Category: जीजा – साली की चुदाई

  • दुबई में होने वाली साली को चोदा, saali ki chudayi sex story

    हैल्लो दोस्तों, में आपको अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो कि मेरी होने वाली साली के साथ है. ये कहानी आज से 5 साल पुरानी है और मेरा नाम यासिर है और मेरी उम्र अभी 27 साल है. मेरे लंड का साईज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ.

    में दुबई में एक अच्छी कंपनी में काम करता हूँ और उधर मेरी होने वाली साली अपने पति के साथ रहती है. में हमेशा उसके घर छुट्टी के दिन जाता था और में जब भी जाता था तो वो अक्सर अपने घर के काम में लगी रहती थी, लेकिन वो मुझसे हमेशा फ्रेंकली होकर बातें करती थी. वो बहुत ही सेक्सी है और उसकी उम्र 37 साल है. फिगर साईज़ 34-30-36 है और फेयर कलर बिल्कुल दूध की तरह. वो हमेशा फिटिंग सलवार कमीज पहनती थी और काम के टाईम उसके बूब्स हमेशा उसकी कमीज से आधे बाहर दिख जाते थे.

    एक दिन वो काम कर रही थी तो मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी और फिर में उसके पास गया और उसकी काम में मदद करने लगा, लेकिन मेरी नज़र उसके बूब्स पर ही थी. वो नोटीस कर रही थी कि में उसके जिस्म को देख रहा हूँ, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर मुझसे सहन नहीं हुआ तो मैंने उसको पीछे से जोर से पकड़कर उसके बूब्स दबाने लगा, तो वो हैरान हो गई और बोलने लगी कि ये क्या कर रहे हो? प्लीज मुझे छोड़ो नहीं तो में अपने पति को बता दूंगी, लेकिन मेरे दिमाग में तो सिर्फ उसके जिस्म से खेलने के अलावा और कोई बात समझ में नहीं आ रही थी और में उसके बूब्स दबाते-दबाते उसके लिप पर किस करने लगा.

    फिर करीब 10 मिनट तक मैंने उसके लिप चूसे और बूब्स दबाता रहा. अब वो भी गर्म हो गई थी और सिसकियाँ भर रही थी, अहह आहह अहह.

    अब में उसे गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया और उसे बेड पर सीधा सुला दिया, उस समय उसकी आँखें बंद थी और फिर मैंने अचानक उसकी कमीज उतार दी तो वो अन्दर लाल कलर की ब्रा पहने हुई थी. फिर में भूखे शेर की तरह उसके बूब्स पर टूट पड़ा. फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और में उसके पेट और पूरे जिस्म को आहिस्ता-आहिस्ता चूमता-चाटता नीचे चूत सहलाने लगा, तो वो मदहोशी में आहें भर रही थी. फिर मैंने उसकी सलवार ऊतार दी तो अब वो लाल रंग की पेंटी में थी.

    मैंने उसके पूरे जिस्म को देखा तो मुझे वो एक परी लग रही थी और उसका पूरा शरीर दूध जैसा गोरा था. फिर मैंने उसकी पेंटी जोर से फाड़ दी और उसकी चूत को अपनी जबान और उंगली से चोदने लगा. फिर पाँच मिनट में ही उसकी चूत से पानी निकला जो सीधा मेरे मुँह पर गिरा और में गीली चूत को चाटने से बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया, उसकी चूत से बहुत अच्छी स्मेल आ रही थी.

    फिर 30 मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी और उंगलियाँ डालता रहा. इतने टाईम में वो 4 बार झड़ चुकी थी. फिर जब मैंने अपनी पेंट उतारी तो वो मेरा 7 इंच का मोटा लंड देखकर हैरान हो गई और बोली कि मैंने आज तक इतना बड़ा लंड नहीं देखा है और ना ही सुना है क्योंकि उसने सिर्फ़ शादी के बाद ही अपने पति से ही चुदाई की है.

    उसके बाद वो बोली कि उसके पति का लंड तो बहुत छोटा है और वो सिर्फ़ चोदता ही है और कुछ नहीं करता. उसकी शादी को 7 साल हो गए थे, लेकिन बच्चा एक भी नहीं था. उसने बहुत टेस्ट करवाये तो डॉक्टर उसे बोलते थे कि तुम्हारे पति का वीर्य तुम्हारी बच्चेदानी तक नहीं पहुँचता है. उसने ये बात अपने पति को बताई तो वो अपना ईलाज करवाने लगा.

    फिर जब मैंने अपना लंड उसके मुँह में लेने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया और वो बोली कि ये भी क्या चूसने की चीज़ है? फिर मैंने गुस्से में आकर ज़बरदस्ती उसके बाल पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड डाला और चोदता रहा. फिर करीब 5 मिनट तक में उसको मुँह में चोदता रहा और फिर में उसकी चूत की तरफ बढ़ा और उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा तो मेरा लंड उसकी चूत नहीं जा रहा था और में समझ गया कि इसकी चूत अभी तक कुँवारी है.

    फिर मैंने उसको बेड पर सुलाकर उसकी टाँगे अपने कंधो पर रखकर एक ज़ोरदार झटका मारा तो मेरा 4 इंच लंड चूत में अंदर घुस गया और वो बहुत जोर से चिल्लाई और उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे. फिर वो मुझे बोलने लगी कि प्लीज़ मुझे छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और एक दूसरा झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में बच्चेदानी से टकराया. फिर जब मैंने उसको देखा तो वो पसीना-पसीना हो गई थी और बेहोश भी हो गई थी और में घबरा गया. फिर झट से अपना लंड उसकी चूत से निकाला और देखा तो मेरे लंड पर और बेडशीट पर खून लगा था.

    फिर में फ्रिज से ठंडा पानी लाया और थोड़ा पानी उसके चेहरे पर डाला तो उसको थोड़ा होश आ गया और फिर मैंने उसे अपनी गोद में लेकर कोल्डड्रिंक खोलकर उसको पिलाई और किस करता रहा और वो गर्म होती गई. फिर मैंने अपने काम को अंजाम दिया. में फिर से उसको चोदने लगा, लेकिन वो मना करने लगी तो मैंने उसको समझाया कि अब कुछ नहीं होगा और आराम-आराम से उसको चोदता गया. अब उसको भी मज़ा आने लगा था, तो फिर मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और करीब 30 मिनट तक में उसको चोदता रहा. इस दौरान वो 8 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि में झड़ने वाला हूँ तो वो बोली कि मेरी चूत में ही झड़ जाओ. में तुम्हारा बच्चा लेना चाहती हूँ. फिर मैंने भी अपना पूरा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया. उसके बाद में हमेशा छुट्टी के दिन उसको उसके घर में ही चोदता था. अब वो मेरे 4 बच्चो की माँ है और उसका पति भी बहुत खुश है, वो समझता है कि ये बच्चे उसी के है.

  • साली को चोदा सास के सामने, sali ki chudayi sex story

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम समीर है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने वाला हूँ जिसमे मैंने अपनी गर्भवती साली को चोदा और अब में उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाता हूँ. दोस्तों में 25 साल का शादीशुदा लड़का हूँ और मेरी शादी तीन महीने पहले हुई थी और मेरी बीवी एक हॉट सेक्सी मस्त गांड वाली लड़की है. हम लोगों की जब से सगाई हुई थी तब से ही हम चुदाई करते आ रहे थे. में गुजरात का रहने वाला हूँ और प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ, मेरे घर में माँ, पापा और मेरी बीवी और में रहता हूँ. दोस्तों मेरी एक बड़ी शादीशुदा बहन है और वो भी गुजरात में ही रहती है.

    मेरे ससुराल में मेरी बीवी की एक बड़ी बहन यानी मेरी साली और सास, ससुर रहते है, उसका नाम आरती है, वो करीब 30 साल की एकदम सेक्सी औरत है और वो कुछ समय पहले गर्भवती होने के दौरान अपने मायके चली आई थी और अब उसका 8 महिना चल रहा है और अगर में उसके बारे में बताऊँ तो वो करीब 5.7 इंच लंबी है और वो दिखने में बहुत सुंदर और उसके बूब्स बड़े बड़े और गांड फूली हुई है और उसके फिगर का साईज करीब 36-30-36 होगा जिसके कारण वो बहुत बड़ी चुदक्कड़ दिखती थी और वैसे मेरी नज़र उस पर शादी से पहले से ही थी और जब भी में अपनी बीवी की चूत मारता था तो में आरती को ही सोचकर उसे चोदता था. दोस्तों उसका नाम लेने से ही वीर्य निकलता था.

    एक दिन में अपनी बीवी से मिलने अपने ससुराल गया हुआ था. मेरी साली आरती प्रेग्नेंट थी. मेरी बीवी घर पर नहीं थी, आरती और मेरी सास घर पर अकले थे और जब में वहां पर गया तो आरती पानी और चाय लेकर आई में चाय पानी लेने के बहाने से उनको छूने लगा और उसको शायद पता नहीं होगा मेरे मन में उसकी चुदाई के ख्याल चल रहे थे? आरती ने मुझसे कहा कि कोमल (मेरी बीवी) शाम को आएगी तो में बहुत खुश हो गया कि आज मज़ा आएगा आरती के साथ.

    फिर मैंने आरती से कहा कि आपकी तबीयत कैसी है? तो उसने कहा कि समीर वैसे तो सब ठीक है, लेकिन पेट पर बहुत खुजली होती है तो डॉक्टर ने मुझे एक दवाई लगाने को कहा है और तुम्हारे जीजू दो दिन से नहीं आए तो मैंने अपने आप नहीं लगाई तो आज मुझे बहुत खुजली हो रही है. फिर मैंने कहा कि अरे दीदी इतनी सी बात लाओ में लगा देता हूँ, तो आरती ने कहा कि ठीक है और वो दवाई की ट्यूब लेने बेडरूम में चली गई में उठा और उसके पीछे पीछे बेडरूम में चला गया और बोला कि दीदी आप यहीं पर लेट जाओ में ट्यूब लगाकर मसाज कर देता हूँ आपकी सारी खुजली और गर्मी में आज दूर कर दूँगा, मैंने यह सब सेक्सी तरीके से कहा. फिर उसने भी सेक्सी अंदाज़ से मेरी हर एक बात का जवाब दिया, हाँ समीर देखो ना तुम्हारे जीजू को तो मेरी गर्मी और खुजली दोनों को दूर करने का वक़्त ही नहीं मिलता चलो तुम ही करो उनके बदले और वो थोड़ा तिरछा होकर पलंग पर लेट गई और उसने उस समय एक ढीला ढाला पयज़ामा और एक ढीली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी और फिर मैंने उससे कहा कि..

    में : आरती चलो थोड़ा अपनी टी-शर्ट को उठाओ.

    आरती : अरे तुम मुझे ऐसे मेरे पति की तरह क्यों बुला रहे हो क्या तुम्हे पता है कि में तुम्हारी बीवी की दीदी हूँ?

    में : दीदी में तो आपके पति की तरह आपकी सेवा कर रहा हूँ ना इसलिए आपको ऐसे बुला रहा था और आप हो ही इतनी सुंदर कि में अपने आपको रोक ही नहीं सका. में तो बहुत नसीब वाला हूँ कि मुझे आप बीवी के रूप में नहीं तो साली के रूप में तो मिली जिनकी सेवा करना मेरा अधिकार है और वैसे भी साली भी तो घर वाली ही होती है ना? मैंने उनके गालों को छूकर सेक्सी अंदाज़ से बोला.

    आरती : हाँ होती तो है, लेकिन सिर्फ़ आधी घर वाली पूरी नहीं, उसने मेरे गालो को प्यार से सहलाते हुए कहा.

    में : पहले आज आधी तो मिल जाए, में तो धन्य हो जाऊंगा अगर आज आप मेरी आधी घर वाली बन जाओ.

    आरती : चलो समीर अब जल्दी से मसाज शुरू करो नहीं तो मम्मी या कोमल आ जाएँगी.

    फिर मैंने आरती की टी-शर्ट को उसके बूब्स तक ऊपर उठाया और मेरा हाथ उसके बूब्स को छूते ही उसने हल्की सी अंगड़ाई ली और मेरे लंड ने एक ज़ोर की करवट और फिर मैंने उसके पेट पर हाथ रखा जो कि प्रेग्नेंट होने के कारण थोड़ा फूला हुआ था और वो जैसे मचल सी गई. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ यार मेरी प्यारी आरती को? तो वो बोली कि ऐसा लगा जैसे मुझे करंट का झटका सा लग गया हो और फिर मैंने उसके पेट पर थोड़ी सी दवाई ली और मसलने लगा.

    मेरा लंड अब जाग चुका था और अब बाहर आने को बिल्कुल बेताब था और दवाई को मलते हुये में उसके बूब्स के निचले हिस्से तक पहुंच गया और धीरे से बूब्स को छुआ. फिर वो एकदम से सिहर उठी और वो मेरे पेंट में बने तंबू को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आपकी पेंट में क्या कुछ फंस गया है? क्यों यह आगे से बहुत फूला हुआ लग रहा है? फिर मैंने उसके पेट पर किस करते हुए कहा कि अंदर मेरा प्यार छुपा हुआ है जो आपके प्यार में समा जाने को बेताब है. फिर आरती ने आँहे भरते हुए कहा कि समीर मुझे ऊपर तक मसाज करो और आज मुझे बहुत प्यार करो.

    दोस्तों में समझ गया कि वो अब बिल्कुल गरम हो चुकी है और मुझसे चुदने के लिए एकदम तैयार है. उसकी चूत मेरा लंड लेने के लिए अब मचल रही है और मैंने भी अभी तक कभी भी कोई प्रेग्नेंट रंडी को नहीं चोदा था. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, पहले धीरे से और फिर एकदम जंगली जानवर बनकर और उसके मोटे मोटे बूब्स मुझे मस्त कर रहे थे और वो भी उछल उछलकर बोल रही थी और सिसकियाँ ले रही थी ओहह्ह्ह्ह समीर दबा डाल हाँ और आईईईई दम लगाकर ज़ोर से उह्ह्ह्ह चूस मेरे बूब्स को मसल डाल, खा जा बहनचोद और उसकी गंदी गंदी गाली सुनकर में भी मस्ती में आ गया और शैतान बनकर उस पर टूट पड़ा और बूब्स को काटने लगा. उसकी गुलाबी कलर की निप्पल बड़ी और कड़क हो चुकी थी और उसके आधे बूब्स मेरे मुहं में थे और फिर वो चिल्लई ओह मेरे राजा तेरा मुहं है कि जन्नत का दरवाज़ा. ले मेरे बहनचोद रंडी बना मुझे और ज़ोर से चूस मेरे बूब्स आईईईइ आज से में तेरी रंडी हूँ अह्ह्ह्हह्ह तू मुझे अपनी रखैल बना ले. फिर मैंने कहा कि मेरी रंडी आरती तुझको देखते ही में तेरे बूब्स को चूसना चाहता था और मुझे आज मौका मिला है साली रंडी भोसड़ी की, मदरचोद.

    मैंने अपने सारे कपड़े उतार लिए और उसका पाजामा भी खींच लिया और फिर उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया. मैंने देखा कि उसकी जांघे बहुत बड़ी थी और फिर मैंने उसकी चूत में अपना मुहं घुसा दिया और जीभ को चूत में डालकर चूसने और चाटने लगा. फिर वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी हाँ और ज़ोर से चाट मेरी चूत को मेरे कुत्ते अपनी साली की चूत को कच्चा चबा जा मेरे लंड, मेरे स्वामी, मेरी चूत के मालिक, अह्ह्ह्हह कितना मज़ा आ रहा है तेरे जीजू ने कभी नहीं चाटा वो मदारचोद साला नामर्द है, तू ही असली मर्द है और अब आज से तू मेरा असली पति है और में तेरी रंडी हूँ अह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर लगा. फिर उसकी ऐसी बातों से में उत्तेजित होकर और ज़ोर ज़ोर से चूत चाट रहा था और इतने में ही उसने मेरे मुहं में अपना सारा पानी छोड़ दिया और में सारा पानी पी गया.

    फिर मैंने उसको बेड पर बैठाया और अपना लंड उसके हाथ में दिया और फिर मेरा लंड देखकर वो बोली कि साले समीर मदारचोद तेरा लंड है कि लंड की सेना? ऐसे लंड से में तो क्या मेरी माँ ( मेरी सास ) भी तुझसे चुदने को कभी भी मना नहीं करेगी वाह कितना लंबा, मोटा और कड़क लंड है तेरा मेरे बहनचोद आअहह कितना रसीला है? इसे चाटने चूसने में कितना स्वाद आ रहा है, ह्म्‍म्म्म हनमम्म आआहह. फिर में उसका सर पकड़कर उसके मुहं को धीरे धीरे से धक्के देकर चोद रहा था और अब मैंने कहा कि साली रंडी चल अब एकदम सीधी लेट जा अब में तुझे चोदूंगा.

    आरती : समीर ज़रा आराम से में अभी प्रेग्नेंट हूँ तुम मुझे चोदो लेकिन बहुत प्यार से और वैसे भी में पूरी ज़िंदगी तुम्हारी रखैल बनकर ही रहने वाली हूँ. फिर तू मुझे जब चाहे जी भरकर चोदना और इसलिए अभी थोड़ा आराम से और प्यार से चोदना मेरे चुदक्कड़ जीजाजी.

    फिर मैंने अपना लंड उठाया और उसकी चूत के मुहं पर सुपाड़ा लगाया. पहले धीरे से धक्का मारा तो सुपाड़ा अंदर चला गया और फिर वो चिल्लाई, लेकिन मैंने और ज़ोर से धक्का मारा और मेरा 8 इंच का लंड उसकी कामुक चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और अब उसको बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर वो बोली कि हाँ चोद मुझे में तेरी रंडी हूँ, चोद आआहहाआ ऊह्ह्ह्हह और ज़ोर से आईईईईइ चोद फाड़ दे आज मेरी चूत को मदारचोद कितना लंबा लंड है मेरे गर्भ तक जा रहा है? आआहह तू आज मेरी चूत से गांड में निकाल अपने लंड को आआहह वो गालियाँ देती जा रही थी और में अपनी प्रेग्नेंट साली को बेरहमी से चोदे जा रहा था.

    करीब बीस मिनट चूत की चुदाई के बाद उसका पानी निकल गया और वो बोली कि चूत से लंड बाहर निकाल लो और अब मेरी गांड में डालो, क्योंकि मुझे गांड मरवाने का बहुत शोक है और में हर कभी अपनी गांड में बेलन, गाजर, मूली सब डालती रहती हूँ और तेरे जीजा का 5 इंच का लंड मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता, इसलिए तू आज मेरी गांड को चोद दे.

    फिर मैंने डॉग स्टाइल में मेरी आरती रंडी को बैठाया और उसकी गांड में लंड डाला, आधा लंड अंदर चला गया और वो दर्द से चिल्ला उठी. फिर मैंने कहा कि साली, मादरचोद, छिनाल एकदम चुप रहकर चुदाई करवा नहीं तो मेरी सास उठ जाएगी और जब वो एक बार मेरा लंड देख लेगी तो उसकी चूत में भी पानी आ जाएगा और वैसे भी उसको एक दिन चोदना ही है, लेकिन आज तेरी बारी है और तू आज जमकर मेरा लंड ले अपनी गांड में और इतना कहते ही मैंने ज़ोर के धक्के से पूरा 8 इंच अंदर डाल दिया और फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी गांड मारने लगा. वो भी उछल उछलकर गालियाँ देकर चुदवा रही थी.

    तभी मेरी नज़र दरवाज़े की और गयी तो में देखकर हैरान एकदम से हो गया, क्योंकि मैंने दरवाजे पर अपनी सास को खड़ा हुआ देखा और मैंने देखा कि वो हमारी चुदाई को बहुत ध्यान से देखकर अपनी उंगली से अपने आपकी चुदाई कर रही है और मेरी सास ने भी देख लिया कि मैंने उनको दरवाज़े से देख लिया है, लेकिन मैंने अब भी ज़ोर की चुदाई चालू रखी और 15 मिनट के में आरती की मोटी गांड में झड़ गया और हम दोनों लेट गये. फिर मैंने देखा कि मेरी सास भी अब वहां से चली गयी और तब से लेकर आज तक में आरती की हफ्ते में एक दो बार चुदाई जरुर करता हूँ और अब वो एक लड़की की माँ बन चुकी है इसलिए अब चुदाई में और भी मज़ा आता है. में उसकी चूत को बहुत मज़े से बिना किसी के डर के चोदता हूँ, क्योंकि हमारी चुदाई अंदर होती है तो मेरी सास बाहर किसी के आने का ध्यान रखती है और वैसे भी अब उसकी चूत से बच्चा बाहर आ चुका है, जिसकी वजह से में बहुत डर डरकर उसको चोदता था और अब में उसको जोरदार धक्के देकर चोदने लगा हूँ, जिसकी वजह से वो हमेशा मुझसे खुश रहती है.

  • दीदी ने मुझे जियाजी से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में रायपुर के एक कॉलेज में पड़ती हूँ मेरे घर में मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ.. वैसे यह एक कहानी नहीं, यह मेरी एक सच्ची घटना है जिसने मेरे जीवन को एकदम बदल कर रख दिया और यह घटना उस समय की है जब मेरी और मेरे भाई की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी..

    मेरे मम्मी, पापा ने हमे मतलब मुझे और मेरे छोटे भाई को जो मुझसे 6 साल छोटा है घूमने की इजाजत दे दी कि तुम लोग अपनी बड़ी बहन काजल के यहाँ रहने जा सकते हो.. जिसकी शादी नागपुर में पिछले 5 साल पहले हुई थी और वो मेरे जीजाजी सुरेश के साथ एक छोटे से फ्लेट में रहती थी. तो मेरे जीजाजी मेरी कज़िन सिस्टर काजल को बहुत मारते थे और वो दारू भी बहुत पीते थे.. लेकिन फिर भी दीदी उनकी सब बात मानती थी और उन्हे बहुत प्यार करती थी और जब उन्हे पता चला कि हम दोनों आ रहे है तो वो बहुत खुश थी.

    फिर हम दोनों नागपुर स्टेशन पहुंचे तो देखा कि जीजाजी हमे लेने आए हुए थे और उनकी नज़र मुझ पर अटक गयी.. क्योंकि वो हम से बड़े दिनों के बाद मिल रहे थे. तो अब तक में एक छोटी सी बच्ची से एक जवान, खुबसूरत लड़की हो चुकी थी.

    फिर वो मेरे पास आए और उन्होंने मेरे माथे पर एक किस किया और मुझे गले लगाया और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया मेरे बूब्स एकदम उनके स्पर्श से टाईट हो गये और मेरे पूरे जिस्म में एक सनसनी दौड़ गयी और फिर उन्होंने सोनू को भी गले लगाया. फिर हम जैसे तैसे उनके घर पर पहुंचे.. जो बहुत दूर एक सुनसान इलाक़े में था.. लेकिन हमे काजल दीदी से मिलने पर बहुत ख़ुशी हुई.

    फिर हमने उन्हे बताया कि हम दो महीनों के लिए यहाँ पर आए है.. तो वो और भी खुश हो गयी. फिर जीजाजी ने कहा कि चलो तुम लोग फ्रेश हो जाओ थक गए होंगे.. अब वैसे सोनू को जैसे आज़ादी मिल गई हो वैसे ही उसने कहा कि में नहीं थका हूँ और में नीचे खेलने जा रहा हूँ और में सूटकेस से सामान निकालने लगी और जीजाजी काजल दीदी के साथ किचन की तरफ चले गये.. में कुछ उनके लिए सर्प्राइज़ लाई थी.. इसलिए चुपके से उनके पीछे गयी तो जीजाजी काजल दीदी को पकड़कर धीरे धीरे कह रहे थे कि यार नीलू तो बहुत मस्त माल बन गयी है और साली तो सही में आधी घरवाली होती है.. कहकर हंस रहे थे.

    फिर में तो उनकी यह सब बातें सुनकर पानी पानी हो गयी और फिर वापस रूम में चली गयी. मेरे जीजाजी कहीं कपड़े की दुकान पर नौकरी करते थे और हर दिन दोपहर में 2-3 घंटे के लिए घर आ जाते थे और फिर शाम को दुकान पर चले जाते थे. तो धीरे धीरे रात हो गयी थी और हम सब जब खाना खाने एक साथ बैठे हुए थे तो जीजाजी मुझे घूर घूरकर देख रहे थे और दीदी को कह रहे थे कि दो दिन बाद होली है.. नीलू को बहुत रंग लगाएँगे और सोनू को भी.. तो सोनू यह बात सुनकर बोला कि फिर तो बहुत मज़ा आएगा और जीजाजी सोनू के साथ प्लॅनिंग कर रहे थे और में, दीदी रूम में जाकर बिस्तर लगा रहे थे.

    मैंने दीदी से बोला कि दीदी यहाँ पर तो सिर्फ एक ही बेड है इस पर हम लोग कैसे सोएंगे? तो दीदी तपाक से बोली कि तू अपने जीजाजी के साथ बेड पर सो जाना और में, सोनू के साथ नीचे ज़मीन पर. तो में एकदम घबराकर बोली कि ना बाबा ना आप ही सोना जीजाजी के साथ और फिर हम सो गए.. लेकिन रात भर मुझे नींद नहीं आई एक तो बहुत मच्छर थे और उस पलंग की बहुत आवाज़ आ रही थी.

    फिर दूसरे दिन जीजाजी ने कहा कि शॉप की 6 दिन के लिए छुट्टियाँ है तो हम सब बहुत मज़े करेंगे और मेरी तरफ देखने लगे. तो इतने में मैंने कहा कि आज इसी बात पर खाना में बनाउंगी और दीदी मान गयी. फिर जीजाजी और दीदी कुछ बहुत धीरे धीरे बात कर रहे थे और में चुपके से सुन रही थी.. क्योंकि रूम किचन के बिल्कुल पास में था.. जीजाजी, दीदी को कह रहे थे प्लीज कुछ ऐसा करो कि नीलू एक बार मान जाए बहुत मज़ा आएगा. तो दीदी बोली कि बिल्कुल नहीं.. किसी को पता चल जाएगा तो मुसीबत आ जाएगी और जीजाजी बहुत ज़ोर दे रहे थे.

    दीदी बोली कि ठीक है में कोशिश करती हूँ और मैंने बस इतना ही सुना और में खाना बनाने लगी. तो दिन को हम सब खाना खाने बैठे तो जीजाजी मेरे खाने और मेरी तारीफों के पुल बांध रहे थे.. मैंने दीदी से बोला कि देखो जीजाजी मुझे छेड़ कर रहे है. तो दीदी हंसी और बोली कि साली के ऊपर तो जीजा का पूरा हक बनता है और में शरमा गयी और जैसे तैसे रात हुई.

    फिर जब हम सोने जा रहे थे.. जीजाजी बोले क्यों नीलू कल नींद तो अच्छी तरह से आई थी ना? और मैंने भी उन्हे छेड़ते हुए कहा कि आपकी वजह से नहीं आई. तो जीजाजी बोले कि मुझे पता है छोटा सा रूम है और तुम कल नीचे सोई थी.. लेकिन कोई बात नहीं आज में नीचे सो जाता हूँ और यह बात सुनते ही सोनू बोला कि में अकेले नीचे सो जाता हूँ आप तीनों ऊपर पलंग पर सो जाओ. तो यह बात सुनते ही में मना करने लगी.

    थोड़ी देर बाद काजल दीदी एक बहुत ही सेक्सी गहरे गले का बिना बांह वाला छोटा गाऊन पहन कर आई और मुझसे बोली कि तू ऊपर नहीं सोएगी तो में सोनू के साथ नीचे सो जाउंगी. तो यह बात सुनकर में मान गयी. मैंने भी एक ढीला ढाला आगे से खुला हुआ गाऊन पहना हुआ था. फिर पलंग के एक तरफ जीजाजी एक तरफ में और बीच में दीदी सोई हुई थी और सुबह जब में उठी तो सब सो रहे थे और में देखकर हेरान रह गयी.. मेरे गाऊन के सारे बटन खुले हुए थे और मेरी ब्रा पेंटी साफ साफ दिख रही थी और दीदी का भी गाऊन उतरा हुआ था और मेरी नजरें दीदी के बूब्स पर गई जो कि बहुत बड़े थे.. लेकिन मुझसे कम और उनके पेट पर एक आक्रति बनी हुई थी और चूत गीली थी. बिस्तर से भी कुछ महक आ रही थी. जीजाजी उस तरफ मुहं करके सोए हुए थे. तो में एकदम बहुत घबरा कर जल्दी से उठी अपना गाऊन ठीक तक किया और टॉयलेट में जाकर ज़ोर ज़ोर से फ्लश की आवाज़ करने लगी.. ताकि सब जाग जाए और फिर ऐसे ही हुआ.

    फिर उस दिन जीजाजी घर पर ही थे क्योंकि कल होली थी.. तो दीदी बोली कि हम लोग आज कुछ स्पेशल बनाते है और उस दिन हम दोनों सुबह से किचन में थे. तो बातों ही बातों में दीदी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो मैंने साफ मना कर दिया और फिर मैंने भी दीदी को छेड़ते हुए बोल ही डाला कि कल रात को क्या क्या किया आपने और जीजाजी ने.. मैंने हंसते हुए कहा? और आपने पेट पर वो आक्रति कहाँ से बनवाई.. वो बहुत अच्छी लग रही थी.

    दीदी हंसी और बोली कि क्या तूने कल वो सब कुछ देख लिया? तो मैंने कहा कि क्या? फिर दीदी बोली कि यह तो किसी भी रात मुझे नहीं छोड़ते है और आज तो यह कहकर गये है कि थोड़ा लेट हो जाएगा क्योंकि वो दारू पीकर आएँगे.. कल होली है ना इसलिए और वो आक्रति तेरे जीजाजी ने ही बनाई है.. उनके पास एक मशीन है और वो बोली कि क्या तुझे भी बनवानी है? तो में इनको बोल दूँगी और फिर मैंने मना कर दिया.

    फिर मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए पूछा कि दीदी क्या आप रोज़ सेक्स करती हो? तो दीदी बोली कि इसमे इतनी शरमाने वाली क्या बात है? इनका लंड ही इतना बड़ा सुडोल और मस्त है कि मुझसे रहा नहीं जाता और दीदी ने चान्स मारते हुए कहा कि तुझे भी सेक्स करना है क्या? और दीदी बोली कि तेरे बूब्स तो मेरे से भी बड़े है.. उन्होंने चिकोटी काटते हुए कहा और में वहाँ से भाग गयी.. लेकिन दिन भर मुझे कुछ कुछ हो रहा था. एक अजीब सी खुजली हो रही थी और मेरी चूत भी दिन भर एकदम गीली थी और में दीदी की बात को सोचे जा रही थी. फिर ऐसे ही दिन गुज़र गया..

    रात को दीदी ने बिस्तर लगा दिए और हमने अपने गाऊन भी पहन लिए और सोनू भी सो गया था. तो दीदी और में बात कर रहे थे.. दीदी बोल रही थी देखना यह पीकर आएँगे और इनका सब काम मुझे करना पड़ेगा और इतने में घंटी बजी और दीदी दरवाजा खोलने गई. तो जीजाजी थोड़ा लड़खड़ाते हुए अंदर आए और मुझसे बोले कि यार सॉरी वो कल होली है.. इसलिए दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी है. हम कल सुबह बात करते है और वो हैप्पी होली कहकर बिस्तर पर धम से गिर पड़े और में एकदम से डर गयी.

    फिर दीदी बोली कि देखा ना ऐसा ही करते है और दीदी नीचे झुककर उनके जूते, मोजे उतार रही थी तो एकदम साफ दीदी के बूब्स लटकते हुए नज़र आ रहे थे और उन्होंने जीजाजी की शर्ट को भी उतार दिया.. फिर बेल्ट निकालने लगी तो वो बड़ी मुश्किल से हिला हिलाकर निकली. फिर पेंट के हुक खोले और उसे उतारने की कोशिश कर रही थी और मुझे बोली कि नीलू मेरी थोड़ी मदद कर इनकी पेंट मुझसे नहीं उतर रही है. तो मैंने उनकी मदद की और उनकी पेंट उतर गई और अब जीजाजी सिर्फ़ अंडरवियर में थे.. जिसे में बहुत ध्यान से देखे जा रही थी और सोच रही थी कि दीदी अब मुझसे अंडरवियर भी ना उतारने के लिए कहे और जीजाजी के बदन से मेरी आँखें नहीं हट रही थी. क्या मस्त बॉडी थी उनकी सीना चौड़ा और अंडरवियर के अंदर कोई बहुत बड़ी सी चीज़ जो बाहर आने के लिए बेताब हो एसी नजर आ रही थी. तो अचानक से दीदी ने मुझे देख लिया कि में जीजाजी के लंड की तरफ देख रही हूँ और उन्होंने मुझसे कहा कि यह वही सांप है जो रोज़ मुझे डसता है.. क्या तुझे देखना है तो बता?

    तो में कुछ नहीं बोल पा रही थी और मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या जवाब दूँ? में बस देखे जा रही थी और इतने में देखते ही देखते दीदी ने अंडरवियर को एक झटका देकर खींच दिया और लंड को बाहर निकालकर सलहलाने लगी. तो में देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे डर लग रहा था कि कहीं जीजाजी उठ ना जाए?

    दीदी बोली देख इन्हे कितना मज़ा आ रहा है.. में तो बस देखे ही जा रही थी. उनका इतना बड़ा और मोटा था कि बस पूरी चूत गीली हो रही थी. फिर दीदी बोली कि तू भी एक बार इस सांप को पकड़कर देख कितना मज़ा आता है और उन्होंने मेरा हाथ खीचकर लंड पर रख दिया और बोली कि ऊपर नीचे करके देख कितना मज़ा आएगा. फिर मैंने जैसे ही हाथ रखा वो इतना गरम था और इतना मोटा, सख्त, लंबा कि मेरे पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ रही थी. मेरे हाथ रखने के कुछ देर बाद जीजाजी ने मुहं से आवाज़ निकाली और मैंने एकदम हाथ हटा दिया और सो गयी.

    दीदी ने लाईट बंद की और दीदी मेरे पास में लेटकर मेरे बूब्स को पकड़कर बोली कि क्यों नीलू सांप को देखने से इतनी घबरा रही हो कि ठंड के मारे तुम्हारी कंपकपी छूट रही है और अगर वो काट लेता तो क्या होता? वो हंस पड़ी और सो गयी.

    में रात भर सो नहीं पाई और मेरे दिमाग़ में अजीब अजीब ख़याल आ रहे थे. में उस मोटे और तगड़े लंड के बारे में सोच रही थी और अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि जीजाजी पूरे नंगे मेरे पास में सोए थे और दीदी हमारे बीच में नहीं थी और मेरे गाऊन के बटन भी खुले हुए थे.. जीजाजी मु मु मु कर रहे थे और अचानक से उन्होंने मेरे बूब्स नींद में पकड़ लिए और दबा रहे थे. बहुत सख्त हाथ थे उनके.. उन्होंने मेरे बूब्स को मसल मसल कर लाल कर दिया और मुझे भी मज़ा आ रहा था. तो मैंने सोचा कि यह तो मेरे जीजाजी है में इनके साथ कैसे यह सब कर सकती हूँ और दीदी के आने की आहट से में घबराकर उनसे अपने आपको छुड़ाकर उठ गयी और बाहर हॉल में आ गयी.

    दीदी हॉल में आई और बोली कि हैप्पी होली.. आज तो बहुत मज़ा आएगा और होली वाले दिन में बहुत घबराई हुई थी और जीजाजी उठ गये थे.. लेकिन में उनसे नज़रें चुरा रही थी और दीदी मंद मंद मुस्करा रही थी और सोनू तो सुबह से ही रंग के गुब्बारे और अपनी पिचकारी के साथ व्यस्त था. तो दीदी, जीजाजी कुछ धीरे धीरे कह रही थी.. शायद कल रात वाली बात के बारे में और फिर दीदी हॉल में आकर बोली कि जल्दी से पुराने कपड़े पहन ले वरना कोई भी रंग लगा देगा और फिर होली खेलकर हम सब खाना खाएगें.. आज मैंने चिकन लोलीपोप बनाया है और इतने में जीजाजी बोले लोलीपोप खाया नहीं चूसा जाता है.. तो सब हंसने लगे और में रूम में भाग गयी.. लेकिन पुराने कपड़े मेरे पास नहीं थे..

    मैंने दीदी से बोला कि उनके पास पुराने कपड़े है क्या? तो दीदी बोली कि हाँ है और उन्होंने मुझे एक लाल कलर का टॉप दिया जो बहुत टाईट था और एक स्कर्ट दी जो कुछ छोटी सी थी.

    फिर दीदी बोली कि यह मेरे हनिमून में इन्होने मुझे गिफ्ट दिया था.. तब में बहुत पतली दुबली थी और मैंने उसे पहन लिया और कांच में देखा तो मेरे बूब्स उसमे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे और कमर एकदम पतली और गांड पीछे से निकली हुई थी और मुझे बहुत शरम आ रही थी.. क्योंकि वो टॉप इतना टाईट था कि मेरी निप्पल उसमे से एकदम साफ नज़र आ रही थी और बड़ी मोटी मोटी लग रही थी. तो जीजाजी ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोले कि नीलू क्या सेक्सी दिख रही हो? मुझे तुम्हे देखकर अपने हनिमून की याद आ गयी.

    फिर दीदी बोली कि बस एक अंतर है मेरे बूब्स थोड़े छोटे थे.. इसके बहुत बड़े है और में नीचे मुहं करके किचन में चली गयी. तो जीजाजी, दीदी से कह रहे थे कि आज मेरा कैसे भी काम बनवा दो प्लीज और इतने में सोनू पूरा रंग डलवाकर आया और बोला कि बाहर उसे किसी ने रंग के ड्रम में डाल दिया और में उसे नहीं छोड़ूँगा. फिर उसने एक बाल्टी में बहुत गाढ़ा रंग बनाया और सब रंग डालकर बाहर जा रहा था. तभी जीजाजी ने कहा कि बस हो गयी होली.. तू अब कहीं नहीं जाएगा.. लेकिन वो सुनने वाला कहाँ था.

    तो जीजाजी उसे डांटते हुए बोले कि जाकर नहा ले और नीलू रंग उतारने में उसकी मदद कर दो.. तो सोनू बोला कि में कर लूँगा. तो जीजाजी गुस्से में उससे बोले कि चल जल्दी से अपने कपड़े उतार. इतने में सोनू बाथरूम में जाकर अपने सारे कपड़े उतारकर खड़ा था और जीजाजी बोले कि नीलू साफ करने में मदद करो और मैंने उसका लंड कभी नहीं देखा था वो भी ठीक ठाक था और में मन ही मन में जीजाजी के लंड के साथ उसकी तुलना कर रही थी और फिर रंग उतारने में व्यस्त हो गयी और नीचे बैठकर उसके पेट पर साबुन लगा रही थी. तो सोनू का लंड मेरे मुहं से छू रहा था. तभी जीजाजी पीछे खड़े थे वो बोले कि अब सब जगह से रंग उतर गया है और उन्होंने कहा कि लंड पर भी साबुन लगाओ और ऊपर नीचे करके रगड़ो. तो सोनू बोला कि में खुद ही कर लूँगा.

    फिर जीजाजी चिल्लाते हुए बोले कि चल लगवा साबुन और में साफ कर रही थी और ना जाने कब जीजाजी ने वो सोनू ने जो रंग भरी बाल्टी बनाई थी.. पीछे से मेरे ऊपर डाल दी और बोले हैप्पी होली. तो में ठंड में कांप रही थी और मेरी पूरी भीगी हुई थी स्कर्ट और टॉप चिपक गये और मेरे बूब्स तन गये थे.. गांड साफ नज़र आ रही थी और सोनू मज़े कर रहा था. तो वहाँ पर दीदी भी आ गयी और उन्होंने मुझे और भी रंग लगाया और जीजाजी को भी लगाया और रंग लगाते लगाते हम फ्लेट के बरामदे में आ गये और सोनू नीचे चला गया और जीजाजी, दीदी से बोले कि पकड़ो नीलू को.. आज में इसे अच्छी तरह रंग लगता हूँ और यह कहकर उन्होंने मुझे कमर पर और फिर अपना हाथ आगे बड़ाते हुए मेरे टॉप के अंदर बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाया में चिल्ला रही थी.. लेकिन वो दोनों हंस रहे थे और जीजाजी ने मेरी जांघो पर, गर्दन पर और सब जगह रंग लगाया. तो मैंने गुस्सा होकर अंदर रूम वाले टॉयलेट में अपने आपको बंद कर दिया.. फिर दीदी आई और बोली कि पगली क्या कोई ऐसे रोता है क्या रंग लगाने से? वो तेरे जीजाजी है चल अब खोल जीजाजी यहाँ पर नहीं है.

    फिर मैंने डर के मारे थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और में दीदी से बहुत नाराज़ हुई और बोली कि जीजाजी ने मेरे बूब्स पर इतने ज़ोर से नाख़ून लगाया है कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. क्या कोई ऐसे कोई करता है? तो काजल दीदी बोली कि चल में तेरा रंग उतार देती हूँ और यह कहकर वो मेरी स्कर्ट उतारने लगी तो में बोली कि में खुद ही कर लूँगी. तो वो बोली कि तू मेरा रंग उतार और में तेरा.. में बोली कि मुझे शरम आती है. तो वो बोली कि में तेरी बहन हूँ और तूने तो मेरा सब कुछ देख ही लिया है और मैंने भी देखा है फिर शरमाने की क्या बात है.

    फिर में मान गयी और अपनी स्कर्ट, टॉप को उतार दिया और दीदी भी ब्रा, पेंटी में थी और बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था क्योंकि बाथरूम बहुत छोटा था. तभी अचानक से जीजाजी रूम में आ गये और बोले कि मेरा भी रंग उतारो भाई और यह कहकर उन्होंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे और बाथरूम में आ गए. तो में बहुत हैरान हो गयी और में दीदी से बोली कि यह सब ठीक नहीं है.. मुझे बाहर जाना है.

    फिर दीदी ने कहा कि साली तू शरमाती बहुत है आज यह तेरी शरम उतारनी पड़ेगी और वो जीजाजी से बोली कि आप ही समझाओ इसे और दीदी बोली कि बाहर चल.. उन्होंने मेरी ब्रा उतार फेंकी और मेरे दोनों कपड़ो को जल्दी से खींचकर फाड़ दिया और जीजाजी ने अंदर आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. में छटपटा रही थी, चिल्ला रही.. लेकिन मुझे बचाने वाला वहाँ पर कोई नहीं था.

    फिर दीदी ने मेरे दोनों हाथ आगे से हाथ पकड़ लिए और जीजाजी पूरे नंगे हो गये थे और उनका लंड मेरी गांड को छू रहा था और वो मेरे बूब्स को दबाए जा रहे थे और दीदी साबुन को मेरे पैरों पर, जांघो पर, और मेरे पूरे बदन पर लगाए जा रही थी.

    तो जीजाजी मेरे पूरे बदन को सहला रहे थे और मानो मेरे जिस्म में हजारों बिजलियाँ दौड़ रही थी.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब तक दीदी मेरी पेंटी को नीचे गिरा चुकी थी और अपनी एक ऊँगली को मेरी चूत पर बार बार रगड़ रही थी और साबुन लगा रही थी. फिर कुछ देर बाद वो बहुत तेज़ी से अंदर बाहर अपनी ऊँगली करने लगी और जीजाजी ने मुझे इतने ज़ोर से पकड़ा हुआ था कि में छटपटा रही थी और दीदी से कह रही थी और करो अह्ह्ह ह्म्‍म्म्मा ओहूऊऊऊः करे जा रही थी.

    फिर जीजाजी मेरे सामने आए और उन्होंने मुझे ज़ोर से गले लगाया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहे थे. निप्पल को चूसे जा रहे थे और वो एक हाथ से अपनी ऊँगली को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे. तो मैंने उनका लंड देखा और बोला कि जीजाजी यह कितना बड़ा हो गया है और उस सख्त लंड की नसे भी दिखाई दे रही थी.

    फिर दीदी ने कहा कि नीचे बैठ जा और में नीचे बैठी.. तो वो बोली कि दोनों पैर को फैला और मैंने वैसे ही किया. फिर दीदी ने अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में और एक चूत में डालना शुरू किया और में जीजाजी का लंड पकड़कर सहला रही थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चूसो इसे.. फिर में ज़ोर ज़ोर से लंड की टोपी मुहं में अंदर बाहर कर रही थी और दीदी उतनी ही तेज़ी से मेरी चूत, गांड में उंगली कर रही थी और जीजाजी ज़ोर ज़ोर के झटके से मुहं में लंड दबा दबाकर अंदर बाहर कर रहे थे और में आहह उह्ह्ह कर थी थी. फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और मैंने बोला कि जीजाजी यह बहुत मोटा है.. लेकिन दीदी ने ऊपर से मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए थे और वो बोली कि सुरेश इस साली की चूत में लंड एक बार में अंदर जाना चाहिए. तो जीजाजी ने जोश ही जोश में मेरी चूत के अंदर लंड को इतनी ज़ोर से डाला कि मेरी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और आखों से आंसू बाहर आ गये.. में जोर से चीखी.. फट गई मेरी चूत, प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बचाओ माँ.. मेरी चूत फट गयी.

    दीदी मेरे बूब्स और निप्पल को नोंचे जा रही थी और जीजाजी अंदर बाहर लगातार करते रहे और में चिल्लाती रही.. फिर उसने मेरे पैर और फैला दिए और वो ज़ोर ज़ोर से झटके देकर लंड को अंदर डाले जा रहे थे. में उईई माँ उईईइइममाआ आवाज़ किए जा रही थी और ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.. लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं सुन रहे थे. तो दीदी ने कुछ इशारा किया और जीजाजी ने मुझे पीछे पलटा. तो दीदी ने साबुन उनके लंड पर लगा दिया और थोड़ा मेरी गांड पर रख दिया.

    तो में बोली कि दीदी पीछे नहीं जाएगा.. जितना करना है आगे ही कर लो प्लीज.. में आपका लंड और चूस देती हूँ.. लेकिन जीजाजी ने मेरी एक नहीं सुनी और बोले कि उठ कुछ नहीं होगा.. में बस धीरे धीरे धक्के दूंगा और कहने बाद दीदी ने मुझे झुकाया और जीजाजी को आँख मारी और जीजाजी ने ऐसा झटका मारा कि लंड मेरी गांड में घुसता चला गया और में बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन मेरी कोई नहीं सुन रहा था और दीदी हँसे जा रही थी. वो झटके पर झटके मारते चले गये और 10 -15 झटके के बाद में मरे जा रही थी और में अधमरी सी हो गयी थी और फिर जीजाजी जब झड़ गये तो उनका पूरा वीर्य मेरी गांड के अंदर चला गया और मुझे मेरी गांड में इतनी जलन हो रही था कि में क्या बताऊँ. फिर पूरी चुदाई होने के बाद दीदी ने मुझे नहलाया और बेड पर लेटा दिया.. में चल भी नहीं पा रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

    फिर अचानक से मेरी आखं लग गई और में करीब 4 घंटे बाद सोकर उठी तो मेरा दर्द ख़त्म हो चुका था. दीदी मेरे पास आई और पूछा कि मजा आया.. तो मैंने भी जवाब में एक स्माईल दे दी. दीदी ने खुश होकर मुझे गले से लगा लिया और बोली कि अब तो तेरी शर्म उतर चुकी है.. अब तू भी हमारे साथ चुदाई के मजे ले.. लेकिन ध्यान रखना कि यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए. में दीदी से बोली कि आप चिंता मत करो.. में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी.

    दोस्तों फिर उसके बाद तो में जीजाजी की दूसरी बीवी बन गई थी. दीदी और जीजाजी भी बहुत खुश थे. अब हम तीनों चुदाई के फुल मजे लेने लगे थे. सेक्स में ऐसा कोई काम नहीं था जो हमने नहीं किया हो. दीदी जीजाजी के लंड को पकड़कर मेरी चूत पर रखती और में अपनी चूत खोलकर उसे पूरी मस्ती के साथ स्वीकार करती थी. कभी दीदी मेरे सामने जीजाजी से चुदवाती तो कभी में उनके सामने जीजाजी के लंड पर कूदती. उन दो महीनों में मैंने अपनी चूत और गांड को जीजाजी से बहुत चुदवाया.. फिर दो महीने बाद हम अपने घर वापस लौट आये. आज मुझे मेरा जीवन बिना लंड के अधूरा लगता है.. क्योंकि दो महीने तक चुदवाने के बाद तो मेरी चूत को लंड का जोरदार चस्का लग चुका है. आज भी रोज जब मेरी चूत में आग लगती है तो मेरी दो उँगलियाँ चूत में जाती है और उसे ठंडी करके ही वापस बाहर आती है.

  • साले की सेक्सी बीवी की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विकास है और मेरी उम्र 35 साल है. में दिल्ली से हूँ और ये बात 1 साल पहले की है, जब में अपने ससुराल गया हुआ था. जब घर में मेरे साले की बीवी अकेली थी, उसका नाम नेहा है और उसका जिस्म कमाल का है. वो दिखने में बहुत सुंदर, गोरी, कसे हुए बूब्स, क्या माल है वो? फिर मैंने पूछा कि सब कहाँ गये? तो वो बोली कि रिश्तेदारी में मिलने गये है और रात तक आयेंगे.

    फिर उसने चाय नाश्ता लगाया, फिर हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया, फिर इधर उधर की बात होने लगी. अब बातों-बातों में मैंने पूछा कि शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? तो वो थोड़ा शरमा गई और कोई जवाब नहीं दिया. मैंने फिर से पूछा और बोला कि जवाब नहीं दिया, तो वो शर्माते हुए बोली कि ठीक चल रही है, तो मैंने पूछा कि तुमको रात में खुश तो कर देता है ना, तो वो ह्म्‍म्म्म बोलकर चुप हो गई.

    फिर में उसके पास जाकर बैठ गया और पूछा कि क्या आपको ये बात करना अच्छा नहीं लगा? तो वो बोली कि मुझे शर्म आती है. अब मेरी हिम्मत बढ़ गई थी और मैंने उसके हाथ को पकड़ कर पूछा कि साफ़-साफ़ बताओ कि उसका पति उसको संतुष्ट कर देता है या नहीं, तो वो शर्माते हुए बोली कि बीच में रह जाता है. फिर मैंने बोला कि इसका मतलब तुम संतुष्ट नहीं हो, तुम्हारा निकलने से पहले उसका निकल जाता है. फिर वो शर्माते हुए उठकर अंदर रूम में चली गई और अब में भी उसके पीछे पीछे अंदर कमरे में चला गया. फिर वो बोली कि जीजा जी प्लीज इस तरह की बात मत करो, कुछ अलग सा महसूस होता है.

    फिर मैंने सोचा कि आज गाड़ी लाईन पर चढ़ गई है, फिर में उसके पास गया और उसका हाथ अपने हाथ में लिया और बोला कि तुमको क्या महसूस होता है? तो वो बोली कि नहीं जीजा जी प्लीज ये सब बात नहीं. मैंने फिर बोला कि क्या महसूस होता है? और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया, तो उसको एकदम से करंट लगा और वो मुझसे दूर चली गई. तो मैंने बोला कि क्या हुआ?

    वो बोली कि नहीं ये सब ग़लत है, में ये सब नहीं करुँगी. फिर में उसके पास गया और बोला कि अगर तुम ऐसे ही जिस्म की आग में जलती रहोगी तो क्या होगा? तुम प्यासी रहोगी, परेशान रहोगी. अब मेरे बहुत समझाने पर वो थोड़ा मान गई और मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाया तो वो सहम उठी. अब में उसके बूब्स को मसलने लगा और वो गर्म होने लगी थी. फिर मैंने उसके ब्लाउज को ऊपर कर दिया, क्या मस्त बूब्स था यार?

    फिर मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया तो उसने शर्माकर चादर ओढ़ लिया. फिर में चादर हटाने लगा तो वो बोली कि लाईट बंद कर दो, लेकिन मैंने लाईट बंद नहीं की. फिर मैंने उससे कहा कि मेरे कपड़े निकालो, तो वो बोली कि शर्म आ रही है. फिर में अपने कपड़े निकाल कर नंगा हो गया और उसकी चादर एक झटके में खींच ली.

    अब उसने अपनी आँखें बंद कर ली और लेट गई, अब मैंने उसको नंगी देखा तो देखता ही रह गया, वो क्या मस्त गजब की सुंदर है? 32 साईज़ के बूब्स कसे हुए, लाल निप्पल, गोरा रंग, गुलाबी चूत. अब उसको देखते ही मेरा लंड सलामी देने लगा, फिर में उसके पास गया और उसके होंठो पर किस करने लगा और उसके जिस्म पर अपना हाथ फैरने लगा. फिर मैंने उसके गाल पर किस किया और उसके बूब्स को मसलने लगा, अब वो बहुत गर्म होने लगी थी.

    फिर मैंने उसके हाथ में अपना 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड पकड़ा दिया, तो वो एकदम से घबरा कर बोली कि जीजा जी ये क्या है? इतना लंबा मोटा, में तो मर ही जाऊँगी, में ये नहीं ले पाऊँगी, मेरे पति का तो इससे बहुत छोटा है, उसका तो 5 इंच लंबा और पतला है और फिर वो बार-बार मना करने लगी. फिर मैंने उसको कहा कि जितना लंबा मोटा होता है उतना ही ज्यादा मजा आता है एक बार लेकर तो देख, फिर बताना तुमको कैसा लगा? और अपने लंड को उसके मुँह के पास लगाया.

    वो बोली कि उसने आज तक चूसा नहीं है, गंदा लगता है. फिर में उसको थोड़ा और गर्म करने लगा, उसके बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, बॉडी पर हाथ फैरने लगा, उसकी गांड को सहलाने लगा. अब वो बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी और उम्म्म्म आअहह करने लगी थी. फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चिकनी चूत में डाल दी और चूसने लगा. फिर वो बोली कि जीजा जी क्या कर रहे हो? में मर जाऊँगी इतना मजा आ रहा है. फिर मैंने अपना लंड उसके होंठो से लगाया और वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और में भी अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और उसकी चूत के दाने को बीच-बीच में हल्का सा काट देता, तो वो सहम उठती.

    फिर 5 मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत ने रस निकाल दिया और फिर मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया. फिर मैंने उससे पूछा कि कैसा लगा? तो वो बोली कि जीजा जी बहुत मस्त मजा आया, आज पहली बार चूत से रस निकला है. फिर दोबारा से में उसके बूब्स को दबाने लगा और निप्पल को चूसने लगा, काटने लगा तो वो उम्म्म आहह करने लगी और वो फिर से गर्म हो गई. फिर मैंने उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और जोर से एक झटका दिया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया. अब उसको दर्द होने लगा था. फिर वो बोली कि इतना ही जाएगा जीजा जी प्लीज निकाल लो, अब चूत के अंदर से रस निकलने के कारण उसकी चूत चिकनी हो गई थी.

    फिर मैंने एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. अब मुझे पता था कि वो चिल्लाएगी इसलिए मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया था. अब वो गू गू करने लगी थी और उसकी आखें भर आई थी.

    फिर मैंने देर ना करते हुए एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर जाकर टकराया. अब वो छटपटाने लगी, रोने लगी, उसकी आँखों से आसूं आने लगे और वो मुझे पीछे धक्का देने लगी, लेकिन मैंने उसको कस कर दबाए रखा और हिला नहीं. फिर 5 मिनट के बाद वो कुछ शांत हुई तब मैंने अपने होंठो को खोला तो वो बोली कि जीजा जी बहुत दर्द हो रहा है, मेरी जान निकल गई, बहुत लंबा मोटा है, निकाल लो जीजा जी प्लीज, निकाल लो में आपका लंड नहीं ले पाऊँगी.

    फिर मैंने कहा कि वो ऐसा मजा देता है क्या? तो वो बोली कि नहीं. फिर मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू किया और अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में पूरा उसकी बच्चेदानी तक डाल दिया, तो वो ज़ोर से चिल्लाई उउई माँ में मरररर गई रे, निकाल लो में मर जाऊँगी, कहाँ फंस गई? इतना लंबा मोटा है प्लीज निकाल लो, माँ मुझे बचा लो में मर जाऊँगी.

    फिर में धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और फिर 2-3 मिनट के बाद उसको भी अच्छा लगने लगा. फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए और उसका फिर से रस निकल गया. अब रस निकलने से उसकी चूत और ज्यादा चिकनी हो गई थी. फिर मैंने उसकी लगातार जोरदार चुदाई शुरू की और 10 मिनट तक लगातार उसको चोदा. अब उसका भी निकलने वाला था और फिर हम दोनों ने एक साथ अपना-अपना माल निकाला और सारा माल उसकी चूत के अंदर भर दिया.

    फिर 5 मिनट तक में उसके ऊपर ही पड़ा रहा, फिर उठकर साईड में लेट गया और उससे पूछा कि कैसा लगा? तो वो बोली कि जीजा जी इतना मजा तो मैंने आज तक कभी नहीं लिया जितना आज आया है. फिर थोड़ी देर के बाद जब वो उठी तो उसकी चूत से रस निकल कर पैरो में बह रहा था. फिर मैंने उसको ड्रेसिंग अलमारी के कांच में देखने को कहा, तो वो अपने आप को कांच में देखकर शर्मा गई और बोली कि जीजा जी कितना सारा माल निकालते हो और अपनी चूत का छेद देखकर दंग रह गई, उसकी चूत डबल रोटी की तरह फूल गई थी. फिर उसने बाथरूम में जाकर सारी सफाई की और अपनी चूत को गर्म पानी से साफ़ किया. फिर वो अपने कपड़े पहनकर मेरे पास आकर बैठ गई. फिर मैंने उसको दर्द की गोली दी और बोला कि थोड़ी देर में दर्द कम हो जायेगा. अब जब भी मौका मिलता है तो में उसकी जमकर चुदाई करता हूँ.

  • साले की बीवी के साथ रोमांस

    हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों मेरा नाम योगी है और में 30 साल का हूँ और मेरे साथ जो लड़की इस कहानी में है उसका नाम स्मिता है और उसकी उम्र 32 है और वो मेरे बड़े साले की पत्नी है. यह कहानी करीब एक साल पहले की है. में गुजरात का रहने वाला हूँ और में एक गुजराती हूँ. मेरी शादी को अभी दो साल से भी ज़्यादा टाइम हो गया है, लेकिन यह घटना जब हुई थी तब मेरी शादी को एक साल हुआ था.

    मेरी सगाई होने के बाद में अक्सर मेरे ससुराल जाया करता थाज मेरे ससुर के तीन लड़के और तीन लड़कियां है और इसमें स्मिता मेरे दूसरे नंबर के साले की पत्नी है और बाकी के दो साले शहर से बाहर रहते है. तो इसलिए जब भी में मेरे ससुर के घर जाता था तो में मेरे साले की पत्नी के साथ बहुत हंसी मज़ाक करता रहता था और वो भी मुझसे और मेरी पत्नी को मिलने के लिए मुझे अपने ससुराल बुलाती थी, लेकिन उस टाइम मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था कि में इसके साथ इस तरह तक सेक्स में आगे बढूंगा? तो सगाई के एक साल बाद मेरी शादी हो गई और मेरी पत्नी भी मुझे बहुत अच्छा सेक्स में साथ देती थी, लेकिन हुआ यह कि शादी के बाद जब में पहली बार मेरे ससुर के घर गया तो में दामाद था और अपने ससुर के घर पर मेरी बहुत अच्छी तरह स्वागत हुआ और स्मिता मेरा बहुत अच्छा ख्याल रखती थी.

    फिर उसके बाद जब मेरा साला और उसकी पत्नी (स्मिता) जब पहली बार मेरे घर पर आए तो में उसे बहुत जगह पर घुमाने लेकर गया. मेरा साला बहुत बार अपने दूसरे रिश्तेदार के घर पर जाता तो में, मेरी पत्नी और स्मिता साथ में शॉपिंग के लिए भी जाते और उसको में बहुत बार शॉपिंग करवाता था और हम जब भी में उसके साथ जाता तो में सब चीज़ उसको पहनकर देखकर लाने को कहता था और पहनाकर भी देखता था और उस टाईम पहली बार हुआ कि मेरी पत्नी घूमते समय मुझसे अलग हो गई और मेरे साले की पत्नी एक फिटिंग वाली ड्रेस पहनकर देखने के लिए ट्रायल रूम में गई थी तो वो जब वापस बाहर आई तो दिखाने के लिए तब कोई नहीं था.

    उसने मुझे कॉल किया तो में आ गया क्योंकि मेरी पत्नी का मोबाईल कार में पड़ा हुआ था, उसने मुझसे पूछा कि मेरी पत्नी कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि में भी उसे बहुत देर से ढूँढ रहा हूँ, लेकिन वो ना जाने कहाँ चली गई है? तब उसने मुझसे बोला कि अब इस ड्रेस का क्या करें? तो मैंने उसे बताया कि इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही हो और इसकी फिटिंग भी बहुत अच्छी आ रही है. उसने अब उस ड्रेस को रख लिया और बाद में ट्रायल रूम से बाहर आकर उसने बोला कि मुझे तो और भी शॉपिंग करनी है, लेकिन सबसे पहले उसे ढूँढते है तो मैंने उससे कहा कि तुम टेंशन मत लो, थोड़ी देर में वो मिल जाएगी और आपको जो भी शॉपिंग करनी है में करवाता हूँ और अब उसे में अच्छी अच्छी ड्रेस दिखाने लगा और हर बार ट्रायल करवाने लगा.

    उसने बहुत सारी शॉपिंग की और वो मेरी पसंद से भी खुश हो गई और मॉल से जाते हुये वो अंडरगार्मेंट्स के पास जाकर रुक गई और अब वो सोचने लगी कि अब क्या करें? लेकिन उसे पहले से ही पता था कि में बहुत खुले दिमाग का हूँ तो मैंने उससे पूछा कि लेना है? तो वो थोड़ा सा शरमा गई, लेकिन जब मैंने बोला तो वो अपनी साइज़ देखने लगी और थोड़ी देर के बाद में भी उसे मदद करने लगा और कहा कि इसमे ब्रांडेड ही पहनना चाहिए जिससे कि अपनी साईज़ अच्छी रहती है. उस टाईम मुझे पता चला कि वो 32 साईज की ब्रा पहनती है, तो मैंने उसे मज़ाक मज़ाक में बोला कि क्यों इसको ट्राई नहीं करना है? तो उसने भी जवाब दिया कि बाद में दिखाउंगी किसको?

    मैंने कहा कि लेकिन में अभी तैयार हूँ, तो वो मुस्कुराकर पैसे वाले काउंटर पर चली गई और वहां पर मैंने सब बिल दे दिया और फिर मेरी पत्नी भी मिल गई. उसके बाद हमने बाहर खाना खाया और घर पर आए तो वो मेरे सामने देख ही नहीं रही थी और उसके दूसरे दिन हम सब लोगों को बाहर एक रिश्तेदार कर यहाँ पर खाना खाने जाना था और मेरा साला पहले से वहां पर था और मेरी पत्नी और में सुबह से वहां पर चले गये, लेकिन दस बजे मेरी पत्नी ने मुझसे बोला कि आप स्मिता को लेकर आ जाओ.

    फिर में कार लेकर उसे लेने के लिए चला गया और जब में घर गया तो वो मेरा इंतजार कर रही थी. मैंने उसे कार में बैठने को कहा तो वो मुस्कुराकर बैठ गई. फिर मैंने उससे बोला कि क्या हुआ आप क्यों इतने शरमाते हो? तो उसने बताया कि आप बहुत शरारती हो और हम बात करने लगे, लेकिन मैंने बातों ही बातों में बोल दिया कि वाह नई ब्रा का अच्छा अहसास आया है.

    तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित हो गई और उसने मुझसे पूछा कि आपको कैसे पता चला कि मैंने वही ब्रा का सेट पहना है? तो मैंने उसे बताया कि जब आप कार में बैठने के लिए थोड़ा झुकी तो वो मुझसे दिखाई दिया और अब उसने मुझे मेरे हाथ पर हाथ मारकर बोला कि आप बहुत शरारती हो. फिर मैंने कहा कि वैसे आप इस साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही हो, उसने मुझे धन्यवाद बोला, लेकिन तभी मैंने बोला कि मुझे अफ़सोस है कि मैंने सारी चीज़ पसंद करवाई और आपने मुझे सबकी फिटिंग दिखाई, लेकिन मुझे अब तक इसकी फिटिंग देखने को नहीं मिली.

    मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गई और तब तक हम वहां पर पहुंच गये थे और उसके एक दिन बाद वो अपने घर यानि कि मेरे ससुर के घर चले गये और दूसरे दिन मैंने उसे कॉल किया कि आप अच्छी तरह से पहुंच तो गये ना? और में उसके बाद में उससे फोन पर अक्सर बात करने लगा. वो भी मुझे खुद ही कॉल करती थी और में उससे बहुत देर तक बात करता और एक दिन बातों ही बातों में उसने मुझसे कहा कि क्यों आपको अपने ससुराल आना नहीं है? तो मैंने बोला कि क्या करेंगे वहां पर आकर? तो वो बोली कि यहाँ पर बहुत कुछ करने का मौका मिल सकता है. फिर मैंने कहा कि लेकिन फिटिंग तो देखने को नहीं मिलेगी ना? तो उसने कहा कि आप एक बार आओ तो सही और फिर मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर एक महीने के बाद मुझे मेरे गावं जाना था तो मैंने सोचा कि ससुराल भी जाकर आता हूँ तो में मेरे ससुराल गया, लेकिन मैंने मेरे ससुर के घर पर किसी को नहीं बताया था कि में आने वाला हूँ, लेकिन हुआ यह कि में जब वहां पर गया तो सब लोग मेरी साली के लिए लड़का देखने के लिए गये हुए थे, लेकिन सिर्फ़ मेरे साले की पत्नी स्मिता घर पर थी और वो मुझे देखकर एकदम से चकित हो गई और बहुत खुश भी हुई उसने मुझे बताया कि सब लोग बाहर लड़का देखने गये है और उसने उस दिन गुजराती स्टाईल की साड़ी पहनी हुई थी और उसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी और वो उस समय घर का कम कर रही थी.

    फिर उसने मुझे पीने को पानी दिया और मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और थोड़ी उसके लिए भी लेकर आई और फिर हम बात करने लगे और चाय पीने लगे. तभी उसने मुझसे पूछा कि क्या खाना खाओगे? तो मैंने कहा कि तुम्हे जो भी अच्छा लगे बना लो और हम इस बात पर मस्ती, मजाक करने लगे कि तुम बताओ और वो बोल रही थी कि तुम बताओ? और मस्ती मस्ती में मैंने कब उसका हाथ पकड़ लिया मुझे पता ही नहीं चला और उसको अपनी तरफ खींच लिया और हम मस्ती करने लगे और इस बीच अचानक से मैंने मेरे होंठ उसके होंठो पर रख दिए कि उसे पता भी नहीं चलने दिया और करीब हमारी वो पहली किस पांच मिनट तक चली और फिर कुछ देर के बाद में वो मुझसे छूटकर बोली कि में खाना बनाने जा रही हूँ, यह बोलकर वो किचन में चली गई और अब वो खाना बनाने लगी.

    फिर करीब तीस मिनट बाद जब में किचन में गया तो मैंने देखा कि वो भजिया बना रही थी और फिर मैंने उसे पीछे से जकड़कर पकड़ लिया और अब में उसके बालों को एक साइड करके उस जगह पर किस करने लगा कुछ देर बाद के में गैस बंद करके उसको मैंने मेरी गोद में उठाकर सीधा रूम में लेकर आ गया और मैंने उसे हाथ भी साफ करने नहीं दिये क्योंकि उस दिन वो गुजराती स्टाइल साड़ी में इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझसे रहा नहीं गया और फिर में उसे किस करने लगा और साथ में उसके ब्लाउज पर हाथ घुमाने लगा और अब धीरे धीरे करके मैंने उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिये, लेकिन मैंने जब बटन खोला तो मुझे पता चला कि उसने आज भी वही ब्रा, पेंटी पहनी हुई थी.

    कुछ देर के बाद में मैंने उसकी साड़ी को भी उतार दिया और वो अब सिर्फ़ चोली और ब्रा में थी. मैंने मेरी शर्ट को भी उतार दिया और अब तो वो भी मुझे हर जगह पर किस किए जा रही थी और मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया. जब मैंने उसकी ब्रा को उतारा तो में उसके बूब्स को देखकर एकदम से चकित हो गया, क्योंकि इतने सेक्सी बड़े बड़े एकदम गोल बूब्स मैंने कभी नहीं देखे थे.

    अब में तो बस उसको मुहं मे लेकर चूसने लगा और करीब में उसके बूब्स को बीस मिनट तक चूसता रहा और किस करता रहा. उसके बाद मैंने उसकी चोली का नाड़ा खोल दिया और पेंटी को भी उतार दिया. में उसे बस किस करते करते उसकी चूत तक पहुंच गया और उसकी चूत को में बहुत अच्छी तरह से चूसने लगा.

    वो पागल होती जा रही थी और बार बार मुहं में से आआहह उूउऊहहह्ह्ह्हह उफफ्फ्फ्फ़ माँ मरी जैसी आवाज़ निकाल रही थी और करीब दस मिनट के बाद उसने मेरे मुहं को ज़ोर से पकड़कर अपनी चूत के मुहं पर दबा दिया, शायद वो अब झड़ गई थी उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के पास में सो गये, लेकिन मुझे उससे कुछ कहना नहीं पड़ा और अब उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और वो मेरा लंड देखकर चकित हो गई और उसे अपने एक हाथ से सहलाने और हिलाने लगी, लेकिन बीच में उसने मुझसे पूछा कि चूत चूसने में कैसे लगा? मैंने कहा कि मुझे बहुत मज़ा आया तो उसने बोला कि मुझे भी बहुत मज़ा आया, लेकिन में बहुत सोच में हूँ कि में आपका यह मुहं में लूँ या नहीं? और यह कैसे लगेगा? तो मैंने कहा कि तुम एक बार कोशिश करो, अगर तुम्हे अच्छा नहीं लगे तो बाहर निकाल देना.

    फिर वो उसे अब सहलाते सहलाते हुये धीरे धीरे करके मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर में क्या हुआ? कि वो पागल की तरह मेरा लंड चूसने लगी जैसे कि उसको पहली बार लोलीपोप मिला हो और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. करीब 15 मिनट के बाद में भी उसके मुहं में झड़ गया, लेकिन उसने बाथरूम में जाकर अपने मुहं से सारा वीर्य बाहर निकालकर साफ करके चली आई और उसके बाद उसने खाना बनाया और हमने खाना खाया. फिर हमने जो मॉल से खरीदी हुई फिटिंग वाली ड्रेस और ब्रा का दूसरा सेट था वो उसे पहनकर तैयार हो गई, लेकिन मैंने इस बार कुछ नहीं देखा, क्योंकि में सेक्स करने के लिए बहुत उतावला हो रहा था. बस मैंने जल्दी से उसके और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और उसको किस करने लगा और बूब्स चूसने लगा. उसने मेरे लंड को हिलाकर एकदम टाईट कर दिया.

    फिर मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़ कर चौड़ा किया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का झटका दिया, जिससे मेरा लंड थोड़ा सा अंदर चल गया और फिर चार पांच झटको में मैंने मेरा पूरा लंड लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसको धक्के देकर चोदने लगा और वो भी मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और एक बार झड़ जाने के बाद मेरा दूसरा चुदाई का दौर बहुत लंबा चलता रहा.

    फिर हमने डॉगी स्टाईल में भी सेक्स किया. पहले तो वो मुझसे डॉगी स्टाइल में चुदाई करने से मना कर रही थी, लेकिन मेरे समझाने के बाद में वो ठीक तरह से कुतिया की तरह मेरा साथ देने लगी थी और में बस उसको ज़ोर ज़ोर से झटके दिए जा रहा था, लेकिन अब वो डॉगी स्टाइल में बहुत देर चुदने की वजह से बहुत थक गई थी, लेकिन में अब भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था, लेकिन में भी तो अभी तक नहीं झड़ा था. फिर कुछ देर के बाद में मैंने मेरे शॉट के साथ उसे मेरे ऊपर आने को कहा और वो मेरे ऊपर आ गई. मैंने मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में एक ही झटके के साथ डाल दिया और वो एकदम से बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी ऊऊईईईईईईईईई माँ मममाआआआआअ मर गई में उह्ह्ह्ह प्लीज धीरे करो ओह्ह्ह्हह्ह थोड़ा धीरे आईईइईईईइ माँ प्लीज मुझ पर थोड़ा रहम करो.

    दोस्तों इस बार वो पहली बार इतनी ज़ोर से चीखी थी. तब मुझे पता चला कि वो चुदाई करवाने में कितनी ताकतवर है और बस उसके बाद तो में उसको ऊपर से हिलाने लगा इस चुदाई में उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि ऐसे ऊपर वो पहली बार आई थी और हम दोनों के चिल्लाने की आवाज पूरे रूम को फेलने लगी और फिर वो तो बस आह्ह्ह्हहअहह ऊह्हहह आआआआआआअहह बस और ज़ोर से चोदो मुझे हाँ और ज़ोर से कर रही थी, लेकिन में अब भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि मुझे दूसरी बार झड़ने में बहुत समय लगता है और फिर उसके बाद मैंने उसे वापस नीचे किया और में उसके ऊपर आकर इस बार बहुत ज़ोर से धक्के देने लगा और वो भी बहुत अच्छी तरह से मेरा साथ दे रही थी. अब मेरी और उसकी साँसे तेज हो गई थी और पूरा रूम हमारी आवाज़ से गूँज रहा था.

    बस उसके बाद करीब 20 या 25 मिनट के बाद में झड़ गया और तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी. मैंने मेरा सारा पानी उसकी चूत में निकाल दिया और बस हम ऐसे ही करीब एक घंटे तक लेटे रहे. फिर करीब एक घंटे के बाद हम साथ में नहाए और बहुत मज़े किए. फिर उसके थोड़ी देर बाद सारे घरवाले भी आ गये. दोस्तों में आज भी उसको चोदता हूँ और उसकी चूत के मजे लेता हूँ.

  • ट्रेन में लिया जीजा का मोटा लंड

    हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोशनी है और में हरयाणा की रहने वाली हूँ. दोस्तों में सेक्सी की बहुत भूखी हूँ, लेकिन एक रंडी नहीं और मेरी यह आज की कहानी मेरी पराए मर्द से पहली चुदाई की एक घटना है. दोस्तों में अब 42 साल की हूँ और कमल जीजाजी 58 साल के है और मेरे फिगर का साईज 44-40-48 है. मेरी लम्बाई 5 फीट 7 इंच है और कमल 6 फीट 1 इंच लंबे चौड़ी छाती और थोड़ी मोटे है, लेकिन बहुत अच्छे स्वभाव के है.

    दोस्तों अब में आप सभी को मेरा पहला सेक्स अनुभव बताती हूँ. यह मेरा सेक्स कमल से कैसे शुरू हुआ? दोस्तों बात 1996 की है तब में 25 साल की थी. उन दिनों मेरे पति भी आर्मी में थे तभी उनको कुछ बीमारी लग गई और वो बहुत ज्यादा बीमार हो गये और तब ज्यादा मोबाइल नहीं होते थे. तभी मुझे टेलिग्राम से यह मैसेज मिला और में बहुत घबरा गई और मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था. में बस रो रही थी और सोच रही थी कि कैसे अपने पति के पास उनसे मिलने जाऊँ? क्योंकि सफ़र बहुत लंबा था और अंजान था. उसी टाईम मेरे घर पर अपनी पत्नी के साथ कमल मतलब मेरे जीजाजी आ गये मुझसे मिलने ( यानी मेरी मुहं बोली बहन के साथ ) तो मुझे रोते देखकर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या बात है तुम रो क्यों रही हो? तो मैंने उनको सब बता दिया.

    उस समय कमल भी आर्मी में थे और वो मुझसे बोले कि इसमें रोने की क्या बात है अगर तुम्हे उससे मिलना है तो चल में तुम्हे वहां पर लेकर चलता हूँ. फिर दीदी ने ही मुझे कुछ सात्वना दी और उन्होंने मेरे घर पर बात करके मेरे भाई को बुला लिया और मेरे भाई ने मेरे साथ जाने के बजाए कमल को मेरे साथ ले जाने के लिए बोला और मेरे दोनों बच्चों को वो अपने साथ गावं ले गया.

    फिर उसी रात को कमल मेरे पास रहे और सुबह हम लोग एक प्राइवेट बस से दिल्ली आ गये और फिर वहाँ हमने ट्रेन में फर्स्ट क्लास में सीट बुक करवा ली और रात को दस बजे हमारी ट्रेन चली और टिकिट चेक होने के बाद कमल ने दरवाजा बंद करके मुझे ऊपर सुला दिया और खुद नीचे सो गये और बस यही सफर मेरे लिए पहली पराए मर्द से सेक्स की वजह बन गया. रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी और कमल सो गये थे. शायद वो सोने का नाटक कर रहे थे.

    तभी में बाथरूम जाने के लिए नीचे उतरी तो मैंने देख कि कमल का लंड एकदम तना हुआ है और खंबे की तरह खड़ा है. में उनका लंड देखकर एकदम हैरान हो गई और मन ही मन सोचने लगी कि इतना बड़ा लंड आदमी का कैसे हो सकता है? मैंने बहुत बार चाहा लेकिन मेरी नज़र कमल के लंड पर से हट ही नहीं रही थी. उनके लंड को बेड शीट के नीचे से देखकर ही मेरी चूत गीली हो रही थी, लेकिन अब तक में किसी पराए मर्द से चुदी नहीं थी तो इसलिए में आगे नहीं बड़ पा रही थी और फिर जैसे तैसे करके में बाथरूम में चली गई और जब में वहां से वापस आई तो मैंने देखा कि उनका लंड अब भी वैसे ही तना हुआ है और अब में बहुत डरते डरते हुए उनकी सीट पर बैठ गई और बहुत हिम्मत करके उनकी आँखों में आंखे डालकर देखने लगी कि तभी वो मुझसे बोले..

    कमल : क्यों रोशनी नींद नहीं आ रही क्या? वो मेरे उनके पास बैठते ही बोले.

    में : जी हाँ, मुझे नींद नहीं आ रही, थोड़ा डर लग रहा है, लेकिन दोस्तों पता नहीं उनकी क्या हालत होगी?

    फिर कमल मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले कि डर लग रहा है तो एक काम करो थोड़ा पानी पी लो, मैंने थोड़ा पानी पिया और उसी बीच मैंने महसूस किया कि वो मुझसे थोड़ा और सटकर बैठ गए और फिर हम कुछ इधर उधर की बातें करने लगे. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि कमल ने अपना लंड मेरी गांड से बिल्कुल सटा रखा था और मुझे अच्छा भी लग रहा था, लेकिन में उनसे कुछ कह नहीं पा रही थी. तभी इतने में एक स्टेशन आ गया. वहाँ पर कमल ने दो कप चाय ली और फिर हमने चाय पी और उस समय रात के करीब दो बज रहे थे. फिर चाय पीने के बाद कमल ने मुझसे कसम देकर पूछा कि रोशनी क्या तू मुझे एक बात सच सच बताएगी?

    में : हाँ अगर मुझे पता है तो में आपको जरुर बताउंगी.

    कमल : तू अभी कुछ देर पहले क्या देख रही थी? क्यों तुझे अच्छा लगा क्या? सच बोलना प्लीज़ अगर तुझे अच्छा लगा तो में तुझे और भी मज़ा दूँगा और अगर नहीं लगा तो में कुछ नहीं कहूँगा?

    दोस्तों यह बात कहकर कमल ने मेरा एक हाथ अपने हाथों में लेकर ज़ोर से दबा दिया और थोड़ा मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखने लगे. फिर जैसे तैसे करके मैंने कहा कि हाँ मुझे अच्छा लगा तो बस फिर क्या था कमल मेरे ऊपर लट्टू हो गये? और अब उन्होंने मुझे अपनी गोदी में कैच कर लिया. फिर में एकदम से उनके ऐसा करने से बहुत आश्चर्यचकित हो गई क्योंकि वो मुझे अपनी छाती पर ज़ोर से दबाने लगे और जिसकी वजह से मेरी छाती उनकी छाती से दब रही थी और मुझमें एक अजीब सा अहसास ला रही थी और मेरे बदन पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत थी और अब कमल मेरे बूब्स को दबाने लगे और मेरी चूत को मसलने लगे और मेरे कपड़े उतारने लगे और फिर वो खुद भी नंगे हो गये और अब उनका लंबा, मोटा, तना हुआ लंड मेरी आँखों के सामने उछल रहा था.

    फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में लेकर अब सीट पर लेटा दिया और फिर मेरी चूत को चाटने लगे. दोस्तों वैसे तो मेरे पति ने भी मेरी चूत बहुत बार चाटी थी, लेकिन आज मुझे चूत चटवाने का असली मज़ा कमल से आया. मैंने उनके कुछ देर चाटने के बाद पानी छोड़ दिया और तब कमल ने मुझसे अपना लंड चुसवाया और में उनके लंड का टोपा अंदर बाहर करके उनका लंड चूस रही थी. मुझे उनका लंड पूरा मुहं में लेने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि उनका लंड बहुत मोटा था. वो बहुत मुश्किल से मेरे मुहं के अंदर जा रहा था, लेकिन उतनी ही आसानी से मेरे हलक में पहुंच रहा था और ज्यादा लंबा होने की वजह से मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और मेरी आँखों से आंसू बाहर आने लगे थे.

    फिर करीब कोई दो पांच मिनट लंड को चूसने के बाद कमल ने मुझको खिड़की के सहारे घोड़ी बना दिया और अब एक बार मेरी चूत चाटकर एक ही ज़ोर के धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और अब में दर्द होने की वजह से बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी थी और अपनी चूत को आगे की तरफ करके लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी, लेकिन कमल की मजबूत पकड़ और मेरी चूत में फंसे हुए लंड से में थोड़ा भी आगे नहीं बढ़ सकी और अब वो मोटा और सख्त लंड मेरी चूत में लगातार आगे पीछे होने लगा था, लेकिन अब जल्दी ही मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा और में सिसकियाँ लेने लगी उफफफफ्फ़ अहाह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो जीजू उुईईईईईईइ माँ मेरी चूत को और ज़ोर से मारो अहह्ह्हह्ह्ह्ह कमल में गई.

    कुछ देर की चुदाई के बाद कमल ने मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया और फिर वो कुछ देर वैसे ही मेरी चूत में अपना लंड रखकर रुक गया और उसके कुछ देर बाद कमल ने मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकाला और मेरी चूत को साफ किया और अपना लंड भी साफ किया. फिर हम दोनों एक ही सीट पर पूरे नंगे बैठकर एक दूसरे की बाहों में आकर प्यार करने लगे और चूमने चाटने लगे. फिर उस पूरी रात को दूसरी सुबह तक हमने करीब तीन बार जमकर सेक्स किया. मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आया और फिर में अपने कपड़े पहनकर बहुत थककर गहरी नींद में सो गई, लेकिन कमल नहीं सोए और दोपहर को जब में नींद से उठी तो मैंने देखा कि ट्रेन एक स्टेशन पर खड़ी हुई थी और कमल ने खाना मँगवाया और ख़ाना खाकर हम दोनों फिर से सो गये.

    उस रात को फिर से एक बार मेरी उस ट्रेन में बहुत जमकर चुदाई हुई और इस तरह से में कमल से चुदते हुए अपने पति के पास पहुँच गई और वहां से वापसी में भी हमने दो बार बहुत मस्त चुदाई की और उसके बाद जब तक मेरे पति जॉब पर रहे में कभी उनके साथ नहीं गई, में बस छुट्टियों में ही उनसे चुदवाती और बच्चों की पढ़ाई का बहान करके में उनकी गैरमोजूदगी में कमल से बहुत मस्त चुदवाती रही और बहुत बार कमल ने मुझे अपने फार्म हाउस में भी अपने साथ ले जाकर वहां पर चोदा है और मैंने उसकी चुदाई के बहुत मज़े लिए और हर कभी कोई अच्छा मौका देखकर उससे चुदवाती रही और एक बार बरसात में भीगते हुए भी कमल से मेरी चुदाई हुई. उसने मेरी चूत को अब चोद चोदकर पूरी तरह से भोसड़ा बना दिया. दोस्तों ये थी मेरी चुदाई की सच्ची घटना.

  • जीजू के दोस्त के साथ होली

    हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरे जीजू के एक दोस्त मतलब कि मेरे बॉयफ्रेंड रोहन की है और यह स्टोरी होली के दिन हुई एक सेक्स की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ बहुत जमकर होली के मज़े लिये और अपनी चुदाई करवाई. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरी उम्र 21 साल और मेरे फिगर का साईज 34-28-32 है. दोस्तों में दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी हूँ, ऐसा में नहीं कहती हूँ, लेकिन मुझे भी मेरे बॉयफ्रेंड रोहन ने मेरी पहली चुदाई करते समय बताया और उसने जब मुझे देखा तो देखता ही रह गया और मुझे पाने और मेरी चुदाई करने के सपने देखने लगा और उसने बहुत जल्दी अपने सपने को मेरी बहन की शादी के समय पूरा भी कर लिया.

    वैसे हम लोग मेरी बहन की शादी में मिले थे और उसने बहुत कम समय में मेरे ऊपर अपना ऐसा जादू किया और उसके बाद हम लोग सभी से छुप-छुपकर मिलने लगे और शादी के समय हमने सही मौका पाकर एक बार चुदाई का मज़ा भी लिया और वैसे वो मेरे जीजू के परिवार के एक सदस्य जैसे ही है जिसकी वजह से हम दोनों पर किसी को शक भी नहीं और वो जीजू के बहुत ही करीबी दोस्त होने के कारण जीजू के घर पर भी बहुत ज़्यादा आया करते है. दोस्तों जब होली नज़दीक आ रही थी तो दीदी ने कुछ दिन पहले मेरे घर पर फ़ोन करके कहा कि मम्मी प्लीज आप इस बार निक्की को हमारे घर पर भेज दो ना, में चाहती हूँ कि वो इस बार की होली हमारे साथ ही मनाये.

    सॉरी दोस्तों में आप सभी को बताना ही भूल गई कि मेरे घर पर सभी लोग मुझे निक्की कहकर ही बुलाते है और वैसे भी एक दो दिन के बाद मेरे कॉलेज में होली की छुट्टियाँ लगने के कारण मेरी मम्मी ने भी मुझसे पूछकर हाँ बोल दिया और फिर में जाने के लिए मान गई और तब जीजू ने मुझे अपने घर पर लाने के लिए अपनी कार भेज दी और में अपना कुछ सामन पेक करके दीदी के घर पर चली गई. तो जब में वहां पर पहुंची तो मैंने देखा कि जीजू उस समय वहां पर नहीं है, सिर्फ़ दीदी और दीदी के सास, ससुर ही घर पर मौजूद थे तो मैंने उनका आशीर्वाद लिया और फिर दीदी से बातें करने लगी.

    कुछ देर के बाद जीजू भी आ गये और जीजू ने मुझे अपने घर पर आया हुआ देखकर वो बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक अच्छी खबर भी बताई कि अभी कुछ दिनों के बाद होली के दिन उनका एक बहुत अच्छा दोस्त रोहन भी यहाँ पर आने वाला है और वो भी हमारे साथ ही होली मनाएगा. जब मुझे यह बात पता चली तो में मन ही मन बहुत खुश हो गई और में ख़ुशी की वजह से उछल पड़ी, लेकिन तब तक मैंने रोहन को यह नहीं बताया था कि में भी जीजू के घर पर आई हुई हूँ और वो बात मैंने उससे छुपाकर रखी थी.

    में पूरी रात उसके आने की बातें सोच सोचकर जागती रही और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बहुत बेसब्री से इंतजार था, वो होली का दिन था. उस दिन में सुबह जल्दी उठ गई और मैंने अपने कमरे से बाहर आकर देखा कि रोहन हमारे घर पर आया हुआ है और वो जीजू के साथ बैठकर बाहर गार्डन में सुबह की चाय पी रहा था और जीजू से हंस-हंसकर बातें भी कर रहा था. फिर में उसे एक नजर देखकर खुश होकर दीदी के साथ सीधी किचन में चली गई, तो दीदी ने मुझसे बोला कि तुम अपनी यह नाईट ड्रेस चेंज कर लो, नहीं तो कोई भी तुम्हे इन्ही कपड़ो में रंग लगा देगा.

    फिर में उनकी यह बात सुनकर कमरे में कपड़े चेंज करने चली गई और कुछ देर के बाद बाहर आ गई. फिर में एकदम फ्रेश होकर जीजू और रोहन को नाश्ता देने बाहर गार्डन में चली गई. तभी रोहन अचानक मुझे देखकर एकदम दंग रह गया और फिर रोहन मुझसे बोला कि क्यों आप यहाँ पर कब आई? तो मैंने कहा कि में तो पिछले दो दिन से यहीं पर हूँ. फिर उसने कहा कि अब तो होली खेलने में बहुत मज़ा आएगा और यह बात कहते हुए उसने सभी से छुपकर मेरी तरफ आंख भी मारी, जिसका मतलब में समझ चुकी थी और में एकदम से शरमाई और अपनी आंखे झुकाए वहीं पर खड़ी रही. में मन ही मन बहुत खुश थी.

    दोस्तों मेरे जीजू को पहले से ही पता था कि मेरी और रोहन की बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन उन्हे यह नहीं पता था कि मेरा रोहन के साथ कुछ चक्कर भी चल रहा है या हम दोनों एक बार चुदाई का मज़ा भी ले चुके है. फिर हम लोग होली खेलने के लिए एकदम तैयार हो गये और दीदी भी नाश्ता करके होली खेलने के लिए तैयार हो गई. हम लोग अपने अपने हाथों में रंग लेकर तैयार हो गये तो मैंने सबसे पहले अपने जीजू को थोड़ा चेहरे पर रंग लगाया और तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और उसने मेरे चेहरे पर रंग लगाया और धीरे से सबकी नजरों से छुपकर मेरी गांड पर अपना एक हाथ रखकर दबा दिया. फिर रोहन ने दीदी को थोड़ा सा रंग लगाया और फिर जीजू, दीदी को पकड़कर एक बड़े से पेड़ के पीछे लेकर चले गये.

    तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और वो मुझसे बोला कि मुझे पहले से पता होता तो में कब का तुम्हे चोद देता और उन्होंने मुझे फिर से पकड़कर मेरी गर्दन पर रंग लगा दिया. उस दिन मैंने सफेद कलर की एकदम ढीली ढाली टी-शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी हुई थी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट में अपना एक हाथ डालकर मेरे बूब्स पर रंग लगा दिया और धीरे-धीरे मेरे बूब्स को मसाज किया, लेकिन तभी जीजू और दीदी आ गई और हम पहले जैसे एक दूसरे से अलग हो गये. फिर दीदी ने मुझे पकड़ लिया और जीजू ने मुझ पर सूखा रंग डाल दिया और बाद में पानी की एक बाल्टी लेकर मेरे सर पर पानी डाल दिया.

    में पूरी तरह से रंगो से रंग गई और मेरी गीली टी-शर्ट मेरे बूब्स से एकदम चिपक गई, जिसकी वजह से मेरे बूब्स का आकार साफ साफ दिखने लगा और में रंगो में रंगी हुई बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी. फिर रोहन ने दीदी और जीजू से बोला कि क्या में निहारिका को अपने साथ होली खेलने के लिए ले जा सकता हूँ? तब दीदी ने कहा कि अगर निहारिका तुम्हारे साथ जाना चाहती हो तो हमे उसमे किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है.

    मैंने झट से उन्हे हाँ बोल दिया और फिर में और रोहन दोनों उनकी कार में बैठकर वहां से चले गये और कुछ दूर आगे जाकर एक सुनसान जगह देखकर रोहन ने कार को रोक दिया और वो मुझे पकड़कर किस करने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और उसके साथ साथ मेरा जोश भी अब बड़ने लगा था और अब में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी. कुछ देर के बाद उसने मेरे बूब्स दबाए और बूब्स दबाने के कुछ समय बाद हम लोग उसके दोस्तों के पास गये. वहां पर रोहन के चार लड़के और तीन लड़कियाँ दोस्त हमें वहाँ पर मिले.

    हम लोगों ने उनके साथ कुछ देर तक होली खेली, बहुत मज़े किए और फिर रोहन मुझे वहां से लेकर चले गये और हम एक घर पर पहुंच गये. फिर मुझे पता चला कि यह घर रोहन का ही है, उसके घर पर कोई भी नहीं था इसलिए वो मुझे वहां पर लेकर गया था. फिर अंदर जाते ही रोहन ने दरवाजा बंद करके मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा और फिर मुझे बहुत ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी ब्रा को फाड़ दिया और मेरे बूब्स दबाने लगा. मेरे बूब्स रंगो से बिल्कुल लाल हो गए थे. तो रोहन अब मेरे बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा और थोड़ी देर बाद उनका मुहं अंदर से पूरा लाल हो गया था.

    फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम्हारा मुहं अंदर से एकदम लाल हो गया है? तो रोहन ने कहा कि तुम्हारे बूब्स है ही ऐसे कि में क्या कोई भी इन्हें बिना चूसे रह नहीं सकता, मुझे इनको चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उसने मेरी जीन्स को उतार दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा और थोड़ी ही देर के बाद मेरी चूत भी जोश में आकर पूरी गीली हो गई थी और अब में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर मैंने रोहन की टी-शर्ट को उतार दिया और थोड़ी देर किस करने लगी.

    फिर रोहन ने अपनी जीन्स को भी उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर मैंने कहा कि यह तो पूरा रंगो से लाल हो गया है में इसे कैसे चूस सकती हूँ. तो उसने कहा कि जब मैंने तुम्हारे बूब्स को चूस चूसकर अपना मुहं लाल कर लिया है तो क्या तुम मेरे लिए अपना मुहं लाल नहीं कर सकती? फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने बाहर थूका तो मेरे मुहं से लाल कलर का थूक बाहर आया.

    फिर रोहन ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड को चूत के ऊपर रखकर एक धक्का देकर अंदर डाल दिया आहहहहहहह थोड़ा धीरे प्लीज अह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईई धीरे करो. दोस्तों मुझे क्या दर्द हुआ में शब्दों में नहीं बता सकती और फिर रोहन ने धीरे धीरे झटके लगाने चालू कर दिए और में जोश से आआआअहह आआहहहह कर रही थी और थोड़ी देर बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा तो में अपनी गांड उछाल उछालकर चूत में लंड लेने लगी.

    फिर उसका लंड जब झड़ने वाला था तो उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकालकर मेरे मुहं में लंड डाल दिया और में उसे बहुत प्यार से चूसने लगी, तभी थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुहं में अपना गरम गरम वीर्य भर दिया और उसके स्पर्म से मेरा पूरा मुहं भर गया और में उसे पूरा गटक गई. फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर कुछ देर के बाद रोहन ने उठकर मुझे किस करना शुरु किया तो मैंने भी फिर से उसका पूरा पूरा साथ दिया और फिर में इसी बीच उनके लंड को पकड़कर धीरे धीरे हिलाने, सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे अपने लंड को चूसने को कहा तो में उठकर उसके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो पूरा लंबा और मोटा हो गया.

    फिर रोहन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो में झट से घोड़ी बन गई. अब रोहन ने मेरी गांड चाटना शुरू किया और मेरी गांड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर उसने लंड को धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गांड में डाल दिया, लेकिन जब उसका सुपाड़ा मेरी गांड में गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ और में चीखने चिल्लाने लगी आहहहहहह प्लीज रोहन बाहर निकालो अपना लंड आईईईई बाहर निकालो प्लीज, मुझे बहुत दर्द हो रहा है आऊऊऊऊ तुम चाहो तो मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो.

    फिर रोहन ने मेरी बात बिना सुने दूसरा झटका लगाया और लंड मेरी गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और में दर्द के मारे ज़ोर ज़ोर से रोने, चीखने, चिल्लाने लगी. तब जाकर रोहन थोड़ी देर रुका और अब जब मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ तो में अपनी गांड को हिलाने लगी. रोहन को अपना काम पूरा करने का इशारा मिल गया और अब वो मेरी गांड में पूरे जोश से झटके लगाने लगा और में भी प्यार से जोश में आकर आहहह्ह्ह्ह कर उह्ह्ह्हह्हह्ह हाँ मज़ा आ गया रोहन, हाँ और अंदर तक डालो, हाँ पूरा अंदर तक घुसा दो अपना लंड, कह रही थी.

    फिर रोहन ने करीब 20 मिनट अलग अलग पोज में मेरी गांड जमकर मारी और अब उसने झड़ते समय मेरी गांड में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया और कुछ देर के बाद अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी गांड मारने की कला को देखकर मुझे भी बहुत मज़ा आया. फिर उसने अब मेरे ऊपर एक बाल्टी पक्का रंग लेकर डाल दिया और अब में पूरी तरह से गुलाबी हो गई. फिर मैंने भी लाल रंग उसके ऊपर डाल दिया जिसकी वजह से में गुलाबी और वो लाल रंग से बिल्कुल रंगे हुए थे.

    फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और थोड़ी देर किस किया और उसने मेरे कपड़ो के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाया और मैंने भी थोड़ी देर करीब दस मिनट तक उसके लंड को पकड़कर हिलाया और फिर जब उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने मुझे नीचे बैठने का इशारा किया और मेरे मुहं में निकाल दिया मैंने उसे पी लिया और लंड को चाट चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपना चेहरा कपड़े से साफ किया. फिर में और रोहन दोनों उसकी कार में बैठकर मेरी दीदी के घर पर चले गये और होली के बाद में तीन दिन तक दीदी के घर पर ही रही और में उन तीन दिनों में रोहन से आठ बार चुदी. हम किसी भी बहाने को ढूंढकर अपने चुदाई के कार्यक्रम में व्यस्त हो जाते और हमने बहुत जमकर चुदाई की.

  • साले की बीवी के साथ नंगा खेल

    हैल्लो दोस्तों, यह आज से 2 महीने पहले की बात है. में छुट्टियों में मेरी बीवी को उसके मायके छोड़ने के लिए में मेरे ससुराल गया था और वहाँ मेरे सास, ससुर, बड़ा साला और उसकी पत्नी एकता (जो इस कहानी की हिरोईन है) और उसकी बेटी रहते है. में मेरी बीवी को वहाँ छोड़कर दूसरे दिन वापस आने वाला था और एकता का मायका भी मेरे शहर में ही था.

    मेरे बड़े साले ने कहा कि जीजा जी अगर आपको कोई प्रोब्लम ना हो तो एकता को भी अपने साथ ले जाओ तो मुझे वहां तक उसे छोड़ने नहीं आना पड़ेगा. तो मैंने हाँ कर दी और दूसरे दिन हमारी रात की बस थी और हमे स्लीपर कोच में सीट मिली थी. हम लोग ट्रेवल्स के ऑफिस पर आ गये और बस रात को एक बजे की थी तो हम लोग बस में चढ़ गये. पहले मैंने एकता से कहा कि तुम पहले चढ़ जाओ और उस टाईम उसने फिटिंग वाला पंजाबी सूट पहना था और वो मुझसे छोटी है इसलिए में उसे तुम कहता हूँ, तो मैंने उसे बर्थ पर चढ़ने में मदद की.

    अब तक मेरे मन में कोई ख्याल नहीं था, लेकिन जैसे ही मैंने उसे बर्थ पर चढ़ने में मदद की तो मेरा हाथ उसके कूल्हों को टच हुआ और मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया. मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने कोई मक्खन पकड़ा हो और फिर में भी बर्थ में चढ़ गया और बस हाइवे पर आते ही उसकी लाईट ऑफ हो गई.

    एकता ने मुझे कहा कि जीजू आपको सोना है तो सो जाओ, मुझे नींद नहीं आती है, में बैठी हूँ. तो में सो गया और फिर आधे घंटे के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि एकता भी सीधी होकर सो गई है. फिर मैंने आँख खोलकर देखा तो उसका दुपट्टा साईड में पड़ा था और उसके दोनों बूब्स उसकी सांस के साथ ऊपर उठते थे और फिर अचानक से मुझे छींक आई और एकता उठी तो वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, में तो उसे ही देखता रह गया, लेकिन कुछ कर नहीं पाया.

    फिर थोड़ी देर के बाद में भी एकता की पीठ की तरफ मुँह करके सो गया. फिर बस जैसे ही ब्रेक मारती या गढ्ढे में जाती तो मेरा शरीर एकता को टच हो जाता और में पागल सा हो जाता. फिर मैंने मौके का फायदा उठाया और उसके ज़्यादा करीब सो गया और मेरा लंड तनकर पूरा 9 इंच का हो गया था और वो एकता की गांड को टच कर रहा था.

    मेरी नींद उड़ चुकी थी और में तो आँख बंद करके मज़े ले रहा था और फिर अचानक मुझे नींद आ गई और थोड़ी देर के बाद जब आँख खुली तो एकता का दबाव मेरी तरफ बढ़ गया था और उसकी गांड मेरे लंड से एकदम चिपक गई थी और मेरे लंड के पानी से टोपा भी गीला हो गया था. फिर मैंने सोचा कि एकता तो नींद में है, तो में सीधा लेट गया और मेरी ट्राउज़र पेंट में तंबू बना हुआ था. फिर उतने में एकता भी मेरी तरफ मुँह करके सो गई और में भी लेटा हुआ था और मेरी आँख फिर लग गई.

    फिर थोड़ी देर के बाद मेरा हाथ उसके 36 साईज के बूब्स को टच हुए और उसका कोई जवाब नहीं आया, तो में जैसे तैसे उसे दबा देता था और उतने में होटल आया तो में ऐसे ही सीधा होकर सोने का नाटक करने लगा और भूल गया कि मेरा तंबू बहुत बड़ा है. फिर एकता उठी और वो तंबू देखकर देखती ही रह गई और उसने मुझे उठाया लेकिन में जानबूझ कर सोने की एक्टिंग करने लगा तो वो मेरा तंबू देखती रह गई और उतने में, में उठा और उससे पूछा कि क्या हुआ? क्या देख रही हो?

    वो मुस्कुराई और शरमा गई और कहा कि कुछ नहीं नीचे उतरो होटल आ गई है. फिर हम लोग नीचे ऊतरे और वापस चढ़ते वक़्त उसने मुझसे कहा कि जीजू में आपको मिस कॉल दूँ, तभी आप ऊपर आना. में सोच में पड़ गया और ओके कहकर नीचे ही खड़ा रह गया. फिर 7-8 मिनट के बाद एकता का मिस कॉल आया और में बस में चढ़ गया और मैंने उससे कुछ पूछा नहीं और कहा कि अब सीधा 2 घंटे के बाद अपने शहर पहुचेंगे तो तुम सो जाओ.

    फिर बस चालू हुई और लाईट बंद हुई और अब में एकता को चोदने की सोच रहा था, जो कि मुमकिन नहीं था और में सो गया. फिर अचानक 15 मिनट के बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ महसूस हुआ, तो मैंने देखा वो तो एकता का हाथ था और उसकी तरफ देखा तो वो सोई हुई थी. फिर वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, लेकिन इस बार वो मुझसे ज़्यादा नज़दीक सो गयी थी और मेरा लंड उसकी गांड को टच हो रहा था.

    तब मुझे लगा कि उसने पेंटी निकाल दी है और इसलिए मुझे थोड़ी देर बाद बस में आने को कहा, फिर में दूसरी तरफ मुँह करके सो गया. फिर हमारा शहर आया, तब रात के 4 बजे थे. फिर हम लोग बस से उतरे और मेरे घर आये और फिर मैंने घर से बाइक की चाबी ली और उसे उसके घर छोड़ने के लिए बाइक के पास गया, तो बाइक में पंक्चर था तो एकता बोली कोई बात नहीं सुबह छोड़ देना.

    फिर हम लोग घर में आए और कपड़े बदले और मैंने एकता से कहा कि तुम बेड पर सो जाओ, में नीचे सो जाता हूँ. तभी उसने हंसकर मेरी तरफ देखा और कहा कि क्यों बस में तो बड़े मज़े ले रहे थे जीजू? फिर में कुछ नहीं बोल पाया और वो मेरे पास आई, उसने गाउन पहन लिया था और बोली क्यों मैंने कुछ ग़लत कहा क्या?

    फिर मैंने उससे सॉरी कहा और बोला कि तुम्हारा शरीर मुझसे टच हुआ इसलिए में कंट्रोल नहीं कर पाया था. तब उसने कहा कि सॉरी क्यों? में भी तुम्हारा तंबू देखकर उसकी दीवानी हो गई हूँ. इतना कहते ही मैंने उसे एक लिप किस कर दिया और बेड पर लेटा दिया और उसे चूमने लगा और चूमते-चूमते कब हम दोनों नंगे हो गये पता ही नहीं चला.

    उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ा और बोली कि तुम्हारे साले साहब का तो सिर्फ़ 4 इंच का है और 5 मिनट में ही झड़ जाते है, मैंने बस में जब से तुम्हारा लंड देखा है तब से ही में सोच में थी कि जीजू के साथ ज़रूर नंगा खेल खेलूँगी.

    फिर मैंने उसके बूब्स चूसे तो उसके मुँह से.. आआआआआआहह निकल गई. फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत के पास आया और देखा तो उसकी एकदम कुंवारी चूत लग रही थी, बाल कम थे और वो गुलाबी थी. तो मैंने उस पर अपना मुँह रखते ही वो.. उईईईईईईईआआआआ करके चीख पड़ी और गांड उठाकर चूत चटवाने लगी.

    5 मिनट के बाद बोली कि जीजू जान अब मत तड़पाओ आ जाओ बना लो मुझे अपनी और में उसके ऊपर आ गया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे से धक्का मारा तो वीर्य की वजह से मेरा टोपा घुसा और वो चिल्ला उठी.. हाईईईइ मार डालल्ल्ल्ल्ल्ल्ला आआईई. फिर मैंने एक और झटका मारा और मेरा 9 इंच का लंड सीधा उसकी चूत में चला गया.

    फिर थोड़ी देर रुकने के बाद वो खुद ही अपने कूल्हें उठा-उठाकर चुदवाने लगी और पूरा रूम फ़च फ़च और आाआह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ से गूंजने लगा. फिर 30 मिनट के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उठने की कोशिश की तो उसने कहा कि नहीं अंदर ही डाल दो, आज ही मेरी सच्ची सुहागरात हुई है और में उसके अंदर ही झड़ गया.

    हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गये. सुबह 8 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि एकता मेरे लंड पकड़े हुए सोई हुई है और फिर से मेरा हथियार तैयार था तो वो उठी और मुझे एक किस किया. फिर मैंने उससे कहा कि चलो में तुम्हें घर छोड़ दूँ तो बोली पहले नहा लेते है तो मैंने पूछा क्या मतलब? तो वो बोली कि हम दोनों साथ में नहाते है और साथ में नहाकर हम तैयार हुआ और उसे उसके घर छोड़ आया.

  • जीजू ने मुझे रंडी की तरह चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनू है और मेरी उम्र 21 साल है. में एकदम गोरी चिट्टी हूँ. मेरा उभरे हुए बूब्स, गोल गोल चूतड़ है. दोस्तों इस नादान उम्र में हम लड़कियों की चूत कुछ ज़्यादा ही मचलती है और सभी सेक्स की शौकीन भाभी, दीदी और आंटियों की एक बार चुदाई हो चुकी होती है तो वो या तो अपनी पति से पहली बार चुदती है या फिर अपने बॉयफ्रेंड से, लेकिन दोस्तों मेरी चूत की सील मेरे जीजा जी ने तोड़ी थी.

    मेरे फिगर का साईज 30-26-32 है और में 12th में पड़ती हूँ. में और मेरी दीदी पिंकी भी कई बार मेरे जीजू के दोस्तों से चुद चुकी है इसलिए हम आपस में भी बहुत खुली हुई है.

    तो एक बार जीजू और जीजी घर पर आये हुये थे. में, पिंकी दीदी, जीजी (आरती) और जीजू सभी बैठकर बातें कर रहें थे.

    में : जीजू होली पर क्या प्रोग्राम है, क्यों कुछ चटकीला सा हो जाए?

    आरती : इसकी चूत में ज़्यादा खुजली मची हुई है.

    पिंकी : इस हरामजादी का बस चले तो यह अपनी चूत और गांड लंड से हमेशा भरी रखे.

    में : तुम दोनों कुत्तियों को क्या तक़लीफ़ है? में तो शहर के हर लंड के नीचे आउंगी, क्यों जीजू?

    जीजू : हाँ यह दोनों तेरे से जलती है, मेरी प्यारी साली तो रंडी की तरह चुदेगी.

    में : हाँ, लेकिन मेरे प्यारे जीजू बोलो, आज होली पर में किसकी रांड बनूंगी?

    आरती : इस हरामजादी को तो आज किसी घोड़े के लंड से चुदवा दो.

    में : वाह ओहह्ह्ह दीदी, फिर तो कितना मज़ा आएगा? कि जब किसी घोड़े का बड़ा सा लंड मेरी प्यासी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुसेगा और इसे भोसड़ा बना देगा?

    जीजू : आज विदेश से मेरी कंपनी के दो आदमी आ रहे है और अगर हमारी डील अच्छी रही तो हमे अच्छा मुनाफा होगा और आज की रात मीनू उनके लंड के नीचे आने वाली है. तो मीनू तुम कुछ अच्छा सा पहन लेना हम वहां पर शाम को चलेगें, क्यों ठीक है ना.

    में : हाँ ठीक है, आप कहो तो में नंगी ही चल दूँ.

    पिंकी : वाह जीजा जी, यह कहाँ का इंसाफ़ है? मीनू को तो दो दो लंड और हमको एक भी नहीं.

    जीजू : मेरी जान में मीनू को उनके पास छोड़कर तुम दोनों को अपने दोस्त की एक पार्टी में ले जाऊंगा, क्यों अब तो ठीक है ना.

    आरती : हाँ तो ठीक है हम तीनों तुम्हे एकदम तैयार मिलेगी.

    फिर उसी शाम को मैंने मिनी स्कर्ट और बिना ब्रा के एक टॉप पहना हुआ था. लेकिन वो टॉप इतना उँचा था कि उसमे मेरे गोल मटोल बूब्स भी उसमे नहीं समा रहे थे, तो जीजू बोले कि मेरी जान तुम छोटी सी हो, क्या उनको सम्भाल भी लोगी? फिर में बोलती उससे पहले ही आरती बोल पड़ी, कि यह तो एकदम पक्की रंडी है, तुम इसकी बिल्कुल चिंता मत करो, यह सबको बहुत अच्छी तरह सम्भाल लेगी.

    फिर जीजू मुझे लेकर एक होटल में आ गये, वो बहुत शानदार होटल थी और वहां पर दो आदमी पहले से ही हमारा इंतजार कर रहे थे, उनमे से एक बिल्कुल काला 7.5 इंच ऊँचा नाम माइकल दूसरा एकदम गोरा अंग्रेज जॉन और मैंने उनके बारे में सुना हुआ था कि इनके लंड घोड़े जैसे लंबे, मोटे होते है. तो मैंने मन में सोचा कि मीनू रानी आज तेरी बुरी तरह से चुदाई होने वाली है. फिर जीजू ने मुझे उनसे मिलवाया. पहले माइकल ने मुझे गले लगाकर गालों पर किस किया और फिर जॉन ने, उसके बाद हमने खाना खाया. में माइकल के पास में बैठी हुई थी और हम आपस में बातें कर रहे थे और होटल में भीड़ भी कम थी.

    तभी माइकल ने एक हाथ मेरी जांग पर रखा और सहलाने लगा. में उसकी और देखकर मुस्कुराई और मैंने अपनी जांघे खोल दी तो उसका हाथ मेरी जांघो से होता हुआ मेरी पेंटी तक पहुँच गया. वो मुझे ऐसे ही छेड़ता रहा और फिर खाने के बाद जीजू के फोन की घंटी बजी तो जीजू ने बात करके मुझसे उनके सामने कहा कि मुझे कुछ जरूरी काम है आओ मीनू हम चले.

    माइकल और जॉन के चेहरे एकदम से उतर गये. वो दोनों एकदम उदास हो गए, लेकिन तभी मैंने कहा कि जीजू तुम जाकर आ जाओ में यहाँ पर थोड़ा बहुत एंजाय करती हूँ और फिर यह दोनों मेरा ख्याल रखेंगे. तो जीजू बोले कि लेकिन में तो कल सुबह तक आ पाउँगा? तो माइकल बोला कि यार तुम जाओ, इसका ख्याल हम रखेंगे. वैसे मुझे तो पता था कि जीजू को मुझे उन दोनों से चुदवाना है और मुझे भी जीजू के जाने के बाद इन दोनों की रंडी बनना है और फिर जीजू मुझसे अपना ख्याल रखना कहकर चले गये और हम तीनों भी थोड़ा सा डांस करके रूम की तरफ चल पड़े.

    तो में बोली कि हम थोड़ा और डांस करते है और उन दोनों ने अपना एक एक हाथ मेरे चूतड़ पर रखा और लगभग मुझे धकेलते हुए बोले कि बस अब तुझे बेड पर डांस करना है. तो में जानबूझ कर बोली कि बेड पर कैसे? तो माइकल बोला कि अब तुझे हम अपने लंड पर डांस करवाएगे और वो मेरे चूतड़ को दबाते हुए मुझे रूम में ले गये और फिर रूम में जाते ही वो दोनों भूखे कुत्तो की तरह मुझ पर टूट पड़े और रूम के अंदर जाते ही माइकल मेरे आगे की तरफ खड़ा था और जॉन मेरे पीछे खड़ा था.

    में उन दोनों के बीच में एकदम बच्ची लग रही थी. माइकल ने मेरा टॉप उतारा तो जॉन ने पीछे से मेरी छोटी सी स्कर्ट नीचे खिसका दी, फिर माइकल अपने मोटे मोटे होंठो से मेरे होंठो को चूसने लगा और बीच बीच में वो मेरी जीभ भी चूसने लगता है.

    में उसके चुंबन से बिल्कुल बेहाल हुई जा रही थी और एक तरफ जॉन ने पीछे से हाथ आगे की तरफ करके मेरे 32 इंच के बूब्स को पकड़कर बहुत बुरी तरह से मसलना शुरू कर दिया और तभी जॉन मेरे एक बूब्स पर से हाथ हटाकर मेरे चूतड़ो पर ले गया और मेरी चूत की फांको को मसलता रहा था. जैसे ही जॉन ने बूब्स पर से अपना हाथ हटाया माइकल ने बूब्स को अपने होंठो में भर लिया. मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. ओह उफ्फ्फ्फ़ ऑश आईईईइ क्या कर रहे हो? प्लीज बूब्स मत चूसो ऐसा करने से मेरी चूत में आग लग जाती है, प्लीज अब छोड़ दो मेरे बूब्स को, मेरी चूत अब तड़पने लगी है.

    जॉन बोला कि तू बिल्कुल भी घबरा मत और आज लगने दे आग, हम अभी तेरी चूत की आग भी बुझाएगें और अब में भी पूरी तरह से चुदाई के मूड में आ चुकी थी. तो में बोली कि मुझे तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा, जिससे तुम मेरी चूत की आग बुझाओगे. यह मेरे गोल मटोल बूब्स देख रहे हो, जब तक इसे कोई चूस चूसकर लाल ना कर दे चैन नहीं पड़ता और फिर मैंने अपनी पेंटी को नीचे सरका कर अपनी चूत को उनको दिखाते हुए बोली, कि इस चूत की जब तक लंड से इतनी पिटाई ना हो कि यह रो पड़े, इसकी आग नहीं बुझती और यह मेरे गोल गोल चूतड़ लाल करने पड़ेगे.

    तो मेरी बात सुनकर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और फिर जॉन मेरे पीछे खड़ा हुआ था और जब मैंने माइकल का लंड देखा तो में अंदर तक कांप गयी. जैसे घोड़े का लंड काटकर उस पर लगा दिया हो 8 इंच लंबा 3 गोलाई लिए हुए एकदम काला और जॉन जब मेरे सामने आया तो उसका लंड भी माइकल के लंड जैसा ही था और अगर उनमे कोई फरक था तो सिर्फ रंग का, जहाँ माइकल का लंड एकदम काला था तो वहीं जॉन का एकदम लाल. उनके लंड देखते ही मेरी चूत ने रो रोकर अपना पानी छोड़ दिया.

    में एकदम चकित होते हुई उनके लंड देख रही थी. तो जॉन ने झट से मेरे चूतड़ो पर चाटा मारा. साली कुतिया क्या बोल रही थी? चूतड़ लाल चाहिए, यह ले बूब्स नीले होने चाहिए. माइकल बूब्स पर टूट पड़ा, उसके दातों के होंठो के निशान मेरे बूब्स पर पड़ रहे थे. तभी माइकल मुझे नीचे की तरफ झुकता गया और में अपने घुटनों पर हो गयी तो उसका काला, मोटा लंड मेरे होंठो से छू रहा था.

    माइकल बोला कि मीनू अपना मुहं खोल और ले मेरा लंड चूस. तो में बोली कि मेरा नाम मीनू नहीं है. तो जॉन बोला कि तो फिर क्या नाम है तेरा मेरी छम्मकछल्लो? तो में बोली कि आज की रात मेरा नाम है हरामजादी, कुतिया, रंडी, छिनाल, रांड, चूत की चोदी, बहन की लौड़ी, माँ की लौड़ी, मादर चोद, सड़ी कुतिया और तुम्हारी छमिया और जो भी गाली तुम्हे आती हो मुझे आज उस नाम से बुलाना और मुझे भी यह हक़ होगा कि में तुम्हे जो मर्ज़ी पड़े बोलूं.

    माइकल बोला कि साली पहले लंड तो चूस, तेरी तो हम आज सारी रात हम माँ चोदेगें और फिर में अपनी जीभ निकाल कर लंड पर घुमाते हुए उसे अपने मुहं में ले गयी, तो जॉन माइकल से बोला कि देख हरामजादी के लाल लाल होंठो में तेरा काला लंड कैसा गजब कर रहा है. कितनी प्यारी लग रही है और माइकल मुहं में लंड को आगे पीछे करता बोला कि इस कुतिया के मुहं में काला ही नहीं लाल लंड भी प्यारा लगेगा. क्यों रंडी ठीक बात है ना? तो में बोली कि मुझे क्या पता तुम खुद अपनी रांड के मुहं में डालकर देख लो और फिर बताना कैसी लगती हूँ. फिर जॉन ने मुझे अपनी और घुमाकर अपना लंड मेरे मुहं में फंसा दिया.

    तभी माइकल बोला कि वाह यह तो एकदम टॉप की रंडी लग रही है, चल अब तेरी माँ चुदने का वक़्त आ गया है और फिर मुझे अपनी बाहों में उठाकर उन दोनों ने बेड पर पटक दिया. तो माइकल ने मेरे एक पैर को उठाया और वो मेरी चूत पर अपना लंड घिसने लगा. जॉन मेरे बूब्स की माँ चोद रहा था.

    फिर माइकल ने अच्छा मौका देखकर एक जोरदार धक्का मारा. लंड गीली चूत में फिसलता हुआ आधे से भी ज़्यादा अंदर घुस गया और में बहुत बुरी तरह से चीख पड़ी आआईईईईई माँ अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ बचाओ मुझे, मुझे तेज़ दर्द हुआ और में बोली कि कुत्ते फ्री की चूत देखकर चोदे जा रहा है, बाहर निकाल अपने मूसल को ऑह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह. लेकिन तभी एक और उससे भी दमदार धक्के ने मेरी चूत को फाड़ दिया और अब वो पूरा घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुस चुका था. तो में बोली कि साले कुत्ते क्या ऐसे चोदते है एक छोटी सी बच्ची को और अगर कहीं में मर जाती तो?

    लेकिन तभी जॉन मेरे मुहं को अपने लंड से बंद करता हुआ बोला कि हम कुत्ते तुम्हारे जैसी कुतिया को ऐसे ही चोदते है. फिर माइकल मेरी चूत में और जॉन मेरे मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और 5-7 धक्को में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब लंड बहुत तेज रफ़्तार से चूत में अंदर बाहर हो रहा था. तभी माइकल ने अचानक से अपना लंड, चूत से बाहर खींच लिया और मुझे लगा जैसे कि मेरी चूत एकदम खाली हो गई. तो में बोली कि अब क्या हुआ और मेरी चूत बिल्कुल खाली हो गयी है?

    तो जॉन ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकालकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया. में उसकी छाती के ऊपर लेटी हुई उसका मुहं चूम रही थी और उसका मोटा लंड मेरी चूत को छू रहा था. तो मैंने जल्दी से उसका लंड पकड़कर अपनी प्यासी चूत पर लगाया और अपना सारा वजन लंड पर टिकाकर धीरे धीरे उस पर दबाव डालने लगी और फिर लंड मेरी चूत में धीरे धीरे फिसलता हुआ घुसता चला गया और अभी में सिर्फ तीन चार बार ही ऊपर नीचे हुई थी कि मुझे मेरे चूतड़ खुलते महसूस हुए.

    मैंने पीछे मुड़कर देखना चाहा. लेकिन जॉन ने मुझे अपने से कसकर चिपका रखा था. तभी मैंने कहा कि नहीं मेरी गांड में कुछ नहीं जाएगा. यह चूत है ना, तुम इसे सारी रात जैसे जी करे वैसे चोद लो. लेकिन मेरी गांड को प्लीज छोड़ दो वरना वो फट जाएगी प्लीज. लेकिन माइकल ने बिना कुछ सुने अपनी दो मोटी मोटी उँगलियों को मेरी गांड में डाल दिया और उसे आगे पीछे करके मेरी गांड के छेद को ढीला करने लगा. तो में आईईईईई ऊउईईईई माँ प्लीज नहीं, प्लीज अब नहीं अह्ह्ह्हह्ह कर रही थी. जॉन बोला कि क्या माइकल इस रंडी के गांड में उंगलियां डाल रहा है सीधा एक झटके में पूरा लंड डाल ना.

    तो में बोली कि नहीं माइकल प्लीज नहीं ऐसा मत करना. लेकिन अब वहां पर मेरी कौन सुनता, माइकल ने अपना 8 इंच का काला लंड मेरी छोटी सी गांड के छेद पर रखा और कसकर धक्का मारा. तो में किसी हलाल होती बकरी की तरह चिल्लाने लगी अह्ह्ह्हह्ह मार दिया ऊओह निकाल बाहर कुत्ते की औलाद अह्ह्ह्ह छोड़ दे मुझे आईईईई में मर जाउंगी, प्लीज छोड़ दे और अब मेरी आखों में से पानी भी गिरने लगा था. लेकिन उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसाकर ही दम लिया और उसका घोड़े जैसा लंड मेरे पेट में चुभ रहा था और अब मेरी गांड और चूत दोनों ही फट चुकी थी और अब उन दोनों ने मेरी बहुत बुरी तरह से चुदाई शुरू कर दी.

    मेरी गांड और चूत उन दोनों के लंड से पनाह माँग रही थी और फिर थोड़ी ही देर में उनके लंड को मज़ा देने लगी. मेरी चूत उनके लंड की मार से बार बार पानी छोड़ रही थी और में बार बार चिल्ला रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो इस कुतिया को ज़ोर से, ज़ोर से फाड़ डालो साली को और वो दोनों पूरी रफ़्तार से लगे हुए थे. तो जॉन बोला कि साली कोई और तमन्ना है तो बोल हम उसे भी आज पूरा कर देंगे? तो में बोली कि एक कुतिया की इच्छा क्या हो सकती है कि वो कुतिया की तरह चुदे.

    माइकल ने अपने लंड को गांड में से बाहर निकाला और बोला कि चल फिर बन जा कुतिया और में झट से कुतिया की तरह झुक गयी और अपने चूतड़ हिलाने लगी. तो माइकल ने झट से पीछे आकर मेरी चूत को लंड से भर दिया और जॉन ने मेरे मुहं में जोरदार धक्के मारने शुरू किए. फिर दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद माइकल बोला कि में कहाँ निकालूं?

    में बोली कि तुम दोनों मेरा मुहं भर दो और उन दोनों ने बारी बारी से एक एक करके मेरे मुहं पर वीर्य की बौछार करना शुरू किया और मेरा मुहं पूरी तरह से उनके गरम गरम वीर्य से भर गया. तो मैंने उनके लंड को एक एक करके चूस चूसकर अच्छी तरह से साफ किए. लेकिन सुबह होने तक मेरी ऐसे ही रुक रुककर चुदाई चलती रही और में उनके लंड के मज़े लेती रही. उन्होंने मेरी चूत, गांड, मुहं को सुबह तक पूरी तरह से खोल दिया था और में बिना किसी विरोध के उनसे पूरी रात चुदती रही और जब सुबह जीजू मुझे लेने आए तो मेरे बूब्स उनके दातों के निशान थे और चूत उनके लंड को रात भर झेल झेलकर लाल पड़ चुकी थी और मेरे चूतड़ उनके थप्पड़ से लाल हो चुके थे.

    लेकिन जीजू का मेरी चुदाई का काम अब पूरा हो चुका था और में उनके सामने एकदम नंगी निढाल होकर पड़ी हुई थी और वो दोनों मेरी चुदाई से बहुत खुश नजर आ रहे थे. तो में जीजू को देखकर उठी और बाथरूम में चली गई. मैंने अपनी चूत और अपने पूरे जिस्म को पानी से ठंडा किया, जो पूरी रात उनके लंड के रगड़ने से गरम हो चुका था और फिर में बाहर चली आई और उनके पास बैठ गई. वो मुझे अभी भी अपनी भूखी नजरों से देख रहे थे. कुछ देर बाद में जीजू के साथ अपने घर पर चली आई.

  • साली बन गई पूरी घरवाली

    हैल्लो दोस्तों, एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. जिसका काम हमारे शहर से बाहर जाकर हर एक ग्राहक से मिलकर उसको हमारी कंपनी के सामान की जानकारी देना था और इसलिए मुझे महीने में ज्यादातर समय अपने घर से बाहर ही रहना पड़ता है. में बहुत कमी से बड़े कम दिनों के लिए अपने घर पर आता था, लेकिन में अपनी पत्नी के साथ जमकर चुदाई करता था, जिससे हम दोनों ही बड़े खुश थे और वैसे मेरी शादी को चार साल पूरे हो चुके थे.

    एक दिन जब में कुछ दिनों के बाद अपनी नौकरी से अपने घर पर पहुंचा तब मैंने देखा कि मेरी साली और साला दोनों ही घूमने के लिए एक सप्ताह हमारे साथ रहने के लिए आ गए, जिसको देखकर मेरी पत्नी बहुत खुश हुई और उसने यह बात आकर मुझे भी बताई कि आज में अपने भाई बहन को अचानक यहाँ पर देखकर बहुत खुश है और मेरी बीवी मेरे साले को बहुत प्यार करती है.

    उन दोनों भाई बहन की एक दूसरे से बहुत अच्छी बनती भी है इसलिए मेरी बीवी का वो पूरा दिन अपने भाई बहन के साथ बहुत अच्छा गुजरा. दोस्तों हम सभी ने एक साथ बैठकर हंसी मजाक और इधर उधर की बातें करते हुए खाने के मज़े लिए. में भी उनका साथ पाकर बड़ा खुश था और अब कुछ घंटे गुजर जाने के बाद अब हमारी सोने की बारी थी, लेकिन तब मेरे घर में बस एक ही बेड था, इसलिए मेरी बीवी मुझसे कहने लगी कि में और भाई बेड पर सो जाते है, तुम और पूजा मेरी (साली) नीचे जमीन पर सो जाओ.

    फिर मैंने कहा कि हाँ जैसा आप ठीक समझे मुझे इसमे कोई आपत्ति नहीं है, इसलिए में और मेरी साली मेरी पत्नी के बिस्तर करने के बाद नीचे जमीन पर सो गए. फिर कुछ देर सोने के बाद अचानक मेरी नींद खुल गई तो मैंने देखा कि पूरे घर में बहुत अंधेरा था और मेरे पास उस समय मेरी साली सो रही थी. हल्की सी रोशनी में मुझे दिखाई दिया कि उसके गोरे गोरे बूब्स उस बड़े गले के सूट से बाहर नजर आ रहे थे.

    तभी उनको देखकर मेरे दिमाग़ का शैतान जाग उठा और मेरे मन में एक विचर आ गया. में आप लोगों को किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता कि में अपने से चिपककर सो रही थी और उस अपनी सेक्सी साली को देखकर किस तरह से पागल हो चुका था? में उसके बारे में क्या क्या सोच रहा था? फिर में अपनी साली की तरफ घूम गया और मैंने अपने एक हाथ को धीरे उसकी छाती पर ऐसे रख दिया जैसे कि में उस समय बहुत गहरी नींद में हूँ और वो काम मैंने अपनी नींद में किया है, लेकिन कुछ भी कहो वो उसके बूब्स को इस तरह से छूना मेरे जीवन का एक सबसे सुखद पल था. मुझे उसके गोलमटोल मुलायम बूब्स को अपने हाथों के नीचे दबाकर रखना बड़ा ही अच्छा लग रहा था.

    दोस्तों वैसे सभी लोगों को पता था कि में जब एक बार सो गया तो कोई मुझे उठाकर कहीं और भी रखकर आ जाए तो भी मेरी नींद नहीं खुलेगी. दोस्तों उस समय मेरी साली की उम्र करीब 21 या 22 साल होगी और मेरे हाथ उसके बूब्स पर रखने के कुछ देर बाद उसकी भी नींद अब थोड़ी सी खुल गयी और उसने मेरे हाथ को अपनी छाती पर महसूस किया, लेकिन मेरे हाथ को वहां से नहीं हटाया और अब में झट से उसके मन की बात को समझ गया कि शायद अब उसको भी मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखने में बहुत मज़ा आ रहा है और में अपनी दोनों आंखे बंद करके सोने का नाटक लगातार करता रहा. फिर कुछ देर बाद वो मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़कर अब वो अपने दोनों बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगी और अपने बूब्स को सहलाने लगी.

    तभी मैंने महसूस किया कि उसकी निप्पल अब तनकर खड़ी हो चुकी थी, जिसका मतलब साफ था कि उसके सेक्सी बदन में भी अब वो आग लग रही थी जो मेरे अंदर में भी महसूस कर रहा था.

    थोड़ी देर बाद उसने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड के ऊपर हाथ रखकर धीरे धीरे से लंड को मसलना शुरू किया, वो अब मेरे लंड की लम्बाई उसकी मोटाई को अपने हाथ से छूकर महसूस कर रही थी और उसके यह सब करने की वजह से मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा था, लेकिन में अब भी ऐसे ही पड़ा रहा जैसे कि में बड़ी गहरी नींद में सो रहा हूँ और उसके काम के बारे में मुझे बिल्कुल भी पता नहीं है कि वो मेरे साथ क्या कर रही है? तभी कुछ देर बाद उसकी हिम्मत अब ज्यादा बड़ गई और उसने धीरे धीरे से मेरी पेंट को घुटनो तक नीचे उतार दिया और फिर वो मेरे लंड को बड़े मज़े लेकर मसलने लगी.

    जब मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो गया तो उसने लंड को अपने एक हाथ से कसकर पकड़ लिया और अब उसने मेरे एक हाथ को अपने हाथ में लेकर उसकी पेंटी के अंदर डाल लिया और वो अपनी चूत के मेरे हाथ से बहुत देर तक सहलाती रही और में उसकी गरम कुंवारी चूत के मज़े लेता रहा और फिर मैंने महसूस किया कि थोड़ी ही देर में उसकी पेंटी भी अब चूत वाले हिस्से से गीली होने लगी, क्योंकि उसकी चूत से पानी बाहर रिसने लगा और वो पूरे जोश में थी. फिर तभी वो ना जाने क्या बात सोचकर ज्यादा जोश में आकर मेरे ऊपर चड़ गई और वो अब मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और वो मेरे लंड को अपनी गीली चूत के अंदर डालने की लगातार कोशिश करती रही, लेकिन बहुत बार कोशिश करने के बावजूद भी वो मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर नहीं डाल पाई, लेकिन तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत अभी तक वर्जिन है और कुछ देर बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने अपना पानी बाहर निकाल दिया जिसके बाद वो थककर सो गई और में भी मज़े लेकर उसके बूब्स पर हाथ रखकर सो गया.

    अगले दिन सुबह उठकर में उसके साथ बीती रात की कुछ अधूरी बातें करने लगा, लेकिन वो मेरी सभी बातें समझकर भी मुझसे ठीक से बात नहीं कर पा रही थी और मैंने उसको कुछ भी नहीं समझने दिया कि में उस समय नींद में होने का नाटक कर रहा था और फिर मैंने उसी समय फ़ैसला किया कि आज रात ही को मुझे उसके साथ सब कुछ करना है.

    फिर रात को फिर से हमारा सोने का प्रोग्राम ठीक पहले दिन की तरह ही हुआ और में अपनी साली के साथ नीचे लेटा हुआ था और मेरी पत्नी उसके भाई के साथ ऊपर पलंग पर थी, लेकिन बहुत देर तक लेटे रहने के बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी. में तो बस अपनी दोनों आखें बंद करके लेटा हुआ अपनी साली की चुदाई के सपने देख रहा था और मन ही मन सोच रहा था कि कब यह सभी लोग सो जाए और में अपना काम शुरू करूं? में करीब एक घंटे तक ऐसे ही लेटा रहा और इस दौरान मैंने यह भी महसूस किया कि अब तक मेरी हॉट सेक्सी साली जी भी जागी हुई है.

    फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके एक तरफ घूमने के बहाने से उसकी छाती पर आज एक बार फिर से अपना हाथ रख दिया, जिसको छूकर कुछ देर बाद उसकी साँसे अब गरम होने लगी थी, उसकी धड़कने धीरे धीरे अब पहले से ज्यादा तेज़ होने लगी थी, लेकिन फिर भी वो चुपचाप लेटी रही, लेकिन मुझे अब और इंतज़ार बर्दाश्त नहीं हुआ तो इसलिए पहला कदम मैंने ही उठाया और हिम्मत करते हुए धीरे धीरे उसके ज्यादा करीब चला गया और फिर मैंने ज़ोर से कसकर उसको अपनी बाहों में भर लिया.

    अब वो ऐसे नाटक कर रही थी कि जैसे कि वो बहुत गहरी नींद में है तब मैंने मन में सोचा कि चलो कोई बात नहीं है मुझे तो सिर्फ़ अपने काम से मतलब है चाहे वो सोने का नाटक करे या में, बात तो एक ही है. फिर मैंने अपने होंठो को उसकी नरम मुलायम होंठो पर रख दिया और में धीरे धीरे उसके होंठो को चूसने लगा, लेकिन उसने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया और वो मेरे साथ मज़े लेने लगी.

    मैंने अब उसका एक हाथ अपने हाथ में लिया और उसको अपनी पेंट के अंदर डाल दिया और थोड़ी देर बाद मैंने धीरे धीरे से उसके होंठो से नीचे आना शुरू कर दिया और में उसके बूब्स के पास आकर रुक गया.

    में उसकी निप्पल को धीरे धीरे अपनी जीभ से चाटने लगा और एक हाथ से उसके दूसरे बूब्स को धीरे धीरे से दबाने लगा और उनको सहलाने लगा. दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो तब तक बहुत गरम हो चुकी थी और उसने अब खुद ही मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया.

    फिर में भी धीरे धीरे उसके बूब्स को चूसना छोड़कर अब नीचे उतरने लगा और फिर में उसके गोरे मुलायम पेट पर आकर रुक गया और मैंने उसके पेट पर बहुत बार किस किया और उसकी नाभि के ऊपर भी बहुत किस किया और अब में अपने एक हाथ से उसकी प्यासी कुंवारी चूत को सहलाता रहा और कुछ देर बाद मैंने अपनी एक उंगली को धीरे धीरे से उसकी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया.

    में लगातार अपनी ऊँगली को चूत से अंदर बाहर करता रहा और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और जिसकी वजह से अब वो भी अपने कंट्रोल से एकदम बाहर हो चुकी थी और वो सिसकियाँ लेने लगी थी.

    फिर मैंने उसकी हालत को देखकर सोचा कि अब लोहा बहुत गरम है और यह मौका बिल्कुल सही है, मार दो हथोड़ा और मैंने तुरंत उसकी पेंटी को उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ मेक्सी में थी और मैंने उसको नहीं खोला.

    मैंने उसकी मेक्सी को गले तक ऊपर उठा दिया और मैंने अपनी पेंट को अपने घुटनों तक नीचे उतार दिया जिसके बाद में उसके ऊपर चड़ गया और में धीरे धीरे अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के दाने पर मसलता रहा और तभी मुझे महसूस हुआ कि अब उसकी चूत से जूस निकलना शुरू हो गया था, तब मैंने धीरे धीरे उसकी गीली चूत के अंदर अपने लंड को डालना शुरू कर दिया.

    दोस्तों उसको दर्द तो बहुत हो रहा था, लेकिन उसने अपने मुहं से एक भी आवाज़ को बाहर नहीं निकलने दिया और धीरे धीरे लंड का चूत पर दबाव बढ़ाने की वजह से मेरा पूरा लंड अब फिसलता हुआ उसकी चूत के अंदर चला गया.

    में बिना हिले चुपचाप उसके ऊपर लेटकर निप्पल को दबाने सहलाने लगा और कुछ देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और अब वो ज़ोर से अपने कूल्हों को ऊपर उठाने लगी. में तुरंत समझ गया कि वो मुझे इशारे से चुदाई करने के लिए कह रही है. फिर मैंने अपनी तरफ से हल्के और उसके बाद ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए और में उसको चोदने लगा.

    करीब दस मिनट तक अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने के बाद जब मुझे ऐसा लगा कि अब मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला है तो मैंने झट से अपने लंड को उसकी चूत से खींचकर बाहर निकालकर उसकी पेंटी में मैंने अपना सारा वीर्य निकाल दिया, जिसकी वजह से अब में भी शांत हो गया और वो भी शांत हो गयी. उसके बाद मुझे बहुत ज़ोर से नींद आ गई और में सो गया, लेकिन उसके बाद उसने मेरे साथ क्या किया वो मुझे नहीं पता.

  • मेरी बीवी और उसकी बहन का पति

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम यश है और में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरी इस साईट पर पहली कहानी है. दोस्तों में मुंबई का रहने वाला हूँ और मेरी वाईफ का नाम अपेक्षा है और हम कलम्बोली में रहते है मेरी वाईफ की चचेरी बहन खरघर में रहती है. अब में सीधा अपनी आज की स्टोरी पर आता हूँ.

    एक दिन मैंने अपनी वाईफ का फोन चेक किया तो मुझे उसमे एक प्राईवेट मैसेज दिखा और मैंने जब वो मैसेज खोलकर देखा तो सन्नी ने मेरी वाईफ को लिखा था कि में एक बार तुम्हे चोदना चाहता हूँ.. मेरा लंड 9 इंच का है और बहुत मोटा भी है और में तुम्हे इतना संतुष्ट करूँगा कि इस दुनिया में कोई भी आदमी ने किसी औरत को किया होगा. तुम्हारी चूत चाट चाटकर उसका पूरा पानी पी जाऊंगा और तुम्हारी चूत चाटना मेरे लिए किस्मत की बात होगी और अगर तुम संतुष्ट नहीं हुई तो तुम खुद ही मेरा लंड काट देना.. प्लीज सिर्फ़ एक बार अपने आप को मेरे हवाले कर दो.

    तो यह सब पढ़ने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आया और फिर मैंने यह सब बातें अपनी वाईफ से पूछी और उसने कहा कि वो इन सब बातों के बारें में कुछ नहीं जानती. फिर में बहुत गुस्से में था और में सन्नी से मिलने गया.. सन्नी से मैंने कहा कि वो अपनी वाईफ रीना के साथ यह सब करें.. उसे अपना जोश दिखाए जिससे उसे भी पता चले कि उसके पति में कितना दम है और फिर में वहाँ से चला आया. मैंने घर पहुंचने के कुछ देर बाद सन्नी ने मुझे कॉल करके सॉरी कहा और वो कहने लगा कि इसके बाद आपको मेरी तरफ से एसी कोई शिकायत नहीं मिलेगी.. प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए.

    तो मैंने उसे माफ़ कर दिया और हम उसी दिन शाम को ड्रिंक करने बैठ गये.. सन्नी ने फिर से वही टॉपिक निकाला.. लेकिन इस बार कुछ अलग तरीके से उसने मुझसे कहा कि हम अपनी अपनी वाईफ को एक्सचेंज करेंगे.. लेकिन मैंने साफ मना कर दिया और में उससे फिर से लड़ने लगा.. उसने मुझे शांत किया लेकिन उसकी यह सब बातें मेरी सर से ऊपर निकल चुकी थी और मुझे अब बहुत गुस्सा आ रहा था.

    तो में एकदम उठा और घर पर आ गया.. जब में घर आया तब रात भर मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था और दूसरे दिन मैंने सन्नी को कॉल करके कहा कि हम एक्सचेंज कैसे करेंगे? तो सन्नी मेरी बात को सुनकर बहुत खुश हुआ और उसे मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था. उसने मुझसे दो तीन बार पूछा क्या आपको इससे कोई ऐतराज नहीं है? तो मैंने कहा कि हाँ में तैयार हूँ. फिर उसके कहा कि बस एक बार तुम दोनों मेरे घर आ जाओ में सब सम्भाल लूँगा. में और मेरी वाईफ अपेक्षा सन्नी के घर चले गये.. वहाँ पर पहुंचकर मैंने सन्नी का चेहरा देखा वो शायद हमारा बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. फिर रीना और अपेक्षा एक दूसरे से बातें करने में व्यस्त हो गए.

    तो मैंने सन्नी से पूछा कि बताओ अब यह सब कैसे करेंगे? सन्नी ने कहा कि आपको वो सब कुछ रीना समझा देगी.. उसने रीना को इशारा किया और वो अपनी गांड को मटकाती हुई मेरे पास आई और बोली कि आज मुझे तुम चोदोगे. फिर सन्नी ने मेरी वाईफ अपेक्षा को अपनी गोद में उठा लिया और किस करते हुए दूसरे बेडरूम में ले गया. तो मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए रीना को किस करना चालू किया और धीरे धीरे एक एक करके उसके कपड़े उतारने लगा.

    फिर मैंने उसके बड़े ही मुलायम बूब्स को चूसना शुरू किया और फिर उसे धीरे से बेड पर लेटाकर उसकी चूत को चाटने लगा.. तो वो सिसकियों के साथ साथ मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और कुछ देर चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और मैंने उसकी चूत का पानी चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपने लंड को चूत के दरवाजे पर रखा और एक जोरदार धक्के के साथ लंड को चूत के अंदर घुसा दिया और चोदना शुरू किया. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स को कसकर पकड़ रखा था और उसकी चूत में लंड डालकर उसे जोरदार धक्के देकर चोद रहा था और साथ साथ उसके बूब्स को भी दबा रहा था.. लेकिन वो बहुत बड़ी रांड थी और शायद उसे लंड लेने की आदत भी हो चुकी थी.

    वो मेरे मोटे लंड को बड़े आसानी से झेल रही थी और वो मेरे हर एक धक्के पर अपनी गांड को उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब बीस मिनट की लगातार चुदाई के बाद में मेरा लंड झड़ गया और मेरे लंड का पूरा वीर्य उसकी चूत में गिर गया और में उसकी छाती पर थककर लेट गया और एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और और दूसरे को दबाने लगा.

    तभी मैंने एक आवाज़ सुनी वो मेरी वाईफ की चीख थी.. में और रीना उस बेडरूम के पास गये. मुझे लगा शायद सन्नी अपेक्षा को चोद रहा होगा और फिर जब मैंने वहाँ पर पहुंच कर देखा तो सन्नी ने अब तक कपड़े भी नहीं उतारे थे और अपेक्षा का सिर्फ़ टॉप ही उतरा था और सन्नी अपेक्षा के निप्पल चूस रहा था.. सन्नी अपेक्षा के लिए इतना पागल था कि वो रीना जैसी एकदम सेक्सी को भी चोदने को तैयार नहीं था. फिर सन्नी ने निप्पल को 20 मिनट तक लगातार चूसा.. अपेक्षा सन्नी का लंड पकड़ने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन सन्नी ने अपना लंड अपेक्षा के हाथों से दूर रखा था.

    अपेक्षा ने सन्नी से कहा कि प्लीज मुझे तुम्हारा लंड देखना है.. सन्नी ने कहा कि मेरी जान अभी तो बहुत टाईम बाकी है. फिर सन्नी ने अपेक्षा की सलवार उतारी और उसकी काली कलर की पेंटी भी उतारी. अपेक्षा एकदम शरमा गई और फिर अपेक्षा ने सन्नी को नंगे होने को कहा. तो सन्नी बोला कि पहले मुझे तुम्हारी चूत का स्वाद तो चखने दो और सन्नी ने अपेक्षा की चूत को चाटना शुरू किया. अपेक्षा चीखने चिल्लाने लगी और सन्नी ने बिना रुके अपेक्षा की चूत को चाटना जारी रखा और सन्नी अपनी जीभ को चूत में अंदर बाहर करता रहा. अब तक अपेक्षा बहुत गरम हो गई थी और वो दर्द के मारे चीख रही थी.

    फिर अपेक्षा सन्नी से बोली कि क्या तुम आज मुझे मार ही डालोगे? हाँ तुम असली मर्द हो.. चोदो मुझे और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से डालो.. करने लगी. यह सब 35 मिनट तक चलता रहा.. में और रीना बाहर खड़े खड़े सब कुछ देख रहे थे. फिर सन्नी ने अपने कपड़े उतारे और अपेक्षा सन्नी का लंड चूसने लगी. करीब 10 मिनट तक अपेक्षा सन्नी का लंड चूस रही थी और सन्नी ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

    अपेक्षा की हालत खराब हो रही थी और उसकी आँखो से पानी आ रहा था. 5 मिनट तक सन्नी ने अपेक्षा की चूत पर अपना लंड रगड़ा तो अपेक्षा बोली कि सन्नी प्लीज़ मुझे जल्दी से चोदो वरना में पागल हो जाउंगी. तो सन्नी ने अपने लंड को थोड़ा अंदर डाला फिर बाहर निकाला और अपेक्षा के मुहं में दे दिया.. अपेक्षा लंड चूसने लगी. सन्नी ने फिर डाला.. लेकिन अब आधा लंड अंदर था और ज़ोर ज़ोर से अपेक्षा रो रही थी. फिर सन्नी ने एक और झटका दिया और पूरा लंड अंदर घुसा दिया.. लेकिन अपेक्षा अपना कंट्रोल खो चुकी थी और सन्नी ज़ोर ज़ोर से अपेक्षा को धक्के देकर चोद रहा था.

    40 मिनट तक सन्नी ने अपेक्षा को चोदा और आख़िर में सन्नी का वीर्य गिरने वाला था. तो सन्नी ने अपना लंड बाहर निकाला.. तभी अपेक्षा बोली कि सन्नी असली मर्द का पानी अंदर गिरना चाहिए और सन्नी ने अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाला और अपना वीर्य अंदर डाल दिया. अपेक्षा ने कुछ देर बाद सन्नी का लंड बाहर निकाला और चूसना शुरू किया और बार बार बोलने लगी कि तुम सच में असली मर्द हो.. में तुम्हारी दीवानी हो गई और अपेक्षा, सन्नी स्मूच करने लगे. फिर से सन्नी का लंड टाईट हुआ तो सन्नी ने अपेक्षा से पूछा कि क्या में तुम्हारी गांड में डाल सकता हूँ?

    अपेक्षा बोली कि इसमे पूछना क्या? अब से में पूरी तुम्हारी हूँ और सन्नी ने अपेक्षा की गांड में थोड़ा तेल लगाया और अपने लंड को घुसाना चालू किया.. अपेक्षा चिल्लाने लगी कि बस बस अह्ह्ह उफ्फ्फ माँ मार डाला प्लीज धीरे करो और बोली कि मुझे तुम्हारा पानी पीना है. सन्नी ने दस मिनट तक अपेक्षा की गांड मारी और लंड बाहर निकालकर वीर्य अपेक्षा के मुहं में डाला.. अपेक्षा पूरा वीर्य पी गयी और उसने लंड को चाटकर साफ भी कर दिया. तो कुछ देर बाद सन्नी अपेक्षा को बाहर हमारे सामने लाया. में और रीना उनका सेक्स करने का तरीका देखकर एकदम पागल हो चुके थे.. सन्नी और अपेक्षा दोनों एकदम नंगे हमारे सामने बैठ गये. अपेक्षा सन्नी की गोद में बैठ गयी और दोनों फिर से किस करने लगे.

    फिर रीना भी मेरी गोद में बैठकर मुझे किस करने लगी और फिर मैंने सन्नी से पूछा कि तुमने कंडोम काम में क्यों नहीं लिया? तो अपेक्षा मुझसे बोली कि मैंने सन्नी को मना किया था और मैंने अपेक्षा से कहा कि लेकिन मैंने भी रीना को कंडोम लगाकर चोदा है. तो अपेक्षा हंसने लगी और बोली कि मर्द कभी भी कंडोम काम में नहीं लिया करते और सन्नी ने फिर से अपेक्षा से पूछा कि क्यों तुम संतुष्ट हो या नहीं?

    तो अपेक्षा बोली कि में हमेशा तुम से चुदवाना चाहूँगी. सन्नी ने कहा कि में भी तुम्हे हमेशा चोदना चाहूँगा. दोस्तों यह स्टोरी चार साल पहले की है.. अब भी सन्नी अपेक्षा को चोदता है और अपेक्षा मेरी वाईफ है.. लेकिन उसे सन्नी का लंड ही चाहिए. इसलिए वो उससे ही चुदती है और अपेक्षा सन्नी के साथ ही रात भर सोती है.

  • दीदी के साथ जीजू ने मुझे भी ठोका

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम श्रेया है और में आज आप सभी को अपने जीवन का एक सच और उससे जुड़ी एक सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ जिसने मेरे पूरे जीवन को बिल्कुल बदलकर रख दिया.

    दोस्तों मेरी चुदाई होने से पहले मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी चुदाई कौन करेगा? और फिर मेरी पहली चुदाई खत्म होने के बाद में सारी बातें सोचने लगी कि मैंने यह सब क्या किया?

    दोस्तों मेरे फिगर का आकार 32-25-35 है और हर एक लड़की का सेक्सी होने का मन होता है, वो मन ही मन चाहती है कि हर किसी को वो अपनी तरफ अपना सेक्सी बदन दिखाकर आकर्षित कर ले और उसको अपना बनाने का मन होता है, ठीक वैसा ही मेरा भी मन था. में अपनी कॉलेज की दोस्तों के साथ रहकर सेक्स के बारे में बहुत सारी बातें समझ गई थी, लेकिन उस समय मेरी उम्र भी कुछ ज़्यादा नहीं थी.

    में उस समय सिर्फ 19 साल की थी और में 18 साल की उम्र से ही अपनी चुदाई करवाना चाहती थी. मेरी चूत के अंदर चुदाई करवाने की इच्छा और कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था, लेकिन मुझे ऐसा कोई मिला नहीं मिला जिसका फायदा उठाकर में अपनी चूत की चुदाई करवाकर उसको शांत करूं और वो मज़े लूँ, लेकिन अभी कुछ दिन पहले मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई जिससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई और अब आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए में सीधा उस कहानी पर आती हूँ और बताती हूँ कि मेरी चुदाई का वो सपना कैसे सच हुआ, मुझे कैसे लंड और किसका लंड मिला?

    दोस्तों वो मेरी दीदी की शादी का दिन था और हमारे पूरे घर में ख़ुशी का माहोल था में भी बहुत खुश थी और फिर वो पल आ ही गया. मेरी दीदी की उस दिन शादी हो गई और विदाई के समय मेरी दीदी बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी.

    वैसे तो घर के सभी सदस्य दुखी थे और उनके साथ साथ में भी रो रही थी. तभी कुछ देर बाद मुझसे मेरी मम्मी ने कहा कि तुम भी अपनी दीदी के साथ चली जाओ कुछ दिन रुकने के बाद हम लोग तुम दोनों के लेने आ जाएगें और तुम्हारे साथ रहने से इसका भी मन लगा रहेगा और फिर मैंने अपनी मम्मी को वो बात सुनकर बहुत खुश होकर जाने के लिए तुरंत हाँ कह दिया और जब में दीदी के ससुराल आई तो मुझे वहां पर बहुत मज़ा आया.

    वहां पर सभी का व्यहवार बहुत अच्छा था और वो लोग बहुत प्यार से हंस हंसकर मुझसे बातें कर रहे थे. दोस्तों वो दिन तो ऐसे ही मज़े मस्ती में गुजर गया और उस रात को मेरी दीदी की सुहागरात थी. वैसे मुझे तो पहले से ही पता था कि आज दीदी की जमकर चुदाई होगी और उनकी चूत की सील भी जरुर टूटेगी और आज मेरी दीदी को ठीक तरह से पता चलेगा कि लंड क्या होता है और लोलीपॉप किसे कहते है?

    उस रात को में अपनी दीदी की चुदाई के बारे में सोचकर बहुत ज्यादा जोश में आकर में खुद अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करके थककर ना जाने कब सो गई और जब में दूसरे दिन सुबह उठी तो में सीधी बाथरूम में जाने के बाद सीधी दीदी के रूम में चली गई. मुझे पता चल गया कि कल रात की चुदाई से मेरी दीदी की चूत की सील टूट चुकी थी.

    उस समय मेरे जीजा जी कमरे में नहीं थे इसलिए में अपनी दीदी से पूछने लगी कि कल रात को उनके साथ क्या क्या हुआ? तो उन्होंने थोड़ा सा शरमाकर मुझसे बोला कि तेरे जीजा जी का बहुत मोटा है और उन्होंने मुझे बहुत बुरी तरह से जमकर चोदा और अपनी तरफ से चुदाई में कोई भी कमी नहीं आने दी. वैसे उनको यह काम करना बहुत अच्छे से आता है और मुझे उनका हर एक तरीका बड़ा अच्छा लगा. उनमे बहुत जोश भी है. दोस्तों अपनी दीदी की बातें सुनकर मुझे तो अब वो सभी बातें पूरी विस्तार से जानने की इच्छा हो रही थी और में वो बातें सुनकर जोश में आ गई और बड़ी उत्सुक भी थी, क्योंकि में अब तक वर्जिन थी और मैंने किसी लंड का मज़ा नहीं लिया था.

    में बस जब भी मुझे याद आती अपनी ऊँगली को डालकर चूत को शांत कर लिया करती, लेकिन तभी मेरे जीजा जी भी कमरे में आ गये और वो अब मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है तुम कैसी हो और तुम्हे रात को नींद तो ठीक तरह से आई, क्या यहाँ पर कोई परेशानी तो नहीं है ना? तो मैंने उनको कहा कि सब कुछ ठीक है और में यहाँ पर बहुत खुश हूँ और आपके रहते हुए मुझे कैसी परेशानी मेरे साथ आप हो ना और में उनकी तरफ मुस्कुराने लगी.

    अब मेरी दीदी हम दोनों से कहकर उठकर बाथरूम में जाने लगी और तभी मेरे जीजा जी ने तुरंत उनका हाथ पकड़कर लिया और उठकर उनको किस किया और वो मेरे ही सामने दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाने सहलाने लगे, लेकिन दीदी उनसे कुछ नहीं बोली. फिर जीजाजी दीदी से पूछने लगे कि क्या में तुम्हारी बहन से किस ले लूँ? दीदी बोली कि में इसमें क्या कहूँ आप और आपकी साली जानो.

    दीदी यह बात कहकर हंसती हुई सीधी बाथरूम में चली गई और जीजा जी उनके कमरे से बाहर जाते ही तुरंत मुझे अपनी बाहों जकड़कर किस लेने लगे और वो मेरे बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. दोस्तों मुझे उनके ऊपर उनकी ऐसी हरकत की वजह से बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में क्या कर सकती थी, क्योंकि उनको मेरी दीदी ने जो हाँ कर दिया था और में भी उस समय पूरी तरह से जवान थी और मेरे अंदर भी सेक्स भड़क रहा था, इसलिए में उनका ज्यादा विरोध नहीं कर रही थी.

    अब जीजाजी ने मेरी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर उनकी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और उस बात का उन्होंने फायदा उठाते हुए मेरी टी-शर्ट को उतारना चाहा, लेकिन मैंने मना कर दिया और उनसे कहा कि क्या आपका दिमाग खराब हो गया है, अगर कोई आ गया तो क्या होगा? प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, लेकिन तभी जबरदस्ती उन्होंने मेरी कोई भी बात को ना सुनकर एक ज़ोर का झटका देकर मेरी टी-शर्ट को उतारने की जगह खींचकर फाड़ दिया और ब्रा को भी ज़ोर से पकड़कर खींचकर उसके हुक को तोड़ दिया.

    में ऊपर से उनके सामने पूरी नंगी थी और अपने बूब्स को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी. अब वो जबरदस्ती करते हुए मेरे गोरे गोरे बूब्स को अब कुत्ते की तरह चूसने लगे. वो उन पर टूट पड़े और बिल्कुल पागल हो चुके थे, लेकिन दोस्तों मुझे तो कैसे भी करके अब उनका लंड देखना था, इसलिए मैंने अपनी तरफ से बिल्कुल विरोध को बंद करके उनकी टेंट बनी हुई पेंट को पकड़ लिया और मैंने उनके लंड को बिना देर किए जल्दी से बाहर निकाल लिया. अब जीजाजी और में हम दोनों पूरे नंगे होकर खड़े थे.

    मेरे हाथ में उनका तनकर खड़ा हुआ लंड था और उनके मुहं में मेरे एक बूब्स की निप्पल तो दूसरी निप्पल को वो अपने एक हाथ से कसकर निचोड़ रहे थे. हम दोनों उस समय पूरे जोश में थे और हमें बड़े मज़े आ रहे थे, लेकिन तभी अचानक से हमारा मज़ा खराब करने के लिए मेरी दीदी ना जाने कहाँ से आ गई. वो हम दोनों को उस हालत में देखकर बिल्कुल चकित रह गई. फिर उन्होंने मुझे कसकर एक थप्पड़ मार दिया, जिसकी वजह से मेरा सारा सेक्स का नशा उस एक ही थप्पड़ में झट से टूट गया.

    में अपने पूरे होश में आ चुकी थी कि में क्या कर रही थी. मुझे वो सब कुछ अच्छी तरह से समझ में आ गया. फिर जीजाजी ने गुस्से में आकर मेरी दीदी को भी एक थप्पड़ मार दिया और वो बोले कि साली रंडी तुझे नहीं पसंद तो तू इसको भी क्यों मना कर रही है? इसको तो मेरे साथ मज़ा लेने दे और इतना कहने के बाद जीजा जी ने मेरी दीदी के कपड़े जबरदस्ती उतारकर अपने खड़े लंड को उन्होंने दीदी की चूत में बहुत बेरहमी से एक जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया, लेकिन उनका आधा ही लंड दीदी की चूत के अंदर गया था और दीदी दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. वो दर्द से तड़प रही थी.

    फिर यह सब कुछ अपनी आखों के सामने देखकर मेरी चूत से पानी बाहर आ गया. एक तो में पहले से ही बहुत गरम थी और दूसरा मेरी दीदी की चुदाई मेरे सामने होने लगी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो चुकी थी. सब कुछ मेरी समझ से बाहर था कि में क्या करूं? तभी मेरी बैचेनी को मेरे जीजाजी झट से समझ गए और वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरी चूत में ज़ोर ज़ोर से अपनी दो उँगलियों को डालकर मेरी भी चुदाई करने लगे, जिसकी वजह से मेरी चूत अब कुछ ज्यादा ही व्याकुल हो उठी.

    में वो सब किसी भी शब्दों में लिखकर आप लोगों को नहीं बता सकती कि में उस समय कैसा और क्या महसूस कर रही थी. अब मैंने समय को देखते हुए तुरंत अपनी दीदी से आग्रह किया कि प्लीज दीदी मेरे भी अंदर डालने दो ना और दीदी उस समय अपनी चुदाई होने के साथ साथ रो रही थी.

    फिर जीजा ने मुझे पकड़ा और वो मुझे नीचे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठाकर उन्होंने दीदी की चूत से खींचकर अपना लंड बाहर किया और अब वो धीरे से अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगे. में बिना हलचल किए उनके सामने पड़ी रही और वो मेरी चूत पर अपने लंड का हल्का हल्का दबाव बनाते हुए लंड को अंदर करने लगे.

    दोस्तों सिर्फ़ उनके लंड का टोपा ही मेरी चूत के अंदर गया था, लेकिन उसकी वजह से ही मुझे बहुत दर्द हो रहा था. में उस असहनीए दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ ले रही थी आईईईईइ माँ में मर गई उफ्फ्फ्फफ्फ प्लीज थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे बेरहम जीजा ने कुछ भी ना सुनते हुए अपना लंड मेरी चूत के अंदर पूरा डाल ही दिया. वो अब जमकर धक्के देकर मेरी चुदाई करने लगे और तब जीजाजी, में और दीदी सब नंगे पूरी रात तक बारी बारी से मज़े ले रहे थे और अब तो दीदी की बारी थी.

    तब मैंने उनको बहुत किस किए और उसके बूब्स को भी मैंने बहुत देर तक चूसा दबाया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आया. उस समय जीजा जी मेरी चूत को कुत्ते की रह अपनी गरम जीभ से चाटने लगे. मुझे तो उस दिन जैसे जन्नत मिल गई और 6 इंच के लंड से मेरी चुदाई भी हो गई और फिर में जब तक वहां पर रही और तब तक में हर रात को अपनी दीदी की चूत को चुदते हुए देखती थी और उनकी चूत में अपनी उंगली को भी डाल देती थी जिससे मुझे उनकी चूत अंदर तक गुलाबी के दर्शन हो जाते थे, लेकिन अब मुझे अपने घर भी जाना था, क्योंकि में अपनी दीदी के ससुराल में दो दिन तक रुक गई थी. इसलिए में वापस अपने घर आ गई.

    फिर उसके बाद में अब कॉलेज में अपनी चुदाई करवाने के लिए दमदार लड़को की तलाश करने लगी और में बहुत से लड़को को ऐसे ही किस दे देती और उनके लंड को भी कपड़ो के ऊपर से किस कर लेती, तो लगातार कॉलेज जाने के बाद भी मुझे अपनी चुदाई का कोई भी जुगाड़ नहीं मिला. मुझे हर रात को अपनी उँगलियों से ही अपनी चूत को शांत करना पड़ा और एक दिन जब में अपने कॉलेज से घर आई, तो मैंने देखा कि आज मेरे घर पर मेरे सामने मेरे जीजाजी और दीदी बैठी हुई थी.

    दोस्तों पहले तो मुझे उनको देखकर विश्वास नहीं हुआ. फिर उनसे बात करने और अपनी दीदी से गले लगने के बाद में समझ गई और में उन दोनों को देखकर बहुत खुश हो गई, क्योंकि एक बार फिर से मुझे आज रात को उनके साथ अपनी चूत को चुदवाने का असली मज़ा आएगा और वो सुख मिलेगा जिसके लिए में तरस रही थी. फिर जब शाम हुई तब जीजाजी और में छत पर आ गए और जीजाजी कुछ देर बाद वहीं पर शुरू हो गए और में भी शुरू हो गई. हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिए और में साथ में उनका लंड दबा रही थी और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे, लेकिन तभी दीदी भी छत पर आ गई और वो बोली कि तू कभी भी नहीं सुधरेगी.

    अब मैंने दीदी को लपककर पकड़ लिया और मैंने उनकी सलवार को ज़बरदस्ती उतार दिया और उनके बूब्स को बहुत जमकर दबाया और चूसा. फिर जीजाजी ने इतनी देर में मेरे कपड़े उतार दिए और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया और उन्होंने हल्के हल्के धक्के देकर मेरे मुहं की चुदाई करना शुरू कर दिया. फिर तभी कुछ देर बाद मुझे उल्टी आ गई, क्योंकि मैंने उससे पहले कभी भी किसी के लंड का पानी नहीं पिया था. दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची घटना जिसको में आप लोगों तक पहुँचाने के बारे में बहुत समय से सोच रही थी, लेकिन आज बता ही दिया.

  • साली का ससुराल

    हैल्लो दोस्तों, मैंने पिछले कुछ समय में ही बहुत सारी मनोरंजन से भरपूर कहानियों को पढकर उनके मज़े लिए है और आज में आप लोगों को अपनी भी एक सच्ची कहानी वो घटना बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी पत्नी की बड़ी बहन मतलब की मेरी साली को उसके घर में उसकी मर्जी से चोदा और पूरी रात उसके साथ मैंने बड़े मज़े किए.

    इस घटना के बाद मेरा जीवन एकदम बदल गया और में अपनी पत्नी के साथ साथ उसकी बहन की चुदाई के भी मज़े लेने लगा और अब आप सभी लोग इसको पढ़कर मज़े लीजिए. दोस्तों मेरी शादी फरवरी में हुई थी और मेरी पत्नी बहुत ही सुंदर है और उससे भी ज्यादा सुंदर और सेक्सी मेरी दोनों बड़ी सालियाँ है. दोस्तों मेरी शादी के समय मेरी बड़ी साली के दो बच्चे थे और उसकी शादी को करीब 6 साल पूरे हो चुके थे और मेरी दूसरे नंबर वाली साली की शादी मुझसे करीब 8 महीने पहले ही हुई थी.

    मेरी बड़ी साली अपने पति के साथ अपने ससुराल में रहती है और दूसरे नंबर वाली साली करीब मेरी शादी के 6 महीने बाद अपने ससुराल से किसी बात को वजह से नाराज़ होकर अपने मयके चली आई. वो अपनी माँ के साथ रहने लगी और घर के सभी लोगों ने उसके साथ साथ उसके पति को भी बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं समझे और उस वजह से वो दोनों अलग अलग रहने लगे. दोस्तों मेरी बड़ी साली के घर में उसके दो बच्चे, उसका पति और उसकी सास भी रहती थी.

    उनका घर दो मंजिल का था, जिसमे नीचे वाले हिस्से में उसकी सास रहती और ऊपर वाली मंजिल पर दो बेडरूम थे. उसमे से एक मेहमानों के रुकने का कमरा और एक मेरी साली का बेडरूम था. दोस्तों मेरी बीबी उस समय अपनी बची हुई पढ़ाई कर रही थी और किस्मत से उसके पेपर का स्थान मेरी बड़ी साली के शहर में आ गया और वैसे भी मेरी साली मुझे अक्सर अपने घर आने के लिए बोलती थी, लेकिन में ना जा सका और उस समय मेरी शादी को करीब पांच महीने ही हुए थे और अब मुझे मेरी बीवी के उस पेपर की वजह से मेरी साली के घर पर जाना पड़ा. उस बात की वजह से मेरी बीवी बड़ी खुश थी और उसको अपनी बहन से मिलने का मौका जो मिल रहा था.

    फिर में और मेरी बीबी के पेपर की वजह से उनके घर पर एक दिन पहले ही पहुँच गए और हमने यह बात उन्हें नहीं बताई थी, इसलिए हमें वहां पर अचानक देखकर मेरी साली और उसका पति बहुत खुश थे. हम लोग शाम को करीब पांच बजे के आसपास उनके घर पहुँचे और वो कुछ देर बातें करने के बाद रसोई में जाकर हमारे लिए तुरंत चाय बनाकर ले आई और फिर कुछ घंटे इधर उधर की बातें करने के बाद हम सभी ने एक साथ बैठकर रात का खाना खाया और फिर उसके बाद हम सभी एक साथ बैठकर गप्पे मारते रहे और हंसी मजाक करते रहे.

    कुछ देर उनके साथ बातें करने के बाद मुझे सफ़र की थकान होने की वजह से मैंने सोने के लिए बोला तो मेरी साली ने मुझे अपने साथ में ले जाकर अपने बेडरूम में सुला दिया.

    दोस्तों में बताना चाहूँगा कि मुझे दूसरी जगह नींद बहुत कम आती है और में हमेशा अंधेरे में ही सोना ज्यादा पसंद करता हूँ इसलिए मैंने मेरी साली को जब वो कमरे से बाहर जा रही थी तब उसको मैंने लाइट बंद करने के लिए कहा तो उसने बड़ी लाइट को बंद कर दिया और एक ज़ीरो वाट का बल्ब उसने जलाकर छोड़ दिया. उसके बाद वो बाहर चली गई और में सोने की कोशिश करने लगा. फिर कुछ समय के बाद मुझे हल्की हल्की नींद आने लगी और में सोने लगा ही था कि तभी मुझे ऐसा महसूस होने लगा जैसे कि कोई मेरे लंड को छेड़ रहा है, जिसकी वजह से मेरी नींद खुल गयी, लेकिन में फिर भी चुपचाप उस हरकत को सहता गया और फिर कुछ देर बाद जब वो हरकत ज्यादा बढ़ गई तो मैंने अपनी आँख को खोलकर देखा.

    दोस्तों में देखकर एकदम चकित रह गया क्योंकि वो मेरी साली थी जो मेरे लंड को कपड़ो के ऊपर से पकड़ रही थी और उसको सहला रही थी और वो कभी कभी मेरी जांघो में भी हाथ फेर रही थी और अब उसने मेरी तरफ देखकर मुझे आवाज़ देकर वो मुझसे बोली कि अब उठो ना आओ ना हम कुछ करते है. फिर मैंने उनको मना कर दिया और बोला कि यह सब ग़लत है और अगर आपके पति ने हमे यह सब करते हुए उस हालत में देख लिया तो बहुत बड़ा पंगा हो जाएगा. आपको पता होना चाहिए इस समय मेरी पत्नी और अपने पति दोनों ही मौजूद है और हम पकड़े जा सकते है, इसमे बहुत खतरा है प्लीज अब आप यहाँ से चली जाए.

    फिर उसने मुझसे बहुत बार कहा आग्रह किया, लेकिन में हमेशा उसको मना करता रहा और तभी मैंने उससे पूछा कि मेरी बीबी कहाँ? तो उसने मुझसे कहा कि वो अपने जीजाजी से मज़े ले रही और इसलिए में भी आपके साथ वो मज़े लेने आई हूँ और हमें भी तो इस रात का फायदा उठाना चाहिए जैसे वो दोनों उठा रहे है और आप मुझसे मना कर रहे हो और तभी उसने मुझसे कहा कि अगर आपको मेरी बात का विश्वास नहीं है तो आप ही मेरे साथ चलकर खुद ही देख लो. फिर में उसकी बात सुनकर तुरंत उठा.

    वैसे मुझे उसकी बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था और में उसके साथ जाकर दूसरे कमरे में देखने के लिए चल दिया. मेरे साथ में मेरी बड़ी साली भी चल रही थी. फिर वहाँ पर मैंने देखा कि उस कमरे के दरवाजे के बीच में एक छोटा छेद होने की वजह से मुझे बाहर से सब साफ साफ कुछ दिखाई दिया इसलिए मैंने उस समय देखा कि मेरी बीवी और मेरा साडू (बड़ी साली का पति) 69 की पोज़िशन में है और वो दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे, जिसको देखकर में बिल्कुल दंग रह गया और मुझे अपनी पत्नी की उस हरकत पर बहुत गुस्सा आ रहा था और वो धीरे धीरे अंदर का वो सेक्सी नजारा देखकर शांत हो गया. उसकी वजह से मेरे पूरे शरीर में तुरंत करंट आ गया जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और में उठकर मेरे पास खड़ी मेरी साली के वहीं पर होंठ से होंठ और गाल के चुम्बन लेने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा.

    फिर मेरी साली ने मुझसे कहा कि पहले तो मना कर रहा था और अब सब्र भी नहीं हो रहा. फिर वो बोली कि चलो हम रूम में चलते है.

    दोस्तों में आप सभी को बताना चाहूँगा कि मेरी बड़ी साली की लम्बाई 5.5 इंच और उसका रंग एकदम गोरा भूरा और वो ना ज्यादा मोटी है और ना ज्यादा पतली. वो एकदम सही आकार की है और उसकी अच्छे आकार की छाती और ठीक ठाक कूल्हे थे. फिर उसके बाद हम वापस बेडरूम में पहुँचे और अब मुझे मेरी साली के बूब्स इतने मस्त दिखाई दे रहे थे और बूब्स के साथ साथ उसकी गांड भी बहुत मस्त थी. दोस्तों अब मेरा निशाना मेरी साली की चूत और गांड को अपने लंड के मज़े देना ही था.

    मैंने पहली बार उसके नरम गुलाबी होंठो को चूमा, जिनको चूमते ही वो मुझसे लिपट गयी और उसके मेरे मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और वो मुझसे बोली कि जीजू तुम बहुत अच्छे हो और आज मुझे भी आप मेरी बहन की तरह चोदो. फिर मैंने उससे पूछा कि कैसे? तब उसने मुझसे कहा कि मेरी बहन ने आपके बारे में सब कुछ बता रखा है उसने मुझे यह भी बताया कि आपके लंड की लम्बाई 6 इंच और मोटाई 2 इंच है और मैंने तो शादी से पहले ही आपसे अपनी चुदाई करवाने का विचार बना रखा था, लेकिन मुझे कभी भी ऐसा कोई अच्छा मौका नहीं मिला और फिर मैंने उससे पूछा कि आपके पति के लंड की लम्बाई कितना है?

    वो बोली कि कुछ ज्यादा नहीं उनका लंड करीब 4 इंच की लम्बाई और 2 इंच की मोटाई वाला है और फिर वो मुझसे बोली कि आप मेरी बहन की तरह मुझे भी अपने लंड से धक्के मारकर मेरी चुदाई करके आज मेरी चूत का भोसड़ा बना डालो और मुझे भी वो मज़ा दे दो. फिर मैंने बिना देर किए तुरंत उसका कुर्ता नीचे उतार दिया और उसके बूब्स को ब्रा के अंदर देखकर मैंने तुरंत ब्रा को भी खोल दिया और सबसे पहले में उसके दोनों गोलमटोल, गोरे बूब्स को मसलने लगा. उसके बूब्स इतने प्यारे और मुलायम थे कि मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में सोच रहा था कि में इसके बूब्स ही पीता रहूँ. फिर मैंने उसके बूब्स को करीब बीस मिनट तक चूसा और उनको मस्त दबाया.

    फिर मैंने उसकी सलवार को उतार दिया और पेंटी को भी उतार दिया. अब मैंने उसकी गोरी गोरी जांघो को किस करते हुए में उसकी चूत के ऊपर भी चूमने और उसको सूंघने लगा, जिससे बहुत मस्त मनमोहक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी, जिसकी वजह से पागल हो चुका था और कुछ देर के बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया. उसकी चूत एकदम सफेद कामुकता से उभरी हुई थी और उस पर झांटे बिल्कुल ही छोटी थी. उसकी चूत गीली थी और सबसे पहले मैंने उसकी चूत का जूस चाटा और उसको बहुत देर तक चूसा और फिर उसकी चूत में अपनी जीभ को अंदर डालकर में घुमाने लगा.

    फिर वो ज़ोर ज़ोर से सेक्सी आवाज करने लगी और बोली कि वाह जीजू उफ्फ्फफ्फ् आह्ह्हह्ह् मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है और फिर मैंने कुछ देर बाद अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और अब धीरे धीरे मेरी साली ने मेरे मोटे लंबे लंड को चूसना चालू कर दिया. फिर करीब 15-20 मिनट तक में उसकी चूत को चाटता रहा और बाद में 20-22 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा. अब में झड़ने वाला था तो मैंने उसको बताया कि में अब झड़ने वाला हूँ.

    फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला और वो तो अब और ज्यादा ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी. फिर कुछ समय के बाद में झड़ गया और वो मेरा सारा रस पी गई. उसने मेरे लंड को पूरा झाड़कर ही छोड़ा और उसने मुझे अपने मुहं से ही चोद डाला. में उसके मुँह की चुदाई को देखकर बिल्कुल दंग रह गया. फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूस चूसकर दोबारा चुदाई के लिए तैयार किया और मैंने एक बार फिर से अपना लंड उसकी चूत के सामने रख दिया. फिर वो मुझसे कहने लगी कि जीजू जरा धीरे से डालना आपका लंड मोटा और लंबा बहुत ज्यादा है, क्योंकि मैंने कभी भी इतना लंबा और मोटा लंड नहीं लिया है इसलिए मुझे आपके लंड से बहुत डर लग रहा है.

    फिर मैंने अपने लंड का टोपा उसकी प्यारी चूत के मुहं पर रखकर एक धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से वो ज़ोर से चिल्लाई और कहने लगी ऊउईईईईइ स्स्सीईईईईइ माँ में मर गई. दोस्तों मेरा लंड ज्यादा मोटा था और उसको मोटा लंड लेने की आदत नहीं थी, इसलिए उसको बहुत जोरदार दर्द हुआ और वो आह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ करके चीखने लगी और उसी समय में उसके होंठो को अपने होंठो में और बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर अपना लंड कसकर जोरदार धक्का देकर उसकी चूत में जबरदस्ती डाल दिया वो दोबारा चिल्लाई, लेकिन उसके होंठ मेरे होंठो में होने की वजह से उसकी आवाज़ ज्यादा बाहर नहीं जा सकी और फिर में थोड़ा सा रुक गया.

    फिर करीब पांच मिनट के बाद उसने मुझसे कहा कि अब मेरा दर्द थोड़ा सा कम हो गया है और अब तुम धक्के देना शुरू करो. फिर मैंने उसके कहने पर अपना लंड जो कि अब तक भी पूरा उसकी चूत के अंदर था.

    मैंने उसको धीरे धीरे आगे पीछे करना चालू किया और फिर मैंने कुछ देर बाद धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ा दिया. अब तो उसकी कमर भी हिलकर आगे पीछे होकर मेरा पूरा साथ दे रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि जीजू आह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा आईईईईईई है और ज़ोर ज़ोर से करो ना. फिर मैंने उसका उत्साह और जोश देखकर अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अब उसने मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया, जिसका मतलब साफ था कि शायद वो अब झड़ने वाली थी और में थोड़ी देर में मेरे लंड पर गीला महसूस करने लगा. में तुरंत समझ गया कि वो झड़ गई है.

    फिर मैंने उसके दोनों पैरों को ऊपर अपने कंधों पर उठा लिया और मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया, क्योंकि अब में भी झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपनी स्पीड को और भी ज्यादा बढ़ा दिया और कुछ देर धक्के देने के बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और वो भी इस बीच दो बार झड़ गई थी, जिसकी वजह से अब हम दोनों का माल उसकी चूत से बहकर बाहर आने लगा.

    फिर हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम 69 की पोज़िशन में चाटने लगे और करीब 30 मिनट तक चाटने के बाद मैंने उसकी गांड में अपना लंड डालकर उसको चोदना चाहा और मैंने उससे यह बात कही तो उसने मुझसे गांड मारने के लिए साफ मना कर दिया और फिर उसने मुझे बाद में कभी करने के लिए कहा.

    फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में और कभी एक पैर उठाकर तो कभी दोनों पैरों को उठाकर तो कभी उसके ऊपर लेटकर मैंने हर एक तरह से उसकी चुदाई के मज़े लिए. में उसको सुबह 5.30 बजे तक चोदता रहा और सुबह जब में उठा तो मेरी बीबी अपने जीजा के साथ उसके पेपर देने गई हुई थी. में उठकर नहाया और उसके बाद मैंने अपनी साली से पिछली रात की बात और मेरी उस चुदाई के मज़े के बारे में पूछा.

    फिर वो मुझसे बिना कुछ कहे मेरी तरफ मुस्कुराकर मेरी तरफ आंख मारकर मेरे ऊपर लेटे गई और वो बोली कि में तुम्हारी उस चुदाई से बहुत खुश हूँ और तुमने जो मेरी प्यारी चूत को चोद चोदकर उसका आज भोसड़ा बना दिया है और वो बोली कि में बहुत खुश हूँ.

    फिर मैंने चाय पी और कुछ देर बाद मैंने और मेरी साली ने एक साथ बैठकर दिन का खाना खाया और उसके बाद में नीचे वाली मंजिल पर आकर उसकी सास से बातचीत करने लगा. कुछ घंटे बाद दोपहर को उसकी सास और बच्चे भी सो गये तो में वापस ऊपर अपनी साली के पास पहुँच गया और मैंने उससे बोला एक बार फिर से हो जाए? तो वो मुझसे मना करने लगी, लेकिन मेरे दूसरी बार कहते ही वो दोबारा से तैयार हो गई और हम दोनों ने एक दूसरे के अंगो को भरपूर चाटा.

    दोस्तों सच कहूँ तो में अब उसकी गांड का पूरी तरह से दीवाना बन चुका था, इसलिए मैंने उससे कहा कि में तो अब तेरी गांड में अपना लंड डालकर चुदाई के मज़े लूँगा, तो वो बोली कि प्लीज मेरी चूत को चोदो ना, लेकिन मेरी ज़िद के आगे वो तैयार हो गई और मैंने उसकी दोपहर में 1:30 घंटे गांड और 1 घंटे तक उसकी चूत को लगातार धक्के देकर चुदाई के मज़े लिए और फिर हम दोनों कुछ देर बाद अलग हो गये.

    दोस्तों यह सिलसिला अब तक भी चल रहा. जब भी मुझे मौका मिलता में अपनी साली की चुदाई के मज़े लेता हूँ और मेरी साली का पति मेरी पत्नी को चोदता है, वो ससुराल में होने की वजह से मेरी पत्नी के पास ज्यादा रहता है और में अपनी साली के पास ज्यादा जाता हूँ, लेकिन हाँ में बता दूँ कि पिछले एक साल से जब से उसकी सास की मौत हुई है, में उन्ही के शहर में नौकरी करने जाता हूँ और में उस वजह से महीने में दो तीन बार रात को अपनी साली के पास पहुँच जाता हूँ और में जब भी वहां पर जाता हूँ तो में उसको पूरी रात अपने लंड के मज़े चखाता हूँ और में खुद उसकी चूत का और वो मेरे लंड का मज़ा लेती है.

  • चुदक्कड़ परिवार के सदस्य

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रदीप है और मैंने अपनी मम्मी और छोटी बहन को खूब चोदा था. उस समय मेरे पापा और मेरी बड़ी बहन घूमने गए थे. फिर पापा और मेरी बड़ी बहन शाम को वापस आ गये. अब में अपने कमरे में बैठकर ब्लू फिल्म देख रहा था और मेरी छोटी बहन अपनी फ्रेंड के घर गई हुई थी.

    मेरी बहन ने कमरे में आते ही अपनी पेंटी उठाई और बाथरूम में नहाने चली गई और नहाकर सिर्फ़ पेंटी पहनकर बाहर आई और मम्मी के कमरे में चली गई. अब पापा भी नहाकर नंगे ही बेड पर बैठे थे और मम्मी उनकी गोदी में बैठी थी. फिर में उठकर पापा के कमरे में गया तो मेरी बड़ी बहन मम्मी के बूब्स को चूस रही थी और पापा मम्मी की चूत को चाट रहे थे.

    फिर मेरी बहन ने पापा का लंड मम्मी की चूत पर लगाया और पापा, मम्मी को चोदने लगे. अब में और मेरी बहन सोफे पर बैठकर मम्मी पापा की ब्लू फिल्म देखने लगे थे. फिर मैंने बहन की चूत पर अपना एक हाथ रखा तो मेरी बहन ने मना कर दिया, उसको माहवारी आ रही थी.

    थोड़ी देर में मेरी छोटी बहन भी आ गई और पापा को नंगा देखकर अपने कपड़े उतारकर पापा से लिपट गई. फिर पापा और मैंने मेरी छोटी बहन को एक साथ चोदा. मेरा लंड पापा के लंड से थोड़ा छोटा था. फिर मेरी छोटी बहन झड़ने के बाद सोफे पर ही लेट गई और पापा और में भी वही लेट गये. फिर मम्मी ने टावल लेकर हमारा लंड और मेरी बहन की चूत साफ की.

    फिर मम्मी ने बताया कि हमारी मौसी और उनका परिवार हमारे घर रहने आ रहा है, तो हम सब खुश हो गये. मेरी मौसी विधवा है, उनकी उम्र 45 साल है, उनके एक बेटी और एक बेटा है, उनकी बेटी की उम्र 22 साल और बेटे की उम्र 20 साल की है. मेरी मौसी का नाम सीमा है और उनकी बेटी का नाम रजनी है और बेटे का नाम राजू है. मैंने पहली बार मौसी को मम्मी के कहने पर चोदा था, जब गर्मी की छुट्टियों में में और मम्मी मौसी के घर में रहने के लिए गये थे. उस समय मौसी के पति को गुजरे हुए कुछ समय ही हुआ था.

    उस समय रजनी की उम्र 20 साल की थी और राजू 18 साल का था. मौसी के घर का माहौल हमारे घर की तरह खुला हुआ नहीं था, लेकिन में रोज रात को चुदाई किए बिना नहीं सोता था. फिर मौसी के घर में मम्मी, मौसी के कमरे में और में राजू और रजनी के कमरे में शिफ्ट हो गया, लेकिन अब मुझको नींद नहीं आ रही थी तो में रात को पानी पीने के लिए किचन में गया, तो मौसी के कमरे से आवाज़े आ रही थी. फिर मैंने कमरे में देखा तो मौसी और मम्मी नंगे लेटे लेस्बियन सेक्स कर रहे थे, तो में वहीं खड़ा होकर देखने लगा.

    अब मम्मी मौसी की चूत चाट रही थी और मौसी अपनी चूची के निप्पल को खींच रही थी. फिर में भी अपनी अंडरवियर उतारकर मुठ मारने लगा और में मुठ मारते-मारते दरवाज़े से टकरा गया और दरवाज़ा अंदर की तरफ खुल गया, तो मम्मी और मौसी चौंक गई. फिर मम्मी ने उठकर मुझको बेड पर बैठाया और मेरे कपड़े उतारने लगी.

    में मौसी की बालों वाली चूत को देखने लगा, तो मम्मी ने मेरा एक हाथ पकड़कर मौसी की चूत पर रख दिया. उस रात मैंने मम्मी के कहने पर मौसी और मम्मी को 3 बार चोदा था. फिर ऐसे ही 1 साल तक में मौसी को चोदता रहा.

    अब मौसी जब भी घर पर आती तो पापा और में मिलकर मौसी को खूब चोदते थे. फिर एक दिन में किसी काम से मौसी के शहर गया और मौसी के घर पर एक हफ्ते के लिए रुका. अब मौसी बहुत खुश थी, क्योंकि मौसी 7 दिनों तक मेरी पत्नी बनकर रहने वाली थी. अब रात को जब में मौसी को चोद रहा था तो रजनी ने मुझको और मौसी को देख लिया और चुपचाप अपने कमरे में चली गई.

    अब मुझको और मौसी को डर था कि कहीं रजनी शोर ना मचा दे, तो मौसी ने मम्मी को फोन किया और फिर उठकर रजनी के कमरे में चली गई और 1 घंटे के बाद मौसी रजनी को लेकर कमरे में आई और कमरे में आते ही मौसी ने अपनी नाइटी उतार दी और रजनी के सारे कपड़े भी उतार दिए और मुझसे चिपक गये.

    फिर उस रात मैंने रजनी की सील तोड़ी और मौसी ने रजनी की चूत चाटी और रजनी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूस रही थी. फिर मौसी ने मेरे लंड को पकड़कर रजनी की चूत पर लगाया और इस तरह मैंने सारी रात रजनी और मौसी को चोदा. फिर एक दिन में, मम्मी, रजनी और मौसी सेक्स कर रहे थे, तो तभी राजू घर वापस आ गया. फिर मम्मी ने राजू को समझाकर हमारे ग्रूप में जॉइन करवा लिया और अब हम सब मिलकर सेक्स का मजा लेते है.

    अब मौसी के घर में भी हम सब नंगे ही रहते और जब दिल करता सेक्स कर लेते और फिर इस तरह से मौसी और उनका परिवार हमारे परिवार में शामिल हो गया. फिर मौसी अगले दिन शाम को आ गई, तो हमने सोने के लिए लॉबी में फ्लोर पर ही बिस्तर लगा लिया और खाना खाने के बाद हम सब लॉबी में आकर लेट गये. अब मेरी दोनों बहनों ने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी और मम्मी ने सिर्फ़ पेंटी और पापा और मैंने सिर्फ़ अंडरवियर पहन रखा था. तभी मौसी और उनकी बेटी और बेटा लॉबी में आए, तो में चौंक गया, वो सभी नंगे थे.

    फिर मौसी आकर मम्मी और पापा के साथ लेट गई और उनकी बेटी मेरे साथ और उनका बेटा मेरी दोनों बहनों के बीच में लेट गया. अब मौसी पापा का अंडरवेयर उतारने लगी थी और फिर अंडरवेयर उतरने के बाद उन्होंने पापा का लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी, तो पापा ने भी मम्मी की पेंटी खींचकर उतार दी और मम्मी की चूत को चाटने लगे. अब राजू भी मेरी दोनों बहनों को नंगा करके उनको चूमने लगा था. अब में रजनी की चूत को अपने एक हाथ से सहला रहा था और उसकी चूचीयों को चूस रहा था.

    अब रजनी मेरे लंड को चूस रही थी. अब पापा मौसी की चुदाई कर रहे थे और राजू लेटा हुआ था और मेरी छोटी बहन राजू के मुँह के ऊपर बैठी थी और वो उसकी चूत चाट रहा था और मेरी बड़ी बहन राजू के लंड को अपनी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी और में रजनी की चुदाई कर रहा था. फिर में, पापा और राजू एक साथ झड़ गये. अब पहले दौर के बाद हमने अपने-अपने पार्ट्नर बदल लिए थे और फिर सारी रात एक दूसरे की चुदाई करते रहे और फिर एक दूसरे से चिपककर सो गये.

    सुबह जब में उठा तो पापा मौसी की चूत में अपना लंड डालकर सो रहे थे और राजू मेरी मम्मी की चूत में अपना लंड डालकर सो रहा था. फिर में रजनी की चूत से अपना लंड बाहर निकालकर बाथरूम में गया तो थोड़ी देर के बाद मम्मी और मौसी भी उठकर बाथरूम में आ गई और फिर हम तीनों एक साथ नहाने लगे और मैंने नहाते समय मौसी और मम्मी की चूत मारी. फिर मम्मी और मौसी किचन में चली गई और में अपने बेडरूम में आ गया.

    अब दूसरे बाथरूम में मेरी बहनें, रजनी, राजू और पापा एक साथ नहा रहे थे और नहाने के बाद वो नंगे ही घर में घूमने लगे. फिर हमने नाश्ता किया और पापा तैयार होकर ऑफिस चले गये और मेरी दोनों बहनें रजनी को अपने साथ लेकर कॉलेज चली गई. अब राजू भी उनके साथ घूमने चला गया था. अब मैंने आज छुट्टी ले ली थी तो उनके जाने के बाद मौसी मेरे कमरे में आई और मेरे लंड से खेलने लगी.

    अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. फिर मम्मी अपना काम ख़त्म करके कमरे में आ गई और मौसी की चूची से खेलने लगी. फिर मैंने तेल की बोतल लेकर मम्मी और मौसी के बदन की मालिश की और उनकी चूत के बाल भी साफ कर दिए और फिर उन दोनों को बाथरूम में खूब चोदा और शाम तक मैंने मम्मी और मौसी को 3 बार चोदा और फिर इस तरह से मौसी जितने दिन घर में रही, हम सबने खूब चुदाई की.

    फिर मौसी को छोड़ने के लिए पापा ने मुझको मौसी के घर भेज दिया, तो में, मौसी और उनकी बेटी और बेटा एक साथ उनके घर पर आ गये. फिर घर आने के बाद रजनी और राजू अपने कमरे में फ्रेश होने के लिए चले गये और में मौसी के कमरे में आ गया. अब मौसी बाथरूम में नहा रही थी, तो में भी अपने कपड़े उतारकर मौसी के साथ नहाने लगा.

    नहाते समय मौसी ने मेरे लंड पर और छाती पर साबुन लगाया, तो मैंने भी मौसी की चूत और गांड पर रगड़-रगड़कर साबुन लगाया. फिर नहाने के बाद मौसी नंगी ही किचन में चाय बनाने चली गई और में रजनी और राजू के कमरे में चल पड़ा.

    मैंने कमरे के बाहर से देखा कि वो दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे को देखकर अपने-अपने अंगो को सहला रहे थे और रजनी बेड पर लेटकर अपनी टाँगे फैलाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी और राजू सामने सोफे पर बैठकर अपना लंड हिला रहा था. अब मौसी चाय लेकर मेरे पीछे खड़ी थी और वो यह सब देखकर हँसने लगी और मुझको अपने साथ लेकर बेडरूम में आ गई.

    फिर उनको देखकर रजनी और राजू अपनी माँ के पास आकर बैठ गये और चाय पीने लगे. फिर मेरे पूछने पर मौसी ने बताया कि हम घर के अंदर तीनों नंगे ही रहते है, रजनी की चूची जब मैंने उसे पहली बार चोदा था उससे काफ़ी बड़ी हो गई थी और राजू का लंड भी लंबा और मोटा हो गया था. फिर इतने में घर की डोर बेल बजी, तो रजनी उठकर नाइटी पहनकर दरवाज़ा खोलने चली गई.

    अब बाहर रजनी की फ्रेंड नेहा आई थी, तो रजनी उसे लेकर बेडरूम में ले आई, जहाँ हम सब बैठे थे. तो में घबरा गया, क्योंकि हमने कुछ भी नहीं पहना हुआ था. फिर बेडरूम में आते ही वो राजू के साथ चिपककर बैठ गई और राजू उसकी चूचीयों को कपड़े के ऊपर से ही दबाने लगा. फिर उसके जाने के बाद मौसी ने बताया कि वो हम सबको अपनी बर्थ-डे पार्टी के लिए बुलाने आई थी और फिर मौसी ने बताया कि वो राजू की होने वाली वाईफ है.

    फिर अगले दिन रात को हम उनके घर जाने के लिए तैयार होने लगे. मौसी और रजनी काफ़ी सेक्सी लग रही थी, उन्होंने काफ़ी कम कपड़े पहने हुए थे, तो मेरे पूछने पर वो हँसने लगी. फिर जब हम उनके घर पहुँचे, तो उनका घर काफ़ी बड़ा था. फिर दरवाजे की बेल बजाने पर नेहा की मम्मी और पापा आए, उन्होंने कुछ भी नहीं पहना था.

    दरवाज़ा बंद करने के बाद नेहा की मम्मी ने राजू और मेरे कपड़े उतार दिए और उसके पापा ने रजनी और मौसी को नंगा कर दिया. फिर वो मौसी और रजनी की गांड पर अपना हाथ रखकर ऊपर हॉल में चले गये और में और राजू नेहा की मम्मी के साथ हॉल में आ गये. अब वहाँ पर सभी लोग नंगे बैठकर एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे और नेहा पूरी नंगी होकर सोफे पर लेटी हुई थी और लंड को चूस रही थी और एक आदमी उसकी चूत को चाट रहा था.

    वो हमें देखकर हमारे पास आई और हमें लेकर एक कोने में चली गई. अब नेहा के पापा एक कोने में किसी को चोद रहे थे. फिर उनके झड़ने के बाद वो हमारे पास आए और रजनी और मौसी को लेकर कमरे में चले गये और नेहा राजू को लेकर दूसरे कमरे में चली गई. अब में अकेला बैठकर उन सबकी चुदाई देखने लगा था, अब मेरा लंड खड़ा हो गया था.

    फिर नेहा की मम्मी मेरे पास आई और मेरा लंड चूसने लगी. फिर उस पूरी रात मैंने बहुत सारी लड़कियों और औरतों की चूत मारी, उस रात मुझे बहुत मज़ा आया था. फिर सुबह जब में उठा तो नेहा की मम्मी मुझसे चिपककर सो रही थी और सभी मेहमान नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर सो रहे थे.

    में उठकर कमरे में गया तो मैंने देखा कि मौसी और रजनी नेहा के पापा से चिपककर सो रही थी और राजू नेहा के साथ सो रहा था. फिर में बाथरूम होकर नेहा की मम्मी के साथ उनकी चूत में अपना लंड डालकर लेट गया और धीरे-धीरे अपनी कमर चलाने लगा और 1 घंटे बाद मैंने अपना पूरा वीर्य नेहा की मम्मी की चूत में ही डाल दिया. फिर सुबह सारे लोग अपने-अपने घर चले गये.

    अब सबके जाने के बाद नेहा, रजनी की चूत को सहला रही थी और राजू नेहा की मम्मी की चूत को चाट रहा था और नेहा के पापा मौसी की चूत में अपना लंड डालकर धक्के मार रहे थे. फिर इतने में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने नेहा की दोनों टाँगे खोलकर उसकी चूत पर अपना लंड रखकर उसे चोदने लगा. फिर नेहा की मम्मी के झड़ने के बाद उसकी मम्मी मौसी की चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी. फिर हम सब एक साथ झड़े गये, मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया था. नेहा अपने माँ बाप की अकेली संतान है. फिर हम सब अपने घर आ गये और अब सारी रात चुदाई करने के कारण हम काफ़ी थक गये थे.

    बेडरूम में आते ही हम अपने-अपने कपड़े उतारकर पलंग पर लेट गये और लेटते ही सो गये. फिर रात को जब में उठा तो मौसी किचन में खाना बना रही थी और राजू और रजनी नंगे ही सो रही थे. फिर में उठकर किचन में चला गया और मौसी से पीछे से चिपक गया और मौसी को किचन की पट्टी पर बैठाकर उनकी दोनों टांगो को खोलकर उनकी चूत को चाटने लगा और उनकी चूत काफ़ी सूज़ी हुई थी.

    अब मैंने मौसी की चूत को चाटकर ही उनको झाड़ दिया था. अब मौसी मेरे लंड को चूसने लगी थी, लेकिन रात की चुदाई के कारण अब मेरा लंड झड़ नहीं रहा था.

    फिर में कमरे में आकर रजनी की चूत में अपना लंड डालकर सो गया. फिर 1 घंटे के बाद मौसी ने हम सबको जगाया, तो हम सब खाना खाने के बाद टी.वी पर ब्लू फिल्म देखने लगे. अब राजू अपनी मम्मी की गोदी में बैठकर उनकी चूचीयों को चूस रहा था. फिर मैंने भी रजनी को अपनी गोद में खींच लिया और अब वो मेरा लंड चूसने लगी थी, तो में भी लेटकर मौसी की चूत को चाटने लगा.

    30 मिनट के बाद राजू मौसी को चोदने लगा और में रजनी को चोदने लगा और चोदने के बाद थककर लॉबी में ही सो गये. फिर सुबह जब में उठा तो रजनी और राजू कॉलेज चले गये थे और में उठकर बाथरूम में गया और मौसी के बेडरूम में चला गया.

    मौसी ने मुझे उठाकर नाश्ता दिया और फिर एक साथ नाश्ता करने के बाद मैंने मौसी के बदन की मालिश की और मौसी के बूब्स को अच्छी से तरह मसला और उनकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर खूब चोदा और उनकी गांड की मालिश की. अब तो हमारे परिवार में जो भी जब चाहे किसी को भी चोद लेता है.

  • साली की मसाज करके चूत फाड़ी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करण है. मैंने काफ़ी कहानियां पढ़ी है और काफ़ी मुठ भी मारी है. दोस्तों ये स्टोरी मेरी साली सानिया की है, वो बेहद कमसिन 20 साल की सेक्सी लड़की है, मेरी साली की हाईट 5 फुट 6 इंच और गांड मोटी और गोल-गोल बूब्स मीडियम साईज के है, मेरे ख्याल से उसका साईज 35-30-38 होगा. में शरू से ही उसे चोदना चाहता था, लेकिन मुझे कभी मौका ही नहीं मिला और वैसे भी में रिस्क नहीं लेना चाहता था.

    अब हुआ यह कि इस बार की गर्मियों की छुट्टियों में मेरी साली रहने के लिए मेरे घर आई हुई थी और उसके साथ मेरी सास भी आई थी, लेकिन वो दो दिन के बाद वापस चली गयी थी. मेरी पत्नी एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है और वो सुबह 9 बजे घर से निकल जाती है और शाम को 6 बजे वापस आती है. में अपनी साली को अपने बाथरूम के रोशनदान से नहाते हुए भी देखता था, वो क्या मस्त चीज है? वो एकदम सेक्स से भरपूर मोटी गांड जैसे वो किसी बड़े लंड से रोज चुदती हो वैसी मेरी साली थी. वो बहुत तेज, बिल्कुल शर्मीली और नौकरी करती है और अपने दोस्तों के साथ खूब मस्ती भी करती है.

    दोस्तों ये बात उस दिन की है जब रोजाना की तरह मेरी पत्नी ऑफिस चली गयी थी और मेरी साली अभी गेस्ट रूम में सो रही थी, उसने कॉटन की लोंग स्कर्ट पहन रखी थी जो कि ऊपर उठ चुका था और उसकी गोरे–गोरे दूध जैसे पैर बाहर की और आ चुके थे. वो उठने में काफ़ी लेट हो गयी थी तो मैंने सोचा कि क्यों ना इसे उठा दूँ? और इस बहाने उसकी गांड पर अपना हाथ भी लगा दूँगा. फिर में उसके पास गया और उसे करीब से देखने लगा. वो सो रही थी और में उसके बूब्स को देख रहा था.

    तभी मेरा मन किया कि अभी मूठ मार लूँ, लेकिन फिर मैंने सोचा कि कहीं उठ ना जाए. फिर मैंने अपना काम शुरू किया और उसकी गांड पर अपना एक हाथ रखकर कहा कि सानिया उठो काफ़ी देर हो गयी है. फिर सीधी गहरी नींद में सो रही थी, तो मैंने मौका संभाला और उसके चूतड़ों को दबा दिया तो मैंने उसकी चड्डी को महसूस किया और बोला कि सानिया अब उठ भी जा इतना नहीं सोते.

    फिर इस बार वो उठ गयी और बोली कि सॉरी जीजू आज नींद ही नहीं खुली, मौसम बड़ा मज़ेदार है ना इसलिए. फिर मैंने कहा कि चल अब उठ जा और नहा ले. फिर वो बोली कि आप नहा लिए जीजू और फिर मैंने उसे छेड़ने के अंदाज़ में कहा कि क्यों मेरे साथ नहाना था तुझे? तो उसने कहा कि जीजू आप भी ना और मुस्कुराकर बाथरूम में घुस गयी.

    फिर उस दिन मैंने फिर से उसे नंगी देखकर जबरदस्त मुठ मारी. अब मेरा लंड उसके चूतड़ देखकर तड़प रहा था. फिर सानिया नहाकर बाहर आई और बोली कि जीजू में अपने कपड़े छत पर डालने जा रही हूँ. अब वो अपनी चड्डी और ब्रा की बात कर रही थी, तो मुझे और जोश आ गया और मन में सोचा कि एक दिन साली तुझे खूब चोदूंगा, लेकिन मुझे क्या पता था कि वो एक दिन आज ही होगा? फिर छत से उतरते हुए वो सीढ़ियों से थोड़ा सा फिसल गयी और चिल्लाई जीजू आअहह.

    फिर में भागकर गया और उसकी गांड पकड़कर उसे उठाया. फिर वो बोली कि नहीं जीजू वहाँ नहीं पकड़ो वहाँ पर ही चोट लगी है. फिर मैंने कहा कि कहाँ गांड पर? तो उसने कहा कि हाँ मेरी गांड टूट गयी है आआहह. अब वो ज़ोर से अपनी गांड पकड़कर बैठ गयी थी. फिर मैंने उसको समझाना शुरु कर दिया बस सानिया ठीक हो जाएगी. फिर उसने कहा कि नहीं जीजू बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने मौका देखा और कहा कि ज़्यादा दर्द है तो बाम लगा दूँ या मसाज कर दूँ. फिर उसने कहा कि जीजू आप ऑफिस के लिए लेट तो हो रहे है ना. फिर मैंने कहा कि नहीं सानिया तुझे ऐसी हालत में छोड़कर थोड़ी ना जाऊँगा, चल रूम में आ जा में तुझे बाम लगा दूँ.

    सानिया ने अभी भी स्कर्ट पहन रखा था और उसकी गांड सेक्स से भरपूर लग रही थी. अब मुझे उसकी कच्ची का शेप भी नजर आ रहा था. अब उसकी मसाज के ख्याल ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया था. फिर मैंने उससे कहा कि सानिया बेड पर लेट जा. फिर उसने कहा कि जीजू जल्दी आओ ना. फिर मैंने कहा कि आ गया मेरी जान, बाम तो लाने दे और फिर वो बेड पर लेट गयी.

    फिर मैंने उससे कहा कि सानिया अपनी गांड को ऊपर करके उल्टी लेटो. फिर वो बोली कि अच्छा जीजू, अब जल्दी लगाओ. बस फिर क्या था? मैंने उसकी जांघों को दबाना शुरु किया और धीरे से अपने एक हाथ को उसकी मोटी राउंड सेक्सी गांड पर जमा दिया. फिर उसने कहा कि जीजू बाम तो मलो यार सिर्फ दबाने से कुछ नहीं होगा. फिर मैंने मैंने हँसते हुए कहा कि साली साहिबा तुम्हें अपना स्कर्ट थोड़ा सा ऊपर करना पड़ेगा. फिर उसने कहा कि खुद कर दो ना प्लीज, लेकिन जल्दी से बाम लगाओ, तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर मैंने उसकी स्कर्ट पकड़कर ऊपर करने की कोशिश की, लेकिन वो थोड़ी टाईट थी और मेरी सेक्सी साली के कूल्हें थोड़े मोटे थे. फिर उसने कहा कि जीजू रूको आपको कुछ नहीं आता और फिर वो खड़ी हुई और अपनी स्कर्ट ऊपर करने लगी, लेकिन उससे पूरी तरह से नहीं हुआ और सिर्फ़ ऊपर जांघे ही दिखाई पड़ी, लेकिन क्या मलाई थी. अब मेरा तो चाटने का मन कर रहा था तो मैंने उससे कहा कि सानिया और ऊपर करना पड़ेगा.

    फिर उसने कहा कि क्यों जीजू आप अंदर हाथ डालकर बाम लगा दो ना? तो मैंने कहा कि ठीक है फिर उल्टी लेटो. अब सानिया को जल्दी थी और उसकी नंगी जांघो ने मेरे लंड को मोटा कर दिया था, जो कि मेरी नेकर से बाहर आ रहा था. फिर मैंने बाम मलनी शुरू की और उसकी सेक्सी जांघो पर खूब मली.

    फिर वो बोली कि जीजू चोट तो कूल्हों पर लगी है वहाँ भी लगाओ, आपको कहीं शर्म तो नहीं आ रही है ना? लाओ में खुद लगा लेती हूँ. फिर में बोला कि नहीं साली में तो बस जांघो में ही गुम हो गया था और उससे बोला कि तुम्हारे पैर बहुत सेक्सी है. फिर उसने कहा कि थैंक्स जीजू, अब आप प्लीज लगायेंगे. फिर मैंने अपने एक हाथ में थोड़ी सी बाम ली और अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर डाल दिया और उसके नंगे चूतड़ों के ऊपर पहुँचा दिया. में मेरी साली को हमेशा से चोदना चाहता था.

    फिर मैंने बाम मलना शुरू किया और उससे कहा कि तुम्हारी गांड कितनी सेक्सी है सानिया? तो उसने कहा कि जीजू आप मस्ती करना छोड़ दो प्लीज. फिर मैंने अपने एक हाथ की पूरी बाम उसके चूतड़ों पर मल दी. अब उसे बहुत मजा आने लगा था तो उसने कहा कि जीजू अब आराम मिल रहा है, हर जगह अच्छी तरह दबाओ. फिर मैंने उससे पूछा कि हर जगह मतलब. फिर वो बोली कि मतलब कूल्हों पर चड्डी के अंदर भी प्लीज बहुत दर्द हो रहा है.

    अब में खुश हो गया था और उससे पूछा कि क्या में तुम्हारी चड्डी में हाथ डाल दूँ? तो उसने कहा कि तो क्या जीजू मसाज तो ऐसे ही होती है ना? क्या में आपको मना कर रही हूँ? तो मैंने उससे कहा कि सानिया तुम बहुत तेज हो और फिर मैंने उसकी चड्डी में अपना एक हाथ डाल दिया. बस फिर क्या था? अब उसकी चड्डी गीली हो चुकी थी और फिर मैंने उसके कूल्हों को मलते-मलते उसकी झांटों को भी टच करना शुरू कर दिया था. अब वो मस्त हो रही थी. अब हम दोनों चुप हो गये थे और मजा कर रहे थे.

    तभी अचानक से वो बोली कि जीजू आपके हाथों में बहुत मजा है, प्लीज रुकना मत, में सोने लगी हूँ, लेकिन आप अच्छी तरह से मसाज कर देना. फिर मैंने उससे कहा कि सानिया तुम सो जाओ, में खुद ही सब दर्द ख़त्म कर दूँगा. अब में समझ गया था कि साली ने चुदने के लिए हाँ कह दी है और फिर वो सोने का नाटक करने लगी और अपनी आँखें बंद कर ली और मुझे पूरा मौके दे दिया.

    फिर में 7-8 मिनट तक तो अपने हाथ से उसके जांघो, झांटों और कूल्हों की मसाज करता रहा और फिर जब वो अपनी आँखें बंद करके लेटी रही तो मैंने खुद से कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं, चूत गर्म है, चल भाई शुरू हो जा और फिर मैंने उसके गालों पर किस कर लिया, तो वो सोई रही. फिर मैंने उसकी स्कर्ट को उतारना शुरु कर दिया. अब उसके पैर पूरे नंगे थे और वो सिर्फ़ चड्डी में ही थी जो कि गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसके बूब्स को भी दबाया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और उसका सोने का नाटक जारी रहा. फिर मैंने पहली बार उसकी चड्डी के ऊपर से उसकी चूत पर अपना हाथ लगाया, तो उसकी सिसकी निकल गयी आआआहह. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं अब दर्द कम हो रहा है, आप लगे रहो प्लीज. फिर मैंने उसकी चूत पर किस कर दी और उसकी शर्ट उतारने लगा. फिर वो हरामजादी उठकर बोली कि जीजू ये आप क्या कर रहे है? तो मैंने उससे कहा कि तुम्हें मसाज देने के लिए कपड़े तो उतारने पड़ेंगे ना.

    फिर उसने कहा कि जीजू में ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ जो इतनी जल्दी हाथ में आ जाऊँ. फिर में बोला तो फिर कैसे आओगी? तो उसने कहा कि पहले आप बताओं कि में कैसी हूँ? तो मैंने कहा कि सानिया तुम बहुत सुंदर हो और सेक्सी हो, अब चोदूं तुम्हें. फिर उसने कहा कि अगर कुछ चाहिए है तो जीजू आपको मेरी चूत चाटनी पड़ेगी. फिर मैंने उसकी चड्डी में अपना एक हाथ डालकर उसकी चड्डी फाड़ दी और बोला कि साली तू बहुत बड़ी रंडी है, में हमेशा से ही तेरी बहन को बोलता था और उसकी चूत को चाटना शुरू किया.

    वो बोली कि आप कौन से कम है? आपने मेरी बहन को कितने दोस्तों से चुदवाया है? आआहह लगे रहो हरामी. फिर मैंने कहा कि तेरी बहन तो मेरे दोस्तों की रंडी है और उसको 3-3 लोगों ने एक साथ चोदा है. फिर वो बोली कि बेचारी मेरी बहन की भोसड़ी का भोसड़ा बना दिया है. फिर मैंने उससे पूछा कि तू मेरे दोस्तों से चुदवायेगी क्या? तो वो गुस्सा हो गयी और बोली कि हरामी तुझसे चुद गयी हूँ बस यही काफ़ी है, बस जीजू तुम मुझे खूब चोदो. फिर मैंने सोचा कि आज में तुम्हें चोद लूँ और फिर अपने दोस्तों को तेरा नंगा बदन दूँगा और उसकी चूत को छोड़कर उसके बूब्स को दबाना शुरू किया. फिर उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया और अपने मुँह में डालने के लिए इजाजत माँगी, तो मैनें उसे इज्जात दे दी. फिर उसने बहुत देर तक मेरे लंड को खूब चूसा.

    फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके मुँह में से अपना लंड बाहर निकला और उसकी चूत में डाल दिया. फिर वो सिसकारियां लेने लगी आआआआआआहह और डालो, आआआआअ जीजू अपनी साली को ज़ोर से चोदो ना, अपनी साली को अपनी रंडी बना लो. फिर मैनें कहा कि साली कब से तेरी गांड देखकर मुठ मारता था? आज तो में तेरी गांड ही फाड़ दूँगा और चूत भी, आआआआआआहह और उससे पूछा कि साली अब तक कितनों से चुद चुकी है? तो उसने कहा कि सिर्फ़ 3 लड़कों से एक मेरा क्लासमेट, एक मेरा बॉस और एक मेरा कज़िन था. फिर मैंने पूछा कि कभी उन तीनों ने एक साथ नहीं चोदा? तो वो बोली कि नहीं और में चाहती भी नहीं थी, जीजू और तेज, आआहह मेरी चूत फट गयी, मारो मेरी गांड, मुझे कुतिया बनाओ और खूब चोदो. फिर उसके बाद मैंने उसे खूब चोदा और आज तक भी चोदता आ रहा हूँ.

  • साली के साथ सेक्स मैच

    हैल्लो दोस्तों, मेरी यह पहली स्टोरी है. यह स्टोरी मेरे और मेरी साली के बीच की है, मेरी साली बहुत सेक्सी लेडी है, उसमें सेक्स कूट-कूट कर भरा हुआ है और उसके हर अंग-अंग से कामरस टपकता है, उसका फिगर बहुत ही सेक्सी है, वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी, लम्बे-लम्बे काले बाल, हाईट करीब 5 फुट 4 इंच और फिगर साईज 38-24-38 है. मुझे वो बहुत अच्छी लगती है और वो बहुत ही कामुक है. एक बार संयोगवंश मेरा उसका सेक्स रिलेशन हो जाने के कारण हम एक दूसरे से काफ़ी खुल गये है.

    एक दिन मैंने उसे फोन किया और उससे बातों के दौरान पूछा कि तुम क्या कर रही थी? तो वो बोली में टी.वी. पर वन-डे क्रिकेट मैच आ रहा है और उसे देख रही हूँ, आज का बहुत शानदार मैच है. फिर मैंने कहा कि तुम बोलो तो हम भी अपना एक वन-डे मैच खेले, डे नाईट मैच होगा, वो मैच बड़ा मस्त होगा, पूरी मस्ती आएंगी, बोलो कब खेलना है? तारीख, टाईम सोचकर बताओं तुम कब फ्री हो? तो वो बोली हाँ-हाँ वेरी गुड आइडिया.

    अगले रविवार को मेरे पति भी आउट स्टेशन रहेंगे और बच्चे भी अपनी बुआ के घर कल चले जाएँगे, तो में अकेली रहूंगी प्रोग्राम फाईनल है, लेकिन यह मैच कैसा होगा? हम कैसे खेलेंगे? कुछ तो बताओ. फिर मैंने कहा कि बड़ा ही मज़ेदार सेक्स मैच होगा, हम दोनों बारी बारी खेलेंगे और बैटिंग करेंगे और फिर जब तुम बैटिंग करोगी तो मुझे बचना है और तुम मुझे कितनी जल्दी पस्त करती हो, उसमें हम कुछ भी कर सकते है, लेकिन कोई चोट नहीं पहुँचे इसका ध्यान रखना है. फिर में हँसकर बोला कि मैच के इंटरवेल में लंच और ड्रिंक्स भी होगा ना, प्लीज़ पूरी तैयारी रखना. फिर वो भी खुश हो गई.

    फिर अगले रविवार को में ठीक समय पर 3 बजे उसके घर पहुँच गया तो माहौल देखकर मेरा दिल खुश हो गया, क्योंकि वो घर पर अकेली ही थी, उसने आज नौकरानी को भी छुट्टी दे दी थी. फिर मैंने जैसे ही डोर बेल बाजाई, तो उसने दरवाज़ा खोला तो में उसे देखता ही रह गया. उसने महीन सलवार सूट पहन रखा था और उसमें उसका सुडोल बदन पूरा ही झाँक रहा था, वो क्या सेक्सी लग रही थी. फिर उसने कहा कि वेलकम आइए-आइए आपका मैच ग्राउंड में स्वागत है, तो में हँसने लगा. फिर उसने फ्लेट का दरवाजा लॉक कर दिया.

    फिर उसने मुझे कोल्ड ड्रिंक्स दी और पूछा कि क्या तुम नाश्ता करोगे? तो मैंने कहा कि अभी नहीं बाद में करेंगे, लेकिन उसकी रिक्वेस्ट पर मैंने कुछ ड्राई फ्रूट्स लिए, उसने अंगूर भी रखे थे तो मैंने एक अंगूर आधा अपने मुँह में रखकर अपना मुँह उसकी तरफ किया, तो उसने मेरे होंठो पर किस करते हुए आधा अंगूर खा लिया.

    फिर मैंने कहा कि मैच शुरू करे, अब वो बहुत उत्तेजित हो रही थी, कैसे होगा? तो मैंने कहा कि पहले कौन बैटिंग करेगा? चलो टॉस करते है.

    फिर वो बोली कि लैडीस फर्स्ट, में पहले टॉस करूँगी, तुम तैयार हो और फिर वो बोली कि बैटिंग कैसे होगी? बोलो. फिर मैंने कहा कि तुम्हें मुझे सेक्स के लिए उत्तेजित करके जैसे भी हो मजबूर करना है और में कितनी देर तक रुक सकता हूँ? यह देखना है, तुम कितनी जल्दी मुझे सेक्स के लिए तैयार करती हो. फिर में बैटिंग करूँगा और में तुम्हारे साथ सेक्स करूँगा और तुम कितनी देर बचती हो यह देखना है.

    फिर वो बोली कि बहुत रोचक और मस्त आइडिया लाए हो मेरे लवली राजा, तो में भी बहुत खुश हुआ. बस फिर क्या था? उसने साउंड सिस्टम ऑन किया और एक आईटम सोंग चला दिया. अब में सोफे पर बैठा हुआ था और वो आईटम गर्ल की तरह डांस करने लगी थी, वो बड़ी ही मादक अदाओं में चहक रही थी, उसकी ठुमकती कमर और कूल्हें बड़े ही कामुक लग रहे थे. अब उसने अपनी स्लीव खोल दी थी, जो कि बटन पर अटकी हुई थी और फिर उसने अपना टॉप भी उतार दिया, उसने अंदर बड़ा ही सेक्सी पारदर्शी टॉप पहना हुआ था.

    अब उसने अपनी सलवार भी उतार दी थी, उसने सलवार के नीचे पारदर्शी हाफ पेंट पहन रखी थी, उसके नीचे बड़ी ही सुंदर पेंटी दिख रही थी और उसके पीछे छिपी हुई चूत के उभार बड़े ही सेक्सी लग रहे थे और अब वो नाचते-नाचते मेरे होंठो पर किस कर देती थी. अब वो बीच-बीच में मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी थी और मेरी छाती पर अपना हाथ फैर रही थी.

    उसने अपना टॉप उतार दिया, तो अब ब्रा में उसके दो बड़े-बड़े, गोरे-गोरे बूब्स बाहर आने को बेताब हो गये थे और उन्हें बार-बार मेरे मुँह के पास ला रही थी और पीछे कर रही थी, जो मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था. अब मेरी इच्छा हो रही थी कि उसकी ब्रा को झटके से पकड़कर अलग कर दूँ, लेकिन मैंने कंट्रोल किया. अब में भी उसे तरसाना चाहता था. फिर उसने अपने आप ही अपनी ब्रा भी उतारकर अलग रख दी, तो उसकी दोनों चूचियाँ उछलकर आज़ाद हो गई, वो क्या हसीन लग रही थी? अब वो अपने होंठो को अपने दातों से दबाकर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.

    फिर वो अपनी चूचियों के निप्पल मेरे मुँह के पास ले जाकर वापस ले जाने लगी और मेरी पेंट की चैन भी खोल दी और अपना एक हाथ अंदर ले जाकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगी और बोली कि तुम्हारा यह बहुत प्यारा है और उसे किस कर लिया और फिर अपने दोनों बूब्स के बीच में लाकर दबाने लगी. अब मुझे बहुत आनंद आ रहा था, अब उसका और मेरा सब्र का बाँध टूटा जा रहा था. अब उसकी इस सेक्सी फास्ट बोलिंग के आगे में अपने आपको रोक नहीं पा रहा था और मेरा तेज शॉट खेलने का मन कर रहा था.

    वो बोली कि क्या रे दम नहीं है क्या? और फिर उसने मेरी पेंट के बटन खोलकर उसको नीचे सरका दिया. बस फिर क्या था? मैंने भी अपनी पेंट उतार दी और अपने लंड को अंडरवियर के बंधन से आज़ाद किया और उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और बोला कि अब देख में तेरी इन गेंदो की कैसे धुनाई करता हूँ? तूने मेरी बैटिंग और शॉट देखे नहीं है.

    फिर वो बोली कि दम है तो लगाना शॉट. फिर मैंने उसे तुरंत बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत के पास ले जाकर सीधा अंदर की तरफ़ धीरे-धीरे रगड़ा और अपने हाथों से उसके बूब्स को दबाए जा रहा था और साथ-साथ उसके होंठ चूसना सब एक साथ चल रहा था. अब वो सिसकियाँ लेकर मुझसे अपने होंठ सटाए और मुझे किस कर रही थी, क्या होंठ थे उसके? जैसे गुलाब की पत्तियां हो और ऐसा टेस्ट कि बस नशा आ गया. अब वो भी कामुकता में सिसकारी भर रही थी उम्म्म्मम, आआआआहह, अम्म, एम्म.

    मैंने उसके मुँह में अपना मुँह डाल दिया और उसे डीप किस करने लगा, अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने दूसरा धक्का दिया तो मेरा लंड लगभग 75% तक अंदर चला गया. फिर वो ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन मैंने उसके मुँह को किस से भर दिया और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. अब उसे थोड़ा दर्द जरूर हुआ था, लेकिन वो मज़े लूट रही थी.

    फिर थोड़ी देर तक उसे सहलाने के बाद मैंने एक और आखरी धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. अब उधर मैच में शॉट पर शॉट मार रहा था और अब में भी शॉट लगाने के मूड में आ गया था. फिर मैंने कहा कि अब देख मेरे चौके छक्के और फिर में भी अपने धक्के ज़ोर-ज़ोर से मारने लगा. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और बोला कि ले चौका और फिर चौका.

    वो भी उछलकर मजे लेने लगी और अपनी कमर उचकाते हुए बोली कि हाए मेरे राजा और ज़ोर से और ज़ोर से लगाओ राजा, वैसे अब ज़रा ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारो ओवर ख़त्म होने वाले है. अब में समझ गया था कि वो अब झड़ने वाली है, तो तब में उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों में पकड़कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला-हिलाकर उसे चोदने लगा.

    अब वो भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर डालकर अपने चूतड़ों को उछाल-उछालकर मेरे लंड के धक्को का जवाब देने लगी थी और बोली कि और ज़ोर की बैटिंग करो मेरे राजा और ज़ोर से पेलो मेरी चूत में अपना लंड, आज मेरी चूत को फाड़ डालो, आज सारे ग्राउंड को रौंद डालो, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो, लेकिन तुम्हें मेरी चूत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही शॉट लगाते रहो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, हाए क्या शॉट मार रहे हो? इस मैच का मज़ा आ गया, तुम धक्के मेरी चूत में मार रहे हो और चोट मेरे दिल तक पहुँच रही है, अरे ओवर ख़त्म होने वाले है, यह लास्ट ओवर ही है, जितना मन है कर लो, हाए में झड़ रही हूँ मेरे राजा और तेज-तेज अपना लंड पेलो, हाए में गईईईईई, हाए और चोदो, रुकना नहीं, ओह ओह हा हा वा वा मेरी चूत को फाड़ डालो और फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गई.

    मैंने कहा कि दूसरी पारी भी तो खेलनी है तो तब मैंने तेज-तेज धक्के मारकर मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में डालकर मेरे लंड के पानी से उस साली की चूत को भर दिया. अब मेरे झड़ने के साथ- साथ वो एक बार फिर से झड़ गई थी और मुझसे लिपट गई और मुझे चूमने लगी और बोली कि आज तो मजा आ गया.

    फिर में बोला कि अभी तो असली मजा बाकी है और फिर में बोला कि दूसरी पारी की तैयारी करनी है, ग्राउंड साफ करना है, नयी-नयी पोलिश की हुई बॉल मिलेगी.

    वो हँसने लगी और उठकर बाथरूम में चली गई, तो में भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में चला गया. अब मेरे एक हाथ में एक कोल्डड्रिंक की बोतल थी तो में बाथरूम में जाकर बोला कि ड्रिंक्स का टाईम है ना और वो कोल्डड्रिंक्स उसकी गर्दन पर डालने लगा. अब उसकी धार उसकी चूचियों पर आ रही थी, तो में उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर कोल्डड्रिंक्स पीने लगा, क्या मस्ती आ रही थी? अब में उसकी चूचियों को चूसते हुए कोल्डड्रिंक्स पी रहा था. अब वो भी उहह और आह की आवाजे निकाल रही थी.

    फिर जब कोल्डड्रिंक्स ख़त्म हुई, तो उसने शॉवर चला दिया और फिर हम दोनों एक साथ शॉवर में नहाए और एक दूसरे को हाथों से मसला और फिर में टावल पहनकर बाहर आ गया.

    फिर थोड़ी देर के बाद वो भी अपना बदन पोंछकर बाहर निकली. अब उसने टावल अपने बदन पर लपेटा हुआ था, वो क्या हसीन लग रही थी? फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उसके धधकते होंठो पर रखकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और उसे धक्का देकर पलंग पर लेटा दिया. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? बड़े बेसब्र हो.

    मैंने कहा कि पिच तैयार करनी है ना और फिर मैंने उसका टावल खोल दिया, उसने एक पतली सी लेस वाली पेंटी पहन रखी थी. फिर मैंने उसके बूब्स को चूमते हुए, दबाते हुए, कस-कसकर एक दूसरे को मसलते हुए पहले बेसब्री से उसकी नंगी आज़ाद चूचियों को अपने हाथ में ले लिया, उसकी चूचियाँ सख़्त भी थी और नर्म भी थी और गर्म भी थी और टाईट गोल- गोल भी थी, क्या कहूँ बस गजब की चूचियाँ थी? दबाओ तो चिटक-चिटक जाए, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और जो सुगंध उसके शरीर से आ रही थी, वो मुझे और भी मदहोश किए जा रही थी.

    अब वो पूरी तरह से नंगी नहीं थी, वो नाइलॉन की टाईट पेंटी से अपनी चूत को छुपाए हुई थी. फिर मैंने उसके बदन को चूमते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत की पंखुड़ियों को अपने दाँत से ज़ोर से भींचा. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? और अपने दातों से उसकी डोरी को खींच दिया और उसकी पेंटी को दूर कर दिया, उसकी क्या मदमस्त चूत थी? काली-काली झाटों के बीच में रसभरी.

    मैंने चॉकलेट को उसके बूब्स और चूत के ऊपर लगा किया और अपनी जीभ से उसके बूब्स को चाटने लगा और अब में चारों तरफ अपनी जीभ को घुमा-घुमाकर चाट रहा था और फिर उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर वो बोली कि क्या गजब कर रहे हो मेरे राजा? तो में बोला में तो फील्डिंग कर रहा हूँ और उसके बूब्स को चूसते हुए अपनी जीभ को नीचे की तरफ ले जा रहा था. अब उसके बदन में जोरों की सनसनी हो रही थी और वो आह, उहहहह, क्या कर रहे हो? बोले जा रही थी. फिर में उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ ले गया और उसकी चॉकलेटी चूत को चाटने लगा. अब उसे बड़ा मज़ा आ रहा था और अब उसने अपने हाथ से थोड़ी और चॉकलेट अपनी चूत पर डाल दी थी.

    अब में और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत को चाटने लगा था. फिर वो बोली कि आहह, आह, क्या मस्ती आ रही है? और चाटो. फिर में बोला कि तेरी इस चॉकलेटी चूत को पूरा खा जाऊंगा, तू अब देखती जा में क्या करता हूँ? और फिर मैंने उसकी चूत को चाटते-चाटते मेरी जीभ अंदर डाल दी. फिर वो बोली कि उई क्या कर रहे हो? बड़ी मस्त चीज़ हो यार, खा जा इसे जल्दी से.

    मैंने उसकी पंखुड़ियों को एक बार फिर ज़ोर से अपने मुँह में लेकर चूस लिया और खड़ा हुआ और बोला कि अब तुझे बैटिंग करनी है, तो ये सुनकर वो मेरी तरफ देखने लगी. फिर में खुद बिस्तर पर अपनी पीठ के बल लेट गया और अपने चूतड़ों के नीचे एक तकिया भी लगा लिया और उससे बोला कि पेड लगा लिया है. अब वो मुझे अपनी फटी-फटी आँखो से देख रही थी और कुछ सोच रही थी. फिर में उससे बोला कि आओं डार्लिंग मेरे ऊपर बैठकर सवारी करो, आओ रानी आओ, अब मैदान में उतरो, मेरे ऊपर बैठकर मेरे इस लंड को अपनी चूत में भर लो और बैटिंग करो.

    अब तुरंत ही उसको मेरी बातों का असर हुआ और वो झट से बिस्तर पर चढ़कर मेरी कमर के दोनों तरफ अपने पैरों को करके मेरे ऊपर बैठ गई और बैठने के बाद उसने थोड़ा सा अपने चूतडों को ऊपर उठाया और अपने हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में लगा दिया और फिर कुछ शर्माकर अपनी कमर को आगे पीछे करके मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ लिया और फिर से एक धक्के के साथ मेरा लंड अपनी चूत में भर लिया.

    फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे ऊपर झुक गई और मेरे होंठो को चूमते हुए और मेरे सीने से अपनी भारी- भारी चूचियों को दबाते हुए मुझे हल्के-हल्के धक्के के साथ चोदने लगी.

    मैंने कहा कि बैटिंग की अच्छी शुरुआत है. फिर थोड़ी देर तक मुझे धीरे-धीरे चोदने के बाद वो मेरे ऊपर लेट गई. तब में नीचे से उसके बड़े-बड़े, गोल-गोल चूतड़ो पर अपना हाथ फैरते हुए उसके कान में धीरे से बोला कि डार्लिंग अब तुम्हारी चूत को मज़ा दिलवाना तुम्हारे हाथों में है, तुमको बैटिंग कितनी ज़ोर या धीरे करनी है देख लो? कितना दम है तुम में? में बस चुपचाप नीचे लेटा-लेटा तुम्हारी चूत के धक्के ख़ाता रहूँगा और फील्डिंग करता रहूँगा और मैच जितना है तो शॉट तुमको ही लगाना है और इतना कहकर अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूचियों को अपने हाथों में लेकर कसकर मसल दिया और अपनी कमर को नीचे से उचकाकर साली की चूत में 3-4 धक्के मार दिए.

    मेरी बातों को सुनकर अरुणा की आँख एक बार फिर से चमक गई और फिर वो मुझे चूमते हुए बोली कि मेरे राजा, अब देख में तुम्हें दिखाती हूँ बैटिंग कैसे की जाती है? अब मेरी चूत तुझे मस्त करेगी, अब में तुम्हारे लंड को छोड़ूँगी नहीं और फिर उसके बाद वो मुझे फिर से जकड़कर पकड़ते हुए अपनी कमर उठा-उठाकर मुझे चोदने लगी. फिर वो मुझे फिर से अपनी बाहों में भरती हुई मुझे चूमकर बोली कि ओह डार्लिंग बहुत मज़ा आ रहा है, में जल्दी आउट नहीं होंऊँगी, मुझे लंबी पारी खेलनी है और फिर वो मेरे ऊपर तनकर अपनी कमर को कसकर मेरी कमर पर दबाकर बैठ गई और मेरे आँखो में देखते हुए ऊपर नीचे होने लगी.

    अब वो मेरे लंड पर जोर-जोर से अपनी कमर हिला-हिलाकर उठ बैठ रही थी और उसके उठने बैठने के साथ-साथ अरुणा की दोनों चूंचियाँ भी उछल रही थी और फिर थोड़ी देर के बाद वो ज़ोर-जोर से धक्के मारने लगी. अब वो बहुत ज़ोर-ज़ोर उछल रही थी और बोल रही थी कि लो मेरे राजा बैटिंग का मज़ा लो, ये लगा चौका और ज़ोर से धक्का मारो, मेरी चूत के धक्के अपने लंड पर खाओ, अभी चौके पर चौका और फिर बोली कि यह अब सिक्स और लो संभालो अपने लंड को नहीं तो मेरी चूत के धक्को से तुम्हारा लंड टूट जाएगा, हाए क्या मज़ा आ रहा है? क्या मस्ती है?

    अब वो उछल-उछलकर धक्के मार रही थी उउउईईई, आआहह, ले चौका, ले सिक्स, ओह मेरे राजा और फिर वो बोली कि में आउट नहीं हो जाऊं. अब ड्रिंक का समय हो गया था तो उसने पास में पड़े टावल से मेरे लंड को साफ किया और उसे सहलाने लगी और बोली कि क्या मस्त चीज है ये? और उसे अपने होंठो से लगा लिया. फिर मैंने भी उसका सर पकड़कर और नीचे कर दिया और मेरा लंड उसके मुँह में घुस गया था.

    फिर मैंने कहा कि पी ले इसे और अब वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटने लगी थी और फिर उसे अपने मुँह में ऊपर की तरफ घुसाने लगी. फिर मैंने उसके बाल पकड़कर उसके सर को फिर से नीचे कर दिया, तो झटके से मेरा लंड और अंदर चल गया. अब वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी थी. अब मेरे मुँह से भी सिसकारी निकलने लगी थी, हाआहह मेरी जान क्या गजब का चूस रही हो? मुझे स्वर्ग का आनंद आ रहा है और जोर से प्लीज और ज़ोर से और फिर वो भी ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर कर मेरे लंड को चूसने लगी. अब में उसके बूब्स को दबाने लगा था.

    फिर मैंने कहा कि तूने इसे मदमस्त कर दिया है और अब में तुझे मज़ा चखाऊँगा. फिर वो अपने मुँह से मेरा लंड बाहर निकालते हुए बोली कि तो चखाओ ना. बस फिर क्या था? मैंने उसे बेड पर सीधा लेटाया और एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगा दिया और उसके ऊपर चढ़कर अपने लंड को उसकी चूत में एक झटके में अंदर डाल दिया.

    अब उसने अपनी दोनों टाँगे फैला दी थी और मेरे दोनों कंधो पर रख दी थी. अब में भी उसके बूब्स को दबाते हुए ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा था. फिर वो बोली कि ऊऊओह क्या मज़ा आ रहा है? और ज़ोर से चोदो, ज़ोर से. फिर मैंने उसकी चूत पर जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए. फिर वो जोर-जोर सिसकियाँ लेने लगी आहहहहहह, उफफ्फ क्या बात है तुम्हारी? हाईईईई काश मेरी शादी तुमसे हुई होती.

    मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा तो वो जोर से चिल्लाई उईईईईई माँ मार डाला तूने और मार ले तेरी ही है. अब मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार और बढ़ा दी, तो वो ऊऊऊहह, आआहह, अब मज़ा आ रहा है और चोद, ज़ोर से चोद, फिर मौका नहीं मिलेगा, लूट ले राजा जितना चाहे बोले जा रही थी. फिर हम दोनों एक साथ ही झड़ गये और अब मैच के पूरे ओवर ख़त्म हो गये थे. फिर हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में लिपटे पड़े रहे. फिर मैंने उसे एक लम्बा किस किया और उससे पूछा कि कैसा रहा मैच? तो वो बोली कि शानदार मज़ा आ गया.

    फिर मैंने उसके निप्पल को दबा दिया और कहा कि टेस्ट मैच खेलना हो तो बताना. फिर उसने भी मेरे लंड को दबाते हुए कहा कि वो लम्बा होता है, वन-डे ठीक है. फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और उसे इस सेक्सी मैच के लिए थैंक्स कहा और अपने घर चला आया.

  • साली को चोदकर माँ बनाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आशीष है और में सूरत का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच, हैंडसम बॉडी और लंड लगभग 8 इंच लम्बा है. में एक बड़ी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हूँ, मेरी उम्र 27 साल है. अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.

    यह स्टोरी आज से 6 महीने पहले की है जब हम मेरी दूसरी साली की शादी में गये थे. मेरी पहली साली की शादी को 6 महीने हुए थे, वो भी अपनी बहन की शादी की तैयारी के लिए आई थी. मेरी साली का नाम गीता है, हम सब शादी से 1 हफ्ते पहले गये थे.

    उसका पति नहीं आया था, वो करीब 24 साल की होगी, वो भी मेरी बीवी की तरह ही बहुत सेक्सी थी, वैसे मेरी साली का फिगर 36-29-38 होगा, उसके बूब्स तो बहुत ही सेक्सी थे और जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलते थे. यह देखकर कोई भी मर्द मचल जाए. उसके पति की अक्सर नाइट ड्यूटी रहती थी, में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता था और उसको चोदने की सोचा करता था कि काश इसको चोद सकूँ.

    फिर एक दिन जब हम सब रात को सोने गये तो एक रूम में पूरा सामान पड़ा था इसलिए हम सब एक साथ ही सो गये. अब पहले में बाजू में मेरी पत्नी और फिर मेरी साली सो गये थे. फिर रात को जब में पानी पीने उठा तो मैंने वापस आकर देखा तो मेरी जगह पर मेरी पत्नी थी इसलिए में मेरी साली और मेरी पत्नी के बीच में सो गया, अब मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी साली ने उसका एक पैर मेरे पैर पर रख दिया, उसने नाइटी पहनी थी और वो उसकी जांघो तक ऊपर हो गई थी. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और पूरा टेंट बन गया था.

    फिर मैंने भी अपना एक हाथ उसके ऊपर रख दिया, तो थोड़ी देर के बाद जब वो कुछ नहीं बोली, तो तब मैंने अपने एक हाथ को थोड़ा ऊपर ले जाकर उसके एक बूब्स पर रख दिया और धीरे से दबाने लगा. तो वो धीरे से मेरे पास आ गई, तो मुझे लगा कि जवाब मिल रहा है और फिर में उसके दूसरे बूब्स को दबाने लगा.

    फिर वो मेरी तरफ घूम गई तो में अपना एक हाथ उसकी नाइटी में ऊपर से डालकर उसके बूब्स को दबाने लगा, तो वो मचलने लगी और मेरे कान में कहा कि स्टोर रूम में चलते है. फिर वो उठकर दूसरे रूम में चली गई और में भी उसके पीछे चला गया और स्टोर रूम का दरवाजा बंद कर दिया. फिर में उसको पीछे से पकड़कर उसके बूब्स दबाने लगा, तो उसने कहा कि आहिस्ता- आहिस्ता करो. फिर मैंने उसकी नाइटी को ऊपर उठाकर पूरा निकाल दिया और उसको किस करने लगा. फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके बूब्स को अपने हाथों से दबाने लगा, अब उसकी साँसे तेज हो रही थी.

    फिर उसने मुझे बूब्स चूसने को कहा, तो में उसका राईट बूब्स चूसने लगा और पूरा चाटने लगा और थोड़ी देर के बाद उसका दूसरा बूब्स भी चूसा. अब मैंने धीरे से उसके पेटीकोट को ऊपर करके अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया था और उसका बूब्स भी चूसता रहा. उसकी चूत पर बाल नहीं थे और वो पूरी गर्म हो गई थी.

    फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी, तो वो मचल गई, अब वो सिसकियाँ ले रही थी. फिर मैंने उसका पेटीकोट और पेंटी को भी निकाल दिया और उसकी चूत को चाटने लगा, उसके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा था. फिर उसने मेरे पजामे का नाड़ा खोल दिया और मेरा पजामा और अंडरवियर को उतार दिया. वो मेरे लंड को देखती ही रह गई और बोली कि ये तो उसके पति से बहुत बड़ा है और उस पर अपना एक हाथ फैरने लगी, तो में फिर से उसकी चूत को चाटने लगा और फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गये, वहाँ पर कोई बिस्तर नहीं था इसलिए हम टाइल्स पर ही लेट गये थे.

    फिर मैंने उसके चूत के दाने को अपने दातों से थोड़ा सा दबाया, तो वो ज़ोर से मचल पड़ी. फिर में मेरी जीभ को उसके अंदर डालकर अंदर बाहर हिलाने लगा. अब वो सिसकियाँ भरने लगी थी और बहुत गर्म हो गई थी. फिर वो मेरी बाँहों में आकर लिपट गई और धीरे से कहा कि अब मत तड़पाओ, अब मेरे अंदर जल्दी से डालो, में मर रही हूँ.

    में एक कुर्सी पर बैठ गया और उसको आगे की तरफ झुकाकर मेरे लंड पर बैठा दिया और ज़ोर से आगे की तरफ एक झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. अब उसने दर्द के मारे अपने होंठो को दबाए मुझे पीछे पकड़ लिया था. फिर मैंने थोड़ी देर तक उसको ऐसे ही बैठाया और में भी बैठा रहा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो आगे पीछे होने लगी थी. अब मैंने भी पीछे से धक्के देने शुरू कर दिए थे. फिर 10 मिनट के बाद उसकी रफ़्तार तेज हो गई और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था इसलिए मैंने भी ज़ोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया था.

    फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझ पर ही बैठ गई और में भी उसके दोनों बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगा और फिर हम दोनों ने एक साथ अपना पानी छोड़ दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही बातें करते रहे. फिर हम दोनों अपने-अपने कपड़े पहनकर एक लंबी किस करके वापस अपनी जगह पर आकर सो गये और फिर हम दोनों पूरी रात नहीं सोए.

    फिर में भी उसके बाजू में लेटे-लेटे उसकी पेंटी में अपना एक हाथ डालकर उसकी चूत पर अपना एक हाथ फैरता रहा और वो भी चादर में से अपना एक हाथ मेरे पजामे में डालकर मेरे लंड को पूरी रात पकड़कर सोई रही. फिर जब तक हम वहाँ पर एक साथ रहे तो रोज कुछ ना कुछ बहाना बनाकर बाहर चले जाते थे और कोई फार्म और खाली जगह पर जाकर अपनी मोटरसाइकिल पर बैठकर ही मज़े लूटते रहते थे. अब वो प्रेंग्नेट हो गई है और वो अब मेरे ही बच्चे की माँ बनेगी.

  • जयपुर में साली को मस्ती में चोदा

    हैल्लो दोस्तों, में आज पहली बार अपना एक सच्चा अनुभव उस घटना को लिख रहा हूँ जिसको में पिछले कुछ समय से लिखकर आप तक पहुँचाने के बारे में विचार बना रहा था. दोस्तों वैसे मैंने पिछले कुछ सालों में बहुत सारी सेक्सी कहानियों को पढ़ा है और वो सभी मुझे अच्छी भी लगती है और में ऐसा लगातार करता आ रहा हूँ. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता है और अब में अपनी आज की कहानी को शुरू करने से पहले अपने मेरे बारे में भी बता दूँ. दोस्तों मेरा नाम शान है और में एक शादीशुदा लड़का हूँ और मेरी उम्र 24 साल है और में राजस्थान जयपुर का रहने वाला हूँ.

    दोस्तो यह बात जिसको आज में आप सभी को सुनाने के लिए आपकी सेवा में आया हूँ यह घटना करीब एक साल पहले की है तब मेरी शादी हो चुकी थी और में अपने शादीशुदा जीवन में बहुत सुखी था. हम दोनों पति पत्नी का प्यार एक दूसरे के लिए बहुत अच्छा था और मुझे मेरी अच्छी किस्मत से वो लड़की भी बहुत अच्छे नेचर मिलनसार स्वभाव की थी जो अब मेरी पत्नी बन चुकी थी और मेरी एक बहुत ही सुंदर और सेक्सी 18 साल की साली भी है.

    उसका व्यहवार भी अपनी बड़ी बहन की तरह है, जो मुझे बहुत पसंद भी किया करती है और में भी उसको बहुत पसंद करता हूँ या आप यह कहे कि में अब उससे मन ही मन में प्यार करने लगा था, लेकिन दोस्तों ऐसा नहीं था, वो आग हम दोनों में बराबर लगी हुई थी और वो भी मुझे इतना ही प्यार करती थी जितना में उसको करता था.

    अब मेरी शादी को पूरे सात साल हो गई है और में उसको पहले दिन जब से मैंने उसको देखा है तब से बहुत प्यार करता हूँ, लेकिन तब वो उम्र में बहुत छोटी थी और में कभी भी उससे अपने मन की यह बात कहने की हिम्मत नहीं कर पाया था, क्योंकि में मन ही मन में सोचता था कि अगर में उससे अपने मन की यह बात कहूँगा तो वो पता नहीं मेरे मेरे बारे में क्या सोचेगी और उसकी नजरो में मेरी इज़्ज़त का क्या होगा और अगर उसने किसी को बोल दिया तो मेरे साथ क्या होगा? उसके घरवाले मेरे बारे में क्या सोचेगें? और मेरे गलत समय पर वो कदम आगे रखने की वजह से शायद मेरी पत्नी के बीच हमारे उस रिश्ते पर भी कुछ गलत असर हो सकता था और ऐसे ही बहुत सारे सवाल मेरे मन में हमेशा रहा करते थे.

    लेकिन फिर भी मेरे मन में अब जब से वो बड़ी होकर पहले से भी ज्यादा हॉट सेक्सी नजर आने लगी थी इसलिए मेरी उसको चोदने की बहुत इच्छा होने लगी थी क्योंकि वो थी ही कुछ ऐसी और उसका पूरा जिस्म में एक अजीब सा आकर्षण है जिसकी वजह से में हमेशा उसको देखते ही उसकी तरफ खिंचा चला जाता हूँ और मुझे उसका मेरे लिए वो प्यार भरा व्यहवार, वो बातें हंसी मजाक करने के तरीके से लगता था कि यही बात मुझे उसके अंदर भी लगती थी कि वो भी मेरे बारे में ऐसा ही कुछ महसूस किया करती थी, लेकिन शायद वो मुझे अपने मन की बात को बताने से डरती थी.

    दोस्तों अभी एक साल पहले ही हम दोनों के बीच इतने सालों के प्यार और अपने मन की सभी छुपी हुई बातों का इज़हार हो गया और उसके बाद से वो मुझसे बिल्कुल खुलकर रहने लगी थी और अब वो मुझसे चुदने को भी तैयार थी और दोस्तों पहली बार मैंने उसको इस तरह से गरम कर दिया कि वो मेरे लंड को अपनी प्यासी चूत में डलवाने को तड़प गई थी, लेकिन में अब कोई अच्छा एकदम सही मौका नहीं होने की वजह से उसकी चुदाई नहीं पाया था, लेकिन दोस्तों उसकी क्या मस्त एकदम टाइट चूत थी उसके अंदर मेरी एक उंगली भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी.

    मैंने एक बार अपनी ऊँगली को उसकी मुलायम चूत में डालकर उसका अनुभव लेकर महसूस किया था और उसी दिन मैंने पहली बार अपने लंड के दर्शन भी उसको करवा दिए. मेरे लंड की लम्बाई तो 5 इंच है जिसको वो पहली बार देखकर बिल्कुल मस्त हो गई थी और फिर मैंने सही मौका देखकर उसको कंप्यूटर पर एक सेक्सी फिल्म की सीडी दिखाई, जिसमें कुछ देर बाद वो लड़का उस लड़की की चूत को अपनी जीभ से चाटकर उसको चूसकर अब अपना लंड उसमे डालकर उसको जोरदार धक्के देकर चोदने लगा था.

    मेरी साली अपनी आखों से उस फिल्म की उस मजेदार चुदाई को देखकर कुछ ही देर बाद गरम हो गई और तब वो उस फिल्म को देखकर सब कुछ समझ गई और फिर वो मेरे साथ वैसा ही करने को भी तैयार हो गई थी, लेकिन दोस्तों वो समय उसकी चुदाई के लिए ठीक नहीं था इसलिए मैंने उसको छोड़ दिया और वैसे मैंने अभी उसको दो महीने पहले भी बहुत जमकर चोदा है. अब हमें इतने दिनों से ऐसा कोई भी सही मौका नहीं मिल रहा था जिसका हम फायदा उठाकर चुदाई के वो मज़े ले सकते.

    फिर उस दिन रात के समय मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा साथ दे ही दिया और तब उसके घर पर हम दोनों ही अकेले थे और हम दोनों ने पहले ही इस चुदाई का विचार बना लिया था कि उस दिन हम दोनों चुदाई के पूरे मज़े लेंगे और सारी कमी कसर उस रात को पूरी कर देंगे.

    फिर हमारे प्लान के हिसाब से में उसके घर पर सबके सामने ही चला गया था और वहां जाने पर वो लोग मुझे रात में आने नहीं देते है, लेकिन उस दिन उन लोगों ने मुझे वहीं पर रुकने को कहा क्योंकि उन सभी घरवालों को कहीं बाहर जाना था और अब मेरी साली घर पर अकेली रह जाती तो इसलिए उन्होंने मुझे वहां पर रोक दिया और हम दोनों भी यही सब चाहते थे मुझे वहां पर रोककर वो लोग चले गये, जिसकी वजह से अब हम दोनों अकेले ही थे.

    अब मैंने एकदम सही मौका देखकर खुश होकर मेरी साली को पीछे से अपनी बाँहो में ले लिया और में उसके 32 इंच के बूब्स को ज़ोर से मसल दिया और में उसके नरम गुलाबी होंठो को चूसने लगा. फिर वो कुछ ही देर बाद पूरी तरह से गरम होकर बोली कि “जीजू अब मेरी पेंटी गीली हो गई है” फिर मैंने उससे कहा कि “कितनी गीली हो गई है और कितनी देर से गीली है? तो वो बोली कि जीजू मेरी यह पेंटी तो आपको एक बार देखकर ही गीली हो जाती है, लेकिन बस आज आप मुझे इतना मत तड़पाओ, आज आप मुझे अपनी पूरी घर वाली बना दो.

    फिर मैंने उससे पूछा कि तुम कैसे बनोगी मेरी पूरी घर वाली मेरी जानू? तो वो कहने लगी कि तुम अपना लंड बाहर निकालकर मेरी इस चूत में डालकर इसको आज फाड़ डालो और बना दो मुझे अपनी साली से घर वाली. फिर मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो गया और अब मैंने मेरी साली के बूब्स को दबा दिया और उनको ज़ोर ज़ोर से मसल दिया, तो वो उस वजह से और भी ज़्यादा गरम हो गई और फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतारकर उसको बिल्कुल नंगा कर दिया और फिर उसने भी मेरे सारे कपड़े निकालकर मुझे भी नंगा कर दिया और मैंने उसके पूरे जिस्म को बहुत जमकर किस किया और उसको सहलाया.

    फिर मेरे ऐसा करते हुए ही उसकी चूत से एक बार तो पानी निकल गया, जिसको देखकर वो मुझसे बोली कि जीजू मेरा तो पहली बार बिना चुदे ही निकल गया. फिर मैंने उससे कहा कि मेरी जानेमन अभी तो मेरा लंड खड़ा ही हुआ है तेरा तो असली काम अब होगा और इतना कहकर अब मैंने उससे मेरे लंड को चूसने को कहा, तो उसने मुझसे कहा कि जीजू नहीं मुझसे यह सब नहीं होगा और अब मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू किया, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेकर अपने दोनों पैरों को फैलाकर मुझे अपनी चूत में घुसाकर अपनी चूत की चटाई करवाने लगी.

    फिर मैंने अब उससे कहा कि देखो में भी तो तुम्हारी चूत को कितने मज़े लेकर चूस रहा हूँ, तो तुम भी तो एक बार मेरा लंड चूसकर देखो इस काम को करने में कितना मज़ा आता है? अब वो भी मेरे इतना कहने समझाने के बाद मेरे लंड को बड़े मस्त तरीके से चूसने लगी थी और फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि वाह जीजू यह तो बहुत ही मज़ेदार है, मज़ा आ गया और वो फिर से गरम हो गई जिसकी वजह से अब उससे रहा नहीं जा रहा था और मेरी भी हालत उसकी तरह खराब हो रही थी.

    फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया और बहुत सारा तेल अपने हाथ में लेकर उसकी चूत और मेरे लंड पर लगाकर उसकी चूत पर अपने चिकने लंड को सटाकर उसकी चूत को टोपे से सहला दिया, जिसकी वजह से वो मस्त हो गई.

    फिर मैंने सही मौका देखकर धीरे से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर धक्का लगा दिया जिसकी वजह से तो वो एकदम तड़प गई और वो बोली कि आईईईईईइ प्लीज जीजू मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है उफ्फ्फफ्फ्फ़ आपने यह क्या किया? क्या आप धीरे से नहीं डाल सकते थे जो ऐसे जानवर बने जा रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि मेरी जानेमन तुम्हे कुछ देर थोड़ा सा दर्द होगा, लेकिन फिर तो बस मज़ा ही मज़ा तुम्हे आने वाला है और अब मैंने उससे यह बात कहकर बिना देर किए मेरे लंड की एक और टक्कर उसकी चूत में मार दी, जिसकी वजह से मेरा लंड आधा ही उसकी चूत में चला गया और वो अब उस दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी आह्ह्हह्ह ऊउईईईईइ माँ में मर गई जीजू आप यह क्या कर रहे हो, आपको क्या मेरा दर्द नजर नहीं आ रहा है जो आप धक्के पे धक्के दिए जा रहे हो और आज आप क्या मेरी जान ही निकालकर मेरा पीछा छोड़ने वाले हो. कुछ तो मेरे दर्द पर तरस खाओ, अब बस करो मुझे बहुत दर्द है.

    दोस्तों मैंने देखा कि अब उसकी चूत से खून भी बाहर निकल आया था, लेकिन में फिर भी उसको अपना पूरा लंड उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई करना चाहता था. फिर मैंने उसकी कमर पर अपनी मजबूत पकड़कर को बनाकर अपने आधे लंड को थोड़ा सा उसकी चूत से बाहर निकाला और फिर उसको दोबारा से एक जोरदार धक्के के साथ अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो पूरी हिल गई और उसकी सिसकियों की आवाज पहले से ज्यादा तेज होने लगी थी और मैंने उसके दर्द की तरफ बिना ध्यान दिए ऐसा एक दो बार किया. फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब वो भी मस्त होने लगी थी और उसको भी मेरे धक्के से दर्द से ज्यादा मज़ा आने लगा था.

    फिर मैंने उसके खुश चेहरे को देखकर एक बार फिर से एक जोरदार टक्कर अपने लंड की उसकी चूत में मारी जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अब उसकी गीली प्यासी चूत में चला गया और तब मैंने महसूस किया कि अब उसकी चूत की पूरी सील टूट चुकी थी. मैंने उसको बहुत मस्त होकर जोश में आकर चोदा और करीब बीस मिनट तक मैंने उसको कभी धीरे तो कभी तेज, लेकिन लगातार धक्के देकर मस्त मज़े लेकर चोदा और वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन में अभी नहीं झड़ा था.

    फिर मेरे लंड में उतना ही जोश ताकत थी इसलिए में धक्के देता रहा मेरा लंड बराबर फिसलता हुआ अंदर बाहर होता रहा जिसके मज़े हम दोनों को मिलते रहे और कुछ देर बाद जब मेरा झड़ने का समय हुआ तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपने वीर्य को उसके पेट बूब्स पर निकाल दिया, वो बहुत गरम होने के साथ साथ ज्यादा मात्रा में भी था, जो अब उसके गोरे बूब्स की हल्के भूरे रंग की निप्पल को ढक चुका था और उसके चेहरे से मुझे उसकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.

    दोस्तों मैंने उसको उस पूरी रात में करीब पांच बार वैसे ही जमकर चोदा और वो अपनी चुदाई करवाती रही, जिससे वो अब मेरे लंड को अपनी चूत में ऐसे ही लेकर उसके मज़े लेने के लिए पूरी तरह से दीवानी हो गई और अब मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलता है तो हम दोनों पूरी तरह जोश में आकर मस्ती से चुदाई करके मज़े लेते है, जिसमें वो हर बार मेरा पूरा साथ देती है.

  • बीवी की बहन की चूत का रस

    हैल्लो दोस्तों, मैंने शादी से पहले कई लड़कियों और औरतो को चोदा है. मैंने अपनी पड़ोसन, क्लासमेट, पड़ोस की एक नाती को चोदा है. मगर एक दिन में एक आंटी को चोद रहा था, तो तब हमें किसी ने देख लिया, तो उसके बाद मैंने ये सब कम बंद कर दिए और मेरी छवि एक शरीफ लड़के की बन गई. मेरे एक गर्लफ्रेंड थी, तो कुछ ही महीनों के बाद हमारी शादी हो गई.

    ये कहानी मेरी शादी के बाद की है, जब मैंने अपनी बीवी को चोदा तो तब मेरी प्यास बुझने की बजाए और बढ़ गई और अब मैंने दूसरी लड़कियों की तरफ देखना शुरू कर दिया था.

    सबसे पहले मेरी नजर मेरी बीवी की बड़ी बहन श्वेता पर पड़ी, जो अपने नाम के विपरीत एकदम काली थी, लेकिन वो थी बहुत सेक्सी, उसकी हाईट मुझसे 1 फुट 5 इंच ज़्यादा थी, उसके बूब्स बड़े सुडोल थे, उसकी गांड एकदम शेप में थी, वो ना तो पतली थी और ना ही मोटी, बिल्कुल मध्यम. में जब भी उसको देखता था तो मुझे खजुराहो की सेक्स करती हुई मूर्तियाँ याद आ जाती थी. उसकी अपने पति से बिल्कुल भी नहीं जमती थी, यहाँ तक की उसका पति तो मेरी शादी में भी नहीं आया था.

    में जब भी अपने ससुराल जाता, तो वो मुझे भी ताने मारती रहती थी. अब इन सबको सुनकर मैंने भी सोच लिया था की इसको तो एक दिन रंडी बनाकर ही रहूँगा और अब में मौके की तलाश में रहने लगा था. अब में मौके की तलाश में था कि एक दिन मुझको पता चला कि उसका और उसके पति का विवाद अदालत तक चला गया है.

    अब श्वेता को केस के कारण अपने पति के शहर जाना पड़ता था, लेकिन शहर बहुत दूर था और आने जाने में लगभग 5 घंटे लगते थे, हमेशा उनके साथ मेरा साला जाता था. फिर एक दिन उसे कुछ जरूरी काम था इसलिए मेरी सास ने मुझसे रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि क्या आप कल श्वेता के साथ जा सकोगे? अब मेरी तो मन की मुराद पूरी हो रही थी, लेकिन मैंने कहा कि में चला तो जाता, लेकिन मुझे कुछ काम है अगर आपने पहले बताया होता तो में अपने आपको एड्जस्ट कर लेता. तो इस पर मेरी सास ने कहा कि नहीं साहिल जी, श्वेता को अकेले भेजने की हिम्मत नहीं होती और उसके भाई को भी बहुत जरूरी काम आ गया है, अगर आपको कोई जरूरी काम नहीं हो तो उसके साथ चले जाइए.

    मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन अगली बार से ध्यान रखना, में कल ठीक टाईम पर पहुँच जाऊंगा. फिर अगले दिन में और श्वेता साथ-साथ गये. अब रास्ते भर हम लोग तरह- तरह की बात कर रहे थे. फिर मैंने उनसे पूछा कि आपकी अपने पति के साथ सेक्स लाईफ कैसी थी? तो इस पर उन्होंने बताया कि ठीक ठाक थी. लेकिन उन्होंने सेक्स की बातों में जरा भी रूचि नहीं दिखाई, तो में सोच में पड़ गया कि कैसे इसका सेक्स में इंटरेस्ट पैदा किया जाए?

    फिर मैंने पहले तो सोचा कि कोई गोली चाय में मिला दूँगा, लेकिन फिर सोचा कि नहीं क्यों ना रिस्क लिया जाए? उस दिन मैंने जानबूझकर देर कर दी थी जिस कारण हमारी आखरी बस चली गई थी. अब वो मुझे बुरा भला कहने लगी थी और में उसको, लेकिन ये तो मेरे प्लान का हिस्सा था. फिर आख़िर में हम दोनों एक होटल में रुकने के लिए गये. फिर मैंने जानबूझकर दो कमरे के लिए बोला, क्योंकि में जानता था कि वो मेरी नहीं चलने देगी.

    उसने कहा कि एक रात ही तो रुकना है, एक ही कमरे में सो जाएँगे. तो फिर हम लोग कमरे में आ गये, उसने होटल वाले से कहकर डबल बेड को अलग-अलग करवा दिया था. अब मेरे प्लान का दूसरा हिस्सा शुरू होने जा रहा था. अब मैंने उससे बहस करनी शुरू कर दी थी और फिर जैसा की ज्यादातर बहस का नतीज़ा होता है अंत में वो रोने लगी और कहने लगी कि एक तो में वैसे ही कम परेशान नहीं हूँ और इस पर तुम मेरा साथ देने के बजाए मुझसे लड़ रहे हो. बस अब में उससे मांफी माँगने लगा था और कहने लगा कि नहीं श्वेता जी मत रोइए, आगे से ऐसा नहीं होगा और उसके आँसू पोछने लगा तो वो एकदम से चौक पड़ी.

    अब वो अपनी नजरे नीचे किए हुए खड़ी थी और उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे. अब मुझको ऐसा लग रहा था जैसे में किसी अप्सरा को देख रहा हूँ. फिर पहले मैंने उसके आँसू पोंछे और फिर मैंने उनसे कहा कि श्वेता जी आज के बाद में आपको कभी भी बुरा भला नहीं कहूँगा, लेकिन उसके आँसू नहीं रुक रहे थे.

    तब मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों के अंगूठे से उससे आँसू को पोछा तो वो थोड़ा सा सकपका गई और मेरी तरफ देखने लगी. फिर मैंने अपनी आँखों से उसको बड़े प्यार से देखा और 1 मिनट तक लगातार देखता ही रहा. अब उसने अपनी आँखें नीचे कर ली थी. फिर जैसे ही उसने अपनी आँखें नीची की तो मैंने उसके चेहरे को अपने पास लाकर उसकी आँखों को चूम लिया.

    अब वो तुरंत मुझे धकेलने की कोशिश करने लगी थी तो मैंने तुरंत उसे सामने की तरफ से दीवार पर टिका दिया और उसकी पीठ और गर्दन को चूमने लगा. अब वो मेरा लगातार विरोध कर रही थी, लेकिन चीख नहीं पा रही थी, उसने अभी तक कपड़े चेंज नहीं किए थे, उसके कपड़ो से उसके पसीने की खुशबू आ रही थी, जो मुझे और ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी. अब में अपने होंठो को नीचे लाने लगा था और उसकी पीठ को चूमता हुआ उसके नितंबो की और आने लगा था.

    मैंने उसके हाथों को छोड़ दिया और उसकी कमर को अपने हाथों से पकड़कर उसके कुर्ते को थोड़ा सा ऊपर उठाया और उसके सलवार के ऊपर से ही उसकी गांड को अपने दांतो से काटने लगा और अपना चेहरा उसकी गांड पर मसलने लगा था. अब वो थोड़ी गर्म हो रही थी, अब में उसकी गांड को चूमे जा रहा था और थोड़ी-थोड़ी देर में अपना चेहरा उसकी गांड पर भी दबा देता था. अब मैंने अपने हाथों का घेरा बनाते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया था.

    अब वो फिर से विरोध करने की कोशिश करने लगी थी. अब उसकी सलवार गिर पड़ी थी, लेकिन उसकी सलवार उसके पैरो में ही थी. फिर मैंने उसके एक पैर को अपनी जाँघ पर रखा और उसको सीधा कर दिया, जिस कारण अब वो एकदम बेबस सी हो गई थी, क्योंकि अब उसका एक पैर दूसरे पैर के पीछे से होते हुए मेरी जाँघ पर था और उसके दोनों पैरो में उसकी सलवार बेड़ीयों की तरह लिपटी हुई थी.

    अब मेरे चेहरे के सामने उसकी पेंटी थी जिसे मैंने देर ना करते हुए नीचे खींच दिया था. फिर वो जैसे ही नीचे झुकी तो मैंने अपनी जीभ तुरंत उसकी चूत में डाल दी जिस पर हल्के-हल्के बाल थे, वाह क्या टेस्ट था उसकी चूत का? अब उसके शरीर में तो करंट सा दौड़ गया था और में उसकी चूत का मज़े से टेस्ट लेता रहा. अब वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ भरने लगी थी. अब उसकी सिसकियों को सुनकर मेरा जोश और बढ़ने लगा था. फिर में उसके ऊपर आया और उसके होंठो को पहले तो अपनी जीभ से साफ किया और फिर उसके होंठो को चूमने लगा था.

    अब उसने अपने दोनों पैरो से अपनी सलवार को निकाल दिया था और अपने दोनों हाथों से मुझको जकड़ लिया था. फिर मैंने उसकी आँखों में देखा, तो वो नशीली होने लगी थी. फिर मैंने तुरंत उसके मुँह में अपनी जीभ घुसा दी, जिसे वो चूसने लगी थी.

    अब मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे और उसके कुर्ते को खोल रहे थे और अब उधर हम दोनों एक दूसरे की जीभ को बुरी तरह से चूस रहे थे. अब हमारे मुँह में जरा सी भी लार नहीं रह पाती थी. अब हम लोग उसको चूसते जा रहे थे और एक दूसरे के दांतो पर भी जीभ रगड़ रहे थे. अब इधर मैंने उसके कुर्ते को खोलकर उसे उसके पैरो में गिरा दिया था, जिसे उसने तुरंत अपने पैरो से इस तरह दूर कर दिया था जैसे वो कोई सांप हो.

    अब वो सिर्फ़ ब्रा में ही थी, अब में अपने कपड़े उतारने लगा था, तो तब तक उसने भी अपनी ब्रा खोल दी थी. अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. अब में तुरंत उसके बूब्स को चूसने लगा था.

    अब वो अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी और उसके मुँह से अया, उूउउफ्फ नहीं की आवाजे आ रही थी. अब हम दोनों की पसीने की खुशबू से सारा कमरा महक रहा था, जो हमें और मदहोश कर रहा था. अब हम दोनों एक दूसरे को पूरी ताकत से जकड़ते जा रहे थे. फिर मैंने उसे अपने दोनों हाथों से उठाकर बेड पर लेटा दिया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. तो उसने तुरंत अपनी गांड ऊपर उठा ली.

    अब में अपनी उंगली आगे पीछे करने लगा था. अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब में उसके बूब्स को चूमते हुए उसके बगल को चाटने लगा था, जिससे उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी थी. अब ये सब उसके बर्दाश्त के बाहर हो रहा था तो तब उसने कहा कि अब और मत तड़पाओ, में झड़ने वाली हूँ और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, जो मेरी हथेली पर आ गिरा था जिसे में चाटने लगा था. अब उसने मेरे हाथों को पकड़ लिया था और वो उसे चाटने लगी थी. अब में उसके ऊपर लेट गया था.

    अब हम दोनों के हाथ एक दूसरे के शरीर पर चूम रहे थे और हर अंग के साथ खेल रहे थे. अब मेरा लंड उसकी चूत को रगड़ रहा था, उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे जिस कारण उसकी चूत खुरदरी लग रही थी, जो मेरे लंड में और जोश भर रही थी.

    अब उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया था, जिस कारण मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उसने मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर रखा, तो मैंने भी तुरंत एक धक्का मारा. अब उसकी चूत पहले से ही बहुत गीली हो गई थी, जिससे मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा था. अब उसके मुँह से अयायाम, सीईई की आवाज़ निकल पड़ी थी और उसने अपनी गांड को ऊपर उठा दिया था. अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था.

    में थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़ा रहा, लेकिन उसने अपनी गांड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था. अब ये देखकर मेरी खुशी बढ़ती जा रही थी और में और जोश में आता जा रहा था. अब वो अपने पैरो से मेरी गांड को मारती थी और मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़कर फैला दिया था और उसकी गर्दन के नीचे चूमता जा रहा था.

    अब हम धक्के पर धक्के लगाए जा रहे थे. अब मेरे लंड पर वो रस आ गया था, जो अत्यधिक उत्तेजना में आता है और उसकी चूत भी गीली थी, जिस कारण अब हम लोग पूरी तरह से चुदाई का मज़ा ले रहे थे. फिर करीब 15 मिनट तक यही सिलसिला चलता रहा और फिर उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन में अपनी चरम सीमा पर नहीं पहुँचा था. अब वो निढाल हो गई थी और उसके मुँह से बस नहीं, हो गयययया ना की आवाज़े आने लगी थी.

    अब मेरे मुँह से भी बससस्स थोड़ी देर और आअहह की आवाज़े निकल रही थी. फिर मेरा शरीर भी अकड़ने लगा और मेरे लंड ने वीर्य की एक धार छोड़ दी. अब उसके चेहरे पर तृप्ति का भाव आ गया था. फिर मेरे लंड से धार निकलने के बाद मैंने उसके गालों पर एक गहरा चुंबन लिया. अब मेरा लंड धीरे-धीरे छोटा होना शुरू हो गया था. फिर हम दोनों ने एक दूसरे की आँखो में देखा और मुस्कुराए और फिर से एक दूसरे को जकड़ लिया. फिर उसके बाद हमने एक दूसरे से वादा किया कि हम इस बारे में किसी को नहीं बताएँगे.

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    अब में कुछ उत्तेजित सा हो गया था और उस नज़ारे को देखने का मौका खोजने लगा था। फिर मैंने उस दरवाजे पर धीरे से अपना एक हाथ फैरा तो ऐसा लगा कि उसमें एक लॉक है। तब मैंने सोचा कि इसमें चाबी का छेद भी जरूर होगा, लेकिन पूरे दरवाजे में पोस्टर लगा था। तब मैंने टेबल से पेन उठाया और चाबी का छेद ढूँढने लगा तो मुझे चाबी का छेद मिल गया। फिर मैंने पेन से धीरे से पोस्टर में एक छेद किया, तो चाबी का छेद सामने दिखा। अब मेरी आँखों में चमक आ गयी थी और उत्तेजना से मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने अपने रूम की लाईट ऑफ की और चाबी के छेद से अंदर देखने लगा तो सामने का जो नज़ारा था, वो देखते ही मेरा बुरा हाल हो गया था।

    अब मेरी साली और साडू बिल्कुल नंगे थे और मेरा साडू अपनी बीवी के ऊपर चढ़कर उसको चोद रहा था। अब मेरी साली सिसकियाँ भर रही थी और अपने पति से चुदवाने का मज़ा ले रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद उसने अपना लंड अपनी बीवी की चूत में से बाहर निकाला और बेड पर खड़ा हो गया। अब मेरी साली अपने घुटनों के बल बैठ गयी थी और अपने पति का लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी। अब वो दोनों उत्तेजना में आह, उहहह, आह कर रहे थे। अब मेरा लंड बिल्कुल तन चुका था और फिर मैंने भी अपनी शॉर्ट्स उतार दी और नंगा हो गया था। फिर मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू किया। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि मेरी साली उठी और बगल में ड्रेसिंग टेबल पर झुककर खड़ी हो गयी थी। अब उसके पति ने अपना मुँह उसकी गांड में घुसा दिया था और उसकी गांड को चाटने लगा था।

    अब रश्मि बड़े मज़े ले रही थी और आह, उहहहह कर रही थी। अब उन दोनों को बिल्कुल भी नहीं पता था कि कोई उनकी इस हरकत को देख रहा है। फिर थोड़ी ही देर में राजीव (रश्मि के पति) ने अपना लंड रश्मि की गांड में घुसा दिया और उसकी गांड मारने लगा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। तब मैंने मुठ मारना शुरू किया, ये सोचकर कि में अपनी साली की गांड मार रहा हूँ और फिर थोड़ी ही देर के बाद मैंने अपना वीर्य वहीं गिरा दिया और फिर मेरे साडू ने भी अपना वीर्य रश्मि की गांड में निकाल दिया था। फिर अगले दिन सुबह मुझे पता चला कि राजीव को बिजनेस के सिलसिले में जयपुर जाना है और वो अगले दिन वापस आएँगे, यानी उस रात घर में सिर्फ़ में और मेरी साली ही रहने वाले थे। फिर कुछ देर के बाद राजीव अपनी कार से जयपुर के लिए निकल गये। अब मुझे भी काम के लिए करोलबाग जाना था। अब मेरी साली नहाने गयी हुई थी और फिर जब वो तैयार होकर मेरे सामने आई तो तब उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। उसके बड़े-बड़े बूब्स और मस्त गांड को देखकर में मदहोश हो रहा था, लेकिन फिर खुद पर कंट्रोल करके में भी तैयार होने के लिए बाथरूम में चला गया।

    अब मुझे और पागल बनाने के लिए मैंने देखा कि रश्मि के अंडरगार्मेंट वहाँ रखे हुए थे। तब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और फिर में उसकी ब्रा को उठाकर उसे चूसने लगा। तब मुझे ऐसा लगा कि जैसे में रश्मि के बूब्स चूस रहा हूँ। फिर मैंने उसकी पेंटी उठाई और उसे स्मेल करने लगा। अब मुझे एक अजीब सा नशा छा रहा था। फिर मैंने उसकी ब्रा के कप को अपने लंड पर लगाया और मुठ मारने लगा और फिर थोड़ी ही देर में मैंने अपना वीर्य उसकी ब्रा में निकाल दिया और फिर उसकी ब्रा को मैंने पानी से भीगा दिया, ताकि उसे पता ना चले। फिर में नहाकर ब्रेकफास्ट करके काम के लिए निकल गया तो रास्ते में मुझे एक मेडिसिन की शॉप मिली। वहाँ एक पोस्टर लगा हुआ देखा।

    फिर मैंने दुकानदार से उसके बारे में पूछा तो तब उसने बताया कि इसकी एक गोली खाने के बाद कोई भी लड़की पर आधे घंटे में सेक्स का नशा चढ़ जाता है। तब मेरे दिमाग में एक प्लान आया और फिर मैंने वो गोली खरीद ली। फिर रात 9 बजे में अपना काम करके अपनी साली के घर पहुँचा। फिर उसने मुझे डिनर सर्व किया और फिर हम चेंज करके गप्पे मारने लगे। उसने बड़ी पतली सी नाइटी पहन रखी थी। अब में शॉर्ट्स और टी-शर्ट में था। अब हम ड्रॉईग रूम में सोफे पर बैठकर गप्पे मार रहे थे। फिर थोड़ी देर के बाद वो कुछ लेने के लिए उठी और असंतुलन होकर वापस सोफे पर बैठ गयी। तब मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो तब रश्मि ने कहा कि मुझे अचानक से कमर में बहुत दर्द होता है, में इस दर्द से बहुत परेशान रहती हूँ। तब तुरंत ही मेरे दिमाग में एक आइडिया आया। फिर मैंने उनसे कहा कि मेरे पास एक आयुर्वेदिक गोली है, उसको खाने से तुरंत असर पड़ेगा और फिर मैंने वो गोली उनको दे दी। तो उसने तुरंत ही पानी के साथ उसे ले लिया।
    फिर मैंने कहा कि अब आप बेडरूम में जाकर आराम करिए और अपने दिमाग में कुछ प्लान बनाने लगा, मुझे आज उसे चोदना ही था। फिर थोड़ी देर के बाद में उनके कमरे में गया तो मैंने देखा कि वो लेटी हुई थी। फिर में उनके पास गया और कहा कि मैंने थोड़ी बहुत मसाज की प्रेक्टीस की है। तो तब उन्होंने कहा कि हाँ यह ठीक रहेगा, मुझे कुछ आराम मिल जाएगा। तो तब मैंने कहा कि आप पेट के बल लेट जाइए और फिर में आपकी कमर पर अक्कुप्रेशर के फायदे देता हूँ। अब मेरा निशाना सही लग रहा था। अब वो पेट के बल लेट गयी थी और अब में अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाने लगा था, जाहिर सी बात है उन्हें आराम तो मिल ही रहा था और वो सोच रही थी कि में अक्कुप्रेशर का बड़ा जानकार हूँ। फिर कुछ देर के बाद में उनकी कमर और पीठ को सहलाने और दबाने लगा, तो 10-15 मिनट के बाद वो थोड़ा मचलने लगी थी।

    अब में समझ गया था कि गोली अपना काम कर रही है। तो तब मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए कहा कि आपको नाइटी उतारनी पड़ेगी, तभी मसाज का फायदा पूरा होगा। तब उसने तुरंत ही लेटे हुए ही अपनी नाइटी उतार दी, उसने ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने उनकी पीठ को सहलाते हुए उनकी ब्रा के हुक खोल दिए। अब उनकी गोरी और मदमस्त नंगी पीठ मेरे सामने थी। फिर में उनकी पीठ सहलाते हुए नीचे की तरफ आया और उनकी कमर सहलाने के बहाने उसकी पेंटी भी थोड़ी नीचे कर दी। अब गोली के असर से उन्हें भी मज़ा आने लगा था। फिर में खड़ा हुआ और अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स खोल दिया और नंगा होकर उनकी कमर को सहलाने लगा था। अब मेरा लंड रश्मि की चूत और गांड में घुसने के लिए मचलने लगा था। फिर मैंने उसकी पेंटी को और नीचे उतारा तो तब वो खुद ही डॉगी स्टाइल में झुक गयी और बड़े आराम से अपनी पेंटी उतरवा दी।

    अब उसे गोली लिए हुए 25 मिनट हो गये थे। अब में तैयार था। फिर मैंने उसकी पेंटी पूरी खोल दी और वो अब तक डॉगी पोज़िशन में थी। अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था और फिर मैंने अपनी जीभ सीधी उसकी चूत पर लगाई और उसको चाटने लगा। रश्मि जो अब तक शांत थी ज़ोर-ज़ोर से आह, उउईई, उउन्न्ह, उउन्न्ह करने लगी थी। अब उन्हें बहुत मजा आने लगा था। अब में उनकी गांड को दबाता और ज़ोर-जोर से उसकी चूत को चाट रहा था। फिर मैंने उन्हें पीठ के बल लेटाया और उनकी चूत को चाटने लगा था। तब वो बोली कि हाँ हाँ रिंकू और चाटो और चाटो मेरी चूत को, बहुत मज़ा आ रहा है, आह। अब उनकी गुलाबी चूत का खट्टा और सेक्सी रस मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। फिर में उनके ऊपर लेट गया और उनके बूब्स को बारी-बारी से चूसने लगा था। अब उनके बड़े बूब्स में लाईट पिंक निप्पल एकदम खड़े हो चुके थे और मुझसे बूब्स चुसवाने में उन्हें बड़ा मज़ा आ रहा था और अब वो सिसकियाँ भर रही थी और चूसो, ज़ोर से चूसो मेरे बूब्स को, आह।

    फिर एक ही झटके में मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया और उन्हें चोदना शुरू किया। अब मेरा लंड उनकी चूत में अंदर बाहर होने लगा था। अब हम दोनों को खूब मज़ा आ रहा था और वो बोल रही थी हाँ रिंकू और और और चोदो, चोदते रहो, आह, आह, आआ, हाईईईई और चोदो और फिर उसने अपना रस मेरे लंड पर निकाल दिया और शांत हो गयी थी। फिर पिछली रात को उनकी चुदाई (अपने पति के साथ) की तरह में भी बेड पर खड़ा हो गया और रश्मि से कहा कि मेरा लंड चूसो। तब वो तुरंत ही अपने घुटनों के बल बैठ गयी और मेर लंड को अपने मुँह में घुसाकर चूसने लगी थी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अब में चिल्ला रहा था आहह, आहह रश्मि और चूसो और अंदर लो, ज़ोर से चूसो और फिर कुछ ही देर के बाद लंड चुसाई के बाद मैंने कहा कि अब में तुम्हारी गांड मारूँगा। तो तब वो तुरंत ही ड्रेसिंग टेबल के पास जाकर झुककर खड़ी हो गयी। तो तब में अपना मुँह उनकी मस्त गांड के बीच में घुसाकर उनके छेद को चाटने लगा। अब मुझे उनकी गांड चाटने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और अब वो भी आह, हाईई करने लगी थी। फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड में घुसाया और ज़ोर ज़ोर से उनकी गांड मारने लगा था। फिर मैंने पीछे से उनके बूब्स को दबाया और उनकी गांड मारता रहा और वो आह, हाईईईईई करके चिल्लाने लगी। फिर कुछ ही देर के बाद मैंने अपना वीर्य उनकी गांड में निकाल दिया और फिर हम दोनों रात को नंगे ही एक दूसरे से चिपककर सो गये। फिर जब भी मुझे उससे मिलने का कोई मौका मिला तो तब मैंने उसकी खूब जमकर चुदाई की और बहुत मजा किया ।।

    धन्यवाद …