ढोंगी बाबा से चुदवा लिया

हेल्लो प्रिय दोस्तों, आप सभी लोगों का एक बार फिर से स्वागत करती हूं शानदार कहानियों की इस दुनिया में, और आज जो सच्ची कहानी मैं आप सभी से शेयर करने जा रही हूं वो काफी ज्यादा मजेदार होने वाली है, इसलिए हमारे साथ बने रहिएगा।



सबसे पहले मैं अपने बारे में कुछ बता देती हूँ मेरे नाम रागिनी है और इंदोर के विजयनगर एरिया की रहने वाली हूँ| मेरी सुन्दरता का तो क्या कहना है मेरी सुन्दरता के चर्चे यहाँ पर दूर-दूर तक फेलें हुए है| मेरे बाल एक दम सीधे और भूरे रंग के है दरअसल मेने अपने बालों को पार्लर में ऐसा करवाया है जिससे मैं काफी ज्यादा आकर्षित लगने लगू|

मेरी आँखे भूरे रंग की है जो कोई भी मुझे एक बार देख लेता है वो पूरी तरह से मेरी आँखों में बस जाता है| मेने जिम जाकर अपने शरीर को भी काफी आकर्षित बना दिया है|

मेरे परिवार अक्सर मेरे पापा, चाचा और बड़े पापा की जायदाद को लेकर लड़ाईयां होती रहती है इसलिये ज्यादातर मेरे परिवार में कोई भी एक दूसरे से ज्यादा बात नहीं करता है| मेरी यहाँ बस मेरी भाभी से ही सबसे ज्यादा बनती है| अब मैं आपको जरा अपनी भाभी के बारे मैं भी कुछ बता देती हूँ|

मेरी भाभी मॉडलिंग किया करती थी और वह काफी फेमस भी थी| पर उनको मेरे भाई से प्यार हो जाने के बाद उन्होंने मॉडलिंग करना बंद कर दिया था| लेकिन वो अभी किसी स्लिम खुबसुरत अप्सरा की तरह लगती है| उनका शरीर काफी गौरा और आकर्षक है कहना तो नहीं चाहिए पर उन्होंने अपने बूब्स और गांड को भी काफी ज्यादा मेंटेन रखा हुआ है| मेरी भाभी अभी किसी हिरोइन से कम नहीं लगती है|




भाभी और मैं अक्सर हमारे घर से थोड़ी ही दूर बने एक बाबा के आश्रम में जाया करते थे| वहां पर हम ध्यान और योगा करने जाया करते थे साथ ही हमारे घर की शांति के लिए पार्थना भी किया करते थे| उस आश्रम के बाबा ज्यादा पहुंचे हुए बाबा थे उनका नाम पूरे इंदौर में मशहूर था|

अब तक हमें उस आश्रम में जाते-जाते 4 महीने बीत चुके थे और सबकुछ ठीक ही चल रहा था|

लेकिन मेने इतने समय में यह नोटिस किया जब भी हम ध्यान लगाते थे, वह बाबा हमारे शरीर की तरफ देखता रहता था| मेने ध्यान लगाते हुए चुके से आखे खोलकर बहुत बार बाबा की इस हरकत को देखा था और मेने इस बारे में भाभी को भी काफी समय पहले ही बता दिया था|

पहले मुझे लगा यह सब साधारण लगा क्योकि मेरे बूब्स काफी उभरे हुए थे और ध्यान लगाते वक्त सांस अंदर बाहर करते हुए बहुत ही बाहर निकलते हुए दिखते है साथ ही मेरी भाभी भी काफी हॉट लगती है इसलिये शायद बाबा का ध्यान हमारी तरफ आकर्षित हो जाता था|

काफी समय से तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन कुछ समय बाद अचानक से हमारे घर में जायदाद को लेकर झगड़े काफी ज्यादा बड़ने लग गए थे| भाभी और मैं काफी ज्यादा परेशान थे और हमें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसी परेशानी में हम क्या करें? तभी हमारा ध्यान बाबा की तरफ गया और भाभी और मेने मिलकर बाबा से इस परेशानी का उपाय बताने के बारे में सोचा|

अगले ही दिन भाभी और मैं बाबा के आश्रम गए और हमने वहां पर बाबा से हमारी इस परेशानी के हल के बारे पूछा और बाबा ने हमसे कहा अभी ध्यान लगाओ और जैसे ही यहाँ आश्रम से सब लोग चले जायेंगे मैं तुम्हे तुम्हारी हर परेशानी से मुक्त कर दूंगा|



भाभी और मैं काफी ज्यादा खुश थे, क्योकि बाबा हमारी परेशानी का निराकरण करने के लिए मान गए थे| जैसे ही हमने ध्यान लगाने की क्रिया को खतम किया तो सभी लोग वहां से जा चुके थे, अब बस आश्रम में भाभी, मैं और बाबा के साथ उनकी दासियाँ मौजूद थी|

कुछ ही देर बाद बाबा ने मुझे उठ कर गले लगाया और मेरी नंगी कमर पर हाथ फेरते हुए कहा देखो सबकुछ ठीक हो जाएगा, और तुम्हारी सभी परेशानियों का निराकरण हो जाएगा| मुझे ये सब काफी अजीब लगा उसके बाद बाबा फिर से अपनी जगह पर जाकर बैठ गए|

कुछ देर बाद बाबा की दासियों ने मेरी भाभी को उठाया और बाबा की गोद में ले जाकर बैठने के लिए कहा| बहाबी ने इसके लिए साफ़ इनकार कर दिया लेकिन दासियों ने उन्हे खा कि अगर आपको अपनी सभी परेशानियों का निराकरण करना है तो बाबा से संयोग तो बनाना ही पड़ेगा|

बाबा आप से संयोग स्थापित कर के आपकी सभी परेशानियों को अपने अंदर हर लेंगे और फिर आप आजाद हो जाओगी|- उन दासियों ने अपनी बातों को जारी रखते हुए कहा

इतना सुन कर ही भाभी उस बाबा की गोद में आकर बैठ गयी, फिर बाबा मेरी भाभी की कमर पर अपना हाथ फेरने लगा और कहने लगा कि सबकुछ ठीक हो जाएगा चितना की कोई बात नहीं है|

कुछ देर बाद बाबा और उनकी दासियाँ हमें एक कमरे में लेकर चले गए और फिर कुछ देर बाद बाबा भी लुंगी पहन कर वहां पर आ गये थे| मैं लुंगी के अंदर बाबा का बड़ा उभरा हुआ लंड देख सकती थी इसलिये मुझे कुछ गलत होने का आभास हो ही रहा था|

कुछ देर बाद बाबा ने भाभी को सम्बन्ध बनाने के लिए कहा और कहा कि यही एक आखिरी रास्ता है| मैं तुम्हारे सारे दुःख और दर्द अपने अंदर ले लूँगा, और इतना कहते हुए बाबा ने अपने होंठ भाभी के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूमने में लग गए|

मैं देख रही थी कि भाभी उनके साथ अभी तक काफी सहज है और उनका जवाब देते हुए वो भी बाबा को चूम रही है| बाबा लगातार भाभी को गले से लेकर बूब्स तक सभी जगह चूमे जा रहा था| यह सब देख कर मैं खड़ी-खड़ी गर्म होती जा रही थी|

कुछ ही देर बाद बाबा ने भाभी की साडी को पूरी तरह खोल दिया था| भाभी भी अब तक काफी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी इसलिये वह भी खुद को नहीं रोक पा रही थी| मेने बाबा का यह रूप पहले कभी भी नहीं देखा था इसलिये सब से ज्याद हैरानी मुझे अभी तक इसी बात की हो रही थी|



कुछ ही देर मैं बाबा ने भाभी की ब्लाउज और ब्रा दोनों उतार दि और बाबा ने भाभी के बूब्स को चुसना शुरू कर दिया था| भाभी की सिस्कारियों की आवाज सुन कर में भी अब काफी ज्यादा टूट चुकी थी| बाबा लगातर जोर-जोर से भाभी के बूब्स को दबाकर उसे चुसे जा रहा था|

कुछ ही देर बाद बाबा ने भाभी का पेटीकोट ऊपर उठाया और भाभी की चुद के बीज को अपनी जुबान से चाटने लगा| वह भाभी को चोदने से पहले काफी ज्यादा तडपाये जा रहा था, और उससे भी ज्याद वो मुझे तडपा रहा था|

कुछ देर बाद बाबा ने अपनी लुंगी को उतार दिया, उनका बहुत बड़ा और बलशाली लंड था जिसे देखकर भाभी चौक ही गयी थी| बाबा ने बिना देर किये भाभी की टांगों को ऊपर उठाया और एक ही झटके के साथ अपना पूरा लंड भाभी की चुद में उतार कर तेजी से अंदर बाहर करे लग गए|

वहीँ भाभी के मुंह से भी जोर-जोर से आह आह ओह्ह्ह अम्म्म की सिस्कारियां निकले जा रही थी| ज्यादा उम्र होने के बाद भी बाबा थक ही नहीं रहे थे और उन्होंने भाभी की चोद-चोद कर पूरी तरह तडपा दिया था|

मुझे लग रहा था कि बाबा ने किसी तरह की दवाई खा रही है इसलिये वो थक ही नहीं रहे थे वहीँ भाभी की चीखे भी बहुत तेजी से आ रही थी| यह सब देखकर तो मेरी चुद में से पानी ही छुट गया था| कुछ ही देर बाद बाबा मेरी भाभी की छोड़कर अब मेरे पास आ गये थे|

उन्होंने मेरे बड़े-बड़े बूब्स को देखते से मसलना शुरू कर दिया उनके जोर-जोर से मसलने के कारण मेरा एक बूब्स अचानक मेरे कपड़ों से बाहर निकल गया और वह मेरे बूब्स को चूसने लग गये| बाबा ने मुझे चोदने में ज्यादा देरी नहीं लगाई और मुझे पीछे की तरफ दीवार पर हाथ रख कर झुकने के लिए कहा, और पीछे से मेरी जींस की पेंट और पेंटी को मेरे घुटनों तक खिसकाकर मेरी चुद में अपना लंड घुसा दिया, उनके लंड डालने से ही में जोर से चीख पड़ी| उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में पूरी रफ़्तार के साथ चोदना शुरू कर दिया था| और मैं भी आह आह आह आह की आवाज के साथ पूरे मजे में चुद रही थी| बाबा ने मुझे लम्बे समय तक चोदा और आखिर मैं उनका वीर्य बाहर निकल गया, उनका वीर्य भी बहुत ज्यादा था| उन्होंने अपना वीर्य थोडा मेरी चुद में ही ढोल दिया और बाकी जमीन पर ढोल दिया था|

फिर भाभी और में बाबा के आश्रम से इस आशा में काले आये कि अब सबकुछ ठीक हो जाएगा| कुछ एक महीने तक बाबा हमें ऐसे ही रोजाना चोदता रहा लेकिन हमारे घर की स्थिति अभी तक ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही थी| बहभी और मैं अब तक ये समझ चुके थे कि उस बाबा ने हमे चुतिया बनाया है| हमें काफी ज्यादा अफ़सोस हो रहा था और फिर कुछ दिन बाद हमने उस बाबा के यहाँ जाना बंद कर दिया|



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