Category: गांव में चुदाई

  • गावं की भाभी की गांड मारी रात में

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 24 साल है. दोस्तों में आज एक बार फिर से आप सभी के लिए एक और नई कहानी लेकर आया हूँ.. यह कहानी मेरे गावं की चचेरी भाभी की है और अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ..

    जैसा कि आप जानते है कि में एक टीचर हूँ. एक बार में अपने गावं गर्मियों की छुट्टियों में गया हुआ था.. मेरे घर पर मेरे दो चचेरे भाई दोनों भाभियाँ और सभी लोग है और में जब गावं पहुंचा तो घर में जाकर पहले तो खाना पीना और दिन भर भाभियों से बातों में लगा रहा और फिर में शाम को घूमने निकल गया. में अपनी चचेरी भाभी के बारे में सोच रहा था. उनका पिछवाड़ा ठीक मेरी आँखो के सामने झूल रहा था.. उनकी पतली कमर अच्छी खासी गांड है और में उनके बूब्स को सोचकर जैसे तैसे घर पहुंचा.

    फिर रात में खाना खाया और सोने के लिए आँगन में बिछाई गई खाट पर आ गया और एक खाट पर मेरी छोटी भाभी उनका बेटा और एक पर बड़ी भाभी और एक पर में लेट गया. दोस्तों गावं में सभी लोग अपने अपने कामों को खत्म करके जल्दी सो जाते है.. लेकिन मुझे शहर की आदत है.. तो मुझे नींद नहीं आ रही थी और में लेटा लेटा जाग रहा था.. मेरे छोटे भैया बाहर सोए हुए थे. बड़े भैया खलिहान में सोने चले गए थे और में अकेला लेटा हुआ भाभी को सोचकर अपने लंड से खेल रहा था और उस उजली हुई रात में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था और में तो बीच में लेटी हुई छोटी भाभी के चेहरे को ही देखना चाहता था.. लेकिन वो तो एक पतली सी चादर ओढ़कर सो रही थी.

    फिर में एकदम मायूस होकर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया और जिस तरफ मेरा चेहरा था.. उसी तरफ काम चलाऊ बाथरूम था.. वो दो बड़ी बड़ी पट्टियाँ रखकर बना था और कोई दीवार नहीं थी. में लेटा हुआ जाग रहा था और मैंने अपने मोबाईल पर टाईम देखा तो उस समय 11:21 हो रहे थे और मैंने अपने मोबाईल को तकिए के नीचे रखा और आराम से लेटा रहा.

    तभी मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी.. शायद वो चूड़िया खनकने की आवाज़ थी. फिर मैंने अहसास किया कि कोई है.. जो मेरी तरफ आ रहा है और मैंने अपनी दोनों आखें अधखुली रखी. तभी मैंने देखा कि बड़ी भाभी मेरे सामने आई.. तो एकदम मेरी तरफ मुड़कर देखा और मुझे सोता हुआ देखकर वो बेफिक्र होकर आगे की तरफ गई और मुझसे करीब 7 फीट दूर बाथरूम में जाकर खड़ी हुई.. अपनी साड़ी को ऊपर किया.. उनकी जांघे केले के पेड़ की तरह एकदम चिकनी दिखाई दे रही थी और वो नीचे बैठकर पेशाब करने लगी.. लेकिन जब वो ऊपर उठी तो उनका पूरा पिछवाड़ा एक पल के लिए मेरी आखों के सामने चमक सा गया. फिर वो आराम से चली गई और में अपना लंड पकड़कर ही रह गया और अब मेरी नींद बिल्कुल गायब हो गई.

    मेरे दिमाग़ में सिर्फ भाभी पूरी तरह से छा चुकी थी और में लेटा हुआ जाग रहा था. फिर मैंने बहुत देर तक सोने की कोशिश की.. लेकिन मुझे नींद नहीं आई और मैंने अपना मोबाईल चेक किया तो 2:10 का समय हो चुका था और अब में सोने ही वाला था. तभी मेरे कानों में फिर से वही आहट आई और मैंने सोचा कि भाभी होगी.. हुआ भी वही वो भाभी ही थी.. वो आई और उसी तरह से पेशाब करने बैठ गई और उनकी पेशाब करने की सीटी की आवाज़ मुझे बैचेन कर रही थी. फिर मैंने अच्छा मौका नहीं खोया. में चुपके से उठा और पीछे से जाकर बैठी हुई भाभी को अपनी बाहों में भर लिया.. वो हड़बड़ाकर उठती हुई बोली कि कौन है?

    फिर पीछे मुड़कर मुझे देखकर बोली कि रवि तुम. फिर मैंने कहा कि हाँ भाभी. फिर वो बोली कि चल दूर हो और यह सब क्या है? तो मैंने उनका एक हाथ ज़ोर से पकड़ा और उनको दूसरी तरफ बने घांस फूस जहाँ पर रखा जाता है.. उस कच्चे कमरे की तरफ ले जाने लगा. फिर वो कहती रही कि कहाँ ले जा रहे हो.. बताओ तो क्या लफड़ा है? और मैंने उनको जबरदस्ती उस कच्चे कमरे में ले जाकर खड़ा कर दिया और उनके दोनों तरफ से हाथ ले जाकर दीवार पर टिका दिए.. वो अब मेरे ठीक बीच में थी. फिर मैंने कहा कि भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.. तुम बहुत सुंदर हो.. जब कि हक़ीकत में उनका फिगर और गांड बहुत जबरदस्त है.. लेकिन वो ज़्यादा सुंदर नहीं है.

    फिर वो बोली कि में क्या करूं? तो मैंने कहा कि भाभी आपको देखकर में बहुत बैचेन हो रहा हूँ. भाभी प्लीज़ आप आओ और मेरे साथ सो जाओ.. भाभी मेरी अच्छी भाभी. फिर वो बोली कि अरे तो इसमे ऐसा क्या है? चलो में सो जाती हूँ.. लेकिन तुम मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा ना करने लग जाना और वो यह कहकर जाने लगी.. तो मैंने उनका हाथ पकड़कर खींचा और उन्हे अपने से चिपकाकर दबा लिया और कहा कि हाँ ऐसा वैसा ही तो करना है भाभी.

    फिर वो बोली कि छोड़ो मुझे.. यह क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा? मैंने कहा कि हमें कोई भी नहीं देखेगा.. क्योंकि इस वक्त घर के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे है. फिर भाभी बोली कि अरे तुम छोड़ो मुझे मरवाओगे.. जाने दो मुझे.. लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उनकी साड़ी को पकड़कर झट से ऊपर किया और अब वो कुछ समझ पाती उसके पहले ही मैंने उनकी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दी. फिर वो मेरा हाथ पकड़कर हटाने लगी.. लेकिन तब तक मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके एक बूब्स को कसकर दबा लिया और में उसे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और नीचे की तरफ से लगातार चूत में उंगलियों को अंदर बाहर चलाता रहा.

    दोस्तों भाभी पहले तो जाने दो जाने दो.. मुझे छोड़ दो.. ऐसा मत करो छोड़ो मुझे.. कहती रही. पर शायद अब मेरी उंगलियों का जादू चलने लगा था और वो मेरा विरोध करने की जगह सईईईईईइ अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह करने लगी. मैंने तभी उनसे कहा कि भाभी तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ रही है.. क्या इसमे मेरा लंड डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ डालो ना. फिर मैंने देर ना करते हुए अपने अंडरवियर को नीचे की तरफ खिसकाया और अपना तना हुआ लंड बाहर निकाला और भाभी ने लंड को बिना कहे ही एकदम झपटकर पकड़ लिया और वो बोली कि वाह अच्छा लंड है. फिर मैंने उनकी साड़ी को ऊपर किया.

    फिर अपने लंड को चूत के मुहं पर लगाया और हल्का सा धक्का मारा.. चूत पहले से ही एकदम गीली और चिकनी थी तो लंड बिना ब्रेक के अंदर जाने लगा.. क्योंकि भाभी की चूत लंड ले लेकर बिल्कुल खुल गई थी और मैंने जब अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया.. तब वो अउंहउंह आहह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा धीरे करो.. में क्या कहीं भागी जा रही हूँ.. कहने लगी और मैंने खड़े खड़े ही चुदाई शुरू कर दी और मैंने उनसे कहा कि भाभी भैया ने तुम्हारी चूत को बहुत जमकर चोदा है.

    फिर वो बोली कि हाँ वो रोज रात को मेरी चूत पर चड़कर मेरी लगातार चुदाई करते है.. उन्होंने ही मेरी चूत को रात दिन चोद चोदकर पूरी तरह से खोल दिया है और वो कुछ दिनों से खेत के काम की वजह से यहाँ पर नहीं रहते तो इसलिए उन्होंने मुझे नहीं चोदा.. वरना अब तक तो वो मुझे तीन बार जमकर चोद चुके होते. फिर मैंने उनकी चुदाई करते वक़्त दोनों बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. वो भी बीच बीच में आगे की तरफ हो जाती तो में धक्का मारकर उनको पीछे धकेलता हुआ सटासट चोद रहा था और वो ओआहा अह्ह्ह और ज़ोर से चोदो. दो चूत में.. हाँ और ज़ोर डालते रहो हाँ अह्ह्ह आआहह.. लेकिन दोस्तों मुझे उनकी चूत में ज़्यादा मज़ा नहीं आ रहा था.. क्योंकि लंड चूत में एकदम फ्री होकर जा रहा था.

    फिर मैंने एकदम से लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और उनसे कहा कि भाभी पलट जाओ.. मुझे अब तुम्हारी गांड में अपना डंडा डालना है. फिर वो बोली कि बिल्कुल तुम अपने भैया पर गए हो.. क्योंकि वो भी मेरे साथ ऐसे ही करते है और यह कहकर वो झट से पलट गई और खिड़की की दीवार से हाथ लगाकर थोड़ा झुक गई.

    फिर मैंने पीछे से साड़ी को ऊपर किया.. उनका पिछवाड़ा जो मेरी हालत खराब कर रहा था.. पहले तो मैंने उनके कूल्हो को ज़ोर से दबाया, सहलाया और उनको एकदम मस्त कर दिया. फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड पर लगाया और धीरे धीरे आगे की तरफ होता गया. लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया. भाभी अयाह्ह्ह्ह रे बाप रे आएयेए उूह्ह्ह्हउउ अहह. फिर मैंने और ज़ोर लगाया और पूरा लंड अंदर डालकर आगे पीछे होने लगा और अब मुझे कुछ मज़ा आने लगा था.

    फिर मैंने कहा कि भाभी तुम्हे क्या गांड मरवाने भी मज़ा आता है? वो बोली कि मज़ा आए ना आए.. लेकिन चूत चुदवाना है तो गांड भी मरवानी पड़ती है. मारो मेरी गांड.. मार लो.. चोदो मुझे और में लगातार चोद रहा था. उनके बूब्स को दबाकर मैंने चुदाई की.. वो आयाअहहहहः अहहससससस सीईईईईइई और ज़ोर से आअहह चोदो मुझे अह्ह्ह और में ज्यो ज्यो लंड डालता.. वो आह्ह्ह्ह करने लगती. कुछ देर की मेहनत के बाद मेरा लंड उनकी गांड में दमदार धक्को के साथ ही ढीला पड़ गया और मैंने पूरा का पूरा वीर्य उनकी गांड में भर दिया.

    फिर मैंने उनको पीछे से जकड़ लिया और कुछ पलो के बाद लंड बाहर निकल आया और वो आह्ह्हहा करती हुई पीछे हट गई. फिर मैंने कहा कि भाभी अच्छा लगा कि मैंने तुम्हारी गांड मारी. अगर कल भी मरवाना हो तो बता देना. फिर वो हाँ कहकर चली गई और में अपने बिस्तर पर आकर सो गया.. लेकिन उसके कुछ घंटो तक मुझे उनकी याद आती रही और फिर सुबह मैंने उनको देखा तो वो बहुत खुश नजर आई और उस रात के बाद मैंने उनको कई बार चोदा और वो मज़े लेकर चुदवाती रही.

  • मुझे बूढ़े ने चोदा दोस्त की शादी में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है और मैंने एक दिन थोड़ी ख़ुशी के लिए ज़िंदगी भर अपने आप में एक अज़ीब सी फीलिंग ले ली और अपनी नज़र में गिर गयी, काश वो दिन मेरी ज़िंदगी से निकल जाए, लेकिन जो समय बीत जाता है वो ख़त्म नहीं किया जा सकता, लेकिन आप लोग कहानी को पढ़े और देखे कि मैंने ऐसा क्या कर लिया था?

    ये मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है जो एक महीने पहले हुई थी. मेरी उम्र 28 साल है और मेरी शादी को 6 महीने हुए है. में अपनी दोंस्त की शादी में अपने पति (गणेश) के साथ गयी थी और फिर रात के 9 बजे हम लोगों ने खाना खाया और दोस्त से बोली कि हम लोग जा रहे है और फिर उसने बोला कि रुक जाओ सुबह चले जाना तो गणेश बोले कि तुम रुक जाओ में सुबह तुम्हें लेने आ जाऊंगा.

    फिर में रुक गयी और रात के 1 बजे मुझे नींद आने लगी तो में ऊपर सोने आ गई तो मैंने देखा कि सब रूम भरे है तो में हॉल में गयी तो हॉल में सब लोग सोए है और लास्ट में एक गद्दा खाली था और सब लोग चादर ओढ़े थे लेकिन मेरे पास कोई चादर नहीं थी. और मेरे बगल में कोई 60-62 साल का गावं का बूड़ा सोया था. फिर में वहीं लेट गयी और सो गयी. उस हॉल में ए.सी. था और मेरे बगल में कूलर चल रहा था तो वो हॉल काफ़ी ठंडा था.

    फिर रात में मुझे ठंड लगी तो में उस बूढ़े की तरफ़ सरकी तो उसने मुझे अपनी चादर ओढ़ा दी और में सो गयी. अब रात में मुझे लगा कि वो बूड़ा मेरी तरफ़ चिपक गया और मुझे अपनी तरफ़ पीछे खींचकर मुझे चिपका लिया. अब मुझे उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लगा तो अब में भी पीछे सरक गयी और मज़े लेने लगी कि बूड़ा क्या करता है? फिर उसने मेरी जांघ पर हाथ फैरते हुए मेरी साड़ी ऊपर कर दी और मेरी कमर पर अपना पैर रख दिया और मेरा ब्लाउज खोलने लगा और मेरे ब्लाउज के हुक खोलकर निकाल दिया. अब मुझे मज़ा आ रहा था और अब मुझे उसका स्पर्श गणेश से अच्छा लग रहा था.

    फिर वो मेरी ब्रा खोलने लगा और मेरा मुँह अपनी तरफ कर लिया और मुझे किस करते हुए मेरी ब्रा निकाल दी. फिर उसने मुझे अपना लंड पकड़ा दिया, वो केवल अंडरवियर में था तो अब में भी उसका लंड सहलाने लगी और उसने मेरी पेंटी निकाल दी. फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा तो अब में एकदम मस्त हो गयी और फिर अब वो मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी चूत पर हाथ फैरता हुआ अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाटने लगा तो अब में पागल सी हो गयी.

    तभी किसी ने लाईट जला दी तो में एकदम डर गयी और फिर लाईट बंद हो गयी. फिर मेरे बगल में जगह देखकर कोई लेट गया, क्योंकि में बूढ़े से चिपक गयी थी तो मेरे बगल में जगह हो गयी थी. अब इधर में घबरा रही थी और उधर वो बूड़ा नीचे मेरी चूत को चाट-चाटकर पागल कर रहा था. फिर मेरा ध्यान मेरे ब्लाउज और ब्रा पर गया तो मुझे याद आया कि मेरी ब्रा और ब्लाउज उस बिस्तर पर है तो अब में घबरा गयी और अब मेरा मन चुदाई से हटकर मेरे कपड़ो पर गया. फिर में उस बूढ़े को हटाने लगी तो वो बोलने लगा कि रूको और मुझे पकड़ लिया. अब में फंस गयी थी और अब मुझे बेचैनी सी होने लगी.

    फिर उधर वो पीछे वाला आदमी मेरी चादर में घुसने लगा और मेरी गांड पर हाथ फैरने लगा तो अब मुझे लगा कि वो समझ गया है कि बगल में क्या हो रहा है? अब मुझे लगा कि ज्योति आज तो तू मरी. फिर पीछे वाला आदमी मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखने लगा तो उसने धोती पहनी थी और फिर उसने अपनी धोती साईड में करके अपना लंड मेरे हाथ में थमा दिया. इधर वो पहले वाला बूड़ा मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा और अपना लंड मेरी चूत पर टिकाकर अंदर करने लगा.

    फिर एक दो बार तो उसका लंड फिसला, लेकिन तीसरी बार बूढ़े का लंड मेरी चूत में थोड़ा सा अन्दर घुस गया तो मेरे मुँह से आह्ह कि आवाज़ निकल गयी और में पीछे सरक गयी. फिर पीछे वाला आदमी अपना लंड मेरी गांड के छेद पर थूक लगाकर सेट करने लगा और अंदर करने लगा. अब मेरी गांड फटने लगी कि में कहाँ फंस गयी? अब मुझे पसीना आ गया था और इधर वो पहले वाला बूड़ा अपना लंड हिला-हिलाकर मेरी चुदाई करने लगा था. अब मुझे पीछे से दूसरे आदमी का डर था कि ये कौन है? और में उसका लंड मेरी गांड में नहीं घुसने दे रही थी. अब में अपनी गांड टाईट कर रही थी और वो पीछे पेलने में लगा हुआ था.

    इधर मुझे लगा कि वो पहले वाला बूड़ा झड़ने वाला है तो में उसे हटाने लगी, लेकिन उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और तीन चार धक्कों में झड़ गया, अब में रोने लगी थी, क्योंकि मुझे अभी बच्चा नहीं चाहिए था और गणेश तो हमेशा कंडोम का उपयोग करते थे.

    अब में इस चुदाई से परेशान होने लगी और उस बूढ़े ने अपना लंड निकालकर अपना अंडरवियर पहना और अलग हो गया. अब पीछे वाले आदमी ने मुझे दूसरी तरफ खींच लिया और चादर से बाहर कर दिया और मेरी टाँगे चौड़ी करके मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर अंदर करने लगा, उसका लंड बहुत मोटा था. अब मेरी चूत गीली होने के कारण उसका लंड झट से मेरी चूत में घुस गया, लेकिन वो लंबा लंड मुझे तब मालूम हुआ जब वो अंदर रुका और वो मेरे मुँह पर आकर किस करने लगा. फिर मैंने देखा कि उसने ड्रिंक किया है और वो भी बूड़ा है. अब ड्रिंक की वजह से वो अगल बगल ध्यान नहीं दे रहा था और ना ही डर रहा था. अब उसने मेरी चुदाई जोर-जोर से करनी शुरू कर दी.

    अब मुझे लगा कि वो भी झड़ने वाला है तो में उसे भी हटाने लगी, लेकिन वो मुझे कसकर पकड़कर चोदने लगा. और फिर थोड़ी देर में वो मेरी चूत में झड़ गया. फिर मैंने उसे तुरंत हटाया और अपना ब्लाउज ब्रा लिया और हॉल के बाथरूम में चली गयी. फिर जब में वापस आई तो हॉल की लाईट जल रही थी और फिर वो दोनों बूढ़े मुझे देखने लगे.

    फिर मैंने देखा कि वो दोनों बूढ़े बहुत गंदे थे और अब लाईट की वजह से और लोग भी आँख खोल रहे थे, इसलिए मैंने अपनी पेंटी को ढूंढना ठीक नहीं समझा और वहाँ से बाहर निकल गयी और मेरी दोस्त की माँ के पास आ गयी. अब वो मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी, लेकिन आदमी को एक ग़लती माफ़ होती है, अभी मेरे पीरीयड हो गये है और अब सब ठीक है. में इस चुदाई का आनंद तो नहीं ले सकी, लेकिन आपको मेरी कहानी में मज़ा आया होगा.

  • काली रात में चोदी लाल चूत

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमृत है और आज में आप सभी को अपनी एक मस्त चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने उस काली रात में लाल चूत को चोदा और बहुत मज़े किए. वैसे यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में फिर भी उम्मीद करता हूँ कि यह रोचक जोश भरी कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी और अब में अपनी आज की कहानी को शुरू करता हूँ.

    दोस्तों यह कहानी आज से दो साल पहले की है जब एक रात को में अपने ट्यूबवेल पर लाईट आने की इंतजार कर रहा था और वहां पर में एक चारपाई पर लेटा हुआ था, तभी अचानक मुझे पता नहीं कि कब मेरी आँख लग गई. फिर कुछ देर के बाद करीब रात के 11 बजे मुझे अपने गाल पर कुछ हलचल सी महसूस हुई. में कुछ देर गहरी नींद में होने की वजह से उसे सिर्फ मेरा एक भ्रम समझकर चुपचाप लेटा रहा. मैंने कोई भी हलचल नहीं की, लेकिन जब मेरी नींद खुली और फिर में एकदम से उठा और मैंने देखा कि मेरे सामने एक लड़की, जिसका नाम रीना था वो बैठी हुई थी.

    दोस्तों रीना हमारे गावं की एक सबसे सुंदर लड़की थी. उसकी उम्र करीब 20 साल की होगी और उसके बूब्स का साईज़ 34-28-36 होगा. वो दिखने में एकदम हॉट सेक्सी माल था और उसे हमारे यहाँ के सभी लड़के चोदना चाहते थे, लेकिन वो हर किसी को देखती भी नहीं थी, लेकिन अपने उस सेक्सी जिस्म को सभी को दिखाकर अपने अपने लंड हिलाकर मुठ मारने पर जरुर मजबूर किया करती थी. उसके हुस्न के बहुत सारे दीवाने थे, जो उसे एक बार जरुर चोदना चाहते थे.

    दोस्तों असल में वो उस समय वहां पर अपने बॉयफ्रेंड से मिलने आई थी. उनका आज रात को हमारे ट्यूबवेल पर मिलने का प्लान था क्योंकि यहाँ पर एक चारपाई हमेशा बाहर ही पड़ी रहती है और जब में सो रहा था तो उस समय बहुत अँधेरा था और फिर रीना ने मुझे सोता हुआ देखकर सोचा कि में उसका बॉयफ्रेंड हूँ और इसलिए उसने मुझे किस कर लिया, लेकिन उसी समय उसको पता चल गया कि में कोई और हूँ और अब वो एकदम से बहुत डर गई.

    मैंने उससे पूछा कि तुम यहाँ पर क्या करने आई हो? तो वो मुझसे बिना कुछ कहे ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो और में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा. फिर उसने कुछ देर बाद बताया कि में यहाँ पर सन्नी से मिलने आई थी और उसने मुझे यहाँ पर मिलने बुलाया था. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे बैठने को कहा तो वो अब भी ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. अब मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी मत डरो में किसी को कुछ नहीं कहूँगा और वो अब मेरे पास बैठ गई.

    कुछ देर के बाद जब वो एकदम शांत हुई तो उसने मुझे बताया कि वो उससे एक बार पहले भी यहाँ पर मिल चुकी है, लेकिन चूमने चाटने, बूब्स को दबाने के आलावा उन्होंने कुछ नहीं किया था क्योंकि सन्नी का डर की वजह से खड़ा ही नहीं हुआ था. फिर मैंने उससे तुरंत कहा कि क्या तुम मेरे साथ वो सब करना चाहोगी? तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर उसे बहुत देर तक समझाने पर वो अब ना जाने कैसे मान गई? अब मैंने उसे सन्नी को फोन करने को कहा और उससे कहा कि तुम उसको बोल दो कि में आज नहीं आ सकती और अब उसने ऐसा ही किया जैसा मैंने उससे कहा था.

    मैंने उसके लाल लाल होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अब धीरे धीरे चूसने लगा. वो भी कुछ देर बाद मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. मैंने अब उसको अपनी बाहों में भर लिया तो उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया. दस बारह मिनट उसके होंठ चूसने के बाद में उसके कान, गाल और उस गदराए बदन पर किस करने लगा. वो मुझसे अब और भी चिपकती गई और अब वो आह्ह्ह्हह आईईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. अब मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी कमीज़ को उतार दिया और अब में उसके बूब्स को बिल्कुल बाहर मेरे सामने देखकर पागल सा हो गया और में उन पर टूट पड़ा और उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा. वो भी अब जोश में पूरी तरह पागल हो रही थी. तभी उसने अपनी ब्रा को ऊपर कर दिया और मेरा सर पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया.

    तो में भी अब उस मस्ती में उसके वो रसीले बड़े बड़े बूब्स को चूसने, दबाने लगा, लेकिन अब मेरा लंड खड़ा होकर मेरी पेंट को फाड़ने को तैयार हो रहा था, मैंने बूब्स दबाने चूसते समय उसका एक हाथ पकड़ा और मैंने उसे जल्दी से अपने लंड पर रख दिया. तो वो कुछ देर मेरे लंड की गरमी को महससू करने लगी उसको बहुत धीरे धीरे सहलाने लगी और में अब उसके वो रसभरे बूब्स चूस रहा था दबा रहा था मेरा मुहं उसके एक बूब्स पर, एक हाथ उसके बूब्स पर और मेरा दूसरा हाथ उसकी सलवार में उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी प्यासी चूत पर घुमने लगा. अब तक इस बात का फायदा उठाते हुए उसने मेरी पेंट को खोल दिया और मेरी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया और मेरा पूरा लंड अपने हाथ में ले लिया. तो मैंने भी उसकी सलवार को खोल दिया और उसकी गीली पेंटी पर किस किया, लेकिन कुछ देर के बाद उसे भी उतार दिया.

    फिर मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थोड़ी उभरी हुई थी. शायद उसने आज ही अपनी चूत के बालों को साफ किया था. में अब उसकी उस प्यारी सी कामुक चूत को देखकर और भी जोश में आ गया और में उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ फेरने लगा. मेरी जीभ का स्पर्श अपनी चूत पर होते ही वो अब तड़पने लगी और बिना पानी की मछली की तरह मचलने लगी.

    मैंने उसको 69 पोजीशन में ले लिया और उससे अपना लंड चूसने को कहा. उसने पहले तो साफ मना किया, लेकिन मेरे बहुत ज़ोर देने पर वो मेरे लंड को किस करने लगी और चाटने लगी. इधर में उसकी वो गीली चूत चाटने, चूसने लगा और अब में अपनी जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा. उसने भी अब तक मेरा लंड थोड़ा सा मुहं में ले लिया था और फिर उसको ऐसा करना शायद अब अच्छा लगा तो उसने लंड को पूरा मुहं में ले लिया और चूसने लगी और इधर में उसकी चूत को जोश में आकर बहुत मस्त होकर चाट रहा था और चूस रहा था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद अब उसका पूरा शरीर अचानक से अकड़ने लगा और में समझ गया कि इसकी चूत का पानी अब निकलने वाला है.

    में अब और भी ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा जल्दी ही उसकी चूत का वो नमकीन सा पानी मेरे मुहं में आने लगा तो मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर पूरी तरह से साफ कर दिया. वो मेरे सामने बिल्कुल निढाल होकर पड़ी हुई थी और में बस उसकी चूत को चाटे जा रहा था. वो अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मुझसे अपनी चूत चटवाकर एकदम साफ करवा रही थी. फिर में कुछ देर बाद चूत को अच्छी तरह से साफ करके उठा और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा. में उनको बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मेरे कुछ देर तक ऐसा करने की वजह से वो एक बार फिर से गरम हो गई और फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज अब तुम्हे जो भी करना है करो, लेकिन जल्दी करो. में अब और नहीं सह सकती. प्लीज मेरी चूत में जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे चोदकर वो मज़ा दो जिसके लिए में अब तक बैचेन हूँ.

    फिर मैंने उसकी पूरी बात सुनकर उसको जल्दी से नीचे लेटाया और अब में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया. मैंने अपना लंड एक हाथ में पकड़ा और फिर उसकी चूत के दाने के आसपास फेरने लगा और थोड़ा अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम से तड़पने लगी और मुझसे बोली कि प्लीज अब डाल भी दो यार क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? अब मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चूत में चला गया और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से आाईईईईईई आह्ह्ह्हह्ह मर गई मम्मी की आवाज़ निकली और वो अब दर्द से छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसके दर्द पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया.

    मैंने जब दूसरा ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से चीख चीखकर रोने लगी. मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और अब दोबारा एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी तड़पती, मचलती हुई चूत में फिट हो गया और उसकी चूत से खून बाहर आने लगा. में कुछ देर ऐसे ही रहा, लेकिन जब वो पूरी तरह से शांत हो गई तो में धीरे धीरे झटके मारने लगा.

    अब मैंने महसूस किया कि वो भी नीचे से झटके मारने लगी थी और वो आहह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई मम्मी उह्ह्ह्हह्ह थोड़ा और ज़ोर से करो हाँ और अंदर डालो उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी. मैंने उसको उठाया और खड़ा करके उसके एक पैर को उस चारपाई पर रखकर चोदने लगा. वो मुझे अपनी बाहों में लेकर खुद भी झटके मारने लगी. कुछ समय खड़े खड़े चुदाई करने के बाद में लेट गया और उसको अपने ऊपर आने को कहा. वो अब मेरे लंड पर बैठकर ऊपर नीचे होने लगी और आईईईई मम्मी मर गई आहहह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी, लेकिन दोस्तों वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी काम पूरा होने वाला था. मैंने एक बार फिर से उसको सीधा लेटा दिया और ऊपर से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अब में उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.

    दो मिनट के धक्को के बाद मैंने उससे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ पर निकालूँ? तो उसने मुझसे कहा कि आप मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो, में उसको महसूस करना चाहती हूँ और करीब 10-15 झटकों के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरे साथ ही वो भी झड़ गई. मेरे और अब उसका पानी उसकी चूत से निकलकर उसकी गांड की दरार से होकर नीचे टपक रहा था. मैंने उसकी चूत को साफ किया और उसने मेरे लंड को साफ किया. इतने में लाईट भी आ गई थी.

    मैंने मोटर चलाई और उसको साथ लेकर टंकी जिसमे मोटर का पानी गिरता है उसमे नहाने लगा. में अब पानी के बीच उसके बूब्स को चूसने लगा. मुझे यह सब करने से बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको टंकी की एक साइड पर बैठाया और मैंने एक बार फिर से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अब वो आहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्हहह मर गई आईईईई हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कर रही थी. मैंने उसको फिर से टंकी के बीच में ही घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से अपना लंड डाल दिया. जिसकी वजह से अब पानी उनकी चूत से एक इंच नीचे तक था और उसके बूब्स भी पानी में पूरी तरह डूबे हुए थे और दस मिनट ऐसे ही चोदने के बाद हम एक बार फिर से उस चारपाई पर आ गये.

    अब वो मेरे ऊपर बैठकर खुद अपनी चूत में मेरा लंड ले रही थी. में बस उसकी कमर को पकड़कर उसको सहारा दे रहा था. वो अब मेरे लंड पर लगातार उछल रही थी और मेरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में जाकर उसकी बच्चेदानी को छू रहा था. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ समय के बाद मैंने उसको सीधा लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा. करीब दस मिनट धक्के देने के बाद हम दोनों एक बार फिर से एक साथ झड़ गये. दोस्तों वो अब तक पांच बार झड़ चुकी थी और अब बहुत थक भी चुकी थी जब मैंने टाईम देखा तो उस समय रात के दो बज रहे थे.

    वो मुझसे बोली कि मुझे अब अपने घर पर जाना है. फिर हम दोनों एक बार और पानी के अंदर गये और साथ साथ नहाकर बाहर आए. उसने जल्दी से कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और अब में उसको उसके घर पर छोड़ने चला गया. वैसे उसका घर पास ही था तो चलते समय रास्ते में उसने मेरा मोबाईल नंबर ले लिया और अपने घर के पास जाकर उसने मुझे किस किया और फिर चली गई, लेकिन उसके बाद भी अक्सर हम मिलते और चुदाई करते है. मैंने उसको बहुत बार चोदा और उसने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया. मैंने उसके उस रात के बाद भी बहुत बार अपने खेत पर तो कभी अपने और कभी उसके घर पर चोदा.

  • गाँव की लड़की को चोद दिया

    हेल्लो दोस्तों, आप सभी कैसे है? आशा करता हूँ ठीक होंगे| चलिये आज मैं आपको मेरे जीवन की एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताता हूँ जो मेरे साथ हांल ही में कुछ ही समय पहले बीती है|



    सबसे पहले मैं बता देता हूँ कि मेरा नाम आदित्य है, और मैं इंजीनियरिंग का छात्र हूँ|मैं अभी एक होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ, जो की पूरी तरह से लड़कों का है| यह एक मुख्य कारण है कि जब भी मैं छुट्टियों में बाहर जाता हूँ तो मेरा ध्यान लड़कियों की तरफ काफी ज्यादा आकर्षित होने लगता है|

    पता नहीं क्यों पर लड़कियों को देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगता है, और शायद ऐसा इसलिये की मेरी उम्र थोड़ी ज्याद हो गयी है, लडको के होस्टल में पढने की वजह से हम लड़कियों से अभी तक इतना घुल मिल नहीं पाये है जिस वजह से मेरा हवस काफी ज्यादा आगे बढ़ चुका है|

    अभी मेरी उम्र महज 23 साल है, लेकिन अभी तक मेने किसी भी लड़की को नहीं चोदा है, और बस मुट्ठ मारकर ही अपना काम चला रहा हूँ| तो चलिये अब कहानी की तरफ बढ़ते है| तो बात उस समय कि है जब मैं अपने घर वालो के साथ छुट्टियों में अपने गाँव गया हुआ था|

    हर इंसान की तरह कम उम्र में मुझे भी लड़कियों में कुछ ख़ास रुची नहीं थी, लेकिन जैसे ही मैं बड़ा हुआ मुझे बस एक लड़की पटा कर उन्हें छोड़ने की इच्छा थी|तो भाइयों मैं जैसे ही गाँव में पहुंचा तो देखा कि यहाँ का माहौल अभी भी ज्यादा कुछ बदला नहीं था सब कुछ वैसा का वैसा ही था|

    मैं अपनी दादी के पास बैठ कर कुछ देर बाते ही कर रहा था कि कुछ ही देर में एक लड़की हमारे पास आई और मेरी दादी से कहने लगी कि “अरी ओ दादी, मम्मी ने आपके हाथ का थोडा अचार मंगवाया है”|

    उस लड़की का ध्यान जैसे ही मुझ पर गया वो थोडा शर्मा गयी, लेकिन मेरा ध्यान तो उसके बड़े-बड़े बूब्स पर ही ठहर गया था| मेरी दादी ने जैसे ही उसे अचार दिया वो मुझे देखते हुए मुस्कुराते हुए वहां से चली गयी थी| वो बस 4 मिनट के लिए ही मेरे सामने खड़ी हुयी थी, और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा लंड खड़ा होकर सलामी देने लग गया था|

    मुझे उस लड़की के बारे में याद है उस लड़की का नाम शालिनी था|जब में छोटा था तो अक्सर गाँव आया करता था और शालिनी और मैं एक दूसरे के साथ खेला करते थे| अब मैं काफी समय बाद गाँव आया हुआ था, इसलिये शालिनी की उम्र के हिसाब से उसके उभरे हुए बूब्स देखकर तो मैं हैरान ही रह गया था|


    शालिनी की उम्र यहीं कोई 19 साल होगी, वो हमारे पास में ही रहती थी| गाँव में आये मुझे कुछ घंटे ही बीते थे, कि रात कब हो गयी मुझे पता ही नहीं चला था| मैं सोने की लिये जा चुका था, लेकिन शालिनी को छोड़ने के ख्याल मेरे मन में आ रहे थे और इस वजह से में चाह कर भी नहीं सो पा रहा था|

    मैं अपना मन शांत करने के लिए तुरंत बाथरूम गया और शालिनी के नाम की मुट्ठ मारकर वापस सोने के लिए चला गया, लेकिन अब मेने ये ठान लिया था, कि किसी भी तरीके से अब शालिनी को चोदना है|

    अगले ही दिन मैं सुबह जल्दी उठ गया था, क्योकि मेने पता किया था कि शालिनी रोजाना सुबह स्कूल के लिए निकलती है| जैसे हुई सुबह शालिनी अपने स्कूल के लिए निकली मेने उसे रास्ते पर ही रोक लिया और उससे बाते करना शुरू कर दिया|

    और शालिनी तुम काफी बड़ी हो गयी हो – मेने बात शुरू करते हुए कहा

    हां बड़ी तो हो गयी हूँ वैसे तुम कैसे हो बड़े समय बाद गाँव में आये हो?- शालिनी ने जवाब देते हुए कहा

    मैं भी बढ़िया हूँ, बस पढाई करने लगा हूँ तो समय कम मिलता है – मेने बात को जारी रखते हुए कहा

    बातों ही बातों में मुझे समझ आ गया था कि शालिनी को मैं पसंद आ गया हूँ उसने रास्ते पर ही मुझसे अपना फोन नम्बर माँगा और मेने तुरंत ही उसे अपना फोन नम्बर दे दिया| जब मेने उससे पूछा की मेरा फ़ोन नम्बर क्यों चाहिए तो उसने कहा की बस ऐसे ही कुछ काम हुआ तो और कोई बात नहीं है|

    कुछ दिन ऐसे ही बीत गए फिर के दिन शालिनी का फोन आया और वो मुझसे शहर के बारे में पूछने लगी और वहां के वातावरण और लड़कियों के बारे में बातें करने लगी थी|मुझे लग रहता कि शालिनी मुझसे कुछ कहना चाहती है पर वो शायद खुल कर कह नहीं पा रही है|

    फिर कुछ देर बाद शालिनी को यहाँ वहां की बाते करते हुए और थोड़ा हंसी मजाक करते हुए हिम्मत आई और उसने मुझे कह दिया की “वो मुझसे प्यार करती है’|

    मैं अचानक से ऐसा सुनकर हैरान ही रह गया और मेने भी उससे कह दिया की मुझे भी उससे प्यार है फिर हम दोनों ने मिलकर बहुत बात की, लेकिन पता नहीं क्यूँ उससे बात करते-करते मेरा लंड खड़ा हो गया था|

    अगले दिन से शालिनी और मैं चुपके से मिलने लगे और एक दुसरे से बातें करने लगे| हम दोनों के बीच अब काफी नजदीकियां काफी ज्याद बढ़ने लगी थी|और शालिनी के बड़े चुचे तो मेरे दिमाग से हटने का नाम ही नहीं ले रहे थे|

    एक दिन शालिनी और मेने मिलने का प्लान बनाया और हम दोनों पास में ही एक खेत में शालिनी के फ़ार्म हाउस पर आ गए| शालिनी ने चुपके से घर से फ़ार्म हाउस की चाबी ले ली थी , जीससे की हम दोनों फ़ार्म हाउस में रहकर थोडा ज्यादा समय एक-दूसरे एक साथ बिता सकें|



    कुछ ही समय बाद हम दोनों फ़ार्म हाउस में चले गए और खुल कर एक दुसरे से बातचीत करने लगे| मेरा ध्यान अभी भी शालिनी के बूब्स की तरफ जा रहा था| शालिनी भले ही गांव में रह रही थी. लेकिन उसकी खूबसूरती काफी ज्यादा लाजवाब थी|

    कुछ देर बाद मेने मुझसे बिलकुल भी रहा नहीं गया और अचानक से ही मेने शालिनी के बूब्स को हल्के से दबा दिया| मेने जैसे ही बूब्स को दबाया तो शालिनी ने एक गहरी सांस ली और अपनी आँखे बंद कर ली और फिर से आँखे खोल कर कहने लगी “ये तुम क्या रहे हो आदित्य? मुझे अजीब लग रहा है|

    “मुझे माफ़ कर देना शालिनी मेने पहली बार किसी लड़की से इस तरह अकेले में मिलकर बात की है इसलिये मुझसे रहा ही नहीं गया था|”

    “शालिनी कहने लगी कि चलो कोई बात नहीं” और उसके बस इतना कहने पर ही हम दोनों दुबारा एक दुसरे से बातचीत करने में लग गए थे| लेकिन इस बार हम दोनों ही एक दुसरे से ठीक से बात नहीं कर पा रहे थे, इस बार पता नहीं क्यूँ शालिनी का ध्यान मेरे होंठों पर जा रहा था और वह हर बार बोलने में अटक रही थी|

    कुछ देर बाद हम दोनों को चूप हो गए और एक दूसरे की तरफ देखने लगे| इस बार हम दोनों ही अचानक से एक दुसरे के करीब आये और फिर हमने एक दुसरे के होंठ पर होंठ रख कर धीरे-धीरे चूमना शुरू कर दिया|

    मैं शालिनी को चुमते हुए धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा था, उसके बूब्स काफी टाइड थे, जिसे दबाने में मुझे अलग ही तरह के आनन्द का अनुभव हो रहा था| कुछ ही देर में शालिनी ने अपने होठ पीछे किये और जोर-जोर की सिस्कारियां केने लग गयी थी|

    अब में काफी जोश में आ चुका था, मेने धीरे से सहलानी की सलवार को पकड़ा और उसे बाहर निकालने लगा, तभी शालिनी ने मुझे रोकते हुए कहा “ये तुम क्या कर रहे हो, हमें अभी शायद ये सब नहीं करना चाहिए’|

    लेकिन मैं भी अब कहा रुकने वाला था, मेने शालिनी को कहा देखो कुछ नहीं होगा ऐसा तो सब लोग करते है” और ऐसा कहकर मेने शालिनी की सलवार निकाल कर अलग रख दी|

    शालिनी को ऐसा देखकर मेरा लंड देखते ही दखते काफी ज्याद बड़ा हो गया था, और शालिनी को पागल कुते की तरह चोदने के लिए बेताब था| मेने कुछ ही देर में शालिनी की ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया| मैं उसके बूब्स को मसलते हुए चूस रहा था और इस दौरान शालिनी ने सिस्कारियां लेते हुए अपनी आँखे बंद कर ली थी|

    अब कुछ ही देर बाद मेने शालिनी को खड़ा किया और उसके सभी कपडे खोलकर कुछ ही मिनटों में उसे नंगा कर दिया| शालिनी की गांड काफी मोती थी, मैं उसकी गांड पर हाथ रख कर उसे मसलने लग गया था|

    अब मैं भी अपने कपडे उतार कर पूरी तरह नंगा हो गया था, मेने शालिनी को पकड़ा और उसे एक घास के ढेर पर ले जाकर सुला दिया और फिर उसकी टांगों को चोड़ी कर के उसकी चुद में एपीआई उंगलिया डालकर उसे उँगलियों से ही चोदना शुरू कर दिया था|

    शालिनी की “””आह्ह्ह्ह अम्म्मा उम्म्म मर गयी रे””” की आवाज पुरे फ़ार्म हाउस में गुज रही थी| अब जाकर मेने उसकी चुद को चाटना शुरू कर दिया था और इस दौरान वो मेरे सर पर अपने हाथ से मुझे किसी बच्चे की तरह प्यार कर रही थी|



    अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था, मेने अपने लंड को उसकी चुद में प्रवेश करवाने के लिए तैयार किया और धीरे से टोपे तक ही अपने लंड को उसकी चुद में आधा डाल दिया|

    आधा लंड घुसने पर ही शालिनी झटपटा गयी थी, और चीखने लग गयी थी|मैं धीरे-धीरे अपने आधे लंड को उसकी चुद में अंदर-बाहर किये जा रहा था और शालिनी को भी उसमे मजा आ रहा था| शालिनी की चुद काफी टाइड थी, मुझे ऐसा लग रहा था मानों उसकी चुद ने मेरे लंड को दबोच लिया हो|

    कुछ देर बाद मेने अपनी रफ़्तार को बढाते हुए पुरे लंड को एक साथ शालिनी की गर्म चुद में उतार दिया और वह चीखने लगी “अईई अम्मा उम्म्म ओह्ह्ह आह आह” अब शालिनी जबर्दत दर्द के साथ चुद रही थी, और मुझे पीछे की तरफ धकेल रही थी|

    कुछ देर तक चोदने के बाद शालिनी को भी मजा आने लगा था और वह मुझे देख कर मुस्कुराने लग गयी थी| मेने घास के उपर ही शालिनी की टांगों को अपने कंधे के ऊपर लिया और फिर अपनी पूरी रफ्तार से मशीन की तरह उसे चुदना शुरू कर दिया था|

    थोड़ी ही देर में शालिनी का पानी बाहर आ गया लेकिन में फिर भी अपनी रफ्तार से चोदे जा रहा था| कुछ 14 मिनट तक उसे चोदने के बाद मेने अपना गर्म वीर्य शालिनी की ही चुद में छोड़ दिया था|

    जैसे ही मेने अपना लंड बाहर निकाल उसमें शालिनी का पानी और मेरा वीर्य चिपका हुआ था| मेने अपना लंड साफ़ किया और फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने कपडे बदल केर वहन से घर जाने का फैसला किया|

    कुछ दिन बाद हम गाँव से घर आ गये थे, मेरी शालिनी से अभी भी रोजाना बात हुआ करती थी| मेने उसे पूरी तरह से अपने चंगुल में फंसा लिया था अब मैं बस महीनों में 1 या 2 बार उसे चोदने के लिए गाँव आना जाना करता रहता हूँ|



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  • होली मे भाभी की खेत मे चुदाई – Bhabhi Ki Chudai Sex Stories

    Bhabhi Ki Chudai Sex Stories – Holi Me Bhabhi Ki Khet Me Chudai नमस्कार दोस्तो मैं प्रेम आप सभी चुत वालीयो को लंड से नमस्कार करता हू. और लंड वालो को अपने आप करलेणा.

    तो अब मैं स्टोरी पे आता हू इस . जब मैं होली पे गाव गया तो 3 साल बाद गया था क्यो की किसी भी होली मे छुट्टी नही किया करता था . जब मैं गाव गया तो सब लोग काफ़ी खुश हुए.



    ट्रेन का थका हारा मैं उस दिन सो गया और रात को 9 बजे जागा जब पापा हमे जगाने आए तो उस रात खाना खाकर फिर से सो गये.



    शुबह उठा छत पे गया एक्सर्साइज़ करने को तो देखा की मेरे बगल वाले छत पे एक औरत सो रही है तो मैने सोचा चाची या कोई दीदी होंगी. तो मैने ध्यान नही दिया और मैं अपने काम मे मस्त हो गया थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे देख रहा है तो मैं पलट कर देखा तो देखता ही रह गया..

    वो ना तो चाची थी और ना ही दीदी सो मैं उन्हे देखता ही रहा वो देखने मे एक से कोई पर जैसी लग रही थी गोल चेहरा सुरहिदार गर्दन 34 के बूब्स देखने मे एकदम परी ही है वो तीखे नयन नक्श तो मैं उन्हे कम से कम 2 मिनिट तक घूरता रहा फिर वो खुद ही बोली की क्या आप प्रेम है.



    तो मैने हा मे जबाब दिया तो उन्होने बताया की मैं टीपू की भाभी हू तो मुझे ध्यान आया की टीपू भैया की शादी हो गई है और ये उन्ही की वाइफ है तो मैं उन्हे नमस्ते किया और थोड़ा बोहोत बात हुई और वो चली गई की अब हम चलते है काम करना है दोपहर मे ज़रूर आईएगा मैं आपका इंतजार करूँगी सो मैं भी अपने काम मे मशकुल हो गया.

    फिर हम शाम को खेत की तरफ़ घूम रहे थे की भाभी आती हुई दिखाई दी तो मैं भी भाभी के पास आगया तो भाभी ने कहा क्या कर रहे हो अकेले अकेले तो मैने कहा घूम रहा हू तो वो बोली चलो हमारे खेत की तरफ चलो तो मैं चल दिया और रास्ते मे बाते हुई और हसी मज़ाक भी हुई.



    फिर हम खेत मे पहुच कर घास भी साथ मे काटे और खूब हसी मज़ाक हुई बातो ही बातो मे हम सेक्स पे आगये और वो कहने लगी की भैया के शहर जाने के बाद तो हर रोज उंगली ही करती हू.

    तो मैने कहा की क्या गाव मे कोई मर्द आपको नही मिलता इसपे वो कहने लगी नही यहा रहने वालो पे कोई भरोसा नही हैं. दो महीना पहले शंभू की बीबी को गाव मे सब लोग जानते है की 15 लोगो से चुदवाति है हर कोई जानता है इसके कारण उसे घर मे ताने पड़ते है.



    तो हमसे मिलवा दो उसे तो वो बोली की क्यो तो मैं बोला मैं भी उन्हे चोदना चाहूँगा तो वो बोली ठीक है पर हमारी एक शर्त है मैं बोला क्या ये बात आप किसी से नही बताओगे तो मैं बोला ठीक है. फिर वो कहने लगी क्या हम दोनो भी कर सकते है पर आपको किसी को नही बताना होगा तो मैं राज़ी हो गया..

    और कहा मैं तो यहा सिर्फ़ 10 दीनो के लिए ही आया हू अगर आप हमे बिज़ी रखेंगे तो क्या बात है तो वो राज़ी भी हो गई कहने लगी की जब से वो अगये है 1.5 साल हो गये नही आए है तो मैं तब से प्यासी ही हू सुबह आपको देखा तभी से सोच रही थी की कल होली से पहले अपना चुत चुदवा लू.



    तो होली मे ज़्यादा मज़ा आएगा तो हमने खेत मे ही उनके साथ शुरू होगया वो कहने लगी यहा नही गन्ने के खेत मे चलो फिर हम दोनो वाहा पहुचकर आराम से अपने कपड़े उतारे और वो अंडर गारमेंट एक भी नही पहनी हुई थी और उनकी चुचिया एक दम सक्थ थे तो मैने उनसे पूछा की इतना टाइट कैसे हैं.

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    वो बोली की शादी के बाद मुश्किल से 20-30 बार चुदि हू तो क्या आप का चुतताड़ भी टाइट होगा ना तो वो बोली की शहर मे रहते हो तो चुत चोदना तो जानते ही होगे फिर क्या है. तुम मुझे आछे से चोदना ताकि मैं तुम्हारी रंडी बन सकु.



    तो मैने कहा आपको ऐसा चोदुन्गा की आप हमे जीवन भर नही भूल पाएँगी. सो मैने उनके होट पे लीप किस करने लगा तो वो गरम होने लगी और बोलने लगी की प्लीज़ प्रेम मुझे मेरे चुत को रगाडो और उंगली डालो तो मैं उनकी चुत को रगड़ने लगा.

    फिर उनकी होट से लेकर चुत तक खूब चाटता रहा और वो बोलती रही आज तक वो इतना प्यार नही किए आज से मैं तुम्हारी रखेल हू तुम्हे जब भी दिल करे मुझे बो देना मैं आ जाउन्गि.

    तो फिर मैं उन्हे किस करने लगा और उनके चुचि और चुत दोनो को मसलने लगा तो वो बहुत ही जल्दी झड़ गई और फिर भी मैने चूमना और चूसना चालू रखा और लगभग 5 मिनिट बाद वो फिर से बोली की प्लीज़ जल्दी से हमे चोद दीजिए नही तो मैं पागल हो जाउन्गि..

    मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

    सो तब मैं अपना अंडरवेर उतारा तो वो देखकर बोली की बापरे इतना लंबा और मोटा उनका तो 4 इंच का है आप का तो 7 इंच का लगता है और मोटा भी बहुत है तो मैं बोला इससे कुछ नही होता आपको बहुत मज़ा आएगा तो वो बोली प्लीज़ धीरे से डालना मुझे बहुत दर्द होगा तो मैने थूक उनकी चुतपे लगाया और लंड अंदर डाल दिया एक ही झटके मे तो वो रो पड़ी ये देख मैं रुक गया तो वो बोली तुम चोदो फिर मैं भी उनको चोदने लगा.

    लगभग 20 मिनट चोदनेके बाद हम झड़ने के करीब पहुचे तो मैने उनसे पूछा कहा निकालु तो वो बोली बाहर निकालो तो मैने बाहर निकाल दिया वो तब तक 4 बार झड़ चुकी थी वो शांत हो कर वही पड़ी रही और कहने लगी आप जाओ मैं पीछे से आती हू फिर मैं वाहासे निकल गया और वो लगभग 5 मिनट बाद घर की तरफ जाती दिखी.

    दोस्तो आगे की कहानी बाद मे लिखूंगा सो दोस्तो ये कहानी आपको कैसे लगी आप हमे ज़रूर बताइएगा।

    email id है [email protected]