Category: रंडी की चुदाई

  • भाभी को चोदकर बहुत आराम दिया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैंने इसकी कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े करता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी के सामने वैसी ही जोश भरी कहानी सुनाने वाला हूँ और यह मेरी पहली कहानी है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आयेगी और प्लीज आप सभी मुझे मैल जरुर करें.

    दोस्तों यह कहानी है मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी जी की. मेरी उम्र 26 साल है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है और मेरी भाभी जी की उम्र 32 साल और उनके फिगर का साईज करीब 36-28-38 है. वो दिखने में एकदम हॉट, सेक्सी लगती है और उनके गदराए हुए बदन की वो बनावट, सेक्सी आखें, गोल चेहरा, बड़े बड़े पहाड़ जैसे बूब्स और उससे भी बड़ी उनकी वो गांड जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे और उसे अपनी तरफ आकर्षित करती है. उनके वो झूलते हुए बूब्स मटकती हुई गांड मुझे बहुत सेक्सी लगती थी. में पहले उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचता था, लेकिन उस घटना के बाद मैंने कभी भी उनके बारे में वैसा नहीं सोचा जैसा मुझे सोचना चाहिए. में अब हमेशा उनको हवस भरी नजरों से देखने लगा था और हमेशा उन्हें चोदने के सपने देखता और अब सीधा अपनी आज की उस घटना को बताता हूँ, जिसके बाद मेरे दिन बदल गए.

    दोस्तों मेरा और मेरे परिवार का भाभी के घर पर हमेशा आना जाना लगा रहता है और सबसे ज्यादा तो में ही उनके घर पर आता जाता हूँ, क्योंकि उनके घर के और बाहर के छोटे मोटे काम में खुद किया करता हूँ. एक दिन की बात है, उस दिन उनके घर पर कोई नहीं था तो में जब भाभी के घर पर आया तो वो मुझसे बोली कि राज मेरे सर में बहुत दर्द है और इस समय घर पर कोई नहीं है तो क्या तुम मेरे लिए बाहर बाजार से दवाई ले आओगे? तो मैंने हाँ कहा और में जल्दी से उनके लिए दवाई ले आया और उन्हें दे दी.

    फिर उन्होंने मुझसे धन्यवाद कहा और फिर वो मुझसे बोली कि क्या राज मेरे सर में बहुत दर्द है तो क्या तुम मेरा सर दबा दोगे? तो मैंने हाँ कहा और अब में उनका सर दबाने लगा तो थोड़ी ही देर बाद उनका सर दर्द बिल्कुल ठीक हो गया और फिर वो मुझसे कहने लगी कि वाह राज तेरे हाथ में तो कोई जादू है, मेरा दर्द तो एकदम सही हो गया और फिर उन्होंने कहा कि तू यहीं पर बैठ और में तेरे लिए चाय बनाकर लाती हूँ. फिर मैंने उनसे कहा कि नहीं भाभी मुझे अभी घर पर जाना है, में फिर कभी चाय पीने आ जाऊंगा.

    फिर वो बोली कि तुम चुपचाप यहाँ पर बैठ जाओ, थोड़ी देर में ऐसा कुछ नहीं होगा, तुम्हे घरवालों का डर है तो में उनसे बात कर लूंगी और कोई भी तुमसे कुछ भी नहीं कहेगा और फिर में वहीं पर बैठ गया, लेकिन जैसे ही वो बेड से नीचे उतरी तो वो एकदम से पैर मुड़ने की वजह से नीचे गिरने लगी तो मैंने उन्हे गिरने से पहले उन्हे पकड़कर संभाल लिया और अब मेरा एक हाथ उनकी कमर पर और दूसरा हाथ उनके कूल्हों पर था और फिर वो बोली कि एक बार फिर से तुम्हे धन्यवाद, अगर अभी तुम नहीं होते तो ना जाने क्या होता और वो अभी तक मेरी बाहों में थी.

    फिर मैंने उनसे बोला कि कोई बात नहीं भाभी, यह तो मेरा फ़र्ज़ था, लेकिन अब खिंचाव की वजह से उनकी कमर में भी थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा था और फिर वो मुझसे बोली कि राज मेरी कमर में दर्द हो रहा है, शायद मुझे ऐसा लगता है कि मेरी कमर में झटका आ गया है अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह माँ मुझे अब तो और भी ज्यादा दर्द हो रहा है उह्ह्ह्ह में अब क्या करूं? में उनसे बोला कि हाँ हो सकता है थोड़ा ज़ोर का झटका आपकी कमर में दर्द कर रहा है, लेकिन अगर आप कहे तो में आपकी कमर को दबा देता हूँ, उसकी मालिश कर देता हूँ, जिससे शायद आपका दर्द खत्म हो जाएगा?

    फिर वो झट से मुस्कुराकर बोली कि तुम कितने अच्छे हो हमेशा मेरा बहुत ध्यान रखते हो, अब जल्दी से मेरी कमर का दर्द भी खत्म कर दो. फिर में उनकी कमर को उनके गाऊन के ऊपर से ही धीरे धीरे दबाने लगा और तभी वो बोली कि उधर एक तेल रखा हुआ है, तुम वो लेकर उसकी मेरी कमर पर मालिश कर दो तो मुझे थोड़ा आराम मिल जाएगा. फिर में उठकर वो तेल लेकर आया तो मैंने उनसे कहा कि लेकिन आपने तो यह गाऊन पहन रखा है तो वो बोली कि कोई बात नहीं है, तुम इसे थोड़ा ऊपर उठाकर तेल लगाकर मालिश कर दो.

    फिर में बोला कि लेकिन और फिर वो बोली कि लेकिन वेकीन छोड़ो और अब तुम जल्दी से लगा दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब जैसे ही मैंने उनके गाउन को ऊपर किया तो में क्या बताऊ दोस्तों भाभी की चिकनी जांघे और फिर उनके वो इतने चिकने पैर थे कि मेरा मन पलट गया और मैंने आज से पहले कभी भी उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचा था, जो में अब मन ही मन सोच रहा था और फिर मेरा लंड मेरी पेंट में पूरा तनकर खड़ा हो गया. अब भाभी ने उसे पेंट में खड़ा हुआ देख लिया और फिर वो मुझसे बोली कि तेरी पेंट खराब हो जाएगी, तू इसे अपनी पेंट से बाहर निकाल कर मालिश कर दे.

    फिर मैंने कहा कि लेकिन आपके सामने कैसे में ऐसा कैसे कर सकता हूँ? तो वो बोली कि में हूँ तो हूँ और यहाँ पर हमारे अलावा और कोई थोड़ी ना है. फिर मैंने कहा कि नहीं ऐसे मुझे शरम आती है तो वो बोली कि इसमें शरमाने की क्या बात है? चल अब जल्दी बाहर निकाल और फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और में अब उनके सामने अंडरवियर में आ गया, लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था और अब में उनकी कमर पर मालिश करने लगा तो उनकी कमर की वजह से मुझे उनका गाउन थोड़ा ऊपर करना पड़ा तो उसकी वजह से मुझे उनकी पेंटी अब साफ साफ दिख रही थी और मेरा लंड अब और भी सख्त हो रहा था तो वो बीच बीच में उनके जिस्म को मेरे लंड से छू रही थी और उन्होंने उसे देखा तो वो मुझसे हंसकर बोली कि वाह तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.

    दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित हो गया और उन्होंने झट से उसे मेरे अंडरवियर से बाहर निकाल दिया और वो उसे किसी भूखी शेरनी की तरह देखने लगी और बोली कि यह तो जिसके भी अंदर जाएगा उसकी फाड़ देगा और फिर उसे अपने मुहं में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. वो मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह ज़ोर से लगातार चूसती रही.

    फिर मैंने भी अब थोड़ी देर बाद उनके बूब्स को दबाना शूरू किया और फिर ऐसा करते करते हम दोनों ने एक दूसरे को पूरा नंगा कर दिया और उनके पूरे नंगे, चिकने बदन को देखकर में तो पूरी तरह से पागल हो गया और फिर हम 69 पोज़िशन में आकर एक दूसरे को चूसने लगे और फिर मैंने उनके बूब्स को लगातर जारी रखा. तभी वो जोश में आकर मुझसे बोली कि आज तू इसे खा जा और चूस ले इसका पूरा रस हाँ और ज़ोर ज़ोर से दबा. फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर तो और भी पागल हो गया और फिर मैंने उनके बूब्स को चूस चूसकर पूरे लाल कर दिए, अब वो पूरी पागल हो चुकी थी और बोली कि मेरे राजा प्लीज अब डाल दे इसे मेरे अंदर, मेरी चूत की प्यास बुझा दे प्लीज, मुझे अब और मत तरसा, में कब से तुझसे चुदने के लिए तड़प रही हूँ.

    फिर मैंने उनके मुहं से यह बात सुनकर जोश में आकर अपने लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक झटके में उसकी चूत के अंदर डाल दिया और फिर करीब दस मिनट तक पूरे जोश में धक्के देकर उसकी चूत चुदाई करता रहा. कुछ देर चीखने चिल्लाने के बाद वो भी अपने चूतड़ को उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब तीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदने के बाद मैंने अपना वीर्य उनके ऊपर निकाल दिया और फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे, लेकिन फिर मुझे घर भी जाना था और में जल्दी से घर पर जाने के लिए कपड़े पहनकर तैयार हो गया. फिर भाभी ने मुझे उनकी चुदाई के लिए मुझसे धन्यवाद कहा और में वहां से अपने घर पर चला गया. दोस्तों उसके बाद मैंने भाभी को बहुत बार चोदा और बहुत मज़े भी किए.

  • नेहा भाभी ने मेरी गांड चोदी, bhabhi ne gaand maari

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है, मैंने नेहा को कुछ दिन पहले ही मज़ाक-मज़ाक में उसे भाभी कहा और तब से ये ही चलता आ रहा है. तो ऐसे ही एक दिन में उससे व्हाट्सअप पर बात कर रहा था और फ्लर्ट करना तो हर लड़के की आदत होती है. बातों ही बातों में जब मैंने उससे पूछा कि क्यों भाभी जी भैया ख्याल रखते है की नहीं? तो नेहा का रिप्लाई आया कि क्या बताऊँ यार? में उनके लिए कितने सुंदर कपड़े पहनकर तैयार रहती हूँ, लेकिन वो आते ही टी.वी में घुस जाते है. अब व्हाट्सअप पर फोटो शेयर करने के बाद हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था, लेकिन नेहा के पति होते हुए हम दोनों ही तड़प रहे थे.

    अब एक दिन के लिए उसके पति आउट ऑफ टाउन गये और में रात भर अपनी नेहा को चोदने पहुँच गया. फिर नेहा ने दरवाजा खोल दिया तो वो डीप नेक पिंक नाईटी में गीले बालों में, वो बहुत ही टाईट माल लग रही थी, हाईट 5 फुट 5 इंच और मस्त फिगर. मैंने उससे कहा कि बड़ी कमाल लग रही हो नेहा तो उसने बोला कि भाभी बोलो ना और मुझे आज रातभर अपनी भाभी बनाकर चोदो. मुझे अपने देवर से चुदना है. फिर मैंने तुरंत ही दरवाजा लॉक किया और नेहा को हग कर लिया, अब में अपने हाथ से उसकी पूरी बॉडी को महसूस कर रहा था. अब और वो भी मुझे हर जगह टच कर रही थी. फिर धीरे से मैंने उसकी गर्दन को किस किया तो वो जोर-जोर से सांसे लेने लगी.

    फिर मैंने नेहा भाभी के कानों में भाभी बोला और उसके कान को काटने लगा. अब नेहा भाभी बहुत गर्म हो चुकी थी, फिर उसने मेरी बैक साईड को कस कर पकड़ लिया और में भी उनकी आँखों को किस करता रहा. अब नेहा भाभी ने मेरी शर्ट को खोलना चालू कर दिया था. फिर नेहा भाभी बोली कि आह्ह्ह आर्यन फिर मैंने नेहा भाभी को दीवार से चिपका दिया और उनकी गांड मेरी साईड थी. अब में उनसे चिपककर खड़ा हो गया और अब मेरा लंड जो जीन्स के अंदर तन चुका था उनकी गांड से सटा हुआ था, अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर थे और मैंने उन्हें दीवार से चिपका कर रखा हुआ था. अब मैंने उन्हें पलटाया और हम दोनों किस करने लगे, हम दोनों की ये पहली किस थी, लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे के मुँह में थूक रहे थे. वो बहुत ही गर्म और लंबी किस थी. अब किस के टाईम मैंने नेहा भाभी को छाती से पकड़ा हुआ था, जबकि वो मेरी जीन्स के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स से होते हुए उनके गीले बालों तक ले गया.

    अब में उनके बालों को हल्के से खींच रहा था, इतने में ही नेहा भाभी ने मुझे एक तमाचा मार दिया. हालाँकि वो ज्यादा ज़ोर से नहीं था, लेकिन में थोड़ा डर गया था. फिर नेहा भाभी बोली कि भाभी को चोदने आया है साले? तो मैंने कुछ नहीं बोला. फिर वो थोड़ी देर तक मुझे घूरने के बाद भाभी मुझे फिर से किस करने लगी. अब में भाभी को वापस से किस कर रहा था, लेकिन अब मेरे हाथ उनकी छाती पर ही थे, लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ बदल गया और अब नेहा भाभी मेरे लिप और जीभ को काटने लगी थी.

    अब हम दोनों ही बिस्तर पर लेट गये और अब भाभी मेरे ऊपर थी. अब वो मेरी शर्ट उतारकर मेरे निप्पल को काट रही थी और फिर धीरे से वो नीचे गयी और फाइनली उन्होंने मेरी जीन्स उतार दी. फिर उन्होंने अपने दातों से मेरी अंडरवेयर भी निकाल दी और मेरा लंड चूसने लगी. अब वो मेरे लंड की टोपी को अपनी जीभ हिला हिलाकर सहला रही थी. जैसे ही मेरे लंड से पानी आया तो भाभी ने मेरे लंड से अपनी माँग रगड़ दी तो मैंने पूछा कि ये क्या था? तो भाभी बोली कि मेरी माँग नहीं भरोगें? और मैंने बस हंसकर उनका जवाब दिया.

    फिर में खड़ा हो गया और भाभी अपने घुटनों पर आकर मेरे लंड को चूसने लगी. अब वो मेरे अंडो को भी चूस रही थी और वो बहुत ही मस्त तरीके से मेरे एक-एक अंडे को अपने मुँह में रखकर खींच रही थी और लंड पर थूक-थूक कर चूस रही थी. अब मेरा लंड पूरा गीला और हार्ड था तो भाभी बोली कि अब जल्दी से अपनी भाभी को चोदना और वो झट से अपनी पेंटी उतार कर ज़मीन पर ही लेट गयी. में भी तुरंत भाभी के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया. तो भाभी बोली आआआह्ह्ह शादी के 2 साल के बाद भी वो चूत ढीली नहीं थी. अब मुझे टाईट चूत को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और साथ ही साथ उनके बड़े-बड़े पिंक निप्पल चूस रहा था तो भाभी बोली कि इतना मत तड़पाओ मुझे, आअहह आर्यन.

    अब में ये सुनकर उनकी निप्पल और ज़ोर से काटने लगा फिर इतने में भाभी ने मुझे फिर से मारा तो मैंने उन्हें चोदना छोड़ दिया और उन्हें देखने लगा तो भाभी बोली कि उठ. फिर जैसे ही में उनके ऊपर से हटा तो भाभी उठ गई और मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया. अब मुझे कुछ समझ आता इससे पहले उसने फिर से दबाना शुरू कर दिया तो में चिल्लाया, आअहह भाभी. भाभी अपने घुटने के बल बैठकर मेरी गांड को चाटने लगी और अब वो अपने हाथ से मेरी गांड को फाड़ कर चाट रही थी.

    अब मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. फिर मेरी पूरी गांड भाभी ने चाट चाटकर पूरी गीली कर दी थी, आहह भाभी. अब भाभी ने मुझे टेबल पर लेटा दिया और रबड़ का लंड लेकर आ गई. अब भाभी अपने नये लंड से मेरी गांड को सहला रही थी और मेरी गांड को काट भी रही थी. अब मुझे दर्द भी हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. फिर भाभी ने वो रबड़ का लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी गांड मारने लगी, आआआ अब में ज़ोर जोर से मौन करने लगा था.

    फिर भाभी ने मुझे जोर से पकड़ा और ज़ोर से मेरी गांड मारती रही आआहह भाभी मज़ा आ गया. अब मैंने इतना ही कहा था कि भाभी ने मेरी गांड को ज़ोर से मारा तो भाभी बोली कि तेरे मज़े के लिए नहीं तुझे तड़पाने के लिए में तेरी गांड मार रही हूँ. फिर में बोला जी भाभी और अपनी गांड मरवाता रहा. अब भाभी मेरी गांड के छेद में थूकती रही और मेरी गांड मारती रही और में चिल्लाता रहा और मज़े लेता रहा. फिर भाभी ने अचानक से मेरी गांड मारते हुए, मेरे निप्पल को दबाना चालू कर दिया, म्‍म्म्मम भाभी एम्म आर्यन मेरे देवर. अब भाभी मेरी गांड मारती रही और अब मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा उससे भी बहुत ज्यादा आ रहा था. अब भाभी ने मुझे बहुत ज़ोर से चोदना चालू किया और उनकी स्पीड बहुत ज्यादा थी और अब बस में ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहा था, भाभी आहह आहह.

    फिर भाभी ने गांड मारते हुए मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया, उनके हाथ बहुत तेज आगे पीछे हो रहे थे. अब में बहुत ही मज़े में था तो भाभी बोली कि आअहह आर्यन लगता है तुम्हारा गिरने वाला है तो में बोला हाँ भाभी, आअहह. फिर भाभी ने रबड़ का लंड ज़ोर से मेरी गांड के अंदर तक घुसा दिया, तो में चिल्लाया, ओह भाभी आअहह.

    अब भाभी बहुत जोर-जोर हिल रही थी और भाभी वापस अपने घुटने के बल बैठ गई और अपने बड़े बूब्स को मेरे लंड में फंसा कर वो मेरे पानी के गिरने का इंतजार करने लगी और में चिल्लाता रहा, आह्ह्ह. अब भाभी मेरी गांड में उंगली भी कर रही थी और फिर जल्दी ही मेरा पानी बाहर आ गया और भाभी ने अपना मुँह खोलकर पूरा अंदर ले लिया. फिर भाभी बोली कि आर्यन मेरे देवर मस्त गर्म पानी आया है. फिर हमने बहुत मजा किया और भाभी ने भी मुझे बहुत मजा दिया.

  • बड़ी बहन की चूत में ऊँगली डाली, bro sis sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 23 साल है. मेरी हाईट 5.11 इंच है, में दिखने में बिल्कुल ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 5.5 इंच है. दोस्तों यह कहानी सिर्फ एक लड़की के जिस्म के साथ है जो कि में सबसे पहले थोड़ा बहुत उनका परिचय भी आप सभी को करवाना होगा. दोस्तों मेरी तीन बहन है और तीनों ही मुझसे बड़ी है और उनके साथ रहते रहते मैंने लड़कियों के बारे में लगभग हर एक चीज़ को सीख लिया था, इसलिए उन्हे अपनी तरफ आकर्षित करना मेरे लिए एक आम बात बन चुकी थी और ख़ासकर मुझसे तीन चार साल बड़ी उम्र की लड़कियाँ तो बहुत ही आसानी से पट जाती रही थी.

    दोस्तों यह बात आज से कुछ साल पुरानी है और में उस साल शायद हर एक दिन मुठ मारता था और मेरे दोस्त भी इतने शरीफ थे कि उन्होंने मुझे क्लास 8 में ही ब्लूफिल्म दिखानी शुरू कर दी थी. में सबसे पहले उन एक्ट्रेस को सोचकर मुठ मारता था और फिर अंजान लड़कियों को सोचकर. फिर बहनो की फ्रेंड्स, फिर खुद की बहनें, फिर कोई भी औरतें, भाभियाँ और शायद उस समय मैंने अपनी ज़िंदगी में मिलने वाली हर एक औरत, लड़की को सोचकर कम से कम एक बार मुठ जरुर मारी. दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. में उस समय कुछ दिनों के लिए अपने मामा के घर पर गया हुआ था, मेरे बड़े मामा की सिर्फ़ दो बेटियाँ है, उसमे बड़ी वाली का नाम शालिनी है और छोटी वाली का नाम मेघना और उस वक़्त शालिनी की उम्र करीब 19 साल की थी और मेघना की उम्र करीब 17 साल थी. दोस्तों हमारे घर और खानदान में लड़कियों के बाहर आने जाने कहीं घूमने फिरने पर बहुत ज्यादा ध्यान देते है, इसलिए वो दोनों ही एकदम घरेलू टाईप लड़कियाँ थी.

    दोस्तों शालिनी दीदी और मेरी बचपन से ही बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन मेघना से में ज़्यादा बात नहीं करता था तो एक रात को हम सब सोने की तैयारी कर रहे थे, शालिनी दीदी मेरे साथ सोने के लिए हमेशा बहुत बैचेन रहती थी, क्योंकि उनको मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में जानना था तो हमें उस रात को बातें करते करते रात के 1:30 बज गये और फिर मैंने उनसे कहा कि चलो अब हम सो जाते है और फिर आँख बंद करने के करीब दस मिनट बाद दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और प्यार से सहलाने लगी, मुझे भी उनका मेरे साथ ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैंने भी उनका हाथ अब कसकर पकड़ लिया और फिर वो अपने एक पैर से मेरे पैर को मसलने लगी, लेकिन पता नहीं क्यों अचानक उन्हे ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने कुछ ही देर के बाद अपना पैर एकदम से पीछे खींच लिया और फिर वो सो गयी. फिर मैंने भी उस बात पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर कुछ दिनों के बाद मेरी मौसी की बेटी की शादी थी, तो हम सब वहीं पर गये थे. हम वहां पर बहुत मस्ती करते थे. दिन भर मस्ती, गाना और बहुत कुछ करते रहते थे.

    दोस्तों वहाँ पर भी मुझसे तीन साल बड़ी एक लड़की थी, जो मुझ पर हमेशा बहुत बार लाईन मारा करती थी और शरारती बातें किया करती थी. फिर में भी उस समय उसके बड़े मज़े ले रहा था, रात को नाचना, गाना चल रहा था और करीब 12 बजे थे, लेकिन अब मुझे बहुत नींद आ रही थी तो इसलिए में एक रूम में आकर सो गया, वो रूम बहुत बड़ा था और उसमें पहले से ही तीन चार लोग सोए हुए थे और फिर में बिल्कुल चुपचाप सबसे आखरी में जाकर रज़ाई में घुसकर सो गया. वो दिसम्बर का महीना था और उस समय की ठंड तो आप जानते ही होंगे. फिर करीब दो बजे रात को अचानक से मेरी नींद खुली, नींद खुली तो में जिस तरह से सोया हुआ था, वो सब देखकर तो मेरे एकदम होश ही उड़ गये, क्योंकि मेरे एक तरफ पास में कोई लड़की सोई हुई थी और मेरा एक हाथ उसके नाईट सूट वाले टॉप के अंदर उसकी ब्रा के ऊपर था और उन सबको समझने में मुझे पूरे दो मिनट लग गये, क्योंकि रूम में पूरा अंधेरा था और फिर मैंने थोड़ा आसपास टटोलकर देखा तो मुझे समझ में आ गया कि शालिनी दीदी के ही नाईट सूट के अंदर मेरा वो हाथ था.

    एक तरफ दिल की धड़कने बढ़ गई और वहीं दूसरी तरफ लंड का साईज़ भी बड़ने लगा और अब मेरे दिमाग़ में तरह तरह के ख्याल आने लगे, क्या मैंने अंजाने में अपना हाथ उनके टॉप के अंदर उसकी ब्रा में घुसा दिया था? या फिर दीदी ने खुद जानबूझ कर डाला था, क्योंकि में एक जवान लड़का था और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को छूने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरा मन तो हाथ को भी बाहर निकालने का नहीं कर रहा था और फिर मैंने सोचा कि बेटा थोड़ा रिस्क तो लेना ही पड़ेगा.

    फिर में धीरे धीरे ब्रा के अंदर हाथ घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो बहुत टाईट थी, इसलिए पहले दो, तीन मिनट में हल्का हल्का मसलता रहा, लेकिन फिर जब मेरी भूख बढ़ने लगी तो में उनके पेट पर हाथ फेरने लगा और अब मेरा लंड पूरी से तरह तनकर खड़ा हो चुका था, लेकिन तभी कुछ देर के बाद मुझे शक हुआ कि शायद दीदी अब जाग रही है और वो सिर्फ सोने का नाटक कर रही है और इस बात को जानने के लिए मुझे एक आईडिया आया.

    फिर में अपने हाथ को उनकी पीठ की तरफ ले गया और थोड़ा धीरे धीरे सहलाने के बाद मैंने कसकर उनकी कमर को पकड़ लिया और उनको अपनी तरफ घुमा दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के चेहरे के आमने सामने थे और उनकी आखें अब भी बंद थी, लेकिन इतनी ज़ोर ज़ोर से लगातार हिलाने के बाद भी वो नहीं उठी तो में समझ गया कि अब दीदी नींद में नहीं है और अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और कुछ देर तक पीठ सहलाने के बाद में उनकी ब्रा के हुक को टटोलने लगा. दोस्तों मैंने इससे पहले अपनी बहनों की ब्रा को कई बार बाथरूम में लटकते हुये देखा था और में कभी कभी उनको लंड पर रगड़कर मुठ भी मारा करता था, इसलिए एक हाथ से ब्रा के हुक को खोलना मेरे लिए बायें हाथ का खेल था. फिर मैंने तुरंत ही उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया, लेकिन वो अब भी बिल्कुल वैसे ही लेटी हुई थी.

    फिर उनके कंधो के ऊपर से ब्रा को उतारते हुए मैंने धीरे धीरे ब्रा को उनके हाथ से भी निकालकर खोल दिया और अब उनके बूब्स मुझे एकदम साफ साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनका सीधा वाला बूब्स थोड़ा सा उनके शरीर के नीचे दबा हुआ था और अब तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, इसलिए मैंने फटाफट उनके निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और थोड़ा थोड़ा बूब्स को दबाने लगा. तभी अचानक से दीदी ने करवट ले ली और अब वो बिल्कुल सीधी हो गई, जिसकी वजह से में एकदम से डर गया और मुझे फिर से शक हुआ कि कहीं दीदी सच में सो तो नहीं रही? और अगर वो उठ गयी और उन्होंने यह सब देखा तो में मर जाऊंगा, लेकिन कहते है सेक्स का नशा इंसान पर एक बार चढ़ जाए तो फिर वो झड़ने के बाद ही उतरता है.

    फिर में उनके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा, लेकिन वो बिल्कुल भी हिल नहीं रही थी और उसी समय मैंने थोड़ा सा उठकर उनके एक निप्पल को मुहं में लेकर चूसा भी और अब मेरे अंदर का शैतान उठकर छटपटाने लगा और अब मुझे बस चूत चाहिए थी. फिर मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उनकी पेंट के अंदर घुसाया, सबसे पहले में उनकी जाँघो को सहलाता रहा. वाह दोस्तों क्या चिकनी जांघे थी उनकी? फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी पर रखा. फिर मैंने महसूस किया कि उनकी पेंटी पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी. फिर यह सब महसूस करके तो में और भी पागल होने लगा, जोश में मैंने जैसे ही उनकी पेंटी में हाथ डाला तो मेरे कान में किसी ने कुछ बहुत धीरे से फुसफुसाया कि तुम यह क्या कर रहे हो सूरज भैया?

    दोस्तों मेरी तो जैसे वो आवाज सुनते ही साँसें एकदम रुक सी गई और मेरी गांड फटकर हाथ में आ गई. में चूत की तरफ इतना मग्न हो गया था कि मैंने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया कि दीदी ने पिछले एक मिनट से मेरी तरफ मुहं कर रखा था और अब उस ऐसी रूम में भी मुझे पसीने आने लगे और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? मेरे दोनों हाथ भी वैसे के वैसे ही रह गए थे और आँखों के सामने कभी मामा, मामी का चेहरा आ रहा था तो कभी अपने पापा, मम्मी का और फिर मुझे लगा कि अब तो में काम से गया, दीदी शायद अब तक शर्म के मारे यह सब बर्दाश्त कर रही थी, लेकिन अब तो वो कल सुबह सबको बता देगी कि पिछली रात को मैंने उसके साथ क्या क्या किया, क्योंकि मेरी किस्मत भी बहुत खराब थी. उस कमरे में और भी लोग सोए हुए थे वरना में दीदी को कुछ ना कुछ कहकर शायद पटा लेता, लेकिन फिर दोबारा से मेरे कान में एक आवाज़ आई, दीदी ने बड़े ही प्यार भरी आवाज में मुझसे कहा कि तुम रुक क्यों गये?

    दोस्तों उस एक शब्द ने तो मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया और मेरी जान में जान आ गई और उसके बाद मेरा हाथ एक मिसाईल की तरह उनकी चूत पर पहुंच गया. वाह क्या मस्त चूत थी, वो एकदम जवान वर्जिन चूत और रस से भरी हुई और उसे ऊपर थोड़ी थोड़ी झाँटे थी और जो शायद कुछ दिन पहले ही कटी थी और उसे चूत के दोनों होंठ बिल्कुल फूले हुए थे और फिर मेरे चूत में उंगली डालते ही दीदी एकदम से सिहर गई और उनका पूरा शरीर बिल्कुल कसा हुआ था और उनकी चूत भी हद से ज़्यादा टाईट थी.

    मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली अंदर घुसाई और थोड़ी सी अंदर घुसने के बाद में उसे जल्दी जल्दी हिलाने लगा और अब मेरा लंड भी अंदर ही अंदर छटपटा रहा था और तनकर खड़ा हुआ था. फिर मैंने दीदी का सीधा हाथ पकड़कर अपनी अंडरवियर में डाल दिया और एक घरेलू लड़की होने के नाते उन्हे यह भी नहीं पता था कि अब उन्हे इसके आगे क्या करना है? फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लिया और लंड को पकड़कर हिलाने लगा और अब उनका एक हाथ मेरी अंडरवियर में था और मेरा एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर. दोस्तों वाह क्या मज़ा आ रहा था.

    फिर एक दो मिनट हिलाने के बाद ही हम दोनों झड़ गये. दोस्तों दीदी को तो शायद यह भी पता नहीं चला कि उनके साथ यह सब क्या हुआ, वो बहुत घबरा गई थी और जिसकी वजह से हम आपस में बात भी नहीं कर पा रहे थे और हमें यह भी डर था कि कहीं कोई जाग ना जाए. दीदी ने तुरंत अपना हाथ अंडरवियर से बाहर निकाला और अपने कपड़े पहनने लगी और वो शायद कुछ ज़्यादा ही डर गयी थी. फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट बाद लौटी और फिर मेरे पास में लेटकर उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि सूरज भैया प्लीज़ आज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जाना.

    फिर में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर थोड़ा उदास हो गया और फिर में भी उठकर बाथरूम में चला गया और फिर मैंने वहीं पर दीदी को सोच सोचकर दो बार और मुठ मारी और सब कुछ आधा अधूरा रह गया था. मुझे दीदी के साथ कुछ भी कर ना पाने का गम तो बहुत था, लेकिन मुझे इस बात की खुशी भी बहुत थी कि आज पहली बार मैंने किसी लड़की की बिना चुदी चूत में अपनी उंगली डाली है और उसके बूब्स को छूकर महसूस किया है, दबाया है, चूसा है और उसकी चूत में अपनी उंगली करके उसके जिस्म के अंदर की गरमी को महसूस किया है. उसके जिस्म के हर एक हिस्से को छुकर महसूस किया है और वो मेरा पहला अहसास मुझे आज भी वो रात याद दिलाता है, जिसमे मैंने एक कामुक लड़की के जिस्म की गरमी को छुकर उसकी चूत के अहसास को मन में लेकर अपने लंड को पहली बार झड़ने पर मजबूर किया था.

    फिर दूसरे दिन सुबह ही हमें वहां से अपने घर के लिए निकलना था, शायद इसलिए दीदी से मेरी बात ही नहीं हो सकी या फिर दोस्तों आप यह समझ लो कि अब हम एक दूसरे से नज़रें ही नहीं मिला पा रहे थे और उसके बाद मैंने कई बार दोबारा अपने मामा के यहाँ पर जाकर अपनी दीदी को चोदने के प्लान बनाए, लेकिन किस्मत के कारण कुछ भी ऐसा हो ही नहीं पाया और फिर दो साल बाद उनकी किसी अलग शहर में शादी हो गई और अब करीब करीब हमारा मिलना लगभग बंद ही हो गया और मैंने इस बात को छोड़ देना ही बेहतर समझा.

  • बहन ने चुकाए पैसे रंडी बनकर

    हैल्लो फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब? में आपकी सेवा में मेरी बहन की एक कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूँ. ये कहानी पढ़कर सभी लंड में से पानी निकलेगा और सभी की चूत गीली हो जाएगी. में आपको मेरी बहन के बारे में बताता हूँ, मेरी बहन का नाम संजना है, उसकी उम्र 25 साल है, रंग गोरा और फिगर साईज 36-32-38 है, उसकी सबसे अच्छी बात उसकी गांड है, जब वो अपनी गांड मटका कर चलती है तो सभी के लंड खड़े हो जाते है, मेरा भी लंड उसकी गांड देखकर खड़ा हो जाता है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ.

    मुझे जुआ खेलने का बहुत शौक था, में अक्सर क्लब में जुआ खेलने जाता था. एक दिन जब में क्लब में जुआ खेल रहा था, तब में बहुत पैसे जीत रहा था. फिर में जाने लगा तो एक आदमी मेरे पास आया और कहा कि चलो मेरे साथ एक गेम खेलो, मैंने उससे नहीं कहा तो वो बोला डर गया क्या? तो मैंने जोश में आकर उसको हाँ कह दिया.

    मैंने कहा कि हम एक ही गेम खेलेंगे, तो उसने कहा ठीक है तो फिर उसने पत्ते बाटें. में फिर से जीत गया, में आज 50 हज़ार जीत चुका था, तो में पैसे लेकर जाने लगा तो उसने मुझसे कहा एक और गेम खेलते है. फिर उसने 2 लाख रूपयें निकाले और कहा कि एक ही गेम में सारे पैसे लगाते है, तो मैंने कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं है, तो उसने कहा कोई बात नहीं, अगर हार गया तो बाकी के पैसे बाद में दे देना.

    मैंने कहा ठीक है फिर मैंने पत्ते बाटें, मुझे आज अपनी किस्मत पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैंने खेलने के लिए हाँ कह दिया, लेकिन फिर में हार गया. अब वो मुझसे पैसे माँगने लगा, उसने अपना नाम शेज़ाद बताया, उसने कहा कल के कल मेरे पैसे मिलने चाहिए वरना देख तेरे साथ क्या क्या होता है? उसने मुझे धमकी दी तो में बहुत डर गया, में 2 लाख रूपयें कहाँ से लाऊंगा. फिर में घर वापस आया तो में पूरी रात सो नहीं पाया, अगली सुबह 10 बजे मेरी घर की बेल बजी, तो मैंने मेरी बहन से दरवाजा खोलने को बोला.

    उसने दरवाजा खोला तो बहन ने कहा कि भैया आप से कोई मिलने आया है. में बाहर आया तो वहाँ शेज़ाद और उसके साथ दो और आदमी थे, फिर वो अंदर आ गये और सोफे पर बैठ गये. में उनको देखकर बहुत ही डर गया था, उस वक़्त घर में मेरी बहन और में ही था, मेरे मम्मी और पापा ऑफिस गये हुए थे. मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन को देखे जा रहा था. फिर मैंने मेरी बहन को अंदर जाने को बोला तो शेज़ाद बोला अरे यार पानी तो पिला दो, तो मैंने संजना को पानी लाने को कहा. फिर संजना जैसे ही पानी लेने किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन संजना की गांड को देखे जा रहा था.

    फिर संजना पानी लेकर आई और मैंने उसको अंदर जाने को बोला, शेज़ाद मेरी बहन की गांड को देखे ही जा रहा था. फिर मेरी बहन के अंदर जाने के बाद मैंने शेज़ाद से कहा कि प्लीज बाहर चलकर बात करते है, तो उसने कहा कि ठीक है. फिर हम बाहर गये, तभी शेज़ाद ने मेरी शर्ट का कॉलर पकड़ा और कहा कि मेरे पैसे कहाँ है, तो मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ और थोड़ा टाईम दे दो में आपके पूरे पैसे दे दूँगा.

    उसने कहा और कितने दिन चाहिए और मुझे थप्पड़ मारने लग गया, फिर मैंने कहा प्लीज भाई थोड़ा टाईम दे दो में आपके पैसे दे दूँगा. में आपके लिए कुछ भी करूँगा. फिर शेज़ाद ने थोड़ा सोचा और कहा कुछ भी करेगा, तो मैंने कहा हाँ भाई कुछ भी करूँगा. तो शेज़ाद ने कहा कि वो लड़की तेरी बहन है ना, तो मैंने कहा हाँ, तो शेज़ाद बोला कि एक रात के लिए मुझे तेरी बहन चाहिए. तो मुझे गुस्सा आ गया और उसकी शर्ट का कॉलर पकड़कर उसको गालियाँ दी और कहा कि वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद के साथ जो लोग आए थे उन लोंगो ने मुझे पकड़ लिया और बहुत मारा, फिर शेज़ाद बोला देख साले आज रात तक का टाईम देता हूँ सोच ले, में बहुत डर गया था मुझे रातभर नींद नहीं आई और कैसे शेज़ाद के पैसे लौटाऊँ सोचने लग गया.

    फिर करीब रात के 2 बजे शेज़ाद का फोन आया मैंने कॉल रिसीव किया, तो शेज़ाद बोला कि क्या सोचा? मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ ऐसा मत करो वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद को गुस्सा आया और बोला देख बे अगर तुझे ऐसा नहीं करना है तो सुबह तक मेरे पैसे वापस मिलने चाहिए, वरना तेरा हाल बहुत बुरा होगा. देख एक रात के लिए तेरी बहन को भेज दे या सारे पैसे चुका दे, नहीं तो तेरी और तेरे घर की बदनामी होगी. में बहुत डर गया और कहा कि ठीक है भाई मुझे मंजूर है.

    शेज़ाद बहुत खुश हुआ और कहा कि फिर कल मिलते है. तेरी बहन को कल 4 बजे लेकर आना, फिर मैंने कहा ठीक है भाई. फिर अगली सुबह उठकर में सोचने लगा कि संजना को कैसे बाहर लेकर जाऊं. फिर दोपहर को खाना खाकर मैंने संजना को कहा कि चल शाम को मॉल घूमने चलते है तो संजना बोली कि ठीक है.

    फिर हम शाम 4 बजे मॉल जाने के लिए निकले. संजना ने उस दिन एक टाईट जीन्स और टॉप पहना था, हम जैसे ही रोड़ पर आए वैसे ही शेज़ाद कार लेकर हमारे सामने आ गया. फिर शेज़ाद कार से उतरा और मुझसे पूछा कि कहाँ जा रहा है, तो मैंने कहा हम मॉल घूमने जा रहे है तो वो बोला चल में तुम लोंगो को छोड़ देता हूँ. फिर मैंने मेरी बहन संजना की तरफ देखा तो संजना ने कहा हाँ चलो भैया चलते है. फिर मैंने कहा ओके तो जैसे ही हम कार की तरफ बड़े और अंदर बैठने लगे तो देखा कि कार में दो आदमी और है, मैंने शेज़ाद की तरफ देखा तो वो थोड़ा मुस्काराया में समझ गया कि आज मेरी बहन ग्रूप में चुदने वाली है. फिर में आगे बैठा शेज़ाद और संजना पीछे बैठ गये. मुझे बहुत डर लग रहा था और मेरी दिल की धड़कन बहुत तेज हो रही थी, आज मेरी बहन 3 लोगों के साथ चुदने वाली है, वो कैसे उसको चोदेंगे?

    फिर कार चल पड़ी और में देख रहा था कि मेरी बहन को देखकर सब अपनी लाल टपका रहे थे, सबकी आँखो में हवस नज़र आ रही थी और में बहुत डर रहा था. फिर मैंने अचानक देखा तो बाहर रोड़ पर लडकियाँ मेकअप करके खड़ी थी. मैंने गौर से देखा कि कार कमाठीपुरा में जा रही थी, मैंने तुरंत शेज़ाद की और देखा तो उसने थोड़ा स्माइल किया.

    मैंने कहा शेज़ाद भाई थोड़ी बात करनी है, तो शेज़ाद बोला कि बोल और फिर मैंने कहा कि अकेले में बात करनी है तो उन्होंने कार रोक दी. फिर में और शेज़ाद थोड़ी दूर पैदल चलकर गये. फिर मैंने शेज़ाद भाई से कहा भाई मेरी बहन के साथ ऐसा मत करो, तो शेज़ाद बोला क्या नहीं करूँ? मैंने कहा आपने तो कहा था आप ही मेरी बहन को चोदेगे, प्लीज उसको रंडी मत बनाओ. में शेज़ाद के पैरो में गिरकर माफी माँगने लगा, लेकिन शेज़ाद हंसने लगा और कहा साले भोसड़ी के ये सब तुझे जुआ खेलने से पहले सोचना था.

    फिर मैंने कहा भाई प्लीज़ में आपके सारे पैसे लौटा दूँगा मेरी बहन को छोड़ दो, उसे रांड मत बनाओ. तो शेज़ाद बोला हरामी तू पैसे कैसे लौटायेगा? देख तेरी बहन क्या मस्त माल है? देख तो रंडी की गांड कैसी है? साले वो कमायेगी तो तेरा ही फायदा है साली इतना कमायेगी कि तुझे कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी. चल अब नाटक मत कर नहीं तो तेरी बहन को यही नंगा करूँगा और रास्ते पर ही चोद दूँगा. फिर तो तेरी बहन फ्री में चुदवायेगी. में चुपचाप उठा और फिर हम कार में बैठकर जाने लगे. थोड़ी दूर जाने के बाद कार एक बिल्डिंग के सामने आकर रुकी. फिर हम सब उतर गये, जब मेरी बहन कार से उतर गयी तब उसने पूछा कि ये तुम कहाँ लेकर आए हो, कार की खिड़की बंद थी इसलिए मेरी बहन को पता नहीं चला था कि हम कहाँ जा रहे थे. फिर मेरे आस पास देखा तो वो समझ गयी थी की हम कहाँ आ गये थे.

    फिर वो वहाँ से भागने लगी तो शेज़ाद ने अपने दो साथियों से कहा पकड़ साली को तो उन्होंने मेरी बहन को पकड़ लिया और शेज़ाद मेरी बहन के पास गया. फिर उसने मेरी बहन की गांड पर हाथ फेरा और थोड़ी सी गांड दबाकर बोला कि कहाँ भाग रही हो जानेमन, क्या मस्त गांड है तेरी? तुझे आज जन्नत की सेर कराने लाया हूँ. मेरी बहन रोने लगी और उसने कहा कि भैया मुझे बचाओ, तो मैंने अपनी नज़रे नीचे कर दी, में मेरी बहन से नज़र नहीं मिला पा रहा था.

    तब शेज़ाद हंसने लगा और बोला तुझे वो क्या बचायेगा? तुझे यहाँ मुझसे चुदवाने के लिए वही तो लेकर आया है, आज तू एक रांड बनने वाली है. ये सुनकर मेरी बहन और रोने लगी, तो शेज़ाद बोला कि मत रो मेरी रंडी, अपनी जवानी के मजे ले. आज तेरा भाई तेरा दलाल बन गया है. फिर हम मेरी बहन को लेकर ऊपर चले गये. वहाँ एक आंटी आई उसने शेज़ाद को बैठने को बोला और फिर शेज़ाद बोला देख आज तेरे लिए क्या माल लाया हूँ? साली आज तेरे कोठे की शान बन जायेगी, हम एक हॉल में बैठे हुए थे वहाँ एक पलंग था.

    फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पलंग पर पटक दिया. मेरी बहन पलंग पर बैठकर रोने लगी, प्लीज मुझे जाने दो, मेरे साथ ऐसा मत करो. फिर वहाँ सब लोग हंसने लगे.

    फिर शेज़ाद मुझसे बोला कि चल अपनी बहन को नंगा कर देखूं तो तेरी छिनाल बहन नंगी कैसी लगती है. में चुपचाप बेड के पास गया और मेरी बहन का टॉप उतारने लगा तो मेरी बहन मेरा विरोध करने लगी. फिर में मेरी बहन का टॉप जबरदस्ती निकालने की कोशिश करने लगा, लेकिन निकाल नहीं पाया. तभी शेज़ाद को गुस्सा आया, उसने आवाज लगाई और 3 लोग वहाँ से आए, उसने उन लोगों से कहा कि साली को पकड़कर खड़ा करो. फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पकड़ के खड़ा किया और फिर मुझसे बोला चल अपनी बहन को अब नंगा कर. में मेरी बहन की तरफ बढ़ा, मेरी बहन उन लोगों से अपने आपको उनके हाथों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने मेरी बहन को ज़ोर से पकड़ रखा था.

    फिर में अपनी बहन के पास गया और मैंने अपनी बहन का टॉप ऊतार दिया. मेरी बहन ने लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मेरी बहन के बूब्स देखकर सब हवस से भरी नज़रों से उसे देखने लगे. तभी वहां एक दलाल बोला वाह साली के क्या बूब्स है? तो शेज़ाद बोला अरे यार तेरी बहन के बूब्स कितने बड़े है, इतने शानदार बूब्स क्यों छुपा के रखे थे? देख तो कैसे आज़ाद होने के लिए तड़प रहे. फिर शेज़ाद बोला इसकी ब्रा को जल्दी उतार और पूरे बूब्स को देखने दे.

    मैंने उसकी ब्रा खींचकर निकाल दी, जैसे ही ब्रा नीचे ऊतर गयी तो मेरी बहन के बूब्स एक स्प्रिंग की तरह निकल आए, सब मेरी बहन के बूब्स को देख रहे थे. मेरी बहन को जिन लोगों ने पकड़ रखा था, वो मेरी बहन के बूब्स पर हाथ फेरने लगे और कहा शेज़ाद भाई साली के बूब्स कितने मुलायम है. फिर शेज़ाद बोला चल अब अपनी बहन की जीन्स उतार और इस रंडी की चूत के दर्शन करा दे.

    फिर मैंने धीरे-धीरे मेरी बहन की जीन्स के बटन खोल दिए. जैसे ही में अपनी बहन की जीन्स की चैन नीचे करने लगा तो शेज़ाद बोला कि रुक हाथ से नहीं अपने मुँह से चैन खोल. फिर में नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपने मुँह से मेरी बहन की जीन्स की चैन पकड़ी और खोलने लग गया, जैसे ही मैंने मेरी बहन की चैन खोली तो उसकी चूत की स्मेल से में उत्तेजित हो गया. फिर मैंने थोड़ा मेरी बहन की चूत को किस किया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

    शेज़ाद बोला कि देख रंडी तेरा भाई भी तेरी चूत का दीवाना हो गया. ये सुनकर मुझे थोड़ी शर्म आई. फिर में उठा और मेरी बहन की जीन्स निकाल दी, मेरी बहन ने लाल कलर की पेंटी पहनी थी, मेरी बहन पेंटी में क्या कयामत लग रही थी? फिर धीरे- धीरे मुझे भी अपनी बहन को नंगा करने में मज़ा आने लगा और मेरी बहन को सिर्फ़ पेंटी में देख वहाँ के सारे मर्द अपने लंड पर हाथ फेरने लगे. तो मेरा भी लंड पेंट के बाहर आने के लिए तैयार था, शेज़ाद ने शायद ये देख लिया था तो उसने कहा कि सब लोग देखो तो कैसे अपनी बहन को नंगा देखकर इसका भी लंड खड़ा हो गया, तो वो सब लोग मेरे लंड की और देखने लगे.

    फिर शेज़ाद बोला क्यों भडवे अपनी बहन को नंगा करने में कैसा लगा? तो में बोला बहुत मज़ा आया भाई. तो शेजाद बोला तेरी बहन है ही इतनी अच्छी माल कि बुड्डे का भी लंड खड़ा हो जायेगा. चल अब अपनी बहन की चूत दिखा. फिर मैंने अपनी बहन की पेंटी को नीचे घुटनो तक ऊतार दिया और कहा कि देखो मेरी बहन की चिकनी चूत कैसी लगी?

    सब लोग बोले मस्त है यार तेरी बहन की चूत. फिर शेज़ाद उठा और मेरी बहन को उठाकर बेड पर फेंक दिया और उसको चूमने लगा, मेरी बहन उसका विरोध कर रही थी, लेकिन कुछ कर नहीं पाई. शेज़ाद मेरी बहन के बदन को किस कर रहा था और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था, उसके निपल्स को काट रहा था, फिर चूस रहा था, वो एक जानवर की तरह मेरी बहन के हर अंग के साथ खेल रहा था, मेरी बहन चिल्ला रही थी प्लीज छोड़ो जाने दो, आह्ह्ह आहह ऊहह आअहह.

    फिर शेज़ाद ने एक उंगली मेरी बहन की चूत में डाल दी, और जैसे ही उंगली चूत में अंदर गयी तो मेरी बहन ज़ोर से चिल्ला उठी आआआआहह. फिर शेज़ाद मेरी बहन की चूत को चाटने लगा, मेरी बहन अब गर्म हो चुकी थी, उसका चिल्लाना बंद हो गया था. फिर वो सिसकारियां भरने लगी.. आह्ह्ह्हह ऊहह.

    फिर थोड़ी देर तक मेरी बहन की चूत को चाटने के बाद शेज़ाद उठ गया और नंगा हो गया और मेरी बहन को बोला ले छिनाल चल चूस मेरा लंड, तो मेरी बहन चुपचाप शेज़ाद का लंड चूसने लगी. मेरी बहन मस्त होकर शेज़ाद का लंड चूस रही थी तो शेज़ाद बोला देख तेरी बहन क्या मस्त मेरा लंड चूस रही है? एकदम रंडी की तरह साली को लंड बहुत पसंद है.

    फिर शेज़ाद ने मेरी बहन की दोनों टाँगे फैलाई और अपना लंड मेरी बहन की चूत पर रखा और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, जैसे ही लंड अंदर गया मेरी बहन चिल्ला उठी आहाआहह. फिर शेज़ाद ने और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो शेज़ाद का पूरा लंड मेरी बहन की चूत में चला गया. मेरी बहन दर्द के कारण तड़प रही थी, लेकिन शेज़ाद को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मेरी बहन की चिल्लाने की आवाज़ सुनकर में बहुत डर गया.

    मैंने शेज़ाद भाई से कहा प्लीज धीरे-धीरे से चोदो भाई, उसकी चूत में दर्द हो रहा है, तो शेज़ाद गुस्से में बोला चुप बे साले भडवे, बहन के दलाल, ये मेरी रंडी है, में जैसे चाहूँगा वैसे करूँगा, तू बीच में बोलने वाला कौन होता है और वो मेरी बहन को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, मेरी बहन के आँखो से आसूं निकलने लगे थे. फिर में चुपचाप खड़ा होकर मेरी बहन को चुदते हुए देखने लगा. मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी प्लीज धीरे करो अया हाह्ह्ह्हह आआहह में मर गयी. लेकिन शेज़ाद कहाँ सुनने वाला था, वो मेरी बहन की चूत चोदे जा रहा था, फिर करीब एक घंटे तक चोदने के बाद उसने मेरी बहन की चूत में अपना पानी छोड़ दिया और मेरी बहन के बदन पर गिर गया.

    फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी बहन के बदन से उठा तो देखा कि मेरी बहन की चूत एकदम लाल हो गयी थी, उसकी चूत से खून निकल रहा था. फिर शेज़ाद बोला कि जाओ इसको साफ़ करके ले आओ, फिर वहां की दो रंडिया मेरी बहन को बाथरूम में ले गयी और उसकी चूत साफ करके वापस ही नंगी ले आई और बेड पर बैठा दिया.

    शेज़ाद ने वहां की एक रंडी को अपना लंड चुसाया तो फिर से उसका लंड खड़ा हो गया. फिर उसने मुझसे कहा कि चल अपनी बहन को कुत्तिया की तरह बैठा और उसकी गांड चाटने लग जा, में अब इसकी गांड मारूँगा. मैंने कहा प्लीज़ शेज़ाद भाई आज मत करो मेरी बहन थक गयी है कल चोद लेना, तो शेज़ाद ने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मारा और कहा साले हरामी रंडी की औलाद जो कह रहा हूँ वो कर. फिर उसने अपने आदमी से कहा साले का मुँह इसकी बहन की गांड में डालो तो दो आदमी उठे और मेरे मुँह को मेरी बहन की गांड में घुसा दिया और ना चाटते हुए मुझे मेरी बहन की गांड को चाटना पड़ा, मेरी बहन कराह रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक गांड चाटने के बाद शेज़ाद बोला चल बाजू में हट, तो में हट गया.

    फिर उसने कहा चल अपनी बहन की गांड फैला और मेरा लंड पकड़कर अपनी बहन की गांड में डाल दे. फिर मैंने मेरी बहन की गांड फैलाई और एक हाथ से शेज़ाद का लंड पकड़ा और मेरी बहन की गांड के होल पर रख दिया. फिर वैसे ही शेज़ाद ने ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड मेरी बहन की गांड में डाल दिया, मेरी बहन को इतना ज़ोर से दर्द हुआ कि वो बेड पर गिर गयी.

    शेज़ाद ने मेरी बहन की कमर को पकड़ा और उसको कुतिया बनाकर उसकी गांड चोदने लगा. मेरी बहन ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी लेकिन शेज़ाद मेरी बहन की गांड मारे जा रहा था. फिर शेज़ाद अपने एक आदमी से बोला कि साली के मुँह में लंड डाल. तो बिना टाईम लगाये वो नंगा हो गया और मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया, अब वो दोनों मेरी बहन को चोद रहे थे.

    फिर करीब 45 मिनट तक मेरी बहन की गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी बहन की गांड में डाल दिया, जो आदमी मेरी बहन का मुँह चोद रहा था, उसने अपना पानी मेरी बहन के मुँह में डाल दिया और ना चाहते हुए भी मेरी बहन को उसका पानी पीना पड़ा. फिर जैसे ही वो दोनों हट गये, मेरी बहन बेड पर गिर गयी, मेरी बहन इतनी ज़बरदस्ती चुदाई के बाद थक गयी थी. फिर शेज़ाद अपने बाकी 5 साथियों को बोला अब तुम मजे कर लो, फिर मेरी बहन रोने लगी कि प्लीज़ अभी नहीं, में बहुत थक गयी हूँ. लेकिन उन आदमीयों ने मेरी बहन की कुछ ना सुनी और जल्दी से नंगे हो गये और मेरी बहन पर जानवरों की तरह टूट पड़े. कोई उसकी चूत चाट रहा था, कोई उसके बूब्स, तो कोई उसकी गांड चाट रहा था, पांचो आदमी मेरी बहन के बदन से खेल रहे थे. फिर एक आदमी ने मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको चोदने लगा, दूसरे ने मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया और बाकी के लोगों ने मेरी बहन के हाथ में लंड दिए और मेरी बहन के बदन से खेलने लगे.

    फिर पहले आदमी का होने के बाद दूसरा आदमी उसकी चूत चोदने लगा, फिर तीसरा, ऐसे करके पांचो ने मेरी बहन की चूत मारी. फिर थोड़ी देर रुकने के बाद सबके लंड फिर से खड़े हो गये, फिर मेरी बहन की चूत और गांड में एक साथ लंड डाल दिए और चोदने लग गये, मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी, वो सब मेरी बहन को और ज़ोर-जोर से चोद रहे थे. शाम के 5 बजे से 8 बजे तक मेरी बहन की लगातार चुदाई हुई. उसके बाद शेजाद ने हमें घर छोड़ दिया और मेरी बहन और में उसे एक हादसा समझकर भूल गये.

  • मौसी के साथ वेलेंटाइन डे मनाया

    हैल्लो दोस्तों, सभी पाठको को मेरा सलाम, मेरा नाम रोहन है, मेरी उम्र 27 और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5.8 इंच है, बॉडी नॉर्मल और रंग सांवला है और मेरा लंड 6 इंच लंबा है. दोस्तों आज में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे सपनों को साकार करने का प्रतीत है. यह आज से कुछ दिन पहले की बात है जिस दिन वेलेंटाइन था.

    में घर पर बिल्कुल अकेला ही था और मेरी बड़ी बहन उसके हॉस्पिटल में गई हुई थी और छोटा भाई भी किसी काम से बाहर गया हुआ था और मम्मी, पापा किसी रिश्तेदार की शादी में हफ्ते भर से बाहर थे और में यह बात जानता था कि में आज घर में रात के 8-9 बजे तक अकेला ही हूँ. तो में कंप्यूटर पर बैठे सर्फिंग कर रहा था कि तभी दोपहर के 12 बजे के करीब मेरे मोबाइल की घंटी बजी और मैंने कॉल उठाया तो वो मेरी सबसे छोटी मौसी का कॉल था. दोस्तों फोन की आगे की बातें बताने से पहले में मेरी मौसी का परिचय करना चाहूँगा, वो एक 40 साल की एक विधवा औरत है और उनकी एक बेटी है, लेकिन वो भी मुंबई में ही रहती है. उनका रंग गोरा है और हाईट 5.2 इंच है और उनका फिगर एकदम कमाल का सेक्सी है उसका साईज 34-28-36 है.

    में उनके साथ भी हमेशा फ्लर्ट करता रहता हूँ और वो भी मेरी बातों का बराबर जवाब देती है. फिर मैंने उनका कॉल उठाया और हमेशा की तरह मैंने उनसे बात शुरू कर दी. हैल्लो सेक्सी, कैसी हो? और इतने सुबह कैसे याद किया? मौसी थोड़ी हंस पड़ी और बोली कि शायद तू कहीं बाहर है इसलिए ऐसा कह रहा है? तो मैंने बोला कि नहीं में तो बस आपके ही कॉल का इंतजार कर रहा था और में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ. वो बोली कि ऐसा क्यों? मैंने बताया कि आज वेलेंटाइन है और आपसे ज़्यादा दूसरी खूबसूरत लड़की याद ही नहीं आ रही, वो हंस पड़ी और बोली कि में यहाँ तुम्हारे घर के पास वाले सुनार के यहाँ पर आई हूँ और में घर का फोन ट्राई कर रही थी, लेकिन कॉल ही नहीं जा रहा था, इसलिए तुम्हे याद किया.

    मैंने कहा कि चलो मुझे काम से ही सही, लेकिन याद तो किया, कहो क्या खिदमत करूं में आपकी? तो मौसी बोली कि क्या तुम यहाँ पर आ सकते हो मुझे थोड़ा और सामान भी लेना है. मैंने थोड़ा सोचा और फिर हाँ कर दी और मैंने तुरंत तैयार होकर घर लॉक किया और मौसी से मिलने बाहर निकाला. में जब सुनार के यहाँ पर पहुँचा तो में बस उन्हे देखता ही रह गया, क्योंकि मौसी ने एक मस्त सी काली कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और काले कलर का ब्लाउज जो कि पीछे से खुला हुआ था और बस पतली सी डोरी से अटका हुआ था और सामने की तरफ से मौसी की थोड़ी छाती दिख रही थी और वो ग़ज़ब की सेक्सी दिख रही थी. तो मैंने कुछ देर इंतज़ार किया और फिर मौसी सामान लेकर बाहर आ गयी, मैंने उनसे सामान लिया और फिर बोलने लगा कि

    में : अरे क्या बात है आज शायद वेलेंटाइन बनाने का इरादा है?

    मौसी : लेकिन तुम्हे ऐसा क्यों लगा?

    में : इतनी सेक्सी दिख रही हो कि थोड़े टाइम के लिए में खुद को कोस रहा था.

    मौसी : क्यों कोस रहे थे?

    में : क्योंकि आप मेरी मौसी है और दिल कर रहा था कि अभी आपको प्रपोज़ कर दूँ.

    तो मौसी हंस पड़ी और बोली कि तू पागल ही है और तू मेरे साथ हमेशा ऐसी ही बातें करता रहता है.

    में : अगर आप कहो तो में बात करना बंद कर दूँ?

    मौसी : मैंने ऐसा कब कहा कि मुझे तुम्हारी बातों से ऐतराज़ है?

    में : तो में क्या एक और बात कहूँ?

    मौसी : हाँ बोलो?

    में : क्या में जब तक आपके साथ बाहर हूँ, तब तक क्या में आपको नाम से बुला सकता हूँ?

    मौसी : वो क्यों? और वो मेरी तरफ देख रही थी.

    में : बस ऐसे ही और में सर झुकाकर खड़ा हुआ था.

    मौसी : लेकिन ऐसे ही क्यों इसकी कोई ख़ास वजह?

    तब मैंने मेरा चेहरा उठाया तो उन्हे हल्का मुस्कुराता हुआ पाया.

    में : वो बात यह है कि आज वेलेंटाइन डे है और आज के दिन हर कोई अपने पार्ट्नर के साथ रहता है और मेरी तो फिलहाल कोई पार्ट्नर नहीं है. तो मैंने सोचा जब तक आपके साथ हूँ तब तक थोड़ा एंजाय करूं, आपको अपनी गर्लफ्रेंड की तरफ घुमाऊँ, लेकिन आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो और में मौसी को देखता ही रह गया. वो ज़ोर से हंस पड़ी और बोली कि तुम सच में पागल ही हो, चलो अब कोई बात नहीं, हम जब तक बाहर है तब तक में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और तुम मेरा नाम ले सकते हो.

    में : धन्यवाद मौसी.

    मौसी : क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड को मौसी बुलाते हो? तो में हंस दिया और बोला कि ओह सॉरी निशा.

    मौसी : हाँ अब ठीक लगा सुनकर.

    फिर हम एक मॉल में चले गये. मौसी को वहां पर उनकी बेटी के लिए शॉपिंग करना था क्योंकि वो कुछ दिनों बाद अपने कॉलेज की तरफ से पिकनिक पर गोवा जा रही थी. तो मौसी जीन्स और कुछ टॉप्स खरीद रही थी तभी में उनके पास में आया और उनके पीछे से कमर पर हाथ रखते हुए अपनी तरफ खींचा, मौसी थोड़ी चौंक गयी और बोली कि रोहन यह क्या कर रहे हो?

    में : निशा में बस तुम्हारी कमर का नाप ले रहा हूँ कहीं तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना?

    तभी वो शांत हुई और फिर से मुस्कुराती हुई बोली कि मुझसे पूछ लेते तो में क्या तुमसे छुपाती थोड़े?

    में : अगर में तुमसे पूछ लेता तो तुम्हारी कमर को छूने का मौका नहीं मिलता और में मुस्कुराकर देख रहा था.

    मौसी : ठीक मेरी कमर 28 है क्या और कुछ पूछना है?

    में : बस कुछ छूना बाकी है और यह कहते हुए मैंने कमर से हाथ निकालते टाइम उनकी गांड को सहला दिया और उनके चेहरे की तरफ देखता रहा, लेकिन उन्होंने एसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, बस हल्की सी मुस्कुराई.

    तो मैंने फिर उनसे पूछा कि आपका साइज़ क्या है?

    मौसी : तुझे वो क्यों जानना है?

    में : बस एक गिफ्ट देना है इसलिए.

    तो वो शायद समझ गयी कि गिफ्ट क्या होगा और मुस्कुराकर देख रही थी और फिर वो बोली कि 34, और मैंने खुश होकर उनके बूब्स की तरफ देखा और कहा कि वाह बहुत मस्त है.

    मौसी : अब मुझे शॉपिंग करने दे.

    फिर मैंने कुछ देर बाद उन्हे वहीं पर छोड़ दिया, वो अपनी खरीददारी में व्यस्त थी और में कुछ समय बाद घूमने के बहाने मॉल के दूसरी तरफ गया और मैंने वहां से मौसी के लिए डोरी वाली ब्रा और एक काली कलर की पेंटी और एक काली कलर की टी-शर्ट ली और एक शर्ट और फिर में लेकर मौसी के पास पहुंचा. उनकी शॉपिंग भी लगभग ख़त्म ही हो गई थी, मुझे देखकर वो पूछने लगी कि कहाँ चला गया था?

    में : आप तो मुझे भाव ही नहीं दे रही थी तो में किसी और को ढूंढने चला गया था.

    मौसी : क्या कोई मिली?

    में : निशा तुम्हे देखने के बाद कोई और अच्छी नहीं लगी तो में तुम्हारे लिए ही कुछ शॉपिंग करके ले आया.

    मौसी : लेकिन इसकी क्या ज़रूरत थी? और मैंने तो नहीं कहा था.

    में : निशा आज वेलेंटाइन डे है और में मेरी गर्लफ्रेंड को बिना गिफ्ट दिए कैसे छोड़ सकता हूँ? और में मुस्कुराकर उनकी तरफ देखने लगा.

    मौसी : क्यों क्या लाए हो? अब वो तो बताओ.

    में : नहीं, वो तो में घर पर चलकर ही बताऊंगा.

    मौसी : चलो फिर ठीक है.

    फिर शॉपिंग ख़त्म हुई और हम वहीं पर एक रेस्टोरेंट में लंच के लिए गये और सामान पकड़कर मौसी के साथ घर पर चला आया और जब में लॉक खोल रहा था तो मौसी पूछने लगी कि क्या घर पर कोई नहीं है?

    में : तुम आने वाली थी तो मैंने सभी को घर से भगा दिया, आख़िर तुम्हारे साथ थोड़ा टाईम अकेले में भी बिताने का मौका मिलेगा और दरवाज़ा खोलकर हम अंदर चले गये. तो मैंने दरवाज़ा लॉक किया और फिर हम एक ही सोफे पर बैठ गये और थोड़ी देर साँस लेने के बाद मैंने बोला कि निशा, प्रिया ( मौसी की बेटी ) कितने दिनों के लिए गोवा जा रही है?

    मौसी : अब हम घर आ गये है और अब तुम मुझे नाम से मत बुलाओ.

    में : जब तक हम अकेले है तब तक तो मुझे मेरी गर्लफ्रेंड का नाम लेने दो.

    मौसी : अरे हाँ मुझे गर्लफ्रेंड से याद आया क्यों तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए क्या गिफ्ट खरीदा?

    में : वो में आपको क्यों बताऊ? मेरी गर्लफ्रेंड के लिए है मौसी, में उन्हे जानबूझ कर चिढ़ा रहा था.

    मौसी : ठीक है बाबा जब तक कोई नहीं आता तो तुम मुझे गर्लफ्रेंड ही समझो, क्यों अब खुश हो ना?

    तो में झटसे उनके गले लग गया और फिर बोला कि हाँ डबल खुश और में सोफे से उठकर खड़ा हुआ और मेरा बेग लेने लगा.

    मौसी : प्रिया 5 दिन के लिए गोवा जा रही है.

    में : क्या तुम भी कभी मेरे साथ गोवा चलोगी?

    मौसी : में अब वहां पर जाकर क्या करूंगी? मेरी तो उम्र हो गयी है.

    तो मैंने गिफ्ट का बॉक्स निकाला और उन्हे देते हुए कहा कि में तो आपको आज भी दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मानता हूँ और में कुछ देर तक उन्हे देखता ही रह गया. मौसी को थोड़ा अजीब सा महससू हुआ और फिर वो बोली कि मेरे लिए क्या है, बताओ?

    तो मैंने सबसे पहले उनका टी-शर्ट का बॉक्स खोला और उन्हे दिखाया, वो हंस पढ़ी और बोली कि वो टी-शर्ट का क्या करेगी?

    में : प्लीज निशा एक बार मेरे लिए पहनोगी.

    तो मौसी थोड़ा हिचकिचाई और फिर कहने लगी कि लेकिन इसके नीचे पहनने के लिए जीन्स नहीं है और ना ही कोई पेंट फिर इसका क्या फायदा? तो में मुस्कुराया और मैंने उनके लिए खरीदकर लाया हुआ शॉर्ट्स का बॉक्स खोला और उनको वो शॉर्ट्स दिखाया.

    मौसी : इतना छोटा में नहीं पहन सकती क्या तुम पागल तो नहीं हो गये हो? में यह कैसे पहन सकती हूँ?

    में : प्लीज निशा तुम्हे में और भी बोल्ड और सेक्सी देखना चाहता हूँ. प्लीज एक बार मेरे लिए पहनोगी और आज घर में कोई भी नहीं है सभी लोग रात को देर से आएँगे तो तुम यह सब बे झिझक पहन सकती हो.

    मौसी : लेकिन?

    तो में उनकी बात को काटते हुए बोला कि लेकिन वेकिन कुछ नहीं, तुम्हे बस आज यह पहनना है, मौसी मुस्कुराकर बोली कि और तू क्या क्या शैतानी सोच रहा है और यह दूसरा डिब्बा किस के लिए है? तो में बोला कि निशा तुम्हारे लिए ही है.

    मौसी : इसमें क्या है?

    में : तुम खुद ही देख लो और मैंने वो डिब्बा आगे कर दिया. उन्होंने जैसे ही डिब्बा खोला तो वो चौंककर सिर्फ़ देखती ही रह गई.

    मौसी : यह क्या है? में तो यह सब बिल्कुल भी नहीं पहन सकती हूँ.

    में : प्लीज निशा सिर्फ एक बार मेरे लिए.

    मौसी : नहीं मतलब कि नहीं.

    में : यह तुम पहनोगी तो उसके ऊपर से यह टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन लेना कुछ नहीं होगा प्लीज.

    मौसी : नहीं रोहन, यह सब मुझसे नहीं होगा.

    में : प्लीज निशा, वरना मेरा दिल टूट जाएगा.

    मौसी : मैंने एक बार नहीं कहा ना और वो एकदम उठकर अंदर के रूम में चली गई.

    तो में बाहर ही हॉल में बैठा हुआ दुखी हो रहा था और जब में अंदर गया तो देखा कि दरवाज़ा बंद था मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो मौसी अंदर से बोली कि रोहन अभी कुछ मत कहो. मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था और तुम मेरे साथ ऐसा सोचते हो तुम्हे तो शरम आनी चाहिए. तो में वहीं दरवाज़े पर बैठ गया और रोने लगा, में रोते हुए उससे बात भी करने लगा.

    में : मौसी में जब 10th में था, तब से ही में आपको पसंद करता हूँ और में यह नहीं जानता हूँ कि में जो कुछ भी सोच रहा हूँ वो सही है या ग़लत, लेकिन मेरा दिल हमेशा से तुम्हे ही चाहता आया है और अब तक कई लड़कियाँ मेरी ज़िंदगी में आई और चली गयी, लेकिन आप आज भी मेरे लिए बहुत ही ख़ास हो.

    मौसी : चुप करो यह सब, तुम पागल हो गये हो और ऐसा कभी भी नहीं हो सकता.

    में : प्लीज मौसी ऐसा मत कहो में सच में आपको बहुत प्यार करता हूँ.

    मौसी : प्लीज चुप हो जाओ.

    में : मौसी सच में, में आज भी आपके ही सपनो में डूबा रहता हूँ.

    मौसी : प्लीज अब बस करो.

    में : मौसी में चुप हो जाऊंगा, लेकिन पहले आप मेरे सवाल का जवाब दो.

    मौसी : कैसा सवाल?

    में : में जब भी आपसे फोन पर बात करता तो हमेशा आपसे फ्लर्ट करता था, लेकिन तब भी आपने कभी मुझे क्यों नहीं रोका?

    मौसी : वो तो तुम मुझसे मज़ाक करते थे इसलिए में भी.

    में : पहले अपने दिल से पूछो कि में जब भी फ्लर्ट करता था तो तुम्हारे चेहरे पर जो मुस्कान आती थी, क्या वो झूठी थी? तो मौसी का कोई जवाब नहीं आया और वो बिल्कुल चुपचाप हो गई.

    में : में हमेशा आपके एक बुलावे पर हाज़िर हो जाता था और आप भी यह जानती थी कि में आपको पसंद करता हूँ फिर आप ही बताओ कि क्या आपने अपने काम के लिए मेरा फायदा नहीं उठाया?

    तो अब भी मौसी को कोई जवाब नहीं आया. तो मैंने थोड़ी देर इंतजार किया और फिर में बोला, सॉरी मौसी में यह सब नहीं कहना चाहता था, लेकिन मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि आज वेलेंटाइन डे है और आज सबसे पहले मैंने जब आपका कॉल देखा तो बस दिल में एक ही ख्याल आया कि शायद आज में आपसे यह बात कर लूँ तो मैंने ऐसा ही किया, लेकिन मेरी किस्मत ही खराब है. में फिर से दरवाज़े पर खड़ा हुआ और बोला कि में सिर्फ़ आप से एक ही बात पूछना चाहूँगा निशा क्या तुम मेरा वेलेंटाइन बनना चाहोगी?

    में कुछ और मिनट वहीं पर खड़ा रहा और फिर में निराश होकर बाहर हॉल की तरफ जाने लगा. तभी पीछे से दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और मौसी सामने ही खड़ी हुई थी और वो भी रो रही थी. तो मुझसे देखा नहीं गया और में फिर से घूमकर हॉल की तरफ जाने लगा तो तभी पीछे से आवाज़ आई हाँ और में चौंक कर रुक गया और मैंने घूमकर मौसी की तरफ देखा तो वो तभी हल्की सी मुस्कुराई और फिर से बोली कि हाँ में बनना चाहती हूँ. में बस उनकी तरफ दौड़ा और उन्हे कसकर गले लगा लिया और एक टाईट किस लिया. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और करीब 10 मिनट के किस के बाद वो बोली कि मुझे माफ़ कर दो. तो मैंने फिर से किस लिया और कहा कि लेकिन में एक शर्त पर माफ़ करूँगा वो मुस्कुराई और बोली कि वो कौन सी शर्त?

    में : मेरे गिफ्ट को अपनाना होगा?

    मौसी : बस इतनी सी बात, में अभी ट्राई करती हूँ.

    तो वो मेरा हाथ पकड़कर हॉल में चली आई और वो मेरे गिफ्ट को उठाने के लिए झुकी तो मैंने सीधा पीछे से उनके बूब्स को पकड़ लिया और बहुत ज़ोर से दबा दिया.

    मौसी : अह्ह्ह प्लीज छोड़ो पहले तुम्हारे गिफ्ट को तो ट्राई करने दो.

    में तो उन्हे देख रहा था, वो उस वक्त पूरी शरारत से भरी हुई थी.

    में : निशा मेरे सामने ही बदलना.

    मौसी : ठीक है मेरी जानू.

    पहली बार मौसी के मुहं से जानू शब्द सुनकर में सातवें आसमान पर सैर करने लगा और मैंने फिर से उन्हे मेरी तरफ खींचा और ज़ोर से स्मूच कर लिया और जैसे ही उन्हे छोड़ा तो वो बोली कि तुम बहुत शरारती हो.

    में : इतने सालों से में आज के दिन का ही इंतजार कर रहा था.

    मौसी : तो अब थोड़ा और इंतजार करो.

    में : नहीं होता जानेमन, लेकिन तुम कहती हो तो में मेहनत ज़रूर करूँगा.

    फिर हम दोनों अंदर के रूम में चले गये और मौसी ने अपनी साड़ी को उतार दिया में बस देख ही रहा था, वाह निशा तुम्हारा बहुत कमाल का फिगर है.

    मौसी : तुम यूँ समझो कि यह तुम्हारे लिए ही है और उन्होंने मेरी तरफ आँख मारी.

    फिर वो अपने ब्लाउज को धीरे धीरे खोलने लगी. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और मेरी जीन्स के ऊपर से उभरकर साफ नज़र आ रहा था.

    मौसी : क्या में तुम्हारी जीन्स उतारने में मदद करूं?

    तो में मुस्कुराया और कहा कि शोक से जानेमन. मौसी फिर से मेरी तरफ आई और उसने मेरी जीन्स को धीरे धीरे करके नीचे उतार दिया. मेरा लंड अंडरवियर में तंबू की तरह खड़ा हुआ था. मौसी अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को छूकर बोली कि यह बहुत परेशान नज़र आ रहा है.

    में : हाँ आपकी वजह से.

    तो उन्होंने मेरी जीन्स को दूर फेंक दिया और बोली कि जब तक में तुम्हारा गिफ्ट ट्राई ना कर लूँ, इसे छूना मत और इतना कहकर उन्होंने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से हल्का सा किस किया. में कुर्सी पर अंडरवियर में बैठा हुआ था और फिर मौसी ने धीरे धीरे अपना पेटीकोट उतार दिया और वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी और मेरा लंड बस फूंकार भर रहा था. दिल कर रहा था कि उन्हे अभी चोद दूँ फिर वो मुझे चिढ़ाते हुए पीछे मुड़ी और अपनी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उनकी झांटे भी साफ थी और चूत बिल्कुल दूध की तरह नज़र आ रही थी. गोरा बदन, बड़े बड़े बूब्स और उस पर हल्के भूरे कलर की निप्पल.

    मौसी : अब तुम बताओ कि में क्या ट्राई करूं यह ब्रा या पेंटी?

    में : अब कुछ ट्राई नहीं भी करोगी तो भी चलेगा.

    मौसी : अगर यह बात है तो तुम्हारा गिफ्ट खराब हो जाएगा.

    में : निशा प्लीज थोड़ा इधर आओगी.

    तो मौसी मेरी तरफ चलते हुए आई और मेरे चेहरे के सामने घूमकर पूछा कि कहो क्या चाहिए? मैंने बस मेरे हाथों से उनका चेहरा पकड़ा और स्मूच करने लगा, वो भी मस्त होकर स्मूच करने लगी. जब उसने भी मेरा चेहरा पकड़कर स्मूच लगातार किया तो में अपने हाथों को उसके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा और ज़ोर से निप्पल पर दबा दिया जिससे उनकी हल्की सी चीख निकल गयी और स्मूच टूट गया.

    मौसी : प्लीज, थोड़ा आराम से करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

    में : यह हुई ना बात.

    तो में खड़ा हो गया और उन्हे दीवार की तरफ खड़ा किया और में ज़ोर ज़ोर से स्मूच करने लगा. वाह क्या मज़ा आ रहा था? में उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था, लेकिन मेरे स्मूच करने की वजह से उनकी कोई भी आवाज नहीं निकली और फिर में उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनके बूब्स पर पहुंच गया. मैंने उनके निप्पल को काटना शुरू किया और वो पागलों की तरह मोन करने लगी और में अपना दूसरा हाथ नीचे उनकी चूत पर ले गया और धीरे धीरे सहलाने लगा.

    मैंने महसूस किया कि उनकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और फिर में अपनी उंगली उनकी चूत में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा और इस बीच उन्होंने मेरा सर पकड़कर जमकर किस लिया और कहा कि प्लीज अब रहा नहीं जाता, बस छोड़ दो मुझे. तो में तभी अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर खड़ा हो गया और कहा कि तुम्हे मेरे कपड़े उतारने होंगे और वो मेरी तरफ बढ़ी और मेरा अंडरवियर निकालने लगी.

    में एक बार अपने अंडरवियर में झड़ चुका था जिसकी वजह से वो गीली नज़र आ रही थी. तो मैंने कहा कि पहले ऊपर से मेरे कपड़े उतारो और फिर अंडरवियर. उसने फिर से नीचे से ऊपर आते हुए मेरी टी-शर्ट को खींचा और उतारकर फेंक दिया और फिर मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और अब में भी नंगा हो गया था और मेरा लंड पूरी तरह जोश में तनकर खड़ा हुआ था.

    मौसी बोली कि इतने सालों के बाद आज में लंड देख रही हूँ काश तुम आज की तरह पहले मुझसे मिले होते और उन्होंने सीधा मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, में खुशी से पागल हो रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. क्योंकि मौसी बहुत ज़ोर से चूस रही थी. में समझ गया कि में ज़्यादा देर तक संभाल नहीं सकूँगा और कुछ देर के बाद मैंने मेरा पूरा वीर्य उनके मुहं में डाल दिया और वो पूरा पी गयी, उन्होंने फिर से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया. जिसकी वजह से मेरा लंड फिर से तन गया और वो फिर से मेरे ऊपर आई और उसने फिर से स्मूच किया और हम दोनों फिर से बिस्तर पर थे. एक दूसरे को स्मूच करते हुए हमे जन्नत का अहसास महसूस हो रहा था. तो मैंने कहा कि मौसी अब मुझे आपकी चूत के अंदर लंड डालना है.

    मौसी : में अब तुम्हारी निशा हूँ, मौसी नहीं और अकेले में आज के बाद बस मेरा नाम लेना.

    तो मैंने उनको फिर से एक किया और कहा कि ठीक है निशा. मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उनकी चूत के दरवाजे पर रखकर धीरे धीरे घिसते हुए ऊपर उनके होठों का रस पी रहा था, लेकिन मौसी जैसे लंड लेने के लिए तड़प रही हो ऐसे सिसकियाँ ले रही थी और वो लंड को पकड़कर उनकी चूत में डालने की कोशिश करने लगी. तो में समझ गया कि अब वक़्त आ गया है उनकी चूत को चोदने का.

    मैंने उनके रसीले होंठो को छोड़ा और खड़ा होते हुए उन्हे बेड पर आधा लेटाया, जिससे उनका पैर ज़मीन पर था और फिर मैंने उनके पैरों को उठाकर मेरे कंधे पर रखा और मेरे लंड को धीरे से उनकी चूत के मुहं पर दबाने लगा. वो बस चीख पड़ी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह् रोहन आईईइ कितना बड़ा है तुम्हारा लंड बस अंदर से अब बाहर मत निकलना और बस फाड़ दे आज मेरी प्यासी चूत को, यह बहुत तड़पती है. मेरी चूत ने इतने साल में लंड लिया है.

    मैंने मुस्कुराकर उन्हे देखा और फिर से एक ज़ोर का झटका दिया जिससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो बस बेड पर एकदम उछल सी पड़ी, लेकिन उनके पैर मेरे कंधे पर होने की वजह से वो ज़्यादा कुछ ना कर सकी. फिर मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और मैंने देखा कि मौसी भी अपनी गांड को उछाल रही थी और मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर था, लेकिन दोस्तों मौसी की चूत क्या ग़ज़ब की टाईट थी. मेरा लंड हर एक धक्के पर उसकी चूत की दीवार से रगड़ खाकर अंदर बहर हो रहा था, जिसका मुझे अब धीरे धीरे अहसास होने लगा था.

    में : निशा तेरी चूत इतनी टाईट है, क्या तुम्हारा पति तुम्हे चोदता नहीं था?

    मौसी : उन्हे गुज़रे हुए 15 साल हो गये है और उनके छोटे से लंड से शायद ही कभी मेरी चूत फटी होगी.

    में : ठीक है आज से में ख्याल रखूँगा और अब में तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूँगा.

    तो मैंने उनके ऊपर आकर एक स्मूच ली, मौसी बहुत गीली हो चुकी थी और पूरे रूम में मेरे हर धक्के पर फकच फकच की आवाज़ आ रही थी और आवाज़ से में और भी उत्साहित हो रहा था. करीब 15 मिनट के बाद में भी अब झड़ने वाला था तो मैंने मौसी से बोला कि निशा अब में भी झड़ने वाला हूँ, बोलो अब में क्या करूं और यह वीर्य कहाँ निकालूं?

    मौसी : प्लीज मेरे अंदर ही गिराना, में बहुत सालों से प्यासी हूँ, प्लीज रोहन.

    फिर क्या था? मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किये और कुछ ही पल में मैंने मेरा सारा माल मौसी की चूत में डाल दिया और में उनके ऊपर कुछ देर तक लेटा रहा और हम दोनों ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रहे थे और मौसी भी अब झड़ चुकी थी और वो भी हांफ रही थी. मैंने फिर से उनका स्मूच लिया और उन्हे कहा कि “हैप्पी वेलेंटाइन डे” तो वो भी मुस्कुराई और बोली कि हमारे पास वेलेंटाइन डे मनाने के लिए रात 8 बजे तक का वक़्त है इसलिए में आज पूरी रात मनाना चाहूँगी. तो मैंने फिर से मौसी को चूमा और उसके बाद मैंने मौसी को दो बार और चोदा.

  • दो परिवारों का मिलन

    हैल्लो फ्रेंड्स, में अपनी छोटी बहन सिमरन (उम्र 23 साल) को रोज चोदने लगा था और माँ उषा (उम्र 48 साल) को भी चोदता था, लेकिन थोड़ा कम, क्योंकि वो ज़्यादातर अपने ऑफिस के बॉस से चुदवा कर ही वापस आती थी वहाँ उन्हें प्रमोशन और मुझसे बड़ा 9 इंच का लंड जो मिलता था. मैंने नेट पर एक नया दोस्त बनाया, उसका नाम विशाल था और उसकी उम्र 21 साल थी, जो अपनी बहन गीता (उम्र 25 साल) और माँ संगीता (उम्र 45 साल) को अपने बाप (उम्र 46 साल) के साथ चोदता था .

    फिर हमने फोन पर बातें की और फिर बाद में गीता ने सिमरन से और मेरी माँ ने उसकी माँ से भी चुदाई की बातें की, तभी उसके बाप ने मेरी माँ से फ़ोन पर कहा बहन जी, आप तो हमारी फेमिली के बारे में जान ही चुकी हैं और हमें भी राज ने सिमरन और आपके बारे में बता दिया है, तो क्यों ना हम एक दिन मिल कर दोनों परिवार खुशियाँ मनायें, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे 2 परिवारों के 3 लंड और 4 चूत.

    माँ : भाई साहब मुझे कुछ सोचने का समय दीजिये.

    विशाल के पापा : जितना मर्ज़ी समय लीजिये, लेकिन भाई साहब ना कहिये, मेरा तो जानेमन तुम्हारी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है. विशाल, राज, सिमरन सब आपस में बात कर चुके हैं मेरी बीवी संगीता, तो कब से अपने नये बेटे राज से चुदवाने को मचल रही है. आप भी तो अपने बेटे राज को अपना पति मान चुकी हैं और मैंने सुना है सिमरन तो आजकल आपको घर में भाभी कहकर बुलाती है.

    माँ : ह्म्‍म्म्म…यह बात है तो आपके लंड महाराज की तो सेवा करनी ही पड़ेगी, ठीक है, जैसी आप सबकी मर्ज़ी, में राज से बात करके फाइनल तारीख तय करके आपको बताती हूँ.

    विशाल के पापा : अपनी बेटी को मेरे लंड का सलाम देना, थैंक्स जानेमन.

    माँ : बाय डियर.

    यह कहकर माँ ने फ़ोन रख दिया. माँ ने जब सारी बात मुझे और सिमरन को बताई, तो हम खुशी के मारे उछल पड़े और हम दोनों भाई-बहन ने माँ का मुँह चूम लिया. फिर सिमरन ने जींस के ऊपर से ही मेरे आधे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया और फिर शुरू हो गया चुदाई का एक नया दौर. फिर मैंने सिमरन की चूत मारी और उसने माँ की चूत को चाट कर शांत किया और चुदाई के बाद माँ बोली कि अगले शनिवार का दिन ठीक रहेगा, वो शाम को आकर हमारे साथ ही रात गुज़ार लेंगे और फाइनल प्रोग्राम बना कर मैंने विशाल को फ़ोन कर दिया कि शनिवार शाम को 8 बजे तक हमारे घर पहुँच जाना.

    फिर हमने नंगे बैठ कर ही फाइनल प्रोग्राम बनाया और फिर प्रोग्राम के अनुसार वो लोग शनिवार को ठीक टाइम से 15 मिनट पहले ही पहुँच गये और वो साथ में 2 वाईन की बोतल और खाना पैक करवा कर लाये थे, जैसे ही डोर बेल बजी सिमरन ने भाग के गेट खोला और विशाल को देखते ही उसने उसे हग किया और लिप किस किया. विशाल के पापा जिनका नाम अमित था, उन्होंने सिमरन को गोद में उठा लिया और पीछे से उसकी गांड को मसलते हुए अंदर ले आये.

    अंदर आते ही मैंने सबकी आपस में पहचान करवाई, जैसे ही मैंने दोनों माँ को आपस में मिलवाया तो वो आपस में लिप किस करके गले मिली और कहा कि मुबारक हो आपको यह नये लंडो की मस्ती और ये बोल कर दोनों हंसने लगी. फिर सिमरन और गीता ने भी किस किया, फिर सिमरन ने गीता का हाथ पकड़कर मेरी पेंट की चैन पर रख दिया और बोली यह लो गीता आपका वेलकम गिफ्ट, गीता बोली माल तो बड़ा ही ज़बरदस्त लग रहा है. उधर विशाल के पापा माँ के बूब्स दबा रहे थे, विशाल पीछे से माँ की पीठ पर किस कर रहा था.

    फिर विशाल की माँ संगीता बोली अरे रुको पहले डिनर तो कर लो, पूरी रात अपनी है, जमकर मस्ती करना. फिर मेरी माँ भी बोली हाँ यही ठीक रहेगा. फिर माँ, संगीता आंटी, सिमरन और गीता सभी किचन में चले गये. हमने ड्रॉइग रूम की टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा ली, उसमें 2 कपल की चुदाई का सीन चल रहा था. फिर विशाल बोला कि यार राज हम तो बाप बेटा आपस में खुले हुए हैं तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना? नहीं यार विशाल में भी अपनी माँ की चूत तक लंड चूस कर ही पहुंचा हूँ.

    विशाल : वो कैसे?

    में : मेरी माँ के बॉस माँ को खूब चोदते थे. जब कहीं जगह नहीं मिलती थी तो घर में ही माँ की बैंड बजाने लगे. जब मुझे पता चला तो वो बोले तू भी कर ले, ये माँ की मज़बूरी थी या वासना पता नहीं पर वो दो चार बार नाटक करके मान गयी.

    फिर बॉस ने एक शर्त रखी कि मुझे उनका लंड चूस कर अपनी माँ की चूत में डालना पड़ेगा. पहले तो अजीब लगा. फिर कुछ दिन के बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा. माँ की चूत से बॉस की मलाई खाने में तो जन्नत का मज़ा आता है.

    विशाल : वाऊऊउ.

    यह कह कर विशाल और उसके पापा ने अपने पजामे निकाल दिए. दोनों ने ही अन्दर अंडरवेयर नहीं पहना था. फिर मैंने भी अपने कपड़े और अंडरवेयर निकाल दिया, तो ब्लू फिल्म में एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था और दूसरा लड़का पहले लड़के को अपना लंड चुसवा रहा था और चुदने वाली लड़की दूसरी लड़की की गांड चाट रही थी. यह देख कर हमारे तीनों के लंड तन गये, मेरा और विशाल का लगभग एक ही साईज़ का था, लेकिन उसका ज़्यादा काला था और विशाल के पापा का हम दोनों से लम्बा और मोटा था. लगभग 9 इंच का तो होगा. फिर हम तीनों एक दूसरे के लंडो को देख ही रहे थे कि तभी सारी लेडीस अंदर आ गयी.

    संगीता : आज, तो तुम सब सब्र कर लो इन कामों से, इतनी मस्त रंडियों के होते हुए.

    विशाल : माँ अब आप तो जानती ही है कि पापा की रबड़ी कितनी टेस्टी है.

    गीता : वो तो है.

    में : डाइनिंग टेबल पर डिनर और ड्रिंक्स तैयार था, लेकिन हम सब आज नंगे हो कर डिनर करेंगे.

    गीता : ग्रेट आइडिया.

    सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, माँ और सिमरन की ब्रा अमित अंकल ने खोली और मैंने संगीता आंटी की पेंटी उतारी और उनकी शेव चूत पर किस किया. जब सब नंगे हो गये, तो सिमरन ने ड्रिंक्स सर्व करना शुरू किया और जल्दी ही सबने 2-2 पैक वोडका के गटक लिए, अब सब मस्ती मे आ चुके थे.

    सिमरन : माँ देखो, अमित अंकल का कितना सुंदर और तगड़ा है.

    माँ : हाँ बेटी, मुझे पता है तेरी चूत इसे लेने के लिए पानी छोड़ रही है.

    माँ ने एक उंगली सिमरन की चूत में डाली और सबको उसका पानी दिखाया, सिमरन माँ की राईट साईड में बैठी थी और अमित अंकल लेफ्ट में बैठे थे. उन्होंने माँ की उंगली को चूसना शुरू कर दिया और अपनी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी.

    अमित अंकल : सिमरन की चूत का टेस्ट तो राज सच में लाजवाब है, लेकिन तुम्हारी माँ की चूत भी बहुत गर्म महसूस हो रही है.

    डाइनिंग टेबल की दूसरी तरफ मेरे और विशाल के बीच में संगीता आंटी बैठी हुई थी. मैंने और विशाल ने उनका एक एक बूब्स हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. संगीता ने विशाल का और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सिमरन और अमित अंकल ने 1-1 पैक सबके लिए और बनाया. फिर हमने वो पिया और डिनर स्टार्ट किया.

    फिर डिनर करने के बाद हम बेडरूम में जाने लगे, तो माँ बोली कि क्यों ना यहीं फ्लोर पर गद्दे लगा कर सारे एक साथ सेक्स करें. तो अमित अंकल बोले गुड आइडिया, फिर मैंने और विशाल ने जब तक गद्दों की सेंटिंग की. तब तक अमित अंकल ने माँ की ऑयल मसाज करनी शुरू कर दी. सिमरन अंकल का लंड चाट रही थी, संगीता आंटी सिमरन की गांड चाटते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

    में : किसी को कंडोम की ज़रूरत तो नहीं है.

    गीता : हमारी फेमिली में तो सबको बिना कंडोम के ही पसंद है.

    माँ : में और गीता भी सेक्स करने के बाद आई-पिल लेते है तो बिना किसी चिंता के खुलकर मज़े लो बेटा.

    माँ का गोरा बदन ऑयल की मसाज के बाद चमक रहा था.

    विशाल : वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और बोल रहा था कि किसी को कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना.

    माँ : नहीं, बेटा बिल्कुल नहीं ये, तो मीठी यादें स्टोर करने का एक तरीका है. मुझ पर फोकस ज़रूर करना जब में तुम्हारे पापा का लंड चूसने लगूं.

    अमित अंकल : अब सब बातें ही करते रहोगे या फिर पहला राउंड शुरू किया जाये.

    सब नंगे, तो पहले से ही थे. फिर बारी बारी माँ ने और सिमरन ने अमित अंकल का लंड चूसना शुरू कर दिया. अमित अंकल ने माँ के बाल पकड़कर खींचे और बोले कि साली कुतिया तू मेरी रांड है. चूस मेरा लंड में आज तुझे माल पिलाऊंगा.

    सिमरन बोली जानू मुझे भी अपनी रांड बना लो, तो अमित अंकल ने माँ के मुँह से लंड निकालकर सिमरन के मुँह में डाल दिया, वो गप गप करके उसे चूसने लगी और माँ उनके लंड के अंडे सहलाने लगी. ऊधर गीता आंटी मेरा और विशाल का लंड चूस रही थी, वो एक का लंड मुँह में लेती तो दूसरे का लंड अपने हाथ से हिलाती, उनके मुँह से लार टपक रही थी और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में एक उंगली डालने की कोशिश कर रही थी.

    संगीता आंटी : मेरा कौनसा बेटा आज पहले अपनी माँ की चूत का उद्घाटन करेगा.

    विशाल : माँ ये हक़ तो मम्मी आज राज को ही मिलना चाहिए.

    संगीता : तुझे अपना वादा याद है ना विशाल?

    में : कैसा वादा?

    संगीता : विशाल ने जब तुम से मरवाने की बात की थी तो तुमने वादा किया था कि वो खुद तुम्हारा लंड पकड़कर चूसकर मेरी चूत में डालेगा.

    में : वाउ, विशाल आ जा जल्दी से.

    फिर विशाल ने मेरा लंड मुँह में लिया और संगीता ने जब तक अपनी टाँगें फैला दी. फिर विशाल ने उसकी चूत पर थूक दिया और फिर अपनी जीभ फेरने लगा, संगीता की फूली हुई चूत पूरी लाल हो चुकी थी. फिर विशाल ने मेरा लंड चूत पर लगाया और बोला बेस्ट ऑफ लक भाई, फिर मैंने संगीता की आँखों में वासना कैद की और देखा, जैसे उसकी आँखे कह रही हो कि जल्दी डाल मेरे कसम और मुस्कुराते हुए एक ही धक्के में मैंने 3 इंच लंड चूत में डाल दिया. ऊधर अमित अंकल सिमरन की चूत चोद रहे थे.

    उनके लंड की बड़ी साईज़ की वज़ह से सिमरन की आँखों में आसूं आ गये थे और माँ सिमरन के मुँह पर अपनी चूत देवी को रखे हुये थी. मैंने संगीता की चूत में धक्कों का तूफान मचा दिया और फिर संगीता ने विशाल को अपनी गांड में लंड डालने को कहा, फिर हमने पोज़िशन थोड़ी चेंज की ताकि वो लंड गांड में डाल सके.

    संगीता : घर पर भी जब मेरे पति मेरी चूत मारते है तो विशाल को गांड में ही जगह मिलती है, क्योंकि उनका लंड तो मेरी गांड में लेना मेरे बस की बात नहीं है. लेकिन गीता एक दो बार हिम्मत करके ले चुकी है और गीता सोफे पर बैठकर अपनी चूत में उँगलियों को अंदर बाहर कर रही थी और वीडियो रिकॉर्डिंग करते करते गीता भी अब तक पूरी गर्म हो चुकी थी. सिमरन अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर अमित अंकल ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और माँ को चाटने के लिए दिया.

    माँ : आपने मेरी बेटी का सही तरह से पूरा रस निकाला है अब अपनी इस रांड पर भी थोड़ा ध्यान दीजिये. यह कहकर माँ डॉगी पोज़िशन में आ गयी और फिर सिमरन ने अंकल की तरफ एक आँख मारी और अंकल का लंड माँ की गांड पर लगा दिया. फिर अंकल ने भी जल्दी से माँ के चूतड़ पकड़कर लंड अंदर धकेल दिया.

    माँ : साली कुतिया बता तो देती कि शेख साहब को इस बार दुबई से आने दे, तेरी गांड का मुरब्बा ना बनवाया, तो में भी तेरी माँ नहीं.

    अमित अंकल : जानेमन, हम क्या शेख साहब से कम है, देखती जाओ हमारे इस लंड महाराज का कमाल.

    माँ : अब धक्के लगाओ तब देखती हूँ.

    अंकल ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी माँ तो पहले ही अनुभवी थी, इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, वो अब खूब इन्जॉय कर रही थी और खुद लंड को पूरा गांड में लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. फिर सिमरन अंकल की गांड को चाटने लगी. अब गीता से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंकल ने माँ को चोदते हुए गीता के बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

    अब सिमरन ने अपनी उँगलियों से गीता की चूत मारनी शुरू कर दी. मुझे और विशाल को संगीता को चोदते हुए 10 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे तो में झड़ने वाला था. शायद विशाल भी झड़ने वाला था. मैंने पूछा जान कहाँ निकालूं तो संगीता बोली मेरे दोनों बेटों जहाँ लंड है वहीं निकालो.

    फिर हम दोनों ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक साथ संगीता की चूत और गांड में झड़ गये. गीता ने कैमरा हम पर ही फोकस किया हुआ था. जैसे ही 2 मिनट के बाद हमारा लंड सिकुड़कर बाहर निकला तो उसकी चूत और गांड में से वीर्य बाहर टपकने लगा. गीता ने कैमरा विशाल को दिया और एक परफेक्ट कुत्तिया की तरह चाटकर अपनी माँ की चूत और गांड से रसमलाई निकाल कर खाने लगी.

    उसकी मस्त गांड मुझे बुला रही थी उसके गुलाबी होल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऊधर अंकल भी सिमरन के मुँह में अपना माल झाड़ रहे थे और सिमरन ने सारा माल मुँह में ले लिया और फिर माँ से उसे शेयर करने लगी. उस रात हम सभी ने गांड और चूत की सेवा की और कब किसने किसकी सेवा की ये तो अब हमें भी याद नहीं रहा और सुबह के चार बजे हम वहीं सारे नंगे ही सो गये और हमने उस रात खूब मजा किया.

  • बेटे ने अपनी माँ को रंडी बनाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बाबूराव है और मेरी बीवी का नाम वन्दना है. उसकी लम्बाई 5.2 और 38-32-38 फिगर है. उसकी उम्र 37 साल है और वो दिखाने में एकदम गोरी चिट्टी है. में मुंबई का रहने वाला हूँ और हमारे दो बच्चे है, लेकिन उस में से एक ही हमारे साथ रहता है और दूसरा मेरी साली के पास रहता है. मेरा बड़ा बेटा भूषण 19 साल का है और एक बड़े कॉलेज में पढ़ता है.

    दोस्तों मेरी बीवी अभी भी दिखने में बड़ी ही सेक्सी है, उसका रंग गोरा, बाल लंबे और बहुत काले है. वो ज्यादातर समय साड़ी पहनती है और वो हमेशा आधी बाँह का ब्लाउज और साड़ी को नाभि से 3 इंच नीचे बांधती है क्योंकि उसे उसकी नाभि लोगों को दिखना बहुत अच्छा लगता है और मुझे भी. दोस्तों इस कहानी का असली हीरो मेरा बेटा है जिसने अपनी माँ को अपने दोस्त अनिल के पापा (अमर) से चुदवाया और यह चुदाई हमारे सामने ही हुई. मुझे उस पर नाज़ है कि उसने हम सबको यह करने के लिए समझाया और बहुत मज़ा दिया. तो अमर ने मेरी बीवी वन्दना को मेरे और मेरे घर वालों के सामने नंगी करके जमकर चोदा और हम उसकी इस चुदाई के मज़ा ले रहे थे.

    तो एक दिन भूषण ने एक सपना देखा जिसमे उसकी माँ वन्दना को उसके दोस्त के पापा चोद रहे थे और उसके पापा और बाकी घर वाले मज़ा ले रहे थे और वन्दना की बहुत जमकर चुदाई हुई और तभी उसकी नींद खुल गई. तो उसने महसूस किया कि उसका लंड एकदम टाईट था और पूरा बदन पसीने से लथपथ था. उसने अपने लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी माँ के नाम से मुठ मारी और सो गया और सुबह उठकर वो अपने कॉलेज चला गया. तो उसने यह बात उसके कॉलेज के दोस्त को बताई.

    भूषण ने अपने दोस्त अनिल से कहा कि यार अनिल कल रात को मैंने एक सपना देखा, तो अनिल ने पूछा कि अच्छा बता उसमे तूने ऐसा क्या देखा? तो उसने कहा कि मेरे समझ में नहीं आता कि तुम्हे कैसे बताऊँ? तो अनिल बोला कि बिना झिझक बताओ, फिर भूषण बोला कि यार कल मैंने एक सपना देखा जिसमे मेरी माँ को तेरे पापा चोद रहे थे और मेरा बाप खड़ा खड़ा देख रहा था और मज़े ले रहा था. इतना ही नहीं मेरे दादा, दादी भी मज़े ले रहे थे.

    तो अनिल बोला कि क्या यह चुदाई तुम्हारे घर में हो रही थी? और तुम्हारी माँ ने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी? जिसे मेरे पापा ने तेरे पापा को उतारने को कहा था. तो भूषण झटसे बोला कि हाँ यार, लेकिन यह सब तुझे कैसे पता? तो अनिल बोला कि दोस्त तुमने और मैंने कल रात शायद एक ही सपना देखा है और मैंने तो यह सपना सुबह देखा और फिर भूषण बोला कि हाँ मैंने भी.

    अनिल बोला कि मुझे तो लगता है कि यही भगवान की भी मर्ज़ी है तो भूषण बोला कि भगवान की मर्जी हो या ना हो, लेकिन में अब अपनी माँ को तुम्हारे बाप से चुदवाकर ही रहूँगा. तो अनिल बोला कि लेकिन यह सब कैसे होगा? मेरा बाप काला तवा और तेरी माँ गोरी सुंदर. वो मेरे बाप से क्यों चुदवाएगी और फिर तुम्हारे पापा का क्या? तो भूषण बोला कि तू चिंता मत कर, में एक प्लान बनाता हूँ तू सिर्फ़ वैसा कर. तो अनिल बोला कि में तेरी माँ को मेरे बाप से चुदवाने के लिए कुछ भी करूँगा, लेकिन यार अगर तुम्हारी माँ ने चुदवाने से इनकार किया तो?

    भूषण बोला तो हम उसका अपहरण करके चुदवाएँगे और फिर सिर्फ़ चुदाई ही नहीं बल्कि रेप होगा और वो भी दस लोगों से और तू फ़िक्र मत कर तेरे बाप का काला काला लंड मेरी माँ की गुलाबी चूत में जरुर घुसेगा और चल अब में प्लान समझाता हूँ और उसने पूरा प्लान अनिल को समझाया. अनिल अपने घर पर रहता था और उसकी माँ के गुजरने के बाद उसके पापा ने दूसरी शादी नहीं की थी, इसलिए उन्हे जब कभी सेक्स की इच्छा होती तो वो मुठ मारते थे. तो एक दिन उन्हे मुठ मारते हुए अनिल ने रंगे हाथ पकड़ लिया और फिर अमर बहुत शर्मिंदा महसूस करने लगा. तो अनिल बोला कि क्या पापा आप कितने दिन तक मुठ मारोगे? तो अमर बोला कि मुझे माफ़ करना बेटा, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ.

    अनिल : तो पापा कोई लड़की या औरत को पटाईये.

    अमर : अब इस उम्र में मुझसे कौन पटेगी? में अब 47 साल का हूँ और दिखाने में काला और गंजा हूँ.

    अनिल : पापा मेरे एक दोस्त की माँ है आप कहे तो में बात आगे चलाऊँ?

    अमर : लेकिन क्या तेरे दोस्त और उसके पापा कुछ नहीं कहेंगे? उन्हे पता चला तो और वो भी क्यों तैयार होगी?

    तो अनिल ने पापा को वन्दना की फोटो दिखाई, उस तस्वीर में वन्दना ने नीले कलर की साडी पहनी हुई थी और उसका गोरा पेट और पेट गहरी पर नाभि दिखाई दे रही थी. फिर वन्दना को देखकर अमर की खुश हो गया और अमर बोला कि बेटा, लेकिन इतनी सुंदर औरत मुझसे चुदवाएगी क्या तुम बेवकूफ़ हो? तो अनिल बोला कि लेकिन पापा यह आइडिया मेरे दोस्त भूषण का ही है, अमर एकदम चौंक गया, क्या? हाँ पापा और अनिल ने कहा कि यह आइडिया उसी का है और फिर अनिल ने अमर को पूरी बात बता दी.

    अमर बोला कि ठीक है में तैयार हूँ, फिर अनिल ने कहा कि ठीक है, में भूषण को अभी बुलाता हूँ, आप उससे बात कर लीजिए, वो अपने साथ में वन्दना के और भी फोटो लाएगा तो आप ठीक तरह से उसे देख लीजिए. फिर अनिल ने भूषण को फोन करके घर पर बुला लिया और भूषण आ गया. उसने अभी तक अमर को इतनी ठीक तरह से कभी नहीं देखा था. अमर 6 फिट उँचा काला, टकला और एक भद्दा आदमी था, लेकिन वन्दना को ऐसे ही आदमी से चुदते हुए देखने में मज़ा था.

    तो अमर ने भूषण से पूछा कि बेटे तुम अपनी माँ को मुझसे क्यों चुदवाना चाहते हो? भूषण ने कहा कि अंकल मुझे सिर्फ़ मेरी माँ को चुदवाना है, लेकिन क्यों यह पता नहीं? और मेरी माँ जैसी सेक्सी रांड को आप जैसा सांड ही चाहिए. तो अमर हंस पड़ा और वो बोला कि ठीक है बेटा में तुम्हारी माँ को चोदने को तैयार हूँ, लेकिन क्या वो तैयार है? और हम तुम्हारे बाप का क्या करेंगे? तो भूषण बोला कि आप मेरे बाप की चिंता मत कीजिए वो मान जाएगा.

    फिर अमर बोला कि लेकिन बेटा मैंने तुम्हारी माँ को चोदा तो उसके आगे क्या? उसके बाद और क्या होगा? तो भूषण बोला कि फिर मेरी माँ आपकी रांड बनेगी और आप उसे हमेशा चोदना. में मेरी माँ को पूरी तरह से आपके हवाले करूँगा और फिर आप जो चाहे वो करना उसके साथ और आप चाहे तो उसे भरे बाज़ार में नंगी करो तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं और उसके जैसी छिनाल आईटम को आप जैसा मर्द ही चाहिए. फिर अमर ने कहा कि ठीक है अब मुझे दिखाओ मेरी चिकनी चमेली के फोटो. तो अनिल और भूषण दोनों हंसने लगे, भूषण ने कहा कि अंकल यह हुई ना मर्दो वाली बात. तो अमर ने कहा कि बेटे भूषण जब में तुम्हारी माँ वन्दना की गांड मेरे लंड से चोदूंगा तो वो होगी मर्दो वाली बात और फिर सब हंसने लगे.

    फिर भूषण ने कहा कि अंकल मेरी माँ की गांड आपके लंड की राह देख रही है और फटने को बेकरार है, अंकल आपका काला मोटा ताज़ा लंड मेरी माँ की गांड चीर देगा तो बड़ा मज़ा आएगा. तो अमर बोला कि ठीक है भूषण दिखा दे मुझे मेरी चिकनी वन्दना के फोटो. फिर भूषण ने अमर को वन्दना के फोटो दिखाए, अमर ने कहा कि में अपना लंड बाहर निकाल कर फोटो देखूँगा.

    वन्दना का पहला फोटो देखकर अमर बोला कि वन्दना डार्लिंग तुम इतने दिन से कहाँ थी? अमर हर फोटो पर कॉमेंट कर रहा था और दोनों हंस रहे थे. वन्दना ने एक फोटो में जीन्स पहनी हुई थी उसे देखकर अमर बोला कि देख अनिल बेटा इस छिनाल ने क्या टाईट जीन्स पहनी है? साली की गांड तो गोल गोल है, मस्त मज़ा आएगा इस कुतिया की गांड मारने में. भूषण बेटा क्या इस छिनाल की गांड तुम्हारे हरामी बाप ने मारी है? तो भूषण बोला कि अंकल इस छिनाल की गांड अभी भी कुंवारी है. अनिल बोला कि तो इस गांड को फाड़ने में बहुत मज़ा आएगा. तो भूषण बोला कि प्लीज तुम दोनों बाप बेटे इसकी गांड जरुर फाड़ दीजिएगा.

    फिर सभी फोटो देखने के बाद अमर बोला कि बेटे भूषण तुम्हारा बाप बहुत कमीना है जो ऐसे सेक्स बम को अकेला चोदा. तो भूषण ने कहा कि अमर अंकल अब में मेरी माँ को पूरी तरह से आपके कब्जे में दे दूँगा. तुम मेरे बाप को इसे हाथ भी मत लगाने देना. तो अमर बोला कि ठीक है बेटे, मुझे तुम पर पूरा विश्वास है तुम मेरी वन्दना मुझे जरुर दिला दोगे, भूषण बोला कि ठीक है अंकल.  में अब चलता हूँ मुझे मेरे पापा को भी समझाना है और फिर भूषण वहां से चला गया और भूषण घर पर आकर अपने पापा को समझा रहा था, लेकिन उसका बाप बाबूराव मान नहीं रहा था.

    आख़िरकार बाबूराव मान गया और भूषण से बोला ठीक है बेटा में वन्दना की चुदाई उस अमर से करवाने को तैयार हूँ और उसके बाद में वन्दना को उसके हवाले करने को भी तैयार हूँ, मुझे भी बहुत बार ऐसा ही लगता था कि तुम्हारी माँ को दूसरा कोई आदमी चोदे. तुम उसे घर पर बुला लो वो इस बहाने से उसे देखेगा. तो भूषण ने अनिल को फोन किया और कहा कि अनिल तुम अपने बाप को लेकर बाज़ार पहुँचो, वहां पर वन्दना गई हुई है तुम उसे नज़र मत आना सिर्फ़ अमर अंकल से बोलो कि उसको छेड़े और अपना चेहरा उसे दिखाओ. फिर बाबूराव ने बोला कि मुझे उस आदमी की तस्वीर तो दिखाओ, भूषण ने बाबूराव को अमर की फोटो दिखाई उसे देखने के बाद बाबूराव बोला कि यह तो बहुत काला है.तो अमर बोला कि काला है, लेकिन दिलवाला है. वन्दना बहुत अच्छे आदमी की बीवी बनाने वाली है.

    बाबूराव बोला कि तो क्या वन्दना अब उसकी बीवी बनेगी? भूषण बोला कि हाँ अब से सिर्फ़ नाम के लिए आपकी बीवी रहेगी, चुदाई और बाकी के काम वही करेंगे और थोड़ी देर में अनिल का फ़ोन आया. उसने भूषण से बात की बाबूराव ने भूषण से पूछा कि क्या हुआ? तो भूषण ने कहा कि उन्होंने माँ को पहले पीछे जाकर गांड पर एक फटका मारा नाभि में उंगली की और गाल पर किस किया. तो बाबूराव बोला कि क्या इतने लोगों के सामने? भूषण बोला कि अब तो सिर्फ़ किस किया आने वाले दिनों में अमर अंकल वन्दना को उसी माल में पब्लिक के सामने नंगी करेंगे और चोदेगें. बाबूराव अब पूरी तरह से समझ गया था और वो अब वन्दना की चुदाई के सपने देख रहा था. उसकी भी बरसो की इच्छा उसका बेटा भूषण पूरा करने वाला था.

    भूषण फिर एक बार अमर से मिलने गया, अमर भूषण से बोला कि बेटा वन्दना तो एकदम मक्खन है, धन्यवाद बेटा तुमने मेरी जिंदगी बदल दी. तो भूषण बोला कि अंकल एक और खुश खबरी है. आपके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा मेरा बाप बाबूराव मान गया है और वो आपसे मेरी माँ की चुदाई करने को तैयार है और बाद में वन्दना को आपके हवाले करने को भी तैयार हो गया है. तो अमर एकदम उछल पड़ा और अब स्वर्ग सिर्फ़ उसके हाथ से दो कदम दूर था और अमर भी अब वन्दना के साथ चुदाई के सपने देख रहा था और एक दिन बाबूराव ने भूषण से कहा कि बेटा मुझे अमर से मिलना है में भी तो देखूं कि मेरी बीवी को चोदने वाला आदमी कैसा है?

    भूषण बोला कि ठीक है और उसने अमर से फोन पर बात कर ली और फिर बाबूराव भूषण के साथ अमर के घर पर चला गया. अमर 6 फिट लंबा, थोड़ा सा मोटा, काला और टकला आदमी था. उसकी उम्र करीब 48 साल थी. तो अमर ने बाबूराव का और भूषण का स्वागत किया, लेकिन बहुत देर तक कोई भी एक दूसरे से बात नहीं कर रहा था और उस रूम में अमर, बाबूराव, भूषण और अनिल बैठे हुए थे.

    उस कमरे की दीवार पर वन्दना की एक तस्वीर लगी हुई थी. उसे देखकर बाबूराव ने भूषण से कहा कि यहाँ तो बहुत आग लगी हुई है और तभी सब लोग हंस पड़े और फिर अमर बोला कि क्या बताऊँ साहब, आपकी बीवी है ही ऐसी चीज़? वन्दना जैसी सेक्सी औरत से मिलने के लिए नसीब की ज़रूरत होती है और यह तो भूषण बेटे की कृपा है कि वो मुझे मिलने वाली है.

    बाबूराव ने कहा कि देखो अमर मैंने भी मेरी बीवी को बहुत बार चोदा है, लेकिन आज कल मुझे भी उसे चोदने में उतना मज़ा नहीं आता है और अब तुम उसे चोद सकते हो, लेकिन पहले तुम्हे उसे पटाना होगा. तो अमर बोला कि में तो भूषण बेटा जैसे कहेगा वैसा ही करता जाऊंगा, लेकिन बाबूराव जी आपकी बीवी वन्दना बहुत ही गरम माल है. तो बाबूराव बोला कि गरम ही नहीं बल्कि उसकी गांड में भी बहुत खुजली है. अमर बोला कि आप चिंता मत करो में उसकी गांड की सारी खुजली और मस्ती भी उतार दूँगा और मैंने सुना है कि आपने आपकी बीवी की गांड नहीं मारी है? तो बाबूराव ने कहा कि हाँ नहीं मारी, मैंने दो बार ट्राई किया था, लेकिन फिर भी मार नहीं पाया.

    तो अमर बोला कि अच्छा हुआ नहीं मार पाए, मेरे लिए उसकी गांड तो कुँवारी बची है. अब आप देखिए आपकी सेक्सी बीवी की गांड जमकर मारूँगा. तो बाबूराव ने कहा कि बिंदास अमर. फाड़ दे उस छिनाल की गांड. में अपना लंड नहीं घुसा पाया कम से कम तुम्हारे लंड से तो फटने दो मेरी हरामजादी बीवी की गांड को. तो अमर बोला कि में मेरा लंड भी वन्दना के मुहं में देने वाला हूँ और मेरा पानी पिलाने वाला हूँ में अभी बता देता हूँ. तो बाबूराव बोला कि में मेरी बीवी को आपके हवाले कर रहा हूँ आप जो चाहे उसके साथ करो. उसे उठाकर, लेटाकर, खड़ा करके, उल्टा करके जैसी चाहे जहाँ चाहे और जब चाहे चोद दो और यह बात सुनकर सब हंस पड़े.

    भूषण बोला कि मुझे ऐसे लग रहा है कि में तुम दोनों की बातें सुनता ही रहूँ, मुझे कितना अच्छा लग रहा है. पापा आपको माँ के बारे में ऐसी बातें करते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फिर सबने जमकर शराब पी और दूसरे दिन का प्लान करके बाबूराव और भूषण घर लौट आए. तो दूसरे दिन का पूरा प्लान भूषण ने सबको समझा दिया था और घर पर आने के बाद भूषण ने दादाजी और दादी को भी पूरा प्लान समझा दिया, उन दोनों को भी यह प्लान बहुत पसंद आया. तो दूसरे दिन भूषण ने वन्दना से कहा कि मम्मी आज मेरा दोस्त अनिल और उसके पापा आने वाले है, वन्दना बोली कि ठीक है बेटा लेकिन वो लोग कब आने वाले है? तो भूषण बोला कि वो शाम के 4.00 बजे आने वाले है, वन्दना बोली कि ठीक है और शाम के ठीक 4.00 बजे अनिल और अमर भूषण के घर पर आ गए.

    वन्दना किचन में काम कर रही थी. तो बाबूराव ने दरवाजा खोला, अमर और अनिल अंदर आ गए. अमर ने बाबूराव से धीरे से पूछा कि मेरी चिकनी चमेली वन्दना कहाँ है? तो बाबूराव ने कहा कि तो अंदर है, वो शायद तुम्हारे लिए कुछ बना रही है. तो अमर ने कहा कि उसे कहो कि में आज उसे ही खाने आया हूँ और वो दोनों हंस पड़े. अनिल और अमर सोफे पर बैठे हुए थे और अंदर से वन्दना पानी लेकर बाहर आ गई. उसने सफेद कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसने साड़ी नाभि से 4 इंच नीचे पहनी हुई थी और सफेद कलर का बिना बाँह का ब्लाउज पहना हुआ था. साड़ी का पल्लू ऐसे लिया था कि उसका एक बूब्स और नाभि दिखाई दे और जब कोई मेहमान घर पर आते है तो वन्दना हमेशा साड़ी कमर से ज़्यादा नीचे पहनती थी ताकि देखने वाले को उसकी सेक्सी नाभी अच्ची तरह से दिखाई दे और उसके होंठो पर हल्की सी गुलाबी लिपस्टिक थी.

    फिर अमर को देखते ही वन्दना एकदम चौंक गयी, लेकिन सब लोगों के सामने अपनी परेशानी को उसने जाहिर नहीं किया, उसने अनिल और अमर को पानी, चाय, नाश्ता दिया और चली गयी और थोड़ी देर इधर उधर की बातें होने के बाद अमर ने कहा कि भूषण बेटे तुम्हारी मम्मी को बुलाओ मुझे उनसे कुछ कहना है. तो भूषण ने वन्दना को बुलाया, वन्दना बाहर आ गई तो अमर बोला कि में तुम सब लोगों के सामने एक बात कहना चाहता हूँ, मैंने तुम्हारी मम्मी के साथ मॉल में बत्तमीजी की है, लेकिन में नहीं जानता था कि यह तुम्हारी मम्मी है. वन्दना जी में आप से माफी माँगना चाहता हूँ.

    भूषण की दादी बोली कि देखो बहू यह आदमी शरीफ लगता है, इसने तुमसे माफी माँगी है इसे माफ़ कर दो, बाबूराव भी बोला कि हाँ वन्दना माफ़ कर दो. तो वन्दना बोली कि ठीक है अमर जी और इधर उधर की बातें होने के बाद अनिल और अमर जाने को निकले उन्होंने बाबूराव के माता, पिता के पैर छुए और बाबूराव को बोले कि चलो बाबूराव और दोनों गले मिले और भूषण को अमर ने कहा कि चलो भूषण बेटे. तभी वन्दना भी बाहर आई. अनिल बोला कि ठीक है आंटी बाय. वन्दना बोली कि बाय बेटे आते जाते रहना और अमर बोला कि अच्छा वन्दना जी में अब चलता हूँ.

    तभी बाबूराव बोला कि अमर तुम वन्दना को वन्दना ही कहो, क्यों वन्दना? तो वन्दना बोली कि हाँ क्यों नहीं? तो अमर बोला कि वैसे तो में वन्दना से दोस्ती करना चाहता हूँ, बाबूराव बोला कि क्यों नहीं वन्दना आगे आओ और अमर से हाथ मिलाओ. तो वन्दना आगे आ गई और उसने अमर से हाथ मिला लिया, तभी भूषण बोला कि अंकल आप और माँ सच में अब दोस्त हो गये हो तो अब आप दोनों गले क्यों नहीं मिलते? तो वन्दना शायद अमर के गले नहीं लगना चाहती थी, लेकिन अमर ने उसे बाहों में ले लिया और सब लोग हंसने लगे और तुरंत अमर ने वन्दना के गाल पर एक किस कर दिया और वन्दना शरम से पानी पानी हो गयी.

    फिर अमर ने उसे थोड़ी देर उसे वैसे ही पकड़कर रखा. भूषण वन्दना से बोला कि मम्मी अब आप अमर अंकल को एक किस करो. तो वन्दना बोली कि नहीं में ऐसा नहीं करूँगी, लेकिन सबने वन्दना से कहा तो उसे अमर को मजबूरी में किस करना ही पड़ा. अमर ने वन्दना के होंठो को चूमा और बाबूराव से पूछा कि क्या अब में वन्दना को वन्दना डार्लिंग बुला सकता हूँ? तो बाबूराव बोला कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है. बाबूराव के माँ, बाप यानी वन्दना के सास ससुर भी बोले कि हमारी तरफ से भी कोई मना नहीं है और भूषण तो बोला कि मेरी तरफ से रुकावट होने का सवाल ही नहीं आता, मुझे तो बहुत खुशी होगी. फिर वन्दना बोली कि ठीक है, लेकिन मुझे सोचने का थोड़ा वक्त चाहिए तो अमर बोला कि ठीक है डार्लिंग तुम्हे हमने टाईम दिया बेबी और उसने वन्दना के गालों पर एक और किस कर लिया और उसकी नाभि में भी उंगली की और वन्दना तो शरम से पानी पानी हो गयी.

    फिर दूसरे दिन सुबह ही अमर, भूषण के घर पर आ गया. बाबूराव के पिता नारायण ने दरवाजा खोला तो अमर को देखकर नारायण ने कहा कि अरे अमर बेटा सुबह सुबह कैसे आना हुआ? तो अमर ने कहा कि अरे चाचाजी में यहीं से गुजर रहा था तो मैंने सोचा कि आपके दर्शन करता जाऊँ. फिर नारायण ने कहा कि ठीक है में समझ गया कि तुम किसके दर्शन करने आए हो? तुम तुम्हारी चिकनी चमेली वन्दना डार्लिंग के दर्शन करने आए हो ना. अमर शरमा गया और फिर नारायण ने कहा कि अरे बेटा शरमाना कैसे? आओ अंदर और अमर अंदर आ गया. तभी बाबूराव ने कहा कि वेलकम अमर जी लगता है आपको रातभर नींद नहीं आई है?

    तो अमर ने कहा कि में क्या बताऊँ रातभर सपने में एक सेक्सी माल आता रहा और वो दोनों हंस पड़े और तभी वन्दना किचन से बाहर आ गई. उसने आज नीले कलर की टाईट जीन्स और काली कलर का बिना बाँह का टॉप पहना हुआ था और फिर वन्दना को देखते ही अमर वन्दना से लिपट गया और वन्दना भी उससे आज खुलकर लिपट गई और वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. तो अमर बोला कि क्या तुम मेरी डार्लिंग बनाने को तैयार हो?

    वन्दना बोली कि अगर यहाँ पर किसी को ऐतराज़ नहीं है तो मुझे क्यों ऐतराज़ होगा, फिर अमर बोला कि तो क्या तुम मेरी बीवी बनोगी? तो वन्दना बोली कि लेकिन बाबूराव का क्या होगा? तो बाबूराव बोला कि कुछ नहीं तुम मेरी नाम के लिए बीवी रहोगी, असली बीवी तुम अमर की ही रहोगी, अमर कहेगा वो सब तुम करोगी, वो जब चाहे तुम्हे चोदेगा और जब चाहे तुम्हे नंगी करेगा. तो वन्दना बोली कि ठीक है चलेगा, भूषण बोला कि देख लो माँ अमर अंकल तुम्हे हमारे सामने भी चोद सकते है. तो वन्दना बोली कि ठीक है बेटा मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, भूषण बोला कि ठीक है अमर अंकल आपकी बीवी को आप अभी हमारे सामने चोद सकते है. तो अमर ने वन्दना को पूरी तरह से नंगा किया और अमर खुद नंगा हो गया. बाबूराव ने कमरे का दरवाजा जानबूझ कर खुला रखा था.

    तो वन्दना बोली कि दरवाजा तो बंद कीजिए, भूषण बोला कि नहीं मम्मी आपकी चुदाई दरवाजा खुला रखकर ही होगी, ताकि अगली बार आपको शरम ना आए और जिस किसी को यह चुदाई देखनी है वो देख ले. तो वन्दना बोली कि ठीक है और अमर ने वन्दना को पहले अपना लंड चूसने को कहा. वन्दना भी बड़े शौक से लंड चूस रही थी, सब देखकर हंस रहे थे. तो अमर बोला कि वन्दना मेरी जान क्या मस्त लंड चूसती है तू. अमर ने बाबूराव से पूछा कि क्या इसने कभी आपका लंड चूसा था?

    बाबूराव बोला कि नहीं इसने कभी मेरा लंड नहीं चूसा, वन्दना ने लंड मुहं से बाहर निकाला और बोली कि में सिर्फ़ असली मर्दों के लंड चूसती हूँ और सब हंस पड़े. तो बाबूराव के पिता नारायण ने कहा कि बेटा यह छिनाल तुम्हे नामार्द कह रही है. तो बाबूराव अमर को बोला कि अमर इस छिनाल, रंडी, कुतिया की आज गांड, चूत सब फाड़ दो. अमर बोला वो तो में आज वैसे भी फाड़ने वाला हूँ, वन्दना बोली कि में भी मेरी गांड आज फड़वाकर ही रहूंगी और अमर ने वन्दना के मुहं में पिचकारी मार दी.

    वन्दना ने अमर का सारा वीर्य पी लिया और अब अमर ने वन्दना को सोफे पर पेट के बल लेटा दिया और ऊपर से उसकी चूत में अपना ताज़ा, मोटा, काला लंड डाल दिया. दोस्तों जैसे ही लंड अंदर गया वैसे वन्दना चिल्ला उठी आईईईईईइ में अह्ह्हह्ह्ह्ह मर गइईईईईई मेरी चूत फट गई और सब लोग हंसने लगे. तो वन्दना की सास बोली कि देख रंडी आज तेरा सामना असली मर्द से हुआ है तुझ जैसी छिनाल औरतों को तो ऐसा ही मर्द चाहिए. तो वन्दना बोली कि सासू माँ आज यह मर्द मुझे पूरी तरह से खाने वाला है और वन्दना भूषण से बोली कि धन्यवाद बेटा, मुझे असली मर्द देने के लिये और अमर अब तेज स्पीड में लंड वन्दना की चूत के अंदर बाहर कर रहा था और वन्दना नीचे तड़प रही थी.

    दोस्तों वन्दना की चूत कितने दिनों से आग में जल रही थी और अमर का लंड भी कितना तड़प रहा था. अमर वन्दना को 20 मिनट तक चोद रहा था. फिर बाबूराव बोला कि अमर ठोक साली रंडी को और ज़ोर से ठोक इसकी चूत में आज अपना पूरा लंड दे और फिर अमर का दस इंच का लंबा लंड वन्दना के बच्चेदानी में घुसकर हल्ला मचा रहा था और अमर ने वन्दना की चूत में वीर्य गिरा दिया.

    तो अब वन्दना भी शांत हो गयी और अमर भी शांत हो गया और थोड़ी देर दोनों उसी पोज़िशन में रहे. अमर ने लंड को बाहर निकाला और देखा कि वन्दना की चूत थोड़ी सी फट गयी थी और अब अमर ने वन्दना को डोगी स्टाईल में बैठाया और पीछे से उसकी गांड में लंड डालने को शुरुवात की अमर का सुपाड़ा गांड के होल में घुसते ही वन्दना दर्द से चिल्ला उठी.

    वन्दना बोली कि अमर प्लीज़ बाहर निकालो, मेरी गांड फट जाएगी तो अमर बोला कि मेरी छम्मक छल्लो मैंने लंड क्या बाहर निकालने के लिए अंदर डाला है, अब में तुम्हारी गांड फाड़कर ही दम लूँगा. उसने और ज़ोर से लंड गांड के छेद में घुसा दिया. तो वन्दना की आँखे सफेद हो गई. उसकी आँखो के सामने तारे चमक रहे थे और चेहरा लाल हो गया था और दर्द से उसका बहुत बुरा हाल हो रहा था और फिर वन्दना बोली कि भगवान के लिए मेरी गांड से लंड बाहर निकालो वरना में मर जाउंगी. तो बाबूराव बोला कि अमर बिल्कुल मत निकालना फटने दो इसकी गांड और मरने दो इसे. फिर वन्दना की सास बोली कि हाँ अमर बेटे अब पीछे मत हटो फाड़ दो इसकी गांड, वन्दना बेटी थोड़ी हिम्मत रखो तुम सबसे बड़ी रंडी बनोगी.

    तो अमर ने कहा कि में भी एसी टाईट गांड थोड़ी छोड़ने वाला हूँ और अमर वन्दना की गांड में अंदर बाहर लंड करने लगा, वन्दना चिल्ला रही थी उईईईईई माँ उह्ह्ह्हह्ह मर गई, भूषण बेटे यह हरामखोर तुम्हारी माँ की गांड ही फाड़ देगा उईईईईई माँ आआअ बड़ा जालिम है और बिना फ़िक्र के अमर वन्दना की गांड मार रहा था और उसने वन्दना को कहा कि मदारचोद साली कुतिया और उसने वन्दना की गांड पर एक ज़ोर का चांटा मार दिया. तो वन्दना बोली कि अबे साले हरामी मार मत. अमर बोला कि फिर क्या तेरी पूजा करूं, रंडी चल हिला अपनी गांड और एक ज़ोर का चांटा मार दिया सटाक और सब लोग ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.

    वन्दना बोली कि मेरी यहाँ पर गांड फट रही है और तुम सब हंस रहे हो. भूषण आगे आकर वन्दना के बूब्स दबाते हुए बोला तो मम्मी आप अपनी गांड क्यों नहीं हिलाती? वन्दना बोली कि यह लो हिलाती हूँ और उसने गांड हिलाना शुरू किया और अब सभी और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. तो अमर बोला कि देखो भूषण बेटे तुम्हारी माँ कैसे रंडी जैसे गांड हिलाती है. हिला मेरी बेबी वन्दना और ज़ोर से हिला. तो भूषण बोला कि अंकल अब वन्दना आपकी रंडी है, अमर बोला कि नहीं बेटा इस हरामजादी को में सच की रंडी बनाऊंगा. बाबूराव तूने अब तक यह सेक्सी माल अकेले ने खाया है. अब सारे शहर को इसे चोदने दो.

    बाबूराव ने कहा कि अमर मेरी बीवी वन्दना अब तुम्हारी गुलाम हो चुकी है तुम इसे जिसे चाहे और जहाँ चाहे चुदवा सकते हो. फाड़ दो साली की गांड और अमर ने वन्दना की गांड पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ जड़ दिए. तो वन्दना बोली कि आप मुझे इतना मार क्यों रहे हो? अमर बोला कि तो क्या तेरी पूजा करूं? छिनाल कहीं की चल हिला साली तेरी गांड, नहीं तो आज फाड़ दूँगा और अमर अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था. वन्दना दर्द से चिल्ला रही थी और सभी हंस रहे थे. दोस्तों यही वो सपना था जो भूषण ने देखा था और आज वो पूरा हो गया था. त

    भी वन्दना की गांड से खून आने लगा. अमर ने फिर भी गांड में धक्के दिए शायद वन्दना की सील टूट गयी थी और सब लोग तालियां बजा रहे थे. तो अमर ने लंड बाहर निकाला तो वन्दना पेट के बल लेट गई, अमर उसके ऊपर लेट गया. वो दोनों बहुत थक गये थे और आधे घंटे के बाद दोनों की नींद खुली. तो वन्दना बहुत फ्रेश महसूस कर रही थी और आज वो सुहागन बन गयी थी. अमर का काम होते ही उसका बेटा अनिल खड़ा हो गया और उसने भी वन्दना की जमकर चुदाई की और फिर अमर और अनिल बाप बेटे ने मिलकर वन्दना की चुदाई की, अमर ने सबको वन्दना की गांड दिखाई जो की थोड़ी सी फट गयी थी.

    फिर वन्दना ने नहाकर साड़ी पहन ली और सब लोग मंदिर चले गये. वहाँ पर अमर ने वन्दना से शादी की, अब वन्दना बाबूराव के साथ अमर की भी बीवी बन गयी थी. अमर ने वन्दना के सामने एक एग्रीमेंट रखा, जिसमे लिखा था कि वन्दना अमर की बीवी है और अमर जिसे कहेगा उससे वो चुदाई के लिए तैयार है. तो वन्दना बोली कि यानी मुझे पूरी रंडी ही बनाना चाहते हो तुम लोग. ठीक है जैसी आप सबकी मर्ज़ी और वन्दना ने एग्रीमेंट पर साइन कर दिया और वन्दना अब पूरी तरह से अमर की हो चुकी थी.

  • बुआ के साथ बिताई हसीन रात

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम इस अजय है और मेरी उम्र 27 साल है, मेरी लम्बाई 6 फीट और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ, मुझे सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पड़ना और उसके बाद मुठ मारकर लंड शांत करना बहुत अच्छा लगता है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए, सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

    दोस्तों में कानपुर का रहने वाला हूँ और यह कुछ साल पहले की बात है जब में अपनी बुआ के बेटे की शादी में कानपुर गया हुआ था और वहाँ पर में शादी से कुछ दिन पहले ही चला गया था, क्योंकि मुझे मेरे कज़िन ने बुलाया था कि में उसके साथ उसकी शॉपिंग करवाऊंगा. तो में वहां पर 20 22 दिन पहले ही चला गया था और हमने वहाँ पर बहुत मज़े किए और शादी की बहुत शॉपिंग की और कुछ दिन बाद बुआ जी ने मुझे और मेरे कज़िन को शादी के कार्ड्स देने हमारी एक और बुआ के घर भेज दिया, जहाँ पर में उनसे पहली बार मिला था.

    दोस्तों वो क्या ग़ज़ब की औरत थी. उनकी उम्र करीब 36 साल और फिगर का 34-28-34 साईज़ और हाईट कुछ 5.7 इंच के करीब होगी और एकदम गोरी चिट्टी. में तो उन्हे देखते ही पागल सा हो गया, लेकिन मैंने अपने आप को बहुत कंट्रोल किया और हम उन्होंने ड्रॉयिंग रूम में बैठा दिया और हमने उन्हे कार्ड वग़ैरा दिया और बातें करने लगे, क्योंकि हम पहली बार मिल रहे थे तो वो मुझसे कुछ ज़्यादा ही प्यार से मिली और मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही ध्यान दे रही थी. उस बात पर मेरे कज़िन ने भी बहुत गौर किया.

    फिर हम वहाँ से अपने घर की तरफ निकल गये तो रास्ते में कज़िन ने मुझसे उन सब बातों के बारे में पूछा तो मैंने उनसे कह दिया कि मुझे क्या पता है कि वो मेरे साथ ऐसा व्यहवार क्यों कर रही थी? लेकिन मेरे दिमाग़ में भी यही हलचल थी और में उसी के बारे में सोच रहा था कि पता ही नहीं चला कि कब हम घर पहुंच गये. तो कुछ दिन बाद मैंने देखा कि वो आंटी खुद बुआ के घर मिलने आई और मैंने उस दिन भी गौर किया कि उनका ध्यान मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही है और यह बात मैंने अपने कज़िन को भी बताई तो उसने बताया कि उसकी अभी तक शादी नहीं हुई है और वो अपने जीजा जी के साथ बिना शादी के रहती है, क्योंकि उनकी बड़ी बहन की म्रत्यु हो गई थी और तब मुझे कुछ कुछ समझ आने लगा तो में भी उनसे खुलकर बात करने लगा और फिर मैंने उनका फोन नंबर भी लिया और उन्हे अपना मोबाईल नंबर भी दे दिया और फिर हम लोग शादी में व्यस्त हो गये. तो इस बीच शादी के कामों में व्यस्त रहने की वजह से मेरी उनसे कोई बात नहीं हो पाई और फिर हम लोग सिर्फ़ शादी पर ही एक दूसरे से मिल पाए, लेकिन वो भी थोड़े टाईम के लिए और शादी के दो दिन बाद वो अपने घर पर चली गई और में भी अपने ऑफिस के कामों में व्यस्त हो गया.

    उसके कुछ दिन बाद मेरे मोबाईल नंबर पर उनका कॉल आया और वो पूछने लगी कि क्या में उन्हे बिल्कुल ही भूल गया जो मैंने उन्हे एक बार भी कॉल नहीं किया? तो मैंने अपनी गलती महसूस की और उनसे कहा कि में अपने ऑफिस के कुछ काम में व्यस्त था, लेकिन मैंने वादा किया कि में अब हर रोज आपको फोन किया करूंगा और इस तरह हम लगातार बातें करने लगे. तो कुछ दिन तक हमारी ऐसे ही नॉर्मल बातें होती रही और एक दिन अचानक उनके मुहं से एक बात सुनकर में एकदम चकित हो गया.

    उन्हे अपनी छाती में थोड़ा दर्द रहता था जिसके बारे में उन्होंने मुझे बिल्कुल खुलकर बताया जैसे कि में उनका पति हूँ या कोई बॉयफ्रेंड हूँ, तब में भी मज़े लेने लगा और थोड़ा सेक्सी बातें करने लगा और ऐसे ही चलता रहा. तो एक दिन वो किसी काम से अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ पर हमारे शहर में आई और उन्होंने मुझे कॉल किया. तो में उनसे मिलने गया और मैंने देखा कि वो बिल्कुल अकेली थी, लेकिन बहुत सेक्सी दिख रही थी. में तो उनको देखता ही रह गया और मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और वो दूर खड़ी हुई मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.

    तो में उन्हे अपने घर ले आया, जहाँ पर हम रात रात भर बातें करते थे और तब में मज़ाक ही मज़ाक़ में उनके शरीर को छू रहा था, लेकिन वो मेरा कोई भी विरोध नहीं कर रही थी. वो मेरी तरफ बस थोड़ा मुस्कुरा देती तो मेरी और भी हिम्मत बड़ गई और मैंने उन्हे अकेले में अपनी बाहों में भर लिया और उन्हे एक लंबा लिप किस कर दिया और वो भी मेरा साथ दे रही थी तो धीरे धीरे हिम्मत करके में थोड़ा और आगे बड़ा गया और उसके बूब्स दबाने लगा और अब उन्हे भी मज़ा आ रहा था, लेकिन तभी हमे किसी के अंदर आने ही आवाज़ सुनाई दी और हम अलग हो गये और हम दोनों एक दूसरे को प्यासी नजरों से देखने लगे, लेकिन उस दिन रात का खाना खाते समय उन्होंने मुझे बताया कि अगले दिन शाम को उनकी फ्लाईट है और वो कल जल्दी सुबह ही निकल जाएँगी.

    यह बात सुनकर में बहुत उदास हो गया और उस बात को शायद वो भी समझ गई थी और खाना खाने के बाद वो मुझे अकेले में मिलने आई और बोली कि उसका भी मन नहीं कर रहा है जाने का, लेकिन वो क्या कर सकती थी? तो में थोड़ा उदास सा व्यहवार करते हुए बोला कि आज के बाद में कभी आपसे नहीं बोलूँगा. तो वो एकदम से घबरा गई और मुझसे लिपट गई.

    फिर कुछ देर कुछ बात सोचकर कहने लगी कि क्या में अपनी कल की टिकट रद करवा दूँ? और में उसे एक दिन आगे करवा दूँ? तो में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा खुश हो गया और अपने कमरे में चली गई, लेकिन रात को जब घर के सभी लोग सो गये तो वो इधर उधर देखकर मेरे रूम में आई और मुझे अपने प्लान के बारे में बताया और कहा कि वो कल सुबह ही अपने घर से निकल जाएगी और में बाद में उनसे मार्केट में मिलूं और फिर मैंने वैसा ही किया और तब हम एक साथ ट्रॅवेल एजेंट के पास गये, जहाँ पर हमने उनकी टिकट रद करवाई और फिर हमने एक अच्छे से होटल में रूम बुक किया और रूम में चले गये, जहाँ मैंने अंदर जाते ही उसे खुशी के मारे जबरदस्त किस किया और 5 मिनट किस करने के बाद वो बोली कि रूको पहले हम लंच कर लेते है और तुम घर पर बोल दो कि आज रात को घर नहीं आओगे.

    मैंने जल्दी से घर पर कॉल करके बोल दिया और हमने लंच का ऑर्डर किया हमारे ऑर्डर आने में 15 मिनट थे. तो मेरा फिर से उन्हे किस करना शुरू हो गया और उसकी पूरी बॉडी पर हाथ फेर रहा था. तो वो भी मज़े करने लगी और मेरे शरीर पर हाथ घुमाने लगी और मेरा लंड तो मेरी जीन्स के ऊपर से ही खड़ा हुआ नजर आ रहा था.

    तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर वेटर खड़ा हुआ था. वो लंच लेकर आ गया था और फिर हमने लंच किया. फिर लंच करने के थोड़ी देर बाद मैंने टीवी चालू की जिसमे हम मर्डर फिल्म देख रहे थे तो उसमें “भीगे होंठ तेरे” वाला गाना शुरू हुआ तो में भी जोश में आकर शुरू हो गया और मैंने उसे एक गहरी किस की और उसके कपड़े उतारने लगा और फिर मैंने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए, वो क्या ग़ज़ब लग रही थी यार, में क्या बताऊँ एकदम गोरी, पतली जैसे हेमा मालिनी, हाए में तो उस पर टूट पड़ा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा

    करीब 15 मिनट बूब्स चूसने के बाद उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और मुझे भी नंगा कर दिया, जैसे ही मेरा 6 इंच का लंड अंडरवियर के बाहर आया तो उसकी आँखें वासना से भर गई और इससे पहले कि में कुछ करता वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और मुहं में भर लिया ओह भगवान वाह क्या मस्त नज़ारा था. में उसे शब्दों में भी नहीं बता सकता, वो एकदम प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और 30 मिनट तक लगातार लंड चूसने के बाद में अब झड़ने वाला था.

    तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो वो कुछ नहीं बोली और चूसती रही और फिर में उनके मुहं में झड़ गया और उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया और जीभ से मेरे लंड को चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और किस करते करते उसके बूब्स को अच्छे से दबा रहा था. वो मोन करने लगी आआअहह ज़ोर से दबाओ उउम्म्म्म और अब में उसके पूरे शरीर को किस कर रहा था और उसकी जाँघो पर हल्के से काटने लगा. जिससे वो और गरम हो रही थी.

    तभी उसने जोश में आकर मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया और मुझसे अपनी चूत को चाटने को कहा, लेकिन दोस्तों मैंने इससे पहले कभी किसी की चूत नहीं चाटी थी तो मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था, लेकिन उसके कहने पर जैसे ही मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगाई तो वो मेरी जीभ के स्पर्श एकदम तड़प उठी आआअहह आओउम्म्म्म ऐईईईईईईइ और चूत को उठाते हुए मेरे मुहं को चूत पर ऐसे दबाने लगी कि जैसे वो किसी रंडी की चूत हो और करीब में 40-45 मिनट तक उसकी चूत को लगातार चाटता रहा और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी.

    फिर में उठा और मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर अपना लंड उसकी चूत पर जैसे ही रखा और एक धक्का देकर मैंने मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अंदर कर दिया तो वो दर्द से एकदम तड़प उठी और सिसकियाँ भरती हुई बोली आहईईईइईईरररे अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह यह तेरे लंड ने क्या कर दिया, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है, प्लीज थोड़ा धीरे धीरे कर अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह वरना में मर जाउंगी प्लीज थोड़ा धीरे हऐह्ह्ह्हह. तो में कुछ देर रुक गया और उनके बूब्स को चूसने दबाने लगा और जब वो मुझे थोड़ी शांत लगी तो में फिर से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.

    वो अब कहने लगी कि हाँ थोड़ा और धीरे दो अहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह शायद अब उसे भी मज़ा आने लगा था और करीब 35 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और अपने जिस्म को पूरी तरह टाईट कर लिया. तो में समझ गया कि वो झड़ने वाली है तो में अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. वो चिल्लाने लगी आअहहआआहह ईसस्सईईसस अहहह्ह्ह्हह चोदो मुझे और ज़ोर से उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चोदो मुझे और वो झड़ गई और शांत हो गई और अब मेरी बारी थी तो मैंने उससे पूछा कि जान अपना पानी कहाँ निकालूँ? तो वो बोली कि अंदर ही छोड़ दे मेरी जान, में आज तेरे पानी का आनंद लेना चाहती हूँ और 5-7 जोरदार धक्को देने के बाद में भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया और दस मिनट लेटे रहने के बाद जब हम नॉर्मल हुए तो हमने दोबारा एक गहरा किस किया और एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लिया.

  • बहुत अच्छे परिवार की असलियत

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 32 साल है. दोस्तों मेरी शादी को 10 साल हो चुके है और मेरी फेमिली में मेरे पापा 52 साल, मेरी मम्मी 49 साल और मेरी वाईफ 28 साल की है. दोस्तों में आप सभी को सबसे पहले यह बता दूँ कि मेरे मम्मी और पापा ने आज तक मुझसे ज्यादा बात नहीं की है.. वो मुझसे कोई भी ज़रूरत होने पर ही बात करते थे. मेरी मम्मी दिन भर पूजा पाठ और पापा अपने बिज़नेस में लगे रहते थे.

    फिर 22 साल की उम्र में मेरी शादी हुई और मुझे बहुत सेक्सी वाईफ भी मिली और मेरा जीवन बहुत मस्ती में गुजर रहा था. हाई सोसाईटी में रहना घूमना फिरना मज़े मस्ती करना.. तो अब में आपको बताता हूँ कि कैसे मेरी लाईफ में अचानक एक दिन बहुत बड़ा भूचाल आ गया.

    दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है.. जब में अपने किसी जरूरी काम से घर पर लौटा था.. उस समय दिन के दो बज रहे थे और मेरी वाईफ ने मुझे पानी लाकर दिया और जब मैंने उससे पूछा कि बाकी सब लोग कहाँ गए?

    वो बोली कि सब बाहर गये है और उस समय में थोड़ा मूड में था.. तो मैंने उससे कहा कि चलो आज मस्ती करते है और उसे अपने रूम में ले जाने लगा.. लेकिन उसने कहा कि रूम में तो हम रोज ही यह सब करते है.. आज हम किचन में करते है और फिर हम किचन में चले गए. किचन में एक टेबल थी.. वो उसी पर चड़ गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम नीचे ही रहो और वो अपनी साड़ी खोलने लगी और साड़ी को पूरा खोलने के बाद वो अपना ब्लाउज, फिर पेटिकोट, फिर ब्रा और आखरी में उसने अपनी पेंटी तक को उतार दिया.. लेकिन दोस्तों वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी.. जैसे कोई रंडी स्टेज पर प्रोग्राम कर रही हो और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि हम आज कुछ नया करते है.. जैसा कि हम नेट पर वीडियो देखते है.

    फिर में भी एकदम तैयार हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि में उसकी चूत के नीचे अपना मुहं करूं और जैसे ही मैंने उसकी चूत के पास मुहं किया.. तो उसने तेज़ी से अपनी पीली कलर की धार मेरे मुहं में छोड़ दी और में एकदम से चकित हो गया कि यह क्या कर रही है.. लेकिन तब तक उसका पीला पानी मेरे पूरे मुहं और शरीर में आ चुका था.

    फिर उसके बाद वो बोली कि तुम ऐसे घबरा क्यों रहे हो.. अभी तो स्टार्ट हुआ है. फिर मैंने कहा कि क्या बात है.. आज तुम इतनी रंगीन कैसै? तो वो बोली कि बस तुम देखते जाओ और उसने मुझे ऊपर आने को कहा और जैसे ही में ऊपर चड़ा.. तो वो मेरे लंड को चूसकर मेरा सारा माल झाड़ दिया और मेरा पूरा वीर्य पी गयी. अब में तो बहुत चकित हो गया कि इतने सालों में आज तक उसने कभी भी मेरा लंड नहीं चूसा था और आज इतना कुछ.. खैर उसके बाद हम रोज इस तरह का कुछ ना कुछ करते रहे और अब मुझे क्या मालूम था कि मेरी जिन्दगी में और भी बहुत कुछ होने वाला है.

    फिर कुछ दिनों के बाद एक रात को करीब दो बजे में अचानक नींद से उठा और पानी पीने लगा.. तो मुझे अपनी माँ की आवाज़ हॉल में सुनाई दी और बेड पर मेरी वाईफ भी नहीं थी और जैसे ही में हॉल के सामने पहुंचा.. तो मेरी वाईफ और पापा मम्मी तीनो एकदम नंगे थे और मेरी वाईफ डाइनिंग टेबल पर खड़ी है और पापा मम्मी नीचे खड़े है और वो उन दोनों पर मूत रही है.. वो उन्हे कह रही थी कि..

    वाईफ : अबे साले मादरचोद तेरे बेटे का लंड तो तुझसे भी पतला है.. इसलिए आज में तेरे साथ हूँ और तू साला नखरे कर रहा है.. चल अब सामने आकर मेरा मूत पी.

    मम्मी : बेटी मुझे भी थोड़ा सा पिला.. बहुत दिन हो गये तेरा मूत पिए.

    पापा : हाँ बेटी में तैयार हूँ और फिर वो उन दोनों पर मूतने लगी.

    पापा : बेटी अब नीचे आ.. मुझे तेरी चूत का स्वाद भी चखा.

    फिर पापा मम्मी उसे गोदी में उठाकर ज़मीन पर ले आए और पापा उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगे.. तो अचानक माँ ने उससे कहा.

    मम्मी : बेटी तू तो मेरे पति से चुदवा ले और अब अपना वादा पूरा कर और मेरे पति से मुझे छुटकारा दिला.. साला संजय को जब से पैदा किया है.. तब से उससे अपनी चूत को चटवाकर पागल हूँ.

    वाईफ : हाँ मम्मी जी.. आज आपका काम जरुर होगा और आप बिल्कुल भी चिंता मत करो.

    फिर उसके बाद मेरा बाप पागलों की तरह मेरी बीवी को चोदने लगा. फिर उसे चोदने के बाद संध्या ने एक रबर का लंड अपनी कमर पर बाँध लिया और मेरी मम्मी की चूत में डाल दिया और यह सब देखकर में भी अब तक एकदम पागल हो चुका था कि जो माँ दिन भर पूजा करती है.. कभी ऐसी भी हो सकती है.

    फिर मुझे भी कंट्रोल नहीं हुआ और में अंदर घुस गया.. मुझे देखकर सबके सब घबरा गए. तभी मेरी मम्मी उसी नंगी हालत में मेरे पास आई और कहने लगी कि बेटा घबरा मत.. अगर तुझे भी हमारे साथ आना है.. तो बोल.. नहीं तो तू यहाँ से चला जा. फिर मैंने कहा कि मम्मी आप ऐसी भी हो सकती हो.. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता. फिर वो बोली कि बेटा अभी तो यह शुरुवात है और तुझे पूरी बात कहां पता है. फिर मैंने कहा कि मतलब? तो उसने कहा कि में और तेरे पापा सेक्स में बहुत आगे आ चुके है और हमारी जो यह अमीरी है.. वो सेक्स की ही देन और जिस लड़की से तेरी शादी हुई है और यहाँ पर तेरी बीवी कोई नहीं है.. इसे तेरी शादी से पहले जब यह 18 साल की थी.. तब से तेरे पापा कई बार चोद चुके है और यह हमें दिल्ली में मिली थी और उसी दिन हमने सोच लिया था कि इसे तेरी वाईफ बनाकर लाएगें और फिर तुझे भी इसमे शामिल करेंगे.. ताकि तुझे भी दिक्कत ना हो.. वैसे में तेरे पापा और तेरी वाईफ हम तीनों बहुत सेक्स करते है.

    दोस्तों में यह सब सुनकर एकदम पागल हो चुका था.. अचानक से मेरा हाथ अपने आप मम्मी के बूब्स पर चला गया और जैसे ही मैंने उनके बूब्स को पकड़ा.. तो मेरी वाईफ मेरे बाप से बोली कि चल साले आज से तू मेरा पति और यह इसका पति है.. जो हमने सोचा था.. आज वो हो गया और वो रूम से चली गई.

    उसके बाद मैंने अपनी मम्मी को कहा कि बोलो.. तो मम्मी बोली और कहा कि आज से मम्मी नहीं किरण बुला मुझे और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. उफ़फ्फ़ मम्मी नहीं सॉरी किरण चूस चूस और ज़ोर से. फिर किरण बोली कि मूत बेटा आज मुझे तेरा मूत पिला और फिर में धीरे धीरे मूतने लगा और उसे हॉट ड्रिंक्स समझकर पीने लगी.

    उसके बाद वो मुझे अपनी चूत चुसवाने लगी.. क्या गांड, क्या चूत, क्या बॉडी एक औरत वो भी 50 साल के लगभग थी. वो भी भगवान की भक्ति में लगी रहती थी.. उसका असली रूप तो यह है.. जो कि सेक्स में अपने बेटे को पाने के लिये इतना सब कर चुकी थी और उसके बाद उसकी चूत में मेरा लंड जैसे ही गया.. वो चिल्ला उठी.. आहह अह्ह्ह्ह मादरचोद बना ही दिया तुझे अह्ह्ह हाँ बेटा चोद अपनी माँ को चोद चोद उफफफ्फ़ और अंदर डाल साले बहनचोद डालना उउउफफफ्फ़. फिर में 15 मिनट के बाद जैसे ही झड़ने वाला था..

    मैंने कहा कि किरण मेरा माल निकल रहा है.. तो वो बोली कि तो क्या हुआ अंदर ही डाल.. इसलिये आज तक मैंने ऑपरेशन नहीं करवाया कि एक ना एक दिन में तेरे बेटे को जन्म दूंगी और आज तक तेरी बीवी तेरे साथ इसलिए कंडोम लगाकर चुदाई करती थी.. ताकि उसका पहला बच्चा तेरे बाप से हो. आज वो भी माँ बन गई और में भी.

    फिर उसके बाद रात भर में अपनी मम्मी किरण को चोदता रहा और उधर मेरे पापा मेरी बीवी को और जब सुबह हुआ.. तो मेरे घर का पूरा माहोल ही बदल चुका था.. जो औरत सुबह जल्दी उठकर पूजा में बैठ जाती थी.. आज मैंने देखा कि वो आज एकदम नंगी ही डाइनिंग हॉल में घूम रही है और पापा मेरी बीवी की कमर में हाथ डालकर उससे कह रहे है.. संध्या तू साली इंडिया की पहली औरत होगी.. जिसे भगवान ने इतना सेक्सी फिगर दिया.. इसे कपड़ो में क्यों छुपाकर रखती है? आज से तू और तेरी सास दोनों घर पर नंगी रहा करो और अब हम सब कुछ घर पर ही करेंगे.. बाहर होटल में नहीं और फिर उसके बाद अब हम एक साथ ही घर पर चुदाई करते है.. लेकिन आज एक साल बाद मेरी माँ को भी एक बेटी और मेरी वाईफ को भी एक बेटी हो गयी है.. लेकिन उन दोनों को नहीं पता कि मेरी बहन मेरी बेटी है और मेरी बेटी मेरी बहन है.

  • रंडी बहन पकड़ी गई

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में एक सीधा साधा सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में जब भी अपनी सभी कामों से फ्री होता हूँ तो में वेबसाईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. जिसको में आप सभी को सुनाने की बहुत समय से सोच रहा था.. लेकिन मुझे अब लिखने का समय मिला और अब में थोड़ा अपने परिवार का परिचय आप सभी से करा देता हूँ.

    दोस्तों मेरे घर में मेरी मम्मी में और मेरी बड़ी दीदी रहती है.. मेरी उम्र 22 साल है और मेरी दीदी की उम्र 26 साल है. में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और काम के लिए सुबह जल्दी घर से निकल जाता हूँ.. मेरा पापा का अपना एक बिजनेस है और अब कुछ समय पहले पापा की म्रत्यु होने के बाद में खुद उसे चला रहा हूँ. तो में हर सुबह घर से 9 बजे निकल जाता हूँ और घर पर 11 बजे तक आ जाता हूँ और मेरी मम्मी की बहन (मतलब मेरी मौसी) हमसे एक घंटे की दूरी पर रहती है.

    तो घर पर अकेले होने के कारण मम्मी ज़्यादातर मौसी के घर चली जाती है.. लेकिन मेरी बहन घर पर पूरा दिन एकदम अकेली रहती है. मेरी बहन का नाम सलोनी है और वो थोड़ा सावले रंग की है.. लेकिन उसकी कमर, फिगर बहुत मस्त है और वो एक बहुत सुंदर दिखने वाली लड़की है. उसके पीछे बहुत लड़के पड़ते है और वो भी उन लड़कों से मोबाइल पर घंटों बात करती रहती है.. लेकिन मैंने कभी भी उनसे उस बारें में कुछ नहीं कहा.

    एक दिन में सुबह उठकर अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हुआ और फिर मम्मी ने कहा कि आज वो अपनी बहन के घर पर जाएगी और में तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल पड़ा. तो मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि ऑफीस में कुछ ज़्यादा काम नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना आज में घर जल्दी चला जाऊँ और कोई अच्छी फिल्म देख लूँ. तो में जल्दी घर के लिए निकल पड़ा और घर के दरवाजे की एक चाबी मेरे पास भी थी.

    तो में घर पर आया और वो दोपहर का टाईम था.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी सो रही होगी में उसे नींद से उठाकर परेशान नहीं करूँगा और फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोला और घर के अंदर घुसते ही मुझे कुछ अजीब आवाजें आने लगी.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी बेडरूम में टीवी देख रही होगी और हो सकता है कि यह उसी की आवाज हो?

    मैंने उस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने कमरे में पहुंचकर कपड़े बदले लगा और फिर में कपड़े बदल कर अचानक से अपनी दीदी के बेडरूम में चला गया.. लेकिन दीदी के बेडरूम का वो नज़ारा देखकर मेरी आखें खुली की खुली रह गयी. मैंने वहां पर देखा कि मेरी दीदी अपने बेड पर पड़ी हुई है और उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैलाया हुआ है और वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी. तो यह सब देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और मेरे पूरे शरीर में एकदम जोश आ गया और में दरवाज़े के कोने से उन्हें देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था और अब कुछ देर बाद मैंने अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया.

    फिर कुछ मिनट बाद उन्होंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर वो झड़ गई और एकदम शांत होकर बेड पर पड़ी रही और उनकी चूत से रस बहता हुआ बाहर आने लगा. दोस्तों उन्हे इस हालत में यह सब करता हुआ देखकर एक बार तो मैंने सोचा कि में अभी जाकर अपनी दीदी को जबरदस्ती पकड़कर चोद डालूं.. लेकिन उस वक्त मैंने अपनी भावनाओ को काबू में रखा और उस पल को हमेशा याद रखने के लिए मैंने उसका वीडियो बना लिया और अब में हर रात को सोते समय उस वीडियो को देखकर अपना लंड हिलाता हूँ और मुठ मारकर अपने लंड को शांत करता हूँ. दोस्तों जब से मैंने अपनी दीदी को उस हालत में वो सब करते हुए देखा है.. तब से में उसे चोदने की तरकीब ढूँडने लगा और मैंने कई बार अपनी मम्मी की गैर हाज़री में दीदी को अपनी तरफ कई बार आकर्षित करने की कोशिश की.. दोस्तों में कभी कभी अंडरवियर में अपना लंड खड़ा करके दीदी के पास खड़ा हो जाता.. लेकिन उससे कुछ खास काम नहीं बना.

    फिर एक दिन मेरी मम्मी फिर से अपनी बहन के घर जाने वाली थी और उस दिन मैंने ऑफिस से घर पर जल्दी आने का प्लान बनाया और फिर में उस दिन की तरह घर पर जल्दी आ गया. तो जब में अपनी बिल्डिंग में लिफ्ट की तरफ जा रहा था.. तब मेरी सोसाइटी के एक बच्चे ने मुझसे बोला कि यह लिफ्ट खराब है और वॉचमेन उसे ठीक करने के लिए छत पर गया हुआ है.

    दोस्तों हमारा घर आखरी मंजिल पर है और बिल्डिंग एकदम नई थी.. इसलिए बहुत कम लोग ही लोग उसमे रहने आए थे. फिर में सीड़ियों पर चलता हुआ अपने घर पर पहुंच गया और मैंने वहां पर पहुंच कर बहुत धीरे से घर का दरवाज़ा खोला और अंदर घुसते ही मुझे उस दिन की तरह वही आवाज़ आ रही थी. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी आज फिर से अपनी चूत में उंगली डाल रही है? तभी मैंने एक नाटक करने के बारे में सोचा और मैंने अपने कपड़े खोले और पूरा नंगा होकर अपनी बहन के बेडरूम में अंजाने में जाने का प्लान बनाया और फिर में वैसे ही चला गया. तो आज जब में कमरे के अंदर गया तो नज़ारा और भी चौंकाने वाला था.

    दोस्तों मेरी रंडी बहन अपने दोनों पैरों को फैलाए हुए बेड पर पड़ी हुई थी और वो वॉचमेन नीचे जमीन पर खड़ा हुआ अपना लंड मेरी रंडी बहन की चूत में डालकर ज़ोर ज़ोर से धक्के दे रहा था और यह सब देखकर मेरा लंड तो एकदम खड़ा हो गया.. लेकिन अब मुझे बहुत गुस्सा भी आ रहा था कि वो वॉचमेन मेरी बहन की चूत मारकर जा सकता है और अब तक में कुछ नहीं कर पाया. फिर मेरी बहन की चूत में वॉचमेन करीब एक घंटे तक लंड डालता रहा.. वो उनकी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था और वो नीचे पड़ी पड़ी सिसकियाँ ले रही थी. तभी अचानक से उसने अपनी स्पीड और बड़ा दी और कुछ धक्को के बाद उसने अपना वीर्य मेरी बहन की चूत में डाल दिया और वो सब चुदाई के द्रश्य मैंने अपने मोबाईल में रिकॉर्ड कर लिए थे.

    फिर में कमरे से बाहर आकर अपने कपड़े पहनकर जल्दी से घर के बाहर चला गया और जब वॉचमेन मेरे घर से बाहर निकल गया.. तब मैंने अपने घर की घंटी बजाई और मेरी दीदी ने दरवाज़ा खोला और वो मुझे देखकर एकदम चकित हो गई.. लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और में भी उसे देखकर समझ गया कि यह अपनी चुदाई से बहुत थक चुकी है.. वो उसके चेहरे से झलक रहा था.. उसके बिखरे हुए बाल और चेहरे का उड़ा हुआ रंग साफ साफ बता रहा था कि वो अभी अभी चुदकर आ रही है और फिर वो मेरे आगे आगे अपनी गांड मटकाती हुई चलने लगी और में उसके पीछे पीछे उसकी गांड को देखता हुआ अंदर चला आया. फिर मैंने थोड़ा नाश्ता किया और हॉल में दीदी और में साथ बैठकर फिल्म देखने लगे और मैंने सोच ही लिया था कि आज इस साली रंडी को में किसी भी हालत में जरुर चोदूंगा.

    में टीवी देखते हुए एकदम से उठा और अपने बेडरूम में चला गया और कुछ देर के बाद सिर्फ़ अंडरवियर और बनियान में बाहर आया. फिर मैंने अपनी दीदी के थोड़ा पास आकर कहा कि मेरे पास एक बहुत अच्छी नयी फिल्म आई है और अब हम उसे देखेंगे तो उसने हाँ कर दिया.. लेकिन उसकी नजर मेरे खड़े हुये लंड पर थी और मेरी उसके बड़े बड़े बूब्स पर.. जो मुझे अपनी और आकर्षित कर रहे थे. तो मैंने फिल्म शुरू की.. पहले तो फिल्म ठीक ठाक चल रही थी.. लेकिन थोड़ी देर बाद उसमे गंदे गंदे सीन चालू हो गये और फिर धीरे धीरे उसमे चुदाई वाले सीन चालू हो गए.

    मेरी बहन एकदम उठकर खड़ी हुई और वो बनावटी गुस्से में मुझसे बोली कि यह क्या बदतमीजी है? यह तुम मुझे क्या दिखा रहे हो.. में तुम्हारी बड़ी बहन हूँ और में यह सब गंदी चीज़े नहीं देखती और अभी के अभी यह सब बंद करो. फिर में उठकर खड़ा हुआ और मैंने सबसे पहले उसे अपनी चूत में उंगली डालने वाली वीडियो दिखाई.. वो उसे देखकर एकदम भड़क गयी और उसने मुझे एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया और कहा कि तुम भी तो बाथरूम में जाकर अपना लंड हिलाते हो.. तुमने मेरा ऐसा वीडियो क्यों लिया? और हिलाते तो सब ही है और हाँ, में भी कभी कभी चूत में ऊँगली करती हूँ.. लेकिन मैंने कभी किसी के साथ सेक्स किया नहीं है. तो मैंने फिर उसे वॉचमेन से उसकी चुदाई वाली वो वीडियो दिखाई और फिर पूछा कि अब बोल साली रंडी तब तो पैर फैलाकर बड़े मज़े से लंड ले रही थी और जब मैंने कुछ सेक्स वाली फिल्म दिखाई तो मेरे ऊपर भड़क गयी? तो वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और मेरे पैरों पर गिर पड़ी और वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी.. बोली कि प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. मैंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी.

    तो मैंने कहा कि में तुम्हें एक ही शर्त पर माफ़ करूँगा.. अगर तुम जो काम उस वॉचमेन के साथ कर रही थी वही काम मेरे साथ करो तो? तो यह बात सुनकर वो एकदम दंग रह गयी और मुझसे दूर जाकर खड़ी हो गयी. फिर उसने मुझसे कहा कि में उसका भाई होकर उसके बारें में ऐसा कैसे सोच सकता हूँ?

    मैंने कहा कि जब तू उस वॉचमेन से पूरी तरह से जोश में आकर चुदवा रही थी.. तब तो तुझे बड़ा मज़ा आ रहा था ना? तो अब मुझसे चुदवाने में क्या प्राब्लम है? और में यह बात किसी को नहीं बताऊंगा और एक भाई, बहन का रिश्ता हम लोग घर के बाहर रखेंगे और घर में दिनभर चुदाई करते रहेंगे.. इसकी वजह से तुझे भी बाहर किसी और से चुदवाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और में घर पर ही तुझे चोदता रहूँगा.. इससे तेरा भी काम चलेगा और मेरा भी चलता रहेगा और इस तरह से बहुत देर तक समझने पर वो आख़िर समझ गई.. लेकिन उसने बोला कि हम चोदेंगे नहीं.. लेकिन सिर्फ़ एक दूसरे को मुठ मारने में मदद करेंगे.. तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर हम बेडरूम में आ गये.. पहले हमने घर की सभी खिड़कियों को बंद किया और उनके पर्दे लगा दिए.. फिर मैंने दीदी से कहा कि पहले तू अपने कपड़े उतार. तो वो रोने लगी और कहने लगी कि प्लीज़ तुम मेरे साथ ऐसा मत करो.. मुझे ऐसा करते हुए बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा.. लेकिन में उसकी कोई भी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में आज इसे चोद दूँ? क्योंकि फिर उसे चोदने का इससे अच्छा मौका मुझे कभी भी नहीं मिलेगा. तो में झट से उसके पास गया और उसकी शर्ट को खींचकर निकाल दिया और वो रोने लगी. फिर मैंने उसकी जींस को भी निकाल दिया और अब वो ठीक मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी..

    मैंने फिर अपने कपड़े उतारे और में उसके सामने पूरा नंगा हो गया और उसके बहुत करीब गया और उसकी चूत का आकार उसकी पेंटी से पूरा साफ साफ दिखाई दे रहा था और उसके बूब्स के निप्पल भी अब उभर रहे थे और मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था. तो मैंने उसकी पेंटी पर ही अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर चिपकाना शुरू कर दिया. फिर सबसे पहले मैंने उसकी ब्रा को उतारा और उसके बूब्स देखकर में तो बिल्कुल पागल सा हो गया और मैंने तुरंत बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. में अपनी दीदी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और वो रोती रही.. लेकिन मैंने उसपर थोड़ा भी तरस नहीं खाया और में अपना काम लगातार करता रहा.

    फिर मैंने उसकी गांड पर पेंटी के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया.. तो उसने मुझे रोका और कहा कि हमारे बीच यह तय हुआ था कि हम सिर्फ़ एक दूसरे के साथ मुठ मारेंगे.. तो तुम अब अपना लंड मेरी चूत में क्यों डाल रहे हो? तो मैंने कहा कि ठीक है तो तू अपनी पेंटी को उतार और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर मुठ मार. फिर उसने धीरे से अपनी पेंटी को उतारा.. वाह क्या चूत थी? मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था और हम दोनों बेड पर बैठ गये और वो मेरा लंड अपने हाथ में पकड़कर हिलाने लगी.

    दोस्तों मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि में अपनी बहन के साथ ऐसे बिल्कुल नंगा बैठकर उसके हाथ से अपनी मुठ मारवाऊंगा और फिर जब वो मेरा लंड हिला रही थी.. तब मैंने उसकी चूत पर उंगली करना शूरु कर दिया. दोस्तों मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन मेरी बहन ने रोने वाला चेहरा बना रखा था.

    मैंने फिर उसके बाल पकड़े और उसका मुहं अपने लंड की तरफ लाया. तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? हमारी बात तो सिर्फ़ लंड हिलाने की हुई थी? तो मैंने कहा कि अब तुम मेरे लंड को अपने मुहं से हिलाओ.. लेकिन वो बैचारी क्या करती मजबूर थी. फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और लंड को चूसने लगी और मैंने उससे अपना लंड बड़े मज़े से चुसवाया.

    फिर मैंने उसका सर अपने दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में डालता रहा.. वाह क्या मज़ा आ रहा था? फिर मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और उसको पकड़कर बेड पर पटक दिया. तो वो एकदम से डर गयी और अब मेरा लंड एकदम जोश में आ चुका था और मेरे लंड को उसकी चूत की ज़रूरत थी और में इतना खुश कभी नहीं था.. मेरी बहन मेरे सामने एकदम नंगी मजबूरी में लेटी हुई थी.

    अब तो मुझे बस उसको चोदना था.. तो में अपना लंड उसकी चूत के पास ले गया.. लेकिन उसने मुझे धक्का मार दिया और वो बोली कि ऐसा मत करो भाई.. प्लीज़ में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ. हमारे बीच बात तो सिर्फ़ मुठ मारने की हुई थी.. फिर तुम मुझे क्यों चोद रहे हो? तो मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके ऊपर गिर पड़ा.. मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया. उसकी चूत पैर खुलने के बाद और भी मस्त लग रही थी और में बहुत बैताब था अपना लंड उसकी चूत में डालने को.

    तभी उसने कहा कि भाई तुम तो मेरे छोटे भाई हो ना.. प्लीज़ अपनी बहन पर रहम करो.. मुझे मत चोदो. तुम मुझे बाद में चोद लेना.. क्योंकि आज मेरी चूत बहुत दुख रही है.. क्योंकि आज उस वॉचमेन ने मुझे दो घंटे से लगातार चोदा है जिसकी वजह से मेरी चूत तो बुरी तरह से सूज गयी है.. प्लीज़ भाई मुझे मत चोदो. तो मैंने कहा कि मेरा लंड तो अब खड़ा हो चुका है. तुम कुछ भी कहो.. में तो तुम्हे अभी चोदूंगा.. मुझे तुम्हारी चूत के दुखने से क्या? मतलब मुझे तो बस मज़ा करना है और यह बात बोलकर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो बहुत ज़ोरो से चीखने, चिल्लाने लगी.

    तो मैंने अपने एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया और दूसरे हाथ से उसके जिस्म को सहलाने लगा और नीचे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा और वो चिल्ला चिल्लाकर रोने लगी अहहआहह आईईईईईईईईईईई प्लीज़ भाई अपनी बहन को ऐसे मत चोद अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह मेरे प्यारे छोटे भैया आह्ह्ह उह्ह्ह्ह प्लीज छोड़ दो अपनी बड़ी बहना को. फिर मैंने उसे कम से कम एक घंटे तक चोदा और फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैंने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया और मुझे अपनी दीदी को चुदते हुए देखने में मज़ा आ रहा था.

    फिर मेरी दीदी चुदकर बेड पर एकदम बेहोश पड़ी हुई थी और अचनाक किसी ने घर का दरवाज़ा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो प्लमबर किसी काम से आया हुआ था. तो मैंने सोचा कि क्यों ना और भी मज़ा किया जाए? तो मैंने प्लमबर से बोला कि में बाहर जा रहा हूँ.. लेकिन मेरी दीदी बेडरूम में है. तुम जाकर उनसे काम के बारे में बात करो और में झूठा नाटक करके बाहर चला गया.

    फिर जब प्लमबर बेडरूम में गया तो उसने देखा कि मेरी दीदी एकदम नंगी बेड पर लेटी हुई है और इस अच्छे मौके का फायदा उठाकर प्लमबर ने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और दीदी की चूत में घुसा दिया. तो दीदी और ज़ोर से चिल्लाने लगी और फिर में पीछे से आया प्लमबर मुझे देखकर एकदम डर गया.. तो मैंने उससे बोला कि भाई तुम मुझसे बिल्कुल भी घबराओ मत. में तो अकेला इस रांड को चोदते हुए बोर हो रहा था और इसलिए तुम्हें मैंने अंदर भेजा. अब चलो हम दोनों मिलकर मेरी बहन की एक साथ चुदाई करते है.

    तो मेरी दीदी यह सब देखकर और भी डर गयी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.. प्लमबर ने अपना लंड मेरी बहन की चूत में डाला और मैंने अपना लंड दीदी की गांड में डाला और करीब एक घंटे तक दीदी को हम दोनों ने मिलकर चोदा. मेरी बहन की चूत और गांड दोनों ही लाल हो चुकी थी. फिर कुछ देर बाद प्लमबर झड़ गया और कपड़े पहनकर चला गया और फिर थोड़े टाईम बाद मम्मी का फोन आया कि मम्मी आज और कल घर पर नहीं आएगी. मैंने उस दिन दीदी को पूरी रात चोदा.. फिर हम सो गये.. दूसरे दिन सुबह सुबह 4 बजे अचानक मेरी नींद खुल गई. तो में उठा और अपनी बहन को नींद में ही नंगा किया और उसकी गांड में लंड डालने लगा और मैंने दो दिनों तक अपनी बहन को अपनी रंडी बनाकर रख दिया. अब तो में दिन में 2 से 3 बार उसे चोदता हूँ और वो बैचारी चुपचाप मुझसे चुदवा लेती है.. लेकिन अब वो भी मेरी चुदाई से खुश होने गई है और हम दोनों बहुत मज़े करते है.

  • देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.

    दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.

    दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.

    दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.

    में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.

    वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.

    जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.

    मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.

    फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.

    वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.

    फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.

    में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.

    फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.

    फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.

    फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.

    फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.

    मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.

    मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.

    उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.

    फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.

    फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.

    फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.

    दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.

    अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.

    फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.

    गीता : हैल्लो, भाभी.

    में : हाँ गीता बोलो?

    गीता : अभी आप कहाँ पर हो?

    में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.

    गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.

    में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?

    गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.

    में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?

    गीता : हाँ ठीक है बाय.

    तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.

    फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.

    फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.

    फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.

  • धोबी ने मेरी बहन को चोदकर छिनाल बनाया

    हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और उसमें मेरी बहन को हमारे घर पर आने वाले एक धोबी ने मेरी आखों के सामने चोदा. यह चुदाई मेरी बहन की पहली चुदाई थी और में उसे अपने सामने चुदता हुआ देखता रहा. दोस्तों हमारे परिवार में हम चार सदस्य है. मेरे पापा, मम्मी, में और मेरी बड़ी बहन. मेरे पापा एक सरकारी विभाग में नौकरी करते है और मेरी माँ एक कॉलेज में प्रोफेसर है इसलिए वो दोनों हर दिन सुबह चले जाते है और शाम को घर पर वापस आते है.

    अब में आप सभी को मेरी बहन के बारे में बताता हूँ दोस्तों वो एक बहुत ही शरीफ सीधी साधी लड़की है जिसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और वो दिखने में बहुत सुंदर है और दूध की तरह बिल्कुल गोरी है उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है उसके बूब्स बहुत बड़े और एकदम सुडोल है. उसकी मटकती हुई गांड उसके कॉलेज के सभी लड़कों को उस पर लाईन मारने पर मजबूर करती है, लेकिन वो कभी भी किसी को भी भाव नहीं देती है और वो दिखने में बिल्कुल हिरोइन जैसी लगती है. उसके फिगर का साईज 36-27-37 है और उसके बूब्स और नाभि बहुत ही सेक्सी है और उसके चूतड़ देखकर किसी बूढ़े आदमी का भी लंड खड़ा हो जाए.

    दोस्तों यह बात तब की है जब हम दोनों के कॉलेज में उस समय छुट्टियाँ चल रही थी इसलिए उन दिनों हम दोनों ही घर पर रहते थे और हमारे घर के पास में एक धोबी रहता है, जिसे हम अपने घर के सभी कपड़े धोने के लिए देते थे. उस धोबी की उम्र करीब 45 साल होगी और वो हमारे घर पर हमेशा कपड़े देने आता जाता रहता था.

    मुझे कई बार ऐसा लगता था कि शायद उसकी गंदी नज़र मेरी बहन पर है, क्योंकि वो हमेशा किसी ना किसी बहाने से मेरी बहन तक पहुंचने और उसे छूने की कोशिश किया करता था, लेकिन में यह बात सोचकर अनदेखा कर देता कि वो इस उम्र में ऐसा कोई गलत काम नहीं कर सकता और उसके देखने, छूने से कुछ नहीं होता, लेकिन एक दिन जब वो कपड़े देने आया तो उस समय घर पर कोई भी नहीं था और में अकेला था और मेरी बहन अपनी किसी दोस्त के घर पर किसी काम से गई हुई थी. फिर मैंने उससे कपड़े ले लिए जब उसने मुझसे कहा कि भैया मुझे थोड़ा पानी पीला दो तब मैंने उसे किचन से पानी लाकर दे दिया और वो वहीं पर खड़ा खड़ा पानी पीने लगा.

    तभी उसी समय मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आ गया और मुझे लगा कि वो कुछ देर बाद पानी पीकर चला जाएगा और यह बात सोचकर में फोन पर बात करते हुए उसे वहीं पर अकेला छोड़कर अपने कमरे में चला गया, लेकिन उसने तुरंत उस बहुत अच्छे मौके का फायदा उठा लिया और उसने देखा कि में अपने फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने में व्यस्त हूँ, इसलिए वो तुरंत मेरी बहन के बाथरूम में जाकर मेरी बहन की पेंटी को सूंघने लगा और वहीं पर उसके बारे में सोचकर मुठ मारने लगा.

    फिर जब मैंने कुछ देर बात करने के बाद अपना कॉल कट किया और बाहर आकर देखा तो वो मुझे मेरी बहन के रूम से बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया और जब मैंने उससे पूछा कि अंकल आप अब तक नहीं गये? तो उसने हड़बड़ाते हुए मुझसे बहाना बनाते हुए कहा कि बेटा में गलती से ग़लत रूम में चला गया था, मुझे नहीं पता था कि वो किस कमरे का रास्ता है. दोस्तों वो जबकि उससे पहले भी बहुत बार हमारे घर पर आ चुका था, में तुरंत समझ गया कि वो जानबूझ कर मेरी बहन के कमरे में गया था और वो मुझसे अब बिल्कुल झूठ बोल रहा है. अब मुझे उस पर शक हुआ और उसके जाने के बाद में दीदी के रूम में चला गया और अंदर बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था तो मैंने अंदर जाकर देखा तो मेरी बहन की एक पेंटी नीचे पड़ी हुई थी और मैंने उसे उठाकर देखा तो उस पर उस धोबी का वीर्य लगा हुआ था.

    फिर में तुरंत समझ गया कि उस हरामी ने मेरी बहन की पेंटी के साथ क्या किया है? मुझे उसकी इस गंदी हरकत पर बहुत गुस्सा तो आया, लेकिन एक जबरदस्त मज़े वाला अहसास भी आया. फिर में सोचने लगा कि उसने सिर्फ़ मुठ ही तो मारी है वो और कुछ भी कर सकता था, लेकिन जैसे जैसे दिन गुज़रते गये और में अब उस बात को भूलने लगा.

    एक दिन की बात है, में घर पर बैठा हुआ मुठ मार रहा था और में उस समय दरवाजे को अंदर से बंद करना भूल गया, तो वो उस दिन चुपचाप अंदर आ गया और उसने मुझे मुठ मारते हुए देखकर मेरे पीछे खड़ा होकर मेरा एक वीडियो बना लिया. उस समय में झड़ने वाला था और बहुत जोश में था इसलिए मैंने अपनी दोनों आखें बंद की हुई थी और फिर उसने आवाज़ देकर मुझसे पूछा कि क्या कर रहा है?

    में उसे देखकर एकदम से बहुत डर गया और मैंने जल्दी से अपनी अंडरवियर को ऊपर किया और अब में उससे बोला कि अंकल प्लीज यह बात आप किसी को मत बोलना, लेकिन उस हरामी ने मुझसे तुरंत कहा कि हाँ में किसी को कुछ भी नहीं कहूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने उससे पूछा कि वो क्या है बताओ मुझे? तभी वो मुझसे कहने लगा कि तू मुझे तेरी दीदी के मोबाईल नंबर लाकर दे और उसका मेमोरी कार्ड भी मुझे लाकर दे. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है में आपको मेरी बहन के मोबाईल नंबर दे सकता हूँ, लेकिन मेमोरी कार्ड नहीं दे सकता.

    फिर वो मुझसे बोला कि ठीक है अब में यह वीडियो सबको दिखा दूंगा, दोस्तों में उसकी इस बात को सुनकर बहुत डर गया और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आप मेरी दीदी के साथ क्या करोगे? तो वो बोला कि वही सब जो एक मर्द एक औरत के साथ करता है. अब मैंने उसे मना किया और बहुत बार समझाया, लेकिन वो मेरी एक भी बात नहीं माना और फिर वो घर से बाहर चला गया, वो जाते समय मुझसे बोला कि कल उसे किसी भी हाल में कार्ड चाहिए.

    अगले दिन दीदी कॉलेज से आई और आते ही वो खाना ख़ाकर दिन में सोती है और मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए चुपचाप उसके मोबाईल का कार्ड निकाल लिया और धोबी को जाकर दे दिया.

    में उससे बोला कि जो करना है जल्दी से करो और उसने कार्ड से सब कुछ कॉपी करके मुझे वापस दे दिया. फिर मैंने उससे पूछा कि अपने यह सब क्यों किया. फिर वो मुझसे गाली गलोच करने लगा वो मुझसे बोला कि बहनचोद तेरे काम से मतलब रख समझा ना चूतिए. फिर में वहां से निकल गया और फिर उसी रात को मैंने करीब दो बजे उठकर मेरी दीदी का फोन चेक किया तो मैंने देखा कि व्हाटसप पर उस धोबी के बहुत सारे मैसेज पड़े हुए थे

    धोबी : हाए.

    दीदी : तुम कौन हो?

    धोबी : मेरी जान में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, जब से मैंने तुम्हे देखा है में तुम्हारा बिल्कुल दीवाना हो गया हूँ.

    दीदी : चुप करो अपनी यह बकवास, क्या तुम पागल हो.

    धोबी : एक मिनट रूको, फिर तुम चाहो तो जरुर बंद कर देना.

    अब उस धोबी ने दीदी को दीदी की फोटो जो उसके पास थी और बहुत सारी सेक्सी फोटो भी भेजी और उन सभी फोटो में मेरी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी.

    दीदी : क्यों यह फोटो तुम्हारे पास कहाँ से आई?

    धोबी : जानेमन में तेरे प्यार में सब कुछ कर सकता हूँ, अब अगर तूने मुझसे बात नहीं की या मुझे हटा दिया तो में यह सभी फोटो सबको भेज दूंगा और तुझे एक रंडी बना दूंगा, इसलिए अब तू सबसे पहले तेरे घर वालो की इज्जत के बारे में भी थोड़ा सोच लेना.

    दीदी : प्लीज तुम ऐसा मत करो, मुझे बताओ कि तुम्हे क्या चाहिए?

    धोबी : में तुझे सही समय आने पर वो सब एक दिन जरुर बता दूंगा.

    दीदी : हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज किसी को वो फोटो मत भेज देना.

    धोबी : हाँ ठीक है जानेमन, तुम कहती हो तो में रुक जाता हूँ, लेकिन तुम्हे अब वो सब करना होगा जो में तुमसे करवाना चाहता हूँ वरना ना करने का अंजाम तुम बहुत अच्छी तरह से जानती हो.

    फिर उसके अगले दिन धोबी हमारे घर पर दोबारा आ गया और फिर दीदी उसे देखकर उससे कपड़े लेने चली गई और जैसे ही दीदी कपड़े लेकर पीछे की तरफ मुड़ी तो उसने सही मौका देखकर दीदी के चूतड़ को दबा दिया.

    दीदी कहने लगी कि अंकल यह क्या बत्तमीजी है और आप मेरे साथ यह क्या कर रहे हो क्या आपको बिल्कुल भी शरम नहीं आती? तो मुस्कुराते हुए बोला कि जानेमन अभी तो मुझे तेरे साथ बहुत कुछ करना है, अभी तो मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे तू मुझसे इतना नाराज हो रही है. दोस्तों दीदी उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल चकित हो गई और अब वो समझ गई कि धोबी ही वो इंसान है जिसने कल रात को उनके नंबर पर वो मैसेज किए थे.

    दीदी : प्लीज बताओ ना अंकल आप मेरे साथ ऐसा क्यों करे हो, मैंने आपका क्या बिगाड़ा है?

    धोबी : क्योंकि में तुझसे बहुत प्यार करता हूँ.

    दीदी : क्या अपने आपकी मेरी उम्र देखी है? और आप तो मुझसे उम्र में भी बहुत बड़े हो.

    धोबी : हाँ जानेमन देखी है, लेकिन कभी भी जिस्म की भूख में उम्र नहीं देखी जाती और में सिर्फ़ तुझसे प्यार करना चाहता हूँ, शादी नहीं.

    दीदी : अंकल में इन सब चीज़ो में नहीं पड़ना चाहती हूँ और मुझे इसमे बहुत डर भी लगता है, प्लीज आप मुझे मेरा कार्ड दे दीजिए प्लीज.

    धोबी : अब ज्यादा फालतू की बातें मत कर, बहुत मज़ा आएगा और कल में दोपहर को तेरे घर पर आ जाऊंगा, तू एकदम तैयार रहना मेरी जानेमन.

    दीदी : अंकल नहीं प्लीज, मेरा भाई भी दिन में घर पर ही होगा.

    धोबी : में सब संभाल लूँगा और वो दीदी के बूब्स दबाकर मुस्कुराता हुआ वहां से चला गया.

    फिर जब शाम को में मेरे एक दोस्त के घर पर जा रहा था तब उस धोबी ने मुझे रोककर अपनी पूरी बात मुझे बताई और फिर वो मुझसे बोला कि तू कल दिन में घर पर मत रहना, दोपहर के दो बजे से चार बजे के बीच में. अब मैंने उससे कहा कि अगर मेरी बहन इस काम को तुम्हारे साथ करने के लिए राज़ी है तो मुझे इसमे कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर उसकी बिल्कुल भी इच्छा नहीं है तो प्लीज तुम उसे कुछ मत करना.

    फिर धोबी ने मुझसे कहा कि तेरी बहन की मेरे साथ सेक्स करने की बहुत ज़्यादा इच्छा है, लेकिन वो बता नहीं रही और अगर ऐसा भी है तो तू खुद वहां पर आकर अपनी आखों से देख लेना. फिर मैंने कहा कि ठीक है दरवाजा बंद मत करना, दोस्तों मुझे उसकी बातें सुनकर उस पर गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन में मज़बूर भी बहुत था और एक तरफ जोश में भी था.

    फिर अगले दिन में दोपहर को करीब 1:30 पर ही अपने घर से बाहर निकल गया और करीब आधे घंटे बाद 2 बजे घर के पीछे पहुंच गया और देखने लगा. धोबी के घर के अंदर घुसने के बाद में भी चुपचाप अंदर चला गया. अब मैंने देखा कि दीदी उस समय बहुत डरी हुई थी. धोबी ने दीदी को अपनी गोद में उठाया और सीधा बेडरूम में ले गया और उसने मेरे लिए बेडरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला रखा, जिससे में बाहर से ही वो सब कुछ देख लूँ जो अंदर मेरी दीदी और उस धोबी के बीच होने वाला था.

    धोबी : क्या हुआ जानेमन तुम मुझसे इतना क्यों डर रही हो?

    दीदी : वो इसलिए क्योंकि मैंने इससे पहले कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया है.

    धोबी : वाह फिर तो हमे सेक्स करने में बहुत मज़ा आएगा, काश में तेरा पति बन सकता?

    दीदी : अंकल प्लीज यह सब रहने दीजिए, प्लीज आप मुझे छोड़ दो.

    धोबी : में तुझ जैसी परी को कैसे छोड़ दूँ? हाँ, लेकिन तुझे में चोद तो ज़रूर सकता हूँ.

    दीदी : ठीक है अंकल आपको जो कुछ मेरे साथ करना है करो, लेकिन थोड़ा जल्दी करो और मेरे भाई के आने से पहले मुझे मेरा कार्ड देकर आप प्लीज यहाँ से चले जाओ.

    धोबी : तुमने क्या इससे पहले कभी किसी को किस किया है या फिर किसी के साथ सेक्स किया है?

    दीदी : मैंने ऐसा कुछ भी अभी तक नहीं किया.

    धोबी : वाह इसका मतलब तेरी चूत पूरी तरह से सील पेक है.

    दीदी : क्या मतलब?

    धोबी : थोड़ा सा रुक, में अभी तुझे सब कुछ समझाता हूँ.

    अब धोबी दीदी को किस करने लगा, लेकिन दीदी उसका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थी और फिर वो किस करते हुए अपने एक हाथ से दीदी के बूब्स को दबाने लगा और अपने दूसरे हाथ से दीदी के पजामे में हाथ डालकर वो मेरी दीदी की चूत को सहलाने लगा. उसने दीदी की चूत में अपनी ऊँगली को अब धीरे धीरे अंदर बाहर करना भी शुरू कर दिया था जिसकी वजह से अब दीदी धीरे धीरे गरम होने लगी थी और अब वो दीदी की नाभि में अपनी उंगली को डाल रहा था और धीरे धीरे उनका पेट मसल रहा था, जिसकी वजह से अब दीदी का भी सब्र टूटने लगा. फिर वो भी जोश में आकर उसका पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो दोनों अब किस करने लगे.

    उनका यह किस थोड़ी देर तक चला और उसके बाद धोबी ने अपनी पेंट को खोल दिया और वो दीदी से बोला कि जल्दी से नीचे बैठकर मेरा लंड चूस, लेकिन दीदी साफ मना करने लगी और वो बोली कि आपका यह बहुत मोटा है. दोस्तों धोबी का लंड करीब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, लेकिन बहुत कहने और समझाने के बाद वो मान गई. अब मेरी दीदी अपने घुटनों पर नीचे बैठकर उसका लंड चूसने लगी है, वो बिल्कुल एक सेक्सी फिल्म की किसी रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी और धोबी चिल्ला रहा था आह्ह्ह्ह और ज़ोर से चूस आआहा मेरी रांड. अब उसने दीदी की टी-शर्ट को उतार दिया और उसका पजामा भी उतार दिया.

    फिर उसने पेंटी और ब्रा को भी उतार दिया. दोस्तों मेरी दीदी अब उसके सामने पूरी नंगी खड़ी हुई थी और वो मेरी दीदी के बूब्स को मसलने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और बार बार उन दोनों बूब्स के बीच में अपना तनकर खड़ा, गरम लंड रगड़ रहा था और दीदी की नाभि को चाट रहा था, लेकिन अब दीदी से भी ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा था और वो भी अब धोबी के पूरे कपड़े खोलकर उसका लंड वापस चूसने लगी.

    फिर वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गए और धोबी अब मेरी दीदी की चूत को अपनी जीभ से कुत्ते की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से दीदी ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह अंकल प्लीज आईईईईईइ थोड़ा और अंदर करो अंकल उफ्फ्फ्फ़. अब वो दोनों टाईम देखने लगे और उस समय करीब 3 बज रहे थे. फिर दीदी कहने लगी कि हमारे पास सिर्फ अब एक घंटा और है प्लीज अब थोड़ा जल्दी से इसे मेरे अंदर डाल दीजिए.

    फिर अंकल ने तुरंत अपना लंड दीदी की चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगे, लेकिन लंड अंदर ही नहीं गया और दीदी उस दर्द से तड़प गई. फिर धोबी अंकल ने बहुत सारा वेसलीन अपने लंड पर लगते हुए कहने लगे कि तुम्हारी सील अब खुलेगी और धीरे धीरे ज़ोर लगाते हुए अंदर डालने लगे, लेकिन दीदी उस दर्द के मारे बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी.

    फिर धोबी ने किस करना शुरू कर दिया और वो बूब्स भी दबाता रहा और हल्के हल्के धक्के भी लगाता रहा, जिसकी वजह से ज़ोर ज़ोर से दीदी की सिसकियाँ अब और भी तेज़ होने लगी आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह अंकल प्लीज थोड़ा धीरे डालिए आईईईईई प्लीज मुझे कुछ हो रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अब बाहर निकालो इसे प्लीज आह्ह्ह्ह, लेकिन धोबी तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और करीब 15 मिनट तक लगातार चोदने के बाद धोबी कहने लगा कि अब मेरा निकलने वाला है बताओ क्या करूं?

    फिर दीदी चिल्लाती हुई बोली कि प्लीज बाहर निकाल लीजिए मेरे अंदर मत छोड़ना, लेकिन धोबी अब भी उसी स्पीड में धक्के देकर चुदाई करता रहा और वो दीदी से कहने लगा कि तुझे तो में अपने होने वाले बच्चे की माँ जरुर बनाऊँगा उह्ह्ह्ह अब मेरा वीर्य निकलने वाला है और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी दीदी की चूत में डाल दिया. अब वो दीदी के ऊपर गिर गया और वो दोनों करीब पांच मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे.

    फिर धोबी ने दीदी को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उसके बाहर निकालते ही चूत से खून और उसका वीर्य दोनों ही एक साथ किसी नदी की तरह बहते हुए बाहर आ गए और अब दीदी बेडशीट पर अपनी चूत से निकला हुआ वो खून देखकर बहुत डर गई और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. तभी धोबी उन्हें समझाने लगा कि यह सब हर किसी के साथ उसकी पहली चुदाई में होता है, लेकिन तू तो अब यह बता कि तुझे अपनी चुदाई में मज़ा आया या नहीं? दीदी शरमाते हुए अपने सर को नीचे झुकाते हुए बोली कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया, लेकिन वो आपका बहुत बड़ा है मुझे उसकी वजह से दर्द के साथ साथ बहुत खून भी निकला, शायद उसकी वजह से मेरे अंदर अब जलन होने लगी है.

    धोबी : कोई बात नहीं है अब आज से तू मेरी रंडी है, तू इसकी आदत डाल ले और अब तू मेरे बच्चे की माँ बनने को तैयार हो जा.

    दीदी : आप क्या पागल हो, अभी मेरी उम्र ही क्या है? और प्लीज आप अगली बार से मेरे साथ कुछ भी करो तो प्लीज कंडोम लगाकर करना प्लीज.

    धोबी : जानेमन कंडोम लगाकर चुदाई करने में वो मज़ा नहीं आता जो बिना कंडोम के आता है. चल अब में चलता हूँ और तू अपना ध्यान रखना.

    दोस्तों उस धोबी के हमारे घर से चले जाने के कुछ देर बाद जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि मेरी दीदी मुझे बहुत खुश लग रही थी. में उसकी ख़ुशी का मतलब समझ गया था और फिर यह सिलसिला ऐसे ही लगातार चलता रहा और अब धोबी मेरी दीदी को चोदता रहा. अब जब भी मन करता तब मेरी बहन को दोपहर के समय चोदने आ जाता था और अब उसने मुझे पैसे देने भी शुरू कर दिए थे. में बहुत मजबूर था क्योंकि मेरी दीदी भी उसके साथ उससे चुदकर बहुत खुश थी और अब मेरी दीदी एक बहुत बड़ी रंडी बन चुकी है और वो लंड की आदी हो गई है और धोबी के साथ चुदाई करवाने के लिए वो अब कुछ भी कर सकती है और उन दोनों की चुदाई अब भी लगातार हर कभी होती रहती है. उसने मेरी शरीफ बहन को चोद चोदकर अपनी बहुत बड़ी छिनाल बना दिया है.

  • देवर और उसके दोस्तों के साथ

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मधु है और में शादीशुदा हूँ और मेरी शादी तीन साल पहले राजीव के साथ हुई थी, हमारी शादीशुदा लाईफ ठीक ठाक चल रही थी. दोस्तों आज में आप सभी को अपने साथ हुई सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ और मैंने बहुत हिम्मत करके इस कहानी को आप सभी के लिए लिखा है.

    दोस्तों वैसे यह आज से दो साल पहले की बात है. मेरे पति कुछ ज्यादा गुस्से वाले है और वो सेक्स के दौरान कभी कुछ नहीं बोलते और ना ही प्यार जताते है, लेकिन फिर भी हमारी सेक्स लाईफ बहुत अच्छी है. परिवार में हम दोनों के अलावा मेरी सास और देवर रहते है और हमारी एक मध्यमवर्गीय फेमिली है, लेकिन जो भी दो साल पहले हुआ वो आम बात होगी, यह मुझे बिल्कुल भी नहीं लगता.

    दोस्तों यह बात मेरे देवर से जुड़ी हुई है. उसका नाम अनुज है और वो किसी अच्छे से कॉलेज में इंजिनियरिंग की पढ़ाई करता है, तो दोस्तों दो साल पहले मेरे कुछ कॉलेज फ्रेंड्स मुझसे मिलने को घर पर आए, मेरे पति को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी और सच बात बताऊँ तो मेरा कॉलेज में एक बॉयफ्रेंड तो था, लेकिन मेरी कभी भी उनके साथ सेक्स करने की हिम्मत नहीं हुई और उस दिन दोपहर में मेरी कॉलेज की दोस्त रेणु आई हुई थी.

    फिर उसने कुछ पुराने कॉलेज के टाईम के फोटो भी मुझे दिए, जो उसके पास थे. मेरे पति उस दिन घर पर नहीं थे और मेरी दोस्त ने मेरी कुछ किताबें और वो फोटो मुझे दिए. फिर मैंने उसे टेबल पर रख दिया और हम दोनों हमारी ही बातों में लगे रहे, शाम को मैंने देखा कि अनुज वो किताब और फोटो देख रहा था और मुझे उसमे ऐसी कोई भी गम्भीर बात नहीं लगी, लेकिन उसने मुझे बुलाया और पूछा कि भाभी यह कौन है?

    मैंने फोटो देखा तो मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, क्योंकि वो मेरा बॉयफ्रेंड था और भले ही मैंने कभी उसके साथ सेक्स नहीं किया हो, लेकिन छेड़छाड़ तो हर रोज होनी ही थी और वो फोटो भी कैसा जिसमे वो मेरे गालों को चूमता है और में उस फोटो को देखकर मन ही मन सोचने लगी कि हे भगवान मैंने इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया, तो अनुज ने फिर से पूछा कि हैल्लो भाभी कहाँ खो गयी? तो मैंने कहा कि यह तो मेरे कॉलेज का एक फ्रेंड है, लेकिन वो मेरी ख़ामोशी से मेरा डर जान गया था और वो अब तक समझ चुका था कि मेरे मन में क्या चल रहा है, मेरे चेहरे का रंग क्यों उड़ा हुआ है और मुझे इतना पसीना क्यों आ रहा है?

    फिर अनुज ने पूछा कि भाभी क्या यह आपका बॉयफ्रेंड था? तो मैंने भी थोड़ी हिम्मत करते हुए एकदम गुस्से से कहा कि तुम कितने बेशर्म हो, एसी बातें मुझसे करते हो? तो अनुज ने और भी बेफिक्र होकर कहा कि इसमे क्या है? क्या आप यह मानती है कि में यह बात मान लूँ कि शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? क्या भाभी आप भी अच्छा मज़ाक करती हो और आजकल तो 16 साल की लड़की भी वर्जिन मिलना बहुत मुश्किल है.

    मैंने उसे गुस्से से ज़ोर से एक थप्पड़ मार दिया और मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह सिर्फ़ मेरा दोस्त था और यह एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी के फोटो है तो वो भी बहुत गुस्से में था, लेकिन उसने कहा कि ठीक है अगर यह नॉर्मल पार्टी फोटो है तो में इसे भाई (यानी मेरे पति राजीव) को ही दे देता हूँ. फिर मैंने कहा कि मुझे दे दो, यह मेरी फ्रेंड्स ने मुझे दिए है, लेकिन अनुज ने उस फोटो को अपने पीछे करके बोला कि अगर कुछ नहीं है तो यह गुस्सा और नाटक कैसा? और तुम चाहो तो मुझे अब भी सच सच बता सकती हो.

    दोस्तों में अब बहुत बड़ी मुसीबत में थी, क्योंकि में अब उसे कुछ भी बताती हूँ तो भी में नहीं बच सकती और बताती हूँ तो भी में फंस जाऊँगी और वैसे अगर आम जन्मदिन फोटो होते तो मेरे पति यह कॉलेज टाईम के जन्मदिन पार्टी वाले फोटो देख भी लेते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन फोटो में जो मेरा बॉयफ्रेंड संदीप था, उसको मेरे पति बहुत अच्छी तरह से जानते है और हम कुछ महीने पहले मेरे पति के एक दोस्त की पार्टी में मिले थे और संदीप अब मेरे पति के ऑफिस के एक साथ में काम करने वाले दोस्त का दोस्त था और मैंने अपनी शान दिखाने के लिए मेरे पति से कहा था कि यह संदीप एक छटा हुआ बदमाश लड़का था और कोई भी लड़की उससे बात करने से डरती थी तो मेरे पति ने भी बताया था कि इन्ही बातो से परेशान होकर उनकी पत्नी (संदीप की वाईफ) भी तलाक का केस कर चुकी थी, तो अब इन सबके बाद अगर मेरे पति मेरा और संदीप का साथ यह फोटो देखते तो में उन्हे क्या जवाब देती और यह भी सही है कि अनुज को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मेरे पति को तो पता है और मैंने ही संदीप को एक बदमाश बताया था, में अब बहुत बुरी फंस चुकी थी.

    फिर मैंने अनुज से पूछा कि तुम चाहते क्या हो? तो अनुज ने हंसते हुए कहा कि मुझे तुम्हारे साथ मज़े करने है. फिर मैंने उसको फिर से एक और थप्पड़ मार दिया और कहा कि तुम बहुत बेशर्म हो और क्या तुम जानते हो कि में तुम्हारी भाभी हूँ, क्या तुम्हे इतनी तमीज़ भी नहीं है? तो अनुज अब बहुत गुस्से में था, उसका पूरा चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था और फिर उसने कहा कि देखो तुम मेरी भाभी हो, इसलिए मैंने यह थप्पड़ खा लिए और अब में इसे भाई को दे देता हूँ, अगर यह नॉर्मल फोटो है तो में भूल जाऊंगा कि मैंने तुमसे क्या माँगा और माफ़ कर दो और अब तो भाई को जो करना हो वो जाने, तो में अब लगभग रोने की हालत में थी.

    मैंने कहा कि प्लीज ऐसा मत करो तुम बहुत अच्छे हो प्लीज कुछ तो समझो, अब अनुज भी शांत हुआ, लेकिन उसने अपनी बात नहीं छोड़ी, उसने कहा कि में कहाँ आपसे जबरदस्ती कर रहा हूँ? और मैंने तो सिर्फ़ मज़े मस्ती करने की बात कही है और में कोई आपकी शादी नहीं तोड़ना चाहता और आखिर में हूँ तो तुम्हारा देवर ही ना? तो मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन यह बात उसने मुझसे बीच में रोककर बोला कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और सब कुछ अभी नहीं हम दो दिन बाद करेंगे.

    मेरे पति दूसरे दिन अपने ऑफिस के ट्रिप पर 15-20 दिनों के लिए बाहर जाने वाले थे और उस दिन मेरी सास भी घर पर नहीं थी और दो दिन बाद में बहुत अजीब सा महसूस कर रही थी, क्योंकि में जो काम करने की हिम्मत कॉलेज में नहीं कर पाई, आज उसी कॉलेज की एक फोटो ने मुझसे यह सब काम करने पर बहुत मजबूर किया था तो दो दिन बाद अनुज ने कहा कि भाभी तुम तैयार हो जाओ.

    मैंने पूछा कि कहाँ जाने के लिए?

    उसने कहा कि तो क्या आपको यह लगता है कि यहाँ घर पर यह सब करेंगे? आप भी चलो मेरे साथ और यह घर बार छोड़ो, अब हम बहुत मज़े मस्ती करेंगे और हम उसकी कार में उसके एक दोस्त के फार्म हाउस पर गये, मुझे लगा कि वहां पर सिर्फ हम दोनों ही थे, लेकिन जैसे ही दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि वहां पर उसके दो दोस्त नमित और आशीष भी थे और में उन्हे देखकर एकदम चकित रह गयी.

    मैंने अनुज को तुरंत साईड में बुलाकर पूछा कि क्या तुम पागल हो गये हो? तुमने सिर्फ हमारी बात की थी, क्यों अपने ही घर की इज़्ज़त बाहर उछालने पर तुले हुए हो? दोस्तों में सच में यह सब देखकर बहुत परेशान थी. फिर उसने कहा कि चिल्ला चिल्ला और ज़ोर से चिल्ला यह मेरे दोस्त है, भाई से कोई लेना देना नहीं और कोई कुछ नहीं कहेगा, क्योंकि उसकी खुद की बीवी, बहन और गर्लफ्रेंड को कई बार चोद चुका हूँ, तुम्हे इन सब बातों पर विश्वास करना होगा और अब यह झूठा प्यार व्यार का ड्रामा खत्म करो.

    फिर नमित आया और बोला कि अब इन बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो और बस मज़े मस्ती करो, मुझे पता है कि तुम्हे कुछ देर बाद मज़ा आने लगेगा. फिर वहीं पर उन सभी के सामने अनुज ने मुझे पीछे से एकदम से कसकर पकड़ लिया और वो मुझे स्मूच करने लगा, में कुछ बोलूं कुछ सोचूं उसके पहले ही यह सब होने लगा और उसने इतना कसकर पकड़ा था कि में उसका हाथ नहीं छुड़ा सकती थी, क्योंकि वो पूरे जोश में था. दोस्तों में अनुज के बारे में बताऊँ तो वो एक हेंडसम है और कई लड़कियों से उसके रिश्ते है (अब यह कोई बताने वाली बात तो रही नहीं थी) और डेली जिम में की वजह से वो बहुत फिट था और नमित भी हेंडसम लड़का है और आशीष भी.

    फिर स्मूच के दौरान ही मैंने आने वाले वक्त को समझ लिया और उसका कोई भी विरोध नहीं किया और अब नमित मेरे पीछे से मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरी छाती को दबाने लगा और आशीष ने अपनी शर्ट को निकाल दिया और अनुज के हाथों में से मुझे लेकर उसने स्मूच करना शुरू कर दिया. तो नमित और अनुज भी अपने अपने कपड़े उतारने लगे, अनुज ने मेरा टॉप थोड़ा ऊपर किया. दोस्तों मेरे बूब्स दिखने में और आकार में बहुत अच्छे गोल और बड़े बड़े है और में भी मन ही मन में जोश में थी.

    अनुज ने कहा कि ब्रा के ऊपर से ही यह एकदम मस्त सेक्सी दिख रहे है और फिर अंदर से कैसे होंगे. तो नमित भी बोला कि यह भाभी नहीं हॉट, सेक्सी बम है और अनुज ने कहा कि देख सेक्सी के निप्पल एकदम टाईट है. यह तो एकदम पूरी जोश से भरी हुई है. तो आशीष ने कहा कि देखो यह रसीले गुलाबी होंठ तो अंदर छुपी हुई चूत कितनी सेक्सी होगी? हम एक दूसरे के किस करने लगे, अनुज ने ही मेरी जीन्स को उतारा और पेंटी के ऊपर से चूत को हाथ लगाकर महसूस करने लगा, सूंघने लगा और एक ही झटके में उसने ही मेरी पेंटी भी उतार फेंकी और अब में बिल्कुल नंगी थी और मेरी एकदम चिकनी रसीली चूत उन सबके सामने लंड लेने को मचल रही थी और वो मेरी चूत को देखते ही रह गए.

    बाकी ने भी मुझे नंगा देखकर अपने कपड़े उतार दिए, लेकिन में सच में एकदम डर गयी, जब उन सबके लंड मेरे सामने एकदम तनकर खड़े हो गए और मेरे मुहं से निकल गया ओह नहीं यह तो कितने बड़े है? में यह सब कैसे कर सकती हूँ? दोस्तों आशीष का लंड लगभग 7 इंच का, नमित का भी उतना ही था और अनुज का 8 इंच लंबा था. दोस्तों अनुज का भाई और मेरा पति भी बहुत सेक्सी है, लेकिन यहाँ तो यह एक साथ तीन तीन. तो अनुज ने मेरा सर पकड़ा और उसने मेरे मुहं में उसका लंड एक धक्का दिया और घुसा दिया और वो बोला कि अब आज से तू मेरी भाभी नहीं रंडी मंधु है तुझे अब रंडियों की तरह चुदवाना है.

    नमित ने कहा कि आज से हम बहनचोद की जगह भाभीचोद बनेंगे. तो आशीष बोला कि साले में तो पहेल से ही मादरचोद हूँ और वो सभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. दोस्तों मैंने अपने पति के आलावा अब तक किसी और के साथ कुछ नहीं किया था, लेकिन आज पहली बार में ऐसा कर रही थी और मुझे नहीं पता था कि सेक्स में यह लोग इतनी गंदी गंदी और ऐसी ऐसी बातें भी करते है और में अनुज की इन सभी बातों से बहुत चकित थी, क्योंकि वो इतना कुछ बोल रहा था और जबकि उसका भाई तो एक शब्द भी नहीं बोलता.

    में अब अनुज और उसके दोस्तों के लंड को बारी बारी से चूस रही थी और उन सबके लंड एकदम तन गये थे और लगभग 20 मिनट तक चूसने करने के बाद अनुज ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. तो आशीष एकदम से मेरे बूब्स पर ही टूट पड़ा और अनुज ने मेरी चूत में धीरे धीरे उंगली डाली. उसने सबसे पहले एक और कुछ देर बाद में दो और सच में मेरी चूत भी बहुत भीग चुकी थी और फिर अनुज बोला कि क्यों मज़ा आ रहा है ना? नमित ने उसका लंड मेरे मुहं में डाल दिया और अब अनुज ने अपना तना हुआ लंड सीधा मेरी चूत में डाल दिया मुझे बहुत ज़ोर से धक्का लगा, जैसे किसी ने मेरी चूत में एक मोटा, गरम सरिया डाल दिया हो. में लंड के अंदर जाते ही एकदम दर्द से छटपटा उठी, मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी जांघो को पकड़ लिया.

    तभी नमित ने मेरे मुहं पर और ज़ोर से लंड को धक्का दिया ताकि उसका लंड उसका लंड अंदर रहे और मेरी चीख बाहर ना निकले. फिर अनुज तो और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और में सिसकियाँ ले रही थी उहहह्ह्ह अह्ह्ह सीईईईईइ दोस्तों सच में काश उसके भाई का लंड भी ऐसा ही होता, क्योंकि उसके लंड से मेरी चूत में दर्द, जलन होने के साथ साथ मेरी चूत में एक अजीब सा संतुष्टि का अहसास भी हो रहा था. उसके हर एक धक्के से मेरी चूत को जोश आ रहा था और मैंने भी नीचे से धक्के लगाए और अब बहुत देर तक चुदाई के बाद अनुज ने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और आशीष ने मेरी चूत में उसका लंड घुसा दिया और अब अनुज मेरे पूरे शरीर को चाट रहा था और नमित और अनुज दोनों बारी बारी से ज़ोर से अपना लंड मेरे मुहं में दिए जा रहे थे.

    अब आशीष भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और कुछ देर बाद में नमित ने अपना लंड मेरी चूत में डाला उहह अह्ह्ह्ह आईईईईईईईइ दोस्तों में सच में पिछले कई मिनट से लगातार चुद रही थी, जिसकी वजह से मेरी चूत की खुजली अब एकदम खत्म हो चुकी थी और मेरी चूत में जलन सी होने लगी थी. उनके ताबड़तोड़ धक्के मुझे पूरा हिला रहे थे और जबकि में घर पर ज्यादा से ज्यादा 5-6 मिनट तक चुदी हूँ और यहाँ तो ऑश अह्ह्ह्ह मेरे उह्ह्ह चुदने के सभी रिकोर्ड टूट गए, उनके लंड बहुत जोश से भरे हुए थे, लेकिन अब में सच में इस चुदाई से बहुत थकने लगी थी. तो अनुज अब बेड पर लेट गया और उसने मुझे उसके लंड पर बैठा दिया तो में एकदम से उठ गयी, लेकिन आशीष ने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़कर फिर से बैठा दिया.

    मैंने कहा कि नहीं प्लीज अब नहीं, छोड़ दो मुझे. नमित ने कहा कि क्या भाभी रंडी अब ज्यादा नखरे मत दिखाओ? हम आज तुम्हे असली जन्नत की सर करवाते है और अपने लंड पर बैठने के बाद ज़ोर से नीचे से धक्का दिया आहह्ह्ह्ह नहीं आईईइईई और नमित ने अनुज पर मुझे लेटाकर मेरी गांड में उसका लंड घुसा दिया ओहह्ह्ह अह्ह्ह नहीं बस करो छोड़ दो प्लीज अब छोड़ दो और फिर आशीष ने मेरा मुहं अपने लंड से बंद कर दिया. दोस्तों में तो जैसे हर एक जगह से चुद रही थी और अब कुछ कहने, करने की भी नहीं थी.

    तभी अनुज ने कहा कि हाँ ये ले मेरी रंडी ले और ले, नमित ने कहा कि ओह ऐसी रंडी मुझे पहले मिली होती तो में अब तक इसे चोदकर इसकी चूत का भोसड़ा बना चुका होता. दोस्तों उनकी एसी लगातार चुदाई से मेरी तो आखों से पानी निकल गया और अब में झड़ चुकी थी ओहहह प्लीज़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह अब तो बस करो.

    कुछ देर बाद ही आशीष ने झड़ने की शुरुआत की और उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और मेरा मुहं पकड़कर रखा ताकि उसका सारा माल मुहं के अंदर ही रहे और फिर अनुज ने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरी चूत में सब कुछ जाने दिया और नमित ने मेरी गांड में डाल दिया. दोस्तों ऐसी चुदाई मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी और कुछ देर बाद में चुदाई की और हम सभी बहुत थक गए, लेकिन लगातार पूरे दिन मुझे चोदते रहे और इस साल मुझे बेटा हुआ है, लेकिन यह इनमे से किसी का नहीं था. वो मेरे पति का ही है क्योंकि में उनसे सेक्स करने के बाद गर्भनिरोधक गोलियां लेना कभी नहीं भूलती, जिसकी वजह से मेरा बेटा मेरे पति के चुदाई करने से हुआ, लेकिन पिछले एक साल से अनुज हमारे साथ नहीं रहता और मैंने उसके भाई, मतलब कि मेरे पति के आलावा किसी और से कभी भी सेक्स नहीं किया, लेकिन आज भी में उस सेक्स को कभी नहीं भूल सकती.

  • एक रंडी की आपबीती

    हैल्लो दोस्तों, हिन्दी में लिखने का अलग ही मज़ा है, बहनचोद सारी भड़ास निकल जाती है, जिधर भी देखती हूँ चारों तरफ भूखे ही नज़र आते है और रोटी से ज़्यादा उन्हें जिस्म की तलाश रहती है. पहले में भी अपने बूब्स को छुपाते-छुपाते परेशान हो जाती थी, लेकिन अब तो पल्लू हटाने में भी शर्म नहीं आती, शायद ये उम्र ही ऐसी है. एक सीधी साधी महिला को भी रांड बनने पर मजबूर कर देती है, मगर मेरा कोई दोष नहीं है, दोष इस जिस्म का है, दोष इस चूत की भूख का है जो आदमी को देखते ही मचलने लगती है. चाणक्य ने कहा था कि औरत में पुरुषो के मुक़ाबले 8 गुना ज़्यादा कामुकता होती है, लेकिन मुझे तो लगता है कि साली हज़ार गुना ज़्यादा होती है.

    ये बात एक शाम की है जब में पार्लर में थी और एक कस्टमर की मसाज कर रही थी, वो पीठ के बल लेटा था और में अपने हाथों में ठंडा तेल लिए उसकी पीठ मल रही थी. जब मैंने काले कलर का टॉप पहना था और काले शॉर्ट्स, अंदर काली ब्रा और पेंटी पहनी थी. अब मसाज करते-करते में उसकी टाँगों तक पहुँच गई और अब मेरी गांड उसकी तरफ थी. फिर उसने अपने हाथ से मेरी गांड को सहलाया. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.

    में – साहब, सेक्स करने का मूड है क्या?

    वो : हाँ डार्लिंग.

    में – 15000 रुपये लगेंगे.

    वो : और भी दूँगा.

    फिर इतना कहकर वो उठा और अपने पर्स से पैसे निकाल कर मुझे पकड़ा दिए. फिर मैंने कहा कि अब बस आप देखते जाओ. फिर मैंने अपनी दोनों टाँगे उसकी टाँगों के बगल में रखी और उसके ऊपर आ गई और उसकी चड्डी में उसका लंड खड़ा था.

    फिर मैंने उसके ऊपर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया. अब उसके हाथ मेरे बूब्स पर जा चुके थे. फिर उसने पूछा कि इनका साईज़ कितना है? तो मेरे मुँह से आ आह्ह्ह के साथ निकला 36D है. अब इससे पहले कि वो कुछ और पूछता मैंने अपनी टॉप उतार फेंकी और पीछे से ब्रा की हुक खोल दिये. अब मेरे बूब्स उसके सामने लटके हुए थे.

    फिर मैंने उसकी और देखा और उसके होंठो पर टूट पड़ी. मैंने पहले उसका ऊपर वाला होंठ चूसा. फिर उसका नीचे वाला होंठ चूसा और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. अब वो भी जोर से मेरे होंठ चूस रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था. अब उसकी उंगलियां मेरे नितंबो को दबाने से नहीं चूक रही थी और हर बार दबाने के बाद मेरे मुँह से आ आ की आवाज़ें निकल रही थी. अब उसकी उंगलियों ने अपना जादू दिखाना शुरू कर दिया था और अब मेरे नितंब बिल्कुल खड़े थे.

    फिर मैंने उसके मुँह से अपना मुँह हटाया और उसकी चड्डी निकाल दी, अब उसका लंड मुझे सलामी दे रहा था. फिर मैंने उसका लंड पकड़ा और उसको अपनी चूत से रगड़ा और अपने बैग से कंडोम का एक पैकेट निकाला.

    फिर उसने पूछा कि ये क्यों? तो मैंने कहा कि अपनी सुरक्षा अपने हाथ. अब उसके लंड को सहलाते हुए मैंने टोपी पहनाई तो वो मोटा ताज़ा लंड मेरा हाथ लगते ही उफान मार रहा था और जैसे अंदर जाने को मचल रहा हो. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसे रगड़ा और उसकी नोक पर थूक दिया और फिर जीभ फेरते हुए उसे मुँह में लेकर चूसने लगी, क्योंकि लंड गीला होने के बाद आसानी से अंदर चला जाता है.

    फिर धीरे-धीरे उसे अंदर लेते हुए में उसके ऊपर बैठ गई और उसका पूरा लंड मेरी चूत में अंदर चला गया. अब उसके मुँह से आहें निकल रही थी और अब हर बार उछलने के साथ हमारी चीखें तेज हो रही थी. फिर उसने मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और वो अपने दोनों हाथों से मेरी गांड के साथ खेल रहा था. फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे लेटाया और मेरे ऊपर आ गया और चोदने लगा और फिर मैंने अपने नाख़ून उसकी गांड में चुभा दिए.

    फिर कुछ देर तक चोदने के बाद वो झड़ गया, मगर में अभी भी भूखी थी और मेरी चूत में अभी भी खलबली थी. अब उसने मेरी स्थिति भाँप ली थी और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में अंदर डाली और अपनी उंगली से मुझे चोदने लगा और कुछ ही देर में मेरा फव्वारा भी निकल गया. अब हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर गिर गये. फिर मैंने उसके लंड पर से कंडोम निकाल दिया और उसके सुपाड़े को चाटने लगी, साला बड़ा नमकीन था जैसे कोई नया लंड हो.

    फिर उसने मेरी चूचियां सहलाते हुए पूछा कि तुम ये सब कब से कर रही हो? फिर मैंने उसके लंड पर से मुँह हटाकर कहा कि 6 साल हो गये है. फिर उसने करवट ली और बोला कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगी और मुझे अपने बारे में बताओ ना. फिर मैंने बताना शुरू किया, में 24 साल की हूँ और मेरा नाम रुखसार है और में दिल्ली की गलियों में पली बड़ी, चाँदनी चौक में खेली-कूदी हूँ, दिल्ली में हमारा घर हुआ करता था.

    मेरे पापा फ़ौज़ में थे और उनके इंतकाल के बाद किसी ने हमें पूछा तक नहीं. में उस समय 19 साल की थी. मेरे पापा के जाने के बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी, अम्मा हमेशा बीमार रहती थी और वो दिल की मरीज़ थी, हमारे घर पर किरायदारों ने क़ब्ज़ा कर रखा था और उसका केस कोर्ट में था. फिर एक दिन हमारा वक़ील आया और बोला कि बेटा अब एक ही रास्ता है वरना तारीख बढ़ती रहेगी और हमारे पास उतने पैसे भी नहीं थे. फिर मैंने पूछा कि क्या रास्ता है? तो उसने बताया कि जस्टीस शर्मा एक अय्याश आदमी है और उसे जवान लड़कियों का शौक है. अब मेरी आँखों में आसूं आ गये थे. फिर में उठकर माँ के कमरे में गई और उनकी हालत देखी और फिर वक़ील साहब से इस काम के लिए हाँ कर दी.

    फिर अगले दिन में जस्टीस शर्मा के लंड पर उछल रही थी, एक वो दिन था और एक आज का दिन है, तब से मैंने ये धंधा शुरू कर दिया और अपनी चूत का मूल्य वसूल रही हूँ. पिछले साल मेरी माँ का भी इंतक़ाल हो गया, मगर अब में इसे छोड़ नहीं सकती हूँ जब तक जवानी है पैसे कमा कर रख लूँ. अब वो मेरी बातें ध्यान से सुन रहा था. फिर उसने मुझे अपना कार्ड दिया और बोला कि कभी ज़रूरत हो तो फोन करना. फिर उसने कपड़े पहने और चला गया, अब में बिस्तर पर लेटे-लेटे उसे निहार रही थी. वो जवान बंदा था, अगर में रंडी ना होती तो मुझे भी ऐसा कोई प्यार करने वाला मिलता, मगर क्या करे? अपनी किस्मत ही खराब है. फिर मैंने अपनी ब्रा पहनी और दूसरे कस्टमर का इंतज़ार करने लगी.

  • बड़ी बहन की मदद से उसकी दोस्त को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, में करीम एक बार फिर से आप सभी के सामने अपना एक और सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरी बड़ी बहन आलिया की गोरी गोरी गांड और एकदम गुलाबी चूत है, जिसको देखकर में उसका नौकर बन गया और चुदाई के मज़े लेने लगा और हम उस दिन से आज तक रोज़ सेक्स करते है और हमे जब भी मौका मिलता तो हम अपने जिस्म की आग को बुझाने लगते है.

    मैंने उसकी चूत के बहुत मज़े लिए और बहुत जमकर हर तरह से सेक्स किया और आज में आप सभी को अपनी एक और नई सेक्स घटना सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपनी बहन की एक सहेली को अपनी बहन की मदद से चोदा.

    दोस्तों यह बात आज से दो महीने पहले की है जब में उस दिन अपने कॉलेज से घर आया तो मैंने देखा कि माँ खाना बना रही थी और मेरी दीदी आलिया टी.वी. देख रही थी और पापा अपने टूर पर चले गये थे. अब मैंने सोचा कि मौका अच्छा है और में अपनी बहन के पीछे जाकर उसको गाल पर किस करने लगा और फिर वो भी तुरंत पीछे मुड़ी और मेरा सर पकड़कर मेरे होंठ चूसने लगी और अब हम एक दूसरे में इतने खो गये कि हमे पता भी नहीं चला कि कब माँ पीछे आ गई. अब माँ ने बहुत गुस्से से पूछा कि तुम दोनों यह क्या कर रहे हो? और फिर हम दोनों जल्दी से अलग हो गये.

    आलिया : वो माँ में में ( वो ठीक तरह से बोल भी नहीं पा रही थी. )

    में : वो माँ मेरे होंठ के नीचे चोट लगी थी और खून भी निकल रहा था तो दीदी वो देख रही थी.

    माँ : ओह अच्छा दिखाना मुझे भी, ज़्यादा तो नहीं लगा ना. मैंने तुझे कितनी बार बोला है कि तू ज्यादा शरारत मत किया कर.

    अब माँ इतना कहकर बड़बड़ाते हुए वहां से चली गई, दीदी और में ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.

    आलिया : ओह आज तो हम बाल बाल बच गए.

    में : हाँ एकदम सही कहा मेरी प्यारी बहन.

    और वो फिर शरमा गई. फिर कुछ देर बाद वो अपने कामों में लग गई और दूसरे दिन जब में सोकर उठा तो उस दिन रविवार का दिन था और मैंने देखा कि दीदी अभी भी सो रही थी तो में उठा और अब मुझे एक शरारत सूझी तो में अब दीदी के बड़े बड़े बूब्स को उनकी मेक्सी के ऊपर से ही चूसने लगा और काटने लगा और दीदी मुस्कुराने लगी और फिर वो उठकर मुझसे बोली..

    आलिया : शैतान में तो सोने का नाटक कर रही थी, क्योंकि मुझे पता था तू ज़रूर कुछ ना कुछ ऐसा मेरे साथ करेगा.

    फिर वो हंसने लगी. मैंने भी हंसते हुए दीदी की गांड को दबा दिया और वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी आईईई.

    माँ : क्या हुआ?

    में : कुछ नहीं माँ दीदी को हल्की सी बेड से चोट लगी है.

    फिर माँ ने कहा कि उसको नीचे भेज दे मुझे उससे कुछ जरूरी काम है और फिर दीदी मुझे ठेंगा दिखाकर नीचे भाग गई. दोपहर के दो बज रहे थे और उस समय तक हम सब खाना खा चुके थे और तभी माँ ने कहा कि चलो बेटा अब में चलती हूँ, मुझे एक किटी पार्टी में जाना है और वहाँ पर गली की सभी औरतें आ रही है और में शाम को 7 बजे तक आ जाउंगी और फिर माँ कुछ देर में तैयार होकर मुझसे दरवाजा बंद करने के लिए कहकर चली गई. अब मैंने दीदी की तरफ देखा और उन्हें इशारे से समझाया तो उन्होंने कहा.

    आलिया : हाँ हाँ आज पक्का करेंगे और उन्होंने मेरी तरह आँख मार दी.

    फिर में तुरंत उठकर खड़ा हुआ और दीदी के पास चला गया और अब मैंने दीदी को जल्दी से पूरा नंगा कर दिया और अब हम दोनों हॉल में ही सेक्स कर रहे थे और में उस समय उस चुदाई के चक्कर में दरवाज़ा बंद करना भूल गया था. फिर मैंने दीदी के मुहं में अपना लंड दे दिया था और वो उसे पूरा अंदर बाहर करके लोलीपोप की तरह मज़े ले लेकर प्यार से चूस रही थी, लेकिन तभी अचानक से दीदी की एक दोस्त जिसका नाम सोनिया था वो कमरे में आ गई और हमे पूरा नंगा होकर एक दूसरे से लिपटा हुआ देखकर वापस बाहर चली गई और अब अचानक से उनका मेरे लंड को चूसना रुक गया. फिर मैंने दीदी से कहा कि अब हम क्या करे उसने हमे यह सब करते हुए देख लिया है और वो अब बाहर किसी को बता देगी तो हमारी शामत आ जाएगी?

    आलिया : देख मेरे राजा भाई, तू टेंशन मत ले और में बाहर जाकर उससे बात कर लूँगी.

    दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा शांत हो गया, लेकिन अब भी में वो सब सोच रहा था, थोड़ी देर बाद मेरी बहन उसकी दोस्त सोनिया के घर पर उसे मानने चली गई. दोस्तों वो वहाँ पर गयी और उसने उसकी दोस्त को कैसे समझाया यह में आपको भी बताता हूँ और जो मेरी बहन ने मुझे बाद में बताया था..

    आलिया : आंटी सोनिया घर पर है?

    आंटी : हाँ बेटा वो अंदर अपने कमरे में टी.वी. देख रही है और तुम अंदर जाकर उससे मिल लो.

    आलिया : धन्यवाद आंटी.

    सोनिया उस समय टी.वी. देख रही थी दीदी अंदर गई और उसे आवाज़ लगाई.

    आलिया : सोनिया.

    सोनिया उठी और दीदी का हाथ पकड़कर उसको अंदर ले गयी और उसने कहा.

    सोनिया : पागल क्यों तू अपने घर पर क्या कर रही थी उस लड़के के साथ और वो भी पूरी नंगी होकर?

    आलिया : अरे वो कोई और नहीं वो मेरा भाई था, क्या एक भाई बहन एक दूसरे को नंगा नहीं देख सकते? और क्या वो मज़े नहीं कर सकते? हाँ तेरा कोई भाई नहीं है ना, तू वो सब नहीं समझेगी?

    सोनिया : अरे पागल वो तेरा भाई है और तू उसका वो (लंड) चूस रही थी, क्या तूने कभी सोचा भी है कि तू उसके साथ वो सब क्या कर रही थी और क्या तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती?

    आलिया : हाँ तो इसमें क्या गलत है वो मेरा भाई है कोई और तो नहीं? देख सोनिया हमारी उम्र में सबको अपनी अपनी सेक्स की प्यास बुझानी होती है और इस वजह से बहुत सारी नादान लड़कियाँ बाहर किसी से भी चुदवाकर अपनी इज्जत गँवा देती है, लेकिन अगर घर पर ही चुदाई के मज़े करे तो किसी को भी शक नहीं होगा और अपनी इज्जत भी बची रहेगी.

    सोनिया ( अपना मुहं खोलकर अपने मुहं पर हाथ रखते हुए ) : तू यह क्या बोल रही है और यह कैसे गंदे गंदे शब्द काम में ले रही है?

    आलिया : चल उस बात को जाने दे और तू मेरे एक सवाल का सच सच जवाब दे क्या तुझे अपनी चूत में कभी गरमी और खुजली महसूस हुई है?

    सोनिया : हाँ लेकिन में कभी कभी उंगली से काम चलाती हूँ वो बिल्कुल शरमाते हुए बोली.

    आलिया : लेकिन जो मज़ा एक बार लंड लेने में है वो उंगली करने में नहीं है और तू सोच कि तुझे भी कोई चोद रहा है तुझे कैसा लगेगा?

    सोनिया : अब अपना हाथ अपनी चूत पर ले जाकर शरमाते हुए बोली हाँ बहुत अच्छा लगेगा, लेकिन यह सब कैसे मुमकिन हो सकता है?

    दोस्तों दीदी ने अब देख लिया था कि उसका हाथ अब अपनी चूत पर जा चुका है और वो अब धीरे धीरे उनकी बातें सुन सुनकर गरम हो गई है और उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक आ गई थी.

    आलिया : सोच कोई तुझे, कोई क्या मेरा भाई तुझे अपने 6 इंच के लंड से चोद रहा है कैसा लगेगा?

    सोनिया : यार प्लीज अब बस कर मेरे नीचे गीला हो रहा है.

    आलिया अपना एक हाथ सोनिया के बूब्स के ऊपर रखकर बोली कि सोच मेरा भाई तुझे ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए अपने गरम मुहं से तेरे बूब्स चबा रहा है तो बता यह अनुभव कैसा रहेगा?

    अब दीदी ने उसे जोश में लाने के लिए होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और वो दोनों अब मस्त होकर चुदाई के बारे में सोच रहे थे और किस भी कर रहे थे और एक दूसरे के बूब्स भी दबा रहे थे. दोस्तों सोनिया बहुत ही बड़े आकार के बूब्स वाली है और उसके बूब्स मुलायम, लेकिन निप्पल एकदम कड़क है और वो बिल्कुल एक फिल्म हिरोइन जैसे है और थोड़ी अमृता राव की तरह दिखती है. अब वो दोनों एक दूसरे की चूत पर कपड़ो के ऊपर से ही हाथ चलाने लगे और करीब 5 मिनट बाद वो दोनों ही झड़ गये और अब सोनिया को अपनी पेंटी में थोड़ा सा गीला महसूस होने लगा. फिर दीदी ने उसे समझाया कि जब हम झड़ते है तो ऐसा ही होता है.

    आलिया : अच्छा तू सच सच यह बता कि तुझे मज़ा आया या नहीं?

    सोनिया : हाँ मुझे बहुत मज़ा आया और में अंदर ही अंदर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ.

    आलिया : अब तू थोड़ा सा सोच अगर मेरे हाथ की जगह तेरी चूत में मेरे भाई का मोटा, लम्बा लंड होता तो जो लगातार अंदर बाहर होकर तेरी चूत की खुजली मिटाता तो तुझे कितना मज़ा आता?

    सोनिया : हाँ मुझे बहुत मज़ा आएगा, लेकिन में उससे अपनी चुदाई नहीं करवाउंगी, बस तेरे भाई का लंड चूस लूंगी और वो मेरी चूत चूसेगा क्यों मंज़ूर है?

    आलिया : हाँ ठीक है कल सुबह हमारे घर पर कोई नहीं रहेगा, क्योंकि मेरे मम्मी, पापा मेरे किसी दूर के रिश्तेदार की शादी में पूरे एक सप्ताह के लिए बाहर जा रहे है, में और भाई कल अपने अपने कॉलेज से छुट्टी ले लेंगे और तू भी छुट्टी लेकर कल ठीक 12 बजे मेरे घर पर आ जाना, क्योंकि 11 बजे ट्रेन निकल जाएगी और उसके साथ साथ हमारे मम्मी पापा भी क्यों ठीक है?

    सोनिया : हाँ ठीक है.

    दोस्तों अगले दिन मम्मी, पापा को छोड़ने में और दीदी स्टेशन चले गये और जल्दी 11:30 बजे तक वापस भी आ गये और जब हम घर पर पहुँचे तो देखा कि सोनिया वहीं पर दीदी का इंतज़ार कर रही थी और में ताला खोलकर सीधे घर में चला गया और दीदी उससे बात करने लगी तो वो दीदी से बोल रही थी यार मुझे बहुत डर लग रहा है अगर किसी को पता लग गया तो?

    आलिया : नहीं पता चलेगा, तू अभी अंदर चल.

    सोनिया : हाँ ठीक है चल.

    अब वो दोनों घर के अंदर आ गए थे और में बहुत थक गया था, इसलिए में नहाने चला गया था और फिर दीदी ने सोनिया से कहा कि में बाथरूम से उनकी सारी बातें सुन रहा था कि वो क्या क्या बातें कर रही थी? फिर उससे बोली कि सोनिया तू यहीं पर रुक में अभी बाथरूम में जाकर कुछ देर में अपने भाई का लंड खड़ा करके अभी आती हूँ. फिर दीदी जल्दी से बाथरूम में चली आई और में तो उस समय पूरा नंगा होकर खड़ा था और दीदी ने अंदर आते ही मेरा लंड पकड़कर मुहं में भर लिया और चूसने लगी और फिर कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर मुझसे कहा कि में छुपकर एक वीडियो बनाती हूँ और तू उससे अपना लंड चूसवा और उसकी चूत को चाटना, चूसना.

    में : हाँ ठीक है.

    दीदी अब कैमरा चालू करके छुप गई और में टावल लपेटकर बाहर गया और मुझे देखकर सोनिया तुरंत खड़ी हो गई और उसने कहा कि आप सिर्फ़ टावल में?

    में : नाटक मत कर मेरी जान, आजा बस एक बार मेरा चूस दे और में तेरी चूत बहुत प्यार से चूसूंगा, तेरे कोमल लाल लिपस्टिक वाले होंठ मेरे लंड पर रख सोनिया कांपती हुई आगे आई और अपने घुटनों पर बैठकर उसने मेरा टावल हटा दिया और मेरा टाईट खड़ा लंड देखकर वो थोड़ा सा मुस्कुराई और फिर उसके लंड को हाथ से हिला दिया और लंड का टोपा मुहं में लेकर चाटा, चूसा और कहा कि मैंने आज पहली बार किसी का लंड देखा है इससे पहले सिर्फ़ मेरी बहन के लेपटॉप में छुपकर ब्लूफिल्म में देखा था और फिर मैंने कहा..

    में : चल रंडी अब जल्दी से मेरा असली लंड चूस.

    दोस्तों वो अब चूसती रही थी और जिससे पूरे कमरे में छप छप छप की आवाज़ आ रही थी और वो सब कैमरे में रिकॉर्ड हो रहा था और उसके 15 मिनट चूसने के बाद में झड़ गया. फिर उसने मेरा वीर्य अपने मुहं से बाहर थूक दिया और मुझसे कहा कि यह बहुत नमकीन है, लेकिन मुझे इसको चूसना बहुत अच्छा नहीं लग रहा है, यह मेरा किसी के लंड को चूसने का पहला अनुभव है.

    में : ठीक है चल अब सीधी बेड पर, इसके आगे के मज़े में और भी अभी देता हूँ.

    दोस्तों मैंने बेडरूम में पहुंचकर उसे सीधा बेड पर लेटा दिया और में उस समय पूरा नंगा था, लेकिन वो अभी भी नंगी नहीं हुई थी.

    सोनिया : देखो तुम सिर्फ़ मेरी चूत को चूसना और प्लीज चोदना मत.

    में : हाँ ठीक है मेरी जान ठीक वैसा ही करूंगा जैसा जैसा तुम मुझसे कहोगी.

    अब मैंने उसे करीब दो मिनट तक किस किया और फिर उससे कहा कि वाह तेरे होंठ तो बहुत रसीले है?

    सोनिया : धन्यवाद, प्लीज अब चूसो ना मुझसे अब रहा नहीं जाता.

    में : हाँ ठीक है, चूसता हूँ.

    फिर मैंने उसके बूब्स को दबाया तो वो अह्ह्ह्ह कर रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया. दोस्तों उसका टॉप उतारते ही मैंने देखा कि उसके बड़े बड़े बूब्स एकदम झूलकर बाहर लटकते हुए ठीक मेरे सामने आ गए, क्योंकि वो आज खुद जानबूझ कर ब्रा नहीं पहनकर आई थी और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाकर निचोड़ने लगा. फिर मैंने उसके निप्पल को भी चूसा और काटा भी वो आहह्ह्ह्ह सीईईईई प्लीज थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह्ह प्लीज बड़बड़ा रही थी.

    फिर मैंने जल्दी से उसकी स्कर्ट को उतार कर उसकी गुलाबी कुँवारी चूत चाटी और चूसी तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर पकड़कर मेरी जीभ को थोड़ा और अंदर लेने लगी, करीब 15-20 मिनट चूसने के बाद झड़कर बिल्कुल निढाल होकर पड़ गई, में अब भी उसकी चूत को चाटता, चूसता रहा. मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर पूरी तरह से लाल कर दिया था और फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि बस अब में घर पर जाती हूँ. फिर दीदी हँसती हुई वहां पर आई और कहा कि क्या हुआ सोनिया चुदवाएगी नहीं मेरे भाई से?

    सोनिया : नहीं यार मैंने तुमसे पहले ही कहा था ना कि में सिर्फ़ अपनी चूत को चूसने, चाटने दूंगी, में अपनी चुदाई नहीं करने दूंगी.

    हाँ मेरी जान, लेकिन अब तुम्हें चुदवाना होगा, क्योंकि मैंने तुम दोनों की सारी हरकते कैमरे में रिकॉर्ड कर ली है तुम या तो इससे चुपचाप चुदवाओ या बदनाम हो जाओ.

    सोनिया : ( अब सोनिया ने मेरी दीदी से आग्रह विनती करना शुरू कर दिया) प्लीज यार मुझे जाने दो और तुम यह विडियो डिलीट कर दो प्लीज.

    में : मेरी जान अब तुम इतना सब कुछ कर ही चुकी हो तो प्लीज अब एक बार चुदवा भी लो ना.

    सोनिया : ठीक है, लेकिन प्लीज तुम किसी को भी वो विडियो मत दिखाना.

    में : हाँ ठीक है, चल अब आजा में तुझे आज जमकर चोदता हूँ.

    दोस्तों अब में और सोनिया पहले से ही नंगे थे और अब दीदी भी पूरी नंगी हो गयी और अब हम तीनों नंगे थे, सबसे पहले बेड पर सोनिया लेट गई और में उसके ऊपर लेट गया तो दीदी ने मेरा लंड पकड़कर सोनिया की चूत के मुहं पर रखकर थोड़ा सा अंदर दबाया और जैसे ही मेरे लंड का टोपा चूत के अंदर गया तो मुझे तुरंत पता चल गया कि सोनिया पहले भी चुद चुकी है.

    में : अब सच सच बता मेरी जान मुझसे पहले किस किस से चुदी है?

    सोनिया : सच कहूँ तो सबसे पहले जब में एग्जाम में कॉपी करते हुए पकड़ी गई तो मेरे कॉलेज के सर ने मुझे मेरी उस बात को किसी को ना बताने की बात पर बहुत जमकर चोदा और तब उन्होंने मुझसे कहा था कि वो मुझे पेपर में अच्छे नंबर से पास कर देंगे और फिर उन्होंने ऐसा कर भी दिया.

    दोस्तों मुझे उसके मुहं से वो पूरी बात सुनकर उस पर बहुत गुस्सा आया और फिर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. अब सोनिया भी मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी आहहहह आसीईईईइ प्लीज और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को आअहह फाड़ दो. फिर में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा, जिसकी वजह से उसके बूब्स ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे और वो उस चुदाई के दर्द से चीखने चिल्लाने लगी, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद वो अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मेरा लंड पूरा अंदर लेने लगी और करीब 15-20 मिनट के बाद में झड़ गया.

    फिर मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकालकर दीदी के मुहं में डाल दिया और फिर दीदी ने मेरा सब वीर्य अपनी जीभ से बिल्ली की तरह चाट चाटकर साफ किया और अब दीदी को खाना बनाना था तो वो कुछ देर बाद हमारे पास से उठकर चली गई और वो पूरी नंगी ही खाना बनाने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि सोनिया मुझे आज तेरी गांड भी मारनी है और वो झट से मान गई. फिर मैंने अपने हाथ में थोड़ा सा क्रीम लेकर उसकी गांड और मेरे लंड पर लगाकर उसकी गांड में लंड को डालकर आगे पीछे करने लगा और वो चिल्ला रही थी आअहह अह्ह्ह हाँ और मारो उफ्फ्फ मारो मेरी गांड प्लीज और ज़ोर से ज़ोर मारो प्लीज आअहह मेरी गांड आज फट ही जाएगी आअहह सईईई.

    दोस्तों में थोड़ी ही देर बाद उसकी गांड में झड़ गया. अब हम दोनों बहुत थक चुके थे और कुछ देर लेटकर आराम करने के बाद दीदी ने हमे खाना बनाकर खिलाया. फिर हम तीनों ने खाना खाया और उसके बाद मैंने एक एक करके दीदी और सोनिया को चोदा. दोस्तों अब में ऐसे ही दीदी और सोनिया की रोज़ एक सप्ताह तक मौका पाकर चुदाई करता रहा.

  • दक्षा आंटी ने करिश्मा को जबरदस्ती चुदवाया, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते हैहैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते है.

  • बीवी ने चूत दिलवाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ललित है और में आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. इस स्टोरी में अपना अनुभव आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ. मेरी उम्र 38 साल है और में दिल्ली में एक अपार्टमेंट में रहता हूँ. में आपको मेरी और मेरी पत्नी प्रिया की एक नये अनुभव की स्टोरी बता रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. दोस्तों हमने मनोज और ऋतु के साथ 3 बार अदल बदलकर सेक्स किया और उसके बाद हम बोर हो गये थे और हम 3 महीने तक अपना सामान्य सेक्स कर रहे थे. एक दिन मैंने प्रिया से कहा कि प्रिया अब कुछ चेंज करे तो उसने कहा कि मनोज और ऋतु के साथ, तो मैंने कहा कि नहीं यार, लेकिन मेरा मन कुछ नया करने को कर रहा है. तो उसने कहा कि नया करने के चक्कर में कहीं हम फंस ना जाए तो अब में भी चुप हो गया.

    फिर एक दिन रविवार की सुबह में सो रहा था तो सुबह प्रिया ने आवाज़ लगाई कि ललित दरवाज़ा खोलना बेल बजी है. पूर्वी (जो कि हमारी कामवाली है) आई होगी. फिर में उठा और दरवाज़ा खोला तो सामने कोई 27-28 साल की एक औरत खड़ी थी. वो बोली भाभी है तो मैंने कहा कि हाँ है और नहा रही है, तुम बैठो में बुला देता हूँ. फिर मैंने प्रिया को आवाज़ लगाई कि प्रिया तुमसे कोई मिलने आया है तो प्रिया करीब 5 मिनट के बाद आई. वो लड़की बोली कि भाभी पूर्वी को गावं जाना पड़ा, क्योंकि कल उसके पिताजी गुज़र गये है तो वो मुझे बोलकर गयी है कि में यहाँ के 4-5 घर में काम कर लूँ वो एक बार उसके साथ भी यहाँ आई थी.

    फिर प्रिया ने पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? तो उसने कहा कि अंजली, तो उसने कहा कि में 4 महीने पहले दिल्ली आई थी और तब से पूर्वी के साथ रह रही हूँ. हम दोनों एक ही गावं से है. पूर्वी ने बोला था कि में तुझे कोई काम दिलवा दूँगी. अभी में घर पर एक कंपनी का बटन लगाने का काम करती हूँ. अब वो शायद महीने भर में वापस आए, तब तक में आपका काम कर दूंगी और पूर्वी भी गावं पहुँचकर आपको फोन कर देगी, तो प्रिया ने उससे कहा ठीक है तुम काम कर लो. फिर अगले दिन बच्चे स्कूल जाने के बाद में और प्रिया ऐसे ही छेड़खानी कर रहे थे और तभी हमें सेक्स चढ़ने लगा और हम शुरू हो गये. फिर मैंने प्रिया की टाँगे खोली और उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी. अब प्रिया भी सिसकारियां लेने लगी और बोली कि ललित जल्दी कर लो नहीं तो कामवाली आ जायेगी तो सारा मूड ख़राब हो जायेगा.

    फिर मैंने भी तुरंत लंड निकाला और प्रिया के मुँह में दे दिया और कहा कि आज सिर्फ़ ये कर लो बाकि का कल करेंगे. प्रिया ने कहा कि फिर तुम मेरा उंगली से निकाल दो और में तुम्हें ब्लोवजोब देती हूँ. फिर में अपनी दो उंगलियां प्रिया की चूत में अंदर बाहर करने लगा और प्रिया मेरा लंड चूसने लगी. अभी 1 मिनट ही हुआ था कि बेल बज गयी तो प्रिया बोली कि ललित बेल बजने दो पहले मेरा पानी निकाल दो नहीं तो पूरा दिन चूत गीली रहेगी. फिर मैंने अपनी उंगलियों की रफ़्तार तेज़ कर दी और प्रिया भी मेरे लंड को पूरे जोश से चूसने लगी. फिर अगले 2 मिनट में प्रिया का पानी निकल गया और मैंने भी अपना पानी प्रिया के मुँह में ही छोड़ दिया. उस वक़्त तक 4-5 बेल बज चुकी थी. अब प्रिया जल्दी से उठकर बाथरूम गयी और मुझे गेट खोलने को बोला. फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पहनी और गेट खोला तो सामने अंजली थी. वो बोली कि मैंने सोचा घर पर कोई नहीं है तो मैंने कहा कि नहीं हम सो रहे थे.

    फिर में अंदर आ गया और वो भी पीछे-पीछे अंदर आ गयी. अब वो झाड़ू उठाकर हमारे बेडरूम में आ गयी. अब में बेड पर लेट गया. फिर जब वो झुकी तो में पागल हो गया, क्या बूब्स थे उसके? और उसने दुपट्टा भी नहीं डाला था. अब मेरा लंड तो फिर से खड़ा हो गया था. तभी प्रिया बोली कि ललित टावल देना तो मैंने अलमारी से टावल निकाला और तब तक अंजली बाहर चली गयी थी. अब में सीधा बाथरूम में चला गया और प्रिया के बूब्स पर टूट पड़ा. अब प्रिया भी ये एक्सपेक्ट नहीं कर रही थी, क्योंकि अभी तो उसने मेरा पानी निकाला था. फिर मैंने भी उसके बूब्स चूसते हुए उसे घुमाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो प्रिया बोली कंडोम तो निकाल लो, सेक्स के लिए ये पीरियड सेफ नहीं है. फिर मैंने कहा कि में बाहर निकाल दूंगा तुम बस झुक जाओ. फिर मैंने अपना लंड प्रिया की चूत में झटके से डाल दिया तो प्रिया की चीख निकल गयी. मैंने कहा कि क्या हुआ? पहली बार चुदवा रही हो क्या? तो वो बोली मुझे लग रहा तुम्हें चोदने की ज्यादा जल्दी हो रही है, कहीं लड़की हाथ से ना निकल जाए.

    फिर मैंने कहा कि प्रिया चुदवाने में मज़ा आ रहा है या नहीं तो प्रिया बोली बेबी बहुत आ रहा है, तुम कहो तो में चीख-चीख कर चुदवाऊं. तो मैंने कहा कि हाँ चीखो जैसे पहली बार चुदवा रही हो. अब प्रिया भी चिल्लाने लगी, ललित आह्ह्ह्ह, ललित और तेज और तेज, मुझे चोद डालो, अपना लंड पूरा अंदर डाल दो, फुक मी फुक मी, फाड़ दो मेरी चूत और अपना पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. में गोली खा लूँगी, तुमने तो एकदम से वार करके मेरी चूत की आग ही बढ़ा दी है, ओहह यस ललित चोदो, चोदो मुझे, चोदो यस, और तभी मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया. फिर 10 मिनट के बाद हम फ्रेश होकर दोनों बाहर आए तो प्रिया किचन में चली गयी और में ऑफिस के लिए तैयार होने लगा. अब हम रविवार के दिन सब नाश्ता कर रहे थे कि तभी अंजली आ गयी, क्योंकि रविवार को वो लेट आती थी और में नाश्ता करके बच्चों के साथ पार्क में चला गया था.

    फिर करीब एक घंटे के बाद में ऊपर आ गया. तभी प्रिया बोली कि पूर्वी का गावं से फोन आया था और वो कह रही थी कि अंजली को एक महीना अपने घर पर रख लो, क्योंकि उसके पास वाले कमरे में तो आदमी रहते और शराब पीकर गाली और लड़ाई करते है इसलिए में उसे वहाँ अकेले नहीं छोड़ सकती. मैंने कहा कि ठीक है तुमसे पूछकर बताउंगी, क्योंकि हमारी प्राइवसी भी ख़त्म होगी और हम इसे जानते भी नहीं है. तभी मैंने कहा कि कोई बात नहीं 15-20 दिन की तो बात है और हमारा गेस्ट रूम तो खाली है और वो सिर्फ़ रात को सोने ही तो आयेगी और दिन में तो वो काम ही करेंगी. फिर प्रिया को भी ये ठीक लगा और उसने पूर्वी को फोन करके हाँ कर दी. फिर उसी रात 8 बजे अंजली आ गयी तो प्रिया ने बोला खाना खाओगी तो अंजली बोली कि नहीं भाभी में खाना खाकर आई हूँ वहाँ तो बस रात को डर लगता है इसलिए पूर्वी को बोला था कि कहीं रात रहने का इंतज़ाम कर दे और आपने मेरी मदद कर दी. तो प्रिया बोली कि कोई बात नहीं आ टी.वी देख ले, में सोने से पहले तेरा बिस्तर निकाल दूंगी, तू गेस्ट रूम में बिछा लेना जो कि हमारे बेडरूम के पास था.

    अब रात के 10 बज रहे थे तो बच्चे अपने रूम में चले गये और में और प्रिया अपने रूम में टी.वी देखने लगे और अंजली भी अपने बिस्तर लेकर अपने रूम में चली गयी. फिर मैंने प्रिया से कहा कि कोई पॉर्न मूवी देखे तो प्रिया ने कहा कि कल सोमवार है और बच्चों को स्कूल जाना है और इन सबमें हम लेट हो जायेंगे और सुबह उठने में मुश्किल होगी, अब टी.वी बंद करो और सो जाओ. अब ये रुटीन 2-3 दिन तक चलता रहा और अब गुरुवार को बच्चों का ऑफ था तो मैंने प्रिया को ऑफिस से फोन करके बोल दिया था कि हम आज रात को मज़ा करेंगे. तो प्रिया ने बच्चों को 10 बजे सुला दिया और खुद भी फ्रेश होकर बेड पर आ गयी. उसने रेड कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. फिर प्रिया बोली कि कोई पॉर्न मूवी लगा लो, तो मैंने एक सेक्सी मूवी चालू कर दी और हम दोनों चूमा चाटी करने लगे.

    फिर में प्रिया के बूब्स चूसने लगा और तभी मेरे दिमाग़ में अंजली के बूब्स आ गये तो मैंने प्रिया से बोला कि अंजली के बूब्स मस्त है. तो प्रिया बोली मुझे पता है मैंने तुम्हें उसको देखते हुए नोटीस किया है, लेकिन मैंने कुछ बोला नहीं, बस तुम मज़ा ले लो, लेकिन कुछ करना नहीं क्योंकि आजकल ये सब उल्टा पड़ जाता है. तो मैंने भी प्रिया की पेंटी साईड में की और उसकी चूत को चूसने लगा. अब प्रिया बहुत गर्म हो गयी थी और फिर वो बोली कि बेबी आज मेरे पीछे डाल दो, बहुत दिन हो गये है. फिर में उसके पीछे गांड में उंगली डालने लगा तो मेरी उंगली जा नहीं रही थी तो मैंने कहा कि में किचन से तेल ले कर आता हूँ, फिर मैंने बेड से उतर कर दरवाज़ा खोला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई तेज़ी से भागा है. फिर में बेडरूम से बाहर आकर बच्चों के रूम में गया तो वो सोए हुए थे. फिर मैंने किचन से तेल लिया और बेडरूम में जाने से पहले अंजली के रूम में देखा तो वो एकदम से पलट कर सो गयी.

    अब मुझे कुछ अजीब लगा और में बेडरूम में आकर प्रिया को तेल देकर वापस पानी लेने के लिए किचन में आ गया, लेकिन बेडरूम का दरवाज़ा पूरा बंद करके और मैंने किचन की लाईट भी ऑफ कर दी. तभी मैंने देखा कि अब अंजली हमारे बेडरूम के दरवाज़े के पास आकर खड़ी हो गयी, तभी प्रिया बेड से उठी और अंदर कुछ गिरने की आवाज़ आई, तभी अंजली भागकर अपने रूम में चली गयी. अब में पूरा मामला समझ गया था. फिर मैंने बेडरूम में आकर दरवाज़ा पूरा बंद नहीं किया और प्रिया को पूरी बात बताई. अब प्रिया भी बहुत उत्तेजित हो गयी थी. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर मुँह में ले लिया और चूसने लगी, फिर में तेल निकालकर प्रिया की गांड में लगाने लगा और बोला कि प्रिया क्या गांड है तुम्हारी? आज में इसे जमकर चोदूंगा तो प्रिया बोली बेबी गांड चूत सब चोदो, अच्छे से चुदे हुये बहुत दिन हो गये, कम ऑन फुक मी. फिर मैंने अपना लंड आराम से प्रिया की गांड में लगाया और अंदर डालने लगा तो प्रिया भी चिल्लाने लगी कि बेबी आराम से डालना दर्द हो रहा है.

    फिर मैंने धीरे-धीरे अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और आराम-आराम से अंदर बाहर करने लगा. प्रिया भी बोलने लगी कि बेबी फुक मी, चोदो मुझे, मार लो मेरी गांड, अब अपनी स्पीड तेज कर दो, अब दर्द नहीं हो रहा है, चोदो मुझे. अब प्रिया ने अपनी दो उंगलियां चूत में भी डाल ली थी जो मुझे लंड पर महसूस हो रही थी. फिर मैंने दरवाज़े पर देखा तो मुझे पता चल गया कि अंजली वहाँ पर खड़ी है और चुदाई की आवाज़े सुन रही है. अब में भी जमकर चुदाई करने लगा और बोला कि प्रिया मेरा लंड कैसा लगा? तो प्रिया बोली कि मज़ा आ गया, मन कर रहा है तुमसे सारी रात चुदती रहूँ, अब ऐसा करो कंडोम चढ़ाओं और मेरी चूत में लंड डाल दो. फिर प्रिया सीधी लेट गयी और मैंने कंडोम चढ़ाया और मेरा लंड पूरा उसकी चूत में डाल दिया. अब प्रिया सिसकारियां लेने लगी थी और कहने लगी कि दुनिया में सबसे ज़्यादा आनंद चुदाई में आता है और इसमें इंसान सब कुछ भूल जाता है, ललित अपनी स्पीड तेज कर दो और अपना पानी मेरे चेहरे पर निकालना, मुझे रंडी बनकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है.

    फिर मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और पूरे जोश के साथ उसे चोदने लगा और बोला कि ले मेरा लंड, ले रंडी प्रिया चुद मुझसे. अब करीब 5 मिनट तक ऐसे चोदने के बाद मैंने कंडोम उतार कर पूरा पानी प्रिया के चेहरे पर निकाल दिया. अब प्रिया मेरा पूरा पानी अपने चेहरे पर, बूब्स पर और बॉडी पर लगाने लगी और बोली कि ललित तुम सही में बहुत ढंग से चोदते हो और कोई तुमसे एक बार चुदवा ले तो फिर वो तुमसे ही चुदवायेगी. अब में और प्रिया पूरी तरह से थक चुके थे और करीब 10 मिनट के बाद प्रिया बोली कि क्या अंजली ने पूरा मज़ा लिया है? तो मैंने कहा हाँ काफ़ी देर तक वो खड़ी रही. अब तुम बाहर जाकर देखो और पानी ले आना तो प्रिया बिना कुछ पहने ही बाहर चली गयी और में भी उसके पीछे चला गया.

    फिर हमने दबे पांव गेस्ट रूम में देखा तो अंजली ने अपनी साड़ी ऊपर उठा रखी थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी. उसके रूम में बाहर की रोशनी आ रही थी, उसकी चूत बिल्कुल क्लीन शेव थी. अब प्रिया ने मुझे देखा और मेरा हाथ अपनी चूत पर रख दिया. में समझ गया कि प्रिया एक बार और अपना पानी निकालना चाहती है. फिर में उसे किचन में ले गया और गैस पट्टी पर बैठाकर उसकी चूत में उंगली करने लगा तो लास्ट में जब उसका निकलने वाला था तो उसका हाथ बर्तनो को लगा और तेज़ आवाज़ हुई तो अंजली भी भाग कर किचन में आ गयी और उसने हम दोनों को पूरा नंगा देख लिया, लेकिन वो चुपचाप अपने रूम में चली गयी और हम भी अपने रूम में आकर सो गये.

    फिर सुबह बच्चे भी नहाकर खेलने चले गये और अब में बेड पर ही सुस्ता रहा था कि थोड़ी देर में प्रिया आई तो मैंने पूछा कि अंजली से कोई बात हुई तो वो बोली कि वो तो हमारा काम करके बाकी घर में काम करने चली गयी है और मुझे तभी सोसाइटी का बुलावा आ गया था कि आज मीटिंग है तो अब में फ्रेश होकर वहाँ चला गया और शाम को 5 बजे वापस आया. फिर मैंने चाय पी और टी.वी देखने लगा और फिर वो ही रोज़ का रुटीन और रात को फ्री होकर हम अपने बेडरूम में आ गये. फिर मैंने प्रिया से पूछा कि अंजली कहाँ है? तो प्रिया बोली वो आधे घंटे में आयेंगी, वो शर्मा जी के यहाँ कुछ मेहमान आए है तो उन्होंने अंजली को रुका लिया है. फिर प्रिया मुझे बताने लगी कि मेरी अंजली से रात वाले सीन पर बात हुई थी तो मैंने बड़ी उत्सुकता से पूछा क्या बात हुई? तो वो बोली कि मैंने अंजली से सीधा सीधा पूछ लिया कि तुम हमें सेक्स करते हुए क्यों सुन रही थी? और फिर तुम अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी.

    फिर वो पहले तो घबरा गयी तो मैंने हँसते हुए पूछा कि क्या तुम शादीशुदा हो? तो वो नॉर्मल हुई और बोली हाँ, लेकिन करीब 4 महीने से पति से नहीं मिली तो उस दिन सुबह भैया और आपको मैंने बाथरूम में सेक्स करते देख लिया तो में बैचेन हो गयी. में ही पूर्वी से झूठ बोलकर आपके घर रुकी ताकि में आपको सेक्स करते हुए देख सकूँ और अपने आपको तृप्त करूँ, लेकिन ये पूर्वी से मत कहना. मैंने कहा कि तेरे बच्चे है? तो उसने कहा कि नहीं है और मेरे पति भी निरोध लगाते है तो मैंने कहा कि तूने अपनी चूत भी पूरी साफ की है तो वो बोली कि मेरे पति को पूरी साफ चूत ही अच्छी लगती है इसलिए में हमेशा साफ रखती हूँ. प्रिया बोली कि इन सब बातों से वो नॉर्मल हो गयी और खुलकर बात करने लगी और उसने ये भी बताया कि उसने पूर्वी और उसके पति को भी चुदाई करते देखा है, लेकिन वो तो उसकी साड़ी उठाता है और 5 मिनिट में करके अलग हो जाता है, लेकिन आप लोगों का सेक्स बिल्कुल मेरे पति जैसा है, वो भी मेरी चूत चाटते है और मुझे अपना लंड भी चुसवाते है और बोली कि में तो समझती थी कि मेरा पति ही सेक्स करते हुए गंदा बोलता है, लेकिन आपकी बातें सुनकर तो में पागल सी हो गयी और मुझे उनकी याद आने लगी है.

    फिर प्रिया मुझसे बोली कि वो इस वक़्त चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है तो मैंने कहा कि तो बुला लो उसको. प्रिया बोली नहीं ऐसे नहीं, में कल दोपहर में उसको बुला लूँगी और टेस्ट करूँगी. फिर हम दोनों यह बातें करके फिर से लग गये और 15 मिनट में जब में प्रिया की चूत में डालने लगा तो बेल बजी और में समझ गया कि अंजली होगी और फिर प्रिया ने नाइटी पहनी और दरवाज़ा खोला तो अंजली अंदर आ गयी. फिर प्रिया ने उससे बोला कि जब भी हम शुरू होते है तो तुम बेल बजा देती हो. वो बोली आप रोज़ करते हो तो प्रिया बोली कि हम तो कई बार दिन में दो बार करते है. फिर प्रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया और अंजली से बोली कि आ जा यहाँ बैठकर देख ले, लेकिन वो नहीं आई और हम लोग अपना काम करके सो गये.

    फिर अगले दिन प्रिया ने उसे बुलाया और बोली कि अंजली मेरी मालिश कर दे. फिर प्रिया ने अपनी नाईटी उतारी और अपने बेड पर उल्टी लेट गयी और फिर अंजली ने तेल की बोतल ली और प्रिया की मालिश करते हुए बोली कि भाभी आप लोग पीछे से भी करते है तो प्रिया बोली कि हाँ इसमें बहुत मज़ा आता है तो अंजली बोली कि नहीं बहुत दर्द होता है, एक बार मेरे पति ने पीछे से डालने की कोशिश की तो मेरी दर्द के मारे चीख ही निकल गयी थी. प्रिया बोली कि इसके लिए पहले पीछे वाले छेद को तैयार करना पड़ता है और तेल की मदद भी लेनी पड़ती है, जब तूने पहली बार चूत में डलवाया था तो दर्द हुआ था या नहीं, लेकिन बाद में मज़ा आने लगा ना. फिर प्रिया बोली कि चल अब एक काम कर तेल ले और मेरे पीछे वाले छेद में डाल और वहाँ अलमारी खोलकर उसमें से एक रबड़ का लंड पड़ा है वो निकाल ले. फिर अंजली ने जब अलमारी खोलकर रबड़ का लंड पकड़ा तो वो हैरान हो गयी और बोली कि भाभी ये तो असली का लग रहा है.

    फिर प्रिया बोली कि हाँ असली का लगेगा, तभी तो असली की तरह मज़े देगा. फिर प्रिया बोली क्यों लेना है? तो अंजली ने अपना सिर झुका दिया तो प्रिया बोली कि चल अपने कपड़े उतार तो अंजली शरमाने लगी, लेकिन प्रिया ने उसे किसी तरह से नंगी कर ही दिया. अब दोनों बिस्तर पर नंगी थी. फिर प्रिया ने लंड पर कंडोम लगाया और तेल भी लगाया और अंजली की चूत में डाल दिया. पहले तो उसे बहुत दर्द हुआ, लेकिन बाद में तो वो उछल-उछल कर लेने लगी और बोलने लगी कि भाभी क्या मस्त चीज़ है ये? मर्द ना हो तो भी खुद को ठंडा कर लो, भाभी और अंदर डालो और जैसे आप भैया से चुदवाती हो, वैसे ही मुझे चोदो. प्रिया बोली कि वो तो में तुझे दे ही दूँगी, तू कहे तो भैया से भी मज़े दिलवा दूँ. अब अंजली सिसकारियां लेते हुए बोली कि अपने पति से मुझे चुदवाओगी. तो प्रिया बोली तो क्या हुआ? लंड घिस थोड़ी जायेगा और ना तेरी चूत घिसेगी, बोल चुदेगी मेरे पति से, में भी तेरा साथ दूँगी. अब अंजली तो पूरी गर्म हो गई थी तो वो बोली जब आपको कोई फर्क नहीं पड़ता, तो में भी चुद लूँगी, मेरा पति भी तो पुर्वी को चोदता है और उसका एक से मन भी नहीं भरता है.

    मुझे पता है पूर्वी भी वहाँ मेरे पति से चुद रही होगी. वो साली तो यहाँ भी सक्सेना भाई साहब से चुदती है. अब इस चुदाई में अंजली ने सब कुछ बोल दिया जो उसके दिल में था और अब वो खेल ख़त्म होने के बाद प्रिया ने मुझे फोन करके ग्रीन सिग्नल दे दिया. अब शनिवार रात को बच्चों को में अपने मम्मी पापा के यहाँ छोड़कर वापस आया तो मैंने देखा कि अंजली ने प्रिया की काली नाईटी पहनी हुई थी और कोई कह नहीं सकता था कि ये गावं की लड़की होगी. प्रिया ने उसे पूरा तैयार किया था. अब मुझे देखकर वो बेडरूम में चली गयी और प्रिया बाहर आई और बोली कि तुम फ्रेश हो जाओ. फिर में नहाने चला गया तो प्रिया ने कोल्डड्रिंक में वोड्का डालकर अंजली को दी. उसने पहला घूँट पिया तो वो बोली कि भाभी ये क्या है? तो प्रिया ने कहा कि पी ले इससे तेरी सारी शर्म गायब हो जायेगी और ऐसा मज़ा लेगी कि अपने पति को भी भूल जायेगी. उसने पूरा ग्लास एक घूँट में ही ख़त्म कर दिया और फिर दूसरा ग्लास भी पी लिया.

    तभी में बाथरूम से बाहर आ गया और प्रिया ने भी बेडरूम में आकर पॉर्न मूवी चालू कर दी, जिसमें दो लड़कियां एक लड़के के साथ सेक्स करती है. फिर अंजली ने मूवी देखी और थोड़े नशे में बोली कि हाँ ऐसी पिक्चर मेरे पति ने भी मुझे दिखाई है तो प्रिया बोली तुझे तेरे पति ने 4 महीने में पूरा तैयार किया और तू उसे छोड़ आई तो वो तो दूसरो को चोदेगा ही. फिर अंजली थोड़ी दबी हुई आवाज़ में बोली कि उसने मेरे सामने मेरी बड़ी बहन को चोदा तो क्या में वहीं रुकती? लेकिन अब में जाउंगी तो में भी उसके सामने उसके भाई से चुदवाऊंगी और उसका लंड अपनी चूत में डलवाऊंगी. अब उस पर नशा हावी हो रहा था तो में अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया. तो अंजली ने फटाफट मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी और बोली कि कितने दिनों के बाद लंड देखा है, मुझे इसकी आदत पड़ गयी थी और उसने मुझे इसका गुलाम बना दिया था, वो हफ्ते में 4 बार मेरी चुदाई करता था और पता नहीं बाकि दिनों में किस किस की चुदाई करता होगा साला हरामी. लेकिन भैया आपका लंड तो उससे भी बड़ा और मोटा है. मैंने कहा कि क्यों मुझे भैया कह कर बहनचोद बना रही है? वो बोली कि भाभी भी तो आपसे चुदाते हुए आपको बहनचोद बोल रही थी.

    फिर प्रिया ने अपनी पेंटी साईड में की और अपनी चूत मेरे मुँह में डाल दी. अब में लंड चुसवाते हुए चूत चाट रहा था. फिर अंजली बोली कि भाभी आप कितनी गोरी हो, लेकिन में तो साँवली हूँ और फिर भी भैया को में कैसे अच्छी लगी? तो प्रिया बोली तू 24 साल की है और तूने अभी तक बच्चा भी पैदा नहीं किया है और तेरे बूब्स भी बिल्कुल कसे हुए है और में 36 साल की 2 बच्चो की माँ हूँ और जो तू अब लग रही है ना तो तेरा पति देख ले तो हमेशा तेरे ऊपर ही चढ़ा रहेगा. फिर प्रिया बोली अब में भी ड्रिंक ले लेती हूँ तभी कुछ गर्म हो पायेगा, लेकिन बेबी तुम मत लेना, तुम्हें दो को संतुष्ट करना है. फिर प्रिया ड्रिंक बनाने चली गयी.

    फिर मैंने अंजली को उठाया और बेड पर लेटाकर उसकी टाँगे खोल दी और उसकी चूत पर टूट पड़ा तो वो बोली कि चूस लो मेरी और चोद दो मुझे, जैसे आप भाभी को चोदते हो. फिर में अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा तो अंजली बोली कि भैया मुझे कुछ गंदा बोलो, जैसे आप भाभी को चोदते हुए बोलते हो. मैंने कहा कि साली रंडी बड़ी गर्मी है तेरी चूत में, तभी प्रिया ड्रिंक का सीप भरते हुए अंजली के मुँह पर बैठ गयी और बोली साली चल अब मेरी चूत चाट. अंजली अब पूरे नशे में थी और अब वो पूरे जोश से प्रिया की चूत चाटने लगी. फिर 5 मिनट के बाद प्रिया ने ग्लास ख़त्म किया और बोली कि तूने मेरी चूत चुदने के लिए पूरी तैयार कर दी और बेड पर घोड़ी बन गयी और अंजली से बोली कि तू अब अपनी चूत रगड़ ले और ललित तुम मुझे चोदो. तभी अंजली बोली कि भाभी आप तो रोज़ लेती हो, आज मुझे लेने दो, मेरा दो बार बिना चुदाई के पानी निकल गया है तो प्रिया हँसते हुए बोली कि लो भैया चोद लो अपनी बहन को, आओ चोदो इसे.

    फिर मैंने कंडोम चढ़ाया और अंजली की चूत में डाल दिया. अब उसकी सिसकारियां निकली और बोली कि भाभी आपकी वजह से मुझे ये आनंद मिला है. तभी प्रिया बोली कि हाँ बहन की लोड़ी ले ले मेरे पति का लंड. मैंने प्रिया को देखा और वो हँसते हुए बोली कि आज हमारा गार्ड अपनी बीवी को बहन की लोड़ी बोल रहा था तभी मैंने सुना. तो में बोला हाँ बहन की लोड़ी तुझे भी चोदूंगा, तू चिंता मत कर, तेरी भी चूत का बाजा बजाऊंगा, पहले इस रंडी की आग को शांत कर दूँ. फिर मैंने अपना मुँह अंजली के बूब्स पर ले जाकर उसके बूब्स चूसने लगा और साथ-साथ उसे चोदने भी लगा. फिर प्रिया हमारे पीछे आई और मेरे बॉल्स को जीभ से चाटने लगी. मैंने प्रिया को रोका, प्लीज़ ऐसा मत करो मेरा जल्दी निकल जायेगा. फिर प्रिया साईड में बैठकर अपनी चूत में उंगली करने लगी और मुझसे बोली कि क्यों चुदाई का मज़ा आया? अब वादा करो कि तुम भी कोई मेरे लिए लाओगे, जिससे में तुम्हारे सामने चुद सकूँ. फिर मैंने हाँ कहते हुए अपनी स्पीड तेज कर दी और करीब 20-25 मिनट तक हर स्टाइल में अंजली की चुदाई की. फिर मैंने कंडोम उतार कर प्रिया के बूब्स की चुदाई करते हुए अपना पानी निकाला..

  • माँ और अंकल की मिलन रात

    हैलो दोस्तों.. मेरा नाम सन्नी है और मेरी उम्र 19 साल है और में सी.ए फाईनल कर रहा हूँ और में लुधियाना से हूँ. हम फेमिली में दो ही लोग है एक में और मेरी माँ.. मेरी माँ की उम्र 44 साल है और उनका नाम इस दिलजीत कौर है और वो तलाकशुदा है. मेरे पापा और माँ का 5 साल पहले ही तलाक हो गया और तब से ही में माँ के साथ रह रहा हूँ और जब से ही मेरा मेरे पापा के साथ कोई सम्पर्क नहीं हुआ है.

    अब में आपका समय ख़राब ना करते हुये सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और में अपनी माँ का परिचय करता हूँ.. वो एक परफेक्ट पंजाबी औरत है उनका कलर बहुत गोरा है और 5.8 हाईट है और उनका बूब्स साईज 38 है और वेस्ट साइज 34 है. वो खुले विचारों वाली है.. उनका सब से बोलचाल है. वो बिल्कुल भी 44 साल की नहीं लगती. उनके सामने तो कोई जवान लड़की भी शरमा जाये. हम लोग बहुत अमीर है. माँ का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिज़नेस है और मेरी माँ ने अपनी जान से ज़्यादा मेरा ख्याल रखा है और बहुत प्यार भी करती है. माँ में कोई बुरी आदत नहीं बस सेक्स की प्यास की.. जो हर नॉर्मल औरत में होती है.

    माँ ने मेरी खातिर दूसरी शादी नहीं की.. लेकिन सेक्स की ज़रूरत तो उन्हे भी होती है और इसके लिए वो बिना हिचकिचाहट के जिससे मन करता (वो केवल स्टैण्डर्ड अमीर लोग और जो उन्हे सही और इज़्ज़तदार लगते है) उनके साथ सेक्स किया करती है. माँ का शहर मे बहुत रुतबा है और हमारे बड़े बिज़नेस के कारण बहुत बड़ा सोशल सर्कल भी.. चलिये मैंने अपने बारे में आपको बहुत बता दिया अब सीधा स्टोरी पर आता हूँ. पहली घटना जो में आपको बताऊंगा वो है मेरी माँ और उनकी एक फ्रेंड के पति की.. ये आज से 4 साल पहले की बात है जब मैं 15 साल का था और माँ 40 साल की तब मुझे सेक्स के बारे में बस पता ही चला था.

    फरवरी महीने की बात है शायद हम लोग माँ के किसी बिज़नस पार्टनर की पार्टी मे गये थे. वहाँ माँ ने मुझे काफ़ी लोगों से मिलवाया. उनमें से एक थे मिस्टर हर्ष वर्धन.. वो माँ के बिज़नस एसोसियट थे.. जो माँ की इम्पोर्ट एक्सपोर्ट मे मदद किया करते थे. उनका कन्सलटेन्सी का बिज़नस है. उनकी उम्र उस वक़्त 38 साल होगी.. वो मुझसे काफ़ी फ्रेंड्ली बात कर रहे थे. मैं वहाँ जाकर अपनी उम्र के ग्रुप वालों से मिला और पार्टी इन्जॉय की.. पार्टी के बाद जब हम घर लौटने के लिए कार में बैठे तो अंकल भी कार में आकर बैठ गये.

    अंकल : हेल्लो बेटा.

    मैं : हेल्लो.

    माँ : बेटा हमें बिजनस के सिलसिले में कुछ बातचीत करनी है मुझे आशा है कि तुम्हे कोई प्रोब्लम नहीं होगी.

    मैं : ऑफ कोर्स नहीं माँ.. यह हमारे मेहमान है.

    फिर अंकल मेरी पढाई और मेरी हॉबी के बारे में मुझसे बातचीत करने लगे.. फिर हम लोग रात के करीब 12 बजे तक घर पहुँचे और घर जाकर में मेरे रूम मे चला गया और माँ भी चेंज करने चली गई. में जब चेंज करके आया तो माँ और अंकल सोफे पर बैठे थे. माँ ने लाल 3 पीस नाईटी पहनी हुई थी और अंकल भी पजामे और टी-शर्ट में थे. वो शायद अपने साथ लाये होंगे. में नीचे आया और थोड़ी देर ऐसे ही बात चली.. फिर अंकल अपने लेपटॉप में घुस गये और मैंने और माँ ने थोड़ी इधर उधर की बातें की और फिर में दोनों को गुड नाईट बोलकर चला गया.

    मैं ऊपर जाकर सोया नहीं और रूम बंद करके पॉर्न मूवी देखने लगा. मैंने रूम में मुठ मारा और सोने लगा. मैंने देखा की पानी की बोतल तो लाना ही भूल गया.. तो मैं पानी की बोतल लेने नीचे किचन की तरफ जाने लगा.. नीचे की लाइट बंद हो गई थी तो वापस रूम में आया और अपना मोबाइल उठाकर नीचे चल दिया.

    बोतल लेकर आते वक़्त मैंने सोचा माँ को देख लूँ कि सो गई या अंकल और वो अब तक काम कर रहे है. हॉल की लाइट तो बंद थी तो मुझे लगा माँ और अंकल उनके रूम मे काम कर रहे होंगे. में माँ के रूम की तरफ चल दिया और जैसे ही में गेट लॉक करने वाला था तो मेरा ध्यान आवाज़ों की तरफ गया जो माँ के रूम के अंदर से आ रही थी.

    मैंने गौर किया तो ऐसा लगा जैसे किस हो रहा हो.. अंदर मैंने चुपचाप गेट खोलना चाहा पर गेट अंदर से बंद था. में आवाज़ पर ध्यान देने लगा तो कन्फर्म हो गया कि अंदर किस हो रहा है. बार तो मुझे झटका लगा कि कहीं में नींद में तो नहीं… मेरी माँ और हर्ष अंकल क्या सच में ये सब? फिर आवाज़ें आती गई किस्सिंग की और ये तो पक्का था कि कुछ हो तो रहा है. फिर उनकी बातें करने और हंसने की आवाज़ें आने लगी.. बातें उतनी साफ़ नहीं थी.

    मैं वहाँ खड़ा सब सुनता रहा और सोचा कैसे देखूं यह सब और फिर पागलों की तरह वहीं उनकी बातें सुनने लगा.. जो ज्यादा साफ़ नहीं थी. फिर एकदम से मुझे याद आया कि बगल वाले रूम का वेंटिलेशन एरिया और माँ के रूम का वेंटिलेशन एरिया कॉमन है और में वहाँ से सब देख सकता हूँ.

    में भाग कर वहाँ गया और एक कुर्सी वेंटिलेशन के पास लगा दी.. मुझे वहां से माँ की पायल की छन छन की आवाजें आ रही थी और मैं नहीं बता सकता कि ये क्या हो रहा था? जिसकी वजह से छन छन की आवाज़ आ रही थी. फिर एकदम से माँ की आहें भरने की आवाज़ आई और मेरी सारी शर्म लिहाज़ टूट गई और मैं कुर्सी पर चढ़कर नज़ारा देखने लगा. साईड लेम्प जल रहा था.. तो थोड़ा बहुत दिख रहा था.. लेकिन एकदम क्लियर नहीं. अंदर का नज़ारा देख कर तो मेरे होश उड़ गये.

    अंकल माँ के ऊपर थे और माँ का राइट बूब्स दबा रहे थे और लेफ्ट चूस रहे थे और माँ आवाजें निकाल रही थी.. आ आ अम्म आ ये देखकर में जितना हैरान था उतना ही मुझे मज़ा भी रहा था. मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. अंकल ने 5 मिनट तक माँ के बूब्स मसले चूसे और फिर माँ के होंठो को चूमने लगे.. वाउ! क्या किस था यार?

    अंकल केवल चड्डी में थे और माँ भी शायद पेंटी में थी. अंकल माँ के ऊपर से हटे और साइड में होकर अपनी चड्डी निकाल दी और फिर माँ की पेंटी उतारने लगे.. क्या नज़ारा था वो? अंकल ने माँ की पेंटी उतारी और साईड में फेंक दी और अब मुझे माँ की चूत दिखाई दे रही थी.. साफ साफ नहीं पर माँ इतनी गोरी है कि उनका बदन अंधेरे में भी चमक रहा था. सॉरी में पूरी तरह से तो बता नहीं सकता कि माँ की चूत कैसी है? क्योंकि मुझे सही सही दिख नहीं रहा था.. लाईट कम होने की वजह से. अंकल दोबारा माँ पर चड़े और उनके गाल पर किस किया.. होंठ चूसे और बूब्स दबाते चूसते हुये नीचे आते गये.

    उन्होंने नाभि पर भी किस किया और माँ की चूत पर उन्होंने 1 मिनट तक हाथ फेरा और फिर माँ की चूत को चाटने लगे. वो धीरे धीरे माँ की नाभि और फुली हुई चूत चाट रहे थे और माँ उनके बालों में हाथ फेर रही थी और उन्हे अपनी चूत में घुसा रही थी.

    माँ : आह आह उम्म्म्म आह उम्म्म आहें भर रही थी. करीब 10-15 मिनिट बाद अंकल ने अपना मुँह माँ की चूत से हटाया.

    अंकल : मज़ा आ गया तुम्हारी चूत का रस पी कर.

    माँ : वो कुछ नहीं बोली और लंबी गहरी साँसे ले रही थी.

    अंकल ने फिर अपना लंड मसलते हुये माँ की चूत पर रखा तो माँ ने अंकल को रोका और कहा कि..

    माँ : कंडोम लगा लो.

    अंकल : क्यों मज़ा ख़राब कर रही हो.

    माँ : नहीं नहीं बिना कंडोम के नहीं.

    अंकल : मुझे कौन सा एड्स है यार.. बिना कंडोम के तो असली मज़ा है.

    माँ : मेरी अलमारी खोलो और उसमे से कंडोम का पैकेट है.. निकाल लो. अंकल कंडोम निकालने के लिये उठे और अलमारी खोलकर पैकेट में से कंडोम निकाला.

    अंकल : इतने सारे कंडोम कौन इस्तेमाल करता है यह चक्कर क्या है? और नॉटी स्माइल देने लगे.

    माँ : शटअप.. बकवास मत करो यार.

    अंकल ने कंडोम लगाया और माँ के ऊपर आकर लेट गये. उन्होने अपना लंड माँ की चूत पर टिकाकर थोड़ा ऊपर नीचे रगड़ा और फिर एक ज़ोरदार झटका मारा और अंकल के लंड का ऊपरी हिस्सा माँ की चूत में चला गया. ओह सॉरी मैं आपको अंकल का परफेक्ट साईज़ तो नहीं बता सकता लेकिन ये ज़रूर बोल सकता हूँ कि मेरे लंड से छोटा था. मेरा लंड 7 इंच का है तो अब आप खुद सोच लें.. शायद 6 या 6.5″ इंच का होगा. अंकल ने माँ के होंठ पर अपने होंठ रखे और उनकी जीभ आपस में लड़ने लगी.

    वो दोनों बहुत ही सेक्सी किस कर रहे थे और अंकल ने इतने मे दूसरा झटका मारा.. लगभग पूरा लंड माँ की चूत में चला गया. फिर अंकल आगे पीछे होने लगे. और इधर मेरा भी वीर्य निकल गया था. अंकल ने धीरे धीरे स्पीड बड़ा दी और पूरा रूम उनके बदन के टकराने और माँ के चिल्लाने की आवाजों से भर गया और ये आवाजें मुझे मदहोश कर रही थी.

    माँ : आह उम्म.

    अंकल : आई लव यू सेक्सी और 5 मिनट तक अंकल ने इसी पोज़िशन में माँ को चोदा और एक ज़ोरदार आह के साथ अंकल माँ के ऊपर गिर गये. मुझे तो देखकर झटका लगा कि 5 मिनिट में ही अंकल का हो गया.. लेकिन माँ का नहीं हुआ था.

    2 मिनट दोनों ऐसे ही लेटे रहे और फिर अंकल साईड में लेट गये. माँ अंकल की तरफ पलटी और दोनों ने फिर चुम्मा चाटी शुरू कर दी. अंकल साईड से ही माँ के बूब्स दबा रहे थे. फिर माँ अंकल के ऊपर चड़ गई और उनके गाल चूमने लगी. फिर होंठ पर किस किया और गले पर चूमती हुई अंकल की छाती पर आई और उनकी निपल्स चूसने लगी.

    ये देखकर तो में हैरान हो गया. मुझे नहीं पता था कि लड़कियाँ भी इतनी तेजी से यह करती है और ऐसा भी कुछ करती है. माँ ने अंकल के बालों भरी छाती पर हाथ फेरा और पूरी छाती को चूमा. धीरे धीरे माँ अंकल के लंड की तरफ बड़ी और उसे हिलाने लगी. 5 मिनट में अंकल का लंड फिर सलामी दे रहा था और हमले के लिये तैयार हो गया था.

    माँ अंकल के लंड के ऊपर बैठी और धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी. में तो बयान नहीं कर सकता कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था. माँ की गांड मेरी तरफ थी और मैं गांड देखकर पागल हो जाता हूँ.. मुझे नशा हो जाता है और माँ की गांड तो आह कितनी सफ़ेद मोटी और सॉफ्ट थी.. शायद इसलिये अंकल भी अपने आपको नहीं रोक पा रहे थे और बार बार माँ की गांड दबा रहे थे. माँ फिर से आहें भर रही थी और अंकल के लंड पर कूद रही थी.

    माँ : अहह उम्म्म या या या और 5 मिनट बाद इस बार माँ झड़ गई और अंकल के ऊपर गिर गई.. लेकिन अंकल नहीं रुके और माँ को उठाकर पलट दिया और अब अंकल माँ के ऊपर थे और उन्हे चोद रहे थे. माँ का पूरा बदन कांप रहा था शायद इसलिये क्योंकि वो अभी अभी झड़ी थी. माँ ने अंकल को अपनी तरफ किया और लंबा किस किया आहह 2 मिनिट बाद ही अंकल भी झड़ गये और साईड में गिरकर लेट गये. दोनों ने फिर थोड़ी चुम्मा चाटी की और अंकल ने माँ के बूब्स दबाये और फिर माँ उठी और बाथरूम में चली गई. अंकल भी उनके पीछे गये.. मुझे लगा बस अब शो ख़त्म.. इसलिये मैं कुर्सी को उसकी जगह पर रख कर जाकर सो गया. उम्मीद है कि आपको ये सच्ची घटना पसंद आई होगी.

  • हर्ष अंकल ने मम्मी को चोदा

    मेरा नाम सन्नी है और मेरी उम्र 19 साल है. में एक प्राइवेट नौकरी कर रहा हूँ और में अपनी मम्मी के साथ रहता हूँ और उनका जब में 5 साल का था तब तलाक हो गया था. अब उनकी उम्र 44 साल है उनका नाम दलजीत कौर है और उनकी हाईट 5.8 इंच है. हाईट के कारण और उनकी गांड और बूब्स तो बहुत ही अच्छे है भरे हुए और गोल गोल और सुडोल है.. ज्यादा लटक नहीं रहे है और गोरी तो वो इतनी है कि उनके सामने दूध भी फीका पड़ जाए और वो बहुत सेक्सी है.

    दोस्तों में हर रोज़ स्कूल से आने के बाद ट्यूशन जाता था और मेरी ट्यूशन का टाईम 4 बजे से 6 बजे का था. तो एक दिन जब में स्कूल से घर आया तो मम्मी घर पर मौजूद थी. में उन्हे देखकर बहुत खुश हुआ और मैंने मम्मी को हग किया और फिर मैंने मम्मी से पूछा कि आज आप घर पर कैसे? तो वो बोली कि बेटा आज घर पर कोई भी नौकरानी नहीं है तो आप खाना कहाँ पर खाते तो इसलिए मैंने सोचा कि आज लंच आपके साथ किया जाए और कुछ काम भी था और फिर मुझे हग किया. फिर हमने बहुत देर तक मस्ती की और एक साथ बैठकर लंच भी किया.

    फिर हमने थोड़ी देर इधर उधर की बात की और मम्मी ने मुझसे मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा.. मेरी ट्यूशन कैसी चल रही है और वो मुझसे बोली कि आज रात को आप मुझे अपनी पढ़ाई का पूरा काम बताना कि आपका कितना कोर्स बाकि है और आपने कितना पूरा किया है और फिर कहा कि चलो जल्दी करो अब आपके ट्यूशन का टाईम हो गया है.. बाकी बातें ट्यूशन से आने के बाद करेंगे. तो में जल्दी से तैयार हुआ स्कूल के कपड़े बदले और ट्यूशन के लिए निकल गया. मेरा ट्यूशन घर से ज़्यादा दूर नहीं है और में हर रोज़ वहाँ पर साईकल से जाता हूँ और जब में ट्यूशन पहुँचा तो पता चला कि मेरे सर के घर पर कुछ मेहमान आए हुए है तो आज सर क्लास नहीं लेंगे.

    फिर में वापस घर जाने लगा और रास्ते में मैंने सोचा कि में अपने एक दोस्त के घर होता हुआ चलूं.. उससे पूछ लूँ कि वो खेलेगा क्या? और जब दोस्त के घर गया तो पता चला कि वो किसी की जन्मदिन पार्टी में जाएगा. फिर में घर चला गया और में जैसे ही घर पर पहुँचा तो मैंने देखा कि बाहर एक गाड़ी खड़ी हुई थी.. मुझे लगा कि हो सकता है कि हमारे यहाँ भी मेहमान आए होंगे? तो मैंने घंटी नहीं बजाई और मेरे पास रखी चाबी जो कि मेरे पास रोज़ ही रहती है उससे दरवाजा खोला और अंदर चला गया और उस वक़्त 4:35 का समय हो रहा था और मैंने अंदर आकर देखा.. लेकिन हॉल में तो कोई नहीं था और फिर मम्मी के रूम से अचानक मुझे ज़ोर से किसी के हंसने की आवाज़ें आने लगी.

    में उस रूम की तरफ गया और दरवाजे को धीरे से धक्का दिया.. लेकिन वो अंदर से लॉक था और एकदम से हंसने की आवाज़ें बंद हुई और मम्मी के मोन करने की आवाज़ आने लगी. तो मुझे लगा कि शायद अंदर कुछ हो रहा होगा.. में फिर पास वाले रूम में गया और वेंटीलेटर्स से झाँकने लगा और मुझे डर भी बहुत लग रहा था कि कहीं वो लोग मुझे देख ना लें.. वैसे दिखने का चान्स ना के बराबर था.. लेकिन फिर भी जैसे ही मैंने अंदर देखा तो मम्मी और हर्ष अंकल बेड पर नंगे लेटे हुए थे और अंकल मम्मी को चोद रहे थे और किस भी कर रहे थे.. मुझे देखकर करंट का झटका भी लगा और बहुत दुख भी हुआ कि मेरा बहुत ज़्यादा सीन छूट गया.

    फिर अंकल मम्मी के बूब्स दबाने लगे और उन्हे धक्के देकर चोदे जा रहे थे और मम्मी आहें भर रही थी आहह्ह्ह्ह आह हाँ आहह्ह्ह. फिर अंकल मम्मी के ऊपर से हटे और बेड से उठकर अलमारी की तरफ गये और दूसरा कंडोम निकालकर ले आए.. उन्होंने पहले पहना हुआ कंडोम निकाला और नया लगा लिया. तब मेरा ध्यान उनके लंड पर गया और वो बहुत बड़ा था.. लगभग 7 इंच या 7.5 इंच का होगा. कंडोम लगाने के बाद अंकल फिर से बेड पर आए और आते ही उन्होंने मम्मी के होंठ चूसने शुरू कर दिए.

    फिर अंकल ने मम्मी से धीरे से कुछ कहा और मम्मी पलट कर लेट गयी. तो अंकल ने उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगे.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और खुशी भी थी कि पूरा शो नहीं निकला और फिर अंकल ने ज़ोरदार एक दो धक्के लगाए और उनका लंड आसानी से मम्मी की गीली चूत में चला गया.

    तो वो मम्मी के ऊपर लेट गये और फिर मुझे अंकल का लंड मम्मी की चूत में जाता और बाहर आता साफ साफ दिख रहा था और उनके आंड मम्मी की गांड पर टकराते हुए दिख रहे थे उस दिन तो बहुत अंधेरे से कुछ भी नहीं दिख रहा था.. लेकिन आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मम्मी की चूत एकदम साफ दिख रही थी और उनकी चूत बालों से बहुत भरी हुई थी और अंदर से गुलाबी कलर की थी. फिर अंकल ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते गये और मम्मी आहें भारती जा रही थी.. आहआह अहह्ह्ह्ह और अंकल बीच बीच में मम्मी की कमर पर, कंधों पर और गर्दन के पास काटते और पीठ को चाटते.

    फिर अंकल अपना एक हाथ आगे ले गये और मम्मी के बड़े बड़े आम की तरह झूलते हुए बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. तो मम्मी आह अह्ह्ह्ह और ज़ोर से और ज़ोर से अह्ह्ह हाँ और ज़ोर से दबाओ बोल रही थी. और अपना हाथ पीछे की तरफ करके अंकल की गांड को दबा रही थी. वो बहुत उत्तेजित सी लग रही थी और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. खैर में उस वक़्त सेक्स के बारे में सब कुछ नया नया ही सीखा था और फिर अंकल थोड़ा सा उठे और मम्मी के बूब्स को पकड़कर पीछे की तरफ खींचा और अब वो दोनों अपने घुटनों पर थे और मम्मी ने पीछे हाथ करके अंकल के गले में बाहें डाल दी.. जैसा गले लगते वक़्त डालते है और दोनों किस करने लगे. दोस्तों मैंने इससे पहले ऐसा किस नहीं देखा था. मुझे बहुत मस्त लगा और शरीर में करंट लग रहा था और फिर अंकल ने मम्मी के बूब्स ज़ोर से दबाए और उन्हे चोदने लगे. तो मम्मी की तो चीख ही निकल गयी.. अहह आउफ़फ्फ़ उफ़फ्फ़ उउउम्म्म्मम. तो अंकल ने ऐसे ही मम्मी को 5-7 मिनट तक चोदा और मम्मी झड़ गयी और एकदम से बेड पर गिर गयी. अंकल का लंड अब भी मम्मी की चूत में था और दोनों अपने घुटनों पर थे.

    अब मम्मी ने अपने दोनों हाथ आगे टिका दिए और सर तकिये पर छुपा लिया.. यह चुदाई करने के लिये शानदार पोज़िशन बन गई थी और अंकल दो मिनट रुककर मम्मी को चोदना शुरू किया और हर धक्के के साथ मम्मी का बदन कांप उठता तो मम्मी ने अपना हाथ पीछे करके अंकल तो थोड़ा पीछे धक्का दिया और कहा कि..

    मम्मी : प्लीज बस अब बाहर निकालो.

    अंकल : क्या हुआ?

    मम्मी : अब नहीं लिया जाएगा.. यह वाला तो बहुत ज़ोरदार धक्का है.

    दोस्तों यह तो सच है कि मम्मी की चूत से पानी बेड पर टपक रहा था.. लेकिन एक एक बूँद टपक रहा था.. ऐसा कोई बहुत ज़्यादा नहीं था और मेरे लिए तो यह सब नया था क्योंकि मैंने ऐसा तो पॉर्न फिल्म में भी नहीं देखा था.

    अंकल : ठीक है नार्मल हो जाओ.. लेकिन आप तो पूरी तरह कांप रही है.

    मम्मी : अरे आज तो आपने क्या किया है (और वो हांफते हांफते हंसने लगी) ऐसा सेक्स और ऐसा मज़ा तो कभी नहीं आया.. ऊफ अह्ह्ह उह्ह्ह.

    फिर मम्मी साईड में लेट गयी.. लेकिन अंकल का काम सभी भी नहीं हुआ था और इतने में मम्मी बोली कि..

    मम्मी : क्यों आपको पिछली बार क्या हुआ था? 10 मिनट ही विकेट पर टिके और आज तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो.

    अंकल : आज आप पर मेरा प्यार बरस रहा है.. उस दिन तो बस मौका मिला था तो वो सिर्फ सेक्स था और उन दिनों में बहुत टेंशन में भी था और टेंशन तो हर काम को अटकाती ही है.

    मम्मी : क्या इतनी? लेकिन मुझे ऐसा लग ही नहीं रहा कि पिछली बार आप ही थे. आज तो हाँ बस रब्बा रहम करे.. रोकना बहुत मुश्किल हुआ है.

    फिर दोनों हसने लगे और अंकल ने मम्मी को ज़ोरदार किस किया और फिर जैसे ही अंकल किस तोड़ने जा रहे थे तो मम्मी ने अंकल के गाल को दोनों हाथों से पकड़ा और फिर से उनके होंठ चूमने लगी और वो दोनों अपने किस में व्यस्त हो गए.. शायद अब दोनों शांत हो चुके थे.

  • मामी की चूत की प्यास बुझाई

    हैल्लो दोस्तों, में आपके लिए लाईफ की रियल स्टोरी फिर ले आया हूँ. दोस्तों में अपनी माँ को चोदता था. फिर एक दिन हम वहाँ से मेरे मामा के गावं चले गये. वहां जाते वक़्त माँ ने कहा कि ये सब वहाँ पर नहीं चलेगा. ये सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया. फिर हम मामा के गावं पहुँच गये थे. मामा हमें रेल्वे स्टेशन पर लेने आ गये. जब हम घर पहुंचे तो देखा कि मामी हमारी राह देख रही है.

    उस दिन हमने थोड़ी बातें की और सो गये, जैसा कि मेरी माँ ने मुझे कहा था कि मुझे वहाँ माँ के साथ कुछ नहीं करने को मिलेगा. में उदास हो गया था. फिर मैंने कैसे-कैसे करके 2 रातें काटी, लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था. फिर में माँ के पास गया और कहा कि मुझे आपसे कुछ बात करनी है. वहाँ मेरी मामी भी थी. मैंने माँ से कहा कि मुझे आपसे अकेले में कुछ बात करनी है तो मामी ने मुझे स्माइल की और कहा कि क्या बात है? माँ से अकेले में बात करनी है अच्छा कर लो, में जाती हूँ.

    फिर मैंने दरवाजा बंद कर दिया और माँ को कसकर पकड़ लिया और लिप पर ज़ोर का किस किया और कहा कि माँ मुझसे रहा नहीं जाता, मुझे एक बार आपकी चूत चाटने दो. तभी माँ बोली और मुझे खुद से अलग कर दिया, फिर मैंने माँ को कसकर पकड़ा तो माँ बोली और एक हफ्ते की बात है. फिर मैंने माँ से कहा पर एक बार किस तो दे सकती हो ना, तो माँ ने स्माइल की और मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया और किस करने लग गई और 2 मिनट तक़ किस करने के बाद माँ ने खुद को संभाला और मुझे कहा अब बस हो गया.

    फिर में भी इसी में मान गया और दरवाजा खोलकर बाहर आया तो मामी कुछ काम नहीं कर थी. फिर उसने पूछा कि हो गई माँ से बात, तो मैंने कहा कि हाँ थोड़ी हुई है. फिर में खेलने के लिए बाहर चला गया. वहां मुझे मेरा पुराना दोस्त मिला. वो तब का दोस्त था जब में गावं आता था और जब में चोथी क्लास में था. अब वो मेरे आगे था. फिर मैंने उसे हाय किया तो उसने भी मुझे पहचान लिया और उसने भी मुझे हाय किया और हम दोनों पूरे गावं में घूमे. वहाँ हमारी ऐसे ही बातें हो रही थी. तभी मैंने वहां देखा कि एक औरत अपने कपड़े बदल रही थी, तो मुझे वो देखकर मेरी माँ की याद आ गई. मेरा दोस्त जिसका नाम बबन था हम दोनों ने वो नज़ारा देख लिया और बाद में हम दोनों के बीच में सेक्स की बातचीत होना चालू हो गई.

    फिर मैंने कहा यार इस औरत के मस्त थे ना, एक बार ये चोदने को मिल जाती तो मज़ा आ जाता. बबन बोला कि ये तो कुछ नहीं गावं के बाहर इससे भी मस्त-मस्त आइटम है. फिर मैंने कहा तुझे कैसे पता? तो बबन बोला कि मैंने 4 लड़कियों को चोदा है तो में जानकर भी अंजान बना रहा और उससे पूछा कि तुझे क्या मज़ा आया था? तूने कैसे चोदा था? तो बबन बोला कि उनका एक आदमी गावं के बाहर बैठता है, उसे 100 रुपए देकर वो नई-नई लड़की और औरतों से चुदाई करवाता है. में आज भी वहां जाने वाला हूँ.

    मैंने कहा कि अरे में भी आऊंगा, लेकिन वो बोला कि वो शाम के 7 बजे वहाँ आता है और एक गावं में जगह बताता है, वहाँ आइटम खड़ी रहती है और वहाँ जाकर चोदना पड़ता है. फिर में झट से घर आया और माँ से कहा कि आज में बबन के जा रहा हूँ और वापस आते-आते देर हो जायेगी. मेरे साथ बबन भी था तो माँ ने हाँ कहा और हम एक साथ चले गये. हम वहाँ 15 मिनट जल्दी पहुंच गये थे. फिर वहां एक लंबा सा आदमी साईकिल पर आया.

    फिर बबन आगे गया और उसने उसे कुछ पैसे दिए और कहा कि मेरे दोस्त को आइटम चाहिए तो उसने बबन के कान में कुछ कहा. फिर बबन मेरे पास आया और मुझसे कहा कि सिर्फ़ तुझे वहाँ अकेला जाना होगा, वो आइटम नदी के उस पार आ जायेगी. मैंने बबन से कहा कि में तुझे 9 बजे यहाँ पर ही मिलूंगा और तू साईकिल लेकर आ जाना. फिर में पुल पार करके नदी के उस पार पहुँच गया. वहां एक झोपड़ा था और बाहर एक दिया जल रहा था.

    मुझे बबन ने कहा था कि अंदर जाने से पहले चार बार दरवाजे को बजाना तो मैंने वैसा ही किया तो अंदर से आवाज़ आई अंदर आ जाओ. फिर जब में अन्दर गया तो एक औरत बेड पर मेरी तरफ पीठ करके बैठी थी. अब मुझसे रहा नहीं गया. अब मुझे उसकी पीठ में अपनी माँ दिखाई दे रही थी तो मैंने उसे झट से पीछे से पकड़ लिया और उस झोपड़े में लाईट नहीं थी सिर्फ़ दिए जल रहे थे, लेकिन उस औरत की खूबसुरती उसमें भी बहुत अच्छी लग रही थी.

    फिर मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसका चेहरा देखना चाहा तो मैंने झट से उसे छोड़ दिया और उठकर बाजू में खड़ा हो गया. फिर थोड़ी देर के लिए वो भी डर गई थी. फिर हम एक दूसरे को देखते ही रहे, क्योंकि जिसे में चोदने आया था वो मेरी मामी थी. फिर थोड़ी देर तक़ हम एक दूसरे के चेहरे ही देखते रहे. अब मेरे मुँह से कुछ निकल नहीं पा रहा था. फिर करीब 10 मिनट के बाद मैंने मामी से पूछा आप यहाँ कैसे? लेकिन आपको ये सब करने की क्या ज़रूरत है? तो मामी थोड़ी शर्म के मारे झुकी और कहा कि तेरे मामा का लंड सिर्फ 3 इंच का ही है और वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते तो मैंने सोचा कि यही सही है. फिर मामी नीचे मुँह करके बैठी रही और उन्होंने अचानक से पूछा कि लेकिन तू यहाँ क्या कर रहा है? तुझे ये शौक कब से आ गया, अभी तो तू छोटा है.

    फिर मैंने मामी से कहा कि में दिखने में छोटा हूँ, लेकिन में आपकी तमन्ना पूरी कर सकता हूँ. फिर मामी बोली कि अरे तू क्या मेरी तमन्ना पूरी करेगा? तेरा भी तेरे मामा की तरह 3 से 4 इंच का होगा. फिर मैंने भी कहा अच्छा और मामी के लिप पर किस कर दिया और लिप पर काट लिया. तो मामी बोली अबे हरामी मामी को किस करते-करते काटता है. फिर मैंने उनके बूब्स दबाने चालू कर दिए.

    मैंने कभी मामी को उस नज़र से नहीं देखा था, लेकिन मामी ने मुझे ललकार कर उन्हें चोदने के लिए उकसाया. फिर मैंने मामी के सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए और अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी थी. अब वहां लाईट नहीं होने के कारण में उनकी पूरी बॉडी साफ-साफ़ देख नहीं पा रहा था. में अभी तक कपड़ो में था. फिर मैंने मामी की चूत को चाटना चालू किया. मुझे मेरी माँ की चूत की याद आ गई. अब में मामी की चूत चाटता रहा. अब मामी मुझे बोल रही थी कि अरे हरामी क्या कर रहा है? वहाँ तेरा लंड डाल, चाट क्यों रहा है? अब वो अहहह्ह्ह आआहाह कर रही थी. ]

    फिर मैंने मामी के बूब्स को दबाना चालू किया और चूत को चाटने के बाद मैंने उनके बूब्स को चूसा और मामी की चूत में मेरी 2 उंगलियाँ डाल दी. अब मामी इन 15 मिनट में ही 2 बार झड़ चुकी थी. जब मामी दूसरी बार झड़ी तो मैंने मामी कि चूत पूरी चाट कर साफ कर दी. अब मामी बोली अब तेरा लंड निकाल कर मुझे दिखा. मैंने मेरी चड्डी निकाली और मामी के देखते ही उसके होश उड़ गये और मेरा 7 इंच लम्बा लंड देखकर मामी बोली कि ये तो लंड का बाप है.

    फिर मैंने कहा इसे आपके मुँह में ले लो, तो मामी बोली इससे क्या होगा? तो मैंने कहा जैसे मैंने आपकी चूत चाटी तो आपको मज़ा आया ना, वैसे ही मुझे भी मज़ा आयेगा, तो मामी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी. फिर 5 मिनट के बाद मैंने मामी को रोका और कहा कि अपने पैर फैला दो, तो मामी ने झट से अपने पैरो को फैला दिया और कहा कि डाल दे अपना हथियार. फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और चूत के सामने रखा तो मामी के मुँह से आहह की आवाज निकल आई अहहाहह आहह्ह्ह्ह अभी मेरा लंड अंदर भी नहीं गया था.

    फिर मैंने थोड़ा धक्का मारा और 2 से 3 इंच लंड अंदर चला गया, तो मामी जोर से चिल्लाई. फिर मैंने मामी को किस करना चालू किया. अब मामी बोल रही थी कि थोड़ा धीरे करो, मेरी चूत फट जायेगी. फिर मैंने किस करते समय और एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड मामी की चूत में समा गया. मामी थोड़ी ढीली हो गयी.

    फिर में थोड़ी देर रूक गया और मामी को किस करके पूछने लगा कि ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है ना तो मामी ने कहा कि तू लगा रह, मुझे कुछ नहीं होगा, मज़ा आ रहा है. ये सुनने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू कर दिए. फिर मैंने कम से कम 20 मिनट तक़ मामी को चोदा और जब में झड़ने वाला था तो मैंने मामी से पूछा कि मेरा पानी गिरने वाला है क्या करूँ? तो मामी बोली कि तेरे लंड से मुझे मेरी ज़िंदगी का मज़ा आया है, तेरा पानी अंदर डाल दे.

    अब में पूरी तरह से थक चुका था. फिर जब मैंने अपना लंड मामी की चूत से निकाला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर थोड़ा खून लगा हुआ था. मामी बोली कि तेरे मामा के अलावा तू चोथे नम्बर का मर्द है जो मुझे चोद चुका है, लेकिन तेरे में जो बात है वो किसी में नहीं है. फिर मैंने भी कहा कि मामी आप भी किसी रांड से कम नहीं हो, फिर ऐसा कहकर हम दोनों निकले. फिर मैंने मामी से बोला कि एक किस हो जाए तो मामी मेरे पास आई और बोली कि एक क्यों? जितने चाहें ले ले. फिर मैंने उन्हें किस किया और हम झोपड़े से बाहर निकल गये.