Category: बॉस || ऑफिस की चुदाई

  • दो परिवारों का मिलन

    हैल्लो फ्रेंड्स, में अपनी छोटी बहन सिमरन (उम्र 23 साल) को रोज चोदने लगा था और माँ उषा (उम्र 48 साल) को भी चोदता था, लेकिन थोड़ा कम, क्योंकि वो ज़्यादातर अपने ऑफिस के बॉस से चुदवा कर ही वापस आती थी वहाँ उन्हें प्रमोशन और मुझसे बड़ा 9 इंच का लंड जो मिलता था. मैंने नेट पर एक नया दोस्त बनाया, उसका नाम विशाल था और उसकी उम्र 21 साल थी, जो अपनी बहन गीता (उम्र 25 साल) और माँ संगीता (उम्र 45 साल) को अपने बाप (उम्र 46 साल) के साथ चोदता था .

    फिर हमने फोन पर बातें की और फिर बाद में गीता ने सिमरन से और मेरी माँ ने उसकी माँ से भी चुदाई की बातें की, तभी उसके बाप ने मेरी माँ से फ़ोन पर कहा बहन जी, आप तो हमारी फेमिली के बारे में जान ही चुकी हैं और हमें भी राज ने सिमरन और आपके बारे में बता दिया है, तो क्यों ना हम एक दिन मिल कर दोनों परिवार खुशियाँ मनायें, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे 2 परिवारों के 3 लंड और 4 चूत.

    माँ : भाई साहब मुझे कुछ सोचने का समय दीजिये.

    विशाल के पापा : जितना मर्ज़ी समय लीजिये, लेकिन भाई साहब ना कहिये, मेरा तो जानेमन तुम्हारी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है. विशाल, राज, सिमरन सब आपस में बात कर चुके हैं मेरी बीवी संगीता, तो कब से अपने नये बेटे राज से चुदवाने को मचल रही है. आप भी तो अपने बेटे राज को अपना पति मान चुकी हैं और मैंने सुना है सिमरन तो आजकल आपको घर में भाभी कहकर बुलाती है.

    माँ : ह्म्‍म्म्म…यह बात है तो आपके लंड महाराज की तो सेवा करनी ही पड़ेगी, ठीक है, जैसी आप सबकी मर्ज़ी, में राज से बात करके फाइनल तारीख तय करके आपको बताती हूँ.

    विशाल के पापा : अपनी बेटी को मेरे लंड का सलाम देना, थैंक्स जानेमन.

    माँ : बाय डियर.

    यह कहकर माँ ने फ़ोन रख दिया. माँ ने जब सारी बात मुझे और सिमरन को बताई, तो हम खुशी के मारे उछल पड़े और हम दोनों भाई-बहन ने माँ का मुँह चूम लिया. फिर सिमरन ने जींस के ऊपर से ही मेरे आधे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया और फिर शुरू हो गया चुदाई का एक नया दौर. फिर मैंने सिमरन की चूत मारी और उसने माँ की चूत को चाट कर शांत किया और चुदाई के बाद माँ बोली कि अगले शनिवार का दिन ठीक रहेगा, वो शाम को आकर हमारे साथ ही रात गुज़ार लेंगे और फाइनल प्रोग्राम बना कर मैंने विशाल को फ़ोन कर दिया कि शनिवार शाम को 8 बजे तक हमारे घर पहुँच जाना.

    फिर हमने नंगे बैठ कर ही फाइनल प्रोग्राम बनाया और फिर प्रोग्राम के अनुसार वो लोग शनिवार को ठीक टाइम से 15 मिनट पहले ही पहुँच गये और वो साथ में 2 वाईन की बोतल और खाना पैक करवा कर लाये थे, जैसे ही डोर बेल बजी सिमरन ने भाग के गेट खोला और विशाल को देखते ही उसने उसे हग किया और लिप किस किया. विशाल के पापा जिनका नाम अमित था, उन्होंने सिमरन को गोद में उठा लिया और पीछे से उसकी गांड को मसलते हुए अंदर ले आये.

    अंदर आते ही मैंने सबकी आपस में पहचान करवाई, जैसे ही मैंने दोनों माँ को आपस में मिलवाया तो वो आपस में लिप किस करके गले मिली और कहा कि मुबारक हो आपको यह नये लंडो की मस्ती और ये बोल कर दोनों हंसने लगी. फिर सिमरन और गीता ने भी किस किया, फिर सिमरन ने गीता का हाथ पकड़कर मेरी पेंट की चैन पर रख दिया और बोली यह लो गीता आपका वेलकम गिफ्ट, गीता बोली माल तो बड़ा ही ज़बरदस्त लग रहा है. उधर विशाल के पापा माँ के बूब्स दबा रहे थे, विशाल पीछे से माँ की पीठ पर किस कर रहा था.

    फिर विशाल की माँ संगीता बोली अरे रुको पहले डिनर तो कर लो, पूरी रात अपनी है, जमकर मस्ती करना. फिर मेरी माँ भी बोली हाँ यही ठीक रहेगा. फिर माँ, संगीता आंटी, सिमरन और गीता सभी किचन में चले गये. हमने ड्रॉइग रूम की टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा ली, उसमें 2 कपल की चुदाई का सीन चल रहा था. फिर विशाल बोला कि यार राज हम तो बाप बेटा आपस में खुले हुए हैं तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना? नहीं यार विशाल में भी अपनी माँ की चूत तक लंड चूस कर ही पहुंचा हूँ.

    विशाल : वो कैसे?

    में : मेरी माँ के बॉस माँ को खूब चोदते थे. जब कहीं जगह नहीं मिलती थी तो घर में ही माँ की बैंड बजाने लगे. जब मुझे पता चला तो वो बोले तू भी कर ले, ये माँ की मज़बूरी थी या वासना पता नहीं पर वो दो चार बार नाटक करके मान गयी.

    फिर बॉस ने एक शर्त रखी कि मुझे उनका लंड चूस कर अपनी माँ की चूत में डालना पड़ेगा. पहले तो अजीब लगा. फिर कुछ दिन के बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा. माँ की चूत से बॉस की मलाई खाने में तो जन्नत का मज़ा आता है.

    विशाल : वाऊऊउ.

    यह कह कर विशाल और उसके पापा ने अपने पजामे निकाल दिए. दोनों ने ही अन्दर अंडरवेयर नहीं पहना था. फिर मैंने भी अपने कपड़े और अंडरवेयर निकाल दिया, तो ब्लू फिल्म में एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था और दूसरा लड़का पहले लड़के को अपना लंड चुसवा रहा था और चुदने वाली लड़की दूसरी लड़की की गांड चाट रही थी. यह देख कर हमारे तीनों के लंड तन गये, मेरा और विशाल का लगभग एक ही साईज़ का था, लेकिन उसका ज़्यादा काला था और विशाल के पापा का हम दोनों से लम्बा और मोटा था. लगभग 9 इंच का तो होगा. फिर हम तीनों एक दूसरे के लंडो को देख ही रहे थे कि तभी सारी लेडीस अंदर आ गयी.

    संगीता : आज, तो तुम सब सब्र कर लो इन कामों से, इतनी मस्त रंडियों के होते हुए.

    विशाल : माँ अब आप तो जानती ही है कि पापा की रबड़ी कितनी टेस्टी है.

    गीता : वो तो है.

    में : डाइनिंग टेबल पर डिनर और ड्रिंक्स तैयार था, लेकिन हम सब आज नंगे हो कर डिनर करेंगे.

    गीता : ग्रेट आइडिया.

    सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, माँ और सिमरन की ब्रा अमित अंकल ने खोली और मैंने संगीता आंटी की पेंटी उतारी और उनकी शेव चूत पर किस किया. जब सब नंगे हो गये, तो सिमरन ने ड्रिंक्स सर्व करना शुरू किया और जल्दी ही सबने 2-2 पैक वोडका के गटक लिए, अब सब मस्ती मे आ चुके थे.

    सिमरन : माँ देखो, अमित अंकल का कितना सुंदर और तगड़ा है.

    माँ : हाँ बेटी, मुझे पता है तेरी चूत इसे लेने के लिए पानी छोड़ रही है.

    माँ ने एक उंगली सिमरन की चूत में डाली और सबको उसका पानी दिखाया, सिमरन माँ की राईट साईड में बैठी थी और अमित अंकल लेफ्ट में बैठे थे. उन्होंने माँ की उंगली को चूसना शुरू कर दिया और अपनी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी.

    अमित अंकल : सिमरन की चूत का टेस्ट तो राज सच में लाजवाब है, लेकिन तुम्हारी माँ की चूत भी बहुत गर्म महसूस हो रही है.

    डाइनिंग टेबल की दूसरी तरफ मेरे और विशाल के बीच में संगीता आंटी बैठी हुई थी. मैंने और विशाल ने उनका एक एक बूब्स हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. संगीता ने विशाल का और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सिमरन और अमित अंकल ने 1-1 पैक सबके लिए और बनाया. फिर हमने वो पिया और डिनर स्टार्ट किया.

    फिर डिनर करने के बाद हम बेडरूम में जाने लगे, तो माँ बोली कि क्यों ना यहीं फ्लोर पर गद्दे लगा कर सारे एक साथ सेक्स करें. तो अमित अंकल बोले गुड आइडिया, फिर मैंने और विशाल ने जब तक गद्दों की सेंटिंग की. तब तक अमित अंकल ने माँ की ऑयल मसाज करनी शुरू कर दी. सिमरन अंकल का लंड चाट रही थी, संगीता आंटी सिमरन की गांड चाटते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

    में : किसी को कंडोम की ज़रूरत तो नहीं है.

    गीता : हमारी फेमिली में तो सबको बिना कंडोम के ही पसंद है.

    माँ : में और गीता भी सेक्स करने के बाद आई-पिल लेते है तो बिना किसी चिंता के खुलकर मज़े लो बेटा.

    माँ का गोरा बदन ऑयल की मसाज के बाद चमक रहा था.

    विशाल : वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और बोल रहा था कि किसी को कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना.

    माँ : नहीं, बेटा बिल्कुल नहीं ये, तो मीठी यादें स्टोर करने का एक तरीका है. मुझ पर फोकस ज़रूर करना जब में तुम्हारे पापा का लंड चूसने लगूं.

    अमित अंकल : अब सब बातें ही करते रहोगे या फिर पहला राउंड शुरू किया जाये.

    सब नंगे, तो पहले से ही थे. फिर बारी बारी माँ ने और सिमरन ने अमित अंकल का लंड चूसना शुरू कर दिया. अमित अंकल ने माँ के बाल पकड़कर खींचे और बोले कि साली कुतिया तू मेरी रांड है. चूस मेरा लंड में आज तुझे माल पिलाऊंगा.

    सिमरन बोली जानू मुझे भी अपनी रांड बना लो, तो अमित अंकल ने माँ के मुँह से लंड निकालकर सिमरन के मुँह में डाल दिया, वो गप गप करके उसे चूसने लगी और माँ उनके लंड के अंडे सहलाने लगी. ऊधर गीता आंटी मेरा और विशाल का लंड चूस रही थी, वो एक का लंड मुँह में लेती तो दूसरे का लंड अपने हाथ से हिलाती, उनके मुँह से लार टपक रही थी और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में एक उंगली डालने की कोशिश कर रही थी.

    संगीता आंटी : मेरा कौनसा बेटा आज पहले अपनी माँ की चूत का उद्घाटन करेगा.

    विशाल : माँ ये हक़ तो मम्मी आज राज को ही मिलना चाहिए.

    संगीता : तुझे अपना वादा याद है ना विशाल?

    में : कैसा वादा?

    संगीता : विशाल ने जब तुम से मरवाने की बात की थी तो तुमने वादा किया था कि वो खुद तुम्हारा लंड पकड़कर चूसकर मेरी चूत में डालेगा.

    में : वाउ, विशाल आ जा जल्दी से.

    फिर विशाल ने मेरा लंड मुँह में लिया और संगीता ने जब तक अपनी टाँगें फैला दी. फिर विशाल ने उसकी चूत पर थूक दिया और फिर अपनी जीभ फेरने लगा, संगीता की फूली हुई चूत पूरी लाल हो चुकी थी. फिर विशाल ने मेरा लंड चूत पर लगाया और बोला बेस्ट ऑफ लक भाई, फिर मैंने संगीता की आँखों में वासना कैद की और देखा, जैसे उसकी आँखे कह रही हो कि जल्दी डाल मेरे कसम और मुस्कुराते हुए एक ही धक्के में मैंने 3 इंच लंड चूत में डाल दिया. ऊधर अमित अंकल सिमरन की चूत चोद रहे थे.

    उनके लंड की बड़ी साईज़ की वज़ह से सिमरन की आँखों में आसूं आ गये थे और माँ सिमरन के मुँह पर अपनी चूत देवी को रखे हुये थी. मैंने संगीता की चूत में धक्कों का तूफान मचा दिया और फिर संगीता ने विशाल को अपनी गांड में लंड डालने को कहा, फिर हमने पोज़िशन थोड़ी चेंज की ताकि वो लंड गांड में डाल सके.

    संगीता : घर पर भी जब मेरे पति मेरी चूत मारते है तो विशाल को गांड में ही जगह मिलती है, क्योंकि उनका लंड तो मेरी गांड में लेना मेरे बस की बात नहीं है. लेकिन गीता एक दो बार हिम्मत करके ले चुकी है और गीता सोफे पर बैठकर अपनी चूत में उँगलियों को अंदर बाहर कर रही थी और वीडियो रिकॉर्डिंग करते करते गीता भी अब तक पूरी गर्म हो चुकी थी. सिमरन अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर अमित अंकल ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और माँ को चाटने के लिए दिया.

    माँ : आपने मेरी बेटी का सही तरह से पूरा रस निकाला है अब अपनी इस रांड पर भी थोड़ा ध्यान दीजिये. यह कहकर माँ डॉगी पोज़िशन में आ गयी और फिर सिमरन ने अंकल की तरफ एक आँख मारी और अंकल का लंड माँ की गांड पर लगा दिया. फिर अंकल ने भी जल्दी से माँ के चूतड़ पकड़कर लंड अंदर धकेल दिया.

    माँ : साली कुतिया बता तो देती कि शेख साहब को इस बार दुबई से आने दे, तेरी गांड का मुरब्बा ना बनवाया, तो में भी तेरी माँ नहीं.

    अमित अंकल : जानेमन, हम क्या शेख साहब से कम है, देखती जाओ हमारे इस लंड महाराज का कमाल.

    माँ : अब धक्के लगाओ तब देखती हूँ.

    अंकल ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी माँ तो पहले ही अनुभवी थी, इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, वो अब खूब इन्जॉय कर रही थी और खुद लंड को पूरा गांड में लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. फिर सिमरन अंकल की गांड को चाटने लगी. अब गीता से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंकल ने माँ को चोदते हुए गीता के बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

    अब सिमरन ने अपनी उँगलियों से गीता की चूत मारनी शुरू कर दी. मुझे और विशाल को संगीता को चोदते हुए 10 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे तो में झड़ने वाला था. शायद विशाल भी झड़ने वाला था. मैंने पूछा जान कहाँ निकालूं तो संगीता बोली मेरे दोनों बेटों जहाँ लंड है वहीं निकालो.

    फिर हम दोनों ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक साथ संगीता की चूत और गांड में झड़ गये. गीता ने कैमरा हम पर ही फोकस किया हुआ था. जैसे ही 2 मिनट के बाद हमारा लंड सिकुड़कर बाहर निकला तो उसकी चूत और गांड में से वीर्य बाहर टपकने लगा. गीता ने कैमरा विशाल को दिया और एक परफेक्ट कुत्तिया की तरह चाटकर अपनी माँ की चूत और गांड से रसमलाई निकाल कर खाने लगी.

    उसकी मस्त गांड मुझे बुला रही थी उसके गुलाबी होल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऊधर अंकल भी सिमरन के मुँह में अपना माल झाड़ रहे थे और सिमरन ने सारा माल मुँह में ले लिया और फिर माँ से उसे शेयर करने लगी. उस रात हम सभी ने गांड और चूत की सेवा की और कब किसने किसकी सेवा की ये तो अब हमें भी याद नहीं रहा और सुबह के चार बजे हम वहीं सारे नंगे ही सो गये और हमने उस रात खूब मजा किया.

  • बॉस की सेक्सी बीवी के साथ जबरदस्ती चुदाई की, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शहबाज़ है और मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों यह घटना मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है और जिसको में आज बहुत बार सोचकर आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह घटना तब की है जब में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक ऑटोपार्ट्स की दुकान में काम करता था और मेरे बॉस दुकान के मालिक मुझे छोटू बुलाते थे, उनकी उम्र करीब 36 या 37 साल थी और तब मेरी उम्र 22 थी, उनकी पत्नी जिसका नाम मेघा और वो बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत थी और उनकी एक बेटी भी थी.

    दोस्तों मेरे बॉस ने अपनी शादी बहुत देर से की थी और बॉस की बीवी की उम्र करीब 30-31 की थी, लेकिन वो अपने सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन से दिखने पर ऐसी बिल्कुल भी लगती ही नहीं थी कि वो इतनी उम्र की भी हो सकती है? दोस्तों मुझे अपने बॉस की दुकान के काम के साथ साथ उनके घर के काम भी छोटे बड़े सभी करने पड़ते थे, जैसे कि बॉस का उनके घर से दिन में खाना लेकर आना घर के लिए कोई भी सामान ले जाना और भी बहुत कुछ इससे मेरी और मेरे बॉस की पत्नी की बहुत अच्छी बनती थी, उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और में हमेशा उन्हें मजाक में बॉस ही बोलता था, लेकिन वो कभी भी मुझसे किसी भी बात पर नाराज नहीं होती थी.

    वो भी मुझे प्यार से छोटू ही बोलती थी और जब भी में उनके घर पर काम से जाता तो हम बहुत देर तक मस्ती मज़ाक करते, मुझे उनके फिगर के साईज का तो पता नहीं, लेकिन वो भरे बदन की थी और उनका रंग भी बिल्कुल गोरा था, हमारा मजाक इतना होता था कि जब भी में अपने बोस का खाना लेने जाता तो में उनसे मजाक में बोलता था कि आपके पापा ने खाना मंगवाया है तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हँसने लगती और मुझसे कहती कि तुम बहुत बदमाश हो गया है बहुत बड़ी बड़ी बातें करता है.

    एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे बोला कि छोटू में 20-25 दिन के लिए किसी जरूरी काम से अपने गाँव जा रहा हूँ तो तू क्या मेरे पीछे से दुकान सम्भाल लेगा? फिर मैंने बोला कि हाँ बॉस कोई बात नहीं आप आराम से बिना चिंता किए चले जाईये. फिर बॉस मुझसे बोले कि तेरी मेडम मेरे साथ नहीं जाएँगी, क्योंकि बेटी का स्कूल है तो इसलिए तू दुकान बंद करने के बाद मेरे घर पर ही रहना. फिर मैंने बोला कि जी बॉस. फिर बॉस बोले कि में कल सुबह ही निकल जाऊंगा तो तू दुकान पर ठीक समय पर आ जाना.

    फिर दूसरा दिन आया. मैंने दुकान खोली तब तक बॉस जा चुके थे और में पूरे दिन बिल्कुल अकेला था. फिर रात हुई और में अपने बॉस के घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद मेडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने दिन में खाना खाया था? फिर मैंने बोला कि जी बॉस हाँ मैंने दिन में खाना खा लिया था. फिर कुछ देर बाद मेडम ने खाना लगाया और हमने एक साथ ही बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम तीनो खा पीकर सो गये, में होल में ही सोया था और ऐसे ही तीन दिन गुजर गये सब कुछ एकदम ठीक ठाक था.

    उसके अगले दिन रात के करीब 2:30 बज रहे थे और मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी तो में पेशाब करने उठा और जब में वापस आया तो मेरी नज़र मेडम के रूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि रूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था तो मैंने सोचा कि शायद मेडम जाग रही है तो इसलिए में रूम के बहुत करीब गया और जैसे ही मैंने अंदर देखा तो देखकर मेरे होश उड़ गये और मेरी दोनों आँखे फैल गई, क्योंकि उस समय मेरी बॉस मेक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहला रही थी और आअहह उउफफफ्फ़ हनमम्म कर रही थी और मेरा मन किया कि में जाकर उनसे चिपक जाऊँ, लेकिन मेरी इतनी हिम्म्त नहीं हुई और में किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल करके या शायद उनसे डरकर में वापस आकर सो गया.

    फिर सुबह हुई और हम नाश्ता कर रहे थे, में अब चोर नज़र से मेडम को ही बार बार देख रहा था और तभी मेडम मुझसे बोली कि क्या बात है आज तुम बहुत चुपचाप हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और फिर पूरे दिन भर में दुकान पर जाने के बाद अपनी मेडम के बारे में ही सोचता रहा और सोचते सोचते मेरा लंड टाईट हो जाता और आज में रात को सोया ही नहीं बस उनके बारे में ही सोचता रहा और रात को करीब दो बजे में फिर से उठा और मेडम के रूम की तरफ जाकर देखा, लेकिन आज दरवाजा अंदर से बंद था तो में करीब गया और वहीं पर बैठ गया और कुछ देर बाद अंदर से फिर वही सिसकियों की आवाज़ आने लगी और में बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और ऐसे ही पूरे 6 दिन हो गये और मेरा मन अब अपनी मेडम को चोदने का बहुत कर रहा था और फिर वो रात आ गई, रात के 1 बज रहे थे और में दरवाजे के बिल्कुल पास ही था और मेडम की आवाज़ सुन रहा था. मैंने अब दरवाजे पर ज़ोर से हाथ मार दिया और जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया और फिर में मेडम से बोला कि क्यों आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मेडम बोली कि हाँ क्या हुआ में तो एकदम ठीक हूँ. फिर में बोला कि जी मेडम और फिर में जाकर हॉल में बैठ गया.

    फिर थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और मेडम बाहर आ गई. में उस समय सोफे पर बैठा हुआ था तो वहीं पर मेडम भी आकर बैठ गई और वो बोली क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे थे में डर गई थी? फिर में बोला कि मेडम मैंने आपकी आवाज़ सुनी तो मैंने सोचा कि शायद आपकी तबीयत खराब है. फिर मेडम बोली कि नहीं में एक सपना देख रही थी. मैंने पूछा कि कैसा सपना?

    मेडम बोली कि वो एक बहुत डरावना सपना था, अब में उनसे नाटक करने लगा क्या मेडम आप भी सपनो से डरती हो? अब वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मेडम क्या आप ज़्यादा डर गई हो? फिर मेडम बोली कि नहीं तो. फिर में बोला कि फिर आप बिल्कुल चुप क्यों हो? तो मेडम बहुत ही धीरे से बोली कि मुझे बहुत प्यास लगी है तो में तुरंत समझ गया, लेकिन फिर भी मैंने नाटक किया हाँ ठीक है में अभी पानी लाता हूँ और में उठकर पानी लाया और उनसे बोला कि यह लीजिए तो मेडम ने देखा तो मुझे हँसी आ गई.

    फिर मेडम मुझसे पूछने लगी कि तुम ऐसे हंस क्यों रहे हो? मैंने उनसे बोला कि लीजिए अपनी प्यास बुझा लीजिए, तभी मेडम ने मेरा एक हाथ खींचकर मुझे सोफे पर बैठा लिया और वो मेरी गर्दन को दबाकर मुझसे बोली कि क्या बात है तुझे बहुत हंसी आ रही है? प्यास नहीं जानते तुम या नाटक कर रहे हो? और अब मेडम के बूब्स मेरी छाती से टकरा गये में और पीछे हुआ और मेडम बैठ गई. फिर में बोला कि मेडम मुझे पता है कि आप क्या सपना देखती हो? अब मेडम ने हल्की सी स्माईल की और बोली कि क्या पता है?

    में बोला कि यही कि जो सपना आप देखती हो तो उससे आपको प्यास लग जाती है और फिर में ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और मेडम ने फिर मेरी गर्दन को दबाया और बोली कि ज्यादा हंस मत और इस बार उनके बूब्स मेरी छाती से पूरी तरह चिपक गये और मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा और मेरी नज़र मेडम के बूब्स पर गई और तभी वो उठने लगी तो मैंने देर ना करते हुए उनके गाल पर एक किस कर लिया तो वो पहले थोड़ा सा शरमाई.

    फिर हंसकर मेरे होंठो को चूमने लगी और अब मेडम सोफे पर एकदम सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गई. मैंने अपने दोनों पैर फैला लिया और मेडम मेरे पैर के बीच में आ गई और मेरा लंड उनकी उभरी हुई गीली चूत से दब रहा था और वो खुद जानबूझ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबा रही थी, में उन्हें ज़ोर से चिपकाए हुए था और हम दोनों ज़ोर से किस कर रहे थे.

    तभी में अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और फिर चूत को सहलाने लगा और मैंने धीरे से मेडम की चूत में एक चींटी काट ली और जिसकी वजह से वो उछल गई और में हँसने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि कमीने रुक में अभी तुझे बताती हूँ और यह बात कहकर उसने ज़ोर से मेरी छाती पर अपने दाँत से काट लिया और उस दर्द की वजह से में चिल्ला पड़ा तो उसने तुरंत मेरे मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर वो मुझसे बोली कि ज्यादा चिल्ला मत वरना में और भी ज़ोर से काट सकती हूँ.

    फिर हम दोनों सोफे से सीधे नीचे फर्श पर लेट गये और मेडम अब तक मेरे ऊपर चड़ी हुई थी और वो लगातार मेरे लंड पर अपनी चूत को मसल रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दोस्तों मेडम का वजन थोड़ा ज़्यादा था और अब मेडम मेरे ऊपर से हटी और पास में आकर बिल्कुल सीधा लेट गई और हम ऐसे ही नीचे लेटे हुए थे.

    फिर मेडम मुझसे बोली कि तुम कभी किसी को कुछ भी मत बोलना तो मैंने उनसे कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो कभी भी किसी को पता नहीं चलेगा और अब मेडम मेरी तरफ मुस्कुराई और में उसके ऊपर चड़ गया और अब में मेडम के ऊपर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ था, में उस समय नाईट पेंट पहने हुए था जिससे मेरा लंड मेडम की चूत से होते हुए उनकी जाँघो के बीच में घुस रहा था और अब हम किस कर रहे थे और में एक हाथ से मेडम का एक बूब्स बहुत ज़ोर से दबा रहा था, अब में मेडम की गर्दन को चूम रहा था और साथ ही एक बूब्स को दबा भी रहा था और जिसकी वजह से मेडम उह्ह्ह्ह ऑश आहह अफफफफफ छोटू अह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.

    अब मेडम ने मुझे अपने उपर से हटाया और वो खुद सोफे पर बैठ गई मेडम ने अपनी नाईट पेंट को उतार दिया उन्होंने अंदर काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी अब उसने अपने दोनों पैर फैला दिए और फिर वो मुझसे बोली कि चल अब आ जा जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे. फिर में सोफे के करीब गया और उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से हाथ फेरने लगा फिर मैंने पेंटी के ऊपर से ही चूत पर एक किस किया तो मेडम ने उफ़फ्फ़ स्सीईईइ करके अपनी दोनों आँखो को बंद कर लिया.

    फिर मैंने मेडम की पेंटी को उतारा और उनकी चूत को अपनी एक उंगली से सहलाने लगा फिर मैंने अपनी उंगली को चूत में घुसा दिया, जिसकी वजह से मेडम सिसकियाँ लेने लगी और आअहह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी. अब में उस बैचेन, तड़पती हुई, प्यासी चूत के पास अपना मुहं ले गया और अपनी जीभ से उनके चूत के दाने को सहलाने लगा और फिर मेडम मुझसे बोली कि उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह छोटू तू यह क्या कर रहा आईईइ है? अब में उनकी चूत को चाटने, चूसने लगा और में अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक घुसाकर चाट रहा था. मेरी मेडम अब मेरा सर पकड़कर अपनी चूत के ऊपर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी और वो आहह उफफ्फ़ उईईईई की आवाज़ निकाल रही थी.

    फिर थोड़ी ही देर में उसने मेरा सर अपनी चूत पर और भी ज़ोर से दबा दिया और अब उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर निकाल दिया जिसको में चूसने लगा और उसके बाद में उठा और अब हम दोनों पूरे नंगे हो गये थे मेरा लंड पूरा टाईट था. तो मेडम मेरा लंड देखकर मुझसे बोली कि साले कमीने तेरा कितना बड़ा है? मैंने कहा कि हाँ यह आपके लिए ही है, मेडम बोली कि अच्छा रुक में अभी तुझे बताती हूँ और वो अब मेरा लंड पकड़ कर ज़ोर से ज़ोर मसलने लगी में ऑश उफ्फ्फ बाप रे मेडम करने लगा. तो मेडम मुझसे बोली कि क्यों क्या हुआ बच्चू दर्द हो रहा है? में बोला कि क्या आज इसे तोड़ ही दोगी क्या?

    फिर मेडम हँसने लगी फिर वो बहुत आराम से मेरे लंड से खेलने लगी और में उसके एक बूब्स को दबाने तो दूसरे को चूसने लगा कुछ देर बाद में रुका और मैंने मेडम से बोला कि में एक मिनट में अभी वापस आता हूँ में जल्दी से पास वाले रूम में गया और दो तकिए लेकर आ गया और अब मेडम फर्श पर लेटी हुई थी और मैंने एक तकिए को मेडम की गांड के नीचे रख दिया मेडम की चूत बहुत मोटी थी और बहुत मस्त चूत थी.

    मैंने अब उनके दोनों पैर फैलाए और एक बार फिर से उनकी चूत को चाटने लगा मेडम सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि तू चूत को बहुत अच्छा चाटता है और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर और भी ज़ोर से उनकी चूत को चाटने लगा, लेकिन थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मेडम मुझसे बोली कि छोटू में गई और में ज़ोर से चाटने लगा.

    मेडम का फिर से पानी निकल गया जिसकी वजह से उनकी पूरी चूत गीली हो चुकी थी. में अब मेडम के दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़कर गीला करने लगा और मेडम उफफफ्फ़ आह्ह्ह्ह कमीने जल्दी से इसे अंदर डाल दे, कुत्ते तू यह क्या कर रहा है? थोड़ा जल्दी से डाल दे स्सीईईई आह्ह्ह् क्या बस ऐसे ही करता रहेगा?

    फिर मैंने उनकी तड़प को देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा मेडम की गीली चूत के मुहं पर रख दिया और एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया. मेडम उईईई उफ्फ्फफ्फ्फ़ कुत्ते साले तेरा बहुत बड़ा है थोड़ा मेरे ऊपर रहम कर आह्ह्ह्ह और अब में थोड़ा रुककर ऐसे ही अपने लंड को डाले कुछ देर रुका रहा.

    फिर मैंने मेडम के दोनों बूब्स को एक एक हाथ में पकड़ा और बूब्स को दबाते हुए बूब्स के बीच में अपनी जीभ से चाटने लगा और मेडम आअहह उफ्फ्फ्फ़ अर्ररर और हाँ तेज़ तेज़ सिसकियाँ लेती हुई बोली कि छोटू मुझे किस करो. अब में मेडम के ऊपर लेट गया और उनके गुलाबी होंठो को धीरे धीरे मज़े लेते हुए चूसने लगा.

    अब मैंने लंड को धीरे से थोड़ा बाहर किया और फिर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से मेडम की चीखने की आवाज़ मेरे मुहं में दबकर रह गई और अब में लगातार धक्के देकर अपनी मेडम की चुदाई करने लगा छप छप पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी. मेरी मेडम ऊऊहह एसस्स ऊओह मरी छोटू और ज़ोर से करो और उफ्फ्फ्फ़ मज़ा आ गया और बोलती रही करीब 20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और फिर हम एक साथ झड़ गये और में मेडम के ऊपर ही कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा जिसकी वजह से मेरा लंड अभी भी मेडम की चूत में ही था और धीरे धीरे सुकड़कर छोटा हो रहा था. फिर में उठा तो मेडम मुझसे मुस्कुराकर बोली कि क्या हुआ थक गया?

    मैंने बोला कि अभी कहाँ अभी तो पूरी रात बाकी है फिर हम उठकर बाथरूम में चले गये मेडम ने पेशाब किया और में उन्हें देख रहा था मैंने अब पेशाब करते हुए ही उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मेडम उछल पड़ी और हम हम दोनों हँसने लगे और फिर मेडम ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया और फिर हमने पानी चालू किया और अब हम भीगते हुए एक दूसरे को चूमने, चाटने लगे. मैंने मेडम को अब सीधा लेटा दिया और फिर उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा जिसकी वजह से पानी मेरे ऊपर से गिरकर मेडम की चूत पर टपक रहा था और मेडम ऊओह्ह्ह आअहह ह्म्‍म्म्म कर रही थी.

    अब मैंने अपनी मेडम के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चोदा और कुछ देर बाद मेडम मेरे ऊपर बैठकर मुझे चोद रही थी. उस रात हमने सिर्फ़ दो बार चुदाई की और फिर अगले दिन से कई बार रात में हम चुदाई करते और एक दिन मेरे बॉस का फोन आया कि उन्हे वापस आने में अभी 10-12 दिन और लगेंगे और इसलिए तक मेरे बॉस वहां पर नहीं थे तब तक हम पति पत्नी की तरह रहने लगे.

    हमने बहुत बार चुदाई के मज़े लिए और फिर जब मेरे बॉस वापस आए तो भी मेरी मेडम मेरे बॉस को फोन करती और उनसे कहती कि छोटू को घर पर भेज दीजिए उससे मुझे कुछ सामान मंगवाना है और इस बहाने से हम करीब 20 -25 मिनट तक बहुत मज़े से चुदाई कर लेते थे. दोस्तों मेघा मेडम से मेरा यह रिश्ता पूरे एक साल से भी ज़्यादा रहा और इस बीच हमने बहुत बार सेक्स किया. यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था जिसको मैंने बहुत मज़े के साथ बिताया.

  • नौकरी के लिए बीवी को बॉस से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, में अनुज और में बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और इसकी सभी कहानियाँ बहुत अच्छी होती है. एक दिन मैंने भी सोचा कि में भी अपनी कहानी आप लोगों को सुना दूँ, यह मेरी एकदम सच्ची घटना है और में शादीशुदा हूँ, मेरी पत्नी का नाम मीता है और वो इस घटना से पहले एक सिधी साधी टाईप की लड़की हुआ करती थी, मेरी उम्र 28 साल है और उसकी उम्र भी 28 साल है और में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ और मेरी पत्नी तो बहुत ही सुंदर है, उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं करीब 5.2 इंच है, लेकिन वो बहुत ग़ज़ब की गोरी चिट्टी है और उसका फिगर अब 38-34-40 है, लेकिन पहले जब हमारी शादी हुई थी तो उसका फिगर कुछ 36-28-36 होगा. दोस्तों मेरा लंड तो हमेशा उसकी बड़ी गांड को देखते ही खड़ा हो जाता है, वाह क्या मस्त गांड है मेरी मीता की? और अब में अपनी आप बीती बताता हूँ.

    दोस्तों यह घटना आज से करीब तीन साल पहले की है जब मेरी शादी को करीब 2 साल हुए थे और हमारे तब तक कोई बच्चा भी नहीं था और हमारी शादी कम उम्र में हो गई थी. दोस्तों में उस समय जिस कम्पनी में नौकरी करता था, में उससे बहुत परेशान रहता था और हमारी शादी के बाद करीब 1-2 साल तो सब कुछ ठीक चला, लेकिन नौकरी की परेशानी होने की वजह से धीरे धीरे हमारे (मेरे और मेरी पत्नी) बीच में झगड़े बढ़ने लगे.

    एक दिन मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या बात है? फिर मैंने उसे बताया कि मेरे ऑफिस में मेरा बॉस मुझे बिना वजह ही परेशान करता है. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम कोई और नौकरी देख लो, लेकिन आप सभी तो बहुत अच्छी तरह से समझते है कि आज कल नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती.

    दोस्तों वैसे मेरे 3 बॉस है, पहला जिसका नाम कमलेश है और उसकी उम्र करीब 45 साल है. दूसरा जिसका नाम विजय है, उसकी उम्र 42 साल करीब है और तीसरा जिसका नाम दिलशान है और उसकी उम्र करीब 40 साल है. दोस्तों मेरा जो दूसरे नंबर वाला बॉस है विजय वो बहुत ही ठरकी किस्म का आदमी है और मुझे वो ही परेशान करता था और बाकी बॉस मुझसे कुछ बोलते भी नहीं थे, क्योंकि बिज़नेस में सबसे ज्यादा समझदार बस वही था और हमारे ऑफिस में काम करने वाली एक कम उम्र की लड़की से उसके गलत सम्बन्ध भी थे और यह बात सारा ऑफिस जानता था.

    दोस्तों वैसे हमारे ऑफिस में हर कभी पार्टी होती रहती थी और जिसमें सभी काम करने वाले लोग अपने अपने परिवार के साथ आते थे, लेकिन में कभी भी अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था, क्योंकि मेरी पत्नी मीता बहुत धार्मिक विचारो वाली औरत थी और वो समझती थी कि पार्टी में शराब पीते है और एक दूसरे की पत्नी को गंदी नजर से घूरते भी है.

    दोस्तों मुझे क्या पता था कि बस यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी कि में अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाता था. फिर जब भी पार्टी होती तो मेरा ठरकी बॉस विजय सबको खासतोर पर बोलता था कि अपने परिवार के साथ आना. एक बार जैसे तैसे में मीता को राज़ी करके पार्टी में ले गया, उसने काली कलर की साड़ी लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और अपने होंठो पर लाल कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी और उसने अपने बाल खुले हुए रखे थे, मेरे पास टाईम नहीं था वरना मेरा दिल उसे एक बार चोदने का कर रहा था, वो ब्लाउज उसके बड़े बड़े बूब्स को बड़ी मुश्किल से जकड़े हुए था, शायद वो बहुत टाइट होगा और आखरी समय पर साड़ी बदलने का भी टाईम नहीं था वरना हम लेट हो जाते.

    दोस्तों मीता अपनी साड़ी को ज्यादा टाईट ही बाँधती है, जिसकी वज़ह से उसके बड़े बड़े चूतड़ बाहर निकले रहते है और वो जब चलती है तो उसके बड़े बड़े मटकते कूल्हों को लोग बड़े घूर घूरकर देखते है, क्योंकि मैंने भी कई बार लोगों को घूरते हुए देखा था. एक लड़का जिसकी उम्र करीब 19 साल थी और जो बिल्कुल हमारे सामने वाले घर में रहता हैं, वो तो मेरी पत्नी को हमेशा ही कुछ ज्यादा ही घूरता था और मुझे ऐसा लगता था कि उसे अगर कोई मौका मिले तो वो अभी मेरी पत्नी को चोद देगा.

    फिर हम पार्टी में पहुंच गए और वहां पर तब तक बहुत लोग आ चुके थे और कुछ आने बाकी थे, लेकिन प्रोग्राम शुरू हो गया था, में मीता को अपने साथ काम करने वाले लोगों से मिलवा रहा था, करीब आधे घंटे के बाद मेरा वो बॉस विजय हमारे पास आया और आकर मुझसे बड़े प्यार से बोला ओह हो अनुज तो यह है तुम्हारी पत्नी, अब समझा कि तुम इन्हें क्यों किसी भी पार्टी में नहीं लाते थे? क्योंकि यह तो बहुत सुंदर है और अब उसकी आँखे मेरी पत्नी के पूरे बदन पर घूम रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आँखो में कोई मशीन लगी हो और वो मेरी पत्नी के कपड़ो के पीछे छिपे उसके अंगो का मुआएना कर रहा हो?

    मीता को देखकर उसकी आखों में एक अजीब सी चमक आ गई थी. थोड़ी देर बात करके मैंने बॉस से कहा कि चलो सर हम खाना खाते है. फिर वो मुझसे बोला कि तुम जाओ में बाद में खा लूँगा. फिर मैंने किसी दोस्त से बात करने के बहाने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़र मीता के मटकते हुए कूल्हों पर थी और उसे तो यह भी एहसास नहीं था कि में उसे देख रहा हूँ, वो तो बस मीता के कूल्हों में ही खोया हुआ था.

    फिर जब में और मेरी पत्नी खाना खा रहे थे तो बॉस मेरे पास आया और पूछने लगा कि कोई परेशानी तो नहीं है सब ठीक तो है? वो यह सब मुझसे नहीं मेरी पत्नी से पूछ रहा था, उसके लिए तो में जैसे वहाँ था ही नहीं. उसने मेरी पत्नी से उसका नाम पूछा तो मेरी पत्नी ने बताया कि मीता और वो कहने लगा बहुत प्यारा नाम है, क्योंकि मीता नाम की मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो कि मुझसे बहुत खुली हुई थी.

    दोस्तों अब मुझे बुरा तो बहुत लग रहा था, लेकिन में क्या कहता? मीता मेरी तरफ देखे जा रही थी तो तब मुझे थोड़ा एहसास हुआ कि शायद अब मेरे बॉस की मेरी पत्नी पर नियत खराब हो गयी है और यह बात पक्की करने के लिए में यह बात कहकर कि मुझे वॉशरूम जाना है, उन दोनों को अकेले छोड़ गया और में थोड़ा दूर जाकर उन्हें देखने लगा कि वो अब क्या करता है?

    वो तो मीता से बहुत घुल मिलकर बातें कर रहा था जैसे पार्टी में बस वो दोनों ही हो, लेकिन मीता मुझे कुछ बैचेन सी लग रही थी और वो मेरे बॉस की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी. फिर में वापस आ गया तो उसने मुझसे कहा कि आप दोनों बैठो में वेटर से बोलता हूँ कि आपका ख्याल रखे और अब उसने एक टेबल पर हमे बैठा दिया, मुझे लगा कि वो तो अब वापस पार्टी में चला जाएगा, लेकिन नहीं वो तो वहीं पर चिपककर बैठ गया और वो भी मेरी पत्नी के पास. फिर वो बोला कि वाईन पियोगे यार बियर? तो मैंने मीता की तरफ देखा तो उसके चेहरे से मुझे लग रहा था कि जैसे वो मुझसे कुछ कह रही हो कि देखो इसलिए में कभी नहीं आती थी.

    फिर मैंने बॉस से बोला कि नहीं सर हम तो सॉफ्ट ड्रिंक ही लेते है तो वो बोला कि कोई बात नहीं तुम सॉफ्ट ड्रिंक ले लो और में कुछ वाईन ले लेता हूँ और वो मुझसे यह बात बोलकर ड्रिंक की तरफ चला गया. उसके जाने के बाद मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या यही वो तुम्हारा बॉस है क्या जो तुम्हे परेशान करता है? तो मैंने झट से बोला कि हाँ, मीता बोली कि लेकिन यह तो बड़ी तमीज़ से पेश आ रहा है. अब इतनी देर में मेरा बॉस विजय आ गया और उसके साथ एक वेटर भी था, उसने ड्रिंक उठाई और पहले मुझे दिया और फिर मीता को, मीता मना करने लगी तो उसका हाथ पकड़कर ज़बरदस्ती दे दिया.

    फिर मैंने दिखा कि उसने मेरी पत्नी का हाथ थोड़ी ज्यादा देर तक पकड़े रखा था तो मीता ने ही अपना हाथ उससे छुड़ाया और मुझे वो सॉफ्ट ड्रिंक पीकर ऐसा लगा कि इसमें कुछ मिला हुआ है तो मैंने और मेरी पत्नी ने दोनों ने आपसे में कहा कि कुछ अलग सा स्वाद है. फिर बॉस बोला कि हाँ बाहर की है तो टेस्ट में कुछ तो बदलाव होगा ही. फिर हम दोनों ने अपना अपना सॉफ्ट ड्रिंक खत्म किया. तभी मेरे बाकी दोनों बॉस भी आ गये और हमने उसने बात की और बदले में उन्होंने भी हमसे बात की और विजय बॉस से बोले सुनो विजय और वो थोड़ी दूर पर जाकर कुछ बात करने लगे और मुझे लगा कि बला टली, लेकिन वो तो साला उन्हें भी छोड़कर फिर से आ गया. फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि बेटा अनुज थोड़ा बच, कहीं यह साला आज तेरी पत्नी को चोद ही ना दे? फिर कुछ देर में मेरी पत्नी ने मेरे कान में कहा कि मुझे वॉशरूम जाना है. फिर मेरा बॉस तुरंत बीच में बोला कि क्या हुआ अनुज मैंने कहा कि मीता को वॉशरूम जाना है. फिर वो बोला कि चलो में बताता हूँ कि वॉशरूम कहाँ है तो वो अब हम दोनों के साथ चल रहा था.

    फिर में भी वॉशरूम तक उनके साथ चला गया और मीता भी. वहां कुछ कुर्सी थी तो उन पर बैठ गया, मुझे भी फ्रेश होना था तो में जब फ्रेश होकर बाहर आया तो मैंने देखा कि मीता उसके कंधे का सहारा लेकर उसके साथ कुर्सी पर बैठी हुई है और वो कुर्सी ऐसी लगी थी कि में उन दोनों के पीछे खड़ा था और देख रहा था, मेरा बॉस मेरी पत्नी की कमर पर हाथ फेर रहा था और कभी कभी वो अपना हाथ उसके कूल्हों तक ले जाता और मीता के चूतड़ को दबा भी रहा था, लेकिन बड़े धीरे से मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया और जब में उनके सामने आया तो मैंने देखा कि मीता कुछ निढाल सी पड़ी है.

    फिर मैंने बॉस से पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोला कि पता नहीं शायद चक्कर आ गया होगा तो मैंने मीता को थोड़ा सा हिलाया तो उसे तो कुछ पता ही नहीं था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो बेहोश हो गई हो? मेरा बॉस बोला कि चलो इसे पकड़कर रूम में ले चले तो वहाँ थोड़ा आराम कर लेगी. फिर जाते हुए लोगों ने पूछा क्या हुआ तो बॉस ने बोला कि कुछ नहीं थोड़े चक्कर आ गए है, मुझसे अकेले से मीता संभल नहीं रही थी तो मेरे बॉस ने उसका एक हाथ अपने कंधे पर लेकर उसे पकड़ लिया. फिर जब हम रूम पर जा रहे थे तो मीता बार बार ऑश ऑश कर रही थी तो मैंने अपनी गर्दन को थोड़ी पीछे करके देखा तो मेरा बॉस मेरी पत्नी की गांड को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बीच बीच में वो उसकी गांड में अपनी ऊँगली को भी डाल रहा था. दोस्तों में अब क्या करता? फिर जैसे तैसे हम रूम तक पहुंचे और मैंने मीता को बेड पर लेटा दिया तो बॉस मुझसे बोला कि जाओ तुम थोड़ा पानी ले आओ.

    दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि यह साला मेरे जाते ही कुछ ना कुछ हरकत जरुर करेगा तो में बाहर जाने का बहाना करके टॉयलेट में छुप गया, क्योंकि बेड रूम थोड़ा अंदर था और टॉयलेट अंदर घुसते ही था. फिर जैसे ही मेरे बॉस को दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई तो वो देखने के लिए उठकर बाहर तक आया और उसने दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर लिया, लेकिन उसने कुण्डी नहीं लगाई थी बस बंद कर लिया था. फिर कुछ 10 सेकेंड बाद में चुपचाप थोड़ा आगे गया तो वो मेरी पत्नी के होंठो को चूस रहा था और उसकी जाँघो पर हाथ फेर रहा था और अब उसका हाथ कभी पेंटी में जाता तो कभी जाँघो पर, लेकिन होंठो को वो लगातार चूसता रहा. फिर मैंने सोचा कि जल्दी से कुछ किया जाए तो में बाहर की तरफ आ गया और मैंने ज़ोर से दरवाजा खोला और अंदर आ गया.

    फिर बॉस को दरवाजे की आवाज़ आ गई थी जब में आया तो वो मेरी पत्नी के पास बैठकर उसके सर को दबा रहा था और मुझे देखते ही वो मुझसे बोला कि पानी कहाँ है? मैंने कहा कि रूम सर्विस लेकर आ रहा है. फिर वो बोला अच्छा में अब चलता हूँ और डॉक्टर को भेज देता हूँ. कुछ देर बाद डॉक्टर आया तो उसने मेरी पत्नी को दवाई दी तब जाकर मीता को आराम मिला. हमने रात को वहीं पर आराम किया और होटल के रूम का बिल बॉस ने दे दिया. फिर में रात भर सोचता रहा कि यह साला मीता पर दीवाना हो गया है कहीं इस वज़ह से मुझे परेशान तो नहीं करता था? फिर दूसरे दिन सुबह हम घर पर आए और में ऑफिस के लिए तैयार हुआ तो मीता अभी भी आराम कर रही थी.

    फिर में ऑफिस पहुंचा तो मेरा वही ठरकी बॉस बड़े प्यार से बात कर रहा था और उसी शाम को उसकी सेक्रेटरी ने मुझसे आकर बोला कि अनुज जाने से पहले विजय बॉस से मिलकर जाना. अब में कम्प्यूटर बंद करके बॉस के रूम में गया तो मेरा बॉस मुझसे बोला कि अनुज आओ बैठो. दोस्तों जो साला कभी मुझसे सीधे मुहं बात नहीं करता था और आज बड़ी इज़्ज़त के साथ बिठा रहा है. फिर वो मुझसे बोला कि अब मीता कैसी है? मैंने कहा कि पहले से ठीक है तो वो बोला कि उसे क्या हो गया था वो कुछ बोली? तो मैंने कहा कि वो कह रही थी कि उसे चक्कर आ गए थे और कुछ घुटन सी महसूस हो रही थी.

    फिर बॉस बोला कि देखो अनुज मुझे लगता है कि में तुमसे कुछ ज्यादा ही गंदा व्यहवार करता हूँ तो उसके लिए मुझे माफ़ कर दो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि साले सॉरी तो बोलेगा ही, क्योंकि उसने मेरी पत्नी के होंठो को छूकर उन्हें चख लिया था और उसकी पेंटी में हाथ डालने की वज़ह से वो मेरी पत्नी को चोदने के लिए बहुत जोश में था और में जानता था कि वो कुछ ना कुछ ऐसी ही बात करेगा, लेकिन यह नहीं सोचा था कि मेरा जवाब क्या होगा? खैर अब तो वो अपनी औकात पर आ ही गया.

    फिर बॉस मुझसे बोला कि देखो अनुज मेरी पत्नी की म्रत्यु हुए करीब 10 साल हो गये है और में एकदम अकेला हूँ और में थोड़ा चिड़चिड़ा भी हो गया हूँ तो प्लीज़ तुम मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानना और में तो बल्कि यह चाहता हूँ कि तुम्हें आगे भी बड़ा दूँ और तुम्हारी सेलरी भी बढ़ा दूँ, तुम्हें कंपनी की तरफ से एक कार दे दूँ, तुम किराए के घर में रहते हो तुम्हें कंपनी की तरफ से एक मकान के लिए लोन भी दिलवा देता हूँ. दोस्तों मैंने तो उसकी बातें सुनकर इस सोच विचार में था कि में क्या जवाब दूँ? क्योंकि उन सब मेहरबानियों का मतलब मुझे पता था.

    खैर में इंतजार करता रहा और वो आगे बोला, देखो यार तुम समझ सकते हो अकेला आदमी कैसे परेशान रहता है? फिर में बोला कि हाँ सर में समझ सकता हूँ. फिर बॉस बोला कि अगर तुम समझ सकते हो तो तुम यह भी समझ सकते हो कि बिना पत्नी के लाईफ कितनी बोरिंग हो जाती है? मैंने बाहर बहुत मज़े किए, लेकिन वो संतुष्टि नहीं मिल पाती. फिर मैंने बोला कि हाँ सर और में मन ही मन सोच ही रहा था कि अब यह असली बात पर आने वाला है और फिर वो बोला कि देखो जब तुम्हारी शादी हुई थी तो में भी उसमें आया था और मैंने तुम्हारी पत्नी को देखा था. (दोस्तों में कुछ नहीं बोला) यार वो बहुत सुंदर है और जितनी शादी में थी कल उससे भी कही ज्यादा सुंदर लग रही थी. दोस्तों अब मेरी समझ में आ गया कि कहानी कहाँ से शुरू हुई? मेरी शादी के 3-4 महीने बाद ही इसने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया था और में उस टाईम इस बात को समझ नहीं पाया, लेकिन अब मुझे सब कुछ समझ में आ गया था.

    फिर वो आगे बोला कि मैंने जितने भी ऑफर्स तुम्हें दिए है वो सब पूरे हो सकते हैं, लेकिन मेरी एक शर्त है. फिर मैंने मन से पूछा क्या शर्त है सर? तो वो बोला कि तुम बिल्कुल भी बुरा ना मानना, में तुम्हारी पत्नी से सेक्स करना चाहता हूँ. दोस्तों वो साला बोल रहा था कि बिल्कुल भी बुरा ना मानना और वो मेरी पत्नी को चोदने की बात मुझसे ही कर रहा था और में तो पहले ही सब कुछ समझ चुका था, लेकिन दिखावे के लिए ज़ोर से बोला यह कैसी बात कर रहे हैं सर आप? फिर बॉस बोला कि देखो अनुज हमारे ऑफिस में और भी बहुत सारे लोग है और उनकी पत्नी भी सुंदर है और अगर में यह ऑफर उन्हें दे दूँ तो वो कभी मना नहीं करेंगे, लेकिन तुम्हारी पत्नी की तो बात बिल्कुल अलग है, उसके क्या होंठ है क्या भरी हुई छाती है?

    में तो पहले दिन से जब उसे तुम्हारी शादी में देखा था, तब से उस पर फिदा हो गया था और अब तुम बोलो? दोस्तों में क्या बोलता? बस यह बोला कि सर मुझे सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो बॉस बोला कि ठीक है तुम मुझे सोचकर कल बता देना अगर हाँ है तो ऐश करने की तैयारी कर लो और अगर ना है तो दूसरी नौकरी देख लो. ओह मेरे भगवान में तो अब बहुत बुरी तरह से फंस गया था, एक तरफ मेरा टर्की बॉस था और दूसरी तरफ मेरी सती सावित्री पत्नी, खैर मैंने रात भर सोचा कि ऑफर तो अच्छा है और अगर ना कहा तो दूसरी नौकरी देखनी होगी, बहुत समय सोचते सोचते मैंने तय किया कि हाँ कहूँगा.

    फिर में अगले दिन सुबह अपने ऑफिस में पहुँचा तो बॉस ने थोड़ी देर बाद ही मुझे बुला लिया और बॉस बोला कि क्या सोचा? तो मैंने बहुत कसमसाकर जवाब दिया कि हाँ, बॉस बोला कि बैठो मैंने बोला कि लेकिन मीता राज़ी नहीं होगी. फिर बॉस बोला कि उसका तरीका में तुम्हें बताता हूँ देखो में तुम्हें कुछ दवाई दे देता हूँ तो उसे रोज़ एक गोली दूध में मिलाकर पीला दो, उसकी सेक्स की भूख इतनी बढ़ जाएगी कि वो एक से नहीं चार चार से चुदने को तैयार हो जाएगी, लेकिन अब तुम उसको संतुष्ट करना बंद कर दो और कभी तुम उससे बोलो कि मेरा मूड नहीं है और कभी 2-3 धक्कों में ही निकाल दो, मतलब कि उसे संतुष्ट मत करो और अगले 20 दिन बाद वो तैयार हो जानी चाहिए, 20 दिन बाद से तुम उसे मेरे साथ छोड़कर कहीं इधर उधर हो जाना.

    फिर मैंने बोला कि ठीक है और मैंने ठीक वैसा ही किया. बॉस ने मुझे पूरी 38 गोलियां दी सुबह और शाम के लिए. में घर गया और मीता को बोला कि में तुम्हारे लिए कुछ केल्शियम की गोलियां लाया हूँ और तुम्हें इन्हें सुबह, शाम दूध के साथ बिना भूले लेनी हैं और वो बोली कि ठीक है. दोस्तों ज्यादातर औरतों में केल्शियम की कमी होती ही है तो उस रात को मैंने मीता को चोदा और मुझे उसकी गांड बहुत पसंद है तो में जब भी मीता की चुदाई करता हूँ तो उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ को ज़रूर डालता हूँ.

    फिर उस रात को भी मैंने उसकी चुदाई की, लेकिन थोड़ी कम अब अगले दिन से मैंने खुद मीता को केल्शियम की यानी सेक्स बढ़ाने की वो दवाई दी. फिर रात को भी उस रात को कुछ नहीं किया और अब तीन दिन बाद हर दिन में उसे दवाई देता रहा और रात को उसकी चुदाई नहीं करता. दोस्तों अब उस पर उन दवाईयों का थोड़ा थोड़ा असर शुरू हो चुका था और वो अपनी चुदाई करवाने के लिए बहुत बैचेन होने लगी थी, लेकिन मुझे उसकी यह परेशानी देखी नहीं जाती थी तो इसलिए में उससे थोड़ा दूर दूर रहने लगा था और धीरे धीरे अपने बॉस को उसके करीब लाने लगा था.

    अब उनके बीच हंस हंसकर बातें करना मिलना कुछ ज्यादा बढ़ गया था और मेरा बॉस हर कभी जब में घर पर नहीं होता तो मेरे घर पर नये नये बहाने बनाकर आने लगा था. वो अब एक दूसरे के बहुत ज्यादा करीब आने लगे थे और फिर कुछ दिन बाद इस बात का फायदा उठाकर बॉस ने मेरी पत्नी से अपनी नजदीकियों को कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया था. वो अब उसके हाथ से बने खाने की उससे तारीफ करने लगा और उसको नये नये गिफ्ट देने लगा और इस बात का फायदा उठाकर उसने मेरी पत्नी के साथ अपने गलत रिश्ते बनाने शुरू किए और उसे अपनी चुदाई से संतुष्ट करने लगा.

    अब मेरी पत्नी उसके साथ उसकी चुदाई से बहुत खुश रहने लगी और मेरे बॉस ने एक दिन मुझे मेरी कम्पनी के काम से कुछ दिनों के लिए बाहर भेज दिया और फिर जब तक में अपने घर पर नहीं आया तब तक उसने मेरी पत्नी को अपनी रंडी, रखेल की तरह रखा और उसे कई बार चोदा. वो उसे बाहर होटल में ले जाकर भी चोद चुका था और में बस उनकी चुदाई को मन ही मन सोचता रहा. दोस्तों यह थी मेरी पत्नी की चुदाई मेरे बॉस के साथ. उसने मेरी पत्नी को चोदकर बहुत बार संतुष्ट किया और अब मेरे ऑफिस चले जाने के बाद वो मेरे घर पर आकर मेरी पत्नी को चोदने लगा है.

  • मेरी बीवी की चुदाई मेरे बॉस से

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजय है और मेरी बीवी का नाम सुमन है और आज में आप सभी के सामने अपनी बीवी की चुदाई की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मेरी बीवी मेरे बॉस से चुदी.

    दोस्तों हमारी शादी को 4 साल हो गये है. मेरी बीवी दिखने में बहुत ही सुंदर, गोरी और एकदम हॉट, सेक्सी है. उसके फिगर का साईज़ 34-32-36 है और में अपनी बीवी को बहुत प्यार करता हूँ. दोस्तों में एक प्राईवेट प्लांट में नौकरी करता हूँ, जहाँ पर तीन शिफ्ट में ड्यूटी होती है और हम लोग प्लांट के एरिये की ही एक कॉलोनी में रहते है, जो कि प्लांट से 6 किलोमीटर दूरी पर है. तो उस घर पर में और मेरी बीवी, सिर्फ़ दो लोग ही रहते है और आसपास की कॉलोनी में सभी लोग एक दूसरे से बहुत घुल मिलकर रहते है.

    अब में आप लोगों को अपनी बीवी की चुदाई की स्टोरी बताता हूँ. यह एक सच्ची स्टोरी है, कोई झूटी कहानी नहीं है. दोस्तों उस समय मेरे घर पर मेरे बॉस अक्सर चाय, नाश्ता करने आते थे. मेरे बॉस का नाम उदय सिंह है जो बिल्कुल अकेले ही रहते थे, क्योंकि उनकी पत्नी और बच्चे अपने गाँव में रहते थे और उदय सर 5 माह पहले ही अपनी नौकरी पर आए थे, इसलिए मुझे उनके मिज़ाज़ के बारे में पता नहीं था, तो में अपने प्रमोशन के लिए उन्हे अक्सर अपने घर पर चाय के किए बुला लेता था और फिर में, सर और मेरी बीवी साथ साथ बैठकर चाय पीते थे और बहुत हंसी मजाक किया करते और मेरे सर मेरी बीवी को लाईन दिया करते थे, लेकिन मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था.

    दोस्तों यह बात दिसम्बर महीने की है. उस समय बहुत कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और मेरे बॉस का कभी कभी मेरे घर पर मेरी ग़ैरहाजरी में भी आना हो जाता था. जिसके बारे में मेरी बीवी मुझे बता दिया करती थी और उदय सर का प्लांट में अच्छा व्यवहार होने के कारण में उन्हे बहुत अच्छा आदमी मानता था, जिस वजह से मैंने कभी भी उन पर शक नहीं किया था और मेरी बीवी पर भी मुझे बहुत भरोसा था.

    तो मेरी ड्यूटी तीन शिफ्ट ए, बी, सी और कभी कभी जनरल शिफ्ट में चलती थी. लेकिन अब धीरे धीरे ठंड इतनी बढ़ गई थी कि नाईट शिफ्ट में नौकरी करना बहुत मुश्किल हो रहा था और मेरी बीवी भी नाईट शिफ्ट को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, क्योंकि वो सेक्सी औरत थी और उसे रोज रात में मेरे साथ सेक्स के मज़े चाहिए थे और में उसे हर रात को चोदता था. इस कारण से मुझे और मेरी बीवी को नाईट शिफ्ट पहाड़ सी लगती थी. तो उस समय मेरी नाइट शिफ्ट चल रही थी और में अपनी ड्यूटी पूरी करके घर पर आया और लेटा हुआ था. तभी मेरे बॉस आए तो मेरी बीवी ने मुझे उठाया, लेकिन थकावट के कारण में आंख बंद करके लेटा रहा. मेरे बेडरूम से बाहर की तरफ हॉल साफ साफ दिखाई देता था.

    मैंने देखा कि मेरे बॉस चाय पीते पीते मेरी बीवी को देख रहे थे और मेरी बीवी भी उन्हे देख रही थी और वो उस समय बिना बांह की मेक्सी में थी. तो कुछ देर बाद बॉस बोले कि तुम इतनी ठंड में भी जब संजय ड्यूटी पर रहता है, अकेले रात कैसे काट लेती हो? तो सुमन बोली कि क्या करे सर? अकेले सोना बिल्कुल भी अच्छा तो नहीं लगता, लेकिन क्या करें, मजबूरी है? तो एकदम मुझे बॉस की आखों में वासना नज़र आने लगी और फिर बॉस ने कहा कि क्या तुमको अकेले में डर नहीं लगता और अगर रात को कोई आ गया तो तुम क्या करोगी?

    सुमन ने कहा कि कॉलोनी में कोई कैसे आ सकता है? वैसे सर आएगा तो कोई ना कोई पहचान वाला ही आएगा, बाकी सुरक्षा तो रखनी ही पड़ती है. तो बॉस ने कहा कि तुम बहुत सुंदर और सेक्सी हो सुमन, तो हो सकता है कोई तुम्हे देखकर ऐसा भी आ जाए, जिसे सोच भी नहीं सकती. तो सुमन ने हंसकर पलके झुका ली. लेकिन उस समय उदय ने बातों ही बातों में कुछ ऐसी बातें भी कह दी जिसे सुनकर सुमन एकदम शरमा गई और फिर में समझ गया कि मेरा बॉस मेरी बीवी को पटाने की कोशिश कर रहा हैं.

    तो मैंने मन ही मन में सोचा कि में तो रोज ही सुमन को चोदता हूँ, अगर कोई दूसरा मेरी बीवी को मेरे सामने चोदे तो कैसा लगे? और में मन ही मन में सुमन को बॉस से चुदते हुए देखने लगा और फिर कुछ देर बाद बॉस के जाने के बाद सुमन ने मुझे उठाया. लेकिन उसने उस दिन मुझे बॉस के आने की बात नहीं बताई और अब मुझे लगने लगा कि मेरी बीवी उनकी तरफ आकर्षित हो रही है. तो कुछ दिन बाद मैंने अपने घर पर एक आवाज रिकॉर्डर खरीदकर लगा दिया, ताकि में बाद में उनकी बातें सुन सकता और फिर धीरे धीरे मेरी बीवी उदय सर की बातों में आने लगी और अब मेरे बॉस मेरी बीवी को आकर्षित करने में लग गये. तो सुमन जब किचन में जाती थी तो बॉस भी उसकी मदद करने के बहाने से उसके पीछे पीछे अंदर चले जाते और उसे किसी ना किसी बहाने से छूने की कोशिश करने लगे थे और फिर एक दिन बॉस मेरे घर पर आए और मेरे घर पर ना होने से वो बहुत खुश हुए और फिर सर ने सुमन से अपने दिल की बात को कह दिया. उन्होंने कहा कि सुमन अगर तुम बुरा ना मानो तो में तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ? तो सुमन ने कहा कि हाँ सर कहिए ना, इसमें बुरा मानने की क्या बात है?

    तो उन्होंने कहा कि में अपनी पत्नी से पिछले 6 माह से दूर हूँ और तुम समझ सकती हो कि पति, पत्नी की दूरी कितनी भारी होती है, क्या तुम मेरी सेक्स की ज़रूरत पूरी करोगी और में उसके बदले में तुम्हारे पति का प्रमोशन कर दूँगा और अभी संजय का नाईट शिफ्ट चल रही है, तो अगर तुम आज रात मुझे एक बार सेवा का मौका दो तो में आज तुम्हे सेक्स का वो सुकून दूँगा, जो तुम्हे शायद संजय भी ना दे पाए. तो सुमन ने कहा कि सर आप यह क्या बोल रहे हैं? मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा, जैसा आप बोल रहे है. तो बॉस ने मेरे प्रमोशन की बात फिर से दोहराई और कहा कि संजय को कभी भी पता नहीं चलेगा, जब तक तुम ना बताओ.

    बॉस के बहुत कहने पर सुमन मान गई और फिर मैंने वो रीकॉर्डिंग सुनकर सोचा कि आज में अपनी पत्नी को चुदते हुए देखना चाहता हूँ और मैंने नाईट शिफ्ट पर छुट्टी ले ली और रात को मैंने सुमन से बोला कि में जल्दी प्लांट जा रहा हूँ, मुझे वहां पर कुछ काम है और मैंने हमारे घर का पीछे का दरवाजा खुला छोड़ दिया. फिर में कुछ देर के बाद पीछे के दरवाजे से अंदर आकर छुप गया. रात को 10 बजे बॉस ने घंटी बजाई तो सुमन ने दरवाजा खोला, बॉस ने अंदर आते ही सुमन को पीछे से पकड़ लिया और उसके गले को चूमने लगे और धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लगे, तो सुमन भी अब मदहोश हो गई और गैर मर्द की बाहों में देखकर में भी बहुत खुश हो गया.

    फिर बॉस ने सुमन को सोफे पर धकेल दिया और सुमन को एक गोली का पैकेट दिया और बोले कि इसकी आधी गोली दूध के साथ पी लो और वो खुद भी एक गोली खा गए. फिर बॉस ने मेरी बीवी को एक दुल्हन का जोड़ा हाथ में दिया और बोले कि आज तुम यह पहनो, में तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा. तो मेरी बीवी ने वैसा ही किया और वो बिल्कुल एक दुल्हन की तरह सजकर बेड पर बैठ गई और बॉस बेड के करीब जाकर सुमन के पास बैठ गये और सुमन के हाथ को पकड़कर चूमने लगे और अब सुमन भी गरम होने लगी.

    में भी यह सब देखकर अपना लंड सहलाने लगा और बॉस एक एक करके मेरी बीवी के गहने उतारने लगे और फिर पैर की तरफ से चूमते हुए उसकी जांघो को चूमने लगे. फिर पेट को, फिर छाती को, फिर गले को, फिर होंठ को और पांच मिनट तक होंठो पर किस करते रहे और अब मेरी बीवी पर उस गोली का असर साफ साफ दिख रहा था, क्योंकि मेरी बीवी भी उनका पूरा पूरा साथ देने लगी थी और उसने कहा कि आपने जो गोली दी है वो किस चीज़ की है? तो बॉस ने कहा कि सेक्स टाईम को ज़्यादा बढ़ने के लिए, क्योंकि में आज कि रात तुम्हे सोने नहीं देना चाहता, दो घंटे तक लंबी चुदाई का इरादा है.

    तो मेरी बीवी ने खुश होकर कहा कि मेरी भी दिली तमन्ना थी कि कोई मुझे एक घंटे तक लगातार चोदे. लेकिन मेरे पति तो 10-15 मिनट में ही ढेर हो जाते है और उदय आज आप मेरे पति हैं, मेरी बहुत जमकर चुदाई करो. तो बॉस भी अब जोश में आ गये और अब उन्होंने मेरी बीवी की साड़ी उतारना शुरू किया, सुमन अब पेटीकोट और ब्लाउज में थी. लेकिन एकदम सेक्सी लग रही थी. तो बॉस ने धीरे धीरे ब्लाउज फिर पेटीकोट को भी उतार दिया और अब सुमन गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी में थी.

    मेरे बॉस उसे देखकर एकदम पागल से हो गये और सुमन से कहा कि अब तुम मुझे नंगा करो. तो सुमन ने भी बॉस को नंगा कर दिया. मेरे बॉस का 8 इंच का लंड सनसनाता हुआ एकदम तनकर खड़ा हुआ था और फिर मेरी बीवी ने लंड को हाथ में लेकर कहा कि उदय आपका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है, इससे तो मेरी चूत फट ही जाएगी. तो बॉस ने कहा कि क्यों संजय का लंड, क्या इतना बड़ा नहीं है? सुमन ने कहा कि उनका लंड 6 इंच का है और उसकी मोटाई भी इतनी नहीं है. तो बॉस ने खुश होकर कहा कि सुमन में आज तुमको खुश कर दूँगा. तो सुमन ने कहा कि थोड़ा धीरे धीरे कीजिएगा, कहीं मेरी चूत फट ना जाए और फिर बॉस पेंटी और ब्रा को उतारकर बेतहाशा चूमने और चाटने लगे. सुमन सिसकियाँ भरने लगी, उसकी सिसकियो से बॉस और भी जोश में चूमने लगे.

    फिर वो मेरी बीवी के बूब्स को मसलने लगे और वो भी गरम होने लगे. फिर बॉस ने सुमन की चूत को चाटना शुरू किया तो वो दो मिनट में ही वो झड़ गई और उसके पानी को बॉस पी गये. फिर वो दोनों 69 की पोज़िशन पर लेट गये. सुमन भी बड़े मज़े से बॉस के लंड को चूसने लगी और दस मिनट तक लगातार चूसने के बाद बॉस सुमन को बेड के किनारे ले आए और लेटा दिया और वो खड़े हो गये.

    बॉस ने अपने लंड का टोपा मेरी बीवी की चूत पर रखा और ज़ोर का धक्का लगाया तो सुमन एकदम चीख पड़ी और बॉस से कहने लगी कि उदय थोड़े धीरे करो ना प्लीज, बहुत दर्द हो रहा है. तो बॉस ने कहा कि सुमन मेरी जान, यह तो मीठा दर्द है, तुम डरो मत, में बहुत आराम आराम से करता हूँ और वो धीरे धीरे अपने लंड को गहराई तक पहुँचाने लगे, फिर एक जबरदस्त झटका लगाया और पूरा लंड मेरी बीवी की चूत के अंदर था और अब दोनों मज़े लेकर चुदाई के मज़े लेने लगे, दस मिनट बाद बॉस ने मेरी बीवी से कहा कि क्या और मज़े चाहिए? तो उसने जल्दी से हाँ कर दी. अब बॉस ने उसे अपनी गोद में बैठाकर सुमन की चूत पर लंड टिकाया और हल्के से दबाया तो लंड अंदर चला गया और अब मेरी बीवी उछल उछल कर लंड का मज़ा ले रही थी.

    फिर 5 मिनट के बाद ही सुमन झड़ गई. बॉस ने उसे ज़ोर से अपने सीने से लगा लिया और फिर सुमन को झटके लगाना शुरू किया. फिर बॉस ने नया पोज़ लिया और मेरी बीवी को उसने गोद में उठाया और अपने लंड को सुमन की चूत में डाला, चूत ने पूरा लंड एक ही बार में अंदर ले लिया. मैंने ऐसा पोज़ पहले कभी नहीं देखा था. मेरी बीवी भी अपने चरम पर मज़े ले रही थी. उसने कहा कि आज तक संजय ने कभी भी मेरी ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई नहीं की है. में तो आपकी और अब आपके लंड की दिवानी होने लगी हूँ.

    बॉस ने मेरी बीवी को बेड पर पटक दिया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया और फिर लंड को चूत में ज़ोर ज़ोर के झटके देने लगे. मेरी बीवी इस बीच 6 बार झड़ चुकी थी और लगभग एक घंटे तक लगातार चुदाई करने के बाद बॉस भी अपनी चरम सीमा पर पहुँचने लगे और बड़े बड़े झटके देते देते, वो अपने स्पीड भी बड़ाने लगे और उन्होंने कहा कि सुमन डार्लिंग में अब झड़ने वाला हूँ, अपना रस कहाँ पर डालूं? तो सुमन ने कहा कि जान आज की रात में आपकी दुल्हन हूँ और आपने इतनी मेहनत की है तो आपको इसका फल तो मिलना ही चाहिए. डाल दीजिए मेरी चूत में और भर दीजिए अपने वीर्य से मेरी चूत को और सुमन ने बॉस को कसकर पकड़ लिया.

    तो बॉस ने राहत की एक लंबी सांस लेते हुए अपना सारा वीर्य मेरी बीवी की चूत में डाल दिया और अब बॉस झड़ चुके थे और सुमन के ऊपर निढाल होकर लेट गये. दस मिनट बाद वो सुमन के ऊपर से हटे और दोनों बाथरूम चले गए. तो बॉस ने पूछा कि सुमन सही सही बताना कि तुम्हे आज कैसा लगा? सुमन बॉस की बाहों में लिपट गई और कहा कि आज मैंने जाना की सेक्स में इतना मज़ा भी आता है और बॉस ने कहा कि सुनो में तुम्हारी चूत को पानी से नहीं अपनी जीभ से साफ करना चाहता हूँ और फिर सुमन ने कहा कि ठीक है.

    बॉस ने मेरी बीवी की चूत को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ किया और सुमन ने भी बॉस के लंड को चाटकर साफ किया और बेडरूम में आ गये और फिर बॉस ने सुमन से कहा कि क्यों सुमन डार्लिंग कल का क्या प्लान है? तो सुमन एकदम नई दुल्हन की तरह शरमा गई और बोली कि कल की कल देखेंगे. फिर दोनों नंगे ही लेट गये. फिर सुबह होते ही बॉस निकल गये. लेकिन उस रात उनहोंने मेरी बीवी को बहुत जमकर चोदा और अपने लंड को शांत किया. फिर मेरी बीवी ने उनका वो दुल्हन का जोड़ा वापस कर दिया और कहा कि यह आप ही रखो. तो बॉस ने सुमन से कहा कि क्या मुझे तुम्हारी ब्रा और पेंटी मिलेगी, में अकेले में इसी से काम चला लूँगा. तो सुमन ने उन्हे अपनी एक ब्रा और पेंटी दे दी. उसके बाद बॉस अपने घर चले गये.

  • Boss ki biwi xxx chudayi, सर की बीवी को चोदा , Sex Story Hindi Mein

    हैल्लो दोस्तों, में राजीव और मुझे उम्मीद है कि मेरी आज की कहानी सभी भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पढ़ने वालो को बेहद पसंद आएगी। अब सबसे पहले में अपना परिचय दे दूँ, मेरा नाम अनीश है और में कोलकाता का रहने वाला हूँ। दोस्तों मुझे छोटी उम्र से ही सेक्स करने की बहुत इच्छा थी और इसलिए में हमेशा एक औरत जिसका नाम सुधा था, में उस औरत के साथ सेक्स करना चाहता था, क्योंकि वो बहुत अनुभवी और सुंदर अच्छी लगती। दोस्तों यह बात उस समय की है जब में पढ़ाई कर रहा था और में इंग्लीश की ट्यूशन के लिए मेरे एक सर के घर जाता था और हम लोग पांच दोस्त थे, जो वहां पर एक साथ जाते थे। वो सर हम सभी को दोपहर तीन बजे बुलाते थे और वो हमे पांच बजे तक पढ़ाकर फ्री करते थी और हम सभी दोस्त हर दिन पढ़ने जाते थे। दोस्तों हमारे वो सर शादीशुदा थे और उनकी पत्नी एकदम मस्त माल थी और वो बहुत ही सुंदर थी। फिर जिस दिन पहली बार मैंने उसको देखा में बस उसी के बारे में दिन रात सोचा करता था। उसका नाम रूपा था और वो एक बिंगाली परिवार से थे। दोस्तों में आप सभी को बता दूँ कि रूपा हर दिन दोपहर के समय अपने बेडरूम में सोती थी और सर हम सभी को हॉल में पढ़ाते थे।
    फिर रूपा के उठने का समय 4.30 का था और वो गाउन पहनकर सबसे पहले बाथरूम में जाती हॉल में बस एक ही बाथरूम था और हम लोग जहाँ पढ़ते थे। वो जगह बाथरूम के बिल्कुल पास ही थी। फिर जब भी वो बाथरूम के अंदर मूतने बैठती और फिर मूतने लगती, तब उसका पेशाब इतने दबाव के साथ निकलता था कि उसकी आवाज़ हमारे कानों तक आ जाती। दोस्तों मेरे मन में बस यही इच्छा होती थी कि मुझे बस एक बार उसके साथ सेक्स करने का मौका मिल जाए उसके बाद मेरी ज़िंदगी मस्त हो जाएगी, मुझे बड़ा मज़ा आएगा में हमेशा उसकी चुदाई के विचार में डूबा रहा करता था। फिर ऐसे ही दिन गुज़रते चले गये और कुछ दिन बाद हमारे सर जो एक स्कूल में टीचर थे उनका तबादला हो गया। तभी सर ने हम सभी को बताया कि उनका अब तबादला हो गया है और इसलिए हम किसी और टीचर का बंदोबस्त कर ले। फिर सर ने हमे एक बात बताई कि उनकी पत्नी भी वही विषय पढ़ाती है अगर हम चाहे तो उनसे ट्यूशन ले सकते है, क्योंकि सर का तबादला कुछ दिनों के लिए हुआ था और उन्हे अभी अपने घरवालों को अपने साथ ले जाने की अनुमति और रहने के लिए कोई फ्लेट भी नहीं मिला था, इस वजह से सर वहां पर अकेले ही जा रहे थे।
    अब मेरे सभी दोस्तों ने साफ मना कर दिया और वो दूसरे टीचर के पास जाने लगे थे, लेकिन में रूपा मेडम से ट्यूशन लेने को तैयार हो गया। फिर जब सर जाने लगे तब वो मुझसे कहने लगी कि में अपनी टीचर का ध्यान भी रखूं और अगर उन्हे कोई भी चीज़ चाहिए तो उन्हे में ला दूँ। फिर मैंने सर को अपनी तरफ से पूरा पूरा भरोसा दिलाया कि में हाँ ठीक है में ऐसा ही करूँगा और सर चले गये। अब मेरी मेडम घर में एकदम अकेली रहने लगी थी, उनका अब तक कोई भी बच्चा भी नहीं था और फिर मैंने मेडम से ट्यूशन लेना शुरू कर दिया और में कुछ ही दिन में मेडम का बहुत अच्छा दोस्त भी बन गया और मेडम भी मेरी दोस्त बन गई। अब में मेडम का बहुत ध्यान रखने लगा था और मेडम मुझे एक छात्र की तरह प्यार भी बहुत करती थी। फिर धीरे धीरे एक महिना बीत गया। एक दिन मैंने मेडम से पूछा कि मेडम क्या आपको सर की याद नहीं आती? तब मेडम ने मुझसे कहा कि हाँ याद तो मुझे उनकी बहुत आती है, लेकिन मेरे पास कोई और रास्ता भी तो नहीं है। अब मैंने मेडम से हिम्मत करके कहा कि मेडम क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ? मेडम ने कहा कि हाँ तुम मुझसे कुछ भी बोलो, उसके पहले में तुम्हे एक बात बोलना चाहती हूँ।
    फिर मेडम ने मुझसे कहा कि जब हम दोनों एक दूसरे का इतना ध्यान रखते है और एक बहुत अच्छे दोस्त भी है तो फिर आज से तुम मुझे मेडम नहीं बल्कि रूपा के नाम से बुलाना और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर में ही तो रहते हो, इसलिए मुझे तुम्हारे मुहं से मेडम सुनना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। अब में तैयार हो गया और फिर रूपा ने मुझसे कहा कि क्यों तुम मुझसे अभी कुछ पूछ रहे थे? तब मैंने बहुत हिम्मत करके उनसे कहा कि रूपा फिर में चुप हो गया और में अपनी आधी बात में ही रुक गया। अब रूपा मुझसे पूछने लगी हाँ बोलो ना वो क्या बात है? और मैंने कुछ नहीं कहा। फिर उसने मुझे अपनी कसम दे दी और वो बोली कि कहो ना नहीं तो तुम मुझसे कभी भी बात मत करना और मुझसे दोबारा पढ़ने भी मत आना। फिर उस बात को सुनकर मैंने उसको पूछा कि तुम बुरा तो नहीं मनोगी? उसने कहा कि नहीं मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगने वाला। अब में कहने लगा कि तुम्हे क्या सेक्स करने का मन नहीं करता? मेरे यह शब्द सुनकर रूपा एकदम चुप हो गयी और वो मेरी तरफ एकदम आश्चर्य से देखने लगी। में उस वजह से एकदम डर गया था और मैंने उसको माफी मांगी।
    अब उसने मुझसे कहा कि तुम्हे माफ़ नहीं बल्कि मुझे तुम्हे धन्यवाद कहना चाहिए तुम्हे मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ध्यान नहीं है और उसने तभी मुझे मेरे गाल पर एक चुम्मा दे दिया, जिसकी वजह से में एकदम चकित रह गया। फिर उसके बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया और उसके बाद में अपने घर चला गया। फिर कुछ दिनों के बाद में एक दिन रूपा के घर गया, लेकिन वो उस समय मुझे घर में कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी, में हर एक कमरे को देख रहा था, लेकिन वो कहीं भी नहीं थी। अब उसके बाद मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला और फिर दोस्तों मैंने उस दिन वो द्रश्य देखा जो मैंने कभी सपने में सोचा भी नहीं था। दोस्तों उस समय बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि रूपा अपने बाथरूम के कोमोड पर बैठी हुई थी। उस समय उसका गाऊन, ब्रा और पेंटी सब कुछ खुली हुई उसके पास ही में रखी हुई थी। वो उस समय एकदम नंगी थी और उसने अपने एक हाथ की तीन उँगलियाँ अपनी चूत में डाली हुई थी और वो अपने दूसरे हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी। उस समय उसकी दोनों आँखे बंद थी और वो बहुत मस्त मज़ा ले रही थी।
    फिर में करीब पांच मिनट तक बिना कुछ कहे बिना हिले खड़ा रहकर उसको अपनी चकित नजरों से देखता रहा, जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा और एकदम सख्त हो चुका था। अब मेरा मन कर रहा था कि में अभी उसको पकड़कर उसकी बहुत जमकर चुदाई कर दूँ, लेकिन मैंने अपने आपको शांत कर रखा था और कुछ देर बाद मैंने कहा रूपा यह क्या है? तब रूपा मेरी आवाज को सुनकर एकदम से डर गई और वो अपनी उंगली को चूत से बाहर खींचकर अपने उस एक तरफ पड़े गाउन से अपने नंगे गोरे जिस्म को ढकने की कोशिश करने लगी। अब वो मेरी तरफ देखती हुई अपने कमरे में चली गई और में हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया, कुछ देर बाद वो कपड़े पहनकर अपने कमरे से बाहर आई और वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम्हे क्या पता एक शादीशुदा औरत इतने दिन अपने पति के बिना कैसे रह सकती है? सेक्स की जरूरत तो हर एक को होती है उस काम को करने की सभी की इच्छा होती है और मेरी भी बहुत होती है। फिर मुझसे यह सभी बातें कहकर वो उसी समय मुझसे लिपटकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी। अब मैंने उसको संभाला और उसने कुछ देर बाद शांत होकर मुझे यह बात बाहर किसी से नहीं कहने को कहा उसके पति से भी नहीं, में उसकी वो बात मान गया।
    फिर मैंने उसको कहा कि अगर तुम्हे सेक्स की इतनी ही चाहत है तो में तुम्हारी यह चाहत जरुर पूरी कर सकता हूँ, यह शब्द मेरे मुहं से सुनकर वो और भी ज़ोर से मुझसे लिपट गई और कुछ देर बाद मुझे उसने एक बार फिर से एक चुम्मि दी। अब उसने मुझसे पूछा क्या सच क्या तुम मुझे प्यार करोगे? और यह बातें मेरे पति को भी नहीं बताओगे? तुम कितने अच्छे हो यह बात कहकर वो मुझे चूमने लगी और में भी उसको कसकर अपनी बाहों में दबाने लगा और कुछ देर तक हम वैसे ही रहे। फिर में जाने के लिए उठने लगा, तभी उसने मुझसे कहा कि तुम कहाँ जा रहे और तुम मुझे कब प्यार करोगे? मैंने उसको कहा कि में शाम को आठ बजे आ जाऊंगा और फिर में अपने घर चला गया। फिर उसके बाद में शाम को उसके घर जा पहुँचा और अंदर गया तो मैंने देखा कि उसने एक बहुत ही सुंदर जालीदार साड़ी पहन रखी थी। दोस्तों उसके बड़े आकार के बूब्स उसके ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रहे थे, उसका वो गोरा मुलायम पेट पूरा साफ साफ नजर दे रहा था और वो एक शादीशुदा थी, इसलिए उसका जिस्म पूरा हराभरा था और मुझे ऐसी ही औरते अच्छी लगती थी।
    दोस्तों उसकी कमर बड़ी मस्त थी, वो ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उसका रंग बहुत ही मस्त था, वो बहुत ही सुंदर और हॉट सेक्सी औरत थी और वो सर से लेकर पैरों तक एकदम सेक्सी और चोदने के लायक ही थी। दोस्तों उसको देखकर मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वो मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए एकदम तैयार है। अब वो तुरंत मुझे अपने कमरे में ले गई और फिर उसने अंदर से अपना बेडरूम का दरवाजा बंद कर लिया, उसके लंबे काले बाल खुले हुए थे। अब मैंने उसको कहा कि आज में उसको हर तरह से खुश और उसकी सेक्स की गर्मी को पूरी तरह से ठंडा कर दूँगा। वो मुस्कुराकर मुझसे बोली कि चलो देखते है। फिर उसके ऐसा कहने पर मेरा लंड और भी ज्यादा गरम हो गया और मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया, में उसके नरम गुलाबी होंठो को चूमने लगा, कुछ देर बाद मैंने उसको पलंग पर बैठा दिया और अब में उसके नरम मुलायम पेट पर अपना हाथ फेरने लगा। फिर वो भी अब जोश में आने लगी और वो मेरे सर के बाल को सहलाने लगी। मैंने उसके बूब्स को अपने एक हाथ से ज़ोर से पकड़ लिया और में उनको दबाने मसलने लगा था, वो पहले तो थोड़ा दर्द से करहा रही थी, लेकिन उसके बाद वो धीरे धीरे एकदम शांत हो गई और में उसके बूब्स को लगातार दबाता रहा और ऐसा करते हुए मैंने उसकी साड़ी के पल्लू को उसके कंधे के ऊपर से नीचे गिरा दिया।
    फिर धीरे धीरे में अब उसकी साड़ी को खोलने लगा और वो अब मेरे सामने अपने पेटीकोट और ब्लाउज में थी। उसके बाद उसने भी अब मेरी शर्ट और पेंट को उतार दिया, जिसकी वजह से में अब सिर्फ़ अंडरवियर में था। अब उसने मुझे पलंग पर लेटा दिया और वो मेरे ऊपर सो गयी और अपने होंठो से मेरी छाती को चूमने और फिर जीभ से चाटने भी लगी। फिर उसके ऐसा करने पर मुझे लगा कि यह अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है और इसको इस काम का पूरी तरह से बहुत ज्यादा अनुभव भी है और मुझे उसकी चूत की गरमी का भी अंदाजा हो गया। फिर वो मुझे कुछ देर तक ऐसे ही लगातार चूमती रही और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि क्या तुम भी अब मेरे बूब्स का मज़ा नहीं लेना चाहते और मुझसे यह शब्द कहते कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया। अब उसके दोनों बड़े आकार के बूब्स को देखकर में एकदम हैरान बहुत चकित हो गया, क्योंकि उसकी निप्पल का रंग भूरा था और उसके बूब्स का रंग बिल्कुल गोरा था। फिर मैंने जोश में आकर उसको एक ही बार में पलंग पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर चड़कर उसकी एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी और मुझसे और भी ज़ोर से दबाने को कहा। दोस्तों ये कहानी आप भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
    फिर मैंने भी ठीक वैसा ही किया। उसने मेरे सर को पीछे से पकड़कर ज़ोर से अपनी छाती पर रगड़ने लगी, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो अपने पूरे बूब्स मेरे मुहं में भर देना चाहती है। फिर कुछ देर बाद मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मैंने उसको भी उतारकर दूर फेंक दिया। तब मैंने देखा कि वो एक बहुत सुंदर फूलों वाली आक्रति की गुलाबी रंग की पेंटी पहने हुए थी। अब उस द्रश्य सुंदरता को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि में अभी अपना गरम लंड उसकी चूत में डाल दूँ, उसकी गोरी जांघे मोटी मोटी और अच्छे आकार में थी। फिर मैंने उसको पूछा कि तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो? तब उसने मुझसे कहा कि वो मुझे इतना ज़्यादा मज़ा नहीं देते, वो मेरे बूब्स को कुछ देर चूसते है और फिर वो अपना लंड मेरी चूत में डाल देते है और उसके बाद वो कुछ ही देर धक्के लगाने के बाद झड़ जाते है और उस वजह से मुझे तो ठंडा होने का मौका ही नहीं मिलता। तुमने मुझे जिस दिन बाथरूम में पहली बार मेरी चूत में उंगली करते हुए देखा था वो तो में उनके यहाँ पर होते हुए भी हर कभी करती हूँ। अब मैंने उसको पूछा कि क्या तुम और कुछ नहीं करती हो? तब उसने कहा कि और होता ही क्या है? फिर मैंने उसको कहा कि तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
    अब उसने मुझसे पूछा क्या सच अगर ऐसा है तो जल्दी करो ना और ऐसा कहने पर मैंने उसकी पेंटी को धीरे धीरे उतार दिया। अब मैंने उसको बिल्कुल नंगी कर दिया था। दोस्तों मैंने उस दिन पहली बार किसी औरत की चूत को ऐसे बिना कपड़ो के देखा था, उसकी चूत का दाना एकदम लाल रंग का और उठा हुआ था और उस पर हल्के हल्के भूरे रंग के बाल चारो तरफ थे। अब मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया तब वो मेरा भी मोटा और 6 इंच लंबा लंड देखकर वो मुझसे कहने लगी कि ऐसे लंड से अपनी चुदाई करवाने का मज़ा मुझे आज पहली बार आएगा। अब मैंने उसको कहा कि क्या तुम इसको भी चखना चाहोगी? उसने कहा कि नहीं मुझे घिन आएगी, तब मैंने उसको कहा कि तुम एक बार करके तो देखो। अब मैंने उसको बिना कुछ कहे उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और अब में उसके पैरों के बीच में बैठकर उसकी चूत पर मैंने एक चुम्मि दे दी। मेरे ऐसा कहने पर उसने मुझसे कहा कि तुम ऐसा मत करो, क्या तुम्हे घिन नहीं आएगी? फिर मैंने कहा कि इसी में तो सारा मज़ा है, उसको यह बात कहकर मैंने चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और में अपनी दो उँगलियों से उसकी चूत को फैलाने लगा था।
    अब मेरे ऐसा करने पर उसको बहुत दर्द हो रहा था, इसलिए उसने मुझसे ऐसा ना करने को कहा, लेकिन में अब उसकी बातें कहाँ सुनने वाला था। फिर वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी और में पूरे ज़ोर से उसकी चूत को चूस रहा था। दोस्तों उसकी चूत से एक बहुत ही अच्छी मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी और उसकी चूत बहुत गरम भी थी। में करीब 15 मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा और कुछ देर बाद अब उसको भी अच्छा लगने लगा था। फिर मैंने उसको पूछा क्यों अब तुम्हे कैसा लग रहा है? उसने मुझसे कहा कि अब कुछ अच्छा लग रहा है। मैंने अब अपनी दो उँगलियाँ उसकी गरम चूत में घुसा दी, लेकिन उसकी चूत इतनी टाईट थी कि वो अंदर ही नहीं जा रही थी। दोस्तों उसकी चूत में मेरी उंगली नहीं जा रही थी इसलिए मैंने उसकी चूत में अपना थोड़ा सा पेशाब गिरा दिया, तब उसने मुझसे पूछा कि तुमने यह सब क्यों किया? मैंने उसको कहा कि यह इसलिए इसकी वजह से तुम्हे ज्यादा दर्द नहीं हो और ऐसा करने पर तुम्हारी सुखी चूत भी गीली हो जाएगी। अब मेरी उंगली उसमे बहुत आसानी से फिसलकर अंदर चली गई और में उसको ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा, मेरे ऐसा करते हुए उसका पूरा जिस्म काँपने लगा और उसने मुझसे कहा कि तुम जल्दी से अपना मुहं और उंगली वहां से दूर हटा लो, क्योंकि में अब झड़ने वाली हूँ।

    सर की बीवी को चोदा
    अब मैंने उसको कहा कि में उसको पीना चाहता हूँ, मुझसे इतना कहते हुए वो झड़ गई और में उसकी चूत से बाहर निकले पूरे चूत रस को पी गया, मैंने उसकी एक बूँद को भी नीचे नहीं गिराया। फिर उसने मुझसे कहा कि आज पहली बार तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट और बहुत खुश भी किया है और में भी अब तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ। फिर मुझसे इतना कहकर उसने भी मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और मेरे लंड की चमड़ी को नीचे करके उसके अंदर वाले मुलायम हिस्से को वो अपनी जीभ से रगड़ने लगी। उस वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अब वो मेरा पूरा 6 इंच का लंबा लंड अपने मुहं में लेना चाहती थी उसके चूसने की वजह से कुछ देर बाद में अब झड़ने वाला था, इसलिए मैंने अपना लंड उसके मुहं से निकालना चाहा, लेकिन वो भी वही करना चाहती थी जो मैंने उसके साथ किया था। अब मेरे थोड़ा ऐठने की वजह से लंड उसके मुहं से बाहर निकल गया और में वहीं झड़ गया मेरा पूरा वीर्य उसके पूरे मुहं में पिचकारी की तरह चला गया और कुछ उसके होंठो पर भी गिरा कुछ उसके गाल पर और चारो तरफ। अब वो उस पूरे वीर्य को अपने होंठो और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी।
    फिर उसने मुझसे धन्यवाद कहा और लंड को अपनी जीभ, होंठो से चाटकर साफ कर दिया और अब उसने मुझसे अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए कहा। फिर मैंने भी ठीक वैसा ही किया और में धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगा, लेकिन अंदर जाने से पहले ही वो ज़ोर से चीख पड़ी। अब मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया, मेरा चार इंच लंड उसकी चूत में चला गया और उस वजह से उसका दर्द और भी ज्यादा बड़ गया। अब वो ज़ोर से छटपटाने लगी और मुझसे उसने बस बहुत है बाहर निकालने को कहा। फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ चार इंच का ही है और अब में तुम्हारा इतना लंबा लंड कैसे अंदर लूँ? मैंने कहा कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, उसको इतना कहकर मैंने एक और ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से अब मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चूत में समा गया और उस दर्द की वजह से उसकी आँखों से आंसू बाहर निकल पड़े, लेकिन में तब भी नहीं रुका और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। दोस्तों उसकी चूत बहुत गरम थी, में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा। कुछ देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी थी।
    अब वो मेरे हर एक धक्के के साथ अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी और हम दोनों अभी अभी झड़े थे इसलिए दोबारा इतनी जल्दी हमारा झड़ना बहुत मुश्किल था। अब हमें उस खेल का मज़ा और भी ज़्यादा आने लगा, ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झड़ गयी, उस वजह से उसकी गरम चूत एकदम गीली हो गई और वो एकदम शांत होने लगी, लेकिन में नहीं रुका और में उसको धक्के देकर चोदता रहा। फिर उसने मुझे अब रुकने को कहा, लेकिन में रुका नहीं और में अपना काम करता रहा, करीब दस मिनट के बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डालकर एकदम शांत होकर में उसकी बाहों में लेट गया। अब वो मुझे चूमती रही और वो मेरे ऊपर लेट गई। कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि अभी तो और एक मज़ा बाकी है उसने पूछा वो क्या? फिर मैंने कहा कि अभी में तुम्हारी गांड मारूँगा जिसमे तुम्हे बहुत मज़ा आएगा। दोस्तों उसको उसके बारे में कुछ भी नहीं पता था। उसको लगा कि इसमे भी बहुत मज़ा आएगा और वो तैयार हो गई। फिर मैंने उसको उसके पलंग के एक कोने में कुत्ते की तरह बैठने के लिए कहा और उसके दोनों हाथों को मैंने बेड के ऊपर रख दिए, उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच में थी।
    फिर मैंने उसके मुहं में अपने लंड को डाल दिया, जिसकी वजह से वो थोड़ा सा गीला हो जाए और अब में अपनी जीभ से उसकी गांड को चाटने लगा और मैंने उसको पूरी तरह से गीला कर दिया, उसको अब अच्छा लग रहा था। फिर मैंने अपना लंड अपने हाथों में लेकर उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और अपने हाथों से पकड़कर मैंने एक जोरदार धक्का मार दिया, मेरे धक्का मारते ही वो दर्द से चीख पड़ी और उसने मुझसे कहा कि मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, उफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब बस करो वरना में मर जाउंगी। अब मैंने उसको कहा कि तुम थोड़ा सा सहन करो क्योंकि यह पहली बार है ना इसलिए तुम्हे थोड़ा सा दर्द जरुर होगा और फिर में बार बार धक्के लगाता रहा और हर बार वो चीखती चिल्लाती रही। दोस्तों मेरा लंड लगातार कुछ अंदर बाहर आता जाता रहा और ऐसा करते हुए मेरा लंड अब तीन इंच अंदर चला गया। अब उसने मुझसे रोते हुए उसको छोड़ देने को कहा, लेकिन मैंने उसको समझाया कि बस कुछ देर बाद ही उसको मज़ा आने लगेगा। फिर ऐसा कहने पर वो मान गई और मैंने फिर एक जोरदार धक्का लगाकर अपना लंड थोड़ा और अंदर डाल दिया, ऐसा करते हुए मेरा पूरा का पूरा लंड अब उसकी गांड में चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी।
    फिर मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और कुछ देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा था और में उसके बूब्स को पीछे से पकड़कर अब दबाने लगा था और में उसकी गांड को भी धक्के मारने लगा। दोस्तों ऐसा करते हुए में दो बार झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और फिर में पलंग पर लेकर लेट गया और उसके बूब्स को चूसने लगा। फिर कुछ देर बाद में सीधा लेट गया और उसको मैंने अपने लंड पर बैठाया, रूपा ने धीरे धीरे मेरा पूरा लंड अपनी चूत में डलवा लिया और अब वो मज़ा लेने लगी। फिर वो जोश में आकर अपनी उंगली के बड़े बड़े नाख़ून से मेरी गांड के आसपास के हिस्से को खरोचने लगी, ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर उसने मेरी गांड के छेद पर अपने मुहं का थूक गिराया और अपनी उंगली को मेरे मुहं से गीला करके वो मेरी गांड में अपनी उंगली को डालने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे पहली बार बहुत दर्द हुआ, लेकिन कुछ देर बाद मज़ा भी आने लगा था। फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उसकी चूत में झड़ गया।
    दोस्तों वो करीब दस मिनट तक ऐसा ही करती रही और ऐसा करते हुए हम दोनों कब सो गए हमें पता ही नहीं चला। फिर सुबह हुई और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए उठे और अब जब भी मौका मिलता में उसकी दिन में भी चुदाई करने लगता। अब हम दोनों हर दिन एक साथ सोने लगे और मैंने उसको हर एक आसन में चोदा और उसको चुदाई का पूरा मज़ा दिया, हम दोनों ब्लूफिल्म भी साथ में देखते और हम उस तरीके में एक दूसरे के साथ चुदाई का वो खेल खेलते थे। दोस्तों मैंने उसकी बहुत बार गांड मार मारकर उसके कूल्हों को पहले से भी ज्यादा फैला दिया, जिसकी वजह से वो और भी सुंदर सेक्सी लगने लगी थी। दोस्तों मैंने उसकी चुदाई करके अब अपनी एक बहुत पुरानी इच्छा को भी पूरी करना चाहा। एक बार चुदाई के समय मैंने उसको कहा कि जब में तुम्हारे पति से पढ़ता था और तब तुम दोपहर को सोने के बाद उठकर पेशाब करने जाती थी तब तुम्हारे पेशाब करने की वो आवाज सुनकर मुझे तुम्हारी चूत को चाटने का बहुत मन करता था। अब उसने यह पूरी बात सुनकर मुझसे कहा कि तुम अपनी उस इच्छा को भी चाहो तो अभी पूरी कर लो और फिर वो बाथरूम में गई। फिर उसने उसी आवाज के साथ पेशाब करना शुरू किया और मैंने उसके पेशाब करते समय ही अपना मुहं उसकी चूत से सटा दिया, उसका सारा पेशाब मेरे मुहं पर गिरने लगा और में उसका मज़ा लेने लगा। फिर इस तरह जब मेरा मन करता में रूपा को चोदने लगा और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे अपनी चुदाई करवाती थी ।।
    धन्यवाद

  • प्रोमोशन के बहाने वैशाली को खूब चोदा

    आप सभी पाठकों का दिल से स्वागत करता हूँ काफी समय से मैं इस वेबसाइट पर लोगों की सच्ची कहानियां पढ़ते आ रहा हूँ। आज में काफी खुश हूं जो मुझे भी इस प्लेटफॉर्म ने अपनी सच्ची कहानी सुनाने का मौका दिया। आज में आपको वैशाली के बारे में बताने वाला हूँ जो मेरे ऑफिस की जूनियर है, जिसे मेने प्रोमोशन देने के बहाने बहुत बार चोदा है। तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।



    मेरा नाम रोहित है, ओर में मध्यप्रदेश के मंदसौर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 45 साल है ओर मेरी शादी को 20 साल हो चुके है। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे भी है। मेरी उम्र ज्यादा होने के बाद भी मुझे सेक्स में काफी ज्यादा रुचि रही है। मेरी वाइफ क्या मस्त माल है, लेकिन फिर भी मेरी नजर कम उम्र की लड़कियों पर ही टिकी रहती है। इतनी उम्र होने के बाद भी मुझे सेक्स में काफी ज्यादा रुचि है।

    मैं एक कंपनी में एचआर हूँ ओर पूरी कम्पनी की ज्यादातर जिम्मेदारियां मेरे ही ऊपर होती है। मेरी कम्पनी में एक से एक हॉट लड़कियाँ काम करती हैं। मेरा पूरा दिन लड़कियों को घूरने में ही निकल जाता है। दरअसल मैं काफी समय से किसी लड़की को चोदने का उत्सुक हूँ लेकिन कम्पनी की कोई भी लड़की मेरे जाल में फंस ही नही रही है।



    एक दिन कंपनी में जूनियर पोजिशन पर काम करने के लिए एक लड़की ने अप्लाई किया। वो लड़की क्या मस्त माल थी, उसे पूरी फुर्सत से बनाया गया था। उस लड़की का लंबा कद था, साथ ही उसकी गांड उसके कपड़ों से बाहर आती हुई दिख रही थी, जिसे देख कर मेरा लण्ड ही खड़ा हो गया था। वो चश्मे में एक दम गौरे बदन की किसी अप्सरा की तरह लग रही थी। मेने उसका इंटरव्यू लिया, इंटरव्यू में उसने अपना नाम वैशाली बताया था। मैं अपनी पूरी जिंदगी में किसी ऐसी ही भड़कती हुई जवान लड़की को चोदना चाहता था। इसलिए मेने अगले दिन से ही उसे जॉब के लिए बुला लिया था।

    वैशाली ने अगले दिन से ही जॉब पर आना शुरू कर दिया था। वैशाली की उम्र महज 19 साल थी, लेकिन उसकी जवानी किसी 25 साल की लड़की की तरह उभर रही थी। कंपनी का हर लड़का उसे सेट करने की सोच रहा था। ऐसा लग रहा था, मानो उसके आने से कम्पनी में किसी का काम मे मन ही नही लग रहा हो। मुझे वैशालो के बड़े -बड़े बूब्स को देखने की आदत लग रही थी। वैशाली की ड्रेस के ऊपर उसके हल्के से क्लीवेज मेरी जान ही ले रहे थे। मैं किसी ना किसी बहाने उसके सामने से गुजरता रहता था।

    मैं रोज़ाना किसी ना किसी बहाने वैशाली को ऑफ़िस में बात करने के लिए बुलाया करता था। वो मुझसे बात करती रहती थी, ओर मेरी नजरे उसकी बातों से हटकर उसकी चिकनी टांगों ओर बूब्स पर ही रहती थी। अब-तक वैशाली भी मेरे इरादों को भाप चुकी थी, लेकिन वह कुछ कर भी नही सकती थी।

    एक बार वैशाली ओर हम साथ मे खड़े हुए थे, तब मैंने ऐसे ही बातों ही बातों में मजाकिया अंदाज़ में पूछ लिया “वैशाली क्या तुम्हारा ब्वॉयफ़्रेंड है?”



    हां मेरा ब्वॉयफ़्रेंड है- उसने जवाब देते हुए कहा

    मुझे सुनकर काफी जलन महसूस हुई, क्योंकि ऐसी भड़कती हुई जवानी का मजा में सबसे पहले लेना चाहता था। अगले दिन वैशाली काम कर रही थी, तभी मैं उसके पास से गुजरा तो मैने देखा कि वो काफी उदास लग रही है।

    मेने उसे अपने ऑफ़िस में बुलाया और फिर वैशाली से उसकी उदासी का कारण पूछा। उसने जवाब देते हुए कहा “ मैं काफी परेशान हूँ मुझे पैसों की थोड़ी जरूरत है। मेरा ब्वॉयफ़्रेंड कुछ परेशानियों में पड़ गया है मुझे उसे कुछ पैसे देने होंगे।” मुझे इस सब मे वही मौका नजर आ रहा था, जिसका मुझे लंबे समय से इंतजार कर रहा था।

    मेने वैशाली की तरफ बढ़ते हुए उसके हाथों पर अपना हाथ रखते हुए कहा “देखो मैं तुम्हारी इसमें थोड़ी मदद कर सकता हूँ।



    कैसे? – वैशाली ने सवाल पूछते हुए कहा

    “देखो मैं तुम्हारा जॉब प्रोमोशन कर सकता हूँ जिससे तुम्हें एडवांस में थोड़े पैसे मिल सकते है”। लेकिन तुम्हें मेरी भी थोड़ी मदद करनी होगी- मेने वैशाली के कंधों पर हाथ फेरते हुए कहा

    वैशाली चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन फिर भी मुझसे सवाल किये जा रही थी कि “मैं आपकी मदद कैसे कर सकती हूं?”

    “खैर तुम्हें नही करनी तो जाने दो” – मेने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा

    “नही नही आप जो बोलोगे मैं वो करने के लिए तैयार हूँ”- वैशाली ने कहा



    कम्पनी से जाते वक्त मेने वैशाली से कहा कि “चलो आज मै तुम्हें घर छोड़ देता हूं”। वैशाली मेरे साथ कार में ही थी, उसकी नंगी जांघों को देख कर मुझसे रहा नही गया और मेने उस पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में वैशाली की आंखे बंद ओर सांसे तेज हो चुकी थी। मैंने वैशाली से कहा “ अब तो तुम समझ ही गयी होगी कि मैं तुमसे किस तरह की मदद चाहता हूं।

    अगले दिन ऑफ़िस में मेने वैशाली को उसका प्रोमोशन लेटर दे दिया था। वो काफी ज्यादा खुश थी। दिन भर ऑफ़िस में वैशाली को छोड़ने के ख्याल भर से ही मेरा लंड खड़ा हो जा रहा था। वो घड़ी अब ज्यादा दूर नही थी, जब में वैशाली को जी भर के चोदने वाला था।

    ऑफ़िस से छुट्टी के बाद मेने पहले कॉन्डम ख़रीदा ओर फिर वैशाली को कार में बैठा कर एक सुनसान जगह पर कार ले गया। अब हमारी कार एक सुनसान जंगल खड़ी थी, ओर मैं बस यही सोच रहा था कि मैं कहा से शुरुआत करू।

    मेने जैसे ही वैशाली की तरह देखा तो उसने बिना मुझसे कुछ कहे चुपचाप अपने कंधे पर से अपनी ड्रेस को थोड़ा नीचे कर दिया। शायद वो सोच रही थी कि मै उसके साथ ज्यादा कुछ नही करने वाला हूँ ओर हम जल्दी से यह सब खत्म कर के यहां से चले जायेंगे। लेकिन वो गलत सोच रही थी, आज में उसे इतनी आसानी से नही छोड़ने वाले था। आज में उसे जी भर के चोदने वाला था।



    मेने वैशाली को देखते हुए उसे कस कर गले लगा लिया ओर उसके कंधे को चूमना शुरू कर दिया। इतनी ही देर में वैशाली के मुंह से आह आह की सिसकारियों की आवाजें आने लगी थी। में उसकी ड्रेस के ऊपर से दिख रहे बूब्स को चूमता जा रहा था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए मेने वैशाली के होंठ पर अपने होंठ रखते हुए चूमना शुरू कर दिया था। इस कार्यवाही से वो भी काफी उत्तेजित होती जा रही थी और मेरे होंठ को वह अपने दाँतों से हल्के से काटें जा रही थी। मैं उसके नर्म होंठो को लगातार चूमता ही जा रहा था। साथ ही धीरे-धीरे में अपना एक हाथ उसकी नंगी जांघों पर भी फेरता जा रहा था।

    थोड़ी ही देर बाद मेने आगे बढ़ते हुए में उसको ऊपर से पूरा नंगा कर दिया था। और उसके बूब्स को पूरी तरह से आजाद कर दिया था। वह पने बूब्स को अपने हाथों से छुपा रही थी, जैसे कि उसे कोई उम्मीद ही नही हो कि मैं इतना आगे तक बड़ सकता हूँ। मेने धीरे से उसके बूब्स के ऊपर से उसका हाथ हटाया ओर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। मैं जोर-जोर से उसके बूब्स को मसलते हुए उसे चूसते हुए जा रहा था। और वैशाली की आह अम्मा आउच्च करती हुई तेज आवाज़ पूरी कार में गूंजती जा रही थी। मेने उसके बूब्स को चूसते हुए पूरी तरह से लाल कर दिया था। अब तक वैशाली भी अपनी उत्तेजना की आखिरी सीमा पर पहुंच चुकी थी, इसलिए उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो कितना ज्यादा आगे तक बढ़ चुकी है।

    कुछ ही देर बाद मेने अपनी पेंट में से अपना कड़क ओर लम्बा औजार बाहर निकाल दिया। मेरे इतने बड़े लंड को देखकर तो जैसे चौक ही गयी थी, लेकिन अब तक वह ये भी समझ चुकी थी कि आज वो पूरी तरह से चुदने वाली है। मेने वैशाली को अपना लंड चूसने के लिए कहा। वैशाली ने मेरा लंड मुंह मे लेकर एक दम से बाहर निकाल दिया और कहने लगी कि”मुझे बहुत गंदा लग रहा है, मुझसे नही होगा”।

    अरे ये तो सब करते है, थोड़ी देर बाद देखना तुम्हे मजा आने लगेगा- इतना कहकर मेने उसे फिर से अपने लंड की तरफ झुका दिया। वह मेरे आधे लंड को धीरे-धीरे अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी। तभी मेने वैशाली के मुंह को पकड़ कर पूरा लण्ड उसके मुंह के अंदर डाल दिया। और अपने लण्ड से उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया। मेरा लंड उसके मुंह के पूरा अंदर तक जा रहा था। धीरे-धीरे वो भी अब मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसे जा रही थी।



    अब मैं वो शुरू करने जा रहा था, जिसकी उसे उम्मीद ही नही थी। मेने उसकी स्कर्ट को ऊपर करते हुए उसकी पैंटी को निकालना चाहा, लेकिन वो मुझे अपने हाथों से लागातर रोके जा रही थी। लेकिन मेने जैसे-तैसे कर के उसकी पैंटी को उतार ही दिया।

    अब मेने आगे बढ़ते हुए अपनी उंगलिया उसकी योनी के अंदर डाल दी। मैं अपनी उंगलियों से तेजी से उसकी योनी को चोदे जा रहा था। आह आह आह करती हुई उसकी तेज आवाजें मेरे उत्साह को ओर भी बढाये जा रही थी। कुछ देर बाद मेने उसकी टांगे चौड़ी करते हुए उसे लेटा दिया ओर उसकी चुद को चाटते हुए उसे पीना शुरू कर दिया। वैशाली के मुंह से तेज उहहहह आह ओह्ह अम्म की आवाजें आ रही थी। मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपनी जीभ से उसकी योनी के बीज को चाटे जा रहा था। उसकी तेज आवाज पूरी कार में गूंजे जा रही थी।

    कुछ ही देर बाद मेने गाड़ी में से अपना कॉन्डम निकाल ओर लंड पहन लिया और वैशाली की चुद को मारने के लिए आगे बढ़ने लगा। वैशाली ने अपनी चुद पर हाथ रख लिया और मुझे रोकने का प्रयास करने लगी लेकिन मेने भी उसके हाथ को हटाया ओर उसकी चुद की दीवार पर अपना लंड रखकर सीधा अपने लंड को उसकी चुद के अंदर पूरा का पूरा उतार दिया। मेरा लंड अंदर घुसते से ही वो चिल्लाते हुए रो पड़ी, लेकिन मेने उसे थोड़ा बहुत समझाकर अपना लंड उसकी चुद के अंदर बाहर करना जारी रखा। वैशाली की चुद में से हल्का सा खून बाहर आ गया था। और उसे चुदने में काफी दर्द हो रहा था। मैं अपना पूरा लंड उसकी चुद के अंदर बाहर किये जा रहा था और वह दर्द से चीखते हुए चुद रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर वैशाली को भी चुदने में मजा आने लगा। मैं उसे चोदे जा रहा था और वह भी अपनी योनी को मसले जा रही थी। कुछ देर बाद मैं कार में बैठ गया ओर वैशाली खुद ही मेरे ऊपर बैठ कर अपनी योनी को मेरे लंड से सेट कर के मेरे लंड को अपनी चुद के अंदर तक उतार दिया। और फिर उसने खुद से ही ऊपर नीचे होकर मजे से चुदना शुरू कर दिया। वो लगभग 15 मिनट तक आह आह आह की आवाज करते हुए ऐसे ही मुझसे चुदती रही इर फिर कुछ देर बाद उसकी चुद में से पानी बाहर आ गया। उसका पानी निकलता देख मैं भी काफी उत्साहित हो गया और तेजी से उसको चोदता गया और आख़िरकार मेरा भी पानी छूट गया।



    उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने ओर फिर मेने वैशाली को उसके घर छोड़ दिया। उस दिन के बाद से मेने वैशाली को आगे प्रोमोशन देने के बहाने काफी बार चोदा ओर कई बार तो वो खुद मुझसे चुदने के लिए बोल देती है।

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  • बॉस की बेटी की चुदाई की

    पिछले महीने एक दिन मेरे बोस ने मुझे और मेरी वाइफ़ को डिनर पर उसके घर बुलाया था, हम लोग उसदिन उसके घर पर गये। उसके फ़ैमिली में उसकी वाइफ़, वो और उसकी एक बेटी है। उसकी बेटी कोलेज मे पढ़ती है। उस दिन हम लोग उसकी फ़ैमिली से काफी घुल मिल गये। उसने मुझे बताया की उसकी बेटी फिजिक्स सुब्जेक्ट में काफ़ी कमजोर है। मैं खुद फिजिक्स का मास्टर हूं तो उसने मुझे रेकुएस्ट किया कि क्या मैं उसके बेटी को फिजिक्स पढ़ा सकता हूं। मैने उसको हां कर दी मेरी वाइफ़ भी इनसिस्ट करने लगी कि मैं उसको फिजिक्स पढ़ाऊं।
    फिर मैने उसको बताया कि तुम मेरे घर शनि-इतवार आया करो। मुझे सटरडे – सन्डे होलीडे होता है। उसने हां कर दी। फिर वो शनिवार मेरे घर पर आ गयी। मैं घर पर अकेला ही था क्यों कि मेरी वाइफ़ भी जोब करती है और उसे सिर्फ़ संडे छुट्टी होती है। फिर मैने उसे मेरे पास वाले कुरसी पर बिठाकर उसे मैं फिजिक्स पढ़ाने लगा। काफ़ी देर तक मैं उसे मन लगा कर पढ़ाता रहा।

    थोड़ी देर में मैने उसे कुछ काम दे कर मैं चाय बनाने किचन में चला गया। मैं चाय लेकर जब किचन से वापस आया तो मेरी नज़र उसके कमर पर पड़ी। उसने जींस और शोर्ट टोप पहनी हुयी थी। वो टेबल पर झुककर लिखने के कारण पीछे से उसका टोप ऊपर उठ गया था। फिर मैं उसके बगल में आ कर बैठ गया। मेरा पूरा ध्यान उसके कमर पर था। जींस के कारण उसकी पैंटी भी दिखायी दे रही थी। मैं काफी उत्तेजित हो चुका था पर मैं अपने आपको रोकने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वो मेरे बोस की बेटी थी और उमर में भी छोटी थी। फिर वो मुझसे प्रश्न पूछने लगी। मैं उसको उत्तर दे रहा था पर मेरा ध्यान बार बार उसकी कमर पर जा रहा था। वो काफी मासूम थी। थोड़ी देर बाद वो घर चली गयी।

    वो जाने के बाद मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मेरे सामने उसका फ़ीगर दिखायी दे रहा था। मेरा लंड भी काफ़ी खड़ा हो चुका था। मैं थोड़ी देर बेड पर आकर लेट गया। फिर मैं उठकर बाथरूम में गया और हाथ से हिलाकर अपने आपको ठंडा कर लिया। रात को मेरे बोस का फोन आया और मेरी तारीफ़ कर रहा था कि मैने उसके बेटी को बहुत अच्छे से पढ़ाया।

    रात को मैं जब सोने के लिये गया तो मेरे वाइफ़ के साथ सेक्स करते समय मुझे उसका ही चेहरा नज़र आ रहा था। मैने मेरे वाइफ़ को वो समझके चोद दिया। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे क्या हो रहा है। रात भर मैं उसके बारे में ही सोच रहा था। दूसरे दिन वो फिर से आने वाली थी, दूसरे दिन वो जब आयी तो वो सलवार पहने के आयी थी। मैने थोड़ी देर उसको पढ़ाया फिर वो घर चली गयी। मेरी वाइफ़ भी मेरे पढ़ाने की तारीफ़ कर रही थी।

    अगले हफ़्ते शनिवार को मैं उसका इन्तज़ार कर रहा था। जब वो आयी तो उसने पैंट और शोर्ट टॉप पहन रखी थी। उसका फ़ीगर बहुत ही अच्छा था। फिर मैने उसको पढ़ाना शुरु किया पर मेरा ध्यान उसके बदन को टटोलने में ही था। थोड़ी देर वैसे ही टटोलता रहा और फिर मैने हिम्मत कर के मेरा एक हाथ पीछे से उसके खुली कमर पर रखा और उसे प्यार से हाथ घुमाते हुये पढ़ाने लगा। वो भी काफ़ी इंटेरेस्ट से पढ़ रही थी। धीरे धीरे मैने अपना हाथ उसके टोप के अंदर घुसा दिया और उसकी पीठ पर घुमाने लगा। मैं काफ़ी उत्तेजित हो चुका था और मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं।

    थोड़ी देर मैं वैसे ही हाथ घुमा रहा था, उसकी ब्रा के ऊपर से मैने काफ़ी देर तक हाथ घुमाया। वो क्वश्चन हल करने की कोशिश कर रही थी। मैने धीरे से उसके चेहरे के तरफ़ देखा तो आंखें बंद कर कर धीरे से मुस्करा रही थी। जैसे कि उसको मज़ा आ रहा हो। फिर मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी और मेरा हाथ मैने उसके बूब्स के ऊपर से घुमाना शुरु क्या। वोह धीरे धीरे सिसकियां लेने लगी। फिर मैने उसका हाथ पकड़ कर मेरे पैंट के ऊपर से लंड पर रख
    दिया, उसने अचानक अपना हाथ मेरे से छुड़ा लिया।

    पर उसने मुझे हाथ घुमाने से नहीं रोका। फिर मैने उसके ब्रा के हुक खोल दिये और उसके टिट्स के ऊपर से हाथ घुमाने लगा। मुझे समझ में आ गया कि वो अभी काफ़ी उत्तेजित हुयी है। मैने धीरे से उसके पैंट कि चैन खोल दी पर वो मुझे हाथ डालने से रोक रही थी पर भी मैने जबरदस्ती से अंदर हाथ डाल दिया और पैंटी पर से उसके चूत के साथ खेलने लगा। उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी। फिर से मैने उसका हाथ पकड़ लिया और मेरा लंड पैंट से बाहर निकल कर हाथ में थमा दिया। इसबार उसने कोई विरोध नहीं किया और मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया। अभी भी वो नीचे देखते हुये धीरे से मुस्करा रही थी। ये सब ३० मिनट तक चला, पर इस बीच हमने न नज़र मिलायी और न बात की। सब कुछ चुपचाप ही चल रहा था।

    फिर मैने उसकी तरफ देख कर उसको खड़ा रहने के लिये कहा। वो मेरे तरफ़ पीठ कर के मेरे सामने खड़ी हो गयी। मैने उसको पीछे से पकड़ कर उसको चूमना शुरु किया। फिर मैं कुरसी पर बैठ गया और मैने उसकी पैंट उतार दी। वो अभी भी मेरे तरफ़ पीठ करके ही खाड़ी थी। फिर मैने उसके चूतडों को मसलना शुरु किया ।थोड़ी देर में मैने उसकी पैंटी उतार दी वो अभी सिर्फ़ शर्ट पहने हुई मेरे तरफ़ पीठ करके खड़ी थी। फिर मैने मेरी पैंट उतारकर अपने तने
    हुये लंड को हाथ में लिया और उसको उल्टा मेरे गोद में बिठा कर लंड पीछे से उसके जांघो में चूत के पास डाल दिया। वो वैसे ही चुप चाप बैठ गयी। मैं उसको टोप ऊपर उठाकर पीठ पर चूसने लगा। दोनो हाथों से मैने उसके बूब्स पकड़ लिये थे।

    थोड़ी देर में मैं उसको बेडरूम लेकर गया। उसको बेड पर बिठाकर उसके बाजु में खड़ा हो गया। वोह अभी भी शरमा कर स्माईल दे रही थी। उसने मुझसे कोई बात नहीं की न ही उसने मना किया। फिर मैं अपना लंड उसके मुंह के पास ले गया और उसको मुंह में लेने के लिये कहा। उसने सिर हिलाकर न कहा। पर मैने उसको फ़ोर्स करके मेरा लंड चूसने के लिये मजबूर कर दिया। थोड़ी देर में वो सफ़ाई से चूसने लगी। अब मैने हाथ से
    उसकी चूत को सहलाना शुरु किया। वो गीली थी। फिर मैने उसको बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगे फ़ैला दी। अब उसकी चूत पूरी तरह से दिखायी दे रही थी। फिर मैने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल कर चूसना शुरु किया। वो उत्तेजना के कारण छटपटाने लगी, उसने मेरा सिर दोनो हाथों में पकड़ लिया था। थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरा टाइट हो चुका था।

    अब मैने उसको चोदने की पोसिशन ले लिया। उसने मुझे मना किया। उसने कहा नहीं मैने कभी किया नहीं है और मुझे दर्द होगा। मैने उसको समझा बुझाकर अपना लंड जबरदस्ती चूत में डाल दिया। वो जोर से चिल्लायी। उसको काफ़ी दर्द हुआ था और थोड़ा खून भी बाहर आया था पर मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था। मैं उसके
    ऊपर टूट पड़ा था। थोड़ी देर में उसने अपने दोनो हाथों से मेरी कमर पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से खीचने लगी। अब मेरी भी स्पीड बढ़ चुकी थी। अब मुझे समझ आ गया था कि अब उसको भी मज़ा आ रहा है।

    फिर मेरे लंड जवब देने में आया तो मैने उसे बाहर निकाल कर अपना लावा उसके कमर पर डाल दिया। वो एकदम सैतिस्फाइड हुई थी। फिर मैने उसको उठाकर बाथरूम में भेज दिया। बेड की चादर मैने गायब कर दी और दूसरी डाल दी। थोड़ी देर में वो फ़्रेश हो कर कपड़े पहन कर आ गयी। वो फ़िर घर जाने निकली। मैने उससे बात करने की कोशिश की पर उसने मुझसे कोई बात नहीं की। उसके जाने के बाद मुझे थोड़ा डर लगने लगा। शयद वो किसी को बता दे।

    अगले दिन वो क्लास को नहीं आयी तो मैं और डर गया था। ओफ़िस में बोस का बेहविओउर मेरे साथ नोर्मल था तो थोड़ा टेंशन कम हुआ। इसी बीच मुझे उसका कोई फोन नहीं आया। उस वीक शनिवार मेरी वाइफ़ ओफ़िस में जाने के बाद मैं कम्प्यूटर पर बैठ कर अपना काम कर रहा था। अचानक डोर बेल बजी। मैने दरवाजा खोला तो सामने वो खड़ी थी। उसने शरमाते हुये स्माईल दी और अंदर आ गयी। मैने अंदर से दरवाजा बंद करके उसके तरफ़ देखा तो वो मुझसे आकर लिपट गयी। आज मैं उसको सीधे बेडरूम ले कर गया।