Category: तांत्रिक – बाबा के साथ चुदाई

  • बाबा जी की यात्रा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम लिली है और आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आई हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि इसे पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है जिसको में आज आपके सामने रखने जा रही हूँ. मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में बहुत मज़ा करती हूँ. में एक शादीशुदा लड़की हूँ.

    दोस्तों मेरी शादी लुधियाना में हुई थी, वैसे मेरे पति भी पंजाब से है, लेकिन वो दिल्ली में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करते है और इसी कारण हम लोग शादी के कुछ टाईम बाद ही दिल्ली रहने चले आये. एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि चलो एक महात्मा की यात्रा में चलते है. उस दिन रविवार का दिन था और हम दोनों बिल्कुल फ्री थे इसलिए हम दोनों बहुत खुश होकर उस यात्रा में चले गये. दोस्तों में तो देखकर एकदम चकित रह गई क्योंकि वहाँ पर बहुत भीड़ थी और बहुत लंबी लाईन लगी हुई थी.

    में और मेरे पति साथ साथ चल रहे थे, तभी अचानक एक ज़ोर भीड़ आई, जिसकी वजह से में और मेरे पति अलग अलग हो गये. तब हमारे पास मोबाइल भी नहीं था. में बिल्कुल चुपचाप अपनी लाईन में आगे की तरफ चल रही थी और फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि मेरे चूतड़ को कोई पीछे से छू रहा है, लेकिन में चुप रही और मैंने सोचा कि शायद वो कुछ देर में हट जाएगा, लेकिन अब कुछ टाईम बाद उसकी हरकत तेज़ हो गई और अचानक फिर से एक हल्का सा धक्का लगा और उस आदमी ने मेरी चूतड़ में अपनी एक उंगली को घुसा दिया.

    जब मैंने पीछे की तरफ देखा तो वो बहुत बेशर्मी से मेरी तरफ मुस्करा रहा था, लेकिन अब भी मुझे मेरे पति कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे थे. इस वजह से उसको पूरी तरह से आगे बढ़ने का मौका मिल रहा था और अब वो सही मौका देखकर मेरे बूब्स को छूने लगा, लेकिन में बहुत मजबूर थी. मैंने उससे कुछ नहीं कहा और वो इस बात का लगातार फायदा उठाता रहा.

    फिर कुछ देर बाद यात्रा रुक गई थी और अब धक्के पे धक्के लग रहे थे और इस बात का फायदा उठाकर उसने अपना लंड मेरे चूतड़ पर सटा दिया और वो कुछ देर ऐसे ही रहा. फिर उसने मेरा ऐसा व्यहवार देखते हुए वो अब मेरे बूब्स पर अपना हाथ घुमाने लगा. दोस्तों अब सच पूछो तो मुझे भी उसके ऐसा करने से मज़ा आ रहा था. में चुपचाप खड़ी थी. तभी अचानक उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और पीछे ले जाकर अपने लंड पर रख दिया. मेरा मन उसको महसूस करके बिल्कुल दंग रह गया, वाह क्या लंड था उसका, एकदम गरम लोहे की रोड जैसा.

    वो करीब 8 लंबा और 3 इंच मोटा होगा और अब मैंने उसके पूरे लंड पर हाथ घुमाया तो उसने मेरे कान में कहा कि लाईन से बाहर आ जाओ. मैंने उसकी इस बात पर हाँ कह दिया और अब हम दोनों धीरे धीरे उस लाईन से बाहर आ गए, लेकिन अभी भी मुझे मेरे पति कहीं भी दिखाई नहीं दिए. अब वो मुझसे बोला कि चलो, तो मैंने कहा कि कहाँ? और इतने में उसके साथ वाले चार पांच लोग और आ गए, लेकिन अब मुझ पर सेक्स पूरी तरह से चड़ चुका था. में मन ही मन उसके साथ जाने को तैयार हो चुकी थी, लेकिन अब उसको थोड़ा नखरा दिखा रही थी और फिर मैंने उससे कहा कि मेरे पति यात्रा में है.

    वो बोला कि कोई बात नहीं मिल जाएगे, यहाँ से कहाँ जाएगे. उसने अपने साथ वाले को इशारा किया वो चला गया और अब वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूर ले आया. कुछ दूरी के बाद उसका एक आदमी गाड़ी ले आया उसमे वो चार लोग भी पहले से ही बैठे हुए थे. बीच वाली सीट पर हम तीन लोग बैठे गए थे. उस गाड़ी के सभी शीशे काले रंग के थे जिसकी वजह से बाहर वालों को अंदर कुछ भी नहीं दिखता था.

    अब गाड़ी चलने के कुछ देर बाद उसने मेरी साड़ी का पल्लू हटा दिया और अब वो मेरे ब्लाउज के बटन को खोलने लगा और एक एक करके उसके सभी बटन को खोल दिया और फिर मेरी ब्रा के हुक को भी खोलकर उन दोनों ने मेरे एक एक बूब्स को पकड़ लिया. में जोश में होने की वजह से अब बिल्कुल बेशरम हो चुकी थी और मैंने उन्हें अपने साथ यह सब करने दिया.

    में बस धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी और करीब 15 -20 मिनट के बाद वो गाड़ी एक फार्म हाऊस पर आ गई. मेरी साड़ी को उन्होंने कार में ही उतार दिया था इसलिए में अब सिर्फ पेटिकोट में ही थी और ऊपर से बिल्कुल नंगी. वो सभी बिल्कुल बेफिक्र थे क्योंकि हमे देखने वाला बाहर का कोई भी नहीं था. अब मैंने अंदर जाकर देखा तो वहाँ पर एक बहुत बड़ा हाल था. वो मुझे हाल में ले आए और उस आदमी का नाम जोगिंदर था और सभी लड़के हंस रहे थे. तभी अचानक से एक लड़का मुझसे बोला कि भाभी जी अपने अपना ऊपर वाला आकार तो हमे दिखा दिया है, अब नीचे वाला भी तो दिखा दो.

    तो उनकी यह बात सुनते ही जोगिंदर ने मेरे पेटीकोट को भी खोल दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और वो मेरी चूत में अपनी एक उंगली डालकर बोला कि अरे वाह यह तो बहुत गीली है और फिर जोगिंदर ने फ्रिज में से एक बियर बाहर निकालकर वो उसे पीने लगा. दूसरे लड़के मुझ पर टूट पड़े, कोई मेरी चूत को मसल रहा था तो कोई मेरे बूब्स को दबा रहा था. कोई मेरे चूतड़ में उंगली घुसा रहा था, लेकिन में तो बस जोगिंदर की दीवानी थी. फिर वो कुछ देर बाद मेरे पास आया और मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया. उसका बहुत बड़ा लंड था और उसका सुपाड़ा मेरे मुहं में बहुत मुश्किल से आ रहा था.

    में उसके लंड को अब लगातार अंदर बाहर करके किसी रंडी की तरह चूसने लगी. फिर कुछ देर बाद यह सब देखकर मुझसे बोला कि क्यों बहुत प्यार आ रहा है? बाकी दूसरे लड़कों का लंड छोटा ही था एकदम मेरे पति के लंड के बराबर. दोस्तों में अब एक सोफे पर लेटी हुई थी और दो लड़के मेरे एक एक बूब्स को चूस रहे थे और नीचे एक लड़का मेरी चूत को चाट रहा था. मेरे मुहं में जोगिंदर के लंड था और सुपाड़ा मेरे गले को छू रहा था. कुछ देर चूसने के बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकाला और मुझसे घोड़ी बनने के लिए बोला तो में जल्दी से उसके सामने बिना सोचे समझे झुक गई और घोड़ी बन गई.

    मुझे पता नहीं था कि वो मेरे साथ अब क्या करने वाला था? लेकिन में तो बस अपनी चुदाई के लिए तरस रही थी. मुझे तो अब कैसे भी करके अपनी चूत को उसके लंड से शांत करवाना था. वो मुझसे बोला कि तेरी गांड एकदम गोल गोल है और में आज तेरी गांड मारूँगा. में उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित हो गई क्योंकि मेरी गांड अभी तक एकदम कुँवारी थी. मुझे अपनी गांड के आज फटने का डर मन ही मन सताने लगा, लेकिन में अपनी चुदाई के लिए बहुत व्याकुल थी और मुझे उसके सामने कुछ नहीं दिख रहा था.

    फिर उसने अपने लंड को तेल लगाकर चिकना किया और मेरी गांड के छेद पर भी थोड़ा सा तेल लगाकर लंड को गांड के ऊपर रख दिया और वो मुझसे बोला कि तुम बस दो मिनट के लिए दर्द को बर्दाश्त कर लेना और उसने बातोँ ही बातों में एकदम से एक जोरदार धक्का मारा. मेरी तो एकदम साँस ही बंद हो गई और आँखो के आगे अंधेरा सा छा गया. मुझे लगा कि आज मेरी गांड फट गई और मेरे गले से चीख भी नहीं निकल रही थी और जैसे ही मैंने दर्द के मारे अपना मुहं खोला तो एक कमीने ने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया. मेरी आँखों से आँसू बाहर निकल आए और मेरे उस दर्द ने मुझे चीखने, चिल्लाने पर मजबूर कर दिया, लेकिन उन सभी की पकड़ के आगे में मजबूर थी. फिर कुछ ही देर बाद उसके कुछ धक्को के बाद मेरी हालत थोड़ी ठीक हो गई और अब मुझे अच्छा महसूस होने लगा था. फिर अचानक एक लड़का जिसका नाम बबलू था वो मेरे नीचे घुसकर नीचे लेट गया उसका लंड तनकर खड़ा था. जोगिंदर ने मुझे उस पर बैठने के लिए बोला और में अब उसके लंड पर धीरे धीरे बैठ गयी. वो नीचे से अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर मेरी चूत में डालने लगा. उसने एकदम से ज़ोर लगा दिया और अब उसका लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया.

    अब बबलू नीचे से धक्के लगा रहा था और जोगिंदर ऊपर से और में बीच में चुद रही थी. वो दोनों लगातार धक्के लगा रहे थे और करीब दस मिनट के बाद बबलू का लंड झड़ गया, लेकिन जोगिंदर अभी भी चल रहा था. अब बबलू ने मुझे उठा दिया और अब दूसरा लड़का अर्जुन उसकी जगह पर लेट गया. फिर मेरी दोनों तरफ से चुदाई हो रही थी.

    मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी अहहह उह्ह्ह्हह्ह आईईईईईई मज़ा आ गया हाँ और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे, लेकिन कुछ देर के बाद अर्जुन का लंड भी झड़ गया और उसके साथ ही जोगिंदर का लंड भी अब अपनी जगह छोड़ चुका था. जिसकी वजह से मेरी गांड और चूत दोनों उनके गरम गरम वीर्य से लबालब हो चुकी थी. मैंने उनका वो गरम गरम लावा अपनी चूत गांड में महसूस किया और में अब बहुत अच्छा महसूस कर रही थी और जब में उठकर खड़ी हुई तो मेरी गांड और चूत दोनों से ही उनका माल बूंद बूंद करके टपक रहा था.

    अब दोनों लड़के सोनू और बंटी बाकी रह गये थे इसलिए उन्होंने मुझे एक बार फिर से घोड़ी बना लिया और मेरे नीचे सोनू और ऊपर बंटी था. मेरी गांड और चूत अब एकदम से खुल चुकी थी, जिसकी वजह से दर्द का नामो निशान नहीं था. जोगिंदर ने अपना लंड एक बार फिर से मेरे मुहं में घुसा दिया और उधर कुछ ही झटको के बाद बंटी का लंड झड़ गया.

    जोगिंदर ने सोनू को उठाकर पीछे आने को बोला. अब जोगिंदर मेरे नीचे था और सोनू मेरी गांड पर सवार हो गया था. जोगिंदर का लंड हर एक धक्के के साथ मेरी बच्चेदानी के साथ टकरा रहा था और मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. तभी कुछ देर के बाद सोनू का वीर्य निकल गया और उस हरामी ने अपना माल से भरा हुआ लंड मेरे मुहं के अंदर जबरदस्ती ठूंस दिया. दोस्तों उसके लंड का स्वाद एकदम नमकीन चावल जैसा था. मैंने पहली बार वीर्य का स्वाद चखकर देखा था और अब मेरे पीछे बबलू मेरी गांड पर सवार हो गया. मेरी यह तीसरी बार चुदाई हो रही थी. में उनके चुदाई करने के तरीके को देखकर बहुत खुश थी क्योंकि वो कोई भी मेरे एक भी छेद को खाली नहीं छोड़ रहे थे और वो एक के बाद एक चुदाई कर रहे थे.

    तभी बंटी ने मेरे बूब्स पर बियर गिरा दी और फिर बीच में घुसकर मेरे बूब्स से बियर को चाटने लगा. वो हरामी साला मुझे पता नहीं मेरे बूब्स को चाट रहा था या बियर, लेकिन जोगिंदर अब भी करीब 20- 25 मिनट तक लगातार मेरी चुदाई करता रहा और फिर कुछ देर बाद बबलू और जोगिंदर का लंड ठंडा हो गया मेरी चूत और चूतड़ दोनों ही एक बार फिर से माल से भर गई थी और में अब बहुत थक चुकी थी.

    हरामी सोनू ने जोगिंदर के कान में कुछ कहा और जोगिंदर मुस्करा दिया. सोनू और बबलू ने मुझे गोद में उठाकर नीचे जमीन पर लेटा दिया और वो सभी पांच लोग मेरे आस पास खड़े हो गये और अब वो सभी हसंते हसंते मेरे ऊपर पेशाब करने लगे. दोस्तों मेरा अब बहुत बुरा हाल हो चुका था. मेरी गांड, चूत, मुहं और सारा बदन बहुत दर्द कर रहा था.

    बंटी को जोगिंदर ने कहीं जाने के लिए बोला और वो चार लोगों के साथ गाड़ी ले जाने के लिए कपड़े पहनने लगा. मैंने उससे अपने जाने के बारे में पूछा तो जोगिंदर बोला कि यह इन लोगों को छोड़कर अभी वापस आ रहा है और में यही हूँ. तो बंटी और सोनू और दूसरे लड़के वहां से चले गये. अब मुझे जोगिंदर ने बोला कि जाओ नहा लो फिर में तुम्हे घर पर छोड़ दूँगा. में बाथरूम में चली गई और नहाते हुए अचानक जोगिंदर बाथरूम में आ गया और वो मुझसे बोला कि उसका अभी मन नहीं भरा है. में एक बार फिर में पूरी बेशर्म हो चुकी थी.

    मैंने कहा कि आ जाओ मेरी जान. चुदाई से ना तो मेरी चूत घटेगी और ना ही गांड, लेकिन तुम्हारा लंड जरुर कुछ देर बाद झड़कर छोटा हो जाएगा. अब उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और उसने पांच मिनट के बाद डॉगी स्टाइल में मेरी चुदाई शुरू कर दी. 20 -25 मिनट वो फिर से लगा रहा, कभी डॉगी स्टाइल में तो कभी खड़े खड़े धक्के देने में लगा रहा. फिर उसका झड़ गया और इधर में दो बार झड़ा चुकी थी. आज मुझे पता चला था कि असली चुदाई क्या होती है? मेरे पति के साथ चुदाई तो बस कुछ मिनट का खेल ही था. फिर में और जोगिंदर साथ साथ नहाते रहे और फिर कुछ देर बाद बंटी गाड़ी लेकर आ गया.

    बंटी को वहीं छोड़कर जोगिंदर और में गाड़ी लेकर आ गए. हम दोनों मेरे घर पर आ गये थे और जब हम घर पर आए तो मैंने देखा कि मेरी पति मेरे ना आने की वजह से बहुत चिंता में डूबे हुए बैठे थे. मैंने उन्हे बताया कि यह जोगिंदर जी है और इन्होने मेरी यहाँ तक आने में बहुत मदद की है. में बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए बहुत दुःख दर्द को सहते हुए यहाँ तक पहुंची हूँ. अगर यह ना होते तो ना जाने मेरा क्या होता? और वैसे यह भी पटियाला से है. मेरे पति ने उनका बहुत बहुत धन्यवाद कहा और फिर हम सभी ने एक साथ बैठकर चाय पी और जाते समय जोगिंदर ने मेरा मोबाईल नम्बर ले लिया और चला गया.

    फिर मेरे और जोगिंदर के बीच चुदाई का यह सिलसिला पांच साल तक लगातार चलता रहा. में उसकी चुदाई से बहुत खुश थी, वो मुझे कभी अपने घर पर तो कभी मेरे घर पर तो कभी फार्म हाऊस में ले जाकर चोदता और में उसके साथ बहुत मज़े करती. तो दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी जो कहाँ से जाकर कहाँ खत्म हुई, लेकिन मुझे उसकी उस पहली चुदाई में बहुत मज़ा आया क्योंकि उसने पहली ही बार में मुझे वो मज़ा दिया था जिसके लिए में बहुत सालों से तड़प रही थी.

  • बाबा की दवाई

    हेल्लो फ्रेंड्स.. में देव एक ऐसी घटना जो हमारे समाज की कुरीतियों को बयान करती है और मेरे जैसे भाभीयों के देवर को भाभीयों की जमके चुदाई करने का मौका देती है.. पढ़िये मेरे साथ घटी इस घटना को. मेरी भाभी मधु.. थोड़ी हेल्थी भरा हुआ बदन, बड़ी बड़ी चूचीयाँ, बड़ी सी गांड और खूबसूरत आँखें.. जब से वो शादी करके आई है तब से में उसे चोदने को बेकरार था.

    तब भाभी इतनी मोटी नहीं थी पर सेक्सी बहुत थी.. अमित भैया हमारे सामने ही भाभी की चूचियों से खेलते और भाभी सेक्सी सिसकियाँ भरती थी और में सिर्फ़ अपना लंड मसलते हुये रह जाता था. धीरे धीरे वक़्त बड़ता गया और भाभी की एक के बाद एक 5 लड़कियाँ हुई.. भाभी काफ़ी परेशान थी और उसे किसी भी कीमत पर एक बेटा चाहिये था.

    फिर किसी ने भाभी को बताया कि चंदन नगर गावं मे एक बाबा रहते हैं.. जो कि कुछ ऐसी दवाई देते हैं और जिससे बेटा पैदा होने की गारंटी होती है.. भाभी तब मेरे पीछे पड़ गयी कि मे उसे उस बाबा के पास ले जाऊं.. में उसे अपनी बाईक पर बैठाकर बाबा के पास ले गया और रास्ते भर भाभी मेरे साथ चिपक कर बैठी रही. उसकी चूचियाँ मुझे उसे चोदने को ललकार रही थी.. ऐसा लग रहा था कि भाभी को अभी चोद दूं..

    लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और उसे बाबा के पास ले गया. फिर बाबा ने कहा बेटी ऐसे नहीं.. जब तुम्हारा पीरियड शुरू हो और उसका अंतिम दिन हो.. जब तुम आना और में तुम्हे दवाई दूँगा. फिर देखना तुम्हे बेटा ज़रूर पैदा होगा.

    फिर एक दिन मैंने देखा कि भाभी सुबह सुबह तैयार हुई.. उन्होंने एक पीले कलर की साड़ी और मेचिंग ब्लाउज पहने हुये भाभी एकदम मस्त लग रही थी.. अगर इस तरह से भैया उसे देख लेते तो शायद आज काम पर ही नहीं जाते और दिन भर भाभी को चोदते.. लेकिन भैया घर पर नहीं थे. भाभी ने मुझे आवाज़ लगाई कि चलो बाबा जी के पास जाना है.. में भाभी को अपनी बाईक पर बाबा के पास लेकर गया..

    उस दिन भी भाभी मेरे साथ चिपक के बैठी थी और जिससे मेरी नियत खराब हो रही थी. मेरा लंड पेंट के भीतर ही उछल रहा था.. शायद मेरी हालत को भाभी भी समझ रही थी. फिर भी वो मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी.. हम बाबा की कुटिया मे पहुँचे.. बाबा ने कुछ मंत्र पढ़े और भाभी को एक पुड़िया केले के साथ खाने के लिए दी और कहा कि बेटी इस दवाई को केले के साथ अभी खा लो और आज ही जाकर अपने पति के साथ संभोग करना.. तुम्हे ज़रूर बेटा होगा.

    भाभी काफ़ी खुश थी. फिर हम वापस लौट रहे थे.. लेकिन मौसम का मिज़ाज कुछ खराब था और हम गावं के रास्ते को पार करते हुए कुछ खेतों के बगल से गुजर रहे थे.. जहाँ दूर दूर तक कोई घर नहीं दिख रहा था. हम चले जा रहे थे कि अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी.. में इधर उधर देखते हुए काफ़ी तेज बाइक चलाने लगा.

    फिर अचानक से रास्ते के किनारे थोड़ी दूर खेत की तरफ एक झोपड़ी दिखाई दी.. मैंने बाइक रास्ते पर रोक दी और भाभी से कहा कि जल्दी उस झोपड़ी मे चलो.. भाभी बाईक से उतरकर झोपड़ी की तरफ भागी और में भी बाइक खड़ी करके झोपड़ी में चला गया. हम बारिश से बच गये थे.. कुछ भीगे ज़रूर थे.. लेकिन राहत थी कि पूरी तरह से भीगे नहीं.. लेकिन भाभी इतनी ज़रूर भीगी थी कि उसकी साड़ी उसके ब्लाउज के साथ चिपक गयी थी और बारिश की कुछ बूंदे उसकी नाभि के पास झलक रही थी.

    भाभी अपनी आँचल को अपने सीने से हटाकर उससे अपना मुँह पोंछ रही थी.. जिससे ब्लाउज से निकलती हुई उसकी चूचियां मुझे पागल बना रही थी.. लेकिन अचानक से भाभी का फोन बजा.. भाभी ने देखा कि भैया का फोन आया था.. तभी भाभी ने फोन पर बात की और उसके बाद भाभी का चेहरा उतर गया. फिर मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ? पर उसने मुझे कुछ बताया नहीं.. वास्तव भैया का फोन आया था कि आज भैया घर नहीं आयेगें.. उन्हें काम के लिए आउट ऑफ स्टेशन जाना पड़ रहा है. ये बात मुझे बाद में पता चली.. भाभी का चेहरा बिल्कुल उतरा हुआ था.. लेकिन में तो उसकी मस्त चूचियों मे नज़र रखा हुआ था.

    अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे से भाभी की कमर पर डाला.. तो भाभी ने हल्की सी अपनी सांस उपर की तरफ खींचा.. लेकिन मैंने अपना दूसरा हाथ भाभी के पेट में डालकर उसके पेट और नाभि को सहलाने लगा. भाभी अब धीरे धीरे और ज़्यादा मुझसे चिपकने लगी.. जैसे ही मुझे लगा कि अब भाभी विरोध नहीं करेगी. फिर मैंने ज़ोर से भाभी को अपनी बाहों मे खींच लिया और उसे किस करने लगा और अचानक से भाभी मुझसे खुद को छुड़ाकर पीछे घूम गयी.. लेकिन मेरे लिए अब रुकना मुमकिन नहीं था. मैंने पीछे से भाभी की चूचियों को ब्लाउज और साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगा.. भाभी सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और ब्लाउज के हुक्स खोल दिए.. भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उसकी चूचियां बाहर निकल गयी.. जिन्हें में बेदर्दी से मसलने लगा.

    मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था और अब में बिल्कुल भी रुकना नहीं चाह रहा था. मैंने अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर भाभी की साड़ी को उपर उठाया.. पूरी गांड अब मेरे सामने थी. यारों क्या बोलूं.. सिर्फ़ उस घटना को याद करते हुए लिखने से ही मेरा तो लंड खड़ा हो रहा है.. पता नहीं आप लोगों का क्या हो रहा होगा? जैसे ही उसकी गांड मेरे सामने नंगी दिखी.. में उसकी गांड दबाने लगा.. इसी दौरान में और भाभी दोनों चुप ही थे.. सिर्फ़ हमारी सिसकियाँ निकल रही थी. मैंने अपनी पेंट उतार दी और मेरा लंड अब भाभी को चोदने के लिए तैयार खड़ा था. फिर मैंने भाभी को दीवार के सहारे थोड़ा सा झुकाया.. जिससे भाभी की चूत बिल्कुल उभर कर मेरी आँखों के सामने आ गयी और मैंने सीधा अपना लंड भाभी की चूत मे डालकर उसे चोदने लगा.. भाभी को चोदते हुए मैंने अपना सारा माल भाभी की चूत मे डाल दिया. फिर हम अलग हुए और अपने कपड़े ठीक किये.. तभी अचानक से भाभी ने मुझे एक किस किया और कहा कि थैंक यू. में कुछ समझ नहीं पाया और चुप ही रहा.. बारिश रुकी और हम घर आ गये.

    फिर ना तो कभी मैंने और ना ही भाभी ने उस बारे मे कोई बात की.. बाबा की दवाई का असर हुआ और भाभी प्रेग्नेंट हुई.. बाद में उसे एक चाँद सा लड़का पैदा हुआ. मैंने लड़के को देखा और भाभी से कहा कि भाभी मुबारक हो. बाबा की दी हुई दवाई ने तुम्हारे अरमान पूरे किए.. उस समय घर पर कोई नहीं था.

    फिर भाभी ने मुझे पास बुलाया और मुझे एक जोरदार किस किया और कहा कि.. हाँ बाबा की दवाई ने और तुम्हारे वीर्य ने. ये तुम्हारा ही बेटा है.. थैंक यू. उस दिन दवा खाने के बाद मुझे सेक्स करना ज़रूरी था और तुम्हारे भैया आउट ऑफ स्टेशन थे.. अगर उस दिन तुम मेरे साथ सेक्स नहीं करते.. तो शायद मुझे ये ख़ुशी कभी नहीं मिलती.. यह कहकर उसने मुझे फिर एक बार किस किया. में भी अब जोश मे आ गया और उसकी चूचियों को दबाने लगा.. लेकिन उससे आगे भाभी ने मुझे बड़ने नहीं दिया.. क्योंकि उस समय भाभी सेक्स करने के लायक नहीं थी. आज भी सिर्फ़ मुझे और भाभी को ही पता है कि वो बच्चा मेरा है और अब हमें जब भी मौका मिलता है.. तो खुलकर सेक्स करते है.

  • ढोंगी बाबा से चुदवा लिया

    हेल्लो प्रिय दोस्तों, आप सभी लोगों का एक बार फिर से स्वागत करती हूं शानदार कहानियों की इस दुनिया में, और आज जो सच्ची कहानी मैं आप सभी से शेयर करने जा रही हूं वो काफी ज्यादा मजेदार होने वाली है, इसलिए हमारे साथ बने रहिएगा।



    सबसे पहले मैं अपने बारे में कुछ बता देती हूँ मेरे नाम रागिनी है और इंदोर के विजयनगर एरिया की रहने वाली हूँ| मेरी सुन्दरता का तो क्या कहना है मेरी सुन्दरता के चर्चे यहाँ पर दूर-दूर तक फेलें हुए है| मेरे बाल एक दम सीधे और भूरे रंग के है दरअसल मेने अपने बालों को पार्लर में ऐसा करवाया है जिससे मैं काफी ज्यादा आकर्षित लगने लगू|

    मेरी आँखे भूरे रंग की है जो कोई भी मुझे एक बार देख लेता है वो पूरी तरह से मेरी आँखों में बस जाता है| मेने जिम जाकर अपने शरीर को भी काफी आकर्षित बना दिया है|

    मेरे परिवार अक्सर मेरे पापा, चाचा और बड़े पापा की जायदाद को लेकर लड़ाईयां होती रहती है इसलिये ज्यादातर मेरे परिवार में कोई भी एक दूसरे से ज्यादा बात नहीं करता है| मेरी यहाँ बस मेरी भाभी से ही सबसे ज्यादा बनती है| अब मैं आपको जरा अपनी भाभी के बारे मैं भी कुछ बता देती हूँ|

    मेरी भाभी मॉडलिंग किया करती थी और वह काफी फेमस भी थी| पर उनको मेरे भाई से प्यार हो जाने के बाद उन्होंने मॉडलिंग करना बंद कर दिया था| लेकिन वो अभी किसी स्लिम खुबसुरत अप्सरा की तरह लगती है| उनका शरीर काफी गौरा और आकर्षक है कहना तो नहीं चाहिए पर उन्होंने अपने बूब्स और गांड को भी काफी ज्यादा मेंटेन रखा हुआ है| मेरी भाभी अभी किसी हिरोइन से कम नहीं लगती है|




    भाभी और मैं अक्सर हमारे घर से थोड़ी ही दूर बने एक बाबा के आश्रम में जाया करते थे| वहां पर हम ध्यान और योगा करने जाया करते थे साथ ही हमारे घर की शांति के लिए पार्थना भी किया करते थे| उस आश्रम के बाबा ज्यादा पहुंचे हुए बाबा थे उनका नाम पूरे इंदौर में मशहूर था|

    अब तक हमें उस आश्रम में जाते-जाते 4 महीने बीत चुके थे और सबकुछ ठीक ही चल रहा था|

    लेकिन मेने इतने समय में यह नोटिस किया जब भी हम ध्यान लगाते थे, वह बाबा हमारे शरीर की तरफ देखता रहता था| मेने ध्यान लगाते हुए चुके से आखे खोलकर बहुत बार बाबा की इस हरकत को देखा था और मेने इस बारे में भाभी को भी काफी समय पहले ही बता दिया था|

    पहले मुझे लगा यह सब साधारण लगा क्योकि मेरे बूब्स काफी उभरे हुए थे और ध्यान लगाते वक्त सांस अंदर बाहर करते हुए बहुत ही बाहर निकलते हुए दिखते है साथ ही मेरी भाभी भी काफी हॉट लगती है इसलिये शायद बाबा का ध्यान हमारी तरफ आकर्षित हो जाता था|

    काफी समय से तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन कुछ समय बाद अचानक से हमारे घर में जायदाद को लेकर झगड़े काफी ज्यादा बड़ने लग गए थे| भाभी और मैं काफी ज्यादा परेशान थे और हमें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसी परेशानी में हम क्या करें? तभी हमारा ध्यान बाबा की तरफ गया और भाभी और मेने मिलकर बाबा से इस परेशानी का उपाय बताने के बारे में सोचा|

    अगले ही दिन भाभी और मैं बाबा के आश्रम गए और हमने वहां पर बाबा से हमारी इस परेशानी के हल के बारे पूछा और बाबा ने हमसे कहा अभी ध्यान लगाओ और जैसे ही यहाँ आश्रम से सब लोग चले जायेंगे मैं तुम्हे तुम्हारी हर परेशानी से मुक्त कर दूंगा|



    भाभी और मैं काफी ज्यादा खुश थे, क्योकि बाबा हमारी परेशानी का निराकरण करने के लिए मान गए थे| जैसे ही हमने ध्यान लगाने की क्रिया को खतम किया तो सभी लोग वहां से जा चुके थे, अब बस आश्रम में भाभी, मैं और बाबा के साथ उनकी दासियाँ मौजूद थी|

    कुछ ही देर बाद बाबा ने मुझे उठ कर गले लगाया और मेरी नंगी कमर पर हाथ फेरते हुए कहा देखो सबकुछ ठीक हो जाएगा, और तुम्हारी सभी परेशानियों का निराकरण हो जाएगा| मुझे ये सब काफी अजीब लगा उसके बाद बाबा फिर से अपनी जगह पर जाकर बैठ गए|

    कुछ देर बाद बाबा की दासियों ने मेरी भाभी को उठाया और बाबा की गोद में ले जाकर बैठने के लिए कहा| बहाबी ने इसके लिए साफ़ इनकार कर दिया लेकिन दासियों ने उन्हे खा कि अगर आपको अपनी सभी परेशानियों का निराकरण करना है तो बाबा से संयोग तो बनाना ही पड़ेगा|

    बाबा आप से संयोग स्थापित कर के आपकी सभी परेशानियों को अपने अंदर हर लेंगे और फिर आप आजाद हो जाओगी|- उन दासियों ने अपनी बातों को जारी रखते हुए कहा

    इतना सुन कर ही भाभी उस बाबा की गोद में आकर बैठ गयी, फिर बाबा मेरी भाभी की कमर पर अपना हाथ फेरने लगा और कहने लगा कि सबकुछ ठीक हो जाएगा चितना की कोई बात नहीं है|

    कुछ देर बाद बाबा और उनकी दासियाँ हमें एक कमरे में लेकर चले गए और फिर कुछ देर बाद बाबा भी लुंगी पहन कर वहां पर आ गये थे| मैं लुंगी के अंदर बाबा का बड़ा उभरा हुआ लंड देख सकती थी इसलिये मुझे कुछ गलत होने का आभास हो ही रहा था|

    कुछ देर बाद बाबा ने भाभी को सम्बन्ध बनाने के लिए कहा और कहा कि यही एक आखिरी रास्ता है| मैं तुम्हारे सारे दुःख और दर्द अपने अंदर ले लूँगा, और इतना कहते हुए बाबा ने अपने होंठ भाभी के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूमने में लग गए|

    मैं देख रही थी कि भाभी उनके साथ अभी तक काफी सहज है और उनका जवाब देते हुए वो भी बाबा को चूम रही है| बाबा लगातार भाभी को गले से लेकर बूब्स तक सभी जगह चूमे जा रहा था| यह सब देख कर मैं खड़ी-खड़ी गर्म होती जा रही थी|

    कुछ ही देर बाद बाबा ने भाभी की साडी को पूरी तरह खोल दिया था| भाभी भी अब तक काफी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी इसलिये वह भी खुद को नहीं रोक पा रही थी| मेने बाबा का यह रूप पहले कभी भी नहीं देखा था इसलिये सब से ज्याद हैरानी मुझे अभी तक इसी बात की हो रही थी|



    कुछ ही देर मैं बाबा ने भाभी की ब्लाउज और ब्रा दोनों उतार दि और बाबा ने भाभी के बूब्स को चुसना शुरू कर दिया था| भाभी की सिस्कारियों की आवाज सुन कर में भी अब काफी ज्यादा टूट चुकी थी| बाबा लगातर जोर-जोर से भाभी के बूब्स को दबाकर उसे चुसे जा रहा था|

    कुछ ही देर बाद बाबा ने भाभी का पेटीकोट ऊपर उठाया और भाभी की चुद के बीज को अपनी जुबान से चाटने लगा| वह भाभी को चोदने से पहले काफी ज्यादा तडपाये जा रहा था, और उससे भी ज्याद वो मुझे तडपा रहा था|

    कुछ देर बाद बाबा ने अपनी लुंगी को उतार दिया, उनका बहुत बड़ा और बलशाली लंड था जिसे देखकर भाभी चौक ही गयी थी| बाबा ने बिना देर किये भाभी की टांगों को ऊपर उठाया और एक ही झटके के साथ अपना पूरा लंड भाभी की चुद में उतार कर तेजी से अंदर बाहर करे लग गए|

    वहीँ भाभी के मुंह से भी जोर-जोर से आह आह ओह्ह्ह अम्म्म की सिस्कारियां निकले जा रही थी| ज्यादा उम्र होने के बाद भी बाबा थक ही नहीं रहे थे और उन्होंने भाभी की चोद-चोद कर पूरी तरह तडपा दिया था|

    मुझे लग रहा था कि बाबा ने किसी तरह की दवाई खा रही है इसलिये वो थक ही नहीं रहे थे वहीँ भाभी की चीखे भी बहुत तेजी से आ रही थी| यह सब देखकर तो मेरी चुद में से पानी ही छुट गया था| कुछ ही देर बाद बाबा मेरी भाभी की छोड़कर अब मेरे पास आ गये थे|

    उन्होंने मेरे बड़े-बड़े बूब्स को देखते से मसलना शुरू कर दिया उनके जोर-जोर से मसलने के कारण मेरा एक बूब्स अचानक मेरे कपड़ों से बाहर निकल गया और वह मेरे बूब्स को चूसने लग गये| बाबा ने मुझे चोदने में ज्यादा देरी नहीं लगाई और मुझे पीछे की तरफ दीवार पर हाथ रख कर झुकने के लिए कहा, और पीछे से मेरी जींस की पेंट और पेंटी को मेरे घुटनों तक खिसकाकर मेरी चुद में अपना लंड घुसा दिया, उनके लंड डालने से ही में जोर से चीख पड़ी| उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में पूरी रफ़्तार के साथ चोदना शुरू कर दिया था| और मैं भी आह आह आह आह की आवाज के साथ पूरे मजे में चुद रही थी| बाबा ने मुझे लम्बे समय तक चोदा और आखिर मैं उनका वीर्य बाहर निकल गया, उनका वीर्य भी बहुत ज्यादा था| उन्होंने अपना वीर्य थोडा मेरी चुद में ही ढोल दिया और बाकी जमीन पर ढोल दिया था|

    फिर भाभी और में बाबा के आश्रम से इस आशा में काले आये कि अब सबकुछ ठीक हो जाएगा| कुछ एक महीने तक बाबा हमें ऐसे ही रोजाना चोदता रहा लेकिन हमारे घर की स्थिति अभी तक ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही थी| बहभी और मैं अब तक ये समझ चुके थे कि उस बाबा ने हमे चुतिया बनाया है| हमें काफी ज्यादा अफ़सोस हो रहा था और फिर कुछ दिन बाद हमने उस बाबा के यहाँ जाना बंद कर दिया|



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  • तांत्रिक ने पूरी रात चोदा, पति और सास ने कहा चुदवाने को

    मेरा नाम कमोलिका है मैं 24 साल की हूँ। कल पूरी रात मैं एक तांत्रिक से / साधु से चुदी आज मैं ये अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिख रह हूँ। आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी बताउंगी कैसे मेरे पति ने खुद कहा चुदवा तांत्रिक से कैसे मेरी सासु माँ बोली, आज खुश कर देना साधु बाबा को कोई नखरे नहीं करना जितना खुश करेगी उतना अच्छा। यहाँ तक की मेरी सास और मेरा पति दोनों ने कमरे में भेजने से पहले ही मुझे समझाया की जो भी बोले मना मत करना। जैसे कहे साधु बाबा, नखरे नहीं दिखाना। दोस्तों रात भर ऐसे मेरी चुदाई करि साधु ने आपको अपने शब्दों में बताने की कोशिश कर रही हूँ। मैं मना भी नहीं कर पाई और तांत्रिक ने वो सब मेरे साथ किया जो कभी मेरा पति ने भी नहीं किया। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ।

    मेरी शादी के चार साल हो जाने पर भी जब मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ तो डॉक्टरी इलजा कराया। डॉक्टर ने कहा ट्यूब ब्लॉक है, तांत्रिक से दिखाया तो बोला की कोख बांध दिया है। और सच पूछिए तो मेरा पति मुझे सही से चोद ही नहीं पाता है। जब लौड़ा ही सही से नहीं घुसेगा और चुदाई नहीं होगी और अच्छे से वीर्य चूत के अंदर नहीं जाएगा तो बच्चा कैसे होगा। बच्चा होने के लिए भी सही हथियार की जरुरत होती है। दोस्तों दिक्कत क्या है वो सिर्फ मुझे पता है. पर समाज भी ठीक है डॉक्टर भी ठीक है और तांत्रिक भी ठीक है सब अपने तरीके से ही कहेंगे क्यों की सबको ही अपना काम निकालना है।

    दोस्तों जब मेरी सास तांत्रिक से मिलकर आई तो अपने बेटे को बताई की तांत्रिक कह रहा है पूरी रात पूजा करना पड़ेगा अपने घर पर। उन दोनों में काफी विमर्श हुआ और वो दोनों राजी हो गए तांत्रिक से तंत्र साधना के लिए। वो दोनों फिर फिर मुझसे बोले देखो बहु हम डॉक्टर भी दिखते हैं और तांत्रिक भी ताकि जल्द से जल्द तुम्हारी सुनी गोदी में किलकारियां गूंजे। मैं ना सोचते हुए भी मना नहीं कर पाई और तैयार हो गई बोली जो करना है करो। क्यों की मुझे पता है मेरे कोई कदम उठाने से भी कुछ नहीं होगा क्यों की मेरा मायका भी कमजोर है माँ है नहीं पापा किसी और औरत के चक्कर में पागल हुए पड़े हैं भाई है जो खुद ही भागकर एक मुसलमान औरत के शादी किये हैं। तो आप भी बताओ मैं कहा जाऊं ?

    तंत्र पूजा
    दोस्तों तांत्रिक आया और बोला शनिवार के दिन पूजा होगा। उन्होंने कई सारे सामान लिखवा थे और बोले ये आप पहले ही ले आना। और हाँ आप माँ बेटा दिन भर पूजा में तो रहना पर निशा पूजा (रात्रि पूजा ) में आप लोग नहीं रहेंगे सिर्फ बहु ही रहेगी। आप दोनों घर में नहीं रहोगे मुझे पूरा घर बांधना है और बहु का कोख खोलना है। मेरे पति और सास दोनों ही मान गए। बगल में ही एक होटल लीला है वही उन्होंने कमरा बुक करा लिया रात के लिए।

    शनिवार के दिन पूजा दिन भर चलता रहा। तांत्रिक बहुत ही हठ्ठा कट्ठा इंसान जो करीब तिस साल के करीब का था बड़ी बड़ी मूछें दाढ़ी बाल और गठीला बदन लंबा चौड़ा। काला कपड़ा पहनकर पूजा दिन भर किया वो मुझे शनिवार के दिन पूरा सज संवर कर रहने को कहा मैं भी करवाचौथ की तरह ही सजी संवरी दिन भर बिना अन्न जल के रही। रात में वो मुझे छत पर ले जाकर निशा पूजा के लिए तैयार किया चारो दिशाओं में जल डाले दीपक जलाया और चारो दिशाओं में सरसों और नमक छिड़का। निचे आकर मुझे पानी पिलाया और फिर हम चारो भोजन किये। भोजन के बाद मेरी सास और पति दोनों सोने होटल चले गए।

    अब मुझे कमरे में ले गया अगरवती घुप जलाया, 51 दीपक जलाये, और कई सारे रंगोली की तरह बनाया फर्श पर। कमरे के एक साइड गद्दा लगाया पूरा कमरा दिव्य और भयानक लग रहा था। तांन्त्रिक नंगा हो गया और मन्त्र कहने लगा और जितने पानी के छींटे मरता मेरे ऊपर मुझे एक एक कर के सारे कपडे उतारने पड़ते। कुछ ही देर में मैं पूरी नंगी हो गई। और तांत्रिक के पास बैठ गई।

    तांत्रिक मेरे चूचियों पर घी और शहद लगाया थोड़ा चीनी लगाया और चाटने लगा। तांत्रिक का लंड खड़ा हो गया था। बड़ा हो गया था। वो मेरे चूचियों को इतना चाटा की मैं खुद कामुक हो गई। उसके बाद वो मुझे लिटा दिया वही दीपक के पास और फिर मेरी चूत में देसी शराब डाला और फिर चाटने लगा। अब मुझे लगने लगा की आज रात यही सब चलेगा और मैं चाह कर भी मना नहीं कर सकती तो मुझे लगा साथ देने में ही फायदा है। मैं निर्विरोध सब कुछ करवा रही थी।

    फिर तांत्रिक ने अपने लौड़े पर शहद लगाया और मुझे चाटने कहा दोस्तों लौड़ा उसका बहुत बड़ा और मोटा था। जैसा की आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कई सारे विज्ञापन में देखते हैं। फिर उसने शराब पिया और मुझे भी पिलाया बोला प्रसाद है। मैं भी नशे में आ गई थी वो भी नशे में थे, वो मेरे पुरे शरीर पर शराब लगाया और चाटा सबसे अजीब तो तब लगता था जब वो मेरी कांख में शराब डालता और चाटता ऐसा करने से मैं और भी ज्यादा कामुक हो रही थी।

    दोस्तों फिर क्या बताऊँ वो बोला अब पूरी रात करीब चार बार मुझे अपना वीर्य तुम्हारे अंदर डालना पडेगा। उसने दवाई खेल एक तेल अपने लौड़े पर लगाया। और फिर मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखा और फिर अपना लौड़ा मेरी चूत के छेद पर रहा। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी। वो अपना लौड़ा हाथ से पकड़ कर सेट किया और घुसा दिया। दोस्तों उसने मेरी चूत में लौड़ा ऐसे घुसाया लगा मेरी गांड फट गई। चूत पानी पानी हो गया था और मेरे गांड तक उसका लौड़ा जा रहा था। एक तो मैं ऐसे ही मस्त गांड वाली औरत हूँ चूचियां बड़ी बड़ी कर्वी बनावट की औरत हूँ। आज मुझे मस्त लौड़ा मिला था चुदवाने को।

    दोस्तों फिर क्या बताऊँ वो मुझे चोदने लगा। वो मुझे पागलों की तरह चोदने लगा। मेरे चूत पर जोर जोर से धक्के देता मेरी चूचियों को दबोचता, मेरे कांख पर जीभ फेरता मेरे होठ को चूसता, मेरी गांड में ऊँगली डालता। मुझे तो जन्नत में पहुंचा दिया था उसने। कभी खड़ा कर के कभी बैठ के कभी पीछे से कभी आगे से मुझे चोदता रहा. करीब एक घंटे तक चोदा फिर पूजा किया फिर दारू पिया फिर टेबलेट खाया। फिर चोदा।

    पूरी रात मुझे चार बार चोदा सुबह 5 बजे मुझे अंतिम बार चुदाई की। फिर हम दोनों नंगे ही नहाये एक साथ फिर उसने पूजा किया करीब आठ बजे मेरे पति और माँ आई।

    मुझे पहली बार किसी मर्द ने चोदा और खुश किया भले वो तांत्रिक ही क्यों नहीं था। मैं दूसरी कहानी जल्द ही लिखूंगी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर।