Category: पत्नी की चुदाई

  • मनाली में वाईफ का यादगार थ्रीसम

    हेल्लो दोस्तो मेरा नाम राज है में देहरादून में रहता हूं ये मेरी पहली कहानी है । मुझे आशा है कि आपको मेरी ये रियल स्टोरी अच्छी लगेगी । मेरी उम्र 38 है और मेरी वाइफ की उम्र 31 है उसका नाम रिया है। शादी से पहले मेरी दो गर्ल फ्रेंड थी। जो कि पहली गर्लफ्रैंड  7 साल तक रही और दूसरी 12 साल तक पर किसी से भी शादी नही हो पाई पर उन दोनों की चुदाई बहुत की मेने। 19 साल तक मे बहुत चुदाई कर चुका था। पर दूसरी वाली गर्लफ्रेंड मेरी ऐसी गांड फाड् कर गई कि मुझे बिल्कुल बर्बाद कर गई पैसे से भी मन से भी ओर फिजिकल भी में उससे बहुत प्यार करता था पर वो बहुत बड़ा धोखा दे कर गई । हर स्टोरी में सिर्फ सेक्स होता है पर मेरे भइयों आज में सबको सिर्फ एक ही बात कहूंगा।

    आदमी की किस्मत ओर औरत का चरित्र कभी भी बदल सकता है। इसलिए चुत को कभी दिमाग मे मत घुसने देना ये लोडे के लिए बनी है। इसलिए इसे बस लंड तक रखना। एक बात और कहना चाहूंगा कि लड़कियों की हमेसा इज्जत जरूर करना। हमेसा उसूल ये होना चाहिए की लो उसी से जो दे खुशी से । 

    आपको किस चीज़ से खुसी मिलती है। ये आप तय करेंगे इसका हक सिर्फ आपको है सही और गलत की क्या परिभाषा जो आपके मन को सही लगे वही सही है। लाइफ आपको एक बार मिली है आपको जो करना है इसी लाइफ में करना है फिर क्या सोचना बस आपको ये ध्यान रखना होता है कि आप मज़ा ले पर ध्यान रखे कि इस तरह से ले कि काम होने के बाद आप फ्री रहे बाहर जाए और लाइफ का मज़ा ले।

    अब में अपनी कहानी पर आता हूं में बहुत ही सेक्सी प्रवर्ति का हु मेरे पहले चोद खत्म होने के बाद मेरे मम्मी पापा ने मेरे से शादी के लिए पूछा मेने कह दिया कि आप जो भी कहोगे मुजे मंजूर है क्योंकि गांड  फट चुकी थी । जब मन की करने के बाद आदमी की गांड फट जाती है । तो लास्ट में मा बाप ही याद आते है। खैर मेरे लिए लड़की ढूंढने के काम शुरू हुआ। 

    भगवान जोड़ी भी सोच कर बनाता है आखिर मेरे लिए भी लड़की मिल गई। देहरादून से कुछ दूर ही मेरा रिस्ता हुआ लड़की मेरे से सात साल छोटी थी। सुंदर थी हल्की सी सावली थी। लंबाई 5″2 पर बॉडी बहुत मस्त थी फिगर 36 32 38बूब्स उठे हुए और गांड भी गोल एक दम मस्त।

    16 दिसम्बर 2015 में हमारी शादी हुई । सुहागरात पर हमने खूब चुदाई की पर वो शादी से पहले दो चार बार चुदी हुई थी पर चुत टाइट थी। शादी के दो तीन साल तो सेक्स में खूब मजा किया फिर वो मज़ा नही आता था। में लगातार अन्तर्वासना पर कहानियां पड़ता रहता था वही मेने वाइफ थ्रीसम की स्टोरी पढ़ी मेरे दिमाग मे रिया को चुदते देखने का मन करने लगा मेने प्लान बनाने सुरु कर दिए रिया की चुदाई करते समय मेने उसकी चुत में दो उंगली डाल दी और उसकी गांड में लोडा डालना सुरु कर दिया । फिर मेने एक दिन उसको बोल दिया।

    में -रिया यार अब चुदाई में इतना मज़ा नही आ रहा है ना।

    रिया-आप ऐसे क्यों बोल रहे हो कुछ कमी है क्या मुझमे ।

    मेने कहा नही यार वो बात नही है बस कुछ नयापन नही है अब तो वो बोली कि फिर क्या करना है। मेने कहा कही घूमने चलते है और वही मज़े करेंगे उसने कहा ठीक है। ऐसे ही कुछ दिन निकल गए फिर दिसम्बर में मैने मनाली जाने का प्रोग्राम बनाया। 12 दिसंबर को हम निकल गए मनाली के लिए मनाली पहुच कर हमने पूरा दिन आराम किया। शाम के समय हम घुमने के लिए  निकल गए।

    मनाली बाज़ार घूम रहे थे पर मेरे दिमाग में बस वही रिया की चुदाई करवाने का ख्याल चल रहा था । तभी एक लड़का हमारे पास आया।

    वो शिमला का रहने वाला था उसका नाम रवि था और मनाली में रोहतांग पास के लिए गाड़ी चलता था 5″7 इंच का गोरा फिट लड़का था । उसने हमसे कहा सर आप रोहतांग जाओगे क्या। फिर हमारी बात होनी सुरु हुई मेने उससे पैसे के पूछा वो मेरी वाइफ की और देख कर बोला 7000 रुपये देदेना कुछ देर बात करने के बाद वो सही रूपए में मान गया। 

    अगले दिन सुबह के टाइम वो गाड़ी लेकर हमारे होटल आ गया जो आल्टो थी। फिर हम तीनो गाड़ी में बैठ कर चल दिए । कुछ ही दूर जाने के बाद हम आपस मे बात करने लगे रवि भी अब हमसे बाते कर रहा था की हम कहा के रहने वाले है । 

    मेरी वाइफ भी उससे पूछ रही थी कि यहां ओर कोन सी जगह है घूमने के लिए रवि भी बात करता रहा। वो शादीशुदा था उसकी एक लड़की थी। अच्छा इंसान था। हम काफी घुलमिल गये मेने गौर किया रवि मेरी वाइफ रिया में काफी इंटरेस्ट ले रहा था और रिया भी अच्छे से बात कर रही थी । में समझ गया था कि मेरी इच्छा यहां पूरी हो सकती है। इसलिए में बार बार समान की शॉप पर रुक कर समान देखने लगता था ताकि उन दोनों को बात करने का मौका मिले। ओरत हो या आदमी अगर मोका मिले तो सब मज़ा लेने की सोचते है । शायद रिया के मन में भी यही बात आई में भी यही चाहता था की जो भी हो खुल कर हो । क्युकी चोरी करके रिश्ते में फुट पड़ सकती है । इसलिए मेने दोनों को छुट दी ताकि इस काम में खुल कर मजा आये आखिर हम रोहतांग पहुच गए बहुत बर्फ थी हमने रास्ते से कपडे ले लिए थे जो वहा मिलते है। में कुछ दूर बर्फ में चला मुझे ठण्ड लगने लगी में वही कोफ़ी पिने के लिए जो गाड़ी खड़ी  रहती है वहा चला गया । मेने रिया से कहा तुम दोनों बर्फ में घूम लो तो रवि ने रिया से का भाभी जी ऊपर की तरफ काफी अच्छी बर्फ है आप वहा चलिए रिया मेरी और देखने लगी ।

    में रिया के पास गया और उसके कान में बोल दिया देखो रिया हम यहाँ मज़ा लेने आये है । तुम दिल खोल कर मज़े लो यहाँ कोई नहीं है जो हमे जनता हो । ये बात सुन कर रिया की आखो में चमक सी आ गई । और वो रवि के साथ ऊपर बर्फ के पहाड़ो पर चड़ने लगी।

    अब वो फ्री माइंड हो कर रवि से बाते करते हुए ऊपर चढ़ रही थी। पुरे एक घंटे तक दोनों बर्फ मस्ती करते रहे। और बाते करते हुए निचे आ गए रिया ने बहुत सारी पिक क्लिक करवाई थी रवि से और अब रिया ठण्ड से ठिठुर रही थी। बर्फ के पानी से उसके कपडे भीग चुके थे । हम वापस गाड़ी में आ कर बैठ गए। रवि ने हीटर चला दिया । कुछ देर में गाड़ी गरम हो गई तो रिया ने वो कपडे उतर दिए जो वहा से लिए थे । अब वो टी-शर्ट और जींस में थी वो आगे रवि के पास फ्रंट शीट पर बैठी थी। रवि गाड़ी चला रहा था। फिर वो शॉप आ गई जहा से हमने कपडे लिए थे । 

    रवि ने मुझसे कहा आप कपडे वापस कर दीजिये मेने कहा ठीक है । में कपडे वापस करने के लिए उतरा और जब वापस आया तो देखा रवि और रिया कुछ बात आकर रहे थे । रवि ने रिया के बालो में हाथ डाला और कुछ बोला में गाड़ी के पास चला गया उन्होंने मुझे देखा और अलग हो गए। 

    में जाकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गया आगे रवि और रिया बैठे थे। मेने अपना मोबाइल निकला और उसे चलाने लगाे। रवि ने मुझे देखा की में मोबाइल चला रहा हे। फिर अपना हाथ रिया जी जांघ पर हलके से रख दिया । रिया ने उसकी और देखा उसकी आखो में एक नशा सा दिख रहा था। रिया ने अपना चहरा दूसरी तरफ घुमा लिया। रवि ने फ्रंट वाले शीशे से मेरी और देखा में मोबाइल में देखने का रवि ऐसे ही आराम आराम से उसकी जांघो को सहलाता रहा रिया ने अपनी आँखें बंद करली ओर उसका हाथ हटा दिया शायद वो गरम हो गई थी। रवि गाड़ी चलता रहा फिर बीच मे रिया ने कहा भूख लगी है । 

    तो रवि ने गाड़ी मैग्गी पॉइंट पर लेली में उतर गया । मेरे बाहर निकलते ही रिया ने रवि को कुछ कहा । और दोनों उतर कर खाने के लिए आ गये रिया ने आ कर मेरा हाथ पकड़ लिया। ओर मेरे पास बैठ गई। कुछ देर हमने खाना पिना किया । ओर फिर हम गाड़ी में बैठ गए रिया फिर आगे बैठ गई। हम लोग काफी थक चुके थे ओर शाम के 5 भी बज चुके थे मेने रवि से कहा सीधा होटल चलो अब थोड़ा आराम करेगे। थोड़ी देर बाद हम होटल पहुँच गए। 

    मेने रिया से कहा के अभी थोड़ा आराम कर लेते है रात को पार्टी करेंगे रिया बोली यहां तो कोई भी हमे नही जानता आप अपने लिए बियर ओर समान कैसे लेने जाओगे मेने कह दिया रवि का नंबर है। मेरे पास उसी को कॉल कर लूंगा। रिया के कहा ठीक है वो भी आपको कंपनी देदेगा मेने कहा हा और तुम्हे भी रिया ने मेरी ओर देखा और बोली अच्छा जी वो कैसे मेने कहा यार हम इतनी दूर आए है। ये पल यादगार होने चाहिए । अगर तुम मान जाओ तो हम खूब मस्ती कर सकते है। रिया मेरी बात समझ गई और बोली पर यार क्या आपको ये सब अच्छा लगेगा। मेने कहा कि में मिलकर मस्ती करने की बात कर रहा हु मेरा बहुत मन है। रिया बोली अगर आपकी खुशी है। तो मुजे कोई प्रॉब्लम नही है।

    ये कह कर रिया ने मेरे लिप्स पर किस्स किया और वाशरूम चली गई में सो गया और 1 घंटे बात उठा 7:30 बजे थे । मेने रवि को कॉल की उसने फ़ोन उठाया। मेने कहा कहा हो रवि उसने कहा यही 2 km दूर हु मेने कहा थोड़ा काम कर दोगे क्या रवि बोला हा बताइये क्या करना है मेने कहा थोड़ा सा समान लेकर आना था। तुम होटल आ जाओ फिर दिला लाओ उसने बोला भैया आप क्यों परेशान होते हो मुजे व्हाट्सएप दो जो समान लाना है।

    मेने कहा ठीक है ओर उसको समान के लिए रेडवाइन सिगरेट ओर समान सैंड कर दिया और लिख दिया कि आज रात तुम खाना हमारे साथ खाना इसलिए अपनी मर्जी से ओर समान ले आना। कुछ देर बाद रिया के मोबाइल की लाइट जली मेने देखा तो रवि का व्हाट्सएप मैसेज था। उसमे लिखा था आपके लिये क्या लाना है। ओर ऊपर कुछ मैसेज डिलेट थे। मेने रिया के मोबाइल से उसे सैंड कर दिया। अपनी पसंद से ले आना अच्छा सा कुछ उसने रिप्लाई किया आपको कोंन से फ्लावर पसंद है। मेने लिख दिया मुजे चॉकलेट पसंद है। उसने लिखा कुछ हो सकता है क्या हमारा भी मेने सैंड किया सब कुछ हो सकता है।

    उसने लिखा के आपके हस्बैंड भी तो है मेने लिखा उन्हें सब पता है। वो भी मस्ती करना चाहते है। उसने लिखा ठीक है। में पूरी तैयारी करके आता हूं। मेने सारे मैसेज डिलेट कर दिए। रिया वाशरूम से आई मेने उससे पूछा रवि ने तुमसे नंबर लिया था उसने कहा हा जब हम पहाड़ पर थे तब लिया था। मेने कहा ठीक है फिर मेने सोचा थोड़ा सेक्सी माहौल बना कर रिया के दिल की बात ली जाए रिया एक टॉप ओर लांग स्कर्ट पहन कर शीशे के सामने खड़ी थी। में उसके पीछे गया मेने कहा क्या बात तयारी कर रही हो रात के लिये। ओर पीछे से उसकी गर्दन पर किस्स करने लगा आराम आराम से उसके कान के लव को चूसने लगा। वो गरम होने लगी मेने रिया से कहा जान 

    आज जी भर कर मस्ती करना। रिया कहा हम्म मेने कहा बताओ ना कैसे करना है। उसने कहा जैसे आपको पसंद हो । मेने कहा बताओ ना रिया ने कहा आज मुजे मसल देना आप मेने कहा में या हम दोनों रिया शर्मा गई और मेरे सीने से लग गई । मेने कहा तुम तैयार हो ना दो लंड लेने के लिए रिया मेरे होंठ चूसने लगी वो बहुत गर्म हो गई। थी। मेने अपना लोअर नीचे किया और लंड रिया के हाथ मे दे दिया । वो लंड को मसलने लगी। कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद में वाशरूम चला गया और आराम से नहाया 9:30 बजे के करीब रवि ने डोर नॉक मेने डोर ओपन किया बाहर रवि खड़ा था दोनों हाथ मे समान के बेग लेकर मेने उसे अंदर आने के लिए कहा।

    रवि अंदर आ गया उसकी नज़र रिया को ढूंढ रही थी। फिर वो बोला भैया में सब समान ले आया हु ओर बताओ भाभी कहा है मेने कहा रूम के बाहर जो हल्का आ लोन होता है वहां है। तुम बैठो वो बैठ गया मेने समान देखा उसमे 4 बियर एक रेड वाइन चिप्स चिल्ली पनीर काफी खाने का सामान था। दूसरे बेग में एक पैकेट था मेने कहा ये क्या है। तो वो बोला कि गिफ्ट है भाभी जी के लिए मेने कहा अच्छा जी फिर रिया आ गई वो कपड़े बदल कर आई कैपरी ओर टी शर्ट में कैपरी में उसकी गांड क्या लग रही थी।

    वो आकर हमारे पास बैठ गई रवि बोला भाभी जी अच्छे लग रहे हो रिया ने आँखे नचा कर थैंक्यू कहा और समान देखने लगी मेने कहा यार जल्दी खाना लगाओ भूख लगी है। रिया खाना लगाने लगी में रवि को अपने साथ बाहर ले गया में सब कुछ खुल कर करना चाहता था इसलिए मैंने उसे बता दिया कि आज रात हम तीनों मिलकर फूल एन्जॉय करंगे वैसे वो फुल तैयारी से आया था। हम अंदर आ गए ओर खाने के लिए बैठ गए। मेने रेड वाइन निकली और ओपन करके तीन गिलास डाल दी। हमने गिलास हाथ मे ले लिये मेने रवि से कहा ये हमारी दोस्ती के नाम और हम पिने लगे । एक पेग रेड वाइन के बाद हमने बियर खोल ली और खाने के साथ बियर पीने लगे।

    मेरे मोबाइल की रिंग बजी मेने देखा तो हमारी शॉप से लड़को का कॉल था स्टॉक के लिए में बालकोनी में बात करने के लिए आ गया बाहर कमरे की खिड़की में शीशे ओर पर्दे लगे थे पर अंदर से सब दिख रहा था। ओर दरवाजा खुला था इसलिए आवाज भी आ रही थी।

    रवि ने रिया को अपनी बियर से पीने के लिए कहा रिया ने कहा नही यार इस पर रवि बोला प्लीज़ रिया इसका सुरूर अच्छा होता है। ओर रिया के बगल में बैठ गया रिया ने रवि की आखो में देखा और बियर पीने लगी वो भी चाहती थी कि उसकी आज अच्छे से चुदाई हो उसने आधी से ज्यादा बियर पी ली में बाहर से ये सब देख रहा था। रवि ने कहा आप तो अकेले पी रही हो मुजे भी तो पिलाओ रिया बोतल को रवि के हाथ मे देने लगी रवि ने कहा ऐसे नही अपने होठों से रिया के गाल लाल हो गए उसने आँखे बंद करली रवि मेरी वाइफ के होठों के पास अपने होंठ ले गया ओर हल्के से टच किये रिया ने अपना मुंह खोल दिया रवि उसके होंठ चूसने लगा बहुत आराम आराम से उसे बिल्कुल भी जल्दी नही थी और जो लड़की शादी से पहले चुदी हो उसके लिए ये डबल मजा हो जाता है रिया भी उसका पूरा साथ दे रही थी में अंदर आया मेने कहा यार अकेले अकेले सुरु हो गये।

    रिया ने दोनों हाथो से अपना मुंह ढक लिया मेने रिया से कहा रिया यार शर्माने का नही मज़ा लेने का टाइम है मेने रवि को इशारा किया कि मज़े करो और में अपनी बियर लेकर पीने लगा रवि अपने होठ रिया के कान के पास ले गया और गर्म सास उसे कान पर मारने लगा और इसके कान को चूसने लगा रिया ने अपने हाथ मुह पर से हटा लिए ओर उसका साथ देने लगी मेरा ऐसा मन कर रहा था कि अभी रिया की चूत का भोसड़ा बना दु चोद चोद कर पर में बैठ कर इसका मज़ा ले रहा था रवि ने रिया के बाल खोल दिये और उसके बालो में हाथ डाल कर उसके गले को चूसने चाटने लगा रिया मस्ती में आह आह आउच कर रही थी। 

    वो दोनों पैरों को आपस में रगड़ रही थी रवि अपने हाथ को रिया की कमर पर ले गया और पीछे से उसकी टीशर्ट ऊपर करके रिया की कमर पर हाथ रगड़ने लगा और अपनी जीभ उसके मुंह मे डाल दी दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे रवि ने पीछे से रिया की ब्रा खोल दी और उसकी टीशर्ट ऊपर करके उतारने लगा रिया का मुह वासना ओर शरम से लाल हो रहा था रिया ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए। रवि ने उसकी टीशर्ट ओर ब्रा उतार दी। रिया के बूब्स मस्त लग रहे थे। में भी उनके पास जा कर बैठ गया। रवि ने रिया के एक बूब्स को चूसना सुरु में मैने दूसरा बूब्स को पकड़ा और मुह में ले लिया रिया के मुह से आह निकल गई । मानली की ठंड में भी हमे गर्मी महसूस हो रही थी। रिया अब फुल गरम हो चुकी थी। रवि ने रिया के बूब्स को छोड़ कर उसके पेट को चाटना सुरु कर दिया ।

    रिया के मुह से ओह्ह प्लीज क्या कर रहे हो आह आह की आवाज आने लगी उसका पेट कांप रहा था शरीर के रोये खड़े हो गए थे। अब वो भी खुल कर बोल रही थी मज़े ले रही थी। रवि कैपरी के ऊपर से रिया की चुत पर हाथ फेरने लगा रिया ने नीचे पैंटी नही पहनी थी रवि नीचे बैठ गया और रिया के पैर के अंगूठे को चूसने लगा और आराम आराम से पैरों को चाटता हुआ ऊपर तक आ गया ओर नाभि को जीभ से कुरेदने लगा रिया से अब सहा नही जा रहा था उसकी चुत लगातार पानी छोड़ रही थी। कुछ देर ऐसे ही करने के बाद रवि ने उसकी कैपरी को ऊपर से पकड़ा ओर नीचे करने लगा रिया ने अपनी कमर को ऊपर करलिया रवि ने कैपरी नीचे तक खींच कर उतार दी रिया ने दोनों टाँगे आपस मे चिपका ली रवि ने दोनों पैरों को हाथ से खोला रिया ने चुत को बहुत अच्छे से साफ किया था बिल्कुल चिकनी हल्की सावली चुत देख कर रवि ने अपना मुँह चुत से लगा दिया रिया के मुँह से तेज सीत्कार निकल गई उसने मेरे हाथ को कस कर पकड़ लिया।

    रवि ने अपनी जीभ गोल बना कर रिया की चूत में डाल दी ठंड में गर्म जीभ जब चुत पर लगी तो रिया मस्ती में अपनी कमर ऊपर कर दी रिया मस्ती में बोलने लगी आह ह ह रवि चुसो ओर जोर से ओर उसका सिर पकड़ कर चुत पर दबाने लगी मेरा ओर रवि का लंड फटने को हो रहा था फूल टाइट मेने अपनी टीशर्ट ओर जीन्स उतार दी और नंगा हो गया और अपना लोडा रिया के मुह के पास ले गया रिया ने आराम से मेरा लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से चूसने लगी । मुजे देख कर रवि भी अपनी ट्राउज़र उतारने लगा उसने अपनी शर्ट और ट्राउज़र उत्तर दी और नंगा हो गया उसका लोडा भी मेरे जितना ही था पर आगे से कम मोटा ओर पीछे से काफी मोटा था पीछे से कम से कम 4 ” गोलाई होगी।

    जो लोग मुठ नही मरते ओर कम सेक्स करते है उनके लंड गोल ओर लंड की खाल ढकी रहती है। उसने रिया को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चुत आने मुँह पर लेली ओर चुत को गांड तक चाटने ओर चूसने लगा रिया ने रवि के लंड को देखा और आराम से हाथ मे ले लिया मेने कहा कैसा लग रहा है जान रिया बोली बहुत मज़ा आ रहा है और रवि के लंड के ऊपर जीभ फरने लगी और लण्ड ओर मुह में ले लिया अब दोनों 69 में एक दूसरे को चूसने में लगे हुए थे रिया के मुह में रवि का लोडा आ भी नही पा रहा था । कुछ देर चुसाई के बाद रवि खड़ा हुआ और अपनी ट्राउज़र की जेब से कामसुत्र का स्प्रे निकला ओर लवड़े पर स्प्रे करने लगा खुद यूज़ करके उसने वो मुजे दिया मेने भी अपने लोडे पर स्प्रे कर लिया ।

    रिया ने कहा ये क्या है मेने कहा बस देखती जाओ आज तेरी चुत का भोसड़ा बनने वाला है मेने कहा बताओ पहले किसका लोगी मेने रवि की ओर देखा तो वो आस से मुजे देख रहा था मेने पहले रवि को चुदाई के लिए कहा मेरे कहते ही रवि रिया के पास गया ओर अपने लंड पर थूक लगा कर रिया के ऊपर आ गया उसने रिया की चूत पर लण्ड को रगड़ना सुरु किया रिया तो मानो लण्ड लेने के लिए मेरी जा रही थी। रवि ने हल्का सा दबाव बनाया और लण्ड हल्का सा अंदर चला गया रवि ने फिर बाहर खिंच लिया फिर अंदर किया चुत पानी निकलने की वजह से चिकनी हो चुकी थी। रिया ने मेरा लण्ड मुह से निकाला और रवि की ओर देखा रिया ने कहा अंदर करो न रवि ने तेज़ झटका मारा रिया ने कहा आह माँ मर गई मेने पीछे जाकर देखा तो रवि का लण्ड रिया की चूत में आधा मोटाई तक घुस गया था।

    अब रवि ने अपनी कमर चलानी सुरु करदी वो आधा लण्ड बाहर निकलता फिर अंदर कर देता रिया अऊह आह आह आह कर रही थी । 10-15 धक्के लगते ही रिया की चुत से पानी आने लगा जिससे लोडा ओर गिला हो गया। अब वो थोड़ा और अंदर तक लंड पेलने लगा।10 मिनट तक रवि बहुत आराम से अंदर बाहर कर रहा था फिर उसने रिया के पैर अपने कंधे पर रख लिए जिसे रिया की गांड ऊपर हो गई और उसने अपना लण्ड चुत पर रख कर एक धक्का मारा लोडा अंदर घुस गया रिया मस्ती में आ गई और कमर को ऊपर उछलने लगी फिर रवि ऐसी चुदाई करनी सुरु की वो पूरा लोडा बाहर तक लाता ओर गप्प से अंदर कर देता रिया मज़े में बड़बड़ाने लगी आह चोदो उफ्फ ओर फ़ास्ट चोदो भोसड़ा बना दो आज मेरी चुत का मुश्किल से 5 मिनट की वाइल्ड चुदाई के बाद रिया जोर से चिल्ला पड़ी आह में छूट रही हु ओर बहुत सारा पानी उसकी गांड से होता हुआ बेड पर गिरने लगा।

    पर रवि का लण्ड अभी भी खड़ा था। रवि लेट गया और रिया को अपने ऊपर आने को बोला रिया रवि के ऊपर आयी और अपने हाथ से लण्ड को चुत पर सेट करके झटके से बैठ गई लण्ड घप से चुत में जड़ तक घुस गया मेने अपना लण्ड रिया के हाथ मे दे दिया उसने मेरे लण्ड को मुह में लेकर चूसना सुरु कर दिया एक मिनट लण्ड चुसाने  के बाद में रिया के पीछे आ गया वो समझ गई कि अब उसकी गांड फटने वाली है मेने उसकी गांड के छेद पर थूक लगाया और अपने लवड़े पर भी ओर उसकी गांड में लंड रख कर हल्का सा अंदर किया ठप्प से मेरे लण्ड का टोपा उसकी गांड में घुस गया मेने ओर अंदर कर दिया रिया ने पीछे हाथ करके मुजे रोक दिया।

    ओर लण्ड बाहर निकल दिया उसे दर्द हुआ था कुछ देर बाद फिर उसने कहा अब घुसाओ मेने फिर गांड पर लण्ड रख कर अंदर किया इस बार में लंड आधा घुसा दिया ऐसा लगा जैसे किसी ने लण्ड को मुट्ठी में भीच लिया हो मेने धक्के लगाने सुरु कर दिए नीचे से रवि झटके मारता ओर ऊपर से में रिया आह आह फाड़ो मेरी चुत को मेरी गांड को कर रही थी स्प्रे की वजह से हमारा लोडा झड़ने का नाम ही नही ले रहा था आधे घंटे तक हमने रिया को चोद चोद कर उसकी चुत ओर गांड का बुरा हाल कर दिया था वो पता नही कितनी बार झड़ी तब जाकर हम भी झड़ने को आ गए मेने अपना लोडा रिया के मुह में दे दिया और झड़ गया मेरे माल से रिया का मुह भर गया कुछ उसने अंदर ले लिया और कुछ निकल दिया रवि ने रिया की गांड में इतनी तेज़ तेज़ धक्के मारे की उसकी चीख़ निकल दी और उसकी गांड में ही झड़ गया इस तरह हमने वहां थ्रीसम के मज़े लिए अब हमारी लाइफ बिल्कुल बदल चुकी है हम वाइफ स्वैप करते है थ्रीसम करते है और लाइफ को फुल एन्जॉय करते है ।

    अपनी यादों को कहानी में उतारना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि हम उस अहसास को पूरी तरह से बया नही कर सकते आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी मुजे मेल जरूर में ओर भी स्टोरी आपके साथ शेयर करूँगा।

    मेरी ईमेल आई डी – [email protected]

  • दोस्त की बीवी को फुल मज़े करवाये

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 25 है और में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी तरफ हमेशा लड़कियाँ आकर्षित जल्दी होती है. मेरी हाईट 6 फिट है और बहुत मस्त शरीर है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सेक्स से भरपूर चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने अपने दोस्त की पत्नी को चोदा और वैसे मुझे भी चुदाई करने का बचपन से ही बहुत शौक है. दोस्तों यह बात गर्मियों की है जब में अपने काम से मुंबई जाता आता रहता था, लेकिन इस बार का मेरा वहां पर जाना सबसे यादगार था जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ. तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे शहर से सीधी कोई भी ट्रेन मुंबई के लिए नहीं थी तो में पास के शहर से ट्रेन में जाता था, लेकिन एक दिक्कत थी कि मुंबई से आने में वो ट्रेन रात 11 बजे मुझे वहां पहुंचाती थी, तो मुझे उस वजह से मेरे घर पर जाने का कोई साधन नहीं मिलता था तो में मेरे दोस्त के घर पर अक्सर रात को रुक जाता था.

    मेरे दोस्त का नाम है दीपक है और वो मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है. में उसी के यहाँ पर रात रुकता था और उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन दीपक मेहनती बहुत था वो मार्केटिंग की नौकरी किया करता था जो कि मैंने अपनी पहचान से लगवाई थी और फिर उसने मेहनत करके अच्छी जगह पा ली, लेकिन वो मेरी यह बात हमेशा याद करता था, क्योंकि वो भी मेरे गावं का रहने वाला था, लेकिन वो अपनी नौकरी की वजह से यहाँ पर रहता था और अभी करीब एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. उसकी पत्नी का नाम प्रिया था और वो दिखने में एकदम अच्छी थी, बिल्कुल गोरी गोरी मस्त सा फिगर, लेकिन मेरी नज़र उस पर ऐसे कभी नहीं थी, प्रिया स्वभाव में तो अच्छी थी, लेकिन दीपक से ज़्यादा खुलकर मुझसे बातें किया करती थी और वो भी एक प्राईवेट स्कूल में नौकरी किया करती थी. हाँ तो अब में भी अपनी बात पर आता हूँ, में हमेशा दीपक के घर पर रुकता था और उसकी शादी के बाद भी प्रिया को मेरे बारे में सब कुछ पता था कि दीपक की नौकरी मैंने लगवाई है तो वो मेरा पूरा पूरा ध्यान रखती थी और मेरे लिए खाना बनाकर रखती, क्योंकि में हमेशा उन्हें बताकर आता था और फिर हम लोग बस ऐसे ही गप्पे मारते और बातें किया करते थे. यह बात गर्मियों की है और में मुंबई से आ रहा था तो उस दिन गलती से मैंने दीपक को फोन नहीं किया. में सीधे उसके घर पर जाने लगा और रास्ते से उसको फोन किया और बोला कि दीपक में घर पर आ रहा हूँ तो वो मुझसे बोलता है कि हाँ चला जा तो में बोला कि चला जा का क्या मतलब, तू क्या घर पर नहीं है क्या? तो वो मुझसे बोला कि यार में इस समय पुणे हूँ और यहाँ पर एक मेरी महीने की ट्रनिंग है.

    में बोला कि ठीक है यार में किसी होटल में रुक जाता हूँ. तो वो मुझसे बोला कि वो तेरा घर है तू चुपचाप वहां पर चला जा और तू एक काम करना, में तुझे प्रिया के नंबर मेसेज कर रहा हूँ और तू उसे कॉल कर देना शायद अभी वो सो गई होगी, तू एक बार उसे फोन करके उठा देना. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने दीपक के घर पर पहुंचकर प्रिया भाभी को कॉल किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया एक दो बार और फोन किया फिर भी नहीं उठाया तो में समझ गया कि वो शायद सो गई होगी?

    दोस्तों दीपक ने घर किराए पर लिया था और वो पहली मंजिल पर रहता था और मकान मलिक नीचे ही रहता था तो में सीधा ऊपर चला गया तो मैंने देखा की घर की लाईट चालू थी और अब में सोच रहा था कि भाभी जब जाग रही है तो मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही है? तो जब में दरवाजे के पास गया तो मुझे थोड़ी अजीब सी आवाज़ आई तो मैंने ध्यान से सुना और उस आवाज़ से ऐसा लग रहा था कि कुछ चुदाई के सीन चल रहे है और फिर मैंने सोचा कि चलो अंदर चलकर देखते है शायद कुछ दिख जाए, लेकिन मुझे कुछ दिखा तो नहीं, लेकिन अब यह पक्का हो गया था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही है.

    अब मैंने दरवाजा बजाया तो अंदर से आवाज़ आई कौन है तो में बोला कि भाभी में राहुल तो वो बोली कि राहुल आप रूको में 5 मिनट में आती हूँ और कुछ देर के बाद भाभी मेक्सी में आई. वो बहुत मस्त लग रही थी, लेकिन वो पूरी पसीने में हो रही थी तो मैंने भाभी से पूछा कि आप इतने पसीने में क्यों हो रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं, गरमी बहुत है.

    दोस्तों में अब भाभी को देखते हुए मन में सोच रहा था हाँ दिख रहा है कितनी गर्मी है? इतने में भाभी बोली कि किस सोच में हो? अंदर आओ और अब आप यह बताओ कि बिना कॉल किए कैसे आ गए? तो में बोला कि भाभी गलती हो गई मुझे माफ़ करो, तो वो बोली कि वो किस लिए? तो में बोला कि मैंने आपको फोन नहीं किया था इसलिए, तो भाभी बोली कि अरे राहुल जी आप भी ना, मैंने तो इसलिए बोला कि क्योंकि में आपके लिए खाना बनाकर रखती ना और वैसे भी दीपक पुणे है तो में मेरे लिए तो कुछ भी बना लेती हूँ.

    फिर में बोला कि हाँ भाभी अभी दीपक से मेरी बात हुई तो मुझे पता चला कि वो पुणे है, भाभी बोली कि आप नहा लो और में तब तक खाना बना लेती हूँ, वैसे तो आज मुझे भी बहुत भूख लगी है. फिर में बोला कि भाभी ठीक है और भाभी हल्की सी स्माइल देते हुए चली गई. अब दीपक का एक कमरा था तो उसके बेडरूम में ही बाथरूम भी था, मैंने कपड़े उतारे और बाथरूम में चला गया और जब में नहाकर अपनी केफ्री और टी-शर्ट में बाहर आया तो मैंने देखा कि बेड पर लेपटॉप रखा हुआ था, मैंने उसे चालू किया, क्योंकि मुझे शक था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही थी तो मैंने देखा कि उस पर एक ब्लूफिल्म डाउनलोड की हुई थी और इतने में भाभी आ गई और मुझे लेपटॉप के पास देखकर डरकर रुक गई. में समझ गया, लेकिन अब भाभी क्या बोलती?

    मैंने वो शरमाये इसलिए उससे पूछ लिया कि खाना बन गया क्या भाभी? तो वो डरते हुए हाँ करने लगी और में उससे बोला कि भाभी चले फिर आज हम एक साथ में बैठकर खाना खाते है. दोस्तों मैंने भाभी को ऐसा जताया कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है. फिर भाभी और में एक साथ बैठकर खाना खाने लगे, लेकिन भाभी अब मुझसे थोड़ा सा डर रही थी, लेकिन मैंने उनको बहुत हंसाया, उनसे मजाक किया और उनको ऐसा जता दिया कि मैंने लेपटॉप में कुछ नहीं देखा. अब हम दोनों खाना खाकर उठे और अब भाभी ने मेरा बिस्तर हॉल में लगा दिया और हम दोनों ने शुभरात्रि बोला और भाभी रूम में चली गई और दरवाजा बंद कर दिया.

    अब मैंने गरमी की वजह से ऊपर कुछ नहीं पहना था, बस टी-शर्ट को पास में रख लिया और में बस अंडरवियर में सो गया. तभी 15 मिनट के बाद भाभी के रूम का दरवाजा खुला और भाभी मेरे पास आकर बोली कि राहुल आप सो गये क्या? तो में बोला कि नहीं भाभी, तो वो बोली कि राहुल एक बात बोलनी थी, में बोला कि हाँ बोलो भाभी? तो वो बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही है और हॉल में टीवी है तो आप बेड पर सो जाओ अंदर जाकर या फिर मेरे साथ टीवी देखो. फिर में बोला कि भाभी ठीक है में आपके साथ टीवी देखता हूँ तो बोली कि चलो उठो सोफे पर बैठते है, मैंने अपनी टी-शर्ट को हाथ में लिया और थोड़ा उठकर पहन लिया क्योंकि दोस्तों में अपनी भाभी के सामने ऐसे कैसे जा सकता था वैसे भला हो उस चादर का जो मैंने उसको अपने ऊपर डाल रखा था.

    अब हम टीवी देखने लगे उस पर भाभी ने एक हॉलीवुड फिल्म लगा दी, बस हम ऐसे ही बैठे बैठे देख रहे कि तभी समुद्र का एक सीन आया उसमे एक लड़का अंडरवियर में खड़ा हुआ था तो भाभी बोली कि राहुल भैया देखो इस हीरो की कितनी मस्त बॉडी है, में भी हमेशा दीपक से बोलती हूँ कि तुम भी ज़िम जाया करो, लेकिन वो आलसी है जाते ही नहीं. तो में भाभी से ऐसे ही बोला कि हाँ भाभी अच्छी तो है, लेकिन मुझसे अच्छी नहीं है, वैसे दोस्तों मुझे भी ज़िम का बड़ा शौक है तो मेरा भी शरीर दिखने में बहुत अच्छा था और ऊपर से मेरी हाईट करीब 6 फिट है तो अच्छी लगती थी.

    अब भाभी मुझसे बोली कि राहुल भैया आप ज्यादा फेंको मत यार, दिखने में तो उससे ज्यादा अच्छी नहीं लगती? तो मैंने कहा कि भाभी यार वो बिना टी-शर्ट के है इसलिए एकदम साफ दिख रही है, भाभी मुझसे बोली कि राहुल भैया तो फिर मुझे भी दिखाओ ना? मैंने उनसे कहा कि भाभी आप रहने दो, भाभी बोली कि आप दीपक की तो हर बात मान लेते हो और मैंने तो आज पहली बार आपसे कुछ बोला है, मुझे बहुत पसंद है भरी हुई बॉडी को देखना. फिर मैंने कहा कि ठीक है में अभी आपको दिखाता हूँ और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतारकर उन्हें एक दो पोज़ दिखा दिए तो भाभी वो सब देखकर मुझसे बहुत आकर्षित होकर बोली कि राहुल आपकी बॉडी तो सही में बहुत अच्छी है और अब वो मेरे पास आकर मेरे पूरे शरीर को छूने लगी. फिर में एकदम से पीछे हट गया तो भाभी मुझसे बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि भाभी जी आप यह क्या कर रही हो? लेकिन अब मुझे भाभी की नीयत समझ में आ गयी थी और में यह बात सोच ही रहा था कि तभी भाभी मुझसे लिपट गई मुझे अचानक से एक झटका लगा और में बोला कि भाभी यह क्या है?

    भाभी बोली कि राहुल अब ज्यादा बनो मत, मुझे मेरे पति ने सब कुछ बता दिया है आपकी और त्रप्ति की चुदाई के बारे में. अब मुझे उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से झटका लगा और में बोला कि क्या? (दोस्तों त्रप्ति भी मेरे एक दोस्त की पत्नी है) तो प्रिया भाभी बोली कि हाँ अभी दो दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी और हम सभी दोस्तों का ग्रुप है तो आपके दोस्त की पत्नी भी आपस में हमारी एक बहुत अच्छी दोस्त है और देखो आज आप आ भी गये.

    अब मैंने मन ही मन में सोचा कि यार मुझे तो पका पकाया माल मिल रहा है तो क्यों ना में मज़े ले लूँ? और अब मैंने भाभी को अपनी बाहों में बिल्कुल टाईट पकड़ कर बोला कि हाँ भाभी में लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखकर समझ गया था कि तुमको क्या चाहिए, लेकिन में दीपक की वजह से कुछ नहीं बोला. अब भाभी मेरी छाती पर हल्के से किस करते हुए बोली कि दीपक तो बस पैसे के पीछे लगे रहते है, उनका मेरी तरफ़ तो बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं है, जब में बोलती हूँ तो कभी कभी थोड़ा बहुत सेक्स कर लेते है और थका हुआ होने की बात बोलकर सो जाते है, में दीपक से प्यार बहुत करती हूँ, लेकिन जब से त्रप्ति ने मुझे आपके बारे में बताया है में तो आपको भूल ही नहीं पा रही हूँ क्योंकि मेरी भी बहुत इच्छा है कि में भी एक दिन आपके साथ कुछ करूं.

    दोस्तों भाभी एक तो मुझसे एकदम कसकर चिपकी हुई और ऊपर से उनकी इन बातों ने मेरे लंड को अब बहुत परेशान कर दिया था. फिर मैंने भाभी का एक हाथ पकड़ा और अपनी अंडरवियर के अंदर ले गया और अब भाभी को मैंने अपना लंड पकड़ा दिया और पूछा कि भाभी कैसा है? तो वो बोली कि त्रप्ति ने जब से मुझे आपके बारे में बताया है तब से में सोच रही थी कि आपका वो कैसा होगा? और प्रिया बोली कि मुझे भाभी नहीं प्रिया बोलो. तो में बोला कि ठीक है और बोला कि क्या प्रिया तुम मुझे किस नहीं करोगी? तो वो बोली कि राहुल में तो पूरी आपकी हूँ और अब वो मेरे होंठो पर होंठ रखकर किस करने लगी, हमारा बड़ा लम्बा स्मूच चला और आखरी में प्रिया ने जानबूझ कर मुझे होंठो पर काट लिया, लेकिन मुझे एक मीठा सा दर्द हुआ, तब प्रिया बोली कि क्यों ज़्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है? तो मैंने कहा कि नहीं, वो बोली कि क्यों अब चले? तो में बोला कि ऐसे नहीं और मैंने प्रिया की नाईटी उतारी, उसने अंदर कुछ नहीं पहना था, वो एकदम मस्त माल, दुबली पतली, बड़े बूब्स, उसको जिस जगह से टाईट पकड़ो वहां से वो लाल टमाटर हो जाती थी.

    अब मैंने कहा कि प्रिया वाह यार तुम्हारा फिगर कितना सुंदर है, मैंने पहले तुमको कभी ध्यान से देखा ही नहीं वर्ना में तो तुमको चोदने की कोशिश ज़रूर करता. फिर वो शरमाते हुए बोली कि हट और फिर अपनी गांड मटकाते हुए बेडरूम की तरफ़ जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला कि कहाँ चली जान और गोदी में उठाकर उसे बेडरूम में ले गया और वही बेड पर पटक दिया और ऊपर आकर उसके बूब्स को मसलते हुए चूसने लगा. अब वो पूरी मस्ती में थी और ऊपर होकर पूरे बूब्स मेरे मुहं में घुसा रही थी. में अब प्रिया के बूब्स में मस्त था, क्योंकि वो एकदम गोरी और ऊपर से उसके वो भूरे निप्पल देखकर मुझे मज़ा आ गया और अब में उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा और बीना बालों वाली गोरी चूत को भी और अपने होंठो से उसकी चूत के दाने को खींचने लगा जिससे वो जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और फिर उसने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया.

    मैंने भी अब कोई कसर नहीं छोड़ी और अच्छी तरह से चूत को चाटने चूसने लगा और अब वो थोड़ा शांत थी और वो मुझे अपने पास लेटाकर बोली कि अब मुझे भी तो मौका दो और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को देखकर बोली ओह इसका मतलब त्रप्ति बिल्कुल सही बोलती थी, वाह कितना बड़ा है और अब वो उसको हिलाने लगी और मेरे लंड के सुपाड़े को मुहं में लिया और चूसने लगी, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा रहा था, लेकिन प्रिया थी कि उसे और भी मजेदार बना रही थी, लंड पर थूककर पूरा चाट जाती फिर मेरी गोलियों को लोलीपोप की तरह चूसती और मेरे मुहं से अहहह्ह्ह निकल जाती. मैंने प्रिया से पूछा कि वाह यार तुम कितना मस्त चूसती हो? तो वो कहने लगी कि दीपक पहले यह सब बहुत करते थे, लेकिन अब ना जाने उन्हें क्या हो गया है?

    फिर मैंने कहा कि अभी उस बात को छोड़ो और मज़े करो यार. फिर प्रिया बोली कि वही तो करुँगी आज बड़े दिनों के बाद और वो मुझे बेड पर लेटाकर मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी. में मन ही मन में दीपक के बारे में सोच रहा था कि साले तुझे इतना भी टाईम नहीं कि इतनी मस्त बीवी को चोदकर खुश रख सके? तभी प्रिया मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट करके पूरा ज़ोर लगाकर बैठ तो गई, लेकिन इससे उसकी हालत बिगड़ गई और वो अपनी आवाज़ को दबाते हुए मेरे ऊपर गिर गई, लेकिन मुझे उसकी बिल्कुल टाईट चूत का मजा मिल रहा था तो में रुका नहीं और नीचे से उसे धक्के मारने लगा. थोड़ी देर में प्रिया को मजा आने लगा और फिर क्या ताल से ताल मिली और हम दोनों लग गये एक दूसरे को खुश करने में. प्रिया मेरे ऊपर कूदकर थोड़ी थक सी गई थी, फिर वो रुकी तो में उसे मज़े लेने के लिए बोला कि क्या बस इतना ही दम था? तो वो मुझसे बोली कि राहुल मैंने तो अपना दम दिखा दिया अब में देखती हूँ कि आप में कितना है? अब मुझे भी उसकी यह बात सुनकर जोश आ गया और में बोला कि प्रिया अब देख मेरा दम और उसको नीचे पटककर मैंने एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर घुसा दिया और तेज तेज धक्के मारने लगा और प्रिया अपनी आखें बंद करके मेरे हर एक धक्के का मज़ा ले रही थी और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुबाकर मुझे और भी गरम कर रही थी.

    दोस्तों करीब आधे घंटे तक लगातार मैंने उसको चोदा और फिर उससे पूछा कि क्यों देख लिया मेरा दम? तो वो मेरे मज़े लेते हुए बोली कि बस इतना ही था, मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने बदले की सोची और उठा तो वो बोली कि गुस्सा क्यों करते हो में तो तुमसे सिर्फ मजाक कर रही थी? तो में बोला कि जान में तुमसे गुस्सा थोड़ी हूँ रूको और मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया और बोला कि कुतिया बन जा. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि अभी तो देखो और मज़े करो.

    फिर उसने मेरी बात मानी और में पीछे से आकर चूत पर लंड को सेट करते करते गांड पर ले गया और एक धक्का मारा तो मेरा टोपा अंदर चला गया और प्रिया एकदम से चीख पड़ी प्लीज इसे बाहर निकालो प्लीज आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई में मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकालो. फिर में बोला कि रूको थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा, वो बोली कि मेरी तो जान जा रही है उह्ह्ह्हह्ह और फिर हिलने लगी. अब मुझे लगा कि जैसे सारा मज़ा खराब हो जाएगा. फिर में बोला कि रूको में अभी निकालता हूँ और मैंने ज़ोर से एक झटका और मारा तो आधा लंड अंदर चला गया, लेकिन अब मुझे भी दर्द हो रहा था, क्योंकि उसकी गांड बहुत टाईट थी और प्रिया की तो हवा ही निकल गई थी. इसके बाद वो बोली कि कमीने आईईईईईईई राहुल अब छोड़ दे मुझे.

    फिर मैंने कहा कि अब रूको में तुम्हे मज़े भी करवाता हूँ मैंने थोड़ा सा इंतजार किया और फिर से चालू हो गया, उसे भी अब मजा आने लगा, लेकिन अब मेरा निकलने वाला था दोस्तों उसकी गांड टाईट ही इतनी थी कि में क्या करता और में उसकी गांड में ही झड़ गया और अब हम दोनों चिपककर लेट गये. फिर जैसे ही में शांत हुआ तो उसने किस के बहाने मेरी गर्दन पर ज़ोर से काट लिया, मुझे बहुत दर्द हुआ और फिर प्रिया बोली कि यह राहुल आपकी सज़ा है और इससे भी ज़्यादा दर्द हुआ मुझे जब आपने मेरी गांड में आपका लंड डाला. दोस्तों में उसकी मासूम सी हरकत पर अपना दर्द भूल गया और मैंने कहा कि जान अभी रूको एक बार और अंदर जाने दो इसे फिर तुम अपनी चूत को चुदवाना भूल ही जाओगी. दोस्तों उस रात एक बार और मैंने उसकी चुदाई की और फिर में सुबह अपने घर के लिये निकल गया और अब भी में कभी कभी उसके साथ मौका देखकर सेक्स कर लेता हूँ.

  • मेरी वाईफ को अंजान से चुदते देखा, cuckold sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मनीष है और में सूरत से हूँ. में आज आपको मेरा आँखो से देखा हुआ रियल सेक्स बताने जा रहा हूँ, जो मेरी वाईफ और एक अजनबी ने किया था. हमारी शादी को 1 साल हुआ है. मेरी वाईफ दिखने में गोरी, लंबी, और अच्छी फिगर की है और उसका साईज 34-29-35 है. अब में जो स्टोरी आपको बताने जा रहा हूँ, ये बात 15 दिन पहले की है. मेरे घर पर फर्निचर का काम चल रहा था और घर पर गगनपाल और सुरेश नाम के दो मिस्त्री काम करते थे. अब रोज की तरह में सुबह 9 बजे घर से जॉब पर चला गया था, लेकिन उस दिन हमारे ऑफिस का काम चल रहा था, इसलिए हमें छुट्टी दे दी थी.

    फिर में दोपहर को 1 बजे जब घर लौटा तो मैंने बेल बजाई, लेकिन बिजली ना होने की वजह से बेल नहीं बजी और मुझे लगा कि कोई दरवाजा खोलने आ क्यों नहीं रहा है? फिर मैंने मेरे बैग से अपनी एक्सट्रा चाबी निकाली और दरवाजा खोला. फिर जब में घर में अन्दर आया तो मैंने देखा कि रूम में कोई नहीं था, ना वर्कर्स और ना मेरी वाईफ. फिर में मेरी वाईफ को सर्प्राइज़ देने के लिए धीरे पैर अपने बाथरूम की तरफ गया तो अंदर से थोड़ी आवाज़ आ रही थी.

    फिर मैंने दरवाजे के होल से देखने का सोचा. फिर जब मैंने दरवाजे के होल से देखा तो देखते ही दंग रह गया. मेरा मन किया कि अभी दरवाजा खोलकर दोनों को मार दूँ, लेकिन अब मेरी वाईफ को इतना खुश देखकर फिर मैंने अपना मन बदल दिया और फिर से दरवाजे के होल से देखा तो मेरी वाईफ अब पूरी नंगी अपने घुटनों पर बैठी है और मिस्त्री सुरेश भी नंगा खड़ा था.

    अब मेरी वाईफ सुरेश का लंड चूस रही थी और बोल रही थी कि वाह सुरेश तेरा कितना तगड़ा लंड है? मन करता है कि तेरा चूसती रहूँ. सच में सुरेश का लंड कम से कम 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था. फिर तो सुरेश भी मेरी वाईफ के सर को पकड़कर अपना लंड मेरी वाईफ के मुँह में डालने लगा. अब ये नज़ारा देखकर में हैरान हो गया था, मेरी वाईफ आज तक कभी मेरा लंड अपने मुँह तक भी नहीं लाई थी.

    अब सुरेश का लंड एकदम घोड़े के जैसा तन गया था और अब में मन ही मन घबरा गया था कि कहीं इस घोड़े जैसे लंड से मेरी वाईफ की चुदाई कर ली तो वो मर जायेंगी. इतने में सुरेश ने मेरी वाईफ के बूब्स ज़ोर से दबाये और कहा कि वाह भाभी जी आपके बूब्स तो मस्त कड़क है, लगता है कि भैया ठीक से दबाते नहीं. तब मेरी वाईफ ने कहा कि वो अभी तुम्हारे सामने बच्चा है तुम्हारी उम्र कम है, लेकिन तुममें उससे ज़्यादा ताकत है और उससे हर चीज़ बड़ी है, अब वो बोलते-बोलते सुरेश का लंड हिला रही थी और सुरेश भी मेरी वाईफ के बूब्स ज़ोर-ज़ोर से खींच रहा था.

    अब इतने में खुद मेरी वाईफ आगे झुकी और सुरेश से कहा कि आज मुझे अपने बड़े लंड का स्वाद चखाओं, में कब से इसके लिए तड़प रही हूँ और जब मैंने इसे पहली बार देखा था, तब से कभी ठीक से सो भी नहीं पाई हूँ. तब सुरेश ने कहा कि आपने मेरे लंड को कब देखा था? तब मेरी वाईफ ने कहा कि तुम बाथरूम में मेरी पेंटी को अपने हाथ में लिए इस मस्त लंड को परेशान कर रहे थे. तब सुरेश ने कहा कि हाँ भाभी रोज आपकी बड़ी गांड देखकर मेरा मन करता था कि आपकी गांड मार लूँ, आप जब झुककर बूब्स दिखाती थी तो मेरा लंड बेकाबू हो जाता था. आज ये मस्त मोटी गांड मारूँगा.

    फिर मेरी वाईफ ने कहा कि आज अपनी भाभी की जी भर के चुदाई करो और फिर मेरी वाईफ ने सुरेश का लंड हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के होल पर रखा तो अब सुरेश भी बेकाबू हो गया और मेरी वाईफ को कमर से पकड़ा और जैसे ही धक्का दिया तो फिर मेरी वाईफ की चीख निकल गई और सुरेश से गुस्से में बोली कि साले एक ही बार में पूरा क्यों डाल दिया? फिर सुरेश ने कहा कि भाभी जी ये तो मेरे लंड का टोपा गया है, पूरा लंड तो अभी बाकि है. ये बोलकर उसने मेरी वाईफ के बूब्स को पकड़कर एक और धक्का मारा तो वाईफ के मुँह से आआआहह निकल गई और कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे में पहली बार चुद रही हूँ.

    अब सुरेश का आधा भी लंड चूत में नहीं गया था तो सुरेश ने कहा कि भाभी अब तक तेरी चूत पूरी भी नहीं खुली है. क्या, भैया ठीक से चोदते नहीं क्या? फिर मेरी वाईफ ने कहा कि हर किसी का लंड तेरे जैसा मजबूत जोरदार नहीं होता है. फिर सुरेश ने धीरे-धीरे धक्के देना शुरू किया और अब मेरी वाईफ भी आअहह आअहह करके मजे लेने लगी थी. अब मेरी वाईफ ने जोश-जोश में सुरेश का पूरा लंड ले लिया था और अब लगभग 20 मिनट तक सुरेश मेरी वाईफ को चोदता रहा.

    फिर मेरी वाईफ बोली कि सुरेश में 3 बार पानी निकाल चुकी हूँ, अब तो अपना पानी निकालो. फिर सुरेश ने कहा कि अभी नहीं अभी तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा और चोदता रहा. फिर मेरी वाईफ बेड पर उल्टी सो गयी तो सुरेश उसे कमर से खींचकर फिर से चोदता रहा और अब उसका लंड ज़ोर-ज़ोर से चूत के आर पार हो रहा था.

    फिर उसने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, इसको टेस्ट नहीं करोगी? फिर मेरी वाईफ ने कहा कि तूने मुझे जन्नत दिखाई है तो तुमको भी खुशी मिलनी चाहिए. ये कहकर वो सीधी हुई और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और कहा कि वाउ क्या मर्दाना लंड है तेरा? टेस्ट भी मस्त है. अब सुरेश मेरी वाईफ के मुँह में चुदाई करने लगा और फिर तो मेरी वाईफ भी उसके लंड को अपने मुँह में लेने लगी. तभी ज़ोर से रॉकेट जैसी पिचकारी निकली और मेरी वाईफ ने पूरा पानी पी लिया और अपनी जीभ से सुरेश के लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया. अब वो चाट रही थी तो सुरेश का लंड तन रहा था. फिर सुरेश ने कहा कि साली लंड मुँह से निकाल वरना तेरी गांड की खैर नहीं है. फिर मेरी वाईफ ने कहा कि अब में इस लंड की दीवानी हो गई हूँ.

    फिर सुरेश का लंड डबल तन गया और उसने मेरी वाईफ को उल्टा करके उसके गांड के होल पर अपना लंड रख दिया और मेरी वाईफ से कहा कि इतनी मस्त गांड को तेरा पति मारता नहीं, पागल है, फुटबॉल जैसी गांड तो चुदने के लिए ही होती है. ये सुनकर मेरी वाईफ बोली कि साले तेरा लंड तो पीछे जायेगा और आगे से निकल जायेगा. तेरा इतना बड़ा है, इतना तो मेरा पति एक महीने में नहीं चोदता जितनी तूने आज मेरी चुदाई की है, वो देखता तो उसे पता चलता कि उसकी वाईफ की चूत का क्या हाल किया है? फिर सुरेश ने लंड गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन उसका लंड गांड में नहीं गया तो मेरी वाईफ सीधी हो गई और कहा कि रूको. फिर उसने सुरेश को सीधा लेटा दिया और खुद अपनी गांड को सुरेश के लंड पर रखकर बैठ गई और उस पर उछलने लगी. फिर काफी देर तक चुदाई के बाद वो झड़ गई और अब वो संतुष्ट लग रही थी.

  • बहुत अच्छे परिवार की असलियत

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 32 साल है. दोस्तों मेरी शादी को 10 साल हो चुके है और मेरी फेमिली में मेरे पापा 52 साल, मेरी मम्मी 49 साल और मेरी वाईफ 28 साल की है. दोस्तों में आप सभी को सबसे पहले यह बता दूँ कि मेरे मम्मी और पापा ने आज तक मुझसे ज्यादा बात नहीं की है.. वो मुझसे कोई भी ज़रूरत होने पर ही बात करते थे. मेरी मम्मी दिन भर पूजा पाठ और पापा अपने बिज़नेस में लगे रहते थे.

    फिर 22 साल की उम्र में मेरी शादी हुई और मुझे बहुत सेक्सी वाईफ भी मिली और मेरा जीवन बहुत मस्ती में गुजर रहा था. हाई सोसाईटी में रहना घूमना फिरना मज़े मस्ती करना.. तो अब में आपको बताता हूँ कि कैसे मेरी लाईफ में अचानक एक दिन बहुत बड़ा भूचाल आ गया.

    दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है.. जब में अपने किसी जरूरी काम से घर पर लौटा था.. उस समय दिन के दो बज रहे थे और मेरी वाईफ ने मुझे पानी लाकर दिया और जब मैंने उससे पूछा कि बाकी सब लोग कहाँ गए?

    वो बोली कि सब बाहर गये है और उस समय में थोड़ा मूड में था.. तो मैंने उससे कहा कि चलो आज मस्ती करते है और उसे अपने रूम में ले जाने लगा.. लेकिन उसने कहा कि रूम में तो हम रोज ही यह सब करते है.. आज हम किचन में करते है और फिर हम किचन में चले गए. किचन में एक टेबल थी.. वो उसी पर चड़ गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम नीचे ही रहो और वो अपनी साड़ी खोलने लगी और साड़ी को पूरा खोलने के बाद वो अपना ब्लाउज, फिर पेटिकोट, फिर ब्रा और आखरी में उसने अपनी पेंटी तक को उतार दिया.. लेकिन दोस्तों वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी.. जैसे कोई रंडी स्टेज पर प्रोग्राम कर रही हो और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि हम आज कुछ नया करते है.. जैसा कि हम नेट पर वीडियो देखते है.

    फिर में भी एकदम तैयार हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि में उसकी चूत के नीचे अपना मुहं करूं और जैसे ही मैंने उसकी चूत के पास मुहं किया.. तो उसने तेज़ी से अपनी पीली कलर की धार मेरे मुहं में छोड़ दी और में एकदम से चकित हो गया कि यह क्या कर रही है.. लेकिन तब तक उसका पीला पानी मेरे पूरे मुहं और शरीर में आ चुका था.

    फिर उसके बाद वो बोली कि तुम ऐसे घबरा क्यों रहे हो.. अभी तो स्टार्ट हुआ है. फिर मैंने कहा कि क्या बात है.. आज तुम इतनी रंगीन कैसै? तो वो बोली कि बस तुम देखते जाओ और उसने मुझे ऊपर आने को कहा और जैसे ही में ऊपर चड़ा.. तो वो मेरे लंड को चूसकर मेरा सारा माल झाड़ दिया और मेरा पूरा वीर्य पी गयी. अब में तो बहुत चकित हो गया कि इतने सालों में आज तक उसने कभी भी मेरा लंड नहीं चूसा था और आज इतना कुछ.. खैर उसके बाद हम रोज इस तरह का कुछ ना कुछ करते रहे और अब मुझे क्या मालूम था कि मेरी जिन्दगी में और भी बहुत कुछ होने वाला है.

    फिर कुछ दिनों के बाद एक रात को करीब दो बजे में अचानक नींद से उठा और पानी पीने लगा.. तो मुझे अपनी माँ की आवाज़ हॉल में सुनाई दी और बेड पर मेरी वाईफ भी नहीं थी और जैसे ही में हॉल के सामने पहुंचा.. तो मेरी वाईफ और पापा मम्मी तीनो एकदम नंगे थे और मेरी वाईफ डाइनिंग टेबल पर खड़ी है और पापा मम्मी नीचे खड़े है और वो उन दोनों पर मूत रही है.. वो उन्हे कह रही थी कि..

    वाईफ : अबे साले मादरचोद तेरे बेटे का लंड तो तुझसे भी पतला है.. इसलिए आज में तेरे साथ हूँ और तू साला नखरे कर रहा है.. चल अब सामने आकर मेरा मूत पी.

    मम्मी : बेटी मुझे भी थोड़ा सा पिला.. बहुत दिन हो गये तेरा मूत पिए.

    पापा : हाँ बेटी में तैयार हूँ और फिर वो उन दोनों पर मूतने लगी.

    पापा : बेटी अब नीचे आ.. मुझे तेरी चूत का स्वाद भी चखा.

    फिर पापा मम्मी उसे गोदी में उठाकर ज़मीन पर ले आए और पापा उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगे.. तो अचानक माँ ने उससे कहा.

    मम्मी : बेटी तू तो मेरे पति से चुदवा ले और अब अपना वादा पूरा कर और मेरे पति से मुझे छुटकारा दिला.. साला संजय को जब से पैदा किया है.. तब से उससे अपनी चूत को चटवाकर पागल हूँ.

    वाईफ : हाँ मम्मी जी.. आज आपका काम जरुर होगा और आप बिल्कुल भी चिंता मत करो.

    फिर उसके बाद मेरा बाप पागलों की तरह मेरी बीवी को चोदने लगा. फिर उसे चोदने के बाद संध्या ने एक रबर का लंड अपनी कमर पर बाँध लिया और मेरी मम्मी की चूत में डाल दिया और यह सब देखकर में भी अब तक एकदम पागल हो चुका था कि जो माँ दिन भर पूजा करती है.. कभी ऐसी भी हो सकती है.

    फिर मुझे भी कंट्रोल नहीं हुआ और में अंदर घुस गया.. मुझे देखकर सबके सब घबरा गए. तभी मेरी मम्मी उसी नंगी हालत में मेरे पास आई और कहने लगी कि बेटा घबरा मत.. अगर तुझे भी हमारे साथ आना है.. तो बोल.. नहीं तो तू यहाँ से चला जा. फिर मैंने कहा कि मम्मी आप ऐसी भी हो सकती हो.. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता. फिर वो बोली कि बेटा अभी तो यह शुरुवात है और तुझे पूरी बात कहां पता है. फिर मैंने कहा कि मतलब? तो उसने कहा कि में और तेरे पापा सेक्स में बहुत आगे आ चुके है और हमारी जो यह अमीरी है.. वो सेक्स की ही देन और जिस लड़की से तेरी शादी हुई है और यहाँ पर तेरी बीवी कोई नहीं है.. इसे तेरी शादी से पहले जब यह 18 साल की थी.. तब से तेरे पापा कई बार चोद चुके है और यह हमें दिल्ली में मिली थी और उसी दिन हमने सोच लिया था कि इसे तेरी वाईफ बनाकर लाएगें और फिर तुझे भी इसमे शामिल करेंगे.. ताकि तुझे भी दिक्कत ना हो.. वैसे में तेरे पापा और तेरी वाईफ हम तीनों बहुत सेक्स करते है.

    दोस्तों में यह सब सुनकर एकदम पागल हो चुका था.. अचानक से मेरा हाथ अपने आप मम्मी के बूब्स पर चला गया और जैसे ही मैंने उनके बूब्स को पकड़ा.. तो मेरी वाईफ मेरे बाप से बोली कि चल साले आज से तू मेरा पति और यह इसका पति है.. जो हमने सोचा था.. आज वो हो गया और वो रूम से चली गई.

    उसके बाद मैंने अपनी मम्मी को कहा कि बोलो.. तो मम्मी बोली और कहा कि आज से मम्मी नहीं किरण बुला मुझे और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. उफ़फ्फ़ मम्मी नहीं सॉरी किरण चूस चूस और ज़ोर से. फिर किरण बोली कि मूत बेटा आज मुझे तेरा मूत पिला और फिर में धीरे धीरे मूतने लगा और उसे हॉट ड्रिंक्स समझकर पीने लगी.

    उसके बाद वो मुझे अपनी चूत चुसवाने लगी.. क्या गांड, क्या चूत, क्या बॉडी एक औरत वो भी 50 साल के लगभग थी. वो भी भगवान की भक्ति में लगी रहती थी.. उसका असली रूप तो यह है.. जो कि सेक्स में अपने बेटे को पाने के लिये इतना सब कर चुकी थी और उसके बाद उसकी चूत में मेरा लंड जैसे ही गया.. वो चिल्ला उठी.. आहह अह्ह्ह्ह मादरचोद बना ही दिया तुझे अह्ह्ह हाँ बेटा चोद अपनी माँ को चोद चोद उफफफ्फ़ और अंदर डाल साले बहनचोद डालना उउउफफफ्फ़. फिर में 15 मिनट के बाद जैसे ही झड़ने वाला था..

    मैंने कहा कि किरण मेरा माल निकल रहा है.. तो वो बोली कि तो क्या हुआ अंदर ही डाल.. इसलिये आज तक मैंने ऑपरेशन नहीं करवाया कि एक ना एक दिन में तेरे बेटे को जन्म दूंगी और आज तक तेरी बीवी तेरे साथ इसलिए कंडोम लगाकर चुदाई करती थी.. ताकि उसका पहला बच्चा तेरे बाप से हो. आज वो भी माँ बन गई और में भी.

    फिर उसके बाद रात भर में अपनी मम्मी किरण को चोदता रहा और उधर मेरे पापा मेरी बीवी को और जब सुबह हुआ.. तो मेरे घर का पूरा माहोल ही बदल चुका था.. जो औरत सुबह जल्दी उठकर पूजा में बैठ जाती थी.. आज मैंने देखा कि वो आज एकदम नंगी ही डाइनिंग हॉल में घूम रही है और पापा मेरी बीवी की कमर में हाथ डालकर उससे कह रहे है.. संध्या तू साली इंडिया की पहली औरत होगी.. जिसे भगवान ने इतना सेक्सी फिगर दिया.. इसे कपड़ो में क्यों छुपाकर रखती है? आज से तू और तेरी सास दोनों घर पर नंगी रहा करो और अब हम सब कुछ घर पर ही करेंगे.. बाहर होटल में नहीं और फिर उसके बाद अब हम एक साथ ही घर पर चुदाई करते है.. लेकिन आज एक साल बाद मेरी माँ को भी एक बेटी और मेरी वाईफ को भी एक बेटी हो गयी है.. लेकिन उन दोनों को नहीं पता कि मेरी बहन मेरी बेटी है और मेरी बेटी मेरी बहन है.

  • दोस्त की बीवी को रंडी बनाकर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिवम् है और में जालंधर से हूँ. आज में आपको एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ. मेरा एक दोस्त है और उसकी बीवी जो कि वो जालंधर की ही रहने वाली है. में अक्सर अपने दोस्त के घर जाया करता था और उसकी बीवी बड़ी ही सुंदर है. उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं है, लेकिन फिर भी ठीक ही है और उसकी स्माईल बड़ी ही स्वीट है.

    उनका एक बेटा है जो कि अभी 6-7 साल का ही है. मेरे दोस्त के बहुत ज़िद करने पर में उनके बेटे को कोंचिग पढ़ाने को तैयार हो गया. अब में दोपहर को उसके घर पर उसे पढ़ाने जाया करता था और उस समय मेरा दोस्त अपने काम पर होता था और भाभी जिनका नाम सुमन है, एक दिन में दोपहर को जब उसके घर पहुंचा तो घर पर कोई नहीं था, सिर्फ़ अकेली सुमन थी. आज उनका बेटा अपनी मौसी के घर पर गया हुआ था.

    मैंने बेल बजाई तो दरवाज़ा खुला तो दरवाजे पर सुमन थी. उसने एक स्वीट सी मुस्कान दी और अंदर आने को कहा. में अंदर चल गया और उस समय उसने नाईटी पहन रखी थी और उसके बाल खुले थे. फिर उसने मुझे बैठने को कहा और वो अंदर चली गई, काफ़ी देर होने के बाद भी जब वो नहीं आई तो में अंदर गया और इधर उधर देखा तो वो बाथरूम में थी और बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं था.

    मैंने धीरे से अंदर देखा तो वो एकदम नंगी थी और नहा रही थी. उसके मुँह पर साबुन था तो इस कारण वो मुझको शायद देख नहीं सकी. फिर में वापस आया और मैंने डोर लॉक कर दिया और वापस बाथरूम की तरफ गया. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब में वहीं पर खड़ा रहा और उसको देखता रहा. फिर मैंने अपने मोबाईल कैमरे से उसकी क्लिप भी बना ली थी और वो बहुत ही सेक्सी थी और बार-बार अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी चूत को रगड़ रही थी. में समझ गया कि उसको मेरा दोस्त पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं कर पाता है और जब वो नहाकर निकल रही थी तो में वापस आकर उसी जगह बैठ गया.

    फिर कुछ देर के बाद वो मेरे लिए चाय बना कर लाई और मेरे पास बैठ गई. मेरा लंड अभी भी टाईट था. फिर मैंने डरते-डरते उससे कहा कि भाभी में आपसे कुछ पूछ सकता हूँ तो वो मुस्कुरा कर बोली कि पूछो. फिर मैंने कहा कि पूछना तो नहीं चाहिए है लेकिन पर्सनल है, लेकिन पूछ रहा हूँ, क्या विक्की और आप की शादीशुदा लाईफ सुखी है?

    वो बोली हाँ हम खुश है. फिर मैंने कहा कि नहीं आपकी सेक्स लाईफ तो.. उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर खामोश रही और फिर बोली कि तुम्हारे दोस्त मुझको संतुष्ट नहीं कर पाते है. अब मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैंने पूछा कि आप तो इतनी खूबसूरत हो, सेक्सी हो, आप पर तो कोई भी फिदा हो जायेगा, आप कोई दूसरा रास्ता क्यों नहीं अपना लेती हो? तो वो बोली कैसा रास्ता?

    फिर मैंने कहा कि किसी दूसरे से संपर्क करो तो वो बोली कि क्या तुम मुझको संतुष्ट करोंगे? यह सुनते ही मेरी तो जैसे खुशी का ठीकाना ही नहीं रहा. में तुरंत उठा और सुमन को अपनी बाहों में भर लिया और उसके लिप पर एक किस किया और हम दोनों करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे और वो मुझसे बोली कि पहले दरवाज़ा तो बंद कर दो. फिर में बोला कि वो तो मैंने पहले ही बंद कर दिया है.

    उसके बाद हम बेडरूम में गये और उसने बिना देर लगाए मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने होठों में लेकर दबाया और चूसने लगी. अब में भी अपने होश खोता जा रहा था. फिर मैंने भी उसका गाउन खोल दिया. उसने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, अब वो बिल्कुल नंगी थी. अब हम दोनों बेड पर लेट गये और वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और बोली कि कब से मेरे मन में एक प्लान था कि में तुमसे चुदवाऊँ और आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है. फिर में भी बोला कि भाभी में भी आपको चोदना चाहता था, यह सुनकर वो बोली कि मेरे राजा देर किस बात की है और आज में तुम्हारे पास हूँ जिस तरह से चाहो मुझको चोदो, यह चूत बड़ी प्यासी है.

    फिर मैंने उसके टाईट बूब्स को धीरे-धीरे दबाना चालू किया और अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी. फिर उसने पीछे हटकर मेरे लंड को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी. अब में भी उसकी चूत लेने के लिए तड़प रहा था. करीब 15 मिनट के इस खेल के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर वो बोली कि मेरे राजा अब देर मत करो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

    फिर में उठा और अपना 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत के ऊपर रखा, लेकिन उसकी चूत काफ़ी टाईट और सूखी थी. फिर मैंने चूत को हाथ से धीरे-धीरे रगड़ा और करीब 3 मिनट के बाद उसकी चूत गीली हो गई. फिर मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. फिर वो बोली कि जल्दी से पूरा अंदर करो तो मैंने एक जोर का धक्का दिया तो वो चिला उठी, मार डाला ज़ालिम तूने, शायद उसके पति का इतना लंबा और मोटा नहीं था.

    फिर कुछ देर के बाद मेरे झटको का वो भी साथ दे रही थी और कह रही थी कि आज मेरी जमकर चूत मारो. मैंने कितनी बार सोचकर तुम्हारे दोस्त से चुदवाया है आज तुम मुझको रियल में चोद दो, मेरी जान. अब में भी जोर-जोर से झटके मार रहा था और करीब 25 मिनट के इस खेल में वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब में भी झड़ने वाला था.

    फिर मैंने कहा कि सुमन में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही निकाल दो तो मैंने कहा कि अगर कुछ हो गया तो उसने कहा कि कुछ नहीं होगा, में गोली खा लूँगी, लेकिन तुम अन्दर ही झड़ना. फिर में जोर-जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और कुछ ही देर के बाद में उसके अंदर ही झड़ गया और अब हम बिल्कुल शांत थे, ये किसी तूफान के बाद की शांति थी. अब हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर में उठा और उसको एक लिप किस किया.

    अब 5 बज चुके थे तो वो बोली कि अब तुमको चलना चाहिए, लेकिन हाँ एक बात ध्यान रहे यह बात बस मेरे और तुम्हारे बीच ही रहे. तुम्हारे दोस्त को कुछ पता नहीं चलना चाहिए. फिर मैंने उससे वादा किया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये. फिर में उठा और अपने कपड़े पहने. फिर वो भी बाथरूम में गई और उसके बाथरूम से निकलने के बाद में वहाँ से चला आया, लेकिन अब जब भी हमको मौका मिलता है तो वो मुझको फोन करके बुला लेती है और हम भरपूर सेक्स का मज़ा लेते है.

  • देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.

    दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.

    दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.

    दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.

    में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.

    वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.

    जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.

    मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.

    फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.

    वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.

    फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.

    में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.

    फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.

    फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.

    फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.

    फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.

    मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.

    मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.

    उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.

    फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.

    फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.

    फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.

    दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.

    अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.

    फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.

    गीता : हैल्लो, भाभी.

    में : हाँ गीता बोलो?

    गीता : अभी आप कहाँ पर हो?

    में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.

    गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.

    में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?

    गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.

    में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?

    गीता : हाँ ठीक है बाय.

    तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.

    फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.

    फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.

    फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.

  • मनीषा भाभी की चूत को लंड खिलाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 20 साल है. मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह मेरे सेक्स अनुभव की पहली सच्ची कहानी है. जिसमे मैंने मेरी पड़ोस वाली भाभी जी के साथ जमकर सेक्स किया और अपनी और उनकी जिस्म की आग को ठंडा किया. मेरा लंड 7 इंच बड़ा है और यह दो साल पहले की बात है जब में 12th क्लास में था. दोस्तों मेरे पास के मकान में एक भाभी रहती है, उसका नाम मनीषा है. उनकी उम्र 30 साल है और वो बहुत सेक्सी है और उसका फिगर 34-28-36 है. जिसको देखकर में हमेशा उसको चोदने के बारे में सोचता था.

    उसके घर में उसके पति और एक उसका लड़का रहता है, उसका लड़का अभी दो साल का है. में उसके घर पर रोज आया जाया करता था. मनीषा के बूब्स बहुत मस्त और बड़े सेक्सी थे. जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स झूलते रहते थे. यह देखकर कोई भी मचल जाए और वो हमेशा आधी बांह का ब्लाउज पहनती थी. उसमें से उसके बूब्स पूरे बाहर की तरफ दिखते थे तो उन्हे देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता और फिर एक दिन वो मेरे घर पर मेरी माँ को मिलने आई और तब में भी घर पर ही था, तभी उसका साड़ी का पल्लू फिसलता हुआ नीचे गिर गया, तो वो एकदम साड़ी के पल्लू को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुकी तो ऐसा लग रहा था कि उससे बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे है.

    उसने पल्लू उठाते हुए मुझे देख लिया और में तो बस उनके बड़े बड़े बूब्स को देखकर एकदम पागल सा होने लगा था, तो उसने मुझे एक हल्की सी स्माइल दी और उस दिन से उसे महससू होने लगा कि में उसको छुपकर देखता हूँ, तो वो भी जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा देती थी. में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और सोचता कि काश में इसको चोद सकता और फिर में ऐसा सोचकर अपने घर पर आकर उनके नाम की मुठ मारता था और में उसके बड़े बड़े बूब्स और गांड के बारे में सोच सोचकर मुठ मारा करता था.

    तो एक दिन की बात है, में उसके घर पर गया वो घर पर एकदम अकेली थी और शायद बाथरूम से नहाकर अपने रूम में आकर कपड़े पहन रही थी. उस वक़्त उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी ही पहनी हुई थी. तो में उसे घूरकर देखता ही रह गया और शायद उसने भी मुझे देख लिया था, लेकिन फिर कुछ देर बाद में वहां से चला गया और फिर में कुछ दिन तक उसके घर पर नहीं गया. तो एक दिन उसने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम घर पर क्यों नहीं आते हो? लेकिन में बहुत देर तक चुप रहा और उसके बार-बार पूछने के बाद मैंने उससे कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ उसकी वजह से में आने से डरता था.

    उसने मुझसे बोला कि तुम वो बात किसी को मत बताना और फिर उस दिन से वो मुझसे बहुत करीब हो गयी. में जब भी उसके घर पर जाता तो वो जानबूझ कर सेक्सी स्माइल देती और अब वो भी मुझसे चुदना चाहती थी, वो सब मुझे उसकी हरकतों से महसूस होने लगा था. वो अधिकतर समय मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती, मुझे अपने बूब्स दिखाने की कोशिश किया करती थी. तो एक दिन जब में माँ के किसी काम से उसके घर पर गया तो मैंने देखा कि उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैंने भी जानबूझ कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी नहीं बजाई और उसके घर के अंदर चला गया.

    मैंने देखा कि घर पर कोई भी नहीं है और शायद वो उस समय बाथरूम में थी तो में चुपचाप सोफे पर जाकर बैठ गया और मैंने देखा कि वहां पर टेबल के नीचे एक किताब रखी हुई थी और जब मैंने उसको उठाकर देखा तो उसमे सेक्सी फोटो थे, सभी फोटो सेक्सी एक्शन में थे और अधिकतर नंगे आदमी के फोटो थे और उसमे आदमी के बड़े बड़े लंड थे, उन्हे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को बड़े बड़े लंड ज्यादा पसंद है और मैंने सोचा कि शायद मेरा नंबर लग जाएगा, क्योंकि मेरा लंड भी बहुत बड़ा था. फिर मैंने उस किताब को वहीं पर रख दिया. भाभी बाथरूम में थी तो में उसकी तरफ चल पड़ा और सोचा कि बाथरूम में उसे नहाते हुए देखा जाए और में उसे देखने लगा और जब मैंने बाथरूम में चुपके से देखा तो भाभी पूरी नंगी होकर नहा रही थी. तब तो वो और भी हॉट, सेक्सी दिख रही थी और वो अपने सारे बदन पर साबुन लगा लगाकर अपने बूब्स और चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी.

    तो यह सब देखकर मेरा लंड टाइट होकर खम्बे जैसा पूरी तरह खड़ा हो गया और वहां पर भाभी अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी और हल्की हल्की मोन कर रही थी और फिर वो उंगली को ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी, तो में समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और तब में वहां से हट गया और यह देखकर में तुरंत मेरे घर पर आ गया और बाथरूम में जाकर लंड को बाहर निकाला और मुठ मारने लगा और अब में समझ चुका था कि भाभी को क्या चाहिए और में यह बात सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोद सकूँ और एक दिन वो फिर से दोबारा बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी, तो में फिर से बाथरूम की तरफ चला गया और एकदम से दरवाजा खोला तो वो मुझे देखकर एकदम से चकित रह गयी. लेकिन मनीषा को सेक्स की भूख थी इसलिए उसने मुझे झट से अंदर खींच लिया और मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि गौरव में तुमसे चुदना चाहती हूँ और फिर वो मुझे किस करने लगी. तो मुझसे भी रहा नहीं गया और अब में भी उसको किस करने लगा और उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में उंगली करने लगा.

    मेरे ऐसा करने से उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकियाँ लेने लगी व मोन करने लगी. में उसको कुछ देर तक चूमता चाटता रहा और फिर मेंने उसको अपनी बाहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए. वो मुझे देखकर बहुत खुश हो गई. तो मैंने फिर धीरे से उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके बूब्स पर अपनी पकड़ मजबूत करके उसको अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और तभी भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज थोड़ा ज़ोर कम लगाओ. तो मैंने भाभी को अपनी बाहों में भरकर कसकर जकड़ लिया और भाभी भी मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थी.

    मैंने उनके दोनों होंठो को अपने होंठो के बीच में लेकर चूसने लगा. भाभी भी मेरी बाहों में अधनंगी खड़ी खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी बूब्स को मेरी छाती से दबा रही थी और फिर मुझे नंगा देखकर मनीषा भाभी हंसकर बोली कि तुम नंगे बहुत अच्छे दिखते हो और तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बहुत ही सुंदर लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको एक बार अपनी चूत में लेकर चुदवाना जरुर चाहेगी. तो में अब भाभी के पास गया और उनको अपनी बाहों में लेकर उनसे कहा कि मुझे कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हो या नहीं? तब भाभी बोली कि अरे तुम अभी भी नहीं समझे, में तो तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना चाहती हूँ जब से तुमने मुझे ब्रा पेंटी में देखा था और अब जल्दी से तुम मुझे चोद दो, मेरी चूत में आग लगी हुई है और वो मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी.

    में भाभी के एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर किसी बच्चे की तरह दूध पीने लगा और दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ में लेकर मसलने, दबाने लगा. तो भाभी भी अब तक पूरी तरह से गरम होकर जोश में आ गयी थी, उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़कर मुझको बेड पर धक्का देकर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी.

    तभी थोड़ी देर के बाद वो बोली कि वैसे तुम्हारा लंड बहुत ही सेक्सी है और आज मेरी चूत बहुत मज़े ले लेकर इस लंड से चुदेगी और अब तुम बिल्कुल चुपचाप पड़े रहो, क्योंकि अब मुझे तुम्हारे लंड का पानी चखना है. तो में बोला कि ठीक है भाभी, जब तक आप मेरा लंड का स्वाद चखोगी तब तक में भी आपकी चूत के स्वाद का आनंद उठाऊंगा, आइए हम दोनों 69 पोज़िशन पर पलंग पर लेटते और फिर हम दोनों पलंग पर एक दूसरे के पैर की तरफ मुहं करके लेट गये.

    फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर कर लिया और भाभी ने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होंठो से लगाकर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर उसे अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. दोस्तों तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कभी कभी उसको अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटने लगी. लेकिन मुझे अपने लंड को उनसे चुसाते हुए अब रहा नहीं गया और फिर मैंने उनके सर के बालों को पकड़कर अपने लंड को भाभी के मुहं में एक जोरदार धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया.

    भाभी लंड को अपने मुहं से बाहर निकालते हुए एक रंडी की तरह बोली, कि वाह मेरे राजा अभी और ज़ोर से डालो अपने लंड को मेरे मुहं में, और बाद में इसको इसी तरह मेरी प्यासी, तड़पती हुई चूत में डालना है और अब मैंने भी भाभी को जो कि मेरे ऊपर लेटी हुई थी, उसके दोनों पैर को फैला दिए और अब मेरी आँखो के सामने उनकी झांटो वाली एकदम गुलाबी चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरे लंड को खाने के लिए एकदम तैयार थी.

    में अपनी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. वो बहुत आसानी से अंदर तक जा रही थी और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन तभी भाभी ज़ोर से बोली कि अरे क्यों ऐसे टाईम बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को तुम्हारी यह छोटी सी उंगली नहीं चाहिए, उंगली तो मेरे पास भी है, उसे तो तुम्हारा वो बड़ा सा मोटा लंड चाहिए और उससे पहले तुम इसको अपनी जीभ से चोदो, बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो अब तुम्हारा लंड खाने की लिए तरस रही है.

    तो मैंने कहा कि क्यों इतनी चिंता कर रही हो भाभी, में अभी आपकी चूत से मेरे लंड का मिलन करवा देता हूँ. लेकिन उससे पहले में आपकी चूत का रस तो चखकर देखूं कि मेरी भाभी की गरम चूत का स्वाद कैसा है और वैसे मैंने सुना है कि सुंदर और सेक्सी औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है. तो भाभी बोली कि ठीक है जो मर्ज़ी में आए वो करो, यह चूत अब तुम्हारी ही है, तुम इसका जैसे चाहो वैसे मजा ले लो. लेकिन हाँ एक बात और जब हम एक दूसरे को चोदने के लिए तैयार है और एक दूसरे की चूत और लंड चाट रहे है, चूस रहे है तब यह आप आप का क्या राग लगा रखा है, तुम अब मुझको मेरा नाम लेकर पुकारो और यह आप आप की राग छोड़ो और फिर मैंने देखा कि उनकी चूत लंड लेने के लिए खुल और बंद हो रही है और अपनी लार बहा रही थी और उनकी चूत बाहर और अंदर से बिल्कुल रस से भीगी हुई थी.

    फिर मैंने जैसे ही अपनी जीभ को भाभी की चूत में अंदर डाला तो वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वाह क्या चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो इसे और ज़ोर से चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को और अंदर तक अपनी जीभ घुसा दो अह्ह्ह मेरी चूत के दाने को भी चाटो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह बहुत मज़ा आ रहा है और में अब झड़ने वाली हूँ और इतना कहते ही भाभी की चूत ने गरम गरम मीठा रस छोड़ दिया, जिसको में अपने जीभ से चाट चाटकर पूरा का पूरा पी गया और उधर भाभी ने अपने मुहं में मेरा लंड लेकर उसको बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही मिनट के बाद में भी भाभी के मुहं में झड़ गया और मेरे लंड का रस भाभी के मुहं के अंदर चला गया और वो उसे पूरा का पूरा पी गयी. अब भाभी का चेहरा कामुकता से चमक रहा था.

    उनको अब अपनी चुदाई की बहुत जल्दी थी और फिर वो मुस्कुराती हुई बोली कि चूत चुसवाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन में अब अपनी चूत कि चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ. अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिए तैयार करो और मेरी चूत में डाल दो, अब मुझसे रहा नहीं जाता. तो मैंने भाभी को पलंग पर चित करके लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर घुटने तक लाकर मोड़ दिया और फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा खोलकर उनकी चूत के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

    मनीषा भाभी अब बिल्कुल ही पागल हो रही थी वो चीखने चिल्लाने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी और कह रही थी कि चोद दो मेरी चूत को औऊऊऊऊ आईईईईईईइ फाड़ डालो आज अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरी इस चूत को, हाँ और ज़ोर से धक्का दो अह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को आज चोद चोदकर भोसड़ा बना दो, और ज़ोर से, हाँ और ज़ोर से धक्का दो.

    फिर मैंने भी जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड मनीषा भाभी के चूत में घुसा दिया और मेरा लंड बहुत आसानी से उनकी चूत में चला गया क्योंकि वो एक बच्चे की माँ थी और उस समय उनकी चूत बहुत गीली थी. मेरा लंड अंदर जाते ही वो पागलों की तरह चीखने, चिल्लाने लगी ऊऊऊओहआअहह और ज़ोर से चोदो आज इस चूत का सारा पानी निकाल दो ओहह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरी जान चोदो मुझे. उनकी यह बातें बार बार सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और में जल्दी जल्दी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और कुछ देर चोदने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठकर मेरे लंड की घुड़सवारी करने लगी और मनीषा भाभी बहुत मस्त घुड़सवारी कर रही थी. वो फिर से कहने लगी कि चोद दे आज इस रंडी को, बुझा दे प्यास इस चूत की, यह इस लंड की बहुत दिनों से प्यासी है.

    मुझे यह बात सुनकर और जोश चढ़ रहा था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से उसको चोदना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफ्फ़ और ज़ोर से चोदो कह रही थी और फिर करीब 45 मिनट तक लगातार चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और बहुत थककर मनीषा के ऊपर लेट गया. लेकिन मेरा लंड अब भी उसकी चूत में ही था. तो कुछ देर बाद में उठा और बाथरूम चला गया और साफ करके बाहर आ गया. लेकिन भाभी अब भी वहीं पर पड़ी हुई अपनी गीली चूत में उंगली कर रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी बाथरूम चली गई और उस दिन मैंने उनको दो बार और चोदा. लेकिन उस दिन से आज तक मुझे जब भी टाईम मिलता है तो में मनीषा भाभी को रोज चोदता हूँ.

  • दोस्त की बीवी ने होटल में चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, में आपको अपना परिचय करवा देता हूँ. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 24 साल है, लम्बाई 5.11 इंच और मेरे लंड की लम्बाई 8.5 इंच, मेरा कलर साफ है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ.

    दोस्तों जब मेरी पड़ोसन शिखा शादी के बाद वापस चली गयी तो मेरा सेक्स गेम जैसे बंद ही हो गया और फिर एक दिन मैंने सोचा कि ऐसे तो काम नहीं चलेगा और मैंने सोचा कि क्यों ना कोई लड़की पटाए और फिर किस्मत से बहुत जल्द ही एक लड़की फंस गयी, वो ठीक ठाक थी, लेकिन मुझे इतनी पसंद नहीं थी और वो धीरे धीरे मुझसे प्यार करने लगी थी और कभी भी सेक्स के लिए नाटक भी नहीं करती और मेरा भी काम चल रहा था.

    फिर में भी इस रिश्ते को नहीं तोड़ रहा था, लेकिन अब तो उसके बाप को भी मेरे बारे में पता चल गया और मेरा उससे मिलना भी कम ही होता. फिर एक दिन हमको मौका मिल गया, लेकिन जिस जगह पर में उसके साथ सेक्स करता तो वहां पर कुछ लफड़ा था और मेरा दिमाग़ खराब हो गया, क्योंकि पहले ही मुझे इतने दिनों में मौका मिला और फिर यह सब. फिर में जुगाड़ में लगा रहा, तभी मुझे याद आया कि मेरे दोस्त के मम्मी, पापा बाहर गये है और घर पर केवल भाभी मेरे फ्रेंड की वाईफ ही है.

    फिर मैंने मेरे दोस्त अनुज को फोन किया और बोला कि यार मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से मिलना है, क्या में तेरे घर पर मिल सकता हूँ? तो अनुज बोला कि यार अभी तो में नौकरी पर हूँ और तेरी भाभी घर पर होगी. फिर मैंने बोला कि यार तू भाभी से पूछ ले, अगर कोई दिक्कत ना हो तो अनुज बोला कि यार क्या बोलता है, त्रप्ति को क्या दिक्कत होगी? लेकिन फिर भी में उसको बता देता हूँ कि तू अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ घर पर आ रहा है. दोस्तों में बड़ा खुश हुआ कि अब कोई दिक्कत नहीं और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल करके बता दिया कि तीन बजे अनुज के घर आ जाना.

    सॉरी दोस्तों में बताना ही भूल गया कि मेरी गर्लफ्रेंड का नाम माधुरी है और जब हम दोनों अनुज के घर गये तो भाभी ने दरवाजा खोला. हम दोनों को अंदर बुलाकर पानी पिलाया और माधुरी से थोड़ी देर बात की और बोली कि राहुल भैया आप मेरे रूम में चले जाओ और हल्की से स्माईल दी. फिर माधुरी और हम दोनों चल पड़े और रूम में जाते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गये और अपने काम पर लग गए और हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया, हम पूरे मज़े से सेक्स कर रहे थे और एक बार फिर से मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया और तभी माधुरी का फोन बजा, वो उसके बाप का था और उसने उसे जल्दी से घर पर बुला लिया.

    अब मेरे मूड की तो माँ चुद गई और माधुरी भी सॉरी बोलकर निकल गयी. फिर में बेड पर बैठा बैठा सोच रहा था, साला यह दिन कितना खराब है और ऊपर से काम भी पूरा नहीं हो सका और अब में तैयार होकर नीचे आया और भाभी से बोला कि में जा रहा हूँ तो भाभी बोली कि रूको में चाय बना रही हूँ पीकर जाना. मेरा तो वैसे भी दिमाग़ खराब था और मेरी जगह कोई भी होता तो उसका भी मेरे जैसा ही हाल होता. मेरा लंड अभी तक खड़ा हुआ था और में जाकर सोफे पर बैठ गया.

    तभी भाभी चाय के साथ अंदर आई और जब मैंने भाभी को देखा, वो क्या मस्त लग रही थी और उसने अपनी साड़ी चेंज कर ली थी, वो पूरी हल्के लाल कलर की थी और उस पर बड़े बड़े काले गुलाब और एक काले कलर का बड़ा सा ब्लाउज जो उनके बूब्स में नहीं आ रहा था और ऊपर से नाभि के नीचे साड़ी पहनी हुई थी, थोड़ा सा पेट निकला हुआ था. दोस्तों में सच बोलूं तो वो क्या माल लग रही थी. उसे कोई भी पकड़ ले और ऊपर से मेरे साथ जो हुआ था, उसके बाद तो भाभी को देखकर बलात्कार कर दे. भाभी साफ कलर की लंबे बाल अच्छा सा फिगर और सबसे हॉट उनके होंठ है, जो किसी को भी पागल कर दे तो में उनको बस घूर रहा था, तभी भाभी बोली कि लो ना चाय, वो शायद दो तीन बार पहले भी बोली होगी, लेकिन मुझे नहीं सुनाई दिया. फिर मैंने चाय उठा ली, तभी भाभी बोली कि राहुल भैया माधुरी इतनी जल्दी से क्यों चली गयी? क्या आपकी कोई लड़ाई हो गयी? तो मैंने कहा कि नहीं भाभी वो उसके पापा का कॉल आ गया था.

    फिर भाभी बोली कि ओह. फिर तो आपका मूड ऑफ हो गया होगा? तो में बोला कि हाँ भाभी, लेकिन क्या कर सकते है? वैसे आप कहीं जा रही हो? तो बोली कि हाँ वो इनके कज़िन को कुछ शॉपिंग करनी है, लेकिन अभी देर है और इतने में चाय खत्म हो गई और में बोला कि भाभी में अब चलता हूँ तो त्रप्ति बोली कि अरे राहुल भैया रुको ना क्या में इतनी बोर हूँ.

    फिर मैंने कहा कि ऐसा नहीं है भाभी तो वो बोली कि में दिन भर बोर होती हूँ, थोड़ी देर आपसे बात हो जाएगी और इतने में रिंकी भी आ जाएगी, तब में क्या करता और वैसे भी में रुकना इसलिए नहीं चाहता था, क्योंकि त्रप्ति भाभी को देखकर मेरा मन और डोल रहा था, लेकिन में रुक गया और मेरी नज़र बार बार बात करते वक्त उनके पेट पर जा रही थी, जिसको भाभी ने भी गौर किया और अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था. फिर मैंने भी कुछ करने की सोची और भाभी से बोला कि भाभी आप इस साड़ी में बहुत अच्छी दिख रही हो.

    फिर भाभी ने धन्यवाद बोला और बोला कि राहुल भैया एक बात पूंछू बुरा मत मानना. फिर में बोला कि भाभी आप तो बस बोलो, तो वो बोली कि आपकी पसंद कुछ अच्छी नहीं लगती. फिर में बोला कि किस बारे में? तो वो बोली कि आपकी गर्लफ्रेंड तो में बोला कि अच्छा तो आप माधुरी की बात कर रहे हो, क्यों ऐसा क्या हुआ? तो वो बोली कि आप इतने फिट और स्मार्ट हो, आप दोनों की जोड़ी मुझे कुछ जमी नहीं.

    फिर में बोला कि भाभी वैसे हमारे बीच कुछ ऐसा वैसा नहीं है, में बस ऐसे ही टाईम पास कर रहा हूँ. फिर भाभी बोली तो फिर आपको कैसी लड़की पसंद है? तो मैंने थोड़ा उन्हे छेड़ने की सोची और बोला कि छोड़ो भाभी आप बुरा मान जाओगे. फिर वो बोली कि में क्यों मानूं भला, तो वो मुझे चिड़ाकर बोली कि बताते हो या नहीं.

    में बोला कि आपकी जैसी तो भाभी शरमा गई और थोड़ी देर चुप होकर बोली कि मुझमें ऐसा क्या है? तब में समझ गया कि भाभी भी थोड़ा मज़ा ले रही है और अब में भाभी से बोला कि यह तो आप अपने साथ ग़लत कर रही हो, भाभी आप जैसी गर्लफ्रेंड तो हर कोई चाहता है और में थोड़ा अपना मुहं बिगाड़कर बोला कि मेरी ऐसी किस्मत कहाँ? अनुज तो बहुत किस्मत वाला है और मेरी यह बातें सुनकर वो लाल हो गयी.

    फिर भाभी बोली कि राहुल भैया इतना भी मत चड़ा दो. फिर में फट से उनके पास जाकर बैठकर बोला कि भाभी यह सब सच है और में झूठ नहीं बोल रहा. तब भाभी बोली कि यह तो आप है वरना उनको तो अपने काम से फ़ुर्सत ही नहीं जो कभी मुझसे बात करें और अभी तो हमारी शादी को एक साल हुआ है. फिर में बोला कि अनुज तो पागल है, भाभी अगर आप मेरी वाईफ होती तो में बस पूछो मत.

    भाभी समझ गई और शरमाते हुए बोली कि एक बात तो है, आपकी पत्नी आपसे बहुत खुश रहेगी और हमारी ऐसी किस्मत कहाँ तो अब वो मेरे ही बोल बोल रही थी और में समझ गया था कि अब मेरा काम बन सकता है तो में बोला कि क्यों भाभी यार अनुज भी तो मेरे जैसा ही है. फिर वो बोली कि कहाँ है, मेरे लिए तो उनको टाईम ही नहीं है. फिर मैंने सोचा कि यार यह मौका ठीक है और मैंने भाभी से बोला कि अगर आप नाराज़ ना हो तो मुझे एक बात बोलना है? तो वो बोली कि बोलो? तो मैंने फटाफट कहा कि में आपसे प्यार करता हूँ और फिर भाभी के मुहं से तोते उड़ गये और वो मुझे घूरने लगी.

    में बोला कि यह बात आपसे कब से बोलनी थी, लेकिन आज बोल रहा हूँ प्लीज बुरा मत मानना दिल में था जो बोल दिया तो त्रप्ति कुछ नहीं बोली और फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में ले लिया और बोला कि जवाब का इंतजार है. फिर वो रुकी रही और कुछ नहीं बोली, लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपना दूसरा हाथ भी मेरे हाथों में रख दिया तो में समझ गया कि अब मेरा काम बन गया. अब में स्माईल देता हुआ बोला धन्यवाद तो उसने स्माईल देते हुए मुहं फेर लिया.

    फिर में बोला कि जानू अब क्यों उधर देख रही हो और मैंने त्रप्ति से बिल्कुल चिपककर उसके गालों को किस किया तो वो मुझे घूरने लगी. फिर में बोला कि ऐसे मत देखो यार तो वो बोली कि तुम भी ना वो इतना ही बोल पाई और मैंने उसके सेक्सी से होंठो पर होंठ रख दिए. त्रप्ति इस अचानक हुए काम को समझ ना सकी, लेकिन एक ही मिनट में समझकर मेरा साथ देने लगी और में किस करते वक़्त सोच रहा था कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए करता है और दोनों मस्त होकर किस कर रहे थे. तभी डोर बेल बज गयी और हम दोनों फट से अलग हुए और त्रप्ति अपने को ठीक करते हुए दरवाजा खोलने गई और वापस आते समय उसके साथ अनुज की कज़िन थी, तब मेरा मूड फिर से ऑफ हो गया. साली को भी अभी आना था और में वहां से निकल गया और मन में सोचा कि साला आज दिन ही खराब है. फिर रात को जब में सोने जा रहा था, तब किसी के नंबर से मैसेज आया तो में समझ गया कि वो त्रप्ति का नंबर ही होगा. फिर मैंने भी मैसेज किया कि यार अभी से गुड नाईट तो जवाब आया कि हाँ यह टी.वी. देख रहे है. फिर मैंने कहा कि ठीक है फोन करो तो जवाब आया कि में कल करती हूँ.

    फिर अगले दिन 10 बजे मैसेज आया तो मैंने भी जवाब दिया और बोला कि क्या में घर पर आ सकता हूँ? तो वो बोली कि नहीं बाबा, आज मम्मी पापा आ रहे है तो उसकी यह बात सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया. मेरी किस्मत ही साली खराब है कि वो दोनों भी दो दिन पहले ही आ गये और फिर उनको मैंने कोई मैसेज नहीं किया. फिर कुछ देर में उसका फोन आ गया और त्रप्ति बोली कि क्या हुआ इतनी देर हो गई, तुमने कोई मैसेज नहीं किया?

    मैंने झूठ बोला कि मुझे कोई जरूरी काम था और मैंने उससे इधर उधर की बातें की, लेकिन मेरा मन उसको चोदने का था, लेकिन में क्या करता? मुझे वो मौका मिल भी नहीं रहा था, लेकिन मेरे सेक्स की इच्छा तो माधुरी पूरी कर दे, लेकिन उस वक़्त भी में माधुरी को भी त्रप्ति समझकर ही चोद रहा था. मुझे उसका तो जैसे नशा हो गया था, लेकिन हम दोनों का अफेयर चलता रहा और बस हुआ कुछ नहीं था. उस किस के अलावा यह सब 7 महीने तक चलता रहा.

    फिर एक दिन मुझे अपनी पार्टी से मिलने बाहर जाना पड़ा. मैंने ऐसे ही त्रप्ति से पूछा कि यार तू चल रही है क्या तो उसने मना कर दिया. वैसे यह बात में भी जानता था कि वो मना ही करेगी, लेकिन जिस दिन मुझे निकलना था, उस दिन अनुज का कॉल आया कि मेरे साथ बाहर कौन चल रहा है? तो मैंने कहा कि में अकेला कार से जा रहा हूँ और फिर मैंने पूछा कि क्यों क्या हुआ कोई काम है क्या? (हम दोस्त लोग रोज रात को मिलते है तो उसे भी पता था कि में बाहर जा रहा हूँ) तो अनुज बोला कि हाँ तेरी भाभी को भी उसके कज़िन के घर जाना है.

    में एकदम बहुत खुश भी हुआ और मन ही मन सोचने भी लगा कि यार उसने मुझे तो बताया ही नहीं और मैंने अनुज से बोला कि ठीक है, में 30 मिनट के बाद निकलने वाला हूँ तू भाभी को लेकर मेरे घर पर आ जा और जब अनुज त्रप्ति को लेकर आया तो में क्या बोलूं? मेरी तो जान अटक गई. वो क्या हॉट लग रही थी? अब हम कार से निकल गये और थोड़ी दूर जाकर मैंने गाड़ी रोकी और बोला कि जान यह सब क्या है? तो वो हंसते हुए बोली कि अब में भी तेरे साथ ही घूम लूंगी, में बड़ा खुश हुआ और बोला कि सच?

    वो बोली कि हाँ और मैंने उसे हग किया और पूछा कि यह कैसे किया तो वो बोली कि वो मेरे फ्रेंड से उनकी बात करवा दी और सारा प्लान सेट कर दिया और अब मैंने उसको कुछ बोलने नहीं दिया और किस करने लगा तो उसने मुझे हटा दिया और बोली कि अब में तेरे साथ ही हूँ, पहले हम वहां पर चलते है. फिर में भी खुश था और ऐसे कार चली कि हम जल्दी ही अपनी मंजिल पर पहुंच गये, लेकिन मुझे अभी भी इंतजार करना पड़ा, क्योंकि जैसे ही हमने होटल में चेक इन किया तो मेरे बॉस रोहन कपल थे और वो आ गये.

    फिर मैंने त्रप्ति को उनकी वाईफ से मिलवाया. फिर रोहन बोला कि क्या हम अभी काम निपटा ले, खाने के साथ यह दोनों शॉपिंग कर लेगी और फिर हम लोग भी फ्री हो जाएगें और हम अपनी सारी काम की बातें कर रहे थे और तब तक हम दोनों को 12 बज चुके थे और हम दोनों को वाईफ के कॉल आने लगे थे, लेकिन वो तो मेरी गर्लफ्रेंड थी. तभी रोहन बोला कि आपकी शादी को कितना टाईम हुआ है? तो मैंने 1 साल कहा. फिर वो बोला कि तब तो ठीक है यार. मेरी शादी को तो 4 महीने ही हुए है.

    फिर मैंने पूछा कि आपने शादी बहुत लेट की? तो वो बोले कि हाँ यार वो बस कुछ ऐसे ही, चलो बाकी बात कल करते है, नहीं तो मेरी वाईफ नाराज़ हो जाएगी. अब में रूम की और चल दिया और जब त्रप्ति ने दरवाजा खोला तो वो बस छोटी सी मेक्सी में थी, मेरा तो मूड वहीं फ्रेश हो गया और में सोचने लगा कि लगता है कि यह चुदने ही आई है और अब मैंने अंदर जाते ही त्रप्ति को उठा लिया और बेड पर गिराकर उसके ऊपर आ गया और किस चालू कर दिए, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर धीरे धीरे उसकी मेक्सी को ऊपर करके उसकी कोमल जांघो को सहला रहा था और हमारा किस तो ऐसा चल रहा था कि बस हम एक दूसरे में खा जाएगें, उसके किस करने से मुझे लगा कि उसने भी मेरी तरह बहुत टाईम से सेक्स नहीं किया है.

    अब में थोड़ा नीचे आया और उसकी जांघ पर किस करने लगा और मेरा एक हाथ त्रप्ति की चूत को पेंटी के ऊपर से घिस रहा था. वो आखें बंद करके मेरी हर एक हरकतो का मज़ा ले रही थी. फिर में उसके ऊपर से हटा और उठ गया और में केवल अंडरवियर में आ गया. मेरा लंड इस हाल में था कि बस अब माल बाहर निकाल ही देगा तो त्रप्ति ने मुझे अंडरवियर में ऊपर से नीचे तक देखा और उसने भी खड़ी होकर अपनी मेक्सी को निकाल दिया. वाह क्या मस्त बूब्स थे और उसके खड़े हुए निप्पल आआआआअहह मेरी तो बस जान निकल रही थी और वो केवल पेंटी में थी और त्रप्ति पास आकर मुझसे चिपक गयी, तब मैंने उसके बाल खोल दिए और जो हम दोनों के अंदर गर्मी थी, उसके कारण हम दोनों ज़्यादा देर चिपक ना सके, अब वो मुझसे बोलती है कि राहुल क्या बॉडी है तेरी? तो में बोला कि तुम भी कोई कम नहीं हो, यह देखो मेरे इसकी हालत को, अब इसको सम्भालो.

    फिर उसने अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और हल्के से हिलाने लगी और मेरी छाती को किस कर रही थी, क्या लग रहा था? अब वो धीरे से नीचे बैठी और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि मुझे एकदम सही अंदाज था कि यह ऐसा ही निकलेगा एकदम मोटा, लंबा और उसने मेरे लंड को किस किया तो मेरे लंड ने भी झटका देकर उसकी चूत को सलामी दे दी, लेकिन अब त्रप्ति रुकी नहीं और उसको अपने होंठो से बहुत प्यार किया. गजब की तड़प थी यार उसमे, वो उसे कभी धीरे तो कभी तेज़ी से चूसने लगी. मेरी तो बस जान ही नहीं निकली और अब मुझसे तो नहीं रुका गया और मैंने त्रप्ति को बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पैर चूमते हुए चूत तक पहुंच गया और उसकी पेंटी को निकाल दिया. उसकी छोटी सी कम चुदी हुई चूत थी, बिल्कुल गुलाबी सी.

    फिर मैंने अपना मुहं चूत पर रखा और चूसने लगा. वो सिसकियाँ लेने लगी और अपनी चूत को उठा उठाकर मुझसे चुसवाने लगी, लेकिन मैंने कुछ ही देर तक चूसा और इतने में वो झड़ गई और अब में ऊपर आया और उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर वो बोली कि जान और दबाओ हाँ और ज़ोर से, इनका सारा रस पी लो और फिर मैंने वैसा ही किया और फिर से त्रप्ति को तैयार किया, त्रप्ति के बूब्स ऐसे थे कि किसी को भी जोश में ला दे. फिर मैंने त्रप्ति की कमर के नीचे एक तकिया लगाया और लंड को चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो त्रप्ति बोली कि थोड़ा प्यार से जान, लंड मेरी चूत में बहुत कम अंदर गया है.

    फिर मैंने एक झटका दिया और 4 इंच तक लंड को अंदर घुसा दिया, त्रप्ति उईईईईइ माँ अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ धीरे बोला ना, लेकिन में नहीं रुका और एक तेज झटका दिया और पूरा लंड फिट हो गया. फिर वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी, आउुुुऊकचह माँ मर गई राहुल आह्ह्ह्हहहह उसके थोड़े आंसू भी निकल आए, लेकिन वो कुछ देर में ठीक हुई और मैंने नीचे से तकिया निकाल दिया और उसके ऊपर आकर किस करते हुए चुदाई करने लगा, वो भी मज़े से मेरे लंड को अंदर ले रही थी.

    दोस्तों वाकई में उसकी चूत बहुत टाईट थी और अब में पूरे ज़ोर से, तेज तो कभी धीरे धीरे चुदाई करता रहा और अब वो झड़ने वाली थी तो उसने मेरी कमर पर अपने दोनों पैरों से कैंची मारी और बोली कि जान और तेज करो. फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और तेज धक्के मारने लगा और कुछ ही पल में वो बोली कि अब बस में जाने वाली हूँ तो में रुका और लंड को बाहर खींचकर तेज झटका दिया और उसका आआहहहहहह के साथ गरम पानी मेरे लंड को महसूस हुआ और जब मैंने त्रप्ति के चेहरे को देखा तो वो बहुत ठीक लग रही थी, लेकिन में झड़ा नहीं था. फिर मैंने त्रप्ति को किस करना चालू किया और धीरे धीरे धक्के मारकर फिर से गरम किया. अब हमारी चुदाई बहुत धीरे चल रही थी और मज़ा ज़्यादा आ रहा था.

    फिर वो बस उसी में मुझे किस करने लगी और त्रप्ति मेरे ऊपर आ गयी, अब वो स्माईल देती हुई मेरे लंड पर कूदने लगी. आआहह क्या पूरा लंड जड़ तक घुस रहा था और थोड़ी देर कूदने के बाद वो रुककर मुझे किस करने लगी, लेकिन में नहीं रुका नीचे से झटके देने लगा, बस अब मेरा भी झड़ने का टाईम था. फिर मैंने त्रप्ति से बोला कि जान में झड़ने वाला हूँ तो वो बोली कि मेरे ऊपर आ जाओ और पूरा वीर्य चूत के अंदर ही डालना और अब मैंने फिर ऊपर होकर एक साथ ही लंड अंदर उतारकर ताबड़तोड़ धक्कों के साथ चोदने लगा, मुझे उस वक़्त ना जाने क्या हो गया था? कुछ नहीं पता, लेकिन उस आखरी चुदाई के टाईम मुझे त्रप्ति की हल्की हल्की चीख सुनाई दे रही थी और में उसकी चूत में लगातार 40 मिनट की चुदाई का माल छोड़कर गिरा रहा और अब हम ऐसे ही रहे और लेटे रहे.

    थोड़ी देर बाद त्रप्ति बोली कि राहुल तुमको क्या हो गया था? मुझे बाद में कितना दर्द हुआ? तो मैंने बोला कि यार सॉरी, तो वो बोली सॉरी किस लिए? मुझे उसमे भी मज़ा आ रहा था और तुमने तो आज मेरी ऐसी प्यास बुझाई है कि में कभी भी नहीं भूल सकती. फिर में बोला कि जानेमन अभी तो और भी बाकी है. फिर हम एक बार और चुदाई में लग गये.

  • दोस्त की बीवी के साथ सुहागरात मनाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर आनंद है और में मुंबई से हूँ. मेरी उम्र 27 साल है, मेरी हाईट 6 फुट है और दिखने में सुंदर हूँ और में एक कंपनी में जॉब करता हूँ.

    ये बात आज से 2 साल पहले की है जब में एक कंपनी में जॉब करता था. वहां पर बहुत से लड़की और लड़के मेरे दोस्त थे, मेरे दो दोस्तों की शादी होने वाली थी और दोनों मेरे अच्छे दोस्त थे. एक लड़की जिसका नाम कुसुम था और लड़के का नाम राकेश था. कुसुम से मेरी अच्छी दोस्ती थी. कुछ दिन पहले हम बहुत अच्छे दोस्त थे और हमारे बीच किसिंग तक बात पहुँच गई थी, लेकिन तभी मैंने कंपनी चेंज कर ली थी. उसके बाद से मेरी और कुसुम की मुलाकात कम हो गई, बस कभी-कभी फोन पर बात होती थी.

    कुछ दिन बाद उसका कॉल आया कि वो और राकेश शादी कर रहे है और उसने मुझे शादी में बुलाया था. दूसरी तरफ राकेश ने भी मुझे अपनी शादी के बारे में बताया और अपनी शादी में इन्वाइट किया. शादी के दिन कुसुम ने लाल कलर की साड़ी का जोड़ा पहना था. कुसुम की हाईट 5 फुट 4 इंच थी, रंग गोरा, गाल फूले हुए और आँखे बड़ी-बड़ी थी. होंठ पतले और बाल लंबे, बूब्स 36 और कमर 26, कूल्हे 36 थे. मुझे ये सारी बात तब पता चली थी जब हमारे बीच में अच्छे रिश्ते थे. वो बहुत सेक्सी थी.

    में उसको तभी चोदना चाहता था, लेकिन तब किसी कारण से ऐसा कर नहीं पाया था और अब जब उसकी शादी हो रही थी तो मुझे अफ़सोस हो रहा था कि आज तो उसे राकेश जमकर उसके इस खूबसूरत जिस्म का मज़ा लेगा और जमकर उसकी चूत को चोदेगा. उसने जो ब्लाउज पहना था, उसका गला भी बहुत गहरा था, जिससे उसके बूब्स के ऊभार के साथ दोनों बूब्स के बीच की लाईन साफ दिख रही थी.

    फिर दोनों की शादी हुई, हम कुछ दोस्त उन दोनों के पास गये और उन्हें शादी की बधाई दी. फिर अपने-अपने घर जाने के लिए तैयार हुए, तब राकेश ने कहा कि अरे अभी तुम लोग घर नहीं जाओगे, आज तो मेरे पास पार्टी करने का आख़िरी मौका है. हम 5 दोस्त थे, फिर हम राकेश के घर गये. आज राकेश की सुहागरात थी और उसका घर छोटा था.

    इस वजह से उसके सारे रिश्तेदार उसके दूसरे घर पर रुके थे, जहाँ उसके पापा-मम्मी और उसकी बहन रचना जिसकी उम्र 19 साल थी और वो 12 वीं क्लास में पढ़ती थी, उसका एक छोटा भाई भी था जो उनके साथ रहता था. फिर हम सब राकेश के घर पर पहुँच गये थे, राकेश और उसकी पत्नी कुसुम ऊपर चले गये और हम 5 दोस्त नीचे बैठ के गप्पे मारने लगे और वाईन की एक बोतल जो राकेश हमें ऊपर जाने से पहले देकर गया था, हमने वो बोतल खोलकर एक एक पेग लगाया. तब तक राकेश भी ऊपर से कपड़े चेंज करके आ गया और बोलने लगा तुम सब ने मेरे बिना ही पार्टी शुरू कर दी.

    मैंने मज़ाक किया कि हमें तो लगा कि तू तो अब सुबह ही हमसे मिलेगा, इतनी जल्दी तेरा काम हो गया? ये बात बोलकर हम सब दोस्त हंसने लगे. राकेश भी हमारे साथ बैठते हुए बोला कि अबे सालो अभी तो मैंने सिर्फ़ चाय पी है, डिनर तो अभी बाकी है और उसके लिए थोड़ा मूड बनाना पड़ेगा. फिर हम सबने मस्ती मज़ाक के साथ पूरी बोतल जल्द ही खाली कर दी. तभी अनिल जो कि हमारे एक दोस्त का नाम था. उसने कहा कि क्या राकेश हम 6 लोग और बोतल सिर्फ़ एक, ये ग़लत बात है.

    हम सबको थोड़ी थोड़ी वाईन चढ़ने लगी थी, लेकिन शायद राकेश को ज्यादा ही चढ़ गई थी. वो जोश में आकर तुरंत एक और बोतल निकाल लाया और हमें देते हुए कहा कि सालो आज जमकर पियो, मेरे पास और स्टॉक में पड़ी है, जितनी चाहो उतनी पियो. तब अनिल ने कहा कि तुझे भी हमारा साथ देना पड़ेगा तो राकेश मान गया और कहा कि में बस 2 और पेग लूँगा. फिर चला जाऊंगा. फिर सबका नया पेग बना, सबने अपना पेग ख़त्म किया, इतने में हमारे साथ के 3 दोस्तों ने कहा कि यारों अब हम चलते है, हमें बहुत दूर जाना है और तुम लोग पार्टी चालू रखो. फिर वो निकल गये, अब वहां में, अनिल और राकेश थे. मेरा और अनिल का फ्लेट पास में ही था, इसलिए हमें कोई जल्दी नहीं थी, रात के अभी 12 बज रहे थे. हमें पार्टी करते हुए 45 मिनट हो गये थे.

    फिर अनिल ने एक-एक और पेग बनाया. इस बार का पेग पहले से डबल साईज़ का था. राकेश को बहुत चढ़ गई थी, वो ये पेग लेने से मना कर रहा था, लेकिन हमने उसे ज़बरदस्ती वो पेग लेने को मना लिया और कहा कि ये पेग ख़त्म कर और जाकर नया पेग खोलकर देख और मज़े ले.

    उसने भी हँसते हुए कहा हाँ यारों मेरी डार्लिंग मेरा इंतजार कर रही होगी, में कितने दिनों से उसे बोल रहा था कि जो काम शादी के बाद करना है वो हम अभी ही कर लेते है, लेकिन वो हमेशा मना करती रही कि नहीं शादी के बाद इसका अलग ही मज़ा होता है इसलिए सेक्स शादी के बाद ही करना चाहिये. आज तो में उसकी सारी अकड़ निकाल दूँगा, वैसे भी शराब पीने के बाद अच्छे अच्छे बहक जाते है, उन्हें पता भी नहीं होता कि वो क्या बोल रहे है और क्या कर रहे है. हम सबने अपना पेग ख़त्म किया और सिगरेट जलाई और थोड़ी देर तक वहीं बैठकर बातें करते रहे.

    थोड़ी देर के बाद में बाथरूम गया और 10 मिनट के बाद बाहर निकला. तब तक अनिल अपने घर जा चुका था और राकेश वहीं सो गया था. वो जोश में शायद ज्यादा ही पी गया था, चढ़ तो मुझे भी गई थी, लेकिन में अब भी होश में था. मैंने राकेश को जगाने कि कोशिश भी की लेकिन वो जागा नहीं. मैंने सोचा कि ऊपर जाकर कुसुम को बता देता हूँ कि राकेश नीचे सो गया है और में अब घर जा रहा हूँ, वो नीचे आकर दरवाजा बंद कर ले. ये सोचकर में ऊपर गया और उसके बेडरूम का दरवाजा लॉक नहीं था, बल्की ऐसे ही सटा हुआ था.

    मैंने हल्का सा धक्का देकर दरवाजा खोला और देखा अंदर बेड पर गुलाब के फूल बिखरे पड़े थे, कमरा फूलों से सज़ा था और कुसुम ने सफ़ेद गुलाबी कलर की नाइटी पहनी हुई थी. में उसके बेड के पास गया तो देखा कि उसकी नाइटी उसके घुटनों से ऊपर उठी हुई थी. उसके गोरे गोरे पैर चमक रहे थे, उसकी मोटी मोटी जांघे दिख रही थी. उसकी नाइटी भी बहुत पतली और पारदर्शी थी, जिससे उसका गोरा बदन साफ दिख रहा था. मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई जो कि दूध की तरह एकदम सफ़ेद आधे बाहर थे. अब मेरे मन का शैतान जाग गया था और मैंने राकेश की जगह खुद ही सुहागरात मनाने का प्लान कर लिया.

    में वहीं बेड पर उसके पास बैठ गया और उसकी नाइटी को और ऊपर सरकाकर उसकी कमर तक कर दिया. अब उसकी मोटी मोटी जाँघ और गुलाबी पेंटी साफ दिख रही थी. पेंटी में उसकी चूत का उभार और चूत के बीच की लाईन भी साफ दिख रही थी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी जाँघो को सहलाना शुरू किया और जैसे ही उसकी चूत पर मेरा हाथ गया तो वो जाग गई.

    पहले तो उसे लगा कि राकेश है तो उसने कुछ नहीं कहा. फिर उसे अहसास हुआ कि ये राकेश नहीं है तो वो झठ से उठकर बैठी और अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली तुम यहाँ क्या कर रहे हो? राकेश कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि राकेश नीचे पीकर सो गया है. में तो घर जा रहा था और राकेश जाग नहीं रहा था इसलिए तुम्हें बताने ऊपर आया, तो तुम्हारे खूबसूरत जिस्म को देखकर रुक गया.

    फिर मैंने उसे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और उससे बोलने लगा कुसुम डार्लिंग आई लव यू वेरी मच, मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हारा पहला प्यार तो में हूँ इसलिए तुम्हारे इस जिस्म पर पहला हक तो मेरा बनता है और में उसे किस करने लगा. वो मुझसे से छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन वो अपने आपको छुड़ा नहीं पा रही थी.

    उसने कहा शेखर तुम होश में नहीं हो, ये सब ग़लत है. में अब राकेश की पत्नी हूँ और राकेश तुम्हारा दोस्त है. तुम उसके साथ धोखा नहीं कर सकते. मैंने कहा में कौनसा तुमसे शादी कर रहा हूँ और ना ही अपने दोस्त राकेश से उसकी पत्नी को चुरा रहा हूँ, में तो बस तुमसे प्यार करना चाह रहा हूँ. कल से तो राकेश तुम्हें प्यार करेगा ही कुसुम ने मुझे बहुत समझाने की कोशिश की और खुद को छुड़ाने की भी भरपूर कोशिश की, लेकिन ना तो वो मुझे समझा पाई और ना खुद को मेरी पकड़ से छुड़ा पाई.

    फिर उसने कहा शेखर तुम पागल हो गये हो, तुम मुझे छोड़ो नहीं तो में चिल्लाने लगूंगी. तब मैंने उसे बताया कि अरे मेरी जान क्यों अपनी शादीशुदा लाईफ बर्बाद करने पर लगी हो, जो अभी शुरू भी नहीं हुई है. अगर राकेश ऊपर आयेगा तो में उसे तुम्हारे और मेरे बीच पहले क्या था, वो सारी बात बता दूँगा और उस समय की हमारी कुछ फोटो भी मेरे पास है, जो में उसे दिखा दूँगा. फिर क्या होगा डार्लिंग? तुम्हारी लाईफ तो बर्बाद हो जायेगी. अब वो रोने जैसा चेहरा बनाकर बोली कि प्लीज शेखर ऐसा मत करो. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो को चूसने लगा और अपने हाथों से उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.

    वो अब भी नहीं नहीं बोल रही थी तो मैंने उसे डांटते हुए कहा कि जो में कर रहा हूँ वो मुझे करने दो, नहीं तो में अभी राकेश को सारी बातें जाकर बता दूँगा. अब कुसुम के पास कोई और रास्ता नहीं था सिवाय कि वो मुझे मेरी मनमानी करने दे, वो अब शांत हो गई थी. मैंने कहा देख राकेश तो वैसे भी आज तुझे चोदने से रहा नहीं, तो समझ ले कि में ही राकेश हूँ और तू अपनी सुहागरात मना, क्या हुआ अगर उसकी जगह में हूँ तो. थोड़ी देर बाद में चला जाऊंगा तो तू कल राकेश के साथ फिर से सुहागरात मना लेना, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.

    अब वो राज़ी हो गई थी मज़बूरी में ही सही, मुझे क्या फर्क पड़ता है, मुझे तो बस उसे चोदने से मतलब था. में भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. उसकी मेहंदी से रचे हाथों में लाल रंग की चूड़ियाँ भरी हुई थी और उसके बूब्स बेरहमी से मसले जा रहा था और उसके होंठो और गालों को चूमने के साथ साथ अपने दांत भी चुभा रहा था और वो बस कसमसा रही थी.

    फिर मैंने उसकी नाइटी को निकाल कर उसके ज़िस्म से अलग कर दिया और उसकी ब्रा को भी खोलकर फेंक दिया. अब उसके दूध जैसे सफेद और बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखों के सामने थे, मैंने एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथों से मसल रहा था और उसके निप्पल को अपनी उँगलियों से बीच बीच में ज़ोर से मसल भी रहा था. फिर 15 मिनट तक में उसके बूब्स के साथ खेला फिर नीचे की तरफ आया. उसके सपाट पेट और गहरी सी नाभि में अपनी जीभ फेरने लगा.

    अब वो भी गर्म हो रही थी और मज़े ले रही थी. उसके मुँह से सिसकियां निकल रही थी और वो अपने हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी. में थोड़ी देर के लिए उठा और झठ से अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा होकर उसके ऊपर सवार हो गया. उसके ज़िस्म पर सिर्फ़ एक पिंक कलर की पेंटी थी, जिसके नीचे उसकी फूली हुई चूत छिपी हुई थी. मैंने झठसे उसकी पेंटी को निकाल कर फेंक दिया. अब उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने थी. उसने अपनी चूत के बाल आज ही साफ किए होंगे, क्योंकि उसकी चूत एकदम चिकनी थी, बालों का कही कोई निशान नहीं था, उसे पता था कि आज उसकी चूत चुदेगी इसलिए उसने इसे पहले ही साफ कर लिया था. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.

    फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया और में उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया था. मेरे हाथ उसकी मांसल जांघों पर फिसल रहे थे और मेरी जीभ उसकी चूत में सुराख खोज रही थी. फिर 10 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका शरीर कांपने लगा.

    उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग किया. में उसकी चूत को छोड़कर उसकी जांघों को चूमने लगा. उसके पैर भी एकदम सफ़ेद थे और एकदम चिकने थे, मेरे लगातार चूमने से उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और बार बार कह रही थी कि फक मी ओह आहह यू आर ग्रेट शेखर, तुमने मुझे पागल कर दिया, ओह बहुत मज़ा आ रहा है, आआअई हह. अगर मुझे पहले पता होता कि सेक्स में इतना मज़ा आता है और तुम मुझे इतना मज़ा दोगे तो में तुमसे पहले ही ये सब करवा चुकी होती, वो बड़बडाये जा रही थी.

    फिर मैंने उसे पेट के बल लेटा दिया और अब में उसकी पीठ और कमर को चूमे जा रहा था और वो मादक अदा से बेड पर मछली की तरह तड़प रही थी. अब में उसकी गांड तक पहुँच गया था. उसकी गांड बहुत कोमल और चिकनी और बड़ी थी. फिर मैंने उसकी गांड पर भी किस करना शुरू कर दिया और उसके कूल्हों को अपने दातों से काट भी रहा था और अपने हाथ से उसके कूल्हों को मसल भी रहा था और वो बेड पर उछल रही थी. मैंने उसे फिर से सीधा किया और अपने लंड को उसके दोनों बूब्स के बीच में रखकर उसके दोनों बूब्स को अपने लंड पर दबा दिया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा तो उसने खुद ही अपने बूब्स को पकड़कर ज़ोर से मेरे लंड पर दबा दिया. मैंने उसके मुँह को नज़दीक किया और अब मेरे लंड का सुपाड़ा उसके बूब्स को चोदता हुआ उसके मुँह में घुस रहा था, जिसे वो बड़े मज़े से अपने मुँह में ले रही थी और चूस रही थी.

    फिर 5-7 मिनट के बाद मैंने अपने लंड को उसके बूब्स से बाहर निकाला और उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा. में नशे में था इसलिए कुछ ज्यादा ही अपने लंड को उसके मुँह में अंदर तक डाल रहा था, जिससे मेरा लंड उसके गले तक पहुँच रहा था और वो बेचैन हुए जा रही थी. उसकी आँख से आसूं निकल रहे थे और वो मुझे दूर हटाने की भी कोशिश कर रही थी, लेकिन में तो वही कर रहा था जो मुझे करना था.

    फिर 5 मिनट तक उसके मुँह की चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला, तब जाकर कुसुम के अन्दर जान में जान आई और ज़ोर जोर से साँसे लेने लगी और बोली कि तुम पागल हो गये हो, एक तो तुम्हारा लंड इतना मोटा और लंबा है और मुझसे सांस भी नहीं लिया जा रहा था और तुम्हारा लंड मेरे गले में पहुँच रहा था.

    फिर मैंने उसके चेहरे को सहलाते हुए कहा कि कुसुम डार्लिंग इसे जंगली चुदाई कहते है और फिर मैंने उसकी टांगो को फैला दिया और उसके बीच में बैठ गया और उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. अब कुसुम ने कहा कि प्लीज शेखर ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चोदना, तुम्हारा लंड बहुत ख़तरनाक है, मेरी जान निकल जायेगी, प्लीज. मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि तुम टेन्शन मत लो जान, में आराम से ही करूँगा.

    तभी उसने बेड के किनारे से एक जेल का डब्बा दिया और कहा ये राकेश ले कर आया था. इसे अपने लंड पर और मेरी चूत पर ठीक से लगा दो इससे तुम्हारा लंड आसानी से मेरी चूत में घुस जायेगा और मुझे थोड़ा कम दर्द होगा. मैंने उसके हाथ से जेल का डब्बा लिया और अपने लंड पर ढेर सारा जेल लगा लिया और उसकी चूत को भी जेल से भर दिया. उसकी चूत का मुँह एकदम चिपका हुआ था, मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी फांको को अलग किया और उसके छेद को देखा, जो कि बहुत ही पतला था. मैंने अपनी उंगली उसके छेद में डाली तो वो उछल गई और बोली कि धीरे करो, दर्द हो रहा है.

    मैंने कहा ये तो मेरी उंगली है जान और जेल तुम्हारे छेद में लगा रहा हूँ डरो नहीं. फिर मैंने उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया. फिर 2 मिनट के बाद मैंने उंगली निकाली और अपने लंड को उसके छेद पर टिका दिया और उसके पैरों को उसके पेट की तरफ मोड़ते हुए में उसके ऊपर लेट गया और उसकी पीठ के पीछे से उसके दोनों कंधो को ज़ोर से पकड़ लिया, ताकि जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसे तो वो दर्द की वजह से वो हिले नहीं.

    फिर मैंने अपने लंड पर जोर लगाया तो लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसके अंदर घुसने लगा और उसके मुँह से कराहने की आवाज़ निकलने लगी, आई ह ऊईईईई रुको में मर गई, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके गालों, होंठो, कान और गले को चूमता रहा और अपने लंड को उसकी चूत में पेलता रहा. जेल लगी होने की वजह से लंड बड़े मज़े से उसकी चूत में फिसलता हुआ जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. अब तक 6 इंच लंड उसकी चूत के अंदर घुस चुका था और वो दर्द से कराह रही थी और छटपटा रही थी.

    में थोड़ी देर रुका और उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लगा. फिर 5 मिनट के बाद में उसके ऊपर से उठा और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. फिर 3-4 मिनट के बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को पूरा बाहर खींचा और एक जोरदार झटका मारा. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चूत की दीवार से जा टकराया, जिससे घप की आवाज़ आई और उसके मुँह से ज़ोर की चीख निकली, आई माँ उई मार डाला साले, तेरी माँ का, साले धीरे धीरे नहीं पेल सकता, तेरी गांड में अगर में डंडा डालूंगी तब पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है, वो कराह भी रही थी और मुझे गालीयां भी दे रही थी. फिर मैंने कहा कि बस जान, अब पूरा लंड तेरी चूत में घुस चुका है अब और दर्द नहीं होगा, उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. थोड़ी देर तक में भी रुका रहा और उसकी चूत को सहलाता रहा.

    फिर मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगने लगा. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था और तकिये पर गिर रहा था. तकिया भी उसकी चूत के खून से लाल हो गया था. फिर मैंने पास में रखे पानी से उसकी चूत पर लगा खून और मेरे लंड पर लगा खून साफ किया और थोड़ा और जेल अपने लंड पर और उसकी चूत में लगाकर फिर से उसकी चूत में घुसा दिया और झटके देने लगा. उसे अब भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था, लेकिन मेरे लंड के घर्षण से उसे मज़ा भी आने लगा था.

    फिर 10 मिनट के बाद अब वो भी अपनी गांड को हिला हिलाकर मेरा साथ देने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब वो एक बार फिर से गर्म हो गई थी और सिसकियां लेने लगी थी और बड़बडाना भी शुरू कर दिया था और चोद साले शेखर दम लगाकर चोद, आज तूने मेरी चूत फाड़ ही है, साले हरामी जितनी जान है उतनी जान से मेरी चुदाई कर. मुझे भी उसकी बातें सुनकर जोश आ रहा था और में भी जोरदार झटके दे रहा था.

    जब मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकराता तो वो थोड़ी उछल जाती और मुझे गाली देने लगती. चोद साले लंड के साथ तू भी घुस जा मेरी चूत में, में भी उसे गालीयां दे रहा था. साली तुझे तो में बहुत पहले ही चोदना चाहता था, लेकिन कोई बात नहीं, आज तुझे तेरी सुहागरात पर तेरे पति के घर में, उसके ही बेड पर तुझे चोदने का मज़ा ही कुछ और है, रंडी साली पहले तो बहुत नखरे कर रही थी, अब मज़ा ले मेरे लंड का. मेरे लंड से चुदवाने के बाद मेरा दावा है कि साले राकेश के लंड से तेरा मन नहीं भरेगा.

    पूरे रूम में गालियां गूँज रही थी और साथ में उसकी चूत से फक फक सट फक की मधुर आवाज़ आ रही थी. लगभग 20 मिनट तक और ऐसा चला. इस बीच वो एक बार और झड़ गई और वो मुझे रोकने लगी. वो बुरी तरह कांप रही थी और अपने हाथ से मुझे दूर धकेल रही थी, लेकिन में रुका नहीं और उसके हाथ को पेट पर दबा दिया और उसके ऊपर चढ़कर में और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदे जा रहा था और वो बुरी तरह कांप रही थी. उसके मुँह से आवाज़ तक नहीं निकल रही थी और उसने पेशाब करना शुरू कर दिया, उसके गर्म गर्म पेशाब की धार मेरे लंड पर बरसने लगी. उसकी चूत मेरे लंड पर झटके मार रही थी.

    फिर 5 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, वो रुक रुककर पेशाब करती रही, उसका शरीर कांपता रहा और चूत झटके मार मारकर पेशाब के साथ पानी भी छोड़ रही थी. पूरा तकिया और बेड गीला हो गया था. लेकिन मेरा लंड था कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. अब वो पूरी तरह बेजान सी बेड पर पड़ी थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके शरीर में कोई जान ही नहीं है.

    मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और उसे बेड से नीचे उतरने को कहा, लेकिन वो हिल ही नहीं रही थी. मैंने उसे उठाकर बेड के किनारे पर किया और उसे पेट के बल बेड पर लेटाया और उसके पैरों को नीचे ज़मीन पर कर दिया और उसकी टाँगे फैलाकर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर से उसकी चुदाई करने लगा. मेरे झटके से उसके बड़े बड़े कूल्हे हिल रहे थे.

    लेकिन वो अब भी बेजान सी पड़ी हुई थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे चोदता रहा. फिर 10 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और उसकी पीठ पर ही लेट गया. फिर 5 मिनट तक में उसके उपर ही लेटा रहा, फिर उठकर अलग हुआ और अपने कपड़े पहनने लगा. तब तक कुसुम भी उठकर बेड पर बैठ गई थी. मैंने उसकी तरफ देखा और स्माइल की तो उसने भी रिप्लाई में स्माइल की.

    मैंने कहा कि अब में जा रहा हूँ, अब तक हम लोगों को ये सब करते हुए 3 घंटे हो गये थे और रात के 3 बज रहे थे. तब कुसुम ने बेड कि हालत देखी और बोली देखो तुमने बेड की और मेरी क्या हालत कर दी है. आधी रात तो चुदने में निकल गई और बाकी की रात ये सब साफ करने में निकल जायेगी. वो बेड से उतरने लगी, जैसे ही वो खड़ी हुई तो थोड़ी लड़खडाई तो मैंने उसे थाम लिया. फिर वो बोली कि तुम्हारे लंड की चुदाई की वजह से मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है. अब ये सब साफ कैसे होगा? तो मैंने कहा में तेरी मदद कर देता हूँ.

    फिर मैंने उसके बेड के गद्दे को पलटकर बिछा दिया और कुसुम लंगड़ाती हुई दूसरा चादर ले आई और हम दोनों ने चादर बिछा दी और तकिये और चादर को कुसुम ने वॉशिंग मशीन में डाल दिया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम नहा लो तो तुम्हें कुछ आराम मिलेगा. वो नहाने बाथरूम में चली गई और में भी नीचे आया और देखा कि राकेश तो अब भी बेहोश लेटा हुआ है. उसे तो पता भी नहीं कि उसके कुछ किये बिना ही उसकी नई नवेली पत्नी की सुहागरात मन चुकी है.

    मैंने वहां पड़ी सिगरेट उठाई और जलाते हुए ऊपर कुसुम के कमरे में आ गया, कुसुम अन्दर बाथरूम में नहा रही थी और दरवाजा खुला ही था. में दरवाज़े पर जाकर खड़ा हो गया और देखा तो कुसुम खड़ी हो कर शॉवर ले रही है और नीचे फर्श पर पानी लाल होकर पड़ा है. फिर 2 मिनट के बाद कुसुम बाहर आई और अपनी ब्रा और पेंटी पहनी और नाईटी पहनते हुए बोली कि अब तुम जाओ, में ठीक हूँ. हांलाकि वो अब भी थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी.

    फिर मैंने उसे एक बार और किस किया और उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि जब कभी भी मेरे साथ चुदवाने का मन करे तो बोल देना. फिर उसने कहा कि नहीं, आज के बाद कभी नहीं, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी है, तुम जानवर हो. मेरी चूत भी बुरी तरह जल रही है. मैंने उसके कूल्हों पर थपकी मारते हुए कहा कोई बात नहीं जान, कल सुबह तक तुम ठीक हो जाओगी. में ये कहकर नीचे आ गया और पीछे पीछे कुसुम भी आई. मैंने कुसुम को बाय किया और उसने दरवाजा बंद कर दिया. मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और अपने फ्लेट पर चला गया.

  • पति के दोस्त ने हवस को पढ़ लिया

    हेलो दोस्तों, मैं अंजली. आप लोगो को मैं तो याद ही हुंगी. मैंने अपने और अपने पति रजत के बारे में मतलब सेक्सी व्रतांत के बारे बहुत बार बताया है. आज भी मैं आपको अपने बारे में बता रही हु. मैंने रजत को इस बारे में पहले तो नहीं बताया, लेकिन कई साल बाद रजत को उस बारे में बताया. दोस्तों, मैं आपको पहले एक बार फिर से अपने बारे में बता देती हु. मैं एकदम गोरी – चिट्टी पंजाबी औरत हु और मेरी फिगर ३६-३०-३८ है. मेरी गांड पीछे से उभरी हुई है और मेरी सोसाइटी के सारे मर्द मेरे दीवाने है.

    ये बात है उस समय की है, जब रजत ने अपने दोस्तों को घर पर डिनर के लिए बुलाया था. रजत का एक दोस्त था रणजीत. रणजीत हरियाणा से और लम्बा – चौड़ा गबरू जवान था. उसकी शादी होकर टूट चुकी थी. रजत ने बताया था, कि उसकी बीवी उसको शादी के कुछ ही महीनो बाद अपने घर चली गयी थी. रजत कह रहे थे, कि कुछ सेक्स प्रॉब्लम है. रणजीत को देख कर मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा. जब वो घर आया, तो मैं तो बस देखती ही रह गयी. रजत तो अच्छी कदकाठी वाले है और उनकी हाइट ६ फिट से ऊपर है. लेकिन, रणजीत उनसे भी ज्यादा फिट थे और लम्बे – चौड़े भी.

    मेरा रणजीत को इस तरह से देखना, शायद उनको अजीब लगा. लेकिन मेरी तरफ देख कर रजत मुस्कुरा रहे थे. रजत मेरे पास आये और बोले – इसका नंबर भी लगाने का इरादा है क्या? मैंने रजत की तरफ देखा, तो प्यार से एक थप्पड़ मारा और बोली – अभी तो नहीं. बाद में पता नहीं. लेकिन सच में, मेरा दिल रणजीत की पर्सनालिटी पर फिसल चूका था. मैं पूरी पार्टी में उसे ही घुर रही थी और शायद वो भी मेरी हवस को समझ गया था. रजत अपने दोस्तों के साथ बिजी थे और दारु भी काफी ज्यादा पी चुके थे. मैं अब बोर होने लगी थी और फिर ऊपर अपने की तरफ जाने लगी. रणजीत सब को छोड़ कर और उनकी नजरे बचा कर मेरे पीछे – पीछे रूम में आ गया और मेरे कमरे में घुस गया.

    मैंने कमरे का दरवाजा बंद नहीं किया हुआ था. मैं कपड़े बदल रही थी. मैंने साड़ी उतार कर पलंग पर डाली हुई थी और उस समय, मैं सिर्फ ब्लाउज में थी और पेटीकोट में थी. मुझे बहुत गर्मी लग रही थी, तो मैंने अपनी ब्लाउज के बटन खोल रखे थे. रणजीत बहुत आराम से कमरे में घुसा और बिना किसी आवाज़ के कमरे का दरवाजा बोल्ट कर दिया. फिर वो मेरे पीछे आया और मेरी कमरे में हाथ डालकर मुझे पकड़ लिया. उसने मुझे अपने से चिपटा लिया. मैंने उसको बिना देखे ही कहा – आप यहाँ क्यों आ गये? आपके दोस्त क्या बोलेंगे? उनको बुलाकर, आप अपनी बीवी के साथ कमरे में मस्ती कर रहे हो?

    वो चुप रहे और मैं उनके खड़े लंड का तनाब अपनी गांड पर महसूस कर रही थी. उन्होंने अपने होठो को मेरी गर्दन पर रख दिया. मुझे कुछ अलग अहसास हुआ, तो मैंने बोला – आज कुछ अलग है. तुम्हारालंड पहले से कुछ मोटा हो गया है. फिर, उनके चूसने से मैं गरम होने लगी थी. अचानक कुछ दिमाग में आया और मैं एकदम से पलटी, तो मैं चौक गयी. मैं रजत की नहीं, रणजीत की बाहों में थी. रणजीत केवल अंडरवियर में थे. उनके लंड का उभार बहुत ज्यादा बड़ा था और उनकी छाती के बाल उनकी मर्दानगी बया कर रहे थे. मैं तो उनको देख कर मदहोश सी हो गयी थी. लेकिन फिर एकदम से होश में आई.

    अब तक रणजीत मेरी आँखों में उनको लेकर हवस को पढ़ चुके थे और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में लेकर एकदम से दबा दिया और मेरा ब्लाउज निकाल दिया और ब्रा का हुक भी खोल दिया. मेरे ३६ इंच के चुचे एकदम से बाहर आ गये. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. रणजीत ने सब कुछ एकदम से किया था. मेरे कुछ सोचने से पहले ही, रणजीत ने अपने होठो को मेरे होठो पर रख दिया और मस्ती में चूमने लगे. उनके चूमने का अंदाज़ बहुत ही कामुक था और मैं एकदम से गरम हो गयी. उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और अंडरवियर के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया.

    बाप रे… क्या गरम लंड था.बी बहुत ही बड़ा और एकदम कड़क. अब मुझे समझ आ गया, कि उनकी बीवी उनको क्यों छोड़ गयी. वो सेक्स की दीवानी नहीं होगी और रणजीत की जबरदस्ती नहीं सह पायी होगी. लेकिन उसमे उसकी कोई गलती नहीं थी. रणजीत थे ही इतने हॉट एंड सेक्सी. अब रणजीत ने एकदम से मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया और मेरी पेटीकोट को पकड़ कर खीच लिया. उन्होंने अपने अंडरवियर को उतार दिया और उनका लंड मेरी आँखों के सामने झूलने लगा. बाप रे… कम से कम ९ इंच का होगा और ३-४ इंच चौड़ा भी होगा. एकदम सीधा और किसी बेट की तरह. फिर उन्होंने मेरी टांगो को खीचा और मेरे टांगो को फैला लिया और अपनी जीभ पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर रख दी.

    बार रे… क्या मस्त चूम रहे थे वो और फिर एकदम से एक ऊँगली पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत में डाल दी. आआआआ मेरे मुह से जोरदार चीख निकली आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मर गयीआआआआआआ ईईईईईईस्सस्सस… फिर उन्होंने एकदम से मेरी पेंटी को खीच लिया और मुझे नंगा कर दिया. मेरी साफ़ और चिकनी गुलाबी चूत को देख कर उनके चेहरे की मुझे नज़र आ गयी और उन्होंने एकदम से मेरी चूत पर अपनी जीभ लगा दी. उन्होंने अपने दोनों हाथो से मेरी चूत को खोला और अपनी जीभ को एकदम से अन्दर घुसा दिया. मैं तो एकदम से तड़प उठी और मेरी मुह तेज स्स्स्सस्स्स्स आआआआ निकल पड़ा और मैं ने अपने हाथो से उसके बालो को पकड़ कर खीच लिया.

    मैं तो जैसे मरने ही वाली थी. मैं रणजीत को कहा … और मत करो. डाल दो अब. और नहीं सहा जा रहा. रणजीत उठे और अपने लंड को लेकर मेरी चूत पर घिसने लगे और घिसते – घिसते एकदम से उन्होंने अपने लंड को धक्का दे दिया. बाप रे… उनका लंड एकदम से तेजी से मेरी चूत को चीर कर मेरी बच्चेदानी से जा टकराया. मेरे मुह से आआआआआआआ आआआआआआआआअ मर गयी………. निकला. लेकिन, मैंने अपने हाथो से अपने मुह को बंद कर दिया. रणजीत मुझे देख कर मुस्कुरा रहे थे और तेजी से धक्के मार रहे थे.

    मुझे तो पता नहीं क्या होने लगा था. मैं कई बार झड़ चुकी थी और अब उनके धक्के नहीं सह पा रही थी. फिर रणजीत के धक्को की स्पीड तेज हो गयी और उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत में ही उतार दिया. उनका माल इतना सारा था, जैसे उन्होंने सालो से चूत का स्वाद नहीं लिया था. बहुत गरम था और फिर उन्होंने एकदम से अपना लंड बाहर खीच लिया और मुझे बिस्तर में नंगा ही छोड़ कर बाथरूम में चले गये. फिर वो लंड को साफ़ करके बाहर आये और कपड़े पहन कर नीचे चले गये.

    मैं थोड़ी देर में उठी. लेकिन मुझे दर्द कफी होने लगा था. मैंने अपने कपड़े लिए और बाथरूम में नहाने के लिए चली गयी. मैं थोड़ी में कपड़े चेंज करके नीचे गयी और देखा रजत के सारे दोस्त जा चुके थे और वो सोफे पर सोये. मैं उनको वहीं छोड़ कर वापस रूम में आ गयी और सो गयी. मैं सुबह उठी, तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उस रात मेरी रजत से भी अच्छी चुदाई हुई थी. रणजीत से सेक्स का मौका मुझे फिर नहीं मिला. लेकिन, आज भी मुझे जब रणजीत का लंड याद आता है, तो मैं एकदम से गीली हो जाती हु.

  • बॉस की सेक्सी बीवी के साथ जबरदस्ती चुदाई की, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शहबाज़ है और मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों यह घटना मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है और जिसको में आज बहुत बार सोचकर आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह घटना तब की है जब में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक ऑटोपार्ट्स की दुकान में काम करता था और मेरे बॉस दुकान के मालिक मुझे छोटू बुलाते थे, उनकी उम्र करीब 36 या 37 साल थी और तब मेरी उम्र 22 थी, उनकी पत्नी जिसका नाम मेघा और वो बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत थी और उनकी एक बेटी भी थी.

    दोस्तों मेरे बॉस ने अपनी शादी बहुत देर से की थी और बॉस की बीवी की उम्र करीब 30-31 की थी, लेकिन वो अपने सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन से दिखने पर ऐसी बिल्कुल भी लगती ही नहीं थी कि वो इतनी उम्र की भी हो सकती है? दोस्तों मुझे अपने बॉस की दुकान के काम के साथ साथ उनके घर के काम भी छोटे बड़े सभी करने पड़ते थे, जैसे कि बॉस का उनके घर से दिन में खाना लेकर आना घर के लिए कोई भी सामान ले जाना और भी बहुत कुछ इससे मेरी और मेरे बॉस की पत्नी की बहुत अच्छी बनती थी, उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और में हमेशा उन्हें मजाक में बॉस ही बोलता था, लेकिन वो कभी भी मुझसे किसी भी बात पर नाराज नहीं होती थी.

    वो भी मुझे प्यार से छोटू ही बोलती थी और जब भी में उनके घर पर काम से जाता तो हम बहुत देर तक मस्ती मज़ाक करते, मुझे उनके फिगर के साईज का तो पता नहीं, लेकिन वो भरे बदन की थी और उनका रंग भी बिल्कुल गोरा था, हमारा मजाक इतना होता था कि जब भी में अपने बोस का खाना लेने जाता तो में उनसे मजाक में बोलता था कि आपके पापा ने खाना मंगवाया है तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हँसने लगती और मुझसे कहती कि तुम बहुत बदमाश हो गया है बहुत बड़ी बड़ी बातें करता है.

    एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे बोला कि छोटू में 20-25 दिन के लिए किसी जरूरी काम से अपने गाँव जा रहा हूँ तो तू क्या मेरे पीछे से दुकान सम्भाल लेगा? फिर मैंने बोला कि हाँ बॉस कोई बात नहीं आप आराम से बिना चिंता किए चले जाईये. फिर बॉस मुझसे बोले कि तेरी मेडम मेरे साथ नहीं जाएँगी, क्योंकि बेटी का स्कूल है तो इसलिए तू दुकान बंद करने के बाद मेरे घर पर ही रहना. फिर मैंने बोला कि जी बॉस. फिर बॉस बोले कि में कल सुबह ही निकल जाऊंगा तो तू दुकान पर ठीक समय पर आ जाना.

    फिर दूसरा दिन आया. मैंने दुकान खोली तब तक बॉस जा चुके थे और में पूरे दिन बिल्कुल अकेला था. फिर रात हुई और में अपने बॉस के घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद मेडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने दिन में खाना खाया था? फिर मैंने बोला कि जी बॉस हाँ मैंने दिन में खाना खा लिया था. फिर कुछ देर बाद मेडम ने खाना लगाया और हमने एक साथ ही बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम तीनो खा पीकर सो गये, में होल में ही सोया था और ऐसे ही तीन दिन गुजर गये सब कुछ एकदम ठीक ठाक था.

    उसके अगले दिन रात के करीब 2:30 बज रहे थे और मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी तो में पेशाब करने उठा और जब में वापस आया तो मेरी नज़र मेडम के रूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि रूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था तो मैंने सोचा कि शायद मेडम जाग रही है तो इसलिए में रूम के बहुत करीब गया और जैसे ही मैंने अंदर देखा तो देखकर मेरे होश उड़ गये और मेरी दोनों आँखे फैल गई, क्योंकि उस समय मेरी बॉस मेक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहला रही थी और आअहह उउफफफ्फ़ हनमम्म कर रही थी और मेरा मन किया कि में जाकर उनसे चिपक जाऊँ, लेकिन मेरी इतनी हिम्म्त नहीं हुई और में किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल करके या शायद उनसे डरकर में वापस आकर सो गया.

    फिर सुबह हुई और हम नाश्ता कर रहे थे, में अब चोर नज़र से मेडम को ही बार बार देख रहा था और तभी मेडम मुझसे बोली कि क्या बात है आज तुम बहुत चुपचाप हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और फिर पूरे दिन भर में दुकान पर जाने के बाद अपनी मेडम के बारे में ही सोचता रहा और सोचते सोचते मेरा लंड टाईट हो जाता और आज में रात को सोया ही नहीं बस उनके बारे में ही सोचता रहा और रात को करीब दो बजे में फिर से उठा और मेडम के रूम की तरफ जाकर देखा, लेकिन आज दरवाजा अंदर से बंद था तो में करीब गया और वहीं पर बैठ गया और कुछ देर बाद अंदर से फिर वही सिसकियों की आवाज़ आने लगी और में बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और ऐसे ही पूरे 6 दिन हो गये और मेरा मन अब अपनी मेडम को चोदने का बहुत कर रहा था और फिर वो रात आ गई, रात के 1 बज रहे थे और में दरवाजे के बिल्कुल पास ही था और मेडम की आवाज़ सुन रहा था. मैंने अब दरवाजे पर ज़ोर से हाथ मार दिया और जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया और फिर में मेडम से बोला कि क्यों आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मेडम बोली कि हाँ क्या हुआ में तो एकदम ठीक हूँ. फिर में बोला कि जी मेडम और फिर में जाकर हॉल में बैठ गया.

    फिर थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और मेडम बाहर आ गई. में उस समय सोफे पर बैठा हुआ था तो वहीं पर मेडम भी आकर बैठ गई और वो बोली क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे थे में डर गई थी? फिर में बोला कि मेडम मैंने आपकी आवाज़ सुनी तो मैंने सोचा कि शायद आपकी तबीयत खराब है. फिर मेडम बोली कि नहीं में एक सपना देख रही थी. मैंने पूछा कि कैसा सपना?

    मेडम बोली कि वो एक बहुत डरावना सपना था, अब में उनसे नाटक करने लगा क्या मेडम आप भी सपनो से डरती हो? अब वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मेडम क्या आप ज़्यादा डर गई हो? फिर मेडम बोली कि नहीं तो. फिर में बोला कि फिर आप बिल्कुल चुप क्यों हो? तो मेडम बहुत ही धीरे से बोली कि मुझे बहुत प्यास लगी है तो में तुरंत समझ गया, लेकिन फिर भी मैंने नाटक किया हाँ ठीक है में अभी पानी लाता हूँ और में उठकर पानी लाया और उनसे बोला कि यह लीजिए तो मेडम ने देखा तो मुझे हँसी आ गई.

    फिर मेडम मुझसे पूछने लगी कि तुम ऐसे हंस क्यों रहे हो? मैंने उनसे बोला कि लीजिए अपनी प्यास बुझा लीजिए, तभी मेडम ने मेरा एक हाथ खींचकर मुझे सोफे पर बैठा लिया और वो मेरी गर्दन को दबाकर मुझसे बोली कि क्या बात है तुझे बहुत हंसी आ रही है? प्यास नहीं जानते तुम या नाटक कर रहे हो? और अब मेडम के बूब्स मेरी छाती से टकरा गये में और पीछे हुआ और मेडम बैठ गई. फिर में बोला कि मेडम मुझे पता है कि आप क्या सपना देखती हो? अब मेडम ने हल्की सी स्माईल की और बोली कि क्या पता है?

    में बोला कि यही कि जो सपना आप देखती हो तो उससे आपको प्यास लग जाती है और फिर में ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और मेडम ने फिर मेरी गर्दन को दबाया और बोली कि ज्यादा हंस मत और इस बार उनके बूब्स मेरी छाती से पूरी तरह चिपक गये और मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा और मेरी नज़र मेडम के बूब्स पर गई और तभी वो उठने लगी तो मैंने देर ना करते हुए उनके गाल पर एक किस कर लिया तो वो पहले थोड़ा सा शरमाई.

    फिर हंसकर मेरे होंठो को चूमने लगी और अब मेडम सोफे पर एकदम सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गई. मैंने अपने दोनों पैर फैला लिया और मेडम मेरे पैर के बीच में आ गई और मेरा लंड उनकी उभरी हुई गीली चूत से दब रहा था और वो खुद जानबूझ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबा रही थी, में उन्हें ज़ोर से चिपकाए हुए था और हम दोनों ज़ोर से किस कर रहे थे.

    तभी में अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और फिर चूत को सहलाने लगा और मैंने धीरे से मेडम की चूत में एक चींटी काट ली और जिसकी वजह से वो उछल गई और में हँसने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि कमीने रुक में अभी तुझे बताती हूँ और यह बात कहकर उसने ज़ोर से मेरी छाती पर अपने दाँत से काट लिया और उस दर्द की वजह से में चिल्ला पड़ा तो उसने तुरंत मेरे मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर वो मुझसे बोली कि ज्यादा चिल्ला मत वरना में और भी ज़ोर से काट सकती हूँ.

    फिर हम दोनों सोफे से सीधे नीचे फर्श पर लेट गये और मेडम अब तक मेरे ऊपर चड़ी हुई थी और वो लगातार मेरे लंड पर अपनी चूत को मसल रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दोस्तों मेडम का वजन थोड़ा ज़्यादा था और अब मेडम मेरे ऊपर से हटी और पास में आकर बिल्कुल सीधा लेट गई और हम ऐसे ही नीचे लेटे हुए थे.

    फिर मेडम मुझसे बोली कि तुम कभी किसी को कुछ भी मत बोलना तो मैंने उनसे कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो कभी भी किसी को पता नहीं चलेगा और अब मेडम मेरी तरफ मुस्कुराई और में उसके ऊपर चड़ गया और अब में मेडम के ऊपर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ था, में उस समय नाईट पेंट पहने हुए था जिससे मेरा लंड मेडम की चूत से होते हुए उनकी जाँघो के बीच में घुस रहा था और अब हम किस कर रहे थे और में एक हाथ से मेडम का एक बूब्स बहुत ज़ोर से दबा रहा था, अब में मेडम की गर्दन को चूम रहा था और साथ ही एक बूब्स को दबा भी रहा था और जिसकी वजह से मेडम उह्ह्ह्ह ऑश आहह अफफफफफ छोटू अह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.

    अब मेडम ने मुझे अपने उपर से हटाया और वो खुद सोफे पर बैठ गई मेडम ने अपनी नाईट पेंट को उतार दिया उन्होंने अंदर काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी अब उसने अपने दोनों पैर फैला दिए और फिर वो मुझसे बोली कि चल अब आ जा जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे. फिर में सोफे के करीब गया और उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से हाथ फेरने लगा फिर मैंने पेंटी के ऊपर से ही चूत पर एक किस किया तो मेडम ने उफ़फ्फ़ स्सीईईइ करके अपनी दोनों आँखो को बंद कर लिया.

    फिर मैंने मेडम की पेंटी को उतारा और उनकी चूत को अपनी एक उंगली से सहलाने लगा फिर मैंने अपनी उंगली को चूत में घुसा दिया, जिसकी वजह से मेडम सिसकियाँ लेने लगी और आअहह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी. अब में उस बैचेन, तड़पती हुई, प्यासी चूत के पास अपना मुहं ले गया और अपनी जीभ से उनके चूत के दाने को सहलाने लगा और फिर मेडम मुझसे बोली कि उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह छोटू तू यह क्या कर रहा आईईइ है? अब में उनकी चूत को चाटने, चूसने लगा और में अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक घुसाकर चाट रहा था. मेरी मेडम अब मेरा सर पकड़कर अपनी चूत के ऊपर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी और वो आहह उफफ्फ़ उईईईई की आवाज़ निकाल रही थी.

    फिर थोड़ी ही देर में उसने मेरा सर अपनी चूत पर और भी ज़ोर से दबा दिया और अब उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर निकाल दिया जिसको में चूसने लगा और उसके बाद में उठा और अब हम दोनों पूरे नंगे हो गये थे मेरा लंड पूरा टाईट था. तो मेडम मेरा लंड देखकर मुझसे बोली कि साले कमीने तेरा कितना बड़ा है? मैंने कहा कि हाँ यह आपके लिए ही है, मेडम बोली कि अच्छा रुक में अभी तुझे बताती हूँ और वो अब मेरा लंड पकड़ कर ज़ोर से ज़ोर मसलने लगी में ऑश उफ्फ्फ बाप रे मेडम करने लगा. तो मेडम मुझसे बोली कि क्यों क्या हुआ बच्चू दर्द हो रहा है? में बोला कि क्या आज इसे तोड़ ही दोगी क्या?

    फिर मेडम हँसने लगी फिर वो बहुत आराम से मेरे लंड से खेलने लगी और में उसके एक बूब्स को दबाने तो दूसरे को चूसने लगा कुछ देर बाद में रुका और मैंने मेडम से बोला कि में एक मिनट में अभी वापस आता हूँ में जल्दी से पास वाले रूम में गया और दो तकिए लेकर आ गया और अब मेडम फर्श पर लेटी हुई थी और मैंने एक तकिए को मेडम की गांड के नीचे रख दिया मेडम की चूत बहुत मोटी थी और बहुत मस्त चूत थी.

    मैंने अब उनके दोनों पैर फैलाए और एक बार फिर से उनकी चूत को चाटने लगा मेडम सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि तू चूत को बहुत अच्छा चाटता है और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर और भी ज़ोर से उनकी चूत को चाटने लगा, लेकिन थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मेडम मुझसे बोली कि छोटू में गई और में ज़ोर से चाटने लगा.

    मेडम का फिर से पानी निकल गया जिसकी वजह से उनकी पूरी चूत गीली हो चुकी थी. में अब मेडम के दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़कर गीला करने लगा और मेडम उफफफ्फ़ आह्ह्ह्ह कमीने जल्दी से इसे अंदर डाल दे, कुत्ते तू यह क्या कर रहा है? थोड़ा जल्दी से डाल दे स्सीईईई आह्ह्ह् क्या बस ऐसे ही करता रहेगा?

    फिर मैंने उनकी तड़प को देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा मेडम की गीली चूत के मुहं पर रख दिया और एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया. मेडम उईईई उफ्फ्फफ्फ्फ़ कुत्ते साले तेरा बहुत बड़ा है थोड़ा मेरे ऊपर रहम कर आह्ह्ह्ह और अब में थोड़ा रुककर ऐसे ही अपने लंड को डाले कुछ देर रुका रहा.

    फिर मैंने मेडम के दोनों बूब्स को एक एक हाथ में पकड़ा और बूब्स को दबाते हुए बूब्स के बीच में अपनी जीभ से चाटने लगा और मेडम आअहह उफ्फ्फ्फ़ अर्ररर और हाँ तेज़ तेज़ सिसकियाँ लेती हुई बोली कि छोटू मुझे किस करो. अब में मेडम के ऊपर लेट गया और उनके गुलाबी होंठो को धीरे धीरे मज़े लेते हुए चूसने लगा.

    अब मैंने लंड को धीरे से थोड़ा बाहर किया और फिर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से मेडम की चीखने की आवाज़ मेरे मुहं में दबकर रह गई और अब में लगातार धक्के देकर अपनी मेडम की चुदाई करने लगा छप छप पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी. मेरी मेडम ऊऊहह एसस्स ऊओह मरी छोटू और ज़ोर से करो और उफ्फ्फ्फ़ मज़ा आ गया और बोलती रही करीब 20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और फिर हम एक साथ झड़ गये और में मेडम के ऊपर ही कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा जिसकी वजह से मेरा लंड अभी भी मेडम की चूत में ही था और धीरे धीरे सुकड़कर छोटा हो रहा था. फिर में उठा तो मेडम मुझसे मुस्कुराकर बोली कि क्या हुआ थक गया?

    मैंने बोला कि अभी कहाँ अभी तो पूरी रात बाकी है फिर हम उठकर बाथरूम में चले गये मेडम ने पेशाब किया और में उन्हें देख रहा था मैंने अब पेशाब करते हुए ही उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मेडम उछल पड़ी और हम हम दोनों हँसने लगे और फिर मेडम ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया और फिर हमने पानी चालू किया और अब हम भीगते हुए एक दूसरे को चूमने, चाटने लगे. मैंने मेडम को अब सीधा लेटा दिया और फिर उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा जिसकी वजह से पानी मेरे ऊपर से गिरकर मेडम की चूत पर टपक रहा था और मेडम ऊओह्ह्ह आअहह ह्म्‍म्म्म कर रही थी.

    अब मैंने अपनी मेडम के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चोदा और कुछ देर बाद मेडम मेरे ऊपर बैठकर मुझे चोद रही थी. उस रात हमने सिर्फ़ दो बार चुदाई की और फिर अगले दिन से कई बार रात में हम चुदाई करते और एक दिन मेरे बॉस का फोन आया कि उन्हे वापस आने में अभी 10-12 दिन और लगेंगे और इसलिए तक मेरे बॉस वहां पर नहीं थे तब तक हम पति पत्नी की तरह रहने लगे.

    हमने बहुत बार चुदाई के मज़े लिए और फिर जब मेरे बॉस वापस आए तो भी मेरी मेडम मेरे बॉस को फोन करती और उनसे कहती कि छोटू को घर पर भेज दीजिए उससे मुझे कुछ सामान मंगवाना है और इस बहाने से हम करीब 20 -25 मिनट तक बहुत मज़े से चुदाई कर लेते थे. दोस्तों मेघा मेडम से मेरा यह रिश्ता पूरे एक साल से भी ज़्यादा रहा और इस बीच हमने बहुत बार सेक्स किया. यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था जिसको मैंने बहुत मज़े के साथ बिताया.

  • नौकरी के लिए बीवी को बॉस से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, में अनुज और में बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और इसकी सभी कहानियाँ बहुत अच्छी होती है. एक दिन मैंने भी सोचा कि में भी अपनी कहानी आप लोगों को सुना दूँ, यह मेरी एकदम सच्ची घटना है और में शादीशुदा हूँ, मेरी पत्नी का नाम मीता है और वो इस घटना से पहले एक सिधी साधी टाईप की लड़की हुआ करती थी, मेरी उम्र 28 साल है और उसकी उम्र भी 28 साल है और में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ और मेरी पत्नी तो बहुत ही सुंदर है, उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं करीब 5.2 इंच है, लेकिन वो बहुत ग़ज़ब की गोरी चिट्टी है और उसका फिगर अब 38-34-40 है, लेकिन पहले जब हमारी शादी हुई थी तो उसका फिगर कुछ 36-28-36 होगा. दोस्तों मेरा लंड तो हमेशा उसकी बड़ी गांड को देखते ही खड़ा हो जाता है, वाह क्या मस्त गांड है मेरी मीता की? और अब में अपनी आप बीती बताता हूँ.

    दोस्तों यह घटना आज से करीब तीन साल पहले की है जब मेरी शादी को करीब 2 साल हुए थे और हमारे तब तक कोई बच्चा भी नहीं था और हमारी शादी कम उम्र में हो गई थी. दोस्तों में उस समय जिस कम्पनी में नौकरी करता था, में उससे बहुत परेशान रहता था और हमारी शादी के बाद करीब 1-2 साल तो सब कुछ ठीक चला, लेकिन नौकरी की परेशानी होने की वजह से धीरे धीरे हमारे (मेरे और मेरी पत्नी) बीच में झगड़े बढ़ने लगे.

    एक दिन मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या बात है? फिर मैंने उसे बताया कि मेरे ऑफिस में मेरा बॉस मुझे बिना वजह ही परेशान करता है. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम कोई और नौकरी देख लो, लेकिन आप सभी तो बहुत अच्छी तरह से समझते है कि आज कल नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती.

    दोस्तों वैसे मेरे 3 बॉस है, पहला जिसका नाम कमलेश है और उसकी उम्र करीब 45 साल है. दूसरा जिसका नाम विजय है, उसकी उम्र 42 साल करीब है और तीसरा जिसका नाम दिलशान है और उसकी उम्र करीब 40 साल है. दोस्तों मेरा जो दूसरे नंबर वाला बॉस है विजय वो बहुत ही ठरकी किस्म का आदमी है और मुझे वो ही परेशान करता था और बाकी बॉस मुझसे कुछ बोलते भी नहीं थे, क्योंकि बिज़नेस में सबसे ज्यादा समझदार बस वही था और हमारे ऑफिस में काम करने वाली एक कम उम्र की लड़की से उसके गलत सम्बन्ध भी थे और यह बात सारा ऑफिस जानता था.

    दोस्तों वैसे हमारे ऑफिस में हर कभी पार्टी होती रहती थी और जिसमें सभी काम करने वाले लोग अपने अपने परिवार के साथ आते थे, लेकिन में कभी भी अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था, क्योंकि मेरी पत्नी मीता बहुत धार्मिक विचारो वाली औरत थी और वो समझती थी कि पार्टी में शराब पीते है और एक दूसरे की पत्नी को गंदी नजर से घूरते भी है.

    दोस्तों मुझे क्या पता था कि बस यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी कि में अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था. फिर जब भी पार्टी होती तो मेरा ठरकी बॉस विजय सबको खासतोर पर बोलता था कि अपने परिवार के साथ आना. एक बार जैसे तैसे में मीता को राज़ी करके पार्टी में ले गया, उसने काली कलर की साड़ी लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और अपने होंठो पर लाल कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी और उसने अपने बाल खुले हुए रखे थे, मेरे पास टाईम नहीं था वरना मेरा दिल उसे एक बार चोदने का कर रहा था, वो ब्लाउज उसके बड़े बड़े बूब्स को बड़ी मुश्किल से जकड़े हुए था, शायद वो बहुत टाइट होगा और आखरी समय पर साड़ी बदलने का भी टाईम नहीं था वरना हम लेट हो जाते.

    दोस्तों मीता अपनी साड़ी को ज्यादा टाईट ही बाँधती है, जिसकी वज़ह से उसके बड़े बड़े चूतड़ बाहर निकले रहते है और वो जब चलती है तो उसके बड़े बड़े मटकते कूल्हों को लोग बड़े घूर घूरकर देखते है, क्योंकि मैंने भी कई बार लोगों को घूरते हुए देखा था. एक लड़का जिसकी उम्र करीब 19 साल थी और जो बिल्कुल हमारे सामने वाले घर में रहता हैं, वो तो मेरी पत्नी को हमेशा ही कुछ ज्यादा ही घूरता था और मुझे ऐसा लगता था कि उसे अगर कोई मौका मिले तो वो अभी मेरी पत्नी को चोद देगा.

    फिर हम पार्टी में पहुंच गए और वहां पर तब तक बहुत लोग आ चुके थे और कुछ आने बाकी थे, लेकिन प्रोग्राम शुरू हो गया था, में मीता को अपने साथ काम करने वाले लोगों से मिलवा रहा था, करीब आधे घंटे के बाद मेरा वो बॉस विजय हमारे पास आया और आकर मुझसे बड़े प्यार से बोला ओह हो अनुज तो यह है तुम्हारी पत्नी, अब समझा कि तुम इन्हें क्यों किसी भी पार्टी में नहीं लाते थे? क्योंकि यह तो बहुत सुंदर है और अब उसकी आँखे मेरी पत्नी के पूरे बदन पर घूम रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आँखो में कोई मशीन लगी हो और वो मेरी पत्नी के कपड़ो के पीछे छिपे उसके अंगो का मुआएना कर रहा हो?

    मीता को देखकर उसकी आखों में एक अजीब सी चमक आ गई थी. थोड़ी देर बात करके मैंने बॉस से कहा कि चलो सर हम खाना खाते है. फिर वो मुझसे बोला कि तुम जाओ में बाद में खा लूँगा. फिर मैंने किसी दोस्त से बात करने के बहाने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़र मीता के मटकते हुए कूल्हों पर थी और उसे तो यह भी एहसास नहीं था कि में उसे देख रहा हूँ, वो तो बस मीता के कूल्हों में ही खोया हुआ था.

    फिर जब में और मेरी पत्नी खाना खा रहे थे तो बॉस मेरे पास आया और पूछने लगा कि कोई परेशानी तो नहीं है सब ठीक तो है? वो यह सब मुझसे नहीं मेरी पत्नी से पूछ रहा था, उसके लिए तो में जैसे वहाँ था ही नहीं. उसने मेरी पत्नी से उसका नाम पूछा तो मेरी पत्नी ने बताया कि मीता और वो कहने लगा बहुत प्यारा नाम है, क्योंकि मीता नाम की मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो कि मुझसे बहुत खुली हुई थी.

    दोस्तों अब मुझे बुरा तो बहुत लग रहा था, लेकिन में क्या कहता? मीता मेरी तरफ देखे जा रही थी तो तब मुझे थोड़ा एहसास हुआ कि शायद अब मेरे बॉस की मेरी पत्नी पर नियत खराब हो गयी है और यह बात पक्की करने के लिए में यह बात कहकर कि मुझे वॉशरूम जाना है, उन दोनों को अकेले छोड़ गया और में थोड़ा दूर जाकर उन्हें देखने लगा कि वो अब क्या करता है?

    वो तो मीता से बहुत घुल मिलकर बातें कर रहा था जैसे पार्टी में बस वो दोनों ही हो, लेकिन मीता मुझे कुछ बैचेन सी लग रही थी और वो मेरे बॉस की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी. फिर में वापस आ गया तो उसने मुझसे कहा कि आप दोनों बैठो में वेटर से बोलता हूँ कि आपका ख्याल रखे और अब उसने एक टेबल पर हमे बैठा दिया, मुझे लगा कि वो तो अब वापस पार्टी में चला जाएगा, लेकिन नहीं वो तो वहीं पर चिपककर बैठ गया और वो भी मेरी पत्नी के पास. फिर वो बोला कि वाईन पियोगे यार बियर? तो मैंने मीता की तरफ देखा तो उसके चेहरे से मुझे लग रहा था कि जैसे वो मुझसे कुछ कह रही हो कि देखो इसलिए में कभी नहीं आती थी.

    फिर मैंने बॉस से बोला कि नहीं सर हम तो सॉफ्ट ड्रिंक ही लेते है तो वो बोला कि कोई बात नहीं तुम सॉफ्ट ड्रिंक ले लो और में कुछ वाईन ले लेता हूँ और वो मुझसे यह बात बोलकर ड्रिंक की तरफ चला गया. उसके जाने के बाद मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या यही वो तुम्हारा बॉस है क्या जो तुम्हे परेशान करता है? तो मैंने झट से बोला कि हाँ, मीता बोली कि लेकिन यह तो बड़ी तमीज़ से पेश आ रहा है. अब इतनी देर में मेरा बॉस विजय आ गया और उसके साथ एक वेटर भी था, उसने ड्रिंक उठाई और पहले मुझे दिया और फिर मीता को, मीता मना करने लगी तो उसका हाथ पकड़कर ज़बरदस्ती दे दिया.

    फिर मैंने दिखा कि उसने मेरी पत्नी का हाथ थोड़ी ज्यादा देर तक पकड़े रखा था तो मीता ने ही अपना हाथ उससे छुड़ाया और मुझे वो सॉफ्ट ड्रिंक पीकर ऐसा लगा कि इसमें कुछ मिला हुआ है तो मैंने और मेरी पत्नी ने दोनों ने आपसे में कहा कि कुछ अलग सा स्वाद है. फिर बॉस बोला कि हाँ बाहर की है तो टेस्ट में कुछ तो बदलाव होगा ही. फिर हम दोनों ने अपना अपना सॉफ्ट ड्रिंक खत्म किया. तभी मेरे बाकी दोनों बॉस भी आ गये और हमने उसने बात की और बदले में उन्होंने भी हमसे बात की और विजय बॉस से बोले सुनो विजय और वो थोड़ी दूर पर जाकर कुछ बात करने लगे और मुझे लगा कि बला टली, लेकिन वो तो साला उन्हें भी छोड़कर फिर से आ गया. फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि बेटा अनुज थोड़ा बच, कहीं यह साला आज तेरी पत्नी को चोद ही ना दे? फिर कुछ देर में मेरी पत्नी ने मेरे कान में कहा कि मुझे वॉशरूम जाना है. फिर मेरा बॉस तुरंत बीच में बोला कि क्या हुआ अनुज मैंने कहा कि मीता को वॉशरूम जाना है. फिर वो बोला कि चलो में बताता हूँ कि वॉशरूम कहाँ है तो वो अब हम दोनों के साथ चल रहा था.

    फिर में भी वॉशरूम तक उनके साथ चला गया और मीता भी. वहां कुछ कुर्सी थी तो उन पर बैठ गया, मुझे भी फ्रेश होना था तो में जब फ्रेश होकर बाहर आया तो मैंने देखा कि मीता उसके कंधे का सहारा लेकर उसके साथ कुर्सी पर बैठी हुई है और वो कुर्सी ऐसी लगी थी कि में उन दोनों के पीछे खड़ा था और देख रहा था, मेरा बॉस मेरी पत्नी की कमर पर हाथ फेर रहा था और कभी कभी वो अपना हाथ उसके कूल्हों तक ले जाता और मीता के चूतड़ को दबा भी रहा था, लेकिन बड़े धीरे से मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया और जब में उनके सामने आया तो मैंने देखा कि मीता कुछ निढाल सी पड़ी है.

    फिर मैंने बॉस से पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोला कि पता नहीं शायद चक्कर आ गया होगा तो मैंने मीता को थोड़ा सा हिलाया तो उसे तो कुछ पता ही नहीं था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो बेहोश हो गई हो? मेरा बॉस बोला कि चलो इसे पकड़कर रूम में ले चले तो वहाँ थोड़ा आराम कर लेगी. फिर जाते हुए लोगों ने पूछा क्या हुआ तो बॉस ने बोला कि कुछ नहीं थोड़े चक्कर आ गए है, मुझसे अकेले से मीता संभल नहीं रही थी तो मेरे बॉस ने उसका एक हाथ अपने कंधे पर लेकर उसे पकड़ लिया. फिर जब हम रूम पर जा रहे थे तो मीता बार बार ऑश ऑश कर रही थी तो मैंने अपनी गर्दन को थोड़ी पीछे करके देखा तो मेरा बॉस मेरी पत्नी की गांड को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बीच बीच में वो उसकी गांड में अपनी ऊँगली को भी डाल रहा था. दोस्तों में अब क्या करता? फिर जैसे तैसे हम रूम तक पहुंचे और मैंने मीता को बेड पर लेटा दिया तो बॉस मुझसे बोला कि जाओ तुम थोड़ा पानी ले आओ.

    दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि यह साला मेरे जाते ही कुछ ना कुछ हरकत जरुर करेगा तो में बाहर जाने का बहाना करके टॉयलेट में छुप गया, क्योंकि बेड रूम थोड़ा अंदर था और टॉयलेट अंदर घुसते ही था. फिर जैसे ही मेरे बॉस को दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई तो वो देखने के लिए उठकर बाहर तक आया और उसने दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर लिया, लेकिन उसने कुण्डी नहीं लगाई थी बस बंद कर लिया था. फिर कुछ 10 सेकेंड बाद में चुपचाप थोड़ा आगे गया तो वो मेरी पत्नी के होंठो को चूस रहा था और उसकी जाँघो पर हाथ फेर रहा था और अब उसका हाथ कभी पेंटी में जाता तो कभी जाँघो पर, लेकिन होंठो को वो लगातार चूसता रहा. फिर मैंने सोचा कि जल्दी से कुछ किया जाए तो में बाहर की तरफ आ गया और मैंने ज़ोर से दरवाजा खोला और अंदर आ गया.

    फिर बॉस को दरवाजे की आवाज़ आ गई थी जब में आया तो वो मेरी पत्नी के पास बैठकर उसके सर को दबा रहा था और मुझे देखते ही वो मुझसे बोला कि पानी कहाँ है? मैंने कहा कि रूम सर्विस लेकर आ रहा है. फिर वो बोला अच्छा में अब चलता हूँ और डॉक्टर को भेज देता हूँ. कुछ देर बाद डॉक्टर आया तो उसने मेरी पत्नी को दवाई दी तब जाकर मीता को आराम मिला. हमने रात को वहीं पर आराम किया और होटल के रूम का बिल बॉस ने दे दिया. फिर में रात भर सोचता रहा कि यह साला मीता पर दीवाना हो गया है कहीं इस वज़ह से मुझे परेशान तो नहीं करता था? फिर दूसरे दिन सुबह हम घर पर आए और में ऑफिस के लिए तैयार हुआ तो मीता अभी भी आराम कर रही थी.

    फिर में ऑफिस पहुंचा तो मेरा वही ठरकी बॉस बड़े प्यार से बात कर रहा था और उसी शाम को उसकी सेक्रेटरी ने मुझसे आकर बोला कि अनुज जाने से पहले विजय बॉस से मिलकर जाना. अब में कम्प्यूटर बंद करके बॉस के रूम में गया तो मेरा बॉस मुझसे बोला कि अनुज आओ बैठो. दोस्तों जो साला कभी मुझसे सीधे मुहं बात नहीं करता था और आज बड़ी इज़्ज़त के साथ बिठा रहा है. फिर वो मुझसे बोला कि अब मीता कैसी है? मैंने कहा कि पहले से ठीक है तो वो बोला कि उसे क्या हो गया था वो कुछ बोली? तो मैंने कहा कि वो कह रही थी कि उसे चक्कर आ गए थे और कुछ घुटन सी महसूस हो रही थी.

    फिर बॉस बोला कि देखो अनुज मुझे लगता है कि में तुमसे कुछ ज्यादा ही गंदा व्यहवार करता हूँ तो उसके लिए मुझे माफ़ कर दो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि साले सॉरी तो बोलेगा ही, क्योंकि उसने मेरी पत्नी के होंठो को छूकर उन्हें चख लिया था और उसकी पेंटी में हाथ डालने की वज़ह से वो मेरी पत्नी को चोदने के लिए बहुत जोश में था और में जानता था कि वो कुछ ना कुछ ऐसी ही बात करेगा, लेकिन यह नहीं सोचा था कि मेरा जवाब क्या होगा? खैर अब तो वो अपनी औकात पर आ ही गया.

    फिर बॉस मुझसे बोला कि देखो अनुज मेरी पत्नी की म्रत्यु हुए करीब 10 साल हो गये है और में एकदम अकेला हूँ और में थोड़ा चिड़चिड़ा भी हो गया हूँ तो प्लीज़ तुम मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानना और में तो बल्कि यह चाहता हूँ कि तुम्हें आगे भी बड़ा दूँ और तुम्हारी सेलरी भी बढ़ा दूँ, तुम्हें कंपनी की तरफ से एक कार दे दूँ, तुम किराए के घर में रहते हो तुम्हें कंपनी की तरफ से एक मकान के लिए लोन भी दिलवा देता हूँ. दोस्तों मैंने तो उसकी बातें सुनकर इस सोच विचार में था कि में क्या जवाब दूँ? क्योंकि उन सब मेहरबानियों का मतलब मुझे पता था.

    खैर में इंतजार करता रहा और वो आगे बोला, देखो यार तुम समझ सकते हो अकेला आदमी कैसे परेशान रहता है? फिर में बोला कि हाँ सर में समझ सकता हूँ. फिर बॉस बोला कि अगर तुम समझ सकते हो तो तुम यह भी समझ सकते हो कि बिना पत्नी के लाईफ कितनी बोरिंग हो जाती है? मैंने बाहर बहुत मज़े किए, लेकिन वो संतुष्टि नहीं मिल पाती. फिर मैंने बोला कि हाँ सर और में मन ही मन सोच ही रहा था कि अब यह असली बात पर आने वाला है और फिर वो बोला कि देखो जब तुम्हारी शादी हुई थी तो में भी उसमें आया था और मैंने तुम्हारी पत्नी को देखा था. (दोस्तों में कुछ नहीं बोला) यार वो बहुत सुंदर है और जितनी शादी में थी कल उससे भी कही ज्यादा सुंदर लग रही थी. दोस्तों अब मेरी समझ में आ गया कि कहानी कहाँ से शुरू हुई? मेरी शादी के 3-4 महीने बाद ही इसने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया था और में उस टाईम इस बात को समझ नहीं पाया, लेकिन अब मुझे सब कुछ समझ में आ गया था.

    फिर वो आगे बोला कि मैंने जितने भी ऑफर्स तुम्हें दिए है वो सब पूरे हो सकते हैं, लेकिन मेरी एक शर्त है. फिर मैंने मन से पूछा क्या शर्त है सर? तो वो बोला कि तुम बिल्कुल भी बुरा ना मानना, में तुम्हारी पत्नी से सेक्स करना चाहता हूँ. दोस्तों वो साला बोल रहा था कि बिल्कुल भी बुरा ना मानना और वो मेरी पत्नी को चोदने की बात मुझसे ही कर रहा था और में तो पहले ही सब कुछ समझ चुका था, लेकिन दिखावे के लिए ज़ोर से बोला यह कैसी बात कर रहे हैं सर आप? फिर बॉस बोला कि देखो अनुज हमारे ऑफिस में और भी बहुत सारे लोग है और उनकी पत्नी भी सुंदर है और अगर में यह ऑफर उन्हें दे दूँ तो वो कभी मना नहीं करेंगे, लेकिन तुम्हारी पत्नी की तो बात बिल्कुल अलग है, उसके क्या होंठ है क्या भरी हुई छाती है?

    में तो पहले दिन से जब उसे तुम्हारी शादी में देखा था, तब से उस पर फिदा हो गया था और अब तुम बोलो? दोस्तों में क्या बोलता? बस यह बोला कि सर मुझे सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो बॉस बोला कि ठीक है तुम मुझे सोचकर कल बता देना अगर हाँ है तो ऐश करने की तैयारी कर लो और अगर ना है तो दूसरी नौकरी देख लो. ओह मेरे भगवान में तो अब बहुत बुरी तरह से फंस गया था, एक तरफ मेरा टर्की बॉस था और दूसरी तरफ मेरी सती सावित्री पत्नी, खैर मैंने रात भर सोचा कि ऑफर तो अच्छा है और अगर ना कहा तो दूसरी नौकरी देखनी होगी, बहुत समय सोचते सोचते मैंने तय किया कि हाँ कहूँगा.

    फिर में अगले दिन सुबह अपने ऑफिस में पहुँचा तो बॉस ने थोड़ी देर बाद ही मुझे बुला लिया और बॉस बोला कि क्या सोचा? तो मैंने बहुत कसमसाकर जवाब दिया कि हाँ, बॉस बोला कि बैठो मैंने बोला कि लेकिन मीता राज़ी नहीं होगी. फिर बॉस बोला कि उसका तरीका में तुम्हें बताता हूँ देखो में तुम्हें कुछ दवाई दे देता हूँ तो उसे रोज़ एक गोली दूध में मिलाकर पीला दो, उसकी सेक्स की भूख इतनी बढ़ जाएगी कि वो एक से नहीं चार चार से चुदने को तैयार हो जाएगी, लेकिन अब तुम उसको संतुष्ट करना बंद कर दो और कभी तुम उससे बोलो कि मेरा मूड नहीं है और कभी 2-3 धक्कों में ही निकाल दो, मतलब कि उसे संतुष्ट मत करो और अगले 20 दिन बाद वो तैयार हो जानी चाहिए, 20 दिन बाद से तुम उसे मेरे साथ छोड़कर कहीं इधर उधर हो जाना.

    फिर मैंने बोला कि ठीक है और मैंने ठीक वैसा ही किया. बॉस ने मुझे पूरी 38 गोलियां दी सुबह और शाम के लिए. में घर गया और मीता को बोला कि में तुम्हारे लिए कुछ केल्शियम की गोलियां लाया हूँ और तुम्हें इन्हें सुबह, शाम दूध के साथ बिना भूले लेनी हैं और वो बोली कि ठीक है. दोस्तों ज्यादातर औरतों में केल्शियम की कमी होती ही है तो उस रात को मैंने मीता को चोदा और मुझे उसकी गांड बहुत पसंद है तो में जब भी मीता की चुदाई करता हूँ तो उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ को ज़रूर डालता हूँ.

    फिर उस रात को भी मैंने उसकी चुदाई की, लेकिन थोड़ी कम अब अगले दिन से मैंने खुद मीता को केल्शियम की यानी सेक्स बढ़ाने की वो दवाई दी. फिर रात को भी उस रात को कुछ नहीं किया और अब तीन दिन बाद हर दिन में उसे दवाई देता रहा और रात को उसकी चुदाई नहीं करता. दोस्तों अब उस पर उन दवाईयों का थोड़ा थोड़ा असर शुरू हो चुका था और वो अपनी चुदाई करवाने के लिए बहुत बैचेन होने लगी थी, लेकिन मुझे उसकी यह परेशानी देखी नहीं जाती थी तो इसलिए में उससे थोड़ा दूर दूर रहने लगा था और धीरे धीरे अपने बॉस को उसके करीब लाने लगा था.

    अब उनके बीच हंस हंसकर बातें करना मिलना कुछ ज्यादा बढ़ गया था और मेरा बॉस हर कभी जब में घर पर नहीं होता तो मेरे घर पर नये नये बहाने बनाकर आने लगा था. वो अब एक दूसरे के बहुत ज्यादा करीब आने लगे थे और फिर कुछ दिन बाद इस बात का फायदा उठाकर बॉस ने मेरी पत्नी से अपनी नजदीकियों को कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया था. वो अब उसके हाथ से बने खाने की उससे तारीफ करने लगा और उसको नये नये गिफ्ट देने लगा और इस बात का फायदा उठाकर उसने मेरी पत्नी के साथ अपने गलत रिश्ते बनाने शुरू किए और उसे अपनी चुदाई से संतुष्ट करने लगा.

    अब मेरी पत्नी उसके साथ उसकी चुदाई से बहुत खुश रहने लगी और मेरे बॉस ने एक दिन मुझे मेरी कम्पनी के काम से कुछ दिनों के लिए बाहर भेज दिया और फिर जब तक में अपने घर पर नहीं आया तब तक उसने मेरी पत्नी को अपनी रंडी, रखेल की तरह रखा और उसे कई बार चोदा. वो उसे बाहर होटल में ले जाकर भी चोद चुका था और में बस उनकी चुदाई को मन ही मन सोचता रहा. दोस्तों यह थी मेरी पत्नी की चुदाई मेरे बॉस के साथ. उसने मेरी पत्नी को चोदकर बहुत बार संतुष्ट किया और अब मेरे ऑफिस चले जाने के बाद वो मेरे घर पर आकर मेरी पत्नी को चोदने लगा है.

  • साले की सेक्सी बीवी की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विकास है और मेरी उम्र 35 साल है. में दिल्ली से हूँ और ये बात 1 साल पहले की है, जब में अपने ससुराल गया हुआ था. जब घर में मेरे साले की बीवी अकेली थी, उसका नाम नेहा है और उसका जिस्म कमाल का है. वो दिखने में बहुत सुंदर, गोरी, कसे हुए बूब्स, क्या माल है वो? फिर मैंने पूछा कि सब कहाँ गये? तो वो बोली कि रिश्तेदारी में मिलने गये है और रात तक आयेंगे.

    फिर उसने चाय नाश्ता लगाया, फिर हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया, फिर इधर उधर की बात होने लगी. अब बातों-बातों में मैंने पूछा कि शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? तो वो थोड़ा शरमा गई और कोई जवाब नहीं दिया. मैंने फिर से पूछा और बोला कि जवाब नहीं दिया, तो वो शर्माते हुए बोली कि ठीक चल रही है, तो मैंने पूछा कि तुमको रात में खुश तो कर देता है ना, तो वो ह्म्‍म्म्म बोलकर चुप हो गई.

    फिर में उसके पास जाकर बैठ गया और पूछा कि क्या आपको ये बात करना अच्छा नहीं लगा? तो वो बोली कि मुझे शर्म आती है. अब मेरी हिम्मत बढ़ गई थी और मैंने उसके हाथ को पकड़ कर पूछा कि साफ़-साफ़ बताओ कि उसका पति उसको संतुष्ट कर देता है या नहीं, तो वो शर्माते हुए बोली कि बीच में रह जाता है. फिर मैंने बोला कि इसका मतलब तुम संतुष्ट नहीं हो, तुम्हारा निकलने से पहले उसका निकल जाता है. फिर वो शर्माते हुए उठकर अंदर रूम में चली गई और अब में भी उसके पीछे पीछे अंदर कमरे में चला गया. फिर वो बोली कि जीजा जी प्लीज इस तरह की बात मत करो, कुछ अलग सा महसूस होता है.

    फिर मैंने सोचा कि आज गाड़ी लाईन पर चढ़ गई है, फिर में उसके पास गया और उसका हाथ अपने हाथ में लिया और बोला कि तुमको क्या महसूस होता है? तो वो बोली कि नहीं जीजा जी प्लीज ये सब बात नहीं. मैंने फिर बोला कि क्या महसूस होता है? और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया, तो उसको एकदम से करंट लगा और वो मुझसे दूर चली गई. तो मैंने बोला कि क्या हुआ?

    वो बोली कि नहीं ये सब ग़लत है, में ये सब नहीं करुँगी. फिर में उसके पास गया और बोला कि अगर तुम ऐसे ही जिस्म की आग में जलती रहोगी तो क्या होगा? तुम प्यासी रहोगी, परेशान रहोगी. अब मेरे बहुत समझाने पर वो थोड़ा मान गई और मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाया तो वो सहम उठी. अब में उसके बूब्स को मसलने लगा और वो गर्म होने लगी थी. फिर मैंने उसके ब्लाउज को ऊपर कर दिया, क्या मस्त बूब्स था यार?

    फिर मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया तो उसने शर्माकर चादर ओढ़ लिया. फिर में चादर हटाने लगा तो वो बोली कि लाईट बंद कर दो, लेकिन मैंने लाईट बंद नहीं की. फिर मैंने उससे कहा कि मेरे कपड़े निकालो, तो वो बोली कि शर्म आ रही है. फिर में अपने कपड़े निकाल कर नंगा हो गया और उसकी चादर एक झटके में खींच ली.

    अब उसने अपनी आँखें बंद कर ली और लेट गई, अब मैंने उसको नंगी देखा तो देखता ही रह गया, वो क्या मस्त गजब की सुंदर है? 32 साईज़ के बूब्स कसे हुए, लाल निप्पल, गोरा रंग, गुलाबी चूत. अब उसको देखते ही मेरा लंड सलामी देने लगा, फिर में उसके पास गया और उसके होंठो पर किस करने लगा और उसके जिस्म पर अपना हाथ फैरने लगा. फिर मैंने उसके गाल पर किस किया और उसके बूब्स को मसलने लगा, अब वो बहुत गर्म होने लगी थी.

    फिर मैंने उसके हाथ में अपना 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड पकड़ा दिया, तो वो एकदम से घबरा कर बोली कि जीजा जी ये क्या है? इतना लंबा मोटा, में तो मर ही जाऊँगी, में ये नहीं ले पाऊँगी, मेरे पति का तो इससे बहुत छोटा है, उसका तो 5 इंच लंबा और पतला है और फिर वो बार-बार मना करने लगी. फिर मैंने उसको कहा कि जितना लंबा मोटा होता है उतना ही ज्यादा मजा आता है एक बार लेकर तो देख, फिर बताना तुमको कैसा लगा? और अपने लंड को उसके मुँह के पास लगाया.

    वो बोली कि उसने आज तक चूसा नहीं है, गंदा लगता है. फिर में उसको थोड़ा और गर्म करने लगा, उसके बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, बॉडी पर हाथ फैरने लगा, उसकी गांड को सहलाने लगा. अब वो बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी और उम्म्म्म आअहह करने लगी थी. फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चिकनी चूत में डाल दी और चूसने लगा. फिर वो बोली कि जीजा जी क्या कर रहे हो? में मर जाऊँगी इतना मजा आ रहा है. फिर मैंने अपना लंड उसके होंठो से लगाया और वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और में भी अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और उसकी चूत के दाने को बीच-बीच में हल्का सा काट देता, तो वो सहम उठती.

    फिर 5 मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत ने रस निकाल दिया और फिर मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया. फिर मैंने उससे पूछा कि कैसा लगा? तो वो बोली कि जीजा जी बहुत मस्त मजा आया, आज पहली बार चूत से रस निकला है. फिर दोबारा से में उसके बूब्स को दबाने लगा और निप्पल को चूसने लगा, काटने लगा तो वो उम्म्म आहह करने लगी और वो फिर से गर्म हो गई. फिर मैंने उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और जोर से एक झटका दिया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया. अब उसको दर्द होने लगा था. फिर वो बोली कि इतना ही जाएगा जीजा जी प्लीज निकाल लो, अब चूत के अंदर से रस निकलने के कारण उसकी चूत चिकनी हो गई थी.

    फिर मैंने एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. अब मुझे पता था कि वो चिल्लाएगी इसलिए मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया था. अब वो गू गू करने लगी थी और उसकी आखें भर आई थी.

    फिर मैंने देर ना करते हुए एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर जाकर टकराया. अब वो छटपटाने लगी, रोने लगी, उसकी आँखों से आसूं आने लगे और वो मुझे पीछे धक्का देने लगी, लेकिन मैंने उसको कस कर दबाए रखा और हिला नहीं. फिर 5 मिनट के बाद वो कुछ शांत हुई तब मैंने अपने होंठो को खोला तो वो बोली कि जीजा जी बहुत दर्द हो रहा है, मेरी जान निकल गई, बहुत लंबा मोटा है, निकाल लो जीजा जी प्लीज, निकाल लो में आपका लंड नहीं ले पाऊँगी.

    फिर मैंने कहा कि वो ऐसा मजा देता है क्या? तो वो बोली कि नहीं. फिर मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू किया और अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में पूरा उसकी बच्चेदानी तक डाल दिया, तो वो ज़ोर से चिल्लाई उउई माँ में मरररर गई रे, निकाल लो में मर जाऊँगी, कहाँ फंस गई? इतना लंबा मोटा है प्लीज निकाल लो, माँ मुझे बचा लो में मर जाऊँगी.

    फिर में धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और फिर 2-3 मिनट के बाद उसको भी अच्छा लगने लगा. फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए और उसका फिर से रस निकल गया. अब रस निकलने से उसकी चूत और ज्यादा चिकनी हो गई थी. फिर मैंने उसकी लगातार जोरदार चुदाई शुरू की और 10 मिनट तक लगातार उसको चोदा. अब उसका भी निकलने वाला था और फिर हम दोनों ने एक साथ अपना-अपना माल निकाला और सारा माल उसकी चूत के अंदर भर दिया.

    फिर 5 मिनट तक में उसके ऊपर ही पड़ा रहा, फिर उठकर साईड में लेट गया और उससे पूछा कि कैसा लगा? तो वो बोली कि जीजा जी इतना मजा तो मैंने आज तक कभी नहीं लिया जितना आज आया है. फिर थोड़ी देर के बाद जब वो उठी तो उसकी चूत से रस निकल कर पैरो में बह रहा था. फिर मैंने उसको ड्रेसिंग अलमारी के कांच में देखने को कहा, तो वो अपने आप को कांच में देखकर शर्मा गई और बोली कि जीजा जी कितना सारा माल निकालते हो और अपनी चूत का छेद देखकर दंग रह गई, उसकी चूत डबल रोटी की तरह फूल गई थी. फिर उसने बाथरूम में जाकर सारी सफाई की और अपनी चूत को गर्म पानी से साफ़ किया. फिर वो अपने कपड़े पहनकर मेरे पास आकर बैठ गई. फिर मैंने उसको दर्द की गोली दी और बोला कि थोड़ी देर में दर्द कम हो जायेगा. अब जब भी मौका मिलता है तो में उसकी जमकर चुदाई करता हूँ.

  • पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय है और मेरी उम्र 29 साल है और मेरी बीवी पूजा की उम्र 22 साल है मेरा एक बेटा है जिसकी उम्र 7 महीने की है. दोस्तों पूजा मेरी पत्नी बहुत ही अच्छे फिगर की है उसके फिगर का साईज 32-30-34 है और वो बहुत सेक्सी है और जो कोई भी उसे देखता है तो बस देखता ही रह जाता है क्योंकि वो दिखने में भी बहुत हॉट सेक्सी लगती है.

    दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और हमारा फ्लेट तीसरी मंजिल पर है और मेरे फ्लेट के ठीक नीचे दूसरी मंजिल पर मेरी कंपनी में ही काम करने वाला रोहन (उम्र करीब 30 साल) रहता है. दोस्तों वो दिखने में जितना अच्छा है उतना ही झगड़ालु भी है और उसका उसकी बीवी से आए दिन किसी ना किसी छोटी छोटी बातों पर झगड़ा होता रहता है, वैसे उनका एक लड़का भी है जिसकी उम्र एक साल है और हमारा रिश्ता एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा है. किरन हमेशा अपने पति रोहन से और पड़ोसियों से मेरे और पूजा के रिश्ते को लेकर बात करती रहती थी और कहती थी कि इन दोनों की जोड़ी कितनी अच्छी है जिसमें कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं होता और यह एक दूसरे का कितना ख्याल रखते है और वो यह बात भी कहती थी कि मेरी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि अगले जन्म में मुझे भगवान विनय भाई साहब जैसा पति दे.

    अब में आप सभी को अपनी असली कहानी के बारे में बताता हूँ यह घटना करीब एक साल पहीले की है और वो मार्च का महीना था और होली आने वाली थी. किरन अक्सर हमारे बेटे को खिलाने के लिए अपने घर पर ले जाया करती थी और में उसे वापस लेने के लिए कभी कभी उसके घर पर चला जाता था, लेकिन आज कल कुछ दिनों से मैंने किरन को गौर करके देखा था कि वो मेरी तरफ कुछ अलग नज़र से देखती है, वो मेरी तरफ मुस्कुराती, वो उसकी नज़रें बहुत देर तक मेरे ऊपर ही टिकाए रखती है और जब में उससे अपने बेटे को उसकी गोदी से लेता तो वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर खुद जबरदस्ती छूने का प्रयास करती थी. मुझे उसका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत बदला बदला सा लगने लगा था.

    एक दिन मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि चलो में भी देखता हूँ कि इसका इरादा क्या है? उस दिन जब मैंने अपने बेटे को उसकी गोदी से लेने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया तो मैंने भी जानबूझ कर अपने बेटे को अपनी तरफ नहीं लिया. में बस किरन का मेरे बेटे को छोड़ने का इंतजार करता रहा और मेरा हाथ कम से भी कम दस सेकेंड तक उसके 32 के बूब्स को स्पर्श करता रहा, लेकिन उनके नहीं दिया, अब मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई थी और फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया. अब में अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए उनसे बोला कि भाभी जी बेटा दो में घर ले जाता हूँ. तो इस पर किरन मुस्कुराते हुए शरारती अंदाज़ में मुझसे बोली कि हाँ ले लो आपको कौन मना कर रहा है? तो में अब समझ गया कि वो आज अलग मूड में है, मैंने फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया तब भी उसने बेटा नहीं दिया और दो कदम पीछे हो गई और फिर से चिड़ते हुए बोली कि ले लो अपना बेटा.

    में फिर से आगे की तरफ बढ़ा और मैंने उससे इस बार छीना झपट करने की कोशिश की और इस छीना झपट में मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को बहुत बार छुआ, दबाया, सहलाया और उस दिन के बाद से आए दिन जब भी रोहन घर पर नहीं होता था तो वो मेरे बेटे को मुझे ऐसे ही देती, मुझे भी अब इस काम में बहुत मज़ा आने लगा था और में समझ गया था कि वो अब मुझसे चुदना चाहती है. फिर एक दिन तो हद ही हो गई उसने मुझे मेरे होंठो पर किस कर दिया, लेकिन में भी यही चाह रहा था कि कुछ उसकी तरफ से ऐसा हो क्योंकि में खुद आगे होकर पहल नहीं करना चाहता था. फिर जैसे ही उसने मुझे किस किया तो मैंने उसको अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया और फिर उसने मौका देखकर मेरे बेटे को पास ही पड़ी एक चारपाई पर लेटा दिया और फिर मुझसे चिपक गई.

    तभी मैंने उससे कहा कि बाहर का दरवाजा खुला हुआ है और अगर कोई आ अंदर गया तो तुम उससे क्या कहोगी? अब वो तुरंत मुझे छोड़कर बाहर चली गई और फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया और इस बार मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी साड़ी को खोल दिया, उसका गदराया हुआ बदन बहुत मस्त था. उसकी कमर बहुत पतली थी, लेकिन फिर भी उसके बूब्स खड़े खड़े और 32 साइज़ के थे. अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसके एक एक बूब्स को चूसता रहा. मेरे पास ज्यादा समय नहीं था और में उसके घर पर ज्यादा समय रुक भी नहीं सकता था. मैंने उसको बोला कि किरन अभी डर है कि कोई भी यहाँ पर आ सकता है और पूजा भी सोचेगी कि में इतनी देर यहाँ पर कैसे रुक गया, हम इसके आगे फिर कभी करेंगे और में जल्दी से वहाँ से अपने बेटे को लेकर बाहर निकल गया.

    फिर इसके बाद अगले दिन में अपने प्लान के मुताबिक अपने ऑफिस से जल्दी घर पर आ गया और सीधे किरन के घर में चला गया और मैंने उसको पहले से ही बता दिया था कि में ऑफिस से सीधे तुम्हारे पास आ जाऊंगा.

    फिर बेडरूम के अंदर पहुँचते ही वो बेड पर लेट गई और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिया और साथ में उसके भी कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों के बदन पर अब कोई कपड़ा नहीं था और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुहं में लेकर बुरी तरह से चूसने लगी जैसे कि वो कब से इसकी बहुत प्यासी है और थोड़ी देर बाद मैंने उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा और जब उनसे मेरा दिल भर गया तो फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया वो अब बहुत गरम हो चुकी थी और इसके बाद वो मुझसे बोली कि विनय अब आ जाओ थोड़ा जल्दी करो और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना 7.5 इंच लंबा लंड उसकी चूत में डाल दिया, उसने मुझे बुरी तरह से चूमना चाटना शुरू कर दिया और फिर मुझसे बोली कि विनय तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और में हमेशा से चाहती थी कि मुझे तुम्हारे जैसा पति मिलता, लेकिन अब कोई बात नहीं मैंने आज तुम्हारा प्यार तो पा ही लिया है और उसने मुझे फिर से जकड़ लिया वो नीचे से उछल उछलकर ज़ोर लगा रही थी जिसकी वजह से में बहुत गरम हो गया था और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया था और अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अब हम दोनों करीब 10-15 मिनट ऐसे ही एक दूसरे को सहलाते रहे.

    यह सब काम ऐसे ही लगातार दो तीन दिन तक चलता रहा और यह शायद पांचवे दिन की बात होगी, में उस दिन किरन की चुदाई करने के बाद उसके जिस्म को सहला रहा था और वो मुझसे बातें कर रही थी. तो बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके पति रोहन को सेक्स के अलावा और कुछ नहीं सूझता और सेक्स खत्म होने के बाद उसे मुझसे कुछ मतलब नहीं और वो मेरी कोई परवाह नहीं करता है और वो आए दिन मेरी पिटाई भी करता है, वो दूसरों की पत्नियों के बारे में ख़ासकर मेरी पत्नी पूजा के बारे में कुछ ना कुछ गलत बातें बोलता रहता है.

    फिर मैंने उससे पूछा कि वो क्या बोलता है? तो किरन बोली कि बस ऐसे ही तो मैंने उससे फिर से ज़ोर डालकर पूछा वो क्या बोलता है बताओ तो सही? फिर किरन बोली कि वो कहता है कि तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छा माल है मुझे एक रात के लिए मिल जाए तो मुझे मज़ा ही आ जाए और वो आपकी बीवी पूजा के लिए तो अक्सर बोलता रहता है और वो मुझसे कहता है कि अगर इससे (पूजा से ) बदली हो जाए तो में तुझ जैसी को आज ही बदली कर लूँ. अब तुम ही बताओ कि में ऐसे पति के साथ कैसे गुज़ारा करूँ? मैंने बोला कि यार वो बहुत बेकार आदमी है कम से कम कोई भी अपनी बीवी के सामने ऐसा तो नहीं बोलता है और वैसे तुम में ऐसी क्या कमी है? में तो कहता हूँ कि अगर में शादीशुदा नहीं होता तो में अभी तुमसे शादी कर लेता और तुम्हे उससे तलाक़ दिला देता.

    फिर वो बोली कि क्या तुम सही में सच कहते हो? अब में बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और इतनी ही देर में रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. दोस्तों वो शायद इसी बात का इंतजार कर रहा था कि में कुछ बोलूं उसने अपनी दूसरी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आकर चुपके से हमारी सभी बातें सुन रहा था. अब वो मुझसे बिल्कुल अलग लहजे में आवाज बदलते हुए बोला तो आप इन मेडम से शादी करोगे कर लो और में तो इनको कब से छोड़ने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मुझे भी तो कोई चाहिए में आपकी बीवी से काम चला लूँगा आप अपने पास हमेशा ले लिए इस चुदक्कड़ को रख लो और फिर रोहन अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाते हुए बोला कि में तुम्हारे घर पर जा रहा हूँ पूजा के पास ठीक है.

    फिर में उससे बोला कि रूको, क्या तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है? इस बात पर रोहन बोला कि हाँ मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है, तुम मेरी बीवी की चूत को चोदोगे तो में किसकी चूत को चोदूंगा. दोस्तों में अब बहुत डर गया था, क्योंकि में आज रंगे हाथों पकड़ा गया था और इस पर में उससे बोला कि तुम पहले मेरी बात सुनो अभी ऐसे कुछ नहीं होगा और में तुम्हें पूजा की चूत दिलवाने की पूरी पूरी कोशिश करूँगा, लेकिन मुझे उसके लिए थोड़ा सा समय दो. तो उसने बोला कि ठीक है, लेकिन कब तक का समय?

    मैंने उससे कहा कि मुझे करीब 10 -15 दिन चाहिए और फिर उसने बोला कि ठीक है. फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ कि मुझे जानबूझ कर रोहन ने अपनी बीवी किरन से फंसवाया था. रोहन ने अपनी बीवी से बोला था कि तू विनय को फँसा ले और उसके साथ मज़े कर, अगर तू मुझे इसकी बीवी की चूत दिलवा देगी तो में तुझसे अच्छा व्यहवार करूँगा, बस एक बार मुझे उसकी चूत दिलवा दे और किरन ने जानबूझ कर रोहन की बातों में आकर मुझे फंसाया था.

    अब कुछ दिनों के बाद होली आने वाली थी और होली के लिए ही मैंने एक प्लान बनाया था. किरन ने होली से एक दिन पहीले ही मेरी बीवी पूजा को कहा कि कल का दिन का खाना और रात का खाना किरन के घर पर होगा और होली वाले दिन रोहन ने प्लान के मुताबिक घर पर एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरकर बाथरूम में रखा हुआ था. फिर होली वाले दिन करीब 11 बजे में और पूजा, रोहन के घर पर पहुँच गए. उन्होने हमें अपने कमरे में बैठाया और रोहन एक रंग का डब्बा लेकर आया और बोला कि भाभी जी पहले कुछ नाश्ता हो जाए या फिर होली खेले? तो पूजा बोली कि देखो भाई साहब में तो होली बहुत ही कम खेलती हूँ, आप इनके ही यह पूरा रंग लगा दो.

    फिर इस बात पर में जानबूझ कर तुरंत बोला कि पूजा तुम होली खेलो या ना खेलो, में तो इन दोनों के साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा क्योंकि एक साल बाद होली का त्योहार आता है और फिर भी ना खेले तो क्या फ़ायदा? रोहन में तो आज किरन भाभी के साथ बहुत होली खेलूँगा, अब यह तुम्हारी सरदर्दी है कि तुम पूजा को होली खेलने के लिए तैयार करो. अब पूजा मेरी तरफ आँख निकाल रही थी कि में रोहन को क्यों भड़का रहा हूँ? तो रोहन बोला कि अब तो मुझे विनय की तरफ से भी हाँ हो गई है और में तो भाभी जी आपके साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा, अब आप यह बताओ कि हम होली अभी खेलें या कुछ खाने के बाद? दोस्तों पूजा को बहुत अच्छी तरह से पता था कि रोहन बहुत जिद्दी किस्म का है और यह अब नहीं मानेगा. फिर पूजा बोली कि भाई साहब में तो वैसे कभी खेलती नहीं हूँ, लेकिन आप प्लीज़ थोड़ा ही रंग लगाना में यह बात सुनते ही बोला कि भाई पहले थोड़ा कुछ खा लो इतने में ही किरन भांग डली हुई लस्सी लेकर आ गई और फिर हम सबने एक एक ग्लास पिया, किरन ने पूजा को जो ग्लास दिया था उसमे भांग कुछ ज़्यादा डाली हुई थी, उसके बाद उसने आज जो भी आइटम खाने के लिए घर पर बनाए थे उनमे भांग डाली हुई थी.

    अब में थोड़ी देर बाद बोला कि क्यों रोहन अब होली खेलना शुरू हो जाए? तो वो बोला कि ठीक है हो जाए, इस पर किरन बोली कि यहाँ खेलकर क्या मेरा पूरा घर खराब करोगे, रंग बड़ी मुश्किल से साफ होता है तुम बाथरूम में चलो हम वहाँ पर खेलेंगे. तो इस बात पर रोहन मुझसे बोला कि विनय पहले तुम किरन के साथ होली खेलो, उसके बाद में भाभी के साथ खेलूँगा. अब मैंने किरन की कलाई पकड़ी और उसको बाथरूम की तरफ़ ले गया, उनके रूम से बाथरूम साफ साफ दिखाई देता था मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसमे एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरा हुआ रखा था उसे देखते ही पूजा रूम से बोली कि अरे यह क्या इतना बड़ा रंग से भरा हुआ ड्रम? आप लोगों ने तो पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है में तो होली नहीं खेलूँगी. फिर विनोद बोला कि भाभी जी आज तो खेलना ही पड़ेगा या तो प्यार से नहीं तो ज़बरदस्ती और इतनी ही देर में मैंने किरन को उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसमे कूद गया में अब उसके चेहरे और गले पर रंग लगा रहा था और वो भी जानबूझ कर बहुत मज़े ले लेकर खेल कर रही थी ताकि पूजा भी यह देखे कि उसका पति मेरे साथ कैसे मज़े से होली खेल रहा है. फिर विनोद भी उसके साथ ऐसे ही होली खेलेगा और अब मैंने जानबूझ कर पूजा को दिखाने के लिए उसके बूब्स के नीचे झुककर रंग लगाया और रंग लगाते लगाते मैंने किरन का कुर्ता आगे से पकड़कर फाड़ दिया था और अब उसका ब्रा वाला पूरा हिस्सा आगे से दिख रहा था और में उसके साथ करीब 20-25 मिनट तक ऐसे ही इधर उधर हाथ घुसाकर रंग लगाकर होली खेलता रहा और जब हम दोनों ड्रम से बाहर निकले तब तक पूजा को नशा होने लगा था और फिर हम दोनों ड्रम से बाहर निकलकर वहीं बाथरूम में ही बैठ गये ताकि बाहर के कमरों का फर्श खराब ना हो.

    फिर इसके बाद मैंने विनोद और पूजा को आवाज़ लगाई आ जाओ अब तुम दोनों, मेरी इस बात पर पूजा कमरे से ही बोली कि क्यों विनय तुमको मैंने इतनी बुरी तरह से होली खेलते कभी नहीं देखा? तो मैंने कहा कि तो आज देख लिया ना, प्लीज अब आ जाओ. दोस्तों उस समय पूजा थोड़ा गुस्से में थी क्योंकि उसको अच्छी तरह से पता था कि अब रोहन भी उससे बुरी तरह से होली खेलेगा.

    अब विनोद पूजा की कलाई पकड़ते हुए बोला कि चलो ना भाभी जी और फिर उसकी इस बात पर पूजा उससे कि बोली रोहन भाईसाहब प्लीज आप बाहर ही मेरे चेहरे पर रंग लगा लो में इतना होली कभी नहीं खेलती, लेकिन उसने कुछ नहीं सुना और उसने पूजा को गोदी में उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसके अंदर कूद पड़ा. अब पूजा चुपचाप सीधी खड़ी हो गई और वो बड़े ही प्यार से पूजा के बदन पर रंग लगाने लगा फिर उसने बड़े ही प्यार से बोला कि भाभी जी आपके गाल तो बहुत ही गुलाबी है, में आज इनको और भी गुलाबी कर देता हूँ और उसने पूजा के गालों को सहलाते हुए रंग लगाया और वो साथ साथ पूजा की तारीफ़ भी कर रहा था और रंग भी लगा रहा था.

    फिर कुछ देर बाद वो उसके गले पर रंग लगाकर और अब रोहन पूजा का कुर्ता भी मेरी तरह फाड़ने लगा, लेकिन पूजा ने गुस्सा होने का नाटक किया, लेकिन फिर भी रोहन ने आख़िरकार उसका कुर्ता फाड़ ही दिया और उसके बदन से पूरा अलग कर दिया. पूजा को अब नशा होने लगा था और अब में भी किरन को लेकर उस ड्रम में कूद गया, लेकिन उसमें जगह थोड़ी कम थी इसलिए हम एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गये थे और अब मैंने अपनी बीवी को पकड़ा और उसकी ब्रा को कंधो से पूरा नीचे उतार दिया.

    अब पूजा मेरे ऊपर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और फिर वो मुझसे बोली कि विनय प्लीज इन लोगों के सामने तो कम से कम कुछ शरम करो. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि किस बात की शर्म? आज होली है और इसमे कोई शर्म नहीं होती और फिर में उसके बूब्स को रगड़ने लगा और इधर रोहन ने भी किरन के साथ ठीक वैसा ही किया जैसा मैंने पूजा के साथ किया और अब रोहन पूजा को बहुत बुरी तरह से घूरकर देख रहा था. फिर मैंने अपनी बीवी को और भी गरम करने के लिए उसकी चूत में हाथ डाल दिया, वो मेरा हाथ बाहर निकालने के लिए नीचे की तरफ झुककर अपना पूरा ज़ोर लगाकर बहुत प्रयास करने लगी, लेकिन मैंने उसकी चूत में से अपनी उंगली को बाहर नहीं निकाला और इधर किरन को रोहन ने पकड़ा और किरन की सलवार पानी के अंदर ही उतार दी किरन अब सिर्फ़ पेंटी में थी.

    तभी पूजा को मेरे बेटे के रोने की आवाज़ सुनाई दी तो पूजा मुझसे बोली कि विनय बेटा रो रहा है प्लीज अब तो छोड़ो मुझे बहुत हो चुकी होली, अब बच्चों का भी कुछ ख्याल करो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अभी तो मौसम बना है और बच्चा भी रोने लगा, तो में उससे बोला कि अभी तो हमारी होली शुरू हुई है तुम यहीं रुको में बच्चे को चुप करवाता हूँ. तो में ड्रम से बाहर निकला और मैंने रोहन को बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम पूजा को देखना कहीं वो इस ड्रम से बाहर ना निकल जाए.

    फिर मैंने एक टावल में अपने बेटे को गोद में ले लिया और उसे सुलाने की कोशिश करने लगा और फिर मैंने बाथरूम की तरफ देखा कि पूजा वहां से भागने की फिराक में थी और में रोहन को चिल्लाते हुए बोला कि देखो रोहन, पूजा बचकर भागना चाहती है और इतने में रोहन ने पूजा को पीछे से अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया. अब पूजा के दोनों बूब्स रोहन के हाथ में थे और उसका तनकर खड़ा हुआ लंड पूजा की गांड में था. वो ऐसे नाटक करते हुए मेरी तरफ आवाज़ लगते हुए बोला कि विनय जल्दी आओ भाभी जी भागना चाहती है.

    फिर में उससे बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम उसे छोड़ना नहीं और अब किरन पूजा को आगे से पकड़ने लगी और रोहन पूजा के बूब्स को हाथ से रगड़ने लगा और बोला कि क्यों भाभी जी बहुत जल्दी है भागने की अभी तो होली शुरू हुई है? अब मैंने कुछ देर बाद अपने बेटे के सोते ही उसे दोबारा से रोहन के बेटे के पास ही सुला दिया और अब मैंने रोहन से बोला कि अरे यार तुम्हारे पास और कोई रंग नहीं है क्या? इन लोगों को सिर्फ़ गुलाबी कलर से ही रंगना है क्या?

    फिर वो बोला कि हाँ है वहां पर फ़्रिज़ के पास कुछ और पाउच भी रखे हुए है, हरे और पीले कलर के वो सब ले आओ और अब में वो पाउच ले आया और मैंने पूजा को ड्रम से बाहर निकाल लिया और वहीं बाथरूम में उसे लेटा दिया. फिर मैंने हरा कलर लिया और अपने दोनों हाथ पर लगाकर पूजा के बूब्स पर लगाया और अब उसकी सलवार को उतारने लगा, लेकिन वो मुझसे साफ मना करती रही और मैंने उसकी सलवार उतारकर उसकी पेंटी के अंदर हाथ डालकर हरा रंग लगाया और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा. मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को पूरा उतारा और वहीं पर अपने कपड़े उतारकर लंड उसकी चूत में घुसा दिया, यह सब देखकर पूजा शरम के मारे मरी जा रही थी, लेकिन शायद वो नशे के कारण कुछ नहीं बोल रही थी. फिर किरन और रोहन भी हमारे पास ही बाथरूम के फर्श पर लेट गये और किरन तो पहले से ही पेंटी में थी. रोहन और किरन भी वहीं फर्श पर चुदाई करने के लिए बिल्कुल तैयार हो गये.

    दोस्तों हम दोनों जोड़ियों के बीच में सिर्फ़ एक फिट का फासला था. पूजा ने अपना सर शर्म की वजह से रोहन के दूसरी तरफ कर रखा था तो मैंने उसका सर पकड़कर रोहन की तरफ कर दिया और मैंने अपना एक हाथ किरन के बूब्स को दबाने, मसलने में लगा दिया. फिर रोहन ने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ पूजा के बूब्स पर रख दिया, लेकिन पूजा ने उसका कोई विरोध नहीं किया. अब हम अपनी अपनी बीवियों की चूत एक दूसरे के सामने मार रहे थे और हमारे हाथ पास एक दूसरे कि बीवियों पर थे. अब शायद पूजा को भी इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपने हाथ से किरन को अपनी तरफ सरकाया और उसके होंठो को चूसने लगा, लेकिन में अभी भी पूजा को धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और मैंने जैसे ही किरन के होंठो को आज़ाद किया तो रोहन ने भी पूजा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया, लेकिन पूजा उससे कुछ नहीं बोली और अब वो बिल्कुल चुपचाप उसका साथ देने लगी.

    अब मुझे लगा कि लोहा गरम है क्योंकि रोहन के लिए पूजा कोई भी विरोध नहीं कर रही है मैंने तुरंत उसे इशारा किया और हम दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी बीवियों की बदली कर ली और बस फिर क्या था. रोहन ने बिल्कुल भी देर किए बगैर ही अपना लंड पूजा की चूत में पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया और अब वो उसके होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो से चूमने, चूसने लगा. दोस्तों रोहन सेक्स के मामले में पहले से ही बहुत कुछ सीखा हुआ था और यह सब मुझे किरन ने बोला था और आज वैसे भी उसे वो औरत मिल गयी थी जिसके लिए वो बहुत प्यासा था. फिर मैंने पानी का फव्वारा चला दिया जिसका पानी उनके ऊपर ही गिर रहा था. रोहन उसकी चूत के पास बैठ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डालने लगा. फिर पूजा भी अब अपने चूतड़ उठाने लगी और अपनी कमर को हिलाने लगी उसको यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उसने रोहन को हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया और अब में समझ गया कि वो अब रोहन के साथ चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गयी है.

    फिर रोहन ने एक बार उसकी जमकर चुदाई की और मैंने किरन की. उसके बाद हम चारों साथ साथ नहाए. फिर रोहन ने पूजा को अपनी गोदी में बैठाकर उसके बदन से रंग छुड़ाया और मैंने किरन के जिस्म से. फिर उसके बाद करीब तीन बजे हम लोगों ने खाना खाया और सो गये. अब भी किरन सोती रही, लेकिन हम तीनों की नींद एक साथ रात को 8 बजे टूटी, क्योंकि हमारे बच्चे रो रहे थे और अब तक हमारा नशा भी कम हो गया था. पूजा और किरन अभी भी पूरी नंगी थी और पूजा शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी क्योंकि अब उसका नशा दूर हो गया था. वो रोहन और मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी.

    फिर रोहन मेरे और अपने बेटे के लिए किचन से बॉटल में दूध लेकर आया और पूजा ने दोनों बच्चो को दूध पिलाकर सुला दिया क्योंकि किरन अभी तक सो रही थी. फिर मैंने और रोहन ने मिलकर एक बार फिर से पूजा को चोदा, थोड़ी देर तो पूजा शरमाती रही, लेकिन फिर एक दो मिनट के बाद पूजा भी हमारे साथ खुलकर अपनी चुदाई का मज़ा लेने लगी.

    रोहन बहुत सेक्स का भूखा है यह मुझे मेरी पत्नी ने बताया भी और आज अपनी आखों से मैंने देखा भी, क्योंकि में दो बार में ही किरन के साथ थक जाता था, लेकिन रोहन चार बार के बाद भी पूजा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा. फिर उसके बाद हम सो गए और जब मैंने सुबह उठकर देखा तो रोहन मेरी बीवी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था, लेकिन में अपने कपड़े पहनकर अपने घर पर चला आया और मेरे आने के कुछ देर बाद मेरी बीवी भी आ गई.

    दोस्तों अब जब भी हमारा दिल होता है तो हम एक दूसरे के घर पर कभी भी घुस जाते है और फिर दूसरे दिन सुबह ही निकलते है. हम एक दूसरे की बीवियों को बहुत मज़े लेकर चोदते है और बहुत मज़े करते है. दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की एक सच्ची कहानी.

  • सुहागरात में पहली चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है. दोस्तों में बहुत पहले से ही सेक्स करने के लिए बहुत भूखा था और मुझे जब कोई भी कहानी पढ़कर अपने खड़े लंड को चुप करना होता तो में मुठ मारकर उसको शांत कर दिया करता था, क्योंकि मैंने शुरू से ही यह बात सोच रखी थी कि में अपनी शादी से पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं करूँगा और मेरा पहला सेक्स मेरी आने वाली पत्नी के साथ होगा.

    दोस्तों में अब रोज़ रात को मुठ मारता था और हमेशा इस बात का इंतज़ार करता था कि मेरी शादी कब होगी? में अपनी पत्नी के साथ मेरी पहली चुदाई के सपने अब हर समय देखने लगा था और मुझे अब हर जगह बस वो प्यारी सी चूत जिसमे मेरा लंड अंदर बाहर होता हुआ दिखने लगा था और एक दिन उस भगवान ने मेरे मन की बात को सुन लिया और एक दिन मेरी सगाई हो गई और अब जब भी में शादी से पहले फोन पर अपनी पत्नी से बात करता तो में उससे सेक्स के बारे में ही बात किया करता था और वो भी मुझसे बहुत गंदी गंदी बातें किया करती थी. दोस्तों में उसे हमेशा बताता रहता कि में उसके साथ सुहगरात के दिन बहुत ही बुरी तरह से चुदाई करूंगा, लेकिन दोस्तों वो मेरी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती थी इसलिए मैंने सोच रखा था कि मुझे उसे किस तरह चोदना था? अब आखिरकार मेरी शादी हो गई और सुहागरात की वो रात आ ही गई.

    दोस्तों उस दिन सुहागरात से पहले पहले ही मैंने जोश बड़ाने की कुछ गोलियां ले ली थी जिससे सेक्स करने की शक्ति बड़ जाती है. फिर में अपने रूम में गया तो मेरी पत्नी पहले से ही चुदाई करने के लिए तैयार बैठी हुई थी, मैंने रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. फिर में उसके पास गया और में उसे बेड पर लेटाकर उसके ऊपर लेट गया और फिर उसे किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और करीब 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही किस करते रहे.

    में उसकी जीभ को चूसता रहा और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. में ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मसलने लगा जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी, फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और वो अब काली कलर की ब्रा में थी और उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मुझे उन्हें झूलते हुए देखकर जोश चड़ गया और अब मैंने जानवरों की तरह उसकी ब्रा को खींचकर फाड़ दिया और फिर उसके बूब्स पर टूट पड़ा.

    दोस्तों मैंने उसके दोनों बूब्स को इतने ज़ोर से दबाया कि वो पूरी तरह से लाल हो गये थे और अब में धीरे धीरे उसे किस करते हुए नीचे तक पहुंच गया. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो सिर्फ़ अब काली कलर की पेंटी में थी मुझसे अब रहा नहीं गया और अब मैंने उसकी पूरी पेंटी को एक ही झटके में फाड़ दिया. वो अब मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, मैंने पूछा तो उसने मुझसे कहा कि उसे पहले से पता था कि आज उसकी चुदाई का दिन है इसलिए उसने आज ही साफ किए है.

    अब में उसकी चूत पर टूट पड़ा और कुत्ते की तरह उसकी चिकनी, प्यासी, चूत को चाटने लगा और चूसने लगा. अब वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी और फिर दस मिनट के बाद में अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरे यह सब करने के पांच मिनट बाद उससे रहा नहीं गया और उसने बेड पर अपना पानी निकाल दिया और वो झड़ गई. अब मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और उससे मेरा लंड चूसने को कहा पहले तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन फिर मेरे बहुत बार कहने पर वो मान गई और अब मेरा लंड चूसने लगी.

    दोस्तों मेरे लंड की साईज़ 8 इंच है इसलिए उसके मुहं में मेरा लंड बहुत मुश्किल से आया और मैंने फिर उसका सर पकड़कर लंड को धक्का दे दिया और अब में ज़ोर से लंड को उसके मुहं में अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से फच फच की आवाजें आने लगी. फिर मैंने उसे कुछ देर के लिए उठाया और कुछ देर बाद में उसे फिर से लेटाकर में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हुआ और वो ज़ोर ज़ोर से चीख उठी वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है की आवाज़े निकालने लगी.

    फिर मैंने कुछ देर उसके दर्द के कम होने का इंतजार किया और उसके बाद मैंने उसको धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया और अब उसकी चूत से खून टपकने लगा जिससे बेड और मेरा लंड पूरा लाल हो गया था और ज़ोर ज़ोर से फच फच की आवाज़े आने लगी और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और रोने लगी. फिर मैंने उसकी आवाज़ को रोकने के लिए उसकी ब्रा को उसके मुहं में डाल दिया और फिर में करीब 30 मिनट तक उसे ऐसे ही लगातार चोदता रहा और अब ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में बनाकर चोदना शुरू कर दिया. दोस्तों वो अब भी रो रही थी, लेकिन में फिर भी नहीं रुका और लगातार चोदता रहा. उसके कुछ देर बाद मैंने उसको खड़ा होकर चोदने की बात सोची और उसे खड़ा करके मैंने उसके एक पैर को ऊपर कर दिया और फिर उसे चोदता रहा. वो बेहोश होने लगी क्योंकि वो अब मेरे साथ चुदाई करते करते बहुत थक चुकी थी. फिर मैंने उसके गाल पर चार पांच थप्पड़ मारे तो तब वो होश में आई और अब में झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके मुहं में लंड को डालकर अपना पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया.

    दोस्तों उसने आज पहली बार मेरा वीर्य पिया था इसलिए उसने कुछ देर बाद उल्टी कर दी और इस तरह सुबह तक मैंने उसे करीब 6 बार थोड़ा रुक रुककर चोदा और मैंने उसकी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया था, लेकिन उसका रोना अब भी बंद नहीं हो रहा था औ वो लगातार रोती ही जा रही थी क्योंकि उसकी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसे एक दर्द कम करने की गोली दे दी जिससे वो कुछ देर बाद दर्द खत्म होने के बाद बिल्कुल शांत हो गई और सो गई. दोस्तों सुबह उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था इसलिए मैंने उसे दर्द की एक और गोली दे दी और फिर उस दिन जब में सुबह तैयार होकर बाहर गया तो सब लोग मुझ पर हंस रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि क्यों हंस रहे हो? तो उन्होंने कहा कि कल रात को तूने भाभी को छिनाल की तरह जमकर चोदा है. मैंने पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? तो उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे रूम तक भाभी की रोने और चीखने चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी और फिर में उनकी पूरी बात सुनकर वहां से भाग गया.

    दोस्तों मेरी शादी के 6 महीने हुए है और एक दिन भी ऐसा नहीं गया जिस दिन मैंने उसकी ठुकाई ना की हो, रविवार को में उसे दिन में तीन बार चोदता हूँ. अब उसके बूब्स ज्यादा बड़े बड़े आकार के होकर उसकी ब्रा से बाहर आने लगे है और अब तो वो खुद हर रात को मुझसे चुदवाती है. मैंने उसे किचन में, बेडररूम में, हॉल में, बाथरूम में, छत पर और हर एक जगह उसकी चूत में अपना लंड डालकर पूरी तरह से फाड़ दिया है. दोस्तों हर सप्ताह उसकी चूत के ऊपर थोड़े थोड़े बाल आ जाते है इसलिए में हर रविवार को उसकी चूत के बालों को साफ करता हूँ और उसके दोनों निप्पल को मैंने मुहं में ले लेकर बहुत लंबे बड़े कर दिए है और उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके निप्पल का आकार साफ साफ दिखाई देता है और जब भी घर पर कोई नहीं होता तो में उसको चोदने लगता हूँ और उसे पूरे घर में बिना कपड़ो के घुमाता हूँ और में भी अपने पूरे कपड़े उतारकर नंगा रहता हूँ. दोस्तों मैंने उसके आगे पीछे के दोनों छेद चोद चोदकर इतने बड़े कर दिए है कि उसमे अब दो लंड भी एक साथ आ जाते है.

  • बीवी ने चूत दिलवाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ललित है और में आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. इस स्टोरी में अपना अनुभव आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ. मेरी उम्र 38 साल है और में दिल्ली में एक अपार्टमेंट में रहता हूँ. में आपको मेरी और मेरी पत्नी प्रिया की एक नये अनुभव की स्टोरी बता रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. दोस्तों हमने मनोज और ऋतु के साथ 3 बार अदल बदलकर सेक्स किया और उसके बाद हम बोर हो गये थे और हम 3 महीने तक अपना सामान्य सेक्स कर रहे थे. एक दिन मैंने प्रिया से कहा कि प्रिया अब कुछ चेंज करे तो उसने कहा कि मनोज और ऋतु के साथ, तो मैंने कहा कि नहीं यार, लेकिन मेरा मन कुछ नया करने को कर रहा है. तो उसने कहा कि नया करने के चक्कर में कहीं हम फंस ना जाए तो अब में भी चुप हो गया.

    फिर एक दिन रविवार की सुबह में सो रहा था तो सुबह प्रिया ने आवाज़ लगाई कि ललित दरवाज़ा खोलना बेल बजी है. पूर्वी (जो कि हमारी कामवाली है) आई होगी. फिर में उठा और दरवाज़ा खोला तो सामने कोई 27-28 साल की एक औरत खड़ी थी. वो बोली भाभी है तो मैंने कहा कि हाँ है और नहा रही है, तुम बैठो में बुला देता हूँ. फिर मैंने प्रिया को आवाज़ लगाई कि प्रिया तुमसे कोई मिलने आया है तो प्रिया करीब 5 मिनट के बाद आई. वो लड़की बोली कि भाभी पूर्वी को गावं जाना पड़ा, क्योंकि कल उसके पिताजी गुज़र गये है तो वो मुझे बोलकर गयी है कि में यहाँ के 4-5 घर में काम कर लूँ वो एक बार उसके साथ भी यहाँ आई थी.

    फिर प्रिया ने पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? तो उसने कहा कि अंजली, तो उसने कहा कि में 4 महीने पहले दिल्ली आई थी और तब से पूर्वी के साथ रह रही हूँ. हम दोनों एक ही गावं से है. पूर्वी ने बोला था कि में तुझे कोई काम दिलवा दूँगी. अभी में घर पर एक कंपनी का बटन लगाने का काम करती हूँ. अब वो शायद महीने भर में वापस आए, तब तक में आपका काम कर दूंगी और पूर्वी भी गावं पहुँचकर आपको फोन कर देगी, तो प्रिया ने उससे कहा ठीक है तुम काम कर लो. फिर अगले दिन बच्चे स्कूल जाने के बाद में और प्रिया ऐसे ही छेड़खानी कर रहे थे और तभी हमें सेक्स चढ़ने लगा और हम शुरू हो गये. फिर मैंने प्रिया की टाँगे खोली और उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी. अब प्रिया भी सिसकारियां लेने लगी और बोली कि ललित जल्दी कर लो नहीं तो कामवाली आ जायेगी तो सारा मूड ख़राब हो जायेगा.

    फिर मैंने भी तुरंत लंड निकाला और प्रिया के मुँह में दे दिया और कहा कि आज सिर्फ़ ये कर लो बाकि का कल करेंगे. प्रिया ने कहा कि फिर तुम मेरा उंगली से निकाल दो और में तुम्हें ब्लोवजोब देती हूँ. फिर में अपनी दो उंगलियां प्रिया की चूत में अंदर बाहर करने लगा और प्रिया मेरा लंड चूसने लगी. अभी 1 मिनट ही हुआ था कि बेल बज गयी तो प्रिया बोली कि ललित बेल बजने दो पहले मेरा पानी निकाल दो नहीं तो पूरा दिन चूत गीली रहेगी. फिर मैंने अपनी उंगलियों की रफ़्तार तेज़ कर दी और प्रिया भी मेरे लंड को पूरे जोश से चूसने लगी. फिर अगले 2 मिनट में प्रिया का पानी निकल गया और मैंने भी अपना पानी प्रिया के मुँह में ही छोड़ दिया. उस वक़्त तक 4-5 बेल बज चुकी थी. अब प्रिया जल्दी से उठकर बाथरूम गयी और मुझे गेट खोलने को बोला. फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पहनी और गेट खोला तो सामने अंजली थी. वो बोली कि मैंने सोचा घर पर कोई नहीं है तो मैंने कहा कि नहीं हम सो रहे थे.

    फिर में अंदर आ गया और वो भी पीछे-पीछे अंदर आ गयी. अब वो झाड़ू उठाकर हमारे बेडरूम में आ गयी. अब में बेड पर लेट गया. फिर जब वो झुकी तो में पागल हो गया, क्या बूब्स थे उसके? और उसने दुपट्टा भी नहीं डाला था. अब मेरा लंड तो फिर से खड़ा हो गया था. तभी प्रिया बोली कि ललित टावल देना तो मैंने अलमारी से टावल निकाला और तब तक अंजली बाहर चली गयी थी. अब में सीधा बाथरूम में चला गया और प्रिया के बूब्स पर टूट पड़ा. अब प्रिया भी ये एक्सपेक्ट नहीं कर रही थी, क्योंकि अभी तो उसने मेरा पानी निकाला था. फिर मैंने भी उसके बूब्स चूसते हुए उसे घुमाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो प्रिया बोली कंडोम तो निकाल लो, सेक्स के लिए ये पीरियड सेफ नहीं है. फिर मैंने कहा कि में बाहर निकाल दूंगा तुम बस झुक जाओ. फिर मैंने अपना लंड प्रिया की चूत में झटके से डाल दिया तो प्रिया की चीख निकल गयी. मैंने कहा कि क्या हुआ? पहली बार चुदवा रही हो क्या? तो वो बोली मुझे लग रहा तुम्हें चोदने की ज्यादा जल्दी हो रही है, कहीं लड़की हाथ से ना निकल जाए.

    फिर मैंने कहा कि प्रिया चुदवाने में मज़ा आ रहा है या नहीं तो प्रिया बोली बेबी बहुत आ रहा है, तुम कहो तो में चीख-चीख कर चुदवाऊं. तो मैंने कहा कि हाँ चीखो जैसे पहली बार चुदवा रही हो. अब प्रिया भी चिल्लाने लगी, ललित आह्ह्ह्ह, ललित और तेज और तेज, मुझे चोद डालो, अपना लंड पूरा अंदर डाल दो, फुक मी फुक मी, फाड़ दो मेरी चूत और अपना पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. में गोली खा लूँगी, तुमने तो एकदम से वार करके मेरी चूत की आग ही बढ़ा दी है, ओहह यस ललित चोदो, चोदो मुझे, चोदो यस, और तभी मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया. फिर 10 मिनट के बाद हम फ्रेश होकर दोनों बाहर आए तो प्रिया किचन में चली गयी और में ऑफिस के लिए तैयार होने लगा. अब हम रविवार के दिन सब नाश्ता कर रहे थे कि तभी अंजली आ गयी, क्योंकि रविवार को वो लेट आती थी और में नाश्ता करके बच्चों के साथ पार्क में चला गया था.

    फिर करीब एक घंटे के बाद में ऊपर आ गया. तभी प्रिया बोली कि पूर्वी का गावं से फोन आया था और वो कह रही थी कि अंजली को एक महीना अपने घर पर रख लो, क्योंकि उसके पास वाले कमरे में तो आदमी रहते और शराब पीकर गाली और लड़ाई करते है इसलिए में उसे वहाँ अकेले नहीं छोड़ सकती. मैंने कहा कि ठीक है तुमसे पूछकर बताउंगी, क्योंकि हमारी प्राइवसी भी ख़त्म होगी और हम इसे जानते भी नहीं है. तभी मैंने कहा कि कोई बात नहीं 15-20 दिन की तो बात है और हमारा गेस्ट रूम तो खाली है और वो सिर्फ़ रात को सोने ही तो आयेगी और दिन में तो वो काम ही करेंगी. फिर प्रिया को भी ये ठीक लगा और उसने पूर्वी को फोन करके हाँ कर दी. फिर उसी रात 8 बजे अंजली आ गयी तो प्रिया ने बोला खाना खाओगी तो अंजली बोली कि नहीं भाभी में खाना खाकर आई हूँ वहाँ तो बस रात को डर लगता है इसलिए पूर्वी को बोला था कि कहीं रात रहने का इंतज़ाम कर दे और आपने मेरी मदद कर दी. तो प्रिया बोली कि कोई बात नहीं आ टी.वी देख ले, में सोने से पहले तेरा बिस्तर निकाल दूंगी, तू गेस्ट रूम में बिछा लेना जो कि हमारे बेडरूम के पास था.

    अब रात के 10 बज रहे थे तो बच्चे अपने रूम में चले गये और में और प्रिया अपने रूम में टी.वी देखने लगे और अंजली भी अपने बिस्तर लेकर अपने रूम में चली गयी. फिर मैंने प्रिया से कहा कि कोई पॉर्न मूवी देखे तो प्रिया ने कहा कि कल सोमवार है और बच्चों को स्कूल जाना है और इन सबमें हम लेट हो जायेंगे और सुबह उठने में मुश्किल होगी, अब टी.वी बंद करो और सो जाओ. अब ये रुटीन 2-3 दिन तक चलता रहा और अब गुरुवार को बच्चों का ऑफ था तो मैंने प्रिया को ऑफिस से फोन करके बोल दिया था कि हम आज रात को मज़ा करेंगे. तो प्रिया ने बच्चों को 10 बजे सुला दिया और खुद भी फ्रेश होकर बेड पर आ गयी. उसने रेड कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. फिर प्रिया बोली कि कोई पॉर्न मूवी लगा लो, तो मैंने एक सेक्सी मूवी चालू कर दी और हम दोनों चूमा चाटी करने लगे.

    फिर में प्रिया के बूब्स चूसने लगा और तभी मेरे दिमाग़ में अंजली के बूब्स आ गये तो मैंने प्रिया से बोला कि अंजली के बूब्स मस्त है. तो प्रिया बोली मुझे पता है मैंने तुम्हें उसको देखते हुए नोटीस किया है, लेकिन मैंने कुछ बोला नहीं, बस तुम मज़ा ले लो, लेकिन कुछ करना नहीं क्योंकि आजकल ये सब उल्टा पड़ जाता है. तो मैंने भी प्रिया की पेंटी साईड में की और उसकी चूत को चूसने लगा. अब प्रिया बहुत गर्म हो गयी थी और फिर वो बोली कि बेबी आज मेरे पीछे डाल दो, बहुत दिन हो गये है. फिर में उसके पीछे गांड में उंगली डालने लगा तो मेरी उंगली जा नहीं रही थी तो मैंने कहा कि में किचन से तेल ले कर आता हूँ, फिर मैंने बेड से उतर कर दरवाज़ा खोला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई तेज़ी से भागा है. फिर में बेडरूम से बाहर आकर बच्चों के रूम में गया तो वो सोए हुए थे. फिर मैंने किचन से तेल लिया और बेडरूम में जाने से पहले अंजली के रूम में देखा तो वो एकदम से पलट कर सो गयी.

    अब मुझे कुछ अजीब लगा और में बेडरूम में आकर प्रिया को तेल देकर वापस पानी लेने के लिए किचन में आ गया, लेकिन बेडरूम का दरवाज़ा पूरा बंद करके और मैंने किचन की लाईट भी ऑफ कर दी. तभी मैंने देखा कि अब अंजली हमारे बेडरूम के दरवाज़े के पास आकर खड़ी हो गयी, तभी प्रिया बेड से उठी और अंदर कुछ गिरने की आवाज़ आई, तभी अंजली भागकर अपने रूम में चली गयी. अब में पूरा मामला समझ गया था. फिर मैंने बेडरूम में आकर दरवाज़ा पूरा बंद नहीं किया और प्रिया को पूरी बात बताई. अब प्रिया भी बहुत उत्तेजित हो गयी थी. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर मुँह में ले लिया और चूसने लगी, फिर में तेल निकालकर प्रिया की गांड में लगाने लगा और बोला कि प्रिया क्या गांड है तुम्हारी? आज में इसे जमकर चोदूंगा तो प्रिया बोली बेबी गांड चूत सब चोदो, अच्छे से चुदे हुये बहुत दिन हो गये, कम ऑन फुक मी. फिर मैंने अपना लंड आराम से प्रिया की गांड में लगाया और अंदर डालने लगा तो प्रिया भी चिल्लाने लगी कि बेबी आराम से डालना दर्द हो रहा है.

    फिर मैंने धीरे-धीरे अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और आराम-आराम से अंदर बाहर करने लगा. प्रिया भी बोलने लगी कि बेबी फुक मी, चोदो मुझे, मार लो मेरी गांड, अब अपनी स्पीड तेज कर दो, अब दर्द नहीं हो रहा है, चोदो मुझे. अब प्रिया ने अपनी दो उंगलियां चूत में भी डाल ली थी जो मुझे लंड पर महसूस हो रही थी. फिर मैंने दरवाज़े पर देखा तो मुझे पता चल गया कि अंजली वहाँ पर खड़ी है और चुदाई की आवाज़े सुन रही है. अब में भी जमकर चुदाई करने लगा और बोला कि प्रिया मेरा लंड कैसा लगा? तो प्रिया बोली कि मज़ा आ गया, मन कर रहा है तुमसे सारी रात चुदती रहूँ, अब ऐसा करो कंडोम चढ़ाओं और मेरी चूत में लंड डाल दो. फिर प्रिया सीधी लेट गयी और मैंने कंडोम चढ़ाया और मेरा लंड पूरा उसकी चूत में डाल दिया. अब प्रिया सिसकारियां लेने लगी थी और कहने लगी कि दुनिया में सबसे ज़्यादा आनंद चुदाई में आता है और इसमें इंसान सब कुछ भूल जाता है, ललित अपनी स्पीड तेज कर दो और अपना पानी मेरे चेहरे पर निकालना, मुझे रंडी बनकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है.

    फिर मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और पूरे जोश के साथ उसे चोदने लगा और बोला कि ले मेरा लंड, ले रंडी प्रिया चुद मुझसे. अब करीब 5 मिनट तक ऐसे चोदने के बाद मैंने कंडोम उतार कर पूरा पानी प्रिया के चेहरे पर निकाल दिया. अब प्रिया मेरा पूरा पानी अपने चेहरे पर, बूब्स पर और बॉडी पर लगाने लगी और बोली कि ललित तुम सही में बहुत ढंग से चोदते हो और कोई तुमसे एक बार चुदवा ले तो फिर वो तुमसे ही चुदवायेगी. अब में और प्रिया पूरी तरह से थक चुके थे और करीब 10 मिनट के बाद प्रिया बोली कि क्या अंजली ने पूरा मज़ा लिया है? तो मैंने कहा हाँ काफ़ी देर तक वो खड़ी रही. अब तुम बाहर जाकर देखो और पानी ले आना तो प्रिया बिना कुछ पहने ही बाहर चली गयी और में भी उसके पीछे चला गया.

    फिर हमने दबे पांव गेस्ट रूम में देखा तो अंजली ने अपनी साड़ी ऊपर उठा रखी थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी. उसके रूम में बाहर की रोशनी आ रही थी, उसकी चूत बिल्कुल क्लीन शेव थी. अब प्रिया ने मुझे देखा और मेरा हाथ अपनी चूत पर रख दिया. में समझ गया कि प्रिया एक बार और अपना पानी निकालना चाहती है. फिर में उसे किचन में ले गया और गैस पट्टी पर बैठाकर उसकी चूत में उंगली करने लगा तो लास्ट में जब उसका निकलने वाला था तो उसका हाथ बर्तनो को लगा और तेज़ आवाज़ हुई तो अंजली भी भाग कर किचन में आ गयी और उसने हम दोनों को पूरा नंगा देख लिया, लेकिन वो चुपचाप अपने रूम में चली गयी और हम भी अपने रूम में आकर सो गये.

    फिर सुबह बच्चे भी नहाकर खेलने चले गये और अब में बेड पर ही सुस्ता रहा था कि थोड़ी देर में प्रिया आई तो मैंने पूछा कि अंजली से कोई बात हुई तो वो बोली कि वो तो हमारा काम करके बाकी घर में काम करने चली गयी है और मुझे तभी सोसाइटी का बुलावा आ गया था कि आज मीटिंग है तो अब में फ्रेश होकर वहाँ चला गया और शाम को 5 बजे वापस आया. फिर मैंने चाय पी और टी.वी देखने लगा और फिर वो ही रोज़ का रुटीन और रात को फ्री होकर हम अपने बेडरूम में आ गये. फिर मैंने प्रिया से पूछा कि अंजली कहाँ है? तो प्रिया बोली वो आधे घंटे में आयेंगी, वो शर्मा जी के यहाँ कुछ मेहमान आए है तो उन्होंने अंजली को रुका लिया है. फिर प्रिया मुझे बताने लगी कि मेरी अंजली से रात वाले सीन पर बात हुई थी तो मैंने बड़ी उत्सुकता से पूछा क्या बात हुई? तो वो बोली कि मैंने अंजली से सीधा सीधा पूछ लिया कि तुम हमें सेक्स करते हुए क्यों सुन रही थी? और फिर तुम अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी.

    फिर वो पहले तो घबरा गयी तो मैंने हँसते हुए पूछा कि क्या तुम शादीशुदा हो? तो वो नॉर्मल हुई और बोली हाँ, लेकिन करीब 4 महीने से पति से नहीं मिली तो उस दिन सुबह भैया और आपको मैंने बाथरूम में सेक्स करते देख लिया तो में बैचेन हो गयी. में ही पूर्वी से झूठ बोलकर आपके घर रुकी ताकि में आपको सेक्स करते हुए देख सकूँ और अपने आपको तृप्त करूँ, लेकिन ये पूर्वी से मत कहना. मैंने कहा कि तेरे बच्चे है? तो उसने कहा कि नहीं है और मेरे पति भी निरोध लगाते है तो मैंने कहा कि तूने अपनी चूत भी पूरी साफ की है तो वो बोली कि मेरे पति को पूरी साफ चूत ही अच्छी लगती है इसलिए में हमेशा साफ रखती हूँ. प्रिया बोली कि इन सब बातों से वो नॉर्मल हो गयी और खुलकर बात करने लगी और उसने ये भी बताया कि उसने पूर्वी और उसके पति को भी चुदाई करते देखा है, लेकिन वो तो उसकी साड़ी उठाता है और 5 मिनिट में करके अलग हो जाता है, लेकिन आप लोगों का सेक्स बिल्कुल मेरे पति जैसा है, वो भी मेरी चूत चाटते है और मुझे अपना लंड भी चुसवाते है और बोली कि में तो समझती थी कि मेरा पति ही सेक्स करते हुए गंदा बोलता है, लेकिन आपकी बातें सुनकर तो में पागल सी हो गयी और मुझे उनकी याद आने लगी है.

    फिर प्रिया मुझसे बोली कि वो इस वक़्त चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है तो मैंने कहा कि तो बुला लो उसको. प्रिया बोली नहीं ऐसे नहीं, में कल दोपहर में उसको बुला लूँगी और टेस्ट करूँगी. फिर हम दोनों यह बातें करके फिर से लग गये और 15 मिनट में जब में प्रिया की चूत में डालने लगा तो बेल बजी और में समझ गया कि अंजली होगी और फिर प्रिया ने नाइटी पहनी और दरवाज़ा खोला तो अंजली अंदर आ गयी. फिर प्रिया ने उससे बोला कि जब भी हम शुरू होते है तो तुम बेल बजा देती हो. वो बोली आप रोज़ करते हो तो प्रिया बोली कि हम तो कई बार दिन में दो बार करते है. फिर प्रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया और अंजली से बोली कि आ जा यहाँ बैठकर देख ले, लेकिन वो नहीं आई और हम लोग अपना काम करके सो गये.

    फिर अगले दिन प्रिया ने उसे बुलाया और बोली कि अंजली मेरी मालिश कर दे. फिर प्रिया ने अपनी नाईटी उतारी और अपने बेड पर उल्टी लेट गयी और फिर अंजली ने तेल की बोतल ली और प्रिया की मालिश करते हुए बोली कि भाभी आप लोग पीछे से भी करते है तो प्रिया बोली कि हाँ इसमें बहुत मज़ा आता है तो अंजली बोली कि नहीं बहुत दर्द होता है, एक बार मेरे पति ने पीछे से डालने की कोशिश की तो मेरी दर्द के मारे चीख ही निकल गयी थी. प्रिया बोली कि इसके लिए पहले पीछे वाले छेद को तैयार करना पड़ता है और तेल की मदद भी लेनी पड़ती है, जब तूने पहली बार चूत में डलवाया था तो दर्द हुआ था या नहीं, लेकिन बाद में मज़ा आने लगा ना. फिर प्रिया बोली कि चल अब एक काम कर तेल ले और मेरे पीछे वाले छेद में डाल और वहाँ अलमारी खोलकर उसमें से एक रबड़ का लंड पड़ा है वो निकाल ले. फिर अंजली ने जब अलमारी खोलकर रबड़ का लंड पकड़ा तो वो हैरान हो गयी और बोली कि भाभी ये तो असली का लग रहा है.

    फिर प्रिया बोली कि हाँ असली का लगेगा, तभी तो असली की तरह मज़े देगा. फिर प्रिया बोली क्यों लेना है? तो अंजली ने अपना सिर झुका दिया तो प्रिया बोली कि चल अपने कपड़े उतार तो अंजली शरमाने लगी, लेकिन प्रिया ने उसे किसी तरह से नंगी कर ही दिया. अब दोनों बिस्तर पर नंगी थी. फिर प्रिया ने लंड पर कंडोम लगाया और तेल भी लगाया और अंजली की चूत में डाल दिया. पहले तो उसे बहुत दर्द हुआ, लेकिन बाद में तो वो उछल-उछल कर लेने लगी और बोलने लगी कि भाभी क्या मस्त चीज़ है ये? मर्द ना हो तो भी खुद को ठंडा कर लो, भाभी और अंदर डालो और जैसे आप भैया से चुदवाती हो, वैसे ही मुझे चोदो. प्रिया बोली कि वो तो में तुझे दे ही दूँगी, तू कहे तो भैया से भी मज़े दिलवा दूँ. अब अंजली सिसकारियां लेते हुए बोली कि अपने पति से मुझे चुदवाओगी. तो प्रिया बोली तो क्या हुआ? लंड घिस थोड़ी जायेगा और ना तेरी चूत घिसेगी, बोल चुदेगी मेरे पति से, में भी तेरा साथ दूँगी. अब अंजली तो पूरी गर्म हो गई थी तो वो बोली जब आपको कोई फर्क नहीं पड़ता, तो में भी चुद लूँगी, मेरा पति भी तो पुर्वी को चोदता है और उसका एक से मन भी नहीं भरता है.

    मुझे पता है पूर्वी भी वहाँ मेरे पति से चुद रही होगी. वो साली तो यहाँ भी सक्सेना भाई साहब से चुदती है. अब इस चुदाई में अंजली ने सब कुछ बोल दिया जो उसके दिल में था और अब वो खेल ख़त्म होने के बाद प्रिया ने मुझे फोन करके ग्रीन सिग्नल दे दिया. अब शनिवार रात को बच्चों को में अपने मम्मी पापा के यहाँ छोड़कर वापस आया तो मैंने देखा कि अंजली ने प्रिया की काली नाईटी पहनी हुई थी और कोई कह नहीं सकता था कि ये गावं की लड़की होगी. प्रिया ने उसे पूरा तैयार किया था. अब मुझे देखकर वो बेडरूम में चली गयी और प्रिया बाहर आई और बोली कि तुम फ्रेश हो जाओ. फिर में नहाने चला गया तो प्रिया ने कोल्डड्रिंक में वोड्का डालकर अंजली को दी. उसने पहला घूँट पिया तो वो बोली कि भाभी ये क्या है? तो प्रिया ने कहा कि पी ले इससे तेरी सारी शर्म गायब हो जायेगी और ऐसा मज़ा लेगी कि अपने पति को भी भूल जायेगी. उसने पूरा ग्लास एक घूँट में ही ख़त्म कर दिया और फिर दूसरा ग्लास भी पी लिया.

    तभी में बाथरूम से बाहर आ गया और प्रिया ने भी बेडरूम में आकर पॉर्न मूवी चालू कर दी, जिसमें दो लड़कियां एक लड़के के साथ सेक्स करती है. फिर अंजली ने मूवी देखी और थोड़े नशे में बोली कि हाँ ऐसी पिक्चर मेरे पति ने भी मुझे दिखाई है तो प्रिया बोली तुझे तेरे पति ने 4 महीने में पूरा तैयार किया और तू उसे छोड़ आई तो वो तो दूसरो को चोदेगा ही. फिर अंजली थोड़ी दबी हुई आवाज़ में बोली कि उसने मेरे सामने मेरी बड़ी बहन को चोदा तो क्या में वहीं रुकती? लेकिन अब में जाउंगी तो में भी उसके सामने उसके भाई से चुदवाऊंगी और उसका लंड अपनी चूत में डलवाऊंगी. अब उस पर नशा हावी हो रहा था तो में अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया. तो अंजली ने फटाफट मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी और बोली कि कितने दिनों के बाद लंड देखा है, मुझे इसकी आदत पड़ गयी थी और उसने मुझे इसका गुलाम बना दिया था, वो हफ्ते में 4 बार मेरी चुदाई करता था और पता नहीं बाकि दिनों में किस किस की चुदाई करता होगा साला हरामी. लेकिन भैया आपका लंड तो उससे भी बड़ा और मोटा है. मैंने कहा कि क्यों मुझे भैया कह कर बहनचोद बना रही है? वो बोली कि भाभी भी तो आपसे चुदाते हुए आपको बहनचोद बोल रही थी.

    फिर प्रिया ने अपनी पेंटी साईड में की और अपनी चूत मेरे मुँह में डाल दी. अब में लंड चुसवाते हुए चूत चाट रहा था. फिर अंजली बोली कि भाभी आप कितनी गोरी हो, लेकिन में तो साँवली हूँ और फिर भी भैया को में कैसे अच्छी लगी? तो प्रिया बोली तू 24 साल की है और तूने अभी तक बच्चा भी पैदा नहीं किया है और तेरे बूब्स भी बिल्कुल कसे हुए है और में 36 साल की 2 बच्चो की माँ हूँ और जो तू अब लग रही है ना तो तेरा पति देख ले तो हमेशा तेरे ऊपर ही चढ़ा रहेगा. फिर प्रिया बोली अब में भी ड्रिंक ले लेती हूँ तभी कुछ गर्म हो पायेगा, लेकिन बेबी तुम मत लेना, तुम्हें दो को संतुष्ट करना है. फिर प्रिया ड्रिंक बनाने चली गयी.

    फिर मैंने अंजली को उठाया और बेड पर लेटाकर उसकी टाँगे खोल दी और उसकी चूत पर टूट पड़ा तो वो बोली कि चूस लो मेरी और चोद दो मुझे, जैसे आप भाभी को चोदते हो. फिर में अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा तो अंजली बोली कि भैया मुझे कुछ गंदा बोलो, जैसे आप भाभी को चोदते हुए बोलते हो. मैंने कहा कि साली रंडी बड़ी गर्मी है तेरी चूत में, तभी प्रिया ड्रिंक का सीप भरते हुए अंजली के मुँह पर बैठ गयी और बोली साली चल अब मेरी चूत चाट. अंजली अब पूरे नशे में थी और अब वो पूरे जोश से प्रिया की चूत चाटने लगी. फिर 5 मिनट के बाद प्रिया ने ग्लास ख़त्म किया और बोली कि तूने मेरी चूत चुदने के लिए पूरी तैयार कर दी और बेड पर घोड़ी बन गयी और अंजली से बोली कि तू अब अपनी चूत रगड़ ले और ललित तुम मुझे चोदो. तभी अंजली बोली कि भाभी आप तो रोज़ लेती हो, आज मुझे लेने दो, मेरा दो बार बिना चुदाई के पानी निकल गया है तो प्रिया हँसते हुए बोली कि लो भैया चोद लो अपनी बहन को, आओ चोदो इसे.

    फिर मैंने कंडोम चढ़ाया और अंजली की चूत में डाल दिया. अब उसकी सिसकारियां निकली और बोली कि भाभी आपकी वजह से मुझे ये आनंद मिला है. तभी प्रिया बोली कि हाँ बहन की लोड़ी ले ले मेरे पति का लंड. मैंने प्रिया को देखा और वो हँसते हुए बोली कि आज हमारा गार्ड अपनी बीवी को बहन की लोड़ी बोल रहा था तभी मैंने सुना. तो में बोला हाँ बहन की लोड़ी तुझे भी चोदूंगा, तू चिंता मत कर, तेरी भी चूत का बाजा बजाऊंगा, पहले इस रंडी की आग को शांत कर दूँ. फिर मैंने अपना मुँह अंजली के बूब्स पर ले जाकर उसके बूब्स चूसने लगा और साथ-साथ उसे चोदने भी लगा. फिर प्रिया हमारे पीछे आई और मेरे बॉल्स को जीभ से चाटने लगी. मैंने प्रिया को रोका, प्लीज़ ऐसा मत करो मेरा जल्दी निकल जायेगा. फिर प्रिया साईड में बैठकर अपनी चूत में उंगली करने लगी और मुझसे बोली कि क्यों चुदाई का मज़ा आया? अब वादा करो कि तुम भी कोई मेरे लिए लाओगे, जिससे में तुम्हारे सामने चुद सकूँ. फिर मैंने हाँ कहते हुए अपनी स्पीड तेज कर दी और करीब 20-25 मिनट तक हर स्टाइल में अंजली की चुदाई की. फिर मैंने कंडोम उतार कर प्रिया के बूब्स की चुदाई करते हुए अपना पानी निकाला..

  • बीवी को शिमला में चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. उम्र 32 साल, हाईट 5 फुट 9 इंच, लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा और जिम बॉडी है. ये स्टोरी जून 2013 की है, में और मेरी पत्नी शिमला घूमने गये थे. हमारी शादी को करीब 8 साल हो चुके थे. अब में आपको अपनी पत्नी के बारे में बता दूँ, उसका नाम पूजा है. उम्र 30 साल, हाईट 5 फुट 6 इंच, साईज़ 34-28-36, एकदम गोरी, ठीक ठाक भरी हुई है, उसके बूब्स और गांड पर तो मैंने कितने लोगों को घूरते देखा है और मुझे इससे जलन नहीं होती बल्कि मज़ा आता है. पूजा काफ़ी सुंदर है, में और मेरी पत्नी सेक्स का भरपूर मज़ा लेते है. मुझे उसकी ब्रा-पेंटी उतारने से लेकर उसकी चूत चाटने तो कभी-कभी उसकी गांड चाटने में बहुत ही मज़ा आता है, ख़ास कर जब में उसकी गांड चाटता हूँ तो उसे सिग्नल मिल जाता है कि आज तो में उसकी गांड मार कर ही रहूँगा.

    पूजा भी कभी-कभी अपने आप ही मेरा लंड पकड़कर अपनी गांड में घुसवा लेती है. सच में मेरी पत्नी की गांड मारने का मन हर देखने वाले का करता होगा. पूजा को भी मेरा लंड चूसने में काफ़ी मज़ा आता है. कई बार वो अपनी मर्ज़ी से एकदम नंगी हो कर बिस्तर पर आ जाती है और मेरा लंड चूसने लग जाती है. हम सेक्स में हर तरीका अपनाते है. हमें इसमें काफ़ी मज़ा आता है. हम नेट पर पॉर्न भी देखते तो कभी-कभी सेक्स करते वक़्त में अपने दोस्तों की बीवीयों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो उसे कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन जब में उसको मेरे दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो वो मना कर देती, लेकिन उसे और मुझे सेक्स में इन बातों से बहुत मज़ा आता था.

    अब गर्मियों की छुट्टियों में हम अपने दोस्तों और बच्चो के साथ घूमने गये थे, लेकिन वहाँ भी कोई चान्स नहीं लगा. शायद वो इसके लिए राज़ी भी नहीं होती, क्योंकि वो मेरे सभी दोस्तों की बहुत इज़्ज़त करती थी, लेकिन सेक्स में उसका स्टाईल ही ऐसा था कि इस दौरान मेरी इच्छा होने लगी कि कोई मेरे सामने पूजा को चोदे. ऐसा काफ़ी टाईम तक चलता रहा. फिर एक दिन में मार्केट से वाइब्रेटर लेकर आया और रात को पूजा को सरप्राइज दिया. फिर जब में उसकी गांड मार रहा था तो मैंने वाइब्रेटर उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा तो पूजा आअहह आआआआआआअहह की आवाज़े निकालने लगी और एड्जस्ट करके अपने हाथ से पूरा का पूरा अंदर ले लिया. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, तभी में बोला.

    में : पूजा दूसरा लंड कैसा है?

    पूजा : बहुत अच्छा डार्लिंग.

    में : तुम्हें दो लंड एक साथ अच्छे लग रहे है?

    पूजा : हाँ बहुत.

    में : -सोचो, अगर इस रबड़ के लंड में इतना मज़ा आ रहा है तो असली लंड में कितना मज़ा आयेगा?

    पूजा : हटो, मुझे सिर्फ़ तुम्हारा ही चाहिए, ये ही काफ़ी है.

    में : मेरा क्या?

    पूजा : लंड आआआआआआअहह पूरा घुसाओ ना प्लीज और उसकी चूत से पानी गिरने लगा.

    फिर करीब 1 घंटा सेक्स करने के बाद हम सो गये. फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया कि क्यों ना में पूजा को कहीं उसकी पसंद की जगह पर घूमाने ले जाऊं? शायद कोई बात बन जाए. इसी दौरान एक मॉल में मुझे एक लकी ड्रॉ में एक फ्री ट्रिप शिमला जाने का कूपन मिला तो मैंने पूजा को इस बारे में बताया तो वो बहुत ही खुश हुई. पूजा को शिमला देखना था तो कुछ दिनों के बाद हमने शिमला जाने का प्लान बनाया और मैंने बुकिंग कर दी.

    अब हम अपने तय दिन पर सुबह 4 बजे दिल्ली से अपनी गाड़ी में निकले और सफ़र का मज़ा लेते हुए करीब 1 बजे शिमला रिसोर्ट पहुँच गये. शिमला रिसोर्ट काफ़ी बड़ा और शानदार था. रिशेप्शन पर हमें एक जवान सुंदर लड़का मिला, उसने अपना नाम संदीप बताया और हमें वेलकम कहा. फिर सारी बातें बताने के बाद वो हमें अपने रिसोर्ट के बारे में बताता हुआ हमें हमारे रूम तक ले गया.

    फिर उसने रूम का दरवाजा खोला, रूम अन्दर से काफ़ी अच्छा था. फिर वो हमें रूम की सुविधाओं के बारे में बता कर जाने लगा और जाने से पहले उसने अपना पर्सनेल मोबाईल नम्बर मुझे दिया और कहा कि कभी भी किसी चीज की ज़रूरत हो तो हम उसे कॉल कर सकते है. फिर उसने जाने से पहले एक मेंबरशिप पॉलिसी का भी ज़िक्र किया और बोला पहले आप आराम कर लीजिए फिर में आपको शाम को मिलता हूँ. संदीप काफ़ी स्मार्ट था, हाईट 6 फुट होगी वो काफ़ी गठीले शरीर का था.

    पूजा को भी उसका स्वभाव काफ़ी पसंद आया. अब हम दोनों रूम में अकेले थे. अब मुझसे रहा नहीं गया और हमने फटाफट सेक्स करना चालू कर दिया और थोड़ी देर के लिए सो गये. फिर शाम को हमें संदीप ने पूरा रिसोर्ट घुमाया. अब वो हमारे साथ काफ़ी फ्रेंड्ली हो गया था. में देख रहा था कि उसकी नज़र पूजा पर थी और मुझे ये सब अच्छा लग रहा था, जब बारिश का मौसम था इसलिए हमें काफ़ी सर्दी लग रही थी. फिर हम मॉल रोड़ गये और वहाँ से मैंने पूजा के लिए एक सेक्सी शॉर्ट नाईटी ली.

    अब में मार्केट में पूजा की गांड पर तो कभी बूब्स पर, टच किए जा रहा था. पूजा को ये अच्छा लग रहा था, लेकिन वो मुझे मना कर रही थी कि कोई देख ना ले. अब पूजा काफ़ी खुश थी तो मैंने एक छोटी बोतल विस्की की ले ली तो पूजा ने मना किया, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी. अब हम रिसोर्ट वापस आ गये. फिर करीब 8 बजे हमने लाईट डिनर भी लिया और अपने रूम में आ गये. अब रूम में आते ही मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर लिया तो पूजा मचलने लगी और मेरे से छूटकर उसने अपनी नई नाइटी ली और बाथरूम में जाने लगी. अब मैंने रूम का हीटर चालू कर दिया और संदीप को फोन मिलाया.

    संदीप : हैल्लो.

    में : हैल्लो संदीप, में विशाल बोल रहा हूँ रूम नम्बर ***

    संदीप : ओह, हैल्लो सर कहिए में आपके लिए क्या कर सकता हूँ?

    में : यार आप अपनी पॉलिसी के बारे में बता रहे थे तो क्या आप अभी हमारे रूम में आ सकते हो?

    संदीप : लेकिन, सर अभी तो में व्यस्त हूँ, क्या कुछ देर के बाद आ जाऊं?

    में : कितनी देर में?

    संदीप : मेरी ड्यूटी 9 बजे ख़त्म हो जायेगी, उसके बाद में बिल्कुल फ्री हूँ.

    में : ओके, तुम आ जाना मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है, में तुम्हारा इंतज़ार करूँगा, ओके बाय.

    इतने में पूजा भी फ्रेश होकर बाथरूम से नाइटी पहनकर निकली, वाउ क्या ग़ज़ब लग रही थी वो? उस नाइटी में उसकी भरी हुई सफेद जांघे काफ़ी सेक्सी लग रही थी. उस नाइटी के अन्दर साफ दिख रहा था कि उसने काले कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई है. फिर मैंने भी फटाफट अपने कपड़े उतारे और एक अपनी चड्डी और बनियान में बेड पर उसके साथ आ गया. फिर मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर कर इधर उधर किस करना शुरू कर दिया तो वो गर्म होने लगी. अब वो इस ट्रिप पर बहुत खुश थी, क्योंकि सिर्फ़ वहां हम दोनों ही थे और किसी की टेन्शन भी नहीं थी. फिर मैंने विस्की का एक पेग बनाया और पीने ही वाला था कि पूजा ने मुझे रोक लिया और कहा कि तुम ये मत पियो. (में शराब नहीं पीता ये तो ट्रिप पर सेक्स का मज़ा लेने के लिए ली थी) फिर मैंने पूजा को पीने के लिए मना लिया और एक पेग पूजा को पिला दिया. फिर थोड़ी देर में हम एक दूसरे पर टूट पड़े. अब मेरा हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और वो मेरे शरीर पर हाथ फैर रही थी.

    अब में उसकी नाइटी के अंदर हाथ डालकर कभी उसकी चूचीयाँ दबाता तो कभी उसकी चूत को सहलाता. अब वो सिसकियां भरने लगी थी, अब उसे थोड़ा विस्की का और थोड़ा सेक्स का नशा चढ़ रहा था. तभी मैंने एक और पेग उसे दे दिया और वो पी गयी, अब उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. अब में उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाट रहा था और अब वो आआआहह की आवाज़े निकाल रही थी. इतने में उसने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ा और सहलाने लगी. अब हम 69 पोजिशन में थे और में उसकी पेंटी को बिना उतारे एक तरफ करके उसकी चूत चाटने लगा. अब वो भी मेरा लंड निकाल कर चाटने लगी तो उसके मुँह से ऊऊम्म्म्म हह ऊमम हह की आवाज आ रही थी. अब में एक उंगली पूजा की चूत में और दूसरी उंगली उसकी गांड में अंदर बाहर कर रहा था. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी पूजा अपने मुँह में से लंड निकाल कर बोली.

    पूजा : क्या आप वाइब्रेटर लाए हो?

    में : नहीं, क्यों तुम्हें चाहिए?

    पूजा : नहीं बस, बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए.

    तभी डोर बेल बजी, मैंने देखा तो 9 बज चुके थे. शायद संदीप ही होगा, पूजा को अजीब लगा की कौन है? ऐसे माहौल में सारा मज़ा खराब हो गया था. उसे ये नहीं पता था कि मैंने उसके लिए क्या इंतज़ाम किया है? फिर मैंने पूजा से बोला कि तुम कंबल में ही रहो और में अभी आता हूँ और उसने कंबल से अपने आपको ढक लिया. फिर मैंने डोर ओपन किया तो देखा कि संदीप है. फिर मैंने उसे रूम में अंदर आने को कहा तो वो अंदर आ गया. फिर संदीप ने पूजा को भी हाय बोला और कहा कि मैंने आप लोगों को परेशान तो नहीं किया. फिर मैंने उसे बैठने के लिए कहा और वो उसी साईड में बैठ गया जिस साईड में बेड पर पूजा थी. अब पूजा को नशा चढ़ गया था तो उसने हमारी बातें 2-3 मिनट तक सुनी फिर वो अपना उदास चेहरा दूसरी तरफ करके लेट गई.

    अब में भी कंबल में था और अंदर से पूजा की गांड को सहला रहा था. अब संदीप ने मुझे फटाफट रिसोर्ट की मेंबरशिप के बारे में बताया और में बोला कि ये मेंबरशिप में लेने के लिए तैयार हूँ, लेकिन में इस ट्रिप को यादगार बनाना चाहता हूँ तो संदीप बोला थैंक यू सर, में आपकी हर मदद करने के लिए हाज़िर हूँज अब में अपनी पत्नी के बूब्स भी सहलाने लगा. ये सब संदीप महसूस कर रहा था कि कंबल के अंदर क्या हो रहा है? कंबल में हलचल हो रही थी और पूजा भी चुपके से मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी, लेकिन उसका मुँह दूसरी तरफ था. तभी में कंबल से उठा और जानबूझ कर संदीप के सामने ही पूजा के ऊपर से कंबल हटा दिया.

    अब मेरी पत्नी की गोरी-गोरी नंगी टांगे संदीप के सामने थी तो संदीप की आँखे खुली की खुली रह गयी. अब में उसके सामने ही अपने हाथ से उसकी गांड और कमर सहला रहा था. फिर मैंने संदीप का हाथ पकड़कर पूजा की गांड पर रख दिया, अब पूजा नशे में थी. फिर जब में 2 मिनट में बाथरूम से आया तब तक संदीप पूजा की गीली चूत पर भी हाथ फैर रहा था, कभी पेंटी के अंदर तो कभी पेंटी के बाहर हाथ फेर रहा था. फिर मैंने बेड पर आकर पूजा के मुँह के पास अपना लंड रख दिया और उसके मुँह पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब पूजा ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी और मुँह खोलकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया, वाह्ह अब की बार तो फीलिंग ही कुछ और थी. फिर मैंने पूजा को डॉगी स्टाइल में होने को बोला तो वो हो गयी. फिर संदीप ने भी अब पूजा की पेंटी एक तरफ करके उसकी हल्के बालों वाली चूत के दर्शन किए और उसे चाटने लगा. अब पूजा को भी बहुत मज़ा आने लगा था.

    अब मैंने संदीप को अपने कपड़े उतारने का इशारा किया तो उसने एक बार में ही सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया. अब उसका लंड देखकर में भी खुश हुआ. वो लगभग 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा होगा, वाह क्या लंड था उसका? अब पूजा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे इशारे में रिक्वेस्ट की वो जान गयी थी कि अब तो मना करने में कोई फ़ायदा नहीं है, बस अब तो चुदवाने में ही फ़ायदा है. फिर संदीप ने उसकी पेंटी उतार दी, क्या बात थी पूजा एक अजनबी मर्द के सामने बिल्कुल नंगी क्या लग रही थी? फिर मैंने भी उसकी ब्रा और अपनी चड्डी निकाल दी थी. अब हम तीनों रूम में बिल्कुल नंगे थे और अब रूम कुछ हमारी सिसकियों से तो कुछ हीटर से गर्म हो चुका था. अब संदीप अपना लंड पूजा की चूत पर रगड़ रहा था और साथ ही वो अपने लंड से मेरी पत्नी की चूत पर थप्पड़ भी लगा रहा था.

    अब वो पूजा की चूत पर अपना लंड रखता और हटा लेता. फिर पूजा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और आगे पीछे होकर संदीप के लंड को चूत में घुसवाने की कोशिश करने लगी. तभी पूजा ने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में घुसा लिया तो पीछे से संदीप ने भी जोरदार धक्का लगाया तो उसकी आआआहह की चीख निकल गयी. अब उसका लंड एक बार में ही पूरा अंदर चला गया था, चोद दो और चोदो, पूरा लंड घुसाना प्लीज़ संदीप प्लीज, पहली बार पूजा ने संदीप का नाम लिया था. अब वो पूरी तरह से दो-दो लंड का मज़ा लेना चाहती थी. इस तरह 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे मिशनरी पोजिशन में लेटाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब पूजा संदीप का लंड बड़े मज़े से चूस रही थी और में उसे चोद रहा था. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी गांड चाटने लगा तो पूजा समझ गयी कि अब उसकी गांड की बारी है. उसकी गांड पर मेरी जीभ लगते ही वो काँप उठी.

    फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसाया, अभी आधा ही लंड उसकी गांड में गया होगा कि वो दर्द महसूस करने लगी. वो बोली डार्लिंग धीरे से घुसाओ, में मर जाऊंगी, फिर में बोला कि मेरी रानी अभी तो मेरा आधा ही गया है जब संदीप का पूरा जायेगा तो क्या होगा? और वो स्माइल देने लगी. अब धीरे-धीरे मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और अपनी स्पीड तेज़ कर दी. वो आआआआआआआआआअहह डार्लिंग और तेज़ और तेज़ बोलने लगी. फिर करीब 15 मिनट तक धक्के लगाने के बाद में रुका और संदीप को नीचे से पूजा की चूत में लंड घुसाने के लिए बोला. अब संदीप लेट गया और पूजा उसके ऊपर बैठकर लंड अपनी चूत में लेने लगी और मैंने ऊपर से उसकी गांड में लंड घुसा दिया. अब पूजा को थोड़ी परेशानी होने लगी थी, लेकिन मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, आआआह्ह्ह्ह्ह प्लीज आज मेरी गांड और चूत दोनों फाड़ दो. मारो मेरी और मारो, मुझे जी भरकर चोदो, प्लीज फुक मी, आप तो चाहते ही थे ना कि में दो लंड एक साथ लूँ, अब तो खुश हो आप और चोदो मुझे. अब पूजा की गांड और चूत में से काफ़ी सारा पानी निकल रहा था.

    अब वो एकदम पागल सी हो गयी थी और झड़ने वाली थी तो वो बोली कि संदीप चोदो मुझे, में झड़ने वाली हूँ. इतने में ही उसकी चूत में से बहुत सारा पानी निकलने लगा, आआआआआआहह में गयीईईई और वो ढीली पड़ गयी. तभी हम भी झड़ने वाले थे. फिर मैंने संदीप की तरफ इशारा किया कि अंदर मत निकालना, पूजा के मुँह में निकालना. (पूजा को वीर्य का स्वाद काफ़ी अच्छा लगता है) फिर हम उठकर अपना लंड पूजा के मुँह के पास हिलाने लगे तो पहले में झड़ गया आआआआआआआअहह मेरा वीर्य पूजा के मुँह के अंदर और बाहर दोनों जगह फैल गया था. फिर संदीप का भी निकल गया. फिर पूजा हम दोनों का वीर्य पी गयी और पूजा ने हमारे लंड भी अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिए. अब हम तीनों के चेहरो पर खुशी थी और थोड़ी देर तक हम पूजा को अपने बीच में लेटाकर पड़े रहे. दोस्तों उस रात हमने 3 बार सेक्स किया था.

  • मेरी बीवी का डबल धमाल

    हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपनी बीवी की चुदाई की एक सच्ची दास्ताँ सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मेरी बीवी ने अपनी चूत बहुत को जमकर चुदवाया और में उसकी चुदाई को बस दर्शक बनकर देखता रहा. वैसे मुझे उसे गरम करना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि वो बहुत ही सेक्सी है और उसकी चूत को हर कोई पाने के लिए तरसता है क्योंकि वो है ही कुछ ऐसी चीज, बिल्कुल हॉट सेक्सी और में भी उसकी चूत बहुत दीवाना हूँ और वो भी बहुत बड़ी चुदेल, लंड की प्यासी है. आज में उसकी एक चुदाई का ताज़ा ताज़ा किस्सा आप सभी को सुनाऊंगा.

    तो दोस्तों उस सुबह जब मेरी आँख खुली तो लगभग दस बज रहे थे और में सोफे पर सोया हुआ था और ठीक मेरे सामने बेड पर मेरी बीवी नंगी सोई हुई थी. उसके दोनों पैर कुछ फैले हुए थे इसलिए उसकी चूत भी कुछ खुली खुली सी दिख रही थी, लेकिन चूत के अंदर अभी भी थोड़ा थोड़ा सा सफेद माल नज़र आ रहा था जो उसकी पिछली रात की होने वाली जमकर चुदाई को साफ साफ बता रहा था और वो चूत से बहकर चादर पर भी फैला हुआ था और उस चादर में चार जगह वीर्य के दाग दिखाई दे रहे थे जिसमे से एक तो बहुत ताज़ा था बाकी कुछ कुछ सूखने लगे थे और उसकी दाईं जाँघ पर अंकित अपना पैर रखकर सो रहा था और उसका एक हाथ मेरी बीवी के बूब्स पर था. वो करवट लेकर सोया हुआ था इसलिए उसका लंड बिल्कुल भी नहीं दिख रहा था और बाईं तरफ उदित था, वो सीधा सोया हुआ था.

    मेरी बीवी का हाथ उसके लंड के पास था शायद वो उसे सहलाते हुए सो गई थी और खड़ा होने पर उसका लंड करीब नौ इंच का हो जाता है, लेकिन अभी बहुत छोटा लग रहा था. मैंने अंदाज़ा लगाने की कोशिश की आख़िरी बार किसने चोदा होगा, यानी मेरी बीवी की चूत में जो माल दिख रहा है वो अंकित का है या उदित का उस बात का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल था क्योंकि वो दोनों रात भर बारी बारी से मेरी बीवी को चोद रहे थे. कल उदित अचानक बाज़ार में हमे मिल गया था और उसे देखकर मेरी बीवी मचल गई और मुझसे कहने लगी कि उसे आज रात के लिए बुला लो.

    फिर मैंने उससे कहा कि डार्लिंग पिछले एक हफ्ते से रोज तुम दूसरों से चुदवा रही हो और आज तुमने मुझसे चुदवाने का वादा किया था. तो उसने मुझसे कहा कि डार्लिंग तुम कल मुझे चोद लेना, देखो ना उदित भाई साहब कितने दिनों के बाद मिले है, में तो अब तक उनके लंड का स्वाद ही भूल गई हूँ. दोस्तों मेरी बीवी उदित के लंड की बहुत दीवानी है वो उसका लंड बहुत चूसती है और उससे चुदवाती भी है और गांड भी मरवाती है. वो उससे कहती है कि आप मेरे पास आए है तो में आपको एक बूँद भी माल वापस लेकर जाने नहीं दूँगी और आपको अपनी दोनों गोलियाँ मेरे ऊपर ही खाली करनी पड़ेगी.

    मैंने उदित से कहा कि यार राजश्री आज तुझे बुला रही है, तभी उसने इशारा किया कि उसके साथ उसका एक दोस्त भी है और उसका नाम अंकित है और में अंकित को नहीं जानता था, लेकिन मेरी बीवी ने फ़ौरन इशारा किया और मुझसे कहा कि हाँ ठीक है आप उसे भी बुला लो. फिर उदित ने मुझे थोड़ा अलग ले जाकर कहा कि यार मुझे पता नहीं यह हमारे इस खेल में शामिल होगा या नहीं? लेकिन दोस्तों में अपनी बीवी को जानता हूँ कि वो उसे भी अपने कातिल जिस्म का दीवाना जरुर बना सकती है इसलिए मैंने कहा कि यार तुम उस बात की चिंता बिल्कुल छोड़ दो और तुम दोनों आ जाओ बाकी सब कुछ राजश्री सम्भाल लेगी. इस बीच मेरी बीवी समझ गई कि उदित थोड़ा हिचकिचा रहा है. फिर वो उसके पास गई और उसके लंड पर हाथ घुमाते हुए बोली कि अगर आप घर पर नहीं आ सकते तो यहाँ गाड़ी में ही आ जाइए, मुझे थोड़ा चूस तो लेने दीजिए.

    तभी अंकित ने उसे उदित का लंड सहलाते हुए देखा तो वो एकदम से चौंककर मेरी तरफ देखने लगा. मैंने हंसते हुए उसकी तरफ आँख मारी और कहा कि यार गाड़ी में आ जाओ कम से कम देखने का मज़ा तो ले लो. अब उदित और मेरी बीवी गाड़ी में पिछली सीट पर बैठ गये में और अंकित अगली सीट पर बैठकर पीछे मुड़कर उनके कामों नज़ारा देखने लगे जो वो अब इसके आगे करने वाले थे. फिर मेरी बीवी ने जल्दी से अपना ब्लाउज और ब्रा को ऊपर खींचकर बूब्स को बाहर निकाल दिया और फिर उदित की पेंट की ज़िप को खोलकर लंड को बाहर निकाला और बिल्कुल पागलों की तरह उसके लंड को चूसने लगी.

    अंकित यह सब बहुत ध्यान से लेकिन बहुत चकित होकर देख रहा था. फिर मैंने अंकित से कहा कि अब तुम भी चाहो तो उसके बूब्स को दबा सकते हो और मेरे मुहं से यह बात सुनकर उसके मन से डर एकदम दूर चला गया. अब अंकित उसके बूब्स को दबाने लगा लेकिन वो अब भी थोड़ा नर्वस था. उसको समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है.

    फिर मेरी बीवी मज़े ले लेकर लंड चूस रही थी और फिर उसने कहा कि भाई साहब घर पर ही चलिए ना, अंकित भाई साहब भी तो कुछ मज़ा लेंगे. मेरी बीवी के मुहं से यह बात सुनकर वो दोनों फ़ौरन तैयार हो गये और हम सब घर पर आ गये. जब वो दोनों घर पर आए तो मैंने उन्हे व्हिस्की का एक एक गिलास भरकर थमा दिया और मेरी बीवी फ़ौरन अपने कपड़े बदलकर बिल्कुल पतली सी मेक्सी को पहनकर आकर उदित के पास में बैठ गई. उसने अंदर ब्रा, पेंटी नहीं पहन रखी थी और मेक्सी में से उसके बूब्स साफ साफ झलक रहे थे. उसके ठीक सामने अंकित बैठा हुआ था और बीच में एक छोटी सी सेंटर टेबल रखी हुई थी.

    तभी अचानक मेरी बीवी ने कहा कि भाई साहब आपके गाल पर कुछ लगा हुआ है और वो उठकर थोड़ा आगे को झुककर अंकित के गाल सहलाने लगी और उसके इस तरह से झुकने से अब उसके बूब्स मेक्सी के बड़े गले से बाहर निकलकर अंकित को बिल्कुल साफ साफ दिखने लगे थे. तभी उसके गालों को सहलाकर वो थोड़ा और झुकी और उसके होंठो को चूमने लगी. अंकित का एक हाथ पकड़कर उसने उसे अपनी छाती पर रख दिया और अब अंकित उसके बूब्स को सहलाने लगा और उधर उदित ने मेक्सी के नीचे से हाथ घुसाकर उसके चूतड़ को सहलाना शुरू कर दिया.

    मेरी बीवी ने अंकित के गाल पर अपना गाल रगड़ते हुए कहा कि भाई साहब आप अब बिल्कुल भी संकोच ना करो और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बूब्स को आराम से अपना समझकर दबाइए और फिर वो दोबारा से उसके होंठो को चूमने लगी. अब अंकित उसके दोनों बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा और उदित शायद उसकी चूत को चोदने की कोशिश कर रहा था और अब राजश्री ने अपने दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला दिया जिसकी वजह से उदित उसकी चूत तक बहुत आसानी से पहुँच गया और वो अब उसकी चूत को हल्के हल्के हाथ से सहला रहा था.

    दोस्तों जैसा वो सब कुछ चाहती थी अब शायद वो सब उसके साथ हो रहा था क्योंकि उसके चेहरे की शरारती हंसी यह बात मुझे बता रही थी कि वो उन दोनों के काम से बहुत खुश थी.

    तभी उदित के ऐसा करने के थोड़ी ही देर में मेरी बीवी अपना पूरा धैर्य अब खो बैठी और अब उसने एक ही झटके में अपनी मेक्सी को उतारकर मेरे ऊपर फेंक दिया और वो अब बिल्कुल नंगी हो गई. उसने थोड़ा आगे की तरफ आकर अंकित के मुहं में अपना एक निप्पल घुसाकर बोली कि चलिए ना भाई साहब बेडरूम में चलते है. अब मुझसे ज्यादा देर रुका नहीं जाता. फिर अंकित उसके बूब्स को चूसते हुए उसके चूतड़ को सहलाने लगा, मेरी बीवी ने एक अच्छा मौका देखकर उसकी पेंट की ज़िप को खींचकर खोल दिया और फिर अपने हाथ को अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी, लेकिन बैठे हुए यह सब करना बहुत मुश्किल था और आख़िर में वो उसके सामने ज़मीन पर बैठ गयी और उसने उसके दोनों पैरों को फैलाया.

    फिर ज़िप में हाथ घुसाकर लंड को बाहर निकाल लिया और अब लंड के बाहर आते ही वो उसे चूसने लगी. अंकित यह सब देखकर एकदम भोचक्का सा मुझे देख रहा था क्योंकि मेरी बीवी मेरे सामने बिल्कुल नंगी होकर उसका लंड चूस रही थी. मैंने मुस्कुराकर उसे आँख मारी और अब उदित भी धीरे धीरे मुस्कुरा रहा था. मैंने कहा कि यार अंदर बेडरूम में आ जाओ. फिर तुम बहुत आराम से सब कुछ कर सकते हो और फिर हम चारों बेडरूम में आ गए और उदित ने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारकर दूर फेंके और बेड पर आ गया, लेकिन अंकित को अभी तक अपने कपड़े उतारने का मौका नहीं मिला था. क्योंकि यहाँ आकर बेड पर उसे बैठाकर मेरी बीवी फिर उसका लंड चूसने लगी थी.

    फिर उदित ने उसके दोनों पैरों को फैलाया और फिर चूत को चाटने लगा और अब अंकित को ठीक मौका लगा और उसने भी फटाफट अपने सारे कपड़े उतार फेंके और मेरी बीवी से चिपककर उसे चूमने लगा. मेरी बीवी ने उदित से कहा कि भाई साहब अब आप इधर आइए और अंकित भाई साहब को भी ज़रा मेरा स्वाद चखने दीजिए.

    फिर उदित ने अपना लंड राजश्री के मुहं पर रख दिया जिसे वो फ़ौरन चाटने लगी. उधर अंकित अब उसकी चूत चाट रहा था और मेरी बीवी चुदवाने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी थी और आख़िर में मुझे ही कहना पड़ा कि अंकित भाई अब बहुत हुआ, अब आगे के काम की शुरूवात भी करिए. अंकित तुरंत उठा और अपना लंड उसने मेरी बीवी की चूत पर रखा और लंड का चूत पर दबाव बनाते हुए उसे चूत के अंदर घुसाने लगा और अब वो पूरा ज़ोर लगाकर बहुत मज़े लेकर मेरी बीवी को चोद रहा था और मेरी बीवी भी बहुत मस्त होकर चुदवा रही थी और साथ ही उदित का लंड चूस रही थी. मेरी बीवी ने फिर से कहा कि भाई साहब आप बिल्कुल भी हिचकिचाईएगा नहीं और अगर आप चाहें तो उसके नीचे दूसरा छेद है आप उसका भी इस्तेमाल कर सकते है.

    अब अंकित ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और चूत से अपने लंड को बाहर निकालकर उसने अब गांड में अपने लंड को डाल दिया और फिर मुझे देखकर बोला कि यार तेरी बीवी तो बहुत मस्त है. तभी उदित ने उसके मुहं से लंड को बाहर निकाला और नीचे आकर कहा कि यार अब थोड़ा मुझे भी चोदने दो. में कब तक इसके मुहं में अपना लंड हिलाता रहूँगा. मुझे भी तो इसकी चूत को अपने लंड का मज़ा देने दो. अब अंकित अपनी जगह से हटा गया और उदित ने मेरी बीवी की चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया. अंकित ने मेरी बीवी के मुहं पर अपना लंड रख दिया, वो अब उसे चूसने लगी और थोड़ी देर में अंकित ने कहा कि डियर थोड़ा सम्भल जाओ क्योंकि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है और अब उसने मेरी बीवी के मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू किए.

    मेरी बीवी ने फ़ौरन कहा कि आप बिल्कुल मत हिचकिचाईए भाई साहब जहाँ आपका मन करे आप वहाँ पर अपना वीर्य निकाल दीजिए क्योंकि मेरे लिए तो यह माल अमृत समान है. फिर दो मिनिट बाद अंकित उसके मुहं में ताबड़तोड़ धक्कों के साथ झड़ने लगा और मेरी बीवी बहुत मज़े लेकर उसका गरम गरम वीर्य चूसकर चाटकर साफ करने लगी. अब उदित ने भी जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में से बाहर निकालकर गांड में डाल दिया और अब उसने अपने धक्कों की स्पीड को बड़ा दिया था. शायद वो भी अब झड़ रहा था और कुछ देर झड़ने के बाद वो दोनों एकदम शांत होकर मेरी बीवी के आस पास में लेट गये, लेकिन अब भी उन दोनों के हाथ मेरी बीवी के जिस्म पर इधर उधर घूम रहे थे और मेरी बीवी के दोनों हाथ उनके लंड को मसलने में लगे हुए थे.

    मैंने अपने बीवी से पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि हाँ बहुत लेकिन अभी में इन्हे छोड़ने वाली नहीं हूँ. यह दोनों यहाँ से अपना एक बूँद माल भी वापस लेकर नहीं जा सकते. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है डार्लिंग, तुम आज रात भर इन दोनों से जी भरकर चुदवाना और फिर रात भर वो दोनों बारी बारी से और बार बार उसे चोदते रहे. वो कभी गांड मारते रहे तो कभी चूत और बारी बारी से अपना लंड भी उससे चुसवाते रहे और में सोफे पर लेटा लेटा उसको चुदवाते हुए देखता रहा और मुझे पता ही नहीं चला कि में कब सो गया और कब सुबह हुई.

    तो दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की कहानी जिसमे वो पूरी रात चुदती रही और में उसकी चुदाई को देखता रहा.

  • मुसीबत में चूत का सहारा, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संध्या है और मेरी उम्र 24 साल है और में एक शादीशुदा औरत हूँ. मेरे पति ठेकेदार है और में एक बहुत पैसे वाले आमिर घर से हूँ. मेरे पति का नाम राहुल है और में उनके साथ अपनी प्यार भरी जिन्दगी में बहुत खुश हूँ. वैसे मैंने अपनी वर्जिनिटी को तो कॉलेज में ही गवां दिया था और राहुल भी मुझे सेक्स में हमेशा संतुष्ट करते है. उसका लंड करीब 6 इंच का है. में भी उनकी तरह सेक्स की बहुत भूखी हूँ और हम दोनों जहाँ पर जाते है लोग मुझे लगातार घूरते रहते है.

    मेरे बूब्स भी बहुत बड़े 34 साईज़ के है और लोगों की निगाहे अक्सर उन पर टिकी रहती है. में भी जींस, टी-शर्ट पहनना ज़्यादा पसंद करती हूँ और राहुल को भी यह सब बहुत पसंद है. दोस्तों यह मेरी शादी के करीब एक साल बाद की बात है तब रोड बनाने के एक सरकारी ठेके की बात हमारे सामने आई. राहुल अब वो ठेका किसी भी किमत पर पाना चाहता था क्योंकि हमने शेयर बाज़ार में पहले से ही बहुत सारा पैसे लगाया हुआ था और उस समय शेयर के भाव बहुत ज्यादा गिर चुके थे इसलिए घर पर भी थोड़ी सी टेंशन चल रही थी. अब जब तक उस शेर के भाव फिर से ना बढ़े तब तक हमारे पैसे वहां पर फंस चुके थे इसलिए इस ठेका का हमे मिलना बहुत आवश्यक था और अब उस ठेके के लिए मुझे किसी सरकारी आदमी का साथ होना ज़रूरी था क्योंकि सब उनके ही हाथ में होता है. राहुल ने बहुत कोशिश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.

    तभी मैंने उसे बताया कि मेरे कॉलेज का एक दोस्त है राज और उसकी पहुंच बहुत ऊपर तक थी और अगर उसकी मदद ली जाए तो कैसा रहेगा? तो राहुल ने कहा कि यह बात तो बहुत अच्छी है तुम उसको जल्दी से फोन करो. तो मैंने कहा कि में हमारे एक दोस्त से उसके फोन नंबर ले लेती हूँ और फिर राहुल अपने काम पर चला गया. दोस्तों राज अपने कॉलेज के समय में कई लड़कियो को चोद चुका था क्योंकि उसका स्टाईल ही कुछ ऐसा था कि हर लड़की उस पर मरती थी और वो मेरे कॉलेज के ग्रुप का जो बॉस है उसका खास दोस्त था जिसका मोबाईल नंबर मेरे पास पहले से ही था तो मैंने उसको फोन करके राज का नंबर लेकर राज को कॉल किया.

    में : हैल्लो राज में संध्या बोल रही हूँ.

    राज : हाए आज तुमने अचानक से राज को कैसे याद कर लिया?

    में : हाँ यार दोस्त ही तो कभी ना कभी काम आते है मुझे तुमसे कुछ काम था.

    राज : हाँ कहो ना ऐसा क्या काम है और वैसे भी राज सुंदर लड़कियों के काम के लिए हर वक़्त तैयार रहता है.

    में: राज क्या हम कहीं मिल सकते है क्योंकि में तुम्हे वहां पर अपनी पूरी बात विस्तार में थोड़ा आराम से बता सकती हूँ?

    राज : चलो ठीक है फिर कल दोपहर को तुम मेरे घर पर आ जाओ, में घर पर बिल्कुल अकेला ही रहता हूँ.

    में : हाँ तो फिर एकदम ठीक है, में कल दोपहर को तुम्हारे घर पर आ जाती हूँ हम वहीं पर बैठकर अपनी बात कर सकते है.

    फिर अगले दिन दोपहर को मैंने काली कलर की जींस और गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था उसमे से मेरे बूब्स थोड़े से बाहर दिख रहे थे जिसे देखकर कोई भी मर्द उसे पाने को बैताब हो जाए, मैंने अपने घर से बाहर निकलने से पहले उसे कॉल किया और कहा कि में वहां पर आ रही हूँ और में करीब आधे घंटे में वहां पर पहुंच गई. वो भी मेरा बहुत इंतजार कर रहा था.

    मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि उसका घर बहुत शानदार था उस समय उसकी मम्मी घर पर नहीं थी और पापा बिजनेस के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे. अब में वहां पर पहुंचकर अंदर सोफे पर जाकर बैठ गई. उसने मुझसे पूछा कि चाय या कॉफी क्या चलेगा? मैंने कहा कि चाय चलेगी और अब हम थोड़ी देर इधर उधर की बातें करते रहे और फिर चाय बनकर आई. हमने वो कुछ ऐसे ही बातें करते करते पी ली. फिर उसने अपने नौकर से कहा कि तुम आज अपने घर पर चले जाओ. हमें कुछ जरूरी काम है और अब में उसकी यह बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगी.

    फिर उसने नौकर के बाहर जाते ही दरवाजे को अंदर से अच्छी तरह से बंद कर दिया और बिल्कुल मेरे पास सोफे पर आकर बैठ गया और फिर मुझसे बातों ही बातों में हंसी मजाक करते हुए कहने लगा कि तुमने अपना फिगर शादी के बाद भी बहुत अच्छी तरह सम्भालकर रखा है. तुम दिखने में आज भी बहुत हॉट सेक्सी और सुंदर भी हो. तो मैंने उसे मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा और फिर उसने मुझसे मेरे काम के बारे में पूछा.

    मैंने उससे कहा कि मुझे वो रोड बनाने वाला ठेका चाहिए इसके लिए सरकारी आदमी की मदद की ज़रूर पड़ेगी और उसके बदले में हम उसे कुछ पैसों का भी हिस्सेदार बना सकते है, लेकिन वहां तक मेरे पति की पहुंच नहीं है इसलिए मुझे इस काम को करने के लिए तुम्हारी मदद चाहिए. तुम मिस्टर गिरीश सक्सेना जो यहाँ के बहुत अच्छे सरकारी पद पर है उसे जानते हो इसलिए तुम अगर मेरी कुछ मदद कर सको तो मेरे लिए बहुत अच्छा रहेगा. फिर वो मुझे अब पूरी तरह ऊपर से नीचे तक देखने लगा और उसकी नज़रें मेरे बूब्स पर जैसे ठहर सी गई थी और फिर उसने कहा कि हाँ में तुम्हारी मदद जरुर कर सकता हूँ, लेकिन मुझे इसके बदले में क्या मिलेगा? तो मैंने झट से कहा कि तुम चाहो तो इस काम के बदले में मुझसे कुछ पैसे ले सकते हो.

    वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और फिर कहने लगा कि पैसे किसे चाहिए? और अब वो मेरे बहुत करीब आ गया और उसने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया. में उसकी इस अचानक हुई हरकत से थोड़ी सी हिचकिचाई और बहुत धीरे से बोली कि फिर तुम्हे क्या चाहिए? वो अपने एक हाथ को मेरे पीछे मेरी पीठ पर ले जाकर धीरे धीरे सहलाने लगा. अब मैंने उससे एक बार फिर से पूछा कि प्लीज राज बताओ ना तुम्हे क्या चाहिए? तभी उसने कहा कि तुम.

    दोस्तों में तो उसके मुहं से यह शब्द सुनकर बिल्कुल स्तब्ध ही रह गई क्योंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो मुझसे ऐसा कुछ कहने वाला है या वो मेरे लिए अपने मन में एसी कोई बात छुपाकर रखे हुआ था. में उसके उस शब्द को बहुत देर तक सोचती रही कि में अब इसकी बात का क्या जवाब दूँ? तभी मैंने कुछ देर सोचकर उससे कहा कि में अब एक शादीशुदा औरत हूँ और यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है में ऐसा कभी नहीं कर सकती. तुम अगर चाहो तो मुझसे कुछ और ले सकते हो.

    तभी उसने मेरा यह जवाब सुनकर वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरे कंधे से नीचे उतारने लगा तो मैंने उससे कहा कि राज यह सब ठीक नहीं है. फिर वो झट से बोला कि तुम क्या समझती हो कोई शादीशुदा औरत अपनी शादी के बाद भी मज़े नहीं करती? और उस बीच वो मेरे बूब्स के ऊपर से खुले हुए हिस्से पर अपनी एक उंगली को घुमाने लगा और में उससे कहने लगी कि नहीं यह ठीक नहीं है प्लीज अब बंद करो. तभी उसने मुझसे कहा कि अगर कॉलेज में तुम मेरे अच्छे दोस्त की गर्लफ्रेंड ना होती तो में उसी वक़्त तुम्हे चोद सकता था और तुम्हारे कॉलेज का बॉस भी मुझे हमेशा तुम दोनों की सारी बातें बता दिया करता था और उसने तुम्हे किस किस जगह पर ले जाकर चोदा है, वो सब मुझे भी पता है. दोस्तों अब में उसकी यह सारी बातें सुनकर बिल्कुल हैरान रह गई और में सोचने लगी कि यह मेरी पिछली सारी सच्चाई जानता है और अब अगर इसने मेरे पति को इनमे से कुछ भी बता दिया तो में फंस सकती हूँ.

    में उससे बहुत डरने लगी और फिर थोड़ी हिम्मत करके मैंने उससे कहा कि वो बात अलग है क्योंकि राज तब मेरी शादी भी नहीं हुई थी. तभी उसने बहुत प्यार से आग्रह करते हुए मुझसे कहा कि में इतने बड़े ठेके में तुम्हारी मदद भी तो कर रहा हूँ. मैंने उसके बदले में सिर्फ़ तुमसे थोड़ा सा प्यार ही तो माँगा है और तुम भी बहुत अच्छी तरह उस ठेकेदार की पहुंच को जानती हो और अब उसने बातों ही बातों में मौके का फायदा उठाते हुए मेरे टॉप के ऊपर से मेरे सीधे बूब्स को पकड़ लिया और उसे धीरे से दबाने लगा.

    में : नहीं प्लीज राज अब छोड़ दो, में यह सब तुम्हारे साथ नहीं कर सकती.

    तभी उसने मेरे मुहं को पकड़ा और उसने मुझे होंठो पर एक बहुत हल्का सा किस किया, लेकिन फिर भी मैंने उसका कोई साथ नहीं दिया. में तेज तेज सांसो को लेकर उसे घूरकर देखने लगी. उसने एक बार फिर से एक धीरे से किस किया, लेकिन मैंने फिर भी उसका साथ नहीं दिया. उसने मुझे देखा तो उस समय मेरी दोनों आखें बंद थी और अब में उससे एक और किस की आशा कर रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद किस ना करने पर मैंने आखें खोली तो वो मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था.

    फिर उसने तुरंत ही मुझे एक बहुत लंबा किस किया और अब में भी उसका साथ देने लगी थी. उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में अंदर तक डालकर मुझे कई मिनट तक किस किया. हमारे होंठ बहुत देर तक चूसने की वजह से बिल्कुल लाल हो चुके थे. अब उसने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे टॉप को भी निकालने लगा और कुछ ही पल में उसने मेरी ब्रा को भी उतार दिया अब में उसके सामने सिर्फ़ अपनी जींस में थी और वो भी अब अपनी जींस में था. तभी उसने मेरा एक हाथ उसकी ज़िप पर रख दिया. मैंने भी उसका इशारा समझकर उसकी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर को भी उतारकर फेंक दिया. तब मैंने देखा कि उसका लंड करीब 8 इंच का था और एकदम तना हुआ.

    फिर उसने मुझे बालों से पकड़कर अपना मोटा लंबा लंड मेरे मुहं में डाल दिया और कहने लगा कि मुझे पहले से पता है कि तुम्हे लंड सूचना बहुत पसंद है, मुझे तुम्हारे बॉस ने बताया था. अब में उसके लंड को बहुत देर तक चूसती रही और वो आअहह उहहह्ह्ह करता रहा. फिर वो मुझे अपनी बाहों में उठाकर अपने बेडरूम में ले गया उसने वहां पर जाते ही मेरी जींस और पेंटी को भी उतार दिया और अब मेरी चूत को चाटने लगा. दोस्तों मैंने आज तक ऐसा सेक्स कभी नहीं किया था. वो मेरी चूत को फैल फैलाकर लगातार कुत्ते की तरह चाट रहा था और में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ राज प्लीज अब मुझे छोड़ दो, प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो ऊईईईईईई माँ छोड़ दो मुझे, लेकिन उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी.

    में इस बीच एक बार उसके मुहं में झड़ चुकी थी और वो मेरा पूरा का पूरा चूत रस चाट गया और फिर कुछ देर बाद उसने अपने लंड को चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का झटका दे दिया आअहह उह्ह्ह्हह्ह और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था और अगले ही झटके में उसने पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से में बहुत ज़ोर से चीख उठी उउऊह्ह्हह्ह्ह्हहह आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वो मेरे ऊपर था और स्पीड बड़ाकर मुझे बहुत अच्छे तरीके से चोद रहा था और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे गोद में उठाकर पलंग के कॉर्नर पर बैठ गया और मुझे नीचे जमीन पर लटका दिया. मेरी पीठ और सर का कुछ भाग जमीन को अटका हुआ था मेरे दोनों पैर उसकी कमर के दोनों और से पलंग पर थे और उसने मुझे कमर से पकड़ा था और चोद रहा था.

    मैंने आज तक ऐसी पोज़िशन में कभी भी अपनी चुदाई नहीं करवाई थी. कुछ देर बाद उसने मुझे वापस पलंग पर ले जाकर मुझे लेटा दिया और मेरे दोनों पैर को बंद करके मेरे हाथ के पास ले गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालकर चोदने लगा. तभी मेरे मोबाइल में रिंग बजी उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैंने कॉल रिसीव किया, वो मेरे पति राहुल थे. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या कुछ काम हुआ? तो मैंने उनसे कहा कि हाँ राज हमारी मदद करने को मान गया है और इस वक़्त राज मेरे बूब्स को दबाने में लगा हुआ है. तो राहुल ने कहा कि अच्छा ज़रा राज को दो फोन और फिर मैंने उसे फोन दे दिया और अब में उसके लंड को चूसने, चाटने लगी.

    राहुल : तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद राज कि तुम हमारी मदद करने के लिए तैयार हो गए.

    राज : ओह कोई बात नहीं सब ठीक है ( वो मेरी और देखकर बोला ) आख़िर संध्या आपके लिए इतना कुछ कर रही है, मुझे भी तो तुम्हारी थोड़ी बहुत मदद करनी ही पड़ेगी और फिर वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगा.

    राहुल : तुम तो पहले से ही जानते होंगे कि वो उसके दोस्तों से शुरू से ही कितनी खुश रहती है. वैसे में उन सभी में सबसे ज्यादा किस्मत वाला हूँ जो अब संध्या मुझे चाहती है.

    राज : जी हाँ में उसे जानता हूँ कि संध्या आपकी पत्नी पहले कभी एक बहुत अच्छी लड़की भी रह चुकी है.

    मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर उसकी तरफ मुस्कुरा दिया और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे मोबाइल दे दिया और मुझे लेटाकर मेरे सारे बदन पर किस करने लगा.

    राहुल : संध्या अगर इसके बदले में उसे कुछ चाहिए तो तुम उससे पूछ लेना.

    में : हाँ मैंने उसे सबसे पहले यह सब पूछ लिया, लेकिन उसे अपने दोस्त की मदद करने पर पैसे नहीं चाहिए और इसलिए उसे में कुछ अच्छा सा गिफ्ट दे दूँगी जिसे पाकर वो खुश हो जाएगा.

    राहुल : हाँ तुम्हारा ऐसा करना बिल्कुल ठीक रहेगा, लेकिन उसे कुछ अच्छा सा गिफ्ट देना जिसे लेने के बाद उसके मन में कुछ कमी जैसी बात ना रहे.

    में : हाँ जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. में आज उसे ऐसा गिफ्ट देने वाली हूँ जैसा उसे इससे पहले कभी किसी ने नहीं दिया होगा.

    राहुल : चलो अच्छा अब यह बताओ कि तुम घर पर कब तक आ रही हो?

    में : हाँ मुझे थोड़ी देर और लगेगी क्योंकि हम बहुत दिनों के बाद मिले है तो हम बैठकर कॉलेज की पुरानी बातें कर रहे है इसलिए में थोड़ी सी लेट हो जाउंगी.

    राहुल : ठीक है, वैसे भी कोई जल्दी नहीं है में भी थोड़ा देरी से ही आऊंगा और तब तक तुम मज़े करो.

    में : हाँ मज़े तो में बहुत देर से कर ही रही हूँ.

    राहुल : ठीक है बाय.

    में : बाय.

    फिर उसने मुझे जानवर की स्टाईल में लेकर पीछे से मेरी चूत को अपने लंड से भर दिया और बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और में आआहह उहह ऑश और ज़ोर से चोदो मुझे हाँ चोदो राज बोले जा रही थी. उसने मुझे बहुत देर तक इस तरह चोदा और अब में बहुत थक गई थी और पसीने से एकदम ऊपर से नीचे तक गीली थी. तो वो बोला कि साली कब से में तुझे चोदना चाहता था और तूने कॉलेज में बॉस के अलावा भी कितनो के बिस्तर गरम किए है में वो सब कुछ जानता हूँ, लेकिन तब मुझे ऐसा मौका नहीं मिला. कोई बात नहीं आज में तेरी चुदाई का पूरा मज़ा ले लूँगा और फिर उसने अपने लंड को अचानक से मेरी चूत से बाहर निकालकर अपना सारा गरम गरम वीर्य मेरे चेहरे पर और बूब्स पर डाल दिया और अब में किसी रंडी की तरह दिखाई दे रही थी. में उसके वीर्य को चाट रही थी.

    थोड़ी देर बाद मैंने उसका लंड अपने मुहं में लिया और चाट चाटकर साफ कर दिया और उसके बाद हम दोनों बाथरूम में जाकर एक साथ नहाए और वहीं पर एक बार और चुदाई का मज़ा लिया. इस बार उसने मुझे करीब बीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और ऐसा करते हुए हमे करीब तीन घंटे बीत चुके थे.

    अब मैंने बाथरूम से बाहर निकलकर अपने एक एक कपड़े यहाँ वहां से लेकर पहन लिए थे और फिर उसने मुझसे कहा कि में कुछ ही देर में तुम्हारी मीटिंग मिस्टर गिरीश सक्सेना से फिक्स करवा दूँगा और अब उसने हमारे कॉलेज के बॉस को कॉल किया और कहा कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड आज मेरे पास आई हुई है उसका फिगर अभी भी वैसा ही है बल्कि और भी ज्यादा शानदार हो गया है, आज उसे मेरी ज़रूरत पड़ गयी थी और मैंने भी यार तेरी गर्लफ्रेंड को आज जमकर चोदा और मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आया.

    फिर उसने मेरे हाथ में फोन दे दिया, बॉस ने मुझसे कहा कि वो तुम्हे कॉलेज समय से ही चोदना चाहता था, लेकिन में तुम्हे तब यह सब नहीं बता पाया था. दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर उससे कुछ कह नहीं सकी. फिर उसने कहा कि संध्या तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, मैंने कहा कि मुझे माफ़ करना उस ठेके के लिए मुझे उसकी मदद चाहिए थी इसलिए मैंने यह सब कुछ किया है.

    वो बोला कि तुम बिल्कुल भी घबराओ मत, में जब भी वहां पर आऊंगा तो हम साथ में मज़े करेंगे और मुझे तो तेरे बाकी सारे चक्कर के बारे में भी राज ने बाद में बताया था कि किस तरह तूने कितनों के साथ रातें बिताई थी और किस किसने तुझे चोदा है, मुझे सब कुछ पता है संध्या. उनसे बात करके में थोड़ी नर्वस हो गयी क्योंकि वो मेरा सबसे पहला बॉयफ्रेंड था जिसने मेरी सील तोड़ी थी और फिर में वहां से कुछ देर बाद अपने घर पर वापस आ गयी.

  • जोशी की बीवी चोदी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और आज में आप लोगों को अपनी एक मेरे साथ हुई कहानी सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों में पूना में मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त के साथ एक फ्लेट में किराए से रहता हूँ, हमारे सामने वाली मंजिल में एक कपल रहता है मिस्टर और मिस जोशी वो दोनों पिछले सात सालों से शादीशुदा है, लेकिन उन्हे अब तक कोई बच्चे का सुख नहीं मिल सका.

    दोस्तों मेरी और मिस्टर जोशी की बहुत अच्छी जान पहचान है इसलिए वो मुझे कभी कभी अपने घर पर चाय नाश्ते के लिए बुला लेते है. वैसे व्यहवार में मिस जोशी भी बहुत अच्छी है, वो हमेशा हमे बहुत सारे कामों में मदद किया करती है और वो दिखने में भी बहुत सुंदर है. उनके फिगर का साईज करीब 36-30-36 है.

    दोस्तों में तो उन्हे हमेशा से ही बहुत चाहता था. मैंने जब पहली बार उन्हे देखा तो में तब से उन्हे मन ही मन चाहने लगा था. वो मुझे बहुत अच्छी लगी थी और फिर एक दिन मिस्टर जोशी अपने किसी जरुर काम के लिए दस दिन शहर से बाहर चले गये और ठीक उसी दिन मिस जोशी को अपने घर के किसी काम के लिए बाहर जाना था.

    उन्होंने मुझसे मदद के लिए पूछा तो मैंने झट से उन्हे हाँ कर दिया और फिर में उन्हे अपनी बाईक पर अपने साथ बैठकर ले गया और कुछ घंटो में काम खत्म होने के बाद मैंने उन्हे उनके घर पर छोड़ दिया और में वहां से जाने लगा, लेकिन तभी उन्होंने मुझे अपने घर के अंदर बुलाया. में उनके कहने पर अंदर चला गया. उन्होंने मुझसे कहा कि तुम थोड़ी देर बैठो में अभी अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और फिर कपड़े बदलने दूसरे कमरे में चली गयी, लेकिन वो बहुत देर तक नहीं आई तो मैंने सोचा कि में जाकर देखता हूँ.

    फिर जब मैंने बेडरूम के दरवाजे को धीरे से छुआ तो वो पहले से ही खुला हुआ था और मेरे हाथ लगाते ही आगे की तरफ सरकने लगा और जब मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा तो में वो सब देखकर एकदम चकित रह गया. मैंने देखा कि मिस जोशी पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी और वो अपनी चूत को सहला रही थी. में यह सब कुछ देखकर बिल्कुल हैरान होकर वहीं पर मूर्ति बनकर खड़ा रहा. तभी मिस जोशी ने मेरी तरफ देखा और फिर बहुत प्यार से मुझसे कहा कि आओ ना अमित अंदर आ जाओ, तुम ऐसे बाहर क्यों खड़े हो? तो में बिना कुछ सोचे समझे अंदर चला गया और जाकर बेड पर बैठ गया, लेकिन अब में अपनी आखें उनके हॉट, सेक्सी बदन से हटा नहीं पा रहा था.

    तभी वो खुद उठकर मेरे पास आई और फिर मुझसे पूछा कि क्या तुमने इससे पहले कभी किसी औरत को नंगा नहीं देखा? तो मैंने धीरे से गर्दन को हिलाकर कहा कि नहीं और फिर वो तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हंस पड़ी और उन्होंने एकदम से आगे बढकर मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और तब तक मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो गया था. वो मेरे लंड को छूकर महसूस करके मुझसे कहने लगी कि वाह तुम्हारा तो बहुत बड़ा है.

    मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कहा कि में इस दिन का बहुत दिनों से इंतजार कर रहा हूँ, लेकिन मुझे बहुत डर लगता था और मुझे पता भी नहीं था कि आप भी मुझसे यह सब चाहती है. वो बोली कि फिर अब देर किस बात की? उसने मेरे सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए और जल्दी से मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर वो मेरे लंड को हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. में तो उनके यह सब काम देखकर बहुत हैरान था. मुझे नहीं पता था कि वो मेरे साथ अब यह सब करने वाली है. वो एक रांड की तरह मेरे साथ व्यहवार कर रही थी.

    में उनका पहली बार ऐसा रूप देखकर बहुत हैरान था, लेकिन वो अब कुछ भी मेरे साथ करें मुझे उससे क्या मतलब था? मुझे तो बस बिना कुछ कहे वो सब कुछ मिल रहा था जो में उनसे चाहता था. तभी उसने मेरा लंड मुहं में ले लिया और अब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी में सिसकियाँ लेने लगा आहहह मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और दस मिनट के बाद में उनके मुहं में झड़ गया. मैंने मेरा सारा गरम गरम पानी उन्हें पिला दिया. फिर में उन्हे किस करने लगा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और में उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा तो वो बोली कि हाँ और ज़ोर से चूसो इन्हे उह्ह्हह्ह अहह्ह्ह्ह हाँ थोड़ा और ज़ोर से. में अब बच्चों की तरह उनके बूब्स को चूसने, दबाने लगा.

    वो ज़ोर से सिसकियाँ लेकर बोली कि हाँ उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा और उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ज़ोर से चूसो और उन्होंने मेरा सर उनके बूब्स पर दबा दिया और फिर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्हहहह हाँ अमित जानू हाँ ऐसे ही करो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझे बिल्कुल नीचे आकर उनकी चूत चाटने को कहा तो मैंने नीचे सरककर उनकी चूत को देखा वो बिल्कुल साफ थी और थोड़ी उभरी हुई थी.

    अब में उसकी कामुक चूत को चूसने लगा और में अपनी एक उंगली उनकी चूत में डालकर भी उसे चूसने लगा. तभी उन्होंने मेरा सर उनकी चूत पर दबा दिया और फिर कुछ ही सेकिंड बाद उन्होंने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर छोड़ दिया. में वो सारा पानी पी गया और तब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था. मैंने उनसे पूछा कि कंडोम कहाँ है? तो वो बोली कि नहीं, तुम आज मुझे बिना कंडोम के चोदो क्योंकि मेरे पति मुझे अपने बच्चे कभी भी नहीं दे सकते और आज के बाद वो सब बच्चे मुझे तुमसे चाहिए और इसलिए मेरे पति और मैंने यह सब प्लान किया था.

    में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित रह गया और उनसे पूछने लगा कि यह सब काम मिस्टर जोशी को पहले से ही पता है? तो वो बोली कि हाँ यह हमारा एक सोचा समझा प्लान था, जिसमे तुम्हे मेरे साथ यह सब करना था और अब आगे भी करना पड़ेगा. में उनके मुहं से पूरी बात सुनकर मन ही मन और भी खुश हो गया, क्योंकि मुझे अब किसी के पकड़े जाने की टेंशन नहीं थी.

    फिर मैंने एक ही झटके में मेरा पूरा का पूरा 7 इंच का लंबा और 3 इंच मोटा लंड उनकी चूत में घुसा दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी अमित अहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह तुमने तो मुझे आज मार ही डाला आहहहहह प्लीज थोड़ा धीरे करो हाँ उईईईईईई.

    में उन्हे अब बहुत धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा और अब उन्हे बड़ा मज़ा आ रहा था वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और फिर मैंने कुछ देर बाद अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अब में उन्हे ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्कों के साथ चोदने लगा. तो वो बोली कि वाह मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, हाँ जानू ऐसे ही चोदो मुझे, आज तुम मेरी प्यास को बुझा दो आहहहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और इतना कहते कहते वो झड़ गई, लेकिन में अब तक चोदता रहा और वो इस चुदाई के बीच करीब दो बार झड़ गई थी.

    फिर 30 मिनट की उठा पटक के बाद में भी उनकी चूत में झड़ गया और पूरी तरह से थककर उनके ऊपर लेटा रहा. उसके अगले दस दिन तक हम दोनों ने दिन रात अलग अलग तरह से चुदाई की और अब तो मिस्टर जोशी के होते हुए भी हम उनके घर पर सेक्स का बहुत एंजाय करते है. मिस्टर जोशी भी कभी कभी हमारी चुदाई के मज़े लेते है. दोस्तों उनकी चुदाई में मुझे भी बड़ा मज़ा आता था. मैंने उनको बहुत दिनों तक चोदा और बहुत मज़े किए.