Category: मामी – मामा के साथ चुदाई

  • मामा ने चूत सहलाई, mama bhanji ki sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेशमा है और में आपको अपनी लाईफ की रियल स्टोरी बता रही हूँ और ये स्टोरी पढ़कर आप खुद जान जायेंगे कि ये किसी लड़की ने अपनी रियल लाईफ की स्टोरी बताई है. में बचपन से सभी से घुल मिलकर रहती थी. किसी की भी गोद में बैठ जाती थी और किसी भी अंकल के साथ घूमने चली जाती थी. मेरे मम्मी पापा दोनों रेल्वे जॉब में है. मम्मी पापा के ऑफिस जाने के बाद में बिल्कुल अकेली रहती थी, कभी-कभी मामा गावं से आया करते थे. वो मुझे बहुत प्यार करते थे और जब भी आते थे तो बहुत सारी मिठाइयां और चॉकलेट लेकर आते थे. इस बार, वो 1 या 2 साल बाद आ रहे थे और अब मेरी बॉडी में उभार आ गया था और जब से मेरी बॉडी में उभार आया तब से सभी अंकल और भैया लोग मेरी छाती पर ध्यान देते थे.

    फिर हमेशा की तरह में स्कूल से आई और में आकर उनकी जांघो पर बैठ जाती थी. ये बात उस समय की है जब में 12वीं में पढ़ती थी और मेरे मामा की नीयत शायद जब मेरे ऊपर ख़राब नहीं हुई थी. वो नॉर्मली मुझे अपनी जांघ पर 5 से 10 मिनट ही बैठने देते थे और फिर मुझे उतार देते थे. लेकिन इस बार उन्होंने मुझे दोनों हाथों से जकड़ कर रखा था और में भी टी.वी देखने में लगी थी. मुझे हल्की-हल्की गुदगुदी हुई जब वो मेरी जांघ को सहलाने लगे तो में हंसकर बोली मामा गुदगुदी हो रही है. तो मामा ने कहा तू टी.वी देख बहुत अच्छा सीन चल रहा है और में टी.वी देखने लगी, लेकिन फिर उन्होंने अपना हाथ मेरी स्कर्ट के और अंदर डाल दिया. अब वो मेरी पेंटी के ऊपर से सहला रहे थे और में हंस रही थी, मामा हटाओ हाथ मुझे गुदगुदी हो रही है.

    उन्होंने अब धीरे से अपना हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया, लेकिन वो कुछ कर नहीं पायें थे. फिर उन्होंने कहा रेशू एक पैर नीचे करो और मैंने पैर नीचे कर दिया और वो धीरे-धीरे मेरी दोनों टाँगो के बीच में सहलाने लगे. मुझे थोड़ी भी भनक तक नहीं थी कि मामा मेरी बॉडी के साथ कुछ ग़लत कर रहे थे. फिर मुझे थोड़ी देर के बाद दर्द हुआ और टांगे सिकुड़ कर मैंने मामा का हाथ पकड़ लिया और जब मामा ने हाथ निकाला, तो मुझे पता चला कि मामा फिंगरिंग कर रहे थे और फिर मामा ने मेरा ध्यान टी.वी की तरफ कर दिया और धीरे से मेरी पेंटी निकाल दी. फिर मैंने पूछा कि मामा पेंटी क्यों निकाल दी? तो उन्होंने बोला कि काफ़ी गर्मी है ना इसलिए. फिर मामा ने मुझसे कहा कि तुम बहुत डरपोक हो, तो मैंने कहा में डरपोक नहीं हूँ, फिर मामा ने कहा अगर डरपोक नहीं हो तो मेरी ये उंगली अपनी चूत में डालकर दिखाओ, तो मैंने पूछा ये चूत क्या होती है? तो उन्होंने मुझे चूत दिखाई और बोले ये है.

    फिर मैंने कहा ठीक है आप फिंगर डाल लो, फिर मामा धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत के पास लाए और डालने लगे और मुझे जैसे दर्द हुआ तो मैंने टांगे समेट दी. फिर मामा ने कहा कि तुम बहुत डरती हो तो में बोली नहीं डरती हूँ. फिर मामा बोले अगर नहीं डरती तो टांगे खोलकर रखो. फिर में बोली कि मुझे दर्द हो रहा है और मामा बोले धीरे धीरे उंगली करूँगा और अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगे तो नहीं करूँगा. फिर में बोली मुझे अच्छा क्यों लगेगा? जब दर्द हो रहा है तो वो बोले एक बार करके तो देखो.

    फिर मैंने थोड़ी टांगे ढीली की और मामा मेरे पैर फैलाकर चूत को देखने लगे और कहने लगे कि तू बहुत कच्चा माल है. फिर मैंने पूछा क्या? तो वो बोले तुझे बाद में बताऊंगा और ये कहकर वो अपनी जीभ से मेरी चूत को सहलाने लगे. मुझे अजीब सी गुदगुदी हो रही थी, लेकिन उसके साथ-साथ अच्छा भी लग रहा था. अब वो चाट चाटकर मुझे एक फिंगर से फिंगरिंग कर रहे थे. फिर 30 मिनट के बाद वो दो उंगली डालकर फिंगरिंग करने लगे और मुझे अब दर्द हो रहा था, लेकिन मामा मेरे दर्द को नज़र अंदाज़ कर रहे थे और फिर उन्होंने मुझे 2 मिनट के बाद छोड़ दिया.

    अब वो हर दिन स्कूल से आने के बाद मुझे अपनी जांघ पर बैठाकर फिंगरिंग करते थे और में खामोश होकर अपने पैर फैलाए हुए उनके कंधे पर अपना सिर रखकर सोए रहती थी. मम्मी के आने से पहले तक मामा मुझे गोद में लेकर जो मन में आता वो सब करते थे और में सिर्फ़ खामोश रहती थी, जैसे कि कभी-कभी पेंटी उतार कर उंगली से मेरी चूत को फैलाकर के अंदर देखते या फिर मेरी चूत को चाटते थे या फिर मुझसे कहते कि दूध पीना है और में अपनी निपल्स निकाल कर उनके मुँह के पास रखती और वो मेरा पूरा टॉप या फ्रॉक निकाल कर फिर जी भर कर चूसते थे और काटते थे या फिर कभी-कभी मेरे पूरे कपड़े उतार कर मेरे साथ पलंग पर लेटे रहते थे.

    अब मामा मेरी चूत के हर अंग की जानकारी रखते थे और वो जानते थे कि कहाँ तक मुझे दर्द होता है, क्योंकि जब वो फिंगर करते थे तो में कमर ऊपर नीचे करती थी और पैर सिकुड़ कर रखती. फिर वो फिंगररिंग धीरे करते और में चुपचाप पैर फैलाए उनको मनमानी करने देती थी.

    मामा की उम्र 30 साल थी और वो बहुत चालाकी से हर दिन मेरे सेक्स की भूख बढ़ा रहे थे और उनकी जादुई उंगलियाँ मुझे पागल बना रही थी और वो यह अच्छे से जानते थे कि मेरी चूत के साथ कब क्या करना है? कभी कभी तो बिना स्कूल की ड्रेस चेंज किए ही मेरी चूत में फिंगर करने लग जाते थे और में लास्ट पीरियड से स्कूल में मामा को मिस करती थी. अब मामा मुझसे सेक्स करने की प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन मुझे थोड़ी भी भनक नहीं लगने दी. मेरे एक रिलेटिव की शादी थी और मम्मी पापा ने प्लानिंग की हम सब जायेंगे, लेकिन मामा ने मुझसे कहा कि तुम कह दो कि तुम्हारा टेस्ट है और मैंने अपने पापा मम्मी को यही कहा और उन्होंने कहा कि तो तुम अकेली कैसे रहोगी? तो मैंने मामा का नाम लिया और वो मान गये.

    ये मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल थी और वो दिन आ ही गया जिस दिन मेरे पापा मम्मी को जाना था. में सुबह स्कूल चली गयी और उनकी ट्रेन सुबह 10 बजे की थी. फिर में जब स्कूल से आई तो घर में मामा थे और मामा ने मेरे आते ही म्यूज़िक लगा दी और मेरे साथ डांस करने लगे. उनका मुझे छूना बहुत अच्छा लग रहा था, उन्होंने मुझे किस किए. अब वो मेरे बूब्स दबा रहे थे.

    मैंने कहा कि मामा में पहले नहाकर आती हूँ तो वो बोले ठीक है तू नहा ले और में नहाने चली गयी और मेरे नहाते समय मामा ने डोर लॉक किया और मैंने जैसे ही कुण्डी खोली तो वो झट से दरवाजे को धक्का देकर अंदर आ गये और मेरे भीगे बदन को सिर्फ़ पेंटी में देखने लगे. फिर मैंने जब मामा को देखा तो वो पूरे नंगे थे और मेरी नज़र सीधे उनके लंड पर गयी, जो इतना बड़ा था कि मेरी नज़र वहाँ से हट ही नहीं रही थी, मैंने पहली बार मेरे मामा को नंगा देखा था, मामा मेरे पूरे बदन पर साबुन लगा कर मसल रहे थे और बोल रहे थे कि में तुम्हें आज चोदूंगा.

    फिर वो मुझे गोद में उठा कर अपनी साबुन वाली उंगली से फिंगरिंग करने लगे और में पागलों की तरह, आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह कर रही थी. फिर मामा ने शॉवर चालू किया और मुझे फ्लोर पर लेटा दिया और वो मेरे ऊपर आ गये और मेरे होंठ चूसने लगे और बोले सेक्स करूँ? तो मैंने कहा हाँ करो. मामा बोले में आज तेरी सील तोड़ूँगा, लेकिन चिल्लाना मत और ये कहकर मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे और अपने एक हाथ से मेरा सिर पकड़ कर होंठ चूसने लगे और दूसरे हाथ से मामा ने मेरी चूत पर अपना लंड सेट किया और एक शॉट मारा तो मेरी जान ही निकल गयी. में दर्द के मारे तड़प रही थी. फिर मामा ने एक और शॉट मारा तो में अपने दोनों हाथों से उनको धक्का दे रही थी, लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.

    फिर वो थोड़ी देर रुके, तो मुझे लगा कि मामा मुझे छोड़ देंगे, लेकिन उन्होंने फिर से अपने लंड को सेट करके मुझे एक और शॉट मारा. मेरी चूत से खून आ रहा था, ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी दोनों टांगो के बीच में कोई सख्त चीज़ से दनादन वार कर रहा था और मुझे अब समझ में आ रहा था कि चुदाई क्या होती है? में मामा से कह रही थी कि मुझे छोड़ दो.

    मामा ने कहा कि अगर तुझे पूरा अच्छी तरह से नहीं चोदा तो दूसरी बार तुझे दर्द होगा और यह कहकर उन्होंने अपनी बॉडी के पूरे वजन से अपना लंड और अंदर डाल दिया, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. फिर दर्द के मारे मैंने मेरी टांगे थोड़ी ढीली की, तो वो मुझे थैंक यू कहने लगे और वो मुझे वैसे ही शॉट्स मारते रहे. में समझ गयी थी कि मामा जब तक अपने आप नहीं छोड़ेंगे तब तक मुझे ऐसे ही उनके शॉट्स लेने पड़ेगें. अब मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन थोड़ा कम था और ऐसे ही में 20 मिनट तक मामा से चुदवाती रही और फिर मामा ने मेरे अंदर सारा पानी छोड़ दिया.

    अब मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था, फिर मामा मुझे गोद में उठाकर बेड पर ले गये और टावल से मेरा पूरा बदन पोछा और कंबल ओढ़ा दिया और में सो गयी. जब मेरी नींद खुली तो रात के 10 बज रहे थे और फिर मामा ने मुझे जूस दिया और थोड़ी देर के बाद मेरे कंबल में आ गये. अब मामा फिर से मुझे छुने लगे, में समझ गयी कि मामा फिर चोदेंगे और मामा मेरे दूध को धीरे-धीरे दबाने लगे और मेरे होंठ चूसने लगे.

    फिर वो धीरे से मेरे ऊपर आ गये और मैंने उनसे कहा बहुत दर्द होगा, तो वो बोले तेरी सील टूट गयी है और थोड़ा दर्द तो किसी से भी करवाती तो होता. फिर मामा ने मेरे पैर मोड़कर फैला दिए और धीरे से अपना लंड मेरी चूत में रखकर एक शॉट मारा और में बोली अयाया, ऐसा लग रहा था जैसे मेरी दोनों टांगो के बीच में कुछ चीरता हुआ अंदर जा रहा है.

    फिर मामा ने तब तक दनादन शॉट्स मारे जब तक वो पूरा अंदर नहीं कर दिया. फिर हर एक शॉट्स में मुझे साफ साफ एहसास हो रहा था कि वो मेरी टांगो के बीच में कोई चीज़ फाड़ रहे है. ऐसे ही उन्होंने मुझे 20 मिनट तक चोदा और फिर पूरा पानी मेरे अंदर छोड़कर सो गये. फिर जब सुबह हुई तो में चल भी नहीं पा रही थी, लेकिन मामा ने मुझे उसी हालत में सुबह भी चोदा, ये सिलसिला 3 दिन तक चला. जब तक मेरे मम्मी पापा नहीं आए और फिर मामा ने मुझे 1 हफ्ते तक ही चोदा.

    फिर एक रात मैंने 1 बजे मामा को उठाया और कहा जो करना है करो, लेकिन ऐसे मुझसे दूर मत जाओ और उस रात उन्होंने मेरी जमकर चुदाई की. ये सिलसिला अब हर दिन चलता रहा, कभी स्कूल से आने के बाद या फिर रात में और मैंने गौर किया कि मेरे रंग में और निखार आ रहा था और मेरी गांड भी बड़ी हो रही थी, शायद यह सब मेरी चुदाई का ही असर था.

  • चाँदनी रात में मामी की गांड में, mami sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कमल है, मेरी उम्र 22 साल है और बिहार के एक गावं का रहने वाला हूँ और ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है. में 19 साल की उम्र से चूत का खेल खेलने की लालसा रखने लगा था. मेरी पड़ोस की मामी जो मामा की दूसरी बीवी थी, मामा की उम्र ढल रही थी और मामी जवान और सेक्सी दिखती थी. मामा के पहली घरवाली से 3 बच्चे थे, जो अपने चाचा के साथ बाहर शहर में रहते थे. मामी को चोदने की लालसा मेरे मन में काफ़ी दिनों से थी और एक रात मुझे ये मौका मिल ही गया.

    एक रात की बात है गर्मी बहुत थी तो में अपने आँगन में सोने की कोशिश कर रहा था, लेकिन गर्मी और मच्छर की वजह से में काफ़ी परेशान था. यह सब मेरी माँ देख रही थी, फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तू यहाँ नहीं सो सकेगा इसलिए जा और मामी कि छत पर सो जा. मामी का घर पास में ही था तो मैंने भी यही ठीक समझा और मामी के यहाँ सोने चला गया.

    मैंने रात में मामी के दरवाज़े पर आवाज़ दी, तो उसने मेरा नाम पूछा और दरवाजा खोल दिया और मेरे हाथ में तकिया और चादर देखकर बोली कि ओहो छत पर सोने आए हो, जाओ जाकर सो जाओ, आज गर्मी बहुत है. में भी यही सोच रही हूँ कि छत पर ही सो जाऊं. फिर में छत पर चला गया. वहां धीरे-धीरे ठंडी हवा चल रही थी, मुझे जल्दी ही नींद आ गई. रात के 1 बजे अचानक मेरी आँख खुली शायद मुझे ज़ोर की पेशाब लगी थी. में पेशाब करने के लिए जगह देखने लगा तो चाँदनी रात में मामी छत के दूसरे किनारे पर सोती हुई दिखाई दी. फिर में छत के एक कोने में पेशाब करने लगा जहाँ नीचे पानी निकलने के लिए पाईप लगा था.

    फिर में अपनी जगह पर आकर बैठ गया और एक नज़र मामी की तरफ देखा तो चाँदनी रात में मामी गहरी नींद में थी और दोनों पैरो को मोड़ रखा था और हवा की सरसराहट से मामी की साड़ी घुटने पर आ गई थी. अचानक मेरे अंदर का शैतान जागने लगा और दिल में कुछ ज़्यादा देखने की लालसा जाग उठी, में धीरे से उठकर मामी के पास चला गया और उसके मोड़े हुए पैरों के पास बैठकर घुटने तक अटकी हुई साड़ी को घूरने लगा. फिर अचानक ही मेरे हाथ उठे और मामी की साड़ी का किनारा पकड़ कर मैंने कमर तक उलट दिया और मेरी आँखों के सामने मामी की चूत के काले-काले भरे हुए झांट थे.

    मैंने झांट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और झांटो के बीच हाथ फेरते हुए चूत का दर्शन कर ही लिया. फिर क्या था? मेरा लंड बहादुर तनकर खड़ा हो गया, मैंने अपनी एक उंगली से चूत की झिल्ली हटाई और सहलाने लगा. अचानक मामी ने लंबी सांस खींची तो में थोड़ा सा घबरा गया और एक निगाह मामी के चेहरे पर डाली, मगर वो बेसुध होकर पड़ी थी.

    फिर मैंने अपना कार्यक्रम चालू किया और अपना मुँह मामी की चूत पर ले गया, वहाँ से हल्की-हल्की गंध मेरी नाक में आने लगी. फिर मैंने जीभ निकाल कर मामी की चूत के दाने पर फेरने लगा और मामी की झांटो को दोनों उंगलियों से दो तरफ उलेटते हुए, काफ़ी देर तक कभी चूत की झिल्ली और कभी चूत के दरवाजे की लाली को चाटा. फिर मैंने अपनी एक उंगली चूत के अन्दर थोड़ी घुसाई, तो मामी कसमसाई तो में जल्दी से पीछे हट गया. फिर मामी ने करवट ली और लंबी-लंबी साँसें लेने लगी, लेकिन अब मेरे सामने मामी की गांड थी.

    में उसे 5 मिनट तक घूरता रहा और अगले ही पल मेरे हाथ चूतड़ को सहलाने में व्यस्त हो गए. इधर मेरा बहादुर लंड पूरे उफान पर था. फिर मैंने जैसे ही मामी की गांड की दरार में उंगली डाली तो मामी हड़बडा कर उठ गई और झुंझला कर बोली ये सब क्या है? में गड़बड़ा गया और जल्दी से बोला मामी में पेशाब करने के लिए उठा था, तो देखा कि आपकी साड़ी ऊपर उठी थी. बस उसे ही ठीक करने के लिए आपके पास आ गया था. मामी सहम सी गई और बोली ओह ऐसी बात है.

    फिर मैंने अपनी मामी के चेहरे को पढ़ा और बोला कि मामी अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ. फिर मामी ने इरादे को समझते हुए कहा बोलो. फिर मैंने कहा मामी आपके चूतड़ बहुत मस्त है, ऐसे तो मैंने किसी कुँवारी लड़की के भी नहीं देखे. फिर मामी ने शर्माकर कहा कि भाग और में समझ गया कि मेरा तीर सही निशाने पर जा रहा है.

    मैंने कहा कि सच मामी देखो ना तुम्हारी खुली गांड देखकर मेरे लंड का क्या हाल है? और झट से मैंने अपना 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड खोलकर मामी के सामने कर दिया. ये देख पहले तो मामी ने नाटक किया और फिर उसकी आँखों में भी मैंने सेक्स की चमक साफ देखी और हिम्मत करके लंड को उसके होठों तक ले गया. फिर क्या था? उसने भी लॉलीपोप समझकर चूसना शुरू कर दिया, फिर 5 मिनट के बाद हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे का चाटने और चूसने लगे.

    फिर 10 मिनट के बाद लंड और चूत ने हल्का-हल्का पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, मामी मस्त होती गयी और फिर उसने कहा कि जल्दी से चोदो ना और मैंने सीधा होकर मामी के दोनों पैरो को फैलाया और उनके काले-काले झांटो के जॅंगल को दूसरी साईड में उलट कर चूत के दरवाजे से रिसते हुए पानी को अपनी उंगली से चूत के किनारे वाले भाग पर लगा दिया और अपना 7 इंच का लंड अंडरवेयर से आज़ाद कर दिया. फिर अभी लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा ही था कि मामी ने आह्ह्ह करके मुझे जकड़ लिया. फिर कुछ देर तक अपने लंड को चूत पर रगड़ने से मेरे शरीर में भी झंझनी होने लगी थी और मामी की चूत भी इसे अंदर तक लेने के लिए व्याकुल थी.

    मैंने लंड को एक धक्के में अंदर धकेल दिया, तो मामी के मुँह से आह आह निकलने लगी थी और मेरा लंड पूरा का पूरा मामी की चूत में घुस गया. फिर में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा तो उसने अपने चूतड़ भी उछालने शुरू कर दिए थे.

    फिर मैंने मामी के दोनों पैंरो को अपने कंधे पर रख लिया और उनके बूब्स के निपल को उंगलियों से मसलना शुरू कर दिया, मामी दर्द से हल्के-हल्के कराह रही थी. फिर में मामी के पपीते जैसे बूब्स को ज़ोर से दबोचकर ज़ोर से दबा रहा था और मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए और लगातार मामी को चोदने लगा. फिर वो मुझसे कसकर लिपट गयी और गांड को झटके दे देकर चुदवाने लगी और बोले जा रही थी कि बहुत अच्छा लग रहा है, चोदते रहो और ज़ोर से चूत मारो, मेरी चूत फाड़ दो.

    मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए और 10 मिनट के बाद मामी की चूत में ही झड़ गया और वो भी निढाल होने लगी और फिर में मामी के ऊपर से उठकर उनके बगल में लेट गया. फिर मामी धीरे से बोली तुम बहुत शरारती हो, तो मैंने कहा मामी दिल तो तुम्हारा भी था. तो उसने कहा क्या करूँ? तुम्हारे मामा मुझ पर ध्यान नहीं देते, बूढ़े जो हो चले है. आज तुम्हारी चुदाई से में संतुष्ट हुई हूँ.

    फिर 15 मिनट के बाद में और मामी फिर एक दूसरे का लंड चूत को सहलाने लगे. मामी की चूत गीली थी, तो मैंने साफ करने को कहा तो वो बोली कि पेशाब करके आती हूँ और फिर आज रात तुम मुझे जी भर के चोदना. में भी तैयार हो रहा था और जब वो पेशाब करने गई, तो में अपना लंड हाथों से सहलाकर चोदने को तैयार करने लगा. इस बार मैंने मामी को हर स्टाईल से चोदने की सोच रहा था और मैंने वैसा ही किया और सुबह के 4 बजे तक मामी को 3 बार चोदा और पूरा नंगा करके हर स्टाइल से जमकर चुदाई की.

  • मामा की लड़की की धमाकेदार चुदाई कहानी

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम आर्यन है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 6 फीट है और में बहुत अच्छे दिखने वाले शरीर का मलिक हूँ, मेरा रंग गोरा है और सब कुछ एकदम फिट और ठीक है. दोस्तों यह बात आज से करीब 7 या 8 साल पहले की है, मेरे घर पर में, मेरे दो छोटे भाई और मेरी मम्मी रहती थी और हम लोग घर पर अधिकतर समय अकेले ही रहते थे, क्योंकि मेरे पिता जी आर्मी में होने की वजह से हमेशा बाहर ही रहते थे और साल में एक महीना ही घर पर रहते थे. में 12th में था और उस वक़्त मेरी उम्र करीब 18 या 19 साल की होगी और उस समय एक दिन मेरी मम्मी की तबियत अचानक खराब हो गयी और हमारी कोई बहन या किसी और औरत के घर में ना होने के कारण हम बहुत परेशान थे.

    तब एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे मेरे मामा जी की लड़की को लेकर आने के लिए बोला. तो मैंने मामी जी को फोन करके अपने घर का सारा हाल बताया तो मामी जी ने भी अपनी लड़की को मेरे साथ भेजने के लिए हाँ कर दी और फिर अगले दिन में अपनी बाईक लेकर अपनी बहन को लेने अपने मामा जी के घर पर चला गया और शाम तक उसे अपने साथ लेकर वापस आ गया और उधर माँ के बारे में पता चलने पर मेरे पिता जी भी तब तक घर पर आ गये थे और तब हमारे घर की कुछ स्थिति सुधरी हुई नज़र आई और अब हम सब बहुत खुश लग रहे थे, लेकिन तीन कमरे होने की वजह से मम्मी, पापा एक कमरे में और हम तीनों भाई एक बेड पर और मामा की लड़की एक अलग चारपाई पर हमारे ही कमरे में सोती थी और फिर ऐसे ही दिन कट रहे थे.

    तो दोस्तों 4 या 5 दिन बाद मेरे साथ एक ऐसी घटना घटी कि जिससे मेरा दिल और दिमाग़ दोनों ही हिल गये, मेरे मामा जी की लड़की मुझसे एक साल बड़ी है और उसका रंग मेरे जैसा और उसका फिगर एकदम मस्त था. तो एक दिन जब हम सब सो रहे थे तो अचानक देर रात को मेरी आँख खुली और मुझे लगा कि जैसे कोई मुझे आवाज़ दे रहा है और मैंने जब उठकर देखा तो पाया कि मेरी बहन मुझे धीमी धीमी आवाज़ में पुकार रही थी. तो मैंने बहुत हैरान होकर इधर उधर देखा सभी सो रहे थे तो मैंने उससे पूछा क्या बात है सब ठीक तो है ना? तो उसने धीरे से अपनी आखें खोली और कहा कि हाँ सब कुछ ठीक है और अब दोस्तों इसके आगे की कहानी कुछ इस तरह थी.

    बहन : आर्यन क्यों नींद आ रही है?

    में : जी, नहीं दीदी.

    बहन : क्या में एक बात बोलूं?

    में : हाँ बोलो ना क्या बात है?

    बहन : क्या में तुम्हे एक किस कर सकती हूँ?

    में : लेकिन क्यों?

    बहन : बस ऐसे ही आज मेरा बहुत दिल कर रहा है.

    में : लेकिन आपका दिल ऐसा क्यों कर रहा है?

    बहन : क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो.

    में : क्या तुम मेरी परीक्षा ले रही हो?

    बहन : ऐसा नहीं है.

    तो में अब बहुत हैरान था और इस तरह हमारी बातचीत चलती रही और एक लड़का और वो भी जवान आख़िर कब तक में अपने आप को रोक पता और आख़िरकार मैंने हाँ कर दी. में अपने आपको नहीं रोक पाया और उसे थोड़ा खिसकने के लिए बोला और में भी उसकी चारपाई पर चला गया और तब उसने मुझे माथे पर एक किस किया और गौर से मुझे देखने लगी. तो मैंने कहा कि क्यों बस हो गया? तो वो बोली कि हाँ तो मैंने कहा कि लेकिन में तो अब तुमसे कुछ और भी चाहता हूँ. तो वो बोली कि क्या? और इतना कहते ही मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और लिप किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, लेकिन कुछ ही मिनट के लिप किस करते करते मेरे शरीर में एक आग सी लगाने लगी और मैंने उसके पूरे शरीर को चूमना और सहलाना शुरू कर दिया और वो तो पहले से ही गरम थी वो मेरे साथ मजे लेने लगी और करीब दस मिनट बाद हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे.

    तो मैंने अब एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे और कुछ ही मिनट की देरी बाद उसके बड़े ही आकर्षित बूब्स उसकी ब्रा में मेरे सामने झूलने लगे. में उन्हें देखकर और भी जोश में आने लगा. मेरे लंड ने अब उसके जिस्म को देखकर सलामी देकर झटके देने शुरू कर दिए और उसके जिस्म को देखकर मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सा जोश आने लगा और फिर में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने, दबाने लगा और चूत में ऊँगली करने लगा मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम और गीली जोश से भरी हुई थी. वो अब सिसकियाँ लेने लगी थी और मैंने महसूस किया कि मेरी ही तरह उसका भी यह पहला अनुभव था इसलिए उसे मेरे ऐसा करने से बहुत मज़ा और जोश आ रहा था. वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून से निशान करने लगी और में अपना काम.

    हम दोनों अब अपने आपको ज़्यादा देर तक नहीं रोक पाए और मैंने फटाफट अपने कपड़े भी उतार फेंके और उसे एकदम सीधा लेटाकर उसके दोनों पैर अपनी कमर के दोनों लिए लपेट लिए और अपना लंड जो कि किसी लोहे के गरम सरीए की तरह टाईट था. तो मैंने उसकी चिकनी चूत के मुहं के ऊपर अपना लंड रखा और कम से एक हल्का सा धक्का मारा तो लंड फिसलकर नीचे चला गया और मैंने फिर से दोबारा लंड, चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का झटका मारा जिससे उसके मुहं से हल्की सी चीख निकल गई और वो मेरे नीचे से निकलने की कोशिश करने लगी. मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी, लेकिन मैंने उसे कसकर जकड़ लिया और उसे समझाया कि पहली बार थोड़ा दर्द होगा, लेकिन उसके बाद मज़ा भी बहुत आएगा और मेरे बहुत समझाने के बाद तब जाकर वो थोड़ा शांत हुई मुझे उसकी आखों में सहमती नजर आने लगी.

    फिर जब मैंने नीचे देखा तो अभी तक मेरे लंड का सिर्फ़ टोपा ही अंदर गया था और पहले कुछ देर तक तो मैंने थोड़ी देर उसे किस किया और उसके सही होने के बाद उसके होंठो को अपने होंठो में जकड़ लिया और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा, जिससे मेरा 7.2 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ उसकी चूत की गहराई में समाता चला गया, लेकिन वो दर्द से बहुत छटपटा रही थी.

    मैंने उसके पूरे शरीर को सहलाना शुरू किया और फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से खून निकल रहा था इसलिए मैंने अपनी बनियान उसकी चूत के नीचे रख दी, जिससे नीचे के कपड़े खराब ना हो और कुछ देर बाद जब वो शांत हुई तो वो भी अब मेरा साथ देने लगी और वो मेरी ही स्पीड से अपने चूतड़ को उछाल रही थी और अब हम दोनों सब कुछ भूलकर चुदाई का आनंद ले रहे थे और वो लगातार आआहहउुउऊहह आहीईईईईईईईईईईई मेरी जान निकालकर ही छोड़ना आईीईईईईईईई में मर गई आआआईईईईईईई की आवाज़ें करके सिसकियाँ ले रही थी और जिससे मेरा जोश और भी बढ़ता ही जा रहा था और हमे ऐसे ही चुदाई करते करते करीब 15-20 मिनट हो गये थे.

    तो जिसमे वो एक बार झड़ चुकी थी, लेकिन अब मेरी रफ़्तार और तेज होने लगी थी और में अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाला था और अब हमारी पकड़ भी एक दूसरे पर तेज होने लगी और हमें इतना मज़ा आ रहा था कि में झड़ने वाला था तो मैंने इतना भी ध्यान नहीं दिया कि अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लूँ और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और मुझे इतना मज़ा आया, इतना मज़ा आया कि में उसे अपने शब्दों में भी बयान नहीं कर सकता, लेकिन मेरे साथ साथ उसने भी चुदाई का पूरा मज़ा लूटा.

    हम दोनों ऐसे ही दस मिनट थककर लेटे रहे. में दोनों बूब्स को धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगा और फिर कुछ देर के बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे, जिससे हम फिर से एक बार चुदाई के लिए तैयार थे और फिर हमने उस रात तीन बार चुदाई की, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब हो गये और फिर हमारी चुदाई का दौर शुरू हो गया.

  • मामी और उसकी बेटी को एक साथ चोदा

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशान है और मेरी उम्र 24 साल है. में पुणे का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आपको मेरी मामी अंजू और मामी की लड़की निक्की के साथ चुदाई का अनुभव बताने जा रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुये सीधे कहानी पर आता हूँ. में इंजीनियरिंग Ist ईयर का स्टूडेंट हूँ. यह बात मेरी छुट्टियों की है..

    यह बात ऐसे शुरू हुई कि छुट्टियों के दौरान मैंने अंजू मामी को और निक्की को बहुत बार चोदा था.. लेकिन दोनों को साथ में चोदने का मौका तो नहीं मिला था. में उसी मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. वैसे तो 12वीं क्लास में अच्छे मार्क्स लाने की वजह से मेरा दाखिला इंजिनियरिंग कॉलेज में हुआ था और मैंने पास की सिटी में कॉलेज जॉइन किया था.

    फिलहाल कॉलेज पर आना जाना चालू हुआ.. वो कॉलेज मेरे मामा के घर के नज़दीक में ही था.. तो जब भी मुझे अवसर मिलता था तो में मामा के घर चला जाता था. दोस्तों एक बार निक्की को चोदते वक़्त मेरी अंजू मामी मतलब उसकी मम्मी ने देख लिया था और बाद में मैंने अंजू मामी के साथ भी ट्रेन में सेक्स किया था.. तो एक दिन ऐसे ही दोपहर में मामा के घर पहुँचा. शनिवार का दिन था..

    दोपहर के 2 बजे घर पहुँचा. घर में निक्की उसके रूम में अपनी चूत को सहला रही थी और मुझे बार बार फोन करके घर पर सेक्स करने को बुला रही थी. फिर जब में पहुँचा.. तो निक्की एक केले को अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी.. साथ ही साथ ब्लू फिल्म देखना भी जारी था. फिर में जैसे ही रूम में गया. मैंने सीधे जाकर निक्की के बेड पर उसे लंबा किस किया और उसके बूब्स दबाने लगा.. वो सेक्स की भावना से तड़प उठी और में उसे किस करता रहा और वो अपने एक हाथ से केले को उसकी चूत में डाल रही थी.

    फिर बाद में मैंने उसके हाथ से वो केला लिया और केले को खाने लगा और कुछ केला उसे भी खिला दिया. उसके बाद उसने सिर्फ नाईटी पहना हुआ था. फिर मैंने उसकी नाईटी को उसके शरीर से अलग कर दिया. अब निक्की मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. फिर में उसके बूब्स को चाटने लगा और एक हाथ से बूब्स दबाने लगा.. साथ ही साथ निक्की अपनी चूत पर मेरे लंड को सहलाने लगी. मुझे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने निक्की को बोला कि जाओ और अपने घर के गेट को लॉक लगा के आओ.. तो वो बोली कि आज माँ यानि अंजू मामी बाहर गयी है और जल्दी आने वाली नहीं है.

    फिर में गेट बंद करने बाहर गया.. तो मैंने अंजू मामी को फोन लगाया और बोला कि अंजू किधर है.. तो अंजू मामी ने रिप्लाई दिया कि वो किसी मीटिंग में व्यस्त है. फिर मैंने उससे बोला कि में अभी तुम्हे चोदना चाहता हूँ.. तो अंजू मामी बोली कि तुम इंतज़ार करो.. में 15 मिनट में घर आती हूँ.. तो में मन ही मन में बहुत ही खुश हो गया. आख़िरकार वो दिन आ ही गया कि जिस दिन में दोनों को साथ साथ चोदने का आनंद लेने वाला था और में गेट बंद करके अंदर आ गया. उस टाईम गेट की दूसरी चाबी अंजू मामी के पास थी.

    फिर मैंने अपने सेल फोन से उसे मैसेज किया कि में आज तुम दोनों माँ–बेटी की चूत फाड़ने वाला हूँ.. तो वहां से अंजू ने रिप्लाई किया कि में तैयार हूँ और फिर में अंदर आकर निक्की के पास बैठा और निक्की ने कुछ रोमेंटिक गाने चालू कर दिए और हमने साथ साथ डांस भी किया.

    उस दौरान 15-20 मिनट गुजर चुके होंगे.. तो अंजू मामी भी घर पहुँच गयी और वो अपने साथ कुछ खाने के लिए पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आई थी. आज अंजू अपनी बेटी के साथ मुझसे चुदने वाली थी.. वैसे तो निक्की इस बात से पूरी तरह अंजान थी कि में उसकी माँ अंजू को भी चोद चुका हूँ.. तो जैसे ही अंजू घर में अंदर आई.. तो उसने मुझे मिस कॉल कर दिया. उसके मिस कॉल को देखकर में समझ गया कि अंजू घर में आ चुकी है.. तो में पानी पीने के बहाने अंदर किचन में चला गया.. वहां जाते ही मैंने अंजू मामी को एक जोर से किस कर दिया. फिर उसने पूछा कि निक्की किधर है. फिर मैंने कहा कि तुम्हारी गुड़िया अंदर है.. तो हमने मिलकर एक प्लान बनाया कि निक्की को चोदते समय अंजू मामी हमे रंगे हाथ पकड़ेगी और बाद में कुछ तो सजा देगी.

    फिर यह प्लान बना के में अंदर चला गया.. मेरे अंदर जाते ही निक्की ने मेरी जीन्स निकाल दी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और लंड मुँह में लेकर आइसक्रीम जैसे चाटने लगी और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी और अपनी चूत पर वैसलीन लगा लिया और मेरे लंड पर भी वैसलीन लगा दिया. अब निक्की मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा एक झटके में निक्की की चूत में डाल दिया और जोरदार धक्के देने लगा. उस दौरान प्लान के मुताबिक अंजू मामी अंदर आ गई और सेक्स करते दौरान कुछ टाईम में पकड़े जाने से निक्की हड़बड़ा उठी और उसने जल्दी से उठकर अपनी नाईटी पहन ली. अंजू मामी हम दोनों को डांटने लगी.. उसकी इस हरकत से निक्की रोने लगी.

    में निक्की के पास गया और उससे अपनी बाहों में पकड़ लिया.. निक्की ने मुझे दूर कर दिया. अब अंजू मामी मुझे बोली कि में अभी तुम्हारी शिकायत तुमारे मामा और निक्की के पापा से करती हूँ. यह सुनकर निक्की की तो अब पूरी फट चुकी थी.. मेरे मामा स्वभाव के बहुत ही तेज थे और यह सुनकर दोनों को मार सकते थे. फिर मैंने प्लान के मुताबिक अंजू मामी को झूठी रिक्वेस्ट की और बोला कि वो ऐसा कुछ भी ना करे.. आप दूसरी कोई भी सजा दोगे तो वो हमें मंजूर है.. तो अंजू आंटी ने निक्की को डांटते हुये पूछा कि कबूल है? तो निक्की भी बोली कबूल है..

    फिर अंजू मामी ने मुझसे कहा कि यहाँ मेरे नज़दीक आओ.. तो में मामी के नज़दीक पहुँच गया.. फिर अंजू मामी ने मुझे कहा कि मेरे कपड़े उतारो. यह सुनकर निक्की हैरान हो गयी.. वैसे मैंने झट से अंजू मामी की साड़ी उसके बदन से उतार दी. बाद में उसने कहा कि मेरे ब्लाउज को अपने हाथ से खोलो. यह सुनकर निक्की के बूब्स दो गुना बड़े हो गये.. वो चुपचाप सब देख रही थी. फिर मैंने अपने हाथ से एक एक करके उसके ब्लाउज के हुक खोलना चालू कर दिया. इस दौरान अंजू मामी ने निक्की को डाटते हुये कहाँ कि उसकी नाईटी उतार दिया जाये.. तो निक्की ने झट से अपनी नाईटी उतार दी.

    अब मैंने भी उसके ब्लाउज के हुक खोल दिये. बाद में अंजू ने मुझे नज़दीक बुला के मेरे लिप्स पर किस कर दिया और मुझे ऑर्डर दिया कि जो तुम्हारा और निक्की का चुदाई प्रोग्राम चल रहा है.. वो चालू कर दो. फिर में निक्की के पास पहुँच गया. निक्की अब पूरी तरह से हैरान हो गयी थी.. उसकी माँ को क्या हो गया है? लेकिन वो ऑर्डर फॉलो करने के अलावा कुछ कर नहीं सकती थी.. वो झट से अपने बेड पर लेट गयी.

    मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. हमारा सेक्स प्रोग्राम निक्की के बेड पर चल रहा था.. वहां अंजू मामी पहुँच गयी. उसने अपनी ब्रा और पेंटी निकाल दी और अपनी गुड़िया की चुदाई देख के अपनी चूत में उंगली करने लगी. उसने मुझे ऑर्डर दिया कि उसकी ब्रा निकाल दो. फिर मैंने निक्की को चोदने के दौरान उसकी ब्रा को निकाल दिया और अंजू के बूब्स को चाटने लगा. अब निक्की को कुछ समझ नहीं आ रहा था. वैसे तो मेरा वीर्य उसकी चूत में निकलने ही वाला था.. तो अंजू मामी ने झट से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और में भी निक्की को किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा.. बाद में और अंजू मामी दोनों हंसने लगे.

    अब मैंने खुद ही सब सच्चाई निक्की को बता दी कि कैसे मैंने उसकी माँ को चोदा. यह सुनकर उसके मुँह पर भी एक चमक सी छा गयी. अब दोनों माँ-बेटी एक दुसरे को हग करने लगे. अब मेरा लंड दोनों की चूत और गांड मारने के लिए तैयार था.. वैसे तो अंजू मामी और निक्की दोनों ही सेक्सी टाईप की थी और दोनों ही मुझसे चुदने के लिए हमेशा तैयार थी.

    फिर हम तीनों लोगों ने साथ में पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक शेयर की. हम तीनो नंगे ही थे. अब निक्की मेरे लंड को चूसने लगी और में अंजू मामी को किस करने लगा. निक्की के चूसने के बाद मैंने अपना लंड अंजू मामी की चूत में डाल दिया और उसके क्रॉस साईड को अंजू मामी की गांड के बिल्कुल पास गांड करके निक्की को खड़ा कर दिया. अब इसकी वजह से निक्की और अंजू मामी की चूत बहुत ही नज़दीक आ गयी.. तो में एक शॉट निक्की की चूत में मेरा लंड डालता और दूसरा शॉट अंजू मामी की चूत में डालता.. इससे दोनों को भी बहुत ही मज़ा आता.

    अब निक्की अपनी गांड में उंगली करने लगी और अपनी उंगली को सूंघने लगी.. वैसे ही मामी ने भी करना शुरू कर दिया. दोनों की चूत मारने के बाद मैंने अंजू मामी को डॉगी स्टाईल में करके उनकी गांड मारी.. जिससे वो बहुत ही खुश हो गई थी. फिर मैंने निक्की की गांड भी उसी स्टाईल में मार दी और वो दोनों भी मेरी चुदाई से बहुत ही संतुष्ट हो चुकी थी. अब हम तीनों मिलकर रोज सेक्स धमाका करते है.

  • मामी की चूत की प्यास बुझाई

    हैल्लो दोस्तों, में आपके लिए लाईफ की रियल स्टोरी फिर ले आया हूँ. दोस्तों में अपनी माँ को चोदता था. फिर एक दिन हम वहाँ से मेरे मामा के गावं चले गये. वहां जाते वक़्त माँ ने कहा कि ये सब वहाँ पर नहीं चलेगा. ये सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया. फिर हम मामा के गावं पहुँच गये थे. मामा हमें रेल्वे स्टेशन पर लेने आ गये. जब हम घर पहुंचे तो देखा कि मामी हमारी राह देख रही है.

    उस दिन हमने थोड़ी बातें की और सो गये, जैसा कि मेरी माँ ने मुझे कहा था कि मुझे वहाँ माँ के साथ कुछ नहीं करने को मिलेगा. में उदास हो गया था. फिर मैंने कैसे-कैसे करके 2 रातें काटी, लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था. फिर में माँ के पास गया और कहा कि मुझे आपसे कुछ बात करनी है. वहाँ मेरी मामी भी थी. मैंने माँ से कहा कि मुझे आपसे अकेले में कुछ बात करनी है तो मामी ने मुझे स्माइल की और कहा कि क्या बात है? माँ से अकेले में बात करनी है अच्छा कर लो, में जाती हूँ.

    फिर मैंने दरवाजा बंद कर दिया और माँ को कसकर पकड़ लिया और लिप पर ज़ोर का किस किया और कहा कि माँ मुझसे रहा नहीं जाता, मुझे एक बार आपकी चूत चाटने दो. तभी माँ बोली और मुझे खुद से अलग कर दिया, फिर मैंने माँ को कसकर पकड़ा तो माँ बोली और एक हफ्ते की बात है. फिर मैंने माँ से कहा पर एक बार किस तो दे सकती हो ना, तो माँ ने स्माइल की और मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया और किस करने लग गई और 2 मिनट तक़ किस करने के बाद माँ ने खुद को संभाला और मुझे कहा अब बस हो गया.

    फिर में भी इसी में मान गया और दरवाजा खोलकर बाहर आया तो मामी कुछ काम नहीं कर थी. फिर उसने पूछा कि हो गई माँ से बात, तो मैंने कहा कि हाँ थोड़ी हुई है. फिर में खेलने के लिए बाहर चला गया. वहां मुझे मेरा पुराना दोस्त मिला. वो तब का दोस्त था जब में गावं आता था और जब में चोथी क्लास में था. अब वो मेरे आगे था. फिर मैंने उसे हाय किया तो उसने भी मुझे पहचान लिया और उसने भी मुझे हाय किया और हम दोनों पूरे गावं में घूमे. वहाँ हमारी ऐसे ही बातें हो रही थी. तभी मैंने वहां देखा कि एक औरत अपने कपड़े बदल रही थी, तो मुझे वो देखकर मेरी माँ की याद आ गई. मेरा दोस्त जिसका नाम बबन था हम दोनों ने वो नज़ारा देख लिया और बाद में हम दोनों के बीच में सेक्स की बातचीत होना चालू हो गई.

    फिर मैंने कहा यार इस औरत के मस्त थे ना, एक बार ये चोदने को मिल जाती तो मज़ा आ जाता. बबन बोला कि ये तो कुछ नहीं गावं के बाहर इससे भी मस्त-मस्त आइटम है. फिर मैंने कहा तुझे कैसे पता? तो बबन बोला कि मैंने 4 लड़कियों को चोदा है तो में जानकर भी अंजान बना रहा और उससे पूछा कि तुझे क्या मज़ा आया था? तूने कैसे चोदा था? तो बबन बोला कि उनका एक आदमी गावं के बाहर बैठता है, उसे 100 रुपए देकर वो नई-नई लड़की और औरतों से चुदाई करवाता है. में आज भी वहां जाने वाला हूँ.

    मैंने कहा कि अरे में भी आऊंगा, लेकिन वो बोला कि वो शाम के 7 बजे वहाँ आता है और एक गावं में जगह बताता है, वहाँ आइटम खड़ी रहती है और वहाँ जाकर चोदना पड़ता है. फिर में झट से घर आया और माँ से कहा कि आज में बबन के जा रहा हूँ और वापस आते-आते देर हो जायेगी. मेरे साथ बबन भी था तो माँ ने हाँ कहा और हम एक साथ चले गये. हम वहाँ 15 मिनट जल्दी पहुंच गये थे. फिर वहां एक लंबा सा आदमी साईकिल पर आया.

    फिर बबन आगे गया और उसने उसे कुछ पैसे दिए और कहा कि मेरे दोस्त को आइटम चाहिए तो उसने बबन के कान में कुछ कहा. फिर बबन मेरे पास आया और मुझसे कहा कि सिर्फ़ तुझे वहाँ अकेला जाना होगा, वो आइटम नदी के उस पार आ जायेगी. मैंने बबन से कहा कि में तुझे 9 बजे यहाँ पर ही मिलूंगा और तू साईकिल लेकर आ जाना. फिर में पुल पार करके नदी के उस पार पहुँच गया. वहां एक झोपड़ा था और बाहर एक दिया जल रहा था.

    मुझे बबन ने कहा था कि अंदर जाने से पहले चार बार दरवाजे को बजाना तो मैंने वैसा ही किया तो अंदर से आवाज़ आई अंदर आ जाओ. फिर जब में अन्दर गया तो एक औरत बेड पर मेरी तरफ पीठ करके बैठी थी. अब मुझसे रहा नहीं गया. अब मुझे उसकी पीठ में अपनी माँ दिखाई दे रही थी तो मैंने उसे झट से पीछे से पकड़ लिया और उस झोपड़े में लाईट नहीं थी सिर्फ़ दिए जल रहे थे, लेकिन उस औरत की खूबसुरती उसमें भी बहुत अच्छी लग रही थी.

    फिर मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसका चेहरा देखना चाहा तो मैंने झट से उसे छोड़ दिया और उठकर बाजू में खड़ा हो गया. फिर थोड़ी देर के लिए वो भी डर गई थी. फिर हम एक दूसरे को देखते ही रहे, क्योंकि जिसे में चोदने आया था वो मेरी मामी थी. फिर थोड़ी देर तक़ हम एक दूसरे के चेहरे ही देखते रहे. अब मेरे मुँह से कुछ निकल नहीं पा रहा था. फिर करीब 10 मिनट के बाद मैंने मामी से पूछा आप यहाँ कैसे? लेकिन आपको ये सब करने की क्या ज़रूरत है? तो मामी थोड़ी शर्म के मारे झुकी और कहा कि तेरे मामा का लंड सिर्फ 3 इंच का ही है और वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते तो मैंने सोचा कि यही सही है. फिर मामी नीचे मुँह करके बैठी रही और उन्होंने अचानक से पूछा कि लेकिन तू यहाँ क्या कर रहा है? तुझे ये शौक कब से आ गया, अभी तो तू छोटा है.

    फिर मैंने मामी से कहा कि में दिखने में छोटा हूँ, लेकिन में आपकी तमन्ना पूरी कर सकता हूँ. फिर मामी बोली कि अरे तू क्या मेरी तमन्ना पूरी करेगा? तेरा भी तेरे मामा की तरह 3 से 4 इंच का होगा. फिर मैंने भी कहा अच्छा और मामी के लिप पर किस कर दिया और लिप पर काट लिया. तो मामी बोली अबे हरामी मामी को किस करते-करते काटता है. फिर मैंने उनके बूब्स दबाने चालू कर दिए.

    मैंने कभी मामी को उस नज़र से नहीं देखा था, लेकिन मामी ने मुझे ललकार कर उन्हें चोदने के लिए उकसाया. फिर मैंने मामी के सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए और अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी थी. अब वहां लाईट नहीं होने के कारण में उनकी पूरी बॉडी साफ-साफ़ देख नहीं पा रहा था. में अभी तक कपड़ो में था. फिर मैंने मामी की चूत को चाटना चालू किया. मुझे मेरी माँ की चूत की याद आ गई. अब में मामी की चूत चाटता रहा. अब मामी मुझे बोल रही थी कि अरे हरामी क्या कर रहा है? वहाँ तेरा लंड डाल, चाट क्यों रहा है? अब वो अहहह्ह्ह आआहाह कर रही थी. ]

    फिर मैंने मामी के बूब्स को दबाना चालू किया और चूत को चाटने के बाद मैंने उनके बूब्स को चूसा और मामी की चूत में मेरी 2 उंगलियाँ डाल दी. अब मामी इन 15 मिनट में ही 2 बार झड़ चुकी थी. जब मामी दूसरी बार झड़ी तो मैंने मामी कि चूत पूरी चाट कर साफ कर दी. अब मामी बोली अब तेरा लंड निकाल कर मुझे दिखा. मैंने मेरी चड्डी निकाली और मामी के देखते ही उसके होश उड़ गये और मेरा 7 इंच लम्बा लंड देखकर मामी बोली कि ये तो लंड का बाप है.

    फिर मैंने कहा इसे आपके मुँह में ले लो, तो मामी बोली इससे क्या होगा? तो मैंने कहा जैसे मैंने आपकी चूत चाटी तो आपको मज़ा आया ना, वैसे ही मुझे भी मज़ा आयेगा, तो मामी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी. फिर 5 मिनट के बाद मैंने मामी को रोका और कहा कि अपने पैर फैला दो, तो मामी ने झट से अपने पैरो को फैला दिया और कहा कि डाल दे अपना हथियार. फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और चूत के सामने रखा तो मामी के मुँह से आहह की आवाज निकल आई अहहाहह आहह्ह्ह्ह अभी मेरा लंड अंदर भी नहीं गया था.

    फिर मैंने थोड़ा धक्का मारा और 2 से 3 इंच लंड अंदर चला गया, तो मामी जोर से चिल्लाई. फिर मैंने मामी को किस करना चालू किया. अब मामी बोल रही थी कि थोड़ा धीरे करो, मेरी चूत फट जायेगी. फिर मैंने किस करते समय और एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड मामी की चूत में समा गया. मामी थोड़ी ढीली हो गयी.

    फिर में थोड़ी देर रूक गया और मामी को किस करके पूछने लगा कि ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है ना तो मामी ने कहा कि तू लगा रह, मुझे कुछ नहीं होगा, मज़ा आ रहा है. ये सुनने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू कर दिए. फिर मैंने कम से कम 20 मिनट तक़ मामी को चोदा और जब में झड़ने वाला था तो मैंने मामी से पूछा कि मेरा पानी गिरने वाला है क्या करूँ? तो मामी बोली कि तेरे लंड से मुझे मेरी ज़िंदगी का मज़ा आया है, तेरा पानी अंदर डाल दे.

    अब में पूरी तरह से थक चुका था. फिर जब मैंने अपना लंड मामी की चूत से निकाला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर थोड़ा खून लगा हुआ था. मामी बोली कि तेरे मामा के अलावा तू चोथे नम्बर का मर्द है जो मुझे चोद चुका है, लेकिन तेरे में जो बात है वो किसी में नहीं है. फिर मैंने भी कहा कि मामी आप भी किसी रांड से कम नहीं हो, फिर ऐसा कहकर हम दोनों निकले. फिर मैंने मामी से बोला कि एक किस हो जाए तो मामी मेरे पास आई और बोली कि एक क्यों? जितने चाहें ले ले. फिर मैंने उन्हें किस किया और हम झोपड़े से बाहर निकल गये.

  • मामी का थप्पड़

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मिकी चौधरी है। मेरी उम्र 22 साल, हाईट 5.11 इंच है और रंग गोरा है। दिखने में एकदम सुंदर और में हरियाणा का रहने वाला हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी मामी के बारे में है। मेरी मामी की उम्र 35 साल, हाईट 5.3 है.. उनका फिगर 38-32-40 है जो कि उन्होंने खुद मुझे बताया है। वो चहरे से ज़्यादा गोरी नहीं है.. लेकिन शरीर एकदम मस्त चिकना और कसा हुआ है। मेरी मामी एक हाउसवाईफ है और सोनीपत के एक छोटे से गावं में रहती है.. वो हमेशा सूट पहनती है जिसमें वो एकदम सेक्सी दिखती है और उनकी बड़ी गांड और उनके बड़े बड़े बूब्स और भी अच्छे लगते है।

    दोस्तों.. में चार साल पहले बारहवीं क्लास के पेपर देने के बाद अपने मामा के घर गया था और वहाँ पर मुझे एक महीना रहना था। में शुरू से ही अपनी मामी की गांड और बूब्स का दीवाना हूँ.. वो हमेशा गहरे गले का सूट पहनती थी और में ज़्यादातर समय उनके घर पर ही बिताया करता था। फिर मुझे धीरे धीरे लगने लगा कि उनका किसी के साथ चक्कर चल रहा है.. क्योंकि वो मेरे सामने भी ज्यादातर टाईम अपने फोन पर ही लगी रहती थी। वो बहुत धीमी आवाज में बातें किया करती थी।

    लेकिन जब घर के बाकी सदस्य भी साथ होते तो वो ऐसा कुछ नहीं करती थी। वो मेरे साथ बहुत खुलकर मज़ाक भी किया करती थी और मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी पूछती रहती थी। फिर एक दिन मेरे नाना और नानी को उनके अफेयर का पता लग गया। वो लड़का उनके पड़ोस का ही रहता था.. लेकिन मामी ने नानी को डरा दिया कि अगर मेरे मामा को यह बात बताई तो वो ज़हर खा लेगी और अपने दोनों बच्चो को भी खिला देगी.. तो नानी ने भी नाना को मना कर दिया.. लेकिन उनका वो अफेयर वहीं खत्म हो गया। उसके बाद मामी मुझसे और भी ज़्यादा मज़ाक करने लगी.. फिर एक दिन तो मामी ने हद ही कर दी:

    मामी : तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड है?

    में : मामी एक भी नहीं है।

    मामी : झूठ मत बोल.. किसी को नहीं बताउंगी तू डर मत।

    में : मामी जी सच्ची मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और में तो लड़कियों से बात तक नहीं करता।

    मामी : अच्छा चल यह बता तूने कभी किसी को किस किया है या कहीं छुआ है?

    में : मामी जी जब कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है तो में किसके साथ ऐसा कर सकता हूँ?

    मामी : तो किसी को नंगा या सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में तो देखा ही होगा?

    अचानक मामी के मुंह से यह बात सुनकर तो में पूरी तरह से हिल गया। मेरे मुहं से कोई भी आवाज़ नहीं निकल रही थी और मैंने नीचे देखते हुए ना में सर हिला दिया.. लेकिन उस दिन ऐसे ही बात खत्म हो गई और अगले दिन जब में उनके घर गया तो मैंने देखा कि मामी नहाकर बाथरूम से बाहर निकली है और उन्होंने एक छोटा सा पारदर्शी सूट पहन रखा था और उसके नीचे नारंगी कलर की ब्रा। उनके दोनों बूब्स बाहर आने को बेताब थे क्योंकि उनका सूट भी बहुत गहरे गले का था। तभी मेरे मोबाईल पर मेरे एक फ्रेंड का फोन आया और में बाहर जाकर बात करने लगा और जब में वापस आया तो मामी मुझे अजीब सी नज़रों से देख रही थी और वो बोली।

    मामी : मुझसे क्यों झूठ बोला?

    में : मामी जी मैंने आपसे क्या झूठ बोला?

    मामी : यही कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

    में : मामी सही में मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. में एकदम सच बोल रहा हूँ.. प्लीज़ आप मेरा विश्वास करो।

    मामी : तो अब बाहर जाकर किससे बात कर रहा था? क्यों मेरे सामने नहीं कर सकता था?

    फिर मैंने मामी को विश्वास दिलाते हुए कहा कि मामी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. लेकिन हाँ मुझे एक लड़की बहुत पसंद है। मामी उस वक़्त मुझसे 7.8 फीट दूरी पर खड़ी थी और में बेड के बहुत नज़दीक खड़ा था। फिर मेरे ऐसा कहते ही वो ज़ोर से हंसते हुए मेरी तरफ भागी और स्पीड के कारण मुझसे आकर टकरा गई। मैंने अपने बचाव के लिए हाथ आगे बढ़ाया.. लेकिन वो फिर भी मुझे अपने साथ लेकर बेड पर गिर गई। मामी मेरी बॉडी पर सीधे गिरी थी।

    क्या बताऊँ दोस्तों मुझे पहली बार इतना सेक्सी सीन देखने को मिल रहा था.. उसके दोनों बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती से लग कर दब रहे थे और में उन्हें बहुत अच्छे से महसूस कर सकता था.. वो एकदम मुलायम थे और मेरी छाती से दबने के कारण उनके बूब्स उनके सूट और ब्रा से बाहर झाँकने लगे थे.. एकदम गोल आकार में और उन्हें देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था। तभी मामी ने अपना घुटना मेरे लंड के ऊपर रख दिया और धीरे से घूमने लगी और करीब 15-20 सेकण्ड उसी पोज़िशन में रही और वो कह रही थी कि..

    मामी : क्या तू मुझे रोक नहीं सकता था? तू मुझे पकड़ लेता तो शायद हम गिरने से बच जाते और वो तो बहुत अच्छा हुआ कि हम बेड के पास खड़े थे और हम बेड पर ही गिर गये। फिर वो सेक्सी स्माईल देते हुए उठते समय मेरे लंड पर अपने घुटने को दबाने लगी और फिर उठकर कांच के सामने जाकर अपने बाल सेट करने लगी। फिर उन्होंने मुझमें एक ऐसी आग जला दी थी जो अपनी सीमा पार कर चुकी थी.. में उठा और धीरे धीरे उनके पीछे गया और जैसे ही उनको पकड़ने के लिये अपने हाथ उनकी कमर के दोनों तरफ से आगे लेकर जाने लगा कि तभी उन्होंने मेरे हाथ पकड़ लिए और घूम गई।

    मामी : यह क्या कर रहा है?

    में : मामी में आपसे सेक्स करना चाहता हूँ।

    पता नहीं कहाँ से मेरे दिमाग में यह बात आई और मैंने हिम्मत करके बोल दी।

    ऐसा बोलने पर मेरे पसीने छूट रहे थे और यह बोलने के साथ ही उनको गुस्सा आ गया और मुझे थप्पड़ मारने लगी.. लेकिन मैंने अपना हाथ बीच में ले लिया तो मेरे गाल पर थप्पड़ लगने से बच गया.. लेकिन उन्होंने तभी मेरा हाथ पकड़कर मुझे धक्का दिया और घर से निकल जाने को कहा और साथ में कहा कि में तेरी मम्मी को यह बात बताउंगी। तो मेरी तो जैसे गांड फट गई हो और मेरा मुहं बिल्कुल रोने जैसा हो गया था। फिर मैंने उनसे विनती की.. प्लीज़ आप मेरी मम्मी को मत बताना.. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. दोबारा आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।

    फिर जैसे ही में मुड़कर जाने लगा तो मामी बोली कि में समझती हूँ.. इस उम्र में ऐसा हर किसी के साथ होता है। लेकिन यह तो देखो कि तुम जिसके साथ ऐसा करने की सोच रहे हो वो कौन है? में तुम्हारी मामी हूँ और क्या मेरे साथ ऐसा सोचते हुए तुम्हें शरम नहीं आई? क्या तुम्हें डर नहीं लगा और मुझे पता है कि तुम यह सब क्यों कर रहे हो? तुम सोचते हो कि क्या में एक रांड हूँ.. जो किसी को भी अपनी चूत दे दूंगी।

    उन्होंने ऐसा इसलिए बोला क्योंकि जब उनके अफेयर का पता लगा तो में वहीं पर था। फिर मैंने बहुत डरते हुए कहा कि आप हो ही इतने सेक्सी कि में अपने आप को रोक नहीं पाया और वैसे भी जब आप मेरे ऊपर गिरे थे.. तब से मेरा दिमाग बिल्कुल खराब हो गया था। प्लीज़ मुझे एक बार फिर से माफ़ कर दो। फिर में अपना फटी हुई गांड जैसा मुहं लेकर वहाँ से भाग लिया। फिर उसके बाद में मामा के गावं तो जाता था.. लेकिन उनके घर पर नहीं जाता था। मुझे उनके घर पर गए हुए पूरा एक साल हो गया था।

    एक दिन मामी हमारे घर पर आई हुई थी और में उनसे नज़रे नहीं मिला रहा था। वो रात का टाईम था.. तो मेरी नानी ने बोला कि अपनी मामी को घर तक छोड़कर आ जा और फिर ऐसा कहते ही मामी ने मुझे एक सेक्सी सी स्माईल दी और हम दोनों पैदल जा रहे थे। तभी मामी ने हमारे बीच की ख़ामोशी को तोड़ा और कहा।

    मामी : क्या बात है? तू मुझसे बात क्यों नहीं करता है?

    तो मैंने कोई जवाब नहीं दिया और में नीचे मुहं करके चुपचाप चलता रहा।

    मामी : क्या तू नाराज़ है मुझसे? और क्या तुझे अभी भी मुझसे डर लग रहा है?

    में : ( तो में थोड़ी हिम्मत करके बोला ) भला में क्यों डरूंगा?

    मामी : क्यों भूल गया क्या वो बात.. उस दिन तो तेरी गांड बहुत फट रही थी।

    फिर ऐसे शब्द उनके मुहं से सुनकर में थोड़ा नॉर्मल हुआ और में भी उनसे थोड़ी बहुत बातें करने लगा।

    में : में नहीं भूला.. मुझे सब पता है।

    मैंने फिर से थोड़ी हिम्मत करके कहा कि मामी प्लीज़ मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ ना।

    मामी : थोड़ी देर मेरी तरफ देखते हुए बोली कि चल ठीक है आज से में तेरी गर्लफ्रेंड हूँ।

    फिर मेरी जेब में एक चोकलेट थी तो मैंने उनको वो दे दी।

    फिर उसके अगले दिन।

    मामी : क्या बात है आज तू बड़ा खुश नज़र आ रहा है?

    में : हाँ अब मेरी भी एक गर्लफ्रेंड जो बन गई है इसलिए में बहुत खुश हूँ।

    फिर ऐसा कहते हुए में उनके बूब्स की तरफ घूर घूर कर देखने लगा।

    मामी : तू ऐसे क्या देख रहा है और तुझे क्या चाहिए?

    में : मुझे आपके साथ सेक्स करना है

    फिर ऐसा कहते हुए उन्होंने मुझे ज़ोर से पीछे धक्का दिया और फिर किचन में जाकर काम करने लगी।

    में : मामी प्लीज़ एक बार मुझे यह सूट निकालकर दिखाओ ना मुझे आपके बूब्स और गांड बहुत मस्त लगती है (दोस्तों हम एक ही दिन में एक दूसरे के साथ बहुत ज़्यादा घुल मिल गये थे)।

    मामी : अभी नहीं।

    में : आपके कितने यार है?

    मामी : (हंसते हुए बोली) फिर उन्होंने चार पांच लड़को के नाम बताये.. जिसमें से तीन तो उनके देवर यानी मेरे मामा थे।

    में : तो मेरा नंबर कब आएगा?

    मामी : वो तो आने वाला समय ही बताएगा।

    फिर मेरी छुट्टियाँ खत्म हो गई और में अपने घर आ गया और फिर अगली छुट्टीयों में फिर से में उनके घर गया और जाते ही मैंने उन्हें एक फ्लाईंग किस दिया और आँख मारी.. वो हँसने लगी और उन्होंने मुझे एक सेक्सी स्माईल दी और अपने काम में लग गई। मेरी नानी जी बाहर बैठी थी और मामी किचन में काम कर थी तो में किचन में गया और उनको बोला कि मुझे दूदू पीना है और वो भी ताज़ा।

    मामी : तेरी नानी बाहर बैठी है.. थोड़ा धीरे बोल वरना वो सुन लेगी तो बहुत बड़ा पंगा हो जाएगा।

    तो में वहाँ से बाहर आ गया और फिर थोड़ी देर बाद मामी जब अपने बेडरूम में गयी तो में भी उनके पीछे पीछे चला गया और अंदर घुसते ही उनको पीछे से पकड़ लिया और अपने हाथ आगे ले जाकर उनके बूब्स को दबाने लगा। उउफ्फ़ क्या मज़ा आ रहा था? में पहली बार किसी को छू रहा था और किसी के बूब्स को दबाने का मेरा यह पहला अनुभव था और में पूरा ज़ोर लगाकर दबा रहा था। तो मामी के मुहं से सेक्सी आवाज़ें आने लगी और वो दर्द के मारे सिसकियाँ ले रही थी और कह रही थी आहह आआहह उूफफ्फ़ माँ आआहह प्लीज़ मिकी छोड़ दे। तेरी नानी अंदर आ गई तो क्या होगा? उईईई बहुत दर्द हो रहा है धीरे से दबा ना.. लेकिन वो अपने बचाव के लिए कुछ भी नहीं कर रही थी।

    इसका मतलब उनको वो सब करना बहुत पसंद आ रहा था। फिर मेरा लंड तनकर लोहे के सरिये जैसा हो गया था और में अपने लंड को उनकी गांड में दबाने लगा.. वो भी मेरे हाथ पर हाथ रखकर अपने बूब्स दबवा रही थी। फिर उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और ट्राउज़र के ऊपर से ही सहलाने लगी और फिर मैंने उनको दीवार से लगा दिया और किस किया.. सिर्फ़ दो तीन सेकण्ड के लिए और पता नहीं उनके दिमाग में क्या आया? वो बाहर की तरफ भागने लगी।

    मैंने उनको पीछे से बहुत मजबूती से पकड़ लिया और कमर से पकड़कर बेड पर उल्टा गिरा दिया और अपने लंड को उनकी गांड पर दबाने लगा.. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनके हाथ में दे दिया तो उन्होंने उसको छोड़ दिया और आग्रह करने लगी कि प्लीज़ अभी कुछ मत करो। लेकिन फिर मैंने भी उनसे आग्रह किया कि मामी प्लीज़ एक बार मेरा माल निकाल दो फिर चले जाना.. प्लीज़ एक बार इसको चूस लो.. लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया तो मैंने उनके सूट को हल्का सा ऊपर उठाया और सलवार को नीचे खींचने लगा तो वो नहीं निकली क्योंकि उन्होंने उसे बहुत कसकर बांध रखा था और पकड़ भी लिया था।

    मैंने उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी गांड की लाईन में लंड को डाल दिया और ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा। मेरा यह पहला टाईम था तो मेरा वीर्य जल्दी ही निकल गया और उनकी सलवार खराब गई। फिर में साईड में लेट गया और फिर मामी ने बोला कि में वादा करती हूँ कि हम फिर कभी करेंगे और वो उठकर बाथरूम में अपने कपड़े साफ करके आई और उन्होंने अपनी ड्रेस चेंज कर ली और फिर में वहाँ से चला आया।

    दोस्तों.. वो मेरी लाईफ का सबसे अच्छा दिन था और उसके बाद तो में जब भी उनके पास जाता हूँ तो वो ना सिर्फ़ मुझे अपने बूब्स पिलाती बल्कि कभी कभी चूत भी चटवाया करती है और में उन्हें बहुत गरम करता रहता हूँ। कभी घर वालों के होते हुए उनकी गांड दबा देता हूँ तो कभी बूब्स दबा देता हूँ.. लेकिन आज तक वो मेरे सामने पूरी नंगी नहीं हुई है। फिर भी में उसे ज़बरदस्ती नहीं बल्कि प्यार से चोदना चाहता हूँ.. इसलिए तो अब तक मैंने कुछ नहीं किया और में इस इंतज़ार में हूँ.. कि वो खुद यह कहे कि मिकी मुझे चोद।

  • मामा की लड़की की सीलतोड़ चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कमल है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ मेरी लम्बाई 6 फिट है और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों के लिए अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसमें मैंने मामा की लड़की को बहुत मज़े लेकर चोदा और में आज उस घटना को आज आपके सामने लेकर आया हूँ और यह मेरी पहली कहानी है जिसको मैंने लिखकर आप लोगों तक पहुंचाया, लेकिन में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ तो पढ़ता आ रहा हूँ जिसको पढ़कर मुझे बहुत मज़े आते और आज में वैसी ही कहानी आप लोगों के लिए लिख रहा हूँ.

    दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब में 20 साल का था और मैंने अपने कुछ बाहर के दोस्तों के साथ अपनी दोस्ती को कुछ ज्यादा ही बढ़ा लिया था उन दोस्तों ने ही मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ने और सेक्स का सही मतलब क्या कैसे होता है सब कुछ बताया? जिसकी वजह से मुझे भी इन सब का शौक लग गया और में यह सब पढ़ने लगा. एक दिन मेरा एक दोस्त बाजार से एक ब्लूफिल्म लेकर आ गया और फिर हम सब दोस्तों ने हमारे एक दोस्त के घर पर उस फिल्म को देखा और में उस चुदाई के मज़े लेकर कुछ देर बाद जोश में आकर सिसकियाँ भरने लगा.

    मेरा लंड मेरी पेंट को फाड़कर बाहर आने को तैयार था और वो जोश में था, वो किसी की चुदाई के लिए तरस रहा था और फिर उसके बाद मैंने रात को अपने घर पर आकर अपने बाथरूम में जाकर मुठ मारकर मैंने अपने आप को शांत किया और में अपने कमरे में आकर बेड पर लेटकर कुछ बातें सोचने लगा.

    दोस्तों सच कहूँ तो मुझे अब किसी लड़की की जरूरत होने लगी थी. मुझे सेक्स करने के लिए अब एक लड़की चाहिए थी जिसकी में जमकर अपनी इच्छा के हिसाब से चुदाई कर सकूं और में उसके साथ चुदाई के पूरे पूरे मज़े करूं. यह बात मेरे मन में बस कुछ दिन तक चली और उसके बाद भगवान ने मेरी मन की वो बात सुन ली. एक दिन मेरी मम्मी और पापा दोनों ही शहर से बाहर किसी काम से गए हुए थे, जिसकी वजह से में घर में बिल्कुल अकेला रह गया था इसलिए मुझसे मेरी मम्मी ने कहा कि तुम अपने ननिहाल मतलब कि मेरे नाना के घर पर जाकर रात को वहीं पर सो जाना.

    फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और में उनके कहने पर चला गया. दोस्तों मेरे मामाजी की एक लड़की है जिसका नाम संजू है, वो करीब 18 साल की है और वो बहुत सेक्सी दिखाई देती है. उसका बदन सच में बहुत आकर्षक सुंदर और अच्छा है उसके बड़े बड़े बूब्स और ज्यादा मोटी गांड थी. फिर जब में उनके घर पर पहुंचा तब उसको देखकर मुझे लगने लगा कि मुझे उसको अपने काम के लिए पटाना चाहिए और उसको अपने साथ चुदाई में शामिल करना चाहिए और मुझे कैसे भी करके उसकी बहुत जमकर गांड मारनी चाहिए.

    दोस्तों उसको देखकर अब मेरे मन में यह विचार आने लगे और में उसकी चुदाई के सपने देखने लगा. हम सभी भाई बहन रात को एक साथ में ही सोते है, इसलिए में सही मौका देखकर अपनी बहन के पास ही सो गया और में अपने ऊपर चादर को ओढ़कर सोने का नाटक करने लगा और सभी के सो जाने का इंतजार करने लगा. फिर जब मैंने उठकर देखा तो रात के करीब एक बजे थे. मैंने देखा कि सभी लोग तब तक गहरी नींद में सो गए थे और मेरी बहन का एक हाथ उसकी चूत के ऊपर था.

    फिर मैंने धीरे से थोड़ी हिम्मत करके उसका हाथ पकड़कर चूत के ऊपर से हटा दिया और फिर में उसके पास सरक गया और मैंने उठकर उसके नरम गुलाबी होंठो पर एक चुम्मा ले लिया, जिसकी वजह से वो थोड़ी सी इधर उधर हुई, लेकिन उसकी आखें नहीं खुली थी.

    फिर मैंने दोबारा हिम्मत करके उसके गाल पर किस किया, उसकी तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर मैंने उसकी छाती पर अपना एक हाथ रख दिया जिसकी वजह से मुझे उसके गोलमटोल बड़े आकार के गरम बूब्स छूकर महसूस करने का वो मौका मिल गया, लेकिन तभी मैंने महसूस किया कि अब उसकी साँसे लंबी लंबी चलने लगी थी, क्योंकि अब उसकी उन सांसो की वजह से उसके बूब्स लगातार बहुत ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगे थे.

    में अब तुरंत समझ गया था कि वो अब जाग चुकी है, लेकिन वो अब सोने का नाटक कर रही है, मैंने अब उसको दोबारा किस किया तो वो जानबूझ कर मेरी तरफ़ घूम गई. अब मैंने धीरे धीरे अपने हाथ को उसके बूब्स पर रगड़ना और बूब्स को दबाना शुरू किया तो उसने अपने बूब्स को और भी ज़ोर से ऊपर नीचे किया. तो में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा, जिसकी वजह से अब उसकी सांसो की आवाजे तेज़ी से आने लगी और में समझ गया कि वो बहुत जोश में है और गरम हो चुकी है.

    फिर उसके बाद मैंने सही मौका देखकर तुरंत अपनी पेंट की चैन को खोल दिया जिसकी वजह से अब मेरा 6 इंच का लंड अब तनकर बाहर निकाला और मैंने झट से अपना लंड को उसके हाथ में दे दिया और वो अपनी उँगलियाँ मेरे लंड पर चलाने लगी और अब तक उसकी आँखे पूरी खुल चुकी थी.

    फिर वो मेरा लंड अपने हाथ में महसूस करके मुस्कुरा रही थी और अब वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और उसने करीब 15 मिनट तक मेरा लंड ज़ोर से हिलाया, तभी उसकी वजह से मेरा गरम वीर्य बाहर निकल चुका था और मेरा लंड ठंडा होकर मुरझा चुका था, लेकिन अब भी मुझे वो पूरा मज़ा नहीं आया था जिसको मैंने अपने मन में सोच रखा था.

    फिर उसके बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी गरम चूत के ऊपर रख दिया और में अपनी एक अंगुली से उसको सहलाने लगा जिसकी वजह से कुछ देर के बाद ही मैंने महसूस किया कि उसकी चूत अब कामवासना में बहुत गीली हो गई थी और उसका रस बाहर आने लगा था और उसकी साँसे पहले की तरह तेज चलने लगी थी. तभी कुछ देर के बाद मेरी बहन ने मेरे कान में बहुत धीमी आवाज में मुझसे कहा कि प्लीज अब इसके अलावा भी कुछ और भी करो ना, क्यों मुझे इतना तड़पा रहे हो, प्लीज अपना यह मेरे अंदर डालकर मुझे वो मज़े करवा दो, प्लीज जल्दी से कुछ तो करो.

    फिर मैंने उससे कहा कि अभी नहीं, इस समय सभी लोग हमारे पास में सो रहे है किसी ने उठकर हमे देख लिया तो हम दोनों के लिए वो सब बहुत गलत होगा, इसलिए हम दोनों कल इसके आगे जरुर बहुत कुछ करेंगे और में तुम्हे वो सब मज़े दूंगा जो तुम्हे मुझसे चाहिए, अब सो जाओ. फिर उसने कहा कि ठीक है में अभी आपके कहने पर सो जाती हूँ, लेकिन तुम अपना यह वादा कहीं भूल ना जाना, मुझे तुमसे वो सारे मज़े चाहिए. अब मैंने उसकी छाती पर अपना एक हाथ रखा और में उसकी निप्पल को सहलाते मसलते हुए उसको हाँ कहने लगा और मुझे पता नहीं कब नींद आ गई.

    फिर अगले दिन मैंने सही मौका देखकर उसको दोपहर के समय घर के ऊपर वाले रूम में बुला लिया. जब घर में कोई नहीं था बस मेरी मामाजी थी, लेकिन वो भी उस समय अपने कमरे में सो रही थी और उस समय घर में बहुत शांति थी. फिर वो मेरे कहते ही तुरंत ऊपर वाले कमरे में आ गई, वो उस समय चेहरे से बहुत उत्सुक दिख रही थी और उसने तब सलवार कुरती पहन रखी थी.

    मैंने पहले से ही उसकी चुदाई का विचार बनाकर अपने पास एक कंडोम का पैकेट लाकर रखा हुआ था. में अपनी पूरी तैयारी में था और में उसको आज जमकर चोदना चाहता था और शायद वही हाल उसकी चूत का भी था, वो भी अपनी प्यासी चूत की चुदाई के लिए तरस रही थी.

    फिर वो ऊपर आ गई और आते ही उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब ज़ल्दी से तुम कुछ करो, तब मैंने उससे कहा कि पहले हम दोनों थोड़ा सा गरम तो हो जाते है उसके बाद वो काम करेंगे, लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि में तो कल से ही बहुत गरम हो रही हूँ प्लीज तुम तो आज़ जल्दी से कुछ करो मुझसे अब ज्यादा देर नहीं रुका जाएगा मैंने इतना समय भी बड़ी मुश्किल से निकला है, वो में ही जानती हूँ.

    अब मैंने उसकी वो इतनी कामुक बातें सुनकर ज्यादा देर ना लगाकर ज़ल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और फिर उसके बाद मैंने अपनी बहन के भी कपड़े एक एक करके उतार दिए जिसकी वजह से अब हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे और उसका गरम सेक्सी जिस्म देखकर में ललचाने लगा. फिर मैंने उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसकी गोरी छाती को चूमने लगा.

    उसके बाद मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और अब में उसके दोनों पैरों के बीच में बैठकर अपने तनकर खड़े लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर अंदर डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन तब मैंने महसूस किया कि वो उसकी पहली चुदाई थी इसलिए बहुत ज़ोर लगाने पर भी मेरा मोटा लंड उसकी छोटे आकार की चूत के अंदर नहीं जा रहा था.

    फिर में अपनी तरफ से दम लगाता रहा जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हो रहा था वो अब आह्ह्ह्हहह ऊफ्फफ्फ्फ् नहीं आईईईईई प्लीज में मर गई प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है, तुम थोड़ा सा धीरे धीरे डालो कह रही थी इतना कहते हुए उसने अपना एक हाथ मेरे लंड और अपनी चूत के बीच मुझे धीरे करने के लिए लगा दिया था.

    अब मैंने उसकी कोई भी बात को ना सुनते हुए अपने हाथ से उसके हाथ को बीच से हटाकर अपने लंड को एक ज़ोर से झटका देकर उसकी चूत के अंदर पूरा डाल दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ गहराइयों में चला गया और में वैसे ही रुक गया और उसकी निप्पल को दबाने निचोड़ने लगा.

    अब उसकी चूत से खून निकल रहा था, वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन मैंने सही समय पर उसका मुहं अपने एक हाथ से बंद कर दिया, जिसकी वजह से वो उस दर्द से बिना किसी आवाज के मचल उठी. उसने मुझे अपने ऊपर से हटाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो हर बार नाकाम रही और फिर कुछ देर बाद में ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को उसकी चूत में धक्के मारने लगा, जिसकी वजह से अब उसको भी मेरे साथ साथ मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी.

    दोस्तों मैंने करीब 30 मिनट तक लगातार धक्के देकर उसकी चूत को चोदा और वो तो 15 मिनट में ही अपनी चूत का पानी छोड़कर बिल्कुल ढीली हो गई और वो मुझसे मना करती रही कि मुझसे अब ज्यादा सहन नहीं हो रहा है प्लीज मेरे ऊपर से हट जाओ, छोड़ दो मुझे जाने दो, लेकिन मैंने उसको मना करने के बाद भी बहुत देर तक चोदा और उसके बूब्स को निचोड़ दिया, मैंने उसकी चूत को उस दिन पूरी तरह से फाड़ दिया था और फिर उसके बाद मेरा भी जोश खत्म हो गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत से लंड को बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया.

    उसके बाद मैंने हल्के से धक्के दिए जिसकी वजह से लंड मुहं की गरमी पाकर तुरंत बाहर आने लगा और वो मेरे लंड से निकले गरम गरम लावे को पीने लगी थी. उसने अपने दोनों हाथों में लेकर मेरा लंड अब चूसना शुरू कर दिया था और में अपना वीर्य उसके हलक में डालता रहा, वो बड़ी संतुष्ट होकर लंड को चूसती रही.

    फिर उसके बाद उसने मेरा पूरा लंड चाटकर चमका दिया. मैंने तब तक उसके बूब्स को सहलाया और उसके बाद हम दोनों ने कुछ देर लेटने के बाद उठकर अपने अपने कपड़े पहन लिए और हम दोनों अपने उस काम से बहुत खुश थे मुझे उसके चेहरे से साफ साफ नजर आ रहा था.

    दोस्तों इस प्रकार मैंने अपनी बहन के साथ उसकी वर्जिन चूत की सील को तोड़कर उसकी चुदाई के मज़े लिए और उसको अपनी तरफ से वो मज़े देकर बहुत खुश कर दिया, जिसके लिए उसने मुझे धन्यवाद कहा.

  • दीदी की जवानी को मामा ने लूटा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विवेक है. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी यह पहली कहानी है. में एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हूँ और मेरी बड़ी बहन का नाम पूजा है. पूजा मुझसे 2 साल बड़ी है और वो कुंवारी है. अब में आपका ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. मैंने जब से होश संभाला है, मतलब जवान हुआ हूँ तो दीदी के बारे में ही सोचकर मुठ मारी है. मेरी दीदी बिल्कुल अप्सरा जैसी है, उसकी हाईट 5 फुट 5 इंच है, उसका फिगर साईज 35-28-36 है, उसका हर एक अंग इतना प्यारा है कि 80 साल का बूढ़ा भी मुठ मारने लग जाए. मेरी दीदी की जवानी के बहुत दीवाने है, लेकिन उनकी चूत का मज़ा बस कुछ लोग ने ही चखा है.

    मेरे मामा ने भी मेरी दीदी को पता नहीं कितनी बार चोदा है. मुझे पहले पता नहीं था, लेकिन जब मैंने गौर करना शुरू किया तो समझ में आया कि जब मेरे घरवाले कहीं जाते थे तो मेरे मामा को मौका मिल जाता और वो हमें किसी काम में उलझा देते और मामा दीदी की जवानी के मज़े लूटते थे. दीदी का रंग ऐसा था जैसे दूध में केसर मिला दिया हो, उसका बदन इतना चिकना कि हाथ रखो तो फिसल जाए, दीदी के बूब्स इतने बड़े और गोल थे कि बस जी चाहता कि इन्हें दबाता रहूँ, चूसता रहूँ, मेरी दीदी बिल्कुल मक्खन जैसी है.

    एक बार दीदी नहा रही थी, हमारे बाथरूम के दरवाजे में एक छेद है तो मैंने अपनी आँख उस छेद पर लगाई तो मैंने देखा कि दीदी शॉवर ले रही थी, बस मेरी किस्मत खराब थी कि उसने पेंटी पहन रखी थी और उसकी पीठ मेरे सामने थी. बस मुझे उसकी मांसल कमर और उसके बूब्स का साईड का हिस्सा ही दिख रहा था. मेरा कई बार दीदी को चोदने का मन हुआ, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं होती थी. मामा अपने खेल के खिलाड़ी थे तो उन्होंने दीदी को पता नहीं किस-किस स्टाइल से चोदा था? और ये सोचकर मेरा लंड खड़ा होने लगता है.

    फिर एक दिन हमारे घरवाले बाहर गये थे और अब घर पर में और दीदी थे, तो तभी मामा आ गये और दीदी और मामा ने आँखो ही आँखो में कुछ इशारे किए. फिर हम तीनों खाना खाने के बाद सो गये, अब मामा एक कमरे में और में और दीदी एक कमरे में अलग-अलग सिंगल बेड पर सो रहे थे कि रात को अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दीदी कमरे का दरवाजा खोल रही थी और बाहर जा रही थी. उसने सोचा कि में सोया हुआ हूँ. फिर वो मामा के कमरे में गयी, जो साईड में ही था. मामा ने अपने कमरे का दरवाजा खोल रखा था.

    फिर मामा मेरे कमरे में ये देखने आया कि में सोया हूँ या नहीं, तो में अपनी आँख बंद करके सोने की एक्टिंग कर रहा था और साथ में खर्राटे की आवाज भी निकाल रहा था. फिर वो अपने कमरे में चले गये और रूम बंद कर लिया, तो मैंने जल्दी से खिड़की के बाहर लेंटर पर उतरकर साईड वाले कमरे की खिड़की तक गया और उसे थोड़ा सरकया और फिर मैंने थोड़ा पर्दा हटाया तो में दंग रह गया. अब दीदी दरवाजे के पास खड़ी थी और मामा उसकी गांड को सहला रहे थे, जब दीदी ने सलवार कमीज़ पहन रखी थी.

    फिर मामा ने दीदी की कमीज़ ऊपर करके उतार दी. अब दीदी ब्रा में खड़ी थी और उनकी ब्रा पिंक कलर की थी और दीदी के कलर से ऐसे मैच कर रही थी कि ऐसा लगता था मानो कुछ पहना ही ना हो. फिर मामा ने दीदी की सलवार का नाड़ा खोला और उसे भी नीचे सरका दिया.

    अब उनके सामने एक 22 साल की कुँवारी जवानी खड़ी थी. फिर मामा बोले कि जान बहुत दिन हो गये और अब मत तड़पाओ, में तुम्हारी जवानी को चूसने इतनी दूर से आया हूँ. फिर दीदी बोली कि मेरे राजा तुम्हारे लिए ही तो ये मस्त जिस्म रखा है, मेरी चूत में तुम्हारे लंड की ज़रूरत है, मुझे चोद दो, मुझे अपनी रखैल बना लो और अपने होंठो से मेरी चूची को पी जाओ, अपने लंड को मेरी चूत का रास्ता दिखाओ.

    फिर मामा ने दीदी को नंगा कर दिया, ओह गॉड मैंने पहली बार ऐसा भड़कता हुआ जिस्म देखा था, बिल्कुल कैटरीना कैफ जैसा था, गोल-गोल बूब्स, केले के तने की तरह चिकनी जांघे थी. अब मेरा मन कर रहा था कि में अभी दीदी को चोद दूँ. फिर दीदी ने मामा के कपड़े उतारे, अब वो दोनों बिल्कुल नंगे थे. अब मैंने अपना लंड अपने एक हाथ में ले रखा था.

    फिर मामा ने दीदी के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपने एक हाथ से दीदी के बूब्स और एक हाथ से दीदी की चूत मसलने लगे थे. दीदी की चूत पर एक बाल भी नहीं था, उनकी चूत एकदम चिकनी थी, बस मेरा दिल कर रहा था कि अपनी जीभ से दीदी की चूत को चाटता रहूँ.

    फिर वो दोनों बेड पर लेट गये और अब मामा का लंड पूरा तन गया था. अब दीदी जैसी मस्त और जवान लड़की को देखकर तो बाबा जी का लंड भी खड़ा हो जाता है. फिर वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और अब दीदी मामा का लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपोप हो. अब मामा दीदी की गीली चूत को अपनी जीभ से चाट रहे थे. अब दीदी की हालत बहुत बुरी हो गयी थी, बस वो किसी लंड को अपनी चूत में घुसवाना चाहती थी, अब वो मचलने, तड़पने लगी थी और बोली कि मामा ये चूत तुम्हारे लंड के बिना मर जाएगी, इसे अपने लंड से फाड़ दो.

    मामा ने दीदी के दोनों पैरो को पूरा खोल दिया और दीदी के पैर खुलते ही मुझे दीदी की रसीली चूत दिख गयी. फिर मामा ने अपने तने हुए लंड के टॉप को दीदी की चूत पर धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया. अब दीदी से काबू नहीं हो रहा था और वो कसमसाने लगी थी.

    फिर मामा ने हल्का सा एक झटका मारा तो उनका लंड थोड़ा सा अंदर चला गया और दीदी की आह निकल गयी. फिर उन्होंने थोड़ा तेज दबाया तो उनका लंड दीदी की चूत में पूरा चला गया और उन दोनों की चीख निकल गयी, क्योंकि दीदी की चूत ही इतनी टाईट थी. अब मामा जोर-जोर से झटके मारने लगे थे और दीदी भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवाने लगी थी. फिर काफ़ी देर तक मामा झटके मारते रहे और दीदी की चूचीयाँ चूसते रहे.

    फिर कुछ देर के बाद वो दोनों एक साथ झड़ गये, तो फिर में ज़ल्दी से अपने कमरे में आकर लेट गया.

    फिर 5 मिनट के बाद दीदी कमरे में आई और अब वो अपनी टांगे चौड़ी करके चल रही थी और फिर दीदी सो गयी और थोड़ी देर के बाद सुबह हो गयी. तो यह थी मेरी बड़ी दीदी की रसीली मदमस्त जवानी, जिसे मामा ने जी भरकर लूटा. वो बहुत किस्मत वाले है, जिसने मेरी दीदी को चोदा है. हमारे आस पड़ोस के लोग और हमारे रिश्तेदार भी दीदी को भूखे भेड़िए की तरह देखते है.

  • देवरानी जेठानी का मुकाबला

    हैल्लो दोस्तों.. में तन्मय आप सभी पाठकों का स्वागत करता हूँ. में अपनी नानी के घर पर अपनी दो मामियों के साथ अकेला था और में अपनी बड़ी मामी को पहले ही चोद चुका था और वो एकदम हॉट और सेक्सी है. उन दोनों मामियों के बीच बहुत लड़ाई थी और वो दोनों एक ही घर में अलग अलग रहती थी.. बड़ी मामी तो रात में भी मुझसे चुदने को तैयार थी.. लेकिन में छोटी मामी को भी चोदना चाहता था.

    फिर मेरे प्लान के मुताबिक बड़ी मामी से यह कहा कि में छोटी मामी की नंगी फोटो उनको दूँगा.. अगर उन्होंने इसमें मेरा साथ दिया तो और बड़ी मामी तैयार हो गयी और मैंने छोटी मामी को भी अपने साथ रात में एक ही कमरे में सोने के लिए तैयार कर लिया और हम सब लोग ज़मीन पर चटाई बिछाकर लेट रहे थे. मेरी एक तरफ बड़ी मामी और उनका बेटा और दूसरी तरफ छोटी मामी और उनका बेटा सोये थे. अब में आगे की कहानी सुनाता हूँ.

    मेरी छोटी मामी बड़ी मामी से ज्यादा मस्त थी और उनका फिगर एकदम पतला था और वो गोरी भी थी.. हम सब लोग लाईट बंद करके लेट गये और आधे घंटे के बाद मैंने अपना काम शुरू किया.. बड़ी मामी तो तैयार ही थी और में उनके मज़े भी ले चुका था.. तो अब बारी छोटी मामी की थी. दोनों मामी मेरी तरफ़ कमर करके और अपने बेटे की तरफ मुहं करके लेटी हुई थी. तो मैंने छोटी मामी की तरफ अपना एक हाथ बढ़ाया तो एक मिनट के बाद मेरे शरीर से उनका स्पर्श हुआ और अंधेरे में ही में धीरे धीरे उनके चूतड़ो तक हाथ ले गया और पहले दूर से ही महसूस किया.. उनके चूतड़ एकदम तरबूज की तरह थे.

    फिर मैंने धीरे से उनके चूतड़ो को हाथ लगाया. मुझे बड़ी मामी के चूतड़ याद थे उनके चूतड़ बहुत मुलायम एकदम रुई जैसे थे और छोटी मामी के चूतड़ बहुत सख्त थे. छोटी मामी गावं की गोरी थी एकदम मजबूत शरीर वाली.. उनके चूतड़ो पर में हाथ फेरने लगा और में उनके पूरे चूतड़ो पर हाथ घुमा रहा था.. उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी. तो में उनकी चूतड़ो की दरार में उंगली डालते हुए उनकी जांघ तक पहुंच गया.. मामी सो नहीं रही थी.. लेकिन मेरे इस काम का विरोध भी नहीं कर रही थी.. क्योंकि उन्हे लगा कि में बस थोड़ी बहुत देर छूने के बाद सो जाऊंगा और वो बड़ी मामी किसी से कुछ कह ना दे इसलिए भी चुपचाप थी और उन्हें भी पता था कि यह सब काम बड़ी मामी की मदद से ही हो रहा था.

    मैंने अब उनके पेटीकोट के साथ अपनी उंगली घुमाई और साड़ी को पेटिकोट से अलग कर दिया था. अब वो केवल पेटीकोट में थी और अगले ही मिनट में उनके पेटीकोट का नाड़ा खुल गया और वो चुपचाप उठकर बाथरूम में चली गयी और उसके जाते ही में और बड़ी मामी अपने अपने अंडरगार्मेंट्स में आ गये और नाईट बल्ब जला दिया और जब वो लौटकर आई तो देखा कि में और बड़ी मामी केवल पेंटी, ब्रा में है और वो एकदम चकित हो गयी और वो अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसको पकड़ लिया और कहा कि आज वो चुदेगी ज़रूर और वो भी चुदाई के मज़े ले या फिर केवल चुपचाप अपनी चुदाई सहे और यह भी कहा कि उसकी बात कोई नहीं मानेगा क्योंकि बड़ी मामी तो खुद ही अपनी मर्जी से चुदने जा रही थी. तो उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन हमारे अलावा किसी को भी यह बात पता नहीं चलनी चाहिए? तो मैंने कहा कि तुम मेरी बात का पूरा विश्वास करो और बस आज अपनी चुदाई देखो और अब दोनों मामी मुझसे चुदने को तैयार थी.

    मैंने दोनों से कहा कि चलो आज दोनों मुकाबला कर लो.. जो जीतेगा वो बड़ा हो जाएगा. तो वो पूछने लगी कि कौन सा मुकाबला? मैंने कहा कि सेक्स मुकाबला. फिर में केवल अंडरवियर में और वो दोनों ब्रा और पेंटी में तैयार हो गई. सबसे पहला राउंड था लंड चाटने का.. जो पहले मुझे झाड़ेगा वो जीत जाएगा.. लेकिन आंड को भी जीभ से चाटना था और फिर छोटी मामी ने कहा कि वो लंड को मुहं में नहीं लेगी. तो मैंने और बड़ी मामी ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और मैंने जबड़े में दबाव देकर उनका मुहं खोलकर उसमे अपना लंड घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा और करीब दो मिनट के बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और वो बोली कि अरे यह तो एकदम लॉलीपोप की तरह है.. वो अगले चार मिनट तक चूसती रही और उसके बाद में झड़ गया.

    तो उन्होंने पूरा का पूरा वीर्य अपने मुहं में ले लिया और मेरे लंड पर उनकी लार ही थी. अब बारी बड़ी मामी की थी.. वो इसमें बहुत अनुभवी थी.. मेरी बड़ी मामी सेक्स की देवी है और उन्होंने सबसे पहले अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को छुआ फिर लंड के टोपे के ऊपर धीरे धीरे अपनी जीभ को घुमाने लगी. फिर धीरे से लंड को मुहं में लिया और वो बहुत अलग तरह से चूस रही थी. ऐसा लग रहा था कि लंड को मुहं में लेकर उन्हे उसका रस पीना हो.

    फिर में करीब तीन मिनट में ही झड़ गया और बड़ी मामी पहले राउंड में जीत गई और अगले राउंड में मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटा. सबसे पहले मैंने चूत के बाहरी हिस्से को जीभ से खोला और फिर बहुत देर तक गोल गोल बाहर ही घुमाता रहा. फिर मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी.. बड़ी मामी की चूत एकदम चिकनी शेव की हुई थी और छोटी मामी की चूत पर मुलायम बाल भी थे. चिकनी चूत की वजह से मैंने बड़ी मामी की चूत को ज्यादा अच्छे से चूसा और वो ज्यादा जल्दी झड़ गई.

    तो इस राउंड में छोटी मामी जीत गई और अब उन दोनों को खेल में बहुत मज़ा आने लगा और अगले राउंड में बूब्स को फुलाना था.. तो पहले मैंने बड़ी मामी के ब्लाउज को खोल दिया. उनके फिगर का साईज़ 36 था. में अपने लंड को उनकी नाभि के आसपास घुमा रहा था और फिर वहाँ से बॉडी पर रगड़ते हुए सीधे बूब्स के बीच में ले गया और बूब्स के किनारे में घुमाने लगा. उनका पूरा शरीर मेरे लंड की महक से महकने लगा. तो में एक हाथ से धीरे धीरे उनके निप्पल से खेलने लगा. उनके बूब्स एकदम खरबूजे की तरह हो गये थे और अब उनके बूब्स का साईज़ 41 हो गया था. इसके बाद मैंने छोटी मामी के साथ भी ऐसा ही किया.. उनके बूब्स 30 साईज के थे.. लेकिन वो कुछ देर बाद में 38 साईज के हो गये और वो जीत गई. तो बड़ी मामी बहुत कामुक हो रही थी.. वो अपनी चूत में बहुत तेज़ी से उंगली करने लगी और कहने लगी कि तन्नू प्लीज यह खेल अब खत्म कर.. चल अब हम चुदाई करते है.

    मैंने कहा कि ठीक है और छोटी मामी दोनों राउंड जीती है तो वो जीत जाएँगी.. वो खेल को आगे बड़ाने को तैयार हो गई. मैंने भी जल्दी ही खेल ख़त्म करने की सोची और मैंने फाइनल राउंड में उन दोनों की गांड में लंड डालने को कहा और जिसकी गांड में लंड ज्यादा अंदर जाएगा वो जीत जाएगा.. लेकिन उन दोनों ने कभी भी गांड में लंड नहीं डलवाया था.. इसलिए वो दोनों बहुत डरकर घबरा गई.

    तो वो दोनों साफ मना करने लगी और मैंने कहा कि तो ठीक है फिर कोई भी नहीं जीतेगा.. तभी बड़ी मामी बोली कि तन्नू ठीक है तुम जैसे चाहो वैसे चोद सकते हो.. तुम चाहो तो हमारी गांड मारो और तुम चाहो तो चूत.. लेकिन प्लीज थोड़ा आराम से कहीं गांड फट ना जाए और में तुम्हारे मामा को क्या बताउंगी कि यह कैसे फटी?

    फिर पहले मैंने छोटी मामी की गांड में लंड डाला और एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे से उनकी गांड का छेद बड़ा किया और एकदम से एक ज़ोर का धक्का दिया और लंड घुसेड़ दिया. वो एकदम चीख पड़ी.. हाए दैया रे.. मार डाला मदारचोद ने.. आज मेरी गांड को फाड़ डाला. दोस्तों उसकी गांड बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मेरा लंड केवल 4 इंच ही अंदर गया.. लेकिन उसको बहुत दर्द हुआ और वो एकदम चटपटा गई. अब दूसरी बारी थी बड़ी मामी की.. उनकी गांड पर हाथ लगते ही जन्नत का अहसास हो गया.

    फिर मैंने वैसा ही किया और उनकी कामुक गांड के छेद को फैलाकर मैंने एक ही धक्के में अपना लंड पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो जीत गयी. तो मेरी दोनों मामीयां बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी और उनकी आपस की लड़ाई भी ख़त्म हो गयी थी और वो दोनों बारी बारी से मेरे लंड को चूसती और चुदती और में सोच रहा था कि सेक्स भी कितनी बड़ी चीज़ है. दोनों परिवारों की लड़ाई ख़त्म करा सकता है.

    फिर मैंने बड़ी मामी की गांड से अपना लंड बाहर नहीं निकाला और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.. पहले तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आप बस मज़े लो और वो मस्त होने लगी और में धक्के मार रहा था.. तो वो दूसरी मामी से बोली कि संध्या तू मेरी चूत चाट.. बड़ी मामी कुतिया स्टाइल में थी.. जिसकी वजह से उनकी चूत को चाटने के लिए बहुत जगह थी और छोटी मामी उनकी चूत चाटने लगी. दोनों ऐसे थी जैसे कोई माँ अपने बच्चे को दूध पीला रही हो.. यहाँ पर बस अंतर यह था कि दूध की जगह चूत थी और छोटी मामी के चूतड़ बड़ी मामी की तरफ थे और वो उनको चाट रही थी. तो छोटी मामी बोली कि दीदी आप तो बहुत अच्छे से चूतड़ चाटती हो.

    अब 15 मिनट के धक्को के बाद में छोटी मामी के पीछे लग गया और वो एकदम पलटकर बोली कि तन्नू मेरी गांड मत मार.. मुझे बहुत दर्द होगा. मेरी गांड दीदी की तरह मुलायम नहीं है.. लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसकी गांड में धक्के मारने लगा वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. तो बड़ी मम्मी बोली कि संध्या तू तो ऐसे चिल्ला रही जैसे कि आज ही पहली बार चुद रही है.. थोड़ा सब्र कर अभी मज़ा आने लगेगा.. लेकीन फिर भी छोटी मामी का चिल्लाना बंद नहीं हुआ.. तो बड़ी मामी ने अपने निप्पल को उनके मुहं में घुसा दिया और जब मेरा मन छोटी मामी की गांड से भर गया तो मैंने अपना लंड बड़ी मामी की चूत में डाला.. अब हम तीनों आराम से लेटे थे.

    में बड़ी मामी की चूत में लंड डाल रहा था और वो छोटी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से और जीभ से चाटकर मज़े दे रही थी. फिर करीब 15 मिनट बाद बड़ी मामी थक गयी और बोली कि तन्नू बस कर अब संध्या को भी मज़े करा दे.. इतना कहते ही उसने अपनी चूत का पानी भी निकल दिया और अब में छोटी मामी की चूत में अपना लंड डाल रहा था और बीच बीच में रुकने से में झड़ नहीं रहा था और ज्यादा देर तक चोद पा रहा था. मुझे यह कला उसी दिन पता चली थी. फिर में लंड को संध्या मामी की चूत में डालने लगा और बहुत तेज तेज झटके मारने लगा.. वो बड़ी मामी से बोली कि दीदी आप एकदम रंडी हो और आपने आज मुझे भी रंडी बना दिया.

    तो बड़ी मामी बोली कि हाँ तू बड़ी सती सावित्री है मज़ा तो बड़े मन से ले रही है और मुझे कहती है कि में चुदक्कड हूँ. फिर छोटी मामी बोली कि जब सब कुछ फ्री में मिल रहा हो तो कोई मौका जाने थोड़े ही देता है और दोनों हंसने लगी.. छोटी मामी की चूत एकदम टाईट थी और मुझे उनसे ज्यादा मज़ा आ रहा था. 15 मिनट बाद उनकी भी चूत का पानी निकलने लगा और में भी झड़ने लगा. फिर मैंने कहा कि किसकी चूत में निकालूं? तो छोटी मामी बोली कि मेरी चूत में मत झड़ना.. बड़ी मामी बोली कि इस रंडी की चूत में मत झड़ना इसके मुहं में झड़ना. तो मैंने छोटी मामी के मुहं में लंड डाल दिया और अपना पूरा वीर्य उनके मुहं में धक्के देकर डाल दिया.. जिसे वो रबड़ी की तरह चाट चाटकर साफ करने लगी और इसके बाद हम तीनों ने कपड़े पहने और हम सब आपस में लिपटकर सो गये.

  • मामा के बाद भाई के लंड का स्वाद

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनू है, में दिल्ली की रहने वाली हूँ और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों के मज़े लेती आ रही हूँ, जिसको पढ़कर मेरी चूत की आग हमेशा बढ़ जाती है और चूत में लंड लिए बिना नहीं सकती. दोस्तों में बचपन से ही दिखने में बहुत ही सेक्सी और मेरी चूत बड़ी ही कामुक थी और मेरी बचपन से ही अपने भाई के साथ लिपटकर सोने की आदत है, इसलिए में हमेशा ऐसे ही सो जाती थी.

    दोस्तों पहले तो कुछ सालों तक जब तक में अपनी चूत को अपनी ऊँगली से या किसी भी चीज से शांत करती थी, तब तक सब कुछ ठीक था, लेकिन इस बार जब मेरा भाई घर आया, तब में पूरी तरह से बदल चुकी थी, क्योंकि में अपने मामा से अपनी चूत की चुदाई करवा चुकी थी और वो बाहर दूसरे शहर में एक होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई करता है और पूरे दो साल बाद अब आया है.

    अब मेरे मामा की उस दमदार चुदाई ने मेरी चढ़ती जवानी को पहले से ज्यादा अब और निखार दिया था, जिसकी वजह से 18 साल की उम्र में ही में बड़ी ही गदराए बदन की मस्त लड़की हो गयी. उस पहली चुदाई के बाद ही मेरे शरीर में बहुत परिवर्तन आ गया था और अब मेरा वो कमसिन कुँवारा बदन पूरी तरह से भर गया था, मेरे शरीर का हर एक अंग आकार में पहले से ज्यादा बड़ा हो गया था और अब में अपने भाई के साथ भी अपनी चुदाई का विचार अपने मन में लाकर सोचने लगी थी, क्योंकि मेरी चूत अब अपनी वैसी ही चुदाई के लिए दोबारा तरस रही थी, वो अपनी चुदाई के सपने मेरे भाई के लंड से देख रही थी.

    दोस्तों जब में पहली रात को अपने भाई के साथ ठीक वैसे ही सोई, में भाई से एकदम चिपक गयी और में अपनी तरफ से बस यही कोशिश करती रही कि मेरे भाई के लंड से मेरी चूत पूरी रात बस ऐसे ही चिपकती रहे और मेरे उभरते हुए गोलमटोल बड़े आकार के मुलायम स्तन भाई को बड़ा मज़ा देते रहे, में अपने मामा की आख़िरी चुदाई के बाद अब अपनी चुदाई करवाने के लिए बहुत तड़प रही थी और मेरी चूत बार बार अपने अंदर कुछ लेकर चुदाई के मज़े लेना चाहती थी और मेरा वो मचलता हुआ यौवन प्यासा था, इसलिए में भाई से चिपक चिपककर उसको बहकाने लगी और उसको अपनी चुदाई के लिए तैयार कर रही थी और मुझे पूरी उम्मीद तो बस यही थी कि मेरा सोचना और करना बस एक बार सफल हो जाए. उसके बाद तो मेरी चांदी हो जाएगी और यह विचार अपने मन में लेकर में बड़ी खुश थी और कुछ भी कर जाने के लिए एकदम तैयार थी और मुझे अपनी चुदाई के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था.

    अब मेरा भाई भी मेरे गुदगुदे रसभरे जवान होते हुए जिस्म का सुख भोगने लगा था और धीरे धीरे मेरी चढ़ती मादक जवानी का असर उस पर भी उसी पहली रात को हो गया और इसलिए उसने भी कुछ देर बाद जानबूझ कर मेरे सामने अंजान बनकर मुझे अपने से चिपका लिया, जिसकी वजह से अब उसका लंड एकदम कड़क हो गया था और में भी उसको ज्यादा जोश में लाने के लिए बार बार अपनी चूत को उसके लंड पर जानबूझ कर दबा दबाकर उसके साथ बातें करते हुए ना जाने कब ऐसे ही सो गयी.

    दोस्तों उन दिनों मेरी छाती पर मेरी उम्र का उठान साफ दिखाई देता था, क्योंकि दूसरी लड़कियों के मुक़ाबले मेरी शर्ट मेरी छाती वाले हिस्से से कुछ ज़्यादा ही उठी हुई और नुकीली थी और मेरे निप्पल भी बड़े ही नुकीले थे, इसलिए मेरी शर्ट पर हमेशा सभी की नज़रे रहती थी, जहाँ मेरा यौवन उभरकर इतरा रहा था, वहीं दूसरी तरफ मेरी स्कर्ट छोटी होती थी, जिसकी वजह से मेरी दूध जैसी गोरी और चिकनी चिकनी जांघे एक बार देखते ही सभी का दिल धड़का देती थी और मुझ पर हर किसी की नजर हमेशा रहती थी और ठीक वैसा ही हाल अब मेरे घर में मेरे भाई का भी हो रहा था, वो चुप जरुर था, लेकिन उसके मन में मेरे लिए क्या विचार थे, में उनको अच्छी तरह से समझ चुकी थी और में बड़ी खुश भी थी.

    फिर अगले दिन में अपने स्कूल से आकर थकी होने की वजह से चुपचाप आकर लेट गई मैंने देखा कि मेरी अच्छी किस्मत से उस समय घर में कोई नहीं था और हम दोनों भाई बहन को चुदाई का तो इससे अच्छा मौका दोबारा नहीं मिलेगा और यह बात सोचकर मैंने एक तकिये को अपने मुँह पर रख लिया और में सीधी लेटी हुई थी और मैंने मन ही मन सोचा कि अगर भाई आएगा तो में देखूँगी कि वो मेरे साथ क्या हरकत करता है? और उसके बाद मेरा अनुमान एकदम सही निकला, क्योंकि वो भी मेरे साथ कुछ ऐसा ही करना चाहता था.

    अब कुछ देर बाद धीरे से मेरा भाई मेरे पास आ गया और उसने मुझे देखा कि में नींद में हूँ और जब उसको लगा कि में गहरी नींद में सो रही हूँ. तब उसने सही मौका देखकर मेरी स्कर्ट को पकड़कर ऊँची कर दिया और अब वो मेरी कमसिन और निखरती हुई गोरी जाँघो को देखने लगा और कुछ देर बाद वो अपने आपको रोक ना सका, इसलिए वो अब अपने एक हाथ से मेरी चिकनी गोरी गदराती जाँघो को सहलाने लगा और वो मेरे उभरते हुए योवन के मज़े लेने लगा.

    अब धीरे धीरे में भी उसके हाथों की गर्मी से बहकने लगी थी और उसी समय मेरी गरम होती हुई सांसो के बीच ही भाई ने मुझे अब छोड़ दिया और वो उठकर अब कमरे से बाहर चला गया. उसके बाहर जाते ही मैंने तुरंत अपनी शर्ट के ऊपर के चारों बटन को खोल दिया और में अब उसी लापरवाही से वापस लेट गयी.

    थोड़ी देर के बाद भाई वापस आ गया और वो मेरी उठी हुई स्कर्ट से चमकती मेरी गोरी गोरी नंगी जांघे घूरकर देखने के बाद मेरी चिकनी चिकनी जांघो को वो एक बार फिर से सहलाने लगा और बोला मीनू, तो में कुछ नहीं बोली तो उसको लगा कि में अब भी गहरी नींद में हूँ, इसलिए वो धीरे से फुसफुसाया, हाए कैसी कसी हुई जांघे है मीनू और वो मेरी चिकनी जांघे अपने हाथ से सहलाकर मज़े लेते हुए कहने लगा, वाह कितनी गदरा गई है मीनू कितना चिकना और मुलायम बदन है तेरा, मीनू वाह मज़ा आ गया, काश में एक बार तेरे छोटे छोटे सख़्त निप्पल को चूसता और तेरी छोटी सी कुँवारी चूत को चोदता, हाए मीनू कैसे ऊहहम्म ऊहम्म करके कसमसाएगी, मेरी मीनू तेरी चूत कितनी कसी कसाई होगी एकदम टाईट? दोस्तों अपने भाई की हरकतों से मेरे प्यासे बदन में जैसे आग लगा दी थी और में उसकी जोश भरी बातें सुनकर अंदर ही अंदर जैसे जलने लगी थी और फिर भाई ने मेरी खुली हुई शर्ट पर ध्यान दिया तो वो तुरंत समझ गया कि मैंने ही जानबूझ कर अपनी शर्ट के बटन खोले है और उस वजह से उसकी हिम्मत अब बढ़ गयी थी और वो बोला मीनू, लेकिन में कुछ नहीं बोली और उसने धीरे से मेरे उभरते हुए बूब्स पर अपना एक हाथ रखकर घुमा दिया, ओह्ह्ह्हह्ह भगवान कितने दिनों के बाद मुझे ऐसा मज़ा आया, में अब चुपचाप नहीं रह सकी. फिर जब भाई ने मेरे निप्पल को दबा दिया, तब मेरे मुँह से सस्स्स्स्शाा निकल ही गया.

    फिर भाई ने मेरे मुँह से वो तकिया हटाया और बोला कि चल मीनू आज में तेरी चढ़ती हुई जवानी को असली मज़ा दे दूँ, बहुत दिनों से किसी से चुदने के बारे में सोच रही होगी ना? तब मैंने अपने भाई से लिपटकर कहा कि हाँ भाई तुमने बिल्कुल सही कहा, मुझसे अब नहीं रहा जाता है, भाई तुम मुझे जमकर प्यार करो और प्लीज अब मुझे ज्यादा मत तरसाओ.

    फिर भाई ने मुझे तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और वो मुझे मेरे बेडरूम में ले गया. उसके बाद उसने मुझसे पूछा कि तुम इतनी सेक्सी कैसे हो गयी हो मीनू? यह बात कहने के बाद भाई मुझे पागलों की तरह चूमने लगा और उसको बहुत अच्छी तरह से पता है कि मेरे जैसी कम उम्र की लड़कियों का बदन कितना मस्त होता है? तभी तो जो भी लोग यह बात जानते समझते है, वो हमेशा स्कूल गर्ल्स की चुदाई करने की इच्छा हमेशा अपने मन में रखते है.

    अब उसने मेरी स्कर्ट को पूरा नीचे उतार दिया और उसके साथ में मेरी शर्ट को भी उतारकर फैंक दिया. उसके बाद मेरे सख़्त और नुकीले बूब्स को देखकर भैया से अब रहा नहीं गया और वो मेरे तने हुए बूब्स को चूमने चाटने लगा, भाई मेरे स्तनों को अपने मुँह में पूरा भरकर चूस रहा था, क्योंकि मेरे छोटे छोटे समोसे जैसे बूब्स उसके मुँह में पूरे समा रहे थे और वो मुझे मौका नहीं दे रहा था.

    अब मेरे स्तनो को अपने हाथ में मसलते और निप्पल को चूसते हुए भैया बोला हमम्म मीनू वाह बहुत मस्त मजेदार है तुम्हारे यह दोनों निप्पल यार, इनको छूकर मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे यह कोई गुलाबी रसभरी आईसक्रीम हो और तेरे निप्पल जैसे आईसक्रीम के कोन पर चेरी रखी हो. अब में उससे कहने लगी कि तुम इस चेरी को चूसो भैया, आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ बड़ा मज़ा आता है. तभी वो मुझसे पूछने लगा किसमें मीनू? तो मैंने कहा कि इस चेरी को चुसवाने में भाई.

    वो बोला कि अरे तू अभी रुक जा मीनू में चूत को भी चादूँगा तो तुझे और भी ज्यादा मज़ा आएगा, लेकिन तू जब चुदेगी तब कितना मज़ा आएगा, तुझे नहीं पता मीनू? अब मैंने उससे पूछा क्या भाई चुदाई में और भी ज्यादा मज़ा आता है? वो कहने लगा कि चुदाई के समय चूत में बड़ी गुदगुदी होती है और बड़ी खुजलाहट होती है, मीनू लड़कियों की चूत में बहुत मस्ती मज़ा होता है, अरे बदकिस्मत है वो लड़की जिसने अपनी चूत कभी नहीं चुदवाई.

    फिर थोड़ी देर के बाद भाई ने मेरी मरमरी चिकनी चिकनी जांघे चूमी और भाई पागलों की तरह मेरी दोनों गोरी जांघो को अपने मुँह से सहला रहा था और चूम रहा था और फिर धीरे से भाई ने मेरी पेंटी को भी खींच दिया और बड़बड़ाने लगा, हाययए ईयीई मीनू कैसी अनछुई कली है तू.

    दोस्तों भाई मेरी बिना बालों वाली अधखिली गोरी गुलाबी चूत को घूर घूरकर देखता ही रह गया और भाई ने मेरे पूरी चूत को अपने हाथों में भर लिया और उसने मेरी पूरी चूत को दबा दिया और बोला कि हाए मीनू मेरी बहन तू वाह क्या मस्त चीज़ है, तेरा क्या मस्त गोरा सेक्सी बदन है, तू बिल्कुल एक चटकती मस्त कली है, हमम्म ससस्स. अब भाई ने मेरी दोनों जांघे बड़े ही प्यार से चूमी और सहलाते हुए उसने मेरी दोनों जाँघो को पूरा फैला दिया.

    उसके बाद भैया ने मेरी कमसिन कच्ची कली की खुशबू सूँघी हमम्म हाह्ह्हहह वाह मीनू कुँवारी कली की कुँवारी खुशबू हाए मेरी बहन वाह कितनी मस्त है और में हमेशा बाहर की लड़कियों को चोदता रहा और अब भैया ने ध्यान से मेरी फैली हुई जाँघो के बीच में देखा, जहाँ मेरी चढ़ती जवानी का रसीला छेद है, मेरी चूत की कली एकदम कसी हुई थी और उसकी दोनो फांके आपस में चिपकी हुई थी. फिर भाई ने धीरे से मेरी चिपकी हुई फांको को अपनी एक उंगली से रगड़ दिया, सस्सस्स हहााआ उईईईईइ भैया आह्ह्ह्हह और फिर भैया ने मेरी कोई भी बात नहीं सुनी और वो मेरी गुदगुदी चूत को चाटने में जुट गये और उन्होंने मेरी नंगी चिकनी चूत की कली पर धीरे से अपनी जीभ को चला दिया और में सीईईईईइ आईईईई मस्ती में सिसक उठी, हाए कितने दिनों के बाद कोई मेरी चूत को चाट रहा था. करीब चार पांच महीने से मैंने अपनी चूत को नहीं चटवाया था.

    पहले मामा ने मेरी चूत को बहुत मज़े से चाटा था, लेकिन अब भाई से अपनी चूत को चटवाने में मुझे और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था. फिर जब भाई थोड़ी देर के लिए रुक गया, तो में उससे बोली हाए उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज भैया चूसो ना तुम ऐसे रुक क्यों गए? अब भाई ने मेरी चूत को पूरा अपनी हथेली में थाम लिया और वो मुझसे पूछने लगा, क्या इतनी खुजली हो रही है मीनू? में बोली हमम्म्म हाँ भाई प्लीज चूसो ना आह्ह्ह और उसी समय भाई ने मेरी चूत की दोनों फांको पर अपने होंठ रख दिए और वो मेरी कसी हुई चूत के होठों को अपने होंठ से दबाकर बुरी तरह से चूसने लगा और में तो बस कसमसाती रह गयी, में तड़पती मचलती आहह उह्ह्ह्ह भैया उईईइ आहह्ह्ह और भाई चूस चूसकर मेरी अधपकी जवानी का रस पीता गया, मेरी कच्ची कली का वो कच्चा रस उसको भा गया और वो बड़ी देर तक मेरी 18 बरस की छोटी सी चूत से चिपका रहा.

    अब में बार बार उससे कहने लगी, प्लीज छोड़ दो भैया आईईईईइ उईईईइ में अब मर जाउंगी, में रोने सी लगी और तब जाकर उसने मुझे छोड़ा और तब तक वो मेरी चूत को छूने लगा, मेरा सारा रस बहकर उसकी मुठ्ठी से बहने लगा और अब भाई चटकारे लेकर मेरी चूत रस के मज़े लेने लगा और वो बोला कि मीनू हमम्म मेरी जान बड़ी छोटी सी चूत है तेरी, लेकिन है बहुत रसदार, तुझे पता है जब तू चुदेगी तो तुझे और भी ज्यादा मज़ा आएगा, पूछ क्यों? मैंने पूछा हाँ वो क्यों?

    तब वो बोला कि क्योंकि मीनू कसी हुई एकदम टाईट चूत में लंड एकदम फिट बैठता है और वो अंदर जाकर बिल्कुल कस जाता है और उस वजह से चुदाई में बड़ा मज़ा आता है और मैंने कई बार तेरे जैसी कुँवारी कलियों की सील तोड़ी है, कच्ची उम्र में जब भी कोई लड़की अपनी चुदाई करवाती है तो उनकी चूत में बेहद कसावट होती है और चुदाई करवाते हुए वो कसमसाती हुई चिल्लाती भी है, फिर उस समय मुझे बड़ा मज़ा आता है और आज में तेरी भी चूत की सील जरुर तोड़ दूँगा, हमम्म्म. दोस्तों मेरा भाई अपनी कुँवारी बहन की चूत को चोदकर उसकी चुदाई के मज़े लेना चाहता था, लेकिन मेरे भाई को नहीं पता था कि में पहले से ही अपनी चूत को चुदवाकर सील को तुड़वा चुकी हूँ, मेरी चूत अब कुँवारी चूत नहीं थी, वो पहले से ही लंड के पूरे मज़े ले चुकी थी.

    अब भैया ने कहा कि मीनू तेरी कुँवारी चूत आज मेरे साथ जोश और मस्ती में डूब जाएगी, जिसकी वजह से तुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगेगा और मुझसे इतना कहकर भैया ने अपने कपड़े उतार दिए और जब उन्होंने मुझे अपना मोटा तगड़ा लंड दिखाया तो मेरी आखें फटी की फटी रह गई, क्योंकि वो मामा के लंड से बहुत बड़ा और एकदम सीधा तनकर खड़ा था, मेरे मामा का लंड थोड़ा सा पतला और टेढ़ा भी था. अब भैया ने अपना भीगा हुआ चिकना लंड मुझे दे दिया और में उसको धीरे धीरे प्यार करने लगी, वो रस से पूरा चिकना हो गया था. मैंने उसको अपने मुँह में लेना भी चाहा, लेकिन मेरे छोटे से मुँह में वो नहीं आया.

    फिर भाई ने अपना भीगा हुआ लंड मेरे स्तनो पर सहला दिया और मेरे नुकीले तने हुए निप्पल भाई के लंड से सिहर उठे, सस्स्सस्स आह्ह्हह्ह भाई मेरे निप्पल को अपने लंड के चिकने गरम रस से मसलकर सहलाता रहा. फिर वो उठकर अब मेरी जाँघो के पास गया और मेरी ठोस चिकनी जाँघो को सहलाते हुए उसने अपना लिंग मेरी चूत की दरार पर फिसला दिया, ऊईईईईइ सस्स्स्स्सस्स में मचल गयी, मेरी चूत की कसी हुई फांको पर अपने लंड से रगड़कर भाई ने मेरी कसी कसाई फांको को दूर किया और वो बोले वाह क्या चीज़ है मीनू, हाए मेरी बहना की इतनी कसी चूत एकदम ताज़ा चूत है, ऐसा कहते हुए भाई ने धीरे से मेरी चूत में अपने लंड को धक्का दे दिया, जिसकी वजह से में कसमसा उठी, क्योंकि आज बड़े दिनों के बाद कुछ मेरी चूत के भीतर घुस रहा था, लेकिन में भी तो उसको अपनी चूत में डलवाने को बड़ी बैचेन थी.

    अब भाई ने मेरे गोरे बदन को सहलाते हुए मुझसे कहा कि मीनू पहले तुम्हें थोड़ा सा दुखेगा जरुर, लेकिन फिर तुम्हें इस चूत में बहुत मज़ा आएगा. अब भाई धीरे धीरे धक्के देकर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, मेरा भाई अपनी छोटी बहन की चूत में अपना लंड डाल रहा था. दोस्तों आप सोचिए वो कितना मस्त सीन था, एक 18 बरस की स्कूल गर्ल अपने 23 साल के भाई के साथ पूरी नंगी होकर उस बिस्तर पर अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी.

    अब भैया ने मेरे नरम, गुलाबी होंठो को चूमा और उनका चिकना लंड मेरी चिकनी गरम रसभरी चूत में अंदर सरकाने लगा, जिसकी वजह से मुझे अब दर्द भी होने लगा था. मेरे भाई का आधा लंड बाहर ही था और आधा मेरी चूत के भीतर था, वो अपने आधे लंड को ही अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से मेरी चूत का रस और उसके लंड के रस का गीलापन ला सके और चुदाई में आसानी हो सके.

    फिर भैया ने मेरे निप्पल को चूमा और फिर चूसते हुए धीरे धीरे लंड को वो और भी अंदर डालने लगे और अब मेरी तकलीफ़ पहले से ज्यादा बढ़ती जा रही थी, लेकिन मुझे उस दर्द में भी बहुत मज़ा आ रहा था और में कसमसा रही थी ऊवन्न्ंह ऊओन्नह आआहह ऊईईईईइ भैया, लेकिन सही में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. उस दिन महीनों बाद मेरी उस प्यासी चूत को कुछ मिला था, में कहने लगी उउउन्न्ञ भैया अब रुक जाओ ना मुझे दुख रहा है.

    फिर वो बोला कि बस मीनू थोड़ी देर के बाद तुम्हें भी मज़ा आने लगेगा और फिर धीरे धीरे भाई ने अपना पूरा लंड अपनी बहन की छोटी सी चूत में डाल दिया और वो सुकून से बोला बस मीनू पूरा अंदर है, अब देख तू तेरी चुदाई शुरू होगी. अब भाई ने सबसे पहले मेरे निप्पल चूसे. फिर धीरे धीरे अपना लंड बाहर खींचकर एक बार फिर से धीरे से घुसा दिया और इस तरह वो बड़ी ही धीरे धीरे अपनी प्यारी बहना को चोदने लगे, उन्न्ह आअहह आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ भैया आईईईई भैया हंणन्न् ऊऊहह्ह्ह्ह, में अब मज़े लेकर चुदवाने लगी और भाई भी मेरी टाईट चूत में अपने एकदम फिट लंड से मुझे चोदने का आनंद लेने लगा. थोड़ी देर के बाद में जब चूत और लंड रस से भीगकर चिकनेपन के कारण आसानी से घिसने लगे और भैया ने अपनी स्पीड को भी बढ़ा दिया और में भी उस दर्द को झेलते हुए धक्के दे देकर चुदाई के मज़े लेने लगी और में अब अपने भाई के साथ मिलकर बहुत उछलकूद करते रहे हुए मज़े ले रही थी और मेरा भाई ज़ोर ज़ोर से पंपिंग करते हुए अब मेरे निप्पल को भी चूस लेता और फिर मेरी चूत में बहुत तेज़ खुजली सी हुई और गुदगुदाहट के साथ मेरी चूत अपने रस से भीग गयी, बस बस भैया आह्ह्हह्ह्ह् अम्महह्ह्ह्ह में जैसे बिल्कुल शांत हो गई.

    फिर थोड़ी देर के बाद भाई ने फिर से धक्के दिए और मेरी चूत के भीतर उनका गरम गरम लावा टपक पड़ा और भाई ने मुझे सहलाते हुए मुझसे पूछा क्यों मीनू तू ठीक है ना मेरी जान? तो मैंने कहा कि हाँ भाई, तो भाई ने फिर थोड़ी देर बाद मुझसे पूछा पहले कि तू मुझे यह बता कि इससे पहले तू किसके साथ खेली है? में अब उसको चकित होकर देखती रह गयी, मुझे पहले से ही पता था, अब बता दे मीनू में बुरा नहीं मानूंगा, इस जवानी की मस्ती में चुदाई नहीं होगी तो क्या होगा?

    फिर मैंने उसको सब कुछ सच सच बता दिया, क्योंकि उस बात से क्या फर्क पड़ता है, जब भाई अपनी बहन को चोद सकता है तो मामा अपनी भांजी के मज़े क्यों नहीं ले सकता? दोस्तों अब में भाई के साथ बिल्कुल आज़ाद हूँ और आज में 21 बरस की हो गयी हूँ, लेकिन भाई मेरे साथ बहुत मज़े लेकर खेलता है और में भैया से बहुत बार अपनी चुदाई करवाती हूँ. एक बार हम दोनों ने बारिश में भीगते हुए भी चुदाई का खेल खेला है और बाथरूम के पानी में भी हमने चुदाई के मज़े लिए है.

  • चाची और मामी को एक साथ चोदा, antarvasna

    हैल्लो दोस्तों, आज में आपको अपनी एक स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ. यह स्टोरी मेरी, मेरी मामी और मेरी चाची के बीच की है. एक बार मेरे सारे घरवाले कहीं बाहर जा रहे थे और मुझे रुकना पड़ा था, क्योंकि मेरे 12वीं के बोर्ड के एग्जॉम थे. अब मेरा ध्यान रखने के लिए मेरी चाची को बुला लिया गया था और मेरी मामी तो मेरे घर के पास ही रहती थी. अब जब भी वो घर पर आती थी, तो में किसी ना किसी बहाने से उनके पास ही बैठा रहता था और बार-बार उन्हें कहीं ना कहीं हाथ लगाता रहता था.

    में जानता था कि वो भी मुझमें रूचि लेती है, लेकिन मुझे कुछ कहते हुए डर लगता था कि कही चाची गुस्से ना हो जाए? इसलिए मैंने उनसे कभी कुछ नहीं कहा. अब चाची और में घर में अकेले थे, अब मेरे पास अच्छा मौका था.

    फिर में सुबह 8 बजे उठा और अभी मेरी 4 दिन की छुट्टी थी और फिर मेरा एग्जॉम था. फिर में 8 बजे उठकर किचन में गया तो चाची नाश्ता बना रही थी. फिर मैंने पीछे से चाची को देखा, तो में उनकी मोटी गांड को देखता ही रह गया. फिर चाची घूमी और बोली कि क्या देख रहा है? तो में बोला कि कुछ नहीं. तो चाची बोली कि जा नहाकर आ ब्रेकफास्ट बन गया है. फिर में बाथरूम में चला गया और चाची के बारे में सोचकर मुठ मारने लगा.

    में जल्दी-जल्दी में नहाकर बाहर आया और फिर चाची और मैंने ब्रेकफास्ट किया. अब कई बार जब चाची झुकती थी तो चाची के मोटे-मोटे बूब्स बाहर आने को तैयार हो जाते थे. अब में बार-बार मौका ढूंढता था कि चाची झुके और में उनके बूब्स देख सकूँ. अब में बैठकर टी.वी देख रहा था और अब चाची भी आकर मेरे सामने सोफे पर बैठ गयी थी. अब मेरी नजर टी.वी पर कम और चाची पर ज्यादा थी.

    फिर चाची ने रिमोट माँगा, तो मैंने जानबूझकर रिमोट नीचे फेंक दिया. फिर चाची रिमोट उठाने के लिए झुकी, तो मैंने फिर से उनके बूब्स देखे, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर थोड़ी देर बाद फिर से रिमोट नीचे गिरा, तो मैंने फिर से उनके बूब्स देखे. अब में समझ गया था कि चाची जानबूझकर रिमोट नीचे गिरा रही है, अब मेरा लंड खड़ा हुआ था. फिर मैंने किसी तरह से अपने आप पर कंट्रोल किया. अब मुझे चाची की नजरें भी कुछ बदली-बदली लग रही थी.

    चाची बोली कि यहाँ मेरे पास आ जा, तुझसे कुछ बात करनी है. फिर में जल्दी से खड़ा हुआ और चाची के साथ सोफे पर बैठ गया. अब मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था और वो साफ-साफ़ मेरे पजामें में से नजर आ रहा था. फिर चाची मुझसे मेरे स्कूल के बारे में पूछने लगी और उन्होंने पूछा कि मामी कब आएँगी? तो मैंने कहा कि शाम को 4 बजे, अभी 3 ही बजे थे. अब उनका हाथ धीरे-धीरे मेरे लंड की तरफ बढ़ रहा था.

    फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरे लंड के पास रख दिया, अब वो मेरे बिल्कुल पास आ गयी थी और मुझे उनके पूरे बूब्स दिख रहे थे. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. अब चाची का एक हाथ मेरे लंड पर था, अब चाची मेरे लंड को दबा रही थी, अब चाची मेरे होंठो पर स्मूच देने लगी थी. अब मेरा एक हाथ भी उनके बूब्स पर पहुँच चुका था. अब में उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. अब में और चाची पूरी तरह से गर्म हो चुके थे. फिर चाची सोफे पर से उठी और मुझे अपने हाथ से पकड़कर बेडरूम में ले गयी और वहाँ जाकर उन्होंने अपने कपड़े उतारे, तो में भी अपने कपड़े उतारने लगा. अब चाची बिल्कुल नंगी थी और में भी बिल्कुल नंगा था. फिर चाची ने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरे लंड पर कूद गयी. अब चाची मेरा लंड अपने हाथ में लेकर ऐसे चूसने लगी मानो उन्होंने पहली बार लंड देखा हो, अब चाची बिल्कुल गर्म थी.

    फिर चाची अचानक से उठकर बैठ गयी और लाईट बंद कर आई. अब चाची के आते ही मैंने चाची को बेड पर बैठाया और उनके मोटे-मोटे बूब्स चूसने लगा. फिर बहुत देर के बाद चाची ने मुझे बेड पर सीधा लेटाया और मेरे लंड पर चढ़ गयी और कूदने लगी, तो तभी अचानक से लाईट जल गयी. अब चाची और में हैरान रह गये थे. फिर चाची मेरे लंड से उतरी तो मैंने देखा कि मामी ब्रा और पेंटी में खड़ी थी और उनका एक हाथ अपनी पेंटी के अंदर था. अब में यह देखकर हैरान रह गया था.

    मामी बोली कि तुम्हें देखते हुए बहुत देर हो गयी थी, बस अब कंट्रोल नहीं हो रहा था, बड़े दिनों के बाद मौका मिला है और ये कहकर वो भी बेड पर आ गयी. फिर मैंने मन में सोचा कि आज तो मौज हो गयी है. फिर मामी ने बोला कि वाह तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और यह बोलकर उन्होंने उसे अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगी. फिर तभी चाची बोली कि पूनम इसे हिला क्या रही है? अपने मुँह में ले, देख कितना मज़ा आता है? तो मामी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी.

    फिर चाची ने मुझसे बोला कि तू उसे क्या देख रहा है? मुझे देख, मेरे बूब्स को चूस, अब जब तक सारे आ नहीं जाते तब तक तुझे हम दोनों को सारा-सारा दिन चोदना है, समझा. फिर मैंने चाची के दोनों बूब्स को पकड़ा और उन्हें चूसने लगा. अब चाची अपने एक हाथ से मामी की चूत को सहला रही थी. फिर थोड़ी देर बाद मामी ने मेरे लंड पर से अपना मुँह हटाया और बोली कि अनिता चुदे हुए काफ़ी टाईम हो गया है, तो चाची बोली कि लंड तेरे सामने है और तू कैसी बातें करती है? चल इससे चुद.

    अब मामी बेड पर लेट गयी थी. फिर में मामी के ऊपर लेट गया और उनकी चूत में अपना लंड घुसा दिया और झटके मारने लगा. अब मामी को बड़ा मज़ा आ रहा था, लेकिन चाची भी चुदने के लिए बेकरार थी. अब चाची, मामी के साथ लेट गयी थी और मामी के बूब्स पर अपनी जीभ फैरने लगी थी. फिर मैंने थोड़ी देर के बाद मामी की चूत में से अपना लंड निकालकर साथ में ही लेटी चाची के मुँह में दे दिया. तो चाची ने उसे खूब चूसा और फिर बोली कि चल अब मेरी बारी, मुझे भी चोद.

    तो मैंने फिर से अपना लंड चाची की चूत में डाला और उन्हें चोदने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद चाची की चूत में ही मेरा पानी निकल गया और में ठंडा हो गया, लेकिन अभी चाची और मामी की प्यास नहीं बुझी थी. फिर मामी और चाची मुझे बाथरूम में लेकर गयी और वहाँ जाकर शॉवर ऑन कर दिया. फिर में मामी के बूब्स चूसने लगा और चाची अपने घुटनों के बल बैठकर मेरा लंड चूसने लगी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने फिर से उन दोनों को चोदा. फिर हम तीनों बेड पर आ गये और साथ में नंगे ही सो गये. फिर जब में उठा तो मैंने फिर से उन दोनों को चोदा और फिर इस तरह से मैंने कई दिनों तक चाची और मामी को चोदा और खूब मजा किया.

  • मामा ने जमकर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, में गुजरात का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 25 साल है. अब में आपका समय ज्यादा ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. यह घटना 2 साल पहले हुई थी. यह कहानी मेरे मामा-मामी के सेक्स की है, जो मैंने अपनी आँखो से देखी थी. मेरे मामा-मामी अहमदाबाद में रहते है.

    मेरे मामा हमेशा काम के सिलसिले से शहर के बाहर रहते है. में मेरे मामा के घर गया हुआ था और उस दिन सुबह ही मेरे मामा भी लौटे थे. अब हम लोग दोपहर को खाना खाकर बैठे थे. अब में सोफे पर बैठकर किताब पढ़ रहा था और टी.वी चालू थी, तो तभी मेरी मामी पानी पीने के लिए वहाँ से गई. तो उसके थोड़ी देर के बाद मेरे मामा भी वहाँ से चले गये.

    तब मैंने सोचा कि पानी पीने गये होंगे, तो तब मैंने मुड़कर धीरे से उन्हें देखा. तो तब मामा ने अपना एक हाथ मामी की गांड पर घुमाया और वो वापस आ गये. तो मैंने झट से अपना मुँह फैर लिया, उनको पता ही नहीं चला था कि मैंने उनको देखा है.

    फिर थोड़ी देर तक सोफे पर बैठकर टी.वी देखने के बाद मामा अपने कमरे में चले गये और बोले कि अब में थोड़ा आराम करता हूँ. अब में और मेरी मामी वहीं बैठकर बातें कर रहे थे. फिर 5 मिनट के बाद मामी भी वहाँ से अपने कमरे में चली गई.

    मैंने सोचा कि आज जरुर कुछ देखने को मिलेगा, तो यह सोचकर में उनके कमरे के पास गया और चाबी के छेद में से उन्हें देखने लगा था. अब मामी ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठकर अपने बाल ठीक कर रही थी और मामा उनके पीछे खड़े होकर मामी के बूब्स को सहला रहे थे, मेरी मामी के बूब्स लगभग 35-36 साईज के होंगे.

    मामा : मैंने बहुत दिनों से तुम्हारे साथ सेक्स नहीं किया है.

    मामी : हाँ, वो तो में समझ ही गई थी जब तुमने मेरी गांड पर अपना हाथ फैरा था.

    अब मामी बैठी थी और मामा उनकी साड़ी के ऊपर से उनके बूब्स दबा रहे थे. फिर मामा ने कहा कि तुम्हारे बूब्स तो अभी भी मस्त कड़क है, इन्हें दबाने में बहुत मज़ा आता है. अब मामी खड़ी हो गई थी और मामा के लिप्स पर अपने लिप्स रखकर किस करने लगी थी. अब मामा के हाथ मामी की गांड और कमर पर घूम रहे थे, मामी के कूल्हों का साईज लगभग 38 होगा.

    मामी ने कहा कि चलो अब मुझे बेड पर ले चलो. फिर मामा ने उन्हें गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया. अब वो मामी के ऊपर थे और उन्हें लिप्स पर किस कर रहे थे और उनके बूब्स दबा रहे थे. अब मामी के हाथ मामा के कूल्हों पर थे. फिर मामा ने मामी को खड़ा किया और उनकी साड़ी और पेटीकोट को निकाल दिया.

    अब मामा ने उनका ब्लाउज भी निकाल दिया था. अब मामी ने भी मामा की शर्ट पेंट निकाल दी थी. अब मामा सिर्फ़ चड्डी में थे और उनका लंड खड़ा दिखाई दे रहा था. मामा ने भूरे कलर की क्रॉस चड्डी पहनी हुई थी. अब मामी भी ब्रा और पेंटी में थी, मामी की स्किन थोड़ी ब्राउन है, लेकिन उनका बदन बहुत चिकना है, उनके बड़े बूब्स सफ़ेद ब्रा में क़ैद थे और उन्होंने पीले कलर की पेंटी पहनी थी, उनका चिकना बदन बहुत ही सेक्सी लग रहा था. अब मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

    अब में बाहर खड़े-खड़े हस्तमैथुन कर रहा था. अब मामा मामी के पूरे बदन पर किस कर रहे थे और अपने एक हाथ से मामी के बूब्स, तो दूसरे हाथ से मामी की गांड को दबा रहे थे. अब मामी भी उनके लंड को अपने हाथ में लेकर खेल रही थी. अब मामी के मुँह से धीरे-धीरे कामुक आवाजे निकल रही थी. फिर मामा ने उनकी ब्रा निकाल दी तो मामी के बूब्स एकदम से उछलकर बाहर आ गये, उनके बूब्स बहुत ही बड़े-बड़े थे, उनकी निप्पल का रंग डार्क ब्राउन था. अब उनके निप्पल एकदम कड़क हो गये थे. अब मामा उनके एक निप्पल को अपनी जीभ से चाटने लगे थे और एक बूब्स को अपने हाथ से दबाने लगे थे.

    अब मेरी मामी के हाथ मामा की अंडरवेयर के ऊपर से ही खेल रहे थे. अब उधर मामा बारी-बारी से उनके निप्पल को बदल-बदलकर चूस रहे थे. अब मामा भी अपना एक हाथ मामी की पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगे थे, मामी की पेंटी थोड़ी गीली लग रही थी. फिर थोड़ी देर तक मामी की चूत सहलाने के बाद मामी ने कहा कि मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.

    मामा ने अपना अंडरवेयर निकाल दिया, उनका लंड लगभग 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. अब मामी ने उनके लाल टोपे पर अपनी जीभ फेरनी शुरू कर दी थी. अब मामा के हाथ मामी के बालों में घूम रहे थे. अब मामा का लंड बहुत कड़क हो गया था. अब मामी मामा का पूरा लंड अपने मुँह में लेकर आगे पीछे कर रही थी और अब मामा भी उनके सिर को पकड़कर अपनी कमर को हिला रहे थे.

    अब यह सब देखकर मेरा लंड भी अब कड़क हो गया था. फिर मामा ने मामी को बेड पर लेटा दिया और उनकी पेंटी को निकाल दिया, मामी की चूत पर काले बाल थे. फिर मामा ने मामी कि चूत को सहलाया और मामी की चूत को चाटने लगे थे. फिर तब मामी ने कहा कि में कब से तड़प रही थी. आज इसे शांत कर दो. तो मामा अपनी जीभ मामी की चूत में अंदर बाहर करने लगे.

    अब मामी भी अपने हाथों से मामा के सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी और अब उनके मुँह से सिसकी निकल रही थी. अब मामा ने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी थी और ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे थे और फिर थोड़ी देर के बाद अपनी दूसरी उंगली भी चूत में डाल दी थी. अब मामी की चूत बहुत ही गीली हो गई थी.

    मामा ने अपनी एक उंगली चूत में से बाहर निकाली और मामी की गांड में डाल दी तो मामी जोर से चीख पड़ी. फिर मामा धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगे. अब मामी बहुत ही उत्तेजित हो गई थी. फिर मामी ने कहा कि अब जल्दी से मुझे चोद दो, अब देर मत करो, प्लीज.

    फिर मामा ने उसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो मामी वैसे ही हो गई. अब मामी की गांड बहुत बड़ी दिख रही थी. अब तक मैंने उसकी गांड को कपड़ो में ही देखा था, लेकिन बिना कपड़ो के तो उनकी गांड बहुत ही बड़ी दिख रही थी. फिर मामा ने मामी के दोनों कूल्हों पर दो ज़ोर से थप्पड़ मारे तो मामी के मुँह से आवाज निकल गई. अब मामी के कूल्हें लाल हो गये थे.

    मामा ने अपना लंड मामी की गांड के छेद पर रगड़ने लगे. फिर मामी डरकर घूम गई और बोली कि अभी चूत की ही चुदाई करो, रात को गांड मारना, अभी बहुत दर्द होगा तो में सह नहीं सकूँगी. फिर मामा उसे सीधा लेटाकर उनके दोनों पैरो के बीच में बैठ गये. फिर मामा ने अपना लंड मामी की चूत पर रगड़ने के बाद एक जोर का धक्का दिया तो मामा का लंड थोड़ा अंदर घुस गया. अब मामा मामी के ऊपर लेट गये थे और किस करने लगे थे. अब उनके हाथ मामी के बूब्स पर थे और धीरे-धीरे धक्के लगा रहे थे.

    अब थोड़ी देर के बाद मामा ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, अब मामी भी उनका जवाब दे रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद मामा ने ऐसे ही चोदा और फिर बाद में मामा ने कहा कि अब थोड़ी देर तुम ऊपर आ जाओ. तो मामी उनके लंड को अपनी चूत के ऊपर बैठकर ऊपर नीचे होने लगी. अब मुझे मामी के बूब्स और उनकी गांड बहुत बड़ी दिख रही थी.

    थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद मामा ने उन्हें एकदम से पकड़कर नीचे कर दिया और वो उनके ऊपर हो गये और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगे. अब में ठप-ठप की आवाज सुन रहा था. अब में समझ गया था कि अब उनका पानी निकलने वाला है. फिर मामा ने ज़ोर-जोर से 5-6 झटके मारे, तो में समझ गया कि वो झड़ गये है.

    अब उन्होंने अपना पानी मामी की चूत में ही डाल दिया था. फिर वो दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही शांत एक दूसरे से चिपककर सोए रहे. फिर थोड़ी देर के बाद मामी ने कहा कि आज बहुत मज़ा आया. तो मामा ने कहा कि रात को क्या करना है वो तो पता है ना? तो तब मामी ने ज़ोर से मजाक में मामा के कूल्हों पर एक थप्पड़ मारा. अब मेरा पानी भी उनको देखकर निकल गया था तो में भी बाथरूम में जाकर पानी से साफ करके सो गया.

  • मामा तुम बहुत गंदे हो

    मैं अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा हूँ। उस समय मेरी भांजी सोनिया जिसकी उम्र उस वक्त करीब 18 साल होगी, उसका कद करीब 5 फुट 4 इंच है, रंग गोरा गोरा है, वो बचपन से रात को वो ज्यादातर मेरे साथ ही खेलते खेलते चिपक कर सो जाती थी, उस वक्त तो मुझे कुछ खास महसूस नहीं होता था। लेकिन जब उसके बूब्स करीब संतरे के आकार के हो गए तो रात को जब वो चिपक के सोती तो मेरी हालत ख़राब हो जाती।
    हालाँकि तब तक मैं कई लड़कियों को चोद चुका था, तथा कइयों की तो सील भी मैंने ही तोड़ी थी, क्योकि हमारा बिजनेस ही ऐसा था, हमारा रेडीमेड कपड़े बनाने का कारखाना है और हमारे यहाँ मशीनो पर सिर्फ़ लड़कियाँ ही काम करती हैं, हम ज्यादातर कुंवारी लड़कियों को ही काम पर रखते हैं, क्योकि एक तो कम पगार पर मिल जाती थी तथा दूसरे शादी होने पर अपने आप साल दो साल में काम छोड़ कर चली जाती थी। ज्यादातर हमारे यहाँ 19-20 साल की लड़कियाँ काम करती थी।
    खैर ये कहानिया मैं आपको बाद मैं लिखूंगा, तो मैं बता रहा था कि रात को जब मेरी भतीजी सोनिया मुझे चिपक के सोती तो उसके बूब्स मेरे सीने में दब जाते थे, उसे इस बारे में पता था या नहीं लेकिन इस हरकत से मेरा 8” लंबा हथियार खड़ा हो जाता और मुझे डर रहता कि कहीं उसका हाथ या पैर मेरे लंड को छू न जाए।
    एक रात को जब उसे नींद आ चुकी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके एक बूब्स पर रख दिया उसके बूब्स कमाल के सख्त थे। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिय। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और शमीज के ऊपर से उसके बूब्स को काफी देर तक दबाता रहा, उसने कोई हरकत नहीं की। इससे आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नहीं हुई आख़िर मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया।
    दूसरे दिन रात को फ़िर में उसके सोने का इंतजार करने लगा कि अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख लिया और नींद में होने का नाटक किए हुए सोती रही। मुझे समझ में आ गया कि कल रात को उसे सब कुछ मालूम हो चुका था, फ़िर क्या था मैंने उसके नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और देख कर हैरान रह गया कि आज उसने अन्दर शमीज ही नहीं पहनी थी। मेरे हाथ सीधे उसके अनछुए बूब्स पर थे, उसके छोटे छोटे पिंक कलर के निप्पल देख कर मेरे तो होश उड़ गए। उस रात मैंने उसके बूब्स को खूब मसला और मुँह में लेकर चूसा भी लेकिन वो सोती रही।
    मैंने धीरे से उसके पजामे के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ रखा तो मुझे लगा जैसे फूली हुई गद्दी पर हाथ रखा हो, मैंने धीरे से उसके पजामे के अन्दर हाथ डालने की कोशिश की तो वो दूसरी तरफ़ करवट बदल कर ओढ़ कर सो गई, आख़िर उस दिन भी मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया।
    अगले दिन से उसका व्यव्हार मेरे साथ कुछ बदल सा गया और वो बार-बार मामा- मामा कहकर मेरे साथ चिपकने लगी, मैं समझ गया कि अब इसको चोदने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा लेकिन मौका हाथ नहीं लग रहा था क्योंकि उसी कमरे में मेरे पिताजी भी सोते थे, इसलिए केवल बूब्स दबाकर तथा चूत ऊपर से दबाकर ही संतोष करना पड़ता था, अब तक हम खुल गए थे लेकिन हर बार वो इससे आगे बढ़ने के लिए मना कर देती।
    आख़िर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया, दीदी और जीजाजी शादी में मुंबई गए थे, पिताजी कारखाने में चले गए, घर पर सिर्फ़ मैं और सोनिया ही थे। सुबह 10 बजे का वक्त होगा, पिताजी के जाने के बाद जब वो नहाने जा रही थी तो मैंने उसे पकड़ लिया और चूमने लगा। तो वो बोली —- मामा मुझे छोड़ो ! मुझे नहाना है!
    मैंने कहा—- चलो आज साथ नहाते हैं,
    तो वो शरमा गई, क्योंकि आज तक हमने रात में ही सब कुछ किया था। मैं उसके साथ बाथरूम में घुस गया और उसके कपड़े उतारने लगा। वो न ना करती रही लेकिन मैंने उसकी पेंटी छोड़ कर सब कपड़े उतार दिए और अपने भी अंडरवियर छोड़कर सब कपड़े उतार दिए।
    वो शरमा रही थी लेकिन मैंने उसकी एक चूची एक हाथ में तथा दूसरी मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा। मैंने जैसे ही उसकी पेंटी को हाथ लगाया उसने कहा —- मामा ये सब नहीं !
    लेकिन मैं जानता था कि आज मौका है, जो करना है आज ही कर लेना है !
    मैंने कहा—- कुछ नहीं होगा और जबरन उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया। उसकी चूत पर नरम नरम रोयें जैसे छोटे छोटे बाल आना शुरू ही हुए थे, मैंने देखा उसकी चूत पूरी तरह गीली हो रही थी। मैंने उसकी पेंटी उतार दी तो उसने अपनी आँखे बंद करली। मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत को देखा और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा वो सिसकारियाँ भरने लगी और मेरे सर को जोर से अपनी चूत पर दबा लिया।
    मैंने उसे कहा—- चलो अन्दर बेडरूम में चलते हैं। वो कुछ नहीं बोली। मैंने उसे उठाया और अन्दर कमरे में बिस्तर पर ले आया। उसने आँखे बंद कर रखी थी, मैंने अपना अंडरवियर उतारा और उसकी बगल में लेट गया। धीरे धीरे उसकी चूत सहलाते हुए मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया, उसने उसे पकड़ लिया लेकिन कुछ कर नहीं रही थी। मैंने उसे लंड मुंह में लेने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया।
    मैंने फ़िर उसकी चूत चाटते हुए एक अंगुली उसकी चूत में डाल दी। उउफ्फ !! उसकी माखन जैसी छूट में मेरी उंगली फिसल कर अंदर चली गयी, उसने धीरे से उफ़ किया लेकिन कुछ बोली नहीं, मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा, धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा।
    फ़िर मैंने उठ कर अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और उसके पैरों को चौड़ा करके बीच में बैठ गया। वो आँखे बंद करके पड़ी रही। मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया ही था कि वो बोली- हाए मामा, दर्द हो रहा है, जबकि लंड तो अभी पूरा बाहर ही था।
    खैर, मैंने थोडी देर उसके बूब्स दबाये और फ़िर थोड़ा जोर लगाया वो फ़िर बोलने लगी कि दर्द होता है। उसकी चूत इतनी टाईट थी कि लंड का टोपा भी अन्दर नही घुस रहा था, मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे बातों में लगाया और धीरे धीरे अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा तथा उसे कहा कि वो जोर से मुझे बाँहों में भर ले। जैसे ही उसने मुझे बाँहों में लिया, मैंने पूरी ताकत से शोट मारा उसके मुँह से चीख निकल गई ।
    एक झटके में मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस चुका था, वो नीचे छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसे जकड़ रखा था, वो रोने लगी और कहने लगी मामा आप बहुत गंदे हो, आगे से मैं आपके पास कभी नहीं आउंगी।
    मैंने अपना लंड और आगे नहीं दबाया और उतने ही लंड से उसको चोदता रहा। धीरे धीरे उसे भी अच्छा लगने लगा, उसकी बाहें फ़िर मेरी पीठ पर कस गई, जैसे ही उसने अपनी पकड़ टाईट की, मैंने एक जोरदार शोट पूरा लंड बाहर निकाल कर लगा दिया। उसके मुँह से हिचकी सी निकली और वो फ़िर रोने लगी लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था। मैं उसको पूरी ताकत से चोदे जा रहा था। करीब 10 मिनट बाद उसने मुझे फ़िर बाँहों में भर लिया और अपनी टांगे और चौड़ी कर ली।
    अचानक उसकी चूत मेरे लंड को भींचने लगी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपक गई। मैं भी आने वाला था, मैंने झटके से अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर अपना सारा माल उड़ेल दिया। मेरा लंड बुरी तरह दर्द कर रहा था तथा खून से लाल हो रहा था। 5 मिनट तक हम वैसे ही बेड पर पड़े रहे। जब उठने लगे तो सोनिया उठ नहीं पा रही थी।
    जब हमने बेड की तरफ़ देखा तो हमारे होश उड़ गए पूरी बेडशीट लाल हो चुकी थी, यह देख सोनिया घबरा गई और फ़िर रोने लगी, मैंने उसे समझाया और चद्दर बदली, मैंने उसकी चूत पर नहाने के बाद रुई लगाई उससे चला नहीं जा रहा था, मैंने उसे पेनकिलर गोली दी, शाम तक काफी आराम हो गया, उसके बाद 4 दिन तक उसने मुझे हाथ भी नहीं लगाने दिया, लेकिन पांचवे दिन के बाद हमारा खेल फ़िर शुरू हो गया जो करीब 7 साल तक उसकी शादी तक चला।
    दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,

  • मामी सेक्स स्टोरी: प्यासी चूत की सफाई और चुदाई

    इस मामी सेक्स स्टोरी हिंदी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी चाची की भाभी यानि मेरी मामी को चोदा. एक दिन फोन पर मामी से बात हुई. उनकी सेक्सी आवाज सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

    मेरे प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्ते, मेरा नाम दीपू वर्मा है। मेरी उम्र 28 वर्ष है और मेरी लंबाई 5 फीट 10 इंच है. ऊपर वाले की कृपा से मैं एक अच्छी पर्सनेलिटी का मालिक हूँ। मैं उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का रहने वाला हूँ और लखनऊ में रहता हूँ।

    यह हिंदी मामी सेक्स स्टोरी आज से दस वर्ष पहले की है तब मेरी उम्र 20 वर्ष की थी.

    मुझे आंटी व भाभियां ज्यादा पसंद हैं सेक्स के मामले में, क्योंकि इनकी चूत चाहे जितनी चोदो, जैसे चोदो वैसे चुदने को तैयार रहती हैं वो.
    मेरी हिंदी कहानी की नायिका मेरी मामी है (मेरे चाचा के साले की बीवी) जिनकी उम्र उस समय 27 वर्ष की थी और उनका स्किन कलर गेंहुआ, कद मीडियम जो कि रहा होगा 36-34-38 के करीब. पूरी तरह से गदरायी हुई माल थी. मेरी मामी को एक 4 साल की बेटी थी।

    यह बात उन दिनों की है जब मैं पढ़ाई करने के दौरान दशहरे की छुट्टियों में अपने घर गया हुआ था. उस दिन मैं ऐसे ही घर पर टाइम पास कर रहा था कि मेरी चाची आयी और कहने लगी कि दीपू जरा अपने मामा के यहां फोन लगा दे. मेरे फोन में बैलेंस नहीं है.

    मैंने फोन लगा दिया और वहां से एक प्यारी सी आवाज में हैल्लो हुई. मैंने भी जवाब में हैल्लो किया.
    मैंने कहा- मैं दीपू बात कर रहा हूं, मामा जी घर पर हैं क्या?

    उधर से जवाब आया- क्यों, अपने मामा से ही बात करेंगे क्या, हमसे बात नहीं करेंगे?
    मैंने कहा- जी मैंने आपको पहचाना नहीं, आप कौन बात कर रही हो?
    वो बोली- मैं तुम्हारी मामी बात कर रही हूं.

    मैंने कहा- नमस्ते मामी जी. आप चाची से बात कर लीजिये, मैं आपसे थोड़ी देर के बाद बात कर लूंगा.
    इतना कह कर मैंने चाची को फोन पकड़ा दिया.
    चाची मेरी मामी से बात करने लगी.

    सात या आठ मिनट तक चाची और मामी आपस में एक दूसरे से बातें करती रहीं. उसके बाद फोन कट हो गया. मैंने फोन उठा कर एक तरफ रख दिया. उसके बाद मैं अपने कुछ काम में लग गया.

    लगभग 20 मिनट के बाद फिर से मेरा फोन बजने लगा. मैंने फोन उठा कर देखा तो कोई अन्जान नम्बर से कॉल आ रही थी. उस नम्बर से पहले कभी कॉल नहीं आयी थी. मैंने फोन रिसीव करके हैलो किया. वहां से वही प्यारी सी आवाज आई. मैंने पहली बार में पहचान लिया कि यह तो वही पहले वाली आवाज है जिससे मेरी बात अभी कुछ देर पहले ही हुई थी.

    मैंने कहा- मामी जी!
    वो बोली- अरे वाह, तुमने तो पहचान लिया मुझे.
    मैं बोला- कहिये क्या बात है.
    वो बोली- मैं तो बस ऐसे ही तुमको परेशान करने के लिए फोन कर रही थी. मुझे लगा कि तुम मेरी आवाज को नहीं पहचान सकोगे.

    उनको छेड़ते हुए मैंने कहा- अरे मामी जी, कहीं मुझे परेशान करने के चक्कर में आप खुद परेशान न हो जाओ.
    वो बोली- अरे मैं तो चाहती हूं कि तुम मुझे परेशान करो. वैसे भी भान्जे का मामी पर आधा हक होता है. मैं तो तुम्हें पूरा हक दे रही हूं. तुम जितना चाहे मुझे परेशान कर सकते हो.

    मैंने कहा- सोच लो मामी जी. अगर मैं परेशान करने लगा तो फिर कहीं आपको पीछे न हटना पड़े.
    वो बोली- अरे तुम परेशान तो करो, मैं तो 2 इंच आगे खिसक आऊंगी लेकिन पीछे नहीं जाऊंगी इंच भर भी. चाहे तुम कितना भी परेशान करके देख लो. कितना भी जोर (धक्का) लगा कर देख लो.

    मामी की आवाज से पता लग रहा था कि वो लेटी हुई थी और अंगड़ाई ले रही थी. वो मुझे उकसाने की बातें कर रही थीं. डबल मीनिंग बातें करते हुए मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था. एक तो मामी की आवाज बहुत मधुर थी और दूसरी तरफ वो मीठी मीठी बातें करके जैसे मुझे उत्तेजित करना चाह रही थी.

    फिर उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा- अच्छा, ये नम्बर किसका है?
    मैंने कहा- मेरा ही है. क्यूं क्या हुआ? आप ऐसे क्यों पूछ रही हो?
    वो बोली- कुछ नहीं, बस ऐसे ही पूछ रही हूं. आप ये बताओ कि आप मेरे यहां पर क्यों नहीं आते हैं? कभी मुझसे बात भी नहीं करते हैं. मैं आपकी सगी मामी नहीं हूं इसलिए नहीं आते हो क्या मुझसे मिलने?

    मैंने कहा- नहीं मामी जी, ऐसी कोई बात नहीं है. मेरे पास आपका नम्बर नहीं था. इसलिए आपसे कभी बात नहीं हो पाती थी.
    वो बोली- ठीक है, अब तो नम्बर भी मिल गया है. अब देखूंगी कि कितनी बार फोन करोगे मेरे पास!
    मैं बोला- जब तक आप करने दोगी, तब तक करता रहूंगा.

    इस बार मैंने भी डबल मीनिंग से मामी को उत्तेजित करने की कोशिश की. मैं तो जानता था कि मामी फोन के बारे में बात कर रही है लेकिन मेरा मकसद उसकी चुदाई करने से था क्योंकि मामी की बातों से मुझे पूरा यकीन हो चला था कि मामी की चूत की प्यास बार-बार उनको मुझे उनके पास बुलाने के लिए कह रही है.

    मेरी इस बात पर मामी ने कहा- देख लो भान्जे, तुम थक जाओगे करते-करते अगर मैंने दे दिया तो.
    मामी ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित करते हुए कहा.
    मैंने कहा- पहले आप दीजिये तो सही, उसके बाद देखेंगे कि मैं थकूंगा कि नहीं.

    यहां पर मेरा मतलब मामी के फोन नम्बर से नहीं बल्कि मामी की चूत से था. मुझे पूरी उम्मीद हो चली थी कि मेरी मामी सेक्स स्टोरी अब तैयार है.
    वो बोली- ठीक है तो फिर तय रही. मेरा यही नम्बर है. जब आप को टाइम मिले तब कीजिये। ठीक है बाबू, मैं आपसे बाद में बात करूंगी।

    उसके बाद मैं मामी जी के बारे में सोच-सोच कर उत्तेजित होने लगा कि मामी की बातों से ऐसा लग रहा है कि पटाऊंगा तो चूत चोदने को मिल जाएगी।

    मामी की चूत चुदाई के बारे में सोचते हुए दिन निकल गया। बार बार उनकी डबल मीनिंग बातें सोच कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था. मन कर रहा था कि एक बार जाकर मुठ मार लूं. फिर नहीं मारी. ऐसे ही सोचते-सोचते रात में डिनर किया. रात का खाना खाने के बाद फिर मैं सोने की तैयारी कर रहा था लेकिन मामी के साथ हुई कुछ बातों को याद करके उत्तेजित हो गया और मेरा लंड बिल्कुल खड़ा होकर सलामी देने लगा.

    मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और वापस आकर अपने बेड पर लेट कर मैं अपने तने हुए लंड पर हाथ फिराने लगा. मामी की चूत व चूचों की कल्पना करने लगा. मेरा लंड एकदम फटने वाला हो चुका था. मन कर रहा था कि अगर अभी मामी पास में होती तो उसकी चूत को चोद चोद कर फाड़ देता.

    अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने अपना लोअर निकाल दिया अपने अंडरवियर में हाथ डाल कर आंखें बंद कर लीं और मामी के बारे में सोचते हुए लंड को मसलने लगा. धीरे-धीरे मेरी हवस और बढ़ने लगी और मैंने लंड पर तेजी से हाथ चलाना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने कल्पना करते हुए मामी के कपड़े उतारने शुरू कर दिये.

    मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड पर चल रहा था. मैं अपने लंड की मुट्ठ मारने लगा. फिर सोचा कि ऐसी सूखी कल्पना करने से बेहतर तो मामी को फोन ही कर लूं और मामी की आवाज सुनते हुए अपना लंड को हिलाऊं.
    फिर मैंने सोचा कि अभी तो मामा ही मेरी मामी की चूत को चोदने में लगा हुआ होगा. इसलिए मैंने फोन को वापस रख दिया.

    मैं ऐसे ही कल्पना करते हुए मामी को नंगी करने लगा और तेजी के साथ लंड पर हाथ चलाते हुए मुट्ठ मारने लगा. दो-तीन मिनट हो गये थे लंड को हिलाते हुए कि मेरे फोन की रिंग बजने लगी और मैंने देखा तो मामी के ही नम्बर से फोन आ रहा था.

    मैंने हैल्लो किया तो मामी बोली- अभी तक सोये नहीं हो?
    मैं बोला- नहीं, नींद नहीं आ रही थी.
    वो बोली- क्यूं, नींद क्यों नहीं आ रही है?
    मैंने कहा- किसी की याद आ रही थी.
    वो बोली- गर्लफ्रेंड को याद कर रहे हो क्या?

    हंसते हुए मैंने कहा- नहीं मामी, अभी तो मैं सिंगल ही हूं.
    वो बोली- फिर इतनी रात को किसकी याद में खोए हुए हो?
    मैंने कहा- सच कह दूं.
    वो बोली- हां, अब बता भी दो.
    मैंने कहा- मामी, आपकी ही याद आ रही थी.

    वो बोली- अच्छा, तो फिर फोन कर लेते?
    मैंने कहा- नहीं बस इसलिए नहीं किया कि आप और मामा जी अभी लगे हुए होगे.
    वो बोली- क्या?
    मैंने कहा- बातों में लगे हुए होगे आप दोनों इसलिए नहीं किया.
    वो हंसते हुए बोली- अच्छा, मैं तो कुछ और ही समझ गई थी.

    फिर मामी बोली- वैसे इतनी रात को मुझ बुढ़िया को याद किसलिए कर रहे थे तुम?
    मैंने कहा- अरे मामी, अमरूद जितना पका हुआ हो उसका मिठास उतना ही ज्यादा होता है.
    मामी बोली- अरे वाह, तुम तो कहावतें भी जानते हो. ऐसे होशियार लड़के की एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है. मुझे तो सोच कर आश्चर्य हो रहा है.

    मैंने कहा- क्या करूं मामी, कोई ऐसी मिली ही नहीं जो मेरे मन की बात समझ सके. मगर अब सोच रहा हूं कि एक तो बना ही लूं. कम से कम रात में बात करते हुए उसके साथ टाइम पास तो हो जाया करेगा.
    मामी बोली- तो फिर बना लो. इसमें इतना सोचने की क्या बात है.
    मैंने कहा- मामी बना तो लूं, लेकिन!
    वो पूछने लगी- लेकिन क्या?
    मैंने कहा- कुछ नहीं, जाने दो.

    वो बोली- इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगी.
    मैं बोला- अगर मैं जबरदस्ती करने लगा तो?
    वो बोली- अच्छा जी, सीनाजोरी करोगे अपनी मामी के साथ?
    मैंने कहा- जी बिल्कुल, आपने पूरा हक दिया हुआ है मुझे.
    मामी बोली- हां, ये तो है.

    मैं बोला- अच्छा छोड़िये इन बातों को. आप बताइये कि आपने इस टाइम कैसे फोन किया. आपको भी नींद नहीं आ रही है क्या?
    वो बोली- हां भान्जे, मैं भी ऐेसे ही तनहा लेटी हुई हूं.
    मामी की बात सुनकर मेरा लंड फिर से झटके देने लगा और मैं लंड को सहलाने लगा.
    मैंने कहा- तो मुझे ही बुला लेती अपने पास, या मामा के डर से नहीं बुलाओगे?

    मामी बोली- अरे नहीं, तुम्हारे मामा तो अलग बेड पर सोते हैं.
    मैं बोला- तो फिर मुझे कहां पर सुलाओगी?
    वो बोली- जहां तुम्हारा मन करे वहां सो जाना.
    मैंने कहा- अपने ऊपर सुला लोगी क्या?

    ये कहते हुए मेरे मुंह से सिसकारी सी निकल गई. मैं तेजी से अपने लंड की मुठ मार रहा था.
    वो बोली- सुला तो लूं लेकिन वो जगह तो तुम्हारे मामा की जगह है सोने के लिए.

    मैंने कहा- तो थोड़ी सी जगह मुझे भी दे देना वहीं साथ में?
    मामी भी अब हंसते हुए बोली- तुम्हारी बातों से तो लग रहा है कि तुम्हें कुछ और ही चाहिए. लगता है कि भान्जा अब जवान हो गया है.
    मैं बोला- तो जो आप समझी हो वही दे दो.
    मामी बोली- क्या चाहिए मेरे राजा को!
    अब मामी भी उत्तेजित होकर बातें करने लगी थी और मामी के स्वर में एक कसक सी महसूस हो रही थी.

    उसकी बात का जवाब देते हुए मैंने कहा- जो मामा जी को देती हो वही …
    वो बोली- अगर वो दूंगी तो कितना करोगे?
    मैंने कहा- जितना आप साथ दोगी, उतना ही करूंगा.
    अब मुझे भी पूरा जोश चढ़ गया था और दोनों ही सेक्स चैट पर उतर आये थे.

    अब मामी ने और खुल कर पूछते हुए कहा- सच बताओ अब, कितनी देर तक कर लेते हो?
    मैंने कहा- सच कहूं तो मामी कभी मैंने इसका अनुभव नहीं किया है क्योंकि मैंने अभी तक किसी के साथ नहीं किया है. मुझे इसका अंदाजा और तजुरबा नहीं है.

    मामी बोली- अनुभव तो मैं दे दूंगी. तुम आगे तो बढ़ो.
    मैंने कहा- मैं तो कर रहा हूं.
    वो तपाक से बोली- क्या कर रहे हो?
    मैंने बात पलटते हुए कहा- मतलब मैं तो आगे बढ़ रहा हूं.

    मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड की मुठ मार रहा था. बहुत मजा आ रहा था.
    मेरी उत्तेजना में मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं. उधर मामी के स्वर भी भारी से लग रहे थे. कुछ देर तक ऐसे ही मामी के साथ सेक्स की बातें करते रहने के कारण मेरा वीर्य निकलने वाला था.

    मैंने तेजी से अपने लंड की मुठ मारते हुए मामी से बातें करना जारी रखा. जोश में आकर मैंने मामी को आई लव यू बोल दिया. उधर से मामी ने भी लव यू टू कह दिया. इतना सुनकर एकदम से मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगी.

    मेरे लंड से वीर्य निकल कर मेरी जांघों पर टिकी मेरी गोलियों तक बहने लगा. मैंने शांत होकर ऐसे ही अंडरवियर को ऊपर कर दिया और फिर मामी को गुड नाइट बोल कर सो गया.

    मामी से बातें करते हुए मेरे लंड की प्यास तो कुछ समय के लिए शांत हो गई थी लेकिन उस रात मैंने मामी की चूत की प्यास को बहुत तेज कर दिया था. मामी की चूत प्यासी हो चुकी थी. जिसकी प्यास बुझाने के लिए मामी ने फिर क्या किया वो मैं मामी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में बताऊंगा.
    में आपने पढ़ा कि मेरी मामी ने रात को फोन पर बातें करते हुए मुझे उत्तेजित कर दिया. अब हम दोनों सेक्सी बातें करने लगे. मामी से बातें करते हुए मैंने मामी को चोदा अपनी बातों से … अपने लंड की मुठ मारी और उधर मामी की चूत को भी गर्म कर दिया.

    मैंने अपने लंड का माल निकाल दिया था लेकिन मामी की चूत अभी प्यासी रह गई थी. मैं मामी से बात करते हुए मुठ मार कर सो गया. उस दिन मैंने उनको आई लव यू भी बोल दिया था जोश में.

    मामी भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए जैसे पूरी तरह से तैयार थीं. उस दिन के बाद तो रोज हम दोनों के बीच में फोन पर सेक्सी बातें होने लगीं.
    एक दिन सेक्स चैट करते हुए मैंने मामी को खुले शब्दों में चोदने की बात कह दी.

    उनको भी मेरी बात का जरा भी बुरा न लगा. बल्कि वो कहने लगी- ठीक है चोद लेना … मगर एक वादा करना पड़ेगा तुमको!
    मैंने पूछा- बोलो मेरी सेक्सी मामी. आपके लिए तो मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं.
    वो बोली- जब तक तुम्हारी शादी नहीं हो जाती, तब तक तुम्हें मेरी चूत को चोदना पड़ेगा.
    मैंने कहा- अरे आप एक बार चूत चोदने का मौका तो दो. मैं आपकी चूत को फाड़ न दूं तो कहना.
    वो बोली- ठीक है. तो फिर सही मौके इंतजार करो और तैयार रहो.
    मैंने कहा- जी बिल्कुल मैं तो तैयार हूं.

    अब मामी और मेरे बीच में लंड और चूत जैसी बातें खुल कर होने लगी थीं. मामी ने भी बोल दिया था कि जितना खुल कर बात करेंगे उतना ही मजा आयेगा. इसलिए हम दोनों रोज रात को फोन पर गन्दी बातें करते हुए एक दूसरे को मजा देते थे.

    काफी दिन ऐसे ही बीत गये थे. मगर अभी तक हम दोनों को मुलाकात करने का मौका नहीं मिल पाया था. मैं भी मामी की चूत को चोदने के लिए बुरी तरह से तड़प रहा था. उधर मामी भी मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़प रही थी.

    एक दिन सुबह ही अचानक मामी का फोन आ गया.
    मामी बोली- मेरे राजा, अगर तुमको मामी की चूत मारनी है तो आज शाम तक मेरे घर पर पहुंच जाना. आज मौका अच्छा है.
    मैं बोला- ठीक है मामी जी. मैं शाम तक आपके घर पर पहुंच जाऊंगा.

    उस दिन मैं सोचने लगा कि अब बढ़िया मौक़ा है … अब मामी को चोदा तो चोद लिया … नहीं तो पता नहीं मौक़ा मिले ना मिले!
    अब घर वालों के सामने क्या बहाना किया जाये कि मैं मामी की चूत मारने के लिए जा सकूं. अगर सीधा ही कहूंगा कि मैं मामी के पास जा रहा हूं तो मां सौ सवाल करने लगेगी. इसलिए मैंने पढ़ाई का बहाना कर दिया.

    मैंने मां से कहा- मुझे अपने एक दोस्त के यहां पर कुछ जरूरी काम से जाना है. मेरे कॉलेज का कोई प्रोजेक्ट है तो मैं रात को वहीं पर रहूंगा.
    पढ़ाई की बात सुन कर मां ने कोई सवाल नहीं किया. मैं खुश हो गया. मैंने तुरंत मामी के घर जाने की तैयारी कर दी.

    शाम के 6 बजे तक मैं मामी के घर पहुंच गया. उन्होंने जब दरवाजा खोला तो मैं उनको देखता ही रह गया. वो बिल्कुल तैयार होकर बैठी थी. मामी ने हल्के गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी और उस पर काला ब्लाउज था. वो एकदम हीरोइन के जैसी दिख रही थी.

    मामी ने मुझे अंदर बुला लिया.
    कुछ देर तक हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.
    मैंने पूछा- मामा जी कहां गये आज?
    वो बोली- वह काम के सिलसिले में एक सप्ताह के लिए बाहर चले गये हैं.

    मैंने पूछा- और आपकी बेटी?
    मामी ने कहा- उसको मेरी मां अपने घर लेकर चली गई. कल ही मेरी मां आई थी. तुम्हारे मामा तो एक दिन पहले ही चले गये थे लेकिन बच्ची कल ही अपनी नानी के साथ गई है.

    खुश होते हुए मैंने कहा- वाह, फिर तो मजा आयेगा. लेकिन आपने मुझे कल ही क्यों नहीं बुलाया?
    मामी ने कहा- मेरी मां कल शाम तक घर पर ही थी इसलिए नहीं बुलाया. लेकिन तुम बड़े उतावले हो रहे हो.

    मैं बोला- हां मेरी रानी, तुम्हारी चूत चोदने के लिए मैं तो जैसे बरसों से प्यासा हूं.
    वो बोली- हां मेरे राजा, मैंने भी तुम्हारी प्यास बुझाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है.

    उनकी बात पर मैंने पूछा- आपने क्या खास तैयारी की है?
    वो बोली- तुम खुद ही देख लेना.
    मैंने कहा- लगता है आपने कोई सरप्राइज़ रखा है मेरे लिये.
    वो बोली- हां बिल्कुल.

    मैंने कहा- तो फिर देर किस बात की है?
    वो बोली- पहले कुछ खा लेते हैं उसके बाद शुरू करेंगे.
    इतना कह कर वो उठ कर किचन में चली गई और केले का शेक बना कर ले आई.
    मैंने कहा- इस टाइम पर शेक?

    वो बोली- हां, तुम्हारे केले को एनर्जी देने के लिए बनाया है.
    मैं बोला- मेरे केले में बहुत एनर्जी है.
    इस बात पर मामी बोली- वो तो रात में पता चल ही जायेगा मेरे राजा.
    मैंने कहा- रात का इंतजार कौन करेगा मेरी रानी.

    इतना कह कर मैंने मामी को बांहों में भर लिया. उसके होंठों पर होंठ रख दिये और दोनों ही एक दूसरे से लिपटते हुए एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे. मैंने मामी की साड़ी को उतारना शुरू कर दिया तो उसने मुझे रोक दिया.

    पीछे हट कर बोली- पहले शेक पी लो.
    तब तक मैं खाना तैयार कर लेती हूं. हमारे पास पूरी रात है अभी.
    मेरा लंड मेरी पैंट में तन गया था. मामी ने उस पर हाथ फेरते हुए कहा- ये तो अभी से उतावला हो रहा है.
    मैंने कहा- बस मामी, आपकी चूत का रस पीना चाहता है ये.

    वो बोली- हां मेरे राजा, पहले खाना खायेंगे फिर सब कुछ करेंगे.
    इतना बोल कर वो किचन में चली गई.

    मैंने भी शेक का गिलास गटक लिया. मामी के पीछे ही मैं भी किचन में चला गया. वो खाना बना रही थी. मैंने पीछे से जाकर मामी की गांड पर लंड को लगा दिया.

    उसको बांहों में भर कर उसकी गांड पर लंड को रगड़ने लगा. उसके चूचों को दबाने लगा.
    मामी ने बेलन दिखाते हुए कहा- इससे मारूंगी. अभी मुझे खाना बनाने दो.
    मैंने मामी की गांड पर लंड को सटाते हुए कहा- मेरा बेलन भी तैयार है मेरी रानी. चलो बेलन-बेलन खेलते हैं.

    मामी ने पलट कर मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ कर खींच दिया. उसको हाथ में भींच कर उसका माप लेते हुए बोली- तुम्हारा बेलन तो वाकई कड़क है. क्या ये मेरी पाव रोटी को अच्छी तरह बेल पायेगा?
    मैंने कहा- एक बार अपनी पाव रोटी के दर्शन तो करवाओ. उसको चोद-चोद कर लाल न कर दे तो कहना.
    वो बोली- ठीक है. पहले खाना खा लेते हैं.

    हम दोनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया.
    मामी ने अपने हाथ से मुझे खाना खिलाया. मैं मामी के चूचों की क्लिवेज को ही ताड़ रहा था. उसके बाद मामी किचन में बर्तन रख कर वापस आ गयी.

    मैंने कहा- बस मामी, अब और इंतजार नहीं हो रहा है. अब जल्दी से मेरे पास आ जाओ.
    वो बोली- हां मेरे राजा. मैं भी इतनी ही बेचैन हूं. लेकिन उससे पहले तुम्हें एक और काम करना पड़ेगा.
    उनकी बात पर मैंने पूछा- अब कौन सा काम रह गया है?

    झांट साफ़ करके मामी को चोदा
    वो बोली- मेरी भट्टी पर थोड़ी सी घास रह गई है. पहले उसको साफ कर दो.
    मैंने कहा- आह्ह … अभी कर देता हूँ उसकी सफाई.
    इतना कहने पर वो बोली- ठीक चलो, रूम में अंदर.

    मामी मुझे अपने रूम में ले गई. अंदर जाते ही मैंने मामी को चूसना शुरू कर दिया. उनके चूचों को दबाना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ देने लगीं. फिर मामी ने अलग होकर अपनी साड़ी को खोलना शुरू किया.

    मैंने कहा- ये काम भी मैं ही कर देता हूं.
    वो बोली- ठीक है.
    मैंने पास जाकर मामी की साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया. फिर उसके ब्लाउज के हुक खोल कर उसके ब्लाउज को अलग कर दिया.
    उसने नीचे से काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसमें उसके चूचे भरे हुए थे.

    मामी की ब्रा को उतारते ही उनके चूचे एकदम से हवा में झूल गये. मैंने उनको हाथों में भर लिया और फिर उनके चूचों को पीने लगा. मामी मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूचों में दबाने लगी.
    उसके बाद मैंने मामी के पैटीकोट को भी खोल दिया. अब मामी केवल पैंटी में रह गई थी.

    जब मैं पैंटी को उतारने लगा तो मामी ने मुझे रोक दिया. फिर वो पास ही के स्लैब से रेजर और क्रीम लेकर आ गयी.
    मामी ने अपनी पैंटी उतारी तो मैं देख कर हैरान रह गया. उसकी चूत के ऊपर के बाल आधे कटे हुए थे और आधे वैसे ही छोड़ दिये थे.

    मैंने कहा- आपने इसे पूरी साफ क्यों नहीं किया?
    वो बोली- तुमसे ही करवाना था.
    मैं बोला- अच्छा जी, ठीक है. सफाई और चुदाई दोनों ही मजे से कर दूंगा.

    फिर वो अपनी टांगों को खोल कर बेड पर बैठ गई. मैं मामी की टांगों के बीच में बैठ गया. मैंने मामी की चूत पर क्रीम लगा दी. उसके बाद झाग बनने पर मैंने रेजर से मामी की चूत को साफ करना शुरू कर दिया.

    दो मिनट में ही मामी की चूत बाल रहित हो गई. उसकी चूत से उत्तेजना के मारे पानी निकलने लगा था. मैंने मामी की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. वो सिसकारियां लेने लगी. मैंने उंगली से मामी को चोदा.

    उसके बाद मैंने मामी की चूत में जीभ डाल दी और उसको तेजी से अंदर तक साफ करने लगा. मामी के मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगीं -उम्म्ह … अहह … हय … ओह … बस करो … आराम से … मेरे राजा.’
    मैं कई मिनट तक मामी की चूत को चाटता रहा और इस बार जीभ से मामी को चोदा.

    जब उनसे रहा न गया तो उसने मुझे पीछे धकेला और उठ कर मेरे कपड़े उतारने लगी. मामी ने दो मिनट के अंदर ही मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया.

    नंगा होने के बाद उसने मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाते हुए मेरे होंठों को चूसा. मामी के हाथ मेरे लंड को सहलाते हुए उनके होंठ मेरे होंठों से लार को खींच रहे थे. मैं भी मामी के चूचों को कस कर दबा रहा था.

    उसके बाद मामी ने मुझे नीचे बेड पर बैठा दिया. अब वो मेरी टांगों के बीच में आ गई और मेरे लंड को मुंह में भर लिया. मेरे लंड को तेजी से चूसने लगी. मेरे मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं. दो मिनट तक मामी ने मेरे लंड को चूसा और फिर मैं उठ गया.

    मैंने मामी को बेड पर पटक दिया. उनकी टांगों को चौड़ी कर दिया. फिर अपने लंड को उनकी चूत पर लगा दिया और उनके ऊपर लेटता चला गया. मेरा लंड मामी की प्यासी और गीली चूत में उतर गया. अब पल भर भी इंतजार किये बिना मैंने मामी की चिकनी चूत में लंड के धक्के लगाना शुरू कर दिया.

    “आह्ह … मेरी रानी … मेरी चुदक्कड़ मामी … तुम तो बहुत गर्म चूत की मालकिन हो!”
    वो सिसकारते हुए बोली- हां मेरे राजा, अपने लंड से मेरी इस प्यासी चूत की प्यास बुझा दो. मैं बहुत दिनों से मस्त चुदाई का मजा लेना चाह रही थी. तुम फोन पर ही मेरी चूत को गीली कर देते थे. आज जाकर इसको तेरा लंड नसीब हुआ है मेरे राजा.

    मैं तेजी से मामी की चूत को चोदने लगा. पांच-सात मिनट तक चुदाई करने के बाद मैंने मामी को घोड़ी बनने के लिए कह दिया. मैंने बहुत से पोर्न वीडियो में ये पोजीशन देखी हुई थी. इसलिए मेरे लंड की तमन्ना थी कि मैं मामी की चूत में अपना पानी इसी पोजीशन में निकालूं.

    अपनी इच्छा मामी को बताई तो वो झट से घोड़ी बन गई.

    Mami Ko Choda
    Mami Ko Choda
    मैंने मामी की चूत पर लंड को रगड़ा और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया. मामी की चूत में लंड को घुसा कर तेजी से उसकी चुदाई करने लगा.
    अब हम दोनों ही चुदाई के नशे में मदहोश हो चुके थे. मामी की चूत को चोदते हुए बहुत मजा आ रहा था. पूरे कमरे में आह्ह … ओहह् जैसी कामुक आवाजें गूंज रही थीं. पांच मिनट के बाद ही मेरे लंड का पानी निकलने के कगार पर पहुंच गया.

    मैंने मामी से बिना पूछे ही तीन-चार जोर के झटके लगाये उसकी पानी छोड़ रही चूत में अपना माल गिरा दिया. मामी की चूत तो अपने जवान लंड के गर्म वीर्य से भर दिया मैंने.

    उसके बाद हम दोनों ही बिस्तर पर गिर गये. उस रात मैंने मामी की चूत की सफाई के साथ ही जम कर चुदाई भी करी. रात भर मामी की चूत को 3-4 बार चोदा. सुबह तक मामी की चूत सूज कर लाल हो गई थी. उस दिन सुबह ही हम दोनों सोये.

    रात भर की चुदाई के बाद दोनों थक गये थे. उस दिन दोपहर तक मैं सोता ही रहा.

    दोपहर को मां का फोन आ गया कि मैं अब तक घर नहीं पहुंचा हूं.
    मैंने कहा- अभी थोड़ा काम बाकी है मां. शाम तक आ जाऊंगा.
    उठने के बाद मैंने एक बार फिर से मामी को चोदा और मैं अपने घर चला गया.

    मैं फिर अगले दिन पढ़ाई का बहाना बना कर मामी की चुदाई करने पहुँच गया. इस तरह एक सप्ताह तक मैंने मामी की प्यासी चूत को अपने लंड से चोदा और अच्छी तरह शांत किया.

    उसके बाद मामा जी वापस आ गये. फिर मेरे कॉलेज भी खुल गये थे. इसलिए हम दोनों को मौका नहीं मिल सका. मगर जब भी कभी मामी जी घर पर नहीं होते तो मेरी मामी मुझे बुला लेती थी और हम चुदाई के जमकर मजे लेते थे. जब भी मामी ने बुलाया, मैं मामी के घर गया और मामी को चोदा पूरे मजे से!

    तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अपनी चुदक्कड़ मामी को चोदा, उनकी चूत की सफाई और चुदाई दोनों ही कर डाली.

    आपको मेरी मामी सेक्स स्टोरी पसंद आई या नहीं … कमेंट करना न भूलें. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.
    [email protected]