Category: कामवाली – नौकर के साथ चुदाई

  • मालकिन के साथ लंड की होली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्णव है और में 24 साल का हूँ, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. में बाकी सबकी तरह झूठ नहीं बोलूँगा कि मेरा लंड 9 इंच का है, लेकिन जो इसे एक बार लेता है इसका दीवाना हो जाता है. में चंडीगढ़ में रहता हूँ, मुझे जॉब के लिए चंडीगढ़ आए हुए 2 महीने ही हुए थे, तो में रहने के लिए रूम देख रहा था. तो मुझे जहाँ रूम मिला, उस मकान मालकिन का नाम पूनम था, फिगर मस्त था, लगभग 36-30-34 होगा. मेरा पहली बार उन्हें देखकर लंड खड़ा हो गया था, अब में आपको पूनम के बारे में बता दूँ, वो एक तलाकशुदा लेडी है, उम्र करीब 30 साल होगी और उसके एक लड़का है और उसके फिगर का तो क्या कहना? फिर मैंने उनके यहाँ शिफ्ट किया और रहने लगा.

    फिर कुछ दिन में हमारी आपस में ठीक ठाक बात होने लगी, पूनम दिखने में मस्त और उसके बूब्स देखकर तो मेरा अपने ऊपर से कंट्रोल ही खो जाता और मेरा लंड पेंट फाड़कर बाहर निकलने को होता और उसे चोदने को होता. फिर मेरे दिमाग़ में उसे चोदने को लेकर चलने लगा और में प्लानिंग करने लगा कि कैसे उसे चोदा जाए? अब में रोज़ उससे मिलता और बातें करता. अब हम काफ़ी फ्रेंक हो गये थे, अब हम कभी-कभी मज़ाक में एक दूसरे को टच कर देते थे.

    मैंने देखा कि अभी होली के दिन वो उदास थी, में उसे होली विश करने गया था. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं तुम नहीं समझोगे, तो मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त हूँ और तुम अपना दुख सुख मुझसे शेयर कर सकती हो. तो वो मेरे पास आई और रोने लगी और मेरे कंधे पर सिर रख लिया और कहने लगी कि उसे पिछले साल की होली याद आ गई अपने पति के साथ मनाई हुई. तो मैंने कहा कि ऐसा क्या था उस होली में? जो इस होली में नहीं है. वो कहते-कहते रुक गई, फिर बोली कि कुछ नहीं. तो मैंने कहा कि तुम मुझे बताओ तो सही तभी तो वैसी ही होली मनायेंगे, अब उसकी आँखों में अचानक से चमक दिख रही थी, लेकिन वो बोली कि तुमसे नहीं हो पायेगा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है तुम कहो. फिर वो मेरे पास में बैठकर मेरी जांघ पर हाथ फैरने लगी और बोली कि लास्ट टाईम मैंने होली अपने पति के साथ बेड पर बंद रूम में मनाई थी. फिर बस उसके इतना कहने की देर थी और मैंने उसके लिप पर अपने लिप रख दिए और चूसने लगा कि तभी मुझे याद आया कि यहाँ उसका बेटा भी तो होगा. तो वो बोली कि वो होली खेलने गया है, तू आज यहाँ पिचकारी चलाना. बस फिर क्या था? हमने एक दूसरे को बाँहों में भरा और एक दूसरे के लिप चूसने लगे और में उसके बूब्स उसके कपड़ो के ऊपर से ही दबा रहा था, अब उसके बूब्स मेरे एक हाथ में आ ही नहीं रहे थे.

    फिर वो बोली कि बाहर से ही खेलेगा या इसका दूध भी पियेगा, बस फिर में उसके कपड़े उतारने लगा और वो मेरे कपडे उतारने लगी और कपडे उतरने के साथ उसका वो शरीर को सहलाना, किस करना, में कभी भूल नहीं सकता हूँ. फिर मैंने उसके कपडे उतारे, अब वो ब्रा और पेंटी में थी, वो क्या मस्त माल लग रही थी? अब में तो उसे देखते ही उसकी रसीली चूचीयों पर टूट पड़ा.

    अब में एक बूब्स चूस रहा था और एक हाथ से एक बूब्स दबा रहा था, पहले तो वो सॉफ्ट थे लेकिन फिर हार्ड होने लगे. अब में उसके निप्पल पर कभी काट देता तो वो सिहर उठती और आह्ह्ह आह्ह्ह की आवाज़ निकालती. फिर में उसके निप्पल के चारों और चाटता और अपनी जीभ से निप्पल को हिलाता. वो पागल हो रही थी और कह रही थी कि में तो तुझे बच्चा समझती थी, लेकिन तूने तो चूस कर ही ऐसी हालत कर दी, अब तो तू जल्दी से चोद दे और मत तड़पा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसे कैसे चोद दूँ? अभी तो तुझे भी चूसना है, तो वो बोली कि क्या? तो मैंने कहा कि लॉलीपोप. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उस पर चॉकलेट का स्वाद लगाया और उसे चूसने को कहा, तो वो क्या मस्त चूस रही थी? अब उस एहसास से तो में पागल ही हो गया था और फिर में उसके मुँह में झड़ गया. फिर में उसकी चूत को सहलाने लगा और अब में उसकी चूत को चाट रहा था, तो वो मना कर रही थी, लेकिन जब उसे उसकी चूत पर जीभ का टच हुआ तो वो निढाल हो गई और मेरे मुँह में झड़ गई.

    फिर वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उसकी चूत को सहला रहा था, फिर वो कहने लगी कि अब रहा नहीं जाता, मेरी चूत को फाड़ दो और उसने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाया और कहा कि आजा मेरे राजा, ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया, अब से तू जब चाहे मुझे चोदना. फिर में उसकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा, तो वो तड़प उठी और सिसकियाँ भरने लगी, तभी मैंने पहला शॉट मारा और वो चिल्ला उठी, अभी मेरा लंड आधा ही उसकी चूत में गया था.

    फिर उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और आहें भरने लगी और आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह अर्णव, फुक मी हार्ड, जैसी आवाज़ें निकालने लगी, आज मुझे अपनी रांड बना ले और ये सब कहते हुए उसकी आँखो में दर्द से आंसू आ रहे थे, लेकिन वो चुदाई की प्यासी थी और कहने लगी कि डाल दे अपना पूरा लंड, आज मुझे अपना बना ले और उसकी ये सब बातें मुझे और भी गर्म कर रही थी.

    फिर मैंने एक शॉट और मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. फिर मैंने शॉट देने शुरू किए, में पहले धीरे-धीरे कर रहा था तो वो बोली कि जोर से चोदो और मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी कि आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे. अब ऐसे शब्द मुझे और भी उत्तेजित कर रहे थे. अब वो इस चुदाई में दो बार झड़ गई थी. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा और झड़ गया और उसके साथ लेट गया. फिर वो मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि आज तूने मेरी प्यास बुझा दी, ऐसे तो मेरे पति ने भी मुझे कभी नहीं चोदा. अब तो में उसे हर रात चोदता हूँ.

  • ड्राईवर ने ज़बरदस्ती की

    हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना है. मेरा नाम नुपुर है और में देहरादून में पढ़ती हूँ और मेरा फिगर 34-26-30 है. जब मेरे साथ ये घटना हुई तब में बस 19 साल की थी और तब में कॉलेज में पढ़ती थी और तब भी मेरे बूब्स अच्छे दिखते थे और उनका साईज़ 32 था. में आपको बता दूँ कि मेरा रंग गोरा है और हाईट 5 फुट 6 इंच है. जब ये घटना हुई तब में कॉलेज अपनी कॉलेज वेन से जाया करती थी और में हमेशा वेन में ड्राइवर की पास वाली सीट पर बैठा करती थी. मेरी वेन का ड्राइवर 26 साल का दुबला पतला सा लड़का था. वो हमेशा मुझे टोफ़ी और चॉकलेट दिया करता था. मुझे तब तक उसकी गंदी सोच के बारे में पता नहीं था, क्योंकि में बहुत शरीफ हुआ करती थी, लेकिन जब मेरे बूब्स बड़े हुए तब से उसकी सोच मेरे लिए कुछ और हो गई थी. मेरा घर हमेशा आख़िर में आता था तो वेन में ड्राइवर के साथ में अकेली रह जाती थी और सुबह के वक़्त भी कुछ समय तक में अकेली होती थी.

    एक दिन सुबह-सुबह में कॉलेज जाने के लिए लेट हो गई तो में जल्दी-जल्दी में अपने जूतों के फीते बांधना भूल गई और ऐसे ही वेन में बैठ गई और ड्राइवर ने मुझे स्माइल देकर दरवाज़ा खोला और में वेन में बैठ गई. जब में वेन में बैठी थी तब मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर हो जाती थी और मेरी जांघे दिखने लग जाती थी. फिर उस दिन भी ऐसा ही हुआ, ड्राइवर ने मेरे जूतों के फीते खुले देखे और बोला नुपुर तुम्हारे जूतों के फीते खुले है इसे बांध लो. फिर मैंने उससे कहा कि में कॉलेज में बाँध लूँगी. लेकिन उसने बोला कि कॉलेज में तुम फीते के कारण गिर जाओगी तो रूको में तुम्हारे फीते बाँध देता हूँ.

    यह कहकर उसने अपना एक हाथ मेरी जांघो पर रखा और झुककर फीते बाँधने लग गया, उसके झुकते ही उसने मुझसे मेरे पैर थोड़े फैलाने को बोला जिससे वो मेरे फीते आराम से बाँध सके. फिर मैंने भी अपने पैर थोड़े फैला दिए, जब मेरे पैर थोड़े से खुले तो ड्राइवर ने इस बात का फायदा उठाकर मेरी टांगो की जगह से मेरी पेंटी देखनी शुरू कर दी और जांघो पर अपना हाथ फैरने लग गया. मुझे यह सब ग़लत लगा तो मैंने उसका हाथ हटा दिया और अपने हाथों का एक साथ ज़ोर दिया ताकि वो मेरी पेंटी से मेरी चूत की फीलिंग ना ले सके, लेकिन वो फिर मेरे फीते बाँधने लग गया. फिर फीते बाँधकर उसने फिर से वेन चलानी शुरू कर दी और फिर बाकी बच्चो के घर से उन्हें लेने लग गया. में बहुत डरी हुई थी तो जब तक कॉलेज ना आया तब तक में वेन की खिड़की से बाहर ही देखती रही और ड्राइवर की तरफ नहीं देखा.

    मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसने ऐसा क्यों किया? बस एक गंदी सी भावना आ रही थी. फिर हम कॉलेज पहुंचे और कॉलेज में व्यस्त हो गए. फिर कॉलेज की छुट्टी के बाद में फिर से वेन में जाकर बैठ गई, फिर उसने सबको घर छोड़ दिया अब ड्राइवर और में हमेशा की तरह वेन में केवल में अकेली रह गयी थी, ड्राइवर के मुँह पर अजीब सी हंसी थी. फिर उसने मुझे टोफ़ी दी और मैंने वो रख ली, फिर वो मेरे बाहर देखने का फ़ायदा उठाते हुए उसने वेन लंबे रास्ते से ले ली और जब मैंने उससे पूछा कि ये दूसरे रास्ते से क्यों ले रहे हो?

    उसने कहा कि दूसरे रास्ते में ट्रेफिक जाम है तो वेन इस रास्ते से ले ली. वो टूटा फूटा रास्ता था तो वेन के झटको से मेरी स्कर्ट फिर से ऊपर हो गई, यह देखते ही ड्राइवर को पता नहीं क्या हुआ? और उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और मेरी जांघो को रगड़ने लग गया. फिर मैंने उसका हाथ हटाया तो उसने अपनी हवस वाली मुस्कान देते हुए फिर से अपना हाथ मेरी जाँघो पर रख दिया और रगड़ता हुआ थोड़ा ऊपर भी हाथ फेरने लग गया. मेरी हालत रोने जैसी हो गई थी, क्योंकि उसने मेरी जाँघो को बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था और में अपने दोनों हाथों से भी उसका हाथ नहीं हटा पा रही थी.

    फिर उसने अपना हाथ हटाकर मेरे लेफ्ट बूब्स को पकड़ लिया, मेरे बूब्स को उसने ऐसे पकड़ा कि मेरी चीख निकल गई और में चीखी आआआहह माँ. उसने फिर मेरी तरफ देखते हुए पूछा कि क्या में तुम्हारी पेशाब करने वाली जगह चेक कर सकता हूँ? ये सुनकर में रो पड़ी. फिर उसने वेन एक सुनसान इलाक़े में रोक दी और मेरे आंसूओं को मेरी छाती से अपनी ज़ुबान से लिक किया और मेरे होंठो पर स्मूच करनी शुरू कर दी और में अब भी रोये जा रही थी, लेकिन मैंने अपना मुँह बंद रखा हुआ था.

    फिर उसने अपने होंठ थोड़े पीछे किए तो इतनी देर से अपने होंठ बंद रखने के कारण मैंने रिलेक्स होने के कारण अपने होंठ थोड़े खोले, तभी झट से ड्राइवर ने मौके का फायदा उठाते हुए अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी और फ्रेंच किस करनी शुरू कर दी और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए. में मम्मी मम्मी कर रही थी, लेकिन उसने इस बात की परवाह ना करते हुए मेरे मुँह पर हाथ रखकर मुझे अपनी गोद में उठाया और मुझे पीछे की सीट पर लेटा दिया.

    फिर मैंने ड्राइवर से मुझे घर छोड़ देने को बोला, लेकिन वो कहने लगा कि तू जब से जवान हुई है तब से में तेरे बारे में सोच कर मुठ मारता हूँ, तो में तुझे कैसे जाने दूँ और चुपचाप हो जा नहीं तो यही जंगल में नंगी छोड़ जाऊंगा. फिर में डर गयी और उसने मेरी शर्ट उतार दी और ब्रा फाड़कर मेरे दोनों बूब्स को दबाया और सीधे बूब्स के निप्पल पर काटना शुरू कर दिया. में दर्द के मारे रो रही थी और मुझे जाने दो की पुकार लगा रही थी, लेकिन उसने मेरी एक ना सुनते हुए मेरी स्कर्ट निकाल फेंकी और पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को रगड़ने लग गया, मेरी चूत भी गीली हो गई थी. तब उसने मेरी काली पेंटी को फाड़ दिया.

    फिर मेरी चूत को देखकर बोला कि वाह क्या चिकनी चूत है तेरी? अब तैयार हो ज़ा औरत बनने के लिए. तो में डर गई क्योंकि मुझे नहीं पता था कि अब वो क्या करेगा? और में रोये जा रही थी, उसने मेरी चूत पर थप्पड़ मारे और चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने अपना लंड जो 7 इंच का था मेरी चूत के छेद पर टिकाया और एक धक्का मारा, लेकिन उसका लंड फिसल कर मेरे पेट पर आ गया.

    उसने फिर से लंड टिकाया और मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर से धक्का मारा और मेरी चूत फाड़ कर उसका लंड आधा अंदर घुस गया. मेरी दर्द के मारे चीख निकल गई में आआआअ मम्मी करके रोने लग गई, लेकिन वो जानवरों की तरह मेरे निपल्स पर काट रहा था और लंड घुसने के बाद उसने 1 मिनट तक अपने लंड को फिट किया और झटके मारना शुरू कर दिया और मेरी चीखे निकलनी शुरू हो गई. मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा था और खून निकल रहा था. लेकिन ड्राइवर मुझे जानवरों की तरह जोर-जोर से चोद रहा था.

    फिर उसने मेरी टांगे और चोड़ी की और 10 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना वीर्य मेरी चूत में भर दिया और लंड बाहर निकालकर मेरी चूत पर मारने लग गया. में अभी भी मरी हुई पड़ी थी और फिर ड्राइवर ने अपनी उंगली मेरी चूत में डालकर वो सारा पानी निकाला और पानी की बोतल से पानी पीकर कुछ देर लेट गया. फिर कुछ देर बाद उसने मुझे कपड़े पहनने को बोला और धमकी लगाई कि अगर मैंने किसी को बोला तो वो मेरा अपहरण करके रोज़ मुझे ऐसे ही चोदेगा. फिर मैंने डर के मारे उसे हौसला दिया कि में ये किसी को नहीं बताउंगी और उसने मुझे फिर घर छोड़ दिया. उस दिन में सारा दिन चल नहीं पाई और कमरे में बैठी रही और डर के मारे मैंने अपनी माँ को बोलकर वो वेन बदल ली, लेकिन अभी भी वो मुझे देखकर गंदे गंदे इशारे करता रहता है.

  • कामवाली को दबा के चौदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ. मेरे घर में एक नौकरानी है, जिसका नाम सुधा है. उसकी उम्र 30 साल के आस पास होगी, उसकी मस्त चूचीयाँ भरी हुई है और गांड तो एकदम मस्त है. ये घटना आज से 2 साल पुरानी है. में सुधा को रोज झाड़ू लगाते वक्त उसकी मस्त मोटी गांड को देखता था और जब वो पोछा या कपड़े बर्तन साफ़ करती तो में जानबूझ कर उसके सामने ही रहता था ताकि उसकी चूचीयाँ देख सकूँ. वो हमेशा साड़ी में ही रहती थी और ब्रा नहीं पहनती थी, उससे मुझे उसके बूब्स के दर्शन हो जाते थे. उसने मुझे देख लिया था कि में उसके बूब्स देख रहा हूँ.

    उस दिन रोज की तरह वो झाड़ू लगाने आई थी और में हॉल में बैठा टी.वी देख रहा था. उसने आज साड़ी का पल्लू ऐसे रखा था कि मुझे उसके बूब्स ज्यादा से ज्यादा दिख जायें और फिर वो मेरे सामने झाड़ू लगाने लगी और मुझे तिरछी नज़रो से देखने लगी कि में उसके बूब्स को देख रहा हूँ या नहीं. फिर मेरी और उसकी नज़र मिल गई और उसने एक नॉटी स्माइल दी और फिर से झाड़ू लगाने लगी और अपनी गांड मेरी तरफ करके ऐसे झाड़ू लगाने लगी, जिससे उसकी गांड हिलने लगी. मेरे मन में अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने सोचा कि आज कुछ भी हो जाये, आज में इसको चोद कर ही रहूँगा और में उसकी गांड को देखकर अपने लंड को सहलाने लगा और कुछ सोचने लगा. फिर सुधा किचन में चली गई और किचन से मुझे देखने लगी और वो वहां से मुझे नॉटी स्माइल दे रही थी.

    फिर में भी अब किचन में चला गया. सुधा किचन में बर्तन धो रही थी, में वहीं गया और उसे बातें करने लगा, क्या बात है सुधा? आज आप बहुत खुश हो रही हो, कहीं बाहर घूमने जा रही हो. तो वो बोली नहीं रे विशाल ऐसी कुछ बात नहीं है, बस ऐसे ही. अच्छा मुझे लगा कि कहीं घूमने जा रही हो, फिर उसने विशाल वो देखो कहते ही सुधा ने खिड़की की और इशारा करके मुझे कुछ देखने को कहा, में उसके पीछे जाकर देखने लगा. मुझे कुछ नहीं दिख रहा था तो मैंने उससे कहा कि क्या है? और उससे बहुत ज्यादा चिपक गया, जिससे मेरा लंड उसकी गांड पर टच हो रहा था. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था और अब और भी ज्यादा लोहे की तरह हो गया था.

    उसे भी मेरे लंड का स्पर्श हो रहा था और वो अपनी गांड मेरे लंड पर दबाने लगी. में समझ गया कि सुधा का मन भी चुदवाने का हो रहा है. फिर में अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा और मज़ा लेने लगा. सुधा ने अपनी आँखे बंद कर ली और वो मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. फिर मैंने उसके कान के पास जाकर उससे कहा कि क्या हुआ सुधा? क्या दिखाना चाहती हो? और मेरे लंड का ज़ोर उसकी गांड में लगाने लगा. वो ही जो तुम्हें नहीं दिख रहा है, में कब से दिखाना चाह रही थी. कहते ही नॉटी स्माइल दी और अपनी गांड को और ज्यादा मेरे लंड पर दबाने लगी. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, में अब उसकी गांड को हाथों से दबाने लगा और उसके कान के पास जाकर कहा कि सुधा तुम्हारी गांड तो मस्त कड़क है तो क्या तुम्हारी चूत भी ऐसी ही होगी? और में उसकी चूत को उसकी साड़ी के ऊपर से ही सहलाने लगा. हहहाहा विशाल खुद ही देख लो ना कि मेरी चूत कैसी है और गांड कितनी कड़क है. लेकिन हाथ से नहीं, तुम्हारे इस लंड महाराज से देखो और कहते ही मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही पकड़कर सहलाने लगी. मेरी हालत खराब हो रही थी तो मैंने अब उसके बूब्स पर हाथ रखा और दबाने लगा, अब सुधा को भी मज़ा आ रहा था. सस्स्सुउउउ विशाल दबाओ ऐसे ही. में अब उसके बूब्स उसके ब्लाउज के ऊपर से ही दबा रहा था और उसके गले पर किस कर रहा था.

    फिर कुछ देर ऐसे ही करने के बाद में सुधा के ब्लाउज के हुक को खोलने लगा. कुछ ही मिनट में मैंने उसे ऊपर से नंगा कर दिया था. उसके बूब्स पूरे नंगे देखकर में पागल हो गया था. फिर मैंने उसे मेरी तरफ घुमाया और उसके बूब्स को चूसने लगा, उसके बूब्स बहुत मस्त थे. हाँ विशाल चूस लो इन्हें, हाँ ऐसे ही चूसते रहो, पी लो सारा का सारा रस. मेरे बूब्स को बहुत दिनों से किसी ने नहीं चूसा है हह्ह्ह दबाओ और ज़ोर से दबाओ ना. हाह्ह्ह्ह ऐसे कहती रही और मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबाने लगी. मैंने एक एक करके उसके बूब्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया और करीब 10 मिनट तक में उसके बूब्स को चूस रहा था. फिर मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट को निकाल दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. क्या गजब की लग रही थी?

    फिर में नीचे बैठा और उसकी चूत के वहां देखने लगा. उसकी चूत पर थोड़े ही बाल थे और बालों में छुपी हुई उसकी चूत को में ढूंढने लगा और फिर मैंने झांटो को बाजू में करके उसकी चूत को खोज निकाला और अपनी ज़ुबान से उसकी चूत के दाने को छेड़ने लगा. जैसे ही मैंने अपनी जीभ वहां लगाई सुधा तड़पने लगी और बोलने लगी. हाह्ह्ह्हह विशाल क्या कर रहे हो? हाह्ह्ह्ह ऐसा मत करो ना. हाह्ह्ह्ह मेरे राजा क्या मज़ा दे रहे हो हाईईइ माँ हह्ह्ह्हह ऐसे ही हाँ मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है विशाल, चूसो ना और ज़ोर से. ह्ह्ह्हह्ह आआआअ सही जगह अपनी ज़ुबान से कर रहे हो. माआअ हाअ माआ आआआअ और ज़ोर से ह्ह्ह्हह्ह. फिर करीब 5 मिनट तक चूत चूसने के बाद सुधा का शरीर अकड़ने लगा. मुझे पता चल गया था कि सुधा झड़ने के करीब है तो में और ज़ोर से चूसने लगा.

    तो सुधा बोली विशाल में झड़ने वाली हूँ. ह्ह्ह्हह्ह म्‍म्माआअ हाअ म्‍म्म्मीई गई. आआआआआ एयाया हाआआआआ और कहते ही बहुत सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया. उसके चहरे पर एक खुशी दिख रही थी. अब में खड़ा हो गया और मेरे कपड़े निकालने लगा तो सुधा बोली कि रुको बाबा में तुम्हारे कपड़े निकाल देती हूँ, मुझे भी कुछ सेवा करने का मौका दो ना. कहते ही मुझे किस करने लगी और में भी उसे जोर जोर से किस करने लगा. फिर सुधा किस करते करते मेरी शर्ट के बटनों को खोल रही थी और फिर उसने मेरी शर्ट को खोल दिया और अब वो किस करके करते नीचे जाने लगी.

    अब वो मेरी छाती पर किस कर रही थी और अपना हाथ फेर रही थी और फिर किस करते-करते वो मेरी हाफ पेंट के करीब आ गई और किस करने लगी और मेरी पेंट धीरे-धीरे नीचे करके निकाल दी. अब में सिर्फ़ चड्डी में था और फिर मेरे खड़े लंड को वो चड्डी के ऊपर से ही किस करने लगी. तो सुधा बोली कि तुम्हारा लंड कितना बड़ा हो गया है.

    में बोला कि उसे तुमने ही इतना बड़ा किया है और अब सुधा ने मेरा आखरी कपड़ा भी निकाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर मेरे लंड पर किस किया और कहा कि इतना अच्छा लंड पहले क्यों नहीं मिला? में तो कब से ऐसे लंड के लिए तरस रही हूँ और मेरे लंड को चूसने लगी. में तो सातवें आसमान पर था और वो मजे से लंड चूस रही थी, जैसे कि चूसने की एक्सपर्ट हो.

    फिर सुधा बोली कि मुझे जवान लंड बहुत ही पसंद है, अब में तो इसे नहीं छोड़ूँगी और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. तो मैंने उसके बूब्स दबाते हुए कहा कि ये तो कब से तुम्हारी चूत में जाने के लिए तरस रहा था लेकिन तुम ही इस पर ध्यान ही नहीं दे रही थी. तो वो बोली अब दे दूँगी ना ध्यान और वो भी ज्यादा दूंगी, अब में भी झड़ने के करीब था तो में सुधा से बोला कि में झड़ने वाला हूँ.

    सुधा अब और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और बोली कि मुझे तुम्हारा माल पीना है, तुम मेरे मुहँ में ही झड़ना और फिर मैंने उसके सिर को पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा. फिर करीब 5-6 धक्के लगाने के बाद में उसके मुँह में झड़ गया और सुधा मेरे लंड का सारा का सारा पानी पी गयी और मेरे लंड को साफ कर दिया और बोली कि तुम्हारा पानी तो मुझे अच्छा लगा, अब मेरी चूत को तुम्हारे लंड का पानी भी पिलाओ और कहते ही मेरे लंड को सहलाने लगी और में उसके बूब्स को दबाने लगा.

    फिर मैंने उसे वहीं ज़मीन पर सुला दिया और उसके ऊपर 69 पोज़िशन में आ गया. अब वो मेरे लंड को चूसने लगी और में उसकी चूत को चूसने लगा. फिर उसने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया. अब में मेरे लंड को ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ने लगा और उसको तड़पाने लगा. मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आता है. आआह्ह्ह्ह अब तुम्हारा लंड अन्दर डाल भी दो ना विशाल, मुझे मत तड़पाओं ना मेरी चूत भीख माँग रही है, दे दो ना बाबा और ये कहते ही मेरे लंड को खुद ही पकड़कर अपनी चूत पर सेट किया.

    फिर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में अंदर चला गया. उसने ढेर सारा पानी छोड़ा था इसलिए मेरा लंड पहले ही धक्के में चला गया. अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था और वो भी अपनी गांड उठाकर पूरे मजे से चुदवा रही थी. में उसको किस भी करता रहा और बूब्स को भी ज़ोर-ज़ोर से दबाता रहा.

    फिर करीब 15 मिनट के बाद सुधा झड़ने के करीब आ गई तो वो बोल रही थी कि विशाल और ज़ोर से मारो और ज़ोर से. हाह्ह्ह्हह ऐसे ही मारते रहो. हाह्ह्ह्हह म्‍म्म्ममम मम्मूऊऊ मजा आ रहा है, ऐसे ही मारो मेरे राजा, मुझे अपनी रंडी बना लो, में आज से तुम्हारी रंडी हूँ, ज़ोर ज़ोर से चोदो. हाह्ह्ह्हह फाड़ डालो मेरी चूत. हह्ह्ह्हह्ह में झड़ने वाली हूँ. हह्ह्ह्हह्ह चोदो और जोर से. ओह्ह्ह्हह्ह. तो फिर सुधा झड़ गई. मेरा नहीं झड़ा तो मैंने उसे डोगी स्टाइल में होने को कहा और में उसकी चूत को सहलाने लगा और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा.

    सुधा बोली हाह्ह्ह्ह ज़रा आराम से मारो ना दर्द होता है, मेरी गांड लाल कर दोंगे क्या? तो में बोला हाँ मेरी रंडी आज में तुम्हारी गांड को लाल करूँगा और वो भी चोद-चोद कर. तो सुधा बोली कि चोदो ना किसने मना किया है? तुम्हारे लंड से गांड मरवाने में मुझे भी मज़ा मिलेगा.

    फिर मैंने मेरे लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और उसकी गांड पर भी लगाया और फिर में अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा और एक धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया, उसे थोड़ा दर्द हुआ. फिर मैंने उसे और एक जोरदार धक्का मारा और मैंने मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया. सुधा भी मजे से अपनी गांड मरवा रही थी. मुझे तो उसकी चूत से ज्यादा उसकी गांड मारने में ज्यादा मज़ा आ रहा था तो में बोला सुधा तुम्हारी गांड तो बहुत ही मस्त है.

    अब में रोज तुझे चोदूंगा और तुम्हारी गांड भी मारूँगा. तो सुधा ने कहा तुम्हें किसने रोका है तुम कहो तो में हमेशा ही यहाँ पर काम करती रहूंगी. जब चाहों अपना लंड डाल देना, जहाँ तुम्हारा मन करे. तुम तो बड़े एक्सपर्ट की तरह चोदते हो, और मारो, तुम्हें मेरी गांड पसंद है ना, मारो ज़ोर से मारो ना, फाड़ डालो मेरी गांड को और जोर से मारो, में तो धन्य हो गई तुम से चुदवाकर. हाह्ह्ह्ह माँ मस्त है ज़ोर से. हह्ह्ह्हह ऐसे ही मारो ना ज़ोर से. हह्ह्ह्ह में झड़ने वाली हूँ हाँ ज़ोर ज़ोर से. हह्ह्ह्हह में तो गई माँ. आआआअ हाआआ ऊऊईईइ माँ में तो मर गई विशाल. हाह्ह्ह्हह मेरा निकलने वाला है. आआआअ हाआआआआआआ और फिर सुधा झड़ गई.

    अब में भी झड़ने के करीब था तो मैंने सुधा से कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ तो पानी गांड में डालूं या चूत में डालूं या फिर मुँह में डालूं. तो सुधा बोली गांड में ही डाल दो, मेरी गांड को भी तो तुम्हारे पानी का स्वाद चखने दो. हाह्ह्ह्हह में आ रहा हूँ और फिर में झड़ गया और हम दोनों ज़मीन पर पड़े रहे.

    फिर सुधा बोली बहुत मज़ा आया विशाल, मैंने इतना मज़ा कभी नहीं किया. तुमने मुझे आज से अपनी रंडी बना लिया है और मुझे तुम्हारा लंड ही चोदेगा और मुझे किसी का भी लंड नहीं चाहिए. तो में बोला कि हाँ में भी अब तेरी ही चूत और गांड मारूँगा और फिर में उसके बूब्स को दबाने लगा और किस करने लगा और उस दिन मैंने उसे और 2 बार चोदा और 3 बार गांड मारी और मुझे उसकी गांड मारने में बहुत ही मज़ा आया.

  • नौकर से चुदी नये शहर में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोना है. मैंने इस साईट पर कई कहानियां पढ़ी है, अब में आपको एक अपनी सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ, जो मेरे साथ हुई. मेरी शादी हुए 3 साल हो गये थे और में अपने पति के साथ नये शहर में आ गयी थी, हमें उधर सब व्यवस्था करने में काफ़ी टाईम निकल गया.

    मैंने अपने पति राज से बोला कि घर पर एक नौकर रख लो तो वो मान गये और अपने पड़ोस में ढूँढने लगे, लेकिन फिर एक मिल गया. उसकी उम्र कुछ 28 साल की होगी, मजबूत कद का और लंबे कद का था और उसका नाम मोहन था. वो शाम को घर आया, मेरे पति कहीं गये हुए थे और उन्होंने मुझे बोला था कि मोहन शाम को घर आयेगा तो में बात कर लूँ.

    मैंने अपने 36-30-34 फिगर पर साड़ी डाली हुई थी और मेरा ब्लाउज गले से बहुत छोटा था. तभी डोर बेल बजी और मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि मोहन बाहर खड़ा हुआ था और फिर बोला मेडम में मोहन तो में उसे अंदर ले आई और उसकी नज़र मेरी चूचियों पर ही थी. फिर मैंने देखा कि वो थोड़ा झिझक रहा था और में उसे सभी काम समझा रही थी, तभी में किसी काम से नीचे झुकी और मेरा पल्लू नीचे गिर गया और मेरे 36 साईज के बूब्स आधे बाहर नज़र आने लगे, वो उन्हें घूर के देख रहा था.

    फिर वो चला गया और अब जब राज ऑफिस में होते थे, तभी वो आता था और मेरी बॉडी को देखते-देखते काम किया करता था. मुझे शुरू से ही पॉर्न देखने की आदत थी तो कभी-कभी में राज के साथ भी देखती थी.

    एक बार मैंने स्कर्ट पहनी थी और उसके ऊपर शॉर्ट टॉप था और में रूम में पॉर्न देख रही थी और स्कर्ट ऊपर करके अपनी चूत को मसल रही थी, तभी वो अन्दर आ गया और एकदम से मेरा पानी निकल आया, लेकिन मैंने स्कर्ट तुरंत नीचे कर दी और कुछ बूंदे स्कर्ट पर गिर गई, उसने देखा और चला गया. फिर एक दिन में लॉन में घूम रही थी और मैंने साड़ी पहनी थी और में हमेशा से छोटे गले का ब्लाउज ही पहनती हूँ.

    मैंने देखा कि मोहन बाथरूम में पेशाब कर रहा था और मैंने उसका 8 इंच का लंड देख लिया और मन ही मन बहुत खुश हो गई, क्योंकि मेरे पति का मुश्किल से 6 इंच का था. फिर में अचानक से बाथरुम की तरफ गई और दरवाजा खोला तो वो घबराकर उसे छुपाने लगा. फिर में उसे अपने साथ रूम में ले गई और बोली कि तुमने जानबूझ कर दरवाजा खुला छोड़ा था कि में देख लूँ तो वो बोलने लगा कि नहीं मेडम. मैंने सोचा कि आप अंदर होगी, खैर फिर मैंने धोखे से अपना पल्लू गिरा दिया और बोली कि अपने कपड़े उतारो तो वो मुस्कुरा दिया और नंगा हो गया. फिर में उसके लंड को सहलाने लगी, उसका लंड मोटा और काला था. फिर उसने मेरी साड़ी और ब्लाउज को उतार दिया और मुझे बेड पर लेटाकर चूमने लगा और एक हाथ से पेटिकोट भी उतार दिया.

    मैंने पेंटी नहीं पहनी थी और एक उंगली मेरी चूत में अंदर डालकर चूत में घुमाने लगा, में धीरे-धीरे आवाजे करने लगी. फिर वो बोला कि मेडम आपकी तो अभी भी टाईट चूत है. फिर में बोली कि मोहन तुम ढीली कर दो. फिर उसने ब्रा के हुक खोल दिए और अब में उसके सामने एकदम नंगी थी, वो मेरी चूचियों को चूसने लगा और काट भी लेता था. फिर मैंने बोला कि मोहन आराम से करो, अपने पास पूरा दिन है.

    फिर में उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी और 10 मिनट तक चूसने के बाद सारा पानी मेरे मुँह में ले लिया और पी गई. फिर हम थोड़ी देर चिपक कर लेटे रहे और फिर थोड़ी देर के बाद फिर उसका लंड टाईट हो गया था. इस बार उसने मुझे लेटाया और मेरी टांग फैलाकर अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया और धक्के मारने लगा तो में चिल्ला पड़ी, आआहह आह्ह्हह्ह मोहन आराम से डालो. फिर वो बोला कि मेडम कुछ नहीं होगा, सब ठीक हो जायेगा और एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड चूत में अंदर चला गया, में दर्द से तड़प उठी. फिर उसने धक्के लगाने चालू किए और बोला कि मोना मेडम आप बड़ी मस्त हो और 20 मिनट तक हमने चुदाई की और उसने अपने लंड का सारा पानी मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया. फिर हमने कपड़े पहने और वो चला गया. अब में घर पर नंगी भी होती हूँ तो वो सारा काम करता है और हम चुदाई भी करते है और जब पति रात में शिफ्ट पर होते है तो वो आता है और हम एक साथ सोते है.

  • बीवी ने नौकर से चूत फड़वाई

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजय है.. में 31 साल का हूँ और आज में अपनी एक सच्ची घटना जिसमे मेरी बीवी मेरे नौकर से चुदी.. उसको थोड़ा विस्तार से आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ..

    दोस्तों मेरी शादी करीब तीन साल पहले तरुणा से हुई थी.. तरुणा की उम्र 26 साल की है और तरुणा एक सेक्स बम है. उसकी हाईट करीब 5.6 इंच है और जब वो साड़ी पहनती है.. तो बिल्कुल प्रियंका चोपड़ा की तरह दिखती है. तरुणा की आखों में हमेशा सेक्स की प्यास रहती है और हम रोज रात को चुदाई करते है.. लेकिन रोज चुदाई की वजह से उसकी चूत पूरी तरह खुल चुकी है.. इसलिए वो अब मेरे लंड से पूरे मज़े नहीं कर पा रही थी और अब वो मेरी चुदाई से संतुष्ट नहीं लग रही थी.. लेकिन उसने मुझसे कभी नहीं कहा और ना ही कभी अहसास दिलाने की कोशिश की.. लेकिन में समझ गया था कि वो मन ही मन सेक्स की आग में जल रही है.

    दोस्तों यह बात पिछले महीने की है.. जब हम अपने गावं गये हुए थे और वहाँ पर हमारा एक घर भी है.. जिसकी देखभाल हरिया नाम का एक नौकर करता था. उसकी उम्र करीब 45 साल की थी.. वो एक पहलवानी शरीर का उँचा और भारी भरकम आदमी था.. क्योंकि वो अपनी जवानी में कुश्ती लड़ता था और आज भी कसरत करता है. वो सुबह पाँच बजे उठ जाता और करीब एक घंटा कसरत करता.. वो छत पर ही एक छोटे से कमरे में रहता था.

    दोस्तों वो गर्मियों के दिन थे और हम लोग छत पर सो रहे थे. तभी अचानक सुबह सुबह मेरी नींद खुली और मैंने देखा कि हरिया छत पर अपने कमरे के सामने कसरत कर रहा था और उसने लंगोठ पहनी हुई थी और कसरत करते समय बीच बीच में उसकी नज़र मेरी पत्नी के ऊपर जा रही थी और उसके कपड़े नींद में पूरी तरह अस्त व्यस्त थे. दोस्तों शायद रात की चुदाई के बाद वो अपने कपड़े भी ठीक नहीं कर पाई थी.. उसके बड़े बड़े बूब्स आधे से ज्यादा बाहर झलक रहे थे और उसकी कमर गांड तक पूरी नंगी दिख रही थी.. उसका खुला हुआ जिस्म हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था.

    तो यह सब देखकर हरिया का लंड खड़ा हो गया और उसकी लंगोठ से बाहर आ गया था. उसका लंड करीब 10 इंच बड़ा और 5 इंच मोटा था. दोस्तों ऐसा मोटा तगड़ा लंड किसी भी औरत की चूत को फाड़ देने के लिए बहुत था. तभी मेरी नज़र अपनी पत्नी पर पड़ी.. तो वो भी चोरी चोरी उसके लंड को घूर रही थी और सोने का नाटक कर रही थी और फिर हरिया की कसरत ख़त्म हो गयी और वो अपने कमरे में चला गया.

    फिर मेरी वाईफ ने उठने का नाटक करते हुए मुझे जगाया और बोली कि चलो उठो जी सुबह हो गयी है.. नीचे चलते है और नीचे जाकर उसने मुझे चाय बनाकर दी और किचन में काम करने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद हल्की हल्की बारिश होने लगी और मेरी वाईफ छत पर कपड़े उतारने चली गयी.. क्योंकि कल शाम को उसने कपड़े छत पर सूखने डाले थे. तभी मेरे मन में ख्याल आया कि तरुणा उसके लंड को घूर रही थी और यह बात सोचकर मेरे लंड में पता नहीं क्यों उत्तेजना होने लगी और मैंने सोचा कि वैसे भी वो प्यासी है और वो बहुत अच्छी तरह हरिया से अपनी चुदाई करवा सकती है.. लेकिन मेरी उससे यह बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी.. क्योंकि वो बहुत पतिव्रता और शरमीली स्वभाव की थी और अचानक मेरा ध्यान मेरे लंड पर गया.. तो वो पूरा उत्तेजित हो गया था और हल्की हल्की बारिश से मेरा मन उमंग से भर गया और में रोमेंटिक मूड में छत पर गया.. लेकिन मुझे तरुणा छत पर कहीं भी नहीं दिखी.

    फिर मैंने सोचा कि शायद वो बेडरूम में कपड़े रखने चली गयी होगी और में बेडरूम की तरफ जाने लगा. फिर अचानक से मुझे हरिया की उत्तेजना भरी आवाज़ सुनाई दी और में छत पर बने बाथरूम की तरफ गया. फिर मैंने देखा कि तरुणा बाथरूम के बाहर खड़ी होकर अंदर झाँक रही थी और अंदर से हरिया की उत्तेजक आवाजें आ रही थी और अचानक मैंने सुना कि वो तरुणा के नाम की मुठ मार रहा था और तरुणा भी कपड़ो के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी. फिर में नीचे आ गया और थोड़ी देर बाद वो भी नीचे आ गयी और तरुणा ने मुझसे कहा कि बारिश के कारण में उत्तेजित हो गयी हूँ और उस समय हम दोनों ही मूड में थे और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और उत्तेजना से फूल भी चुकी थी.. हमने जबरदस्त चुदाई की और थककर सो गये.

    फिर जब थोड़ी देर बाद मेरी नींद खुली.. तो मुझे तरुणा कहीं भी दिखाई नहीं दी और में उसे देखने छत पर गया. फिर मैंने देखा कि तरुणा बाथरूम में नहा रही थी और हरिया उसे बाहर से झाँककर अपना लंड सहला रहा था.. यानी कि अब आग दोनों तरफ बराबर की लग चुकी थी. तभी अचानक से तरुणा ने दरवाजा खोला और हरिया घबराकर अपने रूम में भाग गया और में भी अपने बेडरूम में आ गया और तरुणा भी मेरे पीछे पीछे बेडरूम में आ गयी.. लेकिन वो थोड़ी सी घबराई सी लग रही थी.

    फिर जब मैंने उससे पूछा तो वो कुछ नहीं बोली.. सिर्फ इतना बोली कि वो बारिश से बचने के लिए भागकर सीड़ियों से उतर कर आई हूँ.. इसलिए मेरी सांस फूल रही है.. लेकिन दोस्तों में जानता था कि वो साफ साफ झूठ बोल रही है और मुझे यह भी अहसास हो गया था कि जल्दी ही कुछ ना कुछ होने वाला है और फिर में तरुणा और हरिया पर नज़र रखने लगा. फिर वो दोनों दिनभर एक दूसरे से नज़र नहीं मिला रहा थे. रात को बारिश और भी तेज़ हो गयी और मेरा ड्रिंक करने का मूड था. फिर मैंने ड्रिंक के लिए तरुणा को भी मेरा साथ देने को कहा. दोस्तों वो वैसे कभी ड्रिंक नहीं करती.. लेकिन उस दिन मेरे कहने पर मान गयी.

    दोस्तों वो शायद मुझसे कुछ कहने के लिए हिम्मत जुटाने की कोशिश कर रही थी और में ओवर ड्रिंक होने का नाटक करने लगा. उसने एक पेग पीने के बाद मुझसे कहा कि वो बारिश में भीगना चाहती है. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ तुम जाओ और भीग सकती हो.. मुझे थोड़ी ज़्यादा हो गयी है.. तो में तुम्हारे साथ नहीं जा सकता.

    दोस्तों में जानता था कि अब उसके मन में क्या चल रहा है और वो छत पर गयी और बारिश में भीगने लगी. फिर में भी चुपचाप उसके पीछे पीछे चला गया.. वो पूरी तरह भीग चुकी थी और उसकी आँखो में चुदाई का सुरूर आ गया था और अब ड्रिंक भी अपना काम करने लगी थी और उसके कपड़े भीगकर उसके बदन से चिपक चुके थे. फिर हरिया उसे अपने कमरे की खिड़की से देख रहा था और फिर वो थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खोलकर बाहर आया और उसने पीछे से तरुणा को अपनी बाहों में भींच लिया और तरुणा भी उत्तेजना से भरकर पलटी और उससे लिपट गयी.

    फिर हरिया और तरुणा उस तेज़ बारिश में छत पर लेट गये और तरुणा उससे लिपटकर पागलों की तरह किस करने लगी और करीब 15 मिनट तक वो एक दूसरे के अंगो से खेलते रहे. फिर हरिया ने उसे गोद में उठा लिया और अपने रूम में ले जाने लगा.. तो तरुणा ने उसे कुछ इशारा किया और हरिया ने उसे झट से नीचे उतार दिया और तरुणा कमरे की तरफ आ रही थी और में भागकर नीचे की तरफ गया और सोने का नाटक करने लगा. फिर वो कमरे में आई और मुझे सोता हुआ देखकर वापस चली गयी और करीब 5 मिनट के बाद में वापस ऊपर गया.. लेकिन मुझे वो दोनों छत पर नहीं दिखे और में दबे पैर हरिया के कमरे की खिड़की पर पहुँचा. फिर मैंने देखा कि हरिया उल्टा बेड पर लेटा हुआ था.. लेकिन फिर भी मुझे तरुणा दिखाई नहीं दी और में बाथरूम में देखने के लिए जैसे ही मुड़ा.. तो वैसे ही मुझे तरुणा की हल्की सी चीख सुनाई दी और वो कह रही थी.. प्लीज हरिया थोड़ा धीरे मुझे इतना ज़ोर से चुदने की आदत नहीं है.. तो हरिया बोला कि मेडम तुम्हारा पति बहुत ढीला होगा.. क्योंकि सेक्स का असली मज़ा तो औरत को तकलीफ़ और दर्द में चोदने में आता है.

    फिर में तुरंत खिड़की पर वापस गया और ध्यान से देखा.. तो मुझे तरुणा के पैर की साईड दिखाई दी और तरुणा हरिया के चौड़े शरीर में पूरी समा गयी थी और वो दिखाई भी नहीं दे रही थी. वो हरिया के नीचे नशे और सेक्स की खुमारी में मछली की तरह तड़प रही थी और हरिया उसके निप्पल को चूस रहा था और बीच बीच में काट भी रहा था.. जिससे तरुणा सिसककर चीख उठती. फिर हरिया ने उसके बदन से पूरे कपड़े निकाल दिए थे और दोनों एक दूसरे के नंगे जिस्मों को मसल रहे थे.

    तरुणा : आह्ह्हहह हरिया कुछ करो प्लीज और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज.. मेरी प्यास बुझा दो.

    हरिया : ऐसे नहीं मेडम आपको पहले पूरा रंडी बनाऊंगा.. फिर चोदूंगा और तभी आप मेरे लंड को बर्दाश्त कर पाएँगी और एक बात.. में चुदाई सिर्फ़ अपनी शर्तों पर करता हूँ.. आपको मेरी सारी बातें माननी पड़ेगी.

    तरुणा : तुम जो चाहो करो.. लेकिन प्लीज एक बार मेरी प्यास बुझा दो.. में कब से प्यासी हूँ. मेरे पति मेरी आग ठंडी नहीं कर पाते.

    हरिया : में उठता हूँ.. तुम अब मेरा लंड चूसो.

    तरुणा : छीईईई भला कोई पेशाब करने की जगह को भी मुहं में लेता है क्या?

    हरिया : हाँ में जो कहता हूँ.. चुपचाप तुम वो करो और अब उसकी आवाज़ में सख्ती थी.

    फिर हरिया उठ गया और अब उसका पूरा तना हुआ लंड मुझे साफ साफ दिख रहा था.. वो बहुत विशालकाय था.. जो किसी जानवर के लंड के समान दिख रहा था और मेरे लंड से चार गुना बड़ा था. फिर में मन ही मन तरुणा पर तरस खा रहा था कि वो इसे कैसे झेल पाएगी और तरुणा को लंड मुहं में लेने से बहुत नफ़रत थी. मेरे कई बार समझाने पर भी उसने कभी मेरा लंड मुहं में नहीं लिया था.. लेकिन आज तरुणा मजबूरी में उसका लंड मुहं में लेने की कोशिश करने लगी.. लेकिन उसका टोपा इतना मोटा था कि वो उस पर एक आफत बनती जा रही थी और तरुणा के मुहं में उसका टमाटर जितना बड़ा और काला टोपा अंदर नहीं जा रहा था.. इसलिए वो उसे चाटने लगी.

    फिर हरिया का लंड धीरे धीरे उत्तेजना से और भी फूल गया और वो तरुणा के बाल पकड़कर उसका सर अपने लंड पर दबाने लगा.. जिससे उसका टोपा और आधा लंड उसके गले तक समा गया.. जिसकी वजह से तरुणा की आँखों में आँसू आ गये.. लेकिन हरिया ने बिल्कुल भी रहम नहीं दिखाया और अपने लंड को करीब 15 मिनट तक अंदर बाहर करने के बाद तरुणा के मुहं को अपने वीर्य से भर दिया और जब तक सारा वीर्य तरुणा ने पी नहीं लिया.. तब तक उसने अपना लंड अंदर ही रहने दिया और फिर उसने उसे लंड को चाटकर साफ करने को कहा.

    हरिया : मेडम ठीक तरह से चाटकर साफ करिए.. क्योंकि इस वीर्य में बहुत दम होता है और हमारे बुजुर्ग कहते है कि आदमी का वीर्य गरम और झड़ने के बाद का पेशाब एक दूसरे के लिए पीना बहुत ज़रूरी होता है. वीर्य को पीने से औरत निरोगी और जवान रहती है.. क्योंकि यह सबसे ताकतवर पानी होता है.. परंतु वीर्य किसी नशा करने वाले व्यक्ति का नहीं होना चाहिए और ठीक उसी तरह संभोग या चुदाई से पहले होने वाला पेशाब पुरुष को स्फूर्ति ताक़त और लंबी उम्र देता है और एक बात.. औरत का वीर्य आदमी के लंड को बड़ा और मजबूत बनाता है.. परंतु औरत का वीर्य संभोग या झड़ने के बाद उसकी चूत में ही लगा रह जाता है.. इसलिए बिना किसी संकोच के एक दूसरे के पेशाब को पीना चाहिए..

    तरुणा : तो क्या तुम अब मेरा पेशाब पियोगे? और उसका चेहरा अब शरम से लाल पड़ गया था.

    हरिया : हाँ बिल्कुल.. अब तक करीब 35-40 औरतो को चोदकर उन्हे माँ बना चुका हूँ और मैंने उनके पेशाब को पी पीकर अपने लंड को मजबूत बनाया है.

    फिर हरिया, तरुणा के दोनों पैरों को फैलाकर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा. दोस्तों मैंने कभी तरुणा की चूत को नहीं चाटा था और वो जोश से पागल हुई जा रही थी और उत्तेजना के मारे वो तड़प रही थी. तभी उसका पूरा शरीर हवा में उठकर अकड़ने लगा और जीवन में पहली बार वो इतनी उत्तेजित थी.

    तरुणा : आअहह उईईइ माँ हरिया प्लीज अपना मुहं हटाओ.. उफ्फ्फअफ में तो गयी.

    फिर हरिया उसे चाटकर ज़ोर ज़ोर से चूसकर उसका सारा जूस पीता रहा और तरुणा करीब एक मिनट तक झड़ती रही और वो कुछ देर बाद एकदम शांत होकर लेट गई.. हरिया उसकी शेव्ड चूत पर फिर भी जीभ घुमा रहा था.

    तरुणा : हरिया में कभी भी ऐसे नहीं झड़ी और आज तुमने मुझे एक औरत होने का अहसास दिलाया है.. हर औरत अपनी चुदाई एक रंडी की तरह करवाना चाहती है और आज से में तुम्हारी रांड हूँ.. लेकिन अब मुझे छोड़ो.. मुझे पेशाब जाना है.. क्योंकि उसके बाद तुम्हे मेरी चूत की प्यास बुझानी है.

    हरिया : मैंने पहले ही कहा है कि मुझे तुम्हारा पेशाब पीना है.. आप पेशाब करती जाओ में उसे पीता हूँ.. लेकिन थोड़ा कंट्रोल करते हुए धीरे धीरे छोड़ना.

    अब फिर से हरिया ने उसकी चूत पर जीभ फेरना शुरू किया और तरुणा ने बहुत कोशिश की.. क्योंकि उसे हरिया के सामने पेशाब करने में शरम आ रही थी.. लेकिन उत्तेजना में वो अपने आप पर काबू नहीं कर पाई और अब उसकी चूत से पानी बहना चालू हो गया और हरिया ने सारा पानी पी लिया और अब तक हरिया का लंड फिर से एकदम टाईट हो चुका था और अब उसकी चुदाई की बारी थी. दोस्तों तरुणा तो पहले से ही बहुत जोश में थी.. तो हरिया ने उसे पलंग के कोने की तरफ खींचा और बहुत सारा तेल अपने लंड पर लगा लिया और अब तरुणा के चेहरे पर चुदाई की उम्मीद के साथ साथ थोड़ा सा डर भी था.

    तरुणा : प्लीज हरिया थोड़ा धीरे धीरे डालना.. क्योंकि तुम्हारा यह लंड बिल्कुल घोड़े जैसा है.. तो मुझे बहुत दर्द होगा.

    हरिया : हाँ ठीक है.. लेकिन तुम समझ लो कि आज दूसरी सुहागरात है और वैसे भी सुहागरात में तो चूत पर बिल्कुल भी रहम नहीं किया जाता.

    तरुणा : प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो और कितना तड़पाओगे मुझे? चोदो मुझे अब में तुम्हारी रंडी हूँ और आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.

    फिर हरिया अपने लंड का टोपा तरुणा की चूत पर घुमाने लगा.. तरुणा की चूत पर बेसब्री साफ दिख रही थी और उसकी चूत उत्तेजना में बार बार फैल रही थी और हरिया ने दो बार टोपा घुसाने की कोशिश की.. लेकिन वो असफल रहा.. क्योंकि उसके लिए तरुणा एक कुँवारी चूत थी और अब तरुणा ने अपने हाथों से चूत को फैलाया और हरिया ने एक जोरदार धक्का मारते हुए टोपा अंदर डाल दिया और कमरे में जैसे कि एकदम भूचाल सा आ गया. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.. आआआहह उफफफफफ्फ़ बाहर निकालो प्लीज में मर गयी.. बाहर निकालो. हरिया बहुत दर्द हो रहा है.. वरना में मर जाउंगी.. प्लीज हरिया फिर से डाल लेना.. लेकिन अभी एक बार निकाल लो प्लीज और तरुणा की चूत उसके टोपे के अंदर जाते ही पूरी तरह फैल चुकी थी और चूत से कुछ खून की बूंदे टपक रही थी.. लेकिन तरुणा को हरिया ने दबोच रखा था और वो अपना सर दर्द के मारे यहाँ वहाँ पटक रही थी और ज़ोर ज़ोर से रो रही थी.

    फिर हरिया ने उसके होंठ पर अपने होंठ रखते हुए कहा कि थोड़ा सब्र करो.. सब ठीक हो जाएगा और हरिया के शरीर के दबाव के कारण और उसके लंड पर तेल लगे होने के कारण लंड धीरे धीरे अंदर फिसल रहा था और अब तरुणा के चेहरे पर दर्द के साथ साथ कामुकता और चुदने की लालसा थी और उसे ड्रिंक के कारण थोड़ा सा नशा भी बर्दाश्त करवा रहा था.

    फिर हरिया ने धीरे धीरे धक्को से लंड 5 इंच तक घुसा दिया था और लंड अंदर, बाहर होने से तरुणा की चूत एक बार झड़ चुकी थी.. तो हरिया उसी तरह उसे 15 मिनट तक चोदता रहा. फिर वो बोली कि हरिया प्लीज फाड़ डालो मेरी चूत को.. मुझे रंडी की तरह चुदवाना है और रंडी पर कभी कोई रहम नहीं होता.. प्लीज जमकर चोदो मुझे.

    फिर हरिया ने अपना लंड पूरा बाहर निकाला और ज़ोर से धक्का देकर लंड तरुणा की चूत में डाल दिया और लंड 8 इंच तक अंदर चला गया.. तो तरुणा की चूत में से पानी और खून की धार बह निकली और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी.. हे भगवान में मर गयी.. मेरी चूत में घोड़े का लंड घुस गया है.. यह तेरा लंड मेरे गर्भाशय में घुस गया है.. मेरी चूत में ऐसा दर्द हो रहा है.. जैसे में कोई बच्चा पैदा कर रही हूँ.

    फिर जब मैंने देखा तो चूत पूरी तरह लंड पर एकदम टाईट थी और अंदर बाहर होने पर वो भी लंड के साथ बाहर आ रही थी. उसकी चूत का दाना लंड के आस पास से एकदम गोल हो गया था. फिर वो बोली कि अभी और अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ बचाओ मुझे और कितना बाकी है? तो वो बोला कि बस रानी एक, दो धक्के और देने है.. उसके बाद तुम दूसरी दुनिया में पहुंच जाओगी. फिर वो बोली कि नहीं अब और नहीं.. आज पूरा मत घुसाना तुम और वैसे भी तुम मेरा भोसड़ा फाड़ चुके हो.. लेकिन हरिया नहीं माना और उसने दो चार धक्को में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया. फिर तरुणा बोली कि हरिया प्लीज मुझ पर थोड़ा रहम करो.. में तुम्हारे लंड को नहीं झेल पा रही हूँ और मुझे ऐसा लग रहा.. जैसे कोई बच्चा मेरे पेट में लात मार रहा हो.

    फिर हरिया ने अब चुदाई तेज़ कर दी और तरुणा लगातार झड़ रही थी.. बिस्तर पर खून और पानी का गोला बन गया था और वो कम से कम 4 बार झड़ चुकी थी और हरिया को चोदते हुए 45 मिनट हो चुके थे और तरुणा अब मदहोश हो चुकी थी और कमर हिलाकर धक्के का जबाब दे रही थी. फिर हरिया उसे चोदते हुए गोद में उठाकर खड़ा हो गया.. बारिश और शराब तरुणा पर मदहोशी बड़ा रही थी और उसकी चूत के रस से हरिया के अंडकोष और जांघे भीग चुकी थी और हरिया उसे बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे कर रहा था.

    फिर हरिया ने डॉगी स्टाईल में होने को कहा और तरुणा को 15 मिनट तक डॉगी स्टाईल में चोदता रहा.. तरुणा की मादक चीखे उसका उत्साह बड़ा रही थी. जब उसने अपना लंड बाहर निकाला तो डॉगी स्टाईल में तरुणा की चूत मेरे सामने थी और उसका गर्भाशय साफ साफ नज़र आ रहा था और चूत इतनी खुली थी.. जैसे अभी उसने कोई बच्चा पैदा किया हो और चुद चुदकर उसकी चूत भोसड़ा बनकर कुतिया की चूत की तरह हो गयी थी और वो ठीक तरह से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.

    फिर हरिया ने उसे लेटाया और फिर से अपना लंड चूत में घुसा दिया. फिर वो कहने लगी कि हरिया प्लीज अब बस हो गया.. जल्दी करो में अनगीनत बार झड़ चुकी हूँ और अब प्लीज मुझे अपना वीर्य दे दो. मेरी चूत में तुम्हारा वीर्य मुझे एक बच्चा देगा और मुझे तुम्हारा जैसा बलशाली बच्चा चाहिए. फिर हरिया ने अपनी स्पीड और बड़ा दी और फिर वो अपनी मंज़िल तक आ गया और उसने तेज तेज झटके के साथ अपना सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया और वो दोनों एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे को किस कर रहे थे.. तरुणा इस चुदाई से बहुत तृप्त नज़र आ रही थी और फिर में कुछ देर बाद नीचे आ गया और फिर मेरे आने के कुछ देर बाद तरुणा लड़खड़ाते कदमों से कमरे में आई और नीचे गिरकर वहीं पर सो गयी.

    फिर सुबह जब मैंने उससे चुदाई के लिए कहा.. तो उसने कहा कि उसे पीरियड आ गये है.. लेकिन सच में जानता था और में एकदम चुप रहा.. लेकिन दोपहर को उसके पेट में बहुत दर्द था. फिर में उसे अपने एक फ्रेंड डॉक्टर के यहाँ पर ले गया और चेकअप के बाद मैंने अकेले में उससे पूछा.. तो डॉक्टर ने कहा कि उसके गर्भाशय में सूजन है और उसने मुझे एक हफ्ते तक सेक्स ना करने की सलाह दी.

    फिर दूसरे दिन तरुणा ने मुझसे माफी माँगी और कहा कि मुझे पता है कि आपको सब मालूम है.. उस दिन मैंने आपको खिड़की के पास देख लिया था.. लेकिन प्लीज आप मुझे माफ़ कर दीजिए.. उस दिन मुझसे शराब के नशे में यह सब हो गया. फिर मैंने उसे समझाया और कहा कि में जानता हूँ. तुम सेक्स की भूखी थी.. इसलिए उस दिन मैंने तुम्हे ड्रिंक ऑफर किया था.. क्योंकि में भी यही चाहता था.. तो तरुणा ने खुशी से मुझे चूम लिया और एक हफ्ते के बाद तरुणा तीन बार और हरिया से चुदी और फिर हम शहर आ गये. अब जब भी तरुणा को सेक्स की कमी महसूस होती है.. में उसे गाँव में घुमाकर लाता हूँ और वो हरिया से मिलकर बहुत खुश हो जाती है और अपनी चूत को चुदवाकर शांत करवाती है.

  • xxx kahani || कामवाली को चोदने का असली मजा

    मित्रो कामवाली को चोदने की इच्छा कौन नहीं रखता…! वैसे यह कामवालियां भी अक्सर साहब के लौड़े लेने के लिए ही काम करने आती हैं. लेकिन कभी कभी ऐसी कामवाली भी आती है जिन्हें चोदने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं. और फिर भी साली वह अपनी चूत देने में नखरे दिखाती हैं तो मन करता हैं उन्हें पेड़ के साथ बाँध कर उनकी गांड ही मार दूँ. मेरे फ्लेट्स में मैं अब तक तिन कामवालियां बदल चूका था.

    पहली दो मैं से एक को चोदने में हर्ज था और दूसरी सिर्फ चुदवाने आती थी और सारा काम मुझे करना पड़ता था. बेचलर लाइफ थी क्यूंकि अभी पिएचडी ख़तम होने में और एक महिना बाकी रह गया था. मेरे साथ के सभी साथी फ्लेट छोड़ छोड़ के जा चुके थे और मैं अकेला पीछे रह गया था. बोर लगता था लेकिन मैं अक्सर कोलेज की लायब्रेरी मैं ही अपना वक्त निकाल देता था.

    घर आके मुझे चोदने की इच्छा हो जाती थी क्यूंकि लायब्रेरी में बैठी हसीन गांड और स्तन को देख मेरा लंड कोलेज की लायब्रेरी में ही खड़ा हो जाता था. मैं एक कामवाली की तलाश में था जो काम करे और मुझ से चुदवायें, और वोह भी कम दामों में. मैंने राशन के दूकान वाले शेट्टी और बेकरी वाले मुकेश को बोल रखा था कामवाली के लिए.

    तिन दिन के बाद मुकेश भाई ने लाजवंती नाम की एक कामवाली को मेरे पास भेजा, जिसकी उम्र कुछ 32 की होगी. लाजवंती शक्ल से ही चुदक्कड लगती थी. घेरी रंग ककी लिपस्टिक, माथे में मस्त बिंदिया, गले में चेन और हाथ में मस्त महेंदी. मैं तो पहली बार इस सेक्सी कामवाली को देख उसे चोदने के स्वप्न वही देखने लगा. मैंने उसे ऊपर से निचे देखा और दरवाजा खोल अंदर बुलाया, वोह मेरे सामने कुर्सी पर बैठने लगी.

    कुर्सी के ऊपर उसकी बड़ी गांड आ नहीं रही थी, लेकिन वो एडजस्ट कर के बैठ गई. मैंने उसे काम बताया और साथ में मैं कितने पैसे दे सकता हूँ वोह भी बताया. वोह काम करने को तैयार थी यह रेट में. लेकिन उसकी दो शर्ते थी एक के वो बुधवार को काम नहीं करेंगी और दूसरा की वोह कचरा वगेरह करने शाम में आएंगी क्यूंकि वो कई और भी काम करती थी. मैंने उसकी शर्ते मान ली. सच बताऊँ तो वो दो दिन में एक बार भी कचरा वगेरह करे तो कोई दिक्कत नहीं थी मुझे. लाजवंती उठ के जा रही थी, मेरी नजर उसके स्तन के ऊपर ही गड़ी हुई थी. मटकती गांड को पकड़ के उसे दबाने को मन कर रहा था.

    लाजवंती को काम चालू किए तब दूसरा हफ्ता था. मैंने अभी तक उस से चुदाई की बात नहीं की थी. साली भाव तो दे रही थी मुझे लेकिन मैं जल्दबाजी कर के काम ख़राब नहीं करना चाहता था. आज मैं कोलेज से जल्दी आ गया था. लाजवंती के आने का समय हुआ नहीं था अभी. मैंने लेपटोप पे प्रिया राय की चुदाई की एक क्लिप देखी और मुठ मारने के लिए तौलिया ले के बाथरूम में चला गया. लक्स साबुन के पुरे पैसे वसूल करते हुए मैं उसे लंड पे सही तरह मल के मुठ मारी.

    आँखे बंध कर के मैं लाजवंती की याद में ही डंडा रगड़ने लगा. जबरदस्त छुट हुई और कुछ मिलीलिटर वीर्य नाली में बहने लगा. मुझे कुछ शांति जरुर मिल गई लेकिन मेरे मंद में लाजवंती को चोदने की इच्छा और भी जागृत हो गई. लंड नाम का शैतान जाग उठा था जिसे सुलाने के लिए लाजवंती की चूत ही शक्तिमान थी. तभी लाजवंती आई, उसने आज मस्त लीले रंग की साडी और अंदर काली ब्लाउज डाली थी. मैं हररोज की तरह उसके स्तन की और ताकने लगा. मुझे देख उसने साडी का पल्लू सही करने के एक्टिंग की. मैंने नजर तब भी नहीं हटाई उसके भरे हुए बूब्स से. लाजवंती कमरे में झाड़ू लगाने लगी और मैं सोफे पर बैठ के लेपटोप देखने लगा.

    मेरा सारा ध्यान लाजवंती के ऊपर ही था, आज मुझे चोदने की बड़ी इच्छा हुई थी. मैंने देखा की लाजवंती मेरे को उसके स्तन का हिस्सा देखने को मिले इस तरह निचे झुकती थी और स्तन के आगे की साडी हटा रही थी. मैं दो मिनट तक उसके ब्लाउज के अंदर उछलते हुए स्तन को देखता रहा और फिर मुझ से रहा नहीं गया. मैं उठा और सिगरेट लेने के बहाने मैं जानबूझ के लाजवंती की गांड को टांग लगाते हुए चला. मेरा पाँव उसकी गांड के ऊपर अड़ने के बावजूद लाजवंती कुछ नहीं बोली. मैं दुबारा उसकी गांड घिसते हुए वापस लेपटोप के पास आके बैठ गया.

    मुझे अब लाजवंती को चोदने की बहुत ही खुजली हो रही थी, जैसे ही वोह नजदीक आके झाड़ू लगाने लगी मैंने पीछे से उसके गांड के ऊपर पाँव लगा दिया. मेरा अंगूठा उसके गांड के छेद की तरफ ही था. उसकी चुप्पी मेरी हिम्मत बढ़ाने लगी और मैं उसकी गांड के ऊपर अंगूठे को घिसने लगा. वोह अभी भी जैसे की कुछ ना हुआ हो वैसे झाड़ू लगा रही थी. मैं अब खड़ा हुआ, मेरा लंड कब से चोदने के लिए बेताब था.

    मैंने लाजवंती को कंधे से पकड़ा और खड़ा किया. मैंने उसे कहा, लाजवंती मुझे तुम्हे चोदना है, लेकिन अगर तुम्हारी मर्जी हो तो. लाजवंती कुछ बोली नहीं लेकिन उसकी नजरें मेरे लंड की तरफ थी. मैंने उसके साडी के पल्लू को साइड में किया और उसके भारी स्तन मसलने लगा. उसके स्तन में जबरदस्त कसाव आया हुआ था और वोह नजरे उठाये मुझे देखने लगी. मैंने धीमे धीमे कर उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए. उसके बड़े बड़े स्तन देख चोदने का कीड़ा और भी उबाल मारने लगा. मैंने लाजवंती को पूरा नंगा कर दिया. वोह हाँ तो नहीं बोली थी, लेकिन चुप रहने का मतलब तो हा ही होता हैं.
    मैंने अपने कपडे भी तुरंत उतार दिए. लाजवंती मेरे 9 इंच लम्बे लौड़े को देख के खुश हो गई और उसे हाथ में ले के मसलने लगी. चोदने की इच्छा जबरदस्त हुई थी इसलिए लौड़े में मस्त कसाव आया था.

    लाजवंती ने लंड को थोडा सहलाया और फिर बहुत देर तक हाथ में ले के हिलाया. मैं थोड़ी देर पहले ही मुठ मारके आया था इसलिए लंड अभी झड़ने के चांसिस बहुत ही कम थे. लाजवंती ने थोड़ी देर लंड हिलाने के बाद उसे सीधा मुहं में रखा. उसके होंठ लंड के ऊपर निचे होने लगे. उसके होंठ लंड को चोदने के लिए जैसे की उकसा रहे थे. वोह पूरा मुहं अपने गले तक भर लेती थी और फिर अपने होंठो को उसके उपर ऐसे चलाती थी जैसे की कुल्फी खा रही हो.

    मेरी हालत खराब हो रही थी और मुझे इस देसी कामवाली को चोदने की असीम इच्छा होने लगी. मैंने लाजवंती का सर पीछे से पकड़ा और उसके मुहं के अंदर ही झटके देने लगा. लाजवंती ने अपना मुहं मेरे झटके देने के वक्त थोडा खोल दिया जिस से मुझे उसका मुहं चोदने में कोई तकलीफ ना हो. मेरे झटके देने से उसके मुहं से…गोगूग्गग्गग्गग…..ऐसे आवाज आ रहे थे. मैंने करीब 2 मिनिट तक जम के उसके मुहं में लंड दिया.

    लाजवंती ने लंड अब मुहं से बहार निकाला और मैं उसे हाथ पकड़ के पलंग के तरफ ले गया. उसको मैंने पलग के ऊपर उल्टा लिटा दिया. वैसे भी डौगी स्टाइल मेरी फेवरेट थी इसलिए मैं हमेशां उसी स्टाइल में चोदने की इच्छा रखता था, हाँ कभी कभी कुछ लडकियां और आंटीयां पहेले से इस पोजीशन में चुदवाने को राजी नहीं होती क्यूंकि इसमें लंड पूरा पेनेट्रेट होता हैं. लेकिन लाजवंती को पहले से कुतिया बनके लंड लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई. मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड दे दिया. आह आह ओह ओह हम दोनों के मुहं से निकल पड़ा, लाजवंती की चूत मस्त गर्म और चिकनी थी.

    मेरे प्रत्येक झटके से जैसे की लंड के ऊपर एक अजब चिकनाहट महेसुस हो रही थी. लाजवंती थोड़ी देर में ही अपनी गांड को हिला हिला के चोदने के मजे लेने लगी. मैंने भी उसकी सेक्सी गांड को दोनों तरफ से पकड़ लिया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे और लाजवंती की हालत तो मुझ से भी खराब हो गई थी क्यूंकि वैसे भी 9 इंच का लंड किसी भी पोजीशन में हालत ख़राब कर सकता हैं जब की यह तो डौगी स्टाइल थी.

    लाजवंती की इसी तरह 10 मिनिट तक चुदाई होती रही और मुझे और जोर जोर से चोदने की मजा आने लगी थी. मैंने लाजवंती को पूरा लंड बहार निकाल के वापस उसकी चूत में देता था. वोह भी हिल हिल के लंड के मजे लेती रही, हाँ लेकिन वह अब एकदम धीमे धीमे हिल रही थी क्यूंकि इतनी हार्ड चुदाई से वह थक चुकी थी. मेरे लंड में अजब सा तनाव होने लगा और उसके अंदर जैसे की अजब ताकत आने लगी, मुझे लगा की अब मैं तुरंत झड जाऊँगा.

    मैंने सोचा की लाजवंती के अंदर ही झड़ जाऊं, लेकिन तभी मैंने सोचा की अगर गर्भ रह गया तो पंगे होंगे. सालाबिना कमाई में खर्चा हो जाएंगा. मैंने जोर जोर से दो झटके दिए और जैसे ही वीर्य निकलने वाला था मैंने लंड बहार खिंच लिया. लंड से वीर्य की एक नदी बहने लगी, मैंने सारा के सारा वीर्य लाजवंती के गांड के ऊपर छिडक दिया…..वोह भी आह आह अ=करती हंस रही थी.

    मुझे आज पहली बार एक कामवाली को चोदने में इतना मजा आया था.

  • पापा के साथ मिलकर नौकरानी को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी सच्ची सेक्सी कहानियाँ को पढ़ने वालों के लिए अपनी दूसरी सच्ची घटना को आप लोगों को सुनाना चाहताa हूँ, जिसमे मेरे पापा ने हमारे घर का काम करके वाली नौकरानी को जमकर चोदा। दोस्तों यह वही नौकरानी है जिसको पिछली बार मैंने चोदा था और उसकी वो चुदाई की घटना आप लोगों तक लिखकर पहुंचाई भी थी.

    दोस्तों जिन लोगों ने मेरी पिछली कहानी को नहीं पढ़ा था, में उन सभी को बता दूँ कि मैंने अपनी पिछली कहानी में बताया था कि मैंने कैसे अपनी नौकरानी जिसका नाम मीना था, उसको चोदा और उसको अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट किया.

    दोस्तों यह बात जनवरी 2016 की है यह उन दिनों हमारे बहुत सारे मिलने वाले रिश्तेदारों के यहाँ पर शादियाँ थी और इसलिए हमें हर दूसरे दिन कहीं ना कहीं शादी में जाना था. हम सभी घर वाले अपने मिलने वालों और रिश्तेदारों की होने वाली शादियों में बहुत व्यस्त थे और इसलिए उस दिन भी हमारे साथ ठीक वैसा ही कुछ हुआ, लेकिन पिछली रात को अपने एक रिश्तेदार की शादी में ज्यादा देर उसके घर पर तक रहने की वजह से हम दोनों में और मेरे पापा थककर गहरी नींद में सो रहे थे और मेरी माँ हमें बताए बिना ही चली गई.

    दोस्तों पहले मुझे भी नहीं पता था कि मेरे पापा भी हमारी नौकरानी को अपनी बातों में फंसाकर उसकी चुदाई करने के चक्कर में लगे रहते है, लेकिन मैंने कई बार गौर करके देखा कि पापा हमेशा बड़े ध्यान से मीना की मटकती हुई गांड और उसके बड़े आकार के गोरे बूब्स को देखते और वो साथ ही अंडरवियर और बनियान में मेरी नौकरानी के आस पास टहलते रहते उनकी गंदी नजर हमेशा मीना के सेक्सी बदन को देख देखकर उसकी चुदाई करती रहती थी.

    दोस्तों वैसे तो पापा की उम्र और मीना की उम्र में करीब 22 साल का अंतर था, लेकिन चुदाई सेक्स प्यार इनमे कोई भी अंतर नहीं देखा जाता और ना ही वो चलता है. दोस्तों अब आप लोग मेरी नौकरानी की चुदाई मेरे पापा के साथ कैसे हुई वो पढिए.

    दोस्तों उस दिन पापा सुबह सुबह बड़ी गहरी नींद में सो रहे थे और उनको बिल्कुल भी पता नहीं था कि ऊपर वाले हिस्से में जो कमरा बना हुआ है जो उनके कमरे से एकदम सटा हुआ है वहां पर उस कमरे के अंदर में सो रहा हूँ, क्योंकि मेरी माँ ने जाते समय गलती से दरवाजे को बाहर से ही बंद कर दिया था, लेकिन जब दरवाजे की घंटी बजी तो मीना की आवाज मेरे कानों में आई और तब मैंने दरवाजे को ज़ोर से धक्का दिया, लेकिन वो तो ऐसे ही अटका होने की वजह से तुरंत खुल गया और पापा को जाता देखकर में उनकी हरकते देखकर चुप गया.

    अब घर पर केवल पापा और में ही थे. फिर सुबह के करीब 9.30 बजे दरवाजे पर लगी घंटी बजी और पापा ने बिस्तर से उठकर देखा कि बाहर हमारी नौकरानी मीना आ गयी है, क्योंकि उसने कुछ देर दरवाजा ना खोलने पर आवाजे भी देना शुरू किया था और दो तीन बार आवाज देकर वो चुपचाप खड़ी होकर दरवाज़ा खुलने का इंतजार करने लगी.

    फिर मेरे पापा ने उस समय जल्दी से नीचे जाकर दरवाजा खोल दिया. में यह सब ऊपर वाली जाली से छुपकर देख रहा था उस समय पापा केवल अंडरवियर में थे और फिर उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया.

    अब वो ऊपर वाले हिस्से में आ गई और अपना काम करने लगी. तब पापा ने नीचे चेक किया कि कोई है या नहीं, उसके बाद वो ऊपर आ गए और उसके बाद उन्होंने ऊपर के दोनों कमरे चेक किए, लेकिन उनको वहां पर कोई भी नहीं मिला था और वो मन ही मन बहुत खुश थे, वो ख़ुशी मुझे उनके चेहरे से साफ साफ पता चल रही थी. अब वो सीधे किचन में चले गये जहाँ पर मीना अपना काम कर रही थी, में उनको इसलिए नज़र नहीं आया था, क्योंकि में उनको आता हुआ देखकर अपने पड़ोस वाली छत पर उतर गया था और में कुछ देर छुपकर बैठा रहा.

    अब नीचे पापा ने मीना से कहा कि मीना आज तो तुम क्या बात है बड़ी ही सुंदर लग रही हो और खुश भी नजर आ रही हो? यह बात कहते हुए पापा ने मीना की तरफ आँख मारी, तो वो बोली कि ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा आप समझ रहे हो और मेरी इतनी तारीफ करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद और वो अब मुस्कुराकर अपना जवाब देकर अपने काम में दोबारा लग गई.

    उसकी उम्र करीब 25-26 साल की होगी और उसके बूब्स का आकार 35-32-36 और मस्त कसा हुवा गोरा चमकीला बदन था जिसको एक बार देखकर हर कोई उसका दीवाना बन जाए, क्योंकि उसका पूरा का पूरा वो सेक्सी बदन बहुत आकर्षक था, जिसकी वजह से हर कोई उसकी तरफ खिंचा चला जाता और वही हाल मेरा और उसके बाद अब मेरे पापा का भी था. वो भी अपने आप को नहीं रोक सके.

    अब पापा उसके बहुत करीब आ गये और उन्होंने बिना कहे ही उसके दोनों बूब्स को झट से उसको पीछे से अपनी बाहों में भरकर लपककर पकड़ लिए और वो दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. फिर मीना ने पापा से कहा कि आप छोड़ दो मुझे, यह क्या कर रहे हो कोई आ जाएगा? तब पापा ने कहा कि इस समय घर पर हम दोनों के अलावा और कोई भी नहीं है और घर के सभी लोग बाहर शादी में गये हुए है और वो उनके बूब्स को कसकर दबाने लगे.

    अब वो कहने लगी कि अब आप मुझे छोड़ दो और मुझे घर जाने दो, मुझे घर पर काम है और तभी पापा उससे पूछने लगे कि क्यों कल रात को चुदाई नहीं की क्या? वो पापा के मुहं से यह बात सुनकर शरमा गई और पापा ने अब अपनी अंडरवियर में तनकर खड़े लंड को उसकी गांड पर रख दिया और वो लंड को अंदर की तरफ धक्का देकर दबाने लगे और तब उन्होंने कहा कि आज तो में तेरी जमकर चुदाई करके ही रहूँगा और वो अब पापा को विरोध ना के बराबर कर रही थी.

    इसी बीच पापा ने सही मौका देखकर उसका ब्लाउज और उसके साथ साथ उसकी ब्रा को भी उतार दिया, जिसकी वजह से उसके दोनों बूब्स अब एकदम आजाद थे और बड़े ही सुंदर नजर आ रहे थे वो अब दोनों बूब्स को चूसने लगे, वो अपने ऊपर के मन से मना कर रही थी, लेकिन वो फिर भी अपना काम किए जा रहे थे और तभी पापा बोले कि एक दिन भी तो मुझसे बिना चुदे चली गई थी और उस दिन तेरी अच्छी किस्मत ने तुझे बचा लिया था, लेकिन आज ऐसा नहीं होगा और ना ही में ऐसा होने दूंगा.

    अब पापा ने मीना की साड़ी को बिना देर किए किचन में ही उतार दिया, जिसकी वजह से वो अब केवल पेटीकोट में खड़ी थी और पापा का लंड पूरी तरह से खड़ा होकर मीना की चूत को सलामी दे रहा था और वो बिना बोले बता रहा था कि आज तो में मीना की चूत के अंदर घुसकर ही दम लूँगा और इसकी चूत को अपनी चुदाई से संतुष्ट कर दूंगा और फिर बिना समय खराब किए पापा ने उसका पेटीकोट भी अब उतार दिया. दोस्तों मीना का रंग बहुत गोरा था, इसलिए वो बिना कपड़ो के और भी मस्त सेक्सी लग रही थी.

    अब पापा ने मीना का एक हाथ पकड़कर अपना लंड उसके हाथ में दे दिया, जिसको छूकर मीना का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा और पापा लगातार मीना की चिकनी कामुक चूत को अपने एक हाथ से रगड़ रहे थे, जिसकी वजह से मीना बहुत जोश में आ गई थी और उसकी चूत ने पानी भी छोड़ना शुरू कर दिया था. वो मोन करने लगी थी, जिसका मतलब साफ था कि अब मीना भी पापा से अपनी प्यासी चूत की चुदाई करवाना चाहती है, इसलिए उसने भी तुरंत पापा की अंडरवियर को भी अपने एक पैर से नीचे सरकाते हुए पूरा उतार दिया था, जिसकी वजह से अब पापा उसके सामने नंगे और मीना तो बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी, वो दिखने में एकदम काम की देवी नजर आ रही थी.

    दोस्तों उसके एक बच्चा भी था, लेकिन फिर भी उसके बदन में बड़ा ही अच्छा कसाव था और अब पापा का लंड मीना के एक हाथ में और उसके दोनों बूब्स पापा के दोनों हाथों में थे. वो दोनों बड़ी बुरी तरह से एक दूसरे को मसल रहे थे, जैसे उन दोनों ने कई महीनो से सेक्स ना किया हो और वो दोनों बिल्कुल पागल हो चुके थे.

    दोस्तों मीना को सारे नये नये तरीके मैंने ही सिखाए थे और जब मेरे घर वाले एक सप्ताह के लिए कहीं बाहर गये हुए थे तब मैंने उसको बहुत जमकर हर बार एक नये तरीके से चोदा और हर बार एक अलग मज़ा दिया, इसलिए उसको चुदाई के बहुत सारे नये तरीके आते थे. अब पापा ने मीना को अपनी गोद में उठा लिया और वो उसको अपने कमरे में ले गए. उसके बाद उन्होंने मीना को बेड पर लेटा दिया और वो दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे को जोश में आकर बड़ी मस्ती के साथ चूसने लगे.

    फिर पापा ने उससे पूछा कि मीना अब इसके आगे भी कोई काम बाकि है क्या? तब मीना बोली कि हाँ है चूसने के बाद तुझे आज मेरी जमकर चुदाई भी करनी है, साले मुझे आज अपने लंड की ताकत भी दिखा. तभी पापा बोले कि तू आज बिल्कुल भी चिंता मतकर मेरी रानी, क्योंकि आज में तेरी चूत को चोदकर आज जरुर फाड़कर ही वापस तेरे घर पर जाने दूँगा.

    अब मीना ने ध्यान से देखा कि पापा का लंड मेरे लंड से करीब एक इंच बड़ा और मोटा भी है, तब वो बोल पड़ी कि तुम्हारा लंड तो मेरे पति से भी बड़ा और मोटा भी है. तभी पापा पूछने लगी कि तुम्हारे पति का लंड कितना बड़ा है? तो वो बोली कि मेरे पति का लंड पांच इंच का है और वो तो जल्दी से मेरे पेटीकोट को ऊपर उठाकर सीधा मेरी चूत में एक जोरदार धक्का देकर अपना पूरा लंड अंदर डाल देता है उसके बाद वो लगातार धक्के देने लगता है मेरी जमकर चुदाई करता है, लेकिन वो कभी भी मेरी चूत को इस तरह से चूसता नहीं है.

    अब पापा ने अपने लंड का पानी उसके मुहं में डाल दिया और उसको सीधा करके उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रख लिया और अपना 6 इंच का लंड उसकी चूत के खुले हुए मुहं पर रखकर अंदर की तरफ धकेलते हुए उसकी चूत के अंदर डालने लगे, जब पूरा अंदर गया तो पापा कस कसकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे और बूब्स को मसलते हुए उसके गुलाबी होंठो को भी चूस रहे थे.

    फिर मीना बड़े ही जोश में मज़े लेकर अपनी चुदाई करवा रही थी, वो अब सिसकियाँ ले रही थी और पूछ रही थी उफ्फ्फ्फ़ आईईईईई सब लोग कब तक आह्ह्हह्ह्ह्ह घर आ जाएगें? पापा बोले कि वो लोग शाम तक आ जाएगें, तभी वो कहने लगी कि फिर तो इसका मतलब यह है कि तुम आज स्सीईईईइ ऊउईईईइ दोपहर को भी मेरी चुदाई करोगे? थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है. अब पापा तुरंत जोश में बोले कि हाँ मेरी जान बिल्कुल तूने एकदम ठीक पहचाना. आज में तेरी चूत में हर समय अपना लंड डालकर तुझे चोदता रहूँगा. अब वो अपने दोनों हाथों से पापा को पीछे करने की कोशिश करने लगी, जिसको देखकर में तुरंत समझ गया था कि वो अब अपनी चुदाई कसकर जोरदार धक्कों के करवाना चाहती है जिससे वो दिन में और भी ज्यादा चुदाई के मज़ा ले सके.

    पापा ने भी कसकर अपने लंड को उसकी चूत में धक्के मारने जारी रखा और करीब 20-25 मिनट के बाद पापा ने मीना की चूत से अपना लंड बाहर निकाला तो उसी समय मीना पापा से बोल पड़ी कि अभी दिन में भी हमें चुदाई करनी है और इस लंड का पानी बचाकर रखना. अब पापा ने मीना से कहा कि तुम्हे इस बात की बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है और तुम तो बस जैसा में कहूँ करती चली जाओ.

    पापा ने मीना को अब घोड़ी बनाकर अपने लंड को उसकी चूत के डालकर उसकी चुदाई करना शुरू किया और वो ऐसा करने के लिए मना करने लगी, लेकिन पापा ने जबरदस्ती उसको घोड़ी बनाकर चुदाई कर दी और उसके तुरंत बाद पापा ने उसको कुतिया की तरह बेड पर झुकाकर उसको बहुत जमकर चोदा.

    अब पापा ने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर उसको अपनी गोद में बैठा लिया और अपने 6 इंच के लंड को उसकी चूत में डाल दिया जो सीधा उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और अब मीना बड़ी खुश होकर उछल उछलकर अपनी चूत को वो खुद ही चोद रही थी और पापा उसके बूब्स को दबाकर उसके निप्पल को निचोड़ रहे थे.

    वो दोनों पूरे जोश में थे और मैंने उसी समय मौके का फ़ायदा उठाया और में कमरे में आ गया. उस समय वो दोनों ही उस चुदाई के चरम पर थे और पापा अचानक से मुझे अपने सामने देखकर डर से गये और उनके चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ गया.

    तभी मैंने उनसे बोला कि पापा आज आप मीना को इतनी अच्छी तरह से जमकर चोदो जितनी अच्छी तरह से तुमने पिछली बार मधु की चुदाई की थी और वो तीन दिन तक ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी और सही मौका पाकर में भी पापा के सामने नंगा हो गया और अपना लंड मैंने सीधा मीना के मुहं में डाल दिया जिसकी वजह से अब तो वो मेरे लंड को बड़े मज़े लेकर चूस रही थी और पापा कसकर उसे धक्के देकर चोद रहे थे.

    हम दोनों ने मिलकर उस समय मीना को करीब 30 मिनट तक नीचे ऊपर से धक्के देकर चोदा और वो भी हमारे साथ मज़े लेकर हमारा साथ देती रही. वो किसी अनुभवी रंडी की तरह हमारे लंड से मज़े ले रही थी.

    कुछ देर धक्के देने के बाद पापा बहुत बुरी तरह से थककर अपनी जगह से हट गए और तब मैंने देखा कि अब मीना ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी और फिर उसी समय मैंने मीना की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको अपनी गोद में उठा लिया और में उसको वैसे ही बाथरूम में ले गया. अब में उससे बात करते करते धक्के देते हुए उसकी चुदाई करता रहा.

    मीना बोली कि सच में आज तो मुझे इस चुदाई में पहले से भी ज्यादा मज़ा आया और चुदाई का ऐसा सुख मुझे आज पहली बार मिला है. तुम दोनों ने उस चुदाई में अपनी पूरी ताकत लगा दी तुम दोनों बड़ी अच्छी चुदाई करते हो. मैंने उससे कहा कि आज तुम्हे दोपहर को जरुर आना है, क्योंकि मेरा लंड अब तक तेरी चूत का प्यासा है, मैंने उसको अब दूसरे कमरे में अपने साथ लाकर नंगी लेटा लिया और में अपने लंड को उसकी चूत में डालकर हम दोनों अब आराम करने लगे.

    दोपहर के करीब एक बजे वो उठकर कहने लगी कि मुझे अब अपने घर पर जाकर वापस भी आना है और इतना कहकर उसने उठकर अपने कपड़े पहन लिए और वो बाहर चली गई.

    दोस्तों कुछ घंटे आराम करने के बाद मीना दोबारा अपनी चुदाई करवाने चली आई. मैंने और मेरे पापा ने दिन में एक बार फिर से उसकी बहुत जमकर चुदाई के मज़े लिए, जिसमें उसने हमारा पूरा पूरा साथ दिया और बहुत मज़े किए. हम दोनों बहुत सारे नये तरीकों से उसकी चुदाई के मज़े लिए और उसने हर बार हमारा साथ दिया.