गर्लफ़्रेंड की फ्रेंड को बुला कर चोदा

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अभिषेक है, और मैं कानपुर का रहनें वाला हूँ| मेरे घर वालों की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण मेने अपना कॉलेज हमेशा के लिए छोड़ दिया था, और यही कानपुर में जॉब करना स्टार्ट कर दिया था| काफी मुश्किलों के बाद मुझे मेरे ही ऑफ़िस में काम करने वाली एक लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी, और देखते ही देखते पता ही नहीं चला की कब हम एक दूसरे से सच्चा प्यार करने लग गए|



मेरी गर्लफ़्रेंड सुहानी की एक फ्रेंड थी, जिसका नाम सुनीता था| सुनीता, सुहानी की काफी अच्छी फ्रेंड हुआ करती थी, इसलिये हम दोनों कभी-कभी एक दूसरे से बात किया करते थे|

मेरी गर्लफ़्रेंड की फ़्रेंड उससे काफी जला करती थी, वो अक्सर फ़ोन पर मेरी गर्लफ्रैंड की बुराई किया करती थी| लेकिन मैं इस बात पर ध्यान नहीं दिया करता था|मेरी गर्लफ्रैंड की फ़्रेंड सुनीता और मैं अक्सर एक दूसरे से बात चीत किया करते थे, और क्योंकि सुनीता का कोई ब्वॉयफ़्रेंड नहीं था इसलिये वो मुझसे कुछ भी खुल्लम-खुल्ला बोल देती थी|

सुनीता अक्सर मेरे और सुहानी के बीच क्या हुआ, ये सब मुझसे पूछा करती थी| यहाँ तक की वह हमसे हमारी किस और सेक्स के बारे में भी पूछा करती थी| सुनीता और मेरे बीच ज्यादातर बातें हंसी -मज़ाक और सेक्स की ही होती थी| सुनीता अक्सर मुझसे ऐसे ही सवाल पूछा करती थी जैसे :- “तुम सुहानी को कहा-कहा पर टच करते हो, तुम्हारे बीच कुछ हुआ है, या नहीं? कुछ इसी प्रकार के सवाल अक्सर हुआ करते थे|

कुछ दिन बातों ही बातों ही बातों मैं सुनीता ने मेरे अंदर सुहानी को लेकर इतना जहर भर दिया की मैं सुहानी से नफरत करने लगा गया था| अक्सर सुहानी और मेरा झगडा हो जाया करता था और इसलिये एक दिन मेने सुहानी से ब्रेक अप कर लिया| सुहानी से ब्रेक अप होने के बाद में काफी उदास रहने लगा था| और इसी बीच मेरी सुनीता से काफी अच्छी बनने लगी थी, और हम दोनों एक दूसरे काफी ज्यादा बातें करने लगे थे| काफी दिन बीत गए और सुनीता और मेरे बीच नजदीकियां काफी ज्यादा बढ़ने लगी थी| एक दिन सुनीता ने खाने पर जाने का प्लान बनाया, और अपने घर वालों को झूट बोलकर मेरे साथ घुमने के लिए मेरे पास आ गयी| सुनीता का घर मेरे घर से करीब 20 किमी की दूरी पर था|

सुनीता लाल कलर की स्कर्ट और टॉप पहन कर मेरे साथ घूमने के लिए आई थी| पहले हम दोनों ने खाना खाया और इसी बहाने मेने कई बार सुनीता को टच किया और उस पर हाथ भी रख दिया, लेकिन उसे इस बात का बिलकुल भी बुरा नहीं लग रहा था| वह मेरी गर्लफ़्रेंड की तरह मुझसे काफी ज्यादा घुल मिल गयी थी| फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने फिल्म देखने का प्लान बनाया और एक मॉल में फिल्म देखने के लिए चले गए थे| हम दोनों फिल्म देखने में काफी ज्यादा व्यस्त थे, और इसी बीच मेने सुनीता के कंधे पर भी हाथ रख दिया था, जिसका उसने जरा सा भी बुरा नहीं माना था| कुछ देर बाद फिल्म में एक काफी ज्यादा रोमांटिक किसिंग सीन आता है, जिसे देखकर सुनीता मुझसे पूछ बैठी कि ”क्या तुम भी ऐसे ही सुनीता को किस किया करते थे??

नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं किया करता था – मैंने जवाब देते हुए कहा

फिर कैसे किया करते थे – सुनीता ने फिर से पूछा


हम ने थिएटर में बिलकुल कोने वाली सिट ले रखी थी, जहां पर कोई भी नहीं बैठा हुआ था| मेने सही मौका देख कर सुनीता के होंठ पर अपने होंठ रख दिए, और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लग गए थे| करीब 5 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को चुमते रहे, और फिर फिल्म खत्म हो जाने के बाद हम वहां से चले गए| वहीँ से कुछ दुरी पर मेरे एक दोस्त का फ्लेट था, मेने अपने दोस्त को पहले ही बता दिया था कि मैं वहां पर आ रहा हूँ| मेरे दोस्त का फ्लेट अक्सर खाली रहता था, इसलिये उसने मुझे पहले ही अपने फ्लेट की चाबी दे रखी थी|

कुछ देर बाद मैं सुनीता को लेकर अपने दोस्त के फ्लेट पर आ गया, जहां पर सुनीता और मैं एक दुसरे से हंसी-मज़ाक और बातचीत करने में लग गए| कुछ देर बाद बातों ही बातों में मैंने सुनीता के बूब्स पर हाथ रख दिया, वह एक दम से चौक गयी, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं कहा| फिर धीरे से मेने अपना दूसरा हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे किस करने लगा| किस करने के बाद सुनीता की आवाज़ भारी हो गयी, और उसकी साँसे तेज चलने लगी| मैं समझ गया था कि सुनीता गर्म हो चुकी है, और वो भी अब पूरी तरह से मजे लेने के मूड में है|

अब धीरे से मैंने सुनीता के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया, और सुनीता के मुंह से आह,आह,अम्म्म, ओह्ह्ह्ह की आवाजें आने लगी, और कुछ ही देर मे सुनीता भी उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँच गयी| सुनीता ने मुझे अचानक से बिस्तर पर धक्का दे दिया और फिर अपना टॉप उतार कर जमीन पर फेंक दिया| कुछ ही देर बाद सुनीता ने अपनी ब्रा भी उतार कर ज़मीन पर फेंक दि| मैं सुनीता के इतने बड़े बूब्स देख कर हैरान ही रह गया था, सच में उसका शरीर काफी ला जवाब था, और उसके शरीर की बनावट के तो क्या कहने, कोई भी इंसान उसे देखकर ही फ़िदा हो जाए| इतने बड़े बूब्स देखकर मुझसे जरा भी रहा नहीं गया और मैं अपने हाथों से उसके बूब्स को मसलते हुए उसे चूसना शुरू कर दिया|

सुनीता का शरीर काफी गौर था, और रेशमी भूरे रंग के बाल और सिर्फ काली पेंटी में वो काफी हॉट लग रही थी| हम दोनों एक दूसरे को भूखे भेडिये की तरह चुमते हुए बिस्तर पर लौट लगा रहे थे| कुछ देर बाद सुनीता ने मुझे लेटा कर मेरी अंडरवियर को उतार कर फेंक दिया, और मेरे 7 इंच के विशाल लंड को अपने मुंह के पूरा अन्दर लेकर चूसने लगी| उसे देख कर लग रहा था कि वो किसी के लंड को लेने के लिए काफी समय से भूखी थी, इसलिये वो मेरी गर्लफ़्रेंड से काफी जला करती थी| मैं भी इस भड़कते हुए शौले का पूरी तरह से फायदा उठाना चाहता था, इसलिये मेने सुनीता को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी पेंटी उतार कर फेंक दि, अब उसकी लाल चूत पर लगे उस बीज को मेने अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया था| सुनीता के मुंह से अब आवाज़ काफी तेज निकलने लगी थी, वह अपने बूब्स को मसलते हुए लगातार कह रही थी “ ओह्ह्ह्ह अभिषेक आह्ह्ह्ह चोद दो मुझे मैं काफी समय से भूखी हूँ””

कुछ देर बाद उसकी चुद में से सफेद पानी बाहर आ गया, जिसे देखकर अब मेरा लंड भी उफान पकड़ने लगा था| मेने अपने लंड को उसकी लाल शेव चुद में डालने के लिए सेट किया और एक ही बार मैं अपना लंड उसकी चुद मैं पूरी तरह से अन्दर उतार दिया| सुनीता के मुंह से चीख निकल गयी, वो कहने लगी आह्ह्हह्ह्ह्ह बाहर निकालो इसे प्लीज, लेकिन अब मैं भी कहा रुकने वाला था मैं अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चुद के अंदर बाहर करने लग गया था| कुछ देर बाद उसका दर्द बंद हो गया, और मैं लगातार ठप-ठप की आवाज़ के साथ उसे पेले जा रहा था| सुनीता अपने मुंह को छुपाते हुए मुस्कुराते हुए सेक्स का आनंद ले रही थी| कुछ देर बाद सुनीता भी मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे लंड को अपनी चुद में डालते हुए दंड बैठक लगाने लगी, मेरे भी मुंह से “ आह सुनीता तुम कितनी अच्छी हो, आह्ह्ह की आवाजें आने लगी थी| उस दिन सुनीता को पता नहीं क्या हो गया था, वो काफी लम्बे समय तक झड़ ही नहीं रही थी|



थोड़ी देर बाद मेने उसे लेटा कर मशीनरी अंदाज़ में उसे चोदना शुरू किया, और तब जाकर आह,आह की जोर की आवाज़ निकालते हुए सुनीता झड गयी| कुछ देर बाद मैं भी झड गया था और मेने अपना गर्म वीर्य सुनीता के मुंह में ही ढोल दिया था| सुनीता ने मेरे गर्म वीर्य को अपने गले में उतार लिया, और फिर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर 2 घंटे तक सोते रहे| फिर करीब 2 घंटे बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और रूम की अच्छे से सफाई की, और वहां से मेने सुनीता को उसके घर पर ही छोड़ दिया|

उस दिन के बाद से में सुहानी को बिलकुल भूल ही गया था, और मैं बस सुनीता से ही बात किया करता था| हम दोनों हर हफ्ते ऐसे ही घूमने का प्लान बनाया करते थे, और फिर मेरे दोस्त के फ्लेट पर आकर जम कर चुदाई किया करते थे| अब मुझे हमेशा सुनीता ही आगे से चुदाई के लिए फोन लगाया करती थी|

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