Category: दोस्त की बहन की चुदाई

  • दोस्त की बीवी को फुल मज़े करवाये

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 25 है और में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी तरफ हमेशा लड़कियाँ आकर्षित जल्दी होती है. मेरी हाईट 6 फिट है और बहुत मस्त शरीर है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सेक्स से भरपूर चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने अपने दोस्त की पत्नी को चोदा और वैसे मुझे भी चुदाई करने का बचपन से ही बहुत शौक है. दोस्तों यह बात गर्मियों की है जब में अपने काम से मुंबई जाता आता रहता था, लेकिन इस बार का मेरा वहां पर जाना सबसे यादगार था जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ. तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे शहर से सीधी कोई भी ट्रेन मुंबई के लिए नहीं थी तो में पास के शहर से ट्रेन में जाता था, लेकिन एक दिक्कत थी कि मुंबई से आने में वो ट्रेन रात 11 बजे मुझे वहां पहुंचाती थी, तो मुझे उस वजह से मेरे घर पर जाने का कोई साधन नहीं मिलता था तो में मेरे दोस्त के घर पर अक्सर रात को रुक जाता था.

    मेरे दोस्त का नाम है दीपक है और वो मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है. में उसी के यहाँ पर रात रुकता था और उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन दीपक मेहनती बहुत था वो मार्केटिंग की नौकरी किया करता था जो कि मैंने अपनी पहचान से लगवाई थी और फिर उसने मेहनत करके अच्छी जगह पा ली, लेकिन वो मेरी यह बात हमेशा याद करता था, क्योंकि वो भी मेरे गावं का रहने वाला था, लेकिन वो अपनी नौकरी की वजह से यहाँ पर रहता था और अभी करीब एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. उसकी पत्नी का नाम प्रिया था और वो दिखने में एकदम अच्छी थी, बिल्कुल गोरी गोरी मस्त सा फिगर, लेकिन मेरी नज़र उस पर ऐसे कभी नहीं थी, प्रिया स्वभाव में तो अच्छी थी, लेकिन दीपक से ज़्यादा खुलकर मुझसे बातें किया करती थी और वो भी एक प्राईवेट स्कूल में नौकरी किया करती थी. हाँ तो अब में भी अपनी बात पर आता हूँ, में हमेशा दीपक के घर पर रुकता था और उसकी शादी के बाद भी प्रिया को मेरे बारे में सब कुछ पता था कि दीपक की नौकरी मैंने लगवाई है तो वो मेरा पूरा पूरा ध्यान रखती थी और मेरे लिए खाना बनाकर रखती, क्योंकि में हमेशा उन्हें बताकर आता था और फिर हम लोग बस ऐसे ही गप्पे मारते और बातें किया करते थे. यह बात गर्मियों की है और में मुंबई से आ रहा था तो उस दिन गलती से मैंने दीपक को फोन नहीं किया. में सीधे उसके घर पर जाने लगा और रास्ते से उसको फोन किया और बोला कि दीपक में घर पर आ रहा हूँ तो वो मुझसे बोलता है कि हाँ चला जा तो में बोला कि चला जा का क्या मतलब, तू क्या घर पर नहीं है क्या? तो वो मुझसे बोला कि यार में इस समय पुणे हूँ और यहाँ पर एक मेरी महीने की ट्रनिंग है.

    में बोला कि ठीक है यार में किसी होटल में रुक जाता हूँ. तो वो मुझसे बोला कि वो तेरा घर है तू चुपचाप वहां पर चला जा और तू एक काम करना, में तुझे प्रिया के नंबर मेसेज कर रहा हूँ और तू उसे कॉल कर देना शायद अभी वो सो गई होगी, तू एक बार उसे फोन करके उठा देना. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने दीपक के घर पर पहुंचकर प्रिया भाभी को कॉल किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया एक दो बार और फोन किया फिर भी नहीं उठाया तो में समझ गया कि वो शायद सो गई होगी?

    दोस्तों दीपक ने घर किराए पर लिया था और वो पहली मंजिल पर रहता था और मकान मलिक नीचे ही रहता था तो में सीधा ऊपर चला गया तो मैंने देखा की घर की लाईट चालू थी और अब में सोच रहा था कि भाभी जब जाग रही है तो मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही है? तो जब में दरवाजे के पास गया तो मुझे थोड़ी अजीब सी आवाज़ आई तो मैंने ध्यान से सुना और उस आवाज़ से ऐसा लग रहा था कि कुछ चुदाई के सीन चल रहे है और फिर मैंने सोचा कि चलो अंदर चलकर देखते है शायद कुछ दिख जाए, लेकिन मुझे कुछ दिखा तो नहीं, लेकिन अब यह पक्का हो गया था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही है.

    अब मैंने दरवाजा बजाया तो अंदर से आवाज़ आई कौन है तो में बोला कि भाभी में राहुल तो वो बोली कि राहुल आप रूको में 5 मिनट में आती हूँ और कुछ देर के बाद भाभी मेक्सी में आई. वो बहुत मस्त लग रही थी, लेकिन वो पूरी पसीने में हो रही थी तो मैंने भाभी से पूछा कि आप इतने पसीने में क्यों हो रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं, गरमी बहुत है.

    दोस्तों में अब भाभी को देखते हुए मन में सोच रहा था हाँ दिख रहा है कितनी गर्मी है? इतने में भाभी बोली कि किस सोच में हो? अंदर आओ और अब आप यह बताओ कि बिना कॉल किए कैसे आ गए? तो में बोला कि भाभी गलती हो गई मुझे माफ़ करो, तो वो बोली कि वो किस लिए? तो में बोला कि मैंने आपको फोन नहीं किया था इसलिए, तो भाभी बोली कि अरे राहुल जी आप भी ना, मैंने तो इसलिए बोला कि क्योंकि में आपके लिए खाना बनाकर रखती ना और वैसे भी दीपक पुणे है तो में मेरे लिए तो कुछ भी बना लेती हूँ.

    फिर में बोला कि हाँ भाभी अभी दीपक से मेरी बात हुई तो मुझे पता चला कि वो पुणे है, भाभी बोली कि आप नहा लो और में तब तक खाना बना लेती हूँ, वैसे तो आज मुझे भी बहुत भूख लगी है. फिर में बोला कि भाभी ठीक है और भाभी हल्की सी स्माइल देते हुए चली गई. अब दीपक का एक कमरा था तो उसके बेडरूम में ही बाथरूम भी था, मैंने कपड़े उतारे और बाथरूम में चला गया और जब में नहाकर अपनी केफ्री और टी-शर्ट में बाहर आया तो मैंने देखा कि बेड पर लेपटॉप रखा हुआ था, मैंने उसे चालू किया, क्योंकि मुझे शक था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही थी तो मैंने देखा कि उस पर एक ब्लूफिल्म डाउनलोड की हुई थी और इतने में भाभी आ गई और मुझे लेपटॉप के पास देखकर डरकर रुक गई. में समझ गया, लेकिन अब भाभी क्या बोलती?

    मैंने वो शरमाये इसलिए उससे पूछ लिया कि खाना बन गया क्या भाभी? तो वो डरते हुए हाँ करने लगी और में उससे बोला कि भाभी चले फिर आज हम एक साथ में बैठकर खाना खाते है. दोस्तों मैंने भाभी को ऐसा जताया कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है. फिर भाभी और में एक साथ बैठकर खाना खाने लगे, लेकिन भाभी अब मुझसे थोड़ा सा डर रही थी, लेकिन मैंने उनको बहुत हंसाया, उनसे मजाक किया और उनको ऐसा जता दिया कि मैंने लेपटॉप में कुछ नहीं देखा. अब हम दोनों खाना खाकर उठे और अब भाभी ने मेरा बिस्तर हॉल में लगा दिया और हम दोनों ने शुभरात्रि बोला और भाभी रूम में चली गई और दरवाजा बंद कर दिया.

    अब मैंने गरमी की वजह से ऊपर कुछ नहीं पहना था, बस टी-शर्ट को पास में रख लिया और में बस अंडरवियर में सो गया. तभी 15 मिनट के बाद भाभी के रूम का दरवाजा खुला और भाभी मेरे पास आकर बोली कि राहुल आप सो गये क्या? तो में बोला कि नहीं भाभी, तो वो बोली कि राहुल एक बात बोलनी थी, में बोला कि हाँ बोलो भाभी? तो वो बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही है और हॉल में टीवी है तो आप बेड पर सो जाओ अंदर जाकर या फिर मेरे साथ टीवी देखो. फिर में बोला कि भाभी ठीक है में आपके साथ टीवी देखता हूँ तो बोली कि चलो उठो सोफे पर बैठते है, मैंने अपनी टी-शर्ट को हाथ में लिया और थोड़ा उठकर पहन लिया क्योंकि दोस्तों में अपनी भाभी के सामने ऐसे कैसे जा सकता था वैसे भला हो उस चादर का जो मैंने उसको अपने ऊपर डाल रखा था.

    अब हम टीवी देखने लगे उस पर भाभी ने एक हॉलीवुड फिल्म लगा दी, बस हम ऐसे ही बैठे बैठे देख रहे कि तभी समुद्र का एक सीन आया उसमे एक लड़का अंडरवियर में खड़ा हुआ था तो भाभी बोली कि राहुल भैया देखो इस हीरो की कितनी मस्त बॉडी है, में भी हमेशा दीपक से बोलती हूँ कि तुम भी ज़िम जाया करो, लेकिन वो आलसी है जाते ही नहीं. तो में भाभी से ऐसे ही बोला कि हाँ भाभी अच्छी तो है, लेकिन मुझसे अच्छी नहीं है, वैसे दोस्तों मुझे भी ज़िम का बड़ा शौक है तो मेरा भी शरीर दिखने में बहुत अच्छा था और ऊपर से मेरी हाईट करीब 6 फिट है तो अच्छी लगती थी.

    अब भाभी मुझसे बोली कि राहुल भैया आप ज्यादा फेंको मत यार, दिखने में तो उससे ज्यादा अच्छी नहीं लगती? तो मैंने कहा कि भाभी यार वो बिना टी-शर्ट के है इसलिए एकदम साफ दिख रही है, भाभी मुझसे बोली कि राहुल भैया तो फिर मुझे भी दिखाओ ना? मैंने उनसे कहा कि भाभी आप रहने दो, भाभी बोली कि आप दीपक की तो हर बात मान लेते हो और मैंने तो आज पहली बार आपसे कुछ बोला है, मुझे बहुत पसंद है भरी हुई बॉडी को देखना. फिर मैंने कहा कि ठीक है में अभी आपको दिखाता हूँ और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतारकर उन्हें एक दो पोज़ दिखा दिए तो भाभी वो सब देखकर मुझसे बहुत आकर्षित होकर बोली कि राहुल आपकी बॉडी तो सही में बहुत अच्छी है और अब वो मेरे पास आकर मेरे पूरे शरीर को छूने लगी. फिर में एकदम से पीछे हट गया तो भाभी मुझसे बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि भाभी जी आप यह क्या कर रही हो? लेकिन अब मुझे भाभी की नीयत समझ में आ गयी थी और में यह बात सोच ही रहा था कि तभी भाभी मुझसे लिपट गई मुझे अचानक से एक झटका लगा और में बोला कि भाभी यह क्या है?

    भाभी बोली कि राहुल अब ज्यादा बनो मत, मुझे मेरे पति ने सब कुछ बता दिया है आपकी और त्रप्ति की चुदाई के बारे में. अब मुझे उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से झटका लगा और में बोला कि क्या? (दोस्तों त्रप्ति भी मेरे एक दोस्त की पत्नी है) तो प्रिया भाभी बोली कि हाँ अभी दो दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी और हम सभी दोस्तों का ग्रुप है तो आपके दोस्त की पत्नी भी आपस में हमारी एक बहुत अच्छी दोस्त है और देखो आज आप आ भी गये.

    अब मैंने मन ही मन में सोचा कि यार मुझे तो पका पकाया माल मिल रहा है तो क्यों ना में मज़े ले लूँ? और अब मैंने भाभी को अपनी बाहों में बिल्कुल टाईट पकड़ कर बोला कि हाँ भाभी में लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखकर समझ गया था कि तुमको क्या चाहिए, लेकिन में दीपक की वजह से कुछ नहीं बोला. अब भाभी मेरी छाती पर हल्के से किस करते हुए बोली कि दीपक तो बस पैसे के पीछे लगे रहते है, उनका मेरी तरफ़ तो बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं है, जब में बोलती हूँ तो कभी कभी थोड़ा बहुत सेक्स कर लेते है और थका हुआ होने की बात बोलकर सो जाते है, में दीपक से प्यार बहुत करती हूँ, लेकिन जब से त्रप्ति ने मुझे आपके बारे में बताया है में तो आपको भूल ही नहीं पा रही हूँ क्योंकि मेरी भी बहुत इच्छा है कि में भी एक दिन आपके साथ कुछ करूं.

    दोस्तों भाभी एक तो मुझसे एकदम कसकर चिपकी हुई और ऊपर से उनकी इन बातों ने मेरे लंड को अब बहुत परेशान कर दिया था. फिर मैंने भाभी का एक हाथ पकड़ा और अपनी अंडरवियर के अंदर ले गया और अब भाभी को मैंने अपना लंड पकड़ा दिया और पूछा कि भाभी कैसा है? तो वो बोली कि त्रप्ति ने जब से मुझे आपके बारे में बताया है तब से में सोच रही थी कि आपका वो कैसा होगा? और प्रिया बोली कि मुझे भाभी नहीं प्रिया बोलो. तो में बोला कि ठीक है और बोला कि क्या प्रिया तुम मुझे किस नहीं करोगी? तो वो बोली कि राहुल में तो पूरी आपकी हूँ और अब वो मेरे होंठो पर होंठ रखकर किस करने लगी, हमारा बड़ा लम्बा स्मूच चला और आखरी में प्रिया ने जानबूझ कर मुझे होंठो पर काट लिया, लेकिन मुझे एक मीठा सा दर्द हुआ, तब प्रिया बोली कि क्यों ज़्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है? तो मैंने कहा कि नहीं, वो बोली कि क्यों अब चले? तो में बोला कि ऐसे नहीं और मैंने प्रिया की नाईटी उतारी, उसने अंदर कुछ नहीं पहना था, वो एकदम मस्त माल, दुबली पतली, बड़े बूब्स, उसको जिस जगह से टाईट पकड़ो वहां से वो लाल टमाटर हो जाती थी.

    अब मैंने कहा कि प्रिया वाह यार तुम्हारा फिगर कितना सुंदर है, मैंने पहले तुमको कभी ध्यान से देखा ही नहीं वर्ना में तो तुमको चोदने की कोशिश ज़रूर करता. फिर वो शरमाते हुए बोली कि हट और फिर अपनी गांड मटकाते हुए बेडरूम की तरफ़ जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला कि कहाँ चली जान और गोदी में उठाकर उसे बेडरूम में ले गया और वही बेड पर पटक दिया और ऊपर आकर उसके बूब्स को मसलते हुए चूसने लगा. अब वो पूरी मस्ती में थी और ऊपर होकर पूरे बूब्स मेरे मुहं में घुसा रही थी. में अब प्रिया के बूब्स में मस्त था, क्योंकि वो एकदम गोरी और ऊपर से उसके वो भूरे निप्पल देखकर मुझे मज़ा आ गया और अब में उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा और बीना बालों वाली गोरी चूत को भी और अपने होंठो से उसकी चूत के दाने को खींचने लगा जिससे वो जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और फिर उसने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया.

    मैंने भी अब कोई कसर नहीं छोड़ी और अच्छी तरह से चूत को चाटने चूसने लगा और अब वो थोड़ा शांत थी और वो मुझे अपने पास लेटाकर बोली कि अब मुझे भी तो मौका दो और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को देखकर बोली ओह इसका मतलब त्रप्ति बिल्कुल सही बोलती थी, वाह कितना बड़ा है और अब वो उसको हिलाने लगी और मेरे लंड के सुपाड़े को मुहं में लिया और चूसने लगी, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा रहा था, लेकिन प्रिया थी कि उसे और भी मजेदार बना रही थी, लंड पर थूककर पूरा चाट जाती फिर मेरी गोलियों को लोलीपोप की तरह चूसती और मेरे मुहं से अहहह्ह्ह निकल जाती. मैंने प्रिया से पूछा कि वाह यार तुम कितना मस्त चूसती हो? तो वो कहने लगी कि दीपक पहले यह सब बहुत करते थे, लेकिन अब ना जाने उन्हें क्या हो गया है?

    फिर मैंने कहा कि अभी उस बात को छोड़ो और मज़े करो यार. फिर प्रिया बोली कि वही तो करुँगी आज बड़े दिनों के बाद और वो मुझे बेड पर लेटाकर मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी. में मन ही मन में दीपक के बारे में सोच रहा था कि साले तुझे इतना भी टाईम नहीं कि इतनी मस्त बीवी को चोदकर खुश रख सके? तभी प्रिया मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट करके पूरा ज़ोर लगाकर बैठ तो गई, लेकिन इससे उसकी हालत बिगड़ गई और वो अपनी आवाज़ को दबाते हुए मेरे ऊपर गिर गई, लेकिन मुझे उसकी बिल्कुल टाईट चूत का मजा मिल रहा था तो में रुका नहीं और नीचे से उसे धक्के मारने लगा. थोड़ी देर में प्रिया को मजा आने लगा और फिर क्या ताल से ताल मिली और हम दोनों लग गये एक दूसरे को खुश करने में. प्रिया मेरे ऊपर कूदकर थोड़ी थक सी गई थी, फिर वो रुकी तो में उसे मज़े लेने के लिए बोला कि क्या बस इतना ही दम था? तो वो मुझसे बोली कि राहुल मैंने तो अपना दम दिखा दिया अब में देखती हूँ कि आप में कितना है? अब मुझे भी उसकी यह बात सुनकर जोश आ गया और में बोला कि प्रिया अब देख मेरा दम और उसको नीचे पटककर मैंने एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर घुसा दिया और तेज तेज धक्के मारने लगा और प्रिया अपनी आखें बंद करके मेरे हर एक धक्के का मज़ा ले रही थी और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुबाकर मुझे और भी गरम कर रही थी.

    दोस्तों करीब आधे घंटे तक लगातार मैंने उसको चोदा और फिर उससे पूछा कि क्यों देख लिया मेरा दम? तो वो मेरे मज़े लेते हुए बोली कि बस इतना ही था, मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने बदले की सोची और उठा तो वो बोली कि गुस्सा क्यों करते हो में तो तुमसे सिर्फ मजाक कर रही थी? तो में बोला कि जान में तुमसे गुस्सा थोड़ी हूँ रूको और मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया और बोला कि कुतिया बन जा. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि अभी तो देखो और मज़े करो.

    फिर उसने मेरी बात मानी और में पीछे से आकर चूत पर लंड को सेट करते करते गांड पर ले गया और एक धक्का मारा तो मेरा टोपा अंदर चला गया और प्रिया एकदम से चीख पड़ी प्लीज इसे बाहर निकालो प्लीज आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई में मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकालो. फिर में बोला कि रूको थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा, वो बोली कि मेरी तो जान जा रही है उह्ह्ह्हह्ह और फिर हिलने लगी. अब मुझे लगा कि जैसे सारा मज़ा खराब हो जाएगा. फिर में बोला कि रूको में अभी निकालता हूँ और मैंने ज़ोर से एक झटका और मारा तो आधा लंड अंदर चला गया, लेकिन अब मुझे भी दर्द हो रहा था, क्योंकि उसकी गांड बहुत टाईट थी और प्रिया की तो हवा ही निकल गई थी. इसके बाद वो बोली कि कमीने आईईईईईईई राहुल अब छोड़ दे मुझे.

    फिर मैंने कहा कि अब रूको में तुम्हे मज़े भी करवाता हूँ मैंने थोड़ा सा इंतजार किया और फिर से चालू हो गया, उसे भी अब मजा आने लगा, लेकिन अब मेरा निकलने वाला था दोस्तों उसकी गांड टाईट ही इतनी थी कि में क्या करता और में उसकी गांड में ही झड़ गया और अब हम दोनों चिपककर लेट गये. फिर जैसे ही में शांत हुआ तो उसने किस के बहाने मेरी गर्दन पर ज़ोर से काट लिया, मुझे बहुत दर्द हुआ और फिर प्रिया बोली कि यह राहुल आपकी सज़ा है और इससे भी ज़्यादा दर्द हुआ मुझे जब आपने मेरी गांड में आपका लंड डाला. दोस्तों में उसकी मासूम सी हरकत पर अपना दर्द भूल गया और मैंने कहा कि जान अभी रूको एक बार और अंदर जाने दो इसे फिर तुम अपनी चूत को चुदवाना भूल ही जाओगी. दोस्तों उस रात एक बार और मैंने उसकी चुदाई की और फिर में सुबह अपने घर के लिये निकल गया और अब भी में कभी कभी उसके साथ मौका देखकर सेक्स कर लेता हूँ.

  • भाभी के बाद उसकी बहन के साथ

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है और में दूसरी बार आपके सामने अपनी कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में भाभी की खूब चुदाई करता था और वो भी मुझसे चुदना काफ़ी पसंद करती थी. उस दौरान गर्मी की छुट्टियों में भाभी की छोटी बहन रीना भाभी के घर रहने आई. एक दिन में सवेरे भाभी के घर कोई काम से बैठा था तो मैंने देखा कि एक मस्त लड़की बैठी थी.

    मैंने भाभी से पूछा यह कौन है? तो उन्होंने कहा कि ये मेरी बहन है, छुट्टियों में रहने आई है. यह सुनकर तो मेरा सारा मूड खराब हो गया क्योंकि 2-3 दिन के बाद ही भाभी के पति कहीं टूर पर जाने वाले थे. भाभी ने मुझे बैठाया और चाय के लिए पूछा तो मैंने नाराज़ होकर मना कर दिया. फिर उतनी देर में भैया आए और बोले अब तुम्हें ही इन दोनों को संभालना है और रीना मेरी प्यारी साली है उसका तो खास ध्यान रखना और इसे कहीं घुमाने ले जाना. मैंने अपना सिर हाँ में हिला दिया.

    फिर 3-4 दिन के बाद भाभी का फोन आया कि क्या हुआ तुम तो आते ही नहीं हो? नाराज़ हो क्या? तो मैंने कहा क्या यार आपने आपकी बहन को बुला लिया है तो में कैसे आ सकता हूँ? तो भाभी बोली आज शाम को घर पर आ जाओ, हम साथ में मूवी देखने जायेंगे और खाना भी खायेंगे. फिर शाम को में उनके घर गया तो वो दोनों तैयार होकर बैठी थी.

    भाभी की बहन तो कयामत लगती थी, बड़े-बड़े बूब्स उसकी टी-शर्ट में से बाहर आने को उतावले हो रहे थे. फिर मैंने ऐसे ही मज़ाक में कहा कि आप दोनों आज बहुत सुंदर दिख रही हो तो भाभी की बहन ने कहा कि आप शादीशुदा औरतों से फ्लर्ट करते हो. रीना के बूब्स भाभी के बूब्स से काफ़ी बड़े थे. अब में तो उसको देख रहा था और रीना जीन्स टी-शर्ट में बहुत क़यामत लग रही थी.

    फिर हम लोग मूवी देखने गये और हमें ट्रेफिक की वजह से थोड़ी देर भी हो गयी थी. अब मूवी चालू हो गयी थी. अब में अंधेरे में रीना से 2-3 बार टच हो गया था. में उन दोनों के बीच में बैठा था और वो दोनों मेरे आजू बाजू बैठी थी. अब मेरा और रीना का हाथ मूवी में काफ़ी बार टच हुआ, कई बार तो मैंने जानबूझ कर उसके हाथ को टच किया. अब मूवी के बाद हम जब डिनर कर रहे थे, तब रीना बोली कि आपको मूवी में खूब मज़ा आया ना. फिर मैंने कहा कि जब इतनी खूबसूरत औरतें बाजू में हो तो मज़ा तो आयेगा ही ना. फिर रीना बोली कि तुम काफ़ी शरारती हो. मैंने कहा कि मैंने आपसे कौन सी शरारत की यार? लेकिन अगर आप शरारत का एक मौका दे तो में करने के लिए तैयार हूँ.

    फिर वो खूब हंसी और अब डिनर करते समय काफ़ी बार उसका पैर मेरे पैरो से टकराया. अब मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन साथ में खुश था कि शायद मुझे यह बूब्स चूसने को मिल जाए. अब डिनर के टाईम मैंने जानबूझ कर उसके पैर पर अपना पैर रख दिया. उसने मेरे सामने देखा और चुपचाप खाना खाने लगी. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. फिर जब वो खाना खाकर वॉशरूम में जा रही थी तो उसने मेरे सामने कुछ शरारत भरी नज़रो से देखा और वॉशरूम में चली गयी.

    अब में भी उसके पीछे- पीछे वॉशरूम में गया और वो मुझे देखकर बोलने लगी कि तुम बाहर क्या कर रहे थे? अगर दीदी देख लेती तो. फिर मैंने उससे सॉरी कहा और फिर वो पीछे मुड़कर हाथ धोने लगी तो मैंने धीरे से उसकी गांड पर हाथ फैरा. फिर वो सीधी हो गयी और बोली कि तुम्हें शर्म नहीं आती क्या? मैंने कहा कि आपको देखकर शर्म छूट गयी है यार. रीना अचानक बोली कि क्या देखकर? तो मैंने उसके बूब्स पर इशारा किया. फिर इतनी देर में भाभी आई और बोली तुम दोनों अंदर क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कुछ नहीं भाभी हाथ धो रहे थे.

    फिर दूसरे दिन में कॉलेज से आया और भाभी का फोन आया और बोली कि घर आ जाओ मुझे थोड़ा काम है और रीना घर पर अकेली है तो तुम जब तक उसको कंपनी दो. मैंने कहा ठीक है. फिर में भाभी के घर गया तो रीना ने दरवाजा खोला, वो जब टी-शर्ट और शॉर्ट पहनकर खड़ी थी. फिर मैंने कहा कि आज तो आप क़यामत लग रही हो.

    फिर उतने में भाभी आई और बोली कि में 20 मिनट में आ रही हूँ तुम इधर ही रहना, वो इतना कहकर निकल गयी. फिर मैंने झट से गेट बंद कर दिया और सोफे पर जा कर बैठ गया. फिर रीना आई और मेरी बाजू में बैठ गयी और बोली कि कल तुमने बहुत शरारत की. मैंने कहा कि आपको देखकर शरारत अपने आप हो जाती है. उसने कहा कि क्या देखकर? तो मैंने कहा कि आपके 36 साईज के बूब्स देखकर. उसने कहा कि कभी ऐसे देखे है. मैंने कहा कि मेरा कहा ऐसा नसीब है.

    फिर उसने कहा कि कल आपने मेरी पीठ पर हाथ क्यों फेरा था? तो मैंने कहा कि अगर इतनी अच्छी और मोटी गांड सामने हो तो भला कोई कैसे काबू रख सकता है? तो वो शरमा कर बोली और मेरे में क्या अच्छा है? तो मैंने कहा कि आपके बूब्स, तो वो शरमा गई और बोली कि तुम बहुत शैतान हो. फिर मैंने कहा कि रीना एक बार दिखाओ ना.

    उसने कहा कि नहीं दीदी आ जायेगी. फिर मैंने बिना टाईम ख़राब किए उसकी टी-शर्ट ऊपर कर दी और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा. अब में उसके बूब्स इतने ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था कि वो चीख रही थी. फिर उसने कहा कि इतनी जल्दी में क्यों हो? धीरे से दबाओ. अब वो मुझे रूम में ले गयी और अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार दी. में पहली बार अपनी लाईफ में इतने बड़े बूब्स देख रहा था. अब में अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसके बूब्स चूस रहा था और अब में मेरा एक हाथ उसकी शॉर्ट में डालकर उसकी चूत में अपनी उंगली अन्दर बाहर कर रहा था.

    अब वो सिसकियां ले रही थी सस्स्स्स्सस्स आआहह, अब वो चिल्ला रही थी. फिर वो नीचे बैठकर मेरी पेंट कि चैन खोलकर मेरे लंड को बाहर निकालकर ऐसे चूस रही थी जैसे लोग आम चूसते है. अब वो कभी मेरे लंड को अपने मुँह में रखती तो कभी बाहर निकालती. अब हम दोनों एक दूसरे को खूब चूस रहे थे. फिर अब मैंने उसके बूब्स को चूसकर पूरा लाल कर दिया था. फिर वो बेड पर सो गयी और अपनी दोनों टाँगे फैलाकर मुझे उसके ऊपर आने का निमंत्रण दे रही थी.

    फिर वो बोली कि बस अब अंडर डाल दो. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया और फिर मैंने एक ज़ोर से धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर चला गया. अब वो भी उछल उछलकर मेरा साथ दे रही थी. फिर काफ़ी देर तक हम चुदाई करते रहे. वो कभी मेरे ऊपर आती तो कभी डॉगी स्टाइल में चुदवाती. अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया. अब वो बहुत खुश थी और मेरे सिर को चूम रही थी. फिर उतनी देर में रीना बोली कि जल्दी करो दीदी आ जायेगी. अब हमने बाथरूम में जाकर सब कुछ साफ़ कर लिया था.

  • बहन की चुदाई गर्लफ्रेंड की मदद से, behen ki chudayi

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में अपनी पहली स्टोरी आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ. ये एक सच्ची कहानी है. अगर आपको भी ज़िंदगी में मज़ा चाहिए है तो ज़िंदगी में एक बार तो अपनी बहन की चूत का मज़ा ले लो, ये बहुत मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ. में एक सामान्य फेमिली का लड़का हूँ, अच्छी बॉडी और 6 इंच के लंड का मालिक हूँ.

    मेरी बहन का नाम सिया है और वो एक खूबसूरत चूत की मालकिन है. उसकी उम्र 20 साल है और में 22 साल का हूँ. वो 12वीं क्लास फैल हो गई है और अब घर में ही रहती है. वो बिल्कुल हिरोइन ही लगती है. वो 8वीं क्लास से ही भैया और भाभी के साथ रहती थी और अभी उसे हमारे घर आए एक साल हो गया है और हम एक अपार्टमेंट में रहते है, जिसमें डबल बेडरूम है. उसके आने के बाद वो रात को मेरे ही कमरे में सोती थी. मुझे कभी उसके बारे में बुरा ख्याल नहीं आया, क्योंकि मुझे लड़कियों की कोई कमी नहीं थी. मेरे 3 गर्लफ्रेंड थी और इसी वजह से में हफ्ते में 2 या 3 बार चूत का मज़ा लेता था.

    एक बार 15 दिन से ज़्यादा हो गये थे, लेकिन मैंने चूत का मज़ा नहीं लिया था तो मैंने मेरी एक गर्लफ्रेंड अंकिता को फोन किया और कहा कि आज मेरे एक फ्रेंड के रूम की चाबी मेरे पास है तो क्या तुम शाम को आ सकती हो? तो उसने बहुत नाटक किया और हाँ बोल दिया और शाम को एक बियर पीकर मेरे फ्रेंड के रूम पर उसका इंतज़ार करने लगा और वो 9 बजे आई थी. मैंने उससे पूछा वो लेट कैसे आई? तो उसने कहा रात को आना बहुत मुश्किल होता है और फिर हम दोनों ने खाना खाया और बेडरूम में आ गये और वो अभी भी चुदवाने के लिए बहुत नाटक कर रही थी.

    अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने फोर्स करते हुए उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया और उसने गुस्से में आकर कह दिया कि तुमने आज तक मुझे बहुत बार चोदा है तो आज छोड़ नहीं सकते हो. में ऐसा करूँगी कि तुम मुझे टच भी नहीं कर सकोगे. वो ये कहकर टी-शर्ट लेने के लिए आ गई. तब में उसकी ब्रा निकालने के लिए गया तो वो मुझसे मज़ाक करते हुए कहने लगी कि मुझे मत लूटो तो मुझे गुस्सा आ गया और मैंने कहा तुम ऐसा क्यों कह रही हो? में तुम्हारा बॉयफ्रेंड हूँ. तभी उसने कहा कि अगर आज रात तुम मुझे चोदने के लिए आए हो तो में तुम्हें भैया ही कहूँगी और तुम मुझे चोद भी नहीं सकते. ये कहते हुए वो मेरे सामने ही अपनी ब्रा निकाल कर सिर्फ़ टी-शर्ट पहनने लगी.

    फिर कुछ मिनट के बाद उसने मुझसे कहा कि तुम ज़रा बाहर जाओ, क्योंकि मुझे मेरी पेंटी उतारनी है. वो बिना ब्रा पेंटी के सोती थी. फिर मैंने कहा कि में बाहर नहीं जाऊँगा तो उसने कहा कि मुझे मेरे भैया के सामने नंगा होने में कोई प्रोब्लम नहीं है कहते हुए उसने अपनी पेंटी निकाल दी. अब वो कहने लगी कि अगर तुम बाहर नहीं गये तो तुम तुम्हारी बहन की चूत देखोगे. मैंने कहा सॉरी डियर सिस्टर अगर तुझे ड्रेस बदलना ही है तो अपने भाई के सामने ही बदलो ये कहकर में भी उसको घूरने लगा, तभी उसने कहा ओके नो प्रोब्लम. उसने अपनी पेंटी निकाली, और उसने शायद अपनी चूत का शेव आज ही किया होगा. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और में उसे अपने बेड पर ले आया, वो अब सिर्फ़ एक टी-शर्ट पहने थी. फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो वो अब गर्म हो गई थी और फिर से कहने लगी कि अपनी बहन की चूत को टच करने में शर्म नहीं आती है?

    फिर मैंने कहा कि अगर टच ही किया है तो ज़रा टेस्ट भी करता हूँ, ये कहकर में उसकी चूत को चाटने लगा तो उसको गुस्सा आया और वो कहने लगी ये तुम्हारी बहन सिया की चूत समझ कर चाटो और वो हंसने लगी. मुझे बहुत गुस्सा आया, लेकिन मेरे सामने एक नंगी चूत थी. फिर मैंने मज़ाक में ऐसे ही कहा हाँ कह दिया और में फिर से उसकी चूत चाटने लगा. अब वो मज़ा लेती हुई भैया ज़ोर से चाटो और उंगली भी डालो कहने लगी. अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था तो मैंने भी हाँ सिया कहकर उसकी टी-शर्ट निकाल कर उसे पूरा नंगा कर दिया और उसकी चूत में मेरा लंड रख दिया. अब उसने मज़े लेते हुए मुझसे पूछा क्या तुमने अपनी बहन सिया को कभी नंगा देखा है क्या? तो मैंने कहा नहीं देखा. तो उसने पूछा अगर ग़लती से वो नंगी आई तो क्या करोगें? तो मैंने कहा कुछ नहीं करूँगा. उस रात मैंने उसको मेरी बहन बनाकर 3 बार चोदा और सुबह उठते ही उसने कहा हम 2 साल से चुदाई कर रहे है, लेकिन पहले कभी ऐसा मज़ा नहीं आया. फिर वो मेरे लंड को उसके मुँह में ले रही थी. मुझे सुबह सेक्स करना बहुत अच्छा लगता था तो में भी शुरू हो गया. अब वो बहुत मज़े से मेरे लंड को चाट रही थी और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर मैंने ग़लती से उससे कहा सिया चाटो मेरा लंड तो वो चौंक गई और बोली कि कल की बात तुम अभी तक नहीं भूले? तो मैंने कहा कि मैंने तो बस मज़ाक किया है. शायद उसे पता चल गया था कि मुझे उसको बहन बनाकर चोदना अच्छा लग रहा है, लेकिन में भी मज़ाक नहीं कर रहा था, तो मैंने कहा कि मुझे मेरी बहन की चूत में उंगली डालना अच्छा लगता है तो उसने वो मज़ाक समझ लिया, लेकिन वो मज़ाक नहीं था. मुझे सच में उसे मेरी बहन बनाकर चोदना अच्छा लग रहा था. फिर सुबह चुदाई नहीं हुई, क्योंकि कंडोम ख़त्म हो गये थे इसलिए मैंने मेरी उंगली से उसे ठंडा किया.

    फिर हम दोनों अपने अपने घर गये और घर जाते ही मैंने देखा कि मेरी बहन सो रही थी और वो स्कर्ट पहन कर सोई थी और उसकी पेंटी ज़रा सी दिख रही थी ये सब देखते ही में गर्म हो गया और बाथरूम में जाकर मेरी बहन के नाम की मुठ मारने लगा. फिर जब में बाहर आया तो वो बेड पर नहीं थी और फिर मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आ गया और ऐसे ही बात करते-करते मैंने उसे बताया कि मैंने आज घर जाते ही फिर मुठ मारी और वो भी मेरी बहन के नाम से तो वो सीरीयस हो गयी और कहने लगी कि तुमने ये ग़लत किया. तो फिर मैंने उससे कहा कि ओके आज के बाद में ऐसा नहीं करूँगा, लेकिन जब भी में तुझे चोदूंगा अपनी बहन बनाकर ही चोदूंगा, क्योंकि मुझे ऐसे चोदना अच्छा लग रहा है. फिर उसने हँसते हुए हाँ भैया कहा और में तुम्हें राखी भी बांधूगी और वो भी तेरे लंड पर, लेकिन मुझे मेरी बहन को देखकर मुठ मारना अच्छा लग रहा था और में जब मेरी गर्लफ्रेंड से मिलता तो उसे अपनी बहन बनाकर चोदता था और वो भी बहुत खुश थी, क्योंकि में उसे हफ्ते में 4-5 बार चोद रहा था.

    फिर एक दिन अचानक से मेरी गर्लफ्रेंड को 2 महीने के लिए उसके गाँव जाना पड़ा, तो मुझे बहुत बुरा लगा, क्योंकि सिर्फ़ यही मेरी बहन बनकर चुदती थी. उसके जाने के बाद वो वहाँ पर बहुत फ्री रहती थी इसलिए वो रात को 10 बजे के बाद सेक्स चैट और फोन पर बात भी करती थी. अब उसको गये हुए 4 दिन हो गये थे और मुझे उसकी चूत की बहुत याद आ रही थी, तभी उसने फोन किया और कहने लगी कि मुझे तुम्हारे लंड की बहुत याद आ रही है. फिर मैंने कहा कि मुझे भी तुम्हारी चूत की बहुत याद आ रही है. तब उसने कहा झूठ मत बोलो, तुम तो रोज़ चूत के साथ ही सोते हो कहकर हंसने लगी. फिर मैंने कहा चूत तो है, लेकिन में उसे देख भी नहीं सकता और छू भी नहीं सकता, इसका क्या फायदा? फिर उसने कहा छू तो नहीं सकते, लेकिन देखकर मुठ तो मार सकते हो ना. फिर मैंने कहा वो कैसे? तो मेरी गर्लफ्रेंड ने पूछा कि तुम्हें चूत या अपनी बहन की चूत देखना जरुरी है? तो तभी मेरी बहन नहाकर आ गयी और में बालकनी में जाकर बात करने लगा.

    फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने पूछा तुम्हारी बहन रोज़ रात को नहाकर सोती है क्या? तो में बोला हाँ, अभी रोज़ नहाकर सोती है, क्योंकि गर्मीयों के दिन है. फिर उसने कहा बाथरूम तो अटेच है और तुम रोज़ उसको होल से देखकर मुठ मार लिया करो तो मुझे भी ये आइडिया अच्छा लगा और अगले दिन रात को मैंने भी उसे होल से देखने का प्लान बना लिया, लेकिन मुझे कुछ ठीक से नहीं दिख रहा था तो में जाकर सो गया और फिर रात को 1 बजे मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया और कहने लगी कि सॉरी में मेरी फेमिली के साथ मूवी देखने गयी थी इसलिए में फोन नहीं कर पाई. मैंने कहा ओके नो प्रोब्लम कल बात करेंगे, तो उसने कहा मुझे बहुत मूड है और में उंगली कर रही हूँ कुछ देर बात करो तो में बोला सॉरी डियर मुझे बहुत नींद आ रही है और में सो रहा हूँ.

    फिर उसने कहा कि अपनी बहन को गर्म नहीं करोगे? तो में मूड में आ गया और मैंने कहा कि बहन को चोदने के लिए तो बहुत मूड है इसलिए मैंने आज उसे होल में से नहाते वक़्त देखना चाहा, लेकिन में मेरी बहन को ठीक से देख नहीं पाया. फिर मैंने मेरी बहन को आवाज़ लगाई ये देखने के लिए कि वो सो रही है या नहीं. वो सो रही थी. फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने कहा कि चलो वो सो रही है तो तुम जाकर उसकी ब्रा निकालो. अब मुझे डर लग रहा था, लेकिन मुझे भी देखने का मन कर रहा था तो मैंने हिम्मत करके उसके नाईट टॉप के 2 हुक को खोल दिया और वो अन्दर ब्रा नहीं पहने थी. अब उसके आम साईज़ के बूब्स देखते ही मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने मुठ मारना चालू कर दिया. मेरी गर्लफ्रेंड अब भी मुझसे फोन पर बात कर रही थी और कह रही थी कि बूब्स को प्रेस करो तो में थोड़ा डर गया था इसलिए मैंने कुछ नहीं किया और मुठ मारकर सो गया. फिर अगले दिन जब में उठा तो मेरी बहन उठकर ब्रेकफास्ट बना रही थी क्योंकि पापा और माँ कज़िन की शादी के लिए गये थे, वो तो अब 10 दिन तक आने वाले नहीं थे. फिर में तैयार हो कर ब्रेकफास्ट करके कॉलेज के लिए निकल गया और अब में मेरी बहन को चोदने का प्लान बना रहा था? अब घर में पापा और माँ तो नहीं थे इसलिए मैंने एक बियर पीकर घर जाने का प्रोग्राम बना लिया. रात को घर जाने के बाद मेरी बहन ने खाना दिया और खुद नहाने के लिए चली गयी.

    फिर मैंने खाना खाने के बाद बेडरूम में जाकर अपनी गर्लफ्रेंड को फ़ोन किया और कहा कि पापा और माँ घर में नहीं है तो आज में पीकर आया हूँ तो वो बोली तुम जब पीते हो तो बहुत रोमांटिक बात करते हो और में रात को सब के सोने के बाद 12 बजे कॉल करूँगी कहकर उसने फोन रख दिया. तभी मेरी बहन माँ की नाइटी पहनकर बाथरूम से बाहर आई तो मैंने पूछा कि तुमने माँ की नाइटी क्यों पहनी है? तो उसने कहा गर्मी है ना और मेरे पास कोई ढीले कपड़े नहीं है कहकर वो सो गयी. अब मुझे भी नींद नहीं आ रही थी तो मैंने मेरी गर्लफ्रेंड को फोन किया और बालकनी में जाकर बात करने लगा. फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने पूछा कि आज नहाते वक़्त चूत नहीं देखी क्या? तो मैंने ना कहा, तो वो हंसने लगी.

    फिर जब में सुबह उठा तो मेरी बहन अभी भी सो रही थी. फिर मैंने मेरे लंड को अंडरवेयर से बाहर निकाल कर सोने का नाटक करते हुए बेड पर ही सो गया. कुछ मिनट के बाद मेरी बहन उठी और मेरे खड़े हुए लंड को देखकर मुझसे कहा कि भैया ठीक से सो जाओ कहकर बाहर चली गयी और उसके जाते ही में मेरे लंड की मालिश करने लगा. फिर कुछ मिनट के बाद मुझे वापस उसका आना महसूस हुआ तो फिर में सोने का नाटक करने लगा और वो मेरे लंड को घूरने लगी. मैंने मेरी आँख आधी खुली ही रखी थी. अब वो मेरे लंड को देखकर अपने हाथ को चूत पर रख रही थी. तभी में समझ गया कि मेरा काम हो गया और मालिश करने के बाद मेरा लंड खड़ा हुआ था.

    फिर कुछ मिनट के बाद वो बाथरूम में चली गयी और फिर जब वो बाथरूम से बाहर आई तो में उठाकर चाय बना रहा था. फिर मैंने उसे देखते ही सॉरी कहा तो उसने इट्स ओके कहा और फिर मैंने अचानक से उससे पूछा कि इट्स ओके क्यों? तो उसने हँसते कहा कि तुम्हारी बतमीज़ी के लिए कहकर चली गयी. फिर मैंने फ्रेश होकर बाहर जाकर मेरी गर्लफ्रेंड को सब कुछ बता दिया, तो वो दुखी हुई और कहने लगी चान्स मिला है तो टच कर लो, लेकिन चोदना मत क्योंकि वो तुम्हारी बहन है. अब मुझे भी बुरा लगने लगा कि मैंने अपनी बहन को लंड दिखाया और में रात को बियर पीकर घर गया. फिर रात को मेरे घर जाते ही मेरी बहन मुझे बताने लगी कि मम्मी का फोन आया था उन्हें वापस आने में 2 हफ्ते लगेगें और वो कहने लगी कि उसे नॉनवेज खाने का मन कर रहा है प्लीज खाना बाहर से लेकर आओ और मुझे खाना लेने भेज दिया. फिर मैंने नॉनवेज ऑर्डर किया और फिर में एक बियर पीने के लिए बैठ गया और रात को 11 बजे घर आया.

    फिर मेरी बहन ने पहले खाना खाया और उसने पूछा तुम नहीं खाओगें? तो मैंने मना कर दिया. फिर वो नहाने के लिए चली गयी. अब वो कुछ गुस्से में थी शायद मैंने बहुत ज्यादा पी ली थी. फिर वो नहाकर बाहर आई तो वो स्कर्ट पहने थी और उसमें वो बहुत हॉट लग रही थी. वो स्कर्ट सिर्फ़ जब रात को में घर पर नहीं रहता था तब ही पहनती थी. फिर वो मुझे कहने लगी कि तुम्हारा पजामा नहीं मिला तो तुझे आज भी कल जैसे ही सोना पड़ेगा कहकर बेड पर बैठ गयी और मुझे भी कपड़े निकाल कर सोने के लिए कह दिया. फिर मैंने हाँ कहा, लेकिन मेरी उसके सामने ड्रेस चेंज करने की हिम्मत नहीं हो रही थी, क्योंकि मेरा लंड उसको शॉर्ट स्कर्ट में देखकर खड़ा हो गया था. फिर उसके आँख बंद करने के बाद में सिर्फ़ अंडरवेयर पहनकर और सारे कपड़े उतार कर सोने के लिए चल गया. वो अभी तक नहीं सोई थी तो उसने मुझसे पूछा क्यों शर्ट नहीं पहननी? तो मैंने कहा गर्मी बहुत है और वो हँसते हुए सो गयी.

    फिर मैंने एक घंटे के बाद उसे आवाज़ दी तो वो नहीं उठी. तभी मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को फोन किया और कहा कि आज बात नहीं कर पाऊँगा, क्योंकि में सिर्फ़ अंडरवेयर में हूँ और बालकनी में जाकर बात करना मुश्किल होता है, लेकिन वो मानने वाली नहीं थी. मुझे उसको पटाने का प्लान मिल गया था तो उसने कहा कि तुम्हारी बहन की चूत में खुजली हो रही है तो में जोश में आने लगा और मेरी बहन के पास बैठकर उसके नंगे पैरों को देखते हुए मेरे लंड को हाथ में पकड़कर कहा कि इसलिए मेरी बहन आज शॉर्ट स्कर्ट पहन कर सोई है. इतना कहते ही उसने कहा आज अच्छा मौका है तुम उसकी चूत को देख लो. मैंने भी पी रखी थी तो मैंने हिम्मत करके उसकी स्कर्ट को ज़रा सा उपर हटाया और में पूरा नंगा हो गया. फिर में चादर ओढ़कर उसकी टाँगो को टच करने लगा. वो बिल्कुल भी नहीं हिली तो मैंने जोश में आकर उसकी स्कर्ट ऊपर कर दिया. वो अन्दर पेंटी नहीं पहने थी.

    अब मुझे उसकी चूत दिखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया. लाईट बंद थी तो मुझे कुछ ठीक से नहीं दिख रहा था. फिर मैंने अपनी गर्लफ्रेंड से कहा कि वो हिल रही है, में कल बात करूँगा कहकर फोन कट कर दिया. अब मुझे उसकी चूत को देखने में बहुत मज़ा आ रहा था. अब मेरा उसको टच करने का मन कर रहा था और उसकी गुलाबी चूत देखकर कोई भी क़ह सकता है कि वो वर्जिन है. अब हिम्मत करके उसकी चूत के ऊपर मेरा हाथ रख दिया. फिर मेरा हाथ रखते ही उसकी सांसे तेज हो गई और मुझे डर लगने लगा कि क्या ये सो रही है या नाटक कर रही है? लेकिन में खुश भी था क्योंकि वो मज़े ले रही थी और में ये पता करने के लिए उसकी चूत पर धीरे-धीरे से हाथ फेरने लग गया कि वो सो रही है या नहीं. तभी वो बहुत तेज़ी से साँस लेने लगी तो मुझे यकीन हो गया कि वो जाग रही है. अब मुझे बहुत जोश आने लगा था.

    फिर मैंने हाथ फेरना छोड़कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. क्या नमकीन चूत थी? इसके लिए तो में मेरी सभी गर्लफ्रेंड को छोड़ने के लिए तैयार था. अब मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था और अब में उसकी चूत तेजी से चाटने लगा. तभी मेरी बहन ने अपनी टांगे खोल दी और उसने उसका एक हाथ मेरे सिर पर रख दिया और में जैसे जैसे जोश में चाट रहा था वैसे ही वो मेरे बाल को टाईट पकड़ रही थी. फिर मैंने उसको आवाज़ लगाई तो उसने कुछ भी नहीं कहा. अब इतना काम होने के बाद मुझे भी अब उसको चोदने की कोई जल्दी नहीं थी. फिर मैंने मेरे लंड को उसकी चूत के सामने ही मुठ मारा और वीर्य सीधा जाकर उसकी चूत पर ही पड़ा मैंने वो साफ नहीं किया और में उसकी गांड उठाकर उसकी स्कर्ट पूरी ऊपर करके सो गया. मुझे कब नींद लगी पता ही नहीं चला.

    फिर जब सुबह 7 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरी बहन सोई हुई थी. वो वैसे ही थी और अपनी चूत के दर्शन करवा रही थी और उसकी चूत पर कुछ वीर्य पड़ा था और अब उजाले में उसकी चूत को देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मार लिया. अब सुबह के 8 बज रहे थे और अभी तक मेरी बहन उठने का नाम नहीं ले रही थी. फिर में किचन में जाकर दूध गर्म कर रहा था कि अचानक से मेरी बहन आई और वो बहुत दुखी लग रही थी. उसने आते ही कहा कि सॉरी भैया तो मैंने तुरंत जवाब दिया थैंक्स. फिर वो हँसते हुए बाथरूम में चली गयी. फिर वो फ्रेश होकर आई तो मैंने उसे दूध दिया तो उसने थैंक्स कहा और मैंने उससे पूछा तुम लेट क्यों उठी? तो उसने कहा रात में ठीक से नींद आई थी. फिर उसने पूछा तुम कितने बजे उठे थे? तो मैंने कहा में 7 बजे उठा था, लेकिन मैंने उससे झूठ बोला कि में 6 बजे उठा हूँ.

    फिर वो बोली इतनी जल्दी उठकर तुमने 2 घंटे तक क्या किया? तो मैंने कहा कि में पढाई कर रहा था. फिर उसने पूछा कि कहाँ पर तो मैंने कहा बेडरूम में, वो हैरान हो गयी और शरमा भी गयी. फिर कुछ देर तक उसने मेरे साथ ठीक से बात तक नहीं की और ब्रेकफास्ट के बाद फिर से सोने के लिए जाने लगी. मैंने पूछा क्या हुआ तबीयत तो ठीक है ना? तो उसने कहा कि कुछ नहीं बस कल रात को नींद ठीक से पूरी नहीं हुई थी तो मैंने पूछा क्यों? तो उसने कहा कि कल रात मुझे एक सपना आया था. फिर मैंने उससे पूछा अच्छा या बुरा? तो उसने कहा सपना था, लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा? तो में खुशी से पागल हो गया. फिर मैंने उससे पूछा कि अगर तुम्हारा सपना पूरा हो जाए तो तुम मुझे क्या दोगी? तो उसने कहा सब कुछ तो तुम्हारा ही है और क्या चाहिए है. फिर हम दोनों पापा माँ के रूम में जाकर बात करने लगे. उसने फिर से मुझे सॉरी कहा, तो मैंने पूछा तुम मुझे बार-बार सॉरी क्यों बोल रही हो? तो उसने कहा हम कोई दूसरी बात करते है.

    फिर मैंने कहा तुम्हें बताना ही पड़ेगा और फिर मेरे बहुत ज़िद करने के बाद उसने मुझसे बोला कि जब सुबह उठने के बाद सब अच्छा सोचते है कि दिन अच्छा गुज़रे, लेकिन मेरी वजह से तुझे बुरी बात सोचनी पड़ी. मैंने पूछा बुरी सोच क्या? तो उसने कहा कि प्लीज हम कोई दूसरे टॉपिक पर बात करे. मैंने कहा कि तुम सच बताओ कि तुमने मुझे थैंक्स क्यों कहा? और फिर मैंने भी उसे सॉरी कहा और बोला कुछ नहीं बस ऐसे ही. तो वो कुछ गुस्से में आ गई और बोलने लगी कि अगर तुमने नहीं बताया तो में तुमसे कभी बात नहीं करूँगी. फिर मैंने कहा अगर मैंने बताया तो भी तुम मुझसे बात नहीं करोगी. फिर उसने कहा कि में तुमसे वादा करती हूँ कि में पहले जैसी ही रहूंगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुमने मुझे आज 2 घंटे तक अपने शरीर के दर्शन दिए थे इसलिए मैंने तुम्हें थैंक्स कहा था.

    दोस्तों अब मेरी बहन को बहुत गुस्सा आया और उसने कहा कि में तुम्हारी बहन हूँ तुम्हें शर्म नहीं आती है तो मैंने कहा पहले तुम एक औरत हो और उसके बाद मेरी बहन हो. तभी उसने मुझसे बोला कि मम्मी भी एक औरत है और ये कहते ही मुझे बुरा लगा, लेकिन वो शरारत के मूड में आ गई. अब में भी नॉर्मल हो गया था और मैंने पूछा कि कल रात बिना पेंटी क्यों सोई थी? तो उसने गुस्से में आकर कहा कि अपनी बहन से कोई ऐसे पूछता है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं सिया पहले कभी ऐसा नहीं हुआ तो पूछ लिया. फिर उसने अपने कूल्हों को दिखाया और कहा कि यहाँ पर कुछ प्रोब्लम है. फिर मैंने कहा कि अपनी पेंट खोलो और दिखाओ तो उसने कहा कि तुझे शर्म नहीं आती क्या? तो मैंने कहा कि जब मैंने सुबह बिना शर्म के सब देख ही लिया है तो इसमें शर्म की क्या बात है और फिर वो हँसते हुए नाटक करने लगी. तभी मैंने उससे बोला कि चलो दिखाओ. फिर वो कुछ देर तक सोचने के बाद अपनी पेंट ज़रा सी नीचे करके अपने कुल्हें दिखाने लगी, उसको कुछ भी नहीं हुआ था.

    फिर मैंने फ़ायदा उठाया और उससे कहा कि यहाँ पर लाल हो गया है और ऑयल से मालिश करने पड़ेगी नहीं तो बहुत दर्द होगा. फिर कुछ देर तक नाटक करने बाद उसने हाँ कर दी और अपना इलास्टिक पेंट ज़रा सा नीचे करके उल्टा सो गई. अब में उसकी गांड में ऑयल लगा रहा था, उसकी क्या मस्त गांड थी? जैसे कोई पॉर्न स्टार की होती है. अब वो शरमा रही थी और अपनी पेंट ज़्यादा नीचे नहीं कर रही थी. अब में मालिश के नाम पर सिर्फ मज़ा ले रहा था. तभी उसने मुझसे पूछा कि तुमने पहले कभी किसी को ऐसे देखा है क्या? तो मैंने कहा नहीं देखा है. वो बोली झूठ मत बोल, कल रात को तू तेरी गर्लफ्रेंड के साथ बहुत गंदी-गंदी बात कर रहा था. फिर में समझ गया कि कल रात को वो जाग रही थी और मज़े ले रही थी. फिर मैंने उससे बोला कि ऐसा है, लेकिन मैंने कभी किसी की चूत नहीं देखी है, तो उसने कहा भैया झूठ मत बोलो, मैंने तुम्हारा वो देखा तो मुझे तुम्हारा वो बहुत अच्छा लगा.

    फिर मैंने कहा क्या देखा तो? तो उसने शरमाते हुए कहा कि तुम्हारा लंड देखा. फिर मैंने पूछा तुमने कब देखा? तो उसने बोला कि जब तुम मुझे सॉरी बोल रहे थे. में हंसने लगा और उससे पूछा कैसा लगा? तो वो गुस्से से कहने लगी कि मम्मी के सामने बताउंगी कैसा था? अब मुझे उसके मुँह से लंड और चूत सुनने में बहुत अच्छा लग रहा था और जोश भी आ रहा था. फिर मैंने जोश में आकर उसके कूल्हों की मालिश करते-करते उसकी पेंट को ज़रा सा नीचे कर दिया और मेरी एक उंगली को कूल्हों में डालने की कोशिश करने लगा. तभी वो गुस्सा करने लगी और बस करो कहने लगी.

    फिर मैंने बोला कि पूरी पेंट निकाल दो तो में ठीक से मालिश करूँगा, मुझसे ऐसे मालिश नहीं हो रही है. फिर उसने हाँ कहा, लेकिन आँखे बंद करके मालिश करो. फिर मैंने हाँ कहते ही उसका इलास्टिक पेंट पूरा निकाल दिया, वो उल्टी सोई थी. फिर कुछ देर तक मालिश करने के बाद में उसकी टाँगो के बीच में उसकी चूत को टच करने लगा. अब वो गर्म होने लगी थी और कहने लगी कि तुम कुछ ग़लत कर रहे हो. फिर मैंने भी गुस्से में कहा कि अगर गलत हो रहा है तो अपनी आँख बंद करके रखो और में ज़ोर से अपने दोनों हाथों से उसके कूल्हों को दबाने लगा. वो फिर से चुप हो गई और फिर में अपने हाथ से उसकी चूत को टच करने लगा. वो कुछ नहीं बोली और मुझमें हिम्मत आ गई और मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया. उसने अपनी बॉडी को फुल टाईट करते हुए कहा कि भैया बहुत दर्द हो रहा है.

    फिर मैंने उससे सॉरी कहा, तो उसने कहा इट्स ओके भैया, लेकिन में अपनी उंगली को चूत से बाहर नहीं निकाल रहा था. फिर धीरे से में अपनी उंगली को उसकी चूत में घुसाने लगा, लेकिन उंगली चूत के अन्दर नहीं जा रही थी इसलिए मेरी बहन ने बिना कुछ बोले अपने पैरो को खोल दिया. तभी मैंने ज़ोर से अपनी उंगली को उसकी चूत में घुसा दिया और उसने मेरे हाथ पकड़ लिए. फिर मैंने 5 मिनट तक उंगली को उसकी चूत में अन्दर बाहर किया और वो अब सिसकियां ले रही थी. फिर मैंने उसे सीधा सोने के लिए कहा तो तभी वो ना कहने लगी और फिर मैंने ही उसे सीधा किया और उसकी चूत को देखने लगा. तभी उसने कहा कि भैया सुबह से ऐसी क्या बात है, ऐसे क्यों घूर रहे हो? कहते हुए अपने हाथों से चूत को ढकने करने लगी. तभी मैंने उससे कहा कि मुझे चूत चाटनी है, तो उसने कुछ नहीं कहा सिर्फ़ अपना हाथ चूत के ऊपर से हटा दिया.

    फिर मैंने उसकी चूत को एक किस किया और पूछा कैसा लगा? तो उसने कहा भैया कल रात से भी अच्छा लगा, तो मैंने नाटक करते हुए उससे पूछा कि कल रात को क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे सुबह तक वो सपना ही लगता था, लेकिन फिर जब में उठी तो चूत के ऊपर तुम्हारे वीर्य के धब्बे पड़े हुए थे, तब मुझे वो सपना सच लगा. फिर मैंने हँसते हुए उसकी टी-शर्ट और ब्रा निकाल दी और उसकी चूत को चाटने लगा. अब वो कह रही थी कि तू बहुत बड़ा बहनचोद है, चाटो और चाटो कहने लगी.

    अब मुझे उसकी नमकीन चूत चाटना बहुत अच्छा लग रहा था और में मेरे हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और चूत भी चाट रहा था. अब वो बहुत बुरी तरह से बात कर रही थी और अपने एक हाथ से मेरे बालों को ज़ोर से पकड़ रही थी. फिर में अपनी पेंट निकाल कर पूरा नंगा हो गया और उसको मेरा लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी और मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया. तभी में उसके ऊपर सोकर मेरा लंड उसकी चूत में डालने लगा और वो ना कहने लगी, तो मैंने पूछा क्यों? तो उसने कहा कि तेरी आधे इंच की उंगली से इतना दर्द हो रहा है तो ऐसे में इतना बड़ा लंड इसमें जा नहीं सकता, प्लीज चुदाई को भूल जाओ.

    फिर मुझे गुस्सा आया और मैंने उससे पूछा कि आज तक तुमने किसी मर्द से चुदवाया नहीं है क्या? तो उसने बताया कि में तेरी जैसी चोदूं नहीं हूँ, कहकर हंसने लगी. फिर तभी मुझे मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आ गया और मेरी बहन मुझे स्पीकर पर बात करने को फोर्स करने लगी, लेकिन तब तक फोन कट हो गया. फिर उसने पूछा रात वाली थी क्या?

    मैंने हाँ कहा और मेरी बहन मुझे फिर से कॉल करने के लिए कहने लगी. अब मुझे चोदना था और वो नहीं मान रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि उसको भूल जाओ बस मुझे तेरी चूत में लंड डालना है, तभी उसने कहा भैया में ले लूंगी अगर तुम स्पीकर फोन पर बात करो तो. फिर मैंने उसे हाँ कह दिया और उससे बोला कि में तेरी चूत में लंड डालकर बात करूँगा.

    फिर मेरी बहन ने हाँ कहा, लेकिन फोन मेरे हाथ में होगा तुम कॉल कट नहीं करोंगे, तो मैंने उसे हाँ कहा और उसके हाथ में फोन दे दिया. फिर उसने अपनी दोनों टाँगो को खोलकर धीरे से डालो कहने लगी, फिर मैंने हाँ कहते हुए उसकी चूत के ऊपर लंड रखकर डालना चालू कर दिया, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी, जिससे लंड अन्दर नहीं जा रहा था. अब वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को अन्दर डालने में मेरी मदद कर रही थी और एक हाथ से फोन करने लगी.

    फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने फोन उठाया और सीधा पूछने लगी कि क्या कल रात तुमने सिया की चूत को देखा तो अब मेरी बहन मुझे घूर रही थी और मैंने हाँ कहते हुए में मेरी बहन की टाईट चूत में लंड डालने की कोशिश कर रहा था. फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने पूछा कि चूत कैसी लगी? मेरे से भी ज्यादा हॉट है क्या? तो मैंने कहा हॉट भी है और तेरे से टाईट भी है, तो उसने कहा क्या? तुम्हें कैसे पता चला, तुमने चोद दिया क्या? तो मैंने कहा नहीं बस उंगली डाली थी. फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने कहा वाह्ह उसे कुछ पता चला? तो मैंने कहा कुछ पता नहीं चला, तो वो बोली तेरी बहन बहुत बड़ी रंडी है, शायद उसे पता चल गया होगा, साली रंडी मज़े ले रही होगी.

    अब मेरी बहन को बहुत गुस्सा आ रहा था और मैंने मेरी गर्लफ्रेंड से कहा कि प्लीज यार गाली मत दो, तो उसने गुस्से में कहा कि गाली क्यों ना दूँ? उस रंडी की वजह से तुम पाँच महीनों से मेरी चूत को उसकी चूत कहकर चोद रहे हो और अभी उसकी चूत देखने के बाद मेरी चूत को भूल जाओगे और वो कहने लगी कि अभी तुमने अपनी बहन की चूत में उंगली डाली है और अब अगली बार तुम्हारी माँ की गांड में भी उंगली डालोगे. तो मैंने कहा नहीं डियर, तो उसने पूछा और बोली कि उस रंडी की चूत में सिर्फ़ उंगली डाली थी या लंड भी डाला था. मैंने मेरी बहन कि तरफ देखा तो वो अब बहुत गुस्से में थी. फिर मैंने सोचा कि अगर अब ज़्यादा हुआ तो परेशानी हो सकती है. फिर मैंने थोड़ा जोर लगाया तो मेरा आधा लंड मेरी बहन की चूत में घुस गया और मेरी बहन चिल्लाने लगी और अब मुझे भी दर्द हो रहा था.

    तभी मेरी गर्लफ्रेंड ने पूछा वहाँ पर कौन है? तो मैंने तुरंत अपनी बहन से फोन लेकर मेरी गर्लफ्रेंड से कहा कि में बाद में कॉल करूँगा कहकर फोन स्विच ऑफ कर दिया. फिर मैंने देखा तो मेरी बहन की आँख में से पानी आ रहा था, लेकिन मुझे सिर्फ़ एक प्यासी चूत दिख रही थी. फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत में मेरा लंड आगे पीछे करने लगा.

    फिर करीब 2 मिनट के बाद मेरा स्पर्म उसकी चूत पर गिर गया, लेकिन मैंने अपना लंड उसकी चूत में से बाहर नहीं निकाला. फिर मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और उसे सॉरी कहा, तो वो कुछ नहीं बोली और अब उसकी चूत से खून और आँख से पानी निकल रहा था, शायद उसे अब भी बहुत दर्द हो रहा था.

    फिर उसने 15 मिनट तक बात नहीं की और उसके बाद वो अपनी चूत साफ करने लगी तो मैंने उसकी मदद की. वो अब बिल्कुल चुप थी और फिर उसने अपनी टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी. शायद उसे बहुत दर्द हो रहा था इसलिए वो बिना चड्डी पहने ही हॉल में चली गयी और में नंगा ही उसके पीछे-पीछे जाने लगा. फिर मैंने उससे पूछा क्या हुआ? तो उसने बताया कि मुझे एक घंटा आराम करना है और मुझे बहुत दर्द हो रहा है ये कहकर वो अपने बेडरूम में चली गयी और में कपड़े पहनकर बाहर से लंच लेने चला गया. फिर मैंने आकर उसको लंच करने के लिए उठाया. अब वो खाना खाने के बाद कुछ ठीक लग रही थी. फिर वो फिर से बेडरूम में गयी और 10 मिनट के बाद मुझे आवाज दी, तो मैंने पूछा कुछ चाहिए तो उसने कहा मुझे डर लग रहा है तो प्लीज मुझसे लिपटकर सो जाओ और प्लीज़ कुछ मत करना.

    फिर में भी उसको हग करके सो गया और फिर जब शाम को लैंडलाईन का फोन रिंग हुआ तो में उठा और टाईम देखा तो 8 बज गये थे. वो भी बेड से उठ गयी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम सो जाओ, में बाहर से खाना लेकर आता हूँ और तुम आराम करो. फिर उसने हाँ कहा और नहाने चली गयी. फिर में खाना लेकर आया तो मैंने देखा कि वो माँ की नाईटी पहने थी. फिर हमने खाना खाया और वो उसके बारे में कुछ भी बात नहीं कर रही थी. अब मुझे डर लग रहा था कि फिर कभी में उसकी चूत देख पाऊँगा या नहीं.

    फिर बेडरूम में जाते ही मैंने उससे सॉरी कहा तो उसने कुछ नहीं कहा और एक स्माइल देकर बालकनी में खड़ी हो गयी. फिर में उसको बेड पर लाकर पूछने लगा कि ऐसे चुप क्यों हो? कुछ बात करो ना तो वो बोली कि कुछ नहीं दर्द हो रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या में तेरी चूत की मालिश करूँ? तो उसने बताया कि में रोज़ सोने का अंडे देने वाली मुर्गी बनना चाहती हूँ. अगर तुमने मालिश के अलावा कुछ ज़्यादा किया तो तुम कभी मेरी चूत नहीं देख सकते हो कहकर अपनी नाईटी निकालने लगी.

    फिर में तेल लेकर आया और उसकी चूत को देखकर मुझे भी बहुत बुरा लगा. फिर आधे घंटे तक मालिश करने के में बाथरूम जाने लगा तो उसने कहा कि देर हो गई है. अगर तुम मुठ मारने के लिए जा रहे हो तो यहाँ पर ही मारो. फिर मैंने कहा कि नहीं तुम ऐसी हालत में हो और में कैसे ऐसा कर सकता हूँ. फिर उसने कहा कि तुम 1 घंटे से मेरी चूत की मालिश कर रहे हो और तुम भी एक मर्द हो में समझ सकती हूँ, निकाल अपना पजामा कहकर हंसने लगी. फिर में नंगा हुआ और मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया.

    अब वो पूरी बॉडी पर चादर डालकर सब देख रही थी. फिर 10 मिनट के बाद भी जब मेरा वीर्य नहीं आया तो उसने पूछा में कुछ मदद करूँ. तो मैंने कहा करना ही है तो बस तुम्हारी चादर हटा लो, तो उसने हटा लिया और फिर में उसकी चूत को देखकर मुठ मारने लगा. फिर कुछ देर के बाद मेरी बहन भी अपने हाथों से मेरा लंड हिलाने लगी. उसके हाथ के स्पर्श से वीर्य जल्दी बाहर आ गया.

    फिर रात को में एक हाथ उसकी चूत पर रखकर और वो मेरा लंड पकड़कर हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गये. फिर जब में सुबह उठा तो मैंने उसके माथे पर एक गुड मोर्निंग किस दिया और मुझे आज सेक्स करने का मूड नहीं था. फिर मेरी बहन ने कहा सिर्फ़ माथे को किस किया तो उसने कहा कि मेरी बहन को गुस्सा आ जायेंगा. फिर मैंने पूछा कि तुम्हारी कौन सी बहन? और मेरे पूछते ही उसने अपनी चूत दिखाई. फिर मैंने उसकी चूत को एक किस किया और 10 मिनट तक चाटा और फिर में फ्रेश होने चला गया.

    फिर मेरी बहन ने मुझे चाय बना कर दी और वो पीकर हम दोनों ने मिलकर शॉवर बाथ लिया और मेरी बहन ने मेरा लंड पकड़कर सुबह-सुबह मुठ मारी. फिर ब्रेकफास्ट के बाद मेरी बहन ने मुझसे पूछा कि कॉलेज नहीं जाना तो मैंने बताया कि नहीं, मुझे आज मेरा पूरा लंड अपनी बहन की चूत में घुसाना है तो उसने हंसते हुए पूछा कि फोन वाली रंडी को कितनी बार चोदा है? तो मैंने कहा 2 साल से चोद रहा हूँ और वो पूछने लगी कि किसी आंटी को चोदा है? तो मैंने कहा नहीं चोदा है. तो वो बोली किसी ना किसी आंटी की चूत देखी होगी? तो मैंने कहा नहीं देखी है. फिर वो बोली मम्मी की चूत भी नहीं देखी है क्या? तो मैंने कहा नहीं देखी है.

    फिर मैंने उससे पूछा कि तुमने मम्मी की चूत देखी है क्या? तो उसने कहा कि बहुत बार देखी है, जब भी माँ हेयर रिमूवर लगाती है तो मदद के लिए मुझे ही बुलाती है. मैंने कहा तुम बहुत लकी हो तो उसने कहा भैया इसमें लकी क्या है? मैंने चूत बहुत सी देखी है मगर क्या फ़ायदा? मुझे तो सिर्फ़ मम्मी की चूत को देखना अच्छा लगता है. मैंने पूछा क्यों? तो उसने बताया कि वो चूत बहुत काली है और उसका छेड़ बहुत बड़ा है. उसकी चूत में तो तेरा लंड आराम से अन्दर चला जायेगा.

    फिर मैंने पूछा कि मम्मी की इतनी तारीफ़ क्यों कर रही हो? कही मुझे चुदवाने का प्लान तो नहीं है? तो उसने हंसते हुए कहा कि नहीं भैया में तो बस मम्मी की चूत के छेद का साईज़ देखकर सोच रही थी कि पापा का लंड कितना बड़ा होगा? वो ये कहकर मेरा लंड ज़ोर से पकड़कर हिलाने लगी.

    फिर मैंने उससे पूछा कि तुमने तो बहुत चूत देखी है तो मुझे भी बताओं ना और किस-किस की चूत देखी है. तो उसने कहा, कॉलेज फ्रेंड्स, मम्मी की और शिवानी भाभी और उसकी बेटी सोनिया की चूत देखी है. फिर मैंने उसके कपड़े निकाल कर उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके बूब्स को मेरे दातों से काटने लगा.

    अब वो मज़े लेते हुए बोली कि भैया आज धीरे से चोदना तो मैंने हाँ कहकर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. दोस्तों अगर जन्नत है तो बहन की चूत चाटने में है, वाह्ह क्या चूत है? फिर 10 मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने धीरे से लंड उसकी चूत में घुसाया तो अब वो बहुत दर्द सहन कर रही थी और में जोश में आकर धक्का दे रहा था. अब वो सिर्फ़ सिसकियां लेती हुई अपनी टाँगे ऊपर करके चुदवा रही थी.

    फिर मैंने उससे पूछा कि पानी पीना है या चूत में डाल दूँ, तो उसने कहा कि चूत में ही डाल दो, में गोली खा लूंगी. अब में उसे ज़ोर-जोर से चोद रहा था और मेरा स्पर्म निकल ही नहीं रहा था, क्योंकि सुबह से 3 बार मुठ मारी थी. अब मेरी बहन भी जोश में आ गई और कहने लगी कि पूरा लंड डालो. फिर मैंने जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का दिया और आगे पीछे करने लगा. अब मेरी बहन भी अपनी गांड को उछाल-उछाल कर चुदवा रही थी. फिर कुछ देर के बाद उसकी चूत में से पानी निकल गया और मैंने लंड बाहर निकाल दिया. अब मैंने मेरे लंड को देखा तो वो खून से लाल हो गया था.

    फिर मैंने उससे कुछ नहीं कहा तो उसने ही मुझसे पूछा कि भैया मैंने अपनी सील अपने पति के लिए बचाकर रखी थी, आपको तोड़कर कैसा लगा? तो मैंने उससे कहा कि आज से में ही तुम्हारा पति हूँ और फिर से लंड उसकी चूत में घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब वो बहुत मज़ा ले रही थी और दर्द की वजह से उसकी आँख में पानी आ रहा था.

    फिर कुछ मिनट के बाद जब मेरा स्पर्म उसकी चूत में गिरा तो वो खुशी से पागल हो गयी और उसने कहा भैया आज तो कल से भी ज़्यादा दर्द हो रहा है, लेकिन मुझे खुशी इस बात की है मैंने 23 साल तक एक उंगली भी चूत में अन्दर नहीं डाली थी और आज मैंने तुम्हें चूत गिफ्ट कर दी. तो मेरी आँख में भी खुशी के आँसू आ गये और मैंने भी उसे हग करते हुए थैंक्स कहा और उसके बाद 1 हफ्ते तक मैंने उसे नहीं चोदा, क्योंकि उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था.

    फिर जब वो नॉर्मल हुई तो तब तक पापा और माँ आ गये और अब इस बात को 2 साल हो गये है और वो इन 2 सालों में कभी भी, कहीं भी मुझे चूत देती थी और अब अगले 8 महीने के बाद उसकी शादी है इसलिए जीजू को शक नहीं हो सके इसलिए में अभी सिर्फ़ उसकी रोज़ गांड मार रहा हूँ.

  • बड़ी बहन की चूत में ऊँगली डाली, bro sis sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 23 साल है. मेरी हाईट 5.11 इंच है, में दिखने में बिल्कुल ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 5.5 इंच है. दोस्तों यह कहानी सिर्फ एक लड़की के जिस्म के साथ है जो कि में सबसे पहले थोड़ा बहुत उनका परिचय भी आप सभी को करवाना होगा. दोस्तों मेरी तीन बहन है और तीनों ही मुझसे बड़ी है और उनके साथ रहते रहते मैंने लड़कियों के बारे में लगभग हर एक चीज़ को सीख लिया था, इसलिए उन्हे अपनी तरफ आकर्षित करना मेरे लिए एक आम बात बन चुकी थी और ख़ासकर मुझसे तीन चार साल बड़ी उम्र की लड़कियाँ तो बहुत ही आसानी से पट जाती रही थी.

    दोस्तों यह बात आज से कुछ साल पुरानी है और में उस साल शायद हर एक दिन मुठ मारता था और मेरे दोस्त भी इतने शरीफ थे कि उन्होंने मुझे क्लास 8 में ही ब्लूफिल्म दिखानी शुरू कर दी थी. में सबसे पहले उन एक्ट्रेस को सोचकर मुठ मारता था और फिर अंजान लड़कियों को सोचकर. फिर बहनो की फ्रेंड्स, फिर खुद की बहनें, फिर कोई भी औरतें, भाभियाँ और शायद उस समय मैंने अपनी ज़िंदगी में मिलने वाली हर एक औरत, लड़की को सोचकर कम से कम एक बार मुठ जरुर मारी. दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. में उस समय कुछ दिनों के लिए अपने मामा के घर पर गया हुआ था, मेरे बड़े मामा की सिर्फ़ दो बेटियाँ है, उसमे बड़ी वाली का नाम शालिनी है और छोटी वाली का नाम मेघना और उस वक़्त शालिनी की उम्र करीब 19 साल की थी और मेघना की उम्र करीब 17 साल थी. दोस्तों हमारे घर और खानदान में लड़कियों के बाहर आने जाने कहीं घूमने फिरने पर बहुत ज्यादा ध्यान देते है, इसलिए वो दोनों ही एकदम घरेलू टाईप लड़कियाँ थी.

    दोस्तों शालिनी दीदी और मेरी बचपन से ही बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन मेघना से में ज़्यादा बात नहीं करता था तो एक रात को हम सब सोने की तैयारी कर रहे थे, शालिनी दीदी मेरे साथ सोने के लिए हमेशा बहुत बैचेन रहती थी, क्योंकि उनको मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में जानना था तो हमें उस रात को बातें करते करते रात के 1:30 बज गये और फिर मैंने उनसे कहा कि चलो अब हम सो जाते है और फिर आँख बंद करने के करीब दस मिनट बाद दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और प्यार से सहलाने लगी, मुझे भी उनका मेरे साथ ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैंने भी उनका हाथ अब कसकर पकड़ लिया और फिर वो अपने एक पैर से मेरे पैर को मसलने लगी, लेकिन पता नहीं क्यों अचानक उन्हे ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने कुछ ही देर के बाद अपना पैर एकदम से पीछे खींच लिया और फिर वो सो गयी. फिर मैंने भी उस बात पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर कुछ दिनों के बाद मेरी मौसी की बेटी की शादी थी, तो हम सब वहीं पर गये थे. हम वहां पर बहुत मस्ती करते थे. दिन भर मस्ती, गाना और बहुत कुछ करते रहते थे.

    दोस्तों वहाँ पर भी मुझसे तीन साल बड़ी एक लड़की थी, जो मुझ पर हमेशा बहुत बार लाईन मारा करती थी और शरारती बातें किया करती थी. फिर में भी उस समय उसके बड़े मज़े ले रहा था, रात को नाचना, गाना चल रहा था और करीब 12 बजे थे, लेकिन अब मुझे बहुत नींद आ रही थी तो इसलिए में एक रूम में आकर सो गया, वो रूम बहुत बड़ा था और उसमें पहले से ही तीन चार लोग सोए हुए थे और फिर में बिल्कुल चुपचाप सबसे आखरी में जाकर रज़ाई में घुसकर सो गया. वो दिसम्बर का महीना था और उस समय की ठंड तो आप जानते ही होंगे. फिर करीब दो बजे रात को अचानक से मेरी नींद खुली, नींद खुली तो में जिस तरह से सोया हुआ था, वो सब देखकर तो मेरे एकदम होश ही उड़ गये, क्योंकि मेरे एक तरफ पास में कोई लड़की सोई हुई थी और मेरा एक हाथ उसके नाईट सूट वाले टॉप के अंदर उसकी ब्रा के ऊपर था और उन सबको समझने में मुझे पूरे दो मिनट लग गये, क्योंकि रूम में पूरा अंधेरा था और फिर मैंने थोड़ा आसपास टटोलकर देखा तो मुझे समझ में आ गया कि शालिनी दीदी के ही नाईट सूट के अंदर मेरा वो हाथ था.

    एक तरफ दिल की धड़कने बढ़ गई और वहीं दूसरी तरफ लंड का साईज़ भी बड़ने लगा और अब मेरे दिमाग़ में तरह तरह के ख्याल आने लगे, क्या मैंने अंजाने में अपना हाथ उनके टॉप के अंदर उसकी ब्रा में घुसा दिया था? या फिर दीदी ने खुद जानबूझ कर डाला था, क्योंकि में एक जवान लड़का था और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को छूने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरा मन तो हाथ को भी बाहर निकालने का नहीं कर रहा था और फिर मैंने सोचा कि बेटा थोड़ा रिस्क तो लेना ही पड़ेगा.

    फिर में धीरे धीरे ब्रा के अंदर हाथ घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो बहुत टाईट थी, इसलिए पहले दो, तीन मिनट में हल्का हल्का मसलता रहा, लेकिन फिर जब मेरी भूख बढ़ने लगी तो में उनके पेट पर हाथ फेरने लगा और अब मेरा लंड पूरी से तरह तनकर खड़ा हो चुका था, लेकिन तभी कुछ देर के बाद मुझे शक हुआ कि शायद दीदी अब जाग रही है और वो सिर्फ सोने का नाटक कर रही है और इस बात को जानने के लिए मुझे एक आईडिया आया.

    फिर में अपने हाथ को उनकी पीठ की तरफ ले गया और थोड़ा धीरे धीरे सहलाने के बाद मैंने कसकर उनकी कमर को पकड़ लिया और उनको अपनी तरफ घुमा दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के चेहरे के आमने सामने थे और उनकी आखें अब भी बंद थी, लेकिन इतनी ज़ोर ज़ोर से लगातार हिलाने के बाद भी वो नहीं उठी तो में समझ गया कि अब दीदी नींद में नहीं है और अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और कुछ देर तक पीठ सहलाने के बाद में उनकी ब्रा के हुक को टटोलने लगा. दोस्तों मैंने इससे पहले अपनी बहनों की ब्रा को कई बार बाथरूम में लटकते हुये देखा था और में कभी कभी उनको लंड पर रगड़कर मुठ भी मारा करता था, इसलिए एक हाथ से ब्रा के हुक को खोलना मेरे लिए बायें हाथ का खेल था. फिर मैंने तुरंत ही उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया, लेकिन वो अब भी बिल्कुल वैसे ही लेटी हुई थी.

    फिर उनके कंधो के ऊपर से ब्रा को उतारते हुए मैंने धीरे धीरे ब्रा को उनके हाथ से भी निकालकर खोल दिया और अब उनके बूब्स मुझे एकदम साफ साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनका सीधा वाला बूब्स थोड़ा सा उनके शरीर के नीचे दबा हुआ था और अब तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, इसलिए मैंने फटाफट उनके निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और थोड़ा थोड़ा बूब्स को दबाने लगा. तभी अचानक से दीदी ने करवट ले ली और अब वो बिल्कुल सीधी हो गई, जिसकी वजह से में एकदम से डर गया और मुझे फिर से शक हुआ कि कहीं दीदी सच में सो तो नहीं रही? और अगर वो उठ गयी और उन्होंने यह सब देखा तो में मर जाऊंगा, लेकिन कहते है सेक्स का नशा इंसान पर एक बार चढ़ जाए तो फिर वो झड़ने के बाद ही उतरता है.

    फिर में उनके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा, लेकिन वो बिल्कुल भी हिल नहीं रही थी और उसी समय मैंने थोड़ा सा उठकर उनके एक निप्पल को मुहं में लेकर चूसा भी और अब मेरे अंदर का शैतान उठकर छटपटाने लगा और अब मुझे बस चूत चाहिए थी. फिर मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उनकी पेंट के अंदर घुसाया, सबसे पहले में उनकी जाँघो को सहलाता रहा. वाह दोस्तों क्या चिकनी जांघे थी उनकी? फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी पर रखा. फिर मैंने महसूस किया कि उनकी पेंटी पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी. फिर यह सब महसूस करके तो में और भी पागल होने लगा, जोश में मैंने जैसे ही उनकी पेंटी में हाथ डाला तो मेरे कान में किसी ने कुछ बहुत धीरे से फुसफुसाया कि तुम यह क्या कर रहे हो सूरज भैया?

    दोस्तों मेरी तो जैसे वो आवाज सुनते ही साँसें एकदम रुक सी गई और मेरी गांड फटकर हाथ में आ गई. में चूत की तरफ इतना मग्न हो गया था कि मैंने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया कि दीदी ने पिछले एक मिनट से मेरी तरफ मुहं कर रखा था और अब उस ऐसी रूम में भी मुझे पसीने आने लगे और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? मेरे दोनों हाथ भी वैसे के वैसे ही रह गए थे और आँखों के सामने कभी मामा, मामी का चेहरा आ रहा था तो कभी अपने पापा, मम्मी का और फिर मुझे लगा कि अब तो में काम से गया, दीदी शायद अब तक शर्म के मारे यह सब बर्दाश्त कर रही थी, लेकिन अब तो वो कल सुबह सबको बता देगी कि पिछली रात को मैंने उसके साथ क्या क्या किया, क्योंकि मेरी किस्मत भी बहुत खराब थी. उस कमरे में और भी लोग सोए हुए थे वरना में दीदी को कुछ ना कुछ कहकर शायद पटा लेता, लेकिन फिर दोबारा से मेरे कान में एक आवाज़ आई, दीदी ने बड़े ही प्यार भरी आवाज में मुझसे कहा कि तुम रुक क्यों गये?

    दोस्तों उस एक शब्द ने तो मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया और मेरी जान में जान आ गई और उसके बाद मेरा हाथ एक मिसाईल की तरह उनकी चूत पर पहुंच गया. वाह क्या मस्त चूत थी, वो एकदम जवान वर्जिन चूत और रस से भरी हुई और उसे ऊपर थोड़ी थोड़ी झाँटे थी और जो शायद कुछ दिन पहले ही कटी थी और उसे चूत के दोनों होंठ बिल्कुल फूले हुए थे और फिर मेरे चूत में उंगली डालते ही दीदी एकदम से सिहर गई और उनका पूरा शरीर बिल्कुल कसा हुआ था और उनकी चूत भी हद से ज़्यादा टाईट थी.

    मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली अंदर घुसाई और थोड़ी सी अंदर घुसने के बाद में उसे जल्दी जल्दी हिलाने लगा और अब मेरा लंड भी अंदर ही अंदर छटपटा रहा था और तनकर खड़ा हुआ था. फिर मैंने दीदी का सीधा हाथ पकड़कर अपनी अंडरवियर में डाल दिया और एक घरेलू लड़की होने के नाते उन्हे यह भी नहीं पता था कि अब उन्हे इसके आगे क्या करना है? फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लिया और लंड को पकड़कर हिलाने लगा और अब उनका एक हाथ मेरी अंडरवियर में था और मेरा एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर. दोस्तों वाह क्या मज़ा आ रहा था.

    फिर एक दो मिनट हिलाने के बाद ही हम दोनों झड़ गये. दोस्तों दीदी को तो शायद यह भी पता नहीं चला कि उनके साथ यह सब क्या हुआ, वो बहुत घबरा गई थी और जिसकी वजह से हम आपस में बात भी नहीं कर पा रहे थे और हमें यह भी डर था कि कहीं कोई जाग ना जाए. दीदी ने तुरंत अपना हाथ अंडरवियर से बाहर निकाला और अपने कपड़े पहनने लगी और वो शायद कुछ ज़्यादा ही डर गयी थी. फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट बाद लौटी और फिर मेरे पास में लेटकर उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि सूरज भैया प्लीज़ आज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जाना.

    फिर में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर थोड़ा उदास हो गया और फिर में भी उठकर बाथरूम में चला गया और फिर मैंने वहीं पर दीदी को सोच सोचकर दो बार और मुठ मारी और सब कुछ आधा अधूरा रह गया था. मुझे दीदी के साथ कुछ भी कर ना पाने का गम तो बहुत था, लेकिन मुझे इस बात की खुशी भी बहुत थी कि आज पहली बार मैंने किसी लड़की की बिना चुदी चूत में अपनी उंगली डाली है और उसके बूब्स को छूकर महसूस किया है, दबाया है, चूसा है और उसकी चूत में अपनी उंगली करके उसके जिस्म के अंदर की गरमी को महसूस किया है. उसके जिस्म के हर एक हिस्से को छुकर महसूस किया है और वो मेरा पहला अहसास मुझे आज भी वो रात याद दिलाता है, जिसमे मैंने एक कामुक लड़की के जिस्म की गरमी को छुकर उसकी चूत के अहसास को मन में लेकर अपने लंड को पहली बार झड़ने पर मजबूर किया था.

    फिर दूसरे दिन सुबह ही हमें वहां से अपने घर के लिए निकलना था, शायद इसलिए दीदी से मेरी बात ही नहीं हो सकी या फिर दोस्तों आप यह समझ लो कि अब हम एक दूसरे से नज़रें ही नहीं मिला पा रहे थे और उसके बाद मैंने कई बार दोबारा अपने मामा के यहाँ पर जाकर अपनी दीदी को चोदने के प्लान बनाए, लेकिन किस्मत के कारण कुछ भी ऐसा हो ही नहीं पाया और फिर दो साल बाद उनकी किसी अलग शहर में शादी हो गई और अब करीब करीब हमारा मिलना लगभग बंद ही हो गया और मैंने इस बात को छोड़ देना ही बेहतर समझा.

  • दोस्त के घर चुदाई का मजा | dost ki behen sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हारून है और में जम्मू का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में आपकी तरह बहुत समय से इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी बहुत अच्छी लगेगी, क्योंकि यह कोई कहानी नहीं बल्कि यह मेरी एक सच्ची घटना है और जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई.

    दोस्तों में एक अच्छे परिवार से हूँ और में जम्मू शहर में रहता हूँ. मेरे पापा एक बिजनसमेन है और मेरी माँ यहीं के एक सरकारी स्कूल में लेक्चरार है, मेरे एक छोटी बहन है जो अभी स्कूल में अपनी पढ़ाई कर रही है और एक छोटा भाई है और वो भी उसके साथ स्कूल जाता है और में अपनी पढ़ाई एक सरकारी कॉलेज में कर रहा हूँ, जिसमे में अभी बी.कॉम के 3rd साल में हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से उस घटना को बताता हूँ.

    दोस्तों में जब कॉलेज के 2nd साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था तो उसी समय मेरी एक लड़के से दोस्ती हुई, जो धीरे धीरे बहुत हद तक बढ़ गई, उसका नाम फरहान था. हम दोनों बहुत ही कम समय में एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये और फिर हम दोनों कॉलेज में एक साथ रहते थे. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि फरहान का फोन गुम हो गया और वो बहुत उदास था. फिर मैंने उससे कहा कि चलो यार अब ज्यादा उदास मत हो, यह सब तो होता रहता है और फिर मैंने उसको दूसरे दिन अपने घर से लाकर एक सेल फोन उसे दे दिया, क्योंकि उस समय मेरे पास एक एक्सट्रा फोन था और इस तरह उसको मुझ पर और भी ज़्यादा भरोसा होने लगा और ऐसे ही दिन गुज़रते चले गये.

    फिर सर्दियो में फरहान की बड़ी बहन की शादी थी तो उसने मुझे भी शादी में अपने घर पर बुलाया और जब में उनके घर पर गया. फिर मैंने भी फरहान की बहन की शादी के कामों में उसकी बहुत मदद करवाई और खाना खाकर मुझसे फरहान ने उसके रूम में जाने के लिए बोला. उसने मुझसे कहा कि तुम अब थोड़ा आराम कर लो, क्योंकि हम दोनों काम करके बहुत थक चुके थे.

    फिर में उसके कमरे में गया और में जब उसके बेड पर लेटा हुआ था और मोबाइल के साथ खेलने लगा तो थोड़ी देर बाद एक लड़की अंदर आई और उसको वहां से कोई चीज लेनी थी और फिर वो लेकर चली गयी, लेकिन मैंने उस लड़की की तरफ ज़्यादा रूचि नहीं दिखाई और अपने मोबाइल के साथ खेलता रहा और करीब 10-15 मिनट के बाद में सो गया, लेकिन में अभी भी गहरी नींद में नहीं था और उस समय कमरे की लाईट बंद थी, लेकिन मुझे अभी नींद नहीं आई थी.

    फरहान ने दरवाज़ा खोला और मुझसे कहा कि हारून क्या अभी से सो गये? फिर मैंने कहा कि हाँ यार में सो गया हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है, में कल सुबह तुमको जगा दूंगा और अब में बाहर के कुछ काम देखने जा रहा हूँ. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार और फिर वो चला गया. फिर कुछ ही देर बाद किसी ने फिर से दरवाज़ा खोलकर कमरे की लाईट चालू की और जब मैंने देखा तो यह वही लड़की थी. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ और आपको क्या चाहिए? और आप कौन हो?

    वो बोली कि में तुम्हारे दोस्त की बहन हूँ. दोस्तों वो फरहान की छोटी बहन थी, लेकिन वो क्या माल थी? में तो उसे बातों ही बातों में नीचे से ऊपर तक घूरता रहा और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने कहा कि मेरा नाम सबिया है. वो एकदम टाईट जीन्स और लाल कलर का टॉप पहने हुई थी और उन कपड़ो में वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, वैसे वो दिखने में बहुत खुबसूरत थी, मेरी नजरे उसके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और में उसको घूरता रहा.

    उसने मुझसे कहा कि क्या आप डांस नहीं करोगे? मैंने झट से कहा कि नहीं, मुझे डांस करना नहीं आता. फिर वो बोली कि चलो उठो में आपको सिखाती हूँ और फिर मैंने एकदम सही मौके को पाकर कहा कि नहीं पहले तुम मुझे यहाँ पर इस कमरे में सिखाओ और फिर उसके बाद में पार्टी में जाऊंगा तो वो नहीं मानी और उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींच लिया और में जानबूझ कर खुद उसकी तरफ गया, जैसे कि उसी ने ही मुझे खींचा हो और उसकी छाती से लिपट गया.

    वो हँसने लगी और कहा कि चलो अब बाहर डांस पार्टी में. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले हम यहाँ पर करेंगे. फिर बाहर में पार्टी में जाएगें और अब वो मान गई. फिर उसने मुझसे आँखों में आंखे डालकर कहा कि चलो अब डांस करने के लिए तैयार हो जाओ. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले दरवाजा तो बंद करो. फिर वो बोली कि लो बाबा चलो अब मैंने दरवाजा भी बंद किया, क्या अब शुरू करें? तो मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन मुझे अपने हाथों से पकड़कर डांस सिखाना, क्योंकि में कुछ भी नहीं जानता हूँ.

    फिर उसने अपना एक हाथ मेरी कमर पर सटा दिया और दूसरा हाथ मेरे हाथ में रखकर मुझे गोल गोल घूमाने लगी, में गरम हो गया और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और फिर मैंने कुछ सोचकर उस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कमर को पकड़कर उसको अपनी छाती से लगा लिया और अब में उसको छूने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस मेरी आखों में लगातार देखकर शरारती हंसी हंसती रही. फिर मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और में उसका चेहरा पकड़कर उसके गालों पर किस करने लगा और अपने एक हाथ से उसके चूतड़ दबाने लगा.

    उसकी साँसे तेज़ हो गयी और में अपना काम करता रहा और अब मैंने उसको अपने हाथ से इशारा करके साईड में बुलाया और फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया. फिर उसने मुझे बिना कुछ कहे मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट को भी खोलकर उतार दिया. फिर में भी उसके कपड़े उतारकर उसको लिप किस करने लगा और अब में उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और वो इतनी हॉट हो गई कि उसने कहा कि जानू मुझे जल्दी से चोद डालो ना प्लीज जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.

    फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चूसना शुरू किया और फिर मैंने कुछ ही देर उसकी चूत को चूसा. फिर मैंने अपने लंड को थूक से गीला कर दिया और उसकी चूत में डालना शुरू किया. मेरे लंड से चूत पर ज़ोर लगने से वो एकदम चीखने चिल्लाने लगी उूईईईईईइई माँ मर गई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह प्लीज, अब इसे बाहर निकाल दो, यह तो बहुत बड़ा है उह्ह्ह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में नहीं माना और उसकी छटपटाती चूत पर लगातार झटके मारता रहा जब तक कि पूरा लंड उसकी चूत में नहीं भर दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई तो मैंने उसके होंठ अपने हाथों से दबाकर उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लगातार चोदता रहा, उसकी चूत अब थक सी गई थी, क्योंकि में कब से अपना तना हुआ लंड उसकी चूत में धक्के देकर ठोक रहा था और अब उसकी चूत से सफेद कलर के झाग आना शुरू हो गए थे और अब करीब बीस मिनट के बाद उसने कहा कि चल जानू अपना माल मेरी चूत में ही डाल दो और में कुछ धक्के मारकर उसकी चूत में ही झड़ गया, उसने तभी अपनी चूत को और टाईट किया और मेरा पूरा माल अपनी चूत के अंदर भर लिया और में पूरा नंगा ही उसके ऊपर लेटा रह.

  • मामा की लड़की की धमाकेदार चुदाई कहानी

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम आर्यन है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 6 फीट है और में बहुत अच्छे दिखने वाले शरीर का मलिक हूँ, मेरा रंग गोरा है और सब कुछ एकदम फिट और ठीक है. दोस्तों यह बात आज से करीब 7 या 8 साल पहले की है, मेरे घर पर में, मेरे दो छोटे भाई और मेरी मम्मी रहती थी और हम लोग घर पर अधिकतर समय अकेले ही रहते थे, क्योंकि मेरे पिता जी आर्मी में होने की वजह से हमेशा बाहर ही रहते थे और साल में एक महीना ही घर पर रहते थे. में 12th में था और उस वक़्त मेरी उम्र करीब 18 या 19 साल की होगी और उस समय एक दिन मेरी मम्मी की तबियत अचानक खराब हो गयी और हमारी कोई बहन या किसी और औरत के घर में ना होने के कारण हम बहुत परेशान थे.

    तब एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे मेरे मामा जी की लड़की को लेकर आने के लिए बोला. तो मैंने मामी जी को फोन करके अपने घर का सारा हाल बताया तो मामी जी ने भी अपनी लड़की को मेरे साथ भेजने के लिए हाँ कर दी और फिर अगले दिन में अपनी बाईक लेकर अपनी बहन को लेने अपने मामा जी के घर पर चला गया और शाम तक उसे अपने साथ लेकर वापस आ गया और उधर माँ के बारे में पता चलने पर मेरे पिता जी भी तब तक घर पर आ गये थे और तब हमारे घर की कुछ स्थिति सुधरी हुई नज़र आई और अब हम सब बहुत खुश लग रहे थे, लेकिन तीन कमरे होने की वजह से मम्मी, पापा एक कमरे में और हम तीनों भाई एक बेड पर और मामा की लड़की एक अलग चारपाई पर हमारे ही कमरे में सोती थी और फिर ऐसे ही दिन कट रहे थे.

    तो दोस्तों 4 या 5 दिन बाद मेरे साथ एक ऐसी घटना घटी कि जिससे मेरा दिल और दिमाग़ दोनों ही हिल गये, मेरे मामा जी की लड़की मुझसे एक साल बड़ी है और उसका रंग मेरे जैसा और उसका फिगर एकदम मस्त था. तो एक दिन जब हम सब सो रहे थे तो अचानक देर रात को मेरी आँख खुली और मुझे लगा कि जैसे कोई मुझे आवाज़ दे रहा है और मैंने जब उठकर देखा तो पाया कि मेरी बहन मुझे धीमी धीमी आवाज़ में पुकार रही थी. तो मैंने बहुत हैरान होकर इधर उधर देखा सभी सो रहे थे तो मैंने उससे पूछा क्या बात है सब ठीक तो है ना? तो उसने धीरे से अपनी आखें खोली और कहा कि हाँ सब कुछ ठीक है और अब दोस्तों इसके आगे की कहानी कुछ इस तरह थी.

    बहन : आर्यन क्यों नींद आ रही है?

    में : जी, नहीं दीदी.

    बहन : क्या में एक बात बोलूं?

    में : हाँ बोलो ना क्या बात है?

    बहन : क्या में तुम्हे एक किस कर सकती हूँ?

    में : लेकिन क्यों?

    बहन : बस ऐसे ही आज मेरा बहुत दिल कर रहा है.

    में : लेकिन आपका दिल ऐसा क्यों कर रहा है?

    बहन : क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो.

    में : क्या तुम मेरी परीक्षा ले रही हो?

    बहन : ऐसा नहीं है.

    तो में अब बहुत हैरान था और इस तरह हमारी बातचीत चलती रही और एक लड़का और वो भी जवान आख़िर कब तक में अपने आप को रोक पता और आख़िरकार मैंने हाँ कर दी. में अपने आपको नहीं रोक पाया और उसे थोड़ा खिसकने के लिए बोला और में भी उसकी चारपाई पर चला गया और तब उसने मुझे माथे पर एक किस किया और गौर से मुझे देखने लगी. तो मैंने कहा कि क्यों बस हो गया? तो वो बोली कि हाँ तो मैंने कहा कि लेकिन में तो अब तुमसे कुछ और भी चाहता हूँ. तो वो बोली कि क्या? और इतना कहते ही मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और लिप किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, लेकिन कुछ ही मिनट के लिप किस करते करते मेरे शरीर में एक आग सी लगाने लगी और मैंने उसके पूरे शरीर को चूमना और सहलाना शुरू कर दिया और वो तो पहले से ही गरम थी वो मेरे साथ मजे लेने लगी और करीब दस मिनट बाद हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे.

    तो मैंने अब एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे और कुछ ही मिनट की देरी बाद उसके बड़े ही आकर्षित बूब्स उसकी ब्रा में मेरे सामने झूलने लगे. में उन्हें देखकर और भी जोश में आने लगा. मेरे लंड ने अब उसके जिस्म को देखकर सलामी देकर झटके देने शुरू कर दिए और उसके जिस्म को देखकर मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सा जोश आने लगा और फिर में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने, दबाने लगा और चूत में ऊँगली करने लगा मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम और गीली जोश से भरी हुई थी. वो अब सिसकियाँ लेने लगी थी और मैंने महसूस किया कि मेरी ही तरह उसका भी यह पहला अनुभव था इसलिए उसे मेरे ऐसा करने से बहुत मज़ा और जोश आ रहा था. वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून से निशान करने लगी और में अपना काम.

    हम दोनों अब अपने आपको ज़्यादा देर तक नहीं रोक पाए और मैंने फटाफट अपने कपड़े भी उतार फेंके और उसे एकदम सीधा लेटाकर उसके दोनों पैर अपनी कमर के दोनों लिए लपेट लिए और अपना लंड जो कि किसी लोहे के गरम सरीए की तरह टाईट था. तो मैंने उसकी चिकनी चूत के मुहं के ऊपर अपना लंड रखा और कम से एक हल्का सा धक्का मारा तो लंड फिसलकर नीचे चला गया और मैंने फिर से दोबारा लंड, चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का झटका मारा जिससे उसके मुहं से हल्की सी चीख निकल गई और वो मेरे नीचे से निकलने की कोशिश करने लगी. मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी, लेकिन मैंने उसे कसकर जकड़ लिया और उसे समझाया कि पहली बार थोड़ा दर्द होगा, लेकिन उसके बाद मज़ा भी बहुत आएगा और मेरे बहुत समझाने के बाद तब जाकर वो थोड़ा शांत हुई मुझे उसकी आखों में सहमती नजर आने लगी.

    फिर जब मैंने नीचे देखा तो अभी तक मेरे लंड का सिर्फ़ टोपा ही अंदर गया था और पहले कुछ देर तक तो मैंने थोड़ी देर उसे किस किया और उसके सही होने के बाद उसके होंठो को अपने होंठो में जकड़ लिया और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा, जिससे मेरा 7.2 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ उसकी चूत की गहराई में समाता चला गया, लेकिन वो दर्द से बहुत छटपटा रही थी.

    मैंने उसके पूरे शरीर को सहलाना शुरू किया और फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से खून निकल रहा था इसलिए मैंने अपनी बनियान उसकी चूत के नीचे रख दी, जिससे नीचे के कपड़े खराब ना हो और कुछ देर बाद जब वो शांत हुई तो वो भी अब मेरा साथ देने लगी और वो मेरी ही स्पीड से अपने चूतड़ को उछाल रही थी और अब हम दोनों सब कुछ भूलकर चुदाई का आनंद ले रहे थे और वो लगातार आआहहउुउऊहह आहीईईईईईईईईईईई मेरी जान निकालकर ही छोड़ना आईीईईईईईईई में मर गई आआआईईईईईईई की आवाज़ें करके सिसकियाँ ले रही थी और जिससे मेरा जोश और भी बढ़ता ही जा रहा था और हमे ऐसे ही चुदाई करते करते करीब 15-20 मिनट हो गये थे.

    तो जिसमे वो एक बार झड़ चुकी थी, लेकिन अब मेरी रफ़्तार और तेज होने लगी थी और में अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाला था और अब हमारी पकड़ भी एक दूसरे पर तेज होने लगी और हमें इतना मज़ा आ रहा था कि में झड़ने वाला था तो मैंने इतना भी ध्यान नहीं दिया कि अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लूँ और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और मुझे इतना मज़ा आया, इतना मज़ा आया कि में उसे अपने शब्दों में भी बयान नहीं कर सकता, लेकिन मेरे साथ साथ उसने भी चुदाई का पूरा मज़ा लूटा.

    हम दोनों ऐसे ही दस मिनट थककर लेटे रहे. में दोनों बूब्स को धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगा और फिर कुछ देर के बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे, जिससे हम फिर से एक बार चुदाई के लिए तैयार थे और फिर हमने उस रात तीन बार चुदाई की, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब हो गये और फिर हमारी चुदाई का दौर शुरू हो गया.

  • सगी बहनों को पिलाया लंड जूस

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रशीद है और में जम्मू से हूँ में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ और जो स्टोरी में आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, वो बिल्कुल सच्ची कहानी है, तो में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ.

    मेरे दो बहनें है एक मुझसे छोटी है और उसको हम प्यार से छोटी बोलते है और एक मेरी बड़ी दीदी जो एक मस्त माल है. मेरी दीदी के ऊपर मेरी हमेशा नज़र थी, उनके फिगर का साइज़ 36-32-36 है और वो दिखने में एक पटाखा थी और मैंने छोटी को सेक्स के बारे में बचपन से ही सिखा दिया था और हम दोनों सेक्स से संतुष्ट भी थे और छोटी और में बिल्कुल पति-पत्नी की तरह ही घर में रहते थे और मेरी माँ हाऊसवाईफ है और पापा सरकारी कर्मचारी है. वो दोनों हमेशा काम में व्यस्त रहते है और छोटी और में हमेशा मेरे रूम में सेक्स करते थे.

    मैंने छोटी को हमेशा मेरे लंड का जूस पीने के लिए बोला था और वो बहुत भोली है और मैंने उसको यह बोला था कि अगर वो मेरे लंड का जूस नही पियेगी तो भविष्य में बहुत प्रोब्लम आ सकती है. वो पिछले 3 साल से मेरे लंड का जूस हर रात को दूध में मिला कर पीती थी और माँ 2 दूध के ग्लास छोटी के हाथ में देती थी और छोटी हमेशा मेरे रूम में ले कर आती थी और में अपना दूध पी कर छोटी को रात में बिना कंडोम के चोदता था और सारा जूस छोटी के दूध के ग्लास में मिला देता था और वो भी बहुत जल्दी पी लेती थी और अब तो उसकी आदत हो गई है.

    एक दिन क्या हुआ? पापा ऑफिस के काम से बाहर गये हुए थे और माँ एक बाबा के प्रवचन सुनने के लिए बाहर गई हुई थी. तभी पूरे घर की जिम्मेदारी मेरी बड़ी बहन ले रही थी, तो हमेशा माँ दूध देने के लिए छोटी को भेजती थी. दीदी को कुछ भी पता नहीं था और अचानक दीदी ऊपर मेरे कमरे में आई, तो देखा कि छोटी बहुत हंस रही है. दीदी ने सोचा कि क्या बात है? तो दीदी ने खिड़की से देखा, छोटी पूरी नंगी थी और में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था.

    दीदी यह देखकर बहुत गुस्सा हो गई और कुछ नहीं बोली और आगे क्या हो रहा है देखने के लिए वो वहीं रुकी रही. फिर सब ख़त्म होने के बाद मैंने छोटी से बोला कि छोटी अब तेरा जूस पीने का टाईम हो गया है. तुम्हारा दूध का ग्लास लाओ तभी छोटी ने कपड़े पहने और दूध का ग्लास लाने के लिए दरवाजा खोला, तो दीदी बाहर खड़ी थी और शरमा भी रही थी, क्योंकि में नंगा था और छोटी को चोदने के कारण मेरे लंड पर पानी लगा हुआ था, तो बड़ी दीदी बोली तुम लोग यह सब करने के लिए एक साथ सोते हो तुम दोनों कैसे भाई बहन हो.

    फिर छोटी ने दीदी से बोला कि पता है दीदी, सॉरी, लेकिन भैया मुझे पिछले 3 साल से चोदते आ रहे है और में उनके लंड का पानी पीती हूँ, ताकि मुझे भविष्य में कोई प्रोब्लम ना हो. दीदी मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी मैंने, तो सोचा आज तो मेरी वॉट लग गई. दीदी ने बोला में आज माँ को बताऊँगी कि तुम लोग क्या करते हो.

    हम दोनों ने दीदी के पैर पकड़कर माफी माँगी और में अभी भी नंगा था. तभी दीदी ने बोला कि तूने ऐसी हिम्मत कैसे की बड़ी बहन के होते हुए, तभी मैंने बोला कि दीदी में समझा नहीं? दीदी बोली कि तू आज तक छोटी को जो करता आ रहा है, वो आज से मेरे साथ भी करेगा और हम दोनों दूध में मिला कर तेरा पानी पीयेगें. मेरी तो लॉटरी लग गई थी, अब तो ज्यादा जूस निकालना पड़ेगा.

    फिर दीदी, छोटी और में नीचे गये और हम दोनों ने दीदी को चोदने के लिए तैयार किया. में दीदी को नहाने के लिए बाथरूम में ले गया और वहाँ उनके होंठ और चूत को पानी के साथ चाटने लगा. दीदी मेरी पहली चुदाई में पागल हो गई थी, वो बार बार मेरे बाल पकड़कर उनके बूब्स को मसल रही थी. फिर मैंने दोनों बहनों को सुहागरात के लिए तैयार किया और फिर दोनों को नहला कर सफ़ेद ब्रा और पेंटी पहना दिया. फिर दीदी 4 ग्लास दूध गर्म के लाई.

    दीदी ने मुझसे बोला कि अब हम आज कुछ अलग करेंगे तू हमारी चूत का पानी अपने दूध के ग्लास में मिला कर पी. मैंने बोला ठीक है आप की मर्ज़ी. दीदी और छोटी ने अपनी चूत से पानी निकालकर मेरे दूध के ग्लास में डाल दिया और मैंने उसको पी लिया. उसके बाद मैंने छोटी से बोला कि देख तुझे में 3 साल से चोद रहा हूँ, तो आज में दीदी को संतुष्ट करूँगा, तू हमारा साथ देना. तभी छोटी हमारे नीचे अपनी जीभ से मेरे लंड और दीदी की चूत चाट रही थी.

    फिर दीदी बोली की मेरी चूत साफ कर और दीदी ने छोटी को बोला कि मुझे ऊपर आकर किस कर, में दीदी की चूत में उंगली डालकर सेक्स करने लगा और दीदी और छोटी दोनों पागलों की तरह किस कर रहे थे. तभी मैंने अपना लंड बिना कंडोम के दीदी की चूत में डाल दिया, दीदी चिल्लाने लगी कि क्या कर रहा है? रशीद मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    तभी छोटी बोली दीदी दर्द पहले पहले होगा, उसके बाद तो मज़ा ही मज़ा है. फिर मैंने दीदी को बहुत चोदा और दीदी पागलों की तरह चिल्ला रही थी और सिसकियाँ निकाल रही थी. फिर मैंने दीदी से बोला कि आप की गांड दिखा दो, मुझे चोदना है. फिर दीदी ने अपनी गांड पीछे कर दी, मैंने ज़ोर से धक्का दिया और चोदने लगा और दीदी बोलने लगी कि ऱशीद आज तूने मेरा दिल जीत लिया.

    अब तू मुझसे जैसा बोलेगा में वैसा ही करुँगी. में आज से तेरी गुलाम हूँ और मैंने दीदी से बोला कि आपको मेरा लंड चाटना है, दीदी बोली कि उसके लिए तो में कब से बेताब हूँ, ला दे और लंड को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी. फिर दीदी बोली कि चल रशीद मुझे और छोटी को दूध पीना है और हमें तेरे इस गर्म पानी से दूध पीला दे.

    मैंने बोला कि दीदी अगर असली दूध पीना है, तो अपना मुँह खोलो और यह गर्म पानी पी लो, इसमें दूध की कोई ज़रूरत नही है और छोटी और दीदी दोनों मेरा लंड चूसने लगी और मेरे लंड का पूरा पानी पी गई. उस दिन से मेरे बेडरूम में छोटी या बड़ी बहन में से एक जरुर होती है और में अब कंडोम का इस्तेमाल करता हूँ और अपनी दोनों बहनों की चुदाई करके उन्हें संतुष्ट करता हूँ और में भी मजे लेता हूँ.

  • दोस्त की बीवी को रंडी बनाकर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिवम् है और में जालंधर से हूँ. आज में आपको एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ. मेरा एक दोस्त है और उसकी बीवी जो कि वो जालंधर की ही रहने वाली है. में अक्सर अपने दोस्त के घर जाया करता था और उसकी बीवी बड़ी ही सुंदर है. उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं है, लेकिन फिर भी ठीक ही है और उसकी स्माईल बड़ी ही स्वीट है.

    उनका एक बेटा है जो कि अभी 6-7 साल का ही है. मेरे दोस्त के बहुत ज़िद करने पर में उनके बेटे को कोंचिग पढ़ाने को तैयार हो गया. अब में दोपहर को उसके घर पर उसे पढ़ाने जाया करता था और उस समय मेरा दोस्त अपने काम पर होता था और भाभी जिनका नाम सुमन है, एक दिन में दोपहर को जब उसके घर पहुंचा तो घर पर कोई नहीं था, सिर्फ़ अकेली सुमन थी. आज उनका बेटा अपनी मौसी के घर पर गया हुआ था.

    मैंने बेल बजाई तो दरवाज़ा खुला तो दरवाजे पर सुमन थी. उसने एक स्वीट सी मुस्कान दी और अंदर आने को कहा. में अंदर चल गया और उस समय उसने नाईटी पहन रखी थी और उसके बाल खुले थे. फिर उसने मुझे बैठने को कहा और वो अंदर चली गई, काफ़ी देर होने के बाद भी जब वो नहीं आई तो में अंदर गया और इधर उधर देखा तो वो बाथरूम में थी और बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं था.

    मैंने धीरे से अंदर देखा तो वो एकदम नंगी थी और नहा रही थी. उसके मुँह पर साबुन था तो इस कारण वो मुझको शायद देख नहीं सकी. फिर में वापस आया और मैंने डोर लॉक कर दिया और वापस बाथरूम की तरफ गया. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब में वहीं पर खड़ा रहा और उसको देखता रहा. फिर मैंने अपने मोबाईल कैमरे से उसकी क्लिप भी बना ली थी और वो बहुत ही सेक्सी थी और बार-बार अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी चूत को रगड़ रही थी. में समझ गया कि उसको मेरा दोस्त पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं कर पाता है और जब वो नहाकर निकल रही थी तो में वापस आकर उसी जगह बैठ गया.

    फिर कुछ देर के बाद वो मेरे लिए चाय बना कर लाई और मेरे पास बैठ गई. मेरा लंड अभी भी टाईट था. फिर मैंने डरते-डरते उससे कहा कि भाभी में आपसे कुछ पूछ सकता हूँ तो वो मुस्कुरा कर बोली कि पूछो. फिर मैंने कहा कि पूछना तो नहीं चाहिए है लेकिन पर्सनल है, लेकिन पूछ रहा हूँ, क्या विक्की और आप की शादीशुदा लाईफ सुखी है?

    वो बोली हाँ हम खुश है. फिर मैंने कहा कि नहीं आपकी सेक्स लाईफ तो.. उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर खामोश रही और फिर बोली कि तुम्हारे दोस्त मुझको संतुष्ट नहीं कर पाते है. अब मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैंने पूछा कि आप तो इतनी खूबसूरत हो, सेक्सी हो, आप पर तो कोई भी फिदा हो जायेगा, आप कोई दूसरा रास्ता क्यों नहीं अपना लेती हो? तो वो बोली कैसा रास्ता?

    फिर मैंने कहा कि किसी दूसरे से संपर्क करो तो वो बोली कि क्या तुम मुझको संतुष्ट करोंगे? यह सुनते ही मेरी तो जैसे खुशी का ठीकाना ही नहीं रहा. में तुरंत उठा और सुमन को अपनी बाहों में भर लिया और उसके लिप पर एक किस किया और हम दोनों करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे और वो मुझसे बोली कि पहले दरवाज़ा तो बंद कर दो. फिर में बोला कि वो तो मैंने पहले ही बंद कर दिया है.

    उसके बाद हम बेडरूम में गये और उसने बिना देर लगाए मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने होठों में लेकर दबाया और चूसने लगी. अब में भी अपने होश खोता जा रहा था. फिर मैंने भी उसका गाउन खोल दिया. उसने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, अब वो बिल्कुल नंगी थी. अब हम दोनों बेड पर लेट गये और वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और बोली कि कब से मेरे मन में एक प्लान था कि में तुमसे चुदवाऊँ और आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है. फिर में भी बोला कि भाभी में भी आपको चोदना चाहता था, यह सुनकर वो बोली कि मेरे राजा देर किस बात की है और आज में तुम्हारे पास हूँ जिस तरह से चाहो मुझको चोदो, यह चूत बड़ी प्यासी है.

    फिर मैंने उसके टाईट बूब्स को धीरे-धीरे दबाना चालू किया और अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी. फिर उसने पीछे हटकर मेरे लंड को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी. अब में भी उसकी चूत लेने के लिए तड़प रहा था. करीब 15 मिनट के इस खेल के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर वो बोली कि मेरे राजा अब देर मत करो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

    फिर में उठा और अपना 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत के ऊपर रखा, लेकिन उसकी चूत काफ़ी टाईट और सूखी थी. फिर मैंने चूत को हाथ से धीरे-धीरे रगड़ा और करीब 3 मिनट के बाद उसकी चूत गीली हो गई. फिर मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. फिर वो बोली कि जल्दी से पूरा अंदर करो तो मैंने एक जोर का धक्का दिया तो वो चिला उठी, मार डाला ज़ालिम तूने, शायद उसके पति का इतना लंबा और मोटा नहीं था.

    फिर कुछ देर के बाद मेरे झटको का वो भी साथ दे रही थी और कह रही थी कि आज मेरी जमकर चूत मारो. मैंने कितनी बार सोचकर तुम्हारे दोस्त से चुदवाया है आज तुम मुझको रियल में चोद दो, मेरी जान. अब में भी जोर-जोर से झटके मार रहा था और करीब 25 मिनट के इस खेल में वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब में भी झड़ने वाला था.

    फिर मैंने कहा कि सुमन में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही निकाल दो तो मैंने कहा कि अगर कुछ हो गया तो उसने कहा कि कुछ नहीं होगा, में गोली खा लूँगी, लेकिन तुम अन्दर ही झड़ना. फिर में जोर-जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और कुछ ही देर के बाद में उसके अंदर ही झड़ गया और अब हम बिल्कुल शांत थे, ये किसी तूफान के बाद की शांति थी. अब हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर में उठा और उसको एक लिप किस किया.

    अब 5 बज चुके थे तो वो बोली कि अब तुमको चलना चाहिए, लेकिन हाँ एक बात ध्यान रहे यह बात बस मेरे और तुम्हारे बीच ही रहे. तुम्हारे दोस्त को कुछ पता नहीं चलना चाहिए. फिर मैंने उससे वादा किया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये. फिर में उठा और अपने कपड़े पहने. फिर वो भी बाथरूम में गई और उसके बाथरूम से निकलने के बाद में वहाँ से चला आया, लेकिन अब जब भी हमको मौका मिलता है तो वो मुझको फोन करके बुला लेती है और हम भरपूर सेक्स का मज़ा लेते है.

  • देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.

    दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.

    दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.

    दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.

    में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.

    वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.

    जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.

    मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.

    फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.

    वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.

    फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.

    में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.

    फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.

    फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.

    फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.

    फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.

    मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.

    मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.

    उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.

    फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.

    फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.

    फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.

    दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.

    अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.

    फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.

    गीता : हैल्लो, भाभी.

    में : हाँ गीता बोलो?

    गीता : अभी आप कहाँ पर हो?

    में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.

    गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.

    में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?

    गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.

    में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?

    गीता : हाँ ठीक है बाय.

    तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.

    फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.

    फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.

    फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.

  • धोबी ने मेरी बहन को चोदकर छिनाल बनाया

    हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और उसमें मेरी बहन को हमारे घर पर आने वाले एक धोबी ने मेरी आखों के सामने चोदा. यह चुदाई मेरी बहन की पहली चुदाई थी और में उसे अपने सामने चुदता हुआ देखता रहा. दोस्तों हमारे परिवार में हम चार सदस्य है. मेरे पापा, मम्मी, में और मेरी बड़ी बहन. मेरे पापा एक सरकारी विभाग में नौकरी करते है और मेरी माँ एक कॉलेज में प्रोफेसर है इसलिए वो दोनों हर दिन सुबह चले जाते है और शाम को घर पर वापस आते है.

    अब में आप सभी को मेरी बहन के बारे में बताता हूँ दोस्तों वो एक बहुत ही शरीफ सीधी साधी लड़की है जिसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और वो दिखने में बहुत सुंदर है और दूध की तरह बिल्कुल गोरी है उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है उसके बूब्स बहुत बड़े और एकदम सुडोल है. उसकी मटकती हुई गांड उसके कॉलेज के सभी लड़कों को उस पर लाईन मारने पर मजबूर करती है, लेकिन वो कभी भी किसी को भी भाव नहीं देती है और वो दिखने में बिल्कुल हिरोइन जैसी लगती है. उसके फिगर का साईज 36-27-37 है और उसके बूब्स और नाभि बहुत ही सेक्सी है और उसके चूतड़ देखकर किसी बूढ़े आदमी का भी लंड खड़ा हो जाए.

    दोस्तों यह बात तब की है जब हम दोनों के कॉलेज में उस समय छुट्टियाँ चल रही थी इसलिए उन दिनों हम दोनों ही घर पर रहते थे और हमारे घर के पास में एक धोबी रहता है, जिसे हम अपने घर के सभी कपड़े धोने के लिए देते थे. उस धोबी की उम्र करीब 45 साल होगी और वो हमारे घर पर हमेशा कपड़े देने आता जाता रहता था.

    मुझे कई बार ऐसा लगता था कि शायद उसकी गंदी नज़र मेरी बहन पर है, क्योंकि वो हमेशा किसी ना किसी बहाने से मेरी बहन तक पहुंचने और उसे छूने की कोशिश किया करता था, लेकिन में यह बात सोचकर अनदेखा कर देता कि वो इस उम्र में ऐसा कोई गलत काम नहीं कर सकता और उसके देखने, छूने से कुछ नहीं होता, लेकिन एक दिन जब वो कपड़े देने आया तो उस समय घर पर कोई भी नहीं था और में अकेला था और मेरी बहन अपनी किसी दोस्त के घर पर किसी काम से गई हुई थी. फिर मैंने उससे कपड़े ले लिए जब उसने मुझसे कहा कि भैया मुझे थोड़ा पानी पीला दो तब मैंने उसे किचन से पानी लाकर दे दिया और वो वहीं पर खड़ा खड़ा पानी पीने लगा.

    तभी उसी समय मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आ गया और मुझे लगा कि वो कुछ देर बाद पानी पीकर चला जाएगा और यह बात सोचकर में फोन पर बात करते हुए उसे वहीं पर अकेला छोड़कर अपने कमरे में चला गया, लेकिन उसने तुरंत उस बहुत अच्छे मौके का फायदा उठा लिया और उसने देखा कि में अपने फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने में व्यस्त हूँ, इसलिए वो तुरंत मेरी बहन के बाथरूम में जाकर मेरी बहन की पेंटी को सूंघने लगा और वहीं पर उसके बारे में सोचकर मुठ मारने लगा.

    फिर जब मैंने कुछ देर बात करने के बाद अपना कॉल कट किया और बाहर आकर देखा तो वो मुझे मेरी बहन के रूम से बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया और जब मैंने उससे पूछा कि अंकल आप अब तक नहीं गये? तो उसने हड़बड़ाते हुए मुझसे बहाना बनाते हुए कहा कि बेटा में गलती से ग़लत रूम में चला गया था, मुझे नहीं पता था कि वो किस कमरे का रास्ता है. दोस्तों वो जबकि उससे पहले भी बहुत बार हमारे घर पर आ चुका था, में तुरंत समझ गया कि वो जानबूझ कर मेरी बहन के कमरे में गया था और वो मुझसे अब बिल्कुल झूठ बोल रहा है. अब मुझे उस पर शक हुआ और उसके जाने के बाद में दीदी के रूम में चला गया और अंदर बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था तो मैंने अंदर जाकर देखा तो मेरी बहन की एक पेंटी नीचे पड़ी हुई थी और मैंने उसे उठाकर देखा तो उस पर उस धोबी का वीर्य लगा हुआ था.

    फिर में तुरंत समझ गया कि उस हरामी ने मेरी बहन की पेंटी के साथ क्या किया है? मुझे उसकी इस गंदी हरकत पर बहुत गुस्सा तो आया, लेकिन एक जबरदस्त मज़े वाला अहसास भी आया. फिर में सोचने लगा कि उसने सिर्फ़ मुठ ही तो मारी है वो और कुछ भी कर सकता था, लेकिन जैसे जैसे दिन गुज़रते गये और में अब उस बात को भूलने लगा.

    एक दिन की बात है, में घर पर बैठा हुआ मुठ मार रहा था और में उस समय दरवाजे को अंदर से बंद करना भूल गया, तो वो उस दिन चुपचाप अंदर आ गया और उसने मुझे मुठ मारते हुए देखकर मेरे पीछे खड़ा होकर मेरा एक वीडियो बना लिया. उस समय में झड़ने वाला था और बहुत जोश में था इसलिए मैंने अपनी दोनों आखें बंद की हुई थी और फिर उसने आवाज़ देकर मुझसे पूछा कि क्या कर रहा है?

    में उसे देखकर एकदम से बहुत डर गया और मैंने जल्दी से अपनी अंडरवियर को ऊपर किया और अब में उससे बोला कि अंकल प्लीज यह बात आप किसी को मत बोलना, लेकिन उस हरामी ने मुझसे तुरंत कहा कि हाँ में किसी को कुछ भी नहीं कहूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने उससे पूछा कि वो क्या है बताओ मुझे? तभी वो मुझसे कहने लगा कि तू मुझे तेरी दीदी के मोबाईल नंबर लाकर दे और उसका मेमोरी कार्ड भी मुझे लाकर दे. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है में आपको मेरी बहन के मोबाईल नंबर दे सकता हूँ, लेकिन मेमोरी कार्ड नहीं दे सकता.

    फिर वो मुझसे बोला कि ठीक है अब में यह वीडियो सबको दिखा दूंगा, दोस्तों में उसकी इस बात को सुनकर बहुत डर गया और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आप मेरी दीदी के साथ क्या करोगे? तो वो बोला कि वही सब जो एक मर्द एक औरत के साथ करता है. अब मैंने उसे मना किया और बहुत बार समझाया, लेकिन वो मेरी एक भी बात नहीं माना और फिर वो घर से बाहर चला गया, वो जाते समय मुझसे बोला कि कल उसे किसी भी हाल में कार्ड चाहिए.

    अगले दिन दीदी कॉलेज से आई और आते ही वो खाना ख़ाकर दिन में सोती है और मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए चुपचाप उसके मोबाईल का कार्ड निकाल लिया और धोबी को जाकर दे दिया.

    में उससे बोला कि जो करना है जल्दी से करो और उसने कार्ड से सब कुछ कॉपी करके मुझे वापस दे दिया. फिर मैंने उससे पूछा कि अपने यह सब क्यों किया. फिर वो मुझसे गाली गलोच करने लगा वो मुझसे बोला कि बहनचोद तेरे काम से मतलब रख समझा ना चूतिए. फिर में वहां से निकल गया और फिर उसी रात को मैंने करीब दो बजे उठकर मेरी दीदी का फोन चेक किया तो मैंने देखा कि व्हाटसप पर उस धोबी के बहुत सारे मैसेज पड़े हुए थे

    धोबी : हाए.

    दीदी : तुम कौन हो?

    धोबी : मेरी जान में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, जब से मैंने तुम्हे देखा है में तुम्हारा बिल्कुल दीवाना हो गया हूँ.

    दीदी : चुप करो अपनी यह बकवास, क्या तुम पागल हो.

    धोबी : एक मिनट रूको, फिर तुम चाहो तो जरुर बंद कर देना.

    अब उस धोबी ने दीदी को दीदी की फोटो जो उसके पास थी और बहुत सारी सेक्सी फोटो भी भेजी और उन सभी फोटो में मेरी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी.

    दीदी : क्यों यह फोटो तुम्हारे पास कहाँ से आई?

    धोबी : जानेमन में तेरे प्यार में सब कुछ कर सकता हूँ, अब अगर तूने मुझसे बात नहीं की या मुझे हटा दिया तो में यह सभी फोटो सबको भेज दूंगा और तुझे एक रंडी बना दूंगा, इसलिए अब तू सबसे पहले तेरे घर वालो की इज्जत के बारे में भी थोड़ा सोच लेना.

    दीदी : प्लीज तुम ऐसा मत करो, मुझे बताओ कि तुम्हे क्या चाहिए?

    धोबी : में तुझे सही समय आने पर वो सब एक दिन जरुर बता दूंगा.

    दीदी : हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज किसी को वो फोटो मत भेज देना.

    धोबी : हाँ ठीक है जानेमन, तुम कहती हो तो में रुक जाता हूँ, लेकिन तुम्हे अब वो सब करना होगा जो में तुमसे करवाना चाहता हूँ वरना ना करने का अंजाम तुम बहुत अच्छी तरह से जानती हो.

    फिर उसके अगले दिन धोबी हमारे घर पर दोबारा आ गया और फिर दीदी उसे देखकर उससे कपड़े लेने चली गई और जैसे ही दीदी कपड़े लेकर पीछे की तरफ मुड़ी तो उसने सही मौका देखकर दीदी के चूतड़ को दबा दिया.

    दीदी कहने लगी कि अंकल यह क्या बत्तमीजी है और आप मेरे साथ यह क्या कर रहे हो क्या आपको बिल्कुल भी शरम नहीं आती? तो मुस्कुराते हुए बोला कि जानेमन अभी तो मुझे तेरे साथ बहुत कुछ करना है, अभी तो मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे तू मुझसे इतना नाराज हो रही है. दोस्तों दीदी उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल चकित हो गई और अब वो समझ गई कि धोबी ही वो इंसान है जिसने कल रात को उनके नंबर पर वो मैसेज किए थे.

    दीदी : प्लीज बताओ ना अंकल आप मेरे साथ ऐसा क्यों करे हो, मैंने आपका क्या बिगाड़ा है?

    धोबी : क्योंकि में तुझसे बहुत प्यार करता हूँ.

    दीदी : क्या अपने आपकी मेरी उम्र देखी है? और आप तो मुझसे उम्र में भी बहुत बड़े हो.

    धोबी : हाँ जानेमन देखी है, लेकिन कभी भी जिस्म की भूख में उम्र नहीं देखी जाती और में सिर्फ़ तुझसे प्यार करना चाहता हूँ, शादी नहीं.

    दीदी : अंकल में इन सब चीज़ो में नहीं पड़ना चाहती हूँ और मुझे इसमे बहुत डर भी लगता है, प्लीज आप मुझे मेरा कार्ड दे दीजिए प्लीज.

    धोबी : अब ज्यादा फालतू की बातें मत कर, बहुत मज़ा आएगा और कल में दोपहर को तेरे घर पर आ जाऊंगा, तू एकदम तैयार रहना मेरी जानेमन.

    दीदी : अंकल नहीं प्लीज, मेरा भाई भी दिन में घर पर ही होगा.

    धोबी : में सब संभाल लूँगा और वो दीदी के बूब्स दबाकर मुस्कुराता हुआ वहां से चला गया.

    फिर जब शाम को में मेरे एक दोस्त के घर पर जा रहा था तब उस धोबी ने मुझे रोककर अपनी पूरी बात मुझे बताई और फिर वो मुझसे बोला कि तू कल दिन में घर पर मत रहना, दोपहर के दो बजे से चार बजे के बीच में. अब मैंने उससे कहा कि अगर मेरी बहन इस काम को तुम्हारे साथ करने के लिए राज़ी है तो मुझे इसमे कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर उसकी बिल्कुल भी इच्छा नहीं है तो प्लीज तुम उसे कुछ मत करना.

    फिर धोबी ने मुझसे कहा कि तेरी बहन की मेरे साथ सेक्स करने की बहुत ज़्यादा इच्छा है, लेकिन वो बता नहीं रही और अगर ऐसा भी है तो तू खुद वहां पर आकर अपनी आखों से देख लेना. फिर मैंने कहा कि ठीक है दरवाजा बंद मत करना, दोस्तों मुझे उसकी बातें सुनकर उस पर गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन में मज़बूर भी बहुत था और एक तरफ जोश में भी था.

    फिर अगले दिन में दोपहर को करीब 1:30 पर ही अपने घर से बाहर निकल गया और करीब आधे घंटे बाद 2 बजे घर के पीछे पहुंच गया और देखने लगा. धोबी के घर के अंदर घुसने के बाद में भी चुपचाप अंदर चला गया. अब मैंने देखा कि दीदी उस समय बहुत डरी हुई थी. धोबी ने दीदी को अपनी गोद में उठाया और सीधा बेडरूम में ले गया और उसने मेरे लिए बेडरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला रखा, जिससे में बाहर से ही वो सब कुछ देख लूँ जो अंदर मेरी दीदी और उस धोबी के बीच होने वाला था.

    धोबी : क्या हुआ जानेमन तुम मुझसे इतना क्यों डर रही हो?

    दीदी : वो इसलिए क्योंकि मैंने इससे पहले कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया है.

    धोबी : वाह फिर तो हमे सेक्स करने में बहुत मज़ा आएगा, काश में तेरा पति बन सकता?

    दीदी : अंकल प्लीज यह सब रहने दीजिए, प्लीज आप मुझे छोड़ दो.

    धोबी : में तुझ जैसी परी को कैसे छोड़ दूँ? हाँ, लेकिन तुझे में चोद तो ज़रूर सकता हूँ.

    दीदी : ठीक है अंकल आपको जो कुछ मेरे साथ करना है करो, लेकिन थोड़ा जल्दी करो और मेरे भाई के आने से पहले मुझे मेरा कार्ड देकर आप प्लीज यहाँ से चले जाओ.

    धोबी : तुमने क्या इससे पहले कभी किसी को किस किया है या फिर किसी के साथ सेक्स किया है?

    दीदी : मैंने ऐसा कुछ भी अभी तक नहीं किया.

    धोबी : वाह इसका मतलब तेरी चूत पूरी तरह से सील पेक है.

    दीदी : क्या मतलब?

    धोबी : थोड़ा सा रुक, में अभी तुझे सब कुछ समझाता हूँ.

    अब धोबी दीदी को किस करने लगा, लेकिन दीदी उसका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थी और फिर वो किस करते हुए अपने एक हाथ से दीदी के बूब्स को दबाने लगा और अपने दूसरे हाथ से दीदी के पजामे में हाथ डालकर वो मेरी दीदी की चूत को सहलाने लगा. उसने दीदी की चूत में अपनी ऊँगली को अब धीरे धीरे अंदर बाहर करना भी शुरू कर दिया था जिसकी वजह से अब दीदी धीरे धीरे गरम होने लगी थी और अब वो दीदी की नाभि में अपनी उंगली को डाल रहा था और धीरे धीरे उनका पेट मसल रहा था, जिसकी वजह से अब दीदी का भी सब्र टूटने लगा. फिर वो भी जोश में आकर उसका पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो दोनों अब किस करने लगे.

    उनका यह किस थोड़ी देर तक चला और उसके बाद धोबी ने अपनी पेंट को खोल दिया और वो दीदी से बोला कि जल्दी से नीचे बैठकर मेरा लंड चूस, लेकिन दीदी साफ मना करने लगी और वो बोली कि आपका यह बहुत मोटा है. दोस्तों धोबी का लंड करीब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, लेकिन बहुत कहने और समझाने के बाद वो मान गई. अब मेरी दीदी अपने घुटनों पर नीचे बैठकर उसका लंड चूसने लगी है, वो बिल्कुल एक सेक्सी फिल्म की किसी रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी और धोबी चिल्ला रहा था आह्ह्ह्ह और ज़ोर से चूस आआहा मेरी रांड. अब उसने दीदी की टी-शर्ट को उतार दिया और उसका पजामा भी उतार दिया.

    फिर उसने पेंटी और ब्रा को भी उतार दिया. दोस्तों मेरी दीदी अब उसके सामने पूरी नंगी खड़ी हुई थी और वो मेरी दीदी के बूब्स को मसलने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और बार बार उन दोनों बूब्स के बीच में अपना तनकर खड़ा, गरम लंड रगड़ रहा था और दीदी की नाभि को चाट रहा था, लेकिन अब दीदी से भी ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा था और वो भी अब धोबी के पूरे कपड़े खोलकर उसका लंड वापस चूसने लगी.

    फिर वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गए और धोबी अब मेरी दीदी की चूत को अपनी जीभ से कुत्ते की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से दीदी ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह अंकल प्लीज आईईईईईइ थोड़ा और अंदर करो अंकल उफ्फ्फ्फ़. अब वो दोनों टाईम देखने लगे और उस समय करीब 3 बज रहे थे. फिर दीदी कहने लगी कि हमारे पास सिर्फ अब एक घंटा और है प्लीज अब थोड़ा जल्दी से इसे मेरे अंदर डाल दीजिए.

    फिर अंकल ने तुरंत अपना लंड दीदी की चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगे, लेकिन लंड अंदर ही नहीं गया और दीदी उस दर्द से तड़प गई. फिर धोबी अंकल ने बहुत सारा वेसलीन अपने लंड पर लगते हुए कहने लगे कि तुम्हारी सील अब खुलेगी और धीरे धीरे ज़ोर लगाते हुए अंदर डालने लगे, लेकिन दीदी उस दर्द के मारे बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी.

    फिर धोबी ने किस करना शुरू कर दिया और वो बूब्स भी दबाता रहा और हल्के हल्के धक्के भी लगाता रहा, जिसकी वजह से ज़ोर ज़ोर से दीदी की सिसकियाँ अब और भी तेज़ होने लगी आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह अंकल प्लीज थोड़ा धीरे डालिए आईईईईई प्लीज मुझे कुछ हो रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अब बाहर निकालो इसे प्लीज आह्ह्ह्ह, लेकिन धोबी तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और करीब 15 मिनट तक लगातार चोदने के बाद धोबी कहने लगा कि अब मेरा निकलने वाला है बताओ क्या करूं?

    फिर दीदी चिल्लाती हुई बोली कि प्लीज बाहर निकाल लीजिए मेरे अंदर मत छोड़ना, लेकिन धोबी अब भी उसी स्पीड में धक्के देकर चुदाई करता रहा और वो दीदी से कहने लगा कि तुझे तो में अपने होने वाले बच्चे की माँ जरुर बनाऊँगा उह्ह्ह्ह अब मेरा वीर्य निकलने वाला है और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी दीदी की चूत में डाल दिया. अब वो दीदी के ऊपर गिर गया और वो दोनों करीब पांच मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे.

    फिर धोबी ने दीदी को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उसके बाहर निकालते ही चूत से खून और उसका वीर्य दोनों ही एक साथ किसी नदी की तरह बहते हुए बाहर आ गए और अब दीदी बेडशीट पर अपनी चूत से निकला हुआ वो खून देखकर बहुत डर गई और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. तभी धोबी उन्हें समझाने लगा कि यह सब हर किसी के साथ उसकी पहली चुदाई में होता है, लेकिन तू तो अब यह बता कि तुझे अपनी चुदाई में मज़ा आया या नहीं? दीदी शरमाते हुए अपने सर को नीचे झुकाते हुए बोली कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया, लेकिन वो आपका बहुत बड़ा है मुझे उसकी वजह से दर्द के साथ साथ बहुत खून भी निकला, शायद उसकी वजह से मेरे अंदर अब जलन होने लगी है.

    धोबी : कोई बात नहीं है अब आज से तू मेरी रंडी है, तू इसकी आदत डाल ले और अब तू मेरे बच्चे की माँ बनने को तैयार हो जा.

    दीदी : आप क्या पागल हो, अभी मेरी उम्र ही क्या है? और प्लीज आप अगली बार से मेरे साथ कुछ भी करो तो प्लीज कंडोम लगाकर करना प्लीज.

    धोबी : जानेमन कंडोम लगाकर चुदाई करने में वो मज़ा नहीं आता जो बिना कंडोम के आता है. चल अब में चलता हूँ और तू अपना ध्यान रखना.

    दोस्तों उस धोबी के हमारे घर से चले जाने के कुछ देर बाद जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि मेरी दीदी मुझे बहुत खुश लग रही थी. में उसकी ख़ुशी का मतलब समझ गया था और फिर यह सिलसिला ऐसे ही लगातार चलता रहा और अब धोबी मेरी दीदी को चोदता रहा. अब जब भी मन करता तब मेरी बहन को दोपहर के समय चोदने आ जाता था और अब उसने मुझे पैसे देने भी शुरू कर दिए थे. में बहुत मजबूर था क्योंकि मेरी दीदी भी उसके साथ उससे चुदकर बहुत खुश थी और अब मेरी दीदी एक बहुत बड़ी रंडी बन चुकी है और वो लंड की आदी हो गई है और धोबी के साथ चुदाई करवाने के लिए वो अब कुछ भी कर सकती है और उन दोनों की चुदाई अब भी लगातार हर कभी होती रहती है. उसने मेरी शरीफ बहन को चोद चोदकर अपनी बहुत बड़ी छिनाल बना दिया है.

  • दोस्त की बीवी के साथ सुहागरात मनाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर आनंद है और में मुंबई से हूँ. मेरी उम्र 27 साल है, मेरी हाईट 6 फुट है और दिखने में सुंदर हूँ और में एक कंपनी में जॉब करता हूँ.

    ये बात आज से 2 साल पहले की है जब में एक कंपनी में जॉब करता था. वहां पर बहुत से लड़की और लड़के मेरे दोस्त थे, मेरे दो दोस्तों की शादी होने वाली थी और दोनों मेरे अच्छे दोस्त थे. एक लड़की जिसका नाम कुसुम था और लड़के का नाम राकेश था. कुसुम से मेरी अच्छी दोस्ती थी. कुछ दिन पहले हम बहुत अच्छे दोस्त थे और हमारे बीच किसिंग तक बात पहुँच गई थी, लेकिन तभी मैंने कंपनी चेंज कर ली थी. उसके बाद से मेरी और कुसुम की मुलाकात कम हो गई, बस कभी-कभी फोन पर बात होती थी.

    कुछ दिन बाद उसका कॉल आया कि वो और राकेश शादी कर रहे है और उसने मुझे शादी में बुलाया था. दूसरी तरफ राकेश ने भी मुझे अपनी शादी के बारे में बताया और अपनी शादी में इन्वाइट किया. शादी के दिन कुसुम ने लाल कलर की साड़ी का जोड़ा पहना था. कुसुम की हाईट 5 फुट 4 इंच थी, रंग गोरा, गाल फूले हुए और आँखे बड़ी-बड़ी थी. होंठ पतले और बाल लंबे, बूब्स 36 और कमर 26, कूल्हे 36 थे. मुझे ये सारी बात तब पता चली थी जब हमारे बीच में अच्छे रिश्ते थे. वो बहुत सेक्सी थी.

    में उसको तभी चोदना चाहता था, लेकिन तब किसी कारण से ऐसा कर नहीं पाया था और अब जब उसकी शादी हो रही थी तो मुझे अफ़सोस हो रहा था कि आज तो उसे राकेश जमकर उसके इस खूबसूरत जिस्म का मज़ा लेगा और जमकर उसकी चूत को चोदेगा. उसने जो ब्लाउज पहना था, उसका गला भी बहुत गहरा था, जिससे उसके बूब्स के ऊभार के साथ दोनों बूब्स के बीच की लाईन साफ दिख रही थी.

    फिर दोनों की शादी हुई, हम कुछ दोस्त उन दोनों के पास गये और उन्हें शादी की बधाई दी. फिर अपने-अपने घर जाने के लिए तैयार हुए, तब राकेश ने कहा कि अरे अभी तुम लोग घर नहीं जाओगे, आज तो मेरे पास पार्टी करने का आख़िरी मौका है. हम 5 दोस्त थे, फिर हम राकेश के घर गये. आज राकेश की सुहागरात थी और उसका घर छोटा था.

    इस वजह से उसके सारे रिश्तेदार उसके दूसरे घर पर रुके थे, जहाँ उसके पापा-मम्मी और उसकी बहन रचना जिसकी उम्र 19 साल थी और वो 12 वीं क्लास में पढ़ती थी, उसका एक छोटा भाई भी था जो उनके साथ रहता था. फिर हम सब राकेश के घर पर पहुँच गये थे, राकेश और उसकी पत्नी कुसुम ऊपर चले गये और हम 5 दोस्त नीचे बैठ के गप्पे मारने लगे और वाईन की एक बोतल जो राकेश हमें ऊपर जाने से पहले देकर गया था, हमने वो बोतल खोलकर एक एक पेग लगाया. तब तक राकेश भी ऊपर से कपड़े चेंज करके आ गया और बोलने लगा तुम सब ने मेरे बिना ही पार्टी शुरू कर दी.

    मैंने मज़ाक किया कि हमें तो लगा कि तू तो अब सुबह ही हमसे मिलेगा, इतनी जल्दी तेरा काम हो गया? ये बात बोलकर हम सब दोस्त हंसने लगे. राकेश भी हमारे साथ बैठते हुए बोला कि अबे सालो अभी तो मैंने सिर्फ़ चाय पी है, डिनर तो अभी बाकी है और उसके लिए थोड़ा मूड बनाना पड़ेगा. फिर हम सबने मस्ती मज़ाक के साथ पूरी बोतल जल्द ही खाली कर दी. तभी अनिल जो कि हमारे एक दोस्त का नाम था. उसने कहा कि क्या राकेश हम 6 लोग और बोतल सिर्फ़ एक, ये ग़लत बात है.

    हम सबको थोड़ी थोड़ी वाईन चढ़ने लगी थी, लेकिन शायद राकेश को ज्यादा ही चढ़ गई थी. वो जोश में आकर तुरंत एक और बोतल निकाल लाया और हमें देते हुए कहा कि सालो आज जमकर पियो, मेरे पास और स्टॉक में पड़ी है, जितनी चाहो उतनी पियो. तब अनिल ने कहा कि तुझे भी हमारा साथ देना पड़ेगा तो राकेश मान गया और कहा कि में बस 2 और पेग लूँगा. फिर चला जाऊंगा. फिर सबका नया पेग बना, सबने अपना पेग ख़त्म किया, इतने में हमारे साथ के 3 दोस्तों ने कहा कि यारों अब हम चलते है, हमें बहुत दूर जाना है और तुम लोग पार्टी चालू रखो. फिर वो निकल गये, अब वहां में, अनिल और राकेश थे. मेरा और अनिल का फ्लेट पास में ही था, इसलिए हमें कोई जल्दी नहीं थी, रात के अभी 12 बज रहे थे. हमें पार्टी करते हुए 45 मिनट हो गये थे.

    फिर अनिल ने एक-एक और पेग बनाया. इस बार का पेग पहले से डबल साईज़ का था. राकेश को बहुत चढ़ गई थी, वो ये पेग लेने से मना कर रहा था, लेकिन हमने उसे ज़बरदस्ती वो पेग लेने को मना लिया और कहा कि ये पेग ख़त्म कर और जाकर नया पेग खोलकर देख और मज़े ले.

    उसने भी हँसते हुए कहा हाँ यारों मेरी डार्लिंग मेरा इंतजार कर रही होगी, में कितने दिनों से उसे बोल रहा था कि जो काम शादी के बाद करना है वो हम अभी ही कर लेते है, लेकिन वो हमेशा मना करती रही कि नहीं शादी के बाद इसका अलग ही मज़ा होता है इसलिए सेक्स शादी के बाद ही करना चाहिये. आज तो में उसकी सारी अकड़ निकाल दूँगा, वैसे भी शराब पीने के बाद अच्छे अच्छे बहक जाते है, उन्हें पता भी नहीं होता कि वो क्या बोल रहे है और क्या कर रहे है. हम सबने अपना पेग ख़त्म किया और सिगरेट जलाई और थोड़ी देर तक वहीं बैठकर बातें करते रहे.

    थोड़ी देर के बाद में बाथरूम गया और 10 मिनट के बाद बाहर निकला. तब तक अनिल अपने घर जा चुका था और राकेश वहीं सो गया था. वो जोश में शायद ज्यादा ही पी गया था, चढ़ तो मुझे भी गई थी, लेकिन में अब भी होश में था. मैंने राकेश को जगाने कि कोशिश भी की लेकिन वो जागा नहीं. मैंने सोचा कि ऊपर जाकर कुसुम को बता देता हूँ कि राकेश नीचे सो गया है और में अब घर जा रहा हूँ, वो नीचे आकर दरवाजा बंद कर ले. ये सोचकर में ऊपर गया और उसके बेडरूम का दरवाजा लॉक नहीं था, बल्की ऐसे ही सटा हुआ था.

    मैंने हल्का सा धक्का देकर दरवाजा खोला और देखा अंदर बेड पर गुलाब के फूल बिखरे पड़े थे, कमरा फूलों से सज़ा था और कुसुम ने सफ़ेद गुलाबी कलर की नाइटी पहनी हुई थी. में उसके बेड के पास गया तो देखा कि उसकी नाइटी उसके घुटनों से ऊपर उठी हुई थी. उसके गोरे गोरे पैर चमक रहे थे, उसकी मोटी मोटी जांघे दिख रही थी. उसकी नाइटी भी बहुत पतली और पारदर्शी थी, जिससे उसका गोरा बदन साफ दिख रहा था. मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई जो कि दूध की तरह एकदम सफ़ेद आधे बाहर थे. अब मेरे मन का शैतान जाग गया था और मैंने राकेश की जगह खुद ही सुहागरात मनाने का प्लान कर लिया.

    में वहीं बेड पर उसके पास बैठ गया और उसकी नाइटी को और ऊपर सरकाकर उसकी कमर तक कर दिया. अब उसकी मोटी मोटी जाँघ और गुलाबी पेंटी साफ दिख रही थी. पेंटी में उसकी चूत का उभार और चूत के बीच की लाईन भी साफ दिख रही थी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी जाँघो को सहलाना शुरू किया और जैसे ही उसकी चूत पर मेरा हाथ गया तो वो जाग गई.

    पहले तो उसे लगा कि राकेश है तो उसने कुछ नहीं कहा. फिर उसे अहसास हुआ कि ये राकेश नहीं है तो वो झठ से उठकर बैठी और अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली तुम यहाँ क्या कर रहे हो? राकेश कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि राकेश नीचे पीकर सो गया है. में तो घर जा रहा था और राकेश जाग नहीं रहा था इसलिए तुम्हें बताने ऊपर आया, तो तुम्हारे खूबसूरत जिस्म को देखकर रुक गया.

    फिर मैंने उसे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और उससे बोलने लगा कुसुम डार्लिंग आई लव यू वेरी मच, मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हारा पहला प्यार तो में हूँ इसलिए तुम्हारे इस जिस्म पर पहला हक तो मेरा बनता है और में उसे किस करने लगा. वो मुझसे से छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन वो अपने आपको छुड़ा नहीं पा रही थी.

    उसने कहा शेखर तुम होश में नहीं हो, ये सब ग़लत है. में अब राकेश की पत्नी हूँ और राकेश तुम्हारा दोस्त है. तुम उसके साथ धोखा नहीं कर सकते. मैंने कहा में कौनसा तुमसे शादी कर रहा हूँ और ना ही अपने दोस्त राकेश से उसकी पत्नी को चुरा रहा हूँ, में तो बस तुमसे प्यार करना चाह रहा हूँ. कल से तो राकेश तुम्हें प्यार करेगा ही कुसुम ने मुझे बहुत समझाने की कोशिश की और खुद को छुड़ाने की भी भरपूर कोशिश की, लेकिन ना तो वो मुझे समझा पाई और ना खुद को मेरी पकड़ से छुड़ा पाई.

    फिर उसने कहा शेखर तुम पागल हो गये हो, तुम मुझे छोड़ो नहीं तो में चिल्लाने लगूंगी. तब मैंने उसे बताया कि अरे मेरी जान क्यों अपनी शादीशुदा लाईफ बर्बाद करने पर लगी हो, जो अभी शुरू भी नहीं हुई है. अगर राकेश ऊपर आयेगा तो में उसे तुम्हारे और मेरे बीच पहले क्या था, वो सारी बात बता दूँगा और उस समय की हमारी कुछ फोटो भी मेरे पास है, जो में उसे दिखा दूँगा. फिर क्या होगा डार्लिंग? तुम्हारी लाईफ तो बर्बाद हो जायेगी. अब वो रोने जैसा चेहरा बनाकर बोली कि प्लीज शेखर ऐसा मत करो. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो को चूसने लगा और अपने हाथों से उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.

    वो अब भी नहीं नहीं बोल रही थी तो मैंने उसे डांटते हुए कहा कि जो में कर रहा हूँ वो मुझे करने दो, नहीं तो में अभी राकेश को सारी बातें जाकर बता दूँगा. अब कुसुम के पास कोई और रास्ता नहीं था सिवाय कि वो मुझे मेरी मनमानी करने दे, वो अब शांत हो गई थी. मैंने कहा देख राकेश तो वैसे भी आज तुझे चोदने से रहा नहीं, तो समझ ले कि में ही राकेश हूँ और तू अपनी सुहागरात मना, क्या हुआ अगर उसकी जगह में हूँ तो. थोड़ी देर बाद में चला जाऊंगा तो तू कल राकेश के साथ फिर से सुहागरात मना लेना, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.

    अब वो राज़ी हो गई थी मज़बूरी में ही सही, मुझे क्या फर्क पड़ता है, मुझे तो बस उसे चोदने से मतलब था. में भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. उसकी मेहंदी से रचे हाथों में लाल रंग की चूड़ियाँ भरी हुई थी और उसके बूब्स बेरहमी से मसले जा रहा था और उसके होंठो और गालों को चूमने के साथ साथ अपने दांत भी चुभा रहा था और वो बस कसमसा रही थी.

    फिर मैंने उसकी नाइटी को निकाल कर उसके ज़िस्म से अलग कर दिया और उसकी ब्रा को भी खोलकर फेंक दिया. अब उसके दूध जैसे सफेद और बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखों के सामने थे, मैंने एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथों से मसल रहा था और उसके निप्पल को अपनी उँगलियों से बीच बीच में ज़ोर से मसल भी रहा था. फिर 15 मिनट तक में उसके बूब्स के साथ खेला फिर नीचे की तरफ आया. उसके सपाट पेट और गहरी सी नाभि में अपनी जीभ फेरने लगा.

    अब वो भी गर्म हो रही थी और मज़े ले रही थी. उसके मुँह से सिसकियां निकल रही थी और वो अपने हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी. में थोड़ी देर के लिए उठा और झठ से अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा होकर उसके ऊपर सवार हो गया. उसके ज़िस्म पर सिर्फ़ एक पिंक कलर की पेंटी थी, जिसके नीचे उसकी फूली हुई चूत छिपी हुई थी. मैंने झठसे उसकी पेंटी को निकाल कर फेंक दिया. अब उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने थी. उसने अपनी चूत के बाल आज ही साफ किए होंगे, क्योंकि उसकी चूत एकदम चिकनी थी, बालों का कही कोई निशान नहीं था, उसे पता था कि आज उसकी चूत चुदेगी इसलिए उसने इसे पहले ही साफ कर लिया था. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.

    फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया और में उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया था. मेरे हाथ उसकी मांसल जांघों पर फिसल रहे थे और मेरी जीभ उसकी चूत में सुराख खोज रही थी. फिर 10 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका शरीर कांपने लगा.

    उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग किया. में उसकी चूत को छोड़कर उसकी जांघों को चूमने लगा. उसके पैर भी एकदम सफ़ेद थे और एकदम चिकने थे, मेरे लगातार चूमने से उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और बार बार कह रही थी कि फक मी ओह आहह यू आर ग्रेट शेखर, तुमने मुझे पागल कर दिया, ओह बहुत मज़ा आ रहा है, आआअई हह. अगर मुझे पहले पता होता कि सेक्स में इतना मज़ा आता है और तुम मुझे इतना मज़ा दोगे तो में तुमसे पहले ही ये सब करवा चुकी होती, वो बड़बडाये जा रही थी.

    फिर मैंने उसे पेट के बल लेटा दिया और अब में उसकी पीठ और कमर को चूमे जा रहा था और वो मादक अदा से बेड पर मछली की तरह तड़प रही थी. अब में उसकी गांड तक पहुँच गया था. उसकी गांड बहुत कोमल और चिकनी और बड़ी थी. फिर मैंने उसकी गांड पर भी किस करना शुरू कर दिया और उसके कूल्हों को अपने दातों से काट भी रहा था और अपने हाथ से उसके कूल्हों को मसल भी रहा था और वो बेड पर उछल रही थी. मैंने उसे फिर से सीधा किया और अपने लंड को उसके दोनों बूब्स के बीच में रखकर उसके दोनों बूब्स को अपने लंड पर दबा दिया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा तो उसने खुद ही अपने बूब्स को पकड़कर ज़ोर से मेरे लंड पर दबा दिया. मैंने उसके मुँह को नज़दीक किया और अब मेरे लंड का सुपाड़ा उसके बूब्स को चोदता हुआ उसके मुँह में घुस रहा था, जिसे वो बड़े मज़े से अपने मुँह में ले रही थी और चूस रही थी.

    फिर 5-7 मिनट के बाद मैंने अपने लंड को उसके बूब्स से बाहर निकाला और उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा. में नशे में था इसलिए कुछ ज्यादा ही अपने लंड को उसके मुँह में अंदर तक डाल रहा था, जिससे मेरा लंड उसके गले तक पहुँच रहा था और वो बेचैन हुए जा रही थी. उसकी आँख से आसूं निकल रहे थे और वो मुझे दूर हटाने की भी कोशिश कर रही थी, लेकिन में तो वही कर रहा था जो मुझे करना था.

    फिर 5 मिनट तक उसके मुँह की चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला, तब जाकर कुसुम के अन्दर जान में जान आई और ज़ोर जोर से साँसे लेने लगी और बोली कि तुम पागल हो गये हो, एक तो तुम्हारा लंड इतना मोटा और लंबा है और मुझसे सांस भी नहीं लिया जा रहा था और तुम्हारा लंड मेरे गले में पहुँच रहा था.

    फिर मैंने उसके चेहरे को सहलाते हुए कहा कि कुसुम डार्लिंग इसे जंगली चुदाई कहते है और फिर मैंने उसकी टांगो को फैला दिया और उसके बीच में बैठ गया और उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. अब कुसुम ने कहा कि प्लीज शेखर ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चोदना, तुम्हारा लंड बहुत ख़तरनाक है, मेरी जान निकल जायेगी, प्लीज. मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि तुम टेन्शन मत लो जान, में आराम से ही करूँगा.

    तभी उसने बेड के किनारे से एक जेल का डब्बा दिया और कहा ये राकेश ले कर आया था. इसे अपने लंड पर और मेरी चूत पर ठीक से लगा दो इससे तुम्हारा लंड आसानी से मेरी चूत में घुस जायेगा और मुझे थोड़ा कम दर्द होगा. मैंने उसके हाथ से जेल का डब्बा लिया और अपने लंड पर ढेर सारा जेल लगा लिया और उसकी चूत को भी जेल से भर दिया. उसकी चूत का मुँह एकदम चिपका हुआ था, मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी फांको को अलग किया और उसके छेद को देखा, जो कि बहुत ही पतला था. मैंने अपनी उंगली उसके छेद में डाली तो वो उछल गई और बोली कि धीरे करो, दर्द हो रहा है.

    मैंने कहा ये तो मेरी उंगली है जान और जेल तुम्हारे छेद में लगा रहा हूँ डरो नहीं. फिर मैंने उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया. फिर 2 मिनट के बाद मैंने उंगली निकाली और अपने लंड को उसके छेद पर टिका दिया और उसके पैरों को उसके पेट की तरफ मोड़ते हुए में उसके ऊपर लेट गया और उसकी पीठ के पीछे से उसके दोनों कंधो को ज़ोर से पकड़ लिया, ताकि जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसे तो वो दर्द की वजह से वो हिले नहीं.

    फिर मैंने अपने लंड पर जोर लगाया तो लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसके अंदर घुसने लगा और उसके मुँह से कराहने की आवाज़ निकलने लगी, आई ह ऊईईईई रुको में मर गई, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके गालों, होंठो, कान और गले को चूमता रहा और अपने लंड को उसकी चूत में पेलता रहा. जेल लगी होने की वजह से लंड बड़े मज़े से उसकी चूत में फिसलता हुआ जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. अब तक 6 इंच लंड उसकी चूत के अंदर घुस चुका था और वो दर्द से कराह रही थी और छटपटा रही थी.

    में थोड़ी देर रुका और उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लगा. फिर 5 मिनट के बाद में उसके ऊपर से उठा और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. फिर 3-4 मिनट के बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को पूरा बाहर खींचा और एक जोरदार झटका मारा. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चूत की दीवार से जा टकराया, जिससे घप की आवाज़ आई और उसके मुँह से ज़ोर की चीख निकली, आई माँ उई मार डाला साले, तेरी माँ का, साले धीरे धीरे नहीं पेल सकता, तेरी गांड में अगर में डंडा डालूंगी तब पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है, वो कराह भी रही थी और मुझे गालीयां भी दे रही थी. फिर मैंने कहा कि बस जान, अब पूरा लंड तेरी चूत में घुस चुका है अब और दर्द नहीं होगा, उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. थोड़ी देर तक में भी रुका रहा और उसकी चूत को सहलाता रहा.

    फिर मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगने लगा. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था और तकिये पर गिर रहा था. तकिया भी उसकी चूत के खून से लाल हो गया था. फिर मैंने पास में रखे पानी से उसकी चूत पर लगा खून और मेरे लंड पर लगा खून साफ किया और थोड़ा और जेल अपने लंड पर और उसकी चूत में लगाकर फिर से उसकी चूत में घुसा दिया और झटके देने लगा. उसे अब भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था, लेकिन मेरे लंड के घर्षण से उसे मज़ा भी आने लगा था.

    फिर 10 मिनट के बाद अब वो भी अपनी गांड को हिला हिलाकर मेरा साथ देने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब वो एक बार फिर से गर्म हो गई थी और सिसकियां लेने लगी थी और बड़बडाना भी शुरू कर दिया था और चोद साले शेखर दम लगाकर चोद, आज तूने मेरी चूत फाड़ ही है, साले हरामी जितनी जान है उतनी जान से मेरी चुदाई कर. मुझे भी उसकी बातें सुनकर जोश आ रहा था और में भी जोरदार झटके दे रहा था.

    जब मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकराता तो वो थोड़ी उछल जाती और मुझे गाली देने लगती. चोद साले लंड के साथ तू भी घुस जा मेरी चूत में, में भी उसे गालीयां दे रहा था. साली तुझे तो में बहुत पहले ही चोदना चाहता था, लेकिन कोई बात नहीं, आज तुझे तेरी सुहागरात पर तेरे पति के घर में, उसके ही बेड पर तुझे चोदने का मज़ा ही कुछ और है, रंडी साली पहले तो बहुत नखरे कर रही थी, अब मज़ा ले मेरे लंड का. मेरे लंड से चुदवाने के बाद मेरा दावा है कि साले राकेश के लंड से तेरा मन नहीं भरेगा.

    पूरे रूम में गालियां गूँज रही थी और साथ में उसकी चूत से फक फक सट फक की मधुर आवाज़ आ रही थी. लगभग 20 मिनट तक और ऐसा चला. इस बीच वो एक बार और झड़ गई और वो मुझे रोकने लगी. वो बुरी तरह कांप रही थी और अपने हाथ से मुझे दूर धकेल रही थी, लेकिन में रुका नहीं और उसके हाथ को पेट पर दबा दिया और उसके ऊपर चढ़कर में और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदे जा रहा था और वो बुरी तरह कांप रही थी. उसके मुँह से आवाज़ तक नहीं निकल रही थी और उसने पेशाब करना शुरू कर दिया, उसके गर्म गर्म पेशाब की धार मेरे लंड पर बरसने लगी. उसकी चूत मेरे लंड पर झटके मार रही थी.

    फिर 5 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, वो रुक रुककर पेशाब करती रही, उसका शरीर कांपता रहा और चूत झटके मार मारकर पेशाब के साथ पानी भी छोड़ रही थी. पूरा तकिया और बेड गीला हो गया था. लेकिन मेरा लंड था कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. अब वो पूरी तरह बेजान सी बेड पर पड़ी थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके शरीर में कोई जान ही नहीं है.

    मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और उसे बेड से नीचे उतरने को कहा, लेकिन वो हिल ही नहीं रही थी. मैंने उसे उठाकर बेड के किनारे पर किया और उसे पेट के बल बेड पर लेटाया और उसके पैरों को नीचे ज़मीन पर कर दिया और उसकी टाँगे फैलाकर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर से उसकी चुदाई करने लगा. मेरे झटके से उसके बड़े बड़े कूल्हे हिल रहे थे.

    लेकिन वो अब भी बेजान सी पड़ी हुई थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे चोदता रहा. फिर 10 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और उसकी पीठ पर ही लेट गया. फिर 5 मिनट तक में उसके उपर ही लेटा रहा, फिर उठकर अलग हुआ और अपने कपड़े पहनने लगा. तब तक कुसुम भी उठकर बेड पर बैठ गई थी. मैंने उसकी तरफ देखा और स्माइल की तो उसने भी रिप्लाई में स्माइल की.

    मैंने कहा कि अब में जा रहा हूँ, अब तक हम लोगों को ये सब करते हुए 3 घंटे हो गये थे और रात के 3 बज रहे थे. तब कुसुम ने बेड कि हालत देखी और बोली देखो तुमने बेड की और मेरी क्या हालत कर दी है. आधी रात तो चुदने में निकल गई और बाकी की रात ये सब साफ करने में निकल जायेगी. वो बेड से उतरने लगी, जैसे ही वो खड़ी हुई तो थोड़ी लड़खडाई तो मैंने उसे थाम लिया. फिर वो बोली कि तुम्हारे लंड की चुदाई की वजह से मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है. अब ये सब साफ कैसे होगा? तो मैंने कहा में तेरी मदद कर देता हूँ.

    फिर मैंने उसके बेड के गद्दे को पलटकर बिछा दिया और कुसुम लंगड़ाती हुई दूसरा चादर ले आई और हम दोनों ने चादर बिछा दी और तकिये और चादर को कुसुम ने वॉशिंग मशीन में डाल दिया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम नहा लो तो तुम्हें कुछ आराम मिलेगा. वो नहाने बाथरूम में चली गई और में भी नीचे आया और देखा कि राकेश तो अब भी बेहोश लेटा हुआ है. उसे तो पता भी नहीं कि उसके कुछ किये बिना ही उसकी नई नवेली पत्नी की सुहागरात मन चुकी है.

    मैंने वहां पड़ी सिगरेट उठाई और जलाते हुए ऊपर कुसुम के कमरे में आ गया, कुसुम अन्दर बाथरूम में नहा रही थी और दरवाजा खुला ही था. में दरवाज़े पर जाकर खड़ा हो गया और देखा तो कुसुम खड़ी हो कर शॉवर ले रही है और नीचे फर्श पर पानी लाल होकर पड़ा है. फिर 2 मिनट के बाद कुसुम बाहर आई और अपनी ब्रा और पेंटी पहनी और नाईटी पहनते हुए बोली कि अब तुम जाओ, में ठीक हूँ. हांलाकि वो अब भी थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी.

    फिर मैंने उसे एक बार और किस किया और उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि जब कभी भी मेरे साथ चुदवाने का मन करे तो बोल देना. फिर उसने कहा कि नहीं, आज के बाद कभी नहीं, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी है, तुम जानवर हो. मेरी चूत भी बुरी तरह जल रही है. मैंने उसके कूल्हों पर थपकी मारते हुए कहा कोई बात नहीं जान, कल सुबह तक तुम ठीक हो जाओगी. में ये कहकर नीचे आ गया और पीछे पीछे कुसुम भी आई. मैंने कुसुम को बाय किया और उसने दरवाजा बंद कर दिया. मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और अपने फ्लेट पर चला गया.

  • दोस्त की चुदक्कड़ भाभी नयना

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मोन्टी है और में बरोड़ा गुजरात का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। दोस्तों मुझे सेक्सी कहानियाँ पड़ना बहुत अच्छा लगता है और में इस साईट से सालों से जुड़ा हुआ हूँ।

    दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे। उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।

    उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी।

    में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।

    थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था

    और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली।

    मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी।

    फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन।

    तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।

    में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।

    लड़की : हैल्लो।

    में : हाँ कौन?

    लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?

    में : हाँ आप कौन?

    लड़की : में नयना।

    में : कौन नयना?

    लड़की : अरे यार में करन की भाभी।

    में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।

    नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।

    में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।

    नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।

    में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।

    नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।

    में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?

    नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।

    में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।

    नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।

    में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।

    नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।

    में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।

    नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।

    में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?

    नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।

    में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।

    नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?

    में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।

    नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।

    में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?

    नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।

    में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?

    नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।

    में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?

    नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।

    में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?

    नयना : तुम जो भी समझो..।

    में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?

    नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?

    में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?

    नयना : ठीक है बाद में।

    में : ठीक है।

    नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।

    में : बाय।

    फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था।

    फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी।

    तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।

    नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।

    में : हाय।

    पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?

    में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।

    पीयूष : ठीक ठीक है।

    नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।

    में : हाँ भाभी।

    नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।

    में : ठीक है।

    नयना : बाय।

    में : बाय।

    पीयूष : बाय मोन्टी।

    में : बाय

    फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए?

    तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।

    तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं।

    मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।

    फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे?

    मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है।

    मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो?

    तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।

    मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?

    तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला?

    तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?

    तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ?

    तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया।

    तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।

    तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है।

    तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।

    तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना..

    मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया।

    तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया।

    फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।

    तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना।

    फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है।

  • शीतल को पटाकर दोस्त के घर पर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पीयूष है और में सेक्स में बहुत रूचि रखता हूँ. आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ और जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत जोश आएगा. दोस्तों में पीयूष दिल्ली का रहने वाला हूँ तो आज मैंने सोचा कि क्यों ना में भी अपना सच्चा सेक्स अनुभव आप लोगों को सुना दूँ, इसलिए में उस घटना को आप सभी के सामने आज लेकर आया हूँ.

    दोस्तों में दिल्ली की एक बहुत बड़ी प्राईवेट कंपनी में काम करता हूँ और में इस कंपनी में पिछले दो साल से काम कर रहा हूँ और उसी ऑफिस में बहुत सारी लड़कियाँ भी काम करती है, लेकिन उनमे से एक है जो उन सबसे कुछ ज्यादा हटकर है, जिसका नाम शीतल है और उसके फिगर का साईज 34-26-33 है.

    दोस्तों वो मुझे अक्सर लाईन दिया करती थी और में भी उसे बहुत पसंद किया करता था, लेकिन में कभी भी उससे अपने दिल की बात नहीं करता था, लेकिन वो बहुत सुंदर और एक अच्छे घर से थी तो इसलिए में उसे हमेशा जानबूझ कर अनदेखा किया करता था. एक दिन की बात है और देर रात को मुझे मेरे मोबाईल पर एक मैसेज मिला और उसे पढ़ने के बाद में मन ही मन सोचने लगा कि यह मैसेज किसका हो सकता है, लेकिन बहुत देर तक सोचने के बाद भी मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था कि यह मैसेज किसका है? तो मैंने भी उसे एक मैसेज भेज दिया और उससे पूछा कि तुम कौन हो? अब उसने मुझसे कहा कि में तुम्हारी वही पुरानी दोस्त शीतल.

    दोस्तों एक बार तो में उसकी यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि में उसको अब क्या जवाब दूँ, लेकिन फिर मैंने ना जाने क्या सोचकर उससे बहुत सारी बातें की और हम बहुत ही कम समय में एक बहुत ही अच्छे दोस्त भी बन गये, क्योंकि में उसको मन ही मन बहुत प्यार करता था और शायद वो भी मुझे चाहती थी, लेकिन उसने कभी मुझे बताया नहीं था. दोस्तों उसके दो चार दिन तक हमारे बीच सब कुछ ठीकठाक चलता रहा, लेकिन अचानक से एक दिन उसने खुद मुझसे आगे बढ़कर कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और वो दिन आ ही गया जब में भी उससे अपने दिल की बातें करने के बारे में सोचने लगा.

    दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से बहुत चकित हो गया, मुझे बिल्कुल भी अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन मैंने भी कुछ देर बाद पूरे होश में आकर बहुत खुश होते हुए उससे ऐसे ही हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगी हो कह दिया. फिर हमारे बीच में एक दो दिन ऐसे ही सब कुछ चलता रहा, अब हम दोनों हर दिन अपने लंच टाईम पर छत पर मिलते और वहीं पर हम दोनों अपना लंच भी करते और वो मेरे लिए अपने घर से बहुत अच्छा अच्छा खाना लाने लगी और अब मुझे अपने हाथों से भी खिलाने लगी. फिर उसके आगे हमारी बात और भी आगे बड़ी और हमने एक दूसरे को किस करना भी शुरू कर दिया था. फिर एक दिन मैंने उसे कहीं बाहर मिलने को बोला और वो मेरी बात एक बार में मान गई.

    वो रविवार का दिन था और उस दिन हम दोनों की छुट्टी भी थी और हम दोनों मेरे एक दोस्त के घर पर चले गये, वो वहां पर बिल्कुल अकेला रहता था और मैंने उसे पहले से ही अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में सब कुछ समझा रखा था. फिर जब हम उसके घर पर पहुंचे तो उसने हमारा उसके घर पर स्वागत किया और फिर वो हमें बैठाकर पानी पिलाकर वहां से तुरंत बाहर चला गया. फिर शीतल ने मुझसे पूछा कि वो कहाँ गया? तो मैंने उससे बोल दिया कि उसे एक कम्पनी में किसी इंटरव्यू के लिए जाना है.

    अब हम दोनों वहां पर अकेले बैठे रहे और बातें करते रहे, बातों ही बातों में हम सेक्स की बातों तक पहुंच गये और तब मुझे पता चला कि वो अभी तक वर्जिन है और मुझे उससे यह बात जानकर मन ही मन बहुत ख़ुशी थी कि अब कभी ना कभी उसकी चूत की सील मुझे ही तोड़नी है और मुझे उस भगवान ने इतनी सुंदर लड़की को चोदने का मौका दिया है.

    फिर मैंने महसूस किया कि शीतल धीरे धीरे गरम हो रही थी, उसकी नजरों से मुझे आज साफ साफ पता चल रहा था कि वो आज मुझसे क्या चाहती है और इसलिए मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए उसके होंठो पर एक अच्छे से किस किया और साथ में शीतल ने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया, करीब दस मिनट तक किस करने के बाद हम दोनों बहुत गरम हो गये थे. फिर मैंने उसके टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबा दिया, लेकिन वो हिलने लगी और फिर वो मुझसे बोली कि अह्ह्ह्ह मुझे ब्रा चुभ रही है. दोस्तों उसके मुहं से यह सब सुनकर मैंने एक मिनट भी खराब ना करते हुए उसका वो टॉप उतार दिया.

    दोस्तों उसके बाद मैंने क्या देखा, वो में आपको शब्दों में भी नहीं बता सकता कि वो उस गुलाबी रंग की डिज़ाईनिंग ब्रा में कितनी अच्छी और सेक्सी लग रही थी, इसके साथ साथ उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया.

    फिर मैंने उसको एक बार फिर से स्मूच किया और साथ साथ अपने एक हाथ से उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाता, सहलाता रहा और जिसकी वजह से वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मैंने अपने दूसरे हाथ से उसकी ब्रा को खोल दिया और मैंने जैसे ही उसकी ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटाया तो मेरे उसके वो बड़े आकार के एकदम गोल बूब्स को देखकर होश ही उड़ गये और उसके ऊपर वो सेक्सी हल्के भूरे रंग की चमकती हुई निप्पल को देखकर में बिल्कुल पागल हो गया.

    फिर मैंने बहुत जमकर उसके बूब्स को सक किया और वो अब पीछे नहीं हटी और वो मेरी जींस के ऊपर से ही मेरे लंड को हिलाने दबाने और लंड से खेलने लगी, उसकी इन हरकतों को देखकर में अब समझ गया था कि वो आज पूरी तरह मूड में है. फिर मैंने बिल्कुल भी टाईम खराब ना करते हुए सबसे पहले अपनी जींस को उतार दिया और फिर उसकी जींस को खोल दिया और उसने अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर करके मुझे अपनी जींस उतारने में साथ दिया और अब वो मेरे सामने पेंटी में थी और उसे देखकर में मन ही मन बहुत खुश था और मेरे अंदर बहुत जोश भरा हुआ था और फिर में भी उसके सामने बस अंडरवियर में था, अब हम दोनों अंडरवियर में एक दूसरे के सामने थे.

    फिर वो मुझे देखकर स्माईल करने लगी और जैसे ही मैंने उसकी पेंटी की तरफ देखा तो उसकी पेंटी चूत के पास वाले हिस्से से पूरी गीली थी और मैंने अपने लंड को अंडरवियर से आज़ाद कर दिया और अब मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसकी पेंटी को भी उतार दिया और वो तड़प उठी. फिर वो मुझसे बोली कि पीयूष प्लीज़ मुझे अब और मत तरसाओ, डाल दो ना इसे मेरे अंदर, प्लीज मुझे एक बार अपना वो डालकर उसका मजा दो और में उसे अपने अंदर लेकर महसूस करना चाहती हूँ, प्लीज पीयूष अब मुझे ऐसे क्या देखते हो जल्दी से करो ना?

    फिर मैंने भी सबसे पहले उसे अच्छी तरह से हर एक जगह किस किया गालों पर, होंठो पर, गर्दन पर, बूब्स पर, नाभी पर, उसके बाद मैंने धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए उसकी प्यासी, तड़पती हुई चूत को किस करना शुरू किया, लेकिन बहुत आराम आराम से जिसकी वजह से वो तड़प उठी और मचलने लगी. फिर मैंने उसकी उस साफ चूत में कभी ऊँगली तो कभी अपनी जीभ को अंदर करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो जोश में आकर पूरे मूड में आने लगी.

    फिर मैंने भी उसको मेरे लंड को किस करने के लिए कहा, लेकिन वो पहले थोड़ा नखरे करने लगी, क्योंकि उसने पहले कभी ऐसा नहीं किया था तो वो बोलने लगी कि यह गंदा है, में ऐसा नहीं करूंगी, लेकिन मेरे बहुत कहने और प्यार से समझाने पर मान गई. दोस्तों फिर उसके बाद उसने जो मेरे लंड को सक किया तो में अपनी पूरी ज़िंदगी भर उसे नहीं भूल सकता और ना ही उस अहसास को आपके सामने शब्दों में कह सकता हूँ कि मुझे उसके ऐसा करने पर कितना मजा आया?

    वो थोड़ी थोड़ी देर में अपना मुहं हटाने की कोशिश करती, लेकिन में उसके सर को पकड़कर उसे चूसने पर मजबूर करता. फिर कुछ देर के बाद मैंने उसको बेड पर सीधा लेटाकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया. मैंने बस थोड़ा सा धक्का देकर अंदर किया ही था कि उसकी चीख निकलने लगी, अहह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईईइ पीयूष प्लीज इसे अब बाहर निकालो, उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में उसके चीखने चिल्लाने और दर्द की परवाह ना करते हुए धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर करने लगा और उसका मुहं बंद करने के लिए में उसे लगातार स्मूच करता रहा, जिससे उसकी बाहर आवाज़ ना निकल सके.

    अब वो दर्द की वजह से रोने लगी और छटपटाने लगी, लेकिन में अपना चुदाई का काम लगातार करता रहा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा 6 इंच का लंच उसकी उस कुंवारी, प्यासी, तड़पती हुई चूत में पूरा अंदर डाल दिया तो ऊपर से वो रो रही थी और नीचे से मेरे ज़ोर के धक्को से उसकी उस चुदाई की वजह से उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने देखा कि कुछ देर बाद वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो मुझसे कह रही थी, आअहहाअ पीयूष दो और ज़ोर से धक्का दो पीयूष हाँ उह्ह्ह चोदो मुझे, अह्ह्ह्ह मेरे जानू. फिर मैंने भी उसको अब पूरे जोश में आकर धक्के देकर चोदना शुरू किया, उसने भी अपनी चूतड़ को उठाकर मेरे लंड को अंदर तक लेना शुरू किया और में करीब आधे घंटे तक उसको जमकर चोदता रहा.

    फिर जैसे ही मेरा काम होने वाला था तो मैंने उसको बोला कि शीतल बेबी मेरा काम अब होने वाला है तो वो मुझसे बोलती है कि जानू छोड़ दो अपना माल मेरे ही अंदर और मैंने भी ठीक वैसे ही किया और करीब दो मिनट बाद वो भी झड़ गई. उसके बाद हम दोनों उस चुदाई से बहुत थक गये और जिसकी वजह से हम वहीं पर लेटे रहे और बस एक दूसरे के गरम, नंगे जिस्म के साथ खेलने लगे.

    दोस्तों उस दिन हमने दो बार और सेक्स किया, लेकिन उसकी वो पहली चुदाई होने की वजह से उसकी हालत खराब हो गई और मैंने देखा कि उससे उठकर सीधे चला भी नहीं जा रहा था, लेकिन उसे उस दर्द की कोई परवाह नहीं थी, क्योंकि उसे तो मुझे जो सब चाहिए था वो सब मैंने उसे उसकी पहली चुदाई में दे दिया था और वो मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट नजर आ रही थी. दोस्तों उसके बाद भी मैंने उसको कई बार जमकर चोदा और उसने मुझे कभी मना नहीं किया और हमारी जरूरते एक दूसरे से पूरी होती रही.

  • दोस्त की बहन को पटाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ज़ैद है, में दिल्ली का रहने वाला हूँ और में पेशे से एक फोटोग्राफर हूँ, उम्र 22 साल, हाईट 5 फुट 7 इंच, शानदार बॉडी है और लंड 6 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है. वैसे तो इस कहानी के पहले तक में वर्जिन ही था और हाथ से मुठ मार मारकर थक गया था. मैंने इस साईट पर काफ़ी स्टोरी पढ़ी है, जिससे मुझे भी चुदाई का हौसला मिला. मुझे छोटी लड़कियों को चोदने का बड़ा मन करता है, खासकर कि जिनकी उम्र 18 से 24 साल हो और पतली फिगर वाली लड़कियां तो कमाल की लगती है.

    ये कहानी सोम्या नाम की लड़की की है और जब मैंने उसे चोदा था, तब उसकी उम्र 19 साल थी . ये कहानी 2 साल पुरानी है, सोम्या मेरे ही दोस्त की बहन है. 12वीं क्लास के बाद ग्रेजुयेशन के लिए जब मेरा दोस्त जयपुर गया तो उसे घरवालों ने नया फोन दिला दिया तो उसका पुराना फोन सोम्या के पास आ गया था. उसके पुराने फोन में मेरा नंबर सेव था, सोम्या मुझे जानती थी, क्योंकि में उसके घर आया जाया करता था और वो मेरी भी दोस्त थी. फिर एक दिन की बात है कि मुझे एक अंजान नंबर से मैसेज आया तो मैंने पूछा कि कौन? तो उसने बताया कि सोम्या. फिर ऐसे ही हमारी बात होने लगी, करीब एक हफ्ते के बाद उसने मुझसे पूछा कि आर यू वर्जिन? फिर मैंने कहा कि हाँ और तुम? तो उसने भी हाँ में जवाब दिया.

    फिर तो हम फोन पर ही सेक्स के बारे में बात करते रहते थे कि चूत में उंगली करने से मज़ा आता है, मुठ कैसे मारते है? फिर फ़ेसबुक पर एक दूसरे को पॉर्न वीडियो लिंक सेंड करना चलता रहता था, अब हम एक दूसरे से काफी खुल चुके थे. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हें लड़की चोदने का मन नहीं करता? फिर मैंने कहा कि एक बार मिल जाए तो चोद-चोदकर पलंग ही तोड़ दूँ, लेकिन लड़की कहाँ है?

    फिर मैंने उससे पूछा कि यार में मुठ मारूँगा तो क्या तू मेरा नाम लेकर एक बार चिल्लायेगी प्लीज? बड़ा मज़ा आयेगा और थोड़ा मनाने पर वो मान गयी. फिर मैंने अपने लेपटॉप पर उसकी प्रोफाइल पिक्चर खोली और उसे सेक्सी आवाज़े निकालने को कहा. अब इधर मेरा लंड फूलकर फटने को हो गया था. फिर मैंने कहा कि मेरा नाम चिल्ला तेज़ और चाहें तो अपनी चूत भी रग़ड लो, माँ कसम उसने जो आवाज़े निकाली मेरा तो लंड मुठ मार-मारकर दर्द कर गया. फिर जैसे ही मेरा मुठ झड़ा तो मैंने उससे कहा कि लव यू जानेमन आज तक इतना मज़ा कभी मुठ मारने में नहीं आया. फिर उसने भी कहा कि मेरी चूत गीली हो गयी और हम ऐसे ही मुठ मार करते थे.

    फिर एक दिन उसने मुझसे पूछा कि मेरी चूत बड़ी मचल रही है गाजर डालकर देख लूँ. फिर मैंने कहा कि मेरा लंड ले ले तो वो नहीं मानी और कहने लगी कि किसी को पता लग गया तो, नहीं बाबा मुझे चुदाई से बड़ा डर लगता है, मेरे लिए गाजर ही ठीक है. फिर मैंने सोचा कि 2 महीनों से इसकी चूत मारने को में गर्म कर रहा हूँ और मज़ा गाजर लेगी. फिर मैंने उसे बहुत समझाया कि चुदाई में बड़ा मज़ा आयेगा, लेकिन वो नहीं मानती थी और हर बार मना कर देती थी. फिर मैंने सोचा कि इसे चोदने का तगड़ा ही प्लान बनाना पड़ेगा, क्योंकि इतनी मेहनत से पकाई खिचड़ी कौन जाने देगा. फिर एक दिन मैंने स्कूल से छुट्टी मारी और उसे फोन किया कि आज हम दोस्त मूवी देखने के लिए जा रहे थे, लेकिन प्लान कैन्सिल हो गया और में अकेला हूँ, अब क्या करूँ? मुझे मालूम था कि उसके मम्मी, पापा दोनों जॉब करते है तो मैंने उससे कहा कि में तुम्हारे घर आ रहा हूँ तो उसने मना किया, लेकिन में नहीं माना और मेडिकल स्टोर से कंडोम का पैकेट और वाईन शॉप से बियर खरीद ली और उसके दरवाजे की डोर बेल बजा दी.

    फिर मैंने सामने देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, अब 33-26-32 के फिगर वाली, गोरी सी, मस्त पतली, सोम्या खड़ी थी. फिर मैंने सोचा कि आज तो पलंग तोड़ दूँगा. फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और वो पानी लेने चली गयी. फिर जब वो वापस आई तो वो स्कर्ट और टॉप में क़यामत लग रही थी, काले बाल, गुलाबी होंठ, मस्त गोल-गोल बूब्स में समा जाने वाली चूचियां, पतली कमर 26 की और गांड तो पूछो ही मत 32 की हवा में उछाल-उछाल कर चोदूं. अब उसके आते ही मैंने उससे कहा कि तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है. फिर उसने पूछा कि क्या? तो मैंने बताया कि तुम्हें बियर टेस्ट करनी थी तो इसलिए में लाया हूँ तो वो ख़ुशी से मेरे गले लग गयी, क्या बताऊँ दोस्तों जब उसकी चूचियां मेरी छाती से लगी? तो मेरा मन किया कि इसे यही चोद दूँ, लेकिन फिर हम बियर पीने लगे और मैंने सिगरेट जला ली, अब मैंने उसे इतनी पिला दी कि वो मस्त हो जाए.

    फिर मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी गोदी में बैठा दिया और उससे बोला कि प्लीज तेरी चूत फाड़ दूँ तो उसने हंसकर कहा कि में तुम्हारी तो हूँ जो मन में आए वो करो. बस इतना सुनते ही मेरे अंदर का जानवर जाग गया और मैंने उसका टॉप गले से फाड़ दिया और उसका टॉप फटकर लटक गया. अब वो डर सी गयी और कहने लगी कि में कही भागी थोड़ी जा रही हूँ.

    फिर मैंने कहा कि जानेमन मेरा पहली बार है तो कंट्रोल नहीं हो रहा है, आज तो में तुझे पूरे दिन चोदूंगा और मैंने उसकी गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया तो अब वो आहें भरने लगी. फिर मैंने अपने मुँह में उसका कान लिया तो वो पागल सी हो गयी. फिर हमने हमारी लाईफ की पहली स्मूच की. फिर हमारे होंठ मिले, अब में उसके लोवर लिप को बड़े प्यार से चूसता रहा और अब में अपने हाथ से उसके गाल सहलाता रहा और अपना दूसरे हाथ से उसकी टी-शर्ट में से ब्रा के ऊपर से उसके निप्पल मसल रहा था.

    फिर मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी और 5 मिनट चूसने के बाद मैंने उसकी बाकी की टी-शर्ट भी फाड़ दी और वो ऊपर से सिर्फ़ काली ब्रा और नीचे नीली स्कर्ट में थी. अब हम हॉल में थे तो मैंने उससे कहा कि बेडरूम में चलते है और उसे अपनी बाँहों में उठा लिया, यार वो इतनी हल्की थी कि मैंने पूछा तेरा वजन क्या है? तो उसने कहा कि 42 किलोग्राम है. फिर मैंने उससे कहा कि तुझे तो में उठा-उठाकर चोदूंगा और उसे अपने कंधे पर डालकर बेडरूम का दरवाज़ा खोला और उसे सीधा बेड पर फेंक दिया.

    फिर मैंने भी अपनी स्कूल यूनिफॉर्म उतार दी और सिर्फ़ चड्डी में बेड पर चढ़ गया और वो सेक्सी सी स्माईल दे रही थी. फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में खींचा और पीछे से हाथ डालकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए, जैसे ही ब्रा नीचे गिरी तो मैंने उसके बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए और चूसते-चूसते उसे लेटा दिया. अब उसका 32 साईज का एक पूरा बूब्स मेरे मुँह में था, अब मेरा मन कर रहा था कि इसे खा जाऊँ. फिर वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी ज़ैद और चूसो, प्लीज दूसरे वाले को भी चूसो.

    फिर मैंने उसकी स्कर्ट में हाथ डाल दिया तो वो एकदम से उछल गयी. फिर मैंने उसे खींचा और उसके मुँह पर उसके होंठो के पास एक जोर से किस दे दी तो वो चिल्ला पड़ी. फिर मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी, अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी और सफ़ेद चादर में गोरी सी अप्सरा मेरी बाँहों में थी. फिर मैंने अपने दातों से उसकी पेंटी उतारी और फेंक दी. फिर मैंने उसके पैरों को चूसना शुरू किया और उसकी दोनों जांघो को 10 मिनट तक चूसा, अब उसकी गुलाबी वर्जिन चूत मेरे सामने थी.

    फिर मैंने पहली बार उसे छुआ तो उसकी सिसकी निकल गयी. फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी तो वो कसमसा गयी और मैंने कहा कि अभी उंगली में इतना मचल रही है तो जब लंड लेगी तब क्या होगा? तो उसने कहा कि अपना वो तो दिखाओ तो मैंने पूछा कि वो क्या? तो उसने शरमाते हुए लंड कहा. फिर मैंने कहा कि लो खुद ही चड्डी उतार लो. फिर उसने जैसे ही मेरी चड्डी उतारी तो मेरा 6 इंच लम्बा लंड अब उसके सामने था.

    फिर उसने कहा कि अरे बाप रे ये लंड तो मेरी छोटी सी चूत का बैंड बजा देगा, नहीं बाबा मुझे नहीं करनी चुदाई. फिर मैंने कहा कि अरे कुछ नहीं होगा और में आराम से करूँगा. फिर बहुत मनाने पर उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और जैसे ही मेरे खड़े लंड पर उसके कोमल हाथों का स्पर्श हुआ तो में पागल हो गया. फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरी मुठी मारी. फिर मैंने उसे अपना लंड मुँह में लेने को कहा तो वो नखरे करने लगी. फिर मैंने ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया. फिर थोड़ी देर में उसने भी अपनी जीभ हिलाई और मज़े से चूसने लगी. अब 5 मिनट के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके बाल पकड़े और मुँह में लगातार धक्के लगाने लगा.

    फिर जैसे मेरा पानी निकला तो मेरी चीख निकली ओह बहनचोद मज़ा आ गया. फिर उसने एक लम्बी साँस ली और कहा कि भोसड़ी के तूने मेरी जान निकाल दी थी. फिर मैंने कहा कि डार्लिंग अब चूत चुसाई का मज़ा ले. फिर मैंने अपनी ज़ीभ से उसकी चूत को खूब चूसा. फिर वो अहह अहह और तेज़ चूसो अहह चिल्लाती रही. फिर मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी लिया.

    फिर उसने मुझे गले लगा लिया और कहा कि इतना मज़ा आएगा मैंने कभी नहीं सोचा था. फिर मैंने कहा कि असली मज़ा तो अभी बाकी है. फिर मैंने उससे कहा कि अपने हाथों से मेरा लंड सहला. फिर कुछ देर में मेरा लंड फिर से उसे चोदने के लिए तैयार हो गया. फिर मैंने अपने बैग से जब कंडोम का पैकेट निकाला तो उसने हंसकर कहा कि अच्छा तो मुझे चोदने की पहले से ही तैयारी है. फिर मैंने उससे कहा कि आजा रांड तेरा बैंड बजाऊँ. फिर मैंने कंडोम पहना और उसके ऊपर चढ़ गया.

    फिर मैंने उसकी दोनों टाँगे चौड़ी की और अपने लंड को उसकी चूत की दरार पर रखा और रगड़ा तो वो सिसक उठी और बोली कि डाल भी दो, अब और ना तड़पाओ. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और उसकी टांगो को अपनी कमर पर लपेट लिया और एक हाथ से उसकी गर्दन पकड़ी और एक हाथ से लंड चूत पर सेट किया और एक धक्का दिया.

    अभी मेरा सिर्फ़ आधा लंड ही अंदर गया था कि वो चिल्ला उठी हाइई दर्द हो रहा है प्लीज निकालो, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और जोर से उसे पकड़ा और अपना लंड घुसाता रहा. फिर जब मेरा लंड 4 इंच घुस गया तो वो रोने लगी, प्लीज मुझे जाने दो, में नहीं ले पाऊँगी, प्लीज मुझे छोड़ दो. फिर मैंने अपना लास्ट झटका दिया और उसकी चीख निकल गयी, अब उसकी सील टूट चुकी थी और अब वो अपने नाख़ून मेरी पीठ पर चुभा रही थी. फिर मैंने अपना लंड झटके से बाहर निकाल कर पूरी जान से वापस अंदर डाला तो वो चीख पड़ी.

    फिर मैंने धीरे-धीरे उसे चोदना शुरू किया तो 2 मिनट के बाद उसे भी मज़ा आने लगा, अब वो भी नीचे से अपनी गांड हिलाने लगी और अहहा अहहह करने लगी. फिर थोड़ी देर वैसे मारने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मारी और आगे झुककर उसके बूब्स भी मसले. अब वो भी मेरे झटको का जवाब अपनी गांड पीछे कर-करकर दे रही थी.

    फिर मैंने उसे गोद में उठा लिया और हवा में उछाल कर चोदने लगा. फिर थोड़ी देर तक ऐसे चोदने के बाद मैंने उसे बेड पर लेटाया और सूपर फास्ट धक्के लगाने चालू कर दिए. अब वो तो पागल ही हो गयी थी और तेज़ अहहहह अहह उम्म्म्मम और तेज़ और अंदर तक डालो, फाड़ दो मेरी चूत बना दो इसका भोसड़ा मेरे राजा, चोदो और चोदो, मुझे क्या मालूम था कि इतना मज़ा आयेगा? नहीं तो कब से चुद रही होती. अब इधर मेरी स्पीड अपनी लास्ट स्टेज पर थी, बस फिर मैंने एक धक्का मारा और मेरा फव्वारा छूट गया, उसकी चूत ने भी मेरे साथ ही पानी छोड़ दिया. फिर हम दोनों 20 मिनट तक एक दूसरे के ऊपर पर पड़े रहे.

    फिर मैंने उसे दुबारा चोदा और उस दिन उसे मैंने 5 बार चोदा. फिर बाद में हमने सेक्स को मजेदार बनाने के लिए सोचा कि वो स्कूल गर्ल और में टीचर, वो स्कूल यूनिफॉर्म में है या हम ऐसे बर्ताव करते है जैसे देवर भाभी या फिर नौकर नौकरानी. ऐसे खेलों में और मज़ा आता है.

  • दोस्त की बहन के साथ तीन दिन

    हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और जो अभी एक महीने पहले मेरे साथ घटी है. दोस्तों मेरा नाम रजत शर्मा है और में बी-कॉम के दूसरे साल में अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ. दोस्तों अपनी कहानी को शुरू करने से पहले में आप सभी को बताना चाहता हूँ कि यह मेरी पहली कहानी है तो अगर मुझसे कोई भी ग़लती हो जाए तो प्लीज आप सभी मुझे माफ़ जरुर करना. यह कहानी मेरे दोस्त की बहन की है जो 12th क्लास में पढ़ती है और उसका नाम पूजा है, लेकिन घर में सब उसे विन्नी बुलाते है और वो दिखने में बिल्कुल करीना कपूर लगती है और शायद उससे भी ज्यादा अच्छी और सेक्सी है. दोस्तों में बचपन से ही उसे जानता था, क्योंकि उसका भाई मेरा बहुत अच्छा दोस्त था और वो उस समय थोड़ी छोटी थी, लेकिन वो धीरे धीरे अपनी उम्र के साथ साथ बड़ी होती गई और अब एकदम गजब पटाका हो चुकी है, उसके फिगर का साईज 34-30-36 उसका गोरा रंग, वो बहुत मस्त और इतनी सेक्सी कि पूछो मत, आस पास के सब लड़के उस पर लाईन मारते और उसके सच्चे आशिक़ो की तो कोई कमी ही नहीं थी.

    दोस्तों मेरी उससे हमेशा किसी ना किसी छोटी बात पर लड़ाई होती ही रहती थी, लेकिन धीरे धीरे जैसे वो बड़ी हुई हमारी लड़ाई कम और दोस्ती बढ़ने लगी और अब में उसके साथ बहुत हंसी मजाक किया करता था और में मजाक़ में कभी कभी उसे कई बार छू भी लेता था और मन ही मन अब उसकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित होने लगा था और में मन ही मन उसकी चुदाई करने की बात सोचने लगा था. एक बार मैंने होली के दिन उसे रंग लगाने के बहाने उसके मुलायम मुलायम बूब्स को छुआ तो में मानो उस समय उनको छूकर जैसे जन्नत में चला गया और उसके बूब्स इतने मुलायम थे कि जैसे वो कोई रुई से बने हो और शायद उन्हें आज तक किसी ने छुआ भी नहीं था और उस दिन से मैंने उसे चोदने की बात मन ही मन ठान ली थी और अब जब भी मुझे कोई अच्छा मौका मिलता है तो में उसे स्माईल पास करता या छेड़ने लगता था और फिर धीरे धीरे वो भी मुझे लाईन देने लगी थी.

    एक दिन की बात है, में उस दिन उसके घर पर था और उससे हंसी मजाक कर रहा था और वो भी मेरे पास सोफे पर बैठी हुई थी, लेकिन कुछ देर बाद वो अचानक से उठकर पानी लेने फ्रिज के पास चली गई. फिर में भी तुरंत उसके पीछे पीछे चला गया, उसने पीछे मुड़कर देखा और वो मुझे देखते ही मुझसे पूछने लगी कि क्या चाहिए? फिर मैंने उससे कहा कि तू मुझसे शर्त लगा ले कि में तुझे बिना छुये किस कर सकता हूँ, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और मेरी बात को सुनकर चकित होकर खड़ी खड़ी मेरी तरफ देखती रही. फिर मैंने उससे कहा कि तू अपनी आखें बंद कर, उसने तुरंत अपनी आखों को बंद कर दिया और में बहुत धीरे से उसके पास गया और मैंने उसको एक बहुत छोटा सा किस कर दिया.

    फिर उसने आँख खोली और वो मुझसे कुछ नहीं बोली बस वो थोड़ा सा मुस्कुरा रही थी और अब में दोबारा उसके करीब गया और इस बार मैंने उसे बहुत धीरे और दमदार फ्रेंच किस किया, थोड़ी देर में वो भी जोश में आ गई और मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद में उससे अलग हो गया और मैंने देखा कि उसकी आखों में हवस की आग लगी हुई थी और जिसको देखकर में अब समझ चुका था कि उसको अब मुझसे क्या चाहिए? फिर मैंने उससे कहा कि जब घर पर कोई ना हो तो मुझे बता देना में चला आऊंगा और उससे यह बात कहकर में अपने घर पर चला आया और उस रात को मैंने उसकी चुदाई के बारे में सोचकर एक बार मुठ मारी और पूरी रात उसके बारे में सोचता रहा और मुझे नहीं पता कब में सो गया. दोस्तों उसके घर पर ऐसा मौका बहुत कम ही मिलता है, जब घर पर कोई ना रहता हो, लेकिन एक दिन भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली और मेरी वो इच्छा पूरी हो गई. एक दिन उसका मेरे पास फोन आया कि उसके घर वाले तीन चार दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे है और वो खुद अपनी बीमारी का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गई है और अब उसकी यह बात सुनकर मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था.

    फिर में अपने घर पर यह बात बोलकर निकल गया कि में अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर घूमने जा रहा हूँ तो में उसके घर पर रात के ठीक दो बजे पहुंचा और उसके मकान की पीछे की दीवार कूदकर उसे फोन किया और फिर उसने पीछे का दरवाज़ा खोल दिया. दोस्तों वो क्या लग रही थी उस गुलाबी कलर की टी-शर्ट में, जिसमें से उसके बूब्स बहुत साफ साफ दिख रहे थे और एक छोटी सी केफ्री जिसमें उसकी दूध जैसी गोरे गोरे पैर मुझे पागल कर रहे थे. वो मेरे आगे आगे चल रही थी और में उसकी गांड को देखकर यह बात सोच रहा था कि अब तो तीन, चार दिन जब तक इसके घर वाले नहीं आ जाते तब तक यह मेरी ही है और जैसे ही में रूम के अंदर पहुंचा तो उसने ए.सी. चला दिया और अपने भाई के लेपटॉप पर एक फिल्म को भी चला दिया.

    फिर में भी धीरे से उसके पास जाकर बैठ गया. फिर मुझे एक आइडिया आया और मैंने लेपटॉप पर एक मस्त सी ब्लूफिल्म को चला दिया, क्योंकि मुझे पहले से ही पता था कि उसका भाई अपने लेपटॉप में ब्लूफिल्म कहाँ पर छुपाकर रखता है, वो भी यह सब देखकर बहुत चकित थी कि और उसका भाई यह सब देखता है, लेकिन धीरे धीरे वो भी फिल्म देखकर मदहोश होने लगी और जैसे ही फिल्म में लड़के ने अपना लंड लड़की की चूत में डाला तो उसने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कि प्लीज थोड़ा आराम से करना, क्योंकि में अब तक वर्जिन हूँ और में तो उसके मुहं से यह बात सुनकर पागल हो गया था, क्योंकि इतनी सेक्सी चूत का ताला आज मुझे जो खोलना था. फिर मैंने उसका हाथ अपने दूसरे हाथ में लिया और सहलाने लगा और जिसकी वजह से वो भी जोश में आ रही थी और थोड़ी देर के बाद हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे.

    फिर उसने खुद ही लेपटॉप बंद करके दूर रख दिया और मैंने भी अपना वो बेग अलग रख दिया, जिसमें ढेर सारे कंडोम और चोकलेट थी, में धीरे से उसके पास गया और अपने होंठ उसके होंठो के बहुत करीब ले गया और कुछ देर वैसे ही रहने के बाद उसे प्यार से किस किया और फिर हम दोनों एक दूसरे को प्यार से किस करने लगे. दोस्तों जब माल इतना तगड़ा हो तो उसे चोदना भी आराम से ही चाहिए और में उन तीन, चार दिनों की बहुत अच्छी प्लानिंग करके आया था.

    फिर धीरे से में अपनी जीभ को उसके मुहं में घुमाने लगा और फिर मैंने अपने हाथ उसकी पीठ से उसकी टी-शर्ट के अंदर ले गया और जब मैंने उसे छुआ तो वो क्या मस्त अहसास था और उसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि जैसे वो कोई गुलाब हो. फिर हम दोनों एक दूसरे को बुरी तरह से किस करने लगे और वो भी अब बहुत गरम हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को धीरे से उतार दिया और अब मेरे सामने उसके गोरे बूब्स एक गुलाबी कलर की ब्रा में बंद थे और मुझसे बाहर निकालने की बात कह रहे थे. फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूसना दबाना शुरू कर दिया था और वो धीरे धीरे मोन करने लगी.

    फिर में उसकी चूत को केफ्री के ऊपर से किस करने लगा और फिर चाटने, चूसने लगा, जिसकी वजह से वो तो बिल्कुल पागल हो रही थी और उसका यह पहला सेक्स अनुभव भी था. फिर मैंने उसकी केफ्री को थोड़ा नीचे सरका दिया और मैंने उसकी चूत के अंदर झांककर देखा तो अंदर से बिल्कुल सफेद और एकदम साफ थी, में अब अपने आपको रोक नहीं पाया और उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ घुसाकर चाटने, चूसने लगा, वो और ज़ोर से मोन करने लगी.

    दोस्तों उसकी चूत की वो मदहोश खुशबू इतनी नशीली थी कि में उसे सूंघकर एकदम पागल हो गया था और फिर मैंने एक झटके में उसकी केफ्री को पूरा खोलकर उससे अलग कर दिया, वो अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी और क्या सेक्सी लग रही थी? अब हम दोनों एक बार फिर से किस करने लगे और इस बार जोश कुछ ज़्यादा ही था और मैंने अपना हाथ जैसे ही उसकी पेंटी में अंदर घुसाया और उसकी चूत को छुआ तो उसने मेरे होंठो को हल्का सा काट लिया.

    फिर में अपनी उंगली उसकी चूत के आस पास घुमाने लगा और वो किसी जानवर की तरह तड़पने लगी और कुछ देर बाद बहुत सारे पानी के साथ वो झड़ गई, वो शायद आज पहली बार झड़ी थी और जिसकी वजह से उसकी पेंटी और मेरा हाथ पूरी तरह भीग चुका था. फिर मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकाला और उसकी चूत के रस को चखकर देखा तो उसमें एक वर्जिन चूत की खुशबू आ रही थी और में ज्यादा गरम हो गया. फिर मैंने उसकी ब्रा को खींचकर फाड़ दिया और उसके बूब्स को पागलों की तरह चूसने लगा और दबाने लगा, जिसकी वजह से वो बहुत बुरी तरह से चीख रही थी और चिल्ला रही थी, लेकिन में नहीं रुका.

    फिर में उसके निप्पल को अपनी जीभ से सहलाने लगा और धीरे से काटने लगा, वो और ज़ोर से मोन करने लगी और वो मेरा सर अपने बूब्स पर दबाने लगी, करीब तीस मिनट तक उसके बूब्स को चूसने के बाद में अब थोड़ा नीचे उसकी नाभि पर आया और अपनी जीभ से चूसने लगा तो वो जैसे पागल ही हो गई. फिर बहुत देर तक उसकी नाभि को चाटने, चूसने के बाद में उसकी पेंटी के पास चला गया और मैंने सूंघकर महसूस किया कि उसकी वाह क्या खुशबू थी और में उसकी चूत को उसकी पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा और वो बहुत मोन करने लगी. फिर मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया, जिसको देखकर में उसे देखता ही रह गया और सोचने लगा कि ऐसी चूत को चोदने के लिए कोई भी इंसान अपना सब कुछ बेच सकता है, वो बिल्कुल साफ चमकीली और एकदम गोरी और अंदर से बिल्कुल कामुक दिख रही थी और उसकी खुशबू तो किसी को भी पागल कर दे. फिर में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और वो अपने हाथ से मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा रही थी.

    फिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया और वो बहुत तेज मोन करने लगी और मुझे उसका मोन करने की आवाज बहुत अच्छी लग रही थी. फिर में अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा और चूत के दाने भी छूने लगा और साथ में अपनी एक उंगली से उसकी चूत के साथ खेल रहा था. फिर थोड़ी देर ऐसे करते हुए में अपना दूसरा हाथ उसकी गांड की तरफ ले गया और अपनी एक उंगली को उसकी गांड में घुसा दिया और अब में उसके यह तीनों काम एक साथ करने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से आहह्ह्ह्ह आईईईईइ करती रही और थोड़ी देर में उसका पूरा बदन एकदम से अकड़ गया और कुछ देर बाद मेरे मुहं में उसके नमकीन पानी का तूफान सा आ गया और वो इतना ज़्यादा झड़ी कि में भी उससे अलग हो गया और अब उससे लगभग आधा बेड भीग चुका था. अब वो बेड पर बेहोश पड़ी थी और में उसकी नंगे बदन को आराम से देख रहा था और उसके चेहरे को सहला रहा था.

  • दोस्त की बहन को चोदकर बदला लिया

    हैल्लो दोस्तों, में लगभग 2 साल से इस साईट पर कहानी पढ़ रहा हूँ और मजे भी करता हूँ. दोस्तों ये कहानी मेरे और मेरे दोस्त और उसकी बहन के बीच में हुई चुदाई की है. मेरा नाम अरमान है और में पंजाब में लुधियाना का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 6 फुट है, कलर गोरा है. में लुधियाना के एक कॉलेज में पढ़ता हूँ.

    मेरा दोस्त राज भी मेरे साथ ही पढ़ता है और हम बचपन के दोस्त है तो इसके कारण हमारा एक दूसरे के घर में आना जाना और साथ में ही पढाई करना तो नॉर्मल बात है. एक दिन में और राज उसके घर पर पढ़ते-पढ़ते सो गये तो मेरी आँख रात के 1 बजे खुली तो मुझे लगा कि कोई गेट के पास खड़ा है. में उठकर देखने लगा तो बाहर कोई नहीं था, लेकिन राज की बहन निशा के रूम का दरवाजा खुला था. दोस्तों निशा की उम्र 20 साल है, फिगर साईज 30-28-30 है, रंग एकदम दूध जैसा, गांड एकदम मस्त, वो नामर्द को भी मर्द बना दे. में तो पहले से ही मर्द था और दिल तो करता था कि घोड़ी बनाकर गांड मार दूँ, लेकिन में दोस्त को धोखा नहीं देना चाहता था. खैर अब में कहानी पर आता हूँ. निशा के रूम का दरवाज खुला हुआ था.

    मैंने देखा कि निशा अपने बेड पर नहीं थी. में रूम में जाकर देखने लगा तो में जब रूम में अन्दर गया तो अचनाक से दरवाजा बंद हो गया. फिर निशा ने मुझे पकड़कर बेड पर पटक दिया और वो मेरे ऊपर आकर लेट गई. फिर मैंने कहा कि निशा ये क्या कर रही हो? तो उसने कहा कि प्यार जो में तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा करती हूँ. फिर मैंने कहा कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो और मेरे पहले से ही एक गर्लफ्रेंड है. फिर निशा ने कहा कि तो फिर ठीक है और आज से तुम्हारे 2 गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने कहा कि में ये नहीं कर सकता. फिर निशा ने कहा कि मुझे पता था कि तुम ऐसे नहीं मानोंगे. फिर निशा ने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिए और वो मुझे लिप किस करने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और निशा को धक्का मारकर साईड में कर दिया और उठकर चला गया. उस दिन के बाद में कुछ दिन तक राज के घर नहीं गया.

    फिर मैंने राज को कुछ नहीं बताया था और अब हम नॉर्मल थे. फिर एक दिन राज का फोन आया तो उसने कहा कि कल कॉलेज मत जाना हम मूवी देखने चलेगे और में 10 बजे तुम्हें लेने आ जाउंगा. फिर मैंने कहा ठीक है, लेकिन अगले दिन राज नहीं आया और उसका फोन भी ऑफ था. फिर मैंने सोचा कि कोई प्रोब्लम आ गई होगी. फिर शाम को मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया जो मेरे और राज के साथ पढ़ती है तो वो रो रही थी. फिर मैंने पूछा क्या हुआ पूजा?

    उसने बताया कि आज राज ने कॉलेज में जब में क्लासरूम में अकेली थी तो उसने मुझे प्यार का इजहार किया तो मैंने ना कह दिया तो उसने मेरे साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की और में मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भाग पाई हूँ. फिर मैंने पूजा को समझाकर शांत किया और कहा कि तुम किसी से कुछ मत कहना और में तुम्हारा बदला लूँगा, लेकिन तुम कॉलेज में नॉर्मल रहना और राज को भी पता नहीं चलना चाहिए कि मुझे सब पता है. फिर पूजा ने कहा कि ठीक है, लेकिन उस राज को छोड़ना मत और मैंने कहा कि ठीक है. अब में सारी रात सोच था रहा था कि राज को पता था कि में पूजा से प्यार करता हूँ और हमारी शादी भी होने वाली है. फिर भी उसने ये ग़लत काम किया और मुझे राज पर बहुत गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने सोच लिया था कि अब में राज से बदला जरुर लूँगा.

    अब में अगले दिन सुबह राज के घर गया तो उसकी माँ ने दरवाजा खोला. आंटी स्कूल में टीचर है तो जब आंटी स्कूल जा रही थी और राज के पापा टूर पर ही रहते है और राज सो रहा था. निशा नाश्ता कर रही थी तो में सीधा अन्दर गया तो निशा मुझे देखकर खुश हो गई और मैंने भी स्माईल कर दी और आँख मार दी. फिर मैंने निशा को इशारा किया कि वो अपने रूम में आ जाए तो फिर निशा नाश्ता छोड़कर मेरे पीछे-पीछे रूम में आ गई. फिर जब निशा रूम में आई तो मैंने उसे बेड पर पटक दिया और में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने निशा से कहा कि आई लव यू निशा मैंने तुम्हारे लिए अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेक-अप कर लिया है और अब में सिर्फ तुम्हारा हूँ और में सारी उम्र तुम्हारा ही रहूँगा.

    फिर निशा ने कहा कि सच आज में बहुत खुश हूँ आई लव यू टू जानू, आज तुमने मुझे मेरी लाईफ का सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है. फिर मैंने कहा कि अब तुम मुझे क्या गिफ्ट दोगी? तो उसने कहा कि जो तुम कहो. फिर मैंने कहा कि मेरी कसम खा जो में कहूँगा, वो ही तुम दोगी तो उसने मेरी कसम खा ली. फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे शादी से पहले हनीमून मनाना है. फिर मैंने कहा कि यहाँ नहीं मेरे घर पर, अब तो वो हमारा घर हो गया है. फिर निशा खुश हो गई और फिर उसने कहा कि में भाई के जाने के बाद आ जाउंगी. फिर मैंने कहा कि ऐसे नहीं 7 दिन के लिए मेरे घर पर ही रुकना पड़ेगा तो फिर निशा ने कहा कि ये नहीं हो सकता तो अब में गुस्सा होने का नाटक करने लगा.

    फिर उसने कहा कि ठीक है बाबा, तुम मुझे 2 दिन दो, में कोई भी बहाना बना लूंगी तो अब में खुश हो गया और उसे किस करने लगा और में उसके बूब्स दबाने लगा. फिर निशा ने कहा कि जानू दो दिन इंतजार करो भाई घर पर है. फिर जो करना है कर लेना. निशा घर का काम करने लगी और में राज के रूम में राज को उठाने चला गया और में राज के साथ ऐसे बात कर रहा था जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं हो और अब राज को भी लगा कि पूजा ने मुझे कुछ नहीं कहा है. अब वो भी नॉर्मल हो गया. फिर शाम को निशा ने घर पर माँ से बात कर ली कि वो अपनी फ्रेंड्स के साथ 7 दिन के लिए टूर पर जाना चाहती है तो उसकी माँ मान गई. फिर अगले दिन निशा ने पैकिंग कर ली और अपनी फ्रेंड से बात कर ली कि वो माँ को झूठ बोल दे. फिर मैंने भी सारी तैयारी कर ली थी. फिर अगले दिन निशा मेरे घर आई तो उसने सफ़ेद टॉप और काली जीन्स पहन रखी थी, जिसमें उसका फिगर कमाल का लग रहा था.

    फिर मैंने उसे अन्दर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक दी, अब हम बातें करने लगे और फिर हमने लंच किया. फिर में निशा को बेडरूम में ले गया और हम लिप किस करने लगे और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर 15 मिनट की किस के बाद में उसके बूब्स पर अपना हाथ ले गया और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा तो अब वो गर्म होने लगी थी. फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया, उसने अन्दर वाईट कलर की ब्रा पहन रखी थी तो मेरे मुँह में पानी आ गया और अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मुँह में लेने लगा और वो मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़कर मसलने लगी थी. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स मुँह में लेकर पीने लगा और निप्पल काटने लगा. में अपने एक हाथ से उसकी पेंट के ऊपर से चूत मसलने लगा तो वो आवाजे निकालने लगी थी, आआआआआआआआआआआ ज़ाआाआआनुऊु आाआआआआआआआअ और फिर मैंने उसकी पेंट को निकाल दिया.

    फिर उसने मेरी शर्ट और पेंट निकाल दी और हम दोनों बेड पर अंडरवियर में थे. हम दोनों एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े, कभी वो मेरे ऊपर आकर किस करने लगती तो कभी में उसे किस करने लगता. फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और वो नीचे बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी. में देखने लगा तो उसने अपना चेहरा हाथ से ढक लिया और शर्म के मारे उसका रंग लाल हो चुका था. अब में उसे लिप किस करने लगा और वो मेरा लंड बाहर निकाल चुकी थी और उसे हाथ में लेकर हिलाने लगी. फिर मैंने उठकर अपनी अंडरवियर निकाल दी और में उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. जब में उसकी चूत के पास गया तो उसने मेरा सर पकड़ लिया. फिर मैंने जब उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी तो वो तड़पने लगी और आवाजे करने लगी और में अपनी जीभ को अन्दर बाहर करने लगा तो वो कहने लगी आआआअ ज़ाआाआआनुउऊुउउ इतने में ही उसकी चूत ने गर्म पानी छोड़ दिया और अब उसका शरीर अकड़ गया था.

    फिर में उठा और उसे बाल से पकड़कर बैठा दिया और में बेड पर खड़ा हो गया और फिर मैंने उसके बालों को पकड़कर ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में दे दिया, वो पहले-पहले तो लंड को निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन कुछ टाईम के बाद उसे भी मज़ा आने लगा. वो मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी, वो कभी मुँह में लेती तो कभी बॉल्स मुँह में लेती. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी टाँगे खोल दी और फिंगरिंग करने लगा. वो फिर से आवाजे निकालने लगी आआआआअहह आआआअहह, अब उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. फिर में उसकी चूत पर अपना लंड रखकर दबाने लगा और वो कुंवारी होने के कारण अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 3 इंच अन्दर चला गया. अब वो बहुत ज़ोर से चीखी तो मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और बूब्स दबाने करने लगा.

    फिर जब वो शांत हुई तो मैंने दूसरा जोर का झटका मारा और मेरा लंड सील तोड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया. मुझे अपने लंड पर गर्म-गर्म खून महसूस हो रहा था और वो चीख रही थी, प्लीज इसे निकालो, में मर गई. फिर में उसकी गर्दन पर किस करने लगा और बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर जब वो ठीक हुई तो में उसे चोदने लगा और अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, वो कह रही थी ऊऊऊओह यययययईईईईस्स्स्स्स्सस्स जाआआऊऊउउ फक मी और तेज़ फास्ट फास्ट. में अपनी पूरी स्पीड से उसे चोदने में लग गया था और वो कह रही थी कि लव यू जानू आपको चोदना किसने सिखाया? फक मी बेबी आआआआआआआआहह करती रही. 25 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना गर्म पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया और वो मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी.

    फिर 20 मिनट के ब्रेक के बाद में फिर से तैयार था, लेकिन अब में उसकी गांड मारना चाहता था तो मैंने उससे कहा तो वो साफ मना करने लगी तो मैंने प्यार के नाम पर उसे मना ही लिया. फिर मैंने उसे बेड पर घोड़ी बना दिया और तेल की बोतल उसकी गांड में उल्टी कर दी और उसकी गांड के छेद पर अपनी उंगली से अन्दर तक लगा दिया और कुछ तेल लंड पर भी लगा दिया. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया और एक जोर का झटका मारा तो अब मेरा लंड पूरा अन्दर जा चुका था और वो चीख रही थी, में मर गई निकालो इसे, में जोर-जोर से झटके मारने लगा और बूब्स दबाने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवा रही थी और में उसे जोर से पकड़कर अपनी पूरी स्पीड से चोदने में लग गया और साथ में उसकी गांड पर हाथ से मार भी रहा था, 30 मिनट के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया.

    फिर में अपना लंड उसकी गांड के बीच में रखकर ही सो गया और इन 6 दिनों में मैंने उसकी गांड चूत बहुत मारी और अब बदला लेने की बारी थी तो छठे दिन मैंने निशा से कहा कि जानू में तुम्हें लाईट ऑफ करके चोदना चाहता हूँ और साथ में हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करेंगे, कसम खा कुछ भी हो जाए तो तुम मुँह से ऊफ तक नहीं कहोगी. फिर उसने कसम खा ली. फिर मैंने राज को फोन कर दिया और उसे बोला कि मेरे घर आ जा एक लड़की है मिलकर चोदते है.

    फिर उसने कहा कि में 5 मिनट में आता हूँ, तब तक मैंने चैक करने के लिए कि निशा कोई गड़बड़ ना कर दे तो में लाईट ऑफ करके उसे चोदने लगा. फिर वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उससे कहा कि बहुत मज़ा आया एक बार और करे. फिर उसने कहा ठीक है और फिर मैंने कहा कि याद रखना कुछ नहीं बोलना है. फिर उसने कहा कि ठीक है में 5 मिनट में आता हूँ, में बाहर राज का इंतजार करने लगा. फिर राज आ गया तो मैंने उसे कहा कि मेरी नई गर्लफ्रेंड है और मैंने सब सेट कर दिया है, बस तुम कुछ मत बोलना जब तुम्हारा काम हो जायेगा, तब लाईट चालू करेंगे. फिर हम मिलकर करेगे तो उसने कहा कि ठीक है.

    फिर में राज के साथ गया तो मैंने निशा से कहा कि में आ गया जानू कुछ मत बोलना. फिर राज सेक्स करने लगा. फिर मैंने उससे कहा था कि जब तेरा हो जाए तो खांसी से इशारा कर देना तो उसने इशारा कर दिया. फिर मैंने रूम में आकर लाईट चालू कर दी तो राज ने देखा और वो पागल हो गया, ये तो उसकी बहन थी. वो दोनों पागल हो गये और राज भागकर मेरे पास आया और मेरा गला पकड़ लिया और कहने लगा कि साले ये क्या किया तुमने? फिर मैंने उसके मुँह पर एक चांटा मारा तो वो नीचे गिर गया.

    मैंने कहा कि साले तूने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी तो ये उसका बदला था. फिर वो वहीं पर रोने लगा और फिर मैंने निशा को समझाया कि जानू ये जरूरी था वर्ना ये हमें कभी एक नहीं होने देता, अब ये कुछ नहीं कर सकता है, ये मैंने हमारे लिए ही तो किया है. फिर निशा मान गई और मैंने एक बार और निशा को उसके सामने चोदा, अब जब भी मेरा दिल करता है तो में निशा से मिलने जाता हूँ और राज से कहता हूँ कि साले रखवाली कर में तेरी बहन को चोदने जा रहा हूँ.

  • दोस्त की बहन ने चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मन्नू है और मेरी उम्र 30 साल है. में शादीशुदा हूँ और राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है. दोस्तों किरण के परिवार में मम्मी, पापा, 2 बड़े भाई और एक भाभी है. ये बात 2005 की है, वैसे उसके घर मेरा बचपन से आना जाना था. में उसके भाइयों के साथ पढ़ाई भी करता था तो में बिना रोक टोक के आता जाता था. वैसे मैंने उसके छोटे भाई की एक बार गांड भी मारी थी और उसको लंड भी चुसवाया था.

    फिर एक दिन में उसके घर गया और न्यूज पेपर पढ़ने लगा, तभी वहां किरण आई और मेरे पास बैठ गई और न्यूज़ पढ़ने लगी. मैंने अचानक से महसूस किया कि उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा है. फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुराई. मैंने कहा कि तुम ये क्या कर रही हो, कोई आ जायेगा? तो वो बोली कि डरने की कोई बात नहीं है में तुमसे प्यार करने लगी हूँ, मेरा अब सब कुछ तेरा है, मेरी जवानी भी तेरी है, अब मेरी चाहत पूरी कर दो.

    मैंने कहा कि किरण ये तुम क्या कर रही हो? कोई आ गया तो हम दोनों की जिंदगी बर्बाद हो जायेगी. तुम कुँवारी हो फिर कौन तुमसे शादी करेगा? फिर वो बोली किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. भाभी दोपहर में हमेशा सोती है और माँ की तबीयत खराब है, पापा ड्यूटी पर है और भाई कॉलेज गये है. अब में डर रहा था तो मैंने उससे कहा कि ये ग़लत है वो कहने लगी कि में तुमसे प्यार करती हूँ और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.

    अब में समझ गया कि अब मेरी नहीं चलने वाली है, अगर अब में पकड़ा गया तो बहुत ग़लत हो जायेगा. फिर मैंने कहा कि चलो तुम्हारी माँ के रूम में चलते है तो वो मान गई. फिर हम उसकी माँ के रूम में चले गये. फिर में न्यूज पेपर पढ़ने लग गया और वो मेरे लंड को सहलाती रही. फिर 5-7 मिनट में मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और वो हंसने लगी. उसकी माँ ने पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कुछ नहीं माँ में चुटकुला पढ़ रही थी. उसकी माँ बीमार थी तो वो कंबल ओढ़कर वही सो रही थी.

    अब मैंने उसका हाथ छुड़ाना चाहा मगर वो गुस्सा हो गई और मेरे लंड को बाहर निकालकर मेरी मुठ मारने लगी. फिर 3-4 मिनट में ही मेरा वीर्य निकल गया और वो मेरे वीर्य को अपने हाथ पर लगाकर बाहर चली गई. फिर जब वो हाथ धोकर वापस आकर मेरे पास बैठी ही थी कि उसके बड़े भैया आ गये. वो मुझसे बातें करने लगी.

    फिर किरण ने चाय बनाई और हमें पिलाई. फिर में चाय पीकर अपने घर आ गया. फिर में शाम को वापस पढ़ाई के टाईम उसके घर गया तो वो मुझे देखते ही चहक उठी. अब जब में उसके घर पहुँचा तो वहां चाय बनी हुई थी. फिर उसने एक कप चाय मुझे दी और फिर मैंने चाय पीते-पीते पूरे घर पर नज़र डाली तो मुझे उन दोनों माँ बेटी के अलावा वहां और कोई नज़र नहीं आया. फिर मैंने चाय पीकर कप को प्लेट में रखा ही था कि उसकी माँ ने हमें कमरे में बैठकर पढ़ने को बोल दिया.

    अब में बुरी तरह फँस गया था, फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझे अंदर आने को बोला. अब में उसके साथ अंदर चल दिया. फिर हम बैठ गये. उसके सिर पर तो चुदाई का भूत सवार था. फिर मैंने उसे ये सब एग्जॉम के बाद करने का बोला, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी और मेरा लंड मेरी पेंट में से बाहर निकालने लगी. मैंने कहा कि किरण तेरी माँ आ जायेगी, वो बोली कि आने दो, मेरे साथ वो भी चुद लेगी, अब वो अपना होश खो बैठी थी.

    फिर मैंने समझदारी करते हुए अपना लंड खुद ही निकालकर उसके मुँह में डाल दिया. अब वो लोलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगी. अब उसकी माँ किचन में खाना बना रही थी और वो मेरा लंड चूसते- चूसते चोदने के लिए ज़िद करने लगी. मैंने उसे समझाया कि पढ़ाई के बाद में पूरी रात चोदूंगा. अब वो मेरे हाव भाव देखकर मान गई. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया. फिर मैंने उसे साफ करने को बोला तो वो मेरा लंड चाटने लगी, लेकिन उसे उल्टी आ गई थी.

    अब में बाहर आ गया और थोड़ी देर तक उसकी माँ से बात करने के बाद घर आ गया. फिर में पूरी रात किरण के बारे में सोचता रहा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि आज ये सब हो जायेगा. अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? एक तरफ मेरी प्यारी पत्नी, तो दूसरी तरफ एक कुँवारी चूत जो मुझे बुला रही थी कि आजा और मुझे चोद डाल. अब में इसी उलझन में 5-6 दिनों तक सोचता रहा और उसके घर नहीं गया.

    फिर एक दिन में अपने गार्डन में घूम रहा था. में आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि उसके घर को टच करता हुआ ही हमारा गार्डन है, जिसमें एक मकान भी बना है. अब में गार्डन में पानी देकर अपने मकान में चारपाई पर आँखे बंद करके लेटा हुआ था कि अचानक से मेरी आँखे खुल गई. अब किरण मेरे बगल में बैठी थी और में समझ गया कि अब क्या होने वाला है? अब मैंने अपने डर को भगा दिया था, लेकिन किरण को इस बात का एहसास नहीं होने दिया.

    अब में सुरक्षित था क्योंकि में उसके घर पर नहीं बल्कि वो हमारे गार्डन में थी और अब हम पकड़े भी गये तो मेरा क्या होगा? वैसे कोई मुझे ग़लत नहीं कह सकता था, क्योंकि मैंने शुरुवात नहीं की थी और दूसरी बात कोई मजबूर करे तो क्या किया जाए? फिर वो ये भी तो सोच सकती है कि में चुदाई नहीं कर सकता हूँ. अब में उसके अगले कदम का इंतजार कर रहा था.

    फिर उसने वहीँ से शुरुवात की जहाँ से पहली बार की थी, अब उसने मेरी पेंट निकाल दी और मेरे लंड को अंडरवियर में से निकालकर चूसने लगी. अब मैंने 2-3 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने भी बिना देरी किए उसको चारपाई पर पटका और उसे पूरा नंगा कर दिया. किरण की हाईट 5 फुट 2 इंच थी, वो साँवली सी लड़की थी. उसके बूब्स नींबू जैसे थे और उसका वजन 40-42 किलोग्राम से ज़्यादा नहीं था. अब उसके फिगर का आईडिया आप खुद ही लगा सकते है. वो पढ़ाई में तेज थी और उसने बी.एड किया हुआ था. ख़ैर आपको उससे क्या? मैंने पहली बार दूसरी नंगी चूत देखी थी. में पहली अपनी पत्नी की चूत देख चुका हूँ जो गहरी झांटो से ढकी हुई थी, मुझे ऐसा लगता था कि शायद 3-4 महीने से उसने बाल नहीं काटे थे.

    फिर मैंने अपने लंड पर अपना थूक लगाया और उसकी चूत के दरवाजे पर रखकर अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. फिर मैंने धीरे-धीरे अपना दबाव बढ़ाया, लेकिन उसकी चूत का दरवाजा खुल ही नहीं पा रहा था. अब वो बिल्कुल भी नहीं हिली. मैंने उसको बोला कि किरण अब में तेज धक्का लगाऊंगा तो तुम चीखना मत. उसने हाँ कर दी.

    मैंने खूब सारा थूक उसकी चूत में डाला और अपने लंड का सुपाड़ा अन्दर रखकर ज़ोर से उसकी चूत में अन्दर घुसाया तो उसकी चीख निकलने से पहले ही मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था. फिर मैंने 2 मिनट तक रुककर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और अब किरण का चेहरा देखने लायक था. साली 8-10 दिन पहले से मेरा लंड लेने के लिए उछल रही थी और अब रो रही है.

    अब मैंने लंड अन्दर बाहर करना चालू कर दिया था. सचमुच किरण की चूत कुँवारी ही थी. अब उसकी चूत खून से लाल हो गई थी. अब वो रोती रही, लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब में उसे चोदता जा रहा था. फिर 5-10 मिनट की चुदाई के बाद उसकी उूउउन्न्ह आआहह आआआअहह चालू हो गई. फिर करीब 10-15 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर अपना सारा वीर्य झाड़ दिया. अब वो 2-3 मिनट तक उठ भी नहीं पाई थी. अब मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत पर ही फैला दिया. फिर मैंने उसे हाथ पकड़कर उठाया और कुछ देर तक वो खड़ी रही और मुझसे बिल्कुल भी नहीं बोली और चली गई. मैंने फिर कई बार किरण को चोदा और एक बार तो मैंने उसे अपने बेडरूम में भी चोदा था.

  • दोस्त की बहन की कामुकता

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और मेरी उम्र 22 साल, हाईट 5.8 इंच एकदम ठीक ठाक बॉडी, लेकिन में थोड़ा सा सांवला हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और उस लड़की की है जो मेरे सबसे अच्छे दोस्त की बड़ी बहन है. उनका नाम नेहा है और उसकी उम्र 26 साल, उसकी हाईट 5.4 इंच, भरा हुआ बदन, गोरा चेहरा, बूब्स का साईज़ 32 पेंटी का साईज 34 और कमर 30 की है. दोस्तों उसे देखते ही हर किसी का दिल करता है कि बस एक बार वो चोदने को मिल जाए. वो दूसरे शहर में एक प्राइवेट नौकरी करती है और वो अपने घर पर कभी कभी आती है, क्योंकि उसको हर दिन आने जाने में बहुत दिक्कत होती है.

    दोस्तों यह बात आज से कुछ दिनों पहले की है. उस समय मेरे दोस्त के पापा किसी दूसरे शहर में किसी काम से एक सप्ताह के लिए गये हुए थे और इसी बीच उसकी बड़ी बहन भी घर पर आ गई थी और वो भी दस दिनों के लिए और किस्मत भी देखो कि उसके घर पर समस्या भी उसी वक़्त आनी थी, मेरे दोस्त को मलेरिया हो गया और वो किसी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसी शाम को जब मैंने फोन किया तो फोन उसकी माँ ने उठाया और जब मेरी बात हुई तो मुझे पता लगा कि वो हॉस्पिटल में है और वो यह बात कहकर रोने लगी. फिर उसके बाद मैंने उन्हें थोड़ा समझाया और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि घर पर नेहा भी आई हुई है और वो हमारे लिए खाना बनाकर लेकर आएगी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि में खुद आपके लिए खाना लेकर आ जाऊंगा और में इस बहाने से आपसे भी मिल लूँगा. फिर उन्होंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने फोन रख दिया और में शाम के 7 बजे अपने दोस्त के घर पर पहुंचा और मैंने देखा तो दरवाज़ा अंदर से बंद था, लेकिन कुण्डी नहीं लगी थी तो मैंने उसे धीरे से धक्का देकर खोला और अंदर चला गया. फिर मैंने देखा कि घर में पहली मंजिल पर कोई नहीं था और उनका घर दो मंजिल का है, नीचे रसोई और दो रूम और ऊपर दो रूम मुझे बहुत ढूंढने पर भी नीचे कोई नहीं दिखा तो में ऊपर वाले रूम में देखने चला गया और अब में देखता ही रह गया.

    दोस्तों अब इसे संयोग कहे या जो मर्ज़ी पड़े वो कहे, क्योंकि वहां का नज़ारा ही कुछ ऐसा था कि नेहा पूरी नंगी थी और वो अपने लेपटॉप पर कोई सेक्सी फिल्म देख रही थी और उसने लेपटॉप को अपने पेट पर रखा हुआ था और अपने दोनों पैरों को फैलाकर चूत में उंगली कर रही थी, वाह दोस्तों उसकी चूत तो मेरे सामने एकदम साफ नज़र आ रही थी और उसमें वो लगातार उंगली डाल रही थी, मेरा तो यह सब देखकर ही लंड खड़ा हो गया था और अब पेंट के बाहर आने को उतावला हो रहा था और नेहा अपने काम में बहुत व्यस्त थी तो उसे अब तक बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि में उसे वहां पर खड़ा खड़ा देख रहा हूँ और जब उसने झड़ने के बाद लेपटॉप को बंद करने के लिए स्क्रीन को नीचे किया तो मुझे देखकर वो बिल्कुल चौंक गई और वो जल्दी से उठी और जल्दी से उसने अपनी टी-शर्ट औट केफ्री पहन ली, वो बहुत चकित थी और में भी उसी वक़्त नीचे आ गया.

    फिर वो भी नीचे घबराहट में आई और मुझसे बोली कि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं, में तो खाना लेने के लिए आया हुआ था और मेरी आंटी से फोन पर बात हुई और उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे खाना हॉस्पिटल लेकर जाना है. फिर उसने कहा कि तुम यहाँ पर आए, लेकिन तुमने दरवाजा क्यों नहीं बजाया? फिर मैंने कहा कि पहले से ही खुला हुआ था तो में अंदर चला आया और वो उस समय बहुत गुस्से में थी और घबराई हुई भी. अब में समझ गया कि उसके मन में क्या क्या चल रहा था? तभी मैंने उससे कहा कि आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और में यह बात बाहर किसी से नहीं कहूँगा. फिर वो मेरी तरफ देखने लगी, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि मैंने अभी खाना नहीं बनाया तो तुम रूको, में अभी बना देती हूँ और तब तुम ले जाना.

    फिर मैंने कहा कि में अभी जा रहा हूँ और में एक घंटे बाद आ जाऊंगा. फिर वो बोली कि रुक जाओ, उसने मुझे पैसे दिए और बोली कि अंडे लेकर आ जाओ. फिर में बाजार गया और बीस मिनट में अंडे लेकर आ गया और उन्होंने खाना बनाया और मुझे दे दिया और में उसे लेकर हॉस्पिटल चला गया, में पूरे रास्ते उस सीन के बारे में ही सोचता रहा कि आज मेरा दिल उस पर आ गया और अब में बस उसे चोदना चाहता था. फिर में हॉस्पिटल से खाली बरतन लेकर वापस आया और नेहा को दे दिए. मैंने रास्ते में ही एक आइडिया सोचा था. मैंने घर पर जाते ही नेहा से कहा कि तुम्हारी माँ ने मुझसे आज रात को यहाँ पर रुकने को बोला है तो उसे यह बात सुनकर थोड़ा अजीब सा लगा, लेकिन वो भी उस समय घर में अकेली थी, एक लड़की वो भी रात में बिल्कुल अकेली घर पर तो उसने भी झट से मुझे हाँ कह दिया और वो मुझसे बोली कि चलो खाना खा लो. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन उस वक़्त हमने खाने के आलावा कोई और बात नहीं की.

    फिर मैंने अपने घर पर फोन करके अपने घरवालों को बता दिया कि में आज घर पर नहीं आ रहा हूँ और अब में टेंशन फ्री था और नेहा ने अपनी मम्मी को कॉल नहीं किया. फिर उसने मुझे मेरे दोस्त के रूम में सोने को कहा और वो अपने रूम में चली गई, उसकी तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर मुझे लगा कि अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा वरना आज भी लंड बिना चूत में घुसे ही सो जाएगा, बहुत देर तक में सोने की नाकाम कोशिश करता रहा, लेकिन मुझे नींद नहीं आई और आती भी कैसे उस घर में आते ही मैंने एक बार पहले ही जन्नत जो देख ली थी और उस पर आज वो घर पर बिल्कुल अकेली थी. फिर में उठा और उसकी रूम की तरफ़ गया और दरवाजा खटखटाया.

    वो बोली कि कौन है? में बोला कि में शेखर तो उसने दरवाज़ा खोला और बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि कुछ नहीं बस मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि आपके पास बैठकर थोड़ा बात ही कर लेता हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है आ जाओ अंदर वैसे भी बाहर बहुत ठंड है. फिर मैंने पूछा कि आप क्या कर रही थी?

    फिर वो बोली कि में अपनी मैल चेक कर रही थी और हम दोनों उसके बेड पर एक रज़ाई में पैर रखकर बैठ गये और थोड़ी देर शांत रहने के बाद उसने कहा कि तुम यहाँ पर क्या ऐसे ही बैठने आए हो? तो में हंसने लगा और बोला कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. फिर उसने पूछा कि तो तुम मेरे भाई के बहुत अच्छे दोस्त हो? मैंने कहा कि हाँ तो वो बोली कि एक बात बताओ कि क्या उसकी कॉलेज में कोई गर्लफ्रेंड है? तो में एकदम सोच में पड़ गया कि बताऊँ या ना बताऊँ?

    फिर वो मुझे देखकर हंसने लगी और बोली कि कोई ज़रूरत नहीं तुम्हे बताने की मुझे उसके बारे में सब कुछ पता है और उसने मुझे वो सब बता रखा है तो मेरे दिमाग़ में अब एक सवाल आया और मैंने पूछा कि क्या आपको उसने सब कुछ बता रखा है? फिर वो बोली कि हाँ कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है और वो एक बार उससे मिली भी है.

    अब मैंने कहा कि ठीक है, तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने तुरंत जवाब दिया कि नहीं. फिर वो पूछने लगी कि क्यों नहीं है? मैंने कहा कि बस ऐसे ही और फिर मैंने भी बातों ही बातों में पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड? तो पहले उसने कुछ देर मेरी तरफ देखा और फिर बोली कि नहीं है. फिर मैंने पूछा कि क्यों नहीं है? आप मुझसे बिल्कुल भी झूठ मत बोलो आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना हो, में मान ही नहीं सकता.

    वो बोली कि क्यों में इतनी अच्छी भी नहीं लगती हूँ? मैंने कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती है तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी, लेकिन अब मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा था तो मैंने उससे कहा कि में आपसे एक बात कहूँ तो कहीं आप बुरा तो नहीं मानोगी? फिर वो बोली कि हाँ बोलो तो मैंने कहा कि देखिए आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और ना ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड, क्यों ना हम दोनों ही कपल बन जाते है? तभी उसने मुझे बहुत हैरानी से देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी सी स्माईल दी और बोली कि देखो में तुमसे उम्र में बड़ी हूँ और तुम्हारे दोस्त की बड़ी बहन भी हूँ और तुम मुझसे ऐसा कैसे बोल सकते हो?

    फिर में कुछ नहीं बोला और बिल्कुल चुपचाप कुछ सोचता रहा और अब तो में बस समझ गया था कि यह ऐसे ही बोलेगी और में सीधा अपनी बात पर आया और मैंने कहा कि आप आज शाम को क्या कर रही थी? वो मेरी यह बात सुनकर शर्मा गई और उन्होंने अपनी दोनों आँखे नीचे कर ली और बोली कि प्लीज तुम किसी से यह बात मत करना.

    मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आपसे एक बात जरुर कहूँगा कि आपको अब सेक्स की बहुत ज़रूरत है और में वो आपसे कर सकता हूँ और मुझे आपके साथ ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है. तभी वो बहुत गुस्सा होकर बोली कि तुम यह क्या बोल रहे हो और तुम्हे मुझसे इस तरह की बात करते हुये शर्म आनी चाहिए.

    अब में समझ गया था कि यह ऐसे सीधी तरह से नहीं मानेगी तो इसलिए मैंने उसे पकड़कर बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगा तो वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और थोड़ी देर उसने अपना विरोध जारी रखा और फिर मैंने उसे किस करना बंद किया और उससे बोला कि देखो नेहा आज हम दोनों घर पर बिल्कुल अकेले है और आज जो शाम को मैंने देखा और उसे देखने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि जिस चीज़ की ज़रूरत तुम्हे है वो में तुम्हे दे सकता हूँ और मुझे जिस चीज की जरूरत है वो तुम मुझे बहुत आसानी से दे सकती हो, इसमें हम दोनों का ही फायदा है और तुम चाहो तो सोचकर देख लो.

    फिर वो मुझे बहुत गुस्से से मुझे देख रही थी और बस चुपचाप मेरी बातों को सुने जा रही थी. मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उकसाया भी, लेकिन वो लगातार सुनती ही रही और कुछ नहीं बोली और फिर में वहां से बाहर जाने लगा तो तभी मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार और कोशिश की जाए? वो अब ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी तो में जाने के लिए उठा और जाने से पहले उसके पास गया तो उसने कोई हलचल नहीं की.

    मैंने उसे कमर से पकड़ लिया और उसके होंठो पर होंठ रखकर किस किया और इस बार उसने साथ नहीं दिया, लेकिन में किस करता रहा और मुझे पता था कि थोड़ी देर में जब लोहा गरम होगा तो मज़ा बहुत आएगा और में उसे चूमता रहा और धीरे धीरे अपने हाथ को उसके बूब्स पर ले गया और धीरे धीरे दबाने लगा और थोड़ी देर बाद उसने भी हरकत करनी शुरू कर दी और अब वो भी किस्सिंग में मेरा पूरा साथ देने लगी और उसके हाथ हरकत में आने लगे और मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लगी और अब में भी पूरा तैयार था. पहले मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. फिर मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी तो उसके सांवले रंग के निप्पल क्या मस्त लग रहे थे, उसके बूब्स एकदम टाईट थे, जैसे किसी ने आज तक कभी भी उनको दबाया ही नहीं था.

    अब हम दोनों किस करते रहे और में उसके बूब्स को दबाता रहा और मसलता रहा और अब मैंने उसकी केफ्री को उतारा तो मैंने देखा कि उसने तो पेंटी भी नहीं पहन रखी थी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, मुझे उसके चेहरे से पता लग रहा था कि वो अब सेक्स करने के लिए बहुत उत्तेजित हो गई है और वो उस मौड़ पर खड़ी थी कि वो खुद अब कुछ नहीं करना चाह रही थी, लेकिन वो सेक्स करने के लिए एकदम तैयार थी, क्योंकि मैंने बिना कुछ कहे सुने उसके दिल की बात समझ ली थी और मैंने अपने कपड़े खुद उतार दिए और में भी नंगा हो गया और अब हम दोनों ही एक दूसरे से सामने पूरे नंगे थे और अभी तक वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी.

    फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, उसने अपने दोनों पैरों को एकदम पूरा चिपका रखा था. फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे तो वो बेड पर दोनों आँखे बंद करके लेटी हुई थी तो में उसके ऊपर गया और उसके चेहरे के पास जाकर बोला कि नेहा प्लीज अब अपनी आँख खोलो और इस तरह से हम दोनों को सेक्स का मज़ा बिल्कुल भी नहीं आएगा.

    फिर उसने बोला कि नहीं शेखर मुझे बहुत शर्म आ रही है. फिर मैंने कहा कि मेरी जान अब हम दोनों बिल्कुल नंगे है और तुम्हे शर्म छोड़कर सेक्स में मेरा साथ देना चाहिए और फिर उसने जैसे ही आँखे खोली तो मैंने उसे देखा और उसने स्माईल दी और हम किस करने लगे. मेरा लंड तो पूरा टाईट हो चुका था.

    फिर मैंने उसे किस करने के बाद उसके बूब्स को चूसना, दबाना शुरू किया. अब में तो उसके बूब्स को दबाने और चूसने में मस्त था और वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ की आवाज़े निकाल रही थी, इन आवाज़ो से तो माहौल और भी गरम हो जाता है. फिर मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ को डाल दिया तो उसका पूरा बदन काँप गया और वो एकदम से सिहर गई और में थोड़ी देर उसकी नाभि को जीभ से चाटता रहा और उसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत के दर्शन किए. दोस्तों वाह क्या मस्त चूत थी और मुझसे तो रहा ही नहीं गया और में उसकी चूत के दाने को मुहं में लेकर चूसने लगा और वो आअहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करके करहाने लगी, में उसकी चूत को चाटे जा रहा था और वो तड़प रही थी. फिर पांच मिनट चूत चाटने के बाद में उठा और उसके पैरों को फैलाकर मैंने उसकी तरफ़ देखा तो वो मेरे चेहरे को देख रही थी.

    फिर जब हम दोनों की निगाहे मिली तो क्या बताऊँ दोस्तों उसकी स्माइल कैसी थी? फिर मैंने उससे पूछा कि क्या अब लंड डाल दूँ? फिर वो मुझसे बोली कि हाँ जल्दी से डाल दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है और में लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा तो उसकी आँखे फिर से बंद हो गई. फिर मैंने चूत के छेद पर लंड को रखकर एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया और वो दर्द से करहाने लगी और बोली कि प्लीज उह्ह्हह्ह शेखर थोड़ा आराम से करना वरना में मर जाउंगी, उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे से करो.

    फिर मैंने कहा कि मेरी जान तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो, बस मज़े करो और मैंने फिर एक बार उसे चूमा और चूमते हुए ही एक धक्का मारा और अब लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया तो वो दर्द से कराह रही थी और उसका बदन कांप रहा था और में लंड को चूत में डालकर थोड़ी देर उसे किस करता रहा और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और अब वो भी मज़े ले रही थी, उसका दर्द ख़त्म हो चुका था और अब मज़े की बारी थी. उसने अपने दोनों पैरों को पकड़कर मेरी कमर पर मजबूत कर लिया था और में धक्के मारे जा रहा था और किस किए जा रहा था और वो भी आहहहह आईईईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी और अब उसकी आवाज़ धीरे धीरे तेज़ होती जा रही थी. फिर करीब दस मिनट तक में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

    दोस्तों सच में मुझे उसकी चूत को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने अपने धक्के और भी तेज़ कर दिए और जब में वीर्य निकालने वाला था तो मैंने सुरक्षा के लिए अपना लंड, चूत से बाहर निकाल लिया, लेकिन तुरंत ही उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के अंदर डालकर बोली कि अंदर ही निकालो, कोई ख़तरा नहीं है और फिर मैंने जोरदार धक्को के साथ उसकी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया और उस वक़्त वो जैसे जन्नत में थी और उसकी चूत की गर्मी जैसे अब बिल्कुल शांत हो गई थी, लेकिन किसी भी चूत की गर्मी कभी शांत नहीं होती यह तो मुझे बहुत अच्छे से पता है और में उसके ऊपर ही निढाल हो गया, थोड़ी देर बाद में उठा और मेरा लंड उसकी चूत में ही था. वो स्माईल कर रही थी और मेरे बालों को सहला रही थी. मैंने उसे किस किया और उसने भी मेरा साथ दिया.

    फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके पास में लेट गया और हम दोनों पूरे नंगे लेटे हुए थे. फिर मैंने उससे पूछा कि जान कैसा लगा? तो वो मेरे ऊपर आई और मुझे किस करके बोली कि शेखर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम बहुत अच्छे हो. फिर मैंने भी कहा कि में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि एक बात बताओ तो वो बोली कि हाँ बोलो? तब मैंने उससे कहा कि मुझे यहाँ पर रुकने के लिए तुम्हारी माँ ने नहीं कहा था. मैंने वो तुमसे झूठ बोला था तो इस बात को सुनकर उसने मुझे किस किया और बोली कि बहुत अच्छा किया और अब जब तक मेरी फेमिली नहीं आ जाती तब तक तुम हर रात को यहाँ रह सकते हो जान. फिर मैंने उसे हग किया और एक बार फिर उससे पूछा कि एक बार और हो जाए तो वो हंसने लगी और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई की और रात भर जागते रहे और बातें करते रहे और तब तक जब तक उसकी फेमिली नहीं आई और बिना किसी को पता लगे, हम दोनों हर रात को चुदाई के मज़े करने लगे और अब भी जब हमे समय मिलता है तो हम सेक्स करते है.

  • दोस्त की बहन को चोदकर बदला लिया

    हैल्लो दोस्तों, में लगभग 2 साल से इस साईट पर कहानी पढ़ रहा हूँ और मजे भी करता हूँ. दोस्तों ये कहानी मेरे और मेरे दोस्त और उसकी बहन के बीच में हुई चुदाई की है. मेरा नाम अरमान है और में पंजाब में लुधियाना का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 6 फुट है, कलर गोरा है. में लुधियाना के एक कॉलेज में पढ़ता हूँ.

    मेरा दोस्त राज भी मेरे साथ ही पढ़ता है और हम बचपन के दोस्त है तो इसके कारण हमारा एक दूसरे के घर में आना जाना और साथ में ही पढाई करना तो नॉर्मल बात है. एक दिन में और राज उसके घर पर पढ़ते-पढ़ते सो गये तो मेरी आँख रात के 1 बजे खुली तो मुझे लगा कि कोई गेट के पास खड़ा है. में उठकर देखने लगा तो बाहर कोई नहीं था, लेकिन राज की बहन निशा के रूम का दरवाजा खुला था. दोस्तों निशा की उम्र 20 साल है, फिगर साईज 30-28-30 है, रंग एकदम दूध जैसा, गांड एकदम मस्त, वो नामर्द को भी मर्द बना दे. में तो पहले से ही मर्द था और दिल तो करता था कि घोड़ी बनाकर गांड मार दूँ, लेकिन में दोस्त को धोखा नहीं देना चाहता था. खैर अब में कहानी पर आता हूँ. निशा के रूम का दरवाज खुला हुआ था.

    मैंने देखा कि निशा अपने बेड पर नहीं थी. में रूम में जाकर देखने लगा तो में जब रूम में अन्दर गया तो अचनाक से दरवाजा बंद हो गया. फिर निशा ने मुझे पकड़कर बेड पर पटक दिया और वो मेरे ऊपर आकर लेट गई. फिर मैंने कहा कि निशा ये क्या कर रही हो? तो उसने कहा कि प्यार जो में तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा करती हूँ. फिर मैंने कहा कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो और मेरे पहले से ही एक गर्लफ्रेंड है. फिर निशा ने कहा कि तो फिर ठीक है और आज से तुम्हारे 2 गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने कहा कि में ये नहीं कर सकता. फिर निशा ने कहा कि मुझे पता था कि तुम ऐसे नहीं मानोंगे. फिर निशा ने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिए और वो मुझे लिप किस करने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और निशा को धक्का मारकर साईड में कर दिया और उठकर चला गया. उस दिन के बाद में कुछ दिन तक राज के घर नहीं गया.

    फिर मैंने राज को कुछ नहीं बताया था और अब हम नॉर्मल थे. फिर एक दिन राज का फोन आया तो उसने कहा कि कल कॉलेज मत जाना हम मूवी देखने चलेगे और में 10 बजे तुम्हें लेने आ जाउंगा. फिर मैंने कहा ठीक है, लेकिन अगले दिन राज नहीं आया और उसका फोन भी ऑफ था. फिर मैंने सोचा कि कोई प्रोब्लम आ गई होगी. फिर शाम को मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया जो मेरे और राज के साथ पढ़ती है तो वो रो रही थी. फिर मैंने पूछा क्या हुआ पूजा?

    उसने बताया कि आज राज ने कॉलेज में जब में क्लासरूम में अकेली थी तो उसने मुझे प्यार का इजहार किया तो मैंने ना कह दिया तो उसने मेरे साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की और में मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भाग पाई हूँ. फिर मैंने पूजा को समझाकर शांत किया और कहा कि तुम किसी से कुछ मत कहना और में तुम्हारा बदला लूँगा, लेकिन तुम कॉलेज में नॉर्मल रहना और राज को भी पता नहीं चलना चाहिए कि मुझे सब पता है. फिर पूजा ने कहा कि ठीक है, लेकिन उस राज को छोड़ना मत और मैंने कहा कि ठीक है. अब में सारी रात सोच था रहा था कि राज को पता था कि में पूजा से प्यार करता हूँ और हमारी शादी भी होने वाली है. फिर भी उसने ये ग़लत काम किया और मुझे राज पर बहुत गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने सोच लिया था कि अब में राज से बदला जरुर लूँगा.

    अब में अगले दिन सुबह राज के घर गया तो उसकी माँ ने दरवाजा खोला. आंटी स्कूल में टीचर है तो जब आंटी स्कूल जा रही थी और राज के पापा टूर पर ही रहते है और राज सो रहा था. निशा नाश्ता कर रही थी तो में सीधा अन्दर गया तो निशा मुझे देखकर खुश हो गई और मैंने भी स्माईल कर दी और आँख मार दी. फिर मैंने निशा को इशारा किया कि वो अपने रूम में आ जाए तो फिर निशा नाश्ता छोड़कर मेरे पीछे-पीछे रूम में आ गई. फिर जब निशा रूम में आई तो मैंने उसे बेड पर पटक दिया और में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने निशा से कहा कि आई लव यू निशा मैंने तुम्हारे लिए अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेक-अप कर लिया है और अब में सिर्फ तुम्हारा हूँ और में सारी उम्र तुम्हारा ही रहूँगा.

    फिर निशा ने कहा कि सच आज में बहुत खुश हूँ आई लव यू टू जानू, आज तुमने मुझे मेरी लाईफ का सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है. फिर मैंने कहा कि अब तुम मुझे क्या गिफ्ट दोगी? तो उसने कहा कि जो तुम कहो. फिर मैंने कहा कि मेरी कसम खा जो में कहूँगा, वो ही तुम दोगी तो उसने मेरी कसम खा ली. फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे शादी से पहले हनीमून मनाना है. फिर मैंने कहा कि यहाँ नहीं मेरे घर पर, अब तो वो हमारा घर हो गया है. फिर निशा खुश हो गई और फिर उसने कहा कि में भाई के जाने के बाद आ जाउंगी. फिर मैंने कहा कि ऐसे नहीं 7 दिन के लिए मेरे घर पर ही रुकना पड़ेगा तो फिर निशा ने कहा कि ये नहीं हो सकता तो अब में गुस्सा होने का नाटक करने लगा.

    फिर उसने कहा कि ठीक है बाबा, तुम मुझे 2 दिन दो, में कोई भी बहाना बना लूंगी तो अब में खुश हो गया और उसे किस करने लगा और में उसके बूब्स दबाने लगा. फिर निशा ने कहा कि जानू दो दिन इंतजार करो भाई घर पर है. फिर जो करना है कर लेना. निशा घर का काम करने लगी और में राज के रूम में राज को उठाने चला गया और में राज के साथ ऐसे बात कर रहा था जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं हो और अब राज को भी लगा कि पूजा ने मुझे कुछ नहीं कहा है. अब वो भी नॉर्मल हो गया. फिर शाम को निशा ने घर पर माँ से बात कर ली कि वो अपनी फ्रेंड्स के साथ 7 दिन के लिए टूर पर जाना चाहती है तो उसकी माँ मान गई. फिर अगले दिन निशा ने पैकिंग कर ली और अपनी फ्रेंड से बात कर ली कि वो माँ को झूठ बोल दे. फिर मैंने भी सारी तैयारी कर ली थी. फिर अगले दिन निशा मेरे घर आई तो उसने सफ़ेद टॉप और काली जीन्स पहन रखी थी, जिसमें उसका फिगर कमाल का लग रहा था.

    फिर मैंने उसे अन्दर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक दी, अब हम बातें करने लगे और फिर हमने लंच किया. फिर में निशा को बेडरूम में ले गया और हम लिप किस करने लगे और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर 15 मिनट की किस के बाद में उसके बूब्स पर अपना हाथ ले गया और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा तो अब वो गर्म होने लगी थी. फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया, उसने अन्दर वाईट कलर की ब्रा पहन रखी थी तो मेरे मुँह में पानी आ गया और अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मुँह में लेने लगा और वो मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़कर मसलने लगी थी. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स मुँह में लेकर पीने लगा और निप्पल काटने लगा. में अपने एक हाथ से उसकी पेंट के ऊपर से चूत मसलने लगा तो वो आवाजे निकालने लगी थी, आआआआआआआआआआआ ज़ाआाआआनुऊु आाआआआआआआआअ और फिर मैंने उसकी पेंट को निकाल दिया.

    फिर उसने मेरी शर्ट और पेंट निकाल दी और हम दोनों बेड पर अंडरवियर में थे. हम दोनों एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े, कभी वो मेरे ऊपर आकर किस करने लगती तो कभी में उसे किस करने लगता. फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और वो नीचे बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी. में देखने लगा तो उसने अपना चेहरा हाथ से ढक लिया और शर्म के मारे उसका रंग लाल हो चुका था. अब में उसे लिप किस करने लगा और वो मेरा लंड बाहर निकाल चुकी थी और उसे हाथ में लेकर हिलाने लगी. फिर मैंने उठकर अपनी अंडरवियर निकाल दी और में उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. जब में उसकी चूत के पास गया तो उसने मेरा सर पकड़ लिया. फिर मैंने जब उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी तो वो तड़पने लगी और आवाजे करने लगी और में अपनी जीभ को अन्दर बाहर करने लगा तो वो कहने लगी आआआअ ज़ाआाआआनुउऊुउउ इतने में ही उसकी चूत ने गर्म पानी छोड़ दिया और अब उसका शरीर अकड़ गया था.

    फिर में उठा और उसे बाल से पकड़कर बैठा दिया और में बेड पर खड़ा हो गया और फिर मैंने उसके बालों को पकड़कर ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में दे दिया, वो पहले-पहले तो लंड को निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन कुछ टाईम के बाद उसे भी मज़ा आने लगा. वो मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी, वो कभी मुँह में लेती तो कभी बॉल्स मुँह में लेती. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी टाँगे खोल दी और फिंगरिंग करने लगा. वो फिर से आवाजे निकालने लगी आआआआअहह आआआअहह, अब उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. फिर में उसकी चूत पर अपना लंड रखकर दबाने लगा और वो कुंवारी होने के कारण अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 3 इंच अन्दर चला गया. अब वो बहुत ज़ोर से चीखी तो मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और बूब्स दबाने करने लगा.

    फिर जब वो शांत हुई तो मैंने दूसरा जोर का झटका मारा और मेरा लंड सील तोड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया. मुझे अपने लंड पर गर्म-गर्म खून महसूस हो रहा था और वो चीख रही थी, प्लीज इसे निकालो, में मर गई. फिर में उसकी गर्दन पर किस करने लगा और बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर जब वो ठीक हुई तो में उसे चोदने लगा और अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, वो कह रही थी ऊऊऊओह यययययईईईईस्स्स्स्स्सस्स जाआआऊऊउउ फक मी और तेज़ फास्ट फास्ट. में अपनी पूरी स्पीड से उसे चोदने में लग गया था और वो कह रही थी कि लव यू जानू आपको चोदना किसने सिखाया? फक मी बेबी आआआआआआआआहह करती रही. 25 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना गर्म पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया और वो मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी.

    फिर 20 मिनट के ब्रेक के बाद में फिर से तैयार था, लेकिन अब में उसकी गांड मारना चाहता था तो मैंने उससे कहा तो वो साफ मना करने लगी तो मैंने प्यार के नाम पर उसे मना ही लिया. फिर मैंने उसे बेड पर घोड़ी बना दिया और तेल की बोतल उसकी गांड में उल्टी कर दी और उसकी गांड के छेद पर अपनी उंगली से अन्दर तक लगा दिया और कुछ तेल लंड पर भी लगा दिया. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया और एक जोर का झटका मारा तो अब मेरा लंड पूरा अन्दर जा चुका था और वो चीख रही थी, में मर गई निकालो इसे, में जोर-जोर से झटके मारने लगा और बूब्स दबाने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवा रही थी और में उसे जोर से पकड़कर अपनी पूरी स्पीड से चोदने में लग गया और साथ में उसकी गांड पर हाथ से मार भी रहा था, 30 मिनट के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया.

    फिर में अपना लंड उसकी गांड के बीच में रखकर ही सो गया और इन 6 दिनों में मैंने उसकी गांड चूत बहुत मारी और अब बदला लेने की बारी थी तो छठे दिन मैंने निशा से कहा कि जानू में तुम्हें लाईट ऑफ करके चोदना चाहता हूँ और साथ में हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करेंगे, कसम खा कुछ भी हो जाए तो तुम मुँह से ऊफ तक नहीं कहोगी. फिर उसने कसम खा ली. फिर मैंने राज को फोन कर दिया और उसे बोला कि मेरे घर आ जा एक लड़की है मिलकर चोदते है.

    फिर उसने कहा कि में 5 मिनट में आता हूँ, तब तक मैंने चैक करने के लिए कि निशा कोई गड़बड़ ना कर दे तो में लाईट ऑफ करके उसे चोदने लगा. फिर वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उससे कहा कि बहुत मज़ा आया एक बार और करे. फिर उसने कहा ठीक है और फिर मैंने कहा कि याद रखना कुछ नहीं बोलना है. फिर उसने कहा कि ठीक है में 5 मिनट में आता हूँ, में बाहर राज का इंतजार करने लगा. फिर राज आ गया तो मैंने उसे कहा कि मेरी नई गर्लफ्रेंड है और मैंने सब सेट कर दिया है, बस तुम कुछ मत बोलना जब तुम्हारा काम हो जायेगा, तब लाईट चालू करेंगे. फिर हम मिलकर करेगे तो उसने कहा कि ठीक है.

    फिर में राज के साथ गया तो मैंने निशा से कहा कि में आ गया जानू कुछ मत बोलना. फिर राज सेक्स करने लगा. फिर मैंने उससे कहा था कि जब तेरा हो जाए तो खांसी से इशारा कर देना तो उसने इशारा कर दिया. फिर मैंने रूम में आकर लाईट चालू कर दी तो राज ने देखा और वो पागल हो गया, ये तो उसकी बहन थी. वो दोनों पागल हो गये और राज भागकर मेरे पास आया और मेरा गला पकड़ लिया और कहने लगा कि साले ये क्या किया तुमने? फिर मैंने उसके मुँह पर एक चांटा मारा तो वो नीचे गिर गया.

    मैंने कहा कि साले तूने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी तो ये उसका बदला था. फिर वो वहीं पर रोने लगा और फिर मैंने निशा को समझाया कि जानू ये जरूरी था वर्ना ये हमें कभी एक नहीं होने देता, अब ये कुछ नहीं कर सकता है, ये मैंने हमारे लिए ही तो किया है. फिर निशा मान गई और मैंने एक बार और निशा को उसके सामने चोदा, अब जब भी मेरा दिल करता है तो में निशा से मिलने जाता हूँ और राज से कहता हूँ कि साले रखवाली कर में तेरी बहन को चोदने जा रहा हूँ.

  • दोस्त की बहन और मम्मी की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है. मेरे लंड का साईज़ 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. ये कहानी मेरी और टीना और उसकी मम्मी की चुदाई की है. में एक मराठी फेमिली के घर किराए से रहता था. उस फेमिली में 4 लोग थे अंकल, आंटी, टीना और उसका भाई सौरभ. मेरी सौरभ से अच्छी दोस्ती थी. अंकल की उम्र कोई 45 साल की होगी और आंटी करीब 40 साल की होगी. सौरभ एक मार्केटिंग कंपनी में जॉब करता था और उसकी उम्र 22 साल की थी और टीना 20 साल की थी, उस वक़्त मेरी उम्र 24 साल थी.

    एक दिन मुझे पता चला कि अंकल को हाई बी.पी की वजह से पैरालिसिस अटेक आया है और सौरभ उस समय शहर में नहीं था और मैंने उस फेमिली को काफ़ी सपोर्ट किया, जिससे में उस फेमिली के और करीब आ गया और टीना के भी करीब आ गया. अंकल को पैरालिसिस हो गया था इसलिए वो कुछ कर नहीं पाते थे. अब घर का खर्चा चलाना थोड़ा मुश्किल हो गया था इसलिए उन्होंने किरायेदार रखने की सोची थी. उनके घर में एक कमरा अटेच लेट बाथ था, जिसका एक दरवाजा बाहर की तरफ से था.

    फिर सौरभ ने मुझसे कहा कि तू ही हमारे घर पर किरायेदार बनकर रहने आ जा, इससे मेरी चिंता भी कम हो जायेगी, क्योंकि में अक्सर टूर पर बाहर रहता हूँ और तू मेरी फेमिली के लिए अजनबी भी नहीं है और किसी को कोई प्रोब्लम भी नहीं होगी. फिर मैंने हाँ कर दी और वहाँ शिफ्ट हो गया.

    अब एक दिन सौरभ टूर पर था और टीना को कॉलेज जाना था तो उसके बाथरूम का नल ख़राब हो गया. तो उसने मुझसे कहा कि क्या में आपका बाथरूम इस्तेमाल कर लूँ? तो मैंने कहा ठीक है. फिर वो मेरे बाथरूम में नहाने चली गयी. उस समय उसका बाप हाई पॉवर की मेडिसिन लेकर सोया हुआ था और मम्मी शायद पड़ोस गई थी. अब मेरे मन में सेक्स जागने लगा था और टीना बहुत मस्त माल थी. हाईट 5 फिट, बूब्स साईज़ 34 और गांड तो बस पूछो ही मत. वो थोड़ी सांवली थी, लेकिन ऐसी माल थी कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

    अब में ये सोचकर ही एग्ज़ाइटेड था कि वो मेरा बाथरूम इस्तेमाल करने वाली है. अब जैसे ही वो मेरे बाथरूम में अन्दर गई और कुण्डी लगाई तो मैंने कमरे का दरवाजा लॉक किया और अपने लेपटॉप में ब्लू फिल्म चला दी. उस मूवी की आवाज़ इतनी थी कि वो सुन सके. अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

    फिर मैंने नोटीस किया कि टीना ने धीरे से दरवाज़ा खोला और वो देखने की कोशिश करने लगी कि कमरे में क्या चल रहा है? फिर मैंने अपना अंडरवेयर और सारे कपड़े निकाल दिए और टीना के नाम की मुठ मारने लगा. अब मेरी आँखे थोड़ी खुली थी और में देख रहा था कि टीना दरवाज़े के कोने से चोरी-चोरी मेरे लंड को देख रही है. फिर में दरवाज़े के पास गया तो टीना पीछे हट गयी, लेकिन वो जल्दबाजी में दरवाजा लॉक करना भूल गयी. मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खोला और टीना को देखकर लंड हिलाने लगा.

    अब टीना के कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? फिर उसने अपना मुँह पीछे कर लिया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. अब में समझ गया कि लड़की चाहती तो है, लेकिन झिझक रही है. फिर मैंने झट से टीना को पीछे से दबोच लिया और अब मेरा लंड उसकी गांड में घुस रहा था. मेरे दोनों हाथ उसकी छाती के बूब्स को दबा रहे थे और मेरे होंठ उसकी गर्दन को चूस रहे थे, अब वो छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

    फिर मैंने कहा कि टीना जब से तुझे देखा है, मैंने तुझे चोदने का मन में सोच लिया था. आज मौका मिला है और आज तू मेरी और में तेरी प्यास बुझा देते है. मेरे लंड से अपनी चूत को आबाद कर दे. फिर में उसे मोड़कर उसके होंठो को चूसने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो भी कसमसाने लगी और मेरा साथ देने लगी. मैंने देर ना करते हुए उसे उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसे जल्दी से नंगा कर दिया. अब दो जवान नंगे जिस्म एक दूसरे के आमने सामने थे.

    अब मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी, क्या मस्त गुलाबी चूत थी? और उसकी चूत से क्या अजीब मादक खुशबू आ रही थी? फिर थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. अब मैंने 69 पोज़िशन में आते हुए उसकी चूत को चाटना शुरू किया और उसके मुँह को अपने लंड से चोदने लगा.

    अब हम दोनों मजे ले रहे थे और पूरा कमरा सेक्स की मदमस्त आवाज़ों से गूँज़ रहा था. फिर में टीना को सीधा लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत के ऊपर लंड का सुपाड़ा लगाकर उससे पूछा कि टीना रानी तेरी चूत का बाजा बजा दूँ. तो उसने कहा कि हाँ चोद दो इसको, इसमें बहुत खुजली होती है, आज इसकी सारी खुजली मिटा दो. फिर मैंने कहा जो हुकम मेरी जान और फिर मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबा दिया और हाथों की हथेलियों को हाथों से और उसके पैरो को फैलाकर अपनी जांघो से दबा दिया.

    उसने अपनी कमर थोड़ी ऊँची करके एक जोरदार झटका दिया तो अब मेरा आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में समा गया था और एक जोरदार आवाज़ उसके मुँह से निकलकर मेरे मुँह में चली गयी. फिर मैंने कुछ देर तक वैसे ही पड़ा रहना ठीक समझा और उसकी आँखो के आँसू को अपनी जीभ से चाटने लगा. कभी उसके होंठो को तो कभी उसके गालों को चूसने लगा. अब थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने अपनी कमर उछाली और मैंने उसकी जोरदार चुदाई शुरू कर दी.

    अब हम पागलों की तरह एक दूसरे को अपनी बाहों में भरकर एक दूसरे में समा रहे थे. अब हम दोनों एक साथ कमर पीछे करते और एक साथ आगे कर रहे थे. हमें उस चुदाई में बहुत मजा आ रहा था. फिर करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद में जब झड़ने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि में कहाँ निकालूँ? तो उसने कहा मेरे मुँह में निकालना. वो इसी बीच 2 बार झड़ चुकी थी.

    अब में उसके मुँह में लंड डालकर झड़ गया, फिर उसने मेरा सारा पानी पी लिया और अपने होंठो से मेरा लंड साफ कर दिया. सच कहूँ दोस्तों जो मजा एक 20 साल की लड़की को चोदने में है वो ज्यादा उम्र की औरतों में नहीं आता और जो मजा औरत देती है वो लड़की नहीं देती है. फिर उसने घड़ी देखी और कहा कि मुझे देर हो रही है तो मैंने उससे पूछा कि इससे पहले किसके साथ किया है? तो उसने कहा कि अपने बॉयफ्रेंड के साथ किया है.

    फिर वो बाथरूम में नहाने चली गयी और मैंने टावल लपेट कर जैसे ही अपने रूम का दरवाजा खोला तो उसकी मम्मी दरवाज़े पर खड़ी थी. मेरी तो गांड ही फट गयी, आज तो गये बेटा. अब वो चेहरे से गुस्से में थी, लेकिन उसकी आँखों में हवस और गुस्सा दोनों थे. अब उन्होंने मुझे अंदर धकेलते हुए कहा कि किसके साथ अपना मुँह काला कर रहे थे? अब मेरी तो हालत और फट गयी थी जब वो बाथरूम के पास जाकर दरवाज़ा खटखटाने लगी.

    अब अंदर टीना की भी हवा निकल रही होगी. फिर मैंने आंटी से कहा कि आंटी बस अब रहने दो, हम इस उम्र में नहीं करेंगे तो कब करेंगे? तो उसने कहा चुपकर, अगर तू मेरे घर में रहेगा तो मेरी बेटी भी बिगड़ जायेगी. फिर मैंने अब थोड़ी हिम्मत से काम लिया और पूछा आंटी कि “बेटी भी” से मतलब, इस “भी” का मतलब क्या है? तो आंटी हड़बड़ा गयी और बोली कुछ नहीं. अब मुझे समझने में देर नहीं लगी कि आंटी भी बहुत चालू है. अब उसका पति भी बीमार रहता है तो उसे भी लंड की ज़रूरत होगी, आख़िर वो भी एक महिला है.

    अब मैंने अपने टावल में छुपा लंड हटाते हुए आंटी से कहा कि आंटी इसको देखकर तो आप भी बिगड़ जाओगी. फिर जैसे ही आंटी ने मेरी तरफ देखा तो मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगा, अब आंटी शांत होकर मेरा लंड देख रही थी और अब उसके चेहरे पर हवस का नशा था. अब मैंने देर ना करते हुए आंटी को अपनी बाहों में जकड़ लिया और कहा कि आंटी एक बार अपने अंदर ले लो तो आप अंकल को भूल जाओगी. अब वो थोड़ी हवसी हो गयी और बोली कि अंदर कौन है? तो मैंने कहा क्या फर्क पड़ता है?

    तो उसने कहा बता ना कौन है? में किसी को कुछ नहीं बताउंगी. तो मैंने कहा आंटी मेरी एक ख्वाइश थी कि में आपको और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर रगड़कर चोदूं तो आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं होगा. तो आंटी ने कहा नहीं मुझे भी घर में एक लंड मिल जायेगा और मेरी बेटी भी बाहर मुँह मारने से बच जायेगी, जिसका मुझे हमेशा से डर रहता है.

    फिर मैंने कहा कि आंटी अंदर टीना है तो आंटी हैरान हो गयी. मैंने आंटी को पीछे से पकड़कर बाथरूम का दरवाजा लॉक किया और कहा कि टीना मेरी जान, तेरी माँ मेरी रांड बनने को तैयार हो गयी है और अब कोई ख़तरा नहीं है. अब तू दरवाज़ा खोल दे. फिर टीना ने डरते-डरते दरवाज़ा खोला तो अब वो अन्दर पूरी नंगी थी और उसकी नज़रे नीचे थी. मैंने उसकी माँ के बूब्स को मसलते हुए कहा कि सुनीता मेरी बूढ़ी रांड, इस पटाखे को क्या खाकर पैदा किया था?

    उसने कहा कोई तेरे जैसा ही था जो मुझे पसंद आ गया था, ये उसकी बेटी है. मैंने कहा कि मतलब टीना अंकल की लड़की नहीं है तो आंटी ने कहा नहीं रे वो तो नामर्द है मादरचोद, सौरभ उसके दूर के भाई का लड़का है और टीना मेरी एक दोस्त के पति की लड़की है. मैंने टीना से कहा कि तेरी माँ तो खानदानी रांड है और आज से तुम दोनों मेरी रांड हो फिर मैंने उसकी माँ को बहुत चोदा और टीना के साथ-साथ उसकी गांड भी मारी. अब ये रोज़ का सिलसिला हो गया था, अब सौरभ जब शहर से बाहर रहता तो में टीना और सुनीता की जमकर चुदाई करता था और उसके बाप को नींद की गोलियाँ दे कर सुला देते थे. अब आंटी और टीना मेरा पूरा ख्याल रखते थे.

    फिर एक दिन सुनीता ने कहा कि राहुल बेटा तुम मेरी टीना से शादी कर लो. फिर तुम टीना को जब चाहो चोद सकोगे और हमारे बीच भी हमेशा संबंध बना रहेगा. तुम जब चाहों हम दोनों की चुदाई कर सकते हो. फिर मैंने कहा कि वो तो ठीक है आंटी, लेकिन रांड चोदने के लिए होती है शादी करने के लिए नहीं होती है. अब आंटी को समझ में आ गया था कि में टीना से शादी नहीं करूँगा. फिर उसने कहा ठीक है अगर तुम शादी नहीं कर सकते तो अब तुम कहीं और शिफ्ट हो जाओ. फिर में वहाँ से चला गया और उस घर में एक नया लड़का आ गया. अब में जान गया था कि अब वहाँ क्या होने वाला है? फिर कुछ महीनों के बाद मैंने टीना की उस लड़के से शादी की खबर सुनी. फिर मैंने सोचा चलो जो हुआ अच्छा हुआ.