Month: May 2020

  • पापा के लंड पर बैठकर मजा लिया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निशा है और में दिल्ली की रहने वाली हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी, पापा और मेरे दादा, दादी है. में मेरे बाप की एक ही औलाद हूँ. मुझे मेरे माँ बाप ने बड़े प्यार से बड़ा किया है.

    आज मेरी उम्र 21 साल की है, लेकिन मुझे देखकर कोई कह नहीं सकता कि मेरी उम्र इतनी कम होगी, क्योंकि मेरा बदन बिल्कुल एक 24 साल की लड़की की तरह हो चुका है, मेरा फिगर साईज 34-28-36 है और इसकी वजह में खुद ही हूँ, जो 18 साल की उम्र से ही सेक्स की तरफ ज़्यादा ध्यान देने लगी थी और लगभग तब से में चूत में उंगली करने लग गयी थी.

    मेरे घर में 5 रूम है, एक में मेरे मम्मी पापा और दूसरे में मेरे दादा दादी, जो अब 60 से ज्यादा उम्र के है और ज़्यादातर अपने कमरे में ही लेटे रहते है और तीसरे में में खुद रहती हूँ और बाकि के दो कमरे हम अलग-अलग कामों के लिए उपयोग में लेते है. मेरे पापा की उम्र 38 साल की है.

    मेरी माँ वैसे तो बहुत खूबसूरत है, लेकिन बहुत ही पुराने विचारो वाली एक साधारण औरत है, जो अपना ज़्यादातर वक़्त पूजा पाठ या अपने सास ससुर की सेवा में और घर के काम काज में गुजारती है. मेरे पापा जो एक बिजनसमैन है और अपना खुद का बिजनेस चलाते है.

    हम बहुत अमीर तो नहीं है, लेकिन हमारे घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है. मेरे पापा भी बहुत हैंडसम है, लेकिन मेरी माँ तो उन्हें टाईम ही नहीं दे पाती है, सिर्फ़ रात में जब उनके सोने का वक़्त होता है जब ही उनके पास जाती है.

    यह बात तब की है, जब मेरी उम्र 18 साल की थी. एक रात हम सब खाना खाकर सोने के लिए अपने अपने रूम में चले गये थे कि तभी अचानक से मुझे लगा कि मेरे मम्मी पापा के रूम से लड़ने की आवाज़े आ रही है.

    मम्मी पापा का रूम मेरे रूम से ही लगा हुआ था, मुझे ज़िंदगी में पहली बार लगा था कि मम्मी पापा की लड़ाई हो रही है इसलिए में यह जानना चाहती थी कि वो लड़ क्यों रहे है? तो पहले तो मैंने सोचा कि में मम्मी से जाकर पूंछू, लेकिन फिर बाद में सोचा कि वो लोग मेरे सामने शर्मिंदा हो जाएगे इसलिए मैंने पूछना उचित नहीं समझा, लेकिन फिर भी मेरे मन में वजह जानने की इच्छा तेज होती गयी और जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उठकर देखने की कोशिश की. मेरे रूम में एक खिड़की थी, जो उनके कमरे में खुलती थी, वो खिड़की बहुत पुरानी तो नहीं थी, लेकिन उसमें 2-3 जगह छेद थे. फिर मैंने अपने रूम की लाईट ऑफ की और उस छेद में आँख लगा दी. अब अंदर का नज़ारा देखकर मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया था.

    अब मेरी मम्मी जो कि सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में थी और बेड पर बैठी थी और मेरे पापा सिर्फ़ अपनी वी-शेप अंडरवेयर में खड़े थे और बार-बार मम्मी को अपनी ब्रा उतारने के लिए कह रहे थे और मेरी मम्मी उन्हें बार-बार मना कर रही थी.

    मैंने देखा कि मेरे पापा की टाँगों के बीच में जहाँ मेरी पेशाब करने की जगह है, वहाँ कुछ फूला हुआ है. अब मेरी नजर तो बस वही टिक गयी थी और में चाहकर भी अपनी नजर हटा नहीं पा रही थी.

    अब वो लोग कुछ बात कर रहे थे, लेकिन मेरा ध्यान तो सिर्फ पापा की टाँगों के बीच में ही था और उनकी बातें सुनने का ध्यान भी नहीं था. अब मेरा दिल ज़ोर- ज़ोर से धड़क रहा था और मेरा बदन बिल्कुल अकड़ गया था और इसके साथ ही मुझ पर एक और बिजली गिरी और फिर मेरे पापा ने झटके से अपना अंडरवेयर भी उतार दिया. ओह गॉड मेरी तो जैसे साँसे ही रुक गयी थी. मेरे पापा की टाँगों के बीच में एक लकड़ी के डंडे की तरह कोई चीज लटकी हुई थी, जो कि मेरे हिसाब से 8 इंच लंबी और 3 इंच मोटी थी, उस चीज को क्या कहते है? मुझे उस वक़्त पता नहीं था.

    फिर मेरी मम्मी उस चीज को देखकर पहले तो गुस्सा हुई और फिर शर्म से अपनी नजरे झुका ली. अब उन्हें भी मस्ती आने लगी थी और फिर उन्होंने इशारे से पापा को अपने पास बुलाया और उनके उस हथियार को प्यार से सहलाने लगी थी.

    मम्मी ने अपनी ब्रा उतारी और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और फिर बिल्कुल नंगी होकर सीधी लेट गयी और अपनी टांगे खोलकर पापा को अपनी चूत दिखाई और इशारे से उन्हें पास बुलाने लगी थी. फिर मेरे पापा कुछ देर तक तो गुस्से में सोचते रहे और फिर जैसे अपना मन मारकर उनके ऊपर उल्टे लेट गये और अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़कर मम्मी की चूत में डाला और हिलते हुए मम्मी को किस करने लगे थे और फिर लगभग 10 मिनट तक हिलने के बाद वो शांत हो गये और ऐसे ही पड़े रहे.

    फिर थोड़ी देर के बाद मम्मी ने उन्हें अपने ऊपर से हटाया और अपने कपड़े पहने और लाईट बंद करके सोने के लिए लेट गयी. अब कमरे में बिल्कुल अंधेरा होने की वजह से मुझे कुछ नहीं दिख रहा था.

    तब मैंने भी जाकर लेटने की सोची और फिर में भी अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी, लेकिन अब मेरी आँखों के सामने तो मम्मी पापा की पिक्चर चल रही थी और पापा का वो भयानक हथियार पता नहीं मुझे क्यों बहुत अच्छा लग रहा था? अब मेरा दिल कर रहा था कि में भी उनके हथियार अपने हाथ में लेकर देखूं. उस रात मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी.

    उस रात मैंने पहली बार हस्तमैथुन किया. अब मेरे ख्यालों में और कोई नहीं बल्कि मेरे पापा ही थे. फिर जब मेरी चूत का रस निकला, तो तब में इतनी थक चुकी थी कि कब मेरी आँख लग गयी? मुझे पता ही नहीं चला. फिर सुबह मम्मी ने जब आवाज लगाई तो मेरी आँख खुली.

    फिर मम्मी बोली कि बेटा सुबह के 7 बज रहे है, स्कूल नहीं जाना है क्या? तो तब में उठकर सीधी बाथरूम में गयी और नहाने के लिए अपने कपड़े उतारे.

    फिर तब मैंने देखा कि मेरी पेंटी पर मेरी चूत के रस का धब्बा अलग ही दिख रहा है. अब मेरी आँखों के सामने फिर से वही नज़ारा आ गया था. अब मुझे फिर से मस्ती आने लगी थी तो मैंने फिर से अपनी चूत में उंगली करनी चालू कर दी और तब तक करती रही जब तक कि में झड़ नहीं गयी.

    दोस्तों मुझे इतना मज़ा आया था कि में यह सोचने लगी कि जब उंगली करने में ही इतना मज़ा आता है तो सेक्स में कितना मज़ा आता होगा? और फिर में अपने पापा के साथ ही यह मज़ा लेने की सोचने लगी और सोचने लगी कि कैसे पापा के साथ मज़ा लिया जाए?

    खैर जैसे तैसे करके में स्कूल जाने के लिए तैयार हुई और ड्रेस पहनकर बाहर आई तो नाश्ते की टेबल पर मेरा पापा से सामना हुआ, में रोज सुबह पापा को गुड मॉर्निंग किस करके विश करती थी. तो तब मैंने उस दिन भी पापा को किस करके ही विश किया, लेकिन इस बार मैंने कुछ ज़्यादा ही गहरा किस किया और थोड़ा अपनी जीभ से उनके गाल को थोड़ा चाट लिया, जिससे मेरे पापा पर कुछ असर तो हुआ, लेकिन उन्होंने मेरे सामने ज़ाहिर नहीं किया था.

    अब में उनके ठीक सामने जाकर कुर्सी पर बैठकर नाश्ता करने लगी थी और फिर नाश्ता करने के बाद में स्कूल की बस पकड़ने के लिए बाहर जाने लगी, लेकिन मेरा मन पापा को छोड़कर जाने का नहीं हो रहा था, तो तब में बाहर तो गयी, लेकिन कुछ देर के बाद वापस आकर मैंने बहाना बनाया की मेरी बस निकल चुकी है.

    अब ऐसी स्थिति में पापा मुझे स्कूल छोड़कर आया करते थे, तो तब मम्मी बोली कि जा पापा से कह दे, वो तुझे स्कूल छोड़ आएँगे. फिर में खुशी-खुशी पापा के कमरे में गयी. अब पापा सिर्फ़ अपने पजामे में थे. फिर मैंने पापा से कहा तो वो मुझे स्कूल छोड़ने के लिए राज़ी हो गये. अब पापा अपनी पेंट पहनने लगे थे. फिर मैंने उनके हाथ से पेंट लेते हुए कहा कि पापा पजामा ही रहने दीजिए, में लेट हो रही हूँ. तो तब पापा बोले कि ठीक है, में टी-शर्ट तो पहन लूँ, तू मेरा बाहर इन्तजार कर, तो में बाहर आकर इन्तजार करने लगी.

    पापा मुझे ज़्यादातर स्कूल कार में ही छोड़ते थे, लेकिन उस दिन मेरे कहने पर उन्होंने मुझे हमारी एक्टिवा स्कूटर पर स्कूल छोड़ने के लिए गये. दोस्तों यहाँ तक तो मेरा प्लान सफल रहा था, लेकिन आगे के प्लान में थोड़ा खतरा था और मुझे यकीन नहीं था कि वो सफल हो जाएगा. फिर में उनके पीछे बैठ गयी और फिर हम स्कूल की तरफ चल दिए.

    मेरा स्कूल घर से लगभग 10 किलोमीटर दूर था, रास्ता लंबा था और सुबह का वक़्त था, तो रोड सुनसान थी. फिर जब हम घर से 2 किलोमीटर दूर आ गये, तो तब मैंने पापा से कहा कि गाड़ी में चलाऊँगी. तो तब पापा बोले कि बेटी तुझसे गाड़ी नहीं चलेगी, तो में तो ज़िद्द करने लगी. तो तब पापा परेशान होकर बोले कि ठीक है, लेकिन हैंडल में ही पकडूँगा. अब मुझे मेरा प्लान कामयाब होता दिख रहा था.

    फिर तब मैंने कहा कि ठीक है और पापा ने गाड़ी साईड में रोककर मुझे अपने आगे बैठाया और मेरी बगल में से अपने दोनों हाथ डालकर हैंडल पकड़ा और धीरे-धीरे चलाने लगे. लेकिन अब गाड़ी चलाने में किसका ध्यान था? अब मेरा ध्यान तो पापा के पजामे में लटके उनके लंड पर था. तो तभी गाड़ी जैसे ही खड्डे में गयी, तो मैंने हिलने का बहाना करके उनका लंड ठीक मेरी गांड के नीचे दबा लिया.

    अब पापा कुछ अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे. अब में अपनी गांड को उनके लंड पर रगड़ने लगी थी. अब गर्मी पाकर उनका लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था, जिससे मुझे भी मस्ती आने लगी थी. अब पापा को भी मज़ा आ रहा था और फिर इस तरह मस्ती करते हुए में स्कूल पहुँच गयी.

    पापा को जाते वक़्त मैंने एक बार फिर से किस किया. अब पापा शायद मुझे लेकर कुछ परेशान हो गये थे और में मेरी तो पूछो मत, मेरी हालत तो इतना करने में ही बहुत खराब हो गयी थी और मेरी पेंटी इतनी गीली हो चुकी थी कि मुझे लग रहा था मेरी स्कर्ट खराब ना हो जाए.

    फिर पूरे दिन स्कूल में मेरे दिमाग में पापा का लंड ही घूमता रहा और अब मेरा दिल कर रहा था कि में पापा के लंड पर ही बैठी रहूँ. अब पता नहीं मुझे क्या हो गया था? ऐसा कौन सा वासना का तूफान मेरे अंदर था कि में पापा से चुदने के लिए ही सोचने लगी थी. खैर आगे बढ़ते है, फिर में चुदाई की इच्छा और गीली पेंटी लेकर घर पहुँची. अब उस वक़्त लगभग 3 बज रहे थे. अब घर में दादा, दादी के अलावा कोई नहीं था, मम्मी कहीं गयी हुई थी और पापा अपने ऑफिस में थे.

    में बाथरूम में गयी और गंदे कपड़ो में से पापा की अंडरवेयर ढूंढकर अपनी चूत पर रगड़ते हुए हस्तमैथुन किया. अब मुझे बहुत मज़ा आया था और फिर में सो गयी. फिर मेरी आँख खुली तो शाम के 5 बज रहे थे. फिर मैंने नहा धोकर कपड़े पहने और मैंने कपड़े भी उस दिन कुछ सेक्सी दिखने वाले पहने थे, मैंने एक शॉर्ट स्कर्ट और फिटिंग टी-शर्ट पहनी थी. अब पापा के आने का टाईम हो गया था, लेकिन मम्मी का कोई पता नहीं था.

    फिर शाम के 6 बजे पापा ने घंटी बजाई तो में दौड़ती हुई गयी और दरवाजा खोला. फिर पापा मुझे देखकर थोड़े मुस्कुराए और मुझे गले लगाकर मेरे गालों पर किस करते हुए बोले कि बेटा आज तो बहुत स्मार्ट लग रही हो. अब मुझे इतनी खुशी हुई थी कि में पापा को फंसाने में धीरे-धीरे सफल होती जा रही थी.

    अंदर आकर पापा ने चाय का ऑर्डर कर दिया तो में किचन में जाकर चाय बनाने लगी. फिर पापा भी फ्रेश होकर किचन में आ गये और इधर उधर की बातें करने लगे थे.

    थोड़ी देर में पापा मेरी गोरी जांघो देखकर गर्म हो गये और मेरे पीछे खड़े होकर अपना लंड मेरी गांड से सटाने की कोशिश करने लगे थे. तब में भी अपनी गांड को उनके लंड पर रगड़ने लगी. अब मुझे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे में जन्नत में हूँ और बस ऐसे ही खड़ी रहूँ.

    ख़ैर अब चाय बन चुकी थी और फिर मैंने पापा से डाइनिंग रूम में जाकर बैठने को कहा और चाय वहाँ सर्व करके बाथरूम में जाकर फिर से उंगली करने लगी थी. फिर में झड़ने के बाद बाहर आई, तो तब तक मम्मी भी आ चुकी थी.

    मुझे मम्मी पर बहुत गुस्सा आया, क्योंकि मुझे पापा से अभी और मज़ा लेना था और मम्मी के सामने में कुछ नहीं कर सकती थी. अब पापा भी मम्मी के आने से थोड़े दुखी हो गये थे, क्योंकि ना तो वो कुछ करती थी और ना ही उन्हें कुछ करने देती थी. अब पापा मुझे देखकर बार-बार अपना लंड पजामे के ऊपर से ही सहला रहे थे और मुझे भी उन्हें सताने में बहुत मज़ा मिल रहा था.

    खाना खाने के बाद पापा मुझसे बोले कि बेटी चल थोड़ा घूमकर आते है और मुझे लेकर घर के बाहर आ गये. फिर बाहर आकर उनका मूड चेंज हुआ और मुझसे बोले कि चल बेटा पिक्चर देखने चलते है.

    तब मुझे पापा पर इतना प्यार आया कि पापा मेरे साथ अकेला रहने की कितनी कोशिश कर रहे है? खैर फिर हम एक्टिवा पर सवार होकर एक सिनिमा में पहुँच गये और रास्ते में ही मम्मी को फोन कर दिया कि हम पिक्चर देखने जा रहे है. जब सिनिमा में कोई पुरानी मूवी लगी होने की वजह से ज़्यादा भीड़ नहीं थी, पूरे हॉल में लगभग 30-40 लोग ही होंगे.

    अब मुझे पापा की समझदारी पर बहुत खुशी हुई थी, वो चाहते तो मुझे किसी बढ़िया पिक्चर दिखाने ले जाते, लेकिन उन्हें शायद कुछ ज़्यादा मज़े लेने थे. फिर उन्होने सबसे महेंगे टिकट लिए और फिर हम लोग बालकनी में जाकर बैठ गये. हमारा नसीब इतना बढ़िया चल रहा था की बालकनी में सिर्फ़ हमारे अलावा सिर्फ़ एक ही लड़का था, जिसकी उम्र लगभग 18 साल थी और वो भी आगे की सीट पर बैठ गया था. अब तो हम दोनों को और भी आराम हो गया था.

    पिक्चर चालू हुई, लेकिन पिक्चर पर तो किसका ध्यान था? अब मेरा दिमाग तो पापा के लंड की तरफ था और पापा भी तिरछी नजर से मेरी छोटी-छोटी चूचीयों की तरफ देख रहे थे. अब बस शुरुआत करने की देर थी कि कौन करे? अब में तो पापा का स्पर्श पाने के लिए वैसे ही मरी जा रही थी और फिर उसी वक़्त जैसे बिल्ली के भागों छिका टूटा हो, मेरे पैर पर किसी जानवर ने काटा हो, में उउउइई करती हुई खड़ी हो गयी.

    फिर तब पापा ने घबराते हुए पूछा कि क्या हुआ? तो तब मैंने बताया कि मेरे पैर पर किसी कीड़े ने काटा है. तो तब पापा बोले कि बैठ जा और अब काटे तो तुम मेरी सीट पर आ जाना. तो में बैठ गयी और फिर 5 मिनट के बाद फिर से उछलती हुई खड़ी हो गयी, लेकिन इस बार मुझे किसी ने काटा नहीं था बल्कि में जानबूझकर खड़ी हुई थी. खैर फिर पापा हंसते हुए बोले कि तू मेरी सीट पर आ जा.

    तब में बोली कि पापा कोई बात नहीं जैसे उस कीड़े ने मुझे काटा है, ऐसे ही आपको भी काट लेगा. तो तब पापा बोले कि तू एक काम कर मेरी गोद में बैठ जा. अब में तो पहले से ही तैयार थी तो पापा के बोलते ही में उनकी गोद में बैठ गयी और पर्दे की तरफ देखने लगी थी. अब में उनकी गोद में बैठी हुई बिल्कुल छोटी सी लग रही थी, मेरी उम्र उस वक़्त 18 साल ही तो थी.

    अब पापा मेरी गर्मी पाकर गर्म होने लगे थे. अब उनका लंड फिर से खड़ा होने लगा था. अब मुझे भी उनके लंड पर बैठना बहुत अच्छा लग रहा था, वैसे तो हमारी नजर पर्दे की तरफ थी, लेकिन ध्यान सिर्फ़ अपनी-अपनी टाँगो के बीच में था. अब मेरा तो बदन जैसे किसी भट्टी की तरह तप रहा था. अब मेरी स्कर्ट में मेरी चड्डी बिल्कुल गीली हो रही थी.

    पापा का लंड ठीक मेरी गांड के छेद पर था और पापा धीरे-धीरे मेरा पेट सहला रहे थे. अब मेरा मन कर रहा था कि पापा अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत पर रगड़ दे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था, क्योंकि हम दोनों ही एक दूसरे से शर्मा रहे थे.

    कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहने के बाद मैंने अपने हाथ में पानी की बोतल थी वो नीचे गिरा दी और फिर उसको उठाने के लिए झुकी तो पापा का लंड बहाने से अपनी चूत पर सेट किया और फिर सीधी बैठकर मज़े लेने लगी. अब 1 घंटा 30 मिनट निकल गये थे और हमें पता ही नहीं चला कि कब इंटरवेल हुआ?

    फिर पापा मुझे पैसे देते हुए बोले कि कैंटीन से जाकर कुछ ले आओ तो में बाहर गयी और कैंटीन से कुछ खाने की चीज़े खरीदी और फिर टॉयलेट में चली गयी और फिर जब तक वापस आई तो पिक्चर चालू हो चुकी थी.

    मैंने पापा की गोद में बैठते हुए कहा कि पापा मुझे आपकी गोद में बैठने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है. फिर तब पापा बोले कि तो फिर 1 मिनट रुक और बैठे हुए ही अपने लंड को सेट करने लगे थे.

    अब मुझे अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था और फिर जब उन्होंने मुझे बैठने को कहा, तो उन्होंने अपना हाथ कुछ इस तरह से मेरी स्कर्ट पर लगाया कि मेरी स्कर्ट ऊपर हो गयी और में उनकी गोद में फिर से बैठ गयी. फिर थोड़ी देर के बाद मुझे अहसास हुआ कि पापा ने अपना लंड अपनी पेंट में से बाहर निकाल रखा है और इस अहसास के साथ ही जैसे मेरे बदन ने एक तगड़ा झटका लिया और अब मेरा भी मन अपनी चड्डी उतारकर पापा का लंड मेरी चूत से चिपकाने का करने लगा था.

    फिर उसके लिए मैंने फिर से एक प्लान बनाया और मेरे हाथ में कोल्डड्रिंक का जो गिलास था, उसे अपनी जांघों पर उल्टा दिया तो सारी कोल्डड्रिंक मेरे पैरो और चड्डी पर गिर गयी, तो तब पापा चौंकते हुए बोले कि यह क्या किया?

    तब मैंने कहा कि सॉरी पापा गलती से हो गया, में तो पूरी गीली हो गयी और मेरे कपड़े भी गीले हो गये. तो तब कपड़ो का मतलब समझते हुए पापा बोले कि जा और टॉयलेट में जाकर साफ कर आ और कपड़े ज़्यादा गीले हो तो उतारकर आ जाना, जल्दी सूख जाएँगे. अब मेरा मन पापा को छोड़ने का नहीँ था, तो मैंने वहीं खड़े होकर मेरी चड्डी उतारी और दूसरी सीट पर रखी और फिर से पापा के लंड पर बैठकर पापा के लंड को अपनी दोनों टाँगों के बीच में ले लिया.

    अब उनका लंड बिल्कुल मेरी चूत पर था. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई गर्म लोहे की रोड मेरी जांघों में दबी पड़ी है. अब तो मेरा मन कर रहा था कि जल्दी से पापा अपना लंड मेरी चूत में डालकर ज़ोर से रगड़ दे, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते थे.

    अब मेरी बारी थी. फिर मेरा मन अपनी चूत को उनके लंड पर रगड़ने का हुआ तो तब में अपनी चड्डी उठाने के लिए झुकी और ज़ोर से अपनी चूत पापा के लंड पर रगड़ दी और फिर ऐसे ही 3-4 बार ज़ोर से रगड़ी, तो तब मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरा पानी निकल जाएगा. अब में कभी किस बहाने से तो कभी किस बहाने से हिलती और अपनी चूत पापा के लंड पर रगड़ देती थी. अब पापा समझ गये थे कि मेरा मन रगड़ने का हो रहा है.

    तब पापा ने मेरे पेट पर अपना एक हाथ रखकर दबाया और अपना जूता खोलने के बहाने से कभी खुजाने के बहाने से अपना लंड रगड़ने लगे थे. फिर कुछ ही देर में मुझे लगा कि जैसे मेरे जिस्म में से सारा खून फटकर मेरी चूत में से निकलने वाला है और फिर इसी के साथ मेरा पानी झड़ गया. अब में बिल्कुल ठंडी हो चुकी थी, लेकिन पापा ने 2-3 बार और अपना लंड रगड़ा और फिर पापा भी जैसे अकड़ से गये और उनका भी पानी निकलकर मेरी चूत और मेरे पेट पर फैल गया.

    अब हम दोनों बिल्कुल शांत थे और बहुत थक गये थे. फिर 5 मिनट के बाद ही पिक्चर ख़त्म हो गयी और लाईट जलती इससे पहले ही मैंने अपनी चड्डी यह कहते हुए पहन ली कि अब वो सूख चुकी है. अब दोनों पिक्चर ख़त्म हो चुकी थी एक जो पर्दे पर चल रही थी और एक जो हम बाप बेटी के बीच में चल रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद लाईट जली और फिर हम दोनों हॉल से बाहर निकले.

    बाहर आकर पापा मुस्कुराते हुए बोले कि पिक्चर कैसी लगी? तो तब मैंने जवाब दिया कि इससे बढ़िया पिक्चर मैंने आज तक नहीं देखी, तो तब पापा बोले कि मेरे साथ घूमा करेगी तो और भी बढ़िया चीज़े देखने को मिलेंगी और फिर में मस्कुराती हुई गाड़ी पर बैठ गयी और फिर हम घर की तरफ चल पड़े.

  • शादी में भाई के लंड का मजा

    हैल्लो दोस्तों, मेरी उम्र 23 साल है. हाईट 5 फुट 3 इंच और रंग काफ़ी गोरा है, बाल गोल्डन ब्राउन है, फिगर साईज 35-27-34 है. ये बात पिछले महीने की है. मेरी एक कज़िन की शादी लखनऊ में थी, लेकिन उस दिन और भी शादियाँ थी, जिसकी वजह से कोई परिवार का सदस्य लखनऊ शादी में नहीं जा सकता था.

    मेरी बुआ का लड़का जिसका नाम राहुल है 3 बज़े के आस पास मेरे घर आया और पूछा कि कौन शादी में जाएगा? तो तब माँ ने मना किया कोई नहीं, लेकिन उसकी ज़िद के आगे माँ ने कहा कि मोनिका से पूछ लो अगर वो जाना चाहे. फिर तब उसने मुझसे पूछा, तो में जाने के लिए तैयार हो गई. राहुल काफ़ी हैंडसम और अमीर है.

    फिर वो कार लेने घर जाने लगा तो तब माँ ने कहा कि कार से नहीं जाना है, ट्रेन या बस से चले जाओ. फिर तब मैंने उससे कहा कि तुम अपने कपड़े ले आओं, तब तक में भी पैकिंग कर लूँगी. फिर हम लोग लगभग 4 बज़े घर से निकले और स्टेशन गये, लेकिन ट्रेन में बहुत भीड़ थी तो वहाँ से हम बस स्टेशन गये, ए.सी बस जा रही थी, अब तक 5 बज गये थे. फिर हम लखनऊ लगभग 8 बज़े पहुँचे, शादी एक होटल से थी, जो बस स्टेंड से 1 किलोमीटर दूर था.

    जब हम होटल पहुँचे तो काफ़ी लेट हो चुके थे. फिर बुआ ने हमें केवल एक ही रूम दिया और बाकी रूम गेस्ट से भरे हुए थे. फिर हम तैयार होकर हॉल में आ गये, अभी बारात आने में टाईम था.

    फिर हम लोग सबसे मिलने जुलने लगे, हम पंजाबी है इसलिए हमारे यहाँ शादी में पीने पिलाने का इंतज़ाम जरूर होता है. फिर कज़िन ने चुपचाप जाकर पी ली, मैंने शादी में लहंगा चोली पहना था. अब रात के लगभग 12 बज़े थे. फिर जब फैरो का टाईम हुआ, तो तब में ड्रेस चेंज करने रूम में आई तो तब कज़िन वहीं पर था और बियर पी रहा था. फिर में ड्रेस चेंज करने बाथरूम में चली गई और फिर मैंने वहाँ पंजाबी सूट पहना, जो काफ़ी टाईट होता है.

    जब में बाहर निकली तो तब उसने कहा कि दीदी थोड़ी देर रुक जाओ, में भी अभी चलता हूँ और फिर उसने मुझसे बियर के लिए पूछा तो तब मैंने कहा कि शादी में बहुत लोग है ठीक नहीं रहेगा, लेकिन जब उसने थोड़ा कहा तो मैंने एक गिलास पी ली, वैसे में कभी-कभी पार्टी शादी में पी लेती हूँ, लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं पीती हूँ.

    उसने मुझे आधी बोतल और देते हुए कहा कि दीदी इसे और पी लो, तब चलते है. खैर मुझे कोई प्रोब्लम नहीं थी तो मैंने पी ली. फिर वो मुझसे कहने लगा कि दीदी आप शादी में क्या सेक्सी लग रही थी? तो में शर्मा गई और मैंने कहा कि अब ड्रिंक खत्म करो और चलो. तब उसने मेरा हाथ पकड़कर बैठाते हुए कहा कि अभी रूको चलते है और फिर वो मेरी तारीफ के पूल बाँधने लगा और कहा कि दीदी अपना दुप्पटा उतार दो, में ऐसे ही आपको देखकर बताता हूँ कि आप कैसी लग रही हो? तो तब मैंने उससे कहा कि तुम पागल हो क्या? में तुम्हारी बहन हूँ कोई गर्लफ्रेंड नहीं.

    तब वो कहने लगा कि एक दिन के लिए बन जाओ. फिर जब में गुस्से से रूम के बाहर जाने लगी, तो तब उसने मेरा हाथ पकड़कर खींच लिया और मुझे ज़ोर से गले लगा लिया. अब मैंने भी पिछला सेक्स 31 दिसम्बर को किया था और उसके बाद नहीं, इसलिए थोड़ी उत्तेजित तो में भी थी, लेकिन में सेक्स के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि राहुल था तो मेरा भाई.

    अब में यहाँ तक तैयार हो गई थी कि वो मुझे कपड़ों के ऊपर से जो करना चाहे कर सकता है. फिर वो मुझे लिप्स किस करने लगा और काफ़ी देर तक करता रहा. तब मैंने उससे कई बार कहा कि ये गलत है. फिर तब वो कहने लगा कि एक बियर और पीते है सब गलत सही हो जाएगा. अब तक लगभग में भी मूड बना चुकी थी कि कर ही लेती हूँ जो होगा देखा जाएगा.

    हम बेड पर आकर बैठ गये और वो मुझे किस करने लगा और फिर उसने अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया तो में एकदम से शर्मा गई. अब में शर्म के मारे खुलकर इन्जॉय नहीं कर पा रही थी. फिर मैंने राहुल से कहा कि मुझे और ड्रिंक करनी है, तो वो रूम के बाहर गया और बियर ले आया. फिर हम दोनों ने लगभग डेढ़ बियर पी और डेढ़ बियर बच गई थी.

    अब वो अपना सूट उतारने लगा था. अब वो अंडरवेयर और बनियान में मेरे सामने खड़ा था. फिर उसने मेरे कपड़े उतारने चाहे तो मैंने कहा कि लाईट बंद कर दो तब उतारूँगी. तब उसने कहा कि क्या दीदी बिना लाईट के क्या मज़ा आएगा? और मेरा ऊपर का उतार दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे दोनों बूब्स दबाने लगा था. अब तक में काफ़ी उत्तेजित होकर कर रही थी. फिर उसने मुझे बेड पर लेटाकर मेरी ब्रा खोल दी.

    वो मेरे बड़े-बड़े बूब्स देखकर एकदम पागल हो गया था और उसे बुरी तरह मसलने लगा था. अब काफ़ी दिनों के बाद सेक्स करने की वजह से मेरे निप्पल एकदम टाईट और पिंक हो गये थे. अब वो अपने एक हाथ से मेरे बूब्स दबा रहा था और दूसरे हाथ से मेरा सलवार खोल रहा था. अब सलवार उतारने के बाद मैंने शर्म की वजह से अपनी आँखें बंद कर ली थी. फिर जब उसने मेरी पैंटी उतारी तो तब मैंने अपने दोनों हाथ अपनी चूत पर रख लिए और पैर एक के ऊपर एक चढ़ा लिए थे. फिर उसने अपने बाकि के कपड़े उतार दिए, मेरी आँखें अब भी बंद थी. फिर उसने अपना लंड मेरे लिप्स पर रखा तो जब मैंने आँखें खोली तो उसे मना कर दिया कि में चुसाई नहीं करूँगी.

    फिर तब उसने कोई जबरदस्ती नहीं की और कहा कि ठीक है, लेकिन हाथ में तो ले सकती हो ना. उसका लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था. अब में उसका लंड अपने एक हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद वो उठा और मेरी दोनों टाँगे फैलाकर मेरी चूत चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबाने लगा था. अब वो बहुत तेज़ी से कर रहा था, अब मुझे एक अज़ीब सी गुदगुदी हो रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद उसे लगा कि में सेक्स के पूरे मूड में आ गई हूँ, तो तब उसने मेरे दोनों पैर फिर से फैलाकर अपना लंड मेरी चूत पर रखा और धीरे से थोड़ा आगे किया, तो में कसमसा कर रह गई थी. फिर उसने थोड़ी तेज़ी से एक धक्का मारा तो में चिल्लाई कि रुक जाओ, तो फिर वो अपना लंड वहीं पर थोड़ा-थोड़ा अंदर बाहर करने लगा.

    मैंने उससे पूछा कि अभी कितना बाहर है? तो तब उसने कहा कि दीदी अभी गया ही कितना है? तो तब मैंने कहा कि में शायद अब और अंदर नहीं ले पाऊँगी, मुझे इतने में ही काफ़ी दर्द हो रहा है. फिर वो कहने लगा कि एक काम करो, आप अपनी आँखें बंद करके लेट जाओ और थोड़ा सा और बर्दाश्त करो, थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा और मज़ा भी आएगा.

    अब मैंने अपनी आँखें बंद की ही थी कि उसने मेरा दुप्पटा मेरे मुँह पर मेरे मुँह खोलते ही डाल दिया और मेरे दोनों हाथ पकड़कर एक ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरे मुँह में से एक दबी-दबी चीख निकल गई. अब वो लगभग अपना पूरा लंड अंदर कर चुका था. फिर जैसे ही उसने मेरा एक हाथ छोड़कर मेरे बूब्स दबाने शुरू किए तो तब मैंने दुप्पटा मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहा था.

    थोड़ी देर तक तो में आआअहह, आअहह, धीरे-धीरे, रूक्कक्कक जाओं, अब नहीं करती रही और फिर थोड़ी देर बाद में भी जोश में आ गई और नीचे से उछल-उछलकर उसका साथ देने लगी थी. अब टाइमिंग कुछ ऐसी थी कि जब में नीचे से उछलती थी, तो तभी वो धक्का लगाता था. अब इस वजह से उसका लंड काफ़ी अंदर तक जा रहा था. अब मेरे मुँह से आह में मर गई, मर गई, अब नहीं सहा जा रहा, रोक लो, में मर जाऊंगी और जाने क्या-क्या निकल रहा था? फिर लगभग 15-20 मिनट के बाद 1 मिनट के अंतर पर हम दोनों झड़ गये. पहले में और बाद में राहुल और फिर हम दोनों थककर लेट गये.

    फिर थोड़ी देर के बाद में उठी और अपने कपड़े पहनने लगी तो तब राहुल ने मना किया. फिर मैंने मना किया और उससे कहा कि जो भी हुआ ये गलत ही है ना. तब वो कहने लगा कि दीदी गलती-गलती ही होती है, एक बार की हो या ज़्यादा बार.

    मैंने पूछा कि कहते क्या हो? तो वो कहने लगा कि बस आज रात के बाद में कभी भी आपसे सेक्स के लिए नहीं कहूँगा, ये वादा है. तो तब उसने कहा कि 5 मिनट सोच लो, तब तक बियर पीते है. फिर मैंने भी सोचा कि जो नहीं करना था, वो तो कर ही लिया, चलो अब एक रात की ही तो बात है जो होगा देखेंगे. अब में भी तैयार हो गई थी और फिर उसने उस रात मुझे 3 बार और जमकर चोदा. में बता नहीं सकती कि कितना मज़ा आया था?

    फिर आखरी में राहुल ने कहा कि अगर आप मेरी दीदी नहीं होती तो में आपसे शादी कर लेता. अब सुबह होने को थी. फिर मेरे मोबाईल पर कॉल आई की लड़की विदा होने जा रही है. अब में जाने के मूड में नहीं थी, में काफ़ी थक गई थी, लेकिन फिर भी तैयार होकर नीचे जाना पड़ा.

    जैसे ही लड़की विदा हुई तो में रूम पर आकर सो गई. फिर जब कज़िन ने मुझे जगाया तब तक 11 बज गये थे. फिर में नहाकर तैयार हुई और हम वापस कानपुर के लिए लौट गये. अब राहुल और में एक दूसरे से बस में आँख भी नहीं मिला पा रहे थे. फिर मैंने राहुल से कहा कि इसे एक सपने की तरह भूल जाना और हुआ भी ऐसा ही उस दिन के बाद राहुल मेरे घर कभी नहीं आया और ना में उससे कभी मिली.

  • भाई ने बहन की चिकनी चूत को फाड़ा

    हैल्लो दोस्तों, में अब तक बहुत सारे लोगों की कहानी को पढ़ चुका हूँ. यह सभी सच्ची घटनाए मुझे पढ़ने में बहुत अच्छी लगी और उन कहानियों को पढ़कर मेरा मनोबल बढ़ा और आज में आप सभी को अपनी उस सच्ची घटना के बारे में बताने जा हूँ जिसको में आप तक पहुँचाने के बारे में बहुत समय से विचार बना रहा था और आज लेकर आया हूँ. इस कहानी को शुरू करने से पहले में अपना परिचय करवा देता हूँ.

    दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में गुडगाँव में रहता हूँ. मेरी उम्र 21 साल है, मेरे घर में मेरी मम्मी, पापा और मेरी दो बहन है मेरी बड़ी बहन का नाम प्रिया है और वो 23 साल की है, मेरी छोटी बहन जिसका नाम मधु और उसकी उम्र 18 साल की है. दोस्तों मेरी दोनों बहन बहुत ही गोरी दिखने में सुंदर बड़ी आकर्षक है, इसलिए मेरा दिल हमेशा उन दोनों को छूने का करता है, लेकिन में यह काम करने से डरता भी बहुत था और कभी कभी मेरी बहन प्रियंका मुझे अपनी बड़ी अजीब नज़रों से देखती थी, जिसकी वजह से मुझे लगता था कि वो भी मुझसे कुछ कहना चाहती है.

    एक बार मेरी मम्मी, पापा और मधु मेरे मामा के घर शादी के समारोह में दस दिनों के लिए हमारे शहर से बाहर चले गये और उन दिनों प्रिया के पेपर चल रहे थे, इसलिए मेरी मम्मी के कहने पर में और प्रिया उस शादी में नहीं जा सके और प्रिया अपनी पढ़ाई की वजह से रुक गई और मुझे उसके साथ साथ घर पर भी नजर रखने के लिए कहा गया. मैंने ध्यान से देखा तो उस दिन प्रिया मुझे कुछ ज़्यादा ही खुश नज़र आ रही थी.

    उस रात को हम दोनों खाना खाकर कुछ देर टीवी देखकर अपने अपने कमरे में सोने चले गये और रात को करीब 9 बजे अचानक से प्रिया मेरे कमरे में आ गई और वो मेरे पास उसी बेड पर आकर लेट गयी. मेरी तरफ से बिल्कुल भी हलचल ना देखकर उसको लगा कि शायद में उस समय गहरी नींद में सो चुका हूँ इसलिए कुछ देर बाद उसकी हिम्मत बढ़ गई और इसलिए वो अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रखकर अब वो लंड को अपने नरम हाथ से सहलाने लगी और उसका स्पर्श पाकर मेरा लंड धीरे धीरे अपना आकार बदलकर खड़ा होने लगा.

    फिर प्रिया यह देखकर अब डर गयी, क्योंकि उसको मेरे लंड में वो बदलाव देखकर लगा कि में अभी तक जगा हुआ हूँ इसलिए यह बात समझकर प्रिया ने तुरंत ही अपने हाथ को झट से पीछे हटा लिया और अब वो एकदम सीधी होकर सोने का नाटक करने लगी. फिर थोड़ी देर तक प्रिया ने उसकी तरफ से कुछ भी नहीं किया. फिर में भी अब ना जाने कब गहरी नींद में सो गया और उसी रात को करीब 3:30 बजे दोबारा मेरी आँख खुल गई और मैंने देखा कि प्रिया अब भी मेरे पास ही सो रही थी और वो उस समय बड़ी गहरी नींद में थी, क्योंकि वो आधी रात के बाद का समय था और उसको अपने पास देखकर में मन ही मन बड़ा खुश था.

    मैंने हिम्मत करके धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, लेकिन वो तब भी वैसे ही लेटी थी और कोई भी हलचल ना देखकर मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और अब में धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर करीब दस मिनट तक ऐसा करने की वजह से मेरा जोश और हिम्मत दोनों ही अब बहुत बढ़ चुकी थी और मेरे मन में यह काम करते हुए उसके लिए गलत विचार आने लगे थे. में अब उसकी चुदाई अपने लंड से पूरी करने का सपना देख रहा था और अब भी प्रिया सो ही रही थी.

    अब मेरी नजर उसकी टी-शर्ट से बाहर निकलते हुए उसके गोरे गोरे बूब्स पर चली गई जिसको देखकर मेरे होश अपने ठिकाने पर नहीं रहे और में एक तरफ तो बूब्स को दबा रहा था और दूसरी तरफ उनको बाहर निकलता हुआ देख भी रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर पूरी तरह से टेंट बन चुका था. अब मैंने बिना देर किए उसकी बड़े आकार के गले वाली टी-शर्ट के अंदर अपने एक हाथ को डालकर ब्रा के अंदर डालकर उसके बूब्स को दबाने लगा, जिसको पहली बार छूकर मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा और वो रुई की तरह एकदम मुलायम थे.

    तभी प्रिया की आंख खुल गयी और वो मेरे हाथ को झटकते हुए बड़े गुस्से से मुझसे कहने लगी कि राहुल यह तुम क्या कर रहे हो क्या तुम्हे शरम नहीं आती? आने दो मम्मी को में उनको यह सब बताती हूँ और वो यह बात कहते हुए अपने कमरे में जाने लगी. तभी मैंने उसके एक हाथ को पकड़ लिया और में उससे बोला कि पहले यह तो बताओ कि तुम मेरे कमरे में इस समय क्या कर रही हो? वो कहने लगी कि मुझे अपने कमरे में अकेले सोने में डर लग रहा था, इसलिए में यहाँ आकर सो गयी थी, लेकिन तुम तो तुम ऐसे हो मेरे साथ यह सब करोगे, मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था, तुम आने दो मम्मी को में उन्हें यह सब बताती हूँ और फिर से वो जाने लगी.

    फिर तभी मैंने उसको झटका देकर अपनी तरफ खींचकर उसको बेड पर पटक दिया और अब में उसके बूब्स को दबाते हुए उससे बोला कि मेरी रानी तुम इतना गुस्सा क्यों हो रही हो, जब तुम अभी कुछ घंटे पहले मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहला रही थी तब तुम्हे मम्मी की याद नहीं आई और अब तुम्हे मेरे यह इतना सा करने से मम्मी की याद आ रही है? तब जाकर प्रिया शांत हो गई और वो चकित होकर मुझसे पूछने लगी राहुल क्या तुम्हे सब कुछ पता है?

    मैंने उससे कहा कि हाँ मेरी जानेमन मुझे सब कुछ बहुत अच्छी तरह से पता है, यह बात मेरे मुहं से सुनने के बाद तो प्रिया मुझसे लिपट गयी और वो बोली राहुल में तुमसे प्यार करती हूँ, तुम्हे नहीं पता में तुम्हे कितना चाहती हूँ और यह बात में तुमसे बहुत दिनों से कहने के लिए हिम्मत जुटा रही थी, लेकिन मेरी इतनी हिम्मत नहीं हो पा रही थी, आज तुमने मेरा वो काम कर ही दिया, उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपककर होंठो को चूमने लगे और उसको चूमने के साथ साथ मेरा एक हाथ उसके पूरे बदन को सहला भी रहा था.

    फिर मैंने बिना देर किए मौके का फायदा उठाते हुए प्रिया के सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से प्रिया मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. मैंने तो जब प्रिया को पहली बार इस रूप में देखा तो में बस देखता ही रह गया क्योंकि में जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को अपने सामने इस हालत में देख रहा था. उसका गोरा कामुक जिस्म देखकर मेरा लंड तो एकदम तनकर खड़ा हो गया, उसके बाद में प्रिया के बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से प्रिया जब गरम होने लगी तब मैंने अपना लंड बाहर निकाला और प्रिया के हाथ में दे दिया.

    प्रिया मेरे लंड के साथ खेलने लगी और अपने दोनों हाथों से मुठ मारने लगी, जिसकी वजह से मुझे मस्त मज़ा आने लगा. में खुश था और मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था और फिर में अपना लंड प्रिया के मुहं में डालने लगा, लेकिन प्रिया ऐसा करने से मना करने लगी और वो बोली नहीं राहुल प्लीज ऐसा तुम मेरे साथ मत करो. अब मैंने उससे कहा कि जानेमन आज तो हमारी पहली सुहागरात है और आज की रात यही सब तो दो प्यासे जिस्म के बीच होता है आज तुम मुझे मना करोगी तो यह साहब नाराज़ हो जाएँगे, तभी प्रिया मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अपनी जीभ से तो कभी पूरा अंदर मुहं में डालकर लंड को आइसक्रीम की तरह चूसना चाटना शुरू किया.

    दोस्तों उस वक़्त मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में मेरा सारा वीर्य मैंने प्रिया के मुहं में निकाल दिया. फिर प्रिया मेरा सारा रस अपनी जीभ से चाटकर चूसकर पी गयी और उसने लंड को एकदम चमका दिया, वो लगातार ही लंड को चूसती रही जैसे उसको कोई खिलौना मिल गया था और वो उससे खेलती ही रही और उसके बाद मैंने प्रिया की ब्रा और पेंटी को उतार दिया. में पहली बार पूरी नंगी रसभरी कामुक चूत को देखकर बड़ा चकित हुआ और में चूत को छूकर महसूस करने लगा. वो एकदम गरम बहुत चिकनी थी और अब में प्रिया के दोनों पैरों के बीच में आकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर अपना लंड अंदर डालने की कोशिश लगा.

    फिर थोड़ा सा टोपा अंदर जाते ही प्रिया ज़ोर से चिल्ला पड़ी और वो बोली कि राहुल प्लीज़ पहली बार धीरे धीरे डालो दर्द होता है, तुम्ही तो मेरे राजा हो और इसके मज़े आज से हमेशा बस तुम्हे ही लेने है और फिर में प्रिया के मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर मैंने बड़े आराम आराम से लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के देकर चुदाई करना शुरू कर दिया. फिर कुछ देर बाद उसका जब दर्द कम हो गया तो वो भी अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मेरा साथ देते हुए मेरे साथ अपनी चुदाई का मस्त मज़ा देने लगी, जिसकी वजह से हम दोनों बड़े खुश थे और उसके चेहरे से मेरे साथ चुदाई की ख़ुशी और वो संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.

    दोस्तों में ख़ुशी ख़ुशी उसको लगातार कभी तेज तो कभी हल्के धक्के देता गया और कुछ देर बाद उसके झड़ने की वजह से चूत एकदम चिकनी और मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर बाहर हुआ जा रहा था. फिर जब में लगातार धक्के देकर थक जाता तो वो अपनी तरफ से धक्के देना शुरू करती और जब में झड़ने वाला था तभी मैंने तुरंत ही अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य लंड को हिलाकर उसके गोरे पेट नाभि में भर दिया, जिसकी वजह से उसका पूरा बदन मेरे गरम सफेद रंग के वीर्य से भरा हुआ था, जिसको मैंने उसके बूब्स पर मसलकर पूरा बदन चिकना कर दिया.

    अब मैंने देखा कि उसका चेहरा ख़ुशी से चमक उठा था और वो पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी और उसके बाद हम दोनों ने उस रात में दो बार वैसे ही जमकर चुदाई का काम पूरा किया, जिसमें उसने जोश में आकर मेरा पूरा साथ देकर चुदाई का मस्त मज़ा लिया और उसके बाद हम दोनों करीब सुबह पांच बजे चुदाई के काम से थककर वैसे ही सो गये.

    फिर सुबह जब में करीब दस बजे सोकर उठा तो मैंने देखा कि प्रिया उस समय बाथरूम में नहा रही थी में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया और मैंने प्रिया को पीछे से जाकर पकड़ लिया और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा. उसका पूरा बदन साबुन से सना हुआ एकदम चिकना हो चुका था और मुझे उसके लटकते हुए गोलमटोल बूब्स के ऊपर हाथ घुमाने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. फिर प्रिया मुझे अपने पीछे देखकर बड़ी खुश थी और अब वो पलटकर मुझसे लिपट गयी, जिसकी वजह से हमारे बदन के बीच से हवा के निकलने के लिए भी जगह नहीं बची और उसके गोल बड़े आकार के मुलायम बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और उसका गरम चिकना पानी से भीगा हुआ जिस्म मेरे बदन से लिपटा हुआ था. में उसकी कमर को सहलाते हुए उसके रसभरे होंठो को चूसता जा रहा था.

    कुछ देर चूमने चाटने के बाद हम दोनों साथ में नहाने लगे हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को साबुन लगाकर पानी से धोकर साफ किया और मैंने उसकी चूत को बड़ी अच्छी तरह पानी डाल डालकर धोकर साफ किया और चूत के अंदर तक ऊँगली को डालकर दाने को सहलाया और उसने मेरे लंड के साथ भी बहुत कुछ करके उसको खड़ा कर दिया, जिसकी वजह तब तक हम दोनों पूरी तरह से जोश में आकर गरम हो चुके थे और फिर में वहीं पर एक बार फिर से प्रिया की खड़े खड़े चुदाई करने लगा.

    फिर मैंने उसके एक पैर को थोड़ा सा ऊपर उठाकर उसकी खुली गीली चूत में अपने लंड को पूरा अंदर डालकर धक्के देने शुरू में तेज गति में धक्के देता रहा, लेकिन उसको कोई भी असर नहीं हुआ क्योंकि पिछली रात को में पहले ही उसको जमकर चोद चुका था, इसलिए उसकी चूत अब कुंवारी चूत नहीं एक अनुभवी हो चुकी थी और मैंने उसको मस्त मज़े देते हुए चोदा और कुछ देर बाद मैंने उसको सामने वाली दीवार के सहारे नीचे झुकाकर खड़ा करके दोबारा लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के देने शुरू किए, लेकिन इस बार में बस पांच मिनट ही धक्के दे सका, क्योंकि में अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य उसके गोरे गोल कूल्हों पर निकाल दिया. फिर हम दोनों बारी बारी से झड़कर शांत होकर नहाकर बाथरूम से बाहर आ गए और उसके बाद प्रिया तैयार होकर अपने कॉलेज चली गयी.

    दोस्तों में घर ही रहकर रात भर की नींद पूरी करने लगा और में जब तक प्रिया वापस नहीं आई सोता ही रहा और जब वो जैसे ही आई मैंने दोबारा तुरंत दरवाजा बंद करके उसको अपनी बाहों में भर लिया. में उसके ऊपर टूट पड़ा और उसके गोरे बदन से खेलने लगा और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.

    दोस्तों इस तरह से हम दोनों एक सप्ताह तक पति पत्नी की तरह एक दूसरे के साथ मस्त मज़ा करते रहे और हमने कभी बाथरूम में तो कभी रसोई में तो कभी सोफे पर और कभी देर रात को ऊपर छत पर भी चांदनी रात में चुदाई का मज़ा लिया. जब हमारा मन करता एक दूसरे के साथ चिपक जाते चूमना सहलाना शुरू कर देते, उन दिनों हम दोनों ने अपनी मर्जी के सभी काम किए और हर एक तरह से सेक्स के मज़े लिए और बहुत जमकर चुदाई का आनदं उठाया, जिससे हम बड़े खुश थे. फिर जब मम्मी, पापा वापस आ गए तब हम दोनों छुप छुपकर अपना काम कर लेते और इस तरह मैंने उसको ना जाने कितनी बार सही मौका देखकर चोदा.

  • सगी बहनों की रसीली चूत का मजा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और मुझे भी आप सभी की तरह सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है. मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े लिए और आज में अपनी भी एक सच्ची चुदाई की घटना आप सभी को सुनाने आया हूँ. अब में अपना अपने घरवालों का परिचय करवाते हुए इस कहानी को शुरू करता हूँ. दोस्तों में 21 साल का हूँ और मेरे घर में मेरी दो बहन है जिनका नाम श्रेया और सोनल है वो दोनों ही उम्र में मुझसे तीन साल बड़ी है में बचपन से ही अपनी दोनों दीदी के साथ बड़ा ही घुल मिलकर रहता था.

    हम सभी घर वाले बड़े ही खुले विचारों हंसमुख स्वभाव के लोग है और हम तीनो भाई बहनों के बीच बातें हंसी मजाक हमेशा ही चलता था, लेकिन कभी भी मेरे मन में अपनी गोरी सुंदर जवान बहनों के लिए कोई भी गंदे विचार नहीं आए थे. दोस्तों मेरी सुंदर जवान बहनों को हमारे आसपास रहने वाले लड़के हमेशा अपनी गंदी नजरो से देखा करते थे. वो उनके बड़े आकार के उभरे हुए बूब्स गांड को देखकर अपनी आखें सेका करते थे.

    उनको यह सब करने में बड़ा मज़ा आता था. यह बात मेरी बहन भी बड़ी अच्छी तरह से जानती समझती थी, क्योंकि उनको अच्छी तरह से पता था कि इस उम्र में उनके साथ यह सब होना स्वभाविक है, इसलिए उनके कोई भी फर्क नहीं पढ़ता. फिर भी वो एकदम कसे हुए कपड़े पहना करती थी, जिसकी वजह से उनके जिस्म का हर एक अंग देखने वाले को अपनी तरफ बड़ा ही आकर्षित करता. एक बार तो में भी उनको देखकर कुछ सोचने पर मजबूर हो जाता, लेकिन फिर अपने रिश्ते के बारे में सोचकर तुरंत पीछे हट जाता.

    दोस्तों में एक स्टूडेंट हूँ और एक होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था. में अपनी छुट्टियों के समय ही घर आ जाता और कुछ दिन समय बिताकर में वापस चला जाता. यह घटना तब की है जब में कुछ दिनों के लिए अपने घर आया था. मेरी दोनों दीदी हमेशा घर में ही रहती थी और वो भी अपनी पढ़ाई कर रही थी. अपने कॉलेज के समय या किसी काम की वजह से उनका घर से बाहर निकलना होता था. दोस्तों सेक्स मेरी बचपन से ही बहुत बड़ी कमज़ोरी रही है और इसलिए में कोई भी सुंदर लड़की को देखता तब मन ही मन में उसके बारे में बहुत कुछ सोच लेता था.

    मेरी दोनों बहने बहुत ही सुंदर होने के साथ साथ बड़ी ही हॉट सेक्सी भी थी, इसलिए हर कोई उनका दीवाना हो चुका था, घर में वो ज़्यादातर स्कर्ट और टॉप्स ही पहनती थी. एक दिन शाम को में अपने दोस्त के पास से एक सेक्सी कहानियों की किताब अपने साथ ले आया और दूसरे दिन में उसको अपने कोर्स की किताब के अंदर रखकर चोरीछिपे पढ़ रहा था, जिसकी वजह से कुछ देर में ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और इतने में अचानक से मेरी बड़ी बहन सोनल उस रूम में सफाई करने आ गयी और वो अब नीचे झुककर अपना सफाई का काम करने लगी थी.

    उसी समय मैंने तुरंत ही किताब को पढ़ना बंद कर दिया और उसी समय ग़लती से मेरी नज़र अपनी बहन के गोरे बड़े आकार के झूलते लटकते हुए बूब्स पर चली गयी. मुझे उसके बूब्स थी थोड़ी सी झलक नजर आ रही थी, जिसको में अपनी चकित नजरों से कुछ देर देखता रहा. वो बड़ा ही मस्त मजेदार द्रश्य था, क्योंकि ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ था, लेकिन कुछ देर के बाद मैंने उस तरफ से अपनी नजर को हटाकर मन ही मन में सोचा कि यह बिल्कुल गलत है, सामने वाली लड़की मेरी बहन है और मुझे उसके बदन के ऊपर अपनी इस गतल नजर को नहीं डालना चाहिए, यह बात सोचकर मैंने अपने आपको शांत किया और फिर में वहाँ से उठकर बाहर चला गया, लेकिन अब मुझे उस पूरी रात को नींद नहीं आ रही थी.

    अब में ना चाहकर भी बार बार वो द्रश्य अपनी आखों के सामने देखने उसके बारे में सोचने लगा था. में उसके गोरे कामुक जिस्म को देखकर बिल्कुल पागल हो चुका था. में सेक्स की वजह से अपने सभी रिश्ते भूल चुका और उस दिन से में सोनल से सेक्स करने का विचार अपने मन में बनाने लगा था. एक दिन जब में बाथरूम में नहा रहा था तो मैंने देखा कि सोनल की स्कर्ट वहाँ पर पहले से ही रखी हुई थी. मैंने उसको उठा लिया मेरे ऐसा करने की वजह से उसी समय कुछ सेकिंड में मैंने देखा कि सोनल की काले रंग की पेंटी नीचे गिर गयी जिसको देखकर में ख़ुशी से बिल्कुल पागल हो गया, इसलिए मैंने बिना कुछ सोचे समझे सोनल की पेंटी को अपने हाथों में लेकर चूमना शुरू किया.

    फिर में कुछ देर लगातार उसको सूंघने में लगा रहा. पेंटी के अंदर से आ रही हल्की चूत की खुशबू की वजह से में धीरे मदहोश होता चला गया और तभी मुझे महसूस हुआ कि उसकी पेंटी थोड़ी सी गरम भी थी, क्योंकि मुझसे पहले सोनल ही नहा रही थी. दोस्तों मुझे तब पहली बार ऐसा करने पर महसूस हुआ कि उसकी पेंटी का स्वाद हल्का सा नमकीन था और फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने लंड से रगड़ना शुरू किया और कुछ देर बाद जोश में अपने होश खोकर मैंने उस पेंटी पर अपना वीर्य निकाल दिया और जब मुझे होश आता तो में एकदम से घबरा गया और मन ही मन सोचने लगा कि अब क्या होगा?

    मैंने अपनी ग़लती को छुपाने के लिए उसकी पेंटी को तुरंत ही धोकर चुपचाप बाहर लाकर धूप में डालकर सूखने दिया और मैंने सोनल से ऐसे ही कह दिया कि जब में नहा रहा था तो वो गलती से नीचे गिर गयी थी, लेकिन उस दिन के बाद जब भी घर में कोई ना होता में सही मौका देखकर सोनल और श्रेया दोनों की पेंटी निकालकर चूमता, सूंघता और कुछ देर बाद मन में उनका विचार करके में मुठ मारने लगता. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था. एक दिन रात को मुझसे नहीं रहा गया मुझे बहुत देर तक उनके विचारों की वजह से नींद भी नहीं आ रही थी और इसलिए उस वजह से में हिम्मत करके उसी समय अपने बिस्तर से उठकर सोनल और श्रेया के रूम में चला गया.

    फिर मैंने देखा कि वो दोनों लेटी हुई थी और फिर में धीरे से आगे बढ़ते हुए गहरी नींद में सोती हुई सोनल के पास जाकर पहले कुछ देर गोरी भरी हुई जांघो को अपनी चकित नजरों से देखता रहा. उसके बाद में उसकी स्कर्ट को धीरे धीरे उठाने की कोशिश करने लगा. अभी मैंने यह काम करना ही शुरू किया था कि इतने में श्रेया अपनी नींद से जाग गयी और उसने मुझे देख लिया. मेरा एक हाथ उस समय सोनल की स्कर्ट में अंदर घुसा हुआ था और वो यह सब अपनी आखों से देखकर बिल्कुल हैरान हो गयी और उसने मेरी इस हरकत की वजह से बिल्कुल चकित होते हुए अब गुस्से से उसने मुझसे डांटकर वहाँ से उसी समय बाहर निकल जाने के लिए कहा और में अपने मुहं को नीचे लटकाकर तुरंत ही बाहर आ गया.

    मेरा सारा जोश एक ही बार में ठंडा हो गया और में अपनी गलती के बारे में मन ही मन सोचने लगा था. फिर दूसरे दिन में अपनी बहनों से शरम की वजह से इधर उधर छुपता रहा और उनसे नजर मिलाने की मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी और करीब दस बजे श्रेया ने मुझे अपने पास बुला लिया. उस समय कमरे में बस हम दोनों ही थे. अब उसने मुझसे कहा कि वो यह सभी बातें मेरे पापा, मम्मी को बता देगी और वो गुस्से से बोली कि तुम रात को क्या कर रहे थे और तुम अपनी बहन को अपनी बीवी बनाने की बात सोच भी कैसे सकते हो, क्यों तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है या नहीं? अब मैंने मौके की नजाकत को समझकर तुरंत ही उसके सामने उसके हाथ पैर जोड़कर अपनी दीदी से माफी माँगी कि दोबारा ऐसी गलती कभी नहीं होगी और उससे यह बात किसी को भी बताने से मना किया. उसके बाद में अपने कमरे में चला गया.

    दोस्तों उस दिन के बाद से मेरी बहन सोनल ने भी मुझसे बात करने बिल्कुल छोड़ ही दिया था, जिसकी वजह से बड़ा चिंतित डरा हुआ रहने लगा था. मेरा किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता था और फिर ऐसे ही दो तीन दिन निकल गये. मुझे पता ही नहीं चला और उस घटना की वजह से में बिल्कुल भूल ही गया था कि मैंने अपनी एक सेक्सी कहानियों की किताब अपने सेल्फ़ पर रखी हुई थी. एक दिन कुछ सामान ढूढ़ते समय उस किताब को गलती से श्रेया ने देख लिया और वो उस किताब को अपने साथ लेकर चली गई. उसको कहीं उसने उचित जगह पर छुपाकर रख दिया. फिर उसके दूसरी रात को में अपने कमरे से उठकर बाथरूम की तरफ जा रहा था तो देर रात का समय था और घर के सभी लोग मेरे हिसाब से सो चुके थे.

    फिर मेरे मन में उसी समय एक दोबारा गंदा विचार आया और मैंने सोचा कि एक बार में उनको सोते हुए देख तो सकता हूँ जिसकी वजह से में अपनी बहनों के कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखने लगा, लेकिन उसके बाद तो मेरे होश बिल्कुल उड़ गए क्योंकि मैंने देखा कि मेरी वही सती सावित्री बनी बहनें सोनल और श्रेया दोनों ही मेरी उस किताब को बड़े मज़े से पढ़ रही थी.

    में अब थोड़ी सी हिम्मत करके अचानक उनके रूम में चला गया और उसके बाद मैंने देखा कि श्रेया उस समय अपनी उंगली को अपनी चूत पर रगड़ रही थी और मेरी दूसरी बहन अपने बूब्स को धीरे से सहला रही थी, जिसका मतलब साफ था कि वो दोनों जोश में आ चुकी थी, लेकिन उन दोनों को यह भी पता नहीं चला कि मैंने उनको यह सब करते हुए अपनी आखों से देख लिया है और में कुछ देर देखकर वहाँ से वापस दबे पैर बाहर आकर बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारकर अपने कमरे में वापस आ गया.

    दोस्तों अब में पलंग पर लेटे हुए पूरी रात उन दोनों के बारे में सोचकर ना जाने कैसे कैसे विचार बनाता रहा, लेकिन अब मैंने सोच ही लिया था कि कैसे भी करके मुझे उनके साथ अब कुछ करना ही पड़ेगा. अब मेरे पास भी उनको दबाने के लिए कुछ सबूत सच्ची बातें उनकी हरकतों के बारे में मुझे पता चल चुका था. फिर दूसरे दिन मेरे पास अपने मन की उस बात को आगे बढ़ाने का एक अच्छा मौका था क्योंकि घर उस समय पूरा दिन मेरी मम्मी कहीं बाहर थी और वो शाम से पहले वापस नहीं आने वाली थी, लेकिन मेरा मन तो पूरी तरह से सोनल की चूत के नशे में पागल हो चुका था.

    मैंने श्रेया से रात को उसके कमरे में हो रहे उस काम के बारे में पूछा वो शरमा गयी और तभी मैंने उससे कहा कि तुमने उस दिन मुझे मेरी छोटी सी बात के लिए इतना सब कहा और मुझे डराया और तुम दोनों के बीच रात में यह सब चलता है. फिर वो कहने लगी कि तुमने एकदम गलत काम किया था, क्योंकि हम लोग भाई बहन है और हम आपस में यह सब नहीं कर सकते है, यह बात अगर किसी को पता चले तो हमारे घर के साथ हमारी भी बड़ी बेज्जती होगी. फिर मैंने अपनी बात रखने के लिए उससे कहा, लेकिन उससे पहले हम एक जवान लड़का और लड़की है और वैसे भी उम्र के साथ साथ हम सभी में बदलाव आने लगता है और उसी वजह से मैंने अपने होश खोकर वो काम किया में पागल हो चुका था और तुमने मुझे प्यार से समझाने की जगह मेरे साथ ऐसा गंदा व्यहवार करना शुरू किया और फिर वो मेरी बातें सुनकर चुपचाप वहाँ से चली गयी.

    फिर उसी रात को मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके सोनल से जाकर कह दिया कि मुझे तुम्हारी पेंटी चाहिए, तब उसने मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि में अपनी पेंटी कहाँ रखती हूँ और तुम मेरी पेंटी के साथ क्या करते हो, वो भी मुझे अब पता है, तुम्हे उसकी क्यों जरूरत है में सब कुछ समझती हूँ? अब मैंने उसका वो जवाब सुनकर मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि रखी हुई पेंटी मुझे नहीं चाहिए मुझे तो जो तुमने अभी पहनी हुई है वो वाली चाहिए, तुम मुझे अभी उतारकर दो.

    फिर उसने चकित होकर मुझसे कहा कि यह कभी नहीं हो सकता, में अभी यह सब कुछ पापा, मम्मी को फोन करके बताने जा रही हूँ. मैंने उसको डराते हुए कहा कि अगर तुमने ऐसा कुछ भी किया तो में तुम्हारी वो रात वाली हरकते भी उनको बता दूंगा और उन किताबो को भी उनके सामने लाकर कह दूंगा कि यह सब देखकर तुम वो सब काम करती हो, उनको यह सभी सबूत देखकर मेरे ऊपर पूरा पूरा विश्वास हो जाएगा.

    अब वो मेरे मुहं से यह सभी बातें सुनकर डर गयी और उसी समय उसने तुरंत ही खड़े होकर अपनी स्कर्ट के अंदर अपने दोनों हाथों को डालकर अपनी पेंटी को नीचे कर दिया. फिर उसके बाद वो पेंटी अब मेरे हाथ में थी और में उसकी उतरी हुई गरम पेंटी को अपने साथ लेकर अपने कमरे में सोने चला गया मैंने तुरंत ही दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और उसको बड़े मज़े से चूमते हुए जोश में आकर मैंने उसको अपने लंड के ऊपर रखकर मुठ मारना शुरू किया कुछ देर बाद अपना पूरा वीर्य पेंटी के अंदर निकालकर अपने लंड को शांत करके में ना जाने कब वैसे ही सो गया और दूसरे दिन सुबह उठा और अब तो ऐसे सभी काम में बिना किसी डर के करने लगा. मुझे अपनी बहनों की तरफ से कोई भी चिंता नहीं थी.

    में हर कभी उनकी पेंटी को उतरवाकर उसमे अपना वीर्य निकालकर उनको देकर अपने दूसरे काम को करने लगता. दोस्तों, लेकिन इतने दिनों तक यह काम करने के बाद अब मेरा मन कुछ अलग हटकर करना चाहता था, इसलिए में किसी अच्छे मौके की तलाश में हमेशा रहने लगा था और एक दिन मुझे मेरी अच्छी किस्मत से एक मौका मिल ही गया, क्योंकि उस दिन मेरे पापा और मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने दो दिन के लिए हमारे गाँव चले गये.

    फिर उस रात को में बिना डर ना किसी संकोच के में सीधा सोनल के रूम में चला गया और मैंने आज उनके साथ सब कुछ करने की बात अपने मन में सोच रखी थी. मैंने जल्दी से अपना पांच इंच का लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और उसके बाद में एकदम नंगा होकर उन दोनों के सामने बैठ गया. तो मेरी इस हरकत की वजह से शरमाकर श्रेया वहाँ से उठकर तुरंत ही बाहर चली गई, लेकिन मेरी नजरे तो बस सोनल पर ही अटकी हुई थी और अब मैंने सोनल से कहा कि मैंने आज तक कोई जवान लड़की को नंगी नहीं देखा, मैंने केवल इंटरनेट और किताबों में ही यह सब देखा है, आज शायद मुझे यह मौका मिल जाए?

    मैंने देखा कि सोनल बार बार मेरे मोटे लंबे लंड को ही अपनी चकित नजरों से देख रही थी. मेरा इतना दमदार अच्छे आकार का लंड भी शायद उसने पहली बार देखा था, इसलिए उसके साथ ऐसा हो रहा था. अब मैंने सही मौका देखकर पास आकर धीरे धीरे उसके टॉप को उतार दिया. तब मुझे पता चला कि उसने सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसके वो बूब्स आकार में 34 इंच के होंगे.

    अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को छूकर महसूस करने लगा. फिर कुछ देर बाद उसके मुहं से आह्ह्ह उह्ह्ह आउच की आवाज़ निकलने लगी. वो बड़ी मादक लग रही थी, जिसकी वजह से मेरा जोश अब पहले से ज्यादा बढ़ गया. अब मैंने बिना देर किए मौके का फायदा उठाकर उसकी ब्रा को उतारकर देखा बूब्स झट से मेरे सामने आकर खुली हवा में साँस लेने लगे, एकदम गोरे गोलमटोल बूब्स के ऊपर उसकी उठी हुई निप्पल को देखकर में अपने होश खो बैठा.

    तुंरत ही मैंने उसके गुलाबी रंग के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसना सहलना शुरू किया और ऐसा करने से हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, करीब दस मिनट तक उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से में दबाता और चूसता भी रहा जिसकी वजह से उसके बूब्स पूरे लाल हो गये थे और वो जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए अपनी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी. अब मैंने उस समय की नज़ाकत को देखते हुए तुरंत ही उसकी स्कर्ट को खोल दिया, जिसकी वजह से मुझे उसकी गुलाबी रंग की सिल्क वाली पेंटी साफ साफ नज़र आने लगी थी और उसके अंदर उसकी वो उभरी हुई कुंवारी चूत भी मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी.

    फिर मैंने झट से उसकी पेंटी को भी खोल दिया और तब मेरी आखों के सामने बड़ा ही मस्त चकित कर देने वाला द्रश्य था, जिसको देखकर मेरे माथे से पसीना आने लगा, क्योंकि पहली बार में किसी की चूत, बूब्स गोरा जिस्म वो भी बिना कपड़ो के देख रहा था और उसकी वजह से मेरे शरीर का पारा चड़ चुका था. मुझे अब गरमी भी लगने लगी थी. दोस्तों मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और उसके ऊपर एक भी बाल नहीं था. में पागल होकर जानवरों की तरह उसकी चूत को चूमने लगा और कुछ देर बाद अपनी जीभ से चाटने भी लगा था, जिसकी वजह से वो आहह ऊफ्फ्फ उम्मह बस करो बार बार कहने लगी, लेकिन में तो अब किसी के भी कहने से रुकने वाला नहीं था और मैंने उसको बेड के साइड में बैठाकर दोनों हाथों से उसकी जांघो को पूरा फैलाकर चूत के होंठो पर अपने मुहं को उसकी चूत के होंठो पर लगाकर चूत का रस पीने लगा.

    में उसको किसी रसीले आम की तरह चूसता रहा, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और बोली अब देर मत करो, जल्दी से अंदर डाल दो मुझसे अब रुका नहीं जाता. फिर मैंने जल्द से अपनी पेंट से कंडोम निकालकर लंड पर लगा लिया और उसके बाद में उसके ऊपर चड़ गया. मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रखकर धक्का देते हुए अंदर डालने लगा. फिर वो आह्ह्ह आईईईइ ऊऊउउहह आआहह करने लगी और मेरे तीन जोरदार धक्को में लंड पूरा उसकी चूत के अंदर चला गया.

    फिर में तेज तेज धक्के लगाने और उसके बाद करीब पांच मिनट तक उसको वैसे ही धक्के देकर मैंने चोदा और अब वो भी जोश में आकर अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी. फिर में झड़ गया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसके बूब्स के मज़े लेने के बाद जब मेरा लंड छोटा हुआ उसको बाहर निकाल लिया. उसके बाद उस कमरे से सीधा में कपड़े पहनकर बाथरूम में चला गया और उसके बाद नहाकर अपने कपड़े पहनकर में कुछ घंटो के लिए घर से बाहर चला गया.

    दोस्तों सच कहूँ तो में उस दिन अपनी पहली चुदाई के मज़े लेकर बड़ा खुश था. फिर कुछ दिन अपने घर वालों के साथ रहने बाद में वापस अपने होस्टल चला गया, लेकिन उसके बाद से जब भी हम तीनों घर में अकेले रहते तो में सही मौका देखकर उनके साथ चुदाई का खेल खेलकर मज़े लेता. उन्होंने मेरे साथ उनकी चुदाई का अब बिल्कुल भी विरोध करना एकदम बंद कर दिया था और में हमेशा उनको कंडोम लगाकर ही चुदाई का मज़ा देता, जिसकी वजह से ना उनको कोई दुःख और ना मेरे सामने कोई परेशानी थी. दोस्तों यह थी मेरी एक सच्ची चुदाई की कहानी जिसमे मैंने अपनी बहनों के साथ मज़े लिए में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी.

  • सासू माँ की तड़प

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    मेरा नामे राजेश है और मैं शादी शुदा लड़का हूँ. तो सबसे पहले मैं आप सब
    लंड वालो ओर चूत वालीओं को अपने खड़े लंड का नमस्कार देता हूँ तो अब मैं
    अपनी स्टोरी पे आता हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी मदर इन लॉ [सासू माँ] के
    बीच जो हुआ वो हकीकत है

    झूठ का 1 % भी नाम नही 100% सत्य है. हाँ मैं आपको बताना भूल गया मेरे
    लंड का साइज़ 10 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा जो मेरी सबसे बड़ी पहचान है
    मेरी शादी 23 साल की उम्र में हो गयी. वैसे मेरी बीवी काफ़ी खूबसूरत और
    भोली है पर चोदने में अपनी माँ से कोसों दूर है. मेरी मदर-इन-लो, जिन को
    की प्यार से में सासू माँ कहता हूँ,

    दिखने में एकदम माल और भगवान ने वासना तो कूट-कूट कर भरी है. मुझे अपनी
    किस्मत पर ऐकिन नहीं होता की मुझे कभी अपनी वासना की भूख मिटाने को अपने
    आस पास कोई कमी नहीं पड़ी. मेरी सास जिनका की नाम रामकौर है, में शादी
    के बाद से देखता आया हूँ वो बहुत सेक्सी लगती हैं.
    वो 4 बच्चो की माँ है पर दिखने मे अपनी 22 साल की बेटी की बड़ी बहिन लगती
    हैं. भगवान ने भी हर जगह में माँस (फ्लेश) दिया है वैसे तो जब मेरा
    रिस्ता उनकी बेटी से तय हुया था, तब से ही मुझे इशारों मैं किसी ने बताया
    था और एक आस दी थी, की बेटा तू बड़ा किस्मत वाला होगा अगर तू ये शादी के
    लिये हाँ कर देगा.

    शादी से ही मेरी सास का हमारे घर पर काफ़ी आना जाना था. मेरी नज़रें हर
    वक़्त उनके बोब्स पर टिकी रहती. माँ कसम क्या गोलाई हैं उनके बोब्स की.
    मेरे हाथ उन्हें पकड़ कर दबाने के लिए तरसते थे और मेरी जीब हमेशा उन्हें
    चूसने के लिये ललचाती रहती.

    जब में 21 साल का हुआ तो वो अपनी 19 साल की बेटी का रिश्ता मेरे लिये
    माँगा. मेरे परिवार वालो ने बिना हिचकिचाहट रिश्ता कबूल कर लिया और मुझसे
    आकर मेरी राय पूछी. मेरी नजर उनकी बेटी पर तो थी ही, जो की एकदम भोली-
    भाली और काफ़ी खूबसूरत थी, पर अभी उसका जिस्म माँ के जीतना खिला नहीं था.
    और बिना कोई हिचकिचाहट मैने भी रिश्ते के लिये हाँ कर दी. और फिर क्यों
    ना करता, बेटी के साथ उसकी माँ भी तो इतनी खूबसूरत थी.
    मेरा ससुर (फादर-इन-लॉ) बड़ा ही दुबला पतला इंसान है और दिखने मे काफ़ी
    कमज़ोर लगता है. मेरे ससुर का 30 साल की उम्र में काफ़ी भयंकर ऐक्सिडेंट
    हुआ था, जिसके कारण उनकी रीड की हड्डी में काफ़ी ख़तरनाक चोट लगी थी. अब
    उनकी कमर काफ़ी कमज़ोर हो गयी है और कोई भारी काम करने से दर्द होने लगता
    है.

    फिर हमारी शादी हो गयी. फिर शादी के बाद तो मैने खुलकर अपने ससुराल
    आना-जाना शुरू कर दिया. नॉर्मली, में फ़ोकट अपने ससुराल जाया करता था.एक
    दिन मैने ऑफीस से छूट्टी ली हुई थी और बीवी को बिना बताये सोचा की आज
    ससुराल हो कर आया जाये.

    बिना कोई फोन करे में 10:30 सवेरे- सवेरे अपने ससुराल पहुँच गया. मैने भी
    चुन कर अपना पहुचने का समय तय किया था. मेरा ससुर 9:30 बजे ऑफीस चला जाता
    है और मेरी दोनो साली अपने कॉलेज चली जाती है.
    जब मैने ससुराल पहुँच घंटी बजाई तो कुछ एक 10 मिनिट के बाद मेरी सास ने
    अंदर से आवाज़ लगाई, “कौन है… ?” मैने कहा, “में राजेश हूँ, आपका दामाद.”
    और उन्होने दरवाज़ा खोल दिया और उन्हें भीगा हुया देख मेरी आँखें चकाचोँद
    हो गयी. उन्होने, सिर्फ़ एक हाथ से टावल को पकड़ रखा था और उनके सारे
    शरीर पर पानी की बूंदे मोतियों की तरह चमक रही थी.
    मेरी सास बोली, “अरे तुम, इस वक़्त यहाँ”. में बोला, “क्यों इस वक़्त
    नहीं आ सकता क्या?” मेरी सास ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया, “अरे बेटा
    तुम तो इस घर के अकेले बेटे हो. आओ.. आओ.. अन्दर आओ.. यह तुम्हारा ही तो
    घर है.”

    पहली बार मैने अपनी सास की टांगे एकदम नंगी देखीं थी. बड़ी ही चिकनी थी.
    उनकी टांगे. उनके घने और लंबे बाल उनके चीतड़ों को छु रहे थे. मेरा लंड
    मेरी पेंट में मेरी चड्डी में एकदम सनसनाता हुआ एकदम खड़ा हो गया. में घर
    में घुस कर सीधा ड्रॉयिंग रूम में सोफे पर बैठ गया, ताकी अपनी सास के पैट
    को गौर से देख सकूँ. फिर वो दरवाज़ा बंद कर वापस मेरी तरफ चल कर आ रही थी
    तो में टकटकी लगाये उनके शरीर को देख रहा था.

    एकदम हूर परी लग रही थी. एक शादी शुदा लड़की की माँ होने के बावज़ूद भी
    उनके शरीर में वो कसक और उनकी चाल में ठुमक देख मेरा लंड अंदर झटपटा रहा
    था. मेरा लंड अंदर मेरी चड्डी में मुड़ गया था और बिना कुछ सोचे, मैने
    अपने हाथ से अपने लंड को सही किया. मेरे इस रिझान को देख उनके चेहरे पर
    एक खुशियों भरी मुस्कान आ गयी. मुस्कुराते हुए बोली , “क्या बात है आज
    सुबह- सुबह ससुराल चले आये. घर पर सब ठीक ठाक है.”
    मैने कसमसाते हुऐ कहा, “बस इधर से गुजर रहा था. मैने सोचा की आपसे मिलता
    चलूं.” अब तो मुझे अपनी सास की हर अदा पे प्यार आ रहा था. वो बोलीं, “में
    ज़रा नहा कर आती हूँ. तुम यहीं पर इंतज़ार करों. फिर कुछ दामाद की सेवा
    करती हूँ.”

    मैने कहा.. “ठीक है.., सासू जी…” फिर मैने नीचे झुक कर खाने की टेबल से
    एक मेंगज़ीन उठानें के बहाने सामना हुआ. जब में नीचे झुका, तो वो इठलाती
    हुयी. मेंरे काफ़ी नज़दीक से होते हुये अपने बेडरूम की तरफ धीरे-धीरे
    बड़ी. इसी दौरान, मैने झुके-झुके अपनी सास की नशीली टाँगों के दर्शन किए.
    फिर वो बेडरूम के दरवाज़े से मुड कर मेरी तरफ मुस्कुराती हुई देख कर
    बोलीं, “सब कुछ ठीक है ना. अगर कुछ चाहिये तो बिना झिझक ले लेना.” मैने
    कहा, “हाँ.. हाँ.. कोई दिक्कत नहीं मैं ले लूँगा, अगर कुछ चाहिए होगा
    तो.” और फिर वो अंदर चली गयी.

    वैसे तो मैने अपनी सास के बारे में बहुत बार फॅंटसाइज़ किया था. लेकिन सच
    में, वो इतनी मस्त होगी, कभी सपने भी नहीं सोचा था. बस, अब तो उनके शरीर
    को भोगने की एक तमन्ना दिल में बंध सी गई. मैगज़ीन तो मेने हाथ में पकड़ी
    थी, लेकिन मेरी आँखों पर मेरी सास के मस्त शरीर का नशा छाया हुआ था
    कुछ देर बाद में उठ कर उनके बेडरूम की तरफ बड़ा. और अंदर देखा की मेरी
    सास ने बाथरूम का दरवाज़ा ठीक तरह बंद नहीं किया था. कुछ हिम्मत कर में
    बाथरूम की तरफ बड़ा. दरवाज़ा ठीक से बंद ना होने के कारण, एक छोटे से
    दरार से बाथरूम का कुछ हिस्सा दिख रहा था. अंदर शावर की आवाज़ आ रही थी.
    मैने थोड़ा सा दरवाज़े को अंदर की तरफ ढकेला, तो मुझे शीशे में जो नज़ारा
    दिखा, उसे देख मेरा लंड तो जैसे पेंट को फाड़ बाहर निकलने को तेयार हो
    गया. मेरी सास, टॉयलेट सीट पर बैठ, एक हाथ से अपने चूत में एक लंबा सा
    बेंगन घुसा रहीं थी और दूसरे हाथ से अपना एक निप्पल पकड़ उसे मसल रहीं
    थी.

    अब तो मुझसे और रहा ना गया, और मैने अपने सारे कपड़े उतार लिये और सीधा
    बाथरूम का दरवाज़ा खोल अंदर घुस गया. मुझे नंगा देख मेरी सास को कोई शोक
    होने की जगह मुस्कुराने लगीं. अब मुझे यकीन हो गया, मेरी सास तो यही चाह
    रही थी.

    एकदम नंगी थी मेरी सास और में भी एकदम नंगा था. मैने सीधा अपना लंड पकड़ा
    और उनके सामने हिलानें लगा. वो बोली, “ऊई माँ.. सुना था.. पर इतना बड़ा
    और कड़क होगा मुझे तो बिल्कुल ऐकिन नहीं हो रहा.. है राम.. आज मेरी बरसों
    की तम्मना पूरी हो गयी.. बड़ी प्यासी है.. बेटा यह चूत.. तेरे लॅंड ने एक
    आस सी जगा दी.. पर आज तो मुझे यकीन हो गया की ऐसे लंड की तो कोई भी एक
    चूत भूक नहीं मिटा सकती..

    लगता है में कुछ ज्यदा ही बोल गयी हूँ.. है ना बेटा.. प्लीज़ आज मेरी
    बरोसों की भूख मिटा दो दामाद ज़ी..” मैने जवाब दिया, “सासू माँ.. जब से
    शादी हुयी है.. में तो आपके शरीर को खूब निहारा करता हूँ.. कोई नहीं कह
    सकता की आप मेरी बीवी की माँ हैं.. आप का तो हर अंग बोलता हुआ नज़र आता
    है..

    ऐसा लगता है की जवानी ने आपका साथ अब तक नहीं छोडा.. बल्की भगवान ने तो
    समय के साथ साथ आपको और भी माल बना दिया है.. मेरे तो दोस्त भी आपको देख
    अपनी लार टपकाते हैं.” वो बोली, “हाँ.. बेटा तेरे ससुर तो पहले से ही
    कमज़ोर थे.. और जब उनका ऐक्सिडेंट हुआ में तो सिर्फ़ 25 वर्ष की थी.. तब
    से अब तक कोई मर्द ने नहीं चोदा है मुझे.. मेरा तो एक बेटा है वो दुबला
    पतला और सबसे छोटा भी है…. अब मुझे दामाद के रूप मे बेटा मिल गया.. वो भी
    इतने लम्बे और मोटे लंड वाला..

    में बोल पड़ा, “लो.. ना.. इसे पकड़ लो सासू जी, अब कभी आपको इस बेंगन या
    खीरे की ज़रूरत नहीं पड़ने दूँगा.. आपने पहले कभी कहा होता.. तो भी में
    पीछे नहीं हटता.. में तो शादी के बाद से ही आपके शरीर का दीवाना था..
    आप जब भी मेरे सामने होती थी.. मेरा तो आपको भरपूर चोदने का मन करता था..
    आप चीज़ ही ऐसी हैं.” फिर मेरी सास ने आव देखा ना ताव.. सीधा मेरा लंड
    पकड़ लिया.. और उसे सहलाते हुई बोल पड़ी, “सच में बड़ा भारी है यार तेरा
    लंड.. बड़ी खुश किस्मत है मेरी बेटी.. की उसे ऐसा लंड मिला.. और तेरी
    सासू मा भी..”

    मैने अपनी सासू माँ के गीलें बालों में अपना हाथ डाला और उनके गेर्दन पर
    उनके कानों के नीचे अपने अंगूठों से सहलाते हुऐ ज़ोर से अपने तरफ खींच कर
    अपना होंठ उनके होठों पर रख अपनी जीभ उनके मूँह में डाल पागलों की तरह
    चूमने लगा.

    शायद मेरे ससुर ने मेरी सास को कभी ठीक से चूमा भी नहीं. मेरी सास भी
    अपनी जीभ मेरे मूँह में डाल मेरी जीभ को अपनी जीभ से रगड़ने लगी. एकदम
    गर्म होने लगी हमारी सासें. फिर अपनी जीभ को बाहर निकाल उनसे भी वही
    किया. एकदम पिंक थी मेरी सास की जीभ. मैने अपनी सास की जीभ को चारों तरफ
    से खूब चाटा…

    वो बोल पड़ी, “यह सब तूने कहाँ से सीखा.” मैने कहा, “मज़ा आ रहा है ना
    सासू माँ. सब ब्लू फिल्मों का असर हे.” फिर मैने अपनी सास की गर्दन को
    अपनी जीभ से चूमते हुये, उनके बोब्स पर ले गया, जोकि एकदम चट्टान की तरह
    सखत थे और एक बोब को एक हाथ में पकड़ दूसरे को चूसने लगा. वो ज़ोर से बोल
    पड़ी, “इन्हें तो तेरे ससुर ने कभी मज़ा ही नहीं दिया.

    आज इन्हें चूस–चूस के हताश कर दे.” मैने कहा, “तभी तो मेरी किस्मत मे
    इतने ठोस बोब्स हाथ लगे हैं. मेरी तो किस्मत ही अच्छी है, मुझे तो
    कुँवारी सास मिल गयीं. अब तो खूब मज़ा आ जाएगा. सच कहूँ सासू माँ जो नशा
    आपके इस जिस्म मे है, वो अभी आपकी बेटी में नहीं छाया. शायाद, इसलिये की
    आपने इसे काफ़ी बरसों से जमा किया है.”

    मेरी सास, “बस अब जल्दी कर बेटा.. अपना यह भारी भरकम लंड मेरी चूत में
    घुसा दे. बड़े सालो से लंड की प्यासी है तेरी सासू माँ की चूत. फाड़ दे
    ना इसको आज.” मैने अपना लंड लिया और अपनी सास की चूत के मुंह पर लगा
    दिया. कुछ देर उसे वहीं पर रगड़ा तो सासू माँ से रहा नही गया और उन्होने
    मेरे लंड को दबोच अपनी चूत में घुसाने की चेष्टा की.
    बड़ी मस्त थी. मेरी सासू माँ की चूत.फिर मैने अपनी दो उंगलियाँ नीचे ले
    जा सासू माँ की चूत को फैलाया, और अपने लंड को पहले 2 इंच अंदर धकेला, तो
    उनकी सिसकारी निकल पड़ी. उनके मूँह से निकल पड़ा, “ऊई.. माँ.. मेरी..
    हाय..हाय.. आई.. यह तो सच में फाड़ देगा. बड़ी बड़ी चूतों को भी..” मेरे
    मूँह से भी निकल पड़ा, “आप की चूत भी तो बड़ी टाइट है.. सासू माँ.. कभी
    चूदी नहीं ना.. आज इसे खोल देगा आपका यह दामाद बेटा..” फिर मैने बातों ही
    बातों में एक ज़ोर से धक्का लगाया, अपना आधा लंड अपनी प्यारी सासू माँ की
    चूत में घुसा दिया. मेरी सासू माँ ने “इसस्सश..” करते हुवे मुझे काट
    लिया.

    और फिर मेरी उत्तेजना और बड गयी.. और मेरी सासू माँ ज़ोर से चीख मेरी कमर
    मे अपनी उंगलियाँ घुसा दी.. “है.. दया.. आआअहह.. मर गयी राम.. ऊई माँ..
    काश 20 साल पहले ऐसा लंड मिला होता.. में आज इतना ना तड़पती.”
    और कुछ ही देर में मेरी सासू मा मेरे लंड की दीवानी होकर उस पर अपनी गरम
    और कसी चूत को से इतराने लगी.. उसने मुझे ज़ोर ज़ोर से काटा.. चूमा.. जो
    मेरी सासू माँ के जी मे आया उन्होंने मेरे शरीर के साथ किया.. और मुझे भी
    मज़ा आ रहा और साथ ही साथ अपने लंड पर नाज़ हो रहा था.. की मेरी सासू माँ
    की बरसों की प्यास बुझ रही थी..

    और फिर उस दिन मेरी सासू माँ ने मुझसे 4 बार चुदवाया और बाद मे खूब
    स्वादिष्ट खाना खिलाया. एक बार तो मैने उन्हें वहीं किचन में डाइनिंग
    टेबल पर लिटा कर भी चोद दिया खाना बनाते बनाते.
    उस दिन के बाद तो मैने और सासू माँ ने ब्लू फिल्में देखते हुये काफ़ी अलग
    अलग तरीके अपनाए. बड़ी ही भूखी थी वो. अब मुझे मालूम चल गया की एक भूखी
    औरत एकदम भूखी शेरनी की तरह होती है, जिसे चोदने में सबसे ज़्यादा मज़ा
    आता है. हाँ तो दोस्तो उसके बाद मैं अपनी सासू माँ को अक्सर चोदने चला
    जाता हूँ.

  • माँ और बहन की तड़पती जवानी

    मेरा नाम विलास है, उमर 24 साल, यह औरंगाबाद की एक कहानी है. मेरे घर में
    मेरी माँ राधिका, 39 साल और बहन लीज़ा,18 साल और हमारा नोकर गोपी 24 साल,
    रहते हैं. मेरे बाप बाबुलाल ने माँ को तलाक़ दे दिया है और वो हम से अलग
    रहता है. कहते है की माँ और पिता जी का तलाक़ इस कारण हुआ की माँ पिता जी
    से 16 साल छोटी थी और पिता जी माँ को संतुष्ट नहीं कर पाते थे.
    मेरी माँ
    राधिका 5 फीट 5 इंच कद, गदराया बदन, गोरा रंग, भारी भारी चुचि, मस्त
    चूतड़ हैं जो की वो मटकती हुई चलती है. हमारा किरायेदार मिस्टर चोपड़ा भी
    माँ पर लाइन मारता है. लेकिन माँ उसको घास नहीं डालती. मिस्टर चोपड़ा की
    उमर कोई 45 साल की होगी लेकिन ना जाने क्यों माँ उसको पसंद नहीं
    करती.मेरे दोस्त हॅरी की बहन सोनिया मेरी बहन की पक्की सहेली है जो हमरे
    घर अक्सर आती रहती है. मैं क्योकि की जवानी की दहलीज पार कर चुका हूँ,
    मुझे चुदाई की नॉलेज अपने दोस्तों से मिल चुकी है. हम सेक्स की किताबें
    पढ़ चुके हैं.
    एक दिन मेरे दोस्त हॅरी ने मुझे एक क़िताब दिया,” जवानी की
    नादानी” जिस किताब का हीरो अपनी सग़ी बहन को चोद लेता है. दोनो भाई बहन
    चुदाई की आग में जल रहे होते हैं और एक दूसरे से शारीरिक संबंध बना लेते
    हैं. क़िताब पढ़ते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरा ध्यान अपनी बहन
    सोनिया की तरफ चला गया. सोनिया माँ का दूसरा रूप है, बस उसकी चूची और
    चूतड़ माँ से कुछ छोटे हैं, लेकिन हैं माँ की चूची से भी अधिक टाइट.
    क़िताब का हीरो कहानी में अपनी बहन को चोद रहा था और मैं अपना लंड
    मुठियाते हुए लीज़ा को नंगा कर के चोदने की कल्पना कर रहा था. उस दिन जब

    मेरा लंड छुटा तो इतना रस निकला जितना आज तक नहीं निकला था. मैने लंड सॉफ
    किया और किताब को छुपा कर अपनी अलमाँरी में रख दिया.उस दिन मैं हॅरी के
    साथ बैठा दोपहर को शराब पी रहा था, तो हॅरी ने मुझे कहा,” विलास, ज़रा
    जल्दी कर लो आज मैं अपनी बड़ी दीदी के यहाँ जा कर उसको चोदने वाला हूँ और
    मुझे ठीक वक्त पर पहुँचना है, अगर तुम भी चूत का स्वाद चखना चाहते हो तो
    मेरे साथ चलो, मेरी दीदी की ननद भी चुदाई की शौकीन है, उसको तेरे हवाले
    कर दूंगा, तू तो जानता ही है के मेरे जीजाजी शुगर के मरीज़ हैं और दीदी
    को संतुष्ट नहीं कर पाते. जीजू के कहने पर ही दीदी की चुदाई करता
    हूँ.”मैने उमड़ते हुए बादल देख कर कहा,” मेरे दोस्त, एसा निमंत्रण मैं
    ठुकरा तो नहीं सकता लेकिन मैं तेरे साथ फिर कभी चलूंगा, आज मुझे माँ की
    कमर दर्द की दवाई ले कर जाना है, तू चल, लेट हो रहा है, मैं भी चलता हूँ,
    बारिश कभी भी शुरू हो सकती है,” मेरे कहते ही बारिश शुरू हो गयी. हॅरी ने
    स्कूटर स्टार्ट किया और चल दिया और मैं पैदल घर चल पड़ा. बारिश इतनी तेज़
    हो गयी की मैं बिल्कुल भीग गया.

    मैने दवा ली, एक क्वॉर्टर लिया जो की मैं घर जा कर पीना चाहता था और घर
    चल पड़ा. बारिश ज़ोरों पर गिर रही थी. आसमाँन में घने काले बादल छा चुके
    थे. घर में चारों तरफ अंधेरा हो चुका था. मैं माँ के कमरे की तरफ बड़ा.
    मैं माँ को मेडिसिन देकर. अपनी सेक्सी किताब पढ़ कर शराब पी कर मूट मारना
    चाहता था. लेकिन जेसे ही माँ के रूम के पास पहुँचा तो माँ के करहाने की
    आवाज़ें आ रही थी, उईईए, मैं मरी, मेरी माँ , बहुत दर्द हो रहा है,” मैने
    सोचा की माँ की कमर दर्द हो रही है और मैं मेडिसिन लाने में लेट हो चुका
    था.

    लेकिन जब मैने माँ के कमरे में झाँका तो माँमला कुछ और ही था. मेरी माँ
    राधिका नंगी फर्श पर घुटनो और हाथों के बल झुकी हुई थी, गोपी पूरा नंगा
    माँ के चूतडों के पीछे खड़ा हो कर उसकी चूत में अपना लंड डाल रहा था.
    गोपी का लंड कुछ इतना बड़ा था की माँ उसको अपनी चूत में लेने में असमर्थ
    थी. गोपी माँ को कुतिया की तरह चोदने में लगा हुआ था, उसकी आँखें बंद थी,
    वरना वो मुझे ज़रूर देख लेता. मेरी माँ कामुकता देवी लग रही थी, उसकी
    बड़ी बड़ी चूची नीचे को लटक रही थी और उसके चूतड़ ऊपर की तरफ उठे हुए थे.
    उसका गोरा जिस्म बल्ब की रोशनी में चमक रहा था. गोपी ने लंड एक बार बाहर
    निकाला, उस पर ढेर सारा थूक लगाया और फिर से डाल दिया माँ की चूत में.
    चिकनाई की वजह से इस बार लंड माँ की चूत में चला गया, ” राधिका, मेरी
    रानी, अब तो ठीक है मेरी जान, आज कितने दीनो के बाद मौका मिला है तुझे
    चोदने का, माँ कसम तू बहुत टाइट हो. ओह्ह राधिका, मेरी रानी तेरी चूत दिन
    ब दिन टाइट होती जा रही है, तू और भी जवान हो रही है, मुझसे ऐसे चुदवाना,
    मेरी राधिका, तुझे चोद चोद कर मेरा लंड गधे के लंड समान हो गया है, हा
    बहुत मज़ा आ रहा है रानी.”

    माँ भी कामुकता की आग में जल रही थी और उसने अपनी गांड गोपी के लंड पर
    माँरना शुरू कर दिया,” गोपी मेरे राजा, चोद ले अपनी रानी को, अपनी राधिका
    को, मैं भी तेरे इस मस्ताने लंड की प्यासी हूँ, मादरचोद अगर तुम ना होता
    तो मैं तो लंड बिना तड़प कर ही मर जाती, मेरा पति तो कुछ करने के काबिल
    ही नहीं रहा, साला नामर्द. मेरा गोपी तेरे लंड पे वारी जाऊ, साले चोद
    मुझे कुत्ते ” गोपी दनादन माँ की गांड पर अपने लंड का परहार पीछे से करने
    लगा.

    मेने हाथों में मेडिसिन पकड़ी हुई थी लेकिन मेरा ध्यान अंदर अपनी माँ की
    चुदाई में इतना खो चुका था की मुझे और कुछ याद नहीं रहा. गोपी माँ पर
    हमला कर रहा था और कह रहा था,” राधिका, आज तुझे चोदते हुए 8 साल हो चुके
    हैं, लेकिन तू तो हर दिन और भी निखर रही हो मेरे लंड से चुदवा कर, साली
    अब किसी और जवान चूत का भी बंदोबस्त कर अपने सांड गोपी के लिए, अब तो
    तेरी बेटी लीज़ा भी तैयार हो चुकी है, कब चुद्वायगी उसको मेरे लंड से,
    मेरी राधिका, साली दिन रात तुम माँ बेटी की खिदमत करूँगा, आ…आ..आई
    उफफफफ्फ़, बहनचोद तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, साली राधिका
    मैं झर रहा हूँ, मेरा रस तेरी चूत में गिरने को है, ओह मादरचोद मैं
    झड़ा,” राधिका ने जल्दी से अपनी गांड गोपी के लंड से दूर खींच ली. माँ की
    चूत का रस भी ज़मीन पर गिर रहा था. उसने गोपी का हाथ अपनी चूत पर रखा और
    वो बिना बोले माँ की चूत को रगड़ने लगा और माँ गोपी के लंड को चूसने लगी.
    मैं समझ गया की माँ गर्भ धारण नहीं करना चाहती थी. इसी लिए उसने गोपी का
    लंड छुटने से पहले बाहर निकल दिया था. मैं चुपके से अपने रूम में गया और
    पेग बना कर पीने लगा.
    थोड़ी देर में गोपी अपनी क्वॉर्टर्स में चला गया और
    माँ बाहर अपनी दोस्त के घर चली गयी. मूठ मारने से पहले मैं देखना चाहता
    था की घर में कोई है तो नहीं. मैं जब अलमारी से सेक्स की किताब निकालने
    लगा तो हैरान रह गया की किताब वहाँ नहीं थी. मैं डर गया. किताब किसी के
    हाथ तो नहीं लगी. मैं सभी रूम की तलाशी लेने लगा. लीज़ा के रूम के पास जा
    कर मेरे कदम ठिठक गये. अंदर से आवाज़ें आ रही थी,” चूस लीज़ा साली मेरी
    चूत चूस, मेरी चूची भी , बहनचोद मेरी चूत शांत नहीं हो रही, मुझे शांत कर
    दे मेरी रानी,” आवाज़ यक़ीनन सोनिया की थी. मैने अंदर झाँका तो देखा की
    लीज़ा और सोनिया नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी और लीज़ा अपनी सहेली की चूत
    में ज़ुबान डाल कर चाट रही थी. सोनिया की जांगे मेरी बहन के चेहरे पर कसी
    हुई थी और सोनिया लीज़ा के सिर में हाथ फेर रही थी. मेरा लंड कुतुबमीनार
    की तरह खड़ा हो गया और मेरे देखते ही देखते दोनो 69 पोज़िशन में चली गयी.
    मेरी सेक्स वाली किताब बिस्तर पर खुली पड़ी थी. इन लडकियों का क्या करना
    है? मैं फिर अपने कमरे में आई तो मेरा सेल फोन बज उठा. फोन हॅरी का
    था.”विलास,
    यार यहाँ तो सारा प्रोग्राम चोपट हो गया, मेहमान आए हुए हैं.
    मैं लंड खड़ा कर के गया था दीदी को चोदने लेकिन लंड हाथ में ले कर वापिस
    आ गया हूँ, अगर फ्री होतो आ जाओ, शराब पीते हैं दोनो दोस्त,” मैने अपनी
    आवाज़ दबाते हुए जवाब दिया,” साले अगर चुदाई ही करनी है तो मेरे घर चले
    आवो. तेरी बड़ी दीदी की चूत नहीं मिली तो ना सही, आज तुझे सील बंद चूत
    दिलवा देता हूँ, जल्दी से एक बोतल दारू लेते आना, साले अपनी कुँवारी बहन
    चुदवाने वाला हूँ तुझसे, हा बहनचौद लीज़ा को चौदेगा क्या. मैने हॅरी को
    ये नहीं बताया की मैं भी उसकी बहन को चोदने वाला हूँ
    मैने लीज़ा के रूम का डोर खोल दिया. मेरी बहन और सोनिया एक गहरे बंधन
    में केद थी. सोनिया की नज़र मुझ पर पड़ी तो लीज़ा की चूत से अपना मूह
    खींचते हुए बोली,” विलास भैया आप? हम तो बस यूही बस……” लीज़ा ने मुझे
    देखा तो पैरों पर गिर पड़ी,’ भैया, माँ को मत बताना, हम आप की किताब पढ़
    कर बहक गयी थी, माफ़ कर दो भैया,” और अपने नंगे जिस्म को ढकने लगी. मैने
    हाथ बढ़ा कर अपनी बहन की मस्त चुचि को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से सोनिया
    की जाँघ को सहला दिया,” सुनो मेरी बहना मेरी बात ध्यान से सुनो, तुम दोनो
    क्या कर रही हो मुझे इससे से कोई एतराज़ नहीं है. तुम दोनो ही जवान हो,
    तुम्हारे बदन जवानी की आग में जल रहे हैं और तुम्हारी चूत को सिर्फ़ जवान
    लंड ही ठंडी कर सकते हैं. तुमको लंड चाहिए और मुझे चूत. शोर मत करो मेरी
    बहनो, तुम दोनो की चूत के लिए मोटे तगड़े लंड मिल जाएँगे अगर तुम वो ही
    करो जो मैं कहता हूँ. बोलो मंज़ूर है?”

    दोनो लड़कियाँ मुझे मुह फाड़ कर देखने लगी. मैने अपनी पेंट उतार दी और
    सोनिया को अपने कमरे में जाने को कहा. वो बिना बोले नंगी ही मेरे रूम में
    चली गयी. मैने लीज़ा को सारा प्लान बता दिया. तभी हॅरी पहुँच गया. मैने
    दो ग्लास में शराब भर कर उसको दे दिया और कमरे में भेज दिया जहाँ मेरी
    बेहन चुदाई के लिए तड़प रही थी. हॅरी दंग रह गया,” साले अपनी सग़ी बहन
    पेश कर रहा हूँ तुझे, चोद ले इसको जिस तरह तू चाहे और मैं चल के अपना माल
    चोदता हूँ, तुझे कोई एतराज़ तो नहीं?” मैने लीज़ा की गांड पर हाथ मारते
    हुए कहा. हॅरी जल्दी से कपड़े उतारने लगा. सोनिया बेसब्री से मेरा
    इंतज़ार कर रही थी. मैने एक ग्लास उसको पीला दिया और शराब की बूँदें
    उसकी चुचि पर डालने लगा. सोनिया तड़पने लगी .,” ., . क्या कर रहे हो,
    मेरी चूत में आग लगी हुई है, मेरा बदन जल रहा है, मेरे जलते बदन को शांत
    कर दो विलास भैया, मेरी चूत में अपना लंड पेल दो भैया, तुम तो मेरी आग और
    भड़का रहे हो मेरे भैया, चोद लो अपनी बेहन को हाईईईई मेरे भाई, यह कैसी
    जलन है मेरी चूत में जो मुझे सोने भी नहीं देती, आज मुझे अपना लो भैया,
    मेरी चूत पर अपने लंड की मोहर लगा दो मेरे भाई, एक बहन अपने भाई से लंड
    की भीख मांगती है, भैया चोदो मुझे,” मेरा हाथ सोनिया की चूत को रगड रहा
    था जिससे रस की धारा बहने लगी. साली लौंडिया पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.
    देर करना मुनासिब नहीं था. लेकिन मैं अपनी बहन की चूत को चाट कर उसकी चूत
    रस को चखना चाहता था. मैने उसकी टाँगें खोल कर अपना मुहँ उसकी चूत में
    धकेल दिया और अपना लंड उसके मूह में डाल दिया. नमकीन अमृत की धारा मेरे
    मुहँ में गिरी और सोनिया मेरे लोडे को लोलीपोप की तरह चूसने लगी. मैने
    उसकी गांड को पकड़ कर खींच लिया और मेरी ज़ुबान उसकी चूत की गहराई में
    चली गयी. हम दोनो हाँफ रहे थे।

    तब मैने उसको सीधा लिटा दिया, जांघों को फैला कर अपना लंड चूत पर रख
    दिया. सोनिया की चूत भट्टी की तरह गरम थी. मैने दक्का मारा और मेरा लंड
    दनदनादन हुआ उसकी कुँवारी चूत में चला गया,” आआआआआ, भैया, धीरे से पेलो,
    दर्द होता है, आराम से छोड़ो अपनी कुँवारी बहन को, अहह भैया, अब ठीक है,
    पेल दो पूरा लंड अब मेरी चूत में, हाँ भैया चोद डालो मुझे, आज मेरी सील
    तोड़ डाली है तुम ने भाई, चोद लो मुझे,” मैं धीरे से चुदाई कर रहा था और
    मेरा पूरा लंड सोनिया की चूत खा चुकी थी. मैने धक्के मारने शुरू कर दिए
    और चुचि को मुहं में ले कर चूसना शुरू कर दिया.
    चुदाई पूरे ज़ोरों से चलने लगी,” ओह सोनिया, मेरी बहन आज मैं पहली चूत
    चोद रहा हूँ और वो भी अपनी बहन की, मेरी बहना चूत टाइट है तेरी चूत ,
    तेरा भैया आज तुझे वो आनंद देगा जो तुम ने कभी ना देखा होगा, मेरा लंड
    धन्य हो गया तेरी चूत में जा कर, मेरी बहना, दूसरे कमरे में हॅरी लीज़ा
    की चुदाई कर रहा है, आज भगवान आज दो दोस्त एक दूसरे से अपनी बहनो को
    चुदवा रहे है, आह्ह्ह्ह सोनिया मेरा रस निकल रहा है, मैं झड़ रहा हूँ।
    तेरी प्यारी चूत के अंदर मेरी बहन। उधर सोनिया की भी पहली बारी होने से
    वो भी जल्दी ही झड़ने लगी.
    मेरे लंड का फव्वारा सोनिया की चूत में जा गिरा और हम दोनो झड़ गये.
    दूसरे रूम से हॅरी और लीज़ा की चुदाई की आवाज़ सुन रही थी। जब वो भी फ्री
    हो गये तो हम उनको मिलने चले गये तो दोस्तो कैसी लगी मेरी आपको स्टोरी।

  • मामा तुम बहुत गंदे हो

    मैं अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा हूँ। उस समय मेरी भांजी सोनिया जिसकी उम्र उस वक्त करीब 18 साल होगी, उसका कद करीब 5 फुट 4 इंच है, रंग गोरा गोरा है, वो बचपन से रात को वो ज्यादातर मेरे साथ ही खेलते खेलते चिपक कर सो जाती थी, उस वक्त तो मुझे कुछ खास महसूस नहीं होता था। लेकिन जब उसके बूब्स करीब संतरे के आकार के हो गए तो रात को जब वो चिपक के सोती तो मेरी हालत ख़राब हो जाती।
    हालाँकि तब तक मैं कई लड़कियों को चोद चुका था, तथा कइयों की तो सील भी मैंने ही तोड़ी थी, क्योकि हमारा बिजनेस ही ऐसा था, हमारा रेडीमेड कपड़े बनाने का कारखाना है और हमारे यहाँ मशीनो पर सिर्फ़ लड़कियाँ ही काम करती हैं, हम ज्यादातर कुंवारी लड़कियों को ही काम पर रखते हैं, क्योकि एक तो कम पगार पर मिल जाती थी तथा दूसरे शादी होने पर अपने आप साल दो साल में काम छोड़ कर चली जाती थी। ज्यादातर हमारे यहाँ 19-20 साल की लड़कियाँ काम करती थी।
    खैर ये कहानिया मैं आपको बाद मैं लिखूंगा, तो मैं बता रहा था कि रात को जब मेरी भतीजी सोनिया मुझे चिपक के सोती तो उसके बूब्स मेरे सीने में दब जाते थे, उसे इस बारे में पता था या नहीं लेकिन इस हरकत से मेरा 8” लंबा हथियार खड़ा हो जाता और मुझे डर रहता कि कहीं उसका हाथ या पैर मेरे लंड को छू न जाए।
    एक रात को जब उसे नींद आ चुकी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके एक बूब्स पर रख दिया उसके बूब्स कमाल के सख्त थे। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिय। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और शमीज के ऊपर से उसके बूब्स को काफी देर तक दबाता रहा, उसने कोई हरकत नहीं की। इससे आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नहीं हुई आख़िर मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया।
    दूसरे दिन रात को फ़िर में उसके सोने का इंतजार करने लगा कि अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख लिया और नींद में होने का नाटक किए हुए सोती रही। मुझे समझ में आ गया कि कल रात को उसे सब कुछ मालूम हो चुका था, फ़िर क्या था मैंने उसके नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और देख कर हैरान रह गया कि आज उसने अन्दर शमीज ही नहीं पहनी थी। मेरे हाथ सीधे उसके अनछुए बूब्स पर थे, उसके छोटे छोटे पिंक कलर के निप्पल देख कर मेरे तो होश उड़ गए। उस रात मैंने उसके बूब्स को खूब मसला और मुँह में लेकर चूसा भी लेकिन वो सोती रही।
    मैंने धीरे से उसके पजामे के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ रखा तो मुझे लगा जैसे फूली हुई गद्दी पर हाथ रखा हो, मैंने धीरे से उसके पजामे के अन्दर हाथ डालने की कोशिश की तो वो दूसरी तरफ़ करवट बदल कर ओढ़ कर सो गई, आख़िर उस दिन भी मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया।
    अगले दिन से उसका व्यव्हार मेरे साथ कुछ बदल सा गया और वो बार-बार मामा- मामा कहकर मेरे साथ चिपकने लगी, मैं समझ गया कि अब इसको चोदने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा लेकिन मौका हाथ नहीं लग रहा था क्योंकि उसी कमरे में मेरे पिताजी भी सोते थे, इसलिए केवल बूब्स दबाकर तथा चूत ऊपर से दबाकर ही संतोष करना पड़ता था, अब तक हम खुल गए थे लेकिन हर बार वो इससे आगे बढ़ने के लिए मना कर देती।
    आख़िर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया, दीदी और जीजाजी शादी में मुंबई गए थे, पिताजी कारखाने में चले गए, घर पर सिर्फ़ मैं और सोनिया ही थे। सुबह 10 बजे का वक्त होगा, पिताजी के जाने के बाद जब वो नहाने जा रही थी तो मैंने उसे पकड़ लिया और चूमने लगा। तो वो बोली —- मामा मुझे छोड़ो ! मुझे नहाना है!
    मैंने कहा—- चलो आज साथ नहाते हैं,
    तो वो शरमा गई, क्योंकि आज तक हमने रात में ही सब कुछ किया था। मैं उसके साथ बाथरूम में घुस गया और उसके कपड़े उतारने लगा। वो न ना करती रही लेकिन मैंने उसकी पेंटी छोड़ कर सब कपड़े उतार दिए और अपने भी अंडरवियर छोड़कर सब कपड़े उतार दिए।
    वो शरमा रही थी लेकिन मैंने उसकी एक चूची एक हाथ में तथा दूसरी मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा। मैंने जैसे ही उसकी पेंटी को हाथ लगाया उसने कहा —- मामा ये सब नहीं !
    लेकिन मैं जानता था कि आज मौका है, जो करना है आज ही कर लेना है !
    मैंने कहा—- कुछ नहीं होगा और जबरन उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया। उसकी चूत पर नरम नरम रोयें जैसे छोटे छोटे बाल आना शुरू ही हुए थे, मैंने देखा उसकी चूत पूरी तरह गीली हो रही थी। मैंने उसकी पेंटी उतार दी तो उसने अपनी आँखे बंद करली। मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत को देखा और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा वो सिसकारियाँ भरने लगी और मेरे सर को जोर से अपनी चूत पर दबा लिया।
    मैंने उसे कहा—- चलो अन्दर बेडरूम में चलते हैं। वो कुछ नहीं बोली। मैंने उसे उठाया और अन्दर कमरे में बिस्तर पर ले आया। उसने आँखे बंद कर रखी थी, मैंने अपना अंडरवियर उतारा और उसकी बगल में लेट गया। धीरे धीरे उसकी चूत सहलाते हुए मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया, उसने उसे पकड़ लिया लेकिन कुछ कर नहीं रही थी। मैंने उसे लंड मुंह में लेने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया।
    मैंने फ़िर उसकी चूत चाटते हुए एक अंगुली उसकी चूत में डाल दी। उउफ्फ !! उसकी माखन जैसी छूट में मेरी उंगली फिसल कर अंदर चली गयी, उसने धीरे से उफ़ किया लेकिन कुछ बोली नहीं, मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा, धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा।
    फ़िर मैंने उठ कर अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और उसके पैरों को चौड़ा करके बीच में बैठ गया। वो आँखे बंद करके पड़ी रही। मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया ही था कि वो बोली- हाए मामा, दर्द हो रहा है, जबकि लंड तो अभी पूरा बाहर ही था।
    खैर, मैंने थोडी देर उसके बूब्स दबाये और फ़िर थोड़ा जोर लगाया वो फ़िर बोलने लगी कि दर्द होता है। उसकी चूत इतनी टाईट थी कि लंड का टोपा भी अन्दर नही घुस रहा था, मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे बातों में लगाया और धीरे धीरे अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा तथा उसे कहा कि वो जोर से मुझे बाँहों में भर ले। जैसे ही उसने मुझे बाँहों में लिया, मैंने पूरी ताकत से शोट मारा उसके मुँह से चीख निकल गई ।
    एक झटके में मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस चुका था, वो नीचे छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसे जकड़ रखा था, वो रोने लगी और कहने लगी मामा आप बहुत गंदे हो, आगे से मैं आपके पास कभी नहीं आउंगी।
    मैंने अपना लंड और आगे नहीं दबाया और उतने ही लंड से उसको चोदता रहा। धीरे धीरे उसे भी अच्छा लगने लगा, उसकी बाहें फ़िर मेरी पीठ पर कस गई, जैसे ही उसने अपनी पकड़ टाईट की, मैंने एक जोरदार शोट पूरा लंड बाहर निकाल कर लगा दिया। उसके मुँह से हिचकी सी निकली और वो फ़िर रोने लगी लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था। मैं उसको पूरी ताकत से चोदे जा रहा था। करीब 10 मिनट बाद उसने मुझे फ़िर बाँहों में भर लिया और अपनी टांगे और चौड़ी कर ली।
    अचानक उसकी चूत मेरे लंड को भींचने लगी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपक गई। मैं भी आने वाला था, मैंने झटके से अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर अपना सारा माल उड़ेल दिया। मेरा लंड बुरी तरह दर्द कर रहा था तथा खून से लाल हो रहा था। 5 मिनट तक हम वैसे ही बेड पर पड़े रहे। जब उठने लगे तो सोनिया उठ नहीं पा रही थी।
    जब हमने बेड की तरफ़ देखा तो हमारे होश उड़ गए पूरी बेडशीट लाल हो चुकी थी, यह देख सोनिया घबरा गई और फ़िर रोने लगी, मैंने उसे समझाया और चद्दर बदली, मैंने उसकी चूत पर नहाने के बाद रुई लगाई उससे चला नहीं जा रहा था, मैंने उसे पेनकिलर गोली दी, शाम तक काफी आराम हो गया, उसके बाद 4 दिन तक उसने मुझे हाथ भी नहीं लगाने दिया, लेकिन पांचवे दिन के बाद हमारा खेल फ़िर शुरू हो गया जो करीब 7 साल तक उसकी शादी तक चला।
    दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,

  • मम्मी को दिया मोटा और बड़ा लंड

    जब मे 18 साल का ता, तब मेरा मम्मी 37 आगे की ती, मेरा माँ का नाम सविता है, मम्मी का उँचाई 5.7 इंच, बॉडी साइज़ 38DD, 30, 40 है, बोहट गोरी गोरी है, मेरा मम्मी जिम इन्स्ट्रक्टर है, इसी लिए बोहट ही फिट रहती है, और मेरा फादर दुबई मे रहते है, पापा 3 सल्ल साल मे एक बार घर आते है, ,घर पर, मे और मेरा मम्मी ही रहते है,
    एक दिन की बात है, जब मे 18 सल्ल का ता, तब मे फुटबॉल टूर्नमेंट के लिए पुणे 6 डेज़ के लिए गेया ता. हुमलोग पूरा टीम गेये ते. फुट बॉल टूर्नमेंट के बढ़ हम लोग बोहट मस्ती करते ते. एक दिन, हम लोग सेमी फाइनल जीत गेये ते फिर सबी लड़के बातरूम मे आकर एकसाथ नहाने लगे, सबी न्यूड होकर (बिना कपड़े के) नहाने लगे, एक लड़का बोला आज का मॅच जीत ने कुशी मे, मे सबी को मेरा लंड (पेनिएस) से सलाम करता हूँ कहकर अपना लंड हिलाकर बड़ा करने लगा
    फिर उसे टाइट करके सबी को सलाम कर रहा ता, उसे देकर सबी ने उसी तरह अपना अपना लॅंड हिलाकर बड़ा करने लगे, मेबी मेरा लंड हाथ मे लेकर हिलाकर बड़ा करने लगा, मेरा लंड पूरी तरह टाइट हो गेया था मेरा लंड सबी के लॅंड से बोहट लंबा और मोटा ता, उस वक्त एक लड़का मूज़े देकर बोला रवि तेरा लॅंड तो बोहट ही बड़ा है, इतना छोटा उमाँ र्मे इतना बड़ा, तो सबी मेरे लंड के तरफ देकने लगे, तो एक लड़का मूज़े बोला, अरे तुजको तो बीमाँरी है, इस उमर मे इतना बड़ा लंड नही होता, टुजे बीमाँरी है, जाकर डॉक्टर को बता, नही तो तू काबी सेक्स नही कर सकता.
    सबी ने ऐसा ही कहने लगे, सबी मूज़े बोलने लगे तू काबी किसीसे सेक्स नही कर सकता, शादी नही कर सकता, मे बोहट ही टेन्षन हो गेया, मे अपना रूम मे आया मेरा लंड टाइट करके नापने लगा, मेरा लंड का साइज़ 8.6 इंच लंबा, और 4 इंच रौंद मोटा था, मे डर गया, शायद मूज़े कुछ बीमाँरी है ऐसा मे सोचने लगा.
    दूसरे दिन में मॅच ठीक से खेल नही पाया. फिर हम शाम 6 बजे को घर मुंबई पहुँच गेये, मेरा मम्मी बोहट कुश हो गेई मूज़े देकर, 6 दिनके बात आया था इसीलिए. लेकिन मेरा चेहरा उतरा हुवा था, मे उदास था, मम्मी मेरे लिए पानी रखी और बोली जा नहा ले मे तेरे लिए कुछ खाने के लिए बना ती हूँ.
    मे नाहकार आया, मम्मी मेरे लिए बाजिया और छाई रखी ती, मे उदास था , मम्मी पूछी, क्या हुवा रवि बेटे , क्यों टेन्षन मे हो, मॅच का क्या हुवा, मेने बोला हमाँरा टीम को 2न्ड प्लेस मिला है, मम्मी बोली 1स्ट प्लेस नही मिला इससलिए उदास हो क्या?,
    मे बोला नही, कुछ बात नही, बोलते -2 बाजिया और छाई हाथ मे लेकर बेडरूम मे चला गेया. मम्मी मेरा पीछे ही चली आई, पूछने लगी रवि बोलना क्या बात है, बोलना,
    मे गुस्सा करने लगा, छिड़ने लगा, बोला मम्मी प्लीज़ मूज़े डिस्टर्ब मत करो मे तीक हूँ. प्लीज़. मम्मी वाहा से चली गेय, तोड़ा लेता रहा की मे सो गेया,
    मेरा मम्मी आकर मूज़े उठाने लगी रवि खाना काले, चलो उतो, मे टाइम डेका 8.30पीयेम था, मे उत्कर फेस डोकर खाना कने चला गेया, मम्मी मुज़े ही डेक रही ती, मम्मी चुपछाप ती मूज़े अछा नही लग रहा था, मे ऐसा बर्ताव नही करना चाहिए था,
    मे मम्मी से सॉरी बोला, मम्मी चुप ती, हम दोनो खाना काकर टीवी डेक रहेते, टाइम 9.45पीयेम हो गेया मम्मी शॉर्ट नाईएटी पहनी थी, उसे पहनकर बेड रूम चली गेय, मे तोड़ी देर के बाद टीवी ऑफ करके मम्मी के बगलमे जाकर लेट गेया,(हम दोनो एक ही बेड मे सोते है) तोड़ी देर मम्मी चुप छाप ती, फिर मेरे तरफ पलटकर एक हाथ मेरे उपर डालकर, धीरे से मुजसे पूछने लगी रवि काया हुवा???, मूज़े नही बताओगे, आज तक तुम मुजसे कुचबी बात छुपाया है, प्लीज़ बताओ. मे सोचने लगा अगर डॉक्टर के पास जाना बी पड़ा तो मम्मी को तो बताना ही पड़ेगा.
    मे मम्मी से बोला —- मम्मी मे बता नही सकता ऐसी बात है, मम्मी बोली ऐसी कोंसि बात है जो मम्मी से नही बता सकते हो. मे सिर्फ़ तेरा मम्मी ही नही बल्कि तुम्हारी एक अची दोस्त बी हूँ. कुछ बी हो मूज़े बताव.
    मे बोला मम्मी वो… ज्ञतस का प्राब्लम है… मम्मी बोली कोई बात नही मूज़े नही बथोवोगे तो किसे बताओगे रवि, मेने तो तुमको बड़ा किया है इसमे शरमाँ ने वाली बात क्या है, चलो बत्वॉ जल्दी, मे धीरे धीरे सबी बात बताने लगा, और मम्मी से कहा मम्मी मे काबी शादी नही कर सकता हू ना, और मे सेक्स बी नही कर सकता.
    मेरा बात सुनके मम्मी हासणे लगी, और बोली ऐसा नही होता रवि, मेरा क्याल से तेरा लंड बोहट ही अछा है, तेरे फ्रेंड्स को नही पता होगा इसीलिए ऐसा बोले रहेते. तुम टेन्षन मत लो. मे बोला नही मम्मी किसी का बी लंड ऐसा नही था, ज़रूर मूज़े कुछ प्राब्लम है, मे काबी किसी से सेक्स नही कर सकता. मेरा मम्मी मूज़े बोहट समझाने की कोसिस कर रही थी, मे रोने लगा.
    मे बोहट टेन्षन लेने लगा.. फिर मम्मी मूज़े अपने बाहो मे ले ली. और मम्मी बी तोड़ा उदास हो गेय… और बोली तीक है,, मे हूँ ना रवि, मे देखती हूँ क्या प्राब्लम है, अगर कुछ प्राब्लम हगा तो मे तुम्हे डॉक्टर के पास लेजाउंगी ..
    मे बोला नही. तो मम्मी एक उंगली मेरे लिब्स मे रकार बोली चुप, शांत रहो मूज़े देकने दो कहते हुवे मेरा शॉर्ट्स नीचे कर दी, मे सिर्फ़ शॉर्ट्स ही पहना ता अंडरवेर नही पहना ता, और ना ही अप्पर शर्ट या त शर्ट, मम्मी मेरा पूरा शॉट्स नीचे कर दी, मेरा लंड लटका हुवा ता, उसे धीरे से हाथ मे लेकर हिलने लगी, बोहट ही सॉफ्ट, बस मेरे अंदर ब्लड सर्क्युलेशन बोहट तेज हो गेया, मेरा लंड इतना टाइट हो गेया जितना काबी इससे पहले नही हुवा था इतना.
    मम्मी मेरा लंड देखकर बोलने लगी ….माई गुडनेस कितना बड़ा लंड है तेरा, रवि इतना बड़ा लंड मे पहली बार देख रही हूँ.
    मे तुरंत रोने लगा, और बोला, देखा मम्मी मूज़े प्राब्लम है ना ,
    मम्मी बोलने लगी नही रवि , ऐसा लंड किसिको नही मिलता रवि भगवान ने तुमको गिफ्ट दिया है बोलते हुवे प्यार से सहला रही ती और कभी कभी धीरे धीरे मेरा लंड के नीचे आँड को बी सहला रही थी, मे मचल रहा ता… मूज़े अछा लग रहा था.
    मम्मी का बी सांस (ब्रीदिंग) बाद गयी थी, और मम्मी दूसरे हाथ से मेरा जट्ट का बॉल मे बी हाथ फेरने लगी और बोली, रवि तुम्हारा लंड कितना मोटा है, देखकर बोहट अछा लग रहा है, और मूज़े कुछ हो रहा है रवि…., ऐसा बोलते हुवे मम्मी धीरे से मेरे लंड के टॉप के स्किन को एकदम नीचे करके अप्पर के पिंक टॉप मे हाथ फेरने लगी और बोली मे अच्छे से चेक करती हूँ, कही कुछ प्राब्लम तो नही.
    मम्मी के इस हरकत से मे उछाल पड़ा और बोलने लगा, मुम्मी कुछ तो हो रहा है… इसमे मम्मी बोली अछा लग रहा है ना, अगर तुमको प्राब्लम होता तो किसी औरत का हाथ लगने से इतना मज़ा नही आता.. मे और कुछ कुछ करके टेस्ट करना चाहती हू,,, इससे तुमको बोहट अछा लगा तो समझ में आ जाएगा की तुमको कुछ प्राब्लम नही है ओक…
    मे ने बोला तीक है मम्मी.. फिर मम्मी अपना हथका जादू डीकाने लगी, प्यार से मेरा लंड को सहलाने लगी, मे मचल रहता… मेरा साँसे तेज हो गेय…. मेरा आँख (आइज़) बंद हो गेया,,, मेरा मुहा से आवाज़ निकालने लगा ..इसस्स्शहाअ …..हहाा….. मुंम्म्ममय्यययी…. हााअ…. मेरा कमर उपर नीचे होने लगा…. मम्मी दोनो हाथ को उसे कर रही ती…. एकदम प्यार से….. और मूज़े पूछने लगी ..रवि अछा लग रहा है…. मेने डेका मम्मी का बी साँसे फुल राही ती… मम्मी के आँके एकदम सेक्सी लग रही ती….
    मेने कहा हा मम्मी बोहट अछा लग रहा है… बोहट अछा लग रहा है मम्मी….. फिर मम्मी बोली रवि तुम मस्ट सेक्स कर सकते हो, कोइबी औरत तुमसे सेक्स करके बोहट कुश हो जाएगी , औरतो को ऐसा ही मस्ट लंड चाहिए होता है… मेरा कायल से किसीबी मर्द के पास तुम्हारा लंड जैसा नही होगा रवि… फिर बोलने लगी रवि तुम्हारे लंड देकर किसी को बी बोहट मूड आ जाएगा,………. मुजे बी…. फिर मेरे पास लेट गेय और मूज़े लिपट गेय और एक हाथ मे लंड को लेकर अपने नाइटी को तोड़ा उप्पर करके मेरा लंड घिस रही ती, और बोली तुमको क्या लगता है, तुम किसी से सेक्स नही कर सकते हो, मे बोला हाँ मम्मी मेरा फ्रेंड्स ऐसे ही बॉल रहे ते, की मे किसी से सेक्स नही कर सकता .
    मम्मी क्या मे सच मे सेक्स नही कर सकता?
    तो मम्मी बोली, मे तो कहती हू के, तुम बोहट अछा, बहुत ही मस्त सेक्स कर सकते हो, क्यों की तुम्हारा लंड जो है बोहट ही मजबूत है , एकदम स्ट्रॉंग है… और औरत को जैसा चाहिए उससे बी बाड़ियान है, रवि तुम्हारा एचा सोच को मे डोर कर सकती हू,
    मे पूछा, कैसे मम्मी,
    मम्मी बोली, हम दोनो सेक्स करके……!!!!!
    मई बोला मम्मी आपके साथ….!!!!
    मुम्मी बोली तुम्हारा प्राब्लम को मुज़ेही तो तीक करना पड़ेगा ना !!!
    फिर बोली रवि तुम मेर साथ सेक्स करके डेको, फिर बोलो तुम सेक्स कर सकते हो क्या नही. तीक है……
    बोलते हुवे मम्मी मेरे लंड को मंदी मे गिस्ते, गिस्ते और उप्पेरके तरफ ले गेय . मेरे लंड मे कुछ अलग एहसासा होने लगा, मेरे लंड मे मम्मी का सेक्स पार्ट का बॉल (हेर) टच होने लगा मूज़े बोहट ही अक्चा लगने लगा,
    मे मम्मी को एकदम लिपटने लगा, और अपना कमर को मम्मी के सेक्स पार्ट के साथ दबाने लगा,और मे मम्मी को कुछ बी जवाब नही दिया, लिकिन जिस तरीके से मे कर रहता उसका मतलब ओक ता…. मूमी को ग्रीन सिग्नल ता… फिर मम्मी बी अपनी कमर मेरे लंड के साथ दबाने लगी, और दिरेसे कन मे बोलने लगी रवि सेक्स करके देकना है क्या, मे कुछ जवाब नही दिया…..
    लेकिन मे मम्मी को ज़ोर्से अपने साथ दबा रहा था और मेरे हिप (कमर) को मम्मी के सेक्स पार्ट से दबा रहा ता, मम्मी मेरे लंड को अपने सेक्स पार्ट पर गिसने लगी….. और ज़ोर ज़ोर से सांस लेने लगी, अब तो मेरा बी हालत होने लगा, और मम्मी के कमरको हाथ से दबाते हुवे मेरा लंड को मम्मी के चूत मे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा…
    फिर मम्मी बोली रवि जल्दी बोलो तुमको सेक्स करके देकना है…. मे तुरंत साँस ज़ोर ज़ोर से लेते हुवे बोला मम्मी करो ना प्लीज़ मूज़े कुछ तो हो रहा ही………. मम्मी मूज़े ज़ोर्से लिपट और मूज़े किस करने लगी,….
    और मम्मी अपना एक पैर (लेग) को मेरे कमर के उपर डाली और मेरा लंड से उनका चूत को आचेसे गिसने लगी.. मूज़े लंड मे घरम घरम महसूस हुवा और तोड़ा गिल्ला बी लगने लगा… मूज़े बोहट ही अच्छा लग्रहा ता.. मे अपना कमर को आगे पीछे करके लंड को मम्मी के चूत के साथ दबा रहता ….अब मम्मी मेरे लंड से अपना चूत को गिस्ते हुवे धीरे धीरे मेरे उप्पर आराही ती…
    उस वक्त मुम्मय्के मुहा से आवाज़ निकलरहिती … इसस्स्स्स्स्स्स्सस्स हहााआअ रवीउउु ….सोन्नूऊऊउ कितना सही लंड है तुम्हारा, रवि कितना मोटो है…. बोहट ही सही लंड है…… कितना स्ट्रॉंग है… मैने काबी ऐसा लंड डेक ही नही सोनाआ…… म्म्म्मम हााआआ इसस्स्स्सस्स और अपने कमर को बी हिला रही ती…..
    अचानक मम्मी मेर उप्पर चाड गेय और मेरे उप्पर लेटकर अपना कमर को आगे पीछे हिलाकर मेरे लंड मे चूत को किसने लगी……मेरा लंड मम्मी के चूत के होल के अंदर नही गेया था बस मेरा लंड मेरा पेटमे उप्पर की तरफ लेता हुवा ता, और मूमी अपना चूत को उसमे रककर घिस रही थी…. मूज़े बोहट मज़ा आ रहा था मे … मुम्मय्ययी इसस्स हहाा करके आवाज़ करने लगा
    तबी मे अचानक उछाल पड़ा.. और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा हहााआ हहााअ मुंम्मय्यययी हहाा हा हाअ मुंम्मय्ययी ….. ईस्तरहा से छीलरहता ,,, मम्मी को समज़ मे आ गेया के मेरा पानी निकल राहा है तो मम्मी अपना कमर को ज़ोर ज़ोर्से मेरा लूंदमे रककर गिसने लगी मम्मी फास्ट फास्ट करने लगी, मे अपना कम्बर को उप्पर के तरफ उछल्ल रहता क्यों की मेरा लुंदसे पानी निकल रहता मम्मी उनके निघट्य को उप्पर चेस्ट तक उतक्र पकड़ी और उनके कमरको मेरे लूंदमे रकार आगे पीछ करने लगी, इससे मेर लंड से जो पानी निकाला
    वो मेरे छाती तक उड़ने लगा….मेरा लंड से ऐसा पिचकारी निकल रहा ता,.मेरा पेट मे चेस्ट मे पूरा गीला हो गेया… मम्मी बी आचे से अपना छूट को मेरा लूंदमे रककर गीसराहिती…. मे कुछ ही पाम शांत होने लगा फिर मम्मी बी मेरे उपर मेरा गिरा हुवा पनिमेहि लेटगेई और मेरे मूह से मूह लगाकर मूज़े किस करने लगी… मेरे लिब्स को चुस्राही ती और मम्मी ज़ोर ज़ोर से साँस ले राहिती.. ऐसा लग्रहता की मम्मी बोहट ही सेक्स के मूड मे आगेय ही….
    मूज़े लगा सेक्स सब कुछ पूरा हो गेया.. लेकिन अबी मम्मी के कमर फिरसे आगे पीछे हिलना सुरू हुवा अब मेरा लंड पहले जैसे एकदम टाइट नही ता… लेकिन एकदम लूस बी नही ता…. मे मुम्मय्सए पूछा मम्मी सेक्स होगेया ना… क्या मे अचसे सेक्स कर सकता हू? मम्मी बोली रवि एचा तो सिर्फ़ स्टरटर था …सिर्फ़ ट्रेलर अबी तो पूरा खाना…. पूरा पिक्चर बाकी है……..
    हुँने अबी तक सेक्स कीदार किया है… यहा तो सिर्फ़ सुरुवत ता….आगे डेको क्या क्या होगा….और मम्मी पूछी , रवि क्या तुमको यह अछा लगा? मे बोला मम्मी सेक्स का सुर्वात ही इतना अछा लगा तो सेक्स कितना आक लगेगा…. मम्मी जल्दिसे सेक्स करो ना…. मम्मी बोली तीक है मेरी जान… बोलते हुवे मेरे कमरपार (उप्परसेही) एकदम सीडे बैतकर , और अचानक अपना निघट्य उतारकर फेकडी…….
    मे डेक्ते ही रहा गेया…… मम्मी मेरे उप्पर एकदम न्यूड (नंगी, विदाउट ड्रेस) बैटी ती…. और मे अब तक जिस चीज़ का द्यान नही दे रहता वो मेरे सामने ता…. एस मी फ्रेंड्स, मम्मी का 36 साइज़ का बूब्स अब वो 36 नही बल्कि 38 साइज़ लग्रहता…… एकदम ताना हुवा.. एकदम रौंद …फूला हुवा.. ब्राउन निपल के साथ मम्मी बोती सेक्सी लग्राहिती….. मे डेक्ते ही रहा गेया…मे अपने हाटसे मम्मी के बूब्स को टच करके देकने लगा… सॉफ्ट टच कर रहा ता….. मम्मी अपना घर्दन पीछ करके छाती (चेस्ट) को एकदम आगे करके मेरे डोना हाथ को पकड़कर अपना ब्रेस्ट को दबाने लगी और एकदम ज़ोर्से आवाज़ करने लगी …. हााआआ म्म्म्मममममममम रवीउउुुुउउ…… इसस्स हाआआआअ म्म्म्ममममम…….
    मे उस सेक्सी आवाजसे और मम्मी के बूब्स को देकर ही फिरसे चार्ज हो गेया था अब मेरा लंड एक दम टाइट होकर मम्मी के चूत को फाड़ने के लिए इंतज़ार कर रहता …… मे मम्मी के बूब्स को अब अची तरह दबाने लगा मम्मी अपने कमर को हिलने लगी…. फिर मम्मी दोनो हाथ को मेरे छाती के दोनो साइड मे रककर आगे जुक्ने लगी अब मम्मी के दोनो बूब्स मेरे फेस के सामने लटक राहिती… और मम्मी अपना कमर को मेरे लंड से उप्पर उतने लगी जैसे ही मुम्मय्का कमर मेरे लुंदसे उप्पर यूटा वैसे ही मेरा लंड 90 डिग्री की तरह टंके कड़ा हो गेया फिर
    मम्मी अपना कमर को मेरे लूंदमे रकार धीरे धीरे दबाने लगी और हमम्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्मम ह्म करके आवाज़ कर रही ती, मे मम्मी का चेहरा डेक रहता क्यों की मम्मी का दोनो आँके (आइज़) आदि बंद और नसीली लग रही ती इससे पता लग रहता मम्मी को कितना मज़ा अरहा है.. मम्मी धीरे धीरे कमर को मेरे लंड मे दबाते हुवे बोली रवि तुम्हारा लंड बोहट ही मोटा है और एकदम स्ट्रॉंग बी है रवि बेटे, मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे किसी घोरे का लंड हो या किसी गढ़े का लंड हो… इतना लूंबा और मोटा लंड तो तुम्हारे पापा का भी नही था.. आआअहह मज़ा आ गया बेटे…
    फिर बोली रवि ई लोवे योउ रवि बेटे… बोलते हुवे कमर को लंड मे रख दिया मतलब लंड के उपर कमर को एकदम दबाने लगी , फिर निकली नही बस दबाते गेय मेरा पूरा लंड मम्मी के चूत के अंदर चला गेया…… बोहट ही टाइट फील हो रहता…. मेरा 8.6 इंच का लंड पूरा मम्मी के चूत के अंदर चला गेया ,,,, मे सोचने लगा बप्रे मम्मी के चूत के अंदर इतनी जघा है क्या? मम्मी पूरा लंड अंदर जाते ही मेरे उप्पर लेट कर मुझे क़िस्स्स करने लगी….और…मम्मी के मूओ से सिसकारियाँ निकल रही थी, मुझे ऐसे लगा जैसे मेरा लंड मम्मी की छूट में जा कर फस गया हो. मैं ज़ोर जोरे से अपने लंड के धक्के मम्मी की छूट में लगाने लगा… जल्द ही मम्मी की छूट ने पानी छ्होर दिया … अब मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था… चुदाई करते करते लघ्हबघ आधा घंटा हो गया था…
    आख़िर मैने अपनी स्पीड तेज़ कर दी और मेरे लंड का पानी अपनी मम्मी की छूट के अंदर जड़ तक डाल दिया… मम्मी की छूट मेरे लंड के पानी से पूरी तरह से भर गयी थी.. मम्मी के मूह से आअहह निकल गयी जैसे मम्मी पूरी तरह से त्रिपत हो गयी हो.. जब मैने अपना लंड मम्मी की छूट से बाहर निकाला तो मेरा लंड मम्मी की छूट के पानी और मेरे लंड के वीर्या से भरा हुया था… उनकी छूट भी भर गयी थी…
    उसके बाद मम्मी या मेरा जब ब दिल करता हम एक दूसरे की चुदाई का सिलसिला शुरू करे दिया..

  • भाई से चुदाई

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    मेरा फिगर ३२-२८-३४ है और किसी वजह से छोटी उम्र में ही सैक्स की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगी। वैसे तो मेरा स्थाई घर जयपुर में है लेकिन मैं जोधपुर में मेरे भाई के साथ रहती हूँ। मै और मेरा भाई लगभग रोज चुदाई करते है। अब तो ये हाल है कि मैं दिन में एक बार जब तक भाई से चुद नहीं लेती मुझे नींद नहीं आती है। मैंने अपने भाई के अलावा किसी और से चुदाई नहीं की है।
    मेरे भाई का नाम अंकित है। जब उसने मुझे पहली बार चोदा तो मेरी उम्र १८ साल थी। लेकिन उस उम्र में भी मैं जवान औरतों को मात दे रही थी। मेरे स्तनों का आकार तो सामान्य ही था लेकिन थे बहुत ही टाईट व तीखे। मेरा फिगर देखकर बड़े लोगों व बूढ़े लोगों का भी लण्ड खड़ा हो जाता था।
    जब मैं कक्षा १० में थी तो तभी मैं और भईया अलग जोधपुर में रहने लग गये थे। भईया ने मुझे बड़े प्यार से पाला था।
    एक दिन स्कूल से आकर मैने भईया से कहा- भईया स्कूल के वार्षिक फंक्शन में मैंने डांस करना है और ड्रेस कोड साड़ी है इसलिये मुझे साड़ी पहन कर जाना होगा, लेकिन मुझे साड़ी पहनना नहीं आता है और मेरे पास कोई अच्छी साड़ी भी नहीं है।
    तो भईया कहा- अपनी नई साड़ी पहन लो !

    मैंने कहा- हाँ ! लेकिन ब्लाउज और पेटीकोट तो मुझे नहीं आयेगे !
    भईया ने कहा- ठीक है तेरे लिये बाजार से नया ब्लाउज और पेटीकोट ले आउँगा।
    मैने कहा- ठीक है भईया ! पर पहले आप मुझे साड़ी पहनना सिखा दीजिये। जिस पर भईया ने मुझको साड़ी लाने को कहा। तो मै भाग कर कमरे में गई और साड़ी लेकर आई। मैंने उस समय टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी थी। मैने अपना टी-शर्ट उपर कर दिया तो मेरा गोरा पेट भईया की आंखो के सामने था। मेरा गोरा पेट देखकर भईया की आंखो में वासना चमकने लगी, उसके मन में बुरे बुरे ख्याल आने लगे। उसने धीरे से मेरे पेट पर हाथ फिराया तो मैं हंसने लगी।
    भईया ने कहा- हंस क्यो रही हो?
    मैं बोली- कुछ नहीं ! ऐसे ही ! गुदगुदी हो रही है।
    भईया ने मेरे कमर पर साड़ी लपेटी लेकिन कपड़े पहने होने के कारण साड़ी मेरे बदन पर ठीक नहीं हो पा रही थी।
    भईया ने मुझे कहा- अंकिता ! तुम अपने कपड़े, अपनी पैन्ट उतारो !
    मैने कहा- क्यों?
    तो भईया ने कहा- इसलिये, क्योंकि साड़ी ठीक से नहीं आ पा रही है।
    तो मैंने अपनी पैन्ट उतार दी। उस समय मैने गुलाबी रंग की पेन्टी पहनी थी। मै अपने भाई के सामने पेन्टी में थी।
    मैंने कहा- जल्दी करो ना ! मेरे हाथ दुख रहे हैं क्योंकि मैं अपने हाथो से अपना टी-शर्ट उपर किये हुए खड़ी थी।
    भईया ने मुझे कहा- तुम अपना टी-शर्ट उतार दो तो मै तुम्हें साड़ी पहना सिखाउंगा।
    तो मैने अपने बटन को खोल कर टीशर्ट उतार दिया। अब मैं केवल ब्रा और पेन्टी में ही थी। भईया खड़ा रह कर मेरे बदन के आस पास साड़ी लपेटने लगा। भईया का हाथ मेरे बदन पर बार बार छू रहा था। जैसे तैसे भईया मुझे साड़ी पहनाई। फिर भईया ने कहा- देखो अंकिता जाकर आईने में ! साड़ी ठीक से बन्धी है या नहीं।
    मै अपने कमरे में गई तथा आईने में अपने आप को देखने लगी। जब भईया बेडरूम में आया तो मै केवल ब्रा और पेन्टी में थी तथा केवल एक साड़ी लपेटे हुए थी।
    तभी भईया ने मुझे कहा- अंकिता ! अगर तुम बुरा न मानो तो एक बात कहूं? तुम्हारा एक स्तन छोटा और एक बड़ा है।
    तो मैं गौर से देखने लगी, फिर बोली- नहीं दोनों बराबर हैं ! मैने अपना साड़ी का पल्लू हटा कर दिखाया।
    तो भईया ने कहा- नहीं तुम्हें साड़ी पहनकर दिखाई नहीं दे रहा है।
    मैने कहा- इससे क्या होगा?

    तो भईया ने मुझे कहा- ये परेशानी तुमको तुम्हारी शादी के बाद आयेगी, जब तुम्हारा पति तुम्हारे दोनों स्तन बराबर नहीं पायेगा तो बड़ा नाराज होगा, और हाँ इससे तुम्हारी खूबसूरती भी कम हो जायेगी।
    तो मैने कहा- भईया !अब मैं क्या करूँ? ये ठीक नहीं हो पायेंगे क्या?
    भईया ने कहा- ठीक तो हो जायेगे लेकिन तुम्हें कहे अनुसार इलाज करना पड़ेगा और इसका इलाज केवल मालिश के द्वारा ही होगा।
    तो मैने भईया से कहा- भईया ! आप प्लीज इसे ठीक कर दीजिये ना !
    तो भईया ने मुझे कहा- अंकिता ! तुम एक काम करो तुम साड़ी उतार कर बिस्तर पर लेट जाओ, मैं तुम्हारी अभी मालिश कर देता हूँ।
    फिर मैं अपनी साड़ी उतार कर बिस्तर पर लेट गई। भईया ने अलमारी में से तेल की शीशी निकाली और बिस्तर पर मेरे पास आकर बैठ गया और कहा- तुम अपनी ब्रा उतार दो, नहीं तो तेल से खराब हो जायेगी।
    मैने जल्दी से अपनी ब्रा को उतार दिया और अब मै मेरे भईया के सामने केवल पेन्टी में ही थी। भईया ने अपने हाथ में तेल ले कर फिर मेरे स्तनों पर लगाया और मेरे स्तनों की मालिश करने लगा। मैं अपनी आंखों को बंद किये हुए लेटी थी। भईया मेरे कच्चे और हल्के गुलाबी रंग के स्तन व उनके चूचुकों को मसल रहा था। पहली बार किसी लड़के ने मेरे स्तनों को हाथ लगाया था और वह मालिश कर रहा था। इस कारण से मुझे अजीब सा नशा छाने लगा।
    तभी भईया ने मेरे गुलाबी चूचुक को अपने अंगूठे व उंगली के बीच में लेकर जोर से दबा दिया तो मै जोर से बुरी तरह चिल्ला उठी और बोली- आ आआ हहहहहहहह भईया इतनी जोर से नहीं ! आराम से !
    इसके बाद तो मै अपने होश खोती जा रही थी तथा आसमान में उड़ने लगी थी लेकिन मेरा कोई गलत काम का मन नहीं था। लेकिन भईया मुझको पूरी तरह तैयार करके चोदने में मूड में था। करीब २० मिनट मालिश करने के बाद भईया ने मुझे कहा- अंकिता तुम्हारे स्तन अभी थोड़े ठीक हुए हैं लेकिन अगर तुम बुरा न मानो तो मैं तुम्हारी पूसी भी देख लूँ ताकि उसमें भी कोई परेशानी तो नहीं है।
    तो मैने कहा- इसमें पूछने की कोई बात नहीं ! आप मेरे भईया है आप मेरा बुरा थोड़े ही करेंगे।
    भईया उस समय भी कपड़े पहने हुए थे। मैने देखा कि भईया के कपडो पर भी तेल लग गया है। भइया उठे और अपने कपड़े निकाल दिये। मैने पूछा तो कहा कि मेरे कपड़ों पर तेल लग गया है, बदलने है। अब भईया मेरे सामने सिर्फ अन्डरवीयर में थे।
    मैने भईया से कहा- भईया ! आप अपना अण्डरवीयर निकाल दो, नहीं तो ये भी गन्दा हो जायेगा।
    तो भईया ने जल्दी से अपनी अण्डरवीयर उतार दी। भईया का लण्ड में लहराने लगा तो मैने भईया से पूछा- ये क्या है?
    तो उसने कहा- यह लन्ड है और अंग्रेजी में इसको पेनिस कहते है और हम दोनो इसी पेनिस की वजह से इस दुनिया में आये हैं।
    मैने पूछा- इससे क्या होता है?
    भईया ने कहा- इससे चूत की शेप और साईज ठीक किया जाता है।
    तो मैने मासूमियत से कहा- भईया ! क्या आप मेरी चूत की शेप भी ठीक करेंगे?
    वह बोला- हाँ ! लेकिन पहले मैं यह देख तो लूँ कि तुम्हारी चूत ठीक है भी या नहीं ?
    यह बोलकर उसने मुझे मेरी पेन्टी उतारने को कहा तो मैंने अपनी पेन्टी उतार दी। फिर भईया ने मेरे दोनों पैर फैला दिये और मेरी कुँवारी चूत को गौर से देखने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि आज अपनी इस कुँवारी और नादान और भोली भाली लड़की की सील तोडने को मौका मुझे मिला हैं। ये बात मुझे भईया ने बाद में बताई जो लिखी।
    मैने पूछा- भईया आप क्या देख रहे है?

    तो वो बोला- अंकिता ! तुम्हारी चूत का साईज बहुत छोटा है इसे बड़ा करना पडेगा !
    मैने कहा- जल्दी से इसको बड़ा कर दो।
    तो भईया ने कहा कि पहले मैं इस चूसूंगा, उसके बाद भईया ने अपनी जीभ मेरे नीचे डाल दी और चूसने लगा।
    मेरी तो हालत ही खराब हो गई और मैं मस्ती के मारे आहह आहहहहहह आअ अ आ आ आ आहहहहह ओइइइइइइइ सीईइइइ आहहहहह करने लगी।
    भईया ने कहा- मजा आया?
    तो मैने कहा- बहुत ! और करो भईया !
    काफी देर चूसने के बाद भईया ने कहा- अंकिता ! अब मुझे तुम्हारी चूत में अपना लण्ड घुसाना पड़ेगा पर मेरा लण्ड अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है तुम इसे खड़ा करने में मेरी मदद कर दो।
    उसके बाद जैसे भईया ने कहा, मैं वेसा करने लगी। उसके लण्ड को चूमने लगी, मुँह में लेकर आगे पीछे करने लगी, चूसने लगी तो भईया भी मेरी तरह करने लगे और वो बोलने लगे ओ मेरी प्यारी बहन अंकिता ! आहहहहहहहह क्या जादू है तेरे गुलाबी होठो में ! जोर से चूस मेरी रानी ! और चूस ! मेरा मुँह में ले ले मेरा आज तू ! आहहहहह !
    जब भईया का लण्ड पूरी तरह से तन कर खड़ा हो गया तो उसने मेरी दोनो टांगो के बीच में अपना मोटा लण्ड रखकर थोड़ी क्रीम लगाई मेरी चूत के अन्दर तक ! भईया ने १०० ग्राम क्रीम की शीशी को पूरी की पूरी मेरी चूत के ऊपर और अन्दर तथा अपने लण्ड पर लगा दिया और बोला- मैं तेरी चूत में अपना लण्ड डाल रहा हूँ !
    और उसके बाद भईया ने एक जोरदार धक्का मारा, लण्ड पूरा मेरी चूत में एक बार में ही घुस गया, मेरी तो सांस ही अटक गई, मेरे मुँह से एक जोरदार तेज चीख निकली, मै रोने लगी और रोते हुए बोली- मार डाला ! मर गई रे ! मेरी चूत फट गई भईया ! उफफ नहीं, अपना लण्ड बाहर निकालो भईया ! मुझे अपनी चूत सही नहीं करवानी है, इसे बाहर निकालो !
    लेकिन भईया ने मेरी एक नहीं सुनी और मेरे मुँह पर हाथ रखकर दूसरे हाथ से मेरे स्तन पकड़ कर मसलते हुए अपना लण्ड आगे पीछे करने लगे।
    कुछ देर बाद मुझे थोड़ा आराम मिला तो भईया ने पूछा- अंकिता अब अच्छा लग रहा है ना !
    तो मैने कहा- भईया ! बहुत मजा आ रहा है, जरा जोर से धक्के मारो मेरी चूत में !
    और भईया जोर से मेरी चूत में झटके मारने लगे। अब भईया को और मुझको दोनों को मजा आ रहा था और हम दोनों सिसकियां ले रहे थे।
    मैं भईया को कहने लगी- भईया ! आज तक तुमने मेरा इलाज क्यों नहीं किया? अब डालो ! जोर से डालो ! मारो जोर से झटके मारो भईया। भईया अब जोर जोर से झटके मारने लगे मै सातवें आसमान पर थी तथा मुझे मेरी चूत की चुदाई से त्रिलोक नजर आने लगा था और मैने भईया को कहा कि भईया मेरे चूत से कुछ निकलने वाला है !
    भईया बोला- अंकिता ! ये तुम्हारी जवानी और चूत का रस है जो आने वाला है, अब मै भी तुम्हारे साथ आने वाला हूँ।
    तभी मेरी चूत ने जोर की पिचकारी छोड़ी और मुझे बहुत मजा आने लगा। पहली बार मेरी चूत ने किसी लड़के के लन्ड से अपना रस छोड़ा था, अति आनन्द और मजे से मैं सीसीयाने लगी और एक तेजी खुशी की चीख निकली। और इसी के साथ में धडाम हो गई, मैं असमान की बुलन्दियों से कटी पंतग की भांति जमीन पर गिरने लगी।
    तभी भईया का लण्ड मेरी चूत में फ़ूल कर झटके मारने लगा। मुझे फिर मेरी चूत में कुछ गरम गरम सा गिरता प्रतीत हुआ, ऐसा लगा किसी ने कोई गरम गरम चीज मेरी चूत में डाल दी हो। भईया ने मेरी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया। जब मैं खड़ी हुई तो मुझे भईया का सहारा लेकर खड़ा होना पड़ा।
    खड़ी होने पर भईया का वीर्य मेरी चूत से निकल कर मेरी जांघों पर बहने लगा तो मैने भईया से पूछा- यह क्या है?
    तो वह बोला- यह पीने से ताकत आती है, तुम्हारी बॉडी सही हो जायेगी।
    मैने अपने हाथ से अपनी जांघों तक आये हुए भईया के वीर्य को अंगुलियो पर लिया और चाट गई। मुझे पहले अजीब पर बाद में बहुत अच्छा लगा।
    बाद में भईया ने पूछा- अंकिता मजा आया?
    मैंने कहा- हाँ भईया ! आया ! लेकिन एक वादा करो कि आप ऐसे ही रोज मेरा इलाज करोगे।

    भईया ने कहा- हाँ करूंगा, पर उसके लिए तुम्हें मेरी पत्नी बनना पड़ेगा, फिर मैं तुम्हारा हर समय इलाज करता रहूंगा।
    मै मुस्कुरा दी और कहा- हाँ जी बनूंगी।
    भईया कहा- अरे ‘हाँ जी’ क्यों कहा?
    मैने कहा- अब आप मेरे पति हैं और लडकियाँ अपने पति का नाम नहीं लेती है न !

  • बड़ी बहन को चोदा रखेल बनाकर

    incest sex kahaniहैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम कुलदीप है. कैसे हो आप सब? में इस सेक्स वेबसाइट का बहुत बड़ा फेन हूँ और इसको रेग्युलर पढ़ता हूँ.. मुझे इसकी सभी कहानियां पड़ना बहुत अच्छा लगता हैं खास कर घर की मेरा मतलब माँ और बेटा, भाई और बहन. तो फिर दोस्तों मैंने भी सोचा कि क्यों ना में भी अपने जीवन की एक सच्ची घटना लिख देता हूँ जो कि मेरी और मेरी बड़ी दीदी की है. तो दोस्तों अब आप अपना लंड अपने हाथ में ले लो और मेरी और मेरी दीदी के नाम की मुठ भी मार सकते हैं.. लेकिन इससे पहले में अपने बारे में थोड़ा बहुत बता देता हूँ… मेरा नाम कुलदीप है और मेरी ऊम्र 19 साल, हाईट 5.10 इंच.. शरीर मजबूत, लंड का साईज 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा और में उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ और मेरी दीदी का नाम सपना उम्र 21 साल हाईट 5.6 इंच फिगर 36-26-38 रंग साफ और दिखने में एकदम सेक्सी माल, बड़े बड़े बूब्स बड़ी सी गांड.
    तो दोस्तों अब में आपका ज्यादा टाईम खराब किए बिना अपने जीवन की घटना सुना देता हूँ. यह बात अगस्त 2012 की है मेरा बीकॉम का पहला साल था और दीदी के कॉलेज का दूसरा साल. हम दिल्ली में पढ़ रहे हैं. फिर पहले तो मेरे मन में दीदी के लिए कोई ग़लत ख्याल नहीं थे और हम दोनों दिल्ली में अपने कॉलेज से थोड़ी ही दूरी पर एक किराए का रूम लेकर रहते थे और जब बारिश का टाईम था और में, दीदी कॉलेज में थे और ट्यूशन भी करते थे और कोई शाम को 8-9 बजे रूम पर आते थे और हम खाना भी बाहर से ले आते थे. उस दिन बहुत ज़ोर की बारिश हुई थी और जब हमने अपने रूम पर आकर देखा तो हमारे रूम में भी बहुत सारा पानी आ गया था और हम दोनों तो बारिश में भीग भी गये थे. हमारे रूम में कोई अलमारी नहीं थी.. इसलिए हमारे कपड़े हम टेबल पर ही रुखते थे और बाहर बारिश बहुत ज़ोर से हो रही थी और हवा भी चल रही थी. तभी रूम की खिड़की हवा से खुल गई और रूम में रखे सारे कपड़े नीचे गिरकर भीग गये थे और दीदी का पलंग खिड़की के पास था और वो भी पूरा भीग गया था और हम भी पूरे भीगे हुए थे और हमारे पास कोई चेंज करने के लिए कोई और कपड़े नहीं थे. तभी मैंने दीदी से कहा कि दीदी आपको सर्दी लग जाएगी. आप अपने गीले कपड़े चेंज कर लो. तो दीदी बोली कि कहाँ से चेंज करूं? मेरे तो सभी कपड़े गीले हो गये हैं.

    तो मैंने कहा कि आप एक काम करो मेरे बेड की बेड शीट ले लो और उसे लपेट लो. मेरा बेड कोने में था और वो गीला होने से बच गया था. तो दीदी ने बोला कि नहीं में ऐसे ही ठीक हूँ. फिर मैंने ज़्यादा बार कहा तो दीदी मान गई थी और उसने अपने कपड़े उतार दिये और बेड शीट लपेट ली. फिर दीदी बोली कि तुम भी अपने कपड़े चेंज कर लो. तो मैंने भी बेड पर से टावल उठाकर अपने कपड़े निकाल लिए और टावल लपेट लिया. फिर मैंने देखा कि दीदी के पैर उसमे से साफ साफ दिख रहे थे. क्या पैर थे दीदी के गोरे गोरे चिकने.. लेकिन उस टाईम भी मेरा मन साफ था और रात बहुत हो चुकी थी और हम सोने के लिए तैयार हो गये.. लेकिन बेड एक ही था और हम दो. तो दीदी ने कहा कि हम एक ही बेड पर सो जाते हैं.. और फिर मैंने कहा कि ठीक है और हम सो गये. तो एक या दो घंटे के बाद मेरी आँखे खुली.. क्योंकि मुझे बहुत ठंड लग रही थी और फिर मेरी तो आँखे खुली की खुली रह गई दीदी की बेड शीट उसके शरीर से पूरी तरह से हट गई थी और वो बिल्कुल नंगी थी. उसके बूब्स में क्या बताऊँ यारों और उसकी चूत बिल्कुल साफ सुथरी शेव की हुई और में तो देखकर पागल ही हो गया और उसको ऐसे देखकर मेरे अंदर का जानवर जागने लगा था और उसे इस हालत में देखकर में क्या और कोई भी पागल हो जाए.
    तो उन्हें ऐसे देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा और अब में दीदी को चोदना चाहता था. तो मैंने नींद का बहाना करके एक हाथ दीदी के बूब्स पर रख दिया और एक उसकी चूत पर.. लेकिन दीदी गहरी नींद में थी और उस टाईम थोड़ी देर बाद दीदी की आँख खुली और दीदी ने देखा.. लेकिन मेरे नींद में होने की वजह से ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मेरे हाथ हटा दिए और थोड़ी देर बाद अब दीदी को भी नींद नहीं आई. तो मैंने सोचा कि वो सो गई है और मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा दिया और धीरे धीरे आगे बड़ाकर अपनी एक उंगली से सहलाने, मसलने लगा. तो थोड़ी देर तक तो दीदी ने कुछ नहीं कहा.. लेकिन थोड़ी देर के बाद दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा कि यह क्या कर रहे हो? तभी में बहुत घबरा गया और में अब मौके को छोड़ना नहीं चाहता था.. क्योंकि दीदी को अब ही तो फंसाया जा सकता है.. क्योंकि दीदी और में दोनों पूरे नंगे थे.
    तो में अब दीदी के ऊपर चड़ गया था और उसको अपनी बाहो में ले लिया.. तभी दीदी छटपटाने लगी और बोली कि छोड़ मुझे. तो में बोला कि दीदी प्लीज़ आज आज फिर नहीं. फिर दीदी बोली कि पागल हो गया क्या? तू चल हट दूर.. छोड़ मुझे. तो मैंने कहा कि नहीं दीदी प्लीज एक बार मुझे यह करने दो. फिर दीदी कहने लगी कि यह बात बिल्कुल ग़लत है और में तेरी बहन हूँ. तो मैंने कहा कि नहीं दीदी आज हम दोनों भाई बहन नहीं एक लड़का और लड़की हैं और यह बोलकर में दीदी को चूमने लगा में उसके बूब्स को दबाने लगा, धीरे धीरे उसके जिस्म को सहलाने लगा उसको किस करने लगा और अब दीदी का विरोध थोड़ा कम हो गया. तो मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत पर लगाई. दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कि नहीं.. मुझको बहुत अजीब लग रहा है. फिर में समझ गया था कि दीदी वर्जिन है और आज मुझे अपनी ही सग़ी बहन की सील तोड़ने में बहुत मज़ा आएगा.
    फिर दीदी अब गरम हो चुकी थी और मेरा लंड भी अब उनकी चूत को खड़ा होकर सलाम कर रहा था. तभी दीदी मेरे लंड को देखकर चौंक गई और बोली कि यह आज मेरी चूत को फाड़ देगा. तो में कहने लगा कि नहीं कुछ नहीं होगा बहुत मज़ा आएगा और फिर मेरे बहुत कहने पर दीदी मान गई. फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर दीदी की चूत पर रखा और मैंने लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का झटका मारा.. तो मेरे लंड का टोपा ही अंदर गया और उसकी वजह से दीदी के मुहं से सिसकियाँ निकल गई आह्ह्ह उईईईई अहह और दीदी ने कहा कि प्लीज बाहर निकाल में मर जाउंगी.. लेकिन मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने बिना देर किए हुए एक और ज़ोर झटका का मारा और अब मेरा लंड 4 इंच अंदर चला गया था और दीदी दर्द से छटपटाने लगी थी और वो उईईई अह्ह्ह मर गई माँ अह्ह्ह की आवाज़ करने लगी.
    में थोड़ी देर रूका रहा और थोड़ी देर में दीदी नॉर्मल हुई. फिर मैंने अब की बार पूरी ताक़त से एक और झटका मारा.. मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में समा गया.. तो दीदी बहुत ज़ोर से चीखी और रोने लगी. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखे जा रही थी और हर बार लंड को बाहर निकालने को कह रही थी.. शायद अब दीदी की सील टूट चुकी थी और अब वो एक लड़की से औरत बन गई थी. में अपने लंड को एक जगह पर रखकर थोड़ी देर रुका रहा.. फिर धीरे धीरे जब उनका दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को थोड़ा आगे पीछे किया और दीदी मुझसे चिपक गई थी. तो मैंने देखा कि उसकी चूत से थोड़ा खून भी निकल रहा था.. फिर थोड़ी देर बाद जब वो थोड़ा ठीक हो गई और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी. वो अपने चूतड़ उछाल उछाल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी और में ज़ोर ज़ोर के धक्के देकर उन्हें चोदने लगा और उस दौरान दीदी की चूत से दो बार पानी निकला और अब में भी झड़ने वाला था.
    फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और मैंने दीदी की चूत में ही अपना माल निकाल दिया और थककर वहीं पर सो गया. फिर उस रात हमने 4-5 बार चुदाई की और अगले दिन मैंने दीदी की माँग में सिंदूर भर दिया और अब हम दुनिया के लिए भाई बहन और अपने रूम में पति पत्नी हैं. अब हम रोज सेक्स करते हैं और दीदी को डॉगी स्टाईल में चुदवाना बहुत अच्छा लगता है और फिर हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही. मैंने दीदी की चूत को चोद चोदकर उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया. दोस्तों अब दीदी की शादी हो चुकी और वो जब कभी हमारे घर आती है तो मुझसे चुदवाकर ही वापस जाती है. में उसको अब एक रखेल बनाकर चोदता हूँ और उसकी चूत मेरे लंड की दासी है.

  • मौसी की गांड मारी

    gaand chudai हेलो फ्रेंड, माय नाम इस राजवंत एंड आई ऍम फ्रॉम पंजाब माय ऐज इज २४ इयर, हाइट इज ५ फिट ९ इंच. रंग गोरा है और एथलेटिक बॉडी और लंड का साइज़ ६.५ इंच है. ये कहानी मेरी और मेरी मासी की है.मेरी मासी की उम्र ३६ साल है, हाइट ५.३ इंच और रंग गोरा है. टिपिकल पंजाबी बॉडी है. बड़े बूब्स और बाहर निकली हुई गांड. हमेशा पंजाबी सूट पहनती है. मेरा मौसा दुबई में रहते है. मेरी मासी का नाम राज है और उनके दो बेटे है और एक बेटी है.
    बात उन दिनों की है, जब एक बार मासी ने मुझे अपने यहाँ बुलाया. क्योंकि उनके बच्चे छोटे है और उनके घर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. मैं घर की कंस्ट्रक्शन के काम पर नज़र रखता था और उनको रॉ मटेरियल लाकर देता था. गर्मियों ने दिन थे. मेरी मासी के बच्चे अपने नाना के घर चले गये. पर काम की वजह से मैं और मासी नहीं जा पाए. एकदिन, बहुत तेज बारिश आ गयी और कंस्ट्रक्शन का काम छोड़कर मजदुर अपने- अपने घर चले गये. मैं जानवरों को चारा डाला और जानवरों को अन्दर बांध दिया. मेरी मासी का घर गाँव से बाहर खेतो में है, जहाँ कोई ज्यादा आता- जाता नहीं था. बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी. बारिश की वजह से सब कुछ भीग गया था. मासी ने आंगन में रस्सी पर सुख रहे कपड़ो को उतारा, तो उनका सूट भीग गया और उन्होंने गर्मी के कारण बहुत पतला सूट पहना था. उनके भीगे सूट से उनका पूरा जिस्म चिपक रहा था. मैंने नोटिस किया, कि उन्होंने काली ब्रा पहनी थी और पेंटी नहीं पहनी हुई थी.

    अचानक उनका ध्यान मेरी तरफ गया और उन्होंने एक हलकी सी स्माइल दी. शायद वो समझ गयी थी, कि मैं क्या ध्यान से देख रहा हु. ख़ैर, हम अन्दर आ गये और कपड़े चेंज किये. मैंने टीशर्ट और निकर पहन ली और मासी ने दूसरा सूट. मासी ने चाय बना दी. बारिश कुछ कम हुई पर लगातार जारी थी. कुछ देर बाद, हमारी लाइट भी चली गयी. मणि ने खाने के बारे में पूछा, तो मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है. ख़ैर रात को बारिश रुक गयी, पर लाइट नहीं आई. तो मैंने मासी से कहा, कि मैं छत पर जा रहा हुसोने के लिए. बाहर ठंडी हवा चल रही थी. तो मासी ने कहा, कि वो भी साथ ही चल रही है. हमने नीचे का डोर लॉक किया और कुत्ते को खुल्ला छोड़ दिया और खुद छत पर चले गये. मैंने अपना बिस्तर चारपाई पर लगाया और मासी मेरे साथ ही लेट गयी. उनका फेस मेरी तरफ था. हम बातें करने लगे. सब तरफ अँधेरा था, बातो- बातो में, मासी ने मुझसे पूछा कि तब क्या देख रहे थे. तो मैंने बोला – कब? तो मासी ने कहा, कि भोला मत बन.तुझे सब पता है. तो मैंने कह दिया कि आप गीले कपड़ो में बहुत अच्छी लग रही थी और सेक्सी भी. मासी हँसने लगी और मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा. मैंने कहा, कि हाँ है. तो उन्होंने पंजाबी में पूछा, कि मैंने उसकी ली है कि नहीं? तो मैं चौक गया. पर कह दिया – “नहीं”. तो मासी बोली, तो फिर गर्लफ्रेंड रखने का क्या फायदा.
    मैंने मासी से पूछा, की मौसा यहाँ नहीं रहते, तो आप क्या करती है. उन्होंने कहा, कि किसी को बताना मत. उसने कहा – कि वो गाजर- मुली या किसी और से काम चला लेती है. पर नहीं चुद्वाती है. तो मैंने पूछा – क्यों? वो बोली – उसकी एक बेटी है और अगर किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी. उस पर असर पड़ेगा. इन बातो से मेरा लंड खड़ा हो चूका था, मैंने मासी का हाथ पकड़ा तो उसने कुछ नहीं कहा. मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने मासी का हाथ अपने लंड पर रख दिया. मासी ने फोरन मेरा लंड पकड़ा और मैं उन्हें लिप किस करने लगा. ३-४ मिनट किस के बाद, मैंने मासी की कमीज़ उतार दी और सलवार का नाडा खोलकर उसे भी उतार दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया. मैंने अपनी मासी का पूरा शरीर चूमना स्टार्ट कर दिया. सर से लेकर पेरो तक.
    फिर मैंने मासी को ६९ पोजीशन में लेकर उसकी चूत चाटनी शुरू की और उसने मेरा लंड अपने मुह में लेकर चुसना शुरू कर दिया. मेरी जीभ ने असर दिखाया और मासी की चूत ने पानी छोड़ दिया. ख़ैर, मैं सारा नमकीन पानी पी गया और मासी मेरा लंड चूस रही थी. फिर, मैंने मासी को उठाकर चारपाई पर लिटाया और उनकी टांगो के बीच में बैठ गया. और अपना लंड उनकी चूत के साथ सटा दिया. फिर, मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा आधा लंड उनकी चूत में चले गया. उनके मुह से हलकी सी चीख निकली.
    फिर मैंने दो- तीन धक्के और लगाये. तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में उतर गया. मैं रुक कर उनके बूब्स चूसने लगा और फिर धक्के मारने शुरू किये. अब मासी भी मेरा साथ दे रही थी. अचानक मासी की आवाज़ निकलने लगी और उसने अपनी दोनों टाँगे हवा में उठा ली. और अपनी गांड उठा- उठा कर ४-५ जोरदार झटके मारे और पानी छोड़ दिया. उन्हें देखकर मुझे भी जोश आ गया और मैंने स्पीड बड़ा दी. २-३ मिनट बाद, मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया. फिर, मैं मासी के ऊपर से उतर गया.
    फिर मासी ने मेरा लंड अपने मुह में लिया और चूसने लगी. देखते ही देखते, मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया. मैंने मासी को अपने बॉल लिक्क करने को कहा. तो उसने वैसे ही किया. वो बारी- बारी मेरा एक बॉल मुह में लेकर चूसती. कुछ देर बाद, वो मेरे ऊपर आ गयी और अपनी चूत के साथ मेरा लंड लगा कर उसपर बैठ गयी. उनकी चूत मेरा लंड पूरा निगल गयी और वो मेरे लंड पर उठ- बैठ रही थी. वो मेरा लंड तक़रीबन सारा बाहर निकालती और फिर पुरे जोर से अपनी गांड नीचे लाती. मैं तो जैसे स्वर्ग में था. एक बार बीच में रूककर उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर टाइट किया और मेरे निप्पल मुह में लेकर चूसने लगी, तो मुझे बहुत मज़ा आया. कुछ देर बाद, वो थक गयी और मैंने उन्हें नीचे उतार लिया और छत पर दिवार के सहारे लगाकर घोड़ी बनाया और लंड उनकी चूत में डालकर झटके मारने लगा. कुछ देर बाद, वो झड़ने वाली थी, तो उसने अपनी गांड मेरे लंड पर जोर से आगे- पीछे करनी शुरू कर दी और कुछ देर बाद, उसने और मैंने एक साथ पानी छोड़ दियां.
    फिर, छत पर हमने खड़े होकर देखा. तो हर तरफ अँधेरा था. मैं उसके पीछे आ गया और खड़ा हो गया. और लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगा. वो भी अपनी गांड पीछे करके मेरे लंड पर दवाब डाल रही थी. फिर, वो मेरी तरफ फेस करके नीचे बैठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर मुह में लेकर चूसने लगी. जब लंड थोडा खड़ा हुआ, तो मैंने उसकी माउथ फकिंग शुरू कर दी. उसके हाथ मेरे चुतड पर थे और ५-६ मिनट के बाद, मैंने उससे कहा – मेरा पानी निकलने वाला है. मैंने लंड बाहर निकालने की कोशिश की, पर उसने लंड बाहर नहीं निकाला और जब मेरे लंड पानी छोड़ा. तो वो सारा पानी पी गयी और मेरा लंड भी चाट कर साफ़ कर दिया.
    हम चारपाई पर बैठ कर बात करने लगे. मैं उसके थाई को सहला रहा था. वो बोली – क्या अभी दिल नहीं भरा? मैंने कहा, कि कैसे भरेगा. तुम्हारा अभी एक होल तो अनटच है, तो वो हंस पड़ी. वो बोली – उसे भी फाड़ डाल. मैंने कब मना किया है. उसने मेरे लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी. मैं उसके बूब्स दबाने लगा. फिर, उसने मेरे लंड को मुह में लेकर चुसना शुरू किया और देखते ही देखते, मेरा लंड तन गया. मैंने उसे चारपाई पर पेट के बल लिटाया और उसके पेट के नीचे तकिया लगा दिया. जिससे उसकी गांड काफी ऊपर को उठ गयी. उसने अपनी टांगो को फैला लिया. यारो क्या नज़ारा था! मैं उसकी टांगो के बीच में बैठ गया और उसकी चूत के पानी से अपनी एक ऊँगली को गीला करके उसकी गांड में डाल दी. उसे दर्द हुआ, पर मैं नहीं रुका और ऊँगली अन्दर- बाहर करने लगा. फिर, मैंने दो उंगलिया डाल दी और फिर तीन. फिर, जब मुझे लगा कि अब उसकी गांड तैयार है, तो मैं उठा और उसके मुह के पास लंड लेजाकर उसके मुह में डाल दिया. मैंने उसे अपना लंड गीला करने को कहा. उसने अपने थूक से मेरा लंड पूरा गीला कर दिया. मैंने वापिस उसकी गांड के पास आकर बैठा और उसकी गांड पर लंड रखकर झटका मारा. लंड सिर्फ १.५ इंच तक अन्दर गया. उसकी चीख निकल गयी.
    अब मुझे भी दर्द हुआ. मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा और फिर ३-४ धक्के और कस- कसकर मारे, तो मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया. उसकी चीख निकल गयी. पर उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था. ख़ैर, जब वो कुछ नार्मल हुई. तो वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं झटके मार रहा था. पर इस बार मेरा पानी जल्दी नहीं निकलने वाला था. मैं कुछ देर बीच में रुका, तो उसने मुझे बताया, कि मेरी दूसरी दूसरी मासी की चूत भी चाहिए. उसका नाम सुखी था. तो मैंने कहा – वो कैसे मिलेगी? वो तो बहुत शरीफ है. मासी बोली, जितनी बड़ी गश्ती वो है, और कोई भी नहीं. उसने कहा, कि मैं तुझे उसकी चूत दिलवा दूंगी. मैं खुश हो गया और जोश में आकर जोर – जोर से धक्के मारने लगा. चारपाई भी अलग- अलग तरह की आवाज़े निकाल रही थी. और मौसी भी… मासी कहने लगी पंजाबी में… “मार, मेरी गांड मार… फाड़ दे. मेरा पानी निकल गया. हाई मम्मी… मर गयी… मासी की बातो से मुझे जोश आ गया और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और कुछ जोरदार धक्को के बाद, मासी की गांड में मैंने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होकर उसकी पीठ पर लेट गया.

  • मम्मी की चूत चुद गई

    maa ki chudai मेरी मम्मी का नाम मोनिका है. मैं अपनी मम्मी के साथ अकेला रहता हु. मेरे पापा एक ऍमएनसी में जॉब करते है और यूऍसऐ में रहते है. साल में १-२ बार ही घर आते है. मम्मी एक गवर्नमेंट टीचर है और मैं मम्मी के साथ स्कूल कि टीचर कॉलोनी में रहता हु.
    देखने में मम्मी बहुत सुंदर और सेक्सी है. मम्मी कि ऐज ३७ है, पर वो २७ कि लगती है. उनकी जवानी अभी भी भरी पड़ी थी. मम्मी का शरीर पूरा मांस से भरा हुआ है. मम्मी का रंग बहुत ही फेयर है और बाल भी बहुत लम्बे है. मम्मी की कमर बहुत पतली है और हिप्स बहुत वाइड और मोटी है, फुटबॉल कि तरह और पीछे कि तरफ निकले हुए है. मम्मी के बूब्स बहुत टाइट और बड़े नुकीले आम कि तरह है. मम्मी सलवार सूट ही पहनती है और उनके मम्मे इतने बड़े है, कि कमीज़ बहुत टाइट हो जाती है और मुम्मे बाहर की तरफ निकले रहते है. मम्मी का पेट थोड़ा सा बाहर और चुतड बहुत पीछे को निकले हुए है. एकदम बेले डांसर की तरह. और मम्मी की सलवार पीछे से थोड़ी घोड़ी कि तरह पीछे को निकली रहती है, जो बहुत ही सेक्सी लगती है.

    मम्मी स्कूल कि सबसे सेक्सी टीचर है और बायोलॉजी पढ़ाती है. स्कूल की बाकी मैडम मम्मी से जलती है और स्कूल के बाकी टीचर मम्मी के साथ बहुत हंसी-मजाक और डबल मीनिंग में बातें करते है. पर मम्मी भी उनके मजाक को मजाक ही समझती और खुद भी थोड़े मज़े ले लेती है. कुछ मास्टर तो मम्मी को ये भी कह देते थे कि “मैडम, हमें भी रिप्रोडक्शन सिखा दो, बच्चो को तो पढ़ाती हो ही”. कई शरारती स्टूडेंट तो क्लास में ये जानबूझकर पूछ लेते. “कि मैडम ये विजिना क्या होती है? थोड़ा क्लियर कर दो.” मम्मी इन सब बातों से नाराज़ नहीं होती थी, उल्टा खुश होती थी.
    मम्मी शाम को घर पर स्टूडेंट को टूशन भी पढ़ाती थी और ४ लड़के आते थे. वो मम्मी के मम्मो को घूरते रहते थे और कभी- कभी तो टच भी कर लेते थे. पर मम्मी कुछ भी नहीं बोलती थी, क्युकि मम्मी को भी इसमें मज़ा आता था. मम्मी तो खुद भी अपनी प्यास बुझवाना चाहती थी. कई बार तो वो लड़के चलते- चलते मम्मी के चुतड से हाथ टच कर देते थे. पर मम्मी कुछ नहीं कहती थी. मम्मी चाहती थी, कि कोई उसे ताबड़तोड़ चोदे. उसे चुद्वाए हुए बहुत टाइम हो गया था. पर टूशन के लड़के बस टच ही करते थे. उससे आगे नहीं बड़ते थे. मेरा रूम मम्मी के रूम के साथ ही था और मैं वेंटिलेटर से सब देखता रहता था. टूशन पर मम्मी जानबूझकर सेक्सी और टाइट कपड़े पहनती थी. सलवार हमेशा चूतडो के बीच फसी होती थी और मम्मे कमीज़ से बाहर निकले होते थे और वो जानबूझकर ब्रा भी नहीं पहनती थी. मम्मी हमेशा लडको को सिड्यूज़ करने कि कोशिश करती रहती थी और वो भी बहुत मज़े लेते थे. पर इससे आगे वो कभी नहीं बढे.
    एकदिन कि बात है, जब मम्मी उन्हें ह्यूमन रिप्रोडक्शन का चेप्टर पढ़ा रही थी. तो मम्मी ने उन्हें वेजिना और पेनिस का डायग्राम बनाने को कहा. वो भी मुस्कुराते हुए बनाने लगे. फिर अचानक मम्मी ने उनसे पूछा, कि तुम्हे पता है कि विजिना और पेनिस कहाँ होते है? और उससे इंटरकोर्स कैसे होता है? लड़के हरामी थे, पर बोले – “नहीं मैडम, हमें नहीं मालूम. आप प्लीज बता दो”.
    मम्मी कि आँखों में चमक आ गयी और मम्मी ने कहा – ठीक है. पर प्रॉमिस करो, कि ये बात किसी और को नहीं बताओगे. लडको ने हँसते हुए प्रोमिस किया. मम्मी ने सबसे पहले तो उठकर रूम का दरवाजा लॉक किया. फिर मम्मी अपनी चेयर पर आ कर बैठ गयी. मम्मी ने एक लड़के को अपने पास बुलाया और कहा – अपने कपड़े उतारो. वो लड़का घबरा गया और बोला – क्यों? मम्मी ने कहा – डरो मत. बस एक डेमो दूंगी. पर वो नहीं माना पर बोला – मुझे शर्म आती है. तो मम्मी ने बाकी ३ लडको को भी कहा – अपने सारे कपड़ो को उतार दो. तो सब मान गये. सबने अपने कपड़े उतार दिए और नंगे हो गये. सब लडको के पेनिस ढीले थे. फिर भी सब ५ इंच से बड़े थे. मम्मी अपनी चेयर से उठी और एक लम्बी साँस लेकर बोली – मैं आज तुम्हे ह्यूमन रिप्रोडक्शन के बारे में सिख दूंगी. मम्मी के बूब्स टाइट हो गये थे और निप्पल हार्ड होने लगे थे. वो सब नज़ारा कमीज़ से बाहर दिखने लगा था.
    मम्मी ने चारो लडको को एक घेरे में खड़ा किया और खुद सेण्टर में आ गयी. मम्मी ने एक लड़के का ढीला लंड हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी. “इसे कहते है पेनिस..”. उस लड़के को बहुत मज़ा आ रहा था और वो मुस्कुराते हुए बोला – अच्छा, हम तो इसे लंड और लौड़ा बोलते है.
    मम्मी – पागल, इंलिश में इसे पेनिस ही बोलते है.
    अब तक मम्मी के कोमल हाथो के सहलाने से उसका लंड खड़ा हो चूका था. दुसरे लड़के ने पूछा.
    लड़का २ – मैडम, ये टाइट क्यों हो गया?
    मम्मी – ये बहुत सेंसटिव होता है और सेक्सुअलिटी एक्साइट होने पर इसमें ब्लड का फ्लो बहुत तेज हो जाता है. जिससे ये इरेक्ट हो जाता है और इरेक्ट पेनिस ही इंटरकोर्स कर सकता है, ढीला नहीं.
    लड़का ३ – वो क्यों?
    मम्मी – क्योंकि, विजिना बहुत टाइट होती है. लूज पेनिस उसके अन्दर घुस नहीं पाता.
    लड़का ३ – मैडम, विजिना कैसी होती है?
    मम्मी मुस्कुराते हुए बोली – वो भी बताउंगी.
    मम्मी ने अपनी रेड कमीज़ उतारी और साइड में रख दी. मम्मी के मम्मे एकदम आजाद हो गये थे. मम्मी ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उनके दूध जैसे गोरे चुचे बहुत मोटे और सेक्सी थे. फिर मम्मी ने अपनी ब्लू सलवार का नाडा खीचा, तो सलवार नीचे गिर गयी. मम्मी ने उतार कर साइड में रख दी. मम्मी कि मोटी थाई और हिप बहुत सेक्सी लग रहे थे. सभी लडको के लौड़े खड़े हो चुके थे. वो सब के सब लगभग ७ इंच लम्बे थे. फिर मम्मी ने अपने बूब्स दबाये और बोली – इन्हें ब्रैस्ट कहते है. इनमे मम्मरी ग्लांड्स होते है. जिसमे से दूध निकलता है और छोटे बच्चो को दूध पिलाया जाता है. ये सब देखकर लडको का मुह खुला रह गया.
    फिर मम्मी ने अपनी ब्लैक पेंटी भी निकाल दी और साइड में रख दी. मम्मी अब बिलकुल नंगी थी. मम्मी की चूत सबके सामने थी. उसके ऊपर एक भी बाल नहीं था और अन्दर से गुलाबी रंग था. मम्मी ने अपनी चूत को फैलाते हुए बोला –
    मम्मी – ये है विजिना.
    लड़का १ – मैडम, हिंदी में क्या कहते है?
    मम्मी (थोड़ा शरमाते हुए) – चूत या…. भोसड़ी या…. बुर या… योनी.
    सब लड़के मुस्कुरा रहे थे.
    मम्मी टेबल के ऊपर लेट गयी और अपनी गुलाबी चूत के ऊपर का मांस पकड़ कर फैला लिया और ऊपर के दाने को टच करके बोली – इसे क्लिटोर्स कहते है. ये बहुत सेंसटिव होता है.
    फिर, मम्मी ने अपनी चूत फैलाई और पेशाब वाले छेद के ऊपर ऊँगली रखकर बोली – ये “यूरेथ्रल ओपनिंग” है. इससे औरते पेशाब करती है.
    लड़का – मैडम, क्या इसी में पेनिस को इन्सर्ट करते है?
    मम्मी – नहीं… पागल. इसमें नहीं. नीचे करते है.
    फिर, मम्मी ने चूत के छेद में ऊँगली डाली और बोली ये वेजिनल ओपनिंग है और इंटरकोर्स के दौरान इसमें लंड… सॉरी… आई मीन पेनिस डालते है.
    सब लडको के लन्ड़ो में से बूंद- बूंद चिपचिपा लिक्विड सा निकल रहा था.
    एक लड़के ने पूछा- मैडम, ये हमारे पेनिस से क्या निकल रहा है?
    मम्मी – ये स्पर्म है.. जब ये स्पर्म चूत… आई मीन विजिना… में जाता है तो उसे कोपुलेशन यानी सेक्सुअल इंटरकोर्स कहते है और उसे से बच्चे पैदा होते है.
    लड़का ४ – मैडम, एक बाद इंटरकोर्स करके बता दो.
    मम्मी – पागल.. इंटरकोर्स अकेले नहीं होता. उसके लिए आदमी की जरूरत होती है.
    लड़का – यहाँ तो ४-४ है.
    मम्मी हंसने लगी और बोली – ठीक है. तुम इधर आओ और अपना पेनिस मेरी वेजिना में डालो और जोर से धक्का मारना.
    लड़का – धक्का क्यों?
    मम्मी – धक्का मारने से स्पर्म डिस्चार्ज हो जाता है और ….
    लड़का – और क्या?
    मम्मी – और मज़ा आता है… तभी तो लोग चुदाई .. आई मीन सेक्स करते है.
    मम्मी पूरी गरम हो चुकी थी और अपने होठो से अपनी लिप्स काट रही थी और मोअन कर रही थी. मैं वेंटिलेटर से छुपकर सब देख रहा था. लड़का मम्मी के पास गया और खड़ा हो गया.
    मम्मी बोली – “बुद्दू, चूत के ऊपर अपना लंड रखो”. लड़के ने अपना लंड चूत के ऊपर रखा और धक्का मारने लगा. पर उसका लंड अन्दर नहीं जा रहा था और बार- बार स्लिप हो कर बाहर आ रहा था.
    मम्मी – लगता है. तुम्हारा पेनिस लुब्रिकेट करना पड़ेगा. फिर मम्मी ने ढेर सारा थूक उसके लौड़े पे डाला और एकदम से लौड़ा मुह में डाल लिया. लड़के को बहुत मज़ा आया और वो आँखे बंद करके मज़ा ले रहा था. मम्मी उसका लंड ऐसे चूस रही थी, जैसे कि आइसक्रीम हो. सब लड़के ये देखकर मुठ मारने लगे. ५ मिनट तक मम्मी ने उसका लौड़ा चूसा और मुह से बाहर निकाल दिया. उसका लौड़ा बाहर निकला, तो वो मम्मी के थूक से चमक रहा था और काफी बड़ा हो गया था.
    अब मम्मी ने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के ऊपर रख दिया और बोली अब धक्का मारो जोर से.. लड़के ने पूरा जोर लगाकर धक्का लगाया और उसका लंड मम्मी की चूत के अन्दर चले गया. मम्मी चिल्ला उठी..
    मम्मी – अहहहहहाहा… ऊऊउईईईइ.. माँआआआअह्हह्हह्ह…. मर गयीईईईइ…
    लड़का – क्यों, दर्द हो रहा है क्या?
    मम्मी – नहीं… नहीं. तुम्हारा बहुत बड़ा है. बड़ी मुश्किल से फिट आ रहा है. इतना बड़ा कभी मेरी चूत में गया नहीं… पर मज़ा आ रहा है… तुम रुको मत… और जोर से धक्के मारो.. और जितना अन्दर घुसा सकते हो … उतना अन्दर डालो. जिससे तुम्हारा स्पर्म मेरे एग तक पहुच जाए और उसे फेर्तिलिज़ कर पायेगा.. और तब जाकर मैं प्रेग्नेंट हो पाऊँगी और बच्चा पैदा होगा.
    थोड़ी देर धक्के मारने पर मम्मी पूरी मस्त हो गयी थी और गंदी बाते करने लगी थी.
    मम्मी – चोदो मुझे… येह्ह्हह्ह्ह्ह .. फक मी हार्डर… फक मी…. फाड़ दो ये चूत… अहहः अहहहः हम्म्म्म थप.. थो …थप..थप थप थप … प्रेग्नेंट कर दो मुझे… येह्ह्ह्हह्ह… आज इस रांड की प्यास बुझा दो… कुतिया कि तरह चोदो…ये चूत बहुत दिनों से प्यासी है… अपने वीर्य से इसकी पयस बुझा दो..येह्ह्ह्हह्ह.. ऊऊउह्ह्ह..ह्ह्ह्हह्ह आहाह्ह्ह्हह्ह…. साले चूतिये.. और जोर से मार ना…
    लड़के जोश में आ गये थे और बड़ी तेजी से मम्मी की चूत मारने लगे. मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो उसके धक्को के साथ मोअन कर रही थी.. अहहहः अहहहः हहहः उफुफुफुफुफुफ़.. येह्ह्हह्ह. ६ मिनट बाद उसका माल निकल गया और उसने अपना सारा स्पर्म मम्मी की चूत में डाल दिया. उसे बहुत मज़ा आया. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मम्मी ने एक हेन्की से अपनी चूत साफ़ कि और बोली – चलो, सब बारी- बारी से मेरे साथ प्रैक्टिकल करो. आज हम पूरा दिन प्रैक्टिकल करेंगे.
    फिर, बाकी लडको ने भी बारी- बारी से मम्मी को इसी तरह से चोदा और अपना स्पर्म अन्दर ही डाल दिया. उन सब के चोदने से मम्मी बहुत थक गयी थी. एंड में मम्मी ने अपनी चूत साफ़ की और लडको को बोली – अब तुम चारो जाओ. बाकी कि क्लास कल. वो दिन तो बस शुरुवात थी. उसके बाद तो मम्मी रोज इसी तरह मज़े लेती. कुछ दिनों बाद, मम्मी ने लडको को गांड मारना सिखाया और अपनी गांड भी मरवाई. उस दिन, लडको ने मम्मी कि गांड से खून निकाल दिया, क्योंकि, उनकी गांड का छेद बहुत टाइट था.
    धीरे- धीरे मम्मी की क्लास बहुत पोपुलर होने लगी और लड़के भी बढ़ने लगे. अब तो बड़े-बड़े लड़के आने लगे. अब तो टूशन क्लास रंडी खाना बन गया था. ४ बैच में लड़के आते थे और हर बैच में ४-५ लड़के होते. सबसे मम्मी अपनी चूत फटवातीऔर लौड़ा चूसती. कभी- कभी तो सारे लड़के एक साथ मम्मी को बेरहमी से चोदते. एकदिन तो मम्मी की चूत में लडको ने २ लंड डाल दिए. उस दिन मम्मी की चूत फट गयी और खून भी निकला और चुदाई चलती रही. इसी तरह अक्सर मम्मी कि गांड में लड़के २ लंड डाल देते. जब ऐसा उन्होंने पहली बार किया, तो गांड फट गयी थी और खून भी निकला और कुछ देर के लिए मम्मी बेहोश भी हो गयी थी. बाद में, सब नार्मल हो गया. मम्मी की चूत अब अभूत खुल चुकी थी और सूज गयी थी. लडको ने मम्मी के मम्मे चूस- चूस कर बहुत ही बड़े और चुतड मार- मार कर बहुत बड़े कर दिए और पीछे को निकाल दिए थे. ज्यादातर वो मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदते थे, इसलिए सब लडको ने मम्मी के मोटे चुतड के कारण उनका निक नेम घोड़ी ही रख दिया था.
    अब तो लड़के जब भी घर आते है. सो सीधा मुझसे पूछते है, कि घोड़ी कहाँ है हमारी? मैं कहता हु – नहा रही है. तो वो सीधा ही बाथरूम में घुस जाते है और घोड़ी बनाकर बहुत रफ़ली चोदते है. अगर, मैं कहू तो किचन में है, तो वो वहीँ जाकर पीछे से सलवार उतार कर चोद देते है. मम्मी ने मुझसे भी बहुत बार चुदवाया है.. ये कहकर कि अपने पापा को मत बताना ये सब. स्कूल में भी अक्सर कई टीचर और स्टूडेंट मम्मी के केबिन में जाकर मम्मी को फक करते रहते है. एक दिन तो चपरासी भी मम्मी के केबिन में घोड़ी बनाकर चूत मार रहा था. इस तरह मेरी मम्मी एक रंडी बनी और चुद्वाती है.

  • बीवी और बहन चुद गई ट्रेन में

    incest sex हैल्लो फ्रेंड्स आज में आपको एक बार फिर से एक और नई स्टोरी जिसमे मेरी चुदक्कड़ बीवी और बहन है उनकी एक स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों वो सर्दी की रात थी। में, मेरी बीवी गीता और बहन पायल तीनों कहीं बाहर जा रहे थे। हमारी ट्रेन रात को 11 बजे थी और दूसरे दिन सुबह 8 बजे हमे ट्रेन से उतरना था। मेरी बीवी ने गहरे गले का ब्लाउज और काली कलर की साड़ी पहनी थी और उसने अंदर कोई ब्रा या पेंटी नहीं पहनी थी और ऊपर से लाल कलर की लिपस्टिक लगाई थी। फिर इन कपड़ो में वो पूरी रंडी दिख रही थी और उसके बूब्स आधे दिख रहे थे। फिर मेरी बहन ने टीशर्ट और स्लेक्स पहनी थी। फिर इस ड्रेस में मेरी बहन के बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.. उसने शायद ब्रा पहनी थी। फिर नीचे स्लेक्स में उसकी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी।
    फिर जब हम बाहर निकले तो मेरी बहन ने कहा कि भाभी आप तो ट्रेन में सभी मर्दो को मार ही डालोगी। फिर यह कहकर उसने मेरी बीवी के बूब्स पर चिकोटी ली। फिर मेरी बीवी आऊऊच कर गई और कहने लगी कि तू भी कुछ कम नहीं दिख रही.. इस सेक्सी स्लेक्स में तो तेरी गांड क्या खूब लग रही है.. कोई भी आदमी देखेगा तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा। फिर इतना कहकर मेरी बीवी ने पायल की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया। फिर में चुपचाप सुनता खड़ा था और मन ही मन कामुक हो रहा था। फिर इस तरह की बातें करते हुए हम लोग स्टेशन पर पहुँचे। फिर मैंने वहाँ पर देखा तो सारे आदमी मेरी बीवी और बहन की गांड को घूर- घूर कर देख रहे थे।

    फिर जब ट्रेन आई तो हम लोग अंदर चड़ गये और हमारी जगह पर बैठ गये। फिर थोड़ी देर बाद एक आदमी बहुत काला सा वहाँ पर आया और सामने आकर बैठ गया। वो बहुत मजबूत शरीर का था और उसने पायजामा पहना हुआ था। तभी उसने एक नज़र मेरे घर की दोनों औरतो पर डाल दी और वो दोनों पैर सीट पर रखकर बैठ गया। तभी उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था.. इस वजह से उसका मोटा लंड और बड़ी बड़ी झांटे पायजामे में से दिखाई पड़ रही थी।
    फिर थोड़ी देर बाद ट्रेन चल पड़ी लेकिन जनरन डिब्बे में हम सिर्फ़ चार लोग ही थे। मेरी बीवी खिड़की वाली सीट पर थी.. में बीच में और बहन मेरी सीधी साईड में बैठी थी। फिर सामने की सीट पर वो आदमी अपना लंड दिखता हुआ बैठा था। फिर मेरी बीवी और बहन बराबर उस आदमी के लंड की और देख रही थी। फिर वो आदमी भी मेरे घर की इज़्ज़त.. मेरी बहन और बीवी को बार बार घूर घूर कर देख रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और वो लंड को सहलाने लगा। उसका लंड पायजामा के अंदर कड़क हो गया था। फिर मेरी बीवी ने यह देखकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और उसने अपने दोनों बूब्स साड़ी के बाहर कर दिए। फिर एकदम बड़े बड़े सफेद बूब्स हवा में थे.. सिर्फ़ एक पतला सा गहरे गले का ब्लाउज ही उसको संभाले हुए था। तभी यह देखकर उस आदमी ने अपना पैर मेरी बीवी के दोनों पैरो के बीच लंबा कर दिया। तभी गीता ने अपना पैर लंबे करके उसके लंड के पास लगा दिया। तभी हाल ऐसा था कि उसका एक पैर गीता की चूत को और गीता का पैर उसके लंड को छू रहा था।
    फिर में बिलकुल अंजान बनकर यह सब देख रहा था। मेरी बहन भी यह सब देख रही थी। फिर उससे रहा नहीं गया। तभी उसने मुझसे कहा कि भैया आप मेरी सीट पर आ जाओ और मुझे बीच में बैठ जाने दो। फिर हम दोनों ने अपनी अपनी सीट बदल दी। फिर मेरी बहन ने अब खड़े होकर.. उस आदमी की तरफ गांड करके वो खड़ी हो गयी और ऊपर की बर्थ से कुछ समान उतारने करने की आक्टिंग करने लगी। तभी अचानक से ट्रेन का एक झटका लगा और मेरी बहन उस अंजाने आदमी की गोद में गिर पड़ी। तभी उस आदमी का लंड पहले से टाईट ही था। तभी ज़ोर से वो लंड मेरी बहन की बड़ी गांड से टकराया और मेरी बहन आअहह करके उसके ऊपर पड़ी। फिर उसने भी मेरी बहन को खड़ी करने के बहाने से उसके बूब्स पकड़ लिए और फिर उसका एक हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। फिर मेरी बहन सॉरी कहती हुई अपनी जगह पर बैठ गयी।
    फिर उस आदमी ने मौका देखकर दूसरा पैर भी मेरी बहन की चूत में घुसा दिया। फिर साले का एक पैर मेरी बीवी की चूत में और दूसरा पैर मेरी बहन की चूत में था। फिर मेरा लंड भी यह सब देखकर खड़ा हो गया था। फिर मैंने गीता की और देखा तो उसने मुझे कहा कि क्या आप सामने वाली सीट पर बैठ सकते हो? तभी मैंने पायल को कहा कि पायल तेरी भाभी को सीट पर सोना है.. चल हम सामने वाले भाई साहब के पास जाकर बैठ जाते है। फिर हम दोनों उसके पास जाकर बैठ गये। फिर मेरी बीवी हमारी सीट पर सो गयी। तभी उसने पीठ हमारी और की हुई थी.. इस पोज़ में मेरी बीवी की खुली हुई पीठ साफ साफ दिखाई पड़ रही थी और उसकी गांड भी मस्त उभरी हुई दिख रही थी।
    फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने कहा कि क्या में सामने आपकी बीवी की सीट पर बैठ सकता हूँ? तभी मैंने हाँ कह दी। तभी वो सामने गया और मेरी बीवी की गांड के पास जाकर बैठ गया। फिर कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ गीता की गांड पर रख दिया लेकिन गीता कुछ नहीं बोली। तभी उसकी हिम्मत खुल गयी और वो उसकी पतली कमर पर हाथ फैरने लगा और इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर गीता ने अब एक कंबल लेकर ओड़ लिया। फिर वो आदमी मेरी बीवी के बाजू में सो गया। फिर उसने भी कंबल ओड़ लिया था। अब एक ही कंबल में मेरी बीवी और एक अंजना आदमी था। फिर इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर अंदर उसने मेरी बीवी की साड़ी ऊपर करके अपना लंड पीछे से ही गीता की चूत में घुसेड़ दिया और फिर उसको चोदने लगा। फिर गीता चुपचाप लंड का मज़ा ले रही थी। फिर कुछ एक घंटे तक चोदने के बाद वो बैठ गया। फिर मेरी पत्नी कंबल के अंदर ही आधी नंगी पड़ी थी। फिर जब वो चुद चुकी तो उसने मुझे उठाया और कहा कि क्या आप मेरे साथ सो सकते है मुझे बहुत ठंड बहुत लग रही है। तभी वो आदमी खड़ा होकर मेरी सीट पर आ गया और फिर में मेरी बीवी के कंबल में चला गया। फिर वहाँ पर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत पूरी गीली हो गयी। फिर उस आदमी के वीर्य से गीता की चूत पूरी भर गयी थी।
    फिर में उल्टा हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। मेरी बीवी की चूत में से मैंने उस आदमी का सारा वीर्य चाट चाट कर साफ कर दिया। फिर उधर वो आदमी यह सब देख रहा था। फिर उसने अब ज़ोर से कंबल खींच दिया। तभी में उसे चूत में वीर्य चाटता हुआ दिखाई पड़ा। तभी उसने खुलेआम मेरी बहन की टी-शर्ट उतार दी। तभी पायल के बूब्स हवा में लहराने लगे। फिर उसने पायल के मुहं में अपना लंड घुसा दिया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुहं को वो फक फक करके चोदने लगा। फिर मेरी बहन के मुहं से ढेर सारा वीर्य बहकर गिर रहा रहा था। फिर वो मेरी बहन के बालों को पकड़कर अपना लंड घुसा रहा था। फिर हम चारों के बीच में कोई शरम नहीं थी। फिर इधर मैंने भी गीता का ब्लाउज निकाल दिया और अब उसके बूब्स भी हवा में लहरा रहे थे।

    दोस्तों आप सोचिए कितना हसीन पल था कि ट्रेन के एक डिब्बे में मेरी बहन और बीवी दोनों अपने बूब्स खुले रखकर एक पराए आदमी के साथ है वो भी मेरे सामने। फिर मेरा लंड तो यह देखकर तन सा गया था। फिर थोड़ी देर बाद मेरी बहन का मुहं चोदने के बाद उसने पायल को कुतिया बनाया और पीछे से उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। फिर पीछे से वो ज़ोर से मेरी इकलोती बहन की गांड मारने लगा और फिर पायल भी आहह आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी। तभी इधर में और गीता भी घोड़ी बनकर प्यारी बहन की चुदती हुई चूत के पास अपना मुहं ले गये और वहाँ पर किस करने लगे। फिर बीच बीच में वो आदमी अपना लंड मेरी बहन की गांड से निकलता तो मेरी बीवी और में उसके लंड को चूसने लगते.. कभी उसका लंड मेरे मुहं में तो कभी मेरी बीवी के मुहं में रहता था। फिर बाकी के टाईम में हम पति पत्नी किस करते थे। फिर करीब बीस मिनट बहन की गांड मारने के बाद वो बहन की गांड में ही झड़ गया।
    तभी उसने लंड को गांड से बाहर निकाला तो गीता ने उसे मुहं में लेकर बराबर चाट चाट कर साफ कर दिया और मेरे सामने मेरी बहन बहुत मस्त चुदी और वो भी एक पराए मर्द के लंड से और गांड से वीर्य टपकाती हुई खड़ी थी। फिर में उसकी गांड के पास अपना मुहं ले गया तभी पायल ने कहा कि देखो भैया आपकी इकलोती बहन की क्या हालत कर दी है इस पराए आदमी ने.. देखो भैया आपकी बहन की गांड देखो कैसी फाड़ दी है.. कैसी चोद चोदकर रंडी जैसी गांड बना दी है देखो भैया। तभी मैंने कहा कि बहना तू डर मत में तेरी चुदी हुई गांड को अभी चाट देता हूँ और मैंने मेरी प्यारी बहन की वीर्य से भारी हुई गांड चाटना चालू कर दिया। फिर गांड चाटकर हम तीनों ने कपड़े पहन लिए। फिर सुबह होते ही हम अपने स्टेशन पर उतर कर चले गये ।।

  • new year pe मम्मी को चुदाई उपहार

    rishton me chudai

    मेरी मम्मी का नाम मोनिका है और मैं अपनी मम्मी के साथ अकेला रहता हु. मेरे पापा अम्रेरिका में जॉब करते है और घर पर साल में एक ही बार आते है. मम्मी बहुत ही मॉडर्न है और हमेशा बन-ठन के ही रहती है. मम्मी बहुत ही सुंदर और सेक्सी है और मम्मी का ड्रेसिंग सेंस भी बहुत सेक्सी है. जयादातर मम्मी सिंगल पीस ड्रेस ही पहनती है. पर घर में ज्यादातर वो योग पेंट्स और टाइट टॉप पहनती है. उनकी सारी ड्रेस बहुत रिवेलिंग होती है और मम्मी का रंग बहुत गोरा है. दुसरे मम्मी के अस्सेस्ट भी कमाल के है. मम्मी की उम्र ३८ साल है, पर उनकी जवानी एकदम २४ साल वाली बड़े-बड़े दूध जैसे गोरे बूब्स जो बिलकुल भी लटके हुए नहीं है जैसी है. उनके बूब्स के निप्पल एकदम तीखे सामने की तरफ निकले हुए है और टॉप से हमेशा दीखते रहते है. ३६ साइज़ के बूब्स है जिनकी क्लीवेज हमेशा दिखती रहती है. फिर मम्मी की कमर बहुत पतली लचकदार है और मम्मी की नाभि बहुत सेक्सी है.
    मम्मी का टॉप ज्यादातार नाभि के पहले की ख़तम हो जाता है और नाभि हमेशा दिखाई रहती है. मम्मी की टाइट पेंट इतनी लो होती है, किअगर और नीचे हो जाये, तो सब दिखाई दे जाए. उनकी थोड़ी सी पेंटी हमेशा ही बाहर दिखती रहती है और मस्त हॉट लगती है. मम्मी के चुतद बहुत मोटे है और गोल मांस से भरे हुए है. मम्मी की टाइट पेंट चुतड पर चिपकी हुई होती है और गांड की लकीर में फसी हुई होती है और जब वो चलती है, तो चुतड की पूरी शेप नज़र आती है. पतली कमर के नीचे मोटा चुतड कहर ही लगता है. मम्मी की मोटी जांघे मख्खन जैसी है और मम्मी ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी सेक्सबम है. देखने में मम्मी पूरी पोर्नस्टार लगती है और मुझे मम्मी मुझे बहुत सेक्सी लगती और जब भी वो नहा रही होती या चेंज कर रही होती, तो चुपके से देखता था. मम्मी को चोदने के बारे में सोचता. अक्सर ही मम्मी अपने फ्रेंड के साथ रात को पार्टीज पर जाती और कभी-कभी अगले दिन ही वापस घर आती थी.
    ये बात ३१ दिसम्बर की है. मेरे दोस्त ने रात को अपने घर पर न्यू इयर पार्टी रखी और उसके घर पर उस दिन उसके पैरेंट नहीं थे. उस दिन मम्मी को भी किसी पार्टी में जाना था और उन्होंने बहुत से सेक्सी रेड कलर की ओने पीस ड्रेस पहनी हुई थी, जो उनके चुतड पर जाकर ख़तम हो रही थी और उसमे से उनके बूब्स बाहर आ रहे थे. ड्रेस इतनी शोर्ट थी, कि थोडा सा झुक जाए, तो सब दिख जाए. मम्मी ८ बजे पार्टी पर चली गयी और मैं मम्मी के जाने के बाद बाथरूम गया और वहां मम्मी की यूज्ड पेंटी उठकर सूंघने लगा. मैं पेंटी को अपने लंड पर रगड़ रहा था और कुछ देर बाद , उसी पर अपना माल छोड़ दिया. मुझे बहुत मज़ा आया और कुछ देर बाद मेरे दोस्त का फ़ोन आया, तो वो बोला – कि जल्दी आ जा. आज मेरे घर पर कोई भी नहीं है, चूत मारते है आज. मैने उससे पूछा – किस की तो वो कि मैने शहर की सबसे सेक्सी रंडी को बुलाया है. तू आ जा और कुछ कंडोम भी लेटे आना.
    मैं ये सुनकर बहुत खुश हुए और मेरा तो पहले ही मम्मी को देखकर किसी को चोदने का मन हो रहा था. मै जल्दी से तैयार हुआ और निकल पड़ा और एक केमिस्ट की दूकान से मैने कंडोम और वाईग्रा की टेबलेट्स ले ली और २ टेबलेट्स मैने खा भी ली. फिर मै दोस्त के घर की तरफ निकल पड़ा. रास्ते में बहुत ट्रैफिक था और मुझे बहुत टाइम लग रहा था. दोस्त का फिर से फ़ोन आ गया तो मैने उसे बताया, कि ट्रैफिक बहुत ज्यादा है तो बोला यार .. मैने फॉरप्ले शुरू कर दिया है, तू जल्दी से आजा. ये सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और मैने उससे कहा – साले रंडी की फोटो तो भेज. उसने मुझे फोटो सेंड की और जैसे ही मैने फोटो देखी, तो मैं हैरान हो गया. वो रंडी और कोई नहीं.. मेरी मम्मी थी और एक पल के लिए, मैं शोक्ड हो गया और सोचने लगा, कि तो ये मेरी मम्मी का प्रोफेशन. पर बाद में मुझे बहुत ख़ुशी हुई; कि जिन को मैं सालो से चोदना चाहता हु, वो आज चुदेंगी. तो मेने उसे मेसेज किया .. साली रंडी तो बहुत झकास है तू चुदाई शुरू कर, मैं आता हु.
    अब तो मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था और मैं १५ मिनट बाद उसके घर पहुँच गया और अन्दर चले गया. वो अपने बेडरूम में था और दरवाजा खुला था. मैं सीधे अन्दर चले गया और देखा, कि मम्मी के बूब्स दबा रहा था और मम्मी आहे भर रही थी और उसने अपनी पेंट उतारी और उसका ९ इंच मोटा लंड बाहर आ गया. मम्मी के मुह में पानी आ गया उसके खीरे जैसे लंड को देख कर और मम्मी ने उसका लंड हाथो में पकड़ लिया और मुठ मारने लगी. अम्मी के कोमल हाथो से तो उनका मोटा लंड और भी मोटा हो गया और उसने मम्मी को बालो से पकड़ा और बोला – साली रांड मेरे लंड को और चूस और मम्मी के मुह में घुसा दिया. मम्मी के मुह में उसका पूरा लंड बड़ी मुश्किल से फिट हो रहा था. वो बालो को खीच कर मम्मी का मुह चोदने लगा. वो इतनी तेजी से छोड़ रहा था, कि बहुत आवाज़े आ रही थी चप .. चप … चप और मैं सोचने लगा, अब एंट्री का टाइम हो गया और मैं चुपके से दबे पाँव अन्दर उनके पास चले गया.
    अपना लंड निकल कर मम्मी के पीछे खड़ा हो गया और मम्मी चूसने में इतनी बीजी थी, कि उन्हें पता हो नहीं चला और १० मिनट बाद एकदम से उसने अपना गाढ़ा वीर्य मम्मी के मुह में छोड़ दिया और अपना लंड बाहर निकल लिया. मम्मी उसके सारे माल को पी गयी और उसका लंड भी चाट कर साफ़ कर दिया. फिर मैने अचानक से मम्मी के बाल पकडे और मुह अपनी तरफ कर दिया और जैसे ही मम्मी ने अपना मुह घुमाया, मैने अपना लौड़ा मम्मी के मुह में ठूस दिया और बाल खीच कर पूरा अन्दर तक ठूस दिया. मेरा लंड मम्मी के तालू से टकरा गया. मम्मी मुझे देखकर घबरा गयी पर मेरा लंड उनके मुह में होने के कारण कुछ बोल नहीं पाई. मैं मम्मी के मुह को बहुत जोर से चोदने लगा और मम्मी के कोमल से मेरा लंड और भी टाइट हो गया. मैं अभी तक डिस्चार्ज नहीं हुआ था, क्युकि मैने वाईग्रा की ओवर डोज खायी हुई थी. १५ मिनट तक मैने मम्मी के बाल पकड़ कर जबरदस्त चोदता रहा.
    मम्मी सांसे लेने के लिए मेरे लंड को बाहर निकलने की कोशिश करती रही, पर मैने बाहर नहीं निकाला और फिर मैने अपना लौड़ा बाहर निकाला और मम्मी को खड़ा करके पीछे से जकड लिया और बूब्स दबाने लगा. मेरा लौड़ा पीछे से मम्मी की ड्रेस के ऊपर से ही उनके चुतड की लकीर में घुस रहा था और मैं जानवरों की तरह मम्मो को दबा रहा था. मम्मी को दर्द भी होने लगा था और पीछे से लंड रगड़ रहा था. फिर मैने मम्मी की शोर्ट ड्रेस पीछे से थोड़ी सी ऊपर की और मम्मी की ब्लैक पेंटी उतार दी. अपने दोस्त की तरफ फेंक दी और उसने कैच कर ली और सुंगने लगा, अपने लौड़े पर रगड़ने लगा और कुछ देर में उसका लौड़ा खड़ा हो गया. मैने अपना मुह मम्मी के चुतड में घुसा दिया और चुतड चाटने लगा. मम्मी के मोटे चुतड के बीच में मेरा मुह दिख नहीं रहा थ और चुतड की खुशबु बहुत ही सेक्सी थी.
    मेरा दोस्त अब आया और मम्मी के आगे लेट गया और अपना लंड मम्मी को चुस्वाने लगा और आगे मम्मी उसका लौड़ा चूस रही थी. पीछे से मैं मम्मी के चुतड चाट रहा था. मैं अपनी जीभ चुतड के छेद (एसहोल) में घुसा कर अन्दर-बाहर कर रहा था. मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो जानबूझकर अपनी गांड आगे-पीछे कर रही थी और अब तक ये भूल चुकी थी, कि मेरा बेटामेरे चुतड चूस रहा है. मेरे दोस्त का लौड़ा फिर से टाइट हो गया था और वो बोला – “चल यार, अब चोदते है इसको”. उसने अपने लंड पर कंडोम चड़ा लिया और मुझे भी कंडोम पहनने के लिए कहने लगा, पर मैने मना कर दिया और कहा – आज मैं इस रंडी को बिना कंडोम के ही चोदुंगा. फिर वो बोला, कि पहले मैं करू या तू मारेगा. तो मैने कहा – इकठ्ठे मारते है. वो बोला – क्या मतलब? तो मैने कहा – तू चूत मार और मैं इसकी गांड मारता हु. फिर वो बेड पर लेता और मम्मी उसने अपने ऊपर लिटाया और ममी की चूत के ऊपर रख के रगड़ने लगा.
    फिर उसने एक जोर से झटका मारा तो उसका लंड अन्दर घुस गया और मम्मी चीख पड़ी. उसका लंड मम्मी की चूत में बहुत मुश्किल से फिट आ रहा था. वो बहुत तेजी से चोदने लगा और वो इतनी जोर से झटके मारने लगा, किमम्मी की चूत से पच-पच-पच की आवाज़े आ रही थी. फिर मैने अपना लंड मम्मी की गांड पर रखा और जोर लगाने लगा, लेकिन मेरा लंड उनकी गांड के अन्दर नहीं जा रहा था. फिर मैने अपने दोस्त से सरसों के तेल के लिए पूछा और अलमारी से सरसों का तेल निकाल लाया और अपने लौड़े को सरसों के तेल में डुबोकर चिकना कर लिया और बहुत सारा तेल मम्मी की गांड के छेद पर लगा दिया. फिर मैने दुबारा लौड़ा रखा और जोर लगा और इस बार सिर्फ तोप अन्दर गया. मम्मी की गांड बहुत ही टाइट थी और मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैने पूरा जोर लगाकर एक और झटका मारा और बड़ी मुश्किल के बाद अन्दर चला गया और मम्मी चिल्ला उठी “मर गयी …ऊऊऊईईईईइ …. माआआ .. फट गयी”. मम्मी के चुतड दर्द के मारे कांपने लगे और मैने अपना लंड बाहर निकाला, तो उसपर थोडा खून लगा हुआ था.
    मम्मी की गांड से खून निकल गया था. तो मैने रुमाल से खून पौछा और दुबारा लंड घुसा दिया और मम्मी की गांड मारने लगा, २ मिनट बाद मम्मी का दर्द कम हो गया और उसे भी मज़ा आने लगा और मेरा दोस्त भी मम्मी की चूत को बहुत तेज चोदा रहा था. २० मिनट बाद वो डिस्चार्ज हो गया और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसने कंडोम उतार के बाहर फेक दिया और मुझे कह कर सोने चले गया. क्युकि वो बहुत थक चूका था और दुसरे रूम में जा कर सो गया. फिर मैने सोचा, कि अब तो मैदान मे मैं ही एक शेर हु तो मैने मम्मी के चूतड़ से लौड़ा निकाल और मम्मी को बालो से पकड़ कर अपना लौड़ा चुस्वाया. फिर मैने कहा – “साली रंडी, आज तेरी चूत को ऐसे चोदुंगा, कि दुबारा कोई चोद नहीं पायेगा”. मैने मम्मी को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड चूत में घुसा दिया और मेरा लौड़ा मेरे दोस्त से भी बड़ा और मोटा था. मैं बहुत तेज चोद रहा था.
    आधा घंटे तक, मैने मम्मी को ऐसे ही चोदा और फिर मैने डौगी स्टाइल में मम्मी को लेटाया और कुतिया बना कर चोदा. थोड़ी देर बाद, मम्मी को नीचे लेता कर पीछे से चोदा और मम्मी इतनी चुदाई के बाद बहुत थक चुकी थी और २ बार झड़ चुकी थी. तो फिर मैने मम्मी को खड़ा किया और सीधा खड़ा करके चूत मारने लगा. मम्मी की बस हो गयी थू और वो बार-बार गिर रही थी. उनकी चूत ३-४ घंटे से लगातार चुद रही थी. अब तो उनकी चूत से झाग निकलने लगा था और थोड़ी देर मैं ऐसे ही चोदता रहा और फिर अचानक से मेरे माल मम्मी की चूत के अन्दर ही झड़ गया. मेरा इतना वीर्य निकला, कि मम्मी की चूत पूरी भर गयी और बाहर टपकने लगा और अब मम्मी इतनी थक चुकी थी, कि वही नंगी बेड पर सो गयी. मैं भी थककर मम्मी के ऊपर सो गया और सुबह ४ बजे मेरी आँख खुली, तो मैने वैसे ही मम्मी के चूतड़ के ऊपर चढ़कर सोया हुआ था और मेरा लौड़ा दुबारा खड़ा हो गया.
    तो मैने सोती हुई मम्मी को पेट के बल लेटाकर चूत में लंड घुसा कर चुदाई की और २० मिनट तक चोदा. फिर दुबारा डिस्चार्ज हो गया. तो उस तरह मैने न्यू इयर को मम्मी को अपने दोस्त के घर चोदा और चुदवाया. उसके बाद तो मैने घर पर ही मम्मी को बहुत चूसा और चोदा. मैने मम्मी के मोटे चूतड़ चोद-चोद कर और मोटे कर दिए और चूत बहुत खुली कर दी और लटका दी. अब तो सुबह मम्मी मेरा लंड चूसकर मुझे उठाती है और रात को सोने से पहले गांड जरुर मरवाती है.

  • मेरी प्यारी माँ

    maa ki chudai

    दोस्तों मेरा नाम राहुल हे. मेने अभी १२ पास किया हे. मेरी माँ का नाम रेखा हे जिसकी उम्र ४२ साल हे . हमारा ज्वेलरी का धंधा हे.मेरे परिवारमे में ,भाई जो मुझसे छोटा हे ,पापा ,दादी ,दादा, और मेरी प्यारी माँ.हम बरोदा में रहते हे.धंधा अच्छा चलता हे .ज्वेलरी के घहनो पे पेसो का सूत से लेन देन का धंधा हे.जो काफी बढ़िया चलता हे.बरोदा के आलावा दूर ४५की.मी. एक गाव में भी दुकान लगाईं हे.बरोदा की दुकान दादाजी और माँ सँभालते हे .गाँव की दुकान पे पापा जाते हे ..कभी कभी माँ या मेभी गाव की दुकान पे जाते हे.
    गाव की दुकान एक तालाब के किनारे पर हे. पीछे की खिडक खोलने पर तालाब दिखता हे .दुकान में काउंटर बनाया हुआ हे एक तरफ की दो कुर्सी पे माँ और पापा या में बैठते हे .सामने ग्राहक के लिए बेंच लगाईं हे.बेंच के ऊपर एक आयना लगा हुआ हे . आयने में खिड़की के बाहर का नजारा दिखता हे .पप्पा को बड़े ऑर्डर के लिए बरोदा रुकना होता हे तो में और माँ गाव की दुकान पे चले जाते हे .माँ हमेशा मुझे पापा वाली खुर्सी पे बैठाती हे वो दूसरी कुर्सी पे बैठती हे .में एक रोज पापा के साथ दुकान पे गया तो माँ वाली कुर्सी पे बेठा तब पता चला आइनेमे वहां से पीछे का नाजारा क्या दिखता हे .? वहां से तालाब के किनारे मुतने आने वाले लोगो का नजारा दिखता था.मेरा दिमाग घूम गया जाने कितने लोगो का….लं. मा. देखती रहती होगी…. में समज गया माँ क्यों इस्सी कुर्सी पे क्यों बैठती हे? दुबारा माके साथ जब गाव जाना हुआ तो में साथ में एक छोटा सा स्टैंड आयना ले गया, आज भी माँ ने मुझे उसी कुर्सी पे बेठने को कहा में वहां बेठा साथमे वो छोटा आयना भी काउंटर पे रख दिया जो माँ की नजरो में नहीं आये लेकिन मुझे सामने वाले आयने का नजारा साफ दिखे.जब भी कोई मुतने आता तो माँ गोर से उसका लं.. देखती. एक आदमी आया जो मुतने बजाय अपना लं.. निकल कर हाथ में ले कर खड़ा रहा और खिड़की और देख कर सहलाने लगा.माँ का चहेरा लाल हो गया ..अपने कपडे ठीक करते हुए माने चूत पे दो तिन बार हाथ लगा दिया ..मानो जोर से रगड दिया … वो आदमी अपना खड़ा लं.. दिखा कर चला गया ..मेने ध्यान से देखा की वो हमारी दुकान पे अक्सर आता जाता रहता हे.पापा के साथ भी बैठता थ और पापा गप्पे बजी करते रहते थे. कई लोग मुतने आये और अनजाने में माँ को लैंड दिखा कर चले गये.
    श्याम हो ने आई थी दुकान बंद करने को माँ ने कहा .में कुर्सी से उठा ही था की माने कहा रुको थोडा बैठते हे मेरी नजर आयने पर गई तो पीछे एक गध्धे का जोडा सेक्स कर रहा था .गधधा अपना लम्बा लैंड निकले गध्धि पे चढ़ रहा था. जेसे ही लैंड चूत को छू ता गध्धि आगे हो जाती,एसा दो- तिन बार हुआ लेकिन गध्धे ने सेट कर के एसा धक्का मारा आधा लैंड गध्धि की चुतमें चला गया…गध्धि हों-हों.ची..हों-हों..ची..करने लगी और आगे दोड़ने लगी.गध्धा भी अपना लैंड घुसाए दो पेरों पे दोड़ने लगा. हों-हों.ची..हों-हों..ची..करने लगा.माँ के चहेरे पे स्माइल आ गई. में उठा और खिड़की से बाहर देखने लगा माँ ने पूछा क्या हुआ? मेने कहा -माँ दो गध्धे आपसमे गध्धा पचीसी खेल रहे हे .माँ अनजान बन के खिड़की के पास आई और हसने लगी .. पूछा- क्या कहा तुमने? मेने कहा – दो गध्धे आपसमे गध्धा पचीसी खेल रहे हे..माँ जोर से हंस पड़ी..इतने में गध्धा-गध्धि शांत हो गये गधि ने – गध्धे का लम्बा लैंड पूरा अपनी चूत में ले लिया था.गध्धा हांफ रहा था ..शायद उसका माल निकलने वाला था .वो जोर से उछला पूरा लैंड घुसा दिया इसबार गध्धि ने कोई शोर नहीं किया शांति से खड़ी रही …और गध्धे ने अपना लैंड बाहर निकल लिया .अभी भी उसके लैंड से माल टपक रहा था.में और माँ सारा नजारा देखा रहे थे.माँ ने अपना हाथ दो पेरो के बीच दबाया हुआ था.जेसे ही मेंने देखा माँ ने हाथ हटा लिया. मेने कहा माँ गध्धा पचीसी पूरी हो गई. चलो अब चले?? माँ ने कहा चलो.
    में और मेरी प्यारी माँ …की…….
    मेने कहा माँ गध्धा पचीसी पूरी हो गई. चलो अब चले?? माँ ने कहा चलो.
    मेने दुकान बंद की और बाइक लेके निकल गये.आज मुझे माँ की चूचीया अपनी पीठ पे महसूस हो रही थी.कभी कभी ब्रेक लगानी पड़ती तो माँ के बोल चूची काफी दब जाती मुझे गुदगुदी हो जाती.कभी-कभी तो एसा लगता की माँ जान बुजकर एसा कर ही हे. सडक पे जारहे थे माँ ने कहा बेटे कही रुकना मुझे ….जाना हे. मेने एक जगह बाइक रोक दी.माँ सडक के किनारे एक जाडी के पीछे गई और मुतने लगी.सर्रर्रर की आवाज आई में अपने आपको रोक नहीं पाया और देखने की कोशिश की माँ की चूत नहीं दिखाई दी पर जांगेऔर चूत से निकलती पानीकी धार जरुर देखने को मिली.क्या जांगे थी?? कदम लिस्सी ..गोरी मुलायम.माँ उठने वाली थी ,में वहांसे हट गया.और मुतने लगा माँ मेरी और देख रहीथी, पर मेने भी एसा ही किया सिर्फ पानी की धार दिखाई,अपना लंड नहीं दिखने दिया.फिर हम वहां से चल दिए.घर आ गये कोई बात नहीं हुई. एक दो दिन बित गये .मुझे माकी जांगे और मूत की धार ने बेचेन कर दिया था.में माँ की चूत के बारे में सोचता रहता.
    एकदिन घरमे किचन से कुछ गिरने की आवाज आई.मे दोड़ता चला गया. देखा माँ गिर पड़ी थी और पापा उठा रहे थे.शायद माँ के पाँव में चोट आई थी तो मेने भी हेल्प की.खाना तैयार हो गया था तो दादाजी और पापा खाना खाके चले गये.दादी गर पे नहि थी, वो चाचा के घर अहमदाबाद गई थी.घर पे में और माँ दोनों अकेले ही थे. इतने में पापा का फोन आया की :- में गाव जा रहा हु .एक ग्राहक को शादी के घहने देने हे.दादाजी दुकान पर थे.माँ अपने रूममें लेटी हुई थी.में माँ के पास गया बोला मम्मी तबियत तो ठीक हे ना? माँ ने कहा- हाँ पर पेर में थोडा दर्द हो रहा हे. मेने कहा- क्या में मालिस कर दू ? माँ-हाँ,कर दे तो अच्छा लगेगा.माँ ने पेटीकोट पहन रखा था. में पैर की मालिस करने लगा. पेटीकोट घुटनों तक उठाया हुआ था.माँ के गोरे पैर देखकर मुझे मजा आया में मालिस करने लगा.माँ आखे बंद करके लेटी हुई थी.में मालिस करते -करते जंगो तक पंहुचा गया पेटीकोट और ऊपर उठाया .. वाह क्या मस्त जांगे थी गोरी मुलायम मख्खन जेसी.मेरा लंड खड़ा हो गया.माँ शायद सो गई थी.मेने पेटीकोट और ऊपर उठा दिया.माँ ने लाल रंग की पेंटी पहनी हुई थी.चूत का उभार साफ दिखाई देता था.मेने एक दो बार उपर से ही चूत को छुआ मजा आ गया मेने सोचा माँ की चूत देख ही लेता हु पर चड्डी उतारने की हिम्मत नहीं हु शायद माँ की नींद टूट जाये और में पकड़ा जाऊ.? माँ के पैर खुले हुए थे तो में बीच मे बेठ गया और पेंटी को चूत से साईंड में कर के चूत देखने लगा.चूत की चमड़ी बहुत ही मुलायम थी.थोड़ी काली थी पर चूत के अन्दर का हिस्स एकदम लाल गुलाबी था.अब मुझसे रहां नही जाता था, पर एक बात मेने नोट की माँ की चूत से पानी जेसा चिपचिपा तरल निकल रहा था. मेने उंगुली पे महसूस किया फिर उसे सुंघा क्या मस्त खुशबु थी.मेने अपना लंड निकला और सुपाड़ा माँ की चूत पे रगड़ ने लगा .माँ की चूत से और पानी छुट रहा था.मेने अपना लंड तिन चार बार घिसा फिर खड़ा हो गया.माका पेटीकोट ठीक किया और बाथरूम में चला गया और माँ की चुदाई के बारे में सोच कर मुठ मारली, और अपना पानी निकल दिया.मुझे बहुत अच्छा लगा.में माँ को चोदने की सोचने लगा.थोड़ी देर बाद माँ भी उठ गई और बाथरूम की और चली गई

  • चोद मुझे भड़वे अपनी मां को चोद

    incest sex kahani मैं कोलेज में लास्ट ईयर में पड़ता था। मेरी उम्र २४ है। मैं बीच की छुट्टियों में मेरे गांव गया। गांव में हमारा बड़ा घर है। वहां मेरी मां और पापा रहते हैं। मेरे पापा एक बिल्डर है। मेरी मां हाउसवाइफ़, हम बहुत अमीर घराने से हैं हमारे घर में नौकर-चाकर बहुत हैं।
    मैं अपने गांव गया। दोपहर में मेरे घर पहुंचा। खाना हुआ और थोड़ी देर सोया, शाम को मां के साथ थोड़ी बातें की और गांव घूमने चला गया। रात करीब मैं ८ बजे घर आया। मा का मूड ठीक नहीं था, मैने मां को पूछा। “मां, पापा कहां है?” मां ने कुछ जवाब नहीं दिया। मेरी मां बहुत गुस्सेवाली हैं। वो जब गुस्सा में होती है तब वो गंदी गालियां भी देती है, लेकिन वो नौकरों के साथ ऐसा नहीं करती-गालियां नहीं देती। मां ने कहा “चल, तू खाना खा ले…। आज अपना बेटा आया, फ़िर भी ये घर नहीं आये। तू खा …हम बाद में फ़ार्म हाउस पर जायेंगे। वहां पर तेरे पापा का काम चल रहा है।” मैने खाना खाया और हम निकले। पापा ने मेरी मां को स्कुटर दी थी, हमारा फ़ार्म हाउस हमारे घर से एक घंटे पर ही था। मां ने स्कूटर निकाला, मैं मां के पीछे बैठ गया। हां… मेरे मां का नाम रीमा है उसकी उम्र ४५ है लेकिन वो सुंदर है, वो टिपीकल हाउस वाइफ़ है। सेहत से परफ़ेक्ट। थोड़ी मोटी।
    आओ वहां चलें, मां ने पंजाबी ड्रेस पहना था। मैं मां के पीछे था। हम चल दिये। मैने मेरे हाथ स्कूटर के पीछे टायर पर पकड़े थे। मां बीच-बीच में कुछ बोल रही थी लेकिन कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, शायद वो बहुत गुस्से में थी। एक घंटे में हम फ़ार्म हाउस पर पहुंच गये। फ़ार्म हाउस के गेट पर वाचमैन था उसने मां को ठोका और कहा “साहब यहां नहीं है वो शहर में गये है” वो हमे गेट में आने नहीं दे रहा था।
    मां ने ठीक है बोला और स्कूटर स्टार्ट की। हम थोड़े ही आगे गये और मां ने स्कूटर रोक दी। उसे कुछ शक हुआ। उसने मुझे कहा “तु यहां रुक, मैं आती हूं?”। मा बंगले की तरफ चलने लगी और वाचमैन का ध्यान नहीं ये देख कर अंदर चली गयी, और बंगले की खिड़कियों से ताक-झांक करने लगी। मैने देखा मां क्यों नहीं आ रही है और मैं भी वहां चला गया। मैने देखा मां बहुत देर वहां खड़ी थी और खिड़की से अंदर देख रही थी। वो करीब १०-१५ मिनट यहां खड़ी थी। मैं थोड़ा आगे गया और मां आयी और कहा “साले तुझे वहां रुकने को बोला तो आगे क्यो आया?…चल बैठ हमे घर जाना है” मां को इतना गुस्से में नहीं देखा था।
    मैं बैठा, रास्ते में बारिश चालू हुई, मेरे हाथ पीछे टायर पर थे गांव में रास्ते में लाइट नहीं थी, तभी मां की गांड मेरे लंड को लगने लगी मैं थोड़ा पीछे आया लेकिन मां भी थोड़ा पीछे आयी। और कहा। “ऐ, ऐसा क्यों बैठा है ठीक से मुझे पकड़ कर बैठ”। मैने मेरे दोनो हाथ मां के कंधे पर रखे। लेकिन खराब रास्ते की वजह से ठीक से बैठ नहीं रहे थे। मां ने कहा। “अरे, पकड़ मेरी कमर को, और आराम से बैठ”… मैने मां की कमर पर पकड़ा, लेकिन धीरे धीरे मेरा हाथ मेरे मां के बूब्स पर लगने लगे, वो उसके बूब्स … “ क्या नरम-नरम मखमल की तरह लग रहे थे। और मेरा लंड भी ९० डिग्री तक गया… वो मेरी मां के गांड को चिपक ने लगा। मां भी थोड़ी पीछे आयी। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड मां के गांड में घुस रहा है।
    हमारा घर नजदीक आया, हम उतर गये। करीब रात ११.४५ को हम घर आये। मां ने कहा तू ऊपर जा, मैं आती हूं। मां ऊपर आयी वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। मालुम नहीं क्यों वो बीच बीच में कुछ गालियां भी दे रही थी लेकिन वो सुनाई नहीं दे रहा था। मां के कहा “आ, मैं तेरा बिस्तर लगा दूं।” उसने उसकी चुन्नी निकाली और वो मेरे लिये बिस्तर लगाने लगी, मैं सामने खड़ा था वो मेरे सामने झुकी …और मैं वहीं ढेर हो गया उसके बूब्स इतने दिख रहे थे के मेरी आंखें बाहर आने लगी उसके वो बूब देख कर मैं पागल हुआ उसने काला ब्रा पहना था उसका सेंटर हुक भी आसानी से दिख रहा था, तभी मां ने अचानक देखा और बोला “तू यहां सो जा” लेकिन मेरा ध्यान नहीं था वो मेरे सामने झुकी और मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था, ये बात समझ गयी… और वो ज़ोर से चिल्लाई “रंजीत, मैने क्या कहा सुनाई नहीं दिया क्या? तेरा ध्यान किधर है… साले मेरे बाल देख रहा है” ये सुन कर मैं डर गया लेकिन मैं समझ गया के मां को लड़कों की भाषा मालुम है। उसने बिस्तर लगाया और कहा ”मैं आती हूं, अभी” वो नीचे गयी मैने देखा उसने हमारे बंगले के वाचमैन को कुछ कहा और ऊपर मेरे रूम में आ गयी। हम दोनो अभी भी बारिश के वजह से गीले थे। मां मेरे रूम मैं आयी, दरवाजे की कड़ी लगाई और उसने अपनी पंजाबी ड्रेस की सलवार निकाल कर बेड पर रख दी, मैं मेरा शर्ट निकाल ही रहा था इतने में मां मेरे सामने खड़ी हो गयी।
    मां ने मेरी शर्ट की कोलर पकड़ी और मुझे घसीट कर मुझे बाथरूम में ले गयी। मेरे कमरे में एक ही प्राइवेट बाथरूम था। मां फ़िर बाहर गयी और मेरे कमरे की लाइट बंद करके मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी। उसने मेरी तरफ देखा, कपड़ा लिया और मेरे बाथरूम के खिड़की के शीशे पर लगा दिया ताकि बाथरूम में लाइट थी और बाहर से कोई अंदर ना देखे इस लिये शायद। फ़िर से उसने मेरी तरफ देख… वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। तुरंत ही उसने मेरे गालों पर एक जोर का तमाचा मरा, मैं मां के ही तरफ गाल पर हाथ रख कर देख रहा था लेकिन तुरंत ही उसने मेरे गालों को चूमा और अचानक उसने उसके होंठ मेरे होंठों पर लगा कर मुझे चूमना चालू किया, मैं थोड़ा हैरान था लेकिन मैने भी मां के वो बड़े-बड़े बूब्स ढके थे और मां के बारे में सेक्स का सोचने लगा था। चूमते–चूमते उसने फ़िर से मेरी तरफ देखा, वो रुक गयी और पूरी ताकत लगा के उसने अपना ही ड्रेस फ़ाड़ डाला। और मेरा भी शर्ट खोल दिया जब उसने ड्रेस फ़ाड़ा।
    ऊऊऊऊऊ मय… मय… मय… मय… मैं सोच भी नहीं सकता था के मां के बूब्स इतने बड़े होंगे वो तो उसके ब्रा से भी बाहर आने की तैयारी में थे फ़िर वो मुझे चूमने–चाटने लगी।
    उसने मुझे चड्ढी उतारने को कह… “साले, अपनी चड्ढी तो उतार” मैने अपनी चड्ढी उतारी और मैं अपनी मां पे चढ़ गया मैं भी उसके बूब्स को चाटने लगा – चूमने लगा और जोर से दबाने लगा मैने भी मां का ब्रा फ़ाड़ डाल… मैं भी एकदम पागलों की तरह मां के बूब्स दबाने लगा। मैं उन्हे दबाने लगा, मां की मुंह से आवाजें निकलने लगी “ आआआऊऊऊऊओ ईइम्मम्मम्म ऊऊऊऊऊओ……… सलीए आआअ……ऊऊऊऊआयीईईइ” इतने में उसने मुझे धक्का दिया और एक कोने में छोटी बोतल पड़ी थी उसमे उसने साबुन का पानी बनाया, और शोवर चालु किया और कहा “मैं जैसा बोलती हूं वैसा कर” वो पूरी तरह जमीन पर जुखी और दोनो हाथों से अपनी गांड को फ़ैलाया और कहा ”वो पानी मेरे गांड में डाल” मैने वैसा किया, साबुन का पानी मां के गांड में डाला।
    मां उठी और मेरे लंड को पकड़ा और साबुन लगाया दीवार की तरफ मुंह कर के खड़ी हुई और कहा “साले, भड़वे चल तेरा लंड अब मेरी गांड में घुसा” जैसा के मैने कहा था मेरी मा कभी-कभी गालियां भी देती है। मैने मेरा लंड मां के गांड पर रखा और ज़ोर का झटका दिया। मां चिल्लाई ” आआअ म्मम्मूऊऊउ आआअ, साले भड़वे बता तो सही तो डाल रहा है” साबुन की वजह से मेरा लंड पहले ही आधे से ज्यादा घुस गया, और मैं भी मां को जोरो के झटके देने लगा। मां चिल्लाई।”साले, भड़वे ईईई…आआअ।।ऊऊऊऊउ।।आअ” मैं भी थोड़ा रुक गया। मां बोली। “ दर्द होता है इस का मतलब ये नहीं के मजा नहीं अताआआअ…मार और जोर से मार बहुत मजा आता है…… भड़वे बहुत्तत्तत सालों के बाद मैईईईई आज चुदवा रही हूं। आअम्मी।आआआआईईईईईअऊऊऊऊऊ…मार मार मार आआआआ” वो भी जोरो से कमर हिला के मुझे साथ दे रही थी और मेरे झटके एकदम तूफ़ानी हो रहे थे…मेरी हाइट ५.५ और मां की ५ हम खड़े-खड़े ही चोद रहे थे उसकी गांड मेरी तरफ, मैं उसकी गांड मार रहा था उसका मुंह उस तरफ और हाथ दीवार पर थे मेरा एक हाथ से उसकी बुर में उंगली डाल रहा था और एक तरफ उसके बाल दबा रहा था इतने मे उसने मेरी तरफ साइड में मुंह किया और एक हाथ से मेरे गाल पकड़े और मेरे होंठों पर उसके होंठ लगाये हम एक ”कामसूत्र” के पोज़ में खड़े थे…वो भी मेरे होंठों को चूम कर बोली “तूऊऊऊऊ… थोड़ी देर पहले मरे बोल देख रहा था ना…मादरचूऊऊऊओद्दद है रे तूऊऊ मैं अभी तुझे पुराआआ मादरचोद्दद बना ऊऊऊऊउ गीईईई………आआआ…”
    तभी मैं मां को बोला “आज इतने गुस्से मैं क्यों हो…” मां बोली “साले सब मर्द एक जैसे ही होते हैईईईइं…आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ…जानता है……,हम जब फ़ार्महाउस पर गये तब आ……आऐईईईइ मैने क्या देखा आ…खिड़की ईईईए…ईइ से” मैं एक तरफ झटके दे रहा था इसलिये मां बीच-बीच में आवाजें निकाल रही थी। मैने पूछा “ क्या देखा तूने” मां ने कहा “तेरा बाप……किसी और औरत को चोद रहा था आआआ ईईईईई ऊऊऊऊऊ आआआआअ मैं हमेशा इंतज़ार करती थी…। अब मुझे समझ में आया, वो बाहर चोदता है आआआआआआ…ईईईईई…ऊऊऊऊओ” …फ़िर बोली… मैं रुक गया, तभी वो बोली “तू रुक्कक्कक्क मत आआआऐईईईईऊऊऊऊओ…चोद मुझे भड़वे अपनी मां को चोद द्दद्दद्दद्द। आज से तेरी मां हमेशा के लिये तेरी हो गयी… अज्जज्जज्जज्जूऊऊऊऊ आआआआआअ तू ही मेरा सनम हैईईईईई… आऊऊऊओइम्मम्मम…अच्छा लगता है” तभी मैने मां के गांड में और ज़ोर का झटका दिया। वो भी उसकी गांड ज़ोरो से आगे पीछे हिला रही थी। आखिर में मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड का पानी मां की गांड में डाल दिया। मां चिल्लाई… “आअ ऊ ऊ ऊओ ऊ ऊ,,,म्मम्मम्मम्मम्मीईईईइ…कितना पानी है तेरे में खतम ही नहीं हो रहा है आआआआऔऊऊ…क्या म्मम्मस्त लग रहा हैईइ…सालाआआ मादर चोद…। सही चोदा तूने मुझे ईईईईए।

    थोड़ी देर हम एक-दूसरे को ऐसे ही चिपकाये रहे और हम पलंग चले पर गये और सो गये…
    थोड़ी देर के बाद मेरी नींद खुली मां मेरे पास ही सोई थी हम दोनो अभी भी नंगे ही थे मैं मां के बुर में उंगली डालने लगा तभी मां की नींद खुली और वो बोली… “क्या फ़िर से चोदेगा?” मैने बोला मुझे तेरी बुर चाहिये तेरी गांड तो मिल गयी लेकिन तेरी बुर चाहिये और मां की बुर में उंगली डालने लगा उसे सहलाने लगा, मुझे कंट्रोल नहीं हुआ। मैने मां के दोनो पैर ऊपर किये और मेरा लंड मां के बुर पर रखा और ज़ोर से धक्का मारने लगा। मैने झटके देना चालु किया तभी मां भी कमर हिला के मुझे साथ देने लगी मेरे झटके बढ़ने लगे, मां चिल्लाने लगी… “आआअ…छह्हह्हह्हद और्रर्रर………चूऊऊऊओद्दद…फ़ाड़ डाल मेरी बुर, तेरे बाप्पप्प ने तो कभी चूऊऊऊऊऊदा नहीं लेकिन तू चूऊऊऊऊओद और चोद्दद्दद, मजे ले मेरीईईईई बुर के आआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊऔऊऊउ।।ईईईई………। और तेज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़, और तेज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आआआआआईइमिओआआ……आआआआआआअ।।ऊऊऊऊऊओ…मां भी ज़ोरो से कमर हिलाने लगी और मैं मां के बोल और ज़ोरो से दबा रहा था …मां बोली “ चोद्दद्दद्दद्दद रे, मादर चोद्दद्दद्दद्दद्द और चोद्दद्दद्दद्द, दबा मेरे बोल्लल्लल्लल्लल्लल्लल्ल। और दबाआआआअ और चाट और काट …मेरे बोल को…और उन्हे बड़ी कर दे ताकि मेरा ब्लाउज़ से वो बाहर आये दबा और दबा चल डाल पानी अब…भर डाल अपनी मां की बुर पानी से आआऊओ…तेरे गरम्मम पानी से।।आआआआआआऊऊऊऊओ”
    तभी मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड का पानी मां के बुर में डाल दिया … मां “चिल्लाई…आआआआअ… ईईईईइ क्याआअ…गरम्मम्म पानी हैईई… ये है असली जवानीईईईइ… आज से तू मेरा बेटा नहीं मेर…ठोक्या है, आज से तू मुझे ठोकेगा। आआआआअऊऊऊऊओईईई …क्या पानी है सालों बाद्दद्दद्दद मिल्लाआआआअ…।” आज एक बात अच्छी हो गयी, तेरे पापा उस रंडी के साथ सो गये लेकिन उनकी ही वजह से मुझे मेरा ठोक्या मिल गया …” आज से तू ही मुझे ठोकेगा।
    थोड़े ही दिन में मैं शहर चला गया और मेरे कोलेज में चला गया, छुट्टियों में मां मेरा और मैं मां का इंतज़ार करने लगा। बाद में हम हमेशा एक दूसरे को चोदने लगे…

  • एक रात माँ के साथ

    desi sex kahani

    में दिल्ली का हूँ और अभी जोधपुर राजस्थान में जॉब कर रहा हूँ तो तैयार हो जाइये अपने लंड को सहलाने के लिये और अपनी चूत में उंगली करने के लिये ये स्टोरी पिछले महीने की है जब मेरी माँ मुझसे मिलने दिल्ली से जोधपुर आई थी मेरी माँ की उम्र
    42 साल है और उनकी फिगर इतनी सेक्सी है की कोई भी उन्हे देख के मूठ ज़रूर मारता होगा.
    मेरी माँ का नाम प्रिया है वो एक हाउस वाइफ है जो की मेरे दादा-दादी के साथ दिल्ली में रहती है में उनका इकलौता बेटा हूँ पापा का निधन 2003 में हो गया था एक कार एक्सिडेन्ट में अब स्टोरी पर आता हूँ मेरी उम्र 26 साल की है और 7 इंच का लंड है और 3 इंच मोटा मेरी माँ का फिगर 34-28-34 है और 5 फुट 6 इंच की लम्बाई गोरा रंग क्या क़यामत लगती है.
    मेरी माँ न्यू ईयर पर मेरे साथ रहने आई थी क्योकि में 6 महीने से जॉब की वजह से घर नही गया था में हमेशा ही माँ को चोदने का सपना देखकर मुट्ठ मारता था और उनकी पेंटी चुरा के उसे सूँघा करता था जब मेंने माँ को देखा यार मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया क्या क़यामत लग रही थी मैने माँ को गले लगाया और हम घर आ गये मेरा कमरा फ्लेट में है.
    माँ आते ही फ्रेश होने चली गयी माँ जब नहा के निकली तो माँ ने क्रीम कलर की साड़ी और ब्लाउज पहना था और क्रीम कलर की ब्लाउज जिसमे उनका सफ़ेद ब्रा दिख रहा था मुझे ऐसा लगा की इस वक़्त उनको पकड़ लूँ और चोद दूँ पर कंट्रोल किया क्योकि मेरी हिम्मत उतनी नही थी.
    हमने खाना खाया यहाँ वहाँ की बाते की और फिर माँ बोली की में सोने जा रही हूँ मैने कहा माँ क्या में तुम्हारे साथ सो सकता हूँ में दिल्ली में कभी कभी माँ के साथ सोता था तो माँ ने हाँ बोल दिया हम कमरे में गये बड़ा बेड था ठंड बहुत पड़ रही थी और हम एक ही रजाई में लेटे थे बात करते करते माँ सो गयी पर मुझे नींद नही आ रही थी.
    माँ अपना एक हाथ सर पर रख कर सो रही थी और उनके बूब्स सांस की वजह से उपर नीचे हो रहे थे अब मुझसे रहा नही गया और में माँ के और करीब जा कर लेट गया और अब मेरा लंड उनकी कमर पर टच हो रहा था मैने धीरे से अपना हाथ माँ के पेट पर रखा माँ हिली नही तब मेंने धीरे से अपना हाथ माँ के सीधे बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा माँ हिली मैने तुरंत अपनी आँख बंद कर ली माँ ने आँख खोली और मेरा हाथ बूब्स पर से हटा के अपने पेट पर रख दिया और सोने लगी.
    फिर मेंने कुछ देर इन्तजार किया की माँ सो जाये और मैने फिर से बूब्स पर हाथ रखा क्या सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स थे जैसे ही मैने उनका बूब्स दबाया माँ ने तुरंत आँख खोल दी और मेरा हाथ पकड़ लिया बोली बेटा क्या कर रहे हो ये ग़लत है अब मै हिम्मत करके उनके उपर चड गया और उनके होठो को चूसने लगा वो छटपटाने लगी और मुझे धक्का मारने लगी पर में नही हटा कुछ देर बाद माँ भी मुझे किस करने लगी मेरे होठ को चूसने लगी 10 मिनिट तक किस करने के बाद मैने माँ के होठो को छोड़ा.
    माँ मेरी आँखों में देख कर बोली बेटा अब मत रुक मैं बहुत साल से प्यासी हूँ आज बुझा दे मेरी प्यास ये सुनते ही मैने उनकी साड़ी हटा दी और आइसक्रीम की तरह उनके गले गाल और होठ चूसने लगा माँ भी पागल हुये जा रही थी माँ ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये मैने भी माँ की साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया माँ सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी मै एक साइड में हो कर उनको देखने लगा किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी.
    माँ ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने उपर खींच के चूमने लगी और मै माँ को चूमे जा रहा था मैने माँ की ब्रा खोल दी और और उनके निपल्स को काटने लगा माँ भी हाँ बेटा आआआहह काटो काट लो राज चूस लो आआअहह सस्स्स्स्स्स्शह आनाआघह काट राज काट आआआहह ह्म्‍म्म्मममममम आआहहाआहह और मेरे बालो को ज़ोर से खीच कर अपने बूब्स पर दबा रही थी
    मैने माँ को उल्टा लेटा दिया और उनके कन्धो और उनकी पूरी पीठ को चाट रहा था और माँ आआअहह ह्म्‍म्म्ममममममम राज आआआआहह ह्म्‍म्म्ममममममममम आआआअहह राज चाटो राज मैने भी माँ को आआहह माँ क्या जिस्म है तेरा आआहह माँ बोली बेटा तू मुझे प्रिया बोल गाली दे राज चाट साले मादारचोद चाट मैंने धीरे से माँ की पेंटी के उपर से उनकी गांड काटने लगा फिर माँ की पेंटी अपने दांत से खीच कर उतार दिया और उनकी गांड चाटने लगा और राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज चाट चाट साले चाट अपनी प्रिया की गांड चाट साले आआआनाआअहह चाट.
    फिर मैने माँ को सीधा लेटा दिया उनकी चूत से निकले पानी ने बिस्तर को गीला कर दिया था मैने अब उनके पैरो के बीच बैठ कर उनके पैरो को फैला कर उनकी चूत को अपने हाथ से फैला के उनकी चूत के अंदर वाले हिस्से को चाटने लगा माँ पागल हो रही थी राआआआअशज्जजज्ज आआआअहह चाआटततटतत्त आआआहह साले चाट मादारचोद चटाआआअटतततटतफ तेरे बाप ने कभी मेरी चूत नही चाटी तू साले मादरचोद चाटततटटटटतत्त कहते कहते माँ का जिस्म थोड़ा टाइट हुआ और वो झड़ गयी और माँ ने पूरे रस को चाट लिया.
    अब माँ बोली राज अब चोद अपनी माँ को चोद मै माँ के उपर लेटा और माँ ने मेरे लंड को अपनी चूत पर रखा और बोला राज धीरे से बहुत दिनो बाद चुदने जा रही हूँ मैने धीरे से अपना लंड अपनी माँ की चूत में धीरे धीरे से डाला और माँ के उपर लेट गया जब लंड पूरी तरह अंदर चला गया माँ बोली राज चोदो मुझे चोदो.
    मैं धीरे धीरे से माँ को चोदने लगा माँ आह राज हाँ राज चोदो राज आआअहह आह आह आह आह आह आह चोदो राज आज इस चूत की गर्मी बुझा दो आआहन चूत का कचूमर बना दो आआअहह चोदो आआअहह आआआअहह हा हा हा हा राज चोदो राज कोँम्म्मममम्मूऊऊँ न्‍न्‍नणणन् आह आह आह आह चोद मादरचोद चोद अपनी माँ को माँ आज दो बार झड़ चुकी थी मैं भी झडने वाला था मैने बोला माँ आज़ में कहाँ झड़ने वाला हूँ.
    माँ बोली राज अंदर ही डालो अंदर ही छोड़ दो आआसस्स्स्स्स्शह आआआआहाहह प्रिया आइ लव यू आआआआआआहह करके में झड़ गया और हम दोनो उसी तरह नंगे सो गये।

  • मां बहन कि चुदाई खेत में

    (Ma Bahan ki chudai khet me)
    दोस्तों मेरा नाम रामू है हम लोग बहुत गरीब है और अपने गांव में छोटे से घर में रहते हैं हम तीन लोग है घर में मै 20 साल मां 36 और बहन 18 साल है मेरा 2 एकड़ ज़मीन है जिस में गन्ने का खेती कर के हम तीनो का गुजरा होता है खेत में एक झोपड़ी है जिस में हम आराम करते है और रात में सोते है मेरी मां का नाम कामनी है बहन का मुन्नी अब आते हैं कहानी में ###

    मेरे बस एक मोबाइल था 4g उस में मै रोज चुदाई फिल्म देखता और लंड हिलाता और चूत अभी तक नहीं मिला था मेरे खेत के बगल में राजन का खेत था उस का बाप सहर में काम करता था और ओ अपनी मां रुक्मणि बहन सन्नो के साथ खेत में काम करता हम से हमेशा झगड़ा होता उस से खेत में पानी को लेकर सरकारी पम्प था हम दोनों के खेत के बीच में एक दिन मै अपने खेत में काम कर रहा था तो राजन के खेत की तरफ गया तो हम को कुछ आवाज सुनाई दिया मै ने सोंचा की साला राजन मेरा गन्ना चुरा रहा है हम आहिस्ते आहिस्ते आगे गए तो देखा कि राजन अपनी 17 साल की बहन का लहंगा उपर कर के चूत में लंड रगड़ रहा है बूब्स दबा रहा है हम ने अपना मोबाईल से वीडियो बनाने लगा राजन बोला मेरी जान एक बार चूत में डाल ने दे कब तक तड़पाएगी सन्नी बोली भईया मां को कहीं भेज दो दो दिन के लिए तब आराम से चोदना मेरा पहला है चुदने के बाद चल नहीं पाऊंगी।

    तब मां को जवाब देना मुश्किल होगा तब राजन बोला एक बात बोलूं तू बुरा मत मानना मेरा मन मां को भी चोदने का करता है मां का चूत भी लंड को तरसता होगा और अगर मां को चोद ले ना तुम को मां के सामने भी चोद सकता हूं सन्नी राजन को धक्का मर के अलग किया और बोली तुम मां के बारे में तुम ऐसा सोचते हो राजन बोला जब एक भाई बहन चुदाई करना चाहते है तो मां को क्यों नहीं चोद सकता मां को भी लंड की कमी महसूस होती होगी और मां रोज अपने चूत में उंगली करती है में ने देखा है और मां को चोदना चताहा हूं तुम्हारे लिए और बद्राश नहीं होता आज ही मन को चोदना है जब मां खाना लेकर आएगी तब तुम घर चली जाना सन्नो बोली ठीक है भईया और राजन सन्नो चूत चाट ने कहा सन्नो कमर हिला कर झड़ गई राजन सन्नो का चूत रस पी गया दोनों झोपडी की तरफ जाने लगे।

    मै भी अपने खत आगया मां और बहन दोनों खाना ले आई मै ने खाना खाया और मां को बोला मां तू दोनों आराम करो हम पम्प का कुछ सामान लाने घर जाता हूं पम्प में पेसर काम है वासर कट गया है दोनों झोपड़ी में आराम करने गई हम कर राजन के झोपडी के पीछे छुप गया राजन की मां आई दोनों खाना खाया रुक्मणि बोली सन्नो को किया हुआ ओ घर चलीगई राजन बोला लगता है सन्नो का तबीयत खराब है खाना खा कर दोनो आराम करने लगे रुक्मणि को नींद आगया राजन अपनी मां का लहंगा उठा कर चूत देखने लगा हम ने फिर वीडियो बनाया फिर राजन उठ कर अपने लन्ड में सरसो का तेल लगाया और आहिस्ते आहिस्ते अपनी मां का दोनों पैर को घुटनों मोड़ कर चूत में लंड लगा कर धक्का मर के लंड चूत में डाल दिया रुक्मणि आंख खोल और चीखी तब राजन ने अपनी मां का मुंह बंद कर के तबा तोड़ चुदाई करने लगा कुछ देर बाद रुक्मणि भी अपना कमर हिलाने लगी रुक्मणि को भी मजा आने लगा।

    तब राजन ने अपना हाथ हटाया रुक्मणि बोली बेटा ये किया कर रहा राजन बोला मां तुम्हारा दुख हम से देखा नहीं गया तुम राज चूत में उंगली करती हो तुम को लंड चाहिए और हम को चूत इस में हम दोनों का फायदा है पर बेटा हम मान बेटा है मां बेटा आपस में चुदाई नहीं करते राजन मां आप को नहीं मालूम आज कल सब से पहला चूत मां बहन का ही चोदते हैं इस में बदनामी का डर नहीं होता ये देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया हम ने सोचा कि आज तो चूत चोदना ही है कुछ देर में राजन माल अपनी मां के चूत में छोड़ दिया रुक्मणि भी झड़ गई हम जल्दी से बाहर आ कर झोपडी में गए राजन अभी भी ऊपर था और उस का लंड चूत में था हम को देख कर दोनो का जैसे हाठ फेल हो गया दोनों हम को ही देख रहे थे हम ने बोला मजा आया कि नहीं मान बेटा चुदाई में राजन जल्दी इस उठा और लुंगी लपेटा रुक्मणि भी कपड़ा ठीक किया दोनों मेरा पैर पकड़ ने लगे किसी को मत बोला नहीं तो हम बदनाम हो जाएंगे।

    दोनों को बिठाया और हम भी बैठ गए मै ने बोला कब से चल रहा है दोनों रोने लगे बोले आज पहला था मै बोला आज पूरे गांव वाले को मालूम पड़ जाए गा की एक मां बेटा आपस में चुदाई करते है आचनाक राजन बोला कोई भी तुम्हारे बात का अकिन नहीं करेगा हम बोल देंगे कि तुम ने मेरी के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की है मै हंसा और दोनों की चुदाई वीडियो दिखया रुक्मणि बोली बेटा तू भी मेरे बेटे जैसा है हम को बदनाम मत कर तू जो बोलेगा हम करेंगे मै बोला जब आप ने हम को बेटा बोला है तो मै भी बेटा वाला काम करूंगा तुम को चुदुंगा राजन चीख उठा रुक्मणि बिलो राजन तुम बाहर जाओ मैं बोला नहीं राजन अही रहेगा दोनों मिल कर करेंगे राजन कुछ नहीं बोला हम ने रुक्मणि को लिटा कर चूत देखा चूत में राजन का माल था।

    मै बोला चूत को साफ कर ओ बाहर जा कर धो कर आई हम ने लिटा कर चूत देखा मस्त चूत था मै बोला चाची मेरा ये पहला चूत है जो आज अपना कुंवारा पन तुम को दे रहा हूं मै ने लंड चूत में डाल दिया मेरा लन्ड राजन से बड़ा था मै चोदने लगा और राजन को ही नंगा कर दिया देखा राजन का भी लंड खड़ा था मै करीब 20 मिनट चोदा और माल चूत में डाल दिया फिर राजन को बोला अब तू चोद राजन भी चोदा हम सब साफ़ कर के आए मै बोला राजा बुरा मत मैं मै ने तेरी मां का चूत लिया है मै भी तुम को एक चूत दूंगा रुक्मणि बोली कों है में रुक्मणि का बूब्स दबाते हुए बोला चाची तुम मेरा एक काम कर दो मै भी अपनी मां को चोदना चाहता हूं तुम मां को पटा ने में मेरी मदद करो और राजन मै भी अपनी मां का चूत तुम को दूंगा ये मेरा वादा है राजन खुस ही गए मै बोला चाची एक बार और दो ना तो चाची बोली रात में पैखाना करने जाएंगे तो राजन को भी साथ ले आएंगे तुम भी आजना खेत में चुदाई हो जाएगा।

    अभी घर जाना है सन्नो का तबीयत खराब है चाची उठ कर जाने लगी और बोली राजन आज से तुम दोनों दोस्त बन जाओ तुम दोनों के साथ मजा आया रामू तुम्हारा 8 इंच का लन्ड से मजा आया अब तुम दोनों का लंड हम को रोज चाहिए फिर ओ चली गई हम ने बोला राजन नाराज है किया राजन कुछ नहीं बोला मैं बोला एक और तोफा लेना है तुम से और तुम को भी एक तोफा देना है राजन बोला किया मै बोला सन्नो का चूत ये सुन कर ओ बहुत बिगड़ गया मै बोला जादा मत बोला नहीं तो सारा वीडियो नेट में डाल दूंगा मै ने दोनों भाई बहन का वीडियो दिखाया ओ डर गया मै बोला देख डर मत मै भी तुम को अपनी बहन मुन्नी का कुवारा चूत तुम को दूंगा मै भी मुन्नी का चूत चाट ता हूं पर जगह नहीं होने के कारण चोदा नहीं मां के डर से राजन मुन्नी का सुन कर खुश हो गया 16 साल का चूत मिलेगा मै ने झूट बोला कि मै अपनी बहन को पटा लिया है।

    हम दोनों अपनी मां बहन का बात करते करते दोनों का लन्ड खड़ा हो गया मै बोला चाची होती या मेरी मां होती तो कितना मजा आता हैं दोनों राजन का चुदाई विडियो देखा और लंड हिलाने लगे मेरा राजन का गांड मारने का मन हो गए मै बोला एक काम करेगा राजन बोला किया बोल कोई जुगाड़ है तो बोल मै बोला ये देख मै गांडू चुदाई वीडियो देखने लगा मेरे मोबाइल में बहुत था ये देख कर राजन राजी हो गया हम दोनों नंगा हो गए और राजन का लन्ड हिला ने लगे राजन मेरा हिलाने लगा मैं ने राजन को पेट के पल लिटाया और अपने लन्ड में तेल लगा कर गांड में लंड गलने लगा राजन का को दर्द हुआ फिर भी ओ बर्दास्त किया हम ने लंड पूरा डाल कर चोदने लगा फिर राजन को खड़ा किया और झुका के चोदने लगा और एक हाथ से राजन का लन्ड हिलाने लगा राजन को मजा आने लगा।

    हम चोदते चोदते अपना माल राजन के गांड में डाल दिया मेरा माल अपने गांड में पा कर ओ बी झड़ गया हम अलग हुए मै बोला अब तू चोद हम को ओ बोला यार तीन बार मेरा झड़ गया है अब खड़ा नहीं होगा मै बोला चल बाद में कर लेना हम दोनों घर आ गए मै अपने घर गया तो देखा मी मां और बहन आ गई है बहन चित सोई है है और एक पैर मुड़ा है जिस से बहन का जांघ देख रहा है मै ने झुक के देखा बहन ने चड्डी नहीं पहना है या घर आ कर खोल दिया होगा बहन का चूत दिख रहा था हल्का हल्का बाल था रेशम के जैसा मेरा हालत खराब हो गया मेरा मुठ मारने का होने लगा मैं बाथरूम की तरफ गया जो आनगं के कोने में टीन का बना था दरवाजे के पास जब गया तो मां की आवाज आने लगी में ने एक छेद से देखा तो मां पूरी नंगी थी और अपने चूत में उंगली कर रही थी मै ने अभी भी मां बहन को गलत नजर से नहीं देखा था पर आज जो भी हुआ अब एक नसा हो गया था कि मां और बहन को चोदना है किसी भी हाल में मै रूम में आया मां आई मां बोली बेटा कब आया जा नहा ले।

    मै नहा धो के मुन्नी को हो बोला नहीं ले मां बोली बेटा आज रात में पानी देना होगा खेत में मै खाना बनाती हूं तू जरा राजन के घर जाओ उस की मां आई थी कुछ काम था तुम से मै चाई पी कर राजन के घर गया रुक्मणि देख कर बोली तुम दोनों खेत में इंतेज़ार करो हम आते है राजन बोला मेरा और मन नहीं है मै बोला साले तू ने सन्नो को अगर चोदा तो याद रखना राजन बोला यार तीन बार माल गिरा है मेरा अब खड़ा नहीं होगा और सन्नो का चूत पहला तुम को ही मिलेगा कल खेत में मै बाहर गए कुछ देर में रुक्मणि आई बगल में एक बाजरे का खेत था हम दोनों अन्दर गए मै तो लिपट गया रुक्मणि भी बहुत खुश थी हम ने लिटाया और चूत चाट ने लगा उस मेरा लंड भी चटा मै ने अपना लन्ड रुक्मणि के चूत में डाल दिया और चोदने लगा रुक्मणि बोली इतना जल्दी किया है आराम से चोद मै बोला चाची खेत जाना है मनी देने चाची बोली खेत में मनी देना है या अपनी मां के खेत में देना और चाची हंस ने गई मै चोदता हा और अपना माल चूत में डाल दिया चाची बोली आज लगता है।

    तुम को तुम्हारी मां का चूत भी मिल जाएगा मै बोला कैसे चाची आज हम लोगों का चुदाई तुम्हारी मां ने देख लिया है और सारा बात भी सुना है तुम्हारी मां पम्प में आई थी तुम को ढूंने जब हम घर आए तब तुम्हारी मां ने हम को बहुत गाली दिया फिर हम ने समझाया कि देख तेरे पति को मेरे 10 साल हो गया है अपनी जवानी बर्बाद मत कर मै अपने बेटे से 2 साल से चुद रही हूं तू भी चुद अपने बेटे से घर की बात घर में रहेगी तुम्हारी मां गाली दे कर अपने घर चली गई हम ने झूठ बोला कि हम दो साल से चुद रही हूं तुम्हारी मां को पटाने के लिए आज तू मार खाएगा या फिर चूत खाएगा अपनी मां का मान का चूत का खयाल आते ही मै चाची को हुमच हुमच के चोदने लगा और चूत में मनी डाल दिलाया चाची बोली देख राजन का लन्ड काम चलने लायक है पर तेरे लंड का जवाब नहीं मेरे बेटे का कारण तेरा लंड मिला हम को अब जा मां को चोद पर हम को भूलना है मै बोला एक और काम है पर अभी नहीं कल बताऊंगा ____ समाप्त बाकी कहानी पार्ट 2 में

  • मेडम की गांड में लंड

    (Madam KI Gaand ME Lund)
    बात उन दिनों की हैं जब मैं अपने बी.एड की तैयारी में मशगुल था. सारे सीनियर अध्यापक साले अपने काम भी हम से करवाते थे, लेकिन मज़बूरी के लिए हम सब कुछ कर लेते थे. मैं वैसे सुनीता नाम की एक सेक्सी अध्यापक के निचे काम कर रहा था जो बहुत ही अकडू और पूरी रंडी थी. उसे सब काम समय पर और साफ़-सुथरा चाहियें होता था. मैं काम तो कर लेता था ठीकठाक फिर भी वो बेन्चोद उसमे कोई ना कोई नुस्ख निकाल देती थी. मन तो करता था की साली को पकड के उसकी गांड में लंड दे दूँ…..!!! तब मुझे थोड़ी पता था की उसकी गांड में मुझे लंड देने का सच में सौभाग्य प्राप्त होगा…..!!!

    एक दिन सुनीता ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और पूछा की क्या मैं बी.एड. में अच्छे नंबर पाना चाहता हूँ, कौन गधा होगा जो ना कहेंगा. मेरे हाँ कहते ही उसने मुझे कहा की वैसे लोग 50 हजार के ऊपर ही लेते हैं लेकिन मैं जो ठीक समझू वो दे दूँ. मेरी गांड फट गई. साला 50 हजार तो मैं कहाँ से ले के आता. वैसे भी बाबूजी ने मुझे बी.एड. तक पढाया वो उनका अहेसान था, मेरे दो भाई और थे जिनके ऊपर बाबूजी को कम से कम लागत हुई थी और वो दोनों उन्हें काम में मदद करने लगे थे…! मैंने सुनीता मेडम को अपनी दास्ताँ सुनाई और वो थोड़ी पिघली. उसने मेरी तरफ ध्यान से देखा और बोली, तुमने खेतो में काम किया हैं कभी..? लगता तो नहीं हैं वैसा…? मैंने कहा, हाँ मैंने काम किया हैं खेतों में कितनी बार. और उसे सबूत देने के लिए मैंने जैसे ही अपनी शर्ट के बटन खोल के उसे अपने पेट के ऊपर पड़ी मसल्स मार्क्स दिखाई, उसकी जबान से लाळ टपकने लगी. वैसे मैं पतला था लेकिन मेरा एक एक मसल सुलझा हुआ और परफेक्ट शेप में था. मेडम को क्या पता गांड में पसीना लाना पड़ता था मसल बनाने में.

    मेडम मेरी बोड़ी देख के जैसे की बावरी हो गई, उसे क्या पता की हरियाणा के लौंडे होते ही हैं मजबूत. मेडम अपनेआप को बिलकुल रोक नहीं पाई और उसने अपना हाथ मेरे सिने के ऊपर फेरा और वहां निकले हुए छोटे छोटे बालो को अपनी उंगलियों में लिए. उसने तुरंत अपने हाथ को हटा दिया. मैंने भी फट से बटन बंध कर दी. मेडम बोली, तुम तो सही मैं ही-मेन हो….मैं एक शर्त पर तुम्हारे पैसे छोड़ सकती हूँ…तुम्हे एक बार मेरे साथ सोना पड़ेंगा…!!! साला मेडम की गांड में और चूत में शायद मेरे ह्यूष्टप्यूष्ट शरीर को देख के चुदाई की खुजली होने लगी थी. वैसे मेरे लिए भी यह सौदा ठीक ही था. चूत की चूत और 50 हजार की बचत. मेडम ने एक कागज के ऊपर अपना एड्रेस लिख के दिया और मुझे बोला की सन्डे के दिन सुबह 11 बजे मैं उनके घर पहुँच जाऊं.

    सन्डे का मैं भी बेसब्री से इन्तेजार करने लगा था, सन्डे आया और मैंने अपनी फेवरेट जींस और टी-शर्ट डाली और मेडम के घर तरफ जाने के लिए सिटी बस पकड ली. मेडम का घर ढूंढने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई क्यूंकि उसकी सोसायटी में केवल 5 घर थे और सभी पे नेमप्लेट लगा था. प्रोफ़ेसर सुनीता पांडे, नेम प्लेट पढ़ते ही मैंने घंटी बजाई, 20 सेकण्ड के बाद दरवाजा सुनीता मेडम ने ही खोला. वोह एक पारदर्शक साडी में सज्ज थी. साडी हलकी थी जिसे घर में पहना जा सकता था. अंदर आते ही मैं सोफे के ऊपर बैठा और मेडम ने मुझे पानी ला के दिया. मेडम जब खाली ग्लास ले के जा रही थी तब में उसकी गांड में पड़ती मटक को देख रहा था. मेडम की गांड बहुत ही सेक्सी थी और मैं मनोमन सोच रहा था की मेडम एक बार मुझे गांड में मस्ती का मौका दे दे तो बहुत मजा आ जाएगा. लेकिन मेडम को गांड में लेने के लिए कहना उतना आसान थोड़ी ना था.

    पानी के बाद चाय भी आई और मेडम ने चाय देते समय अपने बूब्स की गली दिखा के मेरा लंड भी खड़ा किया था, उसने गली दिखाने के बाद मेरे सामने देखा था. उसे पता था की मेरी नजर भी वही थी. वोह हंस पड़ी और बोली, होंशियार हो तुम, चलो जल्दी चाय पी लो…! जैसे ही मेरी चाय खत्म हुई मेडम ने अपनी साडी को खोला और उसने पहनी काली ब्रा मुझे दीखाई. उसने अब ब्रा पेंटी को छोड़ के सभी कपड़ो को उतार दिया और वोह सोफे के पास आई और मेरी गोद में आके बैठ गई, बैठते हुए मेडम बोली…एक घंटा हैं तुम्हारे पास. मेरे पति आ जायेंगे उसके बाद. मुझे एक घंटे में जितना ठोक सकते हो ठोक डालो. मैंने तुरंत मेडम की ब्रा की हुक खोल दी. मेडम के 34 साइज़ से भी बड़े स्तन हवा में झूलने लगे और मैंने लपक के मेडम के एक निपल को मुहं में दबाया. दुसरे निपल के ऊपर मैंने अपनी एक ऊँगली के ऊपर थूंक लगा के सहलाया. मेडम ने धीरे से हाथ निचे किया और गांड में फंसी पेंटी को उतारा. सुनीता मेडम की चूत बड़ी झांटो वाली थी और चूत का रंग घेरा गुलाबी था. मेडम के निपल्स को मैं बारी बारी चूसने लगा और मेडम भी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से जोर जोर से दबा रही थी. मेरा जाट लंड चूत और गांड में जाने के लिए बिलकुल तैयार था.

    मेडम ने मेरी पेंट खोल दी थी और मेरा लंड अब मेडम के हाथ में झूल रहा था. मैंने मेडम के दोनों स्तन के निपल्स को चूस चूस के लाल कर दिया था और मेरी ऊँगली अब उनकी झांटोवाली चूत को खुजा रही थी. मेडम की चूत से तुरंत ही रस टपकने लगा था. मेडम अब बहुत कामुक हो चुकी थी और उसने मुझे कस के पकड़ा हुआ था. मैंने मेडम के होंठो से अपने होंठ लगा दिए और एक जोर का चुम्मा ले लिया. मेडम मुझे कस के चूस रही थी और साथ साथ में मेरे लंड को जैसे की मुठ मार रही हो वैसे हिला रही थी. मेडम को मैने कंधे से पकड़ा औ उसे उल्टा लिटा दिया. सुनीता मेडम की गांड में हलके हलके बाल निकले हुए थे जिसे उसने वेक्स करके निकाले हुए थे लेकिन फिर भी कुछ बाल मुझे दिख रहे थे. मैंने अपने फडफड होते लंड को सीधे मेडम की चूत के ऊपर रख दिया और मैंने पीछे से मेडम की गांड में ऊँगली करने लगा. गांड में ऊँगली करने से मेडम ऊँची नीची हो रही थी और हलके हलके मुस्कुरा रही थी. मैंने अपने लंड को मेडम की चूत के होंठो पर रखा और सीधे एक झटके में पेल दिया. मेडम जोर से आह करने लगी.

    सुनीता मेडम अपनी गांड वाला हिस्सा हिला हिला के मेरे लंड के झटके अपनी चूत के अंदर ले रही थी. मैंने भी अपने मसल्स की सारी एनर्जी मेडम की चुदाई में लगा दी. मैं पसीने से तरबतर हो गया था लेकिन मेडम की चूत इतनी रसीली थी की मुझे थकान का बिलकुल भी अहेसास नहीं हुआ. मेडम के कमर के ऊपर अपने दोनों हाथ रखे हुए मैं उसकी चूत के अंदर से जैसे की खेत में हेंडपम्प से पानी निकालते है बिलकुल वैसे उसकी चूत का रस निकाल रहा था. मेडम की चूत का रस मेरे लंड के उपर झाग के स्वरूप में चिपका हुआ था. मेडम को भी मेरे लंड से बहुत मजा आ रही थी तभी तो वो अपनी चूत के मसल्स जोर से दबाती थी और मेरे लंड को बहुत मजा कराती थी. मैंने मेडम की चूत को दस पन्द्रह तक मस्त चोदा. मुझे मेडम की गांड की चुदाई करने की बहुत इच्छा थी. मैंने मेडम की गांड के ऊपर अपने थूंक का एक जथ्था लगाया और उसे मलने लगा. मेडम भी समझ गई की गांड में हमला होने वाला हैं. मेडम गांड के अंदर सही तरह से लौड़ा लेने के लिए उलटी लेट गई और उसने अपने दोनों हाथ से गांड को फैला दिया. मेडम की गांड का छेद हल्का काले रंग का था और देखते ही उसके अंदर लंड देने की इच्छा जाग्रत हो चुकी थी. मैंने मेडम की गांड के अंदर जैसे ही लंड घुसेड़ने लगा मेडम की आह अह ओह चालू हो गई जो गांड में पूरा लंड देने तक चालू रही.

    जैसे ही मैंने गांड के अंदर पूरा लंड दे दिया मेडम ने भी अपनी गांड को टाईट कर दी. मुझे मेरे लंड के ऊपर बहुत प्रेशर आ रहा था क्यूंकि मेडम ने गांड को मस्त टाईट रखा था और वोह आगे पीछे भी होने लगी थी…क्या सभी बड़ी उम्र की आंटी और भाभियाँ गांड में लेने की सौकीन होती हैं…..!!! मैंने अभी तक मेरे से बड़ी चार पांच स्त्रियों के साथ सहवास किया था और मेरे गांड मारने का प्रतिशत सो फीसदी ही रहा था. सुनीता के झटके और दबाव के चलते मेरे लंड के ऊपर अजब कसाव महसूस हो रहा था. मैंने उसकी गांड को दोनों हाथ से दोनों तरफ से पकड़ा और मैंने ऊँचा हो होक उसके गांड में अपने डंडे को पेलने लगा. सुनीता मेडम आह आह ओह ओह करती रही और साथ साथ मेरे लंड से मजे लेती रही. कुछ दस मिनिट की गांड सम्भोग होने के बाद मेरे लंड से वीर्यरस निकल गया और मैंने सारा के सारा रस मेडम की गांड में ही छोड़ दिया….!

    चुदाई के बाद मैं कपडे पहन रहा था तभी सुनीता मेडम ने निचे बैठ के मेरे लंड को एक बार और चूस लिया. मैंने भी जोर जोर से उसके मुहं में ही उसे चोद दिया. उसका पति किसी भी वक्त आ सकता था इसलिए मैंने तुरंत वहां से निकल गया. इस दिन के बाद तो सुनीता मेडम ने कितनी बार मेरे लंड को अपनी चूत में और गांड में लिया हैं. मेरे लिए भी हजारों रूपये जुटाना मुश्किल हैं इसलिए मैं टीचर बनने के लिए मेडम की चुदाई कर के उसे खुश रख रहा हूँ…….!!!

  • पंजाबी आंटी को बिच पर चोदा

    (Punjabi Aunty Ko Beach Par Choda)
    वैसे तो हर समर वेकेशन में मेरा और गुरप्रीत अंकल का परिवार हमेंशा बहार घुमने जाता था. लेकिन इस साल दादी की तबियत पतली होने की वजह से वेकेशन के आखरी दिनों तक हम लोग बहार नहीं जा पायें. गुरप्रीत अंकल मेरे डेड के साथ ऑफिस में काम करते थे. वैसे वो पंजाब से थे लेकिन नौकरी की वजह से अभी सूरत में रहते थे. उनकी बीवी का नाम कुलदीप था. इस पंजाबी आंटी के तेवर वैसे देखने लायक थे, वोह कभी भी किसी से सीधे मुहं बात नहीं करती थी, उसे बहुत गुमान था अपने पति की 6 फिगर वाली नौकरी पर. छुट्टियां पूरी होने को थी, दादी की तबियत भी अब अच्छी थी इसलिए डेड और गुरप्रीत अंकल ने घुमने की बात कही. डेड और अंकल ने कहीं दूर जाने के बजाय यही पास दमन जाने का फैसला किया, क्यूंकि इतने दिन नहीं बचे थे अब छुट्टियों को खत्म होने में. मोम ने मना कर दिया साथ में आने के लिए क्यूंकि उन्होंने दमन बहुत बार देखा था. आखिर कार मैं पंजाबी आंटी कुलदीप, गुरप्रीत अंकल और डेड बस इतने लोग ही तैयार हुए दमन जाने के लिए. मित्रो यह सत्य घटना इसी पिकनिक में बनी थी जिस में मैंने नकचढ़ी पंजाबी आंटी की गांड मारी थी. मेरे 19 साल के जवान लंड का रस इस पंजाबी आंटी ने भरपूर पिया था. आइये देखे की यह सब कैसे हुआ.

    दमन पहुँचते ही गुरप्रीत अंकल और डेड पिने लगे, बल्कि दोनों ने रस्ते में ही ताड़ी लेना चालू कर दिया था. गाडी की पीछे की सिट पर मैं और पंजाबी आंटी कुलदीप बैठे हुए थे. पुरे रास्ते उसने मुझ से कोई बात नहीं की, वैसे भी वोह सुरत में भी कम ही बात करती थी. दमन आते ही हम लोगो ने एक होटल में दो रूम लिए. हमारी होटल बिच के बिलकुल सामने थी लेकिन बिच का यह हिस्सा बिलकुल उजड़ा हुआ सा था, यहाँ कोई आता जाता नहीं था. खाना खाने के बाद थकान मिटाने के लिए हम लोग होटल के अंदर के ही स्विमिंग पुल में नहाने चले गए. नहाते नहाते पुरे वक्त मेरी नजर इस पंजाबी आंटी की गांड के ऊपर ही थी. उसने भी मुझे एक दो बार उसकी गांड को देखते हुए देख लिया था. मैं सोच रहा था की इतनी बड़ी गांड में लंड देने के अपने ही मजे होंगे. शाम के खाने के बाद भी अंकल और मेरे डेड दारु के साथ डूबे रहे. इस बिच कुलदीप आंटी ने मेरे से थोड़ी बहुत बातचीत की और मुझे लगा की अब यह पंजाबी आंटी भी थोड़ी सॉफ्ट हुई थी. उसी शाम को मैं और आंटी बिच के ऊपर टहलने के लिए गए और रस्ते में मैंने जान बूझ के एक दो बार साथ चलते चलते आंटी की गांड के ऊपर हाथ जैसे की गलती से गिरा दिया. आंटी कुछ बोली नहीं और मेरी हिम्मत खुल गई. लेकिन इस टहलने के अंदर मेरा काम नहीं बना, काम तो मेरा अगले दिन बिच के ऊपर बना.

    दुसरे दिन बड़ी सुबह आंटी ने हमारे दरवाजे के ऊपर नोक किया, मेरे डेड ने दरवाजा खोला और मैंने बिस्तर से देखा की पंजाबी आंटी स्विमस्यूट में थी. डेड उसे देख के चमके और बोले, भाभी अभी स्विमिंग करेंगी. पंजाबी आंटी हंस के बोली नहीं मुझे सुबह की हलकी धुप सेकनी हैं, आप आयेंगे. डेड बोले नहीं मैं नहीं आऊंगा. तभी में बेड से उछल के निकला और बोला मैंने आता हूँ आंटी. आंटी ने मेरी तरफ देखा, सुबह सुबह मेरा लंड पेशाब लगने की वजह से बरमुडे में टाईट हुआ था जिसकी वजह से उतना भाग उपस गया था. डेड देखे उसके पहले मैंने अपने लंड को दबा दिया. मैंने फट से ब्रश किया और चाय बना के पी ली. आंटी अंदर आ के सोफे पे बैठी थी, वो मेरी चाय ख़त्म होने की ही राह देख रही थी. मुझे बहुत जल्दी थी इस आंटी के साथ बहार जा के घुमने में. मेरी चाय खत्म होते ही हम लोग निकल पड़े. मैं मेरे आगे चल रही आंटी की मस्त गांड को देख के खुश हो रहा था. मेरे लंड में अभी भी मस्त तनाव बना हुआ था. कुलदीप आंटी बस अपनी चूत के फाटक खोल दें. मैं कब से ऐसी ही कोई बड़ी उम्र की चूत ढूंढ रहा था जो मुझे ख़ुशी भी दे और जेबखर्च भी.

    आंटी आगे आगे चल रही थी और मैं वही मस्ती में उसकी मटकती गांड जो स्विमिंग स्यूट में मस्त लग रही थी उसे देख रहा था. थोड़ी देर में ही हम लोग बिच पर पहुँच गए और आंटी ने एक शीशी निकाली जिस में से उसने कोई तेल निकाला और वो अपने चुंचो के ऊपर के भाग, कंधे और गालो के उपर मलने लगी. बिच के उपर हम दोनों के अलावा दो कुत्ते ही थे. सुबह का वातावरण था और यह बीच वैसे भी इतना फेमश नहीं था की यहाँ लोग सुबह सवेरे भीड़ करे. आंटी ने अपनी गांड वाले हिस्से पे तेल लगाना चालू किया और मुझे पहली बार लगा की साली यह पंजाबी आंटी तो बेशर्म बनती जा रही हैं. तभी आंटी बोली, आजा ना मुझे तेल लगा दे..पीछे कमर पे मेरा हाथ नहीं जाएंगा. मैं थोडा रुका और कुछ सोचूं उसके पहले ही आंटी बोली, अरे वैसे तो तू मेरी गांड पीछे से बहुत देखता हैं और अब क्यों शर्मा रहा हैं. मैं सहम गया और मनोमन सोचने लगा तो क्या यह आंटी मेरे हिलचाल के ऊपर नजर बनाये हुए थी और उसे सब पता था की मैं क्या कर रहा हूँ. मुझे लगा की आंटी को भी चुदवाने की इच्छा जरुर होगी तभी तो उसने मुझे कुछ कहा नहीं और अब वो मुझे मालिश कर देने के बहाने अपने शरीर के स्पर्श करने का मौका दे रही थी. वैसे अगर आंटी शरीफ होती तो वो मुझ से दुरी रखती, लेकिन यहाँ तो खर्बुचा खुद छुरी के ऊपर गिरने के लिए तैयार था. मैंने तेल हाथ में निकाला और आंटी के कमर के ऊपर हाथ से सहलाना चालू कर दिया. आंटी की आँखे बंध होने लगी और वो मेरे प्रत्येक स्पर्श का मजा लेने लगी. आंटी की कमर बहुत मस्त थी और उसके ऊपर हाथ लगाते ही मुझे मस्त उत्तेजना होने लगी. मेरा लंड लपकार लेने लगा था और मैं आंटी की तरफ से सिर्फ सिग्नल मिलने की राह देख रहा था.

    मेरे हाथ सेक्सी पंजाबी आंटी की कमर पे चल रहे थे तभी आंटी ने मुझे कहा की आगे की तरफ हाथ करो ना, उसका कहने का मतलब था की मैं उसके स्तन वाले हिस्से पे हाथ घुमाऊं. मैंने जैसे ही आंटी के चुंचे के ऊपर उसके स्विमस्यूट के ऊपर से हाथ घुमाया. आंटी के चुंचे कडक हो चुके थे और उसके निपल्स जैसे की लोहे के हो वैसे कड़े थे. आंटी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहला रही थी. मैंने देखा की बिच के किनारे हम से 100 मीटर की दुरी पर एक टेकरी जैसा बना हुआ था और मैंने सोचा की यहाँ खुले में चोदने से बहतर हैं की मैं इस पंजाबी आंटी को वहाँ ले जाऊं ताकि हमें कोई देख ना सके. मैंने आंटी को टेकरी दिखाई और उसे भी मेरी बात में तथ्य लगा. हम दोनों कपडे सही करते हुए चल पड़े टेकरी की तरफ. टेकरी का हगने और मुतने के अलावा कोई उपयोग होता हुआ लगता नहीं था, हाँ चुदाई के बाद वीर्य के निशान पकड़ना मुश्किल हैं इसलिए शायद यहाँ चुदाई भी शायद होती होगी लेकिन जहाँ तहां गू और पेशाब की गंदगी दिख रही थी. मैं और आंटी टेकरी के पीछे वाली साफ़ जगह पर चले गए और वहाँ पहुँचते ही आंटी ने अपना स्यूट उतार फेंका. उसके तरबुच जितने बड़े स्तन हवा में झूल रहे थे. आंटी ने मेरे कपडे भी उतार दिए और वो मेरे लंड को हाथ में ले के मरोड़ने लगी. लंड बहुद अकड गया था और उसे भी चूत चाहिए थी. आंटी ने कुछ बोले बिना सीधे मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और गले तक ले के चूसने लगी. आंटी मेरे लंड को जैसे की भूखा कुत्ता हड्डी चुस रहा हो वैसे जोर जोर से चूस रही थी. आंटी का थूंक मेरे लंड और गोटो के ऊपर बह रहा था, मैंने भी निचे झुक के आंटी के बूब्स को मसलना चालू कर दिया…..!!!

    अब मेरा लंड भी चुसाई के चलते भूखा होता जा रहा था. आंटी भी मेरे लंड को चूसने के बिच बिच अपने हाथ से मसलती थी. मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ेगा ऐसा डर मुझे लगने लगा था. तभी सेक्सी पंजाबी आंटी ने अपने चुंचो के बिच में थूंक दिया और मेरे लंड को वहाँ रख के चुंचो को दोनों तरफ से जोर से दबा दिया. आंटी का इशारा मिलते ही मैं आंटी के दोनों सेक्सी स्तन के बिच अपने लंड को जोर जोर से अंदर बहार करने लगा. मेरा यह बूब्स फक का पहला अनुभव था लेकिन सच में आंटी के बूब्स चोदने की मजा किसी चूत में लंड देने से कम नहीं था. आंटी ने थूंक लगाया था इसलिए उसके बूब्स मस्त चिकने हो गए थे और वोह बहुत ही मुलायम थे इसलिए लंड फचफच उनके बिच अंदर बहार होने लगा था. मैंने ज्यादा देर तक आंटी की स्तन ठुकाई नहीं कर पाया क्यूंकि मेरा लंड अब बर्दास्त के बहार उत्तेजित हो चूका था और उसने वीर्य की धार निकाल दी थी. आंटी धीरे धीरे करते हुए मेरे सारे वीर्य को अपने मुहं में ले के पी गई. कुछ बुँदे इस सेक्सी पंजाबी आंटी ने अपने बूब्स के ऊपर भी मल दी और वीर्य की चिकनाहट से अपने बूब्स को और चिकना बना दिया. मुझे लगा की आंटी अब कहेंगी की चलो बिच में नहा के रूम पर जाते हैं…..!

    लंड से वीर्य निकल जाने के कारण मेरा लंड सो गया और वोह किसी छोटी चुहिया जैसा लग रहा था, अभी थोड़ी देर पहले वो किसी बड़े चूहें जितना लम्बा था. आंटी ने मुझे निचे जमीन पर लेटने के लिए कहा, मुझे लगा की आंटी साली आज पूरा मजा लेगी. आंटी ने तेल की शीशी से थोडा तेल निकाला और दोनों हाथो से वो मेरे लंड को मालिश देने लगी. आंटी के हाथ लगाते ही जैसे की लंड में दुबारा जान आने लगी. लंड दो मिनिट के अंदर ही फिर से एक बार खड़ा हो गया और लंड के खड़े होने की चमक इस पंजाबी आंटी कुलदीप की आँखों में आसानी से देखि जा सकती थी. आंटी ने लौड़े के पुरे खड़े होते हुए अपनी चूत को लंड के बिलकुल सामने सेट किया और वो एक पाशे पर लेट गई. आंटी की बड़ी गांड के बिच भी उसकी बड़ी चूत का छेद देखा जा सकता था. आंटी शायद चाहती थी की मैं साइड से उसकी चूत में लंड दूँ. यह पोजीशन मेरे लिए भी काफी एक्साइटिंग थी इसलिए मैंने अपने लंड को धीमे से आंटी की चूत की तरफ बढाया. आंटी ने अपने हाथ से लंड को चूत के ऊपर सेट किया और मेरे एक झटके में तो लंड चूत में गोते खाने लगा. आंटी की चूत किसी सांप के छेद की तरह खुली थी और उसके अंदर मेरा लंड जैसे की नदी में लोटा तैरता हैं बिलकुल वैसे तैर रहा था. आंटी बिच बिच में अपनी चूत को दबाती थी जिस से मेरा लंड उसके अंदर अकड जाता था. इस अकडन के अलावा तो लगता ही नहीं था की मैं चूत में लंड डाले हूँ. सच में इस पंजाबी आंटी ने बहुत लंड लिए होंगे तभी तो उसकी चूत इतनी फैली हुई थी. लेकिन भिखारी को भीख जितनी मिली उतनी ठीक…ऐसा सोच के मैंने आंटी की हलके हलके चुदाई करना जारी रखा. तभी आंटी उलट गई और उसकी गांड वाला हिस्सा ऊपर कर लिया. मैं आंटी के ऊपर आ गया और उसकी गांड को पकड़ के उसकी चूत में लंड पेलने लगा.

    चूत में लंड देते हुए मैं इस सेक्सी पंजाबी आंटी की गांड का काला छेद देख रहा था और मेरे मन में इस छेद में भी गोता लगाने को मन कर रहा था, मैंने चुदाई जारी रखते हुए एक हाथ में थोडा थूंक लिया और पंजाबी आंटी की गांड के ऊपर रगड़ने लगा. पंजाबी आंटी ने मेरी तरफ मुड के देखा और वो समझ गई की मेरा इरादा पीछे से हमला करने का था. आंटी कुछ बोली नहीं और मैंने गांड मारने का अब पक्का इरादा बना लिया था. मैंने चूत से लंड को बहार निकाला और मैंने एक बार और पंजाबी आंटी की गांड में थूंक दिया. आंटी की गांड मस्त चिकनी हो चुकी थी और लंड अब इसमें ज्यादा घर्षण के बिना जा सकता था. मैंने सीधे अपने लंड के सुपाड़े को आंटी की गांड के ऊपर रखा और एक जोर का धक्का दे दिया. मेरा लंड सीधा पंजाबी आंटी कुलदीप की गांड में घुस गया. आंटी जोर जोर से अपनी गांड हिलाने लगी और मैं भी अब जोर जोर से गांड में डंडा करने लगा था. आंटी की चूत से ज्यादा मजा उसकी गांड में थी इसलिए मैं जितना हो सके उतना वीर्यस्खलन टालना चाहता था. मैं जैसे ही मुझे लगता की स्खलन होने को हैं रुक जाता था और फिर धीरे धीरे गांड में दुबारा लंड अंदर बहार करता था. लेकिन फिर भी मैं अपने स्खलन को थोड़ी टाल सकता था. 5 मिनिट की गांड मराई के बाद मेरा वीर्य पंजाबी आंटी की गांड भरने लगा. आंटी गांड कस के सारा वीर्य अंदर समाने लगी. हम लोग तुरंत कपड़े पहन के रूम की तरफ चले गये, पुरे दमन की ट्रिप में मेरे डेड और अंकल दारु पीते रहे और मैं इस पंजाबी आंटी के साथ संभोग करता रहा……!!!