Category: इंटरव्यू में चुदाई

  • नौकरी के लिए बीवी को बॉस से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, में अनुज और में बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और इसकी सभी कहानियाँ बहुत अच्छी होती है. एक दिन मैंने भी सोचा कि में भी अपनी कहानी आप लोगों को सुना दूँ, यह मेरी एकदम सच्ची घटना है और में शादीशुदा हूँ, मेरी पत्नी का नाम मीता है और वो इस घटना से पहले एक सिधी साधी टाईप की लड़की हुआ करती थी, मेरी उम्र 28 साल है और उसकी उम्र भी 28 साल है और में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ और मेरी पत्नी तो बहुत ही सुंदर है, उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं करीब 5.2 इंच है, लेकिन वो बहुत ग़ज़ब की गोरी चिट्टी है और उसका फिगर अब 38-34-40 है, लेकिन पहले जब हमारी शादी हुई थी तो उसका फिगर कुछ 36-28-36 होगा. दोस्तों मेरा लंड तो हमेशा उसकी बड़ी गांड को देखते ही खड़ा हो जाता है, वाह क्या मस्त गांड है मेरी मीता की? और अब में अपनी आप बीती बताता हूँ.

    दोस्तों यह घटना आज से करीब तीन साल पहले की है जब मेरी शादी को करीब 2 साल हुए थे और हमारे तब तक कोई बच्चा भी नहीं था और हमारी शादी कम उम्र में हो गई थी. दोस्तों में उस समय जिस कम्पनी में नौकरी करता था, में उससे बहुत परेशान रहता था और हमारी शादी के बाद करीब 1-2 साल तो सब कुछ ठीक चला, लेकिन नौकरी की परेशानी होने की वजह से धीरे धीरे हमारे (मेरे और मेरी पत्नी) बीच में झगड़े बढ़ने लगे.

    एक दिन मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या बात है? फिर मैंने उसे बताया कि मेरे ऑफिस में मेरा बॉस मुझे बिना वजह ही परेशान करता है. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम कोई और नौकरी देख लो, लेकिन आप सभी तो बहुत अच्छी तरह से समझते है कि आज कल नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती.

    दोस्तों वैसे मेरे 3 बॉस है, पहला जिसका नाम कमलेश है और उसकी उम्र करीब 45 साल है. दूसरा जिसका नाम विजय है, उसकी उम्र 42 साल करीब है और तीसरा जिसका नाम दिलशान है और उसकी उम्र करीब 40 साल है. दोस्तों मेरा जो दूसरे नंबर वाला बॉस है विजय वो बहुत ही ठरकी किस्म का आदमी है और मुझे वो ही परेशान करता था और बाकी बॉस मुझसे कुछ बोलते भी नहीं थे, क्योंकि बिज़नेस में सबसे ज्यादा समझदार बस वही था और हमारे ऑफिस में काम करने वाली एक कम उम्र की लड़की से उसके गलत सम्बन्ध भी थे और यह बात सारा ऑफिस जानता था.

    दोस्तों वैसे हमारे ऑफिस में हर कभी पार्टी होती रहती थी और जिसमें सभी काम करने वाले लोग अपने अपने परिवार के साथ आते थे, लेकिन में कभी भी अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था, क्योंकि मेरी पत्नी मीता बहुत धार्मिक विचारो वाली औरत थी और वो समझती थी कि पार्टी में शराब पीते है और एक दूसरे की पत्नी को गंदी नजर से घूरते भी है.

    दोस्तों मुझे क्या पता था कि बस यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी कि में अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था. फिर जब भी पार्टी होती तो मेरा ठरकी बॉस विजय सबको खासतोर पर बोलता था कि अपने परिवार के साथ आना. एक बार जैसे तैसे में मीता को राज़ी करके पार्टी में ले गया, उसने काली कलर की साड़ी लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और अपने होंठो पर लाल कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी और उसने अपने बाल खुले हुए रखे थे, मेरे पास टाईम नहीं था वरना मेरा दिल उसे एक बार चोदने का कर रहा था, वो ब्लाउज उसके बड़े बड़े बूब्स को बड़ी मुश्किल से जकड़े हुए था, शायद वो बहुत टाइट होगा और आखरी समय पर साड़ी बदलने का भी टाईम नहीं था वरना हम लेट हो जाते.

    दोस्तों मीता अपनी साड़ी को ज्यादा टाईट ही बाँधती है, जिसकी वज़ह से उसके बड़े बड़े चूतड़ बाहर निकले रहते है और वो जब चलती है तो उसके बड़े बड़े मटकते कूल्हों को लोग बड़े घूर घूरकर देखते है, क्योंकि मैंने भी कई बार लोगों को घूरते हुए देखा था. एक लड़का जिसकी उम्र करीब 19 साल थी और जो बिल्कुल हमारे सामने वाले घर में रहता हैं, वो तो मेरी पत्नी को हमेशा ही कुछ ज्यादा ही घूरता था और मुझे ऐसा लगता था कि उसे अगर कोई मौका मिले तो वो अभी मेरी पत्नी को चोद देगा.

    फिर हम पार्टी में पहुंच गए और वहां पर तब तक बहुत लोग आ चुके थे और कुछ आने बाकी थे, लेकिन प्रोग्राम शुरू हो गया था, में मीता को अपने साथ काम करने वाले लोगों से मिलवा रहा था, करीब आधे घंटे के बाद मेरा वो बॉस विजय हमारे पास आया और आकर मुझसे बड़े प्यार से बोला ओह हो अनुज तो यह है तुम्हारी पत्नी, अब समझा कि तुम इन्हें क्यों किसी भी पार्टी में नहीं लाते थे? क्योंकि यह तो बहुत सुंदर है और अब उसकी आँखे मेरी पत्नी के पूरे बदन पर घूम रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आँखो में कोई मशीन लगी हो और वो मेरी पत्नी के कपड़ो के पीछे छिपे उसके अंगो का मुआएना कर रहा हो?

    मीता को देखकर उसकी आखों में एक अजीब सी चमक आ गई थी. थोड़ी देर बात करके मैंने बॉस से कहा कि चलो सर हम खाना खाते है. फिर वो मुझसे बोला कि तुम जाओ में बाद में खा लूँगा. फिर मैंने किसी दोस्त से बात करने के बहाने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़र मीता के मटकते हुए कूल्हों पर थी और उसे तो यह भी एहसास नहीं था कि में उसे देख रहा हूँ, वो तो बस मीता के कूल्हों में ही खोया हुआ था.

    फिर जब में और मेरी पत्नी खाना खा रहे थे तो बॉस मेरे पास आया और पूछने लगा कि कोई परेशानी तो नहीं है सब ठीक तो है? वो यह सब मुझसे नहीं मेरी पत्नी से पूछ रहा था, उसके लिए तो में जैसे वहाँ था ही नहीं. उसने मेरी पत्नी से उसका नाम पूछा तो मेरी पत्नी ने बताया कि मीता और वो कहने लगा बहुत प्यारा नाम है, क्योंकि मीता नाम की मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो कि मुझसे बहुत खुली हुई थी.

    दोस्तों अब मुझे बुरा तो बहुत लग रहा था, लेकिन में क्या कहता? मीता मेरी तरफ देखे जा रही थी तो तब मुझे थोड़ा एहसास हुआ कि शायद अब मेरे बॉस की मेरी पत्नी पर नियत खराब हो गयी है और यह बात पक्की करने के लिए में यह बात कहकर कि मुझे वॉशरूम जाना है, उन दोनों को अकेले छोड़ गया और में थोड़ा दूर जाकर उन्हें देखने लगा कि वो अब क्या करता है?

    वो तो मीता से बहुत घुल मिलकर बातें कर रहा था जैसे पार्टी में बस वो दोनों ही हो, लेकिन मीता मुझे कुछ बैचेन सी लग रही थी और वो मेरे बॉस की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी. फिर में वापस आ गया तो उसने मुझसे कहा कि आप दोनों बैठो में वेटर से बोलता हूँ कि आपका ख्याल रखे और अब उसने एक टेबल पर हमे बैठा दिया, मुझे लगा कि वो तो अब वापस पार्टी में चला जाएगा, लेकिन नहीं वो तो वहीं पर चिपककर बैठ गया और वो भी मेरी पत्नी के पास. फिर वो बोला कि वाईन पियोगे यार बियर? तो मैंने मीता की तरफ देखा तो उसके चेहरे से मुझे लग रहा था कि जैसे वो मुझसे कुछ कह रही हो कि देखो इसलिए में कभी नहीं आती थी.

    फिर मैंने बॉस से बोला कि नहीं सर हम तो सॉफ्ट ड्रिंक ही लेते है तो वो बोला कि कोई बात नहीं तुम सॉफ्ट ड्रिंक ले लो और में कुछ वाईन ले लेता हूँ और वो मुझसे यह बात बोलकर ड्रिंक की तरफ चला गया. उसके जाने के बाद मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या यही वो तुम्हारा बॉस है क्या जो तुम्हे परेशान करता है? तो मैंने झट से बोला कि हाँ, मीता बोली कि लेकिन यह तो बड़ी तमीज़ से पेश आ रहा है. अब इतनी देर में मेरा बॉस विजय आ गया और उसके साथ एक वेटर भी था, उसने ड्रिंक उठाई और पहले मुझे दिया और फिर मीता को, मीता मना करने लगी तो उसका हाथ पकड़कर ज़बरदस्ती दे दिया.

    फिर मैंने दिखा कि उसने मेरी पत्नी का हाथ थोड़ी ज्यादा देर तक पकड़े रखा था तो मीता ने ही अपना हाथ उससे छुड़ाया और मुझे वो सॉफ्ट ड्रिंक पीकर ऐसा लगा कि इसमें कुछ मिला हुआ है तो मैंने और मेरी पत्नी ने दोनों ने आपसे में कहा कि कुछ अलग सा स्वाद है. फिर बॉस बोला कि हाँ बाहर की है तो टेस्ट में कुछ तो बदलाव होगा ही. फिर हम दोनों ने अपना अपना सॉफ्ट ड्रिंक खत्म किया. तभी मेरे बाकी दोनों बॉस भी आ गये और हमने उसने बात की और बदले में उन्होंने भी हमसे बात की और विजय बॉस से बोले सुनो विजय और वो थोड़ी दूर पर जाकर कुछ बात करने लगे और मुझे लगा कि बला टली, लेकिन वो तो साला उन्हें भी छोड़कर फिर से आ गया. फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि बेटा अनुज थोड़ा बच, कहीं यह साला आज तेरी पत्नी को चोद ही ना दे? फिर कुछ देर में मेरी पत्नी ने मेरे कान में कहा कि मुझे वॉशरूम जाना है. फिर मेरा बॉस तुरंत बीच में बोला कि क्या हुआ अनुज मैंने कहा कि मीता को वॉशरूम जाना है. फिर वो बोला कि चलो में बताता हूँ कि वॉशरूम कहाँ है तो वो अब हम दोनों के साथ चल रहा था.

    फिर में भी वॉशरूम तक उनके साथ चला गया और मीता भी. वहां कुछ कुर्सी थी तो उन पर बैठ गया, मुझे भी फ्रेश होना था तो में जब फ्रेश होकर बाहर आया तो मैंने देखा कि मीता उसके कंधे का सहारा लेकर उसके साथ कुर्सी पर बैठी हुई है और वो कुर्सी ऐसी लगी थी कि में उन दोनों के पीछे खड़ा था और देख रहा था, मेरा बॉस मेरी पत्नी की कमर पर हाथ फेर रहा था और कभी कभी वो अपना हाथ उसके कूल्हों तक ले जाता और मीता के चूतड़ को दबा भी रहा था, लेकिन बड़े धीरे से मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया और जब में उनके सामने आया तो मैंने देखा कि मीता कुछ निढाल सी पड़ी है.

    फिर मैंने बॉस से पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोला कि पता नहीं शायद चक्कर आ गया होगा तो मैंने मीता को थोड़ा सा हिलाया तो उसे तो कुछ पता ही नहीं था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो बेहोश हो गई हो? मेरा बॉस बोला कि चलो इसे पकड़कर रूम में ले चले तो वहाँ थोड़ा आराम कर लेगी. फिर जाते हुए लोगों ने पूछा क्या हुआ तो बॉस ने बोला कि कुछ नहीं थोड़े चक्कर आ गए है, मुझसे अकेले से मीता संभल नहीं रही थी तो मेरे बॉस ने उसका एक हाथ अपने कंधे पर लेकर उसे पकड़ लिया. फिर जब हम रूम पर जा रहे थे तो मीता बार बार ऑश ऑश कर रही थी तो मैंने अपनी गर्दन को थोड़ी पीछे करके देखा तो मेरा बॉस मेरी पत्नी की गांड को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बीच बीच में वो उसकी गांड में अपनी ऊँगली को भी डाल रहा था. दोस्तों में अब क्या करता? फिर जैसे तैसे हम रूम तक पहुंचे और मैंने मीता को बेड पर लेटा दिया तो बॉस मुझसे बोला कि जाओ तुम थोड़ा पानी ले आओ.

    दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि यह साला मेरे जाते ही कुछ ना कुछ हरकत जरुर करेगा तो में बाहर जाने का बहाना करके टॉयलेट में छुप गया, क्योंकि बेड रूम थोड़ा अंदर था और टॉयलेट अंदर घुसते ही था. फिर जैसे ही मेरे बॉस को दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई तो वो देखने के लिए उठकर बाहर तक आया और उसने दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर लिया, लेकिन उसने कुण्डी नहीं लगाई थी बस बंद कर लिया था. फिर कुछ 10 सेकेंड बाद में चुपचाप थोड़ा आगे गया तो वो मेरी पत्नी के होंठो को चूस रहा था और उसकी जाँघो पर हाथ फेर रहा था और अब उसका हाथ कभी पेंटी में जाता तो कभी जाँघो पर, लेकिन होंठो को वो लगातार चूसता रहा. फिर मैंने सोचा कि जल्दी से कुछ किया जाए तो में बाहर की तरफ आ गया और मैंने ज़ोर से दरवाजा खोला और अंदर आ गया.

    फिर बॉस को दरवाजे की आवाज़ आ गई थी जब में आया तो वो मेरी पत्नी के पास बैठकर उसके सर को दबा रहा था और मुझे देखते ही वो मुझसे बोला कि पानी कहाँ है? मैंने कहा कि रूम सर्विस लेकर आ रहा है. फिर वो बोला अच्छा में अब चलता हूँ और डॉक्टर को भेज देता हूँ. कुछ देर बाद डॉक्टर आया तो उसने मेरी पत्नी को दवाई दी तब जाकर मीता को आराम मिला. हमने रात को वहीं पर आराम किया और होटल के रूम का बिल बॉस ने दे दिया. फिर में रात भर सोचता रहा कि यह साला मीता पर दीवाना हो गया है कहीं इस वज़ह से मुझे परेशान तो नहीं करता था? फिर दूसरे दिन सुबह हम घर पर आए और में ऑफिस के लिए तैयार हुआ तो मीता अभी भी आराम कर रही थी.

    फिर में ऑफिस पहुंचा तो मेरा वही ठरकी बॉस बड़े प्यार से बात कर रहा था और उसी शाम को उसकी सेक्रेटरी ने मुझसे आकर बोला कि अनुज जाने से पहले विजय बॉस से मिलकर जाना. अब में कम्प्यूटर बंद करके बॉस के रूम में गया तो मेरा बॉस मुझसे बोला कि अनुज आओ बैठो. दोस्तों जो साला कभी मुझसे सीधे मुहं बात नहीं करता था और आज बड़ी इज़्ज़त के साथ बिठा रहा है. फिर वो मुझसे बोला कि अब मीता कैसी है? मैंने कहा कि पहले से ठीक है तो वो बोला कि उसे क्या हो गया था वो कुछ बोली? तो मैंने कहा कि वो कह रही थी कि उसे चक्कर आ गए थे और कुछ घुटन सी महसूस हो रही थी.

    फिर बॉस बोला कि देखो अनुज मुझे लगता है कि में तुमसे कुछ ज्यादा ही गंदा व्यहवार करता हूँ तो उसके लिए मुझे माफ़ कर दो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि साले सॉरी तो बोलेगा ही, क्योंकि उसने मेरी पत्नी के होंठो को छूकर उन्हें चख लिया था और उसकी पेंटी में हाथ डालने की वज़ह से वो मेरी पत्नी को चोदने के लिए बहुत जोश में था और में जानता था कि वो कुछ ना कुछ ऐसी ही बात करेगा, लेकिन यह नहीं सोचा था कि मेरा जवाब क्या होगा? खैर अब तो वो अपनी औकात पर आ ही गया.

    फिर बॉस मुझसे बोला कि देखो अनुज मेरी पत्नी की म्रत्यु हुए करीब 10 साल हो गये है और में एकदम अकेला हूँ और में थोड़ा चिड़चिड़ा भी हो गया हूँ तो प्लीज़ तुम मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानना और में तो बल्कि यह चाहता हूँ कि तुम्हें आगे भी बड़ा दूँ और तुम्हारी सेलरी भी बढ़ा दूँ, तुम्हें कंपनी की तरफ से एक कार दे दूँ, तुम किराए के घर में रहते हो तुम्हें कंपनी की तरफ से एक मकान के लिए लोन भी दिलवा देता हूँ. दोस्तों मैंने तो उसकी बातें सुनकर इस सोच विचार में था कि में क्या जवाब दूँ? क्योंकि उन सब मेहरबानियों का मतलब मुझे पता था.

    खैर में इंतजार करता रहा और वो आगे बोला, देखो यार तुम समझ सकते हो अकेला आदमी कैसे परेशान रहता है? फिर में बोला कि हाँ सर में समझ सकता हूँ. फिर बॉस बोला कि अगर तुम समझ सकते हो तो तुम यह भी समझ सकते हो कि बिना पत्नी के लाईफ कितनी बोरिंग हो जाती है? मैंने बाहर बहुत मज़े किए, लेकिन वो संतुष्टि नहीं मिल पाती. फिर मैंने बोला कि हाँ सर और में मन ही मन सोच ही रहा था कि अब यह असली बात पर आने वाला है और फिर वो बोला कि देखो जब तुम्हारी शादी हुई थी तो में भी उसमें आया था और मैंने तुम्हारी पत्नी को देखा था. (दोस्तों में कुछ नहीं बोला) यार वो बहुत सुंदर है और जितनी शादी में थी कल उससे भी कही ज्यादा सुंदर लग रही थी. दोस्तों अब मेरी समझ में आ गया कि कहानी कहाँ से शुरू हुई? मेरी शादी के 3-4 महीने बाद ही इसने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया था और में उस टाईम इस बात को समझ नहीं पाया, लेकिन अब मुझे सब कुछ समझ में आ गया था.

    फिर वो आगे बोला कि मैंने जितने भी ऑफर्स तुम्हें दिए है वो सब पूरे हो सकते हैं, लेकिन मेरी एक शर्त है. फिर मैंने मन से पूछा क्या शर्त है सर? तो वो बोला कि तुम बिल्कुल भी बुरा ना मानना, में तुम्हारी पत्नी से सेक्स करना चाहता हूँ. दोस्तों वो साला बोल रहा था कि बिल्कुल भी बुरा ना मानना और वो मेरी पत्नी को चोदने की बात मुझसे ही कर रहा था और में तो पहले ही सब कुछ समझ चुका था, लेकिन दिखावे के लिए ज़ोर से बोला यह कैसी बात कर रहे हैं सर आप? फिर बॉस बोला कि देखो अनुज हमारे ऑफिस में और भी बहुत सारे लोग है और उनकी पत्नी भी सुंदर है और अगर में यह ऑफर उन्हें दे दूँ तो वो कभी मना नहीं करेंगे, लेकिन तुम्हारी पत्नी की तो बात बिल्कुल अलग है, उसके क्या होंठ है क्या भरी हुई छाती है?

    में तो पहले दिन से जब उसे तुम्हारी शादी में देखा था, तब से उस पर फिदा हो गया था और अब तुम बोलो? दोस्तों में क्या बोलता? बस यह बोला कि सर मुझे सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो बॉस बोला कि ठीक है तुम मुझे सोचकर कल बता देना अगर हाँ है तो ऐश करने की तैयारी कर लो और अगर ना है तो दूसरी नौकरी देख लो. ओह मेरे भगवान में तो अब बहुत बुरी तरह से फंस गया था, एक तरफ मेरा टर्की बॉस था और दूसरी तरफ मेरी सती सावित्री पत्नी, खैर मैंने रात भर सोचा कि ऑफर तो अच्छा है और अगर ना कहा तो दूसरी नौकरी देखनी होगी, बहुत समय सोचते सोचते मैंने तय किया कि हाँ कहूँगा.

    फिर में अगले दिन सुबह अपने ऑफिस में पहुँचा तो बॉस ने थोड़ी देर बाद ही मुझे बुला लिया और बॉस बोला कि क्या सोचा? तो मैंने बहुत कसमसाकर जवाब दिया कि हाँ, बॉस बोला कि बैठो मैंने बोला कि लेकिन मीता राज़ी नहीं होगी. फिर बॉस बोला कि उसका तरीका में तुम्हें बताता हूँ देखो में तुम्हें कुछ दवाई दे देता हूँ तो उसे रोज़ एक गोली दूध में मिलाकर पीला दो, उसकी सेक्स की भूख इतनी बढ़ जाएगी कि वो एक से नहीं चार चार से चुदने को तैयार हो जाएगी, लेकिन अब तुम उसको संतुष्ट करना बंद कर दो और कभी तुम उससे बोलो कि मेरा मूड नहीं है और कभी 2-3 धक्कों में ही निकाल दो, मतलब कि उसे संतुष्ट मत करो और अगले 20 दिन बाद वो तैयार हो जानी चाहिए, 20 दिन बाद से तुम उसे मेरे साथ छोड़कर कहीं इधर उधर हो जाना.

    फिर मैंने बोला कि ठीक है और मैंने ठीक वैसा ही किया. बॉस ने मुझे पूरी 38 गोलियां दी सुबह और शाम के लिए. में घर गया और मीता को बोला कि में तुम्हारे लिए कुछ केल्शियम की गोलियां लाया हूँ और तुम्हें इन्हें सुबह, शाम दूध के साथ बिना भूले लेनी हैं और वो बोली कि ठीक है. दोस्तों ज्यादातर औरतों में केल्शियम की कमी होती ही है तो उस रात को मैंने मीता को चोदा और मुझे उसकी गांड बहुत पसंद है तो में जब भी मीता की चुदाई करता हूँ तो उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ को ज़रूर डालता हूँ.

    फिर उस रात को भी मैंने उसकी चुदाई की, लेकिन थोड़ी कम अब अगले दिन से मैंने खुद मीता को केल्शियम की यानी सेक्स बढ़ाने की वो दवाई दी. फिर रात को भी उस रात को कुछ नहीं किया और अब तीन दिन बाद हर दिन में उसे दवाई देता रहा और रात को उसकी चुदाई नहीं करता. दोस्तों अब उस पर उन दवाईयों का थोड़ा थोड़ा असर शुरू हो चुका था और वो अपनी चुदाई करवाने के लिए बहुत बैचेन होने लगी थी, लेकिन मुझे उसकी यह परेशानी देखी नहीं जाती थी तो इसलिए में उससे थोड़ा दूर दूर रहने लगा था और धीरे धीरे अपने बॉस को उसके करीब लाने लगा था.

    अब उनके बीच हंस हंसकर बातें करना मिलना कुछ ज्यादा बढ़ गया था और मेरा बॉस हर कभी जब में घर पर नहीं होता तो मेरे घर पर नये नये बहाने बनाकर आने लगा था. वो अब एक दूसरे के बहुत ज्यादा करीब आने लगे थे और फिर कुछ दिन बाद इस बात का फायदा उठाकर बॉस ने मेरी पत्नी से अपनी नजदीकियों को कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया था. वो अब उसके हाथ से बने खाने की उससे तारीफ करने लगा और उसको नये नये गिफ्ट देने लगा और इस बात का फायदा उठाकर उसने मेरी पत्नी के साथ अपने गलत रिश्ते बनाने शुरू किए और उसे अपनी चुदाई से संतुष्ट करने लगा.

    अब मेरी पत्नी उसके साथ उसकी चुदाई से बहुत खुश रहने लगी और मेरे बॉस ने एक दिन मुझे मेरी कम्पनी के काम से कुछ दिनों के लिए बाहर भेज दिया और फिर जब तक में अपने घर पर नहीं आया तब तक उसने मेरी पत्नी को अपनी रंडी, रखेल की तरह रखा और उसे कई बार चोदा. वो उसे बाहर होटल में ले जाकर भी चोद चुका था और में बस उनकी चुदाई को मन ही मन सोचता रहा. दोस्तों यह थी मेरी पत्नी की चुदाई मेरे बॉस के साथ. उसने मेरी पत्नी को चोदकर बहुत बार संतुष्ट किया और अब मेरे ऑफिस चले जाने के बाद वो मेरे घर पर आकर मेरी पत्नी को चोदने लगा है.

  • पहली बार फर्स्ट क्लास कोच में चुद गई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनन्या है, मेरी उम्र 22 है और में दिखने में सुंदर, मेरी पतली कमर, गदराया हुआ बदन, सेक्सी स्माईल, बड़े बड़े बूब्स, मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत है. दोस्तों मेरे फिगर का साईज 32-30-36 है और वैसे मेरे साथ हमेशा मेरे फिगर को होता भी ऐसा ही है, जब कोई भी लड़का मुझे एक बार देख लेता है तो वो मेरे हुस्न का बिल्कुल दीवाना हो जाता है, लेकिन में उसकी तरफ ज्यादा ध्यान ना देते हुए अपना मन अपनी पढ़ाई में लगाती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक ऐसी चुदाई की घटना बताने जा रही हूँ और जिसके बाद मैंने उस घटना के बारे में बहुत सोच विचार किया कि मेरे साथ अचानक से क्या हो गया, लेकिन में उस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश भी थी और अब में अपनी उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाती हूँ.

    दोस्तों उस समय मेरे कॉलेज में दीवाली की छुट्टियाँ थी और मुझे उस रात मुंबई से अहमदाबाद अपने घर पर जाना था, क्योंकि मुंबई में मेरा कॉलेज है और में वहां पर रहकर अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रही हूँ. में उस समय स्टेशन पर बैठी हुई थी, बहुत थकावट महसूस कर रही थी और उसकी वजह से मुझे बहुत ज़्यादा नींद आ रही थी, लेकिन फिर भी में मजबूरी में बहुत परेशान होते हुए स्टेशन पर बैठी हुई उस ट्रेन का इंतजार कर रही थी, जिससे मुझे अपने घर पर जाना था और अब में मन ही मन सोचने लगी कि भगवान करे मेरी ट्रेन थोड़ा जल्दी आ जाए और फिर हुआ भी ठीक वैसा ही मेरे कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने देखा कि ट्रेन स्टेशन पर जल्दी ही आ गई और जैसे ही ट्रेन आई तो में अपने 1st क्लास कोच में जाकर बैठ गई. दोस्तों क्योंकि मेरे पापा रेलवे में बहुत अच्छे पद पर नौकरी करते हैं, इसलिए में हमेशा 1st क्लास में ही सफर करती हूँ और मेरे बैठने के थोड़ी ही देर में वहां पर एक लड़का आया, जिसकी हाईट ठीक ठाक सी थी, उसका बदन दिखने में बहुत अच्छा और उसका रंग भी गोरा था.

    दोस्तों उसको देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो किसी अमीर परिवार से है. उसने मुझे देखकर स्माइल किया और मैंने भी ठीक वैसा ही किया और अब में ट्रेन चलने का इंतजार करने लगी और फिर जैसे ही ट्रेन आगे चल पड़ी. फिर मैंने कुछ देर बाद उस लड़के से उसका नाम पूछ लिया और उसने मुझे अपना नाम रोहित बताया और मैंने उसे अपना नाम अनन्या बताया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अपना टिकिट उसके हाथ में देते हुए उससे आग्रह किया कि वो मेरा भी टिकट टीटी को दिखा दे, क्योंकि मुझे अब बहुत नींद आ रही थी.

    फिर उसने मुझसे तुरंत हाँ कह दिया और वो ऊपर अपनी सीट पर चला गया. अब में नीचे अपनी सीट पर लेट गई और बहुत ज्यादा थकी होने की वजह से मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब में गहरी नींद में सो गई. दोस्तों उसके करीब आधे घंटे बाद टीटी आया और मुझे उसके आने का पता चल गया था, लेकिन में फिर भी अपनी आखें बंद करके पड़ी रही और वो हमारे टिकट चेक करके चला गया और अब उसने उठकर लाईट को बंद कर दिया और हम सो गये. दोस्तों अब में थकी होने की वजह से दोबारा बहुत जल्दी गहरी नींद में चली गई और रात को अचानक से किसी ने मुझे उठाया तो में गहरी नींद में होने की वजह से हड़बड़ाकर उठी और फिर मैंने अपनी आँख खोलकर देखा कि वो रोहित था.

    फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या में आपकी सीट पर बैठ सकता हूँ अगर आपको इसमें कोई आपत्ति ना हो तो और अब वो मुझसे कहने लगा कि मेरी सीट एक साईड ऊपर की तरफ है और वहां पर ज्यादा हवा लगने से मुझे ज्यादा ठंड लग रही है? दोस्तों में उस समय क्योंकि बहुत गहरी नींद में थी तो इसलिए मैंने उसकी हर बात के लिए बिना कुछ सोचे समझे उसको हाँ कर दिया. अब वो मेरे पैरों के पास अपना कम्बल लेकर बैठ गया और उसके थोड़ी देर बाद मुझे अपने पैर पर कुछ ठंडा सा महसूस हुआ, लेकिन में बिल्कुल भी समझ नहीं पाई कि वो क्या था? फिर उसके थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि वो रोहित का हाथ था, लेकिन फिर भी मैंने उससे कुछ नहीं कहा और फिर थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे पैर पर घुमाने लगा.

    फिर मैंने तुरंत उठकर उससे बहुत ज़ोर से चिल्लाते हुए गुस्से में कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? रोहित ने जवाब में कहा कि मुझे ठंड लग रही है तो इसलिए में आपके पैर पर हाथ लगा करके गरमी लेने की कोशिश कर रहा हूँ. में उठकर बैठ गई और मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम यह सब अब मत करो या तो तुम फिर से ऊपर दोबारा अपनी सीट पर चले जाओ. फिर वो मुझसे माफ़ी मांगने लगा और कहने लगी कि प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और में अब ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूंगा.

    फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन अब मुझे उसकी इस हरकत से दोबारा नींद कहाँ आनी थी? में पानी पीने उठी और फिर बैठकर खिड़की से बाहर देखने लगी और बाहर से आ रही ठंडे ठंडे हवा के झोंको से मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी आँख दोबारा से लग गई? फिर उसने मुझे सीधा लेटा दिया और अब वो मेरे चेहरे के बिल्कुल पास में बैठ गया और उस समय मैंने अपने ऊपर कम्बल नहीं डाला हुआ था तो इसलिए कुछ देर बाद मुझे ठंड लगने लगी. अब वो मेरे कंधो को धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर कुछ देर बाद मेरी नींद खुल गई, लेकिन मुझे अब उसका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और इसलिए मैंने उससे मना नहीं किया और ऐसे ही उसके सामने नाटक किया कि जैसे में अब भी गहरी नींद में हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था.

    अब उसके हाथ मुझे सहलाते समय मेरे बूब्स पर भी हल्के से छूने लगे थे, जिसकी वजह से मुझे अब कुछ अलग ही मज़ा आ रहा था. फिर उसने कुछ देर बाद मौका देखकर धीरे से उसने अपने दोनों हाथों को मेरे बूब्स पर रख दिए और फिर वो धीरे से मेरे बूब्स को दबाने, सहलाने लगा ताकि में उठ ना जाऊँ, लेकिन उसे क्या पता था कि में उसकी यह सभी हरकतों का पूरा पूरा मज़ा ले रही हूँ और उसने बहुत देर तक हल्के से मेरे बूब्स को दबाया. फिर वो मेरी एक साईड में आकर लेट गया और अब वो मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाकर बहुत मज़े लेने लगा.

    दोस्तों फिर थोड़ी ही देर में कब उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चला और अब वो मेरे निप्पल के साथ धीरे से खेलने लगा और उसके ऐसा करने की वजह से में अब बहुत ज़्यादा गरम हो चुकी थी और में ना चाहते हुए भी अब धीरे धीरे मोन करने लगी और अपनी दोनों जांघो को एक दूसरे से रगड़ने लगी, जिसकी वजह से अब उसे भी समझ में आ गया था कि में अब पूरी तरह से गरम हो चुकी हूँ. फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया.

    फिर मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ देना शुरू किया और अब हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और एक दूसरे की जीभ से खेल रहे थे और हम दोनों यह बात बिल्कुल ही भूल चुके थे कि हम इस समय एक ट्रैन में हैं, लेकिन फिर भी हमे कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि उस समय वहां पर हमारे आलावा और कोई भी नहीं था. अब वो अपने एक हाथ से लगातार मेरे बूब्स दबा, मसल रहा था, तभी अचानक वो नीचे झुका और अब मेरे बूब्स को चूसने लगा, जिसकी वजह से में पागल हो रही थी और उसने मेरी निप्पल को चूसने के साथ साथ काटना भी शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरी चूत को अब एक लंड की ज़रूरत आ गयी थी, जो मेरी चूत में लगी और उस आग को बुझा सके और मेरी चूत को अपने लंड से एकदम शांत कर सके.

    फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज अब चोद दो मुझे अब और मुझे ना तड़पाओ, प्लीज़ अब जल्दी से कुछ करो, मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से चोदकर प्लीज एक बार त्रप्त कर दो, उह्ह्ह. फिर उसने कहा कि नहीं इतनी जल्दी नहीं, तुम तो बहुत सेक्सी माल हो और में तुम्हे तो आज तड़पा तड़पाकर ही चोदूंगा, तुम जब से आई हो में तुम्हारे इस सेक्सी बदन से मेरी नज़र नहीं हटा पा रहा हूँ और मेरा तो मन करता है कि में तुम्हे पूरी जिन्दगी भर चोदता रहूँ और अब उसने कुछ देर मुझे चूमकर, चाटकर और तरसाया, उसके बाद उसने मेरी जींस को उतार दिया और फिर वो पेंटी के ऊपर से अपनी उंगलियाँ घुमाकर मुझे और तरसाने लगा और जिसकी वजह से में अब और भी ज़्यादा गरम हो रही थी.

    फिर उसने अपनी नाक को मेरी पेंटी पर लगाकर उसे सूंघने लगा और वो मुझसे कहने लगा कि वाह मेरी जान तुम्हारी इस जगह से बहुत अच्छी बिल्कुल मधहोश कर देने वाली खुशबू आ रही है, वाह मुझे इसको सूंघना बहुत अच्छा लगा और फिर उसने अपने दाँतों से पेंटी को थोड़ा सा साईड किया और हल्के से अपनी जीभ से मेरी गरम चूत को छूने लगा, अब वो मेरी चूत को लिक करने लगा और उसके ऐसा करने से में अब सातवें असमान पर पहुंच चुकी थी.

    में अब उससे ज़ोर ज़ोर से कहने लगी कि हाँ चाटो और चाटो, हाँ खा जाओ मेरी चूत को, कुत्ते की तरह चाटो, इस मेरी चूत को यह सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही गीली हुई है, उह्ह्ह्ह हाँ और अंदर से चाटो. दोस्तों वो अब मेरी यह बात सुनकर जोश में आकर और भी ज़ोर से चाटने लगा और मुझे उसका मेरी चूत का चाटना, चूसना बहुत अच्छा लग रहा था, वो अपनी जीभ में मेरी चूत में अंदर तक डालकर मेरी चूत की पंखुड़ियों को अपने एक हाथ से फैलाकर चोदने लगा और उसकी वजह से मेरी चूत में अब बहुत जोश भर चुका था और अब में भी अपने चूतड़ को उठा उठाकर उसके लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और वो भी पूरे जोश में आकर मेरी चुदाई लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर करता रहा.

    फिर करीब बीस मिनट की उस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद में उसके मुहं पर झड़ गई और उसने मेरे वीर्य चाट लिया, वो ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और फिर उसने मुझसे कहा कि बेबी तुम्हारा चूत रस तो बहुत नमकीन है और मुझे तुम्हारा नमकीन चूत रस बहुत ज़्यादा पसंद आया और अब उसने बिना देर किए मेरी चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया, क्योंकि मेरी चूत बहुत गरम, गीली हो चुकी थी तो उसका लंड एक ही बार में फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया और उसके बाद उसने मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और में लगातार मोन किये जा रही थी और वो मुझसे कहे जा रहा था कि वाह मेरी जान तेरी चूत तो बहुत टाईट है और अगर तू एक बार मुझसे कहे तो में तुझे ज़िंदगीभर चोद सकता हूँ, मुझे इतना मज़ा आज तक किसी को चोदने में नहीं आया और वो अब मुझसे यह बात कहकर मुझे किसी जानवर की तरह लगातार जोरदार धक्के देकर चोदता रहा, वो बहुत जोश से मुझे चोद रहा था, क्योंकि उसके हर एक धक्के से मेरा पूरा बदन हिलने लगता और में भी अब उसके साथ साथ अपनी चुदाई के पूरे मज़े ले रही थी.

    दोस्तों उसका लंड आकार में बहुत बड़ा और मोटा था, जिसकी वजह से वो सीधा मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा रहा था, उसके लंड की ज्यादा मोटाई की वजह से वो मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ रहा था, जिसे में अपनी चूत में एक अजीब से जलन के रूप में महसूस करने लगी थी और उस लंड की वजह से मेरी चूत पूरी तरह से भर गई थी, लेकिन उस ताबड़तोड़ चुदाई के सामने में अपने वो सब दुःख दर्द भुलाने के लिए तैयार थी, मुझे बस उससे कैसे भी करके अपनी चूत को शांत करवाना था और उसने मुझे करीब तीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और हम चुदाई करके बहुत थककर लेट गये और वो अब भी मेरे ऊपर लेटा हुआ था, उसका लंड मेरी चूत में था और वो मेरे बूब्स से खेल रहा था और में अपनी चूत में उसका गरम गरम वीर्य टपकता हुआ महसूस कर रही थी.

    दोस्तों उसने मुझे उस रात को करीब दो बार और चोदा. उसके बाद हम दोनों अपनी अपनी सीट पर जाकर सो गए और फिर दूसरे दिन सुबह करीब 11.20 जब हम दोनों अपने अपने स्टेशन आने पर ट्रेन से उतरने लगे तो हमने उस समय अपने मोबाईल नंबर एक दूसरे को दे दिए. दोस्तों उसके बाद वो अपने रास्ते और में अपने रास्ते चले गए, लेकिन में आज तक उस चुदाई को नहीं भुला सकी, क्योंकि वो मेरी अब तक की सबसे यादगार चुदाई में से एक चुदाई थी और जिसके बाद ही मैंने सेक्स का असली मतलब समझा था, उसने मुझे चोदकर बताया कि चुदाई क्या और कैसे होती है.

  • मसाज के साथ चुदाई फ्री

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजू है और में इस साईट पर बहुत सारी कहानी पढ़ चुका हूँ, मुझे लगा कि मुझे भी अपनी लाईफ कि कुछ घटना आप लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए. में फर्स्ट टाईम अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ और कुछ ग़लती हो तो माफ़ करना. में दिल्ली में आयुर्वेद थेरेपिस्ट का काम करता हूँ, इस काम ने मुझे बहुत कुछ दिया है. 25 दिसम्बर 2010 को मुझे क्लिनिक जाना पड़ा, क्योंकि मेरे साथ काम करने वाले बाकी थेरेपिस्ट सारे चर्च गये थे. अब मुझे आधे दिन काम करना था, फिर उस दिन 11 बजे एक सुंदर सी एक लेडी आई, उनको डॉक्टर से मिलना था उस लेडी को चलने में काफ़ी प्रोब्लम हो रही थी तो मैंने उसे डॉक्टर के पास भेज दिया. फिर करीब 20 मिनट के बाद डॉक्टर ने मुझे अंदर बुलाकर बताया कि इन मेडम को स्पीनल मसाज और पीछे की साईड पोटाली मसाज देना है.

    फिर में उस लेडी को लेकर रूम में गया और कहा कि मेडम आपको अपना ऊपर का पूरा ड्रेस निकालना पड़ेगा नहीं तो आपकी ड्रेस तेल के कारण खराब हो सकती है. तो उसने कहा कि आप कैसे भी करो? लेकिन मेरा दर्द कम कर दो. फिर मैंने उसे पेट के बल लेटने को कहा और तो वो लेट गयी. अब उसके ऊपर सिर्फ़ एक टावल और नीचे सलवार था. फिर मैंने टावल को खोलकर गर्दन से पीठ तक ऑयल लगाया और मसाज करना शुरू कर दिया. फिर 10 के बाद उसकी गर्दन पर मेरे हाथ लगने के कारण उसके मुँह से कुछ आवाजे निकलने लगी तो मैंने सोचा कि दर्द के कारण होगा लेकिन थोड़े टाईम के बाद ऐसा लगा कि ये तो कुछ और हो रहा है. अब मुझे भी कुछ हो रहा था, अब में उसकी चूची साईड से टच करने लगा, अब उसके मुँह से बस म्‍म्म्ममम म्‍म्म्मममम आवाज़ निकल रही थी.

    अब मैंने उसकी पीठ मसाज स्टार्ट कर दी और उसको कहा कि ये आपका सलवार थोड़ा और नीच कर दूँ, तो वो मान गयी. अब मुझे उसके आधे चूतड़ नज़र आ रहे थे और कुछ देर तक मालिश करते-करते सलवार और नीचे कर दिया. अब में उसको पॉइंट मसाज देने लगा और पीठ पर मसाज करते-करते कभी मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला जाता. अब ये करते-करते मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था.

    मैंने सोचा अगर इसके घर जा कर मसाज करूँगा तो कुछ हो सकता हैं, फिर मैंने उससे पूछा कि मेडम अगर आप चाहें तो में आपके घर आकर भी मसाज कर सकता हूँ. तो उसने कहा ठीक है तुम अभी आ सकते हो, तो मैंने कहा कि में 1 बजे फ्री रहूँगा. फिर उसने ओके बोला और फिर मैंने पीठ मसाज के बाद उसकी बॉडी से ऑयल सॉफ किया और वो बाहर चली गयी, अब जाते-जाते उसने कहा कि वो मेरा बाहर इंतजार करेगी.

    अब उसके जाते ही में बाथरूम के अंदर घुस गया और उस लेडी को मन में सोचकर मुठ मारी तब जाकर मुझे कुछ आराम मिला, क्योंकि मेरे लंड का करीब 1 घंटे से बुरा हाल था. अब में 1 बजे बाहर निकला, तो वो लेडी मेरा इंतजार कर रही थी, फिर वो मुझे अपने घर ले गयी, उसका काफ़ी बड़ा मकान था. फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी, वहाँ 2 रूम हीटर थे, उसने उन दोनों को चालू कर दिया, क्योंकि सर्दी का टाईम था और उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बेड पर सीधा लेट गयी. फिर मैंने भी उसके पैरो की मसाज स्टार्ट की, अब मसाज करते-करते मेरा हाथ उसकी चूत को टच कर रहा था, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

    अब उसकी पेंटी थोड़ी गीली थी, ये सब देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया. अब में उसके पेट का मसाज कर रह था, अब में मसाज करते- करते कभी चूचि को भी दबाता और अब वो सिर्फ़ सिसकारियाँ ले रही थी. फिर मैंने कहा कि मेडम में ये ब्रा निकाल दूँ, तो उसने हाँ बोला और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया. अब उसके मोटे-मोटे बूब्स मेरे सामने थे और अब में ज़ोर-जोर से उसकी चूचीयों की मालिश करता रहा और उसके मुँह से हहाआअँ यसस्स आआआररम से मसस्स्स्स्सई की आवाज निकल रही थी.

    अब ये सब सुनकर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, अब मैंने धीरे-धीरे उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी चूत की मालिश करना स्टार्ट किया और उसकी चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. अब मैंने उसके निप्पल को चूस-चूस कर लाल कर दिया और उसके चूत के दाने को अपने हल्के हाथों से मसलना चालू किया. अब वो तो अपनी आँखे बंद करके सिसकारी ले रही थी, अब में धीरे-धीरे उसकी चूत में उंगली डालने लगा. ऐसा करते ही उसका पानी छूट गया और मेरा हाथ पूरा गीला हो गया तो मैंने कहा कि मेडम मुझे आपकी चूत को चाटना है, तो उसने हाँ में अपना सिर हिलाया. फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाला, उसकी चूत पर काफ़ी बाल थे और मुझे बालों वाली चूत बहुत पसंद है.

    फिर मैंने धीरे से उसकी चूत के दाने को चूसा और अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा, अब में उसकी चूत को चाटता रहा. फिर कुछ देर के बाद उसने फिर से आवाज़ निकालना स्टार्ट कर दिया ओूऊऊऊऊव सस्स्स्सस्स साआआअ वूऊव्व्व हूऊओ यससस्स. अब वो बोली कि राजू अब जल्दी से मुझे चोदो. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत की मेरे लंड से मालिश करने लगा. अब मुझसे सहा नहीं गया तो में अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा, उसकी चूत थोड़ी सी टाईट थी.

    मैंने उससे पूछा, तो उसने बताया कि उसका पति अमेरिका में जॉब करता है और साल में एक महीने के लिए वो आते है. अब में उसे आराम से चोदने लगा, अब उसकी चूत गीली होने के कारण और मजा आ रहा था. अब उसके मुँह सिर्फ़ एयए हहूऊ वूओव फुक ऊऊऊओ की आवाज़ निकल रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर ऊपर नीचे होने लगी.

    फिर कुछ देर के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर ही लेट गयी, मेरा अभी झड़ना बाकी था तो उसने मुझसे कहा कि उसकी गांड में लंड डालो और वो घोड़ी स्टाइल में हो गयी. अब उसकी पीछे से चूत और गांड देखकर मुझसे भी रहा नहीं गया, अब में फिर से उसकी चूत और गांड को चाटने लगा. अब उसके मुँह से आआआः ससहस की आवाज़ निकलने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद में उसकी गांड में लंड डालने लगा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट थी. फिर मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और धीरे-धीरे अंदर करने लगा, अब मेरा लंड थोड़ा सा अंदर जाते ही उसके मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गयी.

    थोड़ी देर तक रुकने के बाद मैंने एक जोरदार झटका देकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया. अब उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, फिर कुछ देर रुकने के बाद में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर कुछ देर के बाद उसको भी मज़ा आने लगा, अब वो खुद आगे पीछे होने लगी थी और में तेज़ी से उसकी गांड मारने लगा. फिर 10 मिनट के बाद मैंने मेरा वीर्य उसकी गांड में गिरा दिया और शांत होकर उसके ऊपर लेट गया. अब वो लेडी काफ़ी खुश थी, फिर उसने मुझे 2000 रुपये दिए और में करीब 6 बजे तैयार होकर वहाँ से चला गया.

  • आकाँशा को डाटा स्ट्रक्चर्स सिखा डाला

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 26 साल है. दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ़ एक ही लड़की के साथ सेक्स किया है और दूसरी लड़की के साथ सिर्फ़ किसिंग की है. दोस्तों में आज आप सभी को जो सेक्स अनुभव अभी बताने जा रहा हूँ वो उस लड़की का है जो मेरी पहली वाली गर्लफ्रेंड थी और उसके साथ में करीब 5-6 बार सेक्स कर चुका हूँ, लेकिन उसके साथ हुआ मेरा पहला सेक्स में कभी भी भूल नहीं सकता.

    दोस्तों यह तब की बात है जब मेरे कॉलेज का दूसरा साल ख़तम होने वाला था. आपको अंदाज़ा हो ही गया होगा कि मेरी उम्र करीब 21-22 साल थी. उस समय में बहुत पतला हुआ करता था और उस वक़्त में बहुत टेंशन में भी रहता था, क्योंकि मेरी हमेशा तबियत खराब रहती और जिसका कारण मेरी पहले साल हुई पढ़ाई की नाकामयाबी थी और सभी लोग मुझसे ना जाने क्यों थोड़ा दूर ही रहते थे और में अब इन सब चीज़ो से बहुत उब चुका था और फिर मैंने एक दिन तय कर लिया था कि में अब यह सब कुछ बदल डालूँगा.

    मैंने अब मन लगाकर अपनी पढ़ाई करना शुरू कर दिया था और फिर में बहुत जल्दी सभी बच्चो से पढ़ाई में आगे निकल चुका था और मेरे खुश रहने की वजह से मेरी तबीयत में भी अब धीरे धीरे बहुत सुधार रहा था और अब मुझे एक गर्लफ्रेंड की ज़रूरत थी जो बहुत ही सुंदर हो, लेकिन मुझसे हिम्मत नहीं होती थी किसी को अपने प्यार के बारे में कहने सुनने कि, लेकिन फिर एक दिन मेरा सोया हुआ नसीब तब उस दिन खुल गया जब में पहली बार आकाँशा से मिला.

    दोस्तों आकाँशा मेरे कॉलेज में मेरी ही क्लास में थी और में उसकी सुंदरता का वर्णन पूरा करूं तो उसकी आखें काजल से काली और उसकी हंसी किसी को भी एक बार में घायल कर देने वाली थी. उसके वो खुले बाल जो उसके नितंब तक लंबे थे और पूरा भरा हुआ गोरा बदन जो किसी की भी नियत खराब कर दे. दोस्तों वार्सिकोत्सव वाले दिन तो उसने काली कलर की पूरी जालीदार साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे से मुझे उसका ब्लाउज साफ साफ दिख रहा था और उसके बूब्स के उभार की वजह से उसके थोड़ा झुकने पर भी उसके ब्लाउज के बीचो बीच पड़ने वाली दरार मुझे साफ साफ दिखाई पड़ रही थी. दोस्तों वो दरार तो मानो इतनी तंग थी कि शायद उसमे एक उंगली घुसाने में भी बला का ज़ोर लग जाए खैर वो तो वो दिन था.

    अब में उस दिन से ही उससे बात करने का कोई ना कोई बहाना चाहता था, लेकिन कभी यह काम मुमकिन नहीं हो पा रहा था, लेकिन उस दिन तो मेरे नसीब में कुछ और ही लिखा हुआ था, मानो खुदा ने खुद मेरी इच्छा पूरी करने की ठान ली थी. उस दिन वो खुद मेरे पास आई और मुझसे बोली कि हैल्लो सूरज कैसे हो, क्या तुम मेरी एक मदद करोगे? दोस्तों अब मेरे नाम के आगे का सब मुझसे अनसुना हो गया था उसे मेरा नाम पता था कि में इसी खुशी में मेरे अंग अंग में एक बिजली की तरंग सी दौड़ गई थी और मुझसे जवाब ना पाने पर उसने मुझे फिर से वही सवाल किया. क्यों सुना, क्या कहा मैंने?

    मेरे माथे से बहता हुआ वो पसीना देखकर अचानक से वो खिलखिलाकर हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि कितने बुद्धू हो तुम? लड़कियों से बात करने में इतना भी भला कोई डरता है क्या? दोस्तों उसका वो सवाल औपचारिक था जिसकी वजह से में भी उसकी बात का जवाब ना देते हुए हंस पड़ा और उससे कहने लगा कि माफ़ करना मुझे थोड़ी कम आदत है किसी लड़की से बात करने की, हाँ तुम बताओ कि तुम्हे मुझसे ऐसी क्या मदद चाहिए थी?

    वो अभी भी मेरी तरफ देखकर हंस रही थी और उसकी वो हंसी मुझे उसके और भी करीब खींचती जा रही थी. अब वो किसी तरह अपना हंसना रोकते हुए मुझसे बोली कि क्यों तुम डाटा स्ट्रक्चर्स में बहुत होशियार हो ना? मेरा एक तो “सी” प्रोग्राम ज्यादा अच्छा नहीं है और ऊपर से यह डाटा स्ट्रक्चर्स यूज़िंग ”सी”, अब तुम ही बताओ में कैसे पास करूँ यह विषय? दोस्तों उसने जिस मासूमियत से मुझसे यह सवाल किया था. मेरा बस चलता तो में अपना छोड़कर सीधा उसी का पेपर दे देता. फिर मैंने उससे कहा कि वो बहुत आसान है, तुम मेरे नोट्स ले जाओ और तुम उसमें से पढ़कर देखो. दोस्तों में जानता हूँ कि में कितना बड़ा गधा था, अगर में चाहता तो उसे सिखाने के लिए पूछ सकता था, लेकिन मेरी अकल तो देखो, मैंने उससे कह दिया कि ठीक है कुछ ना समझ सको तो हम कॉलेज में तो मिलते रहेंगे और तुम मुझसे कभी भी पूछ लेना. फिर उसने मुझसे हाँ कहा और वो मेरे नोट्स को अपनी बाहों में भरकर मुझसे धन्यवाद कहकर मेरे कमरे से बाहर निकल गयी और में वहीं खड़ा खड़ा उसे देखता रह गया.

    फिर दूसरे दिन जब वो मुझे मेरे नोट्स वापस करने आई तो उसने मुझसे कहा कि आप बिल्कुल भी बुरा मत मानना, लेकिन तुम्हारी लिखावट बड़ी खराब है जिसकी वजह से में नोट्स को कॉपी नहीं कर पाई. दोस्तों एक तो किसी की मदद करो और ऊपर से यह बात सुनो, लेकिन ना जाने क्यों हर किसी को लड़कियों की किसी भी बात का गुस्सा नहीं आता. अब वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम खुद मुझे सिखा सकते हो? तो मैंने तुरंत से उसे “हाँ” में जवाब दे दिया, क्योंकि आख़िर में खुद कल से तैयार जो था और मेरे इस तेज जवाब से पहले तो वो एकदम से बौखला गई और फिर हंस पड़ी और बोली कि ठीक है तो फिर शाम को 6 बजे से पढ़ते है, लेकिन हम मेरे घर पर ही पढ़ाई करेंगे, नहीं तो माँ हमे पढ़ने नहीं देगी, क्यों तुम्हे कोई समस्या तो नहीं है ना? दोस्तों मुझे कौन सी अस्थमा का दिक्कत थी और फिर मैंने जल्दी से उसे हाँ कह दिया और उस दिन से हमने शाम को एक साथ में पढ़ना शुरू कर दिया.

    वैसे उसका घर कुछ ख़ास बड़ा नहीं था और हॉल से टीवी की आवाज़ बहुत आराम से बेडरूम तक आ जाती थी इसलिए हम हमेशा दरवाजा बंद करके ही पढ़ते थे और उसके परिवार वाले सभी लोग बहुत खुले ख्यालों के थे जिसकी वजह से मेरे घर आने पर उन्हे कोई ऐतराज़ नहीं था और उसकी मम्मी तो मुझे बार बार कुछ ना कुछ खिलती ही रहती थी और मुझे उसके घर वाले बहुत पसंद थे. दोस्तों वो दिन भी बिल्कुल ठीक ही निकला था. में अपने समय से उसके घर पर पहुँच गया और दोस्तों मैंने गौर किया कि वो घर पर कॉलेज की अपेक्षा इतना बन-ठन कर नहीं रहती थी, लेकिन उस दिन उसे कहीं जाना था इसलिए वो बहुत ज्यादा सजधजकर तैयार ही बैठी हुई थी. उसने काले रंग की एक ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें से उसकी छाती से ऊपर का भाग काले दानों से भरी जाली से ढका हुआ था और वो ड्रेस उसकी भरी हुई जंघो को बहुत कस रही थी और उसके हाथ में पहनी हुई वो काली चूड़ियां तो मानो सोने पे सुहागा लग रही थी.

    मेरा मन तो उस दिन बिल्कुल भी पढ़ाई करने का नहीं कर रहा था, बल्कि मेरा तो जी कर रहा था कि में सीधे उसको पीछे से कस लूँ. उस दिन उसने दरवाज़ा नहीं लगाया हुआ था और तभी मुझे लगा कि कहीं उसे मेरी नीयत पर शक़ तो नहीं हुआ, लेकिन बाद में जब उसके घरवालों ने अंदर आकर उसे भी जल्दी से बाहर निकलने को कहा तब बात साफ हुई कि उसने दरवाज़ा इसलिए खुला हुआ रखा था क्योंकि अब घर पर कोई नहीं रहने वाला था.

    फिर उसके घर वाले चले गये और उसने सिर्फ़ बाहर का जाली वाला दरवाजा लगाया और अंदर का लकड़ी का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया. हम अंदर आकर किताब खोलकर बेड पर ही बैठ गये, लेकिन वो मुझे आज थोड़ी बैचेन सी लग रही थी क्योंकि उसको उस कसी हुई ड्रेस में बैठ पाना बहुत मुश्किल हो रहा था और में उसकी परेशानी समझ गया था.

    फिर में किचन में गया और डाइनिंग टेबल वाली कुर्सी लेकर आ गया और अब मैंने उसे उस पर बैठने को कहा तो वो मुझसे धन्यवाद बोलकर उस कुर्सी पर बैठ गयी और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने सामने बैठे हुए थे, लेकिन मेरा पूरा पूरा ध्यान बार बार उसकी कसी हुई गोरी और नंगी जांघो पर ही जा रहा था और शायद उसे भी इस बात का पता चल चुका था जिसकी वजह से वो थोड़ी थोड़ी देर में खड़ी होती और अपनी ड्रेस को जितना हो सकता नीचे खींचकर फिर से बैठ जाती. उसके इस संघर्ष और उसके उस परेशान चेहरे को देखकर में उठकर खड़ा हुआ और फिर उससे विदा लेकर अपने घर पर जाने लगा.

    मेरे अचानक ऐसे करने से वो शायद समझ गई कि में क्यों जा रहा था? तभी उसने मुझे आवाज़ लगाई और मेरा एक हाथ पकड़ लिया और उसने मुझसे कहा कि तुम जानते हो ना कि तुम कितने अच्छे हो? दोस्तों मैंने जैसे ही मुड़कर उसकी तरफ देखा तो ना जाने मुझे क्या हुआ और अगले ही पल मैंने उसे अपनी तरफ खींचकर अपनी बाहों में भर लिया और उसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. दोस्तों मैंने कभी इतना करीब से उसके बालों को नहीं सूँघा था और उसके बालों की खुश्बू ने जैसे मुझे अब और भी बढ़ावा दे दिया था. मैंने आख़िरकार उसे उसकी जांघो से पकड़ लिया और में अब धीरे धीरे अपना एक हाथ ऊपर लाने लगा.

    उसने अपना मुहं मेरे छाती से बाहर निकाला और फिर मुस्कुराकर मुझे देखने लगी. अब मैंने अपना हाथ उसकी जंघो से हटाकर उसके गोरे गालों पर रख दिया और उसे लगातार चूमने लगा. फिर उसने मुझे रोक दिया कुछ समय मेरी आँखों में देखा और फिर हल्के से अपने नाज़ुक होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया. दोस्तों वो वक़्त जैसे अचानक से थम चुका था और में अपने सारे गिले शिकवे भूल चुका था. मैंने भी अब उसका पूरा पूरा साथ दिया और हम दोनों पागलों की तरह लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे. पहले उसके होंठ, फिर दाँत, फिर जीभ. दोस्तों अब हम दोनों बस एक दूसरे में पूरी तरह डूब चुके थे और हमारे पीछे ही एक बेड था और उसकी पीठ बेड की तरफ थी. मैंने उसे किस करते करते धीरे से पीछे सरका दिया, जिससे हम दोनों ही बेड पर एक दूसरे की बाहों में किताबों पर गिर पड़े और फिर मैंने जैसे तैसे किस करते हुए उन किताबों को वहाँ से हटा दिया और उसे गोदी में उठाकर ठीक प्रकार से बेड पर रख दिया और अब उसकी जांघो से मुझे इस बात का पूरा अंदाज़ा हो गया था कि अब वो भी तड़प रही थी और हम दोनों के जिस्म में आग बराबर लगी हुई थी.

    में थोड़ा सा पीछे हटा और अब उसे लेटे हुए देखने लगा क्योंकि मुझे उस क्षण पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और वो उस समय क्या मस्त लग रही थी? और बेड पर लेटने से उसके बूब्स अब और भी ज्यादा उठे हुए लग रहे थे और ड्रेस थोड़ा और उठ जाने से उसकी गोरी नंगी टांगे कमाल की लग रही थी.

    अब वो थोड़ा सा शरमा सी गई और उसने अपनी आँखें अपने एक हाथ से छुपा ली और हंस पड़ी. फिर मैंने अपनी शर्ट को उतारा और उसके पास में लेट गया और अब मैंने उसके पैरों पर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे उसके होंठो तक पहुँच गया. मैंने उसका हाथ चेहरे से हटाकर उसे एक बार फिर से चूमा और फिर उसने मुझे ज़ोर से गले लगा लिया. कुछ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद में अपना हाथ सरकाते हुए उसकी छाती पर ले आया. उसने कसकर मेरा हाथ पकड़ा और में तुरंत रुक गया.

    अब उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम मुझसे प्यार करते हो ना सोनू? दोस्तों उसने आज पहली बार मुझे सोनू कहकर पुकारा था और में अब उस ख़ुशी की वजह से सातवें आसमान पर था और फिर मैंने अपना जवाब उसे दिया कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और फिर मेरे यह बात कहते ही उसने मेरा हाथ एकदम से छोड़ दिया और अब दोस्तों मैंने अपनी एक उंगली उसके बूब्स के बीच की दरार में डाल दी, वो एकदम से कराह उठी और उसकी इस आवाज को सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और अब मैंने अपनी उंगली को लगातार अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

    अब वो अपनी आहों को रोकने की बहुत कोशिश करने लगी, लेकिन हर बार वो नाकामयाब रही और अब मैंने धीरे से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर अपनी पूरी हथेली को उसके एक बूब्स पर रख दिया दोस्तों में शब्दों में उस अहसास को क्या बताऊँ? मुझे उसके बूब्स कितने गोल, बड़े और कड़क लग रहे थे, लेकिन बीच में उसकी वो जाली वाली ड्रेस आ रही थी. फिर मैंने उसके कपड़े उतारने के लिए उसे उल्टा कर दिया तो मैंने देखा तो उसकी पूरी पीठ पर सिर्फ एक ज़िप थी जिसको में खोलता तो वो एक बार में पूरी नंगी हो जाती. तभी उसने मुझे संकोच में देखा और सिर्फ़ दो शब्द कहे जिनको सुनकर में बिल्कुल दंग रह गया. उसने कहा हाँ अब इसे जल्दी से खोल दो और उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही मैंने उसकी पूरी ज़िप को खोलना शुरू कर दिया.

    उसकी ज़िप नीचे से ऊपर खुलती थी और जैसे जैसे में उस ज़िप को ऊपर ले जा रहा था उसका गोरा बदन मेरी आँखों से रूबरू होता जा रहा था और फिर जैसे ही मैंने ज़िप को उसकी कमर तक खोला तो उसके कूल्हे अब बिल्कुल आज़ाद हो गये थे और अब वो सिर्फ़ एक बहुत ही पतली सी पेंटी में थी और उसकी ड्रेस इतनी टाईट होने के बावजूद भी उसकी पेंटी ना दिखने का कारण शायद यही था. में अब मन ही मन मचल था और फिर से में पागलों की तरह उसे उसके कूल्हों पर चूमने और चाटने लगा जिसकी वजह से उसने अब और ज़ोर ज़ोर से आहें भरना शुरू कर दिया था. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी गांड तो बिल्कुल गरम तवे जितनी गरम हो चुकी थी.

    अब मेरे होंठ तो जैसे उसे छूने से ही जल रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा भी आ रहा था. मैंने अब उसकी पूरी ज़िप को खोल दिया था और अब वो खुद ही एकदम से पलटकर सीधी हो गई थी जिससे मुझे उसकी वो ड्रेस बाहर निकालने में थोड़ी आसानी हो जाए. मैंने उसकी उस ड्रेस को उतारकर देखा कि अब वो सिर्फ़ हल्के भूरे कलर की ब्रा और बिल्कुल हल्की और लगभग जालीदार पेंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी. फिर उसने मुझे देखा और अपना एक हाथ मेरे पेट पर रख दिया और अब वो मेरी बेल्ट को खोलने लगी.

    थोड़ी उसकी मेहनत और मेरी मदद करने के बाद अब में भी सिर्फ़ अपनी खुली जांघो वाली अंडरवियर में था और अब मेरी अंडरवियर में तो तापमान जैसे आफ्रिका की गर्मियों से भी ज़्यादा हो गया था. अब उसने मेरी अंडरवियर का वो उभार देखा और फिर थोड़ा रुक रुककर धीरे से अपना एक हाथ मेरे लंड पर घुमाने लगी और अब मेरा लंड पूरे ज़ोर पर आ गया, क्योंकि आज से पहले कभी किसी लड़की ने मेरे लंड को छुआ नहीं था और मेरे पूरे शरीर में जैसे कोई सनसनी सी दौड़ गई थी.

    अब मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अब ज़ोर ज़ोर से उससे अपना लंड दबवाने लगा और अब में भी उसकी तरह आहे भरने लगा था और मैंने देखा कि उसकी भी साँसे अब ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. तभी अचानक से उसने मेरे सर को पीछे से पकड़ लिया और मेरे शरीर को अपने ऊपर ले लिया और तब पहली बार मेरे लंड ने किसी की चूत को छुआ था. अब में अपनी अंडरवियर पहने ही उसकी पेंटी से ढकी हुई चूत को ऊपर से गोल गोल रगड़ने लगा. दोस्तों में वो रगड़ना चाह कर भी कभी नहीं भुला सकता हूँ, में आपको क्या बताऊँ मुझे उस काम में कितना मज़ा आ रहा था? वो अब ज़ोर ज़ोर से करहाने लगी थी और पूरे रूम में उसके उह्ह्ह अह्ह्ह्हह करने की आवाज़ गूँज रही थी. मैंने रगड़ना और तेज़ कर दिया और फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने स्तन पर रख दिया.

    मुझे उसका वो इशारा समझ आया और मैंने तुरंत उसकी ब्रा को भी खोल दिया और अब उसके दूध से भी ज़्यादा गोरे और चाँद से भी ज़्यादा गोल बूब्स जिस पर हल्के लाल रंग के वो निप्पल मुझे ताक रहे थे. अब वो पूरी तरह से नंगे थे. दोस्तों मुझे उन्हें अपने सामने देखकर बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत ही बड़े थे और उन्हें कपड़ो में देखकर मुझे कभी लगा नहीं था कि वो आकर में इतने बड़े भी हो सकते है? फिर उसने मुझे देखा और मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छे हो जानू और वो मेरा सर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी. दोस्तों उसमें क्या हवस थी? वो तो मानो एक दूसरी दुनिया में ही पहुँच चुकी थी और वो बिल्कुल पागलों की तरह मेरा सर उसके बूब्स के ऊपर रगड़े जा रही थी और कह रही थी में तुम्हारे साथ हाँ उह्ह्ह्ह हमेशा से ही अहह यह करना चाहती थी. दोस्तों अब मुझे उसकी यह बात सुनकर मेरे कानों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ. में अचानक से रुक गया और उसे देखकर जी भर आया और में सच कहूँ तो उस वक़्त अगर में सेक्स भी पूरा ना करता तो भी मुझे कोई गम नहीं था और अब उसकी वो बिल्कुल नम आखें साफ साफ बयान कर रही थी कि वो मुझसे कितना प्यार करती है.

    अब मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और ज़ोर से उसके होंठो पर किस करने लगा. अब वो भी अब अपना पूरा आपा खो चुकी थी और जैसे एक प्यासा बड़ी देर के बाद पानी पिए ऐसे मेरे होंठो को चूसने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था और थोड़ी देर बाद में एक बार फिर से उसके बूब्स को पहले से ज़्यादा तेज़ चूमने और काटने लगा. अब हम दोनों ही पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे और अब जो भी हमारे साथ हो रहा था वो सब अपने आप हो रहा था.

    उसने मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे कूल्हों को जकड़कर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. उसके एक हाथ की उंगलियों के नाख़ून मुझे बहुत चुभ रहे थे इसलिए में भी अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था. अब मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब में क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या मस्त लग रही थी. वो पूरी नंगी और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी चूत को मेरी हथेली से ढक दिया और अब धीरे धीरे रगड़ने लगा जिसकी वजह से उसने तो अब चिल्लाना शुरू कर दिया था. उस कारण से मुझे उसके मुहं पर अपना हाथ रखना पड़ा और मेरा हाथ व्यस्त होने के कारण में उसे चूमते हुए उसकी चूत तक ले गया और बिल्कुल हल्के से उसकी चूत को चाटने लगा.

    अब मैंने महसूस किया कि उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज अचानक से रुक गई, लेकिन सिसकियों कि आवाज बढ़ गई और अब उसकी चूत से वो पानी जैसे मेरी प्यास बुझाने के लिए लगातार बहे जा था और में उसका रसपान किए जा रहा था. तभी अचानक से वो काँपने लगी और मेरे पूछने पर उसने मुझे बताया कि उसे अब बहुत ठंड लगने लगी है. मैंने तुरंत बेड को साईड से खोलकर उसमे से एक कंबल निकाल लिया और उसे हम दोनों पर डाल लिया और उससे पूछा क्यों अब ठीक है? तो उसने हाँ कहा और कहा कि अब मुझसे नहीं रहा जाता और जल्दी से मेरी वर्जिनिटी को खत्म कर दो और चोद दो मुझे. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तोते उड़ गये, क्योंकि में खुद आज पहली बार सेक्स का अनुभव कर रहा था और उस पर उसकी वर्जिनिटी खत्म करने का बोझ.

    अब मैंने उससे साफ साफ कह दिया कि नहीं में यह सब नहीं कर पाऊंगा. दोस्तों मेरे कुछ सोचने से पहले ही मुझे पता नहीं कब मेरे मुहं से यह शब्द निकल गए, लेकिन वो अचानक से बहुत ज़ोर से हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि तुम तो बहुत डरपोक हो, मुझे अब पता चल गया है. फिर अचानक उसकी हंसी रुकी और मुझे देखते हुए उसने कहा सूरज में सिर्फ़ अपनी वर्जिनिटी नहीं खोना चाहती. में तो अपनी वर्जिनिटी सिर्फ़ तुमसे खोना चाहती हूँ तुम बिल्कुल भी डरो मत में पहले से ही यह निर्णय बहुत सोच समझकर ले रही हूँ क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. उसकी यह बात सुनकर मुझमे जैसे दुबारा जोश भर गया और उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और कंबल के अंदर से ही मुझे मार्गदर्शन देने लगी.

    वो जगह पूरी तरह सुनिश्चित करने पर उसने अब सब कुछ मुझ पर छोड़ दिया था और अब सारी ज़िम्मेदारी मेरे कंधो पर थी. में धीरे धीरे अपने लंड के टोपे को उस कोमल जगह पर गोल गोल घुमाने लगा और जब उसकी चूत के पानी से मेरा लंड पूरी तरह भीग गया. तभी मैंने अपना लंड चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे कुछ भी ज़्यादा ना करने के बावजूद भी वो रोने लगी, लेकिन मुझसे ना रुकने को भी उसने कहा.

    अब मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का देकर चूत के अंदर ही किया और उसके गालों को मेरे हाथों से कसकर थाम लिया जिससे उसकी आखों से आंसू निकल गये और मैंने उसे किस कर दिया और जब उसका ध्यान पूरी तरह से मेरे चूमने पर था तो मैंने अपने हाथ गालों से हटा दिए और उसकी कमर को ज़ोर से कस दिया और फिर एक जोरदार झटका लगा दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद मैंने किसी तरह उसके मुहं पर हाथ रखकर उसे शांत कर दिया और कुछ देर उसने मुझे वैसे ही रुकने का इशारा किया और थोड़ी देर बाद उसने फिर से अपने हाथ मेरे कूल्हों पर रख दिये और आगे पीछे करनी लगी, शायद अब उसे मज़ा आने लगा था और उसे ऐसे ज़ोर ज़ोर से सिसकते और आहे भरते देख मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा. मैंने धीरे धीरे खुद को तेज कर दिया और हम दोनों और ज़ोर से आहे भरने लगे.

    अब तो में भी चिल्लाने लगा था और हम दोनों को अब किसी भी आवाज़ की कोई फ़िक्र नहीं थी. अब हम खुलकर एक दूसरे के रंग में डूबने लगे और उसकी वो अह्ह्ह अहह की आवाज़ मेरे कानों में अब गूँज रही है और मुझे और भी प्रोत्साहन दे रही थी. हम दोनों अब अपनी पूरी गति पर पहुँच चुके थे और तब मुझे एहसास हुआ कि अब में जल्द ही झड़ने वाला हूँ मेरे उससे कहने पर उसने मुझसे अपनी चूत के अंदर ही वीर्य छोड़ने को कहा और मेरे ना मानने पर उसने मुझे बताया कि वो बहुत पहले से ही इस दिन का सपना देखती आई है और आज वो चाहती है कि उसका पहला यौन संबंध अधूरा ना रहे.

    उसके कहने पर में उसकी और अपनी स्वयं इच्छा से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा और फिर अचानक से शरीर में एक ठंड की सनसनी के साथ हम दोनों की एक जोरदार चीख के साथ में उसकी चूत में झड़ गया. दोस्तों वो बड़ी ही पवित्र भावना थी. में अब उसके ऊपर ही लेट गया और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था. में उसे अपनी पूरी जिंदगी भर वैसे ही जकड़ कर रखना चाहता था और अब उसके अलावा मेरा और कुछ करने का मन ही नहीं था और वो मेरे कंधे पर अपना माथा टेककर रोने लगी और अब में भी उसके साथ थोड़ा सा भावुक हो गया, लेकिन क्या करे? समय का अभाव था इसलिए मैंने उससे कहा कि चलो अब उठो तुम्हे जाना है ना? मैंने उससे बहुत प्यार से पूछा. तो वो उठी और कुछ ना कहते हुए अपनी ब्रा, पेंटी पहनने लगी. उसने अपनी ड्रेस पहनते वक़्त अपने बाल एक तरफ कर दिए और मेरी तरफ पीठ करके मुझे ज़िप लगाने का इशारा किया.

    मैंने पीछे से उसकी खुली ड्रेस में से अपना हाथ आगे की तरफ डालकर उसे पेट से पकड़कर अपने से सटा लिया और सामने लगे अलमारी के काँच में हम दोनों एक दूसरे को निहारने लगे. दोस्तों में सच कहूँ तो उस वक़्त में उस आईने में हम दोनों को एक पति, पत्नी की रूप में देख रहा था और सपने सज़ा रहा था कि हम दोनों शादी के बाद कुछ इसी तरह रोज रात को प्यार करा करेंगे और सुबह साथ उठेंगे दोस्तों वो बड़ा ही हसीन पल था. अब वो मुझसे चलो हटो प्लीज छोड़ दो कहकर वो मुस्कुरा पड़ी और बोली कि प्लीज मुझे जाने दो. अब मैंने भी मुस्कुराकर अपना हाथ उसके गरम बदन से हटा लिया और फिर मैंने उसकी ज़िप को बंद कर दिया. कुछ देर में ही हम दोनों घर से एक साथ ही बाहर निकल गये और फिर उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट कर दी. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ उसने मुझसे बड़े ही प्यार से से कहा.

    अब वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अपना हेलमेट पहनकर चली गई, लेकिन उस दिन के बाद भी हमने कई बार सेक्स किया और अगली बार के लिए तो मैंने उससे यह आग्रह भी किया था कि हम अपना अगला सेक्स मेरी पसंद के कपड़े में ही करेंगे और वो दिन भी हमारा बहुत यादगार रहा और में आप सभी को उसके बारे में अपनी अगली कहानी में ज़रूर बताऊंगा, लेकिन दोस्तों कुछ भी कहो पहला सेक्स तो पहला ही होता है. मेरी बदनसीबी से कॉलेज ख़त्म होने पर उसे पुणे छोड़कर मुंबई में नौकरी के कारण जाना पड़ा और फिर हमारी बातचीत अब धीरे धीरे कम होते होते ख़त्म ही हो गई.

  • नौकरी के लिए सेक्स किया

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सेम है,  दोस्तों आज मेरी यह पहली सच्ची घटना है जिसे में आज आप सभी के सामने बताने जा रहा हूँ. में मुंबई का रहने वाला हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में हूँ. मैंने एक सोशल साईट में कुछ दिनों से चेटिंग स्टार्ट की तो वहां पर मुझे एक लड़की मिली जिसका नाम नेहा था तो हमारे बीच कुछ ऐसी बात हुई थी.

    में : हैल्लो

    नेहा : तुम कौन हो?

    में : मेरा नाम सेम और में मस्त एकदम झकास और तुम कैसी हो?

    नेहा : में अच्छी हूँ और तुम क्या करते हो?

    में : में मॅनेजर हूँ.

    में : तुम कहाँ की रहने वाली हो और क्या करती हो?

    नेहा : में मुंबई की रहने वाली हूँ, लेकिन में अभी नागपुर में हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले B.A. किया है और अब में कोई नौकरी ढूंढ रही हूँ और तुम कहाँ रहते हो?

    में : में मुंबई का ही रहने वाला हूँ और तुम एक काम करो में तुम्हारी नौकरी के लिए तुम्हारी मदद कर सकता हूँ क्योंकि मेरी कंपनी में नौकरी के लिए जगह खाली है.

    नेहा : हाँ ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे क्या करना होगा?

    में : ठीक है तो फिर तुम एक काम करो मुझे मेरी मेल आई डी पर अपना रीज़्यूम भेज दो.

    में : चलो बाय अब बाद में मिलते है.

    मैंने उससे उसका रीज़्यूम इसलिए मँगवाया क्योंकि उसमे उसका नंबर और पर्सनल मैल आई डी होगा और वो मुझे बहुत आसानी से मिल जाएगा मुझे उसे ढूंढने में ज्यादा झंझट नहीं होगी और उसने मुझे तभी 5 मिनट में अपना रीज़्यूम भेज दिया तो मैंने उसका रीज़्यूम देखा, तो मुझे कुछ देर के बाद मालूम पड़ा कि वो एक शादीशुदा है और उसकी उम्र 25 साल की है और फिर मैंने उसका मोबाईल नंबर देखकर झट से उसे फोन लगाया. तो मैंने उससे पूछा कि क्या तुम शादीशुदा हो?

    वो बोली कि हाँ और फिर वो एकदम चुप हो गयी, मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा पति क्या काम करता है? तो वो बोली कि प्लीज़ कुछ और बात करो और तुमने मेरा रीज़्यूम देखा है क्या उसका कुछ होगा? तो में समझ गया कि कुछ गड़बड़ है और मैंने उससे बोला कि प्लीज़ मुझे तुम्हारी लाईफ के बारे में कुछ तो बताओ तभी तो में तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ. तो वो मना करने लगी और मैंने उससे बहुत बार कहा तो तब जाकर उसने बोला कि मेरी शादी जरुर हुई है, लेकिन अब वो उसके पति के साथ नहीं रहती और वो लोग बहुत जल्द तलाक लेने वाले है. तो मैंने उससे उसका कारण पूछा तो उसने कहा कि वो सभी बातें पर्सनल है और वो मुझे नहीं बता सकती. तो में भी उसकी यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया क्योंकि में मन ही मन में सोच रहा था कि पहले दिन ही सब कुछ नहीं पूछना चाहिए.

    तो दूसरे दिन उसने मुझे खुद ही एक मस्त मैसेज भेजा, तो मैंने भी मैसेज कर दिया और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला कि में ऑफिस में हूँ. तो उसने बोला कि ठीक और फिर पूछा कि क्या मेरे रीज़्यूम का कुछ हुआ? तो मैंने भी झूठ बोल दिया कि हाँ मैंने आगे भेज दिया है अभी उनकी तरफ से जवाब आने के बाद बताऊंगा और में उसके बारें में पूछने लगा तो उसने बताया कि वो नागपुर की रहने वाली है और उसकी शादी मुंबई में हुई थी. वो और उसका पति दोनों ही नौकरी किया करते थे. फिर मैंने उससे पूछा कि फिर यह तलाक क्यों? तो वो रोने लगी और बोली कि उसके पति का किसी और लकड़ी के साथ अफेयर है और अभी तक उसका उसके पति के साथ एक भी बार कुछ नहीं हुआ. तो में समझा गया कि वो अभी तक सेक्स के लिए तड़प रही है और फिर मैंने एक प्लान बनाया और मैंने उससे कहा कि तुम्हे नौकरी की क्या ज़रूरत है? तो वो बोली कि मुझे अपने पति से तलाक लेने के लिए वकील को पैसे देने है और अगर वो नहीं दे पाई तो उसके ससुराल वाले उसे छोड़ेगे नहीं और मारते रहेंगे.

    तो मैंने उससे बोला कि फिर तुम्हे यहाँ पर नौकरी लगाने में थोड़ा टाइम लगेगा, इसलिये तुम कहीं और ट्राई करो तो उसने बोला कि मुझे कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है और मुझे बहुत ज़रूरत है और वो रोने लगी.

    मैंने बोला कि ठीक है में दोबारा ट्राई करता हूँ, लेकिन उसमे मुझे क्या मिलेगा? तो वो बोली कि जो तुम बोलोगे में वो सब करने को तैयार हूँ, लेकिन पहले मुझे एक नौकरी दिलवा दो. तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और फिर दूसरे दिन मैंने अपने एक फर्जी दोस्त से उसे कॉल करवाया कि आपका इस दिन इंटरव्यू है इस पोस्ट के लिए. तो तुरंत उसने मुझे कॉल किया कि उसे इंटरव्यू के लिए कॉल आया है.

    मैंने बोला कि ठीक है आप वहां पर इंटरव्यू के लिए चली जाओ. तो वो बोली कि क्या बिना इंटरव्यू के मेरी नौकरी मंजूर नहीं हो सकती? तो मैंने बोला कि पागल यह सब बिना इंटरव्यू के नहीं होगा, तो वो बोली कि मैंने बहुत दिनों से कुछ पढ़ाई नहीं की है तो हो सकता है कि में शायद फैल हो जाउंगी और वो रोने लगी और बोली कि मेरे लिए यह नौकरी बहुत ज़रूरी है.

    तभी मैंने उसको बोला कि तो ठीक है में अपनी तरफ से कुछ कोशिश करता हूँ, लेकिन फिर मेरी मांग बड़ी होगी. तो वो बोली कि ठीक है तुम्हे जो कुछ मुझसे चाहिए में तुम्हे दूंगी, लेकिन पहले मेरा यह काम करवा दो प्लीज.

    फिर मैंने अपने दोस्त को फिर से कॉल करके उसे इंटरव्यू के लिए कल ही आने को बोला. तो वो बोली कि वो नागपुर से मुंबई एक दिन में कल नहीं आ सकती और उसने मुझे कॉल किया और यह सब बातें बताई. तो मैंने बोला कि ठीक है और अब चलो हम कुछ करते है और फिर मैंने उसे बाद में दूसरे दिन फोन लगाकर बोला कि तुम्हारा इंटरव्यू के बिना भी यह सब काम हो सकता है, लेकिन तुम्हे मेरे साथ एक बार फिल्म देखने जाना पड़ेगा और मेरे साथ खाना भी खाना पड़ेगा और दारू भी पीनी पड़ेगी.

    वो मेरी बात को सुनकर कुछ देर तक सोचने लगी और फिर बोली कि नहीं में ऐसा कुछ नहीं कर सकती और दारू तो बिल्कुल भी नहीं पी सकती. तो मैंने बोला कि ठीक है बाय. तो उसने भी मुझसे गुस्से में बाय बोल दिया और वो बोली कि में एक शरीफ लड़की हूँ और में यह सब कभी भी नहीं कर सकती और तुम मुझे आज के बाद मैसेज और कॉल मत करना.

    में उसकी यह बात सुनकर एकदम सोच में पड़ गया कि यह लड़की तो मेरे हाथ से निकल गई और मैंने फिर से अपने दोस्त को फोन करके उससे यह बात कहने के लिए बोला कि अगर आप नहीं आ सकते हो तो इसलिए आपका रीज़्यूम हम हटा रहे है और फिर मेरे दोस्त ने अपना काम किया.

    तो उसने मुझे अपने आप कॉल किया और वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और उसने मुझसे बोला की मैंने ऐसा क्यों किया? तो मैंने उससे कहा कि तुमने ही मुझसे बोला था कि तुम्हे ही यह सब नहीं चाहिए और तुम तो बहुत शरीफ और वैसे भी मैंने तो सिर्फ़ दारू ही बोला था मैंने सेक्स तो नहीं बोला. तो वो बोली कि ठीक है में तैयार हूँ तुम बताओ मुझे कब और कहाँ पर आना है?

    मैंने बोला कि तुम आज रात को ही फ्लाइट से आ जाओ में तुम्हारा टिकट बुक कर देता हूँ और फिर मैंने उसे उसी शाम की फ्लाइट का एक टिकट भेजा और वो आ गयी. फिर मैंने मेरे ड्राइवर को उसे अपने रूम में लाने के लिए बोला और जैसे ही मैंने उसे देखा में एकदम पागल हो गया, गोरा रंग, मस्त शरीर, पंजाबी लड़कियों जैसा फिगर करीब 36-24-36 का साईज होगा, लेकिन उसका साईज 36-26-34 था.

    फिर मैंने उसे अंदर बुलाया तो वो मेरा रूम देखकर एकदम चौंक गयी क्योंकि मेरे रूम में हर वो सामान था जो किसी अमीर आदमी की एक जरूरत होती है और वो बोली कि तुम तो बहुत अमीर लगते हो. तो मैंने बोला कि नहीं बस सामान मेरी अपनी मेहनत की कमाई का है.

    फिर मैंने बोला कि अंदर जाओ और अपने कपड़े बदल लो, तो वो बोली कि ठीक है और वो बाथरूम में चली गई और मैंने उसके लिए एक ड्रिंक बनाया और वो नाहकर मेरे सामने मस्त टाईट लेगी और कुर्ता पहनकर बिल्कुल एक शरीफ़ लड़कियों की तरह आई और बोली कि चलो अब. तो मैंने पूछा कि कहाँ?

    वो बोली कि क्यों हमे फिल्म जाना है ना? तो मैंने बोला कि नहीं मैंने इधर ही मेरे रूम पर सब इंतजाम किया हुआ है फिर मैंने डीवीडी पर नयी एक नई फिल्म लगाई और हम दोनों सोफे के दोनों अलग कोने पर बैठ गये. तो मैंने उसे विस्की का ग्लास दिया और बोला कि लो, तो पहले वो साफ मना करने लगी. फिर मेरे बहुत कहने पर उसने वो ले लिया, मैंने उसके लिए थोड़ा भारी विस्की का पेग बनाया था.

    फिर मैंने फिल्म शुरू की, वो थोड़ी हिन्दी फिल्म थी और में उससे बातें करने लगा और उससे पूछने लगा कि शराब पहली बार पिया वग़ैराह वग़ैराह. तो वो बोलने लगी कि हाँ में पहली बार इसे पी रही हूँ और अब कुछ देर के बाद धीरे धीरे उसकी आवाज़ लड़खड़ाने लगी और एक ग्लास में वो थोड़ी सी बैचेन हो गई और फिर मैंने सोचा कि इतना काफ़ी नहीं है तो मैंने एक और पेग बनाया और उसके सामने रख दिया, लेकिन इस बार वो खुद ही पीने लगी और मैंने वो फिल्म चेंज करके दूसरी फिल्म लगा दी, तो कुछ देर के बाद एक तो दारू का नशा और उसमें उसकी सालों की तड़प वो दोनों मिलकर असर कर गयी उसने अपनी दोनों पैर टाईट बंद कर लिए और अब वो फिल्म को बहुत ध्यान से देखने लगी.

    मैंने धीरे से उसके पास जाकर उसके गालो को किस किया तो उसने कुछ नहीं बोला तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी और में उसकी कमर पर हाथ डालकर उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगा तो वो थोड़ा छटपटाई और फिर कुछ नहीं बोलते हुए मुहं से आवाज़े निकालने लगी आहहह हाँ और ज़ोर से आहह्ह्ह प्लीज़ ओह्ह्ह्हह करके उफफ्फ्फ्फ़ करने लगी. तो मैंने उसे वहीं पर नंगा कर दिया और उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया फिर मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है जैसे उसने अभी ही बाथरूम में जाकर साफ किए हो और मैंने उसे पैर फ़ैलाने को बोला तो उसने अपने पैर ढीले छोड़ दिए, में उसकी चूत पर मसाज करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स और निप्पल को मसलने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा.

    मैंने यह सोचकर कि यह अब होश में नहीं आनी चाहिए में उसके होंठो को चूसने लगा और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी है और मेरी उंगली धीरे धीरे चूत के अंदर जाने लगी, मैंने पहले एक उंगली डाली तो पता चल कि वो अभी तक वर्जिन है. तो उसे बहुत दर्द होने लगा और वो दर्द की वजह से तड़पने लगी, फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी चूत में डाली और धीरे धीरे उंगली से अंदर बाहर करने लगा और ऊपर की तरफ में उसके निप्पल को अपने मुहं से काटने लगा और उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसे जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. तो मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा हाथ उसकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा.

    फिर मैंने उसे सोफे पर ही लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे दबाने लगा और वो पहली ही बार में पूरा का पूरा अंदर घुस गया और में मस्त मज़े लेने लगा. तभी उसने मुझसे बोला कि प्लीज़ मुझे नीचे से चाटो ना तो मैंने देखा कि वो पूरी तरह से अब सेक्स के नशे में थी.

    में उसकी गीली चूत को चाटने लगा और मुझे उसकी चूत चाटना अच्छा नहीं लग रहा था फिर भी मैंने ऐसा किया और यह पहली बार और मुझे ऐसा करना बहुत अजीब लगा, लेकिन फिर में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालने लगा और मैंने देखा कि अचानक से वो तड़पने लगी तभी मुझे समझ आ गया कि लड़कियों को उनकी चूत चटवाना बहुत अच्छा लगता है.

    मैंने ज़ोर ज़ोर उसे चाटना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर में वो बिल्कुल शांत हो गयी और में समझ गया कि उसकी चूत का पानी निकल गया और मैंने पूरा उसे पी लिया, लेकिन में अभी तक शांत नहीं हुआ तो मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.

    थोड़ी ही देर बाद में भी शांत हो गया और मैंने अपना लंड बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया तो उसने उसे चाट चाटकर साफ कर दिया और फिर हम दोनों वहीं बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गए और सुबह जब हुई तो वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी कि मैंने उसके साथ ऐसा क्यों किया? तो जब मैंने उसे अपनी कंपनी का ऑफर लेटर दिखाया तो उसने रोना बंद कर दिया और वो सब कुछ भूलकर बहुत खुश हो गई और अभी भी वो मेरी ही कंपनी में नौकरी करती है और जब भी हमारी इच्छा होती हम सेक्स करते है, लेकिन अब बिना दारू के. तो दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव.

  • हीरोइन बनने गयी थी चुद के आ गयी

    नमस्कार दोस्तों, आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत करतीं हूँ| मेरा नाम आयुषी है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और आज मैं आपको मेरी एक सच्ची कहानी से अवगत कराने वाली हूँ जिसे आप सभी को जानना चाहिए| चलिये शुरुआत से शुरू करते है|



    मै एक मॉडल बनना चाहती थी और मेरा मोडलिंग में शौक बचपन से ही रहा है| मुझे बचपन से ही अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े पहनने में काफी ज्यादा रूचि रही है|

    मैं जब भी कही से निकलती हूँ लोग मुझे उपर से नीचे तक देखा करते है| कुछ लोग और यहाँ तक की छोटे बच्चे भी मेरा पीछा करते हुए मेरे घर तक चले आते है| मेरी उम्र अभी 21 साल है और मेने एक्टिंग के क्षेत्र में अपनी पढ़ाई को पूरा कर लिया है|

    काफी समय से मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर एक्टिंग के लिए कैसे अप्लाई करूँ? और किससे बात करूँ, तभी मेरा ध्यान मेरे एक दोस्त अजय की तरफ गया, जो की मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत था, और उसकी फिल्म निर्देशक और नायकों से अच्छी खासी पहचान थी|

    कुछ ही दिन बाद मेने अजय से फेसबुक पर बातें करना शुरू कर दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा मिलने जुलने लग गए| मैं उसे फंसा कर कैसे भी कर के उसे अपना ब्वॉयफ़्रेंड बनना चाहती थी, जिससे की मैं उसका इस्तेमाल अपने करियर के लिए कर सकूँ और इसके लिए मैं हर तरह की कीमत चुकाने के लिए भी तैयार थी|

    एक दिन मेने अजय को एक पार्टी में जाने के लिए बुलाया, अजय ठीक 10 बजे पार्टी में पहुँच गया| मैं अजय का पार्टी में पहले से ही इंतजार कर रही थी, और अजय को अपने वश में करने के लिए कुछ भड़काऊ अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े भी पहन कर आई थी|

    रात को करीब 12:30 बजे तक अजय और मेने बहुत मजे किये और साथ में डांस किया और इसी दौरान मेने अजय को शराब के नशे में धुत्त कर दिया था| अब मेने अजय को घर पर चलने के लिए कहा और हम घर के लिए अजय की कार में निकल गए|



    अजय काफी नशे में था, और मेरे जिस्म को देख कर काफी तड़प रहा था| जैसे ही कार एक सुनसान इलाके से गुज़री मेने ड्राइवर को कार रोकने के लिए कहा और ड्राइवर के हाथ में 2 हजार रूपये थमाते हुए उसे कुछ देर कार के बाहर इंतजार करने के लिए कह दिया|

    जैसे ही ड्राइवर कार के बाहर गया, मेने अजय को चूमना शुरू कर दिया और उसकी शर्ट को खोल कर नीचे पटक दिया| अजय ने भी मुझे चुमते हुए मेरे बूब्स के अंदर हाथ डाल दिया और उसे जोर से मसलने लगा|

    कुछ ही देर बाद मेने अजय के लंड को बाहर निकाल और उसे चुसना शुरू कर दिया, अजय आह्ह्ह आयुषी तुम मेरी जान हो, ओह्ह्ह अम्म्म आह करते हुए काफी ज्यादा उत्तेजित हो गया था|

    थोड़ी देर में मेने अपनी स्कर्ट के नीचे से अपनी पेंटी को उतार कर फेंक दिया और अजय के लंड को कंडोम पहनाते हुए कार की सीट पर टाँग उठाकर बैठ गयी|अब अजय ने भी बिना देरी किये मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदना शुरू कर दिया, और मेरी चीख के साथ बाहर कार भी जोर-जोर से हिलना शुरू हो गयी|

    थोड़ी ही देर बाद अजय झड गया और हम दोनों वहां से घर के लिए चले गए| अगले दिन अजय को थोडा सब कुछ याद था, और अब मैं उससे जो चाहती थी वो उससे करवा सकती थी|

    अब अजय और मैं गर्लफ़्रेंड और ब्वॉयफ़्रेंड बन चुके थे, इसलिये अब मेने भी अजय के साथ मिलकर बड़े-बड़े एक्टर्स और निर्देशकों की पार्टी में जाना शुरू कर दिया था|

    एक दिन अजय और मैं एक पार्टी मैं मौजूद थे, उस पार्टी में बहुत सी बड़ी-बड़ी हस्तियां आई हूइ थी| तभी वहां पर मौजूद एक डायरेक्टर की नजर मेरे फिगर पर पड़ी, वो मेरे पास आया और कहने लगा कि “और आप कितनी फ़िल्मे कर चुकी है|”

    अभी तो एक भी नहीं – मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया



    आपके कहने का मतलब है कि आपके जैसी खूबसूरत दिखने वाली बला ने अभी तक किसी भी फिल्म में काम नहीं किया है| चलिए आप हम से कल मिलिए हम आपको काम देंगे – उस डायरेक्टर ने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा

    उस डायरेक्टर मेहरा ने मुझे कल सुबह ठीक 9 बजे अपने सेट पर बुलाया और मैं बिना देरी किये सुबह 9 बजे के पहले ही सेट पर पहुँच गयी थी| मैं जैसे ही सेट पर पहुंची तो एक लड़के ने मुझसे कहा कि डायरेक्टर साहब आपका अंदर इंतज़ार कर रहे है| और मैं उस लड़के के साथ-साथ मेहरा के पास चली गयी थी|

    मेहरा एक फिल्म के लिए मेरा ऑडिशन लेना चाहता था, उसने पहले ही मुझे सीन और डायलॉग के बारे में समझा दिया था| जैसे ही हमने पहला सीन शूट किया जो की एक रोमांटिक सीन था, और मुझे वह सीन ब्लैक कलर की साडी में करना था | मैनें उसमे अपना पूरा 100% दिया था, फिर भी मेहरा को वह सीन पसंद नहीं आया| उसने सीन वापस दोहराने को कहा, मेने अगली बार भी अपना बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन फिर भी मेहरा को पसंद नही आया|

    ऐसे ही हमने काफी बार सीन को शूट किया लेकिन एक भी बार मेहरा को वह सीन अच्छा नही लगा था| मेहरा ने मुझसे कहा कि “ये तुम क्या कर रही हो? अच्छे से एक्टिंग करो|”

    कुछ देर बाद मेहरा ने मुझे एक रूम में बुलाया और मुझसे कहा – आयुषी तुम्हें क्या हो गया है? पार्टी में तो तुम काफी कॉन्फिडेंस में लग रही थी और तुम्हारे अंदर काफी उत्साह नजर आ रहा था, लेकिन यहाँ मुझे वो उत्साह बिलकुल भी नहीं दिखाई दे रहा है| मुझे माफ़ करना लेकिन में तुम्हें इस फिल्म में नहीं ले सकता हूँ|

    प्लीज ऐसा मत कीजिये अगली बार मैं अपना बेहतरीन कर के दिखाउंगी बस मुझे अपनी कला दिखाने का एक मौका दीजिये| तभी मेहरा ने मुझसे पूछा की तुम इस फिल्म में काम करने के लिए किस हद तक जा सकती हो??

    मेहरा के बस इतना कहने पर ही मेने उसे जोर से चूम लिया और उसे चूमती ही चली गयी| मेहरा भी एक दम से काफी ज्यादा जोश में आ गया और वो भी मुझे गले और मेरे बूब्स के उपर चूमना शुरू कर दिया| काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को चुमते रहे और फिर मेने धीरे से रूम का दरवाज़ा बंद कर दिया| मेहरा ने भी अपने असिसटेंट को फोन लगाकर कह दिया की “मैं अब 3 घंटे आराम करूँगा तब तक मुझे कोई भी परेशान ना करे|

    बस फिर कुछ ही देर बाद मेने मेहरा को चुमते हुए उसे एक कुर्सी पर बैठा दिया और उसकी पेंट से उसका लंबा चौड़ा लंड अपने हाथ में लेकर चूमने लगी और कुछ ही देर में मेहरा स्वर्ग की सैर में चला गया| “आह आह दीपिका तुम एक दिन बहुत बड़ी एक्टर बनोगी” मेहरा के मुंह से ऐसा सुनकर मेरा उत्साह और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा था|

    मेहरा ने कुछ ही देर में मेरा ब्लाउज और ब्रा भी उतार दि और मेरे बूब्स को दबाते हुए चुसना शुरू कर दिया अब तक मुझे भी काफी ज्यादा मजा आने लगा था| मैं मेहरा के लंड को अपने बूब्स के बीच में लेकर उसे मसल रही थी, और ये भी देख रही थी कि मेहरा को कितना मजा आ रहा है|

    कुछ ही देर में मेहरा ने मेरे बूब्स पर ही अपना वीर्य छोड़ दिया, और उसके बाद भी मेहरा काफी ज्यादा जोश में नजर आ रहा था| मेहरा अब शायद और इंतजार नहीं कर सकता था उसके सर पर अब हवस सवार हो चुका था|

    मेहरा अब एक-एक कर के मेरे शरीर से सभी कपड़ों को अलग करने लग गया था| वह मुझे बिस्तर की तरफ ले गया और मुझे बिस्तर पर ले जाकर उलटा पटक दिया| अब तक मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, मुझे बस इतना पता था कि बस आज में लपक के चुदने वाली हूँ|

    पहले मेहरा ने मुझे बिस्तर की तरफ उलटा [अटल दिया और फिर बाद में मेरी गांड को पीछे से मसलता हुआ अपनी पेंट को खोलने लगा| थोड़ी ही देर में उसने अपनी पेंट को निकाल कर ज़मीन पर फेंक दिया था| मेने पीछे पलट कर मेहरा का लंड देखा तो मेरी आंखे ही फटी रह गयी थी|



    मेने आज तक इतना बड़ा लंड केवल अश्लील फिल्मों में ही देखा था| मेहरा जैसे ही मुझे चोदने के लिए आगे बड़ा में मेहरा को रोक कर पहले उसके हाथ में कंडोम थमा दिया और कहा पहले इस को पहन लो इससे अच्छा रहेगा, लेकिन मेहरा ने कंडोम हाथ में लेकर उसे जमीन पर फेंक दिया और ऐसे ही अपने लंड को हिलाता हुआ पूरा लंड अंदर तक मेरी चुद में डाल दिया|

    इतना बड़ा लंड अचानक से मेरी चुद में जाने से में थोडा चीख पड़ी लेकिन मेहरा ने लंड अंदर डालते ही मुझे झटके से चोदना शुरू कर दिया था| शुरुआत के समय मैं ज़ोरदार दर्द के साथ चुद रही थी|

    मेहरा ने मुझे पूरी तरह दबोच के रखा था, और मैं जरा भी हिल नहीं सकती थी| मेहरा अपने लंड को जोर-जोर से मेरी चुद में भरे जा रहा था, कुछ देर दर्द होने के बाद मुझे भी इस खेल में मजा आने लगा| “ओह्ह्ह आह्ह्ह बेबी और जोर से चोद” कहते हुए मैं मेहरा के उत्साह को बढाने लग गयी थी|

    मेहरा ने अब मुझे घुमा कर सीधा लेटा दिया था और मेरी टांगों को अपने कंधे पर रखकर फिर से 15 मिनट तक ज़ोरदार चुदाई करने लगा| मेहरा को मैं काफी पसंद आ गयी थी, इसलिये वो मुझे ऐसे चोद रहा था जैसे मैं उसे कभी नहीं मिलने वाली हूँ|

    कुछ देर बाद मेहरा ने अपने लंड को आखिरी झटका देते हुए उसके वीर्य को मेरी चुद के ही अंदर उतार दिया और फिर उठकर खड़ा हो गया था| कुछ देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और इस बार मेहरा ने कहा कि “दीपिका तुम बहुत ज्यादा टेलेंटेड हो तुम ऐसे ही मेरे साथ काम करती रहो बहुत ही आगे तक जाओगी’|

    इतना कहकर उसने मेरे हाथों में एक लाख का चैक थमा दिया, और कहा कि मैं तुम्हें इस वाली फिल्म मैं नहीं ले सकता, लेकिन हम अगली फिल्म मैं एक साथ काम ज़रुर करेंगे और तुम बीच-बीच में मुझसे ऐसे ही मिलने आती रहना|



    उस दिन 3 घंटे में मेहरा ने लगभग मुझे 2 बार चोदा था| और उसके बाद मेहरा ने बहुत से लोगों से मेरे सम्बन्ध बनावाए और कुछ ही दिनों में मुझे फिल्म के ऑफर भी मिलने लग गए थे|

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