Category: ऑफिस में चुदाई

  • दो परिवारों का मिलन

    हैल्लो फ्रेंड्स, में अपनी छोटी बहन सिमरन (उम्र 23 साल) को रोज चोदने लगा था और माँ उषा (उम्र 48 साल) को भी चोदता था, लेकिन थोड़ा कम, क्योंकि वो ज़्यादातर अपने ऑफिस के बॉस से चुदवा कर ही वापस आती थी वहाँ उन्हें प्रमोशन और मुझसे बड़ा 9 इंच का लंड जो मिलता था. मैंने नेट पर एक नया दोस्त बनाया, उसका नाम विशाल था और उसकी उम्र 21 साल थी, जो अपनी बहन गीता (उम्र 25 साल) और माँ संगीता (उम्र 45 साल) को अपने बाप (उम्र 46 साल) के साथ चोदता था .

    फिर हमने फोन पर बातें की और फिर बाद में गीता ने सिमरन से और मेरी माँ ने उसकी माँ से भी चुदाई की बातें की, तभी उसके बाप ने मेरी माँ से फ़ोन पर कहा बहन जी, आप तो हमारी फेमिली के बारे में जान ही चुकी हैं और हमें भी राज ने सिमरन और आपके बारे में बता दिया है, तो क्यों ना हम एक दिन मिल कर दोनों परिवार खुशियाँ मनायें, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे 2 परिवारों के 3 लंड और 4 चूत.

    माँ : भाई साहब मुझे कुछ सोचने का समय दीजिये.

    विशाल के पापा : जितना मर्ज़ी समय लीजिये, लेकिन भाई साहब ना कहिये, मेरा तो जानेमन तुम्हारी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है. विशाल, राज, सिमरन सब आपस में बात कर चुके हैं मेरी बीवी संगीता, तो कब से अपने नये बेटे राज से चुदवाने को मचल रही है. आप भी तो अपने बेटे राज को अपना पति मान चुकी हैं और मैंने सुना है सिमरन तो आजकल आपको घर में भाभी कहकर बुलाती है.

    माँ : ह्म्‍म्म्म…यह बात है तो आपके लंड महाराज की तो सेवा करनी ही पड़ेगी, ठीक है, जैसी आप सबकी मर्ज़ी, में राज से बात करके फाइनल तारीख तय करके आपको बताती हूँ.

    विशाल के पापा : अपनी बेटी को मेरे लंड का सलाम देना, थैंक्स जानेमन.

    माँ : बाय डियर.

    यह कहकर माँ ने फ़ोन रख दिया. माँ ने जब सारी बात मुझे और सिमरन को बताई, तो हम खुशी के मारे उछल पड़े और हम दोनों भाई-बहन ने माँ का मुँह चूम लिया. फिर सिमरन ने जींस के ऊपर से ही मेरे आधे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया और फिर शुरू हो गया चुदाई का एक नया दौर. फिर मैंने सिमरन की चूत मारी और उसने माँ की चूत को चाट कर शांत किया और चुदाई के बाद माँ बोली कि अगले शनिवार का दिन ठीक रहेगा, वो शाम को आकर हमारे साथ ही रात गुज़ार लेंगे और फाइनल प्रोग्राम बना कर मैंने विशाल को फ़ोन कर दिया कि शनिवार शाम को 8 बजे तक हमारे घर पहुँच जाना.

    फिर हमने नंगे बैठ कर ही फाइनल प्रोग्राम बनाया और फिर प्रोग्राम के अनुसार वो लोग शनिवार को ठीक टाइम से 15 मिनट पहले ही पहुँच गये और वो साथ में 2 वाईन की बोतल और खाना पैक करवा कर लाये थे, जैसे ही डोर बेल बजी सिमरन ने भाग के गेट खोला और विशाल को देखते ही उसने उसे हग किया और लिप किस किया. विशाल के पापा जिनका नाम अमित था, उन्होंने सिमरन को गोद में उठा लिया और पीछे से उसकी गांड को मसलते हुए अंदर ले आये.

    अंदर आते ही मैंने सबकी आपस में पहचान करवाई, जैसे ही मैंने दोनों माँ को आपस में मिलवाया तो वो आपस में लिप किस करके गले मिली और कहा कि मुबारक हो आपको यह नये लंडो की मस्ती और ये बोल कर दोनों हंसने लगी. फिर सिमरन और गीता ने भी किस किया, फिर सिमरन ने गीता का हाथ पकड़कर मेरी पेंट की चैन पर रख दिया और बोली यह लो गीता आपका वेलकम गिफ्ट, गीता बोली माल तो बड़ा ही ज़बरदस्त लग रहा है. उधर विशाल के पापा माँ के बूब्स दबा रहे थे, विशाल पीछे से माँ की पीठ पर किस कर रहा था.

    फिर विशाल की माँ संगीता बोली अरे रुको पहले डिनर तो कर लो, पूरी रात अपनी है, जमकर मस्ती करना. फिर मेरी माँ भी बोली हाँ यही ठीक रहेगा. फिर माँ, संगीता आंटी, सिमरन और गीता सभी किचन में चले गये. हमने ड्रॉइग रूम की टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा ली, उसमें 2 कपल की चुदाई का सीन चल रहा था. फिर विशाल बोला कि यार राज हम तो बाप बेटा आपस में खुले हुए हैं तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना? नहीं यार विशाल में भी अपनी माँ की चूत तक लंड चूस कर ही पहुंचा हूँ.

    विशाल : वो कैसे?

    में : मेरी माँ के बॉस माँ को खूब चोदते थे. जब कहीं जगह नहीं मिलती थी तो घर में ही माँ की बैंड बजाने लगे. जब मुझे पता चला तो वो बोले तू भी कर ले, ये माँ की मज़बूरी थी या वासना पता नहीं पर वो दो चार बार नाटक करके मान गयी.

    फिर बॉस ने एक शर्त रखी कि मुझे उनका लंड चूस कर अपनी माँ की चूत में डालना पड़ेगा. पहले तो अजीब लगा. फिर कुछ दिन के बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा. माँ की चूत से बॉस की मलाई खाने में तो जन्नत का मज़ा आता है.

    विशाल : वाऊऊउ.

    यह कह कर विशाल और उसके पापा ने अपने पजामे निकाल दिए. दोनों ने ही अन्दर अंडरवेयर नहीं पहना था. फिर मैंने भी अपने कपड़े और अंडरवेयर निकाल दिया, तो ब्लू फिल्म में एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था और दूसरा लड़का पहले लड़के को अपना लंड चुसवा रहा था और चुदने वाली लड़की दूसरी लड़की की गांड चाट रही थी. यह देख कर हमारे तीनों के लंड तन गये, मेरा और विशाल का लगभग एक ही साईज़ का था, लेकिन उसका ज़्यादा काला था और विशाल के पापा का हम दोनों से लम्बा और मोटा था. लगभग 9 इंच का तो होगा. फिर हम तीनों एक दूसरे के लंडो को देख ही रहे थे कि तभी सारी लेडीस अंदर आ गयी.

    संगीता : आज, तो तुम सब सब्र कर लो इन कामों से, इतनी मस्त रंडियों के होते हुए.

    विशाल : माँ अब आप तो जानती ही है कि पापा की रबड़ी कितनी टेस्टी है.

    गीता : वो तो है.

    में : डाइनिंग टेबल पर डिनर और ड्रिंक्स तैयार था, लेकिन हम सब आज नंगे हो कर डिनर करेंगे.

    गीता : ग्रेट आइडिया.

    सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, माँ और सिमरन की ब्रा अमित अंकल ने खोली और मैंने संगीता आंटी की पेंटी उतारी और उनकी शेव चूत पर किस किया. जब सब नंगे हो गये, तो सिमरन ने ड्रिंक्स सर्व करना शुरू किया और जल्दी ही सबने 2-2 पैक वोडका के गटक लिए, अब सब मस्ती मे आ चुके थे.

    सिमरन : माँ देखो, अमित अंकल का कितना सुंदर और तगड़ा है.

    माँ : हाँ बेटी, मुझे पता है तेरी चूत इसे लेने के लिए पानी छोड़ रही है.

    माँ ने एक उंगली सिमरन की चूत में डाली और सबको उसका पानी दिखाया, सिमरन माँ की राईट साईड में बैठी थी और अमित अंकल लेफ्ट में बैठे थे. उन्होंने माँ की उंगली को चूसना शुरू कर दिया और अपनी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी.

    अमित अंकल : सिमरन की चूत का टेस्ट तो राज सच में लाजवाब है, लेकिन तुम्हारी माँ की चूत भी बहुत गर्म महसूस हो रही है.

    डाइनिंग टेबल की दूसरी तरफ मेरे और विशाल के बीच में संगीता आंटी बैठी हुई थी. मैंने और विशाल ने उनका एक एक बूब्स हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. संगीता ने विशाल का और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सिमरन और अमित अंकल ने 1-1 पैक सबके लिए और बनाया. फिर हमने वो पिया और डिनर स्टार्ट किया.

    फिर डिनर करने के बाद हम बेडरूम में जाने लगे, तो माँ बोली कि क्यों ना यहीं फ्लोर पर गद्दे लगा कर सारे एक साथ सेक्स करें. तो अमित अंकल बोले गुड आइडिया, फिर मैंने और विशाल ने जब तक गद्दों की सेंटिंग की. तब तक अमित अंकल ने माँ की ऑयल मसाज करनी शुरू कर दी. सिमरन अंकल का लंड चाट रही थी, संगीता आंटी सिमरन की गांड चाटते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

    में : किसी को कंडोम की ज़रूरत तो नहीं है.

    गीता : हमारी फेमिली में तो सबको बिना कंडोम के ही पसंद है.

    माँ : में और गीता भी सेक्स करने के बाद आई-पिल लेते है तो बिना किसी चिंता के खुलकर मज़े लो बेटा.

    माँ का गोरा बदन ऑयल की मसाज के बाद चमक रहा था.

    विशाल : वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और बोल रहा था कि किसी को कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना.

    माँ : नहीं, बेटा बिल्कुल नहीं ये, तो मीठी यादें स्टोर करने का एक तरीका है. मुझ पर फोकस ज़रूर करना जब में तुम्हारे पापा का लंड चूसने लगूं.

    अमित अंकल : अब सब बातें ही करते रहोगे या फिर पहला राउंड शुरू किया जाये.

    सब नंगे, तो पहले से ही थे. फिर बारी बारी माँ ने और सिमरन ने अमित अंकल का लंड चूसना शुरू कर दिया. अमित अंकल ने माँ के बाल पकड़कर खींचे और बोले कि साली कुतिया तू मेरी रांड है. चूस मेरा लंड में आज तुझे माल पिलाऊंगा.

    सिमरन बोली जानू मुझे भी अपनी रांड बना लो, तो अमित अंकल ने माँ के मुँह से लंड निकालकर सिमरन के मुँह में डाल दिया, वो गप गप करके उसे चूसने लगी और माँ उनके लंड के अंडे सहलाने लगी. ऊधर गीता आंटी मेरा और विशाल का लंड चूस रही थी, वो एक का लंड मुँह में लेती तो दूसरे का लंड अपने हाथ से हिलाती, उनके मुँह से लार टपक रही थी और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में एक उंगली डालने की कोशिश कर रही थी.

    संगीता आंटी : मेरा कौनसा बेटा आज पहले अपनी माँ की चूत का उद्घाटन करेगा.

    विशाल : माँ ये हक़ तो मम्मी आज राज को ही मिलना चाहिए.

    संगीता : तुझे अपना वादा याद है ना विशाल?

    में : कैसा वादा?

    संगीता : विशाल ने जब तुम से मरवाने की बात की थी तो तुमने वादा किया था कि वो खुद तुम्हारा लंड पकड़कर चूसकर मेरी चूत में डालेगा.

    में : वाउ, विशाल आ जा जल्दी से.

    फिर विशाल ने मेरा लंड मुँह में लिया और संगीता ने जब तक अपनी टाँगें फैला दी. फिर विशाल ने उसकी चूत पर थूक दिया और फिर अपनी जीभ फेरने लगा, संगीता की फूली हुई चूत पूरी लाल हो चुकी थी. फिर विशाल ने मेरा लंड चूत पर लगाया और बोला बेस्ट ऑफ लक भाई, फिर मैंने संगीता की आँखों में वासना कैद की और देखा, जैसे उसकी आँखे कह रही हो कि जल्दी डाल मेरे कसम और मुस्कुराते हुए एक ही धक्के में मैंने 3 इंच लंड चूत में डाल दिया. ऊधर अमित अंकल सिमरन की चूत चोद रहे थे.

    उनके लंड की बड़ी साईज़ की वज़ह से सिमरन की आँखों में आसूं आ गये थे और माँ सिमरन के मुँह पर अपनी चूत देवी को रखे हुये थी. मैंने संगीता की चूत में धक्कों का तूफान मचा दिया और फिर संगीता ने विशाल को अपनी गांड में लंड डालने को कहा, फिर हमने पोज़िशन थोड़ी चेंज की ताकि वो लंड गांड में डाल सके.

    संगीता : घर पर भी जब मेरे पति मेरी चूत मारते है तो विशाल को गांड में ही जगह मिलती है, क्योंकि उनका लंड तो मेरी गांड में लेना मेरे बस की बात नहीं है. लेकिन गीता एक दो बार हिम्मत करके ले चुकी है और गीता सोफे पर बैठकर अपनी चूत में उँगलियों को अंदर बाहर कर रही थी और वीडियो रिकॉर्डिंग करते करते गीता भी अब तक पूरी गर्म हो चुकी थी. सिमरन अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर अमित अंकल ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और माँ को चाटने के लिए दिया.

    माँ : आपने मेरी बेटी का सही तरह से पूरा रस निकाला है अब अपनी इस रांड पर भी थोड़ा ध्यान दीजिये. यह कहकर माँ डॉगी पोज़िशन में आ गयी और फिर सिमरन ने अंकल की तरफ एक आँख मारी और अंकल का लंड माँ की गांड पर लगा दिया. फिर अंकल ने भी जल्दी से माँ के चूतड़ पकड़कर लंड अंदर धकेल दिया.

    माँ : साली कुतिया बता तो देती कि शेख साहब को इस बार दुबई से आने दे, तेरी गांड का मुरब्बा ना बनवाया, तो में भी तेरी माँ नहीं.

    अमित अंकल : जानेमन, हम क्या शेख साहब से कम है, देखती जाओ हमारे इस लंड महाराज का कमाल.

    माँ : अब धक्के लगाओ तब देखती हूँ.

    अंकल ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी माँ तो पहले ही अनुभवी थी, इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, वो अब खूब इन्जॉय कर रही थी और खुद लंड को पूरा गांड में लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. फिर सिमरन अंकल की गांड को चाटने लगी. अब गीता से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंकल ने माँ को चोदते हुए गीता के बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

    अब सिमरन ने अपनी उँगलियों से गीता की चूत मारनी शुरू कर दी. मुझे और विशाल को संगीता को चोदते हुए 10 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे तो में झड़ने वाला था. शायद विशाल भी झड़ने वाला था. मैंने पूछा जान कहाँ निकालूं तो संगीता बोली मेरे दोनों बेटों जहाँ लंड है वहीं निकालो.

    फिर हम दोनों ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक साथ संगीता की चूत और गांड में झड़ गये. गीता ने कैमरा हम पर ही फोकस किया हुआ था. जैसे ही 2 मिनट के बाद हमारा लंड सिकुड़कर बाहर निकला तो उसकी चूत और गांड में से वीर्य बाहर टपकने लगा. गीता ने कैमरा विशाल को दिया और एक परफेक्ट कुत्तिया की तरह चाटकर अपनी माँ की चूत और गांड से रसमलाई निकाल कर खाने लगी.

    उसकी मस्त गांड मुझे बुला रही थी उसके गुलाबी होल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऊधर अंकल भी सिमरन के मुँह में अपना माल झाड़ रहे थे और सिमरन ने सारा माल मुँह में ले लिया और फिर माँ से उसे शेयर करने लगी. उस रात हम सभी ने गांड और चूत की सेवा की और कब किसने किसकी सेवा की ये तो अब हमें भी याद नहीं रहा और सुबह के चार बजे हम वहीं सारे नंगे ही सो गये और हमने उस रात खूब मजा किया.

  • बॉस की सेक्सी बीवी के साथ जबरदस्ती चुदाई की, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शहबाज़ है और मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों यह घटना मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है और जिसको में आज बहुत बार सोचकर आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह घटना तब की है जब में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक ऑटोपार्ट्स की दुकान में काम करता था और मेरे बॉस दुकान के मालिक मुझे छोटू बुलाते थे, उनकी उम्र करीब 36 या 37 साल थी और तब मेरी उम्र 22 थी, उनकी पत्नी जिसका नाम मेघा और वो बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत थी और उनकी एक बेटी भी थी.

    दोस्तों मेरे बॉस ने अपनी शादी बहुत देर से की थी और बॉस की बीवी की उम्र करीब 30-31 की थी, लेकिन वो अपने सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन से दिखने पर ऐसी बिल्कुल भी लगती ही नहीं थी कि वो इतनी उम्र की भी हो सकती है? दोस्तों मुझे अपने बॉस की दुकान के काम के साथ साथ उनके घर के काम भी छोटे बड़े सभी करने पड़ते थे, जैसे कि बॉस का उनके घर से दिन में खाना लेकर आना घर के लिए कोई भी सामान ले जाना और भी बहुत कुछ इससे मेरी और मेरे बॉस की पत्नी की बहुत अच्छी बनती थी, उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और में हमेशा उन्हें मजाक में बॉस ही बोलता था, लेकिन वो कभी भी मुझसे किसी भी बात पर नाराज नहीं होती थी.

    वो भी मुझे प्यार से छोटू ही बोलती थी और जब भी में उनके घर पर काम से जाता तो हम बहुत देर तक मस्ती मज़ाक करते, मुझे उनके फिगर के साईज का तो पता नहीं, लेकिन वो भरे बदन की थी और उनका रंग भी बिल्कुल गोरा था, हमारा मजाक इतना होता था कि जब भी में अपने बोस का खाना लेने जाता तो में उनसे मजाक में बोलता था कि आपके पापा ने खाना मंगवाया है तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हँसने लगती और मुझसे कहती कि तुम बहुत बदमाश हो गया है बहुत बड़ी बड़ी बातें करता है.

    एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे बोला कि छोटू में 20-25 दिन के लिए किसी जरूरी काम से अपने गाँव जा रहा हूँ तो तू क्या मेरे पीछे से दुकान सम्भाल लेगा? फिर मैंने बोला कि हाँ बॉस कोई बात नहीं आप आराम से बिना चिंता किए चले जाईये. फिर बॉस मुझसे बोले कि तेरी मेडम मेरे साथ नहीं जाएँगी, क्योंकि बेटी का स्कूल है तो इसलिए तू दुकान बंद करने के बाद मेरे घर पर ही रहना. फिर मैंने बोला कि जी बॉस. फिर बॉस बोले कि में कल सुबह ही निकल जाऊंगा तो तू दुकान पर ठीक समय पर आ जाना.

    फिर दूसरा दिन आया. मैंने दुकान खोली तब तक बॉस जा चुके थे और में पूरे दिन बिल्कुल अकेला था. फिर रात हुई और में अपने बॉस के घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद मेडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने दिन में खाना खाया था? फिर मैंने बोला कि जी बॉस हाँ मैंने दिन में खाना खा लिया था. फिर कुछ देर बाद मेडम ने खाना लगाया और हमने एक साथ ही बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम तीनो खा पीकर सो गये, में होल में ही सोया था और ऐसे ही तीन दिन गुजर गये सब कुछ एकदम ठीक ठाक था.

    उसके अगले दिन रात के करीब 2:30 बज रहे थे और मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी तो में पेशाब करने उठा और जब में वापस आया तो मेरी नज़र मेडम के रूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि रूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था तो मैंने सोचा कि शायद मेडम जाग रही है तो इसलिए में रूम के बहुत करीब गया और जैसे ही मैंने अंदर देखा तो देखकर मेरे होश उड़ गये और मेरी दोनों आँखे फैल गई, क्योंकि उस समय मेरी बॉस मेक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहला रही थी और आअहह उउफफफ्फ़ हनमम्म कर रही थी और मेरा मन किया कि में जाकर उनसे चिपक जाऊँ, लेकिन मेरी इतनी हिम्म्त नहीं हुई और में किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल करके या शायद उनसे डरकर में वापस आकर सो गया.

    फिर सुबह हुई और हम नाश्ता कर रहे थे, में अब चोर नज़र से मेडम को ही बार बार देख रहा था और तभी मेडम मुझसे बोली कि क्या बात है आज तुम बहुत चुपचाप हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और फिर पूरे दिन भर में दुकान पर जाने के बाद अपनी मेडम के बारे में ही सोचता रहा और सोचते सोचते मेरा लंड टाईट हो जाता और आज में रात को सोया ही नहीं बस उनके बारे में ही सोचता रहा और रात को करीब दो बजे में फिर से उठा और मेडम के रूम की तरफ जाकर देखा, लेकिन आज दरवाजा अंदर से बंद था तो में करीब गया और वहीं पर बैठ गया और कुछ देर बाद अंदर से फिर वही सिसकियों की आवाज़ आने लगी और में बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और ऐसे ही पूरे 6 दिन हो गये और मेरा मन अब अपनी मेडम को चोदने का बहुत कर रहा था और फिर वो रात आ गई, रात के 1 बज रहे थे और में दरवाजे के बिल्कुल पास ही था और मेडम की आवाज़ सुन रहा था. मैंने अब दरवाजे पर ज़ोर से हाथ मार दिया और जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया और फिर में मेडम से बोला कि क्यों आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मेडम बोली कि हाँ क्या हुआ में तो एकदम ठीक हूँ. फिर में बोला कि जी मेडम और फिर में जाकर हॉल में बैठ गया.

    फिर थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और मेडम बाहर आ गई. में उस समय सोफे पर बैठा हुआ था तो वहीं पर मेडम भी आकर बैठ गई और वो बोली क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे थे में डर गई थी? फिर में बोला कि मेडम मैंने आपकी आवाज़ सुनी तो मैंने सोचा कि शायद आपकी तबीयत खराब है. फिर मेडम बोली कि नहीं में एक सपना देख रही थी. मैंने पूछा कि कैसा सपना?

    मेडम बोली कि वो एक बहुत डरावना सपना था, अब में उनसे नाटक करने लगा क्या मेडम आप भी सपनो से डरती हो? अब वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मेडम क्या आप ज़्यादा डर गई हो? फिर मेडम बोली कि नहीं तो. फिर में बोला कि फिर आप बिल्कुल चुप क्यों हो? तो मेडम बहुत ही धीरे से बोली कि मुझे बहुत प्यास लगी है तो में तुरंत समझ गया, लेकिन फिर भी मैंने नाटक किया हाँ ठीक है में अभी पानी लाता हूँ और में उठकर पानी लाया और उनसे बोला कि यह लीजिए तो मेडम ने देखा तो मुझे हँसी आ गई.

    फिर मेडम मुझसे पूछने लगी कि तुम ऐसे हंस क्यों रहे हो? मैंने उनसे बोला कि लीजिए अपनी प्यास बुझा लीजिए, तभी मेडम ने मेरा एक हाथ खींचकर मुझे सोफे पर बैठा लिया और वो मेरी गर्दन को दबाकर मुझसे बोली कि क्या बात है तुझे बहुत हंसी आ रही है? प्यास नहीं जानते तुम या नाटक कर रहे हो? और अब मेडम के बूब्स मेरी छाती से टकरा गये में और पीछे हुआ और मेडम बैठ गई. फिर में बोला कि मेडम मुझे पता है कि आप क्या सपना देखती हो? अब मेडम ने हल्की सी स्माईल की और बोली कि क्या पता है?

    में बोला कि यही कि जो सपना आप देखती हो तो उससे आपको प्यास लग जाती है और फिर में ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और मेडम ने फिर मेरी गर्दन को दबाया और बोली कि ज्यादा हंस मत और इस बार उनके बूब्स मेरी छाती से पूरी तरह चिपक गये और मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा और मेरी नज़र मेडम के बूब्स पर गई और तभी वो उठने लगी तो मैंने देर ना करते हुए उनके गाल पर एक किस कर लिया तो वो पहले थोड़ा सा शरमाई.

    फिर हंसकर मेरे होंठो को चूमने लगी और अब मेडम सोफे पर एकदम सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गई. मैंने अपने दोनों पैर फैला लिया और मेडम मेरे पैर के बीच में आ गई और मेरा लंड उनकी उभरी हुई गीली चूत से दब रहा था और वो खुद जानबूझ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबा रही थी, में उन्हें ज़ोर से चिपकाए हुए था और हम दोनों ज़ोर से किस कर रहे थे.

    तभी में अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और फिर चूत को सहलाने लगा और मैंने धीरे से मेडम की चूत में एक चींटी काट ली और जिसकी वजह से वो उछल गई और में हँसने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि कमीने रुक में अभी तुझे बताती हूँ और यह बात कहकर उसने ज़ोर से मेरी छाती पर अपने दाँत से काट लिया और उस दर्द की वजह से में चिल्ला पड़ा तो उसने तुरंत मेरे मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर वो मुझसे बोली कि ज्यादा चिल्ला मत वरना में और भी ज़ोर से काट सकती हूँ.

    फिर हम दोनों सोफे से सीधे नीचे फर्श पर लेट गये और मेडम अब तक मेरे ऊपर चड़ी हुई थी और वो लगातार मेरे लंड पर अपनी चूत को मसल रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दोस्तों मेडम का वजन थोड़ा ज़्यादा था और अब मेडम मेरे ऊपर से हटी और पास में आकर बिल्कुल सीधा लेट गई और हम ऐसे ही नीचे लेटे हुए थे.

    फिर मेडम मुझसे बोली कि तुम कभी किसी को कुछ भी मत बोलना तो मैंने उनसे कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो कभी भी किसी को पता नहीं चलेगा और अब मेडम मेरी तरफ मुस्कुराई और में उसके ऊपर चड़ गया और अब में मेडम के ऊपर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ था, में उस समय नाईट पेंट पहने हुए था जिससे मेरा लंड मेडम की चूत से होते हुए उनकी जाँघो के बीच में घुस रहा था और अब हम किस कर रहे थे और में एक हाथ से मेडम का एक बूब्स बहुत ज़ोर से दबा रहा था, अब में मेडम की गर्दन को चूम रहा था और साथ ही एक बूब्स को दबा भी रहा था और जिसकी वजह से मेडम उह्ह्ह्ह ऑश आहह अफफफफफ छोटू अह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.

    अब मेडम ने मुझे अपने उपर से हटाया और वो खुद सोफे पर बैठ गई मेडम ने अपनी नाईट पेंट को उतार दिया उन्होंने अंदर काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी अब उसने अपने दोनों पैर फैला दिए और फिर वो मुझसे बोली कि चल अब आ जा जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे. फिर में सोफे के करीब गया और उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से हाथ फेरने लगा फिर मैंने पेंटी के ऊपर से ही चूत पर एक किस किया तो मेडम ने उफ़फ्फ़ स्सीईईइ करके अपनी दोनों आँखो को बंद कर लिया.

    फिर मैंने मेडम की पेंटी को उतारा और उनकी चूत को अपनी एक उंगली से सहलाने लगा फिर मैंने अपनी उंगली को चूत में घुसा दिया, जिसकी वजह से मेडम सिसकियाँ लेने लगी और आअहह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी. अब में उस बैचेन, तड़पती हुई, प्यासी चूत के पास अपना मुहं ले गया और अपनी जीभ से उनके चूत के दाने को सहलाने लगा और फिर मेडम मुझसे बोली कि उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह छोटू तू यह क्या कर रहा आईईइ है? अब में उनकी चूत को चाटने, चूसने लगा और में अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक घुसाकर चाट रहा था. मेरी मेडम अब मेरा सर पकड़कर अपनी चूत के ऊपर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी और वो आहह उफफ्फ़ उईईईई की आवाज़ निकाल रही थी.

    फिर थोड़ी ही देर में उसने मेरा सर अपनी चूत पर और भी ज़ोर से दबा दिया और अब उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर निकाल दिया जिसको में चूसने लगा और उसके बाद में उठा और अब हम दोनों पूरे नंगे हो गये थे मेरा लंड पूरा टाईट था. तो मेडम मेरा लंड देखकर मुझसे बोली कि साले कमीने तेरा कितना बड़ा है? मैंने कहा कि हाँ यह आपके लिए ही है, मेडम बोली कि अच्छा रुक में अभी तुझे बताती हूँ और वो अब मेरा लंड पकड़ कर ज़ोर से ज़ोर मसलने लगी में ऑश उफ्फ्फ बाप रे मेडम करने लगा. तो मेडम मुझसे बोली कि क्यों क्या हुआ बच्चू दर्द हो रहा है? में बोला कि क्या आज इसे तोड़ ही दोगी क्या?

    फिर मेडम हँसने लगी फिर वो बहुत आराम से मेरे लंड से खेलने लगी और में उसके एक बूब्स को दबाने तो दूसरे को चूसने लगा कुछ देर बाद में रुका और मैंने मेडम से बोला कि में एक मिनट में अभी वापस आता हूँ में जल्दी से पास वाले रूम में गया और दो तकिए लेकर आ गया और अब मेडम फर्श पर लेटी हुई थी और मैंने एक तकिए को मेडम की गांड के नीचे रख दिया मेडम की चूत बहुत मोटी थी और बहुत मस्त चूत थी.

    मैंने अब उनके दोनों पैर फैलाए और एक बार फिर से उनकी चूत को चाटने लगा मेडम सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि तू चूत को बहुत अच्छा चाटता है और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर और भी ज़ोर से उनकी चूत को चाटने लगा, लेकिन थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मेडम मुझसे बोली कि छोटू में गई और में ज़ोर से चाटने लगा.

    मेडम का फिर से पानी निकल गया जिसकी वजह से उनकी पूरी चूत गीली हो चुकी थी. में अब मेडम के दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़कर गीला करने लगा और मेडम उफफफ्फ़ आह्ह्ह्ह कमीने जल्दी से इसे अंदर डाल दे, कुत्ते तू यह क्या कर रहा है? थोड़ा जल्दी से डाल दे स्सीईईई आह्ह्ह् क्या बस ऐसे ही करता रहेगा?

    फिर मैंने उनकी तड़प को देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा मेडम की गीली चूत के मुहं पर रख दिया और एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया. मेडम उईईई उफ्फ्फफ्फ्फ़ कुत्ते साले तेरा बहुत बड़ा है थोड़ा मेरे ऊपर रहम कर आह्ह्ह्ह और अब में थोड़ा रुककर ऐसे ही अपने लंड को डाले कुछ देर रुका रहा.

    फिर मैंने मेडम के दोनों बूब्स को एक एक हाथ में पकड़ा और बूब्स को दबाते हुए बूब्स के बीच में अपनी जीभ से चाटने लगा और मेडम आअहह उफ्फ्फ्फ़ अर्ररर और हाँ तेज़ तेज़ सिसकियाँ लेती हुई बोली कि छोटू मुझे किस करो. अब में मेडम के ऊपर लेट गया और उनके गुलाबी होंठो को धीरे धीरे मज़े लेते हुए चूसने लगा.

    अब मैंने लंड को धीरे से थोड़ा बाहर किया और फिर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से मेडम की चीखने की आवाज़ मेरे मुहं में दबकर रह गई और अब में लगातार धक्के देकर अपनी मेडम की चुदाई करने लगा छप छप पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी. मेरी मेडम ऊऊहह एसस्स ऊओह मरी छोटू और ज़ोर से करो और उफ्फ्फ्फ़ मज़ा आ गया और बोलती रही करीब 20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और फिर हम एक साथ झड़ गये और में मेडम के ऊपर ही कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा जिसकी वजह से मेरा लंड अभी भी मेडम की चूत में ही था और धीरे धीरे सुकड़कर छोटा हो रहा था. फिर में उठा तो मेडम मुझसे मुस्कुराकर बोली कि क्या हुआ थक गया?

    मैंने बोला कि अभी कहाँ अभी तो पूरी रात बाकी है फिर हम उठकर बाथरूम में चले गये मेडम ने पेशाब किया और में उन्हें देख रहा था मैंने अब पेशाब करते हुए ही उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मेडम उछल पड़ी और हम हम दोनों हँसने लगे और फिर मेडम ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया और फिर हमने पानी चालू किया और अब हम भीगते हुए एक दूसरे को चूमने, चाटने लगे. मैंने मेडम को अब सीधा लेटा दिया और फिर उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा जिसकी वजह से पानी मेरे ऊपर से गिरकर मेडम की चूत पर टपक रहा था और मेडम ऊओह्ह्ह आअहह ह्म्‍म्म्म कर रही थी.

    अब मैंने अपनी मेडम के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चोदा और कुछ देर बाद मेडम मेरे ऊपर बैठकर मुझे चोद रही थी. उस रात हमने सिर्फ़ दो बार चुदाई की और फिर अगले दिन से कई बार रात में हम चुदाई करते और एक दिन मेरे बॉस का फोन आया कि उन्हे वापस आने में अभी 10-12 दिन और लगेंगे और इसलिए तक मेरे बॉस वहां पर नहीं थे तब तक हम पति पत्नी की तरह रहने लगे.

    हमने बहुत बार चुदाई के मज़े लिए और फिर जब मेरे बॉस वापस आए तो भी मेरी मेडम मेरे बॉस को फोन करती और उनसे कहती कि छोटू को घर पर भेज दीजिए उससे मुझे कुछ सामान मंगवाना है और इस बहाने से हम करीब 20 -25 मिनट तक बहुत मज़े से चुदाई कर लेते थे. दोस्तों मेघा मेडम से मेरा यह रिश्ता पूरे एक साल से भी ज़्यादा रहा और इस बीच हमने बहुत बार सेक्स किया. यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था जिसको मैंने बहुत मज़े के साथ बिताया.

  • नौकरी के लिए बीवी को बॉस से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, में अनुज और में बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और इसकी सभी कहानियाँ बहुत अच्छी होती है. एक दिन मैंने भी सोचा कि में भी अपनी कहानी आप लोगों को सुना दूँ, यह मेरी एकदम सच्ची घटना है और में शादीशुदा हूँ, मेरी पत्नी का नाम मीता है और वो इस घटना से पहले एक सिधी साधी टाईप की लड़की हुआ करती थी, मेरी उम्र 28 साल है और उसकी उम्र भी 28 साल है और में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ और मेरी पत्नी तो बहुत ही सुंदर है, उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं करीब 5.2 इंच है, लेकिन वो बहुत ग़ज़ब की गोरी चिट्टी है और उसका फिगर अब 38-34-40 है, लेकिन पहले जब हमारी शादी हुई थी तो उसका फिगर कुछ 36-28-36 होगा. दोस्तों मेरा लंड तो हमेशा उसकी बड़ी गांड को देखते ही खड़ा हो जाता है, वाह क्या मस्त गांड है मेरी मीता की? और अब में अपनी आप बीती बताता हूँ.

    दोस्तों यह घटना आज से करीब तीन साल पहले की है जब मेरी शादी को करीब 2 साल हुए थे और हमारे तब तक कोई बच्चा भी नहीं था और हमारी शादी कम उम्र में हो गई थी. दोस्तों में उस समय जिस कम्पनी में नौकरी करता था, में उससे बहुत परेशान रहता था और हमारी शादी के बाद करीब 1-2 साल तो सब कुछ ठीक चला, लेकिन नौकरी की परेशानी होने की वजह से धीरे धीरे हमारे (मेरे और मेरी पत्नी) बीच में झगड़े बढ़ने लगे.

    एक दिन मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या बात है? फिर मैंने उसे बताया कि मेरे ऑफिस में मेरा बॉस मुझे बिना वजह ही परेशान करता है. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम कोई और नौकरी देख लो, लेकिन आप सभी तो बहुत अच्छी तरह से समझते है कि आज कल नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती.

    दोस्तों वैसे मेरे 3 बॉस है, पहला जिसका नाम कमलेश है और उसकी उम्र करीब 45 साल है. दूसरा जिसका नाम विजय है, उसकी उम्र 42 साल करीब है और तीसरा जिसका नाम दिलशान है और उसकी उम्र करीब 40 साल है. दोस्तों मेरा जो दूसरे नंबर वाला बॉस है विजय वो बहुत ही ठरकी किस्म का आदमी है और मुझे वो ही परेशान करता था और बाकी बॉस मुझसे कुछ बोलते भी नहीं थे, क्योंकि बिज़नेस में सबसे ज्यादा समझदार बस वही था और हमारे ऑफिस में काम करने वाली एक कम उम्र की लड़की से उसके गलत सम्बन्ध भी थे और यह बात सारा ऑफिस जानता था.

    दोस्तों वैसे हमारे ऑफिस में हर कभी पार्टी होती रहती थी और जिसमें सभी काम करने वाले लोग अपने अपने परिवार के साथ आते थे, लेकिन में कभी भी अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था, क्योंकि मेरी पत्नी मीता बहुत धार्मिक विचारो वाली औरत थी और वो समझती थी कि पार्टी में शराब पीते है और एक दूसरे की पत्नी को गंदी नजर से घूरते भी है.

    दोस्तों मुझे क्या पता था कि बस यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी कि में अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था. फिर जब भी पार्टी होती तो मेरा ठरकी बॉस विजय सबको खासतोर पर बोलता था कि अपने परिवार के साथ आना. एक बार जैसे तैसे में मीता को राज़ी करके पार्टी में ले गया, उसने काली कलर की साड़ी लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और अपने होंठो पर लाल कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी और उसने अपने बाल खुले हुए रखे थे, मेरे पास टाईम नहीं था वरना मेरा दिल उसे एक बार चोदने का कर रहा था, वो ब्लाउज उसके बड़े बड़े बूब्स को बड़ी मुश्किल से जकड़े हुए था, शायद वो बहुत टाइट होगा और आखरी समय पर साड़ी बदलने का भी टाईम नहीं था वरना हम लेट हो जाते.

    दोस्तों मीता अपनी साड़ी को ज्यादा टाईट ही बाँधती है, जिसकी वज़ह से उसके बड़े बड़े चूतड़ बाहर निकले रहते है और वो जब चलती है तो उसके बड़े बड़े मटकते कूल्हों को लोग बड़े घूर घूरकर देखते है, क्योंकि मैंने भी कई बार लोगों को घूरते हुए देखा था. एक लड़का जिसकी उम्र करीब 19 साल थी और जो बिल्कुल हमारे सामने वाले घर में रहता हैं, वो तो मेरी पत्नी को हमेशा ही कुछ ज्यादा ही घूरता था और मुझे ऐसा लगता था कि उसे अगर कोई मौका मिले तो वो अभी मेरी पत्नी को चोद देगा.

    फिर हम पार्टी में पहुंच गए और वहां पर तब तक बहुत लोग आ चुके थे और कुछ आने बाकी थे, लेकिन प्रोग्राम शुरू हो गया था, में मीता को अपने साथ काम करने वाले लोगों से मिलवा रहा था, करीब आधे घंटे के बाद मेरा वो बॉस विजय हमारे पास आया और आकर मुझसे बड़े प्यार से बोला ओह हो अनुज तो यह है तुम्हारी पत्नी, अब समझा कि तुम इन्हें क्यों किसी भी पार्टी में नहीं लाते थे? क्योंकि यह तो बहुत सुंदर है और अब उसकी आँखे मेरी पत्नी के पूरे बदन पर घूम रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आँखो में कोई मशीन लगी हो और वो मेरी पत्नी के कपड़ो के पीछे छिपे उसके अंगो का मुआएना कर रहा हो?

    मीता को देखकर उसकी आखों में एक अजीब सी चमक आ गई थी. थोड़ी देर बात करके मैंने बॉस से कहा कि चलो सर हम खाना खाते है. फिर वो मुझसे बोला कि तुम जाओ में बाद में खा लूँगा. फिर मैंने किसी दोस्त से बात करने के बहाने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़र मीता के मटकते हुए कूल्हों पर थी और उसे तो यह भी एहसास नहीं था कि में उसे देख रहा हूँ, वो तो बस मीता के कूल्हों में ही खोया हुआ था.

    फिर जब में और मेरी पत्नी खाना खा रहे थे तो बॉस मेरे पास आया और पूछने लगा कि कोई परेशानी तो नहीं है सब ठीक तो है? वो यह सब मुझसे नहीं मेरी पत्नी से पूछ रहा था, उसके लिए तो में जैसे वहाँ था ही नहीं. उसने मेरी पत्नी से उसका नाम पूछा तो मेरी पत्नी ने बताया कि मीता और वो कहने लगा बहुत प्यारा नाम है, क्योंकि मीता नाम की मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो कि मुझसे बहुत खुली हुई थी.

    दोस्तों अब मुझे बुरा तो बहुत लग रहा था, लेकिन में क्या कहता? मीता मेरी तरफ देखे जा रही थी तो तब मुझे थोड़ा एहसास हुआ कि शायद अब मेरे बॉस की मेरी पत्नी पर नियत खराब हो गयी है और यह बात पक्की करने के लिए में यह बात कहकर कि मुझे वॉशरूम जाना है, उन दोनों को अकेले छोड़ गया और में थोड़ा दूर जाकर उन्हें देखने लगा कि वो अब क्या करता है?

    वो तो मीता से बहुत घुल मिलकर बातें कर रहा था जैसे पार्टी में बस वो दोनों ही हो, लेकिन मीता मुझे कुछ बैचेन सी लग रही थी और वो मेरे बॉस की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी. फिर में वापस आ गया तो उसने मुझसे कहा कि आप दोनों बैठो में वेटर से बोलता हूँ कि आपका ख्याल रखे और अब उसने एक टेबल पर हमे बैठा दिया, मुझे लगा कि वो तो अब वापस पार्टी में चला जाएगा, लेकिन नहीं वो तो वहीं पर चिपककर बैठ गया और वो भी मेरी पत्नी के पास. फिर वो बोला कि वाईन पियोगे यार बियर? तो मैंने मीता की तरफ देखा तो उसके चेहरे से मुझे लग रहा था कि जैसे वो मुझसे कुछ कह रही हो कि देखो इसलिए में कभी नहीं आती थी.

    फिर मैंने बॉस से बोला कि नहीं सर हम तो सॉफ्ट ड्रिंक ही लेते है तो वो बोला कि कोई बात नहीं तुम सॉफ्ट ड्रिंक ले लो और में कुछ वाईन ले लेता हूँ और वो मुझसे यह बात बोलकर ड्रिंक की तरफ चला गया. उसके जाने के बाद मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या यही वो तुम्हारा बॉस है क्या जो तुम्हे परेशान करता है? तो मैंने झट से बोला कि हाँ, मीता बोली कि लेकिन यह तो बड़ी तमीज़ से पेश आ रहा है. अब इतनी देर में मेरा बॉस विजय आ गया और उसके साथ एक वेटर भी था, उसने ड्रिंक उठाई और पहले मुझे दिया और फिर मीता को, मीता मना करने लगी तो उसका हाथ पकड़कर ज़बरदस्ती दे दिया.

    फिर मैंने दिखा कि उसने मेरी पत्नी का हाथ थोड़ी ज्यादा देर तक पकड़े रखा था तो मीता ने ही अपना हाथ उससे छुड़ाया और मुझे वो सॉफ्ट ड्रिंक पीकर ऐसा लगा कि इसमें कुछ मिला हुआ है तो मैंने और मेरी पत्नी ने दोनों ने आपसे में कहा कि कुछ अलग सा स्वाद है. फिर बॉस बोला कि हाँ बाहर की है तो टेस्ट में कुछ तो बदलाव होगा ही. फिर हम दोनों ने अपना अपना सॉफ्ट ड्रिंक खत्म किया. तभी मेरे बाकी दोनों बॉस भी आ गये और हमने उसने बात की और बदले में उन्होंने भी हमसे बात की और विजय बॉस से बोले सुनो विजय और वो थोड़ी दूर पर जाकर कुछ बात करने लगे और मुझे लगा कि बला टली, लेकिन वो तो साला उन्हें भी छोड़कर फिर से आ गया. फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि बेटा अनुज थोड़ा बच, कहीं यह साला आज तेरी पत्नी को चोद ही ना दे? फिर कुछ देर में मेरी पत्नी ने मेरे कान में कहा कि मुझे वॉशरूम जाना है. फिर मेरा बॉस तुरंत बीच में बोला कि क्या हुआ अनुज मैंने कहा कि मीता को वॉशरूम जाना है. फिर वो बोला कि चलो में बताता हूँ कि वॉशरूम कहाँ है तो वो अब हम दोनों के साथ चल रहा था.

    फिर में भी वॉशरूम तक उनके साथ चला गया और मीता भी. वहां कुछ कुर्सी थी तो उन पर बैठ गया, मुझे भी फ्रेश होना था तो में जब फ्रेश होकर बाहर आया तो मैंने देखा कि मीता उसके कंधे का सहारा लेकर उसके साथ कुर्सी पर बैठी हुई है और वो कुर्सी ऐसी लगी थी कि में उन दोनों के पीछे खड़ा था और देख रहा था, मेरा बॉस मेरी पत्नी की कमर पर हाथ फेर रहा था और कभी कभी वो अपना हाथ उसके कूल्हों तक ले जाता और मीता के चूतड़ को दबा भी रहा था, लेकिन बड़े धीरे से मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया और जब में उनके सामने आया तो मैंने देखा कि मीता कुछ निढाल सी पड़ी है.

    फिर मैंने बॉस से पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोला कि पता नहीं शायद चक्कर आ गया होगा तो मैंने मीता को थोड़ा सा हिलाया तो उसे तो कुछ पता ही नहीं था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो बेहोश हो गई हो? मेरा बॉस बोला कि चलो इसे पकड़कर रूम में ले चले तो वहाँ थोड़ा आराम कर लेगी. फिर जाते हुए लोगों ने पूछा क्या हुआ तो बॉस ने बोला कि कुछ नहीं थोड़े चक्कर आ गए है, मुझसे अकेले से मीता संभल नहीं रही थी तो मेरे बॉस ने उसका एक हाथ अपने कंधे पर लेकर उसे पकड़ लिया. फिर जब हम रूम पर जा रहे थे तो मीता बार बार ऑश ऑश कर रही थी तो मैंने अपनी गर्दन को थोड़ी पीछे करके देखा तो मेरा बॉस मेरी पत्नी की गांड को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बीच बीच में वो उसकी गांड में अपनी ऊँगली को भी डाल रहा था. दोस्तों में अब क्या करता? फिर जैसे तैसे हम रूम तक पहुंचे और मैंने मीता को बेड पर लेटा दिया तो बॉस मुझसे बोला कि जाओ तुम थोड़ा पानी ले आओ.

    दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि यह साला मेरे जाते ही कुछ ना कुछ हरकत जरुर करेगा तो में बाहर जाने का बहाना करके टॉयलेट में छुप गया, क्योंकि बेड रूम थोड़ा अंदर था और टॉयलेट अंदर घुसते ही था. फिर जैसे ही मेरे बॉस को दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई तो वो देखने के लिए उठकर बाहर तक आया और उसने दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर लिया, लेकिन उसने कुण्डी नहीं लगाई थी बस बंद कर लिया था. फिर कुछ 10 सेकेंड बाद में चुपचाप थोड़ा आगे गया तो वो मेरी पत्नी के होंठो को चूस रहा था और उसकी जाँघो पर हाथ फेर रहा था और अब उसका हाथ कभी पेंटी में जाता तो कभी जाँघो पर, लेकिन होंठो को वो लगातार चूसता रहा. फिर मैंने सोचा कि जल्दी से कुछ किया जाए तो में बाहर की तरफ आ गया और मैंने ज़ोर से दरवाजा खोला और अंदर आ गया.

    फिर बॉस को दरवाजे की आवाज़ आ गई थी जब में आया तो वो मेरी पत्नी के पास बैठकर उसके सर को दबा रहा था और मुझे देखते ही वो मुझसे बोला कि पानी कहाँ है? मैंने कहा कि रूम सर्विस लेकर आ रहा है. फिर वो बोला अच्छा में अब चलता हूँ और डॉक्टर को भेज देता हूँ. कुछ देर बाद डॉक्टर आया तो उसने मेरी पत्नी को दवाई दी तब जाकर मीता को आराम मिला. हमने रात को वहीं पर आराम किया और होटल के रूम का बिल बॉस ने दे दिया. फिर में रात भर सोचता रहा कि यह साला मीता पर दीवाना हो गया है कहीं इस वज़ह से मुझे परेशान तो नहीं करता था? फिर दूसरे दिन सुबह हम घर पर आए और में ऑफिस के लिए तैयार हुआ तो मीता अभी भी आराम कर रही थी.

    फिर में ऑफिस पहुंचा तो मेरा वही ठरकी बॉस बड़े प्यार से बात कर रहा था और उसी शाम को उसकी सेक्रेटरी ने मुझसे आकर बोला कि अनुज जाने से पहले विजय बॉस से मिलकर जाना. अब में कम्प्यूटर बंद करके बॉस के रूम में गया तो मेरा बॉस मुझसे बोला कि अनुज आओ बैठो. दोस्तों जो साला कभी मुझसे सीधे मुहं बात नहीं करता था और आज बड़ी इज़्ज़त के साथ बिठा रहा है. फिर वो मुझसे बोला कि अब मीता कैसी है? मैंने कहा कि पहले से ठीक है तो वो बोला कि उसे क्या हो गया था वो कुछ बोली? तो मैंने कहा कि वो कह रही थी कि उसे चक्कर आ गए थे और कुछ घुटन सी महसूस हो रही थी.

    फिर बॉस बोला कि देखो अनुज मुझे लगता है कि में तुमसे कुछ ज्यादा ही गंदा व्यहवार करता हूँ तो उसके लिए मुझे माफ़ कर दो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि साले सॉरी तो बोलेगा ही, क्योंकि उसने मेरी पत्नी के होंठो को छूकर उन्हें चख लिया था और उसकी पेंटी में हाथ डालने की वज़ह से वो मेरी पत्नी को चोदने के लिए बहुत जोश में था और में जानता था कि वो कुछ ना कुछ ऐसी ही बात करेगा, लेकिन यह नहीं सोचा था कि मेरा जवाब क्या होगा? खैर अब तो वो अपनी औकात पर आ ही गया.

    फिर बॉस मुझसे बोला कि देखो अनुज मेरी पत्नी की म्रत्यु हुए करीब 10 साल हो गये है और में एकदम अकेला हूँ और में थोड़ा चिड़चिड़ा भी हो गया हूँ तो प्लीज़ तुम मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानना और में तो बल्कि यह चाहता हूँ कि तुम्हें आगे भी बड़ा दूँ और तुम्हारी सेलरी भी बढ़ा दूँ, तुम्हें कंपनी की तरफ से एक कार दे दूँ, तुम किराए के घर में रहते हो तुम्हें कंपनी की तरफ से एक मकान के लिए लोन भी दिलवा देता हूँ. दोस्तों मैंने तो उसकी बातें सुनकर इस सोच विचार में था कि में क्या जवाब दूँ? क्योंकि उन सब मेहरबानियों का मतलब मुझे पता था.

    खैर में इंतजार करता रहा और वो आगे बोला, देखो यार तुम समझ सकते हो अकेला आदमी कैसे परेशान रहता है? फिर में बोला कि हाँ सर में समझ सकता हूँ. फिर बॉस बोला कि अगर तुम समझ सकते हो तो तुम यह भी समझ सकते हो कि बिना पत्नी के लाईफ कितनी बोरिंग हो जाती है? मैंने बाहर बहुत मज़े किए, लेकिन वो संतुष्टि नहीं मिल पाती. फिर मैंने बोला कि हाँ सर और में मन ही मन सोच ही रहा था कि अब यह असली बात पर आने वाला है और फिर वो बोला कि देखो जब तुम्हारी शादी हुई थी तो में भी उसमें आया था और मैंने तुम्हारी पत्नी को देखा था. (दोस्तों में कुछ नहीं बोला) यार वो बहुत सुंदर है और जितनी शादी में थी कल उससे भी कही ज्यादा सुंदर लग रही थी. दोस्तों अब मेरी समझ में आ गया कि कहानी कहाँ से शुरू हुई? मेरी शादी के 3-4 महीने बाद ही इसने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया था और में उस टाईम इस बात को समझ नहीं पाया, लेकिन अब मुझे सब कुछ समझ में आ गया था.

    फिर वो आगे बोला कि मैंने जितने भी ऑफर्स तुम्हें दिए है वो सब पूरे हो सकते हैं, लेकिन मेरी एक शर्त है. फिर मैंने मन से पूछा क्या शर्त है सर? तो वो बोला कि तुम बिल्कुल भी बुरा ना मानना, में तुम्हारी पत्नी से सेक्स करना चाहता हूँ. दोस्तों वो साला बोल रहा था कि बिल्कुल भी बुरा ना मानना और वो मेरी पत्नी को चोदने की बात मुझसे ही कर रहा था और में तो पहले ही सब कुछ समझ चुका था, लेकिन दिखावे के लिए ज़ोर से बोला यह कैसी बात कर रहे हैं सर आप? फिर बॉस बोला कि देखो अनुज हमारे ऑफिस में और भी बहुत सारे लोग है और उनकी पत्नी भी सुंदर है और अगर में यह ऑफर उन्हें दे दूँ तो वो कभी मना नहीं करेंगे, लेकिन तुम्हारी पत्नी की तो बात बिल्कुल अलग है, उसके क्या होंठ है क्या भरी हुई छाती है?

    में तो पहले दिन से जब उसे तुम्हारी शादी में देखा था, तब से उस पर फिदा हो गया था और अब तुम बोलो? दोस्तों में क्या बोलता? बस यह बोला कि सर मुझे सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो बॉस बोला कि ठीक है तुम मुझे सोचकर कल बता देना अगर हाँ है तो ऐश करने की तैयारी कर लो और अगर ना है तो दूसरी नौकरी देख लो. ओह मेरे भगवान में तो अब बहुत बुरी तरह से फंस गया था, एक तरफ मेरा टर्की बॉस था और दूसरी तरफ मेरी सती सावित्री पत्नी, खैर मैंने रात भर सोचा कि ऑफर तो अच्छा है और अगर ना कहा तो दूसरी नौकरी देखनी होगी, बहुत समय सोचते सोचते मैंने तय किया कि हाँ कहूँगा.

    फिर में अगले दिन सुबह अपने ऑफिस में पहुँचा तो बॉस ने थोड़ी देर बाद ही मुझे बुला लिया और बॉस बोला कि क्या सोचा? तो मैंने बहुत कसमसाकर जवाब दिया कि हाँ, बॉस बोला कि बैठो मैंने बोला कि लेकिन मीता राज़ी नहीं होगी. फिर बॉस बोला कि उसका तरीका में तुम्हें बताता हूँ देखो में तुम्हें कुछ दवाई दे देता हूँ तो उसे रोज़ एक गोली दूध में मिलाकर पीला दो, उसकी सेक्स की भूख इतनी बढ़ जाएगी कि वो एक से नहीं चार चार से चुदने को तैयार हो जाएगी, लेकिन अब तुम उसको संतुष्ट करना बंद कर दो और कभी तुम उससे बोलो कि मेरा मूड नहीं है और कभी 2-3 धक्कों में ही निकाल दो, मतलब कि उसे संतुष्ट मत करो और अगले 20 दिन बाद वो तैयार हो जानी चाहिए, 20 दिन बाद से तुम उसे मेरे साथ छोड़कर कहीं इधर उधर हो जाना.

    फिर मैंने बोला कि ठीक है और मैंने ठीक वैसा ही किया. बॉस ने मुझे पूरी 38 गोलियां दी सुबह और शाम के लिए. में घर गया और मीता को बोला कि में तुम्हारे लिए कुछ केल्शियम की गोलियां लाया हूँ और तुम्हें इन्हें सुबह, शाम दूध के साथ बिना भूले लेनी हैं और वो बोली कि ठीक है. दोस्तों ज्यादातर औरतों में केल्शियम की कमी होती ही है तो उस रात को मैंने मीता को चोदा और मुझे उसकी गांड बहुत पसंद है तो में जब भी मीता की चुदाई करता हूँ तो उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ को ज़रूर डालता हूँ.

    फिर उस रात को भी मैंने उसकी चुदाई की, लेकिन थोड़ी कम अब अगले दिन से मैंने खुद मीता को केल्शियम की यानी सेक्स बढ़ाने की वो दवाई दी. फिर रात को भी उस रात को कुछ नहीं किया और अब तीन दिन बाद हर दिन में उसे दवाई देता रहा और रात को उसकी चुदाई नहीं करता. दोस्तों अब उस पर उन दवाईयों का थोड़ा थोड़ा असर शुरू हो चुका था और वो अपनी चुदाई करवाने के लिए बहुत बैचेन होने लगी थी, लेकिन मुझे उसकी यह परेशानी देखी नहीं जाती थी तो इसलिए में उससे थोड़ा दूर दूर रहने लगा था और धीरे धीरे अपने बॉस को उसके करीब लाने लगा था.

    अब उनके बीच हंस हंसकर बातें करना मिलना कुछ ज्यादा बढ़ गया था और मेरा बॉस हर कभी जब में घर पर नहीं होता तो मेरे घर पर नये नये बहाने बनाकर आने लगा था. वो अब एक दूसरे के बहुत ज्यादा करीब आने लगे थे और फिर कुछ दिन बाद इस बात का फायदा उठाकर बॉस ने मेरी पत्नी से अपनी नजदीकियों को कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया था. वो अब उसके हाथ से बने खाने की उससे तारीफ करने लगा और उसको नये नये गिफ्ट देने लगा और इस बात का फायदा उठाकर उसने मेरी पत्नी के साथ अपने गलत रिश्ते बनाने शुरू किए और उसे अपनी चुदाई से संतुष्ट करने लगा.

    अब मेरी पत्नी उसके साथ उसकी चुदाई से बहुत खुश रहने लगी और मेरे बॉस ने एक दिन मुझे मेरी कम्पनी के काम से कुछ दिनों के लिए बाहर भेज दिया और फिर जब तक में अपने घर पर नहीं आया तब तक उसने मेरी पत्नी को अपनी रंडी, रखेल की तरह रखा और उसे कई बार चोदा. वो उसे बाहर होटल में ले जाकर भी चोद चुका था और में बस उनकी चुदाई को मन ही मन सोचता रहा. दोस्तों यह थी मेरी पत्नी की चुदाई मेरे बॉस के साथ. उसने मेरी पत्नी को चोदकर बहुत बार संतुष्ट किया और अब मेरे ऑफिस चले जाने के बाद वो मेरे घर पर आकर मेरी पत्नी को चोदने लगा है.

  • पहली बार फर्स्ट क्लास कोच में चुद गई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनन्या है, मेरी उम्र 22 है और में दिखने में सुंदर, मेरी पतली कमर, गदराया हुआ बदन, सेक्सी स्माईल, बड़े बड़े बूब्स, मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत है. दोस्तों मेरे फिगर का साईज 32-30-36 है और वैसे मेरे साथ हमेशा मेरे फिगर को होता भी ऐसा ही है, जब कोई भी लड़का मुझे एक बार देख लेता है तो वो मेरे हुस्न का बिल्कुल दीवाना हो जाता है, लेकिन में उसकी तरफ ज्यादा ध्यान ना देते हुए अपना मन अपनी पढ़ाई में लगाती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक ऐसी चुदाई की घटना बताने जा रही हूँ और जिसके बाद मैंने उस घटना के बारे में बहुत सोच विचार किया कि मेरे साथ अचानक से क्या हो गया, लेकिन में उस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश भी थी और अब में अपनी उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाती हूँ.

    दोस्तों उस समय मेरे कॉलेज में दीवाली की छुट्टियाँ थी और मुझे उस रात मुंबई से अहमदाबाद अपने घर पर जाना था, क्योंकि मुंबई में मेरा कॉलेज है और में वहां पर रहकर अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रही हूँ. में उस समय स्टेशन पर बैठी हुई थी, बहुत थकावट महसूस कर रही थी और उसकी वजह से मुझे बहुत ज़्यादा नींद आ रही थी, लेकिन फिर भी में मजबूरी में बहुत परेशान होते हुए स्टेशन पर बैठी हुई उस ट्रेन का इंतजार कर रही थी, जिससे मुझे अपने घर पर जाना था और अब में मन ही मन सोचने लगी कि भगवान करे मेरी ट्रेन थोड़ा जल्दी आ जाए और फिर हुआ भी ठीक वैसा ही मेरे कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने देखा कि ट्रेन स्टेशन पर जल्दी ही आ गई और जैसे ही ट्रेन आई तो में अपने 1st क्लास कोच में जाकर बैठ गई. दोस्तों क्योंकि मेरे पापा रेलवे में बहुत अच्छे पद पर नौकरी करते हैं, इसलिए में हमेशा 1st क्लास में ही सफर करती हूँ और मेरे बैठने के थोड़ी ही देर में वहां पर एक लड़का आया, जिसकी हाईट ठीक ठाक सी थी, उसका बदन दिखने में बहुत अच्छा और उसका रंग भी गोरा था.

    दोस्तों उसको देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो किसी अमीर परिवार से है. उसने मुझे देखकर स्माइल किया और मैंने भी ठीक वैसा ही किया और अब में ट्रेन चलने का इंतजार करने लगी और फिर जैसे ही ट्रेन आगे चल पड़ी. फिर मैंने कुछ देर बाद उस लड़के से उसका नाम पूछ लिया और उसने मुझे अपना नाम रोहित बताया और मैंने उसे अपना नाम अनन्या बताया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अपना टिकिट उसके हाथ में देते हुए उससे आग्रह किया कि वो मेरा भी टिकट टीटी को दिखा दे, क्योंकि मुझे अब बहुत नींद आ रही थी.

    फिर उसने मुझसे तुरंत हाँ कह दिया और वो ऊपर अपनी सीट पर चला गया. अब में नीचे अपनी सीट पर लेट गई और बहुत ज्यादा थकी होने की वजह से मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब में गहरी नींद में सो गई. दोस्तों उसके करीब आधे घंटे बाद टीटी आया और मुझे उसके आने का पता चल गया था, लेकिन में फिर भी अपनी आखें बंद करके पड़ी रही और वो हमारे टिकट चेक करके चला गया और अब उसने उठकर लाईट को बंद कर दिया और हम सो गये. दोस्तों अब में थकी होने की वजह से दोबारा बहुत जल्दी गहरी नींद में चली गई और रात को अचानक से किसी ने मुझे उठाया तो में गहरी नींद में होने की वजह से हड़बड़ाकर उठी और फिर मैंने अपनी आँख खोलकर देखा कि वो रोहित था.

    फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या में आपकी सीट पर बैठ सकता हूँ अगर आपको इसमें कोई आपत्ति ना हो तो और अब वो मुझसे कहने लगा कि मेरी सीट एक साईड ऊपर की तरफ है और वहां पर ज्यादा हवा लगने से मुझे ज्यादा ठंड लग रही है? दोस्तों में उस समय क्योंकि बहुत गहरी नींद में थी तो इसलिए मैंने उसकी हर बात के लिए बिना कुछ सोचे समझे उसको हाँ कर दिया. अब वो मेरे पैरों के पास अपना कम्बल लेकर बैठ गया और उसके थोड़ी देर बाद मुझे अपने पैर पर कुछ ठंडा सा महसूस हुआ, लेकिन में बिल्कुल भी समझ नहीं पाई कि वो क्या था? फिर उसके थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि वो रोहित का हाथ था, लेकिन फिर भी मैंने उससे कुछ नहीं कहा और फिर थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे पैर पर घुमाने लगा.

    फिर मैंने तुरंत उठकर उससे बहुत ज़ोर से चिल्लाते हुए गुस्से में कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? रोहित ने जवाब में कहा कि मुझे ठंड लग रही है तो इसलिए में आपके पैर पर हाथ लगा करके गरमी लेने की कोशिश कर रहा हूँ. में उठकर बैठ गई और मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम यह सब अब मत करो या तो तुम फिर से ऊपर दोबारा अपनी सीट पर चले जाओ. फिर वो मुझसे माफ़ी मांगने लगा और कहने लगी कि प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और में अब ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूंगा.

    फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन अब मुझे उसकी इस हरकत से दोबारा नींद कहाँ आनी थी? में पानी पीने उठी और फिर बैठकर खिड़की से बाहर देखने लगी और बाहर से आ रही ठंडे ठंडे हवा के झोंको से मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी आँख दोबारा से लग गई? फिर उसने मुझे सीधा लेटा दिया और अब वो मेरे चेहरे के बिल्कुल पास में बैठ गया और उस समय मैंने अपने ऊपर कम्बल नहीं डाला हुआ था तो इसलिए कुछ देर बाद मुझे ठंड लगने लगी. अब वो मेरे कंधो को धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर कुछ देर बाद मेरी नींद खुल गई, लेकिन मुझे अब उसका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और इसलिए मैंने उससे मना नहीं किया और ऐसे ही उसके सामने नाटक किया कि जैसे में अब भी गहरी नींद में हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था.

    अब उसके हाथ मुझे सहलाते समय मेरे बूब्स पर भी हल्के से छूने लगे थे, जिसकी वजह से मुझे अब कुछ अलग ही मज़ा आ रहा था. फिर उसने कुछ देर बाद मौका देखकर धीरे से उसने अपने दोनों हाथों को मेरे बूब्स पर रख दिए और फिर वो धीरे से मेरे बूब्स को दबाने, सहलाने लगा ताकि में उठ ना जाऊँ, लेकिन उसे क्या पता था कि में उसकी यह सभी हरकतों का पूरा पूरा मज़ा ले रही हूँ और उसने बहुत देर तक हल्के से मेरे बूब्स को दबाया. फिर वो मेरी एक साईड में आकर लेट गया और अब वो मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाकर बहुत मज़े लेने लगा.

    दोस्तों फिर थोड़ी ही देर में कब उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चला और अब वो मेरे निप्पल के साथ धीरे से खेलने लगा और उसके ऐसा करने की वजह से में अब बहुत ज़्यादा गरम हो चुकी थी और में ना चाहते हुए भी अब धीरे धीरे मोन करने लगी और अपनी दोनों जांघो को एक दूसरे से रगड़ने लगी, जिसकी वजह से अब उसे भी समझ में आ गया था कि में अब पूरी तरह से गरम हो चुकी हूँ. फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया.

    फिर मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ देना शुरू किया और अब हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और एक दूसरे की जीभ से खेल रहे थे और हम दोनों यह बात बिल्कुल ही भूल चुके थे कि हम इस समय एक ट्रैन में हैं, लेकिन फिर भी हमे कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि उस समय वहां पर हमारे आलावा और कोई भी नहीं था. अब वो अपने एक हाथ से लगातार मेरे बूब्स दबा, मसल रहा था, तभी अचानक वो नीचे झुका और अब मेरे बूब्स को चूसने लगा, जिसकी वजह से में पागल हो रही थी और उसने मेरी निप्पल को चूसने के साथ साथ काटना भी शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरी चूत को अब एक लंड की ज़रूरत आ गयी थी, जो मेरी चूत में लगी और उस आग को बुझा सके और मेरी चूत को अपने लंड से एकदम शांत कर सके.

    फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज अब चोद दो मुझे अब और मुझे ना तड़पाओ, प्लीज़ अब जल्दी से कुछ करो, मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से चोदकर प्लीज एक बार त्रप्त कर दो, उह्ह्ह. फिर उसने कहा कि नहीं इतनी जल्दी नहीं, तुम तो बहुत सेक्सी माल हो और में तुम्हे तो आज तड़पा तड़पाकर ही चोदूंगा, तुम जब से आई हो में तुम्हारे इस सेक्सी बदन से मेरी नज़र नहीं हटा पा रहा हूँ और मेरा तो मन करता है कि में तुम्हे पूरी जिन्दगी भर चोदता रहूँ और अब उसने कुछ देर मुझे चूमकर, चाटकर और तरसाया, उसके बाद उसने मेरी जींस को उतार दिया और फिर वो पेंटी के ऊपर से अपनी उंगलियाँ घुमाकर मुझे और तरसाने लगा और जिसकी वजह से में अब और भी ज़्यादा गरम हो रही थी.

    फिर उसने अपनी नाक को मेरी पेंटी पर लगाकर उसे सूंघने लगा और वो मुझसे कहने लगा कि वाह मेरी जान तुम्हारी इस जगह से बहुत अच्छी बिल्कुल मधहोश कर देने वाली खुशबू आ रही है, वाह मुझे इसको सूंघना बहुत अच्छा लगा और फिर उसने अपने दाँतों से पेंटी को थोड़ा सा साईड किया और हल्के से अपनी जीभ से मेरी गरम चूत को छूने लगा, अब वो मेरी चूत को लिक करने लगा और उसके ऐसा करने से में अब सातवें असमान पर पहुंच चुकी थी.

    में अब उससे ज़ोर ज़ोर से कहने लगी कि हाँ चाटो और चाटो, हाँ खा जाओ मेरी चूत को, कुत्ते की तरह चाटो, इस मेरी चूत को यह सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही गीली हुई है, उह्ह्ह्ह हाँ और अंदर से चाटो. दोस्तों वो अब मेरी यह बात सुनकर जोश में आकर और भी ज़ोर से चाटने लगा और मुझे उसका मेरी चूत का चाटना, चूसना बहुत अच्छा लग रहा था, वो अपनी जीभ में मेरी चूत में अंदर तक डालकर मेरी चूत की पंखुड़ियों को अपने एक हाथ से फैलाकर चोदने लगा और उसकी वजह से मेरी चूत में अब बहुत जोश भर चुका था और अब में भी अपने चूतड़ को उठा उठाकर उसके लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और वो भी पूरे जोश में आकर मेरी चुदाई लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर करता रहा.

    फिर करीब बीस मिनट की उस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद में उसके मुहं पर झड़ गई और उसने मेरे वीर्य चाट लिया, वो ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और फिर उसने मुझसे कहा कि बेबी तुम्हारा चूत रस तो बहुत नमकीन है और मुझे तुम्हारा नमकीन चूत रस बहुत ज़्यादा पसंद आया और अब उसने बिना देर किए मेरी चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया, क्योंकि मेरी चूत बहुत गरम, गीली हो चुकी थी तो उसका लंड एक ही बार में फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया और उसके बाद उसने मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और में लगातार मोन किये जा रही थी और वो मुझसे कहे जा रहा था कि वाह मेरी जान तेरी चूत तो बहुत टाईट है और अगर तू एक बार मुझसे कहे तो में तुझे ज़िंदगीभर चोद सकता हूँ, मुझे इतना मज़ा आज तक किसी को चोदने में नहीं आया और वो अब मुझसे यह बात कहकर मुझे किसी जानवर की तरह लगातार जोरदार धक्के देकर चोदता रहा, वो बहुत जोश से मुझे चोद रहा था, क्योंकि उसके हर एक धक्के से मेरा पूरा बदन हिलने लगता और में भी अब उसके साथ साथ अपनी चुदाई के पूरे मज़े ले रही थी.

    दोस्तों उसका लंड आकार में बहुत बड़ा और मोटा था, जिसकी वजह से वो सीधा मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा रहा था, उसके लंड की ज्यादा मोटाई की वजह से वो मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ रहा था, जिसे में अपनी चूत में एक अजीब से जलन के रूप में महसूस करने लगी थी और उस लंड की वजह से मेरी चूत पूरी तरह से भर गई थी, लेकिन उस ताबड़तोड़ चुदाई के सामने में अपने वो सब दुःख दर्द भुलाने के लिए तैयार थी, मुझे बस उससे कैसे भी करके अपनी चूत को शांत करवाना था और उसने मुझे करीब तीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और हम चुदाई करके बहुत थककर लेट गये और वो अब भी मेरे ऊपर लेटा हुआ था, उसका लंड मेरी चूत में था और वो मेरे बूब्स से खेल रहा था और में अपनी चूत में उसका गरम गरम वीर्य टपकता हुआ महसूस कर रही थी.

    दोस्तों उसने मुझे उस रात को करीब दो बार और चोदा. उसके बाद हम दोनों अपनी अपनी सीट पर जाकर सो गए और फिर दूसरे दिन सुबह करीब 11.20 जब हम दोनों अपने अपने स्टेशन आने पर ट्रेन से उतरने लगे तो हमने उस समय अपने मोबाईल नंबर एक दूसरे को दे दिए. दोस्तों उसके बाद वो अपने रास्ते और में अपने रास्ते चले गए, लेकिन में आज तक उस चुदाई को नहीं भुला सकी, क्योंकि वो मेरी अब तक की सबसे यादगार चुदाई में से एक चुदाई थी और जिसके बाद ही मैंने सेक्स का असली मतलब समझा था, उसने मुझे चोदकर बताया कि चुदाई क्या और कैसे होती है.

  • मसाज के साथ चुदाई फ्री

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजू है और में इस साईट पर बहुत सारी कहानी पढ़ चुका हूँ, मुझे लगा कि मुझे भी अपनी लाईफ कि कुछ घटना आप लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए. में फर्स्ट टाईम अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ और कुछ ग़लती हो तो माफ़ करना. में दिल्ली में आयुर्वेद थेरेपिस्ट का काम करता हूँ, इस काम ने मुझे बहुत कुछ दिया है. 25 दिसम्बर 2010 को मुझे क्लिनिक जाना पड़ा, क्योंकि मेरे साथ काम करने वाले बाकी थेरेपिस्ट सारे चर्च गये थे. अब मुझे आधे दिन काम करना था, फिर उस दिन 11 बजे एक सुंदर सी एक लेडी आई, उनको डॉक्टर से मिलना था उस लेडी को चलने में काफ़ी प्रोब्लम हो रही थी तो मैंने उसे डॉक्टर के पास भेज दिया. फिर करीब 20 मिनट के बाद डॉक्टर ने मुझे अंदर बुलाकर बताया कि इन मेडम को स्पीनल मसाज और पीछे की साईड पोटाली मसाज देना है.

    फिर में उस लेडी को लेकर रूम में गया और कहा कि मेडम आपको अपना ऊपर का पूरा ड्रेस निकालना पड़ेगा नहीं तो आपकी ड्रेस तेल के कारण खराब हो सकती है. तो उसने कहा कि आप कैसे भी करो? लेकिन मेरा दर्द कम कर दो. फिर मैंने उसे पेट के बल लेटने को कहा और तो वो लेट गयी. अब उसके ऊपर सिर्फ़ एक टावल और नीचे सलवार था. फिर मैंने टावल को खोलकर गर्दन से पीठ तक ऑयल लगाया और मसाज करना शुरू कर दिया. फिर 10 के बाद उसकी गर्दन पर मेरे हाथ लगने के कारण उसके मुँह से कुछ आवाजे निकलने लगी तो मैंने सोचा कि दर्द के कारण होगा लेकिन थोड़े टाईम के बाद ऐसा लगा कि ये तो कुछ और हो रहा है. अब मुझे भी कुछ हो रहा था, अब में उसकी चूची साईड से टच करने लगा, अब उसके मुँह से बस म्‍म्म्ममम म्‍म्म्मममम आवाज़ निकल रही थी.

    अब मैंने उसकी पीठ मसाज स्टार्ट कर दी और उसको कहा कि ये आपका सलवार थोड़ा और नीच कर दूँ, तो वो मान गयी. अब मुझे उसके आधे चूतड़ नज़र आ रहे थे और कुछ देर तक मालिश करते-करते सलवार और नीचे कर दिया. अब में उसको पॉइंट मसाज देने लगा और पीठ पर मसाज करते-करते कभी मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला जाता. अब ये करते-करते मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था.

    मैंने सोचा अगर इसके घर जा कर मसाज करूँगा तो कुछ हो सकता हैं, फिर मैंने उससे पूछा कि मेडम अगर आप चाहें तो में आपके घर आकर भी मसाज कर सकता हूँ. तो उसने कहा ठीक है तुम अभी आ सकते हो, तो मैंने कहा कि में 1 बजे फ्री रहूँगा. फिर उसने ओके बोला और फिर मैंने पीठ मसाज के बाद उसकी बॉडी से ऑयल सॉफ किया और वो बाहर चली गयी, अब जाते-जाते उसने कहा कि वो मेरा बाहर इंतजार करेगी.

    अब उसके जाते ही में बाथरूम के अंदर घुस गया और उस लेडी को मन में सोचकर मुठ मारी तब जाकर मुझे कुछ आराम मिला, क्योंकि मेरे लंड का करीब 1 घंटे से बुरा हाल था. अब में 1 बजे बाहर निकला, तो वो लेडी मेरा इंतजार कर रही थी, फिर वो मुझे अपने घर ले गयी, उसका काफ़ी बड़ा मकान था. फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी, वहाँ 2 रूम हीटर थे, उसने उन दोनों को चालू कर दिया, क्योंकि सर्दी का टाईम था और उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बेड पर सीधा लेट गयी. फिर मैंने भी उसके पैरो की मसाज स्टार्ट की, अब मसाज करते-करते मेरा हाथ उसकी चूत को टच कर रहा था, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

    अब उसकी पेंटी थोड़ी गीली थी, ये सब देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया. अब में उसके पेट का मसाज कर रह था, अब में मसाज करते- करते कभी चूचि को भी दबाता और अब वो सिर्फ़ सिसकारियाँ ले रही थी. फिर मैंने कहा कि मेडम में ये ब्रा निकाल दूँ, तो उसने हाँ बोला और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया. अब उसके मोटे-मोटे बूब्स मेरे सामने थे और अब में ज़ोर-जोर से उसकी चूचीयों की मालिश करता रहा और उसके मुँह से हहाआअँ यसस्स आआआररम से मसस्स्स्स्सई की आवाज निकल रही थी.

    अब ये सब सुनकर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, अब मैंने धीरे-धीरे उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी चूत की मालिश करना स्टार्ट किया और उसकी चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. अब मैंने उसके निप्पल को चूस-चूस कर लाल कर दिया और उसके चूत के दाने को अपने हल्के हाथों से मसलना चालू किया. अब वो तो अपनी आँखे बंद करके सिसकारी ले रही थी, अब में धीरे-धीरे उसकी चूत में उंगली डालने लगा. ऐसा करते ही उसका पानी छूट गया और मेरा हाथ पूरा गीला हो गया तो मैंने कहा कि मेडम मुझे आपकी चूत को चाटना है, तो उसने हाँ में अपना सिर हिलाया. फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाला, उसकी चूत पर काफ़ी बाल थे और मुझे बालों वाली चूत बहुत पसंद है.

    फिर मैंने धीरे से उसकी चूत के दाने को चूसा और अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा, अब में उसकी चूत को चाटता रहा. फिर कुछ देर के बाद उसने फिर से आवाज़ निकालना स्टार्ट कर दिया ओूऊऊऊऊव सस्स्स्सस्स साआआअ वूऊव्व्व हूऊओ यससस्स. अब वो बोली कि राजू अब जल्दी से मुझे चोदो. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत की मेरे लंड से मालिश करने लगा. अब मुझसे सहा नहीं गया तो में अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा, उसकी चूत थोड़ी सी टाईट थी.

    मैंने उससे पूछा, तो उसने बताया कि उसका पति अमेरिका में जॉब करता है और साल में एक महीने के लिए वो आते है. अब में उसे आराम से चोदने लगा, अब उसकी चूत गीली होने के कारण और मजा आ रहा था. अब उसके मुँह सिर्फ़ एयए हहूऊ वूओव फुक ऊऊऊओ की आवाज़ निकल रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर ऊपर नीचे होने लगी.

    फिर कुछ देर के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर ही लेट गयी, मेरा अभी झड़ना बाकी था तो उसने मुझसे कहा कि उसकी गांड में लंड डालो और वो घोड़ी स्टाइल में हो गयी. अब उसकी पीछे से चूत और गांड देखकर मुझसे भी रहा नहीं गया, अब में फिर से उसकी चूत और गांड को चाटने लगा. अब उसके मुँह से आआआः ससहस की आवाज़ निकलने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद में उसकी गांड में लंड डालने लगा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट थी. फिर मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और धीरे-धीरे अंदर करने लगा, अब मेरा लंड थोड़ा सा अंदर जाते ही उसके मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गयी.

    थोड़ी देर तक रुकने के बाद मैंने एक जोरदार झटका देकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया. अब उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, फिर कुछ देर रुकने के बाद में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर कुछ देर के बाद उसको भी मज़ा आने लगा, अब वो खुद आगे पीछे होने लगी थी और में तेज़ी से उसकी गांड मारने लगा. फिर 10 मिनट के बाद मैंने मेरा वीर्य उसकी गांड में गिरा दिया और शांत होकर उसके ऊपर लेट गया. अब वो लेडी काफ़ी खुश थी, फिर उसने मुझे 2000 रुपये दिए और में करीब 6 बजे तैयार होकर वहाँ से चला गया.

  • बेशर्म डॉक्टर के साथ क्लिनिक में मजा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ. मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए. में यहाँ अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ तो पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ. में हरियाणा की एक अमीर फेमिली से हूँ तो मेरे पापा ने मुझे पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा और दिल्ली से 12वीं पास करके मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन ले लिया और बाद में कॉम्पीटिशन एग्जॉम की तैयारी करने लगा. में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जॉब कर रहा हूँ और अभी मेरी शादी नहीं हुई है तो में दिल्ली में अकेला रहता हूँ.

    ये बात 2007 की है, जब मैंने 12वीं पास करके कॉलेज में जाना शुरू किया था, तब में किराये के फ्लेट में अकेला रहता था. उस टाईम तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था, मेरा मन सेक्स करने का तो बहुत करता था, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वभाव का हूँ तो में कोई लड़की नहीं पटा सका तो अब बस में सिर्फ मुठ मारकर ही काम चलाता था. गर्मियों के दिन थे और मेरे लंड के आस पास के बाल बड़े हो गये थे, वैसे तो में अपने नीचे के बाल क्रीम से ही हटाता हूँ, लेकिन उस दिन मेरे पास क्रीम नहीं थी तो मैंने ब्लेड से ही बाल काटने की सोची.

    मुझे बाथरूम में गर्मी लग रही थी तो में जल्दी- जल्दी बाल काट रहा था तो अचानक ब्लेड से मेरे लंड के पास कट लग गया और उसमें से खून आने लगा. फिर मैंने बाहर आकर क्रीम लगाई तो थोड़ी देर में खून आना कम हो गया. फिर मैंने सोचा कि कट ज्यादा लगा है तो टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए. मेरे फ्लेट से थोड़ी ही दूरी पर 2-3 छोटे क्लिनिक है. फिर में जल्दी से नहाकर इंजेक्शन लगवाने चला गया. में क्लिनिक के अंदर गया तो वहाँ 3-4 मरीज ही बैठे थे और रिसेप्शन पर एक मोटी सी लड़की बैठी थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है तो उसने पूछा क्या हो गया? फिर मैंने कहा कि कुछ खास नहीं बस ब्लेड से कट लग गया था और फिर उसने ज्यादा नहीं पूछा. फिर उसने मेरा नाम रजिस्टर में लिखा और इंतजार करने को बोला. मेरा डॉक्टर को दिखाने के लिए 4 नंबर पर नाम था, मरीज भी कम थे तो डॉक्टर भी सब को आराम-आराम से देख रहा था. फिर 20-25 मिनट के बाद मेरा नम्बर आया. फिर जब में डॉक्टर के कैबिन में अन्दर गया तो मैंने देखा कि वहाँ तो एक लेडी डॉक्टर बैठी थी, मुझे उसकी उम्र 35-40 साल के करीब लगी, वो ज्यादा तो सुंदर नहीं थी, लेकिन नॉर्मल थी और उसके फिगर का साईज़ 36 या 38 होगा.

    फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है, मुझे ब्लेड से कट लग गया था. फिर डॉक्टर ने पूछा कि कट हाथ में लगा है क्या? तो मुझे शर्म आने लगी. फिर मैंने गर्दन हिलाकर ना कहा. तब उन्होंने फिर पूछा तो कहाँ लगा है? फिर में थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोला, तब डॉक्टर ने कहा कि बताओ ना. फिर मैंने धीरे से कहा कि जी वो नीचे लगा है तो डॉक्टर को थोड़ी हंसी आई और कहा कि देखो शरमाओ नहीं में तो एक डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से क्या शर्माना? अब सही से बताओ.

    फिर मैंने कहा कि जी वो में नीचे के बाल साफ कर रहा था, तब मेरे उसके पास थोड़ा कट लग गया तो डॉक्टर के चेहरे पर फिर से एक अजीब सी स्माईल थी और मुझे तो वो साली चालू टाईप की लग रही थी. तभी उसने कहा कि पास वाले बेड पर लेटो (जिस पर लेटाकर डॉक्टर इंजेक्शन लगाते है) और मुझे दिखाओं कहीं जख्म ज्यादा गहरा तो नहीं है और ब्लडिंग पूरी तरह से रुकी है या नहीं और उसने खुद कुर्सी से उठकर दरवाजा जो बंद था, वो भी लॉक कर दिया और पर्दा लगा दिया.

    फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और कट देखने को बोला, मुझे शर्म आ रही थी तो में ना नुकर करने लगा. फिर डॉक्टर ने कहा कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो, ये बात मुझे चुभ गयी और मैंने लेटे-लेटे अपना पजामा और अंडरवियर थोड़ा सा नीचे कर दिया. फिर डॉक्टर ने मेरा पजामा पकड़कर और नीचे कर दिया और वो कमीनी मुस्कुराने लगी. मेरा तो शर्म से मुँह लाल हो गया था तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और चुपचाप लेटा रहा. फिर डॉक्टर ने अपने हाथों में बिना कुछ पहने ऐसे ही मेरा लंड पकड़ा और उसे थोड़ा साईड में करके कट को देखने लगी, उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ की उंगली कट पर लगा रखी थी, जिस हाथ से उसने मेरे लंड को पकड़ा था, वो कमीनी उस हाथ से अजीब-अजीब हरकत कर रही थी.

    मुझे तो बहुत हैरानी हो रही थी कि देखो साली कितनी बेशर्म औरत है? वो मेरे लंड को अपने हाथ से कभी टाईट पकड़ती तो कभी पूरी मुठी में ले लेती तो कभी मेरे लंड पर अपनी उंगलियां फेरती. इससे मेरी हालत ख़राब होने लगी थी, मतलब मेरा लंड खड़ा होने लगा था. फिर मैंने अपनी आँखे खोलकर देखा तो वो साली धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी. फिर उसने मुझसे कहा कि काफ़ी बड़ा है तो मैंने शरमाते हुए धीरे से पूछा जी क्या? फिर उसने कहा कि अरे तुम्हार कट और क्या? और जिस हाथ में मेरा लंड था, उसकी मुठी थोड़ी भींच दी. वो मेरे लंड पर अपने हाथ से कुछ हरकते कर रही थी. फिर उसने थोड़ा हँसते हुए पूछा कि ये कट कैसे लगा? फिर मैंने कहा कि जी वो में ब्लेड से अपने बाल काट रहा था तो जल्दी-जल्दी में लग गया.

    फिर उसने एकदम से पूछा कि अच्छा बाल काटकर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे थे क्या? फिर मैंने कहा कि नहीं मेम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. फिर वो बोली क्यों? तुम तो अच्छे स्मार्ट हो, बॉडी भी मस्त है और ये भी. (फिर उसने अपनी मुट्ठी में मेरा लंड थोड़ा दबा दिया, जो कि अब तक पूरा खड़ा हो चुका था) फिर स्माईल के साथ पूछा तो तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? मुझसे झूट मत बोलो, ये बाल किसी गर्लफ्रेंड के लिए ही साफ किए होगें. फिर मैंने कहा कि नहीं मेम में सच कह रहा हूँ, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, वो तो मुझे बड़े बाल अच्छे नहीं लगते इसलिए काट लिए थे.

    फिर उसने किसी दवाई से मेरे कट को थोड़ा साफ किया और उसके बाद कोई दवाई लगाई. अब दवाई लगाते टाईम भी उसने एक हाथ से मेरा खड़ा लंड ही पकड़ रखा था. अब ये तो कोई बेवकूफ़ भी समझ जाता कि ये औरत किस टाईप की है? और क्या चाहती है? मेरी लाईफ में पहली बार किसी ने मेरे लंड पर हाथ लगाया था और साथ ही वो मेरे लंड के साथ अजीब-अजीब हरकत कर रही थी.

    अब मुझे लगा कि में तो इसके हाथ में ही झड़ जाऊंगा और मेरी भी उस पर नियत ख़राब होने लगी थी. फिर उसने मेरा लंड थोड़ा ऊपर नीचे किया और मेरे से इधर उधर की बातें करने लगी. फिर उसने मेरा नाम पूछा और पूछा कि तुम क्या करते हो? कहाँ के हो? किस कॉलेज में पढ़ते हो? तुम्हें किस तरह की लड़कियां पसंद है? फिर जब में जवाब देता तो उससे डॉक्टर साहब या मेम कहता. फिर उसने कहा कि मेरा नाम पूनम गुप्ता है और तुम मुझे पूनम कह सकते हो, ये मेम-मेम क्या लगा रखा है? फिर उसने पूछा कि सेक्स के बारे में क्या सोचते हो? फिर मैंने कहा कि में समझा नहीं. फिर उसने कहा कि तुम्हारा मन नहीं करता ये सब करने का तो मैंने कहा बहुत करता है.

    फिर उसने पूछा तो कैसे काम चलाते हो? फिर मैंने कहा कि बस हाथ से ही कर लेता हूँ तो वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली कुछ कामों को खुद अपने हाथ में लेकर करने में उतना मज़ा नहीं आता है, जितना किसी और के हाथ से करवाने में आता है, इस बात पर मुझे भी हंसी आ गयी.

    अब मुझे लगा कि जब अगली इतनी बेशर्म है तो मुझे शर्मीला बनने की क्या ज़रूरत है? अब में भी थोड़ा फ्रेंक हो गया. मेरा लंड उसके हाथ में था तो सेक्स भी सर चढ़कर बोल रहा था. फिर मैंने कहा कि पूनम जी आज तक मुझे किसी दूसरे का हाथ मिला ही नहीं है तो बताओं में क्या करता? अब वो हँसते हुए बोली कि हाथ तो बहुत है बस मांगने वाला होना चाहिए, इतना सुनकर मुझे भी हंसी आ गयी और मैंने उसका लेफ्ट हाथ जो फ्री था, उसे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया. वो भी बिना कोई विरोध किए मेरी तरफ़ आ गयी. फिर मैंने उसे ठीक से पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया. उसका चेहरा मेरे चेहरे के पास था तो उसने अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ा और अपने लिप मेरे लिप पर रख दिए, मुझे तो बस मजा ही आ गया था.

    फिर थोड़ी देर में उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, क्या मस्त किस कर रही थी साली? फिर मैंने सोचा कि बेटा इसी का नाम अनुभव होता है. फिर उसने मेरे गालों पर किस किया, वो बेड छोटा था और उसकी टाँगे अभी भी नीचे ही थी तो अब में भी खड़ा ही हो गया और उसने मुझे दीवार से चिपका दिया और बोली कि सालो तुम हरियाणा वालों का हथियार भी कितना बड़ा और मोटा होता है ना. फिर मुझे हंसी आई और वो भी हंसने लगी. फिर वो मुझे किस करने लगी. मैंने अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए. फिर थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके कूल्हों पर नीचे चले गये. क्या मुलायम- मुलायम कूल्हें थे साली के? फिर में उसके मोटे-मोटे कूल्हों को बुरी तरह से दबा रहा था.

    फिर मैंने अपने हाथ ऊपर लाने शुरू किए और मेरे हाथ उसके बूब्स पर आ गये और सोचा कि भगवान ने भी बूब्स क्या मस्त चीज़ बनाई है? तभी तो ये लड़कियां इनको इतना बाहर निकाल-निकालकर चलती है साली. फिर उसने अपना एक हाथ आगे करके मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी, अब मेरी तो बुरी हालत थी. फिर उसने मेरा लंड हिलाते-हिलाते जब उसका हाथ एकदम से मेरे कट पर लगा तो मुझे बहुत दर्द हुआ और मैंने एकदम से आहह बोला. तब उसे भी थोड़ा होश आया. फिर उसने मुझसे सॉरी कहा और वो बोली कि हमें अन्दर ज्यादा टाईम हो गया है बाहर और भी मरीज आ गये होगें.

    फिर उसने धीरे से थोड़ा सा पर्दा हटाकर देखा तो बाहर 2 औरतें बैठी थी तो उसने कहा कि आज के लिए इतना ही काफ़ी है और अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए बोली कि ये मेरा नंबर है और शाम को इस नम्बर पर फोन करना और अब तुम जाओ. अब मेरा तो दिल ही टूट गया, हमारे हरियाणा में कहते है कि खड़े लंड पर किसी ने लाठी मार दी हो, ऐसा ही मुझे महसूस हुआ. में उससे फिर चिपक गया और कहा कि नहीं थोड़ा और थोड़ा और कहा कि बस 2 मिनट और 2 मिनट और फिर वो हंसने लगी और बोली कि तो तुम ऐसे नहीं मानोगे.

    फिर उसने मुझे सीधा खड़ा किया और खुद घुटनों पर बैठ गयी और अब मेरा लंड उसके चेहरे के पास था. अब में समझ गया कि ये रंडी क्या करने वाली है? फिर उसने प्यार से अपनी जीभ मेरे सुपाड़े पर लगाई तो मेरी तो जान ही निकलने लग गयी. फिर उसने आराम-आराम से अपनी जीभ आगे-आगे घुमाई, अब उसका एक हाथ मेरे अंडो से खेल रहा था तो में जन्नत की सैर कर रहा था, मुझे सच में लग रहा था कि कुछ काम किसी और के हाथ से करवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा है. फिर उसने धीरे-धीरे से मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले लिया, अब तो में पागल ही हो गया था. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके सर को जोर से पकड़ लिया था और धीरे-धीरे उसके मुँह में झटके लगाने शुरू कर दिए.

    अब मुझे लग रहा था कि में बस झड़ने वाला हूँ और वो वैसे ही प्यार से मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी. तभी मेरी बॉडी अकड़ने लगी और में अपना लंड उसके मुँह में अंदर धकेलने लगा, लेकिन उसने अपने हाथ से मेरे लंड को रोक रखा था और आधे से ज्यादा अंदर नहीं जाने दिया. फिर तभी में झड़ने लगा और मुझे लगा कि मेरा इतना वीर्य आज तक कभी भी नहीं निकला होगा. अब में बहुत देर तक उसके मुँह में झड़ता रहा और वो रंडी मेरा सारा माल पी गयी. फिर मेरे लंड में गुदगुदी सी होने लगी और मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया. फिर वो भी खड़ी हुई और स्माईल के साथ बोली कि अब मिली कुछ शांति. फिर मैंने धीरे से कहा डार्लिंग बस मज़ा ही आ गया. फिर वो बोली कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, फिल्म तो अभी देखनी बाकी है.

    फिर उसने कहा कि बहुत ज्यादा टाईम लग गया है, अब तुम जाओ और मेरे पास शाम को कॉल करो. फिर में आगे का प्लान बताती हूँ. अब टाईम ज्यादा हो गया है तो तुम्हारा इंजेक्शन भी कल ही लगाउंगी. फिर उसने मेरे गाल पर हल्का सा किस किया और बाय बोला. फिर मैंने उसे अपनी तरफ़ खींचकर हग किया और फिर धीरे से बिना आवाज़ किए दरवाजे का लॉक खोला और बाहर आ गया, बाहर मरीज बैठे थे तो में चुपचाप नीचे देखता हुआ क्लिनिक से बाहर आ गया.

  • कस्टमर की चुदाई, श्वेता की मस्त मोटी गांड

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन गुप्ता है मेरी उम्र 25 है और में एक प्राइवेट मोबाईल कम्पनी ग्राहक सेवा केंद्र में एक टीम लीडर की नौकरी करता हूँ. मेरी यह कहानी अभी दो महीने पहले की है जब मेरे एक एजेंट ने मेरी बात एक कस्टमर से करवाई उसके मोबाइल का बिल कुछ ज़्यादा आ गया था, जितना उसने काम में भी नहीं लिया था इसलिए वो किसी सीनियर से बात करना चाहती थी ताकि उसकी इस समस्या का हल हो जाए और इसलिए मैंने उससे बात की और उसने मेरा पर्सनल मोबाईल नंबर मुझसे ले लिया ताकि भविष्य में उसे इस तरह की कोई समस्या ना आए.

    दोस्तों उसके बाद में अपने काम में व्यस्त हो गया और कुछ दिन बाद उसका कॉल आया और हमने एक दूसरे से हाल चल पूछे, उसके बाद हमारी इधर उधर की बातें हुई श्वेता ने मुझसे कहा कि आज मुझे नई प्लान की जानकारी चाहिए तो क्या आप मेरे घर पर आ सकते है? फिर मैंने उससे हाँ कहा और उसके घर का पता लिया और फिर उसके घर पर पहुंच गया. जैसे ही उसने दरवाजा खोला में उसे देखते ही एकदम से चकित हो गया. उसकी उम्र करीब 32 की होगी, उसने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे उसके मोटे मोटे बूब्स गजब ढा रहे थे और जिन्हे देखते ही में और भी पागल सा हो गया.

    उसने अपने घर पर मेरा स्वागत किया और मुझे सोफे पर बैठने को कहा और फिर वो मेरे लिए पानी लेने किचन की तरफ चली गई. अब मेरे पानी पीने के बाद वो मेरे पास बैठ गई और उसने मुझसे पूछा कि क्या मेरी शादी हुई है या नहीं? तो मैंने ना में अपना सर हिला दिया फिर उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड तो होगी ही ना? अब मैंने कहा कि हाँ वो कुछ समय पहले थी, लेकिन अब उसकी शादी हो गई है. उसके बाद उसने मुझसे पूछा कि क्या आपने कभी सेक्स किया है? दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम हैरान रह गया, लेकिन मैंने उससे साफ मना कर दिया और फिर उसने पूछा कि क्यों तुम कैसे कंट्रोल करते हो? तो मैंने कहा कि में हमेशा व्यस्त रहता हूँ और उस वजह से मेरा इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता.

    उसके बाद मैंने उससे पूछा कि आपके पति कहाँ है और वो क्या करते है? तो उसने मुझे बताया कि वो विदेश में रहते है और कभी कभी होली दीवाली पर घर आते है. फिर मैंने उससे पूछा कि सेक्स कैसे होता है? फिर मेरे इतना पूछते वो एकदम मुझसे लिपट गई और कहने लगी कि जानू उसके लिए ही तो तुम हो ना. अब उसके एक किस से में भी हॉट हो गया था और में उसके होंठो को चूसने लगा. उसके बाद हम दोनों बेडरूम में आ गये और मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसके मुहं में अपने होंठ डालकर उसकी जीभ को चूसने करने लगा.

    वो मुझसे लिपट गई और सिसकियाँ लेने लगी और उसके बाद मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और अब उसके मोटे मोटे दूध जैसे बूब्स बिल्कुल आज़ाद थे और में उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो आहे भरने लगी आअहह उुउऊहह जानुउऊउउ हाँ ऐसे ही दबाओ और चूसो इन्हें, आज तुम मेरी प्यास बुझा दो, में बहुत प्यासी हूँ.

    अब में भी जोश में आकर उसके निप्पल को पूरे जोश से चूसने लगा और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत में डाल दिया, उसे छूते ही मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली हो गई थी और वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कह रही थी कि हाँ मेरे राजा खा जाओ मुझे, हाँ ऐसे ही पियो मेरे दूध को आआआहह ऊऊओह माँ मरी, हाँ आज तुम मुझे खा जाओ मेरे राजा और उसके बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए और वो मेरे लंड को चूसने लगी और में उसकी चूत को चाटने लगा. कुछ देर बाद मैंने मेरे लंड की क्रीम को उसके मुहं में ही निकाल दिया जिसे वो चाट गई.

    फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि मेरे राजा अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा प्लीज अब अपना अंदर डाल दो और अब वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी जिसकी वजह से वो एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया. में उसकी गांड को सहलाने लगा और फिर थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने उसके दोनों पैर फैलाए और एक ही झटके से पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया, उसके मुहं से एक चीख निकली. उसकी चूत बहुत टाईट थी क्योंकि शायद उसका पति उसके साथ कम ही सेक्स करता था उसके बाद मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा जिससे लंड उसकी चूत की गहराईयों में चला गया.

    फिर मैंने देखा कि उसकी आँख से आँसू बाहर निकलने लगे और उसे बहुत दर्द हो रहा था जिसकी वजह से वो छटपटा रही थी. फिर थोड़ी सी देर में उसके होंठ चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने देखा कि अब वो थोड़ा शांत हो गई है और मुझसे कहने लगी है कि हाँ मेरे राजा और ज़ोर से चोदो मुझे, तुम आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो आआअहह ऊऊहह म्‍म्म्मममाआअक़ह हाँ ऐसे ही और ज़ोर से, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो, उसके मुहं से एसी बातें सुनकर में और भी जोश में आ गया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा.

    अब वो भी अपनी चूतड़ को नीचे से उछाल रही थी और पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आ रही थी. हम दोनों ऊपर से नीचे तक पसीने में गीले हो गये थे और अब मैंने महसूस किया कि श्वेता की चूत ने पानी छोड़ दिया था, लेकिन में अभी भी उसे लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और कुछ मिनट में ही मेरे लंड ने भी वीर्य छोड़ दिया और में उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठ चूसने लगा. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लिपटे रहे और उसके बाद मैंने उसे कुतिया बना दिया और उसकी मोटी गोरी गांड को चाटने लगा, इस वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने उसकी गांड में लंड रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी गांड में थोड़ा सा अंदर गया.

    वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज बाहर निकालो इसे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में नहीं रुका और मैंने दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा. थोड़ी देर में मेरे लंड की क्रीम उसकी गांड में झड़ गई और में उसके ऊपर गिर गया तो थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे, लेकिन आज वो बहुत खुश थी और फिर वो मुझसे कहने लगी कि धन्यवाद रोहन आज तुमने मेरी प्यास को बुझा दिया है और आज से में आपकी हुई, अब जब भी दिल करे आप मेरे पास चले आना. फिर उसके बाद हमने अपने कपड़े पहने और उसके बाद वो मेरे लिए चाय, नाश्ता लेकर आई और नाश्ता करके में अपने घर पर आ गया.

  • आकाँशा को डाटा स्ट्रक्चर्स सिखा डाला

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 26 साल है. दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ़ एक ही लड़की के साथ सेक्स किया है और दूसरी लड़की के साथ सिर्फ़ किसिंग की है. दोस्तों में आज आप सभी को जो सेक्स अनुभव अभी बताने जा रहा हूँ वो उस लड़की का है जो मेरी पहली वाली गर्लफ्रेंड थी और उसके साथ में करीब 5-6 बार सेक्स कर चुका हूँ, लेकिन उसके साथ हुआ मेरा पहला सेक्स में कभी भी भूल नहीं सकता.

    दोस्तों यह तब की बात है जब मेरे कॉलेज का दूसरा साल ख़तम होने वाला था. आपको अंदाज़ा हो ही गया होगा कि मेरी उम्र करीब 21-22 साल थी. उस समय में बहुत पतला हुआ करता था और उस वक़्त में बहुत टेंशन में भी रहता था, क्योंकि मेरी हमेशा तबियत खराब रहती और जिसका कारण मेरी पहले साल हुई पढ़ाई की नाकामयाबी थी और सभी लोग मुझसे ना जाने क्यों थोड़ा दूर ही रहते थे और में अब इन सब चीज़ो से बहुत उब चुका था और फिर मैंने एक दिन तय कर लिया था कि में अब यह सब कुछ बदल डालूँगा.

    मैंने अब मन लगाकर अपनी पढ़ाई करना शुरू कर दिया था और फिर में बहुत जल्दी सभी बच्चो से पढ़ाई में आगे निकल चुका था और मेरे खुश रहने की वजह से मेरी तबीयत में भी अब धीरे धीरे बहुत सुधार रहा था और अब मुझे एक गर्लफ्रेंड की ज़रूरत थी जो बहुत ही सुंदर हो, लेकिन मुझसे हिम्मत नहीं होती थी किसी को अपने प्यार के बारे में कहने सुनने कि, लेकिन फिर एक दिन मेरा सोया हुआ नसीब तब उस दिन खुल गया जब में पहली बार आकाँशा से मिला.

    दोस्तों आकाँशा मेरे कॉलेज में मेरी ही क्लास में थी और में उसकी सुंदरता का वर्णन पूरा करूं तो उसकी आखें काजल से काली और उसकी हंसी किसी को भी एक बार में घायल कर देने वाली थी. उसके वो खुले बाल जो उसके नितंब तक लंबे थे और पूरा भरा हुआ गोरा बदन जो किसी की भी नियत खराब कर दे. दोस्तों वार्सिकोत्सव वाले दिन तो उसने काली कलर की पूरी जालीदार साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे से मुझे उसका ब्लाउज साफ साफ दिख रहा था और उसके बूब्स के उभार की वजह से उसके थोड़ा झुकने पर भी उसके ब्लाउज के बीचो बीच पड़ने वाली दरार मुझे साफ साफ दिखाई पड़ रही थी. दोस्तों वो दरार तो मानो इतनी तंग थी कि शायद उसमे एक उंगली घुसाने में भी बला का ज़ोर लग जाए खैर वो तो वो दिन था.

    अब में उस दिन से ही उससे बात करने का कोई ना कोई बहाना चाहता था, लेकिन कभी यह काम मुमकिन नहीं हो पा रहा था, लेकिन उस दिन तो मेरे नसीब में कुछ और ही लिखा हुआ था, मानो खुदा ने खुद मेरी इच्छा पूरी करने की ठान ली थी. उस दिन वो खुद मेरे पास आई और मुझसे बोली कि हैल्लो सूरज कैसे हो, क्या तुम मेरी एक मदद करोगे? दोस्तों अब मेरे नाम के आगे का सब मुझसे अनसुना हो गया था उसे मेरा नाम पता था कि में इसी खुशी में मेरे अंग अंग में एक बिजली की तरंग सी दौड़ गई थी और मुझसे जवाब ना पाने पर उसने मुझे फिर से वही सवाल किया. क्यों सुना, क्या कहा मैंने?

    मेरे माथे से बहता हुआ वो पसीना देखकर अचानक से वो खिलखिलाकर हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि कितने बुद्धू हो तुम? लड़कियों से बात करने में इतना भी भला कोई डरता है क्या? दोस्तों उसका वो सवाल औपचारिक था जिसकी वजह से में भी उसकी बात का जवाब ना देते हुए हंस पड़ा और उससे कहने लगा कि माफ़ करना मुझे थोड़ी कम आदत है किसी लड़की से बात करने की, हाँ तुम बताओ कि तुम्हे मुझसे ऐसी क्या मदद चाहिए थी?

    वो अभी भी मेरी तरफ देखकर हंस रही थी और उसकी वो हंसी मुझे उसके और भी करीब खींचती जा रही थी. अब वो किसी तरह अपना हंसना रोकते हुए मुझसे बोली कि क्यों तुम डाटा स्ट्रक्चर्स में बहुत होशियार हो ना? मेरा एक तो “सी” प्रोग्राम ज्यादा अच्छा नहीं है और ऊपर से यह डाटा स्ट्रक्चर्स यूज़िंग ”सी”, अब तुम ही बताओ में कैसे पास करूँ यह विषय? दोस्तों उसने जिस मासूमियत से मुझसे यह सवाल किया था. मेरा बस चलता तो में अपना छोड़कर सीधा उसी का पेपर दे देता. फिर मैंने उससे कहा कि वो बहुत आसान है, तुम मेरे नोट्स ले जाओ और तुम उसमें से पढ़कर देखो. दोस्तों में जानता हूँ कि में कितना बड़ा गधा था, अगर में चाहता तो उसे सिखाने के लिए पूछ सकता था, लेकिन मेरी अकल तो देखो, मैंने उससे कह दिया कि ठीक है कुछ ना समझ सको तो हम कॉलेज में तो मिलते रहेंगे और तुम मुझसे कभी भी पूछ लेना. फिर उसने मुझसे हाँ कहा और वो मेरे नोट्स को अपनी बाहों में भरकर मुझसे धन्यवाद कहकर मेरे कमरे से बाहर निकल गयी और में वहीं खड़ा खड़ा उसे देखता रह गया.

    फिर दूसरे दिन जब वो मुझे मेरे नोट्स वापस करने आई तो उसने मुझसे कहा कि आप बिल्कुल भी बुरा मत मानना, लेकिन तुम्हारी लिखावट बड़ी खराब है जिसकी वजह से में नोट्स को कॉपी नहीं कर पाई. दोस्तों एक तो किसी की मदद करो और ऊपर से यह बात सुनो, लेकिन ना जाने क्यों हर किसी को लड़कियों की किसी भी बात का गुस्सा नहीं आता. अब वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम खुद मुझे सिखा सकते हो? तो मैंने तुरंत से उसे “हाँ” में जवाब दे दिया, क्योंकि आख़िर में खुद कल से तैयार जो था और मेरे इस तेज जवाब से पहले तो वो एकदम से बौखला गई और फिर हंस पड़ी और बोली कि ठीक है तो फिर शाम को 6 बजे से पढ़ते है, लेकिन हम मेरे घर पर ही पढ़ाई करेंगे, नहीं तो माँ हमे पढ़ने नहीं देगी, क्यों तुम्हे कोई समस्या तो नहीं है ना? दोस्तों मुझे कौन सी अस्थमा का दिक्कत थी और फिर मैंने जल्दी से उसे हाँ कह दिया और उस दिन से हमने शाम को एक साथ में पढ़ना शुरू कर दिया.

    वैसे उसका घर कुछ ख़ास बड़ा नहीं था और हॉल से टीवी की आवाज़ बहुत आराम से बेडरूम तक आ जाती थी इसलिए हम हमेशा दरवाजा बंद करके ही पढ़ते थे और उसके परिवार वाले सभी लोग बहुत खुले ख्यालों के थे जिसकी वजह से मेरे घर आने पर उन्हे कोई ऐतराज़ नहीं था और उसकी मम्मी तो मुझे बार बार कुछ ना कुछ खिलती ही रहती थी और मुझे उसके घर वाले बहुत पसंद थे. दोस्तों वो दिन भी बिल्कुल ठीक ही निकला था. में अपने समय से उसके घर पर पहुँच गया और दोस्तों मैंने गौर किया कि वो घर पर कॉलेज की अपेक्षा इतना बन-ठन कर नहीं रहती थी, लेकिन उस दिन उसे कहीं जाना था इसलिए वो बहुत ज्यादा सजधजकर तैयार ही बैठी हुई थी. उसने काले रंग की एक ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें से उसकी छाती से ऊपर का भाग काले दानों से भरी जाली से ढका हुआ था और वो ड्रेस उसकी भरी हुई जंघो को बहुत कस रही थी और उसके हाथ में पहनी हुई वो काली चूड़ियां तो मानो सोने पे सुहागा लग रही थी.

    मेरा मन तो उस दिन बिल्कुल भी पढ़ाई करने का नहीं कर रहा था, बल्कि मेरा तो जी कर रहा था कि में सीधे उसको पीछे से कस लूँ. उस दिन उसने दरवाज़ा नहीं लगाया हुआ था और तभी मुझे लगा कि कहीं उसे मेरी नीयत पर शक़ तो नहीं हुआ, लेकिन बाद में जब उसके घरवालों ने अंदर आकर उसे भी जल्दी से बाहर निकलने को कहा तब बात साफ हुई कि उसने दरवाज़ा इसलिए खुला हुआ रखा था क्योंकि अब घर पर कोई नहीं रहने वाला था.

    फिर उसके घर वाले चले गये और उसने सिर्फ़ बाहर का जाली वाला दरवाजा लगाया और अंदर का लकड़ी का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया. हम अंदर आकर किताब खोलकर बेड पर ही बैठ गये, लेकिन वो मुझे आज थोड़ी बैचेन सी लग रही थी क्योंकि उसको उस कसी हुई ड्रेस में बैठ पाना बहुत मुश्किल हो रहा था और में उसकी परेशानी समझ गया था.

    फिर में किचन में गया और डाइनिंग टेबल वाली कुर्सी लेकर आ गया और अब मैंने उसे उस पर बैठने को कहा तो वो मुझसे धन्यवाद बोलकर उस कुर्सी पर बैठ गयी और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने सामने बैठे हुए थे, लेकिन मेरा पूरा पूरा ध्यान बार बार उसकी कसी हुई गोरी और नंगी जांघो पर ही जा रहा था और शायद उसे भी इस बात का पता चल चुका था जिसकी वजह से वो थोड़ी थोड़ी देर में खड़ी होती और अपनी ड्रेस को जितना हो सकता नीचे खींचकर फिर से बैठ जाती. उसके इस संघर्ष और उसके उस परेशान चेहरे को देखकर में उठकर खड़ा हुआ और फिर उससे विदा लेकर अपने घर पर जाने लगा.

    मेरे अचानक ऐसे करने से वो शायद समझ गई कि में क्यों जा रहा था? तभी उसने मुझे आवाज़ लगाई और मेरा एक हाथ पकड़ लिया और उसने मुझसे कहा कि तुम जानते हो ना कि तुम कितने अच्छे हो? दोस्तों मैंने जैसे ही मुड़कर उसकी तरफ देखा तो ना जाने मुझे क्या हुआ और अगले ही पल मैंने उसे अपनी तरफ खींचकर अपनी बाहों में भर लिया और उसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. दोस्तों मैंने कभी इतना करीब से उसके बालों को नहीं सूँघा था और उसके बालों की खुश्बू ने जैसे मुझे अब और भी बढ़ावा दे दिया था. मैंने आख़िरकार उसे उसकी जांघो से पकड़ लिया और में अब धीरे धीरे अपना एक हाथ ऊपर लाने लगा.

    उसने अपना मुहं मेरे छाती से बाहर निकाला और फिर मुस्कुराकर मुझे देखने लगी. अब मैंने अपना हाथ उसकी जंघो से हटाकर उसके गोरे गालों पर रख दिया और उसे लगातार चूमने लगा. फिर उसने मुझे रोक दिया कुछ समय मेरी आँखों में देखा और फिर हल्के से अपने नाज़ुक होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया. दोस्तों वो वक़्त जैसे अचानक से थम चुका था और में अपने सारे गिले शिकवे भूल चुका था. मैंने भी अब उसका पूरा पूरा साथ दिया और हम दोनों पागलों की तरह लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे. पहले उसके होंठ, फिर दाँत, फिर जीभ. दोस्तों अब हम दोनों बस एक दूसरे में पूरी तरह डूब चुके थे और हमारे पीछे ही एक बेड था और उसकी पीठ बेड की तरफ थी. मैंने उसे किस करते करते धीरे से पीछे सरका दिया, जिससे हम दोनों ही बेड पर एक दूसरे की बाहों में किताबों पर गिर पड़े और फिर मैंने जैसे तैसे किस करते हुए उन किताबों को वहाँ से हटा दिया और उसे गोदी में उठाकर ठीक प्रकार से बेड पर रख दिया और अब उसकी जांघो से मुझे इस बात का पूरा अंदाज़ा हो गया था कि अब वो भी तड़प रही थी और हम दोनों के जिस्म में आग बराबर लगी हुई थी.

    में थोड़ा सा पीछे हटा और अब उसे लेटे हुए देखने लगा क्योंकि मुझे उस क्षण पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और वो उस समय क्या मस्त लग रही थी? और बेड पर लेटने से उसके बूब्स अब और भी ज्यादा उठे हुए लग रहे थे और ड्रेस थोड़ा और उठ जाने से उसकी गोरी नंगी टांगे कमाल की लग रही थी.

    अब वो थोड़ा सा शरमा सी गई और उसने अपनी आँखें अपने एक हाथ से छुपा ली और हंस पड़ी. फिर मैंने अपनी शर्ट को उतारा और उसके पास में लेट गया और अब मैंने उसके पैरों पर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे उसके होंठो तक पहुँच गया. मैंने उसका हाथ चेहरे से हटाकर उसे एक बार फिर से चूमा और फिर उसने मुझे ज़ोर से गले लगा लिया. कुछ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद में अपना हाथ सरकाते हुए उसकी छाती पर ले आया. उसने कसकर मेरा हाथ पकड़ा और में तुरंत रुक गया.

    अब उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम मुझसे प्यार करते हो ना सोनू? दोस्तों उसने आज पहली बार मुझे सोनू कहकर पुकारा था और में अब उस ख़ुशी की वजह से सातवें आसमान पर था और फिर मैंने अपना जवाब उसे दिया कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और फिर मेरे यह बात कहते ही उसने मेरा हाथ एकदम से छोड़ दिया और अब दोस्तों मैंने अपनी एक उंगली उसके बूब्स के बीच की दरार में डाल दी, वो एकदम से कराह उठी और उसकी इस आवाज को सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और अब मैंने अपनी उंगली को लगातार अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

    अब वो अपनी आहों को रोकने की बहुत कोशिश करने लगी, लेकिन हर बार वो नाकामयाब रही और अब मैंने धीरे से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर अपनी पूरी हथेली को उसके एक बूब्स पर रख दिया दोस्तों में शब्दों में उस अहसास को क्या बताऊँ? मुझे उसके बूब्स कितने गोल, बड़े और कड़क लग रहे थे, लेकिन बीच में उसकी वो जाली वाली ड्रेस आ रही थी. फिर मैंने उसके कपड़े उतारने के लिए उसे उल्टा कर दिया तो मैंने देखा तो उसकी पूरी पीठ पर सिर्फ एक ज़िप थी जिसको में खोलता तो वो एक बार में पूरी नंगी हो जाती. तभी उसने मुझे संकोच में देखा और सिर्फ़ दो शब्द कहे जिनको सुनकर में बिल्कुल दंग रह गया. उसने कहा हाँ अब इसे जल्दी से खोल दो और उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही मैंने उसकी पूरी ज़िप को खोलना शुरू कर दिया.

    उसकी ज़िप नीचे से ऊपर खुलती थी और जैसे जैसे में उस ज़िप को ऊपर ले जा रहा था उसका गोरा बदन मेरी आँखों से रूबरू होता जा रहा था और फिर जैसे ही मैंने ज़िप को उसकी कमर तक खोला तो उसके कूल्हे अब बिल्कुल आज़ाद हो गये थे और अब वो सिर्फ़ एक बहुत ही पतली सी पेंटी में थी और उसकी ड्रेस इतनी टाईट होने के बावजूद भी उसकी पेंटी ना दिखने का कारण शायद यही था. में अब मन ही मन मचल था और फिर से में पागलों की तरह उसे उसके कूल्हों पर चूमने और चाटने लगा जिसकी वजह से उसने अब और ज़ोर ज़ोर से आहें भरना शुरू कर दिया था. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी गांड तो बिल्कुल गरम तवे जितनी गरम हो चुकी थी.

    अब मेरे होंठ तो जैसे उसे छूने से ही जल रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा भी आ रहा था. मैंने अब उसकी पूरी ज़िप को खोल दिया था और अब वो खुद ही एकदम से पलटकर सीधी हो गई थी जिससे मुझे उसकी वो ड्रेस बाहर निकालने में थोड़ी आसानी हो जाए. मैंने उसकी उस ड्रेस को उतारकर देखा कि अब वो सिर्फ़ हल्के भूरे कलर की ब्रा और बिल्कुल हल्की और लगभग जालीदार पेंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी. फिर उसने मुझे देखा और अपना एक हाथ मेरे पेट पर रख दिया और अब वो मेरी बेल्ट को खोलने लगी.

    थोड़ी उसकी मेहनत और मेरी मदद करने के बाद अब में भी सिर्फ़ अपनी खुली जांघो वाली अंडरवियर में था और अब मेरी अंडरवियर में तो तापमान जैसे आफ्रिका की गर्मियों से भी ज़्यादा हो गया था. अब उसने मेरी अंडरवियर का वो उभार देखा और फिर थोड़ा रुक रुककर धीरे से अपना एक हाथ मेरे लंड पर घुमाने लगी और अब मेरा लंड पूरे ज़ोर पर आ गया, क्योंकि आज से पहले कभी किसी लड़की ने मेरे लंड को छुआ नहीं था और मेरे पूरे शरीर में जैसे कोई सनसनी सी दौड़ गई थी.

    अब मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अब ज़ोर ज़ोर से उससे अपना लंड दबवाने लगा और अब में भी उसकी तरह आहे भरने लगा था और मैंने देखा कि उसकी भी साँसे अब ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. तभी अचानक से उसने मेरे सर को पीछे से पकड़ लिया और मेरे शरीर को अपने ऊपर ले लिया और तब पहली बार मेरे लंड ने किसी की चूत को छुआ था. अब में अपनी अंडरवियर पहने ही उसकी पेंटी से ढकी हुई चूत को ऊपर से गोल गोल रगड़ने लगा. दोस्तों में वो रगड़ना चाह कर भी कभी नहीं भुला सकता हूँ, में आपको क्या बताऊँ मुझे उस काम में कितना मज़ा आ रहा था? वो अब ज़ोर ज़ोर से करहाने लगी थी और पूरे रूम में उसके उह्ह्ह अह्ह्ह्हह करने की आवाज़ गूँज रही थी. मैंने रगड़ना और तेज़ कर दिया और फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने स्तन पर रख दिया.

    मुझे उसका वो इशारा समझ आया और मैंने तुरंत उसकी ब्रा को भी खोल दिया और अब उसके दूध से भी ज़्यादा गोरे और चाँद से भी ज़्यादा गोल बूब्स जिस पर हल्के लाल रंग के वो निप्पल मुझे ताक रहे थे. अब वो पूरी तरह से नंगे थे. दोस्तों मुझे उन्हें अपने सामने देखकर बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत ही बड़े थे और उन्हें कपड़ो में देखकर मुझे कभी लगा नहीं था कि वो आकर में इतने बड़े भी हो सकते है? फिर उसने मुझे देखा और मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छे हो जानू और वो मेरा सर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी. दोस्तों उसमें क्या हवस थी? वो तो मानो एक दूसरी दुनिया में ही पहुँच चुकी थी और वो बिल्कुल पागलों की तरह मेरा सर उसके बूब्स के ऊपर रगड़े जा रही थी और कह रही थी में तुम्हारे साथ हाँ उह्ह्ह्ह हमेशा से ही अहह यह करना चाहती थी. दोस्तों अब मुझे उसकी यह बात सुनकर मेरे कानों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ. में अचानक से रुक गया और उसे देखकर जी भर आया और में सच कहूँ तो उस वक़्त अगर में सेक्स भी पूरा ना करता तो भी मुझे कोई गम नहीं था और अब उसकी वो बिल्कुल नम आखें साफ साफ बयान कर रही थी कि वो मुझसे कितना प्यार करती है.

    अब मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और ज़ोर से उसके होंठो पर किस करने लगा. अब वो भी अब अपना पूरा आपा खो चुकी थी और जैसे एक प्यासा बड़ी देर के बाद पानी पिए ऐसे मेरे होंठो को चूसने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था और थोड़ी देर बाद में एक बार फिर से उसके बूब्स को पहले से ज़्यादा तेज़ चूमने और काटने लगा. अब हम दोनों ही पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे और अब जो भी हमारे साथ हो रहा था वो सब अपने आप हो रहा था.

    उसने मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे कूल्हों को जकड़कर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. उसके एक हाथ की उंगलियों के नाख़ून मुझे बहुत चुभ रहे थे इसलिए में भी अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था. अब मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब में क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या मस्त लग रही थी. वो पूरी नंगी और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी चूत को मेरी हथेली से ढक दिया और अब धीरे धीरे रगड़ने लगा जिसकी वजह से उसने तो अब चिल्लाना शुरू कर दिया था. उस कारण से मुझे उसके मुहं पर अपना हाथ रखना पड़ा और मेरा हाथ व्यस्त होने के कारण में उसे चूमते हुए उसकी चूत तक ले गया और बिल्कुल हल्के से उसकी चूत को चाटने लगा.

    अब मैंने महसूस किया कि उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज अचानक से रुक गई, लेकिन सिसकियों कि आवाज बढ़ गई और अब उसकी चूत से वो पानी जैसे मेरी प्यास बुझाने के लिए लगातार बहे जा था और में उसका रसपान किए जा रहा था. तभी अचानक से वो काँपने लगी और मेरे पूछने पर उसने मुझे बताया कि उसे अब बहुत ठंड लगने लगी है. मैंने तुरंत बेड को साईड से खोलकर उसमे से एक कंबल निकाल लिया और उसे हम दोनों पर डाल लिया और उससे पूछा क्यों अब ठीक है? तो उसने हाँ कहा और कहा कि अब मुझसे नहीं रहा जाता और जल्दी से मेरी वर्जिनिटी को खत्म कर दो और चोद दो मुझे. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तोते उड़ गये, क्योंकि में खुद आज पहली बार सेक्स का अनुभव कर रहा था और उस पर उसकी वर्जिनिटी खत्म करने का बोझ.

    अब मैंने उससे साफ साफ कह दिया कि नहीं में यह सब नहीं कर पाऊंगा. दोस्तों मेरे कुछ सोचने से पहले ही मुझे पता नहीं कब मेरे मुहं से यह शब्द निकल गए, लेकिन वो अचानक से बहुत ज़ोर से हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि तुम तो बहुत डरपोक हो, मुझे अब पता चल गया है. फिर अचानक उसकी हंसी रुकी और मुझे देखते हुए उसने कहा सूरज में सिर्फ़ अपनी वर्जिनिटी नहीं खोना चाहती. में तो अपनी वर्जिनिटी सिर्फ़ तुमसे खोना चाहती हूँ तुम बिल्कुल भी डरो मत में पहले से ही यह निर्णय बहुत सोच समझकर ले रही हूँ क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. उसकी यह बात सुनकर मुझमे जैसे दुबारा जोश भर गया और उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और कंबल के अंदर से ही मुझे मार्गदर्शन देने लगी.

    वो जगह पूरी तरह सुनिश्चित करने पर उसने अब सब कुछ मुझ पर छोड़ दिया था और अब सारी ज़िम्मेदारी मेरे कंधो पर थी. में धीरे धीरे अपने लंड के टोपे को उस कोमल जगह पर गोल गोल घुमाने लगा और जब उसकी चूत के पानी से मेरा लंड पूरी तरह भीग गया. तभी मैंने अपना लंड चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे कुछ भी ज़्यादा ना करने के बावजूद भी वो रोने लगी, लेकिन मुझसे ना रुकने को भी उसने कहा.

    अब मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का देकर चूत के अंदर ही किया और उसके गालों को मेरे हाथों से कसकर थाम लिया जिससे उसकी आखों से आंसू निकल गये और मैंने उसे किस कर दिया और जब उसका ध्यान पूरी तरह से मेरे चूमने पर था तो मैंने अपने हाथ गालों से हटा दिए और उसकी कमर को ज़ोर से कस दिया और फिर एक जोरदार झटका लगा दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद मैंने किसी तरह उसके मुहं पर हाथ रखकर उसे शांत कर दिया और कुछ देर उसने मुझे वैसे ही रुकने का इशारा किया और थोड़ी देर बाद उसने फिर से अपने हाथ मेरे कूल्हों पर रख दिये और आगे पीछे करनी लगी, शायद अब उसे मज़ा आने लगा था और उसे ऐसे ज़ोर ज़ोर से सिसकते और आहे भरते देख मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा. मैंने धीरे धीरे खुद को तेज कर दिया और हम दोनों और ज़ोर से आहे भरने लगे.

    अब तो में भी चिल्लाने लगा था और हम दोनों को अब किसी भी आवाज़ की कोई फ़िक्र नहीं थी. अब हम खुलकर एक दूसरे के रंग में डूबने लगे और उसकी वो अह्ह्ह अहह की आवाज़ मेरे कानों में अब गूँज रही है और मुझे और भी प्रोत्साहन दे रही थी. हम दोनों अब अपनी पूरी गति पर पहुँच चुके थे और तब मुझे एहसास हुआ कि अब में जल्द ही झड़ने वाला हूँ मेरे उससे कहने पर उसने मुझसे अपनी चूत के अंदर ही वीर्य छोड़ने को कहा और मेरे ना मानने पर उसने मुझे बताया कि वो बहुत पहले से ही इस दिन का सपना देखती आई है और आज वो चाहती है कि उसका पहला यौन संबंध अधूरा ना रहे.

    उसके कहने पर में उसकी और अपनी स्वयं इच्छा से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा और फिर अचानक से शरीर में एक ठंड की सनसनी के साथ हम दोनों की एक जोरदार चीख के साथ में उसकी चूत में झड़ गया. दोस्तों वो बड़ी ही पवित्र भावना थी. में अब उसके ऊपर ही लेट गया और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था. में उसे अपनी पूरी जिंदगी भर वैसे ही जकड़ कर रखना चाहता था और अब उसके अलावा मेरा और कुछ करने का मन ही नहीं था और वो मेरे कंधे पर अपना माथा टेककर रोने लगी और अब में भी उसके साथ थोड़ा सा भावुक हो गया, लेकिन क्या करे? समय का अभाव था इसलिए मैंने उससे कहा कि चलो अब उठो तुम्हे जाना है ना? मैंने उससे बहुत प्यार से पूछा. तो वो उठी और कुछ ना कहते हुए अपनी ब्रा, पेंटी पहनने लगी. उसने अपनी ड्रेस पहनते वक़्त अपने बाल एक तरफ कर दिए और मेरी तरफ पीठ करके मुझे ज़िप लगाने का इशारा किया.

    मैंने पीछे से उसकी खुली ड्रेस में से अपना हाथ आगे की तरफ डालकर उसे पेट से पकड़कर अपने से सटा लिया और सामने लगे अलमारी के काँच में हम दोनों एक दूसरे को निहारने लगे. दोस्तों में सच कहूँ तो उस वक़्त में उस आईने में हम दोनों को एक पति, पत्नी की रूप में देख रहा था और सपने सज़ा रहा था कि हम दोनों शादी के बाद कुछ इसी तरह रोज रात को प्यार करा करेंगे और सुबह साथ उठेंगे दोस्तों वो बड़ा ही हसीन पल था. अब वो मुझसे चलो हटो प्लीज छोड़ दो कहकर वो मुस्कुरा पड़ी और बोली कि प्लीज मुझे जाने दो. अब मैंने भी मुस्कुराकर अपना हाथ उसके गरम बदन से हटा लिया और फिर मैंने उसकी ज़िप को बंद कर दिया. कुछ देर में ही हम दोनों घर से एक साथ ही बाहर निकल गये और फिर उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट कर दी. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ उसने मुझसे बड़े ही प्यार से से कहा.

    अब वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अपना हेलमेट पहनकर चली गई, लेकिन उस दिन के बाद भी हमने कई बार सेक्स किया और अगली बार के लिए तो मैंने उससे यह आग्रह भी किया था कि हम अपना अगला सेक्स मेरी पसंद के कपड़े में ही करेंगे और वो दिन भी हमारा बहुत यादगार रहा और में आप सभी को उसके बारे में अपनी अगली कहानी में ज़रूर बताऊंगा, लेकिन दोस्तों कुछ भी कहो पहला सेक्स तो पहला ही होता है. मेरी बदनसीबी से कॉलेज ख़त्म होने पर उसे पुणे छोड़कर मुंबई में नौकरी के कारण जाना पड़ा और फिर हमारी बातचीत अब धीरे धीरे कम होते होते ख़त्म ही हो गई.

  • बीमा कम्पनी की एजेंट को चोदा

    हैल्लो दोस्तों,  मेरा नाम समीर है और मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई शहर के थाने नाम के इलाके में रहता हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी की है और अब में एक सरकारी नौकरी कर रहा हूँ, लेकिन मेरी पहली कहानी मेरे साथ काम करने वाली लड़की ममता के साथ थी जिसमे मैंने उसे फंसाकर बहुत चोदा.

    दोस्तों में आज इस कहानी में आप सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने एक एजेंट को पटाया और उसे किस तरह से चोदा और में आप सभी से वादा करता हूँ कि यह मेरा सेक्स अनुभव आप लोगों को बहुत पसंद आएगा. दोस्तों में अपनी कॉलेज लाईफ तक बहुत शर्मीले स्वभाव का था, लेकिन मेरी नौकरी पर लगने के बाद में बहुत खुल गया खास करके लड़कियों के मामलो में. मेरी बॉडी दिखने में ठीक ठाक है और मेरा कलर साफ है. मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. दोस्तों यह घटना अभी कुछ ही दिनों पहले घटी है और इस वक़्त मैंने एक आंटी को चोदा है. मेरा पहला सेक्स अनुभव ममता से हुआ, वो करीब करीब मेरी ही उम्र की थी. तो एक दिन मुझे एक आंटी का कॉल आया जो कि एक जीवन बीमा कम्पनी की एजेंट थी और उसने मुझे फोन पर जीवन बीमा के बारे में बहुत कुछ बताया, लेकिन मुझे जीवन बीमा के बारे में सब कुछ पता था फिर भी मैंने उससे बहुत सारी जानकारी ली.

    तो कुछ देर के बाद उसने मुझसे मेरी जन्मदिन की तारीख माँगी और फिर मैंने उसे अपनी जन्मदिन की तारीख बताई और फिर उसने कहा वो मुझे शाम को वापस कॉल करेंगी और मुझे मेरी उम्र के हिसाब से कोई अच्छी ठीक ठाक पॉलिसी बताएगी. तो मैंने उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम निशा बताया और फिर मैंने कहा कि में आपके फोन का इंतजार करूंगा और में मन ही मन सोचने लगा कि में कैसे इसे अपनी और आकर्षित करूं और मैंने सोच लिया कि जब वो मुझे आज शाम को कॉल करेगी तो में उससे उसकी पर्सनल लाईफ के बारे में पूछूँगा. तो उसने मुझे शाम को कॉल किया और उसने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए एक प्लान बनाया है जिसमे जीवन बीमा का प्रीमियम और कुछ उससे सम्बन्धित जानकारियां है. तो मैंने कहा कि सबसे पहले यह बताओ कि तुम रहती कहाँ हो? तो उसने कहा कि में डोम्बीवली में रहती हूँ. तो उसने कहा कि क्या तुम मुझे कल मिल सकते हो डोम्बीवली स्टेशन पर ताकि में तुम्हे प्रीमियम और कुछ उससे सम्बन्धित जानकारियां बता सकूं? में तो यही चाहता था और फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी बातें पर कैसे विश्वास करूं? तो उसने कहा कि में एक बहुत बड़ी और जानीमानी कम्पनी की एजेंट हूँ और उसने कहा कि तुम मुझसे जो भी पूछना चाहते हो वो पूछ सकते हो.

    फिर मैंने कहा कि तुम्हारी उम्र क्या है? तो उसने कहा कि मेरी उम्र 33 साल है और फिर मैंने कहा कि क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है या फिर तुम कुवारीं हो? तो उसने कहा कि वो एक शादीशुदा औरत है और उसकी शादी को 8 साल हो चुके है और मैंने 15-20 मिनट उस दिन उसके साथ ऐसे ही टाईम पास किया. फिर उसने कहा कि तुम कल 11 बजे मुझे डोम्बीवली स्टेशन पर मिलो, लेकिन में तो सिर्फ यही सोच रहा था कि वो दिखती कैसी होगी और में उसे कैसे पटाऊंगा? और उसके अगले दिन में उसे बाईक पर थाने से डोम्बीवली स्टेशन पर मिलने गया, मैंने उसे कॉल किया और अपनी शर्ट और पेंट का कलर बताया ताकि वो मुझे आसानी से पहचान सके और थोड़ी ही देर में उसने पीछे से आकर मुझे ही कहा क्यों इतनी देर से मेरा ही इंतजार था ना तुम्हे? तो में उसे देखकर एकदम दंग रह गया और में उसकी नजरों में खो सा गया. मैंने उसकी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया, लेकिन कुछ देर बाद उसने अपनी नजर मुझसे चुरा ली, वो एकदम हॉट, सेक्सी दिखती थी. उसके बूब्स बहुत बड़े थे और वो सलवार कमीज़ में थी.

    तो मैंने उससे कहा कि चलो हम अब स्टेशन के बाहर चलते है ताकि तुम मुझे अच्छे से पॉलिसी समझा सको और फिर उसने बाहर आकर मुझे अपना पॉलिसी प्लान बताया. मेरा ध्यान तो अभी भी कहीं और ही था. तो वो 10-15 मिनट के बाद मुझसे पॉलिसी के बारे में बात करती है. तो मैंने कहा कि तुम और क्या काम करती हो? उसने कहा कि में एक कंपनी में अकाउंटेंट भी हूँ और में यह काम पार्ट टाईम करती हूँ. तो मैंने उससे पूछा कि तुम काम तो बहुत अच्छा करती हो और तुम इतना कमा रही हो और तुम्हारा पति भी अच्छा कमाता होगा.

    मेरी यह बात सुनकर वो एकदम गुस्से में आ गयी और उसने कहा कि मेरा पति कुछ काम नहीं करता है वो तो सारा दिन शराब पीता है. तो मैंने उससे सॉरी कहा, फिर मैंने उससे सीधे बोल दिया कि मेरी तुम्हारी इस पॉलिसी में कोई रूचि नहीं है, मुझे सिर्फ तुमसे दोस्ती करने में रूचि है. तो वो यह सब बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गयी और उसने कहा कि उसे यह सब काम अच्छा नहीं लगता है और वो वहां से जाने लगी. तो मैंने उसके पीछे जाकर उससे कहा कि में तुम्हारा एक बहुत अच्छा दोस्त बन सकता हूँ. तो उसने बोला कि नहीं यह सब ठीक नहीं है और अगर मेरे पति को पता चलेगा तो मुझे सबके सामने मरेगा.

    तो मैंने कहा कि तुम डरो मत, ऐसा कुछ नहीं होगा. तुम खुद मेहनत करके कमाती हो और यह एक तुम्हारा हक है. यह सुनकर वो थोड़ा बे चिंता हुई और फिर मैंने कहा कि चलो हम कहीं चलते है और में उसे अपनी बाइक पर बैठाकर कुछ दूर ले गया और वहां पर हम एक गार्डन में बैठ गये. फिर मैंने उसे अपने बारे में बताया और उससे बात करके मुझे पता चला कि वो बहुत परेशान औरत है और उसकी शादीशुदा लाईफ बहुत बुरी चल रही थी. तो मैंने सोचा कि यह वक़्त सही नहीं है उससे इस बारे में बात करने का और इस तरह हम दो महीने तक हर रविवार को मिलने लगे और बहुत बहुत ही कम समय में एक अच्छे दोस्त बन गये और बाकी के दिन हम फोन पर ही बात करते थे.

    फिर मैंने एक दिन फोन पर हिम्मत करके उससे कह दिया कि सेक्स लाइफ कैसी है? वो पहले यह बात सुनकर कुछ वक़्त के लिए एकदम चुप हो गयी और फिर उसने कहा कि प्लीज मुझसे यह सब मत पूछो? तो मैंने कहा कि मुझे लगता है तुम अपनी सेक्स लाईफ को लेकर बहुत परेशान हो और उसका कारण तुम्हारी यह शादीशुदा लाईफ है.

    उसने कहा कि उसका पति सिर्फ़ शराब पीता है और उसे ज़रा भी टाइम नहीं देता है और मुझे अभी तक कोई भी औलाद नहीं हुई है और फिर झट से उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसकी नजरों में नजरें डालकर मैंने उससे कहा कि अगर तुम बुरा ना मानो तो में कुछ टाईम के लिए तुम्हारा पति बन सकता हूँ और तुम्हे खुश कर सकता हूँ. तो उसने कहा कि लेकिन यह सब बहुत ग़लत होगा और अब तो मुझे यह सब सोचने में भी डर लगता है और फिर मैंने उसे समझाया कि हम दोनों एकदम सुरक्षित रहकर यह सब करेंगे.

    वो मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर मान गयी, मैंने उससे कहा कि में इस सप्ताह के आखरी में कोई रूम का इंतजाम करता हूँ और उसी सप्ताह में शनिवार को मैंने एक रूम का इंतजाम किया और यह रूम मेरे एक दोस्त का था, जो मुंबई के पास में रहता है और यह उसका गेस्ट हाऊस टाईप रूम था और बहुत शांत जगह पर था. तो मैंने निशा को फोन पर सब बता दिया और उसे शनिवार को 12 बजे मुंबई आने को कहा और फिर उसने भी हाँ कहा और शनिवार को वो कुछ दूरी तक बस से आई और फिर में उसके बाद में उसे फ्लेट तक अपनी बाईक पर लेने गया और जैसे ही में उससे मिला तो उस दिन मैंने उससे कहा कि क्या तुम यह सब करने के लिए तैयार हो? तुम्हे अगर कुछ समस्या हो तो अभी बोल दो. तो उसने कहा कि वो तैयार है और उसने यह निर्णय बहुत सोच समझकर लिया है.

    फिर क्या था? में उसे बाईक पर बैठाकर फ्लेट तक ले आया और जैसे ही वो अंदर घुसी तो मैंने सभी खिड़की और दरवाजे अच्छी तरह से बंद कर दिया और एसी चालू कर दिया और में एक भूखे शेर की तरह उसके बूब्स दबाने लगा. तो उसने कहा कि प्लीज़ थोड़ा आराम से करो. उस वक़्त करीब 12.30 बजे थे और में करीब 10-15 मिनट तक सिर्फ उसके बूब्स दबाता रहा और फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मेरा लंड चूसो. तो उसने पहले मना कर दिया और कहा कि यह सब काम मुझे बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते और मैंने अपने पति के साथ भी यह सब कभी नहीं किया.

    मैंने कहा कि इसमें बहुत मज़ा आता है और मेरे कुछ देर समझाने पर वो मान गयी और पहले मैंने उससे कहा कि तुम मेरा लंड पेंट के ऊपर से हाथ से सहलाती रहो और फिर उसने ऐसा ही किया. फिर मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दी और मेरा 7 इंच का लंड एकदम से आज़ाद हुआ, लेकिन निशा उसे देखकर एकदम चकित हो गयी. मैंने कहा कि अब इसे मुहं में लेकर आराम से चूसो और मैंने उसे 30-40 मिनट तक हर तरह से अपना लंड चुसवाया चटवाया. तो कुछ देर बाद वो खुद लेट गयी और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी.

    फिर मैंने फिर निशा का कुर्ता उतार दिया, उसने सफेद कलर का गोल आकार की ब्रा पहनी हुई थी और मैंने कुछ ही सेकेंड में उसके सारे हुक खोल दिए और मैंने देखा कि उसके बूब्स मस्त थे. फिर में दोनों हाथों से उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और कुछ देर के बाद मैंने बूब्स को चूसना शुरू किया और करीब 20 मिनट तक उनसे खेलता रहा. सिर्फ़ इतना ही सब करने पर हमें करीब दो घंटे लग गये. तो उसके बाद मैंने उसके बूब्स को दबाना सहलाना शुरू कर दिया और अब वो सिसकियाँ लेने लगी शायद वो अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी उसकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी और फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसको सीधा लेटा दिया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा. तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब और मत तड़पाओ, प्लीज मेरी इस चूत को आज ठंडा कर दो.

    में उसकी यह बात सुनकर जोश में आ गया और एक ही धक्के में लंड को चूत की गहराईयों में पहुंचाकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन मेरी इस चुदाई के दर्द की वजह से उसकी हालत बहुत खराब थी. क्योंकि उसकी चूत एक तो बहुत समय के बाद लंड का स्वाद ले रही थी और दूसरा मेरा लंड उसके पति के लंड से ज्यादा मोटा था और में उसे बिना देखे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद उसकी चूत ने मेरे लंड को अपना बना लिया था और अब वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत के आखरी छोर तक लेने की कोशिश कर रही थी और इसी कोशिश में वो कब झड़ गई, उसे खुद को भी मालूम नहीं पड़ा और उसके कुछ देर बाद ही में भी उसकी चूत की गहराईयों में झड़ गया. फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और उसे उसके घर के पास छोड़कर अपने घर आ गया.

  • तृप्ति ने लंड हिलाया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम शुभ है और यह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है जिसे में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ.. दोस्तों में पिछले कई सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगती है. तो अब में आपका ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.. लेकिन उससे पहले थोड़ा अपना भी परिचय करवा देता हूँ.

    दोस्तों में पुणे का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 22 साल है और यह कहानी तीन साल पुरानी है. दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और मैंने कुछ समय पहले ही नई नौकरी शुरू की थी और उसी दौरान मेरी मुलाकात तृप्ति नाम की एक लड़की से हो गयी.. वो भी सॉफ्टवेर में ही नौकरी करती थी. वो दिखने में बहुत ही सेक्सी थी और वो बहुत सीधी लड़की थी. खास करके उसके बूब्स बहुत ही मस्त थे.. गोल गोल बड़े और एकदम सेक्सी और कमर भी बहुत हसीन थी.

    दोस्तों मैंने जिस दिन से उसे देखा था उस शुरू दिन से ही में उसकी तरफ बहुत आकर्षित था और में धीरे धीरे उससे बहुत घुल मिल गया था और हम बहुत दिनों तक एक दूसरे से ऐसे ही बातचीत हसीं मजाक करने लगे और बहुत दिनों तक फोन पर बात करने के बाद मैंने एक दिन उसे अपने दिल की बात कही और वो भी मान गयी और फिर हमारी लव स्टोरी शुरू हो गयी.. लेकिन शुरू शुरू में हम सिर्फ़ फोन बात करते और कभी कभी मौका मिलने पर कहीं बाहर जाकर खाना खाते और उस समय तक ना कोई किस, ना बूब्स दबाना और चुदाई तो बहुत दूर की बात थी.

    फिर ऐसे ही एक दिन में उसे बाहर खाने पर ले गया और मैंने पहली बार खाना खाने से पहले अच्छा मौका देखकर उसका हाथ पकड़ा.. तो वो एकदम शरमा सी गयी और फिर आते समय भी मैंने ऑटो में उसका हाथ पकड़ कर ही रखा और वो भी ऑटो में मुझसे एकदम चिपककर बैठी थी और मुझे पहली बार उसके सेक्सी बदन का स्पर्श महसूस हो रहा था और में बहुत जोश में गया.. लेकिन हम ऑटो में कुछ कर नहीं पाए.

    फिर मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया.. लेकिन मेरे दिमाग़ से उसके बदन का स्पर्श जा ही नहीं रहा था मुझे उसके जिस्म की वो खुश्बू ना चाहते हुए भी मदहोश कर रही थी. में उसके ख्यालों में खो सा गया और उसी रात मैंने हिम्मत करके बातों ही बातों में उसे एक बार किस करने के बारे में पूछा तो पहले वो मना कर रही थी.. लेकिन मैंने उसका पीछा नहीं छोड़ा और में अपनी जिद पर अड़ा रहा.. कुछ देर बार तो वो मान गयी.. लेकिन अब हमें किस करने के लिए मौका और जगह नहीं मिल रही थी और आख़िरकार एक दिन वो मौका हमें मिल गया. वो अपनी कुछ सहेलियों के साथ एक रूम पर रहती थी.. क्योंकि उनका रूम बहुत बड़ा था और उसकी सहेली भी इधर उधर नौकरी करती थी.

    एक दिन उसने अपनी तबीयत ठीक नहीं होने का नाटक किया और घर पर ही रुक गई और बाकी की सभी सहेलियां अपनी अपनी नौकरी पर चली गयी और अब वो अकेली ही रूम पर थी. तो उसने ठीक मौका देखकर मुझे फोन करके अपने रूम पर बुला लिया और में भी बहुत खुश होकर उसके रूम पर पहुंच गया और मैंने धीरे से दरवाजा खटखटाया और कुछ देर में ही उसने दरवाजा खोला और में उसे देखकर एकदम चकित हो गया वो अपनी उस नाईटी में एकदम सेक्सी लग रही थी और में उसके बाहर निकलकर झांकते हुए बूब्स को कुछ समय रुककर देखता ही रहा और उसने जब मुझे छूकर अंदर आने को कहा तो में अपने होश में आया और एकदम बेसुध होकर बैठकर गया और उसे देखने लगा.

    वो जाने लगी और में उसकी मटकती हुई पतली कमर और बड़ी सी गांड को निहारने लगा. फिर मेरे लिए पानी लेकर आई.. मैंने पानी पी लिया और हाथ पकड़कर उसको अपने पास बैठा लिया.. लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उसको अपनी बाहों में एकदम कसकर पकड़ लिया और अपने होंठ उसके गुलाबी होंठो पर रख दिए और उसे किस करने लगा और फिर कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर में अपनी जीभ को उसकी जीभ से छूने लगा और चूसने लगा और कुछ देर में ही मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया और उसकी चूत को सलामी देने लगा.

    दोस्तों में क्या बताऊँ.. मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था? क्योंकि वो मेरे जीवन का पहला किस था और किस करते करते में उसके बदन को भी इधर उधर छू रहा था. फिर हमने खड़े होकर किस करना शुरू किया. मैंने एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा हाथ उसके सर के पीछे और धीरे धीरे उसके होंठो को चूसने लगा और उसका एक हाथ मेरे कंधे पर और दूसरा हाथ मेरी कमर पर था.. लेकिन वो धीरे धीरे अपने हाथ को ऊपर नीचे कर रही थी.

    शायद वो अब पूरे जोश में थी.. दोस्तों हमारी हाईट एक समान थी इसलिए एक साथ खड़े होने पर मेरा तना हुआ लंड और उसकी कामुक चूत एक दूसरे के सामने आ रही थी और में उसको एकदम कसकर पकड़े हुए था. मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था.. लेकिन वो अब थोड़ा नीचे की तरफ मतलब कि उसकी गांड को छूने को बैताब था और किस करते करते में अपना लंड उसकी उभरी हुई चूत के ऊपर रगड़ रहा था और कपड़े होने के बावजूद भी हमें बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर किस खत्म करते ही में उसकी नाईटी के ऊपर से ही उसकी चूत के ऊपर से हाथ घुमा रहा था और वो भी मेरे लंड को सहला रही थी बहुत देर किस करने के बाद हम बिस्तर पर लेट गये. फिर में उसके ऊपर और वो मेरे नीचे थी और में उसकी गर्दन पर किस रहा था.

    फिर उसके बाद मैंने नाईटी को थोड़ा ऊपर उठाकर उसके बूब्स को दबाना शुरू किया. अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और कुछ देर के बाद में उसके बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और अब वो बहुत जोश में आ रही थी और में तो उसके बूब्स काट रहा था और उसे भी मजा आ रहा था.

    उसके मुहं में से बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकियों की आवाज़ आ रही थी और बूब्स चूसते चूसते मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और में अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालकर घुमाने लगा उसकी चूत अंदर से बहुत गरम थी और एकदम गीली थी. अब वो भी बहुत गरम हो गयी थी और उसने भी उसका एक हाथ मेरी पेंट में डालकर मेरे खड़े लंड को हिलाना शुरू किया और अब हम दोनों गरम हो गये और मुझे लगा कि आज तो मेरी निकल पड़ी.. लेकिन जैसे ही मैंने उससे बोला कि हम नीचे का भी करते है.

    उसने साफ मना कर दिया और मेरे बहुत मनाने के बाद भी वो नहीं मानी तो में थोड़ा नाराज़ हो गया.. लेकिन फिर मैंने सोचा कि मुझे जो मिला है में उसी में खुशी मनाऊं.. इसके बाद का काम बाद में देखेंगे और यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा. फिर बहुत दिनों तक हम एक दूसरे को किस करते रहे और कपड़ो के ऊपर ऊपर से ही लगे रहे और धीरे धीरे हम बहुत आगे तक बढ़ने लगे और में कभी कभी उसकी चूत में ऊँगली करके उसकी चूत का पानी भी निकाल देता और वो एकदम निढाल होकर पड़ जाती और में अपने घर पर जाकर अपने लंड को हिलाकर उसके नाम की मुठ मारता.

    फिर आख़िर वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बड़ी बेसब्री से इंतजार था और में जब भी तृप्ति के रूम पर जाता तो अपने साथ कंडोम लेकर ही जाता था.. लेकिन अब तक मुझे कभी चुदाई का मौका नहीं मिला था इसलिए में उसे काम में नहीं ले सका. फिर हर दिन की तरह में उस दिन भी उसके रूम पर पहुंच गया और उस दिन भी उसने बीमारी का नाटक कर लिया और मैंने भी अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और जब में रूम पर पहुंचा.. तो मैंने देखा कि वो एक सेक्सी जालीदार नाईट गाऊन में थी और उसके चेहरे पर अलग ही कुछ दिख रहा था और जाते ही में अपने काम में शुरू हो गया. सबसे पहले मैंने खड़े खड़े उसे किस किया और उसके बाद उसको लेटा दिया और आज तो वो जोश में थी.. तो आसनी से में उसके नीचे हाथ लगा पा रहा था और बहुत देर के बाद मैंने बाथरूम जाने का नाटक किया और बाथरूम में जाकर मैंने अपने लंड पर कंडोम लगा लिया और फिर से आकर उसकी पेंटी से खेलने लगा.

    तो मैंने ठीक मौका देखकर पेंटी को थोड़ा नीचे खींचा. मुझे देखना था कि तृप्ति का जवाब क्या है.. लेकिन शायद आज मेरा नसीब अच्छा था. उसने मुझे मना नहीं किया. तो मेरी हिम्मत और बड़ गयी और मैंने उसकी पेंटी को निकालकर फेंक दिया और अब मैंने उसके दोनों पैरों को थोड़ा थोड़ा दूर किया और अपना लंड अंदर डालने की कोशिश करने लगा.. लेकिन मुझे पहले लगा था कि उसकी चूत में मेरा लंड आसानी से नहीं जाएगा.. लेकिन यह सब ग़लत निकाला और बहुत आसानी से मेरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया.

    मुझे थोड़ी देर के लिए बुरा लगा.. लेकिन में समझ गया था कि यह तृप्ति की पहली चुदाई नहीं है और ना ही में उसका पहला प्यार.. लेकिन फिर मैंने सोचा कि मुझे चोदने का मौका मिल रहा है ना और बाकी सब भाड़ में जाए. फिर बहुत देर तक मैंने उसके पैरों को अपने कंधे पर रखकर लंड को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और वो भी मजे लेती रही और फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और वो एकदम संतुष्ट होकर थककर लेट गई.

    तो दोस्तों यह था मेरे जीवन का पहला सेक्स.. उसके बाद भी हमने 3-4 बार सेक्स किया और उसके बाद उसकी शादी हो गयी.. लेकिन मुझे उसकी चुदाई का बिल्कुल भी दुख नहीं है.. क्योंकि मैंने उसके साथ बहुत समय तक मज़ा किया था और पहले सेक्स के बाद मुझे खुद को ही उससे शादी करने की इच्छा नहीं थी और अब वो मेरे जीवन में नहीं है.. लेकिन जब भी सेक्स की बात आती है तो मुझे उसके साथ किया पहला वो सेक्स जरुर याद आता है.

  • अंकिता ने अपनाया चुदाई का रास्ता Hindi sex story

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं बैगलोर के एक बैंक में कर्मचारी हूँ| काफी साल से बैंक में नौकरी करने की वजह से मेरी बैंक वालों से काफी अच्छी बनी हुई थी| कुछ ही समय तक बैंक में काम करते हुए मुझे बैंक में मैनेजर भी बना दिया गया था| आज मैं आपको मेरी एक सच्ची सेक्स की कहानी बताने वाला हूँ जिसे जानकर आपको मजा ही आ जाएगा|

    यह बात आज से करीब 1 साल पहले की है जब मेरी उम्र 32 साल थी| मेरी शादी हो चुकी थी और मेरे दो बच्चे भी थे| मैं काफी सरल स्वभाव का हूँ लेकिन मैं काफी ज्यादा कामुक हूँ| मुझे अपनी सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करना अच्छे से आता है और यही वजह है कि आज तक मेने अपनी बीवी के अलावा किसी और लड़की को चोदने के बारे में सोचा तक नहीं था| मेरी जिन्दगी काफी सही चल रही थी| मैं अपनी बीवी और दो बच्चो के साथ बहुत खुश था, लेकिन एक दिन मेरी जिन्दगी में एक ऐसी लड़की आई जिसने मेरी जिंदगी को काफी हद तक बदल कर ही रख दिया था| एक बार की बात है जब हमारे बैंक में एक नयी कर्मचारी आयी और उस कर्मचारी का नाम अंकिता था|

    अंकिता की उम्र 28 साल थी, लेकिन उसका शरीर 20 साल की किसी खुबसुरत लड़की की तरह लगता था| अंकिता की शादी एक साल पहले ही हुई थी, लेकिन अभी तक उसका कोई बच्चा नहीं था| अंकिता का शरीर एक दम गौरा और चिकना था| उसकी शर्ट के ऊपर से दिखने वाले हलके से और सफेद बूब्स उसे और भी ज्यादा आकर्षित बनाते थे| जब भी वह चलती थी, तो उसकी ठुमकती हुई चाल के साथ लोगों की नजर उसकी गांड और बूब्स पर टिक सी जाती थी| अंकिता हमेशा काली स्कर्ट में बैंक आया करती थी, जिसमे हिल वाली सेंडिल पहनने के कारण मेरी नजर बार-बार उसकी ठुमकती हुई टांगों और गांड की तरफ जाती थी| मैं जब भी अंकिता को देखता था, तो मेरी पेंट में एक लम्बा चौड़ा तम्बू तन जाया करता था| पता नहीं क्यूँ पर मुझे अंकिता वासना की भूखी लगती थी|

    वो काफी समय से बैंक में काम कर रही थी, लेकिन फिर भी काफी समय से मेरी अंकिता से बात नहीं हो पा रही थी| कुछ दिन बाद ऐसे हुआ कि अंकिता खुद ही मुझे देखकर मुझसे थोड़ा हाय हेल्लो करते हुए बाते करने लग गयी थी| वो अक्सर मुझसे मुस्कुरा कर बातें करती थी और मुझसे बातें करने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ ही लिया करती थी| कुछ दिन से तो वह मेरे ऑफिस में भी आने लग गयी थी| वह बातों ही बातों में जानबूझकर मुझसे डबल मीनिंग वाली बातें करने लग जाया करती थी| साथ ही मौका मिलने पर वह बातों ही बातों में बार-बार झुक कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवा दिया करती थी| अंकिता की हरकतों को देख कर समझ गया था कि अंकिता मुझसे किसी बड़ी वजह से नजदीकिया बड़ा रही है| वैसे तो मैं लड़कियों के मामले में काफी सख्त था और अपनी पत्नी के अलावा किसी और लड़की के बारे में सोच भी नहीं सकता था लेकिन फिर भी पता नहीं क्यूँ मैं अंकिता की तरफ खींचा ही चला जा रहा था| शायद मेरा अंकिता की तरह आकर्षित होने की वजह उसका लाजवाब फिगर था| अब मैं भी अंकिता के साथ नजदीकियां बढाकर उसे चोदना चाहता था और साथ ही यह भी जानना चाहता था कि आखिर अंकिता मेरे साथ इतनी नजदीकियां क्यों बढ़ा रही है|

    कुछ ही दिनों में अंकिता और मेरी अच्छी बातचीत होने लग गयी थी| हम अक्सर ऑफिस से घर जाने के बाद रात भर फ़ोन पर एक दूसरे से बातचीत किया करते थे| एक बार ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे के साथ फिल्म देखने के लिए भी चले गए थे| हम दोनों ने थियेटर में एक दम कोने वाली सिट ले रखी थी| थियेटर में एक रोमांटिक फिल्म चल रही थी| मेने सही मौका पाते हुए पहले तो अंकिता के हाथ पर हाथ रख दिया और जैसे ही अंकिता ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा मेने अंकिता के होठ पर होठ रखते हुए उसे एकदम जबर्दस्त किस कर दिया था| उसके मेरे चूमने का बिलकुल भी बुरा नहीं लगा था जिस वजह से मेरी हिम्मत और भी ज्यादा बढ़ने लग गयी थी| फिल्म देखने के दौरान ही मैं अंकिता की जाँघों पर हाथ फेरने लग गया था| इस दौरान अंकिता कि सांसे तेज और भारी हो गयी थी| उसकी आँखें बार-बार बंद हो रही थी, शायद उसे भी काफी मजा आ रहा था|

    उसके बाद हमें घर पर निकलना था, इसलिए मेने अंकिता को उसके घर पर छोड़ दिया था| उस दिन के बाद से मैं रोज अंकिता को ऑफिस के बाद उसके घर छोड़ने जाया करता था| एक बार की बात है जब अंकिता के पति अपने काम के सिलसिले से कहीं बाहर गए हुए थे| इसी दौरान अंकिता ने मुझे चाय पीने के लिए अपने घर पर बुलाया था| रोजाना की तरह मैं, अंकिता को उसके घर पर छोड़ते हुए उसके घर चाय पीने के लिए रुक गया था| पहले तो अंकिता एक रूम में गयी और अपनी ऑफिस ड्रेस को बदलकर एक हॉट अंग प्रदर्शन करने वाली ड्रेस पहन कर मेरे सामने आ गयी थी| अंकिता मुझसे कहा “आप बैठिये मैं थोड़ी देर में आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ| कुछ ही देर में अंकिता चाय बनाकर मेरे पास आ चुकी थी| अंकिता चाय का कप रख कर मेरे पास बैठ गयी थी| मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मुझसे कुछ कहना चाहती है लेकिन वो शायद कुछ कह नहीं पा रही थी| लेकिन मेरा इरादा शायद कुछ और ही था| मैंने अंकिता की तरफ प्यार भरी निगाहों से देखा और फिर उसे छूने के लिए आगे बढ़ने लगा| मेने अंकिता के होंठ पर अपने होंठ रखे ही थे कि अंकिता ने मुझे दूर करते हुए कहा कि “सर मैं आप से कुछ बात खाना चाहती हूँ”| मेने भी थोड़ी हैरानी से देखते हुए अंकिता से कहा “ हाँ बोलो तुम मुझसे क्या कहना चाहती हो?”|

    अंकिता का चेहरा निराशा से भर गया था| उसने रोते हुए मुझसे कहा “सर मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूँ और एक साल पहले ही मेरी शादी हुई है| मैं अपने पिता की इकलौती लड़की हूँ इसलिए उन्होंने मुझे पालने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी| उन्होंने मुझे पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और उन्ही की वजह से मैं आज बैंक में काम कर रही हूँ| मेरी सभी सपनों को पूरा करने से लेकर मेरी शादी करने तक के लिए उन्होंने इतना कर्जा ले लिए था कि अब वह कर्जे में बिलकुल डूब ही गए है| मैं उनकी मदद करना चाहती हूँ लेकिन अब मेरे ससुराल वाले मुझे उनकी कुछ ख़ास मदद नहीं करने देते है| लेकिन अगर आप चाहे तो आप मेरी काफी मदद कर सकते है|

    मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूँ” – मेने थोड़ी हैरानी से पूछा

    “अगर आप मेरे प्रमोशन की सिफारिश कर देते है तो मैं अपने परिवार की ज्यादा से ज्यादा मदद कर सकती हूँ और इसके लिए आप जो बोलेंगे मैं आपके लिए वो सब करने के लिए भी तैयार हूँ”| – अंकिता ने जवाब देते हुए कहा

    “ अच्छा तो तुम मेरे लिए क्या कर सकती हो”? – मेने ऐसे ही अंकिता से पूछ लिया

    अंकिता काफी समझदार थी और वह मेरी जरुरत को काफी अच्छे से समझती थी| वो तुरंत ही मेरी तरफ बड़ी और उसने मुझसे धक्का देते हुए बिस्तर पर लेटा दिया था| अब वह मेरे ऊपर बैठ गयी थी| इस दौरान मैं उसकी यौनी को अपने लिंग से रगड़ खाते हुए महसूस कर सकता था| उस समय अंकिता ने एक हॉट स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी| अब मेने अंकिता की शर्ट के ऊपर से ही बूब्स को दबाना शुरू कर था| अंकिता की सांसे एक दम तेज होने लग गयी थीं| अंकिता बहुत ही ज्यादा हॉट दिखने वाली लड़की थी, वह मेरे लिंग के ऊपर बैठकर अपनी चूतड़ से मेरे लिंग पर रगड़ें जा रही थी। अंकिता की इस तरह की कार्रवाई से मैं काफी ज्यादा उत्तेजित होता जा रहा था। तेज उत्तेजना के कारण अब मुझसे ओर सब्र नही हो पा रहा था। मैं तेजी से बैठा ओर मेने भी धक्का देते हुए अंकिता को बिस्तर पर लेटा दिया था। अंकिता को बिस्तर पर लेटा देने के बाद पहले तो मैने उसके कपड़े के ऊपर दे दिख रहे हल्के से बूब्स की लकीरों चूमना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही देर बार मेने अपने होंठ को अंकिता के होंठ पर रखकर उसके होंठ के रस को पीना शुरू कर दिया था। अंकिता के होंठ काफी नर्म थे, ऐसा मन कर रहा था जैसे कि हमेशा उसके होंठ को ऐसे ही चूमता रहूं। अब हम बिस्तर पर एक के बाद एक कर के एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर किसी भूखें भेड़िये की तरह एक दूसरे को चूमते ही जा रहे थे।

    कुछ देर बाद अंकिता ने मेरी पेंट को खोलकर मेरे 7 इंच के लन्ड को बाहर निकाल दिया था। उसने पहले किसी चुदासी औरत की तरह मुस्कुराते हुए पहले तो मेरी तरफ देखा और फिर उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था। अंकिता ने कुछ ही देर में मेरे लंड को पूरी तरह से गीला कर दिया था। वह मेरे लंड को अपने गले तक चुस्ती ही जा रही थी, उसे देखकर मुझे बस यही ख्याल आ रहा था कि उसका पति कितना खुश नसीब होगा जिसे ऐसी पत्नी मिली। वह इतने अच्छे से मेरे लंड को मुंह मे ले रही थी कि एक बार तो मैने अपना वीर्य उसके मुंह मे ही छोड़ दिया था। इससे पहले की अंकिता के पति घर पर पहुंचते में जल्दी से अपने घर की तरफ निकल चुका था। मैं अंकिता के जिस्म का स्वाद बिल्कुल वैसे ही चख चुका था, जैसे कि किसी शेर की दाढ़ में खून लग गया हो, इसलिए अब मेरा मन अंकिता को जमकर चौदने का कर रहा था। अंकिता ने मुझे पूरी तरह से खुश कर दिया था, इसलिए मैंने उसके कहे मुताबिक जल्दी से उसके जॉब प्रमोशन की भी मांग कर दी थी। भले ही मैं अपनी पत्नी को धोखा यही देना चाहता था, लेकिन अंकिता ने मुझे पूरी तरह से बेबस कर दिया था अब मैं किसी भी तरह से अंकिता को चौदना चाहता था।

    एक दिन ऑफ़िस की छुट्टी के बाद मेने अंकिता से मिलने का प्लान बनाया था। मेने सोच लिया था कि मैं एक बार अंकिता को अच्छे से चोदूँगा ओर फिर हमेशा के लिए अंकिता का ख्याल अपने दिल से निकाल दूँगा। उस दिन मेने नज़दीक में ही अपने दोस्त का फ्लैट 3 घंटे के लिए ले लिया था। ऑफ़िस से छूटने के बाद तुरंत ही अंकिता को लेकर रूम में जाने के लिए निकल गया था। उस दिन अंकिता ने बहुत ही खूबसूरत ड्रेस पहन रखी थी। उसकी स्कर्ट देख कर मैं इतना पागल हो गया था कि रूम में जाने से पहले ही मेने एक सुनसान जंगल की तरफ अपनी गाड़ी रोक दी थी। इससे पहले की अंकिता मुझसे गाड़ी रोकने के कारण पूछती मेने अंकिता की गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया था। मेरी इस अचानक कि कार्रवाई से अंकिता की सांसे तेज होने लग गयी थी। कुछ ही देर में अंकिता भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी। अंकिता ने पहले तो मेरी शर्ट को उतार कर मुझे ऊपर की तरफ से नँगा कर दिया था। अब उसने मेरे सीने पर अपना नर्म हाथ फेरना शुरू कर दिया था। उसके सिर्फ स्पर्श भर से ही मेरा लन्ड अपनी पूरी रफ्तार से तन कर खड़ा हो गया था।

    अब वह मेरे सीने पर हल्के से चुम्बन की बरसात कर रही थी, जिस वजह से मेरा लंड ओर भी ज्यादा तन कर खड़ा हो गया था। अंकिता को देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी तरह वह भी चुदाई करने के लिए मरी ही जा रही है। कुछ ही देर बाद उसने मेरे लंड को निकाल कर उसे चूसना शुरू कर दिया था। इस दौरान मैं उसके सर पर हाथ फेर रहा था और वह जोर जोर से मेरे लन्ड को चूसते चली जा रही थी। कुछ देर तक तो वह मेरे लन्ड को ऐसे ही चुस्ती रही और फिर मेने उसकी स्कर्ट के नीचे से उसकी पैंटी को निकाल कर नीचे फेंक दिया था। अब मैं उसकी गुलाबी योनि के साथ खेले जा रहा था। मैं उसकी योनि के बीज को अपने हाथों से मसलकर उसे चूसे जा रहा था। इस दौरान अंकिता के मुंह से हल्की “आह आह” की आवाजे निकल रही थी। अब मेने अंकिता की सफेद शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया था। इतने में ही अंकिता ने अपनी शर्ट को भी उतार कर पीछे की तरफ फेंक दिया था। अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा ओर स्कर्ट में थी। मैं अंकिता की ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमते चला जा रहा था। तेज उत्तेजना के कारण अंकिता ने अपनी ब्रा को भी उतार कर नीचे फेंक दिया था। मेने देखा कि अंकिता के बूब्स वाकई में लाजवाब थे, ओर उसके निप्पल का रंग भी गुलाबी था, जो कि मेरी उत्सुकता का करना था।

    मेने बिना देरी किये अंकिता के गोल-मटोल बूब्स को आपस मे रगड़ कर उसे मसलना शुरू कर दिया था। मैं उसके बूब्स को बिल्कुल आम की तरह चूसते जा रहा था। इस दौरान अंकिता ओर भी ज्यादा उत्तेजित होती हुई दिखाई दे रही थी। मैं उसके बूब्स को चूस रहा था और वह अपनी योनि में उंगली डालकर खुद को ओर भी ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी। अब मुझसे ओर ज्यादा इंतज़ार नही पा रहा रहा था। पहले तो मैने अंकिता की स्कर्ट को ऊपर किया और फिर वह मेरे सामने सीधा मेरी गोद मे आकर बैठ गयी थी। पहले तो अंकिता ने मेरे लिंग को पकड़ कर अपनी योनि पर सेट किया और फिर धीरे-धीरे मेरे लिंग को अपनी योनि में घुसाने लग गयी थी। लिंग अंदर ले लेने के बाद वह अपनी कमर को घुमाते ओर झटका देते हुए मुझे चर्म सुख का आंनद दे रही थी। बस कुछ ही देर में अंकिता ने मुझे अपनी चरम सीमा पर पहुंचा दिया था। मैं निकिता की गांड ओर कमर पर हाथ फेरतें हुए उसे लागातर जोर जोर से झटके देते हुए चोदे जा रहा था। इस दौरान अंकिता के मुंह से तेज “आह आह आई अम्म ओह्ह” की आवाजें आ रही थी। वह मुझे चूमते हुए बहुत तबियत से मुझसे चुदती ही जा रही थी।

    मेरा लंड अभी भी थमने का नाम ही नही ले रहा था। जैसे-तैसे कर के मेने अंकिता को अब गांड चुदाई के लिए भी मना लिया था। अंकिता की चुत में से अब तक उसका कामरस बह चुका था, जिस वजह से उसकी पूरी गांड ही गीली हो गयी थी। मैं उसकी गीली गांड में अपना लन्ड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा था। कुछ ही देर में मैने अंकिता को सीट पर ही घोड़ी बना कर बैठा दिया था। अब मैं अंकिता के पीछे जाकर उसकी गीली गांड के छेद पर अपना लन्ड रगड़ रहा था। पहले तो मैने अंकिता की गांड पर अपना लन्ड रखा और एक ही झटके में सिर्फ टोपे तक ही अपना लन्ड अंकिता की गांड में घुसेड़ दिया था। इस दौरान अंकिता के मुंह से तेज चीख निकल गयी थी। वह बार-बार मुझसे कह रही थी कि “आह आह दर्द हो रहा प्लीज इसे बाहर निकालो” लेकिन के भी अब कहा सुनने वाला था। मेने भी तुरंत ही दूसरे झटके में अपना पूरा लन्ड ही अंकिता की गांड में उतार दिया था। अब अंकिता दर्द से चुद रही थी और मैं डॉगी स्टाइल में अंकिता को जोर-जोर से झटके देते गए चोदता ही जा रहा था। कुछ ही देर बाद मैं झड़ गया था और मैने अपना गर्म गाढ़ा वीर्य अंकिता की गांड में ही ढोल दिया था। कुछ देर बाद हम वहां से जा चुके थे। उस दिन के बाद मेने फिर कभी अंकिता को चौदने के बारे में नही सोचा था।

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  • ऑफिस में कुवारी लड़की के साथ सेक्स(Office me Kuwari Ladki ke saath Sex)

    नमस्कार दोस्तों, कैसे हो आप? मैं राघव हूं और मैं एक वेब डिजाइनर हूं। मैं अपना एक अनुभव साझा करना चाहता था जो मेरे पेशे की नौकरी के दौरान हुआ था। स्वयं, वारंगल, तेलंगाना से 24 वर्ष की उम्र, बहुत गोरा, लंबा और सुंदर। मैं एक छोटी सी मार्केटिंग एजेंसी में काम करता हूँ। आज मैं यहाँ अपने जीवन की एक सेक्स घटना सुना रहा हूँ; जब मैंने एक कुंवारी ऑफिस की लड़की के साथ सेक्स किया।



    दोस्तों, जो मार्केटिंग एजेंसी से जुड़े हैं, एजेंसी के माहौल के बारे में जानते हैं। ज्यादातर सेक्सी और हॉट लड़की को मार्केटिंग एजेंसियों में आसानी से नौकरी मिल जाती थी। वे अच्छी बिक्री वाली लड़कियां हैं और ग्राहकों को आसानी से प्रभावित करती हैं। हम भी अपनी कंपनी में भयानक सेक्सी लड़कियां के समान है। मैंने उनके साथ सीमित बातचीत की। मुग्धा नाम की एक लड़की थी। उसकी बड़ी आँखें हैं, गोरा, 5.5 ”, 34-28-32 संपत्ति के साथ। अधिक महत्वपूर्ण वह अन्य लड़कियों की तरह नहीं थी जो दिखावा करती थीं। वह ऑफिस में एक नई जॉनी थी। मैं उसे पसंद करता था और हम अच्छे दोस्त भी थे। ज्यादातर हमने ऑफिस जाना छोड़ दिया और हम वीकेंड पर फिल्मों के लिए जाते थे।

    मैंने उसे वेलेंटाइन पर आने का प्रस्ताव देने की योजना बनाई। ज्यादातर लोग हमें प्रेमिका और प्रेमी के रूप में लेते थे लेकिन हम एक युगल नहीं थे। वह शर्मीली थी क्योंकि वह छोटे शहर से थी। वह मेरे साथ थोड़ा खुला हुआ था और उसका ड्रेसिंग सेंस भी बदल गया था। वह अब बहुत कम कामुक थी और वह एक हॉट बेब की तरह श्रृंगार करती थी। मैं वेलेंटाइन पर जल्दी ऑफिस पहुँच गया और व्यवस्था कर ली। मैंने कुछ अच्छे फूल और एक उपहार खरीदा था। मैंने होटल में एक कमरा भी बुक किया। मैं ऑफिस आया और मैंने उसे पूरे ऑफिस के सामने प्रपोज किया। वह थोड़ा हैरान हुआ और उसने उत्साह में हाँ कहा। हम दोनों खुश थे। हम प्यार करना चाहते थे और काम नहीं कर पा रहे थे। मैं बॉस के पास गया और छुट्टी के लिए अनुरोध किया। उसने हमें जाने दिया।

    हम मूवी देखने गए और फिर हमने उसकी शॉपिंग की। फिर, मैंने अपना उपहार मांगा? उसने कहा- मुझे पता है, तुमने एक कमरा बुक किया था। आप भूल गए कि आपके कार्यालय की ईमेल आईडी मेरे फोन में भी स्थापित है। मैं बुकिंग देखकर पहले उलझन में था। लेकिन, अब मुझे सब कुछ मिल गया। अब आपको अपना उपहार होटल के कमरे में ही मिलेगा। मैं खुश था और सोचता था कि आज, मैं दुनिया में सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बनूंगा। हम होटल गए और जाँच की – मैंने शराब का ऑर्डर दिया था। जैसे ही हम होटल में दाखिल हुए, उसने मुझे तंग किया। उसने मेरा कॉलर खींचा और मुझे जोर से थप्पड़ मारा। उसने कहा- मुझे पता था, तुम मुझसे प्यार करती हो। लेकिन, आपने आपको लंबा क्यों लिया। अगर मैंने आज मुझे प्रपोज़ नहीं किया तो मैंने अपना मन बना लिया। मुझे किसी से भी चुदवाना चाहिए और अपनी वर्जिनिटी ढीली करनी होगी।



    फिर, उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आ गई। वह मेरी शर्ट खोली और मेरी छाती को चूम लिया। उसने मुझे पागलों की तरह चूमने किया गया था। मैं उसके बालों को खींच रहा था और उसके मुँह को अपनी छाती में धकेल रहा था। वह वास्तव में सींग का बना हुआ था और वह मुझे जंगली बाघिन की तरह शिकार कर रहा था। फिर, मैं उसे मुझे तहत धक्का दिया और उसके चेहरे पर हर जगह चुंबन किया गया था। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए थे और उसके होंठों को चूस रहा था। हमारी साँसें वास्तव में तेज़ थीं और हम दोनों यौन सुख में आहें भर रहे थे…। मेरा डिक बहुत कठिन था और यह बाहर आना चाहता था। मैंने उसे तुरंत नंगा कर दिया था।

    वो नेट वाली ब्रा और पैंटी में थी और वो इतनी हॉट और इतनी जबरदस्त लग रही थी। मैं खुद पर काबू नहीं रख पा रहा था। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और उसके करीब आ गया था। उसने मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरा डिक ले लिया। वो मेरे लंड को जोर से दबा रही थी और फिर उसकी महक का मज़ा ले रही थी। उसने मेरे लंड को अपने अंडरवियर से बाहर निकाला और दबाने लगी। फिर, उसने मेरा लंड अपने मुँह में रख लिया। मैं हैरान था कि वह एक पेशेवर कॉल गर्ल की तरह मेरे डिक के साथ खेल रही थी। जब मैंने इस बारे में पूछा, तो उसने कहा- उसे ब्लू फिल्म देखना बहुत पसंद है और वह हर रात अपनी चूत में ऊँगली करती है। मैंने सोचा, यह मेरे लिए अच्छा है। वह पहले से ही इतनी कामुक है, इसलिए मुझे सेक्स के लिए तैयार होने के लिए ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता नहीं है। मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसकी ब्रा और पैंटी निकाल दी मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया था। वह कमाल की लग रही थी। उसके गोल स्तन मुझे शिकार करने के लिए आमंत्रित कर रहे थे,

    मैंने उसके स्तन पर हमला किया और उन्हें जोर से दबा रहा था। मैंने उसके स्तन सीधे किए और उसके निप्पलों को अपने दांतों में दबा रखा था। मैं उसके निप्पलों को काट रहा था और उसके स्तन खींच रहा था। वाह … वह बहुत भयानक था … सेक्सी … बहुत गर्म। मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया था, उसने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया था और उसे अपनी चूत पर रगड़ रही थी। वो अब बहुत प्यासी थी और अब चुदवाना चाहती थी। मैं और अधिक विलंब नहीं करना चाहता था। मैंने अपना लंड उसकी चूत के दरवाजे पर रखा और उसे धक्का दिया। वह कुंवारी थी और मेरा डिक एक तरफ खिसक गया। मैं फिर अपने घुटने पर झुक गया और अपनी जीभ उसकी चूत पर टिका दी। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और उसे गीला कर दिया। वह खुशी में आहें भर रही थी…।



    फिर, मैंने अपना लंड फिर से उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया। इस बार, मेरा लंड कुछ इंच तक अंदर था … ह्ह्ह्ह ह्म्म्म… हाँ… ऊऊओ… .उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैंने नजरअंदाज किया और 2 – 3 और जोर से धक्का मारा और मेरा लंड पूरी तरह से अंदर था। उसे दर्द हो रहा था लेकिन उसने मुझे एक शब्द भी नहीं कहा।

    कुछ देर बाद, उसे मज़ा आने लगा और अपनी गांड को जोर जोर से चोदने के लिए जोर लगा रहा था। हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मैं अपने लंड को इतनी जोर से दबा रहा था। मैं अपने लंड को पूरा अंदर बाहर कर रहा था और फिर हमारी पूरी तरह से खींच रहा था। यह हम दोनों को खुशी दे रहा था। वो इस बात से अनजान थी कि उसे चूत में खून आ गया है लेकिन उसे अब दर्द नहीं है और हमारे सेक्स का मज़ा ले रही है। मैं सह के बारे में था। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और अपना सारा सह उसकी नाभि पर छोड़ दिया। इतनी गर्मी थी कि अच्छी खुशी में कराह रही थी। वह वास्तव में भयानक था और हमने अपना पहला सेक्स वास्तव में सुखद था।

  • प्रोमोशन के बहाने वैशाली को खूब चोदा

    आप सभी पाठकों का दिल से स्वागत करता हूँ काफी समय से मैं इस वेबसाइट पर लोगों की सच्ची कहानियां पढ़ते आ रहा हूँ। आज में काफी खुश हूं जो मुझे भी इस प्लेटफॉर्म ने अपनी सच्ची कहानी सुनाने का मौका दिया। आज में आपको वैशाली के बारे में बताने वाला हूँ जो मेरे ऑफिस की जूनियर है, जिसे मेने प्रोमोशन देने के बहाने बहुत बार चोदा है। तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।



    मेरा नाम रोहित है, ओर में मध्यप्रदेश के मंदसौर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 45 साल है ओर मेरी शादी को 20 साल हो चुके है। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे भी है। मेरी उम्र ज्यादा होने के बाद भी मुझे सेक्स में काफी ज्यादा रुचि रही है। मेरी वाइफ क्या मस्त माल है, लेकिन फिर भी मेरी नजर कम उम्र की लड़कियों पर ही टिकी रहती है। इतनी उम्र होने के बाद भी मुझे सेक्स में काफी ज्यादा रुचि है।

    मैं एक कंपनी में एचआर हूँ ओर पूरी कम्पनी की ज्यादातर जिम्मेदारियां मेरे ही ऊपर होती है। मेरी कम्पनी में एक से एक हॉट लड़कियाँ काम करती हैं। मेरा पूरा दिन लड़कियों को घूरने में ही निकल जाता है। दरअसल मैं काफी समय से किसी लड़की को चोदने का उत्सुक हूँ लेकिन कम्पनी की कोई भी लड़की मेरे जाल में फंस ही नही रही है।



    एक दिन कंपनी में जूनियर पोजिशन पर काम करने के लिए एक लड़की ने अप्लाई किया। वो लड़की क्या मस्त माल थी, उसे पूरी फुर्सत से बनाया गया था। उस लड़की का लंबा कद था, साथ ही उसकी गांड उसके कपड़ों से बाहर आती हुई दिख रही थी, जिसे देख कर मेरा लण्ड ही खड़ा हो गया था। वो चश्मे में एक दम गौरे बदन की किसी अप्सरा की तरह लग रही थी। मेने उसका इंटरव्यू लिया, इंटरव्यू में उसने अपना नाम वैशाली बताया था। मैं अपनी पूरी जिंदगी में किसी ऐसी ही भड़कती हुई जवान लड़की को चोदना चाहता था। इसलिए मेने अगले दिन से ही उसे जॉब के लिए बुला लिया था।

    वैशाली ने अगले दिन से ही जॉब पर आना शुरू कर दिया था। वैशाली की उम्र महज 19 साल थी, लेकिन उसकी जवानी किसी 25 साल की लड़की की तरह उभर रही थी। कंपनी का हर लड़का उसे सेट करने की सोच रहा था। ऐसा लग रहा था, मानो उसके आने से कम्पनी में किसी का काम मे मन ही नही लग रहा हो। मुझे वैशालो के बड़े -बड़े बूब्स को देखने की आदत लग रही थी। वैशाली की ड्रेस के ऊपर उसके हल्के से क्लीवेज मेरी जान ही ले रहे थे। मैं किसी ना किसी बहाने उसके सामने से गुजरता रहता था।

    मैं रोज़ाना किसी ना किसी बहाने वैशाली को ऑफ़िस में बात करने के लिए बुलाया करता था। वो मुझसे बात करती रहती थी, ओर मेरी नजरे उसकी बातों से हटकर उसकी चिकनी टांगों ओर बूब्स पर ही रहती थी। अब-तक वैशाली भी मेरे इरादों को भाप चुकी थी, लेकिन वह कुछ कर भी नही सकती थी।

    एक बार वैशाली ओर हम साथ मे खड़े हुए थे, तब मैंने ऐसे ही बातों ही बातों में मजाकिया अंदाज़ में पूछ लिया “वैशाली क्या तुम्हारा ब्वॉयफ़्रेंड है?”



    हां मेरा ब्वॉयफ़्रेंड है- उसने जवाब देते हुए कहा

    मुझे सुनकर काफी जलन महसूस हुई, क्योंकि ऐसी भड़कती हुई जवानी का मजा में सबसे पहले लेना चाहता था। अगले दिन वैशाली काम कर रही थी, तभी मैं उसके पास से गुजरा तो मैने देखा कि वो काफी उदास लग रही है।

    मेने उसे अपने ऑफ़िस में बुलाया और फिर वैशाली से उसकी उदासी का कारण पूछा। उसने जवाब देते हुए कहा “ मैं काफी परेशान हूँ मुझे पैसों की थोड़ी जरूरत है। मेरा ब्वॉयफ़्रेंड कुछ परेशानियों में पड़ गया है मुझे उसे कुछ पैसे देने होंगे।” मुझे इस सब मे वही मौका नजर आ रहा था, जिसका मुझे लंबे समय से इंतजार कर रहा था।

    मेने वैशाली की तरफ बढ़ते हुए उसके हाथों पर अपना हाथ रखते हुए कहा “देखो मैं तुम्हारी इसमें थोड़ी मदद कर सकता हूँ।



    कैसे? – वैशाली ने सवाल पूछते हुए कहा

    “देखो मैं तुम्हारा जॉब प्रोमोशन कर सकता हूँ जिससे तुम्हें एडवांस में थोड़े पैसे मिल सकते है”। लेकिन तुम्हें मेरी भी थोड़ी मदद करनी होगी- मेने वैशाली के कंधों पर हाथ फेरते हुए कहा

    वैशाली चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन फिर भी मुझसे सवाल किये जा रही थी कि “मैं आपकी मदद कैसे कर सकती हूं?”

    “खैर तुम्हें नही करनी तो जाने दो” – मेने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा

    “नही नही आप जो बोलोगे मैं वो करने के लिए तैयार हूँ”- वैशाली ने कहा



    कम्पनी से जाते वक्त मेने वैशाली से कहा कि “चलो आज मै तुम्हें घर छोड़ देता हूं”। वैशाली मेरे साथ कार में ही थी, उसकी नंगी जांघों को देख कर मुझसे रहा नही गया और मेने उस पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में वैशाली की आंखे बंद ओर सांसे तेज हो चुकी थी। मैंने वैशाली से कहा “ अब तो तुम समझ ही गयी होगी कि मैं तुमसे किस तरह की मदद चाहता हूं।

    अगले दिन ऑफ़िस में मेने वैशाली को उसका प्रोमोशन लेटर दे दिया था। वो काफी ज्यादा खुश थी। दिन भर ऑफ़िस में वैशाली को छोड़ने के ख्याल भर से ही मेरा लंड खड़ा हो जा रहा था। वो घड़ी अब ज्यादा दूर नही थी, जब में वैशाली को जी भर के चोदने वाला था।

    ऑफ़िस से छुट्टी के बाद मेने पहले कॉन्डम ख़रीदा ओर फिर वैशाली को कार में बैठा कर एक सुनसान जगह पर कार ले गया। अब हमारी कार एक सुनसान जंगल खड़ी थी, ओर मैं बस यही सोच रहा था कि मैं कहा से शुरुआत करू।

    मेने जैसे ही वैशाली की तरह देखा तो उसने बिना मुझसे कुछ कहे चुपचाप अपने कंधे पर से अपनी ड्रेस को थोड़ा नीचे कर दिया। शायद वो सोच रही थी कि मै उसके साथ ज्यादा कुछ नही करने वाला हूँ ओर हम जल्दी से यह सब खत्म कर के यहां से चले जायेंगे। लेकिन वो गलत सोच रही थी, आज में उसे इतनी आसानी से नही छोड़ने वाले था। आज में उसे जी भर के चोदने वाला था।



    मेने वैशाली को देखते हुए उसे कस कर गले लगा लिया ओर उसके कंधे को चूमना शुरू कर दिया। इतनी ही देर में वैशाली के मुंह से आह आह की सिसकारियों की आवाजें आने लगी थी। में उसकी ड्रेस के ऊपर से दिख रहे बूब्स को चूमता जा रहा था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए मेने वैशाली के होंठ पर अपने होंठ रखते हुए चूमना शुरू कर दिया था। इस कार्यवाही से वो भी काफी उत्तेजित होती जा रही थी और मेरे होंठ को वह अपने दाँतों से हल्के से काटें जा रही थी। मैं उसके नर्म होंठो को लगातार चूमता ही जा रहा था। साथ ही धीरे-धीरे में अपना एक हाथ उसकी नंगी जांघों पर भी फेरता जा रहा था।

    थोड़ी ही देर बाद मेने आगे बढ़ते हुए में उसको ऊपर से पूरा नंगा कर दिया था। और उसके बूब्स को पूरी तरह से आजाद कर दिया था। वह पने बूब्स को अपने हाथों से छुपा रही थी, जैसे कि उसे कोई उम्मीद ही नही हो कि मैं इतना आगे तक बड़ सकता हूँ। मेने धीरे से उसके बूब्स के ऊपर से उसका हाथ हटाया ओर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। मैं जोर-जोर से उसके बूब्स को मसलते हुए उसे चूसते हुए जा रहा था। और वैशाली की आह अम्मा आउच्च करती हुई तेज आवाज़ पूरी कार में गूंजती जा रही थी। मेने उसके बूब्स को चूसते हुए पूरी तरह से लाल कर दिया था। अब तक वैशाली भी अपनी उत्तेजना की आखिरी सीमा पर पहुंच चुकी थी, इसलिए उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो कितना ज्यादा आगे तक बढ़ चुकी है।

    कुछ ही देर बाद मेने अपनी पेंट में से अपना कड़क ओर लम्बा औजार बाहर निकाल दिया। मेरे इतने बड़े लंड को देखकर तो जैसे चौक ही गयी थी, लेकिन अब तक वह ये भी समझ चुकी थी कि आज वो पूरी तरह से चुदने वाली है। मेने वैशाली को अपना लंड चूसने के लिए कहा। वैशाली ने मेरा लंड मुंह मे लेकर एक दम से बाहर निकाल दिया और कहने लगी कि”मुझे बहुत गंदा लग रहा है, मुझसे नही होगा”।

    अरे ये तो सब करते है, थोड़ी देर बाद देखना तुम्हे मजा आने लगेगा- इतना कहकर मेने उसे फिर से अपने लंड की तरफ झुका दिया। वह मेरे आधे लंड को धीरे-धीरे अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी। तभी मेने वैशाली के मुंह को पकड़ कर पूरा लण्ड उसके मुंह के अंदर डाल दिया। और अपने लण्ड से उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया। मेरा लंड उसके मुंह के पूरा अंदर तक जा रहा था। धीरे-धीरे वो भी अब मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसे जा रही थी।



    अब मैं वो शुरू करने जा रहा था, जिसकी उसे उम्मीद ही नही थी। मेने उसकी स्कर्ट को ऊपर करते हुए उसकी पैंटी को निकालना चाहा, लेकिन वो मुझे अपने हाथों से लागातर रोके जा रही थी। लेकिन मेने जैसे-तैसे कर के उसकी पैंटी को उतार ही दिया।

    अब मेने आगे बढ़ते हुए अपनी उंगलिया उसकी योनी के अंदर डाल दी। मैं अपनी उंगलियों से तेजी से उसकी योनी को चोदे जा रहा था। आह आह आह करती हुई उसकी तेज आवाजें मेरे उत्साह को ओर भी बढाये जा रही थी। कुछ देर बाद मेने उसकी टांगे चौड़ी करते हुए उसे लेटा दिया ओर उसकी चुद को चाटते हुए उसे पीना शुरू कर दिया। वैशाली के मुंह से तेज उहहहह आह ओह्ह अम्म की आवाजें आ रही थी। मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपनी जीभ से उसकी योनी के बीज को चाटे जा रहा था। उसकी तेज आवाज पूरी कार में गूंजे जा रही थी।

    कुछ ही देर बाद मेने गाड़ी में से अपना कॉन्डम निकाल ओर लंड पहन लिया और वैशाली की चुद को मारने के लिए आगे बढ़ने लगा। वैशाली ने अपनी चुद पर हाथ रख लिया और मुझे रोकने का प्रयास करने लगी लेकिन मेने भी उसके हाथ को हटाया ओर उसकी चुद की दीवार पर अपना लंड रखकर सीधा अपने लंड को उसकी चुद के अंदर पूरा का पूरा उतार दिया। मेरा लंड अंदर घुसते से ही वो चिल्लाते हुए रो पड़ी, लेकिन मेने उसे थोड़ा बहुत समझाकर अपना लंड उसकी चुद के अंदर बाहर करना जारी रखा। वैशाली की चुद में से हल्का सा खून बाहर आ गया था। और उसे चुदने में काफी दर्द हो रहा था। मैं अपना पूरा लंड उसकी चुद के अंदर बाहर किये जा रहा था और वह दर्द से चीखते हुए चुद रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर वैशाली को भी चुदने में मजा आने लगा। मैं उसे चोदे जा रहा था और वह भी अपनी योनी को मसले जा रही थी। कुछ देर बाद मैं कार में बैठ गया ओर वैशाली खुद ही मेरे ऊपर बैठ कर अपनी योनी को मेरे लंड से सेट कर के मेरे लंड को अपनी चुद के अंदर तक उतार दिया। और फिर उसने खुद से ही ऊपर नीचे होकर मजे से चुदना शुरू कर दिया। वो लगभग 15 मिनट तक आह आह आह की आवाज करते हुए ऐसे ही मुझसे चुदती रही इर फिर कुछ देर बाद उसकी चुद में से पानी बाहर आ गया। उसका पानी निकलता देख मैं भी काफी उत्साहित हो गया और तेजी से उसको चोदता गया और आख़िरकार मेरा भी पानी छूट गया।



    उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने ओर फिर मेने वैशाली को उसके घर छोड़ दिया। उस दिन के बाद से मेने वैशाली को आगे प्रोमोशन देने के बहाने काफी बार चोदा ओर कई बार तो वो खुद मुझसे चुदने के लिए बोल देती है।

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