Category: पडोसी की चुदाई

  • सीमा भाभी के साथ सोने का मौका

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, लेकिन यह कुछ अलग है और यह तब की है जब में कुंवारा था और अपने एक दोस्त के साथ एक फ्लेट में किराए से रहता था. तभी हमारे नीचे वाले फ्लेट में एक फेमिली रहती थी और जिसमें काशिफ भाई उनकी बहुत सुंदर पत्नी और माता, पिता रहते थे.

    में उन दिनों MBA करता था और में उस वक़्त 24 साल का था. दोस्तों काशिफ भाई ने अपनी मर्जी से लड़की पसंद करके अपनी शादी की थी और उसकी पत्नी बहुत सुंदर थी, उनकी उम्र उस वक़्त 29 साल थी और काशिफ भाई की उम्र 27 साल थी. दोस्तों काशिफ भाई उसके हुस्न के दीवाने हो गए थे, इसलिए उन्होंने उससे शादी कर ली और काशिफ भाई की शादी को अभी एक महिना ही हुआ था. जब मैंने पहली बार भाभी को देखा तो पता नहीं मुझे कुछ अजीब सा आकर्षण भाभी में महसूस हुआ. वैसे वो मुझसे उम्र में बड़ी थी और में सिर्फ़ 24 साल का था और वो 29 साल की थी, लेकिन वो 29 साल की होकर भी किसी 18 साल वाली लड़की से कम नहीं थी, उनका फिगर दिल को ठंडक देने वाला था और जब वो फिटिंग के कपड़े पहनती तो बस हुस्न की परी लगती थी.

    फिर मैंने अपने मन को बहुत समझाया कि यह हमारे पड़ोसी और काशिफ भाई के घर की इज्जत है और मेरी भाभी भी है, लेकिन पता नहीं क्यों एक दिन मैंने भाभी को सपने में चोदते हुए देखा और बस उस रात के बाद में उस सपने को अब हक़ीक़त में बदलना चाहता था और अब में उन्हें यह बताने लगा कि में भी कोई कम स्मार्ट नहीं हूँ और में अपनी जवानी पर हूँ और ऊपर से में बॉडी बिल्डिंग भी करता हूँ और मुझे जब भी मौका मिलता था तो में बिल्कुल टाईट शर्ट पहनकर भाभी के सामने आता रहता था, जब भी वो कपड़े सुखाने बाहर निकलती थी तो में जानबूझ कर नीचे उतरता था, क्योंकि में यह चाहता था कि भाभी मेरा जिस्म देखकर कुछ सोचने पर मजबूर हो जाए.

    एक दिन की बात है कि काशिफ भाई कहीं पार्टी में जा रहे थे, वो सब तैयार होकर नीचे उतर रहे थे और जब सीमा भाभी तैयार होकर नीचे उतर रही थी तो में उनके बूब्स को देखता ही रह गया, क्योंकि उन्होंने फिटिंग की कमीज़ पहनी हुई थी और जिस पर बहुत सुंदर कढ़ाई हो रही थी, वो उस कमीज़ में बहुत सेक्सी लग रही थी और में उनके बूब्स को लगातार घूरता रहा.

    फिर सीमा भाभी ने एकदम से गौर किया और उन्होंने अपना दुपट्टा अपने बूब्स पर डाल दिया और अपने पति से बात करने लगी और इस तरह उन्होंने मुझे नज़र अंदाज कर दिया तो मुझे वो बहुत बुरा लगा, लेकिन में क्या कर सकता था, क्योंकि में तो उनके हुस्न का बिल्कुल दीवाना हो गया था? में अब कैसे भी उनकी चूत को देखना चाहता था और में उनको अपने दोस्त काशिफ भाई से भी ज्यादा प्यार देना चाहता था और उनके बूब्स को हाथों से छूना चाहता था. अब में अपने से बड़ी उम्र की उस औरत को चोदने पर तुला हुआ था, क्योंकि वो औरत नहीं थी बल्कि एक लड़की से भी ज्यादा सुंदर थी, एक कुँवारी लड़की का भी क्या फिगर होगा जो सीमा भाभी का फिगर था? उनकी आँखे नीली कलर की थी और उनकी हँसी करीना की तरह थी, उनके बूब्स 36 के थे और उनकी कमर 28 की थी और कूल्हे तो बस देखने के लायक थे. दोस्तों बस मेरी इच्छा थी कि में उनको चोद दूँ और उनके साथ सेक्स करूं, लेकिन यह मेरी बहुत गंदी सोच थी, क्योंकि वो मेरे दोस्त की बीवी थी और वो मुझसे उम्र में बड़ी भी थी, लेकिन में उसके फिगर का दीवाना हो चुका था.

    एक दिन काशिफ भाई को ऑफिस के किसी काम से कहीं बाहर जाना पड़ गया और उस दिन घर में उनके माता, पिता के अलावा कोई भी नहीं था और एक रात काशिफ भाई के पापा की तबियत अचानक बहुत ज्यादा खराब हो गई और फिर मेरे मोबाईल पर काशिफ भाई का फोन आया तो उन्होंने मुझे वो सब बता दिया और में जल्दी से उनके घर पर पहुंच गया और अब में उनके पापा को हॉस्पिटल लेकर चला गया, तब डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें हार्टअटेक हुआ था और अब ख़तरे की कोई बात नहीं है और डॉक्टर्स ने कहा कि कोई भी एक यहाँ पर रुक जाए बाक़ी सब घर चले जाए. फिर काशिफ भाई की मम्मी वहाँ पर रुक गई और उन्होंने मुझसे कहा कि आप सीमा के पास ही रुकना वरना यह घर पर अकेली रहेगी.

    फिर मैंने आंटी को कहा कि आप बिल्कुल भी फिक्र नहीं करे में सीमा भाभी को अपने साथ घर पर ले जाता हूँ, उसी समय काशिफ भाई का कॉल आया और भाभी ने उनको कहा कि अब पापा की तबियत ठीक है और आप आराम से आना और वो उस समय बाहर गए हुए थे और उसी रात को वापस निकलने वाले थे, लेकिन अगले दो दिन तक कोई फ्लाईट नहीं थी, इसलिए उन्हें मजबूरी में वहां पर रुकना पड़ा. फिर मैंने उनसे बात करके कहा कि काशिफ भाई अपना पूरा काम खत्म ही करके आए और यहाँ की कोई टेंशन नहीं ले, में यहाँ पर सब सम्भाल लूँगा और आप यहाँ के बारे में ज्यादा मत सोचो.

    फिर वो बहुत खुश होकर मुझे बहुत बहुत धन्यवाद देने लगे और फिर में सीमा भाभी को लेकर फ्लेट पर पहुंच गया. दोस्तों मुझे आंटी ने बताया था कि सीमा भाभी को अकेले सोने में बहुत डर लगता है, क्योंकि वो कभी अकेली नहीं रही और काशिफ भाई भी पहली बार ऑफिस के काम से कहीं बाहर गये थे, इसलिए वो कभी अकेली नहीं सोई थी तो मुझे उनके साथ सोने का मौका मिल गया और जब मैंने भाभी से पूछा कि क्या में भी आपके रूम में ही सो जाता हूँ? तो भाभी ने पहले तो मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन मैंने उनसे बहुत ज़िद की में भी आपक साथ सोऊंगा. फिर वो मान गई और अब में उनके रूम में चला गया.

    फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम बेड पर लेट जाओ तो में नीचे बिस्तर करके लेट जाउंगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है भाभी जैसी आपकी मर्ज़ी. उसके बाद मैंने उनके साथ बिस्तर लगवाने में मदद करने लगा, उन्होंने उस वक़्त दुपट्टा नहीं पहना हुआ था और उन्होंने नाईट ड्रेस पहनी हुई थी और जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी, मेरी नज़रे बार बार उनके बूब्स पर जम रही थी तो भाभी ने तुरंत इस बात पर गौर कर लिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब तुम्हें भी शादी कर लेनी चाहिए. फिर मैंने तुरंत कहा कि भाभी में शादी नहीं करूंगा तो भाभी ने मुझसे इसकी वजह पूछी कि क्यों तुम शादी क्यों नहीं करोगे? मैंने कहा कि अगर कोई लड़की मुझे आप जैसी सुंदर मिली तो में उससे शादी करूंगा वरना में कभी भी नहीं करूंगा. अब भाभी मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसते हुए बोली कि अच्छा में सुंदर हूँ और अब तुम्हें मेरी सुन्दरता का भी पता चल गया, हाँ क्यों ना हो तुम अब बहुत बड़े हो गए हो ना? और भाभी मुझसे मजाक कर रही थी, क्योंकि वो मुझे बहुत छोटा समझती थी, लेकिन मेरे दिल के जज़्बात से वो अभी तक नासमझ थी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी में अब बड़ा हो गया हूँ और में शादी आप जैसी कोई सुंदर लड़की से ही करूंगा, तब भाभी ने तुरंत मुझसे पूछ लिया कि तुम्हें मुझमें ऐसा क्या सुंदर नज़र आ गया है? फिर मैंने कहा कि कसम से सीमा भाभी आप बहुत सुंदर हो और में आपसे बहुत प्यार करता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, शायद यह सब आपको पता नहीं है, लेकिन में आपकी सुन्दरता का बहुत बड़ा दीवाना हूँ. दोस्तों मैंने जैसे ही अपने मन की सच्ची बात को उनको आज पहली बार बताया तो भाभी वो सब मेरे मुहं से सुनकर एकदम से चकित रह गई और अब उन्हें मुझ पर थोड़ा थोड़ा शक होने लगा कि में सही में उन्हें मन ही मन चाहने लगा हूँ.

    फिर उन्होंने तुरंत मुझसे बच्चो वाला व्यहवार किया और वो मुझसे बोली कि अच्छा अब सो जाओ ज़्यादा बातें मत बनाओ और अभी तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, सुबह तुम्हें युनिवर्सिटी जाना है या नहीं, ठीक है अब सो जावो? भाभी ने अब कमरे की लाईट को बंद कर दिया और में सोने के लिये लेट गया, लेकिन मैंने सोते सोते भाभी से कह दिया कि भाभी आप बहुत सुंदर हो, क्योंकि में चाह रहा था कि कुछ ऐसी बात बन जाए कि आज की रात ही में भाभी का पूरा जिस्म कपड़ो के बिना देख सकता और में आज की रात ही उन्हें छू सकता, अपने दिल की भड़ास निकाल सकता और इसलिए में कोई ना कोई अच्छा मौका तलाश कर रहा था कि काश कोई अच्छा मौका मेरे हाथ लग जाए और में एक हसीन, सुंदर, सेक्सी लड़की को जो कि इस वक़्त मेरे दोस्त की पत्नी है और मेरे पास लेटी हुई है इसको आज किसी भी तरह चोद दूँ और अपनी भाभी के बूब्स को चूम लूँ, लेकिन भाभी ने मुझसे यह बात कहकर अपनी करवट बदल ली कि अब सो जाओ तुम्हें सुबह यूनिवर्सिटी जाना है.

    फिर जब सुबह हुई तो मैंने देखा कि सीमा मुझसे पहले उठ चुकी थी और जब मेरी आँख खुली तो मैंने अपना मोबाईल उठाकर देखा जिसमें आज क्लास नहीं लगने का एक मैसेज आया हुआ था और मुझे बहुत खुशी हुई और जब मैंने वो मैसेज देखा तब तक सुबह के 10:30 बज चुके थे. फिर भाभी की नज़र मुझ पर पड़ी तो उन्होंने एक शरारती स्माइल देते हुए मुझसे पूछा कि क्यों आपकी क्लास कब है? तो मैंने कहा कि वो आज किसी वजह से रद्द हो गई है.

    फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों हॉस्पिटल आंटी और अंकल के लिए कुछ लेकर जाना पड़ेगा ना? तो सीमा ने कहा कि नहीं, आंटी ने सुबह फोन करके बताया है कि हॉस्पिटल में सब कुछ मिल जाता है जब तक डिसचार्ज ना करे आप घर पर ही रहे और अब मुझे इस बात का डर था कि कहीं भाभी काशिफ भाई से वो सभी बातें (जो कल रात को मैंने भाभी से कही थी) ना बोल दे, लेकिन अभी तक मामला बिल्कुल ठीक ठाक चल रहा था और वो जब भी मुझसे बात करती तो में उनकी आखों में देखकर बातें किया करता था और अब में अपने फ़ैसले पर अड़ गया था और में रोज़ाना भाभी को सपनों में चोदता था, इससे मुझे रोज़ अच्छा लगता था.

    अब में जल्द से जल्द सीमा भाभी को चोदना चाह रहा था और अब तक हॉस्पिटल से अंकल को भी डिसचार्ज कर चुके थे और काशिफ भाई भी वापस आ चुके थे और उसके कुछ दिनों के बाद मुझे पता चला कि अंकल और आंटी को एक शादी में शामिल होने के लिए एक सप्ताह के लिए जाना था तो काशिफ भाई के माता, पिता एक दिन चले गये और दूसरे दिन काशिफ भाई को दोबारा किसी जरूरी काम से चार-पांच दिन के लिए बाहर जाने के लिए कहा गया तो उन्होंने अपने ऑफिस वालों को बहुत कहा कि में अपनी पत्नी को भी अपने साथ ले जाना चाहता हूँ, लेकिन वो एक ऑफिशियल टूर था जिस पर उनको दिन रात काम करना था. तो मेरी जब काशिफ भाई के साथ मुलाक़ात हुई तो उन्होंने वो सब कुछ बताया और वो अब यह सोचकर बहुत दुखी थे कि वो अब क्या करें? फिर मैंने उनसे कहा कि काशिफ भाई आप बिना चिंता के चले जाए और मैंने इससे पहले भी सीमा भाभी का बहुत ख्याल रखा था और अब भी में उनकी पूरी देख रेख करूंगा और पूरा पूरा ख्याल रखूंगा. फिर उन्होंने मुझे बहुत बहुत धन्यवाद कहा और मुझसे अपने घर के साथ साथ भाभी का भी ख्याल रखने के लिए कहा और मैंने उनसे हाँ कहा.

    फिर वो उसी दिन दोपहर को निकल गये और में मन ही मन बहुत खुश होता हुआ अपनी किताब लेकर सीमा भाभी के रूम पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर भाभी के दरवाजे को खटखटाया तो भाभी ने दरवाज़ा खोल दिया. अब मैंने उनसे कहा कि भाभी घर पर कोई नहीं है, क्या में आपके रूम पर अपनी पढ़ाई कर लूँ? तो उन्होंने तुरंत कहा कि हाँ आ जाओ अंदर और इस तरह में भाभी के रूम में दाखिल हो गया, उस वक़्त भाभी ने दुपट्टा नहीं पहना हुआ था जिसकी वजह से उनकी काली कलर की ब्रा उनकी नीली कलर की कमीज़ में से साफ साफ झलक रही थी. में भाभी के पास ही बेड पर बैठ गया और फिर अपनी पढ़ाई करने का झूठा नाटक करने लगा.

    फिर भाभी एक कोई किताब लेकर उसे पढ़ने लगी और में पढ़ाई में लगा रहा, लेकिन मेरी पढ़ाई तो सिर्फ उनको देखना था और में उनको मौका पाकर बार बार देखे जा रहा था कि तभी अचानक से भाभी ने मुझसे कहा कि तुम इस तरह से मुझे हर बार क्यों देख रहे हो?

    तो में उनकी यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया और मैंने उनसे कहा कि कुछ नहीं में तो बस ऐसे ही देख रहा था और फिर मैंने उनसे इतना कहकर अपना मुहं नीचे झुका लिया और मैंने देखा कि भाभी के चेहरे पर एक स्माइल आई हुई थी जिसको देखकर में मन ही मन थोड़ा खुश हो गया और उसके बाद मैंने हिम्मत करके भाभी से कहा कि भाभी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो, तभी तो में अपनी नज़रे आपके ऊपर से हटा नहीं पा रहा था.

    अब भाभी हंसते हुए मेरी तरफ अपना मुहं करके उल्टा लेट गई और अब उन्होंने मुझसे पूछा कि बताओ तुम्हे में कैसे सेक्सी लग रही हूँ? दोस्तों भाभी के बूब्स झुकने की वजह से मुझे साफ साफ नज़र आ रहे थे और भाभी ने मेरी इस खा जाने वाली नजर पर गौर किया और बहुत प्यार से मेरे गाल को छूते हुए मुझसे कहा कि लगता है आप अब बहुत बड़े हो गये है और आपको क्या क्या पता है हमें भी तो पता चले? फिर मैंने अब थोड़ी हिम्मत करते हुये उनसे कहा कि आप मुझे एक बार मौका तो दो, फिर भाभी मुझसे बोली कि लगता है आज मुझे ही शुरू करना पड़ेगा और उन्होंने मुझे एक रोमॅंटिक और बहुत गहरा लिप किस किया और फिर मुझसे कहा कि अब बताएगें आप या नहीं.

    फिर बस में सीमा भाभी से लिपट गया और उन्हें लगातार किस करने लगा, एक दीवाने मजनू और प्यासे आशिक़ की तरह उनको किस करता गया और उनके बूब्स को भी दबाता गया और अब फ्रेंच किस करते करते बूब्स दबाते दबाते हमें पता नहीं चला कि कैसे हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और हम किस करने में पूरी तरह से मदहोश हो गए थे और जब मेरी ऊँगली भाभी की चूत तक पहुंची तो भाभी सिसकियाँ भरने लगी और आहिस्ता आहिस्ता लिप किस के बाद गाल, कंधे, कान, बूब्स और पेट तक जा पहुंचा और अब में चूत के बिल्कुल करीब था.

    फिर जब मैंने भाभी की चूत के उस गुलाबी दाने पर जैसे ही किस किया तो भाभी अपने पूरे होश गवां बैठी और वो मेरे बाल ज़ोर ज़ोर से नोचने लगी, में और ज़ोर ज़ोर से उनके दाने को चूसता गया और भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और चिल्लाने लगी उफफफफफ्फ़ आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह माँ आईईईइ मार दिया तुमने मुझे इतना मज़ा उफफफफफ्फ़ और ज़ोर से प्लीज़ स्स्सीईईईईइ और ज़ोर से चूसो तुम आज अपनी सारी हदे पार कर जाओ, मुझे जितना मज़ा दे सकते हो देते जाओ, आज यहाँ पर हमारे अलावा कोई नहीं है, तुम मुझमें समा जाओ आईईईई आआआहहउूुउउंम् में अब झड़ने वाली हूँ उह्ह्ह्ह मेरा जूस अब निकलने वाला है.

    दोस्तों भाभी अब और भी बेक़ाबू हो गई और उन्होंने एकदम ज़ोर से प्रेशर से अपना पूरा जूस बाहर निकाल दिया जिसको में पी गया, वो क्या मजेदार था? फिर भाभी ने कुछ देर बाद मुझसे कहा कि अब मेरी बारी है में आज तुम्हारे इस छोटू उस्ताद को जरुर सबक सिख़ाऊगी जो तुम्हे मेरे लिए इतना तंग करता है और फिर भाभी ने तुरंत मेरा 6.5 इंच का लंड पकड़कर चूसना शुरू कर दिया उफफफ्फ़ में तो उसकी वजह से बिल्कुल पागल हो रहा था और भाभी मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई अनुभवी रंडी के हाथ बहुत दिनों बाद मेरा लंड लगा हो. वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे भाभी आईस्क्रीम चाट रही है और वो बस लगातार चूसती गई चूसती गई.

    फिर कुछ देर बाद वो अपने मुहं में लंड लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी जिसकी वजह से में भाभी के मुहं में झड़ गया वो मेरा वीर्य चूसने, चाटने लगी और अब भाभी मेरे जिस्म पर किस करते और अपनी जीभ को मेरे जिस्म पर फेरते हुए मेरे होंठो पर आ पहुंची और हम एक बार फिर से ज़ोरदार फ्रेंच किस करने लगे और अब भाभी की चूत मेरे लंड से बिल्कुल चिपकी हुई थी और भाभी अब आहिस्ता आहिस्ता अपने कूल्हों को हिला रही थी जिसकी वजह से कुछ देर बाद मेरे लंड में एक बार फिर से जोश आना शुरू हो गया और मेरा लंड अब कड़क हो चुका था. में अब भाभी को पकड़ कर बेड पर लेट कर उसके ऊपर आ गया और मैंने दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर भाभी की चूत में अपना लंड डालना शुरू किया और फिर भाभी की सिसकियाँ सस्स्सस्स आहहहह ऊऊऊहह उूउउम्म्म्म.

    फिर मैंने अचानक एकदम से धक्का लगाया तो भाभी की चीख निकल गई प्लीज थोड़ा आराम से आअहह उूुउउम्म्म्मम हाँ आज तुम अपनी भड़ास निकाल दो, तुम आज मुझे दिखाओ कि तुम कितना अपनी भाभी को चाहते हो? मैंने अपने धक्के शुरू किए, जिसकी वजह से हमारे जिस्म आहिस्ता आहिस्ता टकरा रहे थे और उसकी वजह से ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी, भाभी की सिसकियाँ मुझे और भी दीवाना और मस्ताना कर रही थी और मैंने अपने धक्कों की स्पीड को तेज़ किया और भाभी को चोदता गया और फिर कुछ देर बाद उनको अपनी गोद में उठाकर मैंने अपनी पोज़िशन को चेंज कर लिया और अब में अपने पैरों को घुमाकर भाभी के ऊपर बैठकर उनके बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और अब मैंने महसूस किया कि भाभी झड़ चुकी थी.

    फिर मेरा लंड भी झड़ने का इंतजार करने लगा था और में भाभी को होंठो पर, कान पर और छाती पर किस करते हुए अगले मिनट में झड़ने वाला था. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम मुझे अब लेटा दो और आज मुझे अपने होने वाले बच्चे की माँ बना दो और बस भाभी का यह कहना था और मुझे अजीब एक अजीब सा अहसास आ रहा था जिसको में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता और उसी वक़्त मेरे लंड से एक ज़ोरदार पिचकारी निकलना शुरू हो गई और में अपने झटके लगातार लगाता रहा और उसी वक़्त एक बार फिर से भाभी भी झड़ गई और में उनकी चूत को अपनी ऊँगली से सहलाने लगा और फिर में करीब पांच मिनट तक भाभी के ऊपर लेट गया और आहिस्ता आहिस्ता किस करता रहा.

    फिर कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे धन्यवाद कहा और उन्होंने कहा कि तुम्हारी वजह से मेरी आज की रात बहुत हसीन हो गई है और तुमने मुझे चोदकर बहुत मज़े दिए है, में आज से बस तुम्हारी हूँ. दोस्तों भाभी का में अब और भी दीवाना हो गया था और उसके बूब्स को में ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा. फिर भाभी ने मुझे थोड़ा इंतजार करने को कहा और इतने में भाभी एक बड़ा ग्लास लेकर आई जो दूध और ड्राईफ्रूट के साथ पूरा भरा हुआ था. बस उसको पीते ही मुझमें और भी जोश आ गया और उसके बाद मैंने भाभी को एक बार फिर से चोदना शुरू किया. मेरी चुदाई से भाभी अब पूरी तरह संतुष्ट थी और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उस रात को करीब उनको तीन बार और चोदा.

  • Ek Teacher ko uske ghar me choda

    Hi mera naam kabir agrawal he. Mai apni nayi story ke sath fir se aapki khidmat me hajir hu. Ye kahani tab ki he jab mai bharuch gujrat me mobile distributor ke waha salesman ki job karta tha. Mujhe bharuch aur uske aajubaju ke sab area ke mobile shop pe jake order lana hota tha. Mera pura kaam field work hi tha. Pura din bike pe bahar ghumna rehta tha. Mai daily alag alag area me jata tha. Monday , Wednesday aur Friday mai jin areas me jata tha woh sab city ke bahar side the to jate wakt me daily waha ek jagah nasta karta tha.


       Wahi bajhu me hi ek badi kirana aur general store type shop thi. Ek baar mai waha nasta kar raha tha to ek lady aayi kirana store me. Black saree pehni thi. Mai to dekhta hi reh gaya kya Mast lag rahi thi. Lambi kadkathi aur sharir bhi bhara hua. Aur gori bhi bahot thi. Nennaksh bhi kamal ke the. Matlab total package tha Perfect lady figure with beautiful face ka. Jab tak woh wapis na gayi mai wahi khada raha aur use jate huye dekhta raha. Ab mai  daily usi time pe waha jata aur woh week me 1 – 2 baar to mujhe dikhti. Maine notice kiya ke jis taraf woh rehti he woh area sunsan si side he. To kabhi woh auto me jati aur kabhi auto nahi milti to chalke jati. Ek baar maine uske auto ka pichha kiya to pata chala ke jis jagah woh rehti he. Waha nayi society bani he. 10 building ki society thi. Abhi itni jyada tar flat khali the abhi bhi. Jab woh aati jati to kabhi kabar humari nazar milti to mai  smile kar deta lekin uska koi reaction nahi hota tha.


    Ab maine soch liya tha ke kaise b kar ke us se baat karni hi he. Maine plan banaya ke jab woh chalke jayegi use kabhi lift ke liye puchh lunga.


    Aur nashib ne b ek din sath diya. Maine dekha ke woh waha khadi thi aur auto ki wait kar rahi thi kaafi der tak koi auto nahi aaya to chalke jane lagi. Aaj akeli bhi thi to achcha mauka tha kabhi kabhi koi na koi sath hota tha but aaj akeli thi. Thoda aage chali aur halki halki baris chalu ho gayi. Waha ek jhad ke niche khadi ho gayi lekin woh jhad itna ghana nahi tha ke jyada pani rok sake. Maine dekha aur socha ye best mauka he baat karne ka. Maine bike start ki aur mai b us jhad ke paas jake khada ho gaya. Thodi der baris nahi ruki to maine us lady se puchh liya ke aapko chhod deta hu aage tak mai bhi usi taraf ja raha hu. Pehle to usne mana kiya lekin fir shayad use late ho raha tha to woh maan gayi. Woh mere pichhe baith gayi aur hum unke ghar ki taraf chal diye. Unki society ke Gate ke paas unko utar diya. Usne Jate jate bas thank you kaha.


    Mai man me sochta hi reh gaya ke itna achcha mauka tha lekin kuch keh nahi paya. Naam b nahi puchha. Next week fir se woh chalke ja rahi thi to maine pichhe se jake lift offer ki isbar usne bina kuch kahe baith gayi.
    Maine himmat kar ke uska naam puchha. Usne bataya ke uska naam meena he.
    Mai = Nice name. Aap kya karti ho.?
    Meena= mai housewife hu aur teacher bhi hu.
    Mai= ohhh nice. L
    Meena = thank you, waise aap kya karte ho mujhe lift dene ke alava.?
    Unki ye baat sun ke hum dono has diye.
    Mai = mai salesman hu mobile distributor ke paas.
    Meena= wah. Nice.
    Mai=thank you.


    Itne me unki society aa gayi. Bike se utar ke unhone kaha ke aapne itni help ki he chay pi ke jayiye. Maine b pehle aise mana kiya fir maan gaya.


    Unki building last me thi. Us taraf se bhi gate tha society me aane ka. Unka flat sabse upar wale male pe tha. Lift thi. Building me lekin parking  khali tha 2 – 3 two wheel vehicles pade the. Unke floor pe bhi 4 flat the. Unhone bataya ke baki ke teeno khali he bikne baki he. Jab ghar me gaye to waha unke 2 bete the 1 koi 5 saal ka hoga aur dusra 8-10.
    Unhone hall me bithaya. Unke bachche wahi baithe school bag bhar rahe the. Thodi der me woh chay leke aayi. Tab tak unke dono bete school ke liye nikal chuke the. Woh dono bus se jate the. Bus gate tak lene aati thi.
    Chay pi ke mai jane laga to meena boli ke mai b aati hu school tak wapis lift de dijiye.
    Ye sun ke mai bahot khush ho gaya.


    5 minute me hum fir se bike pe the. Is bar meena mujhse thoda Cheepak ke bethi thi. Is wajah se unke mulayam boobs mere pith pe lag rahe the. Mera to baburao Khada ho gaya.
    Meena= kya soch rahe ho?
    Mai = yahi ki itni khubsurat lady mere pichhe bethi he.
    Meena= ohh.. thank you. But mai kaha itni khubsurat hu. Mere to 2 bachche he.
    Mai= but aap unki maa nahi lagti. Aap to college student lagti ho. Sach kahu to jab 2 mahine pehle aapko pehli baar dekha tha tab se aapse baat karne ki man kar raha tha aur aaj aap sakshat meri bike ke pichhe bethi ho. Ye soch ke hi mai to pagal ho raha hu.


    Meena= achcha ji. Matlab 2 mahine se mera  pichha kiya ja raha he.
    Mai = pichha to nahi lekin aapka deedar jarur kiya ja raha tha 2 mahine se.
    Meena = tabhi aap mujhe ghoor ghoor ke dekhte the.
    Mai = Ha, meena ji aap bahot khubsurat ho. Aapke jitni khubsurat lady maine aaj tak nahi dekhi. Kya aap mujhse dosti karogi?
    Meena = wah ji seedha dosti ka prastav? Waise agar dosti na karni hoti to wapis aate time aapko nahi bolti ke mujhe school tak chhod dijiye. Mai b aapse dosti karna chahti hu. Mujhe b aap bahot pasand ho.
    Mai= ohhh my god. Sach me. Aaj to meri life ka sabse best day he. Is din ko mai kabhi nahi bhulunga.
    Itne me unki school aa gayi. Unhone jate time mera number le liya. Aur jate jate itne pyar se smile kar ke bye bola ke mai to wahi gir jata agar khud ko na sambhalta.


    Ab daily humare bich phone pe bate hoti aur kabhi kabhi unhe ghar tak aur school tak drop kar deta tha.
    Ab dosti pyar me badal gayi thi. Bas ab is pyar ko   jismo ke bandhan me bandhne li deri thi. Lekin mauka hi nahi milta tha. Unki job sarkari school me thi aur unke aur unke bachcho ke school ka aane jane ka time b ek tha to mauka nahi mil raha tha akele me milne ka. Bas akele me milte to woh bike ki sawari hoti thi. Ab to mera man meena ji sawari karna ka kar raha tha. Itne me ek din meri dua kabool huyi.
    Meena ka phone aaya ke next week bachche 2 din school SW picnic ke liye ja rahe he. Aur unke husband bhi kaam ke silsile me dusri city me hone 10 dino ke liye to unke ghar milne ka plan banaya.
    Next week mai sajhdhajh ke meri daily ki jagah jake baitha. Jaha daily nasta karta hu. Utne me meena ka call aaya
    Meena = Hello kabir kaha ho?


    Mai= wahi Haha roj hota hu.
    Meena =ok. To aa jao lekin pichhe wale raste se aana aur sidhe mere flat me aana. Koi dekhe to kisi aur floor pe utar jana. But kisiko pata na chale aishe aana.
    Mai= ok meri jaan.
    Maine condom ke 2 packet lite aur meena ke flat pe pahoch gaya. Usne darwaja khulla hi rakha tha mai sidhe andar chala gaya. Usne darwaja band kiya.
    Fir hum dono baithe to meena puchhi kya piyoge.
    Mai=  juice 3 tarah ke.
    Meena= matlab mai nahi samjhi. ?
    Mai= janeman pehla juice tumhare in rasile hotho ka, dusra tumhara in 2 badi badi dairy ke dhoodh.
    Meena = aur tisra?


    Mai = tisra jo tumhari in 2 tango ke bich ki darar he waha se niklega uska.
    Meena = Achcha bachchu bahot shararati ho gaye ho. Lekin ye sari khwahis to filhal puri nahi ho sakti. Pehla aur tisra juice to mil sakta he lekin dusra nahi ho sakta.
    Mai =kyu ?
    Meena =kyu ki woh pregnant hone ke baad hota he. Aur mai jab last time pregnant huyi thi us baat ko 5-6 saal ho gaye he.
    Mai =koi baat nahi to fir se dhoodh bhar dete he in dhoodh ki dairy me.
    Itna bolke hi maine meena ke dono boobs ko kapdo ke upar se hi daba diya. Meena b taiyar thi mera sir pakad ke apne hoth mere hoth pe rakh diye aur jorjor se chusne lagi. Aisha lag raha tha ke jaise ke mere hoth hi kha jayegi. Mai b kaha pichhe rehne wala tha mai b reply me usi tarah meena ke hoth pe toot pada. Dono taraf se jaise hoth chusayi ka competition chal raha ho. Kya mast rasile hoth the bahot majha aa raha tha uske hoth chusayi me. Humari ye hoth chusayi bahot lambi chali. Karib 20-30 minute tak to yahi chala fir hum wahi sofe pe baith gaye. Dono ekdusre ki taraf dekh me muskurane lage.
    Meena = Lo jee tumhari ek juice pineki tamanna to puri ho gayi.
    Mai = To ab tisri ke dwara dusri ka bhi rasta kholte he.
    Meena = achcha ji.


    Mai = Ha, agar tum chaho to. Waise tum itna passionately kiss kar rahi thi kya barso baad kiya he kya.?
    Meena = Nahi aishi baat nahi he. Mere husband kiss karte he lekin unke hoth tumhare jaise rasile nahi he aur woh jyada lambi kissing nahi karte.
    Mai = ohhh. To baki ka program to achche se karte he na?
    Meena = Ha usme koi taklif nahi he. Woh puri tarah mujhe santusth karte he.
    Mai = To mujh pe meharbani ki koi wajah ?
    Meena = Aisha nahi he ki mai bahot badi chudakkad hu jo har kisi ke sath sex kar lu ya mere husband meri ichcha puri nahi karte he. Meri sex life bahot achchi chal rahi he koi problem nahi he. Ha unke bahar rehte miss jarur karti hu lekin jab hote he to sari kami puri kar dete he. Lekin tumhe dekh ke man hua ke tumhare sath  rista banane me koi problem nahi he. Tumhe dekh ke tumpe dil aa gaya tha. Tum mere husband ke baad pehle insan ho jo aaj meri chudai karoge.
    Mai =ohhh. Thank you janeman. I love you.
    Meena =love you 2


    Mai = To ab aage ka program start kare?
    Meena =Ab to 2 din he humare paas itni jald bajhi ki kya jarurat he.
    Mai = Kyu ki ab mujhe ruka nabi jata tumhe pyar karne se.
    Itna bolte hi maine fir se meena ko apni baho me le liye aur uske gardan,  hoth, chehre sab jagah kiss karne laga. Meena b madhosh hone lagi. Usne mere shirt ke button khol ke aurat diya. Aur meri chhati ko chumne lagi. Mai b madhosh hone laga maine meena ko bola ab rukna nahi he he. Aur use Utha ke uski saree khol di. Peticot aur blouse me kisi bhi heroine ko mamuli sabit kar de itni kamuk lag rahi thi. Maine uske blouse ko bhi nikal diya. Niche yellow bra pehni thi kya mast lag rahe the uske boobs yellow bra me . Aisha lag raha tha ke abhi toot ke bahar aa jayenge. Maine kaha in 2 dairy ko bharna he jaanu. Itna bol ke uske bra ko hata ke uske gore gore 2 boobs pe toot pada. Kya mast boobs the kabhi isko chusta to kabhi usko . Bari bari dono boobs chus raha tha. Uske nipples bhi ekdum gulabi the. Aishe nipples maine pehli baar dekhe the. Mai to unke boobs pe se hoth hata hi nahi raha tha. Meena b madhosh ho rahi thi. Uski aankhe band ho rahi thi aur muh se siskariya nikal rahi thi. Ab maine achanak apna hath niche le gaya aur ek hi jhatke me peticot ka nada khol diya. Niche dekha to andar chaddi nahi pehni thi. Uski chut bhi uske nipples ki tarah gulabi thi. Ekdum clean chut thi.  Maine puchha ke kisi school girl ki tarah itni clean n clear chut kaise he. To meena boli chut ke baal to aaj hi saaf kiye he. Aur daily chut pe cream vagairah lagake use chehre ke jaise hi saaf gori aur chamakdar rakhne ki koshish karti hu. Mai to uski chut dekh me pagal ho gaya. Sidha niche bethe ki uski chut pe apni jheebh rakh di. Aur suru ho gayi chut chatayi. Aah pehli bar kisi shadi Suda woh  b 2 bachcho ki maa ki chut chatayi me itna majha aa raha tha. Meena to pagal ho ja rahi thi. Usse control nahi ho raha tha woh wahi sofe pe gir gayi. Mai use wahi lita ke uski chut chatayi karne laga. Bahot majha aa raha tha. Aisha lag raha tha jaise koi Malayidar chij chaat raha hu. Meena meri chut chatayi se bilkul pagal ho gayi thi. Uski aankhe khul hi nahi rahi thi. Aankhe band kar ke siskariya liye ja rahi thi aur chut chatayi ka majha le rahi thi. Bahot der chut chatayi chali us darmiyan 2 baar meena ki chut ne pani chhoda. Mujhe waise to pasand nahi lekin isbar woh b chat gaya. Aishe hi chut chusayi se meena se raha nahi gaya. Woh boli “kabir ab apna lund daal do is me please “


    Mai =Lekin mere lund ki chusayi to abhi baki he.
    Meena= 2 din hum akele hi he woh me baad me b kar lungi . Please ab daal do na apna lund meri chut me.
    Mujhse b meena ki tadap dekhi nahi gayi. Maine b khade hoke apna pent aur underwear utar ke wahi fek diya. Mera lund to aazad hoke 90 degree me aa gaya tha. Mai apne beg ko dhundne laga.
    To meena boli =kya kar rahe ho?
    Mai =beg dhund raha hu. Usme condom he.
    Meena = arey bina condom ke hi chodo.
    Mai = Bachcha ho gaya to?
    Meena= To tumhari dhoodh pine ki tamanna b puri go jayegi. Aur mujhe koi problem nahi he agar bachcha hua to. Ab ye sab chhodo aur andar dalo.


    Itna bolte hi usne hi mujhe pakad ke apne upar which liya . Aur mere lund ko pakad ke chut ke darwaje pe rakh ke boli ab ghusa do ise andar. Maine b jor se jhatka mara. Waise  chut chatayi se chut puri gili ho gayi thi to ek hi jhatke me mera pura lund andar ghus gaya. Waise to chudi chudayi chut thi lekin fir b aishe jhatke ke use dard hua aur uski cheekh nikal gayi. Lekin woh kuch nahi boli.
    Ab mai dhakke lagane laga. Woh b niche se pura sath de rahi thi. Us bade se hall me hum dono ki aawaj gunj rahi thi. Aah…  ohhhh. .. come on baby. … aaahhhuhhhh aishi aawajhe bar bar meena nikal rahi thi. Mai b jhatke marta to meri b aawajh Nikal rahi thi. Humari chudayi ghamasan chal rahi thi. Uski chut bhale hi 2 bachche deliver kar chuki ho lekin usne jis tarah se use maintain kiya tha to bahot kasavdar thi. Mera lund barabar usme fit betha tha to chudai ka bahot majha aa raha tha. Meena ab niche se gaand Utha Utha ke sath de rahi th. Chudai bahot lambi chali. Ab mera nikalne wala tha. Meena ko puchha kaha nikalu ?


    Meena =Chut me hi nikalo. Bhar do ise puri tarah.
    Uske bolne ke sath hi mere lund ne viry ko bahar fekna chalu kiya. Usi ke sath mere lund ne pura viry uski chut me khali kar diya. Pehli baar itna viry nikla tha. Shayad ye kamal chut ke sath ka tha. Thodi der mai uske upar baho me pada raha fir apna lund bahar nikala. Pura viry se geela Lund tha. Usne apna blouse diya aur saaf karne ko bola. Maine uske blouse se apna lund saaf kiya. Fir meena ki chut ki aur dekha to mera viry thoda thoda bahar nikal raha tha. Fir maine uski chut ko b saaf kiya. Aur meena ki aur dekha. Woh bahot khush aur santusth dikh rahi thi.
    Usne bola ” kabir, kiwi paraye mard se chodna apne pati se bewafayi karna bekar nahi gaya. Bahot majha aaya isme. Mai aaj b apne pati ko bahot pyar karti hu lekin meri ek tamanna thi ke sirf ek bar kisi paraye mard se chudai karvau. Lekin ab tum puri life jab chaho mujhe chod sakte ho. Ab se mai tumhari b utni hi hu jitni mere pati ki.”
    Itna bol ke usne mujhe gale laga liya. Maine b uske Mathe ko chum ke use kaha ke tumse jyada majha aaj tak mujhe kisine nahi diya he. Love you meena so much.
    Meena = Ab baate chhodo khana kha lete he. Bahot bhukh lagi he. Waise b maine aaj tumhare liye special gulab jamun aur samoshe banaye he.


    Mai = Thanks janeman. But tumne to apni chut chatva li lekin mera lund to chusa b nahi.
    Meena = Thoda sabar karo. 2 din tak mai kaha bhage ja rahi hu. Tumhare liye to 2 din ki school se chhutti li he. Khana kha ke fir nex round karte he start.
    Itna kehte hi woh kitchen ki aur jane lagi. Mai pichhe se use nangi jate dekh raha tha. Kya mast gaand ka shape tha meena ka. Bahot gaand dekhi aur mari b lekin itni clean,  clear aur well shaped gaand pehli baar dekh raha tha. Fir woh khane leke aayi to hum dono nange hi wahi dining table pe baith ke khane lage. Ye pehli baar tha ke mai kisi lady ke sath bilkul nanga khana kha raha tha. Bahot hi ajeeb feeling aa rahi thi.
         Khana kha ke meena boli ab baki ke round bedroom me karte he. Us bistar pe jaha mere pati mujhe humesha chodte he. Aaj usi bistar pe kisi paraye mard se chudai karvaungi.
    Mai = matlab mai paraya hu? Hugh
    Meena =nahi tum to meri jaan ho lekin mere pati ke liye to paraye huye na.
    Mai = ok. To chalo. Hum apne kapde hatho me Utha ke nange hi bedroom me gaye. Bedroom me jate hi mai bistar pe pith ke bal let gaya aur meena ko khich ke apne pairo ke paas betha ke kaha ke ab mere is baburao ko bhi apne hotho ka swad chakhao.
         Itna sunte hi meena mere dono tango ke bich jhuk gayi aur mere lund ko apne gulabi hotho ke bich bhar ke pura muh me le liya. Aur masti se Lund chusne lagi. Ohhhh kya mast lund chus rahi thi meena aisha lag raha tha jaise koi chhota bachcha lollipop chus raha ho. Ab to meena pure mood me aa gayi thi  mujhe bistar pe lita ke mujh pe haavi ho gayi thi.   Lapalap Lund ko chus rahi thi. Mai to satve aasman me pahoch gaya tha. Is lund chusayi me el alag hi aanand mil raha tha. Sach me meena ab tak ki sabse alag lady thi jisne mujhe sabse jyada sukh diya tha. Lund ki chusayi ka daur lamba chala. Meena mere lund ko aishe chus rahi thi jaise use kha jana chahti ho. Kya kamal ki chusayi ho rahi thi mere lund ki. Fir ek pal aaya mujhe laga ke ab mera lund pani chhodne wala he. Maine meena ko bataya fir b woh na ruki fir achanak mere lund ne pichkari marna start kar diya. Meena ne pura viry apne muh me le liya aur nigal gayi. Aur lund ko chat chat ke saaf kar diya. Fir mere bajhu me aake let gayi.


    Kuch der khamoshi chhayi rahi bedroom me. Kuch der baad meena boli. Aaj lund chusne me bahot aanand aaya,  aisha aanand pehle kabhi   nahi aaya tha.
    Mai= mujhe b  bahot achcha laga . Mere lund ki aishi chudai aaj tak kisine nahi ki he. Tumne to mujhe swarg ka sukh de diya.
    Meena= mujhe b to mila woh sukh. Ab aage kya irada he.
    Mai = irada to bas 2 din tak lund ko tumhare kisina kisi holl me ghusake rakhne ka he.
    Meena =to ghusa do na kisne mana kiya he.
    Mai =Lekin is baar tumhare pichhe wale matlab gaand me ghusane ka man he.
    Meena kuch der sochti rahi fir bolo, “ask tak ye holl kunwara hi he isme kabhi kuch nahi ghusa lekin tumhare liye ye bhi khol dete he. Daal to apne lund ko isme aur khol ke rakh do iske b darwaje.
    Mai = wah meri jaan ye huyi na baat. Sach me tumse pyari lady koi nahi mili mujhe aaj tak.
    Fir thodi der hum aishe hi lete rahe.
    Pata nahi kab nind aa gayi. Jab aankh khuli to raat ke 8 bajhe the. Meena dikhi nahi to aishe nange hi bahar aaya waha b na dikhi to kitchen me gaya. Meena khana bana rahi thi. Maine use jake hug kiya aur kiss kiya. Meena boli “fresh ho jaao fir khana kha lete he. Raat ke program ke liye takat b to badhani padega.”


    Mai b uski baat se agree hua aur fresh hone chala gaya. Fir fresh hoke humne dinner kiya. Aaj dusri baar tha jab mai bilkul nanga baith ke khana kha raha tha. Fir hum khana kha ke bedroom me aa gaye. Mai abhi b nanga tha lekin meena ne gown pehna tha. Meena mere chhati pe hath ghuma rahi thi aur boli “ab suru kare kya ?
    Uske bolte hi mai uske hotho pe toot pada. Lagatar hum dono ekdusre ke hoth chuse ja rahe the. Fir kuch der is chusam chusai ke baad maine meena ka gown utar diya. Ab humne decide kiya ekdusre ka eksath chusenge to 69 ki position me aa gaye. Mai uski gulabi chut ko apne hotho se chusne laga aur woh mere lund ko muh me leke chusne lagi. Kuch der ki chusayi se mera lund ekdum tight ho gaya aur chudai ke liye bilkul taiyar ho gaya. Itne me meena ki chut ne pani chhod diya. Ab mai Utha aur use ghodi banne ko kaha.


    To woh b ghutno ke bal ghodi ban gayi mai pichhe aaya aur uske gaand ke chhed ko dekha. Ye pehli baar tha jab maine kisi ki gaand ko itna clean dekha tha aur itni gori aur uska chhed b normal gulabi tha. Maine wahi paas me dressing table se oil ki bottle li aur oil nikal ke apne lund pe achche se malis ki fir thoda aur oil leke meena ki gaand me daal ke ungli se andar bahar karne laga. Meena itne me hi madhosh hone lagi , lekin us bechari ko kaha pata tha ke ab uske hosh udne wale he. Ab maine use kaha ke apne dono hatho se gaand ke chhed ko thoda khol to meena ne aisha hi kiya. Maine b jaise hi khula chhed dekha apna lund uske darwaje pe rakh ke uski kamar ko pakad ke dhire se dhakka mara. Maine itna sara tel lagaya tha ke pehle hi jhatke me mera aadha lund uski gaand me ghus gaya. Jaise hi mera lund ghusa meena ki cheekh nikal gayi aur rone jesi hone lagi mujhe boli please bahar nikalo lekin mai kaha manne wala tha kuch der aishe hi rakh ke fir jor ka dhakka lagaya , pura lund us dhakke ke sath meena ki gaand me ghus gaya. Meena ki aankho se sandhu aur muh se cheekh nikli , wapis mujhe bahar nikalne ko kehne lagi lekin mai nahi ruka ab dhire dhire dhakke lagane laga. Meena dard se karah rahi thi. Uski gaand ne mere Lund ko charo taraf se jakad liya tha. Mai lagatar dhakke mare ja raha tha. Ab dhire dhire shayad meena ko b majha aane laga woh b apni gaand aage pichhe karne lagi.


    Aur muh se aahh ohhh ki aawaj nikalne lagi mai to ab full speed me gaand chode ja raha tha. Itni tight gaand thi  k  lund jyada der tik nahi paya aur apne antim padav pe aa gaya. Jaise hi mujhe laga ab niklega maine lund gaand se bahar nikal ke meena ki chut me ghused diya. Meena kuch samjhe aur bole mai dhakke lagane laga aur mera lund 5-6 dhakko me uski chut me jhad gaya. Mai waise lund ko andar rakhe meena pe let gaya. Kuch der baad meena ko puchha kaisa laga?
    Meena =Gaand fat rahi thi tumhare dhakko se lekin fir jo aanand aaya woh alag hi aanand tha aisha aanand chut chudai me b nahi aaya.  Tumne mujhe aaj puri tarah santusth kar diya.
    Mai = Jab tumhare jaisi roop sundari ho to josh double ho jata he.
    Meena = Ohhh. Matlab sara kamal mera hi he.


    Mai = Ha janeman sab kamal tumhare is gulabi chut , both, nipple aur gaand ka hi he.
    Meena = Ab to husband se b gaand maraungi
    Mai = Aur mujhse ?
    Meena =Tumse to sabkuch mara lungi.
    Itna keh ke woh mujhe har jagah chumne lagi.
    Fir 2 din humne Jamke chudai ka majha liya. Tisre din subeh jab unke bachcho ki buss aayi tab tak chudai ki. Fir mai apne ghar aa gaya.


    Ab hum jab b mauka milta tha chudai kar lete the. Kabhi kabhi uske husband bahar hote the to mai aadhi raat ko uske bachcho ke sone ke baad uske ghar chala jata tha aur jam ke chudai karte the. Fir woh pregnant huyi usne bataya ke mera hi bachcha he. Uske baad  delivery tak humne chudai nahi ki. 9 mahine baad use ek pyari si beti huyi uska naam b maine hi rakha. Beti hone ke 1 mahine ke baad se fir se humari chudai ka silsila chalu ho gaya. Jo ab tak chalu hi he. Maine uske baad bharuch chhod diya lekin fir bhi mahine me 1 -2 baar use milne chala jata tha aur Jamke chudai karte the.

  • Ek ghar Teen kahani part-1

    Hi mera naam Kabir Agrawal he. Mai surat ka rehne wala hu. Yaha akele rehta hu. Meri family gaav me rehti he. Meri umar 29 year he aur mai gora lamba aur athletic kadkathi ka ladka hu. Abhi meri shadi nahi huyi he.


           Ab kahani pe aate he. Ye kahani aaj se 4 saal pehle ki he. Tab mai apne 2 dosto ke sath rent pe rehta tha. Mai jaha rehta tha woh 3 manjhila building thi. Har manjhil pe 4 flat the. Jo kiraye pe diye huye the. Mai sabse upar wali manjhil pe rehta tha. Waha baki 3 flat me 1 me ek old age couple rehta tha 50-60 ki age ke bich ka. Unke bachche with family dusri city me rehte the. Dusra flat room Malik ne khali hi rakha tha unke guest aaye to unke liye aur baki ke 1 flat me 1 family rehti thi. Husband wife aur 2 bachche. Husband ka naam sripal tha wife ka naam mamta tha aur bete ka naam kishan aur beti ka naam riya tha. mamta bhabhi ki age 39 thi but lagti 30 se kam thi unke husband 45 ke Karib the unka beta kishan 17 aur beti riya 16 ki thi. Ye kahani meri aur is family ki hi he. To jyada der na karte huye kahani pe aata hu. Kahani thodi lambi he aur pehli baar likh raha hu to koi galti ho jaye to maaf kar dena.


                Mai pehle Mumbai rehta tha waha maine bahot baar sex kiya tha lekin jab se surat aaya hu kabhi sex ka mauka hi nahi ban paya. Kyu ki job ki wajah se girlfriend banane ka time hi nahi mil paya. To ab bahot time ho gaya tha to sex ki tadao padhti ja rahi thi aise me maine sochna ke mamta bhabhi ko patane ki try ki jaay. Lekin meri unse baat nahi hoti thi. Kabhi aishe kisi kaam se thoda bolna ho jata tha lekin achche se baat nahi ho pati thi. Maine socha unke najdik jaane ke liye unke bachcho se dosti kar lu. To dhire dhire maine kishan se dosti karna chalu kiya. Jab b time milta mai usse baat karta. Mere flate pe carrom tha to carrom khelne bula leta. Aur kabhi kabhi riya bhi aati aur hum kabhi playing cards b khelte. Aishe ab kishan mujhse bahot khul gaya tha to maine ab usse uski girlfriend ke bare me puchha to bola ke bhaiya try to bahot kiya but ab tak koi bani nahi to maine use kaha ke mai help karunga girlfriend banane me. To woh khush ho gaya. Usne bataya ke use uski 1 school friend pasand he but uska abhi kisi aur se chakkar chal raha he to kisi aur pe try karne ki soch raha he. Ab woh jyada khelne laga tha 1 din usne dopehar me bola ke bhaiya aapke phone me videos he kya to maine use songs aur movie ke video open kar ke de diye to woh bola ye wale nahi gande wale. Mai samjh gaya tha ke use porn video dekhne he, fir b maine nakli gussa kiya ke aise video is umar me nahi dekhne to woh bola ke mai to videos hi dekhta hi mere friends to videos me hota he aisha kar bhi chuke he. To maine puchha tumne kiya to bichara sad ho gaya aur bola kaha bhaiya aisha mera nashib ke mauka mile. Girlfriend hi nahi he to kis se karu bas videos dekh ke man shant kar deta hu. To maine bola woh kaise. To woh Bola ke aapko to sab pata hi hoga fir bhi kyu natak kar rahe ho. Aapne to real me bhi kiya hoga to is baar maine use sach bata diya ke bahot baar kiya he. Woh bola ke use b karna he kaise b kar ke. Mai bola time aane pe sab ho jayega. Fir woh bola ab to videos dikha do to maine secret folder me se video open kar ke use phone de diya aur mai so gaya. Ab ye daily ka ho gaya tha woh mai akela hota tab aata aur video dekhta. Aishe hi ek din mai ghar pe tha to uski mummy aur riya dono kisi relative ke ghar ja rahe the woh ab sham ko hi aane wale the. Kishan ko b bola sath me chalne ko to usne bahana bana ke mana kar diya aur bola ke woh mere ghar pe rahega. To mamta bhabhi mujhe keh ke gaye ke kishan ka khayal rakhna hum sham ko aayenge. Maine bola aap tension mat lijiye ise mere flat me hi rakhunga pura din. Aur woh chale gaye. Ab mere flat me hum dono hi the to kishan video dekhne laga aur mai aaram karne ke liye so gaya. Thodi der baad jab mai utha to kishan ne bola ke bhaiya ladke ladke bhi sex karte he kya. Maine bola ha karte he aur ladki ladki bhi karti he. To woh bola ke ladke karte he to unhe dard nahi hota. Mai bola hota he lekin sex hai hi aishi chij ke jab karte he tab majha aata hi he fir woh ladki ke sath ho ya ladke ke sath lekin marji se hona chahiye jabardasti se nahi karna chahiye. Kisiki marji ke bina karna bahot galat he kabhi nahi karna chahiye. To usne kaha woh b kabhi kisise jabardasti nahi karega. Fir wapis video dekhne laga aur mai dono ke liye kuch nasta banane laga. Jab humne nasta complete kiya aur wapis bistar pe aaye to kishan achanak bola ke bhaiya mujhe aapka lund dekhna he.
          Mai ye sunke achambhit ho gaya aur use bola ke ye kya bol rahe ho to bola ke bas aise hi dekhna he ke aapka lund kaisa he pehle to maine mana kiya lekin fir usne Jidd ki to mai maan gaya. Aur use bola ke kisiko nahi batayega to hi dikhata hu to bola ke kisiko nahi bataunga. Fir maine apne pent aur chaddi ko niche kiya to woh aankhe faad  ke dekhne laga aur bola wowwww bhaiya aapka to bahot mota he. Maine bola ha malis bahot ki he isliye. Woh bola ke woh b ab daily tel se malis karega. Mai pent pehanne laga to usne kaha ke 1 baar chhu ke dekhna he to maine b isbar mana ni kiya aur use bola dekh ke chhu ke. Woh mere ekdum najdik aa gaya aur mere lund ko apne hatho me pakad liya to uske touch se mera lund ekdum kadak ho gaya woh bola bhaiya aapka to mota aur kadak bhi bahot he mai bola ladkiyo ko kadak lund jyada pasand aata he. Ab woh mere lund ko sehlane laga to mujhe laga jaise koi ladki pehla rahi he. Mai dhire dhire exite hone laga. Ab woh mere lund ko masti se sehla raha tha mujhe ab majha aane laga mai bola aur sehlao woh mere bilkul samne aa gaya aur pyar se seglane laga meri aankhe band hone lagi. Ab woh speed badha raha tha. Speed ke sath meri excitement b badh rahi thi. Maine usi excitement me use apni baho me le liya to woh b meri baho me aa gaya jaise woh b yahi chahte ho. Mera ye first time tha kisi ladke ke sath aise hona. Usne achanak mere lip pe kiss kar diya to maine b reply me kiss kiya aur uske hoth chusne laga. Sale ke hoth uski mummy ke jaise hi gulati the. Mujhe laga ke mai mamta bhabhi ke hoth chus raha hu. Fir usne mere sare kapde utar diye aur khud b aadha nanga ho gaya. Usne sirf chaddi pehan rakhi thi. Ab woh mujhe niche lita ke mujhe kiss karne laga. Kabhi mere gaal to kabhi hoth fir mere nipples chusne laga . Mai ab pure Josh me aa gaya tha woh mujhe har jagah chume ja raha tha. Fir woh hua jiski maine ummid b nahi ki thi.
           Uske dono hoth ab mere lund pe the aur mere lund ko chum raha tha to maine bola achche se muh me leke chus le. To woh ab mere lund ko lolypop li tarah chusne laga. Woh jis tarah chus raha tha mujhe lag raha tha koi ladki mere lund ko chus rahi he. Meri aankhe puri tarah bandh thi. Woh masti me chus raha tha. Bahot time k baad koi mere lund ko chus raha tha to mai jyada der tik nahi paya. Mera pani nikalne ko batab hua to maine use hata diya aur khada hoke bistar se niche aa gaya aur use bola pani nikalne wala he to woh hath me leke mere lund ko hilane laga kuch hi der me meri jor ki pichkari nikli uske hatho se lagake uski body pe giri aur baki ka pani niche fars pe gira mai wahi baith gaya kuch der. Fir bathroom jake ke saaf kiya aur use bhi saaf hone ko bol ke mai fars saaf karne laga.
          Thodi der baad woh saaf hoke chaddi me bathroom se aaya to maine use dhyan se dekha. Kishan gora lamba patla tha lekin sexy lag raha tha. Maine use puchha tumne aisha kyu kiya to bola ke video dekh ke man ho gaya tha to rok nahi paya. Maine bola ok koi baat nahi. Fir use puchha pehle kabhi aisha kiya he to bola ke nahi aisha kabhi nahi kiya he. Usne bola ke use bahot majha aaya. Maine bola ke agar muh me hi pani nikal jata to , kishan bola ke woh to ready hi tha muh me lene ke liye lekin thoda dar tha ke kahi kuch barbad na ho jaye. Fir maine puchha lund kaisa laga to bola ke “achcha he, lekin mera lund aapke lund se lamba he. Ha aapse patla he lekin lambai me aapse jyada he.” Mai to sun ke dang reh gaya ke 17 saal ke ladke ka lund mujhse lamba kaise maine bola dikhao to usne jaldi se apni chaddi nikal ke side me rakh di aur apne lund ko mere samne rakh ke baith gaya. Mai to dekhta hi reh raha wakayi me uska lund mujhse lamba tha lekin patla tha. Ekdum sidha aur lamba. Dekhne me bahot pyara lag raha tha.
        Tabhi kishan bola ” bhaiya mere lund ko bhi chusona”
    Mai soch me pad gaya kya karu fir khayal aaya ke iske jariye mamta bhabhi tak pahoch sakta hu. To ye soch ke maine ha kar di. Aur uske lund ko muh me le liya bina kuch soche. Ye pehli baar tha jab kisika lund maine chhua tha aur woh bhi sidhe muh me leke. Mujhe thoda ajeeb lag raha tha lekin use bahot majha aa raha tha. Mai lagatar uske lund ko chuse ja raha tha. 10 minute ke baad mujhe laga ke ab shayad uska pani nikalne wala he to muh bahar nikal diya aur use bistar se Utha ke sidha bathroom me le gaya aur hath se hilane laga kuch hi der me usne pichkari chhodi to sidhi mere sarir pe lagi. Uska pani garam tha. Fir hum dono wahi saaf karke bahar aaye aur nange hi baith ke baate karne lage.
    Kishan = ” bhaiya aapko kaisa laga”
    Mai = ” achcha laga. Lekin ye kisiko mat batana. Maine pehli baar aisha kiya he kisi ladke ke sath.”
    Kishan = ” don’t worry bhaiya kisiko nahi bataunga. Waise aap ne kaisi kaisi ladki ke sath sex kiya he?”
    Mai = ” sabhi tarah ki ladki patli ,moti, sawli, gori, married bhabhi se bhi bahot kiya he”
    Kishan = “to aapko jyada majha kisme aata he ladki ya married bhabhi”,?
    Maine socha yahi mauka he ise thoda apne plan me lene ka to mai bola ke mujhe married bhabhi me bahot majha aaya he . 35 saal se jyada umar wali ke sath.
    Kishan = ” to aapne surat me kitni bhabhi ko kiya?”
    Mai = “kaha yaar. Yaha to 1 bhi nahi kiya. Office me sirf ladki he married bhabhi nahi he. Aur humare yaha building me b kaha he bhabhi jyada jo achchi bhi lage. Humare floor pe aunty he woh to 50 se jyada he aur to sirf tumhari mummy he. To unke bare me aisha mai nahi sochta.”
    Kishan = ” ha humare building me koi dhang ki aurat nahi he. Mummy ke sivay”
    Mai = ” ha tumhari mummy bahot beautiful he. Lekin unke bare me mai kabhi galat nahi sochta”
    Kishan = “thank you bhaiya. Aaj aapne mujhe bahot majhe karvaye. Ab hum daily karenge”
    Mai = ” ok. But mauka mile tab hi”

    Fir hum so gaye. Sham ko kishan ki mummy ne door bel bajhayi to hum dono ne fatafat kapde pehne. Aur darwaja khola. Mamta bhabhi andar aayi aur mujhe kuch nasta diya aur kishan ko leke apne flat me chali gayi. Mai unki gaand ko dekhta raha jate jate.
         Ab mai aur kishan roj jab b mauka milta Lund chusai karte. Lekin jaldi jaldi me. Kyu ki wapis us din jaisa Ekant nahi mil raha tha.


          Lekin ek din wapis mauka mila usdin b mamta bhabhi aur riya relative ke waha gaye the. Kishan bahana bana ke mere paas reh gaya. Unke jaane ke kuch ghante baad hum 69 me aake ekdusre ka Lund chus rahe the tabhi kishan bola ke bhaiya aaj kuch alag karte he. To mai bola kya karna he? To kishan bola gaand me lund daalte he ekdusre ke.
    Mai fir soch me pad gaya. Mai sochne laga ye bhi ek sex ka prakar hi to he to karne me kya harj he. Mai ready ho gaya. Kishan bola pehle woh meri gaand me lund daalega. To mai ready ho gaya.
           Fir maine kapde pehne aur bahar se lock laga ke medical pe jake condom le aaya. Fir wapis nanga ho gaya aur tel leke kishan ke paas aa gaya. Kishan ko bola ke ye tel ungli me leke meri gaand me andar tak laga to kishan tel ungli se gaand me felane laga mujhe laga k ab achche se tel lag gaya he to use condom pehnaya aur uske Lund ko tel ki katori me dubo diya. Fir mai pith ke bal let gaya aur tange fela ke apne hatho se apni gaand ko thoda felaya aur kishan ko bola ab dhire dhire daal de. Is position sabse aasan hota he Lund lena. Ab kishan ne dhire se lund ko meri gaand me dala thoda lund andar gaya. Tel ki wajah se aur uska lund patla tha to kuch jyada dard nahi hua, lekin kishan ka ye pehli baar tha to usne jara jor se jhatka de diya to tel ki chiknahat ki  wajah se pura lund ek hi jhatke me meri gaand me ghus gaya. Dard ki wajah se meri chikh nikal gayi  maine kishan ko daanta ke dhire se dalna tha   woh sorry bola . Hum thodi der aisehi pade rahe fir maine use bola dhire dhire andar bahar karo. Woh aise ki karne laga . Mujhe dard ho raha tha lekin majha b aa raha tha. Kuch der aishe hi woh meri gaand chodta raha mujhe laga ke aaj dard se gaand fat jayegi lekin fir mujhe dard se jyada majha aane laga mai b gaand Utha ke uska sath dene laga. Fir humne position change ki ab mai dogi style me ghutno k bal baith gaya. Woh pichhe se meri gaand mare ja raha tha. Mujhe us walt malum hua ke ladkiyo ko chudai me kyu itna majha aata he. Bahot ladkiyo ko chut aur gaand maar chuka mai aaj khud 1 chut ke liye gaand marva raha tha. Aur pata bhi nahi tha ke woh chut milegi ya nahi. But filhal mai is chudai ka aanand le raha tha. Karib 20 minute ki pichhe se gaand chudai ke baad kishan meri gaand me hi jhad gaya. Lekin condom ki wajah se pani meri gaand ki bajhay uske condom me reh gaya. Uska pani bahot garam tha. Thodi der aise hi lete rahe fir uth ke usne condom nikal ke dustbin ne fek diya aur lund saaf kar ke let gaya.
        Meri halat kharab thi. Pehli chudai ki wajah se gaand me bahot dard ho raha tha. Tabhi kishan bola ke bhaiya chudai me to bahot majha aaya he. Jab ladke ko chodne me itna majha he to ladki me kitna majha aayega. Uski baat sunke mai bola usme bahot majha aayega. Lekin filhal meri gaand dard kar rahi he. Tune bahot jam ke choda he. Mujhe aisha majha ladki chodne me b nahi aaya jitna aaj gaand marvane me aaya he. Kishan ne mujhe kiss kar ke thank you kaha aur bola aapke liye jo b karna pade mai karunga. Uski baat sun ke mai khush ho gaya. Tabhi kishan bola ab aapki bari. Mai bola tera patla lund mujhe dard se gaya to tu mera mota lund Seh payega?
    Kishan= “bhaiya aapke liye kitna b dard ho seh lunga. Aap bhale hi meri gaand faad do. “
    Mai = “soch le. Itna aasan nahi he. Bahot dard hoga”
    Kishan = ” dard gaya bhad me. Aap lund dalo meri gaand me. Waise mai apni gaand me candle daalta rehta hu to meri gaand khuli huyi he”
    Uski baat sun ke mai achambhit ho gaya aur use puchha ke tum gay to nahi ho na.


    To kishan bola ” nahi bhaiya mai gay nahi hu lekin videos dekh dekh ke ye sab Sikh gaya hu. Mujhe b ladki chodni he. Lekin ladke se gand marane ka b man he. Ab jaldi karo”
    Maine b ab der karna bewkufi samjhi. Jab ladka khud gaand de raha he to kyu mana karu. Maine tel leke uski gaand me achche se fela diya. Uski gaand sach ne khuli huyi thi. 10 minute tel lagake fir condom pehanne laga to kishan bola bina condom ke hi dalo.to maine apne lund pe achche se tel lagaya fir usi position me jisme maine lund liya tha kishan ki gaand me dala. Andar jaa nahi raha tha to thoda jor lagaya to aadha lund kishan ki gaand me ghus gaya. Kishan chikh pada aur rone jesa ho gaya. Maine bola bahar nikalu kya to bola nahi rehne do andar. Fir thodi der baad aage pichhe karne laga use bahot dard ho raha tha lekin pura sath de raha tha tabhi ek jor ka jhatka laga to lund ekdum fachchhh se uski gaand me pura ghus gaya. Uski aankho se pani nikalne laga. Ekbar fir kaha ke bahar nikalu kya to usne bola ab to daal diya he to chod hi do. Mujhe b josh aa gaya mai apna lund uski gaand me aage pichhe karne laga. Thodi der baad use b bahot majha aane laga. Maine ab speed badha di. Ghapaghap uski gaand chod raha tha aur kishan b gaand Utha Utha ke sath de raha tha. Uski gaand marte time thap thap ki aawaj aa rahi thi jisse mujhe bahot majha aa raha tha. 30 – 35 minute ki chudai ke baad mai jhadne wala tha to usne bola gaand me hi daal do. Maine uski gaand me hi pura pani chhod diya. Mera lund pura bhig gaya uski gaand b gili ho gayi. Hum aise hi pade rahe fir 20 minute baaad maine lund nikala uski gaand se to lund ke sath viry b bahar nikalne laga aur gand se bahar tapakne laga jis se meri chaddar kharab ho gayi. Fir hum dono sath me nahake aaye aur chaddar badal ke bistar pe let gaye.
    Kishan = ” bhaiya gaand me bahot dard ho raha he lekin aapka lund lene me bahot majha aaya. Thank you bhaiya”
    Mai = “thank you too. Tumhari wajah se mujhe b bahot majha aaya. Aur ek naya anubhav mila.
    Kishan = “ha bhaiya ab aage b aisha karte rahenge jab b mauka milega.”


    Mai = “ok. Lekin ab mujhe chut ki chahat hone lagi he. Bajhu wali aunty ki age kam hoti to use hi chod deta.”
    Kishan = “ha. Lekin kya kare ab woh to budhi he.” Aap koi aur pata lo “
    Mai = “aur kise patau. Tumhari maa ko ? Aur koi hai b to nahi .”
    Kishan = “ha woh to he aur koi hai b nahi. Ab aap bahar hi dhundiye koi aur.”
    Mai = “waise kishan tu bilkul teri ma jaisa hi lagta he. Gora lamba Chikna khubsurat.”
    Kishan = “kya uncle aap to meri ma ke pichhe hi pad gaye. Aapka irada thik nahi lag raha mujhe. Aap aisha mat sochna kabhi. “
    Mai = “nabi yaar. Lekin kya karu tumhari maa hai hi itni khubsurat. Bilkul tumhari tarah tum dono bahot khubsurat ho. Bura mat manna lekin tumhari mummy mujhe sach me bahot achchi lagti he.   “
    Kishan = “thank you. But aap unke bare me kya soch rahe he?”


    Mai =” each kahu to unke bare me kabhi galat nahi socha. Lekin unhe dekhta hu to lagta he ke kaash mamta bhabhi jaisi meri girlfriend hoti. “
    Kishan = “ohhhh. To baat aishi he. Chalo waise aap agar unhe girlfriend bana sakte ho to bana lo mujhe koi problem nahi he. “
    Mai =”sach me ?” Ohhh kishan love you “
    Aur itna bolte hi mai use baaho ne leke kiss karta hu aur man me sochta hi ke mamta bhabhi ko hi kiss kar raha hu.

    Ab aage mamta bhabhi ko kaise patake choda woh next story me. Is story ke part 2 me.

  • प्रेरणा से मुझे मिली प्रेरणा, bhabhi ki chudayi

    हैलो दोस्तों, में आपका प्यारा दोस्त राज एक बार फिर से हाजिर हूँ आपके सामने अपनी नई प्रस्तुति लेकर. दोस्तों मेरा मानना है कि जिंदगी में जो भी करने का मन हो एक बार तो ज़रूर करना चाहिए, वो चाहे सोचने में कितना भी गंदा क्यों ना लगे, क्योंकि हर चीज़ का असली मज़ा उसे खुद करके ही पता चलता है, खैर अब आपको ज़्यादा बोर ना हुए में अपनी इस कहानी पर आता हूँ. मुझे एक लेडिस का मैल मिला और वो मुझसे सेक्स करना चाहती थी. फिर उससे मैंने पहले मैल के ज़रिए बात बढ़ाई.

    फिर कुछ दिनों में मुझे लगने लगा कि उसके विचार मुझसे बहुत मिलते हैं, उसकी शादी को दो साल हो चुके थे, लेकिन उसके पास अभी तक अपना कोई बच्चा नहीं था और होगा भी कैसे, क्योंकि उसके पति का लंड तो ठीक ठाक था, लेकिन उसका वीर्य बहुत कम निकलता था. उसका नाम प्रेरणा है और उसकी उम्र 27 साल थी और सेक्स का तज़ुर्बा उसने अपनी शादी से पहले ही बहुत बार कर लिया था और अब हम रोज चेट करने लगे, क्योंकि उसका पति हर रोज घर पर रात को आठ बजे के बाद ही आता था.

    कुछ दिन और बीते तो उसने मुझे अपना मोबाईल नंबर दे दिया और वो जब भी फ्री होती तो मुझे मिस कॉल मारती या कॉल करती. दोस्तों जब मैंने पहली बार फोन पर उसकी आवाज़ सुनी तो मेरा मन बावरा होने लगा और लंड का तो बुरा हाल हो गया. फिर वो मुझसे बोली कि उसकी चूत भी मेरी बातों से गीली हो जाती है, जिसे वो फिर से उंगली डलकर शांत करती है और अब मुझे उससे मिलने का बहुत मन होने लगा. हम एक दिन फोन पर बातें कर रहे थे तो तभी उसने मुझे बताया.

    प्रेरणा : यार राज, मैंने अपनी चूत की सील तो 12वीं क्लास में ही तुड़वा ली थी, मेरी क्लास का एक लड़का था और वो एक बार मुझे अपने घर पर चोदने के लिए ले गया और मुझे ब्लू फिल्म दिखाकर गरम करने के बाद जब उसने कपड़े उतारे तो मेरा मूड बदल गया, क्योंकि उसका लंड चार इंच का था.

    में : फिर क्या हुआ जानेमन?

    प्रेरणा : वो मुझसे बोला कि वो मुझे चोदकर बहुत मज़े देगा और मुझे भी ब्लूफिल्म के साईज़ का लंड देखकर बहुत डर लगता है. खून निकलने और दर्द होने के बाद हमने 69 शुरू किया तो वो पांच मिनट में ही मेरे मुहं में झड़ गया और मुझे उसका वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा, लेकिन में सोच रही थी कि ब्लू फिल्म वालों की तरह सबका वीर्य बहुत सारा निकलता होगा, खैर अब वो मेरी चूत चाटने लगा और उसने अपनी एक उंगली उसमे डाल दी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.

    में : हाँ जानेमन आज तो तुम मेरे लंड का बहुत बुरा हाल करके छोड़ोगी.

    प्रेरणा : अरे यार पहले पूरी बात तो सुन लो.

    में : हाँ ठीक है चलो आगे बताओ क्या हुआ?

    प्रेरणा : में पूरी नंगी होकर बेड पर उसे अब अपनी चूत चटवा रही थी और सेक्स की गर्मी मेरे दिमाग़ में चढ़ चुकी थी, मेरे मुहं से उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकलने लगी और अब तक उसका लंड भी दोबारा तनकर खड़ा हो गया तो वो तभी मुझसे बोला कि चूत में डाल दूं क्या? तो मुझे उसकी यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया.

    में : लेकिन ऐसा क्यों?

    प्रेरणा : अबे यार इसमें भी कोई पूछने की कोई बात थी, क्या एक नंगी तड़पती हुई लड़की से यह बात पूछना चाहिए? और फिर वो अपना लंड डालने लगा तो उसका सुपाड़ा अंदर तक चला गया, लेकिन अब भी उससे मेरी सील नहीं टूट रही थी तो मैंने खुद अपने बचे हुए कपड़े उतारकर उसकी मदद करनी चाही, लेकिन फिर भी उससे सील नहीं टूटी और अब हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद पसीने में नहा चुके थे. फिर वो मुझसे बोला कि पहले में बियर की बॉटल पर एक कॉंडम चढ़ाकर तुम्हारी सील तोड़ देता हूँ तो जिससे रास्ता बन जाएगा.

    में : और फिर क्या हुआ?

    प्रेरणा : तभी अचानक से उसका बड़ा भाई जो शादीशुदा था तो वो वहाँ पर आ गया, उसके पास घर की एक दूसरी चाबी थी तो वो कभी कभी अपने माता पिता से मिलने आता था, मेरे बॉयफ्रेंड की तो उन्हें देखते ही हवा निकल गई और वो उसके पैरों में लेटकर रोने लगा और कहने लगा कि भैया प्लीज मम्मी, पापा नहीं थे, इसलिए ग़लती हो गई, में फिर कभी ऐसा नहीं करूँगा. फिर उसका भाई बोला कि जा बाहर वाले रूम में और तू मेरा वहीं पर बैठकर इंतजार कर, तुझसे में बाद में बात करूँगा पहले इससे तो बात कर लूं. फिर मेरा बॉयफ्रेंड अपनी जीन्स उठाकर बाहर भाग गया और में अभी तक बेड शीट में लिपटी हुई परेशान थी, लेकिन तभी मेरी नज़र बड़े भाई की पेंट पर पड़ी तो मुझे वहाँ आशा का बड़ा सा तिनका नज़र आया.

    में : हाँ फिर क्या हुआ जान?

    प्रेरणा : यार मेरी तो अभी भी वो सब याद करके हालत बहुत खराब हो रही है, अभी क्या हम एक बार मुठ मार ले क्या?

    में : नहीं पहले तुम यह कहानी तो पूरी कर दो.

    प्रेरणा : ठीक है एक मिनट रूको पहले में अपने सारे कपड़े उतार देती हूँ और नंगी लेटकर आगे की कहानी बताउंगी और तुम भी अपने उतार लो.

    में : मेरा तो कब से मेरे हाथ को गरम कर रहा है जानेमन, में अब अपनी टी-शर्ट भी उतार देता हूँ.

    प्रेरणा : हाँ अब ठीक है अगली बार हम वीडियो चेट करेंगे, क्योंकि तब तक मेरा वेबकेम आने वाला है.

    में : वाह फिर तो मज़ा ही आ जाएगा.

    प्रेरणा : अब आगे सुनो.

    में : ठीक है सुनाओ.

    प्रेरणा : मेरे दिमाग़ में उस टाईम ब्लू फिल्म वाले लंड के अलावा कुछ नहीं चल रहा था, लेकिन मैंने नाटक करते हुए उनसे कहा कि भैया मुझे जाने दो, में आपके छोटे भाई की गर्लफ्रेंड हूँ और अगर आप कहेंगे तो हम फिर से ऐसा कभी नहीं करेंगे.

    फिर वो मुझसे बोले कि में अभी तुम्हारे माता, पिता को फोन करके बताता हूँ कि तुम मेरे छोटे भाई को बिगाड़ रही हो और उन्होंने मेरे सेलफोन से मेरे पापा का मोबाईल नंबर निकाल लिया, मुझे अब बहुत डर लग रहा था और यही वक़्त था कुछ कर गुजरने का. फिर मैंने अपनी बेड शीट हटाई और उनकी पेंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया तो वो लगभग आधा खड़ा हुआ था तो में उससे बोली कि अब क्यों नाटक कर रहे हो भैया सेलफोन छोड़ो और मेरे बूब्स को दबाओ और आज हम दोनों का काम बन जाएगा.

    दोस्तों वो बहुत समझदार था और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी बाहें उनकी कमर में डालकर अपनी जीभ को उनके मुहं में सरका दिया और अब हमारा एक बार फिर से खेल शुरू हो चुका था और तीन मिनट तक लगातार किस करने के बाद मैंने उनकी आँखों में आखें डालकर देखा और उनके कपड़ों की और इशारा किया तो उन्होंने बाहर से अपने छोटे भाई को बुलाया और मार्केट जाने को कहा और वो भी अब सब चक्कर समझ चुका था और वो बोला कि अरे बड़े भैया आपको अगर इसे चोदना ही है तो मुझसे ऐसे क्यों शरमा रहे हो? आप मजे करो और जब इसको कोई ऐतराज़ नहीं है तो आप तो मेरे भाई हो.

    अब उसका बड़ा भाई मेरी तरफ देखने लगा तो में उससे बोली कि मुझे अब कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन में चाहती हूँ कि जब बड़ा मुझे चोदे तो छोटा सामने बैठकर मेरी चुदाई को देखे और यह खेल सीखे और इस बात पर वो दोनों भाई मुस्कुराने लगे और अब बड़े भाई ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और छोटा पीछे सोफे पर बैठ गया. फिर बड़ा भाई बोला कि वाह साले इतनी जबरदस्त आईटम तूने पटाई है, क्या गोरे टाईट बूब्स है इस साली के.

    में उस समय पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई अंगड़ाई ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत को ऊपर से ही सहला रही थी. तभी बड़े भाई ने अपना अंडरवियर निकाला और में देखते ही डर गई, क्योंकि उसका लंड तो करीब 7 इंच से भी बड़ा था और अब उसका लंड देखकर मेरा जोश कुछ ठंडा हुआ और गांड फटने लगी, लेकिन मैंने मन ही मन फ़ैसला कर लिया था कि चाहे जो हो जाए आज तो मुझे अपनी चूत को फड़वाना ही है.

    उसने अपना लंड मेरे पास आकर मेरे हाथ में दे दिया, वो बहुत गरम था और मेरे हाथ में आते ही वो ठुमके लगाने लगा और उसका गुलाबी कलर का सुपाड़ा देखकर मेरी तो लार ही टपकने लगी और मैंने खींचकर उसे मुहं में ले लिया, मेरा मन तो कर रहा था कि में उसे पूरा खा जाऊँ, लेकिन आधा ही अंदर लेने पर मुझे खाँसी उठने लगी, उसके कूल्हों को अपने हाथों से अपनी और खींचा और उसके आंड सहलाए और उसे मज़ा आने लगा. तभी उसने मुझे बताया कि उसकी बीवी कभी भी ओरल सेक्स नहीं करती और आज वो पहली बार अपना लंड किसी लड़की को चुसवा रहा था, उसने मेरे मुहं में धीरे से धक्के लगाने शुरू किये और उधर उसका भाई यानी मेरा बॉयफ्रेंड भी सोफे पर बैठकर पूरा नंगा होकर अपना लंड हिला रहा था.

    में : जान मेरा तो आज बिना हिलाए ही निकल जाएगा, शायद तुम्हारी इतनी हॉट कहानी सुनकर.

    प्रेरणा : बस थोडा कंट्रोल करो यार वैसे अब मेरी चूत भी चुदने के लिए बैचेन हो रही है.

    में : क्यों तो फिर आ जाओ ना मुझसे चुदने?

    प्रेरणा : हाँ यह सब तुम्हारे साथ भी एक दिन जरुर होगा डार्लिंग, तुम थोड़ा सब्र रखो, क्योंकि सब्र का रस बहुत मीठा होता है.

    में : ठीक है चलो अब आगे बताओ कि फिर क्या हुआ?

    प्रेरणा : फिर क्या उसने मेरे चूत का कबाड़खाना बना दिया?

    में : अरे यार थोड़ा अच्छी तरह विस्तार में बताओ.

    प्रेरणा : ठीक है और अब उसका लंड चूसते चूसते मेरे गले में दर्द होने लगा था, अब मेरी चूसने की स्पीड कम हुई तो वो सब कुछ समझ गया और उसने अपने छोटे भाई को बुलाकर उसके कान में कुछ कहा तो छोटा भाई ऐसे ही पूरा नंगा किचन में गया और घी का डब्बा उठा लाया और अपनी एक ऊँगली से थोड़ा घी निकालकर छोटे भाई ने मेरी चूत पर लगाया और बड़े भाई ने थोड़ा घी अपने लंड पर लगाया और मेरे पैरों को फैलाया और में तो ना जाने कब से इन सबके लिए तरस रही थी और अब उस खुशी में मेरी आँखें बंद हो गई और जैसे ही उसके लंड के सुपाड़े ने मेरी चूत को पहली बार छुआ तो मेरे पूरे जिस्म में 420 वॉल्ट का करंट दौड़ गया. उसने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मुझे थोड़ा दर्द सा हुआ. फिर वो मुझसे बोला कि तुम्हे अगर लगे कि अब तुमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा तो तुम मुझे वहीं रुकने का इशारा कर देना. फिर मैंने कहा कि भैया में रुकने के लिए अगर तुम्हारे हाथ पैर भी पकड़ लूँ तो भी आप आज बिल्कुल भी मत रुकना, जब तक आपका पूरा लंड ना चला जाए, आज मुझे इस चूत की हर गहराई तक आपका लंड महसूस करना है.

    फिर मेरी यह बात सुनकर उसे जोश आ गया और उसने एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया, मेरे आंसू बाहर निकल आए और इससे पहले कि में चिल्लाती छोटी भाई ने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर करीब तीस सेकेंड रुकने के बाद मैंने बड़े भाई को आगे बढ़ने का इशारा किया और छोटे भाई का लंड चूसने लगी, बड़े भाई ने अब दो धक्कों में अपना लंड मेरे गर्भाशय तक पहुंचा दिया और मुझे ऐसा लग रहा था कि में अभी बेहोश हो जाउंगी, लेकिन में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि चूत चुदवाने वाली में इस दुनियाँ की पहली लड़की नहीं हूँ तो इसलिए में हिम्मत करके चुपचाप पड़ी रही.

    फिर थोड़ी देर बाद में थोड़ा थोड़ा ठीक होने लगी थी और फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए तो वो मेरे बूब्स को मेरी चुदाई करते हुए दबाने लगा और छोटे वाला भाई मेरे मुहं को चोद रहा था और मुझे भी अब बहुत मजा आने लगा था और में भी नीचे से पूरा लंड अंदर लेने के लिए अपनी चूतड़ को हिलाने लगी थी और यह सब देखकर उसने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और 15 मिनट तक चुदने के बाद में झड़ गई. फिर मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी कमर पर कस दिया था, लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था. फिर छोटा वाला भाई बोला कि मेरी जान आज पहली झड़ी है मुबारक़ हो. फिर में बोली कि हाँ लंड से तो में आज पहली ही बार झड़ी हूँ, लेकिन भैया अब प्लीज इसे बाहर निकाल लो, बड़े भैया बोले कि मेरा तो अभी हुआ ही नहीं साली में ऐसे कैसे बाहर निकाल लूँ? फिर में उनसे बोली कि भैया आप मेरे मुहं में अपना लंड डाल दो और झड़ जाओ.

    फिर छोटा भाई बोला कि फिर में क्या करूँगा? मैंने उससे कहा कि देखो तुम्हारा लंड अभी थोड़ा छोटा है तो तुम एक काम करो मेरी गांड मार लो जो अभी तक वर्जिन है और इससे तुम्हे भी मेरी वर्जिनीटी तोड़ने का सुख मिल जाएगा, उसको मेरा यह विचार बहुत अच्छा लगा तो उसने मुझे डॉगी स्टाईल की पोज़िशन में करके थोड़ा थूक अपने लंड पर लगाकर धीरे से मेरी गांड में सरकाया और उधर बड़े भैया ने अपने लंड के ऊपर से मेरी चूत का खून बेडशीट से साफ किया और मेरे मुहं में ले आए, उसमें से मुझे मेरी चूत की जानी पहचानी खुशबू आ रही थी, जो में हर रोज अपनी ऊँगली पर से लेती थी और उधर छोटे वाले भाई ने मेरे कूल्हों को पकड़कर एक ही झटके के साथ गांड में अपना लंड डाल दिया और जब उसने धक्के लगाने शुरू किए तो एक अजीब सा मज़ा आने लगा था, में बड़े भैया का लंड चूसने लगी.

    करीब दस मिनट बाद हम दोनों ही झड़ने को तैयार हो गये तो मैंने नीचे बैठकर उन दोनों का माल मुहं में ले लिया, सबसे पहले बड़े का और उसके बाद में अपने बॉयफ्रेंड का. उन दोनों ने एक एक करके फिर से मेरी आगे पीछे से चुदाई की. फिर बड़े भैया ने अपनी कार से मुझे अपने घर के पास छोड़ दिया. मुझसे दो दिन तक ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, क्योंकि मुझे चलने में बहुत दर्द होता और मुझे अच्छी तरह से पता था कि मेरी क्लास की चुदक्कड़ लड़कियाँ मेरी चाल को देखकर मुझसे सब कबूल करवा लेंगी.

    में : चलो अच्छा हुआ एक ही दिन गांड और चूत की सील टूटी, क्योंकि अब तुम्हे दो तारीख याद नहीं रखनी पड़ेगी.

    प्रेरणा : हाँ, लेकिन यह बहुत हद तक सच भी है यार और अभी तुम्हारा लंड कैसा है?

    में : तुम्हारी चूत में गरम बारिश करने को तड़प रहा है.

    प्रेरणा : हाँ आ जाओ. तुम्हे किसने रोका है और में हमेशा से तुम्हारी हूँ.

    में : हाँ, लेकिन वास्तव में ऐसा कब होगा प्रेरणा?

    प्रेरणा : बहुत जल्द डार्लिंग, क्योंकि जब से तुम्हारे मुहं से मैंने तुम्हारे लंड के जलवे सुने हैं और जैसे तुम अपनी माँ, बहन और दोस्त की बहन को चोदते हो, में तो कब से तुमसे चुदवाना चाह रही हूँ और आज ऐसा फ़ोन सेक्स करें कि पड़ोसियों तक की गांड जल जाए. दोस्तों फिर हम दोनों ने जबरदस्त फोन सेक्स किया और बहुत मज़े किए.

  • मनीषा भाभी की चूत को लंड खिलाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 20 साल है. मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह मेरे सेक्स अनुभव की पहली सच्ची कहानी है. जिसमे मैंने मेरी पड़ोस वाली भाभी जी के साथ जमकर सेक्स किया और अपनी और उनकी जिस्म की आग को ठंडा किया. मेरा लंड 7 इंच बड़ा है और यह दो साल पहले की बात है जब में 12th क्लास में था. दोस्तों मेरे पास के मकान में एक भाभी रहती है, उसका नाम मनीषा है. उनकी उम्र 30 साल है और वो बहुत सेक्सी है और उसका फिगर 34-28-36 है. जिसको देखकर में हमेशा उसको चोदने के बारे में सोचता था.

    उसके घर में उसके पति और एक उसका लड़का रहता है, उसका लड़का अभी दो साल का है. में उसके घर पर रोज आया जाया करता था. मनीषा के बूब्स बहुत मस्त और बड़े सेक्सी थे. जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स झूलते रहते थे. यह देखकर कोई भी मचल जाए और वो हमेशा आधी बांह का ब्लाउज पहनती थी. उसमें से उसके बूब्स पूरे बाहर की तरफ दिखते थे तो उन्हे देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता और फिर एक दिन वो मेरे घर पर मेरी माँ को मिलने आई और तब में भी घर पर ही था, तभी उसका साड़ी का पल्लू फिसलता हुआ नीचे गिर गया, तो वो एकदम साड़ी के पल्लू को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुकी तो ऐसा लग रहा था कि उससे बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे है.

    उसने पल्लू उठाते हुए मुझे देख लिया और में तो बस उनके बड़े बड़े बूब्स को देखकर एकदम पागल सा होने लगा था, तो उसने मुझे एक हल्की सी स्माइल दी और उस दिन से उसे महससू होने लगा कि में उसको छुपकर देखता हूँ, तो वो भी जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा देती थी. में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और सोचता कि काश में इसको चोद सकता और फिर में ऐसा सोचकर अपने घर पर आकर उनके नाम की मुठ मारता था और में उसके बड़े बड़े बूब्स और गांड के बारे में सोच सोचकर मुठ मारा करता था.

    तो एक दिन की बात है, में उसके घर पर गया वो घर पर एकदम अकेली थी और शायद बाथरूम से नहाकर अपने रूम में आकर कपड़े पहन रही थी. उस वक़्त उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी ही पहनी हुई थी. तो में उसे घूरकर देखता ही रह गया और शायद उसने भी मुझे देख लिया था, लेकिन फिर कुछ देर बाद में वहां से चला गया और फिर में कुछ दिन तक उसके घर पर नहीं गया. तो एक दिन उसने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम घर पर क्यों नहीं आते हो? लेकिन में बहुत देर तक चुप रहा और उसके बार-बार पूछने के बाद मैंने उससे कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ उसकी वजह से में आने से डरता था.

    उसने मुझसे बोला कि तुम वो बात किसी को मत बताना और फिर उस दिन से वो मुझसे बहुत करीब हो गयी. में जब भी उसके घर पर जाता तो वो जानबूझ कर सेक्सी स्माइल देती और अब वो भी मुझसे चुदना चाहती थी, वो सब मुझे उसकी हरकतों से महसूस होने लगा था. वो अधिकतर समय मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती, मुझे अपने बूब्स दिखाने की कोशिश किया करती थी. तो एक दिन जब में माँ के किसी काम से उसके घर पर गया तो मैंने देखा कि उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैंने भी जानबूझ कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी नहीं बजाई और उसके घर के अंदर चला गया.

    मैंने देखा कि घर पर कोई भी नहीं है और शायद वो उस समय बाथरूम में थी तो में चुपचाप सोफे पर जाकर बैठ गया और मैंने देखा कि वहां पर टेबल के नीचे एक किताब रखी हुई थी और जब मैंने उसको उठाकर देखा तो उसमे सेक्सी फोटो थे, सभी फोटो सेक्सी एक्शन में थे और अधिकतर नंगे आदमी के फोटो थे और उसमे आदमी के बड़े बड़े लंड थे, उन्हे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को बड़े बड़े लंड ज्यादा पसंद है और मैंने सोचा कि शायद मेरा नंबर लग जाएगा, क्योंकि मेरा लंड भी बहुत बड़ा था. फिर मैंने उस किताब को वहीं पर रख दिया. भाभी बाथरूम में थी तो में उसकी तरफ चल पड़ा और सोचा कि बाथरूम में उसे नहाते हुए देखा जाए और में उसे देखने लगा और जब मैंने बाथरूम में चुपके से देखा तो भाभी पूरी नंगी होकर नहा रही थी. तब तो वो और भी हॉट, सेक्सी दिख रही थी और वो अपने सारे बदन पर साबुन लगा लगाकर अपने बूब्स और चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी.

    तो यह सब देखकर मेरा लंड टाइट होकर खम्बे जैसा पूरी तरह खड़ा हो गया और वहां पर भाभी अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी और हल्की हल्की मोन कर रही थी और फिर वो उंगली को ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी, तो में समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और तब में वहां से हट गया और यह देखकर में तुरंत मेरे घर पर आ गया और बाथरूम में जाकर लंड को बाहर निकाला और मुठ मारने लगा और अब में समझ चुका था कि भाभी को क्या चाहिए और में यह बात सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोद सकूँ और एक दिन वो फिर से दोबारा बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी, तो में फिर से बाथरूम की तरफ चला गया और एकदम से दरवाजा खोला तो वो मुझे देखकर एकदम से चकित रह गयी. लेकिन मनीषा को सेक्स की भूख थी इसलिए उसने मुझे झट से अंदर खींच लिया और मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि गौरव में तुमसे चुदना चाहती हूँ और फिर वो मुझे किस करने लगी. तो मुझसे भी रहा नहीं गया और अब में भी उसको किस करने लगा और उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में उंगली करने लगा.

    मेरे ऐसा करने से उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकियाँ लेने लगी व मोन करने लगी. में उसको कुछ देर तक चूमता चाटता रहा और फिर मेंने उसको अपनी बाहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए. वो मुझे देखकर बहुत खुश हो गई. तो मैंने फिर धीरे से उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके बूब्स पर अपनी पकड़ मजबूत करके उसको अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और तभी भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज थोड़ा ज़ोर कम लगाओ. तो मैंने भाभी को अपनी बाहों में भरकर कसकर जकड़ लिया और भाभी भी मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थी.

    मैंने उनके दोनों होंठो को अपने होंठो के बीच में लेकर चूसने लगा. भाभी भी मेरी बाहों में अधनंगी खड़ी खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी बूब्स को मेरी छाती से दबा रही थी और फिर मुझे नंगा देखकर मनीषा भाभी हंसकर बोली कि तुम नंगे बहुत अच्छे दिखते हो और तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बहुत ही सुंदर लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको एक बार अपनी चूत में लेकर चुदवाना जरुर चाहेगी. तो में अब भाभी के पास गया और उनको अपनी बाहों में लेकर उनसे कहा कि मुझे कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हो या नहीं? तब भाभी बोली कि अरे तुम अभी भी नहीं समझे, में तो तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना चाहती हूँ जब से तुमने मुझे ब्रा पेंटी में देखा था और अब जल्दी से तुम मुझे चोद दो, मेरी चूत में आग लगी हुई है और वो मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी.

    में भाभी के एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर किसी बच्चे की तरह दूध पीने लगा और दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ में लेकर मसलने, दबाने लगा. तो भाभी भी अब तक पूरी तरह से गरम होकर जोश में आ गयी थी, उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़कर मुझको बेड पर धक्का देकर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी.

    तभी थोड़ी देर के बाद वो बोली कि वैसे तुम्हारा लंड बहुत ही सेक्सी है और आज मेरी चूत बहुत मज़े ले लेकर इस लंड से चुदेगी और अब तुम बिल्कुल चुपचाप पड़े रहो, क्योंकि अब मुझे तुम्हारे लंड का पानी चखना है. तो में बोला कि ठीक है भाभी, जब तक आप मेरा लंड का स्वाद चखोगी तब तक में भी आपकी चूत के स्वाद का आनंद उठाऊंगा, आइए हम दोनों 69 पोज़िशन पर पलंग पर लेटते और फिर हम दोनों पलंग पर एक दूसरे के पैर की तरफ मुहं करके लेट गये.

    फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर कर लिया और भाभी ने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होंठो से लगाकर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर उसे अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. दोस्तों तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कभी कभी उसको अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटने लगी. लेकिन मुझे अपने लंड को उनसे चुसाते हुए अब रहा नहीं गया और फिर मैंने उनके सर के बालों को पकड़कर अपने लंड को भाभी के मुहं में एक जोरदार धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया.

    भाभी लंड को अपने मुहं से बाहर निकालते हुए एक रंडी की तरह बोली, कि वाह मेरे राजा अभी और ज़ोर से डालो अपने लंड को मेरे मुहं में, और बाद में इसको इसी तरह मेरी प्यासी, तड़पती हुई चूत में डालना है और अब मैंने भी भाभी को जो कि मेरे ऊपर लेटी हुई थी, उसके दोनों पैर को फैला दिए और अब मेरी आँखो के सामने उनकी झांटो वाली एकदम गुलाबी चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरे लंड को खाने के लिए एकदम तैयार थी.

    में अपनी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. वो बहुत आसानी से अंदर तक जा रही थी और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन तभी भाभी ज़ोर से बोली कि अरे क्यों ऐसे टाईम बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को तुम्हारी यह छोटी सी उंगली नहीं चाहिए, उंगली तो मेरे पास भी है, उसे तो तुम्हारा वो बड़ा सा मोटा लंड चाहिए और उससे पहले तुम इसको अपनी जीभ से चोदो, बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो अब तुम्हारा लंड खाने की लिए तरस रही है.

    तो मैंने कहा कि क्यों इतनी चिंता कर रही हो भाभी, में अभी आपकी चूत से मेरे लंड का मिलन करवा देता हूँ. लेकिन उससे पहले में आपकी चूत का रस तो चखकर देखूं कि मेरी भाभी की गरम चूत का स्वाद कैसा है और वैसे मैंने सुना है कि सुंदर और सेक्सी औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है. तो भाभी बोली कि ठीक है जो मर्ज़ी में आए वो करो, यह चूत अब तुम्हारी ही है, तुम इसका जैसे चाहो वैसे मजा ले लो. लेकिन हाँ एक बात और जब हम एक दूसरे को चोदने के लिए तैयार है और एक दूसरे की चूत और लंड चाट रहे है, चूस रहे है तब यह आप आप का क्या राग लगा रखा है, तुम अब मुझको मेरा नाम लेकर पुकारो और यह आप आप की राग छोड़ो और फिर मैंने देखा कि उनकी चूत लंड लेने के लिए खुल और बंद हो रही है और अपनी लार बहा रही थी और उनकी चूत बाहर और अंदर से बिल्कुल रस से भीगी हुई थी.

    फिर मैंने जैसे ही अपनी जीभ को भाभी की चूत में अंदर डाला तो वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वाह क्या चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो इसे और ज़ोर से चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को और अंदर तक अपनी जीभ घुसा दो अह्ह्ह मेरी चूत के दाने को भी चाटो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह बहुत मज़ा आ रहा है और में अब झड़ने वाली हूँ और इतना कहते ही भाभी की चूत ने गरम गरम मीठा रस छोड़ दिया, जिसको में अपने जीभ से चाट चाटकर पूरा का पूरा पी गया और उधर भाभी ने अपने मुहं में मेरा लंड लेकर उसको बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही मिनट के बाद में भी भाभी के मुहं में झड़ गया और मेरे लंड का रस भाभी के मुहं के अंदर चला गया और वो उसे पूरा का पूरा पी गयी. अब भाभी का चेहरा कामुकता से चमक रहा था.

    उनको अब अपनी चुदाई की बहुत जल्दी थी और फिर वो मुस्कुराती हुई बोली कि चूत चुसवाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन में अब अपनी चूत कि चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ. अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिए तैयार करो और मेरी चूत में डाल दो, अब मुझसे रहा नहीं जाता. तो मैंने भाभी को पलंग पर चित करके लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर घुटने तक लाकर मोड़ दिया और फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा खोलकर उनकी चूत के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

    मनीषा भाभी अब बिल्कुल ही पागल हो रही थी वो चीखने चिल्लाने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी और कह रही थी कि चोद दो मेरी चूत को औऊऊऊऊ आईईईईईईइ फाड़ डालो आज अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरी इस चूत को, हाँ और ज़ोर से धक्का दो अह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को आज चोद चोदकर भोसड़ा बना दो, और ज़ोर से, हाँ और ज़ोर से धक्का दो.

    फिर मैंने भी जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड मनीषा भाभी के चूत में घुसा दिया और मेरा लंड बहुत आसानी से उनकी चूत में चला गया क्योंकि वो एक बच्चे की माँ थी और उस समय उनकी चूत बहुत गीली थी. मेरा लंड अंदर जाते ही वो पागलों की तरह चीखने, चिल्लाने लगी ऊऊऊओहआअहह और ज़ोर से चोदो आज इस चूत का सारा पानी निकाल दो ओहह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरी जान चोदो मुझे. उनकी यह बातें बार बार सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और में जल्दी जल्दी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और कुछ देर चोदने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठकर मेरे लंड की घुड़सवारी करने लगी और मनीषा भाभी बहुत मस्त घुड़सवारी कर रही थी. वो फिर से कहने लगी कि चोद दे आज इस रंडी को, बुझा दे प्यास इस चूत की, यह इस लंड की बहुत दिनों से प्यासी है.

    मुझे यह बात सुनकर और जोश चढ़ रहा था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से उसको चोदना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफ्फ़ और ज़ोर से चोदो कह रही थी और फिर करीब 45 मिनट तक लगातार चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और बहुत थककर मनीषा के ऊपर लेट गया. लेकिन मेरा लंड अब भी उसकी चूत में ही था. तो कुछ देर बाद में उठा और बाथरूम चला गया और साफ करके बाहर आ गया. लेकिन भाभी अब भी वहीं पर पड़ी हुई अपनी गीली चूत में उंगली कर रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी बाथरूम चली गई और उस दिन मैंने उनको दो बार और चोदा. लेकिन उस दिन से आज तक मुझे जब भी टाईम मिलता है तो में मनीषा भाभी को रोज चोदता हूँ.

  • दोस्त की बीवी के साथ सुहागरात मनाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर आनंद है और में मुंबई से हूँ. मेरी उम्र 27 साल है, मेरी हाईट 6 फुट है और दिखने में सुंदर हूँ और में एक कंपनी में जॉब करता हूँ.

    ये बात आज से 2 साल पहले की है जब में एक कंपनी में जॉब करता था. वहां पर बहुत से लड़की और लड़के मेरे दोस्त थे, मेरे दो दोस्तों की शादी होने वाली थी और दोनों मेरे अच्छे दोस्त थे. एक लड़की जिसका नाम कुसुम था और लड़के का नाम राकेश था. कुसुम से मेरी अच्छी दोस्ती थी. कुछ दिन पहले हम बहुत अच्छे दोस्त थे और हमारे बीच किसिंग तक बात पहुँच गई थी, लेकिन तभी मैंने कंपनी चेंज कर ली थी. उसके बाद से मेरी और कुसुम की मुलाकात कम हो गई, बस कभी-कभी फोन पर बात होती थी.

    कुछ दिन बाद उसका कॉल आया कि वो और राकेश शादी कर रहे है और उसने मुझे शादी में बुलाया था. दूसरी तरफ राकेश ने भी मुझे अपनी शादी के बारे में बताया और अपनी शादी में इन्वाइट किया. शादी के दिन कुसुम ने लाल कलर की साड़ी का जोड़ा पहना था. कुसुम की हाईट 5 फुट 4 इंच थी, रंग गोरा, गाल फूले हुए और आँखे बड़ी-बड़ी थी. होंठ पतले और बाल लंबे, बूब्स 36 और कमर 26, कूल्हे 36 थे. मुझे ये सारी बात तब पता चली थी जब हमारे बीच में अच्छे रिश्ते थे. वो बहुत सेक्सी थी.

    में उसको तभी चोदना चाहता था, लेकिन तब किसी कारण से ऐसा कर नहीं पाया था और अब जब उसकी शादी हो रही थी तो मुझे अफ़सोस हो रहा था कि आज तो उसे राकेश जमकर उसके इस खूबसूरत जिस्म का मज़ा लेगा और जमकर उसकी चूत को चोदेगा. उसने जो ब्लाउज पहना था, उसका गला भी बहुत गहरा था, जिससे उसके बूब्स के ऊभार के साथ दोनों बूब्स के बीच की लाईन साफ दिख रही थी.

    फिर दोनों की शादी हुई, हम कुछ दोस्त उन दोनों के पास गये और उन्हें शादी की बधाई दी. फिर अपने-अपने घर जाने के लिए तैयार हुए, तब राकेश ने कहा कि अरे अभी तुम लोग घर नहीं जाओगे, आज तो मेरे पास पार्टी करने का आख़िरी मौका है. हम 5 दोस्त थे, फिर हम राकेश के घर गये. आज राकेश की सुहागरात थी और उसका घर छोटा था.

    इस वजह से उसके सारे रिश्तेदार उसके दूसरे घर पर रुके थे, जहाँ उसके पापा-मम्मी और उसकी बहन रचना जिसकी उम्र 19 साल थी और वो 12 वीं क्लास में पढ़ती थी, उसका एक छोटा भाई भी था जो उनके साथ रहता था. फिर हम सब राकेश के घर पर पहुँच गये थे, राकेश और उसकी पत्नी कुसुम ऊपर चले गये और हम 5 दोस्त नीचे बैठ के गप्पे मारने लगे और वाईन की एक बोतल जो राकेश हमें ऊपर जाने से पहले देकर गया था, हमने वो बोतल खोलकर एक एक पेग लगाया. तब तक राकेश भी ऊपर से कपड़े चेंज करके आ गया और बोलने लगा तुम सब ने मेरे बिना ही पार्टी शुरू कर दी.

    मैंने मज़ाक किया कि हमें तो लगा कि तू तो अब सुबह ही हमसे मिलेगा, इतनी जल्दी तेरा काम हो गया? ये बात बोलकर हम सब दोस्त हंसने लगे. राकेश भी हमारे साथ बैठते हुए बोला कि अबे सालो अभी तो मैंने सिर्फ़ चाय पी है, डिनर तो अभी बाकी है और उसके लिए थोड़ा मूड बनाना पड़ेगा. फिर हम सबने मस्ती मज़ाक के साथ पूरी बोतल जल्द ही खाली कर दी. तभी अनिल जो कि हमारे एक दोस्त का नाम था. उसने कहा कि क्या राकेश हम 6 लोग और बोतल सिर्फ़ एक, ये ग़लत बात है.

    हम सबको थोड़ी थोड़ी वाईन चढ़ने लगी थी, लेकिन शायद राकेश को ज्यादा ही चढ़ गई थी. वो जोश में आकर तुरंत एक और बोतल निकाल लाया और हमें देते हुए कहा कि सालो आज जमकर पियो, मेरे पास और स्टॉक में पड़ी है, जितनी चाहो उतनी पियो. तब अनिल ने कहा कि तुझे भी हमारा साथ देना पड़ेगा तो राकेश मान गया और कहा कि में बस 2 और पेग लूँगा. फिर चला जाऊंगा. फिर सबका नया पेग बना, सबने अपना पेग ख़त्म किया, इतने में हमारे साथ के 3 दोस्तों ने कहा कि यारों अब हम चलते है, हमें बहुत दूर जाना है और तुम लोग पार्टी चालू रखो. फिर वो निकल गये, अब वहां में, अनिल और राकेश थे. मेरा और अनिल का फ्लेट पास में ही था, इसलिए हमें कोई जल्दी नहीं थी, रात के अभी 12 बज रहे थे. हमें पार्टी करते हुए 45 मिनट हो गये थे.

    फिर अनिल ने एक-एक और पेग बनाया. इस बार का पेग पहले से डबल साईज़ का था. राकेश को बहुत चढ़ गई थी, वो ये पेग लेने से मना कर रहा था, लेकिन हमने उसे ज़बरदस्ती वो पेग लेने को मना लिया और कहा कि ये पेग ख़त्म कर और जाकर नया पेग खोलकर देख और मज़े ले.

    उसने भी हँसते हुए कहा हाँ यारों मेरी डार्लिंग मेरा इंतजार कर रही होगी, में कितने दिनों से उसे बोल रहा था कि जो काम शादी के बाद करना है वो हम अभी ही कर लेते है, लेकिन वो हमेशा मना करती रही कि नहीं शादी के बाद इसका अलग ही मज़ा होता है इसलिए सेक्स शादी के बाद ही करना चाहिये. आज तो में उसकी सारी अकड़ निकाल दूँगा, वैसे भी शराब पीने के बाद अच्छे अच्छे बहक जाते है, उन्हें पता भी नहीं होता कि वो क्या बोल रहे है और क्या कर रहे है. हम सबने अपना पेग ख़त्म किया और सिगरेट जलाई और थोड़ी देर तक वहीं बैठकर बातें करते रहे.

    थोड़ी देर के बाद में बाथरूम गया और 10 मिनट के बाद बाहर निकला. तब तक अनिल अपने घर जा चुका था और राकेश वहीं सो गया था. वो जोश में शायद ज्यादा ही पी गया था, चढ़ तो मुझे भी गई थी, लेकिन में अब भी होश में था. मैंने राकेश को जगाने कि कोशिश भी की लेकिन वो जागा नहीं. मैंने सोचा कि ऊपर जाकर कुसुम को बता देता हूँ कि राकेश नीचे सो गया है और में अब घर जा रहा हूँ, वो नीचे आकर दरवाजा बंद कर ले. ये सोचकर में ऊपर गया और उसके बेडरूम का दरवाजा लॉक नहीं था, बल्की ऐसे ही सटा हुआ था.

    मैंने हल्का सा धक्का देकर दरवाजा खोला और देखा अंदर बेड पर गुलाब के फूल बिखरे पड़े थे, कमरा फूलों से सज़ा था और कुसुम ने सफ़ेद गुलाबी कलर की नाइटी पहनी हुई थी. में उसके बेड के पास गया तो देखा कि उसकी नाइटी उसके घुटनों से ऊपर उठी हुई थी. उसके गोरे गोरे पैर चमक रहे थे, उसकी मोटी मोटी जांघे दिख रही थी. उसकी नाइटी भी बहुत पतली और पारदर्शी थी, जिससे उसका गोरा बदन साफ दिख रहा था. मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई जो कि दूध की तरह एकदम सफ़ेद आधे बाहर थे. अब मेरे मन का शैतान जाग गया था और मैंने राकेश की जगह खुद ही सुहागरात मनाने का प्लान कर लिया.

    में वहीं बेड पर उसके पास बैठ गया और उसकी नाइटी को और ऊपर सरकाकर उसकी कमर तक कर दिया. अब उसकी मोटी मोटी जाँघ और गुलाबी पेंटी साफ दिख रही थी. पेंटी में उसकी चूत का उभार और चूत के बीच की लाईन भी साफ दिख रही थी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी जाँघो को सहलाना शुरू किया और जैसे ही उसकी चूत पर मेरा हाथ गया तो वो जाग गई.

    पहले तो उसे लगा कि राकेश है तो उसने कुछ नहीं कहा. फिर उसे अहसास हुआ कि ये राकेश नहीं है तो वो झठ से उठकर बैठी और अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली तुम यहाँ क्या कर रहे हो? राकेश कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि राकेश नीचे पीकर सो गया है. में तो घर जा रहा था और राकेश जाग नहीं रहा था इसलिए तुम्हें बताने ऊपर आया, तो तुम्हारे खूबसूरत जिस्म को देखकर रुक गया.

    फिर मैंने उसे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और उससे बोलने लगा कुसुम डार्लिंग आई लव यू वेरी मच, मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हारा पहला प्यार तो में हूँ इसलिए तुम्हारे इस जिस्म पर पहला हक तो मेरा बनता है और में उसे किस करने लगा. वो मुझसे से छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन वो अपने आपको छुड़ा नहीं पा रही थी.

    उसने कहा शेखर तुम होश में नहीं हो, ये सब ग़लत है. में अब राकेश की पत्नी हूँ और राकेश तुम्हारा दोस्त है. तुम उसके साथ धोखा नहीं कर सकते. मैंने कहा में कौनसा तुमसे शादी कर रहा हूँ और ना ही अपने दोस्त राकेश से उसकी पत्नी को चुरा रहा हूँ, में तो बस तुमसे प्यार करना चाह रहा हूँ. कल से तो राकेश तुम्हें प्यार करेगा ही कुसुम ने मुझे बहुत समझाने की कोशिश की और खुद को छुड़ाने की भी भरपूर कोशिश की, लेकिन ना तो वो मुझे समझा पाई और ना खुद को मेरी पकड़ से छुड़ा पाई.

    फिर उसने कहा शेखर तुम पागल हो गये हो, तुम मुझे छोड़ो नहीं तो में चिल्लाने लगूंगी. तब मैंने उसे बताया कि अरे मेरी जान क्यों अपनी शादीशुदा लाईफ बर्बाद करने पर लगी हो, जो अभी शुरू भी नहीं हुई है. अगर राकेश ऊपर आयेगा तो में उसे तुम्हारे और मेरे बीच पहले क्या था, वो सारी बात बता दूँगा और उस समय की हमारी कुछ फोटो भी मेरे पास है, जो में उसे दिखा दूँगा. फिर क्या होगा डार्लिंग? तुम्हारी लाईफ तो बर्बाद हो जायेगी. अब वो रोने जैसा चेहरा बनाकर बोली कि प्लीज शेखर ऐसा मत करो. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो को चूसने लगा और अपने हाथों से उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.

    वो अब भी नहीं नहीं बोल रही थी तो मैंने उसे डांटते हुए कहा कि जो में कर रहा हूँ वो मुझे करने दो, नहीं तो में अभी राकेश को सारी बातें जाकर बता दूँगा. अब कुसुम के पास कोई और रास्ता नहीं था सिवाय कि वो मुझे मेरी मनमानी करने दे, वो अब शांत हो गई थी. मैंने कहा देख राकेश तो वैसे भी आज तुझे चोदने से रहा नहीं, तो समझ ले कि में ही राकेश हूँ और तू अपनी सुहागरात मना, क्या हुआ अगर उसकी जगह में हूँ तो. थोड़ी देर बाद में चला जाऊंगा तो तू कल राकेश के साथ फिर से सुहागरात मना लेना, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.

    अब वो राज़ी हो गई थी मज़बूरी में ही सही, मुझे क्या फर्क पड़ता है, मुझे तो बस उसे चोदने से मतलब था. में भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. उसकी मेहंदी से रचे हाथों में लाल रंग की चूड़ियाँ भरी हुई थी और उसके बूब्स बेरहमी से मसले जा रहा था और उसके होंठो और गालों को चूमने के साथ साथ अपने दांत भी चुभा रहा था और वो बस कसमसा रही थी.

    फिर मैंने उसकी नाइटी को निकाल कर उसके ज़िस्म से अलग कर दिया और उसकी ब्रा को भी खोलकर फेंक दिया. अब उसके दूध जैसे सफेद और बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखों के सामने थे, मैंने एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथों से मसल रहा था और उसके निप्पल को अपनी उँगलियों से बीच बीच में ज़ोर से मसल भी रहा था. फिर 15 मिनट तक में उसके बूब्स के साथ खेला फिर नीचे की तरफ आया. उसके सपाट पेट और गहरी सी नाभि में अपनी जीभ फेरने लगा.

    अब वो भी गर्म हो रही थी और मज़े ले रही थी. उसके मुँह से सिसकियां निकल रही थी और वो अपने हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी. में थोड़ी देर के लिए उठा और झठ से अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा होकर उसके ऊपर सवार हो गया. उसके ज़िस्म पर सिर्फ़ एक पिंक कलर की पेंटी थी, जिसके नीचे उसकी फूली हुई चूत छिपी हुई थी. मैंने झठसे उसकी पेंटी को निकाल कर फेंक दिया. अब उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने थी. उसने अपनी चूत के बाल आज ही साफ किए होंगे, क्योंकि उसकी चूत एकदम चिकनी थी, बालों का कही कोई निशान नहीं था, उसे पता था कि आज उसकी चूत चुदेगी इसलिए उसने इसे पहले ही साफ कर लिया था. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.

    फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया और में उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया था. मेरे हाथ उसकी मांसल जांघों पर फिसल रहे थे और मेरी जीभ उसकी चूत में सुराख खोज रही थी. फिर 10 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका शरीर कांपने लगा.

    उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग किया. में उसकी चूत को छोड़कर उसकी जांघों को चूमने लगा. उसके पैर भी एकदम सफ़ेद थे और एकदम चिकने थे, मेरे लगातार चूमने से उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और बार बार कह रही थी कि फक मी ओह आहह यू आर ग्रेट शेखर, तुमने मुझे पागल कर दिया, ओह बहुत मज़ा आ रहा है, आआअई हह. अगर मुझे पहले पता होता कि सेक्स में इतना मज़ा आता है और तुम मुझे इतना मज़ा दोगे तो में तुमसे पहले ही ये सब करवा चुकी होती, वो बड़बडाये जा रही थी.

    फिर मैंने उसे पेट के बल लेटा दिया और अब में उसकी पीठ और कमर को चूमे जा रहा था और वो मादक अदा से बेड पर मछली की तरह तड़प रही थी. अब में उसकी गांड तक पहुँच गया था. उसकी गांड बहुत कोमल और चिकनी और बड़ी थी. फिर मैंने उसकी गांड पर भी किस करना शुरू कर दिया और उसके कूल्हों को अपने दातों से काट भी रहा था और अपने हाथ से उसके कूल्हों को मसल भी रहा था और वो बेड पर उछल रही थी. मैंने उसे फिर से सीधा किया और अपने लंड को उसके दोनों बूब्स के बीच में रखकर उसके दोनों बूब्स को अपने लंड पर दबा दिया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा तो उसने खुद ही अपने बूब्स को पकड़कर ज़ोर से मेरे लंड पर दबा दिया. मैंने उसके मुँह को नज़दीक किया और अब मेरे लंड का सुपाड़ा उसके बूब्स को चोदता हुआ उसके मुँह में घुस रहा था, जिसे वो बड़े मज़े से अपने मुँह में ले रही थी और चूस रही थी.

    फिर 5-7 मिनट के बाद मैंने अपने लंड को उसके बूब्स से बाहर निकाला और उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा. में नशे में था इसलिए कुछ ज्यादा ही अपने लंड को उसके मुँह में अंदर तक डाल रहा था, जिससे मेरा लंड उसके गले तक पहुँच रहा था और वो बेचैन हुए जा रही थी. उसकी आँख से आसूं निकल रहे थे और वो मुझे दूर हटाने की भी कोशिश कर रही थी, लेकिन में तो वही कर रहा था जो मुझे करना था.

    फिर 5 मिनट तक उसके मुँह की चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला, तब जाकर कुसुम के अन्दर जान में जान आई और ज़ोर जोर से साँसे लेने लगी और बोली कि तुम पागल हो गये हो, एक तो तुम्हारा लंड इतना मोटा और लंबा है और मुझसे सांस भी नहीं लिया जा रहा था और तुम्हारा लंड मेरे गले में पहुँच रहा था.

    फिर मैंने उसके चेहरे को सहलाते हुए कहा कि कुसुम डार्लिंग इसे जंगली चुदाई कहते है और फिर मैंने उसकी टांगो को फैला दिया और उसके बीच में बैठ गया और उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. अब कुसुम ने कहा कि प्लीज शेखर ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चोदना, तुम्हारा लंड बहुत ख़तरनाक है, मेरी जान निकल जायेगी, प्लीज. मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि तुम टेन्शन मत लो जान, में आराम से ही करूँगा.

    तभी उसने बेड के किनारे से एक जेल का डब्बा दिया और कहा ये राकेश ले कर आया था. इसे अपने लंड पर और मेरी चूत पर ठीक से लगा दो इससे तुम्हारा लंड आसानी से मेरी चूत में घुस जायेगा और मुझे थोड़ा कम दर्द होगा. मैंने उसके हाथ से जेल का डब्बा लिया और अपने लंड पर ढेर सारा जेल लगा लिया और उसकी चूत को भी जेल से भर दिया. उसकी चूत का मुँह एकदम चिपका हुआ था, मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी फांको को अलग किया और उसके छेद को देखा, जो कि बहुत ही पतला था. मैंने अपनी उंगली उसके छेद में डाली तो वो उछल गई और बोली कि धीरे करो, दर्द हो रहा है.

    मैंने कहा ये तो मेरी उंगली है जान और जेल तुम्हारे छेद में लगा रहा हूँ डरो नहीं. फिर मैंने उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया. फिर 2 मिनट के बाद मैंने उंगली निकाली और अपने लंड को उसके छेद पर टिका दिया और उसके पैरों को उसके पेट की तरफ मोड़ते हुए में उसके ऊपर लेट गया और उसकी पीठ के पीछे से उसके दोनों कंधो को ज़ोर से पकड़ लिया, ताकि जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसे तो वो दर्द की वजह से वो हिले नहीं.

    फिर मैंने अपने लंड पर जोर लगाया तो लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसके अंदर घुसने लगा और उसके मुँह से कराहने की आवाज़ निकलने लगी, आई ह ऊईईईई रुको में मर गई, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके गालों, होंठो, कान और गले को चूमता रहा और अपने लंड को उसकी चूत में पेलता रहा. जेल लगी होने की वजह से लंड बड़े मज़े से उसकी चूत में फिसलता हुआ जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. अब तक 6 इंच लंड उसकी चूत के अंदर घुस चुका था और वो दर्द से कराह रही थी और छटपटा रही थी.

    में थोड़ी देर रुका और उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लगा. फिर 5 मिनट के बाद में उसके ऊपर से उठा और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. फिर 3-4 मिनट के बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को पूरा बाहर खींचा और एक जोरदार झटका मारा. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चूत की दीवार से जा टकराया, जिससे घप की आवाज़ आई और उसके मुँह से ज़ोर की चीख निकली, आई माँ उई मार डाला साले, तेरी माँ का, साले धीरे धीरे नहीं पेल सकता, तेरी गांड में अगर में डंडा डालूंगी तब पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है, वो कराह भी रही थी और मुझे गालीयां भी दे रही थी. फिर मैंने कहा कि बस जान, अब पूरा लंड तेरी चूत में घुस चुका है अब और दर्द नहीं होगा, उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. थोड़ी देर तक में भी रुका रहा और उसकी चूत को सहलाता रहा.

    फिर मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगने लगा. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था और तकिये पर गिर रहा था. तकिया भी उसकी चूत के खून से लाल हो गया था. फिर मैंने पास में रखे पानी से उसकी चूत पर लगा खून और मेरे लंड पर लगा खून साफ किया और थोड़ा और जेल अपने लंड पर और उसकी चूत में लगाकर फिर से उसकी चूत में घुसा दिया और झटके देने लगा. उसे अब भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था, लेकिन मेरे लंड के घर्षण से उसे मज़ा भी आने लगा था.

    फिर 10 मिनट के बाद अब वो भी अपनी गांड को हिला हिलाकर मेरा साथ देने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब वो एक बार फिर से गर्म हो गई थी और सिसकियां लेने लगी थी और बड़बडाना भी शुरू कर दिया था और चोद साले शेखर दम लगाकर चोद, आज तूने मेरी चूत फाड़ ही है, साले हरामी जितनी जान है उतनी जान से मेरी चुदाई कर. मुझे भी उसकी बातें सुनकर जोश आ रहा था और में भी जोरदार झटके दे रहा था.

    जब मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकराता तो वो थोड़ी उछल जाती और मुझे गाली देने लगती. चोद साले लंड के साथ तू भी घुस जा मेरी चूत में, में भी उसे गालीयां दे रहा था. साली तुझे तो में बहुत पहले ही चोदना चाहता था, लेकिन कोई बात नहीं, आज तुझे तेरी सुहागरात पर तेरे पति के घर में, उसके ही बेड पर तुझे चोदने का मज़ा ही कुछ और है, रंडी साली पहले तो बहुत नखरे कर रही थी, अब मज़ा ले मेरे लंड का. मेरे लंड से चुदवाने के बाद मेरा दावा है कि साले राकेश के लंड से तेरा मन नहीं भरेगा.

    पूरे रूम में गालियां गूँज रही थी और साथ में उसकी चूत से फक फक सट फक की मधुर आवाज़ आ रही थी. लगभग 20 मिनट तक और ऐसा चला. इस बीच वो एक बार और झड़ गई और वो मुझे रोकने लगी. वो बुरी तरह कांप रही थी और अपने हाथ से मुझे दूर धकेल रही थी, लेकिन में रुका नहीं और उसके हाथ को पेट पर दबा दिया और उसके ऊपर चढ़कर में और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदे जा रहा था और वो बुरी तरह कांप रही थी. उसके मुँह से आवाज़ तक नहीं निकल रही थी और उसने पेशाब करना शुरू कर दिया, उसके गर्म गर्म पेशाब की धार मेरे लंड पर बरसने लगी. उसकी चूत मेरे लंड पर झटके मार रही थी.

    फिर 5 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, वो रुक रुककर पेशाब करती रही, उसका शरीर कांपता रहा और चूत झटके मार मारकर पेशाब के साथ पानी भी छोड़ रही थी. पूरा तकिया और बेड गीला हो गया था. लेकिन मेरा लंड था कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. अब वो पूरी तरह बेजान सी बेड पर पड़ी थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके शरीर में कोई जान ही नहीं है.

    मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और उसे बेड से नीचे उतरने को कहा, लेकिन वो हिल ही नहीं रही थी. मैंने उसे उठाकर बेड के किनारे पर किया और उसे पेट के बल बेड पर लेटाया और उसके पैरों को नीचे ज़मीन पर कर दिया और उसकी टाँगे फैलाकर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर से उसकी चुदाई करने लगा. मेरे झटके से उसके बड़े बड़े कूल्हे हिल रहे थे.

    लेकिन वो अब भी बेजान सी पड़ी हुई थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे चोदता रहा. फिर 10 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और उसकी पीठ पर ही लेट गया. फिर 5 मिनट तक में उसके उपर ही लेटा रहा, फिर उठकर अलग हुआ और अपने कपड़े पहनने लगा. तब तक कुसुम भी उठकर बेड पर बैठ गई थी. मैंने उसकी तरफ देखा और स्माइल की तो उसने भी रिप्लाई में स्माइल की.

    मैंने कहा कि अब में जा रहा हूँ, अब तक हम लोगों को ये सब करते हुए 3 घंटे हो गये थे और रात के 3 बज रहे थे. तब कुसुम ने बेड कि हालत देखी और बोली देखो तुमने बेड की और मेरी क्या हालत कर दी है. आधी रात तो चुदने में निकल गई और बाकी की रात ये सब साफ करने में निकल जायेगी. वो बेड से उतरने लगी, जैसे ही वो खड़ी हुई तो थोड़ी लड़खडाई तो मैंने उसे थाम लिया. फिर वो बोली कि तुम्हारे लंड की चुदाई की वजह से मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है. अब ये सब साफ कैसे होगा? तो मैंने कहा में तेरी मदद कर देता हूँ.

    फिर मैंने उसके बेड के गद्दे को पलटकर बिछा दिया और कुसुम लंगड़ाती हुई दूसरा चादर ले आई और हम दोनों ने चादर बिछा दी और तकिये और चादर को कुसुम ने वॉशिंग मशीन में डाल दिया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम नहा लो तो तुम्हें कुछ आराम मिलेगा. वो नहाने बाथरूम में चली गई और में भी नीचे आया और देखा कि राकेश तो अब भी बेहोश लेटा हुआ है. उसे तो पता भी नहीं कि उसके कुछ किये बिना ही उसकी नई नवेली पत्नी की सुहागरात मन चुकी है.

    मैंने वहां पड़ी सिगरेट उठाई और जलाते हुए ऊपर कुसुम के कमरे में आ गया, कुसुम अन्दर बाथरूम में नहा रही थी और दरवाजा खुला ही था. में दरवाज़े पर जाकर खड़ा हो गया और देखा तो कुसुम खड़ी हो कर शॉवर ले रही है और नीचे फर्श पर पानी लाल होकर पड़ा है. फिर 2 मिनट के बाद कुसुम बाहर आई और अपनी ब्रा और पेंटी पहनी और नाईटी पहनते हुए बोली कि अब तुम जाओ, में ठीक हूँ. हांलाकि वो अब भी थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी.

    फिर मैंने उसे एक बार और किस किया और उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि जब कभी भी मेरे साथ चुदवाने का मन करे तो बोल देना. फिर उसने कहा कि नहीं, आज के बाद कभी नहीं, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी है, तुम जानवर हो. मेरी चूत भी बुरी तरह जल रही है. मैंने उसके कूल्हों पर थपकी मारते हुए कहा कोई बात नहीं जान, कल सुबह तक तुम ठीक हो जाओगी. में ये कहकर नीचे आ गया और पीछे पीछे कुसुम भी आई. मैंने कुसुम को बाय किया और उसने दरवाजा बंद कर दिया. मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और अपने फ्लेट पर चला गया.

  • भाभी और किरायेदार का कामसूत्र

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम ऋषि है और अभी मेरी उम्र 25 साल है और मैंने अभी कुछ महीने पहले ही अपना कॉलेज खत्म किया है. दोस्तों में आज आपको अपनी लाईफ की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ और यह आज से 5 साल पहले की है. दोस्तों मैंने जब कॉलेज में दाखिला लिया था.. तब मुझे हॉस्टल नहीं मिल पाया और में दूसरे शहर से आया था और मुझे एक रूम की तलाश थी. फिर मुझे अपने घर वालों से पता चला कि मेरे एक दूर के रिश्ते से भैया और भाभी इसी शहर में है और उनको भी एक किरायेदार चाहिए था. तो बस में उनके यहाँ पर पहुंच गया और मैंने उन्हे अपने बारे में सब कुछ बताया और फिर उन्होंने मुझे एक रूम किराए पर दे दिया और हमारे बीच रूम का किराया भी तय हो गया.

    फिर एक महीने बाद में उनके यहाँ पर रहने के लिए चला गया और में हर रोज कॉलेज जाता और शाम को 6-7 बजे ही घर पर लौटकर आता. में जिनके घर पर रह रहा था वहां पर दो ही सदस्य थे भैया और भाभी. भाभी की उम्र 32 साल उनका फिगर क्या बताऊँ बहुत ही गजब था.. उसका साईज 38-27-35 था और वो दोनों अपनी लाईफ में बहुत व्यस्त थे. भैया रोज ऑफिस जाते थे और भाभी घर का काम और कोचिंग करती थी और में भी अपनी लाइफ में व्यस्त था.

    में कॉलेज से आता कपड़े चेंज करता, खाना ख़ाता और पढ़ता और देर रात को रोज ब्लूफिल्म देखना और सोने से पहले ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को हिलाना.. में यह सब करीब रात को रूम लॉक करके 2-3 बजे करता था और मुझे ऐसा करते-करते 6 महीने निकल गये. तो एक दिन मैंने कॉलेज में एक बहुत मस्त लड़की देखी.. उसकी गांड बड़ी ज़बरदस्त थी और मैंने उसी दिन उसको झुकते हुए देखा तो मुझे उसके पूरे बूब्स दिखाई दिए और बस उस दिन तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और में सोच रहा था कि एक बार वो मुझे मिल जाए तो में उसे बहुत चोदूंगा.. क्योंकि मैंने रोज लंड को हिला हिलाकर इतना जोश बड़ा लिया था कि में पूरे दिन भी उस लड़की को चोद सकता था और मेरा पानी भी अब जल्दी नहीं बल्कि आराम से निकलता था.

    फिर में उस दिन कॉलेज से जल्दी आया और सीधा रूम में घुसा.. अपने सारे कपड़े उतारे और उसको याद करके ज़ोर-ज़ोर से लंड को हिलाने लगा. उसकी क्या गांड और बूब्स थे और फिर कुछ देर बाद में झड़ गया और अपने सभी कामों से फ्री होकर सो गया. तो अगले दिन भी वैसी ही घटना हुई और में उसकी गांड, बूब्स को देखकर लंड को सहलाने लगा लेकिन तभी उस दिन मुझे भाभी का कॉल आया तो उनको किसी काम से कहीं जाना था और बोला कि घर पर कोई नहीं रहेगा. तो मैंने भी अपना दिमाग़ दौड़ाया और जिस टाईम भाभी ने बाहर जाने को बोला.. में उस टाईम पर घर पहुंच गया और सीधा अपने रूम में गया. अपने सारे कपड़े उतारे और ज़ोर से लंड को हिलाने लगा. उस दिन मैंने अपना रूम लॉक नहीं किया.. क्योंकि मुझे लगा कि भाभी चली गयी होगी. फिर जैसे ही में हिलाने के बाद बेड पर लेटा तो मुझे दरवाजा खुला हुआ मिला. लेकिन मुझे वहाँ पर कोई भी दिखाई नहीं दिया और जब मैंने बाहर देखा तो भाभी घर में ही थी.. में तो एकदम बहुत डर गया. तभी मैंने कपड़े पहने और बाहर गया और उनसे पूछा कि भाभी क्यों आप नहीं गये? तो उन्होंने मुझे शक की नज़रों से देखा और कहा कि अभी जा रही हूँ और मेरे साथ ऐसा व्यहवार किया कि जैसे उन्होंने कुछ नहीं देखा.. तो मुझे बहुत आराम मिला कि चलो उन्होंने कुछ भी नहीं देखा.

    फिर एक हफ्ते बाद भैया ऑफिस के काम से बाहर चले गये और भाभी घर पर ही थी.. में रोज की तरह कॉलेज गया लेकिन उस दिन में अपना मोबाईल घर पर ही भूल आया था और घर की एक चाबी मेरे पास भी थी. तो में वापस घर गया और घर में अंदर जाकर अपना मोबाईल लिया और में वापस ही आ रहा था कि तभी मैंने भाभी के रूम में देखा तो वो पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी और मसाज कर रही थी और उनको देखने के बाद तो बस मुझसे रहा ही नहीं गया.. मेरा लंड एकदम फड़फड़ाकर खड़ा हो गया और बोला कि बस अब तो मुझे यही माल चाहिए. मैंने यह सब सोचा और अपने आप से बोला कि यह सब ग़लत है लेकिन दिल है कि मानता ही नहीं.. उसकी प्यास बढती जा रही थी. फिर मैंने वापस घर में घुसने का नाटक किया ताकि भाभी को लगे कि में आ गया हूँ. सीधा अपने रूम में गया और रूम लॉक कर दिया और भाभी को सोचकर लंड को हिलाने लगा. उस दिन तो उनको सोच सोचकर मैंने बहुत बार मुठ मारी और ऐसा करीब 6 महीने तक चलता रहा.

    भैया हर 6 महीने में एक बार बाहर किसी काम से ज़रूर जाते और भाभी घर पर ही रहती थी. तो एक दिन रात को में ब्लू फिल्म देख रहा था तभी भाभी ने मेरे रूम का दरवाजा बजाया और बोली कि उन्हे नींद नहीं आ रही है तो वो मुझसे बात करने आ गई. तो मैंने ब्लू फिल्म बंद नहीं की थी.. बस आवाज बंद करके लेपटॉप की स्क्रीन बंद कर दी. फिर भाभी को तब शक तो हुआ जब उन्होंने मेरी पेंट में तना हुआ लंड देखा लेकिन एकदम देखते ही नज़र हटा ली. फिर मैंने उनको आकर बैठने को बोला और हम बातें करने लगे. भाभी मेरे बेड पर ही बैठी हुई थी और बात करते करते वहीं सो गयी. मेरे रूम में भी एक डबल बेड है लेकिन मुझे आदत थी कि में जब तक ब्लू फिल्म देखकर लंड को हिला नहीं लूँ मुझे नींद नहीं आती. तो मैंने चुपके से लेपटॉप चालू किया और पेंट के अंदर हाथ डालकर लंड को हिलाने लगा. लंड को हिलाने की वजह से बेड भी हिलने लगा और मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी सो रही थी लेकिन जब मैंने वापस देखा तो मुझे लगा कि भाभी मुझे चुपके से देख रही है लेकिन फिर उन्होंने ऐसा नाटक किया कि जैसे वो सो रही है.

    फिर मैंने बहुत देर तक लंड हिलाया और थककर सो गया और फिर रात को भाभी ने ग़लती से मेरे ऊपर हाथ रख दिया और फिर चुपके से लंड को छुआ और एकदम हाथ हटा दिया.. यह दिखाने के लिए कि यह सब ग़लती से हुआ है और पूरी रात सोने में निकाल दी और मैंने भी रात को ऐसे ही बहाने से एक बार उनकी चूत को छूआ और एक बार उनके बूब्स को भी छुआ. भाभी ने दोनों बार अजीब सी नज़रों से देखा.. वो रात तो ऐसे ही निकल गयी लेकिन अगले दिन में कॉलेज से जल्दी छुट्टी करके आ गया और घर में चुपके से यह देखने के लिए घुसा कि भाभी क्या कर रही है और जैसे में अपने रूम में अंदर घुसा तो मैंने देखा कि भाभी मेरे लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देखकर अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और बस यह सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी वहीं पर खड़ा होकर भाभी को देखकर अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया और फिर वहीं पर झड़ गया.

    उस दिन भाभी ने मुझे नहीं देखा था तो मैंने फिर रात का प्लान बनाया और में रात को भाभी के रूम में सिर्फ़ टावल में गया और बोला कि भाभी मेरे रूम में पानी नहीं आ रहा.. क्या में आपके बाथरूम को काम में ले सकता हूँ? तो भाभी ने बोला कि हाँ ले सकते हो. मैं उनके बाथरूम में नहाया.. तो मैने उनकी ब्रा और पेंटी देखी और उन्हे सूंघा.. क्या मस्त खुश्बू थी और उसने मुझे मदहोश कर दिया और में लंड को हिलाने लगा. फिर में बाथरूम से बाहर आया और मैंने अपने लंड को खड़ा कर रखा था और फिर मैंने अपना टावल जानबूझ कर गिरा दिया और भाभी के सामने अपना पूरा चिकना खड़ा लंड दिखाने लगा और ऐसा व्यहवार किया कि जैसे सब ग़लती से हुआ है.

    फिर में जानता था कि मेरे लंड को देखने के बाद उन्हे कभी चेन की नींद नहीं आएगी.. जब तक वो उसे अंदर नहीं लेगी और मैंने वहाँ से टावल उठाया और दौड़कर सीधा अपने रूम पर आ गया. फिर मैंने लाईट बंद की और सोने का नाटक करने लगा और मुझे लगा कि भाभी आज रात को मज़े लेने जरुर आएगी लेकिन वो नहीं आई और में जानता था कि वो ज्यादा दिन दूर नहीं रह पाएगी.. उनको मेरे लंड की प्यास लगी है और जब तक वो पूरी नहीं होगी.. वो रह नहीं पाएगी. फिर आखिर में वो दिन आ ही गया. अगले दिन रात को में जब सोने लगा तो वो रूम में आई और बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही और तुमसे कुछ बात करनी थी और वो बेड पर बैठ गई और कुछ देर बात करते हुए सोने का नाटक करने लगी.

    तो मैंने फिर से लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखी लेकिन आज लंड हिला नहीं रहा था और कुछ देर बाद बस सोने का नाटक किया. तो देर रात को भाभी ए.सी. की ठंड बढ़ने पर मेरी चादर में घुस गयी और फिर धीरे-धीरे उसने मेरे शरीर पर हाथ फेरना शुरू किया और नीचे को जाने लगी. फिर उसने धीरे से पेंट के ऊपर से लंड को छुआ और एकदम हाथ हटा लिया और फिर वो मेरी पेंट कि चेन खोलकर अंदर हाथ घुसाने लगी लेकिन मैंने कुछ नहीं बोला और सोने का नाटक करने लगा. मैंने पेंट के नीचे कुछ नहीं पहना था तो उनके हाथ में अब मेरा 7 इंच का लंड था. वो उसे छूकर हैरान हो गयी और मैंने उनके चहरे पर एक अजीब सी चमक देखी. तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ही झटके से पेंट उतार दी और फिर में उन पर चड़ गया और हमने बहुत देर तक चूमा और में उन्हे ऊपर से नीचे तक चूमता ही जा रहा था. फिर उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरी जान ले रहे थे. में उनको जितना चूसता.. वो उतने ही बड़े हो जाते और मैंने ऐसा महसूस कभी नहीं किया था.

    वो तो मदहोश हो रही थी और सिसकियाँ भरने लगी. उन्होंने मुझे अपनी गोरी-गोरी जांघो से जकड़ लिया और एकदम मुझसे लिपट गयी और पूरे जोश से मुझे चूमने लगी. तो हम दोनों के शरीर गरम होने लगे जैसे सूरज से आग निकल रही हो और में उनको चूमते-चूमते उनकी जांघो तक पहुंच गया और उनकी चूत चाटने लगा. कभी उसमे उंगली करता तो वो उछल पड़ती लेकिन उनको बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो मुझसे बोली कि तुम बहुत अच्छा करते हो.. मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया और जब से मैंने तुम्हारा लंड देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और में तो हर रोज उसके बारे में सोचती थी और बहुत पागल हो रही थी कि कब और कैसे मिलेगा? लेकिन आज वो मौका मुझे मिल ही गया. प्लीज उसको आज उतार दो मेरी चूत में.. घुसा दो अपना पूरा का पूरा लंड.. चोदो मुझे ज़ोर-ज़ोर से..

    मेरी प्यास बुझाने में मदद करो. मुझे कभी इतनी खुशी नहीं मिली.. आज मेरी खुशी पूरी करो. अब यह सब सुनकर मुझसे भी रहा नहीं गया.. में ओर भी जोशीला बन चुका था और मैंने उनको सीधा लेटाकर लंड चूत के मुहं पर रखा और पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में उनकी चूत में उतार दिया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और फिर वो धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी. फिर तो ऐसी चुदाई हुई कि रुकने का नाम ही नहीं था.. वो चिल्ला रही थी आआहह उह्ह्ह्ह और ज़ोर से और ज़ोर से मेरी जान आआहह मिटा दे मेरी प्यास.. मुझे अपनी बना ले तू.. फिर मैंने भी जोश में आकर धक्के देने शुरू किए और उसे चोदने लगा. वो मेरे हर एक धक्के के साथ पूरी तरह से हिल जाती और सिसकियाँ लेने लगी..

    उसकी वो सिसकियाँ मेरे अंदर और भी जोश भर रही थी और में जोर से धक्के देकर चोदे जा रहा था और झड़ने के करीब आकर मैंने उससे पूछा कि पानी कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि चूत के अंदर ही डाल दो.. मैंने वैसा ही किया और उस रात मैंने उसके साथ हर पोज़िशन में सेक्स किया. हम लोग रोज एक दूसरे को बहुत चोदते है.. कभी वो मेरे ऊपर तो कभी में उसके ऊपर और बहुत मज़े लेते है. कभी बाथरूम में, कभी टेबल पर, कभी स्टोर रूम में, वॉशिंग मशीन पर, छत पर, किचन में, कार में, सोफे पर, जमीन पर और हर कमरे में हम दोनों ने मज़े किए. कामसूत्र की भी सारी पोज़िशन्स ट्राई की और बालकनी में भी चुदाई का बहुत मज़ा आता है.

    मुझे उनके जैसा साथी कभी नहीं मिला और अब तो हम कभी-कभी चुपके से भैया के सामने एक दूसरे के दबाते है लेकिन भैया को कभी शक नहीं होता था और आज 5 साल हो गये.. हम आज भी बहुत मज़े करते है और भैया को पता भी नहीं.. अब तो वो कभी कभी भैया से जानबूझ कर झगड़ा करके सीधा मेरे रूम आ जाती है और दरवाजा अंदर से लॉक कर देती और मेरे साथ बहुत मज़े लेती है और सुबह शांति से बाहर जाती है और फिर भैया के साथ अच्छा व्यहवार करती. तो भैया को यह लगता है कि शायद वो मेरे रूम में सो रही थी लेकिन वो तो पूरी रात मुझसे चुदाई के मज़े लेती है ..

  • पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई

    दोस्तो, मेरा नाम पवन है.. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। शरीर से एकदम फिट और चुस्त दुरुस्त हूँ। मेरी उम्र 23 साल है व मेरा लंड का नाप 6″ लंबा और 2″ मोटा है। मैं अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूँ और इसके साथ-साथ लड़कियों और भाभियों को प्यार करना ही मेरा सबसे पहला काम है।

    तो बात कुछ 8 महीने पहले की है.. हमारे पड़ोस में एक फैमिली रहती है.. उस फैमिली में 4 लोग रहते हैं। एक 47-48 साल की महिला.. उसकी एक लड़की.. एक लड़का और लड़के की बीवी हैं। उन आंटी का लड़का सीआईएसएफ में जॉब करता है.. उसकी बहू हाउस वाइफ है और लड़की अभी पढ़ाई कर रही है।

    भाभी यानि सीआईएसएफ वाले की बीवी की उम्र 22 साल है.. वो देखने में एकदम बम लगती है.. उसके जिस्म का एक-एक हिस्सा ऊपर वाले ने बड़ी फ़ुर्सत से बनाया है।

    भाभी के वो 36 साइज़ के चूचे.. 28 की कमर और 38 साइज़ की उठी हुई गाण्ड.. उनके गोरे रंग के हुस्न की शोभा बढ़ाते हैं। उसके साथ-साथ लंबे काले घने बाल भी भाभी की खूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं जिससे कोई भी मर्द अगर उन्हें एक बार ठीक से देख ले.. तो वो अपना लंड निकाल कर हिलाने लगे या पैन्ट के अन्दर ही पिचकारी छोड़ दे..

    भाभी और मेरी पहले मुलाकात गली की ही एक पार्टी के अवसर पर हुई थी। भाभी ने उस दिन गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। एक तो उनका गोरा रंग.. ऊपर से गुलाबी साड़ी.. जैसे ही मैंने एक नज़र से देखा तो मैं मुँह फाड़कर देखता ही रह गया.. वो बम लग रही थी.. सच कह रहा हूँ दोस्तों ऐसा लग रहा था.. जैसे कोई परी ज़मीन पर आ गई हो..

    तो भाभी की ननद मेरे घर वालों के साथ कुछ बातें कर रही थी और परिचय करा रही थी कि ये हमारी भाभी हैं.. इतने में मैं भी वहाँ पहुँच गया। मैंने भाभी और उनकी ननद से ‘हाय-हैलो’ की.. जिस पर भाभी ने भी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

    इसके बाद मैंने भाभी और उनकी ननद को डान्स करने के लिए कहा.. तो भाभी तो जैसे इंतज़ार ही कर रही थीं कि कब कोई उनके साथ डान्स फ्लोर पर चले और डान्स करे।

    बस दोस्तो.. फिर तो महफ़िल का समां रंगीन हो चुका था.. क्योंकि भाभी मेरे साथ डान्स जो कर रही थीं।

    भाभी का रंग-रूप देखकर मैं तो पहले ही पागल हो गया था.. ऊपर से अब हम दोनों थोड़ा करीब से या यूं कहा जाए कि बिल्कुल चिपक कर डान्स कर रहे थे।

    मेरा तो लंड खड़ा हो चुका था और पैन्ट से निकलने के लिए बार-बार मचल रहा था। डान्स करते हुए भाभी की गाण्ड अचानक मेरे लंड से छू गई.. जिसे भाभी ने भी खूब महसूस किया था।

    मुझे तो एक पल के लिए डर सा लगा.. मगर भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर डान्स फ्लोर से नीचे उतर कर ननद को लेकर अपने घर चली गईं।

    उस दिन मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ और अब मैं भाभी से माफी माँगने के लिए उनसे बात करने का मौका ढूँढने लगा।

    दो दिन बाद भाभी खुद किसी काम से हमारे घर आईं.. अब मुझे लगा कि आज बात हो सकती है.. तो मैं भाभी के पास आकर बैठ गया और मौका देखते ही भाभी को ‘सॉरी’ बोल दिया।

    तो भाभी ने कहा- सॉरी किस लिए?

    मैंने उन्हें उस शरारत के बारे में बताया तो भाभी का जवाब सुनकर मैं दंग रह गया।

    भाभी ने कहा- कोई बात नहीं.. इट’स ओके.. इस उम्र में ऐसा हो ही जाता है..

    उस दिन मेरे मन के सारे मलाल दूर हो गए और मैंने मौका ताड़ते हुए भाभी से कह दिया- भाभी तुम भी तो एकदम माल हो… मेरा तो क्या.. तुम्हें देखकर तो किसी का भी यही हाल हो जाता होगा!

    इस पर भाभी ने मेरा गाल पकड़ कर हल्के से खींचा और कहा- तुम भी नादान नहीं हो, पूरे शैतानी के मूड में थे उस दिन..

    उनसे कुछ देर तक हंसी-मजाक चलता रहा.. वो मुझसे खुलने लगी थीं।

    अब मैंने भाभी से उनका फोन नम्बर माँगा तो भाभी ने कहा- तुम मुझे अपना नम्बर दे दो.. मैं खुद ही तुम्हें फोन कर लूँगी।

    मैंने अपना नम्बर दिया और वो नम्बर लेकर चली गईं।

    उस दिन मैंने भाभी के नाम की दो बार मुठ्ठ मारी और भाभी के फोन आने का इन्तजार करने लगा।

    अचानक दो दिन बाद मुझे एक फोन आया पिक करने पर किसी लड़की की आवाज़ सुनाई दी, तो मैंने भी छूटते ही कहा- भाभी आ गई याद आपको?

    तो भाभी का उधर से जवाब था- क्या बात है.. तुम मुझे ही याद कर रहे थे क्या? जो आवाज़ सुनते ही अपनी भाभी को पहचान लिया।

    इस तरह से हम अब रोज़ ही बातें करने लगे.. वक्त के साथ-साथ पता नहीं कब.. हम दोनों में प्यार और हवस जाग गई।

    अब हम केवल फोन पर चूत.. लंड.. और चुदाई की ही बातें करते थे।

    बस.. अब इंतज़ार था तो मौका मिलने का क्योंकि आग दोनों तरफ बराबर की लगी थी।

    कुछ महीने बाद भाभी की ननद के पेपर थे तो उसका एक्जाम सेंटर झज्झर (हरियाणा) में पड़ा.. उसके दो पेपर दो दिन में होना थे और बाकी के पेपरों में गैप था।

    एक दिन भाभी को मैंने अपने घर मम्मी से बात करते हुए देखा तो उन्हें देख कर मैं बहुत खुश हुआ..

    भाभी के जाने के बाद मम्मी ने मुझे बताया कि इसकी ननद के इम्तिहान हैं और सेंटर झज्झर पड़ा है.. तो कह रही थी कि पवन को हमारे साथ भेज देना..

    अब मेरे मन का लड्डू एकदम से फूटा..

    फिर माँ ने कहा- तीन दिन के लिए जाना होगा.. तू अपनी पैकिंग वगैरह कर ले.. परसों तुम्हें निकलना है।

    मैं तो जैसे पागल ही हो चुका था.. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था..

    दो रातें तो हम दोनों बात करते हुए पूरी-पूरी रात निकाल दी।

    आख़िर वो दिन आ ही गया.. जिसका हम दोनों को इंतज़ार था। मैं जल्दी से अपने दोस्त की दवा की दुकान पर गया और एक कन्डोम का बड़ा वाला पैकेट और दो नींद की गोली लेकर आ गया।

    बस अब हम तीनों रोहिणी से झज्झर के लिए निकल गए और झज्झर पहुँच कर एक होटल में रूम ले लिया।

    अब भाभी और मैं दोनों चुदाई के लिए पागल हो रहे थे.. तो मैंने नींद की एक गोली कोल्डड्रिंक में मिला कर भाभी की ननद को पिला दी।

    ननद के सोते ही मैंने भाभी को पकड़ कर अपने पास खींचा और अपने होंठ भाभी के होठों पर रख दिए।

    हम दोनों पहले से ही बहुत गर्म हो चुके थे तो हमारी ये चूमा-चाटी का प्रोग्राम लगभग 15 मिनट तक चलता रहा और चुम्बन करते-करते पता हो नहीं चला कि कब हम दोनों के कपड़े.. हमारे जिस्मों से अलग हो गए।

    भाभी ने जैसे ही मेरा तना हुआ लंड देखा तो लंड को पकड़ कर सीधे अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं।
    मुझे तो पता नहीं क्या हो चला था.. मेरी कमर खुद ही आगे-पीछे होने लगी थी।

    अब मैं भाभी के मुँह की चुदाई कर रहा था। उत्तेजना के कारण बस 10 मिनट में ही मेरे लंड ने भाभी के मुँह में पिचकारी छोड़ दी और भाभी ने भी मेरा लंड चूस कर बिल्कुल साफ़ कर दिया था।

    अब बारी मेरी थी.. मैंने भाभी को चुम्बन करते हुए उनके सीने की गोलाईयों को अपने हाथों से नापते हुए हचक कर दबाना शुरू कर दिया।

    भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.. भाभी के होठों को चोदते हुए नीचे सीना.. पेट.. कमर.. जाँघों को चूमते हुए जैसे ही भाभी की चूत पर मुँह पहुँचा.. और जैसे ही मेरी जीभ भाभी की चूत पर लगी.. भाभी एकदम से उछल सी गईं।

    अब मैं भाभी की चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था और भाभी अपनी आँखें बंद किए हुए सिसक रही थीं- आह.. आआह.. आह हाय चूस लो इसे.. अच्छे से निकाल दो इसका पूरा पानी.. ओह..

    अब भाभी और मैं दोनों 69 की अवस्था में आ गए थे।

    भाभी नीचे से ऊपर को अपनी कमर उठा रही थीं और मैं ऊपर से नीचे को मुँह में झटके लगा रहा था।

    भाभी ने मुँह से लंड निकाला और कहने लगीं- बस अब नहीं रहा जा रहा है.. पेल दो अपना ये लंड.. मेरी चूत में.. फाड़ दो इसे.. ये लंड खाने को बहुत भूखी है..

    मैं भी अब भाभी के ऊपर आ गया और लंड को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा।

    अब भाभी बार-बार चिल्लाने लगीं- टाइम क्यों खराब कर रहे हो.. डाल भी दो इसे अन्दर..

    मैंने लंड के टोपे को चूत के छेद पर सैट करके जैसे ही झटका लगाया.. मेरा लंड चूत से फिसल गया।

    भाभी की चूत अभी नई और कसी हुई थी। थोड़ा कोशिश करने के बाद जैसे ही लंड के आगे का कुछ भाग भाभी की चूत के अन्दर घुसा.. भाभी के मुँह से चीख और आँखों से आँसू निकल गए।

    मगर भाभी फिर भी ये ही कह रही थीं- डाल दो पूरा अन्दर.. जितना भी दर्द होगा एक बार में ही सह लूँगी..

    मैंने भी दो-तीन झटकों में पूरा का पूरा लंड चूत के अन्दर कर दिया और धीरे-धीरे झटके लगाने लगा।

    चूत का दर्द थोड़ा कम होने.. पर अब भाभी के मुँह से सिसकारिया।ँ निकलने लगीं और इसी के साथ मैंने भी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी।

    भाभी- आआहहाअ.. अह ह ह हा आ उउम्म्म ह हुउऊउ और तेज़.. और तेज़.. डाल दो.. फाड़ दो इसे..

    वो इस तरह चिल्लाते हुए 15 मिनट की चुदाई के बाद अकड़ गईं.. मैं धकापेल लगा रहा। अब वो चुदते हुए 4 बार झड़ चुकी थीं चौथी बार उनके झड़ते समय मैं भी भाभी की चूत में ही झड़ गया।

    हम दोनों के झड़ने के बाद मुझे याद आया कि चुदाई करने के लिए मैं तो कन्डोम भी लाया था.. मगर वो तो जेब में ही रह गया। मैंने यह बात भाभी से कही तो भाभी ने जवाब दिया- कोई बात नहीं.. तेरी भाभी शादीशुदा है.. तू डर मत.. बस ऐसे ही मेरी प्यार बुझाते रहियो।

    उस दिन हमने तीन घंटों में दो बार चुदाई की और फिर शाम को सेंटर की खोज में निकल गए।

    हम दो दिन और उसी होटल में रुके रहे और मैं भाभी को दो दिन तक जन्नत के मज़े दिलाता रहा।

    उसके बाद भी हमारी चुदाई अभी तक भी चालू है। कभी मेरे घर पर.. तो कभी भाभी के घर पर लण्ड-चूत का खेल चलता रहा।

  • पड़ोसन की चुदाई की रासलीला

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वसीम है और मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. ये करीब 4 साल पहले की बात है, में सिटी में रहता हूँ और वहाँ सारे घर काफ़ी पास-पास होते है और मेरे पड़ोस में एक लड़की नई-नई रहने आई थी. उस दिन में 12 बजे उठा था और फिर मैंने अपनी नौकरानी को नाश्ता बनाने के लिए बोला और फिर में अपनी बालकनी में खड़ा था और सामने वाले बंद घर में एक औरत और एक लड़की घर की सफाई कर रही थी, तब मैंने उसे ठीक से नहीं देखा था.

    फिर उसी दिन मैंने शाम को उसे देखा, वो बहुत खूबसूरत थी. फिर मैंने अपनी नौकरानी से उसके बारे में जानकारी निकालने को कहा तो उसने मुझे उसके बारे में काफ़ी जानकारी लेकर दी कि वो वड़ोदरा से आई है और उसके बाप नहीं है और घर में वो और उसकी माँ सिर्फ़ दो लोग रहते है और अभी तक उनका घर में सामान सेट नहीं हुआ है. फिर मैंने अपनी नौकरानी के हाथों उन्हें खाना भेज दिया और फिर काफ़ी दिन बीत गये, अब में उसे देखता और वो मुझे देखती, लेकिन कोई बात आगे नहीं बढ़ रही थी. फिर एक दिन रात को में अपनी बालकनी में खड़ा था और वो अपनी खिड़की में खड़ी थी. तो मैंने उससे पूछ ही लिया कि इतनी रात हो गयी आप सोई नहीं हो तो उसने कहा कि नहीं नींद नहीं आ रही है, फिर हमारे बीच में काफ़ी सारी बातें हुई.

    फिर बाद में धीरे-धीरे दिन निकलते गये और जब उसकी माँ घर में नहीं होती या सोई हुई होती तो हमारी बातें होती रहती. फिर एक दिन मैंने उससे उसका नंबर माँगा तो उसने मुझे अपना नंबर नहीं दिया, लेकिन मैंने अपना नंबर एक कागज पर लिखकर उसे दे दिया. फिर करीब 2 दिन के बाद उसका कॉल आया तो मैंने कॉल रिसीव किया और उसने अपना नाम बताया और कहा कि ये मेरा नंबर है सेव कर लेना और कभी मुझे सामने से कॉल मत करना, वरना मेरी माँ मुझे मार डालेगी. फिर मैंने उसे भरोसा दिलाया और फिर ये सिलसिला चलता रहा. अब उसका मिस कॉल आता और उसके बाद घंटो तक हमारी बातें चलती रहती. फिर वो बातें रोमांटिक और सेक्स के टॉपिक पर चेंज होने लगी थी और में उससे चुदाई के लिए कई बार कहता, लेकिन वो मना कर देती थी, क्योंकि उसे मेरे लंड और उसकी माँ दोनों से डर लगता था. फिर एक दिन उसकी माँ का कोई रिश्तेदार मर गया था, तो वो सुबह 9 बजे वड़ोदरा गयी हुई थी.

    फिर मुझे उसका मिस कॉल आया और बातें करते-करते मेरे दिमाग़ में उसे चोदने का प्लान बना लिया और फिर मैंने उसे कहीं घूमने जाने के लिए राज़ी कर लिया. फिर मैंने तैयार होकर अपनी कार निकाली और उसे कॉल करके अपने एरिया के बाहर बुलाया और उसे वहीं से कार में बैठाकर घुमाने ले गया. फिर हमने मूवी देखी और मूवी के बीच में मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरा. फिर मैंने जब उसकी सलवार में हाथ डाला तो उसकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी और वो काफ़ी गर्म हो गयी थी. अब में समझ गया कि ये अब चुदासी हो गयी है. फिर हम मूवी से बाहर आए और कार में मैंने उसे फिर से किस किया और चूत भी मसली. अब वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी, अब में उसे एक होटल में ले गया. फिर वहाँ मैंने एक रूम बुक किया और फिर हम दोनों रूम में पहुँचे, अब वो डर के मारे कांप रही थी और सेक्स के मारे तड़प भी रही थी.

    फिर मैंने उसे हग किया और उसे किस करना शुरू किया. फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब उसके 34 साईज़ के बूब्स बहुत प्यारे लग रहे थे. फिर मैंने उसे खूब चूसा और उसके बाद मैंने उसे बेड पर लेटाया और फिर अपने सारे कपड़े निकाले. अब वो मेरा 9 इंच का लंड देखकर घबरा गयी थी और काफ़ी डरने लगी थी, लेकिन मैंने उसे अभी कुछ नहीं कहा और में सिर्फ़ उसको किस और बूब्स की चुसाई कर रहा था. अब वो मज़े ले रही थी और फिर मैंने उसे ऊँगली से चोदना शुरू किया. अब वो काफ़ी मज़े ले रही थी और फिर में उसके दोनों पैरो के बीच में बैठ गया और उसके दोनों पैरो को पूरा चौड़ा किया और एक तकिया उसकी गांड के नीचे रख दिया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब वो बहुत डर गयी थी और मना करने लगी और रोने लगी थी.

    फिर मैंने उसे प्यार से समझाया और उसकी चूत के होंठो को हल्का सा खोलकर अपना लंड वहीं सेट कर दिया. उसके बाद मैंने उसे किस करना शुरू किया और उसके कंधो को पकड़कर एक जोरदार सा झटका मारा, अभी सिर्फ़ मेरे लंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था कि वो झटपटाने लगी और उसकी आवाज़ मेरे मुँह में गूंजने लगी. अब उसकी आँखो से आँसू निकलने लगे थे और अब में कुछ ज़्यादा ही गर्म हो गया था. फिर में उसकी परवाह किए बिना जमकर शॉट लगाने लगा.

    अब वो काफ़ी झटपटा रही थी और अब में उस कुँवारी चूत को चोदने में इतना गर्म था कि वो कब बेहोश हो गयी मुझे पता ही नहीं चला. फिर जब 20 मिनट के बाद में झड़ने लगा तो मुझे महसूस हुआ कि ये बेहोश हो गयी है. अब में थोड़ा घबरा गया था, लेकिन फिर मैंने उसके चेहरे पर पानी छिड़का तो उसे होश आया और उसके बाद उसे दर्द का एहसास होना शुरू हो गया. फिर में उसके पास बैठा और उसे अपनी गोद में बैठाया. फिर में उसे बाथरूम में ले गया, जहाँ हम फ्रेश हुए और उसके बाद हम जब बाथरूम से बाहर आए तब वो कुछ आराम महसूस कर रही थी. उसके बाद मैंने उसे दोबारा किस करना शुरू किया और इस बार वो भी मेरा साथ देने लगी थी.

    अब में काफ़ी मजे कर रहा था और अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. अब वो दर्द के मारे कराह रही थी, आआहह उूउऊहह उउउईईइ माँ और कह रही थी कि ख़ान ज़रा धीरे दबाओ बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में उसकी कहाँ सुनने वाला था. फिर में उसकी चूत में उंगली करने लगा और अब वो दर्द से तड़पने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसकी अपनी उंगली से चुदाई करने लगा.

    अब कुछ देर के बाद उसकी आवाज बंद हो गयी और उसकी सिसकियों की आवाज़ आने लगी, आह्ह्ह्ह आआअहह सस्स्स्स्सह और वो अपनी गांड हल्की-हल्की ऊपर उठाने लगी और अब वो काफ़ी पानी छोड़ चुकी थी. अब मैंने दोबारा से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और उसे किस करने लगा, इस बार में काफ़ी सावधानी से उसे चोद रहा था, फिर मैंने एक शॉट मारा और रुक गया, अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में था.

    अब वो फिर से रोने लगी थी तो अब में रुक गया और उसके बूब्स चूसने के लिए जैसे ही उसके लिप से अपने लिप हटाए तो वो ज़ोर से बोलने लगी कि निकाल लो ख़ान बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी कोई बात नहीं सुनी और उसके बूब्स चूसने लगा और 10 मिनट के बाद वो खुद अपनी गांड को हिलाने लगी. फिर मैंने उसके लिप लॉक किए और उसके कंधो को पकड़ कर पूरे जोश में शॉट मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मेरे अंडे उसकी चूत की दीवार पर टकराने लगे.

    अब 2 या 3 मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद मैंने उसके लिप छोड़ दिए और अब उसकी आवाज दोबारा शुरु हो गयी थी, लेकिन थोड़ी देर में ही वो सिसकियां निकालने लगी, अब वो कई बार झड़ गयी थी. अब ये राउंड करीब 45 मिनट तक चलता रहा, फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये और फिर हम वहीँ सो गये और जब उठे तब दोपहर के 3 बज चुके थे.

    फिर हम दोनों बाथरूम में गये और नहाकर फ्रेश हुये. फिर उसके बाद मैंने उसके लिए जूस मँगवाया. फिर उसने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारा लंड पसंद आया. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा ही है, कभी चाहिए हो तो बता देना. उसके बाद मैंने उससे कहा कि एक बार और हो जाए, अब पता नहीं कब चान्स मिलेगा, तो वो मुस्कुरा दी. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो वो कुतिया बन गई. अब में उसके पीछे गया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा. अब वो भी बहुत मजे करने लगी थी और अब वो भी आगे पीछे होकर मेरा साथ देने लगी थी. अब उसके हिलते हुए बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे. फिर मैंने उसे सीधा लेटाकर चोदा और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये. फिर हम लोग उठे और एक दूसरे को साफ किया और जूस पीने के बाद मैंने एक बार और उसे चोदा और उसने इस बार मेरा काफ़ी अच्छा साथ दिया और हमने काफ़ी मज़े किए.

  • छिनाल पड़ोसन शीला की गंदी चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में मुंबई का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 23 साल है और मुझे शुरू से ही अपने से ज्यादा उम्र की औरतें ज्यादा अच्छी लगती है. दोस्तों आज में आप सभी चाहने वालोँ को अपनी एक ऐसी ही ज्यादा उम्र की सेक्सी आंटी की चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से वो कहानी सुनाता हूँ जिसमे मैंने उस आंटी को चोदकर बहुत मज़े किए.

    दोस्तों मेरे सामने वाले फ्लेट में एक बहुत हॉट, सेक्सी आंटी रहती थी जिनका नाम शीला था और वो दिखने में एकदम मस्त माल लगती थी और उनके घर में आंटी अंकल और उनका एक 7 साल का बेटा रहता था, लेकिन वो वहां पर बस अपने बेटे के साथ रहती थी क्योंकि उनके पति उस समय लन्दन में किसी बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करते और वहीं पर रहते थे. वो साल दो साल में एक बार कुछ महीनों के लिए घर पर आते थे. दोस्तों मेरी आंटी की उम्र करीब 36 साल की होगी, उनके फिगर का साईज 34 -30 -40 होगा, लेकिन मुझे सिर्फ उनकी गांड बहुत पसंद थी और वैसे भी मुझे गांड ही ज़्यादा पसंद है और में आंटी से कभी कभी ऊपर नीचे आते जाते लिफ्ट में मिलता था और कभी उनको अपनी बालकनी में खड़ा होकर घूरता रहता था, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं कहती और इसलिए हमारी बहुत कम समय में एक दूसरे से अच्छी जान पहचान थी.

    दोस्तों में हमेशा सही मौका देखकर उनसे बातें करता और वो मुझे हंस हंसकर मेरी बातों का जवाब दिया करती थी. मेरा उनके घर पर लगातार आना जाना होता रहता था. दोस्तों मैंने जिस दिन से उनको देखा था में उस दिन से उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उन्हे चोदने के बारे में सोचता रहता था. उनको अपनी तरफ आकर्षित करता और मेरी अच्छी किस्मत से एक दिन वो समय आ ही गया. में उस दिन अपने फ्लेट के नीचे मेन दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था कि कुछ देर बाद मैंने देखा कि आंटी उस समय कहीं बाहर से आ रही थी और वो मेरे पास आकर रुक गई. अब मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गई थी आंटी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि आज मेरा बेटा स्कूल की तरफ से पिकनिक गया है तो में उसको ही स्कूल छोड़कर आ रही हूँ, वो अपनी पिकनिक से शाम तक वापस आ जाएगा.

    फिर हम दोनों एक साथ लिफ्ट से ऊपर अपने फ्लेट तक आने लगे. तब लिफ्ट में आंटी ने मुझसे बोला कि रवि अगर तुम फ्री हो तो मेरे घर पर आ जाओ, में आज घर पर बिल्कुल अकेली हूँ और तुम मेरे साथ रहोगे तो मेरा मन लगा रहेगा और मुझे बहुत अच्छा लगेगा वर्ना अकेले घर पर मुझे बहुत अजीब सा लगता है.

    फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब में उनके साथ उनके घर पर चला गया और हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया. तब आंटी मुझसे बोली कि तुम बैठो में अभी कुछ देर में अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और फिर वो मुझे बैठाकर अपने बेडरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट के बाद वो अपने कपड़े बदलकर वापस मेरे पास आ गई. दोस्तों में उनको देखकर बहुत हैरान रह गया, क्योंकि वो उस समय एक जालीदार मेक्सी पहनकर मेरे सामने आ गई और उन्होंने अंदर गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. दोस्तों वो सब कुछ मुझे उनकी उस जालीदार मेक्सी से साफ साफ नजर आ रहा था.

    दोस्तों में तो उन्हें देखकर बिल्कुल पागल सा हो गया और अब में मन ही मन उन्हें देखकर सोचने लगा कि शायद आज मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी और मुझे इस सेक्सी छिनाल को चोदने का मेरा वो सपना पूरा हो जाएगा जिस इच्छा को में इतने दिनों से अपने मन में लेकर बैठा हूँ. अब हम दोनों बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद मैंने आंटी से पूछा कि क्या आपको कभी अंकल की याद नहीं आती? तो उन्होंने मेरी यह बात सुनकर थोड़ा उदास होकर मुझसे कहा कि याद तो मुझे बहुत आती है, लेकिन अब में क्या करूं? दोस्तों उनके चेहरे पर एकदम से यह बात खत्म करते समय बहुत मायूसी सी छा गई. दोस्तों इस बात का फायदा उठाते हुए मैंने उनका मुलायम हाथ पकड़कर उनसे कहा कि आप अब ज्यादा उदास मत रहा करो, आपके के लिए में हूँ ना आप इस बात को लेकर इतना चिंतित क्यों हो? और अब आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनते ही बहुत खुश हो गई वो मुझसे पूछने लगी कि क्या?

    फिर मैंने बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और फिर मैंने आंटी को अपने गले से लगा लिया. उन्होंने भी मुझे एकदम कसकर पकड़ लिया और में उनके बड़े आकार के बूब्स को अपनी छाती पर दबाता हुआ महसूस कर रहा था में अब धीरे धीरे उसकी कमर पर अपना एक हाथ घुमाने लगा तब में उनसे बोला कि आंटी में आपको बहुत पसंद करता हूँ और बहुत समय से में आपको चोदना चाहता हूँ, लेकिन आंटी ने मेरे मुहं से यह बात सुनकर भी मुझसे कुछ नहीं कहा.

    फिर वो कुछ देर चुप रहकर कुछ बात सोचकर मुझसे बोली कि आज रात में आ जाना और फिर दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और कुछ देर बाद में अपने घर पर चला गया. फिर में रात होने का इंतजार करने लगा और करीब रात को 9 बजे में उनके घर पर चला गया. फिर मैंने दरवाजा खटखटाया तो आंटी ने दरवाजा खोल दिया और मैंने देखा कि आंटी एकदम दुल्हन जैसी लग रही थी, क्योंकि उन्होंने अपनी सुहागरात की ड्रेस पहनी हुई थी. फिर आंटी मुझसे बोली कि चलो बेडरूम में चलो.

    फिर में तुरंत उनके बेडरूम में चला गया. उन्होंने अपने बेटे को पहले से ही सुला दिया था और अब उन्होंने बेडरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया, फिर वो मेरे पास आई तो मैंने उनसे बोला कि आंटी आप बहुत सुंदर लग रही हो, वो मुझसे बोली कि रवि मेरा तुमसे एक आग्रह है तो में उनसे बोला कि हाँ बोलो ना आप, तब उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मुझे आंटी मत बोलो चाहो तो तुम मुझे रंडी बोलो, कुतिया बोलो, मुझे गाली दो, रखैल बोलो, चाहो तो तुम मुझे अपनी रखेल, रंडी बना लो और मुझे हमेशा गाली के साथ चुदना बहुत अच्छा लगता है. फिर में उनसे बोला कि ठीक है आप जैसा चाहती हो में ठीक वैसा ही करूंगा.

    फिर में उनको अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हमें बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनकी साड़ी को खोल दिया, अब आंटी मेरे सामने सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी और में उनके ऊपर चड़कर किस करने लगा और उनकी गांड को मसलने लगा. फिर मैंने उनसे बोला कि मेरी कुतिया तेरी गांड बहुत मस्त है, आज में इसे फाड़ दूँगा और आज से तू मेरी रखेल बनकर रहेगी में जैसा कहूँगा वैसा करेगी.

    फिर उन्होंने झट से मुझसे बोला कि हाँ फाड़ दे मादरचोद, तू आज मेरी चूत और गांड दोनों को फाड़ दे, में तुझसे कुछ भी नहीं कहूंगी, हाँ अब थोड़ा जल्दी से बाहर निकाल अपना लंड और मेरी चूत में डाल दे, में बहुत दिनों से अपनी तड़पती हुई चूत के दर्द से बहुत परेशान हूँ, आज तू जल्दी से इसकी प्यास को बुझा दे और मुझे शांत कर दे. फिर दोस्तों मैंने उनकी बातें सुनकर जोश में आकर उनके ब्लाउज को एक ज़ोर का झटका देकर फाड़ दिया और ब्रा को बाहर निकाल दिया, पेटीकोट को भी उतार दिया और इस बीच उन्होंने मेरे कपड़े भी उतार दिए.

    अब हम दोनों अंडरवियर में एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे. आंटी ने उस समय लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, लेकिन वो उनकी चूत को पूरी तरह से नहीं ढक रही थी. में अब उनकी पेंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा. फिर उन्होंने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से आज़ाद किया और अब वो लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, वाह दोस्तों में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता मुझे उस समय कैसा लग रहा था?

    दोस्तों आंटी मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे वो कितने सालों से लंड की भूखी है, वो मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर कुल्फी की तरह चाट रही थी और मेरे आंड को भी बहुत जोश में आकर चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनके बूब्स को दबा रहा था. फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और अब आंटी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी, वाह दोस्तों उनकी क्या मस्त उभरी हुई गांड थी और हल्की गुलाबी कलर की चूत थी. में तो देखकर एकदम पागल हो रहा था.

    फिर मैंने आंटी से कहा कि आप थोड़ी बर्फ और चोकलेट लेकर आ जाओ तो वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है में ले आती हूँ, लेकिन मुझे तुम पहले यह बात बताओ कि तुम चोकलेट का क्या करोगे? मैंने बोला कि तुम जल्दी से लाओ में उसके बाद तुम्हे बताता हूँ और तुम भी कुछ देर बाद मेरा काम देखकर अपने आप समझ जाओगी.

    फिर वो तुरंत उठकर किचन में चली गई और फिर चोकलेट और बर्फ लेकर आ गई. मैंने बर्फ का एक छोटा सा टुकड़ा उठाकर उनकी चूत को अपनी उँगलियों की मदद से पूरा फैलाकर अंदर डाल दिया और एक छोटा सा टुकड़ा चोकलेट का भी उसके बाद अंदर घुसा दिया, जिसकी वजह से वो अब मचलने लगी. में उनकी चूत को चाटने लगा और कुछ देर बाद उनकी चूत की गरमी से बर्फ पिघलकर चोकलेट के साथ बाहर निकल रहा था और में उसे चाट रहा था, वाह दोस्तों क्या स्वादिष्ट था. दोस्तों मेरे साथ साथ अब आंटी भी पूरे पूरे मज़े ले रही थी, लेकिन कुछ देर बाद वो झड़ गई जिसकी वजह से मुझे चोकलेट, बर्फ और उनकी चूत के पानी का मज़ा आ गया.

    फिर मैंने कुछ देर चूत को चाटकर मज़े लेने के बाद उनकी गांड के साथ भी ठीक ऐसा ही किया. मैंने बहुत देर तक उनकी गांड को भी चाटा और आंटी को अब बहुत मज़ा आ रहा था. इस बीच आंटी दो बार झड़ चुकी थी. फिर हम दोनों खड़े होकर किस करने लगे और आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे अब मूतना है रवि डार्लिंग, मैंने उनसे बोला कि आप मेरे मुहं में मूत दो और उन्होंने ठीक वैसा ही किया, वाह दोस्तों उनके मूत का क्या मस्त नमक जैसा स्वाद था. दोस्तों मेरा जी कर रहा था कि में हर रोज आकर उनका मूत पी जाऊ, आंटी बोली कि रवि आज तक तुम्हारे अंकल ने मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया, वाह मुझे बहुत मज़ा आया.

    फिर मैंने बोला कि आंटी मेरी गांड को चाटो और आंटी तुरंत ही नीचे बैठकर मेरी गांड चाटने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और कुछ देर बाद मैंने उनकी नाक को चाटा फिर कान और फिर उनकी बगल चाटी, उनकी बगल में थोड़े बाल थे जो मुझे बहुत पसंद है और उसकी खुशबु भी मुझे बहुत अच्छी लगती है. फिर उसके कुछ देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी और वो मुझसे बोली कि रवि प्लीज अब मत तड़पाओ अपनी रंडी को. फिर मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और चूत पर लंड को रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगा और आंटी आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी.

    फिर मैंने अपना मोटा टोपा एक जोरदार धक्का देकर चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से आंटी सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्ह आईईईईईई हाँ रवि ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्ह्हह्ह अपने बच्चे की माँ बना दे. मेरी चूत को आज चोदकर फाड़ दे, तू आज मेरी चूत को अपने लंड की चुदाई से खुश कर दे. दोस्तों मैंने भी अब बहुत जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ चूत की गहराईयों में चला गया और आंटी मुझे कसकर पकड़कर चिल्लाने लगी आह्ह्ह्ह अईईईईइ उफ्फ्फ्फफ्फफ्फ्फ़ हाँ चोद मुझे और ज़ोर से चोद.

    दोस्तों में भी अब उनके बूब्स को दबा रहा था और लगातार धक्के मार रहा था, इतने में आंटी दो बार झड़ चुकी थी. दोस्तों मैंने महसूस किया कि आंटी की चूत बहुत टाईट थी और मुझे अपने लंड को अंदर बाहर करने में थोड़ी मेहनत करनी पड़ रही थी, शायद वो बहुत दिनों के बाद चुद रही थी इसलिए उनकी चूत इतनी कसी हुई थी. दोस्तों कुछ देर लगातार चुदाई करने के बाद अब में अपनी मंज़िल पर पहुंचने वाला था इसलिए मैंने पहले ही उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं? फिर उन्होंने मुझसे बहुत खुश होकर बोला कि तुम मेरी चूत के अंदर ही डाल दो, में गर्भनिरोधक गोली खा लूँगी और तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है.

    अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर कुछ देर बाद झड़ चूत के अंदर ही झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य अंदर डाल दिया. कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के ऊपर थककर लेटे रहे और करीब 15 मिनट के बाद हम उठकर बाथरूम में चले गये, वहां पर मैंने आंटी से कहा कि मुझे मूतना है, क्यों आप मेरा मूत पियोगी ना?

    वो बोली कि नहीं फिर मेरे बहुत बार मनाने, समझाने पर वो मेरी बात मान गयी और वो अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गई और मैंने उनके चेहरे पर मूत दिया आंटी मेरा आधे से ज़्यादा मूत पी गई, उसके कुछ देर बाद हम दोनों नहाकर बाहर आ गये और ऐसे ही पूरे नंगे ही लेटे थे. में उनकी चूत में ऊँगली कर रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी.

    फिर कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा होने लगा और मैंने उससे कहा कि मेरी शीला रांड, मेरी छिनाल चल अब उठकर मेरा लंड चूस. दोस्तों वो मेरे इतना कहते ही तुरंत उठकर मेरा लंड चूसने लगी जैसे कि वो भी मेरे कहने का इंतजार कर रही हो. अब मैंने उनको बोला कि आंटी मुझे आपकी गांड मारनी है तो वो एकदम तैयार हो गई और फिर मैंने उन्हे डॉगी स्टाइल में बैठाकर अपने लंड को गांड के मुहं पर रखकर दबाते हुए अंदर डालने लगा.

    मैंने गांड पर पहले से ही थोड़ा सा थूक लगा लिया था जिसकी वजह से सुपड़ा अंदर चला गया और आंटी चिल्लाने लगी, आह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो इसे मुझे बहुत दर्द हो रहा है, छोड़ दो मुझे, तुम मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड का पीछा छोड़ दो अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ माँ बचाओ मुझे. दोस्तों में उनकी चिल्लाने की आवाज सुनकर तुरंत रुक गया और उन्हें किस करने लगा. बूब्स को सहलाने लगा और दर्द के कम होने का इंतजार करने लगा.

    फिर कुछ देर बाद जब मैंने महसूस किया कि आंटी का दर्द अब थोड़ा बहुत कम हो चुका है तो मैंने उन्हें अपनी इधर उधर की बातों में लगाकर उस बात का फायदा उठाकर एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और आंटी आह्ह्ह्ह आउहह्ह्ह कुत्ते की औलाद, मादरचोद आईईईइ हरामी साले उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ में मर गई करने लगी, लेकिन में अब भी नहीं रुका और में लगातार धक्के मारने लगा और कुछ देर बाद आंटी को भी मज़ा आ रहा था.

    दोस्तों में करीब 25 मिनट तक उनकी गांड को मारता रहा और आंटी इस बीच एक बार झड़ चुकी थी. मैंने उनसे पूछा कि आंटी क्या मलाई खाओगी? तो उन्होंने तुरंत कह दिया कि हाँ मेरे राजा खिलाओ. अब मैंने अपने लंड को जल्दी से गांड से खींचकर बाहर निकाल लिया और मैंने देखा कि मेरा पूरा लंड आंटी की गांड की मलाई से सना हुआ था.

    फिर आंटी तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गई और मैंने आंटी को बोला कि लो खा लो मेरी मलाई. आंटी अब मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर चाटने लगी और उन्होंने पूरा माल चाटकर साफ कर दिया और इस बीच मेरा भी वीर्य निकलने वाला था इसलिए मैंने आंटी को बोला कि जल्दी से लंड को अपने मुहं में ले लो, उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और फिर मेरा वीर्य निकल गया.

    आंटी ने पूरा वीर्य पी लिया और लंड को बहुत अच्छी तरह चाट चाटकर साफ किया और उस पूरी रात हम दोनों चुदाई करते रहे, मैंने उनको एक बार किचन में भी चोदा और दो बार गांड मारी. दोस्तों मुझे उसके साथ गंदा सेक्स करने में बहुत मज़ा आया और उसके बाद में कुछ घंटो के बाद अपने घर पर आ गया, लेकिन हमारी यह चुदाई ऐसे ही लगातार चलती रही. में हर कभी कोई भी अच्छा मौका देखकर आंटी को चोदने लगा और उनके बदन की आग को ठंडा करने लगा.

  • कुंवारी पड़ोसन के साथ रात गुजारी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनोद है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ, दोस्तों यह मेरी आज पहली कहानी है जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ, यह मेरी एक सच्ची चुदाई की घटना है जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली अपनी पड़ोसन को चोदा, उसका नाम वन्दना है.

    दोस्तों मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता था और जब भी में अपनी पड़ोसन को देखता उसी के बारे में सोचने लगता और कई बार उसके बारे में सोचकर मुठ भी मार चुका था क्योंकि वो थी ही इतनी सेक्सी और उसका वो गदराया हुआ बदन मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगा था. उसका वो मस्त फिगर, पतली कमर और मस्त गांड मुझे अब बहुत अच्छी लगने लगी थी. मैंने बहुत बार उससे अपने मन की बात को कहना चाहा, लेकिन में ना जाने क्यों उससे कह ना सका और वो भी जब भी मुझे देखती थी तो स्माइल देने लगी थी और अब में अपनी उस घटना पर आता हूँ और आपको वो चुदाई की घटना पूरी विस्तार से सुनाता हूँ.

    दोस्तों यह कहानी आज से दो साल पहले की है और दोस्तो में आपको अपने बारे में भी बता देता हूँ कि में बीसीए में एक कॉलेज का स्टूडेंट हूँ और मेरी हाईट 5.7 है और वन्दना की हाईट 5.3 है, वो दिखने में एकदम एक सेक्स बॉम्ब है. उसको पहली बार में देखकर हर किसी का लॅंड सालामी देने लगता था, वो जब से 12th क्लास में थी तो में उसको तब से मन ही मन बहुत प्यार करने लगा था और जबसे वो हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई थी उसका हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था और में भी कभी कभी किसी ना किसी बहाने से उसके घर पर चला जाता था और उसे एक बार देखकर चला आता और वो भी मेरा उसके घर पर आने का मतलब समझने लगी थी कि में क्यों बार बार उसके घर पर आता जाता रहता हूँ. एक दिन उसकी मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने मुझसे कहा कि वंदना के लेपटॉप में कुछ समस्या आ गई है, तुम घर पर चलकर ज़रा उसे देख लेना.

    फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है आंटी जी में आज शाम को आपके घर पर आ जाऊंगा और आपको लेपटॉप की समस्या के बारे में बता दूंगा. आंटी मुझसे बोली कि ठीक है और अब उनके चले जाने के बाद में मन ही मन बहुत खुश हुआ और भगवान को मन ही मन धन्यवाद देने लगा. फिर में शाम को उनके घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि आंटी और वंदना दोनों टीवी देख रहे थे, तब आंटी ने मुझसे बैठने के लिए कहा और में वहीं पर सोफे पर बैठ गया.

    अब तुरंत वन्दना अपनी जगह से उठी और वो मेरे लिए पानी लेकर आ गई, वो जब मुझे पानी देने के लिए मेरे सामने आकर झुकी तो उसके वो बड़े ही सुंदर बूब्स मुझे साफ साफ दिखाई देने लगे. फिर में कुछ देर बूब्स को बिना पलके झपकाए एक टक नजर से देखने लगा और उसकी भी नजरे ठीक मेरी नजर के ऊपर थी तो में कुछ देर उसके बूब्स को देखकर अपनी नजर उस पर से हटाकर उसकी तरफ देखकर बोला कि कहाँ है लेपटॉप? तब आंटी उससे बोली कि तुम इसे अपने रूम में ले जाओ और अपना लेपटॉप अच्छी तरह से दिखा दो और तुम्हे जो भी समस्या हो वो भी बता देना.

    फिर वो मुझे अब अपने रूम में ले गई और फिर उसने अपना लेपटॉप निकाला और मुझे देते हुए उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि यह अभी कुछ दिनों से बड़ा ही धीरे चल रहा है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और में अब उसका लेपटॉप चेक करने लगा, वो रूम से बाहर चली गई. फिर मैंने लेपटॉप की कुछ इंटरनेट फाइल्स को खोलकर देखा और मैंने उसमे पाया कि वो सभी फाइल्स पॉर्न साइट्स से भारी पड़ी है और थोड़ी देर में वो वापस आ गई और मुझसे पूछने लगी कि क्या समस्या है? तो मैंने कहा कि इसमे बहुत सारे वाइरस है तो वो कहने लगी कि अब क्या होगा? मैंने कहा कि कोई बात नहीं इसमे मुझे एक एंटीवायरस डालना पड़ेगा.

    फिर वो मुझसे बोली कि डाल दो तो मैंने उससे कहा कि मेरे पास इस समय कोई एंटीवायरस सीडी नहीं है और फिर मैंने उससे कहा कि में कल आकर डाल दूँगा. फिर उसने कहा कि ठीक है और तभी में रूम से उठकर बाहर आ गया और आंटी मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और में चाय पीने लगा, तभी मैंने आंटी को फोन पर किसी से बात करते हुए सुना कि वो कल कहीं बाहर जा रही है और मुझे उनकी बातों से पता चला कि सिर्फ़ आंटी और अंकल ही चार पांच दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे है.

    अब मैंने अपनी चाय ख़त्म की और में अपने घर की और जाने लगा, तभी आंटी ने मुझसे पूछा कि क्यों बेटा लेपटॉप ठीक हो गया? तो मैंने कहा कि जी नहीं आंटी, उन्होंने पूछा कि वो क्यों ठीक नहीं हुआ क्या उसमे कुछ ज्यादा समस्या है? तो मैंने उनको वो सब समस्या जो कुछ देर पहले मैंने उस लेपटॉप के अंदर देखी सब उन्हें बता दी और उनसे कहा कि में कल आ जाऊंगा.

    फिर उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि ठीक है तुम कल आकर उसे ठीक कर देना और में अब अपने घर पर चला आया और अगले दिन जब में वंदना के घर पर पहुँचा तो मैंने देखा कि वो घर पर बिल्कुल अकेली थी और जब मैंने उससे पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसके मम्मी, पापा तीन चार दिन के लिए किसी काम से बाहर गए हुए है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गयी. मैंने उसके लेपटॉप में एंटीवायरस इनस्टॉल किया और फिर लेपटॉप को स्केन करने लगा, तब मुझे एक अजीब से नाम की फाइल्स दिखी जब मैंने वो फाइल्स को खोलकर देखा तो उसमे सेक्सी फिल्म और कुछ नंगे फोटो थे. में अब उन्हें बहुत देखकर हैरान हो गया क्योंकि मुझे उससे पहले बिल्कुल भी नहीं पता था कि वो भी एसी नंगी फिल्म या फोटो देखती है.

    तभी अचानक से वो वहां पर आ गई और मुझसे पूछने लगी कि क्यों लेपटॉप ठीक हो गया? तो मैंने तुरंत उन्हें हड़बड़ाहट में बंद कर दिया और कहा कि हाँ यह बिल्कुल ठीक हो गया है, लेकिन शायद वो मेरे चेहरे के उड़े हुए रंग और अचानक आए उस पसीने की वजह को समझ चुकी थी इसलिए वो मुझे अब एक शरारती तरीके से देखने लगी और तब तक मेरे अंदर भी सेक्स की आग अब धीरे धीरे बढ़ने लगी. फिर में वहाँ से उठकर सीधा अपने घर पर चला गया और मैंने तुरंत बाथरूम में जाकर उसके नाम से अपना लंड हिलाकर अपने शरीर की गरमी को बाहर निकालकर अपने लंड को शांत किया और अब में उसकी चुदाई के बारे में सोचने लगा कि में अब कैसे उसे चोद सकता हूँ यह विचार बार बार मेरे मन में आने लगे.

    फिर उसी शाम को उसकी माँ का मेरे पास फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम वंदना को रात में अपने घर पर बुला लेना क्योंकि वो आज अकेली है और फिर मैंने इस बात को अपनी माँ को बता दिया और मेरी माँ ने कहा कि ठीक है. फिर उसके कुछ देर बाद में मेरी माँ ने मुझे बुलाया और मुझसे कहा कि तुम वंदना को बुला लाओ, वो आज हमारे घर पर रहगी.

    फिर में वंदना के घर पर चला गया और जब में वहाँ पर पहुँचा तो मैंने दरवाजा खटखटाया और अंदर से एक आवाज़ आई कौन है दरवाजा खुला है अंदर चले आओ और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि वंदना उस समय टीवी देख रही थी, उसने एक पतला सा गाऊन पहना हुआ था और उसने उसके अंदर ब्रा नहीं पहनी थी जिसकी वजह से गाऊन के अंदर से उसके बूब्स के वो तने हुए निप्पल साफ साफ दिखाई दे रहे थे और अब में उसके बूब्स को लगातार देखता रह गया.

    फिर वो उठी और उसने मुझसे बैठने के लिए कहा और फिर वो मेरे लिए पानी लेकर आ गई और जब वो मुझे पानी देने के लिए झुकी तो मुझे उसके बूब्स पूरी तरह दिख रहे थे और अब वो सब देखकर मेरा लंड तुरंत पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया और वो मेरे खड़े लंड को लगातार घूर घूरकर देख रही थी.

    फिर मैंने उसे बताया कि वो आज हमारे घर पर रहगी क्योंकि उसकी मम्मी ने मेरे घर पर फोन करके यह बात कही है और में तुम्हे बुलाने आया हूँ. तो उसने कहा कि ठीक है, में अभी तैयार होकर आती हूँ और में वहीं पर बैठकर टीवी देखने लगा.

    तभी कुछ देर बाद मुझे उसकी बहुत ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ आई और में भागकर उसके कमरे में चला गया, वो एकदम मेरे पास आकर मुझसे लिपट गई और तब वो बिल्कुल नंगी थी और में उसके सेक्सी जिस्म की उस गरमी को बहुत करीब से महसूस कर रहा था और उसके वो मुलायम बड़े बड़े बूब्स को अपनी छाती से दबते हुए महसूस कर रहा था और में अचानक से हुई इस घटना के लिए भगवान को धन्यवाद देने लगा क्योंकि वो पूरी तरह से मेरी बाहों में लिपटी हुई थी और उसकी वो गरम गरम सांसे में बहुत करीब से महसूस कर रहा था, वो मेरे जीवन का सबसे अच्छा पल था जिसको में आज तक नहीं भुला सका. फिर मैंने ना चाहते हुए भी उससे पूछा कि क्या हुआ? क्योंकि में तो बस उससे ऐसे ही सदा चिपके हुए रहना चाहता था.

    वो कहने लगी कि वो देखो कॉकरोच और इतना कहकर वो मुझसे अलग हो गई और मैंने आगे जाकर कॉकरोच को वहाँ से हटा दिया और मैंने उससे कहा कि ठीक है अब तुम तैयार हो जाओ मैंने उसे भगा दिया है और में अब बाहर जाने लगा, लेकिन अचानक से उसने मुझे रोक दिया और मुझसे कहा कि तुम यहाँ रुको अगर वो कॉकरोच दोबारा आ गया तो.

    मैंने उससे कहा कि अब वो कॉकरोच कभी नहीं आएगा और वो हंसने लगी तो मैंने उससे पूछा कि तुम मेरे सामने कैसे तैयार होगी? तभी उसने कहा कि तुमने तो पहले ही मुझे पूरा नंगा देख लिया है अब तुमसे क्या शरमाना? तब मैंने उसकी बातों के साथ साथ उसके इरादों को समझते हुए उसे एक लिप किस कर दिया और फिर उसने एक काली कलर की ब्रा निकाली और मेरे सामने पहनने लगी और अब उसने मुझसे कहा कि तुम ही मुझे पहना दो. फिर मैंने आगे बढ़कर उसे ब्रा पहना दी और फिर वो तैयार होकर मेरे साथ घर पर चल दी.

    फिर हमने चाय पी और उसके कुछ देर बाद माँ ने मुझे बाहर से कुछ सामान लाने को कहा, लेकिन सामान कुछ ज्यादा था इसलिए मैंने बोला कि में इतना सामान कैसे लाऊंगा? तो मम्मी मुझसे बोली कि वंदना को अपने साथ ले जाओ और फिर वो तुरंत मेरे साथ जाने के लिए तैयार हो गई और हम सामान लेने निकल पड़े. वो अब मेरे पीछे बाईक पर बिल्कुल चिपककर बैठ गयी और वो मेरी कमर पर अपने बूब्स रगड़ने लगी और में भी उसके मज़े लेने लगा. हम कुछ देर बाद सामान लेकर वापस आ गये और थोड़ी देर बाद हम खाना खाने लगे और खाना खाने के बाद हम सब टीवी देखने लगे.

    दोस्तों मेरे पापा तो पहले से ही सो गये थे और थोड़ी देर बाद मम्मी भी उठकर सोने चली गई. अब मेरी बहन प्रिया, वन्दना और में ही बचे हुए थे, लेकिन कुछ देर बाद मेरी बहन भी उठकर अपने रूम में सोने चली गई. अब में और वन्दना ही वहां पर बचे थे और उस समय टीवी पर चल रही फिल्म में एक हॉट सीन चल रहा था और उसे देखकर वंदना तुरंत बहुत हॉट हो गयी थी और वो अब मेरे पास होने की बात से बिल्कुल बेखबर होकर जोश में आकर अपने एक हाथ से अपने बूब्स दबाने लगी और वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी. यह सब देखकर मैंने उससे मुस्कुराकर कहा कि क्या में दबा दूँ? और उसने यह बात सुनते ही होश में आकर एकदम अपना हाथ अपनी छाती से हटा लिया और फिर वो भी वहाँ से तुरंत उठकर सोने चली गई.

    दोस्तों में और मेरी बहन एक ही कमरे में सोते है और में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानता था कि मेरी बहन एक बार सोने के बाद थोड़ी ही देर में गहरी नींद में चली जाती है और उसको दोबारा उठाना बहुत मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है और हमारे घर में सिर्फ़ दो बेडरूम है. फिर मैं भी अब कुछ देर और टीवी देखकर सोने चला गया और जब में अंदर आया तो मैंने देखा कि वंदना सिर्फ़ जालीदार मेक्सी में लेटी हुई है और मेरी बहन अपनी गहरी नींद में जा चुकी थी, फिर भी मैंने उसे एक बार ज़ोर से हिलाकर देखा, लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं हिली.

    अब मैंने फिर से पलटकर उसकी मेक्सी की तरफ देखा जिसमे से उसका गदराया हुआ पूरा बदन साफ साफ नजर आ रहा था और वो बहुत बैचेन सी नजर आ रही थी क्योंकि वो अब अपनी चूत की उस आग को ठंडा करना चाहती थी और इस वजह से वो बार बार करवटे बदल रही थी. फिर में भी अब कुछ देर उसकी बैचेनी को जानकर, समझकर अपने बेड पर आकर लेट गया और अब मुझे भी नींद नहीं आ रही थी क्योंकि आग हम दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी इसलिए में भी अपनी आखें बंद करके उसके बारे में सोचता रहा और कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे साथ लेटा हुआ है, लेकिन फिर भी में अपनी आखें बंद करके लेटा रहा और अब मैंने महसूस किया कि उसका एक हाथ मेरे लंड पर है और वो धीरे धीरे आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन में अब भी वैसे ही लेटा रहा और कुछ देर बाद उसने मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और अब थोड़ी ही देर में मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था.

    फिर मैंने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ तुरंत उसके बूब्स पर रख दिया और अब में भी उसके बूब्स को दबाने लगा, मसलने लगा. फिर में उठकर उसे किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने उसके कपड़े उतार दिये और उसके बूब्स को चूसने और दबाने लगा. अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए और वो मेरा लंड चूसने लगी और में उसकी गरम, प्यासी, चूत चाटने लगा और अब वो मुझसे कह रही थी कि अब मुझसे रहा नहीं जाता प्लीज इसे अंदर डाल दो.

    फिर मैंने कुछ देर चूत को चूसने के बाद उसके दोनों पैरों को फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा. मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम टाईट थी, लेकिन गीली होने की वजह से मेरा लंड फिसलता हुआ धीरे धीरे अंदर जाने लगा और अब मैंने जोश में आकर थोड़ा ज़ोर लगाया तो लंड थोड़ा सा अंदर चला गया और वो चिल्लाने लगी. फिर में अपने होंठो से उसके होंठो को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा और जब कुछ देर बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक ही ज़ोर के धक्के से अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और अब उस दर्द की वजह से उसकी आँख से आँसू निकलने लगे और वो मुझे अपने उपर से हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन में नहीं हटा. अब में थोड़ी देर अन्दर वैसे ही बिना हिले-डुले अपना लंड उसकी चूत डालकर पड़ा रहा.

    फिर जब कुछ देर बाद उसका दर्द मुझे कम होता हुआ महसूस हुआ तो में एक बार फिर से धीरे धीरे धक्के देने लगा और अब वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अब उसने अचानक से अकड़कर अपना पानी छोड़ दिया. मैंने उसका झड़ना महसूस किया, लेकिन में अभी भी उसे लगातार धक्के देकर चोद रहा था और जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य उसके ऊपर डाल दिया. कुछ देर हम वैसे ही लेटे रहे.

    फिर हम उठे और बाथरूम जाकर हमने साफ किया और वो मेरा लंड साफ करने लगी. तब मेरा लंड एक बार फिर से उठ गया और मैंने उसे बाथरूम में चोदा, फिर वापस आकर अपने कपड़े पहने और एक स्मूच किया और अपने बेड पर जाकर लेट गये. दोस्तों उसके बाद में उसे तीन दिन तक लगातार जब भी मौका मिलता कभी दिन में उसके घर पर तो कभी रात में मेरे घर पर चोदता रहा. फिर मेरी अच्छी किस्मत से उसके दूसरे दिन मेरे सभी घर वाले भी बाहर शादी में जाने वाले थे, मैंने उनके सामने अपने ना जाने का एक बहुत अच्छा बहाना बना दिया और में वहीं पर रुक गया और उन सभी के जाने के बाद मैंने उसको अपने घर पर बहुत बार चोदा, जब तक उसके घरवाले ना आए. दोस्तों यह थी मेरी अपनी पड़ोसन की एक सच्ची चुदाई की कहानी.

  • किरायेदार की कुंवारी बेटी का दूध पिया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में वाराणसी का रहने वाला हूँ. दोस्तों में पिछले कुछ सालों से कहानियों के साथ बहुत मज़े करता आ रहा हूँ और मैंने कहानियाँ बहुत पढ़ी, लेकिन अब में सोच रहा हूँ कि अपनी भी एक कहानी आप लोगों को सुना दूँ. दोस्तों यह घटना शुरू होती है जब मेरे घर में पहले और नये किरायेदार रहने आए. उनका परिवार बहुत छोटा था और वो परिवार में चार लोग थे पति, पत्नी, एक लड़का और एक लड़की पूजा.

    दोस्तों जब में शाम को अपने ऑफिस से घर पर आया तो मुझे मेरी माँ ने बताया कि कल सुबह हमारे घर पर एक नये किरायेदार आने वाले है. में अपनी माँ की कही बात को सुनकर मन ही मन सोचने लगा कि अगर कोई पटाका लड़की या भाभी हुई तो मेरी चाँदी हो जाएगी और फिर हुआ भी ठीक ऐसे ही. मैंने माँ से पूछा कि उनके परिवार में कौन कौन है? तो माँ ने मुझे बताया और अब में उनकी वो पूरी बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ.

    फिर अगले दिन सुबह में अपने ऑफिस चला गया और जब में शाम को घर पर आया तो मैंने देखा कि हमारे नये किरायेदार तब तक आ चुके थे, लेकिन मुझे तो अब पूजा को देखना था, लेकिन किस्मत से मुझे सबसे पहले पूजा की माँ मिली जो एक सेक्स मस्त माल थी और उनको देखते ही मेरा मुर्गा अंदर ही अंदर घूमने लगा. उनकी कमर 34 की बूब्स तो देखने से लग रहे थे कि ब्रा में आ ही नहीं सकते इतनी बड़े आकार के थे. उसे देखकर मेरा मन तो बस यही कर रहा था कि ब्लाउज को फाड़कर बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूस लूँ, लेकिन हमारे बीच बस दुआ सलाम हुआ और में अपने कमरे में चला गया.

    दोस्तों शाम के करीब 6.30 बजे में अपनी छत पर बैठा हुआ ठंडे मौसम का आनंद ले रहा था, तभी मुझे लगा कि मेरे पीछे कोई है और जब मैंने पलटकर देखा तो एक नाज़ुक सी लड़क जो बहुत सुंदर और मासूम सी है वो खड़ी हुई थी. मैंने उससे हैल्लो किया और अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया और मैंने कहा कि मेरा नाम समीर है और उसने बोला कि में पूजा. कसम से दोस्तों दिल ने इतनी ज़ोर से धक्का दिया कि मुझे लगा कि हार्ट अटेक आ गया.

    उसका फिगर दिखने में कोई ऐसा ख़ास नहीं कमर 28 की बूब्स शायद 30 के, लेकिन वो सुंदर कमाल की थी. फिर मैंने पूजा को कुर्सी दे दी और उससे बैठने को कहा तो वो बैठ गई और अब हमारी बातें शुरू हो गई धीरे धीरे मुझे उसके बारे में सब पता चला उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है मुझे यह बात जानकर बहुत ख़ुशी हुई और अब मैंने भी धीरे धीरे उससे अपनी दोस्ती को आगे बढ़ानी शुरू कर दी में उसको कभी चोकलेट तो कभी टेडी दे देता. दोस्तों वो भी अब अच्छी तरह से समझ गई थी कि लड़का लाईन दे रहा है, लेकिन दोस्तों आप भी जानते हो कि किसी भी लड़की को फंसाना इतना आसान काम नहीं है जितना सुनने से लगता है. अब धीरे धीरे यह भी हो गया अब हम हमेशा शाम को मिलते और घूमते थे. एक दिन मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके उसको अपने मन की बात को बता दिया और उसने भी मेरी बात को मान लिया.

    उसी शाम हम बातें करते करते कब एक दूसरे के इतना करीब आ गए. हमें पता ही नहीं चला और हमने एक दूसरे को किस किया. उसकी सांसो की गरमी से लगा कि आज मेरा पप्पू तो उल्टी कर ही देगा, लेकिन कंट्रोल रखते हुए हमने सिर्फ़ उस रात किस किया और यह हमारा किस का सिलसिला लगातार चलता रहा. एक शाम हम दोनों बैठे ही थे कि बारिश शुरू हो गई और पूजा भागकर नीचे जाने लगी. तभी मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और उसको अपने सीने से लगाकर एक प्यार से उसके होंठो पर किस किया. किस करते ही वो बेजान हो गई और उसने अपने आपको मुझसे चिपका दिया में भी अब धीरे धीरे हाथ अपना नीचे ले जाकर उसके बूब्स को ऊपर से ही दबाने लगा. उसकी तो आह्ह्ह्ह निकल गई और वो पूरी तरह बैचेन हो गई, लेकिन में अब आज उससे छोड़ने वाला नहीं था.

    अब मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए अपना एक हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी गांड को दबाने लगा. वो अह्ह्ह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी. तभी मैंने उसको उठाकर अपनी गोद में ले लिया और अब उसने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को पकड़ लिया और में खड़े खड़े उसको किस कर रहा था. तभी पूजा की माँ उसे बुलाने लगी. कसम से यार लंड पर तो लगा किसी ने तेज़ाब गिरा दिया, लेकिन कोई कुछ कर नहीं सकता था और कई महीनो बाद हमें मौका मिल ही गया, उस दिन ना मेरे घर पर कोई था और ना ही मेरे किराएदार के घर पर. सिर्फ़ पूजा और उसका भाई था, हमने शाम को बैठकर बातें की और मैंने उससे कहा कि आज रात को में और पूजा साथ रहेंगे, लेकिन पूजा ने कहा कि हम सेक्स नहीं करेंगे, तो मैंने भी कहा कि ठीक है, लेकिन तुम मेरे साथ में तो रहोगी.

    फिर वो मान गई उफ.. लड़कियों के नखरे, क्या करें? चूत पाने के लिए तो करना ही पढ़ता है. फिर रात को करीब 12.30 बजे पूजा मेरे रूम में आई और उसके आते ही मैंने उसको तुरंत पकड़कर अंदर खींच लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया और अब हम दोनों बेड पर गिर पड़े. मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और वो करवाती रही.

    फिर कुछ देर बाद मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और उसे यह भी महसूस हो गया और वो अपनी चूत को धीरे धीरे रगड़ने लगी, लेकिन फिर से वही लड़कियों के नखरे, समीर प्लीज ऐसे नहीं, ग़लत तो नहीं होगा ना? यह सब बिल्कुल ग़लत है. फिर मैंने कहा कि में ऐसा कुछ नहीं करूँगा सिर्फ़ तुम्हारा दूध पिऊँगा और वो मान गई. दोस्तों उस समय पूजा सिर्फ़ मेक्सी में थी और में सिर्फ़ लोवर में था. में अब नीचे और पूजा मेरे ऊपर और मेरा लंड जो 8 इंच का है पूरा खड़ा हो गया था, लेकिन मैंने कुछ किया नहीं, क्योंकि में जानता था कि में बस एक बार पूजा का दूध पीने लगा तो बाकी काम तो खुद ही हो जाएगा और में धीरे धीरे पूजा की मेक्सी को उतारने लगा.

    अब पूजा सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और वो लाल कलर की ब्रा और पेंटी में ग़ज़ब लग रही थी. अब में उसके ऊपर आ गया और मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके होंठो पर किस किया. उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर रख दिए जिससे में उसकी कमर पर आ गया और मेरा लंड ठीक उसकी चूत के ऊपर था, लेकिन फिर भी मैंने कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं की क्योंकि में जानता था कि सब कुछ खुद ही हो जाएगा.

    फिर में पूजा को किस करते हुए धीरे धीरे उसकी छाती पर आ गया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही दूध पीने लगा, लेकिन कुछ ही देर के बाद उसने अपनी ब्रा को खोल दिया और अपनी ब्रा को हटाकर मेरा चेहरा पकड़ा और तुरंत अपनी छाती पर रख दिया और अब मैंने बड़े ही प्यार से दबा दबाकर उसका दूध पीना शुरू किया. दोस्तों वो मेरा सबसे कमाल का अनुभव था क्योंकि में पूजा के एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि अब तक पूजा की पेंटी पूरी गीली हो गई थी और उसकी चूत का पानी मेरे लोवर को भी गीला कर रहा था और उस समय मैंने अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी तो मेरे लंड पर भी उसकी चूत का पानी लग गया था.

    अब मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रखते हुए उसकी नाभि पर रखा तो पूजा ने धीरे से मेरे कान में कहा कि प्लीज एक बार मेरी नाभि पर किस करो और बस में समझ गया कि आज अपना लंड जरुर अंदर घुसेगा. फिर मैंने उसके निप्पल पर एक हल्का सा काटते, चूसते हुए उसकी नाभि पर आ गया और उसकी नाभि पर किस करने लगा. वो बिल्कुल मदहोश हो गई और मैंने सही मौका देखते हुए अपना मुहं उसकी गीली पेंटी पर रख दिया और उसकी चूत पर एक हल्का सा किस किया. वो पूरे जोश में आकर गरम हो गई. और में भी उसकी तरफ से हाँ समझते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा.

    दोस्तों पूजा की चूत से पानी ऐसे निकल रहा था जैसे नल से पानी आता है और अब मैंने पूजा की पेंटी को उतार दिया और उसकी गांड के पीछे हाथ लगाकर उसकी चूत को चाटने लगा वो तो जैसे पूरी तरह से पागल ही हो गई, लेकिन मैंने उसकी चूत को चाटना लगातार जारी रखा और धीरे से मैंने उसकी चूत पर अपनी एक उंगली घुमाई और कुछ देर बाद उसे अंदर बाहर करने लगा. जिसकी वजह से वो तो जैसे पागल सी हो गई और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब अंदर डाल दो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा, लेकिन मैंने सोचा कि अभी थोड़ा और तड़पा लूँ.

    फिर धीरे से मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद पूजा इतनी गरम हो गई कि वो झड़ गई और में उसकी चूत से निकले पानी से नहा गया, लेकिन अब तो मुझे उस किले पर चड़ाई करनी थी और मैंने धीरे से अपना लोवर उतार दिया और में पूजा के ऊपर आ गया. वापस उसके बूब्स को पीने, दबाने लगा और अब पूजा भी मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी.

    उसने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह फैला दिया था और मैंने उसके बूब्स को पीते हुए धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और अंदर की तरफ दबाने लगा. जैसे ही उसे दर्द हुआ तो में उसके होंठो पर किस करने लगा और मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर दबाना जारी रखा. जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो उसने दर्द में अपने दांत ऐसे दबाए कि मेरे होंठ का सत्यानाश हो गया.

    अब में अपना लंड अंदर डालता रहा और लगातार धक्के देता रहा. उसकी चूत अब फट गई, लेकिन चूत बहुत गीली थी जिसकी वजह से आराम से मेरा लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था. फिर में धीरे धीरे उसकी चूत में धक्का लगाने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा और अब मेरी चुदाई करने की स्पीड अचानक से बढ़ गई. तभी पूजा ने मुझसे कहा कि समीर तुम नीचे हो जाओ और मैंने भी ठीक वैसा ही किया क्योंकि सेक्स में हम दोनों को मज़ा आना चाहिए. अब पूजा मेरे ऊपर बैठ गई और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुहं पर टिकाया और फिर बैठ गई.

    मेरा लंड उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया और फिर जबरदस्त चुदाई हुई पूरे कमरे में फच फच आहहह्ह्ह्ह आईईईइ उह्ह्ह्ह की आवाज़े आने लगी और इतनी देर में पूजा दो बार झड़ गई थी और अब बारी मेरी थी, लेकिन अब भी पूजा मेरे ऊपर थी और अगर अब लंड को उसकी चूत से बाहर नहीं निकाला तो मामला उलझ सकता था, क्योंकि में अपना वीर्य उसकी चूत से बाहर ही निकालना चाहता था. मैंने तुरंत पूज़ा को बेड पर पटका और उसके ऊपर आकर दस झटके दिए और अब मेरी बारी थी मैंने अपना लंड उसकी चूत से तुरंत बाहर निकालकर में अब पूजा के बूब्स पर रगड़ने लगा और मैंने अपना सारा माल पूजा के निप्पल के ऊपर निकाल दिया और वापस लंड को उसकी चूत में डालकर हम दोनों लेट गये. हमें पता ही नहीं कि कब नींद आ गई और हम सो गये.

  • पड़ोस वाले दादाजी से चुदी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेशमा है और हमारा 3 लोगों का छोटा सा परिवार है मम्मी पापा और में. मेरे मम्मी पापा दोनों ही जॉब करते है और में दिखने में सुंदर हूँ और लंबे बाल है. में इस साईट की बहुत बड़ी फैन हूँ और आज में आपके साथ मेरा अनुभव शेयर करने जा रही हूँ. यह 3 साल से भी ज्यादा पुरानी बात है, तब मेरी उम्र 19 साल थी और मेरी हाईट 5 फुट 1 इंच और फिगर 32-25-32 था. हम लोग एक अपार्टमेंट में रहते थे, तभी हमारे पास के फ्लेट में एक नई फेमिली रहने को आई, जो कि कुछ दिनों से खाली था. उनकी फेमिली में एक कपल और उनके पिताजी थे, उन लोगों के रहने के बाद पड़ोसी के नाते दोनों फेमिली के बीच बातचीत शुरू हुई वो दोनों पति पत्नी जॉब करते थे.

    फिर अंकल ने बताया कि उनकी मम्मी 12 साल पहले गुजर गई और उनकी दीदी शादी के बाद अमेरिका में रहती है और उनके पापा रिटायर्ड होने के बाद उनके पास रहने आ गये. फिर मेरे मम्मी पापा उनके पापा को चाचा जी बोलने लगे और उसी हिसाब से में उनको अंकल, आंटी और दादा जी बुलाने लगी, इन 2 महीनों में दोनों परिवार काफ़ी नजदीक हो गये थे. एक दिन दोपहर में स्कूल के बाद घर आने के लिए में सिटी बस स्टॉप पहुँची और उसी बस स्टॉप पर दादा जी घर आने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे, दादाजी 5 फुट 8 इंच और मजबूत बॉडी के थे, हांलाकि उनकी उम्र 61 साल के आस पास थी, लेकिन वो 50 साल के दिखते थे. फिर बस आने के बाद हम दोनों बस पर सवार हो गये और अपने घर की तरफ निकल पड़े.

    जब बारिश का महीना था और हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गयी थी, बस स्टॉप पर सिर्फ़ हम दोनों उतरे. हम दोनों के पास छाता ना होने की वजह से हल्की-हल्की बारिश में भीगते हुए हम घर की और बढ़े, बस स्टॉप से घर करीब 10 मिनट पैदल जाने की दूरी पर है, हम बस स्टॉप से 2-3 मिनट ही चले थे कि बारिश जोर से होने लगी तो हम दोनों तेज-तेज चलने लगे, लेकिन ज़्यादा बारिश होने की वजह से दादा जी बोले कि साईड के बड़े पेड़ के नीचे इंतजार कर लेते है और तेज की बारिश की वजह से में मान गयी और हम दोनों साईड के पेड़ के नीचे चले गये, लेकिन तब तक हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे और हमारे कपड़े गीले हो चुके थे, उस वक़्त में स्कूल ड्रेस पहने हुई थी जो कि सफ़ेद शर्ट और ग्रे स्कर्ट थी, में पूरी तरह से भीग चुकी थी और मेरी सफ़ेद शर्ट पारदर्शी होकर चिपक गयी थी. मैंने अन्दर ब्रा पहनी हुई थी, लेकिन गीली शर्ट से मेरे बूब्स के शेप का मालूम चल रहा था. फिर मैंने दादा जी की तरफ देखा तो उनकी नज़र मेरी भीगी हुई शर्ट में दिख रहे बूब्स और क्लीवेज पर थी.

    अब वो इधर उधर की बातें करने लगे वो बीच बीच में मेरी बूब्स की और देख रहे थे, जैसे कि मुझे कोई शक़ ना हो. जब वो मेरी बूब्स की तरफ देख रहे थे, तब मेरे दिल में हलचल मच रही थी और मुझे एक अजीब सी ख़ुशी महसूस हुई और इससे पहले किसी ने मुझे इस तरह से नहीं देखा था. फिर 15 मिनट के बाद बारिश कम होते ही हम दोनों घर की और चल पड़े और चलते-चलते दादा जी मेरे भीगे हुए बदन को तिरछी नज़र से देख रहे थे, अब मुझे उनका देखना अच्छा लग रहा था.

    फिर हम दोनों अपने-अपने घर चले गये, आज तक मैंने सिर्फ़ सेक्स की वासना और सेक्स की नजर से देखने के बारे में पढ़ा और सुना था, लेकिन कभी महसूस नहीं किया था, लेकिन आज दादा जी जिस तरह से मुझे और मेरे भीगे हुए बूब्स को देख रहे थे तो मुझे एक ख़ुशी महसूस होने लगी थी और में उनके बारे में सोचने लगी. उस कच्ची उम्र में यह भावना आते ही मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और में यह भूल चुकी थी कि वो 61 साल के और में सिर्फ़ 19 साल की हूँ, इसी हसीन याद से टाईम कट गया और देखते ही देखते शाम हो गयी.

    फिर में शाम तक अपना सब होमवर्क ख़त्म करके छत पर खुली हवा खाने के लिए चली गयी, तभी धीरे धीरे अंधेरा होने लगा था. जब में छत पर गयी तो वहां सामने कोई नहीं था, जब मैंने पूरी छत पर नज़र घुमाई तो एक कोने में दादा जी बेंच पर बैठे थे. उनको देखते ही मुझे एक ख़ुशी महसूस हुई, जैसे कि में उनसे वर्षो से मिलना चाहती हूँ और आज सामने मिल गये हो और मुझे देखते ही उनका चेहरा भी खुशी से चमक उठा और उन्होंने मुझे एक बड़ी सी स्माईल दी. फिर मैंने भी उनको रिप्लाई में एक स्माईल दी और जाकर उनकी बगल में बैठ गयी, उस वक़्त में लोंग स्कर्ट और वी गले की टॉप पहने हुई थी और दादा जी बात करते-करते मेरी क्लीवेज और बूब्स देख रहे थे और में जानबूझ कर अंजान बन रही थी.

    फिर थोड़ी देर के बाद दादाजी ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सामने की तरफ देखकर मुझसे बात करने लगे. फिर में भी चुपचाप बैठकर उनसे बात करने लगी और मैंने उनका हाथ हटाने की कोई कोशिश भी नहीं की थी. फिर 2 मिनट के बाद दादा जी अपने हाथ से मेरी जांघ को सहलाने लगे और में चुपचाप बैठी हुई सामने की तरफ देख रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वो मेरी जांघ सहला रहे थे और मेरी क्लीवेज को देख रहे थे.

    फिर उन्होंने मेरी आँखों में देखकर एक स्माइल दी, तो मैंने भी उन्हें एक स्माइल दे दी. फिर में हंसते हुए बोली कि मम्मी पापा के आने का टाईम हो गया है और अब में नीचे घर जाती हूँ और फिर में नीचे चली आई. फिर थोड़ी देर में मम्मी पापा अपनी जॉब से वापस आ गये, अब शाम के 9 बजे हुए थे और में सोफे पर बैठकर टी.वी देख रही थी और मम्मी किचन में काम कर रही थी और पापा लेपटॉप में अपना काम कर रहे थे. तभी डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि दरवाजे के सामने दादा जी खड़े हुए थे.

    फिर उन्होंने मुझे देखते ही आँख मारी और स्माइल करते हुए अंदर आ गये, अब उन्हें देखकर मेरा दिल जोरो का धड़कने लगा था. अब पापा ने उनके चाचा जी को देखकर बड़ी खुशी से उनका स्वागत किया, तब दादा जी मुझसे बोले कि आओ और आराम से अपनी टी.वी देखो और में फिर से सोफे पर जाकर टी.वी देखने लगी और दादा जी आकर मेरे बगल में बैठ गये और पापा से बात करने लगे. फिर मम्मी किचन में उनके लिए चाय बनाने के लिए चली गयी, अब पापा अपने लेपटॉप पर काम करते-करते दादा जी से बात कर रहे थे, तो दादाजी अपने हाथ से मेरी पीठ सहलाने लगे. फिर जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वो स्माइल देते हुए मेरे टॉप के अंदर हाथ घुसाते हुए मेरी नंगी पीठ सहलाने लगे, तभी दादाजी ने पापा से मेरे बारे में बात की.

    दादा जी : मुस्कान 11वीं में क्लास आ गयी है, उसकी पढाई कैसी चल रही है? तुम हेल्प कर रहे हो या नहीं ?

    पापा : नहीं चाचा जी, काम थोड़ा ज़्यादा है इसलिए ध्यान नहीं दे पा रहे है.

    दादा जी : अरे भाई काम तो चलता रहेगा, लेकिन बेटी की पढ़ाई का ध्यान तो रखना पड़ेगा ना.

    पापा : जी आप सही बोल रहे है, लेकिन काम का बोझ भी है अगर बुरा ना माने तो क्या आप मुस्कान की पढाई देख लेंगे? अगर आपके पास टाईम हो तो.

    दादा जी : अरे इसमें बुरा मानने की क्या बात है? में दोपहर को खाली बैठे-बैठे बोर होता रहता हूँ तो मेरा भी टाईम पास हो जायेगा. (फिर मेरी तरफ देखकर आँख मारी, और में स्माइल देते हुए फिर से टी.वी देखने लगी) तभी मम्मी चाय ले कर आई, तो दादा जी ने अपना हाथ मेरे टॉप से बाहर निकाल लिया और वो मुझे स्माईल कर रहे थे.

    मम्मी : चाचा जी आपको कोई परेशानी तो नहीं होगी ना.

    दादा जी : बिल्कुल नहीं बल्कि मुझे तो खुशी होगी.

    मम्मी : अकेली लड़की घर पर रहती है तो डर लगा रहता है और आप साथ रहेंगे तो दिल को तसल्ली भी रहेगी.

    दादा जी : हाँ बेटी सही कहा तुमने, माँ हो चिंता तो रहेगी, लेकिन आगे से मुस्कान अकेली नहीं रहेगी मेरे यहाँ आ जाया करेगी, तो में उसकी पढाई में हेल्प कर दूंगा.

    पापा : थैंक यू चाचा जी, मुस्कान कल से तुम स्कूल से आकर लंच के बाद पढाई करने के लिए चाचा जी के पास चली जाना.

    में : जी पापा.

    फिर चाय के बाद मम्मी किचन में चली गयी और दादा जी ने अपना हाथ फिर से मेरे टॉप के अंदर डाल दिया और उन्होंने इस बार नीचे कि तरफ स्कर्ट के अंदर डालने की कोशिश की, लेकिन स्कर्ट टाईट थी इसलिए वो सफल नहीं हुए. फिर वो मेरी पीठ को टॉप के अंदर से ही सहलाते रहे, फिर थोड़ी देर के बाद वो अपने घर जाने के लिए उठे और मुझे स्माइल देते हुए बोले कि कल वो इंतज़ार करेंगे, फिर वो चले गये. उसी रात अगले दिन के बारे में सोचते-सोचते कब मेरी आँख लग गयी मुझे मालूम ही नहीं चला.

    फिर में सुबह उठकर स्कूल के लिए तैयार हो गयी, फिर स्कूल जाते वक़्त मम्मी ने मुझे याद दिलाया कि लंच के बाद दादा जी के यहाँ पढ़ाई के लिए जाना है और में हाँ बोली. फिर स्कूल कैसे ख़त्म हो गया? मुझे पता भी नहीं चला और में घर वापस आ गयी. फिर में लंच करके दादा जी के यहाँ जाने के लिए तैयार होने लगी, उस टाईम मैंने टॉप और स्कर्ट पहने थी.

    अब मैंने दादा जी के घर के दरवाजे पर जाकर घंटी बजाई, फिर दरवाजा ओपन हुआ और अब सामने दादा जी सिर्फ़ एक पजामे में खड़े थे. मुझे देखते ही उनका चेहरा खुशी से चमक उठा और मुस्कुराते हुए बोले कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे.

    अब मेरे अंदर जाते ही उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया, और अब में जाकर सोफे पर बैठ गयी और सामने की टेबल पर अपनी किताब रख दी. तभी दादा जी एक ग्लास जूस मुझे देते हुए मेरे बगल में बैठ गये और अब वो मेरी पढ़ाई के बारे में पूछ रहे थे और में धीरे-धीरे जूस पीते हुए उन्हें जवाब दे रही थी, इसी बीच दादा जी ने मेरी जांघ पर हाथ रखकर सहलाना शुरू कर दिया.

    अब मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा था और में चुपचाप अपना सिर नीचे करके जूस पीने लगी थी. तभी दादा जी ने पूछा कि मुझे बुरा तो नहीं लग रहा है वो मुझे टच कर रहे है, तो मैंने स्माइल देते हुए ना में सिर हिलाया. अब यह सुनकर दादा जी अपना दूसरा हाथ मेरे टॉप के अंदर डालकर मेरी पीठ सहलाने लगे.

    फिर मेरे हाथ को किस करते हुए बोले यहाँ हम सुरक्षित नहीं है और मेरा हाथ पकड़कर बेडरूम में ले गये. अब दादाजी मुस्कुराते हुए बोले यहाँ आराम से बात कर सकते है और हम दोनों बेड पर बैठ गये, फिर दादा जी ने अपना लेफ्ट हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और अपने राईट हाथ से मेरे लेफ्ट बूब्स को सहलाने लगे. तब मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, लेकिन मैंने उनका हाथ हटाने की कोशिश नहीं की, तो वो बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगे. अब मैंने मेरी आँखे बंद कर ली, तभी उन्होंने दोनों बूब्स को दबाते हुए पूछा कि कैसा लग रहा है? तो मैंने कहा अच्छा लग रहा है.

    फिर वो अपना हाथ टॉप के अंदर डालकर मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से सहलाने लगे और धीरे-धीरे दबाने लगे. अब में अपनी आँखें बंद करके मज़ा ले रही थी और उन्होंने अपना सर मेरे कंधे पर रखकर मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था और अब में भी गर्म होने लगी थी, तभी दादा जी ने मेरे टॉप को नीचे से पकड़कर ऊपर किया और मेरे दोनों हाथ ऊपर करते ही एक झटके में मेरी टॉप मुझसे अलग हो गयी और अगले ही पल में मेरी ब्रा के हुक खोलकर ब्रा को भी मुझसे अलग कर दिया.

    अब में नीचे सिर्फ़ स्कर्ट में थी और ऊपर से पूरी नंगी थी, मेरी बूब्स देखकर दादा जी के मुँह से वाउ निकल गया और बोले, आआअहह क्या खूबसूरत बूब्स है? जी कर रहा है कच्चा खा जाऊं, क्या किसी ने आज से पहले बूब्स टच किया है? तो फिर मैंने ना में सिर हिलाया और वो एक भूखे बच्चे की तरह मेरे बूब्स को चूसने लगे और अपना हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर डालकर मेरी जांघो को सहलाने लगे, तब तक मेरी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी.

    फिर थोड़ी देर में ही दादा जी अपने हाथ से मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही टच करने लगे तो मैंने अपना हाथ उनके पजामे के ऊपर रख दिया और धीरे-धीरे उनके लंड को दबाने लगी. तभी दादा जी ने अपना पजामा उतार दिया और अब वो सिर्फ़ चड्डी में थे. फिर वो मुझसे बोले कि मुस्कान क्या तुम अपने दोस्त को बाहर नहीं निकालोगी?

    यह कहकर उन्होंने मेरा हाथ अपनी चड्डी के अंदर डाल दिया, अब मुझे ऐसा लगा कि मेरे हाथ में कोई गर्म रोड आ गयी है. फिर मैंने चड्डी में से उनका लंड बाहर निकाला, में लाईफ में पहली बार लंड देख और छू रही थी, उनका लंड करीब 6 इंच लंबा, और 3 इंच चौड़ा था और में उसे एक ही नज़र में देखे जा रही थी, जैसे मुझे कोई अजूबा हाथ लगा हो. इसी बीच दादा जी ने अपनी चड्डी ऊतार दी और मेरी स्कर्ट भी खोल दी. अब वो मेरे सामने पूरे नंगे थे और में सिर्फ़ एक पेंटी में थी.

    अब में उनके लंड को अपने हाथ से सहला रही थी और वो मेरे बूब्स दबाते हुए मेरी आँखो में देख रहे थे. फिर धीरे-धीरे वो मेरे चेहरे के पास आकर मेरे लिप को चूमने लगे, अब में भी किस में उनका साथ देने लगी. फिर 2-3 मिनट तक लिप किस करने के बाद दादा जी मेरे सामने खड़े हो गये और अब उनका लंड ठीक मेरे सामने तनकर खड़ा था, मानों जैसे वो मुझे सलामी दे रहा है.

    फिर दादा जी मुझे लंड को मुँह में लेने के लिए बोले और मैंने लंड को दोनों हाथों से पकड़कर मुँह में ले लिया. अब दादा जी मेरे बालों को पकड़कर मेरे सिर को अपने लंड पर आगे पीछे करने लगे और अपनी आँखे बंद करके, उम्म्म हम्मम्मम्म करके सिसकारियाँ निकाल रहे थे. फिर में 3-4 मिनट तक उनका लंड चूसती रही और उन्होंने अचानक से ज़ोर से, आहह करते हुए अपना पूरा पानी मेरे मुँह के अंदर ही छोड़ दिया. उनके लंड के पानी का टेस्ट कुछ अजीब सा था, लेकिन में उनके लंड का सारा पानी पी गयी और मैंने लंड चाट कर साफ कर दिया.

    अब दादा जी ने मुझे उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी पेंटी को नीचे खींचने लगे, अब देखते ही देखते मेरी पेंटी मुझसे अलग हो गयी और में पूरी नंगी बेड पर लेटी रही. फिर मेरी दोनों टांगो को खोलकर अपना सिर मेरी जांघो के बीच में रख दिया और मेरी चूत को किस करने लगे, मुझे ऐसी फीलिंग हो रही थी, जैसे कि हज़ारो चीटियाँ मेरी चूत को काट रही हो, मुझे इतनी अच्छी फीलिंग पहले कभी नहीं आई थी.

    फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और देखते ही देखते अपनी जीभ मेरी चूत में डालने लगे, अब वो मेरी चूत को चूसते रहे और अब में उनका सिर पकड़कर दबाब डाल रही थी और चूत चुसाई का मज़ा ले रही थी. अब करीब 5-6 मिनट तक चुसाई करवाने से मेरी चूत से पानी निकलने लगा था और वो मेरी चूत पर मुँह लगाकर पूरा पानी पी गये. अब पानी निकलने के बाद में हल्का महसूस कर रही थी और अब दादा जी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स के साथ खेलने लगे और अब में भी उनके लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए खेलने लगी.

    फिर 2 मिनट में ही दादा जी का लंड सलामी देते हुए फिर से खड़ा हो गया, तो वो मेरी दोनों टांगो के बीच में आकर बैठ गये. अब उन्होंने एक तकिया लेकर मेरी कमर के नीचे रख दिया, ताकि मेरी चूत थोड़ी ऊपर हो जाए. फिर बेड के साईड में टेबल पर रखी वेसलिन क्रीम निकाल कर थोड़ी मेरी चूत पर लगाई और थोड़ी अपने लंड पर लगा ली, फिर अपने हाथ से लंड को पकड़कर मेरी चूत के होल के सामने रगड़ने लगे. फिर वो मेरे ऊपर लेट गये और मेरे लिप पर किस करने लगे, अब में भी उनके किस का साथ दे रही थी और इसी बीच दादा जी ने एक ज़ोर के धक्के के साथ अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया, तो में दर्द के मारे चिल्लाने लगी, लेकिन उन्होंने मेरे लिप को अपने लिप से बंद कर रखा था और अब में उनको हटाने लगी, लेकिन उन्होंने मेरी कमर को पकड़ कर रखा था और में हिल भी नहीं पा रही थी, अब दर्द के मारे मेरी आँखो से आंसू निकलने लगे थे.

    फिर दादा जी ने मेरे बूब्स को चूसा और फिर थोड़ी देर में जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो फिर से अपनी कमर चलाने लगे. अब उनका लंड धीरे-धीरे चूत में अंदर बाहर होने लगा था, फिर जब में थोड़ी नोर्मल हुई तो उन्होंने और एक ज़ोर के धक्के से अपना पूरा लंड मेरी चूत में अंदर डाल दिया और तभी ज़ोर से पकड़कर मुझे किस करने लगे और धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा और मेरा दर्द कम होने के बाद लंड को अंदर बाहर करके चोदने लगे. फिर थोड़ी देर में मुझे भी मज़ा आने लगा और में अपनी कमर उठा- उठाकर उनका साथ देने लगी और अब मुझे देखकर दादा जी भी जोश में आ गये और ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदने लगे. फिर 7-8 मिनट तक चुदवाने के बाद मेरे पानी छोड़ने के बाद दादा जी भी कुछ 15-20 धक्के लगाकर वो भी अपना पानी मेरी चूत के अंदर डाल कर झड़ गये. अब चुदाई के बाद हम दोनों ही थक चुके थे और कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे. दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी.

  • पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय है और मेरी उम्र 29 साल है और मेरी बीवी पूजा की उम्र 22 साल है मेरा एक बेटा है जिसकी उम्र 7 महीने की है. दोस्तों पूजा मेरी पत्नी बहुत ही अच्छे फिगर की है उसके फिगर का साईज 32-30-34 है और वो बहुत सेक्सी है और जो कोई भी उसे देखता है तो बस देखता ही रह जाता है क्योंकि वो दिखने में भी बहुत हॉट सेक्सी लगती है.

    दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और हमारा फ्लेट तीसरी मंजिल पर है और मेरे फ्लेट के ठीक नीचे दूसरी मंजिल पर मेरी कंपनी में ही काम करने वाला रोहन (उम्र करीब 30 साल) रहता है. दोस्तों वो दिखने में जितना अच्छा है उतना ही झगड़ालु भी है और उसका उसकी बीवी से आए दिन किसी ना किसी छोटी छोटी बातों पर झगड़ा होता रहता है, वैसे उनका एक लड़का भी है जिसकी उम्र एक साल है और हमारा रिश्ता एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा है. किरन हमेशा अपने पति रोहन से और पड़ोसियों से मेरे और पूजा के रिश्ते को लेकर बात करती रहती थी और कहती थी कि इन दोनों की जोड़ी कितनी अच्छी है जिसमें कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं होता और यह एक दूसरे का कितना ख्याल रखते है और वो यह बात भी कहती थी कि मेरी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि अगले जन्म में मुझे भगवान विनय भाई साहब जैसा पति दे.

    अब में आप सभी को अपनी असली कहानी के बारे में बताता हूँ यह घटना करीब एक साल पहीले की है और वो मार्च का महीना था और होली आने वाली थी. किरन अक्सर हमारे बेटे को खिलाने के लिए अपने घर पर ले जाया करती थी और में उसे वापस लेने के लिए कभी कभी उसके घर पर चला जाता था, लेकिन आज कल कुछ दिनों से मैंने किरन को गौर करके देखा था कि वो मेरी तरफ कुछ अलग नज़र से देखती है, वो मेरी तरफ मुस्कुराती, वो उसकी नज़रें बहुत देर तक मेरे ऊपर ही टिकाए रखती है और जब में उससे अपने बेटे को उसकी गोदी से लेता तो वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर खुद जबरदस्ती छूने का प्रयास करती थी. मुझे उसका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत बदला बदला सा लगने लगा था.

    एक दिन मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि चलो में भी देखता हूँ कि इसका इरादा क्या है? उस दिन जब मैंने अपने बेटे को उसकी गोदी से लेने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया तो मैंने भी जानबूझ कर अपने बेटे को अपनी तरफ नहीं लिया. में बस किरन का मेरे बेटे को छोड़ने का इंतजार करता रहा और मेरा हाथ कम से भी कम दस सेकेंड तक उसके 32 के बूब्स को स्पर्श करता रहा, लेकिन उनके नहीं दिया, अब मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई थी और फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया. अब में अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए उनसे बोला कि भाभी जी बेटा दो में घर ले जाता हूँ. तो इस पर किरन मुस्कुराते हुए शरारती अंदाज़ में मुझसे बोली कि हाँ ले लो आपको कौन मना कर रहा है? तो में अब समझ गया कि वो आज अलग मूड में है, मैंने फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया तब भी उसने बेटा नहीं दिया और दो कदम पीछे हो गई और फिर से चिड़ते हुए बोली कि ले लो अपना बेटा.

    में फिर से आगे की तरफ बढ़ा और मैंने उससे इस बार छीना झपट करने की कोशिश की और इस छीना झपट में मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को बहुत बार छुआ, दबाया, सहलाया और उस दिन के बाद से आए दिन जब भी रोहन घर पर नहीं होता था तो वो मेरे बेटे को मुझे ऐसे ही देती, मुझे भी अब इस काम में बहुत मज़ा आने लगा था और में समझ गया था कि वो अब मुझसे चुदना चाहती है. फिर एक दिन तो हद ही हो गई उसने मुझे मेरे होंठो पर किस कर दिया, लेकिन में भी यही चाह रहा था कि कुछ उसकी तरफ से ऐसा हो क्योंकि में खुद आगे होकर पहल नहीं करना चाहता था. फिर जैसे ही उसने मुझे किस किया तो मैंने उसको अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया और फिर उसने मौका देखकर मेरे बेटे को पास ही पड़ी एक चारपाई पर लेटा दिया और फिर मुझसे चिपक गई.

    तभी मैंने उससे कहा कि बाहर का दरवाजा खुला हुआ है और अगर कोई आ अंदर गया तो तुम उससे क्या कहोगी? अब वो तुरंत मुझे छोड़कर बाहर चली गई और फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया और इस बार मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी साड़ी को खोल दिया, उसका गदराया हुआ बदन बहुत मस्त था. उसकी कमर बहुत पतली थी, लेकिन फिर भी उसके बूब्स खड़े खड़े और 32 साइज़ के थे. अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसके एक एक बूब्स को चूसता रहा. मेरे पास ज्यादा समय नहीं था और में उसके घर पर ज्यादा समय रुक भी नहीं सकता था. मैंने उसको बोला कि किरन अभी डर है कि कोई भी यहाँ पर आ सकता है और पूजा भी सोचेगी कि में इतनी देर यहाँ पर कैसे रुक गया, हम इसके आगे फिर कभी करेंगे और में जल्दी से वहाँ से अपने बेटे को लेकर बाहर निकल गया.

    फिर इसके बाद अगले दिन में अपने प्लान के मुताबिक अपने ऑफिस से जल्दी घर पर आ गया और सीधे किरन के घर में चला गया और मैंने उसको पहले से ही बता दिया था कि में ऑफिस से सीधे तुम्हारे पास आ जाऊंगा.

    फिर बेडरूम के अंदर पहुँचते ही वो बेड पर लेट गई और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिया और साथ में उसके भी कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों के बदन पर अब कोई कपड़ा नहीं था और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुहं में लेकर बुरी तरह से चूसने लगी जैसे कि वो कब से इसकी बहुत प्यासी है और थोड़ी देर बाद मैंने उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा और जब उनसे मेरा दिल भर गया तो फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया वो अब बहुत गरम हो चुकी थी और इसके बाद वो मुझसे बोली कि विनय अब आ जाओ थोड़ा जल्दी करो और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना 7.5 इंच लंबा लंड उसकी चूत में डाल दिया, उसने मुझे बुरी तरह से चूमना चाटना शुरू कर दिया और फिर मुझसे बोली कि विनय तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और में हमेशा से चाहती थी कि मुझे तुम्हारे जैसा पति मिलता, लेकिन अब कोई बात नहीं मैंने आज तुम्हारा प्यार तो पा ही लिया है और उसने मुझे फिर से जकड़ लिया वो नीचे से उछल उछलकर ज़ोर लगा रही थी जिसकी वजह से में बहुत गरम हो गया था और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया था और अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अब हम दोनों करीब 10-15 मिनट ऐसे ही एक दूसरे को सहलाते रहे.

    यह सब काम ऐसे ही लगातार दो तीन दिन तक चलता रहा और यह शायद पांचवे दिन की बात होगी, में उस दिन किरन की चुदाई करने के बाद उसके जिस्म को सहला रहा था और वो मुझसे बातें कर रही थी. तो बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके पति रोहन को सेक्स के अलावा और कुछ नहीं सूझता और सेक्स खत्म होने के बाद उसे मुझसे कुछ मतलब नहीं और वो मेरी कोई परवाह नहीं करता है और वो आए दिन मेरी पिटाई भी करता है, वो दूसरों की पत्नियों के बारे में ख़ासकर मेरी पत्नी पूजा के बारे में कुछ ना कुछ गलत बातें बोलता रहता है.

    फिर मैंने उससे पूछा कि वो क्या बोलता है? तो किरन बोली कि बस ऐसे ही तो मैंने उससे फिर से ज़ोर डालकर पूछा वो क्या बोलता है बताओ तो सही? फिर किरन बोली कि वो कहता है कि तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छा माल है मुझे एक रात के लिए मिल जाए तो मुझे मज़ा ही आ जाए और वो आपकी बीवी पूजा के लिए तो अक्सर बोलता रहता है और वो मुझसे कहता है कि अगर इससे (पूजा से ) बदली हो जाए तो में तुझ जैसी को आज ही बदली कर लूँ. अब तुम ही बताओ कि में ऐसे पति के साथ कैसे गुज़ारा करूँ? मैंने बोला कि यार वो बहुत बेकार आदमी है कम से कम कोई भी अपनी बीवी के सामने ऐसा तो नहीं बोलता है और वैसे तुम में ऐसी क्या कमी है? में तो कहता हूँ कि अगर में शादीशुदा नहीं होता तो में अभी तुमसे शादी कर लेता और तुम्हे उससे तलाक़ दिला देता.

    फिर वो बोली कि क्या तुम सही में सच कहते हो? अब में बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और इतनी ही देर में रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. दोस्तों वो शायद इसी बात का इंतजार कर रहा था कि में कुछ बोलूं उसने अपनी दूसरी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आकर चुपके से हमारी सभी बातें सुन रहा था. अब वो मुझसे बिल्कुल अलग लहजे में आवाज बदलते हुए बोला तो आप इन मेडम से शादी करोगे कर लो और में तो इनको कब से छोड़ने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मुझे भी तो कोई चाहिए में आपकी बीवी से काम चला लूँगा आप अपने पास हमेशा ले लिए इस चुदक्कड़ को रख लो और फिर रोहन अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाते हुए बोला कि में तुम्हारे घर पर जा रहा हूँ पूजा के पास ठीक है.

    फिर में उससे बोला कि रूको, क्या तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है? इस बात पर रोहन बोला कि हाँ मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है, तुम मेरी बीवी की चूत को चोदोगे तो में किसकी चूत को चोदूंगा. दोस्तों में अब बहुत डर गया था, क्योंकि में आज रंगे हाथों पकड़ा गया था और इस पर में उससे बोला कि तुम पहले मेरी बात सुनो अभी ऐसे कुछ नहीं होगा और में तुम्हें पूजा की चूत दिलवाने की पूरी पूरी कोशिश करूँगा, लेकिन मुझे उसके लिए थोड़ा सा समय दो. तो उसने बोला कि ठीक है, लेकिन कब तक का समय?

    मैंने उससे कहा कि मुझे करीब 10 -15 दिन चाहिए और फिर उसने बोला कि ठीक है. फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ कि मुझे जानबूझ कर रोहन ने अपनी बीवी किरन से फंसवाया था. रोहन ने अपनी बीवी से बोला था कि तू विनय को फँसा ले और उसके साथ मज़े कर, अगर तू मुझे इसकी बीवी की चूत दिलवा देगी तो में तुझसे अच्छा व्यहवार करूँगा, बस एक बार मुझे उसकी चूत दिलवा दे और किरन ने जानबूझ कर रोहन की बातों में आकर मुझे फंसाया था.

    अब कुछ दिनों के बाद होली आने वाली थी और होली के लिए ही मैंने एक प्लान बनाया था. किरन ने होली से एक दिन पहीले ही मेरी बीवी पूजा को कहा कि कल का दिन का खाना और रात का खाना किरन के घर पर होगा और होली वाले दिन रोहन ने प्लान के मुताबिक घर पर एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरकर बाथरूम में रखा हुआ था. फिर होली वाले दिन करीब 11 बजे में और पूजा, रोहन के घर पर पहुँच गए. उन्होने हमें अपने कमरे में बैठाया और रोहन एक रंग का डब्बा लेकर आया और बोला कि भाभी जी पहले कुछ नाश्ता हो जाए या फिर होली खेले? तो पूजा बोली कि देखो भाई साहब में तो होली बहुत ही कम खेलती हूँ, आप इनके ही यह पूरा रंग लगा दो.

    फिर इस बात पर में जानबूझ कर तुरंत बोला कि पूजा तुम होली खेलो या ना खेलो, में तो इन दोनों के साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा क्योंकि एक साल बाद होली का त्योहार आता है और फिर भी ना खेले तो क्या फ़ायदा? रोहन में तो आज किरन भाभी के साथ बहुत होली खेलूँगा, अब यह तुम्हारी सरदर्दी है कि तुम पूजा को होली खेलने के लिए तैयार करो. अब पूजा मेरी तरफ आँख निकाल रही थी कि में रोहन को क्यों भड़का रहा हूँ? तो रोहन बोला कि अब तो मुझे विनय की तरफ से भी हाँ हो गई है और में तो भाभी जी आपके साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा, अब आप यह बताओ कि हम होली अभी खेलें या कुछ खाने के बाद? दोस्तों पूजा को बहुत अच्छी तरह से पता था कि रोहन बहुत जिद्दी किस्म का है और यह अब नहीं मानेगा. फिर पूजा बोली कि भाई साहब में तो वैसे कभी खेलती नहीं हूँ, लेकिन आप प्लीज़ थोड़ा ही रंग लगाना में यह बात सुनते ही बोला कि भाई पहले थोड़ा कुछ खा लो इतने में ही किरन भांग डली हुई लस्सी लेकर आ गई और फिर हम सबने एक एक ग्लास पिया, किरन ने पूजा को जो ग्लास दिया था उसमे भांग कुछ ज़्यादा डाली हुई थी, उसके बाद उसने आज जो भी आइटम खाने के लिए घर पर बनाए थे उनमे भांग डाली हुई थी.

    अब में थोड़ी देर बाद बोला कि क्यों रोहन अब होली खेलना शुरू हो जाए? तो वो बोला कि ठीक है हो जाए, इस पर किरन बोली कि यहाँ खेलकर क्या मेरा पूरा घर खराब करोगे, रंग बड़ी मुश्किल से साफ होता है तुम बाथरूम में चलो हम वहाँ पर खेलेंगे. तो इस बात पर रोहन मुझसे बोला कि विनय पहले तुम किरन के साथ होली खेलो, उसके बाद में भाभी के साथ खेलूँगा. अब मैंने किरन की कलाई पकड़ी और उसको बाथरूम की तरफ़ ले गया, उनके रूम से बाथरूम साफ साफ दिखाई देता था मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसमे एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरा हुआ रखा था उसे देखते ही पूजा रूम से बोली कि अरे यह क्या इतना बड़ा रंग से भरा हुआ ड्रम? आप लोगों ने तो पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है में तो होली नहीं खेलूँगी. फिर विनोद बोला कि भाभी जी आज तो खेलना ही पड़ेगा या तो प्यार से नहीं तो ज़बरदस्ती और इतनी ही देर में मैंने किरन को उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसमे कूद गया में अब उसके चेहरे और गले पर रंग लगा रहा था और वो भी जानबूझ कर बहुत मज़े ले लेकर खेल कर रही थी ताकि पूजा भी यह देखे कि उसका पति मेरे साथ कैसे मज़े से होली खेल रहा है. फिर विनोद भी उसके साथ ऐसे ही होली खेलेगा और अब मैंने जानबूझ कर पूजा को दिखाने के लिए उसके बूब्स के नीचे झुककर रंग लगाया और रंग लगाते लगाते मैंने किरन का कुर्ता आगे से पकड़कर फाड़ दिया था और अब उसका ब्रा वाला पूरा हिस्सा आगे से दिख रहा था और में उसके साथ करीब 20-25 मिनट तक ऐसे ही इधर उधर हाथ घुसाकर रंग लगाकर होली खेलता रहा और जब हम दोनों ड्रम से बाहर निकले तब तक पूजा को नशा होने लगा था और फिर हम दोनों ड्रम से बाहर निकलकर वहीं बाथरूम में ही बैठ गये ताकि बाहर के कमरों का फर्श खराब ना हो.

    फिर इसके बाद मैंने विनोद और पूजा को आवाज़ लगाई आ जाओ अब तुम दोनों, मेरी इस बात पर पूजा कमरे से ही बोली कि क्यों विनय तुमको मैंने इतनी बुरी तरह से होली खेलते कभी नहीं देखा? तो मैंने कहा कि तो आज देख लिया ना, प्लीज अब आ जाओ. दोस्तों उस समय पूजा थोड़ा गुस्से में थी क्योंकि उसको अच्छी तरह से पता था कि अब रोहन भी उससे बुरी तरह से होली खेलेगा.

    अब विनोद पूजा की कलाई पकड़ते हुए बोला कि चलो ना भाभी जी और फिर उसकी इस बात पर पूजा उससे कि बोली रोहन भाईसाहब प्लीज आप बाहर ही मेरे चेहरे पर रंग लगा लो में इतना होली कभी नहीं खेलती, लेकिन उसने कुछ नहीं सुना और उसने पूजा को गोदी में उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसके अंदर कूद पड़ा. अब पूजा चुपचाप सीधी खड़ी हो गई और वो बड़े ही प्यार से पूजा के बदन पर रंग लगाने लगा फिर उसने बड़े ही प्यार से बोला कि भाभी जी आपके गाल तो बहुत ही गुलाबी है, में आज इनको और भी गुलाबी कर देता हूँ और उसने पूजा के गालों को सहलाते हुए रंग लगाया और वो साथ साथ पूजा की तारीफ़ भी कर रहा था और रंग भी लगा रहा था.

    फिर कुछ देर बाद वो उसके गले पर रंग लगाकर और अब रोहन पूजा का कुर्ता भी मेरी तरह फाड़ने लगा, लेकिन पूजा ने गुस्सा होने का नाटक किया, लेकिन फिर भी रोहन ने आख़िरकार उसका कुर्ता फाड़ ही दिया और उसके बदन से पूरा अलग कर दिया. पूजा को अब नशा होने लगा था और अब में भी किरन को लेकर उस ड्रम में कूद गया, लेकिन उसमें जगह थोड़ी कम थी इसलिए हम एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गये थे और अब मैंने अपनी बीवी को पकड़ा और उसकी ब्रा को कंधो से पूरा नीचे उतार दिया.

    अब पूजा मेरे ऊपर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और फिर वो मुझसे बोली कि विनय प्लीज इन लोगों के सामने तो कम से कम कुछ शरम करो. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि किस बात की शर्म? आज होली है और इसमे कोई शर्म नहीं होती और फिर में उसके बूब्स को रगड़ने लगा और इधर रोहन ने भी किरन के साथ ठीक वैसा ही किया जैसा मैंने पूजा के साथ किया और अब रोहन पूजा को बहुत बुरी तरह से घूरकर देख रहा था. फिर मैंने अपनी बीवी को और भी गरम करने के लिए उसकी चूत में हाथ डाल दिया, वो मेरा हाथ बाहर निकालने के लिए नीचे की तरफ झुककर अपना पूरा ज़ोर लगाकर बहुत प्रयास करने लगी, लेकिन मैंने उसकी चूत में से अपनी उंगली को बाहर नहीं निकाला और इधर किरन को रोहन ने पकड़ा और किरन की सलवार पानी के अंदर ही उतार दी किरन अब सिर्फ़ पेंटी में थी.

    तभी पूजा को मेरे बेटे के रोने की आवाज़ सुनाई दी तो पूजा मुझसे बोली कि विनय बेटा रो रहा है प्लीज अब तो छोड़ो मुझे बहुत हो चुकी होली, अब बच्चों का भी कुछ ख्याल करो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अभी तो मौसम बना है और बच्चा भी रोने लगा, तो में उससे बोला कि अभी तो हमारी होली शुरू हुई है तुम यहीं रुको में बच्चे को चुप करवाता हूँ. तो में ड्रम से बाहर निकला और मैंने रोहन को बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम पूजा को देखना कहीं वो इस ड्रम से बाहर ना निकल जाए.

    फिर मैंने एक टावल में अपने बेटे को गोद में ले लिया और उसे सुलाने की कोशिश करने लगा और फिर मैंने बाथरूम की तरफ देखा कि पूजा वहां से भागने की फिराक में थी और में रोहन को चिल्लाते हुए बोला कि देखो रोहन, पूजा बचकर भागना चाहती है और इतने में रोहन ने पूजा को पीछे से अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया. अब पूजा के दोनों बूब्स रोहन के हाथ में थे और उसका तनकर खड़ा हुआ लंड पूजा की गांड में था. वो ऐसे नाटक करते हुए मेरी तरफ आवाज़ लगते हुए बोला कि विनय जल्दी आओ भाभी जी भागना चाहती है.

    फिर में उससे बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम उसे छोड़ना नहीं और अब किरन पूजा को आगे से पकड़ने लगी और रोहन पूजा के बूब्स को हाथ से रगड़ने लगा और बोला कि क्यों भाभी जी बहुत जल्दी है भागने की अभी तो होली शुरू हुई है? अब मैंने कुछ देर बाद अपने बेटे के सोते ही उसे दोबारा से रोहन के बेटे के पास ही सुला दिया और अब मैंने रोहन से बोला कि अरे यार तुम्हारे पास और कोई रंग नहीं है क्या? इन लोगों को सिर्फ़ गुलाबी कलर से ही रंगना है क्या?

    फिर वो बोला कि हाँ है वहां पर फ़्रिज़ के पास कुछ और पाउच भी रखे हुए है, हरे और पीले कलर के वो सब ले आओ और अब में वो पाउच ले आया और मैंने पूजा को ड्रम से बाहर निकाल लिया और वहीं बाथरूम में उसे लेटा दिया. फिर मैंने हरा कलर लिया और अपने दोनों हाथ पर लगाकर पूजा के बूब्स पर लगाया और अब उसकी सलवार को उतारने लगा, लेकिन वो मुझसे साफ मना करती रही और मैंने उसकी सलवार उतारकर उसकी पेंटी के अंदर हाथ डालकर हरा रंग लगाया और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा. मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को पूरा उतारा और वहीं पर अपने कपड़े उतारकर लंड उसकी चूत में घुसा दिया, यह सब देखकर पूजा शरम के मारे मरी जा रही थी, लेकिन शायद वो नशे के कारण कुछ नहीं बोल रही थी. फिर किरन और रोहन भी हमारे पास ही बाथरूम के फर्श पर लेट गये और किरन तो पहले से ही पेंटी में थी. रोहन और किरन भी वहीं फर्श पर चुदाई करने के लिए बिल्कुल तैयार हो गये.

    दोस्तों हम दोनों जोड़ियों के बीच में सिर्फ़ एक फिट का फासला था. पूजा ने अपना सर शर्म की वजह से रोहन के दूसरी तरफ कर रखा था तो मैंने उसका सर पकड़कर रोहन की तरफ कर दिया और मैंने अपना एक हाथ किरन के बूब्स को दबाने, मसलने में लगा दिया. फिर रोहन ने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ पूजा के बूब्स पर रख दिया, लेकिन पूजा ने उसका कोई विरोध नहीं किया. अब हम अपनी अपनी बीवियों की चूत एक दूसरे के सामने मार रहे थे और हमारे हाथ पास एक दूसरे कि बीवियों पर थे. अब शायद पूजा को भी इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपने हाथ से किरन को अपनी तरफ सरकाया और उसके होंठो को चूसने लगा, लेकिन में अभी भी पूजा को धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और मैंने जैसे ही किरन के होंठो को आज़ाद किया तो रोहन ने भी पूजा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया, लेकिन पूजा उससे कुछ नहीं बोली और अब वो बिल्कुल चुपचाप उसका साथ देने लगी.

    अब मुझे लगा कि लोहा गरम है क्योंकि रोहन के लिए पूजा कोई भी विरोध नहीं कर रही है मैंने तुरंत उसे इशारा किया और हम दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी बीवियों की बदली कर ली और बस फिर क्या था. रोहन ने बिल्कुल भी देर किए बगैर ही अपना लंड पूजा की चूत में पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया और अब वो उसके होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो से चूमने, चूसने लगा. दोस्तों रोहन सेक्स के मामले में पहले से ही बहुत कुछ सीखा हुआ था और यह सब मुझे किरन ने बोला था और आज वैसे भी उसे वो औरत मिल गयी थी जिसके लिए वो बहुत प्यासा था. फिर मैंने पानी का फव्वारा चला दिया जिसका पानी उनके ऊपर ही गिर रहा था. रोहन उसकी चूत के पास बैठ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डालने लगा. फिर पूजा भी अब अपने चूतड़ उठाने लगी और अपनी कमर को हिलाने लगी उसको यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उसने रोहन को हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया और अब में समझ गया कि वो अब रोहन के साथ चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गयी है.

    फिर रोहन ने एक बार उसकी जमकर चुदाई की और मैंने किरन की. उसके बाद हम चारों साथ साथ नहाए. फिर रोहन ने पूजा को अपनी गोदी में बैठाकर उसके बदन से रंग छुड़ाया और मैंने किरन के जिस्म से. फिर उसके बाद करीब तीन बजे हम लोगों ने खाना खाया और सो गये. अब भी किरन सोती रही, लेकिन हम तीनों की नींद एक साथ रात को 8 बजे टूटी, क्योंकि हमारे बच्चे रो रहे थे और अब तक हमारा नशा भी कम हो गया था. पूजा और किरन अभी भी पूरी नंगी थी और पूजा शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी क्योंकि अब उसका नशा दूर हो गया था. वो रोहन और मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी.

    फिर रोहन मेरे और अपने बेटे के लिए किचन से बॉटल में दूध लेकर आया और पूजा ने दोनों बच्चो को दूध पिलाकर सुला दिया क्योंकि किरन अभी तक सो रही थी. फिर मैंने और रोहन ने मिलकर एक बार फिर से पूजा को चोदा, थोड़ी देर तो पूजा शरमाती रही, लेकिन फिर एक दो मिनट के बाद पूजा भी हमारे साथ खुलकर अपनी चुदाई का मज़ा लेने लगी.

    रोहन बहुत सेक्स का भूखा है यह मुझे मेरी पत्नी ने बताया भी और आज अपनी आखों से मैंने देखा भी, क्योंकि में दो बार में ही किरन के साथ थक जाता था, लेकिन रोहन चार बार के बाद भी पूजा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा. फिर उसके बाद हम सो गए और जब मैंने सुबह उठकर देखा तो रोहन मेरी बीवी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था, लेकिन में अपने कपड़े पहनकर अपने घर पर चला आया और मेरे आने के कुछ देर बाद मेरी बीवी भी आ गई.

    दोस्तों अब जब भी हमारा दिल होता है तो हम एक दूसरे के घर पर कभी भी घुस जाते है और फिर दूसरे दिन सुबह ही निकलते है. हम एक दूसरे की बीवियों को बहुत मज़े लेकर चोदते है और बहुत मज़े करते है. दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की एक सच्ची कहानी.

  • दक्षा आंटी ने करिश्मा को जबरदस्ती चुदवाया, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते हैहैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते है.

  • गन्ने के खेत में ठंडी ठंडी रेत में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्रांत है. दोस्तों मैंने निष्ठा नाम की एक लड़की को चोदा था और वो भी एक गन्ने के खेत में, क्योंकि वो मेरी खेत वाली पड़ोसन थी तो यह बात उस दिन की है, जब वो खेत पर अपने घर से बिल्कुल अकेली आई हुई थी. फिर मैंने देखा कि वो थोड़ी दूरी पर आगे की तरफ अपने खेत में ही झुककर सरसों का साग तोड़ रही थी और उसे इस तरह झुका हुआ देखकर मेरा देख लंड अकड़ रहा था और फिर मैंने पीछे से उसे आवाज़ देकर पूछा कि आज अकेले कैसे निष्ठा? तो वो बोली कि मेरे सभी घर वाले बुआ की लड़की की शादी में गये हुए है और इसलिए आज में घर पर अकेले ही हूँ.

    दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर तो साला मेरा दिमाग बिल्कुल शैतान हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि मेरे भाई आज तो मौका बहुत अच्छा था और ऊपर से वो भी आज कुछ ज्यादा ही मुझे स्माईल दे रही थी. फिर मैंने उससे पूछा कि निष्ठा क्या तेरे पास दराती है? तो वो बोली कि मेरे पास तो नहीं है, लेकिन वो कुए पर रखी हुई है. फिर मैंने कहा कि मेरा ट्रेक्टर स्टार्ट नहीं हो रहा है तो तू ट्रेक्टर के पास ले आ तो वो बोली कि में अभी लाती हूँ. फिर उसने मुझसे पूछा कि वहां पर कौन कौन है? मैंने कहा कि में भी आज एकदम अकेला ही हूँ. वो बोली कि ठीक है में अभी लाती हूँ, तुम चलो.

    दोस्तों सही में मुझे आज तो ऐसा लग रहा है कि जैसे सारी भगवान मेरा साथ दे रहा था, क्योंकि आज आप पास के खेतों में भी कोई भी नहीं नज़र आ रहा था, में ट्रेक्टर के पास आग के पास खड़ा था, जहाँ पर मेरा दूध भी गर्म हो रहा था जो कि मैंने अभी तक नहीं पिया था. फिर वो आई और मुझसे बोली कि ये ले लो दराती इसका क्या करना है? फिर मैंने उससे कहा कि यह तुम यहीं पर रख दो और मुझे तुम्हे कुछ दिखाना भी है. दोस्तों वहीं पास में ही एक गन्ने का खेत था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे साथ आओ गन्ने के खेत में, वहां कुछ है तो मुझे पता नहीं क्या है, वो भी बिना किसी दिक्कत के मेरे साथ चल पड़ी.

    जैसे ही वो गन्ने के खेत में घुसी और थोड़ा सा अंदर जाते ही मैंने उसे पीछे से कसकर पकड़ लिया तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो दीपक पागल हो गये हो क्या? में अपने भैया से बोल दूँगी. फिर मैंने कहा कि यार में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और तुम बड़ी सेक्सी और हॉट हो. फिर वो मुझसे बोली कि पसंद तो में भी तुम्हे करती हूँ, लेकिन यह कोई तरीका थोड़ी है यार? तो मैंने कहा कि आज मत रोको मुझे, कब से पागल हो रहा हूँ तुम्हारे लिए. फिर वो बोली कि तुम सही में पागल हो और किसी ने हमे यहाँ पर ऐसे देख लिया ना तो हम दोनों की पूरे गावं में इज़्ज़त उछल जाएगी. फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा और आज वैसे भी तुम्हारे घरवाले तो कोई भी नहीं है और मेरे घर वाले कोई आयेंगे भी नहीं.

    फिर मैंने उसे इतना कहने के बाद किस करना शुरू कर दिया और उसके कान के पीछे जो हल्के हल्के बाल थे कसम से उन्हें देखकर तो मेरा लंड और भी बिल्कुल पागल हो रहा था, में उसके बूब्स को भी धीरे धीरे दबाने लगा तो वो बोली कि मुझे दर्द हो रहा है जाने दो मुझे, क्या तुम्हे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती, एक अकेली लड़की देखी और बस टूट पड़े उस पर? फिर मैंने इतनी ही देर में उसे नीचे लेटा दिया और फिर उसे लगातार किस करने लगा और हम दोनों की इस हलचल से गन्ने भी हिल रहे थे और जिनसे आवाज़े आ रही थी, में उसके गले, होंठ, गाल और जांघो पर किस करने लगा और उसे भी अब बहुत अच्छा लग रहा था और वो भी अब मुझे कुछ भी नहीं कह रही थी, बस मेरे साथ मज़े ले रही थी.

    फिर कुछ देर के बाद वो डरती घबराती हुई मुझसे बोली कि हम दोनों इस समय बिल्कुल किनारे पर ही है और इस वजह से हमारी आवाज बाहर तक जा रही है और कोई हमें सुन लेगा तो हम दोनों के लिए बहुत बड़ी दिक्कत हो सकती है. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों तुम मुझे पसंद करती हो ना? तो वो बोली कि हाँ. फिर मैंने कहा कि तो भाग मत जाना, में अभी वहां से एक बोरी लेकर आता हूँ. फिर हम गन्ने के खेत में बहुत अंदर तक जाएँगे और में उससे इतना कहकर जल्दी से भागकर ट्रेक्टर के पास चला गया और वहां से मैंने जूट की एक बोरी ली और जल्दी से गरमा गरम दूध का डब्बा उठाया और तेज़ी से भागकर वापस खेत में आ गया. फिर मैंने वहां पर पहुंचकर देखा तो वो वहीं खड़ी हुई थी, मुझे देखकर वो बोली कि तू बड़ा जल्दी आ गया, हाँ तुझे लग रहा होगा कि में कहीं भाग ना जाऊँ और इसलिए भागता हुआ आ रहा है.

    फिर मैंने कहा कि अब ज्यादा बकचोदी मत कर, हम अब अंदर चलते है और अब हम दोनों अंदर गन्ने के खेत में जा रहे थे तो तभी वो बोली कि इस डब्बे में क्या है? फिर मैंने कहा कि इसमें दूध है मेरा छोटा भाई नवीन देकर गया था, अब हम दोनों खेत में बहुत अंदर तक आ गये थे तो वहां से आवाज़ बाहर जाने का मतलब ही नहीं बनता था. मैंने जल्दी से पैरों से आस पास से गन्ने के पेड़ तोड़े और फिर उन पर बोरी डाल दी और दूध का डब्बा वहीं रख दिया तो वो खड़ी खड़ी यह सब देख रही थी.

    अब मैंने उसे जल्दी से अपनी गोद में उठाया और बोरी पर लेटा दिया और उसका चेहरा एकदम सुर्ख लाल था साली पटाखा लग रही थी, मेरा लंड तो पिछले बहुत देर से फूलकर मोटा हो रहा था, अब में भी उसके पास में लेट गया और अपना एक पैर उसके ऊपर रखकर उसे किस कर रहा था और साथ साथ उसके बूब्स भी दबा रहा था और अब वो भी मुझे किस रही थी. दोस्तों वो साली एक बहुत छोटे से गावं की होने के बाद भी मुझे ऐसे किस कर रही थी जैसे वो साली दुबई में रहती हो. मैंने उससे कहा कि क्यों तुझे बहुत अच्छा किस करना आता है?

    फिर वो बोली कि तुझे क्या में चूतिया लगती हूँ? तो में बोला कि वाह बड़ा दम लग रहा है मेडम में? फिर वो बोली कि लड़ के देख ले कौन जितेगा? बस फिर तो में उस पर टूट पड़ा और उसने सलवार सूट पहना हुआ था और मैंने सलवार सूट पहना हुआ था और अब में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करते हुए उसकी चूत पर कपड़ो के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ने लगा और अब तक उसके बाल भी खुलकर बिखर गये थे और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया. मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलना चाहा तो उसने मेरे हाथ पकड़ लिए और बड़ी सेक्सी सी आवाज़ में बोली कि दीपक मुझे बहुत डर लग रहा है और मैंने आज तक यह सब किसी के साथ नहीं किया है.

    फिर मैंने उससे कहा कि ले तू तो अभी से ही हार मान गई. फिर वो बोली कि साले में अभी हारी नहीं हूँ और जब टाईम आएगा तो तू ही रोकर भागेगा, यह सब पहली बार हो रहा है तो इसलिए में डर रही हूँ और एक दिन वैसे मेरी भाभी ने मुझसे कहा था कि इन सब में पहली पहली बार में बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उससे कहा कि तू बिल्कुल भी मत डर, क्योंकि में बहुत आराम से करूँगा और मैंने उसका नाड़ा खोला और उसे थोड़ा नीचे सरकाकर देखा. फिर मैंने देखा कि उसने सलवार के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था, लेकिन उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे. दोस्तों उसकी चूत बहुत गोरी थी और जिसे देखते ही मेरा मन ललचाने लगा. मैंने अब उसकी चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर उसे किस करने लगा. दोस्तों वो तो अब समझो एकदम पागल सी हो गई और फिर मैंने उसकी पूरी सलवार को उतार दिया और उसकी चूत में एक उंगली डाली, लेकिन मैंने अब महसूस किया कि मेरी उंगली भी बहुत आसानी से चूत के अंदर नहीं जा रही थी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी और वो अभी तक वर्जिन थी. फिर में समझ गया कि अगर मैंने इसे अभी अपना लंड दिखाया तो यह मेरे लंड का आकार देखकर भाग जाएगी.

    फिर मेरे सर पर जो कपड़ा बंधा हुआ था वो मैंने उतारा और उसकी आँखो पर बांध दिया तो वो बोली कि अब यह सब किसके लिए? फिर मैंने कहा कि किस के लिए, क्या मेरी जान बहुत हॉट है और यह सब तो इसलिए कि जिससे तुम्हे और भी मज़ा आए. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और जिसकी वजह से बहुत हल्का हल्का पानी भी बाहर आ रहा था और उसकी चूत थोड़ी गीली भी हो रही थी और एक ऊँगली बहुत आराम से अंदर बाहर आने जाने लगी थी, उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत का छेद और थोड़ा साफ दिख रहा था. फिर मैंने उसकी चूत के मुहं पर जल्दी से अपना लंड रखा और फिर थोड़ा घिसने के बाद दूर हटा लिया. फिर वो बोली कि यह क्या था? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं मेरा हाथ था.

    फिर मैंने एक हाथ उसके पेट पर रखा और एक बीच की ऊँगली को उसकी चूत में तेज़ी से आगे पीछे करने लगा तो वो तभी मैंने महसूस किया कि अब उसका पेट भी काँप रहा था. फिर मैंने उसे बैठाया और उसका सूट भी उतार दिया, उसने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और ब्रा उतारकर मैंने उसे एक बार फिर से नीचे लेटा लिया और अब वो बस ब्रा में ही थी और पूरी नंगी थी. मैंने भी अपनी जेकेट को उतारा और साथ ही साथ सेंडो बनियान भी और उसके बूब्स से अपनी गरम गरम छाती लगा दी और फिर जैसे ही मेरी छाती उससे छुई तो वो मुझसे बोली कि दीपक मुझे आज पहली बार बड़ा अच्छा लग रहा है यार, क्या तुम मुझे बिना तरस खाए कुतिया की तरह चोद सकते हो? गौर से देखो कि मुझे मेरी शक्ल कुतिया से कितनी मिलती जुलती है और अगर तुम कहो तो में भौंककर भी दिखाऊँ?

    फिर मैंने उसके दोनों कंधो से उसकी ब्रा को भी नीचे किया और एक बूब्स को चूसने लगा तो वो मेरे सर पर अपनी उंगलियां फेरने लगी. फिर मैंने उसकी ब्रा को पूरी उतार दिया और अपना भी लोवर निकाला और साथ ही अंडरवियर भी निकाल दी, क्योंकि अब मुझसे भी रूका नहीं जा रहा था. दोस्तो मेरा लंड ज्यादा भी बड़ा नहीं है, लेकिन हाँ एक प्यासी तड़पती हुई बैचेन लड़की की चूत को चोदकर संतुष्ट करने के लिए एकदम फिट है और वो अब पूरी गरम हो चुकी थी. तभी मेरे दिमाग में आया कि यार डब्बे में गरमा गरम दूध भी तो रखा है.

    फिर मैंने दूध पिया और उसे भी पिलाया. दोस्तों अब गावं में शुद्ध, ताज़ा दूध होता है तो उसे पीने के बाद डब्बे में बहुत सारी मलाई बच गई थी तो वो मैंने नहीं खाई थी. फिर मैंने उसकी चूत पर मलाई रखी और उसे चाटने लगा और अब उसे और भी मज़ा आ रहा था. अब तो मानो वो पूरी ही काँप रही थी और सिसकियाँ भर रही थी और अब कुत्ते का खिताब तो मुझे पहले ही मिल चुका था. फिर मैंने कुत्ते की तरह सारी दूध की मलाई उसकी चूत से चाट ली और वो बार बार बोल रही थी दीपक यार अब जल्दी से मुझे चोद दो, में अब और इंतजार नहीं कर सकती और थोड़ा जल्दी करो.

    फिर में उसके ऊपर चड़ गया तो उसने मेरी छाती पर काटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागल सी हो गई थी और उसने अपनी आँखो से वो पट्टी भी निकाल दी थी और मेरा लंड उसकी चूत पर लगा था और वो नीचे से धक्के मार रही थी और वो बेसुध होकर पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी, उसके बाल भी बिखरे हुए थे और आँखो से आँसू बाहर आ रहे थे और इतनी गरम इतनी गरम सच में दोस्तों अब मैंने उसके दोनों हाथ फैलाए और कसकर पकड़ लिए और अपने दोनों पैरों से उसके दोनों पैरों को खोल दिया और अब में लंड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार था.

    फिर मैंने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा और थोड़ा सा दबाव दिया तो वो मुझसे पहले तैयार थी. वो मुझे नीचे से धक्के मार रही थी और पूरी चुद्दो लग रही थी और जबकि सच यह था कि वो अब तक वर्जिन थी और मैंने जब थोड़ा सा लंड अंदर डाला तो वो कसकर मुझसे चिपक गई और मैंने नीचे देखा तो लंड अभी पूरा अंदर भी नहीं गया था और उसकी चूत से खून बाहर आ रहा था, लेकिन वो फिर भी इन सब बातों से बेखबर होकर मज़े कर रही थी और फिर मैंने भी एक अच्छा मौका देखकर एक ही झटके में अपना सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी और मुझसे बोली कि अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ बाहर निकाल ले यार उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्ह्हह्ह माँ मेरी चूत फट गई, अब तो इसे बाहर निकाल ले उह्ह्हह्ह में अब इस दर्द को ज्यादा देर नहीं सह सकती, तू अभी इसे मेरी चूत से बाहर निकाल उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह.

    दोस्तों फिर मैंने उसकी एक ना सुनी और मैंने लगातार धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और में उसके पूरे जिस्म को सहलाने लगा. फिर वो थोड़ी देर चिखती, चिल्लाती रही और फिर कुछ देर के बाद उसे दर्द होना बंद हो गया तो वो भी अब अपनी चूत की चुदाई के मज़े अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करके लेने लगी और मुझसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने का इशारा करने लगी. दोस्तों मुझे गरम गरम दूध पीने से और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको हर एक तरीके से चोदा, कभी उसे कुतिया बनाकर चोदा तो कभी नीचे लेटाकर तो कभी खड़े खड़े धक्के देकर बहुत देर तक लगातार चोदता ही रहा. फिर करीब तीस मिनट चली और इस चुदाई में उसकी और मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी. फिर मैंने अपना गरम गरम वीर्य उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई को पूरा किया और जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा की उसकी चूत का खून मेरे लंड को पूरी तरह लाल कर चुका था.

    दोस्तों फिर जब हम उस गन्ने के खेत से बाहर निकले तो उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और फिर वो अपने खेत में चली गई. फिर मैंने उसे पीछे से जाते हुए देखा कि उसे अब चलने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी और शायद उसकी चूत में कुछ ज्यादा ही दर्द था. दोस्तों फिर मुझे उसे देखकर लगा कि मैंने सही माईने में बहुत ग़लत कर दिया, लेकिन उसके दूसरे दिन उसने मुझे मेरी चुदाई के लिए धन्यवाद कहा और उसने मुझसे कहा कि तुम अब जब भी चाहो मुझे चोद सकते हो, क्योंकि अब मेरे दिल और दिमाग से मेरी भाभी का दिया हुआ डर का भूत बाहर निकल चुका है और में अब चुदाई के नाम से कभी भी नहीं डरूँगी और फिर उसके बाद मैंने उसको उसकी मर्जी से बहुत बार चोदा और बहुत मज़े किए, क्योंकि वो अब हमेशा बिल्कुल बिंदास होकर मुझसे चुदवाने के लिए तैयार खड़ी रहती थी और में उसका एक इशारा पाकर उसकी चुदाई करने चला जाता था.

  • पड़ोसन की खूबसूरत चूत

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम विकास है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 है, दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता था और में बहुत सालों से इस पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है. मेरे घर के सामने वाले घर में एक औरत कुछ समय पहले किराए पर रहने आई, वो शादीशुदा थी और उसकी एक बेटी थी और उसका पति कहीं बाहर रहकर अपनी नौकरी किया करता था. दोस्तों में जब भी अपनी बालकनी में खड़ा होता वो हमेशा मुझे देखती रहती थी. हमारा घर रोड पर है तो वहाँ पर एक दिन बहुत देर से ट्रॅफिक जाम हो रहा था और वो शाम का टाईम था तो मैंने देखा कि भी अपनी छत पर खड़ी हुई थी और मुझे पता नहीं अचानक से क्या हुआ?

    मैंने उसे बिना कुछ सोचे समझे छेड़ दिया और फिर उसे पता नहीं क्या हुआ उसने मुझसे बोला कि आपको क्या कुछ समस्या है? तो मैंने कहा नहीं मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन शायद आपको है? अब मैंने उसे यह सब बोल तो दिया, लेकिन में कुछ देर बाद बहुत डरने लगा और वैसे उस वक़्त मेरे घर पर कोई नहीं था. मेरी गांड फटी कि अब पता नहीं क्या होगा? और में सीधा उसी टाईम घर से बाहर चला गया और अब मेरी गांड बहुत फटने लगी कि ना जाने अब क्या होगा? फिर में रात को दस बजे तक अपने घर पर नहीं गया मैंने सोचा कि अगर कुछ पंगा होगा तो मेरे मोबाईल पर किसी का भी फोन आ जाएगा, लेकिन मेरे बहुत इंतजार करने के बाद भी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

    फिर उसके थोड़े दिनों बाद दिवाली से चार पांच दिन पहले मेरे घर के लेंडलाईन पर फोन आया किसी लड़के का वो कहने लगा कि क्या घर पर विकास है, में उसका दोस्त अजय बोल रहा हूँ? तो मेरे भाई ने फोन उठाया और उसने उससे बोला कि आप उसका मोबाईल नंबर ले लो वो इस समय घर पर कम ही मिलता है. फिर जब में अपने घर पर आया तो मेरे भाई ने मुझे बताया कि तेरे किसी दोस्त का फोन आया था और उसका नाम अजय है.

    मैंने कहा कि यार मेरा तो कोई भी दोस्त अजय नाम का नहीं है और फिर मैंने उससे कहा कि चल ठीक है वो जो भी होगा अपने आप मेरे नंबर पर फोन कर लेगा. फिर उसके थोड़े ही दिनों के बाद में दिवाली वाली रात को पूजा में बैठा हुआ था कि मेरे पास एक मैसेज आया कि मेरी तरफ से तुम्हारी पूरी फेमिली को और तुम्हे वेरी वेरी हैप्पी दिवाली और अब मैंने बहुत सोचा कि यह बिना जाना पहचाना नंबर किसका हो सकता है जो मुझे दिवाली की बधाईयाँ दे रहा है? और फिर हमारी मैसेज पर दो तीन दिन तक लगातार बात चलती रही और उसके बाद उसने मुझे बताया कि वो मेरी सामने वाली पड़ोसन है. दोस्तों यह बात सुनकर में बहुत खुश हुआ जैसे कि मेरी तो लाटरी ही लग गयी और फिर हमारी बात चीत फोन पर होने लगी और कई कई बार तो देर रात तक हमारी बात होती थी. एक बार हम बाहर भी मिले वो मेरे लिए चोकलेट लेकर आई और फिर एक बार हम फिल्म गये. वो फिल्म तो क्या देखनी थी, वो तो एक बहाना था.

    दोस्तो बस मुझे तो उसके साथ मज़े लेने थे. मैंने ना फिल्म देखी और ना उसको देखने दिया, मैंने बस उसके साथ बहुत मज़े लिए. उसके बाद हमारी ऐसे ही हर दिन फोन पर बात चलती रही क्योंकि ना तो में उसे अपने घर बुला सकता था और ना ही वो मुझे अपने घर बुला सकती थी, क्योंकि उसकी बेटी हमेशा घर पर होती थी और साथ में मकान मालिक भी. में बस ऐसे ही उससे फोन पर बात करके अपना समय गुज़ारने लगा और अब हम दोनों फोन पर बहुत देर तक बातें करने लगे थे जिसकी वजह से वो मुझे बहुत अच्छी लगने लगी और मुझे उसे पाने की और भी इच्छा करने लगी.

    फिर एक दिन भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली. उसे किसी काम से दिल्ली से बाहर जयपुर जाना था क्योंकि उसकी बेटी पिछले कुछ दिनों से उसकी नानी के घर पर जयपुर थी तो उसे भी वहाँ पर जाना था और फिर मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा आइडिया आया. मैंने सोचा कि क्यों ना उसके जयपुर जाने से पहले इसे चोदा जाए. फिर जिस दिन उसे जाना था हमने सुबह अपना एक प्रोग्राम बनाया और वो मुझे सुबह दस बजे मिल गयी. में ईस्ट दिल्ली में रहता हूँ जहाँ पर जगह की थोड़ी समस्या थी, लेकिन मुझे एक जगह पता थी जहाँ पर रूम बहुत आसानी लिया जा सकता था. फिर हम वहाँ से फरीदाबाद को निकल गये और वहाँ पर जब में पहुंचा तो उसने मुझसे पूछा कि हम कहाँ पर जा रहे हैं? तो मैंने बोला कि यहाँ पर जगह मिलती है हम यहाँ पर अकेले कुछ देर थोड़ा आराम से बैठेंगे और कॉफी पियेंगे फिर चले जाएँगे, लेकिन दोस्तों मेरे दिमाग़ में तो आज उसे चोदने का प्लान था.

    फिर अचानक से उसने बोला कि मुझे यह जगह बिल्कुल अच्छी नहीं लग रही है. मैंने बोला कि ऐसा कुछ नहीं है यहाँ पर सब कुछ ठीक है. फिर वो बोली कि ठीक है और फिर में उसे रूम में अंदर लेकर गया, तो बोली कि हम यहाँ से वापस चलते हैं मुझे यह जगह ठीक नहीं लग रही है, लेकिन में तो उस रूम के पैसे देकर आ चुका था और अब मेरे अंदर आग लगने लगी थी कि मेरा सारा प्लान चोपट ना हो जाए. फिर मैंने उससे बोला कि तुम्हे कुछ नहीं होगा, क्यों तुम्हे मुझ पर विश्वास है?

    वो बोली कि हाँ है तो मैंने उससे कहा कि तो फिर चलो अंदर चल कर पहले हम कॉफी पिएँगे और फिर वापस चलेंगे. फिर वो बोली कि ठीक है और फिर में रूम में अंदर गया और जाते ही रूम को अंदर से बंद कर दिया तो वो बोलने लगी कि विकास तुम कुछ तो नहीं करोगे? तो मैंने बोला कि हाँ में कुछ नहीं करूँगा तुम्हे मुझ पर विश्वास है ना. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और खुद भी उस पर आकर लेट गया. तो वो बोली कि नहीं विकास, तो मैंने बोला कि मुझ पर विश्वास है ना? वो बोली कि हाँ तो में बोला कि में बस तुम्हे किस करूँगा और कुछ नहीं करूँगा. अब में उसे पागलों की तरह की किस करता रहा.

    फिर वो एकदम से उठकर खड़ी हो गई और मैंने उसे पीछे से पकड़ा और उसे पीछे से किस करने लगा, जिससे वो धीरे धीरे मदहोश होने लगी थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर लेट गया और उसे लगातार किस करता रहा और उसे स्मूच करने लगा. वो मेरी जीभ से खेलने लगी और में धीरे धीरे उसके कपड़ो के ऊपर से उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर मैंने उसके स्वेटर को उतार दिया और फिर अपने स्वेटर को भी उतार दिया और फिर में उसके सूट की कमीज़ के पीछे से हाथ डालकर उसकी पीठ को मसलने लगा था जिसकी वजह से वो अब और भी मदहोश हो रही थी.

    फिर मैंने उससे अपनी कमीज़ को उतारने को कहा तो वो मुझसे कहती है कि नहीं विकास यह सब ठीक नहीं है. मैंने बोला कि क्यों तुम्हे मेरे ऊपर विश्वास है ना? वो बोली कि हाँ है तो मैंने बोला कि बस में और कुछ नहीं करूँगा और फिर में उसके जिस्म को किस करने लगा और फिर मैंने भी जल्दी से अपनी शर्ट को उतार दिया और अपने बनियान को भी और उसके ऊपर आ गया. फिर में उसकी कमर पर किस करने लगा और करते करते मैंने उसकी ब्रा का हुक अपने मुहं से खोल दिया और अब उसके बूब्स को चूमने, चूसने लगा और उसकी निप्पल को किसी बच्चे की तरह काटने लगा था और कभी अपने एक हाथ से उसकी दूसरी निप्पल को दबा रहा था जिसकी वजह से वो बिल्कुल पागल हो रही थी. वो मेरे ऊपर आ गयी और अब मेरी छाती पर किस करने लगी जो मेरी एक बहुत बड़ी कमज़ोरी है. मेरी छाती पर बाल भी बहुत सारे है और वो मेरी गर्दन पर किस करने लगी. में तो जैसे अब पागल हो रहा था.

    अब मैंने जल्दी से अपनी जीन्स को उतार दिया और उसके ऊपर आ गया. फिर उसकी सलवार को उतारने लगा तो वो अब मुझे ऐसा करने से रोकने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि में बस इसके आगे कुछ नहीं करूँगा और मैंने उसकी सलवार को भी उतार दिया और अब जल्दी से उसकी पेंटी को भी और मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया. अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो पहले तो उसने मुझसे साफ मना किया, लेकिन फिर मेरे बहुत कहने पर वो मान गई. दोस्तों वाह वो क्या लंड चूस रही थी. में तो बिल्कुल पागल हुए जा रहा था और फिर में 69 की पोज़िशन में आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. क्या स्मेल थी दोस्तों उसकी चूत की? मुझे तो सूंघते ही एक अजीब सा नशा सा चढ़ गया और अब में उसकी चूत को बहुत बुरी तरह से पागलों की तरह चाटने लगा और दो उंगलियाँ चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके चोदने लगा. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो झड़ गयी.

    अब ज़्यादा टाईम ना खराब करते हुए में उसके ऊपर आ गया और उसके ऊपर लेट गया और उससे पूछा कि कैसे डालूं कंडोम लगाकर या बिना कंडोम के? तो उसने बोला कि जैसे तुम्हारा मन करे डाल दो. दोस्तों में हमेशा अपने साथ कंडोम रखता हूँ और में बिना कंडोम के कभी भी कोई भी चूत नहीं चोदता. फिर मैंने जल्दी से उसे कंडोम अपने लंड पर चढ़ाने को दिया और उसने चढ़ा दिया. फिर मैंने पहले उसे बहुत आसान तरीके से उसके ऊपर लेटकर चोदा और फिर थोड़ी देर बाद के में सीधा बैठ गया और वो मेरी कमर पर अपने दोनों पैर लपेट कर मेरे ऊपर बैठ गयी और फिर मैंने उसे ऐसे थोड़ी देर तक चोदा और उसके बाद में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी. फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और लंड को नीचे से धक्के मारने लगा. वो पागल हो रही थी और हम दोनों पूरे जोश से चुदाई कर रहे थे और पूरे रूम में उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज़ गूँज रही थी आआअहह आईईई ऊऊऊओह औचह विकास और ज़ोर से करो, में आज बिल्कुल पागल हो रही हूँ.

    फिर उसके बाद वो सीधी लेट गयी और में भी उसके साथ में लेट गया और उसका एक पैर उठाकर उसे चोदने लगा और उसके बूब्स को चूसने लगा और उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा. उसके कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और अब में उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा. अब उसकी सिसकियों की बहुत तेज़ तेज़ आवाज़ आ रही थी आअहह ऊऊऊओह पच पच उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी क्योंकि इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर में उसके ऊपर आकर लेट गया और उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. करीब 15-20 मिनट उसके ऊपर लेटकर चोदने के बाद मैंने उससे पूछा कि क्यों अंदर ही कर दूं? तो वो मुझसे बोली कि आपकी मर्ज़ी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड का पानी अंदर ही छोड़ दिया और उसके ऊपर थककर लेट गया. फिर कुछ देर बाद उठा और हमने अपने अपने कपड़े पहने और हम वहां से बाहर आ गये.

  • मुझे मेरे पड़ोसी ने रांड बनाकर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करण है और में जालंधर का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली एक सच्ची घटना है जिसको में आज आप सभी को सामने सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों मुझे सेक्स करने का कोई शौक नहीं था, लेकिन हाँ लड़की की तरह ड्रेस पहने का और मेकअप करने का, अपनी गांड में उंगली करने का बहुत शौक था और में कभी कभी अपनी बहन की ब्रा, पेंटी और सूट पहनकर खुद को कांच में देखता था. मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता था और दोस्तों में अपने बारे में बताना ही भूल गया. मेरी उम्र 23 साल है और मेरी यह कहानी तब की है जब में 21 साल का था. में बिल्कुल पतला दुबला हूँ.

    दोस्तों हमारे पास वाले घर में एक भैया रहते थे, उनका नाम रोमी था और वो शादीशुदा थे, लेकिन उनकी शादी के कई साल गुजर जाने के बाद भी उनका अपना कोई बच्चा नहीं था और उनकी पत्नी मतलब कि मेरी भाभी जी दिखने में एकदम सेक्सी थी और फिर जब भी हम दोनों मिलते थे तो में उनको नमस्ते कर देता था, लेकिन हमारे परिवार का एक दूसरे से बहुत अच्छा रिश्ता था.

    एक दिन की बात है जब मेरे घर वालों को तीन दिनों के लिए कहीं बाहर जाना था, लेकिन में उनके साथ नहीं जाना चाहता था क्योंकि मुझे अपने कॉलेज में कुछ जरूरी काम था. उसी दिन मेरी मम्मी ने ऐसे ही रोमी की मम्मी से बात की तो उनसे मेरी मम्मी को पता चला कि वो लोग भी तीन दिन के लिए बाहर जा रहे है, लेकिन रोमी उनके साथ नहीं जा रहे थे क्योंकि उन्हें अपने ऑफिस में कुछ जरूरी काम था.

    अब मम्मी ने मुझसे कहा कि तुम और रोमी अगर एक साथ रह लो तो हमे तुम्हारी खाने की टेंशन नहीं रहेगी, दोस्तों पहले तो मैंने उन्हें साफ मना किया, लेकिन फिर मान गया और रोमी भैया भी मान गये. फिर दो दिन बाद हमारे घर वाले सभी लोग बाहर चले गये. में अब तीन दिन के लिए अपने कपड़े और ज़रूरी चीज़े लेकर रोमी के घर पर चला गया और अब हमने बहुत सारी बातें की और फिर हमने अपना रात का खाना बाहर से मंगवा लिया और मैंने अब उन्हे खाना परोस दिया और वो खाना खाने लगे, लेकिन ना जाने क्यों मुझे बीच बीच में ऐसा लग रहा था कि वो मुझे घूर घूरकर देख रहे है.

    एक बार में उठकर किचन में कुछ लेने चला गया तो जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो मेरी गांड को घूरकर देख रहे थे, लेकिन मैंने उनकी उस हरकत पर ज्यादा गौर नहीं किया. फिर मैंने खाना खाकर किचन को साफ किया और उनके सोने के बारे में पूछा तो वो मुझसे बोले कि हम दोनों एक ही रूम में सो जाएँगे और फिर उन्होंने मेरी तरफ एक अजीब सी स्माइल दी. अब मैंने कहा कि ठीक है तभी वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगे कि मुझे अंडरवियर में सोने की आदत है. मैंने कहा कि कोई बात नहीं है आप जैसे चाहे वैसे सो सकते है और मुझे इसमे कोई भी आपत्ति नहीं है. फिर में अपने सभी काम खत्म करके उनके रूम में सोने आया तो मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो मेरे सामने अब सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में थे और उनको लंड एकदम खड़ा था. उनकी छाती पर बहुत सारे बाल थे और उनकी जाँघों पर भी.

    दोस्तों अब इतना सब कुछ देखकर मेरे शरीर में कुछ कुछ होने लगा था और वो मुझे लगातार घूर घूरकर देख रहे थे तो में अब उनसे थोड़ा सा शरमा गया. वो मुझसे बोले कि क्यों तुम भी अपनी अंडरवियर में ही सो जाओ? मैंने उनसे कहा कि नहीं मुझे इस तरह बहुत शरम आती है. फिर वो मुझसे बहुत ज़िद करने लगे तो में भी कुछ देर में मान गया. मैंने भी अब अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था. वो मुझे देखकर बोले कि तुम तो पूरी लड़की की तरह लगते हो तुम बहुत सुंदर हो और फिर हम सोने लगे और मैंने लाईट बंद कर दी. अभी कुछ एक घंटा ही हुआ था कि में ठीक तरह से सोया भी नहीं था कि मुझे मेरी पीठ पर कुछ छूने का अहसास हुआ, लेकिन मैंने उस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

    फिर थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि रोमी अपने हाथ से मेरी पीठ सहला रहे थे और मुझे अब बहुत अच्छा भी लग रहा था और थोड़ा डर भी था कि यह मेरे साथ क्या कर रहे है? फिर वो मेरी गर्दन, गालों पर और होंठो पर हाथ लगाने लगे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब वो मेरी अंडरवियर में अपना एक हाथ डालकर मेरे कूल्हे दबाने लगे और मसलने लगे. मेरे बेड के पास ही लाईट का बटन था, मैंने वो दबाकर लाईट को चालू कर दिया और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो रोमी मुझे देखकर मेरी तरफ हंस रहे थे. में थोड़ा शरमाया और मैंने उनसे पूछा कि आप यह क्या कर रहे थे?

    फिर वो उठकर बोले कि करण तुम मुझे बहुत पसंद हो और तुम्हे ऐसे देखकर मुझसे अब रहा नहीं जा रहा, पता नहीं फिर ऐसा मौका कब मिले? आज प्लीज तुम मुझे रोको मत. में उनकी यह बात सुनकर शरमा गया. इसे वो ग्रीन सिग्नल देखकर मुझे पकड़ने लगे, में बेड से उठकर बोला कि ठीक है जो तुम चाहते हो वो सब तुम्हे आज मिलेगा, लेकिन मेरी एक शर्त है? अब वो बोले कि जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, बोलो क्या शर्त है? मैंने कहा कि सबसे पहले तुम मुझे बताओ कि तुम्हारी पत्नी की अलमारी कौन सी है?

    अब वो उठकर मुझे अपनी पत्नी की अलमारी के पास ले गये. फिर मैंने उन्हे रूम से बाहर भेजकर रूम को अंदर से बंद कर लिया और उनसे बोला कि आप उसी रूम में मेरा इंतजार करो. अब मैंने अलमारी से लाल कलर की जाली वाली ब्रा और पेंटी निकाल ली और अब ब्रा के नीचे मैंने दो संतरे डाल लिए जिससे कि मेरे बूब्स बन जाए और फिर मैंने उसकी पत्नी की लाल कलर की जाली वाली मेक्सी पहन ली और फिर लिपस्टिक और बिंदी लगाई और खुद को कांच में देखा तो में ऊपर से नीचे तक पूरी लड़की लग रहा था. फिर में दरवाजा खोलकर उनके पास गया. वो मुझे देखकर बिल्कुल हैरान हो गये और बोले कि में आज अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ जमकर सुहागरात मनाऊंगा, तुम तो सच में लड़की लग रहे हो करण? फिर मैंने कहा कि अगर कुछ करना है तो अब से सिर्फ तुम्हारे लिए मेरा नाम सानिया है. फिर वो मुझसे बोले कि हाँ सानिया आज हमे बहुत कुछ करना है, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.

    मैंने बोला कि में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ रोमी जी और मेरे मुहं से यह शब्द सुनते ही वो मुझ पर टूट पड़े और मेरे लाल लिपस्टिक वाले होंठो को चूमने लगे और में भी अब उनके होंठो चूम रही थी. दस मिनट किस करने के बाद मैंने देखा कि वो सारी लिपस्टिक उनके होंठो पर लग गई थी. फिर वो मेरी गर्दन पर किस करने लगे और अब वो मेरी मेक्सी के ऊपर से ही मेरे कूल्हों को दबाने लगे. मेक्सी के ऊपर से ही वो मेरे पूरे शरीर पर किस करने लगे. फिर उन्होंने मेक्सी को थोड़ा ऊपर करके पैरों पर और मेरी जांघो पर किस करने लगे थे. में बस धीरे धीरे मोन करने लगी थी. फिर उन्होंने मेरी मेक्सी को खोल दिया और अब में उनके सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. पेंटी पीछे से बहुत छोटी थी और उस वजह से सिर्फ़ मेरी गांड का छेद ही चुप रहा था. फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे होंठो पर, गर्दन पर, छाती पर, जांघो पर फिर पीठ पर एकदम जोश में आकर पागलों की तरह किस करने लगे और में मोन करती जा रही थी आआअहह उूउउम्म्म्ममम.

    फिर वो मेरी जांघ पर हल्के हल्के काटने लगे तो मुझे और भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने उनको नीचे लेटाया और अब में उनके ऊपर आ गई. में उनके शरीर पर किस करती करती और उनकी अंडरवियर के ऊपर से उनके लंड को सहलाने लगी और अब मैंने अच्छा मौका देखकर उनका अंडरवियर खोल दिया और उनके लंड को बिल्कुल आज़ाद कर दिया. उनका लंड लगभग 6 इंच का लम्बा और बहुत मोटा था. में तो उसे देखकर डर गई और मैंने उनसे कहा कि में इतना बड़ा लंड कैसे लूँगी?

    फिर वो बोले कि कोई बात नहीं मेरी रानी तू बिल्कुल भी चिंता मत कर आज तो यह पूरा लंड तेरी गांड में जरुर घुसेगा क्योंकि में बहुत धीरे धीरे लंड डालता हूँ. में उनकी यह बात सुनकर शरमा गई और अब में उनके लंड पर किस करने लगी और फिर में उनका पूरा लंड अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. वो अब मोन कर रहे थे और मुझसे बोल रहे थे हाँ और ज़ोर से चूस मेरी जान, खा जा इस लंड को. में पूरे मज़े से लंड चूस रही थी जैसे मुझे कोई लोलीपॉप मिल गया हो और वो मेरा सर पकड़कर अपने लंड पर दबा रहे थे.

    दोस्तों अब मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर से चूसने लगी. अब ऊपर आकर उनके होंठो पर किस करने लगी और फिर मैंने उन्हे रोका और पूछा कि एक बात बताओ आपके पास दो रास्ते है मज़ा लेने के या तो आज रात के लिए आप मुझे अपनी पत्नी बना लो या फिर अपनी रांड? अगर आप मुझे अपनी पत्नी बनाओगे तो एक पत्नी की तरह आप मेरे जिस्म के साथ खेल सकते हो और अगर रांड तो आप मेरी गांड चाट सकते हो, आपका लंड जितना मर्ज़ी पडे चुसवा सकते हो और जैसा आप कहो आज रात के लिए में आपको अपना सब कुछ दूँगी.

    फिर वो मुझसे बोले कि हमारे पास पूरे तीन दिन है और में इस तीन दिन में तेरी गांड को बहुत जमकर चोदने वाला हूँ. आज की रात तू मेरी रांड बन जा. मैंने कहा कि ठीक है और फिर में उनका लंड चूसने लगी और वो मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारने लगे. में मोन करने लगी आह्ह्हअहह उूउउम्म्म्मम प्लीज ऐसे मत करो, मुझे बहुत दर्द होता है. वो बोले कि चुप साली रंडी आज तू बस वो सब करेगी जो में तुझसे कहूँगा, चल अब जल्दी से मेरा लंड चूस और फिर में बहुत मज़े से उनका लंड चूसने लगी और फिर उन्होंने मेरे बदन पर किस किया और मेरी गांड को चाटने लगे और मेरी गांड को अपनी जीभ से सहलाने लगे.

    फिर कुछ देर चाटने के बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अब वो मेरी गांड में उंगली डालने लगे. में अह्ह्ह्ह एम्म्म रोमी जी प्लीज ऐसा मत करो आईईई आह्ह्ह्हह मुझे बहुत दर्द होता है प्लीज मत करो ना. अब रोमी जी अचानक से रुक गये और उन्होंने अपना तना हुआ लंड मेरी गांड पर रख दिया. अब पूरा दम लगाकर अंदर डालने लगे, लेकिन दो तीन बार ज़ोर से धक्के मारने पर भी वो मेरी गांड के अंदर नहीं गया. मैंने उन्हे कहा कि पहले मेरी गांड के छेद पर और अपने लंड पर थोड़ी तेल की मालिश करो, तब आपका लंड मेरे अंदर जाएगा.

    अब वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा सा मेरी तरफ मुस्कुराए और उठकर चले गये और तेल लेकर आए और अब उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में करके मेरी गांड की बहुत अच्छी तरह तेल से मालिश की और फिर मैंने उनके लंड की बहुत अच्छी तरह से तेल की मालिश की और दस मिनट तक मैंने उनका लंड चूसा. फिर डॉगी पोज़िशन में आकर उन्होंने तीन चार ज़ोर से धक्के मारे और अब उनका लंड फिसलता हुआ मेरी गांड के अंदर चला गया और मेरे मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गई.

    मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन कुछ मिनट के बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा था और रोमी जी अब मुझे लगातार धक्के मारते जा रहे थे और उनके आंड मेरे कूल्हों पर लगते ही एकदम से बहुत सेक्सी आवाज़ कर रहे थे. दस मिनट की चुदाई के बाद वो मेरी गांड के अंदर ही झड़ गये और मेरे पास में लेट गये. अब में उनके वीर्य से भरा हुआ लंड चूसने लगी और उनका वीर्य चाटने लगी और अब मैंने कुछ देर में उसे चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया था. दोस्तों उस रात उन्होंने मुझे तीन बार चोदा और मेरी गांड को पूरी तरह से खोल दिया था. मुझे अब अपनी गांड में थोड़ा थोड़ा दर्द था, लेकिन लंड लेने की ख़ुशी भी बहुत थी. में अपनी इस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश था.

  • पड़ोसी की बेटी की चूत चोदी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मूसा है. दोस्तों में आज पहली बार अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी. दोस्तों यह कहानी आज से एक साल पुरानी है. उस वक़्त में 19 साल का था और मेरे लंड साईज़ 7 इंच है. जिसे मैंने चोदा वो लड़की 18 साल की थी और उसके बूब्स का साईज़ करीब 24-26-28 था. उसकी कमर बिल्कुल पतली एकदम सेक्सी थी और उन दिनों में हमने अपना घर बदल लिया था और हमारे नये घर के पड़ोस में एक फैमली रहती थी, जिनमें मम्मी, पापा, और उनकी दो बेटियाँ रहती थी और उनकी बड़ी लड़की का नाम कुसुम था.

    दोस्तों जैसा उसका नाम वैसी वो खुद भी थी. वो दिखने में बहुत सुंदर, उसकी पतली कमर, बड़ी बड़ी आंखे, लंबे काले बाल, एकदम गोरा गदराया हुआ बदन, खिले गुलाब की तरह नाजुक गुलाबी होंठ, वो मुझे अक्सर घूरती रहती थी और में भी उससे कभी कभी बात कर लिया करता था. वैसे वो दिखने में बहुत सेक्सी लगी थी. उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला था और वो हमेशा बिल्कुल फिट कपड़े पहना करती थी जिसकी वजह से उसका जिस्म और भी मस्त लगता था. में भी उसे कोई मौका देखकर उसकी नजरों से छुपकर घूरता रहता था और अब समय धीरे धीरे गुजरता गया और मेरी उससे बातचीत भी अब कुछ ज्यादा होने लगी थी. हम दोनों बहुत देर तक हंसी मजाक किया करते और इधर उधर की बातें करते.

    दोस्तों यह बात उस दिन की है जब मेरी और उसकी फैमिली दोनों को मुझे और कुसुम को अकेला छोड़कर दो दिन के लिए बाहर एक शादी में जाना पड़ा, क्योंकि उस समय हमारे कॉलेज में पेपर चल रहे थे, तो हम दोनों अब अपने अपने घर पर पढ़ाई करने के लिए रुक गए थे और उसी शाम को 6 बजे दोनों घर के सभी लोग शादी में चले गए और अब हम दोनों अपने अपने घर पर अपने आने वाले पेपर के लिए पढ़ाई कर रहे थे. तभी कुछ देर बार उसे एक सवाल में कुछ समस्या हुई तो उसने मेरे पास आकर मुझसे मदद माँगी.

    फिर मैंने उसे अपने ही घर में बुला लिया और उसे सवाल समझाने लगा, तभी अचानक से उसका दुपट्टा कंधे से थोड़ा सरकते हुए नीचे गिर गया और अब मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई, वो उसके बड़े गले के सूट से आधे आधे बाहर आ रहे थे और बहुत सुंदर दिख रहे थे. में उसकी छाती को अब बहुत देर तक लगातार घूरता रहा, लेकिन तभी उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया और में इन सब से बिल्कुल अंजान बनकर इधर उधर देखने लगा. दोस्तों हमें पढ़ाई करते हुए करीब रात के 9 बज गए थे और अब हमें नींद आने लगी. फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि में अब सोने जा रही हूँ और वो अपने घर पर जा ही रही थी कि अचानक पूरे इलाके की लाईट चली गयी और बाहर अंदर एकदम अंधेरा हो गया तो वो एकदम से डरकर मुझसे चिपक गई और में उसकी पीठ पर हाथ सहलाने लगा.

    तभी कुसुम ने बहुत डरते हुए मुझसे कहा कि मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है. क्या में आज रात तुम्हारे घर पर ही सो सकती हूँ? तो मैंने भी झट से हाँ कर दिया, क्योंकि में भी तो यही सब चाहता था. मैंने उससे कहा कि तुम जब तक चाहो यहाँ पर सो सकती हो वैसे भी में अकेला सोता हूँ, लेकिन अब हम दोनों एक साथ सो जाएगें तुम बिल्कुल भी मत डरो तुम्हारे पास में हूँ ना और अब हम दोनों ज़मीन पर बिस्तर बिछाकर लेट गए और में उसकी चुदाई के सपने देखने लगा. मुझे नींद नहीं आ रही थी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने मौका देखकर उसके पेट पर अपना एक हाथ रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा

    मैंने सोचा कि शायद या तो कुसुम सो गई है या फिर वो भी वही सब मुझसे चाहती है जिसकी में उससे उम्मीद रखता हूँ क्योंकि उसकी दोनों आखें बंद थी और वो एकदम सीधी लेटी हुई थी और यह बात सोचकर में अब थोड़ी और हिम्मत करके आगे बढ़ने लगा और मैंने अपने हाथ को अब उसके पेट पर घुमाना शुरू कर दिया, लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? दोस्तों में एकदम से डर गया और मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में उसे अब पकड़कर ज़ोर से किस करने लगा.

    फिर उसने मुझसे कहा कि यह सब बहुत ग़लत है, प्लीज अब इसे बंद करो, मैंने उससे कहा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती? तो उसने कुछ देर रुककर कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर उसके मुहं से बस इतना सुनते ही में उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. में उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर कुछ देर बाद वो भी जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. किस करते हुए मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसके बूब्स पर रख दिया और ज़ोर से दबाने लगा. वो अजीब सी आवाजें निकालने लगी सईईईईई ऊईईईईईईइ अहह्ह्ह्हह्हह और अब वो मोन करने लगी.

    फिर मैंने जल्दी से उसका सूट उतार दिया और उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा. वाह दोस्तों मुझे उसके बूब्स को मुहं में लेने पर बहुत अच्छा अहसास हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत बड़े, गोल, एकदम मुलायम रुई की तरह थे और अब उसके बूब्स का वो हल्के भूरे रंग का निप्पल मेरे मुहं में आ गया था. वाह! क्या मस्त स्वाद था उसके बूब्स का? फिर में करीब एक घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा और उसकी गर्दन, गले, गाल पर किस करता रहा.

    वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी फिर में उसके बूब्स को छोड़कर धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी सलवार और पेंटी को उतारकर फेंक दिया और हम 69 पोज़िशन में आ गए और फिर मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा और में खुद उसकी चूत को चाटने लगा. दोस्तों उसकी चूत एकदम चिकनी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. में उसकी चूत को करीब तीस मिनट तक लगातार चूसता, चाटता रहा और वो भी पागलों की तरह मेरा लंड चूसती रही. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर में उठा और उसे सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना लंड उसकी कुँवारी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकली आआहह आईईईई और वो एकदम से छटपटाने लगी.

    उसने मुझे पीछे घकेलने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो कुछ देर बाद नाकाम होकर शांत हो गई और मैंने भी थोड़ी देर रुककर उसका दर्द कम होने का इंतजार किया और कुछ देर बाद जैसे ही मैंने दूसरा ज़ोर का धक्का मारा और उसकी चूत की सील टूट गयी और उसकी चूत से खून बाहर निकलने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी प्लीज मुझे छोड़ दो आईईईईईइ अपना लंड बाहर निकालो अह्ह्ह्हह्ह प्लीज बाहर करो इसे उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी और वो मेरी पीठ पर नाख़ून गढाने लगी, जिससे में और भी जोश में आ गया और मैंने बिना रुके अपने 7 इंच के लंड को उसकी चूत में लगातार धक्के देकर डालने लगा और ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने लगा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो बस आवाज़ें निकाल रही थी आअहह आईईईईई मर गई उह्ह्ह माँ प्लीज अब तो छोड़ दो मुझे, थोड़ा धीरे करो मेरी, चूत फट जाएगी, लेकिन कुछ देर बाद उसका दर्द और सिसकियाँ अब मज़े में बदल गई.

    अब तक जो लड़की मुझसे छोड़ देने की बात कह रही थी, अब वही लड़की मुझसे अपनी जमकर चुदाई करने का आग्रह कर रही थी. वो कह रही थी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे. में आज अभी से सिर्फ तुम्हारी हूँ चोदो मुझे और दम लगाकर चोदो. फाड़ दो मेरी चूत को, भोसड़ा बना दो आज इसका, चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो और करीब 15 मिनट बाद अचानक उसका शरीर एकदम से अकड़ने लगा और वो चिल्लाने लगी हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से और अंदर डाल दो पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर घुसा दो, लेकिन फिर वो बिल्कुल ढीली पड़ गई तो में समझ गया कि वो अब झड़ चुकी है. उसके पांच मिनट बाद वो एक बार फिर से जोश में आ गई और मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए.

    फिर करीब तीस मिनट बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में तेज धक्कों के साथ भर दिया और वो भी एक बार फिर से झड़ गई और में थककर उसके ऊपर गिर गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. में दस मिनट तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा और फिर लाईट आ गई.

    दोस्तों मैंने उस रात उसे दो बार चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी और उसके मुहं को अपने वीर्य का स्वाद भी कई बार चखाया और सुबह हम दोनों ने उठकर नहाने के बाद नाश्ता किया और फिर हमने दूसरे दिन और रात करीब आठ बार चुदाई के मज़े लिए. वो पूरे जोश से अपनी चुदाई में मेरा साथ दे रही थी और मैंने इन दो दिनों में उसकी कुंवारी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया था और फिर उसके बाद तीसरे दिन हमारी फैमिली वापस आ गई, लेकिन उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता तो में उसकी जमकर चुदाई कर देता. मैंने उसको एक बार हमारी छत पर भी ले जाकर चोदा और बहुत मज़े किए.

  • पड़ोस की मस्त सरदारनी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पीयूष है और में दिल्ली से हूँ। मेरी उम्र 27 साल है और में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करता हूँ और में अपने पैरो पर खुद खड़ा हुआ हूँ। में अपार्टमेन्ट के दूसरे फ्लोर पर रहता हूँ और उसके नीचे वाले फ्लोर पर एक फेमिली रहती थी। उस फैमिली में एक अंकल, आंटी और उनकी एक बेटी थी। उनकी बेटी ने कॉलेज में एड्मिशन लिया ही था और वो दिखने में बहुत सेक्सी थी। उसकी उम्र करीब 22 साल होगी और दिल्ली की गर्ल्स की तरह उसका नेचर चुलबुला था और उसका फिगर 36-30-34 था। मेरा टॉप फ्लोर था और वो लोग मेरे यहाँ अपनी पानी की टंकी देखने के लिए आते रहते थे, लेकिन ज्यादा बार उनका नौकर ही आता था। लेकिन कभी-कभी उनकी लड़की भी आती थी, क्योंकि आंटी बहुत मोटी थी तो वो सीढ़ियों पर आ जा नहीं सकती थी.

    मेरा जॉब शिफ्ट के समय से होता है और कभी-कभी नाईट शिफ्ट्स होती है तो पूरा दिन ही घर पर ही रहता हूँ. ये फेमिली सरदार की है और सरदार बहुत ही फ्रेंक होते है. यह बात कुछ 2-3 साल पहले की है जब भी वो लड़की टंकी देखने आती थी तो 10-15 मिनट बात ज़रूर करके जाती थी, क्योंकि उसे लगता था कि मुझसे ज़्यादा समझदार लड़का कॉलोनी में नहीं है. एक बार की बात है जब वो टंकी देखने आई तो उसे ऊपर से खोलकर अंदर देखने लगी और कहने लगी कि देखो ना अंदर से कितनी गर्म-गर्म हवा आती है, लेकिन मैंने नहीं देखा और एक स्माईल पास कर दी. फिर बाद में मैंने सोचा कि मैंने तो एक मौका मिस कर दिया, क्योंकि मैंने सुना था कि लड़की नई-नई उम्र में लाईन देती है.

    फिर अगले दिन जब वो आई तो फिर से वही काम करने लगी और टंकी खोलकर उसमें अपना चेहरा देखने लगी और कहने लगी कि देखो कितना साफ पानी है. अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में जानबूझ कर उसके पीछे से चिपकता हुआ टंकी के पास चला गया और अंदर देखने लगा. इसी बीच मैंने अपना पप्पू उसकी गांड पर लगा दिया. क्या फीलिंग थी वो यारों? पप्पू तो बस अंदर ही घुस जाना चाहता था. उस टाईम उसने निक्कर ही पहनी थी.

    फिर 1 मिनट तक अंदर देखने के बाद हम लोग वहाँ से हट गये और फिर मेरा लंड और भी बेकरार होने लगा और बोलने लगा कि उसे तो अब बस वही चाहिए जिसका अभी उसे स्पर्श मिला है. फिर मैंने उसे शांत करते हुए उसे वो दिलाने का वादा कर दिया. फिर एक-दो दिन के बाद वो फिर से टंकी देखने आ गई जब में चाय बना रहा था तो मैंने उससे कहा कि में तो चाय बना रहा हूँ टंकी आप ही देख लो. फिर लगे हाथ मैंने उससे भी चाय के लिये पूछ लिया तो उसने कहा कि चलो इसी बहाने आपसे बात भी हो जायेगी.

    फिर मैंने चाय बनाकर उसे अंदर बुला लिया. फिर जब वो अंदर आई तो मैंने देखा कि उसकी टी-शर्ट थोड़ी गीली हो गई थी, क्योंकि उस पर टंकी का थोड़ा पानी गिर गया था. जिससे उसके निप्पल साफ दिख रहे थे तो में जान गया कि उस सरदारनी ने ब्रा नहीं पहनी है. फिर जब हम लोग चाय पी रहे थे तो मेरी निगाह बस उसकी निप्पल पर ही थी तो उसने मुझे वहां देखते हुए पकड़ लिया और कहने लगी कि हाँ ये थोड़ी गीली हो गई है तो अब में नीचे जाकर चेंज करती हूँ.

    मैंने कहा कि हाँ और कुछ भी गीला हो गया है तो वो तेज़ हंस पड़ी और कहने लगी कि आपने वहां तक देख लिया. फिर मैंने कहा कि अब दिख रहा है तो में क्या करूँ? मेडम ने निक्कर पहनी थी तो मैंने उससे पूछ लिया कि आपकी टांगो पर बाल नहीं आते क्या? तो वो कहने लगी कि आयेंगे तो आपको अच्छा लगेगा क्या? तो मैंने कहा कि मुझे तो तभी अच्छा लगेगा जब कही नहीं आयेंगे तो वो कहने लगी तो अच्छा महसूस कीजिए.

    फिर में समझ गया कि काम बन सकता है. उसकी टी-शर्ट पर एक कार्टून बना हुआ था तो मैंने उसे हाथ लगाते हुए कहा कि देखो मिकी भी गीला हो गया है. तो उसने एकदम से अपनी आँखे बंद कर ली और कहने लगी कि आप ये क्या कर रहे हो?

    मैंने कहा कि जब भी में हाथ लगाऊँ तो तुम अपनी आँखे बंद कर लोगी? तो उसने स्माईल पास की और फिर मैंने एक बार और हाथ लगा दिया तो अब वो मुझे मारने के लिए मेरे पीछे भागने लगी. फिर में जाकर बेड पर गिर गया और वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मुझे मारने का नाटक करने लगी और में भी उससे पीटने का नाटक कर रहा था. फिर इसी दौरान मैंने उसे नीचे गिरा कर खुद उसके ऊपर बैठ गया और कहने लगा कि मारोगी, लो में फिर से मिकी को हाथ लगा रहा हूँ और चूत को भी हाथ लगा रहा हूँ.

    अब फिर से मेरा लंड जागने लग गया और वो उसकी चूत को टच होने लगा. अब वो भी धीरे-धीरे मदहोश होने लगी थी. फिर मैंने झट से उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके निप्पल को चूसने लगा और मैंने झट से उसकी निक्कर भी उतार दी और चूत को भी चूसने लगा. अब वो मदहोश होने लग गई थी. फिर 5-10 मिनट के बाद मैंने अपने लंड को निकाल कर उसकी चूत पर टच करते हुए लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया. वो चिल्ला उठी वाह्ह क्या टाईट चूत थी? फिर मैंने उसकी आवाज़ रोकने के लिए उसे एकदम से किस कर दिया और में धीरे-धीरे झटके मारने लगा. अब हम दोनों 10 मिनट में झड़ गये. में आज तक उस चुदाई को याद करता हूँ और मौका मिलते ही उसे दबोच लेता हूँ.