Category: मौसी की चुदाई

  • मेरी सगी बुआ की लड़की को लगा चस्का

    hindi sex stories, antarvasna हेल्लो दोस्तो | आज मै आपको अपनी बुआ की लड़की के विषय में कुछ सुनाने के लिए जा रहा हूँ | मेरी बुआ की एक लड़की है | जिसका एक बॉयफ्रेंड है | एक दिन जब मेरी बुआ की लड़की को उसका बॉयफ्रेंड चोद रहा था तब मैंने उस लड़के को चोदते हुए देखा था | चलो अब मै सुनाता हूँ की क्या हुआ था उस दिन और मैंने अपने बुआ की लड़की को चोदते हुए कैसे देखा था | शुरु में जब वो लड़का मेरे घर पर आया करता था तब उस लड़के के विषय में मुझे कुछ मालूम नही चलता था | मै अपनी बुआ के घर किसी खास वजय से गया हुआ था | तब मुझे अपनी बुआ की लड़की के विषय में मालूम चल गया | एक दिन मै छत के उपर टहल रहा था तब मैंने एक लड़के को घर के सामने टहलते हुए देखा | कुछ समय तक मैंने देखा की वो लड़का सिर्फ घर के सामने टहल रहा था | फिर मैंने वो देखा जिसे देखकर मै चकित रह गया | वो लड़का उसके हात उपर करके हिला रहा था | असलियत तो ये थी की वो लड़का किसी लड़की को देखकर उसके हात हिला रहा था | मुझे तो असलियत मालूम करना था की वो लड़का किस लड़की को देखकर हाथ हिला रहा था |

    मै छत से नीचे उतरा और देखा की वो लड़का मेरी बुआ की लड़की को हाथ दिखाकर हाथ हिला रहा था | फिर मेरी बुआ की लड़की ने गाडी चालू किया और फिर वो कही पर चल गयी | तब मै उस बुआ की लड़की का पीछे करने के लिए अपनी मोटरसाइकिल को चालू किया | फिर मै बुआ की लड़की का पीछा करने लगा | वो लड़का जो की घर के सामने आकर हाथ हिला रहा था | वो लड़का मेरी बुआ की लड़की के साथ गाडी चला रहा था | उस समय वो लड़का उसकी मोटरसाइकिल से आया हुआ था | कुछ देर तक तो मै उनका पीछा करता रहा | फिर मैंने वो देखा जिसे देखकर मै चकित पड़ गया | वो लड़का और मेरी बुआ की लड़की एक सुनसान से खेत पर जा कर रुक गए थे ताकि उन्हे कोई भी देख न सके | लेकिन उस समय एक बन्दा उनका पीछा कर रहा था जिसे की उनके विषय में मालूम चल गया था | उस सुनसान खेत में फिर मेरी बुआ की लड़की ने उससे चिपका चिपकी चालू कर दी थी | अब आप जो सुनोगे वो बेहद चकित करने वाला है | उस लड़के ने मेरी बुआ की लड़की के होटो को चूमना शुरु कर दिया था | इसके आलावा मेरी बुआ की लड़की ने भी उस लड़के को गले लगाया था | फिर वो लड़का मेरी बुआ की इस्थन को पीने लगे |

    कुछ समय तक दूध को मसलने और पीने के बाद उस लड़के ने फिर मेरी बुआ की लड़की के लोवर को निचे खीचा और उसको नंगा कर दिया | जब उस लड़के ने उसे नंगा कर दिया था तब वो उसके चुतड को चाटने के लिए अपनी जीब का उपयोग करने लगा | जीब का उपयोग करने के बाद फिर उस लड़के ने उसकी हाथ का उपयोग करना शुरु कर दिया | वो लड़का उसकी चूत को अपने हाथ से पकडकर उसकी चूत को सहला रहा था | मेरी बुआ की लड़की जब नंगी थी तब मैंने उसकी चूत के उपर बालो का गुछा लगा हुआ देखा था | उस दिन फिर उस लड़के ने उसकी चूत के अन्दर अपना लंड घुसेड दिया | लंड का घुसना और निकलना को कुछ समय तक देखना के बाद मैंने देखा की उस लड़के ने उसकी मुह के अन्दर अपना लंड को घुसा दिया | इतना तक तो काफी था लेकिन मेरी मामी की लड़की को थकावट नही हो रही थी और वो उसके लंड को चूस रही थी | फिर वो लोग लौटकर उनके घर चले गए | अब तो मुझे उनके विषय में मालूम चल गया था | एक दिन जब मै घर पर अकेला था तब मैंने देखा की मेरी बुआ की लड़की घर पर अकेली थी | तब एक लड़की आई हुई थी | असलियत तो ये थी की वो लड़की जो की उसकी सहेली थी वो उसको लेने के लिए आई हुई थी | ताकि किसी को कुछ मालूम नही चले की वो लड़की कहा जा रही है | जब उसकी सहेली आती थी तो बुआ को लगता था की वो एक गाडी से घुमने के लिए जा रही है | लेकिन ऐसा कुछ नही था उसकी सहेली उस लड़के से मिलवाने के लिए उसे लेकर जाती थी | जब मैंने उसकी सहेली के साथ उसका पीछा किया तो मैंने देखा की मेरी बुआ की लड़की उसके बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए जाती थी | फिर उन लोग उसकी सहेली के घर पर चले जाते थे | तब वो लड़का उसकी सहेली के घर पर घुस जाता था |

    मै छिपकर उसकी सहेली के घर पर घुस गया और फिर उस लड़के को देख रहा था | तब मैंने देखा की बुआ की लड़की एक कमरे के अन्दर चली गयी | मै खिड़की से देख रहा था | कमरे के अन्दर क्या चल रहा है | आखिरकार मुझे मालूम चल गया की कमरे के अन्दर क्या चल रहा है | वो लड़का बुआ की लड़की को गले लगाया हुआ था | फिर उस लड़के ने उसकी चूत के अन्दर उसकी हाथ को डाल दिया | हात को डालने के बाद फिर वो बुआ की लड़की के झाट वाले बाल को पकडकर खीच रहा था | बुआ की लड़की उसके झाट के बाल साफ नही करती है ये मुझे मालूम चल गया था | फिर उस लड़के ने कहा की क्या तू झाट के बाल साफ नही करती है | फिर उस लड़के ने कहा की क्या तू मेरा लंड चूस सकती है | मेरी बुआ की लड़की ने कहा की हा मै तुम्हारा लंड चूस सकती हूँ | फिर बुआ की लड़की उसका लंड चूसने में लग गयी | उस लड़के ने फिर उसका कपडा खोल दिया | कपडे खोलने के बाद उस लड़के ने कहा की मेरा लंड तुमने चूस ली हो इसलिए क्या अब मै तुम्हारे चूत के अन्दर अपना लंड डाल सकता हूँ | तब उस लड़की ने कहा की हा तुम मेरा चूत के अन्दर तुम्हारा लंड घुसेड सकते हो | फिर उस लड़के ने उसका लम्बा लंड उसकी चूत के अन्दर उसका लंड घुसेड दिया | तब उसकी सहेली घर से बाहर निकल आई और उसने मुझे देख लिया | लेकिन उसकी सहेली मुझे पहचान नही पाई क्योकि मैंने चहरे पर कपडा पहना हुआ था | मै उसकी सहेली की दीवाल के उपर चड़कर उसके घर से बाहर निकल आया | लेकिन मुझे मालूम चल गया था की क्या हुआ था और मुझे बुआ की लड़की की असलियत भी साफ साफ उस दिन देख लिया था | वो लड़का कोई सरीफ लड़का नही था | क्योकि मै  एक दिन अपनी बुआ की लड़की का पीछा करते हुए देखा की वो उसकी सहेली के घर पर घुस रही है |

    वो लड़का पहले से ही घर पर था | पहेले तो उस लड़के ने बुआ की लड़की को चोदा | जब मेरी बुआ की लड़की उसकी सहेली के घर से चली गयी तब मैंने देखा की उस लड़के ने उसकी सहेली को गले लगा लिया | फिर उसकी सहेली उसके होटो को चूमने लगी | कुछ समय तक तो ये सिलसिला चलता रहा | फिर मैंने देखा की उस लड़के ने उसकी सहेली के लोवर के अन्दर उसका हाथ डाल दिया | हाथ डालने के बाद फिर उस लड़के ने उसकी चूत को चाटने के लिए उसका लोवर निचे किया | लोवर निचे करने के बाद फिर वो लड़का उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया | अब मुझे मालूम चल गया था की उसकी सहेली भी उस लड़के की गर्लफ्रेंड है | फिर मै उसकी सहेली के घर से बाहर निकल आया | एक दिन मेरे घर पर वो लड़का आया हुआ था | उस लड़के ने मुझ से मेरा परिचय पूछा और मैंने उस लड़के को बताया की तुम जिससे मिलने के लिए आई हो वो मेरी बहन है | फिर मै उस लड़के की खातिरदारी करने में लग गया | कुछ समय तक तो मै उस लड़के से उसके विषय में पूछता रहा | जब मै उसके विषय में पूछ रहा था तब उस लड़के ने मुझे बताया की उसके घर पर सिर्फ उसकी मम्मी रहती है | उसके पापा शहर से बाहर रहते है | एक दिन उस लड़के को मैंने बुआ की लड़की को चोदते हुए रंगे हाथ पकड लिया था | मैंने ऐसा इसलिए किया था क्योकि मुझे उस लड़के को अपनी बुआ की लड़की को चोदने से रोकना था | जब मैंने उस लड़के को एक दिन पकड लिया था तब से वो लड़का मेरी बुआ की लड़की को चोद नही पाता था | कुछ महीने के बाद वो लड़का मुझ से मिलने के लिए आया हुआ था | असलियत ये था की वो लड़का मुझ से पहचान करने के लिए आया था |

    जब उसका पहचान मुझ से हो गया तो मुझ से रविवार के दिन मिलने के लिए आया करता था | इसके आलावा वो उसकी गाडी पर मुझे बैठालकर घुमाने के लिए जाया करता था | मै उस लड़के के साथ काफी जगह पर घूम चूका था | एक दिन उस लड़के ने मुझ से कहा की उसकी एक गर्लफ्रेंड है और अगर तुमको उसको चोदना है तो तुम उसको चोद सकते हो | अब मेरे पास एक अवसर था की मै उसकी गर्लफ्रेंड की चुदाई कर सकू | मैंने उसकी गर्लफ्रेंड को चोदने के लिए हा कह दिया | उस लड़के ने जब उसकी गर्लफ्रेंड से मुझे मिलवाया तो मुझे मालूम चल गया की उसकी गर्लफ्रेंड कोई अन्य लड़की नही थी वहि लड़की थी जो की मेरी बुआ की लड़की की सहेली थी | मेरी बुआ की सहेली को मैंने पहचान लिया | फिर मैंने उस लड़के से कहा की मै तुम्हारी गर्लफ्रेंड को पहचानता हूँ | क्योकि ये वहि लड़की है जो की मेरी बहन की सहेली है | ये लड़की मेरी बहन से मिलने के लिए मेरे घर पर आया करती थी | फिर उस लड़के ने मुझ से कहा की तुम्हारे लिए तो सरल हो गया है | इसलिए अगर तुमको चुदाई करना है तो उस लड़की के घर पर तुम्हे चलना पड़ेगा |

    फिर उस लड़के ने उसकी मोटरसाइकिल को चालू किया और मै उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गया | तब उस लड़के ने मुझे उस लड़की के घर पर पहुचा दिया | जब मै उस लड़की के घर पर पहुचा तो मुझे पहेले उस लड़की को गले लगाने से डर रहा था | लेकिन उस लड़के ने उसके सामने मुझे उस लड़की को गले लगाने के लिए कहा | फिर उस लड़के ने उस लड़की का हात पकडकर मेरे हातो में पकड़ा दिया | फिर क्या था मैंने उस लड़की के होटो को चुम्न लिया | इतना ही नही उस लड़की ने मुझ से कहा की आप को मै पहचानती हूँ | फिर उस लड़की ने मुझे कहा की आज आप मेरी चुदाई करो | फिर मैंने उस लड़की के चूत पर अपनी उंगली फेरने लगा | कुछ समय तक ये चलता रहा फिर मै उस लड़की की चूत को चाटने के लिए उसके पहने हुए चड्डी को निचे उतार दिया | जब मैंने उस लड़की की चड्डी को निचे उतारा और उसका बॉयफ्रेंड वहि पर मौजूद था और वो उस समय चुदाई को देख रहा था | उस लड़के ने मुझ से कहा की तुम अब तुम्हारा लंड मेरी गर्लफ्रेंड को चूसने के लिए दो और वो तुम्हारा लंड चूसने लगेगी | फिर वो लड़की मेरे लंड चूसने लगी | चुदाई करने के दौरान वो लड़का मुझ से जो कह रहा था मै वैसा कर रहा था | जब वो लड़का कहता मुह में लंड डालो तो मै उस लड़की के मुह में लंड डाल देता था और जब वो लड़का कहता की चूत में लंड डालो तो मै चूत के अन्दर लंड डाल देता |

  • ताईजी के साथ चुदाई की रात, parivaar mei chudayi

    हैल्लो फ्रेंड्स, ये मेरी पहली सच्ची स्टोरी है और में अक्सर इस वेबसाईट पर कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ. अब में स्टोरी पर आता हूँ, मेरा नाम राजीव ठाकुर है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ, में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ और मेरी उम्र 27 साल है. मेरे घर में मेरे पापा, माँ, भाई-भाभी और मेरा छोटा सा भतीजा है. मेरी ताई जी हमारे घर के पीछे अपने घर में रहती है, मेरी ताई जी के पति काफ़ी साल पहले शांत हो चुके है और ताई जी के कोई औलाद भी नहीं है, तो उन्होंने दो लड़के गोद ले रखे हैं और दोनों की शादी हो चुकी है और वो सब साथ रहते हैं.

    ये बात अगस्त 2013 की है. ताई जी शाम को घर पर आई हुई थी, में ऑफिस से घर पहुंचा तो वो वहीँ बैठी थी, उस वक़्त मेरे मन में ताई जी को लेकर कुछ नहीं था. ताई जी की उम्र 55 साल है और उनकी हाईट 6 फुट है. ताई जी मेरी माँ से बात कर रही थी कि आज उनके घर के सारे सदस्य शादी में बाहर जा रहे हैं और वे 2 दिन बाद आयेगें तो वो घर पर अकेली है इसलिए राजीव हमारे घर सो जायेगा, तो माँ ने कह दिया कि कोई बात नहीं सो जायेगा. फिर रात हुई तो 8 बजे में ताई जी के घर चला गया. ताई जी अपने रूम में बैठी टी.वी देख रही थी. फिर मुझे देखकर कहने लगी कि आ गया, खाना खायेगा या खाकर आया है, तो मैंने कहा कि में खाना खाकर आया हूँ और बता दो कि में कौन से रूम में सोऊँ, तो उन्होंने कहा यहीं सो जाना इस दूसरे बेड पर.

    फिर मैंने कहा ठीक है, उस टाईम भी मेरे मन में कुछ नहीं था. मेरी ताई जी रात को एक नींद आने वाली गोली लेकर सोती है उनको नींद की समस्या है. फिर रात के 10 बज चुके थे, लाईट बंद हो गयी और वो भी सो गयी और में भी सो गया. फिर 12 बजे मेरी आँख खुली तो में टायलेट जाने के लिए खड़ा हुआ और लाईट चालू की तो देखा कि ताई जी बेसुध होकर सो रही है और उनकी सलवार उनके पैर से ऊपर उठी हुई है और उनका सूट उनके पेट से ऊपर उठा हुआ है, उनका पेट बिल्कुल गोरा था और उनकी नाभि बहुत गहरी थी, उनकी जांघे मोटी थी और बहुत गोरी थी. मेरा लंड अचानक से ये देखकर खड़ा हो गया और में वहीं खड़ा होकर पास से ये सब देखने लगा, मेरा मन किया कि उनके पेट पर हाथ फेर दूँ और फिर सोचा कहीं जाग ना जायें. फिर मैंने सोचा कि ताई जी तो नींद की गोली खाकर सोती है और मैंने हिम्मत करके उनके पेट पर हाथ रख दिया, उनका पेट बिल्कुल नरम था और मैंने हाथ रखे रखा और में उनकी चारपाई के पास फर्श पर बैठ गया.

    फिर मेरा एक हाथ उनके पेट पर था और एक हाथ से में अपना लंड पकड़ कर मुठ मार रहा था, मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है और मोटा थोड़ा ज़्यादा है ताई जी को कुछ मालूम नहीं था. फिर में धीरे-धीरे से हाथ को उनके पेट पर फेरने लगा, उनकी नाभि के अंदर उंगली डालकर घुमाने लगा. ओह्ह गॉड मेरे लंड का सरिया बन गया था और रोड की तरह बहुत सख़्त हो गया था.

    फिर धीरे-धीरे मैंने उनका सूट ऊपर उठा दिया और उनके बूब्स के पास हाथ पहुंचा दिया, उनके बूब्स लटके हुए थे और उनके निप्पल भी ढीले हो गए थे. मेरा मन किया कि में निप्प्पल को मुँह में डाल लूँ. फिर तभी ताई जी ने करवट ले ली और मेरा हाथ उनके बूब्स के नीचे दब गया. फिर धीरे से मैंने अपना हाथ निकाला और उनका सूट पूरा ऊपर उठा दिया. फिर मुझे उनके बूब्स बिल्कुल साफ नज़र आने लगे और में कंट्रोल से बाहर होने लगा.

    फिर मैंने हिम्मत करके उनका एक बूब्स हाथ में ले लिया और दबाना शुरू कर दिया, ताई जी नींद में सिसकियां लेने लगी. फिर मेरा हौंसला बढ़ गया और में ताई जी के साथ चारपाई पर लेट गया और उनको पीछे से हग करके उनके पैरो में अपने पैर फंसाकर लेट गया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो नींद से थोड़ा जागने लगी थी.

    फिर मैंने अपने सारे कपड़े ऊतार दिए थे और ताई जी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. वो अभी जागी नहीं थी, लेकिन उनकी पकड़ मेरे लंड पर टाईट हो गयी थी और लंड को थोड़ा-थोड़ा हिलाने भी लगी थी, लेकिन जब मैंने उनकी सलवार में हाथ डाला और उनकी सलवार को खोलने लगा तो वो नींद से जाग गयी, लेकिन थोड़ा सा दवाई का असर था तो वो पूरी तरह नहीं जागी थी. उन्होंने देखा कि में उनके पास नंगा पड़ा हूँ और वो भी आधी नंगी हो गई थी और उनका हाथ मेरे लंड पर है.

    फिर उन्होंने मुझे नीचे गिरा दिया और कहने लगी कि तुझे शर्म आनी चाहिए, तू कैसे गंदे काम कर रहा था, में उनके सामने नंगा खड़ा था और मेरा लंड भी बैठ गया था, लेकिन मैंने देखा कि वो बार-बार मेरे लंड की तरफ देखे जा रही है, में उनके पास जाकर खड़ा हो गया और उनको कहने लगा कि प्लीज़ घर पर मत कहना. फिर जब में उनके पास खड़ा था तो मेरा लंड उनकी बाजू से टच होकर फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने हौसला करके उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो वो कुछ नहीं बोली और मेरा लंड पकड़ लिया.

    फिर में उनके ऊपर लेट गया और उनको अपने नीचे लेटा लिया, उन्होंने अपने दोनों पैर खोलकर मुझे अपने बीच में ले लिया, लेकिन जब मैंने उनके होंठ चूसने चाहें तो वो मना करने लगी और बोली ये कौन करता है, उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने कभी नहीं किया. फिर मैंने कहा करके देखो और मैंने अपनी जीभ उनकी जीभ में डाल दी, फिर वो भी मेरे होंठ चूसने लगी. फिर मैंने उनके निप्पल्स चूसे तो निप्पल्स सख़्त होकर खड़े हो गये और वो मेरे लंड को ज़ोर से पकड़कर हिलाने लगी और कहने लगी हम कुछ ग़लत तो नहीं कर रहे है ना.

    फिर मैंने कहा कि वो बाद में देखेंगे, फिर ताई जी मेरे लंड से पूरा खेल रही थी और कहने लगी तेरा तो बहुत सख़्त हो रहा है और मोटा भी है. फिर उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 साल से कोई सेक्स नहीं किया और लंड भी नहीं देखा, तेरे ताऊ जी का लंड इतना सख़्त कभी नहीं होता था. फिर मैंने उनकी सलवार खोल दी, वो नीचे कुछ नहीं पहनती थी.

    फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा तो वो गीली हो रही थी. फिर मैंने देखा कि उनकी चूत बिल्कुल टाईट हो गयी है, जैसी कुँवारी लड़की की होती है. फिर मैंने कहा ताई जी आपकी चूत तो बहुत टाईट है और बहुत लंबी भी है, तो वो कहने लगी कि मेरी हाईट ज़्यादा है इसलिए ये लंबी है और 15 साल से कुछ किया नहीं इसलिए ये टाईट हो गयी है. फिर में चूत में उंगली डालने लगा तो उन्होंने मना कर दिया और क़हने लगी कि अपना लंड डाल इसमें, में बहुत तड़पती हूँ, आज मुझे फिर से सुहागन बना दे.

    मैंने कहा — ठीक है.

    फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा तो लंड अंदर नहीं जा रहा था.

    ताई जी — थोड़ा तेल लगा ले.

    में — नहीं थूक लगा दूँ.

    ताई जी — ठीक है.

    फिर में थूक लगाकर लंड को घुसाने लगा और लंड का ऊपरी हिस्सा जिसे टोपा कहते हैं वो अंदर चला गया और ताई जी जोर-जोर से चिल्लाने लगी, फिर मैंने आराम-आराम से पूरा लंड अन्दर डाल दिया.

    फिर ताई जी आहह आअहह करने लगी और कहने लगी कि तेरा लंड बहुत बड़ा है लेकिन बहुत अच्छा है. फिर मैंने मेरे झटको की स्पीड तेज कर दी थी, उन्होंने अपने पैर पूरे ऊपर उठा लिए थे और कमर उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी. फिर वो कहने लगी कि वो झड़ने वाली है तो मैंने मेरा लंड बाहर निकाल लिया तो वो गुस्सा हो गयी और बोली कि बाहर क्यों निकाला?

    फिर मैंने कहा रुक जाओ और होंठ चूसने लगा. फिर मैंने कहा कि ताई जी अब घोड़ी बन जाओं, तो वो कहने लगी कि मुझे ऐसे नहीं करना है, तू पैरो के बीच में आकर कर ले. फिर मैंने कहा एक बार करके तो देखो अगर अच्छा नहीं लगे तो वैसे ही करेगें, तो वो मान गयी और घोड़ी बन गयी, उनकी हाईट की वजह से घोड़ी बनकर वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने भी बिना देर किए लंड को चूत में डाल दिया और वो चिल्लाई ओह्ह्ह माँ में मर गयी. फिर मैंने उनके चूतड़ पर हाथ रखकर अपनी स्पीड तेज कर दी और वो मेरा पूरा साथ देने लगी और बोली कि ऐसे तो बहुत मज़ा आता है.

    फिर में लंड अंदर बाहर कर रह था और वो आअहह आआहह आआअहह करके मज़े ले रही थी. फिर मैंने पूरा आधा घंटा उनको चोदा और वो झड़ गयी और फिर मैंने कहा कि मेरा भी होने वाला है, तो वो बोली कि अंदर ही गिरा दे, ये सुनते ही में उनके अंदर ही झड़ गया. फिर हम लेटे रहे और ताई जी कहने लगी कि तू ये किसी को बतायेगा तो नहीं, फिर मैंने कहा ये बातें भी कोई बताने की होती है और वो धीरे-धीरे से मेरे लंड को छेड़ने लगी और मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

    फिर मैंने कहा कि अब कुत्तिया बन जाओ और फिर उन्होंने कहा कि तेरी मर्ज़ी है में तो तैयार हूँ. फिर मैंने कहा फिर घोड़ी बन जा, तो वो कहने लगी कि नहीं पैरों के बीच में आकर करने से पूरा लंड अन्दर जाता है. फिर उन्होंने अपने पैरों को खोल लिया और में बीच में जाकर लेट गया और बूब्स दबाने लगा, निपल चूसने लगा और फिर ताई जी कहने लगी कि बस कर अब तो वो डाल अंदर. फिर जैसे ही मैंने लंड अन्दर डाला ताई जी कहने लगी कि तेरे लंड का तो मजा ही अलग है बहुत सख़्त रहता है और अंदर तक जाकर लग रहा है.

    ताई जी — ज़ोर-ज़ोर से कर और तेज-तेज कर. पहले क्यों नहीं मिला तू मुझको? आज पूरा चोद ले अपनी ताई को.

    फिर मैंने कहा ताई जी तेरी चूत बहुत लंबी है, ऐसी चूत मैंने कभी नहीं देखी. फिर मैंने कहा ताई जी तेरी गांड मारने का मन कर रहा है और मैंने मेरा लंड बाहर निकाल लिया. फिर ताई जी ने मेरा लंड पकड़कर फिर से चूत में डाल लिया और बोली पहले इसकी तड़प मिटा दो. फिर मैंने ताई को फिर से बहुत देर तक चोदा और ताई जी बहुत जोर-जोर से चिल्ला रही थी और ज़ोर-ज़ोर से कह रही थी कि आज तो में मर गयी और मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ रखा था और अचानक से ताई जी झड़ गयी.

    फिर कब सुबह के 5 बज गये पता ही नहीं लगा. फिर मैंने सुबह 6 बजे फिर से ताई जी की चूत मारी ली, लेकिन इस बार मैंने कहा ताई जी खड़ी होकर चूत दे, तो वो खड़ी हो गयी उसकी ज़्यादा लम्बाई होने के कारण मेरा लंड उनकी गांड के ऊपर लग रहा था. फिर मैंने ताई जी का एक पैर बेड पर रख लिया और एक फर्श पर रख दिया फिर लंड उसकी चूत में डाला और मैंने जैसे ही लंड चूत में डाला तो उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकली. मैंने लगातार 15 मिनट तक खड़े खड़े किया, जब में कर रहा था तो उसके बूब्स मेरे हाथ में थे और वो कह रही थी, तू मेरी रोज चुदाई किया कर, अब मुझसे तेरे लंड के बिना नहीं रहा जायेगा. एक वो दिन था और एक आज का दिन है, ताई जी रोज 6 बजे शाम को मेरे पास फोन करती है और हम उनके दूसरे घर में जाकर पूरा 1 घंटा चुदाई करते हैं. अब तो वो मेरे लंड को चूसने भी लगी है.

  • मौसी की लड़की ने चुदाई की पहल की

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी बहन को चोदा. दोस्तों मुझे शुरू से ही लड़कियों में बहुत रूचि रही है जिसकी वजह से में उनके जिस्म को देखकर उनकी तरफ आकर्षित हो जाता हूँ. दोस्तों में जो आप सभी को कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह लगभग एक साल पहले की बात है, जब में अपने बहुत करीबी रिश्तेदार के घर पर गया हुआ था. उस समय मेरी कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थी और वो मेरी मौसी का घर था. उनके घर में उनके पति, उनका एक बेटा और एक बेटी है. दोस्तों उनकी बेटी बहुत सुंदर दिखती है और मुझसे हमेशा भैया-भैया करती रहती है और मुझे बहुत पसंद भी करती है और अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

    दोस्तों मेरी मौसी की लड़की के साथ मेरा दो साल पहले कुछ हद तक किस करना और बूब्स को छूना शुरू हुआ था और अब में उस बात को लगभग भूल ही गया था. उनकी बेटी बहुत अच्छी दिखती है लेकिन पहले वो उतनी सुंदर नहीं थी इसलिए मेरा ध्यान कभी भी उसकी तरफ नहीं गया था. वो कंप्यूटर साइन्स की पढ़ाई कर रही थी तो हमेशा मुझसे कंप्यूटर के बारे में कुछ भी सवाल पूछती रहती थी क्योंकि में एक सॉफ्टवेयर डवलपर हूँ और जिस रात की यह बात है उसी शाम को हम लोग बाहर घूमने गये हुए थे और वहां पर हम लोगों ने बहुत मज़े भी किए और घर आ गए.

    उसके बाद जब रात को हम लोगो ने खाना खा लिया तो में उसके रूम में गया. वहां पर उसके पास उसका छोटा भाई बैठा हुआ था तो में उससे बात करने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद उसका छोटा भाई उठकर अपने रूम में चला गया. फिर मैंने उससे कहा कि में कंप्यूटर पर थोड़ी देर कुछ काम करके अपने कमरे में चला जाऊंगा. तो उसने कहा कि क्यों आप यहाँ पर कंप्यूटर पर बैठकर काम करने आए हो या बात करने? तो मैंने कहा कि में तो कंप्यूटर पर बैठने आया हूँ, लेकिन शायद मेरी मौसी की लड़की को मेरे साथ आज कुछ करना था इसलिए वो मुझे अपने पास बुला रही थी.

    फिर में कुछ देर बाद कंप्यूटर से अपना काम खत्म करके उसके पास जाकर लेट गया और मैंने अपनी मौसी की लड़की को किस किया और उसके गले पर भी चूमा. फिर मैंने उससे कहा कि तू क्या चाहती है? क्यों तेरा तो कोई बॉयफ्रेंड भी है ना? तो उसने मुझसे कहा कि भैया में आपके साथ थोड़ा बहुत करना चाहती हूँ. तो मैंने कहा कि यह तो बिल्कुल ग़लत बात है, पहले जो कुछ हुआ था वो तो अंजाने में हुआ था, लेकिन अब जो तू मुझसे चाहती है वो तो एकदम ग़लत है ना. तो उसने कहा कि भैया में यह सब तुम से आख़री बार चाहती हूँ. तो में उसको किस करने लगा और में उसकी सलवार के अंदर हाथ डालने लगा, लेकिन उसकी सलवार बहुत टाइट थी तो मैंने उसको कहा कि तू क्या इस वक्त ढीली ढाली सलवार नहीं पहन सकती थी? तो उसने कहा कि मेरे पास इससे ज्यादा ढीली सलवार नहीं है. फिर उसने मुझसे कहा कि आप अपनी टी-शर्ट को भी उतार दो और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और उसको किस करने लगा, लेकिन उसके बूब्स तक मेरा हाथ नहीं पहुंच पा रहा था इसलिए मैंने उसको कहा कि तू भी अपने इस कुर्ते को उतार दे. लेकिन उसने मुझसे साफ मना कर दिया और कहा कि में ज़्यादा कुछ नहीं करना चाहती हूँ.

    फिर थोड़ी देर के बाद ना जाने उसे क्या हुआ कि उसने खुद ही अपना कुर्ता उतार दिया और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ शमीज़ और ब्रा में थी. फिर में उसके बूब्स को दबाने लगा और ब्रा को नीचे सरकाकर उसके बूब्स को चूसने लगा और धीरे से मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोलने की कोशिश की, लेकिन सिर्फ़ एक ही हुक खुल सका तो मैंने उसको कहा कि तुम अपनी ब्रा को भी खोल दो और उसने ऐसा ही किया. उसने अपनी ब्रा का हुक खोला और शमीज़ को भी उसके साथ नीचे सरका दिया और अब उसकी ब्रा और शमीज़ उसके पेट तक सरक गई और मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स के दर्शन हो गये. उसके बूब्स क्या मस्त थे, में तो उन्हे देखकर जैसे एकदम पागल ही हो गया.

    फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो धीरे धीरे मोन करके मज़ा लेने लगी तो में उसके कुछ देर के बाद उसके नीचे की तरफ उसकी चूत को छूने लगा और उसकी गांड को भी, लेकिन उसने मुझसे यह सब करने से मना कर दिया और कहा कि यह मेरे होने वाले पति की अमानत है और उस पर आपका कोई हक नहीं है.

    तो मैंने कहा कि ठीक है अगर तुम यह सब नहीं करना चाहती हो तो में तुम्हे वहां पर नहीं छूता और फिर धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के ऊपर होने लगे, कभी वो मेरे ऊपर और कभी में उसके ऊपर होता और जब वो मेरे ऊपर होती तो में उसकी गांड को ज़ोर से दबा देता, पहले तो उसने मुझसे ऐसा करने से साफ मना किया, लेकिन फिर कुछ देर के बाद वो मुझे उसकी गांड को दबाने देने लगी. में उसके पूरे जिस्म के साथ खेलने लगा और मज़े करने लगा और मेरे साथ वो भी मज़े करने लगी.

    फिर कुछ देर गरम होने के बाद उसने मुझसे कहा कि में आपसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन आप मुझे छोड़कर चले गये थे और आपने कभी भी वापस मेरे पास आने की कोशिश भी नहीं की, आपने ऐसा क्यों किया? तो मैंने कहा कि तू मेरी बहन है और में तुझसे प्यार नहीं करता हूँ और जो कुछ हमारे बीच हो रहा है वो केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि तू यह सब चाहती है और में जब यहाँ आया था तो ऐसा कुछ भी सोचकर नहीं आया था.

    तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो थोड़ा उदास हो गई तो मैंने कहा कि तुझको अभी जो करना है कर ले, में दुबारा यहाँ पर नहीं आऊंगा. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों तेरा तो कोई बॉयफ्रेंड है ना? तो उसने मुझसे कहा कि हाँ है और में उससे बहुत प्यार करती हूँ. फिर मैंने कहा कि यह सब कुछ क्या है? तो उसने कहा कि में आपको देखकर कंट्रोल नहीं कर पाई इसलिए मैंने आपके साथ यह सब किया.

    मैंने उसके मुहं से यह सब बातें सुनकर किस किया तो वो एकदम खुश हो गई और मुझसे लिपट गई और कहा कि में अब ज़्यादा देर तक खुद को नहीं रोक सकती हूँ. तो मैंने कहा कि ठीक है इतना ही बहुत है और वैसे में भी गरम हो गया था और अब मेरा भी लंड खड़ा हो गया था जो कि बहुत देर से उसकी चूत के ऊपर की तरफ चुभ रहा था शायद इसलिए भी वो और ज़्यादा गरम हो रही थी और जब में उठकर जाने लगा तो उनसे मेरे हाथ को पकड़कर मुझे रोकते हुए कहा कि प्लीज मत जाओ ना, आज की रात आप मेरे पास सो जाओ.

    फिर मैंने भी कुछ सोचते हुए कहा कि क्या तू जानती है कि तू क्या कह रही है? तो उसने कहा कि हाँ बस आज की रात में बहकना चाहती हूँ. फिर में उसके पास लेट गया और उसको बहुत जोश में आकर किस करने लगा. में कभी गाल तो कभी होंठो को और कभी उसके बूब्स को चूमने लगा और मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे बिल्कुल पागल हो गयी थी.

    फिर में समझ गया था कि वो अब मुझसे क्या चाहती है? और मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ धीरे धीरे नीचे की तरफ सरकाते हुए उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत के ऊपर लगाया तो उसने कुछ नहीं कहा और ना ही मुझे ऐसा करने से मना किया और अब में उसका इशारा समझ गया. फिर में उसके पजामे के नाड़े को खोलने लगा, लेकिन वो इतना टाईट बँधा हुआ था कि में उसे खोल नहीं सका. फिर मैंने उससे कहा कि अपना पजामा खोलो ना, उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा कि भैया कहीं में बहुत ज़्यादा तो ग़लत नहीं कर रही हूँ ना? कहीं में अपने बॉयफ्रेंड को धोखा तो नहीं कर रही हूँ ना? तो मैंने उसे समझाते हुए कहा कि जो हो रहा है उसे हो जाने दो और रही बात धोखे की तो अपने बॉयफ्रेंड को कभी भी इस बारे में मत बताना, चाहे कुछ भी हो जाए.

    फिर मैंने उसे किस करते हुए कहा कि अपना पजामा खोलो ना और उसने धीरे धीरे अपना पजामा ढीला कर दिया और फिर पूरा खोल दिया. उसने मुझसे कहा कि प्लीज मेरे बूब्स को चूसो ना, तो मैंने उसके बूब्स को चूसते हुए अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाला और उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे पागल हो गयी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मेरे ऊपर आओ ना.

    फिर में उसके ऊपर आ गया और उसके पजामे को पकड़कर नीचे की तरफ सरकाकर पूरा उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और में उसके ऊपर था, तो उसने भी मुझसे मेरा बरमूडा उतारने को कहा मैंने वैसा ही किया और अब में भी उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और में उसको लगातार किस कर रहा था और उसकी चूत को सहला रहा था.

    फिर उसने अपना एक हाथ मेरी अंडरवियर के अंदर डाला और मेरे लंड को सहलाने लगी. कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी को नीचे किया और पूरा उतार दिया और उसके बाद मैंने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया. अब हम दोनों एकदम नंगे थे और में धीरे धीरे लंड को चूत के मुहं पर घिस रहा था. मेरे ऐसा करने से उसको बहुत अच्छा लग रहा था. तभी अचानक उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत के मुहं पर रख दिया और मुझसे कहा कि प्लीज अब इसे अंदर डालो ना, नहीं तो में पागल हो जाउंगी, प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज एक बार अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दो और चोद दो मुझे, आज मेरी चूत की खुजली मिटा दो प्लीज.

    दोस्तों वैसे तो में पहले से ही बहुत गरम था, लेकिन अब उसके मुहं से जोश भरी बातें सुनकर में और भी जोश में आकर पागल होने लगा और अब मुझसे भी रुका नहीं गया और मेरे सब्र का बांध टूटने वाला था. मेरा लंड तनकर खड़ा था और चुदाई करने के लिए बैचेन था और वो अब धीरे धीरे झटके देकर अपना आकार और भी बड़ाने लगा था, जिसकी वजह से वो एकदम तन गया था तो मैंने उसको एकदम सीधा लेटाया और फिर अपनी जीभ से उसकी गरम चूत को चाटकर थोड़ा और गीला किया.

    मेरी जीभ ने जैसे ही उसकी चूत को छुआ तो वो एकदम सिहर उठी और कहने लगी कि प्लीज ऐसा मत करो, जल्दी से चोद दो मुझे, मेरी चूत को तुम्हारा लंड चाहिए. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों आज क्या अपनी चूत को मुझसे फड़वाने की ज्यादा जल्दी है? तो वो बोली कि हाँ और मोन करने लगी. फिर मैंने अच्छा मौका देखकर लंड को चूत के मुहं पर धीरे से रगड़ते रगड़ते एक ज़ोरदार झटके से चूत के अंदर डाल दिया और लंड भी चूत की गहराईयों में बहुत ही आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया.

    में तो सोच रहा था कि में उसको पहली बार चोद रहा हूँ, लेकिन मेरे लंड डालते ही पता चला कि वो तो पहले से ही चुद चुकी है. में लगातार उसको ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से आईईईइईई थोड़ा और अंदर तक डालो उह्ह्ह्हह्ह फाड़ दो मेरी चूत को उह्ह्हह्ह्ह्ह. फिर में भी जोश में आकर उसको ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा और वो अपनी गांड को उछाल उछालकर मेरा साथ देने लगी. फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने उसको डॉगी बनने को कहा और उसकी कमर को पकड़कर लंड को फिर से चूत में डालकर धक्कों पर धक्के देने लगा.

    मेरी चुदाई से वो बहुत खुश होकर सिसकियों के साथ मुझसे अपनी चूत को बहुत जमकर चुदवाने का आग्रह करने लगी और में उसका आग्रह स्वीकार करके ताबड़तोड़ धक्कों से उसे चोदने लगा. फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद जब मेरा वीर्य निकलने लगा तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर पूरा वीर्य बाहर गिरा दिया और फिर थककर उसके पास में लेट गया.

    फिर वो मेरी छाती पर सर रखकर लेट गई और उसने मुझसे कहा कि में आपके चुदाई करने के तरीके से बहुत खुश हूँ, आपने आज मेरी चूत को चोदकर बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट किया है. तुम्हारे लंड को लेकर मेरी चूत धन्य हो गई, मेरी चूत इस तरह की चुदाई के लिए बहुत समय से तरस रही थी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अपने कपड़े पहनने लगा और वो ऐसे ही नंगी लेटी रही. फिर मैं उसके बेड से उठा तो उसने मुझे किस किया और बाय कहा और में रूम से बाहर चला गया.

  • मौसी के साथ वेलेंटाइन डे मनाया

    हैल्लो दोस्तों, सभी पाठको को मेरा सलाम, मेरा नाम रोहन है, मेरी उम्र 27 और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5.8 इंच है, बॉडी नॉर्मल और रंग सांवला है और मेरा लंड 6 इंच लंबा है. दोस्तों आज में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे सपनों को साकार करने का प्रतीत है. यह आज से कुछ दिन पहले की बात है जिस दिन वेलेंटाइन था.

    में घर पर बिल्कुल अकेला ही था और मेरी बड़ी बहन उसके हॉस्पिटल में गई हुई थी और छोटा भाई भी किसी काम से बाहर गया हुआ था और मम्मी, पापा किसी रिश्तेदार की शादी में हफ्ते भर से बाहर थे और में यह बात जानता था कि में आज घर में रात के 8-9 बजे तक अकेला ही हूँ. तो में कंप्यूटर पर बैठे सर्फिंग कर रहा था कि तभी दोपहर के 12 बजे के करीब मेरे मोबाइल की घंटी बजी और मैंने कॉल उठाया तो वो मेरी सबसे छोटी मौसी का कॉल था. दोस्तों फोन की आगे की बातें बताने से पहले में मेरी मौसी का परिचय करना चाहूँगा, वो एक 40 साल की एक विधवा औरत है और उनकी एक बेटी है, लेकिन वो भी मुंबई में ही रहती है. उनका रंग गोरा है और हाईट 5.2 इंच है और उनका फिगर एकदम कमाल का सेक्सी है उसका साईज 34-28-36 है.

    में उनके साथ भी हमेशा फ्लर्ट करता रहता हूँ और वो भी मेरी बातों का बराबर जवाब देती है. फिर मैंने उनका कॉल उठाया और हमेशा की तरह मैंने उनसे बात शुरू कर दी. हैल्लो सेक्सी, कैसी हो? और इतने सुबह कैसे याद किया? मौसी थोड़ी हंस पड़ी और बोली कि शायद तू कहीं बाहर है इसलिए ऐसा कह रहा है? तो मैंने बोला कि नहीं में तो बस आपके ही कॉल का इंतजार कर रहा था और में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ. वो बोली कि ऐसा क्यों? मैंने बताया कि आज वेलेंटाइन है और आपसे ज़्यादा दूसरी खूबसूरत लड़की याद ही नहीं आ रही, वो हंस पड़ी और बोली कि में यहाँ तुम्हारे घर के पास वाले सुनार के यहाँ पर आई हूँ और में घर का फोन ट्राई कर रही थी, लेकिन कॉल ही नहीं जा रहा था, इसलिए तुम्हे याद किया.

    मैंने कहा कि चलो मुझे काम से ही सही, लेकिन याद तो किया, कहो क्या खिदमत करूं में आपकी? तो मौसी बोली कि क्या तुम यहाँ पर आ सकते हो मुझे थोड़ा और सामान भी लेना है. मैंने थोड़ा सोचा और फिर हाँ कर दी और मैंने तुरंत तैयार होकर घर लॉक किया और मौसी से मिलने बाहर निकाला. में जब सुनार के यहाँ पर पहुँचा तो में बस उन्हे देखता ही रह गया, क्योंकि मौसी ने एक मस्त सी काली कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और काले कलर का ब्लाउज जो कि पीछे से खुला हुआ था और बस पतली सी डोरी से अटका हुआ था और सामने की तरफ से मौसी की थोड़ी छाती दिख रही थी और वो ग़ज़ब की सेक्सी दिख रही थी. तो मैंने कुछ देर इंतज़ार किया और फिर मौसी सामान लेकर बाहर आ गयी, मैंने उनसे सामान लिया और फिर बोलने लगा कि

    में : अरे क्या बात है आज शायद वेलेंटाइन बनाने का इरादा है?

    मौसी : लेकिन तुम्हे ऐसा क्यों लगा?

    में : इतनी सेक्सी दिख रही हो कि थोड़े टाइम के लिए में खुद को कोस रहा था.

    मौसी : क्यों कोस रहे थे?

    में : क्योंकि आप मेरी मौसी है और दिल कर रहा था कि अभी आपको प्रपोज़ कर दूँ.

    तो मौसी हंस पड़ी और बोली कि तू पागल ही है और तू मेरे साथ हमेशा ऐसी ही बातें करता रहता है.

    में : अगर आप कहो तो में बात करना बंद कर दूँ?

    मौसी : मैंने ऐसा कब कहा कि मुझे तुम्हारी बातों से ऐतराज़ है?

    में : तो में क्या एक और बात कहूँ?

    मौसी : हाँ बोलो?

    में : क्या में जब तक आपके साथ बाहर हूँ, तब तक क्या में आपको नाम से बुला सकता हूँ?

    मौसी : वो क्यों? और वो मेरी तरफ देख रही थी.

    में : बस ऐसे ही और में सर झुकाकर खड़ा हुआ था.

    मौसी : लेकिन ऐसे ही क्यों इसकी कोई ख़ास वजह?

    तब मैंने मेरा चेहरा उठाया तो उन्हे हल्का मुस्कुराता हुआ पाया.

    में : वो बात यह है कि आज वेलेंटाइन डे है और आज के दिन हर कोई अपने पार्ट्नर के साथ रहता है और मेरी तो फिलहाल कोई पार्ट्नर नहीं है. तो मैंने सोचा जब तक आपके साथ हूँ तब तक थोड़ा एंजाय करूं, आपको अपनी गर्लफ्रेंड की तरफ घुमाऊँ, लेकिन आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो और में मौसी को देखता ही रह गया. वो ज़ोर से हंस पड़ी और बोली कि तुम सच में पागल ही हो, चलो अब कोई बात नहीं, हम जब तक बाहर है तब तक में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और तुम मेरा नाम ले सकते हो.

    में : धन्यवाद मौसी.

    मौसी : क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड को मौसी बुलाते हो? तो में हंस दिया और बोला कि ओह सॉरी निशा.

    मौसी : हाँ अब ठीक लगा सुनकर.

    फिर हम एक मॉल में चले गये. मौसी को वहां पर उनकी बेटी के लिए शॉपिंग करना था क्योंकि वो कुछ दिनों बाद अपने कॉलेज की तरफ से पिकनिक पर गोवा जा रही थी. तो मौसी जीन्स और कुछ टॉप्स खरीद रही थी तभी में उनके पास में आया और उनके पीछे से कमर पर हाथ रखते हुए अपनी तरफ खींचा, मौसी थोड़ी चौंक गयी और बोली कि रोहन यह क्या कर रहे हो?

    में : निशा में बस तुम्हारी कमर का नाप ले रहा हूँ कहीं तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना?

    तभी वो शांत हुई और फिर से मुस्कुराती हुई बोली कि मुझसे पूछ लेते तो में क्या तुमसे छुपाती थोड़े?

    में : अगर में तुमसे पूछ लेता तो तुम्हारी कमर को छूने का मौका नहीं मिलता और में मुस्कुराकर देख रहा था.

    मौसी : ठीक मेरी कमर 28 है क्या और कुछ पूछना है?

    में : बस कुछ छूना बाकी है और यह कहते हुए मैंने कमर से हाथ निकालते टाइम उनकी गांड को सहला दिया और उनके चेहरे की तरफ देखता रहा, लेकिन उन्होंने एसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, बस हल्की सी मुस्कुराई.

    तो मैंने फिर उनसे पूछा कि आपका साइज़ क्या है?

    मौसी : तुझे वो क्यों जानना है?

    में : बस एक गिफ्ट देना है इसलिए.

    तो वो शायद समझ गयी कि गिफ्ट क्या होगा और मुस्कुराकर देख रही थी और फिर वो बोली कि 34, और मैंने खुश होकर उनके बूब्स की तरफ देखा और कहा कि वाह बहुत मस्त है.

    मौसी : अब मुझे शॉपिंग करने दे.

    फिर मैंने कुछ देर बाद उन्हे वहीं पर छोड़ दिया, वो अपनी खरीददारी में व्यस्त थी और में कुछ समय बाद घूमने के बहाने मॉल के दूसरी तरफ गया और मैंने वहां से मौसी के लिए डोरी वाली ब्रा और एक काली कलर की पेंटी और एक काली कलर की टी-शर्ट ली और एक शर्ट और फिर में लेकर मौसी के पास पहुंचा. उनकी शॉपिंग भी लगभग ख़त्म ही हो गई थी, मुझे देखकर वो पूछने लगी कि कहाँ चला गया था?

    में : आप तो मुझे भाव ही नहीं दे रही थी तो में किसी और को ढूंढने चला गया था.

    मौसी : क्या कोई मिली?

    में : निशा तुम्हे देखने के बाद कोई और अच्छी नहीं लगी तो में तुम्हारे लिए ही कुछ शॉपिंग करके ले आया.

    मौसी : लेकिन इसकी क्या ज़रूरत थी? और मैंने तो नहीं कहा था.

    में : निशा आज वेलेंटाइन डे है और में मेरी गर्लफ्रेंड को बिना गिफ्ट दिए कैसे छोड़ सकता हूँ? और में मुस्कुराकर उनकी तरफ देखने लगा.

    मौसी : क्यों क्या लाए हो? अब वो तो बताओ.

    में : नहीं, वो तो में घर पर चलकर ही बताऊंगा.

    मौसी : चलो फिर ठीक है.

    फिर शॉपिंग ख़त्म हुई और हम वहीं पर एक रेस्टोरेंट में लंच के लिए गये और सामान पकड़कर मौसी के साथ घर पर चला आया और जब में लॉक खोल रहा था तो मौसी पूछने लगी कि क्या घर पर कोई नहीं है?

    में : तुम आने वाली थी तो मैंने सभी को घर से भगा दिया, आख़िर तुम्हारे साथ थोड़ा टाईम अकेले में भी बिताने का मौका मिलेगा और दरवाज़ा खोलकर हम अंदर चले गये. तो मैंने दरवाज़ा लॉक किया और फिर हम एक ही सोफे पर बैठ गये और थोड़ी देर साँस लेने के बाद मैंने बोला कि निशा, प्रिया ( मौसी की बेटी ) कितने दिनों के लिए गोवा जा रही है?

    मौसी : अब हम घर आ गये है और अब तुम मुझे नाम से मत बुलाओ.

    में : जब तक हम अकेले है तब तक तो मुझे मेरी गर्लफ्रेंड का नाम लेने दो.

    मौसी : अरे हाँ मुझे गर्लफ्रेंड से याद आया क्यों तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए क्या गिफ्ट खरीदा?

    में : वो में आपको क्यों बताऊ? मेरी गर्लफ्रेंड के लिए है मौसी, में उन्हे जानबूझ कर चिढ़ा रहा था.

    मौसी : ठीक है बाबा जब तक कोई नहीं आता तो तुम मुझे गर्लफ्रेंड ही समझो, क्यों अब खुश हो ना?

    तो में झटसे उनके गले लग गया और फिर बोला कि हाँ डबल खुश और में सोफे से उठकर खड़ा हुआ और मेरा बेग लेने लगा.

    मौसी : प्रिया 5 दिन के लिए गोवा जा रही है.

    में : क्या तुम भी कभी मेरे साथ गोवा चलोगी?

    मौसी : में अब वहां पर जाकर क्या करूंगी? मेरी तो उम्र हो गयी है.

    तो मैंने गिफ्ट का बॉक्स निकाला और उन्हे देते हुए कहा कि में तो आपको आज भी दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मानता हूँ और में कुछ देर तक उन्हे देखता ही रह गया. मौसी को थोड़ा अजीब सा महससू हुआ और फिर वो बोली कि मेरे लिए क्या है, बताओ?

    तो मैंने सबसे पहले उनका टी-शर्ट का बॉक्स खोला और उन्हे दिखाया, वो हंस पढ़ी और बोली कि वो टी-शर्ट का क्या करेगी?

    में : प्लीज निशा एक बार मेरे लिए पहनोगी.

    तो मौसी थोड़ा हिचकिचाई और फिर कहने लगी कि लेकिन इसके नीचे पहनने के लिए जीन्स नहीं है और ना ही कोई पेंट फिर इसका क्या फायदा? तो में मुस्कुराया और मैंने उनके लिए खरीदकर लाया हुआ शॉर्ट्स का बॉक्स खोला और उनको वो शॉर्ट्स दिखाया.

    मौसी : इतना छोटा में नहीं पहन सकती क्या तुम पागल तो नहीं हो गये हो? में यह कैसे पहन सकती हूँ?

    में : प्लीज निशा तुम्हे में और भी बोल्ड और सेक्सी देखना चाहता हूँ. प्लीज एक बार मेरे लिए पहनोगी और आज घर में कोई भी नहीं है सभी लोग रात को देर से आएँगे तो तुम यह सब बे झिझक पहन सकती हो.

    मौसी : लेकिन?

    तो में उनकी बात को काटते हुए बोला कि लेकिन वेकिन कुछ नहीं, तुम्हे बस आज यह पहनना है, मौसी मुस्कुराकर बोली कि और तू क्या क्या शैतानी सोच रहा है और यह दूसरा डिब्बा किस के लिए है? तो में बोला कि निशा तुम्हारे लिए ही है.

    मौसी : इसमें क्या है?

    में : तुम खुद ही देख लो और मैंने वो डिब्बा आगे कर दिया. उन्होंने जैसे ही डिब्बा खोला तो वो चौंककर सिर्फ़ देखती ही रह गई.

    मौसी : यह क्या है? में तो यह सब बिल्कुल भी नहीं पहन सकती हूँ.

    में : प्लीज निशा सिर्फ एक बार मेरे लिए.

    मौसी : नहीं मतलब कि नहीं.

    में : यह तुम पहनोगी तो उसके ऊपर से यह टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन लेना कुछ नहीं होगा प्लीज.

    मौसी : नहीं रोहन, यह सब मुझसे नहीं होगा.

    में : प्लीज निशा, वरना मेरा दिल टूट जाएगा.

    मौसी : मैंने एक बार नहीं कहा ना और वो एकदम उठकर अंदर के रूम में चली गई.

    तो में बाहर ही हॉल में बैठा हुआ दुखी हो रहा था और जब में अंदर गया तो देखा कि दरवाज़ा बंद था मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो मौसी अंदर से बोली कि रोहन अभी कुछ मत कहो. मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था और तुम मेरे साथ ऐसा सोचते हो तुम्हे तो शरम आनी चाहिए. तो में वहीं दरवाज़े पर बैठ गया और रोने लगा, में रोते हुए उससे बात भी करने लगा.

    में : मौसी में जब 10th में था, तब से ही में आपको पसंद करता हूँ और में यह नहीं जानता हूँ कि में जो कुछ भी सोच रहा हूँ वो सही है या ग़लत, लेकिन मेरा दिल हमेशा से तुम्हे ही चाहता आया है और अब तक कई लड़कियाँ मेरी ज़िंदगी में आई और चली गयी, लेकिन आप आज भी मेरे लिए बहुत ही ख़ास हो.

    मौसी : चुप करो यह सब, तुम पागल हो गये हो और ऐसा कभी भी नहीं हो सकता.

    में : प्लीज मौसी ऐसा मत कहो में सच में आपको बहुत प्यार करता हूँ.

    मौसी : प्लीज चुप हो जाओ.

    में : मौसी सच में, में आज भी आपके ही सपनो में डूबा रहता हूँ.

    मौसी : प्लीज अब बस करो.

    में : मौसी में चुप हो जाऊंगा, लेकिन पहले आप मेरे सवाल का जवाब दो.

    मौसी : कैसा सवाल?

    में : में जब भी आपसे फोन पर बात करता तो हमेशा आपसे फ्लर्ट करता था, लेकिन तब भी आपने कभी मुझे क्यों नहीं रोका?

    मौसी : वो तो तुम मुझसे मज़ाक करते थे इसलिए में भी.

    में : पहले अपने दिल से पूछो कि में जब भी फ्लर्ट करता था तो तुम्हारे चेहरे पर जो मुस्कान आती थी, क्या वो झूठी थी? तो मौसी का कोई जवाब नहीं आया और वो बिल्कुल चुपचाप हो गई.

    में : में हमेशा आपके एक बुलावे पर हाज़िर हो जाता था और आप भी यह जानती थी कि में आपको पसंद करता हूँ फिर आप ही बताओ कि क्या आपने अपने काम के लिए मेरा फायदा नहीं उठाया?

    तो अब भी मौसी को कोई जवाब नहीं आया. तो मैंने थोड़ी देर इंतजार किया और फिर में बोला, सॉरी मौसी में यह सब नहीं कहना चाहता था, लेकिन मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि आज वेलेंटाइन डे है और आज सबसे पहले मैंने जब आपका कॉल देखा तो बस दिल में एक ही ख्याल आया कि शायद आज में आपसे यह बात कर लूँ तो मैंने ऐसा ही किया, लेकिन मेरी किस्मत ही खराब है. में फिर से दरवाज़े पर खड़ा हुआ और बोला कि में सिर्फ़ आप से एक ही बात पूछना चाहूँगा निशा क्या तुम मेरा वेलेंटाइन बनना चाहोगी?

    में कुछ और मिनट वहीं पर खड़ा रहा और फिर में निराश होकर बाहर हॉल की तरफ जाने लगा. तभी पीछे से दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और मौसी सामने ही खड़ी हुई थी और वो भी रो रही थी. तो मुझसे देखा नहीं गया और में फिर से घूमकर हॉल की तरफ जाने लगा तो तभी पीछे से आवाज़ आई हाँ और में चौंक कर रुक गया और मैंने घूमकर मौसी की तरफ देखा तो वो तभी हल्की सी मुस्कुराई और फिर से बोली कि हाँ में बनना चाहती हूँ. में बस उनकी तरफ दौड़ा और उन्हे कसकर गले लगा लिया और एक टाईट किस लिया. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और करीब 10 मिनट के किस के बाद वो बोली कि मुझे माफ़ कर दो. तो मैंने फिर से किस लिया और कहा कि लेकिन में एक शर्त पर माफ़ करूँगा वो मुस्कुराई और बोली कि वो कौन सी शर्त?

    में : मेरे गिफ्ट को अपनाना होगा?

    मौसी : बस इतनी सी बात, में अभी ट्राई करती हूँ.

    तो वो मेरा हाथ पकड़कर हॉल में चली आई और वो मेरे गिफ्ट को उठाने के लिए झुकी तो मैंने सीधा पीछे से उनके बूब्स को पकड़ लिया और बहुत ज़ोर से दबा दिया.

    मौसी : अह्ह्ह प्लीज छोड़ो पहले तुम्हारे गिफ्ट को तो ट्राई करने दो.

    में तो उन्हे देख रहा था, वो उस वक्त पूरी शरारत से भरी हुई थी.

    में : निशा मेरे सामने ही बदलना.

    मौसी : ठीक है मेरी जानू.

    पहली बार मौसी के मुहं से जानू शब्द सुनकर में सातवें आसमान पर सैर करने लगा और मैंने फिर से उन्हे मेरी तरफ खींचा और ज़ोर से स्मूच कर लिया और जैसे ही उन्हे छोड़ा तो वो बोली कि तुम बहुत शरारती हो.

    में : इतने सालों से में आज के दिन का ही इंतजार कर रहा था.

    मौसी : तो अब थोड़ा और इंतजार करो.

    में : नहीं होता जानेमन, लेकिन तुम कहती हो तो में मेहनत ज़रूर करूँगा.

    फिर हम दोनों अंदर के रूम में चले गये और मौसी ने अपनी साड़ी को उतार दिया में बस देख ही रहा था, वाह निशा तुम्हारा बहुत कमाल का फिगर है.

    मौसी : तुम यूँ समझो कि यह तुम्हारे लिए ही है और उन्होंने मेरी तरफ आँख मारी.

    फिर वो अपने ब्लाउज को धीरे धीरे खोलने लगी. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और मेरी जीन्स के ऊपर से उभरकर साफ नज़र आ रहा था.

    मौसी : क्या में तुम्हारी जीन्स उतारने में मदद करूं?

    तो में मुस्कुराया और कहा कि शोक से जानेमन. मौसी फिर से मेरी तरफ आई और उसने मेरी जीन्स को धीरे धीरे करके नीचे उतार दिया. मेरा लंड अंडरवियर में तंबू की तरह खड़ा हुआ था. मौसी अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को छूकर बोली कि यह बहुत परेशान नज़र आ रहा है.

    में : हाँ आपकी वजह से.

    तो उन्होंने मेरी जीन्स को दूर फेंक दिया और बोली कि जब तक में तुम्हारा गिफ्ट ट्राई ना कर लूँ, इसे छूना मत और इतना कहकर उन्होंने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से हल्का सा किस किया. में कुर्सी पर अंडरवियर में बैठा हुआ था और फिर मौसी ने धीरे धीरे अपना पेटीकोट उतार दिया और वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी और मेरा लंड बस फूंकार भर रहा था. दिल कर रहा था कि उन्हे अभी चोद दूँ फिर वो मुझे चिढ़ाते हुए पीछे मुड़ी और अपनी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उनकी झांटे भी साफ थी और चूत बिल्कुल दूध की तरह नज़र आ रही थी. गोरा बदन, बड़े बड़े बूब्स और उस पर हल्के भूरे कलर की निप्पल.

    मौसी : अब तुम बताओ कि में क्या ट्राई करूं यह ब्रा या पेंटी?

    में : अब कुछ ट्राई नहीं भी करोगी तो भी चलेगा.

    मौसी : अगर यह बात है तो तुम्हारा गिफ्ट खराब हो जाएगा.

    में : निशा प्लीज थोड़ा इधर आओगी.

    तो मौसी मेरी तरफ चलते हुए आई और मेरे चेहरे के सामने घूमकर पूछा कि कहो क्या चाहिए? मैंने बस मेरे हाथों से उनका चेहरा पकड़ा और स्मूच करने लगा, वो भी मस्त होकर स्मूच करने लगी. जब उसने भी मेरा चेहरा पकड़कर स्मूच लगातार किया तो में अपने हाथों को उसके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा और ज़ोर से निप्पल पर दबा दिया जिससे उनकी हल्की सी चीख निकल गयी और स्मूच टूट गया.

    मौसी : प्लीज, थोड़ा आराम से करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

    में : यह हुई ना बात.

    तो में खड़ा हो गया और उन्हे दीवार की तरफ खड़ा किया और में ज़ोर ज़ोर से स्मूच करने लगा. वाह क्या मज़ा आ रहा था? में उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था, लेकिन मेरे स्मूच करने की वजह से उनकी कोई भी आवाज नहीं निकली और फिर में उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनके बूब्स पर पहुंच गया. मैंने उनके निप्पल को काटना शुरू किया और वो पागलों की तरह मोन करने लगी और में अपना दूसरा हाथ नीचे उनकी चूत पर ले गया और धीरे धीरे सहलाने लगा.

    मैंने महसूस किया कि उनकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और फिर में अपनी उंगली उनकी चूत में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा और इस बीच उन्होंने मेरा सर पकड़कर जमकर किस लिया और कहा कि प्लीज अब रहा नहीं जाता, बस छोड़ दो मुझे. तो में तभी अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर खड़ा हो गया और कहा कि तुम्हे मेरे कपड़े उतारने होंगे और वो मेरी तरफ बढ़ी और मेरा अंडरवियर निकालने लगी.

    में एक बार अपने अंडरवियर में झड़ चुका था जिसकी वजह से वो गीली नज़र आ रही थी. तो मैंने कहा कि पहले ऊपर से मेरे कपड़े उतारो और फिर अंडरवियर. उसने फिर से नीचे से ऊपर आते हुए मेरी टी-शर्ट को खींचा और उतारकर फेंक दिया और फिर मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और अब में भी नंगा हो गया था और मेरा लंड पूरी तरह जोश में तनकर खड़ा हुआ था.

    मौसी बोली कि इतने सालों के बाद आज में लंड देख रही हूँ काश तुम आज की तरह पहले मुझसे मिले होते और उन्होंने सीधा मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, में खुशी से पागल हो रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. क्योंकि मौसी बहुत ज़ोर से चूस रही थी. में समझ गया कि में ज़्यादा देर तक संभाल नहीं सकूँगा और कुछ देर के बाद मैंने मेरा पूरा वीर्य उनके मुहं में डाल दिया और वो पूरा पी गयी, उन्होंने फिर से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया. जिसकी वजह से मेरा लंड फिर से तन गया और वो फिर से मेरे ऊपर आई और उसने फिर से स्मूच किया और हम दोनों फिर से बिस्तर पर थे. एक दूसरे को स्मूच करते हुए हमे जन्नत का अहसास महसूस हो रहा था. तो मैंने कहा कि मौसी अब मुझे आपकी चूत के अंदर लंड डालना है.

    मौसी : में अब तुम्हारी निशा हूँ, मौसी नहीं और अकेले में आज के बाद बस मेरा नाम लेना.

    तो मैंने उनको फिर से एक किया और कहा कि ठीक है निशा. मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उनकी चूत के दरवाजे पर रखकर धीरे धीरे घिसते हुए ऊपर उनके होठों का रस पी रहा था, लेकिन मौसी जैसे लंड लेने के लिए तड़प रही हो ऐसे सिसकियाँ ले रही थी और वो लंड को पकड़कर उनकी चूत में डालने की कोशिश करने लगी. तो में समझ गया कि अब वक़्त आ गया है उनकी चूत को चोदने का.

    मैंने उनके रसीले होंठो को छोड़ा और खड़ा होते हुए उन्हे बेड पर आधा लेटाया, जिससे उनका पैर ज़मीन पर था और फिर मैंने उनके पैरों को उठाकर मेरे कंधे पर रखा और मेरे लंड को धीरे से उनकी चूत के मुहं पर दबाने लगा. वो बस चीख पड़ी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह् रोहन आईईइ कितना बड़ा है तुम्हारा लंड बस अंदर से अब बाहर मत निकलना और बस फाड़ दे आज मेरी प्यासी चूत को, यह बहुत तड़पती है. मेरी चूत ने इतने साल में लंड लिया है.

    मैंने मुस्कुराकर उन्हे देखा और फिर से एक ज़ोर का झटका दिया जिससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो बस बेड पर एकदम उछल सी पड़ी, लेकिन उनके पैर मेरे कंधे पर होने की वजह से वो ज़्यादा कुछ ना कर सकी. फिर मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और मैंने देखा कि मौसी भी अपनी गांड को उछाल रही थी और मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर था, लेकिन दोस्तों मौसी की चूत क्या ग़ज़ब की टाईट थी. मेरा लंड हर एक धक्के पर उसकी चूत की दीवार से रगड़ खाकर अंदर बहर हो रहा था, जिसका मुझे अब धीरे धीरे अहसास होने लगा था.

    में : निशा तेरी चूत इतनी टाईट है, क्या तुम्हारा पति तुम्हे चोदता नहीं था?

    मौसी : उन्हे गुज़रे हुए 15 साल हो गये है और उनके छोटे से लंड से शायद ही कभी मेरी चूत फटी होगी.

    में : ठीक है आज से में ख्याल रखूँगा और अब में तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूँगा.

    तो मैंने उनके ऊपर आकर एक स्मूच ली, मौसी बहुत गीली हो चुकी थी और पूरे रूम में मेरे हर धक्के पर फकच फकच की आवाज़ आ रही थी और आवाज़ से में और भी उत्साहित हो रहा था. करीब 15 मिनट के बाद में भी अब झड़ने वाला था तो मैंने मौसी से बोला कि निशा अब में भी झड़ने वाला हूँ, बोलो अब में क्या करूं और यह वीर्य कहाँ निकालूं?

    मौसी : प्लीज मेरे अंदर ही गिराना, में बहुत सालों से प्यासी हूँ, प्लीज रोहन.

    फिर क्या था? मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किये और कुछ ही पल में मैंने मेरा सारा माल मौसी की चूत में डाल दिया और में उनके ऊपर कुछ देर तक लेटा रहा और हम दोनों ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रहे थे और मौसी भी अब झड़ चुकी थी और वो भी हांफ रही थी. मैंने फिर से उनका स्मूच लिया और उन्हे कहा कि “हैप्पी वेलेंटाइन डे” तो वो भी मुस्कुराई और बोली कि हमारे पास वेलेंटाइन डे मनाने के लिए रात 8 बजे तक का वक़्त है इसलिए में आज पूरी रात मनाना चाहूँगी. तो मैंने फिर से मौसी को चूमा और उसके बाद मैंने मौसी को दो बार और चोदा.

  • मौसा जी को चूत का दीवाना बनाया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम पूजा है और मेरी उम्र 29 साल है और में जॉब करती हूँ. में आपको अपने साथ हुई एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ. मेरी हाईट 5 फीट 3 इंच है और मेरा साईज 34-28-40 है. ये बात तब की है जब में 19 साल की थी.. मेरे घर में मेरे मौसा जी और मौसी हमारे साथ में ही रहते थे. मौसा जी की उम्र उस वक्त 35 साल की होगी.. वो दिखने में बहुत सीधे लगते थे.. लेकिन उनकी असलियत मेरे ही सामने खुली. में उस समय जवानी की दहलीज पर थी.. मेरे बूब्स धीरे-धीरे बड़े हुए जा रहे थे और मेरे कपड़े छोटे होते जा रहे थे.

    हमारी स्कूल की ड्रेस एक नीली स्कर्ट और सफ़ेद शर्ट थी. शर्ट के अंदर ब्रा पहनने की मेरी आदत नहीं थी.. तो मेरे बूब्स का उभार साफ़ नजर आता था. कई बार मम्मी ने मुझे टोका भी था कि अंदर कुछ पहना कर लेकिन मैंने कुछ ध्यान नहीं दिया.

    मेरी बॉडी बड़ी मस्त थी.. लेकिन मेरे चेहरे में ऐसा कुछ खास नहीं था और में सामान्य दिखती थी. में अपने सामने दूसरी लड़कियों को बॉयफ्रेंड बनाते देखती और मन मारकर रह जाती थी कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और किसी ने मुझे कभी प्रपोज़ ही नहीं किया था.. तो जब में घर पर होती तो में नोटीस करती कि मौसा जी मुझे बड़े ध्यान से देखा करते है.

    एक बार में स्कूल से वापस आई.. मैंने शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे बूब्स काफ़ी बड़े लग रहे थे. हल्की- हल्की ठंड होने के कारण मेरे निप्पल भी टाईट हो गये थे और शर्ट के अंदर से दिख रहे थे. मैंने मौसा जी को मेरे बूब्स को घूरते हुए देखा.. पता नहीं मुझे क्या हुआ? में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाई और उन्ही के सामने उचक-उचक के चलने लगी.. जिससे कि मेरे बूब्स चलते हुए और उछले.. तो मेरे मौसा जी की तो नज़रे जैसे मेरे बूब्स से चिपकी ही जा रही थी. में ऐसा 5-10 मिनिट तक करती रही और मौसा जी बराबर मुझे घूरते रहे.

    फिर मैंने देखा कि मौसा जी अपने होंठो पर अपनी जीभ फेर रहे थे.. जैसे उन्हें प्यास लगी हो. अपने बूब्स उछालते हुए में उनके पास गई.. वो अभी भी मेरे बूब्स को ही देख रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि मौसा जी क्या हुआ? प्यास लगी है तो पानी लाऊँ क्या? मौसा जी अभी भी मेरे बूब्स को ही देख रहे थे और वही देखते हुए फिर अपने होठों पर जीभ फेरते हुए बोले हाँ पानी पिला दो.. बहुत प्यास लगी है. में समझ गई कि मौसा जी मेरे बूब्स के दीवाने हो चुके है. फिर हमारे इस तरह का सिलसिला शुरू हो गया.. में जब भी मौका मिलता मौसा जी के सामने छोटे कपड़े पहन के चली जाती.

    कभी टाईट कुर्ती पहनती जिससे मेरे बूब्स बड़े-बड़े और गोल-गोल लगते और कभी छोटी स्कर्ट पहनकर मौसा जी के सामने नीचे झुक कर कुछ उठाने की कोशिश करती.. तो मौसा जी बड़े ही प्यार से मुझे निहारते रहते. यह सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा. मुझे इसमे मज़ा आने लगा कि मौसा जी किस तरह मुझे देख कर जीभ से पानी टपकाते है.. लेकिन बेचारे कुछ कर नहीं पाते. मैंने डिसाइड किया कि इसे दूसरे लेवल तक पहुँचाने की स्टेज आ गई है. एक दिन मौसा जी और में टी.वी रूम में अकेले ही थे और में सोफे पर लेटी हुई थी और मैंने रज़ाई ओढ़ रखी थी.. मौसा जी भी उसी सोफे पर मेरे पैरो के पास बैठ कर टी.वी देख रहे थे. मैंने सोचा मौका सही है.

    मैंने एक बड़े गले की पतली टी-शर्ट पहन रखी थी.. जो आसानी से मेरे कंधों से नीचे ऊतर जाती थी. मैंने धीरे से टी-शर्ट का गला नीचे खींचा और अपने बूब्स बाहर इतने निकाले कि इसमें मेरी बस निपल ही छुपी हुई थी बाकी सारा ऊभार बाहर था.

    फिर मैंने मौसा जी को पीछे से हिलाते हुए कहा कि मौसा जी क्या देख रहे हो? मौसा जी ने टी.वी से अपना चेहरा हटा कर.. जैसे ही मेरी तरफ देखा.. तो देखते ही रह गये. मेरे बूब्स के ऊभार इतने मस्त लग रहे थे कि क्या बताऊँ? मेरा चेहरा भी उनके पीछे से नहीं दिख रहा था. मौसा जी की तो बस निगाहें ही पागल हो गई.. वो मेरे बूब्स को देखते हुए अपने हाथ को मेरे चेहरे की तरफ लाये और मेरे गालों पर अपना हाथ रखकर कहा कि प्यास लग रही है. फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपना एक हाथ नीचे मेरे बूब्स के ऊभारो पर रख दिया.

    में थोड़ी सी डरी.. क्योंकि मेरा यह पहली बार था कि मौसा जी ने मुझे इस तरह छुआ था. लेकिन उनके हाथ अपने बूब्स पर मुझे बहुत मस्त एहसास दिलवा रहे थे. में कुछ देर वैसे ही पड़ी रही और मौसा जी अपना हाथ मेरे बूब्स पर रखे हुये थे.

    फिर उन्होंने अचानक से एक उंगली से मेरी टी-शर्ट का गला नीचे खींचा और मेरे निप्पल को बाहर निकाल दिया. मेरे निपल बहुत बड़े-बड़े और काले-काले है. मौसा जी मेरे निप्पल को देखे जा रहे थे.. इतने में मुझे रज़ाई के नीचे एक सरसराहट महसूस हुई. मैंने देखा कि रज़ाई के अंदर मौसा जी का दूसरा हाथ था और वो धीरे-धीरे मेरी स्कर्ट की तरफ बढ़ रहा था. फिर मैंने अपनी दोनों जांघे खोल दी और मौसा जी ने अपने हाथ सरकाते हुए मेरी स्कर्ट के अंदर हाथ डाला. फिर धीरे-धीरे मेरी चड्डी तक पहुँच गये. में बहुत छोटी चड्डी पहनती हूँ.. सिर्फ़ एक पतली स्ट्रीप ही मेरी चूत को कवर करती है. मेरी चूत एकदम चिकनी है और उस पर कोई बाल नहीं है. एकदम मखमली फूली फूली मुलायम सी चूत है.

    फिर मौसा जी ने अपना हाथ मेरी चड्डी के अंदर डाल दिया और मेरी चूत को सहलाने लगे. यह मेरे लिए सेक्स का पहला स्पर्श था.. मैंने आँखें बंद कर ली और मौसा जी ने अपने हाथ को मेरी चूत के ऊपर फेरा.

    फिर अपनी बीच की उंगली मेरी चूत की बीच की जगह में घुसा दी और मेरे दाने को सहलाने लगे.. मेरी चूत अपने आप गीली हो गई.. जिससे में मस्त हो रही थी. फिर मैंने अपनी जांघे और खोल दी.. मौसा जी का इस तरह मेरे चूत के दाने को रगड़ना मुझे पागल कर रहा था.. इसका सबूत था मेरी चूत.. जो नल की तरह पानी छोड़ रही थी.

    मौसा जी मेरी चूत को अपनी बीच की उंगली से रगड़ रहे थे और मेरी लाईफ का एक नया अध्याय शुरू हो रहा था. वो अध्याय जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी.. मुझे एक औरत होने का एहसास दिलाया. उसके बाद में मौसा जी से खूब चुदी और उन पर अपनी पूरी जवानी कुर्बान कर दी. आज मेरी शादी हो चुकी है.. मेरे पति भी मुझे मस्त चोदते है. मुझे सेक्स की कभी भी कमी महसूस नहीं होती.. क्योंकि मुझे बहुत चुदक्कड़ पति मिला है. लेकिन आज जब भी में अपने घर जाती हूँ तो मौसा जी से जरूर चुदवाती हूँ.. क्योंकि अलग अलग लंड से चुदवाने का मजा ही अलग है.

  • मौसी की बड़ी बहु की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, में दिल्ली में बचपन से रह रहा हूँ. मुझे शादीशुदा लेडीस ज्यादा पसंद है और मोटी लेडीस भी बहुत पसंद है. ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी की बड़ी बहु के बीच की है. मेरी मौसी की बड़ी बहु का नाम रजनी है और उनकी उम्र 43 के आस पास है, लेकिन वो दिखने में लगती नहीं है. ये कहानी साल 2013 की है, भाभी के दो बच्चे है जो स्कूल जाते है और भैया प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है. मेरी मौसी हमारे घर के पास ही रहती थी. में हमेशा उनके घर जाता था.

    में इस साल भी न्यू ईयर पर उनके घर गया तो मौसी को विश करने के बाद में सीधा भाभी के फ्लोर पर चला गया. जब में गया तो भाभी कपड़े प्रेस कर रही थी. मैंने भाभी को हैल्लो किया और न्यू ईयर विश किया. भाभी ने भी मुझे न्यू ईयर विश किया. मैंने मज़ाक में भाभी से बोल दिया कि भाभी पंजाबियों में क़िसी भी चीज़ को ऐसे विश नहीं करते तो भाभी अचानक से मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर बोली ऐसे विश करते है.

    फिर जैसे ही भाभी ने मुझे गले लगाया तो उनके शरीर का स्पर्श पाकर में दो मिनट के लिए सन्न रह गया. फिर भाभी जाकर कपड़े प्रेस करने लगी और मुझे बोलने लगी कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. भाभी बोली कि कभी क़िसी को गले नहीं लगाया क्या? तो में बोला नहीं मैंने कभी क़िसी को गले नहीं लगाया. मैंने भाभी से बोला कि मेरी छाती पर हाथ रखकर देखो कितनी ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. तो भाभी ने हाथ रखा और बोली तेरा तो सही में बड़ी ज़ोर-ज़ोर से दिल धक-धक कर रहा है. मैंने भाभी से बोला कि भाभी क्या में आपको दुबारा गले लगा सकता हूँ?

    भाभी ने दुबारा मुझे गले लगाया तो मैंने भी उनको जवाब में गले लगा लिया और उनको कमर से पकड़कर जकड़ में ले लिया. अब मेरा तो हाल बुरा हो रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका शायद भाभी को पता लगने लगा था. भाभी बोली अब छोड़ दे तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. फिर हम बात करने लगे और भाभी कपड़े प्रेस करने लगी. फिर बातों-बातों में मैंने फिर से उनको पीछे से गले लगा लिया, जिसकी वजह से मेरा लंड भाभी की गांड में दबने लगा. भाभी बोली कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी बड़ा अच्छा लग रहा है और मन कर रहा है कि में आपको ऐसे ही गले लगाये रखूं. फिर भाभी ने भी कोई जवाब नहीं दिया और में ऐसे ही गले लग कर खड़ा रहा.

    फिर भाभी ने मुझे हटाया और फिर हम बात करने लगे और थोड़ी देर के बाद में चला गया. फिर में नॉर्मली उनके घर आने जाने लगा और भाभी को गले मिलकर मिलता. फिर एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया कि बच्चों का होमवर्क निकालकर ला दे. भाभी ने फोन पर लिखवा दिया और में फिर होमवर्क निकाल कर सीधा उनके घर दोपहर को 12 बजे गया, जब भैया भी घर नहीं होते और बच्चे भी स्कूल गये होते है. में जैसे ही घर गया तो मैंने मौसी को नमस्ते करके उनका हाल चाल पूछा और फिर पूछा कि भाभी कहाँ है? बच्चों का होमवर्क देना है तो मौसी बोली ऊपर है, ऊपर ही चला जा.

    मेरी मौसी को घुटनो की प्रोब्लम है इसलिए वो ऊपर नहीं चढ़ सकती. फिर में जैसे ही ऊपर गया तो भाभी किचन में चाय बना रही थी. भाभी ने पीले कलर का सूट पहना था जिसमें वो एकदम मस्त लग रही थी. फिर मैंने भाभी से बोला में बच्चों का होमवर्क ले आया हूँ तो भाभी बोली वही टेबल पर रख दे. फिर मैंने टेबल पर पेपर रखकर सीधा भाभी के पास किचन में चला गया और भाभी को पीछे से हग करके खड़ा हो गया तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला कि गले मिल रहा हूँ. फिर वो कुछ नहीं बोली.

    फिर मैंने बोला कि आपने बड़ी अच्छी खुशबू लगाई है तो में अपने मुँह को भाभी के कान के पास ले जाकर सूंघने लगा. तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला करने दो ना अच्छा लग रहा है, फिर धीरे- धीरे में भाभी के कान पर किस करने लगा और मेरा लंड भाभी की गांड में टच होने लगा और अपने दोनों हाथों को में भाभी के पेट पर घुमाने लगा. अब भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी और मेरे दोनों हाथों को अपने पेट पर दबाने लगी. फिर धीरे-धीरे मैंने भाभी से पूछा कि भाभी तुमको छूने का दिल कर रहा है तो भाभी बोली छू तो रहे हो.

    फिर में बोला भाभी आपकी पूरी बॉडी को छूने का दिल कर रहा है, क्या में छु लूँ? तो भाभी ने कुछ नहीं बोला. फिर मैंने उनको किचन की दीवार के साथ घुमा कर खड़ा कर दिया तो उनका चेहरा मेरी तरफ आ गया और उनके गालो के पास जाकर किस कर दिया, भाभी सिसकियां लेने लगी. फिर मैंने हिम्मत करके अपने होठों को भाभी के होठों के पास रख दिया और लिप किस करने लगा.

    फिर मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा तो भाभी कम आवाज़ में बोली कि मत कर कोई आ जायेगा. में बोला कि भाभी बस थोड़ी देर करने दो, कोई नहीं आयेगा. फिर में अपने एक हाथ को उनके सूट के अंदर डालकर उनकी कमर को सहलाने लगा. उनकी बॉडी के स्पर्श को जब मैंने महसूस किया था, क्या मस्त कमर थी? फिर में कमर को सहलाता रहा और किस करता रहा. अब भाभी भी मेरा साथ देने लगी और में अपने लंड का दबाव उनकी चूत पर दबाता रहा. फिर मैंने उनके होठों को छोड़कर दोनों हाथ से उनके सूट को ऊपर उठा दिया.

    फिर जैसे ही मैंने सूट उठाया तो में सन्न हो गया. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे सफ़ेद चादर पर कोई काली फुटबॉल हो. उन्होंने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी तो में ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने ब्रा ऊपर खिसका दी और पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरे सिर पर हाथ फैरने लगी और भाभी का सूट मेरे ऊपर आ गिरा और में भाभी के सूट के अंदर बूब्स सक करने लगा. फिर मुझे भाभी के सलवार का नाड़ा नज़र आया और मैंने भाभी का नाड़ा एक झटके में ऊतार कर खोल दिया, जिससे उनकी सलवार खुल गई और अब मुझे भाभी की गोरी-गोरी जांघे और जांघो के बीच में लाल कलर की पेंटी में उनकी चूत के शेप नज़र आ रही थी.

    फिर में एकदम से खड़ा हुआ और भाभी को पकड़कर रूम में ले गया और उस फ्लोर वाले गेट को लॉक कर दिया. फिर मैंने भाभी को जाते ही बेड पर लेटा दिया और उनका सूट ऊपर करके पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और सक करते-करते में अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डालकर उसके गोरे-गोरे और मुलायम कूल्हों को सहलाने लग गया.

    फिर मैंने उनको दबोच लिया और एक हाथ से उसके निप्पल को मसलने लगा, तो उसकी सिसकियां निकलने लगी. फिर मैंने एक झटके से उसकी पेंटी को ऊतार कर उसको बेड पर लेटा दिया और मैंने भी जल्दी से सिर्फ़ अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दिया. अब भाभी ने झट से खड़ी होकर मेरे लंड को पकड़कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने लाईफ में कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था. अब में जन्नत जैसा महसूस कर रहा था. अब वो मेरे लंड को चूसती रही और में उसके बूब्स को कभी सहलाने लगता तो कभी निप्पल पर काट देता. फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर इस तरह से आ गयी जिसके कारण उसकी चूत जो कि बिना बालों की थी वो ठीक मेरे मुँह के पास थी. फिर में भी उसकी चूत में उंगली डालकर चाटने लगा. उसकी गांड का छेद भी गुलाबी कलर का था. अब में बीच-बीच में उसमें भी उंगली डाल देता जिसके कारण वो एकदम चिल्ला पड़ती. फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसको नीचे लेटा दिया.

    फिर उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखकर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अंदर चला गया. जिसके कारण वो चिल्ला उठी तो में रुक गया और उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से उसकी जांघो को पकड़कर धक्का मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, वो एकदम से चिल्ला उठी. फिर मैंने उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया.

    फिर उसके थोड़ा नॉर्मल होने पर में उसकी गांड के छेद में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था और में साथ में उसकी चूत में भी उंगली भी कर रहा था, जिससे उसको और मज़ा आ रहा था. अब वो सिसकियां लेने लगी और बोली रवि थोड़ा और तेज़ करो, तो में और तेज़ करने लगा.

    फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो अपनी गांड को टाईट करने लगी. फिर वो बोली कि रवि में गयी, में गयी बोलकर वो आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी, लेकिन में रुका नहीं. फिर 5 मिनट के बाद मेरा भी निकलने वाला था. में बोला कि भाभी मेरा भी निकलने वाला है कहाँ निकालूं? तो वो बोली अंदर ही निकाल दे.

    फिर मैंने थोड़ी देर धक्के मारने के बाद अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया, ये मेरा पहली बार था और जब में क़िसी की गांड में अपना पानी छोड़ रहा था. फिर में उसके ऊपर लेट गया और फिर थोड़ी लेटने के बाद हम दोनों ने अपने आपको साफ किया और वापस आकर दोबारा बेड पर लेट गये और बातें करने लगे. फिर थोड़ी देर के बाद में फिर से तैयार हो गया और फिर मैंने उसकी चूत की जमकर चुदाई की. उस दिन मैंने 2 बार उसके साथ चुदाई की. उसके बाद मैंने चाय पी और फिर में अपने घर आ गया. अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में और भाभी खूब मजे करते है.

  • माँ और मौसी ki xxx chudayi

    हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को मेरा सेक्स अनुभव जो मुझे अपनी माँ और मौसी के साथ मिला उसे में आप लोगों को आज वही कहानी, अपना अनुभव सुनाने यहाँ पर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप लोगों को जरुर अच्छी लगेगी.

    दोस्तों एक बार मेरी माँ और मेरी मौसी को किसी काम से आगरा जाना पड़ा, लेकिन मुझे कुछ ज़रूरी काम था इसलिए में उनके साथ नहीं जा रहा था, लेकिन फिर उन दोनों ने मुझसे आग्रह किया कि में भी उनके साथ आगरा चलूं, क्योंकि वो दोनों अकेली थी इसलिए वो मुझे भी अपने साथ लेकर जाना चाहती थी.

    फिर मजबूरी में मुझे अपना वो काम अधूरा छोड़कर उनके साथ जाना पड़ा और फिर आगरा पहुंचकर उनका वो काम निपटाते हुए मुझे शाम के 7 बज गये और अब हम उस काम की वजह से इतना लेट हो गए कि हमें वापस अपने घर पर जाना मुमकिन नहीं था, इसलिए हमने एक रात को आगरा में ही बिताने का विचार बनाया इसलिए हम पास ही की एक होटल में चले गये और हमने वहां पर पहुंचकर एक सिंगल रूम ले लिया.

    तभी बातों ही बातों में माँ को याद आया कि उस दिन मेरा 18th जन्मदिन था और फिर उन दोनों ने मिलकर मुझे मेरे जन्मदिन की मुबारक दी और मैंने उनको मुस्कुराकर धन्यवाद कहा.

    फिर जब हम तीनों सोने लगे तो उसी समय मेरी मौसी मुझसे कहने लगी कि बेटा आज तुम 18 साल के हो गये हो चलो बताओ कि एक लड़की के बारे में तुम क्या क्या जानते हो? तो उनके मुहं से यह बात सुनकर में हंसने लगा और उनसे पूछने लगा कि मौसी आप यह मुझसे क्या कह रही हो? अब मौसी बोली कि चलो आज हम दोनों तुम्हारी परीक्षा लेते है, बताओ कि हम दोनों में से कौन ज़्यादा सेक्सी और हॉट है? दोस्तों में अब उनके मुहं से उस सवाल को सुनकर घबरा गया और में मन ही मन सोचने लगा, लेकिन कुछ देर बाद मेरी माँ ने भी मुझसे यही सवाल पूछा तो मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया कि में क्या बोलूं उनको उस बात क्या जवाब दूँ?

    में लगातार सोचता रहा और फिर मैंने मुस्कुराकर कहा कि इस बात का जवाब तो बहुत ही मुश्किल है उसके लिए मुझे पहले चेक करना पड़ेगा तब जाकर में अपना जवाब आप लोगों को दे सकता हूँ. फिर तुरंत मौसी बोली कि तेरी जैसे मर्ज़ी पड़े तू हमें आज अच्छी तरह से चेक कर ले और जो तेरी मर्ज़ी पड़े तू कर ले, लेकिन इस बात का जवाब मुझे सच सच दे.

    तब मैंने कहा कि हाँ ठीक में आपके दस टेस्ट लूँगा और उसके बाद में अपना जवाब आप लोगों को बताऊंगा और फिर में इतना कहकर मौसी की तरफ बड़ा और उनसे चिपककर उनके नरम होठों पर मैंने अपने होंठ रख दिए और में उनके होंठो को चूस रहा था और कभी में उनका ऊपर का होंठ और कभी उनका नीचे का होंठ चूस रहा था.

    फिर मैंने कुछ देर चूसने के बाद अपनी माँ के होठों पर अपने होंठ रख दिए और में करीब दस मिनट तक उनको चूसता रहा और उसके बाद मैंने अपनी माँ को 9 और मौसी को 10 नंबर दिए. फिर मैंने उसके बाद मौसी की तरफ बढ़कर उनके पल्लू को नीचे किया और उनके बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर दबाने लगा.

    ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, क्योंकि वो बहुत ही बड़े आकार के थे और कुछ देर के बाद माँ का पल्लू नीचे करके मैंने तुरंत अपनी मम्मी के बूब्स को पकड़ लिया और उनके बूब्स को बहुत देर दबाने के बाद मैंने माँ को 10 और मौसी को 9 नंबर दिए. फिर मैंने मौसी का ब्लाउज खोल दिया और में उनकी ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाने लगा और उनकी निप्पल को निचोड़ने लगा और इसके बाद मैंने अपनी माँ का ब्लाउज भी खोल दिया और अब में उनके बूब्स को दबाने लगा. इस बार भी मैंने अपनी माँ को 10 और मौसी को 9 नंबर दिए.

    फिर मौसी की ब्रा को खोलकर मैंने उनके बूब्स पकड़ लिए और बहुत देर तक बूब्स से खेलने के बाद में अब उनके निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा. फिर उसके बाद अपनी माँ की ब्रा को खोलकर उनके निप्पल को भी चूसने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, लेकिन इस बार मौसी को 10 और माँ को मैंने 9 नंबर दिए. अब मैंने मौसी की साड़ी और उनके पेटीकोट और पेंटी को भी उतार दिया. फिर जैसे ही मैंने उनकी नंगी चूत पर अपना एक हाथ रखा तो मुझे एक ज़ोर का झटका लगा और तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत बहुत टाइट थी.

    फिर माँ के कपड़े उतारकर जब मैंने उनकी चूत पर अपना हाथ रखा तो उसका मज़ा ही कुछ और ही था और में अपनी माँ की चिकनी, कामुक चूत को छूकर उस समय क्या महसूस कर रहा था? में वो सब किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता और अब माँ मेरी मौसी से एक नंबर से आगे हो गयी थी. फिर इसके बाद मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब मेरा 6 इंच का लंड तनकर तैयार खड़ा था जो उन दोनों की चूत को सलामी दे रहा था.

    मैंने अब आगे बढ़कर उसको अपनी मौसी के मुहं में डाल दिया और मेरा लंड उनके गले की नली को अंदर तक जाकर छू रहा था, जिसकी वजह से उनको साँस लेने में भी थोड़ी कठिनाई हो रही थी और उनकी आँखों से आंसू बाहर आने लगे थे, लेकिन फिर भी वो बिना किसी विरोध के मेरे साथ मज़े ले रही थी.

    फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को मौसी के मुहं से बाहर निकालकर अपनी माँ के मुहं में डाल दिया और मेरा लंड अब मेरी माँ के मुहं में अटखेलियाँ करने लगा और वो मेरी माँ के गले के अंदर तक घुस गया था, जिससे वो बहुत टाईट हो गया था.

    फिर मैंने कुछ देर बाद लंड को बाहर निकाला और माँ को 10 और मौसी को 9 नंबर दिए. अब माँ 2 नंबर से आगे चल रही थी और इसके बाद मैंने मौसी की चूत में अपना लंड डालकर ज़ोर से दो चार धक्के मारे और मेरा लंड उनकी बच्चेदानी को छू रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने लंड को बाहर निकालकर अपनी माँ की चूत को देखने लगा, क्योंकि अब मेरी माँ की बारी थी और मुझे माँ की चूत कुछ अपनी सी लग रही थी.

    मैंने तुरंत अपना लंड उसमें डाल दिया और बहुत देर तक ज़ोर से धक्के लगाने के बाद मैंने लंड को बाहर खींच लिया. फिर माँ को 10 और मौसी को 9 नंबर मिले और अब माँ 3 नंबर से आगे थी. फिर इसके बाद मौसी की गांड की बारी थी और मैंने पहले अपनी मौसी की गांड में अपना लंड डालकर कुछ देर धक्के दिए और उसके बाद अपनी माँ की गांड में अपना लंड डालकर धक्के दिए और मेरा लंड बारी बारी से मौसी और माँ की गांड के अंदर घुसा. उन दोनों की गांड के मज़े मैंने लिए और अब मौसी 10 नंबर ले गयी और माँ को 8 ही मिले.

    फिर में नीचे झुका और मैंने पहले मौसी की चूत पर अपने होंठ रख दिए. फिर मैंने महसूस किया कि उनकी चूत के होंठ बहुत मुलायम थे और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और मैंने उनको कुछ देर तक चूसा और उसके बाद मैंने अपनी माँ की चूत पर भी अपने होंठ रखे तो वो बहुत रसीली थी, लेकिन मौसी इस बार बराबर ही रही और दोनों बराबर हो गई.

    फिर मैंने कहा कि अब पांच मिनट में आप दोनों में से जो भी मुझे ज़्यादा मज़ा देगा वो ही सेक्सी और हॉट होगा. अब आप दोनों शुरू हो जाओ. मेरी यह बात सुनकर मौसी ने मुझे नीचे लेटा दिया और अपनी चूत को उन्होंने मेरे मुहं पर रखकर वो मेरे मुहं पर बैठ गयी और अपनी चूत को मेरे मुहं पर रगड़ने लगी, जिसकी वजह से मेरी जीभ अब उनकी चूत की गहराइयों में घूम रही थी. तभी कुछ देर बाद माँ ने नीचे झुककर मेरे लंड हो चूसना शुरू कर दिया.

    अब वो दोनों ही अपने अपने काम में लगी रही, वाह दोस्तों मुझे बहुत ही अजीब सा नशा छा रहा था और में मज़े लेता रहा. फिर कुछ देर बाद मौसी की चूत से ढेर सा जूस निकला और वो सीधा मेरे मुहं में घुस गया और उधर मेरे लंड से मेरा गरम गरम वीर्य लंड से बाहर निकलकर माँ के मुहं में भर गया, वो बाहर तक बह रहा था और वो उसको चाट रही थी और फिर वो दोनों ही बराबर नंबर पर थी.

    इस तरह यह खेल खत्म हुआ और में पेशाब करने जाने लगा तो माँ अपना मुहं खोलकर मेरे सामने नीचे बैठ गयी और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हे कहीं और जाने की कोई जरूरत नहीं है, तुम यहीं पर मूत लो और मौसी भी उनके साथ थी. अब मैंने बारी बारी से उन दोनों को अपना पेशाब पिलाया और दोनों बड़े मज़े से मेरा पूरा पेशाब पी गई और फिर उसके बाद उन दोनों ने अपने पेशाब से मुझे नहला दिया.

  • चुदक्कड़ परिवार के सदस्य

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रदीप है और मैंने अपनी मम्मी और छोटी बहन को खूब चोदा था. उस समय मेरे पापा और मेरी बड़ी बहन घूमने गए थे. फिर पापा और मेरी बड़ी बहन शाम को वापस आ गये. अब में अपने कमरे में बैठकर ब्लू फिल्म देख रहा था और मेरी छोटी बहन अपनी फ्रेंड के घर गई हुई थी.

    मेरी बहन ने कमरे में आते ही अपनी पेंटी उठाई और बाथरूम में नहाने चली गई और नहाकर सिर्फ़ पेंटी पहनकर बाहर आई और मम्मी के कमरे में चली गई. अब पापा भी नहाकर नंगे ही बेड पर बैठे थे और मम्मी उनकी गोदी में बैठी थी. फिर में उठकर पापा के कमरे में गया तो मेरी बड़ी बहन मम्मी के बूब्स को चूस रही थी और पापा मम्मी की चूत को चाट रहे थे.

    फिर मेरी बहन ने पापा का लंड मम्मी की चूत पर लगाया और पापा, मम्मी को चोदने लगे. अब में और मेरी बहन सोफे पर बैठकर मम्मी पापा की ब्लू फिल्म देखने लगे थे. फिर मैंने बहन की चूत पर अपना एक हाथ रखा तो मेरी बहन ने मना कर दिया, उसको माहवारी आ रही थी.

    थोड़ी देर में मेरी छोटी बहन भी आ गई और पापा को नंगा देखकर अपने कपड़े उतारकर पापा से लिपट गई. फिर पापा और मैंने मेरी छोटी बहन को एक साथ चोदा. मेरा लंड पापा के लंड से थोड़ा छोटा था. फिर मेरी छोटी बहन झड़ने के बाद सोफे पर ही लेट गई और पापा और में भी वही लेट गये. फिर मम्मी ने टावल लेकर हमारा लंड और मेरी बहन की चूत साफ की.

    फिर मम्मी ने बताया कि हमारी मौसी और उनका परिवार हमारे घर रहने आ रहा है, तो हम सब खुश हो गये. मेरी मौसी विधवा है, उनकी उम्र 45 साल है, उनके एक बेटी और एक बेटा है, उनकी बेटी की उम्र 22 साल और बेटे की उम्र 20 साल की है. मेरी मौसी का नाम सीमा है और उनकी बेटी का नाम रजनी है और बेटे का नाम राजू है. मैंने पहली बार मौसी को मम्मी के कहने पर चोदा था, जब गर्मी की छुट्टियों में में और मम्मी मौसी के घर में रहने के लिए गये थे. उस समय मौसी के पति को गुजरे हुए कुछ समय ही हुआ था.

    उस समय रजनी की उम्र 20 साल की थी और राजू 18 साल का था. मौसी के घर का माहौल हमारे घर की तरह खुला हुआ नहीं था, लेकिन में रोज रात को चुदाई किए बिना नहीं सोता था. फिर मौसी के घर में मम्मी, मौसी के कमरे में और में राजू और रजनी के कमरे में शिफ्ट हो गया, लेकिन अब मुझको नींद नहीं आ रही थी तो में रात को पानी पीने के लिए किचन में गया, तो मौसी के कमरे से आवाज़े आ रही थी. फिर मैंने कमरे में देखा तो मौसी और मम्मी नंगे लेटे लेस्बियन सेक्स कर रहे थे, तो में वहीं खड़ा होकर देखने लगा.

    अब मम्मी मौसी की चूत चाट रही थी और मौसी अपनी चूची के निप्पल को खींच रही थी. फिर में भी अपनी अंडरवियर उतारकर मुठ मारने लगा और में मुठ मारते-मारते दरवाज़े से टकरा गया और दरवाज़ा अंदर की तरफ खुल गया, तो मम्मी और मौसी चौंक गई. फिर मम्मी ने उठकर मुझको बेड पर बैठाया और मेरे कपड़े उतारने लगी.

    में मौसी की बालों वाली चूत को देखने लगा, तो मम्मी ने मेरा एक हाथ पकड़कर मौसी की चूत पर रख दिया. उस रात मैंने मम्मी के कहने पर मौसी और मम्मी को 3 बार चोदा था. फिर ऐसे ही 1 साल तक में मौसी को चोदता रहा.

    अब मौसी जब भी घर पर आती तो पापा और में मिलकर मौसी को खूब चोदते थे. फिर एक दिन में किसी काम से मौसी के शहर गया और मौसी के घर पर एक हफ्ते के लिए रुका. अब मौसी बहुत खुश थी, क्योंकि मौसी 7 दिनों तक मेरी पत्नी बनकर रहने वाली थी. अब रात को जब में मौसी को चोद रहा था तो रजनी ने मुझको और मौसी को देख लिया और चुपचाप अपने कमरे में चली गई.

    अब मुझको और मौसी को डर था कि कहीं रजनी शोर ना मचा दे, तो मौसी ने मम्मी को फोन किया और फिर उठकर रजनी के कमरे में चली गई और 1 घंटे के बाद मौसी रजनी को लेकर कमरे में आई और कमरे में आते ही मौसी ने अपनी नाइटी उतार दी और रजनी के सारे कपड़े भी उतार दिए और मुझसे चिपक गये.

    फिर उस रात मैंने रजनी की सील तोड़ी और मौसी ने रजनी की चूत चाटी और रजनी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूस रही थी. फिर मौसी ने मेरे लंड को पकड़कर रजनी की चूत पर लगाया और इस तरह मैंने सारी रात रजनी और मौसी को चोदा. फिर एक दिन में, मम्मी, रजनी और मौसी सेक्स कर रहे थे, तो तभी राजू घर वापस आ गया. फिर मम्मी ने राजू को समझाकर हमारे ग्रूप में जॉइन करवा लिया और अब हम सब मिलकर सेक्स का मजा लेते है.

    अब मौसी के घर में भी हम सब नंगे ही रहते और जब दिल करता सेक्स कर लेते और फिर इस तरह से मौसी और उनका परिवार हमारे परिवार में शामिल हो गया. फिर मौसी अगले दिन शाम को आ गई, तो हमने सोने के लिए लॉबी में फ्लोर पर ही बिस्तर लगा लिया और खाना खाने के बाद हम सब लॉबी में आकर लेट गये. अब मेरी दोनों बहनों ने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी और मम्मी ने सिर्फ़ पेंटी और पापा और मैंने सिर्फ़ अंडरवियर पहन रखा था. तभी मौसी और उनकी बेटी और बेटा लॉबी में आए, तो में चौंक गया, वो सभी नंगे थे.

    फिर मौसी आकर मम्मी और पापा के साथ लेट गई और उनकी बेटी मेरे साथ और उनका बेटा मेरी दोनों बहनों के बीच में लेट गया. अब मौसी पापा का अंडरवेयर उतारने लगी थी और फिर अंडरवेयर उतरने के बाद उन्होंने पापा का लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी, तो पापा ने भी मम्मी की पेंटी खींचकर उतार दी और मम्मी की चूत को चाटने लगे. अब राजू भी मेरी दोनों बहनों को नंगा करके उनको चूमने लगा था. अब में रजनी की चूत को अपने एक हाथ से सहला रहा था और उसकी चूचीयों को चूस रहा था.

    अब रजनी मेरे लंड को चूस रही थी. अब पापा मौसी की चुदाई कर रहे थे और राजू लेटा हुआ था और मेरी छोटी बहन राजू के मुँह के ऊपर बैठी थी और वो उसकी चूत चाट रहा था और मेरी बड़ी बहन राजू के लंड को अपनी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी और में रजनी की चुदाई कर रहा था. फिर में, पापा और राजू एक साथ झड़ गये. अब पहले दौर के बाद हमने अपने-अपने पार्ट्नर बदल लिए थे और फिर सारी रात एक दूसरे की चुदाई करते रहे और फिर एक दूसरे से चिपककर सो गये.

    सुबह जब में उठा तो पापा मौसी की चूत में अपना लंड डालकर सो रहे थे और राजू मेरी मम्मी की चूत में अपना लंड डालकर सो रहा था. फिर में रजनी की चूत से अपना लंड बाहर निकालकर बाथरूम में गया तो थोड़ी देर के बाद मम्मी और मौसी भी उठकर बाथरूम में आ गई और फिर हम तीनों एक साथ नहाने लगे और मैंने नहाते समय मौसी और मम्मी की चूत मारी. फिर मम्मी और मौसी किचन में चली गई और में अपने बेडरूम में आ गया.

    अब दूसरे बाथरूम में मेरी बहनें, रजनी, राजू और पापा एक साथ नहा रहे थे और नहाने के बाद वो नंगे ही घर में घूमने लगे. फिर हमने नाश्ता किया और पापा तैयार होकर ऑफिस चले गये और मेरी दोनों बहनें रजनी को अपने साथ लेकर कॉलेज चली गई. अब राजू भी उनके साथ घूमने चला गया था. अब मैंने आज छुट्टी ले ली थी तो उनके जाने के बाद मौसी मेरे कमरे में आई और मेरे लंड से खेलने लगी.

    अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. फिर मम्मी अपना काम ख़त्म करके कमरे में आ गई और मौसी की चूची से खेलने लगी. फिर मैंने तेल की बोतल लेकर मम्मी और मौसी के बदन की मालिश की और उनकी चूत के बाल भी साफ कर दिए और फिर उन दोनों को बाथरूम में खूब चोदा और शाम तक मैंने मम्मी और मौसी को 3 बार चोदा और फिर इस तरह से मौसी जितने दिन घर में रही, हम सबने खूब चुदाई की.

    फिर मौसी को छोड़ने के लिए पापा ने मुझको मौसी के घर भेज दिया, तो में, मौसी और उनकी बेटी और बेटा एक साथ उनके घर पर आ गये. फिर घर आने के बाद रजनी और राजू अपने कमरे में फ्रेश होने के लिए चले गये और में मौसी के कमरे में आ गया. अब मौसी बाथरूम में नहा रही थी, तो में भी अपने कपड़े उतारकर मौसी के साथ नहाने लगा.

    नहाते समय मौसी ने मेरे लंड पर और छाती पर साबुन लगाया, तो मैंने भी मौसी की चूत और गांड पर रगड़-रगड़कर साबुन लगाया. फिर नहाने के बाद मौसी नंगी ही किचन में चाय बनाने चली गई और में रजनी और राजू के कमरे में चल पड़ा.

    मैंने कमरे के बाहर से देखा कि वो दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे को देखकर अपने-अपने अंगो को सहला रहे थे और रजनी बेड पर लेटकर अपनी टाँगे फैलाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी और राजू सामने सोफे पर बैठकर अपना लंड हिला रहा था. अब मौसी चाय लेकर मेरे पीछे खड़ी थी और वो यह सब देखकर हँसने लगी और मुझको अपने साथ लेकर बेडरूम में आ गई.

    फिर उनको देखकर रजनी और राजू अपनी माँ के पास आकर बैठ गये और चाय पीने लगे. फिर मेरे पूछने पर मौसी ने बताया कि हम घर के अंदर तीनों नंगे ही रहते है, रजनी की चूची जब मैंने उसे पहली बार चोदा था उससे काफ़ी बड़ी हो गई थी और राजू का लंड भी लंबा और मोटा हो गया था. फिर इतने में घर की डोर बेल बजी, तो रजनी उठकर नाइटी पहनकर दरवाज़ा खोलने चली गई.

    अब बाहर रजनी की फ्रेंड नेहा आई थी, तो रजनी उसे लेकर बेडरूम में ले आई, जहाँ हम सब बैठे थे. तो में घबरा गया, क्योंकि हमने कुछ भी नहीं पहना हुआ था. फिर बेडरूम में आते ही वो राजू के साथ चिपककर बैठ गई और राजू उसकी चूचीयों को कपड़े के ऊपर से ही दबाने लगा. फिर उसके जाने के बाद मौसी ने बताया कि वो हम सबको अपनी बर्थ-डे पार्टी के लिए बुलाने आई थी और फिर मौसी ने बताया कि वो राजू की होने वाली वाईफ है.

    फिर अगले दिन रात को हम उनके घर जाने के लिए तैयार होने लगे. मौसी और रजनी काफ़ी सेक्सी लग रही थी, उन्होंने काफ़ी कम कपड़े पहने हुए थे, तो मेरे पूछने पर वो हँसने लगी. फिर जब हम उनके घर पहुँचे, तो उनका घर काफ़ी बड़ा था. फिर दरवाजे की बेल बजाने पर नेहा की मम्मी और पापा आए, उन्होंने कुछ भी नहीं पहना था.

    दरवाज़ा बंद करने के बाद नेहा की मम्मी ने राजू और मेरे कपड़े उतार दिए और उसके पापा ने रजनी और मौसी को नंगा कर दिया. फिर वो मौसी और रजनी की गांड पर अपना हाथ रखकर ऊपर हॉल में चले गये और में और राजू नेहा की मम्मी के साथ हॉल में आ गये. अब वहाँ पर सभी लोग नंगे बैठकर एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे और नेहा पूरी नंगी होकर सोफे पर लेटी हुई थी और लंड को चूस रही थी और एक आदमी उसकी चूत को चाट रहा था.

    वो हमें देखकर हमारे पास आई और हमें लेकर एक कोने में चली गई. अब नेहा के पापा एक कोने में किसी को चोद रहे थे. फिर उनके झड़ने के बाद वो हमारे पास आए और रजनी और मौसी को लेकर कमरे में चले गये और नेहा राजू को लेकर दूसरे कमरे में चली गई. अब में अकेला बैठकर उन सबकी चुदाई देखने लगा था, अब मेरा लंड खड़ा हो गया था.

    फिर नेहा की मम्मी मेरे पास आई और मेरा लंड चूसने लगी. फिर उस पूरी रात मैंने बहुत सारी लड़कियों और औरतों की चूत मारी, उस रात मुझे बहुत मज़ा आया था. फिर सुबह जब में उठा तो नेहा की मम्मी मुझसे चिपककर सो रही थी और सभी मेहमान नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर सो रहे थे.

    में उठकर कमरे में गया तो मैंने देखा कि मौसी और रजनी नेहा के पापा से चिपककर सो रही थी और राजू नेहा के साथ सो रहा था. फिर में बाथरूम होकर नेहा की मम्मी के साथ उनकी चूत में अपना लंड डालकर लेट गया और धीरे-धीरे अपनी कमर चलाने लगा और 1 घंटे बाद मैंने अपना पूरा वीर्य नेहा की मम्मी की चूत में ही डाल दिया. फिर सुबह सारे लोग अपने-अपने घर चले गये.

    अब सबके जाने के बाद नेहा, रजनी की चूत को सहला रही थी और राजू नेहा की मम्मी की चूत को चाट रहा था और नेहा के पापा मौसी की चूत में अपना लंड डालकर धक्के मार रहे थे. फिर इतने में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने नेहा की दोनों टाँगे खोलकर उसकी चूत पर अपना लंड रखकर उसे चोदने लगा. फिर नेहा की मम्मी के झड़ने के बाद उसकी मम्मी मौसी की चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी. फिर हम सब एक साथ झड़े गये, मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया था. नेहा अपने माँ बाप की अकेली संतान है. फिर हम सब अपने घर आ गये और अब सारी रात चुदाई करने के कारण हम काफ़ी थक गये थे.

    बेडरूम में आते ही हम अपने-अपने कपड़े उतारकर पलंग पर लेट गये और लेटते ही सो गये. फिर रात को जब में उठा तो मौसी किचन में खाना बना रही थी और राजू और रजनी नंगे ही सो रही थे. फिर में उठकर किचन में चला गया और मौसी से पीछे से चिपक गया और मौसी को किचन की पट्टी पर बैठाकर उनकी दोनों टांगो को खोलकर उनकी चूत को चाटने लगा और उनकी चूत काफ़ी सूज़ी हुई थी.

    अब मैंने मौसी की चूत को चाटकर ही उनको झाड़ दिया था. अब मौसी मेरे लंड को चूसने लगी थी, लेकिन रात की चुदाई के कारण अब मेरा लंड झड़ नहीं रहा था.

    फिर में कमरे में आकर रजनी की चूत में अपना लंड डालकर सो गया. फिर 1 घंटे के बाद मौसी ने हम सबको जगाया, तो हम सब खाना खाने के बाद टी.वी पर ब्लू फिल्म देखने लगे. अब राजू अपनी मम्मी की गोदी में बैठकर उनकी चूचीयों को चूस रहा था. फिर मैंने भी रजनी को अपनी गोद में खींच लिया और अब वो मेरा लंड चूसने लगी थी, तो में भी लेटकर मौसी की चूत को चाटने लगा.

    30 मिनट के बाद राजू मौसी को चोदने लगा और में रजनी को चोदने लगा और चोदने के बाद थककर लॉबी में ही सो गये. फिर सुबह जब में उठा तो रजनी और राजू कॉलेज चले गये थे और में उठकर बाथरूम में गया और मौसी के बेडरूम में चला गया.

    मौसी ने मुझे उठाकर नाश्ता दिया और फिर एक साथ नाश्ता करने के बाद मैंने मौसी के बदन की मालिश की और मौसी के बूब्स को अच्छी से तरह मसला और उनकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर खूब चोदा और उनकी गांड की मालिश की. अब तो हमारे परिवार में जो भी जब चाहे किसी को भी चोद लेता है.

  • माँ की बहन को चोद डाला

    हैल्लो दोस्तों, ये स्टोरी तब की है जब में सिर्फ़ 18 साल का था और मेरे घर में बहुत बड़ा प्रोग्राम था और उस प्रोग्राम में सभी आए हुए थे. मेरी मौसी दिखने में बहुत सेक्सी है, उनका नाम कविता है, वो सभी औरतों की तरह साड़ी पहनती है और उनका साड़ी पहनने का तरीका दिखने में सबसे जुदा होता है. वो अपनी साड़ी को अपनी मोटी कमर के नीचे पहनती है, वो बहुत ज़्यादा भी मोटी नहीं है, लेकिन साड़ी में उनका सभी मोटापा छुप जाता है, क्योंकि लोगों की नजर उनके बूब्स पर रहती है, उनकी नाभि भी बहुत नाज़ुक है और उसे देखोगे तो उसे चाटने का मन करेगा, वो पेशे से वकील है और उनकी शादी हो चुकी है, उनके 3 बेटे है, लेकिन फिर भी उनकी जवानी में कमी नहीं है, उनके बूब्स तो जैसे एक-एक तरबूज हो ऐसे है, उन्हें मेरा अपने मुँह में लेकर चूसने का मन करता है और वो साड़ी के ब्लाउज बहुत टाईट पहनती है, जिससे उनके बूब्स और भी तने हुए लगते है.

    अब वो प्रोग्राम में स्लीवलेस ब्लाउज पहनकर आई हुई थी और उनकी साड़ी हमेशा की तरह उनकी नाभि के नीचे थी. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि वहीं सबके सामने उन्हें चोद डालूँ. फिर में उनके पास गया और उनसे बातें करने लगा.

    वो बोली कि अरे कितना बड़ा हो गया है? बहुत ही अच्छा लग रहा है. तो में मन ही मन में शरमाया और कहा कि मौसी क्या आप कल घर पर है? में आपके यहाँ आना चाहता हूँ. फिर तभी मौसी बोली कि कभी भी आजा और अभी में जब घर जाऊंगी तभी चलना. फिर में राज़ी हो गया और वहीं सोने का प्लान भी बना लिया.

    अब प्रोग्राम ख़त्म हो चुका था और अब में और मौसी मेरी स्कूटी पर देर रात को 1 बजे सड़क से जा रहे थे. अब में जब-जब ब्रेक दबा रहा था, तो तब-तब मौसी के बूब्स मेरी पीठ पर लग रहे थे. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब में जानबूझकर ज़ोर-जोर से ब्रेक दबाने लगा था. अब मौसी को धीरे-धीरे सब समझ में आ रहा था. फिर मौसी ने अचानक से अपना एक हाथ मेरी कमर पर रख दिया, तो तभी मेरे शरीर में अजीब सा करंट दौड़ा. अब में मौसी को चोदने के लिए और भी पागल हुए जा था.

    अब हम घर पहुँच चुके थे, अब हमने खाना तो खा लिया था और अब हमें सिर्फ़ सोने जाना था. अब किस्मत से मौसा जी घर से बाहर ट्रिप पर गये हुए थे और बच्चे भी सो चुके थे. फिर मौसी चेंज करके आ गई, उन्होंने एक नाइटी पहनी थी, जो जामुनी कलर की थी.

    मौसी उसमें बहुत सुंदर लग रही थी. मौसी ने गलती से अपनी नाइटी के ऊपर के बटन खुले छोड़ दिए थे फिर मैंने मौसी से कहा कि मौसी आपके स्तनों के ऊपर के दो बटन खुले है, जो कि मुझे अंदर का सभी नज़ारा बता रहे थे. मौसी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और ऐसा लगता था कि जानबूझकर नहीं पहनी थी. अब मौसी को ऐसा बोलते वक़्त मुझे शर्म भी नहीं आई थी.

    फिर मौसी ने मेरी तरफ देखकर एक सेक्सी सी स्माइल दी. फिर मौसी ने मुझसे कहा कि तुम भी अब लुंगी पहन लो और मौसी ने तुरंत मुझे मौसा जी की लुंगी लाकर दी. अब मेरा लंड खड़ा ही था, तो मौसी ने उसकी तरफ देखा और अपनी आँखे दूसरी तरफ फैर ली. फिर मैंने अपना एक हाथ अंदर डालकर उसे सुला दिया तो मैंने फिर से देखा तो वो फिर से खड़ा दिख रहा था. फिर तभी मौसी बोली कि अरे ये क्या बार-बार अंदर हाथ डाल रहे हो?

    मैंने कहा कि कुछ नहीं खुजली हो रही है. फिर मौसी तुरंत मेरे पास आकर बोली कि बताओ में देखती हूँ और फिर मौसी ने एक झटके में मेरी लुंगी निकाल दी. अब मेरा लंड अंडरवियर के नीचे से और बड़ा दिख रहा था और आस पास के बाल भी दिख रहे थे. फिर मौसी बोली अरे तेरे वहाँ पर बाल भी उग आए, तो में बोला कि हाँ और लंड भी बड़ा हो गया है. फिर मौसी बोली कि अच्छा तो तू समझ गया कि में तुझे यहाँ क्यों लेकर आई हूँ? अब पता चल ही गया है तो डर क्यों कर रहा है? चल चोद डाल अपनी माँ की बहन को, जो तुझे बचपन में अपनी गोद में खिला चुकी है और तब से तेरा बड़े होने का इंतज़ार कर रही है.

    अब मौसी मेरे करीब थी और मुझे चूमने लगी थी. अब मौसी ने मुझे चूम-चूमकर पूरा गीला कर दिया था. अब में भी बहुत मज़ा ले रहा था. अब मौसी मेरे लंड को अपने हाथों से मसल रही थी. अब में पूरा नंगा हो चुका था, लेकिन मौसी अभी तक कपड़ो में ही थी.

    फिर मैंने मौसी से कहा कि चलो अब में तुम्हारे कपड़े उतारूँगा. फिर मौसी हँसते हुए बोली कि उतार दे, चोद डाल मुझे, मेरे बूब्स को मसलकर उन्हें अपने मुँह में लेकर पी जा, मेरा सारा दूध. फिर में मौसी की नाइटी पीछे से धीरे-धीरे उतारने लगा. अब मौसी की आँखें हवस से भरी हुई थी.

    अब मैंने मौसी के पूरे कपड़े उतार दिए थे और उनके बूब्स को चूसने लगा था और उसमें से आता थोड़ा-थोड़ा दूध भी पीने लगा था. अब में बहुत पागल हो चुका था. अब में मौसी के बूब्स को एक तरबूज की तरह काट और चूस रहा था. अब मौसी भी हवस से पूरी लथपथ थी.

    फिर मैंने मौसी के मुँह में अपना लंड दे दिया, तो वो पहले तो हिचकिचाने लगी, क्योंकि उन्होंने शायद पहले अपने मुँह में नहीं लिया था इसलिए. फिर मैंने मौसी से कहा कि एक बार लेकर देखो बहुत मज़ा आएगा. फिर मौसी मेरे लंड को अपने मुँह में लेने लगी और केले की तरह चूसने लगी थी. अब में नाहह, हुउऊउउ करने लगा था.

    अब मौसी के मुँह में मेरा सारा पानी भरने लगा था और वो उसे मज़े से पीने लगी थी. फिर मैंने मौसी को रुकाया और अब अपने लंड को उनके चूतड़ में घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से डालने लगा. अब मौसी आआहह करने लगी थी. अब में मौसी को चोदते-चोदते उनके बूब्स का दूध भी पी रहा था.

    फिर 10 मिनट के बाद मैंने अपना वीर्य मौसी की चूत में ही छोड़ दिया और फिर हम दोनों वैसे ही अपने बिस्तर पर सो गये. फिर जब हम सुबह उठे तो मौसा जी सामने बैठकर जूस पी रहे थे, तो मैंने चौंककर मौसी की तरफ देखा, तो वो काफ़ी सामान्य लग रही थी.

  • मौसी की गांड मारी

    gaand chudai हेलो फ्रेंड, माय नाम इस राजवंत एंड आई ऍम फ्रॉम पंजाब माय ऐज इज २४ इयर, हाइट इज ५ फिट ९ इंच. रंग गोरा है और एथलेटिक बॉडी और लंड का साइज़ ६.५ इंच है. ये कहानी मेरी और मेरी मासी की है.मेरी मासी की उम्र ३६ साल है, हाइट ५.३ इंच और रंग गोरा है. टिपिकल पंजाबी बॉडी है. बड़े बूब्स और बाहर निकली हुई गांड. हमेशा पंजाबी सूट पहनती है. मेरा मौसा दुबई में रहते है. मेरी मासी का नाम राज है और उनके दो बेटे है और एक बेटी है.
    बात उन दिनों की है, जब एक बार मासी ने मुझे अपने यहाँ बुलाया. क्योंकि उनके बच्चे छोटे है और उनके घर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. मैं घर की कंस्ट्रक्शन के काम पर नज़र रखता था और उनको रॉ मटेरियल लाकर देता था. गर्मियों ने दिन थे. मेरी मासी के बच्चे अपने नाना के घर चले गये. पर काम की वजह से मैं और मासी नहीं जा पाए. एकदिन, बहुत तेज बारिश आ गयी और कंस्ट्रक्शन का काम छोड़कर मजदुर अपने- अपने घर चले गये. मैं जानवरों को चारा डाला और जानवरों को अन्दर बांध दिया. मेरी मासी का घर गाँव से बाहर खेतो में है, जहाँ कोई ज्यादा आता- जाता नहीं था. बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी. बारिश की वजह से सब कुछ भीग गया था. मासी ने आंगन में रस्सी पर सुख रहे कपड़ो को उतारा, तो उनका सूट भीग गया और उन्होंने गर्मी के कारण बहुत पतला सूट पहना था. उनके भीगे सूट से उनका पूरा जिस्म चिपक रहा था. मैंने नोटिस किया, कि उन्होंने काली ब्रा पहनी थी और पेंटी नहीं पहनी हुई थी.

    अचानक उनका ध्यान मेरी तरफ गया और उन्होंने एक हलकी सी स्माइल दी. शायद वो समझ गयी थी, कि मैं क्या ध्यान से देख रहा हु. ख़ैर, हम अन्दर आ गये और कपड़े चेंज किये. मैंने टीशर्ट और निकर पहन ली और मासी ने दूसरा सूट. मासी ने चाय बना दी. बारिश कुछ कम हुई पर लगातार जारी थी. कुछ देर बाद, हमारी लाइट भी चली गयी. मणि ने खाने के बारे में पूछा, तो मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है. ख़ैर रात को बारिश रुक गयी, पर लाइट नहीं आई. तो मैंने मासी से कहा, कि मैं छत पर जा रहा हुसोने के लिए. बाहर ठंडी हवा चल रही थी. तो मासी ने कहा, कि वो भी साथ ही चल रही है. हमने नीचे का डोर लॉक किया और कुत्ते को खुल्ला छोड़ दिया और खुद छत पर चले गये. मैंने अपना बिस्तर चारपाई पर लगाया और मासी मेरे साथ ही लेट गयी. उनका फेस मेरी तरफ था. हम बातें करने लगे. सब तरफ अँधेरा था, बातो- बातो में, मासी ने मुझसे पूछा कि तब क्या देख रहे थे. तो मैंने बोला – कब? तो मासी ने कहा, कि भोला मत बन.तुझे सब पता है. तो मैंने कह दिया कि आप गीले कपड़ो में बहुत अच्छी लग रही थी और सेक्सी भी. मासी हँसने लगी और मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा. मैंने कहा, कि हाँ है. तो उन्होंने पंजाबी में पूछा, कि मैंने उसकी ली है कि नहीं? तो मैं चौक गया. पर कह दिया – “नहीं”. तो मासी बोली, तो फिर गर्लफ्रेंड रखने का क्या फायदा.
    मैंने मासी से पूछा, की मौसा यहाँ नहीं रहते, तो आप क्या करती है. उन्होंने कहा, कि किसी को बताना मत. उसने कहा – कि वो गाजर- मुली या किसी और से काम चला लेती है. पर नहीं चुद्वाती है. तो मैंने पूछा – क्यों? वो बोली – उसकी एक बेटी है और अगर किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी. उस पर असर पड़ेगा. इन बातो से मेरा लंड खड़ा हो चूका था, मैंने मासी का हाथ पकड़ा तो उसने कुछ नहीं कहा. मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने मासी का हाथ अपने लंड पर रख दिया. मासी ने फोरन मेरा लंड पकड़ा और मैं उन्हें लिप किस करने लगा. ३-४ मिनट किस के बाद, मैंने मासी की कमीज़ उतार दी और सलवार का नाडा खोलकर उसे भी उतार दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया. मैंने अपनी मासी का पूरा शरीर चूमना स्टार्ट कर दिया. सर से लेकर पेरो तक.
    फिर मैंने मासी को ६९ पोजीशन में लेकर उसकी चूत चाटनी शुरू की और उसने मेरा लंड अपने मुह में लेकर चुसना शुरू कर दिया. मेरी जीभ ने असर दिखाया और मासी की चूत ने पानी छोड़ दिया. ख़ैर, मैं सारा नमकीन पानी पी गया और मासी मेरा लंड चूस रही थी. फिर, मैंने मासी को उठाकर चारपाई पर लिटाया और उनकी टांगो के बीच में बैठ गया. और अपना लंड उनकी चूत के साथ सटा दिया. फिर, मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा आधा लंड उनकी चूत में चले गया. उनके मुह से हलकी सी चीख निकली.
    फिर मैंने दो- तीन धक्के और लगाये. तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में उतर गया. मैं रुक कर उनके बूब्स चूसने लगा और फिर धक्के मारने शुरू किये. अब मासी भी मेरा साथ दे रही थी. अचानक मासी की आवाज़ निकलने लगी और उसने अपनी दोनों टाँगे हवा में उठा ली. और अपनी गांड उठा- उठा कर ४-५ जोरदार झटके मारे और पानी छोड़ दिया. उन्हें देखकर मुझे भी जोश आ गया और मैंने स्पीड बड़ा दी. २-३ मिनट बाद, मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया. फिर, मैं मासी के ऊपर से उतर गया.
    फिर मासी ने मेरा लंड अपने मुह में लिया और चूसने लगी. देखते ही देखते, मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया. मैंने मासी को अपने बॉल लिक्क करने को कहा. तो उसने वैसे ही किया. वो बारी- बारी मेरा एक बॉल मुह में लेकर चूसती. कुछ देर बाद, वो मेरे ऊपर आ गयी और अपनी चूत के साथ मेरा लंड लगा कर उसपर बैठ गयी. उनकी चूत मेरा लंड पूरा निगल गयी और वो मेरे लंड पर उठ- बैठ रही थी. वो मेरा लंड तक़रीबन सारा बाहर निकालती और फिर पुरे जोर से अपनी गांड नीचे लाती. मैं तो जैसे स्वर्ग में था. एक बार बीच में रूककर उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर टाइट किया और मेरे निप्पल मुह में लेकर चूसने लगी, तो मुझे बहुत मज़ा आया. कुछ देर बाद, वो थक गयी और मैंने उन्हें नीचे उतार लिया और छत पर दिवार के सहारे लगाकर घोड़ी बनाया और लंड उनकी चूत में डालकर झटके मारने लगा. कुछ देर बाद, वो झड़ने वाली थी, तो उसने अपनी गांड मेरे लंड पर जोर से आगे- पीछे करनी शुरू कर दी और कुछ देर बाद, उसने और मैंने एक साथ पानी छोड़ दियां.
    फिर, छत पर हमने खड़े होकर देखा. तो हर तरफ अँधेरा था. मैं उसके पीछे आ गया और खड़ा हो गया. और लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगा. वो भी अपनी गांड पीछे करके मेरे लंड पर दवाब डाल रही थी. फिर, वो मेरी तरफ फेस करके नीचे बैठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर मुह में लेकर चूसने लगी. जब लंड थोडा खड़ा हुआ, तो मैंने उसकी माउथ फकिंग शुरू कर दी. उसके हाथ मेरे चुतड पर थे और ५-६ मिनट के बाद, मैंने उससे कहा – मेरा पानी निकलने वाला है. मैंने लंड बाहर निकालने की कोशिश की, पर उसने लंड बाहर नहीं निकाला और जब मेरे लंड पानी छोड़ा. तो वो सारा पानी पी गयी और मेरा लंड भी चाट कर साफ़ कर दिया.
    हम चारपाई पर बैठ कर बात करने लगे. मैं उसके थाई को सहला रहा था. वो बोली – क्या अभी दिल नहीं भरा? मैंने कहा, कि कैसे भरेगा. तुम्हारा अभी एक होल तो अनटच है, तो वो हंस पड़ी. वो बोली – उसे भी फाड़ डाल. मैंने कब मना किया है. उसने मेरे लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी. मैं उसके बूब्स दबाने लगा. फिर, उसने मेरे लंड को मुह में लेकर चुसना शुरू किया और देखते ही देखते, मेरा लंड तन गया. मैंने उसे चारपाई पर पेट के बल लिटाया और उसके पेट के नीचे तकिया लगा दिया. जिससे उसकी गांड काफी ऊपर को उठ गयी. उसने अपनी टांगो को फैला लिया. यारो क्या नज़ारा था! मैं उसकी टांगो के बीच में बैठ गया और उसकी चूत के पानी से अपनी एक ऊँगली को गीला करके उसकी गांड में डाल दी. उसे दर्द हुआ, पर मैं नहीं रुका और ऊँगली अन्दर- बाहर करने लगा. फिर, मैंने दो उंगलिया डाल दी और फिर तीन. फिर, जब मुझे लगा कि अब उसकी गांड तैयार है, तो मैं उठा और उसके मुह के पास लंड लेजाकर उसके मुह में डाल दिया. मैंने उसे अपना लंड गीला करने को कहा. उसने अपने थूक से मेरा लंड पूरा गीला कर दिया. मैंने वापिस उसकी गांड के पास आकर बैठा और उसकी गांड पर लंड रखकर झटका मारा. लंड सिर्फ १.५ इंच तक अन्दर गया. उसकी चीख निकल गयी.
    अब मुझे भी दर्द हुआ. मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा और फिर ३-४ धक्के और कस- कसकर मारे, तो मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया. उसकी चीख निकल गयी. पर उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था. ख़ैर, जब वो कुछ नार्मल हुई. तो वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं झटके मार रहा था. पर इस बार मेरा पानी जल्दी नहीं निकलने वाला था. मैं कुछ देर बीच में रुका, तो उसने मुझे बताया, कि मेरी दूसरी दूसरी मासी की चूत भी चाहिए. उसका नाम सुखी था. तो मैंने कहा – वो कैसे मिलेगी? वो तो बहुत शरीफ है. मासी बोली, जितनी बड़ी गश्ती वो है, और कोई भी नहीं. उसने कहा, कि मैं तुझे उसकी चूत दिलवा दूंगी. मैं खुश हो गया और जोश में आकर जोर – जोर से धक्के मारने लगा. चारपाई भी अलग- अलग तरह की आवाज़े निकाल रही थी. और मौसी भी… मासी कहने लगी पंजाबी में… “मार, मेरी गांड मार… फाड़ दे. मेरा पानी निकल गया. हाई मम्मी… मर गयी… मासी की बातो से मुझे जोश आ गया और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और कुछ जोरदार धक्को के बाद, मासी की गांड में मैंने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होकर उसकी पीठ पर लेट गया.