Month: January 2021

  • देवर और उसके दोस्तों के साथ

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मधु है और में शादीशुदा हूँ और मेरी शादी तीन साल पहले राजीव के साथ हुई थी, हमारी शादीशुदा लाईफ ठीक ठाक चल रही थी. दोस्तों आज में आप सभी को अपने साथ हुई सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ और मैंने बहुत हिम्मत करके इस कहानी को आप सभी के लिए लिखा है.

    दोस्तों वैसे यह आज से दो साल पहले की बात है. मेरे पति कुछ ज्यादा गुस्से वाले है और वो सेक्स के दौरान कभी कुछ नहीं बोलते और ना ही प्यार जताते है, लेकिन फिर भी हमारी सेक्स लाईफ बहुत अच्छी है. परिवार में हम दोनों के अलावा मेरी सास और देवर रहते है और हमारी एक मध्यमवर्गीय फेमिली है, लेकिन जो भी दो साल पहले हुआ वो आम बात होगी, यह मुझे बिल्कुल भी नहीं लगता.

    दोस्तों यह बात मेरे देवर से जुड़ी हुई है. उसका नाम अनुज है और वो किसी अच्छे से कॉलेज में इंजिनियरिंग की पढ़ाई करता है, तो दोस्तों दो साल पहले मेरे कुछ कॉलेज फ्रेंड्स मुझसे मिलने को घर पर आए, मेरे पति को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी और सच बात बताऊँ तो मेरा कॉलेज में एक बॉयफ्रेंड तो था, लेकिन मेरी कभी भी उनके साथ सेक्स करने की हिम्मत नहीं हुई और उस दिन दोपहर में मेरी कॉलेज की दोस्त रेणु आई हुई थी.

    फिर उसने कुछ पुराने कॉलेज के टाईम के फोटो भी मुझे दिए, जो उसके पास थे. मेरे पति उस दिन घर पर नहीं थे और मेरी दोस्त ने मेरी कुछ किताबें और वो फोटो मुझे दिए. फिर मैंने उसे टेबल पर रख दिया और हम दोनों हमारी ही बातों में लगे रहे, शाम को मैंने देखा कि अनुज वो किताब और फोटो देख रहा था और मुझे उसमे ऐसी कोई भी गम्भीर बात नहीं लगी, लेकिन उसने मुझे बुलाया और पूछा कि भाभी यह कौन है?

    मैंने फोटो देखा तो मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, क्योंकि वो मेरा बॉयफ्रेंड था और भले ही मैंने कभी उसके साथ सेक्स नहीं किया हो, लेकिन छेड़छाड़ तो हर रोज होनी ही थी और वो फोटो भी कैसा जिसमे वो मेरे गालों को चूमता है और में उस फोटो को देखकर मन ही मन सोचने लगी कि हे भगवान मैंने इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया, तो अनुज ने फिर से पूछा कि हैल्लो भाभी कहाँ खो गयी? तो मैंने कहा कि यह तो मेरे कॉलेज का एक फ्रेंड है, लेकिन वो मेरी ख़ामोशी से मेरा डर जान गया था और वो अब तक समझ चुका था कि मेरे मन में क्या चल रहा है, मेरे चेहरे का रंग क्यों उड़ा हुआ है और मुझे इतना पसीना क्यों आ रहा है?

    फिर अनुज ने पूछा कि भाभी क्या यह आपका बॉयफ्रेंड था? तो मैंने भी थोड़ी हिम्मत करते हुए एकदम गुस्से से कहा कि तुम कितने बेशर्म हो, एसी बातें मुझसे करते हो? तो अनुज ने और भी बेफिक्र होकर कहा कि इसमे क्या है? क्या आप यह मानती है कि में यह बात मान लूँ कि शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? क्या भाभी आप भी अच्छा मज़ाक करती हो और आजकल तो 16 साल की लड़की भी वर्जिन मिलना बहुत मुश्किल है.

    मैंने उसे गुस्से से ज़ोर से एक थप्पड़ मार दिया और मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह सिर्फ़ मेरा दोस्त था और यह एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी के फोटो है तो वो भी बहुत गुस्से में था, लेकिन उसने कहा कि ठीक है अगर यह नॉर्मल पार्टी फोटो है तो में इसे भाई (यानी मेरे पति राजीव) को ही दे देता हूँ. फिर मैंने कहा कि मुझे दे दो, यह मेरी फ्रेंड्स ने मुझे दिए है, लेकिन अनुज ने उस फोटो को अपने पीछे करके बोला कि अगर कुछ नहीं है तो यह गुस्सा और नाटक कैसा? और तुम चाहो तो मुझे अब भी सच सच बता सकती हो.

    दोस्तों में अब बहुत बड़ी मुसीबत में थी, क्योंकि में अब उसे कुछ भी बताती हूँ तो भी में नहीं बच सकती और बताती हूँ तो भी में फंस जाऊँगी और वैसे अगर आम जन्मदिन फोटो होते तो मेरे पति यह कॉलेज टाईम के जन्मदिन पार्टी वाले फोटो देख भी लेते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन फोटो में जो मेरा बॉयफ्रेंड संदीप था, उसको मेरे पति बहुत अच्छी तरह से जानते है और हम कुछ महीने पहले मेरे पति के एक दोस्त की पार्टी में मिले थे और संदीप अब मेरे पति के ऑफिस के एक साथ में काम करने वाले दोस्त का दोस्त था और मैंने अपनी शान दिखाने के लिए मेरे पति से कहा था कि यह संदीप एक छटा हुआ बदमाश लड़का था और कोई भी लड़की उससे बात करने से डरती थी तो मेरे पति ने भी बताया था कि इन्ही बातो से परेशान होकर उनकी पत्नी (संदीप की वाईफ) भी तलाक का केस कर चुकी थी, तो अब इन सबके बाद अगर मेरे पति मेरा और संदीप का साथ यह फोटो देखते तो में उन्हे क्या जवाब देती और यह भी सही है कि अनुज को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मेरे पति को तो पता है और मैंने ही संदीप को एक बदमाश बताया था, में अब बहुत बुरी फंस चुकी थी.

    फिर मैंने अनुज से पूछा कि तुम चाहते क्या हो? तो अनुज ने हंसते हुए कहा कि मुझे तुम्हारे साथ मज़े करने है. फिर मैंने उसको फिर से एक और थप्पड़ मार दिया और कहा कि तुम बहुत बेशर्म हो और क्या तुम जानते हो कि में तुम्हारी भाभी हूँ, क्या तुम्हे इतनी तमीज़ भी नहीं है? तो अनुज अब बहुत गुस्से में था, उसका पूरा चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था और फिर उसने कहा कि देखो तुम मेरी भाभी हो, इसलिए मैंने यह थप्पड़ खा लिए और अब में इसे भाई को दे देता हूँ, अगर यह नॉर्मल फोटो है तो में भूल जाऊंगा कि मैंने तुमसे क्या माँगा और माफ़ कर दो और अब तो भाई को जो करना हो वो जाने, तो में अब लगभग रोने की हालत में थी.

    मैंने कहा कि प्लीज ऐसा मत करो तुम बहुत अच्छे हो प्लीज कुछ तो समझो, अब अनुज भी शांत हुआ, लेकिन उसने अपनी बात नहीं छोड़ी, उसने कहा कि में कहाँ आपसे जबरदस्ती कर रहा हूँ? और मैंने तो सिर्फ़ मज़े मस्ती करने की बात कही है और में कोई आपकी शादी नहीं तोड़ना चाहता और आखिर में हूँ तो तुम्हारा देवर ही ना? तो मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन यह बात उसने मुझसे बीच में रोककर बोला कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और सब कुछ अभी नहीं हम दो दिन बाद करेंगे.

    मेरे पति दूसरे दिन अपने ऑफिस के ट्रिप पर 15-20 दिनों के लिए बाहर जाने वाले थे और उस दिन मेरी सास भी घर पर नहीं थी और दो दिन बाद में बहुत अजीब सा महसूस कर रही थी, क्योंकि में जो काम करने की हिम्मत कॉलेज में नहीं कर पाई, आज उसी कॉलेज की एक फोटो ने मुझसे यह सब काम करने पर बहुत मजबूर किया था तो दो दिन बाद अनुज ने कहा कि भाभी तुम तैयार हो जाओ.

    मैंने पूछा कि कहाँ जाने के लिए?

    उसने कहा कि तो क्या आपको यह लगता है कि यहाँ घर पर यह सब करेंगे? आप भी चलो मेरे साथ और यह घर बार छोड़ो, अब हम बहुत मज़े मस्ती करेंगे और हम उसकी कार में उसके एक दोस्त के फार्म हाउस पर गये, मुझे लगा कि वहां पर सिर्फ हम दोनों ही थे, लेकिन जैसे ही दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि वहां पर उसके दो दोस्त नमित और आशीष भी थे और में उन्हे देखकर एकदम चकित रह गयी.

    मैंने अनुज को तुरंत साईड में बुलाकर पूछा कि क्या तुम पागल हो गये हो? तुमने सिर्फ हमारी बात की थी, क्यों अपने ही घर की इज़्ज़त बाहर उछालने पर तुले हुए हो? दोस्तों में सच में यह सब देखकर बहुत परेशान थी. फिर उसने कहा कि चिल्ला चिल्ला और ज़ोर से चिल्ला यह मेरे दोस्त है, भाई से कोई लेना देना नहीं और कोई कुछ नहीं कहेगा, क्योंकि उसकी खुद की बीवी, बहन और गर्लफ्रेंड को कई बार चोद चुका हूँ, तुम्हे इन सब बातों पर विश्वास करना होगा और अब यह झूठा प्यार व्यार का ड्रामा खत्म करो.

    फिर नमित आया और बोला कि अब इन बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो और बस मज़े मस्ती करो, मुझे पता है कि तुम्हे कुछ देर बाद मज़ा आने लगेगा. फिर वहीं पर उन सभी के सामने अनुज ने मुझे पीछे से एकदम से कसकर पकड़ लिया और वो मुझे स्मूच करने लगा, में कुछ बोलूं कुछ सोचूं उसके पहले ही यह सब होने लगा और उसने इतना कसकर पकड़ा था कि में उसका हाथ नहीं छुड़ा सकती थी, क्योंकि वो पूरे जोश में था. दोस्तों में अनुज के बारे में बताऊँ तो वो एक हेंडसम है और कई लड़कियों से उसके रिश्ते है (अब यह कोई बताने वाली बात तो रही नहीं थी) और डेली जिम में की वजह से वो बहुत फिट था और नमित भी हेंडसम लड़का है और आशीष भी.

    फिर स्मूच के दौरान ही मैंने आने वाले वक्त को समझ लिया और उसका कोई भी विरोध नहीं किया और अब नमित मेरे पीछे से मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरी छाती को दबाने लगा और आशीष ने अपनी शर्ट को निकाल दिया और अनुज के हाथों में से मुझे लेकर उसने स्मूच करना शुरू कर दिया. तो नमित और अनुज भी अपने अपने कपड़े उतारने लगे, अनुज ने मेरा टॉप थोड़ा ऊपर किया. दोस्तों मेरे बूब्स दिखने में और आकार में बहुत अच्छे गोल और बड़े बड़े है और में भी मन ही मन में जोश में थी.

    अनुज ने कहा कि ब्रा के ऊपर से ही यह एकदम मस्त सेक्सी दिख रहे है और फिर अंदर से कैसे होंगे. तो नमित भी बोला कि यह भाभी नहीं हॉट, सेक्सी बम है और अनुज ने कहा कि देख सेक्सी के निप्पल एकदम टाईट है. यह तो एकदम पूरी जोश से भरी हुई है. तो आशीष ने कहा कि देखो यह रसीले गुलाबी होंठ तो अंदर छुपी हुई चूत कितनी सेक्सी होगी? हम एक दूसरे के किस करने लगे, अनुज ने ही मेरी जीन्स को उतारा और पेंटी के ऊपर से चूत को हाथ लगाकर महसूस करने लगा, सूंघने लगा और एक ही झटके में उसने ही मेरी पेंटी भी उतार फेंकी और अब में बिल्कुल नंगी थी और मेरी एकदम चिकनी रसीली चूत उन सबके सामने लंड लेने को मचल रही थी और वो मेरी चूत को देखते ही रह गए.

    बाकी ने भी मुझे नंगा देखकर अपने कपड़े उतार दिए, लेकिन में सच में एकदम डर गयी, जब उन सबके लंड मेरे सामने एकदम तनकर खड़े हो गए और मेरे मुहं से निकल गया ओह नहीं यह तो कितने बड़े है? में यह सब कैसे कर सकती हूँ? दोस्तों आशीष का लंड लगभग 7 इंच का, नमित का भी उतना ही था और अनुज का 8 इंच लंबा था. दोस्तों अनुज का भाई और मेरा पति भी बहुत सेक्सी है, लेकिन यहाँ तो यह एक साथ तीन तीन. तो अनुज ने मेरा सर पकड़ा और उसने मेरे मुहं में उसका लंड एक धक्का दिया और घुसा दिया और वो बोला कि अब आज से तू मेरी भाभी नहीं रंडी मंधु है तुझे अब रंडियों की तरह चुदवाना है.

    नमित ने कहा कि आज से हम बहनचोद की जगह भाभीचोद बनेंगे. तो आशीष बोला कि साले में तो पहेल से ही मादरचोद हूँ और वो सभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. दोस्तों मैंने अपने पति के आलावा अब तक किसी और के साथ कुछ नहीं किया था, लेकिन आज पहली बार में ऐसा कर रही थी और मुझे नहीं पता था कि सेक्स में यह लोग इतनी गंदी गंदी और ऐसी ऐसी बातें भी करते है और में अनुज की इन सभी बातों से बहुत चकित थी, क्योंकि वो इतना कुछ बोल रहा था और जबकि उसका भाई तो एक शब्द भी नहीं बोलता.

    में अब अनुज और उसके दोस्तों के लंड को बारी बारी से चूस रही थी और उन सबके लंड एकदम तन गये थे और लगभग 20 मिनट तक चूसने करने के बाद अनुज ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. तो आशीष एकदम से मेरे बूब्स पर ही टूट पड़ा और अनुज ने मेरी चूत में धीरे धीरे उंगली डाली. उसने सबसे पहले एक और कुछ देर बाद में दो और सच में मेरी चूत भी बहुत भीग चुकी थी और फिर अनुज बोला कि क्यों मज़ा आ रहा है ना? नमित ने उसका लंड मेरे मुहं में डाल दिया और अब अनुज ने अपना तना हुआ लंड सीधा मेरी चूत में डाल दिया मुझे बहुत ज़ोर से धक्का लगा, जैसे किसी ने मेरी चूत में एक मोटा, गरम सरिया डाल दिया हो. में लंड के अंदर जाते ही एकदम दर्द से छटपटा उठी, मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी जांघो को पकड़ लिया.

    तभी नमित ने मेरे मुहं पर और ज़ोर से लंड को धक्का दिया ताकि उसका लंड उसका लंड अंदर रहे और मेरी चीख बाहर ना निकले. फिर अनुज तो और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और में सिसकियाँ ले रही थी उहहह्ह्ह अह्ह्ह सीईईईईइ दोस्तों सच में काश उसके भाई का लंड भी ऐसा ही होता, क्योंकि उसके लंड से मेरी चूत में दर्द, जलन होने के साथ साथ मेरी चूत में एक अजीब सा संतुष्टि का अहसास भी हो रहा था. उसके हर एक धक्के से मेरी चूत को जोश आ रहा था और मैंने भी नीचे से धक्के लगाए और अब बहुत देर तक चुदाई के बाद अनुज ने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और आशीष ने मेरी चूत में उसका लंड घुसा दिया और अब अनुज मेरे पूरे शरीर को चाट रहा था और नमित और अनुज दोनों बारी बारी से ज़ोर से अपना लंड मेरे मुहं में दिए जा रहे थे.

    अब आशीष भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और कुछ देर बाद में नमित ने अपना लंड मेरी चूत में डाला उहह अह्ह्ह्ह आईईईईईईईइ दोस्तों में सच में पिछले कई मिनट से लगातार चुद रही थी, जिसकी वजह से मेरी चूत की खुजली अब एकदम खत्म हो चुकी थी और मेरी चूत में जलन सी होने लगी थी. उनके ताबड़तोड़ धक्के मुझे पूरा हिला रहे थे और जबकि में घर पर ज्यादा से ज्यादा 5-6 मिनट तक चुदी हूँ और यहाँ तो ऑश अह्ह्ह्ह मेरे उह्ह्ह चुदने के सभी रिकोर्ड टूट गए, उनके लंड बहुत जोश से भरे हुए थे, लेकिन अब में सच में इस चुदाई से बहुत थकने लगी थी. तो अनुज अब बेड पर लेट गया और उसने मुझे उसके लंड पर बैठा दिया तो में एकदम से उठ गयी, लेकिन आशीष ने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़कर फिर से बैठा दिया.

    मैंने कहा कि नहीं प्लीज अब नहीं, छोड़ दो मुझे. नमित ने कहा कि क्या भाभी रंडी अब ज्यादा नखरे मत दिखाओ? हम आज तुम्हे असली जन्नत की सर करवाते है और अपने लंड पर बैठने के बाद ज़ोर से नीचे से धक्का दिया आहह्ह्ह्ह नहीं आईईइईई और नमित ने अनुज पर मुझे लेटाकर मेरी गांड में उसका लंड घुसा दिया ओहह्ह्ह अह्ह्ह नहीं बस करो छोड़ दो प्लीज अब छोड़ दो और फिर आशीष ने मेरा मुहं अपने लंड से बंद कर दिया. दोस्तों में तो जैसे हर एक जगह से चुद रही थी और अब कुछ कहने, करने की भी नहीं थी.

    तभी अनुज ने कहा कि हाँ ये ले मेरी रंडी ले और ले, नमित ने कहा कि ओह ऐसी रंडी मुझे पहले मिली होती तो में अब तक इसे चोदकर इसकी चूत का भोसड़ा बना चुका होता. दोस्तों उनकी एसी लगातार चुदाई से मेरी तो आखों से पानी निकल गया और अब में झड़ चुकी थी ओहहह प्लीज़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह अब तो बस करो.

    कुछ देर बाद ही आशीष ने झड़ने की शुरुआत की और उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और मेरा मुहं पकड़कर रखा ताकि उसका सारा माल मुहं के अंदर ही रहे और फिर अनुज ने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरी चूत में सब कुछ जाने दिया और नमित ने मेरी गांड में डाल दिया. दोस्तों ऐसी चुदाई मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी और कुछ देर बाद में चुदाई की और हम सभी बहुत थक गए, लेकिन लगातार पूरे दिन मुझे चोदते रहे और इस साल मुझे बेटा हुआ है, लेकिन यह इनमे से किसी का नहीं था. वो मेरे पति का ही है क्योंकि में उनसे सेक्स करने के बाद गर्भनिरोधक गोलियां लेना कभी नहीं भूलती, जिसकी वजह से मेरा बेटा मेरे पति के चुदाई करने से हुआ, लेकिन पिछले एक साल से अनुज हमारे साथ नहीं रहता और मैंने उसके भाई, मतलब कि मेरे पति के आलावा किसी और से कभी भी सेक्स नहीं किया, लेकिन आज भी में उस सेक्स को कभी नहीं भूल सकती.

  • भाभी का सेक्स गिफ्ट

    हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है और यह एक सच्ची घटना है. में उस समय 12वीं कक्षा में पढ़ता था और यह मेरी पहली चुदाई थी और इससे पहले में वर्जिन था और यह मेरी लाईफ की सबसे अच्छी चुदाई है.

    दोस्तों में एक ठीक ठाक दिखने वाला 21 साल का लड़का हूँ और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लंबा है, जो किसी भी औरत को चोदकर संतुष्ट ही नहीं बल्कि पागल भी कर सकता है. यह घटना उस वक़्त की है, जब में 12वीं में था और मुझे मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन पल जीने को मिला.

    दोस्तों मेरे घर के सामने एक भाभी जी रहती है, जिनका नाम पिंकी था और उनकी एक चार साल की लड़की थी और उनके पति किसी सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे और वो दिखने में मुझे बहुत अच्छी लगती थी, जैसे कि एकदम सेक्स के लिए ही बनी औरत हो और में हमेशा दिन रात उन्हे चोदने के सपने देखा करता था और फिर एक दिन यह मेरा सपना सच भी हुआ.

    दोस्तों यह बात तब की है, जब में उनसे गणित की ट्यूशन पढ़ता था और में उनको देखकर मस्त हो जाता था, क्योंकि उनके फिगर का साईज 36-34-38 था और क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे उनके. वो ऐसे लगते थे कि अभी ब्रा को फाड़कर बाहर निकल आएँगे और गांड तो बस पूछो मत, एकदम चौड़ी थी. उसे जब भी देखो तो चोद चोदकर फाड़ डालने का मन करता था. फिर में हर रोज़ दोपहर के 2 बजे उनके यहाँ पर पढ़ने जाता था, लेकिन मेरा मन तो बिल्कुल भी पढ़ाई में नहीं था, में बस उन्ही को घूरता रहता था.

    फिर वो जब भी मुझे कोई भी सवाल समझाने के लिए झुकती थी तो में उनके बूब्स के बीच की दरार और बूब्स के उभार को देखता और हर रोज़ घर पर जाकर उनके नाम की मुठ मारा करता था. फिर ऐसे करते करते कुछ दिन बीत गये और मेरे एग्जाम करीब आ गये और मेरे प्रीबोर्ड में बहुत कम नंबर आए थे तो उस समय घर पर पापा ने मुझे बहुत डांट लगाई और भाभी से मेरी शिकायत की, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इसका क्या होगा? यह फेल हो जाएगा और जब में भाभी के यहाँ पर ट्यूशन गया तो भाभी ने भी मुझे बहुत डांटा और कहा कि तुम कभी नहीं सुधरने वाले, लेकिन में तो उनके बूब्स देख रहा था, जो कि बार बार हिल रहे थे और बाहर आने को एकदम तैयार थे, लेकिन तभी उन्होंने मुझे ज़ोर से एक थप्पड़ लगा दिया और में वहां से गुस्से में बाहर चला गया और दो तीन दिन उनके यहाँ पर ट्यूशन नहीं गया और वो मुझे बार बार कॉल करती रही, लेकिन मैंने उनका कॉल नहीं उठाया.

    एक दिन दोपहर को उनका मैसेज आया कि तुम अभी मेरे घर पर आओ तो में उनके घर पर चला गया, उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और वो मेरे लिए कोल्डड्रिंक लेकर आई और फिर वो मुझे बहुत प्यार से समझाने लगी कि अगर तुम पड़ोगे नहीं तो तुम्हरा क्या होगा? और तुम जिन्दगी में आगे कैसे बड़ोगे?

    में : में पढ़ना चाहता हूँ, लेकिन पढ़ नहीं पाता हूँ और में इसके आगे आपको बता भी नहीं सकता.

    भाभी : क्यों तुम्हे क्या कोई परेशानी है तो प्लीज मुझे बताओ?

    में : हाँ है, लेकिन आप मेरी परेशानी को नहीं समझोगे?

    भाभी : ऐसा क्यों? बताओ ना, में क्यों नहीं समझूँगी?

    में : नहीं, में अगर आपको बताऊंगा तो आप मुझे मारोगी.

    भाभी : नहीं, में नहीं मारूंगी, अब बोलो भी?

    में : वो में आपसे पप..प्यार करता हूँ और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो भाभी और आप एकदम हॉट और सेक्सी हो, में आपको देखकर एकदम आप ही में खो जाता हूँ और में हर वक़्त आपके बारे में सोचने लगता हूँ.

    तो दोस्तों उस समय भाभी का चेहरा गुस्से से एकदम लाल था, वो मुझ पर ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि में तुमसे कितनी बड़ी हूँ? और तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते हो? तो में उनका गुस्सा देखकर बहुत डर गया, लेकिन में फिर भी हिम्मत करके बोला कि भाभी इसमे मेरी क्या ग़लती है? प्यार तो उम्र देखकर नहीं किया जाता, यह तो खुद होता है ना.

    वो बोली कि ऐसा नहीं हो सकता और तुम अपनी पढाई पर ध्यान दो और मुझसे जाने को कहा, लेकिन में वहां पर खड़ा रहा और मैंने कहा कि अगर आप मुझे ना मिली तो में कभी भी एग्जाम में पास नहीं हो सकता और में वहां से चला गया. फिर दो दिन बाद शाम को उनका कॉल आया तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज मुझे भूल जाओ.

    में : में आपको नहीं भूल सकता, क्योंकि में आपको चाहता हूँ.

    भाभी : प्लीज अब मान भी जाओ और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो.

    में : नहीं में आपको बिना पाए एग्जाम कभी पास नहीं कर सकता.

    भाभी : प्लीज अब ऐसा मत करो.

    में : अब आगे आपकी मर्ज़ी और मैंने कॉल काट दिया.

    फिर कुछ देर बाद भाभी का एक मैसेज आया कि ठीक है, में तुम्हे कुछ समय में सोचकर जवाब दूंगी और फिर मैंने ठीक है लिखकर मैसेज भेज दिया और फिर में भाभी के बारे में सोचने लगा कि अब मुझे कब चूत और बूब्स के दर्शन होगे? तो दो दिन बाद भाभी ने मुझे अपने घर पर बुलाया और उन्होंने मुझसे कहा कि में सिर्फ़ तुम्हारी पढ़ाई के लिए हाँ कर रही हूँ.

    में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उनको धन्यवाद बोलने लगा, तभी वो बोली कि लेकिन मेरी भी एक शर्त है, पहले तुम एग्जाम में 70% लाकर दिखाओ तो इसके आगे कुछ होगा. अब मेरा चहरा एकदम से उदास हो गया और बोला कि नहीं यह बिल्कुल गलत बात है. फिर भाभी ने कहा कि अच्छा ठीक है, अब तुम ज्यादा उदास मत हो और तुम हर रविवार को सिर्फ़ 10 मिनट मेरे बूब्स को दबा सकते हो और एक किस कर सकते हो तो में फिर से खुश हो गया और मैंने उनसे वादा किया कि में 70% लाकर जरुर दिखाऊंगा.

    भाभी बोली कि ठीक है देखते है और तभी मैंने उनके दोनों बूब्स पकड़ लिए. फिर वो बोली कि नहीं यह गलत बात है जाओ और अब जमकर पढ़ाई करो और फिर में खूब दिल लगाकर पढ़ने लगा और कुछ ही दिन बाद रविवार आ गया. फिर मैंने सुबह उठते ही 9 बजे भाभी को कॉल किया कि में आ रहा हूँ तो भाभी बोली कि अभी नहीं अभी सब घर पर है, तुम 12 बजे आना, लेकिन अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था और में उनके बारे में सोच सोचकर पागल हो रहा था.

    12 बज गये और में उनके घर पर पहुंच गया, भाभी मुझे देखकर मुस्कुराई और कहा कि क्यों सब्र तो बिल्कुल नहीं है. फिर मैंने कहा कि इतने दिन से तो सब्र किया है. फिर भाभी ने दरवाजा बंद किया और मैंने उन्हे अपनी और खींच लिया और दीवार की तरफ धकेल दिया और अपना हाथ दोनों बूब्स पर रखकर दबाने लगा, वाह क्या बूब्स थे. मेरे तो दोनों हाथ में नहीं आ रहे थे और मुझे ऐसा लग रहा था कि आज भाभी का सूट और ब्रा फाड़कर उन्हे आज़ाद कर दूँ और में बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर भाभी की आँखे बंद थी और वो बोली कि धीरे मेरे शेर धीरे.

    दोस्तों उनके मुहं से शेर शब्द सुनकर में तो और भी जोश में आ गया और ज़ोर ज़ोर से बूब्स दबाने लगा और भाभी भी धीरे धीरे मोनिंग करने लगी, आहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा आराम से मेरे शेर आराम से आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ और फिर उन्होंने मुझे धक्का दिया और कहा कि तुम्हारे दस मिनट खत्म. फिर में बोला कि अभी तो किस भी नहीं हुई? तो वो बोली कि यह तुम्हारी गलती है, तुमने की ही नहीं. फिर में बहुत उदास हो गया और जाने लगा, तभी भाभी बोली कि उदास मत हो, आजा किस भी कर ले.

    में बहुत खुश हो गया और उनके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा, लेकिन उन्होंने मुझे जल्दी ही हटा दिया और कहा कि बस इतना ही ठीक है, इसके आगे अगली बार और फिर में जाने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि अब घर पर जाकर ज़्यादा मुठ मत मारना, यह सब शरीर के लिए ठीक नहीं होता. फिर में घर पर आकर बहुत मन लगाकर पड़ने लगा और अगले रविवार का इंतजार करने लगा और फिर रविवार भी आ गया और फिर में भाभी के घर पर गया.

    वो मुझे देखकर बोली कि आ गया शेर शिकार करने, तो में मुस्करा गया. फिर वो बोली कि देखो शेर शरमाता भी है और मैंने उन्हे अपनी बाहों में भर लिया और उनके होंठो को चूसता रहा और दोनों हाथ से उनके बूब्स दबा रहा था और ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था. तभी भाभी ने मुझे हटाकर कहा कि थोड़ा आराम से दबाओ, में कहीं नहीं भागी जा रही.

    फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक, आप तो यहीं हो, लेकिन टाईम तो भागा जा रहा है ना, तो वो हंस पड़ी और में फिर से उन्हे किस करने लगा और बूब्स को दबाने लगा और मेरा लंड टाईट हो गया. दोस्तों ऐसा करते करते दिन बीतते गए और मेरे एग्जाम हो गये और अब मेरा रिज़ल्ट आने वाला था तो रिज़ल्ट के एक दिन पहले दोपहर को में भाभी के पास गया. फिर वो बोली कि क्या बात है आज तू बड़ा उदास लग रहा है. फिर मैंने कहा कि हाँ.

    भाभी : लेकिन ऐसा क्यों?

    में : वो कल मेरा रिज़ल्ट आ रहा है.

    भाभी : क्या इसलिए उदास है कि कहीं फेल ना हो जाए?

    में : नहीं, इसलिए कि कही मेरा सपना ना टूट जाए?

    भाभी : कौन सा सपना.

    वही एक दिन आपके साथ सेक्स करने का सपना और हम दोनों हंस पड़े, तभी मैंने उन्हे गिफ्ट दिया तो उन्होंने खोला और उसमे देखा तो उसमे ब्रा और पेंटी थी. फिर भाभी ने कहा कि यह किसके लिए है? तो मैंने कहा कि यह आपके लिए है और अगर कल में पास हुआ तो जब हम सेक्स करेंगे, आप यह पहनना और अगर में फेल हुआ तो अपनी एक ब्रा, पेंटी मुझे दे देना तो में उसे सूंघकर आपके बदन की खुशबू लेता रहूँगा.

    भाभी बोली कि तुम चिंता मत करो कल जो होगा देखा जाएगा, ज्यादा चिंता मत करो और उन्होंने मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिए और बोला कि मेरे शेर आज तो मज़े ले लो और फिर में उनके बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मैंने उनके होंठो को बहुत जमकर चूसा. फिर वो हाँफते हाँफते बोली कि धीरे मेरे शेर तुम्हे ऐसा मौका कल भी मिलेगा, उदास मत हो और में उनकी सुने बिना उनके बूब्स दबाता रहा और अगले दिन सुबह मेरा रिज़ल्ट आ गया और में 72% से पास हुआ.

    में बहुत खुश हुआ और मैंने भाभी के घर पर जाकर उनसे कहा कि में 70% नहीं ला पाया. फिर उस समय भाभी किचन में आटा लगा रही थी और वो बोली कि कोई बात नहीं अगली बार फिर से मेहनत करो और पढ़ाई के साथ में सेक्स भी और वो हंसने लगी.

    फिर में उनके पीछे गया और बोला कि मेरी जानेमन 70% नहीं 72% आए है और में उनकी गांड को सहलाने लगा और बूब्स दबाने लगा. फिर वो बोली कि अभी कोई देख लेगा, अभी नहीं दूर हटो और में दूर हट गया. फिर वो बोली कि सेक्स करने को मिलने की उम्मीद थी तो पढ़ाई हो गई, नहीं तो पढ़ाई का नाम भी नहीं था. फिर मैंने कहा कि यह सब आपकी मेहरबानी है, तभी मैंने पूछा कि कब शुरू करें? तो उन्होंने कहा कि सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है.

    फिर मैंने कहा कि तो में अब तक क्या कर रहा था? तो वो हंस पड़ी और कहा कि तुम जाओ में तुम्हे शाम को कॉल करती हूँ. फिर में शाम को उसके कॉल का इंतजार करने लगा और फिर भाभी का कॉल आया तो वो बोली कि कल उनकी बेटी स्कूल जाएगी और अंकल ऑफिस जाएँगे, तो तुम 10 बजे आ जाना और तुम्हारे पास सिर्फ़ एक बजे तक का टाईम है. फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और भाभी से कहा कि आप बहुत अच्छी हो और उनसे कहा कि कल मेरे गिफ्ट वाले ब्रा और पेंटी पहनना.

    उन्होंने कहा कि हाँ बाबा में वही पहन लूंगी, मेरे शेर अब तैयार हो जाओ. फिर में रात भर सो नहीं पाया और सुबह 9 बजे उनके पति के ऑफिस जाते ही में उनके घर पहुंच गया और भाभी मुझे देखकर कहने लगी कि तुम्हे तो बिल्कुल भी सब्र नहीं है. फिर मैंने कहा कि क्या करूं भाभी कंट्रोल ही नहीं होता? तो वो बोली कि थोड़ा इंतजार करो, मुझे अभी कुछ काम है.

    फिर में उनका इंतजार करने लगा, लेकिन अब मुझसे रहा नहीं गया तो में सीधा किचन में चला गया और उनके पीछे खड़ा होकर उन्हे गले पर किस करने लगा. फिर बोली कि थोड़ा आराम से, लेकिन में अब कहाँ उनकी सुनने वाला था और में उन्हे अपनी तरफ करके लिप किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाने लगा तो भाभी बोली कि धीरे मेरे शेर, आज तीन घंटे में तुम्हारी ही हूँ और में उनके पूरे चेहरे पर किस करने लगा और उनके सूट को उतारने लगा, लेकिन में नहीं उतार पा रहा था.

    भाभी ने कहा कि रुको में उतारती हूँ, बेडरूम में चलो और हम बेडरूम में चले गये. फिर भाभी ने अपना सूट उतारा और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब भाभी ब्रा और पेंटी में थी और में पूरा नंगा था.

    मेरा लंड देखकर भाभी बोली कि मेरे शेर का तो बहुत बड़ा और मोटा है और यह सुनते ही मुझसे रहा नहीं गया और में उनको किस करने लगा और बेड पर लेटा दिया और ब्रा के अंदर हाथ डालकर बूब्स दबाने लगा और में निप्पल को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था, भाभी उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्हह्ह्ह्हह् उह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी और मैंने उनकी ब्रा को निकाल दिया और उनके बूब्स देखकर तो में एकदम दंग रह गया, एकदम गोरे और उस पर गुलाबी कलर के निप्पल और भूरे कलर के घेरे देखकर मुझसे रहा नहीं गया और में उनके बूब्स को चूसने लगा और एक बूब्स दबाने लगा, मैंने उनके निप्पल को काटा तो भाभी उईईईईइ माँ मर गई कहने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.

    में उनकी नाभि पर किस करने लगा और उनकी चूत को पेंटी के ऊपर से रगड़ने लगा, में उनकी चूत की मदहोश कर देने वाली खुशबू को सूंघकर बहुत खुश था और मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया, में और उनकी चूत को देखकर दंग रह गया, उनकी क्या चूत थी यार एकदम गुलाबी और वो भी पूरी साफ और मेरी नजरें उनकी चूत से नहीं हट रही थी. तभी भाभी बोली कि क्या हुआ मेरे शेर रुक क्यों गए? में बोला कि कुछ नहीं और में उनकी चूत पर किस करने लगा और जीभ डालकर चूसने लगा और भाभी ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी, वो आहआह अह्ह्ह्हह्ह उईईईईई माँ मज़ा आ गया और चूस मेरे शेर और चूस और वो मेरा सर अपनी चूत में दबा रही थी.

    दोस्तों वाह क्या स्वाद था उनकी चूत का, मुझे तो मज़ा आ गया. तभी भाभी बोली कि में झड़ रही हूँ और में उनका पूरा रस पी गया. फिर वो बोली कि तुमने मेरी चूत चूसकर मुझे खुश कर दिया और मेरी चूत आज किसी ने पहली बार चूसी है और तभी मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाल दिया और बहुत देर तक चुसवाया और में भी उनके मुहं में ही झड़ गया और फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे और हम 69 की पोज़िशन में आ गये.

    फिर मैंने उनसे पूछा कि आपके यहाँ पर आईसक्रीम है क्या? तो वो बोली कि आईसक्रीम का क्या करोगे? तो मैंने कहा कि प्लीज आप बताओ ना और फिर वो बोली कि किचन के फ़्रीज़ में होगी. फिर में किचन से आईसक्रीम ले आया और उनकी नाभि पर रखकर उसे चूसने लगा. फिर भाभी बोली कि वाह क्या स्टाईल है मज़ा आ गया और ज़ोर से चूस आहआहआह उह्ह्हह्ह मेरे शेर और फिर मैंने आईसक्रीम उनकी चूत में डाली तो भाभी कांप उठी और बोली कि अहहह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अईईईईईई.

    मैंने उनकी चूत को चूसा तो वो मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी और कहने लगी कि खा जाओ मेरे शेर पूरी खा जाओ, मुझे आज चोद डालो आहआहआह आहआह ऊएऊएऊए ऊउईईईईई माँ. फिर मैंने उनको एक लिप किस किया और हम एक दूसरे के होंठ को चूस रहे थे. फिर मैंने उनकी चूत के ऊपर अपना लंड रखा तो भाभी बोली कि कंडोम पहन लो. फिर मैंने कहा कि नहीं यह मेरी पहली चुदाई है, इसलिए में ऐसे ही करूंगा. फिर भाभी बोली कि तो जो भी तुम्हे करना है करो, लेकिन अब रूको मत. फिर मैंने अपना लंड चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का लगाया तो लंड एकदम फिसल गया.

    फिर भाभी बोली कि थोड़ा धीरे मेरे शेर आराम से और उन्होंने मेरा लंड पकड़कर चूत के छेद पर रखकर कहा कि अब डालो. फिर मैंने जब धक्का मारा तो मेरा सिर्फ़ लंड का टोपा अंदर गया और भाभी चीख पड़ी, हाअह्ह्ह्हह्ह आराम से मेरे शेर और मैंने फिर एक धक्का मारा तो मेरा लंड अंदर गया और भाभी और चीखी, अहहहहह्ह्ह उईईईई मैंने और एक धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड चूत के अंदर था और भाभी बोली कि में तो मर गई, तेरा तो सच में शेर जैसा है, अहहाहा उईईईईईई हहाऊएुउऊएउ.

    में भाभी के ऊपर लेट गया और उनके होंठ को चूसने लगा और बूब्स दबाने लगा और जब भाभी की चूत का दर्द शांत हुआ तो में धक्के लगाने लगा, भाभी आहआहहह अब उह्ह्ह्ह माँ मर गई थोड़ा आराम से मेरे शेर और चोद और चोद फाड़ दे आज मेरी अहहहाहा ऊएऊएऊएऊए अहह्ह्ह्ह और तेज़ और ज़ोर से डाल और डाल और ज़ोर से अहहएआएआएआए और दस मिनट तक चोदने के बाद में भाभी के अंदर ही झड़ गया और भाभी को एक किस करके उनके पास में लेट गया और हम सो गये.

    भाभी ने मुझे 12.30 बजे उठाया तो मैंने उन्हे बाहों में भर लिया और पूछा कि कैसा लगा? तो उन्होंने कहा कि इस तरह तो आज तक उनके पति ने भी नहीं चोदा, में खुश हुआ और उनको बेड पर लेटाकर किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा तो वो बोली कि शेर अभी नहीं, अब बस बाकी बाद में मेरी बेटी स्कूल से आती होगी.

    में उठा और पूछा कि क्या में अब आपको कभी भी चोद सकता हूँ? तो वो बोली कि हाँ, लेकिन जब हम अकेले हो और पढ़ाई भी करनी पड़ेगी और फिर मैंने उनको एक स्वीट लिप किस दिया और चला गया, लेकिन उस चुदाई के बाद मैंने अपनी पढ़ाई के साथ साथ भाभी को भी बहुत अच्छी तरह चोदा और हर बार मेरे अच्छे नंबर आने पर मुझे भाभी की तरह से अपनी जमकर चुदाई का गिफ्ट मिलता, जिससे हम दोनों बहुत खुश होते. फिर मैंने उनको बहुत बार चोदा और वो भी अपनी ख़ुशी से मुझसे चुदवाती, कभी बेडरूम में, तो कभी किचन में, तो कभी बाथरूम में, तो कभी छत पर और मैंने उनके घर के साथ साथ उनको मेरे घर पर भी बुलाकर चोदा.

  • भाभी और देवर की एक्सपर्ट चुदाई

    मेरा नाम रवि है, में मुंबई में अपने बड़े भाई राजन उम्र 35 साल और भाभी रागिनी उम्र 32 साल और में रवि उम्र 30 साल उनके साथ रहता हूँ. मेरे भैया की शादी 6 महीने पहले रागिनी भाभी से हुई, में शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी लेकर आया था, में कॉलेज के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए बाहर चला गया था और जब में शादी में आया, तब तक मुझे भाभी के बारे में कुछ भी नहीं पता था कि भैया का रिश्ता किसके साथ तय हुआ है.

    जब शादी में आया, तो पता चला कि भाभी का नाम रागिनी है और वो लोग यहीं 4-5 किलोमीटर की दूरी पर रहते है. अभी तक मैंने भाभी की कोई फोटो भी नहीं देखी थी, शादी के समय जब पहली बार मैंने अपनी भाभी को देखा, तो मेरे तो होश ही उड़ गये, इसलिये नहीं कि वो बहुत सुन्दर थी, बल्कि इसलिये कि में भाभी को बहुत अच्छे से जानता था, क्योंकि वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी और हम दोनों सहपाठी रह चुके थे और एक दूसरे को अच्छे से जानते थे.

    में ही नहीं बल्कि वो भी मुझे देखकर घबरा गई थी और बाद में उन्हें पता चला कि में ही उनका इकलौता देवर हूँ. रागिनी मेरी क्लासमेट ज़रूर थी, लेकिन हम दोनों फ्रेंड्स नहीं थे, क्योंकि रागिनी बहुत ही खूबसूरत मस्त फिगर वाली बिंदास लड़की थी और उसके बहुत सारे बॉयफ्रेंड थे.

    कॉलेज में वो अक्सर कॉलेज बंक करके अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूमती रहती थी और कॉलेज में 1-2 बार फेल भी हो चुकी थी. रागिनी बहुत खुले विचारो वाली लड़की थी और ये बात लगभग पूरे कॉलेज को पता थी कि रागिनी के बॉयफ्रेंड उसे ले जाकर चोदते भी थे और उसके बॉयफ्रेंड लोग ही बाहर आकर रागिनी की तारीफ करते नहीं थकते थे कि क्या सुपर माल है.

    रागिनी 34-28-36 की साईज़ है और अंदर से एकदम कसी हुई है और चुदवाने में उसका जवाब नहीं, उछल-उछल कर ऐसे चुदती है कि रंडिया भी शरमा जाये और लंड तो ऐसा चूसती है कि लगता है कि सारा रस निचोड़ लेगी और सारे कॉलेज के लड़के मज़ा लेकर सुनते और आहें भरते थे कि काश एक बार उन्हें भी रागिनी चोदने को मिल जाये और कई बार तो रागिनी ने कॉलेज बंक करके ग्रुप में भी चुदवाया था. ये सारी बातें उनके बॉयफ्रेंड से ही पता चलती थी.

    फिर में भी इन सब बातों को बड़े मज़े लेकर सुनता और सुनकर मेरा लंड भी अकड़ जाता और रागिनी को चोदने की मेरी भी इच्छा होती थी, यूँ कहे तो पूरा कॉलेज आहें भरता था और रागिनी के नाम की मुठ मारता था, लेकिन रागिनी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता था. उसे जो पसंद आता, बस उसी को ही अपना बॉयफ्रेंड बना लेती थी और उन्ही से चुदवाती थी. वो भी शौक से यूँ कहे कि चुदाई का बहुत शौक रखती थी रागिनी, लेकिन कॉलेज तक तो ठीक था.

    मुझे रागिनी से कुछ लेना देना नहीं था, कॉलेज के बाद आगे की पढ़ाई के लिए में बाहर चला गया और अब सीधे शादी में आया और जब रागिनी को भैया के बगल में उनकी दुल्हन के रूप में देखा, तो आश्चर्य का ठिकाना ही नहीं रहा. अब कुछ हो भी नहीं सकता था. फिर मैंने चुप रहना ही ठीक समझा और पछताने लगा कि काश एक बार फोटो ही मांग कर देख लेता, तो ये सब नहीं होता. शादी अच्छे से निकल गई और रागिनी मेरी भाभी बनकर मेरे घर आ गई.

    हम दोनों में कोई बात नहीं होती थी और कोशिश करते थे कि एक दूसरे के सामने कम ही जाये, बस काम की ही बातें होती थी और कॉलेज की बातें दूर की बात थी. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और ऐसे ही 3 महीने निकल गये. भैया सुबह ऑफिस जाते और शाम को घर आते थे. एक दिन की बात है, जब में अपने दोस्त के पास से मार्केट होते हुए आ रहा था, तो मैंने भाभी को उनके एक पुराने बॉयफ्रेंड के साथ देखा, उस लड़के का नाम मोनू था और वो कॉलेज से ही रागिनी भाभी का बॉयफ्रेंड था.

    भाभी उस लड़के मोनू के साथ हंस हंसकर बातें कर रही थी और उसके बाद वो लड़के के साथ बाईक पर बैठी और कहीं चली गई और में देखता रह गया और मुझे सारा माजरा समझ में आ गया कि शादी के बाद भी रागिनी भाभी अभी भी वही पुरानी रागिनी ही है. मुझे बहुत गुस्सा आया और में घर आ गया और अपने रूम में जाकर लेटे लेटे सोचता रहा और मुझे नींद आ गई. जब में सोकर उठा. फिर मैंने भाभी से बात करने की ठान ली, तब तक भाभी वापस आ चुकी थी. में भाभी के पास गया, वो किचन में कुछ काम कर रही थी, फिर में बोला कि मुझे आपसे कुछ बात करनी है, तो वो बोली कि क्या बात है? आज मुझसे क्या बात करनी है आपको.

    में – भाभी ये सब अब नहीं चलेगा.

    भाभी – क्या नहीं चलेगा?

    में – यही जो आप कर रही हो.

    भाभी – तो वो अंजान बनते हुए बोली कि मैंने क्या किया है? तो मैंने सारी मार्केट वाली बातें बताई और हिदायत दी कि अब ऐसा नहीं होना चाहिये और गुस्से में वहां से चला गया.

    एक दो दिन तो उन्होंने कुछ नहीं किया, लेकिन एक हफ्ते के बाद भाभी मार्केट जा रही थी, तो मुझे शक हुआ और मैंने उनका पीछा किया, तो पाया कि फिर से वही भाभी का बॉयफ्रेंड मोनू बाईक लेकर आया और भाभी जैसे ही बाईक पर बैठी कि उनकी नज़र मुझ पर गई और वो नज़र नीची करके बाईक से उतर गई और मोनू से कुछ बोला, तो वो वहां से चला गया और भाभी भी घर चली आई और उनके पीछे में भी घर आ गया और उनसे पूछा कि ये सब क्या है? तो वो बोली कि मुझे माफ़ कर दो, तो मैंने 2 थप्पड़ लगा दिये, तो वो रोने लगी और में वहां से चला गया.

    उस दिन भैया का एक दोस्त शाम को अमेरिका जाने वाला था, तो में भाभी के पास गया और सॉरी बोला, तो वो मुझे घूरकर देखने लगी, तो मैंने एक बार फिर से सॉरी बोला और वहां से चला गया.

    फिर हमने डिनर किया और में अपने कमरे में चला गया और भैया अपने दोस्त से मिलने बाहर चले गये. भैया के दोस्त की फ्लाईट रात के 3 बजे थी, तो लगभग 12 बज चुके थे, भैया और उनके दोस्त गार्डन में बैठे बातें कर रहे थे. इतने में भाभी मेरे रूम में आई और मुझसे बोला कि रवि मेरे रूम में आना और चली गई और में भी पीछे से उनके रूम में चला गया. में अंदर गया, तो देखा भाभी एक पारदर्शी काले कलर की नाईटी पहने खड़ी थी और अंदर उनकी गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी साफ झलक रही थी. काले कलर में उनका शरीर चमक रहा था.

    मेरे रूम में जाते ही पहले उन्होंने रूम लॉक किया और फिर मेरी तरफ मुड़ी और मेरे हाथों को पकड़कर बोली कि सॉरी रवि, लेकिन तुम तो मेरी आदत जानते हो, तुमसे तो कुछ भी नहीं छुपा है. में आज के बाद कभी बाहर नहीं जाऊंगी, लेकिन मेरी एक शर्त है. फिर मैंने पूछा कि क्या शर्त है? तो जवाब में वो मेरी और बढ़ी और मेरे सर को पकड़कर मेरे होंठो से होंठ सटाकर चूम लिया और मुझसे लिपट गई, तो में इस अचानक हुये हमले के लिये तैयार नहीं था. में अलग होकर पीछे हट गया और बोला ये सब ठीक नहीं है, तो भाभी बोली कि तुम नहीं तो कोई बाहर वाला करेगा, फिर मुझसे कुछ मत बोलना. में बोला भैया है ना बाहर क्यों जाती हो.

    भाभी – तुम्हारे भाई के अलावा मुझे सभी में दिलचस्पी है.

    में – ऐसा नहीं है भाभी, भैया आपसे बहुत प्यार करते है .

    भाभी – हाँ, लेकिन उनके प्यार से सिर्फ़ वो ही संतुष्ट है, में नहीं. फिर भाभी ने अपनी नाईटी निकाल दी और बोली कि आज के बाद में किसी से नहीं मिलूंगी. तुम मुझे अच्छे से जानते हो बिना चुदाई के में नहीं रह सकती और मुझसे लिपटकर जोर से चूमने लगी.

    अब मुझे भी जोश आने लगा, आख़िर में भी मर्द ही था. में भाभी को महसूस करने लगा और मेरे लंड ने हाफ पेंट में तंबू बना लिया. फिर मैंने सोचा कि अगर मेरे चोदने से भाभी का बाहर चुदवाना बंद हो सकता है, तो में भाभी को ज़रूर चोदूंगा. आख़िर घर की इज़्ज़त कौन बाहर जाने देगा, बस फिर क्या था.

    मैंने अपनी बाहें भाभी पर कस ली और कॉलेज के गुज़रे दिन याद करने लगा. जब मेरी रागिनी भाभी को कॉलेज के हर लंड की चाहत थी. लंड की रानी चुदक्कड़ रागिनी इतना सोचते ही में बेकाबू हो गया और में भी रागिनी भाभी को बाहों में जकड़कर चूमने लगा. फिर उनके होंठो को मुँह में भरकर जबरदस्त लिप लॉक करते हुए किसिंग की और उनके होंठो को बहुत देर तक चूसता रहा. मेरा लंड पेंट में अकड़ने लगा था.

    फिर मैंने गालो पर किस किया, कान पर और कान के नीचे के हिस्से को चूसा. फिर गर्दन पर चूमने लगा, तो भाभी अपना चेहरा कभी दाएँ तो कभी बायं कर रही थी और एक हाथ उन्होंने मेरे लंड पर रख दिया और सहलाने लगी और मुस्कुराकर बोली कि में बहुत खुश हूँ कि मुझे तुम जैसा देवर मिला. भाभी मेरे लंड को ऊपर से नीचे तक उसकी लंबाई और मोटाई माप रही थी और खुश हो रही थी.

    शुरू में मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर अच्छा लगने लगा. मुझे पसीना आने लगा और दिल की धड़कन तेज हो गई. कॉलेज के बाद यह मेरा पहली बार था कि में अपनी भाभी को सेक्स की नज़र से देखने लगा था. भाभी ने बोला कि तुम्हारी पेंट में पहाड़ क्यों बना है? और मुस्कुराकर कामुक निगाहों से मुझे देखे जा रही थी और मेरे सीने पर हाथ फेर रही थी.

    मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आप और भैया क्या रोज़ सेक्स करते हो, तो वो बोली कि में इतनी ख़ुशनसीब नहीं हूँ. तुम्हारे भैया के लिए उनका काम ही ज़्यादा ज़रूरी है, वो थककर आते है और सो जाते है. फिर में बोला कि भाभी क्या में आपको एक बार फिर से किस कर सकता हूँ?

    भाभी मुस्कुरा दी और मेरी तरफ देखा और कुछ रिप्लाई नहीं किया, वो सीधे अपने होठों को मेरे होठों के करीब लेकर आई और मेरे लिप्स को चूसने लगी. में हक्का बक्का रह गया था, क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि शुरुवाती पहल भाभी की तरफ से होगी. में संभला और में भी भाभी का साथ देने लगा और भाभी के होठों को काटने और चूसने लगा.

    अब हम दोनों ही उत्तेजित हो गये थे और एक दूसरे को जोर जोर से चूम रहे थे. लगभग 5 मिनट की किसिंग के बाद मैंने भाभी को अपने से चिपका लिया और उनकी पीठ सहलाने लगा. जब ब्रा की स्ट्रीप मेरे हाथ लगी, तो मैंने ब्रा की हुक खोल दी और बस भाभी को चूमता चाटता हुआ उनके 36 साईज़ के बूब्स दबाने और सहलाने लगा.

    फिर उनकी निप्पल को दो उंगलियो के बीच लेकर मसलने लगा और उनके एक बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, बूब्स बहुत सॉफ्ट लग रहा था और उस पर किशमिश के दाने की तरह का ब्राउन निप्पल और उसके चारो और एक इंच के दायरे में पिंक ब्राउन धारी गोरे-गोरे बूब्स पर कितना आश्चर्य लग रहा था. में बूब्स को तेज़ी से चूसने और मसलने लगा, तो भाभी मस्त होकर, आहह आँह ऊओह करने लगी और वो भी मुझे चूमने लगी और मेरे सर को सहलाने और अपने बूब्स पर दबाने लगी.

    फिर मैंने बारी बारी से दोनों चूचियों को खूब चूसा और रागिनी डार्लिंग आह आह की आवाजें लगातार निकालती रही. अब उनकी चूचियों के निप्पल लाल होकर एकदम खड़े हो गये थे. अब में चूमते हुए नीचे आया और उनकी नाभि को चूमकर थोड़ी देर जीभ नाभि में घुमाई और हाथों से भाभी के चूतड़ सहलाने और दबाने लगा. फिर नीचे आकर पेंटी के ऊपर से ही चूत पर किस ली, तो भाभी ने आहहह ऊससस्स की आवाज की.

    फिर हल्के हल्के सहलाते हुए पेंटी नीचे खींच दी और भाभी की क्लीन शेव चिकनी चूत को देखने लगा, इसी दौरान भाभी ने पैरो से अपनी पेंटी निकाल दी. में भाभी के चूतड़ को दबाते हुए चूत पर क़िस करने लगा. भाभी की चूत एकदम गोरी थी और नीचे की और थोड़ी सावंली थी और उस पर एक गुलाबी लाईन नीचे की और गई थी.

    फिर मैंने भाभी की चूत को ताबड़तोड़ चूमते हुए चूतड़ को सहलाने लगा और चूत को जितना अंदर हो चूसा और चूमने की कोशिश करने लगा, तो भाभी ने मेरा सर सहलाते हुये पैरो को थोड़ा चौड़ा किया, लेकिन उन्हें खड़े होने में दिक्कत हुई, तो मैंने उन्हें बेड पर बिठा दिया और वापस उनकी टांगों को अलग करके चूत को चूमा और चाटने लगा.

    मैंने नीचे से लेकर ऊपर तक पूरी चूत की लाईन पर अपनी जीभ चलाई और भाभी की जाँघो को हाथों से सहलाने लगा, तो भाभी ओन्नह आअहह, जैसी आवाजें निकालने लगी और मेरे सर को सहलाते हुए बोलने लगी, आहह रवि बहुत अच्छा लग रहा है, सस्सह आअहह और करो, खा जाओ मेरी चूत को आहह सस्स्सह. अब मैंने भाभी की चूत की फांको को अलग किया तो अंदर का नज़ारा सब कुछ गुलाबी था, चूत का छेद और उसके ऊपर का मटर के दाने जैसा था.

    अब में चूत के दाने पर जीभ फेरने लगा और जीभ से उसे कुरेदने लगा. भाभी तो जैसे कराहने लगी, ह्ह्ह्हह ऊन्ह अहह श्श्शश्स, जैसी आवाजें निकालते हुए कमर नोचने लगी. उनकी चूत गीली हो चुकी थी, तो मैंने अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाल दी और आगे पीछे करके उंगली अंदर बाहर करने लगा.

    यह सब ब्लू फिल्म देखकर सीख गया था. भाभी एकदम मस्त होकर झूम रही थी और अपने हाथों से मेरे सर को चूत पर दबा रही थी और आँखे बंद किये हुए बड़बड़ा रही थी, आअहह रवि ऊओह मेरे राजा खा जा मेरी चूत को, तू तो एक्सपर्ट है मेरी जान हह और जोर से हहउऊउउहह और जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो भाभी ने मुझे हटा दिया और मेरा हाफ पेंट और टी-शर्ट निकाल दिया. हाफ पेंट निकलते ही मेरा लंड उछलकर बाहर आ गया और रागिनी भाभी ने उसे पकड़कर देखा.

    फिर सहलाते हुए नीचे बैठकर लंड की स्किन को पीछे किया और सुपाड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी और में उसके सर को सहलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा, में दोनों हाथों से भाभी के सर को पकड़कर कमर हिलाने लगा. भाभी एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी और दूसरे हाथ से लंड के बचे हुए हिस्से को आगे पीछे करके सहला रही थी. अब में आअहह शस्स्स्स की आवाज़ करके भाभी के मुँह में ही हल्के हल्के धक्के लगाने लगा, अचानक भाभी उठी और बोली कि अब सहन नहीं हो रहा है.

    फिर बिस्तर पर लेटकर टांगे चौड़ी करके चूत की और इशारा करके बोली कि देखो कितना पानी छोड़ रही है, अब आ जाओ और अपना लंड डालकर शांत कर दो. मेरे राजा और रिक्वेस्ट करने लगी कि मुझे चोदो प्लीज़, मुझे चोदो और मैंने भाभी के कहने पर उनकी अलमारी से कंडोम निकाला. फिर भाभी ने कंडोम मेरे सख्त लंड पर चढ़ाया और इशारा किया, में मुस्कुराते हुए भाभी के पैरो के बीच में बैठ गया और भाभी के ऊपर आकर उनके होंठो को चूमने लगा और भाभी की चूचियों को दबाने और मसलने लगा और लंड को बिना हाथ लगाये ही चूत पर रखा और एक झटका दिया, तो लंड सही सेट ना होने की वजह से फिसल गया.

    फिर एक बार और ऐसे ही किया, तो फिर स्लिप हुआ, तो मेरा लंड बार बार स्लिप होता देखकर भाभी ने अपने हाथों से लंड को चूत के दरवाजे पर सेट करते हुए अंदर किया और फिर मेरी पीठ को सहलाया और हल्के से नीचे से ऊपर की और चूत को लंड पर दबाया. फिर मैंने पूरे जोश में दम लगाकर धक्का मारा और पूरा लंड चूत में घुसेड़ दिया. भाभी की चूत गीली होने की वजह से पूरा लंड एक ही झटके में घुस गया, तो भाभी के मुँह से जोर से ऊऔच आअहह की आवाज़ निकली और आवाज़ इतनी तेज थी कि नीचे पार्क में बैठे भैया और भैया के दोस्त को सुनाई दी, तो भैया ने भाभी को आवाज़ दी कि क्या हुआ रागिनी? तो भाभी बोली कुछ नहीं छिपकली थी और फिर बगल में पड़े रिमोट से टी.वी. चालू कर दिया और गाने का चैनल लगा दिया. फिर मुस्कुराकर मेरी और देखा और मुझे चूम लिया, भाभी की चूत अभी भी इतनी टाईट थी कि लंड को कसकर जकड़े हुए थी.

    अब में भी भाभी को चूमते हुए उनके बूब्स मसलने लगा और हल्के हल्के धक्के के साथ चुदाई शुरू कर दी. भाभी लगातार मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कुछ ना कुछ बोले जा रही थी और ज़ोर से आहह और ज़ोर से मेरे राजा. मैंने स्पीड बड़ाई तो भाभी भी नीचे से साथ देने लगी, भाभी तो अनुभवी थी और उचक उचककर चुदवा रही थी और गपागप पूरा का पूरा लंड निगल रही थी और में भी पूरा लंड बाहर निकालता, सिर्फ़ सुपाड़ा चूत में ही रहता और फिर ज़ोर के धक्के के साथ अंदर ठोक देता था. पूरे कमरे में ठप-ठप की आवाज़ और चूत के पानी की वजह से पच-पच जैसी आवाजें आ रही थी. ठप-ठप और पच-पच जैसी चुदाई संगीत से पूरा कमरा गूँज रहा था और ऊपर से भाभी की आहह ऊईईइ हहऊंम आसस्शह जैसी आवाजें मुझे सुनाई दे रही थी और उस पर टी.वी. की आवाज़ आ रही थी.

    भाभी अब थोड़ा अकड़ने जैसे करने लगी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी टांगों को मेरी कमर पर लपेट लिया और मुँह से और तेज और आअहह आआईईई माँ गईईईईईई आहहा हा आहा फक मी और तेज चोदो चोदो और फिर उनका शरीर काँपते हुए मुझे इतना कसकर जकड़ लिया कि में बहुत मुश्किल से हल्के हल्के ही धक्के लगा पाया.

    भाभी अब झड़ने लगी और उनकी चूत बहुत गीली हो गई और वो मेरे कान को अपने दातों तले दबाकर काटने लगी और पीठ पर इतनी ज़ोर से पकड़ बनाई कि उनके नाखुनों के चुभने का मुझे महसूस हो रहा था. अब में रुक गया और भाभी ज़ोर ज़ोर से हाफ़ते हुए अपनी सांसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी. फिर मैंने फिर से उनकी चूचियों को चूसना और दबाना चालू किया और भाभी मेरी पीठ को सहलाती रही, लगभग 2 मिनट के बाद भाभी फिर से गर्म हो गई. फिर मैंने चूमते हुए उनके होंठो पर किस किया और 2-4 धक्के लगाये और फिर उठकर खड़ा हो गया और भाभी को डॉगी पोज़िशन में आने को बोला, तो वो मुस्कुराकर बोली कि अरे वाह आप तो एक्सपर्ट हो गये हो और बिस्तर पर ही पोज़िशन ले लिया. मैंने पीछे जाकर पीछे से एक बार चूत को चूमा और सहलाया और चूत पर लंड सेट करके ज़ोर के धक्के के साथ पूरा लंड अंदर कर दिया, लंड घुसते ही भाभी की चीख निकल गई, टी.वी. चालू थी तो इसलिये आवाज़ दब गई.

    अब में लगातार तेज तेज धक्के लगा रहा था और झुककर भाभी की चूचियों को मसल रहा था और भाभी आहह आहह हा हा हा करते हुए सेक्सी आवाजें निकाले जा रही थी और गांड पीछे करके चुदवा रही थी. इसी तरह चुदाई करते हुए ताबड़तोड़ धक्के और फिर वो वक़्त आ गया, जब हम अपने आखरी समय पर पहुँच गये और हम दोनों एक साथ झड़ गये और में भाभी के ऊपर लेट गया, तो भाभी मेरा वजन नहीं संभाल पाई और बिस्तर पर लेट गई. हम दोनों लिपटे हुए अपनी सांसे कंट्रोल कर रहे थे और में भाभी की पीठ पर लेटा हुआ, उन्हें चूम रहा था. फिर में भाभी के ऊपर से हट गया और बगल में लेट गया. फिर भाभी उठी और मुझे किस किया और अपनी पेंटी उठाकर मेरे लंड का कंडोम निकाला और पेंटी से मेरे लंड को साफ किया.

    फिर वो मुस्कुराते हुये बाथरूम में घुस गयी. फिर मैंने भी झट से कपड़े पहने और नीचे आ गया, वो रात मेरी और मेरी भाभी की सबसे सुहानी रात थी, जिसे में कभी नहीं भूल पाऊँगा. फिर भाभी टाईम निकालकर मुझसे चुदती रही और अब अच्छी खबर यह थी कि भाभी का बाहर चुदवाना बिल्कुल बंद हो गया.

  • गावं की भाभी की गांड मारी रात में

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 24 साल है. दोस्तों में आज एक बार फिर से आप सभी के लिए एक और नई कहानी लेकर आया हूँ.. यह कहानी मेरे गावं की चचेरी भाभी की है और अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ..

    जैसा कि आप जानते है कि में एक टीचर हूँ. एक बार में अपने गावं गर्मियों की छुट्टियों में गया हुआ था.. मेरे घर पर मेरे दो चचेरे भाई दोनों भाभियाँ और सभी लोग है और में जब गावं पहुंचा तो घर में जाकर पहले तो खाना पीना और दिन भर भाभियों से बातों में लगा रहा और फिर में शाम को घूमने निकल गया. में अपनी चचेरी भाभी के बारे में सोच रहा था. उनका पिछवाड़ा ठीक मेरी आँखो के सामने झूल रहा था.. उनकी पतली कमर अच्छी खासी गांड है और में उनके बूब्स को सोचकर जैसे तैसे घर पहुंचा.

    फिर रात में खाना खाया और सोने के लिए आँगन में बिछाई गई खाट पर आ गया और एक खाट पर मेरी छोटी भाभी उनका बेटा और एक पर बड़ी भाभी और एक पर में लेट गया. दोस्तों गावं में सभी लोग अपने अपने कामों को खत्म करके जल्दी सो जाते है.. लेकिन मुझे शहर की आदत है.. तो मुझे नींद नहीं आ रही थी और में लेटा लेटा जाग रहा था.. मेरे छोटे भैया बाहर सोए हुए थे. बड़े भैया खलिहान में सोने चले गए थे और में अकेला लेटा हुआ भाभी को सोचकर अपने लंड से खेल रहा था और उस उजली हुई रात में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था और में तो बीच में लेटी हुई छोटी भाभी के चेहरे को ही देखना चाहता था.. लेकिन वो तो एक पतली सी चादर ओढ़कर सो रही थी.

    फिर में एकदम मायूस होकर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया और जिस तरफ मेरा चेहरा था.. उसी तरफ काम चलाऊ बाथरूम था.. वो दो बड़ी बड़ी पट्टियाँ रखकर बना था और कोई दीवार नहीं थी. में लेटा हुआ जाग रहा था और मैंने अपने मोबाईल पर टाईम देखा तो उस समय 11:21 हो रहे थे और मैंने अपने मोबाईल को तकिए के नीचे रखा और आराम से लेटा रहा.

    तभी मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी.. शायद वो चूड़िया खनकने की आवाज़ थी. फिर मैंने अहसास किया कि कोई है.. जो मेरी तरफ आ रहा है और मैंने अपनी दोनों आखें अधखुली रखी. तभी मैंने देखा कि बड़ी भाभी मेरे सामने आई.. तो एकदम मेरी तरफ मुड़कर देखा और मुझे सोता हुआ देखकर वो बेफिक्र होकर आगे की तरफ गई और मुझसे करीब 7 फीट दूर बाथरूम में जाकर खड़ी हुई.. अपनी साड़ी को ऊपर किया.. उनकी जांघे केले के पेड़ की तरह एकदम चिकनी दिखाई दे रही थी और वो नीचे बैठकर पेशाब करने लगी.. लेकिन जब वो ऊपर उठी तो उनका पूरा पिछवाड़ा एक पल के लिए मेरी आखों के सामने चमक सा गया. फिर वो आराम से चली गई और में अपना लंड पकड़कर ही रह गया और अब मेरी नींद बिल्कुल गायब हो गई.

    मेरे दिमाग़ में सिर्फ भाभी पूरी तरह से छा चुकी थी और में लेटा हुआ जाग रहा था. फिर मैंने बहुत देर तक सोने की कोशिश की.. लेकिन मुझे नींद नहीं आई और मैंने अपना मोबाईल चेक किया तो 2:10 का समय हो चुका था और अब में सोने ही वाला था. तभी मेरे कानों में फिर से वही आहट आई और मैंने सोचा कि भाभी होगी.. हुआ भी वही वो भाभी ही थी.. वो आई और उसी तरह से पेशाब करने बैठ गई और उनकी पेशाब करने की सीटी की आवाज़ मुझे बैचेन कर रही थी. फिर मैंने अच्छा मौका नहीं खोया. में चुपके से उठा और पीछे से जाकर बैठी हुई भाभी को अपनी बाहों में भर लिया.. वो हड़बड़ाकर उठती हुई बोली कि कौन है?

    फिर पीछे मुड़कर मुझे देखकर बोली कि रवि तुम. फिर मैंने कहा कि हाँ भाभी. फिर वो बोली कि चल दूर हो और यह सब क्या है? तो मैंने उनका एक हाथ ज़ोर से पकड़ा और उनको दूसरी तरफ बने घांस फूस जहाँ पर रखा जाता है.. उस कच्चे कमरे की तरफ ले जाने लगा. फिर वो कहती रही कि कहाँ ले जा रहे हो.. बताओ तो क्या लफड़ा है? और मैंने उनको जबरदस्ती उस कच्चे कमरे में ले जाकर खड़ा कर दिया और उनके दोनों तरफ से हाथ ले जाकर दीवार पर टिका दिए.. वो अब मेरे ठीक बीच में थी. फिर मैंने कहा कि भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.. तुम बहुत सुंदर हो.. जब कि हक़ीकत में उनका फिगर और गांड बहुत जबरदस्त है.. लेकिन वो ज़्यादा सुंदर नहीं है.

    फिर वो बोली कि में क्या करूं? तो मैंने कहा कि भाभी आपको देखकर में बहुत बैचेन हो रहा हूँ. भाभी प्लीज़ आप आओ और मेरे साथ सो जाओ.. भाभी मेरी अच्छी भाभी. फिर वो बोली कि अरे तो इसमे ऐसा क्या है? चलो में सो जाती हूँ.. लेकिन तुम मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा ना करने लग जाना और वो यह कहकर जाने लगी.. तो मैंने उनका हाथ पकड़कर खींचा और उन्हे अपने से चिपकाकर दबा लिया और कहा कि हाँ ऐसा वैसा ही तो करना है भाभी.

    फिर वो बोली कि छोड़ो मुझे.. यह क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा? मैंने कहा कि हमें कोई भी नहीं देखेगा.. क्योंकि इस वक्त घर के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे है. फिर भाभी बोली कि अरे तुम छोड़ो मुझे मरवाओगे.. जाने दो मुझे.. लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उनकी साड़ी को पकड़कर झट से ऊपर किया और अब वो कुछ समझ पाती उसके पहले ही मैंने उनकी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दी. फिर वो मेरा हाथ पकड़कर हटाने लगी.. लेकिन तब तक मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके एक बूब्स को कसकर दबा लिया और में उसे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और नीचे की तरफ से लगातार चूत में उंगलियों को अंदर बाहर चलाता रहा.

    दोस्तों भाभी पहले तो जाने दो जाने दो.. मुझे छोड़ दो.. ऐसा मत करो छोड़ो मुझे.. कहती रही. पर शायद अब मेरी उंगलियों का जादू चलने लगा था और वो मेरा विरोध करने की जगह सईईईईईइ अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह करने लगी. मैंने तभी उनसे कहा कि भाभी तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ रही है.. क्या इसमे मेरा लंड डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ डालो ना. फिर मैंने देर ना करते हुए अपने अंडरवियर को नीचे की तरफ खिसकाया और अपना तना हुआ लंड बाहर निकाला और भाभी ने लंड को बिना कहे ही एकदम झपटकर पकड़ लिया और वो बोली कि वाह अच्छा लंड है. फिर मैंने उनकी साड़ी को ऊपर किया.

    फिर अपने लंड को चूत के मुहं पर लगाया और हल्का सा धक्का मारा.. चूत पहले से ही एकदम गीली और चिकनी थी तो लंड बिना ब्रेक के अंदर जाने लगा.. क्योंकि भाभी की चूत लंड ले लेकर बिल्कुल खुल गई थी और मैंने जब अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया.. तब वो अउंहउंह आहह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा धीरे करो.. में क्या कहीं भागी जा रही हूँ.. कहने लगी और मैंने खड़े खड़े ही चुदाई शुरू कर दी और मैंने उनसे कहा कि भाभी भैया ने तुम्हारी चूत को बहुत जमकर चोदा है.

    फिर वो बोली कि हाँ वो रोज रात को मेरी चूत पर चड़कर मेरी लगातार चुदाई करते है.. उन्होंने ही मेरी चूत को रात दिन चोद चोदकर पूरी तरह से खोल दिया है और वो कुछ दिनों से खेत के काम की वजह से यहाँ पर नहीं रहते तो इसलिए उन्होंने मुझे नहीं चोदा.. वरना अब तक तो वो मुझे तीन बार जमकर चोद चुके होते. फिर मैंने उनकी चुदाई करते वक़्त दोनों बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. वो भी बीच बीच में आगे की तरफ हो जाती तो में धक्का मारकर उनको पीछे धकेलता हुआ सटासट चोद रहा था और वो ओआहा अह्ह्ह और ज़ोर से चोदो. दो चूत में.. हाँ और ज़ोर डालते रहो हाँ अह्ह्ह आआहह.. लेकिन दोस्तों मुझे उनकी चूत में ज़्यादा मज़ा नहीं आ रहा था.. क्योंकि लंड चूत में एकदम फ्री होकर जा रहा था.

    फिर मैंने एकदम से लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और उनसे कहा कि भाभी पलट जाओ.. मुझे अब तुम्हारी गांड में अपना डंडा डालना है. फिर वो बोली कि बिल्कुल तुम अपने भैया पर गए हो.. क्योंकि वो भी मेरे साथ ऐसे ही करते है और यह कहकर वो झट से पलट गई और खिड़की की दीवार से हाथ लगाकर थोड़ा झुक गई.

    फिर मैंने पीछे से साड़ी को ऊपर किया.. उनका पिछवाड़ा जो मेरी हालत खराब कर रहा था.. पहले तो मैंने उनके कूल्हो को ज़ोर से दबाया, सहलाया और उनको एकदम मस्त कर दिया. फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड पर लगाया और धीरे धीरे आगे की तरफ होता गया. लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया. भाभी अयाह्ह्ह्ह रे बाप रे आएयेए उूह्ह्ह्हउउ अहह. फिर मैंने और ज़ोर लगाया और पूरा लंड अंदर डालकर आगे पीछे होने लगा और अब मुझे कुछ मज़ा आने लगा था.

    फिर मैंने कहा कि भाभी तुम्हे क्या गांड मरवाने भी मज़ा आता है? वो बोली कि मज़ा आए ना आए.. लेकिन चूत चुदवाना है तो गांड भी मरवानी पड़ती है. मारो मेरी गांड.. मार लो.. चोदो मुझे और में लगातार चोद रहा था. उनके बूब्स को दबाकर मैंने चुदाई की.. वो आयाअहहहहः अहहससससस सीईईईईइई और ज़ोर से आअहह चोदो मुझे अह्ह्ह और में ज्यो ज्यो लंड डालता.. वो आह्ह्ह्ह करने लगती. कुछ देर की मेहनत के बाद मेरा लंड उनकी गांड में दमदार धक्को के साथ ही ढीला पड़ गया और मैंने पूरा का पूरा वीर्य उनकी गांड में भर दिया.

    फिर मैंने उनको पीछे से जकड़ लिया और कुछ पलो के बाद लंड बाहर निकल आया और वो आह्ह्हहा करती हुई पीछे हट गई. फिर मैंने कहा कि भाभी अच्छा लगा कि मैंने तुम्हारी गांड मारी. अगर कल भी मरवाना हो तो बता देना. फिर वो हाँ कहकर चली गई और में अपने बिस्तर पर आकर सो गया.. लेकिन उसके कुछ घंटो तक मुझे उनकी याद आती रही और फिर सुबह मैंने उनको देखा तो वो बहुत खुश नजर आई और उस रात के बाद मैंने उनको कई बार चोदा और वो मज़े लेकर चुदवाती रही.

  • भाभी की तकलीफ़ दूर की

    हैलो दोस्तों.. मेरा नाम राज है और में कर्नाटक से हूँ. ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी की है. उनका नाम शबाना है और उनकी उम्र 23 साल की है और मेरी उम्र 19 साल की है. मेरे घर में सिर्फ़ में भाभी और माँ रहते है. भाई दुबई में काम करते है और पापा भी हमेशा बेंगलोर में रहते है.

    भाभी की शादी के 4 महीने के बाद भैया दुबई चले गये.. तो उसके बाद में और भाभी बहुत अच्छे दोस्त बन गये. एक दिन मेरी माँ बाहर गई हुई थी.. तो में भाभी के रूम में गया.. भाभी सो रही थी. मैंने जाकर उनको उठाया.. तो वो बोली की क्या हुआ राज? में बोला की भाभी कहीं बाहर चलते है.. तो भाभी बोली कि नहीं में नहीं आ सकती. में बोला कि प्लीज.. तो वो नहीं मानी. फिर में अकेला ही बाहर चला गया.. लेकिन तुरंत ही वापस आ गया. में सीधा ही भाभी के रूम में गया.. तो भाभी रो रही थी. मैंने पूछा भाभी क्या हुआ क्यों रो रही हो?

    भाभी – कुछ नहीं ऐसे ही मन उदास है.

    में – प्लीज.. बोलो ना क्या हुआ?

    भाभी – तुमसे बोलने में अजीब लग रहा है.

    में – में कुछ नहीं बोलूँगा प्लीज.. बोलो.

    भाभी – मैंने आज नहाते वक़्त …

    में – हाँ भाभी बोलो.

    भाभी – में नहाते वक़्त अपने नीचे के बाल साफ़ कर रही थी तो …

    में – बोलो क्या हुआ? भाभी

    भाभी – वहां पर चोट लग गई.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    में – बस इतनी सी बात.. में अभी डिटोल लगा देता हूँ.

    भाभी – नहीं उससे बहुत जलन होती है.

    में – नहीं भाभी, कुछ नहीं होगा.. मैंने बोला ना कि कुछ नहीं होगा.

    भाभी – अगर तुम्हारे भैया होते तो मेरा कितना ख्याल रखते.. में तो अब बिल्कुल अकेली हूँ.

    में – क्यों ऐसा बोल रही हो भाभी.. में हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिये. में वहां डिटोल लगा दूँगा.

    भाभी बहुत मासूम थी. वो दर्द से बहुत तड़प रही थी.. ये देखते हुये में तुरंत उनके नज़दीक गया और उनकी नाईटी को ऊपर किया.. तो वो शरमा रही थी.. लेकिन में बहुत अच्छे दिल से उनकी मदद कर रहा था.. तो जब में उनकी चोट तक पहुँच गया तो मैंने देखा की चोट ब्लेड लगने से नहीं आई थी.. बल्कि उन्होंने कुछ अपनी चूत के अंदर डाला था इसलिये वो चोट आई थी.

    में – भाभी आपने अपनी चूत में क्या डाला था?

    भाभी – (रोते हुये बोली) सॉरी में आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी.

    में – लेकिन.. तुमने आख़िर डाला क्या इसमें?

    भाभी – मैंने टूथ ब्रश डाला.

    में – लेकिन क्यों भाभी? आप क्यों ऐसा करते हो? ये ग़लत है.

    मेरी ये बात सुनते ही वो बहुत उदास हो गई और हल्की सी रोने लगी. मैंने थोड़ा डिटोल उनकी चूत पर लगाया और वहां से निकल गया.. तो दो दिन तक वो बहुत नाराज़ और उदास थी. में सोच रहा था कि भाभी की तकलीफ़ कैसे दूर की जाये.. फिर 3 हफ्ते के बाद मुझे कॉलेज से छुट्टी मिली.. तो में भाभी को उनके गावं लेकर जा रहा था.. उनका गावं 180 किलोमीटर की दूरी पर था.. तो में उनके साथ बस में बैठ गया.

    थोड़ी देर हमने बातें की और उसके बाद वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो गई.. तो उनका हाथ मेरे लंड पर लगा.. फिर मेरा दिमाग़ खराब होने लगा. में बहुत सेक्सी मूड में आ गया.. तो मैंने भाभी की कमर में धीरे से हाथ डाला. वो बुरखे में थी तो हाथ बहुत फिसल रहा था. मैंने उनकी गांड पर धीरे से टच किया और धीरे से दूसरा हाथ बूब्स से टच किया.. तो उसी टाईम बस ने अचानक ब्रेक मारा तो मैंने घबराकर बूब्स प्रेस कर दिया और भाभी नींद से जाग गई.

    भाभी – क्या हुआ क्या कर रहे हो?

    में – भाभी वो बस अचानक रुक गई तो मेरा हाथ गलती से वहां चल गया.. सॉरी भाभी.

    भाभी – कोई बात नहीं.

    लेकिन में उन्हे चोदना चाहता था. बस में भीड़ बहुत हो गई. उस वक़्त बारिश का मौसम था और रास्तें में एक संदूर गावं आता है.. वहां पर जंगल जैसा एक बहुत बड़ा पार्क है. मैंने भाभी से पूछा कि हम यहाँ उतरते है और थोड़ा पार्क देखकर गावं जाते है.. तो वो मान गई.. में तारा नगर बस स्टॉप पर उतर गया और ऑटो से पार्क गये और छुट्टियाँ होने के कारण वहां कोई नहीं था. थोड़ा दूर तक चलने के बाद पानी आया तो मैंने भाभी से पूछा कि हम नहाते है यहाँ कोई नहीं है..

    भाभी बोली कि नहीं. मैंने कहा तुम्हें मेरी कसम.. तो वो मान गई. पहले उन्होंने अपना बुरखा उतार दिया.. फिर में बोला कि भाभी आप साड़ी भी उतार दो.. यहाँ कोई नहीं है. सिर्फ़ ब्रा पेंटी में हो जाओ ना प्लीज.. तो भाभी बोली में नहीं नहा सकती. फिर मेरे बोलने के बाद वो मान गई और अपने कपड़े निकालने लगी. मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया.. में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में आ गया.. तो हम पानी में चले गये.

    थोड़ी देर बाद में भाभी के नज़दीक गया और धीरे से उनके पीछे पीठ को टच किया.. मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी. में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया और होंठो को चूसे जा रहा था.. तो भाभी ने मुझे गले से लगाया और किस करने लगी.. अभी भी हम पानी में ही थे.

    फिर में उन्हे गोद में ले कर थोड़ी झाड़ियाँ थी.. वहां ले कर गया और उनकी ब्रा को थोड़ी नीचे किया और बूब्स को किस करने लगा.. वो मौन कर रही थी. फिर में उनकी पूरी छाती को चाटने लगा वो भी बहुत गर्म हो गई. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ चूत पर रखा.. तो वो उछल पड़ी और मैंने उनकी पेंटी उतार दी. मैंने उनकी चूत पर हल्का सा किस किया तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.. में पूरे जोश में उनकी चूत चाट रहा था.

    फिर में उठा और बैठ गया और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला.. तो भाभी ने उसे धीरे से टच किया और नज़दीक आने लगी. में बहुत तड़प रहा था.. वो धीरे से मेरे लंड को किस करने लगी. थोड़ी देर बाद में उठा और वहीं पर भाभी को लेटा दिया और चूत पर थूक लगाने लगा और उसने मेरे लंड पर थूक लगाया और धीरे से लंड चूत में डाला.. तो वो अंदर नहीं जा रहा था.. क्योंकि मेरा पहला सेक्स था.. तो मैंने फिर ट्राई किया. फिर लंड थोड़ा अंदर गया.. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा.. तो भाभी चिल्ला पड़ी और तड़पने लगी.. इस तरह में उनको जोर से चोदने लगा और 20 मिनट बाद बिना बोले उनकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया.. तो वो बोली कि ये तुमने क्या किया? में तो अब प्रेग्नेंट हो जाउंगी. मुझे जल्दी मेडिकल ले जाओ.. वरना बहुत बड़ी प्रोब्लम हो ज़ायेगी.. तो मैंने जल्दी अपने कपड़े पहने और भाभी ने भी अपनी साड़ी पहनी. फिर हम पार्क से सीधा सिटी में गये और आई-पिल खरीदी और भाभी को खिलाई. उसके बाद हमने गावं जाकर बहुत मस्ती और खूब सेक्स किया.

  • सामने वाली भाभी ने चूत चुदवाई

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 22 साल है.. में पटना का रहने वाला हूँ और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा है.

    दोस्तों हमारे घर के सामने ही मेरी भाभी रहती थी.. उनका नाम नीतू था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन वो दिखने में 25-26 साल की लगती थी.. वो बहुत ही सुंदर और उनके फिगर का साईज 34-30-36 था.. उनके बूब्स और गांड को देखकर मेरा लंड एकदम खड़ा हो जाता था और वो हमेशा एकदम ढीले ढाले कपड़े पहनती थी.. जिसकी वजह से उनके बूब्स एकदम साफ नजर आते और पूरा उनका आकार दिखाई देता और में हमेशा उन पर नजर रखता और उनके नाम की मुठ मारा करता था. उनके पति अपनी नौकरी की वजह से अधिकतर समय बाहर ही रहते थे और वो 6 महीने में एक सप्ताह के लिए आते और फिर वापस चले जाते थे.

    तो भाभी को कुछ काम हो या कहीं जाना हो तो वो मुझसे ही कहती थी और एक बार भैया के नौकरी पर जाने के बाद भाभी घर पर आई और मम्मी से बोली कि मुझे रात को घर पर अकेले सोने से बहुत डर लगता है.. क्या आप अमित को मेरे घर पर सोने के लिए भजे सकती हो? तो मम्मी ने उनसे कहा कि ठीक है और मम्मी ने मुझसे कहा कि में रात को उनके घर पर सोने चला जाऊँ. तो में एकदम बहुत खुश हुआ.. क्योंकि आज मेरे वो सारे सपने पूरे होने वाले थे.. जिन्हें में बहुत दिनों से देख रहा था और में एकदम से हाँ कहकर तैयार हो गया और रात को खाना खाने बाद में उनके घर पर चला गया. मैंने उनके घर पर पहुंचकर दरवाजा खटखटाया और उन्होंने आकर दरवाजा खोला.. में उन्हे देखकर एकदम होश खो बैठा.. वो एकदम सेक्सी लग रही थी. उनके बूब्स कपड़ो से बाहर आने को तड़प रहे थे.

    तभी उन्होंने एकदम मुझे छुआ और कहा कि किस दुनिया में पहुंच गए? चलो अंदर चलकर सब कुछ देख लेना. तो में उनके आगे आगे अंदर आ गया.. लेकिन उनकी बातों को सोचकर मन ही मन बहुत खुश होने लगा.

    फिर कुछ देर बाद हमने साथ में बैठकर टीवी देखी.. उन्हे सीरियल बहुत पसंद है.. तो उन्होंने मुझसे बोला कि तुझे जो देखना है वो लगा ले में तो सीरियल्स ही देखती हूँ वरना तू बोर हो जाएगा.. यह ले रिमोट और अपनी पसंद का चेनल लगा दे. तो मैंने उनके हाथ से रिमोट लिया और मेरा हाथ उनके कोमल हाथ से छू गया और मुझे मन में एक अजीब सा अहसास आने लगा. फिर जब में चेनल चेंज कर रहा था कि एक चेनल पर किस वाला सीन आ रहा था और फिर मेरे हाथ से रिमोट नीचे गिर गया. तो भाभी मेरी तरफ देखकर मुझसे बोली कि क्या हुआ और उन्होंने मेरी तरफ एक सेक्सी स्माईल की और अब मुझे समझ में आ रहा था कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है.. लेकिन में कुछ नहीं बोला.

    में भाभी से बोला कि आप सीरियल देखो में मेरे मोबाईल पर गाने सुनता हूँ.. तो वो बोली कि यहाँ पर बैठकर ही सुनो और उस समय करीब 11.30 बज गये थे. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे देखना है तो यह ले रिमोट.. वरना बंद करके सो जाते है. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गई और वो कुछ देर बाद बाहर आई.. वो क्या लग रही थी? काले कलर की नाईटी में उनका दूध जैसा सफेद बदन.. मेरा तो मन कर रहा था कि उन्हे पकड़कर खा जाऊँ.

    फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे भी फ्रेश होना हो तो हो जा.. मैंने कहा कि में फ्रेश ही हूँ और उसने यह बात सुनते ही मुझे एक और स्माईल दी और कहा कि चलो अब सो जाते है. फिर हम लोग एक ही बिस्तर पर लेट गए.. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और में चुपके से उन्हे देख रहा था. मैंने महसूस किया कि उन्हे भी नींद नहीं आ रही थी.. वो बस आंखे बंद करके लेटी हुई थी. तो मैंने पूछा कि भाभी क्यों जाग रही हो?

    वो बोली कि तू क्यों जाग रहा है और मेरी तरफ मुहं करके एकदम मुझसे चिपककर लेट गई.. जिसकी वजह से मुझे उनकी गरम गरम सांसे महसूस हो रही थी. तो वो बोली कि मुझे बहुत डर लग रहा है और मैंने सही मौका देखकर उनको अपनी बाहों में ले लिया और बोला कि में हूँ ना.. में आपको कुछ नहीं होने दूँगा और यह बात सुनते ही भाभी ने मुझे गाल पर किस किया और बोली कि तू मेरा कितना ख्याल रखता और मेरे पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ रहा था और मेरे लंड ने भी अपना आकार बदलना शुरू कर दिया.

    तो मैंने उन्हे भी माथे पर किस किया और बोला कि अब सो जाओ.. तो वो बोली कि नहीं हम थोड़ी देर बात करते है और वो मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड है और क्या तुमने कभी कुछ किया है? तो मैंने कहा कि नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मैंने कभी कुछ नहीं किया है तो और ज़ोर से चिपक गयी और बोली कि में तुम्हे बहुत प्यार करना चाहती हूँ. क्या तुम भी मुझे प्यार करोगे? और उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.. लेकिन में कुछ बोल नहीं पाया. मैंने उनको होंठो पर किस किया और भाभी ने मेरे मुहं को पकड़कर एक फ्रेंच किस किया.

    यह सब 30 मिनट तक चला और मैंने कहा कि भाभी तुम बहुत हॉट हो और अब वो मेरे सारे बदन को किस कर रही थी और मेरे कपड़े खोल रही थी और मैंने उन्हे जल्दी से 69 पोज़िशन में लिया और उनकी चूत एकदम शेव थी.. लगता था कि उन्होंने आज ही पूरा प्लान ही किया था. तो मैंने उनकी चूत को बहुत किस किए और अब में अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर बाहर करता रहा और वो मेरे लंड को जो कि 7 इंच लंबा और 3 मोटा है उसे वो लोलीपोप की तरह चूसे जा रही थी. यह काम करीब 25 मिनट तक चला. फिर भाभी बोली कि चूस और ज़ोर से चूस इसे.. पी जा मेरा सारा पानी और वो झड़ गई और फिर भी उनका जोश खत्म नहीं हुआ.. वो फिर भी मेरे लंड को चूसे जा रही थी और में उनकी चूत को.

    तो अब मेरी बारी थी.. दस मिनट के बाद मैंने कहा कि में झड़ने वाला हूँ.. तो भाभी और ज़्यादा जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे सारे वीर्य को निगल गई और फिर बोली कि मुझे बहुत मज़ा आया और फिर से मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और करीब दस मिनट के बाद मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और अब में उनकी मेक्सी को हटाकर उन्हे पूरे बदन पर चूम रहा था और में उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. तो वो बोली कि अब क्यों तड़पा रहा है अपनी भाभी को.. तूने आज पहली बार मुझे संतुष्ट किया है.. वरना में इतने सालों से बहुत बैचेन थी और चल अब इसे मेरी चूत के अंदर डाल दे.. लेकिन थोड़ा धीरे डालना.. वरना मुझे दर्द होगा.

    फिर मैंने लंड को चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मार दिया.. तो दो इंच लंड अंदर चला गया और वो एकदम चिल्ला उठी और मुझे खींचकर अपने होंठ मेरे होंठो पर लगा दिए. तो मैंने सही मौका देखकर एक और जोरदार झटका लगाया और अब इस बार मेरा 7.5 इंच का लंड उसकी चूत में था और वो दर्द से एकदम कराह उठी और मेरे होंठो पर चूमना और चूसना शुरू किया. तो में उनके बूब्स को दबाए जा रहा था और स्मूच भी किए जा रहा था और थोड़ी देर बाद उनका दर्द थोड़ा कम हुआ और अब वो भी उसकी गांड को उछाल उछालकर मेरा साथ दे रही थी और 15 मिनट ऐसे ही चला.

    फिर वो मेरे ऊपर बैठी और अपनी चूत पर लंड को सेट किया और फिर मेरा लंड फिसलता हुआ उसकी चूत में चला गया और अब वो मेरे लंड के ऊपर नीचे होने लगी. तो में भी नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.. जिसके कारण हम दोनों बहुत थक गए थे और हाफ़ रहे थे. तो कुछ देर बाद वो बोली कि में अब झड़ रही हूँ ओहह्ह्ह्ह माँ अह्ह्ह्हह भगवान तुम बहुत अच्छे हो. तो में बोला कि में तुम्हे बहुत चाहता हूँ डार्लिंग.. तो वो बोली कि में भी.. चोदो मुझे और चोदो अह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चोदो ऊओह तू आज फाड़ दे अपनी भाभी की चूत को और वो झड़ गई. तो मैंने उन्हे नीचे लेटाया और में उनके ऊपर आ गया और ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा. करीब 20 मिनट के बाद मैंने कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ.

    तो उसने कहा कि मेरे मुहं में ही छोड़ दे और में उनके मुहं में ही अपना वीर्य डालने लगा और हम लोग ऐसे 30 मिनट तक लेटे रहे और फिर भाभी मेरे लंड को चूसने लगी और बोली कि इस बार मेरी गांड में डालना और मैंने उनकी गांड में बहुत सारा तेल लगाया और लंड को बहुत मेहनत से गांड में गांड में डाला.. दोस्तों उनकी गांड बहुत टाईट थी.. इसलिए लंड हर बार फिसलकर बाहर निकल रहा था. तो मैंने उसे बहुत मुश्किल से उनकी गांड में डाला और उनकी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.. यह चुदाई लगातार 15 मिनट तक चली और फिर में उनकी गांड में झड़ गया और उनके बूब्स पी रहा था.. मुझे बड़ा मज़ा आ गया और फिर दूसरे दिन भी हमने 4 बार चुदाई का मजा लिया.

  • भाभी को चोदा अहमदाबाद में

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रॉकी है और में गुजरात का रहने वाला हूँ और में 25 साल का एक हट्टा कट्टा लड़का हूँ और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों आज में अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. वैसे में इस साईट का बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ क्योंकि इसकी कहानियों को पढ़ने के बाद से मुझे थोड़ी हिम्मत मिली और में अपनी कहानी लिखने को तैयार हुआ और अब में पिछले कुछ सालों से इसका बहुत बड़ा फेन हो गया हूँ.

    दोस्तों वैसे मैंने पहला सेक्स मेरी लाईफ में जब किया में 20 साल का था और तब से मैंने बहुत बार सेक्स किया हुआ है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों वैसे अभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है तो में ज़्यादातर फ्री टाईम होता हूँ और में उस समय ऑनलाईन चेट करता हूँ, सर्चिंग करता रहता हूँ कि शायद कोई लड़की या भाभी या आंटी मुझे मिल जाए सेक्स करने को.. लेकिन बहुत दिनों तक लगातार चेट करने पर भी मुझे कोई भी नहीं मिली.

    फिर एक दिन मेरा सोया हुआ नसीब जाग गया और में उस शाम को फ्रेश होकर लेपटॉप चालू करके चेट करने के लिए बैठ और थोड़ी देर चेट करने के बाद मेरी एक लड़की से बात हुई. मैंने उसे बताया कि में 25 साल का हूँ और उसने जवाब दिया कि वो एक लड़की है. तो मैंने उससे उसकी उम्र के बारे में पूछा और फिर उसने बताया कि वो 32 साल की एक शादीशुदा औरत है.

    मैंने और उसने ऐसे ही बहुत देर तक नॉर्मल बातें की और उसके बाद मैंने उसको मेरी दोस्त बनने के लिए आग्रह भेजा.. तो उसने मेरा वो आग्रह मान लिया और करीब हमने उस दिन 15-20 मिनट ऐसे ही बातें की और अभी मुझे कोई जल्द बाजी नहीं करनी थी और हो सकता है कि शायद वो बुरा मान जाए और चली जाए.

    उस दिन के बाद हमने दूसरे दिन ऑनलाइन मिलने को बोला और में उसके दिए हुए टाईम को याद करके ऑनलाइन हो गया और जैसे ही में ऑनलाइन हुआ मैंने देखा कि वो पहले से ही ऑनलाइन है और हमने फिर से बातें शुरू की और इतने से समय में ही बातों ही बातों में हमने एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान लिया था.

    मैंने उससे उसकी फेमिली के बारे में पूछा और फिर उसने बोला कि वो, उसके पति और उसकी एक छोटी सी बेटी है जो अहमदाबाद के पॉश एरिया में एक फ्लेट में रहते है और वैसे वो लोग गुजरात के रहने वाले नहीं थे.. वो तो यहाँ अहमदाबाद में उसके पति की नौकरी के वजह से रहते है और अहमदाबाद में उसका और कोई रिश्तेदार भी नहीं है. वो ज़्यादातर ऐसे ही फिल्म देखकर या ऑनलाइन रहकर ही टाईम पास करती है और उसकी बेटी अभी बहुत छोटी है इसलिए वो ज़्यादातर समय सोती ही रहती है.

    फिर उस दिन बहुत देर बात करने के बाद मेरी उसके साथ बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी और मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा.. लेकिन उसने मुझसे साफ मना किया और कहा कि नहीं अभी हम यहीं पर ऑनलाइन बातें करेंगे. तो मैंने उससे ठीक है बोला और वैसे भी में कर भी क्या सकता था? फिर ऐसे ही हमने 8-10 दिन तक लगातार बातें की और मुझे उससे बातें करना बहुत अच्छा लगता था..

    दोस्तों में सच बोलूँ तो मुझे उसकी बातों से लगता था कि शायद उसे भी एक फ्रेंड की ही ज़रूरत है.. लेकिन वो जो मेरे दिल में थी वो मनोकामना पूरी करने वाली नहीं है.. लेकिन फिर भी मुझे उससे बातें करना बहुत अच्छा लगता था और ऐसे ही इतने दिन बात करने के बाद उसे मुझ पर पक्का भरोसा हो गया था कि में एक बहुत अच्छा लड़का हूँ और फिर जब मैंने दोबारा से उसका मोबाईल नंबर माँगा तो उस दिन उसने मुझे नंबर दे दिया और वो मुझसे बोला कि तुम अभी कॉल कर सकते हो.

    मैंने तुरंत ही उसको कॉल किया.. उसने हैल्लो बोला और मैंने भी हाय बोला और मुझे उसकी आवाज़ सुनकर ही कुछ कुछ होने लगा. फिर उसने मुझसे बोला कि मुझे तुमसे चेटिंग करके बहुत अच्छा लगा और फिर हमने ऐसे ही इधर उधर की बातें की और अब मुझे उससे एक बार जरुर मिलना था.. लेकिन में उससे बोल नहीं पाया.

    फिर दो दिन बाद मैंने ऐसे ही उससे पूछ लिया कि क्या हम मिल सकते है? तो वो मुस्कुराने लगी और बोली कि आप मुझसे क्यों मिलना चाहते है? तो मैंने बोला कि बस ऐसे ही.. क्यों हम दो दोस्त नहीं मिल सकते और उसने मुझे बोला कि हाँ मिल सकते हो.. लेकिन में तुम्हे कल बताउंगी कि हमे कब और कहाँ पर मिलना है?

    दूसरे दिन सुबह जब हमने बात की तो उसने मुझे बताया कि तुम मुझे मेरे घर पर आकर मिल सकते हो.. लेकिन जब मेरे पति घर पर ना हो तब. तो मैंने उससे मिलने का टाईम पूछा और उसने टाईम और अपने घर का पता मुझे बता दिया और मुझे लग रहा था कि आज ज़रूर कुछ होगा.. तो में उसके दिए हुए टाईम और पते पर पहुंच गया और मैंने देखा कि वो एक बड़ा अपार्टमेंट्स है.. उसकी 7th मंजिल पर उसका फ्लेट है और मैंने वहाँ पर जाकर दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई और उसने जब दरवाजा खोला तो में उसे देखकर एकदम दंग रह गया.. वो क्या लगती थी?

    वो एकदम कमाल की दिख रही थी और वो इतनी गोरी भी नहीं थी.. लेकिन उसका शरीर थोड़ा भरा हुआ था और उसके बूब्स कपड़ो के ऊपर से ही बहुत बड़े दिख रहे थे और उसके बाल खुले थे और उसने गुलाबी कलर की ड्रेस पहनी हुई थी.

    फिर उसने मुझे अंदर आने को कहा और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया.. उसने मुझे किचन से लाकर पीने को पानी दिया.. लेकिन बस में तो उसे देखे ही जा रहा था और पानी पिए जा रहा था. तो उसने बोला कि क्या देख रहे हो?

    मैंने बोला कि तुम बहुत अच्छी लगती हो और तुम्हे देखकर बिल्कुल भी नहीं लगता कि तुम 32 साल की हो. फिर उसने थोड़ा मुस्कुराते, शरमाते हुए मुझसे बोला कि आप भी दिखने में बहुत अच्छे लगते हो. फिर मैंने उससे उसकी बेटी के बारे में पूछा तो उसने बोला कि वो इस समय दूसरे रूम में सो रही है और उस समय शायद उसका पति नौकरी पर गया हुआ है और वो रात को ही लोटेगा.

    फिर वो मेरे सामने बैठ गई और हम बातें करने लगे. में तो उसको पहली बार देखकर ही उसकी तरफ बहुत आकर्षित हो गया था और अब मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था और में उससे मेरे खड़े लंड को छुपाने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन उसने वो देख ही लिया और मंद मंद मुस्कुरा रही थी और उसके हाव भाव से लगता था कि उसे क्या चाहिए?

    लेकिन हम दोनों में से कोई भी पहल नहीं कर रहा था. तभी उसने मुझसे कहा कि क्या बार बार मुझे देख रहे हो और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. तो मैंने उससे बोला कि आपकी कमर बहुत अच्छी है एकदम पतली. तो वो शरमाने लगी और धन्यवाद बोला. मेरी हिम्मत अब और बढ़ गई.. तो उसने मुझसे बोला कि मेरे शरीर में आपको और क्या क्या अच्छा लगता है?

    मैंने बोला कि आपके होंठ बहुत रसीले है.. आपकी गर्दन पतली सुराही जैसी है.. आपकी आखें एकदम नशीली है और आपके वो तो बहुत ही बड़े बड़े है. तो वो और शरमाने लगी और में बोला कि और क्या क्या बताऊँ आपके सेक्सी जिस्म बारे में.. जिसे एक बार देखकर हर कोई आपका चाहने वाला बन जाए और मुझे पता चल गया था कि अब मेरी लाईन साफ है.. में एकदम से खड़ा होकर उसके पास चला गया और उसे छूकर बोला कि यह आपके बूब्स.. तो वो एकदम से चकित हो गयी और उसने ज़्यादा शरम की वजह से अपना मुहं दूसरी तरफ फेर लिया.

    मैंने उसका मुहं मेरी तरफ करके उसे लिप किस करने लगा और वो मेरी आखों में आखें डालकर मुझे देखने लगी और मुझसे छूटने का नाटक करने लगी.. लेकिन जब कुछ देर विरोध करने के बाद उसे महसूस हुआ कि वो अब मुझसे नहीं छूट सकती.. तो वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने उसे कुछ देर किस करने के बाद बोला कि में कब से तुम्हे मिलना चाहता था.. लेकिन में तुमसे यह बात कह नहीं पाता था.

    फिर उसने मुझसे कहा कि में भी यही सब चाहती थी.. लेकिन आप ही पहले मुझसे मिलने को बोले तो उस बात का कुछ और ही मज़ा है इसलिए में इतने दिन चुप रही. फिर यह सब बातें सुनकर मुझे और जोश आ गया और में उसे अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया और वहाँ पर उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने, सहलाने लगा और वो भी मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ घुमा रही थी.

    फिर मैंने धीरे धीरे करके ऊपर से उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे पूरा नंगा कर दिया और अब में भी अंडरवियर में आ गया और उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी हुई थी और में बेड पर लेटाकर उसके पूरे शरीर पर किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एकदम नंगे हो गये और एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे और फिर उसी समय उसने मुझे बोला कि वो अपने पति से आज तक कभी भी उतनी संतुष्ट नहीं हुई है इसलिए वो अब किसी और के साथ सेक्स करना चाहती है.

    मैंने उसको बोला कि मेरी जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो.. आज हम दोनों एक दूसरे को जी भरकर प्यार करेंगे और हम दोनों एक दूसरे के तड़पते हुए शरीर से खेलते रहे और में उसकी चूत में ऊँगली करने लगा.. जिसकी वजह से उसकी मचलती हुई चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.. वो मोनिंग किए जा रही थी और वो मेरे लंड को मसाज किए जा रही थी और अब हम दोनों चुदाई के लिए तैयार थे.. मैंने कंडोम निकाला और लंड पर लगाकर उसके ऊपर बेड पर आ गया. उसने मुझसे बोला कि जानू थोड़ा आराम से करना.. तुम्हारा लंड बहुत लंबा और मोटा है और मुझे मेरे पति के अलावा आदत नहीं है इतने बड़े लंड से चुदने की.. तो मैंने बोला कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो डार्लिंग आज यह तुम्हे थोड़े दर्द के साथ साथ मज़ा भी कराएगा.

    फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और लंड को चूत पर सेट करके धीरे धीरे धकेलते हुए चूत में डालना शुरू किया और अब लंड धीरे धीरे फिसलता हुआ उसकी चूत की दीवार पर रगड़ खाता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. तो उसे थोड़ी तकलीफ़ जरुर हुई.. लेकिन वो हर रोज चुदने वाली थी तो उसे इतना दर्द नहीं हुआ फिर में उसको लिप किस करते करते बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोद रहा था. फिर हम ऐसे ही चुदाई करते हुए एक दूसरे की तरफ देखकर हंस भी रहे थे. तो मैंने उसको बोला कि वाह जान क्या चूत है तुम्हारी? और में पहली बार किसी की बीवी को चोद रहा हूँ.. मुझे इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा है. तो वो भी हंसने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और लगातार 15-20 मिनट धक्के देने के बाद में झड़ने वाला था और उस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उसे तेज तेज धक्के देकर चोदना शुरू किया और में थोड़ी ही देर में उसकी चूत में झड़ गया..

    मेरे लंड से एक एक गरम वीर्य की बूंद उसकी चूत में टपकने लगी और उसके चेहर से साफ दिखने लगा था कि वो मेरी इस चुदाई से कितनी संतुष्ट है. तो अब हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लिपटकर लेटे रहे.. क्योंकि हम दोनों उस चुदाई से बहुत थककर पसीना पसीना हो गये थे. फिर कुछ देर बाद हम उठकर फ्रेश हुए और हमने खाना खाया और उस दिन हमने दो बार और चुदाई की. दोस्तों अभी वो गुजरात में नहीं है.. लेकिन वो जब तक यहाँ पर थी हमने बहुत समय तक जमकर चुदाई की और आज भी में उससे ऑनलाईन बातें करता हूँ और हम बहुत मज़े करते है ..

  • देवर का लंड खड़ा किया

    हैल्लो दोस्तों.. में रूचा, उम्र 22 साल और में शादीशुदा गर्ल हूँ. मेरी शादीशुदा लाईफ बहुत अच्छी चल रही है. मेरे पति मुंबई में आर्किटेक है और वो 27 साल के है. मेरी शादी को 3 महीने हो चुके है.

    यह जो घटना में आपको बताने जा रही हूँ वो मेरी शादीशुदा सेक्स लाइफ का एक्सपीरियन्स है. में मेरे पति के साथ मुंबई में ही रहती हूँ और फेमिली में हम दो ही लोग है और शादी से पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था.. लेकिन हमारे बीच में बस ओरल सेक्स हुआ था. जब मेरे पति ने मेरे साथ पहली बार सेक्स किया तब तक में वर्जिन थी. में बहुत सेक्सी और सुन्दर गर्ल हूँ और अब में आपको बोर ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आती हूँ. मेरी हमेशा से एक इच्छा थी कि मेरे पति मुझे खूब जमकर चोदे और में खूब चुदाई करवाऊँ और गांड मरवाऊँ.. लेकिन मेरी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई.

    एक दिन जब रात को मेरे पति घर आये तो उनके साथ मेरे देवर जी भी आये. मेरे पति और उनके भाई दोनों ही बहुत सुन्दर है और अच्छे दिखते है. मैंने जब दोनों को साथ में देखा तो मेरी पुरानी इच्छा जाग उठी और मैंने सोचा कि ये मौका अच्छा है अपनी इच्छा पूरा करने का. फिर मैंने प्लान बनाया कि में देवर से चुदवाऊंगी.. लेकिन कैसे?

    रात में डिनर के समय मैंने ब्रा और पेंटी उतार दी और सिर्फ़ अपने नाईट गाउन में थी जो कि काफ़ी ढीला और बड़े गले का है. अगर में घर में ऐसे ही रहूँ तो मेरे पति को कोई प्रोब्लम नहीं थी. लेकिन मेरे देवर जी का ध्यान बार बार मेरे बूब्स की तरफ आ जाता था. मेरे 34-B साइज़ के आम उन्हें मेरी तरफ बड़ी भूख की आँखो से देखने पर मजबूर कर रहे थे.

    मैंने उन्हे ये करते हुये बहुत बार पकड़ लिया और सोचा कि आज रात में ही कुछ प्लान बनाया जाये. रात होने पर मेरे पति जाकर सो गये और मैंने अपने देवर जी के साथ बातें शुरू की और बातों बातों मे उनका हाथ मेरे बूब्स पर लगाया.. ब्रा नहीं होने से मेरे बूब्स झट से उछल गये और देवर जी थोड़े शरमा गये. मैंने मुस्कुरा कर कहा कि कुछ नहीं होता.. मैंने ब्रा नहीं पहनी है इसीलिये ऐसा हुआ.. यह सुनकर देवर जी मुझे घूरने लगे और उनके पजामे में उनका लंड खड़ा होने लगा.

    मैंने फिर कहा कि क्या हुआ देवर जी? क्या सोच रहे है आप.. तो वो बोले कुछ नहीं भाभी. मैंने कहा कि आप मुझे रूचा ही कहिये और आप क्या सोच रहे है वो तो सब दिख रहा है. यह सुनकर उसने मुझसे पूछा कि क्या आप घर में बिना ब्रा के रहती है अब में समझ गई कि आज देवर जी तो फंस ही गये. मैंने आराम से सोफे पर लेटकर कहा हाँ और अब घर में कैसे भी रहो क्या फ़र्क पड़ता है में तो पेंटी भी नहीं पहनती. यह बोलते ही उनका लंड तन गया और वो मेरे करीब आ गये.

    मैंने कहा क्या हुआ? उसने कहा कि में आपके बूब्स बहुत देर से देख रहा हूँ और करीब से देखना चाहता हूँ. में कुछ जवाब देती उससे पहले उन्होंने अपना हाथ मेरे गाउन मे डाल दिया. गाउन में हाथ डालते ही उन्होने मेरे बूब्स दबाने शुरू किये और निप्पल पर चिकोटी लेने लगे. मैंने कहा ये क्या कर रहे है.. तो उनसे कहा अब रहने दीजिये मुझे भी पता है आप क्या सोच रही है और उसने अपना पजामा उतार दिया और मेरे हाथ मे अपना लंड दे दिया और कहा कि मैंने भी अंदर कुछ नहीं पहना है. उनका लंड काफ़ी मोटा था और 8 इंच लंबा था.

    उनके तने हुये लंड को देखकर मुझसे नहीं रहा गया. मैंने अपने देवर जी के लंड को सहलाना शुरू किया और कहा कि आपको करीब से देखना है तो देख लीजिये पर मुझे बदले में कुछ चाहिये. में उठकर खड़ी हो गई और देवर जी के बेडरूम में आ गई.. वो मेरे पीछे आ गये और रूम मे आकर मैंने अपना गाउन उतार दिया. मेरे देवर ने दोनों हाथ से मेरे बूब्स को दबाया और पागलों जैसे चूसने लगे..

    फिर एक हाथ मेरी चूत पर ले जाकर उसमे दो उंगली डाल दी और बोला ओह भाभी आप तो बहुत गर्म हो गई है. मैंने कहा आपका लंड देखकर रहा ही नहीं गया.. लेकिन कहीं भैया आ गये तो? मैंने कहा कि वो अब सीधा सुबह उठेंगे. ये सुनते ही उसने मुझे बेड पर धकेल दिया और अपने कपड़े उतार दिये और मुझे अपने उपर आने का इशारा किया.. हम दोनों 69 पोज़िशन में थे. उसने मेरी चूत चाटना शुरू किया और एक उंगली को मेरी गांड मे डाल दिया.. लगता है भैया को गांड काफ़ी अच्छी लगती है.

    मैंने उसका 8 इंच लंबा लंड चूसते हुये ह्ह्हम्म्म हम कर रही थी. इतने में उसने मुझे उठाया और कहा कि ऐसे ही रहो.. हम डॉगी स्टाइल में थे. उसने एक ही झटके में मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और दोनों हाथ से मेरे बूब्स पकड़ लिये और झटके देने शुरू कर दिये. 2-3 धीरे धीरे झटको के बाद उसने ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू किया.

    फिर उसने मुझे 25 मिनट तक वैसे ही चोदा. में तो अब झड़ने वाली थी. उसने फ़िर अपना लंड निकाला और कहा कि झुक जाओ.. तो में समझ गई कि वो क्या करना चाहता है उसने मेरी कमर कसकर पकड़ी और अपना मोटा लंड मेरी गांड पर रख कर धक्का मारा. उस एक धक्के में उसका 8 इंच लंबा लंड मेरी गांड में था और मेरी चीख निकल गई. उसने एक हाथ में मेरा मुँह पकड़ लिया और दूसरे से मेरे बूब्स और कहा कि आज आपको ऐसी जन्नत मिलेगी जो भैया ने आपको कभी नहीं दी होगी. मैंने कहा हाँ चोदो मुझे जम कर चोदो ह्ह्ह्हम्म और उसने अगले 15 मिनट तक मेरी गांड मारी फिर लंड निकालकर मुझे पलट दिया. फिर मेरा सर पकड़कर अपने लंड के पास लाया.. तो मैंने उसका लंड अपने हाथ में लेकर मुँह में डाल लिया. उसका लंड बहुत गर्म हो गया था. 2 मिनिट मे उसने अपना वीर्य मेरे मुँह पर छोड़ दिया. फिर में उठकर बाथरूम गई और फिर में अपने रूम में चली गई.

  • भाभी की साड़ी और चूत फाड़ी

    हैलो दोस्तों.. मेरा नाम सुमित है और में जालंधर से हूँ. आज में आपके साथ अपनी एक सच्ची कहानी शेयर कर रहा हूँ. यह बात उन दिनों की है जब में बारहवीं क्लास में पढ़ता था. मेरे मामा जी के बेटे की नई नई शादी हुई थी और वो कनाडा में रहता है. उसका वहाँ अपना बिज़नेस है.. तो बात यह हुई कि वो शादी करके जल्दी ही कनाडा चला गया क्योंकि उसको बहुत बड़ा प्रॉजेक्ट मिल गया था. में उसकी शादी पर नहीं जा सका क्योंकि मेरे एग्जाम चल रहे थे.

    एक दिन में मामा जी के घर गया.. सब लोग मंदिर गये हुए थे. घर में सिर्फ़ में और मेरी भाभी रेणुका थी. लेकिन मुझे नहीं पता था कि घर में कोई नहीं है. में हमेशा की तरह बिना बेल बजायें अंदर चला गया और मामा जी को आवाज़ दी लेकिन अंदर से कोई रिप्लाई नहीं आया.. तो मैंने 3-4 बार और पुकारा.. फिर भाभी ने आवाज़ दी तो मैंने अपने बारे में बताया तब भाभी को पता चला कि में उनका रिश्तेदार ही हूँ.

    उस वक़्त तक़ मेरी भाभी पर बुरी नज़र नहीं थी. भाभी बोली चलो में आपके लिए चाय बना के लाती हूँ. सर्दी बहुत ज़्यादा थी तो मैंने भी चाय के लिए हाँ कर दी. भाभी जब चाय बनाने के लिए गयी तो में वहां बैठ कर टी.वी देखने लगा. जब मैंने टी.वी चालू किया तो टी.वी पर सेक्सी गाना चल रहा था.

    मेरा मूड खराब होना स्टार्ट हो गया और भाभी के आने की आवाज़ सुनकर मैंने चेनल चेंज कर दिया. तब मैंने शरमाते हुये भाभी से पूछा कि बाकी फेमिली कहाँ है.. तो भाभी ने बताया कि वो सब मंदिर गये है और शाम को ही सब वापस आयेंगे. मेरी तो क़िस्मत चमक पड़ी तो मैंने भाभी को बोला कि में 2-3 दिन के लिए यहाँ ही रहूँगा. भाभी ने मुझे मेरा रूम दिखा दिया और में वहां जाकर आराम करके अपने मोबाइल पर ब्लू फिल्म देखने लगा. मैंने हेड फोन्स लगाये और जल्दबाज़ी में अपना दरवाज़ा लॉक करना भूल गया था और उधर भाभी के फोन पर मामा जी का फोन आया कि उनकी कार खराब हो गई है और वो कल सुबह आयेंगे और मुझे घर पर ही रहने को कहा.

    यह बताने भाभी मेरे रूम में आई तो में अपने कंबल में मुठ मार रहा था. भाभी मेरे पास आकर खड़ी हो गई और मुझे बताने लगी कि कैसे उनकी कार खराब हो गई है. मेरा ब्लू फिल्म और भाभी को देखकर मूड खराब होता जा रहा था. भाभी ने उस टाईम काली साड़ी पहनी हुई थी. में तो आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था.. भाभी का फिगर 36-28-34 था. मेरा तो सेक्स की गर्मी के कारण इतनी सर्दी में भी चेहरा लाल हो रहा था. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. भाभी जाने ही लगी थी कि मैंने उनको आवाज़ दी और उनको अपने पास बैठाकर इधर उधर की बातें करने लगा.

    फिर धीरे धीरे में भाभी के पास आने लगा और मैंने फिर एक ही झटके में भाभी को पकड़ लिया और अपने बेड पर पटक दिया. भाभी बोलने लगी कि यह सब क्या कर रहे हो लेकिन में इतना उत्सुक था कि मेरी कोई आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी. में पागलो की तरह भाभी को किस करता रहा और भाभी मुझे दूर हटाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था. भाभी मुझे गालियाँ देने लगी लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उन्हें किस करता रहा. फिर कुछ ही समय बाद मैंने भाभी की साड़ी को उतारना चाहा लेकिन भाभी चिल्लाये जा रही थी और मुझे दूर धकेले जा रही थी.

    मैंने पास में पड़ी एक ब्लेड से भाभी की साड़ी को थोड़ा फाड़ दिया और फिर मैंने बाकी साड़ी को हाथ से ही फाड़ दिया. भाभी चिल्ला रही थी कि छोड़ दो मुझे.. लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और जल्दी जल्दी उनका ब्लाउज भी फाड़ दिया. भाभी गुस्से के मारे लाल हुए जा रही थी. में बहुत तेजी से भाभी के बूब्स ब्रा के उपर से ही दबाने लगा. तब जाकर भाभी थोड़ा शांत हुई और फिर मैंने दोबारा किस करना शुरू कर दिया.

    अब भाभी किस करने मे मेरा साथ दे रही थी. भाभी को भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा. फिर मैंने भाभी के पूरे कपड़े उतार दिए और उन्हें नंगा कर दिया. भाभी मुझे बोलने लगी कि आज लगता है तुम मुझे चोद के ही रहोगे. इसके लिए मेरी इतनी कीमती साड़ी फाड़ने की क्या ज़रूरत थी. फिर मैंने कहा कोई बात नहीं भाभी.. में आपको नई साड़ी ला दूंगा. इस पर भाभी मुस्करा पड़ी. फिर धीरे धीरे मैंने भाभी की चूत को टच किया.. भाभी के शरीर में कंपन स्टार्ट हो गया. में धीरे धीरे किस करने लगा जिससे भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने किस करते-करते ही अपने भी कपड़े उतार दिए. भाभी मेरा 10 इंच का लंड देखकर हैरान रह गई.

    मैंने भाभी से कहा कि इतना बड़ा पहले कभी नहीं देखा क्या? तब भाभी ने बताया कि उसने अभी तक़ सुहागरात भी नहीं मनाई है. भाभी ने कहा कि पहले तो तुम मुझे भाभी कहना बंद करो और मुझे रेणुका कहना स्टार्ट करो.. आज से में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ. मैंने फिर भाभी को खूब किस किया और धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ बढ़ा और उनकी चूत पर किस किया और फिर एक उंगली से उनकी चूत को चोदना चाहा.. लेकिन उनकी चूत सच में वर्जिन थी. फिर मैंने पास में पड़ा ऑयल अपनी उंगली पर लगाया और भाभी की चूत पर में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. लेकिन रेणुका उंगली से ही चिल्ला उठी.

    मैंने उंगली की स्पीड बड़ा दी कुछ ही समय बाद उन्हें मज़ा आने लगा और फिर उसकी चूत ने ढेर सारा लावा छोड़ दिया. भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी. मैंने फिर 2 उंगलियों से भाभी की चूत को चोदना स्टार्ट कर दिया. भाभी फिर से चिल्ला उठी लेकिन में नहीं रुका. जब दोबारा भाभी काफ़ी गर्म हो गई तो मैंने अपने लंड पर ढेर सारा ऑयल लगाया और थोड़ा रेणुका की चूत पर भी लगाया और धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत से टच करने लगा.. रेणुका कहने लगी कि बस डाल दो.

    मैंने एक ही झटका दिया था कि अचानक रेणुका रोने लग गई.. और वो दर्द के मारे चिल्ला रही थी. उसने मुझे धकेल दिया और कहने लगी कि मुझे नहीं करना यह सब और ना ही मुझसे कंट्रोल हो रहा था. मैंने रेणुका को वाइन पिलाई जिससे वो अपने होश में नहीं रही और उसको दोबारा गर्म किया. इस बार मैंने एक ही झटके में अपना सुपाड़ा अंदर कर दिया और लगातार किस करता रहा. उसे वाइन की वजह से दर्द थोड़ा कम हो रहा था. फिर मैंने दूसरा धक्का भी मार दिया और रेणुका फिर से चिल्ला पड़ी.. मम्मी, लेकिन में फिर भी धीरे धीरे धक्के लगाता रहा और कुछ ही समय बाद उसको भी मज़ा आने लगा.

    फिर मैंने एक और धक्का मारा और उसकी सील तोड़ दी सील टूटते ही वो बहुत जोर से चिल्लाई सुमित छोड़ दो मुझे.. तुम्हारा बहुत बड़ा है.. निकालो इसे, मुझे नहीं करना सेक्स.. लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और लगातार सेक्स करता रहा और बड़े बड़े शॉट मारते मारते अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. भाभी बहुत चिल्ला रही थी कि छोड़ दो मुझे प्लीज़.. छोड़ दो.. वो लगातार चिल्लाये जा रही थी.. लेकिन में भी लगातार धक्के लगाता रहा.

    फिर 4-5 मिनिट के बाद भाभी को भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. उन्होंने मुझे नीचे से ही हग कर लिया और कहने लगी कि फक मी हार्ड सुमित प्लीज़.. डू फास्टर एंड हार्डर.. में भी पूरे जोश में आकर धक्के पर धक्के लगाता रहा और फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा और मैंने पीछे से भाभी को खूब चोदा.. पूरे घर में हमारी चुदाई की ढप धप धप ढप्प्प की आवाज आ रही थी. फिर भाभी ने कहा की रुकना मत चोदते रहो.. कुछ ही समय बाद मेरा निकलने वाला था. मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ छोडू तो भाभी ने बोला कि एक भी बूंद बाहर नहीं आनी चाहिये.. सब मेरे अंदर आने दो.

    तब में और रेणुका एक साथ झड़ गये और में भाभी के उपर ही लेटा रहा. हम वैसे ही सो गये और फिर बाद में उठकर जब चड्डी की तरफ देखा तो भाभी हैरान रह गई. जल्दी जल्दी भाभी ने अपनी फटी हुई साड़ी और चड्डी को कूड़ेदान में फेक दिया और नहाकर फ्रेश हो गई. आज भाभी बहुत खुश थी. भाभी ने मुझसे वादा किया कि जब भी तुम कहोगे में तुम्हारे साथ सेक्स करुँगी. आज से में तुम्हारी लाईफ टाईम के लिए गर्लफ्रेंड हूँ. तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी ..

  • भाभी की गांड की चटनी

    हैल्लो फ्रेंड्स.. में राज आप सभी के सामने अपनी एक और हॉट कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में आप सभी को अपना परिचय करवा देता हूँ.. मेरा नाम राज है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. में 3rd साल बी-कॉम में पढ़ाई कर रहा हूँ और मेरी उम्र 20 साल है. में जब भी किसी लड़की को चोदता हूँ तो उसको जन्नत की सेर करा देता हूँ और एक या दो घंटे तक लड़की को छोड़ता नहीं हूँ. मुझे जब तक उसको चोदने से पूरी तरह सन्तुष्टि नहीं मिलती में बस उसे चोदे ही जाता हूँ. मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लंबा 3 इंच मोटा है.

    दोस्तों मैंने मेरी भाभी को चुदाई के लिये पटा लिया था और उनकी चूत को कई बार चोद भी चुका था. अब में आज आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने भाभी की गांड फाड़ डाली. दोस्तों एक दिन में भाभी का कॉल आया..

    भाभी : हैल्लो.. क्या कर रहे हो?

    में : बस आपको ही याद कर रहा हूँ.

    भाभी : अच्छा.. तो फिर आज का क्या प्लान है?

    में : बस आपको आज और भी जमकर चोदना और सन्तुष्टि देना का?

    भाभी : ठीक है तो आज एक बजे मेरे घर पर आ जाना.

    में : ठीक है भाभी.

    फिर में भाभी के घर पर जाने के लिए तैयार हो गया और मैंने भाभी के घर पहुंच कर डोर बेल बजाई.. तो भाभी ने दरवाजा खोला.. वाह! दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया.. वो नीले कलर की जालीदार मेक्सी में क्या सेक्सी लग रही थी? फिर मैंने उसको देखकर सोच लिया था कि आज में इस साली की चूत और गांड दोनों फाड़ डालूँगा. फिर वो बोली कि क्या बस ऐसे ही देखोगे या कुछ करोगे भी? तो मैंने कहा कि जानेमन आज तो में तुझे छोड़ने वाला नहीं हूँ.. तू कितना भी चिल्लाए या आंसू निकाले.. आज में तुझे फाड़कर रख दूँगा. फिर वो बोली ओह बड़े आए फाड़ने वाले.. कहने से कुछ नहीं होता कुछ करके भी दिखाओ तब मुझे पता चले कि इस लंड में कितनी ताकत है? तो मैंने झट से उसको पकड़कर मेरी और खींच लिया और किस करने लगा. वाह क्या होंठ थे उसके? यारों इतने रसीले की उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था. फिर वो बोली कि चलो अब बेडरूम में चलते है.. तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और किस करते करते बेडरूम में गया और उसे बेड पर फेंक दिया और उसके ऊपर आ गया.

    तो वो बोली कि क्यों आज बहुत जोश में लग रहे हो राज. फिर में उनको किस करता रहा.. क्या मुलायम होंठ थे उनके कि बस पूछो मत. फिर में धीरे धीरे उनकी गर्दन पर और उनकी छाती पर किस करने लगा और उनके 36 के बूब्स दबाने लगा. उस जगह पर मेरा हाथ लगते ही उनके बूब्स के निप्पल टाईट होने लगे. तो में थोड़ा और नीचे आ गया और उनकी नाभि को चूमने लगा. दोस्तों में तो उनकी जांघो को चूमते हुए फिर उनकी चूत के ऊपर से ही रगड़ने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी और वो कहने लगी हाँ बहुत अच्छे.. बस ऐसे ही लगे रहो ऊओसुउउउ अह्ह्ह. फिर मैंने मेक्सी का बूब्स वाला हिस्सा खोल दिया और मैंने देखा कि उसके एकदम सफेद बूब्स थे उनको देखकर किसी के भी मुहं में पानी आ जाए फिर मैंने बूब्स को मुहं में ले लिया और चूसने लगा मुझे बहुत मज़ा आने लगा और वो भी सिसकियाँ लेने लगी अहह उह्ह्ह राज चूसो इनको और चूसो उउईईइ अह्ह्ह उनके निप्पल एकदम गुलाबी थे और में मुहं में लेकर चूस रहा था और बहुत ज़ोर से बूब्स को दबा रहा था.

    तो वो बोली कि अह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है फिर नाभि को चूसते हुए मैंने उनकी मेक्सी का नीचे का हिस्सा भी उतार दिया और उसकी चूत यारों एकदम साफ शेव की हुई थी. में झट से उनकी चूत को चाटने लगा और वो मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी और चिल्ला रही थी. आह्ह राज और ज़ोर से अह्ह्ह उह्ह्ह्हऑश माँ मर गई अह्ह्ह फिर क्या था वो झड़ गई और फिर उसने मुझको लेटा दिया और धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारने लगी और मुझे किस करने लगी.

    फिर में सिर्फ अंडरवियर में था और वो मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही हिलाने लगी और फिर मुहं में लेने लगी फिर झट से उसे उतार दिया और मेरा 8.5 इंच का लंड देखकर उसके मुहं पर एक ख़ुशी सी नजर आने लगी और वो उसे बस देखे ही जा रही थी. तो मैंने झटके से उसके मुहं में लंड को डाल दिया और वो ना ना करती रही.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था और उसके मुहं में मेरा पूरा लंड समा भी नहीं रहा था.. लेकिन फिर भी वो उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मेरा बुरा हाल होता गया.. वो बहुत ज़ालिम की तरह मेरा लंड चूस रही थी. वाह! दोस्तों में क्या बताऊँ में तो जन्नत में था और फिर 5 मिनट बाद में उसके मुहं में झड़ गया.. लेकिन फिर भी उसके मुहं को पकड़कर चोदने लगा और उसके मुहं से पुच पुच की आवाज आने लगी.. उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी और वो मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी.

    में उसके मुहं में लंड को आगे पीछे करे ही जा रहा था और कुछ देर के बाद में बेड पर लेट गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गई और मेरा लंड फिर से मुहं में लेकर साफ करने लगी और उसने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया और बोली कि राज मुझसे अब नहीं रहा जा रहा.. प्लीज अपनी इस रांड को चोद दो और फाड़ दो उसकी यह प्यासी चूत. तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र रखो मेरी जान और में उसकी चूत को चाटने लगा.. दो तीन मिनट चाटने के बाद लंड को उसकी चूत पर रखा और ज़ोर से झटका लगाया तो वो ज़ोर से चिल्ला गई अह्ह्ह ऑश माँ मर गई.. राज थोड़ा धीरे करो.. प्लीज यार तुम जब भी चोदते हो तो नानी याद दिला देते हो.. प्लीज थोड़ा धीरे से करो.

    तो मैंने कहा कि तभी तो चुदाई का मज़ा आता है मेरी जान.. फिर और ज़ोर से मैंने दूसरा झटका लगया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर चला गया और वो चीखने चिल्लाने लगी और उसकी आँख से आंसू बाहर आ गये और में उसके होंठो को किस करने लगा और जल्दी जल्दी धक्के मारता रहा और वो चिल्लाती रही कि मार डाला.. प्लीज थोड़ा धीरे कर अहह उह्ह.

    फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसका एक पैर ऊपर किया और मेरे कंधे पर रख लिया.. वो बोली अरे वाह आज तो नयी नयी पोज़िशन बना रहे हो.. लेकिन प्लीज राज थोड़ा धीरे करो और मैंने ज़ोर से धक्का देकर लंड उसकी चूत में डाल दिया वो चिल्लाने लगी और मुझसे चुदने लगी अह्ह्ह माँ मर गई अह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो.. प्लीज निकालो और में झटके देता रहा. फिर वो झड़ गयी और थोड़ी बेहोश जैसे हो गयी और मैंने चूत से लंड को बाहर निकाला और उसके मुहं में डाल दिया और लंड को मुहं में धक्के देकर चोदने लगा और फिर से मुहं में सारा माल डाल दिया. हम दोनों बेड पर लेट गये.

    फिर थोड़ी देर बाद वो मुझे किस करने लगी और बोली कि आज बहुत दर्द हुआ राज.. लेकिन मज़ा भी बहुत आया.. चलो अब में फ्रेश हो जाती हूँ और वो बाथरूम में गई और में भी उसके पीछे गया. तो वो मुझे देखकर बोली कि प्लीज राज अब नहीं.. मुझमें और ताक़त नहीं है प्लीज़. तो मैंने कहा कि अरे चुदाई जितनी ज़्यादा हो उसकी अगली चुदाई में उतना ही ज्यादा मज़ा आता है मेरी जान.

    फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने उसे लंड की तरफ़ इशारा किया और वो उसको चूसने लगी. मैंने कहा कि में आज तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ. तो उसने झट से लंड को बाहर निकाला और बोली कि नहीं राज.. तुम चूत में डालकर हालत खराब कर देते हो और जब गांड में डालोगे तब मेरा क्या होगा? में तो मर ही जाऊंगी और शायद जिंदा बची तो ठीक से चल भी नहीं पाउँगी. फिर मैंने कहा कि अरे जान ऐसा कुछ नहीं होगा.. सिर्फ़ थोड़ा सा दर्द तो होगा.. लेकिन उसके बाद मज़ा भी बहुत आता है और वो फिर भी ना ना करने लगी मैंने और समझाया.. लेकिन फिर भी ना.

    तो मैंने कहा कि अरे यार एक बार ट्राई तो करो अगर तुम्हे ज्यादा दर्द होगा तो में बाहर निकाल दूँगा. तभी उसने कहा ठीक है.. लेकिन थोड़ा धीरे धीरे ही डालना. फिर क्या था मैंने उसकी 36 की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ मारा और देखा वो एकदम लाल हो गई थी और में उसको बेडरूम में ले गया और उसकी गांड को थोड़ा चाटा और गांड में एक उंगली डाल दी. वो चिल्ला उठी और बोली कि देखो राज एक उंगली से इतना दर्द हो रहा है तो तेरा लंड जाने से मेरी तो पूरी की पूरी गांड फट जायेगी.

    फिर मैंने कहा कि क्या यहाँ पर लोशन है? तो वो बोली कि हाँ.. वहाँ पर वो ड्रा खोलो और मैंने लोशन निकाला और उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और उसने मेरे लंड को मुहं में ले लिया और थोड़ा मेरे लंड पर लगा दिया. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाईल में होने को कहा वो बोली कि ठीक है.. लेकिन राज प्लीज धीरे धीरे. तो मैंने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और धीरे से धक्का दिया तो मेरा आधा टोपा उसकी गांड में जा चुका था और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. राज प्लीज़ अह्ह्ह अईईईई में मर गई अहह बाहर निकालो प्लीज़ मैंने सोचा अगर धीरे धीरे डालूँगा तो यह डालने नहीं देगी और उसे दर्द भी ज्यादा होगा और मैंने एकदम ज़ोर से झटका लगाया तो आधा लंड उसकी गांड में चला गया और उसकी हालत देखने जैसी थी.

    दर्द के मारे वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और उसकी आखों में से आंसू निकल रहे थे और वो मुझे गालियां दे रही थी और बोल रही थी अरे मादरचोद छोड़ मुझे.. में मर गयी, प्लीज भगवान के वास्ते अहह मुझे छोड़ दो प्लीज. में उसके बूब्स को पकड़कर दबा रहा था. फिर मैंने एक और ज़ोर से झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी अह्ह्ह माँ मर गई और थोड़ी देर बेहोश जैसी हो गई और में भी वैसे ही पड़ा रहा. फिर दो तीन मिनट के बाद उसको होश आया और वो बोली कि राज आज बस बहुत हुआ.. प्लीज इसे बाहर निकालो.

    तो में बिना कुछ सुने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा जिससे थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो खुद ही अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और बोली कि राज बहुत मज़ा आ रहा है फाड़ दो आज मेरी गांड. तो क्या अब मैंने भी ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिए और वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह हाँ और ज़ोर से मज़ा आ गया राज.. आज में सातवें आसमान पर हूँ उह्ह्ह ह्म्‍म्म्म. तो मैंने लंड को बाहर निकाला और देखा तो उसकी गांड का छेद बड़ा सा हो गया था.. फिर लंड को उसके मुहं में दिया और फिर में लेट गया और उसे मेरे ऊपर बैठने को कहा वो अपनी गांड का छेद लिए मेरे लंड पर बैठ गई और मैंने झट से उसकी कमर पकड़कर आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया.. वो चिल्लाने लगी अहह माँ मरी थोड़ा धीरे और में उसकी कमर पकड़कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाता रहा फिर 10 मिनट बाद में झड़ गया और सारा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया. तो उसने मेरे लंड को साफ कर दिया और हम लेट गये.. वो बोली कि राज गांड मरवाने में बहुत मज़ा आता है. अगर आज तुम ना होते तो में यह सुख शायद कभी नहीं ले पाती. मुझे आज बहुत मज़ा आया.. आज से तुम मेरी गांड चोदते रहना.

  • अपनी रसभरी भाभी

    हैल्लो दोस्तों.. में आपका दोस्त नितिन हूँ और यह मेरी पहले सेक्स अनुभव की कहानी है. मुझे कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और फिर एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना में अपनी सच्ची कहानी भी आप सभी के साथ शेयर करूं.

    दोस्तों मेरा नाम नितिन है और में 19 साल का एक स्मार्ट और हेंडसम लड़का हूँ और मेरी हाईट 5.8 फीट है और साथ में अच्छी खासी बॉडी और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.. अगर किसी भाभी या लड़की को मुझसे चुदना हो तो आप मुझे मैल कर सकती है लेकिन अब आपको ज्यादा समय बोर ना करते हुए में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

    दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरी भाभी निकिता की है.. मेरी भाभी 23 साल की एक बहुत हॉट सेक्सी लड़की है और उनका फिगर 34-28-36 का है और उनका रंग गौरा है और हर इंसान उन्हे चोदने की ख्वाईश रखता है और उनका पहली बार में हर कोई दीवाना हो जाता है. वैसे उनका घर मेरे घर के पास है.. में दिन में तीन चार बार वहीं पर जाता हूँ और मेरे भाई की नयी नयी शादी हुई थी और वो एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता है और उसको काम की वजह से अधिकतर बाहर ही रहना पड़ता है और उस समय मेरी भाभी घर पर अकेली होती है तो वो मुझे अपने घर पर बुला लेती है.. में और मेरी भाभी आपस में एक बहुत अच्छे दोस्त भी बन चुके थे और हम आपस में अपनी हर बात एक दूसरे को बताते भी है.

    फिर एक दिन भाई को काम की वजह से इंडिया से जाना पड़ा.. में और भाभी, भाई को एरपोर्ट तक छोड़ने चले गये और जब हम घर पर वापस आ रहे थे तो मैंने देखा कि भाभी बहुत उदास थी और फिर मैंने भाभी को खुश करने के लिए उनसे मज़ाक करने लगा और उसी शाम को में भाभी को घुमाने के लिए बाहर बाईक पर ले गया तो भाभी ने मेरे कंधे पर अपना एक हाथ रखा हुआ था और मार्केट में ज्यादा भीड़भाड़ होने के कारण मुझे बार-बार ब्रेक लगाने पड़ रहे थे और भाभी के एकदम मुलायम बड़े बड़े बूब्स मेरी कमर पर छू रहे थे और अब मुझे भी मज़ा आने लगा और में जानबूझ कर ज़ोर ज़ोर से ब्रेक लगाने लगा.

    तभी अचानक बहुत तेज बारिश शुरू हो गई.. भाभी ने सफेद कलर की कमीज़ पहनी हुई थी और कमीज़ गीली होने के कारण मुझे भाभी की काली जालीदार ब्रा दिख रही थी. जिसमें से 34 के बूब्स दिख रहे थे और मेरा पूरा ध्यान भाभी के बूब्स पर था और भाभी भी इस बात पर ध्यान दे रही थी और हम बारिश की वजह से पूरे भीग चुके थे लेकिन उस बारिश के एकदम ठंडे पानी ने हम दोनों को अंदर से बिल्कुल गरम कर दिया.

    फिर में भाभी को उनके घर पर छोड़कर अपने घर वापस जा रहा था.. तभी भाभी ने बोला कि तुम यहीं पर रुक जाओं लेकिन मुझे अपने घर पर एक ज़रूरी काम था तो में नहीं रुका और अपने घर जाने के लिए निकल गया तो आधे घंटे के बाद भाभी का मुझे कॉल आया और उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया और उन्होंने मुझे वहीं पर रहने के लिए कहा.. में बहुत खुश था. में जल्दी से तैयार होकर भाभी के घर पर चला गया लेकिन में रास्ते में बारिश होने की वजह से थोड़ा गीला हो गया और फिर भाभी ने मुझे भैया के कपड़े लाकर दिए मैंने कपड़े बदले.

    भाभी ने मेरे आने से पहले खाना बना लिया और हम खाना खाने के लिए बैठ गये. तभी अचानक से लाईट चली गई तो भाभी और में मोमबत्ती ढूँडने लगे और फिर अंधेरा ज्यादा होने की वजह से हम दोनों आपस में टकरा गए और मेरा हाथ एकदम से भाभी के मुलायम बूब्स से छू गया. तभी अचानक ज़ोर से बिजली कड़की और भाभी ने डरकर मुझे हग कर लिया.. भाभी के बूब्स मेरी छाती पर छू रहे थे और मेरा एक हाथ भाभी की पीठ पर था और कुछ देर के बाद हम अलग हो गये. तभी भाभी ने मुझे बताया कि मुझे बिजली से बहुत डर लगता है और कुछ देर ढूंढने के बाद भाभी को मोमबत्ती मिल चुकी थी तो मोमबत्ती जलाने के बाद हमने डिनर ख़त्म कर लिया. फिर हम सोने के लिए जाने लगे तो भाभी ने मुझसे आग्रह किया कि तुम मेरे बेडरूम में ही सो जाना.. क्योंकि मुझे अकेले सोने से बहुत डर लगता है और अब तक मेरे अंदर का शैतान जाग उठा था तो मैंने भाभी का आग्रह स्वीकार कर लिया और हम भाभी के रूम में चले गए और भाभी ने मुझे फ्रेश होने के लिए कहा.

    फिर में बाथरूम में गया और वहीं पर उस समय भाभी की ब्रा और पेंटी पड़ी थी.. मैंने उसको अपने हाथ में लिया और सूंघने लगा और में धीरे धीरे उसकी स्मेल से मदहोश हो रहा था.. मैंने मुठ मारकर अपना पानी उनकी पेंटी और ब्रा पर निकाल दिया लेकिन में बहुत डर भी रहा था और में फ्रेश होकर केफ्री पहनकर वापस रूम में आ गया तो भाभी किचन के सभी काम खत्म करके वापस बेडरूम में आ गई और फ्रेश होने के लिए चली गई तो में एक छोटे से छेद से उन्हे देख रहा था.. वाह क्या नज़ारा था और भाभी के 34 साईज के बूब्स मुझे साफ साफ नज़र आ रहे थे और मेरा लंड उन्हे सलामी देने लगा और फिर से दोबारा टाईट होने लगा.. उस टाईम तक भाभी फ्रेश हो गई थी और पेंटी पहनने लगी और में जल्दी से बेड पर जाकर अपना फोन लेकर बैठ गया.

    तभी भाभी काली कलर की जालीदार मेक्सी पहनकर आई और उसमे से उनकी लाल कलर की ब्रा और पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी.. में तो बस उन्हे देखता ही रह गया और अंदर ही अंदर डर भी रहा था.. क्योंकि मैंने कुछ देर पहले उनकी ब्रा और पेंटी में अपना वीर्य छोड़ दिया था. फिर भाभी बाथरूम से अंदर आई और प्यारी सी स्माईल देकर उन्होंने टीवी चालू कर लिया और वो टीवी देखने लगी और में तिरछी नजरों से उनके बड़े सुंदर बूब्स देखने की कोशिश कर रहा था. लेकिन भाभी मेरी इस बात पर ध्यान दे रही थी.

    दोस्तों उनकी मेक्सी सिर्फ़ घुटनो तक की थी.. पंखे की हवा से उनकी मेक्सी थोड़ी ऊपर हो गई थी और मुझे उनकी पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी और भाभी मेरी इस बात पर बहुत अच्छी तरह से ध्यान दे रही थी और वो मेरे खड़े लंड को भी देख रही थी. फिर मैंने छुपाने की बहुत कोशिश की लेकिन मेरा खड़ा लंड उन्हे साफ साफ नज़र आ रहा था.. ऐसा ही सिलसिला चल रहा था कि अचानक लाईट चली गई और बाहर बारिश हो रही थी तो एक बार फिर से बिजली कड़की और भाभी ने मुझे हग कर लिया तो मेरा एक हाथ उनकी गांड पर चला गया और भाभी की जांघे मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थी और कुछ टाईम बाद जब भाभी मुझसे अलग हो रही थी तो उनका हाथ मुझे अपने लंड पर महसूस हुआ.

    फिर में और भाभी बैठकर कुछ बातें कर रहे थे. तभी अचानक उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो में भाभी के मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ.. भाभी ने फिर पूछा तो मैंने हाँ कह दिया और तभी भाभी मुझसे बोली कि हाँ अब तुम बड़े हो रहे हो तो में एकदम खामोश रहा और में अंधेरे का फायदा उठाकर भाभी के बूब्स को दबा देता लेकिन भाभी ने कुछ नहीं कहा और इससे मेरा होंसला और भी बढ़ गया तो में और ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स दबा देता.. तभी अचानक लाईट आ गई और में देखकर बहुत चकित रह गया.. क्योंकि भाभी भी एक हाथ से अपनी एकदम गीली रसीली चूत रगड़ रही थी और फिर मैंने मौका देखकर चौका लगा दिया और भाभी के होंठ पर होंठ रखकर किस करना शुरू कर दिया..

    पहले भाभी ने मुझे अलग कर दिया लेकिन में फिर से दोबारा भाभी पर टूट पड़ा और उन्हे किस करना शुरू कर दिया और उनकी चूत को रगड़ने.. सहलाने लगा तो पहले भाभी ने कुछ भी हलचल नहीं की लेकिन वो कुछ देर बाद सिसकियाँ लेते हुए मेरा साथ देने लगी तो मैंने अपनी जीभ उनके मुहं में डाल दी और वो भी भूखों की तरह मुझ पर टूट पड़ी और मेरे लंड को केफ्री से बाहर निकालकर उसके साथ खेलने लगी और तभी भाभी बोली कि में तुम्हारा इतना बड़ा लंड कैसे लूँगी? भाभी के मुहं से यह सुनकर में और भी जोश में आ गया.

    फिर मैंने उनकी मेक्सी को फाड़ दिया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा और फिर मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया और उनके बूब्स को देखता ही रह गया.. में उसको शब्दों में बयान नहीं कर सकता.. क्या बूब्स थे और उसकी एकदम गुलाबी निप्पल थी. तभी भाभी बोली कि इनको देखता ही रहेगा या इनका रस भी पियेगा तो मैंने बोला कि अगर आप पिलाओ तो ज़रूर पियूँगा और में इतना कहते ही उनके बूब्स पर टूट पड़ा और में उनके गुलाबी गुलाबी निप्पल को काट रहा था और भाभी बोल रही थी कि और काटो इन्हें हाँ और ज़ोर से चूसो.. ऊऊऊ अह्ह्ह और ज़ोर से काटो और में बूब्स चूसने के साथ साथ भाभी की चूत को सहला रहा था.

    अब भाभी भी पूरे जोश में थी और उन्होंने मेरी केफ्री को भी बाहर निकाल दिया और वो मेरे 8 इंच लंबे लंड को आगे पीछे कर रही थी और में भाभी के बूब्स को सक कर रहा था और उनकी चूत को गरम कर रहा था. तभी भाभी जल्दी से नीचे झुकी और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो मानो अब में जन्नत में चला गया और बोल रहा था कि अहहा आआहह हाँ और ज़ोर से चूसो.. अहाआ ओहो हाँ और ज़ोर से लेकिन उनकी इतनी कोशिश करने पर भी मेरा पूरा लंड भाभी के मुहं में नहीं जा रहा था और फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड भाभी के मुहं घुस गया और वो उनके गले तक लग चुका था.. जिससे उनको साँस लेने में दिक्कत होने लगी और उनकी आखों से आंसू बहने लगे.

    फिर मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाला लेकिन भाभी मेरा पूरा लंड और बॉल्स फिर से पूरा अंदर तक लेकर चूसे जा रही थी और शायद उन्हें ऐसा करने में मज़ा आ रहा था तो मैंने भाभी को पकड़ा और उनकी पेंटी निकाल दी और उनकी चूत को देखता रह गया.. वो बिल्कुल साफ थी और शायद वो आज ही शेव करके आई थी तो उन्होंने कहा कि अब इसे चूसो और मैंने अपनी जीभ को बाहर निकालकर चूसना स्टार्ट कर दिया और वो मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत के अंदर दबा रही थी और मुहं से आहाह्ह्ह ऊओ आआउच जैसी आवाजे निकाल रही थी और मैंने चूत को चूसकर उनका पानी भी निकाल दिया और में उसका पूरा का पूरा पानी पी गया और अब भी चूसे जा रहा था लेकिन अब भाभी मछली की तरह तड़प रही थी और कह रही थी फाड़ डालो इसे और घुसा दो अपना लंड लेकिन मैंने भाभी की एक भी नहीं सुनी और में लगातार उनकी चूत चूसता रहा और भाभी अब कह रही थी.. प्लीज अब बस करो लेकिन में नहीं रुका.. क्योंकि में भाभी को और लंड के लिए तड़पाना चाहता था.

    फिर थोड़े टाईम बाद मैंने उनकी चूत को चूसना बंद कर दिया.. तभी भाभी मेरा ऊपर आ गई और उन्होंने मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया तो मेरी भी बुरी हालत हो रही थी और में भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.. तब मैंने भाभी से रुकने का आग्रह किया और वो रुक गई और बोलने लगी कि में भी तुम्हारा पानी पीना चाहती हूँ और ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया लेकिन भाभी एकदम प्रोफेशनल रंडी की तरह चूस रही थी और मेरे मुहं से आवाजें निकल रही थी.. आआहा आउच ओहह और में भी भाभी का मुहं चोदने लगा तो करीब 5 मिनट के बाद मैंने भाभी के मुहं में पानी छोड़ दिया और भाभी मेरा सारा पानी पी गई और अपनी जीभ से मेरा लंड साफ कर दिया और हम एक दूसरे से चिपक गए और किस करना स्टार्ट कर दिया. तब भाभी एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी और में उनकी चूत को और मेरा लंड टाईट होना स्टार्ट हो गया और फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये और में भाभी की चूत चूस रहा था और भाभी मेरे लंड को.

    तभी में उठा और भाभी को बोला कि क्या अब चुदने के लिए तैयार हो तो उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैलाकर मुहं से बिना कुछ कहे मेरे लंड का स्वागत किया तो मैंने एक तकिया उठाया और भाभी की पीठ के नीचे रख दिया और में अपना गरम लोहे जैसा लंड उनकी चूत पर रखकर रगड़ रहा था. तभी भाभी बोली कि अब इसे अंदर डाल दो.. मुझसे अब और बर्दाशत नहीं होता तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उनकी चूत पर रख दिया और एक मैंने झटका दिया लेकिन मेरा लंड मोटा होने की वजह से फिसल रहा था.. तब मैंने भाभी को तेल लाने को कहा और भाभी तेल लेकर आई..

    मैंने थोड़ा तेल एक हाथ में लेकर उनकी चूत पर लगाया और थोड़ा अपने लंड पर और फिर मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर टिकाया और एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड तीन इंच तक अंदर घुस गया और भाभी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी.. उह्ह्ह आईईइ माँ अह्ह्ह लेकिन वैसे ही भाभी के ऊपर रहा और में उन्हे किस करने लगा और भाभी का जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक और जोरदार धक्का मारा और मेरा आधे से ज्यादा लंड भाभी की चूत में समा गया था और भाभी दर्द की वजह से तड़प रही थी और कह रही थी कि प्लीज इसे बाहर निकालो.. वर्ना में मर जाउंगी और चिल्ला रही थी आहा उह्ह्ह आउच प्लीज बाहर निकालो इसे.. कह रही थी तो कुछ देर के बाद जब भाभी का दर्द कम हुआ तो वो अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और में समझ गया था कि अब भाभी का दर्द थोड़ा कम हो गया है.

    फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और भाभी की आवाजे पूरे कमरे में गूंज रही थी और मुझे मदहोश कर रही थी और मैंने अपने धक्को की स्पीड को और भी तेज कर दिया और मैंने एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और भाभी चीख उठी और उनकी आखों से आँसू भी निकल रहे थे और वो रो रही थी.

    फिर मैंने करीब 25 मिनट तक लगातार भाभी को चोदा और जब में झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा कि अपना पानी कहाँ पर निकालूँ तो भाभी ने कहा कि मेरे अंदर ही अपना पानी छोड़ दे और मैंने अपना पानी भाभी की चूत में ही भर दिया और उनके ऊपर ही थककर गिर गया. फिर कुछ देर के बाद में और भाभी फ्रेश हो गए और उस रात मैंने भाभी की 4 बार चुदाई की और भाभी ने चुदाई के बाद मुझे बताया कि मेरा भाई मतलब भाभी के पति का लंड तो सिर्फ़ 4 इंच लंबा और एक इंच मोटा है तो इसलिए मुझे चुदाई में बहुत दर्द हुआ.. लेकिन मुझे बहुत मज़ा आया.

  • भाभी ने चोदने पर मजबूर किया

    हैल्लो दोस्तों.. में एक बार फिर से आप सभी को अपनी एक ओर सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह भी आपको बहुत पसंद आएगी. यह कहानी शुरू तब हुई जब मेरे बड़े भाई की शादी हुई और मेरे बड़े भाई मुझसे 12 साल बड़े है और मुझे वो बिल्कुल अपने बेटे की तरह ही मानते थे. भाभी घर पर आई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे अपना दोस्त ही समझना और अपनी हर बात शेयर करना.. तो में भी उनसे हर बात शेयर करता था और तब मेरी उम्र 19 साल थी.. मेरी एक गर्लफ्रेंड भी थी और भाभी को यह बात भी पता थी और शादी के एक साल तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन कुछ दिनों से भाभी थोड़ी परेशान सी रहती थी और मैंने कई बार पूछा लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बताया.

    अब में भी 19 साल से ऊपर का हो गया था और कॉलेज जाने लगा था और मेरे शरीर में भी बहुत बदलाव आया.. क्योंकि मैंने जिम जाना शुरू किया हुआ था. एक दिन दोपहर को में भाभी के रूम में गया तो मैंने देखा कि भाभी रो रही थी और मैंने उनके पास जाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर में वादा करूँ तो वो मुझे सब बता सकती है.. तो मैंने उनसे वादा किया और उन्होंने कहा कि वो और भैया डॉक्टर के पास चेकअप के लिए गये थे.. क्योंकि वो प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही थी और उन्होंने कहा कि कमी तुम्हारे भैया में है और वो कभी बाप नहीं बन सकते.. तो मैंने कहा कि भाभी आजकल तो मेडिकल बहुत आगे बड़ गया है.. भैया दवाइयों से ठीक हो जाएँगे या फिर और कोई ईलाज से वो माँ बन सकती है तो भाभी ने तभी रिपोर्ट निकाली और मुझे दिखाकर बोली कि यह देखो तुम्हारे भैया के वीर्य में शुक्राणु बहुत ज्यादा कम है और में कभी भी उनके ज़रिए माँ नहीं बन सकती और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी और रोते रोते वो मुझसे लिपट गयी तो में उनको दिलासा देने लगा.. लेकिन भाभी कुछ आगे बड़ने लगी.. मुझे बहुत ही अजीब लगा और में भाभी को वही छोड़कर रूम से बाहर आ गया.

    अब दिन रात में यही सोच रहा था कि कैसे भैया, भाभी की यह समस्या दूर की जाए. मेरी गर्लफ्रेंड के अंकल डॉक्टर थे और मैंने वो रिपोर्ट्स उन्हे दिखाई तो वो बोले कि हालत बहुत खराब है और शायद तुम्हारे भैया तुम्हारी भाभी को सेक्स से संतुष्ट भी नहीं कर पाते होंगे.. माँ बनाना तो दूर की बात है. फिर उनसे मिलकर मुझे भाभी की हालत पर बहुत ही दुख हुआ और में सही में उनकी कुछ मदद करना चाहता था तो दूसरे दिन में भाभी के रूम में गया और उन्हे बताया कि में आप दोनों की रिपोर्ट्स लेकर सपना के अंकल के पास गया था और उन्होंने भी यही बताया और यह कहकर में एकदम चुप हो गया तो भाभी ने कहा कि बताओ ना क्या कहा उन्होंने?

    मैंने झिझकते हुए कहा कि क्या भैया आपको संतुष्ट भी नहीं कर पाते है और इतना सुनकर वो रो पड़ी और फिर मेरा ही कंधा था उनको दिलासा देने के लिए और कहने लगी कि अब तो तुम ही मेरी शादी बचाने के लिए मेरी मदद कर सकते हो.

    मैंने कहा कि भाभी आप बताओ.. आप जिस डॉक्टर के लिए कहोगी में आपके साथ चलूँगा.. तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है.. तुम यहीं पर मेरी मदद कर सकते हो.. में कुछ अच्छा महससू नहीं कर रहा था और वो मेरे बहुत करीब आकर बोली कि प्लीज तुम मुझे संतुष्ट कर दो और मुझे एक बच्चा दे दो और वो मेरे इतनी करीब थी कि में उनकी सांसे साफ महसूस कर सकता था और मेरा तो दिमाग़ जाम हो गया और शरीर ठंडा पड़ गया.. में मूर्ति की तरह खड़ा था और भाभी ने मेरे हाथ पर किस कर लिया तो मैंने उन्हे बेड पर धक्का देकर कहा कि भाभी यह सब बहुत ग़लत है और में कभी भी ऐसा नहीं कर सकता.

    तभी उन्होंने कहा कि तुम ऐसा नहीं कर सकते लेकिन अपने भैया का घर टूटे हुए देख सकते हो और उन्होंने कहा कि उन्होंने सपना से तुम्हारे सेक्स के बारे में कई बार सुना है.. तो में अब कुछ भी सोच नहीं पा रहा था और भाभी इमोशनल अत्याचार कर रही थी.. वो रोए जा रही थी और फिर में भी इमोशनल हो गया तो मैंने कहा कि ठीक है भाभी लेकिन सिर्फ़ एक बार ही सेक्स करेंगे और वो भी आप दोनों की खुशी के लिए. फिर में भाभी के पास बेड पर जाकर बैठ गया.

    भाभी ने मेरा हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा कि तुम चिंता मत करो. में इस बात को किसी को नहीं बताउंगी और भाभी ने मुझे ज़ोर से किस किया लेकिन में ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था तो कुछ देर के बाद भाभी ने अपनी साड़ी को उतार दिया और अब वो मेरे सामने पेटिकोट और ब्लाउज में थी. भाभी का शरीर बहुत सेक्सी था और में भी अब उनका कुछ साथ देने लगा.. में खड़ा हुआ और भाभी को ज़ोर से पकड़ लिया और फिर उन्हे हर जगह किस करने लगा और वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.

    फिर मैंने धीरे से भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट उतर गया और भाभी के नीचे का अंग देखकर तो में हैरान रह गया.. वाह क्या सेक्सी जिस्म था तो भाभी हँसने लगी और कहा कि क्या देख रहे हो तो मैंने कहा कि क्या करूँ.. ऐसे कभी आपको देखा ही नहीं आप तो बहुत सेक्सी हो और मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को भी उतार दिया.. उनके बूब्स तो और भी ज़बरदस्त थे.. उनके निप्पल गुलाबी कलर के थे.. में अपने आप को रोक नहीं सका और उनके निप्पल चूसने लगा.. कभी चूसता तो कभी दबाता और कभी काटता.. भाभी को बड़ा मज़ा आ रहा था.. में उनके बूब्स को चूस रहा था और उधर वो मेरे लंड को रगड़ रही थी और फिर में भी अपना एक हाथ उनकी पेंटी की तरफ ले गया तो उनकी पेंटी पूरी गीली थी और मैंने हंसते हुए कहा कि आपने तो अभी से ही पानी छोड़ दिया है. सेक्स में आपको कैसे मज़ा आएगा? तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.

    फिर मैंने कहा कि भाभी कोई चिंता की बात नहीं.. आज में आपको ऐसी सेक्स संतुष्टि दूंगा कि आप पूरी लाइफ याद रखोगी. मैंने फिर उनकी पेंटी उतारी और उससे उनकी चूत को साफ किया.. मैंने उन्हे बेड पर लेटाया और दोनों पैर फैलाने को कहा और फिर मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाली तो वो एकदम से सिसक उठी और में उनकी चूत चाटता रहा और वो सिसकियाँ लेती रही और कुछ देर बाद उनकी चूत साफ हो चुकी थी और वो अब एकदम सूखी थी.

    मैंने कहा कि भाभी अब सही टाईम है आपको चोदने का तो भाभी एकदम मदमस्त थी और जैसे में कह रहा था वैसा ही कर रही थी. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी से कहा कि इसे दो तीन बार अपने मुहं में लो और उन्होंने ऐसा ही किया.. मैंने फिर उन्हे सीधा लेटाया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा तो चूत एकदम गरम थी.. मैंने एक ज़ोर से धक्का देकर अपना लंड उनकी चूत में डाला तो वो दर्द से करहा उठी और सिसकियाँ लेने लगी.. उनकी चूत बिल्कुल एक वर्जिन की तरह बहुत टाईट थी तो मैंने पूछा कि क्या दर्द हो रहा है.

    उन्होंने हाँ में सर हिलाया लेकिन कहा कि कोई बात नहीं तुम चालू रखो.. में हंसा और धक्के मारता रहा और 10-15 धक्को तक तो भाभी को नहीं दर्द हुआ लेकिन फिर उनकी चूत ठंडी हो गयी और उन्हे कुछ आराम मिला तो मुझे लगा कि अब धक्को की स्पीड बड़ा देनी चाहिए.. में और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारता रहा और भाभी ने फिर से पानी छोड़ दिया.. फिर कुछ देर के बाद में भी चूत के अंदर ही झड़ गया. अब शाम हो चुकी थी और मुझे लगा कि भैया आने वाले होंगे और में कमरे से बाहर जाने लगा तो भाभी ने कहा कि कहाँ जा रहे हो.. मैंने कहा कि भैया आने वाले होंगे तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि भैया टूर पर गये है और 4 दिन बाद आएँगे और अब हम दोनों अभी भी पूरी तरह से नंगे थे और हमे ऐसे रहने में बहुत ही मज़ा आ रहा था.

    फिर में उठकर टॉयलेट में गया और फ्रेश होकर बाहर आया और मैंने अपना अंडरवियर उठाया तो भाभी ने कहा कि आज कोई कपड़े नहीं पहनेगा.. हम पूरी रात नंगे रहेंगे.. दोनों जहाँ चाहेंगे जैसा चाहेंगे वैसे सेक्स करेंगे और में मुस्कुरा रहा था.. मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो भाभी को स्वर्ग मिल गया है.. उनको इतना खुश मैंने पहले कभी नहीं देखा था.

    फिर मैंने भाभी से कहा कि मुझे भूख लग रही है कुछ खाने को दो तो वो वैसे नंगी ही किचन की और चल दी.. में भी ऐसे ही उनके पीछे पीछे किचन में चल दिया. फिर में सोच ही नहीं पा रहा था कि यह सब सच है कि हम दोनों किचन में नंगे है. मुझको तभी एक फिल्म का सीन याद आया.. जिसमे कपल किचन में सेक्स करते हैं और मैंने भाभी से कहा कि बटर, जेम, जेली, सॉस और ऐसी जितनी भी चीज़ें है सबको बाहर निकालो तो वो हैरान होकर पूछने लगी कि क्या करना है?

    मैंने कहा कि आप निकालो तो सही और वो सब कुछ निकालकर ले आई.. फिर मैने कहा कि अब पहले मुझे कुछ खाने को दो और फिर में आपको दिखाता हूँ असली मज़ा और फिर भाभी ने चाऊमीन बनाई और हम दोनों ने साथ बैठकर चाऊमीन खाई. फिर भाभी ने कहा कि लो अब तो खाना भी खा लिया. अब बताओ उन सब चीज़ों का क्या करना है तो में हंसा और जेम लेकर लंड पर लगाने लगा.. तभी भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो.. जेम क्यों खराब कर रहे हो तो मैंने हंसते हुए कहा कि क्या कभी ऐसे जेम खाया है लेकिन फिर भी उनकी समझ में भी नहीं आया.. वो मेरे जेम लगे लंड को लेकर चाटने लगी. फिर उन्होंने थोड़ा बटर लिया और लंड पर लगाया और मुझसे कहा कि मैंने ऐसे कभी बटर भी नहीं खाया लेकिन बहुत मज़ा आ रहा है और वो बहुत देर तक मेरे लंड को चाटती रही.

    फिर मैंने उन्हे गोद में उठाकर किचन की पट्टी पर बैठाया और उनकी चूत में जेली भरी.. वो कहने लगी कि यह बहुत ठंडी है तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र करो और में वो जेली खाने लगा.. में खा रहा था और भाभी पूरे जोश में थी और धीरे-धीरे मैंने हर एक चीज़ को चूत में डालकर चाटा चूसा और खाया.. मुझे बहुत मज़ा आया और यह कार्यक्रम करीब आधे घंटे तक चला.

    मैंने फिर थोड़ी जेली लेकर अपने लंड पर लगाई और भाभी चाटने के लिए उठी तो मैंने कहा कि आप बैठी रहो और मैंने उनसे पूछा कि क्या कभी भैया ने पीछे वाले छेद में लंड डाला है तो वो हंसते हुए बोली कि आगे वाले बड़े छेद में तो डाल नहीं पाते थे.. पीछे छोटे छेद में क्या खाक डालते. तो मैंने कहा कि अब छोड़ो उस बात को और अब आज में डालकर दिखाता हूँ. फिर में लंड को उनकी गांड में डालने लगा तो उनको बहुत ही दर्द हुआ और उन्होंने मुझे रूकने के लिए कहा लेकिन मैंने कहा कि थोड़ा बर्दास्त कर लो. फिर बहुत मज़ा आएगा और मैंने भी पहले कभी पीछे के छेद में लंड नहीं डाला था और फिर मैंने जैसे तैसे लंड अंदर डाल दिया लेकिन तकलीफ़ मुझे भी हुई और भाभी की तो हालत बहुत खराब थी.. उनकी आखों से दर्द के आँसू टपकने लगे थे.

    मैंने फिर बहुत ही धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए लेकिन वो बहुत तकलीफ़ में थी.. मैंने उनसे पूछा कि क्या बंद कर दूँ तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं चालू रखो और में धीरे धीरे धक्के मारता रहा और थोड़े टाईम बाद शायद उनका दर्द भी कम हो गया और में धक्के मारता रहा. मैंने कुछ देर के बाद लंड को बाहर निकाल लिया और भाभी से पूछा कि आप किस किस पोज़िशन में चुद चुकी हो? तो भाभी ने कहा कि तेरे भैया मुझे लेटाते थे.. लंड डालते थे और 10-12 धक्को में उनका लंड झड़ जाया करता था और वो कभी मेरे बूब्स भी नहीं चूसते थे.. क्योंकि ज्यादा गरम होने पर कई बार तो वो बिना किए भी झड़ चुके थे. मैंने कहा कि क्या आप धक्के मारोगी? उन्होंने बड़ी हैरानी से पूछा कि कैसे? तो में नीचे लेट गया और कहा कि आप अब मेरे ऊपर से धक्के मारो.

    फिर वो मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और मैंने अपने लंड को हाथ से उनकी चूत में डाल दिया और उनसे कहा कि अब मेरे लंड पर उछलकूद करो और फिर वो जोश में बहुत ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी और कई बार लंड चूत से बाहर निकल गया तो मैंने कहा कि भाभी थोड़े आराम से करो नहीं तो आपको मज़ा नहीं आएगा और अब वो आराम से करने लगी और इस बार में पहले झड़ गया था लेकिन वो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.. वो धक्के पे धक्के मारे जा रही थी और मेरा लंड फिर से तन चुका था.

    अब वो थोड़ी थकने लगी थी तो मैंने कहा कि आप बैठ जाओ और मैंने कहा कि अब हम डॉगी स्टाईल में करते है और मैंने पीछे से चूत में लंड को धक्के मारने शुरू किए.. में धक्के मारे जा रहा था लेकिन लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था और हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे. फिर मैंने लंड को बाहर निकालते हुए भाभी से कहा कि अब तो आप ही कुछ करो और मैंने कहा कि इसे चूसो और इसका पानी बाहर निकालो.. मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है.

    तभी उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया.. चूसते चूसते 10 मिनट हो चुके थे. तब जाकर लंड साहब झड़े और मुझे कुछ चैन आया. मैंने भाभी से पूछा कि मज़ा आया या नहीं और वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मुझे किस करके बोली कि आज मुझे औरत होने का एहसास हो रहा है. तब तक लगभग 12 बज चुके थे और हम दोनों थक भी चुके थे और हम दोनों बेड पर जाकर नंगे ही लेट गये. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम कल कॉलेज मत जाओ.. हम दोनों घर पर ही रहेंगे तो मैंने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलाया.. सुबह कामवाली बाई आई और वो बोली कि तुम्हारे घर कल कौन आया था. किचन का सभी सामान कितना फैला हुआ है और हर तरफ गंदगी है.

    तो में एक कोने में खड़ा होकर मुस्कुरा रहा था और भाभी को देख रहा था और भाभी भी मुस्कुरा रही थी. तो उन्होंने नौकरानी से कहा कि कुछ बच्चे आए थे और इतना कहकर वो बाहर आने लगी और अपने पीछे के छेद को चुदवाने के कारण वो ढंग से चल भी नहीं पा रही थी तो नौकरानी ने कहा कि क्या हुआ कुछ तकलीफ़ है.. हम दोनों एक दूसरे को देखकर ज़ोर से हंस पड़े और मैंने कहा कि भाभी बच्चो के साथ खेल रही थी तो पीछे चोट लग गयी तो बाई ने कहा कि तो अपना बच्चा क्यों नहीं ले आती. भाभी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली कि कल उसी का तो इंतज़ाम कर रहे थे और यह कहकर बेडरूम में चली गयी. में भी उनके पीछे पीछे बेडरूम में चला आया और उन्हे खींचकर बाथरूम में ले गया और उनके कपड़े उतारने लगा तो वो कहने लगी कि अभी नहीं बाई है थोड़ा इंतज़ार करो.

    मैंने कहा कि वो अभी किचन में है और सब कुछ जल्दी हो जाएगा.. चिंता मत करो और वो झट से मान गयी.. मैंने उनके सारे कपड़े उतारे और अपने भी. में बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर.. में नीचे से धक्के मार रहा था और भाभी को बड़ा मज़ा आ रहा था. वो बहुत ज़ोर ज़ोर के आवाज़ करने लगी तो बाई की आवाज़ बाहर से आई कि क्या हुआ तो भाभी ने कहा कि कुछ नहीं कमर की सिकाई कर रही हूँ.. बस थोड़ा दर्द है लगभग 10 मिनट में हम फ्री हो गये और हम बाहर आ गये.

    हमने पूरे तीन दिन ऐश किए.. उन तीन दिनों में मैंने भाभी को सेक्स के इतने मज़े दिए कि उनकी जो भी तकलीफें थी वो सब दूर हो गयी और उसके बाद वो प्रेग्नेंट भी हुई और एक बच्चे को जन्म भी दिया और अब उनकी लाईफ बहुत सुखी है लेकिन आज भी कभी-कभी सेक्स का सुख लेने के लिए वो मेरे पास आ जाती है.