Category: भुआ की चुदाई

  • बुआ के साथ बिताई हसीन रात

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम इस अजय है और मेरी उम्र 27 साल है, मेरी लम्बाई 6 फीट और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ, मुझे सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पड़ना और उसके बाद मुठ मारकर लंड शांत करना बहुत अच्छा लगता है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए, सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

    दोस्तों में कानपुर का रहने वाला हूँ और यह कुछ साल पहले की बात है जब में अपनी बुआ के बेटे की शादी में कानपुर गया हुआ था और वहाँ पर में शादी से कुछ दिन पहले ही चला गया था, क्योंकि मुझे मेरे कज़िन ने बुलाया था कि में उसके साथ उसकी शॉपिंग करवाऊंगा. तो में वहां पर 20 22 दिन पहले ही चला गया था और हमने वहाँ पर बहुत मज़े किए और शादी की बहुत शॉपिंग की और कुछ दिन बाद बुआ जी ने मुझे और मेरे कज़िन को शादी के कार्ड्स देने हमारी एक और बुआ के घर भेज दिया, जहाँ पर में उनसे पहली बार मिला था.

    दोस्तों वो क्या ग़ज़ब की औरत थी. उनकी उम्र करीब 36 साल और फिगर का 34-28-34 साईज़ और हाईट कुछ 5.7 इंच के करीब होगी और एकदम गोरी चिट्टी. में तो उन्हे देखते ही पागल सा हो गया, लेकिन मैंने अपने आप को बहुत कंट्रोल किया और हम उन्होंने ड्रॉयिंग रूम में बैठा दिया और हमने उन्हे कार्ड वग़ैरा दिया और बातें करने लगे, क्योंकि हम पहली बार मिल रहे थे तो वो मुझसे कुछ ज़्यादा ही प्यार से मिली और मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही ध्यान दे रही थी. उस बात पर मेरे कज़िन ने भी बहुत गौर किया.

    फिर हम वहाँ से अपने घर की तरफ निकल गये तो रास्ते में कज़िन ने मुझसे उन सब बातों के बारे में पूछा तो मैंने उनसे कह दिया कि मुझे क्या पता है कि वो मेरे साथ ऐसा व्यहवार क्यों कर रही थी? लेकिन मेरे दिमाग़ में भी यही हलचल थी और में उसी के बारे में सोच रहा था कि पता ही नहीं चला कि कब हम घर पहुंच गये. तो कुछ दिन बाद मैंने देखा कि वो आंटी खुद बुआ के घर मिलने आई और मैंने उस दिन भी गौर किया कि उनका ध्यान मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही है और यह बात मैंने अपने कज़िन को भी बताई तो उसने बताया कि उसकी अभी तक शादी नहीं हुई है और वो अपने जीजा जी के साथ बिना शादी के रहती है, क्योंकि उनकी बड़ी बहन की म्रत्यु हो गई थी और तब मुझे कुछ कुछ समझ आने लगा तो में भी उनसे खुलकर बात करने लगा और फिर मैंने उनका फोन नंबर भी लिया और उन्हे अपना मोबाईल नंबर भी दे दिया और फिर हम लोग शादी में व्यस्त हो गये. तो इस बीच शादी के कामों में व्यस्त रहने की वजह से मेरी उनसे कोई बात नहीं हो पाई और फिर हम लोग सिर्फ़ शादी पर ही एक दूसरे से मिल पाए, लेकिन वो भी थोड़े टाईम के लिए और शादी के दो दिन बाद वो अपने घर पर चली गई और में भी अपने ऑफिस के कामों में व्यस्त हो गया.

    उसके कुछ दिन बाद मेरे मोबाईल नंबर पर उनका कॉल आया और वो पूछने लगी कि क्या में उन्हे बिल्कुल ही भूल गया जो मैंने उन्हे एक बार भी कॉल नहीं किया? तो मैंने अपनी गलती महसूस की और उनसे कहा कि में अपने ऑफिस के कुछ काम में व्यस्त था, लेकिन मैंने वादा किया कि में अब हर रोज आपको फोन किया करूंगा और इस तरह हम लगातार बातें करने लगे. तो कुछ दिन तक हमारी ऐसे ही नॉर्मल बातें होती रही और एक दिन अचानक उनके मुहं से एक बात सुनकर में एकदम चकित हो गया.

    उन्हे अपनी छाती में थोड़ा दर्द रहता था जिसके बारे में उन्होंने मुझे बिल्कुल खुलकर बताया जैसे कि में उनका पति हूँ या कोई बॉयफ्रेंड हूँ, तब में भी मज़े लेने लगा और थोड़ा सेक्सी बातें करने लगा और ऐसे ही चलता रहा. तो एक दिन वो किसी काम से अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ पर हमारे शहर में आई और उन्होंने मुझे कॉल किया. तो में उनसे मिलने गया और मैंने देखा कि वो बिल्कुल अकेली थी, लेकिन बहुत सेक्सी दिख रही थी. में तो उनको देखता ही रह गया और मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और वो दूर खड़ी हुई मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.

    तो में उन्हे अपने घर ले आया, जहाँ पर हम रात रात भर बातें करते थे और तब में मज़ाक ही मज़ाक़ में उनके शरीर को छू रहा था, लेकिन वो मेरा कोई भी विरोध नहीं कर रही थी. वो मेरी तरफ बस थोड़ा मुस्कुरा देती तो मेरी और भी हिम्मत बड़ गई और मैंने उन्हे अकेले में अपनी बाहों में भर लिया और उन्हे एक लंबा लिप किस कर दिया और वो भी मेरा साथ दे रही थी तो धीरे धीरे हिम्मत करके में थोड़ा और आगे बड़ा गया और उसके बूब्स दबाने लगा और अब उन्हे भी मज़ा आ रहा था, लेकिन तभी हमे किसी के अंदर आने ही आवाज़ सुनाई दी और हम अलग हो गये और हम दोनों एक दूसरे को प्यासी नजरों से देखने लगे, लेकिन उस दिन रात का खाना खाते समय उन्होंने मुझे बताया कि अगले दिन शाम को उनकी फ्लाईट है और वो कल जल्दी सुबह ही निकल जाएँगी.

    यह बात सुनकर में बहुत उदास हो गया और उस बात को शायद वो भी समझ गई थी और खाना खाने के बाद वो मुझे अकेले में मिलने आई और बोली कि उसका भी मन नहीं कर रहा है जाने का, लेकिन वो क्या कर सकती थी? तो में थोड़ा उदास सा व्यहवार करते हुए बोला कि आज के बाद में कभी आपसे नहीं बोलूँगा. तो वो एकदम से घबरा गई और मुझसे लिपट गई.

    फिर कुछ देर कुछ बात सोचकर कहने लगी कि क्या में अपनी कल की टिकट रद करवा दूँ? और में उसे एक दिन आगे करवा दूँ? तो में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा खुश हो गया और अपने कमरे में चली गई, लेकिन रात को जब घर के सभी लोग सो गये तो वो इधर उधर देखकर मेरे रूम में आई और मुझे अपने प्लान के बारे में बताया और कहा कि वो कल सुबह ही अपने घर से निकल जाएगी और में बाद में उनसे मार्केट में मिलूं और फिर मैंने वैसा ही किया और तब हम एक साथ ट्रॅवेल एजेंट के पास गये, जहाँ पर हमने उनकी टिकट रद करवाई और फिर हमने एक अच्छे से होटल में रूम बुक किया और रूम में चले गये, जहाँ मैंने अंदर जाते ही उसे खुशी के मारे जबरदस्त किस किया और 5 मिनट किस करने के बाद वो बोली कि रूको पहले हम लंच कर लेते है और तुम घर पर बोल दो कि आज रात को घर नहीं आओगे.

    मैंने जल्दी से घर पर कॉल करके बोल दिया और हमने लंच का ऑर्डर किया हमारे ऑर्डर आने में 15 मिनट थे. तो मेरा फिर से उन्हे किस करना शुरू हो गया और उसकी पूरी बॉडी पर हाथ फेर रहा था. तो वो भी मज़े करने लगी और मेरे शरीर पर हाथ घुमाने लगी और मेरा लंड तो मेरी जीन्स के ऊपर से ही खड़ा हुआ नजर आ रहा था.

    तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर वेटर खड़ा हुआ था. वो लंच लेकर आ गया था और फिर हमने लंच किया. फिर लंच करने के थोड़ी देर बाद मैंने टीवी चालू की जिसमे हम मर्डर फिल्म देख रहे थे तो उसमें “भीगे होंठ तेरे” वाला गाना शुरू हुआ तो में भी जोश में आकर शुरू हो गया और मैंने उसे एक गहरी किस की और उसके कपड़े उतारने लगा और फिर मैंने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए, वो क्या ग़ज़ब लग रही थी यार, में क्या बताऊँ एकदम गोरी, पतली जैसे हेमा मालिनी, हाए में तो उस पर टूट पड़ा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा

    करीब 15 मिनट बूब्स चूसने के बाद उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और मुझे भी नंगा कर दिया, जैसे ही मेरा 6 इंच का लंड अंडरवियर के बाहर आया तो उसकी आँखें वासना से भर गई और इससे पहले कि में कुछ करता वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और मुहं में भर लिया ओह भगवान वाह क्या मस्त नज़ारा था. में उसे शब्दों में भी नहीं बता सकता, वो एकदम प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और 30 मिनट तक लगातार लंड चूसने के बाद में अब झड़ने वाला था.

    तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो वो कुछ नहीं बोली और चूसती रही और फिर में उनके मुहं में झड़ गया और उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया और जीभ से मेरे लंड को चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और किस करते करते उसके बूब्स को अच्छे से दबा रहा था. वो मोन करने लगी आआअहह ज़ोर से दबाओ उउम्म्म्म और अब में उसके पूरे शरीर को किस कर रहा था और उसकी जाँघो पर हल्के से काटने लगा. जिससे वो और गरम हो रही थी.

    तभी उसने जोश में आकर मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया और मुझसे अपनी चूत को चाटने को कहा, लेकिन दोस्तों मैंने इससे पहले कभी किसी की चूत नहीं चाटी थी तो मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था, लेकिन उसके कहने पर जैसे ही मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगाई तो वो मेरी जीभ के स्पर्श एकदम तड़प उठी आआअहह आओउम्म्म्म ऐईईईईईईइ और चूत को उठाते हुए मेरे मुहं को चूत पर ऐसे दबाने लगी कि जैसे वो किसी रंडी की चूत हो और करीब में 40-45 मिनट तक उसकी चूत को लगातार चाटता रहा और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी.

    फिर में उठा और मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर अपना लंड उसकी चूत पर जैसे ही रखा और एक धक्का देकर मैंने मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अंदर कर दिया तो वो दर्द से एकदम तड़प उठी और सिसकियाँ भरती हुई बोली आहईईईइईईरररे अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह यह तेरे लंड ने क्या कर दिया, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है, प्लीज थोड़ा धीरे धीरे कर अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह वरना में मर जाउंगी प्लीज थोड़ा धीरे हऐह्ह्ह्हह. तो में कुछ देर रुक गया और उनके बूब्स को चूसने दबाने लगा और जब वो मुझे थोड़ी शांत लगी तो में फिर से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.

    वो अब कहने लगी कि हाँ थोड़ा और धीरे दो अहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह शायद अब उसे भी मज़ा आने लगा था और करीब 35 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और अपने जिस्म को पूरी तरह टाईट कर लिया. तो में समझ गया कि वो झड़ने वाली है तो में अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. वो चिल्लाने लगी आअहहआआहह ईसस्सईईसस अहहह्ह्ह्हह चोदो मुझे और ज़ोर से उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चोदो मुझे और वो झड़ गई और शांत हो गई और अब मेरी बारी थी तो मैंने उससे पूछा कि जान अपना पानी कहाँ निकालूँ? तो वो बोली कि अंदर ही छोड़ दे मेरी जान, में आज तेरे पानी का आनंद लेना चाहती हूँ और 5-7 जोरदार धक्को देने के बाद में भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया और दस मिनट लेटे रहने के बाद जब हम नॉर्मल हुए तो हमने दोबारा एक गहरा किस किया और एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लिया.

  • भाभी की गांड की चटनी

    हैल्लो फ्रेंड्स.. में राज आप सभी के सामने अपनी एक और हॉट कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में आप सभी को अपना परिचय करवा देता हूँ.. मेरा नाम राज है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. में 3rd साल बी-कॉम में पढ़ाई कर रहा हूँ और मेरी उम्र 20 साल है. में जब भी किसी लड़की को चोदता हूँ तो उसको जन्नत की सेर करा देता हूँ और एक या दो घंटे तक लड़की को छोड़ता नहीं हूँ. मुझे जब तक उसको चोदने से पूरी तरह सन्तुष्टि नहीं मिलती में बस उसे चोदे ही जाता हूँ. मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लंबा 3 इंच मोटा है.

    दोस्तों मैंने मेरी भाभी को चुदाई के लिये पटा लिया था और उनकी चूत को कई बार चोद भी चुका था. अब में आज आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने भाभी की गांड फाड़ डाली. दोस्तों एक दिन में भाभी का कॉल आया..

    भाभी : हैल्लो.. क्या कर रहे हो?

    में : बस आपको ही याद कर रहा हूँ.

    भाभी : अच्छा.. तो फिर आज का क्या प्लान है?

    में : बस आपको आज और भी जमकर चोदना और सन्तुष्टि देना का?

    भाभी : ठीक है तो आज एक बजे मेरे घर पर आ जाना.

    में : ठीक है भाभी.

    फिर में भाभी के घर पर जाने के लिए तैयार हो गया और मैंने भाभी के घर पहुंच कर डोर बेल बजाई.. तो भाभी ने दरवाजा खोला.. वाह! दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया.. वो नीले कलर की जालीदार मेक्सी में क्या सेक्सी लग रही थी? फिर मैंने उसको देखकर सोच लिया था कि आज में इस साली की चूत और गांड दोनों फाड़ डालूँगा. फिर वो बोली कि क्या बस ऐसे ही देखोगे या कुछ करोगे भी? तो मैंने कहा कि जानेमन आज तो में तुझे छोड़ने वाला नहीं हूँ.. तू कितना भी चिल्लाए या आंसू निकाले.. आज में तुझे फाड़कर रख दूँगा. फिर वो बोली ओह बड़े आए फाड़ने वाले.. कहने से कुछ नहीं होता कुछ करके भी दिखाओ तब मुझे पता चले कि इस लंड में कितनी ताकत है? तो मैंने झट से उसको पकड़कर मेरी और खींच लिया और किस करने लगा. वाह क्या होंठ थे उसके? यारों इतने रसीले की उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था. फिर वो बोली कि चलो अब बेडरूम में चलते है.. तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और किस करते करते बेडरूम में गया और उसे बेड पर फेंक दिया और उसके ऊपर आ गया.

    तो वो बोली कि क्यों आज बहुत जोश में लग रहे हो राज. फिर में उनको किस करता रहा.. क्या मुलायम होंठ थे उनके कि बस पूछो मत. फिर में धीरे धीरे उनकी गर्दन पर और उनकी छाती पर किस करने लगा और उनके 36 के बूब्स दबाने लगा. उस जगह पर मेरा हाथ लगते ही उनके बूब्स के निप्पल टाईट होने लगे. तो में थोड़ा और नीचे आ गया और उनकी नाभि को चूमने लगा. दोस्तों में तो उनकी जांघो को चूमते हुए फिर उनकी चूत के ऊपर से ही रगड़ने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी और वो कहने लगी हाँ बहुत अच्छे.. बस ऐसे ही लगे रहो ऊओसुउउउ अह्ह्ह. फिर मैंने मेक्सी का बूब्स वाला हिस्सा खोल दिया और मैंने देखा कि उसके एकदम सफेद बूब्स थे उनको देखकर किसी के भी मुहं में पानी आ जाए फिर मैंने बूब्स को मुहं में ले लिया और चूसने लगा मुझे बहुत मज़ा आने लगा और वो भी सिसकियाँ लेने लगी अहह उह्ह्ह राज चूसो इनको और चूसो उउईईइ अह्ह्ह उनके निप्पल एकदम गुलाबी थे और में मुहं में लेकर चूस रहा था और बहुत ज़ोर से बूब्स को दबा रहा था.

    तो वो बोली कि अह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है फिर नाभि को चूसते हुए मैंने उनकी मेक्सी का नीचे का हिस्सा भी उतार दिया और उसकी चूत यारों एकदम साफ शेव की हुई थी. में झट से उनकी चूत को चाटने लगा और वो मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी और चिल्ला रही थी. आह्ह राज और ज़ोर से अह्ह्ह उह्ह्ह्हऑश माँ मर गई अह्ह्ह फिर क्या था वो झड़ गई और फिर उसने मुझको लेटा दिया और धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारने लगी और मुझे किस करने लगी.

    फिर में सिर्फ अंडरवियर में था और वो मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही हिलाने लगी और फिर मुहं में लेने लगी फिर झट से उसे उतार दिया और मेरा 8.5 इंच का लंड देखकर उसके मुहं पर एक ख़ुशी सी नजर आने लगी और वो उसे बस देखे ही जा रही थी. तो मैंने झटके से उसके मुहं में लंड को डाल दिया और वो ना ना करती रही.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था और उसके मुहं में मेरा पूरा लंड समा भी नहीं रहा था.. लेकिन फिर भी वो उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मेरा बुरा हाल होता गया.. वो बहुत ज़ालिम की तरह मेरा लंड चूस रही थी. वाह! दोस्तों में क्या बताऊँ में तो जन्नत में था और फिर 5 मिनट बाद में उसके मुहं में झड़ गया.. लेकिन फिर भी उसके मुहं को पकड़कर चोदने लगा और उसके मुहं से पुच पुच की आवाज आने लगी.. उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी और वो मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी.

    में उसके मुहं में लंड को आगे पीछे करे ही जा रहा था और कुछ देर के बाद में बेड पर लेट गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गई और मेरा लंड फिर से मुहं में लेकर साफ करने लगी और उसने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया और बोली कि राज मुझसे अब नहीं रहा जा रहा.. प्लीज अपनी इस रांड को चोद दो और फाड़ दो उसकी यह प्यासी चूत. तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र रखो मेरी जान और में उसकी चूत को चाटने लगा.. दो तीन मिनट चाटने के बाद लंड को उसकी चूत पर रखा और ज़ोर से झटका लगाया तो वो ज़ोर से चिल्ला गई अह्ह्ह ऑश माँ मर गई.. राज थोड़ा धीरे करो.. प्लीज यार तुम जब भी चोदते हो तो नानी याद दिला देते हो.. प्लीज थोड़ा धीरे से करो.

    तो मैंने कहा कि तभी तो चुदाई का मज़ा आता है मेरी जान.. फिर और ज़ोर से मैंने दूसरा झटका लगया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर चला गया और वो चीखने चिल्लाने लगी और उसकी आँख से आंसू बाहर आ गये और में उसके होंठो को किस करने लगा और जल्दी जल्दी धक्के मारता रहा और वो चिल्लाती रही कि मार डाला.. प्लीज थोड़ा धीरे कर अहह उह्ह.

    फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसका एक पैर ऊपर किया और मेरे कंधे पर रख लिया.. वो बोली अरे वाह आज तो नयी नयी पोज़िशन बना रहे हो.. लेकिन प्लीज राज थोड़ा धीरे करो और मैंने ज़ोर से धक्का देकर लंड उसकी चूत में डाल दिया वो चिल्लाने लगी और मुझसे चुदने लगी अह्ह्ह माँ मर गई अह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो.. प्लीज निकालो और में झटके देता रहा. फिर वो झड़ गयी और थोड़ी बेहोश जैसे हो गयी और मैंने चूत से लंड को बाहर निकाला और उसके मुहं में डाल दिया और लंड को मुहं में धक्के देकर चोदने लगा और फिर से मुहं में सारा माल डाल दिया. हम दोनों बेड पर लेट गये.

    फिर थोड़ी देर बाद वो मुझे किस करने लगी और बोली कि आज बहुत दर्द हुआ राज.. लेकिन मज़ा भी बहुत आया.. चलो अब में फ्रेश हो जाती हूँ और वो बाथरूम में गई और में भी उसके पीछे गया. तो वो मुझे देखकर बोली कि प्लीज राज अब नहीं.. मुझमें और ताक़त नहीं है प्लीज़. तो मैंने कहा कि अरे चुदाई जितनी ज़्यादा हो उसकी अगली चुदाई में उतना ही ज्यादा मज़ा आता है मेरी जान.

    फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने उसे लंड की तरफ़ इशारा किया और वो उसको चूसने लगी. मैंने कहा कि में आज तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ. तो उसने झट से लंड को बाहर निकाला और बोली कि नहीं राज.. तुम चूत में डालकर हालत खराब कर देते हो और जब गांड में डालोगे तब मेरा क्या होगा? में तो मर ही जाऊंगी और शायद जिंदा बची तो ठीक से चल भी नहीं पाउँगी. फिर मैंने कहा कि अरे जान ऐसा कुछ नहीं होगा.. सिर्फ़ थोड़ा सा दर्द तो होगा.. लेकिन उसके बाद मज़ा भी बहुत आता है और वो फिर भी ना ना करने लगी मैंने और समझाया.. लेकिन फिर भी ना.

    तो मैंने कहा कि अरे यार एक बार ट्राई तो करो अगर तुम्हे ज्यादा दर्द होगा तो में बाहर निकाल दूँगा. तभी उसने कहा ठीक है.. लेकिन थोड़ा धीरे धीरे ही डालना. फिर क्या था मैंने उसकी 36 की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ मारा और देखा वो एकदम लाल हो गई थी और में उसको बेडरूम में ले गया और उसकी गांड को थोड़ा चाटा और गांड में एक उंगली डाल दी. वो चिल्ला उठी और बोली कि देखो राज एक उंगली से इतना दर्द हो रहा है तो तेरा लंड जाने से मेरी तो पूरी की पूरी गांड फट जायेगी.

    फिर मैंने कहा कि क्या यहाँ पर लोशन है? तो वो बोली कि हाँ.. वहाँ पर वो ड्रा खोलो और मैंने लोशन निकाला और उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और उसने मेरे लंड को मुहं में ले लिया और थोड़ा मेरे लंड पर लगा दिया. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाईल में होने को कहा वो बोली कि ठीक है.. लेकिन राज प्लीज धीरे धीरे. तो मैंने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और धीरे से धक्का दिया तो मेरा आधा टोपा उसकी गांड में जा चुका था और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. राज प्लीज़ अह्ह्ह अईईईई में मर गई अहह बाहर निकालो प्लीज़ मैंने सोचा अगर धीरे धीरे डालूँगा तो यह डालने नहीं देगी और उसे दर्द भी ज्यादा होगा और मैंने एकदम ज़ोर से झटका लगाया तो आधा लंड उसकी गांड में चला गया और उसकी हालत देखने जैसी थी.

    दर्द के मारे वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और उसकी आखों में से आंसू निकल रहे थे और वो मुझे गालियां दे रही थी और बोल रही थी अरे मादरचोद छोड़ मुझे.. में मर गयी, प्लीज भगवान के वास्ते अहह मुझे छोड़ दो प्लीज. में उसके बूब्स को पकड़कर दबा रहा था. फिर मैंने एक और ज़ोर से झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी अह्ह्ह माँ मर गई और थोड़ी देर बेहोश जैसी हो गई और में भी वैसे ही पड़ा रहा. फिर दो तीन मिनट के बाद उसको होश आया और वो बोली कि राज आज बस बहुत हुआ.. प्लीज इसे बाहर निकालो.

    तो में बिना कुछ सुने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा जिससे थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो खुद ही अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और बोली कि राज बहुत मज़ा आ रहा है फाड़ दो आज मेरी गांड. तो क्या अब मैंने भी ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिए और वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह हाँ और ज़ोर से मज़ा आ गया राज.. आज में सातवें आसमान पर हूँ उह्ह्ह ह्म्‍म्म्म. तो मैंने लंड को बाहर निकाला और देखा तो उसकी गांड का छेद बड़ा सा हो गया था.. फिर लंड को उसके मुहं में दिया और फिर में लेट गया और उसे मेरे ऊपर बैठने को कहा वो अपनी गांड का छेद लिए मेरे लंड पर बैठ गई और मैंने झट से उसकी कमर पकड़कर आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया.. वो चिल्लाने लगी अहह माँ मरी थोड़ा धीरे और में उसकी कमर पकड़कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाता रहा फिर 10 मिनट बाद में झड़ गया और सारा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया. तो उसने मेरे लंड को साफ कर दिया और हम लेट गये.. वो बोली कि राज गांड मरवाने में बहुत मज़ा आता है. अगर आज तुम ना होते तो में यह सुख शायद कभी नहीं ले पाती. मुझे आज बहुत मज़ा आया.. आज से तुम मेरी गांड चोदते रहना.

  • बुआ के पति के साथ आंगन में चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजना है और में सबसे पहले आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ क्योंकि आप लोगों की वजह से ही हम जैसे लोगों को अपनी बात कहने का मौका मिलता है और अब में अपनी घटना को विस्तार से सुनाने जा रही हूँ जिसमें मैंने मेरी बुआ के पति के साथ अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए.

    दोस्तों उस समय मेरी दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी और मुझे कुछ दिन घूमने, आराम करने के लिए गाँव जाना था, लेकिन मेरे साथ घर वाले नहीं जा सकते थे क्योंकि माँ और पापा को अपने ऑफिस जाना था और भाई की कोचिंग क्लास अभी तक शुरू थी, लेकिन मेरी बुआ का परिवार भी गाँव जाने वाला था. हर साल एक परिवार को वहां पर जाकर दीवाली से पहले का सब काम करना रहता है, लेकिन इस साल मेरे सभी चाचा भी बहुत व्यस्त थे. मेरी बुआ ने कहा कि वो लोग वहां का सब काम कर लेंगे और मेरी बुआ को हमारा गाँव उनके ससुराल के गाँव से कुछ ज़्यादा पसंद था क्योंकि हमारा गाँव एक टापू के पास में है.

    तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे पापा ने मुझसे कहा कि में भी उन लोगो के साथ गाँव जा सकती हूँ. मेरी बुआ का बेटा निखिल मेरे बराबर ही है और मेरी उसके साथ अच्छी जमती है तो में भी अब उनकी यह बात सुनकर राज़ी हो गई और फिर हमने दस दिन का प्लान बनाया.

    उसमे से कुछ दिनों के लिए बुआ के ससुराल जाने का प्लान भी था क्योंकि वहां पर उनकी देवरानी गर्भवती थी तो उन्हे गोद भराई की मदद करने के लिए जाना था. दोस्तों मेरी बुआ की उम्र करीब 40-42 साल होगी और उनके पति की उम्र भी करीब 43-44 साल होगी, उनके पति जहाज पर काम करते थे और वो दिखने में बहुत स्मार्ट भी थे. वो साल के आठ महीने जहाज पर बिताते थे और बाकी चार महीने अपने घर पर. फ्रेंच कट वाली दाड़ी, पूरी तरह से साफ चेहरा, 6 फुट हाईट, उनका अच्छा दिखने वाला शरीर था.

    दोस्तों मेरी उनके पति के साथ भी बहुत अच्छी जमती थी और वो हमेशा मेरे साथ एक दोस्त की तरह बात करते थे और बहुत मस्ती मजाक़ भी करते थे, लेकिन मेरी बुआ थोड़ी खराब है, लेकिन वो मुझसे बहुत प्यार करती है और बुआ बहुत झगड़ालू भी है. पता नहीं उनका परिवार उनको रोज़ कैसे सहता है?

    अब हम गाँव में पहुंच गये और हमारे गाँव के घर में हमारा जो नौकर है सोनू, उसकी कुछ ही महीनो पहले शादी हुई थी और अब हम पहली बार उसकी नयी नवेली दुल्हन से मिल रहे थे. वो बहुत सुंदर थी और वो करीब 22-23 साल की थी. वो दोनों अपने क्वॉर्टर में रहते थे और उनका क्वॉर्टर हमारे घर के पीछे की तरफ था. उसके लिए एक दरवाजा घर के अंदर से यानी हमारी किचन से था और दूसरा दरवाजा बाहर से था.

    दोस्तों हमारा घर भले ही बहुत बड़ा था, लेकिन उसकी बनावट पुरानी स्टाइल में थी यानी कि दरवाज़े पर नये तरह के ताले नहीं थे पुरानी टाईप की कुण्डी थी और दरवाज़े भी पुराने टाईप के लकड़ी वाले थे. पहले दिन हम बहुत अच्छी तरह से सेट हुए और सोनू की बीवी सुप्रिया बहुत सुंदर थी, भले ही वो ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी और वो हमारी भाषा इतनी अच्छी तरह से नहीं समझ पाती थी, लेकिन वो बहुत ही कम समय में हमारे घर का सब काम अच्छी तरह से सीख गयी थी और वो खाना भी अच्छा ख़ासा बना लेती थी और बुआ के पति उसके साथ भी बहुत मस्ती मजाक़ किया करते थे.

    एक दिन हुआ यह कि हम घर में सेट हो ही गये थे कि दो दिन में ही सोनू को अपने गाँव से कॉल आ गया और उसके पिताजी ने उसे बुलाया था क्योंकि उसके पिताजी की एक छोटी सी दुकान थी जिसमे चोरी हुई थी और अब सोनू को उन्होंने जल्दी से बुलाया था और सुप्रिया भी उसके साथ जाना चाहती थी, लेकिन सोनू ने उससे यहीं पर रहने को कहा क्योंकि घर का और हमारा ख्याल कौन रखता. वो उससे बोला कि वो जल्द से जल्द लौटने की कोशिश करेगा.

    फिर अंकल ने सोनू को कुछ पैसे दिए और सोनू शाम को ही अपने घर पर चला गया और अब समस्या यह हुई थी कि दो दिन बाद बुआ, अंकल और निखिल को बुआ के गाँव जाना था. उनकी देवरानी की गोद भराई के लिए उनका प्लान यह था कि में सोनू और सुप्रिया के साथ घर पर ही रुकने वाली थी, लेकिन अब सोनू वहां पर नहीं था इसलिए सिर्फ़ वो हम दोनों पर पूरा घर छोड़कर नहीं जा सकते थे. तो फैसला यह हुआ कि बुआ और निखिल जाएँगे.

    में और अंकल घर पर ही रुकेंगे क्योंकि गोद भराई में अंकल क्या करेंगे? और वो बुआ को अकेले भी नहीं भेज सकते और में तो उन लोगो को पहचानती भी नहीं थी इसलिए में उनके साथ नहीं जा सकती थी और सब सुप्रिया के साथ भी नहीं जा सकते थे क्योंकि घर का काम, पेड़, पौधो को पानी वग़ैरह देना होता है इसलिए हमारे साथ एक मर्द रुके इसलिए अंकल वहीं पर रुक गये. वो लोग वैसे भी सिर्फ़ दो रातो के लिए गये थे.

    तो हमारा पहला दिन बहुत अच्छा गया, लेकिन में गौर कर रही थी कि अंकल सुप्रिया के साथ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मजाक़ कर रहे थे और सुप्रिया भी उनसे बात करते वक़्त बहुत शरमाती. अब रात हुई और हमने खाना खा लिया और दस बजे सुप्रिया अपना सारा काम खत्म करके सोने चली गई. हमेशा अंकल और निखिल हॉल में सोते थे और बुआ और में अंदर.

    आज भी हम वैसे ही सोए थे और में अकेली अंदर और अंकल अकेले हॉल में और सुप्रिया अपने क्वॉर्टर में सो गई. मुझे उस रात जल्दी नींद नहीं आ रही थी और में बस बिस्तर पर करवटे बदल रही थी. रात को करीब 11:30 बजे मुझे प्यास लगी तो में अपने कमरे से बाहर गई.

    मैंने देखा कि अंकल अपने बिस्तर पर नहीं है. में जब किचन में गई तो मुझे किचन के अंधेरे में पास के क्वॉर्टर्स के बंद दरवाज़े के अंदर की लाईट चालू दिखी और अंदर से हल्की सी बातों की आवाज़ भी आ रही थी. मैंने किचन की लाईट को चालू किया और पानी पीने लगी और अब अचानक अंदर से आने वाली आवाज़ें बंद हो गई. मैंने लाईट को बंद किया और बाथरूम में चली गई और मैंने बाथरूम से बाहर आने के बाद देखा तो अंकल हॉल में अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे.

    अब उन्होंने भी मुझे देख लिया तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गये थे? उन्होंने कहा कि में सिगरेट पीने बाहर गया था, क्यों तुम अभी तक सोई नहीं? तो मैंने कहा कि मुझे अंदर नींद नहीं आ रही है तो उन्होंने कहा कि अरे तुम भी बाहर आकर सो जाओ. फिर मैंने अपनी चादर उठाई और बाहर आकर अंकल के पास में सो गई और अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद मुझे नींद आ गई.

    उस रात में फिर से नहीं जागी. दूसरे दिन सब कुछ ठीक ठाक था और पूरा दिन कुछ ख़ास नहीं था, लेकिन अंकल और सुप्रिया की मस्ती आज बहुत ज़ोरो में चल रही थी. फिर रात को हमेशा की तरह सुप्रिया ने दस बजे अपना पूरा काम खत्म किया और सोने चली गई और में आज भी अंकल के पास लेट गई, लेकिन में अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद सो गई. फिर रात को अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि अंकल मेरे पास नहीं थे और वो आस पास भी कहीं नहीं थे. मैंने जब घड़ी में देखा तो एक बज रहे थे और दरवाज़े की कुण्डी भी अंदर से लगी हुई थी और अब मेरी नींद पूरी तरह से भाग गई थी. में किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि आज भी उस क्वॉर्टर की लाईट अंदर से चालू थी और अंदर ज़ीरो बल्ब भी था. में दरवाज़े के पास गई और अब मैंने उसे धक्का देना चाहा तो दरवाज़े की अंदर से कुण्डी लगी हुई थी.

    फिर मैंने दरवाज़े पर अपना एक कान लगाया तो अंदर से कुछ आवाज़ भी नहीं आ रही थी बस पंखे की आवाज़ आ रही थी. फिर में खिड़की की तरफ गई और खिड़की को धक्का दिया तो वो थोड़ी सी खुल गई और मैंने अंदर देखा कि सुप्रिया चटाई पर पीठ के बल लेटी हुई थी उसके बाल खुले हुए थे और उसने उसका गाऊन नीचे से ऊपर किया हुआ था और उसकी दोनों आखें बंद थी और दोनों पैर फैले हुए थे. पैरों के बीच में अंकल पूरे नंगे होकर उस पर चढ़कर उसे धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहे थे. अब में वैसे ही खड़ी रही और देखने लगी. अंकल जैसे ही ज़ोर का धक्का देते तो सुप्रिया ऊपर हो जाती. वो लोग पूरे रूम में अपनी चुदाई की ठप ठप आवाज को फैला रहे थे.

    फिर कुछ देर बाद सुप्रिया उनको बस और नहीं बस करो कहने लगी तो अंकल ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और उसे लंड के जल्दी जल्दी आने जाने के दर्द से तकलीफ़ होने लगी और अब वो ज़ोर से हिलने लगी और अब वो लोग खड़े हो गये, लेकिन अंकल ने चोदना नहीं रोका और अंकल बीच बीच में स्पीड एकदम कम करके ज़ोर से लंड को अंदर घुसाकर उस पर चढ़ते और वो अपनी पूरी कमर उठाती. दोस्तों उसे देखकर लग रहा था कि उसे ऐसे अलग अलग स्टाइल में सेक्स की आदत नहीं थी और वो बहुत दर्द महसूस कर रही थी. उसका सर अब दीवार पर लग रहा था और अंकल उसे ज़ोर से चोद रहे रहे थे.

    तभी अंकल ने एकदम से अपने धक्के रोक दिए और मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख रहे थे. में जल्दी से नीचे झुक गयी और छुप गई. अब मैंने जल्दी से पीछे का दरवाज़ा धीरे से बंद किया और अपने बिस्तर पर दौड़कर लेट गई और सोने का नाटक करने लगी.

    फिर अंकल मेरे अंदर आने के बहुत देर बाद आए, लेकिन अभी भी मुझे नींद नहीं आई थी. मेरी छाती अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रही थी. फिर अंकल ने मुझे आवाज़ दी, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि में सोने का नाटक करने लगी थी. फिर वो लेट गये और मेरे पास में आकर मेरी तरफ बहुत ध्यान से देखने लगे क्योंकि उन्हे पता चल गया था कि में सोने का नाटक कर रही हूँ.

    उन्होंने वापस मुझे आवाज़ दी, लेकिन अब भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने सोते हुए मुझ पर अपना एक हाथ रख दिया. फिर मैंने उनका हाथ अपने ऊपर से हटाया और वहां से हटकर दूर सो गई. उन्होंने मुझे ऐसे ही रहने दिया और वापस हाथ नहीं लगाया और अब मुझे कुछ देर बाद नींद आ गई. सुबह अंकल बिल्कुल अजीब सा व्यहवार कर रहे थे. वो मुझे हर बात पर घूरते यह देखने के लिए कि क्या मेरा उनकी तरफ अपना व्यहवार बदला है? में उनको अनदेखा करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब भी वो मिलते तो में उनसे अच्छी तरह बात करती थी, जैसे कि मैंने कुछ नहीं देखा हो, लेकिन सुप्रिया मेरे साथ बिल्कुल पहले जैसी थी, शायद वो यह सब नहीं जानती थी कि मैंने उन दोनों को देखा है. वो बस अंकल के आस पास थोड़ी शांत रहती.

    उस दिन शाम को बुआ और निखिल लौट आए, सब कुछ ठीक ठाक था क्योंकि मैंने अब तक बुआ को कुछ नहीं बताया था. अंकल मुझे बार बार देख रहे थे और जैसे ही में बुआ के साथ अकेली रहती तो वो बीच में आ जाते ताकि में उनको कुछ बता ना सकूं और उस रात अंकल ने एक चाल चली ताकि में बुआ के साथ ना सो सकूं. उन्होंने कहा कि आज हम बरामडे में सोते है ताज़ा खुली हवा में, लेकिन बुआ ने साफ माना किया, लेकिन में और निखिल राज़ी हो गये और हम तीनों रात को बाहर सो गये. निखिल मेरे और अंकल के बीच में सोया हुआ था. अंकल बार बार उठकर मुझे देखते और में सोए होने का नाटक करती और फिर आख़िर में मुझे नींद आ ही गयी, उसके बाद अंकल सोए या सुप्रिया के पास गये यह में नहीं जानती. दूसरे दिन अंकल मेरे साथ जब भी अकेले बैठने आते तो में कोई ना कोई बहाना बनाकर वहां से चली जाती. उन्होंने शायद इस बात पर गौर किया और उस रात भी हम बाहर ही सोने वाले थे.

    निखिल जल्दी सो गया और में कुछ देर बुआ के साथ बात कर रही थी. अंकल बार बार रूम के आस पास घूमते रहते निखिल कल की तरह बीच में सोया हुआ था तो में एक किनारे में सोई थी और अब अंकल बैठकर सिगरेट पी रहे थे. कुछ देर बाद वो उठकर कही पर चले गये और वो जब कुछ देर तक नहीं आए तब में समझ गई कि वो सुप्रिया के रूम के अंदर होंगे. में उठी और चुपचाप पीछे की साईड के दरवाज़े से अंदर चली गई, लेकिन उस क्वॉर्टर का दरवाज़ा बंद था और अंदर की लाईट भी बंद थी. में जल्दी से खिड़की की तरफ गई और मैंने जब खिड़की खोलनी चाही तो वो एकदम टाईट बंद थी और में उसे ज़ोर से धक्का देने लगी.

    तभी पीछे अंकल की आवज़ आई तुम यह क्या कर रही हो? मेरी जान निकल गई और में एकदम से डर गई क्योंकि अब अंकल ठीक मेरे पीछे खड़े हुए थे, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से झट से चली गई. में समझ गई कि वो अब यह बात समझ गये है कि में वहां पर क्यों आई हूँ.

    फिर में जाकर चुपचाप सो गई और में अभी कुछ देर पहले रंगे हाथ पकड़ी गई थी तो अंकल भी कुछ देर बाद अंदर आ गए और उन्होंने निखिल को किनारे पर धकेल दिया और खुद बीच में सो गये बिल्कुल मेरे पास में. फिर मैंने देखा कि निखिल गहरी नींद में था इसलिए ना उसे कुछ समझ आया और ना ही वो हिला था, लेकिन में अब बिल्कुल सतर्क हो गई थी. उन्होंने मुझसे धीरे से पूछा कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? में अब नींद में होने का नाटक करने लगी, लेकिन उन्होंने फिर से मुझे हिलाकर पूछा और मैंने नींद में धीरे से कहा कि हाँ. उन्होंने कहा कि मुझे पता है तुम जाग रही हो और सोने का नाटक मत करो और मुझे सच सच बताओ कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, उन्होंने कहा कि अब झूठ मत बोलो, लेकिन में अब भी एकदम चुप रही.

    फिर से बोले क्यों तुम वहां पर क्या देख रही थी? में फिर चुप रही. अब वो मेरे एकदम करीब आए और बोले कि क्या देखना था तुम्हे? तो मैंने बहुत डरते हुए कहा कि कुछ नहीं, वो बोले कि अच्छा तो फिर तुम उस दिन क्या देख रही थी? में बिल्कुल चुप रही, लेकिन तभी उन्होंने मुझसे गुस्से से कहा कि बोलो.

    मैंने नींद में कहा कि आपको वो सब पता है ना और में अपनी बाई तरफ मुड़कर सो गयी. उन्होंने मुझे पकड़कर घुमाया और बिल्कुल सीधा कर दिया और कहा कि जवाब दो. मुझे वो उस समय बहुत गुस्से में थे और में बहुत डर रही थी. मैंने भी घबराहट में कहा कि प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए वरना में बुआ को बताउंगी, तो वो बोले कि बोल क्या बताएगी? लेकिन में चुप रही और वो बार बार पूछते गए, बता तू क्या बताएगी? उनके बहुत बार पूछने के बाद में बोली कि वही, तो वो बोले कि वही क्या? में बोली कि कुछ नहीं.

    वो अब बहुत प्यार से पूछने लगे बताओ ना बताओ में बिल्कुल भी गुस्सा नहीं करूँगा, संजना मुझसे बात करो, में तुम पर गुस्सा नहीं करूँगा. तो मैंने कहा कि मुझे नींद आ रही है प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए. उस समय मैंने अपनी दोनों आखें बंद कर रखी थी. फिर वो बोले कि क्यों तुम मुझ पर गुस्सा हो? में चुप रही. वो बोले कि क्या तुम अपने अंकल से ऐसे बात करोगी?

    यह बात कहकर वो मेरे एकदम करीब आए और मेरे मुहं को हिलाने लगे ताकि में आँख खोल दूँ और बोले कि आखें खोलो संजू, लेकिन मैंने आंख बंद रखी और अब वो अपना चेहरा मेरे चेहरे के एकदम करीब लाए और वो अपनी नाक को मेरी नाक से रगड़ने लगे. हमारी बातें एकदम धीमी आवाज़ में हो रही थी. निखिल नींद में बहुत मस्त में था और उसे हमारी बातों का कुछ भी पता नहीं था. फिर वो बोले कि तुम क्या मुझ पर गुस्सा हो संजू? प्लीज आखें खोलो और मुझसे बात करो, तुम्हारे प्यारे अंकल से बात करो.

    अब वो कुछ देर तक मेरे जवाब के लिए रुके रहे, लेकिन में जब कुछ नहीं बोली तो वो मुझे होंठो पर हल्के से किस करने लगे. में चुप रही और उन्होंने फिर से किस करना शुरू किया, क्यों तुम्हे अच्छा लग रहा है? में अपने बाई तरफ मुड़ने लगी तो वो मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गये. मैंने नींद में कहा कि प्लीज अंकल ऐसा मत करो. वो बोले कि क्या हुआ? क्या तुम्हे पसंद नहीं क्यों बेटा? में तो बस तुमसे प्यार कर रहा हूँ. फिर अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि बुआ को पता चल जाएगा.

    फिर वो मुझसे पूछने लगे कि क्या पता चल जाएगा संजू? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और बिल्कुल चुप रही और वो फिर से पूछने लगे कि बोलो क्या पता चल जाएगा? तो मैंने कहा कि आप क्या करते हो, झट से वो बोले हाँ बोला ना में क्या करता हूँ? में तो बस तुमसे बहुत प्यार कर रहा हूँ.

    दोस्तों में अब कसमसाने लगी और वो अरे बेटा कहकर मुझे फिर से किस करने लगे और मुझ पर अपने आपको रगड़ने लगे. उतने में निखिल ज़ोर से चीखने लगा. अंकल जल्दी से मुझ पर से उतर गये और अंकल ने उससे कहा कि अंदर जाकर सोना वो बाहर ठंड में ना सोए. तो उन्होंने उसको उसका बिस्तर उठाने में मदद की और अंदर कमरे में रखकर आए और उन्होंने बाहर से दरवाज़ा बंद कर दिया और अब उनके लिए पूरी जगह खुली थी.

    मैंने जल्दी से अपने आपको सर से नीचे तक एक चादर से ढक लिया और अपने बाई और मुड़कर सोने का नाटक करने लगी. अंकल कुछ देर तक वहीं पर खड़े रहे और फिर मेरे पास में आकर लेट गये. फिर कुछ देर बाद वो मेरी चादर को खींचने लगे. मैंने चादर को कसकर पकड़ा हुआ था. उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि अरे मेरी जानू बेटा क्या हुआ? अब कितना गुस्सा करोगी? चलो में कुछ नहीं करूँगा.

    अब भी में वैसे ही रही और फिर वो मुझे गुदगुदी करने लगे, तो मैंने कहा कि सोने दीजिए ना अंकल वरना बुआ को बताउंगी. वो बोले अरे तुम कब से धमकी दिए जा रही हो चलो बताओ क्या बताओगी बुआ को? फिर उन्होंने ज़ोर से मेरी चादर खींची और अपने पास रख ली. में एक हाथ से चादर ढूंड रही थी तभी उन्होंने मुझे फिर से झपट लिया और मेरा मुहं ज़बरदस्ती उनकी तरफ करके किस किया.

    मेरा हाथ उनके लंड की तरफ लगा तो मैंने महसूस किया कि वो सिर्फ़ अंडरवियर में थे. में जल्दी से धक्का देकर अपनी बाई तरफ सरकी और ज़मीन पर आ गयी. तो वो ज़ोर से हंसने लगे और मुझे ज़िद्दी कहने लगे. में अभी भी अपने पेट के बल ज़मीन पर लेटी हुई थी और अब उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचना चाहा, लेकिन में नहीं हिली. फिर वो पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गये और अब उन्होंने मेरी गर्दन पर एक किस कर दिया और बोले अब क्या करोगी?

    मैंने नींद में होने का नाटक करके कहा कि मुझे सोना है तो वो कहने लगे कि ठीक है तुम सो जाओ में भी अब तुम्हे तंग नहीं करूँगा और वो मुझ पर वैसे ही लेटे रहे. फिर जब हम ऐसे ही लेटे रहे तो मेरी आँख लगने ही वाली थी कि वो मुझ पर धीरे से अपना लंड रगड़ने लगे. में नींद में होने जैसे पड़ी रही और अब कुछ देर बाद वो थोड़ी ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ने लगे. अब वो मेरी गर्दन पर धीरे से किस करने लगे और उन्होंने अपनी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया था और अपना कड़क और खुला लंड मेरी साईड से मेरी गांड पर रगड़ने लगे और वो मेरा पजामा नीचे करने लगे. मैंने उन्हे बहुत रोकना चाहा.

    फिर वो मेरे कान के पास आए और बोले कि शीईईईइ तुम सो जाओ, में कुछ नहीं करूँगा. फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस किया और वापस मुझ पर लेट गये और धीरे धीरे लंड रगड़ते रहे. मेरे थोड़ा शांत हो जाने के बाद वो धीरे धीरे मेरा पजामा नीचे सरकाने लगे, लेकिन अब मैंने कुछ नहीं कहा और उन्होंने पूरा उसे पूरा नीचे सरकाया और हल्के से मेरी गांड को चूमा. उन्होंने लगातार मेरी गांड पर बहुत सारे किस दिए और ऐसे करते करते मेरी पेंटी को भी उतार दिया.

    में उनसे एक बार फिर से मना करने लगी तो वो बोले कि अरे कुछ नहीं बस थोड़ा खुलकर सो जाओ. फिर उन्होंने मेरी पेंटी, पजामा मेरे पैरों से पूरी बाहर निकाल दी और अपनी भी अंडरवियर को उतार दिया. वापस मुझ पर सोते वक़्त उन्होंने मेरी चूत पर एक किस कर दिया और वो मुझ पर सो गये और बोले कि देखा कुछ नहीं हुआ ना? तुम सो जाओ. वो मुझ पर लेटे रहे और उन्होंने अपना कड़क और लंबा लंड मेरी गांड की गली में दबा दिया था.

    वो कुछ देर शांत रहने के बाद फिर से धीरे धीरे अपना लंड रगड़ने लगे और फिर धीरे से लंड मेरी चूत पर लगाकर उस पर धीरे से रगड़ने लगे और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. उनकी अब स्पीड भी बढ़ गई थी और उनकी सासें भी तेज हो गई थी. उन्होंने कुछ देर बाद धीरे से अपना लंड रगड़ते रगड़ते चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया. में नहीं नहीं करने लगी तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा और अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया.

    उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ रखा और अब धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. वो अब मेरी गर्दन को काटने लगे और ज़ोर से धक्के देने लगे. वो अपना बदन मेरे बदन पर ज़ोर ज़ोर से पटकने लगे क्योंकि उन्हे डर नहीं था कि कोई आएगा. हम बाहर थे और दरवाज़ा बाहर से बंद था और हमें आस पास देखने वाला कोई नहीं था. वो अब एकदम जोश में आ गये. फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर फैलाए और चोदने लगे.

    फिर वो उठे और मुझे ज़ोर से उठाया और बिस्तर पर पीठ के बल डाल दिया और मुझ पर चढ़ गये. मेरी आखें अभी भी बंद थी. अब उन्होंने मेरे पैरों को फैला दिया और दोनों हाथों से उन्हे नीचे दबाए रखा और चोदने लगे. उन्होंने थोड़ा झुककर मेरे होंठो को काटा और ज़ोर के धक्के देने लगे, लेकिन एकदम ज़ोर से धक्का देते जिससे उनका लंड पूरा अंदर जाता और लंड वाला पूरा एरिया ज़ोर से मेरी चूत को लगता जिसकी वजह से मेरा लंड गहराईयों तक जाता जिससे मुझे दर्द होने लगा और में ऊपर नीचे होने लगी.

    मैंने अपने पैर उठाए और उनके कंधे पर रख दिए. अब वो मुझे उसी स्टाइल में कुछ देर और चोदते रहे और कुछ देर बाद मेरे पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया. वो मुझ पर लेट गये और मुझे किस करते हुए मेरे नीचे वाले होंठ को चबाने लगे. वो बहुत थके हुए धीरे से हंसने लगे. मेरी आखें अभी भी बंद थी और अब बोले कि बुआ को क्या बताएगी संजू? अंकल ने क्या किया? उन्होंने मुझे फिर से एक लंबा किस किया और वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे तो में उनको रोकने लगी. फिर उन्होंने कहा कि में बस देख रहा हूँ संजू और उन्होंने बटन खोल दिए. मैंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि रात को में बिना ब्रा के सोती हूँ और अब वाह संजू कहकर उन्होंने मेरे बूब्स को ज़ोर से मसला और उनको चूसा.

    फिर मेरी चादर को ज़ोर से दूर फेंक दिया और मेरे बदन पर से वीर्य को साफ किया और अपने लंड पर से भी और फिर मुझे मेरी पेंटी और पजामा पहनाया. में अब अपनी बाई और मुड़ गई और उन्होंने अपने कपड़े पहन लिए. हम दोनों ने अपने ऊपर एक ही चादर डाल ली और कहने लगे कि क्यों तुम्हे तो में बच्ची समझता था. तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो, क्यों में सच कह रहा हूँ ना? में बिल्कुल चुप रही और अरे मेरी बेटी कहकर उन्होंने मेरा मुहं पकड़कर एक फ्रेंच किस किया और कहा कि सो जाओ और वो मुझसे लिपटकर सो गये.

    दोस्तों अब में बहुत थक गई थी और अब क्या होना था? में भी सो गई. वो रात भर बीच बीच में मेरे बदन पर हाथ घुमाते रहे और मेरे बूब्स दबाते रहे, मेरी गर्दन को किस करते रहे, गाल को किस करते रहे और मेरी चूत पर उंगली घुमाते रहे. फिर दूसरे दिन से अंकल बिंदास हो गये क्योंकि वो घर में एक कुंवारी लड़की और एक शादीशुदा औरत को चोद चुके थे और कोई किसी को यह बात बताएगा भी नहीं इसलिए वो एकदम बिंदास हो गये, लेकिन अब उन्होंने सुप्रिया पर से अपना पूरा ध्यान हटा दिया था और वैसे भी बुआ वहां पर थी तो वो ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि सुप्रिया भी बुआ से बहुत डरती थी, लेकिन वो लोग बीच बीच में बात करते हुए जरुर दिखते और अब अंकल जब भी मेरे साथ होते तो मुझे बहुत ज़्यादा छूने की कोशिश किया करते थे. कभी मेरा कान चबाते, कभी गर्दन पर काटते, लेकिन किसी को कोई शक़ नहीं होता था क्योंकि सबको में बच्ची लगती थी.

    फिर उस रात के बाद वाली रात को बहुत ज़ोर से बारिश हुई इसलिए हम बाहर नहीं सोए और में अंदर कमरे में बुआ के साथ सोई और उस रात भी अंकल चुपचाप सोए या सुप्रिया के पास गये मुझे कुछ भी पता नहीं था. दूसरे दिन घर पर पूजा थी और उस दिन सोनू भी लौट आया था. उसके दुकान में चोरी का मामला अब पुलिस के हाथों में था. अब उसे अंकल और सुप्रिया के बारे में पता चला या नहीं मुझे वो पता नहीं, लेकिन देखने से तो नहीं लगता था.

    दोस्तों पूजा वाली रात को हम बाहर सोए और निखिल भी हमारे साथ सोया. उस रात भी निखिल बीच में सोया था जब में गहरी नींद में थी तो मुझे अंकल का हाथ मेरी चूत पर महसूस हुआ और उस दिन की गड़बड़ के बाद में बहुत थक गई थी और अंकल के मेरे जिस्म पर हाथ घुमाने पर भी में जल्दी नहीं जागी. उन्होंने मेरा नाईटसूट और पेंटी को नीचे से सरका दिया और फिर मेरी चूत चाटने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मेरी आखों में बहुत गहरी नींद थी और उन्होंने अपने सर पर एक चादर ओढ़ ली थी ताकि निखिल अगर जागे तो उसे कुछ ना दिखे.

    अंकल सब कुछ चुपचाप कर रहे थे और हम दोनों बिल्कुल भी आवाज़ नहीं कर रहे थे और अब मुझे निखिल का डर था इसलिए मैंने आखें खोल दी. अंकल फिर मेरे ऊपर आए और मेरे मुहं में अपना लंड घुसाया और चुसवाया. वो चादर के अंदर रहते हुए मेरे पैरों के बीच आकर चोद रहे थे. में भी धीरे धीरे उनके साथ सेक्स में खुल रही थी और वो जब मुझे चोद रहे थे तब निखिल हमारी तरफ मुहं करके सोया हुआ था. अंकल उठे और मेरे पास में लेट गये और चादर से ढकते हुए मेरे कंधो को पकड़े हुए मुझे ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और वीर्य गिरने के बाद हम बहुत देर तक किस कर रहे थे. दोस्तों उस दिन में भी उन्हें किस कर रही थी और वो मेरे बूब्स को भी बहुत देर तक चूस रहे थे.

    बचे हुए तीन दिनों में से हमने अगले दो दिन कुछ नहीं किया और उसके बाद हमने एक रात पहले सब कुछ किया. इस बार मैंने घुटनो के बल होकर डॉगी पोज़िशन में भी सेक्स किया. निखिल हमारे पास में ही सोया हुआ था और एक बार सेक्स करके सो जाने के बाद रात को तीन बजे अंकल ने फिर से मुझे जगाया और हमने इस बार खड़े होकर सेक्स किया और आखरी रात होने के कारण हमने चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. घर पर लौटने के बाद हमने फिर कभी सेक्स नहीं किया.

  • बुआ के नंगे जिस्म की मसाज

    हेलो दोस्तों, मैं आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ.. दोस्तों यह कहानी है मेरी बुआ और मेरी.. इससे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ कि मेरा नाम विक्की है और मेरी उम्र 26 साल हाईट 5.8 इंच और मेरा वजन 64 किलो है. मैं पुणे महाराष्ट्र में रहता हूँ और यहाँ की एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और मुझे हमेशा से ही बड़ी उम्र की औरतों में ज्यादा रूचि है.. जितनी बड़ी औरत उतना ही ज़्यादा मज़ा. यह कहानी मेरी और मेरी बुआ के साथ सेक्स की है. मेरी बुआ संध्या और मेरी बचपन से ही बहुत जमती है और उनकी शादी से पहले में पैदा हुआ था. अभी उनकी उम्र लगभग 42 साल होगी.. लेकिन वो अपनी शादी से इतनी कुछ खुश नहीं दिखती और उनका फिगर भी ठीक ठाक है.. उनके दो बच्चे है एक लड़का और एक लड़की.

    वो मेरे घर पर साल में दो बार आती है.. गर्मी की छुट्टियों में और दीवाली की छुट्टियों में. मैं बचपन से ही सब बच्चों में उनके सबसे करीब रहा हूँ. यह कहानी आखरी गर्मियों की छुट्टियों की है बुआ घर पर आई थी कुछ 20-25 दिन हो गये थे. अंकल बुआ के पति उन सबको ले जाने के लिए वो छुट्टियों के आख़िर में आते है और अब बुआ की छुट्टियों का एक महीना बाकी था. मैं पुणे में नौकरी करता हूँ तो महीने में एक बार घर जाता हूँ. इस बार बुआ आई है यह सोचकर मैं 15 दिन की छुट्टी लेकर आया था.

    फिर मैं घर में सभी लोगों से मिला बुआ के बच्चो से बातचीत की.. हम सब लोग हमारे घर के हॉल में सोते है मैं बुआ उनके दो बच्चे मेरा भाई और मैं. मेरा और मेरे भाई का एक ही बेडरूम है.. लेकिन फिर भी हम लोग एक साथ मिलकर सोते है. तो जब मैं गया तो उसके दूसरे दिन बुआ ने कहा कि ज़रा मेरे पैर दबा दो बहुत दर्द कर रहे है तो मैंने नॉर्मली उनके पैर दबाने शुरू किए. वो घर में गाऊन पहनती है तो मैंने गाऊन के थोड़ा अंदर हाथ डालकर पैर दबाने शुरू किए.

    उनके पैर बड़े सेक्सी है और मुझे उनके गोरे, मुलायम, नाज़ुक पैर दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था तो मैंने घुटनो तक गाऊन को ऊपर किया और थोड़ा थोड़ा उनकी जाँघो को भी छुआ मैं सच में पागल हो रहा था और मेरा लंड उनके पैरों को हाथ लगाकर पूरा तन गया था. उनके भी दोनों पैरों के बीच का हिस्सा हल्की हल्की गर्मी महसूस कर रहा था और वो अपनी दोनों आखें बंद करके मेरी मसाज का मज़ा ले रही थी. तो उन्होंने कहा कि अब बस कर और सो जाओ. फिर मैं लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा.. लेकिन अब मुझे कहाँ नींद आने वाली थी और मुझे उनके गोरे गोर पैर और भरी हुई जांघे आखों के सामने दिखाई दे रही थी.. वैसे मैं अपनी बुआ से बहुत खुलकर बात करता हूँ और उन्हे पता है कि मेरे लेपटॉप और मोबाईल में पॉर्न वीडियो रहते है और मैं हर कभी देर रात तक सेक्स चेट करता हूँ और वो बहुत बार मुझे चिढ़ाती भी थी कि मैं पॉर्न साईड देखता हूँ.

    फिर अगले दिन सुबह हम लोग कुछ बातें कर रहे थे तो बुआ ने मेरे पैरों की उंगलियों पर अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू किया मैं फिर से गरम होने लगा.. लेकिन उनके चहरे पर कुछ खास नहीं था और फिर दिन बीत गया रात में बच्चो ने ऊपर बेडरूम में सोने का प्लान बनाया..

    मेरे भाई का और एक मेरा ऊपर दो बेडरूम है. भाई के बेडरूम में टीवी है और मेरे बेडरूम में टीवी नहीं है. तो बच्चे फिल्म बहुत देखते थे तो बुआ बोली कि बुआ के दो बच्चे और मेरा भाई टीवी वाले रूम में सो जाए और मैं, बुआ मेरे रूम में सो जाएगें. तो मैं और संध्या बुआ मेरे रूम में चले गये और उन्होंने बेड पर लेटे लेटे कहा कि कल की तरह पैर दबा दे ना.. बहुत आराम मिला कल और थोड़ी सी कमर भी दबा देना और यह कहकर उन्होंने ही अपना गाऊन घुटनों से ऊपर कर लिया और अब हम दोनों ही रूम में थे. मैं तो सिर्फ़ शर्ट में सोता हूँ और ऊपर कुछ नहीं पहनता.. तो मैंने अपनी शर्ट निकाली.

    वैसे तो मेरा शरीर ठीक ठाक है क्योंकि मैं रोज़ घर पर ही कसरत करता हूँ जिम नहीं जाता. तो वो मेरी छाती को हाथ लगाकर बोली कि कितने सारे बाल है तेरी छाती पर और उसमे उंगलियां घुमाने लगी और बोली कि आजकल बॉडी बनाकर कोई नयी आंटी के चक्कर में रहेगा.. तू बड़ा हरामी है.

    फिर मैंने बोला कि बुआ ऐसी कुछ भी बात नहीं है और मैं एक छोटी सी शर्ट पहनकर उनके पैरों के पास बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उनके पैर सहला रहा था और दबा रहा था और मैं आज थोड़ा हाथ ऊपर तक ले गया.. लेकिन वो कुछ भी नहीं बोली और कोई भी विरोध नहीं किया.. उनकी जांघे बहुत गरम थी और मुझे दोनों जाँघो के बीच में बहुत गरमी महसूस हो रही थी और इस कारण से मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.. वो सिर्फ़ थोड़ा ज़ोर से दबाने को कह रही थी और मैं उनके मुलायम पैरों का मज़ा लिए जा रहा था. फिर उन्होंने कहा कि अभी थोड़ी कमर और पीठ दबा दे और पलट कर लेट गयी. तो मैं गाऊन को थोड़ा ऊपर करके कमर के ऊपर से दबाने लगा और पीठ भी और फिर कमर दबाते वक़्त उनकी गांड को दो बार दबाया.. मेरा खड़ा हुआ लंड उन्हें महसूस हुआ और उन्होंने मुड़कर देखा.. लेकिन कुछ नहीं बोली और फिर कुछ देर बाद बोली कि बस करो.. चलो अब हम सो जाते है तो हम लाईट बंद करके सो गये.

    फिर रात को जब मैं जगा तो मैंने देखा कि बुआ का गाऊन कमर तक ऊपर आ गया था और उनका एक पैर मेरे पैर के ऊपर आ गया था और उनकी मोटी नंगी जाँघ मेरे पैर के ऊपर.. वाह मैं बता ही नहीं सकता. फिर मैंने धीरे से उनकी जाँघ से अपना हाथ छुआ और वैसे ही सो गया. फिर अगले दिन दोपहर में मेरे भाई के पैर में मोच आ गई और मैं उसकी मसाज कर रहा था और तभी मेरी माँ कहती है कि मैं बहुत अच्छा मसाज करता हूँ पापा और मेरा भाई मुझसे अक्सर नहाने से पहले बॉडी मसाज करवा लेते है और कभी कभी माँ भी उनके पैरों की मसाज करवा लेती है. तो मुझे अपने भाई का मसाज करते देख माँ बुआ से बोली कि आप इससे एक बार अपने पैरों के मसाज करवा लो.. इसका हाथ बहुत अच्छा है शायद दर्द कम हो जाए. तो बुआ बोली कि ठीक है फिर वो दिन भी चला गया और मैं उस रात को खाना खाकर ऊपर अपने रूम में बेड पर उल्टा लेटकर लेपटॉप पर पॉर्न फिल्म देख रहा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया और तभी अचानक से बुआ मेरे रूम के अंदर आ गई.. उन्होंने सफेद फूलों की डिज़ाइन वाला गाऊन पहना था और मैंने उनको आता देख लेपटॉप सिर्फ़ बंद किया और मैं वैसे ही रह गया. तब वो हंसते हुए बोली कि तू नहीं सुधरेगा.. अब तो बस कर.. 26 साल का हो गया है कब तक देखेगा यह पॉर्न वीडियो? फिर मैंने शरमाते हुए उनके सामने लेपटॉप खोला और पूरी तरह से बंद करने लगा तो उन्होंने कहा कि रहने दो बंद मत करो.. लेकिन मैं कुछ समझा नहीं.

    मैं पहले ही बहुत बुरा महसूस कर रहा था और वो वीडियो बंद करके फोल्डर वैसा ही रखा.. बुआ नॉर्मल होने लगी और बातें करने लगी. तभी उन्होंने कहा कि आज तू दर्द कम होने के तेल से मेरे पैरों को मसाज कर दे.. तेरी माँ ने बोला है कि तेरे हाथ में जादू है. फिर मैंने नीचे जाकर वो दर्द के तेल की बोतल ले आया और तब तक बुआ बेड पर उल्टी लेटकर मेरे लेपटॉप में कुछ कर रही थी और जब मैं आया तो मैंने उनसे कहा कि चलो बुआ आज आपके पैर का दर्द पूरा गायब कर देता हूँ.. वो मुझे देखकर हंसी उन्होंने आज अपना गाऊन घुटनो से बहुत ऊपर उठा लिया था ताकि गाऊन को तेल ना लग जाए और वो अभी तक उल्टी लेटी हुई थी.. मैंने हाथ में थोड़ा सा तेल लेकर उनके पैरों पर लगाना शुरू किया और फिर धीरे धीरे तेल अपना असर करने लगा था.

    वो कहने लगी कि बाप रे क्या इतना सारे सेक्सी विडियो भर रखे है ज़रा देखूं तो मैंने आज तक बहुत कम देखा है और उन्होंने एक वीडियो शुरू किया और मैं गर्दन नीचे करके उन्हे तेल लगा रहा था और उस वीडियो में एक लड़का एक आंटी को गरम कर रहा था और बुआ भी धीरे धीरे गरम हो रही थी और वीडियो पूरे मज़े से देख रही थी.

    फिर बुआ बोली कि रुक जा.. पुरानी बेडशीट डाल देते है जिससे बेड पर तेल के दाग ना लग जाए यह वीडियो रोक दे.. मैं बेडशीट निकालती हूँ और वो उठी तो सबसे पहले उन्होंने अपनी चूत पे हाथ रखा और वॉशरूम में चली गयी और बाहर आकर उन्होंने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और बेड पर डाली और इस बार गाऊन थोड़ा ज़्यादा उठाकर उल्टी लेट गयी. उस वीडियो में अब तक रोमांस ही चल रहा था किस्सिंग और फुल मस्ती.. लेकिन वो बहुत गौर से देख रही थी. एक बार बीच में उन्होंने गरम होकर खुद का बूब्स सहलाया.. फिर से ठीक होकर देख रही थी और मैं महसूस कर रहा था कि वो गरम हो रही है.

    फिर मैंने अपने हाथों से थोड़ा घुमाकर मसाज पैरों को शुरू कर दिया.. जाँघो के बीच से लेकर नीचे तक सीधी मसाज कर रहा था.. उनकी मोटी जाँघो से मैं भी गरम हो रहा था और बुआ फिल्म देखकर.. उधर वीडियो में वो लड़का आंटी की चूत बड़े मस्त होकर चाट रहा था बुआ ने बड़ी कामुक नज़रों से मेरी तरफ देखा.. लेकिन मैं मन लगाकर मसाज कर रहा था और अब बुआ की आवाज़ चेंज हो गयी थी और उस वीडियो में आंटी जब लड़के का लंड चूस रही थी तब बुआ ने धीरे से अपना एक हाथ पेट के नीचे से चूत के पास ले गयी और मुझसे बोली कि बहुत मस्त चलता है रे तेरा हाथ.. थोड़ा और ज़ोर लगा ना और थोड़ा ऊपर से कर ना.

    फिर मैं आधी नंगी जाँघो को मसाज कर रहा था और अब मैंने और थोड़ा ऊपर हाथ लगाया तो उनकी सफेद पेंटी दिखने लगी और मैं भी कामुक होने लगा. फिर बुआ ने भरी हुई आवाज़ में कहा कि बेटा और थोड़ा ऊपर आ जा जाँघो के बीच से कर ना. तो मैंने उनका गाऊन गांड के ऊपर तक सरका दिया और उनकी नंगी मोटी सेक्सी जांघे रगड़ने लगा तो वो अभी मुहं से हल्की हल्की सिसकियां ले रही थी और फिर मैंने उनसे बिना पूछे उनकी चिकनी गांड पर हाथ रगड़ना शुरू कर दिया और उधर वीडियो में वो लड़का उस मस्त आंटी को अलग अलग पोज़ में चोद रहा था.. उस वीडियो वाली आंटी के साथ बुआ भी सिसक रही थी.

    फिर गांड और जांघे मसलते हुए बुआ की पेंटी बीच में आ रही थी और अचानक मेरा हाथ उनकी चूत को 4-5 बार पीछे से छू गया और वो पैर फैलाकर सोई थी. तभी उन्होंने पूछा कि बेटा क्या कुछ दिक्कत हो रही है? तो मैंने एकदम धीरे आवाज़ में कहा कि जी हाँ आपकी पेंटी थोड़ा बीच में आ रही है. वो बहुत गरम हो गयी थी और कुछ नहीं बोली.. फिर मैंने उन्हे सीधा सोने को कहा और वो छाती पर लॅपटॉप लेकर सर के नीचे दो तकिये लगाकर लेट गयी. मैंने उनका एक पैर गोद में लिया और मसाज करने लगा.. बुआ का बदन भट्टी की तरह तप रहा था और उन्होंने मेरे सामने ही चूत को पेंटी के ऊपर से एक दो बार रगड़ा.. कभी सिसकियां लेती तो कभी धीरे से बूब्स सहलाती, कभी चूत रगड़ती और वो वीडियो देखकर पागल हो रही थी.

    फिर उन्होंने कहा कि बेटा मसाज थोड़ा ऊपर करना.. तो मैंने उनका गाऊन पेट तक ऊपर उठा दिया था और उनकी नंगी जांघे देखकर मेरा लंड मेरे कपड़े फाड़े जा रहा था. फिर उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रखा और कहा कि अरे बाबा ऊपर मतलब इसके बीच में कर. तो मैंने हाथ को चूत और जाँघ के बीच में रखकर हल्का सा दबाया.. मैं पूरा गरम हो गया था और वो भी.. अब मैं जब जाँघ और चूत के बीच रगड़ रहा था. तभी उन्होंने लेपटॉप बंद करके साईड में रखा और आंखे बंद करके सिसकियां ले रही थी. फिर मैंने डरकर एक उंगली पेंटी के अंदर डाली.. बुआ के मुहं से अहह निकली और अपनी मदहोश आँखों से मुझे देखकर मुस्कुराते हुए बोली कि पूरी गीली हो गयी है ना.. निकाल दे.

    फिर क्या था मैंने उनके पेट पर झुककर किस किया वो मेरे बालों में हाथ डालकर सहलाने लगी और मैंने पेंटी के ऊपर से किस करते करते पेंटी को निकाल दिया और चूत पर होंठ रखकर बुआ की चूत चाटने लगा.. वो पागल हुए जा रही थी और बोल रही थी जिंदगी मैं पहली बार इतना गरम हुई हूँ और पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा है बेटा बहुत चूसना आहह उउउइ गुदग़ुगी होती है अहह थोड़ा धीरे कर ना.

    फिर यह कहकर वो गांड उठा उठाकर चूत मेरे मुहं पर रगड़ रही थी और मस्त होकर आवाज़े निकाल रही थी. हाए मार डालेगा क्या मुझे अहह कितना तंग करता है तू आअहह. फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स रखा और कहा कि थोड़ा इनके साथ भी खेल ले और उन्होंने मेरी मदद की उनका गाऊन और ब्रा निकालने में.. तो मैंने भी अपनी पेंट को उतार दिया. तो बुआ ने मुझे थोड़ा और पास बुलाकर मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ा और एक दो बार हिलाया और मेरी आखों में देखकर बोली कि राजा आज पूरी रात मुझे सोने मत देना.

    हम दोनों पूरे नंगे थे और उनके दोनों बच्चे भाई के रूम में सो गए थे.. माँ, पापा उनके बेडरूम में थे तो पूरी रात भर हमे किसी के परेशान करने चान्स नहीं था. फिर मैंने बुआ को अपने नज़दीक खींच लिया और उनको बाहों में भर लिया.. दोनों के नंगे बदन की गर्मी एक दूसरे को महसूस हो रही थी.. बुआ की चमड़ी एकदम गोरी और मुलायम थी और फिर मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर चूसना शुरू किया.. वाह उनके मुलायम होंठ और मेरे हाथ उनकी पीठ पर और गांड पर घूम रहे थे और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.

    फिर बुआ भी एकदम से पूरी गर्म हो गयी थी और मेरा लंड हाथ में पकड़कर सहला रही थी. फिर मैं उनकी गर्दन को किस करते हुए बूब्स तक पहुंचा.. उनके सीधे बूब्स के निप्पल पर अपनी जीभ रख दी और चाटने लगा.. बुआ सिसकियां लेने लगी उह्ह्ह आअहह. तो मैंने उसी निप्पल को हाथ में पकड़कर मसल दिया.. तो बुआ कहने लगी कि आआहह थोड़ा धीरे कर राजा दर्द होता है फिर दूसरे बूब्स को थोड़ा मसला और निप्पल को दांत में पकड़कर खींचा.. वो कहने लगी कि आअहह मस्त मज़ा आ रहा था और मैं दोनों बूब्स के बीच मैं अपनी जीभ घुमा रहा था तो बुआ पागल हो गयी और मेरा सर बूब्स पर दबाने लगी अह्ह्ह मेरे राजा कितना मस्त हॉट है रे तू.. चूस और चूस इन बूब्स को आअहह मज़ा आ रहा है.. खा जा इनको.. दूध निकाल दे इनका.. ज़ोर से दबा आहह जानू.

    फिर मैंने उनके पेट पर किस करना शुरू किया और थोड़ा नीचे झुककर चूत पर एक किस किया और गांड के छेद को किस करने लगा. तो उन्होंने मना किया और फिर भी गांड के एक दो किस करने के बाद उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर मुझे उनके दोनों पैरों के बीच में बैठने को कहा और मेरा लंड लेकर अपनी चूत के मुहं पर रगड़ने लगी और अपनी दोनों आखें बंद करके मज़े लेने लगी.

    तो मैंने उनका हाथ हटाया और लंड को चूत के ऊपर सेट किया और लंड एक झटके में चूत के अंदर डाला और मेरा लंड लगभग 6 इंच का है और ठीक ठाक साईज़ का मोटा है. फिर बुआ मस्त हुई और मैं धीरे धीरे धक्के देकर उन्हे चोद रहा था और अब बुआ भी मस्ती में आ गई थी. फिर मैं कभी नीचे झुककर उन्हे क़िस करता तो कभी उनके बूब्स मसल देता, तो कभी उनकी गांड दबा देता और फिर थोड़ी देर रुककर फिर से शुरू हो जाता. आहह मुझे बहुत मजा आ रहा था.

    बुआ कहने लगी कि आहह राजा कितना मज़ा आ रहा है रे उउह्ह्ह आहह और थोड़ा तेज कर ना आहह मसल दे यह बूब्स.. साले मिटा दे मेरी चूत की खुजली आहह और ज़ोर से चोद ना राजा आहह सस्स्सस्स थोड़ा और ज़ोर से कर.. मैं झड़ने वाली हूँ में आह्ह्ह गई राजा आहह.

    फिर मैं उन्हे चोदने लगा. फिर मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और चूत पूरी गीली थी आहह ऊफफफ्फ़ और मैं उनको और तेज तेज चोदते चोदते ही उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया और उन्हे कसकर पकड़ लिया. फिर दो मिनट हम वैसे ही पड़े रहे और एक लंबा लिप किस किया और दोनों साथ में बाथरूम में गये. बुआ ने मुझसे चूत साफ करवाई और मेरा लंड उन्होंने चाटकर साफ किया.

    फिर लंड और चूत धोकर हम बेड पर आए और एक दूसरे की बाहों में नंगे सो गये. उस रात हमने दो बार और सेक्स किया और सुबह 5 बजे सोए. दोस्तों इस तरह मैंने मेरी बुआ की चूत की आग और उनके जिस्म को ठंडा किया.. लेकिन हमारी चुदाई यहीं पर ही खत्म नहीं हुई. अब मुझे और बुआ को चुदाई का बहाना चाहिए था. उनको मेरा लंड चाहिए और मुझे उनकी चूत ..

  • बुआ के साथ बेड पर मस्ती

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिंकू है और में एक गोरा अच्छा दिखने वाला 22 साल का लड़का हूँ. दोस्तों आज में आप सभी लोगों के लिए अपनी एक सच्ची चुदाई की घटना और मेरा पहला वो सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ जिसमे मैंने बहुत मज़े लिए और में उम्मीद करूंगा कि यह कहानी आप सभी जरुर अच्छी लगेगी, क्योंकि में सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और यह सब मुझे बड़ा अच्छा लगता है.

    दोस्तों मैंने अपने 12th के पेपर देने के बाद अपने पापा की सबसे छोटी बहन जिसका नाम सुमन है उनको चोदा, मतलब मेरी बुआ. में उस समय अपनी छुट्टियाँ होने की वजह से उनके घर पर अपनी छुट्टियाँ बिताने गया था. दोस्तों मेरी बुआ सुमन एक 35 साल की गोरी थोड़ी मोटी मॉर्डन दिखने वाली बड़ी सेक्सी थी. मेरी बुआ और फूफाजी की शादी को पूरे दस साल हो चुके थे, लेकिन उनको अब तक अपना कोई बच्चा नहीं था.

    दोस्तों मेरे फूफाजी रेलवे में एक बहुत बड़े ऑफिसर थे और मेरी बुआ शादी में दुल्हन को तैयार और उसको सजाने संवारने का काम करती थी. उन दोनों की अपनी जिंदगी बहुत प्यार से बीत रही थी और वो दोनों बहुत खुश थे. दोस्तों में 14 मई को अपने स्कूल की गर्मियों की छुट्टियाँ लगने पर सूरत से पूना मेरी बुआ के घर पर पहुंच गया और जब में पहुंचा तो मैंने दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया.

    मेरी बुआ ने आकर अपने घर का दरवाजा खोलते ही बहुत खुश होकर मुझसे कहा क्यों रिंकू कैसे हो यह बात बोलते हुए उन्होंने मुझे धीरे से अपने गले लगा और लिया मुझे उनका यह व्यहवार हमेशा से ही बहुत अच्छा लगता इसलिए मेरी अपनी बुआ से बहुत अच्छी बनती है. दोस्तों में अपनी बुआ को करीब चार साल के बाद मिल रहा था, इसलिए वो मुझे देखकर चकित होने के साथ साथ बहुत खुश भी थी. उस समय बुआ ने जींस और एक बहुत टाईट टीशर्ट पहनी हुई थी उन कपड़ो में उनके शरीर के हर एक अंग की बनावट का ठीक आकार बाहर से ही नजर आ रहा था.

    फिर मुझे अंदर बुलाकर उन्होंने मुझे मुहं हाथ धोने के बाद चाय और नाश्ता बनाकर दिया और उन्होंने भी मेरे साथ बैठकर बातें हंसी मजाक करके चाय का पूरा मज़ा लिया. फिर वो कुछ देर बाद मुझसे बोली कि रिंकू तुमने बहुत अच्छा किया जो तुम यहाँ पर आ गए, क्योंकि तुम्हारे फूफाजी चार दिन के लिए नासिक गए हुए है और मेरे पास फिलहाल अभी कोई भी काम नहीं है इसलिए में भी घर पर अकेली बोर हो रही हूँ. तुम्हारे आ जाने से मेरा भी तुम्हारे साथ मन लगा रहेगा और फिर बुआ ने मेरे बेग से कपड़े निकालकर उनको वो अलमारी में रखने लगी.

    दोस्तों मेरी बुआ के बूब्स उनकी टी-शर्ट में बहुत आकर्षक आकार में थे और उनकी गांड तो बस आप पूछिए ही मत मोटी और पीछे से बाहर आकर थोड़ी सी ऊपर निकली हुई थी. दोस्तों मेरी बुआ का घर एक बेडरूम, हॉल और किचन का था. फिर में नहाने के लिए बाथरूम में चला गया और में बाथरूम में नहा रहा था कि तभी अचानक से मेरी नज़र मेरी बुआ की ब्रा और उनकी पेंटी पर पड़ गई और फिर मैंने जैसे ही उनकी पेंटी को अपने हाथ में लिया कि कुछ ही सेकिंड में मेरा लंड पूरा का पूरा तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि मेरी बुआ की वो पेंटी बहुत आकर्षक थी, जिसको देखकर मेरा लंड अपने आप पर काबू नहीं कर सका और बुआ की वो पेंटी कमर से बहुत बड़े आकार की थी और अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया और में बिल्कुल पागल मदहोश होकर जाने क्या मन में सोचकर बुआ की पेंटी को अपने चेहरे से लगाकर दूसरे हाथ से अपने खड़े लंड को धीरे धीरे हिलाकर सहलाकर उनके नाम से मुठ मारने लगा.

    मुझे यह सब करने में बड़ा मज़ा आ रहा था और में उस समय किसी दूसरी दुनिया में पहुंच चुका था वो सब अहसास में किसी भी शब्दों में आप लोगों को नहीं बता सकता कि मैंने उस समय क्या क्या महसूस किया? तभी कुछ देर बाद बुआ ने बाहर से आवाज़ लगाई और वो मुझसे पूछने लगी कि रिंकू तुम खाने में क्या खाओगे? तो मैंने उनसे कहा कि आप कुछ भी बना दो और बुआ की आवाज़ सुनते ही मेरे लंड से पानी निकल गया.

    फिर मैंने अपने लंड को अच्छी तरह से धोकर साफ किया और में नहाकर कुछ देर बाद बाहर आ गया और उसके बाद मैंने और बुआ ने एक साथ में बैठकर दोपहर का खाना खा लिया. अब हम दोनों उसके बाद टीवी चालू करके फिल्म देखने लगे और ऐसे ही यहाँ वहां की बातें करते हुए दोपहर और उसके बाद शाम भी निकल गयी मुझे पता ही नहीं चला.

    फिर रात के करीब 10.30 बज चुके थे और उस समय भी में टीवी देख रहा था और बुआ अपने हाथ में टावल लेकर बाथरूम की तरफ जाते हुए मुझसे बोली कि रिंकू तुम हॉल में मत सोना वहां पर बहुत गरमी है, में नहाने जा रही हूँ और तुम तब तक बेडरूम में जाकर ऐसी चालू करके सो जाना. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर में बुआ के कहने पर उनके बेडरूम में ऐसी चालू करके शॉर्ट्स और टीशर्ट को पहनकर बुआ के उस बेड पर जाकर लेट गया और मेरे कुछ देर लेटे रहने के बाद बुआ भी बाथरूम से नहाकर सीधी बेडरूम में आ गई.

    फिर मैंने अचानक से देखा कि बुआ गरमी ज्यादा होने की वजह से सिर्फ़ एक पतली सी टी-शर्ट जो सिर्फ़ उनकी पेंटी को ढक रही थी और बुआ की मोटी गोल गोरी जांघे पूरी तरह से मुझे साफ दिख रही थी. में वो सब कुछ देखकर बहुत चकित था और फिर बुआ अपने दोनों हाथों से अपने बालों को ठीक करते हुए मेरे पास में बेड पर मुझसे गुड नाइट बोलकर लेट गई, लेकिन अब यहाँ पर मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी और मेरी शॉर्ट्स में मेरा लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था और फिर में करीब आधे घंटे तक सिर्फ़ बुआ के बारे में सोच रहा था.

    फिर कुछ देर बाद मैंने बुआ की तरफ देखा तो वो अपनी कमर को मेरी तरफ करके सो चुकी थी, लेकिन मुझसे अब रहा ना गया और मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ बुआ की गांड की तरफ सरकाते हुए अपनी दो उँगलियों से मैंने बुआ की टी-शर्ट को हल्के से पकड़कर एक साईड से उनकी कमर से ऊपर तक कर दिया जिसकी वजह से अब मुझे बुआ की गोरी मोटी गांड उस सफेद रंग की सिल्की पेंटी में उस हल्की लाइट की रोशनी में साफ साफ दिख रही थी.

    अब मेरी हालत कुछ ऐसी हो गई थी कि उसका परिणाम चाहे कुछ भी आए और मैंने अब पूरी तरह से जोखिम लेने की बात मन ही मन सोच ली थी. मैंने अपनी पूरी हथेली धीरे से बुआ की गांड के एक तरफ से खुले हुए पूरे हिस्से पर रख दिया और तब मैंने महसूस किया कि बुआ की गांड की चमड़ी बहुत मुलायम और चिकनी थी, वो बिल्कुल अलग अहसास था जिसको में किसी भी शब्दों में नहीं लिख सकता और अब में अपनी ऊँगली से बुआ की गांड को सहलाने लगा, लेकिन बुआ अभी भी बड़ी गहरी नींद में सोई हुई थी और उनको किसी भी बात का होश नहीं था, क्योंकि वो शुरू से ही बड़ी गहरी नींद में सोती है और यह बात मुझे पहले से ही पता थी.

    फिर मैंने कुछ देर बाद अपनी कमर को सरकाते हुए बुआ की गांड के पीछे हल्के से अपना तनकर खड़ा लंड चिपका दिया और तब मैंने महसूस किया कि बुआ की गांड इतनी मुलायम थी कि मेरे लंड का टोपा उनकी गांड के बीच की मुलायम दरार में फंसा हुआ था.

    उनकी गांड की गरमी को पाकर मेरे अंदर एक अजीब सा जोश आ गया और मैंने जल्दी से अपना शॉर्ट्स नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब मैंने अपनी ऊँगली से बुआ की गांड के ऊपर से पेंटी को थोड़ा सा साइड में कर दिया और उसके बाद मैंने अपना लंड बुआ की गांड की दरार के बीच में दबा दिया जिसकी वजह से अचानक से बुआ ने अपनी सांसे रोक ली और वो अपने मुहं से शीईईईइई करके दर्द भरी आवाज़ करने लगी. मैंने उस आवाज को सुनकर डरकर तुरंत अपने आप को वहीं उसी जगह पर रोक दिया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि यह किस तरह की आवाज़ थी.

    फिर एक मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि सब कुछ वापस पहले जैसा हो गया है और अब मेरा लंड पूरी तरह से बुआ की गांड की मुलायम चमड़ी से चिपका हुआ था और कुछ देर थोड़ा सा इंतजार करने के बाद मैंने अपने एक हाथ की ऊँगली से बुआ के एक कूल्हे को ऊपर करके मैंने अपना लंड गांड के बीच में ले जाकर पेंटी को किनारे से हटाते हुए बुआ की जांघो में ज़ोर से धक्का देते हुए अपने लंड को चूत के अंदर डाल दिया जिसकी वजह से बुआ ने एक बार फिर से शीईईईई अईईईईई करके दर्द भारी आवाज़ निकाली, लेकिन अब मेरी हालत ऐसी थी कि वो अगर जाग भी रही हो या सो रही हो मुझे उस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ने वाला था और में अब रुकने वाला नहीं था. मुझे कैसे भी करके अब अपने खड़े लंड को शांत करना था और उनकी चूत में अपना वीर्य निकालकर अपने लंड का काम खत्म करना था.

    फिर चाहे उसके लिए मुझे अब कुछ भी करना पड़े, मुझे उस बात से कोई मतलब नहीं था और में उस समय बहुत जोश में था.

    दोस्तों अब मेरा मोटा, लंबा लंड पूरा का पूरा बुआ की गरम खुली हुई चूत की मुलायम चमड़ी में अपनी जगह बना था और कुछ देर बिना किसी हलचल के पड़े रहने के बाद में अब सही मौका देखकर अपनी कमर को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड बुआ की गीली चिकनी चूत में फिसलता हुआ अंदर बाहर हो रहा था और में अपने काम में लगातार लगा रहा और अचानक से करीब दस मिनट के बाद मेरे शरीर में बड़ा अजीब सा हुआ और मेरे लंड से बहुत सारा गरम गरम वीर्य बाहर निकाला जो मेरे लंड के चूत बाहर होने की वजह से वो थोड़ा सा बुआ की चूत में जा गिरा और थोड़ा सा बुआ की पेंटी और उनकी गोरी जांघो पर गिर गया और मैंने महसूस किया कि वीर्य के बाहर निकलते ही मेरा लंड कुछ ही देर बाद मुरझाने लगा और उसका आकार अब धीरे धीरे छोटा होने लगा.

    फिर मैंने बुआ की पेंटी और टी-शर्ट को पहले की तरह ठीक करने के बाद में अपने कपड़ो को भी ठीक करके बुआ से थोड़ा दूर सरकते हुए लेट गया. तभी तुरंत बुआ बेड से उठ खड़ी हुई और वो बाथरूम में होकर आई और वो दोबारा मेरे पीछे आकर सो गयी और फिर में भी गहरी नींद में चला गया.

  • मैंने अपनी चुदासी बुआ को चोदा

    रिश्तों में चुदाई की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी बुआ को चोदा. बुआ का फिगर बहुत ही मस्त था. मैं उन्हें बाथरूम में नंगी नहाती देखता था. वो बहुत चुदासी थी और बाथरूम में अपनी चूत में उंगली करती थी.

    मेरा नाम केशव है. मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी पापा, बड़ा भाई और एक बुआ रहती थीं जो तब तक कुंवारी थीं. रिश्तों में चुदाई की इस कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी बुआ को चोदा.

    बुआ का फिगर बहुत ही मस्त था. उनके मोटे मोटे चूचे बड़े ही मस्त थे. पतली कमर और उसके नीचे बुआ की उभरे हुए चूतड़ थे. जब वो चलती थीं, तो उनकी मटकती गांड देख कर मेरा आठ इंच का लंड एकदम सिग्नल सा खड़ा हो जाता था.

    ये हालत मेरे लंड की ही नहीं थी, जो भी उनकी मटकती गांड को एक बार देख भर ले, गारंटी है कि उसका लंड खड़ा हो जाएगा.

    जब बुआ नहाने जाती थीं, तो मैं बाथरूम के छेद से चुपके से उन्हें नहाते हुए देखता रहता था. वो भी जब अन्दर नहाती थीं, तो बिल्कुल नंगी होकर नहाती थीं. ख़ास बात ये थी कि बुआ नहाते समय अपने मोटे चूचों को खूब मसलती थीं.

    Bua Ko Choda
    Bua Ko Choda
    वो अपनी चूत को भी अपने हाथ से सहलाती थीं और कभी कभी तो उसमें उंगली भी डाल लेती थीं. बुआ की चूत बड़ी गद्देदार थी.

    ऐसे ही एक बार मैं बुआ को नंगी नहाते हुए देख रहा था. उस दिन बुआ अपनी चूत में उंगली कर रही थीं. बुआ की चूत पर छोटे छोटे बाल थे, ऐसा लगता था कि उन्होंने थोड़े दिन पहले ही अपनी झांटों को साफ किया था.

    बुआ के नंगे चूचे और मस्त गांड देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा. उन्होंने अपने पूरे बदन पर साबुन लगाया और चूचों को दबाने लगीं. कुछ पल बाद बुआ अपने एक हाथ से अपनी चुत में उंगली डालने लगीं.
    उनकी हल्के स्वर में कराहने की मादक आवाज निकलने लगी. थोड़ी देर में ही वो झड़ गईं और एक हाथ से अपने चूचों को सहलाते हुए चूत में से उंगली निकाल कर चाट ली.

    फिर कुछ देर बाद बुआ नहा कर बाहर आ गईं. मैं वापस अपनी जगह आ कर बैठ गया. वो अपने कमरे में जा कर कपड़े पहनने लगीं. उन्होंने पिंक रंग की ब्रा और पेंटी पहनी. उस ब्रा पेंटी के सैट में वो बहुत ही मस्त लग रही थीं.

    फिर मैं नहा धो कर विद्यालय चला गया. जब शाम को घर वापस आया, तो मम्मी और पापा घर पर नहीं थे.

    मेरे पूछने पर बुआ ने बताया कि किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है, वहां चले गए हैं. शायद उनको आने में कुछ दिन लग जाएं.

    बुआ ने खाना परोसा और मुझे दे दिया. मैंने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने में लग गया.

    शाम होने से कुछ देर पहले बुआ ने मेरे पास आकर पूछा कि शाम के खाने में क्या खाएगा?
    मैंने कहा- बुआ ऐसा खाना बनाओ, जो मस्त लगे.
    बुआ हंस दीं और खाना बनाने चली गईं.

    मैं बाहर खेलने चला गया. मैं शाम को 7 बजे वापस आया, तो बुआ ने खाना बना लिया था.
    बुआ ने बोला- खाना खा ले.
    मैंने कहा- बुआ साथ में ही खाएंगे.
    बुआ ने कहा- मैं तो नहाने के बाद खाऊंगी.
    मैंने कहा- ठीक है. आप आ जाओ फिर साथ ही खाएंगे.
    तब बुआ बोलीं- ओके, मैं नहाने जा रही हूँ.

    बुआ नहाने चली गईं और बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया. दरवाजा बंद होते ही मेरी आंख बाथरूम के उसी छेद में लग गई. मैंने देखा कि बुआ ने अपनी पेंटी और ब्रा उतारी और नहाने लगीं. उन्होंने पहले अपने पूरे बदन पर साबुन लगाया और वे अपनी बुर के बाल साफ करने लगीं.

    चूत के बाल साफ करके बुआ अपनी एक उंगली चूत में लेने लगीं. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

    थोड़ी देर मैं बुआ झड़ गईं और नहा कर कपड़े पहन कर बाहर आने लगीं. मैं वहां से हट गया. वो अपने कमरे में चली गईं.

    फिर बुआ ने कहा- खाना खा लें क्या?
    मैंने कहा- बुआ आप बुरा न मानो, तो आज मैं थोड़ा एन्जॉय कर लूं?
    बुआ ने आंखें नचाईं और पूछा- कैसा एन्जॉय?

    मैंने अंगूठा उठाया और दारू पीने का इशारा किया.

    बुआ हंस दीं और बोलीं- तू पीता भी है?
    मैंने हंस कर कहा- कभी मौक़ा मिल जाता है, तो मजा कर लेता हूँ.
    बुआ बोलीं- बाजार जाएगा क्या?
    मैंने बुआ से कहा- नहीं, पापा की दारू की बोतल में से हम दोनों थोड़ी टेस्ट कर लेते हैं … उनको क्या पता चलेगा.

    ये कह कर मैंने उनको भी लपेटने की कोशिश की थी.

    बुआ हंस दीं और बोलीं- ज़्यादा नहीं लेंगे … कहीं नशा वशा हो गया, तो दिक्कत हो जाएगी.
    मैंने उत्साहित होकर कहा- बुआ बस दो दो पैग ही लेंगे. दो पैग से कुछ नहीं होता है. मैं अभी लाया, आप जरा गिलास और नमकीन का इंतजाम करो.

    फिर मैं पापा की दारू की बोतल ले आया. तब तक बुआ ने टेबल पर दो गिलास और साथ में आइस भी रख दी थी. एक प्लेट में भुने हुए काजू भी रख लिए थे. मुझे देख कर आश्चर्य हुआ कि बुआ को दारू लेने के बारे में सब कुछ मालूम है.

    मैंने दोनों गिलासों में दारू डाल कर पैग बनाए. मैंने बुआ का गिलास थोड़ा ज़्यादा हार्ड बना दिया.

    हम दोनों ने चियर्स बोल कर जाम टकराए.

    बुआ पहला सिप लेते ही बोलीं- ये तो बड़ी कड़वी है यार … लोग कैसे पी लेते हैं.
    मैंने कहा- बुआ इससे बड़ी मस्ती चढ़ती है. आपको मजा आ जाएगा … लो तो.

    मैंने बुआ को ज़बरदस्ती शराब पिला दी. फिर हम दोनों थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने लगे.

    मैं बुआ से बोला- बुआ शादी कब कर रही हो … अब तो आप पूरी जवान हो गई हो.
    बुआ मस्ती में बोलीं- तुझे कैसे मालूम है कि मैं जवान हो गई हूँ.
    मैं शरमाते हुए बोला- आपको देख कर ही लगता है.
    फिर बुआ ने गिलास से घूँट लेते हुए कहा- हां करेंगे जल्दी ही.

    कुछ देर में दो दो पैग खत्म हो गए.

    मैंने एक एक पैग और बनाया और हम दोनों दारू पीने के साथ साथ खाना खाने लगे.

    खाना खत्म करते करते बुआ को नशा होने लगा. उन्होंने अपनी टांगें टेबल पर पसार दी थीं और मस्त बातें करने लगी थीं.

    मैंने सारे बर्तन रसोई में रख कर बुआ को बोला- चलो, मैं आपको आपके कमरे में ले चलता हूँ.
    बुआ नशे में बोलीं- क्यों?
    मैंने कहा- आपको सुला देता हूँ.
    बुआ ने बोला- नहीं, आज हम एक साथ ही सोएंगे … रात में मुझे कुछ हो गया, तो में क्या करूंगी … तू साथ रहेगा, तो मुझे संभाल तो लेगा.

    मैं कुछ नहीं बोला मुझे बुआ की चुत मिलने जैसी लगने लगी थी.

    बुआ कुछ देर बाद लड़खड़ाते हुए उठीं और मेरा सहारा लेते हुए अपने कमरे में जाकर लेट गईं. मैं भी लाइट बंद करके बुआ के पास जा कर सोने लगा.

    करीब एक बजे मुझे सर्दी लगी, तो मैं बुआ से चिपक गया. उनसे चिपकने के बाद मुझे लगा कि नीचे से बुआ नंगी हैं. मैंने हाथ से टटोल कर देखा, तो मेरा हाथ बुआ की नंगी गांड पर जा लगा. नंगी गांड को टच करते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. उनकी पेंटी नीचे को सरकी हुई पड़ी थी.

    मैंने अब देर नहीं की और बुआ के चूचे दबाने लगा. मुझे बुआ के मम्मों को दबाने में मज़ा आने लगा.

    फिर धीरे से मैंने उनकी पेंटी पूरी तरह से निकाल दी और धीरे धीरे बुआ की चुत को सहलाने लगा. बुआ को नशा चढ़ा था, इसलिए उन्हें मेरे हाथ का मालूम ही नहीं चला.

    मैंने उनकी नाइटी भी खोल दी और ब्रा भी खोल दी. ब्रा को खोलते ही उनके मोटे चूचे बाहर आ गए. मैं उनके चूचे चूसने लगा. फिर मैंने लाइट ऑन करके देखा, तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया.

    बुआ का बदन सफ़ेद संगमरमर की तरह चिकना लग रहा था. मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और बुआ के पास जा कर उनकी चुत को चाटने लगा.

    मुझे बुआ की चुत की खुशबू बड़ी मदहोश कर रही थी. दस मिनट तक चुत की चुसाई करने के बाद मैंने बुआ के चूचों को जम कर चूसा.

    अब बुआ की सांसें तेज चलने लगीं. मुझे लगा कि बुआ जागी हुई हैं, लेकिन वो भी मज़े ले रही हैं.

    ये सोचते ही मैं बेख़ौफ़ हो गया और बुआ के ऊपर चढ़ गया. मैं बुआ के होंठों को चूसने लगा.

    मैंने देखा कि बुआ ने अपनी आंखें खोल दी थीं. मुझे एक पल के लिए तो थोड़ा डर लगा, लेकिन बुआ मेरा साथ देने लगीं.
    वो कहने लगीं- आह … केशव आज मेरी प्यास बुझा दे … मैं बहुत प्यासी हूँ.
    मैंने बुआ से कहा- मैंने तो पहले ही कहा था कि आप जवान हो गई हो.
    बुआ मेरे लंड को टटोलते हुए बोलीं- हां, तू भी तो पूरा मर्द हो गया है.

    मैंने लंड पर बुआ का हाथ महसूस किया तो मैंने कहा- मेरा लंड चूसो ना बुआ.
    बुआ ने हामी भर दी.

    मैं उठ कर पोजीशन में आ गया और बुआ मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोज़ीशन में आ गए. अब वो मेरा लंड और मैं उनकी चुत को चूसने लगा.

    बुआ ने दस मिनट में अपनी चुत से पानी छोड़ दिया. मैंने चूत का सारा पानी पी लिया.

    थोड़ी देर बाद मेरा भी होने वाला था, तो मैंने बुआ को बोला- बुआ मेरा निकलने वाला है.
    बुआ ने लंड चूसते हुए ही कहा- हम्म … आने दे … तू मेरे मुँह में ही छोड़ दे.

    मैंने बुआ के मुँह में वीर्य छोड़ दिया. बुया ने न केवल वीर्य खा लिया, बल्कि वे मेरे लंड को चूसती ही रहीं. इससे ये हुआ कि थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.

    बुआ ने मुझे अपने ऊपर ले लिया. मैं बुआ की चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा.

    बुआ चुदास भरी आवाज में बोलीं- आह … केशव अब मत तड़पा … जल्दी से डाल दे मेरी चुत में अपना मूसल …

    मैंने बुआ की टांगों को फैला कर उनके बीच में बैठ कर अपना सुपारा चुत के छेद पर लगा कर एक तेज झटका दे मारा. मेरा आधा लंड बुआ की चुत में चला गया.
    बुआ ज़ोर से चीख उठीं ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’

    मैंने अपनी प्यारी बुआ की सील तोड़ दी थी … उनके चिल्लाने से मुझे कोई असर नहीं पड़ा. मैंने फिर से ज़ोर का झटका से मारा. इस बार मेरा पूरा लंड बुआ की चुत में जड़ तक समा गया.

    बुआ ज़ोर से चिल्लाने लगीं और बोलीं- केशव प्लीज़ अपना लंड बाहर निकाल … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
    मैंने बुआ से कहा- सील टूटी है बुआ, थोड़ा दर्द तो सहन करना ही पड़ेगा.

    मैं शांत होकर उनके ऊपर चढ़ा रहा. बुआ का थोड़ा दर्द कम होने के बाद मैं लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. थोड़ी देर बाद बुआ अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं. बुआ को भी मज़ा आने लगा.

    फिर बीस मिनट तक मैंने बुआ की धुआंधार चुदाई की. इस बीच बुआ दो बार झड़ गई थीं.
    बुआ ने मुझे कसके पकड़ लिया और कहने लगीं- केशव, आई लव यू.
    मैंने भी कहा- बुआ, आई लव यू टू.

    मैं उनके एक चूचे को चचोरने लगा और धक्का मारते हुए मैंने बुआ की चुत को अपने पानी से भर दिया.

    झड़ने के बाद मैं बुआ के ऊपर ही लेट गया. कुछ देर बाद बुआ उठ कर बाथरूम में जाने लगीं, तो बुआ ने देखा बिस्तर की सफ़ेद चादर लाल हो गई थी. ये खून के छींटे उस पर दाग बन कर दिखने लगे थे.
    ये देख कर बुआ बोलीं- केशव, आज तूने अपनी बुआ को चोदा. तूने मुझे पूरी औरत बना दिया है.
    मैं हंसने लगा.

    बुआ बाथरूम में जाकर अपनी चुत को साफ करके वापस आ गईं और चादर बदल कर हम दोनों सोने लगे.

    हम दोनों चिपक कर सो गए. सुबह करीब सात बजे हमारी आँख खुली, तो मेरा लंड खड़ा हो रहा था.
    बुआ ने लंड टटोल कर कहा- केशव तेरा हमेशा ही खड़ा रहता है क्या?
    मैंने कहा- बुआ, आप जैसी मस्त लड़की पास हो … तो बुड्डों का लंड भी खड़ा हो जाएगा.

    वो शरमाने लगीं. फिर बुआ नंगी ही रसोई में चाय बनाने चली गईं … और मैं भी उनके पीछे जा कर खड़ा हो गया.

    मैं बुआ की गांड में लंड पेलने की कोशिश करने लगा.
    बुआ हंस कर बोलीं- सुबह सुबह ही लग गया … थोड़ा रुक जा, चाय पी ले … फिर कर लेना, जो करना है.
    मैंने कहा- बुआ आज आपकी गांड मारनी है.
    बुआ बोलीं- ठीक है.

    मैंने बुआ की गांड कैसे मारी, ये आगे की रिश्तों की चुदाई कहानी में बताता हूँ. आपको कैसा लगा जब मैंने अपनी बुआ को चोदा?
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