Category: परीवार में चुदाई

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  • मनाली में वाईफ का यादगार थ्रीसम

    हेल्लो दोस्तो मेरा नाम राज है में देहरादून में रहता हूं ये मेरी पहली कहानी है । मुझे आशा है कि आपको मेरी ये रियल स्टोरी अच्छी लगेगी । मेरी उम्र 38 है और मेरी वाइफ की उम्र 31 है उसका नाम रिया है। शादी से पहले मेरी दो गर्ल फ्रेंड थी। जो कि पहली गर्लफ्रैंड  7 साल तक रही और दूसरी 12 साल तक पर किसी से भी शादी नही हो पाई पर उन दोनों की चुदाई बहुत की मेने। 19 साल तक मे बहुत चुदाई कर चुका था। पर दूसरी वाली गर्लफ्रेंड मेरी ऐसी गांड फाड् कर गई कि मुझे बिल्कुल बर्बाद कर गई पैसे से भी मन से भी ओर फिजिकल भी में उससे बहुत प्यार करता था पर वो बहुत बड़ा धोखा दे कर गई । हर स्टोरी में सिर्फ सेक्स होता है पर मेरे भइयों आज में सबको सिर्फ एक ही बात कहूंगा।

    आदमी की किस्मत ओर औरत का चरित्र कभी भी बदल सकता है। इसलिए चुत को कभी दिमाग मे मत घुसने देना ये लोडे के लिए बनी है। इसलिए इसे बस लंड तक रखना। एक बात और कहना चाहूंगा कि लड़कियों की हमेसा इज्जत जरूर करना। हमेसा उसूल ये होना चाहिए की लो उसी से जो दे खुशी से । 

    आपको किस चीज़ से खुसी मिलती है। ये आप तय करेंगे इसका हक सिर्फ आपको है सही और गलत की क्या परिभाषा जो आपके मन को सही लगे वही सही है। लाइफ आपको एक बार मिली है आपको जो करना है इसी लाइफ में करना है फिर क्या सोचना बस आपको ये ध्यान रखना होता है कि आप मज़ा ले पर ध्यान रखे कि इस तरह से ले कि काम होने के बाद आप फ्री रहे बाहर जाए और लाइफ का मज़ा ले।

    अब में अपनी कहानी पर आता हूं में बहुत ही सेक्सी प्रवर्ति का हु मेरे पहले चोद खत्म होने के बाद मेरे मम्मी पापा ने मेरे से शादी के लिए पूछा मेने कह दिया कि आप जो भी कहोगे मुजे मंजूर है क्योंकि गांड  फट चुकी थी । जब मन की करने के बाद आदमी की गांड फट जाती है । तो लास्ट में मा बाप ही याद आते है। खैर मेरे लिए लड़की ढूंढने के काम शुरू हुआ। 

    भगवान जोड़ी भी सोच कर बनाता है आखिर मेरे लिए भी लड़की मिल गई। देहरादून से कुछ दूर ही मेरा रिस्ता हुआ लड़की मेरे से सात साल छोटी थी। सुंदर थी हल्की सी सावली थी। लंबाई 5″2 पर बॉडी बहुत मस्त थी फिगर 36 32 38बूब्स उठे हुए और गांड भी गोल एक दम मस्त।

    16 दिसम्बर 2015 में हमारी शादी हुई । सुहागरात पर हमने खूब चुदाई की पर वो शादी से पहले दो चार बार चुदी हुई थी पर चुत टाइट थी। शादी के दो तीन साल तो सेक्स में खूब मजा किया फिर वो मज़ा नही आता था। में लगातार अन्तर्वासना पर कहानियां पड़ता रहता था वही मेने वाइफ थ्रीसम की स्टोरी पढ़ी मेरे दिमाग मे रिया को चुदते देखने का मन करने लगा मेने प्लान बनाने सुरु कर दिए रिया की चुदाई करते समय मेने उसकी चुत में दो उंगली डाल दी और उसकी गांड में लोडा डालना सुरु कर दिया । फिर मेने एक दिन उसको बोल दिया।

    में -रिया यार अब चुदाई में इतना मज़ा नही आ रहा है ना।

    रिया-आप ऐसे क्यों बोल रहे हो कुछ कमी है क्या मुझमे ।

    मेने कहा नही यार वो बात नही है बस कुछ नयापन नही है अब तो वो बोली कि फिर क्या करना है। मेने कहा कही घूमने चलते है और वही मज़े करेंगे उसने कहा ठीक है। ऐसे ही कुछ दिन निकल गए फिर दिसम्बर में मैने मनाली जाने का प्रोग्राम बनाया। 12 दिसंबर को हम निकल गए मनाली के लिए मनाली पहुच कर हमने पूरा दिन आराम किया। शाम के समय हम घुमने के लिए  निकल गए।

    मनाली बाज़ार घूम रहे थे पर मेरे दिमाग में बस वही रिया की चुदाई करवाने का ख्याल चल रहा था । तभी एक लड़का हमारे पास आया।

    वो शिमला का रहने वाला था उसका नाम रवि था और मनाली में रोहतांग पास के लिए गाड़ी चलता था 5″7 इंच का गोरा फिट लड़का था । उसने हमसे कहा सर आप रोहतांग जाओगे क्या। फिर हमारी बात होनी सुरु हुई मेने उससे पैसे के पूछा वो मेरी वाइफ की और देख कर बोला 7000 रुपये देदेना कुछ देर बात करने के बाद वो सही रूपए में मान गया। 

    अगले दिन सुबह के टाइम वो गाड़ी लेकर हमारे होटल आ गया जो आल्टो थी। फिर हम तीनो गाड़ी में बैठ कर चल दिए । कुछ ही दूर जाने के बाद हम आपस मे बात करने लगे रवि भी अब हमसे बाते कर रहा था की हम कहा के रहने वाले है । 

    मेरी वाइफ भी उससे पूछ रही थी कि यहां ओर कोन सी जगह है घूमने के लिए रवि भी बात करता रहा। वो शादीशुदा था उसकी एक लड़की थी। अच्छा इंसान था। हम काफी घुलमिल गये मेने गौर किया रवि मेरी वाइफ रिया में काफी इंटरेस्ट ले रहा था और रिया भी अच्छे से बात कर रही थी । में समझ गया था कि मेरी इच्छा यहां पूरी हो सकती है। इसलिए में बार बार समान की शॉप पर रुक कर समान देखने लगता था ताकि उन दोनों को बात करने का मौका मिले। ओरत हो या आदमी अगर मोका मिले तो सब मज़ा लेने की सोचते है । शायद रिया के मन में भी यही बात आई में भी यही चाहता था की जो भी हो खुल कर हो । क्युकी चोरी करके रिश्ते में फुट पड़ सकती है । इसलिए मेने दोनों को छुट दी ताकि इस काम में खुल कर मजा आये आखिर हम रोहतांग पहुच गए बहुत बर्फ थी हमने रास्ते से कपडे ले लिए थे जो वहा मिलते है। में कुछ दूर बर्फ में चला मुझे ठण्ड लगने लगी में वही कोफ़ी पिने के लिए जो गाड़ी खड़ी  रहती है वहा चला गया । मेने रिया से कहा तुम दोनों बर्फ में घूम लो तो रवि ने रिया से का भाभी जी ऊपर की तरफ काफी अच्छी बर्फ है आप वहा चलिए रिया मेरी और देखने लगी ।

    में रिया के पास गया और उसके कान में बोल दिया देखो रिया हम यहाँ मज़ा लेने आये है । तुम दिल खोल कर मज़े लो यहाँ कोई नहीं है जो हमे जनता हो । ये बात सुन कर रिया की आखो में चमक सी आ गई । और वो रवि के साथ ऊपर बर्फ के पहाड़ो पर चड़ने लगी।

    अब वो फ्री माइंड हो कर रवि से बाते करते हुए ऊपर चढ़ रही थी। पुरे एक घंटे तक दोनों बर्फ मस्ती करते रहे। और बाते करते हुए निचे आ गए रिया ने बहुत सारी पिक क्लिक करवाई थी रवि से और अब रिया ठण्ड से ठिठुर रही थी। बर्फ के पानी से उसके कपडे भीग चुके थे । हम वापस गाड़ी में आ कर बैठ गए। रवि ने हीटर चला दिया । कुछ देर में गाड़ी गरम हो गई तो रिया ने वो कपडे उतर दिए जो वहा से लिए थे । अब वो टी-शर्ट और जींस में थी वो आगे रवि के पास फ्रंट शीट पर बैठी थी। रवि गाड़ी चला रहा था। फिर वो शॉप आ गई जहा से हमने कपडे लिए थे । 

    रवि ने मुझसे कहा आप कपडे वापस कर दीजिये मेने कहा ठीक है । में कपडे वापस करने के लिए उतरा और जब वापस आया तो देखा रवि और रिया कुछ बात आकर रहे थे । रवि ने रिया के बालो में हाथ डाला और कुछ बोला में गाड़ी के पास चला गया उन्होंने मुझे देखा और अलग हो गए। 

    में जाकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गया आगे रवि और रिया बैठे थे। मेने अपना मोबाइल निकला और उसे चलाने लगाे। रवि ने मुझे देखा की में मोबाइल चला रहा हे। फिर अपना हाथ रिया जी जांघ पर हलके से रख दिया । रिया ने उसकी और देखा उसकी आखो में एक नशा सा दिख रहा था। रिया ने अपना चहरा दूसरी तरफ घुमा लिया। रवि ने फ्रंट वाले शीशे से मेरी और देखा में मोबाइल में देखने का रवि ऐसे ही आराम आराम से उसकी जांघो को सहलाता रहा रिया ने अपनी आँखें बंद करली ओर उसका हाथ हटा दिया शायद वो गरम हो गई थी। रवि गाड़ी चलता रहा फिर बीच मे रिया ने कहा भूख लगी है । 

    तो रवि ने गाड़ी मैग्गी पॉइंट पर लेली में उतर गया । मेरे बाहर निकलते ही रिया ने रवि को कुछ कहा । और दोनों उतर कर खाने के लिए आ गये रिया ने आ कर मेरा हाथ पकड़ लिया। ओर मेरे पास बैठ गई। कुछ देर हमने खाना पिना किया । ओर फिर हम गाड़ी में बैठ गए रिया फिर आगे बैठ गई। हम लोग काफी थक चुके थे ओर शाम के 5 भी बज चुके थे मेने रवि से कहा सीधा होटल चलो अब थोड़ा आराम करेगे। थोड़ी देर बाद हम होटल पहुँच गए। 

    मेने रिया से कहा के अभी थोड़ा आराम कर लेते है रात को पार्टी करेंगे रिया बोली यहां तो कोई भी हमे नही जानता आप अपने लिए बियर ओर समान कैसे लेने जाओगे मेने कह दिया रवि का नंबर है। मेरे पास उसी को कॉल कर लूंगा। रिया के कहा ठीक है वो भी आपको कंपनी देदेगा मेने कहा हा और तुम्हे भी रिया ने मेरी ओर देखा और बोली अच्छा जी वो कैसे मेने कहा यार हम इतनी दूर आए है। ये पल यादगार होने चाहिए । अगर तुम मान जाओ तो हम खूब मस्ती कर सकते है। रिया मेरी बात समझ गई और बोली पर यार क्या आपको ये सब अच्छा लगेगा। मेने कहा कि में मिलकर मस्ती करने की बात कर रहा हु मेरा बहुत मन है। रिया बोली अगर आपकी खुशी है। तो मुजे कोई प्रॉब्लम नही है।

    ये कह कर रिया ने मेरे लिप्स पर किस्स किया और वाशरूम चली गई में सो गया और 1 घंटे बात उठा 7:30 बजे थे । मेने रवि को कॉल की उसने फ़ोन उठाया। मेने कहा कहा हो रवि उसने कहा यही 2 km दूर हु मेने कहा थोड़ा काम कर दोगे क्या रवि बोला हा बताइये क्या करना है मेने कहा थोड़ा सा समान लेकर आना था। तुम होटल आ जाओ फिर दिला लाओ उसने बोला भैया आप क्यों परेशान होते हो मुजे व्हाट्सएप दो जो समान लाना है।

    मेने कहा ठीक है ओर उसको समान के लिए रेडवाइन सिगरेट ओर समान सैंड कर दिया और लिख दिया कि आज रात तुम खाना हमारे साथ खाना इसलिए अपनी मर्जी से ओर समान ले आना। कुछ देर बाद रिया के मोबाइल की लाइट जली मेने देखा तो रवि का व्हाट्सएप मैसेज था। उसमे लिखा था आपके लिये क्या लाना है। ओर ऊपर कुछ मैसेज डिलेट थे। मेने रिया के मोबाइल से उसे सैंड कर दिया। अपनी पसंद से ले आना अच्छा सा कुछ उसने रिप्लाई किया आपको कोंन से फ्लावर पसंद है। मेने लिख दिया मुजे चॉकलेट पसंद है। उसने लिखा कुछ हो सकता है क्या हमारा भी मेने सैंड किया सब कुछ हो सकता है।

    उसने लिखा के आपके हस्बैंड भी तो है मेने लिखा उन्हें सब पता है। वो भी मस्ती करना चाहते है। उसने लिखा ठीक है। में पूरी तैयारी करके आता हूं। मेने सारे मैसेज डिलेट कर दिए। रिया वाशरूम से आई मेने उससे पूछा रवि ने तुमसे नंबर लिया था उसने कहा हा जब हम पहाड़ पर थे तब लिया था। मेने कहा ठीक है फिर मेने सोचा थोड़ा सेक्सी माहौल बना कर रिया के दिल की बात ली जाए रिया एक टॉप ओर लांग स्कर्ट पहन कर शीशे के सामने खड़ी थी। में उसके पीछे गया मेने कहा क्या बात तयारी कर रही हो रात के लिये। ओर पीछे से उसकी गर्दन पर किस्स करने लगा आराम आराम से उसके कान के लव को चूसने लगा। वो गरम होने लगी मेने रिया से कहा जान 

    आज जी भर कर मस्ती करना। रिया कहा हम्म मेने कहा बताओ ना कैसे करना है। उसने कहा जैसे आपको पसंद हो । मेने कहा बताओ ना रिया ने कहा आज मुजे मसल देना आप मेने कहा में या हम दोनों रिया शर्मा गई और मेरे सीने से लग गई । मेने कहा तुम तैयार हो ना दो लंड लेने के लिए रिया मेरे होंठ चूसने लगी वो बहुत गर्म हो गई। थी। मेने अपना लोअर नीचे किया और लंड रिया के हाथ मे दे दिया । वो लंड को मसलने लगी। कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद में वाशरूम चला गया और आराम से नहाया 9:30 बजे के करीब रवि ने डोर नॉक मेने डोर ओपन किया बाहर रवि खड़ा था दोनों हाथ मे समान के बेग लेकर मेने उसे अंदर आने के लिए कहा।

    रवि अंदर आ गया उसकी नज़र रिया को ढूंढ रही थी। फिर वो बोला भैया में सब समान ले आया हु ओर बताओ भाभी कहा है मेने कहा रूम के बाहर जो हल्का आ लोन होता है वहां है। तुम बैठो वो बैठ गया मेने समान देखा उसमे 4 बियर एक रेड वाइन चिप्स चिल्ली पनीर काफी खाने का सामान था। दूसरे बेग में एक पैकेट था मेने कहा ये क्या है। तो वो बोला कि गिफ्ट है भाभी जी के लिए मेने कहा अच्छा जी फिर रिया आ गई वो कपड़े बदल कर आई कैपरी ओर टी शर्ट में कैपरी में उसकी गांड क्या लग रही थी।

    वो आकर हमारे पास बैठ गई रवि बोला भाभी जी अच्छे लग रहे हो रिया ने आँखे नचा कर थैंक्यू कहा और समान देखने लगी मेने कहा यार जल्दी खाना लगाओ भूख लगी है। रिया खाना लगाने लगी में रवि को अपने साथ बाहर ले गया में सब कुछ खुल कर करना चाहता था इसलिए मैंने उसे बता दिया कि आज रात हम तीनों मिलकर फूल एन्जॉय करंगे वैसे वो फुल तैयारी से आया था। हम अंदर आ गए ओर खाने के लिए बैठ गए। मेने रेड वाइन निकली और ओपन करके तीन गिलास डाल दी। हमने गिलास हाथ मे ले लिये मेने रवि से कहा ये हमारी दोस्ती के नाम और हम पिने लगे । एक पेग रेड वाइन के बाद हमने बियर खोल ली और खाने के साथ बियर पीने लगे।

    मेरे मोबाइल की रिंग बजी मेने देखा तो हमारी शॉप से लड़को का कॉल था स्टॉक के लिए में बालकोनी में बात करने के लिए आ गया बाहर कमरे की खिड़की में शीशे ओर पर्दे लगे थे पर अंदर से सब दिख रहा था। ओर दरवाजा खुला था इसलिए आवाज भी आ रही थी।

    रवि ने रिया को अपनी बियर से पीने के लिए कहा रिया ने कहा नही यार इस पर रवि बोला प्लीज़ रिया इसका सुरूर अच्छा होता है। ओर रिया के बगल में बैठ गया रिया ने रवि की आखो में देखा और बियर पीने लगी वो भी चाहती थी कि उसकी आज अच्छे से चुदाई हो उसने आधी से ज्यादा बियर पी ली में बाहर से ये सब देख रहा था। रवि ने कहा आप तो अकेले पी रही हो मुजे भी तो पिलाओ रिया बोतल को रवि के हाथ मे देने लगी रवि ने कहा ऐसे नही अपने होठों से रिया के गाल लाल हो गए उसने आँखे बंद करली रवि मेरी वाइफ के होठों के पास अपने होंठ ले गया ओर हल्के से टच किये रिया ने अपना मुंह खोल दिया रवि उसके होंठ चूसने लगा बहुत आराम आराम से उसे बिल्कुल भी जल्दी नही थी और जो लड़की शादी से पहले चुदी हो उसके लिए ये डबल मजा हो जाता है रिया भी उसका पूरा साथ दे रही थी में अंदर आया मेने कहा यार अकेले अकेले सुरु हो गये।

    रिया ने दोनों हाथो से अपना मुंह ढक लिया मेने रिया से कहा रिया यार शर्माने का नही मज़ा लेने का टाइम है मेने रवि को इशारा किया कि मज़े करो और में अपनी बियर लेकर पीने लगा रवि अपने होठ रिया के कान के पास ले गया और गर्म सास उसे कान पर मारने लगा और इसके कान को चूसने लगा रिया ने अपने हाथ मुह पर से हटा लिए ओर उसका साथ देने लगी मेरा ऐसा मन कर रहा था कि अभी रिया की चूत का भोसड़ा बना दु चोद चोद कर पर में बैठ कर इसका मज़ा ले रहा था रवि ने रिया के बाल खोल दिये और उसके बालो में हाथ डाल कर उसके गले को चूसने चाटने लगा रिया मस्ती में आह आह आउच कर रही थी। 

    वो दोनों पैरों को आपस में रगड़ रही थी रवि अपने हाथ को रिया की कमर पर ले गया और पीछे से उसकी टीशर्ट ऊपर करके रिया की कमर पर हाथ रगड़ने लगा और अपनी जीभ उसके मुंह मे डाल दी दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे रवि ने पीछे से रिया की ब्रा खोल दी और उसकी टीशर्ट ऊपर करके उतारने लगा रिया का मुह वासना ओर शरम से लाल हो रहा था रिया ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए। रवि ने उसकी टीशर्ट ओर ब्रा उतार दी। रिया के बूब्स मस्त लग रहे थे। में भी उनके पास जा कर बैठ गया। रवि ने रिया के एक बूब्स को चूसना सुरु में मैने दूसरा बूब्स को पकड़ा और मुह में ले लिया रिया के मुह से आह निकल गई । मानली की ठंड में भी हमे गर्मी महसूस हो रही थी। रिया अब फुल गरम हो चुकी थी। रवि ने रिया के बूब्स को छोड़ कर उसके पेट को चाटना सुरु कर दिया ।

    रिया के मुह से ओह्ह प्लीज क्या कर रहे हो आह आह की आवाज आने लगी उसका पेट कांप रहा था शरीर के रोये खड़े हो गए थे। अब वो भी खुल कर बोल रही थी मज़े ले रही थी। रवि कैपरी के ऊपर से रिया की चुत पर हाथ फेरने लगा रिया ने नीचे पैंटी नही पहनी थी रवि नीचे बैठ गया और रिया के पैर के अंगूठे को चूसने लगा और आराम आराम से पैरों को चाटता हुआ ऊपर तक आ गया ओर नाभि को जीभ से कुरेदने लगा रिया से अब सहा नही जा रहा था उसकी चुत लगातार पानी छोड़ रही थी। कुछ देर ऐसे ही करने के बाद रवि ने उसकी कैपरी को ऊपर से पकड़ा ओर नीचे करने लगा रिया ने अपनी कमर को ऊपर करलिया रवि ने कैपरी नीचे तक खींच कर उतार दी रिया ने दोनों टाँगे आपस मे चिपका ली रवि ने दोनों पैरों को हाथ से खोला रिया ने चुत को बहुत अच्छे से साफ किया था बिल्कुल चिकनी हल्की सावली चुत देख कर रवि ने अपना मुँह चुत से लगा दिया रिया के मुँह से तेज सीत्कार निकल गई उसने मेरे हाथ को कस कर पकड़ लिया।

    रवि ने अपनी जीभ गोल बना कर रिया की चूत में डाल दी ठंड में गर्म जीभ जब चुत पर लगी तो रिया मस्ती में अपनी कमर ऊपर कर दी रिया मस्ती में बोलने लगी आह ह ह रवि चुसो ओर जोर से ओर उसका सिर पकड़ कर चुत पर दबाने लगी मेरा ओर रवि का लंड फटने को हो रहा था फूल टाइट मेने अपनी टीशर्ट ओर जीन्स उतार दी और नंगा हो गया और अपना लोडा रिया के मुह के पास ले गया रिया ने आराम से मेरा लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से चूसने लगी । मुजे देख कर रवि भी अपनी ट्राउज़र उतारने लगा उसने अपनी शर्ट और ट्राउज़र उत्तर दी और नंगा हो गया उसका लोडा भी मेरे जितना ही था पर आगे से कम मोटा ओर पीछे से काफी मोटा था पीछे से कम से कम 4 ” गोलाई होगी।

    जो लोग मुठ नही मरते ओर कम सेक्स करते है उनके लंड गोल ओर लंड की खाल ढकी रहती है। उसने रिया को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चुत आने मुँह पर लेली ओर चुत को गांड तक चाटने ओर चूसने लगा रिया ने रवि के लंड को देखा और आराम से हाथ मे ले लिया मेने कहा कैसा लग रहा है जान रिया बोली बहुत मज़ा आ रहा है और रवि के लंड के ऊपर जीभ फरने लगी और लण्ड ओर मुह में ले लिया अब दोनों 69 में एक दूसरे को चूसने में लगे हुए थे रिया के मुह में रवि का लोडा आ भी नही पा रहा था । कुछ देर चुसाई के बाद रवि खड़ा हुआ और अपनी ट्राउज़र की जेब से कामसुत्र का स्प्रे निकला ओर लवड़े पर स्प्रे करने लगा खुद यूज़ करके उसने वो मुजे दिया मेने भी अपने लोडे पर स्प्रे कर लिया ।

    रिया ने कहा ये क्या है मेने कहा बस देखती जाओ आज तेरी चुत का भोसड़ा बनने वाला है मेने कहा बताओ पहले किसका लोगी मेने रवि की ओर देखा तो वो आस से मुजे देख रहा था मेने पहले रवि को चुदाई के लिए कहा मेरे कहते ही रवि रिया के पास गया ओर अपने लंड पर थूक लगा कर रिया के ऊपर आ गया उसने रिया की चूत पर लण्ड को रगड़ना सुरु किया रिया तो मानो लण्ड लेने के लिए मेरी जा रही थी। रवि ने हल्का सा दबाव बनाया और लण्ड हल्का सा अंदर चला गया रवि ने फिर बाहर खिंच लिया फिर अंदर किया चुत पानी निकलने की वजह से चिकनी हो चुकी थी। रिया ने मेरा लण्ड मुह से निकाला और रवि की ओर देखा रिया ने कहा अंदर करो न रवि ने तेज़ झटका मारा रिया ने कहा आह माँ मर गई मेने पीछे जाकर देखा तो रवि का लण्ड रिया की चूत में आधा मोटाई तक घुस गया था।

    अब रवि ने अपनी कमर चलानी सुरु करदी वो आधा लण्ड बाहर निकलता फिर अंदर कर देता रिया अऊह आह आह आह कर रही थी । 10-15 धक्के लगते ही रिया की चुत से पानी आने लगा जिससे लोडा ओर गिला हो गया। अब वो थोड़ा और अंदर तक लंड पेलने लगा।10 मिनट तक रवि बहुत आराम से अंदर बाहर कर रहा था फिर उसने रिया के पैर अपने कंधे पर रख लिए जिसे रिया की गांड ऊपर हो गई और उसने अपना लण्ड चुत पर रख कर एक धक्का मारा लोडा अंदर घुस गया रिया मस्ती में आ गई और कमर को ऊपर उछलने लगी फिर रवि ऐसी चुदाई करनी सुरु की वो पूरा लोडा बाहर तक लाता ओर गप्प से अंदर कर देता रिया मज़े में बड़बड़ाने लगी आह चोदो उफ्फ ओर फ़ास्ट चोदो भोसड़ा बना दो आज मेरी चुत का मुश्किल से 5 मिनट की वाइल्ड चुदाई के बाद रिया जोर से चिल्ला पड़ी आह में छूट रही हु ओर बहुत सारा पानी उसकी गांड से होता हुआ बेड पर गिरने लगा।

    पर रवि का लण्ड अभी भी खड़ा था। रवि लेट गया और रिया को अपने ऊपर आने को बोला रिया रवि के ऊपर आयी और अपने हाथ से लण्ड को चुत पर सेट करके झटके से बैठ गई लण्ड घप से चुत में जड़ तक घुस गया मेने अपना लण्ड रिया के हाथ मे दे दिया उसने मेरे लण्ड को मुह में लेकर चूसना सुरु कर दिया एक मिनट लण्ड चुसाने  के बाद में रिया के पीछे आ गया वो समझ गई कि अब उसकी गांड फटने वाली है मेने उसकी गांड के छेद पर थूक लगाया और अपने लवड़े पर भी ओर उसकी गांड में लंड रख कर हल्का सा अंदर किया ठप्प से मेरे लण्ड का टोपा उसकी गांड में घुस गया मेने ओर अंदर कर दिया रिया ने पीछे हाथ करके मुजे रोक दिया।

    ओर लण्ड बाहर निकल दिया उसे दर्द हुआ था कुछ देर बाद फिर उसने कहा अब घुसाओ मेने फिर गांड पर लण्ड रख कर अंदर किया इस बार में लंड आधा घुसा दिया ऐसा लगा जैसे किसी ने लण्ड को मुट्ठी में भीच लिया हो मेने धक्के लगाने सुरु कर दिए नीचे से रवि झटके मारता ओर ऊपर से में रिया आह आह फाड़ो मेरी चुत को मेरी गांड को कर रही थी स्प्रे की वजह से हमारा लोडा झड़ने का नाम ही नही ले रहा था आधे घंटे तक हमने रिया को चोद चोद कर उसकी चुत ओर गांड का बुरा हाल कर दिया था वो पता नही कितनी बार झड़ी तब जाकर हम भी झड़ने को आ गए मेने अपना लोडा रिया के मुह में दे दिया और झड़ गया मेरे माल से रिया का मुह भर गया कुछ उसने अंदर ले लिया और कुछ निकल दिया रवि ने रिया की गांड में इतनी तेज़ तेज़ धक्के मारे की उसकी चीख़ निकल दी और उसकी गांड में ही झड़ गया इस तरह हमने वहां थ्रीसम के मज़े लिए अब हमारी लाइफ बिल्कुल बदल चुकी है हम वाइफ स्वैप करते है थ्रीसम करते है और लाइफ को फुल एन्जॉय करते है ।

    अपनी यादों को कहानी में उतारना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि हम उस अहसास को पूरी तरह से बया नही कर सकते आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी मुजे मेल जरूर में ओर भी स्टोरी आपके साथ शेयर करूँगा।

    मेरी ईमेल आई डी – [email protected]

  • Bhai Ki Muth Maari

    Bhai ke Lund ki Muth Maar kar maja diya

    Dosto mera naam Reenu hai or mai UP se hu. Meri Umar 23 saal hai. Mera Figure bhi 34-28-36 hai. Meri Chadti Jawani Galli ke Londo par kahar dha rahi hai. Bahut saare ladke mujhe line marte hai lekin mai kissi ko bhav nahi deti kyoki mera ek BF hai Kunal jo mai aksar Chodta rehta hai.
    Hum Ghar me 4 log hai Mai Mummy Papa or Bhai. Papa Dubai me Job karte hai or Mummy housewife hai. Mere Bhai ka naam Ravi hai or uski umar 21 saal hai. Mera bhai sidhe or shant savbhav ka hai. Mujhe apne bhai ke Gulabi hoth bahut pyare lagte hai or unhe chusne ka mann karta rehta hai. Mai kbhi kbhi apne bhai ko kiss kar deti thi lekin sirf gallo par hi.
    Humari Family kafi Modern hai.
    Mai Ghar par hamesha Short kapde pahenti hu.
    Ye kahani abhi 2 month purani hai jab Mummy Mama ke yha gyi hui thi or Ghar par mai or Bhai hi the.
    Hum dono Bhai bahen College jaate or waha se aane ke baad apna kaam karte khana khane ke baad thodi der TV dekhte or so jaate.
    Yuhi 4-5 din nikal gye.
    Ek Raat lagbhag 11 bje mai apne BF se phone par baat kar rahi thi tbhi mujhe pyas lagi toh mai uth kar Kitchen me paani pi aai or apne room me aane lagi.
    Maine dekha ki Ravi ke Room ki light on hai or uske room ka gate thoda khula hua bhi hai.
    Tbhi maine socha ki wo light band karna bhul gya mai hi light off kar deti hu. Mai uske room ka gate khola or ander ka najara dekh kar hairan reh gyi. Wo ek hath me mobile me kuch dekh raha tha or dusre hath se apna tana hua Lund sehla rha tha. Uska Lund jyada bada nhi.

    Mai sochne lagi ki aisa masum sa dikhne wala ladka aisi harkat karta hai. Mai chup chap wahi khadi rahi or usko dekhti rahi.
    Kuch hi der me usne mujhe dekh liya or apna Lund chupate hue mobile ko pillow ke niche rakh liya. Wo mujhe dekhta raha or kuch bhi nhi bol paaya. Bhai ka Lund dekh kar mai bhi bahel gyi thi or mujhe kuch samajh nhi aaya ki kya karu.
    Mai Dheere Dheere uske pass gyi or uske shoulder par hath rakh kar uske pass baith gyi.
    Wo chup chap leta raha.
    Mai boli Aray Yarr tujhe ye sab karna hai to atleast Gate to band rakhta. Wo kuch nhi bola or face dusri side kar liya.
    Maine apne hatho se uska muh apni taraf kiya or boli Abhi se ye maja lena suru kar diya, koi baat nhi tu continue rakh mai jaati hu.
    Mai uth kar jaane lagi wo bola Didi saara majja to apne kharab kar diya ab kaisa maja kruga.
    Mai boli acha maine tera maja kharab kiya ab mai hi mera maja vapas kar deti hu. Phir mai Bed par baith gyi or uske hatho ko uske Lund se hathaya or murjhaye hue Lund ko hath me le liya.
    Usne Bachne ki kosis ki to maine uske Lund ko pakda hua tha.
    Ravi bola Didi aap kya kar rahi ho
    Mai boli tere maje wapas de rahi hu
    Ravi Didi Mummy ko mat btana
    Mai boli Aray tu tension na le mai kissi ko nhi btane wali or itna sunte hi usne apni tange khol di taaki mai uska Lund theek se pakad saku.

    Maine uske Lund ko hilana suru kar diya lekin uska Lund khada nhi hua shayad wo darr raha tha. Mai boli Aray tu darr kyo raha hai mai kissi ko nhi btaugi.
    Ravi badi mayusi se bola Didi ab ye khada bhi nhi ho raha h.
    Mai boli Aray kya baat kar rahe ho abhi tumne apni bahen ka kamaal dekha hi kaha hai.
    Mai abhi apne pyare bhai ka pyara sa Lund khada kar dungi.
    Ravi bola Ye pyara hai kya
    Mai thoda jhuki or apna muh uske lund ke pass le jaakar uss par apni Garam saans chodte hue boli haa bhai tera Lund bahut pyara hai.
    Mai aisi hi uska Lund sehlati rahi or thodi der me uska Lund khada ho kar 4″ ka ho gya. Uske Lund or mere muh ke beech 3-4 inch ka fasla tha.
    Uske Lund ki madak khusboo mujhe pagal kar rahi thi. Mann kar raha tha uska Lund sbhi muh me thus lu lekin maine khud par control rakha.
    Ravi bola Didi mujhe sharam aa rahi hai.
    Mai boli Bahen ke hath me apne Lund ko dekh kar.
    Wo kuch nhi bola tbhi mai uske Lund ki muth marte hue boli tu bus dil me soch le tu kissi Ladki ke sath sex kar raha hai.
    Mai uske Lund ki muth marti rahi or wo maje leta raha or beech beech me wo siskariya bhi marne laga.
    Thodi der baad usne Chutad utha kar Lund uper ki taraf kiya or Bola Didi mera Ho gya or usi pal uske Lund ne Gadha Paani fek diya jisse mera pura hath Ganda ho gya.

    Mai boli Bhai tu yhi let mai hath dho kar aati hu.
    Mai bahar aayi or uske Lund ke Paani ko achi tarah chat kar apna hath saaf kar liya. Bhai ke Lund ke paani ka swad mujhe rok nhi paaya or meri Chut ne bhi paani chod diya.
    2 mint baad mai phir se Ravi ke room me gyi or boli kyo bhai majja aaya. Ravi Bahut Majja aaya Didi.
    Mai phir se uske Lund ko sehlate hue boli acha ye bta jab mai muth maar rahi thi to tu apne mann me kiske sath sex kar raha tha.
    Ravi bola Didi Sharam aati hai baad me btauga.
    Mai bola acha ab soo jaa neend achi aayegi or aage se jab ye kaam karna to gate band kar liya kar.
    Wo bola Didi apne to sab dekh hi liya ab Gate kyo band karna.
    Mai boli Chal Saitan kahi ke. Maine uske hotho par ek kiss ki or apne room me aa gyi.
    Room me aate hi maine apni nighty utar par panty bhi utar di.
    Meri panty bilkul gilli ho gyi thi.
    Phir maine Ravi ke Lund ko Imagine karke apni Chut me ungli daali or ander bahar karne lagi. Kuch det baad Chut ne paani Chod diya or mai Vaise hi nangi hi so gyi.
    Next day mai 9 bje uthi or fresh hokar kitchen me breakfast banane lagi. Kuch hi der baad Ravi bhi uth gya.
    Hum khana khane lage tbhi mai boli Ravi Raat wali baat yadd hai.
    Ravi Didi bus pucho hi mat
    Mai boli Matlab bahut maja aaya.
    Ravi bola haa Didi itna maja Zindagi me kbhi nhi aaya. Kassh kal ki raat kbhi khatam hi na hoti.

    Apke jaane ke baad mera fir se khada ho gya tha par apke hath me jo baat thi wo kha se aati.
    Mai boli to mujhe bula liya hota.
    Meri Baat sun kar Ravi ka muh khula ka khula reh gya or mujhe dekhne laga. Maine bhi ek halki si smile ke sath use aankh maar di.
    Aage hum bhai or bahen ke beech kya hua wo sab story ke next part me.

  • Bibi ki group chudai uske mayke main

    Dosto namaskar mera naam Sagar hain main aurangabad se hu ,mujhe antarvasna sex stories bahut pasand hain , group chudai ki to chalo Storie pe aate hain ye ek sacchi kahani hain ,dosto pichle saal meri shadi hui ,Bibi ka naam kiran uske ghar main papa or do bhai hain
    Hamari shadi ko 2 mahine ho gaye the to main or Bibi sasural gaye
    Hamari sex life bahut acchi thi par mujhe group chudai ki aadat thi ,to main apni patni ko aksar bhai bahen ki chudai papa ke sath chudai ki kahani ye padhwata ,or mere sale ko bhi kahaniyo ka chaska lagvaya ,ab raat ho gai sabne khana khaya or sub sone chale gaye ,main sale ke sath baat kar raha tha ,o kafi khul gaya tha o mujhse puchne laga ki bahen ke sath sex karna sahi hain kya ,bahen bhai se chudai hain kya ,maine haa main javab diya or usko bataya bahen ko chodne main bahut maja aata hain

  • सीमा भाभी के साथ सोने का मौका

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, लेकिन यह कुछ अलग है और यह तब की है जब में कुंवारा था और अपने एक दोस्त के साथ एक फ्लेट में किराए से रहता था. तभी हमारे नीचे वाले फ्लेट में एक फेमिली रहती थी और जिसमें काशिफ भाई उनकी बहुत सुंदर पत्नी और माता, पिता रहते थे.

    में उन दिनों MBA करता था और में उस वक़्त 24 साल का था. दोस्तों काशिफ भाई ने अपनी मर्जी से लड़की पसंद करके अपनी शादी की थी और उसकी पत्नी बहुत सुंदर थी, उनकी उम्र उस वक़्त 29 साल थी और काशिफ भाई की उम्र 27 साल थी. दोस्तों काशिफ भाई उसके हुस्न के दीवाने हो गए थे, इसलिए उन्होंने उससे शादी कर ली और काशिफ भाई की शादी को अभी एक महिना ही हुआ था. जब मैंने पहली बार भाभी को देखा तो पता नहीं मुझे कुछ अजीब सा आकर्षण भाभी में महसूस हुआ. वैसे वो मुझसे उम्र में बड़ी थी और में सिर्फ़ 24 साल का था और वो 29 साल की थी, लेकिन वो 29 साल की होकर भी किसी 18 साल वाली लड़की से कम नहीं थी, उनका फिगर दिल को ठंडक देने वाला था और जब वो फिटिंग के कपड़े पहनती तो बस हुस्न की परी लगती थी.

    फिर मैंने अपने मन को बहुत समझाया कि यह हमारे पड़ोसी और काशिफ भाई के घर की इज्जत है और मेरी भाभी भी है, लेकिन पता नहीं क्यों एक दिन मैंने भाभी को सपने में चोदते हुए देखा और बस उस रात के बाद में उस सपने को अब हक़ीक़त में बदलना चाहता था और अब में उन्हें यह बताने लगा कि में भी कोई कम स्मार्ट नहीं हूँ और में अपनी जवानी पर हूँ और ऊपर से में बॉडी बिल्डिंग भी करता हूँ और मुझे जब भी मौका मिलता था तो में बिल्कुल टाईट शर्ट पहनकर भाभी के सामने आता रहता था, जब भी वो कपड़े सुखाने बाहर निकलती थी तो में जानबूझ कर नीचे उतरता था, क्योंकि में यह चाहता था कि भाभी मेरा जिस्म देखकर कुछ सोचने पर मजबूर हो जाए.

    एक दिन की बात है कि काशिफ भाई कहीं पार्टी में जा रहे थे, वो सब तैयार होकर नीचे उतर रहे थे और जब सीमा भाभी तैयार होकर नीचे उतर रही थी तो में उनके बूब्स को देखता ही रह गया, क्योंकि उन्होंने फिटिंग की कमीज़ पहनी हुई थी और जिस पर बहुत सुंदर कढ़ाई हो रही थी, वो उस कमीज़ में बहुत सेक्सी लग रही थी और में उनके बूब्स को लगातार घूरता रहा.

    फिर सीमा भाभी ने एकदम से गौर किया और उन्होंने अपना दुपट्टा अपने बूब्स पर डाल दिया और अपने पति से बात करने लगी और इस तरह उन्होंने मुझे नज़र अंदाज कर दिया तो मुझे वो बहुत बुरा लगा, लेकिन में क्या कर सकता था, क्योंकि में तो उनके हुस्न का बिल्कुल दीवाना हो गया था? में अब कैसे भी उनकी चूत को देखना चाहता था और में उनको अपने दोस्त काशिफ भाई से भी ज्यादा प्यार देना चाहता था और उनके बूब्स को हाथों से छूना चाहता था. अब में अपने से बड़ी उम्र की उस औरत को चोदने पर तुला हुआ था, क्योंकि वो औरत नहीं थी बल्कि एक लड़की से भी ज्यादा सुंदर थी, एक कुँवारी लड़की का भी क्या फिगर होगा जो सीमा भाभी का फिगर था? उनकी आँखे नीली कलर की थी और उनकी हँसी करीना की तरह थी, उनके बूब्स 36 के थे और उनकी कमर 28 की थी और कूल्हे तो बस देखने के लायक थे. दोस्तों बस मेरी इच्छा थी कि में उनको चोद दूँ और उनके साथ सेक्स करूं, लेकिन यह मेरी बहुत गंदी सोच थी, क्योंकि वो मेरे दोस्त की बीवी थी और वो मुझसे उम्र में बड़ी भी थी, लेकिन में उसके फिगर का दीवाना हो चुका था.

    एक दिन काशिफ भाई को ऑफिस के किसी काम से कहीं बाहर जाना पड़ गया और उस दिन घर में उनके माता, पिता के अलावा कोई भी नहीं था और एक रात काशिफ भाई के पापा की तबियत अचानक बहुत ज्यादा खराब हो गई और फिर मेरे मोबाईल पर काशिफ भाई का फोन आया तो उन्होंने मुझे वो सब बता दिया और में जल्दी से उनके घर पर पहुंच गया और अब में उनके पापा को हॉस्पिटल लेकर चला गया, तब डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें हार्टअटेक हुआ था और अब ख़तरे की कोई बात नहीं है और डॉक्टर्स ने कहा कि कोई भी एक यहाँ पर रुक जाए बाक़ी सब घर चले जाए. फिर काशिफ भाई की मम्मी वहाँ पर रुक गई और उन्होंने मुझसे कहा कि आप सीमा के पास ही रुकना वरना यह घर पर अकेली रहेगी.

    फिर मैंने आंटी को कहा कि आप बिल्कुल भी फिक्र नहीं करे में सीमा भाभी को अपने साथ घर पर ले जाता हूँ, उसी समय काशिफ भाई का कॉल आया और भाभी ने उनको कहा कि अब पापा की तबियत ठीक है और आप आराम से आना और वो उस समय बाहर गए हुए थे और उसी रात को वापस निकलने वाले थे, लेकिन अगले दो दिन तक कोई फ्लाईट नहीं थी, इसलिए उन्हें मजबूरी में वहां पर रुकना पड़ा. फिर मैंने उनसे बात करके कहा कि काशिफ भाई अपना पूरा काम खत्म ही करके आए और यहाँ की कोई टेंशन नहीं ले, में यहाँ पर सब सम्भाल लूँगा और आप यहाँ के बारे में ज्यादा मत सोचो.

    फिर वो बहुत खुश होकर मुझे बहुत बहुत धन्यवाद देने लगे और फिर में सीमा भाभी को लेकर फ्लेट पर पहुंच गया. दोस्तों मुझे आंटी ने बताया था कि सीमा भाभी को अकेले सोने में बहुत डर लगता है, क्योंकि वो कभी अकेली नहीं रही और काशिफ भाई भी पहली बार ऑफिस के काम से कहीं बाहर गये थे, इसलिए वो कभी अकेली नहीं सोई थी तो मुझे उनके साथ सोने का मौका मिल गया और जब मैंने भाभी से पूछा कि क्या में भी आपके रूम में ही सो जाता हूँ? तो भाभी ने पहले तो मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन मैंने उनसे बहुत ज़िद की में भी आपक साथ सोऊंगा. फिर वो मान गई और अब में उनके रूम में चला गया.

    फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम बेड पर लेट जाओ तो में नीचे बिस्तर करके लेट जाउंगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है भाभी जैसी आपकी मर्ज़ी. उसके बाद मैंने उनके साथ बिस्तर लगवाने में मदद करने लगा, उन्होंने उस वक़्त दुपट्टा नहीं पहना हुआ था और उन्होंने नाईट ड्रेस पहनी हुई थी और जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी, मेरी नज़रे बार बार उनके बूब्स पर जम रही थी तो भाभी ने तुरंत इस बात पर गौर कर लिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब तुम्हें भी शादी कर लेनी चाहिए. फिर मैंने तुरंत कहा कि भाभी में शादी नहीं करूंगा तो भाभी ने मुझसे इसकी वजह पूछी कि क्यों तुम शादी क्यों नहीं करोगे? मैंने कहा कि अगर कोई लड़की मुझे आप जैसी सुंदर मिली तो में उससे शादी करूंगा वरना में कभी भी नहीं करूंगा. अब भाभी मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसते हुए बोली कि अच्छा में सुंदर हूँ और अब तुम्हें मेरी सुन्दरता का भी पता चल गया, हाँ क्यों ना हो तुम अब बहुत बड़े हो गए हो ना? और भाभी मुझसे मजाक कर रही थी, क्योंकि वो मुझे बहुत छोटा समझती थी, लेकिन मेरे दिल के जज़्बात से वो अभी तक नासमझ थी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी में अब बड़ा हो गया हूँ और में शादी आप जैसी कोई सुंदर लड़की से ही करूंगा, तब भाभी ने तुरंत मुझसे पूछ लिया कि तुम्हें मुझमें ऐसा क्या सुंदर नज़र आ गया है? फिर मैंने कहा कि कसम से सीमा भाभी आप बहुत सुंदर हो और में आपसे बहुत प्यार करता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, शायद यह सब आपको पता नहीं है, लेकिन में आपकी सुन्दरता का बहुत बड़ा दीवाना हूँ. दोस्तों मैंने जैसे ही अपने मन की सच्ची बात को उनको आज पहली बार बताया तो भाभी वो सब मेरे मुहं से सुनकर एकदम से चकित रह गई और अब उन्हें मुझ पर थोड़ा थोड़ा शक होने लगा कि में सही में उन्हें मन ही मन चाहने लगा हूँ.

    फिर उन्होंने तुरंत मुझसे बच्चो वाला व्यहवार किया और वो मुझसे बोली कि अच्छा अब सो जाओ ज़्यादा बातें मत बनाओ और अभी तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, सुबह तुम्हें युनिवर्सिटी जाना है या नहीं, ठीक है अब सो जावो? भाभी ने अब कमरे की लाईट को बंद कर दिया और में सोने के लिये लेट गया, लेकिन मैंने सोते सोते भाभी से कह दिया कि भाभी आप बहुत सुंदर हो, क्योंकि में चाह रहा था कि कुछ ऐसी बात बन जाए कि आज की रात ही में भाभी का पूरा जिस्म कपड़ो के बिना देख सकता और में आज की रात ही उन्हें छू सकता, अपने दिल की भड़ास निकाल सकता और इसलिए में कोई ना कोई अच्छा मौका तलाश कर रहा था कि काश कोई अच्छा मौका मेरे हाथ लग जाए और में एक हसीन, सुंदर, सेक्सी लड़की को जो कि इस वक़्त मेरे दोस्त की पत्नी है और मेरे पास लेटी हुई है इसको आज किसी भी तरह चोद दूँ और अपनी भाभी के बूब्स को चूम लूँ, लेकिन भाभी ने मुझसे यह बात कहकर अपनी करवट बदल ली कि अब सो जाओ तुम्हें सुबह यूनिवर्सिटी जाना है.

    फिर जब सुबह हुई तो मैंने देखा कि सीमा मुझसे पहले उठ चुकी थी और जब मेरी आँख खुली तो मैंने अपना मोबाईल उठाकर देखा जिसमें आज क्लास नहीं लगने का एक मैसेज आया हुआ था और मुझे बहुत खुशी हुई और जब मैंने वो मैसेज देखा तब तक सुबह के 10:30 बज चुके थे. फिर भाभी की नज़र मुझ पर पड़ी तो उन्होंने एक शरारती स्माइल देते हुए मुझसे पूछा कि क्यों आपकी क्लास कब है? तो मैंने कहा कि वो आज किसी वजह से रद्द हो गई है.

    फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों हॉस्पिटल आंटी और अंकल के लिए कुछ लेकर जाना पड़ेगा ना? तो सीमा ने कहा कि नहीं, आंटी ने सुबह फोन करके बताया है कि हॉस्पिटल में सब कुछ मिल जाता है जब तक डिसचार्ज ना करे आप घर पर ही रहे और अब मुझे इस बात का डर था कि कहीं भाभी काशिफ भाई से वो सभी बातें (जो कल रात को मैंने भाभी से कही थी) ना बोल दे, लेकिन अभी तक मामला बिल्कुल ठीक ठाक चल रहा था और वो जब भी मुझसे बात करती तो में उनकी आखों में देखकर बातें किया करता था और अब में अपने फ़ैसले पर अड़ गया था और में रोज़ाना भाभी को सपनों में चोदता था, इससे मुझे रोज़ अच्छा लगता था.

    अब में जल्द से जल्द सीमा भाभी को चोदना चाह रहा था और अब तक हॉस्पिटल से अंकल को भी डिसचार्ज कर चुके थे और काशिफ भाई भी वापस आ चुके थे और उसके कुछ दिनों के बाद मुझे पता चला कि अंकल और आंटी को एक शादी में शामिल होने के लिए एक सप्ताह के लिए जाना था तो काशिफ भाई के माता, पिता एक दिन चले गये और दूसरे दिन काशिफ भाई को दोबारा किसी जरूरी काम से चार-पांच दिन के लिए बाहर जाने के लिए कहा गया तो उन्होंने अपने ऑफिस वालों को बहुत कहा कि में अपनी पत्नी को भी अपने साथ ले जाना चाहता हूँ, लेकिन वो एक ऑफिशियल टूर था जिस पर उनको दिन रात काम करना था. तो मेरी जब काशिफ भाई के साथ मुलाक़ात हुई तो उन्होंने वो सब कुछ बताया और वो अब यह सोचकर बहुत दुखी थे कि वो अब क्या करें? फिर मैंने उनसे कहा कि काशिफ भाई आप बिना चिंता के चले जाए और मैंने इससे पहले भी सीमा भाभी का बहुत ख्याल रखा था और अब भी में उनकी पूरी देख रेख करूंगा और पूरा पूरा ख्याल रखूंगा. फिर उन्होंने मुझे बहुत बहुत धन्यवाद कहा और मुझसे अपने घर के साथ साथ भाभी का भी ख्याल रखने के लिए कहा और मैंने उनसे हाँ कहा.

    फिर वो उसी दिन दोपहर को निकल गये और में मन ही मन बहुत खुश होता हुआ अपनी किताब लेकर सीमा भाभी के रूम पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर भाभी के दरवाजे को खटखटाया तो भाभी ने दरवाज़ा खोल दिया. अब मैंने उनसे कहा कि भाभी घर पर कोई नहीं है, क्या में आपके रूम पर अपनी पढ़ाई कर लूँ? तो उन्होंने तुरंत कहा कि हाँ आ जाओ अंदर और इस तरह में भाभी के रूम में दाखिल हो गया, उस वक़्त भाभी ने दुपट्टा नहीं पहना हुआ था जिसकी वजह से उनकी काली कलर की ब्रा उनकी नीली कलर की कमीज़ में से साफ साफ झलक रही थी. में भाभी के पास ही बेड पर बैठ गया और फिर अपनी पढ़ाई करने का झूठा नाटक करने लगा.

    फिर भाभी एक कोई किताब लेकर उसे पढ़ने लगी और में पढ़ाई में लगा रहा, लेकिन मेरी पढ़ाई तो सिर्फ उनको देखना था और में उनको मौका पाकर बार बार देखे जा रहा था कि तभी अचानक से भाभी ने मुझसे कहा कि तुम इस तरह से मुझे हर बार क्यों देख रहे हो?

    तो में उनकी यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया और मैंने उनसे कहा कि कुछ नहीं में तो बस ऐसे ही देख रहा था और फिर मैंने उनसे इतना कहकर अपना मुहं नीचे झुका लिया और मैंने देखा कि भाभी के चेहरे पर एक स्माइल आई हुई थी जिसको देखकर में मन ही मन थोड़ा खुश हो गया और उसके बाद मैंने हिम्मत करके भाभी से कहा कि भाभी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो, तभी तो में अपनी नज़रे आपके ऊपर से हटा नहीं पा रहा था.

    अब भाभी हंसते हुए मेरी तरफ अपना मुहं करके उल्टा लेट गई और अब उन्होंने मुझसे पूछा कि बताओ तुम्हे में कैसे सेक्सी लग रही हूँ? दोस्तों भाभी के बूब्स झुकने की वजह से मुझे साफ साफ नज़र आ रहे थे और भाभी ने मेरी इस खा जाने वाली नजर पर गौर किया और बहुत प्यार से मेरे गाल को छूते हुए मुझसे कहा कि लगता है आप अब बहुत बड़े हो गये है और आपको क्या क्या पता है हमें भी तो पता चले? फिर मैंने अब थोड़ी हिम्मत करते हुये उनसे कहा कि आप मुझे एक बार मौका तो दो, फिर भाभी मुझसे बोली कि लगता है आज मुझे ही शुरू करना पड़ेगा और उन्होंने मुझे एक रोमॅंटिक और बहुत गहरा लिप किस किया और फिर मुझसे कहा कि अब बताएगें आप या नहीं.

    फिर बस में सीमा भाभी से लिपट गया और उन्हें लगातार किस करने लगा, एक दीवाने मजनू और प्यासे आशिक़ की तरह उनको किस करता गया और उनके बूब्स को भी दबाता गया और अब फ्रेंच किस करते करते बूब्स दबाते दबाते हमें पता नहीं चला कि कैसे हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और हम किस करने में पूरी तरह से मदहोश हो गए थे और जब मेरी ऊँगली भाभी की चूत तक पहुंची तो भाभी सिसकियाँ भरने लगी और आहिस्ता आहिस्ता लिप किस के बाद गाल, कंधे, कान, बूब्स और पेट तक जा पहुंचा और अब में चूत के बिल्कुल करीब था.

    फिर जब मैंने भाभी की चूत के उस गुलाबी दाने पर जैसे ही किस किया तो भाभी अपने पूरे होश गवां बैठी और वो मेरे बाल ज़ोर ज़ोर से नोचने लगी, में और ज़ोर ज़ोर से उनके दाने को चूसता गया और भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और चिल्लाने लगी उफफफफफ्फ़ आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह माँ आईईईइ मार दिया तुमने मुझे इतना मज़ा उफफफफफ्फ़ और ज़ोर से प्लीज़ स्स्सीईईईईइ और ज़ोर से चूसो तुम आज अपनी सारी हदे पार कर जाओ, मुझे जितना मज़ा दे सकते हो देते जाओ, आज यहाँ पर हमारे अलावा कोई नहीं है, तुम मुझमें समा जाओ आईईईई आआआहहउूुउउंम् में अब झड़ने वाली हूँ उह्ह्ह्ह मेरा जूस अब निकलने वाला है.

    दोस्तों भाभी अब और भी बेक़ाबू हो गई और उन्होंने एकदम ज़ोर से प्रेशर से अपना पूरा जूस बाहर निकाल दिया जिसको में पी गया, वो क्या मजेदार था? फिर भाभी ने कुछ देर बाद मुझसे कहा कि अब मेरी बारी है में आज तुम्हारे इस छोटू उस्ताद को जरुर सबक सिख़ाऊगी जो तुम्हे मेरे लिए इतना तंग करता है और फिर भाभी ने तुरंत मेरा 6.5 इंच का लंड पकड़कर चूसना शुरू कर दिया उफफफ्फ़ में तो उसकी वजह से बिल्कुल पागल हो रहा था और भाभी मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई अनुभवी रंडी के हाथ बहुत दिनों बाद मेरा लंड लगा हो. वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे भाभी आईस्क्रीम चाट रही है और वो बस लगातार चूसती गई चूसती गई.

    फिर कुछ देर बाद वो अपने मुहं में लंड लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी जिसकी वजह से में भाभी के मुहं में झड़ गया वो मेरा वीर्य चूसने, चाटने लगी और अब भाभी मेरे जिस्म पर किस करते और अपनी जीभ को मेरे जिस्म पर फेरते हुए मेरे होंठो पर आ पहुंची और हम एक बार फिर से ज़ोरदार फ्रेंच किस करने लगे और अब भाभी की चूत मेरे लंड से बिल्कुल चिपकी हुई थी और भाभी अब आहिस्ता आहिस्ता अपने कूल्हों को हिला रही थी जिसकी वजह से कुछ देर बाद मेरे लंड में एक बार फिर से जोश आना शुरू हो गया और मेरा लंड अब कड़क हो चुका था. में अब भाभी को पकड़ कर बेड पर लेट कर उसके ऊपर आ गया और मैंने दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर भाभी की चूत में अपना लंड डालना शुरू किया और फिर भाभी की सिसकियाँ सस्स्सस्स आहहहह ऊऊऊहह उूउउम्म्म्म.

    फिर मैंने अचानक एकदम से धक्का लगाया तो भाभी की चीख निकल गई प्लीज थोड़ा आराम से आअहह उूुउउम्म्म्मम हाँ आज तुम अपनी भड़ास निकाल दो, तुम आज मुझे दिखाओ कि तुम कितना अपनी भाभी को चाहते हो? मैंने अपने धक्के शुरू किए, जिसकी वजह से हमारे जिस्म आहिस्ता आहिस्ता टकरा रहे थे और उसकी वजह से ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी, भाभी की सिसकियाँ मुझे और भी दीवाना और मस्ताना कर रही थी और मैंने अपने धक्कों की स्पीड को तेज़ किया और भाभी को चोदता गया और फिर कुछ देर बाद उनको अपनी गोद में उठाकर मैंने अपनी पोज़िशन को चेंज कर लिया और अब में अपने पैरों को घुमाकर भाभी के ऊपर बैठकर उनके बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और अब मैंने महसूस किया कि भाभी झड़ चुकी थी.

    फिर मेरा लंड भी झड़ने का इंतजार करने लगा था और में भाभी को होंठो पर, कान पर और छाती पर किस करते हुए अगले मिनट में झड़ने वाला था. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम मुझे अब लेटा दो और आज मुझे अपने होने वाले बच्चे की माँ बना दो और बस भाभी का यह कहना था और मुझे अजीब एक अजीब सा अहसास आ रहा था जिसको में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता और उसी वक़्त मेरे लंड से एक ज़ोरदार पिचकारी निकलना शुरू हो गई और में अपने झटके लगातार लगाता रहा और उसी वक़्त एक बार फिर से भाभी भी झड़ गई और में उनकी चूत को अपनी ऊँगली से सहलाने लगा और फिर में करीब पांच मिनट तक भाभी के ऊपर लेट गया और आहिस्ता आहिस्ता किस करता रहा.

    फिर कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे धन्यवाद कहा और उन्होंने कहा कि तुम्हारी वजह से मेरी आज की रात बहुत हसीन हो गई है और तुमने मुझे चोदकर बहुत मज़े दिए है, में आज से बस तुम्हारी हूँ. दोस्तों भाभी का में अब और भी दीवाना हो गया था और उसके बूब्स को में ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा. फिर भाभी ने मुझे थोड़ा इंतजार करने को कहा और इतने में भाभी एक बड़ा ग्लास लेकर आई जो दूध और ड्राईफ्रूट के साथ पूरा भरा हुआ था. बस उसको पीते ही मुझमें और भी जोश आ गया और उसके बाद मैंने भाभी को एक बार फिर से चोदना शुरू किया. मेरी चुदाई से भाभी अब पूरी तरह संतुष्ट थी और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उस रात को करीब उनको तीन बार और चोदा.

  • मेरी हॉट सेक्सी माँ की XXX चुदाई

    incest sex stories हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी चाहने वालों के लिए जो यह घटना लेकर आया हूँ, मेरे जीवन का एक बड़ा ही शानदार और मज़ेदार अनुभव है और यह उस समय की बात है जब मेरी उम्र 18 साल थी, मेरे बदन में जवानी का असर दिखने लगा था और में औरतों और लड़कियों में बहुत रूचि दिखाने लगा था। दोस्तों मेरी माँ बहुत प्यार से मेरा ध्यान रखती थी और में हमेशा उनके पास रहना पसंद करता था, मेरी माँ बहुत ही हॉट सेक्सी और सुंदर है। उनके जिस्म का क्या मस्त आकार था? वो एकदम गोरी उनके लंबे काले बाल और उनके बूब्स का आकार करीब 38-26-38 था। दोस्तों मैंने कई बार मेरी माँ और पिताजी को चुदाई करते हुए भी देखा था। उस समय माँ और पिताजी को एकदम नंगे देखा है और कभी तो मेरी माँ के बूब्स को पिताजी किसी छोटे बच्चे की तरह चूसते थे और कभी तो मेरी माँ भी मेरे पिताजी का लंड चूस लिया करती थी। फिर पिताजी मम्मी के ऊपर लेट जाते और पिताजी अपना लंड माँ की चूत में डालकर धक्के देने लगते और माँ के मुहं से हल्की सी सिसकी निकलती और फिर पिताजी ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगते। अब माँ भी नीचे से अपने कूल्हों को उठाकर मज़ा लेती थी और फिर कुछ देर बाद वो दोनों शांत भी हो जाते और इधर यह सब देखकर मेरा भी बुरा हाल हो जाता था।

    दोस्तों क्योंकि में भी उसी कमरे में सोता था और वो दोनों सोचते थे कि में सो रहा हूँ, लेकिन में उनकी चुदाई देखने के लिए अपनी दोनों आँखों को बंद करके सोने का नाटक करता और जब उनका खेल शुरू हो जाता तो में चोरीछिपे देखा करता था। दोस्तों जब कभी काम करते समय मेरी माँ उनका आँचल उनकी छाती से फिसलकर नीचे गिरता या वो नीचे झुकती में उनके बूब्स की एक झलक पाने के कोशिश करता, मेरी माँ को इस बात का पता था और वो जानबूझ कर मुझे अपने बूब्स का जलवा दिखा देती थी। फिर बहुत सालों बाद मेरी माँ को एक बच्चा हुआ, जिसकी वजह से माँ उस समय आराम में थी और में अपनी माँ को घर के काम में भी मदद कर देता था, जिसकी वजह से वो खुश रहती थी और कुछ दिनों के बाद माँ ठीक हो गयी। दोस्तों यह घटना तब हुई जब मेरे पिताजी उनके किसी काम की वजह से बाहर चले गए। वो सुबह दस बजे की ट्रेन से चले गये। फिर उसी दिन शाम को बच्चे की तबीयत कुछ खराब हो गयी, जिसकी वजह से उसने दूध पीना भी बंद कर दिया और अब माँ के निप्पल से दूध ना निकलने से वो भारी हो गयी। अगले दिन डॉक्टर को दिखाया और उसने कहा कि बच्चा अगर दूध नहीं पीता है तो आपको पंप से छाती का दूध बाहर निकालना पड़ेगा और उस समय में भी माँ के साथ डॉक्टर के पास गया था।

    फिर में उस दिन घर ही था, में अपनी पढ़ाई कर रहा था और कुछ देर बाद मैंने देखा कि माँ की छाती में दोबारा दर्द होने लगा था और वो अपने बूब्स को दबाए जा रही थी। फिर मुझे अचानक ही डॉक्टर की वो बात याद आ गई और मैंने माँ से कहा कि डॉक्टर ने कहा था कि छाती में दूध जमा होने की वजह से आपको तकलीफ़ होगी, हम ऐसा करते है कि में आपके बूब्स को दबाकर दूध निकाल देता हूँ, क्योंकि आज तो में भी पंप नहीं लेकर आया हूँ और मैंने पूछा क्यों माँ ठीक है ना? अब वो कहने लगी कि तुम जैसे भी कुछ भी करो, लेकिन मुझे इस दर्द से छुटकारा दिलाओ, मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है। अब माँ ने यह कहते हुए ब्लाउज का एक बटन खोला और तुरंत ही उनका एक बड़े आकार का बूब्स बाहर निकाल आया। फिर मैंने निप्पल को दबाया, जिसकी वजह से उन्हे दर्द हुआ और वो कहने लगी कि ऐसे मुझे दर्द हो रहा है। अब में उनको कहने लगा कि इसके अलावा भी मेरे पास एक और तरीका है, आप कहे तो में छोटे बच्चे की तरह आज आपका दूध चूसकर पी लेता हूँ? तभी वो कहने लगी कि चल तू इतना बड़ा हो गया है और यह सब करेगा। अब में उनको बोला कि क्यों क्या हुआ, में भी तो आपका बेटा हूँ।

    दोस्तों उन्हे बहुत ही ज़ोर का दर्द हो रहा था, इसलिए वो कहने लगी कि हाँ ठीक है, लेकिन तुम जल्दी करो। फिर में खुश होकर उनको बोला कि में अभी चूसकर आपके बूब्स को खाली कर देता हूँ और मैंने उनके निप्पल को अपने होंठो पर लगाया और निप्पल को मुहं में लेकर चूसना शुरू किया, जिसकी वजह से अब मेरे मुहं में दूध आने लगा और फिर में चूस चूसकर पीने लगा। दोस्तों लगातार चूसने की वजह से मेरे मुहं में दूध भर गया था और मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और फिर मैंने माँ से पूछा क्यों में दूध पीना भूला तो नहीं? माँ हंसकर बोली कि माँ का दूध कोई बेटा नहीं भूल सकता और में अब बूब्स को दबा दबाकर दूध पीने लगा था, जिसकी वजह से माँ को बड़ा आराम मिलने लगा था। फिर कुछ देर में मैंने बूब्स का पूरा दूध पी लिया, जिसकी वजह से मेरी माँ की छाती हल्की हो गयी और उनका वो दर्द भी दूर हो गया। अब वो मुझसे कहने लगी कि बेटा आज तूने मेरी बहुत मदद की है आज तो में इस दर्द से मर ही जाती और तूने मुझे बचा लिया। फिर मैंने कहा कि माँ कोई बात नहीं है अब तुम्हे इस वजह से तकलीफ़ नहीं होगी, बच्चा जब तक दूध नहीं पीने लगता तब तक में पी लूँगा। अब माँ बोली कि हाँ यह बात हम दोनों किसी को नहीं बताएँगे। तुम यह बात पिताजी को भी मत बताना।

    फिर मैंने बोला कि हाँ पक्का में किसी को भी नहीं बताऊंगा, सिर्फ़ हम दोनों के बीच में ही रहेगी और रात को में ट्यूशन से घर लौटा, खाना खाया। अब माँ मुझसे कहने लगी कि आज तो तेरे पिताजी घर में नहीं है तू मेरे पास ही सो जाना और मैंने हाँ कह दिया। में मन ही मन बहुत खुश था और फिर रात को जब हम दोनों सोने लगे तभी माँ मुझसे बोली कि बेटा दो तीन दिनों की बात है तुम्हे तकलीफ़ उठानी होगी और मेरा दूध पीना होगा। अब में उनको बोला कि माँ इसमे तकलीफ़ की क्या बात है? फिर रात को भी में माँ के पास में लेटकर उनका दूध पीने लगा था और में उनके बूब्स को सहलाता भी जा रहा था। दोस्तों मुझे तो मानो स्वर्ग मिल गया था, मुझे वाह क्या मस्ती आ रही थी। मैंने एक एक करके दोनों बूब्स का दूध पिया और दूध पीते समय में अपना हाथ उनकी कमर पर ले जाता और एक बार तो मैंने उनके कूल्हों पर भी अपने हाथ को रख दिया और ज़ोर से दबा भी दिया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने तभी देखा कि माँ अपनी चूत पर साड़ी के ऊपर से ही ज़ोर से हाथ फेर रही थी और फिर वो पेटीकोट के अंदर हाथ डालकर चूत को खुजाने लगी।

    अब में तुरंत समझ गया कि माँ गरम हो गयी है और में अब उनको ज्यादा गरम करके जोश में लाने के लिए बूब्स को चूसते हुए उनके पेट के नीचे तक अपने एक हाथ को ले गया और फिर अपना एक पैर उनकी जाँघो के ऊपर रख दिया। फिर उसी समय माँ कहने लगी कि हाँ अब तू रहने दे मुझे आराम मिल गया और उसी समय मैंने हंसकर कहा कि तेरा मतलब पूरा होते ही मुझे दूर हटा दिया। अब माँ मुस्कुराते हुए बोली कि चल बदमाश कहीं का, अभी तो तुझे कई बार मेरा दूध ऐसे ही पीना है। दोस्तों उस रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी, इसलिए में माँ की जांघ के ऊपर अपने पैर को रखकर लेट गया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली। फिर उनको कुछ देर बाद नींद आ गयी और मैंने उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया और उसी समय गहरी नींद में होने की वजह से वो मुझसे लिपट गयी और मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था। अब मेरे पूरे बदन में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी। फिर कुछ देर बाद वो घूमकर सो गयी और मैंने अपने लंड को उनके दोनों कूल्हों की दरार में सटा दिया, जिसकी वजह से मुझे तो अब बहुत मज़ा आने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर तक उठा दिया और अब अपने लंड को उनकी गांड से सटाते हुए में उनसे चिपककर सोने का नाटक करने लगा था।

    फिर थोड़ी देर के बाद माँ ने करवट ली, शायद उनकी नींद खुली होगी, उन्होंने अपनी साड़ी को थोड़ा सा नीचे किया और वो सीधी लेट गयी और कुछ देर के बाद में उनके ऊपर अपने पैर और हाथ रखकर लिपटकर सो गया। दोस्तों उस रात को और कुछ भी नहीं हुआ, लेकिन मेरी इच्छा थी कि में एक बार उनकी चूत को देखूं और सेक्स का भी मज़ा लूँ और इस तरह फिर सुबह हो गयी। अब में उठकर तैयार होकर खा पीकर अपने कॉलेज चला गया, दोपहर को में अपने घर था और दोपहर के समय मैंने उनका दूध पिया और बीच में मैंने बूब्स को ज़ोर से दबाकर दाँत भी गड़ाए। अब वो दर्द की वजह से चीख मारकर कहने लगी कि यह क्या करता है क्या दूध ऐसे पिया जाता है? और कुछ देर बाद उसने मुझे अपने से दूर हटा दिया। फिर में शाम को ट्यूशन चला गया और रात तक वापस आ गया, तब तक माँ ने खाना बना लिया था और हम दोनों ने साथ में खाना खाया। दोस्तों उस दिन वो मेरे ऊपर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान थी और वो बार बार किसी ना किसी बहाने से मुझे अपने बूब्स का जलवा दिखा रही थी और खाने के बाद माँ ने मुझे फल खाने को दिया। फिर वो एक आम को चाकू से काटने लगी और में उनको कहने लगा कि में तो इसको ऐसे ही चूसकर खा लूँगा, मुझे चूसकर खाने में बड़ा मज़ा आता है।

    अब में उनके सामने आम को धीरे धीरे दबाते हुए चूसने लगा। अब वो मुस्कुराते हुए मुझसे कहने लगी कि तुझे तो आम बहुत अच्छे से चूसना आता है। फिर में भी दो मतलब के शब्दों में बोला कि तुम बोलो तो दोनों आम को चूस चूसकर खा लूँ बड़ा मज़ा आता है और वो भी देखकर जोश में आ रही थी। अब मैंने बोला कि माँ तुम्हे आम नहीं खाना तो केले खा लो बड़े अच्छे और आकार में भी यह बड़े है, तुम्हे बहुत मज़ा आएगा और वो केला खाने लगी, वो केले पर अपने होंठो को फेरते हुए जीभ से चूसती हुई खा रही थी। अब में उसको कहने लगा कि माँ तुम भी आज केला बड़ी मस्ती में खा रही हो और वो मुझसे कहने लगी कि तू जब आम को चूस सकता है तो क्या में केला नहीं खा सकती? में शरमा गया क्योंकि यह सब कहने का मतलब कुछ अलग था और उसमे शरारत झलक रही थी। फिर वो खाने के बाद में पढ़ने बैठ गया और वो अपने कपड़े बदलने लगी थी वो गर्मियों के दिन थे और गरमी कुछ ज्यादा ही थी। दोस्तों में उस समय शर्ट उतारकर बस लूँगी पहनकर पढ़ने बैठा था, मेरी उस टेबल के ऊपर दीवार पर एक शीशा लगा हुआ था और में अपनी माँ को उस शीशे से देख रहा था।

    फिर वो मेरी तरफ देख रही थी और अपने कपड़े उतार रही थी, लेकिन वो सोच भी नहीं सकती थी कि में कांच से देख रहा था, उन्होंने अपना ब्लाउज खोलकर उतार दिया और में पहली बार डोरी वाली ब्रा में बँधे उनके बूब्स को देख रहा था। दोस्तों उनके बूब्स बहुत बड़े आकार के थे और वो उस ब्रा में समा भी नहीं रहे थे, इसलिए आधे नंगे बूब्स ब्रा के ऊपर से साफ झलक रहे थे। अब कपड़े उतारकर वो बिस्तर पर लेट गयी और अपनी छाती को एक हल्की सी चुन्नी से ढक लिया। दोस्तों एक पल के लिए तो मेरा मन करने लगा कि में उसी समय उनके पास जकड़ उनके बूब्स को देख लूँ और फिर मैंने सोचा कि यह सब ठीक नहीं होगा और में दोबारा अपना ध्यान लगाकर पढ़ने लगा। दोस्तों कुछ देर लेटे ही वो सो गयी और कुछ ही देर में वो चुन्नी उनकी छाती से सरक गई और अब साँसों के साथ ऊपर नीचे होती उनकी मस्त रसीली छाती मुझे साफ नजर आ रही थी। अब तक रात के बारह बज चुके थे मैंने अपनी पढ़ाई को बंद किया और में बत्ती को बुझाने ही वाला था कि उसी समय माँ की सुरीली आवाज़ मेरे कानो में पड़ी, बेटे इधर आओ ना। फिर में सुनकर उनकी तरफ बढ़ गया और अब उन्होंने अपनी छाती को दोबारा चुन्नी से ढक लिया था।

    अब मैंने पूछा कि माँ क्या हुआ? उन्होंने कहा कि बेटा तुम मेरे दूध को चूसो यह फिर से भारी हो गए है। अब मैंने कहा कि तुम पहले बोलती तो में पहले ही चूस लेता, तुम्हे आराम मिल जाता। फिर वो कहने लगी कि तुम पढ़ाई कर रहे थे, इसलिए मैंने तुम्हे परेशान करना उचित नहीं समझा और कोई बात नहीं है अब चूस लो, आओ मेरे पास ही लेट जाओ और वो कहने लगी कि बल्ब को भी बंद कर दो। फिर मैंने बल्ब को बंद कर दिया और छोटा बल्ब जलाकर में बिस्तर पर उनके पास लेट गया। दोस्तों जिस बदन को में सालों से निहारता रहा आज में उसी के पास चिपककर लेटा हुआ था और उसके निप्पल को चूस रहा था। अब में चूसते हुए निप्पल को दबा दबाकर बूब्स के चारों तरफ से हाथ फेरते हुए, दबाते हुए पूरी मस्ती भी ले रहा था और हाथ उनके बदन पर भी घुमा रहा था और वो अधनंगा शरीर मेरे बिल्कुल पास था। फिर में बोला कि माँ तुम घुटनों के बल सामने हाथ टिकाकर घोड़ा बनकर खड़ी हो जाओ में नीचे से मुहं लगाकर दूध पीऊँगा जिसकी वजह से दूध जल्दी से नीचे उतार जाएगा। अब वो तुरंत ही ऐसा करने के लिए तैयार हो गयी और में नीचे से उनके निप्पल को अपने मुहं में लेकर खींचकर चूसने लगा था और मैंने अपना एक हाथ उनकी कमर में डाल दिया। दोस्तों

    अब उन्हे भी बहुत मज़ा आने लगा था, वो भी मन ही मन खुश हो रही थी और तभी वो अचानक से कहने लगी कि हाँ बेटा ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से चूस मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ऊह्ह्ह हाँ आज तू ठीक से चूस रहा है। अब मेरे भी पूरे बदन में सनसनी होने लगी थी और लंड भी खड़ा होकर टाइट हो गया था, उसी समय वो बोली कि बेटे यह ब्रा का हुक भी खोल दो और ठीक से चूसो। फिर मैंने बूब्स का दूध पीते हुए अपने एक हाथ से उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को अलग कर दिया और अब में भी बहुत उत्तेजित हो गया और जोश में आकर पागल हो गया। अब में अपने पैर से माँ के पैर को सहलाने लगा था और तभी अचानक से उनका संतुलन बिगड़ गया और वो मेरे ऊपर गिर गयी। अब उनके बड़े आकार के बूब्स मेरी छाती से सट गये और मेरे खड़े लंड का दबाव उनकी जांघो, चूत के कुछ हिस्से पर पड़ा, जिसकी वजह से उन्हे भी करंट सा लगा और उनके मुहं से निकला उईईईईई। अब मैंने पूछा क्या हुआ? वो बोली कि कुछ नहीं रे चल तू ठीक से पी वो सीधी होकर लेट गई और में उनके ऊपर लेटकर बूब्स को चूस चूसकर दूध पीने लगा था। अब माँ अपनी चूत पर लगातार हाथ घुमा रही थी और फिर पेटीकोट में हाथ डाकर शायद चूत में ऊँगली भी डालने लगी थी।

    दोस्तों उस समय उनका पेटीकोट जाँघो के ऊपर आ गया था, मैंने मैंने उनको पूछा कि माँ क्या हो गया आज क्या नीचे भी भारी हो गया? तुम्हे कुछ तकलीफ़ हो रही है तो वहाँ भी ठीक कर दूँ। अब वो बोली तू यह क्या बोलता है? मैंने कहा तुम कहो वहाँ भी कुछ चूसना हो तो चूस लेता हूँ सिर्फ़ तुम्हे आराम मिलना चाहिए और मैंने अब माँ का चूम लिया और बोला कि मेरी प्यारी माँ मेरी अच्छी माँ तुम कितनी सुंदर हो, यह बदन बड़ा ही कोमल है। दोस्तों मेरा लंड अब अंडरवियर से बाहर निकलने के लिए ज़ोर लगा रहा था। मेरा सात इंच का लंड बहुत जोश में आ गया था, बूब्स को मसलते हुए में उनके बदन के बिल्कुल पास आ गया था और मेरा लंड उनकी जाँघो में रगड़ मारने लगा था। फिर उसी समय वो मुझसे कहने लगी कि बेटा यह मेरे पैरों में क्या चुभ रहा है? मैंने हिम्मत करके जबाब दिया कुछ भी नहीं तो है। अब उन्होंने पूछा क्या में हाथ लगाकर देखूं? और मेरे जबाब देने से पहले ही अपना एक हाथ वो मेरे लंड पर रखकर उसको टटोलने लगी थी। अब अपनी मुट्ठी में मेरे लंड को कसकर वो कहने लगी बाप रे बहुत कड़क है तेरा तो एकदम खड़ा हो गया और वो मुझसे पूछने लगी तू अभी क्या बातें कर रहा था? अब मैंने बोला कि माँ तुम बुरा मत मानना, आज तुम मुझे अपना सब कुछ दिखाओ ना।

    hindi sex story अब माँ कहने लगी कि यह तो सिर्फ़ पति पत्नी के बीच ही होता है और तुम अभी बच्चे हो अभी तुम्हारी शादी भी नहीं हुई है और यह सब शादी के बाद ही होता है। अब मैंने कहा तो क्या हुआ हम सिर्फ़ आज करेंगे, प्लीज़ माँ आज यह मौका तुम मुझे दो ना, शादी के बिना भी तो कर सकते है। फिर उसके उत्तर दिया, लेकिन यह पाप है। अब में उसकी निप्पल को अपनी उंगली के बीच लेकर मसलते हुए बोला कि यह पाप करने में बहुत मज़ा आता है प्लीज़ माँ मुझे वो मज़ा दे दो ना प्लीज़ करने दो ना। अब वो मेरी तरफ मुड़ गई और अपना एक हाथ मेरी अंडरवियर में डालकर मेरे फड़फड़ाते हुए लंड को ऊपर निकाल लिया और लंड को कसकर पकड़े हुए वो अपना हाथ लंड की आखरी हिस्से तक ले गयी। फिर मैंने भी तुरंत ही उनकी चूत तक अपनी उँगलियों को पहुंचा दिया और मेरे लंड का आकार महसूस करके वो बहुत हैरान हो गयी और कहने लगी कि बेटा तू तो बड़ा हो गया है। फिर मैंने कहा कि यह तुम्हारा ही है और अब माँ कहने लगी कि मुझे क्या पता था कि तुम्हारा इतना बड़ा होगा? वो मुझसे बातें करते हुए मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खींच रही थी और कसकर दबा भी रही थी।

    फिर मैंने भी बिना देर किए पेटिकोट को ऊपर उठा दिया और वो कहने लगी तू यह क्या करता है? मैंने कहा कि सिर्फ़ आज एक बार फिर नहीं कहूँगा देखने दो ना, आज तो कोई भी नहीं है। फिर वो मेरे तने हुए लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाते हुए वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी। अब उनके बूब्स मेरे मुँह के बिल्कुल पास थे और में उन्हे कसकर दबा रहा था और फिर वो बोली कि अच्छा ले चल और अचानक उन्होंने अपने एक बूब्स को मेरे मुँह में डालते हुए कहा कि चूसो इनको और आज अपनी इच्छा पूरी कर लो, जी भरकर दबाओ, चूसो और मज़े लो। फिर मैंने यह बात सुनकर खुश होकर दोनों बूब्स को बारी बारी से अपने मुँह में भर लिया और में जोश में आकर ज़ोर से चूसने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी, कहने लगी ऊफ्फ्फ वाह मज़ा आ गया, हाँ ज़ोर ज़ोर से चूस ना। अब में कसकर बूब्स को दबा रहा था, जैसे कि आज में उनका पूरा रस निचोड़ दूंगा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उनके मुहं से अब ओह्ह्ह्ह स्सीईईई की आवाज़ निकल रही थी। अब में कहने लगा कि तुम नहीं जानती कि तुमने मुझे और मेरे लंड को कितना परेशान किया है? और में दोनों अनारों को कसकर पकड़े हुए था और बारी बारी से उन्हे चूस रहा था।

    अब उनसे भी नहीं जा रहा था, इसलिए गरम होकर वो भी मेरे लंड को बुरी तरह से मसल रही थी और फिर उन्होंने अपनी एक जांघ को मेरी जांघ के ऊपर चड़ा दिया और मेरे लंड को अपनी जांघ के बीच रख लिया। फिर उसी समय मुझे उनकी जाँघो के बीच एक मुलायम रेशमी एहसास हुआ, दोस्तों यह उनकी चूत थी, क्योंकि उस समय माँ ने पेंटी नहीं पहन रखी थी। अब मेरे लंड का टोपा उनकी झांटो में घूम रहा था, मैंने कहा कि माँ तेरा नीचे वाला अंग तो बहुत ही मुलायम है और अब मेरे सबर का बाँध टूट रहा था। फिर में कहने लगा कि माँ मुझे कुछ हो रहा और अब में अपने आपे में नहीं हूँ, प्लीज़ तुम ही मुझे अब बताओ कि में क्या करूं? वो कहने लगी कि मुझे लगता है कि तू आज मानेगा नहीं, चल तेरी जो भी इच्छा है वो तू कर ले। दोस्तों वो बड़े ही मादक अंदाज़ में मुस्कुराने लगी और मेरे लंड को आज़ाद करते हुए बोले कि ठीक है, मुझे लगता है कि अपने इस बेटे को मुझे ही सब कुछ सीखना पड़ेगा, लेकिन तुम मुझे गुरु दक्षिणा पूरे मन से देना। अब मैंने तुरंत ही उनके पेटीकोट का नाड़ा खींचा और कहा कि अब तो इसके दर्शन करा दो, कहते हुए मैंने उनका पेटिकोट को नीचे किया और माँ अपने कूल्हों ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से पेटिकोट उनके पैरों से उतरकर अलग हो गया।

    फिर में भी पलंग से नीचे उतर गया और मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया, उसके बाद में अपने तने हुए लंड को लेकर अपनी माँ के सामने खड़ा था और अब माँ भी पूरी तरह से नंगी होकर मेरे सामने लेटी हुई थी और वो अपने रसेली होंठो को अपने दांतों में दबाकर मेरी तरफ देखती रही। फिर अपने दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और मुझे रेशमी झांटों के जंगल के बीच छुपी हुई उनकी रसीली गुलाबी चूत का द्रश्य देखने को मिला। दोस्तों उस छोटे बल्ब की हल्की रोशनी में चमकते हुए नंगे जिस्म को देखकर में उत्तेजित हो गया और मेरा लंड मारे खुशी के झूमने लगा था। अब में तुरंत उनके ऊपर लेट गया और उनके बूब्स को दबाते हुए, उनके रसीले होंठो को चूसने लगा और उन्होंने भी मुझे कसकर अपने आलिंगन में कसकर जकड़ लिया और मेरे चुम्मे का जवाब देते हुए मेरे मुँह में अपनी जीभ को डाल दिया है। अब में भी उनकी जीभ को मज़े से चूसने लगा और फिर पूरे जोश के साथ कुछ देर तक तो हम दोनों ऐसे ही चिपके रहे। फिर माँ ने मेरी पीठ से हाथ ऊपर लाकर मेरा सर पकड़ लिया और नीचे की तरफ किया। अब में अपने होंठ उनके होंठो से नीचे ले आया और कंधो को चूमते हुए बूब्स पर पहुँच गया। एक बार फिर उनके बूब्स को मसलते हुए और खेलते हुए चूसने लगा।

    अब उन्होंने बदन के निचले हिस्से को मेरे बदन के नीचे से निकाल लिया और अपने एक हाथ से वो मेरा लंड पकड़कर उसको मुट्ठी में लेकर सहलाने लगी और अपने दूसरे हाथ से मेरा एक हाथ पकड़कर अपने पैरों के बीच ले गयी। फिर जैसे ही मेरा हाथ उनकी चूत पर पहुँचा तो उन्होंने अपनी चूत को रगड़ दिया और किसी भी समझदार को बस एक इशारा ही बहुत होता था। अब में उनके बूब्स को चूसता हुआ उनकी चूत को रगड़ने लगा था और मैंने अपनी उंगली को चूत के मुँह पर दबा दिया और फिर मैंने अपनी उंगली को उनकी चूत की दरार में घुसा दिया, जिसकी वजह से मेरी ऊँगली पूरी तरह से अंदर चली गई। अब में अपनी ऊँगली को उनकी चूत में इधर उधर घुमाने लगा था। फिर जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत के दाने से टकराई तो उन्होंने ज़ोर से सिसकियाँ लेकर अपनी जाँघो को कसकर बंद कर लिया और वो दोनों कूल्हों को उठाकर मेरे हाथ से खेलने लगी। दोस्तों जोश की वजह से उनकी चूत से पानी बह रहा था, थोड़ी देर बाद तक ऐसे ही मज़ा लेने के बाद मैंने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकाल लिया। अब में सीधा होकर उनके ऊपर लेट गया। उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने अपने फड़फड़ाते हुए लंड को चूत के मुहं पर रख दिया और हल्के से चूत के मुहं पर रगड़ने लगा, उनकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी।

    फिर उसी समय अचानक से मेरा लंड उनकी चूत में थोड़ा सा अंदर चला गया और वो कहने लगी कि प्यार से डालो नहीं तो मुझे दर्द होगा आहह्ह्ह। अब उनकी झांटों और चूत का मुलायम स्पर्श मुझे पागल बना रहा था और फिर जैसे ही मैंने धक्का लगाया एक ही धक्के में लंड अंदर चला गया। दोस्तों इससे पहले कि माँ संभले या अपना आसान बदले मैंने दूसरा धक्का लगा दिया और पूरा का पूरा लंड मक्खन जैसी चूत के अंदर हो गया। अब वो दर्द की वजह से चिल्ला गई ऊऊईईईई आईईईईईई माँ ओह्ह्ह्ह तुम ऐसे ही कुछ देर हिलना नहीं मुझे बड़ी जलन हो रही है। फिर में अपना लंड उनकी चूत में डालकर वैसे ही चुपचाप पड़ा रहा और कुछ देर बाद मैंने हाथों को आगे बढ़ाकर दोनों बूब्स को पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूसने लगा, जिसकी वजह से उनको बड़ी मस्ती आराम मिलने लगा था और अब उन्होंने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया। अब वो कहने लगी कि अब तुम देर ना करो चोदो मुझे लो मज़ा इस जवानी का मेरे राजा और वो अपनी गांड को हिलाने लगी और मैंने वैसे ही करना शुरू किया। अब मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत के अंदर बाहर होने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी रफ्तार को बढ़ा दिया और मेरा लंड बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा था।

    अब हम दोनों को पूरी मस्ती मज़ा आ रहा था और वो नीचे से अपनी कमर को उठाकर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी, लेकिन जैसे ही में ज्यादा रफ्तार बढ़ाता लंड बाहर निकल जाता। फिर माँ से रहा नहीं गया और करवट लेकर मुझे अपने ऊपर से उतार दिया और मुझे लेटाकर वो मेरे ऊपर आ गयी, वो अपनी दोनों जाँघो को पूरा फैलाकर अपने गद्देदार कूल्हों को मेरे ऊपर रखकर बैठ गयी। अब उनकी चूत मेरे लंड पर थी और हाथ मेरी कमर को पकड़े हुए थे और फिर वो मुझसे कहने लगी कि अब में तुम्हे बताती हूँ कि चुदाई कैसे करते है? मेरे ऊपर लेटकर एक धक्का लगा दिया और मेरा लंड घप से चूत के अंदर चला गया। फिर माँ ने अपने रसीले बूब्स को मेरी छाती पर रगड़ते हुए अपने गुलाबी होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया और मेरे मुँह में जीभ को डाल दिया। फिर माँ ने बड़े ही मज़े से अपनी कमर को हिलाकर धक्के लगाना शुरू किया। वो बहुत कसकर धक्के लगा रही थी, उनकी चूत मेरे लंड को अपने में समाए हुए बड़ी तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थी और मुझे लग रहा था कि में जन्नत में पहुँच गया हूँ। अब माँ मेरे ऊपर मेरे कंधो को पकड़कर घुटनों के बल बैठ गयी और ज़ोर ज़ोर से कमर को हिलाकर लंड को तेज़ी से अंदर बाहर लेने लगी थी।

    फिर उनका पूरा बदन हिल रहा था और साँसे बड़ी तेज़ तेज़ चल रही थी और साथ ही बूब्स भी तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहे थे। अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने हाथ को आगे बढ़ाकर दोनों बूब्स को पकड़ लिया और में ज़ोर से मसलने लगा और उनकी रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी। अब कमरे में फच फच की आवाज़ गूँज रही थी और जब उनकी सांस फूल गयी। तब वो खुद ही नीचे आकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया और पैरों को फैलाकर ऊपर उठा लिया। अब वो मुझसे कहने लगी कि में थक गयी हूँ मेरे राजा अब तुम अपना मोर्चा संभालो। फिर में झट से उनकी जाँघो के बीच बैठ गया और निशाना लगाकर झटके से लंड को अंदर डाल दिया और उनके ऊपर लेटकर धक्के लगाने लगा और माँ ने अपने पैरों को मेरी कमर पर रखकर मुझे जकड़ लिया और अपने कूल्हों को उठाकर चुदाई में साथ देने लगी। फिर में उनके बूब्स को मसलते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और वो अपनी कमर को हिलाकर कूल्हों को उठाकर चुदाई के मज़े ले रही थी और वो मुझसे कहे जा रही थी आह्ह्ह्हह ऊओह्ह्ह ऊऊहह्ह्ह मेरे राजा मज़ा आ गया। यह कहते हुए मेरी माँ ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसी समय उनकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ना शुरू कर दिया।

    अब तक मेरा लंड भी वीर्य छोड़ने वाला था और में उनको कहने लगा कि में भी गया मेरी जान और मैंने भी अपने लंड का वीर्य छोड़ दिया और में हांफते हुए उनके बूब्स पर सर रखकर चिपककर लेट गया। दोस्तों यह मेरी पहली चुदाई थी, इसलिए मुझे बड़ी थकान महसूस हो रही थी और वो भी अपने एक हाथ से मेरे सर को धीरे धीरे से सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी। फिर माँ ने करवट लेकर मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और मुझे अपनी बाहों में कसकर धीरे से मेरे कान में फुसफुसाकर कहने लगी, वाह बेटा तुमने तो कमाल कर दिया, तुम्हारे लंड में वाह क्या गजब की ताकत है? फिर मैंने कहा कि असली कमाल तो आपने कर दिया है आजतक तो मुझे पता ही नहीं था कि चूत और लंड के इस खेल से इतनी मस्ती आती है और यह तो बस आपकी मेहरबानी है जो कि आज मेरे लंड को आपकी चूत की सेवा करने का यह पहला मौका मिला। अब भी मेरा लंड उनकी चूत के बाहर झांटों के जंगल में रगड़ मार रहा था और फिर माँ ने अपनी मुलायम हथेलियों में मेरे लंड को पकड़कर सहलाना शुरू किया।

    फिर अचानक ही बच्चे के रोने की आवाज़ आई और वो उसको सम्भालने लगी और फिर उसके बाद में सो गया ।।

    धन्यवाद …

  • मेरी सगी बुआ की लड़की को लगा चस्का

    hindi sex stories, antarvasna हेल्लो दोस्तो | आज मै आपको अपनी बुआ की लड़की के विषय में कुछ सुनाने के लिए जा रहा हूँ | मेरी बुआ की एक लड़की है | जिसका एक बॉयफ्रेंड है | एक दिन जब मेरी बुआ की लड़की को उसका बॉयफ्रेंड चोद रहा था तब मैंने उस लड़के को चोदते हुए देखा था | चलो अब मै सुनाता हूँ की क्या हुआ था उस दिन और मैंने अपने बुआ की लड़की को चोदते हुए कैसे देखा था | शुरु में जब वो लड़का मेरे घर पर आया करता था तब उस लड़के के विषय में मुझे कुछ मालूम नही चलता था | मै अपनी बुआ के घर किसी खास वजय से गया हुआ था | तब मुझे अपनी बुआ की लड़की के विषय में मालूम चल गया | एक दिन मै छत के उपर टहल रहा था तब मैंने एक लड़के को घर के सामने टहलते हुए देखा | कुछ समय तक मैंने देखा की वो लड़का सिर्फ घर के सामने टहल रहा था | फिर मैंने वो देखा जिसे देखकर मै चकित रह गया | वो लड़का उसके हात उपर करके हिला रहा था | असलियत तो ये थी की वो लड़का किसी लड़की को देखकर उसके हात हिला रहा था | मुझे तो असलियत मालूम करना था की वो लड़का किस लड़की को देखकर हाथ हिला रहा था |

    मै छत से नीचे उतरा और देखा की वो लड़का मेरी बुआ की लड़की को हाथ दिखाकर हाथ हिला रहा था | फिर मेरी बुआ की लड़की ने गाडी चालू किया और फिर वो कही पर चल गयी | तब मै उस बुआ की लड़की का पीछे करने के लिए अपनी मोटरसाइकिल को चालू किया | फिर मै बुआ की लड़की का पीछा करने लगा | वो लड़का जो की घर के सामने आकर हाथ हिला रहा था | वो लड़का मेरी बुआ की लड़की के साथ गाडी चला रहा था | उस समय वो लड़का उसकी मोटरसाइकिल से आया हुआ था | कुछ देर तक तो मै उनका पीछा करता रहा | फिर मैंने वो देखा जिसे देखकर मै चकित पड़ गया | वो लड़का और मेरी बुआ की लड़की एक सुनसान से खेत पर जा कर रुक गए थे ताकि उन्हे कोई भी देख न सके | लेकिन उस समय एक बन्दा उनका पीछा कर रहा था जिसे की उनके विषय में मालूम चल गया था | उस सुनसान खेत में फिर मेरी बुआ की लड़की ने उससे चिपका चिपकी चालू कर दी थी | अब आप जो सुनोगे वो बेहद चकित करने वाला है | उस लड़के ने मेरी बुआ की लड़की के होटो को चूमना शुरु कर दिया था | इसके आलावा मेरी बुआ की लड़की ने भी उस लड़के को गले लगाया था | फिर वो लड़का मेरी बुआ की इस्थन को पीने लगे |

    कुछ समय तक दूध को मसलने और पीने के बाद उस लड़के ने फिर मेरी बुआ की लड़की के लोवर को निचे खीचा और उसको नंगा कर दिया | जब उस लड़के ने उसे नंगा कर दिया था तब वो उसके चुतड को चाटने के लिए अपनी जीब का उपयोग करने लगा | जीब का उपयोग करने के बाद फिर उस लड़के ने उसकी हाथ का उपयोग करना शुरु कर दिया | वो लड़का उसकी चूत को अपने हाथ से पकडकर उसकी चूत को सहला रहा था | मेरी बुआ की लड़की जब नंगी थी तब मैंने उसकी चूत के उपर बालो का गुछा लगा हुआ देखा था | उस दिन फिर उस लड़के ने उसकी चूत के अन्दर अपना लंड घुसेड दिया | लंड का घुसना और निकलना को कुछ समय तक देखना के बाद मैंने देखा की उस लड़के ने उसकी मुह के अन्दर अपना लंड को घुसा दिया | इतना तक तो काफी था लेकिन मेरी मामी की लड़की को थकावट नही हो रही थी और वो उसके लंड को चूस रही थी | फिर वो लोग लौटकर उनके घर चले गए | अब तो मुझे उनके विषय में मालूम चल गया था | एक दिन जब मै घर पर अकेला था तब मैंने देखा की मेरी बुआ की लड़की घर पर अकेली थी | तब एक लड़की आई हुई थी | असलियत तो ये थी की वो लड़की जो की उसकी सहेली थी वो उसको लेने के लिए आई हुई थी | ताकि किसी को कुछ मालूम नही चले की वो लड़की कहा जा रही है | जब उसकी सहेली आती थी तो बुआ को लगता था की वो एक गाडी से घुमने के लिए जा रही है | लेकिन ऐसा कुछ नही था उसकी सहेली उस लड़के से मिलवाने के लिए उसे लेकर जाती थी | जब मैंने उसकी सहेली के साथ उसका पीछा किया तो मैंने देखा की मेरी बुआ की लड़की उसके बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए जाती थी | फिर उन लोग उसकी सहेली के घर पर चले जाते थे | तब वो लड़का उसकी सहेली के घर पर घुस जाता था |

    मै छिपकर उसकी सहेली के घर पर घुस गया और फिर उस लड़के को देख रहा था | तब मैंने देखा की बुआ की लड़की एक कमरे के अन्दर चली गयी | मै खिड़की से देख रहा था | कमरे के अन्दर क्या चल रहा है | आखिरकार मुझे मालूम चल गया की कमरे के अन्दर क्या चल रहा है | वो लड़का बुआ की लड़की को गले लगाया हुआ था | फिर उस लड़के ने उसकी चूत के अन्दर उसकी हाथ को डाल दिया | हात को डालने के बाद फिर वो बुआ की लड़की के झाट वाले बाल को पकडकर खीच रहा था | बुआ की लड़की उसके झाट के बाल साफ नही करती है ये मुझे मालूम चल गया था | फिर उस लड़के ने कहा की क्या तू झाट के बाल साफ नही करती है | फिर उस लड़के ने कहा की क्या तू मेरा लंड चूस सकती है | मेरी बुआ की लड़की ने कहा की हा मै तुम्हारा लंड चूस सकती हूँ | फिर बुआ की लड़की उसका लंड चूसने में लग गयी | उस लड़के ने फिर उसका कपडा खोल दिया | कपडे खोलने के बाद उस लड़के ने कहा की मेरा लंड तुमने चूस ली हो इसलिए क्या अब मै तुम्हारे चूत के अन्दर अपना लंड डाल सकता हूँ | तब उस लड़की ने कहा की हा तुम मेरा चूत के अन्दर तुम्हारा लंड घुसेड सकते हो | फिर उस लड़के ने उसका लम्बा लंड उसकी चूत के अन्दर उसका लंड घुसेड दिया | तब उसकी सहेली घर से बाहर निकल आई और उसने मुझे देख लिया | लेकिन उसकी सहेली मुझे पहचान नही पाई क्योकि मैंने चहरे पर कपडा पहना हुआ था | मै उसकी सहेली की दीवाल के उपर चड़कर उसके घर से बाहर निकल आया | लेकिन मुझे मालूम चल गया था की क्या हुआ था और मुझे बुआ की लड़की की असलियत भी साफ साफ उस दिन देख लिया था | वो लड़का कोई सरीफ लड़का नही था | क्योकि मै  एक दिन अपनी बुआ की लड़की का पीछा करते हुए देखा की वो उसकी सहेली के घर पर घुस रही है |

    वो लड़का पहले से ही घर पर था | पहेले तो उस लड़के ने बुआ की लड़की को चोदा | जब मेरी बुआ की लड़की उसकी सहेली के घर से चली गयी तब मैंने देखा की उस लड़के ने उसकी सहेली को गले लगा लिया | फिर उसकी सहेली उसके होटो को चूमने लगी | कुछ समय तक तो ये सिलसिला चलता रहा | फिर मैंने देखा की उस लड़के ने उसकी सहेली के लोवर के अन्दर उसका हाथ डाल दिया | हाथ डालने के बाद फिर उस लड़के ने उसकी चूत को चाटने के लिए उसका लोवर निचे किया | लोवर निचे करने के बाद फिर वो लड़का उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया | अब मुझे मालूम चल गया था की उसकी सहेली भी उस लड़के की गर्लफ्रेंड है | फिर मै उसकी सहेली के घर से बाहर निकल आया | एक दिन मेरे घर पर वो लड़का आया हुआ था | उस लड़के ने मुझ से मेरा परिचय पूछा और मैंने उस लड़के को बताया की तुम जिससे मिलने के लिए आई हो वो मेरी बहन है | फिर मै उस लड़के की खातिरदारी करने में लग गया | कुछ समय तक तो मै उस लड़के से उसके विषय में पूछता रहा | जब मै उसके विषय में पूछ रहा था तब उस लड़के ने मुझे बताया की उसके घर पर सिर्फ उसकी मम्मी रहती है | उसके पापा शहर से बाहर रहते है | एक दिन उस लड़के को मैंने बुआ की लड़की को चोदते हुए रंगे हाथ पकड लिया था | मैंने ऐसा इसलिए किया था क्योकि मुझे उस लड़के को अपनी बुआ की लड़की को चोदने से रोकना था | जब मैंने उस लड़के को एक दिन पकड लिया था तब से वो लड़का मेरी बुआ की लड़की को चोद नही पाता था | कुछ महीने के बाद वो लड़का मुझ से मिलने के लिए आया हुआ था | असलियत ये था की वो लड़का मुझ से पहचान करने के लिए आया था |

    जब उसका पहचान मुझ से हो गया तो मुझ से रविवार के दिन मिलने के लिए आया करता था | इसके आलावा वो उसकी गाडी पर मुझे बैठालकर घुमाने के लिए जाया करता था | मै उस लड़के के साथ काफी जगह पर घूम चूका था | एक दिन उस लड़के ने मुझ से कहा की उसकी एक गर्लफ्रेंड है और अगर तुमको उसको चोदना है तो तुम उसको चोद सकते हो | अब मेरे पास एक अवसर था की मै उसकी गर्लफ्रेंड की चुदाई कर सकू | मैंने उसकी गर्लफ्रेंड को चोदने के लिए हा कह दिया | उस लड़के ने जब उसकी गर्लफ्रेंड से मुझे मिलवाया तो मुझे मालूम चल गया की उसकी गर्लफ्रेंड कोई अन्य लड़की नही थी वहि लड़की थी जो की मेरी बुआ की लड़की की सहेली थी | मेरी बुआ की सहेली को मैंने पहचान लिया | फिर मैंने उस लड़के से कहा की मै तुम्हारी गर्लफ्रेंड को पहचानता हूँ | क्योकि ये वहि लड़की है जो की मेरी बहन की सहेली है | ये लड़की मेरी बहन से मिलने के लिए मेरे घर पर आया करती थी | फिर उस लड़के ने मुझ से कहा की तुम्हारे लिए तो सरल हो गया है | इसलिए अगर तुमको चुदाई करना है तो उस लड़की के घर पर तुम्हे चलना पड़ेगा |

    फिर उस लड़के ने उसकी मोटरसाइकिल को चालू किया और मै उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गया | तब उस लड़के ने मुझे उस लड़की के घर पर पहुचा दिया | जब मै उस लड़की के घर पर पहुचा तो मुझे पहेले उस लड़की को गले लगाने से डर रहा था | लेकिन उस लड़के ने उसके सामने मुझे उस लड़की को गले लगाने के लिए कहा | फिर उस लड़के ने उस लड़की का हात पकडकर मेरे हातो में पकड़ा दिया | फिर क्या था मैंने उस लड़की के होटो को चुम्न लिया | इतना ही नही उस लड़की ने मुझ से कहा की आप को मै पहचानती हूँ | फिर उस लड़की ने मुझे कहा की आज आप मेरी चुदाई करो | फिर मैंने उस लड़की के चूत पर अपनी उंगली फेरने लगा | कुछ समय तक ये चलता रहा फिर मै उस लड़की की चूत को चाटने के लिए उसके पहने हुए चड्डी को निचे उतार दिया | जब मैंने उस लड़की की चड्डी को निचे उतारा और उसका बॉयफ्रेंड वहि पर मौजूद था और वो उस समय चुदाई को देख रहा था | उस लड़के ने मुझ से कहा की तुम अब तुम्हारा लंड मेरी गर्लफ्रेंड को चूसने के लिए दो और वो तुम्हारा लंड चूसने लगेगी | फिर वो लड़की मेरे लंड चूसने लगी | चुदाई करने के दौरान वो लड़का मुझ से जो कह रहा था मै वैसा कर रहा था | जब वो लड़का कहता मुह में लंड डालो तो मै उस लड़की के मुह में लंड डाल देता था और जब वो लड़का कहता की चूत में लंड डालो तो मै चूत के अन्दर लंड डाल देता |

  • अनजान भाभी की जबरदस्त चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कमल है और में असम का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 27 साल है. दोस्तों में आज आप सभी को मेरे साथ घटित हुई एक सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ, जिसमें मैंने एक भाभी को मुझसे दोस्ती करके चोदा, यह मेरी आज पहली कहानी है. अब में सबसे पहले अपने बारे में भी बता देता हूँ, में दिखने में एकदम ठीकठाक और मेरा रंग गोरा है और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों मेरी यह कहानी कुछ इस तरह की है, मुझे एक भाभी रास्ते में मिली.

    एक दिन ऐसे ही में फुटपाथ से घूमता हुआ कहीं जा रहा था तो रास्ते में थोड़ी देर बाद मुझे एक बहुत सुंदर भाभी जी मिली तो मैंने देखा कि उसका पूरा ध्यान मेरी ही तरफ था, वो मुझे देखकर थोड़ा सा मुस्कुरा रही थी और में भी उन्हें देखकर बहुत खुश था और अब मैंने भी अपना पूरा ध्यान उसकी तरफ लगा दिया. फिर में उसका पीछा करने लगा और वो जहाँ जाती में भी वहां पर उनके पीछे पीछे जाने लगा, कम से कम आधा घंटा उसके साथ ऐसे ही टाईम चला गया. फिर जाकर थोड़ा साहस करने के बाद मैंने उसके साथ थोड़ी बातें करना शुरू किया और उससे उसका नाम और उसकी तारीफ करने लगा.

    फिर उसके बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए बोला कि चलो हम कहीं बैठते है और फिर हम थोड़ी ही दूरी पर एक कॉफी शॉप में जाकर बैठ गए और अब हम दोनों एक साथ बैठकर कॉफी पीने लगे. हम दोनों कुछ घंटो में एक दूसरे के साथ ऐसे बातें करने लगे जैसे हम एक दूसरे को बहुत लंबे समय से जानते है, हम बहुत हंस हंसकर बातें करने लगे थे और वो भी मेरी हर बात का जवाब बहुत अच्छे से देने लगी थी. तभी हम लोगों ने अपना अपना फोन नंबर एक दूसरे को दे दिया.

    फिर उस दिन की कहानी उसी कॉफी शॉप पर हो गई और जाते जाते में उससे बोल गया कि में उसके फोन का इतंजार करूंगा और में उससे इतना कहकर वहां से चला गया, लेकिन मेरे मन में वो पूरी तरह से बस गई थी और में पूरे रास्ते उसके बारे में सोचता रहा. माफ़ करना दोस्तों में तो आप सभी को उसके बारे में बताना ही भूल गया. उसका नाम परी है और उसकी उम्र करीब 35 साल के करीब ही होगी, वो दिखने में एकदम अच्छी, उसका कलर दूध जैसा गौरा है, लेकिन उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं है और उसका फिगर बहुत मस्त है, उसका फिगर का साईज मेरे हिसाब से 36- 32- 38 होगा. उसके होंठ आकार में बड़े और बिल्कुल लाल लाल थे और जिसको देखते ही मेरा उसे किस करने का मन करता है. उसको देखकर बिल्कुल भी नहीं लगता कि वो शादीशुदा है और अब ज्यादा वक़्त बर्बाद किए बिना में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. फिर दूसरे दिन सुबह शायद करीब 10 बजे का समय था, तभी मेरे पास उसका फोन आ गया और उसने मुझसे पूछा कि तुम इस समय कहाँ हो? तो मैंने उससे बोला कि में अपने कमरे पर हूँ.

    फिर उसने मुझसे पूछा कि में फ्री हूँ क्या? तो मैंने बोला कि हाँ में फ्री हूँ तो उसने मुझे उसके साथ कहीं बाहर बाजार से कुछ खरीदने के लिए जाने को बोला. फिर मैंने तुरंत कुछ सोचे बिना झट से उसे हाँ बोल दिया और अब में जल्दी से तैयार होकर उसके बताए हुए पते पर पहुंच गया. फिर हम दोनों वहां से बाजार के लिए निकल पड़े और उसने वहां पर पहुंचकर जी भरकर खरीदारी की. उसने उस समय एक कुर्ती और लेगी पहन रखा था और जिसमें वो बहुत मस्त लग रही थी और उसके बूब्स को देखने पर मेरी ऐसी इच्छा हो रही थी कि में उसके बूब्स को यहीं के यहीं पकड़कर खा जाऊँ और अच्छी तरह से निचोड़ दूँ और उनका पूरा रस पी जाऊँ.

    फिर मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स पर अपना हाथ लगाना शुरू कर दिया था, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं बोला और मुझे मालूम नहीं था कि उसको इस बात का पता लगा है या नहीं? फिर कुछ देर बाद में फिर से मैंने अपना हाथ उसकी सेक्सी छाती पर लगाना शुरू किया और तब उसको मेरा हाथ अपने बूब्स पर महसूस हुआ और उसने यह सब जानकर भी ना जानने का नाटक किया. तब मुझे और जोश आ गया और ऐसे ही करते करते मैंने एक बार ज़ोर से हाथ लगा दिया, ताकि उसके बूब्स दब जाए और अब ऐसा ही हुआ. मैंने उसके मुलायम बूब्स को बहुत करीब से छूकर हाथ लगाकर महसूस किया, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा बस थोड़ा सा मुस्कुरा दिया और में उसकी इस हंसी का मतलब समझ चुका था.

    फिर हम दोनों करीब तीन घंटे बाद लौटकर आ गए और अपने अपने घर पर चले गये और घर जाने के बाद उसने मुझे फोन किया तो वो मुझसे थोड़ा ठीक से खुलकर बातें करने लगी और मुझसे ऐसे ही हालचाल पूछते पूछते मैंने बातों ही बातों में कुछ सेक्स की तरफ इशारा कर दिया, उसको भी अब पता लग रहा था कि में उससे किस बात का इशारा कर रहा हूँ और तभी शायद उसको भी जोश आ गया और अब उसने भी मेरे साथ सेक्सी बातें करनी शुरू कर दी.

    फिर हम दोनों ने फोन पर ही बहुत सारी बातें की और फिर हम लोगों ने फोन सेक्स भी किया. फिर मैंने एक बार मुठ मारी और उसने भी अपनी चूत में ऊँगली डालना शुरू किया और कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गये. फिर हमने फोन कट करके अपने अपने सामान बाथरूम में जाकर साफ कर लिए और फिर कुछ देर बाद उसका मेरे पास दोबारा फोन आ गया और अब हम लोगों ने मिलने का प्लान बनाया, मेरा विचार उसके घर पर जाने का था और अब हम दोनों एक अच्छे से मौके का इंतजार कर रहे थे और पूरे चार दिन बाद वो मौका आ गया.

    दोस्तों उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था और उसने अपनी तबियत खराब होने का बहाना बनाकर अपने परिवार वालों के साथ जाने से साफ मना कर दिया और इस बात का फायदा उठाकर उसने तुरंत अकेले होते ही मुझे फोन कर दिया. फिर में उस दिन उसके घर पर जाने को तैयार हो गया और तब तक हम लोग हर दिन बाहर मिलते रहे और मौका मिलने पर हम फोन सेक्स भी करते थे.

    दोस्तों अब आई मौके की बात तो जब में उसके घर पर पहुंचा तो उसने दरवाजा खोला और तुरंत वो मुझसे लिपट गई और उसने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और मेरे एक होंठ पर स्मूच किया. दोस्तों वाह क्या स्मूच था? में आसमान पर पहुंच गया था क्या मज़ा था? उसने उस समय मेक्सी पहनी हुई थी और उसके नीचे ब्रा नहीं पहन रखी थी, शायद मेरे आने के इंतजार में वो एकदम तैयार थी, उसने काली कलर की पेंटी पहन रखी थी. फिर उसने मुझे किस करने के कुछ देर बाद मुझसे पूछा कि क्या तुम चाय पियोगे?

    मैंने उससे बोला कि मुझे चाय नहीं चाहिए मुझे तो आपका दूध चाहिए. अब वो मुझसे एक बार फिर से लिपट गई और अब हम दोनों उसके बेडरूम में चले गये, बेडरूम में जाते ही मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और में उसके सामने आ गया. अब में उसको ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं के अंदर डालकर वो मेरे सलाइवा को चाट रही थी और में भी उसका पूरा पूरा साथ देता रहा, ऐसे ही हम दोनों अब बहुत गरम हो गए.

    फिर मैंने उसे किस करते करते उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था. फिर वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो, इतना ज़ोर ज़ोर से कर रहे हो क्या मेरे बूब्स को बाहर ही निकाल दोगे क्या? तब मैंने थोड़ा धीरे किया और उसके कपड़े उतारने लगा, कपड़े निकालकर में उसके पूरे शरीर को ऊपर से लेकर नीचे तक किस करने लगा और उसके जिस्म का एक भी ऐसा हिस्सा नहीं रह गया जहाँ पर किस करना बाकी रह गया हो. अब मैंने उसकी चूत पर एक जोरदार किस किया और अब में उसकी चूत और बूब्स से खेलने लगा, में उसके एक बूब्स को दबा रहा था और एक को चूस रहा था और चूस चूसकर मैंने उनके निप्पल को पूरे लाल कर दिए थे और ज्यादा ज़ोर से दबाने की वजह से उसके गोरे गोरे मोटे बूब्स भी अब लाल हो गए थे और वो मोन कर रही थी, आऔह उूुउऊ अयाया आआहाआह करके चिल्ला रही थी.

    फिर मैंने उठकर अपने मोबाइल पर एक अच्छा सा प्यार भरा गाना चला दिया, जिससे उसके चीखने की आवाज बाहर ना जाए और फिर में उसके पास आकर उसकी चूत को चाटने लगा और उसकी चूत में मैंने अपनी एक ऊँगली को डाल दिया और मैंने देखा कि उसने अपनी चूत को बहुत साफ कर रखा था और उस पर एक भी बाल नहीं था, मेरे करीब पांच मिनट तक चूत को चाटने के बाद वो अब झड़ने वाली थी. तभी उसने मुझसे बोला कि मेरा अब निकल रहा है और मैंने उसका रस पी लिया, वाह क्या स्वाद था उसका, मुझे बहुत अच्छा लगा. अब वो मेरे ऊपर आ गई और वो मेरे कपड़े खोलने लगी और वो एक एक करके ऐसे खोल रही थी कि जैसे वो आज मेरे कपड़े फाड़ देगी. फिर उसने मुझे जी भरकर किस किया और मेरे लंड से खेलने लगी और उसको हाथ में ले लिया और सहलाने लगी. फिर मैंने उससे बोला कि तुम इसे अपने मुहं में नहीं लोगी क्या? तब उसने मेरी यह बात सुनकर झट से लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर वो बहुत मज़े से लंड को चूसने लगी. दोस्तों वाह क्या मज़े से चूस रही थी, में तो एकदम मदहोश होने लगा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि में आज आसमान में हूँ और मुझे ऐसा महसूस कभी नहीं हुआ था.

    फिर उसने पांच मिनट लंड को चूसने के बाद मुझसे बोला कि मुझे अभी के अभी वो चाहिए, में अब और ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर सकती प्लीज मुझे तुम्हारा यह मेरे अंदर डालकर धक्के दो और मुझे संतुष्ट कर दो में बहुत समय से इसके लिए तरस रही हूँ प्लीज थोड़ा जल्दी करो. फिर मैंने तुरंत उसे अपने ऊपर से हटाकर बिस्तर पर एकदम सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फेलाकर सुला दिया था. अब मैंने एक ही जोरदार झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी उईईईई माँ में मर जाउंगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ में मर गई और उसने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए बोला.

    मैंने उसकी हालात देखकर एक बार थोड़ा बाहर निकाल दिया और अब में धीरे धीरे झटका लगाने लगा. ऐसी ही कुछ देर धीरे धीरे करने के बाद एक झटके में मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया उसके मुहं की बनावट को देखकर मुझे लग रह था कि उसको अब बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी उसने कुछ नहीं बोला और मेरा साथ दे रही थी वो ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी हाँ उफ्फ्फ्फ़ बेबी और ज़ोर करो बोलकर चिल्ला रही थी, हाँ चोदो मुझे ज़ोर से बोलकर चिल्ला रही थी उूआह आआयाया उह्ह्हह्ह माँ मर गयी में उफ्फ्फ्फ़ मर ऊईई और जोर से मारो. तब मैंने स्पीड को और भी बड़ा दिया था और वो तब मेरा साथ देने लगी थी और तभी उसने बोला कि उूईईईइ आह्ह्ह्ह.

    अब में भी झड़ने वाला था और तभी वो भी झड़ गई थी. तब ऐसे ही करीब 10 या 12 मिनट करने के बाद में झड़ने वाला था. फिर तभी मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो उसने बोला कि उसे मेरा पीना पानी है. तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकालकर उसके हाथ में थमा दिया उसने झट से उसे अपने मुहं में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी और तब तक में झड़ गया था और मेरा पूरा का पूरा वीर्य उसने पी लिया. उसने अब मेरा लंड चाट चाटकर पूरा साफ कर दिया और अब मैंने उसे एक ज़ोर से किस किया और हम एक साथ ही लेटे रहे और में उसके बूब्स को पकड़कर ही लेटा रहा. फिर आधे घंटे बाद हम लोगों ने फिर से एक बार और चुदाई की.

    उस दिन हम दोनों ने दो बार सेक्स किया और उसके बाद हम लोगो को जब भी मौका मिलता था तभी हम लोग चुदाई करते थे. मैंने उसको चोदकर बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट किया और वो मेरी चुदाई और चुदाई करने के तरीके से बहुत खुश थी. तभी तो उसने मुझे उसकी चुदाई के बहुत सारे मौके दिए और मैंने उन सभी मौकों का पूरा पूरा फायदा उठाया. दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी एक अनजान भाभी के साथ.

  • आशा भाभी के मन की मुराद

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और आज में आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी भाभी को चोदकर उनकी मन की इच्छा को पूरा किया, वैसे में शुरू से ही सेक्स का भूखा हूँ और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह बात तब की है जब में अपने कॉलेज के दूसरे साल में था और में उस समय अपने कॉलेज की दीवाली की छुट्टियों में अपने घर पर आया हुआ था. दोस्तों मेरा एक चचेरा भाई है और जो मेरे घर के पास में ही रहता था और उसकी अभी एक साल पहले ही शादी हुई थी और मेरी भाभी का नाम आशा था. दोस्तों मेरी भाभी दिखने में बड़ी हॉट, सेक्सी थी और उसका फिगर दिखने में बड़ा ही अच्छा था.

    दोस्तों वैसे तो उनके बूब्स आकार में ज़्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन उनके बदन का वो आकार बहुत कमाल का था, उनको चलते हुए देखते ही मुझे उनको चोदने का मन करता था.

    दोस्तों में अपने भैया की शादी में शामिल नहीं हुआ था, क्योंकि में उस समय अपनी पढ़ाई में बहुत व्यस्त था और इसलिए में अभी तक अपनी भाभी से नहीं मिला था, लेकिन जब में अपने कॉलेज से पेपर खत्म होने के बाद घर पर आया तो में अपनी भाभी को देखकर एकदम दंग रह गया, क्योंकि वो तो मेरी उम्मीद से भी ज्यादा हॉट, सेक्सी थी और उनके फिगर का साईज 34-26-32 था. मेरे और उनके परिवार का बहुत गहरा रिश्ता था, जिसकी वजह से हम लोगों का एक दूसरों के घर पर बहुत आना जाना लगा रहता था और हमारे घर एक दूसरे से लगे हुए थे तो में भी कोई ना कोई बहाना बनाकर भाभी को देखने के लिए उनके घर पर अक्सर चला जाता था और वो भी हमारे घर पर मम्मी से मिलने आ जाया करती थी, में तो हमेशा उनकी गांड को तिरछी नज़र से देखा करता था और में हमेशा बहुत बार उनके नाम से मुठ भी मारता था.

    फिर ऐसे ही दिन बीतते गये और हम लोगों में अब बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी और जब भी में अपनी छुट्टियों में घर पर आता था तो हम लोग साथ में बैठकर बहुत देर तक बातें किया करते थे और हमारे घर पर किसी को इसमें कोई आपत्ति नहीं थी, क्योंकि सब मुझे बहुत अच्छा लड़का समझते थे. एक बार जब में अपनी दीवाली की छुट्टियों में अपने घर पर आया तो मैंने मन ही मन सोच लिया था कि इस बार तो में अपनी भाभी को चोदकर ही वापस जाऊंगा.

    वो त्योहार के दिन थे और उस समय घर के कामों की बहुत हड़बड़ी थी तो इस बात का फायदा उठाकर मैंने दो तीन बार अच्छा मौका देखकर भाभी की गांड को छू लिया था, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और मेरी हर एक हरकत को अनदेखा कर दिया. फिर दीवाली ख़त्म होने के बाद सभी लोग फिर से अपने अपने कामों में लग गये थे. एक दिन मेरे घर वाले मेरे किसी रिश्तेदार के घर पर किसी जरूरी काम से गये थे और फिर में बहाना बनाकर घर पर ही रुक गया, क्योकि उस समय मेरा प्लान कुछ और ही था, मेरे मन में अब अपनी भाभी की चुदाई करने के लिए बहुत कुछ चल रहा था. फिर मेरी मम्मी ने भाभी से कहकर मेरे लिए एक दो दिन के खाने का इंतज़ाम कर दिया था और भाभी उस दिन रात को करीब 8 बजे मेरे लिए खाना लेकर आ गई. फिर मैंने देखा कि भाभी अपने चेहरे से कुछ उदास, नाराज़ सी लग रही थी और जब मैंने उनसे पूछा तो वो मुझसे कहने लगी कि ऐसा कुछ नहीं है और यह सब आप नहीं समझोगे.

    फिर मैंने जब उन्हें उनकी बात मुझे बताने पर बहुत ज़ोर दिया, तब उन्होंने मुझे अपने उदास होने का कारण बताया. फिर में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर एकदम आश्चर्यचकित हो गया, क्योंकि वो मुझसे बोली कि आपके भैया में कुछ कमी है और वो बोली कि उस कमी की वजह से में अब कभी भी माँ नहीं बन सकती हूँ, हम लोगों ने बहुत कोशिश की और बहुत सारे डॉक्टर्स को भी दिखाया, लेकिन तुम्हारे भैया को उनकी किसी भी दवाइयों से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा और फिर मुझसे वो इतना कहकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

    दोस्तों अब मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि अब में क्या करूं? फिर में उठकर उनके पास जाकर बैठ गया और फिर मैंने जैसे ही उनके कंधे पर अपना हाथ रखा तो वो मेरे कंधे पर अपना सर रखकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. अब मेरी तो समझ से यह सब कुछ बाहर था और में उनकी इस मुसीबत में कैसे मदद करता, मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था? थोड़ी देर रोने के बाद वो पहले जैसी हो गई और फिर उठकर अपने घर पर चली गई, लेकिन में उस पूरी रात को उनके बारे में ही सोचता रहा और बाद में मुझे पता नहीं कब नींद आ गई.

    दूसरे दिन जब मैंने भाभी को देखा तो वो अपने चेहरे से बिल्कुल ठीक लग रही थी. वो दोपहर को जब मेरा खाना लेकर आई तो मुझे बहुत जोश में लग रही थी और उन्हें देखकर मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उन्हें अब क्या हुआ है? फिर हम बैठकर बातें करने लगे और थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने उनसे पूछ ही लिया कि आप कल बहुत उदास थी, लेकिन आज एकदम से माहोल कैसे बदल गया? तो वो एकदम से चुप हो गई और फिर बोली कि वो ऐसा है कि में अब माँ बन सकती हूँ. फिर मैंने बोला कि वाह यह तो बहुत खुशी की बात है, क्योंकि में भी अब बहुत जल्दी चाचा बन जाऊंगा.

    भाभी : हाँ वो तो तुम्हारा कहना सब कुछ ठीक है, लेकिन मुझे इसमें तुम्हारी मदद की ज़रूरत है, लेकिन अगर तुम करना चाहो तो?

    में : हाँ ठीक है, लेकिन में आपकी इसमें मदद कैसे कर सकता हूँ?

    फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर तुरंत उठकर मेरे पास आई और मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर कहने लगी कि विक्की तुम यह बात तो बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि तुम्हारे भैया तो मुझे कभी भी गर्भवती नहीं कर सकते, लेकिन इसमें तुम मेरी मदद कर सकते हो और प्लीज मुझे मना मत करना, क्योंकि मैंने कल रात भर बहुत सोच समझकर यह निर्णय लिया है, प्लीज एक बार मेरी बात मान लो. दोस्तों में भी उन्हें पहली बार देखने के बाद उनसे चाहता तो यही था, लेकिन यह सब इस तरह होगा तो इसकी मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.

    फिर मैंने उनसे झट से हाँ कह दिया और कहा कि भाभी में सच कहूँ तो में आपसे बहुत प्यार करता हूँ, लेकिन वो बोली कि मुझे भी यह सब बहुत अच्छी तरह से पता है कि तुम मुझे चोरी छुपकर देखते हो और जब में आँगन में झाड़ू लगती हूँ तो मुझे सब पता है कि तुम मेरे बूब्स पर अपनी नजर रखते हो, लेकिन प्लीज अब तुम मुझे मना मत करना, वरना मोहल्ले की सब औरते मुझे बांझ कहेगी और मेरा बहुत मजाक उड़ाएगी, में यह सब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती. फिर में उनके इस काम को करने के लिए बिल्कुल तैयार हो गया और मेरे मुहं से हाँ शब्द सुनकर वो खुश हो गयी और अब वो मुझसे बोली कि हम आज ही अपने काम को निपटाते है, में माँ जी के सोने के बाद रात का खाना थोड़ा देरी से लेकर आउंगी तो तुम मेरा इंतजार करना, क्योंकि आज वैसे भी तुम्हारे भैया की भी नाईट ड्यूटी है.

    फिर में उनसे बोला कि ठीक है और अब में उनका बहुत बेसब्री से इंतजार करने लगा और में मन ही मन उनकी चुदाई के सपने देखने लगा. फिर करीब रात के दस बजे वो मेरे लिए खाना लेकर आ गई, वाह दोस्तों वो दिखने में क्या लग रही थी और वो उस लाल कलर की मेक्सी में मेरे पास आकर बैठ गई और फिर बोली कि पहले क्या खाओगे? और उन्होंने मुझे एक शरारती स्माईल दी. फिर में उनकी इस बात का मतलब समझकर झट से उन पर कूद पड़ा और अब उनके होंठो पर अपने होंठ रखकर चूमने लगा और उनके बूब्स को एक एक करके ज़ोर से दबाने मसलने लगा और पूरे हॉल में स्मूच की आवाज़ गूंज रही थी.

    फिर मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में लाकर बेड पर लेटा दिया और फिर में उन पर चढ़ गया. फिर हम एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने, चाटने लगे. मैंने एक हाथ से उनकी मेक्सी को कमर तक ऊपर उठा दिया और उनकी गांड को दबाने लगा. दोस्तों मैंने उसे छूकर महसूस किया कि उनकी वाह क्या मस्त मुलायम गांड थी और में उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, उनकी पीठ मानो मुझे रुई सी एकदम मुलायम महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उनको वो मेक्सी उतारने का इशारा किया तो उन्होंने झट से उसको नीचे उतार दिया, अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और लोवर को भी उतार दिया, में अब उनके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और मेरा लंड किसी डंडे की तरह तनकर खड़ा हुए था. फिर मैंने झट से उनकी ब्रा को ऊपर किया और फिर तुरंत उनका एक बूब्स अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को ज़ोर से दबाने लगा. तभी मैंने देखा कि उन्होंने मेरे कहने से पहले ही जल्दी से अपनी पेंटी को उतार दिया और जैसे ही मैंने एक हाथ उनकी गरम, कामुक चूत पर रखा तो वो एकदम से सीहर उठी और अब में उस प्यासी चूत को सहलाने लगा और वो गरम होकर मदहोशी में मोन करने लगी. तभी मैंने छूकर महसूस किया कि उनकी चूत एकदम चिकनी, उभरी हुई और बहुत गोरी थी, उन्होंने शायद आज ही अपनी चूत की सफाई की होगी.

    फिर मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया और फिर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अब वो मेरी ऊँगली को ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत में दबाने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी तो में अब तक जोश में आकर बहुत गरम हो गया था और अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और फिर मैंने लंड को उसकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का झटका दे दिया, लेकिन उनकी चूत बहुत टाईट थी और जिसकी वजह से वो फिसल गया. मैंने एक बार फिर से लंड को चूत के छेद पर रखकर एक ज़ोर का झटका दे दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और उनके मुहं से चीख निकल पड़ी, आआहह आईईईईईइ उह्ह्हह्ह्ह. फिर मैंने जोश में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और अब ज्यादा गरम होने की वजह से 20-25 धक्के मारकर में उनकी चूत में ही झड़ गया. अब हम थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी, उसे सहलाने लगी और उसके साथ खेलने लगी, लेकिन उनकी चूत का पानी अभी भी नहीं निकला था.

    फिर थोड़ी देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा होने लगा तो वो उठकर अपनी मेक्सी पहनकर किचन में पानी पीने चली गई और जब मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया तो में भी उठकर उनके पीछे पीछे किचन में चला गया. मैंने वहां पर जाकर देखा कि वो अपना मुहं दूसरी तरफ करके खड़ी हुई थी और में अचानक से जाकर उनके पीछे से चिपक गया और उनकी बगल के नीचे से अपने हाथ डालकर उनके बूब्स को दबाने लगा और अब कुछ देर बाद वो भी अपने दोनों हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़कर हिलाने लगी और जब में पूरी तरह से तैयार हो गया तो मैंने उनकी मेक्सी को कमर के ऊपर तक उठाया और अपना लंड पीछे से डालकर उनकी चूत पर रगड़ने लगा, अब वो फिर से गरम होने लगी थी.

    फिर मैंने उनको थोड़ा सा आगे की तरफ झुकाकर अपना लंड पीछे से ही उनकी चूत में डाल दिया और उनके दोनों बूब्स को कसकर पकड़कर धक्के मारने लगा और वो भी अब धीरे धीरे धक्के देने लगी और अपने दोनों हाथ किचन की पट्टी पर रखकर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाने लगी और उस चुदाई की वजह से उनके मुहं से आअहहहह उउम्म्म्म आईईईईइ जैसी आवाज़े निकालने लगी, वो अब मेरे हर एक धक्के के साथ और भी ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी और मुझसे कह रही थी हाँ विक्की और ज़ोर से चोद उह्ह्ह्ह और ज़ोर से क्या तू प्यार करता है, अपनी भाभी से तो बुझा ले अपनी प्यास, चोद मुझे और ज़ोर से और मेरी चूत को भी ठंडा कर दे, आआहह उउम्म्म्म आहह दोस्तों उनकी इस मोनिंग से में और भी जोश में आ गया में अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और करीब दस मिनट के बाद वो बोली कि विक्की में अब झड़ने वाली हूँ और उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने और ज़ोर से धक्के मारना शुरू किया. तभी थोड़ी देर बाद उनका शरीर एकदम से अकड़ने लगा और वो मेरे लंड पर ही झड़ गई, लेकिन मेरा वीर्य अभी भी नहीं निकाला था, में उन्हें लगातार धक्के मारता रहा और करीब 15 मिनट के बाद मैंने एक बार फिर से उनकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और में उनके कंधे पर अपना मुहं रखकर ऐसे ही कुछ देर खड़ा रहा.

    फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने कपड़े पहने और अब में भी पूरा नंगा था, उन्होंने मुझे एक लंबा लिप किस दिया और फिर वो मुझसे धन्यवाद कहकर अपने घर पर चली गई और जब मैंने टाईम देखा तो उस समय रात के करीब तीन बजे थे और में ऐसे ही दरवाजा बंद करके सो गया. दोस्तों उसके बाद हमने कुछ दिन और चुदाई के मज़े किए. हमें जब भी, जैसे भी, जहाँ भी मौका मिलता तो हम उस मौके को अपने हाथ से नहीं जाने देते और एक बार तो में देर रात को उनके घर में चुपके से जाकर उन्हें चोदकर आ गया, लेकिन उसके कुछ दिनों बाद मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ खत्म होने वाली थी और फिर में वापस अपने कॉलेज चला गया, लेकिन में जितने भी दिन वहां पर रहा.

    मैंने हर एक दिन अपनी भाभी की चुदाई जरुर की, चाहे वो कैसे भी हालात रहे हो और उसे कुछ महीनो बाद उन्होंने मुझसे फोन पर बताया कि वो अब गर्भवती है और उन्होंने मुझसे इसके लिए धन्यवाद कहा और मेरे बाप बनने की ख़ुशी में मुझे बधाईयाँ भी दी और को भैया लग रहा था कि यह सब डॉक्टर की दवाईयों के असर के कारण हुआ है और कुछ दिन बाद भाभी ने एक बहुत प्यारी सी बेटी को जन्म दिया.

    दोस्तों अभी भी जब भी हमे मौका मिलता है तो हम लोग चुदाई के बहुत मज़े लेते रहते है. दोस्तों यह थी मेरी भाभी की चुदाई और जिसमें मैंने उनको चोदकर अपने बच्चे की माँ बनाकर उन्हें वो ख़ुशी दी, जिसके लिए उन्होंने मुझसे बहुत बार धन्यवाद कहा और उसके बदले में वो आज भी मुझसे चुदवाती आ रही है और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश रहती है और में उनकी चूत को चोदकर बहुत मज़े करते है.

  • भाभी के साथ उनकी फ्रेंड की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आप लोगों की सेवा में हाजिर हूँ. वैसे तो आप सब लोग जानते है कि मे मेरी भाभी और उनकी 2-3 दोस्त को चोद चुका हूँ. उस दिन मैंने भाभी की दोस्त अंजली की खूब चुदाई की और हम उनके घर पर बैठकर चाय पी रहे थे कि उनका फोन बजा तो अब वो ख़ुशी से उछल पड़ी. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि मेरी कज़िन आ रही है उसे लेने जाना है, वो भी हमारे साथ में कॉलेज में थी. अब इतना कहकर वो जल्दी से बोली कि एक काम करते है, मुझे अभी जाना है और में तुम्हें कल फोन करती हूँ तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर 3-4 दिन तक मेरी अंजली से कोई बात नहीं हुई तो मैंने मेरी भाभी से फोन करवाया तो अंजली बोली कि मेरा देवर आज कहीं जा रहा है, में थोड़ी देर बाद तुम्हें कॉल करती हूँ. अब इतना कहकर अंजली ने फोन रख दिया और फिर लगभग 2-3 घंटे के बाद अंजली का फोन आया कि हम शॉपिंग के लिए बाहर जा रहे है, तुम मुझे मॉल में मिलो.

    फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर लगभग 2 घंटे के बाद हम मॉल में मिले, उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत भाभी थी और वो बहुत ही क़यामत लग रही थी. फिर उन्होंने अपना नाम पूनम बताया और फिर भाभी ने मुझे उनसे मिलवाया कि यह मेरे देवर का दोस्त है. फिर पूनम बोली कि आपकी भाभी जी आपकी बहुत तारीफ कर रही है, पूनम काफ़ी खुले विचारों वाली औरत थी और वो 4-5 साल से लन्दन में रहती थी. अब हम लोगों की काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गयी थी और फिर हमने मॉल में काफ़ी शॉपिंग की और फिर में वहाँ से निकल गया.

    अब मैंने रात को पूनम का नाम लेकर 2 बार मूठ मार ली थी और अब में उससे मिलने के लिए बैचेन था और काफ़ी टाईम हो गया था और अब अंजली भाभी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. फिर लगभग 2 दिन के बाद अंजली भाभी का दोबारा फोन आया और बोली कि आज हमारे साथ मूवी देखने आओगे, तो मैंने कहा कि यार कब से तुम्हारे फोन का इंतजार कर रहा हूँ, तो उसने कहा कि तुम उसी मॉल में आ जाओ जहाँ हम पहले मिलते थे.

    फिर लगभग 2 बजे हम मॉल में मिले और फिर मैंने अंजली से कहा कि कितने दिन हो गये यार तुम्हें अपना लंड चुसवाये, कुछ जुगाड़ करो ना. फिर अंजली बोली कि यार जब से मेरी दोस्त आई है तब से मेरा देवर कही बाहर जाता ही नहीं है और मेरी दोस्त पूनम के साथ वो दिन में 2-3 बार चुदाई करता है.

    फिर मैंने कहा कि क्या यार? इस दूसरे देवर का भी कुछ ध्यान रखो. फिर अंजली बोली कि मैंने उससे तेरी बात की है और मुझे पता है कि वो मना नहीं करेगी, लेकिन यार ये मेरे घर पर ही संभव होगा. हम पूनम की बात कर रहे थे कि तभी पूनम कुछ शॉपिंग करके स्टोर में से बाहर आई और उसके साथ अंजली भाभी के देवर भी थे. फिर वो मुझे देखकर बोली अरे यार तुम यहाँ क्या कर रहे हो?

    मैंने कहा कि यार में यहाँ मूवी देखने आया था और यहाँ पर भाभी को देखा तो उससे बात करने लगा. अब पूनम ने मेरे सामने देखकर स्माइल दी और ऐसे बर्ताव किया कि जैसे वो मुझसे पहली बार मिल रही है. फिर अब मुझे मालूम हुआ कि अंजली भाभी ने ही उसे मना किया होगा कि उसके देवर के सामने मुझे नहीं जानती ऐसे बर्ताव करना है. फिर अंजली बोली कि चलो सब साथ में नाश्ता करते है और अब हम साथ में रेस्टोरेंट में गये. अब भाभी का देवर ऑर्डर करने के लिए काउंटर पर गया और अब हम साथ में बैठकर बात कर रहे थे.

    फिर मैंने कहा कि भाभी कुछ करो ना यार, तो अंजली बोली कि पूनम को मेरा देवर काफ़ी पसंद आ गया है. फिर पूनम बोली कि मुझे तो तुम्हारे सारे देवर पसंद है. अब मुझे उसकी बातों से लगा कि वो बहुत ही चालू और सेक्सी औरत है. तभी मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा कि कुछ हमारा भी ध्यान रखो.

    तभी अंजली बोली कि मेरा देवर 2-3 घंटे के लिए कही जायेगा तो तुम्हारा कुछ काम होगा. फिर पूनम ने कहा कि उसे भी साथ में बुला देते है और ज़ोर से हंस पड़ी. तभी अंजली बोली यार अगर मेरे देवर को पता चला कि में उसके साथ चुदवाती हूँ तो मेरा घर में रहना मुश्किल हो जायेगा, प्लीज यार. तभी पूनम बोली एक काम करती हूँ, में तुम्हारे देवर को बाहर भेजने का प्लान करती हूँ और फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही बात करते रहे.

    फिर हम सब नाश्ता कर रहे थे कि तभी पूनम भाभी अंजली के देवर राज से बोली कि अरे राज मेरा एक छोटा सा काम है, क्या तुम करोगे? फिर राज ने कहा कि अरे पूनम भाभी आपके लिए तो जान भी हाजिर है. फिर पूनम बोली कि मेरी फ्रेंड मेरे लिए कुछ कपड़े लाई है, क्या तुम अभी जाकर ले आओगे? तो राज ने कहा कि ज़रूर तो अब अंजली भाभी ने मेरे पैर पर अपना पैर दबाया. फिर पूनम भाभी बोली में उनका एड्रेस आपको देती हूँ तुम वहाँ पहुँच कर मुझे कॉल करना. फिर राज ने कहा कि ठीक है, अब इतना कहकर राज ने कहा कि तुम मेरी भाभी को घर पर छोड़ देना में आधे घंटे में पहुंचता हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर इतना कहकर राज गाड़ी लेकर पूनम की दोस्त के घर के लिए निकल गया और में अंजली भाभी और पूनम भाभी मुस्कुराते हुए उसे गाड़ी तक छोड़ने गये. अब वो जैसे ही निकला तो हम तीनों ज़ोर- ज़ोर से हँसे और फिर मैंने कहा कि पूनम भाभी थैंक्स यार, तो उसने एक सेक्सी स्माइल दी और बोली कि तुम दोनों का मैंने काम कर दिया, अब चलो जल्दी घर चलो. अब हम सब अंजली भाभी के घर पर बैठे थे, तो पूनम बोली तुम लोग मज़े करो और में अन्दर बैठती हूँ.

    तभी अंज़ली बोली कि अरे यार मेरा देवर आ गया तो हमें बहुत परेशानी होगी और मेरा घर से निकलना भी बंद हो जायेगा. तभी पूनम भाभी ने अपनी दोस्त को फोन किया और बोली कि कोई लड़का तुम्हारे यहाँ मेरे कपड़े लेने आ रहा है, जैसे ही वो तुम्हारे घर पहुँचता है तो तुम मुझे कॉल करना.

    फिर थोड़ी देर में पूनम भाभी कि दोस्त का फोन आया तो पूनम ने फोन पर उसको सब समझा दिया कि उसे क्या बोलना है? उसको बोलना कि कपड़े सही होने के लिए दिए है और 1-2 घंटे के बाद टेलर के वहाँ लेने जाना है, ऐसा कहकर तुम अपने यहाँ उसे 2-3 घंटे तक बैठाना और जब वो वहाँ से निकल जाए तो तुरंत मुझे फोन करना, अब उसकी दोस्त ने कहा कि ठीक है. फिर पूनम बोली लो अब तुम्हारा देवर मेरी दोस्त के घर पर है और अब तुम मज़े करो, में अन्दर बैठती हूँ. फिर जैसे से ही पूनम दूसरे रूम में गयी तो में दरवाजा बंद करके उसको चूमने लगा. अब अंजली बोली शांति से करो यार, फिर मैंने कहा कि नहीं बहुत दिनों के बाद तुम्हारे इन बड़े-बड़े बूब्स को चूस रहा हूँ.

    अब उसका हाथ मेरे लंड के ऊपर था और वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी. फिर वो तुरंत मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और अब वो मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी. अब हम दोनों अपनी मस्ती में थे और तभी पूनम रूम से बाहर आई तो उसको पता नहीं था कि हम हॉल में ही चुदाई कर रहे थे. अब अंजली भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया था, फिर वो एकदम से आई और बोली कि क्या यार तुमको शर्म है या नहीं, तो में थोड़ा शरमाया.

    फिर अंजली बोली कि तुम तो रोज मेरे सामने ही चुदवाती हो, तो तुमसे कैसी सी शर्म? अब इतना कहकर वो फिर से मेरे लंड को चूसने में लग गयी और पूनम भाभी अपने रूम की और चली गयी. फिर मैंने भाभी को इशारे में बताया कि पूनम से बोलो कि कंपनी दे. तभी भाभी ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा कि पूनम तुम्हारा देवर अकेला पड़ रहा है उसे कंपनी चाहिए. फिर पूनम रूम से बाहर आई और बोली कि किसे कंपनी चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे चाहिए.

    फिर उसने कहा कि तुम अभी बच्चे हो तो मैंने कहा कि ट्राई कर लो. तभी अंजली बोली कि कर लो फिर ऐसा मौका नहीं मिलेगा. फिर मैंने हाथ बढ़ाकर उसे बुलाया तो उसने कहा कि रहने दो बाद में कभी. फिर अंजली ने उसका हाथ पकड़कर खींचा और उसके बाजू में बैठा दिया. अब मेरे सामने 2 सेक्सी लेडीस अपना मुँह खोले खड़ी थी.

    फिर अंजली अपने मुँह से मेरा लंड निकालकर पूनम के मुँह की और ले गयी. फिर पूनम ने एक ही झटके में पूरा लंड उसके मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, कभी अंजली मेरे लंड को अपने मुँह में लेती तो कभी पूनम मेरे लंड को अपने मुँह में ले रही थी. तभी अंजली भाभी बोली कि तुमसे चुदे हुए बहुत दिन हो गये है, आज मेरी गांड और चूत दोनों अपने पानी से भर दो. अब भाभी अपनी पूरी चूत फैलाकर मेरे लंड को अपनी चूत में डलवा रही थी और उसकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.

    अब में काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से उसको चोद रहा था और अब में बीच-बीच में पूनम की चूत में भी अपना लंड डाल देता था, पूनम भाभी भी एक नंबर की चुदासी औरत थी. फिर पूनम भाभी ने कहा कि तुम अभी तुम्हारी भाभी की चुदाई करो, में दूसरी बार में चुदवाउंगी. अब वो भी पूनम भाभी की चूत में उंगली डाल-डाल कर उसे एक साथ 2 लंड का मज़ा दे रही थी.

    अब मैंने अंजली भाभी को उल्टा करके अपनी उंगली को उनकी गांड में डाल दिया था और अब वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड हिला-हिलाकर मेरा लंड ज़्यादा से ज़्यादा अन्दर लेकर चुदवा रही थी. अब पूरे हॉल में फच फच की आवाज़ आ रही थी. अब मेरा निकलने वाला था तो मैंने कहा कि कहाँ निकालूं? तो भाभी बोली कि तुम्हारा लंड मेरी गांड में से निकाल कर मेरी चूत भर दो. फिर मैंने भाभी को ज़ोर-ज़ोर से चोदकर अपना सारा पानी भाभी की चूत में डाल दिया और कुछ देर तक उनके ऊपर ही पड़ा रहा. फिर दूसरी बार में मैंने पूनम भाभी को चोदा.

  • सपना भाभी को भोपाल में बहुत चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विकास है और में भिलाई छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 30 साल है और मेरे लंड का साईज़ 6.5 लंबा और 2.5 मोटा है और अब में आप सभी को अपनी कहानी पूरी विस्तार से सुनाता हूँ. दोस्तों में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में भोपाल में एक कंपनी में नौकरी करने चला गया, वहां पर मुझे एक मेनेजर की नौकरी मिली और हमारा काम सभी कम्पनी के मोबाईल टावर का सिविल का काम और लाईट का साईड पर काम था तो वहां पर पहले से ही बहुत से लोग काम किया करते थे, कुछ राज्य के बाहर और कुछ मेरे राज्य के ही थे तो वहां पर मुझे उन सभी के बीच बहुत इज़्जत मिलती थी, क्योंकि में अपने बॉस का बहुत चहिता था.

    दोस्तों वहां पर एक शर्मा जी भी मेरे साथ काम किया करते थे और वो मध्यप्रदेश के मुरेना के रहने वाले थे, उन्होंने अपनी मर्जी से लड़की पसंद करके शादी की थी और उनकी पत्नी गुजरात की रहने वाली थी. दोस्तों मेरी उनसे बहुत कम समय में बहुत अच्छी पहचान हो गई थी, क्योंकि उनका व्यहवार मेरे लिए बहुत अच्छा था और वैसे उनकी शादी को करीब एक साल ही हुआ था. फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपनी शादी की सालगिरह में अपने घर पर बुलाया, वैसे वो ज्यादातर अपने ऑफिस के काम से हमेशा बाहर रहते थे, लेकिन वो अपनी शादी की सालगिरह के दिन अपने घर पर ही थे और उन्होंने मुझे अपनी शादी की सालगिरह में जरुर जरुर आने को कहा.

    फिर जब मैंने उनकी पत्नी को पहली बार देखा तो में उन्हें देखकर बिल्कुल पागल हो, वाह क्या यार क्या माल थी वो? वो उस दिन साड़ी में थी और उनका फिगर बहुत सेक्सी आकर्षक लग रहा था. फिर में उनके बड़े ही सुंदर गदराए हुए बदन को देखकर उनका दीवाना हो गया और में उन्हें लगातार घूर घूरकर देख रहा था, मेरी नजर बार बार उनकी तरफ जा रही थी.

    कुछ देर बाद अपने पूरे होश में आकर मैंने उन दोनों को उनकी शादी की सालगिरह की बधाई दी और उस सेक्सी माल से हाथ भी मिलाया और उनको छूते ही मेरे पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ने लगा और वैसे वो बहुत ही मिलनसार व्यहवार की थी, क्योंकि वो भी मेरी तरफ बहुत प्यार से देख रही थी और मेरा उनको लगातार घूरकर देखना उन्हें बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा था और वो भी मेरी बातों का मुस्कुराकर जवाब दे रही थी. फिर वो लोग मेरे पास वापस आ गए और मुझसे बातें करने लगे, लेकिन उस दिन तक भाभी के बारे में मेरे दिमाग़ में ऐसी कोई ग़लत भावना नहीं थी. फिर में वहां पर कुछ घंटे रुककर अपने कमरे पर आ गया.

    मैंने आप सभी को पहले ही बताया था कि में छत्तीसगढ़ का रहने वाला था तो मेरे परिवार वाले सर्दियों में मेरे पास घूमने आने वाले थे और वो भी पूरे दो महीने के लिए. फिर मैंने एक दिन शर्मा जी को कहा कि यार आप मुझे दो महीने के लिए कोई रूम दिलवा दो. फिर वो मुझसे कहने लगे कि मेरे रूम के पास में एक रूम कुछ दिनों से खाली पड़ा हुआ है और अगर तुम कहो तो में वो रूम तुम्हें दिलवा दूँगा. फिर मैंने उनकी पूरी बात सुनकर तुरंत उन्हें हाँ कह दिया और फिर वो खुद मुझे उनके पास वाला रूम दिलाकर दूसरे ही दिन करीब दो महीने के लिए हमारी कम्पनी के काम से बाहर चले गये. उनके चले जाने के चार दिन बाद ही मेरे परिवार वाले आ गए और वो लोग भाभी से बहुत अच्छी तरह से घुल मिल गये. दोस्तों मुझे माफ़ करना में आप सभी को अपनी सेक्सी भाभी के बारे में बताना ही भूल गया, वो 26 साल की थी और उनके फिगर का साईज 36-32-34 था, उनका नाम सपना था और वो हमेशा मेरे सपनों में आती रहती थी.

    दोस्तों उन्होंने मेरे परिवार वालों की घूमने में बहुत मदद की और उस दौरान मेरी उनसे बहुत जमने लगी थी, में उनसे बहुत खुलकर बातें करने लगा था और वो मेरी अधिकतर बातों को समझकर बिल्कुल चुप हो जाती या फिर मुस्कराकर मेरी आखों में देखने लगती और में उनकी इन सभी हरकतों का मतलब अब धीरे धीरे समझने लगा था. अब थोड़ा गर्मी का समय आ गया था और हम लोग भोपाल के पुराने भोपाल में किराए पर रहते थे तो वहां पर हम गर्मी आने पर छत पर सोते थे. फिर एक रात को में भी छत पर सो रहा था तो मुझे रात को करीब 1:30 बजे प्यास लगने लगी, इसलिए में उठकर नीचे चला गया और भाभी के रूम में चला गया और उस समय शर्मा जी बाहर गये हुए थे तो मैंने फ़्रिज़ से पानी निकालकर पिया और फिर छत पर वापस जाने लगा.

    तभी मेरी नज़र भाभी पर पड़ी जो उस समय बहुत गहरी नींद में सो रही थी और उनके बूब्स उनकी उस ढीली सी मेक्सी से आधे आधे बाहर निकल रहे थे तो में वो सब देखकर वहीँ पर अचानक से रुक गया और भाभी के उभरते हुए नंगे बूब्स को छूने लगा, लेकिन कुछ देर तक वो बिल्कुल भी नहीं हिली और जब वो उठी तो अचानक से डरकर बैठ गई और फिर वो मुझसे हड़बड़ाहट में बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? फिर मैंने उनके मुहं पर अपना एक हाथ रखकर उनसे बोला कि भाभी चुप रहो वरना सब लोग जाग जाएँगे.

    वो कुछ शांत हुई तो फिर में उनसे बोला कि भाभी में आपसे क्या एक बात पूछ सकता हूँ, लेकिन आप मुझे उसका जवाब बिल्कुल सच सच देना? तो वो बोली कि हाँ विकास कहो तुम्हें मुझसे ऐसा क्या पूछना है? फिर मैंने उनसे पूछा कि भाभी शर्मा जी ज्यादातार समय हमारी कम्पनी के काम से बाहर रहते है तो फिर आपकी कभी उनके चले जाने के बाद सेक्स करने की इच्छा नहीं होती क्या? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर करीब दस मिनट तक बिल्कुल चुप रही और बस लगातार मुझे देखती रही और में उनके कुछ बोलने का इंतजार करता रहा. मैंने बहुत इंतजार किया, लेकिन वो अब भी कुछ नहीं बोली और में उन्हें उसे हालत में छोड़कर जाने लगा.

    फिर भाभी मुझसे बोली कि रुको विकास और में तुरंत रुक गया. फिर वो मुझसे थोड़ा उदास होकर बोली कि शर्मा जी के अलावा मैंने कभी किसी और के बारे में कुछ नहीं सोचा, लेकिन आज तुमने मुझसे यह सब सवाल पूछकर मेरी सेक्स की इच्छा को और भी बड़ा दिया है और जिसको में अब तक अपने ऊपर कंट्रोल करके बैठी हुई थी, में हमेशा अपने पति के आने पर उनके साथ बहुत खुश रहती हूँ, लेकिन उनके बाहर चले जाने पर में अपने आपको बहुत अकेला महसूस करती हूँ और में अपनी सेक्स की आग से अंदर ही अंदर जलती रहती हूँ, लेकिन मैंने अब तक किसी को भी अपने मन की बात नहीं बताई. में हमेशा बिल्कुल शांत रही और उस आग में जलती रही तड़पती रही.

    दोस्तों में उसकी बात जैसे ही खत्म हुई तुरंत उससे बोला कि सपना में हूँ ना तुम्हारे पास, तुम्हारी सभी इच्छा को पूरा करने के लिए, तुम क्यों इतना परेशान होती हो और में तुम्हें बहुत प्यार करूंगा.

    भाभी बोली कि हाँ तो अब जल्दी से आ जाओ और में उनके होंठो पर किस करने लगा. करीब 15 मिनट तक हमने लगातार एक दूसरे को किस किया और कुछ देर बाद भाभी मुझसे थोड़ा दूर हटकर बोली कि अभी बस इतना ही बाकि जब कोई नहीं होगा तब हम करेंगे और में वहां से चला गया और छत पर जाकर भाभी के बारे में सोच सोचकर ना जाने कब सो गया.

    दोस्तों उसके बाद दूसरे दिन से हमारे बीच हंसी मजाक कुछ ज्यादा ही होने लगा, में हर कभी सही मौका देखकर भाभी को छेड़ दिया करता और उनके बूब्स को दबा देता, लेकिन भाभी मुझसे कुछ नहीं कहती बस मुस्कुराकर मुझे देखा करती और हंस हंसकर मुझसे बातें करती तो में हर कभी उन्हें किस करता और बहुत मज़े करता.

    फिर कुछ दिन के बाद मेरे घर वाले वापस आ गये और में उनको स्टेशन छोड़कर वापस अपने कमरे पर आ गया और फिर थोड़ा सा थके होने की वजह से में खाना खाकर सोने चला गया, लेकिन मेरी इच्छा अब भी भाभी को चोदने की थी, लेकिन उस समय उनके घर पर कोई मेहमान आया हुआ था तो में सो गया. फिर रात को करीब एक बजे किसी ने मेरे कमरे का दरवाजा बजाया और मैंने जब उठकर देखा तो बाहर दरवाजे पर भाभी खड़ी हुई थी, वो मुझसे बोली कि क्यों सो गये क्या?

    मैंने कहा कि नहीं बस ऐसे ही लेटा हुआ था. फिर वो मुझसे बोली कि आ जाओ आज तुम्हारी जितनी इच्छा है उसे मुझे चोदकर पूरा कर लो, में उनकी बात को सुनकर तुरंत समझ गया कि आज भाभी को मुझसे अपनी चुदाई करवानी है और में जल्दी से उनके साथ उनके कमरे में चला गया और अंदर जाते ही मैंने उनको पीछे से तुरंत पकड़ लिया और उनको किस करने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर में उनसे कहने लगा कि भाभी आज तेरी चूत को फाड़ दूँगा, में आज तेरी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दूंगा और तुम्हें मेरी चुदाई से बहुत खुश कर दूंगा और इस प्यासी तड़पती हुई चूत को बिल्कुल शांत कर दूंगा.

    फिर वो मुझसे बोली कि हाँ मेरे राजा आज तू मुझे चोद चोदकर अपनी रंडी बना ले, मेरी चूत को वो सुख दे जिसके लिए में इतने दिनों से बैचेन हूँ क्योंकि तेरा भाई तो नामर्द है वो आज तक मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाया है, लेकिन आज से में तेरी रंडी बन कर रहूंगी, तू मुझे हर कभी रात दिन चोद सकता है, में तुझसे कभी भी ना नहीं कहूंगी, लेकिन प्लीज अब जल्दी से मुझे चोद दे मुझे और ना तरसा. दोस्तों अब में उनको होंठो पर किस करने लगा और साथ साथ उनके ब्लाउज को उतारने लगा उसके बाद अपने एक हाथ से में उनके बूब्स को दबाने लगा और दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबाने लगा तो वो मुझसे कहने लगी कि तू कितना सेक्सी है विकास, आज तू मुझे जी भरकर चोद और आज मुझे जन्नत दिखा दे.

    मैंने एक ज़ोर का झटका देकर उनकी ब्रा को खींचकर उतार दिया और उनके एक बूब्स को चूसने तो दूसरे को दबाने, निचोड़ने लगा जिसकी वजह से वो वो भी पूरी तरह जोश में आकर मोन करने के साथ साथ मेरे सर को पकड़कर अपने बूब्स पर दबाने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ उह्ह्ह्हह्ह आज इन्हें खा जाओ मेरे राजा आज से में तेरी रंडी हूँ आह्ह्हह्ह तू जब भी मुझसे बोलेगा में तुझसे चुदवाने को तैयार रहूंगी.

    अब मैंने उनके पेटीकोट को खोल दिया और मैंने देखा कि भाभी ने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उनकी चूत एकदम साफ थी. में उनकी चिकनी चमकती हुई चूत में उंगली करने लगा और वो मेरे लंड को हाथ में पकड़कर सहलाने लगी, मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि भाभी मेरा लंड अपने मुहं में लो ना, वो तुरंत बोली कि में कब से इसे मुहं में लेने को उत्सुक होकर बैठी थी. मैंने बोला कि हाँ तो जल्दी से लो ना मेरी जान.

    अब वो झट से नीचे अपने घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को धीरे धीरे अपने मुहं में लेने लगी और मेरी गोलियों के साथ खेलने लगी दोस्तों मेरा लंड थोड़ा मोटा और लंबा है इसलिए उसे पूरा अंदर लेने में बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी और वो लगातार धीरे धीरे मेरे लंड को आगे पीछे करती रही और लोलीपोप की तरह चूसती रही.

    फिर कुछ देर बाद में उससे बोला कि सपना अब ऊपर आओ में तुम्हारी चूत को चूसता चाटता हूँ, वो अब भी मेरा लंड चूस रही थी और हम 69 पोजीशन में आ गये और करीब 20 मिनट तक हम 69 पोजीशन में रहे. अब भाभी मुझसे बोली कि विकास अब मुझसे रहा नहीं जाता, तू फाड़ दे मेरी चूत को, आज से में तेरी रंडी बनकर रहूंगी, अब थोड़ा जल्दी से चोद मुझे मादरचोद, मुझे और ना तड़पा.

    अब मैंने भाभी को सीधा लेटाकर उनकी चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड भाभी की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो दर्द से चिल्लाने लगी, उह्ह्ह्हह् आईईईइ प्लीज बाहर निकालो अपना लंड उफफ्फ्फ्फ़ में मर जाउंगी स्सीईईइ प्लीज इसे बाहर करो, मुझे उईईईइ माँ बहुत दर्द हो रहा है, वो उस दर्द से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी, लेकिन मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और ना ही अपने लंड को बाहर निकाला.

    दोस्तों वो वैसे ही चीखती, चिल्लाती रही और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उनके होंठो पर अपने होंठो को रखकर उनको चूमते हुए सही मौका देखकर अपना दूसरा धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी चूत की गहराईयों में चला गया और उनकी आँखो से आंसू बाहर आने लगे थे और में कुछ देर रुकने के बाद धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा.

    अब उनको भी थोड़ा मज़ा आने लगा और वो मुझसे बोली कि हाँ चोद मेरे राजा और ज़ोर से चोद उह्ह्हह्ह्ह्ह आज से में तेरी रंडी हूँ, तू जब चाहे तब मुझे चोदना, हाँ थोड़ा और अंदर डाल उह्ह्ह्ह जाने दे इसे पूरा अंदर और में लगातार धक्के लगाता रहा और पूरे कमरे में सिर्फ़ मेरे धक्कों से हमारे जिस्म के टकराने वाली आवाज आने लगी, फच फच फच और कुछ देर के धक्कों के बाद वो अब अकड़ने लगी और फिर वो झड़ गई, लेकिन मेरा नहीं हुआ था तो में अब भी धक्के देकर चोदता रहा. फिर में भी 15-20 धक्कों के बाद उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया. मुझे उनके चेहरे से संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश थी. दोस्तों उस रात को मैंने उन्हें रुक रुककर करीब चार बार चोदा. फिर हम सो गये. दोस्तों मैंने उन्हें इस तरह से उनका पति बनकर करीब एक साल तक रोज हर कभी चोदा और आज वो मेरे दो बच्चों की माँ बन गई, लेकिन उसके पति को आज तक नहीं पता कि उनके बच्चों का बाप में हूँ.

  • दिव्या भाभी के साथ पूरा मजा

    हैल्लो दोस्तों, ये बात एक साल पहले की है, जैसे ही मेरा कॉलेज शुरू हुआ था तो मेरा रोज का टाईम सुबह 6 से दोपहर के 1 बजे तक का था. उन दिनों में अक्सर कॉलेज के बाद वापस जल्दी घर आ जाया करता था, क्योंकि मेरे घर के सामने एक मस्त भाभी रहती थी, उसका नाम दिव्या था और वो दिखने में मोटी थी, लेकिन काफ़ी गोरी थी, उसकी उम्र कुछ 26 साल के आस पास होगी. उसकी सबसे ज़्यादा अच्छी बात थी उसके बूब्स, यार क्या बताऊँ? इतने बड़े थे कि मानो जैसे कोई बड़ा संतरा हो, उसे देखते ही मेरी दिमाग़ में बस उसको चोदने का ही विचार आता था कि कैसे इसको अपना बनाऊँ?

    ऐसे ही रोज दिन कट रहे थे, जब भी में कॉलेज से वापस आता तो में उसे देखने का एक भी मौका नहीं छोड़ता था. जब वो अपने घर में झुककर पोछा लगा रही हो तब तो यार उसके आधे से भी ज़्यादा बूब्स बाहर निकल आते थे, उसके एकदम दूध जैसे सफ़ेद बूब्स थे और उन्हें देखकर मन करता था कि अभी जाकर पकड़कर पूरा निचोड़ लूँ और उनका सारा का सारा जूस पी जाऊँ.

    ऐसे में दिव्या भी कभी-कभी मुझे सामने देख लिया करती थी, लेकिन जब भी वो मुझे देखती तो में डर के मारे वहाँ से चला जाता था, उसने मुझे कई बार ऐसा देखते हुए नोटिस कर लिया था. फिर मेरी परीक्षा आ गई तो उन दिनों में काफ़ी व्यस्त रहने लगा. फिर जब परीक्षा पूरी हो गई तो एक दिन वो मेरे घर आकर कहने लगी.

    दिव्या : कहाँ हो आज कल दिखाई ही नहीं देते हो?

    में : कुछ नहीं बस परीक्षा चल रही थी इसलिए.

    दिव्या : ठीक है. फिर आज शाम को तुम मेरे घर पर आना, मुझे तुमसे कुछ काम है.

    में : ओके, में आ जाऊंगा.

    फिर इतनी बात करके वो चली गयी, मुझे पता नहीं चल रहा था कि उसने मुझे अपने घर क्यों बुलाया? क्या काम होगा? ऐसा सोचते-सोचते में सो गया. फिर में शाम को जब उठा तो फ्रेश होकर थोड़ी देर के बाद में उसके घर चला गया. फिर उसने मुझे घर में अन्दर आने को कहा, उस समय वो घर में सिर्फ़ अकेली ही थी. फिर मैंने पूछा कि भैया कहाँ गये है? तो उसने कहा कि वो बिजनस टूर पर गये है, वो 1 हफ्ते के बाद वापस आयेंगे. बस इतना सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और अकेला ही मुस्कुराने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों स्माईल कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं बस ऐसे ही.

    फिर मैंने पूछा कि आपको क्या काम था? तो उसने कहा कि मुझे कल शॉपिंग करने जाना है, तुम फ्री हो क्या? बस मैंने इतना सुनते ही हाँ कर दी तो उसने थैंक यू कहकर सुबह 8 बजे आने को बोला. फिर मैंने कहा कि ठीक है में आ जाऊंगा. फिर में सुबह होने का इंतज़ार करने लगा और उसके ख्यालों में मैंने रात को उसके नाम की कई बार मूठ भी मारी और फिर सो गया.

    फिर में सुबह उठकर फ्रेश होकर में उसके घर गया तो उसने कहा कि अन्दर आ जाओ, जब वो बाथरूम में नहा रही थी. मेरा मन कर रहा था कि अंदर जाकर देख लूँ, लेकिन फिर मैंने सोचा इतनी जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है. फिर जब वो मेरे सामने आई तो क्या कयामत लग रही थी? दोस्तों में बता नहीं सकता, उसने काले कलर की गाउन पहनी थी और वो उसकी सफ़ेद बॉडी पर क्या लग रही थी? में तो बस उसे देखता ही रह गया.

    फिर उसने कहा कि क्या देख रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं. फिर उसने नॉटी स्टाईल में कहा कि कभी ऐसा नहीं देखा क्या? और हंसने लगी. फिर मैंने कुछ बोले बिना ही उसको कहा चलो. हम बाईक पर जा रहे थे और वो मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी. अब मेरा हाल काफ़ी बुरा हो रहा था, अब बार-बार वो उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरी पीठ पर टच कर रही थी, पता नहीं उसका क्या इरादा था? फिर हम एक बड़े से मॉल में गये, वहाँ पर उसने जाते ही कहा कि चलो मूवी देखने चलते है.

    फिर हम मूवी देखने गये और मेरा नसीब अच्छा था कि जब मर्डर-2 मूवी चल रही थी. फिर हमने कॉर्नर की सीट का टिकट लिया और वहाँ जाकर बैठ गये. फिर जैसे ही मूवी में सेक्सी सीन आया तो मेरा लंड खड़ा हो गया और इसी दौरान ना जाने कब उसने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिव्या, मुझे पहले तो लगा कि शायद ग़लती हुई होगी, लेकिन फिर उसने हाथ ऐसे ही रहने दिया और वो धीरे-धीरे अपना हाथ मेरे लंड के पास ले आई.

    फिर मैंने जैसे ही उसके सामने देखा तो वो बस मुस्कुरा रही थी. अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था. फिर मैंने भी एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और ज़ोर-जोर से दबाने लगा, अब वो काफ़ी मस्त हो गयी थी. फिर आधी ही मूवी में उसने मुझसे कहा कि चलो घर पर चलते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर वो वापस सारे रास्ते में वो मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड से खेलती रही. फिर जैसे ही हम उसके घर पहुंचे तो वो भागकर अपने बेडरूम में चली गयी.

    मैंने डोर लॉक किया और में उसके बेडरूम की और गया तो मैंने देखा कि वो पलटकर दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी है. फिर मैंने जाकर उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा और अपने लंड को उसकी बड़ी सी गांड पर दबाने लगा. फिर मैंने उसको अपनी तरफ़ घुमाया और अब हम लिप किस करने लगे, हमें एक दूसरे के थूक का टेस्ट इतना अच्छा आ रहा था कि दिल कर रहा था कि ये किस ख़त्म ही ना हो. फिर उसने किस तोड़ते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी.

    फिर मैंने उसका गाउन निकाल दिया और अब वो मेरे सामने काली पेंटी और काली ब्रा में खड़ी थी. अब तो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके बूब्स तो ब्रा को तोड़कर अभी बाहर निकल आयेंगे, आज मेरा सपना पूरा होने वाला था और हम लोग भी बेड पर लेट गये. फिर मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया, क्या बूब्स लग रहे थे? एकदम बड़े-बड़े और में उसे छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा, वो मदहोश हो रही थी और वो धीरे-धीरे मौन कर रही थी, आआआआआहह प्रेम आराम से, धीरे जान, बहुत दर्द हो रहा है.

    अब में कभी चूसता तो कभी ज़ोर से काट देता तो वो ज़ोर से चिल्लाती, ऊऊऊऊऊऊहह ययययस्स्स्स्स मारररर डाला और जोररररर से. फिर बाद में उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरा लंड देखकर शॉक हो गई कि ये कितना बड़ा है? तेरे भैया का तो इसका आधा भी नहीं है और इतना कहते ही उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. अब में तो मानों जन्नत में आ गया. फिर 10 मिनट के बाद में झड़ने वाला था तो उसने कहा कि मेरे मुँह में ही झड़ जाओ और वो मेरा सारा स्पर्म पी गयी और मानों जैसे वो जंगली सी हो गयी हो और वैसे मुझे देखने लगी.

    फिर में उसकी बॉडी को किस करने लगा, अब वो तो मानों जैसे पागल हो गयी हो वैसे मौन करने लगी थी, वो तो अच्छा था कि उसका घर सबसे आखरी का था तो किसी को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था. फिर मैंने उसकी पेंटी को छुआ तो वो पूरी तरह से भीग गई थी, अब उसकी चूत से पानी निकल रहा था. फिर मैंने उसकी चूत में दो उंगली डाल दी तो वो पूरी तरह सिहर गयी, अब में धीरे-धीरे मेरी उंगलियां अंदर बाहर करने लगा तो वो चिल्ला रही थी प्रेम फक मी, ईईएसस्स्सस्स मोर हार्ड इट आआआआआ जल्दी और अंदर डालो और में ये सब सुनकर काफ़ी जोश में आ गया और अब मेरा लंड वापस उसको चोदने के लिए तैयार हो गया था. फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रखा जिससे उसकी चूत थोड़ी ऊँची हो गयी.

    फिर मैंने देर ना करते हुए सीधा अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और उसे थोड़ा दबाया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. अब वो चिल्लाने लगी, उउउइइ माँ मरररररर गयययययी, बाहर निकाल इसे, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनते हुए दूसरा झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया, उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे. अब में उसे लिप किस करने लगा.

    फिर जब वो तैयार हो गई तो मैंने फिर से धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए. अब वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी थी. फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो हर झटके पर मौन करने लगी, यहहह्ह्ह्हस्स्सस्स्स्स बेब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबबययययययययययययययी फक मीईईईईईई यसस्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स्स्स्स्स्ऊऊऊऊ हार्ड एंड डीप. में झड़ने वाला था और वो भी झड़ने वाली थी तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही झड़ जाओ. फिर मैंने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और कुछ ही समय में हम दोनों एक साथ झड़ गये.

    फिर जब मैंने उसकी आँखो में देखा तो उसमें एक अजीब सा नशा था. फिर हमने लिप किस किया और काफ़ी देर तक वैसे ही एक दूसरे की बॉडी से खेलते रहे. फिर हम बाथरूम में गये और वहाँ हम दोनों ने एक साथ बाथ किया और वहाँ भी एक बार उसकी चुदाई की. फिर आखरी में हम एक दूसरे को साफ करके बाथरूम के बाहर आए और एक दूसरे की बाहों में सो गये.

    फिर जब में उठा तो वो नाईटी में मेरे लिए चाय लेकर आई और मुझसे कहने लगी कि ऐसा मज़ा आज तक कभी नहीं आया और फिर पूरे 1 हफ्ते तक हमने ऐसे कई बार चुदाई की, कभी किचन में तो कभी हॉल में तो कभी छत पर, हमने हर जगह चुदाई की और आज भी जब भी उसका मूड होता है तो दिव्या मुझे बुला लेती है और हम दोनों खूब मजा करते है.

  • भाभी बनी मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौतम शाह है और में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. आज में आप सभी को अपना पहला सच्चा सेक्स अनुभव सुनाने जा रहा हूँ जो कि अभी करीब 6 महीने जिसमें मैंने अपने कज़िन भाई की पत्नी मतलब कि मेरी भाभी को अपनी तरफ आकर्षित करके चोदा.

    दोस्तों जब मेरे कॉलेज के पहले साल के एग्जाम खत्म हुए थे, तब हमारे घर पर मेरा कज़िन भाई और उसकी पत्नी खुशबू आए हुए थे और तब में पहली बार अपनी नई भाभी से बहुत करीब से मिला था. वो दिखने में एकदम कयामत लगती है और उनकी हाईट करीब 5.6 फिट और उनके बूब्स का साईज़ 36, उनकी गांड का साईज 32 और कमर 28 की है. मेरी हाईट 5.11 है और दोस्तों जब वो मेरा रूम देख रही थी, तब सिर्फ़ हम दोनों ही रूम में थे. उन्होंने तब मुझसे कहा था कि उन्हे ज़्यादा हाईट वाले लोग बहुत अच्छे लगते है, लेकिन मेरे भाई की हाईट ज़्यादा नहीं है तो इसलिए मैंने उनसे पूछा कि उनकी हाईट भी तो ज़्यादा नहीं है तो फिर आपने क्यों उन्हे पसंद किया?

    दोस्तों मेरे इस सवाल से उनका चेहरा बिल्कुल बिगड़ गया और वो मुझसे एक भी शब्द नहीं बोली और अपना सर झुकाए खड़ी रही और फिर में वहां से चला गया, लेकिन अब में समझ गया था कि इनके बीच में कुछ तो समस्या है, वैसे मुझे बहुत अच्छा लगा कि भाभी ने मेरे साथ इस तरह की बात की, सिर्फ़ इसलिए नहीं कि वो दिखने में अच्छी थी, लेकिन उनका स्वभाव भी बहुत अच्छा था और मेरा भाई दिखने में ज़्यादा अच्छा नहीं था, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि भाभी के पापा को केंसर है और वो अपनी बेटी की शादी देखकर जाना चाहते थे तो इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया था.

    मेरे भाई का घर भी अहमदाबाद में ही है और शादी के बाद उनका हमारे घर पर आना जाना बढ़ गया था, मेरी और भाभी की बहुत अच्छी बनती थी और उस वक्त मेरे पास एक नया फोन था तो एक दिन बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों इस फोन में कोई सुंदर सी लड़की का मोबाईल नंबर तो होगा ना? तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि नहीं आपने मुझे अभी तक आपका कोई नंबर दिया ही नहीं. तभी उन्होंने भी मुझे एक शरारती स्माईल दी और अपना मोबाईल नंबर बताया और मैंने एक मैसेज करके अपना नंबर भी उन्होंने दे दिया, लेकिन अब मेरी कभी भी हिम्मत नहीं हुई उनसे चेट करने की, लेकिन में कभी कभी उन्हें कोई मैसेज जरुर भेज दिया करता था और एक दिन सुबह सुबह उनका एक मैसेज आया जिसमें गुड मॉर्निंग लिखा हुआ था.

    फिर मैंने भी उन्हें एक अच्छा सा मैसेज किया और वो आगे की बात करने लगी. फिर मैंने मजाक मजाक में उनसे कहा कि आपको क्या शर्म नहीं आती कि घर में आपका पति है तो भी आप किसी और को मैसेज करती है? फिर उन्होंने कहा कि वो घर पर कहाँ रहते है? में खुद घर पर अकेली दिन भर बोर हो जाती हूँ. फिर मैंने उनसे कहा कि आप कोई किताब पढ़िए, उन्होंने कहा कि नहीं आज मुझे बाहर बाजार में कुछ कपड़े खरीदने जाना है और साथ में मुझे भी ऑफर भी किया कि क्या तुम मेरे साथ चलोगे? फिर में उनकी यह बात सुनकर खुश तो बहुत हुआ, लेकिन फिर सोचने लगा कि में अपने घर पर क्या बहाना बनाऊंगा?

    तभी उन्होंने कहा कि तुम आंटी से कह देना कि आज ऑटो की हड़ताल होने की वजह से तुम मुझे अपनी बाईक पर बैठकर बाजार ले जा रहे हो और अब मैंने ठीक वैसा ही किया जैसा उन्होंने मुझसे कहा और में दोपहर को अपने घर से निकलकर उनके फ्लेट के नीचे उनका इंतजार कर रहा था और फिर कुछ देर बाद वो आई. दोस्तों में तो उन्हे आखें फाड़ फाड़कर देखता ही रह गया क्योंकि ऐसी हॉट, सेक्सी, लड़की तो हमारे पूरे कॉलेज में भी नहीं थी, उन्होंने एकदम टाईट जींस और बिना बाँह की एकदम टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और उस टी-शर्ट में से उनके बूब्स कुछ ज़्यादा ही बाहर निकलते हुए दिख रहे थे और उस जींस से उभरी हुई गांड बाहर आ रही थी और मेरी बाईक नयी पल्सर है तो इसलिए उन्हें बैठने में बहुत समस्या हो रही थी और फिर उनको मुझे पकड़कर बैठना पड़ा, जिसकी वजह से उनके बूब्स मेरी पीठ को छू रहे थे.

    दोस्तों उस दिन पहली बार कोई लड़की मेरी बाईक पर मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठी हुई थी और इसलिए मुझे कुछ कुछ हो रहा था. फिर कुछ देर बाद मेरे मन की बात जानकर मेरी हालत देखकर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ क्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड ऐसे नहीं बैठती? दोस्तों वैसे वो बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन फिर भी मैंने बहुत धीरे प्यार से कहा कि वो मुझसे ऐसे चिपककर नहीं बैठती.

    फिर वो मुझे अब कुछ ज़्यादा टाईट पकड़कर बोली कि क्या वो ऐसे बैठती है? फिर मैंने उनसे पूछा कि आप तो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो ना? तभी उन्होंने कहा कि नहीं हूँ तो अब बन जाती हूँ और मुझे इसमें क्या आपत्ति है? तो मैंने कहा कि फिर तो में कुछ भी कर सकता हूँ ना? फिर उन्होंने मेरे सर पर धीरे से मारा और कहा कि तुम अब कुछ ज्यादा ही बहुत बड़े हो गये हो.

    फिर हम जब बाजार में पहुंचे तो वहां पर बहुत से कपल्स एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर चल रहे थे. फिर मैंने उन्हें देखकर भाभी से कहा कि क्यों आप मेरी गर्लफ्रेंड हो ना? तो अब आपको भी ऐसा सब कुछ करना पड़ेगा. दोस्तों वो दिखने में इतनी सेक्सी लगती थी कि जैसे कोई कॉलेज स्टूडेंट हो और वो मुझसे उम्र में सिर्फ चार साल बड़ी थी. अब उन्होंने मेरे मुहं से यह बात सुनते ही झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और फिर गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड की तरह मुस्कुराते हुये बातें करते हुए मेरे साथ चलने लगी और कुछ देर बार उनकी कुछ ड्रेस लेने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ब्रा, पेंटी लेने है. फिर मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि में आपका बाहर खड़ा इंतजार करता हूँ आप ले आओ, लेकिन भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि तुम अब मेरे लवर हो तो तुम्हे मेरे साथ अंदर भी आना पड़ेगा.

    दोस्तों भाभी को में आज पहली बार इतना खुश देख रहा था और अब अंदर आने के बाद भाभी कुछ पसंद करके ट्रायल रूम में चली गई और फिर उन्होंने मुझे एक मैसेज किया कि यहाँ आकर देखो तो यह मुझ पर कैसी है? और जब में ट्रायल रूम के बाहर गया तो उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और उन्होंने उस समय जींस के ऊपर सिर्फ़ काली कलर की ब्रा ही पहनी हुई थी. फिर मैंने कहा कि में आपका बॉयफ्रेंड हूँ तो में अब कुछ भी कर सकता हूँ ना? वो मेरी बात सुनकर थोड़ा मुस्कुराई तो मैंने उनकी कमर पर हाथ रखकर उन्हें मेरी तरफ खींच लिया, उनकी दोनों आखें बंद थी तो मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उन्हें एक किस किया और उन्होंने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया.

    फिर में बाहर आ गया और कुछ देर के बाद में मैंने उनको अपने घर पर छोड़ दिया, लेकिन उन्होंने आते समय मुझसे कुछ नहीं बोला और बस चुपचाप मुझसे चिपककर बैठी रही और में उनके बड़े मुलायम बूब्स की गर्मी लेता रहा और मेरा भाई उस दिन आउट ऑफ टाउन था तो में जब अपने घर पर पहुंचा तो मेरी माँ ने कहा कि तुम्हारी भाभी का कॉल आया था, तुम्हारा भाई घर पर नहीं है और इसकी वजह से तुम्हारी भाभी को रात के समय घर पर अकेले बहुत डर लगता है तो उसने तुझे वहां पर बुलाया है और तू आज रात को वहीं पर सो जाना. मैंने तेरे पापा को यह बात बताकर उनसे पूछकर तुझसे यह बात कही है.

    दोस्तों में अपनी माँ के मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और अब मन ही मन अपनी भाभी को चोदने के सपने देखने लगा और दिन भर जैसे तैसे बिताकर शाम को में भाभी के घर पर चला गया और मैंने देखा कि वो खाना खाने के बाद अपने बेडरूम में बैठी हुई थी और में वहां पर पहुंचकर बैठक रूम में सोफे पर बैठकर टी.वी. देख रहा था और अब तक हमने कुछ भी बात भी नहीं की थी. तभी थोड़ी देर बाद भाभी अपने बेडरूम से उठकर बाहर आई और उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों गौतम अगर तुम्हे कोई दिक्कत ना हो तो तुम आज मेरे साथ मेरे बेड पर ही सो जाओ?

    फिर में मन ही मन बहुत खुश होकर उन्हे झट से हाँ कहकर चुपचाप टी.वी. देखने लगा और जब में कुछ देर के बाद उनके रूम में गया तो भाभी वही मेक्सी पहनकर सोई हुई थी जो हमने आज दिन में बाजार से ली थी और वो उस बिल्कुल टाईट मेक्सी में बहुत सेक्सी लग रही थी और में उनके पास में लेट गया. तभी थोड़ी देर बाद उनका एक हाथ मेरी छाती पर था, मुझे तब तक नींद नहीं आ रही थी और मुझे लगा कि वो शायद गहरी नींद में है, लेकिन वो अब मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और में चुप रहा.

    तभी उसने मुझसे कहा कि में तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ. मैंने कहा कि हाँ कहो और फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे पति तुम्हारे भैया ने आज तक मेरे साथ कभी भी सेक्स नहीं किया और यह बात बोलते बोलते वो रोने लगी. फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल दंग रह गया, में भैया को पहले बहुत अच्छा मानता था, लेकिन मुझे यह बिल्कुल भी नहीं मालूम थी कि वो ऐसा भी होगा. फिर भाभी बोली कि उनके पति ने उनसे कहा है कि हम अभी पांच साल तक इंतज़ार करेंगे और अब उसे रोती हुई देख मैंने उन्हें गले लगा लिया, वो मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी.

    फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और फिर मैंने उनके होंठ पर किस किया और उनकी आखों में देखा तो वो बहुत खुश थी, अब हमने 15 मिनट तक लगातार लिप किस किया और मैंने पास में पड़ी हुई बॉटल में से पानी पिया, तभी भाभी मुझसे बोली कि मुझे भी पानी पीना है. फिर मैंने उन्हे वो बॉटल दे दी, लेकिन वो बोली कि ऐसे नहीं तुम्हारे मुहं से. फिर मैंने थोड़ा पानी पीकर अपने मुहं से उनके मुहं में डाल दिया और यह सब करना मुझे बहुत अच्छा लगा. मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके हल्के गुलाबी निप्पल को चूसने लगा. दोस्तों उनके बूब्स बहुत स्वादिष्ट, मुलायम, बड़े आकार के, एकदम गोल थे.

    फिर में अपने एक हाथ से बूब्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी पेंटी को उतार रहा था तो वो बहुत सेक्सी आवाज़ कर रही थी और वो मुझसे कह रही थी हाँ और ज़ोर से चूसो जान, गौतम में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्लीज ज़ोर से सक करो हाँ और ज़ोर से प्लीज. फिर मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया और उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया. दोस्तों मैंने अपनी उंगली को आगे पीछे, अंदर बाहर डालकर महसूस किया कि उनकी चूत बहुत टाईट थी और सच में वो अब तक बिल्कुल वर्जिन थी और उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी, लेकिन फिर भी मेरी दो उंगलियाँ आसानी से अंदर नहीं जा रही थी तो मुझे बहुत ज़ोर लगाना पड़ रहा था और उसको बहुत दर्द हो रहा था तो वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और मचल रही थी और में उन्हे अपनी दो उँगलियों से चोद रहा था, अब उनकी सिसकियों की आवाज़ बहुत ज़ोर से आ रही थी और वो मुझसे चुदने की भीख माँग रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि प्लीज अब मुझे और मत तड़पाओ, अह्ह्ह्हह्ह प्लीज मुझे अब चोद दो, आईईईईई प्लीज मुझे एक बार अपना वो दे दो. फिर मैंने उनकी यह बात सुनकर उन्हे खींचकर बेड के कॉर्नर पर ले लिया और अब उनकी प्यासी चूत चाटने, चूसने लगा और अपनी जीभ से चोदने लगा.

    फिर वो पूरे जोश में आकर मेरा सर उनकी चूत पर दबा रही थी और अब वो बहुत कामुक हो गई थी और मुझे बार बार चोदने को बोल रही थी, लेकिन में उसे तड़पा रहा था, क्योंकि हर काम को करने से पहले उसकी तड़प जितनी ज़्यादा होती है तो मज़ा उतना ही ज़्यादा आता है और फिर हम 69 की पोज़िशन में थे, लेकिन वो करीब दस मिनट में ही झड़ गई. उसकी सुगंध बिल्कुल अच्छी नहीं थी, लेकिन फिर में उसके चूत रस को पी गया और उन्होंने मेरा लंड चूस चूसकर लोहे जैसा बना दिया था और अब मैंने अपना 8 इंच का लंड उनकी चूत के पास रखा और उसकी चूत के मुहं पर धीरे से रगड़ने लगा और वो सिसकियों के साथ मुझसे बहुत भीख माँग रही थी, प्लीज गौतम अब मुझे और मत तड़पाओ, में मर जाउंगी, प्लीज़ मुझे एक बार चोदकर खुश कर दो. फिर मैंने लंड को चूत के अंदर डालने की बहुत कोशिश की, लेकिन लंड आसानी से अंदर नहीं गया और वो मेरे हर बार धक्के से चिकनी चूत के ऊपर से फिसलकर इधर उधर जा रहा था.

    तभी उन्होंने मेरा लंड एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत के छेद पर पकड़कर रखा और मुझे धक्का देने का इशारा किया और मैंने जब एक और ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड अब अंदर जा चुका था और वो रो रही थी, आआहह आईईईईइ प्लीज गौतम मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊईईईईई माँ प्लीज अब बाहर निकालो इसे, लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और एक झटका मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया था और वो बैहोश हो गई थी.

    फिर मैंने उसे किस किया और वैसे ही पांच मिनट लेटा रहा. फिर में उनके बूब्स को सहलाने लगा और धीरे धीरे से दबाने लगा, लेकिन दोस्तों अब मेरे लंड में भी थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था. फिर कुछ देर बाद जब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा तो मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और वो मेरे साथ चुदाई के मज़े लेने लगी और सारे रूम में उनकी सिसकियों और पच पच की आवाज़ आ रही थी और बीस मिनट के बाद वो झड़ गई और झड़ने के वक्त उन्होंने मेरी पीठ पर इतने नाख़ून मारे कि मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में भी तुरंत झड़ गया, वो मेरी इस चुदाई से बहुत खुश थी और उसने मुझे हग किया और कहा कि तुम बहुत अच्छे हो और में तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ, तुमने मुझे चोदकर पूरा कर दिया है और तुम बहुत अच्छा चोदते हो, वाह मज़ा आ गया. अब हम इतने थक चुके थे कि कब सो गये और हमे पता ही नहीं maचला. सुबह 6 बजे वो उठी तो मैंने देखा कि उनसे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था और दिन में 12 बजे तक भैया आने वाले थे. फिर हम साथ में नहाए और एक बार फिर से सेक्स किया और तब से हम रोज़ फोन सेक्स करते है.

  • पति के सामने चुदाई का मजा

    हैल्लो फ्रेंड्स, में आपके लिए फिर से एक नई कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरा नाम समीर है, हाईट 5 फुट 8 इंच और 7 इंच लम्बा लंड है. ये बात आज से 2 महीने पुरानी है. दोस्तों फेसबुक पर मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई. उसने मेरा नाम और पता पूछा तो मैंने उसे अपना नाम और पता बता दिया. फिर वो बोली कि ये तो दिल्ली के पास ही है और अगर में आपसे मिलना चाहूँ तो मिल सकते हो. फिर मैंने कहा कि पहले एक दूसरे को थोड़ा जान पहचान लेते है और उसके बाद मिलेंगे तो उसने कहा कि ओके ऐसे ही 3-4 दिन उसकी और मेरी बात होती रही.

    फिर एक दिन मैंने उसका मोबाईल नम्बर मांगा और उसने नम्बर दे दिया, इस बातचीत के दौरान वो सिर्फ 9 से 5 बजे के बीच में ही बात कर सकती है. अब मेरे पास उसका नम्बर था तो मैंने अगले दिन उसको कॉल किया तो दूसरी साईड से एक सेक्सी सी आवाज मेरे कानों में पड़ी, यारो में तो अपने होश ही खो गया, वो उधर से हैलो हैलो बोलती रही और मैंने कॉल कट कर दिया. फिर उसका पलटकर कॉल आया और अब तक में नॉर्मल हो चुका था.

    मैंने उसका कॉल उठाया और बताया कि में कौन बोल रहा हूँ. फिर उसने कहा तो पहले क्यों नहीं बोले थे? फिर मैंने उसे बताया कि उसकी आवाज इतनी प्यारी है कि में अपने होश ही खो बैठा था तो उसने कहा कि मेरी आवाज इतनी भी प्यारी नहीं है. फिर मैंने कहा कि ये तो में डिसाईड करूँगा. फिर उसने हार मानते हुए कहा कि चलो जैसा तुम चाहो. फिर उसने कहा कि बाद में बात करते है और कॉल कट कर दिया, अब हम दोनों की रेगुलर फोन पर बात होने लगी थी. एक दिन उसने मुझसे बोला कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ तो तुम दिल्ली आ जाओ. फिर मैंने कहा कि ओके में आ जाता हूँ और हमने दिन और जगह दोनों फिक्स कर लिए. फिर हमने एक रेस्टोरेंट पर मिलने का प्लान बनाया. फिर में वहाँ पर पहुँचा तो वो पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी, वो लड़की क्या कयामत लग रही थी? उसने एक काले कलर की शॉर्ट स्कर्ट और ग्रीन कलर का टॉप पहना हुआ था.

    फिर मैंने उससे पूछा कि क्या आप काजल हो? फिर उसने हाँ बोला. फिर में बोला कि में समीर हूँ. में उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो भी मुझे देखकर बहुत खुश हुई, वो दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर साईज 36-26-34 होगा, मस्त मोटी गांड, गोल-गोल टाईट चूचे टॉप से बाहर आने को तैयार थे. हम लोग मिले और अपने लिए लंच ऑर्डर कर दिया और हम बातें करने लगे. फिर बातों-बातों में पता चला कि वो शादीशुदा है और अभी 3 महीने पहले ही उसकी शादी हुई है और उसकी उम्र 26 साल है और वो अपने पति की बिज़नेस में हेल्प करती है. फिर मैंने उससे कहा कि यार तुम लगती नहीं कि 26 साल की हो, लेकिन तुम बस 20 साल की लगती हो और ऐसे कपड़े पहनती हो जैसे कि कोई कुंवारी लड़की पहनती है तो उसने कहा कि उसे ऐसे ही कपड़े पसंद है.

    फिर कुछ और देर बातों के बाद हमने एक दूसरे को फिर मिलने के लिए कहा और बाय बोला. फिर उसने आगे बढ़कर मुझे हग किया और बोला कि वो मुझसे जल्दी ही मिलना चाहती है और अब में दिल्ली से वापस आ चुका था और 2 दिन हो चुके थे, उसका कोई कॉल नहीं आया था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में ही उसे कॉल कर लूँ?

    फिर मैंने कॉल किया तो उसने कॉल उठाया और बोला कि वो थोड़ी देर में मुझसे बात करेगी. फिर कोई 2 घंटे के बाद उसकी कॉल आई तो वो थोड़ी दुखी थी. फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ कोई परेशानी है? तो उसने पहले तो मना किया, लेकिन मेरे बहुत बार पूछने पर वो बोली कि आज उसका सेक्स करने का मन था तो उसने अपने पति का पूरा साथ दिया, लेकिन उसका पति उसका साथ नहीं दे पाया और 3-4 धक्के मारकर ही झड़ गया और साईड में लेट गया. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं कभी-कभी मर्द के साथ ऐसा हो जाता है. फिर उसने कहा कि उसके साथ ऐसा हमेशा ही होता है, वो उसके अंदर आग लगाकर छोड़ देता है और खुद ठंडा पड़ जाता है.

    फिर मैंने कहा कि तुम किसी यौन रोग के डॉक्टर से मिल लो तो उसने कहा कि ओके तुम ही कोई तरीका बता दो कि वो मेरी प्यास बुझा सके. फिर मैंने कहा कि अगर तुम चाहों तो मेरी बात अपने पति से करवा दो, जिसस में उसे समझा सकूँ कि एक हॉट लेडी को कैसे ठंडा किया जाए. फिर उसने कहा कि ओके में देखती हूँ. फिर 2-3 दिन तक उसका कॉल नहीं आया तो में इन बातों को भूल चुका था, लगभग 1 हफ्ते के बाद उसका कॉल आया. मैंने फोन उठाया तो वो बोली कि उसने अपने पति से बात कर ली है और वो मुझसे बात करना चाहता है. फिर मैंने कहा कि ओके अब उसका पति मुझसे बात कर रहा था, उसने पूछा कि यार मुझे एकदम से इतना जोश चढ़ जाता है कि में कंट्रोल नहीं कर पाता और चूत में लंड डालकर तेज-तेज धक्के मारकर में झड़ जाता हूँ.

    फिर मैंने कहा कि तुम्हारे साथ ये परेशानी है कि तुम रोमांस पर ध्यान नहीं देते हो, बस अपनी बीवी की हॉट चूत देखते हो और लंड खड़ा करके उसकी चूत में लंड डाल देते हो और जल्दी ही ठंडे पड़ जाते हो, लेकिन लड़की को तब तक मज़ा नहीं आता जब तक कि उसको चूमा चाटा ना जाए और उसकी गर्दन, बैक साईड, होठों, पेट को किस किया जाए, चूचियों को चूसा जाए और दबाया जाए, नाभि की गहराई को अपनी जीभ से नापा जाए और सबसे जरुरी बात चूत को चूसा जाए. फिर तुम उसका पूरा साथ दे पाओगे. फिर उसने कहा कि यार मुझे ये सब नहीं आता, बस लंड खड़ा करके चूत में डालना आता है. फिर मैंने कहा तो सीखो यार वरना बीवी को किसी और का लंड पसंद आ जायेगा. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझे सिखा सकते हो? काजल ने मुझे बताया है कि तुम काफ़ी अनुभवी हो. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे दिल्ली आना होगा तो उसने बोला प्रोग्राम तय करो और मुझे बता दो तो में उस दिन फ्री रहूँगा और एक लड़की का जुगाड़ करके रखूँगा.

    फिर मैंने मंगलवार का प्रोग्राम फिक्स कर दिया और डिसाईड किया कि वो लड़की तैयार रखेगा और मेरे सामने उसके साथ सेक्स करेगा और में उसे बताऊंगा कि कैसे सेक्स करना है? तो दोस्तों मंगलवार आ गया और मैंने दिल्ली पहुँचकर उसे कॉल किया तो उसने मुझे अपना पता दिया, लेकिन वो वहाँ से बहुत दूर था तो उसने अपनी गाड़ी भेज दी और मुझे वहाँ पर पहुंचा दिया. फिर में वहाँ पहुंचा तो वो पॉश कॉलोनी में एक हसीन 4 BHK का फ्लेट था और बहुत सुंदर तरीके से सजाया हुआ था, वो काफ़ी अमीर फेमिली थी. फिर काजल के पति ने मेरा वेलकम किया और बोला कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहा था और लड़की का उसने इंतजाम कर लिया है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब जल्दी करो मेरे पास टाईम थोड़ा कम है तो जल्दी से तुम्हें बताकर में वापस अपने शहर चला जाता हूँ. फिर वो बोला कि इतनी जल्दी मत करो और तुमने ही बोला था कि सेक्स प्यार से किया जाता है ना कि जल्दबाज़ी में. फिर में अपनी ही बात पर हार चुका था तो मैंने कहा कि ठीक है और में अब जल्दी नहीं करूँगा.

    फिर उसने मुझसे नाश्ते के लिये कहा और नाश्ता करने के बाद वो बोला कि चलो अब मेरे बेडरूम में चलते है, वो हमारा इंतज़ार कर रही होगी और हम उसके बेडरूम में चले गये. फिर मैंने वहाँ क्या देखा? कि एक लड़की मेरी तरफ कमर करके खड़ी थी, लेकिन उसका एकदम मस्त फिगर था, बहुत छोटे कपड़ो में और पूरी बॉडी वेक्स की हुई थी. फिर काजल के पति ने कहा कि तुम ज़रा समीर को अपना चेहरा तो दिखाओ तो उसने अपना चेहरा मेरी तरफ किया तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी, वो और कोई नहीं काजल ही थी. वो अपनी बीवी को ही मेरे सामने चोदना चाहता था और में उसे देखता ही रह गया. फिर काजल बोली कि क्या देख रहे हो? में ही हूँ जो तुम्हारे सामने अपने पति से चुदवाऊंगी.

    फिर उसके पति ने भी कहा कि में काजल के अलावा किसी और को चोदना नहीं चाहता हूँ तो काजल ही इस काम के लिए सही थी, वो मेरी पत्नी है तो कोई परेशानी ही नहीं है. फिर मैंने कहा कि यार पर तुम मेरे सामने ही अपनी बीवी को चोदोगे. फिर उसने कहा तो क्या हुआ? तुम भी इसका मस्त बदन और फिगर देख लेना. फिर मैंने कहा कि ओके तो शुरू करो. फिर काजल ने कहा कि तुम बताओ कैसे करना है? फिर मैंने कहा कि वैसे ही करो जैसे तुम करते हो, उसके बाद में तुम्हारी गलतियां देखूंगा और फिर बताऊंगा कि कैसे करना है? फिर वो दोनों शुरू हो गये और वो पहले किस कर रहे थे, लेकिन में कुछ और ही सोच रहा था कि काजल को अपने लंड से चोदना है और इसे सुख देना है और वो ही प्लान बना रहा था और प्लान बन भी चुका था. फिर किस करते-करते ही उसके पति ने उसके कपड़े उतार दिए और काजल ने भी अपने पति के कपड़े उतार दिए, उसके पति का लंड छोटा था, 5 इंच का होगा और खड़ा हुआ था तो उसने काजल को पूरा नंगा करके सीधे उसकी चूत में ही लंड डाल दिया और धक्के मारने लगा.

    फिर 20-25 धक्के मारने के बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया और साईड में लेट गया, उनका पूरा सेक्स मुश्किल से 10 मिनट में पूरा हो गया होगा. फिर मैंने कहा कि यार ऐसे थोड़ी ना सेक्स होता है, तुम तो एक समझोते की तरह सेक्स को करते हो कि साईन किया और ख़त्म, वैसे ही लंड झड़ा और सब ख़त्म. फिर काजल और उसके पति ने एक साथ कहा कि इसलिए तो तुम्हें बुलाया है कि बताओं में काजल को कैसे संतुष्ट करूँ? इसकी सेक्स की भूख कुछ ज़्यादा ही है.

    मैंने कहा कि ऐसे तुम करोगें तो में बता नहीं पाऊँगा, इसका तो एक ही तरीका है कि में तुम्हें सेक्स करके दिखाऊंगा कि किस तरह से सेक्स के मज़े लिए जाते है. ये सुनकर काजल की आँखो में चमक आ गयी, लेकिन उसके पति का मन थोड़ा सा उदास हो गया. फिर वो बोला कि यार ये मेरी पत्नी है और में ऐसे कैसे किसी के भी साथ सेक्स करने के लिए उसको हाँ बोल दूँ. फिर मैंने कहा कि इसलिए तो मैंने तुम्हें लड़की का इंतजाम करने के लिए बोला था, लेकिन तुम तो अपनी ही पत्नी को मेरे सामने चोदने लगे, अब तुम बोलो कि क्या करना है? तुम्हें सीखना है या नहीं.

    फिर काजल बोली कि एक बार में कोई फ़र्क नहीं पड़ता है, अगर आप कहो तो आपको और मुझे पता चल जायेगा कि संतुष्टी कैसे होती है? फिर काजल के समझाने पर उसके पति ने हाँ बोल दी, अब काजल को चोदने की बारी मेरी थी और में उसके मस्त फिगर का तो दीवाना हो चुका था. फिर मैंने काजल से कहा कि अपने सारे कपड़े वापस पहन लो तो वो बोली क्यों?

    फिर मैंने कहा कि अब जैसे में बोलूं वैसे ही करो. फिर वो अपने कपड़े फिर से पहनने लगी और जब उसने अपने पूरे कपड़े पहन लिए तो मैंने उसके पति से बोला कि अब वो जाकर सोफे पर बैठ जाए और देखे कि कैसे सेक्स किया जाता है? फिर वो जाकर सोफे पर बैठ गया और हमें देखने लगा.

    फिर मैंने काजल से कहा कि बाथरूम में जाकर अपनी चूत को अंदर तक साफ करे, जिससे उसका झड़ा हुआ सारा वीर्य साफ हो जाए. फिर उसने ऐसा ही किया और साफ करके वापस आ गयी. अब वो बेड पर बैठी थी और में उसके साथ पास में बैठा था और उसका पति सोफे पर बैठा हमें देख रहा था. फिर सबसे पहले में उसे किस करने लगा, उसके होंठ बहुत ही स्वीट थे और में उसकी जीभ को चूस रहा था और वो मेरी जीभ को चूस रही थी. अब में हल्के हाथ से धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा और उसका पति मुझे देख रहा था, बल्कि बहुत गौर से देख रहा था और काजल मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा. वो मज़ा ले रही थी और उसका पति उससे भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और अब उसके बूब्स मेरे सामने थे.

    में उसके निप्पल को ज़ोर-ज़ोर से अपनी उंगलियों के बीच में दबाने लगा तो वो सिसकारियां लेने लगी और मेरी छाती पर शर्ट के ऊपर से ही हाथ फेरने लगी.

    फिर वो बोली कि मैंने तो अपनी ब्रा तुम्हें दिखा भी दी और टेस्ट भी करवा दी, अब तुम भी तो कुछ दिखाओ. फिर मैंने कहा कि में तो तुम्हारा ही हूँ जैसे चाहो टेस्ट करो या देखो. फिर इतना सुनकर उसने जल्दी से मेरी शर्ट उतार दी, जैसे कि फाड़ ही देगी. में नीचे बनियान कम पहनता हूँ तो मेरी छाती सीधे उसके सामने थी. फिर वो भूखी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ी और मेरे निप्पल को चूसने लगी. मुझे बहुत ही मस्त महसूस हो रहा था और वो 10 मिनट तक मेरे निप्पल सक करती रही और में मज़े लेता रहा.

    फिर उसका पति बोला कि यार जल्दी करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने कहा कि इसलिए तुम्हारी पत्नी पूरा मजा नहीं कर पाती है तो तुम बस बैठे रहो और देखते रहो. अब में काजल के कंधो पर आ गया था तो उसने ही मेरी जीन्स निकाल दी और अंडरवियर भी निकाल दिया और मेरा मोटा लंड फनफनाता हुआ एकदम से बाहर आ गया और काजल के मुँह से टकराया तो वो बोली नॉटी बहुत शरारती हो बस सीधे मुँह पर टक्कर मारते हो.

    फिर मैंने कहा कि ये पहले तुम्हारे मुँह में जाना चाहता है ना कि चूत में. फिर वो बोली अब में तुम्हारे प्यारे लंड को निराश नहीं करूँगी और कहकर लंड मुँह में भर लिया. में तो अब सातवें आसमान पर था और वो मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गोलियां दबा रही थी और में भी पूरा मज़ा ले रहा था.

    लगभग 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य छूटने वाला है तो वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी और गले तक मेरा लंड जाने लगा, इतने में ही में झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा पानी पी गयी. अब उसके मुँह पर ऐसी चमक थी जैसे सारा दूध पीने के बाद बिल्ली के मुँह पर होती है. अब उसकी चूत लेने की बारी मेरी थी तो मैंने उसे लेटा दिया और फिर से उसे किस करने लगा और साथ ही साथ उसकी चूची को भी दबाने लगा.

    अब में उसकी आँखो पर किस करने लगा, वो सिसकारियां ले रही थी तो में उसके होठों को चूसने लगा, वो भी पूरा मज़ा ले रही थी. अब में उसके गले पर आ गया और अपने थूक से उसके गले को थोड़ा गीला कर दिया और उस पर मुँह से हल्की-हल्की फूंक मारने लगा, वो तो एकदम पागल जैसी हो गयी. अब में उसके बूब्स को सक करने लगा और दूसरे को कस-कसकर दबाने लगा और उसने मुझे अपनी चूची से ऐसे चिपका लिया, जैसे कि में कोई छोटा बच्चा हूँ और वो मुझे दूध पिला रही हो और में मज़े से उसकी चूचियाँ चूस रहा था, वो एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी.

    अब में उसकी नाभि पर आ गया और नाभि के होल में जीभ डालकर उसकी गहराई नापने लगा तो उसने मेरे चेहरे को अपनी नाभि के ऊपर एकदम से दबा लिया. फिर थोड़ी देर तक नाभि को चूसने के बाद फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर ढके हुए कपड़े यानी कि स्कर्ट भी उतार दी, अब उसके बदन पर बस एक पेंटी थी और जिसने जन्नत को छुपाकर रखा हुआ था.

    फिर मैंने हल्के से पेंटी के ऊपर ही उसकी चूत के दाने पर किस किया तो वो पागल सी हो गयी, लेकिन फिर में हट गया और उसकी जांघो पर किस करने लगा और उसकी जांघो पर किस करते-करते नीचे पैरों की उँगलियों तक आ गया और उनको मुँह में लेकर चूसने लगा, वो तो सेक्स से भरी हुई थी और मस्त हो गयी थी. फिर में वापस से ऊपर आने लगा और फिर से उसकी चूत के पास एक किस की और धीरे धीरे उसकी पेंटी उतार दी. अब उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी और बहुत ही प्यारी लग रही थी. वो ऊपर से एकदम गोरी और अंदर से लाल थी, जैसे कि वनीला आइसक्रीम पर एक लाल चिल्ली रख दी हो, में इस आइसक्रीम को टेस्ट करने से खुद को रोक नहीं पाया और उसकी चूत पर एक किस कर दी और उसके बाद दूसरी किस की और उसके बाद तो किस की झड़ी लगा दी. वो पागल हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.

    फिर उसने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया, उसमें इतना सेक्स चढ़ चुका था कि वो ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना और फिंगरिंग करना चालू रखा, उसकी आँखे बंद थी और उसने अपने सर को पीछे की तरफ करके बेड में दबाया हुआ था और एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और दूसरे से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थी. में उसे चाट रहा था तो मुझे भी पूरा मज़ा आ रहा था, इतने में ही वो झड़ने लगी और झड़ते हुए उसने बुरी तरह से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया था.

    फिर उसका झड़ना शुरू होते ही में हट गया, क्योंकि में देखना चाहता था कि वो झड़ते हुए कैसी लग रही है? वो बड़ी प्यारी लग रही थी. फिर जब वो झड़ चुकी थी तो वो एकदम से हल्की पड़ गयी और उसके हल्की पड़ते ही मैंने फिर से उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसके अमृत के समान पानी को चाटने लगा और फिर से फिंगरिंग करने लगा.

    मेरा ये पूरा काम उसके पति ने बड़े गौर से देखा था. फिर से में कस-कसकर उसकी चूत को चाटने लगा और 5 मिनट के बाद ही वो कहने लगी कि समीर और मत तड़पाओ, प्लीज अब अपना लंड अंदर डाल दो. फिर मैंने उससे कहा कि जैसा तुम कहो जान. फिर में उसे पकड़कर बेड के कोने तक ले गया, अब उसकी कमर से ऊपर का हिस्सा बेड पर टीका हुआ था और बाकी का मेरे हाथों पर था. फिर मैंने उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और खड़े हुए 7 इंच के लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ही धक्के में पूरा डाल दिया. वो तो एकदम से चीख ही पड़ी और बोली कि समीर प्लीज धीरे-धीरे, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था. फिर मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड चूत में डाल दिया और वो फिर से चिल्ला पड़ी.

    फिर मैंने 4-5 बार ऐसे ही किया और एक बार लंड अंदर डालकर तेज-तेज उसे चोदने लगा, अब उसके मुँह से कामुक आवाजे आ रही थी और वो बोल रही थी समीर आई लव यू प्लीज मुझे चोदो और कस कसकर चोदो, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है. अब में इस पोज़िशन में धक्के मार-मारकर थक चुका था तो मैंने पोज़िशन बदल दी और अब वो मेरे ऊपर थी और हम पूरे बेड पर आ चुके थे. अब वो मेरे लंड पर अपनी चूत को उछाल रही थी और उसका पति सब देख रहा था, हमें ऐसे चोदते-चोदते लगभग 15 मिनट हो चुके थे तो उसका बदन अकड़ने लगा और उसने अपनी चूत से मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया.

    फिर मैंने एकदम से पोज़िशन चेंज की और उसके ऊपर आ गया और पूरी जान से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. फिर लगभग 10-12 धक्को के बाद वो और में एक साथ झड़ गये और में उसके ऊपर ही पड़ गया और उसकी चूचियों को चूसने लगा, वो पूरी तरह से संतुष्ट दिख रही थी और मेरे लंड ने उसे पूरा मज़ा दिया था.

    अब उसका पति मेरे पास आया और बोला यार थैंक यू तुमने मुझे बताया कि सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है? और में इससे पूरा संतुष्ट हूँ और आगे से में ऐसे ही काजल के साथ सेक्स किया करूँगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार, लेकिन अलग अलग पोज़िशन में करना तभी तुमको मज़ा आयेगा. अब मैंने खड़े होकर अपने कपड़े पहन लिए और काजल ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर काजल बोली कि समीर प्लीज आज रात यहीं रुक जाओ ना, में एक बार और तुम्हारे साथ मजा करना चाहती हूँ.

    फिर मैंने उसके पति की तरफ देखा तो उसने भी कहा कि हाँ यार आज रात को यहीं रुक जाओ. फिर से पूरा मज़ा करेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है जब तुम कह रहे हो तो में आज रात यहीं रुक जाता हूँ और में रुक गया, उस रात हमने बहुत सेक्स किया और थ्री-सम भी किया. फिर जब सुबह में जाने लगा तो काजल ने मुझे बताया कि ये सारी प्लानिंग उसकी थी, असल में वो मेरे लंड से चुदना चाहती थी, लेकिन अपने पति से धोखा भी नहीं करना चाहती थी. फिर उसने प्लान बनाया और अपने पति को ये आइडिया दिया और अपने पति के सामने ही मेरे लंड का मज़ा लिया. फिर में हंसने लगा और उसे एक किस करके वापस अपने शहर आ गया.

  • भाभी ने खाना बनाना सिखाया

    हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम हर्ष है और मेरी उम्र 24 साल है और में दिल्ली में रहता हूँ. में इस साईड की कहानियाँ रोजाना पड़ता रहता हूँ और मुझे इसकी सारी कहानियाँ पसंद है. ये कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी की है, जो कि बहुत ही हॉट है. में दिल्ली में किराये के रूम पर रहता हूँ, मेरे पड़ोस में एक बहुत ही हॉट भाभी रहती है और जिनका नाम शबाना है. अब में आपको शबाना के बारे में बता दूँ कि शबाना एक हाऊसवाईफ है और उसके दो बच्चे है, उनके पति के बिज़नेस था जिसकी वजह से वो ज्यादातर बाहर ही रहते थे.

    शबाना भाभी दिखने में तो सावंली थी, लेकिन उनका फिगर बहुत ही मस्त था. में उन्हें जब भी देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता और उसे चोदने का दिल करता था. वो मेरे बिल्कुल पड़ोस के फ्लेट में रहती थी, जब में नया-नया उस रूम में शिफ्ट हुआ था तो उन्होंने मेरे बारे में पूछा था. फिर मैंने उन्हें अपने बारे में बता दिया था, लेकिन मैंने उनके बारे में उस टाईम नहीं पूछा था. मुझे उनके बारे में बाद में पता चला कि उनके पति बाहर रहते है. फिर धीरे-धीरे मैंने उनसे बात करना शुरू किया और ऐसे हमारी अच्छी फ्रेंडशिप हो गई, वो कभी-कभी मेरे रूम पर आ जाती थी और हम काफ़ी देर तक बातें करते रहते थे.

    फिर एक दिन मैंने देखा कि शबाना भाभी अपने पति से फोन पर बात कर रही थी और कह रही थी कि तुम्हें गये हुए कितने दिन हो गये है और अब तुम्हें आना ही होगा, मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है. ये सुनते ही मुझे पता लग गया कि शबाना भाभी लंड की प्यासी है तो में शबाना भाभी को चोदने की प्लानिंग करने लगा. फिर मैंने सोचते-सोचते एक प्लान बनाया और अगले दिन जब शबाना भाभी मेरे रूम पर आई तो मैंने उनसे कहा कि शबाना भाभी में होटल का खाना खाकर परेशान हो गया हूँ और आप प्लीज मुझे खाना बनाना सिखा दीजिए तो उन्होंने कहा कि ज़रूर में तुम्हें खाना बनाना सिखा दूंगी. फिर अगले दिन में खाना बनाने का सामान ले आया और भाभी से कहा कि मुझे खाना बनाना सिखा दीजिए. मेरे फ्लेट में एक छोटा सा किचन था तो उसमें एक ही आदमी खाना बना सकता था और उस टाईम उस किचन में हम दो लोग थे. अब आप समझ ही गये होंगे कि हम कितने करीब करीब होंगे. फिर खाना बनाते टाईम मेरा हाथ कभी-कभी शबाना भाभी की गांड से टच हो जाता था तो मैंने उन्हें सॉरी बोल दिया करता था और वो मुझे एक स्वीट सी स्माईल दे दिया करती थी.

    फिर में अपने आपको शबाना भाभी के इतने करीब पाकर काफ़ी गर्म हो रहा था और इसी बीच शबाना भाभी का हाथ मेरे लंड से लग गया जो कि उनको अपने इतने पास सोचकर पहले से ही खड़ा था और उन्होंने मेरी तरफ देखा और एक सेक्सी स्माईल दी और कहा कि तू तो काफ़ी बड़ा हो गया है. ये सुनकर मैंने भी शबाना भाभी को स्माईल पास कर दी. फिर मैंने महसूस किया कि शबाना भाभी के हाथ मेरे लंड पर लगने से शबाना भाभी भी उत्तेजित हो गई है और फिर मैंने सोचा कि शबाना भाभी को फंसाने का ये ही सही मौका है.

    शबाना भाभी खाना बना रही थी और मुझे बताती जा रही थी कि खाना ऐसे बनता है, वो मुझे खाना बनाते टाईम कूकर में कुछ दिखाने लगी तो में उनके पीछे से जाकर चिपक कर खड़ा हो गया, जिससे मेरा लंड उनकी गांड से महसूस होने लगा और में उनकी गांड पर अपना लंड का दबाव डालते हुए कुकर में देखने लगा, जिससे शबाना भाभी के मुँह से सिसकारी निकल गई ईईइसस्स. फिर मैंने सिसकारी सुनकर शबाना भाभी से पूछा कि भाभी क्या हुआ? फिर वो बोली कि कुछ नहीं. फिर ऐसे ही कुछ देर खड़ा रहने के बाद में हट गया.

    फिर मैंने देखा कि मेरे हटने से शबाना भाभी थोड़ी दुखी हो गई. मेरा लंड मेरा पजामा फाड़कर बाहर आने को बेताब था, लेकिन अभी टाईम सही नहीं था तो इसलिए मैंने थोड़ा कंट्रोल किया और अपने हाथ से लंड को ठीक करने लगा तो ठीक करते हुए भाभी ने भी देखा और पूछा कि क्या हुआ? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं भाभी.

    भाभी समझ गई कि में भी गर्म हो गया हूँ और में भी समझ गया था कि भाभी भी गर्म हो गई है. फिर थोड़े टाईम के बाद भाभी ने मुझे फिर से कूकर में कुछ दिखाया तो में भाभी से पहले से भी ज्यादा चिपक कर खड़ा हो गया तो भाभी के मुँह से फिर से सिसकारी निकली ईईइसस्स्सस्स और उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और मज़े लेने लगी. फिर मैंने भी अपने लंड का सारा दबाव उनकी गांड पर डाल दिया और अब भाभी से कंट्रोल नहीं हुआ तो भाभी अपना एक हाथ पीछे ले गई और मेरे लंड को हाथ से पकड़कर दबाने लगी और इस बार मेरे मुँह से आआहह की सिसकारी निकली.

    फिर मैंने अपने दोनों हाथ शबाना भाभी के बूब्स पर रख दिए और धीरे-धीरे दबाने लगा. ऐसे ही कुछ देर रहने के बाद में शबाना भाभी के लिप पर किस करने लगा और शबाना भाभी भी मेरा साथ देने लगी. फिर हम ऐसे ही एक दूसरे को किस करते रहे और में उनके बूब्स दबाता रहा और वो मेरा लंड सहलाती रही और फिर 10 मिनट के बाद में उनसे अलग हुआ और उन्हें गोद में उठाकर बेड पर ले गया और रूम का दरवाजा अन्दर से लॉक कर दिया.

    फिर में शबाना भाभी के पास आया और उन्हें किस करने लगा और उनसे कहा कि आई लव यू शबाना भाभी तो उन्होंने भी आई लव यू टू कहा. फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी में तो जिस दिन से यहाँ पर आया था तो बस आपको चोदने के बारे में ही सोचता रहता था. फिर भाभी बोली कि में भी तुझसे कब से चुदवाना चाहती थी, लेकिन में कह नहीं पाई.

    फिर मैंने कहा कि भाभी आप फ्रिक ना करो और आज में आपको चोदकर खुश कर दूँगा. फिर भाभी ने कहा कि हाँ हर्ष आज मुझे दिल खोलकर चोदना, आज मेरी सारी प्यास बुझा दो हर्ष, में बहुत दिन से प्यासी हूँ हर्ष. फिर मैंने भाभी के कपड़े उतार कर उन्हें पूरा नंगा कर दिया. फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी अब आप मुझे नंगा करो. फिर भाभी ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और कहा कि आज तो बहुत ही मज़ा आने वाला है हर्ष.

    फिर मैंने कहा कि क्यों नहीं भाभी. फिर भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी तो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में सातवें आसमान पर हूँ, वो मेरा लंड लॉलीपोप की तरह चूस रही थी और में उनके दोनों बूब्स दबा रहा था और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, आआअहह आआहह उउउह्ह्ह्हह्हह्ह्ह और ज़ोर से भाभी आअहह आआअहह. फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और उनके बालों को पीछे से पकड़ा और लंड को चूत पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा पूरा लंड फच की आवाज़ करके एक ही बार में भाभी की चूत में चला गया तो भाभी के मुँह से उउउइईई की आवाज निकली और जिसे सुनकर मुझे बहुत मज़ा आया.

    फिर मैंने अपना लंड भाभी की चूत से निकाला और फिर से उनकी चूत पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का दिया, इस बार भाभी को भी मज़ा आया और उनके मुँह से आआहह की आवाज़ निकली. फिर में ऐसे ही ज़ोरदार धक्के लगाता रहा और पूरे रूम में आअहह आआहह आआहह और पुउऊउचुकक पुउऊउचुकक की आवाज गूंजने लगी. फिर 15-20 ऐसे ही ज़ोरदार धक्के लगाने के बाद मैंने भाभी से कहा कि मेरा माल निकलने वाला है तो भाभी ने कहा कि माल मेरे मुँह में ही निकालना. फिर मैंने अपना लंड भाभी की चूत से निकाल कर भाभी के मुँह में दे दिया और अपना सारा माल उनके मुँह में निकाल दिया. फिर भाभी मेरा सारा माल पी गई. फिर मैंने ऐसे ही भाभी को 1 महीने तक चोदा और फिर मैंने अपना फ्लेट चेंज कर दिया.

  • गर्म भाभी की ब्रा और पेंटी का कमाल

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शाहिद है और मेरी लम्बाई 5.10 फिट और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी भाभी की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वैसे में उन्हें चोदने के सपने बहुत देखा करता था और फिर एक दिन मेरा वो सपना सच हुआ और मुझे उनकी चुदाई करने का मौका मिला और आज में उसकी चुदाई की घटना को आप सभी को पूरा विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और अब में अपनी भाभी के बारे में भी थोड़ा बहुत बता देता हूँ.

    दोस्तों मेरी भाभी बहुत सेक्सी है, उनका नाम ऋतु है वो बहुत फिट है और उनकी गांड का साईज 34 और बूब्स और कमर बहुत हॉट, सेक्सी 24 है जिनको देखकर मेरा लंड अपना आकार बदलकर पेंट से बाहर आने लगता था. दोस्तों वैसे में शुरू से ही चूत का बहुत दीवाना लड़का हूँ और मैंने अब तक बहुत सी लड़कियों को चोदा है, लेकिन वो सब की सब मेरी ही उम्र की थी उनमे से बहुत लड़कियों की चूत की सील मैंने तोड़ी थी.

    दोस्तों में हमेशा से ही अपनी पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी को हवस की नज़रों से देखता था और उनको चोदने के ख्यालों को सोचकर मुठ मारा करता था. में हमेशा सोचता था कि जब में अपनी भाभी को चोदूंगा तो मुझे कितना मज़ा मिलेगा? में सबसे पहले उनकी चूत को चूसूंगा और उनकी गीली चूत का पानी पी जाऊंगा और जब यह सब करने का मुझे मौका मिला तो मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और आज तक भी उठता आ रहा हूँ. दोस्तों यह बात इसी साल की है और उस समय मेरी भाभी के घर पर हम सब रिश्तेदार गए हुए थे और में उनके घर पर ऐसे ही घूम रहा था और जब मैंने देखा कि भाभी ने अपने कुछ कपड़े धोकर सुखा रखे है तभी मैंने देखा कि उन कपड़ो में भाभी की ब्रा और पेंटी भी थी. तो में वहाँ गया और फिर इधर उधर देखकर चुपके से उनकी पेंटी को उठाकर चाटने लगा.

    मैंने देखा कि उनके पास बिस्तर गरम करने वाली बहुत सी जालीदार ब्रा और पेंटी थी क्योंकि मैंने उनके बाथरूम में भी ऐसी ही चुदम चुदाई वाली ब्रा देखी थी जिसको देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था और उनके पास एक कृत्रिम लंड भी था जो आकार में बहुत बड़ा था शायद वो उसे अपनी चूत में डालकर अपनी चूत को ठंडा करती थी.

    फिर मैंने उनकी एक नीले कलर की जालीदार सेक्सी ब्रा उठाई और उसे चाटने लगा. में बहुत देर तक उसे सूँघता रहा और चाट रहा था तो इतने में मैंने पीछे मुड़कर कर देखा कि भाभी मुझे शरारती नज़रों से देख रही थी. दोस्तों मेरी भाभी मुझसे ज़्यादा बड़ी नहीं है, वो मुझसे उम्र में सिर्फ़ 8 साल बड़ी है. अब मुझे इस तरह उनकी ब्रा को चाटते सूंघते हुए देखकर उनकी चूत भी अब गरम होने लगी थी, लेकिन उस समय सब लोग घर पर थे इसलिए भाभी चुपचाप मेरे पास आई और मेरा लंड पकड़कर बोली कि क्यों बहुत गरमी है ना तुझमे, थोड़ी अपनी गरमी मुझे भी दे दे और फिर वो मेरे होठों पर चूमने लगी.

    हम बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते, चूसते रहे और अब में उनके बूब्स को दबा रहा था. फिर भाभी ने कहा कि इससे पहले कि कोई यहाँ पर आ जाए तुम मुझसे दूर हो जाओ हम इस काम को बाद में लगातार करेंगे. फिर में अपने खड़े लंड को वहां से लेकर बाथरूम में चला गया और मैंने उनके नाम की मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे को पूरा दिन हवस भरी नज़रों से देखते रहे और उसके बाद में अपने घर चला गया.

    फिर हम जब भी मिलते थे तो में भाभी को उनके घर के बाथरूम में ले जाकर चूमा करता था और उनके बूब्स का दूध मुझे बहुत अच्छा लगता था. हम दोनों घंटों तक लगातार स्मूच किया करते थे और भाभी भी पूरा दिन गरम ही रहती थी क्योंकि भैया अधिकतर समय अपने ऑफिस के कामों से घर के बाहर ही रहते थे जिसकी वजह से वो लंड के लिए बहुत तरसती थी और मुझे उन पर शक भी था कि भाभी किसी पड़ोसी से भी चुदवाती है और अब में उन्हे यह कहकर हमेशा डराता था कि में भैया को यह बता दूँगा कि उनकी चूत कितने पराए लंड अंदर ले चुकी है और में भाभी को यही सब कहकर बातों ही बातों में उनकी पेंटी में हाथ डाल दिया करता था और उनके मुहं में अपना लंड देता था. उनके मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता और में हमेशा अपना वीर्य उनके मुहं में ही डालता था, लेकिन वो मेरा वीर्य जिस तरह से पीती और अपनी जीभ से चाटकर साफ करती थी तो मुझे अब शक होने लगा कि कहीं मेरे भैया ने किसी रांड से शादी तो नहीं कर ली.

    भाभी चुसवाते वक़्त पूरे जोश में होती थी और उनकी सिसकियों की आवाज आआहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह मेरे लंड को खड़ा कर देती थी, लेकिन भाभी कभी भी मुझे चोदने नहीं देती थी, बस वो मेरे साथ स्मूच करती थी और अपने बूब्स को मुझसे दबवाती, चूसने को कहती, अपनी चूत चाटने देती और मेरा लंड चूसती थी, लेकिन अपनी चूत की चुदाई नहीं करने देती थी.

    फिर एक रात को में अपने घर पर अपनी पड़ोस में रहने वाली आंटी के बारे में सोच सोचकर मुठ मार रहा था कि तभी भाभी ने मुझे फोन किया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे भैया बिजनेस ट्रिप के लिए हांगकांग जा रहे है तो उन्हे एरपोर्ट तक छोड़ना है, लेकिन भाभी बिना कहे मेरा लंड माँग रही थी और में उनका कहना समझ गया था. फिर में उनके घर पर पहुंचा और भैया को एरपोर्ट छोड़कर आया और जैसे ही में घर पर वापस गया तो मैंने देखा कि भाभी अपने कमरे में बिस्तर पर उसी ब्रा और पेंटी में सो रही थी जिसे मैंने चाटा था, उन्हे इस हालत में देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और में पीछे से गया और अब पास जाकर उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा और फिर जैसे ही उनकी नींद खुली तो वो भी मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और में फिर से उन्हे चूमने लगा. मैंने उन्हे 15 मिनट तक होठों पर स्मूच किया और उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था, लेकिन बस अब बहुत हो चुका था और अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी की ब्रा को खोला और उनके गरम निप्पल पीने लगा.

    मैंने भाभी से कहा कि आज तो में तुम्हे जरुर चोद दूँगा, तो भाभी मुस्कुराकर मुझसे बोली कि हाँ इसलिए ही तो मैंने तुझे आज यहाँ पर बुलाया है, आज तू जी भरकर चोद ले अपनी भाभी को. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरा लंड तो एकदम से तन गया और उसी वक़्त मैंने भाभी की पेंटी को फाड़ दिया और भाभी को 69 पोज़िशन में अपने ऊपर ले लिया, में उनकी चूत को छू रहा था और वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी और भाभी की उहहह्ह्ह आआअहह सुनकर मेरी हवस और भी बड़ रही थी.

    में बिल्कुल पागल हुआ जा रहा था और वो मुझसे बोली कि साले, मादरचोद, बहनचोद तेरा लंड बहुत मीठा है. तो मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत भी कुछ कम खट्टी मीठी नहीं है और 15 मिनट चूसने चाटने के बाद मैंने भाभी को उल्टा करके उनकी भीगी हुई चूत में अपना लंड डाल ही दिया, लेकिन दोस्तों उनकी चूत बहुत बार हर तरह से लंड से चुदने के बाद भी बहुत टाईट थी आहह्ह्ह्हह आईईईईई माँ मेरी थोड़ा धीरे धक्का दे, भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और गालियां देने लगी.

    दोस्तों जब वो रंडी मुझे हाँ और ज़ोर से चोद साले, मादरचोद, बहनचोद बोल रही थी तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जब और जब उन्होंने मुझे अपने हाथों से जकड़ रखा था तब उनके नाख़ून मेरी छाती पर निशान बना रहे थे, लेकिन फिर भी मैंने उनसे कुछ भी नहीं कहा क्योंकि में अब पूरी तरह से भाभी के गरम जिस्म के वश में था और मेरा लंड और खड़ा होता जा रहा था. मैंने भाभी को लेटाकर बहुत देर तक चोदा और जब मेरा लंड उनकी बच्चेदानी पर टकराता तो भाभी की चीख निकल जाती.

    भाभी को उछल उछलकर चोदने में जो मज़ा आ रहा था वो मुझे आज तक किसी को चोदने में नहीं आया था. दोस्तों करीब आधा घंटा भाभी को लगातार ठोकने के बाद जब मेरा लंड वीर्य से भर गया तो मैंने अपना लंड उनके बूब्स के बीच में फंसा दिया और उनके बूब्स के बीच में लंड हिलाते वक़्त मेरा वीर्य निकल गया और मैंने वो उनके मुहं में भर दिया और भाभी मेरा वीर्य बहुत प्यार से पी गई उनको वीर्य पिलाने के बाद में फ्री हो गया, लेकिन भाभी अभी भी बहुत जोश में और गरम थी और मुझमें इसके आगे चुदाई करने का दम नहीं था.

    फिर में उठकर उनके बाथरूम में गया और उनका कृत्रिम लंड लेकर आ गया. उस कृत्रिम लंड से मैंने भाभी को चोदकर ठंडा किया और उनकी चूत का पानी पिया. दोस्तों भाभी की चुदाई एक घंटे तक लगातार चली और उन्हे चोदने के बाद मैंने उन्हे ब्रा, पेंटी पहनाई और फिर में वहाँ से जाने लगा. तभी भाभी बोली कि अगर तू हर हफ्ते मुझे चोदने यहाँ पर नहीं आया तो में तेरे भैया को बता दूँगी कि तू कितना बड़ा मदारचोद है और तूने मेरी चूत को कितनी बेरहमी से लगातार चोदा है. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझ जैसा मज़ा आ गया था. में भाभी से बोला कि साली रांड तू अब जैसे, जब, जहाँ कहेगी में तुझे जरुर चोद दूंगा और यह बात कहकर में खुशी ख़ुशी वहाँ से निकल गया. दोस्तों आज तक में अपनी भाभी की चूत को चूस, चाट और चोद रहा हूँ और हर सप्ताह शनिवार को में उन्हे चोदता हूँ.

  • प्रेरणा से मुझे मिली प्रेरणा, bhabhi ki chudayi

    हैलो दोस्तों, में आपका प्यारा दोस्त राज एक बार फिर से हाजिर हूँ आपके सामने अपनी नई प्रस्तुति लेकर. दोस्तों मेरा मानना है कि जिंदगी में जो भी करने का मन हो एक बार तो ज़रूर करना चाहिए, वो चाहे सोचने में कितना भी गंदा क्यों ना लगे, क्योंकि हर चीज़ का असली मज़ा उसे खुद करके ही पता चलता है, खैर अब आपको ज़्यादा बोर ना हुए में अपनी इस कहानी पर आता हूँ. मुझे एक लेडिस का मैल मिला और वो मुझसे सेक्स करना चाहती थी. फिर उससे मैंने पहले मैल के ज़रिए बात बढ़ाई.

    फिर कुछ दिनों में मुझे लगने लगा कि उसके विचार मुझसे बहुत मिलते हैं, उसकी शादी को दो साल हो चुके थे, लेकिन उसके पास अभी तक अपना कोई बच्चा नहीं था और होगा भी कैसे, क्योंकि उसके पति का लंड तो ठीक ठाक था, लेकिन उसका वीर्य बहुत कम निकलता था. उसका नाम प्रेरणा है और उसकी उम्र 27 साल थी और सेक्स का तज़ुर्बा उसने अपनी शादी से पहले ही बहुत बार कर लिया था और अब हम रोज चेट करने लगे, क्योंकि उसका पति हर रोज घर पर रात को आठ बजे के बाद ही आता था.

    कुछ दिन और बीते तो उसने मुझे अपना मोबाईल नंबर दे दिया और वो जब भी फ्री होती तो मुझे मिस कॉल मारती या कॉल करती. दोस्तों जब मैंने पहली बार फोन पर उसकी आवाज़ सुनी तो मेरा मन बावरा होने लगा और लंड का तो बुरा हाल हो गया. फिर वो मुझसे बोली कि उसकी चूत भी मेरी बातों से गीली हो जाती है, जिसे वो फिर से उंगली डलकर शांत करती है और अब मुझे उससे मिलने का बहुत मन होने लगा. हम एक दिन फोन पर बातें कर रहे थे तो तभी उसने मुझे बताया.

    प्रेरणा : यार राज, मैंने अपनी चूत की सील तो 12वीं क्लास में ही तुड़वा ली थी, मेरी क्लास का एक लड़का था और वो एक बार मुझे अपने घर पर चोदने के लिए ले गया और मुझे ब्लू फिल्म दिखाकर गरम करने के बाद जब उसने कपड़े उतारे तो मेरा मूड बदल गया, क्योंकि उसका लंड चार इंच का था.

    में : फिर क्या हुआ जानेमन?

    प्रेरणा : वो मुझसे बोला कि वो मुझे चोदकर बहुत मज़े देगा और मुझे भी ब्लूफिल्म के साईज़ का लंड देखकर बहुत डर लगता है. खून निकलने और दर्द होने के बाद हमने 69 शुरू किया तो वो पांच मिनट में ही मेरे मुहं में झड़ गया और मुझे उसका वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा, लेकिन में सोच रही थी कि ब्लू फिल्म वालों की तरह सबका वीर्य बहुत सारा निकलता होगा, खैर अब वो मेरी चूत चाटने लगा और उसने अपनी एक उंगली उसमे डाल दी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.

    में : हाँ जानेमन आज तो तुम मेरे लंड का बहुत बुरा हाल करके छोड़ोगी.

    प्रेरणा : अरे यार पहले पूरी बात तो सुन लो.

    में : हाँ ठीक है चलो आगे बताओ क्या हुआ?

    प्रेरणा : में पूरी नंगी होकर बेड पर उसे अब अपनी चूत चटवा रही थी और सेक्स की गर्मी मेरे दिमाग़ में चढ़ चुकी थी, मेरे मुहं से उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकलने लगी और अब तक उसका लंड भी दोबारा तनकर खड़ा हो गया तो वो तभी मुझसे बोला कि चूत में डाल दूं क्या? तो मुझे उसकी यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया.

    में : लेकिन ऐसा क्यों?

    प्रेरणा : अबे यार इसमें भी कोई पूछने की कोई बात थी, क्या एक नंगी तड़पती हुई लड़की से यह बात पूछना चाहिए? और फिर वो अपना लंड डालने लगा तो उसका सुपाड़ा अंदर तक चला गया, लेकिन अब भी उससे मेरी सील नहीं टूट रही थी तो मैंने खुद अपने बचे हुए कपड़े उतारकर उसकी मदद करनी चाही, लेकिन फिर भी उससे सील नहीं टूटी और अब हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद पसीने में नहा चुके थे. फिर वो मुझसे बोला कि पहले में बियर की बॉटल पर एक कॉंडम चढ़ाकर तुम्हारी सील तोड़ देता हूँ तो जिससे रास्ता बन जाएगा.

    में : और फिर क्या हुआ?

    प्रेरणा : तभी अचानक से उसका बड़ा भाई जो शादीशुदा था तो वो वहाँ पर आ गया, उसके पास घर की एक दूसरी चाबी थी तो वो कभी कभी अपने माता पिता से मिलने आता था, मेरे बॉयफ्रेंड की तो उन्हें देखते ही हवा निकल गई और वो उसके पैरों में लेटकर रोने लगा और कहने लगा कि भैया प्लीज मम्मी, पापा नहीं थे, इसलिए ग़लती हो गई, में फिर कभी ऐसा नहीं करूँगा. फिर उसका भाई बोला कि जा बाहर वाले रूम में और तू मेरा वहीं पर बैठकर इंतजार कर, तुझसे में बाद में बात करूँगा पहले इससे तो बात कर लूं. फिर मेरा बॉयफ्रेंड अपनी जीन्स उठाकर बाहर भाग गया और में अभी तक बेड शीट में लिपटी हुई परेशान थी, लेकिन तभी मेरी नज़र बड़े भाई की पेंट पर पड़ी तो मुझे वहाँ आशा का बड़ा सा तिनका नज़र आया.

    में : हाँ फिर क्या हुआ जान?

    प्रेरणा : यार मेरी तो अभी भी वो सब याद करके हालत बहुत खराब हो रही है, अभी क्या हम एक बार मुठ मार ले क्या?

    में : नहीं पहले तुम यह कहानी तो पूरी कर दो.

    प्रेरणा : ठीक है एक मिनट रूको पहले में अपने सारे कपड़े उतार देती हूँ और नंगी लेटकर आगे की कहानी बताउंगी और तुम भी अपने उतार लो.

    में : मेरा तो कब से मेरे हाथ को गरम कर रहा है जानेमन, में अब अपनी टी-शर्ट भी उतार देता हूँ.

    प्रेरणा : हाँ अब ठीक है अगली बार हम वीडियो चेट करेंगे, क्योंकि तब तक मेरा वेबकेम आने वाला है.

    में : वाह फिर तो मज़ा ही आ जाएगा.

    प्रेरणा : अब आगे सुनो.

    में : ठीक है सुनाओ.

    प्रेरणा : मेरे दिमाग़ में उस टाईम ब्लू फिल्म वाले लंड के अलावा कुछ नहीं चल रहा था, लेकिन मैंने नाटक करते हुए उनसे कहा कि भैया मुझे जाने दो, में आपके छोटे भाई की गर्लफ्रेंड हूँ और अगर आप कहेंगे तो हम फिर से ऐसा कभी नहीं करेंगे.

    फिर वो मुझसे बोले कि में अभी तुम्हारे माता, पिता को फोन करके बताता हूँ कि तुम मेरे छोटे भाई को बिगाड़ रही हो और उन्होंने मेरे सेलफोन से मेरे पापा का मोबाईल नंबर निकाल लिया, मुझे अब बहुत डर लग रहा था और यही वक़्त था कुछ कर गुजरने का. फिर मैंने अपनी बेड शीट हटाई और उनकी पेंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया तो वो लगभग आधा खड़ा हुआ था तो में उससे बोली कि अब क्यों नाटक कर रहे हो भैया सेलफोन छोड़ो और मेरे बूब्स को दबाओ और आज हम दोनों का काम बन जाएगा.

    दोस्तों वो बहुत समझदार था और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी बाहें उनकी कमर में डालकर अपनी जीभ को उनके मुहं में सरका दिया और अब हमारा एक बार फिर से खेल शुरू हो चुका था और तीन मिनट तक लगातार किस करने के बाद मैंने उनकी आँखों में आखें डालकर देखा और उनके कपड़ों की और इशारा किया तो उन्होंने बाहर से अपने छोटे भाई को बुलाया और मार्केट जाने को कहा और वो भी अब सब चक्कर समझ चुका था और वो बोला कि अरे बड़े भैया आपको अगर इसे चोदना ही है तो मुझसे ऐसे क्यों शरमा रहे हो? आप मजे करो और जब इसको कोई ऐतराज़ नहीं है तो आप तो मेरे भाई हो.

    अब उसका बड़ा भाई मेरी तरफ देखने लगा तो में उससे बोली कि मुझे अब कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन में चाहती हूँ कि जब बड़ा मुझे चोदे तो छोटा सामने बैठकर मेरी चुदाई को देखे और यह खेल सीखे और इस बात पर वो दोनों भाई मुस्कुराने लगे और अब बड़े भाई ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और छोटा पीछे सोफे पर बैठ गया. फिर बड़ा भाई बोला कि वाह साले इतनी जबरदस्त आईटम तूने पटाई है, क्या गोरे टाईट बूब्स है इस साली के.

    में उस समय पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई अंगड़ाई ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत को ऊपर से ही सहला रही थी. तभी बड़े भाई ने अपना अंडरवियर निकाला और में देखते ही डर गई, क्योंकि उसका लंड तो करीब 7 इंच से भी बड़ा था और अब उसका लंड देखकर मेरा जोश कुछ ठंडा हुआ और गांड फटने लगी, लेकिन मैंने मन ही मन फ़ैसला कर लिया था कि चाहे जो हो जाए आज तो मुझे अपनी चूत को फड़वाना ही है.

    उसने अपना लंड मेरे पास आकर मेरे हाथ में दे दिया, वो बहुत गरम था और मेरे हाथ में आते ही वो ठुमके लगाने लगा और उसका गुलाबी कलर का सुपाड़ा देखकर मेरी तो लार ही टपकने लगी और मैंने खींचकर उसे मुहं में ले लिया, मेरा मन तो कर रहा था कि में उसे पूरा खा जाऊँ, लेकिन आधा ही अंदर लेने पर मुझे खाँसी उठने लगी, उसके कूल्हों को अपने हाथों से अपनी और खींचा और उसके आंड सहलाए और उसे मज़ा आने लगा. तभी उसने मुझे बताया कि उसकी बीवी कभी भी ओरल सेक्स नहीं करती और आज वो पहली बार अपना लंड किसी लड़की को चुसवा रहा था, उसने मेरे मुहं में धीरे से धक्के लगाने शुरू किये और उधर उसका भाई यानी मेरा बॉयफ्रेंड भी सोफे पर बैठकर पूरा नंगा होकर अपना लंड हिला रहा था.

    में : जान मेरा तो आज बिना हिलाए ही निकल जाएगा, शायद तुम्हारी इतनी हॉट कहानी सुनकर.

    प्रेरणा : बस थोडा कंट्रोल करो यार वैसे अब मेरी चूत भी चुदने के लिए बैचेन हो रही है.

    में : क्यों तो फिर आ जाओ ना मुझसे चुदने?

    प्रेरणा : हाँ यह सब तुम्हारे साथ भी एक दिन जरुर होगा डार्लिंग, तुम थोड़ा सब्र रखो, क्योंकि सब्र का रस बहुत मीठा होता है.

    में : ठीक है चलो अब आगे बताओ कि फिर क्या हुआ?

    प्रेरणा : फिर क्या उसने मेरे चूत का कबाड़खाना बना दिया?

    में : अरे यार थोड़ा अच्छी तरह विस्तार में बताओ.

    प्रेरणा : ठीक है और अब उसका लंड चूसते चूसते मेरे गले में दर्द होने लगा था, अब मेरी चूसने की स्पीड कम हुई तो वो सब कुछ समझ गया और उसने अपने छोटे भाई को बुलाकर उसके कान में कुछ कहा तो छोटा भाई ऐसे ही पूरा नंगा किचन में गया और घी का डब्बा उठा लाया और अपनी एक ऊँगली से थोड़ा घी निकालकर छोटे भाई ने मेरी चूत पर लगाया और बड़े भाई ने थोड़ा घी अपने लंड पर लगाया और मेरे पैरों को फैलाया और में तो ना जाने कब से इन सबके लिए तरस रही थी और अब उस खुशी में मेरी आँखें बंद हो गई और जैसे ही उसके लंड के सुपाड़े ने मेरी चूत को पहली बार छुआ तो मेरे पूरे जिस्म में 420 वॉल्ट का करंट दौड़ गया. उसने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मुझे थोड़ा दर्द सा हुआ. फिर वो मुझसे बोला कि तुम्हे अगर लगे कि अब तुमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा तो तुम मुझे वहीं रुकने का इशारा कर देना. फिर मैंने कहा कि भैया में रुकने के लिए अगर तुम्हारे हाथ पैर भी पकड़ लूँ तो भी आप आज बिल्कुल भी मत रुकना, जब तक आपका पूरा लंड ना चला जाए, आज मुझे इस चूत की हर गहराई तक आपका लंड महसूस करना है.

    फिर मेरी यह बात सुनकर उसे जोश आ गया और उसने एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया, मेरे आंसू बाहर निकल आए और इससे पहले कि में चिल्लाती छोटी भाई ने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर करीब तीस सेकेंड रुकने के बाद मैंने बड़े भाई को आगे बढ़ने का इशारा किया और छोटे भाई का लंड चूसने लगी, बड़े भाई ने अब दो धक्कों में अपना लंड मेरे गर्भाशय तक पहुंचा दिया और मुझे ऐसा लग रहा था कि में अभी बेहोश हो जाउंगी, लेकिन में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि चूत चुदवाने वाली में इस दुनियाँ की पहली लड़की नहीं हूँ तो इसलिए में हिम्मत करके चुपचाप पड़ी रही.

    फिर थोड़ी देर बाद में थोड़ा थोड़ा ठीक होने लगी थी और फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए तो वो मेरे बूब्स को मेरी चुदाई करते हुए दबाने लगा और छोटे वाला भाई मेरे मुहं को चोद रहा था और मुझे भी अब बहुत मजा आने लगा था और में भी नीचे से पूरा लंड अंदर लेने के लिए अपनी चूतड़ को हिलाने लगी थी और यह सब देखकर उसने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और 15 मिनट तक चुदने के बाद में झड़ गई. फिर मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी कमर पर कस दिया था, लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था. फिर छोटा वाला भाई बोला कि मेरी जान आज पहली झड़ी है मुबारक़ हो. फिर में बोली कि हाँ लंड से तो में आज पहली ही बार झड़ी हूँ, लेकिन भैया अब प्लीज इसे बाहर निकाल लो, बड़े भैया बोले कि मेरा तो अभी हुआ ही नहीं साली में ऐसे कैसे बाहर निकाल लूँ? फिर में उनसे बोली कि भैया आप मेरे मुहं में अपना लंड डाल दो और झड़ जाओ.

    फिर छोटा भाई बोला कि फिर में क्या करूँगा? मैंने उससे कहा कि देखो तुम्हारा लंड अभी थोड़ा छोटा है तो तुम एक काम करो मेरी गांड मार लो जो अभी तक वर्जिन है और इससे तुम्हे भी मेरी वर्जिनीटी तोड़ने का सुख मिल जाएगा, उसको मेरा यह विचार बहुत अच्छा लगा तो उसने मुझे डॉगी स्टाईल की पोज़िशन में करके थोड़ा थूक अपने लंड पर लगाकर धीरे से मेरी गांड में सरकाया और उधर बड़े भैया ने अपने लंड के ऊपर से मेरी चूत का खून बेडशीट से साफ किया और मेरे मुहं में ले आए, उसमें से मुझे मेरी चूत की जानी पहचानी खुशबू आ रही थी, जो में हर रोज अपनी ऊँगली पर से लेती थी और उधर छोटे वाले भाई ने मेरे कूल्हों को पकड़कर एक ही झटके के साथ गांड में अपना लंड डाल दिया और जब उसने धक्के लगाने शुरू किए तो एक अजीब सा मज़ा आने लगा था, में बड़े भैया का लंड चूसने लगी.

    करीब दस मिनट बाद हम दोनों ही झड़ने को तैयार हो गये तो मैंने नीचे बैठकर उन दोनों का माल मुहं में ले लिया, सबसे पहले बड़े का और उसके बाद में अपने बॉयफ्रेंड का. उन दोनों ने एक एक करके फिर से मेरी आगे पीछे से चुदाई की. फिर बड़े भैया ने अपनी कार से मुझे अपने घर के पास छोड़ दिया. मुझसे दो दिन तक ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, क्योंकि मुझे चलने में बहुत दर्द होता और मुझे अच्छी तरह से पता था कि मेरी क्लास की चुदक्कड़ लड़कियाँ मेरी चाल को देखकर मुझसे सब कबूल करवा लेंगी.

    में : चलो अच्छा हुआ एक ही दिन गांड और चूत की सील टूटी, क्योंकि अब तुम्हे दो तारीख याद नहीं रखनी पड़ेगी.

    प्रेरणा : हाँ, लेकिन यह बहुत हद तक सच भी है यार और अभी तुम्हारा लंड कैसा है?

    में : तुम्हारी चूत में गरम बारिश करने को तड़प रहा है.

    प्रेरणा : हाँ आ जाओ. तुम्हे किसने रोका है और में हमेशा से तुम्हारी हूँ.

    में : हाँ, लेकिन वास्तव में ऐसा कब होगा प्रेरणा?

    प्रेरणा : बहुत जल्द डार्लिंग, क्योंकि जब से तुम्हारे मुहं से मैंने तुम्हारे लंड के जलवे सुने हैं और जैसे तुम अपनी माँ, बहन और दोस्त की बहन को चोदते हो, में तो कब से तुमसे चुदवाना चाह रही हूँ और आज ऐसा फ़ोन सेक्स करें कि पड़ोसियों तक की गांड जल जाए. दोस्तों फिर हम दोनों ने जबरदस्त फोन सेक्स किया और बहुत मज़े किए.

  • स्नेहा भाभी की चूत की मलाई, bhabhi ki choot ki malai

    हैल्लो दोस्तों, ये कहानी मेरी और मेरी भाभी की है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. अब में आपको अपनी भाभी के बारे में बताता हूँ, उनकी उम्र 24 साल है. वो बिल्कुल दूध जैसी गोरी, पतली और फिगर ऐसा कि बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए. उनका फिगर 32-28-34 है और आप जानते ही होंगे कि पंजाबी लड़कियां बॉम्ब होती है. अब में सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.

    ये आज से 1 महीने पहले की कहानी है जिसने मेरी लाईफ बदल दी. ये मेरी कज़िन भाई की पत्नी है और हमारी फेमिली साथ में ही रहती है. भाई को नौकरी के लिए आउट-ऑफ शहर रहना पड़ता है और भाभी यहाँ अकेली अपने सास ससुर के साथ रहती है. मेरी भाभी से अच्छी बनती है, क्योंकि में उनकी उम्र का हूँ और उन्हें मेरे साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है.

    यह घटना तब हुई जब मेरी माँ मेरी मौसी के घर चली गई और में घर पर अकेला था, क्योंकि मेरे एग्जॉम स्टार्ट होने वाले थे तो में जा नहीं सकता था तो वो चली गई. अब पापा अपनी शॉप पर चले जाते थे और में घर पर अकेला होता था. भाभी ग्राउंड फ्लोर पर रहती है और में फर्स्ट फ्लोर पर रहता हूँ. उस दिन दोपहर में भाभी मेरे पास आई और जब मेरी ताई जी सो रही थी वो मेरे पास आ गई और पूछने लगी कि क्या चल रहा है? तो मैंने कहा कि बस एग्जॉम की तैयारी चल रही है और डर भी लग रहा है. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि इसमें डरने की क्या बात है? सब ठीक होगा. मुझे उनका हाथ बहुत अच्छा लगा था.

    फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उनका हाथ पकड़कर कहा कि आप हो तो डर नहीं लगेगा. फिर वो बात करते-करते कुछ उदास हो गई तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं तो मैंने उन्हें फोर्स किया और कहा कि क्या भाई की याद आ रही है? तो वो बोली हाँ और मैंने उन्हें कहा कि भाभी एक बात पूंछू आप नाराज़ तो नहीं होंगी ना, तो वो बोली कि नहीं तो, पूछो. फिर मैंने कहा कि रहने दो आप नाराज़ हो जायेगी फिर वो बोली कि नहीं होउंगी तू पूछ तो सही. तब मैंने हिम्मत करके कहा कि आप बिना भाई के यहाँ अकेली कैसे रह लेती है? वो थोड़ी उदास हुई, लेकिन उन्होंने पूछा कि क्या मतलब? तो मैंने बोला कि आपको उनकी कमी नहीं लगती, आपकी ज़रूरत कैसे पूरी होती होगी? वो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखने लगी और मेरा हाथ पकड़कर बोली कि क्या करूँ मजबूरी है? तब मेरी हिम्मत और बढ़ी तो में बोला कि आपको सेक्स की इच्छा नहीं होती क्या?

    फिर वो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखने लगी और बोली कि तुम ये क्या पूछ रहे हो? तब में बोला कि भाभी में भी जवान हूँ और मुझे भी सेक्स की इच्छा होती है और आप तो जानती है कि में मेडिकल साइन्स का स्टूडेंट हूँ. तो वो थोड़ी देर में बोली कि इच्छा तो बहुत करती है लेकिन में क्या कर सकती हूँ? तुम तो जानते ही हो कि तेरे भाई महीने में एक दिन के लिए आते है. अब मेरी हिम्मत बढ़ी और में बोला कि तो बाकी दिन आप कैसे कंट्रोल करती है? तब वो कुछ नहीं बोली.

    मैंने कहा कि बताइये ना भाभी आप क्या करती है? तब वो बोली कि में क्या कर सकती हूँ? बस तड़प कर रह जाती हूँ. फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपको जी भर कर प्यार करना चाहता हूँ तो वो नाराज़ हो गयी और बोली कि तुम ये क्या कह रहे हो? में तुम्हारी भाभी हूँ. तब में और थोड़ा उनके पास गया और उनको समझाया कि देखिए में आपसे बहुत प्यार करता हूँ. क्या में आपको पसंद नहीं हूँ? तो वो रुककर बोली कि ऐसा नहीं है, तू भी मुझे बहुत पसंद है जो लड़की तुझे मिलेगी वो खुश किस्मत होगी. वैसे में भी भाभी के नाम की बहुत बार मुठ मार चुका था और कब से उनकी प्यारी सी चूत को चोदने के लिए बेताब था.

    फिर में बोला कि तो प्रोब्लम क्या है? वो बोली नहीं ये ठीक नहीं है किसी को पता चल गया तो? अब वो भी चुदवाने को बेताब थी, लेकिन डर रही थी. तब मैंने अपना हाथ उनकी जाँघ पर रखा और धीरे-धीरे उनकी जांघ को सहलाने लगा तो वो कुछ नहीं बोली. अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था, अब वो धीरे-धीरे भी बोल रही थी कि मत कर ये ठीक नहीं है. फिर वो उठकर जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उनको अपने सीने से लगा लिया. अब में उनको किस करने लगा, पहले तो उन्होंने थोड़ा गुस्सा किया, लेकिन बेचारी सेक्स की प्यासी कहाँ तक अपने आपको रोक पाती. अब वो भी मुझे समर्थन देने लगी और हम दोनों कस कर एक दूसरे को किस करने लगे और अपनी जीभ और थूक एक दूसरे के मुँह में डालने लगे.

    ये मेरा पहला समय था, क्योंकि आज से पहले मैंने कभी किसी लड़की के साथ संबंध नहीं बनाया था, अब मुझे तो मज़ा आ गया था. करीब 15 मिनट तक हम लोगों ने किस किया और फिर में उन्हें गर्दन पर किस करने लगा. अब वो तो आउट-ऑफ कंट्रोल हो गयी और ज़ोर-ज़ोर से मौन करने लगी. फिर मैंने अपना एक हाथ उनके सीधे बूब्स पर रखा और ज़ोर-ज़ोर से उनके बूब्स को दबाने लगा और दूसरा हाथ उनकी मोटी भारी हुई जाँघ पर चल रहा था. अब वो तो पागल ही हो गयी और चिल्लाने लगी, आआअहह हमम्म्मम ऊऊहह आज क्या मार ही डालोगे क्या? तब मैंने उनका थोड़ा सा कुर्ता उनके कंधो से नीचे सरका दिया. क्योंकि उन्होंने पंजाबी सूट पहन रखा था और अब में उनके कंधे पर किस करने लगा. अब मैंने अपने हाथ से उनके बूब्स दबाने चालू रखे.

    अब वो मेरे बालों को खींच रही थी और मुझे अपनी बॉडी पर दबा रही थी. अब वो चुदने के लिए मछली की तरह तड़प रही थी, लेकिन आज में उन्हें बहुत तड़पाना चाहता था ताकि जब में उन्हें चोदूं तो उन्हें पूरा सुख मिले और वो हमेशा मेरे से चुदवाती रहे. अब मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनका कुर्ता उतार दिया. वाह अब दो बड़े-बड़े सफेद दूध की डेयरी मेरे सामने थी. अब उन्होंने एक गहरी गुलाबी और काले कलर की बहुत ही सेक्सी नेट वाली ब्रा पहन रखी थी. अब तो में देखते ही पागल हो गया था, लेकिन अब में उनको तड़पाना चाहता था.

    मैंने उन्हें ब्रा के ऊपर से ही चूसना स्टार्ट किया और एक हाथ उनकी नाभि में डाल दिया. तो वो आआऊउच करके उछल पड़ी और बोली कि क्या आज मारने का प्रोग्राम है क्या? क्या कोई इतना तड़पाता है? तो में बोला कि ये तो अभी शुरुवात है मेरी जान. फिर वो बोली कि भाभी से सीधे मेरी जान और इतना कहकर वो हंसने लगी और कहा कि मुझे आज के बाद इसी नाम से बुलाना और तुम मेरा नाम ही लिया करो. सॉरी दोस्तों मैंने आपको भाभी का नाम तो बताया ही नहीं, भाभी का नाम स्नेहा है.

    अब मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और वाह क्या बूब्स थे? बिल्कुल दूध जैसे सफेद और पिंक निप्पल तो कहर ढहा रहे थे. फिर मैंने सीधे बूब्स को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा और लेफ्ट बूब्स की निप्पल को दबाने लगा. तो वो आआऊउचचच आआअहह मेरे राजा उूउउम्म्म्मम की आवाज़ निकालने लगी और अपना हाथ मेरे बालों में घुमाने लगी. अब में थोड़ी देर तक उनके बूब्स चूसता रहा और अब भाभी ने बीच में अपनी चूत को सहलाने के लिए अपना हाथ लगाया तो मैंने उनके हाथ को पकड़ लिया.

    अब तक मैंने भाभी की चूत को हाथ भी नहीं लगाया था, क्योंकि मुझे उन्हें तड़पता देखकर बहुत मज़ा आ रहा था. वो बोली कि तू खुद भी उंगली नहीं कर रहा और मुझे भी नहीं डालने दे रहा है. अब में पागल हो जाउंगी, प्लीज कुछ कर, लेकिन मुझे तो अब मज़ा आ रहा था और में उनके दोनों हाथ पकड़कर उनके बूब्स चूसता रहा.

    फिर करीब 20 मिनट तक चूसने के बाद में नीचे आया और अपनी जीभ को उनकी नाभि में घुसा दिया और अपनी जीभ घुमाने लगा. अब वो तो अपना सिर ही पटकने लगी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज जल्दी कुछ करो, मेरी चूत में आग लगी हुई है उसको बुझाओ. अब ऐसी बातें सुनकर मुझे जोश चढ़ रहा था और अब मैंने उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी जाँघो के बीच में चूसना स्टार्ट किया और खूब दबाया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खींचा और उनकी पूरी सलवार उतार दी. अब भाभी मेरे सामने मैचिंग काली और गहरी पिंक कलर की नेट वाली पेंटी पहने हुई थी और में तो देखकर ही पागल हो गया. फिर मैंने उनकी जाँघो को चूसना स्टार्ट किया, वो बोली कि चोद दे, अब तो मेरी चूत की आग मिटा दे, तो में बोला कि रूको मेरी जान मज़ा तो अब आयेगा.

    फिर मैंने उनकी चूत की दरार को पेंटी के ऊपर से ही रब करने लगा, क्या मस्त चूत थी मादरचोद? में तो अब पागल ही हो गया था और अब में भूखे शैर की तरह उनकी चूत पर टूट पड़ा और उनकी चूत को दबाने लगा. अब भाभी ने भी चिल्लाना स्टार्ट कर दिया, आआआहह में मर गईई आओउऊउक्क्ककज मारररर डालोंगे क्या? और चूस मादरचोद चूस. ये बात सुनकर तो मुझे और जोश चढ़ गया और अब मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी. आज मेरे सामने जन्नत थी जिसके नाम की मैंने आज तक इतनी बार मुठ मारी थी.

    अब वो मेरे सामने थी और भाभी अब तक एक बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उनकी चूत को चूसना स्टार्ट किया. अब वो अपना सिर पटकने लगी और इधर उधर मारने लगी. अब वो मौन कर रही थी, आआमम्म्मम ऊऊहह आआआहह आाआईईईईईईईईईई माँ, ये क्या कर दिया तूने, अंदर आग लग गयी है? फिर मैंने उनकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और एक उंगली भी डाल दी. वो अब आउऊउचचच करके चिल्लाई और बोली कि थोड़ा धीर करो, लेकिन में कहाँ उसकी मानने वाला था. भाभी वर्जिन तो नहीं थी, लेकिन उनकी चूत बहुत टाईट थी.

    अब में 20 मिनट तक भाभी की चूत को चूसता रहा और अब तक भाभी 2 बार और झड़ चुकी थी तो भाभी बोली कि अब और मत तड़पा, चोद दे अपनी भाभी को, बना दे मेरी चूत का भोसड़ा, अब में तेरी रंडी हूँ. अब मैंने उन्हें अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उन्होंने पहले मना किया, लेकिन मेरे जोर देने पर वो मेरे लंड को चूसने लगी. और अब में तो जैसे सातवें आसमान पर था. वो बहुत अच्छा लंड चूसती थी. अब 10 मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही और फिर मैंने उनको सीधा लेटा दिया और अब मैंने अपना लंड उनकी चूत के पास रखा और उनकी चूत पर रगड़ने लगा. तो वो बोली क्यों तडपा रहा है? डाल ना. फिर मैंने एक धक्का लगाया और मेरे लंड का सुपड़ा एक बार में ही 2 इंच तक उनकी चूत में अंदर चला गया. वो बहुत तेज चिल्लाई, आआईइ माँ में मररर गइईई, निकालो बाहर इसको वो ऐसे चिल्ला रही थी कि जैसे वो पहली बार चुद रही हो.

    फिर मैंने कहा कि भाभी आप क्या वर्जिन है? तो वो बोली नहीं तो, तेरे भाई का लंड बहुत छोटा है और वो मादरचोद वैसे भी महीने में एक बार चोदता है और एक बार में ही झड़ जाता है तो में संतुष्ट नहीं हो पाती. फिर मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा और मेरा पूरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. अब वो जैसे ही चिल्लाती तो मैंने उनको किस करना स्टार्ट कर दिया और उनके होंठो को लॉक कर दिया और लगातार झटके मारता रहा. फिर वो कुछ देर के बाद शांत हो गयी और अपनी कमर उठाने लगी, में समझ गया कि अब इन्हें भी मज़ा आ रहा है. फिर में उन्हें अपनी फुल स्पीड में चोदने लगा. अब तक भाभी 1 बार फिर झड़ चुकी थी और में फुल जोश में था. अब में भाभी को 25 मिनट से चोद रहा था और भाभी को अलग-अलग पोज़िशन में चोदता रहा. भाभी फिर से एक बार झड़ गयी.

    अब में झटके मारता रहा और अब 20-25 धक्के मारने के बाद में भी झड़ने वाला था तो में भाभी को बोला कि भाभी मेरा निकलने वाला है. भाभी बोली अंदर ही निकाल दो मेरी जान, फिर में 10 धक्को के बाद उनकी चूत में ही झड़ गया और भाभी भी मेरे साथ झड़ गयी. अब भाभी की चूत मेरे माल से भर चुकी थी और हम दोनों का माल एक साथ चूत से बाहर आ रहा था. अब भाभी बहुत खुश थी और अब उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी.

    फिर उन्होंने मुझे किस किया और थैंक्स बोला और कहा कि आज से में तेरी हूँ, तू ही मुझे चोदेगा उस मादरचोद ने तो मुझे कभी संतुष्ट किया ही नहीं था. फिर भाभी उठी और अपनी पेंटी पहनने लगी. भाभी जैसे ही नीचे झुकी तो मुझे उनकी मस्त गांड का छेद नज़र आ गया तो मैंने अपने एक हाथ कि उंगली उनकी गांड में डाल दी तो भाभी चिल्ला पड़ी और में हंसने लगा और बोला कि अगली बार इसकी बारी है मेरी जान. तो वो बोली ना बाबा ना मेरी तो गांड ही फट जायेगी. फिर मैंने कहा कि देखते है और फिर मैंने उन्हें 5 दिन तक लगातार चोदा और उनकी गांड भी मारी. फिर 5 दिन के बाद मेरी माँ वापस आ चुकी थी.

  • दोस्त की बीवी को फुल मज़े करवाये

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 25 है और में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी तरफ हमेशा लड़कियाँ आकर्षित जल्दी होती है. मेरी हाईट 6 फिट है और बहुत मस्त शरीर है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सेक्स से भरपूर चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने अपने दोस्त की पत्नी को चोदा और वैसे मुझे भी चुदाई करने का बचपन से ही बहुत शौक है. दोस्तों यह बात गर्मियों की है जब में अपने काम से मुंबई जाता आता रहता था, लेकिन इस बार का मेरा वहां पर जाना सबसे यादगार था जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ. तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे शहर से सीधी कोई भी ट्रेन मुंबई के लिए नहीं थी तो में पास के शहर से ट्रेन में जाता था, लेकिन एक दिक्कत थी कि मुंबई से आने में वो ट्रेन रात 11 बजे मुझे वहां पहुंचाती थी, तो मुझे उस वजह से मेरे घर पर जाने का कोई साधन नहीं मिलता था तो में मेरे दोस्त के घर पर अक्सर रात को रुक जाता था.

    मेरे दोस्त का नाम है दीपक है और वो मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है. में उसी के यहाँ पर रात रुकता था और उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन दीपक मेहनती बहुत था वो मार्केटिंग की नौकरी किया करता था जो कि मैंने अपनी पहचान से लगवाई थी और फिर उसने मेहनत करके अच्छी जगह पा ली, लेकिन वो मेरी यह बात हमेशा याद करता था, क्योंकि वो भी मेरे गावं का रहने वाला था, लेकिन वो अपनी नौकरी की वजह से यहाँ पर रहता था और अभी करीब एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. उसकी पत्नी का नाम प्रिया था और वो दिखने में एकदम अच्छी थी, बिल्कुल गोरी गोरी मस्त सा फिगर, लेकिन मेरी नज़र उस पर ऐसे कभी नहीं थी, प्रिया स्वभाव में तो अच्छी थी, लेकिन दीपक से ज़्यादा खुलकर मुझसे बातें किया करती थी और वो भी एक प्राईवेट स्कूल में नौकरी किया करती थी. हाँ तो अब में भी अपनी बात पर आता हूँ, में हमेशा दीपक के घर पर रुकता था और उसकी शादी के बाद भी प्रिया को मेरे बारे में सब कुछ पता था कि दीपक की नौकरी मैंने लगवाई है तो वो मेरा पूरा पूरा ध्यान रखती थी और मेरे लिए खाना बनाकर रखती, क्योंकि में हमेशा उन्हें बताकर आता था और फिर हम लोग बस ऐसे ही गप्पे मारते और बातें किया करते थे. यह बात गर्मियों की है और में मुंबई से आ रहा था तो उस दिन गलती से मैंने दीपक को फोन नहीं किया. में सीधे उसके घर पर जाने लगा और रास्ते से उसको फोन किया और बोला कि दीपक में घर पर आ रहा हूँ तो वो मुझसे बोलता है कि हाँ चला जा तो में बोला कि चला जा का क्या मतलब, तू क्या घर पर नहीं है क्या? तो वो मुझसे बोला कि यार में इस समय पुणे हूँ और यहाँ पर एक मेरी महीने की ट्रनिंग है.

    में बोला कि ठीक है यार में किसी होटल में रुक जाता हूँ. तो वो मुझसे बोला कि वो तेरा घर है तू चुपचाप वहां पर चला जा और तू एक काम करना, में तुझे प्रिया के नंबर मेसेज कर रहा हूँ और तू उसे कॉल कर देना शायद अभी वो सो गई होगी, तू एक बार उसे फोन करके उठा देना. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने दीपक के घर पर पहुंचकर प्रिया भाभी को कॉल किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया एक दो बार और फोन किया फिर भी नहीं उठाया तो में समझ गया कि वो शायद सो गई होगी?

    दोस्तों दीपक ने घर किराए पर लिया था और वो पहली मंजिल पर रहता था और मकान मलिक नीचे ही रहता था तो में सीधा ऊपर चला गया तो मैंने देखा की घर की लाईट चालू थी और अब में सोच रहा था कि भाभी जब जाग रही है तो मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही है? तो जब में दरवाजे के पास गया तो मुझे थोड़ी अजीब सी आवाज़ आई तो मैंने ध्यान से सुना और उस आवाज़ से ऐसा लग रहा था कि कुछ चुदाई के सीन चल रहे है और फिर मैंने सोचा कि चलो अंदर चलकर देखते है शायद कुछ दिख जाए, लेकिन मुझे कुछ दिखा तो नहीं, लेकिन अब यह पक्का हो गया था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही है.

    अब मैंने दरवाजा बजाया तो अंदर से आवाज़ आई कौन है तो में बोला कि भाभी में राहुल तो वो बोली कि राहुल आप रूको में 5 मिनट में आती हूँ और कुछ देर के बाद भाभी मेक्सी में आई. वो बहुत मस्त लग रही थी, लेकिन वो पूरी पसीने में हो रही थी तो मैंने भाभी से पूछा कि आप इतने पसीने में क्यों हो रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं, गरमी बहुत है.

    दोस्तों में अब भाभी को देखते हुए मन में सोच रहा था हाँ दिख रहा है कितनी गर्मी है? इतने में भाभी बोली कि किस सोच में हो? अंदर आओ और अब आप यह बताओ कि बिना कॉल किए कैसे आ गए? तो में बोला कि भाभी गलती हो गई मुझे माफ़ करो, तो वो बोली कि वो किस लिए? तो में बोला कि मैंने आपको फोन नहीं किया था इसलिए, तो भाभी बोली कि अरे राहुल जी आप भी ना, मैंने तो इसलिए बोला कि क्योंकि में आपके लिए खाना बनाकर रखती ना और वैसे भी दीपक पुणे है तो में मेरे लिए तो कुछ भी बना लेती हूँ.

    फिर में बोला कि हाँ भाभी अभी दीपक से मेरी बात हुई तो मुझे पता चला कि वो पुणे है, भाभी बोली कि आप नहा लो और में तब तक खाना बना लेती हूँ, वैसे तो आज मुझे भी बहुत भूख लगी है. फिर में बोला कि भाभी ठीक है और भाभी हल्की सी स्माइल देते हुए चली गई. अब दीपक का एक कमरा था तो उसके बेडरूम में ही बाथरूम भी था, मैंने कपड़े उतारे और बाथरूम में चला गया और जब में नहाकर अपनी केफ्री और टी-शर्ट में बाहर आया तो मैंने देखा कि बेड पर लेपटॉप रखा हुआ था, मैंने उसे चालू किया, क्योंकि मुझे शक था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही थी तो मैंने देखा कि उस पर एक ब्लूफिल्म डाउनलोड की हुई थी और इतने में भाभी आ गई और मुझे लेपटॉप के पास देखकर डरकर रुक गई. में समझ गया, लेकिन अब भाभी क्या बोलती?

    मैंने वो शरमाये इसलिए उससे पूछ लिया कि खाना बन गया क्या भाभी? तो वो डरते हुए हाँ करने लगी और में उससे बोला कि भाभी चले फिर आज हम एक साथ में बैठकर खाना खाते है. दोस्तों मैंने भाभी को ऐसा जताया कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है. फिर भाभी और में एक साथ बैठकर खाना खाने लगे, लेकिन भाभी अब मुझसे थोड़ा सा डर रही थी, लेकिन मैंने उनको बहुत हंसाया, उनसे मजाक किया और उनको ऐसा जता दिया कि मैंने लेपटॉप में कुछ नहीं देखा. अब हम दोनों खाना खाकर उठे और अब भाभी ने मेरा बिस्तर हॉल में लगा दिया और हम दोनों ने शुभरात्रि बोला और भाभी रूम में चली गई और दरवाजा बंद कर दिया.

    अब मैंने गरमी की वजह से ऊपर कुछ नहीं पहना था, बस टी-शर्ट को पास में रख लिया और में बस अंडरवियर में सो गया. तभी 15 मिनट के बाद भाभी के रूम का दरवाजा खुला और भाभी मेरे पास आकर बोली कि राहुल आप सो गये क्या? तो में बोला कि नहीं भाभी, तो वो बोली कि राहुल एक बात बोलनी थी, में बोला कि हाँ बोलो भाभी? तो वो बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही है और हॉल में टीवी है तो आप बेड पर सो जाओ अंदर जाकर या फिर मेरे साथ टीवी देखो. फिर में बोला कि भाभी ठीक है में आपके साथ टीवी देखता हूँ तो बोली कि चलो उठो सोफे पर बैठते है, मैंने अपनी टी-शर्ट को हाथ में लिया और थोड़ा उठकर पहन लिया क्योंकि दोस्तों में अपनी भाभी के सामने ऐसे कैसे जा सकता था वैसे भला हो उस चादर का जो मैंने उसको अपने ऊपर डाल रखा था.

    अब हम टीवी देखने लगे उस पर भाभी ने एक हॉलीवुड फिल्म लगा दी, बस हम ऐसे ही बैठे बैठे देख रहे कि तभी समुद्र का एक सीन आया उसमे एक लड़का अंडरवियर में खड़ा हुआ था तो भाभी बोली कि राहुल भैया देखो इस हीरो की कितनी मस्त बॉडी है, में भी हमेशा दीपक से बोलती हूँ कि तुम भी ज़िम जाया करो, लेकिन वो आलसी है जाते ही नहीं. तो में भाभी से ऐसे ही बोला कि हाँ भाभी अच्छी तो है, लेकिन मुझसे अच्छी नहीं है, वैसे दोस्तों मुझे भी ज़िम का बड़ा शौक है तो मेरा भी शरीर दिखने में बहुत अच्छा था और ऊपर से मेरी हाईट करीब 6 फिट है तो अच्छी लगती थी.

    अब भाभी मुझसे बोली कि राहुल भैया आप ज्यादा फेंको मत यार, दिखने में तो उससे ज्यादा अच्छी नहीं लगती? तो मैंने कहा कि भाभी यार वो बिना टी-शर्ट के है इसलिए एकदम साफ दिख रही है, भाभी मुझसे बोली कि राहुल भैया तो फिर मुझे भी दिखाओ ना? मैंने उनसे कहा कि भाभी आप रहने दो, भाभी बोली कि आप दीपक की तो हर बात मान लेते हो और मैंने तो आज पहली बार आपसे कुछ बोला है, मुझे बहुत पसंद है भरी हुई बॉडी को देखना. फिर मैंने कहा कि ठीक है में अभी आपको दिखाता हूँ और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतारकर उन्हें एक दो पोज़ दिखा दिए तो भाभी वो सब देखकर मुझसे बहुत आकर्षित होकर बोली कि राहुल आपकी बॉडी तो सही में बहुत अच्छी है और अब वो मेरे पास आकर मेरे पूरे शरीर को छूने लगी. फिर में एकदम से पीछे हट गया तो भाभी मुझसे बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि भाभी जी आप यह क्या कर रही हो? लेकिन अब मुझे भाभी की नीयत समझ में आ गयी थी और में यह बात सोच ही रहा था कि तभी भाभी मुझसे लिपट गई मुझे अचानक से एक झटका लगा और में बोला कि भाभी यह क्या है?

    भाभी बोली कि राहुल अब ज्यादा बनो मत, मुझे मेरे पति ने सब कुछ बता दिया है आपकी और त्रप्ति की चुदाई के बारे में. अब मुझे उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से झटका लगा और में बोला कि क्या? (दोस्तों त्रप्ति भी मेरे एक दोस्त की पत्नी है) तो प्रिया भाभी बोली कि हाँ अभी दो दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी और हम सभी दोस्तों का ग्रुप है तो आपके दोस्त की पत्नी भी आपस में हमारी एक बहुत अच्छी दोस्त है और देखो आज आप आ भी गये.

    अब मैंने मन ही मन में सोचा कि यार मुझे तो पका पकाया माल मिल रहा है तो क्यों ना में मज़े ले लूँ? और अब मैंने भाभी को अपनी बाहों में बिल्कुल टाईट पकड़ कर बोला कि हाँ भाभी में लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखकर समझ गया था कि तुमको क्या चाहिए, लेकिन में दीपक की वजह से कुछ नहीं बोला. अब भाभी मेरी छाती पर हल्के से किस करते हुए बोली कि दीपक तो बस पैसे के पीछे लगे रहते है, उनका मेरी तरफ़ तो बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं है, जब में बोलती हूँ तो कभी कभी थोड़ा बहुत सेक्स कर लेते है और थका हुआ होने की बात बोलकर सो जाते है, में दीपक से प्यार बहुत करती हूँ, लेकिन जब से त्रप्ति ने मुझे आपके बारे में बताया है में तो आपको भूल ही नहीं पा रही हूँ क्योंकि मेरी भी बहुत इच्छा है कि में भी एक दिन आपके साथ कुछ करूं.

    दोस्तों भाभी एक तो मुझसे एकदम कसकर चिपकी हुई और ऊपर से उनकी इन बातों ने मेरे लंड को अब बहुत परेशान कर दिया था. फिर मैंने भाभी का एक हाथ पकड़ा और अपनी अंडरवियर के अंदर ले गया और अब भाभी को मैंने अपना लंड पकड़ा दिया और पूछा कि भाभी कैसा है? तो वो बोली कि त्रप्ति ने जब से मुझे आपके बारे में बताया है तब से में सोच रही थी कि आपका वो कैसा होगा? और प्रिया बोली कि मुझे भाभी नहीं प्रिया बोलो. तो में बोला कि ठीक है और बोला कि क्या प्रिया तुम मुझे किस नहीं करोगी? तो वो बोली कि राहुल में तो पूरी आपकी हूँ और अब वो मेरे होंठो पर होंठ रखकर किस करने लगी, हमारा बड़ा लम्बा स्मूच चला और आखरी में प्रिया ने जानबूझ कर मुझे होंठो पर काट लिया, लेकिन मुझे एक मीठा सा दर्द हुआ, तब प्रिया बोली कि क्यों ज़्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है? तो मैंने कहा कि नहीं, वो बोली कि क्यों अब चले? तो में बोला कि ऐसे नहीं और मैंने प्रिया की नाईटी उतारी, उसने अंदर कुछ नहीं पहना था, वो एकदम मस्त माल, दुबली पतली, बड़े बूब्स, उसको जिस जगह से टाईट पकड़ो वहां से वो लाल टमाटर हो जाती थी.

    अब मैंने कहा कि प्रिया वाह यार तुम्हारा फिगर कितना सुंदर है, मैंने पहले तुमको कभी ध्यान से देखा ही नहीं वर्ना में तो तुमको चोदने की कोशिश ज़रूर करता. फिर वो शरमाते हुए बोली कि हट और फिर अपनी गांड मटकाते हुए बेडरूम की तरफ़ जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला कि कहाँ चली जान और गोदी में उठाकर उसे बेडरूम में ले गया और वही बेड पर पटक दिया और ऊपर आकर उसके बूब्स को मसलते हुए चूसने लगा. अब वो पूरी मस्ती में थी और ऊपर होकर पूरे बूब्स मेरे मुहं में घुसा रही थी. में अब प्रिया के बूब्स में मस्त था, क्योंकि वो एकदम गोरी और ऊपर से उसके वो भूरे निप्पल देखकर मुझे मज़ा आ गया और अब में उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा और बीना बालों वाली गोरी चूत को भी और अपने होंठो से उसकी चूत के दाने को खींचने लगा जिससे वो जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और फिर उसने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया.

    मैंने भी अब कोई कसर नहीं छोड़ी और अच्छी तरह से चूत को चाटने चूसने लगा और अब वो थोड़ा शांत थी और वो मुझे अपने पास लेटाकर बोली कि अब मुझे भी तो मौका दो और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को देखकर बोली ओह इसका मतलब त्रप्ति बिल्कुल सही बोलती थी, वाह कितना बड़ा है और अब वो उसको हिलाने लगी और मेरे लंड के सुपाड़े को मुहं में लिया और चूसने लगी, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा रहा था, लेकिन प्रिया थी कि उसे और भी मजेदार बना रही थी, लंड पर थूककर पूरा चाट जाती फिर मेरी गोलियों को लोलीपोप की तरह चूसती और मेरे मुहं से अहहह्ह्ह निकल जाती. मैंने प्रिया से पूछा कि वाह यार तुम कितना मस्त चूसती हो? तो वो कहने लगी कि दीपक पहले यह सब बहुत करते थे, लेकिन अब ना जाने उन्हें क्या हो गया है?

    फिर मैंने कहा कि अभी उस बात को छोड़ो और मज़े करो यार. फिर प्रिया बोली कि वही तो करुँगी आज बड़े दिनों के बाद और वो मुझे बेड पर लेटाकर मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी. में मन ही मन में दीपक के बारे में सोच रहा था कि साले तुझे इतना भी टाईम नहीं कि इतनी मस्त बीवी को चोदकर खुश रख सके? तभी प्रिया मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट करके पूरा ज़ोर लगाकर बैठ तो गई, लेकिन इससे उसकी हालत बिगड़ गई और वो अपनी आवाज़ को दबाते हुए मेरे ऊपर गिर गई, लेकिन मुझे उसकी बिल्कुल टाईट चूत का मजा मिल रहा था तो में रुका नहीं और नीचे से उसे धक्के मारने लगा. थोड़ी देर में प्रिया को मजा आने लगा और फिर क्या ताल से ताल मिली और हम दोनों लग गये एक दूसरे को खुश करने में. प्रिया मेरे ऊपर कूदकर थोड़ी थक सी गई थी, फिर वो रुकी तो में उसे मज़े लेने के लिए बोला कि क्या बस इतना ही दम था? तो वो मुझसे बोली कि राहुल मैंने तो अपना दम दिखा दिया अब में देखती हूँ कि आप में कितना है? अब मुझे भी उसकी यह बात सुनकर जोश आ गया और में बोला कि प्रिया अब देख मेरा दम और उसको नीचे पटककर मैंने एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर घुसा दिया और तेज तेज धक्के मारने लगा और प्रिया अपनी आखें बंद करके मेरे हर एक धक्के का मज़ा ले रही थी और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुबाकर मुझे और भी गरम कर रही थी.

    दोस्तों करीब आधे घंटे तक लगातार मैंने उसको चोदा और फिर उससे पूछा कि क्यों देख लिया मेरा दम? तो वो मेरे मज़े लेते हुए बोली कि बस इतना ही था, मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने बदले की सोची और उठा तो वो बोली कि गुस्सा क्यों करते हो में तो तुमसे सिर्फ मजाक कर रही थी? तो में बोला कि जान में तुमसे गुस्सा थोड़ी हूँ रूको और मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया और बोला कि कुतिया बन जा. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि अभी तो देखो और मज़े करो.

    फिर उसने मेरी बात मानी और में पीछे से आकर चूत पर लंड को सेट करते करते गांड पर ले गया और एक धक्का मारा तो मेरा टोपा अंदर चला गया और प्रिया एकदम से चीख पड़ी प्लीज इसे बाहर निकालो प्लीज आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई में मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकालो. फिर में बोला कि रूको थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा, वो बोली कि मेरी तो जान जा रही है उह्ह्ह्हह्ह और फिर हिलने लगी. अब मुझे लगा कि जैसे सारा मज़ा खराब हो जाएगा. फिर में बोला कि रूको में अभी निकालता हूँ और मैंने ज़ोर से एक झटका और मारा तो आधा लंड अंदर चला गया, लेकिन अब मुझे भी दर्द हो रहा था, क्योंकि उसकी गांड बहुत टाईट थी और प्रिया की तो हवा ही निकल गई थी. इसके बाद वो बोली कि कमीने आईईईईईईई राहुल अब छोड़ दे मुझे.

    फिर मैंने कहा कि अब रूको में तुम्हे मज़े भी करवाता हूँ मैंने थोड़ा सा इंतजार किया और फिर से चालू हो गया, उसे भी अब मजा आने लगा, लेकिन अब मेरा निकलने वाला था दोस्तों उसकी गांड टाईट ही इतनी थी कि में क्या करता और में उसकी गांड में ही झड़ गया और अब हम दोनों चिपककर लेट गये. फिर जैसे ही में शांत हुआ तो उसने किस के बहाने मेरी गर्दन पर ज़ोर से काट लिया, मुझे बहुत दर्द हुआ और फिर प्रिया बोली कि यह राहुल आपकी सज़ा है और इससे भी ज़्यादा दर्द हुआ मुझे जब आपने मेरी गांड में आपका लंड डाला. दोस्तों में उसकी मासूम सी हरकत पर अपना दर्द भूल गया और मैंने कहा कि जान अभी रूको एक बार और अंदर जाने दो इसे फिर तुम अपनी चूत को चुदवाना भूल ही जाओगी. दोस्तों उस रात एक बार और मैंने उसकी चुदाई की और फिर में सुबह अपने घर के लिये निकल गया और अब भी में कभी कभी उसके साथ मौका देखकर सेक्स कर लेता हूँ.

  • कशिश भाभी के साथ चुदाई का मजा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और मेरी उम्र 24 साल है, में इस समय लखनऊ में रहता हूँ. वैसे में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और मेरी लम्बाई 5 फिट 6 इंच है और मेरे लंड का साईज 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और मुझे सेक्स करना शुरू से ही बहुत अच्छा लगता है और में कभी कभी अपने लंड को हिलाकर भी उसे शांत करता हूँ.

    दोस्तों यह कहानी है मेरी भाभी की है, जिनका नाम कशिश है और उनकी उम्र 28 साल है, उनके फिगर का साईज 34-29-36 है और वो दिखने में बहुत ही सुंदर. उनका रंग दूध की तरह सफेद है और उनकी त्वचा ऐसी है कि छू लो तो हाथ फिसल जाए, एकदम मुलायम, चिकनी बिल्कुल गोरी, उन्हें देखकर में शुरू से ही इनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित था. में मन ही मन उनको बहुत प्यार करने लगा था.

    दोस्तों मेरे चचेरे भाई की शादी अभी करीब आठ महीने पहले ही हुई है और में उनकी शादी में उनके सभी कामों को करने के बाद अपने घर पर आ गया, लेकिन मेरा मन तो मेरी भाभी पर आ गया और में अब हर समय उनकी सुन्दरता और उनके वो बदन पर उभरे हुए बूब्स, गांड को सोच सोचकर मुठ मारने लगा और में उनके पास जाने, उन्हें छूने और चोदने के बारे में सोचने लगा, लेकिन अपनी पढ़ाई की वजह से में जा ना सका, लेकिन वो दिन आ ही गया और भगवान ने मेरी मन की बात सुन ली और फिर में उनके घर पर पहुंच गया.

    दोस्तों यह घटना अभी कुछ दिन पहले की है जब में अपने गावं गया हुआ था, वहाँ पर जब भाभी को पूरे आठ महीने के बाद देखा तो वो अब और भी ज़्यादा सुंदर लग रही थी, उनका जिस्म अब पूरी तरह से भर चुका था और उनके बूब्स अब और भी ज्यादा उभरकर बाहर आ गये थे और उनकी गांड अब मुझे अपनी तरफ कुछ ज्यादा ही आकर्षित कर रही थी, शायद वो अपनी शादी के बाद अपनी सेक्स लाईफ में बहुत खुश थी, वो सब मुझे उनके गदराए हुए बदन से पता चल रहा था. फिर जब में वहां पर पहुंचा तो उन्होंने मेरा मुस्कुराकर स्वागत किया और में मन ही मन बहुत खुश हुआ. मुझे उनके जिस्म का यह रूप देखकर बहुत अच्छा लगा.

    एक दिन वहां पर रुकने के बाद मेरे भाई को अचानक किसी जरूरी काम से एक हफ्ते के लिए शहर जाना पड़ा और अब घर पर में, मेरी भाभी और चाची जी थी, मेरे चाचा जी का कुछ साल पहले देहांत हो गया था तो इसलिए घर में सिर्फ अब तीन लोग थे, लेकिन अब भाई के अचानक से बाहर चले जाने की बात से मेरी भाभी थोड़ी उदास हो गई और फिर वो चला गया. अब रात को मेरी चाची जी खाना खाकर जल्दी ही सो गई तो में और भाभी अब एक साथ बैठकर टी.वी. देख रहे थे, लेकिन टी.वी. देखना तो मेरे लिए सिर्फ एक बहाना था, में तो चोरी छुपे उनके वो बड़े बड़े बूब्स को ताक रहा था और अपने लंड को गरम कर रहा था, शायद इस बात का अंदाजा मेरी भाभी को भी लग गया था, लेकिन फिर भी वो मुझसे कुछ नहीं बोली और फिर कुछ देर के बाद टी.वी. देखते देखते भाभी वहीं पर सो गई और मैंने देखा तो उनकी साड़ी का पल्लू उनकी छाती से पूरा नीचे सरक गया था और अब मुझे उनके ब्लाउज के अंदर से उनके बूब्स क्या सेक्सी लग रहे थे और अब मुझे उनके बूब्स के बीच की दरार भी साफ साफ दिख रही थे.

    यह सब नजारा अपनी आखों के सामने अपने से कुछ दूरी पर देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और पेंट में तंबू बन गया और में उन्हें देखकर बहुत जोश में आ गया. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन मेरी किस्मत उस समय कुछ खराब थी और मैंने देखा कि मेरे छूकर महसूस करने से पहले ही मेरी भाभी की आँख खुल गई.

    मैंने तुरंत घबराकर अपना हाथ पीछे खींच लिया और एकदम सीधा होकर बैठ गया और टी.वी. देखने लगा, लेकिन उसी समय भाभी की नज़र मेरे तंबू पर पड़ गई और वो अब मेरे लंड को कुछ देर देखकर मेरी तरफ मुस्कुराकर मुझसे कहने लगी कि देवर जी अब आपके हावभाव को देखकर लगता है कि आपकी शादी हमे बहुत जल्दी करवानी पड़ेगी.

    फिर मैंने भी उनकी तरफ मुस्कुराकर मजाक में कहा कि हाँ जरुर करवा दो, क्या कोई लड़की है आपकी नजर में? फिर वो बोली कि बताओ आपको कैसी लड़की चाहिए? में बहुत जल्दी वैसी ही लड़की आपके सामने लाकर आपकी उससे शादी करवा दूंगी. फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि मुझे एकदम आपके जैसी लड़की चाहिए तो वो ज़ोर से हंसकर मुझसे धत कहकर सोने चली गई. दोस्तों उन्होंने शायद मेरी उस बात को मजाक समझ लिया था और जब कि में उनसे उस रात को अपने दिल की सभी सच सच बातें कह चुका था और जिन्हें सुनकर वो अपने कमरे में चली गई, लेकिन में अब उनके कामुक जिस्म के बारे में सोचकर मुठ मारकर अपने लंड को ठंडा करके सो चुका था.

    अगले दिन सुबह चाची पड़ोस में किसी की घर पर चली गई और वो भाभी को कहकर गई कि वो थोड़ा देरी से आएगी और जब में सोकर उठा तब मुझे भाभी ने यह बात बताई, जिसको सुनकर में मन ही मन बहुत खुश हुआ और मैंने अब सोच लिया कि आज में कैसे भी करके अपनी भाभी फंसाकर चोद ही लूँगा. घर पर अब सिर्फ़ में और भाभी अकेले थे, में भाभी को अब बहुत घूर घूरकर देख रहा था और उन्होंने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था, लेकिन फिर भी मुझसे उन्होंने कुछ नहीं कहा, शायद उनका मेरा इस तरह से उनके बूब्स को देखना उन्हें भी बहुत अच्छा लग रह था, अब वो भी मेरे सामने ज्यादा से ज्यादा झुक झुककर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवा रही थी और में मज़े लेता रहा और अपनी आखों से देखता रहा और कुछ देर बाद वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोली.

    भाभी : क्यों ऐसे मुझे घूर घूरकर क्या देख रहे हो, क्या मुझे खा जाने का इरादा है?

    में : नहीं भाभी ऐसा कुछ भी नहीं है.

    भाभी : नहीं कुछ तो है, लेकिन शायद तुम मुझे वो बताना नहीं चाहते?

    में : नहीं बस वो तो ऐसे ही.

    भाभी : मुझे ऐसा लगता है कि तुम अब ज्यादा बड़े हो गये हो.

    फिर वो मुझसे इतना कहकर वहां से सीधा किचन में चली गई और में उनके बारे में सोचने लगा. फिर रात तक हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं हुआ, बस थोड़ा बहुत हंसी मजाक हुआ और फिर रात को खाना खाकर सब लोग अपने अपने रूम में सोने चले गये. फिर मैंने भी अपनी भाभी को याद करके उनके बूब्स को सोचकर मुठ मारी और अब में भी थककर लेट गया, लेकिन मेरे लेटने के थोड़ी ही देर बाद मेरे कमरे का दरवाजा खुला देखा. फिर मैंने देखा कि दरवाजे पर भाभी खड़ी हुई थी और मेरे कहने पर वो अंदर चली आई और में भी अपने बेड पर उठकर बैठ गया और तभी भाभी मटकती हुई अंदर आई और अब मैंने उनसे पूछा.

    में : क्यों भाभी क्या हुआ, आप अभी तक सोई नहीं?

    भाभी : कुछ नहीं, वो मुझे जाने क्यों नींद नहीं आ रही तो मैंने सोचा कि में आपके पास चली जाऊँ.

    में : हाँ वो तो आपने ठीक किया कि आप मेरे पास चली आई, लेकिन भाभी ऐसा क्यों और आपको अब तक नींद क्यों नहीं आ रही, आपकी तबियत तो ठीक है ना?

    भाभी : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है और मेंरी तबियत एकदम ठीक है, वो तो मुझे बस तुम्हारे भैया की आज बहुत याद आ रही है तो में ना जाने क्यों आज उनकी बहुत कमी महसूस कर रही हूँ?

    दोस्तों मेरा लंड अभी भी एक बार मुठ मारने के बाद भी तनकर खड़ा हुआ था और शायद भाभी ने इस बात पर गौर कर लिया और फिर वो मुझसे पूछने लगी.

    भाभी : क्यों तुम्हारी क्या कोई गर्लफ्रेंड है?

    में : नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन आप मुझसे यह सब क्यों पूछ रही हो?

    भाभी : नहीं वो तो में बस ऐसे ही पूछ रही थी, लेकिन तभी तो तुम ऐसे हो?

    में : क्या? भाभी में आपके कहने का मतलब बिल्कुल भी नहीं समझा कि आपका इशारा किस तरफ है?

    फिर अचानक से उन्होंने मेरा लंड को पेंट के ऊपर से पकड़कर मुस्कुराते हुए कहा कि तभी यह हर समय मुझे देखकर सलामी देता रहता है. दोस्तों में अब उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर एकदम चकित हो हो गया, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि कभी भाभी खुद मुझसे यह सब भी कह सकती है, मुझे अपने कानों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उन्होंने मुझसे यह कैसे कह दिया? में अब एकदम चुपचाप स्तब्ध होकर अपनी अचंभित नजर से उनकी तरफ देख रहा था, लेकिन में मन ही मन बहुत खुश था और फिर भाभी मुझसे बोली.

    भाभी : देखूं तो आपका कितना लंबा है और बस इतना कहकर उन्होंने झट से मेरी पेंट को उतार दिया.

    में : भाभी जी आप यह सब क्या कर रही हो?

    भाभी : चुप साले पूरे दिन भर तो तू मुझे ऐसे घूरता है जैसे तो मुझे खा ही जाएगा और अभी एकदम सीधा बन रहा है.

    में : हाँ भाभी खा तो में अभी भी जाऊँ आपको, लेकिन.

    भाभी : लेकिन क्या? तुझे रोका किसने है और में तो कब से तेरा इंतजार कर रही हूँ.

    दोस्तों यह बात कहकर वो अब नीचे बैठकर अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. दोस्तों में तो अब सातवें असमान पर था और कुछ देर बाद मैंने उन्हें ऊपर उठाया और किस करने लगा. फिर मैंने उन्हें लगभग दस मिनट तक किस किया, लेकिन वाह दोस्तों उनके क्या मस्त गुलाबी, मुलायम, रसीले होंठ थे? मुझे उन्हें छूने से ही ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने कोई शहद भरा प्याला अपने मुहं से लगा लिया हो.

    मैंने उनके होंठो को चूसा और फिर गर्दन को चूमने लगा, अब वो बिल्कुल मधहोश होकर उहमम्म्म आआहह उह्ह्ह्ह कर रही थी. तभी अचानक उन्होंने मुझे अपने से दूर हटाया और अब उन्होंने मेरी शर्ट को ज़ोर से झटका देकर सारे बटन तोड़ दिए और अब वो मेरी छाती पर किस करने लगी और मेरे निप्पल को भी चूसने लगी और अब मेरा लंड अंडरवियर फाड़कर बाहर निकलना चाहता था. में एक बार फिर से उन्हें नीचे लाया और अब में उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा तो उन्होंने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि खोलो मत फाड़ डालो और अब मैंने भी ठीक वैसे ही किया जैसा उन्होंने मुझसे करने को कहा.

    मैंने देखा कि उन्होंने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और गोरे बदन पर वो काली कलर की ब्रा क्या मस्त लग रही थी? मैंने अब ब्रा के ऊपर से उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए और अब में उन्हें चूसने लगा. मैंने उनकी निप्पल को चूस चूसकर एकदम लाल कर दिया और वो मेरे सर को अपने बूब्स पर ज़ोर से दबाने लगी. फिर मैंने कुछ देर बाद बूब्स को छोड़कर अब उनकी नाभि को किस करने लगा और मेरे यह सब करने से वो एकदम जोश में आकर मचलने लगी और तड़पने लगी.

    तभी उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे प्यारे देवर जी अपनी भाभी को इस तरह इतना तड़पाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, प्लीज जल्दी से अपना वो मेरे अंदर डालकर मुझे एक बार त्रप्त कर दो और मेरी आग को ठंडा कर दो. दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर में अब और भी जोश में आ गया और मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाकर अपने लंड को चूत पर रखकर धीरे से धक्का दिया और फिर मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया, में उन्हें ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ देवर जी और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से दो मुझे हाँ और दम लगाकर चोदो, उह्ह्ह्हह्ह आईईईइ माँ उफफ्फ्फ्फ़ आज मेरी प्यास बुझा दो.

    दोस्तों वो इतना कहते कहते एकदम से ठंडी हो गई, शायद वो झड़ चुकी थी और में लगातार धक्के देता रहा और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उनकी चूत में डाल दिया और उनके ऊपर लेटा रहा. वो मेरे सर पर अपना एक हाथ घुमा रही थी और वो अपने दूसरे हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी और मुझे उसके चेहरे से उसकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.

    फिर कुछ देर बाद में उनके पास लेट गया और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म पर अपने हाथ घुमा रहे थे. दोस्तों उस रात मैंने अपनी भाभी को चार बार चोदा, लेकिन उसके बाद जब तक भैया घर पर नहीं आए तब तक मैंने उन्हें कई बार चोदा और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश थी. फिर भैया के आने के कुछ दिनों बाद में अपने घर पर चला आया, लेकिन अब भी हम जब कभी मिलते है तो मौका देखकर चुदाई के मज़े जरुर लेते है और वो भी हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देती थी और मेरे साथ बहुत मज़े करती है.

  • लंड की शौकीन गुजराती भाभी, gujarati sexy varta

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में गुजरात के हिम्मत नगर का रहने वाला हूँ. दोस्तों एक भाभी ने मेरे साथ सेक्स करने की अपनी इच्छा जाहिर की. वो भाभी अहमदाबाद की रहने वाली थी और वो अपने पति से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी तो मैंने उनका अपना फोन नंबर लिया और उनको कॉल किया तो उन्होंने मेरा कॉल उठाया और फिर उन्होंने मुझे हैल्लो कहा. दोस्तों उनकी आवाज बहुत मीठी थी और फिर उन्होंने बातों ही बातों में मेरे साथ एक बार सेक्स करने की अपनी एक इच्छा जाहिर की तो मैंने भी उनको तुरंत हाँ कर दिया और दोस्तों उनका नाम नीलम था.

    फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझको अच्छी तरह संतुष्ट कर पाओगे? फिर मैंने बोला कि आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और अगर आपने मेरे साथ एक बार सेक्स कर लिया तो आप भी मान जाओगे कि आपने आज तक सेक्स का ऐसा असली मज़ा लिया ही नहीं था. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वो एक अच्छे परिवार से है और अब यह बात हम दोनों के बीच बिल्कुल गुप्त रहेगी, क्यों ठीक है? फिर मैंने उनको अपने ऊपर विश्वास दिलाया कि में इस काम में माहिर हूँ और यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी और फिर उन्होंने मुझसे अहमदाबाद आने को कहा. फिर मैंने कहा कि में सिर्फ रविवार को ही फ्री रहता हूँ. फिर मैंने उन्हें बताया कि में एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी करता हूँ, लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि रविवार को तो उनके पति पूरा दिन घर में ही रहते है और रविवार को यह सब करना मुमकिन नहीं है. फिर उन्होंने मुझे सोमवार को आने को कहा, क्योंकि सोमवार को वो अपने घर पर बिल्कुल अकेली होती है. फिर मैंने कुछ देर सोचकर सोमवार को हाँ कर दिया.

    फिर मैंने सोमवार के दिन अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और फिर सोमवार को उनको फोन करके में अहमदाबाद के लिए निकल गया और बस स्टेंड पर पहुंचकर मैंने उनको कॉल किया तो उन्होंने मुझे उनके घर का पता बता दिया और मुझे एक ऑटो करके अपने घर पर आने को कहा. फिर मैंने बस स्टेंड के बाहर से एक ऑटो लिया और उनके बताए हुए पते पर पहुंचकर उनको फोन कर दिया. दोस्तों में उस समय उनके घर के ठीक सामने खड़ा हुआ था तो वो बाहर आई और उन्होंने मेरी तरफ हाथ हिलाया और मुझे अंदर आने को कहा.

    फिर में तुरंत उनके घर के अंदर चला गया और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया. वो करीब 36 साईज की एकदम चिकनी, सुंदर, सेक्सी बदन की औरत थी और उनका बदन एकदम मस्त था, उनको देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया और मैंने अपने आप से कहा कि बेटा अमित आज तो तेरी लौटरी लग गयी, क्योंकि उसके जैसा माल मैंने अभी तक चोदा नहीं था और वो बहुत ही सेक्सी थी, उनकी पतली कमर, गदराया हुआ बदन, बड़े आकर के बूब्स मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे और उन्होंने उस टाईम साड़ी पहनी हुई थी और जिसका ब्लाउज बड़े गले का था तो उससे उनकी छाती बहुत ही सुंदर दिख रही थी, मेरा तो उन्हें देखकर ही मन ललचाने लगा था और में उनको नजर गड़ाकर लगातार देखे जा रहा था. तभी उन्होंने मुझसे बैठने को कहा और मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आई और उन्होंने मुझे दे दिया और एक ग्लास खुद लेकर मेरे पास में सोफे पर बैठ गयी और अब हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.

    उसने मेरी नौकरी और मेरे परिवार के बारे में मुझसे पूछा. फिर उन्होंने बातें करते करते अपना एक हाथ मेरे पैर पर रख दिया और उसको सहलाने लगी और मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी और उनके स्पर्श से ही मेरा लंड तन गया और फिर मैंने भी उनको अपनी तरफ खींचकर उनके होंठो को अपने मुहं में लेकर स्मूच करने लगा, उनके होंठ बहुत ही अच्छे रस भरे थे. फिर मैंने अपनी जीभ को उनके मुहं में डालकर उनकी जीभ को चूसने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.

    दोस्तों हमने करीब बीस मिनट तक स्मूच किया और फिर में उनकी साड़ी के पल्लू को अलग करके उनके बूब्स को दबाने लगा, उनके बूब्स बड़े बड़े और बिल्कुल टाईट थे. मैंने अब उनको एक एक करके तेज़ी से दबाना शुरू कर दिया और वो सिसकियाँ भर रही थी. फिर मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया, उन्होंने लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी और वो उस लाल कलर की ब्रा में बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने उनके बूब्स उनकी ब्रा से आज़ाद कर दिए.

    दोस्तों आप सभी को क्या बताऊँ? उनके बूब्स बड़े ही सेक्सी थे, शायद उसने अपने फिगर की बहुत देखभाल की थी और उसके फिगर का साईज करीब 32-30-32 था, उनके निपल्स एकदम गुलाबी थे और बूब्स एकदम गोल मटोल और बड़े बड़े थे. उनके बूब्स को देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो में उनके बूब्स पर टूट पड़ा और उनके बूब्स को अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और दूसरे बूब्स को अपने हाथों से लगातार दबा रहा था और उसके निप्पल को चूस रहा था. उसकी साँसे अब बहुत तेज हो रही थी और वो सिसकियाँ भर रही थी और मुझसे कह रही थी कि अहहह्ह्ह्ह आईईईईइ हाँ और ज़ोर से चूसो, खा जाओ अहहह्ह्ह्ह बड़ा मज़ा आ रहा है, उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ चूसो अहहह्ह्ह. फिर में बारी बारी से उसके दोनों बूब्स को चूस रहा था. मैंने करीब 40 मिनट तक उसके बूब्स को सक किया और फिर मैंने उसकी साड़ी को उतार दिया और अब वो मेरे सामने सिर्फ पेटीकोट में खड़ी हुई थी और बड़ी सेक्सी लग रही थी.

    फिर उसने मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट को भी अलग कर दिया और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ लिया और बहुत तेज़ी से सहलाने लगी और एकदम से मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे लंड को बहुत गौर से देखने लगी और मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में लेकर उसने कहा कि तुम्हारा लंड तो बड़ा ही लंबा और मोटा है? ऐसे ही लंड को लेने की में हमेशा से ही इच्छा रखती थी.

    फिर वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और वो बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी और वो मेरे लंड को अपने हाथों से आगे पीछे करके बड़े मज़े से चूस रही थी, जिसकी वजह से मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था और वो मेरे लंड को अपने मुहं के अंदर तक डालकर बड़े ही मज़े से चूस रही थी, उसने करीब 25 मिनट तक मेरा लंड चूसा और फिर मैंने उसके पेटीकोट को उतार दिया.

    मैंने देखा कि उसने लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी और अब वो सिर्फ पेंटी में मेरे सामने खड़ी हुई थी. फिर उसने मुझे बेडरूम में चलने को कहा तो में उसको अपनी बाहों में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया, जहाँ पर उसने ए.सी. चालू कर दिया. फिर मैंने उसकी चूत को उसकी पेंटी के ऊपर से सहलाया, लेकिन वो एकदम से सिहर उठी. फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल दिया और उसकी चूत अब मेरे सामने थी, उसकी वाह क्या मस्त चूत थी? एकदम साफ, फूली हुई जैसे कि दोनों पैरों के बीच में कोई फूल खिला हो.

    मैंने उसकी चूत को अपने कोमल हाथ से सहलाया, उसकी वाह क्या चूत थी और मेरा मन कर रहा था कि अभी उसकी चूत को खा जाऊँ. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को थोड़ा फैलाकर अपना मुहं उसकी चूत पर रख दिया और में अपनी जीभ से उसकी चूत को ऊपर से चाटने लगा तो वो एकदम से सिहर उठी और सिसकियाँ भरने लगी और वो अब मेरा हाथ अपनी चूत में दबाने लगी थी.

    फिर मैंने उसकी चूत का छेद थोड़ा सा खोलकर अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डाल दी और चाटने लगा तो वो तेज़ी से सिसकियाँ लेने लगी, ओहहह और ज़ोर से चूसो अहहह्ह्ह्हह बड़ा मज़ा रहा है और चूसो अहहह्ह्ह्ह में अब तेज़ी से उसकी चूत को चाटने लगा. पूरा बेडरूम मेरे चूसने, चाटने और उनकी सिसकियों की आवाज से गूँज रहा था. फिर उसने मुझे रुकने को कहा और में रुक गया वो उठी और उन्होंने फ़्रीज़ के पास जाकर फ्रीज़ में से मेंगो जूस की एक बॉटल निकाली और मुझे देकर कहा कि आज में अपनी लाईफ का पूरा मज़ा करना चाहती हूँ प्लीज़ इस मेंगो जूस को मेरी चूत पर डालकर चाटो.

    मैंने तुरंत उसको बेड पर लेटाकर जूस को उसकी चूत के अंदर बाहर डालकर उस मेंगो जूस को अपनी जीभ से चाटने लगा. ऐसे करते करते मैंने पूरी बोतल को खाली कर दिया और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी. में मेंगो जूस के साथ उसकी चूत का पानी भी पी गया. मैंने उसकी चूत को करीब 30 मिनट तक चाटा और फिर उसने मुझसे बोला कि प्लीज अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है प्लीज अब अपना लंड मेरी चूत में डालकर मुझे चोद दो तो मैंने उसको डॉगी स्टाइल में खड़े होने को कहा तो वो तुरंत कुतिया बन गयी.

    मैंने उसके पीछे जाकर अपने हाथ से अपना लंड अब उसकी चूत पर सेट करके अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया वो एकदम से घबरा गई और बोलने लगी कि प्लीज जान थोड़ा धीरे डालो तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, लेकिन में उसकी बात को बिना सुने उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और उसकी चूत में अपना पूरा लंड डालकर उसको धक्के देने लगा. चुदाई में पहले तो उसे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन फिर उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी गांड को पीछे करके मेरा साथ देने लगी और वो सिसकियाँ भरने लगी अहह्ह्ह्हह्ह चोदो उह्ह्हह्ह और ज़ोर से मुझे उईईईईईईइ बड़ा मज़ा आ रहा है, तुम मेरी चूत को आज फाड़ दो अहहह्ह्ह्हह में बहुत दिनों की प्यासी हूँ अहहहह तुम आज मेरी प्लीज चूत की प्यास बुझा दो, मेरे पति ने मुझे कभी ऐसे नहीं चोदा है अहह्ह्ह्हह्ह ऊईईईईई मज़ा आ गया.

    दोस्तों उसकी बातें सुनकर मैंने अपना लंड उसकी चूत में तेज़ी से धक्के देकर डालना शुरू कर दिया और पूरा रूम चुदाई की आवाजों से गूँज रहा था. फिर मैंने उसको करीब 30 मिनट तक लगातार चोदा और फिर हम दोनों एक साथ ही झड़ गये और झड़ने के बाद बेड पर थककर लेट गये वो मेरे पास में लेटकर मेरे बालों को सहला रही थी और कह रही थी कि अमित आज मैंने पहली बार चुदाई में इतना सुख पाया है और तुमने मुझे आज बहुत खुश कर दिया. फिर वो उठी और मेरे लंड को एक बार फिर से अपने मुहं में भरकर चूसने लगी और थोड़े ही समय के बाद मेरा लंड एक बार फिर से पहले से भी ज़्यादा कड़क हो गया और अब मैंने भी उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, लेकिन अब उसकी चूत मुझे पहले से भी ज़्यादा स्वादिष्ट लगने लगी थी और में उसकी चूत को लगातार चाटे जा रहा था और वो भी मेरा लंड बड़े मज़े से चाट रही थी.

    फिर उसने मुझसे रुकने को कहा और कहने लगी कि प्लीज मुझे दो मिनट के लिए छोड़ दो मुझे टॉयलेट आया है. तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं मेरे मुहं में कर दो और में लगातार उसकी चूत को चाटे जा रहा था और अब उसने अपना पेशाब मेरे मुहं में डाल दिया और में उसका सारा पेशाब पी गया. दोस्तों मुझे उसका पेशाब भी बहुत स्वादिष्ट लगा था.

    फिर हम अलग हुए और एक बार फिर सेक्स के लिए तैयार थे. मैंने उसको अपने ऊपर आने को कहा और में बेड पर लेट गया. वो मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर उस पर बैठ गयी और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था. अब वो मेरे लंड के ऊपर नीचे होकर मुझे चोद रही थी और सिसकियाँ भर रही थी अहहह्ह्ह ओहह्ह्ह्हह वो लगातार मेरे लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसे ही हमने करीब 40 मिनट तक सेक्स का मज़ा किया और हम दोनों साथ साथ झड़ गये और हम दोनों थककर बेड पर लेट गये.

    दोस्तों हम दोनों को अब लगातार सेक्स करते हुए करीब तीन घंटे हो गये थे इसलिए हमने अपने कपड़े पहने और वॉशरूम जाकर अपने आपको फ्रेश किया और में ड्रॉयिंग रूम में आकर बैठ गया और वो मेरे लिए चाय बनाकर ले आई फिर हमने चाय पी और मैंने उनको अब वापस जाने के लिए बोला तो उन्होंने कहा कि आपको जाने देने का मन तो नहीं कर रहा है, लेकिन हाँ फिर भी आपको जाना तो पड़ेगा.

    फिर उसने मुझे पैसे देने की कोशिश कि, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया और कहा कि मेडम में यह सब पैसे के लिए नहीं करता हूँ, में तो यह सब मज़े के लिए करता हूँ और में एक अच्छी कंपनी में बहुत अच्छी जगह पर नौकरी करता हूँ. फिर में आखरी बार स्मूच करके अपने घर के लिए निकल गया और उसके बाद हमारा कभी मिलना नहीं हुआ और ना ही उन्होंने मुझे कॉल किया.