Month: November 2019

  • ट्रेन के सफ़र में देसी चूत की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों.. में साहिल एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में नयी मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और में वहां पर मार्केटिंग मैंनेजर हूँ. दोस्तों मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है . अब में चुदाई का काम एकदम ठीक तरह से सीख चुका हूँ.



    दोस्तों एक बार मेरी कोई जरूरी मीटिंग थी और मीटिंग सुबह 10 बजे की थी तो मैंने उस मीटिंग को पूरा किया और 11:30 तक फ्री हुआ. फिर मैंने सोचा कि में गुजरात एक्सप्रेस पकड़ लेता हूँ. तभी मेरी किस्मत से वो ट्रेन लेट हुई और में उसका इंतजार करता रहा और लेट होने के कारण ट्रेन में बहुत भीड़ थी.. लेकिन मेरा टिकट लोकल था.. इसलिए में बहुत मुश्किल से एक लोकल डिब्बे में जाकर खड़ा हो गया.

    वहाँ पर कुल 4 औरतें बैठी हुई थी. 3 औरतें और एक बूड़ा, एक साईड पर 1 लड़की और 4 लड़के दूसरी साईड में थे जहाँ पर 3 औरते बैठी हुई थी.. वहाँ एक भाभी बहुत ही मस्त जानदार, एक नंबर वाला फिगर था उसका.



    उसको देखकर मुझे बहुत मज़ा आया. उसने साड़ी पहनी हुई थी और उसका ब्लाउज बहुत गहरे गले का था.. जिसमें से उसकी पूरी गली साफ साफ दिखाई दे रही थी.. लेकिन में तो मज़े ले रहा था और में लगातार उसे ही देख रहा था और उसकी गली के दर्शन कर रहा था. फिर उसने कई बार मुझे देखा कि में उसके बूब्स को देख रहा हूँ.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और ना ही अपनी साड़ी का पल्लू सीधा किया.

    तो दोस्तों मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और स्टेशन निकल जाने के बाद वहाँ पर एक बूड़ा बैठा हुआ था और उसके पास एक बच्चा भी था और उस बच्चे का सर उस बूड़े की गोद में था और बच्चे का पैर भाभी की गोद में था. फिर में उस बूड़े की जगह पर बैठ गया. उसका बच्चा मेरे पास था और उसका पैर भाभी के पास था.

    में बच्चे के पैर पर हाथ लगा रहा था तो मेरे हाथ भाभी के बूब्स को छू रहे थे और में तो बहुत मज़े ले रहा था. तभी उसने मुझे एक शरारती स्माईल दी.. मेरी तो हिम्मत बड़ गयी और मैंने बिल्कुल बिंदास होकर उसके बूब्स को बार दबा दिया और वो कुछ भी नहीं बोली और ना ही उसने मेरा कोई विरोध किया.



    मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ उतरोगे? तो वो बोली कि मुझे मजबूरी में बोरीवली उतरना पड़ेगा.. क्योंकि यह ट्रेन विरार नहीं रुकती है ना.. तो मैंने कहा कि हाँ वो तो है और फिर मैंने उनसे पूछा कि आपको वैसे जाना कहाँ है? तो वो बोली कि मुझे विरार जाना है.. लेकिन मुझे पता नहीं है.. क्योंकि में पहली बार अपने भाई के घर जा रही हूँ और में अहमदाबाद रहती हूँ और वो बोली कि में तो उतरकर उसे कॉल करके कुछ इंतज़ाम करती हूँ.

    आप बिल्कुल भी टेन्शन मत लो.. में मुंबई में रहता हूँ और आपको वहां तक पहुंचा दूँगा. वहाँ से कैसे जाना है.. वो भी में आपको बता दूंगा.

    फिर उसने तुरंत अपने भाई को कॉल करके कहा कि मुझे यहाँ से एक फ्रेंड मिली है तो वो मुझे थाने तक छोड़ देगी.. में बहुत खुश हो गया और फिर बोरीवली आने ही वाला था और में उसके पीछे खड़ा हो गया और अपना हाथ उसकी गांड पर रखकर मसलने लगा तो वो एकदम से पीछे मुड़ी और मुझे एक प्यारी सी स्माईल दी.



    फिर मैंने उसके कान में पूछा कि कोई प्राब्लम तो नहीं है ना? तो उसकी और से एक और स्माईल आई और उसने अपना हाथ पीछे किया और मेरे लंड को सहलाने लगी और में भी अपना हाथ उसकी चूत के पास ले गया.. तो वो मुझे एकदम धीमी आवाज़ में बोली कि सब कुछ क्या यहीं कर लोगे? इतने में स्टेशन आ गया और हम उतर गये और फिर मैंने उसे लोज में जाने के लिए मना लिया और हम कल्याण पहुंचकर एक लोज में गये

    हम जैसे ही अंदर घुसे तो मैंने उसे बहुत ही ज़बरदस्त स्मूच किया और उसके बूब्स दबाने लगा और वो मोन करने लगी.. मुऊुअहह आआहह उहह और ज़ोर से प्लीज इन्हे चूसो प्लीज. फिर मैंने उसका ब्लाउज उतारा.. उसने सफेद कलर की ब्रा पहन रखी थी और में उसके बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और उसका एक हाथ मेरे लंड पर सहला रहा था.

    फिर में बहुत जोश में आ गया और मैंने उसकी साड़ी को उतार दिया.. उसने हरे कलर का पेटीकोट और काले कलर की पेंटी पहनी हुई थी. फिर मैंने वो भी उतार दिया.. उसे तो मानो मैंने फाड़ दिया और वो मेरे शरीर पर जानवरो जैसे नोच रही थी तो कुछ देर बाद उसने मेरी पेंट और अंडरवियर उतारी और घुटनों के बल नीचे बैठकर मेरे लंड को मुहं में लेने लगी.



    में तो मानो सातवें आसमान पर था.. उसने मेरा लंड चूसकर मुझे ऐसा अहसास दिया कि मैंने अपनी लाईफ में कई लड़कियों से अपना लंड कई बार चुसाया है.. लेकिन इस तरह किसी ने भी मेरा लंड नहीं चूसा.. जिस तरह छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है. वो वैसे ही मेरे लंड को चूस रही थी.. यहाँ तक जो मेरे लंड से पानी बाहर आ रहा था.. वो भी चाट रही थी.

    वो मुझसे बोली कि अब रहा नहीं जा रहा है.. प्लीज मुझे चोदो. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया.. मेरा लंड वैसे कोई बड़ा नहीं है नॉर्मल इंडियन जैसा है.. 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है और मैंने उसकी चूत के छेद पर अपने लंड को रखा और ज़ोरदार झटका मारा.

    उसके मुहं से आवाज़ निकली.. आह्ह्हहह मर गयी.. प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह अईईईइ माँ में मरी.. प्लीज निकालो इसे मेरी चूत से.. लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी और झटके पे झटके मारता रहा और लगभग 10 मिनट लगातार धक्के देने के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और वो एकदम ठंडी पड़ गयी.. लेकिन मेरा तो अभी सिर्फ़ आधा ही काम हुआ था तो में उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता गया और उसके बूब्स दबाता गया और



    जैसे ही मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके बूब्स पर और उसके पेट पर डाल दिया.

    फिर में थोड़ी देर थककर लेट गया और सोचा कि में एक सिगरेट जला लूँ. फिर में सिगरेट पीने लगा और वो मुझसे सटकर मस्ती कर रही थी. हम दोनों पूरे नंगे बैठ हुए थे तो वो बोली कि चलो हम साथ में नहाते है और सिगरेट ख़त्म करके हम लोग बाथरूम नहाने चले गये. फिर पहले उसने मेरे बदन पर साबुन लगाया और मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और में उसकी गांड पर हाथ लगाकर बोला कि चलो ना प्लीज एक और बार मजा हो जाए तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन पीछे नहीं आगे सब कुछ चलेगा.

    फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे सिर्फ एक बार पीछे करने दो ना.. तो वो बोली कि बाथरूम में नहीं और हम दोनों ने बाहर आकर टावल से अपने शरीर को साफ किया और में सीधा बेड पर गया.. वहां पर पास में तेल का पाउच पड़ा हुआ था. म

    ैंने थोड़ा अपने लंड पर और थोड़ा उसकी गांड पर लगा लिया और लंड को अपनी जगह पर रखकर एक झटका मारा तो वो दर्द के मारे बहुत ज़ोर से चिल्लाई और बोलने लगी कि भगवान के वास्ते मुझे छोड़ दो.. ऐसा लग रहा है किसी ने मेरी गांड में लोहे का गर्म गर्म सरिया डाल दिया है.. प्लीज अब बस करो और में मर गई करती रही.



    फिर मैंने कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला.. वो एकदम शांत हो गयी और में उसे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदता रहा और अब मेरा वीर्य निकलने वाला था. फिर मैंने उससे पूछा कि में क्या करूं? तो वो बोलती है कि अंदर ही डाल दो.. में घर पर जाकर एक गर्भनिरोधक गोली खा लूंगी. फिर मैंने अपना गरम गरम लावा उसकी चूत में डाल दिया और थोड़ी ही देर के बाद हम वहाँ से निकले और में उसे उसके घर के कुछ दूर तक छोड़कर अपने घर चला गया.

  • चाचा के लड़के की गांड गुस्से में मारी

    मेरा नाम सारक है और मैं दिल्ली में रहता हूं। मैं दिल्ली में ही अपनी एक कंसल्टेंसी कंपनी चलाता हूं और मुझे काफी वक्त हो चुका है यहां पर काम करते हुए। शुरुआत में मैंने जॉब की लेकिन धीरे-धीरे जब मुझे दिल्ली में समय बीतता गया तो मैंने अपनी खुद की एक कंपनी खोली। पहले मैं खुद अकेले ही काम किया करता था लेकिन अब मैंने अपने पास स्टाफ रख लिया है जो कि बहुत ही अच्छे से काम किया करते हैं और मैं उनके काम से बहुत खुश भी हूं। मुझे ऐसा लगता है कि मुझे सफलता बहुत जल्दी मिल गई है। जिसकी मुझे उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी। मैं अपने आप से बहुत खुश हूं और हमेशा यही सोचता रहता हूं कि मैंने बहुत अच्छा फैसला लिया जो मैं दिल्ली आ गया। अगर मैं गांव में रहता तो मेरी स्थिति बद से बद्दतर हो जाती और शायद मैं कभी कुछ कर भी नहीं पाता। क्योंकि वहां पर मुझे कोई भी समझाने वाला नहीं था और हमारे गांव का माहौल बहुत ही ज्यादा खराब है। वहां पर ज्यादा लोग पढ़े लिखे नहीं हैं और सिर्फ नशे की लत के आदी हैं। इस वजह से मैंने यह फैसला लेकर अच्छा किया और मुझे अपने आप पर बहुत ज्यादा गर्व महसूस होता है कि मैंने यह फैसला बहुत जल्दी ले लिया और मुझे इतनी जल्दी सफलता मिल गई। अब मैं जिस भी चीज को चाहता हूं वह मुझे आसानी से मिल जाती है। क्योंकि मैं अच्छा कमा लेता हूं। उसकी वजह से मैं किसी भी प्रकार से पैसों के लिए मोहताज नहीं होता। मैं कभी भी यह नहीं सोचता कि यह चीज मैं नहीं कर सकता।



    मैं अपने आप से बहुत खुश हूं। मुझे काफी समय हो चुका था दिल्ली में और मैं सोच रहा था कि मैं अपने गांव जाकर अपने माता-पिता से मिल आऊ। क्योंकि वह लोग गांव में ही रहना पसंद करते थे और मैंने उन्हें कई बार कहा भी कि मैंने दिल्ली में अपना घर ले लिया है तो आप लोग मेरे साथ दिल्ली में आ सकते हैं। परंतु वह चाहते ही नहीं थे और कहते थे हम गांव में ही अच्छे से हैं। क्योंकि वह लोग गांव के परिवेश में पले-बढ़े थे। इसलिए वह नहीं चाहते कि वो शहर आएं और उन लोगों से शायद शहर में एडजस्ट नहीं हो पाता। इसलिए मैंने उन्हें जिद नहीं की और वह लोग गांव में ही थे लेकिन मुझे अब उनकी बहुत याद आ रही थी और मैं सोच रहा था कि मैं उनसे मिलने चला ही जाता हूं। मैंने अपने पिताजी को फोन किया और उन्हें कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए घर आ रहा हूं। ताकि आपके साथ कुछ समय बिता पाऊं। जब मैंने उन्हें फोन किया तो वह बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि तुमने तो यह बहुत अच्छा फैसला लिया है। क्योंकि हम लोग भी कई दिनों से सोच रहे थे कि तुम्हें घर बुला ले। अब तुम्हारी बहन की भी शादी हो चुकी है और हमें भी थोड़ा अकेला सा लगने लगा है इस वजह से हम तुम्हें घर बुलाना चाहते थे। ताकि तुम कुछ समय तक घर में रहो और हमें भी अच्छा लगे।



    अब यह बात जब मैंने उनसे कही तो वह दोनों बहुत खुश थे और कुछ दिनों बाद मैं अपनी कार लेकर अपने गांव चला गया। जब मैं अपने गांव गया तो सब लोग मुझे देखकर बहुत हैरान थे और कहने लगे कि तुमने बहुत जल्दी तरक्की कर ली है। वह मुझसे पूछने लगे कि तुमने इतनी जल्दी कैसे तरक्की की। मैंने कहा कि मैंने शहर में बहुत ही मेहनत की है। इस वजह से मुझे शहर में तरक्की मिली है। अब जब मैं अपने माता-पिता से मिला तो वह दोनों मुझे देख कर रोने लगे और कहने लगे कि हमें तुम्हारी बहुत याद आती है लेकिन हम तुम्हारे पास नहीं आ सकते। क्योंकि हम शहर में नहीं रह पाएंगे और तुम अपना काम छोड़कर गांव नहीं आ सकते। यह तुम्हारे लिए संभव नहीं होगा। मैंने उन्हें कहा कि मैं कुछ समय गांव में ही रहूंगा और आपके साथ अच्छे से समय बिताना चाहता हूं। अब जब मैं अपने चाचा के घर गया तो मेरे चाचा ने मुझे कहा कि तुमने तो बहुत तरक्की कर ली है लेकिन राजेश के तो बुरे हाल हो चुके हैं। वह तो कुछ काम भी नहीं करता है और दिनभर निकम्मों की तरह इधर से उधर घूमता रहता है। हम बहुत ही परेशान हो चुके हैं। अब वह लोग मेरे सामने राजेश का दुखड़ा रोने लगे और मुझे भी उन्हें देखकर बहुत दया आ रही थी। क्योंकि राजेश घर में बड़ा था और उसके दो छोटे भाई और हैं। अब राजेश को ही अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेनी थी लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा था। जब मुझे राजेश मिला तो मैंने देखा कि वह बहुत ही बदतर स्थिति में था।



    मैंने उसे कहा कि तुम गांव में अपना समय क्यों बर्बाद कर रहे हो। वह मुझे कहने लगा कि मुझे कुछ भी नहीं आता तो मैं कहां जाऊं। मैंने उसे कहा कि तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें अपने साथ ले चलता हूं और तुम मेरे ऑफिस में ही कुछ काम कर लेना। वह पहले माना नहीं। क्योंकि उसे अब निकम्मों की तरह जगह जगह घूमने की आदत हो चुकी थी और वह इधर से उधर घूमता रहता था लेकिन अब वह मान गया और मेरे साथ शहर चलने को राजी हो गया। जब यह बात मैंने अपने पिताजी को बताई तो वह बहुत खुश हुए और कहने लगे कि तुम राजेश को अपने साथ ले जाओ। नहीं तो वह अपनी जिंदगी खराब कर लेगा। अब कुछ दिनों तक मैं घर में अपने माता-पिता के साथ बहुत ही अच्छे से समय बिता रहा था लेकिन मुझे काफी दिन हो गए थे और मेरा काम भी छूट रहा था। इस वजह से मैंने अपने पिताजी से कहा कि मैं दिल्ली जा रहा हूं और मुझे बहुत दिन हो चुके हैं। यदि आप मेरे साथ चलना चाहते हैं तो आप जल्दी से समान पैक कर लीजये लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया और कहने लगे की हम घर में ही ठीक हैं। अब मैं राजेश को अपने साथ दिल्ली ले गया। वह दिल्ली आया तो वह कहने लगा तुम तो बहुत ही अच्छी जगह रहते हो और वह मेरे साथ मेरे ऑफिस भी आया। मैंने उसे ऑफिस में ही अपने काम पर लगा दिया और वह बहुत ही खुश हुआ। अब वह बहुत ही अच्छे से काम करने लगा और मैं भी उसे देखकर बहुत ही खुश था।



    वह मेरे साथ ही रहता था और बहुत ज्यादा मेहनत भी कर रहा था। एक दिन हम दोनों लेटे हुए थे और वह बहुत ज्यादा बकचोदिया करने लगा। मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था वह इस तरीके से मुझे परेशान कर रहा था। मैंने उसे चुप होने के लिए कहा लेकिन वह बिल्कुल भी चुप नहीं हो रहा था। मैंने तुरंत ही उसे पकड़ लिया और अपने लंड को उसके मुंह के अंदर डाल दिया। वह छटपटाने लगा और अपने मुह से मेरे लंड को बाहर निकालने लगा। लेकिन थोड़ी देर बाद वह मेरे लंड को चूसने लगा और अच्छे से उसे अंदर बाहर करता जाता। मेरा लंड चूसते ही वह भी बहुत ज्यादा मजे में आ चुका था। मैंने उसकी गांड को चाटना शुरु कर दिया उसके गांड में हल्के हल्के बाल थे जो कि बाहर निकले हुए थे। थोड़ी देर बाद मैने अपने लंड को उसकी गांड मे डाल दिया। जैसे ही मैंने उसकी गांड में लंड डाला तो वह चिल्लाने लगा।



    मैंने उसे कहा कि तुम्हारे काम ही खराब है घर में भी तुम्हारी वजह से सब परेशान है और तुम यहां मुझे परेशान कर रहे हो। एक तो मैंने तुम्हें अपने साथ काम दिलाया और उल्टा तुम मेरी गांड मार रहे हो। अब मैं तुम्हें बताता हूं गांड मारना कैसा होता है। अब मैं उसकी बड़ी तेजी से गांड मार रहा था और उसकी गांड से खून भी आ चुका था मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं उसकी गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने पर लगा हुआ था वह बहुत तेज चिल्ला रहा था। जब मेरा लंड उसकी गांड के अंदर सेट हो गया तो वह भी अब मेरे लंड पर अपनी गांड से धक्के देने लगा। वह कहने लगा मुझे भी अब मजा आने लगा है तुम ऐसे ही मुझे झटके मारते रहो और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है। अब मैं उसे बड़ी तेजी से ऐसे ही झटके मारे जा रहा था जिससे कि वह बहुत ही मजे मे आने लगा। वह अपनी गांड को मुझसे मिलाया जा रहा था मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था वह जिस प्रकार से वह अपनी गांड को मुझसे मिला रहा था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो रहा थी और वह भी बहुत ज्यादा खुश था। मै उसे अब धक्के मार रहा था जिससे कि मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने इतनी तेज तेज उसे झटके मारे की उसका शरीर पूरा गरम हो गया और उसकी गांड से आग निकलने लगी। उसकी गांड से इतनी ज्यादा गर्मी निकाल रही थी कि मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और मेरा वीर्य उसकी गांड में जा गिरा। उसके बाद से मैं हमेशा ही उसकी गांड मारता रहता हूं।

  • पड़ोसन की गांड उसी के ब्यूटी पार्लर में मारी

    मेरा नाम संकेत है मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं, मेरे पिता का प्रॉपर्टी का काम है और हम लोग लखनऊ में रहते हैं, मेरे पिताजी का प्रॉपर्टी का काम काफी समय से है। मेरी मम्मी घर का काम संभालती हैं और मेरी बहन भी घर पर ही रहती है क्योंकि उसके कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी है, अब उसकी कॉलेज की पढ़ाई हो चुकी है तो वह घर पर ही मम्मी के साथ रहती हैं। मैं अपने कॉलेज जाता हूं और शाम को कॉलेज से वापस लौट आता हूं। मेरी बहन के लिए मेरे पापा ने एक रिश्ता भी देख लिया और वह बहुत ही खुश थे कि उसके लिए उन्होंने एक लड़का देख लिया था क्योंकि मेरे पिताजी चाहते हैं कि वह मेरी बहन की जल्दी से शादी करवा दें और उन्होंने मेरी बहन की सगाई करवा दी।



    मेरी बहन की सगाई में हमारे पड़ोस में ही एक महिला रहती हैं वही मेरी बहन को तैयार करने आई थी। उनका नाम तेजल है, वह ब्यूटी पार्लर का काम करती हैं और उनका ब्यूटी पार्लर हमारे कॉलोनी में ही है इसलिए हमने उन्हें ही बुलाया था। जब वह हमारे घर पर आई तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि मैं उन्हें अक्सर देखा करता था और मुझे उन्हें देखना भी बहुत अच्छा लगता था। मैं जब भी तेजल को देखता हूं तो मुझे उन्हें देखकर एक खुशी मिलती है। वह जब हमारे घर पर आई तो उस दिन मेरी उनसे बहुत बात हुई, उससे पहले मैंने उनसे कभी भी इतनी बात नहीं की थी। वह मेरी बहन को तैयार कर रही थी इसलिए मेरी उनसे बहुत बात हो रही थी। मेरा उनसे उस दिन अच्छा परिचय हो गया था। मेरे पिताजी ने उन्हें कहा कि शादी के समय भी तुम्हें ही हमारी बेटी को तैयार करना है और तुम्हे ही उसको अच्छे से तैयार करना है, वह कहने लगी की आप मुझे बता देना जब भी आना हो मैं उस दिन समय से आ जाऊंगी। अब वह यह कहते हुए चली गई और मेरे पापा ने उन्हें पैसे दे दिए। मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई में ही लगा हुआ था क्योंकि हमारे एग्जाम नजदीक आने वाले थे इसलिए मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि मैं किसी तरीके से पास हो जाऊं क्योंकि मैंने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की थी और मेरे पास नोट्स भी नहीं थे इसलिए मैं अपने दोस्तों के पास जाकर नोट्स ले रहा था, मैं उनसे ही मदद ले रहा था।



    मैंने अपने कॉलेज से कई दिन बंक भी मारे थे इसीलिए मुझे मेरे टीचर भी पसंद नहीं करते थे लेकिन मैंने अपने दोस्तों से नोट्स तैयार करवा लिया और मैं पढ़ाई करने लगा। मेरे पेपरों के दौरान मैं घर से बाहर कहीं भी नहीं निकला क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मेरे पेपर में कम नंबर आए इसीलिए मैंने बहुत ज्यादा तैयारी की। जब मैंने तैयारी कर ली तो मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि तुम बहुत ही अच्छे से आजकल पढ़ाई कर रहे हो, मैंने अपने पिताजी को बताया कि मेरे एग्जाम नजदीक है इसीलिए मैं पढ़ाई कर रहा हूं। वह बहुत ही खुश है और कहने लगे यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम पढ़ाई कर रहे हो, नहीं तो तुम इधर उधर ही घूमते रहते हो। मैंने अपनी बहन से उस वक्त बहुत मदद ली और उसने भी मेरी बहुत मदद की क्योंकि मैंने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की थी इसी वजह से मैंने उससे मदद मांगी तो उसने मुझे कहा कि मैं तुम्हारी हेल्प कर देती हूं। उसने मेरी नोट्स बनाने में मेरी बहुत मदद की थी। अब मेरे एग्जाम हो चुके थे और मैं घर पर ही था। हमारे कॉलेज की छुट्टियां थी और मैं अब घर पर ही रहता था इसलिए मैं शाम को हमेशा अपने छत पर चला जाता था या फिर अपने दोस्तों के पास चले जाता। जब मैं अपने दोस्त के पास जाता तो उस वक्त मैं तेजल के ब्यूटी पार्लर से होकर ही गुजरता था। वह जब भी मुझे देखती तो मैं उसे देखकर खुश हो जाता था और मैं उसे कभी कबार बात कर लिया करता था लेकिन वह मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थी। एक दिन मेरे दोस्त की बहन की भी शादी थी तो मैं तेजल के पास चला गया और उससे पूछने लगा कि आप मुझे अपना रेट कार्ड दे दीजिए मैं अपने दोस्त से इस बारे में बात कर लूंगा और आपको भी वहां पर बुकिंग मिल जाएगी।



    उन्होंने मुझे कहा कि तुम मुझे अपने साथ ही उनके घर पर ले चलना, मैं उन्हें सारी चीज समझा दूंगी। मैंने कहा ठीक है आप मेरे साथ ही उनके घर पर चल लेना। मैं उन्हें अपने साथ ही अपने दोस्त के घर पर ले गया, जब मैं उन्हें अपने दोस्त के घर ले गया तो मैंने अपने दोस्त के पिताजी से तेजल की मुलाकात करवा दी। वह उसे पूछने लगे कि हमारी बेटी की शादी कुछ समय बाद है तो आप यदि उसे तैयार करती है तो आप कितना चार्ज करेंगे, उसने बता दिया कि मैं आपको सबसे कम रेट लगा दूंगी क्योंकि मैं संकेत के घर के पास ही रहती हूं इसलिए आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए। अब हम लोग वहां से वापस आ गए और मैंने तेजल को शादी की बुकिंग भी दिलवा दी थी, वह बहुत खुश थी और मुझे कहने लगी कि तुमने मुझे शादी की बुकिंग दिलवाई है तो मुझे उसके बदले तुम्हे कुछ पैसे देने चाहिए। मैंने उसे कहा कि मुझे उसके बदले कुछ भी नहीं चाहिए। मेरी बात अब तेजल से होने लगी थी और जब भी मैं उसके ब्यूटी पार्लर के सामने से गुजरता था तो वह मुझे बुला लिया करती और मुझसे बात करती थी। मुझे भी तेजल से बात करना बहुत अच्छा लगता था क्योंकि मैं उसे पसंद करता था परंतु उसकी शादी हो चुकी है, फिर भी ना जाने मेरे दिल में उसके लिए क्यों एक अलग तरीके की फीलिंग थी। एक दिन वह मुझे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे उस दोस्त के पिता जी का फोन आया था और वह कह रहे थे कि उनकी लड़की की शादी अगले महीने है। मैंने उसे कहा कि हां उनकी शादी अगले महीने ही है।



    उसने मुझे अपने ब्यूटी पार्लर में बुला लिया और मैं उससे बैठकर बातें कर रहा था वह बहुत खुश थी क्योंकि मैंने उसे बुकिंग दिलवाई थी। वह मेरे बगल में ही बैठी हुई थी और मेरी आंखों के सामने उसके स्तन दिखाई दे रहे थे मैंने जब अपने हाथ उसके चूचो पर लगाया तो वह समझ चुकी थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो तेजल ने अपने हाथों में मेरे लंड को ले लिया और उसे हिलाना शुरू कर दिया। हिलाते हिलाते उसने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले लिया और बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा जिससे कि मेरा पानी भी निकलने लगा। मैंने उसकी सलवार को नचे उतार दिया और उसकी गांड को चाटने लगा। मैंने बहुत देर तक उसकी गांड को चाटा और वह भी पूरे मूड में आ गई मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि उसकी गांड बहुत ही बड़ी थी और मैं जब उसे अपने हाथ से पकड़ता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मैंने उसकी गांड पर अपने दांत के निशान भी मार दिए। वह मुझे कहने लगी कि मैं तुम्हें एक चीज देती हूं तुम उसे अपने लंड पर लगा लो ताकि तुम्हें मेरी गांड मारने में मजा आए। उसने मुझे एक लिक्विड दिया मैंने उसे अपने लंड पर अच्छे से लगा लिया और मैंने थोड़ा बहुत उसकी गांड के ऊपर भी लगा दिया। जब मैंने अपना लंड तेजल की गांड के अंदर उतरा तो वह चिल्ला उठी मेरा पूरा लंड तेजल की गांड के अंदर जा चुका था। वह पूरे मूड में आ गई और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था जब मैं तेजल की गांड मार रहा था। मुझे इतना मजा आता कि वह भी अपनी गांड को मुझसे टकराने लगी और मुझे कह रही थी तुम तो मेरी गांड बहुत ही अच्छे से मार रहे हो। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें और भी बुकिंग दिलवा दूंगा और उसके बदले मैं तुम्हारी गांड मारूंगा। वह बहुत खुश हो रही थी और कह रही थी तुम मेरी गांड फ्री में ही मार लो मुझे तुम कोई बुकिंग भी मत दिलवाना क्योंकि उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और वह अपनी गांड को मुझसे टकराने पर लगी हुई थी। मैंने भी उसे बड़ी तेजी से झटके देना शुरू कर दिया और इतनी तेज गति से मैं उसे धक्के मार रहा था कि अब उससे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपने वीर्य को तेजल की गांड के अंदर ही डाल दिया। वह बहुत खुश हो गई उसने मुझे अपने गले लगा लिया उसके बाद से मैं अक्सर तेजल के ब्यूटी पार्लर में जाता हूं।

  • बड़ी बेहन ने मूठ मरते हुए पकड़ा – Bhai Bahan Sex Stories In Hindi

    Hindi Bhai Bahan Sex Stories – हाय दोस्तो मेरा नाम साहिल है, मैं दिल्ली में रहता हू, मैं एक मेडिकल स्टूडेंट हू और मेरी एज 21 साल है, मेरे घर में मेरे पापा मेरी मम्मी और मेरी दो बेहन हैं, एक मुझसे 2 साल बड़ी जिसका नाम सबा है और एक मेरी ट्विन सिस्टर है जिसका नाम अनाम है.




    मेरी मम्मी का नाम शमा है वो बॅंक में जॉब करती हैं, उन्होने शादी के बाद अपना ग्रॅजुयेशन पूरा किया और फिर बॅंक में जॉब करने लगी, मेरे पापा का नाम ज़ाकिर है और वो एक ट्रेडिंग कंपनी में बीडीएम हैं.

    सबा मुझसे बड़ी है पर मैं उसे नाम से ही बुलाता हू, वो दिखने मे बोहोत अछी है और फिगर भी अछा है, एक बार उसकी ब्रा देखी थी तो उसका साइज़ शायद 32 है, (आई थिंक अब बढ़ गया है लॉल), वो भी मेडिकल स्टूडेंट है और मेरे ही कॉलेज में मेरी सीनियर है, अनाम बीकॉम कर रही हैं और वो भी दिखने में एक दम मस्त है पर मुझे सबा ज़्यादा सेक्सी लगती है क्यूकी वो चश्मिश है और उसके बूब्स भी मस्त हैं.




    10थ क्लास तक मुझे सेक्स के बारे में ज़्यादा कुछ नही पता था, पर 11थ में जब मैं आया तो मेरी दोस्ती कुछ कमिने दोस्तो से हुई जिनके पास सेक्स से रिलेटेड बातें करने के अलावा कुछ नही था.

    फिर मुझे एक फ्रेंड ने पॉर्न कॉमिक्स के बारे मे बताया जिसमे एक भाभी सब के साथ सेक्स करती है, मैने फिर वो पढ़ना शुरू कर दी और जब उसकी फ्री कॉमिक्स ख़तम हो गयी तो मैं सेक्स स्टोरीस पढ़ने लगा और फिर मुझे इन्सेस्ट स्टोरीस के बारे में पता चला, फिर ना चाहते हुए भी इसमे इंटेरेस्ट बढ़ता गया.




    फिर मैने दूसरी इन्सेस्ट कॉमिक्स भी आधी लेकिन इन्सेस्ट स्टोरीस में ज़्यादा मज़ा आता था और रोज़ स्टोरीस पढ़ के मास्टरबेट किया करता था, रोज़ का यही शेड्यूल था की स्कूल जाने से पहले और स्कूल से आने के बाद रोज़ स्टोरीस पढ़के मूठ मारता था.

    जब मैं 12थ में आया तो मैं इसका अडिक्ट हो चुका था और अपनी दोनो बहनो के बारे में इमॅजिन कर मूठ मारता था, और कभी कभी तो मम्मी के बारे में सोच के, लेकिन ये भी जानता था की ये इमॅजिनेशन बस इमॅजिनेशन या मेरी फॅंटेसी ही रहेगी क्यूकी ना तो मेरी बहनें मेरी जैसी थी ना ही मेरी मम्मी.




    एक दिन मेरे स्कूल में कुछ ऐसा हुआ के मुझे उसी वक़्त मूठ मारने का दिल हुआ, मेरी एक फ्रेंड निशा का बिर्थडे था और वो उस दिन एक स्कर्ट और टॉप पहन के आई थी, वो दिखने मे तो थी ही पटाखा लेकिन स्कूल ड्रेस में कभी उसका सही फिगर पता नही चला था.

    लेकिन इस ड्रेस में तो उसे देख के लड़को का तो खड़ा हो ही गया था शायद लड़कियो की चुत भी गीली हो गयी होगी, मेरा तो दिल किया की उसे अभी चोद दू लेकिन मेरे दिल करने से क्या होता है, करना तो वोही हैं अपना हाथ जगन्नाथ.




    फिर मैने सोचा की बाथरूम में जाके निशा को अपने ख़यालो में उसकी स्कर्ट उपर कर के चोदता हू, पर जब मैं बाथरूम जाने लगा तो लड़के समझ गये और कुछ गर्ल्स भी जो आसपास थी वो मुझे देखने लगी की इधर निशा का बिर्थडे सेलेब्रेट हो रहा है और मैं बाथरूम? फिर मैने कहा मैं हॅंडवास्ष कारके आता हू, लेकिन हालत खराब थी फिर निशा का केक खा के उसे हाथ मिला के बिर्थडे विश किया.

    फिर मैने सोचा यार इसका हाथ इतना सॉफ्ट हैं तो इसके दूध और चुत कैसी होगी इतने में निशा बोली, “साहिल हाथ घर लेके जाएगा क्या” फिर मैने हस्ते हुए उसका हाथ छोड़ा लेकिन अब तो सब आउट ऑफ कंट्रोल था आख़िरकार मुझसे रहा नही गया और मैने लंच में ही घर आने का सोचा.




    घर की एक चाबी मेरे पास रहती थी और एक चाभी मम्मी के पास, मम्मी हम लोगो के स्कूल और कॉलेज जाने के बाद बॅंक के लिए निकलती थी और पापा उन्हे छोड़ते हुए ऑफीस चले जाते थे, अनाम और मैं स्कूल से साथ आया करते थे और सबा शाम को 5 बजे तक आया करती थी.

    मैने अपना बॅग उठाया और अपने फ्रेंड्स हेडक का बोल के घर जाने का बोल के अनाम की क्लास की तरफ चला गया, उसकी क्लास अलग होती थी कॉमर्स सेक्षन में और मेरी बायो में, मैं उसकी क्लास के बाहर गया और उसकी फ्रेंड नेहा से बोला की अनाम को भेज दो, नेहा क्लास मे जाके वापस आई और बोली की अनाम वॉशरूम गयी है, मैं वही खड़ा रहा.




    थोड़ी देर बाद अनाम अपना ट्यूनिक ठीक करते हुए आई और मुझसे पहले नेहा और मैने एक दम से एक साथ बोलता इतनी देर लगती है क्या? फिर एक दम से हसने लगे और मैने अनाम से बोला की मुझे हेडक हो रहा मैं घर जा रहा हू तुम और नेहा साथ में आजाना.

    वो बोली मेरे पास पेन किल्लर है दू क्या? मैने कहा नही मैं घर जाके सोउँगा, और मैने उसे पूछा तेरे पास पेन किल्लर कहा से आई तू क्यू खाती है? वो बोली खानी पड़ती है और दोनो अपनी हसी छुपाते हुए क्लास में चली गयी, फिर मैं बाद में समझा की मैं कितना स्टुपिड क्वेस्चन किया वो भी अपनी बहन से.

    फिर मैं घर जाने के लिए मुड़ा और मैने सोचा की क्यू ना एक बार और निशा को देख लिया जाए क्यूकी इतनी देर में मेरा लंड थोड़ा सा सॉफ्ट होना शुरू हो गया था.

    फिर मैं क्लास में वापस आया बाइक की चाबी ढूँडने के बहाने और देखा की निशा एग्ज़ॅक्ट मेरी सीट के पास खड़ी है, मैं ए उसके शोल्डर पे हटने का इशारा किया और वो हस्ते हुए हट गयी और बोली वापस आ गया ? मैने कहा चाबी नही मिल रही वो देखने आया हू, और अपनी डेस्क में चाबी ढूँडने आ गया और छुपी हुई निगाओ से निशा के बूब्स और गॅंड देख रहा था.



    फिर मुझे आइडिया आया और मैने जेब से चाबी निकाल के चुपचाप से निशा के पैर के पास डाल दी, और फिर ढूँडने का नाटक करने लगा, फिर निशा ने कहा नही मिली क्या ? मैं नही का इशारा किया और ढूँडने लगा और निशा भी देखने लगी और मैं उसके पास आ गया इतने में वो उसे चाबी दिखी और वो एक दम से झुकी उसे उठाने के लिए लेकिन जैसा मैने सोचा था वैसा नही हुआ उसने अपनी स्कर्ट पीछे से सही करते हुए चाबी उठाई और मैं उसकी पैंटी नही देख पाया लेकिन फिर भी मैने उसकी गोल गॅंड आछे से देखी और फिर उसने मुझे चाबी दी और बोली घर जाके सो जाना और हस्ते हुए बाइ कहा.

    अब मेरा लंड फिर उरूज़ पे था और मैं सीधे घर गया, टाला खोला सीधे अपने रूम में गया और फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिए और लॅपटॉप में स्टोरी पढ़ने के लिए मैने देसीकाहानी.नेट खोली और फ्रेंड की चुदाई की कहानी पढ़ने लगा और अपने लंड को सहलाता रहा, मेरा 7 इंच का लंड (अब 8.5 का है ) पूरा लाल और मोटा हो गया और एक दम टाइट और एक एक नस दिख रही थी.

    मैं स्टोरी पढ़ रहा था और साथ में लंड सहलाता जा रहा था और लंड से प्रेसुर निकल रहा था जिसे मैं पूरे लंड पे मालता जा रहा था और लंड बिलकुल चमकदार और लाल दिख रहा था जिसे अगर निशा देखती तो शायद मु मे लेके चूसने लगती.

    मैं ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगा और आँखें बंद कर के निशा के बूब्स और गॅंड के बारे में सोचने लगा मैं उसके बूब्स दबा रहा हू और वो मेरे लंड पकड़ के हिला रही है तभी एक दम से मुझे आवाज़ आई साहिल !!!!!!!!




    जब मैने आँखें खोली तो मेरे सामने सबा खड़ी थी.

    मेरी तो हालत खराब हो गयी, एक तो मैं पूरा नंगा उप्पर से मेरा लंड खड़ा और वो भी मेरे हाथ में, वो बोली क्या कर रहा था और उसकी निगाहें मेरे लंड पर थी.

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    मैने पहले तो लंड पे से अपना हाथ हटाया और उसके सवाल का जवाब तो मेरे पास था पर उसे क्या बोलता मैने चादर से लंड ढकते हुए बोला तुम आज जल्दी कैसे आगाई?

    वो बोली क्यू मैं जल्दी नही आ सकती, अछा हुआ आज मैं जल्दी आगाई, अब मम्मी को बताउन्गि की तू कॉलेज से रोज़ जल्दी आके ये गंदा काम करता हैं, मैने कहा नही अपी आज पहली बार जल्दी आया हू, बोली अब सबा से अपी बन गयी, तू कुछ भी बोल ले मैं मम्मी को ज़रुरू बताउन्गि.

    मेरी तो वॉट लग गयी थी क्यूकी सबा ने मुझे रंगे हाथ पकड़ा था अब वो मम्मी से बोलती और मम्मी पापा से, मेरी तो मरने वाली थी.

    इसके आगे की बेहन की चुदाई की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए और अपना फीडबॅक ज़रूर दें, थॅंक्स फॉर रीडिंग, मेरी मैल आईडी है

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  • ससुर जी का घोड़े जेसा लंड – Hindi Sex Stories

    Hindi Sex Stories – Sasur Ji Ka Ghode Jesa Lund दोस्तो मेरी उमर 26 साल की है मेरी शादी हो चुकी है मेरे पति एक मार्केटिंग कंपनी मे जॉब करते है इस लिए वो ज़्यादातर घर से बाहर ही रहते है. अभी मेरी शादी को सिर्फ़ 3 साल हुए है और ये कहानी दोस्तो आज से करीब 2 साल पहले की है. मेरे घर मे मेरे सास ससुर और मेरी एक 18 साल की ननद रहती है. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस




    मेरी शादी को 3 साल हो चुके है और अभीतक मैं 25-30 बार ही सेक्स किया है क्योकि मेरे हज़्बेंड के पास इतना टाइम नही होता. इसलिए मैं और मेरी चूत चुदाई के लिए तड़पति रहती है. एक दिन की बात है मैं अपने रूम मे बैठकर .वी पर कुछ देख रही थी तभी मुझे प्यास लगी और मैं किचन मे से पानी पीने के लिए जाने लगी. जब मैं किचन मे जा रही थी तभी मुझे अपने ननंद के रूम मे से कुछ आवाज़े सुनी, मैने उसके रूम की विंडो मे से चुपके से देखा तो मैं पूरी तरह से हैरान रह गई.

    मैने देखा की मेरी ननंद नंगी नीचे ज़मीन पर पूरी नंगी लेटी हुई है और हमारा कुत्ता उसकी चूत को चाट रहा है और वो कुत्ते के लंड को अपने हाथ मे लेकर ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे कर रही है और कुछ ही देर बाद वो कुत्ते के सामने कुत्ति बन गई और कुत्ता उसके उपर पीछे से चढ़ गया और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लग गया. मुझसे ये सब देखा ना गया इसलिए मैं वाहा से हट गई.




    करीब 15 मिनिट बाद मेरी ननंद के रूम मे से कुत्ता बाहर आया और उसके पीछे से मेरी ननंद भी आ गई. मैने उसे सॉफ सॉफ बता दिया की मैने उसे ये सब करते हुए देख लिया है. वो मेरे सामने रोने लग गई पर मैने उसे समझाते हुए कहा तुम कोई अपना बॉयफ्रेंड बना लो ऐसे जानवर से ऐसे काम करवाना ठीक नही है.

    तब मेरी ननंद ने कहा – भाभी मैं बॉयफ्रेंड तो बना लून पर आदमी का तो कुत्ते से भी ज़्यादा बड़ा होता है इसलिए मुझे डर लगता है.




    मैं – नही इतना भी बड़ा नही होता जितना तुम समझ रही हो.

    मेरी ननद – नही भाभी मैने देखा है इस लिए मैं कह रही हूँ.




    मैं – अछा किस का देख लिया है तूने, कही हॉर्स का तो नही देख लिया.

    मेरी ननंद – नही भाभी मैने डॅड का देखा है उनका लंड तो हॉर्स से बड़ा है कसम से इतना लंबा और मोटा लंड तो मैने आज तक नही देखा.




    ननंद के मूह से ऐसी बातें सुनकर मेरी चूत मे खुज़ली होनी शुरू हो गई. मुझे तो पता ही नही था की मेरे घर मे जबरदस्त चुदाई का समान है. अब मुझे किसी भी हालत मे ससुर जी का लंड देखना था बस मुझे एक आछे से मोके की तलाश थी.

    और मुझे जल्दी ही एक . मिल गया. उस दिन मेरे सारे घरवाले किसी शादी मे 2 दिन के लिए चले गये. घर मे मैं और मेरे ससुर थे. जब रात हुई तो मैने ससुर जी के दूध मे नींद की मेडिसिन घोल कर दे दी. दूध पीते ही उन्हे नींद आनी शुरू हो गई. पर फिर भी मैं करीब 30 मिनिट बाद ही उनके रूम मे गई. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस




    मैने अंदर जाते ही ससुर जी को बहोत हिलाया जब वो नही उठे तो मैं समझ गई अब रास्ता सॉफ है, मैं जल्दी से उनकी धोती साइड मे करी और अंडरवेर का नाडा खोल कर उनका लंड बाहर निकाल लिया. उनका लंड देख कर तो मेरी आँखों मे एक अलग सी चमक आ गई. मेरी ननंद सच मे सच कह रही थी, मेरे ससुर का लंड सच मे काफ़ी बड़ा और मोटा था वो कमाल की बात तो ये थी की अभी लंड बैठा हुआ था तो भी वो कितना ख़तरनाक लग रहा था.

    मैने अपने दोनो हाथो से लंड को पकड़ कर उपर नीचे करने लग गई और पता नही कब खुद ही मेरे होंठ लंड के पास आ गये और उसे चूमने लग गये. अब मैं लंड को अपने मूह मे लेकर चूसने लग गई और नीचे से उपर तक लंड को अपनी ज़ुबान से चाटने लग गई. तभी अचानक लंड मे एक करेंट सा लगा और लंड खड़ा होना शुरू हो गया. देखते ही देखते लॅंड 5 इंच से 14 इंच का हो गया.




    मेरी आँखें खुली की खुली रह गई और मेरी खुशी का कोई ठिकाना नही था. सच मे लंड काफ़ी शानदार लग रहा था. अब तो मेरी ज़ुबान लंड को चाटने मे लगी हुई थी. लंड को देखकर अब मेरी चूत मे खुज़ली होनी शुरू हो गई थी. मैं उठी और अपनी सारी और पेटिकोट उतार सीधा लंड के उपर आ गई और लंड को अपने हाथ मे पकड़ अपनी चूत पर रगड़ने लग गई. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था. मैं इतने बड़े लंड को चूत मे कैसे लूँगी इसके बारे मे सोच रही थी और लंड को अपनी चूत पर लगा कर नाप रही थी. मैने देखा की लंड अगर चूत मे जाता है तो वो मेरे पेट तक आता है.

    मुझे अब डर सा लगने लग गया इस लिए अब मैने जाने का फ़ैसला किया. मैं जैसे ही लंड के उपर से उठने लगी तभी मेरी कमर को किसी ने ज़ोर से पकड़ लिया. मैं एकदम बहोत डर गई, मैने देखा तो ससुर जी जाग चुके थे और उन्होने ही मुझे पकड़ा हुआ था.

    ससुर – बहू अब लंड को नाप तो लिया है तुमने अब . अपनी चूत मे भी ले लो ना तुम्हे बहोत मज़ा आएगा.

    मैं उन्हे अपने को छुड़वाने की कोशिश करी पर उन्होने एक दम मुझे बेड पर दे मारा और मेरे उपर आ कर बहोत बुरी तरह मेरे बूब्स को मसलने लग गये. मेरे आँखे बंद होनी शुरू हो गई क्योकि अब मैं मदहोश सी होनी शुरू हो गई थी. तभी ससुर जी ने मेरा ब्लाउस पकड़ा और खींच कर फाड़ दिया और मेरे नंगे बूब्स को एक एक करके अपने मूह मे लेकर चूसने लग गये.

    मुझे बहोत मज़ा आने लग गया मैं पागल सी होने लगी थी क्योकि आज तक मेरे बूब्स मेरे पति ने भी नही चूसे थे. ससुर जी अब मेरी चूत मे उंगलिया कर रहे थे. मेरी चूत गीली होनी शुरू हो गई थी. मुझे सच मे बहोत मज़ा आ रहा था. तभी ससुर जी नीचे गये और मेरी चूत को अपनी ज़ुबान से चाटने लग गये. जैसे ही उनकी ज़ुबान मेरी चूत पर लगी वैसेही मेरे पूरे जिस्म मे करेंट सा दौड़ने लग गया. अब मेरे एक हाथ मे उनका लंड था जिसे मैं ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे कर रही थी.

    अचानक ही ससुर जी ने मेरे हात से लंड ले लिया और खुद ही अपना लंड मेरी चूत के उपर रगड़ने लग गये मेरी चूत के दाने के उपर लंड पूरी स्पीड मे उपर नीचे हो रहा था. मैं पूरी तरह से पागल हो चुकी थी क्योकि आज तक ऐसा मज़ा कभी नही मिला था. करीब 2 मिनिट बाद ही मेरी चूत ने काफ़ी सारा पानी बाहर निकाल दिया.

    ससुर जी – बहू ये क्या है अभी तो मेरा लंड तेरी चूत के अंदर गया भी नही और तेरी चूत ने पहले ही जवाब दे दिया. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस

    उनके मूह से ऐसी बातें सुनकर मैं शर्मा गई और मैं धीरे से बोली – ससुर जी अब प्लीज़ आप मेरी चूत को आछे से चोद दे मुझे बहोत परेशान करती है.

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    ये सुनते ही ससुर जी ने मेरे होंठो को चूसा और नीचे जाकर मेरी चूत को फिरसे चाटने लग गये. अब की बार वो अपनी ज़ुबान मेरी चूत के दाने पर घुमा रहे थे जिससे मेरे मूह से अब आहह आहह की मस्ती से भरी आवाज़े निकल रही थी.

    ससुर जी अब अपनी दो उंगलिया मेरी चूत मे उतार दी और ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे कर रहे थे और साथ मे ही उपर से मेरी चूत के दाने को चाट रहे थे. एक साथ दो हमले मेरी चूत सहन ना कर पाई और करीब एक मिनिट मे ही मेरी चूत ने फिर अपना सारा पानी निकल दिया.

    मैं – ससुर जी अब क्यो आप मुझे तड़पा रहे हो प्लीज़ जल्दी से अब आप अपना लंड मेरी चूत मे डालो और मेरी प्यास को भुजा दो प्लीज़.

    मैने उनके लंड को हाथ मे पकड़ा तो मैने देखा की ये तो इतना मोटा है की ये मेरे हाथ मे नही आ रहा है ये तो मेरी चूत के चितड़े चितड़े कर देगा. मेरे चेहरे पर इस परेशानी के भाव देख कर ससुर जी बोले – मेरी बहू तू फिकर ना कर आज इस लंड को अपनी चूत मे ले फिर, आज के बाद तू किसी दूसरे के लंड को देखेंगी भी नही.

    मैं – पर ससुर जी आज आप मेरी चूत की आछे से चुदाइ करना ये साली मुझे बहोत तंग करती है.

    ये सुनते ही ससुर जीने मेरी तरफ देखकर हल्की सी स्माइल करी और अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैं समझ गई की अब ये क्या चाहते है मैने झट से अपना मूह खोल दिया और ज़ोर ज़ोर से लंड को आछे से चूसने लगी.

    ससुर जी तभी मेरा सिर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे को अपने लंड से चोदने लग गये. अब उनका लंड मेरे गले के अंदर जा रहा था जिससे मुझे सांस लेने मे बहोत दिक्कत आ रही थी पर वो रुके नही और करीब 5 मिनिट तक मेरे मूह ऐसे ही बे- रहमी से चोदते रहे.

    अब उन्होने अपना लंड मेरे मूह से निकाला और मेरी चूत पर रखकर और थोड़ासा ज़ोर लगा कर अपने लंड का आगे वाला हिस्सा पहले मेरी चूत मे उतारा और बाद मे फिर एक ज़ोर से धक्का लगा कर करीब 4-5 इंच तक लंड मेरी चूत मे उतार दिया. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस

    लंड अंदर जाते ही मेरी जान निकल गई मैं उनके नीचे एक मछली की तरह तड़प रही थी. अब ससुर जी बहोत पुराने खिलाड़ी थे और धीरे धीरे मेरी चूत मे अपना लंड अंदर बाहर करते रहे. अब उन्होने मेरी गॅंड के नीचे मे पिल्लो रखा जिससे अब मेरी चूत उपर उठ गई और अब तो ससुर जी ने अपना लंड मेरी चूत मे एक दम डाला और उपर नीचे करने लग गये. अब ससुर जी मेरे उपर आ गये और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत को चोदने लग गये.

    ससुर जी ने अब अपना बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के से अपना पूरा 14 इंच का लंड एक ही बार मे मेरी चूत मे उतार दिया. अब मैने अपनी दोनो टाँगे उपर उठा ली और अपनी गॅंड उठा उठा कर अपने ससुर जी का लंड अपनी चूत मे लेने लग गई. ससुर जीने मेरी दोनो टाँगो को अपने मोढ़े पर रख लिया और ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदने लग गये. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था मैं अपनी दोनो आँखें बंद कर के ससुर जी के हर धक्के का मज़ा ले रही थी.

    करीब 20 मिनिट की इस घमासान चुदाई के बाद अचानक मेरा पूरा जिस्म अकड़ गया मेरी चूत ने ससुर जी के लंड पर अपने पानी की बारिश कर दी और 2 मिनिट बाद ही ससुर जी ने भी अपना सारा पानी मेरी चूत मे ही निकाल दिया. मुझे बहोत ज़ोर से पेशाब आ रहा था पर मुझसे उठा तक नही जा रहा था इस लिए ससुर जी मुझे अपनी गोद मे उठाकर बाथरूम मे ले गये और मैने उनके सामने बाथरूम किया क्योकि उन्होने मेरी चूत मे से निकलते पेशाब को देखना था.

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    मेरी चूत से निकलते गरम गरम पीले पीले पेशाब को देखकर ससुर जी फिर से गरम हो गये और अपना लंड मेरे मूह मे डाल कर फिर से मेरे मूह को चोदने लग गये. फिर ससुर जीने मुझे टाय्लेट की सीट पर बिताया और मेरी दोनो टाँगे उपर कर के मेरी चूत और गॅंड दोनो मारी. आज मेरी चूत और गॅंड दोनो आछे से फट चुकी थी और मेरी बहोत ज़्यादा बुरी हालत हो चुकी थी. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस

    उस दिन से मैं रोज रात को अपने ससुर जी से चुदति हूँ, एक दिन मेरी ननंद ने मुझे और अपने डॅड से सेक्स करते देख लिया और फिर मैने अपने साथ उसे भी ले लिया. अब हम तीनो इस सेक्स लाइफ के पूरे मज़े लेते है.

    मुझे उम्मीद है आप को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी पढ़ने के लिए आप का बहोत बहोत शुक्रिया, मेरी मैल आईडी है

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  • होली मे भाभी की खेत मे चुदाई – Bhabhi Ki Chudai Sex Stories

    Bhabhi Ki Chudai Sex Stories – Holi Me Bhabhi Ki Khet Me Chudai नमस्कार दोस्तो मैं प्रेम आप सभी चुत वालीयो को लंड से नमस्कार करता हू. और लंड वालो को अपने आप करलेणा.

    तो अब मैं स्टोरी पे आता हू इस . जब मैं होली पे गाव गया तो 3 साल बाद गया था क्यो की किसी भी होली मे छुट्टी नही किया करता था . जब मैं गाव गया तो सब लोग काफ़ी खुश हुए.



    ट्रेन का थका हारा मैं उस दिन सो गया और रात को 9 बजे जागा जब पापा हमे जगाने आए तो उस रात खाना खाकर फिर से सो गये.



    शुबह उठा छत पे गया एक्सर्साइज़ करने को तो देखा की मेरे बगल वाले छत पे एक औरत सो रही है तो मैने सोचा चाची या कोई दीदी होंगी. तो मैने ध्यान नही दिया और मैं अपने काम मे मस्त हो गया थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे देख रहा है तो मैं पलट कर देखा तो देखता ही रह गया..

    वो ना तो चाची थी और ना ही दीदी सो मैं उन्हे देखता ही रहा वो देखने मे एक से कोई पर जैसी लग रही थी गोल चेहरा सुरहिदार गर्दन 34 के बूब्स देखने मे एकदम परी ही है वो तीखे नयन नक्श तो मैं उन्हे कम से कम 2 मिनिट तक घूरता रहा फिर वो खुद ही बोली की क्या आप प्रेम है.



    तो मैने हा मे जबाब दिया तो उन्होने बताया की मैं टीपू की भाभी हू तो मुझे ध्यान आया की टीपू भैया की शादी हो गई है और ये उन्ही की वाइफ है तो मैं उन्हे नमस्ते किया और थोड़ा बोहोत बात हुई और वो चली गई की अब हम चलते है काम करना है दोपहर मे ज़रूर आईएगा मैं आपका इंतजार करूँगी सो मैं भी अपने काम मे मशकुल हो गया.

    फिर हम शाम को खेत की तरफ़ घूम रहे थे की भाभी आती हुई दिखाई दी तो मैं भी भाभी के पास आगया तो भाभी ने कहा क्या कर रहे हो अकेले अकेले तो मैने कहा घूम रहा हू तो वो बोली चलो हमारे खेत की तरफ चलो तो मैं चल दिया और रास्ते मे बाते हुई और हसी मज़ाक भी हुई.



    फिर हम खेत मे पहुच कर घास भी साथ मे काटे और खूब हसी मज़ाक हुई बातो ही बातो मे हम सेक्स पे आगये और वो कहने लगी की भैया के शहर जाने के बाद तो हर रोज उंगली ही करती हू.

    तो मैने कहा की क्या गाव मे कोई मर्द आपको नही मिलता इसपे वो कहने लगी नही यहा रहने वालो पे कोई भरोसा नही हैं. दो महीना पहले शंभू की बीबी को गाव मे सब लोग जानते है की 15 लोगो से चुदवाति है हर कोई जानता है इसके कारण उसे घर मे ताने पड़ते है.



    तो हमसे मिलवा दो उसे तो वो बोली की क्यो तो मैं बोला मैं भी उन्हे चोदना चाहूँगा तो वो बोली ठीक है पर हमारी एक शर्त है मैं बोला क्या ये बात आप किसी से नही बताओगे तो मैं बोला ठीक है. फिर वो कहने लगी क्या हम दोनो भी कर सकते है पर आपको किसी को नही बताना होगा तो मैं राज़ी हो गया..

    और कहा मैं तो यहा सिर्फ़ 10 दीनो के लिए ही आया हू अगर आप हमे बिज़ी रखेंगे तो क्या बात है तो वो राज़ी भी हो गई कहने लगी की जब से वो अगये है 1.5 साल हो गये नही आए है तो मैं तब से प्यासी ही हू सुबह आपको देखा तभी से सोच रही थी की कल होली से पहले अपना चुत चुदवा लू.



    तो होली मे ज़्यादा मज़ा आएगा तो हमने खेत मे ही उनके साथ शुरू होगया वो कहने लगी यहा नही गन्ने के खेत मे चलो फिर हम दोनो वाहा पहुचकर आराम से अपने कपड़े उतारे और वो अंडर गारमेंट एक भी नही पहनी हुई थी और उनकी चुचिया एक दम सक्थ थे तो मैने उनसे पूछा की इतना टाइट कैसे हैं.

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    वो बोली की शादी के बाद मुश्किल से 20-30 बार चुदि हू तो क्या आप का चुतताड़ भी टाइट होगा ना तो वो बोली की शहर मे रहते हो तो चुत चोदना तो जानते ही होगे फिर क्या है. तुम मुझे आछे से चोदना ताकि मैं तुम्हारी रंडी बन सकु.



    तो मैने कहा आपको ऐसा चोदुन्गा की आप हमे जीवन भर नही भूल पाएँगी. सो मैने उनके होट पे लीप किस करने लगा तो वो गरम होने लगी और बोलने लगी की प्लीज़ प्रेम मुझे मेरे चुत को रगाडो और उंगली डालो तो मैं उनकी चुत को रगड़ने लगा.

    फिर उनकी होट से लेकर चुत तक खूब चाटता रहा और वो बोलती रही आज तक वो इतना प्यार नही किए आज से मैं तुम्हारी रखेल हू तुम्हे जब भी दिल करे मुझे बो देना मैं आ जाउन्गि.

    तो फिर मैं उन्हे किस करने लगा और उनके चुचि और चुत दोनो को मसलने लगा तो वो बहुत ही जल्दी झड़ गई और फिर भी मैने चूमना और चूसना चालू रखा और लगभग 5 मिनिट बाद वो फिर से बोली की प्लीज़ जल्दी से हमे चोद दीजिए नही तो मैं पागल हो जाउन्गि..

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    सो तब मैं अपना अंडरवेर उतारा तो वो देखकर बोली की बापरे इतना लंबा और मोटा उनका तो 4 इंच का है आप का तो 7 इंच का लगता है और मोटा भी बहुत है तो मैं बोला इससे कुछ नही होता आपको बहुत मज़ा आएगा तो वो बोली प्लीज़ धीरे से डालना मुझे बहुत दर्द होगा तो मैने थूक उनकी चुतपे लगाया और लंड अंदर डाल दिया एक ही झटके मे तो वो रो पड़ी ये देख मैं रुक गया तो वो बोली तुम चोदो फिर मैं भी उनको चोदने लगा.

    लगभग 20 मिनट चोदनेके बाद हम झड़ने के करीब पहुचे तो मैने उनसे पूछा कहा निकालु तो वो बोली बाहर निकालो तो मैने बाहर निकाल दिया वो तब तक 4 बार झड़ चुकी थी वो शांत हो कर वही पड़ी रही और कहने लगी आप जाओ मैं पीछे से आती हू फिर मैं वाहासे निकल गया और वो लगभग 5 मिनट बाद घर की तरफ जाती दिखी.

    दोस्तो आगे की कहानी बाद मे लिखूंगा सो दोस्तो ये कहानी आपको कैसे लगी आप हमे ज़रूर बताइएगा।

    email id है [email protected]

  • पड़ोसन आंटी की रात मे चुदाई – Paroshan Ki Chudai hindi Sex Stories

    Paroshan Ki Chudai Sex Stories – Padosan Aunty Ki Raat Me Chudai हेलो एवेरिवन, ये मेरी पहली स्टोरी है, ये स्टोरी मेरे साथ हुई वास्तविक घटना पर आधारित है, सबसे पहले मैं आप सब को अपने बारे मे कुछ बता देता हू, मैं 24 साल का लड़का हू, मैं 5’11” लंबा हू और रेग्युलर जिम जाता हू, अभी मैं दिल्ली मे रहता हू.

    ये कहानी मेरे और मेरी पड़ोस की आंटी रोहिणी के अफेर की शुरुआत कैसे हुई उस पर बेस्ड है, रोहिणी 39 साल की मॅरीड लेडी है, वो मेरे पड़ोस मे अपने दो बच्चे एक लड़का और लड़की, अपने हज़्बेंड, जेठानी और भतीजी, एंड ससुर के साथ रहती है.



    उसका फिगर डीसेंट और अट्रॅक्टिव है, वो रंग से एकदम फेर तो नही बट उसका फेस बोहोत ही क्यूट है, उसकी लंबाई करीबन 5’2″ के आस पास होगी, उसके ब्रेस्ट की साइज़ भी 34सी या 34डी होगी, उसके चुचे काफ़ी बड़े है, उसका पेट हल्का सा बल्जिंग है और उसकी गॅंड काफ़ी फर्म है.

    ये स्टोरी 5 साल पुरानी है, उस समय मैं कॉलेज के 2न्ड ईयर मे था, मैं अपने फ्री टाइम मे उनके घर पे काफ़ी टाइम स्पेंड करता था, रोहिणी के हज़्बेंड बंटी के साथ मेरे काफ़ी अच्छे रीलेशन थे, हम बंटी की अंकल और रोहिणी को आंटी बुलाते थे.

    मेरे स्कूल के दीनो से ही मुझे उन पर क्रश था, मैं उसका क्लीवेज और उसकी गॅंड को कोई मुझे देख ना ले उस तरह से देखा करता था, वो जब सफाई करने के लिए झुकती थी तब उसके सलवार से क्लीवेज सॉफ दिखाई देता था, मैने अपने फोन मे उसके क्लीवेज और उसकी गॅंड की काफ़ी फोटोस निकाल रखी थी और उन्हे देखकर मैने काफ़ी बार मूठ मारी है.

    अब सीधे स्टोरी पे आता हू, अंकल को काम के लिए कई बार बाहर जाना पड़ता है, और मोस्ट्ली उनकी ट्रेन रात को ही निकलती है, सो हर बार मैं उन्हे स्टेशन छोड़ने जाता था उन्ही की बाइक पे, ऐसेही एक बार मैं अंकल को छोड़कर बाइक वापिस उनके घर पे रखने जा रहा था, तब मैने सोच लिया था की आज रात तो कैसे भी कर के रोहिणी आंटी को चोद के रहूँगा.

    जब मैने उन्हे बाइक की चाबी लौटाई तब उनसे पानी मागा, मैने सब कुछ प्लॅन कर के रखा था, करीब 3-3:15 बजे थे रात के उसके घर मे, वो अपनी हज़्बेंड और बच्चो के साथ हॉल मे सोती थी, उसका ससुर बेडरूम मे, और उसकी जेठानी अपनी बेटी के साथ दूसरे बेडरूम मे, सो किचन ही एसी जगह थी जहा पे मैं उसे अकेले मिल सकु.

    जब वो किचन मे पानी लेने गयी तब मैं भी चुपके चुपके उसके पीछे किचन मे चला गया और बिना कोई आवाज़ करे किचन का दरवाज़ा बंद कर दिया और उसकी और मुड़ा, रोहिणी की पीठ मेरी और थी उसने हल्के ब्राउन कलर का सलवार कमीज़ पहना था, मैं चुपके से उसके पीछे गया और एकदम से उसके मूह को अपने राइट हॅंड से बंद कर दिया ताकि वो कोई आवाज़ ना निकाल सके.

    फिर मैने उसके कन मे कहा की मुझे उसके साथ सेक्स करना है, मैं उसकी मर्ज़ी से या ज़बरदस्ती कैसे भी आज उसको चोदने वाला हू, तो अछा यही रहेगा की वो मेरा साथ दे और खुद भी मज़े ले. ये सुनकर वो घबरा गयी और झटपटाने लगी और अपने आप को छोड़ने की कोशिश करने लगी.

    मैने उसका मूह ओर ज़ोर से पकड़ और मज़बूत की और उसे बोला की लास्ट चान्स दे रहा हू, अगर झटपटाना बंद नही करेगी तो ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी मुझे, पर वो मानने को तैइय्यार ही नही थी.



    फिर मैने अपने लेफ्ट हॅंड से उसके बूब्स मसलने लगा कमीज़ के उपर से ही, उसके बूब्स काफ़ी सॉफ्ट थे और बड़े भी, वो मुझसे छूटने की काफ़ी कोशिश कर रही थी पर कोई आवाज़ नही निकल पा रही थी और मैने धीरे से उसके सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और उसके बूब्स दबाने लगा, उसने ब्रा नही पहनी थी.

    अब उसने रोना शुरू कर दिया था, मेरे पास अब और कोई ऑप्षन भी नही था अगर मैं उसे ऐसेही छोड़ के चला जाता तो भी वो सब कुछ सबको बता देती, इसीलिए मैने सोचा की वैसे भी वाट तो लगने ही वाली है क्यू ना आछे से मज़े लेकर ही मारे.

    फिर मैने अपने लेफ्ट हॅंड से उसके सलवार का नाडा खोला और निकाल दिया, ऐसा करते ही वो और घबरा गयी और मेरे लेफ्ट हॅंड को पकड़ने लगी, मैने बड़े मुश्किल से अपना हाथ छुड़वाया और उसकी पैंटीमे डाल के उसकी चुत में उंगली डाल दी, अब उसका पूरा बदन कापने लगा था, और थोड़ी ही देर मे मेरा लेफ्ट हॅंड गीला हो चुका था.

    वो झड़ चुकी थी, और अब वो मुझसे छूटनेकी भी कोशिश नही कर रही थी, मैने धीरे से अपना हाथ उसके मूह से हटाया और उसको अपनी और टर्न किया, उसका फेस अपने दोनो हाथो से पकड़ कर उसके होट पर अपने होट रख दिए और रिप्लाइ मे उसने अपनी ज़ुबान मेरे मूह मे डालना शुरू कर दिया.

    अब तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नही था, मैने थोड़ी देर तक उसे किस करने के बाद उसके सारे कपड़े निकाल दिए, वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी, उसके बूब्स काफ़ी बड़े और भरे हुए थे.

    मैने सीधा उन पर टूट पड़ा, एक के बाद एक उसके दोनो बूब को जी भर के चूस रहा था, थोड़ी देर बाद मैं भी पूरा नंगा हो गया, फिर कुर्सी पर बैठा और रोहिणी को अपनी गोद मे बिठाया, और फिर से उसके बूब्स चूसने लगा, उसके बूब्स से दूध निकल रहा था जो स्वाद मे हल्का सा मीठा और गाढ़ा था, जी भर के उसका दूध पीने के बाद मैने उसको किस किया फिर उसको मेरा लंड चूसने को बोला.

    मेरा लंड करीबन 6 इंच लंबा था और डीसेंट चौड़ा वाला है, उसने पहले तो मना कर दिया पर थोड़ी देर बाद मान गयी, वो मेरे सामने घुटने पर बैठ गयी और मेरा लंड अपने मूह मे ले लिया वो सिर्फ़ लंड का टोपा ही चूस रही थी इस लिए मैने उसका सिर पकड़ के मैने पूरा लंड उसके गले तक पेल दिया, इसके कारण उसकी आँख भर आई और वो ख़ासने लगी, फिर मैने ज़बरदस्ती उसके मूह मे अपना पूरा लंड डाल दिया और उसके मूह को चोदने लगा.

    थोड़ी देर बाद वो इस से यूज़्ड तो हो गयी, अच्छे से उसके मूह को चोदने के बाद मैने उसको, डाइनिंग टेबल पर सुलाया, उसकी टाँग पकड़ के अपनी और खींचा और अपने कंधे पर उसकी टाँग रखी, फिर मैने अपना लंड उसके चुत पर रखा, उसकी चुत पर हल्के हल्के बाल थे और पूरी गीली हो चुकी थी उसकी चुत, मैने एक ही झटके मे अपना पूरा लंड उसकी चुत मे पेल दिया, इस से उसके मूह से हल्की सी आआह निकल गयी.



    मैं ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी चुत के अंदर बाहर करने लगा, उसकी चुत के पानी से मेरा लंड गीला हो चुका था और हमारी चुदाई की पूछक पूछक और ठप ठप की आवाज़ से किचन गूँज रहा था, मुझे डर था की कोई जाग ना जाए पर नसीब अछा था की किसिको कुछ पता नही चला, मैने करीब चार पाँच मिनिट तक उसको उसी पोज़िशन मे चोदा.

    फिर मैं वापिस कुर्सी पर बैठ गया और उसको अपनी गोद मे बिठाकर अपना लंड उसकी चुत मे डाल दिया, अब वो मेरी गोद मे मेरा लंड अपनी चुत मे लिए उछाल रही थी, और उसके बूब्स मेरी आँखो के सामने बाउन्स हो रहे थे, मैने फिर से उसके बूब्स चूसना शुरू कर दिया और उसने मेरे लंड पे उछालना जारी रखा.

    थोड़ी देर बाद उसने बोला की वो अब थक गयी है, तो मैने उसके हाथ डाइनिंग टेबलपर रखे उसको झुकाकर पीछे से उसकी चुत मे अपना लंड डाल दिया, और उसको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, उसको चोदते हुए मैने अपने लेफ्ट हॅंड का थंब उसकी गॅंड मे डाल दिया इससे वो एकदम चौक गयी और अपनी चुत को और टाइट कर दिया, मैने अपना थंब ऐसेही रख के उसको पेल ने की स्पीड और बढ़ा दी, अब मैं झड़ने वाला था.

    बड़ी बेरहमी से उसकी चुत पेलने के बाद मे उसकी चुत मे ही झड़ गया, फिर उसने बिना अपनी चुत सॉफ करे ही कपड़े पहन लिए और मैने भी अपने कपड़े पहन लिए, फिर वो बिना कुछ बोले ही किचन से बाहर जाने लगी, तब मैने उसका हाथ पकड़ के अपने पास खिछा और फिर से कुर्सी पे बैठ कर अपनी गोद मे बिठाया, और उसको किस करने लगा.

    थोड़ी देर किस करने के बाद मेरा लंड फिर से तन गया, तो मैने अपना लंड अपनी ट्रॅक पैंट से निकाला और उसको मूह मे लेने को बोला, वो बिना कुछ बोले ही नीचे घुटनो पर बैठ गयी और मैने उसके मूह को चोदना शुरू किया, फिर मैने उसको खड़ा किया उसका सलवार और पैंटी निकाली और डाइनिंग टेबल के सहारे फिर से डॉगी स्टाइल में पीछे से चोदने लगा.

    करीबन 15-20 मीं तक ऐसेही चोदने के बाद उसको फिर से लंड चूसने को बोला, थोड़ी देर तक उसके मूह को चोदनेके बाद मैं झड़ने वाला था तब उसका सिर कस कर पकड़ा और उसके मूह में अपना सारा माल छोड़ दिया जो वो पी गयी, फिर से उसने कपड़े पहने और मैं भी वाहा से उसको एक आखरी किस देकर चला गया करीब सुबह के 5 बज रहे थे उस समय.

    मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

    उसी दिन से मेरा और रोहिणी का अफेर शुरू हो गया जो आज तक चल रहा है, मैने उसकी ही मदद से उसकी जेठानी और सोसाइटी की कुछ और आंटीस से भी काफ़ी बार चुदाई की.

    अगर आपको स्टोरी अछी लगे तो मुझे मैसेज जरूर करे, अगर आछे रेस्पॉन्स मिले तो मैं आगे की स्टोरी में बताउन्गा की कैसे मैने रोहिणी की गॅंड मारी और कैसे बाकी औरतो को चोदा.

    मेरी email id है [email protected]

  • तीनो बहनों ने बारी बारी से चुदवाया मुँह बोले भैया से

    हेलो दोस्तों मेरा नाम मोनिका है मेरी छोटी बहन का नाम ज्योति है और उस से छोटी बहन का नाम रानी है आज मैं अपनी एक सेक्स कहानी सुनाने जा रहे हो यह कहानी बहुत मजेदार है जब भी मैं उस वाकए को याद करते हो तो अभी मेरी चूत गीली हो जाती है मेरा मन डोल जाता है मुझे लगता है कि काश वो रात फिर से आ जाए कैसे हम तीनों बहनों ने उस रात को मजे लिए थे दोस्तों मजा आ गया था आज मैं आपको भी अपनी यह बात शेयर कर रही हूं।



    यह कहानी आज से 4 साल पहले की है उस समय में 22 साल की थी और मेरे से दोनों बहने एक 1 साल छोटी थी। हम तीनों भरपूर जवानी में थे तीनों एका पर से एक थे हॉट मॉडल की तरह हम तीनों लगते थे मेरा एक छोटा भाई था वह लल्ला था बेकार था ना पढ़ाई करता था मन दिखाई करता था पर हम तीनों बहनों ने खूब पढ़ाई करें उस समय भी हम तीनों अपने क्लास में अब्बल आते थे. मेरी मां एक दुकान चलाती थी पापा का एक छोटा सा बिजनेस था वही करते थे।

    हम तीनों मिलजुल कर रहते थे पर एक जो सबसे ज्यादा बात खटकती थी वह यह थी कि मेरी मां थोड़ी पुराने ख्याल की थी और मेरे पापा भी मेरी मम्मी से हमेशा नीचे रहते थे यानी की मम्मी हमेशा डांटते रहती थी तो यहां पर मम्मी का चलता था मेरे पापा का नहीं चलता था पुराने ख्यालात की होने के कारण वह हम लोग को ज्यादा छूट नहीं देती थी फैशन में कोई कमी नहीं करने देती थी कपड़े एक से एक देती थी। पर वह किसी लड़के से बात करने देना नहीं चाहती थी वह सोचती थी कि शायद हम लोगों को पटा लेगा और भगा के ले जाएगा इसलिए वह हमेशा अपने मन में यह सभी बातें सोचते रहती थी।

    अब मैं सीधे कहानी पर आती हूं।

    उस समय मैं दिल्ली किराए पर रहती थी। मेरे सामने वाले मकान में एक लड़का रहता था वह भी करीब 22 साल का ही था वह दिल्ली में पढ़ाई करने आया था पर वह शादीशुदा भी था शायद जिस साल उसकी शादी हुई थी उसी शायद उसी साल हो दिल्ली आ गया था पढ़ने उसमें हम लोग बात नहीं करते थे बस घर में ही बात करते थे कि वह भैया हैं जो वहां रहते हैं पर एक दिन आश्चर्य हुआ जब उनके बीवी गांव से आ गई। भैया आप पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करने लगे थे और एक गांव की जो लड़की आई थी यानी कि उनकी बीवी वह सीधी साधी थी हम तीनों बहनों का भैया के बीवी के साथ दोस्ती हो गई अब जब भैया बाहर होते थे और मेरी मां दुकान पर जाते थे तो हम लोग कभी उनके घर चले जाते थे या वह मेरे घर आ जाती थी ऐसे वह घंटों बातें करते रहते थे धीरे-धीरे बात बड़ी भैया भी घर आने लगे।

    मेरी मम्मी भी उनको काफी पसंद करने लगी मेरी मम्मी उनको बेटा कहते थे हम लोग भैया कहते थे। ऐसा तीन चार महीने तक चला और भैया की वाइफ गांव चली गई क्योंकि वह प्रेग्नेंट हो गई थी और मम्मी मेरी पापा के साथ अलीगढ़ चले गए थे क्योंकि हम लोग ऐसे अलीगढ़ के ही रहने वाले हैं। क्योंकि मेरे मामा जी का काफी तबीयत खराब था इसलिए मम्मी और पापा वही चले गए बोले कि थोड़ा टाइम लगेगा तुम लोग ठीक से रहना।

    दोस्तों एक दिन की बात है मैंने भैया को रात को अपने घर पर बुलाई के भैया आज खाना भी खा लेना खाना खाने करीब 9:00 बजे के करीब आए और हम लोग फिर बातचीत करने लगे बातचीत करते-करते रात के करीब 11:00 बज गए थे . शनिवार का दिन था तो इसलिए जल्दी बाजी भी नहीं थी क्योंकि दूसरे दिन छुट्टी का दिन था मैंने उनको कहा कि भैया आप रात को यहीं सो जाओ अब आप क्या जाओगे सुबह जाना चाहते हम तीनो बहने चाहते थे वह रात को उस समय हम तीनों के मन में कोई बात नहीं थी ना तो चाहते थे कुछ.

    रात को धीरे धीरे करके मेरे दोनों बहने सोने चली गई मैं और भैया दोनों बातचीत करने लगे बातचीत करते करते पता नहीं कहां से कहां घूमा और हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए वह मेरे करीब आकर बैठ गए उनको निहारने लगी और अब वह मुझे चूमने लगे पता ही नहीं चला मैं रोक भी नहीं पाई और धीरे-धीरे अपना हाथ, मेरी चूचियों पर रख दिए।

    और वह दबाने लगे यह मेरा पहला एक्सपीरियंस था किसी लड़के के द्वारा मेरे बूब्स को छूना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था बदन में आग लग गई थी ऐसा लग रहा था कि इससे अच्छा और कुछ दुनिया में हो ही नहीं सकता मेरी सांसे तेज चलने लगी थी मेरी सांसे गरम-गरम निकलने लगी थी मैंने होंठ सूखने लगे थे मैं मदहोश हो रही थी ऐसा लग रहा था कि यह कौन सा नशा है यह बिल्कुल नया था दोस्तों मेरे लिए धीरे-धीरे वो मेरे होंठ को चूसने लगे मेरे हाथों को पकड़ने लगे अपनी अंगुलियां मेरे अंगुलियों में फंसाने लगे मेरे बालों को सहलाने लगे मेरे गर्दन को चूमने लगे मेरे बूब्स को दे दे दे दे दबाने लगे मेरी सांसे तेज होने लगी मैंने दोनों बहनों को देखा तो वह दोनों सो चुकी थी वह खड़े हो गए मैं भी खड़ी हो गई और दोनों एक दूसरे का हाथ थामे हुए अपने बेडरूम में चली गई।

    वहां जाकर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए अपने भी सारे कपड़े उतार दें वह मेरे बूब्स को दबाने लगे मेरे निप्पल को उंगलियों से रगड़ने लगे मेरे होंठ को चूसने लगे दोस्तों उस समय मेरा होंठ गुलाबी हो गया था मेरे बूब्स तन गए थे आंखें लाल हो गई थी गाल गुलाबी हो गया था उन्होंने जब मेरी पेंटी खोलने शुरू की तो मुझे थोड़ा खराब लगा खराब का मतलब यहां पर यह है कि मुझे लाज लगने लगा, मैं शर्म आ रही थी घबरा रही थी पर मुझे सेक्स करने का भी मन था तो मैं उनको मना नहीं की और फिर अपनी पेंटी को खोलने दिया जैसे ही उन्होंने मेरी बहन खोलें। मेरी चूत को देखकर वह देखते ही रह गए क्योंकि उसी दिन मैंने शेव की थी और बिल्कुल टाइट थी। क्योंकि मैं वर्जिन थी।

    उन्होंने मेरी चुत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे रोम रोम खिल गए थे मेरे पूरे शरीर में आग लग गई थी पहला एक्सपीरियंस वह भी चुत चटवाने का गजब लग रहा था। मैं अपने दोनों पैरों को फैला दें ताकि वो आराम से इसका मजा ले सकें। मेरी छूट से पानी निकलने लगी थी.उस पर से वह मेरे बदन को चले जा रहे थे कभी वह मिली चूतड़ को चलाते कभी मेरे होंठ को चूसते कभी मैंने बूब्स को दबाते और लगातार मेरी चूत को चाटे जा रहे थे.

    उसके बाद उन्होंने मेरी दोनों पैरों को फैला दिया और अपना लौड़ा निकाल कर मेरे हाथ में रख दिया। उनका लौड़ा काफी मोटा था काफी लंबा था उस समय काफी गर्म लग रहा था। मैं तीन चार बार आगे पीछे करें पर मुझे चूत की गर्मी परेशान करे थे मुझे लग रहा था कि इसका सही जगह मेरी चूत है.

    मैंने कहा भैया देर मत करो मेरी वासना को शांत करो मेरी चुदाई करो. उन्होंने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रखा और जोर से अंदर घुसा दिया मैं दर्द से कराह उठी थी क्योंकि खेद बहुत छोटा था मैं पहली बार चुदाई कर रही थी भयानक दर्द से मैं तड़पने लगी थी वह मुझे सहलाने लगे थे मेरे बूब्स को सहलाने लगे थे मेरे होंठ को छूने लगे थे धीरे-धीरे में शांत हुई उन्होंने फिर से दूसरा धक्का दिया अब मेरी चूत थोड़ा-थोड़ा खून निकलने लगा था मैं डर गई थी पर उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार होता है तुम्हें शांत हुई।

    उन्होंने जब तीसरा झटका दिया तो उनका पूरा लौड़ा मेरी चूत के अंदर समा गया। दोस्तों अब वह धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगे मैं भी नीचे से होले होले झटके देने लगे झटके से और भी ज्यादा काम हो रहे थे और उसे कामुक आवाज निकाल रहे थे। मेरे सिसकारियां भी बंद नहीं हो रही थी मेरे मुंह से गरम गरम सांसे नाक से गर्म गर्म सांसे निकल रही थी मैं उस समय मुंह से सांस लेने लगी थी दोस्तों मुझे देते थे तो मेरे मुंह से सिर्फ आवाज निकलती थी।

    अब मैं ज्यादा कामुक हो गई थी मैं भी जोर जोर से चुदना चाह रही थी वह जोर जोर से धक्के दे रहे थे और मैं मजे ले रही थी मेरे बाल बिखर गए थे मेरी आंखें लाल हो गई थी मेरे काजल फैल गए थे मेरे लिपस्टिक दोस्तों मैं एक नंबर की चुदक्कड़ लग रही थी.

    1 घंटे तक उन्होंने मुझे कभी आगे से कभी पीछे से कभी उठाकर कभी बैठा कभी खुद ऊपर कभी मैं ऊपर कभी घोड़ी बनकर कभी कुत्तिया बनके खूब चुदी। और फिर थोड़ी देर में शांत हो गई।

    मैं उठकर कपड़े पहने और जैसे ही कमरे से बाहर गई तुम्हें देखी मेरी दूसरी बहन खिड़की से सब नजारा देख रही थी क्योंकि हम लोग लाइट भी बंद नहीं किए थे दोस्तों मेरी बहन बोली कि दीदी तुमने तो मजे ले ले मुझे भी मजे लेने दो मैं बोली ठीक है मैं तुम्हारे बेड पर जा रही हूं सोने अब तो मजे ले लो उसके बाद मैं सोने चली गई और मेरी बहन उनके पास चली गई मेरी बहन को देखते हैं वह बोले आप तो बोले हां जैसे आपने मेरे दीदी के साथ किया है वैसा मेरे साथ भी कर।

    और फिर उनके साथ जाकर सो गई तुरंत तो वह मेरी बहन को चोद नहीं पाए थे करीब आधे घंटे बाद मैं खुद खिड़की से जाकर जाकर देखी तो मेरी बहन मेरे से भी ज्यादा सेक्सी हो कर चुद रही थी वह तो मुंह से ऐसे आवाज निकाल रही थी कि मानो सनी लियोन सेक्स कर रही हो। मेरे से भी उसकी चूचियां बड़ी बड़ी थी उसके जांग भी काफी मोटे थे गांड भी काफी मोटी थी।

    वह मेरे से ज्यादा सेक्सी थी उसके बाद कमर तक थे दोस्तों को पूरे बाल को खोल ली थी बेड पैसे लेती हुई थी मानो चुदाई की देवी सो रही हो। भैया तो मेरे से भी ज्यादा उसको चोद रहे थे क्योंकि वह सेक्सी दिख रही थी इसलिए बेड के आवाज चू चू कर रहा था एक हाय हाय कर रहे थे एक उफ़ कर रही थी। दोस्तों ऐसा नजारा शायद मुझे कभी जिंदगी में देखने और सुनने को भी मिलेगा यह तो शुक्र है कि आपको मैं नॉनवेज story.com पर अपनी कहानी सुनाने जा रहे अन्यथा आप को भी यह नसीब नहीं होता यह मेरी सच्ची कहानी है।

    जब मेरी बहन और भैया दोनों झड़ गए थे। तब मैं सोने चली गई वह दोनों साथ ही सोए थे मैं भी काफी थक गई थी जब सुबह नींद खुली तुम्हे देखे मेरी सबसे छोटी बहन वह खिड़की पर खड़े होकर उन दोनों को सोते देख रहे थे वह दोनों अभी तक नहीं सोए हुए थे। वह आकर मेरे से बोली कि दीदी यह क्या हो रहा है क्या आपने भी मजे लिए हैं तो मैं बोली हां छोटी थी उसके बाद इसने लिया है मेरी छोटी बहन क्यों दी थी मेरे नसीब में नहीं है क्या मुझे लगा कि क्यों नहीं जब दोनों बहन चुद क्योंकि थे तो इसको भी चुदना चाहिए मैं बोली ठीक है एक काम कर आज दोपहर का रख ले। मैं और ज्योति दोनों मार्केट जाते कुछ सामान लाना है।

    भैया का खाना बना देती हूं रुक जाएंगे और हम तीनों की चुदाई करेंगे। वह मान गई रानी बोली ठीक है दीदी आप जल्दी जल्दी नहा लो और इन दोनों को भी उठाओ यह दोनों भी तैयार हो जाएंगे नाश्ता बनाओ हम चारों मिलकर नाश्ता करते हैं और आप दोनों मार्केट चले जाओ ताकि मैं दिन में इनके साथ रंगरेलियां मना सकूं। ऐसा ही हुआ था दोस्तों हम चारों मिलकर नाश्ता की भैया भी यही नाश्ता किए संडे का दिन था तो उनको कुछ काम भी नहीं था और कोई काम भी रहता तो कौन करता है।

    यार जहां पर तीन-तीन चूत मिल रही हो कौन छोड़ता है इसको हम दोनों बहन मार्केट चले गए जब उधर से आए तो मैंने देखा रानी चुद रही थी। हम दोनों ने अंदर जाकर देखा क्योंकि मेन गेट की चाबी मेरे पास थी मैं गेट खोल कर अंदर गई वह हम दोनों बहनों से भी ज्यादा अलग अलग तरीके से चुदवा रही थी हम दोनों तो दंग रह गए।

    जब दोनों शांत हो गए हैं लेट गए तब हम दोनों बहन अंदर गए अब हम तीनों बहन उनको चूमने लगे चाटने लगे और मजे लेने लगे दोस्तों फिर हम तीनों ने प्लान बनाया। कि कल भी हम लोग छुट्टी करते हैं आज रात को खूब मजे लेते हैं ऐसा ही हुआ दोस्तों उस रात को भी हमने खूब मजे लिए तीनों ने अब एक साथ सेक्स किया वह बारी-बारी से हम तीनों को चोदते रहे क्योंकि वह शाम को ही मार्केट से टेबलेट ले आए थे। रात को उन्होंने चार टैबलेट खाया था।

    और हम तीनों को खूब खुश किया था आज भी वह दिन जब याद आता है तो मजा आ जाता है दोस्तों काश ऐसा दिन फिर आता पिछले साल ही मेरी शादी हो गई है पर जब भी मेरा पति मुझे चोदता तो ख्वाब में उनको जरूर याद करती हूं क्योंकि वैसा चुदाई आज तक नहीं हो पाई है। आशा करती हूं मेरी यह कहानी आपको अच्छी लगी होगी हो सकता है

  • मेरा सौतेला बाप

    मेरा नाम निहारिका है। मैं अठारह साल की हूँ। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। इस कहानी में मैं आपको ये बता रही हूँ। की कैसे मेरा सौतेला बाप मुझे सेक्स करने से मनाया और मैं अब मैं खुद भी दीवानी हो गई हूँ। शुरुआत में थोड़ा लगा था मुझे की ये रिश्ता ठीक नहीं है पर अब ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता इसमें कुछ गलत है और आज खुश हूँ मैं। अब मैं अपनी सेक्स कहानी पर आती हूँ।



    मेरी माँ ज्योति जो की अभी 36 साल की है। अपनी जवानी के दिनों में खूब मजे की थी क्यों की वो मॉडर्न विचार की महिला है। शुरू से ही वो ऐसे थी की किसी का भी मन उनपर डोल जाये पर एक वक्त ऐसा आता है की पुरुष बदल जाता है उसे सती सावित्री ही चाहिए। शुरुआत में किसी भी पुरुष को सनी लिओनी जैसे चाहिए पर जब आधा उम्र बीतता है तो उन्हें लगता है एक अच्छी महिला चाहिए। अगर महिला खूब जिस्म लुटाये, सेक्सी अंदाज करें, सेक्सी बने पर ये हमेशा के लिए नहीं रहता है। वही हुआ मेरी माँ के साथ।

    पिछले साल ही मेरी माँ का ब्रेकअप हो गया। उन्होंने मेरे पिता से तलाक ले ली। उसके बाद वो फिर से शादी की है जो अपने से आठ साल छोटे हैं। मेरी माँ अभी भी सेक्सी और जवान है। यानी की अभी मस्त माल है मॉडर्न है। उन्हें पब जाना, घूमने जाना, सेक्सी ड्रेस पहनना बहुत ही अच्छा लगता है। अपने फिगर को वो काफी मैंटेन कर के रखा है। उन्होंने मुझे भी कभी भी किसी चीज के लिए मना नहीं की हैं। मैं मॉडलिंग में हाथ आजमाना चाह रही हूँ। और मैं टीवी एड् में आना चाहती हूँ। अभी एक एड् आया भी है कंडोम का पर वो मैं करना नहीं चाहती। क्यों की वैसा फील नहीं दे पा रही हूँ।

    मैं और पापा मम्मी दोनों ग्रेटर नॉएडा में रहते हैं। मम्मी एक अमेरिकन कंपनी में जॉब कर ली है वो वो रात में ऑफिस जाती है। और पापा बैंक में मैनेजर हैं जो की शाम को घर आ जाते हैं। दोस्तों उन दोनों की लाइफ सही नहीं है क्यों की जब एक आती है तो दुसरा ऑफिस चला जाता है बस रविवार को ही हम लोग साथ रहते हैं। पर

    मैं घर में काफी सेक्सी कपडे पहनती हूँ ये स्टाइल मैंने अपनी माँ से ही सीखा है। और रहती भी हूँ बन ठन कर जितने भी पुरुष है उन सबकी निगाहें मेरे ऊपर रहती है चाहे वो बूढ़ा हो या जवान हो। इसका भी मैं खूब इंजॉय करती हूँ। कोई मुझे घूरे मेरी चूचियों को निहारे मेरी गांड को निहारे मेरे होठ को देखे ये सब मुझे बहुत अच्छा लगता है।

    एक दिन की बात है। माँ शाम को जॉब के लिए चली गई थी। मेरे पापा जिनका नाम संजय है वो घर पर थे। रात के करीब आठ बज रहे थे। मैं सो गई थी क्यों की उस दिन मैं ज्यादा थकी हुई थी। वो मुझे खाना खाने के लिए उठाने आये थे। उस दिन मुझे बहुत ही ज्यादा प्यार से उठा रहे थे शायद वो पहला दिन था जब इतने प्यार से उठा रहे थे। पर वो प्यार कुछ और ही था। वो मेरी चूचियों पर दवाब देकर उठा रहे थे। जब मैं नहीं उठी तब वो मेरी चूचियों को बारी बार से दबा रहे थे और उठा रहे थे। मैं आँख बंद कर ली थी और मजे लेने लगी थी क्यों की कुछ देर पहले ही मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ कर सोइ थी तो काफी सेक्सी और कामुक हो चुकी थी। इसलिए ये सब अच्छा लग रहा था पर मन ही मन ये भी सोच रही थी की ये सब गलत है क्यों की मेरा और इनका रिश्ता बाप बेटी का था भले मैं इनकी असली बेटी नहीं थी।

    जब वो मेरी चूचियों को सहला रहे थे, मेरे होठ को छू रहे थे, मेरे गाल पर उँगलियाँ फिरा रहे थे। मेरे अंदर आग लग रही थी। मुझे ये सब अच्छा लग रहा था मैं कामुक होने लगी थी। मेरे बदन में आग लगने लगी थी। मैं ना सोचकर भी सब कुछ सौंप देना चाहती थी। पर क्या करें कहा से शुरू करें ये समझ नहीं आ रहा था। मैं बोली पापा। …….. प्लीज सोने सोने दो ना प्लीज। ………..

    पापा कहने लगे बेटा खाना खा लो, और वो मेरे पास बैठ गए और मेरी एक बूब्स पर अपना हाथ रख दिए। मैं भी उनका हाथ नहीं हटाई और मैं अपना हाथ उनके हाथ के ऊपर रख दी और उनको देखने लगी। वो अब मेरी चूची को दबाने लगे और मुझे गौर से देखने लगे। मैं अभी भी अपना हाथ उनके हाथ पर रखी हुई थी और मैं अब धीरे धीरे दबाब देने लगी वो समझ गए लड़की चुदने वाली है। उसके बाद दोस्तों क्या बताऊँ। मेरे होठ खुद व् खुद ही दांतो के अंदर आ गए और काटने लगी मैं। मेरे पापा ने अपनी ऊँगली मेरे होठ पर रखा और फील किया और लम्बी सांस ली और फिर झुककर मेरे होठ को चूसने लगे।

    मैं तो पहले से ही वासना में भर गई थी। मैं उनके सिर को पकड़कर किश करने लगी ऐसा लग रहा था इमरान हासमी चूस रहा हो होठ और मैं भी वाइल्ड होकर उनके होठ को चूसने लगी। उन्होंने अपना एक हाथ मेरे बूब पर रखा और होठ चूसने लगे। तभी मैं बोली की मम्मी को पता लग गया तो ? तो वो बोले जब हमदोनो में से कोई नहीं कहेगा तो उसको कैसे पता चलेगा ? और फिर दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। अब वो मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरे दोनों हाथो को पकड़ लिया और फिर मेरे होठ गाल गर्दन कंधे बूब्स सब पर किश करने लगे.

    मैं आह आह आह करते हुए अपना पैर फैला दी वो अब मेरे बिच में आ गया और फिर उन्होंने मेरा टॉप उतार दिया ब्रा खोल दिया मैं मुँह में ऊँगली देकर ये सब देख रही थी और फिर उन्होंने मेरी पेंट उतारने लगे तो मैं पकड़ ली पेंट को और मुस्कुराने लगी। वो बोले दे ना प्लीज। मैं तुम्हे बहुत कुछ दूंगा यहाँ तक की ढेर सारा पॉकेट मनी और बहुत कुछ।

    उसके बाद मैं खुद भी हेल्प कर दी और उन्होंने मेरी पेंटी तक उतार दिया। वो मेरे चुत को चाटने लगे। वो मेरे बूब्स को पीने लगे। मैं अंगड़ाइयां ले रही थी और मजे ले रही थी। मेरे मुँह से सिसकारिआं निकल रही थी और वो मेरे पुरे बदन को चूस रहे थे उसके बाद मैं अपने पैर का फंदा बन्दा लिए और उनको लपेट ली। वो मेरी चूत में अब ऊँगली डालने लगे। मैं आह आह आह करने लगी। फिर उन्होंने अपना लौड़ा निकाला और मेरी हाथ में पकड़ा दिया।

    मैं उनके लंड को चूसने लगी। मजे लेने लगी वो सी सी सी सी आ आ आ आ की आवाज निकालने लगी। मैं आइसक्रीम की तरह चूस रही थी और अंदर बाहर कर रही थी। उसके बाद हम दोनों 69 को पोजीशन में आ गए वो मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनका लौड़ा गजब का माहौल बन गया था। उसके बाद मैं उनके ऊपर आ गई और फिर उनका लौड़ा पकड़ कर अपने चूत में ले ली।

    अब निचे से वो धक्का दे रहे थे और मैं उछल रही थी सटा सट उनका लौड़ा मेरी चूत में जा रहा था। हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए निप्पल को दबाते हुए वो चोदे जा रहे थे।

    उसके बाद मैं निचे हो गई और वो ऊपर मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लिए और फिर जोर जोर से मेरी चूत में घुसाने लगे। कमरे में हम दोनों ही मोअन कर रहे थे। और एक दूसरे को गाली देते हुए डर्टी टॉक कर रहे थे। कभी वो रगड़ते कभी धक्के देते ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मैं पानी पानी हो गई थी।

    उसके बाद करीब दस मिनट बाद वो झड़ गए। और मैं भी शांत हो गई।

    दोस्तों उस दिन के बाद से ही हम दोनों एक ही बिस्तर में सोते हैं। बस शनिवार और रविवार को छोड़कर। अब मेरे पापा संडे और सैटरडे को मम्मी को चुदाई करते है वो वीडियो मुझे दिखाते है। अब मैं माँ से भी काफी कुछ सिख गई हूँ। मेरी माँ भी खूब हॉट लगती है बेड में। आशा करती हूँ आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी। दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखूंगी तब तक के लिए मेरे प्यारे दोस्तों आपका धन्यवाद।

  • विधवा मकान मालकिन हूँ चुदाई की आदत लग गई है

    ज़िंदगी कभी कभी किस मोड़ पर ले आती है समझ नहीं आता है। जब एक औरत समाज की नजरों में विधवा हो और उससे सही से रहने चाहिए। पर अगर उस विधवा को सेक्स करने का चस्का लग जाये तो क्या करे। दोस्तों अपने आप को कितना समझाया पर शुरुआत में गलतियां हो गई थी पर ये गलतियां अब आदत बन गई है। आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से अपनी कहानी आपको बताने जा रही हूँ।



    मेरा नाम मीनू है मैं 32 साल की हूँ। मेरी एक बेटी है वो बहुत ही छोटी है। मेरे पति का देहांत पिछले साल हो गया है। उन्होंने कुछ अच्छा किया है तो बस एक ही चीज मकान तीन मंजिला बना दिए है। आज उसी से आने वाले किराये से ही घर चलता है। मैं अभी भरपूर जवानी में हूँ। किसी अठारह साल लड़की से कम नहीं हूँ। क्यों की मैंने अपना फिगर मेंटेन करके रखा है। जब पति थे तब भी अपने आप को बर्बाद नहीं की। अपने शरीर का खूब ख्याल रखा। पर अब मेरी जवानी को भोगने वाला कोई नहीं।

    दोस्तों मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की बड़ी फैन हूँ। रोजाना सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ। और वही से आदत लगा मुझे चुदाई का क्यों की शुरआत में तो कहानी पढ़कर अपने चूचियों को मसल लेती थी चूत सहला लेती थी। चुत में ऊँगली कर अपने आप को समझा लेती थी पर ये सब कितना दिन चलेगा। आपको भी दोस्तों सिर्फ मुठ मार के कितना दिन चला सकते हैं आपको भी चुदाई का मौक़ा मिलना चाहिए। जब तक आपको चूत नसीब नहीं हो रहा है तब तक। फिर भी लोग अपने लिए कोई ना कोई जुगाड़ बना ही लेते हैं। चाहे चुदाई बीवी की हो, भाभी की हो, गर्लफ्रेंड की हो, अपने परिवार में किसी के साथ हो या किसी रंडी के साथ हो।

    मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ पति के जाने के बाद छह महीने तक तो सोची नहीं सेक्स के बारे में। उसके बाद कहानियां पढ़ने लगी। फिर दो महीने तक ऐसे ही चूत सहला सहला कर निकाली। फिर मेरा एक किरायेदार आया सोनू , सोनू की उम्र चौबीस साल है, वो जिम में ट्रेनर है तो मैं मर मिटी उसके शरीर के बनावट पर, देखने में हैंडसम, लंबा भुजाएं चौड़ी दोस्तों किसी भी औरत का दिल धड़क जाये उसको देख कर। पर ये सब काम मेरे लिए आसान नहीं था. क्यों की कैसे उसे पटाती ये सोच कर मैंने नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कुछ कहानियां पढ़ी ताकि कोई आईडिया मिले और मिल भी गया।

    एक रात करीब दस बजे मैं उसके कमरे में गई उसका कमरा ऊपर के फ्लोर पर था। मैं सब्जी देने के बहाने लगी। और पहन रखी थी नाइटी जो की सिल्क की थी हलकी थी बिना बांह की, अंदर मैं ब्रा नहीं पहनी निचे पेंटी भी नहीं। अब मेरे अंग नाइटी के ऊपर से दिख रहे थे। मेरी चूचियां कितनी बड़ी है निप्पल कैसा है आप ऐसे ही फील कर सकते थे। जब चलती थी तो गांड मटकती थी और बिच में नाइटी गांड से सटती और चूचियां हिलती तो और भी सेक्सी लगती।

    दोस्तों जैसे ही उसने मुझे देखा उसकी आँखे मेरे बूब्स पर अटक गई मुँह खुला का खुला रह गया। ऊपर से निचे तक देखा वो तो पागल हो गया उठकर खड़ा हो गया। बोला भाभी आप तो मैं बोली बस सब्जी देनी आई हूँ। और सब्जी वही निचे रखने लगी झुक कर तो आगे से मेरी दोनों चूचियों उसको साफ़ दिखाई दी। वो एक टक मुझे देखने लगा तभी मैं मुड़कर जाने लगी तो मटकती गांड देखा। मैं समझ गई वो दीवाना हो गया है।

    उसके बाद वो बोला भाभी बैठो, मैं बोली रात ज्यादा हो रही है. बैठने का तो मन है पर कैसे बैठूं आपको सुबह जिम जाना पडेगा देर हो जाएगी। तो वो बोला अरे नहीं नहीं कल तो जिम वीकली ऑफ है। आप आराम से बैठ सकते हो। तो मैं बोली फिर क्या फायदा अगर आराम से बैठूं तो? तो बोला अरे मुझे बोलने नहीं आता है। आप जैसे चाहो वैसे रहो मुझे क्या तो मैं बोली सच में ? तो वो बोला हां हां इसमें मेरा क्या। तभी मैं बोली तो क्या आज रात मुझे खुश कर सकते हो।

    वो बोला भाभी आप क्या बोल रहे हों। दोस्तों मेरी धड़कन तेज हो गई थी। पता नहीं चल रहा था क्या कह रही हूँ। क्या सुन रही हूँ। मैं होश हवस खो दी थी उस समय मेरी दिल की धड़कन बढ़ रही थी। और फिर हिम्मत करके उसके करीब पहुंच गई और बाहों में भर ली। दोस्तों आँखें बंद हो गई थी और उससे लिपट गई थी। पहले वो थोड़ा सम्हला और फिर उसने भी मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं उसको चूमने लगी वो भी मुझे चूमने लगा वो मेरी चूचियों को दबाने फिर मेरी कामुकता चरम पर पहुंच गई। मैं चुदने को बेताब होने लगी थी पर फोरप्ले करवाना और करना चाह रही थी यानी की मैं उसके प्राइवेट पार्ट को चाटने और उससे अपनी चूत चटवाने को सोच रही थी। जो इसके कमरे में संभव नहीं था।

    मैं बोली आ जा निचे। दोस्तों वो कुत्ते की तरह मेरे पीछे भाग कर आया। जैसे की मैं रोटी देने वाली हूँ। दोस्तों उसके आते ही मैं रूम का दरवाजा बंद की और अपनी नाइटी उतार फेंकी और वो भी तब तक अपने कपडे उतार चुका था। वो खड़ा था मैं तुरत ही बैठ गई और उसका लौड़ा मुँह में ले ली और चाटने लगी। उसका लौड़ा करीब आठ इंच का था और तीन इंच मोटा था। गजब का सॉलिड लौड़ा था। फिर वो मुझे उठाकर पलंग पर लिटा दिया और फिर मेरी चूत चाटने लगा। जब वो मेरी चूत में जीभ लगाता मेरे तन बदन में आग लग जाती। दोस्तों मेरे रोम रोम सिहर रहे थे। मैं कामुक हो गई थी।

    उसके बाद उसने मेरे पुरे बदन पर पीठ पर गांड में चूत में कांख में कान में गर्दन में नाभि में चूतड़ में जांग पर ऊँगली में चूमने लगा और अपनी जीभ फिराने लगा ये कराना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं अंगड़ाइयां लेने लग रही थी मेरे होठ सुख रहे थे। मेरी चूत गीली हो गई थी चूचियां टाइट हो गई थी। मैं आह आह आह आह की आवाज निकलने लगी थी। और कह रही थी चोदो मुझे खूब चोदो आज मेरी चूत फाड़ दो, मेरी आग बुझा दो, मेरी चूचियों को खूब पियो जैसे कोई बच्चा पीता है दूध, वैसे ही चाटो, मेरी गांड चाटो मेरी चूत चाटो। वो तो पागल हो गया था।

    उसने अपने लौड़े को मेरी चूत पर सेट किया और जोर से घुसा दिया चूत में, दोस्तों इतना मोटा लौड़ा पहली बार मेरी चूत में गया था पति का भी इससे आधी था। फिर वो चोदना शुरू किया और मैं चुद्वाना, दोस्तों वो आगे से पीछे से खड़े होक कुतिया बना कर लिटा कर बैठा कर खूब चोदा, मेरे रोम रोम खिल गए थे। मुस्कुरा रही थी। अपनी चूचियों को मसल रही थी।

    दोस्तों हम दोनों पूरी रात एक दूसरे को खुश कर रहे थे। जो मर्जी जिसको कर रहा था वो वही कर रहा था। हम दोनों एक दूसरे को साथ दे रहे थे। रात भर चुदने के बाद मेरी चूत में सूजन आ गया था। पर मैं बहुत खुश थी आप पति की कमी महसूस नहीं हो रही थी।

    दोस्तों हम दोनों तीन महीने तक सेक्स किये, पर वो अब गाँव चला गया है। पर मुझे तो चुदाई की लत लग चुकी है. मैं समझ नहीं पा रही हु क्या करूँ। अब किसी और को पटाने वाली हूँ। दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ।

  • तांत्रिक ने पूरी रात चोदा, पति और सास ने कहा चुदवाने को

    मेरा नाम कमोलिका है मैं 24 साल की हूँ। कल पूरी रात मैं एक तांत्रिक से / साधु से चुदी आज मैं ये अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिख रह हूँ। आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी बताउंगी कैसे मेरे पति ने खुद कहा चुदवा तांत्रिक से कैसे मेरी सासु माँ बोली, आज खुश कर देना साधु बाबा को कोई नखरे नहीं करना जितना खुश करेगी उतना अच्छा। यहाँ तक की मेरी सास और मेरा पति दोनों ने कमरे में भेजने से पहले ही मुझे समझाया की जो भी बोले मना मत करना। जैसे कहे साधु बाबा, नखरे नहीं दिखाना। दोस्तों रात भर ऐसे मेरी चुदाई करि साधु ने आपको अपने शब्दों में बताने की कोशिश कर रही हूँ। मैं मना भी नहीं कर पाई और तांत्रिक ने वो सब मेरे साथ किया जो कभी मेरा पति ने भी नहीं किया। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ।

    मेरी शादी के चार साल हो जाने पर भी जब मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ तो डॉक्टरी इलजा कराया। डॉक्टर ने कहा ट्यूब ब्लॉक है, तांत्रिक से दिखाया तो बोला की कोख बांध दिया है। और सच पूछिए तो मेरा पति मुझे सही से चोद ही नहीं पाता है। जब लौड़ा ही सही से नहीं घुसेगा और चुदाई नहीं होगी और अच्छे से वीर्य चूत के अंदर नहीं जाएगा तो बच्चा कैसे होगा। बच्चा होने के लिए भी सही हथियार की जरुरत होती है। दोस्तों दिक्कत क्या है वो सिर्फ मुझे पता है. पर समाज भी ठीक है डॉक्टर भी ठीक है और तांत्रिक भी ठीक है सब अपने तरीके से ही कहेंगे क्यों की सबको ही अपना काम निकालना है।

    दोस्तों जब मेरी सास तांत्रिक से मिलकर आई तो अपने बेटे को बताई की तांत्रिक कह रहा है पूरी रात पूजा करना पड़ेगा अपने घर पर। उन दोनों में काफी विमर्श हुआ और वो दोनों राजी हो गए तांत्रिक से तंत्र साधना के लिए। वो दोनों फिर फिर मुझसे बोले देखो बहु हम डॉक्टर भी दिखते हैं और तांत्रिक भी ताकि जल्द से जल्द तुम्हारी सुनी गोदी में किलकारियां गूंजे। मैं ना सोचते हुए भी मना नहीं कर पाई और तैयार हो गई बोली जो करना है करो। क्यों की मुझे पता है मेरे कोई कदम उठाने से भी कुछ नहीं होगा क्यों की मेरा मायका भी कमजोर है माँ है नहीं पापा किसी और औरत के चक्कर में पागल हुए पड़े हैं भाई है जो खुद ही भागकर एक मुसलमान औरत के शादी किये हैं। तो आप भी बताओ मैं कहा जाऊं ?

    तंत्र पूजा
    दोस्तों तांत्रिक आया और बोला शनिवार के दिन पूजा होगा। उन्होंने कई सारे सामान लिखवा थे और बोले ये आप पहले ही ले आना। और हाँ आप माँ बेटा दिन भर पूजा में तो रहना पर निशा पूजा (रात्रि पूजा ) में आप लोग नहीं रहेंगे सिर्फ बहु ही रहेगी। आप दोनों घर में नहीं रहोगे मुझे पूरा घर बांधना है और बहु का कोख खोलना है। मेरे पति और सास दोनों ही मान गए। बगल में ही एक होटल लीला है वही उन्होंने कमरा बुक करा लिया रात के लिए।

    शनिवार के दिन पूजा दिन भर चलता रहा। तांत्रिक बहुत ही हठ्ठा कट्ठा इंसान जो करीब तिस साल के करीब का था बड़ी बड़ी मूछें दाढ़ी बाल और गठीला बदन लंबा चौड़ा। काला कपड़ा पहनकर पूजा दिन भर किया वो मुझे शनिवार के दिन पूरा सज संवर कर रहने को कहा मैं भी करवाचौथ की तरह ही सजी संवरी दिन भर बिना अन्न जल के रही। रात में वो मुझे छत पर ले जाकर निशा पूजा के लिए तैयार किया चारो दिशाओं में जल डाले दीपक जलाया और चारो दिशाओं में सरसों और नमक छिड़का। निचे आकर मुझे पानी पिलाया और फिर हम चारो भोजन किये। भोजन के बाद मेरी सास और पति दोनों सोने होटल चले गए।

    अब मुझे कमरे में ले गया अगरवती घुप जलाया, 51 दीपक जलाये, और कई सारे रंगोली की तरह बनाया फर्श पर। कमरे के एक साइड गद्दा लगाया पूरा कमरा दिव्य और भयानक लग रहा था। तांन्त्रिक नंगा हो गया और मन्त्र कहने लगा और जितने पानी के छींटे मरता मेरे ऊपर मुझे एक एक कर के सारे कपडे उतारने पड़ते। कुछ ही देर में मैं पूरी नंगी हो गई। और तांत्रिक के पास बैठ गई।

    तांत्रिक मेरे चूचियों पर घी और शहद लगाया थोड़ा चीनी लगाया और चाटने लगा। तांत्रिक का लंड खड़ा हो गया था। बड़ा हो गया था। वो मेरे चूचियों को इतना चाटा की मैं खुद कामुक हो गई। उसके बाद वो मुझे लिटा दिया वही दीपक के पास और फिर मेरी चूत में देसी शराब डाला और फिर चाटने लगा। अब मुझे लगने लगा की आज रात यही सब चलेगा और मैं चाह कर भी मना नहीं कर सकती तो मुझे लगा साथ देने में ही फायदा है। मैं निर्विरोध सब कुछ करवा रही थी।

    फिर तांत्रिक ने अपने लौड़े पर शहद लगाया और मुझे चाटने कहा दोस्तों लौड़ा उसका बहुत बड़ा और मोटा था। जैसा की आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कई सारे विज्ञापन में देखते हैं। फिर उसने शराब पिया और मुझे भी पिलाया बोला प्रसाद है। मैं भी नशे में आ गई थी वो भी नशे में थे, वो मेरे पुरे शरीर पर शराब लगाया और चाटा सबसे अजीब तो तब लगता था जब वो मेरी कांख में शराब डालता और चाटता ऐसा करने से मैं और भी ज्यादा कामुक हो रही थी।

    दोस्तों फिर क्या बताऊँ वो बोला अब पूरी रात करीब चार बार मुझे अपना वीर्य तुम्हारे अंदर डालना पडेगा। उसने दवाई खेल एक तेल अपने लौड़े पर लगाया। और फिर मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखा और फिर अपना लौड़ा मेरी चूत के छेद पर रहा। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी। वो अपना लौड़ा हाथ से पकड़ कर सेट किया और घुसा दिया। दोस्तों उसने मेरी चूत में लौड़ा ऐसे घुसाया लगा मेरी गांड फट गई। चूत पानी पानी हो गया था और मेरे गांड तक उसका लौड़ा जा रहा था। एक तो मैं ऐसे ही मस्त गांड वाली औरत हूँ चूचियां बड़ी बड़ी कर्वी बनावट की औरत हूँ। आज मुझे मस्त लौड़ा मिला था चुदवाने को।

    दोस्तों फिर क्या बताऊँ वो मुझे चोदने लगा। वो मुझे पागलों की तरह चोदने लगा। मेरे चूत पर जोर जोर से धक्के देता मेरी चूचियों को दबोचता, मेरे कांख पर जीभ फेरता मेरे होठ को चूसता, मेरी गांड में ऊँगली डालता। मुझे तो जन्नत में पहुंचा दिया था उसने। कभी खड़ा कर के कभी बैठ के कभी पीछे से कभी आगे से मुझे चोदता रहा. करीब एक घंटे तक चोदा फिर पूजा किया फिर दारू पिया फिर टेबलेट खाया। फिर चोदा।

    पूरी रात मुझे चार बार चोदा सुबह 5 बजे मुझे अंतिम बार चुदाई की। फिर हम दोनों नंगे ही नहाये एक साथ फिर उसने पूजा किया करीब आठ बजे मेरे पति और माँ आई।

    मुझे पहली बार किसी मर्द ने चोदा और खुश किया भले वो तांत्रिक ही क्यों नहीं था। मैं दूसरी कहानी जल्द ही लिखूंगी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर।

  • मेरी क्लास टीचर की चुदाई

    (Meri Class Teacher Ki Chudai)
    दोस्तो, आज मैं तुम को नये साल के टाइम पर मेरी पहली चुदाई की बात बताता हूं।मैं १८ साल का था और मैं उस टाइम ६’ का था शरीर से लम्बा तगड़ा था। मुझे १ टीचर मधु पढ़ाती थी उस की उमर २७ – २८ साल थी पर उसको बच्चा नहीं था। उसका पति सरकारी नोकरी में था और वो काफ़ी टाइम टूर पर रहता था। मधु का पति बाहर गया हुअ था और उसको एक नये मकान की जरुरत थी वो किराये पर रहती थी। हमारे पड़ोस में एक मकान नया बना था और काफ़ी खुला और हवादार था। जब मधु ने पूछा तो मैंने उस मकान का बता दिया।
    उसी दिन मधु मेरे साथ घर अयी और वो मकान देखने मेरी मां के साथ चली गई। मधु को मकान काफ़ी पसंद आया और किराया भी काफ़ी जायज था, सो मधु ने मकान मालिक को अगले महीने की १ तारीख को आने के लिये कहा और एडवांस किराया दे दिया। अगस्त महीने की १ तारीख को मधु अपने सामान के साथ उस मकान में शिफ़्ट कर गई।

    दोस्तों यहां से असली बात शुरु होती है। मधु ने हमारे पड़ोस में आने के बाद मेरी मां से दोस्ती कर ली और मुझे एक्स्ट्रा पढ़ाई करवाने की बात कर ली बिना कोई ट्यूशन फीस के। बस मेरी मां को क्या चहिये था। मधु ने मुझे घर पर बुलाना शुरु कर दिया और अकेले में पढ़ाने लगी।

    पहले ही दिन जब मैं उसके घर गया तो देखा कि उसने लूज़ कमीज और लंहगा पहन रखा था। उसने ब्रा नहीं पहनी थी और कमीज का गला भी खुला था।

    मधु ने मुझे पढ़ाना शुरु किया और बीच बीच मैं वो अपनी चूचियां अपने हाथ से दबा देती, उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की गोलियां जैसे बाहर आने को हो जाती मैं उसकी इस हरकत को देख के मस्ती में भर जाता और मन कर रहा था कि मैं ही उसकी चूचियां दबा दूं पर हिम्मत नहीं हो रही थी।
    मेरा कुंवारा लंड तन कर सख्त हो गया था और मेरी पैंट को फ़ाड़ के बाहर निकलने को तैयार था। पर मैं मधु को कुछ कह नहीं पा रहा था।

    कोई २ घंटे पढ़ाने के बाद मधु ने मुझे कहा- कमल तुम अब घर जाओ और अपने परेंट्स से पूछ कर आना यहां सोने के लिये!
    मैंने कहा- अच्छा मैडम!

    जब मैं चलने लगा तो मधु ने कहा- कमल तुम रहने दो, रुको यहीं पर… मैं ही पूछ आती हूं।
    कह कर मधु ने अपना कमीज मेरे सामने ही खोल दिया और बड़बड़ाने लगी- इतना करने के बाद भी कुछ नहीं किया, पता नहीं रात को क्या करेगा!
    फ़िर मधु ने अपनी ब्रा पहनी और मुझे हुक लगाने को कहा।
    “आआआ आअ ह्हह् ह्हह आआआऐईई ईईइ” हुक लगते हुए मेरे मुंह से निकल ही गया।
    “कमल अगर तुम मेरी मानोगे तो इससे भी ज्यादा मजा आयेगा तुम बस यहीं मेरा इन्तजार करो और बुक खोल के बैठ जाओ।

    मधु ने साड़ी पहनी और मेरे घर चली गई। कोई ३० मिनट के बाद वो वापस आयी और मेरा पजामा और कमीज साथ ले आयी।

    “कमल तेरी मां तो सिर्फ़ पजामा दे रही थी, बोल रही थी कि कमल रात को पजामा और बनियान में सोता है पर मैं ही शर्ट भी ले आयी उनको शक नहीं होगा कि मैंने क्या किया है.”
    फ़िर मधु ने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज़ में हो गई.
    मेरा लंड काफ़ी तन गया और मैंने मधु को हिम्मत करके कह ही दिया- मैडम एक बात कहूं… आप जब मेरे सामने कपड़े बदलती हो तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं ही आपका आदमी हूं.

    उसने कहा- कमल तो फ़िर तुम मेरे को औरत की तरह इस्तेमाल करो!
    फ़िर मैंने हिम्मत कर ही ली और टीचर की चूचियां पीछे से पकड़ ली और मेरा सात इंच का लंड उसकी कमर पर लग रहा था।

    मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, मधु ने सिसकारी भरी- ऊऊफ़ उफ़फ़्फ़ ऊऊऊऊ आआआह्हां आआआअ कमल प्लीज जोर से!
    मैंने टीचर की चूचियां जोर से दबाई और उसने अपनी कमर का पूरा दबाव मेरे लंड पर डाल दिया। मैंने मधु के ब्लाउज़ को ऊपर सरका कर उसकी नंगी चूचियों को दबाया और एक हाथ उसकी सफ़ाचट चूत पर ले गया।
    चूत गीली थी मेरा लंड काफ़ी जोर मार रहा था।

    टीचर ने मेरे से अलग हो कर मेरा लंड पैंट से बाहर निकाल लिया, बोली- ओईईईइ माआआआअ… ये तो गधे का लौड़ा है, मेरी चूत का तो बुरा हाल कर देगा!
    बस फ़िर उसने आनन फ़ानन में मेरा लौड़ा मुंह में ले लिया।

    क्योंकि अब तक मैंने न ही मुठ मारी थी और न ही कभी किसी को चोदा था तो मेरा लंड उसके मुंह में ही झड़ गया, जोर की एक पिचकारी उसके मुंह में गई। मैं सिसकार रहा था, वो भी पानी पी कर खिलखिला के हंसने लगी और अपना वीर्य से भरा मुंह मेरे होंठों पर रगड़ने लगी.

    मेरा लंड आधा हो गया था लेकिन वो फ़िर से खड़ा होने लगा।

    अब टीचर बिल्कुल नंगी हो गई और मेरे को भी एकदम नंगा कर लिया। फ़िर मधु मेरे को बेड पर ले गई और मैं उसके गुलाम की तरह से उसका कहना मानने लगा। बेड पर वो मेरे को बूब्स चूसने कही और मेरे लंड पर मुठ मारने लगी.

    दो ही मिनट में मेरा लंड खड़ा हो गया। मधु ने मेरे को अपनी दोनों टांगें मेरे कंधे पर रखने को कहा और मेरा लंड अपनी गरम चूत में ले लिया। मेरा लंड उस की चूत में गया मेरे को ऐसा लगा कि किसी गरम भट्टी में मेरा लंड घुस गया है।
    मेरे लंड के अंदर जाते ही वो चिहुंकी- आआआअह्ह हहह्ह ह्हाआआआ… कमल मजा आ रहा है… जोर से चोदो प्लीज!

    मैं अपनी टीचर को चोदने लगा। क्योंकि मैं पहली बार ही चोद रहा था और मेरा लंड काफ़ी टाइट था. वो पसीने में भर गई और जोर से सिसकारी भरती रही।
    मेरी एक चुदाई में वो दो बार झड़ गई और फ़िर मैं झड़ा।
    मेरे झड़ते ही वो ढीली हो गई और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी।

    इस तरह मैंने उसको रात में तीन बार चोदा. फ़िर मेरी नंगी टीचर मेरे नंगे बदन से लिपट कर सो गई।

  • गर्लफ़्रेंड की मस्त चुदाई

    मैं मेरा नाम निमेश है.. मैं अभी 27 साल का हूँ.. मेरा जिस्म बहुत आकर्षक है और मैं एक इंजीनियर हूँ।
    आज़ मैं आपको अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी कॉलेज फ़्रेंड के साथ चुदाई की।यह कहानी उस वक्त की है जब मैं MCA कर रहा था। उस वक्त मैं तीसरे सेमस्टर में था। इसी सेमेस्टर में हमारे इंस्टिट्यूट में लखनऊ से एक लड़की ट्रांसफ़र हो कर आई थी.. उसका नाम शिप्रा था, वो काफ़ी सुंदर थी, उसका 36-23-32 का फिगर एकदम मस्त था.. और वो एकदम गोरी-चिट्टी एक माल थी।
    मेरा तो मन उसे पहली बार देखते ही चोदने का कर रहा था तो मैंने उससे एक दिन मौका पाकर बात शुरू की।
    मैंने पूछा- आपका नाम क्या है।
    बोली- शिप्रा.. मेरा यहाँ पर कोई दोस्त नहीं है.. क्या आप मेरे दोस्त बनोगे।

    जैसे उसने मेरे मन की बात ही छीन ली हो। मैंने भी झट से ‘हाँ’ कर दिया। उसके परिवार में उसका छोटा भाई था.. वो भी BE कर रहा था। उसके पापा बैंक में मैनेजर थे और उसकी मम्मी हाउसवाइफ थीं।

    ऐसे ही क्लास में आते-जाते हम काफ़ी करीब आ चुके थे। एक दिन मौका देख कर मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया.. और उसने भी ‘हाँ’ कह दिया।
    फ़िर एक दिन उसके सभी घर वाले 70 किलोमीटर दूर मंदिर में दर्शन करने गए हुए थे, आने और जाने में करीब दस घन्टे लगने की उम्मीद थी।

    इसलिए उसने मुझे मेरे मोबाइल पर फोन करके बुलाया। मैं उसके घर गया और देखा कि वो सिर्फ़ एक पतली नाइटी में थी। नाइटी के अन्दर उसने ब्लैक ब्रा और पैंटी पहन रखी थी.. जो कि साफ़ दिखाई दे रही थी।

    उसे देखते ही मेरा मूड बन गया और नीयत खराब हो गई।

    मैंने उसे नशीली निगाहों से ताकते हुए पूछा- बाकी सब लोग कहाँ गए हैं।
    उसने भी अर्थपूर्ण तरीके से कहा- सब मंदिर गए हैं.. रात तक आयेंगे।

    इतना सुनते ही मैंने उसे अपने बाहों में ले लिया और उसे किस करने लगा। मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और अन्दर बेडरूम में ले गया।

    मैं उसके होंठों पर किस करने लगा। करीब 15 मिनट तक मैंने उसे किस किया। वो एकदम उत्तेजित हो चुकी थी और कामुकता से सिस्या रही थी ओह्ह.. जान.. प्लीज़ कम ऑन..

    फिर मैंने उसकी नाइटी को लगभग फाड़ते हुए खोल दिया। अब वो सिर्फ़ टू पीस में थी.. फिर मैंने अपनी पैंट-शर्ट खोल दिए।

    अब मैं सिर्फ़ चड्डी में था, मैं उसे ऊपर से नीचे की तरफ़ किस करने लगा।
    किस करते हुए जब मैं उसके मम्मों के पास आया.. तो मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी। तो ये देख कर मैं पागल हो गया कि उसके इतने भरे हुए मम्मों एकदम पूरी तरह से टाइट थे.. और उसके चूचुक पूरी तरह से तन रहे थे।

    मैंने उसका निप्पल चूसना शुरू किया तो वो चिल्ला उठी- प्लीज़ निमि.. जल्दी करो.. अहह.. फक मी..

    फिर मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैंने भी अपनी चड्ढी खोल दी। मेरा 8 इंच का मोटा तगड़ा लंड देख कर वो घबरा गई और बोली- प्लीज पूरा मत डालना.. मैंने सुना है कि काफ़ी दर्द होता है।
    फिर मैंने कहा- जान दर्द से ज्यादा मजा आता है.. तुम देखती जाओ बस।

    और मैंने अपना लंड उसके मुँह में डालना चाहा.. तो उसने मना कर दिया और बोली- इसे मेरी चूत में ही डालो।
    फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया और काफ़ी देर तक चाटता रहा। उसके मुँह से चीखें निकल रही थीं- मुझे जल्द चोद दो.. मुझसे अब रहा नहीं जाता.. आह्ह..

    फिर उसने मुझे खींच कर अपने ऊपर लिटा लिया और मैंने उसके कंधों को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा। अभी सिर्फ़ 25% ही गया थे कि वो जोर से चिल्लाई और पीछे हटने की कोशिश की.. मगर मैंने भी उसे पूरे जोर से पकड़ रखा था।

    फिर एक और झटके से मैंने अपना करीब 75% लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो फिर से चिल्लाई- ओह्ह.. छोड़ो मुझे.. बहुत बड़ा है.. दर्द हो रहा है.. आह्ह..

    मैंने उसे फिर एक झटका दिया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था। उसके मुँह से काफ़ी तेज आवाज निकल रही थीं। लेकिन कुछ ही देर में उसे भी मजा आने लगा। फिर उसने कहा- निमि.. अब मुझे मजा आ रहा है.. प्लीज़ फक मी..फास्ट..

    फिर मैंने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाते हुए फ़ुल स्पीड पर चुदाई शुरू कर दी। अब वो चिल्ला रही थी- प्लीज जोर से चोदो.. प्लीज.. फक मी फास्ट..

    काफ़ी देर तक मैं उसे चोदता रहा। फिर उसकी चूत में से पानी निकल गया और उसने मुझे और टाइट से पकड़ लिया।

    मैं समझ चुका था कि उसका पानी निकल चुका है। अब मैंने अपनी स्पीड और तेज की.. थोड़ी देर में मेरा भी पानी निकल गया।

    जब मेरा माल निकलने लगा तो मैं उसके ऊपर ही लेट गया और फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को चूमा और यूँ ही प्यार करते रहे।

    इसके बाद तो जब भी मौका मिला हम दोनों ने अपनी खूब प्यास बुझाई।

  • बहन की दोस्त के साथ सेक्स के मज़े लिये

    मैं जो स्टोरी आपको बताने जा रहा हूं वो रियल तो है हि, साथ ही ये घटना मेरे साथ सिर्फ़ ६ दिन पहले हुई।तो हुआ ये के मैं अपने पी सी पर बैठा बी ऍफ़ देख रहा था, तभी कुछ देर में मेरे पापा आ गये, मैने सब बंद कर दिया। बोले के चलो सबको आज घुमा कर लाते हैं। मैने सोचा अगर मैं गया तो सारा मज़ा बेकार हो जायेगा, इसलिये मैने जाने से मना कर दिया। सब चले गये। मैं घर में अकेला था। मैने फिर से बी ऍफ़ स्टार्ट कर दी। तभी मेरी बहन की दोस्त उसे पूछने आ गयी के मेरी सिस कहां है। मैने कहा के सब बाहर गये हैं। तो उसने मुझसे पूछा के तुम क्या कर रहे हो। मैने कहा के पीसी पर बैठा था। तो बोली के मैं अपना मेल चेक कर लूं। मैने हां कह दिया। मैने कहा के मैं ज़रा टॉयलेट से आता हूं।
    जब मैं आया तो देखता हूं के मैने वीडियो प्लेयर बंद नहीं किया था और उषा सब कुछ देख रही थी। मैं उसे खिड़की से देखता रहा। उसका चेहरा कंप्यूटर की तरफ़ होने से उसने पीछे नहीं देखा के मैं खड़ा हूं। वो सब कुछ देख रही थी और बहुत गरम हो चुकी थी। इतने में उसने अपने मम्मे ऊपर से दबाने शुरु कर दिये। मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं तो पक्का फ़ैसला कर चुका था के हो ना हो, ये आज मुझसे चुद कर ही जायेगी। फिर मैं थोड़ा और पीछे चला गया और हल्की सी आवाज़ निकली। वो समझ गयी के मैं आ रहा हूं। उसने प्लेयर बंद कर दिया। मैं आया तो उससे कहा के मेल चेक कर लिये तो बोली के हां कर लिये।

    फिर मैने हिम्मत बांध कर उससे कह ही दिया के उषा तुम जो देख रही थी वो मैं पीछे खिड़की के पास खड़ा होकर देख रहा था। तो वो शरमा गयी और कुछ नहीं बोली। मैं समझ गया के मामला फ़िट हो गया। मैने दोबारा बी ऍफ़ स्टार्ट कर दी। अब हम दोनो देखने लगे। वो तो गरम हो ही चुकी थी। तभी मैने कहा के देखती ही रहोगी या फिर। तो वो हल्की सी मुस्कुराहट लायी। मैने तभी बिना टाइम वेस्ट किये उसके जांघ पर हाथ रख दिया। उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया। फिर मैं अपने हाथ को धीरे धीरे उसके ऊपर की तरफ़ लाने लगा। उसके मम्मे को दबाना शुरु किया। फिर उसे किस करने लगा। फिर मैने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो उसके साथ खेलने लगी। करीब ५ मिनट तक हम किस करते रहे। फिर मैं उसे बेड पर ले आया और धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने लगा।

    पहले उसका सूट उतारा तो उसके ब्रा दिखने लगी। मैने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसके मुंह से अजीब अजीब आवाज़ें निकलने लगी मानो कह रही हो के मेरी चूत को जल्दी शांत करो। उसके दूध से भरे मम्मे देख कर मैं दंग रह गया। मैने उसको चाटना शुरु कर दिया। तो बोली के पहले कपड़े तो उतार लो। फिर मैने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार उतार दी। उसने काले रंग की पैंटी पहनी थी। फिर मैने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो उसने पहले मेरी पैंट फिर कच्छा उतारा।

    मैने बनियान में था। बनियान मैने खुद उतार दी। अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे। पहले मैने उसकी चूत चाटनी शुरु कर दी। तो वो बोली के ये क्या कर रहे हो। मैने कहा के असली मज़ा तो इसी में है। उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। कहने लगी, खा जाओ, फाड़ डालो मेरी चूत को और आऊऊऊउर्र्र्र्र्र ज़ोर्र्र्र्र्र्र्र्सीई …आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म ….फिर मैने अपना ६” इंच का लंड उसके हाथ में दे दिया और कहा के इसे चाटो।

    उसने फ़टाफ़ट अपने मुंह में ले लिया और चाटने लगी। मेरे लंड से हल्का हल्का पानी निकलने लगा। मैने कहा इसे पी जाओ। वो पीकर बोली के खट्टा खट्टा है। फिर मैं उसके पैरों के पास गया और उसकी टांगें फ़ैला दी और उससे कहा के अपनी चूत का छेद खोलो। उसने अपने चूत का छेद और चौड़ा कर दिया। फिर मैने अपना लंड जैसे ही उसकी चूत पर रखा तो उसके मुंह से आआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्ह की आवाज़ निकली। मैने एक झटका दिया और आधा लंड उसकी चुत में अटक गया। तो वो चिल्ला पड़ी और बोली के बाहर निकालो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।

    मैं कुछ देर हल्के हल्के झटके देता रहा उसकी चूत से खून निकलने लगा, मगर उसने नहीं देखा। फिर जब वो पूरे जोश में आ गयी तो मैने १ झटका और दिया और पूरा ६” का मेरा लंड उसकी चूत में गया और वो फिर से चिल्लायी। मगर मैने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये और उसे चिल्लाने नहीं दिया। फिर वो और गरम हो गयी। उसके मुंह से आवाज़ निकली और घुसाओ और ज़ोर से मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी अब वो भी अपने चूतड़ उठा उठा कर साथ देने लगी और हमारी आवाज़ें निकलती रहीं आआअह्हह्हह्हह्हह म्मम्मम्मम्मम्मम्ममहये मार डाला।त्तत्तूऊऊम्मम्मम बाआआहूऊत्तत्तत्त आआआस्सछह्हह्हहीईईईईए हूऊऊऊऊओ और ज़ोर से। उसका पूरा छेद मैने फ़ाड़ डाला। करीब आधे घंटे बाद उसका पानी निकल गया। मगर मैं उसे ५ मिनट तक और चोदता रहा फिर मेरा भी पानी निकल गया। मैने अपना सारा कम उसके मुंह में डाल दिया और उसे पिला दिया।

    फिर मैने उसे अपना लंड चाटने को कहा तो बोली के अब चुद तो मैं गयी हूं, अब क्या। तो मैने कहा के दोबारा मेरा लंड खड़ा करो। हम दोनो ६९ की पोसिशन में हो गये। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैने अब उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी गांड में १ हल्का सा झटका दिया और उसकी तो मानो जान ही निकल गयी हो मगर मैं हटा नहीं। थोड़ी देर ऐसे ही रहा। फिर थोड़ी देर बाद १ ज़बरदस्त झटका दिया और उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया। उसकी हालत तो ऐसी हो गयी मानो मरने ही वाली हो। फिर मैं ऐसे ही झटके मारता रहा। फिर वो भी मज़े लेने लगी,,,,और आआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह आआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह घुसाओ फ़ाड़ो और अपना पूरा बम्बू मेरी चूत में घुसा दूऊऊऊऊ।।।।और ज़ोर से। करीब १० मिनट बाद मैने पानी छोड़ दिया। और सारा कम उसकी गांड में छोड़ दिया। फिर मैं उसे किस करता रहा और थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर उस दिन से मैने उसे चोदने का सिलसिला रोज़ शुरु कर दिया। जो शायद अब उसकी शादी पर ही खतम हो

  • बॉस की बेटी की चुदाई की

    पिछले महीने एक दिन मेरे बोस ने मुझे और मेरी वाइफ़ को डिनर पर उसके घर बुलाया था, हम लोग उसदिन उसके घर पर गये। उसके फ़ैमिली में उसकी वाइफ़, वो और उसकी एक बेटी है। उसकी बेटी कोलेज मे पढ़ती है। उस दिन हम लोग उसकी फ़ैमिली से काफी घुल मिल गये। उसने मुझे बताया की उसकी बेटी फिजिक्स सुब्जेक्ट में काफ़ी कमजोर है। मैं खुद फिजिक्स का मास्टर हूं तो उसने मुझे रेकुएस्ट किया कि क्या मैं उसके बेटी को फिजिक्स पढ़ा सकता हूं। मैने उसको हां कर दी मेरी वाइफ़ भी इनसिस्ट करने लगी कि मैं उसको फिजिक्स पढ़ाऊं।
    फिर मैने उसको बताया कि तुम मेरे घर शनि-इतवार आया करो। मुझे सटरडे – सन्डे होलीडे होता है। उसने हां कर दी। फिर वो शनिवार मेरे घर पर आ गयी। मैं घर पर अकेला ही था क्यों कि मेरी वाइफ़ भी जोब करती है और उसे सिर्फ़ संडे छुट्टी होती है। फिर मैने उसे मेरे पास वाले कुरसी पर बिठाकर उसे मैं फिजिक्स पढ़ाने लगा। काफ़ी देर तक मैं उसे मन लगा कर पढ़ाता रहा।

    थोड़ी देर में मैने उसे कुछ काम दे कर मैं चाय बनाने किचन में चला गया। मैं चाय लेकर जब किचन से वापस आया तो मेरी नज़र उसके कमर पर पड़ी। उसने जींस और शोर्ट टोप पहनी हुयी थी। वो टेबल पर झुककर लिखने के कारण पीछे से उसका टोप ऊपर उठ गया था। फिर मैं उसके बगल में आ कर बैठ गया। मेरा पूरा ध्यान उसके कमर पर था। जींस के कारण उसकी पैंटी भी दिखायी दे रही थी। मैं काफी उत्तेजित हो चुका था पर मैं अपने आपको रोकने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वो मेरे बोस की बेटी थी और उमर में भी छोटी थी। फिर वो मुझसे प्रश्न पूछने लगी। मैं उसको उत्तर दे रहा था पर मेरा ध्यान बार बार उसकी कमर पर जा रहा था। वो काफी मासूम थी। थोड़ी देर बाद वो घर चली गयी।

    वो जाने के बाद मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मेरे सामने उसका फ़ीगर दिखायी दे रहा था। मेरा लंड भी काफ़ी खड़ा हो चुका था। मैं थोड़ी देर बेड पर आकर लेट गया। फिर मैं उठकर बाथरूम में गया और हाथ से हिलाकर अपने आपको ठंडा कर लिया। रात को मेरे बोस का फोन आया और मेरी तारीफ़ कर रहा था कि मैने उसके बेटी को बहुत अच्छे से पढ़ाया।

    रात को मैं जब सोने के लिये गया तो मेरे वाइफ़ के साथ सेक्स करते समय मुझे उसका ही चेहरा नज़र आ रहा था। मैने मेरे वाइफ़ को वो समझके चोद दिया। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे क्या हो रहा है। रात भर मैं उसके बारे में ही सोच रहा था। दूसरे दिन वो फिर से आने वाली थी, दूसरे दिन वो जब आयी तो वो सलवार पहने के आयी थी। मैने थोड़ी देर उसको पढ़ाया फिर वो घर चली गयी। मेरी वाइफ़ भी मेरे पढ़ाने की तारीफ़ कर रही थी।

    अगले हफ़्ते शनिवार को मैं उसका इन्तज़ार कर रहा था। जब वो आयी तो उसने पैंट और शोर्ट टॉप पहन रखी थी। उसका फ़ीगर बहुत ही अच्छा था। फिर मैने उसको पढ़ाना शुरु किया पर मेरा ध्यान उसके बदन को टटोलने में ही था। थोड़ी देर वैसे ही टटोलता रहा और फिर मैने हिम्मत कर के मेरा एक हाथ पीछे से उसके खुली कमर पर रखा और उसे प्यार से हाथ घुमाते हुये पढ़ाने लगा। वो भी काफ़ी इंटेरेस्ट से पढ़ रही थी। धीरे धीरे मैने अपना हाथ उसके टोप के अंदर घुसा दिया और उसकी पीठ पर घुमाने लगा। मैं काफ़ी उत्तेजित हो चुका था और मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं।

    थोड़ी देर मैं वैसे ही हाथ घुमा रहा था, उसकी ब्रा के ऊपर से मैने काफ़ी देर तक हाथ घुमाया। वो क्वश्चन हल करने की कोशिश कर रही थी। मैने धीरे से उसके चेहरे के तरफ़ देखा तो आंखें बंद कर कर धीरे से मुस्करा रही थी। जैसे कि उसको मज़ा आ रहा हो। फिर मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी और मेरा हाथ मैने उसके बूब्स के ऊपर से घुमाना शुरु क्या। वोह धीरे धीरे सिसकियां लेने लगी। फिर मैने उसका हाथ पकड़ कर मेरे पैंट के ऊपर से लंड पर रख
    दिया, उसने अचानक अपना हाथ मेरे से छुड़ा लिया।

    पर उसने मुझे हाथ घुमाने से नहीं रोका। फिर मैने उसके ब्रा के हुक खोल दिये और उसके टिट्स के ऊपर से हाथ घुमाने लगा। मुझे समझ में आ गया कि वो अभी काफ़ी उत्तेजित हुयी है। मैने धीरे से उसके पैंट कि चैन खोल दी पर वो मुझे हाथ डालने से रोक रही थी पर भी मैने जबरदस्ती से अंदर हाथ डाल दिया और पैंटी पर से उसके चूत के साथ खेलने लगा। उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी। फिर से मैने उसका हाथ पकड़ लिया और मेरा लंड पैंट से बाहर निकल कर हाथ में थमा दिया। इसबार उसने कोई विरोध नहीं किया और मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया। अभी भी वो नीचे देखते हुये धीरे से मुस्करा रही थी। ये सब ३० मिनट तक चला, पर इस बीच हमने न नज़र मिलायी और न बात की। सब कुछ चुपचाप ही चल रहा था।

    फिर मैने उसकी तरफ देख कर उसको खड़ा रहने के लिये कहा। वो मेरे तरफ़ पीठ कर के मेरे सामने खड़ी हो गयी। मैने उसको पीछे से पकड़ कर उसको चूमना शुरु किया। फिर मैं कुरसी पर बैठ गया और मैने उसकी पैंट उतार दी। वो अभी भी मेरे तरफ़ पीठ करके ही खाड़ी थी। फिर मैने उसके चूतडों को मसलना शुरु किया ।थोड़ी देर में मैने उसकी पैंटी उतार दी वो अभी सिर्फ़ शर्ट पहने हुई मेरे तरफ़ पीठ करके खड़ी थी। फिर मैने मेरी पैंट उतारकर अपने तने
    हुये लंड को हाथ में लिया और उसको उल्टा मेरे गोद में बिठा कर लंड पीछे से उसके जांघो में चूत के पास डाल दिया। वो वैसे ही चुप चाप बैठ गयी। मैं उसको टोप ऊपर उठाकर पीठ पर चूसने लगा। दोनो हाथों से मैने उसके बूब्स पकड़ लिये थे।

    थोड़ी देर में मैं उसको बेडरूम लेकर गया। उसको बेड पर बिठाकर उसके बाजु में खड़ा हो गया। वोह अभी भी शरमा कर स्माईल दे रही थी। उसने मुझसे कोई बात नहीं की न ही उसने मना किया। फिर मैं अपना लंड उसके मुंह के पास ले गया और उसको मुंह में लेने के लिये कहा। उसने सिर हिलाकर न कहा। पर मैने उसको फ़ोर्स करके मेरा लंड चूसने के लिये मजबूर कर दिया। थोड़ी देर में वो सफ़ाई से चूसने लगी। अब मैने हाथ से
    उसकी चूत को सहलाना शुरु किया। वो गीली थी। फिर मैने उसको बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगे फ़ैला दी। अब उसकी चूत पूरी तरह से दिखायी दे रही थी। फिर मैने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल कर चूसना शुरु किया। वो उत्तेजना के कारण छटपटाने लगी, उसने मेरा सिर दोनो हाथों में पकड़ लिया था। थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरा टाइट हो चुका था।

    अब मैने उसको चोदने की पोसिशन ले लिया। उसने मुझे मना किया। उसने कहा नहीं मैने कभी किया नहीं है और मुझे दर्द होगा। मैने उसको समझा बुझाकर अपना लंड जबरदस्ती चूत में डाल दिया। वो जोर से चिल्लायी। उसको काफ़ी दर्द हुआ था और थोड़ा खून भी बाहर आया था पर मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था। मैं उसके
    ऊपर टूट पड़ा था। थोड़ी देर में उसने अपने दोनो हाथों से मेरी कमर पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से खीचने लगी। अब मेरी भी स्पीड बढ़ चुकी थी। अब मुझे समझ आ गया था कि अब उसको भी मज़ा आ रहा है।

    फिर मेरे लंड जवब देने में आया तो मैने उसे बाहर निकाल कर अपना लावा उसके कमर पर डाल दिया। वो एकदम सैतिस्फाइड हुई थी। फिर मैने उसको उठाकर बाथरूम में भेज दिया। बेड की चादर मैने गायब कर दी और दूसरी डाल दी। थोड़ी देर में वो फ़्रेश हो कर कपड़े पहन कर आ गयी। वो फ़िर घर जाने निकली। मैने उससे बात करने की कोशिश की पर उसने मुझसे कोई बात नहीं की। उसके जाने के बाद मुझे थोड़ा डर लगने लगा। शयद वो किसी को बता दे।

    अगले दिन वो क्लास को नहीं आयी तो मैं और डर गया था। ओफ़िस में बोस का बेहविओउर मेरे साथ नोर्मल था तो थोड़ा टेंशन कम हुआ। इसी बीच मुझे उसका कोई फोन नहीं आया। उस वीक शनिवार मेरी वाइफ़ ओफ़िस में जाने के बाद मैं कम्प्यूटर पर बैठ कर अपना काम कर रहा था। अचानक डोर बेल बजी। मैने दरवाजा खोला तो सामने वो खड़ी थी। उसने शरमाते हुये स्माईल दी और अंदर आ गयी। मैने अंदर से दरवाजा बंद करके उसके तरफ़ देखा तो वो मुझसे आकर लिपट गयी। आज मैं उसको सीधे बेडरूम ले कर गया।

  • मेरा लंड कठोर होता चला गया

    काफी दिनों से मैं नौकरी की तलाश में था मुझे अभी तक कहीं भी अच्छी नौकरी नहीं मिल पाई थी कॉलेज खत्म हो जाने के बाद मैं अपने करियर को लेकर बहुत ही ज्यादा चिंतित हो गया था जिससे कि मैं परेशान भी रहने लगा था। एक दिन सुबह मैंने अखबार में इश्तहार देखा उसमें जब मैंने एक कंपनी का इश्तेहार देखा तो मैं वहां पर इंटरव्यू के लिए जाना चाहता था। जब मैं वहां पर गया तो मैंने उस कंपनी में इंटरव्यू दिया और वहां पर मेरी जॉब लग चुकी थी। मेरी जॉब लग जाने के बाद मैं काफी खुश था और करीब एक वर्ष तक मैंने उसी कंपनी में जॉब की लेकिन फिर मुझे लगने लगा कि मुझे अब किसी और कंपनी में ट्राई करना चाहिए और मैंने दूसरी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया। जब मैंने दूसरी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया तो मेरा सिलेक्शन वहां भी हो गया और थोड़े ही समय बाद मैं जॉब के लिए मुंबई चला गया था।

    मुंबई से मुझे बड़ी कंपनी का ऑफर आया और मैं वहां पर जॉब करने लगा जब मैं मुंबई में जॉब कर रहा था तो मुंबई में ही मेरे पड़ोस में रहने वाला मेरा दोस्त जिससे कि मेरी काफी अच्छी बनने लगी थी वह मुझे मिला। जब हम दोनों एक दूसरे से मिले तो मैंने उससे कहा कि आजकल तुम दिखाई नहीं दे रहे हो तो वह मुझे कहने लगा कि आजकल मैं ऑफिस के काम में कुछ ज्यादा बिजी था इसलिए मैं तुमसे मिल नहीं पाया था। हम दोनों एक दूसरे के साथ बात कर रहे थे जब हम लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे तो मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे घर में सब लोग कैसे हैं तो वह कहने लगा घर में तो सब लोग ठीक हैं। हम लोगों ने करीब एक घंटे तक बात की और समय का पता ही नहीं चला की कब एक घंटा बीत गया उसके बाद मैं घर आ गया और घर आने के बाद मुझे याद ही नहीं रहा कि मुझे एक फंक्शन में जाना था और जब मुझे याद आया तो मैं जल्दी से तैयार होने लगा। हमारे ऑफिस में काम करने वाले रोहन के घर पर एक पार्टी थी और मुझे वहां जाना था मेरे दिमाग से यह बात निकल चुकी थी लेकिन जब मुझे ध्यान आया तो मैं जल्दी से तैयार होकर रोहन के घर के लिए निकल गया।

    मुझे यह पता नहीं था कि उन्होंने पार्टी का अरेंजमेंट कहां किया हुआ है, जब मैं रोहन के घर पर पहुंचा तो वह घर पर नहीं था तब रोहन के पापा ने मुझे पार्टी के अरेंजमेंट के बारे में बताया जहां पर पार्टी होनी थी और फिर मैं वहां पर चला गया। जब मैं वहां पर गया तो वहां मुझे रोहन मिला रोहन मुझे कहने लगा कि तुम कहां रह गए थे तो मैंने रोहन से कहा कि मेरे दिमाग से यह बात निकल गई थी उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगना चाहता हूं रोहन ने कहा कोई बात नहीं। रोहन अपने रिलेटिव्स को मैनेज कर रहा था रोहन के बेटे का जन्मदिन था और उसके बेटे के जन्मदिन के लिए ही उसने पार्टी रखी थी। वह काफी खुश था और उसकी पत्नी भी काफी खुश नजर आ रही थी। पार्टी शुरू हो चुकी थी लगभग सब लोग आ चुके थे सब लोगों के चेहरे पर खुशी थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने रोहन के बेटे को बर्थडे की बधाई दी और फिर मैं अब वहां से कार पार्किंग की तरफ चला गया। मैं वहां पर सिगरेट पीने लगा तभी मैंने एक लड़की को कार से उतरते हुए देखा उसे देखकर मैं उसकी तरफ देखता ही रह गया मेरी नजर एक पल के लिए भी उससे हट नही पाई। मैंने देखा कि वह भी पार्टी हॉल में ही जा रही है मैं भी उस लड़की के पीछे पीछे चला गया और जब वह रोहन से मिली तो मैं भी उसके बिल्कुल सामने ही खड़ा था तो रोहन ने मेरा परिचय सुरभि से करवाया। जब रोहन ने मेरा परिचय सुरभि से करवाया तो मुझे काफी अच्छा लगा और सुरभि से मैंने हाथ मिलाया। मुझे क्या मालूम था कि एक वक्त ऐसा आएगा जब सुरभि और मैं एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाएंगे देखते ही देखते हम दोनों का रिलेशन चलने लगा और हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे। हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे और मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब मैं सुरभि के साथ होता हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों काफी खुश होते और हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताते। सुरभि के पिताजी एक बड़े बिजनेसमैन है और मैं एक नौकरी पेशा हूं मुझे कई बार लगता कि क्या सुरभि और मेरा रिश्ता आगे बढ़ पाएगा भी या नहीं।

    जब भी मैं सुरभि से इस बारे में बात करता तो सुरभि मुझे कहती कि सोहन तुम इस बारे में मत सोचा करो क्योंकि हम दोनों ने अभी कोई भी फैसला नहीं किया था। सुरभि चाहती थी कि हम दोनों अपनी जिंदगी अच्छे से जिये मैं और सुरभि एक दूसरे के साथ अच्छे से समय बिता रहे थे और मैं सुरभि को समय देने की पूरी कोशिश करता। मेरे पास जब भी टाइम होता तो मैं सुरभि के साथ ही टाइम स्पेंड करता और यह सुरभि को भी अच्छा लगता था कि हम दोनों एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड कर रहे हैं। हम दोनों के बीच का प्यार बढ़ता ही जा रहा था और मैं काफी खुश था कि सुरभि और मेरे बीच प्यार बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। एक दिन मैं और सुरभि मेरे ऑफिस की कैंटीन में ही बैठे हुए थे सुरभि उस दिन मुझसे मिलने के लिए मेरे ऑफिस में ही आई हुई थी क्योंकि सुरभि को उस दिन मुझसे मिलना था। मैं दो-तीन दिनों से सुरभि से नहीं मिल पा रहा था तो सुरभि ऑफिस में ही मुझसे मिलने के लिए आ गई। उस वक्त लंच टाइम था तो मैं और सुरभि हमारे ऑफिस की कैंटीन में बैठे हुए थे सुरभि को मैंने अपने दोस्तों से भी मिलवाया था और मेरे सारे दोस्त सुरभि से परिचित हो चुके थे।

    हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे तो सुरभि ने मुझसे कहा कि तुम काफी दिनों से मुझे मिल नहीं रहे हो तो मैंने सुरभि से कहा कि आजकल ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था इस वजह से मैं तुमसे मिल नहीं पाया। सुरभि और मैं करीब एक दूसरे के साथ आधे घंटे तक बैठ कर बाते करते रहे और फिर वह चली गई थी। एक दिन मैं और सुरभि साथ में ही थे। सुरभि और मेरे बीच प्यार तो था अब हम दोनों के बीच किस भी हो चुका था। कई बार हम दोनों के बीच किस हो चुका था जिससे कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और सुरभि को भी बहुत अच्छा लगता। हमारे बीच अभी तक शारीरिक संबंध नहीं बन पाए थे इसलिए एक दिन मैंने सुरभि को अपने घर पर बुला लिया और सुरभि आ गई। जब सुरभि घर पर आई तो उस दिन सुरभि को भी यह समझ आ चुका था कि आज हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले हैं इसलिए वह भी आ गई। जब सुरभि और मै एक दूसरे के साथ बैठकर बातें कर रहे थे तो मैंने सुरभि की जांघ पर हाथ रखा। सुरभि की जांघ को मैं अपने हाथो से सहलाने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और बहुत अच्छा महसूस भी हो रहा था क्योंकि सुरभि के बदन को मैं गर्म कर रहा था। वह पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी मेरे अंदर की गर्मी भी अब बढ चुकी थी और सुरभि के अंदर की आग भी बढ चुकी थी। वह बिल्कुल रह नहीं पाई मैंने उससे कहा मैं तुम्हें आज अपना बनाना चाहता हूं। सुरभि मुझे कहने लगी मैं तो तुम्हारी ही हूं। मैंने जब सुरभि को अपनी बाहों में लिया तो सुरभि मचलने लगी। मै सुरभि के स्तनों को सहलाने लगा था। सुरभि के स्तनों को जब मैं सहला रहा था तो मुझे मज़ा आ रहा था और सुरभि को भी बहुत ही आनंद आ रहा था। सुरभि के अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी। अब मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे। मेरे अंदर की आग बहुत बढने लगी मैंने उसको कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। यह कहकर जब मैंने उसके स्तनों को चूसकर अपना बना लिया।

    वह तड़पने लगी थी मैंने उसकी पैंटी को नीचे उतारकर उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा था वह बहुत ज्यादा तड़प रही थी। मैंने सुरभि को कहा मुझे तुम्हारी योनि को चाटना है वह इस बात पर मुस्कुराने लगी। मैंने सुरभि की योनि को चाटना शुरू किया और उसके अंदर की गर्मी को मैं पूरी तरीके से बढा चुका था। सुरभि के अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी वहां उत्तेजित हो गई थी और उसे मजा आने लगा। अब मुझे भी मज़ा आने लगा था। मैंने सुरभि की चूत पर लंड लगाकर अंदर की तरफ डाला। जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर प्रवेश होने लगा तो उसकी चूत से खून निकलने लगा और मुझे मजा आने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा था मैं सुरभि को तेजी से धक्के मारता। मै सुरभि को धक्के मार रहा था सुरभि के पैरों को मैंने खोला हुआ था जिससे कि मैं उसे बड़ी ही आसानी से चोद रहा था। सुरभि की योनि के अंदर बाहर मेरा लंड हो रहा था। सुरभि की योनि के अंदर बाहर जब मेरा लंड तेजी से अंदर बाहर होता तो मुझे मजा आता और वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होती उसकी योनि को मैंने पूरी तरीके से चिकना बना दिया था।

    सुरभि की चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा बढ़ चुका था और मेरे अंदर से निकलती हुई गर्मी भी अब इतनी अधिक हो चुकी थी कि मैंने सुरभि की चूत मे अपने माल को गिरा दिया। कुछ देर बाद सुरभि ने मेरे लंड को चूसकर दोबारा से कठोर बना दिया। जिसके बाद मैंने सुरभि की योनि के अंदर दोबारा से लंड को घुसा दिया। जब मेरा लंड सुरभि की योनि के अंदर जाता तो सुरभि को मजा आने लगता और मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं सुरभि की योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था जिससे कि मुझे मजा आ रहा था और सुरभि को भी बड़ा आनंद आ रहा था। हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी जिस से मेरे धक्को मे बढ़ोतरी हो चुकी थी। वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी। अब वह मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करने लगी जैसे ही मैंने उसकी चूत मे माल गिराया तो वह खुश हो गई। सुरभि खुश हो चुकी थी और उसके बाद हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे के साथ बैठे रहे और एक दूसरे से बात करते रहे। मुझे बहुत ही अच्छा लगा जब मैंने सुरभि के साथ सेक्स संबंध बनाए और सुरभि को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया था।

  • मेरा मोटा लंड चूत का प्यासा था

    बहुत लंबे अरसे बाद मेरी मुलाकात मेरे दोस्त के साथ होती है हम लोग एक दूसरे को करीब 10 वर्षों बाद मिल रहे थे। रोहन हमारे पड़ोस में ही रहा करता था लेकिन अब वह मुंबई में रहता है रोहन का परिवार मुंबई में ही शिफ्ट हो चुका है और उन्हें वहां पर काफी वर्ष हो चुके हैं। रोहन से मेरी मुलाकात मुंबई में ही हुई मैं मुंबई अपने ऑफिस की मीटिंग के सिलसिले में गया हुआ था और वहां से मैंने रोहन को फोन किया तो रोहन मुझसे मिलने के लिए आया। रोहन अपने पापा का बिजनेस संभाल रहा है रोहन का परिवार पहले हमारे घर के सामने ही रहा करता था और उनकी आर्थिक स्थिति भी कुछ ठीक नहीं थी लेकिन जब से रोहन के पापा मुंबई शिफ्ट हुए उसके बाद से रोहन के पापा का बिजनेस अच्छा चलने लगा और उनकी जिंदगी पहले से बेहतर हो चुकी है उनकी लाइफ में अब सब कुछ है जो वह लोग चाहते थे। मुझे भी रोहन से मिलकर बहुत ही खुशी हुई रोहन से मैं मिला तो हम लोगों ने एक दूसरे का हालचाल पूछा रोहन ने पापा के बारे में मुझसे पूछा तो मैंने रोहन को पापा के बारे में बताया और कहा कि पापा अब रिटायर हो चुके हैं। मेरे पापा जो कि बैंक में नौकरी करते हैं वह अब रिटायर हो चुके है मैंने रोहन से कहा कि कभी तुम दिल्ली आओगे तो घर पर जरुर आना।

    रोहन मुझे कहने लगा कि रमन अब मैं तुम्हें क्या बताऊं काम से मुझे बिल्कुल भी फुर्सत नहीं मिल पाती है इसलिए तो मैं कहीं भी नहीं जा पाता, जबसे पापा का काम संभालना शुरू किया है तब से तो मुझे बिल्कुल भी फुर्सत नहीं मिल पाती लेकिन मैं खुश हूं कि अब मैं पापा के काम को संभाल रहा हूं और पापा भी बहुत खुश हैं। मैंने रोहन को कहा कि चलो कम से कम मेरी तुमसे मुलाकात तो हो पाई मैं तो सोच रहा था कि तुमसे मुलाकात पता नहीं कब होगी लेकिन देखो यह भी अजीब इत्तेफाक है कि मेरी कंपनी के काम से मुझे मुंबई आना पड़ा और तुमसे मुलाकात हो गई। रोहन से मिलकर मुझे काफी खुशी हुई उस दिन रोहन ने मुझे कहा कि तुम घर पर डिनर के लिए चलो तुम्हारी पापा और मम्मी से भी मुलाकात हो जाएगी। मैंने रोहन को कहा नहीं रहने दो लेकिन रोहन मेरी बात नहीं माना, रोहन ने मुझे अपने साथ चलने के लिए कहा तो मैं रोहन के साथ चला गया। जब मैं रोहन के घर पर गया तो वहां पर मेरी रोहन के पापा और मम्मी से मुलाकात हुई वह लोग भी मुझसे मिलकर काफी खुश थे। उस दिन हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया मुझे भी काफी अच्छा लगा जब उनके घर पर मैंने डिनर किया रोहन ने उसके बाद मुझे होटल तक छोड़ दिया था।

    मुंबई में मुझे दो दिन तक रहना था और दो ही दिन मुझे रोहन मिला उसके बाद फिर मैं दिल्ली लौट आया था। जब मैं दिल्ली लौट आया तो उसके बाद रोहन से मेरी मुलाकात हो नहीं पाई थी लेकिन हम दोनों की फोन पर बातें होती रहती थी। एक दिन मैं अपने ऑफिस से वापस लौट रहा था जब मैं ऑफिस से वापस लौट रहा था तो उस दिन मैंने देखा कि हमारे पड़ोस में रहने वाले अंकल पैदल ही आ रहे थे और वह काफी ज्यादा परेशान भी लग रहे थे। मैंने अपनी मोटरसाइकिल को रोकते हुए उन्हें अपने साथ बैठने के लिए कहा उनका ऑफिस मेरे ऑफिस के पास ही था इसलिए जब मैं घर लौट रहा था तो मुझे वह रास्ते में दिखाई दिए और मैंने उन्हें मोटरसाइकिल में अपने साथ बैठा लिया। मैंने उनसे रास्ते में आते वक्त पूछा अंकल आप काफी ज्यादा परेशान दिखाई दे रहे हैं तो उन्होंने मुझे बताया कि बेटा मैं जिस कंपनी में जॉब करता हूं वह कम्पनी अब बंद होने वाली है और मेरी बेटी की शादी भी है इस बात को लेकर मैं काफी चिंतित हूं। हालांकि अंकल से उससे पहले मेरी इतनी ज्यादा तो बात नहीं हो पाई थी लेकिन उस दिन उन्होंने मुझे अपने दिल की बात बता दी मुझे भी यह सुनकर काफी बुरा लगा। मैंने उन्हें कहा कि अंकल सब कुछ ठीक हो जाएगा आप बिल्कुल भी परेशान ना होइए। मैं उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दे सकता था इसके अलावा मैं उनकी ज्यादा मदद तो नहीं कर सकता था और उस दिन मैंने उन्हें उनके घर तक छोड़ा। मुझे वह अंकल करीब एक महीने बाद मिले और जब वह मुझे मिले तो उन्होंने मुझे कहा कि रमन बेटा तुम उस दिन से कहा थे मैं तुम्हे यह बताना चाहता था कि मेरी जॉब अब दूसरी कंपनी में लग चुकी है और वहां पर मेरी तनख्वाह भी काफी ज्यादा है मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। मैंने कल से कहा अंकल मैं आपसे कहता ना था सब कुछ ठीक हो जाएगा देखिए अब सब कुछ ठीक हो चुका है।

    अंकल ने मुझे कहा कि बेटा मेरी बेटी की शादी में तुम्हें जरूर आना होगा तो मैंने उन्हें कहा हां मैं जरूर आऊंगा उन्होंने हमारे घर पर शादी का कार्ड भिजवा दिया था उसके बाद मैं उनकी बेटी की शादी में भी गया। उनकी बेटी से मेरी ज्यादा बातचीत तो नहीं थी लेकिन उस दिन उन्होंने मुझे अपनी बेटी से मिलवाया यह पहली बार ही था जब मैं उनकी बेटी से मिला था। इससे पहले मैंने उनकी बेटी को देखा तो था लेकिन उनसे मेरी कोई बातचीत नहीं हुई थी यह पहली बार था जब मैं उनकी बेटी से बात कर रहा था। शादी के फंक्शन के दौरान ही मेरी मुलाकात पायल के साथ हुई जब मेरी मुलाकात पायल के साथ हुई तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। पायल और मेरे बीच बात होने लगी पायल हमारी कॉलोनी में ही रहती है पायल कुछ दिनों पहले ही हमारी कॉलोनी में रहने के लिए आई थी और अब उससे मेरी अच्छी बातचीत होने लगी थी मैं बहुत ज्यादा खुश था कि पायल से मेरी बातचीत होने लगी है। वह नौकरी की तलाश में थी और मैंने पायल से कहा कि तुम्हारी नौकरी जल्द ही लग जाएगी। पायल की नौकरी जल्दी लग गई और वह एक कंपनी में जॉब करने लगी हम दोनों एक दूसरे को मिला करते थे।

    हम दोनों की दोस्ती सिर्फ दोस्ती तक ही सीमित थी इससे ज्यादा मैंने कभी पायल के बारे में कुछ सोचा नहीं था लेकिन जब भी मैं पायल के साथ होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और पायल को भी बड़ा अच्छा लगता था। पायल और मेरे बीच बहुत अच्छी दोस्ती है। एक दिन जब मैंने पायल को अपने घर पर चलने के लिए कहा तो वह मेरे घर पर आ गई। जब पायल घर पर आई तो हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे। मेरे मन में पायल को लेकर एक अलग ही भावना जाग रही थी और मैं चाहता था मैं पायल के साथ शारीरिक संबंध बनाऊ। मैंने उसके होठों को चूम लिया पायल के होठों को किस कर के मैंने उसे पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया था। वह खुश थी अब हम दोनों ही दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तड़पने लगे थे। पायल मुझे अपने हुस्न का प्याला पिलाना चाहती थी। मैंने उसके बदन को महसूस करना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा था। पायल मेरी गोद में बैठ गई थी। मेरे अंदर की आग बहुत ही बढ़ने लगी थी। मेरी गर्मी को पायल ने पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। पायल मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तड़पने लगी थी। मैंने पायल से कहा मैं तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार हूं। मैंने पायल के बदन से कपड़े उतारने शुरू किए। मै पायल को किस कर रहा था मैने पायल को सोफे पर लेटा दिया था। मैं पायल के बदन को अच्छे तरीके से महसूस करने लगा था। मै उसके होठों को चूमने लगा था मैने उसके होंठो से खून निकाल दिया। मैंने उसके होठों को चूम कर उसके अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मुझे अब मजा आने लगा था। मैं जिस प्रकार से उसके होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की आग बढ़ चुकी थी। पायल मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी।

    वह तडप रही थी मैंने अब अपने लंड को बाहर निकाला। पायल ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेने के लिए अपने हाथ को आगे बढ़ा दिया था। पायल अब मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाने लगी थी। पायल को बड़ा मजा आ रहा था अब मुझे भी बहुत ही अच्छा महसूस होने लगा था जब वह मेरे लंड को चूस रही थी। पायल ने मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाकर रख दिया था मैंने पायल से कहा तुम मेरे लंड को ऐसे ही चूसती रहो। वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर तक लेकर अच्छे से चूस रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था मुझे अब मजा आने लगा था। मेरे अंदर की तडप अब बढने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग बहुत ज्यादा ही बढ़ चुकी है। मैने पायल की चूत को चाटने शुरु किया जब मैं उसकी चूत को चाटने लगा तो मुझे मजा आने लगा था। मेरे अंदर की गर्मी अब बहुत बढ़ने लगी पायल की चूत से निकलता हुआ पानी बाहर आ चुका था। मैने पायल की चूत को चाटकर पूरी तरीके से गिला कर दिया था। मैंने पायल को कहा मुझे तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना है।

    पायल बोली डाल लो मैंने अपने लंड को पायल की कोमल चूत के अंदर डाल दिया। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया तो वह चिल्ला ऊठी और उसकी चूत से निकलता खून बढने लगा। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मै पायल को चोद रहा था। पायल मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करती तो मुझे बहुत मजा आता। पायल के अंदर की आग अब बहुत ज्यादा बढने लगी थी। मैंने पायल के पैरों को अब अपने कंधों पर रखा। जब मैने ऐसा किया तो उसकी चूत से निकलता खून और भी ज्यादा बढ चुका था। मैंने पायल को तेजी से धक्के मारने शुरू किए करीब 5 मिनट तक पायल की चुदाई का आनंद लेने के बाद मेरा माल बाहर गिर गया था। जब मेरा माल गिरा तो मैंने पायल को कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसो। पायल ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा अब मेरे अंदर की गर्मी अधिक होने लगी थी। अब मेरे अंदर की आग बढने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने पायल की चूतडो को अपनी ओर किया मैने उसे घोडी बना दिया था। घोड़ी बनाने के बाद मैं उसे चोदने लगा था अब मुझे मजा आने लगा था। पायल की चूत मारकर मुझे इतना मजा आने लगा था कि मैं अब रह नहीं पा रहा था। मैने पारल को तेजी से चोदना शुरु किया जब मैंने उसे कहा मैं रह नहीं पा रहा हूं। पायल बोली गिरा दो मेरी चूत मे अपना माल। मैंने पायल को बड़ी तेज गति से चोदना शुरू किया तो मेरा लंड छिल चुका था। पायल का बदन अब गर्म होने लगा था। मैंने अपने वीर्य की पिचकारी से उसकी चूत के नहला दिया और उसको अपना बना दिया। पायल खुश हो गई थी।

  • दो बदन एक बिस्तर मे

    दिल्ली में मेरी जॉब को लगे हुए अभी कुछ दिन ही हुए थे और मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं वहीं पर पायल भी रहा करती थी पायल अपने परिवार के साथ रहती है और मैं उसे अक्सर आते-जाते देखा करता था। जब भी मैं शाम के वक्त ऑफिस से लौटता तो पायल मुझे दिख जाती थी मैं चाहता था कि मैं पायल से बात करूं लेकिन मैं पायल से बात नहीं कर पाया था क्योंकि मेरे अंदर हिम्मत ही नहीं हुई कि मैं पायल से बात करूं। एक दिन मैं घर पर ही था उस दिन मैं अपने घर के छत पर ही था और पायल भी छत पर कपड़े सुखाने के लिए आई हुई थी मैं पायल को देख रहा था तो वह मेरी तरफ देख रही थी। मैं सोचने लगा कि क्या यह ठीक होगा कहीं उसे कुछ गलत ना लगे इसलिए मैंने सोचा कि मुझे अब छत से नीचे चले जाना चाहिए। मैं छत से नीचे जाने ही वाला था कि पायल ने मुझे अपने हाथों से इशारा किया और जब पायल ने मुझे इशारा किया तो मैंने उसकी तरफ देखा उसने मुझे इशारों में कहा कि तुम नीचे आ जाओ। मैं जब घर से बाहर आया तो पायल भी घर से बाहर आई और वह मुझसे बातें करने लगी मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि पायल मुझसे बातें करने लगेगी।

    पायल के बारे में मैं ज्यादा तो नहीं जानता था लेकिन मैं उसे अक्सर आते जाते देखता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता लेकिन अब पायल और मेरी बातें होने लगी थी तो मैं बहुत ही खुश हो गया था कि पायल मुझसे बातें करने लगी है। मैं और पायल एक दूसरे से बातें करने लगे थे पायल ने मुझे अपनी सगाई के बारे में बताया कि उसकी सगाई हो चुकी थी लेकिन उसकी सगाई टूट जाने के बाद वह काफी दुखी हो गई थी। पायल मुझसे हर एक बात शेयर करने लगी थी मैं भी पायल के साथ हर एक बात शेयर करने लगा। मेरा घर लखनऊ में है और मुझे पायल का साथ पाकर बहुत ही अच्छा लगा पायल और मेरे बीच की नजदीकियां बढ़ने लगी थी और हमारी दोस्ती भी काफी गहरी हो चुकी थी। मैं पायल को अपने दिल की कहना चाहता था लेकिन मुझे थोड़ा घबराहट सी हो रही थी मैं सोचने लगा कि कहीं मैं पायल से अपने दिल की बात कहूं और वह कुछ गलत ना समझ ले इसलिए मैंने पायल से कुछ भी नहीं कहा। हम दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त है जब भी उसे मेरी जरूरत होती तो मैं हमेशा पायल के लिए तैयार रहता हूं।

    पायल के ऑफिस में एक लड़का है जो कि उसे बहुत ही परेशान करता था जिसकी वजह से पायल ने ऑफिस छोड़ दिया। मैंने पायल को समझाया लेकिन पायल को बिल्कुल ठीक नहीं लगा और उसने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया ऑफिस छोड़ देने के बाद मैंने पायल से कहा कि तुम हमारे ऑफिस में जॉब के लिए ट्राई कर सकती हो। पायल कहने लगी कि ठीक है और उसने हमारे ऑफिस में जॉब के लिए ट्राई किया तो उसका हमारे ऑफिस में सिलेक्शन हो गया। पायल और मैं और भी ज्यादा नजदीक आ चुके थे क्योंकि हम दोनों सुबह साथ में ही ऑफिस के लिए जाते और शाम को भी साथ में हीं घर लौटा करते। मुझे पायल के साथ ज्यादा समय बिताने का मौका मिल रहा था और पायल को भी काफी अच्छा लगता है जब हम दोनों साथ में होते है। मैं और पायल एक दूसरे के साथ काफी खुश थे और मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा महसूस होता जब भी पायल और मैं एक दूसरे से बातें किया करते। एक दिन पायल के पापा की तबीयत खराब थी पायल के घर पर कोई भी नहीं था तो पायल ने मुझे फोन किया, पायल के भैया भी अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कहीं बाहर गए हुए थे जिससे कि मैं ही पायल के पापा को नजदीकी अस्पताल में ले गया। यह पहला मौका था जब मैं पायल के परिवार वालों से मिला पहले मैं कभी पायल के पापा मम्मी से मिला नहीं था। पायल के पापा मम्मी से मिलकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा और वह लोग भी मुझे काफी पसंद करने लगे थे। मैं अक्सर उन लोगों के घर पर जाने लगा पायल के घर मैं जब भी जाता तो मुझे एक अपनापन सा महसूस होता। एक दिन मैं पायल के घर पर गया हुआ था जब मैं पायल के घर पर गया तो पायल के पापा मम्मी ने मुझसे पायल की शादी के बारे में कहा। मैंने उन्हें कहा कि क्या आप लोग पायल के लिए लड़का ढूंढ रहे हैं तो उन्होंने मुझे बताया कि हां हम लोग पायल के लिए लड़का तलाश कर रहे है। मुझे भी लग रहा था कि मुझे पायल को अपने दिल की बात कह देनी चाहिए कहीं ज्यादा देर ना हो जाए मैं भी इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता था मैंने भी पूरा मन बना लिया था कि पायल को मैं अपने दिल की बात कह दूंगा।

    मैंने पायल से ऑफिस में कहा कि पायल आज मैं तुम्हारे साथ डिनर पर जाना चाहता हूं तो पायल भी मेरी बात मान गई और कहने लगी कि ठीक है और उस रात हम दोनों साथ में डिनर पर चले गए। जब हम दोनों डिनर पर गए तो मैंने पायल को प्रपोज करते हुए एक रिंग दी और पायल ने भी मेरा प्रपोज स्वीकार कर लिया था। मैं तो बेवजह ही डर रहा था मुझे लग रहा था कि कहीं पायल मेरे दिल की बात को मना ना कर दे लेकिन उसके बाद पायल और मेरे बीच रिलेशन शुरू हो चुका था। हम दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे थे और मुझे पायल के साथ बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों अच्छा समय बिताते। हम लोग एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं कोई सपना देख रहा हूं मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि पायल और मैं साथ मे रिलेशन में रहेंगे और पायल और मैं एक दूसरे के नजदीक आ जाएंगे। हम दोनों बहुत खुश थे हम दोनों एक दूसरे के काफी नजदीक आ चुके थे और हम एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे। पायल मुझसे मिलने के लिए घर पर आ जाती थी क्योंकि मैं घर पर अकेला ही रहता था इसलिए कई बार पायल मेरे लिए खाना बना देती।

    जब भी वह मेरे लिए खाना बनाती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन पायल घर पर आई हुई थी वह मेरे लिए नाश्ता बना रही थी मैंने पायल को कहा पायल रहने दो मैं कुछ बाहर से ऑर्डर कर देता हूं लेकिन पायल मेरी बात कहां मानाने वाली थी और वह किचन में चली गई वह मेरे लिए नाश्ता बना कर ले आई थी। हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया क्योंकि हम दोनों की छुट्टी थी तो हम दोनों साथ में ही थे। मैं और पायल साथ में बैठे हुए थे जब हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो मैंने पायल की आंखों की तरफ देखा और उसकी आंखों में मुझे अपने लिए एक अलग ही प्यार नजर आ रहा था। मैंने पायल के होंठो को चूमना शुरू कर दिया मैं जब पायल के हाथों को सहला रहा था तो मुझे मज़ा आ रहा था और पायल को भी बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मैं पायल के हाथों को सहलाता। मै उसके स्तनों की तरफ अपने हाथ को बढ़ाने लगा जब मैंने पायल के स्तनों की तरफ अपने हाथ को बढ़ाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और पायल को भी बड़ा आनंद आने लगा था। अब हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही पायल। हम दोनों एक दूसरे के होठों को किस करने लगे हम दोनों एक दूसरे से चुम्मा चाटी करने लगे थे। हम दोनों को ही मजा आने लगा था अब हम दोनों के अंदर की गर्मी इतनी ज्यादा बढने लगी थी कि मैंने पायल से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। मैंने अब अपने मोटे लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू कर दिया जब मैं अपने मोटे लंड को हिला रहा था तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी और पायल भी अब पूरी तरीके से उत्तेजित होती जा रही थी।

    उसने जैसे ही मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरू किया तो उसको मजा आने लगा और मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी और पायल के अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी मैंने पायल को कहा क्यों ना मैं तुम्हारी योनि को भी चाटू। पायल उत्तेजित हो चुकी थी उसने अपने बदन से कपड़े उतार कर जब वह मेरे सामने नग्न अवस्था में थी तो मैं उसे देखे जा रहा था और मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी। मैंने अब पायल की योनि के अंदर अपनी जीभ से चाटने शुरू कर दिया जब मैं ऐसा कर रहा था तो पायल को मजा आ रहा था। पायल की चिकनी चूत को चाट कर मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था। उसके अंदर की गर्मी बढ़ रही थी वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ चुकी है तुम जल्दी से मेरी गर्मी को शांत कर दो। मैंने पायल की योनि पर अपने लंड को रगडना शुरू किया। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब उसे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था इसलिए मेरे अंदर की आग और भी ज्यादा बढ़ चुकी थी।

    अब मैंने पायल को और भी तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। पायल की योनि के अंदर बाहर मैं जब अपने मोटे लंड को किए जा रहा था तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और पायल को भी मजा आने लगा था। पायल के अंदर से निकलती हुए गर्मी बढ़ चुकी थी और मेरे अंदर से निकलती हुई गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैंने पायल को कहा मुझे मजा आ रहा है। पायल बोली तुम अपने माल को मेरे अंदर ही गिरा दो। पायल की चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही बढ़ चुका था मैंने जैसे ही पायल की चूत के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो पायल को मजा आ गया। पायल बहुत ही ज्यादा खुश थी हम दोनों एक दूसरे के साथ पूरी तरीके से मजे ले पाए। हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगा जब हम दोनों ने एक दूसरे से सेक्स का मजा लिया और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लिया था। उसके बाद भी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करते। जब भी हमे एक दूसरे की जरूरत होती तो हम दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ होते।

  • भाई को नींद में चोदने की आदत है

    मेरे मम्मी पापा दोनों निचे फ्लोर पर सोते हैं और मैं और मेरा छोटा भाई दोनों ऊपर फ्लोर पर सोते हैं हम दोनों बचपन से ही एक कमरे में सोते हैं पर जब से मेरी चूचियां बड़ी होने लगी तो मम्मी उसी कमरे में दो बेड लगा दी थी फिर तब से हम दोनों अकेले अकेले सोने लगे। शुरआत में तो ठीक नहीं लगा था क्यों की हम दोनों की आदत थी टांग पर टांग चढ़ा कर सोने की पर जब से अकेले हो गए तब से तकिये के साथ ही सोना पड़ा था।

    काल रात की बात है। हमदोनो अपने अपने बेड पर करीब 11 बजे चले गए थे। मेरा भाई जल्दी सो गया था और मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियाँ पढ़ रही थी और अपनी चूचियों को दबा रही थी। और संयोग की बात देखिये एक कहानी हॉट लगी तो मैंने पाने सारे कपडे उतार दिए और चादर ओढ़ ली थी और अंदर ही मुँह कर के सेक्स कहानियां पढ़ रही थी और अपनी चूचियाँ दबा रही थी और अपने चूत को सहला रही थी। पर जैसे ही कहानियां ख़तम होने को आई मेरे शरीर में आग सी लग गई थी। ऐसा लग रहा था कोई मुझे चोद दे। पर करती क्या मैंने अपना बिच की ऊँगली अपने चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगी। चूत गीली हो गई थी सफ़ेद क्रीम की तरह कुछ निकल रहा था। मैं पसीने पसीने हो गई थी। मेरे शरीर में झनझनाहट होने लगी थी।

    ठीक उसकी समय मेरा भाई नींद में ही चलकर आया। और मुझे दो बार टटोला मैं चादर अपने फेस पर से हटाई तो देखि वो निचे खड़ा है। आँखे बंद है लौड़ा पकड़ रखा था अपने हाथों में लौड़ा भी बड़ा हो गया था मोटा भी था। और होठ ऐसे कर रहा था जैसे की उसने अपना लंड चूत में डाल दिया हो। उसको शायद ये पता भी नहीं था वो क्या कर रहा है। वो सिसकारियां ले रहा था। लौड़ा हिला रहा था। मैं थोड़े देर उसको देखि वो बेड के निचे ही खड़ा था।

    उसको देखकर मेरी धड़कन और बढ़ने लगी जैसे कोई गलत काम करने जाते हैं तो कैसे धड़कने बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार हो गया था। मैं सोची क्यों ना चुदवा ही लूँ। उठकर बैठ गई उसके हाथ पकडे और अपने तरफ खींच लिया। नजदीक हुआ। मैं बैठ कर ही उसका लौड़ा पकड़ ली और मुँह में ले ली, खिड़की से स्ट्रीट लाइट आ रही थी, सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मैं और भी ज्यादा गरम होने लगी थी। वो भी अपने आप को मुझे सौंप दिया था। फिर मैं उसके हाथ पकड़ी और लेट गई मेरे सारे कपडे पहले से ही उतारे हुए थे।

    वो बेड पर चढ़गया और मैं अपना टांग फैला दी। वो मेरी टांगो के बिच में बैठ गया पर कुछ भी नहीं कर रहा था। वो चुपचाप बैठा हुआ था। वो नींद में था पर उसका लौड़ा खड़ा था, मुझे लगा की इससे ज्यादा बड़ा मौक़ा मुझे नहीं मिलेगा अपनी चूत की भूख मिटाने को, मैंने तुरंत ही उसको अपने पर लिटा लिया और उसका लौड़ा पकड़ पर अपने चूत पर लगा लिया। तभी वो धक्के देने लगा। वो नींद में बड़बड़ा रहा था की चोदने दो मुझे, वो जोर जोर से धक्के देने लगा, मेरी चूत के अंदर तक उसका लौड़ा जा रहा था। मैं निचे से ही धक्के लगाने शुरू की, अब दोनों तरफ से धक्के लग रहे था। उसका हाथ पकड़ पर अपनी चूचियों पर रख दी। वो अब मेरी चूचियों को भी मसलने लगा था।

    दोस्तों मेरी चूत गीली हो गई थी मजे ले रही थी सिसकारियां निकल रही थी , मेरे मुँह से आह आह आह की आवाज निकल रही थी। बेड भी चों चों की आवाज कर रहा था, मैं सचमुच में जन्नत में थी। मजे से चुदवा रही थी और मेरा भाई मुझे चोद रहा था।

    मैंने उसको चूमना शुरू किया अब वो अपना जीभ मेरे मुँह में डाल दिया, मेरे होठ चूसने लगे, मैं भी उसको चूमने लगी एक तरफ से वो चोद रहा था और दोनों के लिप लॉक था। उसके बाद मैंने उसके सर को निचे किया अपनी बूब्स के पास और मैं अपने बूब्स को पकड़ कर उसमे मुँह में अपना निप्पल दे दिया, अब वो एक छोटे बच्चे की तरफ मेरी चूचियों को चूसने लगा। अब तो मेरी वासना और भड़क गई, अब और तेजी से मुझे चोदने लगा और मैं भी निचे से धक्के देने लगी।

    तभी उसका सारा माल मेरी चूत में समा गया और मैं अब उसको जोर से पकड़ी और अंगड़ाई ली और मैं भी झड़ गई। वो करीब पांच मिनट कर वैसे ही लेटा रहा। उसका लौड़ा धीरे धीरे ढीला हो गया और छोटा हो गया। मैं अपना गांड खिसकाई और उसका लौड़ा बाहर आ गया। उसको मैं हौले से उठाई वो खड़ा हो गया और मैं पकड़ कर उसको उसके बेड पर सुला दी और उसके पेंट और जांघिये ठीक से पहना दी और ओढ़ा दी।

    और अपने बेड पर आकर सो गई। दोस्तों ऐसा मौक़ा फिर मिलेगा की नहीं आपको अपनी दूसरी कहानी में बताउंगी ये कहानी बिलकुल नई है इसलिए मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर शेयर कर रही हूँ। आशा करती हूँ आपको भी बहुत मजा आया होगा। तब तक के लिए धन्यवाद।

  • टूशन स्टूडेंट की चुत मारी

    दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हु, इस कहानी में मेरे साथ जो लड़की है जिसकी चूत की सील मैंने तोड़ी आज मैं आपको अपने शब्दों में बयां कर रहा हु, आशा करता हु, की आपको ये मेरी कहानी एक कुंवारी लड़की को चोदने का जो एहसास होता है उसी के बारे मैं आपके सामने रख रहा हु, कैसे मैंने वो टाइट बूर में अपना लौड़ा डाला था, दोस्तों शायद ये मेरी ज़िंदगी का सबसे खुशनसीब पल था वो पहला से लेके पांचवे दिन तक. अब मैं आपको आपका टाइम खराब नहीं करते हुए मैं अपनी चुदाई की कहानी सूना रहा हु.



    मैं 36 साल का हु, मैं टीचर हु, और घर पे टूशन भी पढता हु, आज जो मैं कहानी आपको सूना रहा हु, वो मेरी एक स्टूडेंट की है, जिसका नाम सिमरन है, सिमरन अठारह साल की है, गजब की सुन्दर लड़की है, भगवान् ने क्या खूबसूरत चेहरा दिया है, उसकी छोटी छोटी चूचियाँ जिसपे हलके पिंक कलर के निप्पल गजब का लगता है, यार क्या बताऊँ चूचियाँ टाइट टाइट सी छोटी छोटी जब मेरे हाथ में आती है तो मेरा तन बदन में आग लग जाता है, और मेरा लौड़ा सलामी देने लगता है, मेरी धड़कन तेज हो जाती है और तुरंत ही उससे बाहों में भर लेता हु और उसकी जिस्म की गर्मी और तेज तेज साँसे जब मेरे शारीर को छूती है तब मुझे शकुन मिलता है.

    सिमरन मेरे बात विचार से काफी प्रभावित थी, वो मुझे अपना सब कुछ सौंपने के लिए धीरे धीरे तैयार हो गई, मुझे तो पहले लगता था ये गलत है पर मैं भी एक कुंवारी को चोदना चाहता था, क्यों की आपको तो पता है, हर मर्द की ये चाहत होती है की वो जो आज तक चुदी ना हो वैसी लड़की को चोदे, ऐसे तो मैं शादी शुदा हु, पर मुझे पता ही नहीं चला था की मेरी बीवी वर्जिन थी की चुदी हुई थी. मुझे हमेशा से लालसा होती थी की मैं किसी ऐसे लड़की से सेक्स सम्बन्ध बनाऊं जो पहले से कभी चुदी हुई ना हो.



    सिमरन का हाव भाव देखकर मुझे लगा की वो मुझे पसंद करती है, वो भी सिर्फ सेक्स सम्बन्ध बनाने के लिए, क्यों की उसका कहना था की मैं चाहती हु की मैं सेक्स को जान लु, फिर मैं अपनी पढाई पर ध्यान लगाऊं शायद वो सही बोल रही थी, फिर उसकी मुस्कान और हाव भाव ने मुझे उसको छूने के लिए प्रेरित किया और मैंने धीरे धीरे गाल से स्टार्ट करके होठ को छूने लगा, जब मैं उसके दोनों गुलाब की पंखुड़ी सी होठ को छूता था वो वो कहती थी, बस ना करो प्लीज, आप तो छु कर छोड़ देते हो और मैं परेशान रहती हु, मैं पूछता भी था की परेशान कैसे रहती हो तो वो लजा जाती थी, और कहती थी की मैं नहीं बोलूंगी… मुझे भी उसके होठ को छूना बहुत अच्छा लगता था, धीरे धीरे मैं उसके चूचियों पे हाथ फेरने लगा ऊपर ऊपर से, वो कुछ भी नहीं बोलती थी, मैं कभी भी जबर्दश्ती नहीं की थी, वो खुद ही चाहती थी की मैं उससे छुऊँ,

    एक दिन की बात है, मेरी पत्नी तीन चार घंटे के लिए बाहर गई थी, मैं उसके होठ को छुआ की वो मेरा हाथ पकड़ ली और अपनी नशीली आँखों से निहारने लगी, वो निहारते रही और मैंने उसके टॉप के ऊपर से मैंने हाथ घुसा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके रसीले होठ को चूसने लगा, वो भी मेरे होठ को डीप किश कर रही थी, मैंने अपने में सटा के उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने लौड़े से सटा लिया, तभी वो छटक कर गुम गई अब उसका गांड मेरे लौड़े के पास आ गया मैंने ऊपर से ही लौड़े को उसके गांड में रगड़ने लगा, वो व्याकुल हो गई और मेरे बाल को सहलाने लगी. तभी मैंने उसके केप्री में हाथ घुसा रही था तभी वो मुझे रोक दी, मेरे हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा क्यों तो बोली मैं अभी ये नहीं कर सकती. मैंने कहा ठीक है कुछ भी नहीं करना पर मुझे छूने तो दो. तो उसने कहा नहीं नहीं अभी मैं ठीक नहीं हु, मैंने कहा क्या तो बोली अरे आप समझ नहीं रहे हो. अभी तीन दिन ही हुए है. अभी दो दिन और बाकी है. मैं समझ गया की उसको माहवारी हुई ही. पर मैं खुश था चलो आज नहीं तो दो दिन बाद ही सही. मैंने उसको बेड पे लिटा दिया और टॉप को ऊपर कर दिया, और फिर चूचियाँ को दबाने लगा. क्रिकेट के बाल की तरह उसकी चूचियाँ थी, मैंने उसके चूच से खेलने लगा. वो भी मजे लेने लगी. फिर मैं होठ को भी चूसने लगा. और फिर दोनों पैर की ऊपर कर दिया और बिच में बैठ कर कपडे के ऊपर से ही लौड़ा रगड़ने लगा. वो खूब मजे ले रही थी और मैं भी मजे ले रहा था पर बर्दाश्त के बाहर हो रहा था. कुछ देर बाद मैं झुंझला गया, क्यों की मुझे चोदने का मन करने लगा था फिर मैं बाथरूम में जाके मूठ कार लिया.



    और फिर वापस आकर उसको हग किया, और किश किया, वो बोली किसी को कभी भी नहीं कहना, ये बात, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो. वो बहुत खुश थी. अब तो वो मेरे पास रोज ज्यादा समय तक पढाई करने लगी. और फिर मैं भी खूब मजे लेने लगा. उसके बाद मुझे तीन चार दिन के लिए कहनी जाना था, मैं और मेरी पत्नी दोनों चले गए, पर पत्नी वही रूक गई और मैं वापस आ गया, फिर सिमरन भी आने लगी. वो जैसे ही आई. मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और बेड रूम में ही उसको बुलाया और फिर हग कर के चूचियाँ दबाने लगा. और फिर उसके होठ चूसने लगा. वो मना नहीं कर रही थी. फिर मैं उसके बूर पे हाथ फेरने लगा और फिर मैंने अपने हाथ को अंदर कर दिया, ओह्ह्ह उसका बूर काफी गरम हो गया था, और पानी पानी हो चूका था. मैंने उसको बेड पर लिटा दिया, और फिर केप्री खोल दी. ऊपर से मैंने उसके कपड़े भी उतार दिए, मैंने उसके चूची को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. वो आह अहा उफ़ यह यह उफ़ आउच आ आए आए आ आ आ कर रही थी. मैंने उसके टांग को ऊपर कर दिया और उसके बूर को देखने लगा. मैंने पहले ही सोच लिया था की कभी जल्दबाजी नहीं करनी है. मैंने उसके बूर को चिर कर देखा तो अंदर कोई भी छेद नहीं दिखई दे रहा था. मैंने चिर कर भी देखा तो भी कुछ नहीं दिख रहा था, उसके बाद मैंने अपनी जीभ लगाईं वो उछल पड़ी. बोली नहीं नहीं मैंने कहा कुछ नहीं होगा चुप हो जाओ. फिर उसने मना कर दिया और उठ खड़ी हुई और अपना कपडा फिर पहन ली.

    मैं थोड़ा नाराज भी हो गया की ये क्या हो रहा है. वो बोली मुझे थोड़ा टाइम दो. अभी मैं इस लायक नहीं हुई हु, मैंने कहा क्यों नहीं हुई है यार यही तो राइट टाइम है. वो बोली थोड़ा और टाइम दो. मैं पहले अपने मन को तो समझा लु. मेरी एक सहेली किसी से सेक्स सम्बन्ध बनाई है वो बोली है की बहुत दर्द होता है. मुझे डर भी लग रहा है. मैंने समझाया कोई डर नहीं होनी चाहिए तुम्हे और भी मजा आएगा, वो बोली ठीक है. थोड़ा टाइम दो. मैं भी सोचा जल्दवाजी नहीं करनी है नहीं तो ये हाथ से निकल जाएगी. वो दूसरे दिन आई. मैं चुपचाप था, वो बोली नाराज हो क्या? मैंने कहा तुम काम ही यही करती है. नाराज कैसे ना होऊं, तो बोली मैंने किसी चीज के लिए मना किया, मैं चुप रहा वो मेरा सर उठा के मेरी आँखों में आँख डाल कर बोली. की नाराज क्यों हो रहे हो.

    मैंने उसके होठ को चूम या और फिर उसके चूचियों को दबाने लगा. फिर लिटा दिया और एक एक कपडे उतार दिए, वो शर्मा रही थी मैंने कहा ले तुम अपना मुंह ढक लो और वो अपने ही टॉप से अपने फेस को ढक ली और फिर मेरे सामने वो नंगी लेती रही मैं उसके बदन के एक एक हिस्से को निहार रहा था, ताकि मैं इस चीज को ज्यादा दिन तक याद रख पाऊं, फिर में उसके टांग को अलग अलग कर के उसके बूर को चिर कर फिर से देखा अंदर लाल, कोई भी छेद नहीं दिखाई दे रहा था. फिर मैंने कहा क्या मैं घुसा दूँ, और ये कहते कहते अपना मोटा लंड निकाल लिया वो चुप रही. मैंने फिर पूछा डालू वो चुप रही. फिर मैंने अपना लंड उसके बूर पे सेट किया और अंदर डालने की कोशिश करने लगा. उसका बूर एक दम साफ़ सुथरा था हलके बल्कि भूरे भूरे बाल थे, मुझे लग रहा था क्या इतनी छोटी सी जगह में मेरा लंड जाएगा. और मैं कोशिश करने लगा.



    वो कहे जा रही थी दर्द हो रहा है. दर्द हो रहा है. मैं दिलासा दे रहा था अभी दर्द कम हो जायेगा, और फिर से कोशिश करता पर मेरा लंड उसके बूर के अंदर नहीं जा रहा था, में करीब पांच मिनट कोशिश की पर मेरा लंड अंदर नहीं गया और फिर वो दर्द से उठ गई और आँख में आँशु लिए अपने कपड़े पहन ली. मैंने समझाया की पहली बार थोड़ा ऐसा लग रहा है फिर ठीक हो जायेगा, दूसरे दिन फिर वो आई और फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत पे रखा और इस बार करीब एक इंच अंदर गया और वो कहने लगी निकलो निकालो पर मैं नहीं मान और दूसरे धक्के में थोड़ा और, वो कराह रही थी छूटने की कोशिश कर रही थी पर मैं उसके जकड लिया और और फिर तीसरा झटका मारा और लंड उसके चूत में चला गया, वो दर्द से छटपटा रही थी मैं थोड़ा रूक गया और उसको भी शांत रहने बोला, करीब एक मिनट बाद मैंने फिर झटके दिए और उसके चूच को सहलाया, और उसके होठ पे किश किया, वो भी किश करने लगी और मैं धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.

    वो अपने होठ को अपने जीभ से चाट रही थी. और मैंने उसके कान के निचे चूम रहा था और हौले हौले झटके दे रहा था, फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है. वो बोली अब ठीक लग रहा है. मैं फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ाया और वो भी साथ देने लगी, पहले वो पीछे की तरफ खींच लेती थी पर अब वो थोड़ा थोड़ा आगे आगे झटके देने लगी. फिर करीब पांच मिनट बाद वो भी झटके देने लगी. और मैं भी जोर जोर से झटके देने लगा, करीब दस मिनट बाद मैंने झड़ गया और वो भी शांत हो गई. मैंने लंड निकाला तो देखा लंड में हल्का हल्का खून लगा हुआ था और फिर मैंने उसके बूर के पहाड़ कर देखा तो अंदर लाल लग रहा था, मुझे बिस्वास नहीं हो रहा था की इतना छोटा छेद में मेरा इतना मोटा लंड जायेगा.



    फिर क्या बताऊँ दोस्तों मैंने कई सारे इंटरनेट पे क्लिप देखी अठारह साल की लड़की की चुदाई का, पर मुझे सबसे अच्छा सिमरन की चुदाई ही लगा, अब रोज रोज नहीं बल्कि कभी कभी जब मेरी बीवी नहीं होती है घर पर मैं सिमरन को चोद लेता हु, मैं भी नहीं चाहता की रोज रोज से काम ख़राब हो जायेगा इसलिए मैं धीरे धीरे ही अपने ज़िंदगी का एन्जॉय करना चाहता हु, ये कहानी सच है, आप सभी दोस्तों को नॉनवेज स्टोरी पे मेरी कहानी पढ़ने का बहुत बहुत शुक्रिय.