दोस्त की गर्लफ्रेंड को पटा कर चौदा

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रजत है। मैं इंदौर के विजय नगर क्षेत्र का रहवासी हूँ। स्वभाव से में काफी सीधा हूँ। मैं काफी ज्यादा मजाकिया भी हूँ लेकिन मैं किसी के बारे में कभी बुरा नही सोचता हूँ। बस मेरी एक ही कमज़ोरी है मुझे सेक्स के प्रति काफी ज्यादा रुचि है जिस वजह से मैं अक्सर परेशान रहता हूं। आज मैं आपको मेरी एक कहानी बताने वाला हूँ जिसमें मैने अपने ही एक दोस्त की गर्लफ़्रेंड को पटाया ओर उसे बहुत चोदा। चलिये जानते है ये सब आखिर कैसे हुआ?



मेने अपनी स्कूल की 12वी कक्षा पूरी कर ली थी जिसके बाद मेने इंदौर में ही एक बढ़िया से कॉलेज में एडमिशन ले लिया था। कॉलेज में सबकुछ बढ़िया चल रहा था लेकिन यहां की गौरी ओर चिकने बदन वाली लड़कियाँ जो लड़को को पटाने के लिए ही रोज सज धज के कॉलेज आती है, मेरे दिमाग को बिल्कुल खराब ही कर रही थी। कॉलेज की लड़कियों को देखकर मुझे मुट्ठी मारने की भी आदत लग गयी थी जिसकी वजह से में काफी ज्यादा परेशान रहने लगा था।

कॉलेज में 3 महीने बीत जाने के बाद वहां पर मेरा एक अच्छा दोस्त बन गया, जिसका नाम राहुल था। राहुल पढ़ने में काफी अच्छा था और उसकी एक गर्लफ़्रेंड भी थी। लेकिन मैं आज तक उसकी गर्लफ़्रेंड से मिला नही था। एक दिन कॉलेज में ही उसने मुझे उसकी गर्लफ़्रेंड से मिलाया। मेने जैसे ही उसकी गर्लफ़्रेंड को देखा मेरा लंड तो खड़ा होकर सलामी ही देने लग गया था| उसकी गर्लफ़्रेंड का बदन बिल्कुल दूध के जैसा था। उसकी आँखें भूरी ओर गाल एक दम गुलाबी थे। उसके बूब्स ओर गांड भी मस्त बाहर निकलती हुई दुख रही थी। सच मे उसकी गर्लफ़्रेंड काफी ज्यादा लाजवाब थी।

वह राहुल की दो साल से गर्लफ़्रेंड थी। मेने सोचा था मैं भी कोई गर्लफ़्रेंड बना लू लेकिन घर वालों के प्रेशर से कभी सोच भी नही पाया था। बस मुट्ठी मार कर ही मेरी जिंदगी का गुजारा हो रहा था। एक बार राहुल ने मेरे घर आकर अपना फ़ोन देते हुए मुझे कहा कि “ भाई मेरी गर्लफ़्रेंड का फ़ोन आएगा निशा नाम है, जिससे मेने तुझे बुलाया था याद है? उसका फ़ोन उठाकर बोल देना की वो कही गया है बाद में आपकी बात कराऊंगा”।

मेने अपने दोस्त से कहा “ भाई तू कहा जा रहा है?




तेरे भाई ने दूसरी लड़की पटाई है बस उससे ही मिलने जा रहा हूँ – दोस्त ने जवाब देते हुए कहा

इसके बाद राहुल मेरे घर से चला गया था। मुझे यकीन नही हो रहा था कि राहुल इतनी अच्छी लड़की को पटाने के बाद भी दूसरी लड़कियों की तरफ मुंह मारेगा। खैर, मैने सोचा कि मुझे क्या करना? उसकी मर्जी वो जो भी करे। कुछ समय बाद उसकी गर्लफ्रेंड निशा का फोन आया ओर मेने बिल्कुल वैसा ही करा जैसा मेरे दोस्त ने मुझे कहा था।

कुछ दिन बाद मेरी ओर राहुल कि फिर से मुलाकात हुई तभी निशा का फोन आता है। राहुल उस दिन निशा से किसी बात पर झगड़ रहा था लेकिन मुझे कुछ ज़मझ नही आ रहा था। दरअसल, राहुल दूसरी लड़कियों के चक्कर मे निशा से बात नही कर रहा था शायद इसलिए निशा उससे नाराज़ थी।

एक दिन अचानक ही निशा की मेरे फेसबुक पर रिक्वेस्ट आयी। मेने जैसे ही रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की इतने में ही निशा का मैसेज आया, जिसमे लिखा था कि “आप राहुल के दोस्त हो ना?”

हां मैं राहुल का दोस्त हूँ – मेने जवाब देते हुए कहा

मुझे पता था कि निशा मुझसे राहुल के बारे में ही बात करना चाहती है लेकिन वो समझ नही पा रही थी कि शुरुआत कहा से करे इसलिए इधर-उधर की बातें कर रही थी। मेने अभी तक राहुल को इस सब के बारे में नही बताया था, लेकिन मेने सोच लिया था कि मैं निशा को अपने दोस्त के बारे में कुछ भी नही बताऊंगा।



कुछ दिन तक मैं ओर निशा ऐसे ही बाते करने लगे, लेकिन बातों ही बातों में मुझे पता ही नही चला कि कब मुझे निशा से प्यार हो गया था। निशा भी अब मुझसे रोज बातें करने लग गयी थी, जबकि वो अभी भी राहुल से ही प्यार करती थी। एक दिन बातों ही बातों में निशा ने मुझसे राहुल के बारे में पूछ लिया। मुझे निशा से प्यार हो गया था इसलिए मैं भी उससे ज्यादा कुछ छुपा नही सका और मैने निशा को सब कुछ बता दिया कि राहुल कैसा लड़का है और कितनी लड़कियों से बातें करता है।

निशा ने तुरंत ही मुझसे मेरा नम्बर मांगा ओर मुझे कॉल कर दिया। वो कॉल पर राहुल की बातें करते हुए रोने लगी, लेकिन मेने उसे जैसे तैसे कर के समझाया ओर उसे चुप करवा दिया। मैं काफी मजाकिया मिजाज का हूँ इसलिए मैंने कब उसके रोने को हंसी में बदल दिया पता ही नही चला था।

अगले ही दिन निशा ने राहुल से ब्रेकअप कर लिया और मुझसे रोजाना बातें करने लग गयी थी। हंसी मजाक करते हुए मैं उससे थोड़ी अलग बातें भी कर लिया करता था जैसे कि “मुझे किस कब करोगे या ओर भी बाकी सभी बातें कर लेता था”। अब निशा भी मुझसे खुलकर कुछ भी बात कर लिया करती थी।

काफी समय से बात करते-करते निशा मुझसे काफी ज्यादा घुल मिल गयी थी। अब मुझे निशा को चोदने का काफी ज्यादा मन कर रहा था। रोजाना वो अलग-अलग अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़ों में मेरे भूखे ओजार को दावत दिए जा रही थी। काफी कुछ सोचने के बाद मेने पढ़ाई के बहाने से अपने कॉलेज से कुछ ही दूर एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया था। वो घर एक बुजुर्ग इंसान का था, ओर जो घर मेने किराए पर लिया था ठीक उसी के नीचे ही उस बुजुर्ग आदमी का घर था। वह बुजुर्ग आदमी ज्यादातर अपने काम से बाहर ही रहता था, इसलिए मेने उसके ऊपर वाला कमरा किराए से ले लिया था।

एक दिन निशा ओर मैं घूमने गए थे। हर बार किस करते हुए अब हम दोनों का ही मन सेक्स के लिए काफी ज्यादा मचल रहा था। फर्क बस सिर्फ इतना ही था कि निशा मुझसे कुछ कहती नही थी। घूमने के बाद मैं निशा को उस कमरे की तरफ ले गया, जिसे मेने बुजुर्ग इंसान से किराए पर ले रखा था। कुछ समय तो हम दोनों ऐसे ही रूम पर एक दूसरे से बातें करते रहे और मैं धीरे-धीरे मजाक में ही निशा के बूब्स को दबाने लग गया था। वो बार-बार मुझे चिल्लाते हुए कह रही थी “प्लीज छोड़ो मुझे ये सब मुझे अच्छा नही लगता है”। लेकिन मैं बिल्कुल भी नही मान रहा था। कुछ देर बाद मेने निशा को होंठ पर चूमना शुरू कर दिया उसने पहले तो 2 मिनट के लिए मुझे छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन फिर वो भी अपने आप को रोक नही पायी ओर मुझे जोर-जोर से सभी जगह चूमने लग गयी।



मेने निशा को चूमते हुए उसके ऊपर के सभी कपड़े उतार दिए थे। उसे पता भी नही चला कि मेने कब उसके बूब्स को उसके कपड़ों से आजाद कर दिया था। कुछ देर बाद मैं उठकर दूसरे कमरे में गया और वहां पर अपने बैग में रखी हुई हतकड़ियाँ लेकर निशा के पास आ गया। पहले निशा ने कहा “ ये क्या है”। हम ऐसे ही सेक्स कर लेते है।

मेने कहा “इसे बांधने के बाद तुम्हे ओर भी ज्यादा मजा आएगा मेरी जान।” बस इतना ही कहते हुए मेने निशा को पलंग के दोनों सिरे से उसके हाथों को हतकड़ियों से बांधकर उसे पलँग पर ही सुला दिया था। अब निशा के दोनों हाथ बंधे हुए थे इसलिए अब मैं जो चाहूँ उसके साथ कर सकता था। हालांकि, निशा ने मुझे बताया था कि वो राहुल के साथ पहले भी सेक्स कर चुकी है लेकिन फिर भी मैं निशा को एक अलग ही सेक्स का मजा देना चाहता था।

कुछ देर बाद मैं निशा के ऊपर चढ़ गया और मैने उससे पूछा “क्या तुम अभी भी राहुल से प्यार करती हो?

निशा, राहुल को भुला नही पाई थी, इसलिए उसने इसका जवाब हां में दिया। इतने में ही मेने निशा के बूब्स को पीना शुरू कर दिया। उसके मुंह से आह आह की सिसकारियां निकलने लगी थी। उस दिन मैं उसे इतना चोदने वाला था कि उसकी ज़ुबान से राहुल का नाम ही मिट जाने वाला था। कुछ ही देर बाद मेने निशा के बूब्स के ऊपर एक बर्फ का टुकड़ा रखा और उसके बूब्स को चूमते हुए बर्फ का टुकड़ा उसकी पूरी बदन में रगड़ने लगा था। निशा का बदन धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा था, वो चुदने के लिए मानों तड़प सी रही थी।

कुछ देर बाद मैं उसके बूब्स को चूमते हुए नीचे की तरफ गया और उसकी चुद के बीज को चाटने लगा। ओर अपने हाथों से उसकी योनी में उंगली करने लगा। निशा के हाथ बंधे होने के कारण वो काफी तड़प रही थी। उसके मुंह से तेज आउच्च अम्मा ओह्ह हाय मार डाला कि आवाजें आ रही थी। मैं कुछ ही देर में बैठा ओर निशा के मुंह के सामने अपना ओजार लेकर चल गया ओर उसके मुंह मे अपना ओजार डाल दिया। निशा के हाथ बंधे हुए थे इसलिए मेने उसके सर के बालों को पकड़ा और बेरहम तरीके से उसके मुंह में पूरा अंदर तक अपने लंड को घुसेड़ दिया था। उसकी आंखे उपर होने लग गयी थी, जैसे वो आज मर ही जाएगी, इसलिए मैंने फिर से अपने लंड को उसके मुंह से बाहर निकाल दिया था।



आखिरकार, अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नही जा रहा था। मैं निशा की चुद की तरफ बढ़ा और अपने लंड को निशा की योनी की दीवार पर फेरने लगा, इस दौरान निशा की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लग गयी थी। उसके हाथ बंधे हुए थे, इसलिए वो अपने पैरों से अपनी योनी को छुपाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मेने अपने हाथों से उसके पैरों को चौड़ा किया और एक ही झटके में अपना पूरा लण्ड उसकी चुद के अंदर उतार दिया था। इस दौरान निशा की बहुत तेज चीख निकल गयी थी। हालांकि, उसने पहले भी सेक्स कर रखा था इसलिए उसे ज्यादा फर्क नही पड़ा था। मेने निशा की टांगों को उपर कर के लगातार उसकी चुद को चोदे जा रहा था। मेने 15 मिनट तक तेजी से मशीन की रफ्तार में उसकी चुद को चोदा इतने में ही निशा का पानी बाहर निकल गया था। जिसे देखने के बाद जोर-जोर से झटके देने के बाद मेरा भी वीर्य निकल गया, जिसे मेने निशा की चुद के अंदर ही ढोल दिया था।

निशा ने पहले कभी इतनी जमकर चुदाई नही करवाई थी इसलिए पहले तो उनसे मुझसे कुछ दिन तक बात ही नही की थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद निशा ने खुद मुझसे चुदने के लिए फ़ोन लगाया था। अब हम हर महीने 2 से 3 बार चुदाई जरूर किया करते है।

अगर आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर ज़रूर कीजियेगा।

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