Month: June 2020

  • दोस्त की बीवी और माँ को चोदा

    हैल्लो दोस्तों.. सभी रीडर्स को मनोज का प्यार.. में अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ. दोस्तों यह घटना आज से करीब दो साल पहले की है. उस टाईम में अपने घर से दूर एक शहर में रहता था और वहाँ पर मेरा एक दोस्त है.. उसका नाम सन्नी और उसकी शादी को उस समय तीन साल से भी ज़्यादा वक़्त हो चुका था लेकिन उसके घर में कोई भी बच्चा नहीं हुआ था. उस बात से मेरा दोस्त सन्नी और उसकी वाईफ रवीना और उसके घरवाले सन्नी की माँ संजू आंटी और उसके पापा संदीप अंकल.. सब लोग बहुत परेशान थे. फिर उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि सन्नी में कुछ प्राब्लम है और इसीलिए वो बच्चा पैदा नहीं कर सकता लेकिन किसी और का वीर्य रवीना की चूत के अंदर डाला जाए तो वो गर्भवती हो सकती है और फिर यह बात सुनकर उसके घरवाले और भी परेशान हो गये और उन्होंने इस बारे में बहुत सोचा कि रवीना कैसे माँ बने.

    फिर उसी समय सन्नी की माँ ने रवीना को माँ बनाने के लिए मेरा नाम लिया.. तभी सारे लोग चकित हो गये और फिर उन्होंने सबको मना भी किया और सन्नी भी अच्छी तरह से जानता था कि में किसी को भी चोदकर माँ बना सकता हूँ.. क्योंकि उसे मेरे और स्नेहा भाभी की कहानी और उनकी चूत में मेरा लंड और स्नेहा भाभी की चुदाई के बारे में पता था और उसे यह भी पता था कि स्नेहा भाभी का बेटा मेरा बेटा है तो वो भी इसके लिए मान गया.

    लेकिन वो सोचने लगा कि इस बारे में कैसे मुझे बताए और उसकी बीवी को प्रेग्नेंट करने के लिए मना सके. दोस्तों अब आप लोग सोच रहे होंगे कि सन्नी की माँ ने मेरा नाम क्यों लिया.. इसके पीछे भी एक कहानी है और में जब कॉलेज में था तो उस टाईम मैंने सन्नी की माँ को भी चोदा था. वैसे में उनके बारे में ऐसा नहीं सोचता था लेकिन संजू आंटी ने मुझे खुद उनको चोदने के लिए मजबूर किया और मौका दिया था.

    में तो था ही चुदक्कड़ और उस पर कोई मुझे ऐसा मौका दे तो में कैसे उसे छोड़ सकता था.. तो सबके हाँ करने के बाद सन्नी और रवीना मेरे घर पर मुझसे मिलने के लिए आए.. उसके साथ सन्नी की माँ और पापा भी थे तो में अचानक उन सबको देखकर बहुत चकित हो गया. मैंने सन्नी से पूछा कि अरे वाह! यह तो कमाल हो गया और आज कैसे मेरी याद आई? तो उसने कहा कि मुझे तुझसे कुछ काम है और इस काम में तेरे सिवाए मेरी कोई मदद नहीं कर सकता.

    फिर यह बात सुनकर बिना कुछ जाने मैंने सन्नी से कहा कि दोस्त यह भी कोई कहने की बात है.. अगर दोस्त दोस्त के काम नहीं आएगा तो और कौन आएगा.. तू बोल साले मुझे क्या करना है तो उसने कहा कि हम अभी तो आए है बाद में आराम से बात कर लेंगे. फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और तुम लोग फ़्रेश हो जाओ.. में कुछ खाने का इंतज़ाम करता हूँ तो यह बात सुनकर रवीना ने कहा कि अरे इसकी आप चिंता मत कीजिए.. में और माँ है ना हम सब कुछ कर देंगे. फिर में अपने कमरे में गया और कुछ मिनट में संजू आंटी भी मेरे पीछे पीछे मेरे कमरे में आ गई और अंदर आते ही उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया और मुझसे लिपट गयी और वो कहने लगी कि में बहुत दिनों के बाद आज तुम्हारी बाहों में आई हूँ और आज मेरे दिल को बहुत सुकून मिला है.. में आज तक तुम्हे और तुमसे चुदवाए हुए वो सारे पल नहीं भूल पाई.. तुम्हारे जाने के बाद में कब से तुमसे चुदवाने के लिए तरस रही हूँ और क्या तुम आज मेरी चूत की आग को नहीं बुझाओगे.

    फिर इतना कहकर वो मुझे किस करने लगी तो मैंने कहा कि देखों मेरी जान अभी तो घर पर सब लोग है तो में कैसे तुम्हे चोद सकता हूँ और तुम तो जानती ही हो मुझे ऐसे जल्दी जल्दी चुदाई करना अच्छा नहीं लगता और शायद तुम्हे भी ऐसे चुदवाने में वो सुख नहीं मिलेगा.

    थोड़ा सब्र करो में तुम्हे बाहर होटल में ले जाऊंगा और में वहाँ पर जमकर तुम्हारी चूत, गांड को चोदूंगा और इतना कहकर मैंने उन्हे किस किया और बाहर आ गया. रवीना किचन में जाकर हम सब के लिए लंच बनाने लगी और उसने बहुत ही जल्द खाना बना लिया और हम सब बैठकर खाने लगे.. खाते खाते सब लोग मुझसे वो बात कहने की कोशिश करने लगे. लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई और सब लोग चुपचाप खाना ख़ाकर कमरे में जाकर आराम करने लगे.

    फिर संजू आंटी ने एक प्लान बनाया.. जिससे उनकी भी चुदाई हो जाए और उन सबका यहाँ आने का काम भी पूरा हो जाए.. उन्होंने अंकल और सन्नी से कहा कि वो मेरे साथ बाहर जाएँगी और मुझसे बात करेंगी तो यह बात सुनकर सब लोग मान गये तो आंटी मेरे रूम में आई और मुझसे गले लगकर कहा कि चलो मैंने प्लान बना लिया है.. अब हम दोनों साथ साथ बाहर चलेंगे और मेरी इतने दिनों की तुमसे चुदने की तमन्ना पूरी हो जाएगी.. अब चलो ना.. देर मत करो और मैंने सबको मना लिया है.

    फिर में उनकी बात मानकर निकल पड़ा और हम दोनों मेरे ऑफिस के गेस्ट हाउस में गये.. वहाँ पर जाते ही आंटी शुरू हो गई और में भी उनको जमकर चोदने लगा और यह सिलसिला बहुत लंबा चला.. में उनको दिन के 3.30 से लेकर रात के करीब 10 बजे तक चोदता रहा और इस बीच उन्होंने मुझे सन्नी की वाईफ को चोदकर माँ बनाने के बारे में कहा तो यह बात सुनकर में तो बहुत हैरान हो गया.. क्योंकि किसी को छुपकर चोदना और सबकी जानकारी होते हुए चोदना पड़ा अजीब सा लगा.

    फिर पहले तो मैंने साफ मना कर दिया.. क्योंकि रवीना जो थी तो वो बहुत ही अच्छी और शर्मीली लड़की थी और मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचा था और अब अचानक मुझे उसे चोदना पड़े तो अच्छा नहीं है.. लेकिन एक अनुभवी औरत तुम से यह बात कहे.. वो भी एसी पोज़िशन में जब तुम उसकी चूत में डूबे हुए हो तो कोई मना कैसे कर सकता है और मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया तो आंटी ने तुरंत घर पर फोन करके सबको यह बात बता दी और हम दोनों करीब 10.30 बजे घर पर आए.

    फिर उसी रात रवीना को मेरे साथ सोने के लिए भेज दिया और वो बेचारी डरी हुई सहमी सी मेरे कमरे में आई तो उसे देखकर उसे हाथ लगाने की मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और इस चक्कर में मैंने पूरी रात बिना सोए गुजार दी और उसे छुआ तक नहीं.. तो सुबह जब सबको यह बात पता चली तो सब लोग टेंशन में आ गये और आंटी जी ने बाहर घूमने जाने का एक प्लान बनाया और वो भी स्लीपर कोच बस में.

    फिर मैंने उसी रात के 5 टिकट बुक किए लेकिन मुझे पता नहीं चला कि कब सन्नी ने जाकर एक टिकट रद्द करवा दिया और यह भी आंटी जी का प्लान था तो उनके प्लान के मुताबिक जब में अपनी बर्थ में जाकर सोने लगा तो आंटी जी मेरे पास आई और बोली कि रवीना को में अपने साथ सुला दूँ और जब मैंने उनसे पूछा कि उसकी बर्थ का क्या हुआ तो वो मुझसे झूठ बोलने लगी.. लेकिन में समझ गया कि यह सब पहले से ही प्लान किया हुआ है. फिर जब से मुझे रवीना को माँ बनाने की बात का पता चला है.. में अंकल और सन्नी से आँख मिलाकर बात नहीं कर पाया हूँ लेकिन में क्या करूं? मजबूरी थी और मैंने रवीना को अपने साथ सुलाया. फिर बस चलने लगी लेकिन अभी भी मेरी हिम्मत उसे छूने की नहीं हो रही थी. फिर आधे घंटे बाद रवीना खुद मेरे सीने पर सर रखकर लेट गयी और में उसकी हालत को समझ सकता हूँ.. बेचारी एक बच्चे के लिए यह सब कर रही है और मैंने भी कुछ नहीं सोचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने देखा कि वो रो रही थी तो मैंने उससे पूछा कि बताओ कि में उसकी बच्चे की चाहत को पूरी कर दूँ.

    उसकी बात सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और में उसके भीगी हुई आँखों को चूमने लगा.. ऐसा करने के बाद रवीना की हिम्मत और बढ़ गयी और वो मेरी पेंट के ऊपर हाथ रखकर सहलाने लगी और में उसके बूब्स को दबाने लगा. दोस्तों रवीना एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी.. रंग थोड़ा संवला था लेकिन फिगर कमाल का था.. बड़े बड़े बूब्स और कमर का तो क्या कहना?

    फिर में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा और मैंने उसके ब्लाउज के बटन को खोल दिया और बूब्स को चूसने लगा तो वो सीईईईईईइ अहह करते हुए मेरे बालों में उंगली फेरने लगी और अब हम दोनों गरम होने लगे तो रवीना ने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाला और एक हाथ से हिलाने लगी और में उसके बूब्स चूसते हुए साड़ी के अंदर हाथ डालकर चूत को छूने लगा और मैंने महूसस किया कि उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई है तो में समझ गया कि वो आराम से चुदवा सके.. इसलिए उसने पेंटी नहीं पहनी हुई है और उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे.. जिसको हाथ लगाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और में उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा तो उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया और वो आआहह उह्ह्ह्ह करने लगी और में उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. वो तड़पने लगी और कुछ देर बाद झड़ गयी.

    फिर उसने मुझे चोदने को कहा तो मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे ऐसे चोदना अच्छा नहीं लगता. फिर पहले तो वो नहीं मानी और फिर मेरे बार बार कहने के बाद वो मान गयी तो इस तरह हम दोनों रात भर एक दूसरे के हथियार को पकड़ कर सहलाने लगे.

    फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा तो वो तुरंत मेरे पैर की तरफ घूम गयी और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और में उसके मुहं को चोदने लगा.. रवीना बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी.. क्योंकि सन्नी जो है वो बहुत अच्छी तरह चोदता है और उसने रवीना की सभी तरह से चुदाई की हुई थी और उसको हर एक स्टाईल सिखा भी रखी थी. फिर रवीना के बहुत देर तक लंड चूसने के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और मेरा सारा वीर्य उसने पी लिया. ऐसा करते करते सुबह के 6.30 बज चुके थे और हम लोग पहुँच गये.

    फिर वहां पर उतरने के बाद रवीना सन्नी के पास गयी और उसे सब कुछ बता दिया तो वो सुनकर कहने लगा कि वो मेरे साथ ही रहे. हमने एक होटल में तीन रूम बुक किए.. एक आंटी और अंकल के लिए दूसरा सन्नी के लिए और तीसरा मेरे और रवीना के लिए. हम रात भर सोए नहीं थे तो हमे बहुत थकान महसूस हो रही थी और हम अपने अपने कमरे में चले गये.. रवीना मेरे साथ रूम में गयी. में बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और रवीना भी जाकर फ्रेश होकर आ गई और अब मेरा भी उसे चोदने का और उसे भी चुदवाने का मूड था. वो अपने बालों को गीला करके एक लाल कलर का नाईट गाउन पहनकर आ गई.

    मैंने जब उसे देखा तो देखता ही रह गया.. दोस्तों में बता नहीं सकता कि उस नाईट गाउन में रवीना क्या क़यामत लग रही थी और वो धीरे से मेरे पास आई और अपने बालों को मेरे चहरे पर हिलाया तो पानी टपकने लगा. दोस्तों में एक टावल में था तो उसने मुझे पकड़कर बेड के ऊपर बैठाया तो मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और चूमने लगा तो उसने मेरे सर को पकड़कर अपने पेट पर दबा लिया और मुहं से शीईईईइ आह्ह्ह्हहऊऊ करने लगी.. ऐसा करते ही मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और टावल में तंबू बन गया. फिर रवीना मेरी गोद में बैठ गयी और में उसके होंठो को चूमने लगा और मैंने चूमते चूमते उसको गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया और मैंने जैसे ही उसके गाउन के ऊपर का बटन खोला तो दो बड़े बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और में उनके ऊपर टूट पड़ा. दोस्तों में उस वक़्त बस में बहुत अंधेरा होने की वजह से उसके जिस्म की किसी भी चीज़ को देख नहीं पाया था. लेकिन अब लाईट में उसके शरीर का हर एक हिस्सा मेरे सामने आने लगा और उसके मुहं से लगातार सिसकियों की आवाज़ आने लगी.. अहहहह और ज़ोर से चूसो मेरे बूब्स को अह्ह्हहह.

    दोस्तों उसके बूब्स बहुत बड़े थे.. उन्हे चूसने में और दबाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर में उसके ऊपर चड़कर आँखों में आँखें डालकर जीभ को चाटने लगा और उसकी आँखों में एक अजीब सा नशा था.. जो मुझे और पागल बना रहा था और रवीना मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों उस टाईम एक ऐसी दुनिया में खो गये थे.. जहाँ से हमे कुछ भी और सुनाई, दिखाई नहीं दे रहा था. हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे की जीभ चाटने में मस्त हो गये और उस टाईम मैंने जाना कि रवीना कितनी सेक्सी और हॉट लड़की है और वो एक मर्द को खुश करने में माहिर थी. फिर में किस करते करते नीचे की तरफ आने लगा और जैसे ही में उसके पेट तक पहुँचा तो उसकी तड़प भी बढ़ने लगी और मेरे दिमाग़ ने भी काम करना बंद कर दिया था और मुझे सिर्फ़ रवीना और उसका हॉट जिस्म दिख रहा था. फिर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे सर को पेट के ऊपर दबाने लगी और मैंने मौका देखकर उसके गाउन को उतार फेंका और देखा कि अंदर उसने कुछ नहीं पहना था.

    फिर मेरी नज़र उसकी चूत पर गयी तो चूत के ऊपर छोटे छोटे बाल थे और जो चूत की शोभा बढ़ा रहे थे.. मैंने उसके पैरों को फैलाया तो चूत के पूरे दर्शन मिल गए. शादी के तीन साल बाद भी उसकी चूत फूली हुई थी तो मैंने धीरे से चूत का मुहं खोला तो अंदर बिल्कुल लाल कलर दिख रहा था और मैंने चूत के दाने को उंगली से थोड़ा गीला करके छुआ तो रवीना के शरीर में करंट सा दौड़ गया और मैंने बिना रुके चूत को चाटना शुरू कर दिया तो वो शईई ऊई माँ करने लगी और मेरे सर पर हाथ फेरती रही.

    उसकी चूत पहले से ही गीली हो गयी थी तो मुझे रस भरी चूत को चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था लेकिन रवीना मेरे चूत चाटने का पूरा मजा ले रही थी. फिर मैंने चूत में एक उंगली डाल दी और चाटने लगा.. चूत के अंदर बहुत गरम था और कुछ देर चूत चाटने के बाद रवीना मुझे अपनी दोनों जांघो के बीच में दबाने लगी और चिल्लाने लगी ऊहह अह्ह्ह करते करते झड़ने लगी. अब मुझे उसकी चूत के पानी को पीने में बहुत मज़ा आ रहा था. में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा तो वो और भी तड़प उठी और उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा था. फिर पूरा झड़ने के बाद रवीना उठी और मुझे बेड पर लेटाकर मेरा टावल निकालकर लंड को चूसने लगी. वो लंड चूसने में माहिर थी और वो मेरे सुपाड़े को दांत से काट लेती. जिससे मेरे अंदर करंट दौड़ जाता और में पीछे से उसकी चूत को सहला रहा था.. जिस कारण वो भी बहुत गरम हो गयी. फिर अचानक वो उठी और मेरे लंड पर बैठ गयी लेकिन मेरा लंड सन्नी के लंड से थोड़ा बड़ा और मोटा था.. वैसे सन्नी का लंड भी बड़ा था और वो रवीना को बहुत चोदता था.

    फिर रवीना झट से मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और दर्द से चीख पड़ी और एकदम खड़ी हो गयी तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान थोड़ा आराम से चूत में डालो.. बहुत मज़ा आएगा और उसके बाद वो धीरे से मेरे लंड पर बैठी और ऊपर नीचे होने लगी. रवीना मेरी तरफ मुहं करके बैठी थी और मैंने उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से तेज़ी से धनाधन चोदने लगा और में जानबूझ कर उसे बहुत देर तक बिना रुके तेज़ चोदने लगा तो वो चिल्लाने लगी.. ऊहह माँ मर गई रे आह्ह्ह ज़रा थोड़ा धीरे करो उफफफ्फ़ लेकिन मैंने नहीं सुना और मग्न होकर चोदने लगा. वो ज़्यादा दर्द के कारण मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे रुकने के लिए कहा..

    मैंने उससे पूछा कि क्यों मेरी जान मज़ा नहीं आया तो वो बोली कि तुम तो बहुत ही खतरनाक स्टाईल से चोदते हो.. सन्नी भी मुझे तड़पा तड़पाकर चोदता है और मुझे लगता है कि तुम दोनों दोस्त एक ही स्कूल से चोदने की ट्रैनिंग लेकर आए हो. फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुवात हुई है आगे आगे देखो होता है क्या?

    फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और में उसके पीछे पास में लेट गया.. उसके एक पैर को मैंने ऊपर उठाया और लंड को चूत में घुसाकर चोदने लगा.. उसकी चूत टाईट तो नहीं थी लेकिन वो बहुत ही सेक्सी थी और मेरा चोदने में पूरा साथ दे रही थी.. इस कारण मुझे उसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो चीखकर झड़ गयी लेकिन में बिना रुके चोद रहा था और चूत से पानी निकलने लगा. मेरे लंड के अंदर बाहर जाते हुए चूत से फच फच की आवाज़ निकल रही थी और पूरे कमरे में गूँज रही थी. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा.. रवीना को बहुत दर्द हो रहा था और वो चिल्ला रही थी.. आह ज़रा धीरे ऑश अह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बेबी? सन्नी गांड नहीं मारता क्या? तो उसने कहा कि मारते तो है लेकिन बहुत कम. फिर मैंने कहा तो आज में तुम्हारी गांड की ऐसी हालत करूँगा कि अगली बार से बड़ा डंडा डाल दो तब भी कुछ नहीं होगा और में उसके बूब्स को पकड़कर चोद रहा था.

    फिर मैंने हर स्टाईल में उसकी गांड मारी और उसे गोद में उठाकर उसकी गांड मारने लगा. ऐसा करने से मेरा लंड गांड में दबकर पूरा अंदर जाने लगा तो रवीना चिल्ला उठी. ऐसे नहीं प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है अहह प्लीज़. तो मैंने उसकी बात मानकर उसे नीचे उतार दिया तो वो बेड पर बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में लेकर खेलने लगी और मुहं में डालकर चूसने लगी.. में नीचे खड़ा था तो मैंने उसका सर पकड़ा और लंड को गले तक घुसाकर मुहं चोदने लगा और जैसे ही मेरा लंड गले तक जाता.. वो अह्ह्ह्ह करके उल्टी करने लगती.. लेकिन में नहीं रुका और उसका मुहं चोदने लगा.

    फिर उसी पोज़िशन में मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और गांड को थोड़ा बेड से बाहर किया.. दोनों पैरों को फैलाकर हाथ में पकड़ा और चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा. रवीना मज़े ले लेकर चुदवा रही थी और उसके मुहं से लगातार आह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो निकल रही थी और मुझे भी उसे ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और में लंड पूरा बाहर निकालकर फिर से फ़च से अंदर डाल देता तो रवीना चीख पड़ती.. उफफफ्फ़ अह्ह्ह माँ और हर धक्के के साथ उसकी चूत और मुहं दोनों में से आवाज़ें निकल रही थी और यह आवाज़ें सुनकर मेरे अंदर और जोश आता और में तेज़ और तेज़ चोदने लगा.

    फिर में बहुत देर चोदता रहा था और रवीना चुदवा रही थी और दोनों बहुत थक चुके थे लेकिन हम दोनों ने हार नहीं मानी. फिर मैंने उसे उसी पोज़िशन में चूत में लंड डाले हुए गोद में उठाया और बेड पर लेटाकर चोदने लगा. रवीना इतनी थक चुकी थी कि वो मुझे अपने ऊपर खीचकर बाहों में जकड़ कर चुदवा रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में बांध रखा था और मेरे हर धक्के के साथ वो मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाती. मैंने उसके बूब्स को चूस चूसकर लाल कर दिए.. निप्पल भी एकदम लाल हो गए थे और में झड़ने वाला था तो मैंने चोदने की स्पीड और बढ़ा दी.. उसके मुहं में अपना मुहं रखकर चूसने लगा.

    तभी रवीना झड़ गयी और अब उसके साथ साथ में भी झड़ गया और में सारा माल उसकी चूत में भरने लगा.. वो चिल्ला रही थी और में भी हाँफ रहा था.. क्योंकि हमारी चुदाई एक घंटे से ज़्यादा टाईम तक चली और में लंड की आखरी बूँद निकलने तक धक्का मार मारकर चोदता रहा. फिर जब मेरा पूरा माल निकल गया तो में उसी हालत में उसके ऊपर पड़ा रहा. रवीना भी बहुत थक गयी तो वो भी ऐसे ही पड़ी रही. फिर 30 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गये. थकान के कारण हम दोनों एक दूसरे की बाहों में कब सो गये पता भी नहीं चला.

    फिर जब नींद खुली तो उस समय दोपहर के 1.30 बजे थे और हम दोनों उठे तो रवीना सन्नी के रूम में गयी और उसे सारी बातें बता दी. फिर संजू आंटी ने मुझसे पूछा तो मैंने भी उन्हे सब कुछ बता दिया तो वो लोग बहुत खुश हो गये और उस रात मैंने रवीना की फिर से जमकर चुदाई की और अगले दिन सबने कहा कि वो लोग मुझे और रवीना को अकेला छोड़कर घर चले जाएँगे.. क्योंकि बच्चा तो ऐसे एक बार चोदने से नहीं होगा और जब तक रवीना गर्भवती नहीं होती.. वो मेरे साथ रहेगी.

    फिर वो लोग चले गये में और रवीना वहाँ पर दो दिन और रही और फिर हम मेरे घर आ गए.. उसके बाद में रवीना को दिन रात चोदने लगा. उसे जितना भी चोदो और चोदने का मन करता. फिर 19-20 दिन चोदने के बाद पता चला कि वो गर्भवती है.. यह बात सुनकर सब लोग बहुत खुश हो गये.. सन्नी आया और रवीना को अपने साथ ले गया. लेकिन जब रवीना गयी तो मुझे बड़ा बुरा लगा और मेरे साथ साथ रवीना को भी.. क्योंकि इन कुछ दिनों में हम दोनों पूरी दुनियाँ को भूलकर सिर्फ़ चुदाई करते रहे और उसके और मेरे बीच एक लगाव हो गया था और वो जाते जाते बहुत रोई लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था.

    फिर एक दिन अचानक मुझे फोन आया कि रवीना का बच्चा गिर गया है और इस घटना से सन्नी के घर वाले बहुत दुखी हो गये और ऐसा लगा कि जैसे उनके सारे सपने बिखर गये.. लेकिन एक महीने बाद संजू आंटी ने फिर से रवीना को मेरे साथ रहने के लिए भेज दिया और हमारी लाईफ स्टाईल फिर से चेंज हो गयी.

    फिर से हम वही मस्ती मज़ाक से साथ साथ ज़बरदस्त चुदाई करने लगे लेकिन पता नहीं क्यों इस बार रवीना को गर्भवती होने में बहुत टाईम लगा और रवीना को गर्भवती होने में पूरा दो महीनों से भी ज़्यादा समय लगा था. मैंने सन्नी से कहा कि यार तू इसे मेरे पास ही रहने दे.. यहाँ पर डॉक्टर को और सभी सुविधायें है और इसलिए वो घर में रहकर ही अपना चेकअप करवाती रहेगी.. तू रवीना का ख़याल रखने के लिए सिर्फ़ संजू आंटी को भेज दे.. तो सन्नी ने वैसा ही किया और संजू आंटी मेरे पास रहने के लिए आ गई और उनके आने के बाद मुझे फिर से एक बार मौका मिल गया उनको चोदने का. जब रवीना सो जाती थी तो में आंटी को चोदता तो ऐसा रोज़ चलता रहा और वो लोग मेरे पास करीब 9 महीने रहे.

    फिर रवीना की डिलीवरी हुई और उसको एक बेटा हुआ तो यह देखकर सारे लोग बहुत खुश थे और डिलीवरी के बाद भी एक महीने तक वो लोग मेरे पास रहे और फिर अपने घर चले गये. आज रवीना और मेरा बेटा करीब दो साल का है और में आज भी रवीना को बहुत याद करता हूँ.. क्योंकि बच्चा होने के बाद मैंने उसे फिर कभी हाथ नहीं लगाया. वो तो चाहती थी कि में उसे फिर से चोदूं लेकिन मैंने अपने दोस्त के लिए उसे ना कह दिया.

  • शादी में डबल धमाल

    हैल्लो दोस्तों.. में राहुल आप सभी के सामने पर अपनी एक और कहानी लेकर आया हूँ और अब में अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपना परिचय भी करा देता हूँ. दोस्तों में मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 है.. मेरी लम्बाई 6 फिट और मेरे लंड का साईज़ 8.5 है.. यह स्टोरी मेरे दोस्त की शादी के टाईम की है.

    दोस्तों शिखा और में.. शिखा की शादी के बाद एक बार ही मिले थे लेकिन हम दोनों को चुदाई का मौका नहीं मिला लेकिन शिखा फोन पर मुझसे हमेशा बोलती थी कि तुम यहाँ आ जाओ लेकिन मुझे टाईम ही नहीं था और हम दोनों फोन पर ही सेक्स कर लेते लेकिन हम दोनों को मौका तब मिला.. जब मेरे दोस्त और शिखा के भाई की शादी तय हुई तो शिखा ने मुझसे बोला कि में 15 दिन के लिए आ रही हूँ.. हम बहुत मज़े करेंगे और जब शिखा और जीजू आए तो में बहुत खुश हुआ.. क्योंकि मेरा माल बड़े दिनों बाद मुझसे चुदेगा और शादी के बाद शिखा थोड़ी और मस्त हो गई थी और में शिखा को चोदने के चक्कर में दिनभर दोस्त के घर पर रुकता और वहाँ पर थोड़ा बहुत काम करवाता लेकिन उस मादरचोद जीजा के कारण मुझे मौका ही नहीं मिलता.. साला उसे कभी अकेला छोड़ता ही नहीं और इस बात से शिखा भी चिड़ने लगी.. क्योंकि वो भी मेरे लिए तड़प रही थी लेकिन क्या करते? बस एक दूसरे से बात ही कर सकते थे.. क्योंकि घर भी मेहमानों से भर गया था.

    फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और बस भाई की शादी में एक ही दिन बचा था और मुझे एक बहुत अच्छा मौका हाथ लग गया.. हमारे यहाँ शादी के एक दिन पहले तिलक की रस्म होती है तो वो समारोह दो बजे स्टार्ट होना था. हम सब तैयार होकर होटल में पहुंच गये और वहाँ पर जाते ही शिखा को देखकर मेरा लंड तो बस पूछो ही मत एकदम मचल उठा.. उसका जिस्म मुझे कत्ल करने को तैयार था और वो मुझे अपनी कातिल नजरों से देख रही थी.

    इतनी हॉट शिखा मुझे कभी नहीं लगी.. वो लहंगा चोली में क्या लग रही थी और उस पर ढेर सारा वर्क था. वो उसके गोरे बदन पर बहुत अच्छी लग रही थी और उस पर साली ने चोली भी छोटी पहनी.. जिससे उसके बूब्स बिल्कुल बाहर आने को तैयार थे. मेरा तो मूड ऐसा हो गया कि मैंने सोच लिया कि आज तो में बिना चुदाई के नहीं रह सकता और उसका मेकअप मेरी जान निकाल रहा था. फिर मैंने शिखा को इशारा किया और साईड में आने को कहा और फिर सबसे छुपकर धीरे से आई और बोली कि क्या हुआ राहुल.

    फिर मैंने उसे बोला कि यार शिखा आज तुझे देखकर मेरी हालत बिगड़ रही है.. प्लीज़ कुछ कर नहीं तो बस में तो और वो मेरी बात सुनकर हंसने लगी और बोली कि अच्छा जी तो मैंने कहा कि यह सब छोड़ और प्लीज कुछ कर.. तभी वो बोली कि हाँ राहुल आज तो मेरा भी मूड है.. थोड़ा रुक में कुछ गेम जमाती हूँ और अब मेरी हालत तो बस बिना पानी की मछली जैसी हो गयी थी लेकिन आज मेरी किस्मत अच्छी निकली और शिखा ने मुझसे बोला कि होटल के बाहर मिल और में झट से बाहर गया तो शिखा अकेली बाहर खड़ी थी..

    में उसके पास गया तो वो बोली कि चल घर चलते है और समारोह दो घंटे बाद शुरू होगा तो मैंने बहुत खुश होकर जल्दी से कार निकाली और घर की तरफ चल दिए और घर पर पहुंचकर दरवाजा बंद किया और मेरे फ्रेंड जिसकी शादी थी.. उसके बेडरूम में चले गये और रूम में जाते ही मैंने शिखा की चिकनी कमर पर हाथ रखकर अपनी तरफ किया और शिखा से कहा कि यार आज तो तूने मुझे पागल कर दिया है.. क्या लग रही है और फिर होंठो पर होंठ रख दिए और किस करने लगे.. शिखा भी मूड में थी तो वो भी मेरा साथ दे रही थी और में उसकी कोमल गांड को दबा दबाकर किस कर रहा था.. आज का मज़ा कुछ और ही था.

    दोस्तों अब धीरे से हम दोनों नंगे हो गये और आज तो शिखा हल्के मेकअप के कारण और भी हॉट लग रही थी और अब में उसके मुलायम बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा और बोला कि यार इनका साईज़ बड़ गया है.. क्या जीजाजी पूरी मेहनत कर रहे है तो वो बोली हाँ कर तो रहे है लेकिन उनसे इतनी मेहनत नहीं होती.. जितना तू करता है और हाँ थोड़ा तेज़ दबा.. आअहह ऊह्ह्ह्ह और फिर वो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी.

    फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और क्या मीठा स्वाद था.. बता नहीं सकता और धीरे से नाजुक चूत पर हाथ फेरने लगा और कुछ देर तक बूब्स को चूसने के बाद मैंने शिखा को लेटाया और उसकी चूत पर टूट पड़ा और आज भी उसकी चूत का वही नशा था और मैंने पूरी जीभ घुसाकर शिखा की नाज़ुक चूत को चाटा.. वो तो उउफफफफ्फ़ राहुल मत कर ऐसा.. आहह उह्ह्ह कर रही थी और में मज़े लेकर चाट रहा था.. क्योंकि इसके बाद ऐसी गरमा गरम चूत चाटने को मिलेगी ही नहीं.. इस कारण में ज़ोर ज़ोर से चाटे जा रहा था.

    लेकिन कुछ देर के बाद वो झड़ गयी और बोली कि अब मुझे भी इसकी सेवा करने दे.. बड़े दिन हो गये और मुझे लेटाकर लंड को धीरे से मुहं में लिया और शिखा के होंठ लगते ही मेरा लंड झटके देने लगा तो शिखा बोली कि अभी तक शैतान है और फिर मुहं में भर लिया और बहुत अच्छे से चूसा और अब वो इस काम में बहुत अच्छी हो गयी थी और उसने मुझे मस्त कर दिया तो मैंने कहा कि यार में अब नहीं रुक सकता.. चल लेट जा और वो लेट गयी और में उसके ऊपर आकर किस करने लगा और एक हाथ से लंड को सेट करके चूत में डालने लगा और फिर धीरे धीरे चूत में लंड पूरा फिट होता गया और हमारा किस भी बंद हो गया लेकिन अब चली हमारी रेल गाड़ी और में धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा. हम दोनों चुदाई में मस्त हो रहे थे.. आअहह राहुल चलने दे क्या लग रहा है यार.. आअहह.

    फिर मैंने कहा कि यार शिखा जान क्या गर्मी है तेरी चूत में.. हम दोनों को 15 मिनट हो गये थे तो शिखा बोली कि थोड़ा तेज कर.. मेरा होने वाला है तो मैंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और वो हहाह्ह्ह हाँ आअहह अह्ह्हईई में तो गयी और फिर उसके झड़ने के दो चार मिनट के बाद में भी धीरे से झड़ गया और 5 मिनट के बाद बेल बज गई.. उसकी आवाज से मेरी तो गांड फट गयी और हम दोनों डर के मारे ऐसे ही रुक गये.. बेल फिर से बजी तो हम अलग हुए और शिखा बोली कि अब तो मर गये राहुल. फिर बेल बजी तो मैंने और शिखा ने झट से कपड़े पहने और में दूसरे कमरे के बाथरूम में भागा.. शिखा दरवाजा खोलने गई और चलते चलते अपनी हालत को ठीक किया.. दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो जीजा और शिखा की सग़ी आंटी आई थी.. जीजा अंदर आते ही कहने लगा कि इतनी देर क्यों लगा दी और तुम यहाँ क्या कर रही हो? तो वो बोली कि में फ्रेश होने आई थी तो जीजा बोला यहाँ तक किसने छोड़ा तो वो बोली कि राहुल छोड़कर गया है.

    फिर शिखा ने बोला कि आंटी क्या हुआ कुछ काम है तो वो बोली कि हाँ कुछ लेकर जाना है. शिखा ने पूछा कि क्या? तो जीजा बोले कि आंटी जी आप सामान ले लो और शिखा तुम चलो तो मुझे कुछ काम है और आंटी उस रूम में आने लगी.. जिसमे में था और में बाथरूम में घुस गया.. अब आंटी सामान निकालने लगी और फिर सामान लेकर बाहर जाने लगी.. तब मेरी जान में जान आई लेकिन आंटी फिर से अंदर आ गयी और अब तो वो बाथरूम की तरफ आ गयी और मेरी तो गांड फट रही थी.. क्योंकि दोस्त की बहन जो थी और ऊपर से उसकी शादी भी हो गई थी और अब आंटी ने दरवाजा थोड़ा सा खोला और में दरवाजे के पीछे छुपा था.. शुक्र है कि उन्होंने लाईट चालू नहीं की और बैठकर मूतने लगी और उठ गई और ज्यादा अँधेरे के कारण वो मुझे देख नहीं पाई लेकिन मेरी किस्मत कितनी खराब है.. साली ने हाथ धोने के लिए लाईट चालू कर दी और उनको में दिख गया और उनके मुहं से चीख निकलने ही वाली थी कि मैंने हाथ रखकर रोक दिया तो आंटी ने मेरे हाथ को झटका दिया और बोली कि तू यहाँ पर क्या कर रहा है. दोस्तों मेरी तो हालत बस पूछो मत और में पसीना पसीना हो गया और हकलाते हुए बोला कि कुछ नहीं आंटी बस ऐसे ही.

    फिर वो बोली कि ठीक से बोल क्या कर रहा है और मेरा डरा हुआ चेहरा देखकर वो समझ गई कि कुछ तो गड़बड़ है और वो बोली तो शिखा और इतना बोलते ही में बोला कि आंटी प्लीज़ कुछ मत बोलो और उनके पैरों में गिर गया तो आंटी अकड़कर बोली कि अच्छा तो शादी दोस्त की है और सुहागरात तू मना रहा है और वो भी मेरी भतीजी के साथ.. रुक जा अभी बताती हूँ. तो मैंने कहा कि आंटी प्लीज़ कुछ मत बोलो.. जो आप कहोगी में वो करूंगा प्लीज़.. लेकिन वो फिर भी नहीं मानी और बोली कि नहीं यह तो बोलना ही पड़ेगा और अब मैंने सोचा कि साली यह तो मान ही नहीं रही और फिर मैंने कहा कि हाँ आंटी आप बेशक सभी से बोल दो लेकिन इसमें शिखा की भी बदनामी होगी.

    तब वो सोचने लगी और बोली कि रुक तू में शिखा को बुलाती हूँ और बाहर चली गई और शिखा को साथ में लेकर आई तो शिखा रोने लगी. तभी आंटी बोली कि शिखा अब ज्यादा नाटक मत कर.. क्या तुम दोनों को शर्म नहीं आई और हमें बहुत सुनाई और हम दोनों सर झुकाकर सुनते रहे और यह तो बहुत अच्छा था कि जीजा बाथरूम में था. फिर आंटी ने शिखा से पूछा कि क्यों सुनील जी कुछ नहीं करते है क्या? जो तू यह सब कर रही है और इसमें क्या हीरे लगे है? लेकिन शिखा कुछ नहीं बोली.

    फिर में बोला कि आंटी ग़लती हो गई.. प्लीज ऐसा अब नहीं होगा और शिखा का रोना बंद नहीं हो रहा था.. आंटी ने शिखा से पूछा कब से है यह सब तो वो तब भी नहीं बोली तो आंटी चिल्ला पड़ी.. तब शिखा ने बोला कि दो साल हो गए है और इतने में जीजा ने आवाज़ लगा दी शिखा.. तब आंटी बोली कि आई और में जाने लगा तो वो मुझसे बोली रुक यहाँ पर और शिखा से बोला कि सुनील जी को लेकर निकल में इससे बात करके आती हूँ और वो चली गई..

    कुछ देर बाद वो अपने पति के साथ हमे वहाँ पर अकेला छोड़कर चली गई. तब आंटी बोली कि हाँ तो राहुल अब मुझे पूरी बात बता.. तुम दोनों यहाँ पर कितनी देर से मज़े लूट रहे हो तो में बोला कि आंटी थोड़ी ही देर हुई है और इतने में वो मेरे पास आई और मेरे लंड को मुट्ठी में भरकर दबाने लगी और बोली कि अच्छा तेरा लंड बहुत मचल रहा है.. जो तू मेरी भतीजी को और फिर मेरे लंड को दबा दिया और मेरे मुहं से आह्ह्हअहह आंटी प्लीज मत करो.

    तब आंटी ने पकड़ ढीली की तो मुझे आराम आया.. लेकिन इस दौरान आंटी मेरे बहुत पास आ गयी थी और उनके तन की सुगंध मुझे मदहोश करने लगी और उनका हाथ लंड पर होने से फिर से झटके देने लगा.. लेकिन वो तो बोले जा रही थी और धक्के दे रही थी और मेरा लंड आंटी के पास होने से मेरा तो मन हो रहा था कि आंटी को ही पकड़ लूँ. वैसे एक बात है आंटी 40 साल की थी लेकिन मस्त माल है और ऊपर से शादी का मेकअप बड़े बड़े बूब्स और गांड तो पूछो मत, मज़ा आ जाए.. में तो बस उनके बूब्स को देखकर सोच रहा था. तभी आंटी एकदम से चुप होकर बोली.. क्यों रे अभी भी तू नहीं मान रहा और तब मुझे होश आया तो उस वक़्त मेरे मन में हवस भरी हुई थी तो आंटी बोली कि अब तो तेरा कुछ करना ही पड़ेगा और मुझे एक कसकर थप्पड़ मार दिया और बोली कि अब में तेरे पापा से बात करूंगी.

    तब मेरी फिर से गांड फटी और मैंने सोचा कि अबे मादरचोद यह क्या कर दिया तूने.. अब तो गया तू. फिर में आंटी से बोला कि सॉरी आंटी बस एक बार माफ़ कर दो और अब नहीं होगा प्लीज़.. लेकिन आंटी बोली कि नहीं.. अब तो तू गया और आंटी जाने लगी और उधर मेरी गांड फट गयी तो मैंने आंटी का हाथ पकड़कर रोका लेकिन वो तो बस गुस्से से लाल हो गयी और मुड़कर मुझे एक और थप्पड़ मार दिया और जिससे मुझे गुस्सा आ गया.. क्योंकि आज तक मेरे पापा ने मुझे एक थप्पड़ भी नहीं मारा और इसने मुझे दो मार दिए.

    फिर मैंने सोच लिया कि मरना तो वैसे भी है तो क्यों ना कुछ करके ही मरुँ और मैंने आंटी को कमर से पकड़ लिया तो वो एकदम से चिल्लाई.. यह क्या कर रहा है तू? तो में कुछ नहीं बोला और आंटी को उठाकर बिस्तर पर गिरा दिया.. आंटी बोली क्या तू पागल हो गया और यह सब क्या है?

    में बोला कि चुपकर अब में तेरे ही मज़े लूँगा जाकर बोल देना सबको तो वो बोली कि प्लीज राहुल ऐसा मत कर में किसी को कुछ नहीं बोलूंगी.. मैंने कहा कि नहीं अब तो तू सबसे बोल.. साली मुझे थप्पड़ मारती है और में उसके ऊपर आ गया और हाथ पकड़कर होंठो को चूमने लगा तो वो मुहं घुमाने लगी और पैर फेंकने लगी लेकिन मैंने बहुत टाईट पकड़ रखा था और वो कुछ नहीं कर पाई और में आंटी के होंठो को चूम रहा था और थोड़ी देर किस करने के बाद में हटा तो वो बोली कि ऐसा मत कर, प्लीज़.. में शादीशुदा हूँ तो मैंने कहा कि अब चुपचाप सब करवा ले.. तुझे भी बहुत मज़ा मिलेगा और मेरा काम भी हो जाएगा.. मुझसे एक बार चुदवा ले.. मुझे याद करेगी और फिर से चुदवायेगी.

    तो आंटी बोली कि प्लीज ऐसा मत कर राहुल में तेरे हाथ जोड़ती हूँ.. में बोला कि तू आज कुछ भी कर.. लेकिन में तेरी चूत का भोसड़ा बनाकर रहूँगा और उसकी साड़ी को हटाकर ब्लाउज को फाड़ दिया उसके साथ में काली ब्रा भी आधी फट गयी उसके एकदम मस्त बूब्स थे और में उनको फटी हुई ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा और बोला कि आंटी मान जाओ यार चुपचाप चलने दो.

    तो आंटी बोली कि राहुल प्लीज मुझे छोड़ दे.. तब में बोला कि आंटी में रिस्क नहीं ले सकता काम तो आज पूरा ही करूँगा.. इसलिए बोल रहा हूँ मान जाओ और खुद भी मज़े लो. तो आंटी कुछ सोचने लगी और बोली कि ठीक है.. लेकिन बस आज फिर से दोबारा कभी भी नहीं. तो में खुश होकर बोला कि धन्यवाद ठीक है अब में उनको किस करने लगा और कुछ ही पलो में वो मेरा साथ देने लगी और में उनके होंठो को चूस रहा था और कभी उनकी जीभ को. फिर में हटा और शर्ट को उतार दिया और उनकी गर्दन को चूमते हुए बूब्स पर आ गया और निप्पल को मुहं में भर लिया और दूसरे को धीरे से दबाने लगा.

    आंटी अब पूरी गरम हो गयी थी वो मेरे सर पर हाथ घुमा रही थी और में उनके निप्पल को जमकर चूस रहा था और बीच बीच में किस भी दे रहा था वो पूरी मस्त हो गयी थी और अब में आंटी के ऊपर से हटा और अपनी जीन्स खोलने लगा. उधर आंटी भी पूरी न्यूड होकर मेरे 8.5 के लंड को घूरने लगी. तो में बोला कि आंटी क्या हुआ कैसा है मेरा लंड?

    तो वो बोली कि तभी शिखा तुझसे चुदा रही है.. में बोला कि क्या? तो वो बोली कि देख कैसा हो रहा है यह.. तो में बोला कि आंटी इसे मुहं में तो लो फिर देखो इसका कमाल. तो आंटी बोली कि हाँ और मुहं में भर लिया और चूसने लगी और आंटी पूरा स्वाद लेकर चूस रही थी. में भी मस्त होकर बोला कि आंटी आपकी चूत भी तो दो मुझे तब हम 69 पोजिशन में आ गये.. लेकिन मेरा मन थोड़ा खराब हो गया क्योंकि आंटी की चूत पर बहुत बाल थे.. लेकिन फिर भी मैंने अपना काम चालू कर दिया और अपनी जीभ से चूत को चोदने लगा. तो वो भी मेरे लंड को चूस रही थी और मस्ती में अपनी चूत को मुहं पर दबा रही थी और जब हम दोनों अलग हुए तो आंटी बोली कि राहुल तू सच बोल रहा था.. मस्त कर दिया तूने. तो मैंने कहा कि अभी नहीं अभी तो काम बाकी है.

    तभी वो बोली कि अब तो में तेरी हूँ तुझे जो करना हो कर ले. तो में बोला कि आंटी में आपकी गांड को देखकर पागल हो गया हूँ.. आंटी बोली क्या मतलब? तो मैंने कहा कि क्या पीछे डाल दूँ तो वो बोली कि नहीं रे मैंने पीछे आज तक तेरे अंकल से नहीं डलवाया और फिर तेरा तो बिल्कुल नहीं. तो मैंने कहा कि आंटी में बहुत आराम से करूंगा प्लीज.. तब जाकर वो मानी और उन्होंने क्रीम निकालकर पूरे लंड पर लगा दी और थोड़ी खुद की गांड पर भी और डॉगी स्टाईल में आ गयी.

    तो मैंने लंड को गांड के अंदर धक्का दिया तो थोड़ा अंदर घुसा और आंटी के मुहं से एकदम चीख निकल पड़ी आअ हहह्ह्ह राहुल धीरे दर्द हो रहा है और तभी मुझे मेरा थप्पड़ याद आया और मैंने सोचा कि इस साली आंटी को अब बताता हूँ और लंड बाहर निकालकर एक ज़ोर से धक्का मारा तो साली की गांड में आधे से ज़्यादा लंड घुसा दिया. क्या चीख निकाली उसने पूरे कमरे में क्या बाहर भी सुनाई दी होगी और उसकी गांड से खून भी निकल रहा था.. वो नीचे गिरी हुई रो रही थी और बोली कि कुत्ते निकाल इसको बाहर.. यह तेरी माँ का भोसड़ा नहीं है मेरी गांड है.

    में उसको देखकर हंसने लगा और बाकि बचा हुआ भी लंड फिट कर दिया. आंटी बिस्तर को नोचती रह गयी. तो में रुका और आंटी के बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई और मैंने धक्के देने चालू किए और अब आंटी को भी मज़ा आने लगा था और मुझे भी मजा तो आना ही था. में एसी कसी हुई गांड जो बजा रहा था. 20 मिनट तक गांड मारने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और एकदम से चूत में फिट कर दिया.

    फिर आंटी आहह उह्ह्ह मादरचोद तू बोलता तो एकदम सही है और में बोला कि आंटी सॉरी और चूत को चोदने लगा. आंटी आहह उह्ह्ह्ह राहुल ऐसे ही चोद इसको मज़ा आ रहा है ऊहह और तेज में अह्ह्ह और वो झड़ गयी और मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और बिना रुके 20 मिनट तक लगातार चोदकर उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया और चूत में ही झड़ गया और साईड में आकर लेट गया.

    आंटी और मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी हम थोड़ी देर लेटे रहे और फिर में कपड़े पहने लगा.. लेकिन आंटी ऐसे ही पड़ी हुई मुझे देखकर बोली कि राहुल तू तो बहुत एक्सपर्ट है तभी शिखा तुझसे.. लेकिन जो भी है तूने मज़े करवा दिए.. आज से मुझे भी मिलते रहना.. लेकिन तू बड़ा मतलबी है मेरी हालत देखे बिना चल दिया. तो मैंने कहा कि आंटी आपको क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे उठाकर बाथरूम ले चल और फिर आंटी भी तैयार होकर मेरे साथ ही होटल चली गई. फिर हम दोनों को अंदर आते देखकर शिखा मेरे पास आई और आंटी से बोली कि क्या हुआ आंटी आप ऐसे क्यों चल रही है?

    तो आंटी मेरी तरफ देखकर हंसती हुई निकल गयी. तो शिखा ने मुझसे पूछा कि क्या हुआ राहुल? और क्या आंटी गिर गई? तो मैंने कहा कि नहीं और मैंने कहा कि चुप और सुन आंटी मान गयी है शिखा तो बहुत खुश हो गयी और बोली कि यह ठीक रहा. फिर में बोला कि आंटी ने साफ साफ बोल दिया है तुम्हे जो करना हो कर लो.. तभी शिखा बोली लेकिन आंटी कहाँ पर गिरी? तो में हसने लगा तो वो बोली कि हंस क्यों रहा है? तो में बोला कि अरे पागल मैंने आंटी को मस्त कर दिया है और मेरी यह बात सुनकर उसके तो होश उड़ गये और वो बोली कि कैसे? तब मैंने बोला कि चल रात को अकेले में बताऊंगा और रात को मौका देखकर यह पूरी कहानी उसको बता दी.

  • मेरी बीवी और उसकी बहन का पति

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम यश है और में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरी इस साईट पर पहली कहानी है. दोस्तों में मुंबई का रहने वाला हूँ और मेरी वाईफ का नाम अपेक्षा है और हम कलम्बोली में रहते है मेरी वाईफ की चचेरी बहन खरघर में रहती है. अब में सीधा अपनी आज की स्टोरी पर आता हूँ.

    एक दिन मैंने अपनी वाईफ का फोन चेक किया तो मुझे उसमे एक प्राईवेट मैसेज दिखा और मैंने जब वो मैसेज खोलकर देखा तो सन्नी ने मेरी वाईफ को लिखा था कि में एक बार तुम्हे चोदना चाहता हूँ.. मेरा लंड 9 इंच का है और बहुत मोटा भी है और में तुम्हे इतना संतुष्ट करूँगा कि इस दुनिया में कोई भी आदमी ने किसी औरत को किया होगा. तुम्हारी चूत चाट चाटकर उसका पूरा पानी पी जाऊंगा और तुम्हारी चूत चाटना मेरे लिए किस्मत की बात होगी और अगर तुम संतुष्ट नहीं हुई तो तुम खुद ही मेरा लंड काट देना.. प्लीज सिर्फ़ एक बार अपने आप को मेरे हवाले कर दो.

    तो यह सब पढ़ने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आया और फिर मैंने यह सब बातें अपनी वाईफ से पूछी और उसने कहा कि वो इन सब बातों के बारें में कुछ नहीं जानती. फिर में बहुत गुस्से में था और में सन्नी से मिलने गया.. सन्नी से मैंने कहा कि वो अपनी वाईफ रीना के साथ यह सब करें.. उसे अपना जोश दिखाए जिससे उसे भी पता चले कि उसके पति में कितना दम है और फिर में वहाँ से चला आया. मैंने घर पहुंचने के कुछ देर बाद सन्नी ने मुझे कॉल करके सॉरी कहा और वो कहने लगा कि इसके बाद आपको मेरी तरफ से एसी कोई शिकायत नहीं मिलेगी.. प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए.

    तो मैंने उसे माफ़ कर दिया और हम उसी दिन शाम को ड्रिंक करने बैठ गये.. सन्नी ने फिर से वही टॉपिक निकाला.. लेकिन इस बार कुछ अलग तरीके से उसने मुझसे कहा कि हम अपनी अपनी वाईफ को एक्सचेंज करेंगे.. लेकिन मैंने साफ मना कर दिया और में उससे फिर से लड़ने लगा.. उसने मुझे शांत किया लेकिन उसकी यह सब बातें मेरी सर से ऊपर निकल चुकी थी और मुझे अब बहुत गुस्सा आ रहा था.

    तो में एकदम उठा और घर पर आ गया.. जब में घर आया तब रात भर मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था और दूसरे दिन मैंने सन्नी को कॉल करके कहा कि हम एक्सचेंज कैसे करेंगे? तो सन्नी मेरी बात को सुनकर बहुत खुश हुआ और उसे मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था. उसने मुझसे दो तीन बार पूछा क्या आपको इससे कोई ऐतराज नहीं है? तो मैंने कहा कि हाँ में तैयार हूँ. फिर उसके कहा कि बस एक बार तुम दोनों मेरे घर आ जाओ में सब सम्भाल लूँगा. में और मेरी वाईफ अपेक्षा सन्नी के घर चले गये.. वहाँ पर पहुंचकर मैंने सन्नी का चेहरा देखा वो शायद हमारा बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. फिर रीना और अपेक्षा एक दूसरे से बातें करने में व्यस्त हो गए.

    तो मैंने सन्नी से पूछा कि बताओ अब यह सब कैसे करेंगे? सन्नी ने कहा कि आपको वो सब कुछ रीना समझा देगी.. उसने रीना को इशारा किया और वो अपनी गांड को मटकाती हुई मेरे पास आई और बोली कि आज मुझे तुम चोदोगे. फिर सन्नी ने मेरी वाईफ अपेक्षा को अपनी गोद में उठा लिया और किस करते हुए दूसरे बेडरूम में ले गया. तो मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए रीना को किस करना चालू किया और धीरे धीरे एक एक करके उसके कपड़े उतारने लगा.

    फिर मैंने उसके बड़े ही मुलायम बूब्स को चूसना शुरू किया और फिर उसे धीरे से बेड पर लेटाकर उसकी चूत को चाटने लगा.. तो वो सिसकियों के साथ साथ मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और कुछ देर चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और मैंने उसकी चूत का पानी चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपने लंड को चूत के दरवाजे पर रखा और एक जोरदार धक्के के साथ लंड को चूत के अंदर घुसा दिया और चोदना शुरू किया. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स को कसकर पकड़ रखा था और उसकी चूत में लंड डालकर उसे जोरदार धक्के देकर चोद रहा था और साथ साथ उसके बूब्स को भी दबा रहा था.. लेकिन वो बहुत बड़ी रांड थी और शायद उसे लंड लेने की आदत भी हो चुकी थी.

    वो मेरे मोटे लंड को बड़े आसानी से झेल रही थी और वो मेरे हर एक धक्के पर अपनी गांड को उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब बीस मिनट की लगातार चुदाई के बाद में मेरा लंड झड़ गया और मेरे लंड का पूरा वीर्य उसकी चूत में गिर गया और में उसकी छाती पर थककर लेट गया और एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और और दूसरे को दबाने लगा.

    तभी मैंने एक आवाज़ सुनी वो मेरी वाईफ की चीख थी.. में और रीना उस बेडरूम के पास गये. मुझे लगा शायद सन्नी अपेक्षा को चोद रहा होगा और फिर जब मैंने वहाँ पर पहुंच कर देखा तो सन्नी ने अब तक कपड़े भी नहीं उतारे थे और अपेक्षा का सिर्फ़ टॉप ही उतरा था और सन्नी अपेक्षा के निप्पल चूस रहा था.. सन्नी अपेक्षा के लिए इतना पागल था कि वो रीना जैसी एकदम सेक्सी को भी चोदने को तैयार नहीं था. फिर सन्नी ने निप्पल को 20 मिनट तक लगातार चूसा.. अपेक्षा सन्नी का लंड पकड़ने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन सन्नी ने अपना लंड अपेक्षा के हाथों से दूर रखा था.

    अपेक्षा ने सन्नी से कहा कि प्लीज मुझे तुम्हारा लंड देखना है.. सन्नी ने कहा कि मेरी जान अभी तो बहुत टाईम बाकी है. फिर सन्नी ने अपेक्षा की सलवार उतारी और उसकी काली कलर की पेंटी भी उतारी. अपेक्षा एकदम शरमा गई और फिर अपेक्षा ने सन्नी को नंगे होने को कहा. तो सन्नी बोला कि पहले मुझे तुम्हारी चूत का स्वाद तो चखने दो और सन्नी ने अपेक्षा की चूत को चाटना शुरू किया. अपेक्षा चीखने चिल्लाने लगी और सन्नी ने बिना रुके अपेक्षा की चूत को चाटना जारी रखा और सन्नी अपनी जीभ को चूत में अंदर बाहर करता रहा. अब तक अपेक्षा बहुत गरम हो गई थी और वो दर्द के मारे चीख रही थी.

    फिर अपेक्षा सन्नी से बोली कि क्या तुम आज मुझे मार ही डालोगे? हाँ तुम असली मर्द हो.. चोदो मुझे और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से डालो.. करने लगी. यह सब 35 मिनट तक चलता रहा.. में और रीना बाहर खड़े खड़े सब कुछ देख रहे थे. फिर सन्नी ने अपने कपड़े उतारे और अपेक्षा सन्नी का लंड चूसने लगी. करीब 10 मिनट तक अपेक्षा सन्नी का लंड चूस रही थी और सन्नी ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

    अपेक्षा की हालत खराब हो रही थी और उसकी आँखो से पानी आ रहा था. 5 मिनट तक सन्नी ने अपेक्षा की चूत पर अपना लंड रगड़ा तो अपेक्षा बोली कि सन्नी प्लीज़ मुझे जल्दी से चोदो वरना में पागल हो जाउंगी. तो सन्नी ने अपने लंड को थोड़ा अंदर डाला फिर बाहर निकाला और अपेक्षा के मुहं में दे दिया.. अपेक्षा लंड चूसने लगी. सन्नी ने फिर डाला.. लेकिन अब आधा लंड अंदर था और ज़ोर ज़ोर से अपेक्षा रो रही थी. फिर सन्नी ने एक और झटका दिया और पूरा लंड अंदर घुसा दिया.. लेकिन अपेक्षा अपना कंट्रोल खो चुकी थी और सन्नी ज़ोर ज़ोर से अपेक्षा को धक्के देकर चोद रहा था.

    40 मिनट तक सन्नी ने अपेक्षा को चोदा और आख़िर में सन्नी का वीर्य गिरने वाला था. तो सन्नी ने अपना लंड बाहर निकाला.. तभी अपेक्षा बोली कि सन्नी असली मर्द का पानी अंदर गिरना चाहिए और सन्नी ने अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाला और अपना वीर्य अंदर डाल दिया. अपेक्षा ने कुछ देर बाद सन्नी का लंड बाहर निकाला और चूसना शुरू किया और बार बार बोलने लगी कि तुम सच में असली मर्द हो.. में तुम्हारी दीवानी हो गई और अपेक्षा, सन्नी स्मूच करने लगे. फिर से सन्नी का लंड टाईट हुआ तो सन्नी ने अपेक्षा से पूछा कि क्या में तुम्हारी गांड में डाल सकता हूँ?

    अपेक्षा बोली कि इसमे पूछना क्या? अब से में पूरी तुम्हारी हूँ और सन्नी ने अपेक्षा की गांड में थोड़ा तेल लगाया और अपने लंड को घुसाना चालू किया.. अपेक्षा चिल्लाने लगी कि बस बस अह्ह्ह उफ्फ्फ माँ मार डाला प्लीज धीरे करो और बोली कि मुझे तुम्हारा पानी पीना है. सन्नी ने दस मिनट तक अपेक्षा की गांड मारी और लंड बाहर निकालकर वीर्य अपेक्षा के मुहं में डाला.. अपेक्षा पूरा वीर्य पी गयी और उसने लंड को चाटकर साफ भी कर दिया. तो कुछ देर बाद सन्नी अपेक्षा को बाहर हमारे सामने लाया. में और रीना उनका सेक्स करने का तरीका देखकर एकदम पागल हो चुके थे.. सन्नी और अपेक्षा दोनों एकदम नंगे हमारे सामने बैठ गये. अपेक्षा सन्नी की गोद में बैठ गयी और दोनों फिर से किस करने लगे.

    फिर रीना भी मेरी गोद में बैठकर मुझे किस करने लगी और फिर मैंने सन्नी से पूछा कि तुमने कंडोम काम में क्यों नहीं लिया? तो अपेक्षा मुझसे बोली कि मैंने सन्नी को मना किया था और मैंने अपेक्षा से कहा कि लेकिन मैंने भी रीना को कंडोम लगाकर चोदा है. तो अपेक्षा हंसने लगी और बोली कि मर्द कभी भी कंडोम काम में नहीं लिया करते और सन्नी ने फिर से अपेक्षा से पूछा कि क्यों तुम संतुष्ट हो या नहीं?

    तो अपेक्षा बोली कि में हमेशा तुम से चुदवाना चाहूँगी. सन्नी ने कहा कि में भी तुम्हे हमेशा चोदना चाहूँगा. दोस्तों यह स्टोरी चार साल पहले की है.. अब भी सन्नी अपेक्षा को चोदता है और अपेक्षा मेरी वाईफ है.. लेकिन उसे सन्नी का लंड ही चाहिए. इसलिए वो उससे ही चुदती है और अपेक्षा सन्नी के साथ ही रात भर सोती है.

  • रचना चाची का रंडीपन

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम प्रेम शर्मा है और में सूरत का रहने वाला हूँ. में 23 साल का हूँ और मेरा खुद का बिजनेस है. दोस्तों आज की कहानी शुरू करने से पहले में यह बता देना चाहता हूँ कि मेरी पहली कहानी है और यह कहानी एकदम सच्ची है यह स्टोरी मेरी और मेरी चाची की है. दोस्तों मेरी फेमिली और चाचा की फॅमिली एक ही मंजिल पर रहती है. मेरी चाची की उम्र 48 साल है और उनकी एक बेटी है मेरी चाची का नाम रचना है और अब में सीधा अपनी आज की स्टोरी पर आता हूँ.

    दोस्तों यह बात आज से दो महीने पहले की है. में रचना चाची को मेरे स्कूल टाईम से ही खराब नजरों से देखता था और जब भी उनको देखता तो मेरा लंड एकदम खड़ा हो जाता था.. लेकिन मुझे कोई भी अच्छा मौका नहीं मिला. फिर तीन महीने पहले में और चाची कुछ काम के सिलसिले में मुंबई गये हुए थे और वहाँ पर हमने एक होटेल में कमरा लिया और हम वहाँ पर तीन दिन रहे थे.. लेकिन उन तीन दिनों में हम दोनों की लाईफ पूरी तरह से बदल गई थी. हमने एक टेक्सी बुक कर रखी थी.. ताकि हम बाहर घूमने फिरने जा सके.

    उस दिन वहाँ पर पहुंच कर मैंने और चाची ने बहुत बातें की दूसरे दिन सुबह चाची जल्दी उठ गई थी और सीधा बाथरूम में नहाने चली गयी थी. तभी नहाते समय उनका पैर फिसल गया और वो मेरा नाम लेकर ज़ोर से चिल्ला उठी तो में भी एकदम से उठा और बाथरूम की तरफ गया. चाची और मैंने उनसे बाथरूम का दरवाजा खोलने को कहा तो चाची ने कपड़े पहनने के दो मिनट के बाद दरवाज़ा खोला.. तब मैंने देखा तो चाची ठीक से उठ भी नहीं पा रही थी और मैंने उन्हे कमर से पकड़ा और धीरे धीरे सहारा देते हुए कमरे तक लाकर बेड पर लेटा दिया.

    तब उन्होंने सिर्फ़ ब्रा पेंटी और उसके ऊपर कुर्ता पहना हुआ था और नीचे सलवार ना होने की वजह से उनके पैर जांघ तक दिखाई दे रहे थे और फिर यह सब देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और में चाची से पूछने लगा कि बताओ कहाँ पर चोट लगी है?

    उन्होंने कहा कि मुझे कमर में झटका आया है.. मैंने कहा कि क्या में कोई दर्द कम होने का तेल लगा दूँ तो उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है. तो मैंने कहा कि लेकिन चाची आपने नीचे कुछ भी नहीं पहना है.. तो उन्होंने कहा कि मेरे बेग में से पजामा निकाल दे और पहना दे.. क्योंकि अब मुझसे उठा भी नहीं जा रहा. तो मैंने उन्हे पजामा लाकर पहना दिया और इस बीच मेरा हाथ उनकी पेंटी और गांड से छू गया और इस बार छूने से मेरा लंड और भी टाईट हो गया और चाची यह सब देख रही थी.. क्योंकि मैंने सिर्फ़ केफ्री पहन रखी था. फिर मैंने चाची को तेल लगाने के लिए उनका कुर्ता थोड़ा सा ऊपर किया और उनको थोड़ा सा मसाज दिया मेरे छूने से उनके जिस्म में एकदम करंट दौड़ गया और वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी.

    कुछ देर बाद में उनके जिस्म में आग लगाकर नहाने चला गया. इस बीच चाची का दर्द भी थोड़ा ठीक हो गया था और जब में नाहकर बाहर आया तो मैंने देखा कि चाची ने नाश्ता मंगवा रखा था. फिर हमने नाश्ता किया और रूम से बाहर निकलने से पहले चाची ने मुझे एक टाईट हग दिया और कहा कि प्रेम तुम्हे बहुत धन्यवाद इतनी अच्छी मसाज देने के लिए. फिर हम काम से बाहर गये और लौटते समय मैंने सोच लिया था कि आज में चाची को प्रपोज़ करके ही रहूँगा और मैंने एक चोकलेट ले रखी थी. शाम को रूम में जाकर थोड़ा फ्रेश होकर हम बैठकर बातें कर रहे थे.. तो मैंने चाची से कहा कि चाची में आपसे कुछ कहना चाहता हूँ तो चाची बोली कि हाँ प्रेम बोलो क्या हुआ?

    मैंने एक मिनट के बाद कहा कि रचना चाची में आपको बहुत पसंद करता हूँ तो उन्होंने कहा कि हाँ मुझे पता है और में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ. तो मैंने कहा कि नहीं चाची में आप से सचमुच वाला प्यार करता हूँ.. तभी चाची बोली कि क्या तुम पागल हो गये हो? में तुम्हारी चाची हूँ और तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो? तो मैंने कहा कि वो सब मुझे नहीं पता.. लेकिन में सही में आपको बहुत प्यार करता हूँ. फिर चाची मेरी पूरी बात को सुनकर सो गई और फिर में भी एकदम निराश होकर सो गया.

    फिर दूसरे सुबह हमारी ट्रेन थी तो हम स्टेशन के लिए निकल गए और सारे रास्ते हमने कुछ भी बात नहीं की और यहाँ कि ट्रेन में भी हमने एक दूसरे से कुछ भी बात नहीं की और जब हम सूरत पहुंचने वाले थे. तभी मुझे फोन पर एक मैसेज आया और जब मैंने देखा तो वो मैसेज पास में बैठी हुई चाची का था और जब मैंने उसे पढ़ा तो में एकदम खुश हो गया.. उसमें लिखा था कि प्रेम में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ.. लेकिन में डर रही थी पता नहीं तुम मेरे बारे में क्या सोचोगे और यह सब पढ़ने के बाद मैंने उनका हाथ पकड़ा और एक किस दे दिया. तभी चाची उठी और उठकर एकदम मुझे हग दिया.. क्योंकि हम लोग केबिन में यात्रा कर रहे थे और हमारे केबिन में सिर्फ़ हम दोनों ही थे और दरवाज़ा भी लॉक था.. तो मैंने उन्हे एक जोरदार स्मूच किया और चाची भी जोश में आ गयी थी और वो भी मेरे बाल पकड़ कर स्मूच कर रही थी.

    फिर मैंने उनके बूब्स बाहर से ही दबाने शुरू कर दिए और चाची मेरा टाईट लंड बाहर से मसलने लगी थी और इतने में स्टेशन आ गया और हम घर के लिए निकल पड़े.. लेकिन इस बीच हमने एक प्लान बनाया हमारे फर्स्ट सेक्स के लिए. फिर घर पहुंचने के बाद हम लोग फ्रेश हुए और इतने में मेरी बहन भी स्कूल से आ गयी और में मेडिकल शॉप पर गया और एक पेकेट कंडोम का लिया और एक नींद की गोली ली और लंच के समय मैंने चुपके से मेरी बहन की कोल्ड ड्रिंक के ग्लास में वो नींद की गोली मिक्स कर दी और अपने कमरे में चला गया.

    तभी मैंने चाची को मैसेज किया कि जब बहन सो जाए तो मुझे कॉल करे और फिर उन्होंने वैसा ही किया. जब में उनके कमरे में गया तो मैंने दरवाजा अंदर से लॉक किया और बहन के रूम का दरवाजा बाहर से लॉक किया.

    फिर मैंने चाची को बताया कि मैंने मेरी बहन को नींद की गोली दी हुई है और अब वो अगले 6 घंटे तक लगातार सोती रहेगी. तो चाची ने मुझे हग किया और हम किस करने लगे और मैंने उनका कुर्ता उतार दिया.. वाह क्या बूब्स थे? एकदम बड़े बड़े गोरे और पहली बार में उनके बूब्स देख रहा था.. उन्होंने लाल कलर की ब्रा पहन रखी थी. फिर मैंने धीरे धीरे बूब्स को दबाना शुरू किया और किस किया. फिर उनकी ब्रा उतारी और बूब्स को सक करने लगा और इतने में चाची ने मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया और मेरे लंड को मुहं में डालकर मसाज देने लगी. मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनको पूरा नंगा किया और पेंटी भी उतार दी. चाची की चूत एकदम साफ शेव थी मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और ऊँगली भी करने लगा.

    फिर थोड़े समय में चाची ने झड़ना शुरू कर दिया और चाची बोली प्रेम में तुम्हे अपने पति से भी ज्यादा प्यार करती हूँ और जब तुम चाहो मुझे आकर चोद सकते हो.. लेकिन अब और मत तड़पाओ मुझे. फिर मैंने अपना लंड चाची की चूत में डाला और पहले झटके से चाची मोन करने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह उऊऊ अहहओ प्रेम प्लीज थोड़ा धीरे.

    फिर मैंने एक और ज़ोर से झटका मारा तो चाची बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी.. अहह उह्ह्हह्हईईइ माँ मार डाला.. प्लीज बाहर निकाल.. बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उनकी एक नहीं सुनी और धीरे धीरे चोदना शुरू किया और चाची और भी ज़्यादा मोन कर रही थी. अह्ह्ह ऑश मर गई में और फिर चाची बोली कि बहनचोद धीरे चोद ना.. में क्या कहीं भागी जा रही हूँ. तो में और जोश में आ गया और बोला कि रचना अब तो तू मेरी रंडी है.. 24 साल की रखेल है.. में वैसे चोदूंगा जैसे चाचू तुझे चोदेगा.

    चाची जोश में आकर मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से कूदने लगी. मैंने कहा कि हाँ रंडी ऐसे ही चोद.. फिर मैंने भी नीचे से धक्के देकर जमकर चोदा और बोला कि मादरचोद रंडी आज तो में मेरी चूत का भोसड़ा बनाकर रख दूँगा और करीब आधे घंटे के बाद मैंने उनकी चूत में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया और चाची भी झड़ गयी. हमने थोड़ा आराम किया और एक दूसरे को हग करते हुए फिर हमने दो बार और चुदाई की इस तरह में हर रोज़ मेरी रचना चाची की चुदाई करता और अब वो मेरी रंडी बन चुकी है.

  • पड़ोसन की चूत का खून निकाल दिया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली कहानी है.. में आपको बता दूँ कि में हरियाणा का रहने वाला हूँ और में अपना व्यापार करता हूँ.. मेरी हाईट 5.4 इंच और मेरी उम्र 25 साल, कलर साफ और दिखने में एकदम मस्त और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच और मोटाई 3 इंच है

    दोस्तों यह कहानी मेरे फ्रेंड के साथ मेरे अफेयर की है. कैसे मैंने उसे अपना बनाया और यह बात तब की है जब वो हमारे घर के पास वाले घर में किराये पर रहने के लिए आई. दोस्तों में ज्यादातर समय अपने घर से बाहर ही रहता हूँ.. करीब सुबह से शाम तक और इसलिए पहले तो मेरा उससे कोई सामना नहीं था लेकिन एक दिन वो हमारे घर पर किसी काम से आई तो में उसे देखता ही रह गया.. यारों मेरे तो उसे देखते ही होश ही उड़ गए और मेरा लंड तो उसे देखते ही एकदम तनकर खड़ा हो गया.. क्योंकि उस समय वो क्या सेक्सी लग रही थी और उसके बूब्स 34 साईज के जैसे कोई रस भरे आम हो और उसके फिगर का साईज़ 34-28-34 और नाम बदला हुआ मोना और बस में उसे एक नजर से देखता ही रह गया.

    फिर वो कुछ देर बाद अपना काम खत्म करके चली गई.. लेकिन वो अपने साथ मुझे भी ले गई.. में उसके सपनों में खो गया और वहीं पर खड़े खड़े उसकी चुदाई के सपने देखने लगा और उसके जाने के कुछ देर बाद में अपने होश में आया. उसके घर पर उसकी माँ, उसके पापा और उसका एक छोटा भाई रहता था लेकिन अब में उसे पाने के लिए रोज उससे मिलने का मौके खोजने लगा.

    फिर बहुत मेहनत करने के बाद भी मुझे कोई मौका नहीं मिला. फिर एक दिन जब वो दोपहर के समय अपनी छत पर कपड़े सुखाने के लिए आई तो में भी उससे बात करने के लिए अपनी छत पर चला गया और मैंने वहाँ पर मौका देखकर उससे पूछा कि तुम क्या करती हो तो उसने मुझे बताया कि वो अभी पढ़ाई कर रही है और फिर मैंने उससे इधर उधर की हंसी मजाक की बातें शुरू कर दी और वो मेरी बातें सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसकर जवाब दे रही थी और इस तरह उस दिन से हमारी बातों का सिलसिला शुरू हो गया और वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और इसलिए में उससे रोज बातें करने लगा.

    फिर एक दिन बातों ही बातों मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा और उसने भी बिना किसी परेशानी के मुझे अपना नंबर दे दिया और फिर में उसे पहले अच्छे अच्छे मैसेज करने लगा और वो भी मेरे हर एक मैसेज का लगातार जवाब देने लगी और इस तरह हम दोनों की दोस्ती धीरे धीरे पक्की होने लगी और फिर कुछ दिन बाद हमारी बातें सेक्स में बदलने लगी और हम दोनों फोन पर ही सेक्स करने लगे और कभी कभी हम रात को छत पर भी मिलने लगे और एक दूसरे को किस किया करते और कुछ समय एक दूसरे की बाहों में एक साथ बिताकर नीचे चले जाते थे.. लेकिन अब हम दोनों सेक्स के लिए तड़पने लगे और एक दिन हमे वो अच्छा मौका मिल ही गया जिसका हम बहुत इंतजार कर रहे थे. दोस्तों उस दिन उसके घर वाले दो दिन के लिए बाहर जा रहे थे.. तभी उसने मुझसे बोला कि में आज रात को उसके घर पर आ जाऊँ और फिर में रात का बहुत बेसब्री से इंतजार करने लगा.

    फिर जब रात हुई तो में अपनी छत से उसके घर पर रात के 10 बजे चला गया.. मैंने वहाँ पर पहुंचकर देखा कि वो घर पर एकदम अकेली थी और खाना खा रही थी तो मैंने जाते ही उसे पीछे से पकड़ लिया और उसे किस करने लगा.. मैंने उसे 5-7 मिनट तक लगातार किस किया और उसके बाद उसे अपनी गोद में उठाकर पास वाले रूम में लेकर चला गया और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके बाद उसके टॉप में हाथ डाल दिया.. उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा.. उसके बूब्स बड़े ही मुलायम थे और में ज़ोर ज़ोर से पूरे जोश से उसके बूब्स को दबाने लगा और फिर कुछ देर बाद वो सिसकियाँ लेती हुई मेरा साथ देने लगी.

    फिर मैंने उसके बूब्स को ब्रा से बाहर निकाला और निप्पल को अपनी ऊँगली में लेकर मसलने लगा और अब धीरे धीरे उसकी हालत खराब हो रही थी और वो आहह औऊउ उफफफफ्फ़ माँ मरी थोड़ा धीरे करो.. अह्ह्ह कर रही थी. मैंने उसके बूब्स को सक करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी.. में उसे किस कर रहा था और बूब्स को चूस रहा था और वो बार बार आहह उफफफ्फ़ ह्म्‍म्म्म उईईइई माँ प्लीज थोड़ा धीरे खींचो मेरे बूब्स को.. बोले जा रही थी और में उसके बूब्स को चूस चूसकर लाल कर रहा था और फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला और अपना हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत पर ले गया और फिर मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और में उसकी चूत पर अपनी उंगली घुमाने लगा और उसकी चूत के दाने को ज़ोर से हिलाने लगा और इस बीच उसने मुझे मेरे कान पर, होंठ पर बहुत ज़ोर से ऐसे काटा कि वहाँ पर खून आने लगा और वो अपना एक हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर नाख़ून मारने लगी,, उसके नाखूनों के निशान मेरी कमर पर दिखने लगे.

    फिर में उसे चूमते, चाटते हुए धीरे धीरे नीचे आने लगा और उसकी एकदम गहरी, सुंदर नाभि पर किस करने लगा.. वो और गरम होकर बैचेन होने लगी और में उसे चूमते हुए एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था.. उसके बूब्स एकदम टाईट हो गए थे और वो बार बार मोन कर रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी और देखकर दंग रह गया.. छोटी सी चूत और उस पर एक भी बाल नहीं था और मैंने उसकी चूत की खुशबू ली और उसे चूसने लगा.. वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी.. एयाया अफउईईइइ माँ अह्ह्ह छोड़ो मुझे और में उसकी चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और उसे काट भी लेता और वो छोड़ दो.. में मर जाउंगी उफ़फ्फ़ या हमा उूउउ.. फिर में उसकी चूत में उंगली डालकर चोदने लगा.

    उसकी चूत बहुत टाईट थी और बड़ी मुश्किल से मेरी बीच की ऊँगली उसके अंदर जा पा रही थी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और मेरा लंड तो पहले से ही लोहे की रोड बना हुआ था तो वो मेरे 8 इंच के लंड को देखकर डर गई और कहने लगी कि में इसे अपनी चूत में नहीं ले सकती.. यह मेरी चूत को एक बार में ही फाड़ देगा.. लेकिन मेरे बहुत समझाने के बाद वो मान गई और उसने मेरे लंड को पहले किस किया और फिर अपने नरम होंठो के बीच में लेकर चूसने लगी.

    मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में बता नहीं सकता.. वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी और आख़िरकार में उसके मुहं में ही झड़ गया तो वो मेरा सारा वीर्य पी गई और बोली कि इसका स्वाद तो बहुत नमकीन है और मैंने भी उसकी चूत को दोबारा से चाटना शुरू किया और मैंने उसकी चूत को करीब 15 मिनट तक चाटा और फिर वो भी मेरे मुहं में ही झड़ गई और उसका पानी भी बहुत नमकीन था और फिर वो मेरे लंड को चूस रही थी तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर धक्का देने के लिए सेट किया और उसकी चूत और मेरे लंड पर अपना ही थूक लगाकर उसकी चूत पर धक्का मारा.

    मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी तो मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख लिए और उसकी चूत से खून निकल रहा था लेकिन उसकी चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आई.. क्योंकि मैंने उसके मुहं पर अपना मुहं रखा हुआ था और अब उसकी चूत से निकले खून से चादर भी गीली हो गई थी और 5 मिनट ऐसे करने के बाद में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल सका और फिर उसे एक बार और दर्द हुआ और में कुछ देर उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा और कुछ देर बाद में धीरे धीरे धक्के देने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड को हिला हिलाकर मेरे लंड का मज़ा ले रही थी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी कि चोदो मुझे अह्ह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे.. आआउूउउ और में उसे जोरदार धक्के देकर चोद रहा था और फिर वो मुझे गालियाँ देने लगी.. कुत्ते तू आज मेरी चूत को फाड़ दे.. मुझे और ज़ोर से चोद साले मेरी चूत का भोसड़ा बना दे और हाँ ज़ोर से चोद.. आआउफ़फ्फ़ इस तरह बोल रही थी और में उसे चोद रहा था और में भी उसे बोल रहा था.. ले साली कुतिया मेरा लंड तेरी चूत में.. आज में चोद चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.. में तेरी माँ की चूत भी फाड़ दूंगा और आज में तेरी चूत को ठंडा कर दूंगा और वो चुदती रही.

    फिर मैंने उसे 4-5 बार अलग अलग तरह से 40 मिनट तक लगातार चोदा और वो इस दौरान तीन बार झड़ चुकी थी और उसे अब सहन नहीं हो रहा था तो में और तेज तेज धक्के देने लगा और उसकी चूत में ही झड़ गया लेकिन में उसके ऊपर ऐसे ही लेट गया और उसे बहुत मज़ा आया और उसे ऐसे ही सहलाता रहा और कुछ देर बाद उसने मुझे बोला कि उसे बहुत मज़ा आया.. मैंने भी उसे किस किया और बाथरूम में फ्रेश होने चला गया.. वो भी मेरे पीछे पीछे फ्रेश होने आ गई और उसने भी मेरे साथ सू सू किया.. उसकी चूत से सिटी की आवाज़ आ रही थी सईईइइ.

    फिर उसने मेरे लंड को और अपनी चूत को साफ किया और पानी डाला.. उसके बाद हम दोनों बेड पर आकर बातें करने लगे और एक दूसरे को सहलाने लगे तो मैंने बोला कि जान तुम्हारी गांड मुझे बहुत पसंद है तो वो बोली कि इसको भी बजा लो और मैंने इतना सुनते ही उसे फिर से किस करना शुरू कर दिया और उसके बूब्स को दबाने लगा और मसलने लगा और वो धीरे धीरे गरम होने लगी तो मैंने उसकी चूत को एक बार फिर चाटा और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.. कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

    फिर मैंने उसको डोगी स्टाइल में किया और उसकी ड्रेसिंग टेबल से तेल लेकर अपने लंड पर लगाया और उसकी गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर उसे गांड के छेद पर टिकाकर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा आधा लंड एक बार में ही उसकी गांड में चला गया और वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि में बता नहीं सकता. फिर वो बोली कि प्लीज इसे बाहर निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन में कुछ देर रुका रहा और फिर एक और ज़ोर का झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया. वो फिर से चिल्लाई और उसकी गांड से भी खून की कुछ बूंदे निकलने लगी लेकिन मैंने कोई ध्यान नहीं दिया और उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और वो चिल्लाती रही और में उसे चोदता रहा. फिर 30 मिनट के बाद मैंने उसकी गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और उसे कुछ शांति मिली और में उसके ऊपर गिर गया और हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. फिर कुछ देर के बाद में उसे किस करके अपने घर आ गया.

  • दोस्त की दीदी की चुदास

    हैल्लो फ्रेंड्स.. में मयंक आप सभी के सामने एक नई स्टोरी लेकर हाजिर हुआ हूँ. मेरी उम्र साल 22 है मेरी हाईट 5.7 है और मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों मेरी यह स्टोरी एक सच्ची कहानी है और यह तीन साल पुरानी बात है जब में वर्जिन था तब कैसे मैंने पहला सेक्स किया? में आज आप लोगों को बताता हूँ. हाँ तो फ्रेंड्स आप सभी का टाईम खराब ना करते हुए में आपको सीधे बताता हूँ कि कैसे में अपने एक दोस्त की बहन को चोदने में सफल हुआ हाँ तो दोस्तों हुआ यूँ कि मेरा एक स्कूल का बहुत अच्छा दोस्त था और उसकी बहन थी शिल्पा.. वो मुझसे दो साल बड़ी थी. में उसकी बहुत इज़्ज़त करता था और वो भी मुझे बहुत इज़्ज़त देती थी.

    फिर जब में 12th पास हुआ तो मैंने एक कॉलेज में एडमिशन लिया और मेरे दोस्त ने पुणे में जाकर अपनी पड़ाई करना शुरू कर दिया. मेरे दोस्त की बहन का नाम शिल्पा है और में जबलपुर में रहकर ही बी-कॉम कर रहा था.. दोस्तों कहने को तो शिल्पा दीदी मुझसे दो साल बड़ी थी.. लेकिन उन्होंने बी-कॉम के लिए एडमिशन एक साल पहले ही लिया था. तो वो मुझसे एक साल बस बड़ी थी और वो बीकॉम 3rd में थी और मैंने भी उसी कॉलेज में एडमिशन ले लिया ताकि मुझे उनकी मदद मिल जाए.

    पहले में आपको उनके बारे में बता दूँ.. वो बहुत ही सेक्सी आईटम लगती है, उनकी आँखें हिरनी जैसी और बूब्स बड़े-बड़े.. मन करता था कि अभी पकड़कर चूसने लग जाऊँ और उनकी गांड के बारे में क्या कहना बहुत मोटी गांड है और उनका फिगर 38-35-36, उनके दूध का साईज़ कुछ ज्यादा ही था.. लेकिन उनके बूब्स गजब के है, कुल मिलाकर चुदाई करने लायक. वो मुझसे इतने अच्छे से बात करती थी कि मेरा मन करता था कि उनके होंठ को घंटो तक चूसता रहूँ.. लेकिन मुझे ऐसा मौका नहीं मिला और फिर देखते ही देखते एक साल बीत गया और अब वो अपने आखरी साल में चली गयी.

    दोस्तों जैसा कि मैंने आपको बताया है कि मेरा दोस्त पुणे में था और मेरा उसके घर पर आना जाना कम ना हो जाए इसलिए में दीदी से बातचीत करता था.. में उनसे कॉलेज के नोट्स लेता रहता था. वो क्या है ना कि मुझे दीदी को देखने की बहुत इच्छा होती थी तो में उसके घर पर चला जाता था. पूरे एक साल में शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब में उनसे ना मिला.. में उनके घर जाकर सीधे उनसे पूछ लेता था जो कुछ भी मुझे नहीं आता था और ऐसे ही समय निकलता जा रहा था. फिर में भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गया और उनसे अगले साल के नोट्स ले लेता था और पढ़ाई करता.

    फिर एक दिन जब में उनसे 2nd साल के नोट्स लेने के लिए गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम एक काम करो मेरे पास अभी तो यहाँ पर नोट्स नहीं है.. लेकिन तुम मेरे घर आ जाओ और आकर ले जाना. तो मैंने पूछा कि में कब आऊँ? तो उन्होंने कहा कि तुम कल सुबह आ जाना और जब में दूसरे दिन उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और में उनके रूम में जाकर बैठ गया और वो नोट्स निकालने लगी और में हमेशा की तरह उनको घूर रहा था. दोस्तों में आपको बता दूँ कि मेरे दोस्त के पापा नहीं है और घर में सिर्फ़ उसकी मम्मी, दीदी और वो है और उसकी मम्मी सरकारी नौकरी करती है तो वो हर रोज सुबह 10:30 बजे अपने घर से निकल जाती है.

    फिर जब में उनके घर पर पहुंचा तब 9 बजे थे और में जब दीदी को घूरने में व्यस्त था तभी आंटी मेरे और दीदी के लिए शरबत लेकर आ गई और फिर मैंने उनसे अपनी नज़रे चुराते हुए नीचे की और देखने लगा. फिर आंटी ने मुझे शरबत दिया और कहा कि बेटा कैसे हो? और घर में सब कैसे है? तो मैंने कहा कि जी आंटी सब लोग एकदम ठीक है और आप कैसे है? तो वो बोली कि बेटा में भी ठीक हूँ और फिर वो दीदी से बोली कि में नहाने जा रही हूँ और वो नहाने चली गई.

    फिर उसके बाद दीदी ने कहा कि राहुल मुझे अभी यह थोड़े बहुत नोट्स मिले है. तुम अभी इनको ले जाओ.. में बाकि बाद में ढूढ़कर और दे दूंगी. फिर ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा और मेरा उनके घर में आना जाना बड़ता रहा और फिर एक दिन शिल्पा दीदी का फोन आया कि राहुल मेरे कंप्यूटर में बहुत ज्यादा वाईरस आ गए है और कंप्यूटर बहुत धीमा हो रहा है. तुम प्लीज़ आकर एक बार इसको देख लेना.

    मैंने कहा कि ठीक है दीदी में जल्दी ही आ जाऊंगा और फिर में एक दिन करीब 12:30 बजे दीदी के घर गया और उस टाईम वो घर में एकदम अकेली थी.. मैंने घर की बेल बजाई.. तो दीदी ने दरवाज़ा खोला. उस टाईम दीदी ने एक बहुत ही ढीला गाऊन पहना हुआ था और ऊपर से वो एकदम जालीदार था. में क्या बताऊँ उन्होंने काले कलर का गाऊन पहना हुआ था और सफेद कलर की ब्रा और पेंटी पहने हुई थी जिससे अंदर सब कुछ साफ साफ दिख रहा था यहाँ तक की उनकी नाभि भी साफ साफ दिख रही थी.

    फिर उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और सीधे अपने रूम में चली गई और बोला कि राहुल जल्दी से मेरा कंप्यूटर ठीक कर दो और एंटीवाइरस भी डाल दो. तो मैंने कहा कि ठीक है दीदी आप रूको में 30 मिनट में ठीक कर दूँगा और मैंने उनका पीसी फॉर्मेट करना चालू कर दिया और जब लास्ट के 2-3 मिनट का काम बचा था तब दीदी बोली कि राहुल में नहाने जा रही हूँ.

    तो मैंने उनसे कहा कि ठीक है दीदी.. आप जाओ में अभी कंप्यूटर चला रहा हूँ और जब दीदी नहाने के लिए बाथरूम के पास गई तब तक उनका कंप्यूटर पूरा ठीक हो चुका था और फिर मैंने कंप्यूटर को चालू किया और में यही देखना चाहता था कि क्या दीदी सेक्स वीडियो देखती है? फिर मैंने उनकी ड्राइव को चेक करना चालू किया और मैंने जैसे ही हिडन फोल्डर देखा तो सब कुछ साफ साफ हो गया कि वो क्या क्या करती है? और उनका तो 70% कंप्यूटर पॉर्न वीडियो से भरा हुआ था और मैंने वो वीडियो देखना चालू किया और थोड़ी देर तक देखता रहा और में जब वीडियो देख रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे पीछे खड़ा है और मैंने तुरंत वीडियो बंद कर दिया और एकदम शांत बैठ गया..

    तो थोड़ी देर के बाद दीदी आई और बोली कि में चाय लेकर आती हूँ और जैसे ही वो बाहर गई मैंने फिर से वही फोल्डर खोल लिया और फिर जैसे ही वो अंदर आने लगी तो मैंने उसे बंद कर दिया. वो मुझे देखकर स्माइल देने लगी और मुझे थाड़ा सा शक हुआ.. हम दोनों चाय पीते पीते बातें करने लगे. तब मैंने देखा कि मुझे दीदी की छाती साफ साफ दिख रही थी और में तो उसे ही देख रहा था.. दीदी समझ गयी थी लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा.. बल्कि और भी ज्यादा दिखाने लगी. तो देखते देखते दीदी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम ब्लू फिल्म देखते हो? मैंने कहा कि दीदी आप यह क्या पूछ रही हो? और मैंने कह दिया कि नहीं में यह सब नहीं देखता हूँ.

    फिर दीदी ने कहा कि तुम झूठ तो मत बोलो.. मैंने तुम्हे दरवाज़े से देखा है कि तुम मेरे कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहे थे. तो मैंने अपनी आँखें नीचे कर ली और दीदी ने कहा कि शरमाने की क्या बात है? में भी देखती हूँ फिर धीरे धीरे हम दोनों के बीच में सेक्सी बातचीत शुरू हो गई. फिर दीदी ने मुझसे पूछा कि क्या मैंने कभी ट्राई किया है? तो मैंने नहीं कह दिया और फिर मैंने दीदी से पूछा कि क्या दीदी आपने कभी ट्राई किया है? तो दीदी ने कहा कि में हमेशा बाथरूम में जाकर अपने बूब्स को मसाज करती हूँ. तो मैंने मन ही मन में सोचा कि शायद दीदी के बूब्स इसलिए इतने बड़े बड़े है.. तब मैंने दीदी से कहा कि क्या आप मेरे साथ सेक्स करोगी?

    तो दीदी ने कुछ नहीं बोला बस स्माईल कर दी और में समझ गया कि मेरी लाईन साफ है.. मैंने दीदी को एकदम से पकड़ा और किस कर दिया. पहले तो दीदी सोच में पड़ गयी और फिर दीदी भी मुझे चूसने लगी और में धीरे धीरे दीदी के कपड़े उतारने लगा.. उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी और मेरे होंठो को चूस रही थी और मेरे मुहं में अपनी जीभ डाल रही थी और कभी कभी मेरी जीभ को चूस रही थी जिससे में बहुत गरम हो चुका था और वो भी बहुत मस्त हो चुकी थी मेरा सीना उसकी छाती से टकरा रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर मैंने दीदी के बालों को खोल दिया और फिर मैंने दीदी की मेक्सी को उतार दिया और उसके बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे. उनके अच्छे बड़े बड़े बूब्स थे और थोड़ी देर में हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे.. लेकिन हम अभी भी एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे और धीरे धीरे में उनकी गर्दन को चूसने लगा तो वो पागल हो रही थी. मैंने उनके कान को काट लिया और वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और में उनको चूमते चूमते उनकी गांड को भी हाथ से सहला देता.

    फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और धीरे से उनकी चूत पर हाथ लगाया तो वो गीली हो चुकी थी. मुझे समझ आ चुका था कि अब वो भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी है. वैसे तो हम दोनों ही वर्जिन थे.. लेकिन चिपक ऐसे रहे थे जैसे पहले बहुत बार चुदाई कर चुके है.

    फिर मैंने उनके हाथों को कसकर पकड़ लिया. वो एकदम पागल हो रही थी.. में फिर उनके बूब्स को चूसने लगा और एक हाथ से दबा रहा था. इससे उनके मुहं से आहह औऊउ अह्ह्ह्ह की आवाज़ आ रही थी और में उनके ऊपर चढ़ा हुआ था. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से आवाज़े निकाल रही थी और फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरे बालों को पकड़कर अपनी छाती की तरफ दबाने लगी. वो पूरी तरह से पागल हो चुकी थी.

    मैंने दीदी से कहा कि क्या आपके घर में जेम है? तो उन्होंने कहा कि हाँ है और में किचन में जाकर जेम ले आया और मैंने बहुत सारा उनकी चूत में लगा दिया और फिर थोड़ी देर में उनकी कुवारीं चूत को चाटने लगा. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कर रही थी और उनकी चूत से पानी बहने लगा था. फिर करीब एक घंटे तक लगातार चूत चाटने के बाद मैंने सोचा कि अब इसको चोदा जाए. तो उसने मेरे लंड को देखा और उस पर किस कर दिया और फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए और करीब 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत और बीच बीच में गांड का छेद भी चाटा और उसने मेरा लंड भी चूसा और उसने अपनी चूत में डालने के लिए उसको चूत के मुहं पर रख दिया. में भी वर्जिन था तो मुझे भी बहुत डर लग रहा था कि अगर मेरे लंड की चमड़ी फट गई या फिर गलती से शिल्पा की चूत फट जाए और ज़्यादा खून निकलने लगे तो क्या होगा? और मैंने शिल्पा को यह बताया..

    वो बोली कि आज हमे बहुत अच्छा मौका मिला है और आज के बाद नहीं मिलेगा.. तुम जो चाहे कर लो.. आज मेरी चूत को फाड़ दो.. जो होगा देखा जाएगा.. लेकिन अभी तो इस हसीन पल का मज़ा ले लो. तो मैंने भी कहा कि ठीक है आज तो में तुम्हे बहुत मज़ा दूँगा.. वो बोली कि मेरी जान मेरी चूत को चाटकर तुमने मुझे जन्नत का नजारा दिखा दिया है और मैंने कंप्यूटर पर गाना लगा दिया और आवाज को थोड़ा बढ़ा दिया ताकि जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसे तो आवाज़ ज़्यादा बाहर ना जाए. उसने अपनी आखों को बंद कर लिया और मैंने अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़ लिया था और उसने अपने पैरों को मेरी कमर से बाँध दिया था. फिर मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर से झटका मारा और 3 इंच लंड उसकी चूत में चला गया वो चिल्लाई आईईई अह्ह्ह्ह माँ में मर जाउंगी.. प्लीज इसे बाहर निकालो. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था और थोड़ी देर रुककर फिर से धक्का देने लगा. उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था और दो मिनट के बाद मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी आआईईईईईईईईईई में मररररर गयी.. प्लीज इसे बाहर निकालो मेरी चूत फट जाएगी और उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे.

    फिर मैंने थोड़ी देर रुककर धक्के देना शुरू किए और उसके ऊपर लेटकर उसके बूब्स को दबाने लगा चूसने लगा और कुछ देर बाद जब वो ठीक हुई तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था जिसे देखकर मुझे अपने आप पर बहुत गर्व महसूस हुआ कि मैंने 19 साल की उम्र में पहली सील तोड़ी है और में उसके ऊपर पूरा ज़ोर लगाकर उसे धक्का देने लगा और अब वो मुहं से आह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी और बोल रही थी कि चोद मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोद फाड़ दो मेरी चूत को और में यह बात सुनकर पूरे जोश में आ गया.

    15 मिनट की लगातार चुदाई के बाद में झड़ने वाला था तो उसने मुझसे कहा कि पूरा वीर्य मेरी चूत में ही डाल दो और में उसकी चूत में ही झड़ गया.. लेकिन वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी. तो में उसके ऊपर ही लेट गया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में से बाहर निकाला तो वो खून में पूरा लाल हो चुका था और शिल्पा तो मेरे लंड को देखती ही रह गयी. फिर मैंने अपना लंड फिर से उसकी चूत में एक बार में ही पूरा डाल दिया.. लेकिन अब उसको और भी मज़ा आ रहा था. उसका शरीर तो आग की तरह तप रहा था और इस बार मैंने उसे 20 मिनट तक चोदा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इस बार वो दो बार झड़ चुकी थी.

    फिर थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि अब में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ तो वो बोली कि नहीं मुझे बहुत दर्द होगा.. तो मैंने कहा कि नहीं होगा बस थोड़ी देर दर्द होगा फिर तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा और वो मान गई फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और पहले हम वॉशरूम गए.. लेकिन उससे तो ठीक से उठा भी नहीं जा रहा था क्योंकि चुदाई करने से उसकी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर जैसे तैसे में उसको बाथरूम लेकर गया और फिर वहाँ पर जाकर उसने मेरा लंड और अपनी चूत को साफ किया. उसने पहले मेरे लंड से पूरा खून वगेरा अच्छी तरह साफ किया और फिर अपनी चूत को अच्छे से साफ किया. मैंने भी उसकी चूत में उंगली डालकर अच्छे से उसकी चूत को साफ कर दिया और फिर उसने मुझे टावल से साफ किया और फिर अपने आप को साफ किया और फिर मुझे देखकर स्माइल दी और मैंने भी उसको स्माइल दी और फिर हमने वहीं पर एक किस किया और वो बोली कि मुझे टॉयलेट आया है.. तुम बाहर जाओ में दो मिनट में आती हूँ. तो मैंने कहा कि नहीं तुम मेरे सामने ही कर लो.. वो पहले साफ मना कर रही थी.. लेकिन फिर मान गई. उसके टॉयलेट में वेस्टर्न स्टाईल का सीट था और वो उस पर बैठ गई और टॉयलेट करने लग गई और जैसे ही उसका पेशाब बाहर निकला तो बहुत ही ज्यादा मदहोश कर देने वाली आवाज़ आने लगी. तो मैंने उसको देखा और उसके पास गया. फिर अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और उसने भी बैठे बैठे ही मेरा लंड चूस लिया और करीब 5 मिनट के बाद उसने मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और फिर उसने अपनी चूत को पानी से साफ किया और खड़ी हो गई.

    फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बेड पर ले गया और उसके बाद मैंने उसको गांड मारने के लिए इशारा किया और उसे कुतिया बनने को कहा और जब वो डॉगी बन गई तो मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और रगड़ने लगा और धीरे धीरे से धक्के देकर डालने लगा. मेरा लंड उसकी गांड में पहली बार में तो घुसा ही नहीं. फिर मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और उसको अपना लंड 5 मिनट चुसवाया जिससे मेरा लंड भी थोड़ा चिकना और गीला हो गया और फिर मैंने उसकी गांड पर लंड रखा और थोड़ा दम लगाकर अंदर डाला तो बड़ी मुश्किल से मेरा लंड दो इंच घुसा और वो दर्द के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन में फिर भी नहीं रुका और ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने अपना पूरा 8 इंच का लंड उसकी गांड में उतार दिया. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई.. लेकिन अब उसे मज़ा भी आ रहा था.

    फिर भी मैंने अपनी चुदाई ज़ारी रखी.. अब में थोड़ा ज़ोर लगाने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद वो भी कहने लगी कि जान थोड़ा धीरे और आराम से चोदो और वो अह्ह्हउनह उह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी और कह रही थी कि आज तो में पूरी तरह से तुम्हारी हो चुकी हूँ.. में कहीं भाग नहीं जाउंगी.. तुम थोड़ा आराम से चोदो.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और धीरे धीरे उसकी साँसे तेज़ हो रही थी और अब उसे भी बहुत मज़ा आने लगा.. वो अपनी गांड को उठा उठाकर चुदवा रही थी और में तो इतनी मोटी गांड में लंड डालकर जन्नत की सैर कर रहा था और लंड को हिलाते हिलाते में भी उसकी गांड में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर हम दोनों नहाने चले गये और मैंने वहाँ भी शावर के नीचे फिर से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और 15 मिनट तक चुदाई की और बाहर निकलने के बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और उसने मुझे कॉफी बनाकर पिलाई और हम दोनों एक ही कप में पी रहे थे.

    फिर एक घंटे तक हमने ब्लूफिल्म देखी उस दौरान में उसे करीब आधे घंटे तक चूमता रहा.. उसे स्मूच भी कर रहा था. फिर हमने उस दौरान एक बार सेक्स भी किया और फिर 4 बजे तक हमने एक दूसरे के साथ फुल मजा किया और फिर उसके बाद मैंने फिर से अपने कपड़े पहने और फिर उसको 15 मिनट तक लगातार किस किया और फिर में वहाँ से निकल आया और फिर हमारा रात में फोन पर सेक्स शुरू हुआ और हम हर दो तीन दिन में चुदाई भी किया करते थे.. लेकिन जब दीदी की पढ़ाई पूरी हो गई तो वो भी आगे की पढ़ाई करने पूना चली गई. अब तो में चुदाई नहीं कर पाता और शिल्पा दीदी की यादों में खोया रहता हूँ ..

  • दारु पीला के चूत की चुदाई की

    हैल्लो दोस्तों.. यह मेरी पहली कहानी है.. लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी. यह कहानी मेरी और मानसी की पहली चुदाई की कहानी है. मानसी मुझसे तीन साल बड़ी है और वो मुझे अपना भाई मानती है.. लेकिन में तो उसे कुछ और ही समझता हूँ और मानसी का फिगर कुछ खास नहीं है.. लेकिन हाँ उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े है और वो जब गांड मटकाती हुई चलती है तो देखने वालों का लंड पानी छोड़ने लगता है. वो अपनी पतली कमर को बहुत झटके देती हुई चलती है. में उसके गदराए हुए बदन को देखकर बहुत खुश होता हूँ और उसके नाम से दिन में एक बार मुठ मारता हूँ.

    दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है जब में दिल्ली कॉलेज में एडमिशन लेने गया था. वहाँ पर में सबसे पहले मानसी से मिला जो कि कॉलेज में मेरी सीनियर थी और उसने ही मुझे कॉलेज में एडमिशन लेने में और फ्लेट ढूंढने में मदद की थी. मैंने वहां पर दो कमरों का एक फ्लेट ले लिया था. मानसी और में बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे. हम दोनों अक्सर घूमते फिरते थे और बहुत मस्ती करते थे.

    फिर एक दिन मानसी ने मुझसे बोला कि उसको दारू पीनी है.

    में : नहीं दीदी यह सब बहुत ग़लत बात है.

    मानसी : नहीं मुझे तो एक बार दारू पीनी है.

    में : अच्छा ठीक है में आपको दारू पिला दूँगा.. लेकिन आपके जन्मदिन वाले दिन.

    मानसी : ठीक है मुझे तुम्हारी यह बात भी मंजूर है.

    दोस्तों तीन दिन के बाद मानसी का जन्मदिन था और मैंने रात को 12 बजे उसको फोन किया.

    में : हैल्लो मानसी दीदी.. आपको जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो.

    मानसी : हाँ.. तुम्हे बहुत धन्यवाद.

    में : अब पार्टी कहाँ पर मिलेगी?

    मानसी : पहले तू मुझे दारू पिला.. उसके बाद हम पार्टी करेंगे.

    में : अच्छा ठीक है आप कल शाम को 6 बजे तक मेरे फ्लेट पर आ जाना में सब कुछ इंतजाम करके रखूँगा.

    मानसी : चलो फिर ठीक है.. बाय.

    फिर में 4 बजे मार्केट जाकर एक बोतल विस्की की ले आया.. क्योंकि मुझे अच्छे ब्रांड की दारू ही पसंद है और उसके साथ खाने पीने का थोड़ा बहुत सामान भी ले आया और शाम 6 बजे मेरे फ्लेट का टेलिकॉम बजा और सिक्यूरिटी वाले का फोन था कि एक मेमसाहब आई है, क्या में उन्हें ऊपर भेज दूँ?

    में : हाँ भेज दो वो मेरी दीदी है.

    फिर गार्ड ने कहा कि ठीक है साहब जी और वो सीधे मेरे फ्लेट पर आ गई. पहले तो मैंने उसको गले लगाया और जन्मदिन की बधाई दी और जन्मदिन के उपहार में उसको दारू की बोतल गिफ्ट कर दी.. वो खुश हो गई और उसने मुझे ज़ोर से लिप किस किया.. हम दोनों सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे. करीब 7.30 बजे मानसी ने बोला कि आओ अब हम जश्न मानते है. तो में भी मान गया फिर मानसी ने दारू की बोतल खोली और दोनों का पहला पेग बनाया.

    हम दोनों ने चियर्स किया और पहला पेग पी गए.. ऐसे ही हमने 4-4 पेग पी लिए और अब धीरे धीरे मानसी को नशा चड़ रहा था और जब वो 5 पेग पी रही थी तो उसका ग्लास गिर गया और दारू उसके टॉप पर गिर गई और वो तो इतने नशे में थी कि उसको कुछ पता ही नहीं चल रहा था. फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज मुझे साफ कर दो. मैंने उससे कहा कि में नहीं कर सकता.. इसके लिए तुम्हारा टॉप भी खोलना पड़ेगा. तो वो बोली कि प्लीज तुम कुछ भी मत सोचो और तुम जैसे चाहो इसे साफ करो और फिर मैंने उसका टॉप उतारा और उसको खोलते ही मुझे ब्रा के अंदर उसके बहुत बड़े बड़े मुलायम बूब्स नजर आए.. जिन्हें देखकर मेरा मन उन्हे पकड़ कर चूसने का हो रहा था और अब तक मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था और मैंने टावल से उसके गोरे गोरे जिस्म को बहुत धीरे से साफ कर दिया और उसके जिस्म को देखता रहा.

    तभी वो बोली कि क्या अब घूरते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? प्लीज मेरी ब्रा भी उतार दो.. में भी नशे में था.. लेकिन फिर भी अपने पूरे होश में था. मैंने ज्यादा देर ना करते हुए एक ही झटके में उसकी ब्रा को उतार दिया और अब उसके बड़े बड़े आम जैसे बूब्स एकदम मेरे सामने थे.

    में हल्के से उनके बूब्स को हाथ लगाकर साफ करने के बहाने से छूकर महसूस करने लगा और मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था और मैंने बूब्स को साफ करते करते थोड़ी दारू जानबूझ कर उसकी जीन्स पर डाल दी और मैंने कहा कि दारू तो तेरी जीन्स पर भी गिर गई है अब क्या करूं? तो उसने कहा कि इसको भी उतार दो और फिर मैंने धीरे धीरे एक एक करके उसके सभी कपड़े उतार दिए.

    मैंने जब उसकी पेंटी को छुआ तो वो चूत रस में एकदम गीली थी और में समझ गया कि इसको भी मेरे छूने से जोश आ रहा है.. लेकिन उसके पूरे कपड़े उतारते ही मेरा तो जैसे दारू का नशा ही उतर गया हो और मैंने धीरे से अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.

    फिर में अपना लंड उसके मुहं के पास ले गया और उसको बोला कि लो लॉलीपोप चूस लो.. तो वो भी नशे की हालत में मेरे एक बार कहने से ही मान गई और मेरे लंड को पूरा अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और में उसकी गीली एकदम गरम चूत में उंगली कर रहा था और धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी तो उसको बहुत दर्द होने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. तो में समझ गया कि उसकी चूत अभी तक कुंवारी है और आज में पहली बार उसकी चूत पूजन करूँगा. फिर जब में झड़ने वाला था तो मैंने लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया और सारा वीर्य एक ग्लास में निकाल दिया और उसी ग्लास में एक और पेग बनाकर मानसी को पिला दिया और वो बड़े मज़े लेकर पी गई और में उसकी चूत चाटने लगा.

    वो थोड़ी ही देर में गरम हो गई और उसकी चूत से पानी भी निकल रहा था.. लेकिन उसको थोड़ा सा भी होश नहीं था कि उसके साथ क्या क्या हो रहा है और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उसे एक पेग बनाकर और पिला दिया और फिर उसे गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले आया और बेड पर लेटा दिया और मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत का मुहं थोड़ा खुल गया और मुझे उसकी चूत का दाना साफ साफ दिखने लगा.

    फिर मैंने अपना लंड उसकी गरम चूत पर रखा और अंदर डालने लगा.. लेकिन मेरा लंड उसकी टाईट चूत के अंदर नहीं जा रहा था. मैंने उसकी कमर को अच्छी तरह कसकर पकड़ा और लंड को चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मारा.. मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और मानसी के मुहं से एकदम ज़ोर से चिल्लाने की आवाज बाहर आ गई.. लेकिन अब उसका भी दारू का सारा नशा उतर गया और जब मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था.. आँख से आंसू निकल रहे थे, सांसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, वो पूरी पसीने से गीली हो चुकी थी और अब उसके मुहं से गाली भी निकलने लगी थी.

    मानसी : साले हरामी कुत्ते की औलाद.. तूने यह क्या किया? मुझे थोड़ी सी दारू पिलाकर चोद डाला. मेरी प्यारी कुंवारी चूत को फाड़ डाला.. अपने इस जानवर जैसे लंड को बाहर निकाल.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    में : साली रंडी तेरी चूत है ही इतनी मस्त और तू ही तो मुझे बोल रही थी कि उतार दो मेरे सारे कपड़े और अब अगर एक प्यासे लंड के सामने कोई भी चूत आएगी तो वो बिना चुदे तो जाएगी ही नहीं.

    यह बोलते हुए में धीरे धीरे लंड को धक्के देकर उसे चोदने लगा. वो कुछ बोलना चाह रही थी.. लेकिन अपनी चुदाई के दर्द के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी.. वो तो बस अह्ह्ह उह्ह्हह्ह बाहर निकाल इसे प्लीज अह्ह्ह सिसकियाँ ले रही थी और में लगातार ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था और मेरे लंड के चूत के अंदर बाहर होने से पूरे कमरे में फच फच की आवाजें आ रही थी और कुछ मिनट के धक्को के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी.

    में : क्यों री रांड अब तो तुझे मेरे लंड से चुदाई करने में मज़ा आ रहा है ना?

    मानसी : हाँ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह और चोदो मुझे और चोदो.. पूरी फाड़ दो आज मेरी चूत को अह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से.

    फिर में तो जैसे उसकी वो आवाज़ सुनकर पागल सा हुआ जा रहा था.. आईईइ अह्ह्ह हाँ और तेज चोदो मुझे जानेमन चोदो और तेज़ चोदो.. मुझे आज चोदकर एक औरत बना दो. फिर मैंने अपनी चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी.. लेकिन इसी बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और जब 10 मिनट के बाद में झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि वीर्य कहाँ पर निकालूँ?

    मानसी : मेरी प्यासी चूत में ही डाल दो और आज इसकी आग बुझा दो.

    तो मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और बहुत थककर बेड पर लेट गया हमने उस रात को और भी बहुत दारू पीकर फिर से दो बार चुदाई की और थककर ऐसे ही नंगे सो गए. दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने एक बार और उसकी चूत में लंड डाला और उसे चोदा.. लेकिन अब वो बड़े आराम से पड़ी रही और मेरे लंड का मज़ा लेती रही.. क्योंकि रात भर चुदाई से उसकी चूत फट चुकी थी.. जिसकी वजह से मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. उस दिन हम दोनों कॉलेज भी नहीं गए और पूरे दिन नंगे ही पड़े रहे. दोस्तों अब मानसी हर कभी मेरे फ्लेट पर चुदवाने के लिए आ जाती है और में भी उसको बहुत चोदता हूँ.

  • देवरानी जेठानी का मुकाबला

    हैल्लो दोस्तों.. में तन्मय आप सभी पाठकों का स्वागत करता हूँ. में अपनी नानी के घर पर अपनी दो मामियों के साथ अकेला था और में अपनी बड़ी मामी को पहले ही चोद चुका था और वो एकदम हॉट और सेक्सी है. उन दोनों मामियों के बीच बहुत लड़ाई थी और वो दोनों एक ही घर में अलग अलग रहती थी.. बड़ी मामी तो रात में भी मुझसे चुदने को तैयार थी.. लेकिन में छोटी मामी को भी चोदना चाहता था.

    फिर मेरे प्लान के मुताबिक बड़ी मामी से यह कहा कि में छोटी मामी की नंगी फोटो उनको दूँगा.. अगर उन्होंने इसमें मेरा साथ दिया तो और बड़ी मामी तैयार हो गयी और मैंने छोटी मामी को भी अपने साथ रात में एक ही कमरे में सोने के लिए तैयार कर लिया और हम सब लोग ज़मीन पर चटाई बिछाकर लेट रहे थे. मेरी एक तरफ बड़ी मामी और उनका बेटा और दूसरी तरफ छोटी मामी और उनका बेटा सोये थे. अब में आगे की कहानी सुनाता हूँ.

    मेरी छोटी मामी बड़ी मामी से ज्यादा मस्त थी और उनका फिगर एकदम पतला था और वो गोरी भी थी.. हम सब लोग लाईट बंद करके लेट गये और आधे घंटे के बाद मैंने अपना काम शुरू किया.. बड़ी मामी तो तैयार ही थी और में उनके मज़े भी ले चुका था.. तो अब बारी छोटी मामी की थी. दोनों मामी मेरी तरफ़ कमर करके और अपने बेटे की तरफ मुहं करके लेटी हुई थी. तो मैंने छोटी मामी की तरफ अपना एक हाथ बढ़ाया तो एक मिनट के बाद मेरे शरीर से उनका स्पर्श हुआ और अंधेरे में ही में धीरे धीरे उनके चूतड़ो तक हाथ ले गया और पहले दूर से ही महसूस किया.. उनके चूतड़ एकदम तरबूज की तरह थे.

    फिर मैंने धीरे से उनके चूतड़ो को हाथ लगाया. मुझे बड़ी मामी के चूतड़ याद थे उनके चूतड़ बहुत मुलायम एकदम रुई जैसे थे और छोटी मामी के चूतड़ बहुत सख्त थे. छोटी मामी गावं की गोरी थी एकदम मजबूत शरीर वाली.. उनके चूतड़ो पर में हाथ फेरने लगा और में उनके पूरे चूतड़ो पर हाथ घुमा रहा था.. उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी. तो में उनकी चूतड़ो की दरार में उंगली डालते हुए उनकी जांघ तक पहुंच गया.. मामी सो नहीं रही थी.. लेकिन मेरे इस काम का विरोध भी नहीं कर रही थी.. क्योंकि उन्हे लगा कि में बस थोड़ी बहुत देर छूने के बाद सो जाऊंगा और वो बड़ी मामी किसी से कुछ कह ना दे इसलिए भी चुपचाप थी और उन्हें भी पता था कि यह सब काम बड़ी मामी की मदद से ही हो रहा था.

    मैंने अब उनके पेटीकोट के साथ अपनी उंगली घुमाई और साड़ी को पेटिकोट से अलग कर दिया था. अब वो केवल पेटीकोट में थी और अगले ही मिनट में उनके पेटीकोट का नाड़ा खुल गया और वो चुपचाप उठकर बाथरूम में चली गयी और उसके जाते ही में और बड़ी मामी अपने अपने अंडरगार्मेंट्स में आ गये और नाईट बल्ब जला दिया और जब वो लौटकर आई तो देखा कि में और बड़ी मामी केवल पेंटी, ब्रा में है और वो एकदम चकित हो गयी और वो अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसको पकड़ लिया और कहा कि आज वो चुदेगी ज़रूर और वो भी चुदाई के मज़े ले या फिर केवल चुपचाप अपनी चुदाई सहे और यह भी कहा कि उसकी बात कोई नहीं मानेगा क्योंकि बड़ी मामी तो खुद ही अपनी मर्जी से चुदने जा रही थी. तो उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन हमारे अलावा किसी को भी यह बात पता नहीं चलनी चाहिए? तो मैंने कहा कि तुम मेरी बात का पूरा विश्वास करो और बस आज अपनी चुदाई देखो और अब दोनों मामी मुझसे चुदने को तैयार थी.

    मैंने दोनों से कहा कि चलो आज दोनों मुकाबला कर लो.. जो जीतेगा वो बड़ा हो जाएगा. तो वो पूछने लगी कि कौन सा मुकाबला? मैंने कहा कि सेक्स मुकाबला. फिर में केवल अंडरवियर में और वो दोनों ब्रा और पेंटी में तैयार हो गई. सबसे पहला राउंड था लंड चाटने का.. जो पहले मुझे झाड़ेगा वो जीत जाएगा.. लेकिन आंड को भी जीभ से चाटना था और फिर छोटी मामी ने कहा कि वो लंड को मुहं में नहीं लेगी. तो मैंने और बड़ी मामी ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और मैंने जबड़े में दबाव देकर उनका मुहं खोलकर उसमे अपना लंड घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा और करीब दो मिनट के बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और वो बोली कि अरे यह तो एकदम लॉलीपोप की तरह है.. वो अगले चार मिनट तक चूसती रही और उसके बाद में झड़ गया.

    तो उन्होंने पूरा का पूरा वीर्य अपने मुहं में ले लिया और मेरे लंड पर उनकी लार ही थी. अब बारी बड़ी मामी की थी.. वो इसमें बहुत अनुभवी थी.. मेरी बड़ी मामी सेक्स की देवी है और उन्होंने सबसे पहले अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को छुआ फिर लंड के टोपे के ऊपर धीरे धीरे अपनी जीभ को घुमाने लगी. फिर धीरे से लंड को मुहं में लिया और वो बहुत अलग तरह से चूस रही थी. ऐसा लग रहा था कि लंड को मुहं में लेकर उन्हे उसका रस पीना हो.

    फिर में करीब तीन मिनट में ही झड़ गया और बड़ी मामी पहले राउंड में जीत गई और अगले राउंड में मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटा. सबसे पहले मैंने चूत के बाहरी हिस्से को जीभ से खोला और फिर बहुत देर तक गोल गोल बाहर ही घुमाता रहा. फिर मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी.. बड़ी मामी की चूत एकदम चिकनी शेव की हुई थी और छोटी मामी की चूत पर मुलायम बाल भी थे. चिकनी चूत की वजह से मैंने बड़ी मामी की चूत को ज्यादा अच्छे से चूसा और वो ज्यादा जल्दी झड़ गई.

    तो इस राउंड में छोटी मामी जीत गई और अब उन दोनों को खेल में बहुत मज़ा आने लगा और अगले राउंड में बूब्स को फुलाना था.. तो पहले मैंने बड़ी मामी के ब्लाउज को खोल दिया. उनके फिगर का साईज़ 36 था. में अपने लंड को उनकी नाभि के आसपास घुमा रहा था और फिर वहाँ से बॉडी पर रगड़ते हुए सीधे बूब्स के बीच में ले गया और बूब्स के किनारे में घुमाने लगा. उनका पूरा शरीर मेरे लंड की महक से महकने लगा. तो में एक हाथ से धीरे धीरे उनके निप्पल से खेलने लगा. उनके बूब्स एकदम खरबूजे की तरह हो गये थे और अब उनके बूब्स का साईज़ 41 हो गया था. इसके बाद मैंने छोटी मामी के साथ भी ऐसा ही किया.. उनके बूब्स 30 साईज के थे.. लेकिन वो कुछ देर बाद में 38 साईज के हो गये और वो जीत गई. तो बड़ी मामी बहुत कामुक हो रही थी.. वो अपनी चूत में बहुत तेज़ी से उंगली करने लगी और कहने लगी कि तन्नू प्लीज यह खेल अब खत्म कर.. चल अब हम चुदाई करते है.

    मैंने कहा कि ठीक है और छोटी मामी दोनों राउंड जीती है तो वो जीत जाएँगी.. वो खेल को आगे बड़ाने को तैयार हो गई. मैंने भी जल्दी ही खेल ख़त्म करने की सोची और मैंने फाइनल राउंड में उन दोनों की गांड में लंड डालने को कहा और जिसकी गांड में लंड ज्यादा अंदर जाएगा वो जीत जाएगा.. लेकिन उन दोनों ने कभी भी गांड में लंड नहीं डलवाया था.. इसलिए वो दोनों बहुत डरकर घबरा गई.

    तो वो दोनों साफ मना करने लगी और मैंने कहा कि तो ठीक है फिर कोई भी नहीं जीतेगा.. तभी बड़ी मामी बोली कि तन्नू ठीक है तुम जैसे चाहो वैसे चोद सकते हो.. तुम चाहो तो हमारी गांड मारो और तुम चाहो तो चूत.. लेकिन प्लीज थोड़ा आराम से कहीं गांड फट ना जाए और में तुम्हारे मामा को क्या बताउंगी कि यह कैसे फटी?

    फिर पहले मैंने छोटी मामी की गांड में लंड डाला और एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे से उनकी गांड का छेद बड़ा किया और एकदम से एक ज़ोर का धक्का दिया और लंड घुसेड़ दिया. वो एकदम चीख पड़ी.. हाए दैया रे.. मार डाला मदारचोद ने.. आज मेरी गांड को फाड़ डाला. दोस्तों उसकी गांड बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मेरा लंड केवल 4 इंच ही अंदर गया.. लेकिन उसको बहुत दर्द हुआ और वो एकदम चटपटा गई. अब दूसरी बारी थी बड़ी मामी की.. उनकी गांड पर हाथ लगते ही जन्नत का अहसास हो गया.

    फिर मैंने वैसा ही किया और उनकी कामुक गांड के छेद को फैलाकर मैंने एक ही धक्के में अपना लंड पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो जीत गयी. तो मेरी दोनों मामीयां बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी और उनकी आपस की लड़ाई भी ख़त्म हो गयी थी और वो दोनों बारी बारी से मेरे लंड को चूसती और चुदती और में सोच रहा था कि सेक्स भी कितनी बड़ी चीज़ है. दोनों परिवारों की लड़ाई ख़त्म करा सकता है.

    फिर मैंने बड़ी मामी की गांड से अपना लंड बाहर नहीं निकाला और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.. पहले तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आप बस मज़े लो और वो मस्त होने लगी और में धक्के मार रहा था.. तो वो दूसरी मामी से बोली कि संध्या तू मेरी चूत चाट.. बड़ी मामी कुतिया स्टाइल में थी.. जिसकी वजह से उनकी चूत को चाटने के लिए बहुत जगह थी और छोटी मामी उनकी चूत चाटने लगी. दोनों ऐसे थी जैसे कोई माँ अपने बच्चे को दूध पीला रही हो.. यहाँ पर बस अंतर यह था कि दूध की जगह चूत थी और छोटी मामी के चूतड़ बड़ी मामी की तरफ थे और वो उनको चाट रही थी. तो छोटी मामी बोली कि दीदी आप तो बहुत अच्छे से चूतड़ चाटती हो.

    अब 15 मिनट के धक्को के बाद में छोटी मामी के पीछे लग गया और वो एकदम पलटकर बोली कि तन्नू मेरी गांड मत मार.. मुझे बहुत दर्द होगा. मेरी गांड दीदी की तरह मुलायम नहीं है.. लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसकी गांड में धक्के मारने लगा वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. तो बड़ी मम्मी बोली कि संध्या तू तो ऐसे चिल्ला रही जैसे कि आज ही पहली बार चुद रही है.. थोड़ा सब्र कर अभी मज़ा आने लगेगा.. लेकीन फिर भी छोटी मामी का चिल्लाना बंद नहीं हुआ.. तो बड़ी मामी ने अपने निप्पल को उनके मुहं में घुसा दिया और जब मेरा मन छोटी मामी की गांड से भर गया तो मैंने अपना लंड बड़ी मामी की चूत में डाला.. अब हम तीनों आराम से लेटे थे.

    में बड़ी मामी की चूत में लंड डाल रहा था और वो छोटी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से और जीभ से चाटकर मज़े दे रही थी. फिर करीब 15 मिनट बाद बड़ी मामी थक गयी और बोली कि तन्नू बस कर अब संध्या को भी मज़े करा दे.. इतना कहते ही उसने अपनी चूत का पानी भी निकल दिया और अब में छोटी मामी की चूत में अपना लंड डाल रहा था और बीच बीच में रुकने से में झड़ नहीं रहा था और ज्यादा देर तक चोद पा रहा था. मुझे यह कला उसी दिन पता चली थी. फिर में लंड को संध्या मामी की चूत में डालने लगा और बहुत तेज तेज झटके मारने लगा.. वो बड़ी मामी से बोली कि दीदी आप एकदम रंडी हो और आपने आज मुझे भी रंडी बना दिया.

    तो बड़ी मामी बोली कि हाँ तू बड़ी सती सावित्री है मज़ा तो बड़े मन से ले रही है और मुझे कहती है कि में चुदक्कड हूँ. फिर छोटी मामी बोली कि जब सब कुछ फ्री में मिल रहा हो तो कोई मौका जाने थोड़े ही देता है और दोनों हंसने लगी.. छोटी मामी की चूत एकदम टाईट थी और मुझे उनसे ज्यादा मज़ा आ रहा था. 15 मिनट बाद उनकी भी चूत का पानी निकलने लगा और में भी झड़ने लगा. फिर मैंने कहा कि किसकी चूत में निकालूं? तो छोटी मामी बोली कि मेरी चूत में मत झड़ना.. बड़ी मामी बोली कि इस रंडी की चूत में मत झड़ना इसके मुहं में झड़ना. तो मैंने छोटी मामी के मुहं में लंड डाल दिया और अपना पूरा वीर्य उनके मुहं में धक्के देकर डाल दिया.. जिसे वो रबड़ी की तरह चाट चाटकर साफ करने लगी और इसके बाद हम तीनों ने कपड़े पहने और हम सब आपस में लिपटकर सो गये.

  • चाँदनी की चूत में चोकलेट

    हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम सन्नी है और में नैनीताल उत्तराखंड का रहने वाला हूँ.. में आप लोगो का ज़्यादा टाईम खराब नहीं करूँगा.. लेकिन अपने जीवन में घटी हुई घटना को जल्दी से विस्तार में बता दूंगा. दोस्तों यह मेरी पहली स्टोरी है.. लेकिन में इस पर बहुत कहानियाँ पढ़ चुका हूँ और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी और उन्ही से प्रेरणा लेकर मैंने अपनी यह कहानी आप सभी को सुनाने का निर्णय लिया. तो दोस्तों मुझसे इसमें कोई भी गलती हो तो मुझे माफ़ करना और में सबसे पहले थोड़ा बहुत अपने बारे में भी बता देता हूँ.. मेरी हाईट 5.6 है और उम्र 21 साल है दोस्तों वैसे में और सभी लोगो की तरह झूठ नहीं बोलूँगा कि मेरा लंड 10 इंच का है. दोस्तों मेरा लंड 6.8 इंच का है और बॉडी दिखने में बहुत अच्छी है और अब में आप सभी का थोड़ा सा परिचय चाँदनी से भी करवा देता हूँ जिसको मैंने अपने घर पर बहुत जमकर चोदा और चुदाई के मज़े लिए.

    दोस्तों चाँदनी मेरी पड़ोसन है और वो बहुत ही हॉट, सेक्सी है.. उसके बूब्स कपड़ो के अंदर से छोटे आकार के नजर आते है.. लेकिन जब वो पहली बार मेरे सामने बिना कपड़ो के आई तो में उन्हें देखकर पागल हो गया और दोस्तों उसकी मटकती हुई गांड हर किसी को दीवाना बनाकर अपनी और आकर्षित करती है और वो दिखने में भी अच्छी लगती है.. उसका रंग गोरा, बड़ी सी गांड, पतली कमर और गदराया हुआ बदन है. दोस्तों यह स्टोरी तीन साल पहले की है जब चाँदनी सिर्फ़ 18 साल की थी और जब उसकी चूत पर खुजली होना शुरू ही हुई थी.. अरे सॉरी दोस्तों में एक बात बताना तो भूल ही गया कि उसका साईज़ 34- 26 -36 है और फ्रेंड्स आप उसको एक बार देखोगे तो पागल हो जाओगे.. उसकी स्माईल एकदम कातिलाना है.

    तो दोस्तों यह एक दिन की बात है जब मेरे माता, पिता घर पर नहीं थे और हमारे घर के बाहर कुछ हमारी पड़ोस की आंटीयां बैठी हुई थी. तो में जब मैगी का पेकेट लेकर जा रहा था तभी एक आंटी ने मुझसे कहा कि बेटा दिन के समय खाना खाने की जगह मैगी क्यों बना रहे हो? तो मैंने कहा कि आंटी आज मेरे घर पर कोई भी नहीं है. मेरे मम्मी, पापा अचानक किसी काम से बाहर गये हुए है और में सब्जी तो बना लेता हूँ.. लेकिन रोटी नहीं बना पता. तो चाँदनी की मम्मी ने कहा कि बेटा रुक में चाँदनी को रोटी बनाने के लिए तुम्हारे घर पर भेज देती हूँ.

    मैंने कहा कि कोई बात नहीं आंटी में मैगी से ही काम चला लूँगा. तो उन्होंने कहा कि नहीं रूको में अभी भेजती हूँ और मैंने कहा कि चलो ठीक है आप जैसा अच्छा समझो.. में अंदर हूँ आप भेज दीजिएगा और करीब 10 मिनट के बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया और जब मैंने देखा तो बाहर दरवाजे पर चाँदनी खड़ी हुई थी. तो में उसे ऊपर से नीचे तक आखें फाड़कर देखता ही रह गया.. दोस्तों उसने लाल टॉप और नीली जीन्स पहनी हुई थी और वो उस ड्रेस में कयामत ढा रही थी.

    फिर वो अंदर आई और उसने मुझसे कहा कि में पहले आपके लिए आटा लगा देती हूँ और वो यह कहकर मटकती हुई सीधी किचन में चली गई और वहाँ पर पहुंचकर उसने मुझे बुलाया और में अपनी नींद से उठकर उसके पास पहुंचा. तो उसने कहा कि मुझे आटा और दूसरा सामान कहाँ पर रखा है वो तो बता दो. फिर मैंने आटा निकाला और उसने आटा लगाने के लिए टेबल पर रखा.

    दोस्तों वो टेबल जिस पर उसने आटा रखा था वो थोड़ा नीचे था और फिर मुझे उसके बूब्स के बीच की गहराईयां दिखने लगी और में एकदम पागल सा हो गया और मैंने मन में ठान ली कि आज में इसे बिना चोदे नहीं जाने देना दूंगा और फिर जब उसकी जुल्फे उसके होंठो तक आती तो वो और भी सेक्सी लगती. दोस्तों कहते है कि लड़की कपड़े पहने हुए ज़्यादा खूबसूरत लगती है जो कपड़ो में छुपी हुई अधूरी छाती और सेक्सी गांड दिखती है वो पूरे खुले आम देखने में नहीं.

    दोस्तों वो किचन में रोटी बनाने लगी तो में टीवी देखने का बहाना करके टीवी देखने लगा.. लेकिन दोस्तों में उसे तिरछी नजर से देख रहा था और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था. तो मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर उसे पीछे से पकड़ लिया.. वो एकदम से डर गयी और मुझसे कहने लगी कि सन्नी यह क्या बत्तमीजी है? और दूर हटो वरना कोई आ जाएगा और हमे देख लेगा. तो उसके इतना कहते ही मुझे एक बात समझ में आ गई कि उसे भी चुदने से कोई समस्या नहीं है.. लेकिन पकड़े जाने का डर है.

    फिर मैंने कहा कि कोई नहीं आएगा.. सबको पता है कि तुम मेरे साथ अपने घर वालों की मर्जी से हो तो कोई तुम्हारे ऊपर शक भी नहीं करेगा और तुम चिंता मत करो में हूँ ना तुम हो ही इतनी सेक्सी कि मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ.. लेकिन हमारी शादी होना बहुत मुश्किल है. दोस्तों लड़कियां अपनी लाईफ में कुछ भी होने से पहले शादी तक बहुत जल्दी पहुंचती है और फिर मैंने कहा कि वो तो जब टाईम आएगा तब देखेंगे.. मैंने कहा कि तुम सिर्फ़ इतना बताओ कि तुम मुझे प्यार करती हो या नहीं?

    तो उसने कहा कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने इतना सुनते ही उसको 5 मिनट का किस किया और उसके पूरे जिस्म पर अपने दोनों हाथ घुमाने लगा जिसकी वजह से वो जोश में आ गई. फिर दोस्तों मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए उसकी टी-शर्ट उतारनी शुरू की.. उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहनी थी और मुझे उसके बूब्स को देखकर मज़ा आ गया और मेरी आखों में बूब्स को देखकर एक चमक सी आ गई में उनको घूरकर देखने लगा. फिर मैंने उसे हल्का सा ब्रा के ऊपर से ही धीरे से सहलाया और बहुत हल्के से दबाया जिससे उसके बहुत बूब्स टाईट हो गये और निप्पल तनकर खड़ी हो गई वो अब जोश में आने लगी.

    फिर मैंने सही मौका देखकर उसकी जीन्स उतारी.. उसने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी और अब मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया और उसकी चूत को सलामी देने लगा. तो मैंने उसकी पेंटी को थोड़ा ज़ोर से खींचा तो वो फट गयी और मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी. दोस्तों वो नज़ारा देखने लायक था वो बिल्कुल नंगी हो गयी थी और मेरे सामने अपने मनमोहक जिस्म को प्रदर्शित कर रही थी. तभी उसने मुझसे कहा कि तुम अपना सामान भी तो दिखाओ मुझे तो एकदम नंगा कर दिया. दोस्तों फिर उसने मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और मेरा लंड देखकर वो डर गयी और उसने कहा कि में इतने बड़े लंड से नहीं चुद सकती यह लंड तो एक बार में ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा.

    उसके मुहं से यह शब्द सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैंने उससे कहा कि में बड़े आराम से करूँगा जिससे तुम्हे ज्यादा दर्द नहीं होगा. फिर दोस्तों मैंने उसे अपने बेड पर लेटाया और उसकी चूत की दोनों गुलाबी पंखुड़ियों को अपने हाथ से हटाया. दोस्तों मुझे उसकी कामुक, गुलाबी, उभरी हुई चूत को देखकर मज़ा आ गया और मैंने हल्की सी उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी और उसे हल्का सा चाटा. तो दोस्तों उसकी चूत से सफेद पानी का फुहारा बाहर निकल गया और मैंने उसे भी अपनी जीभ से चाटा और वो बस सिसकियाँ लेती रही और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी दोस्तों में एकदम पागल हो गया और मैंने सुना था कि लड़कियों को हम से भी ज़्यादा सेक्स का जोश चड़ता है और आज वो मैंने देख भी लिया और उस टाईम लड़कियां एकदम पागल हो जाती जानवर बन जाती है.

    करीब दस मिनट चूत चाटने के बाद वो मेरी जीभ पर ही झड़ गई और में उसकी चूत का रस पीने लगा. फिर कुछ देर चूत चाटकर साफ करने के बाद मैंने उसे अपना लंड चुसवाना शुरू किया पहले तो वो मना करने लगी.. लेकिन फिर मान गयी. तो उसने जोश में आकर लंड चूसना शुरू किया तो मुझे उसे हटाना ही पड़ा.. वरना वो तो हटने को तैयार ही नहीं थी वो तो मेरे लंड पर एकदम टूट पड़ी और मेरे लंड को किसी रांड की तरह चूसने लगी थी. फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया और एक धीरे से धक्का देकर थोड़ा अंदर डाला और पहले ही धक्के में वो इतनी तेज चीखी कि मैंने उसके मुहं पर हाथ रख दिया जिससे उसकी चीखने चिल्लाने की आवाजे वहीं पर दब कर रह गई.. लेकिन वो रोने लगी. उसकी आखों से मोटे मोटे आंसू बहने लगे और वो कहने लगी कि सन्नी प्लीज अह्ह्ह इसे बाहर उह्ह्हह्ह निकालो प्लीज उह्ह्ह निकालो.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था मैंने उससे कहा कि थोड़ा सहन करो और अब ज्यादा दर्द नहीं होगा.

    फिर मैंने सही मौका देखकर एक और ज़ोर का धक्का मारा और वो एक बार फिर से बहुत ज़ोर से चीखी और फिर एकदम शांत हो गई और में भी लंड को चूत में डालकर एकदम चुपचाप होकर उसके जिस्म को चूमने, सहलाने लगा और जब मुझे वो थोड़ी ठीक नजर आई तो मैंने लंड को धीरे से अंदर बाहर किया.. लेकिन मुझे कुछ अजीब सा गीला, गीला सा महसूस हुआ और जब मैंने लंड को बाहर निकालकर देखा में एकदम हैरान रह गया.. उसकी चूत से खून की बारिश हो गयी. तो मैंने उसे एक कपड़े से साफ किया और मैंने उससे कहा कि लो आज तुम एक लड़की से औरत बन गयी. उसने कहा कि प्लीज अब और मत तड़पाओ मेरी चूत में लंड डालो प्लीज़.

    फिर मैंने दोबारा से चूत पर लंड सेट किया.. लेकिन इस बार मुझे धक्का देने की जरूरत नहीं पड़ी. लंड खुद ही अपने आप चूत की गहराइयों में चला गया और में धक्के देकर लंड को आगे पीछे करके चुदाई करने लगा.. लेकिन दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और शायद उसे भी मेरे लंड से अपनी चूत को शांति दिलवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर कुछ देर बाद में झड़ने वाला था तो मैंने अपने लंड की स्पीड बड़ा दी और जमकर चुदाई करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और वो कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे फाड़ दो मेरी चूत को.. मुझे आज तुम्हारे लंड के पूरे मज़े दो. तो में जोश में आकर और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा और फिर कुछ देर के बाद में झड़ गया.. लेकिन में नहीं रुका और उसे चोदता रहा और वो भी मेरे लंड को अपनी गांड को उठाकर नीचे से धक्के देने लगी.

    दोस्तों उसके कुछ देर के बाद में और वो भी झड़ गयी. फिर मैंने उसे बाथरूम करने भेजा.. कुछ देर बाद वो वापस आई तो उसने फ्रिज का दरवाजा खोला पानी पीने के लिए तो वहाँ पर एक चॉकलेट पड़ी थी. तो उसने कहा कि मुझे यह खानी है.. मैंने कहा कि हम आधी आधी खाएगें. तो उसने कहा कि ठीक है.. तभी मैंने कहा कि मुझे चॉकलेट तुम्हारी चूत में डालकर खानी है. तो उसने मुझसे कहा कि जैसी तुम्हारी इच्छा और फिर मैंने उसकी चूत में चॉकलेट डाली और उसको चाटा और चॉकलेट के साथ साथ उसकी चूत के भी चाटकर मज़े लिए.

  • मम्मी चूत को फाड़ दे बेटा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम स्नेहल है और में बी कॉम के आखरी साल में पढ़ता हूँ. दोस्तों यह कहानी उस वक़्त की है जब मेरे पापा उनके किसी काम से कहीं बाहर गए हुए थे. उस वक़्त घर पर में और मेरी सेक्सी मम्मी दोनों ही अकेले थे. दोस्तों में अपनी इस घटना को सुनाने से पहले अपनी मम्मी का परिचय दे देता हूँ.

    मेरी मम्मी का फिगर 36-24-36 है और वो इतनी सेक्सी लगती है कि कोई भी उनको देखकर उनकी चुदाई करने की इच्छा रखता है. अब में आप लोगों को घुमाना नहीं चाहता और इसलिए में सीधे अपने जीवन के सच्चे अनुभव की तरफ ले चलता हूँ. एक दिन मेरे पापा अपने काम की वजह से वो गोवा गये हुए थे और में घर पर अपनी मम्मी के साथ था.

    उस समय मेरी मम्मी सब्जी लेने बाजार में गयी हुई थी और जब वो सब्जी लेकर वापस आई तो वो अपने कपड़े बदलने के लिए कमरे में चली गयी और तब उन्होंने अपना दरवाजा खुला छोड़ दिया. में तुरंत वहां पर चला गया और तब मैंने देखा कि वो उस समय अपना दरवाजा बंद करना भूल गई है और मैंने वहां छुपे छुपे थोड़ा सा दरवाजा खोला और में अंदर देखने लगा.

    मम्मी ने अपनी साड़ी उतारी और उसके बाद में उन्होंने अपना ब्लाउज भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब मम्मी सिर्फ़ अपनी ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी. अब यह नजारा देखते ही मेरा लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया और में कुछ देर मज़े लेकर अपने कमरे में चला गया और में अपना लंड हाथ में लेकर मसलने लगा. अपने लंड को सहलाने लगा और में कुछ देर बाद में अपने दोस्त के साथ बाहर चला गया.

    फिर जब में लौटकर वापस आया तो मेरी मम्मी ने खाना टेबल पर रख दिया था और में खाना खाकर बाहर के रूम में जाकर सो गया. फिर रात को अचानक मेरी जब नींद खुल गयी तो मैंने देखा कि मेरी सेक्सी मम्मी भी उस समय आगे के रूम में मेरे पास वाले बेड पर सोई हुई है.

    करीब 15 मिनट तक में उनको देखता ही रहा और उन्होंने उस समय बहुत ही सेक्सी गाउन पहना हुआ था, लेकिन अब मुझसे रहा नहीं गया और में धीरे से उनके पास जाकर बैठ गया और मैंने मम्मी को धीरे से हिलाया और चेक किया कि वो सो गयी है या अभी जाग रही, लेकिन वो तो उस समय पूरी तरह से सोई हुई थी, इसलिए मैंने थोड़ी हिम्मत करके धीरे से अपना एक हाथ उनके गोरे, बड़े और सेक्सी बूब्स पर रख दिया और मम्मी की तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर थोड़ी और हिम्मत करके मैंने थोड़ी देर के बाद अपने दूसरे हाथ से उनके गाउन की चैन को धीरे धीरे खोलना शुरू कर दिया और उसके बाद मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया और अब में धीरे धीरे उनके बूब्स को दबाने लगा.

    मैंने महसूस किया कि उनके वाह क्या मस्त मुलायम बूब्स थे, वो बहुत ही बड़े आकार के और सेक्सी थे आर मैंने करीब बीस मिनट तक उनके बूब्स को दबाया और उनको सहलाया. फिर उसके बाद में धीरे से उठकर उनके दोनों पैरों के बीच में जाकर बैठ गया और अब में अपना हाथ धीरे धीरे उनकी चूत के करीब ले गया और फिर में अपने हाथ को उनकी चूत के ऊपर फेरने लगा.

    में उनकी चूत को छूकर महसूस करने लगा और सहलाने लगा. मुझे यह सभी काम करने में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी थोड़ी देर के बाद अचानक से मेरी मम्मी जाग गयी और तब उन्होंने देखा कि मेरा हाथ उनकी चूत पर है तो वो यह सब देखकर एकदम घबरा गई, तो उसी समय मैंने उनसे बोला कि मम्मी अगर आपको ऐतराज ना हो तो क्या में आपको चोद सकता हूँ.

    मम्मी मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले से ज्यादा घबरा गई. वो मेरी उस बात को सुनकर बड़ी चकित थी और इसलिए वो मुझसे बोली कि तुझे पता भी कि तू मुझसे यह सब क्या कह रहा है और अगर तेरे पापा को यह बात पता लगी तो क्या होगा, तुम्हे मालूम है? मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं पड़ेगा और में किसी से कुछ नहीं कहूँगा और आप भी मत बताना. उसके बाद मैंने अपनी माँ को बहुत देर तक समझाया तब जाकर वो तैयार हुई और उनकी तरफ से हाँ सुनकर अब मुझे कौन रोक सकता था? इसलिए में तुरंत कूदकर अपनी मम्मी पर चड़ गया और में उनको होंठो पर किस करने लगा.

    कुछ देर बाद मम्मी भी मुझे अपने होठों से अपना जवाब देती हुई मेरा साथ देने लगी थी, उनका जोश देखकर मैंने सही मौका समझकर मम्मी का वो गाउन पूरा उतार दिया और अब मैंने उनको अपने सामने पूरा नंगा कर दिया. अब मम्मी ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी, जिसकी वजह से हम को बहुत मज़ा आने लगा और थोड़ी देर के बाद मैंने मम्मी को बेड पर लेटा दिया और अब में दोबारा उनके ऊपर चड़ गया और मैंने अपना तनकर खड़ा लंड उनकी चूत के छेद पर रखकर एक ज़ोर का झटका लगा दिया.

    उसकी वजह से मम्मी के मुहं से सस्स्स्स्सस्स आह्ह्ह्हह्ह आईईईई ज़ोर से आवाज़ निकल गयी और में उनकी चीख को सुनकर एकदम से घबरा गया कि कहीं मेरे जोरदार धक्के के वजह से मम्मी की चूत फट तो नहीं गई और अगर ऐसा हुआ तो हमारे सामने समस्या खड़ी हो जाएगी और यह बात सोचकर में बहुत ज्यादा डर गया. उस दर्द की चीख की वजह मैंने मम्मी से भी पूछा, तो मम्मी ने मुझसे बोला नहीं बेटे अभी मेरी चूत नहीं फटी है, लेकिन अब तुम मेरी चूत को फाड़ दो और मेरी इस प्यास को बुझा दो, तुम मुझे आज अच्छी तरह जमकर चोदो और मुझे चुदाई का पूरा मज़ा दे दो.

    वैसे भी मुझे यह सब करे हुए बहुत समय हो गया है, क्योंकि तुम्हारे पापा को समय ही नहीं मिलता या वो बहुत थके होते है. अब मैंने उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश होकर में अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा और मम्मी भी नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाती हुई मेरे धक्को का जवाब देती रही. इस तरह हम दोनों ने करीब आधे घंटे तक धक्के देकर चुदाई के बहुत मज़े लिए उसके बाद मैंने मम्मी से कहा कि अब आप उल्टा लेट जाओ और अब में आपकी गांड मारूँगा.

    फिर यह बात सुनकर मम्मी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटे तेरे पापा ने आज तक मेरी गांड नहीं मारी, हाँ उन्होंने कभी कभी मेरी गांड में अपनी ऊँगली जरुर डाली, लेकिन कभी लंड नहीं डाला. तुम रहने दो मुझे बहुत दर्द होगा और अब तू मेरी गांड मारेगा तो शायद वो आज फट जाएगी और उसका छेद भी बहुत छोटा और टाईट है इसमे तुम्हारा मोटा लंबा लंड नहीं जाएगा और तू तो अपना यह लंड मेरी चूत में डालकर ही इसके साथ मज़े कर ले.

    मैंने मम्मी से कहा कि पहली बार आपको थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में आपको बहुत अच्छा लगेगा और आपको मेरे साथ अपनी गांड में लंड लेने में बड़ा मज़ा आएगा और मेरे समझाने पर मम्मी तैयार हो गई और में उनके ऊपर आ गया. फिर मैंने अपना लंड मम्मी की गांड के छेद पर रख दिया और एक ज़ोर का झटका दिया जिसकी वजह से मेरा आधा लंड मम्मी की गांड में घुस गया, लेकिन दर्द की वजह से मम्मी अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि बाहर निकाल तेरा लंड ऊऊईईईईईईईइ माँ में मर गई निकाल इसको बाहर वरना यह मेरी गांड को फाड़ देगा ऊउफ़्फ़्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्हह्ह में मर जाउंगी प्लीज अब बाहर निकाल इसको, लेकिन में तो उनकी बात को सुने बिना अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था.

    फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब मम्मी को भी मुझसे अपनी गांड मरवाने में बड़ा मज़ा आने लगा था और इसलिए वो भी अब अपनी तरफ से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगी और थोड़ी देर के बाद मैंने वापस मम्मी को सीधा लेटा दिया और मैंने दोबारा उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया. में उनको जोरदार धक्के देकर चोदने लगा और जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मम्मी से पूछा कि में इसको कहाँ निकालूं? तब उन्होंने मुझसे बोला कि तुम अपना लंड मेरी चूत से बाहर मत निकालना और तुम अपना वीर्य मेरी चूत में ही डाल देना और अब मैंने ठीक वैसा ही किया मैंने जोरदार धक्को के साथ अपना पूरा वीर्य उनकी चूत की गहराइयों में ही डाल दिया.

    उसके थोड़ी देर के बाद मैंने हम दोनों उठकर साथ में बाथरूम में नहाने चले गए. हम साथ में नहाने लगे और नहाकर वहां से बाहर निकलने के बाद हमने एक बार फिर से सेक्स किया और मस्त चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद में खाना खाकर सो गया. दोस्तों सच कहूँ तो उस चुदाई से हम दोनों ही बहुत खुश थे, जिसमे उन्होंने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया और हमने चुदाई के मस्त मज़े लिए.

  • बुआ की बेटी को गुलाम बनाया

    हैल्लो दोस्तों, आज में आप लोगों को अपनी कहानी सुनाना चाहता हूँ. इस कहानी की हिरोइन बहुत ही सेक्सी बॉम्ब है. ये बात तब की है जब में 21 साल का था. में दिल्ली में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था. मैंने जहाँ कमरा ले रखा था, उसी के पास मेरी बुआ की दो लड़कियों का मकान था. में अकेला ही रहता था इसलिए उनके पास ही मेरा ज्यादा टाईम पास होता था. छोटी बहन (बुआ की लड़की बहन ही होती है) मुझसे 7 साल बड़ी है.

    उन दिनों उसकी उम्र 28 साल थी, लेकिन वो 22 साल की लगती थी, उसके दो बच्चे भी थे, उसका कद 5 फुट 5 इंच, मासल शरीर, वो भी ऐसी कि भगवान ने चुन-चुनकर कारीगरी की हो और उस पर उसका 36-24-38 साईज का फिगर था. उसकी गांड आपस में रगड़ खाती थी और जब वो चलती तो मनचले कहते थे कि इसकी गांड पर 1 रूपए का सिक्का रख दो तो नहीं गिरेगा, उसका रंग गोरा था, तो यह हुआ उसका फिगर.

    उन दिनों वी.सी.आर किराए पर लाकर फिल्म देखते थे. फिर एक दिन में भी वी.सी.आर किराए पर ले आया और उसके साथ एक ब्लू फिल्म भी लेकर आया था. मुझे ब्लू फिल्म बहुत अच्छी लगती थी, जब गर्मियों के दिन थे और जून का महीना था.

    हमने शाम को (में, दोनों बहनें और उनके बच्चे, दोनों जीजा जी ही बाहर नौकरी करते है तो वो नहीं थे) फिर हम सबने करीब रात के 2 बजे तक फिल्म देखी और उसके बाद सभी सोने के लिए अपने-अपने अपने कमरे में चले गये और में वही अपनी ब्लू फिल्म देखने लगा, तो ब्लू फिल्म देखते समय मुझे गर्मी चढ़ने लगी और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सोफे पर बैठ गया.

    अब मेरा 9 इंच का लंड मेरी टांगो के बीच में तना खड़ा था. फिर जब मुझसे ब्लू फिल्म देखते-देखते अपने आप पर काबू नहीं हुआ तो मैंने मुठ मार ली. अब ये सब (कला) मेरी छोटी बहन देख रही थी, तो मैंने ध्यान नहीं दिया. अब उसको कमरे में से सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा था (जो उसने मुझे अगले दिन बताया था) और फिर में मूठ मारकर सो गया.

    सुबह 8 बजे कला मुझे जगाने आई और बड़े ही प्यार से मेरी गर्दन पर अपना हाथ फैरकर उठाया, जैसे कोई बीवी अपने पति को जगाती है. उस टाईम उसने नाइटी ही पहनी हुई थी. अब कला मुझे जगाने के लिए झुकी हुई थी कि मेरी आँखे खुलते ही मुझे उसके बूब्स के पूरे–पूरे दर्शन हो गये. मैंने उसके बूब्स सीधे तौर पर पहली बार देखे थे, में पहले तो उसके कपड़ो में देखकर ही सोचा करता था कि उसके बूब्स कैसे होगें? लेकिन आज तो उसकी नाइटी के ढीले गले में से सब कुछ दिखाई दे रहा था.

    फिर मुझको जगाने के बाद कला ने एक अंगड़ाई ली, जो बड़ी ही कातिल थी और मेरी आँखो में अपनी आँखे डालकर कहा कि राजा जी रात को अकेले नहीं जगा करते और मुस्कुराकर चली गई. फिर मुझे उसका बर्ताव बड़ा ही अजीब लगा और मेरा पूरा दिन ऐसे ही मस्ती में कट गया. अब अगले रोज से गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू हो रही थी, तो मेरी बड़ी बहन अपने बच्चों के साथ अपने मायके आ गई.

    अब घर पर में और कला ही रह गये थे. फिर हमने रात को करीब 10 बजे तक टी.वी देखी और फिर अपने-अपने कमरे में सोने चले गये. तो 15-20 मिनट के बाद कला वही नाइटी पहने हुए मेरे कमरे में आई और कहा कि में भी इसी कमरे में सोऊँगी. फिर मैंने कहा कि यहाँ तो एक ही चारपाई है तो तुम यहाँ कैसे सो सकती हो? तो उसने कहा कि में दूसरी तरफ अपना सिर करके सो जाऊंगी, तो उसके ज़िद करने पर मैंने हाँ कर दी और वो वहीं लेट गई.

    फिर थोड़ी देर तक तो वो अपने पैर सीधे पसार कर सोती रही, लेकिन बाद में उसने अपने घुटनों को मोड़ लिया. अब कला की नाइटी इस तरह हो गई थी कि मुझे उसकी चूत तक सब कुछ दिखाई दे रहा था, तब कला ने अंडरवेयर नहीं पहनी थी. अब मुझे उसकी मासल टांगो के बीच से उसकी प्यारी-प्यारी गुलाबी चूत के दर्शन हो रहे थे, उसकी चूत शेव्ड थी, उसने उसी दिन उसकी चूत की झाटें काटी थी, उसकी चूत की दोनों फांके मोटी-मोटी थी. अब ये सब नज़ारा देखकर मेरा लंड भी तन गया था और फटने को हो गया था.

    अब उसकी चूत मुझे निमंत्रण देती लग रही थी कि मर्द है तो मुझे फाड़ डाल और मेरा लंड कहा रहा था कि ऐसी रसीली चूत आज नहीं लेगा तो फिर नहीं कभी मिलेगी. मैंने पता नहीं कला की चाल ढाल देखकर कितनी बार उसे ख्यालों में चोदा था? और आज वही चूत मेरे सामने निवस्त्र थी. अब मेरा दिल कहता कि ऐसा हुस्न है कि जो चोदे उसे स्वर्ग मिल जाए और मेरा दिमाग कहता कि नहीं बहन को नहीं चोदते, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है? तो मेरा दिल जीत गया.

    फिर मैंने उठकर देखा तो मुझे लगा कि कला गहरी नींद में सो रही थी, तो मैंने वापस लेटकर अपना एक हाथ कला की चूत पर रख दिया और उसके जवाब का इंतजार करने लगा. उसकी चूत एकदम चिकनी और मोटी थी. अब अपना हाथ रखते ही मुझे बड़ा सकून मिल रहा था. फिर करीब 3-4 मिनट के बाद कला ने अपना हाथ इस तरह से मेरे लंड पर रख दिया जैसे कोई नींद में रखता है, लेकिन अब में समझ गया था कि वो भी चुदना चाहती है, तो उसके हाथ रखने से मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने मेरी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.

    फिर मेरी उंगली उसकी चूत के अंदर जाते ही उसने अपने दोनों पैरो को थोड़ा सा और चौड़ा कर दिया, तो में समझ गया कि रास्ता साफ है. फिर उसने भी मेरी लुंगी के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया, तो मैंने 3-4 बार अपनी उंगली उसकी चूत में हिलाई, तो कला ने एक सिसकारी ली और अपने एक हाथ को मेरी लुंगी में डालकर मेरे लंड को हिलाया.

    अब भी उसकी आँखे बंद थी, तो में उठा और मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए, तो मेरे होंठ रखते ही वो मेरे होंठो को चूसने लगी. फिर मैंने कहा कि अपनी आँखे खोलो डार्लिंग, तो कला ने कहा कि नहीं मुझे भाई से आँखे मिलाने में शर्म आती है, में ये सब नहीं कर सकती. फिर मैंने कहा कि अब ये भूल जा कि हम भाई बहन है, तू बस ये याद रख कि में तेरा यार हूँ.

    उसने धीरे-धीरे अपनी आँखे खोली और मेरे होंठो को फिर से चूमने लगी. फिर मैंने उसकी नाइटी को निकाल दिया और खुद भी बिल्कुल नंगा हो गया.

    फिर कला कहने लगी कि में कब से इस लंड के दीदार को तरस रही थी? उसने 1-2 बार मुझे नहाते देखा, तो वो गर्म हो जाती थी, लेकिन अपने मन को समझा लेती थी, लेकिन कल जब तुम रात को मुठ मार रहे थे, तो मैंने तुम्हारा पूरा टाईट लंड देखा और तभी से मेरा अपने आप पर काबू नहीं रहा तो मैंने सोचा कि तेरे तो जीजा बाहर रहते है और में जलती हूँ और उधर तुम मुठ मारकर काम चलाते हो. अगर हम दोनों मिल जाए तो हम दोनों की मौज हो जाएगी और किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा.

    फिर मैंने कहा कि बड़ी बहन को पता चल जाएगा, तो उसने कहा कि तुम चिंता मत करो किसी दिन मौका देखकर उसको भी तुमसे चुदवा दूँगी और फिर उसके बाद हम मौज किया करेंगे. अब हम दोनों ही नंगे थे, उसका नंगा फिगर भी बड़ा मस्त था. फिर कला उठी और जमीन पर बैठकर मेरा लंड चूसने लगी और में अपने दोनों हाथों से उसकी चूचीयों को भींचने लगा, तो वो एक बार में मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले जाती थी.

    थोड़ी देर के बाद मैंने उसे उठया और बेड पर लेटा दिया और उसकी चूचीयों को चूसने लगा, तो वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी लेने लगी. अब में उसकी चूचीयों को चूसते-चूसते उसकी चूत को भी छेड़ रहा था. अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था और अब उसकी चूत बहुत चिकनी हो गई थी. फिर मेरा दिल भी कर गया कि क्यों ना इसकी चूत चाटी जाए? तो मैंने उसकी दोनों टाँगे ऊपर उठाई, तो उसकी चूत एकदम अलग से निकल आई.

    फिर मैंने उसकी प्यारी चूत पर जैसे ही अपनी जीभ रखी तो उसने ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी लेनी शुरू कर दी. अब में जैसे-जैसे उसकी चूत को चाटता तो वो अपनी गांड को मजे-मजे में और ऊपर उठाती और कहा कि में भी कितनी बेवकूफ़ थी, इतना मस्त मर्द मेरे पास था और में ऐसे ही तड़पती थी. अब मुझसे भी सब्र नहीं हो रहा था तो में उठा और उसकी मस्तानी चूत पर अपना लंड रख दिया, तो मेरे लंड को उसकी चूत बहुत गर्म लगी और उसकी चूत को मेरा लंड बहुत गर्म लगा.

    मैंने थोड़ा सा ज़ोर लगाकर दो झटको में ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और मेरे लंड के अंदर जाते ही उसने ज़ोर की सिसकारी ली और कहा कि हाए मेरे राजा आज इस चूत को पूरी फाड़ डाल, ये कला हमेशा तेरी गुलाम बनकर रहेगी, तू रोज इस मस्त चूत की आग बुझाया कर. फिर मैंने कहा कि मेरी रानी में कितने दिनों से तुझे चोदना चाहता था? आज में मेरी सारी हसरतें पूरी करुँगा. फिर मैंने कला को उस रात बहुत स्टाइल में चोदा और आज भी हम दोनों अपनी चुदाई के भरपूर मजे लेते है.

  • दीदी के साथ जीजू ने मुझे भी ठोका

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम श्रेया है और में आज आप सभी को अपने जीवन का एक सच और उससे जुड़ी एक सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ जिसने मेरे पूरे जीवन को बिल्कुल बदलकर रख दिया.

    दोस्तों मेरी चुदाई होने से पहले मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी चुदाई कौन करेगा? और फिर मेरी पहली चुदाई खत्म होने के बाद में सारी बातें सोचने लगी कि मैंने यह सब क्या किया?

    दोस्तों मेरे फिगर का आकार 32-25-35 है और हर एक लड़की का सेक्सी होने का मन होता है, वो मन ही मन चाहती है कि हर किसी को वो अपनी तरफ अपना सेक्सी बदन दिखाकर आकर्षित कर ले और उसको अपना बनाने का मन होता है, ठीक वैसा ही मेरा भी मन था. में अपनी कॉलेज की दोस्तों के साथ रहकर सेक्स के बारे में बहुत सारी बातें समझ गई थी, लेकिन उस समय मेरी उम्र भी कुछ ज़्यादा नहीं थी.

    में उस समय सिर्फ 19 साल की थी और में 18 साल की उम्र से ही अपनी चुदाई करवाना चाहती थी. मेरी चूत के अंदर चुदाई करवाने की इच्छा और कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था, लेकिन मुझे ऐसा कोई मिला नहीं मिला जिसका फायदा उठाकर में अपनी चूत की चुदाई करवाकर उसको शांत करूं और वो मज़े लूँ, लेकिन अभी कुछ दिन पहले मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई जिससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई और अब आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए में सीधा उस कहानी पर आती हूँ और बताती हूँ कि मेरी चुदाई का वो सपना कैसे सच हुआ, मुझे कैसे लंड और किसका लंड मिला?

    दोस्तों वो मेरी दीदी की शादी का दिन था और हमारे पूरे घर में ख़ुशी का माहोल था में भी बहुत खुश थी और फिर वो पल आ ही गया. मेरी दीदी की उस दिन शादी हो गई और विदाई के समय मेरी दीदी बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी.

    वैसे तो घर के सभी सदस्य दुखी थे और उनके साथ साथ में भी रो रही थी. तभी कुछ देर बाद मुझसे मेरी मम्मी ने कहा कि तुम भी अपनी दीदी के साथ चली जाओ कुछ दिन रुकने के बाद हम लोग तुम दोनों के लेने आ जाएगें और तुम्हारे साथ रहने से इसका भी मन लगा रहेगा और फिर मैंने अपनी मम्मी को वो बात सुनकर बहुत खुश होकर जाने के लिए तुरंत हाँ कह दिया और जब में दीदी के ससुराल आई तो मुझे वहां पर बहुत मज़ा आया.

    वहां पर सभी का व्यहवार बहुत अच्छा था और वो लोग बहुत प्यार से हंस हंसकर मुझसे बातें कर रहे थे. दोस्तों वो दिन तो ऐसे ही मज़े मस्ती में गुजर गया और उस रात को मेरी दीदी की सुहागरात थी. वैसे मुझे तो पहले से ही पता था कि आज दीदी की जमकर चुदाई होगी और उनकी चूत की सील भी जरुर टूटेगी और आज मेरी दीदी को ठीक तरह से पता चलेगा कि लंड क्या होता है और लोलीपॉप किसे कहते है?

    उस रात को में अपनी दीदी की चुदाई के बारे में सोचकर बहुत ज्यादा जोश में आकर में खुद अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करके थककर ना जाने कब सो गई और जब में दूसरे दिन सुबह उठी तो में सीधी बाथरूम में जाने के बाद सीधी दीदी के रूम में चली गई. मुझे पता चल गया कि कल रात की चुदाई से मेरी दीदी की चूत की सील टूट चुकी थी.

    उस समय मेरे जीजा जी कमरे में नहीं थे इसलिए में अपनी दीदी से पूछने लगी कि कल रात को उनके साथ क्या क्या हुआ? तो उन्होंने थोड़ा सा शरमाकर मुझसे बोला कि तेरे जीजा जी का बहुत मोटा है और उन्होंने मुझे बहुत बुरी तरह से जमकर चोदा और अपनी तरफ से चुदाई में कोई भी कमी नहीं आने दी. वैसे उनको यह काम करना बहुत अच्छे से आता है और मुझे उनका हर एक तरीका बड़ा अच्छा लगा. उनमे बहुत जोश भी है. दोस्तों अपनी दीदी की बातें सुनकर मुझे तो अब वो सभी बातें पूरी विस्तार से जानने की इच्छा हो रही थी और में वो बातें सुनकर जोश में आ गई और बड़ी उत्सुक भी थी, क्योंकि में अब तक वर्जिन थी और मैंने किसी लंड का मज़ा नहीं लिया था.

    में बस जब भी मुझे याद आती अपनी ऊँगली को डालकर चूत को शांत कर लिया करती, लेकिन तभी मेरे जीजा जी भी कमरे में आ गये और वो अब मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है तुम कैसी हो और तुम्हे रात को नींद तो ठीक तरह से आई, क्या यहाँ पर कोई परेशानी तो नहीं है ना? तो मैंने उनको कहा कि सब कुछ ठीक है और में यहाँ पर बहुत खुश हूँ और आपके रहते हुए मुझे कैसी परेशानी मेरे साथ आप हो ना और में उनकी तरफ मुस्कुराने लगी.

    अब मेरी दीदी हम दोनों से कहकर उठकर बाथरूम में जाने लगी और तभी मेरे जीजा जी ने तुरंत उनका हाथ पकड़कर लिया और उठकर उनको किस किया और वो मेरे ही सामने दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाने सहलाने लगे, लेकिन दीदी उनसे कुछ नहीं बोली. फिर जीजाजी दीदी से पूछने लगे कि क्या में तुम्हारी बहन से किस ले लूँ? दीदी बोली कि में इसमें क्या कहूँ आप और आपकी साली जानो.

    दीदी यह बात कहकर हंसती हुई सीधी बाथरूम में चली गई और जीजा जी उनके कमरे से बाहर जाते ही तुरंत मुझे अपनी बाहों जकड़कर किस लेने लगे और वो मेरे बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. दोस्तों मुझे उनके ऊपर उनकी ऐसी हरकत की वजह से बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में क्या कर सकती थी, क्योंकि उनको मेरी दीदी ने जो हाँ कर दिया था और में भी उस समय पूरी तरह से जवान थी और मेरे अंदर भी सेक्स भड़क रहा था, इसलिए में उनका ज्यादा विरोध नहीं कर रही थी.

    अब जीजाजी ने मेरी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर उनकी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और उस बात का उन्होंने फायदा उठाते हुए मेरी टी-शर्ट को उतारना चाहा, लेकिन मैंने मना कर दिया और उनसे कहा कि क्या आपका दिमाग खराब हो गया है, अगर कोई आ गया तो क्या होगा? प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, लेकिन तभी जबरदस्ती उन्होंने मेरी कोई भी बात को ना सुनकर एक ज़ोर का झटका देकर मेरी टी-शर्ट को उतारने की जगह खींचकर फाड़ दिया और ब्रा को भी ज़ोर से पकड़कर खींचकर उसके हुक को तोड़ दिया.

    में ऊपर से उनके सामने पूरी नंगी थी और अपने बूब्स को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी. अब वो जबरदस्ती करते हुए मेरे गोरे गोरे बूब्स को अब कुत्ते की तरह चूसने लगे. वो उन पर टूट पड़े और बिल्कुल पागल हो चुके थे, लेकिन दोस्तों मुझे तो कैसे भी करके अब उनका लंड देखना था, इसलिए मैंने अपनी तरफ से बिल्कुल विरोध को बंद करके उनकी टेंट बनी हुई पेंट को पकड़ लिया और मैंने उनके लंड को बिना देर किए जल्दी से बाहर निकाल लिया. अब जीजाजी और में हम दोनों पूरे नंगे होकर खड़े थे.

    मेरे हाथ में उनका तनकर खड़ा हुआ लंड था और उनके मुहं में मेरे एक बूब्स की निप्पल तो दूसरी निप्पल को वो अपने एक हाथ से कसकर निचोड़ रहे थे. हम दोनों उस समय पूरे जोश में थे और हमें बड़े मज़े आ रहे थे, लेकिन तभी अचानक से हमारा मज़ा खराब करने के लिए मेरी दीदी ना जाने कहाँ से आ गई. वो हम दोनों को उस हालत में देखकर बिल्कुल चकित रह गई. फिर उन्होंने मुझे कसकर एक थप्पड़ मार दिया, जिसकी वजह से मेरा सारा सेक्स का नशा उस एक ही थप्पड़ में झट से टूट गया.

    में अपने पूरे होश में आ चुकी थी कि में क्या कर रही थी. मुझे वो सब कुछ अच्छी तरह से समझ में आ गया. फिर जीजाजी ने गुस्से में आकर मेरी दीदी को भी एक थप्पड़ मार दिया और वो बोले कि साली रंडी तुझे नहीं पसंद तो तू इसको भी क्यों मना कर रही है? इसको तो मेरे साथ मज़ा लेने दे और इतना कहने के बाद जीजा जी ने मेरी दीदी के कपड़े जबरदस्ती उतारकर अपने खड़े लंड को उन्होंने दीदी की चूत में बहुत बेरहमी से एक जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया, लेकिन उनका आधा ही लंड दीदी की चूत के अंदर गया था और दीदी दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. वो दर्द से तड़प रही थी.

    फिर यह सब कुछ अपनी आखों के सामने देखकर मेरी चूत से पानी बाहर आ गया. एक तो में पहले से ही बहुत गरम थी और दूसरा मेरी दीदी की चुदाई मेरे सामने होने लगी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो चुकी थी. सब कुछ मेरी समझ से बाहर था कि में क्या करूं? तभी मेरी बैचेनी को मेरे जीजाजी झट से समझ गए और वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरी चूत में ज़ोर ज़ोर से अपनी दो उँगलियों को डालकर मेरी भी चुदाई करने लगे, जिसकी वजह से मेरी चूत अब कुछ ज्यादा ही व्याकुल हो उठी.

    में वो सब किसी भी शब्दों में लिखकर आप लोगों को नहीं बता सकती कि में उस समय कैसा और क्या महसूस कर रही थी. अब मैंने समय को देखते हुए तुरंत अपनी दीदी से आग्रह किया कि प्लीज दीदी मेरे भी अंदर डालने दो ना और दीदी उस समय अपनी चुदाई होने के साथ साथ रो रही थी.

    फिर जीजा ने मुझे पकड़ा और वो मुझे नीचे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठाकर उन्होंने दीदी की चूत से खींचकर अपना लंड बाहर किया और अब वो धीरे से अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगे. में बिना हलचल किए उनके सामने पड़ी रही और वो मेरी चूत पर अपने लंड का हल्का हल्का दबाव बनाते हुए लंड को अंदर करने लगे.

    दोस्तों सिर्फ़ उनके लंड का टोपा ही मेरी चूत के अंदर गया था, लेकिन उसकी वजह से ही मुझे बहुत दर्द हो रहा था. में उस असहनीए दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ ले रही थी आईईईईइ माँ में मर गई उफ्फ्फ्फफ्फ प्लीज थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे बेरहम जीजा ने कुछ भी ना सुनते हुए अपना लंड मेरी चूत के अंदर पूरा डाल ही दिया. वो अब जमकर धक्के देकर मेरी चुदाई करने लगे और तब जीजाजी, में और दीदी सब नंगे पूरी रात तक बारी बारी से मज़े ले रहे थे और अब तो दीदी की बारी थी.

    तब मैंने उनको बहुत किस किए और उसके बूब्स को भी मैंने बहुत देर तक चूसा दबाया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आया. उस समय जीजा जी मेरी चूत को कुत्ते की रह अपनी गरम जीभ से चाटने लगे. मुझे तो उस दिन जैसे जन्नत मिल गई और 6 इंच के लंड से मेरी चुदाई भी हो गई और फिर में जब तक वहां पर रही और तब तक में हर रात को अपनी दीदी की चूत को चुदते हुए देखती थी और उनकी चूत में अपनी उंगली को भी डाल देती थी जिससे मुझे उनकी चूत अंदर तक गुलाबी के दर्शन हो जाते थे, लेकिन अब मुझे अपने घर भी जाना था, क्योंकि में अपनी दीदी के ससुराल में दो दिन तक रुक गई थी. इसलिए में वापस अपने घर आ गई.

    फिर उसके बाद में अब कॉलेज में अपनी चुदाई करवाने के लिए दमदार लड़को की तलाश करने लगी और में बहुत से लड़को को ऐसे ही किस दे देती और उनके लंड को भी कपड़ो के ऊपर से किस कर लेती, तो लगातार कॉलेज जाने के बाद भी मुझे अपनी चुदाई का कोई भी जुगाड़ नहीं मिला. मुझे हर रात को अपनी उँगलियों से ही अपनी चूत को शांत करना पड़ा और एक दिन जब में अपने कॉलेज से घर आई, तो मैंने देखा कि आज मेरे घर पर मेरे सामने मेरे जीजाजी और दीदी बैठी हुई थी.

    दोस्तों पहले तो मुझे उनको देखकर विश्वास नहीं हुआ. फिर उनसे बात करने और अपनी दीदी से गले लगने के बाद में समझ गई और में उन दोनों को देखकर बहुत खुश हो गई, क्योंकि एक बार फिर से मुझे आज रात को उनके साथ अपनी चूत को चुदवाने का असली मज़ा आएगा और वो सुख मिलेगा जिसके लिए में तरस रही थी. फिर जब शाम हुई तब जीजाजी और में छत पर आ गए और जीजाजी कुछ देर बाद वहीं पर शुरू हो गए और में भी शुरू हो गई. हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिए और में साथ में उनका लंड दबा रही थी और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे, लेकिन तभी दीदी भी छत पर आ गई और वो बोली कि तू कभी भी नहीं सुधरेगी.

    अब मैंने दीदी को लपककर पकड़ लिया और मैंने उनकी सलवार को ज़बरदस्ती उतार दिया और उनके बूब्स को बहुत जमकर दबाया और चूसा. फिर जीजाजी ने इतनी देर में मेरे कपड़े उतार दिए और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया और उन्होंने हल्के हल्के धक्के देकर मेरे मुहं की चुदाई करना शुरू कर दिया. फिर तभी कुछ देर बाद मुझे उल्टी आ गई, क्योंकि मैंने उससे पहले कभी भी किसी के लंड का पानी नहीं पिया था. दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची घटना जिसको में आप लोगों तक पहुँचाने के बारे में बहुत समय से सोच रही थी, लेकिन आज बता ही दिया.

  • माँ पर चल गया लंड का जादू

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संदेश है और मेरी उम्र 23 साल है. आज में आपको मेरी लाईफ की एक कहानी बताने जा रहा हूँ. हमारे घर में हम सिर्फ़ 2 लोग ही रहते है, एक में और मेरी माँ. वैसे तो पिताजी भी रहते थे, लेकिन बिजनेस की वजह से वो दुबई में रहते है और वो साल में सिर्फ़ 2 बार ही आते थे, लेकिन एक दिन पिताजी ने दुबई में किसी दूसरी औरत के साथ शादी कर ली, तो तब से माँ का मेरे अलावा कोई अपना नहीं था. मेरी माँ का नाम सोनाली है और उसकी उम्र 37 साल है, लेकिन फिर भी आज वो किसी 19 साल की लड़की की तरह जवान और खूबसूरत दिखती है और उनके बूब्स काफ़ी सुडोल और काफ़ी बड़े-बड़े है. मेरी माँ कभी-कभी पारदर्शी साड़ी पहनती है, जब भी में माँ के साथ बाहर घूमने जाता हूँ, तो सारे मर्दों की नज़र मेरी माँ पर ही रहती है.

    दोस्तों एक बार में रात को करीब 3 बजे माँ के कमरे की तरफ चला गया, तो मुझे माँ की भी कुछ अजीब सी आवाज़े आने लगी. माँ के कमरे का दरवाजा अंदर से लॉक था इसलिए मैंने पास में ही पड़ी टेबल लेकर दरवाजे की खिड़कियों से अंदर देखा, तो मेरी माँ पूरी नंगी और माँ अपनी उँगलियों से अपनी चूत को चोद रही थी और माँ ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.

    अब यह देखकर तो में भी हैरान हो गया था. अब मुझे ऐसा लग रहा था की अभी दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर माँ की प्यासी चूत की सारी प्यास मिटा दूँ, लेकिन मुझे माँ से डर भी लगता था कि कहीं वो मुझसे गुस्सा तो नहीं करेगी.

    रातभर मेरी नज़रों के सामने वही माँ का नंगा बदन दिखाई दे रहा था, माँ को कैसे चोद सकूँगा? इस ख्याल में कब सुबह हो गयी? मुझे पता ही नहीं चला. अब उस दिन से मेरा माँ की तरफ देखने का नजरिया ही बदल गया था. अब वो मुझे माँ कम और एक प्यासी औरत ज़्यादा दिखने लगी थी. फिर एक दिन में बाथरूम में नहाने गया, तो तब माँ किचन में नाश्ता बना रही थी. फिर मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया तो में बाथरूम से नाहकर आते समय टावल लगाकर बाहर आ गया, तो मैंने देखा कि माँ भी वहीं पास ही किचन में खड़ी थी.

    फिर माँ की नज़र मुझ पर पड़ी तो मैंने जानबूझ कर मेरी कमर का टावल छोड़ दिया. माँ का ध्यान मेरे 7 इंच के लंड पर पड़ा, तो मैंने भी थोड़े आराम से टावल उठाकर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने रूम में ऐसे चला गया कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. फिर माँ मेरे पीछे-पीछे दबे पैर से आई और अब मुझे पता था कि माँ दरवाजे पर खड़ी है, फिर मैंने पंखा चलाकर फिर से टावल छोड़ा और अब में बेड पर इस तरह हवा खा रहा था कि माँ को मेरा पूरी तरह से मेरा लंड फिर से दिखाई दे. अब मेरा लंड देखकर माँ अपने बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद माँ अपनी चूत में अपने एक हाथ से उंगली करने लगी थी.

    अब में समझ चुका था कि अब मेरे लंड का जादू माँ पर धीरे-धीरे असर करने लगा था. फिर थोड़ी देर के बाद में अपनी पेंट पहनकर नाश्ता करने बाहर आया, तो माँ का आज मेरी तरफ देखने का अंदाज़ बदल गया था. फिर माँ नाश्ता करके अपने कमरे में चली गयी और में अपने कमरे में चला गया, लेकिन अब माँ के दिमाग़ में सिर्फ़ मेरे लंड का ख्याल दौड़ रहा था.

    फिर दूसरे दिन में और माँ शॉपिंग के लिए मार्केट चले गये. फिर मेरे लिए नये कपड़े और माँ के लिए भी नई साड़ी लेने के बाद माँ मुझे कुछ पर्सनल शॉपिंग के लिए भी ले गयी. अब माँ को ब्रा और पेंटी लेनी थी.

    फिर माँ ने एक लेडीस अंडरगार्मेंट्स शॉप में नई और ट्रेंडी ब्रा और पेंटी खरीद ली और फिर हमने एक होटल में जाकर खाना खा लिया और फिर उसके बाद हम घर के लिए निकल गये और फिर में मेरे कमरे में और माँ अपने कमरे में चली गयी. फिर थोड़ी देर के बाद माँ ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया, तो में माँ के कमरे की तरफ चला गया, तो माँ अपने कपड़े बदल रही थी.

    अब माँ टॉपलेस थी और उन्होंने पेंटी पहनी थी. अब में अंदर जाते ही वापस जा रहा था, तो तभी माँ ने मुझे रोका और बड़े प्यार से बोली कि बेटा यह ब्रा का हुक लगा दो ना प्लीज़? तो यह सुनकर में माँ के पास चला गया और उनकी ब्रा का हुक लगाने की कोशिश करने लगा, लेकिन अब मेरा पूरा ध्यान माँ के नंगे बदन पर था, अब धीरे-धीरे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.

    फिर तभी माँ ने पूछा कि एक हुक लगाने के लिए इतना वक़्त बेटा? और फिर माँ मेरी तरफ मुड़ गयी. अब माँ की आगे की साईज़ देखकर तो मेरा लंड और भी ज़्यादा तन गया था. फिर माँ बोली कि बेटा तेरा ध्यान कहाँ है? तो तभी में बोला कि कहीं तो नहीं माँ और फिर मैंने माँ की ब्रा का हुक लगा दिया. फिर माँ नाईट ड्रेस पहनकर सोने की तैयारी करने लगी, तो अचानक से लाईट चली गयी.

    फिर माँ ने डर के मारे मुझे गले लगा लिया. अब मैंने भी माँ को ज़ोर से पकड़कर रखा था, अब हम दोनों 1-2 मिनट के लिए वैसे ही रह गये थे. वैसे तो माँ को अंधेरे से काफ़ी डर लगता है. अब में मेरे कमरे में जाने की तैयारी में था, तो तभी माँ ने मुझे रोका और कहा कि क्या आज रात तुम मेरे पास सो सकते हो? मुझे बहुत डर लग रहा है. फिर यह सुनकर में तुरंत तैयार हो गया और फिर हम दोनों एक ही बेड पर सोने की तैयारी करने लगे. अब मुझे लाईट ना होने की वजह से नींद भी नहीं आ रही थी.

    अब हम दोनों एक ही बेड पर सो रहे थे. फिर रात को करीब 3 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि माँ की नाईट ड्रेस से माँ के बूब्स बाहर आ गये थे. अब मेरी नज़र उस पर जाते ही मेरा लंड फिर से जाग उठा था तो मैंने देखा कि माँ पूरी नींद में है. फिर तभी मेरे दोनों हाथ माँ के बूब्स दबाने को आगे बढे और अब में बड़े प्यार से माँ के दोनों बूब्स मसलने लगा था.

    फिर थोड़ी देर के बाद में माँ के बूब्स को अपने मुँह से चूसने लगा. फिर तभी माँ की आँख खुल गयी, तो में एकदम डर गया कि माँ मुझे मारेगी, लेकिन माँ ने बड़े ही प्यार से कहा कि क्यों बेटा तुझे मेरे बूब्स पसंद है ना? अब में भी समझ गया था कि माँ धीरे-धीरे अपनी लाईन पर आ रही है.

    फिर में और ज़ोर-जोर से माँ के बूब्स चूसने लगा. अब माँ ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी तो तभी माँ बोली कि सिर्फ़ तुम ही आम के मज़े लोगे या मुझे भी थोड़ा तेरा गन्ना चूसने को दोगे. फिर मैंने मेरी पैंट उतारकर अपना 7 इंच का तना हुआ गन्ना बाहर निकाला.

    फिर माँ मेरे गन्ने को देखकर बोली कि अरे तेरा तो तेरे पापा से भी काफ़ी बड़ा है और फिर माँ बड़े प्यार से उसे अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी और धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से आगे पीछे हिलाने लगी थी.

    करीब 10 मिनट के बाद मैंने माँ के मुँह में ही अपना पानी छोड़ दिया. अब माँ काफ़ी जोश में आ गयी थी और बेड से उठकर अपने बदन से नाईट ड्रेस निकालकर पूरी तरह से नंगी हो गयी थी. अब यह देखकर तो मेरा सोया हुआ लंड फिर से हरा भरा होकर खड़ा हो गया था. फिर मैंने माँ को फिर से बेड पर लेकर नीचे से लेकर ऊपर तक किस किया. अब माँ का बदन काफ़ी गर्म हो चुका था.

    मैंने माँ के दोनों बूब्स के निप्पल को बड़े प्यार से चाटना शुरू किया. अब माँ तो एकदम रंडी की तरह पेश आ रही थी और अब माँ गालियां देकर बोलने लगी थी. अब सिर्फ़ माँ का दूध ही पियोगे या मादरचोद की तरह माँ की चूत को भी चाटेगा. अब यह सुनकर तो में हैरान हो गया था, क्योंकि मैंने माँ के मुँह से अभी तक कभी भी गाली नहीं सुनी थी.

    फिर में धीरे-धीरे माँ की चूत की तरफ अपनी उंगली करने गया तो मैंने अपनी दो उँगलियाँ माँ की चूत में घुसाने की कोशिश की, लेकिन माँ की चूत इतनी टाईट थी कि उसमें मेरी उंगली जा ही नहीं पा रही थी. फिर माँ ने रसोई घर से घी का डब्बा लेकर खुद की चूत पर लगाया और बोली कि अब अपनी माँ को चोद.

    मैंने माँ की चूत में अपनी दो उँगलियाँ डाली तो मेरी उंगलियाँ झट से उनकी चूत के अंदर चली गयी. फिर बाद में मैंने अपनी 3 उंगलियाँ उनकी चूत के अंदर डालने की कोशिश की तो माँ बोली कि साले पूरी रात उंगली ही करोंगे या तेरा गन्ना क्या सिर्फ़ दिखाने के लिए रखा है? फिर मैंने मेरा लंड माँ की चूत में घुसाने की कोशिश की और फिर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरा लंड सिर्फ़ 2 इंच ही अंदर जा रहा था, अब माँ को भी बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर मैंने घी के डब्बे से थोड़ा सा घी निकाला और मेरे तने हुए लंड पर लगाया. अब मेरा तना हुआ लंड इतना गर्म हो गया था कि मेरे लंड पर लगाया हुआ घी भी पिघल गया था. फिर मैंने बड़ी ज़ोर-ज़ोर से माँ की चूत में अपने लंड से धक्का देना शुरू किया. अब माँ भी जोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और अब में माँ को और ज़ोर-जोर से चोद रहा था और माँ चिल्ला रही थी उह माँ, आआआ ज़रा धीरे से डालो बेटा, बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में अपने आपको रोक नहीं पा रहा था.

    अब में अपने दोनों हाथों से माँ के बूब्स और चूत को लंड से दोनों साईड से काफ़ी मज़ा ले रहा था और करीब 20 मिनट से माँ को लगातार चोद रहा था. फिर तभी माँ भी ताल से ताल मिलाकर अपनी कमर हिला-हिलाकर मेरा साथ देने लगी थी और कहने लगी कि और ज़ोर से बेटा, क्या मज़ा आ रहा है? ज़िंदगी में इतना बड़ा सेक्स मेरे साथ तेरे पापा ने भी नहीं किया था, बड़ा मज़ा आ रहा है, लगे रहो बेटा लगे रहो.

    अब ये सुनकर तो मैंने ज़ोर-ज़ोर से शॉट देना शुरू कर दिया था, लेकिन अब मेरा पानी निकलने वाला था. मैंने काफ़ी देर तक अपना पानी रोक लिया था, लेकिन अब कंट्रोल के बाहर हो गया था और फिर मैंने झट से मेरे गन्ने का पूरा रस माँ की चूत को पिला दिया. अब हम दोनों एकदम एक दूसरे के शरीर से शरीर चिपकाकर एकदम शांत बेड पर पड़े थे.

    अब हम दोनों को सिर्फ़ हमारी सांसो की आवाज़ और दिल की धड़कन की आवाज़ सुनाई दे रही थी. अब हम दोनों के बदन से पूरी तरह पसीना ही पसीना छूट रहा था, लेकिन फिर भी हम दोनों को एक अलग सा एहसास हो रहा था, क्योंकि अब हम माँ और बेटे के रिश्ते से बढ़कर एक मर्द और औरत के रिश्ते में प्रवेश कर चुके थे, क्योंकि वो एक प्यासी औरत और में एक भूखा मर्द जो था. फिर इसी तरह रात से लेकर सुबह तक हम दोनों ने कामसूत्र के करीब 5-6 शॉट इस्तेमाल किए थे और आज भी हम दोनों के बीच में हर रात एक सुहानी रात बिताई जाती है.

  • रिश्तेदार की चूत फिर से चोदी

    हैल्लो दोस्तों, में बहुत मजाकिया किस्म का हूँ और मुझे कोई भी खेल खेलना गिटार बजाना, गाने गाना और खास तौर पर लड़कियों को देखना बहुत अच्छा लगता है और अब तो मेरी एक और रूचि है. आज में आप लोगों को अपना भी एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी एक दूर की रिश्तेदार के साथ उसकी चुदाई के मज़े लिए. दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी. कहानी शुरू करने से पहले में थोड़ा अपने बारे में भी बता देता हूँ.

    दोस्तों मेरी लम्बाई 5.10 इंच और मेरा गोरा रंग और मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है. वैसे इतनी लम्बाई किसी भी प्यासी चूत को शांत करने के लिए बहुत है. दोस्तों यह घटना मेरे साथ सितंबर 2016 में घटित हुई. तब तक में बहुत समय से एकदम अकेला था और वर्जिन भी. दोस्तों मेरे बहुत समय तक अकेले रहने की वजह से मेरे सेक्स हॉर्मोन्स कुछ ज़्यादा ही उबाल मार रहे थे.

    मेरी एक बहुत दूर की चचेरी बहन है जिसका नाम हर्षिता है उसकी लम्बाई मेरे कंधे से थोड़ी ऊपर है और उसके बूब्स इतने बड़े आकार के है कि एक हाथ में भी उसका एक बूब्स नहीं आता है और गांड भी बहुत अच्छे आकार की है. उसका बहुत अच्छा फिगर है और उसका गोरा रंग भी है.

    दोस्तों मैंने उसे बचपन में ही देखा होगा, क्योंकि उसके बाद फिर हम लोग मेरे पापा की नौकरी हमारी पढ़ाई की वजह से दूसरे शहर में रहने चले गये और वो उसी जगह पर रह गई. दोस्तों वैसे वो मुझसे उम्र में बड़ी है उसकी उम्र करीब 24-25 की होगी और फिर ऐसे ही समय निकलता चला गया में बच्चे से थोड़ा बड़ा हो गया और कॉलेज के दूसरे साल में आकर अपनी पढ़ाई करने लगा.

    मैंने जिम में जाना अपने कॉलेज में जाने के पहले साल से ही शुरू कर दिया था तो इसलिए मेरा बदन दिखने में पहले थोड़ा ठीक ठाक था, लेकिन अब मेरा शरीर कुछ ज्यादा ही उभरा हुआ नजर आने लगा था. फिर वो समय आ गया जब हम दोनों हमारे एक रिश्तेदार की शादी पार्टी में बहुत समय के बाद मिले और मैंने तो उसे देखकर बिल्कुल भी नहीं पहचाना, लेकिन उसने मुझे एक बार देखते ही पहचानकर आवाज लगाकर मुझसे कहा रोहित तू?

    में : हाँ में लेकिन आप कौन? प्लीज आप मुझे माफ़ करना, लेकिन मुझे बिल्कुल भी ध्यान नहीं आ रहा है कि हम पहले भी कहीं मिले है या फिर में आपको जानता हूँ?

    हर्षिता : अच्छा तो तू अब मुझे भूल भी गया? हाँ हमें एक दूसरे से मिले हुए समय भी तो बहुत हो गया. तू तब बहुत छोटा था और जब हम आखरी बार मिले थे तब तूने मुझे जरुर देखा होगा, थोड़ा अपने दिमाग पर ज़ोर दे.

    में : हाँ मैंने आपको अब भी नहीं पहचाना, मुझे नहीं लगता कि हम पहले भी कभी मिले है.

    फिर उसने मुझे बताया कि वो कौन है तो तब जाकर मुझे थोड़ा सा ध्यान आ गया, क्योंकि उम दोनों बहुत सालों के बाद एक दूसरे के चेहरे को देख रहे थे, इसलिए में उसको नहीं पहचाना. दोस्तों वो उस समय शादी में बहुत अच्छी लग रही थी और अब वो अपने उस उभरे हुए फिगर के साथ पहले से भी बहुत ज्यादा सेक्सी आकर्षक लग रही थी जिसकी वजह से मेरी नजर बार बार उस पर ही जा रही थी.

    मुझे उसका मुस्कुराकर बातें करना उसके गुलाबी होंठ, गोरा आकर्षक चेहरा, उसका वो सेक्सी गदराया हुआ बदन बहुत अच्छा लग रहा था जिसकी वजह से में उसकी तरफ झुकता जा रहा था. तभी उसने मुझसे कहा कि तू बहुत बड़ा हो गया है और अच्छा भी दिखने लगा है. फिर मैंने उससे कहा कि मेरी इतनी तारीफ करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. फिर हमने अपने नंबर एक्सचेंज किये.

    उसके बाद शादी खत्म हुई और हम घर पर चले गए. फिर उसके अगले दिन मुझे फोन पर हर्षिता का देर रात को मैसेज आ रहे थे क्योंकि में रात को उसके नाम की मुठ मारकर सोया इसलिए में सोया नहीं था. फिर मैंने देखकर उससे हाए करते हुए अपनी तरफ से मैसेज भेज दिया. फिर उसके बाद से हमारी बातें शुरू हो गई वो एक हॉस्टल में रहती थी और कभी कभी अपने घर पर आती थी. हम व्हाटसप पर आए फिर वहां से हम आगे बढ़कर विडियो कॉलिंग पर आ गए. फिर वो एक रात को मुझसे बोली कि रोहित मुझे तुम्हे देखने का बहुत मन हो रहा है, प्लीज एक बार विडियो कॉलिंग पर आ जाओ.

    फिर में उसके कहने पर आ जाता था और तब हमारी सिर्फ़ फोन पर घंटो तक बातें ही होती थी. में अब उससे वैसी बातें करने में थोड़ा सा कतरा रहा था, क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरे घर परिवार का मामला है, लेकिन यह बातें इस नीचे लटकी हुई मिसाइल को कौन समझाए? फिर एक दिन थोड़ी हिम्मत करके मैंने उससे फोन पर बात करते समय उससे पूछ लिया.

    में : क्या तुम वर्जिन हो?

    हर्षिता : नहीं

    हर्षिता : क्या तू है?

    में : हाँ, मैंने अब तक ऐसा कुछ भी नहीं किया.

    हर्षिता ? हाहहाहा इसका मतलब तू अब तक बच्चा है तू छोटा बच्चा है.

    में : बच्चा नहीं हूँ मैंने अब तक खुद जानबूझ कर नहीं किया, वरना में कहीं से बच्चा नहीं हूँ.

    हर्षिता : चल तू मुझे इस बात का सबूत दिखा.

    में : नहीं पहले तुम दिखाओ और फिर में तुम्हे अपनी बात का सबूत दिखाऊंगा.

    हर्षिता : लेकिन, में तुम्हे ऐसा क्या दिखाऊँ?

    में : ठीक है चलो में अपने शरीर का जो भी हिस्सा तुम्हे दिखाऊंगा वो तुम्हे भी मुझे तुम्हारे शरीर का दिखाना होगा, बोलो तैयार हो.

    हर्षिता : हाँ ठीक है, लेकिन पहले तू व्हाटसप पर आ फिर में कुछ दिखाऊंगी.

    फिर मैंने अपने ऊपर के कपड़े उतारकर कांच के सामने खड़े होकर अपनी एक फोटो खींचकर उसको भेज दी. फिर उसने मेरी वो फोटो देखकर अपनी तरफ से किस करने की आकृति भेज दी और वो मुझसे बोली कि वाह यह फोटो तो बहुत हॉट लग रहा है.

    फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम्हारी बारी है. तुम भी मेरी तरह अपने ऊपर से पूरे कपड़े उतारकर नंगी होकर अपना एक फोटो मुझे भेज दो दोस्तों उसने पहले थोड़ी सी आनाकानी की, लेकिन फिर वो मान गई और उसके वैसे ही जैसे मैंने उससे कहा मुझे अपना एक फोटो भेज दिया, जिसमें उसके बूब्स बहुत अच्छे आकार में लग रहे थे और उनको देखकर मेरा मन कर रहा था कि में उसके बूब्स को दबाकर चूसता रहूँ.

    फिर तब तक में बहुत गरम हो गया था और तभी उसने मुझसे पूछा कि क्यों क्या और कुछ भेजोगे? अब मैंने बिना शरमाये अपने लंड की एक फोटो खींचकर उसको भेज दी. दोस्तों थोड़ी देर तक में इंतजार करता रहा, लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया, लेकिन फिर आया और उसमें लिखा था कि यह भी एकदम तुम्हारे जैसा ही हॉट है.

    फिर मैंने उससे कहा कि तुम एक बार इसकी गरमी को बाहर निकल दो और वो मेरी बात को सुनकर हंसने लगी. उसके बाद हमारे बीच फोन सेक्स पर चुदाई होती गई और ऐसे ही समय गुजर गया. फिर सितम्बर के समय वो हॉस्टल से अपने घर पर आ गई और उन दिनों उसके सभी घर वाले सात दिनों के लिए कहीं बाहर किसी काम से जाने वाले थे तो उसने मुझे फोन करके दो दिन पहले ही मुझे बता दिया था. फिर सुबह 11 से लेकर शाम के 5 बजे तक उसका घर पूरा खाली था. अब मुझे मेट्रो ट्रेन से वहां तक जाने में एक बज गए और उसके बाद मैंने स्टेशन से एक पर्सनल ऑटो किया और में उसके घर के पते पर पहुंच गया और अब करीब दो बजने वाले थे.

    मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तो उसने तुरंत दरवाजा खोल दिया और मैंने देखा तो उसने एक डेनिम शॉर्ट्स और गुलाबी कलर की टी-शर्ट पहन रही थी वो उस समय बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी उसको देखकर अब मेरा लंड तनकर खड़ा होने लगा था.

    हर्षिता : क्यों तुम्हे अब बहुत भूख लगी होगी ना?

    में : हाँ हवस की भी और सही में पेट की भी.

    हर्षिता : चल बैठ जा में अभी खाना लाती हूँ.

    फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और कॉफी पी और तब तक करीब दो बज गये थे. उनके घर में एक नन्हा सा लेबरा डॉग भी था, वो उसे अपनी गोदी में लेकर उसके साथ खेल रही थी और तब मैंने घड़ी की तरफ देखा.

    में : तो फिर आ जाओ ना, अब शुरू करें.

    हर्षिता : हाँ लेकिन यहाँ पर नहीं, यहाँ हमे (पालतू कुत्ता) भी देखेगा ना हमें वो सब करते हुए.

    में : अरे यहाँ पर ही सब ठीक है वो एक कुत्ता है और उसे कुछ भी समझ नहीं आएगा कि हम क्या कर रहे है.

    हर्षिता : हाहाहा अच्छा ठीक है.

    में : इसका मतलब क्या हुआ, अब आ क्यों नहीं रहे, क्या शरम आ रही है कि कौन पहले शुरुवात करे?

    हर्षिता : हाँ क्या में तुझे टाइट से हग कर लूँ?

    में : क्या इसमे भी कोई पूछने की बात है? हाँ आ जाओ.

    फिर उसने मुझे हग करके उसने मुझे किस करने के लिए अपने होंठ आगे बढ़ाए और में उसको किस करते करते उसका एक बूब्स दबाने लगा और फिर मैंने उससे कहा कि तुम इन्हे भी अब बाहर निकालो, तो उसने बिल्कुल भी देर नहीं की और एक बार में अपनी शर्ट, ब्रा और पेंटी को तुरंत उतार दिया. तब उसने मेरी तरफ देखते हुए मुझसे कहा कि तुम क्या ऐसे ही रहोगे क्या?

    फिर मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि तुम मेरी मदद करो और फिर उसने मेरी शर्ट उतारी और फिर मैंने अपनी जीन्स को खुद ही उतार लिया. फिर किस करते करते उसके मुलायम मुलायम बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबा रहा था. वो मेरे नीचे थी और वो अब मुझे पागलों की तरह स्मूच कर रही थी मेरे मन में था कि आज मुझे इसको पूरी तरह से संतुष्ट करना है और में यह बात अपने घर से ही सोचकर आया था कि मुझे आज इसकी चुदाई कौन कौन सी स्टाईल में करनी है.

    फिर मैंने उसने कहा कि तुम अब सीधी लेट जाओ और मेरे वो मेरी तरफ आ गई और उसने मेरे बिना कुछ कहे लंड को पकड़ा और चूसने लगी. मैंने हाथ उसके सर पर हाथ रखकर सहला रहा था. मैंने उससे कहा कि दांत मत मारो और नीचे तक चूसो तो उसने वैसे ही चूसा और वो मेरे लंड को ऊपर, नीचे, इधर, उधर चाटने लगी.

    फिर मैंने उसके घर पर आने से पहले ही अपने लंड के पूरे बाल साफ किए थे, इसलिए वो एकदम चिकना हो रहा था. फिर उसने मेरे आंड भी चूसे, जिसकी वजह से मुझे बहुत गुदगुदी सी होने लगी थी और मुझे हंसी आ गई.

    फिर वो भी मुझे हंसता हुआ देखकर हंस पड़ी और अब बिना कुछ बोले में उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. फिर मेरे कुछ देर चूत चाटते हुए वो अचानक से झड़ गई. तभी मैंने तुरंत अपना मुहं पीछे हटा लिया और फिर में उसकी चूत को अपने हाथ से घिसने लगा और फिर से थोड़ी देर किसिंग और बूब्स दबाए.

    फिर उसी पुराने तरीके से मैंने अपना लंड पकड़ा और चूत पर सेट करके धक्का दिया तो लंड उसकी चिकनी चूत से एक तरफ फिसल गया. अब उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर चूत के मुहं पर सेट किया और मैंने थोड़ा सा दम लगाया और अपने लंड को उसकी चूत अंदर आधा डाल दिया और तभी उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज बाहर आई आह्ह्ह्हह्ह माँ में मर गई उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    फिर मैंने उसके कहने पर बहुत आराम से धीरे धीरे धक्के देकर अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया और में हल्के हल्के लगाने लगा उसने मेरी कमर पर अपने दोनों हाथ रख दिए और वो आअहहहह सस्शह ऊँईईईईईई माँ आह्ह्ह्ह ऐसी आवाजे करने लगी में धक्के देकर चुदाई करते हुए उसके चेहरे को देख रहा था और मैंने देखा कि उसकी दोनों आँखे बंद थी. वो लगातार मोन कर रही थी. फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने उसके कान के पास अपना मुहं ले जाकर हल्की आवाज से उससे पूछा कि क्यों तुम्हे कैसा लग रहा है? तो उसने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारे साथ यह सब करने में बहुत मजा आ रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और अंदर तक जाने दे, हाँ बस तू मुझे ऐसे ही चोदता रह रोहित आअहह उउउंम आहहस्स.

    दोस्तों वो मेरे धक्कों के साथ साथ लगातार मोन कर रही थी उसको चोदते हुए अब शायद मुझे करीब आधा घंटा हो गया था और में बहुत चकित था क्योंकि में अभी तक एक बार भी नहीं झड़ा था.

    फिर मैंने उससे बोला कि अब मुझे नहाते हुए चुदाई करनी है, तो बाथरूम में जाकर मैंने पानी चालू किया और मैंने उसे दीवार से लगा दिया और पागलों की तरह में उसको किस करने लगा और अपने एक हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसका बूब्स दबा रहा था. दीवार से चिपके हुए ही मैंने उसका एक पैर उठा दिया जिसकी वजह से उसकी चूत फैल गई और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया. में अब उसे धक्के देकर चोदने लगा और उसका एक हाथ मेरे कंधे पर था और में उसके चेहरे को देखकर धक्के देकर उसकी चुदाई किए जा रहा था.

    फिर थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने पानी को बंद किया और फिर में उसको गोद में उठाकर चोदने लगा. कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने उससे कहा कि तुम अब लेट जाओ, तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्या यहीं पर? और फिर मैंने उससे कहा कि हाँ यहीं पर, उसने कहा कि में एक बार फिर से गीली हो जाउंगी हम अंदर बेड पर चलते है इसके बाद में बाकी मज़े कमरे में चलकर लेते है, प्लीज चलो ना.

    दोस्तों उसके कहने पर मैंने उसको तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और पास के कमरे में बेड पर ले गया. उसको लेटा दिया, लेकिन इस बार मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़कर उसको खींचकर उसकी चूत को बेड के एकदम किनारे पर रखा और में खुद ज़मीन पर नीचे खड़ा हो गया.

    मैंने उसके दोनों पैरों को अंदर की तरफ घुमाकर दबाकर पकड़ लिए, जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई और मैंने लंड को चूत के मुहं पर टिकाकर एक ज़ोर का धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया फिर मैंने उसको धक्के देकर चोदना शुरू किया और इस बार मेरे धक्के बहुत स्पीड में थे और उस पूरे रूम में उसकी आहहह्ह्ह अईईईईईई और फच फच उफ्फ्फ माँ मर गई की आवाजें आ रही थी. में इतनी तेज़ धक्कों से चोद रहा था कि मुझे वो नशीलापन हर्षिता की आँखो में साफ साफ दिखाई दे रहा था. जब जब वो मुझे देख रही थी मुझे उसके चेहरे से संतुष्टि नजर आ रही थी, जिसको देखकर में बहुत खुश था.

    कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने उससे कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ तुम बताओ में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तब उसने मुझसे कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर ही डाल दो. में उसकी गरमी को अपनी चूत में महसूस करना चाहती हूँ और उसका भी मज़ा लेना चाहती हूँ और फिर मैंने उसके कहने पर तेज़ी से धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया और फिर में कुछ देर उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा.

    फिर कुछ देर बाद उसने लंड को अपनी चूत से बाहर निकालकर अपने मुहं के पास लाकर उसको अपने नरम गुलाबी होंठो से लगाया और अब उसने लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया. में जल्दी कर रहा था, क्योंकि समय मेरे पास समय बहुत कम था और मुझे एक बार उसको डॉगी की तरह भी बैठकर उसकी चूत मारनी थी.

    मैंने कुछ देर बाद जब उसने मेरे लंड को दोबारा चुदाई के लिए तैयार कर दिया तब मैंने उससे डॉगी बनने के लिए कहा और उसने ठीक वैसा ही किया और मैंने अपने लंड को अंदर सरकाकर उसकी चूत मारी दोस्तों इस पूरे सेक्स में वो तीन बारी झड़ गई थी. मैंने उसे एक लंबा सा किस किया. तो उसने मुझसे कहा कि काश तू आज यहीं पर रुक पाता तो मुझे तेरा साथ कुछ और समय तक मिलता.

    हम दोनों उस बीच बहुत मज़े करते. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे जाना तो जरुर पड़ेगा वरना तुम्हारे घरवालों ने मुझे देख लिया तो कहीं वो लोग भी मुझे यहीं पर ना रोक ले. फिर मैंने हम दोनों की साथ में एक पूरी नंगी फोटो ली और उसके बाद में अपने कपड़े पहनकर उसको किस करके वहां से चला गया. दोस्तों में वहां से पांच बजे निकला वो मेरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट भी थी और मुझे क्या चाहिए था? उसके बाद में अपने घर पर पहुंचकर भी अब बस उसकी चुदाई के बारे में सोचता रहा. दोस्तों वो सेक्स अनुभव मुझे आज तक भी अच्छी तरह से याद है.

  • बहन को चुदवाने की मजबूरी

    हैल्लो दोस्तों, ये स्टोरी मेरी और मेरी बहन की है. मेरी बहन दिखने में बहुत सुंदर है और उसका नाम रितु है और उसकी हाईट 5 फुट 11 इंच और वो बिल्कुल दीपिका पादुकोण जैसी लगती है. मेरे एक गर्लफ्रेंड भी है और उसका नाम दीपशिखा है. दीपशिखा मेरी बहन की सबसे अच्छी दोस्त है और वो दोनों कॉलेज में एक ही क्लास में है.

    मेरी बहन बहुत हॉट है और उसका फेस और बॉडी बहुत सुंदर है. कॉलेज के सारे लड़के उस पर मरते है और उनमें से मेरे कुछ दोस्त भी मेरी गर्लफ्रेंड और मेरी बहन को देखकर कमेंट करते रहते है. एक दिन में टॉयलेट में पेशाब करने गया था, तो बाहर कुछ लड़के-लडकियाँ बात कर रहे थे. उनमें मेरी गर्लफ्रेंड और मेरी बहन भी थी.

    उनके जाने के बाद उनमें से एक लड़का बोला कि तुमने उन लड़कियों को देखा, जो अभी मिली थी, साली कमाल की थी ना, उन दोनों के बूब्स कमाल के थे. फ़िर उनमें से एक लड़के ने कहा कि मुझे तो छोटी वाली मस्त लगी, साली की गांड बड़ी मस्त थी, कहाँ रहती है? पता लगाना पड़ेगा. अब में ये सब सुन रहा था. फिर एक लड़का बोला कि वो छोटी वाली तो रितु है, वो बी.कॉम कर रही है और वो बड़ी वाली दीपा है. में तो रोजाना इन दोनों के नाम की मुठ मारता हूँ. फिर वो चले गये, लेकिन अब मेरा दिमाग खराब हो गया था और अब में भी रितु के बारे में सोचने लगा था.

    फिर कुछ दिन के बाद एक खबर सुनने में मिली कि मेरी बहन रितु का किसी के साथ चक्कर है. अब में सोचने लगा कि ये बात कहीं सच तो नहीं है. फिर मैंने पता लगाया तो पता चला कि चेतन नाम का एक लड़का रितु के पीछे लगा हुआ है, वो लड़का गुंडागर्दी में था तो मैंने भी कुछ नहीं कहा. फिर मैंने रितु से ही पूछा कि क्या ये सच है? तो वो बोली कि नहीं भाई वो ऐसे ही मुझे परेशान करता रहता है. फिर मैंने रितु से कुछ नहीं कहा. फिर कुछ दिन के बाद चेतन मुझसे मिला और ऐसे ही बातें करने लगा.

    एक दिन वो बोला कि मुझे तेरी बहन से दोस्ती करनी है, तो में कुछ नहीं बोला और वहाँ से चला गया. फिर अगले दिन वो मुझे फिर से मिला और मुझसे कहने लगा कि प्लीज मेरी तेरी बहन से सेटिंग करा दे, तो मैंने कहा कि में ये सब नहीं कर सकता. फिर उसने मुझे देखा और कहा कि आराम से कह रहा हूँ तो तू समझ ही नहीं रहा और उसने मुझे धक्का मार दिया.

    उसके साथ के लड़को ने उसे रोका और मुझे उठाया और चेतन ने मुझसे रितु के फोन नंबर माँगे, तो मैंने उसे नंबर दे दिए. अब वो रोज़ रितु को फोन करता और परेशान करता. फिर एक रात को उसका फोन मेरे पास आया और उसने मुझे छत पर आने को कहा तो में छत गया और मैंने देखा कि वो हमारी ही छत पर था.

    फिर उसने मुझसे कहा कि तेरी बहन की याद आ रही थी, तो मैंने उसे समझाया, लेकिन उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा कि साले साला है तो साला ही रह और चल नीचे. अब में डर गया था, लेकिन वो मेरे साथ ही नीचे आ गया, ज़ब सब सो रहे थे. फिर उसने मुझसे रितु का कमरा पूछा और रितु के रूम की तरफ जाने लगा, तो मैंने उसे रोका, लेकिन वो नहीं माना. जब रितु टी.वी. देख रही थी. फिर चेतन ने रितु को खिड़की से देखा और चला गया. फिर अगले दिन वो मुझे कॉलेज में मिला और मुझे एक कागज में कुछ दिया और कहा कि रात को रितु के दूध में उसे दे दूँ, तो मैंने उसे मना किया, लेकिन वो नहीं माना. फिर मैंने रात को वैसा ही किया और रितु के दूध में वो मिला दिया. फिर थोड़ी देर में चेतन भी आ गया और खिड़की में से देखने लगा. अब रितु टी.वी. देखते हुए अपनी आँखे बंद कर रही थी.

    चेतन उसके रूम में चला गया. अब मुझे लगा कि रितु सबको चिल्ला कर जगा देगी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर चेतन उसके पास गया और टी.वी. बंद कर दी और रितु के साईड में बैठ गया और अब मेरा दिल ज़ोर-जोर से धड़क रहा था कि अब क्या होगा?

    फिर चेतन ने रितु की कमर में हाथ डाला और उसे अपनी तरफ़ खींच लिया, तो फिर रितु दीदी एकदम से होश में आई और वो चेतन से बोली कि तुम कौन हो? तो चेतन ने कहा कि में तुम्हारा राजा हूँ और तुम्हें अपनी रानी बनाने आया हूँ. फिर रितु चुप हो गई और उसकी तरफ देखन लगी और बोली कि तुम वही चेतन हो ना, तुम यहाँ से बाहर जाओ.

    मुझे लगा कि अब चेतन का भांडा फूटेगा, लेकिन रितु के शोर करने से पहले ही उसने रितु के मुँह को दबा लिया. अब रितु उससे छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन छूट नहीं पा रही थी. तभी चेतन ने रितु के होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और अब ये देखकर मेरे पूरे बदन में अजीब सा करंट दौड़ पड़ा. अब रितु के मुँह से एम्म की आवाज़ आ रही थी.

    थोड़ी देर के बाद रितु दीदी ने ज़ोर लगाना बंद कर दिया और वो शांत हो गई. अब चेतन रितु के ऊपर लेटकर आराम से उसके होंठो को चूस रहा था. अब दीदी की आँखे बंद थी और वो भी चेतन के होंठो को चूस रही थी. अब में ये सब देखकर बड़ा हैरान था और साथ ही साथ मुझे अजीब सा भी लग रहा था.

    फिर मैंने देखा कि अब जब चेतन रितु के ऊपर लेटा हुआ था, तो रितु दीदी के बूब्स चेतन की छाती से दबे हुए थे और चेतन की पूरी बॉडी मेरी दीदी की बॉडी के ऊपर थी. अब चेतन मजे से उसके होंठो को चूस रहा था.

    अब ये सब देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. फिर चेतन ने अपना मुँह दीदी के होंठो से हटाया और उसने गले को चूमने लगा और इस वक्त रितु पूरे मजे ले रही थी. अब वो पूरे नशे में थी. फिर धीरे-धीरे चेतन रितु के गले से नीचे उसके बूब्स पर पहुँचा और दीदी के बूब्स बड़े-बड़े थे, दीदी का फिगर 37-30-36 था. अब चेतन दीदी की टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स को अपने मुँह से दबा रहा था. अब वो दीदी की टी-शर्ट के ऊपर से ही रितु के बूब्स को अपने मुँह में लेता और काट भी लेता था.

    अब जैसे ही चेतन दीदी के बूब्स को काटता तो दीदी के मुँह से एक मज़ेदर सिसकी निकल जाती थी. फिर चेतन दीदी के बूब्स से नीचे होता हुआ, उसके पेट पर से होता हुआ उनकी जीन्स की चैन के ऊपर जाकर रुक गया और जीन्स की चैन के ऊपर अपना मुँह रख लिया. अब ये देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से खड़ा हो गया था.

    अब रितु की आँखे बंद थी और वो साँसे बहुत तेज तेज ले रही थी. फिर चेतन रितु के ऊपर से हट गया और रूम का दरवाजा बंद करने के लिए खड़ा हुआ. फिर जब वो दरवाजा बंद करने आया तो में भी वहीं खड़ा था.

    चेतन ने मेरी तरफ़ देखा और हँसने लगा, तो मैंने कुछ जवाब नहीं दिया. फिर जब वो दरवाजा बंद करने लगा तो मैंने उससे कहा कि में भी इसी रूम में सोता हूँ, तुम दरवाजा बंद मत करो. फिर उसने मुझसे कहा कि साले कोई आ गया तो क्या करेगा?

    उसने मुझसे अंदर आने को कहा, तो में घबराया हुआ सा अंदर आया तो मैंने देखा कि रितु लेटी हुई थी और उसकी आँखे बंद थी. अब वो पूरी तरह से सेक्स के नशे में थी और अब में जाकर दूसरे बेड पर सो गया और वहाँ से सब देखने लगा.

    फिर चेतन ने रूम बंद किया और मुझसे बोला कि साले तू पहला लड़का है, जो अपनी बहन की चुदाई लाइव देखेगा. अब मुझे ये सुनकर बहुत अजीब लगा, लेकिन गुस्सा नहीं आया, शायद अब में खुद रितु को चुदते हुए देखना चाहता था. फिर चेतन रितु के पास गया और उसके पास जाकर खड़ा हो गया. अब चेतन ने अपनी शर्ट उतार दी और फिर अपनी जीन्स भी उतार दी.

    अब ये देखकर मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा था और अब मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब सच में हो रहा है. अब चेतन केवल अंडरवियर में था. फिर वो रितु के पास आया और वो उसके होंठो के पास गया ही था कि रितु ने ऊपर आकर चेतन के होंठो को चूसना शुरू कर दिया.

    अब रितु ने चेतन के बाल पकड़ रखे थे और वो चेतन के होंठो को चूस रही थी. अब ये देखकर में बहुत हैरान हो गया था. फिर थोड़ी देर के बाद चेतन ने एकदम से रितु के बाल पकड़कर खुद से दूर किया और फिर दुबारा से उसके होंठो को चूसने लगा.

    अब चेतन ने इतनी ज़ोर से उसे पकड़ रखा था कि रितु के हाथ चेतन के बालों में से छूट गये और उसने अपने हाथ हवा में कर लिए. फिर चेतन ने रितु को बेड पर धक्का मारा और वो बेड पर जा लेटी. फिर चेतन ने रितु की टाँगो को पकड़ा और अपने पास किया और रितु की जीन्स की बेल्ट हटा दी और फिर उसके जीन्स का बटन भी खोल दिया और रितु की चैन को खोलकर उसकी जीन्स को पैरों पर से पकड़कर खींचने लगा और रितु दीदी की जीन्स उतरने लगी. अब में सब देख रहा था. रितु ने लाल कलर की पेंटी पहनी थी.

    फिर चेतन ने उसकी पूरी जीन्स उतार दी और उसके ऊपर आकर रितु की कमर में हाथ डालकर उसे उठाकर बैठा दिया और रितु ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर लिए. फिर चेतन ने उसकी टी-शर्ट भी उतार दी. अब रितु ने ब्रा भी लाल कलर की ही पहन रखी थी.

    अब में दीदी के बूब्स देखकर मचल गया था. दीदी के बूब्स बहुत बड़े-बड़े और गोरे थे और ब्रा एकदम फिट आ रही थी. अब दीदी बिल्कुल किसी ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह लग रही थी. अब चेतन रितु दीदी के पीछे से जाकर उनकी कमर की तरफ से उनसे चिपक गया और अपने हाथों से दीदी के बूब्स दबाने लगा. अब दीदी ने अपना सर पीछे करके चेतन के कंधे पर डाल दिया था और उसी तरह से चेतन के साथ मदहोश हो गई थी. फिर चेतन ने पीछे से रितु की ब्रा खोल दी और उसे हटा दिया.

    अब दीदी की ब्रा निकलकर नीचे आ गिरी थी. अब दीदी का फेस मेरी साईड में था और में ये सब देखकर सुन्न रह गया था. मैंने पहली बार किसी के बूब्स देखे थे, दीदी के बूब्स बड़े सुडोल थे, गोरे थे. अब मेरा तो खुद का ही मन हो रहा था कि में उससे जाकर चिपक जाऊं. अब चेतन अपने हाथों से बूब्स को मसल और दबा रहा था.

    उसने रितु का फेस अपनी साईड में किया और उसे लेटा लिया और बूब्स चूसने लगा. अब दीदी पूरी तरह से मदहोश थी और वो अपने फेस से हल्की-हल्की सिसकियां ले रही थी. अब चेतन रितु के बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और इससे दीदी की सिसकियां भी बढ़ गई थी.

    फिर चेतन ने ऋतु के बूब्स पर हल्का सा काटा, तो दीदी एकदम से हल्की सी चिल्लाई, तो चेतन ने फिर से दीदी के बूब्स पर काटा और दीदी हल्की सी चीखी. अब ये सब चेतन को बहुत पसंद आ रहा था. फिर उसने दीदी के दोनों बूब्स को अपने एक-एक हाथों से पकड़ा और अपना मुँह उन पर रख दिया और चूसने लगा.

    अब वो पागलों की तरह चूसे जा रहा था, फिर उसने फिर से एक बूब्स की निपल को अपने मुँह में लिया और काटा, तो दीदी फिर से हल्की चिल्लाई. अब चेतन पागल हुए जा रहा था, अब वो बार-बार दोनों बूब्स पर काटे जा रहा था और दीदी चिल्लाए जा रही थी. फिर चेतन ने जल्दी से दीदी की पेंटी को उतारा और अब वो दीदी की पेंटी को इतनी जल्दी से उतार रहा था कि दीदी भी पेंटी के साथ थोड़ा सा निचे आई और फिर पेंटी फट गई.

    फिर चेतन ने पेंटी को सूँघा और दीदी पर टूट पड़ा. फिर उसने अपना मुँह दीदी की चूत पर रख दिया और दीदी कि चूत को चूसने लगा. अब दीदी तो पागल हुए जा रही थी और चेतन भी दीदी की चूत को चूसे ही जा रहा था. अब दीदी का हाल देखकर ऐसा लग रहा था कि चेतन ने कोई पाईप लगाकर दीदी की चूत को पीना शुरू कर दिया हो.

    अब दीदी बार-बार कभी अपने हाथ चेतन के सिर पर रखती, तो कभी अपने हाथ पीछे कर लेती, तो कभी ऊपर हो कर बैठ जाती, लेकिन अब चेतन बिना रुके उसकी चूत को बुरी तरह चूसे जा रहा था. अब काफ़ी देर तक चूसने के बाद दीदी ठंडी सी होकर लेट गई थी. फिर चेतन ने अपना मुँह ऊपर किया और अपना अंडरवेयर निकालकर फेंक दिया. उसका लंड पूरा तना हुआ था और काफ़ी मोटा भी था.

    फिर वो दीदी के ऊपर लेटा और अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया और दीदी को कस कर गले लगा लिया और उनके होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया और अपने लंड को अंदर दबाने लगा. अब धीरे-धीरे चेतन का लंड दीदी की चूत के अंदर जा रहा था, अब दीदी छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वो हिल भी नहीं पा रही थी.

    अब उसके मुँह से सिर्फ़ ह्म्‍म्महमममहम्म की आवाज़ ही आ रही थी. अब चेतन अपने लंड को अंदर डाले ही जा रहा था और लंड डालते हुए ऋतु को खून भी आ रहा था. अब जब उसका पूरा लंड दीदी की चूत के अंदर चला गया तो चेतन रुक गया और ऋतु का मुँह छोड़ा. अब मुँह के छूटते ही दीदी कहने लगी कि प्लीज बाहर निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज निकाल लो, लेकिन चेतन बोला कि चुप हो जा, लेकिन दीदी नहीं मानी और फिर चेतन ने दुबारा से दीदी का मुँह अपने हाथ से दबाया और अपना लंड पूरा बाहर निकाला और फिर से अंदर डाल दिया और फिर ऐसे ही करने लगा. अब ऋतु को देखकर लग रहा था कि वो बहुत दर्द में है, लेकिन चेतन उसे छोड़ने को तैयार नहीं था.

    अब वो पूरी तेज़ी से झटके मार रहा था. अब में भी सब देख रहा था कि कैसे मेरी बहन की चुदाई हो रही है? और वो भी इतनी बेरहमी से. अब दीदी की आँखे बंद थी और वो मचल रही थी और चेतन लगातार झटके मारे जा रहा था. फिर काफ़ी देर के बाद वो रुका और मुझे बुलाया और बोला कि जल्दी से यहाँ आ, तो में उठकर उनके पास गया. अब दीदी को इतनी पास से नंगी देखकर में बहुत मस्त हो गया था. फिर चेतन ने मुझे अपना फोन दिया और कहा कि फोटो खींच, तो में हैरान हो गया.

    मैंने उसे मना कर दिया, तो चेतन ने ऋतु के ऊपर लेटते हुए मुझसे कहा कि फोटो खींच वरना अच्छा नहीं होगा. फिर मैंने फिर भी मना कर दिया, फिर चेतन ने यहाँ वहाँ देखा और फिर अपना मुँह दीदी के बूब्स पर ले जा कर बोला कि तूने फोटो नहीं खीची तो में इसके बूब्स को खा जाऊंगा. फिर चेतन ने ऋतु दीदी के एक कान को अपने मुँह में लिया और अपने दातों से काटा, तो अब दीदी चिल्ला रही थी, लेकिन उनका मुँह बंद था, अब उनके कान पर से खून आ रहा था.

    फिर चेतन ने कहा कि अब अगला नंबर बूब्स का है, तो अब में डर गया. फिर चेतन बूब्स के पास आया और दीदी के एक बूब को अपने मुँह में ले लिया और चबाने लगा. तो मैंने कहा कि ओके में तैयार हूँ, फिर उसने कहा कि एक फोटो तो ऐसे ही खींच ले. फिर मैंने चेतन की फोटो खींची. उस फोटो में उसने मेरी दीदी का एक बूब्स अपने दातों से पकड़ा हुआ था.

    उसने अपना मुँह हटाया, लेकिन फिर भी बूब्स पर उसके दांत छप गये थे. फिर उसने काफ़ी स्टाइल में दीदी की फोटो चुदते हुए खिंचवाई और फिर दीदी को चोदने लग गया. फिर थोड़ी देर के बाद ही उसका पानी निकल गया और वो दीदी पर ही लेट गया और सुबह 4 बजे हमारे घर से गया. फिर वो दीदी को किस करके अपने कपड़े पहनकर चला गया.

  • रंडी माँ के सामने छिनाल बहन को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और हम लोग मुंबई में रहते है. मेरे घर में हम चार लोग है. में, मेरे पापा, मेरी माँ और मेरी छोटी बहन. में 20 साल का हूँ और मेरी माँ सिर्फ़ 37 साल की है. उसका नाम कामिनी है. मेरे मम्मी-पापा की शादी जल्दी हो गयी थी और में सिर्फ़ 18 साल में हो गया था, मेरी छोटी बहन का नाम कोमल है, वो 18 साल की है.

    मेरे पापा सेल्स एग्ज़िक्युटिव है और हमेशा घर से बाहर रहते है, वो महीने में 20-25 दिन बाहर ही रहते है. ये बात उन दिनों की है जब मेरे पापा को 2 महीने ले लिए साउथ इंडिया के टूर पर जाना पड़ा. तो वो जाते वक़्त मुझसे कहकर गये कि अपनी माँ और बहन का ख्याल रखना. मेरी माँ और बहन बहुत सेक्सी है, उन दोनों की ख़ास बात उनके सुडोल ब्रेस्ट और बड़ी- बड़ी गांड है. मेरी बहन काफ़ी मॉडर्न है और दिनभर लड़को और फैशन की बात करती है.

    फिर एक दिन घर में कोई नहीं था और मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ थी और में दोस्तों के साथ मूवी देखने गया था और मेरी माँ किसी रिश्तेदार के यहाँ खाना खाने गयी थी. फिर जब में घर आया तो मैंने देखा कि हॉल की लाईट जल रही थी.

    फिर जब में हॉल में गया तो में ये देखकर हैरान हो गया कि मेरी बहन एक ब्लू फिल्म देख रही थी और अपनी 4 उंगलियों से अपनी चूत को रगड़ रही थी. तो वो मुझे देखकर बहुत घबरा गयी और जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए. अब मुझे भी समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? लेकिन हम दोनों ने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि अभी भी वो ब्लू फिल्म चल रही थी, उसमें दो आदमी मिलकर एक औरत को दोनों तरफ से चोद रहे थे और वो फुक मी, फुक मी चिल्ला रही थी.

    अब यह देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था, लेकिन मैंने अपना लंड कोमल से छुपाने की कोशिश भी नहीं की. अब कोमल भी वही खड़ी रही और अपनी चूत पर हाथ लगाने लगी थी, तो ये देखकर मेरा बचा हुआ डर भी निकल गया. अब में कोमल के सामने ही नंगा हो गया था और मुठ मारने लगा था. अब कोमल मेरा 8 इंच का लंड देखकर बहुत उत्तेजित हो गयी थी और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी. अब मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गयी थी तो में उसके बूब्स दबाने लगा. फिर थोड़ी देर में हम दोनों पूरे उत्तेजित हो गये और वो ज़ोर-ज़ोर से कहने लगी कि प्लीज भैया मुझे चोदो, मुझे चोदो. फिर ये सुनकर में पागल हो गया और मैंने उसके सारे कपड़े भी फाड़ दिए और उसके पूरे बदन को चूमने लगा. फिर काफ़ी देर तक उसके बूब्स और होंठो के साथ खेलने के बाद में उसको अपने कमरे में ले गया. फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और एक आइसक्रीम की तरह चूसने लगी. अब में भी उसकी चूत को चाटने लगा था.

    फिर मैंने थोड़ी देर के बाद उसकी चूत में अपना 8 इंच का लंड डाल दिया, उसकी चूत बहुत टाईट थी. अब में ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे हो रहा था तो 10 मिनट में मैंने अपना पूरा माल उसकी गर्म चूत में ही डाल दिया. फिर जब हम लोग अपना काम खत्म करके फ्री हुए तो ये देखकर डर गये की दरवाजे पर माँ खड़ी थी और हमें देख रही थी.

    फिर हम दोनों ने जल्दी-जल्दी अपने कपड़े पहने और अपने-अपने कमरे में जाकर सो गये. फिर अगले पूरे दिन माँ ने हमसे कुछ नहीं कहा और फिर रात को खाना खाने के बाद माँ ने हम दोनों को अपने कमरे में बुलाया. अब माँ अपनी नाइटी में थी और उसकी नाइटी बहुत सेक्सी होती थी, उसने ब्लेक कलर की नाइटी पहन रखी थी, जिसमें उसकी जांघो तक कट था. अब में ये देखकर उत्तेजित हो गया था और मेरा लंड खड़ा हो गया था तो मैंने उसे छुपाने की बहुत कोशिश की, लेकिन में लुंगी में था, तो में कुछ नहीं कर सका.

    फिर मैंने माँ से माफी माँगी और उसके पैरो में गिर गया, तो ये देखकर माँ और मेरी बहन ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी तो मुझे बहुत हैरानी हुई. फिर माँ ने मुझसे कहा कि वो ये बात पापा से नहीं कहेगी, लेकिन बदले में मुझे उसकी बात माननी पड़ेगी, तो मैंने कहा कि में कुछ भी करूँगा. फिर उसके बाद जो उसने मुझसे कहा, तो में सुनकर पागल हो गया.

    वो बोली कि तो ठीक है तुझे अपनी बहन को मेरे सामने चोदना होगा और फिर मुझसे बोली कि पहले मेरे लिए एक पैग बना. तो मैंने विस्की का एक पैग बनाया और उसको दिया और फिर हम तीनों ने एक साथ विस्की का पैग लिया. फिर में और मेरी बहन नंगे हो गये, लेकिन अब हम दोनों घबरा रहे थे. तो तब मेरी माँ उठी और मेरी बहन के नज़दीक आकर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और फिर वो दोनों माँ बेटी 15 मिनट तक एक दूसरे को चूमती रही. फिर माँ धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाने लगी और उसकी चूत में अपनी उंगली डालने लगी और फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा.

    अब में दूर से ये सब देखकर अपना लंड हाथ में लेकर हिलाने लगा था. अब वो दोनों बहुत उत्तेजित हो गयी थी. फिर में अपनी बहन को डॉगी स्टाइल में अपनी माँ के सामने चोदने लगा. अब मेरी माँ अपने बूब्स दबा रही थी. फिर वो बोली कि अब अपनी माँ को भी चोद दे, में तेरे लिए कुछ भी करूँगी. फिर में बोला कि मेरी इच्छा है कि में किसी को गालियाँ देते-देते चोदूं. तो तब मेरी माँ मुझसे बोली कि मादरचोद तो अपनी रंडी माँ को क्यों नहीं चोदता? ये देख मेरी चूत में से पानी निकल रहा है जल्दी से चोद.

    में बोला कि पहले अपनी बेटी को तो चुद जाने दे, तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर- ज़ोर से कोमल को चोदने लगा. अब मेरी माँ धीरे-धीरे करके पूरी नंगी हो गयी थी और अपनी चूत रगड़ने लगी थी. अब कोमल भी मुझे गालियाँ देने लगी थी बहनचोद जल्दी चोद, फाड़ दे अपनी बहन की चूत को, दबा दे मेरे बूब्स को, चोद और चोद, बहनचोद, हरामी और तेज और तेज ओह.

    फिर माँ बोली कि चोद दे इस रंडी को, जल्दी चोद मादरचोद, अपनी माँ को कितना इंतजार कराएगा? जल्दी चोद. फिर में बोला कि में झड़ने होने वाला हूँ, तो मेरी माँ और बहन एक साथ मेरे लंड के पास आ गयी और मेरी बहन मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर थोड़ी देर में मैंने अपना पूरा माल अपनी बहन और माँ के बूब्स पर ही डाल दिया. अब मेरी माँ रंडी की तरह अपनी बेटी के बूब्स से मेरे माल को चाट रही थी और बोल रही थी कि रंडी ये माल मेरे बेटे का है, मेरे यार का है इसको तो सिर्फ़ में ही चाटूँगी और ज़ोर-ज़ोर से मेरी बहन के बूब्स दबाने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, तो 1 मिनट में ही मेरा लंड वापस से खड़ा हो गया.

    फिर उस दिन मैंने अपनी माँ को 5 बार चोदा और फिर वो दोनों माँ बेटी मेरे सामने एक दूसरे की चूत चाटने लगी और फिर हम तीनों मजे करते रहे. अभी भी हम तीनों घर में नंगे ही रहते है, मेरी कामिनी मुझे हमेशा मादरचोद और हरामी कहकर बुलाती है. अब में भी अपनी माँ और बहन को रंडी कहकर ही बात करता हूँ. अब में उन दोनों को अभी भी कहीं भी चोद देता हूँ या वो दोनों एक दूसरे को चोद देती है. अब हम रोज रात को एक दूसरे को चोदते रहते है.

  • रंडी माँ और चुदक्कड़ बहन का दूध

    हैल्लो दोस्तों, में फिर से आपके लिए एक नयी स्टोरी लेकर आया हूँ और मुझे आशा है कि आपको मेरी यह कहानी जरुर पसंद आएंगी. हमारे घर में मेरे पापा, मम्मी, एक बड़ी बहन और में हूँ. मेरे पापा काम के सिलसिले से विदेश में ही रहते थे और उन्होंने वहाँ पर दूसरी शादी कर ली थी, उनके दो बेटे थे. यह बात मुझे बाद में पता लगी.

    मेरे पापा हर महीनें खर्चा भेजते थे, उसके कारण हमें कोई परेशानी नहीं होती थी. मेरी बहन कॉलेज में पढ़ती थी और में स्कूल में 12वीं क्लास में था. हमारे घर में दो नौकर थे रामू और सीमा, वो दोनों पति पत्नी थे, वो दोनों उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव से शहर में काम के लिए आए थे, तो माँ ने उन्हें घर के काम के साथ ही रहने की भी जगह दे दी. मेरी माँ मोटी थी इसलिए पापा ने दूसरी शादी कर ली थी. अब में सीधा कहानी की तरफ बढ़ता हूँ मेरी माँ मोटी होने कारण उसके बूब्स बहुत बड़े थे और उसकी गांड इतनी मोटी थी कि 6 या 7 इंच के लंड का पता भी ना चले. मेरी माँ को पापा के साथ सेक्स किए करीब 22 साल हो गये थे.

    फिर एक दिन में जब में स्कूल से घर आया तो मेरी माँ के कमरे से आवाज़े आ रही थी तो मैंने पास जाकर देखा तो दरवाज़ा खुला था. फिर मैंने अंदर देखा तो मेरी माँ पूरी नंगी थी और एक आदमी नीचे लेटा हुआ था और माँ उसके ऊपर बैठकर ऊपर नीचे हो रही थी. अब माँ की पीठ मेरी तरफ थी. फिर में वहाँ से बाहर चला गया और थोड़ी देर के बाद में वापस घर गया तो मैंने देखा कि दीदी भी घर आ चुकी थी और माँ के साथ टी.वी देख रही थी. तब मेरी दीदी की उम्र 20 साल थी, मेरी माँ हम दोनों को अभी भी अपना दूध पिलाती थी. फिर माँ मेरी तरफ देखकर बोली कि अमन आ गया, चल दूध पी ले. फिर माँ, में और दीदी माँ के कमरे की तरफ चल पड़े. उस समय माँ ने नाइटी पहनी हुई थी और फिर उसने अपने कमरे में जाते ही अपनी नाइटी उतार दी और अब माँ सिर्फ पेंटी में लेट गयी थी.

    अब एक तरफ से में और एक तरफ दीदी माँ के बूब्स को मसलने लगे थे और फिर माँ की निपल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे. फिर तभी में बोला कि माँ आज दूध बहुत कम आ रहा है. फिर तभी माँ बोली कि कभी-कभी दूध बिल्लियाँ पी जाती है और फिर दीदी और माँ हँसने लगी. फिर में बोला कि दीदी तुम माँ का दूध क्यों पीती हो? तुम्हारे अपने दूध है. फिर दीदी बोली कि तुझे माँ के बूब्स में दूध कम लग रहा है, तो आजा तू मेरा पी ले. फिर माँ बोली कि हाँ-हाँ इसका पी ले, तो तभी में उठा और दीदी के पास गया, जब दीदी ने स्कर्ट और टी-शर्ट पहना हुआ था, तो मैंने दीदी की टी-शर्ट ऊपर की. फिर दीदी बोली कि इसे उतार दे, तो मैंने दीदी की टी-शर्ट उतार दी. दीदी ने नीचे ब्रा पहनी हुई थी, तो में बोला कि दीदी इसे भी उतार दूँ. फिर माँ बोली कि देखा मर्दो को उंगली पकड़ाओं तो वो हाथ पकड़ते है.

    फिर दीदी ने अपनी एक साईड से ब्रा ऊपर की तो उसका गोरा सा बूब्स बाहर आ गया. फिर में दीदी के बूब्स को मसलने लगा, तो दीदी बोली कि यह क्या कर रहा है? तो में बोला कि माँ ने कहा था कि दूध पीने से पहले बूब्स को मसलना चाहिए, तभी दूध ज्यादा आता है. फिर दीदी हँसने लगी और बोली कि अच्छा पी ले. फिर मैंने दीदी के बूब्स मसलने के बाद उसकी पिंक कलर की निपल को अपने मुँह लेकर चूसने लगा, लेकिन दूध नहीं आया. फिर में बोला कि दीदी तुम्हारे तो दूध नहीं आता.

    फिर माँ बोली कि बेटा दूध उनके आता है जो कभी माँ बन चुकी हो. फिर में फिर से माँ का दूध पीने लगा और ऐसे ही 4 साल गुजर गये. अब में 18 साल का हो चुका था, मेरी माँ हमको अभी भी दूध पिलाती थी. फिर एक दिन में और दीदी माँ का दूध पी रहे थे, तो सीमा आ गयी और देखकर बोली कि वाह मालकिन आज भी आपके बूब्स में से दूध निकलता है, दोनों बड़े प्यार से पी रहे है.

    फिर थोड़ी देर के बाद दीदी अपने कमरे में चली गयी और में माँ का दूध पीते हुए वहाँ पर ही सो गया. फिर थोड़ी देर के बाद मुझे माँ की और सीमा की बातें सुनाई दी. अब सीमा माँ से बोल रही थी कि अब तो अमन भी बड़ा हो गया है और बेबी भी जवान हो गयी है, सोचा है किससे उसकी सील तुड़वानी है? तो माँ बोली कि अभी नहीं अभी उसे उंगली से काम चलाने दो.

    फिर सीमा बोली कि कल गाँव से लोग भी आ रहे है, तैयार हो जाए. फिर माँ बोली कि चल ठीक है बहुत दिनों से ग्रुप सेक्स भी नहीं किया है. फिर माँ बोली कि चल सीमा मेरी मालिश कर दे, तो सीमा माँ की मालिश करने लगी. अब वो माँ के बूब्स पर तेल लगाकर दबाने लगी थी और फिर थोड़ी देर के बाद सीमा ने माँ की पेंटी भी उतार दी और माँ की दोनों टांगो को चौड़ा करके चूत की मालिश करने लगी.

    फिर सीमा बोली कि मालकिन आपकी चूत पर तो बाल है. फिर माँ बोली तू बाथरूम से क्रीम ले आया और बाल साफ कर दे. फिर सीमा उठी और बाथरूम से क्रीम ले आई और अपने भी कपड़े उतारने लगी. अब वो भी माँ की तरह बिल्कुल नंगी हो गयी थी. मैंने पहली बार किसी पूरी नंगी औरत को देखा था. सीमा के बूब्स दीदी से भी बड़े थे और अब वो माँ की चूत पर क्रीम लगाने लगी थी. फिर माँ की चूत पर क्रीम लगाने के बाद सीमा बोली कि मेरी भी चूत पर क्रीम लगा दो मालकिन. फिर माँ उठी और सीमा लेट गयी.

    अब माँ भी सीमा की चूत पर क्रीम लगाने लगी थी. फिर वो दोनों नंगी ही बाथरूम में जाकर क्रीम साफ करने लगी. अब में दरवाजे से देख रहा था. फिर पहले सीमा ने माँ की चूत साफ की और फिर माँ ने सीमा की चूत साफ की. अब सीमा की चूत एकदम साफ हो गयी थी. फिर वो दोनों नंगी ही नहाने लगी और फिर वो दोनों नहाकर नंगी ही बाहर आ गयी और एक दूसरे को चूमने लगी और बूब्स दबाने लगी. अब माँ लेट गयी थी और सीमा माँ की चूत चाटने लगी थी. फिर थोड़ी देर में वो दोनों 69 की पोजिशन में हो गयी.

    फिर करीब आधे घंटे के बाद वो दोनों अलग हुई और सीमा ऐसे ही नंगी अपने कमरे में चली गयी और माँ ऐसे ही नंगी पड़ी रही और सो गयी.

    फिर थोड़ी देर के बाद में अपना एक हाथ माँ के बूब्स पर रखकर सहलाने लगा. अब माँ नींद में थी इसलिए उन्हें कुछ पता नहीं लगा. फिर मैंने अपना एक हाथ माँ की शेव की हुई चूत पर रखा तो ऐसा लगा जैसे किसी 12-13 साल की लड़की की चूत चिकनी होती है वैसे ही थी. फिर मैंने मेरी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा और थोड़ी देर के बाद माँ की चूत को चाटने लगा. अब माँ के मुँह से आवाज़े आने लगी थी और बोली कि रामू तू आया गया, मिटा दे अपनी मालकिन की चूत की आग.

    अब में समझ गया था कि वो आदमी रामू था, जिससे माँ चुदवाती है और फिर में माँ की चूत को चूसता रहा. फिर माँ बोली कि रामू बस कर अब डाल भी दे अपना लंड मेरी चूत में. फिर में उठा और अपने कपड़े उतारने लगा. अब मेरा 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड एकदम सीधा खड़ा था. फिर मैंने अपना लंड माँ की चूत पर रखा और एक धक्का मारा तो मेरा लंड का सुपाड़ा माँ की चूत के अंदर चला गया, तो माँ चीख उठी.

    अब में भी डर गया था तो मैंने माँ की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला. फिर माँ मुझे देखकर हैरान हो गयी और मेरा लंड डर के मारे छोटा हो गया. फिर माँ बोली कि यह क्या कर रहा था? तो में कुछ नहीं बोला. फिर माँ की नजर मेरे 8 इंच के लंड पर पड़ी, जिसे देखकर माँ हैरान हो गयी और बोली कि तेरा इतना बड़ा कैसे हो गया? तो में बोला कि मुझे नहीं पता.

    फिर माँ बोली कि इधर आ, तो में माँ के पास गया, तो माँ मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. फिर माँ बोली कि चल अब मुझे चोद, लेकिन पहले तेल लेकर आ. फिर में तेल लेकर आया और थोड़ा तेल माँ की चूत पर और अपने लंड पर लगाने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपना लंड माँ की चूत पर रखा और एक झटका मारा. फिर माँ चीखने लगी, तो मैंने अपने होंठो से माँ के होंठ चिपका लिए और एक जबरदस्त झटका मारा तो मेरा आधा लंड माँ की चूत में चला गया. फिर माँ तड़पने लगी, तो तभी मैंने अपनी पूरी ताकत से एक और झटका मारा तो मेरा पूरा लंड माँ की चूत में चला गया.

    अब माँ की आँखों से आँसू आने लगे थे. फिर माँ बोली कि बेटा अभी हिलना मत बहुत दर्द हो रहा है. तो में बोला कि चुपकर रंडी साली नौकर का 6 इंच का लंड तो बड़े मज़े से अंदर लेती है और मेरे लंड से तुझे दर्द हो रहा है. फिर माँ बोली कि तेरा रामू से मोटा है और बड़ा भी है. फिर थोड़ी देर के बाद जब माँ का दर्द कुछ कम हुआ तो माँ नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी.

    फिर में भी अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. फिर माँ बोली कि स्पीड बढ़ा मादरचोद, तो में अपनी फुल स्पीड से माँ को चोदने लगा. फिर तभी माँ का पानी निकल गया, लेकिन मेरा अभी नहीं निकला था तो में माँ को चोदता रहा और अलग- अलग स्टाइल में माँ को चोदता रहा. फिर में माँ के बूब्स को ज़ोर-जोर से मसलने लगा, अब माँ भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अब पूरे कमरे में माँ और मेरी आवाज़े गूँज रही थी.

    फिर करीब 1 घंटे की चुदाई के बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने माँ से पूछा कि माँ मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ निकालूं? तो माँ बोली कि मेरे मुँह में छोड़ दे. फिर मैंने अपना लंड माँ की चूत से बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया. फिर तभी कमरे में सीमा और दीदी भी आ गयी और हमें देखकर हँसने लगी.

    तब माँ बोली कि आ जाओ तुम दोनों भी आज अमन का पहला पानी पी लो. फिर तभी दीदी और सीमा भी मेरे लंड को अपने-अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और फिर उन तीनों ने मेरा पानी पी लिया. फिर तभी सीमा बोली कि अमन तेरा तो लंड बहुत मोटा और लंबा है और फिर सीमा ने जब मेरी माँ की चूत देखी, तो वो बोली कि हाए राम तूने तो पहली चुदाई में ही चूत का भोसड़ा बना दिया. फिर माँ बोली आज चुदाई में बहुत मज़ा आया.

  • साली का ससुराल

    हैल्लो दोस्तों, मैंने पिछले कुछ समय में ही बहुत सारी मनोरंजन से भरपूर कहानियों को पढकर उनके मज़े लिए है और आज में आप लोगों को अपनी भी एक सच्ची कहानी वो घटना बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी पत्नी की बड़ी बहन मतलब की मेरी साली को उसके घर में उसकी मर्जी से चोदा और पूरी रात उसके साथ मैंने बड़े मज़े किए.

    इस घटना के बाद मेरा जीवन एकदम बदल गया और में अपनी पत्नी के साथ साथ उसकी बहन की चुदाई के भी मज़े लेने लगा और अब आप सभी लोग इसको पढ़कर मज़े लीजिए. दोस्तों मेरी शादी फरवरी में हुई थी और मेरी पत्नी बहुत ही सुंदर है और उससे भी ज्यादा सुंदर और सेक्सी मेरी दोनों बड़ी सालियाँ है. दोस्तों मेरी शादी के समय मेरी बड़ी साली के दो बच्चे थे और उसकी शादी को करीब 6 साल पूरे हो चुके थे और मेरी दूसरे नंबर वाली साली की शादी मुझसे करीब 8 महीने पहले ही हुई थी.

    मेरी बड़ी साली अपने पति के साथ अपने ससुराल में रहती है और दूसरे नंबर वाली साली करीब मेरी शादी के 6 महीने बाद अपने ससुराल से किसी बात को वजह से नाराज़ होकर अपने मयके चली आई. वो अपनी माँ के साथ रहने लगी और घर के सभी लोगों ने उसके साथ साथ उसके पति को भी बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं समझे और उस वजह से वो दोनों अलग अलग रहने लगे. दोस्तों मेरी बड़ी साली के घर में उसके दो बच्चे, उसका पति और उसकी सास भी रहती थी.

    उनका घर दो मंजिल का था, जिसमे नीचे वाले हिस्से में उसकी सास रहती और ऊपर वाली मंजिल पर दो बेडरूम थे. उसमे से एक मेहमानों के रुकने का कमरा और एक मेरी साली का बेडरूम था. दोस्तों मेरी बीबी उस समय अपनी बची हुई पढ़ाई कर रही थी और किस्मत से उसके पेपर का स्थान मेरी बड़ी साली के शहर में आ गया और वैसे भी मेरी साली मुझे अक्सर अपने घर आने के लिए बोलती थी, लेकिन में ना जा सका और उस समय मेरी शादी को करीब पांच महीने ही हुए थे और अब मुझे मेरी बीवी के उस पेपर की वजह से मेरी साली के घर पर जाना पड़ा. उस बात की वजह से मेरी बीवी बड़ी खुश थी और उसको अपनी बहन से मिलने का मौका जो मिल रहा था.

    फिर में और मेरी बीबी के पेपर की वजह से उनके घर पर एक दिन पहले ही पहुँच गए और हमने यह बात उन्हें नहीं बताई थी, इसलिए हमें वहां पर अचानक देखकर मेरी साली और उसका पति बहुत खुश थे. हम लोग शाम को करीब पांच बजे के आसपास उनके घर पहुँचे और वो कुछ देर बातें करने के बाद रसोई में जाकर हमारे लिए तुरंत चाय बनाकर ले आई और फिर कुछ घंटे इधर उधर की बातें करने के बाद हम सभी ने एक साथ बैठकर रात का खाना खाया और फिर उसके बाद हम सभी एक साथ बैठकर गप्पे मारते रहे और हंसी मजाक करते रहे.

    कुछ देर उनके साथ बातें करने के बाद मुझे सफ़र की थकान होने की वजह से मैंने सोने के लिए बोला तो मेरी साली ने मुझे अपने साथ में ले जाकर अपने बेडरूम में सुला दिया.

    दोस्तों में बताना चाहूँगा कि मुझे दूसरी जगह नींद बहुत कम आती है और में हमेशा अंधेरे में ही सोना ज्यादा पसंद करता हूँ इसलिए मैंने मेरी साली को जब वो कमरे से बाहर जा रही थी तब उसको मैंने लाइट बंद करने के लिए कहा तो उसने बड़ी लाइट को बंद कर दिया और एक ज़ीरो वाट का बल्ब उसने जलाकर छोड़ दिया. उसके बाद वो बाहर चली गई और में सोने की कोशिश करने लगा. फिर कुछ समय के बाद मुझे हल्की हल्की नींद आने लगी और में सोने लगा ही था कि तभी मुझे ऐसा महसूस होने लगा जैसे कि कोई मेरे लंड को छेड़ रहा है, जिसकी वजह से मेरी नींद खुल गयी, लेकिन में फिर भी चुपचाप उस हरकत को सहता गया और फिर कुछ देर बाद जब वो हरकत ज्यादा बढ़ गई तो मैंने अपनी आँख को खोलकर देखा.

    दोस्तों में देखकर एकदम चकित रह गया क्योंकि वो मेरी साली थी जो मेरे लंड को कपड़ो के ऊपर से पकड़ रही थी और उसको सहला रही थी और वो कभी कभी मेरी जांघो में भी हाथ फेर रही थी और अब उसने मेरी तरफ देखकर मुझे आवाज़ देकर वो मुझसे बोली कि अब उठो ना आओ ना हम कुछ करते है. फिर मैंने उनको मना कर दिया और बोला कि यह सब ग़लत है और अगर आपके पति ने हमे यह सब करते हुए उस हालत में देख लिया तो बहुत बड़ा पंगा हो जाएगा. आपको पता होना चाहिए इस समय मेरी पत्नी और अपने पति दोनों ही मौजूद है और हम पकड़े जा सकते है, इसमे बहुत खतरा है प्लीज अब आप यहाँ से चली जाए.

    फिर उसने मुझसे बहुत बार कहा आग्रह किया, लेकिन में हमेशा उसको मना करता रहा और तभी मैंने उससे पूछा कि मेरी बीबी कहाँ? तो उसने मुझसे कहा कि वो अपने जीजाजी से मज़े ले रही और इसलिए में भी आपके साथ वो मज़े लेने आई हूँ और हमें भी तो इस रात का फायदा उठाना चाहिए जैसे वो दोनों उठा रहे है और आप मुझसे मना कर रहे हो और तभी उसने मुझसे कहा कि अगर आपको मेरी बात का विश्वास नहीं है तो आप ही मेरे साथ चलकर खुद ही देख लो. फिर में उसकी बात सुनकर तुरंत उठा.

    वैसे मुझे उसकी बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था और में उसके साथ जाकर दूसरे कमरे में देखने के लिए चल दिया. मेरे साथ में मेरी बड़ी साली भी चल रही थी. फिर वहाँ पर मैंने देखा कि उस कमरे के दरवाजे के बीच में एक छोटा छेद होने की वजह से मुझे बाहर से सब साफ साफ कुछ दिखाई दिया इसलिए मैंने उस समय देखा कि मेरी बीवी और मेरा साडू (बड़ी साली का पति) 69 की पोज़िशन में है और वो दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे, जिसको देखकर में बिल्कुल दंग रह गया और मुझे अपनी पत्नी की उस हरकत पर बहुत गुस्सा आ रहा था और वो धीरे धीरे अंदर का वो सेक्सी नजारा देखकर शांत हो गया. उसकी वजह से मेरे पूरे शरीर में तुरंत करंट आ गया जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और में उठकर मेरे पास खड़ी मेरी साली के वहीं पर होंठ से होंठ और गाल के चुम्बन लेने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा.

    फिर मेरी साली ने मुझसे कहा कि पहले तो मना कर रहा था और अब सब्र भी नहीं हो रहा. फिर वो बोली कि चलो हम रूम में चलते है.

    दोस्तों में आप सभी को बताना चाहूँगा कि मेरी बड़ी साली की लम्बाई 5.5 इंच और उसका रंग एकदम गोरा भूरा और वो ना ज्यादा मोटी है और ना ज्यादा पतली. वो एकदम सही आकार की है और उसकी अच्छे आकार की छाती और ठीक ठाक कूल्हे थे. फिर उसके बाद हम वापस बेडरूम में पहुँचे और अब मुझे मेरी साली के बूब्स इतने मस्त दिखाई दे रहे थे और बूब्स के साथ साथ उसकी गांड भी बहुत मस्त थी. दोस्तों अब मेरा निशाना मेरी साली की चूत और गांड को अपने लंड के मज़े देना ही था.

    मैंने पहली बार उसके नरम गुलाबी होंठो को चूमा, जिनको चूमते ही वो मुझसे लिपट गयी और उसके मेरे मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और वो मुझसे बोली कि जीजू तुम बहुत अच्छे हो और आज मुझे भी आप मेरी बहन की तरह चोदो. फिर मैंने उससे पूछा कि कैसे? तब उसने मुझसे कहा कि मेरी बहन ने आपके बारे में सब कुछ बता रखा है उसने मुझे यह भी बताया कि आपके लंड की लम्बाई 6 इंच और मोटाई 2 इंच है और मैंने तो शादी से पहले ही आपसे अपनी चुदाई करवाने का विचार बना रखा था, लेकिन मुझे कभी भी ऐसा कोई अच्छा मौका नहीं मिला और फिर मैंने उससे पूछा कि आपके पति के लंड की लम्बाई कितना है?

    वो बोली कि कुछ ज्यादा नहीं उनका लंड करीब 4 इंच की लम्बाई और 2 इंच की मोटाई वाला है और फिर वो मुझसे बोली कि आप मेरी बहन की तरह मुझे भी अपने लंड से धक्के मारकर मेरी चुदाई करके आज मेरी चूत का भोसड़ा बना डालो और मुझे भी वो मज़ा दे दो. फिर मैंने बिना देर किए तुरंत उसका कुर्ता नीचे उतार दिया और उसके बूब्स को ब्रा के अंदर देखकर मैंने तुरंत ब्रा को भी खोल दिया और सबसे पहले में उसके दोनों गोलमटोल, गोरे बूब्स को मसलने लगा. उसके बूब्स इतने प्यारे और मुलायम थे कि मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में सोच रहा था कि में इसके बूब्स ही पीता रहूँ. फिर मैंने उसके बूब्स को करीब बीस मिनट तक चूसा और उनको मस्त दबाया.

    फिर मैंने उसकी सलवार को उतार दिया और पेंटी को भी उतार दिया. अब मैंने उसकी गोरी गोरी जांघो को किस करते हुए में उसकी चूत के ऊपर भी चूमने और उसको सूंघने लगा, जिससे बहुत मस्त मनमोहक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी, जिसकी वजह से पागल हो चुका था और कुछ देर के बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया. उसकी चूत एकदम सफेद कामुकता से उभरी हुई थी और उस पर झांटे बिल्कुल ही छोटी थी. उसकी चूत गीली थी और सबसे पहले मैंने उसकी चूत का जूस चाटा और उसको बहुत देर तक चूसा और फिर उसकी चूत में अपनी जीभ को अंदर डालकर में घुमाने लगा.

    फिर वो ज़ोर ज़ोर से सेक्सी आवाज करने लगी और बोली कि वाह जीजू उफ्फ्फफ्फ् आह्ह्हह्ह् मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है और फिर मैंने कुछ देर बाद अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और अब धीरे धीरे मेरी साली ने मेरे मोटे लंबे लंड को चूसना चालू कर दिया. फिर करीब 15-20 मिनट तक में उसकी चूत को चाटता रहा और बाद में 20-22 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा. अब में झड़ने वाला था तो मैंने उसको बताया कि में अब झड़ने वाला हूँ.

    फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला और वो तो अब और ज्यादा ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी. फिर कुछ समय के बाद में झड़ गया और वो मेरा सारा रस पी गई. उसने मेरे लंड को पूरा झाड़कर ही छोड़ा और उसने मुझे अपने मुहं से ही चोद डाला. में उसके मुँह की चुदाई को देखकर बिल्कुल दंग रह गया. फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूस चूसकर दोबारा चुदाई के लिए तैयार किया और मैंने एक बार फिर से अपना लंड उसकी चूत के सामने रख दिया. फिर वो मुझसे कहने लगी कि जीजू जरा धीरे से डालना आपका लंड मोटा और लंबा बहुत ज्यादा है, क्योंकि मैंने कभी भी इतना लंबा और मोटा लंड नहीं लिया है इसलिए मुझे आपके लंड से बहुत डर लग रहा है.

    फिर मैंने अपने लंड का टोपा उसकी प्यारी चूत के मुहं पर रखकर एक धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से वो ज़ोर से चिल्लाई और कहने लगी ऊउईईईईइ स्स्सीईईईईइ माँ में मर गई. दोस्तों मेरा लंड ज्यादा मोटा था और उसको मोटा लंड लेने की आदत नहीं थी, इसलिए उसको बहुत जोरदार दर्द हुआ और वो आह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ करके चीखने लगी और उसी समय में उसके होंठो को अपने होंठो में और बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर अपना लंड कसकर जोरदार धक्का देकर उसकी चूत में जबरदस्ती डाल दिया वो दोबारा चिल्लाई, लेकिन उसके होंठ मेरे होंठो में होने की वजह से उसकी आवाज़ ज्यादा बाहर नहीं जा सकी और फिर में थोड़ा सा रुक गया.

    फिर करीब पांच मिनट के बाद उसने मुझसे कहा कि अब मेरा दर्द थोड़ा सा कम हो गया है और अब तुम धक्के देना शुरू करो. फिर मैंने उसके कहने पर अपना लंड जो कि अब तक भी पूरा उसकी चूत के अंदर था.

    मैंने उसको धीरे धीरे आगे पीछे करना चालू किया और फिर मैंने कुछ देर बाद धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ा दिया. अब तो उसकी कमर भी हिलकर आगे पीछे होकर मेरा पूरा साथ दे रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि जीजू आह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा आईईईईईई है और ज़ोर ज़ोर से करो ना. फिर मैंने उसका उत्साह और जोश देखकर अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अब उसने मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया, जिसका मतलब साफ था कि शायद वो अब झड़ने वाली थी और में थोड़ी देर में मेरे लंड पर गीला महसूस करने लगा. में तुरंत समझ गया कि वो झड़ गई है.

    फिर मैंने उसके दोनों पैरों को ऊपर अपने कंधों पर उठा लिया और मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया, क्योंकि अब में भी झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपनी स्पीड को और भी ज्यादा बढ़ा दिया और कुछ देर धक्के देने के बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और वो भी इस बीच दो बार झड़ गई थी, जिसकी वजह से अब हम दोनों का माल उसकी चूत से बहकर बाहर आने लगा.

    फिर हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम 69 की पोज़िशन में चाटने लगे और करीब 30 मिनट तक चाटने के बाद मैंने उसकी गांड में अपना लंड डालकर उसको चोदना चाहा और मैंने उससे यह बात कही तो उसने मुझसे गांड मारने के लिए साफ मना कर दिया और फिर उसने मुझे बाद में कभी करने के लिए कहा.

    फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में और कभी एक पैर उठाकर तो कभी दोनों पैरों को उठाकर तो कभी उसके ऊपर लेटकर मैंने हर एक तरह से उसकी चुदाई के मज़े लिए. में उसको सुबह 5.30 बजे तक चोदता रहा और सुबह जब में उठा तो मेरी बीबी अपने जीजा के साथ उसके पेपर देने गई हुई थी. में उठकर नहाया और उसके बाद मैंने अपनी साली से पिछली रात की बात और मेरी उस चुदाई के मज़े के बारे में पूछा.

    फिर वो मुझसे बिना कुछ कहे मेरी तरफ मुस्कुराकर मेरी तरफ आंख मारकर मेरे ऊपर लेटे गई और वो बोली कि में तुम्हारी उस चुदाई से बहुत खुश हूँ और तुमने जो मेरी प्यारी चूत को चोद चोदकर उसका आज भोसड़ा बना दिया है और वो बोली कि में बहुत खुश हूँ.

    फिर मैंने चाय पी और कुछ देर बाद मैंने और मेरी साली ने एक साथ बैठकर दिन का खाना खाया और उसके बाद में नीचे वाली मंजिल पर आकर उसकी सास से बातचीत करने लगा. कुछ घंटे बाद दोपहर को उसकी सास और बच्चे भी सो गये तो में वापस ऊपर अपनी साली के पास पहुँच गया और मैंने उससे बोला एक बार फिर से हो जाए? तो वो मुझसे मना करने लगी, लेकिन मेरे दूसरी बार कहते ही वो दोबारा से तैयार हो गई और हम दोनों ने एक दूसरे के अंगो को भरपूर चाटा.

    दोस्तों सच कहूँ तो में अब उसकी गांड का पूरी तरह से दीवाना बन चुका था, इसलिए मैंने उससे कहा कि में तो अब तेरी गांड में अपना लंड डालकर चुदाई के मज़े लूँगा, तो वो बोली कि प्लीज मेरी चूत को चोदो ना, लेकिन मेरी ज़िद के आगे वो तैयार हो गई और मैंने उसकी दोपहर में 1:30 घंटे गांड और 1 घंटे तक उसकी चूत को लगातार धक्के देकर चुदाई के मज़े लिए और फिर हम दोनों कुछ देर बाद अलग हो गये.

    दोस्तों यह सिलसिला अब तक भी चल रहा. जब भी मुझे मौका मिलता में अपनी साली की चुदाई के मज़े लेता हूँ और मेरी साली का पति मेरी पत्नी को चोदता है, वो ससुराल में होने की वजह से मेरी पत्नी के पास ज्यादा रहता है और में अपनी साली के पास ज्यादा जाता हूँ, लेकिन हाँ में बता दूँ कि पिछले एक साल से जब से उसकी सास की मौत हुई है, में उन्ही के शहर में नौकरी करने जाता हूँ और में उस वजह से महीने में दो तीन बार रात को अपनी साली के पास पहुँच जाता हूँ और में जब भी वहां पर जाता हूँ तो में उसको पूरी रात अपने लंड के मज़े चखाता हूँ और में खुद उसकी चूत का और वो मेरे लंड का मज़ा लेती है.

  • बहन को चोदकर बहनचोद बन गया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और में 21 साल का हूँ. दोस्तों आज में मेरे और मेरी अंकल की लड़की के बारे में कुछ सच्ची बातें और वो घटना बताने के लिए  आया हूँ जिसमें मैंने अपनी बहन जो मेरे चाचा की लड़की है जिसका नाम ज्योति है और वो अपनी पढ़ाई की वजह से हमारे साथ ही रहती थी, जिसके साथ मेरी यह चुदाई पूरी हुई और यह मेरी एक सच्ची कहानी है. दोस्तों वो मुझसे उम्र में तीन साल छोटी है, लेकिन उसका फिगर बड़ा कमाल का है.

    में जब 12th में पड़ता था तब में सेक्स के बारे में थोड़ा थोड़ा जानता था, लेकिन उन दिनों मेरा लंड बहुत ज्यादा उठता था और उसकी लंबाई करीब 6.5 इंच तक बढ़ जाती थी और आसपास में एक मेरी बहन ही थी जो मेरे लंड को थोड़ी राहत दे सकती थी, क्योंकि वो बहुत ही सेक्सी थी और उसके बूब्स बहुत ही मस्त थे और बहुत ही मुलायम थे.

    कई बार में उनको अंजाने में छू लेता था, लेकिन वो तो इन सबके बारे में कुछ जानती ही नहीं थी, इसलिए कोई समस्या नहीं थी और में अक्सर उसको पीछे से पकड़कर अपनी गोद में उठा लेता और इसी बहाने से मुझे उसकी गांड और बूब्स को दबाने का मौका मिलता, लेकिन में तो अब उसकी चूत को देखना चाहता था और उसको छूना चाहता था, लेकिन में बिल्कुल भी समझ नहीं पा रहा था कि में इसके लिए क्या करूं? तब मैंने एक तरकीब निकली और मैंने हमारे बाथरूम में दरवाजे में एक छेद किया जिससे कि में उसको नहाते हुए नंगी देख लूँ.

    फिर एक दिन मुझे वो मौका मिल गया और शाम का वक्त था. उस समय में अपने घर में बिल्कुल अकेला था और फिर मेरी बहन मेरे पास आ गई, लेकिन में अपने काम में बहुत व्यस्त था, इसलिए मुझे कुछ देर बाद उसके आने के बारे में पता चला, तो में उसको देखकर बहुत खुश हुआ और मैंने उससे पूछा कि तुम कब से मेरे पास खड़ी हो? तब वो कहने लगी कि भैया में भी कुछ देर पहले ही आई हूँ और फिर मैंने उससे मज़ाक करना शुरू किया.

    मैंने कहा कि तुम आज नहाई क्यों नहीं? देखो तुम्हारा चेहरा आज कैसा लग रहा है, जैसी कि तुम बहुत सालों से नहीं नहाई हो. फिर उसने मुझसे बोला कि भैया में तो आज सुबह ही जल्दी उठकर नहा चुकी हूँ, तब मैंने उससे हंसकर कहा कि हाँ तुम ठीक कहती हो, लेकिन तुम्हारे पास से पसीने की बदबू आ रही है और तुम दोबारा भी नहा लोगी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उससे तुम अच्छी दिखने लगोगी जाओ अब तुम अभी नहा लो. फिर उसने कहा कि हाँ ठीक है में अभी नहाकर आती हूँ और फिर वो मुझसे यह बात कहकर थोड़ी देर बाद नहाने चली गई. उसे मुझ पर शक ना हो इसलिए में तेज आवाज़ से टीवी देखने लगा और जैसे ही वो बाथरूम में गई मैंने अपनी आखें उस छेद पर चिपका दी जो दरवाजे पर था और मैंने देखा कि वो अब अपने कपड़े उतार रही है.

    फिर उसने सबसे पहले अपनी फ्रोक को उतार दिया और उसके बाद में उसने अपनी ब्रा को भी उतार दिया. में देखकर एकदम चकित रह गया वाह क्या मस्त गोलमटोल गोरे बूब्स थे उसके और वो आकार में थोड़े छोटे थे. उनको देखकर मेरा तो लंड बिल्कुल टाइट हो गया. फिर उसने अपनी पेंटी को भी उतार दी और में तो अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.

    दोस्तों मैंने देखा कि उसकी चूत पर एकदम छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम फूली हुई थी. वो अब फव्वारे के नीचे खड़ी हो गई और उसने पानी को शुरू किया और पानी उसके सर से होकर उसके बूब्स पर जाकर नीचे उसकी मस्त गांड पर आ रहा था और वो अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को दबा रही थी. कुछ देर बाद उसने साबुन लिया और अपने पूरे बदन पर लगाना शुरू किया.

    वो धीरे धीरे अपने पूरे बदन पर अपना हाथ घुमा रही थी. दोस्तों में यह सब नजारा दरवाजे के उस छेद से देख रहा था, जिसकी वजह से मेरी तो हालत बहुत खराब हो रही थी और वो सिर्फ़ मुझसे दो फीट की दूरी पर थी, लेकिन में उसको छू भी नहीं सकता था अब में अपनी तरफ से कोई भी ऐसा वैसा कदम भी नहीं उठा सकता था, क्योंकि वो अगर मेरे मम्मी और पापा को यह बात दे तो मेरी खेर नहीं और थोड़ी देर के बाद उसने फिर से पानी चालू किया और वो साबुन को बहाने लगी. उसके बाद जो हुआ उसको देखकर में बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि अब वो फवारे के नीचे खड़ी खड़ी अपनी दो उंगलीयों से अपनी चूत को मसल रही थी, जिसको देखकर में तो बिल्कुल चकित हो गया और मुझे लगा कि जैसे यह एक सपना है, लेकिन नहीं यह सब सच था. वो अब हस्तमैथुन कर रही थी.

    फिर मैंने देखा कि उसको यह काम करने में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा एक हाथ मेरे लंड को सहला रहा था और में उसके चेहरे के हावभाव को देखकर तो बड़ा दंग रह गया और वो सिसकियाँ भी ले रही थी. फिर करीब दस मिनट तक वो अपनी चूत को मसलती रही और उसके बाद में वो एकदम से रुक गई और फिर शांत हो गई, तो में तुरंत समझ गया कि मेरी वो भोलीभाली बहन ज्योति अब छोटी नहीं रही. अब उसकी चूत में भी खुजली हो रही है और जिसका मतलब साफ था कि उसको भी अब चुदाई की जरूरत थी, में तो खुश बहुत था.

    अब उसके बाद में वहां से तुरंत हटकर अपना काम करने लगा, लेकिन दोस्तों यह बात तो है कि जब लड़की के बूब्स बड़े हो जाते है तो उन्हे हमेशा कोई ना कोई दबाने वाला भी चाहिए और जब घर में ही इसकी सुविधा हो तो कोई बाहर ही क्यों जाए और कोई फरक नहीं पड़ता कि वो तुम्हारी बहन है या कोई और आख़िर वो भी तो एक लड़की है और उसकी भी बहुत इच्छा होती है और अगर यह सब करने के लिए वो बाहर किसी से कहती है तो अपनी ही इज्जत खराब होती है. फिर यह तो अच्छी बात है कि दोनों सेक्स के लिए एक दूसरे की मदद करे. फिर में उसके ख्यालों में अपना लंड हिलता हिलता सो गया. ख्यालों में कभी वो मेरे ऊपर होती थी और कभी में उसके ऊपर होता था.

    वो बार बार बोल रही थी कि अजय भैया आपके साथ बहुत मज़ा आता है और उन्ही सपनों में सुबह हो गई. दोस्तों आज तो मैंने सोच लिया था कि कुछ ना कुछ ऐसा किया जाए जिससे में उसकी उस काम में जो वो कल बाथरूम में कर रही थी उसमें मदद कर सकूं? दोस्तों हमारे घर पर दो मंजिला है और ऊपर उसका रूम था और उसके पास में मेरा भी रूम था.

    मैंने मन ही मन में सोचा कि जो छोटी लड़की बाथरूम में यह सब करती है वो अकेले में तो क्या क्या करती होगी? अब मैंने उसके रूम के अंदर देखने के लिए एक कुर्सी ले ली और में उसके रूम के दरवाजे के पास की खिड़की के नीचे कुर्सी पर खड़ा हो गया, जिससे उसका पूरा रूम अंदर से साफ दिखने लगा था.

    अब मैंने देखा कि वो सो रही है तो में वापस नीचे उतरने लगा, लेकिन उसी वक्त उसने अपना एक हाथ अपनी स्कर्ट में डाला दिया और में झट से समझ गया कि मुझे अब कुछ देखने को मिलने वाला है और फिर मैंने देखा कि वो हस्तमैथुन कर रही है. उसी वक्त मैंने अचानक से उसके दरवाजे को बजा दिया. तो उसने अंदर से आवाज़ लगाकर पूछा कौन है? तो मैंने ज़ोर से कहा कि दरवाजा खोलो और तब उसने दरवाजा खोला और मैंने उससे गुस्से से पूछा कि तुम क्या कर रही थी, मैंने वो सब देख लिया. फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से डर गई और मैंने कहा कि में पापा को बोलने वाला हूँ कि तुम रूम में यह सब करती हो. अब वो मेरी बात को सुनकर चुप खड़ी रही और फिर एकदम से बोली कि भैया प्लीज आप यह बात किसी को मत बताना. फिर मैंने कहा कि में उसकी कोई भी बात नहीं सुनने वाला और वो रोने लगी. फिर उसने कहा कि भैया प्लीज आप मत बताना, मैंने उससे कहा कि चलो थोड़ी देर के लिए तुम मान लो कि में किसी को ना बताऊँ, लेकिन उसके लिए मुझे क्या फायदा मिलेगा? तब ज्योति बोली कि आप जो कहोगे में वो सब करूँगी और उससे आपको भी बड़ा फायदा हो सकता है और मुझसे यह बात कहकर वो मुस्कुराने लगी. दोस्तों में उसके मुहं से बस यही सब तो सुनना चाहता था और में उसकी उस हंसी का मतलब भी बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था, जिसको वो मुझे बिना कुछ कहे कहना चाहती थी. अब मैंने तुरंत उसको अपनी गोद में बैठा लिया और में उसके मुलायम कूल्हों पर अपने कड़क लंड को छू रहा था और मैंने उससे कहा मैंने वो सब देखा जो तुम कर रही थी, लेकिन क्या तुम मुझे नहीं बताओगी कि तुम अभी क्या कर रही थी? वो मेरी इस बात को सुनकर शरमाने लगी और मैंने उससे कहा कि तुम मुझे बताती हो या में पापा को जाकर बता दूँ? अब वो बोली कि हाँ में बताती हूँ, में हस्तमैथुन कर रही थी.

    अब में उसके बूब्स को अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसको किस भी करने लगा. फिर कुछ देर बाद वो भी गरम होकर मेरे होंठो को चूसने लगी और अब मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत में था और वो अब तक बहुत गरम हो गई थी. फिर मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत से अब पानी बाहर निकल रहा था. फिर मैंने बिल्कुल भी देर नहीं करते हुए उसके कपड़े उतार दिए और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उसके बाद मैंने अपनी जेब से कंडोम निकाला और अपने लंड पर लगा लिया.

    फिर वो मुझसे पूछने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? में बोला कि ऊँगली की जगह इसको तुम्हारी चूत में डालकर तुम्हे मज़े देना चाहता हूँ और में यह बात उससे कहते ही उसके ऊपर चड़ गया और उसके पूरे नंगे बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चूमने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसकी हल्की गुलाबी चूत के मुहं पर रख दिया और में अपने टोपे को उसकी चूत पर घिसने लगा.

    फिर थोड़ा अंदर बाहर करने लगा और फिर सही मौका देखकर मैंने एक हल्का सा धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी आईईईईइ भैया उफ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसको बाहर निकाल लो. दोस्तों मैंने देखा कि उसकी चूत की सील मेरे लंड के उस धक्के टूट गई थी और वो उस दर्द से कराह रही थी.

    मैंने उसको किस करना शुरू किया जिसकी वजह से उसको थोड़ी राहत हुई और थोड़ी देर तक में बिल्कुल नहीं हिला और जब वो शांत हुई तो मैंने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाया जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी और वो भी नीचे से अपनी कमर को हिलाने लगी.

    दोस्तों अब तक मेरा लंड सिर्फ़ दो इंच ही उसकी चूत के अंदर गया था, लेकिन उसकी चूत अभी मेरे पूरे लंड को लेने के लिए ठीक तरह से तैयार नहीं थी और मैंने फिर भी थोड़ी और कोशिश की तो धीरे धीरे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मैंने बहुत देर तक उसकी जमकर चुदाई की और में उसके बूब्स और उसकी गांड को भी दबा रहा था. वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उसे बहुत मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद में झड़ गया.

    फिर चुदाई पूरी करवाने के बाद वो मेरे ऊपर पूरी नंगी लेट हुई थी और वो मुझसे कह रही थी कि उसको इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया, भैया प्लीज आप हर रोज़ मुझे ऐसा मज़ा देना, आपका लंड बहुत अच्छा है और यह शब्द बोलकर वो मेरे लंड के साथ खेलने लगी. अब कभी वो लंड को ऊपर उठाती और कभी अपने दोनों हाथों में लेकर हिलाती, जिसकी वजह से मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और में भी उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर उसके बूब्स को दबाने लगा और उसको होंठो को चूमने लगा.

    फिर थोड़ी देर के बाद एक बार फिर से मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसे स्वर्ग का सुख दिया जो उसे बहुत सालों के बाद मिलने वाला था. दोस्तों मेरी अच्छी किस्मत से 18 साल की उम्र में ही मुझे एक बहुत ही सेक्सी और वर्जिन लड़की को चोदने का मौका मिला था. हर रोज़ में और ज्योति इस तरह एक दूसरे की सेक्स की प्यास बुझाया करते है और मैंने उससे बोला है कि किसी को भी इसके बारे में मत बताना, क्योंकि अगर मेरे घर वालों को पता चला तो हम दोनों की तो वो हालत खराब कर देंगे.

    फिर मम्मी पापा के घर पर ना होने के बाद हम दोनों बहुत ही करीब हो जाते थे और ज्योति को मेरा लंड भा गया था, तो वो भी हर रात को मुझे अपने पास बुलाया करती थी और जब कभी हम दोनों साथ में टीवी देखते तो वो सही मौका देखकर धीरे से मेरा लंड पकड़कर मसलने लगती और मम्मी के आते ही वो दूर हो जाती और में भी इशारा करके उसको ऊपर अपने रूम में जाने के लिए कहता और वो थोड़ी देर में भी उसके पीछे चला जाता और उसको बहुत जमकर चोदता.

    फिर थोड़े ही दिनों में उसके बूब्स एकदम सेक्सी होने लगे थे और उनका आकार अब बहुत तेज़ी से बढ़ने लगा था और उसी के साथ साथ उसकी गांड ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी थी. उसके पूरे बदन पर चड़ती जवानी का असर साफ साफ नजर आने लगा था. वो अब पहले से भी ज्यादा कामुक दिखने लगी थी और यह सब था मेरी उस चुदाई का असर और मुझे भी अब अपनी सेक्स की प्यास को बुझाने के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ता, जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती, मुझे उसके साथ जमकर मज़े करने है.

  • मम्मी को मिला दो लोड़ो का मजा

    हैल्लो मेरे प्यारे दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने आया हूँ. दोस्तों यह कोई झूटी कहानी नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है और इस घटना में मैंने अपनी आखों से जो सभी कुछ देखा में वो बताने आया हूँ. दोस्तों में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और एक दिन मैंने इसको भी आप तक पहुँचाने के बारे में सोचा, क्योंकि यह मेरी माँ की वो चुदाई थी, जिसको मेरे चाचा ने पूरा किया, इसलिए में बताने से थोड़ा झिझक महसूस कर रहा था और फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके इसको आप तक पहुंचा दिया और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी.

    दोस्तों यह उन दिनों की बात है, जब मेरी मम्मी की उम्र करीब 30 साल थी, उस समय मेरी मम्मी की जवानी अपने पूरे ज़ोर पर थी और वो दिखने में बहुत सुंदर और उनका गोरा रंग और उनके गदराए बदन की बनावट हर किसी को एक बार देखने से ही अपनी तरफ आकर्षित करती और जब वो मेक्सी को पहनकर घर में अपने काम किया करती तो उनके बड़े आकार के लटकते हुए गोरे गोरे बूब्स उनकी उस मेक्सी से बाहर आने को बेताब रहते थे और उनके कूल्हे भी बहुत भारी थे, जिनकी वजह से वो बहुत ही हॉट सेक्सी दिखती और मेरे पापा के दोस्त जब भी हमारे घर पर आते थे तो वो भी मेरी मम्मी के कूल्हों को अपनी प्यासी नजर से घूरते रहते थे.

    दोस्तों उन दिनों की बात है, जब मेरे स्कूल में गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और मेरे पापा उनके ऑफिस के किसी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे. उस वजह से अब घर में हम दोनों ही थे और उसी सुबह मेरे नरेश चाचा हमसे मिलने हमारे घर पर आ गए, वैसे तो वो हमसे मिलने हर कभी आते थे, लेकिन इस बार वो बहुत दिनों के बाद हमारे घर पर आये थे. अब उनको देखकर मेरी मम्मी बहुत खुश हो गई और उनकी वो ख़ुशी में मुझे उनके खिलते हुए चेहरे से साफ साफ पता चल रहा था और में उनके चेहरे की उस हंसी को देखकर तुरंत समझ गया था कि आज मेरी मम्मी मेरे चाचा से जरुर अपनी चुदाई करवाएगी, इसलिए वो खुश थी.

    अब में ड्रॉयिंगरूम में बैठकर टी.वी. देख रहा था, वहीं दीवार पर एक बड़ा सा कांच लगा हुआ था, जिससे में एक जगह पर बैठा हुआ ही पूरी किचन को साफ साफ देख सकता था. मम्मी मेरे चाचा को देखकर उनसे बोली कि में आपके लिए चाय बनाकर अभी लेकर आती हूँ. तभी मेरे चाचा उनसे कहने लगी कि चलो भाभी में भी आपकी कुछ मदद कर देता हूँ और वो यह बात कहकर मेरी मम्मी के पीछे पीछे किचन में चले गये और में उस कांच से सब कुछ देख रहा था और फिर मैंने देखा कि वो मेरी मम्मी के पास में खड़े होकर मम्मी के कूल्हों पर अपने हाथ को फेर रहे थे और मम्मी चाय बनाते हुए उनकी तरफ देखकर बार बार मुस्कुरा रही थी.

    कुछ देर बाद चाचा ने उनके कूल्हों को थोड़ा ज़ोर से भींच दिया और उन्होंने उसी के साथ तुरंत मम्मी के गाल पर एक किस भी कर दिया. अब मम्मी ने बाहर मेरी तरफ देखा और देखकर उन्होंने समझा कि में तो टी.वी. देख रहा हूँ, इसलिए उन्होंने भी चाचा के लंड को उनकी पेंट के ऊपर से ही ज़ोर से दबाते हुए रगड़ दिया और तब तक उनकी चाय भी तैयार हो गयी थी, इसलिए वो दोनों ड्रॉयिंग रूम में चाय लेकर आ गये. अब वो दोनों वहीं पर मेरे सामने बैठकर चाय पी रहे थे और साथ में बहुत हंस हंसकर बातें भी कर रहे थे. फिर मम्मी मेरे चाचा से कहने लगी कि नरेश मेरी कमर में पिछले कई दिन से पता नहीं क्यों थोड़ा सा दर्द हो रहा है? तो चाचा ने उनकी तरफ मुस्कुराकर कहा कि कोई बात नहीं है भाभी, में अभी आपकी कमर पर तेल की मालिश कर देता हूँ, वो सब एकदम ठीक हो जाएगा.

    उसके बाद वो दोनों तुरंत अपनी अपनी चाय को जल्दी से खत्म करके बैठ गए और मम्मी उठकर तेल की बोतल ले आई और वो उनसे कहने लगी कि नरेश हम मालिश बेडरूम में चलकर करते है और वो मुझसे बोली कि विक्की बेटा तुम हमें बिल्कुल भी परेशान मत करना.

    फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है मम्मी, वैसे भी मुझे टी.वी. देखनी है और फिर में मन ही मन सोचने लगी कि अब मम्मी अंदर जाकर चाचा से अपनी चूत की मालिश करवाएगी और उन दोनों ने बेडरूम में जाकर तुरंत दरवाजे को बंद कर लिया और फिर मैंने कुछ देर बाद उठकर दरवाजे के चाबी वाले छेद से अंदर झांककर देखा तो मैंने पाया कि वो दोनों एक दूसरे से लिपटकर बाहों में खड़े है और चाचा अपने दोनों हाथों से मम्मी के कूल्हों को दबा रहे है और मम्मी के नरम गुलाबी होंठो पर उनके होंठ है. कुछ देर तक चाचा ने मम्मी के होंठो के रस को पिया.

    अब वो दोनों अलग हुए और उन दोनों ने तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से अब वो दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे. अब चाचा कहने लगे कि वाह भाभी तेरे यह बूब्स तो पहले से भी ज्यादा मोटे, मजेदार हो गए है और यह बात कहकर वो मम्मी के बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगे और मम्मी उनके सर पर अपना एक हाथ फेर रही थी. अब मेरी मम्मी बोली कि नरेश ज़रा तुम अब मेरी चूत में ऊँगली भी डालो और चाचा ने मम्मी के मुहं से यह बात सुनकर उसी समय उनके बूब्स को चूसते हुए अपने एक हाथ की दो उँगलियाँ उन्होंने मेरी मम्मी की चूत के अंदर डालकर अपने हाथ को हिलाने लगे और आगे पीछे करने लगे.

    अब उसकी वजह से मम्मी की सिसकियाँ बंद हो गयी और वो उसका मज़ा लेने लगी. अब मम्मी से उस मज़े मस्ती की वजह से ठीक तरह से खड़ा रहना भी बड़ा मुश्किल हो रहा था. तभी चाचा ने उनकी वो हालत को देखकर तुरंत उनके बूब्स को चूसना छोड़ दिया और अब वो बेड के किनारे पर जाकर बैठ गए और मम्मी नीचे जमीन पर उनके दोनों पैरों के बीच में बैठकर उनके लंड से खेलने लगी और वो अपने एक हाथ से चाचा के लंड को धीरे धीरे हिलाने लगी और फिर कुछ देर बाद मम्मी ने अपना मुहं लंड के पास ले जाकर लंड पर अपनी जीभ को घुमाया और उसका स्वाद चखा और फिर मेरे देखते ही देखते धीरे धीरे चाचा का पूरा लंबा, मोटा लंड अब मेरी मम्मी के मुहं में गहराई तक समा गया और मम्मी चाचा के लंड को पूरे जोश से चूस रही थी, उनके गाल हर सक के साथ पिचक और फूल रहे थे और चाचा मोन कर रहे थे और वो कह रहे थे, ऊऊह्ह्ह भाभी बहुत अच्छा आह्ह्ह् वाह मज़ा आ गया, थोड़ा आप इसको अपने एक हाथ से भी हिलाओ.

    मम्मी ने चाचा के कहने पर उनके लंड को चूसने के साथ साथ अपने एक हाथ से लंड को हिलाना भी शुरू कर दिया था. उस समय वो दोनों बहुत जोश में पूरी तरह से गरम लग रहे थे और कुछ देर के बाद जब मम्मी ने चाचा के लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला तो लंड अब उनके थूक की वजह से एकदम चमक रहा था.

    चाचा बेड से उठ खड़े हुए और मम्मी को उन्होंने बेड का एक कोना पकड़कर डोगी की पोज़िशन में कर दिया और वो खुद उनके पीछे आकर खड़े हो गये और सबसे पहले उन्होंने मम्मी के कूल्हों पर अपना एक हाथ घुमाया और उसके बाद अपने एक हाथ में लंड को लेकर दूसरे हाथ से मम्मी के दोनों कूल्हों को फैलाया और लंड को मम्मी की चूत के छेद पर रगड़ना शुरू कर दिया. अब उस वजह से तो मम्मी अब ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी, वो ऊऊह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह नरेश प्लीज़ अब डाल भी दो स्सीईईईई मुझे अब और नहीं रुका जाता, प्लीज थोड़ा जल्दी करो, आईईईइ क्यों तुम मुझे आज इतना तरसा रहे हो, तुम देखते क्यों नहीं में मरी जा रही हूँ? प्लीज ज्यादा देर मत करो.

    अब चाचा जोश में आकर बोले हाँ तो यह लो मेरी प्यारी भाभी तुम्हें अपनी चुदाई का बहुत शौक है मेरी चुदक्कड़ रंडी भाभी और उन्होंने यह बात कहते हुए एक झटके में ही अपना पूरा का पूरा लंड मम्मी की चूत में डाल दिया और मैंने देखा कि चाचा का मोटा लंड मम्मी की गीली चूत को फैलाता हुआ अंदर जा पहुंचा और उस जोरदार धक्के की वजह से मम्मी के मुहं से एक हल्की सी चीख बाहर निकल गई और अब चाचा ने धक्के देते हुए लगातार अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से हर एक झटके पर उनकी कमर मम्मी के कूल्हों पर जाकर टकरा रही थी और उस पूरे रूम में उनकी चुदाई के खेल का शोर गूँज रहा था और मम्मी हल्की हल्की आहें भी भर रही थी, ऊऊओ आह्ह्ह्हह ऊऊओफफफ मेरे प्यारे देवर जी बस आप ऐसे ही मुझे चोदते रहो, मुझे वाह क्या मस्त मज़ा आ रहा है, तुम अपनी भाभी को ऐसे ही लगातार धक्के देते रहो.

    दोस्तों मेरी मम्मी की ऐसी जोश भरी बातें सुनकर चाचा को भी ज्यादा जोश आ गया और वो अब ज्यादा ज़ोर से अपनी कमर को हिलाने लगे, मेरी मम्मी उनके सामने कुतिया बनी हुई थी, इसलिए उनके बूब्स लटक रहे थे और वो भी हर एक धक्के की वजह से ज़ोर ज़ोर से हिल भी रहे थे. तभी मम्मी बोली नरेश में अब झड़ रही हूँ आह्ह्ह्हहह उफफफफफ और मम्मी ने अपनी चरम सीमा को पा लिया था, लेकिन चाचा अभी भी धड़ाधड़ अपनी कमर को वैसे ही हिला रहे थे. उन्होंने अपने एक हाथ को आगे करके मम्मी के सर के बाल पकड़ लिए और वो मम्मी को बिल्कुल घोड़ी बनाकर धक्के देकर चोद रहे थे और उनकी सवारी कर रहे थे.

    दोस्तों पूरे कमरे में उनके गीले लंड के चूत में अंदर बाहर होने की वजह से पच पच का शोर गूँज रहा था. तभी चाचा कहने लगे कि भाभी मेरा भी अब झड़ने का समय पास आ रहा है. मम्मी उनसे बोली कि मुझे तुम्हारा पानी पीना है. फिर चाचा ने यह बात सुनकर तुरंत अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाला और मम्मी बेड से हटकर चाचा के पैरों के बीच में आकर बैठ गयी और चाचा ने अपना लंड मम्मी के मुहं में डाल दिया और मम्मी लंड को हांफते हुए चूसने लगी. तभी चाचा मोन करने लगे ऊऊओ आआआः ऊऊऊओ और मैंने देखा कि मम्मी के गाल अचानक से फूल गये, क्योंकि मम्मी ने चाचा का सारा वीर्य पी लिया और वो बहुत देर तक उनके लंड को अपने मुहं में लेकर चूसती हुई मज़े करती रही, जब तक लंड छोटा नहीं हो गया, उन्होंने लंड को चूसना नहीं छोड़ा और वो मज़े लेती रही.

    अब चाचा कहने लगे, ओह्ह्ह्ह भाभी बहुत दिनों के बाद मुझे तुम्हारी चूत चुदाई के लिए मिली है, इसलिए मुझे आज इसकी चुदाई करने में बहुत मज़ा आया है, यह आज भी बिल्कुल पहले जैसा मज़ा देती है. अब वो दोनों बेड पर लेट गये और मम्मी उनके लंड से खेल रही थी और चाचा उनके बूब्स को धीर धीरे दबा भी रहे थे और फिर वो कहने लगे कि भाभी मेरा एक दोस्त आज रात को आ रहा और वो तीन दिन तक यहीं पर रुकेगा.

    फिर मम्मी उनकी बात को सुनकर थोड़ा उदास होकर कहने लगी. फिर हम उसके आ जाने पर चुदाई कैसे करेंगे? क्योंकि मुझे तुम्हारे साथ और भी मज़े चाहिए, मेरा मन अभी नहीं भरा है.

    अब चाचा कहने लगे, भाभी अगर तुम तैयार हो तो हम उसको भी इस खेल में शामिल कर लेते है. तभी मम्मी थोड़ा गुस्से से कहने लगी, तुमने क्या मुझे कोई रंडी समझा है, जो में हर किसी से अपनी चुदाई करवाती रहूँ, किसी के भी सामने अपनी इज्जत को खोलकर बैठ जाऊं और उससे चुदाई करवाऊँ? में तुमसे अपनी चुदाई करवाती हूँ तो उसका क्या मतलब है, क्या मेरी कोई इज्जत नहीं है?

    अब चाचा मेरी मम्मी को बहुत प्यार से धीरे धीरे समझाने लगे कि भाभी आप क्यों इतना बिना मतलब के गुस्सा हो रही हो, जैसा आप सोच समझ रही हो वैसा कुछ भी नहीं है और आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि मैंने उस मेरे दोस्त को पहले से ही सब कुछ समझा दिया है, इसलिए वो भी मेरे साथ आपकी अच्छी तरह से चुदाई करेगा और फिर आप एक साथ दो लंड से अपनी चुदाई करवाओगी तो आपको उसमें ज्यादा मज़ा आएगा और बस तीन दिन की बात है, तब तक हम मिलकर मज़े मस्ती करेंगे और उसके बाद वो चला जाएगा और वैसे भी वो यह सभी बातें किसी से भी नहीं कहेगा, यह सब काम हम तीनों के बीच में हमेशा के लिए एकदम गुप्त रहेगा और आप इस खेल में खुश हो जाओगी.

    अब मम्मी कुछ देर मेरे चाचा की बातें सुनकर सोच विचार करके बोली हाँ ठीक है, लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए, इस बात का ध्यान जरुर रखना. अब चाचा ने बहुत खुश होकर कहा हाँ मेरी प्यारी भाभी आप यह सब मुझ पर छोड़ दो और फिर रात को करीब 8 बजे मेरे चाचा का वो दोस्त जिसका अनिल था, वो हमारे घर पर आ गया. उसको देखकर मेरी मम्मी मन ही मन बहुत खुश थी, क्योंकि उनको अब एक साथ दो लंड से अपनी चुदाई का वो पहला मौका आज मिलने वाला था.

    अब मम्मी ने जानबूझ कर उसको अपनी तरफ आकर्षित करने अपने गोरे सेक्सी जिस्म की नुमाइश करने के लिए सिर्फ़ एक जालीदार मेक्सी पहनी हुई थी, जिसमें से मम्मी के कुल्हे, बूब्स और चूत भी साफ दिखाई दे रहे थे और अब उनके सामने मम्मी कुछ ज़्यादा ही झुककर अनिल को चाय पानी दे रही थी और वो सेक्सी नजारा देखकर अनिल का लंड तुरंत तनकर खड़ा हो चुका था और फिर हम सभी ने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर बाद में मम्मी के कहने पर अपने रूम में सोने चला गया.

    में सोने का नाटक करने लगा और उसके बाद मेरे चाचा और अनिल मेहमानों के कमरे में चले गये, लेकिन कुछ देर बाद मैंने उन दोनों को मेरी मम्मी के रूम की तरफ जाते हुए देखा और फिर उन्होंने अंदर जाते ही तुरंत रूम को अंदर से बंद कर लिया. अब उनके अंदर जाते ही मैंने भी तुरंत अपने बिस्तर से उठकर उस छेद से अंदर झाककर देखा कि अब वो दोनों अपने कपड़े उतार रहे थे और मेरी मम्मी उनके सामने नंगी बेड पर लेटी हुई थी. तभी मेरे चाचा का दोस्त उनसे कहने लगा कि यार नरेश तेरी भाभी तो जैसा तूने मुझे बताया था, उससे भी ज्यादा मस्त है, इसके साथ सेक्स करने की तो बात ही कुछ और होगी, बड़ा आज मज़ा आएगा.

    अब चाचा बोले कि तू पहले इसको एक बार चोद तो ले. उसके बाद तुझे इसकी खासियत का पता चलेगा, तूने ऊपर से देखा है अंदर से नहीं ऐसी मस्त मज़े देने वाली चूत तूने कभी नहीं देखी होगी.

    अब मम्मी उन दोनों की बातें और अपनी इतनी तारीफ सुनकर खुश होकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और उसी समय उठकर मम्मी ने अनिल के लंड को अपने एक हाथ में लेकर सहलाना शुरू किया तो वो उनके नरम हाथ के स्पर्श को पाकर और भी तनकर खड़ा हो गया. फिर मम्मी ने तुरंत उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और वो चूसने लगी और इस समय चाचा ने मम्मी को कमर से पकड़कर कुतिया की तरह कर दिया और उन्होंने अपने लंड पर थूक लगाकर मम्मी की चूत में अपने लंड को डाल दिया, जिसकी वजह से लंड धीरे धीरे फिसलता हुआ मम्मी की चूत में पूरा अंदर चला गया और अब उन्होंने मम्मी को लगातार धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और मम्मी अनिल के लंड को चूसे जा रही थी.

    कुछ देर के बाद मम्मी ने चूसना बंद कर दिया और वो बोली कि नरेश तुम बेड पर लेट जाओ. अब चाचा उनके कहते ही तुरंत बेड पर अपनी पीठ के बल लेट गये और मम्मी उनके ऊपर लेट गयी और उन्होंने अपने हाथ को बीच में डालकर चाचा के लंड को अपनी चूत में डाल लिया और वो अपनी कमर को हिलाने लगी. फिर कुछ देर में चाचा का लंड उनकी चूत में बहुत आराम से जा रहा था.

    अब मम्मी ने अपने दोनों हाथ पीछे लाकर अपने कूल्हों को हाथ से फैलाया, जिसकी वजह से उनकी गांड का छेद खुलकर बाहर आ गया. उन्होंने कहा कि अनिल तुम अपना लंड मेरी गांड में डाल दो, लेकिन थोड़ा सा ध्यान से करना मुझे इसकी आदत नहीं है और में अपनी गांड में किसी का लंड आज पहली बार ले रही हूँ.

    अब अनिल यह बात सुनकर तुरंत उनके ऊपर आ गया और उसने अपने लंड के टोपे को मम्मी की गांड के छेद पर रखकर हल्के से अंदर की तरफ दबाया, जिसकी वजह से उसका टोपा अंदर चला गया, लेकिन मम्मी उस दर्द से एकदम से बिलबिला उठी, उनको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी अनिल ने अपने लंड और ज़ोर लगाकर अंदर किया. फिर मम्मी की अब बहुत ज़ोर से चीख निकलने लगी, ऊऊह्ह्ह आह्ह्ह् प्लीज अनिल अब बस करो बाहर निकाल लो इसको यह नहीं जाएगा, आईईईई इसका आकार बहुत मोटा है, प्लीज तुम अब हट जाओ मेरे ऊपर से आह्ह्हह्ह में मर जाउंगी और अब मम्मी दर्द से छटपटाते हुए उठने की कोशिश करने लगी, लेकिन नीचे से चाचा ने मम्मी को बहुत मजबूती से पकड़ रखा था, इसलिए वो उठ ना सखी और उनकी वो कोशिश मुझे नाकाम होती दिखाई दे रही थी और ऊपर से अनिल ने मम्मी की कूल्हों को और ज्यादा फैलाकर वो अपना लंड मम्मी की गांड में दबाता चला गया, उसको मम्मी के दर्द से कोई भी मतलब नहीं था.

    उस असहनीए, जोरदार दर्द की वजह से मम्मी के मुहं से अब उनकी आहें निकलना शुरू हो गयी थी और फिर अनिल का पूरा लंड मम्मी की गांड में चला गया तो उसने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और इस बार दोबारा से डाल दिया, बहुत देर तक वो मम्मी की गांड में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा, तब जाकर मम्मी की गांड थोड़ी सी ढीली हुई. अब नीचे से चाचा ने भी अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और ऊपर से अनिल ने भी अपनी स्पीड को पहले से तेज कर दिया. दोस्तों मैंने देखकर महसूस किया कि मम्मी उन दोनों के बीच में कभी दर्द से तो कभी मस्ती में सिसकियाँ भर रही थी.

    फिर कुछ देर के बाद अनिल का पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो मम्मी की पीठ पर लेट गया और तब में तुरंत समझ गया कि वो झड़ रहा है और उसका वीर्य मम्मी के गांड में गिर रहा है. कुछ देर तक अपने लंड को मम्मी की गांड में रखने के बाद उसने बाहर निकाला. फिर मैंने ध्यान से देखा कि उसके निकलने के कुछ देर तक भी मम्मी की गांड का छेद खुला ही रहा, जिसमें से उसका वीर्य बहता हुआ बाहर आ रहा था. फिर अनिल अब मम्मी के मुहं के पास आ गया था, मम्मी ने उसके लंड को पकड़कर अपने मुहं में लेकर उसको चाटना शुरू किया और अच्छी तरह से साफ कर दिया और इधर चाचा भी झड़ रहे थे.

    फिर उन्होंने मम्मी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और वो मम्मी के होंठो को चूसने लगे. फिर कुछ देर बाद मम्मी उनके ऊपर से हटी और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ जाने लगी. तब मैंने देखा कि उनसे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर बहुत अजीब तरह से चल रही थी, जिसकी वजह से उनके कूल्हे पूरे खुल गये थे और उनके हर कदम काँप रहे थे. जब मम्मी कुछ देर बाद बाथरूम से निकलकर वापस आई तो वो दोनों उस समय बेड पर लेटे हुए थे और अब मम्मी भी उन दोनों के बीच में जाकर ऐसे ही लेट गयी.

    अब’ उसी समय तुरंत अनिल ने उठकर मम्मी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो उसकी चूत को अपने हाथ से फैलाकर कुत्ते की तरह चपड़ चपड़ करके चाटने चूसने लगा और मम्मी पड़ी हुई उससे अपनी चूत को साफ करवाती रही. फिर उनके ऐसा करते देख मेरे चाचा ने मम्मी के बूब्स से खेलना उनको चूसना, दबाना शुरू कर दिया और मम्मी बेड पर पड़ी हुई आहें भरने लगी. दोस्तों उस रात को मम्मी की एक बार और बहुत जमकर मस्त चुदाई हुई, जिसके बाद में अपने कमरे में सोने चला गया और उसके बाद अंदर क्या हुआ मुझे नहीं पता, लेकिन हाँ दोस्तों अगले दो दिन में तो उन दोनों ने मेरी मम्मी को बिल्कुल रंडी की तरह बहुत बार जमकर चोदा.