Category: दूधवाले के साथ चुदाई

  • दूध वाली गर्लफ्रेंड का दूध पिया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रवीण है और मेरी उम्र 36 साल है. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इस वेबसाईट से बहुत कहानियाँ पड़ी है और उन्हें पढ़कर मेरा भी मन किया कि में भी अपनी एक कहानी लिखूं. मैंने अभी तक सेक्स का बहुत अनुभव किया है और यह कहानी एक सच्ची घटना है और आपको पसंद भी जरुर आएगी. दोस्तों उस दिन में अपने ऑफिस का कम खत्म करके मेरी गर्लफ्रेंड के घर गया, उसके घर पर उसका पति और उनका तीन साल का एक बच्चा था. मेरी गर्लफ्रेंड की शादी को 5 साल हो गये थे और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को मेरे आने की खबर भी नहीं दी थी. फिर मैंने वहाँ पर पहुंचकर घर के दरवाजे की घंटी बजाई तो उसके पति ने दरवाजा खोला और वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई. मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही सुंदर थी और वो दिखने में एकदम मधुबाला जैसी और फिर उसने मुझे दरवाजे पर देखकर अंदर बुलाया.

    फिर मैंने अंदर आकर देखा तो उसका पति कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहा था और मैंने उन्हें जाने के लिए बहुत मना किया, लेकिन वो बोले कि में अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने जा रहा हूँ और रात को थोड़ा देरी से आ जाऊंगा, लेकिन तुम कहीं जाना नहीं, हम आज रात को बैठकर पार्टी करेंगे. फिर वो कुछ देर बाद चला गया और उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लिए खाना गरम किया और मुझे खाना परोसने लगी और मेरे खाना खाते समय उसने मुझसे पूछा कि कैसे आना हुआ?

    फिर मैंने पलट कर जवाब दिया कि बस ऐसे ही और जब में वहां पहुंचा तब मुन्ना सो रहा था. फिर मेरी सफर की थकान के कारण उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम जल्दी से नहा लो और में तब तक घर की साफ सफाई करती हूँ. फिर में नहाने चला गया और तब मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाजा टूटा हुआ था. फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली कि हाँ यह कल ही टूटा है और इसे ठीक करवाना है. फिर में शरमाते हुए नहा रहा था तो तभी मुझे बच्चे के रोने की आवाज़ आई. दोस्तों उसका घर बहुत बड़ा था और वो बच्चा मेरे बाथरूम के सामने वाले बेडरूम में सोया हुआ था. उसने मुन्ने को उठाया और अपनी गोद में लेकर सुलाने लगी, वो ठीक मेरे सामने बैठी थी और वो मुझे नहाते हुए देख रही थी और मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी.

    तभी मैंने उसके चहरे पर हंसी देखी तो वो मुझे देखकर ही हंस रही थी. फिर में नाहकर बाहर आया तो मैंने देखा कि तब तक मुन्ना पलंग पर ही लेटा हुआ था और में मुन्ने के साथ खेल रहा था. उसने मुझे चाय बनाकर दी और फिर वो बाथरूम में कपड़े धोने चली गयी और वो शायद दोपहर में ही नहा चुकी थी मेरे आने से पहले, क्योंकि दरवाजा टूट गया था और अब मुन्ना खेलते खेलते सो गया.

    फिर में उसके कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठा और तब रात के दस बजे थे और वो बाथरूम से बाहर आ गई और फिर मुझसे कहने लगी कि प्रवीण सॉरी हाँ यार तुझे भूख लगी होगी, में जल्दी से खाना बनाती देती हूँ. फिर वो अंदर किचन में चली गयी और खाना बनाते हुये मुझसे बातें कर रही थी और तुम्हारे घर पर सब लोग कैसे है? अब उसके खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खा लिया. फिर हम टी.वी. देख रहे थे और थोड़ी देर बाद मुन्ना एक बार फिर से उठ गया, शायद उसे भूख लगी थी.

    फिर से उसने मुन्ने को खाना खिलाया और में सब बैठे बैठे देख रहा था, उसको पता चला कि में देख रहा हूँ, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी देर के बाद में मुन्ना के साथ खेल रहा था और वापस खेलते खेलते मुन्ना कब सो गया पता नहीं चला और वैसे ही पूरा टाईम कब ख़त्म हो गया पता ही नहीं चला, मेरी गर्लफ्रेंड और में टी.वी देख रहे थे और तब टी.वी. पर एक छोटी सी प्यार की कहानी फिल्म आ रही थी, लेकिन मुझे इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं पता था और फिल्म देखते देखते मेरा लंड कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और तब में केफ्री पहनकर बैठा हुआ था, इसलिए उसने मेरे लंड को देख लिया था और में भी उसके बूब्स को देख रहा था और वो मेरे लंड को देख रही थी. फिर तभी उसने मुझसे पूछा कि प्रवीण क्या तुझे दूध पीना है और वो भी भैसे का या मेरा?

    तब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया और तब जवाब में मैंने उसे तेरा दूध कह दिया, उसने दरवाजा बंद लिया था. फिर में भी सोने चला गया. दोस्तों में एक अलग कमरे में सोया हुआ था, लेकिन उस फिल्म को देखने के बाद मेरे मन में अब कुछ अलग से ख्याल आ रहे थे और फिर मेरा उसको देखने का नज़रिया बिल्कुल बदल सा गया था, थोड़ी देर बाद उसके कमरे से कुछ आवाज़ आने लगी.

    फिर में उठकर कमरे की तरफ चला गया तो कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला था और में छुपकर देख रहा था तो वो अपनी चूत को खुजा रही थी और थोड़ी देर बाद अपनी उंगली उसमें डाल रही थी और चिल्ला रही थी, अह्ह्हहह उह्ह्ह्हह्ह मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया, में भी उसको देखकर मुठ मारने लगा था और उसी हड़बड़ाहट में मेरे हल्के से धक्के से दरवाजा खुल गया तो वो जल्दी से उठ गई और में भी डर की वजह से बाथरूम में चला गया और पेशाब का नाटक करके बाहर आ गया और तब उसने गाऊन पहना हुआ था, शायद अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उसका गाऊन चूत के पास से थोड़ा गीला था और मेरा लंड भी केफ्री की वजह से खड़ा दिख रहा था और मैंने कुछ नहीं देखा और अपने बेडरूम में चला गया, लेकिन शायद उसको पता चल चुका था कि मैंने सब कुछ देख लिया है और वो भी मेरे खड़े लंड की वजह से उस रात में सो नहीं सकी और मेरे मन में अजीब अजीब ख़याल आने लगे थे. सुबह में जल्दी उठा ताकि में उसको नहाते हुआ देख सकूं. में छुपकर उसे देख रहा था, उसने अपने गाऊन को उतार दिया और उसने पेंटी नहीं पहनी थी और अब धीरे से ब्रा को खोल दिया तो वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके नहा रही थी, क्या सुंदर फिगर था? में देख रहा था कि अब वो कब मेरी तरफ पलटे और मुझे उसकी चूत और पूरे खुले बूब्स देखने को मिले? रात को में थोड़ा अंधेरा होने की वजह से ठीक से नहीं देख पाया था.

    तभी वो वापस मेरी तरफ घूम गई और में भी जल्दी से पीछे मुड़ा. दोस्तों मेरे रूम के पास ही बाथरूम था और बाथरूम के सामने उसका कमरा था और शायद उसको मेरी आहट लग चुकी थी तो इसलिए वो जानबूझ कर मेरे रूम में आ गई और मेरी तरफ देखने लगी और मेरे पास आकर मेरे सर पर बालों को सहलाती रही और अब मेरा लंड पूरी तरह से वापस खड़ा हो गया, अब मुझे उसके स्पर्श से कुछ अलग सा महसूस होने लगा और साथ ही साथ डर भी लगा, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था.

    मैंने सोने का नाटक किया तो फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गई. में उठकर जब नहाने चला गया तो वो मुझे कुछ अलग नज़र से देख रही थी, नहाने के बाद में टी.वी. देखने लगा, उसने चाय बनाई और मुझे दी. तभी मैंने उसे उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो तो दो दिन घर नहीं आने वाले है और उसने मुझे मुन्ने के साथ थोड़ी देर खेलने को कहा और मुस्कुराकर बाथरूम में कपड़े धोने चली गई और कपड़े धोने के बाद वो खाना बनाने लगी, तब में उठ गया था और उसने मुझे नाश्ता भी नहीं दिया था, मुझे अब बहुत भूख लगी थी और मैंने उससे कहा भी था तो इसलिए वो जल्दी खाना बनाने लगी और मुन्ने से खेलने के लिये उसने अब मुन्ने को किचन में नीचे अपने पास बैठा दिया और में मुन्ने के पास था, वो बहुत खुले दिल की थी यानी मॉडर्न जमाने की है और वो एम.बी.ए. कर चुकी थी. वो मुझसे बातें करने लगी, लेकिन वो कुछ अलग ही बातें थी, क्योंकि कल रात का परिणाम हम महसूस कर रहे थे. फिर उसने पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? मैंने कहा कि नहीं है और वो मुझे देखकर हंस पड़ी. फिर उसने पूछा कि तूने कभी किसी लड़की को किस किया है? फिर मैंने कहा कि नहीं अभी तक मुझे मौका नहीं मिला और में भी खुले मन से जवाब देने लगा और वो वापस मुस्कुराई. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम कल धीरे धीरे चिल्ला क्यों रही थी? वो बिल्कुल नहीं चौकी, क्योंकि उसने मुझे देख लिया था. फिर वो मेरी तरफ देखकर बोली कि तुम पहले मुझसे वादा करो कि तुम यह बात किसी को नहीं बताओगे, मेरे पति को भी नहीं? तो मैंने झट से हाँ कह दिया. फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी कुछ ज़रूरते ऐसी है कि वो पूरी नहीं हो रही थी. फिर मैंने पूछा कि कौन जरूरते? फिर वो बोली कि प्रवीण तुम वो सब समझते हो तो वो वापस मेरे पास आई और मुस्कुराई और मेरे सर के बालों को हिलाते हुए बोली कि तुम बहुत शरारती हो.

    दोस्तों अभी भी उसको खाना बनाने के लिए बहुत देर होने वाली थी तो वो मुझे देखती जाती और काम करती, शायद उसने मन में ठान लिया था कि वो मुझसे चुदवाकर ही रहेगी और में भी अब वही मौका ढूँढ रहा था. मैंने बहुत सारी सेक्स कहानियाँ पढ़ी थी और बहुत बार सेक्स भी किया था. फिर अचानक उसने पूछा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? में थोड़ा शरमाया. फिर उसने मुझसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया नहीं होगा इसलिए तुम क्या जानो इसकी प्यास को और मेरे पति हमेशा दारू पीने के लिए बाहर जाते है और फिर वो थोड़ी उदास हो गयी? और मेरे बहुत करीब बैठी रही. फिर उसने एक बूब्स को वापस आधा बाहर निकालकर मेरे मुहं में डाला तो में उसके मस्त मस्त निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और इन सब कामों से मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

    फिर उसकी नज़र उस पर पड़ी और वो मुझे पटाने लगी और बोली कि प्रवीण सेक्स में कोई रिश्ता नहीं होता है. एक लंड और चूत के बीच में कोई रिश्ते नहीं होते भाई, बहन, माँ और अब वो धीरे धीरे मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी, मेरा उधर ध्यान ही नहीं था और उस समय मैंने जीन्स पहनी हुई थी. फिर वो कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और मेरा पूरा ध्यान बूब्स पर था. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम हमेशा इस बूब्स से मुझे दूध पिलाओगी क्या? और वो मुस्कुराकर बोली कि में बारी बारी से बूब्स को बदल देती हूँ.

    फिर उसने मेरे लंड पर धीरे से मारा और कहा कि सचमुच तुम बड़े ही बदमाश हो. फिर उसने मुझे बोला कि चलो आओ इधर का थोड़ा दूध तुम पी लो तुम्हारी भी भूख दूर हो जाएगी और में जल्दी से उसके पास गया तो उसने अपने ब्लाउज के तीन बटन खोले और पहले बूब्स को अंदर कर दूसरे बूब्स को बाहर निकाला और मेरे सर को पकड़कर मेरे मुहं में अपने निप्पल को डाल दिया, में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसका दूध पीने लगा, उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा तो वो बोली कि थोड़ा धीरे धीरे पीना में कहाँ भागी नहीं जा रही हूँ?

    दो तीन मिनट बूब्स पीने के बाद वो बोली कि थोड़ा बाद में पीने के लिए रखती हूँ और इसे वापस पिला दूँगी. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हो गया तो वो बोली कि प्रवीण नाराज़ मत होना, मेरी प्यास बुझाते बुझाते में यह दूध तुम्हें पीने के लिए दूँगी और फिर में खुश हो गया और मेरी मुस्कुराहट को देखकर वो भी अब खुश हो गई, उसने मुझे बुलाया और तब उसने गाऊन ही पहना हुआ था और उसने गाऊन पर बूब्स के वहां पर एक चैन लगाई हुई थी ताकि वो बच्चे को दूध पिला सके. फिर उसने मुझे पास सोने को कहा और अपने एक बूब्स का निप्पल मेरे मुहं में डाल दिया और में वापस चूसने लगा. मुझे अभी तक पूरे के पूरे बूब्स नहीं दिखाए दे रहे थे और में उसका बहुत सारा दूध पी चुका था.

    फिर उसने मुझे पूछा कि कैसा लग रहा है मेरा दूध? फिर मैंने कहा कि में दूध को पीने के लिए मना करता वो भैस और गाय का, लेकिन जब मैंने यह दूध पिया तो मुझे दूध पीने में मज़ा आने लगा है, क्या मस्त स्वाद है इस दूध का? वो मुस्कुराकर बोली और चाहिए क्या? फिर मैंने कहा कि हाँ फिर वो दूसरे बूब्स को बाहर निकालने वाली थी, तब मैंने कहा कि जानू मुझे तुम्हारे पूरे बूब्स को देखना है. फिर वो मुझे बोली कि ठीक है प्रवीण तुम बहुत ही बदमाश हो. फिर उसने अपना गाऊन निकाला और तब उसने पेंटी के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था, उसने मुझे भी अपने कपड़े निकालने के लिए कहा. फिर उसने ही मेरी पेंट निकाली और टी-शर्ट भी, अब में भी सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसके बूब्स तो बिल्कुल मलिका के जैसे थे, उसकी निप्पल क्या मस्त दिख रही थी और वो ऊपर से नीचे पूरी गोरी बहुत सुंदर थी बिल्कुल मधुबाला जैसी, उसको देखकर हर एक का मन चोदने को करेगा.

    फिर उसने कहा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? क्या तुम्हे में पसंद नहीं आई? फिर मैंने उससे कहा कि तुम तो मधुबाला जैसे दिखती हो तो वो मुस्कुराई और मुझसे दूध पीने को कहा. में अब बहुत गरम हो चुका था और मेरा लंड 7.5 इंच का था, वो अब 9.5 इंच का हो गया था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसना शुरू किया और उस समय उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी, उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और फिर में जल्दी ही झड़ गया और मैंने मेरा वीर्य उसके हाथ पर डाल दिया और वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली कि प्रवीण आज से तुम मेरे पास ही सोना, जब तक मेरे पति नहीं आ आते.

    फिर में उससे लिपट गया और किस करने लगा. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को देखकर बोली कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है गधे के लंड के बराबर ही है. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हुआ और फिर वो बोली कि उदास होने की ज़रूरत नहीं है. फिर उसने मेरा लंड उपने हाथों में ले लिया और नीचे अपने घुटनो पर बैठ गई और मुझे बेड पर बैठा दिया. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड का स्वाद बहुत ही मीठा है और में मुस्कुराने लगा.

    फिर एक मिनट बाद वो ज़ोर ज़ोर चूसने लगी तो मैंने कहा कि मुझे बहुत दर्द होता है थोड़ा धीरे धीरे करो. फिर वो बोली कि प्रवीण कुछ सीखने के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है और फिर करीब चार पांच मिनट चूसने के बाद में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया. फिर मैंने उससे सॉरी कहा तो उसने कहा कि उसमें सॉरी कहने की ज़रूरत नहीं है और यह रस पीने के लिए तो में कब से राह देख रही थी, लेकिन मेरे पति तो कमजोर शरीर के कारण मुश्किल से एक दो बार में ही झड़ जाते थे तो मुझे रस पीने को नहीं मिलता था, इसलिए में कल अपनी चूत में अपने उंगली डालकर खुद को चोद रही थी और उंगली चाट रही थी और आज तुमने रस पिलाकर मेरी एक इच्छा पूरी की है.

    फिर उसने अपना गाऊन बाहर निकाला और वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी, क्या मस्त फिगर था उसका, मस्त गोरी गोरी जांघे थी और चूत के ऊपर उसने मस्त डिज़ाईन में बाल साफ किए थे और उसकी बहुत मस्त चूत थी. फिर उसने कहा कि प्रवीण अब तुम मेरी चूत को चाटना और मेरी दूसरी इच्छा को पूरा करना और उसने मेरे सर को अपनी चूत से लगाया. मैंने अब उसकी चूत को चूसना, चाटना शुरू किया और वो ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह आईईईई. फिर में डर गया और पीछे हट गया, तभी उसने कहा कि डरो मत प्रवीण मुझे मज़ा आ रहा है.

    फिर में और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसकी चूत की गरमी और खुशबू मुझे और जोश में लाने लगी. मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह्ह डार्लिंग तुम बहुत मस्त चूसते हो, हाँ और ज़ोर से मेरे पति को यह पसंद ही नहीं था, लेकिन तूने मुझे बहुत खुश कर दिया है और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्रवीण तुम बहुत अच्छे हो. फिर कुछ देर चूसने के बाद उसकी चूत भी झड़ चुकी थी और में उसकी चूत का पानी पी गया और चाट चाटकर मैंने पूरी चूत को साफ कर दिया और थोड़ी देर फिर हम दोनों चूमने लगे, उसके होंठ बहुत रसीले थे. फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत के पास लिया और अब उसे अपनी चूत में डालने को कहा. फिर में धीरे धीरे मेरे लंड को उसकी चूत में डालने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, लेकिन अभी तक मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था.

    फिर उसने कहा कि प्रवीण और ज़ोर लगाओ और चोद डालो अपनी इस गर्लफ्रेंड को और मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया और अब मेरा लंड चूत के अंदर आधा चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी, उसकी चूत से थोड़ा सा खून भी निकलने लगा. फिर मैंने डर के मारे लंड को बाहर निकाला. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? खून को देखकर वो बोली कि बहुत दिनों के बाद चुदने के बाद ऐसा ही होता है, प्रवीण तुम मत डरो, में हूँ डार्लिंग, प्लीज़ चोदो मुझे और अब मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू किया, दो तीन मिनट बाद मेरा पूरा लंड अंदर चला गया.

    दोस्तों उसकी चूत मुझे अच्छी लगने लगी, एक घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और वो मुझसे बहुत खुश हो गई और मुझे चूमने लगी, में थक चुका था, क्योंकि यह मेरा लंबे टाईम चलने वाला सेक्स था. तब उसने मुझसे कहा कि क्यों प्रवीण इतने में ही खुश हो गया? और चोदो अपनी डार्लिंग को मेरे पति जैसा कमजोर मत बनो. फिर उसके कुछ देर बाद में एक बार फिर में जोश में आ गया और उसको चोदने लगा, इस बार मेरी स्पीड बहुत ज्यादा थी और मैंने ज्यादा समय तक चोदा लगभग एक घंटे तक. मेरी डार्लिंग मुझसे बहुत खुश हो गई और इस बार वो जल्दी झड़ गई थी और थोड़ी देर बाद में भी. मैंने मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और जिससे उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और थोड़ा वीर्य बाहर भी आ चुका था.

    मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसे पूरी तरह से साफ कर दिया. फिर उसने मेरी तरफ पीठ करके अब अपनी गांड में लंड को घुसाने को कहा. सबसे पहले मैंने उसकी गांड अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. फिर अपनी उँगलियों को डालने लगा, उसकी गांड बहुत टाईट थी, शायद उसके पति ने उसकी गांड कभी नहीं मारी थी और इस बार वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्रवीण मेरी गांड की प्यास बुझा डाल, तीन चार मिनट उंगलियों को अंदर बाहर करने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया और एक ज़ोर से धक्का दिया और मेरा आधा लंड अंदर चला गया, मेरी रानी बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी और फिर मैंने दूसरे धक्के में ही मेरे लंड को बहुत अंदर डाला तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.

    फिर में धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, आधे घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और इस तरह मैंने उसकी उस रात में तीन बार गांड मारी और पांच बार चुदाई की. अब में बहुत थक गया था तो में हिल भी नहीं पा रहा था, मेरा पूरा बदन कांप रहा था और में अपने कमरे में जा नहीं सकता था, इसलिए उसने खुद मेरे कमरे में ले जाकर अपना दूध मुझे पिलाकर सुलाने लगी और हम दोनों उधर ही सो गए, हम दोनों नंगे ही सो रहे थे. फिर उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो, तुम बहुत अच्छे हो और तुमने आज मेरी सभी इच्छा पूरी की है.

    दोस्तों में बहुत थक चुका था तो उसने मुझसे अपने बूब्स को थोड़ी देर चूसने को कहा और वापस में उसका दूध पीने लगा, वो मुस्कुराई और बोली कि अब हम हर रोज ऐसे करते रहेंगे और अब में उसको हर रोज चोदने लगा था, लेकिन में उसकी वो बात कभी नहीं भूला जो उसने मुझसे कही थी कि सेक्स सिर्फ़ चूत और लंड का रिश्ता होता है उसमें कोई रिश्ते नहीं होते है. फिर एक दो महीने बाद ही वो मेरे घर पर आ गई थी, तब वो मुझे खींचकर एक अलग कमरे में लेकर गई जहाँ पर कोई भी नहीं था और मेरे होंठो को और गालों को चूमा. फिर मेरे कान में बोली कि तुम हमारे बच्चे के बाप बनने वाले हो. फिर वो बोली कि प्रवीण डरो मत यह बात में किसी से नहीं कहूँगी, क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ प्रवीण. दोस्तों तब में 23 साल में ही बाप बन चुका था. फिर मैंने उसको चूम लिया और बोला कि तुम मेरी सबसे अच्छी गर्लफ्रेंड हो और फिर हम दोनों मुस्कुराते रहें.

  • दूध वाले को देखकर ईमान डोल गया

    hindi sex story, antarvasna दोस्तों, कैसे हैं आप लोग? चलिए पहले मैं अपने बारे में बता देती हूँ। मेरा नाम शालिनी है और मैं पुणे की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है और मैं बचपन से ही पुणे में रही हूं लेकिन मेरी शादी नागपुर में हुई है। मेरी शादी को एक वर्ष चुका है और मेरे पति अमित सरकारी विभाग में नौकरी करते है। मैं अमित के साथ ही रहती हूं, अमित की पोस्टिंग अभी नागपुर में ही  थी इसलिए हम लोग नागपुर में ही रहते थे।

    हम लोगों के साथ अमित के माता-पिता और उसकी बहन भी रहते थे लेकिन जब उनकी पोस्टिंग मुरादाबाद हो गई तो अमित बहुत ज्यादा दुखी हो गए और कहने लगे कि अब हमें इतनी ज्यादा दूर जाना पड़ेगा, अमित ने अपने माता पिता से कहा कि क्या मैं शालिनी को भी अपने साथ लेकर जा सकता हूं, अमित के माता पिता ने उसे कहा की तुम शालिनी को अपने साथ ही ले जाओ क्योंकि तुम इतनी दूर जा रहे हो और तुम्हें भी खाना बनाने में तकलीफ होगी, शालिनी अगर तुम्हारे साथ रहेगी तो तुम्हें भी अच्छा लगेगा, इसी के चलते मेरे पति मुझे अपने साथ ले गए।

    हम लोग जब मुरादाबाद गए तो शुरुआत में हमें काफी तकलीफ हुई क्योंकि हम लोगों को मुरादाबाद के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और अमित भी पहली बार ही मुरादाबाद आए थे। हम लोग किसी को भी नहीं पहचानते थे, कुछ दिनों बाद आमित ने भी अपना ऑफिस जॉइन कर लिया और अब वह अपने ऑफिस जाने लगे थे। मैंने घर का सारा सामान धीरे धीरे रखवा दिया था और मैं घर पर ही रहती थी, मैं अकेले अकेले घर पर बहुत बोर हो जाती थी इसलिए मैं सोचने लगी की क्यों ना मैं कुछ कर लूं इसलिए मैंने अमित से इस बारे में जिक्र किया तो वह कहने लगे कि ठीक है यदि तुम कुछ करना चाहती हो तो तुम मुझे बता देना।

    मैंने अमित से कहा कि मैं अपना कोई छोटा सा काम करना चाहती हूं या फिर मैं ट्यूशन पढ़ाना चाहती हूं,  जिससे मेरा थोड़ा बहुत वक्त गुजर जाया करेंगा। अमित ने कहा ठीक है तुम मुझे बता देना तुम्हें जो भी उचित लगता है, अमित मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं, यह बात मुझे अच्छे से पता है इसीलिए मैं भी अमित की हर एक चीज का ख्याल रखती हूं और उन्हें कभी भी मैंने कोई भी परेशानी नहीं होने दी,  अमित भी मुझे बहुत समझते हैं और मेरी रिस्पेक्ट भी करते हैं।

    हम दोनों की मुलाकात हमारे किसी रिश्तेदार के जरिये हुई थी और उन्होंने ही हम दोनों को मिलाया था। मैं जब अमित से पहली बार मिली तो मैं अमित की बातों से बहुत प्रभावित हुई थी लेकिन मुझे नहीं पता था कि उसके घर वाले भी मेरे लिए रिश्ता भेजवा देंगे क्योंकि हमारे कोई रिलेटिव उनके पहचान के थे और उन्होंने हमारे घर पर रिश्ता भेज दिया। जब मैंने देखा कि यह तो अमित की फोटो है, उसके बाद मैंने अमित को फोन किया था और उसे कहा कि क्या तुम्हारे घर वाले तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं, वह कहने लगा कि हां मेरे घर वाले मेरे लिए लड़की देख रहे हैं।

    मैंने जब उसे बताया कि तुम्हारे पिताजी ने मुझे फोटो दिखाई है और मैंने जब वह फोटो देखी तो मुझे तुम्हें फोन करने की सूची और मैंने तुम्हें फोन कर दिया। अमित कहने लगा यह तो तुमने बहुत अच्छा किया कि मुझे फोन कर के बता दिया। जब अमित ने अपने घर पर बात की तो वो कहने लगा कि लड़की ने हां कहदी है,  आप लोग शादी की तैयारी कीजिए। उसके बाद हम दोनों की शादी हो गई, हम दोनों के विचार भी काफी मिलते जुलते हैं, हम दोनों की पसंद भी एक जैसी ही है इसलिए हम दोनों के बीच कभी भी झगड़ा ही नहीं हुआ और ना ही अमित मुझसे कभी भी झगड़ा करते हैं।

    एक बार मैं घर पर ही थी, उस दिन मैं घर का काम कर रही थी और उस दिन मेरा हाथ चाकू से कट गया, मैंने अमित को यह बात नहीं बताई, शाम को वह घर पर आए तो उन्होंने मेरा हाथ देखा तो मेरा हाथ चाकू से कटा हुआ था।  वह बहुत ही चिंतित हो गए और कहने लगे कि क्या तुमने डॉक्टर को दिखाया, मैंने कहा कि नहीं मैंने डॉक्टर को नहीं दिखाया। वह कहने लगे कि छोटी मोटी लापरवाही मत किया करो, तुम अपना ध्यान दिया करो। जब उन्होंने मेरा देखा तो वह कहने लगे की तुम्हारा हाथ तो काफी कट चुका है। मैं और अमित बैठे हुए थे हम बात करने लगे, अमित कहने लगा कि तुम कुछ दिनों तक खाना मत बनाना मैं कुछ दिनों के लिए टिफिन लगवा लेता हूं क्योंकि तुम्हें बहुत दिक्कत होगी। मैंने अमित से कहा कि नहीं मैं घर का काम कर लूंगी,  तुम उसकी चिंता मत करो लेकिन वह मुझे कहने लगे कि नहीं तुम कुछ दिनों तक घर का काम मत करो।

    मैं अब घर का काम नहीं कर रही थी, अमित कहने लगे कि तुम भोजपुरी रखवा लेना क्योंकि काफी समय से मैंने भी दूध नहीं पिया है और रात को मेरी आदत टूटने लगी है क्योंकि मुझे यह बात अच्छे से पता है कि मेरे पति को रात को दूध पीना बहुत अच्छा लगता है और उन्हें रात के वक्त हमेशा ही एक गिलास दूध चाहिए होता है इसीलिए मैंने पड़ोस में यही हमारे एक महिला रहती हैं।

    उनसे मैंने पूछा कि क्या यहां पर कोई अच्छा दूध देता है मुझे कहने लगे कि हमारे घर पर एक दूधवाला आता है यदि तुम कहो तो मैं उससे बात कर लेती हूं, वह तुम्हें भी दूध ले जाया करेगा मैंने कहा ठीक है आप एक बार मुझे उस से मिलवा दीजिएगा या जो वह आए तो आप उसे हमारा घर बता देना मैं उससे बात कर लूंगी। अगले दिन वह सुबह सुबह हमारे घर पर आ गया हम लोग उस वक्त को ही रखे थे और वह बहुत जल्दी आ गया क्योंकि वह सुबह के वक्त ही आ जाता था जब वहां आए तो हम इतना से बात की और उसे रेट पूछ लिया, वह कहने लगा कि मैं कल से आपको एक लीटर दूध दे दिया करूंगा, मैंने कहा ठीक है तुम कल से दूध ले जाया करना।

    अगले दिन से दूध लेकर आने का भाव कुछ दिनों तक हम इतने भी टिफिन का आर्डर दिया क्योंकि मेरे हाथ में बहुत गहरा जख्म हो गया था और मैं शाम के वक्त हम इसको हमेशा ही एक गिलास दूध दे दिया करते जिससे कि उन्हें भी अब अच्छा लगने लगा क्योंकि वह भी काम में काफी व्यस्त रहते हैं इस वजह से उन्हें बहुत ज्यादा थकान हो जाती थे। अब हम लोग की दिनचर्या से चल रही थी और मैं खाली समय में अपने घर पर फोन कर दिया करते अमित भी जब मेरे साथ होते तो हम दोनों काफी अच्छा टाइम एक साथ बिताते हैं।

    एक दिन में मुझे कहने लगे हम लोग कहीं घूमने चलते हैं, मैंने कहा ठीक है आज हम लोग कहीं घूमने चलते हैं। उस दिन हम दोनों सुबह जल्दी घर से निकल गए और हम लोगों ने साथ में उसे मूवी देखी और जब हम लोग घर लौटे हो हम दोनों ही बहुत थक चुके थे, टिफिन वाले ने भी हमारे घर के दरवाजे पर टिफिन रखती है और वह चले गया था, हम लोगों ने भाव खाना खाया और उस दिन हम दोनों बहुत ही थक चुके थे और हम सो गए अंग्रेजी ना मुझको सुबह जल्दी जाना था इसलिए वहां जल्दी निकल गए मैं घर पर ही थी और मैं भी उसे जल्दी उठ गई तो घर का काम करने लगे। मैं घर का काम कर रही थी और उसी वक्त दूधवाला भी आ गया।

    जब उसने घर की डोर बेल को बजाया तो मैंने दरवाजा खोल दिया। जब मैंने दरवाजा खोला तो उस दिन कोई और ही लड़का आया हुआ था। मैंने उससे पूछा कि तुम नए आए हो क्या ? वह कहने लगा नहीं वह मेरे बड़े भैया हैं वह आज नहीं आए हैं क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है इसी वजह से मैं आज लेट आया हूं। उस लड़के की लंबाई और कद काठी देखकर मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगी। सुबह सुबह ही मेरा मूड खराब हो गया मैंने जब उससे दूध लिया तो मैंने उसके हाथ पर अपने हाथ को टच कर लिया। उसे भी नहीं रहा गया वह घर के अंदर ही आ गया उसने दरवाजे को बंद कर लिया।

    जब उसने दरवाजा बंद किया तो मैं उसे अपने साथ अपने बेडरूम में ले गई। मैंने उसकी पैंट को खोलता हुए उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया और काफी देर तक मैंने उसके लंड को चूसा जिससे कि उसका पानी भी बाहर आने लगा था। वह कहने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आप जिस प्रकार से मेरे लंड को सकिंग कर रही है। मैंने काफी देर तक उसके लंड को चूसा जिससे वह पूरी उत्तेजना में आ गया था। उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे कपड़े खोल दिए। उसने जब मेरी योनि के अंदर उंगली डाली तो मैं मचलने लगी और मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा।

    उस लड़के ने अपने मोटे और कड़क लंड को मेरी चूत मे डाला तो मैं मजे मे आ गई। उसने मुझे तेज झटके मारे जिससे कि मेरा पूरा शरीर दर्द होने लगा और मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकालने लगी। मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगी थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैं उसके साथ सेक्स कर रही थी। जब उसका माल गिर गया तो उसने मुझे घोड़ी बना दिया। घोड़ी बनाकर उसने मुझे इतनी देर तक चोदा मेरा पूरा पानी बाहर आने लगा। मुझे बड मजा आने लगा मेरी चूत मे दर्द होने लगा था और मुझे भी एक अलग ही प्रकार की अनुभूति होती।

    उसने मुझे चोदना जारी रखा और बड़ी तेज गति से मुझे धक्के मारता रहा मैंने उसे कहा कि तुम मुझे बड़े अच्छे से चोद रहे हो मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम जिस प्रकार से मुझे झटके मार रहे हो। जब उसका माल मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने उसे कहा कि जब भी तुम सुबह आओगे तो मुझे चोद दिया करना।

    वह कहने लगा अब से मैं ही आपको दूध देने के लिए आऊंगा मुझे भी आपके साथ सेक्स कर के बहुत मजा आया जिस प्रकार से आपने मेरा साथ दिया मुझे बहुत अच्छा लगा। जब भी वह सुबह आता है तो मैं हमेशा ही उसका इंतजार करती हूं और उस से अपनी चूत मरवाती हू। सुबह में दूध वाले से चुदती हू और शाम को मेरे पति दूध पीकर मुझे चोदते हैं।