी नजरें मेरे आधे खड़े हुए लंड पर टिकी थी.

    उस समय मेरा लंड 8.5 इंच का लटका हुआ था. फिर वो बोली कि क्यों तुम मेरे नाम की मुठ मारते हो? तो में बोला कि सॉरी दीदी अब कभी भी नहीं करूंगा और में बहुत डर गया था और मेरा लंड 8.5 इंच से सिकुड कर 4.5 इंच का रह गया था. तभी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और बोली कि तो क्या हुआ तू अब जवान हो गया है और यह अहसास हम सभी में होता है और फिर थोड़ा आगे बड़ी और धीरे से मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तेरा तो तेरे जीजा जी से भी बहुत बड़ा है.

    तो उसकी बातों और कोमल हाथ के स्पर्श से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मुझमें एक अलग सा अहसास आने लगा और में आहह आह करने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगी.. में धीरे धीरे उसके गालों पर किस करने लगा और अपने हाथ से उसके 38 साईज़ के मोटे मोटे बूब्स दबाने लगा और अब उसे भी मस्ती आने लगी और उसने मुझे होंठ पर किस करने शुरू कर दिए. में भी उसकी किस का जवाब देने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा. ऐसा हम दस मिनट तक करते रहे फिर में बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपनी बहन की कमीज़ उतारने लगा.. लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अपनी कमीज़ उतारने में मेरी मदद करने लगी.

    अब मेरे सपनों की रानी मेरी सग़ी बहन मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और सलवार में बेड पर बैठी थी. तो में उसे किस करने लगा और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेटकर किस करने लगा. वो भी मेरा लंड मसल रही थी. फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा उतार दी और उसके बड़े बड़े बूब्स एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे को मुहं में लेकर चूसने लगा उसके निप्पल हल्के भूरे कलर के थे और वो बहुत सख्त हो चुके थे.

    फिर वो अपना एक हाथ मेरे बालों में घुमा रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपने बूब्स पर दबा रही थी.. वो आहह आह्ह्ह और ज़ोर से चूस अपनी बहन का दूध बोल रही थी. फिर वो बोली कि कल रात को मैंने तुझे मेरे नाम की मुठ मारते हुए देखा था. तो यह बात सुनकर में और भी गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा तो वो बोली कि थोड़ा आराम से कर दर्द होता है.. तो मैंने धीरे धीरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. तभी वो बोली कि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता जल्दी से मुझे चोद दे मेरा बहुत मन कर रहा है पिछले एक साल से तेरे जीजा ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया. तो में यह बात सुनकर खड़ा हुआ और उसकी सलवार उतारने लगा. उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और चूत बिल्कुल साफ शेव की हुई और चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी.

    फिर वो बोली कि आज ही मैंने स्पेशल तुम्हारे लिए शेव की है तो में यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूत मसलने लगा वो भी गरम होकर मेरे किस का जवाब दे रही थी. फिर में धीरे धीरे उसकी चूत पर पहुंचा और उसे सूंघने, चाटने लगा. आज मुझे मेरा अमृत मिल गया था.. जिसको पीने के लिए में पिछले एक साल से मचल रहा था और मुझे उसकी चूत के पानी की बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी. फिर में अपनी जीभ से उसको चाटने लगा और पानी का स्वाद मेरे मुहं में आने लगा. थोड़ा नमकीन सा टेस्ट था उसका और बहुत ही मदहोश करने वाला.. में अपना पूरा मुहं लगाकर उसकी चूत चाटने लगा.. वो आअहह आहह और चाट और अह्ह्ह ज़ोर से चाट अह्ह्ह बोल रही थी और अपने दोनों हाथों से मेरे सर को दबा रही थी और वो बोली कि आज तक उसके पति ने ऐसा नहीं किया. फिर में पूरी जीभ उसकी चूत में डाल रहा था और दस मिनट तक चूत चाटने के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो में सारा का सारा पी गया और अब उसकी पकड़ मेरे सर से ढीली हो गई.

    में पहले से ही एक बार मुठ मार चुका था तो मेरा लंड अभी भी टाईट तनकर खड़ा था.. में उसके ऊपर आ गया और बूब्स चूसने लगा. 5 मिनट बूब्स चूसने के बाद वो फिर से गरम होने लगी तो मैंने बोला कि दीदी एक बार मेरा लंड मुहं में ले लो. तो बोली कि इतना प्यारा लंड है तुम्हारा. इसे तो में हर जगह पर लूँगी और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी.. यह मेरा किसी लड़की के साथ पहला संबंध था इसलिए उसके चूसने से मुझे बहुत मजा आने लगा वो पूरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.

    कभी कभी लंड के अगले हिस्से पर जीभ फेरती तो कभी बॉल्स को मुहं में लेकर चूसती और अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था इसलिए मैंने जल्दी से अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाला और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैर फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखकर धीरे धीरे लंड को चूत के अंदर डालने लगा.. लेकिन चूत में बहुत दिन से कोई भी लंड नहीं गया था इसलिए वो थोड़ी बहुत टाईट लग रही थी.. लेकिन में फिर भी ज़ोर के धक्के लगाता रहा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. तो वो दर्द से चीखने चिल्लाने लगी आहह आह्ह्ह माँ मर गई में अहह आज मेरी चूत फट गई.. कोई बचाओ मुझे करने लगी.

    तो मैंने अपने धक्के रोककर उसके बूब्स चूसना शुरू किया.. इससे उसे भी अच्छा लगा और उसकी चूत का थोड़ा दर्द कम हुआ.. लेकिन मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था. अब वो धीरे धीरे और गरम होने लगी और अपनी गांड उठा उठाकर हिलाने लगी. तो में समझ गया कि अब यह चुदाई के लिए तैयार है.. तो में भी फिर से धक्के लगाने लगा और उसे चोदना शुरू कर दिया.. मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी को महसूस कर रहा था और में ऐसे ही उसे चोदता रहा और बीच बीच में उसके बूब्स चूसता तो कभी उसे किस करता.

    वो भी मज़े से चुदवा रही थी और गांड उठाकर वो आह्ह आअहह चोद मुझे और ज़ोर से चोद बोल रही थी और फिर वो बोली कि आज मेरा भाई बहनचोद बन गया अहह उफ्फ्फ. तो में उसकी बातें सुनकर और भी गरम हो रहा था और उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. अब उसका पानी निकलने वाला था.. इसका मुझे पता चल गया क्योंकि अब धीरे धीरे उसकी चूत टाईट हो रही थी और वो मुझे कसकर पकड़े हुए थी और अब वो ज़ोर ज़ोर से गांड उछालने लगी थी और आहहाहह उह्ह्ह्ह माँ मर गई करते हुए वो झड़ गई और मेरा लंड उसके पानी से गीला हो गया और बड़े आराम से अंदर बाहर होने लगा.

    फिर उसके पानी के स्पर्श से मेरा भी पानी निकलने वाला था.. तो में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और आह आह करने लगा. फिर मैंने उससे बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ पर निकालूं? तो वो बोली कि में तुम्हारा पानी पीना चाहती हूँ.. तो मैंने अपना लंड जल्दी से उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और हिलाने लगा और वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी 5- 6 धक्को में मेरा वीर्य निकला और वो सारा वीर्य पी गई और अब में भी थोड़ा थक चुका था. तो उसे किस करते हुआ उसके ऊपर लेट गया और बूब्स दबाने लगा.

    वो बोली कि आज शादी के 6 साल बाद मुझे असली सेक्स का मज़ा मिला और मुझे कसकर गले लगा लिया और किस करने लगी. कुछ टाईम बाद हम फिर से तैयार थे अगली चुदाई के लिए.. लेकिन इस बार मैंने उसका एक पैर अपने कंधे पर रखकर उसे चोदा और अपना वीर्य उसकी चूत में निकाला. फिर उस रात को भी हमने बहुत अलग अलग पोज़िशन्स में सेक्स किया और साथ में प्लान बना लिया कि जब तक हमारे माता पिता वापस घर पर नहीं आते तब तक हम एक पति पत्नी की तरह दिन रात चुदाई करेंगे और उसके साथ मैंने अपने कॉलेज के पेपर भी दिए. अब हमे जब भी मौका मिलता है हम सेक्स करते है.. कभी उसके घर पर तो कभी हमारे घर पर. अब उन्होंने नसबंदी करवा ली है और हम अब लाईफ का पूरा मज़ा ले रहे है.

  • मेरा निकाह मेरी कज़िन के साथ

    मेरा नाम सलमान है और हम लखनऊ के नवाब खानदान से ताल्लुक रखते है, हमारे यहाँ शादी केवल खानदान में ही होती है. हमारे खानदान में सिर्फ़ दो लड़के है में और मेरी मौसी का लड़का रिज़वान, जिसका निकाह मेरी बहन रुकसाना से हुआ है. मेरे दो और बहनें है सलमा और फ़ातिमा और उनका निकाह भी रिज़वान से ही होगा. मेरी मौसी के दो लड़कियां है ज़ीनत और आरसी, मेरे चाचा के दो लडकियाँ है रुक्सर और ज़ूनी, ज़ीनत 26 साल की, आरसी 18 साल की, रुक्सर 20 साल की और ज़ूनी 19 साल की है.

    फिर तय हुआ की मेरा निकाह ज़ीनत और आरसी से एक दिन और रूक्सर और ज़ूनी से दूसरे दिन हो जाए और रिज़वान का निकाह सलमा और फातिमा से हो जाए, ताकि खानदान घर में ही बढ़े और सब हवेली में ही रह जाए. फिर मैंने मेरी पहली सुहागरात ज़ीनत के साथ चुनी और हर एक महीने के बाद सुहागरात मनाने का फ़ैसला लिया और क्योंकि उम्र में सब उससे छोटी थी इसलिए घरवालों को भी कोई ऐतराज़ नहीं हुआ.

    अब दोस्तों में आपको ज़ीनत के बारे में और उनकी चुदाई की कहानी सुनाता हूँ. वो मुझसे 4 साल बड़ी थी, लेकिन वो बला की खूबसूरत थी, हाईट 5 फुट 9 इंच, गोरी, भूरे बाल, भरा हुआ मांसल बदन, वो एकदम सुष्मिता जैसी लगती थी. मेरी उससे बहुत कम बात हुई थी, लेकिन मुझे मालूम था कि आज जन्नत की सैर करने का मौका खुदा ने दे ही दिया है. में आज उस लंबी नाजुक ज़ीनत को सोने नहीं दूँगा. फिर रात को रुकसाना और सलमा, फ़ातिमा मुझे ज़ीनत के कमरे में ले गयी और बाहर से दरवाज़ा बंद कर हंसते हुए चली गयी. अब वो कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी.

    फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा और बोला कि आप तो यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरा बच्चा तुझे सब मालूम है. अब ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थी.

    फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उनकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी. फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी. अब ज़ीनत सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 38 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थी.

    फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला. तो जीनत ने कहा कि सलमान मेरे दूल्हे धीरे करो बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब ज़ीनत उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.

    अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा था. अब उनके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, जिससे मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उसे अलग करके उनकी काली ब्रा भी उतार दी. उफ़फ्फ़ अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी और पेटीकोट में था.

    अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था. अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे. फिर वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह सलमान 26 साल से तड़पति ज़ीनत पर ये क्या हुआ? मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो.

    अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उनको पूरा नंगा कर दिया, क्या मस्त माल था? थैंक यू अल्लाह, शुक्रिया. फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन.

    अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ? और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा. तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी कि सलमान में 10 साल से तेरे बड़े होने का इंतज़ार कर रही थी, मेरी 26 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.

    फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी. फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई.

    फिर मैंने आपा से कहा कि एक बार दर्द होगा, लेकिन आप अगर बर्दाश्त करोगी तो सारी जिंदगी मस्ती ले पाओगी. फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहा. अब उनकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर ज़ीनत की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था.

    फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया. अब दर्द से दोहरी आपा अम्म्म्मा अम्मी जान कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी. फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया.

    अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, अम्मी मुझे मार डाला इसने, मेरा दूल्हा कसाई है, जालिम है, मार डालेगा मुझे आआईईईईई रे सलमान, प्लीज़ अपनी मुझ पर रहम कर, यह लोहे की रोड घुसा दी, में मर जाउंगी, आआई रे मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो आईईईई. फिर मैंने कहा कि अच्छा में 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया. फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहा.

    फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा. फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी. फिर मैंने कहा कि कसाई कैसा है? तो आपा ने कहा कि अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है, चोदो सल्लू मुझे चोदो, अपनी मौसी की लड़की को चोदो और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया. दोस्तों उस आनंद का अंदाज जो अपनी मौसी की लड़की को चोदेगा वही जान पाएगा.

    फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी, तो आरसी ने मेरे पास आकर कहा कि पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला जीनत के साथ? तो मैंने कहा कि अगले महीने तेरी भी यही हालत करूँगा साली, तो आरसी ने कहा कि तो कर लेना, आओ तो सही, में चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे, जीनत तो सीधी थी मीठी, नमकीन और कमसिन का मज़ा तो में ही दूँगी.

  • मौसी की लड़की को रगड़कर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राव है और में जालंधर का रहने वाला हूँ, लेकिन में आज कल में इंग्लेंड में रहता हूँ और मेरी उमर 29 है. गोरा रंग अच्छी सेहत और में दिखने में एकदम ठीकठाक हूँ. दोस्तों मेरी यह कहानी जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ करीब सात साल पहले की है जब में भारत में था तब यह मेरे साथ घटित हुई. दोस्तों मेरी मौसी की एक लड़की है उसका नाम जस्सी है और उसकी उमर मुझसे करीब दो साल छोटी है और जब मैंने उसको चोदा तब वो 20 साल की थी और उसके फिगर का आकार उस समय 34-28-36 था.

    वो दिखने में बहुत सुंदर गोरी बड़ी हॉट सेक्सी लगती थी. एक दिन वो हमारे घर पर एक सप्ताह के लिए रहने के लिए आ गई और उस समय वो अपनी छुट्टियाँ बिताने हमारे घर पर आई थी. तो एक दिन हम सभी लोग एक साथ बैठकर टीवी देख रहे थे तब मेरा ध्यान अचानक से उसके बूब्स पर चला गया जो उस समय बहुत सुडोल, उभरे हुए आकर्षक दिख रहे थे, लेकिन फिर एक नजर देखकर मैंने अपनी नजर को वापस टीवी पर लगा दिया और में वो फिल्म देखने लगा, लेकिन दोस्तों जब से वो हमारे घर पर आई थी में बार बार उसके बूब्स, गांड को ही देख रहा था और दो तीन बार उसने भी मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था और उस रात को टीवी देखते समय भी ठीक ऐसा ही हुआ मेरी नजर दोबारा उसकी तरफ चली गई और ऐसे ही उसको देखने लगा वो पहले तो मुझसे शरमाई, लेकिन बाद में तो वो मेरी तरफ देखकर थोड़ा सा मुस्कुरा गई और उसकी इस हरकत की वजह से मेरी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और अब में भी उसे बिल्कुल निडर होकर देख रहा था और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे मन में ना जाने क्या क्या चल रहा था? मेरी सोच अब उसके लिए बिल्कुल बदल सी गई थी.

    फिर रात को करीब 9 बजे मेरी मम्मी ने उसको बोला कि ज्यादा ठंड है तो तुम भी हमारे साथ इस रज़ाई में बैठकर टीवी देख लो क्या तुम्हे सर्दी नहीं लगती? तो वो बिना कुछ बोले मेरे पैरों की तरफ उस रज़ाई में बैठ गई और उसने रजाई को अपने पैरों के थोड़ा ऊपर तक ले लिया था जिसकी वजह से अब उसके नरम नरम पैर मेरे पैरों से छू रहे थे जिसकी वजह से में तो अब बिल्कुल पागल हो रहा था और उस वजह से मेरा लंड धीरे धीरे लंबा होने लगा और कुछ देर के बाद मैंने अपने पैर पर खुजली के बहाने से अपना एक हाथ उसके पैरों पर छू दिया, तो वो मेरी तरफ देखकर स्माइल देने लगी, जिसकी वजह से में मन ही मन खुश होने लगा था और में समझ गया कि यह अब मुझसे ज़रूर अपनी चुदाई करवाएगी और उसके बाद में रुक नहीं सका और में लेटने का नाटक करते हुए उस रज़ाई में घुस गया जिससे मेरा हाथ बड़ी आसानी से उसके पास जा सके.

    फिर उसने अपने पैरों को आधा खड़ा कर लिया और मैंने अपने दोनों पैर उसके पैरों के नीचे से आगे कर दिए, जिसकी वजह से अब मेरा हाथ उसके पैरों के पास जा सकता था. अब मैंने रज़ाई ठीक करने के बहाने उसकी गोरी गरम जांघ को छूकर मज़े लिए और वो एक बार फिर से मेरी तरफ मुस्कराई. फिर तभी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसने भी मेरा हाथ पकड़ लिया था जिसकी वजह से में अब आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था इसलिए मैंने थोड़ी देर उसका हाथ पकड़ने के बाद अपना 6 इंच का लंबा और इंच मोटा लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया.

    अब वो चुपचाप मेरा लंड अपने हाथ में पकड़कर धीरे धीरे अपना हाथ लंड के ऊपर नीचे करने लगी उसके हाथ का स्पर्श पाकर में जोश में आ गया और फिर मैंने भी अपने हाथ को धीरे से आगे बढ़ाकर उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत को छूकर महसूस करने लगा और तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम गरम बहुत गीली हो चुकी थी.

    करीब 11 बजे मम्मी पापा और सब लोग सोने अपने कमरे में चले गए, लेकिन हम दोनों तब भी वहीं पर लेटे रहे और हम दोनों रात को आने वाली फिल्म देखने के बहाने टीवी देखते रहे. फिर मम्मी ने जस्सी को बोला कि जब तुम्हे सोना हो तो तुम राव के साथ ही सो जाना, वो तेरा भाई है तो उसको कोई आपत्ति नहीं होगी और उनके इतना कहकर चले जाने के बाद मैंने उससे बोला कि जस्सी तू उठकर दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर दे. फिर उसने मेरे कहने पर तुरंत उठकर दरवाजा बंद करके लाइट को भी बंद कर दिया और अब हमारे रूम में हम दोनों ही थे और हल्की हल्की टीवी की रौशनी भी थी और फिर वो मेरे पैरों के पास बैठने लगी.

    तभी मैंने उससे कहा कि तुम अब मेरे साथ में लेट जाओ और मेरी बात को सुनकर वो थोड़ा सा हंसकर तुरंत मेरे पास में आकर लेट गई. अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत उसको अपनी बाहों में लेकर में उसके गुलाबी होंठो को किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ देते हुए मुझे अपनी बाहों में कस रही थी. फिर कुछ देर बाद एक हाथ से में उसके बूब्स को मसल रहा था जिसकी वजह से वो अब गरम होकर जोश में आकर सिसकियाँ लेने और अब में उसको किस कर रहा था हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

    तभी उसने अपने आप मेरे कुछ कहे बिना ही वो मेरा लंड अपने एक हाथ में पकड़कर हिलाने लगी और तभी करीब दस मिनट के बाद मैंने उसकी कमीज़ को उतार दिया और सलवार को भी उतार दिया तो उसने मेरा पजामा और टीशर्ट को भी उतार दिया उसके बाद मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और अपने एक हाथ से मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया में उसकी गरम चूत पर अपना हाथ फेरने लगा.

    अब वो भी मेरा अंडरवियर नीचे खींच रही थी इसलिए मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में लेकर हम दोबारा किस करने लगे. फिर में उसके बूब्स को मसलने लगा तो कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसकी साँसे अब तेज होने लगी थी और वो पूरे जोश में थी और फिर में उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर सक करने लगा जिसकी वजह से वो कसमसाने लगी और उसके बाद में उसके नरम मुलायम पेट पर किस करने लगा.

    कुछ देर बाद वो मेरे सर को पकड़कर अपनी प्यासी कामुक चूत की तरफ धकेलने रही थी और में समझ गया था कि वो अब मुझसे अपनी चूत को चटवाना चाहती है और इसलिए में धीरे धीरे अपना मुँह उसकी चूत के पास ले जाकर में उसकी चूत को चूमने लगा, लेकिन वो तो बिल्कुल बेसब्री होकर मेरा सर पकड़कर अपनी चूत में घुसेड़ रही थी और अब उसकी सिसकियों की आवाज़ें भी आने लगी थी वो सीईईईई आह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और अपने होंठो पर जीभ घुमा रही थी.

    फिर मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डालकर में उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा जिसकी वजह से वो बिल्कुल मदहोश होकर अपनी आखें बंद करके अपने कूल्हों को ऊपर कर रही थी. फिर मैंने अपनी दो उँगलियों को चूत में डालकर हिलाने लगा और उसके दाने को सहलाने लगा.

    करीब पांच मिनट तक लिक करने और ऊँगली से उसकी चूत को चोदने से वो एकदम से उछल पड़ी और उसके बाद में वो अचानक से ठंडी होने लगी और में उसकी हालत को देखकर तुरंत समझ गया कि उसकी चूत ने अब पानी छोड़ दिया है, वो अब झड़कर बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही तो में उसको होंठो पर किस करने लगा और थोड़ी देर के बाद वो भी मुझे किस करने लगी और मेरा साथ दोबारा देने लगी और अब वो मेरा मोटा लंड पकड़कर धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी.

    करीब तीन चार मिनट के बाद वो मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीभ को फेरने लगी. मुझे उसके ऐसा करने से बहुत मज़ा आ रहा था और में उसके सर पर अपना हाथ घुमाकर सहला रहा था. फिर जब थोड़ी देर के बाद मेरा लंड पूरी तरह से सरिये की तरह तनकर खड़ा हो गया तो मैंने उसको उसके दोनों पैरों को ऊपर करने के लिए कहा तो उसने मुझसे बोला कि ठीक है में अभी करती हूँ, लेकिन आप बहुत धीरे से डालना आपका लंड बहुत मोटा और लंबा है मुझे बहुत दर्द होगा. अब मैंने उससे पूछा कि क्या इससे पहले भी कभी तुमने अपनी चूत को चुदवाया है?

    वो बोली कि हाँ भैया में इससे पहले भी अपने एक बॉयफ्रेंड से अपनी चूत की चुदाई करवा चुकी हूँ, लेकिन अब मुझे सेक्स किए हुए बहुत समय हो चुका है और मेरी चूत अब किसी के लंड के लिए बहुत तरस रही हूँ प्लीज अब ज्यादा देर मत लगाओ और चोद दो मुझे और मुझे वो मज़े दे दो जिसके लिए मैंने अब तक इंतजार किया. मेरा बॉयफ्रेंड तो मुझे आधे रास्ते में ही धोखा देकर चला गया. अब आपसे मुझे वो सुख चाहिए प्लीज थोड़ा जल्दी से मेरी प्यास को बुझा दो.

    मैंने उसको बोला कि ठीक है तुम्हे दर्द तो होगा, लेकिन खून नहीं आएगा. अब में उसके पैरों के बीच में आकर उसके दोनों पैरों को ऊपर करके उसकी छाती के पास तक ले जाकर मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया तभी वो मेरी तरफ देखकर मुस्करा रही थी.

    अब मैंने उसके कंधो को पकड़कर धीरे धीरे दबाव डालते हुए अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया. अभी मेरे लंड का उसकी चूत में टोपा ही गया था कि वो मुझसे कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ आईईईईई माँ मर गई प्लीज़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊईईईइ माँ में मर जाउंगी आप इसके ऊपर कुछ लगा लो, सूखा लंड अंदर जाने में दर्द हो रहा है प्लीज बाहर निकाल लो इसको.

    फिर मैंने वैसे ही रुककर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और अपने मुहं से थूक बाहर निकालकर मैंने अपने लंड पर लगा लिया उसके बाद मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर दोबारा लगाया और में उसको बोला कि तुम तुम्हारे दोनों हाथों से अपने कूल्हों को खोल लो.

    अब उसने जैसे मैंने उससे कहा था वैसा ही किया और मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर फिसलकर जा चुका था और तब मैंने रुककर उससे पूछा कि क्यों अब तो तुम्हे दर्द नहीं हो रहा है ना?

    तब वो कहने लगी कि नहीं उसके बाद में मैंने अपने लंड से उसकी चूत में धीरे धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए और थोड़ी देर के बाद उसकी चूत भी अब जोश में आकर गीली हो गई थी जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक बिना किसी रुकावट के जाने लगा था और वो भी अब बहुत खुश होकर अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मुझे अपनी चुदाई करवा रही थी और मैंने उससे बोला था कि तुम अपने मुँह से कोई भी आवाज नहीं निकलना, इसलिए वो अपने होंठो पर अपनी जीभ को घुमा घुमाकर मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और करीब 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में पकड़कर कस लिया और में तुरंत समझ गया कि उसकी चूत ने दोबारा पानी छोड़ दिया है, लेकिन में अभी भी धक्के लगा रहा था और मेरा लंड हर एक धक्के से उसकी चूत के पूरे अंदर तक जा रहा था.

    में तो उस मज़े में पागल हो रहा था पूरे 45 मिनट तक उसको लगातार धक्के देकर चोदने के बाद मेरे लंड का पानी निकल गया, जिसको मैंने जस्सी की चूत में अंदर तक जाने दिया था.

    दोस्तों जस्सी उस चुदाई में करीब चार बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी. फिर में उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो जस्सी ने मुझसे कहा कि भाई मैंने अपनी चूत की चुदाई तो पहले भी बहुत बार करवाई है, लेकिन जितना मज़ा आज मुझे आपने चुदाई का दिया शायद वो मुझे दोबारा जिंदगी में भी ना मिले. आपने मुझे वो पूरा मज़ा दिया जिसके लिए मैंने आपसे अपनी चूत को चुदवाया है और आप बहुत अच्छी चुदाई करते हो, वाह मज़ा आ गया. फिर दोस्तों जस्सी हमारे घर पर पूरे दो सप्ताह तक रही और हम दोनों हर रोज रात को टीवी पर फिल्म देखने के बहाने एक साथ सोते और घरवालों के सो जाने के बाद चुदाई करते बहुत मज़े लिया करते.