Category: सासुमाँ की चुदाई

  • सोती हुई माँ की कामुक चुदाई की antarvasna sex story

    एक रात मैं रोज की तरह अपनी मां के साथ सो रहा था. अचानक मुझे पेशाब लगी और मैं पेशाब करने के लिये उठा तो देखा कि मां गहरी नींद में थी और अपने पैरों को मोड़ के सो रही थी. जिस वजह से मुझे उसकी छोटे – छोटे बालों से भरी रसीली चूत देखने को मिल गई. एक बार जो मेरी नज़र उस पर गई तो मैं उसे देखता ही गया. हालांकि, डर की वजह से मैं और कुछ नहीं कर सका. फिर थोड़ी देर बाद करने गया. वहां मैंने पेशाब करने के बाद मां के नाम की मुठ मारी.

    फिर उस रात मैंने आगे बढ़ाने की सोची. रात में बहुत ज्यादा ठंड पड़ी थी. मैं और मां एक ही रजाई में सो रहे थे. ठंड की वजह से मां मेरी तरफ घूम कर मुझसे चिपक कर सो रही थी. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं इसी उधेड़बुन में था कि कैसे आगे बढूं? इसी बीच उनका एक पांव मेरी कमर पर आ गया था, जिस वजह से मुझे उनकी नंगी चूत दिखने लगी थी.

    यह देख मैंने बिना ज्यादा हिले – डुले मां की जांघों पर अपने हाथ फेरना शुरू कर दिया और फिर धीरे – धीरे उनकी चूत तक पहुंच गया. उनके चूत के बालों में हाथ फिराने के साथ – साथ मैं उनकी चूत को भी सहला रहा था. मेरी मां के चूत से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी. जिससे मेरा अपने ऊपर से नियंत्रण कम होता जा रहा था. फिर धीरे से मैंने अपना पजामा नीचे किया और मेरा 7 इंच लम्बा लंड बाहर निकला. दोस्तों, मेरा लंड अब तक खड़ा होकर एक दम कड़क हो चुका था. फिर मैं अपने लंड को मां की चूत पर घिसने लगा. जिस वजह से मेरे लंड से थोड़ा – थोड़ा पानी आने लगा था और मां चूत भी गीली हो गयी.

    यह देख जब मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया तो मैंने मां की चूत के छेद पर अपना लंड रखा और धीरे से दबा दिया. दोस्तों, पापा के देहांत के बाद से मां ने चुदाई नहीं की थी, इसलिए उनकी चूत का छेद बहुत ज्यादा टाइट था. फिर मैंने थोड़ा और जोर लगाया तो मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में अंदर चला गया.

    फिर मैंने मां की ओर देखा. वो अभी भी अपनी आंख बंद किए गहरी नींद में सो रही थी. फिर मैंने अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाला. लंड फच्च की आवाज के साथ बाहर निकल आया. उसके साथ थोड़ा पानी भी बाहर आ गया लेकिन ज्यादातर पानी उनकी चूत की गुफा में समा गया था. फिर मैंने मां की चूत को साफ करने के लिए अपना मुंह उनकी चूत पर ले गया और जुबान से चाट कर उसे साफ कर दिया. चूत साफ करने के बाद मैंने मां की नाइटी को ठीक किया और उनके पास सो गया.

  • सासू माँ के मुहं में लंड दिया, sasumaa jamai ki chudayi kahani

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और आज में आप सभी को अपनी पांच साल पुरानी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, वैसे दोस्तों में शुरू से ही अपने परिवार के सभी सदस्यों को बहुत प्यार करता हूँ. मेरे परिवार में मेरी माँ, दो बहनें, मेरी पत्नी और मेरी सासू माँ है और में उन्हे भी बहुत प्यार करता हूँ और वो भी मेरी हर एक बात को मानते है और अब में अपने परिवार के सभी सदस्यों का एक छोटा सा परिचय आप सभी से करवा देता हूँ.

    में : सूरज शर्मा मेरी उम्र 25 साल है

    मेरी वाईफ : सुधा शर्मा जिसकी उम्र 22 साल है

    मेरी बड़ी बहन : मानसी शर्मा जिसकी उम्र 30 साल है

    मेरी छोटी बहन : प्रिया शर्मा जिसकी उम्र 18 साल है

    मेरी सासू माँ : रूपा शर्मा जिनकी उम्र 55 साल है

    मेरी माँ : कल्पना शर्मा उनकी उम्र 47 साल है

    दोस्तों मेरे पिताजी का देहांत आज से 15 साल पहले हो गया था और मेरी माँ एक कॉलेज में प्रोफेसर है और वो बहुत ही कड़क स्वभाव और अनुशासन पसंद औरत है, लेकिन माँ बहुत धार्मिक नेचर की औरत है और अक्सर घर में पूजा और हवन करवाती रहती है और मेरी माँ ही हमारे घर की मुखिया है और सब उसके कड़े स्वाभाव के कारण उनसे बहुत डरते भी है और में भी. मेरी बड़ी बहन मानसी एक तलाक़शुदा महिला है और अब वो हमारे साथ ही रहती वो खुद का एक सिलाई कढ़ाई संस्थान चलाती है. उसका तलाक़ हुए 6 साल हो गये है. मेरी छोटी बहन प्रिया अभी 12th में पढ़ती है और में एक स्टेशनरी की दुकान चलाता हूँ. हमारा परिवार जयपुर में रहता है. मेरी शादी को एक साल हो गया है और मेरी पत्नी 7 महीने की गर्भवती हो गयी है. हमारा घर दो मंज़िला मकान है जिसमे तीन कमरे नीचे है और दो कमरे पहली मंजिल पर है. छत पर एक स्टोर रूम भी है जिसमे पुराना सामान पड़ा रहता है.

    नीचे के रूम एक दूसरे से बिल्कुल सटे हुए है और एल आकार में है और मेरा रूम कॉर्नर पर है और बाकी दोनों रूम उससे सटे हुए है और रूम की दीवारें बहुत पतली है और दूसरे रूम में से आवाज़ मेरे रूम तक आती है और मेरे रूम से बाकी दोनों रूम में भी जाती इसलिए जब भी में अपनी पत्नी के साथ सेक्स करता हूँ तो हम कोशिश करते की कम से कम आवाज़ हो. दोस्तों मेरे पास वाले रूम में मेरी माँ और दूसरे रूम में मेरी छोटी बहन रहती है और मेरी बड़ी बहन ऊपर के कमरे में रहती है.

    मेरी पत्नी के गर्भवती होने के 8 महीने में मेरी सास ने कॉल किया और सुधा की डिलवरी उसके मायके में होने की बात कही और फिर मेरी माँ ने उनकी उस बात को मान लिया और में सुधा को लेकर उसके घर दिल्ली चला आया. दोस्तों मेरी सास भी एक विधवा औरत है और मेरे ससुर को मरे हुये करीब दस साल हो चुके है. उनका एक बेटा चेन्नई में अपनी पत्नी के साथ रहता है और यहाँ पर वो खुद अकेली रहती है दोस्तों मेरी सासु माँ का घर हमारे घर से थोड़ा छोटा था, लेकिन कमरे बड़े थे. नीचे दो रूम और एक हॉल था, ऊपर भी एक रूम था, लेकिन वो जब उनका बेटा आता तो उसके काम में लिया जाता था. फिर सास ने हमे नीचे के रूम में रुकवाया जो कि बाथरूम से बिल्कुल सटा हुआ था ताकि सुधा को ज़्यादा चलना ना पड़े. मेरी सास एक सरकारी बेंक में क्लर्क की नौकरी करती है और में उन्हे मम्मी जी कहता हूँ. वो भी मुझे अपने बेटे जैसा ही मानती है, क्योंकि मेरी वाईफ का आठवां महीना था, इसलिए हमने अब सेक्स करना बंद कर दिया था, लेकिन अब भी हम ओरल सेक्स के ज़रिए एक दूसरे को संतुष्ट कर देते थे.

    दोस्तों मेरी वाईफ मुझे मेरा लंड चूसकर बहुत मज़ा देती थी और हम पिछले दो महीने से ओरल सेक्स ही करते आ रहे थे. वो भी बहुत सावधानी से क्योंकि चूसने की आवाज़ माँ और मेरी छोटी बहन के रूम तक ना जाए और फिर ससुराल आते ही मैंने सोचा कि आज में खुलकर ओरल सेक्स करूँगा, क्योंकि सास का कमरा मेरे कमरे से थोड़ा दूरी पर था, जहाँ तक हमारी आवाज़ नहीं जाएगी. फिर रात के खाने के बाद में और सुधा अपने कमरे में आ गये और मेरी सास बर्तन धोने के बाद अपने कमरे में चली गयी.

    सास का रूम हमारे रूम से कुछ दूरी पर था इसलिए में आज बिल्कुल फ्री ओरल सेक्स करने की बात को सोचकर बहुत उत्तेजित हुआ जा रहा था और फिर करीब तीस मिनट तक बातें करने के बाद मैंने सुधा की मेक्सी में हाथ डाला और उसके बूब्स सहलाने लगा. जिसकी वजह से बहुत जल्दी ही मेरा लंड खड़ा हो गया और सुधा भी गरम हो गयी. अब मैंने उसकी मेक्सी को ऊपर किया और उसकी पेंटी को हटाकर उसकी चूत को सहलाने लगा. मैंने दो उंगलीयां उसकी चूत में धीरे से अंदर डाली और उन्हे फैलाकर होल होल अंदर बाहर करने लगा और बहुत जल्दी उसकी चूत पूरी तरह गीली हो गयी.

    फिर में झुककर उसकी चूत को चाटने लगा, मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर घुमाया और धीरे से उसकी जांघो को पकड़कर खींचा. सुधा के मुहं से हल्की सी चीख निकल पड़ी और फिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर डाल दिया और उसकी चूत की पंखुड़ियों को फैलाकर जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा और अब तक सुधा बिल्कुल मदमस्त हो गयी थी और करीब दस मिनट तक उसकी चूत की अपनी जीभ से चुदाई करने पर उसने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और अब में उठा और उसके सर के पास जाकर खड़ा हो गया, सुधा पीठ के बल लेटी हुई थी और मैंने अपना लंड उसके होठों पर रगड़ना शुरू किया तो वो लंड को मुहं में लेने को एकदम बैताब थी, लेकिन में जल्दी में नहीं था, इसलिए लंड को मुहं में डालने के बजाए में उसे उसके होठों पर घुमा रहा था और ऊपर ही रगड़ रहा था और जब उसने मुझसे आग्रह किया तो मैंने लंड उसके मुहं में डाला और अन्दर तक ले गया, फिर बाहर निकाला और पूरा लंड फिर से उसके गले में अंदर तक ले गया और धीरे धीरे मैंने उसके मुहं को चोदना शुरू कर दिया. सुधा मेरे लंड को बहुत जमकर चूस रही थी, जिसकी वजह से मुझे उसकी चूत में लंड डालने का अहसास हो रहा था. तो मैंने उसके गले को दोनों हाथों से पकड़ा और पूरी स्पीड से उसके मुहं को धक्के देकर चोदने लगा, जिसके कारण रूम में फक फक स्लर्प स्लर्प की आवाज़ गूँज रही थी और थोड़ी देर तक मुहं की चुदाई करने के बाद सुधा ने साँस लेने के लिए लंड मुहं से बाहर निकाल लिया और लंड से लार पूरे चेहरे पर टपक रही थी जो उसकी आँखो और बालों तक को भीग चुका था और अब उसने मुझे थोड़ी देर रुकने का इशारा किया.

    अब तक मुझे भी लगातार उसको चोदते हुए करीब बीस मिनट से ऊपर हो गये थे, मैंने सुधा से कहा कि में बाथरूम होकर अभी आता हूँ. मैंने बाथरूम में पेशाब किया और फ्रीज़ से पानी पीकर वापस अपने कमरे की तरफ आने लगा. तभी मैंने अपनी सास के रूम की तरफ देखा तो उसका दरवाजा अंदर से बंद था और मुझे पक्का यकीन था कि अब तक मेरी सास सो चुकी है, इसलिए में चुपचाप सीधा अपने रूम में आ गया. अब सुधा उठकर बेड पर बैठ चुकी थी. फिर मैंने बिना देर किए उसके मुहं को किस किया और अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. मैंने उसके बालों को पकड़ा और अपने लंड को आगे पीछे झटका देने लगा साथ ही साथ में उसके बालों को आगे की और खींचता जिससे सुधा को बहुत मज़ा भी आ रहा था, वैसे सुधा को वाइल्ड सेक्स बहुत पसंद था और उसे बालों का खींचना, स्लॅपिंग और चेहरे पर मुठ निकलवाना भी बहुत अच्छा लगता था.

    फिर मैंने उसके बालों को कसकर आगे की तरफ खींचा और एक ज़ोर का झटका मारा, जिसके कारण लंड पूरे गले में अंदर तक समा गया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसके मुहं को चोदने लगा और रूम फिर से पुच पुच गुलपप सुउरप सुउरप की आवाज़ से भर गया और वो आवाज़ बहुत तेज थी, लेकिन हम दोनों ही बेफ़िक्र होकर ओरल सेक्स में बिल्कुल व्यस्त थे.

    करीब दस मिनट और उसके मुहं को चोदने के बाद में झड़ने पर पहुंच गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. सुधा को पता था कि अब उसे क्या करना है? और उसने मुहं खोलकर आँखें बंद कर ली मैंने लंड के सुपाड़े को दबा रखा था और जैसे ही मैंने सुपाड़े पर से उंगली हटाई तो गरमा गरम मुठ की लंबी धार निकलकर सुधा की आँखो और बालों में चिपक गयी. फिर मैंने लंड को हिलाया और थोड़ा सा पानी निकलकर उसके मुहं में चला गया. मुझे बहुत सुख का एहसास हुआ और सुधा ने मेरे वीर्य को हाथों से अपने पूरे चेहरे पर मल लिया और में एकदम निढाल होकर सोफा पर बैठ गया.

    फिर सुधा ने एक टावल से अपना मुहं साफ किया और फ्रेश होने बाहर बाथरूम में चली गयी. करीब पांच मिनट के बाद सुधा अंदर आई और मुझसे गुड नाईट कहकर बेड पर लेट गयी. में थोड़ी देर वहीं सोफे पर पड़ा रहा. फिर उठकर में भी फ्रेश होने बाहर गया और जाते वक़्त मैंने सासू माँ के रूम की तरफ देखा तो पाया कि उनका दरवाजा जो पहले बंद था अभी हल्का सा खुला हुआ था. मैंने उस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बाथरूम में चला गया. मैंने बाथरूम में पेशाब किया और तभी मेरी नज़र बाथरूम में हुक पर लटकी हुई एक लेडीस पेंटी पर गई. मुझे बड़ा अजीब लगा, क्योंकि सुधा कभी भी सेक्स के बाद पेंटी उतारकर बाहर नहीं रखती थी.

    मैंने उस पेंटी को छूकर महसूस किया तो वो पूरी तरह चूत के रस से गीली थी और उससे बहुत ही मादक सुगंध आ रही थी. मैंने फिर सोचा कि मैंने तो सुधा की पेंटी को ओरल के टाइम निकाल कर सोफे पर रख दिया था, जो बिल्कुल सुखी हुई थी. तभी मुझे शक हुआ कि यह मेरी सासू माँ की पेंटी है और इसलिए मैंने पेंटी के टेग पर उसका साइज़ देखा तो मेरा शक अब पूरा यकीन में बदल गया, क्योंकि उस पेंटी का साइज़ 44 था जो कि बहुत बड़ी गांड की औरत पहन सकती है और वो मेरी सास की हो सकती है, क्योंकि सुधा की गांड छोटी थी और वो 36 साइज़ की पेंटी पहनती थी. अब मुझे एक अजीब अहसास होने लगा कि मेरी सास जिसकी उम्र 55 साल है, उनकी चूत के रस से सनी हुई पेंटी आज मेरे हाथ में है.

    फिर मैंने उस पेंटी को नाक से सटाया और उसे सूंघने लगा. उसमे से चूत के रस की भीनी सी खुश्बू आ रही थी, जिसकी वजह से मुझे अलग सा मज़ा आया और पता नहीं क्यों मैंने पेंटी को चाट लिया? और उस गीली पेंटी का स्वाद हल्का नमकीन सा था. में पेंटी को बहुत मज़े से चाटने लगा और अब मेरा लंड जो सिकुड़ गया था वापस एक बार अपने पूरे साईज़ में आ गया था. तभी मुझे लगा कि कहीं सुधा वापस बाहर ना आ जाए इसलिए मैंने पेंटी को वापस वहीं पर टाँग दिया और चुपचाप अपने कमरे में आकर सुधा के पास में लेट गया, लेकिन अब मेरा पूरा ध्यान मेरी सास की उस पेंटी की तरफ जाने लगा था. दोस्तों मैंने शादी के बाद आज तक सुधा के आलावा किसी दूसरी औरत को ग़लत नज़र से नहीं देखा था, लेकिन आज मेरी 55 साल की सास ही मेरे दिमाग़ में सेक्स आईटम की तरह समाए जा रही थी.

    पहले मैंने अपने मन को समझाया कि यह बहुत ग़लत बात है, अपनी ही बीवी की माँ के बारे में ऐसा सोचना बिल्कुल जायज़ नहीं है, लेकिन बार बार मेरे दिमाग़ में उनकी गीली पेंटी ही आए जा रही थी. तभी मेरे मन में यह ख्याल आया कि शायद मेरी सास ने हमारा ओरल सेक्स का पूरा एपिसोड रूम के बाहर से देखा या सुना होगा और हमें सेक्स करते देख लिया था, जिसकी वजह से उनकी चूत गीली हो गयी होगी. मैंने पता लगाने का सोचा और फिर सुधा को आवाज़ दी, लेकिन वो बहुत गहरी नींद में सो चुकी थी.

    फिर मैंने यह बात जानने के लिए सुधा को हिलाया, लेकिन मुझे कोई हलचल महसूस नहीं हुई. में बेड से उतरकर दरवाजे तक गया और दरवाजे में कोई छेद या दरार खोजने लगा, लेकिन उसमें मुझे कुछ भी नहीं दिखा. तभी मैंने दरवाजे के पास में एक खिड़की देखी और उसको चेक किया तो देखा कि वो खिड़की लकड़ी की थी और उसके दो हिस्सों में से एक हिस्से में बहुत चौड़ी दरार थी और जब मैंने बाहर की तरफ झांककर देखा तो मुझे हॉल में रखा हुआ फ्रीज़ साफ साफ दिखाई दे रहा था और अब मुझे पूरा यकीन हो गया कि शायद हमारी सेक्स की आवाज सुनकर मेरी सास ने खिड़की की दरार से अंदर देखा और हमें सेक्स करते हुए देखकर उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

    मुझे मेरी सास अब सेक्सी माल की तरह दिखने लगी, जिसकी वजह से मुझे मुठ मारने का मन हुआ और जब में कमरे से बाहर आया तो मैंने देखा कि सास के रूम का दरवाजा अब फिर से बंद हो चुका था. मैंने सोचा कि शायद मेरी सास ने बहुत दिनों बाद सेक्स का आनंद उठाते हुए किसी को देखा होगा? में बाथरूम में गया पेंटी को उतारा और फिर से उसे चाटने लगा. पेंटी चाटने में मुझे अजीब सा नशा आ रहा था. शायद इसलिए कि मेरी सास के बारे में मैंने कभी इस तरह से नहीं सोचा था और मेरी सास ने बहुत दिनों या सालों बाद मुठ मारी थी, इसलिए उनकी पेंटी गीली थी और शायद उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ा होगा?

    अब मैंने पेंटी को अपने लंड पर लपेट लिया और मुठ मारने लगा. मुठ मारते वक़्त में मेरी सास रूपा के जिस्म को मन ही मन सोचने लगा कि वो पूरी नंगी होने के बाद कैसी दिखेगी? रूपा की हाईट 4.8 इंच है. बड़े 42 साईज़ के बूब्स और उसके पेट पर बहुत चर्बी है जिस कारण वो बहुत मोटी दिखती है, लेकिन सबसे प्यारी उनकी गांड है चौड़ी और भरी भरी. उनकी गांड बाहर निकली हुई है और चलते वक़्त हिलती है जिसे देखकर किसी का भी मन उसे चोदने को कर जाए, लेकिन उनकी उम्र और मेरे रिश्ते के कारण मैंने उनके बारे में अब तक कभी ऐसे नहीं सोचा था, कम हाईट के कारण उनकी गांड उनके पूरे शरीर में साफ और बड़ी दिखाई देती है.

    मैंने उनकी नंगी गांड को सोचते हुए लंड को पेंटी पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ना चालू कर दिया. फिर करीब 5-7 मिनट के बाद मैंने ढेर सारा मुठ उनकी पेंटी पर गिरा दिया और फिर मैंने पेंटी से पूरे लंड को साफ किया और फ्रेश होकर वापस अपने कमरे में आ गया, लेकिन बेड पर लेटकर भी में उनके बारे में ही सोच रहा था और आखिकार मैंने उनको चोदने का फ़ैसला कर लिया और उनको फंसाने के बहाने सोचने लगा और कब मेरी आँख लग गई मुझे पता ही नहीं चला?

    फिर सुबह सुधा ने मुझे जगाया तो मैंने अपने कपड़े पहने और फ्रेश होकर नाश्ता करने हॉल में आ गया. सुधा टेबल पर मेरा इंतजार कर रही थी. तभी मेरी सास रूपा किचन से बाहर आई और मुझे नाश्ता परोसने लगी, सास ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी और पीले रंग का ब्लाउज. मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा तो उस पर हल्की सी मुस्कान थी और नाश्ता करने के बाद हम वहीं पर हॉल में टीवी देखने लगे और मेरी सास किचन में चली गयी. थोड़ी देर बाद सुधा ने आराम करने की इच्छा जताई तो मेरी सास ने उसे कमरे तक ले जाकर छोड़ दिया और वापस बर्तन धोने किचन में चली गयी. फिर थोड़ी देर बाद सासू माँ ने मुझसे पूछा कि तुम्हे कुछ लेना हो तो बता देना? तो मैंने कहा कि एक ग्लास पानी चाहिए, तो वो पानी का ग्लास लेकर मेरे पास आई. में उन्हे आते हुए गौर से देख रहा था कि तभी अचानक मैंने गौर किया मेरी सास का पल्लू ब्लाउज से थोड़ा हटा हुआ था और उनका पेट भी साफ साफ दिख रहा था. उनके मोटे मोटे बूब्स ब्लाउज से बाहर आने को बैताब लग रहे थे और उनके गोरे और गदराए हुए पेट पर उनकी बड़ी सी गोल नाभि बहुत सेक्सी लग रही थी. मैंने अपनी सास को इतना खुला प्रदर्शन करते हुए कभी नहीं देखा था. फिर मैंने पानी पिया और सास वापस किचन में चली गयी. तो जाते वक़्त में उनकी थुलथुली गांड को ऊपर नीचे हिलते हुए देख रहा था और मेरे पायज़ामे में मेरा लंड बिल्कुल तनकर टाईट हो चुका था. तभी मुझे याद आया कि जब सुधा टेबल पर बैठी हुई थी तब तक मेरी सास ने कपड़े ठीक तरह से पहने हुए थे, लेकिन सुधा के कमरे में जाते ही सासू माँ के कपड़े उनकी चूची और पेट से हट गये.

    अब इसका मतलब साफ था कि उन्होंने जानबूझ कर अपनी साड़ी को हटाया था ताकि मेरी नज़र उनके शरीर पर जाए. मैंने सोचा कि क्या सासू माँ मुझे रिझाने की कोशिश कर रही है? लेकिन अब यकीन से कुछ कहना मुमकिन नहीं था. तभी थोड़ी देर बाद सासू माँ मेरे पास के सोफे पर आकर बैठ गयी और सब्जी काटने लगी. मैंने फिर गौर किया कि उनका ब्लाउज अब साफ साफ दिख रहा था और उसके ऊपर के बटन भी खुले हुए थे और वो थोड़ा झुककर बैठी हुई थी जिसकी वजह से उनके बड़े बूब्स खुले ब्लाउज से आधे बाहर लटक रहे थे. में उनसे नज़र बचाकर उनके बूब्स को ही देख रहा था.

    एक दो बार हम दोनों की नज़र भी मिली, लेकिन उन्होंने बस मेरी तरफ मुस्कुरा दिया, लेकिन अपने बूब्स को ढकने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की और अब वो बार बार अपने पैरों को फैलाकर ऊपर सोफे पर कर लेती और फिर थोड़ी देर में नीचे कर लेती, जिस कारण उनकी साड़ी थोड़ी ऊपर सरक गयी थी और उनके गोरे गोरे पैर साफ साफ दिख रहे थे और अब यह भी साफ हो गया था कि वो जानबूझ कर ऐसा कर रही है और अब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि अगर मैंने पहल की तो में उन्हे चोदने में जरुर कामयाब हो जाऊंगा. तभी मैंने एक प्लान सोचा और सास से कहा कि मम्मी जी में भी खाना बनाने में आपकी मदद करता हूँ.

    फिर सासू माँ ने कहा कि आप मेरी क्या मदद करेंगे दामादजी? में उठकर उनके पास सोफे पर बैठ गया और मैंने कहा कि दीजिए में सब्जी काट देता हूँ. इतना कहकर में उनके हाथ से चाकू और सब्जी की प्लेट लेने को उनके ऊपर झुका, जिसके कारण मेरी जाँघ उनकी जाँघ से सट गई. वो थोड़ा सिहर गई, लेकिन दूर नहीं हटी.

    तभी मेरी हिम्मत बढ़ी और अब में उनसे ज़्यादा सटने की कोशिश करने लगा. मैंने उन्हे प्लेट को वापस दे दिया और अपना हाथ उनके पेट और जाँघो से सटाते हुए पीछे लिया, वो अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी. फिर वो कुछ देर बाद उठकर किचन में चली गयी, मैंने खुद से मन ही मन कहा कि यही एकदम ठीक मौका है, अभी नहीं तो फिर कभी नहीं और में अपने कमरे में गया और चेक किया कि सुधा क्या कर रही है? सुधा को नींद आ गई थी और अब वो गहरी नींद में सो रही थी, क्योंकि सुधा अक्सर सुबह एक से दो घंटे तक सोती थी.

    मैंने अपने प्लान के हिसाब से अंडरवियर को उतारा और सिर्फ़ पयज़ामा पहन कर बाहर आ गया, मैंने रूम को बाहर से बंद करके चिटकनी को लगा दिया और में सीधा किचन में गया जो कि बहुत छोटी थी और वहां पर दो लोग भी बड़ी मुश्किल से खड़े रह सकते थे और अगर गैस चूल्हे से वॉश बेसिन तक जाना हो तो दूसरे आदमी से सटकर ही जाना होता था और अब मैंने पूरा प्लान बना लिया था कि में आज अपनी सास को अपने लंड के स्पर्श से दीवाना बना दूँगा. फिर में उनसे बातें करने लगा और फिर उनसे कहा कि आप अकेली कैसे टाईम बिताती है? तो सास ने कहा कि बेटा अब तो इन सबकी आदत पड़ गयी है और अब वैसे भी इस उम्र में फ़र्क क्या पड़ता है?

    मैंने कहा कि आप दिखने में 40 साल से ज़्यादा की नहीं लगती तो वो मुस्कराने लगी और इधर मेरा लंड पूरे जोश में आ चुका था. उनकी गदराई हुई गांड को देखकर मेरा लंड उसमे समाने को बैताब हो रहा था. तो में हाथ धोने के बहाने वॉश बेसिन की तरफ जाने लगा. मेरी सास की पीठ की तरफ से थोड़ी सी जगह में से जब में गुजरा तो उस समय मेरा लंड पूरा टाईट था और में उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ते हुए उस पार चला गया और हाथ धोते वक़्त मैंने देखा तो उनके चेहरे पर कामुकता साफ साफ दिख रही रही थी, लेकिन वो थोड़ा घबराई हुई लग रही थी और अब मैंने उनकी घबराहट दूर करने के लिए कहा कि सुधा सो रही है और मैंने उसके दरवाजे की बाहर से चिटकनी को भी लगा दिया है.

    फिर यह बात सुनकर सासू माँ बिल्कुल चकित हो गयी और मेरी तरफ देखते हुए पूछा कि ऐसा क्यों किया आपने? तो मैंने बहाना बनाते हुए कहा कि वो टीवी की आवाज़ सुनकर जाग ना जाए इसलिए आराम करने के लिए लगाया है और मैंने पहले ही टीवी की आवाज को थोड़ी तेज कर दिया था और अब में वापस अपनी जगह पर आने लगा, लेकिन इस बार मेरा इरादा लंड को कुछ ज़्यादा देर तक उनकी गांड पे रगड़ने का था इसलिए उनके ठीक पीछे पहुंचकर उनके कंधे पर हाथ रखा और लंड को उनकी गांड के ऊपर सटाया और धीरे से झटका मारते हुए उनके आगे निकल गया और जैसे ही मैंने उन्हे देखा तो उनकी आँखे बंद थी और वो तेज साँसें ले रही थी और फिर हम बातों में लग गये.

    अब मुझे पूरा यकीन हो गया कि चिड़िया जाल में फंस चुकी है और इतने में मेरी सास ने उनके ठीक ऊपर अलमारी में से मुझे एक डब्बा उतारने को कहा, वैसे मुझे भी इसी मौके की मुझे तलाश थी. में उनके पीछे पहुंचकर उनसे सटे हुए हाथ ऊपर करके डब्बा उतारने की कोशिश करने लगा. वैसे तो डब्बा मेरी पहुंच में था, लेकिन मैंने ऐसा दिखाया कि मेरा हाथ वहां पर पहुंच नहीं रहा है इसलिए मैंने ऊपर उठने के लिए उनके कंधे पर हाथ रखा और इधर दूसरे हाथ से अपने लंड को पयज़ामे से ही उनकी गांड पर सटाया और फिर एक झटके से मैंने उनके कंधे को दबाते हुए ऊपर जाने का प्रयास किया, जिसके कारण मेरा लंड उनकी साड़ी में अंदर तक घुसता चला गया.

    इस हरकत से मेरी सासू माँ एकदम से उछल पड़ी और अपने को मुझसे थोड़ा अलग हटाने के लिए अपने पैर के पंजो पर खड़ी हो गयी और थोड़ा आगे को झुक गयी. मैंने थोड़ा पीछे हटते हुए लंड को लोवर से बाहर निकाला और उनकी गांड पर फिर एक झटका मारा तो लंड खुला होने की वजह से अंदर तक घुस गया और उनके मुहं से एक हल्की सी चीख निकल गई. मैंने अब कंधे को और दबाते हुए ऊपर उठा तो मेरा लंड उनकी पीठ पर छू गया और अपने बदन पर नंगे लंड का स्पर्श वो भाँप गयी और एक सिसकी उनके मुहं से निकल पड़ी.

    फिर मैंने डब्बा उतारा और नीचे आते वक़्त मैंने हाथ उनके बूब्स के नीचे से अंदर ले जाते हुए पेट को पकड़ा और ऐसा दिखाया कि में बॅलेन्स बनाने के लिए ऐसा कर रहा हूँ और नीचे आने के बाद में कुछ देर वैसे ही खड़ा रहा और मैंने सीधे हाथ से लंड को वापस लोवर में डाल लिया और जैसे ही में वहां से हटा तो मेरी सास ने अपनी साड़ी को ठीक किया और बाहर हॉल में चली गयी, वो यह देखने गई थी कि सुधा उठी तो नहीं है और वापस आने के बाद उनकी आँखो में एक अलग ही आग थी.

    फिर मैंने भी अब ज्यादा देर करना ठीक नहीं समझा और उनके पीछे जाकर उन्हे गले से लगाया. मेरे दोनों हाथ उनके बूब्स पर सट रहे थे, लेकिन मैंने उन्हे पकड़ा नहीं था और जब सासू माँ ने मुझसे कुछ नहीं कहा तो मैंने एक हाथ उनकी गर्दन पर ले जाते हुए दूसरा हाथ उनकी पेंटी पर ले गया. में उन्हे गर्दन से पीछे झुकाते हुए उनके गालों को चूमने लगा और दूसरे हाथ को मैंने उनकी नाभि पर गोल गोल घुमाते हुए उनके पेट पर चुटकी काट ली. फिर सासू माँ ने थोड़ा विरोध दिखाते हुए कहा कि बेटा यह क्या कर रहे हो? यह सब बहुत ग़लत है.

    फिर मैंने कहा कि मम्मी जी कुछ ग़लत नहीं है. में बस आपसे एक बार प्यार करना चाहता हूँ और अब में उनके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा. तो सास ने फिर से कहा कि अगर सुधा ने देख लिया तो क्या होगा? दोस्तों यह बात मेरे लिए ग्रीन सिग्नल थी, क्योंकि उन्हे बस अब पकड़े जाने का डर था. उन्हे मुझसे चुदवाने से कोई भी ऐतराज नहीं था. यह उनकी कही हुई बात से अब साफ हो चुकी थी. तो मैंने उन्हे भरोसा दिलाया मम्मी जी सुधा को कुछ पता नहीं चलेगा, क्योंकि दरवाजा बाहर से बंद है.

    तो वो फिर भी नाटक करते हुए बोली कि लेकिन यह सब ग़लत है आप मेरी बेटी के पति है, तो इस बात पर मैंने कहा कि रात को आपने उसी बेटी और उसके पति को सेक्स करते हुए देखा है और मुझे पता है कि आप अंदर ही अंदर मुझसे चुदवाना चाहती है? तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो एकदम से चौंक गयी और मुझसे पूछा कि आपको कैसे पता चला?

    फिर मैंने उनको उनकी पेंटी की पूरी कहानी को उन्हे बता दिया और कहा कि में आज आपको चुदाई का पूरा मज़ा दूँगा. मेरे मुहं से चुदाई शब्द सुनते ही उन्होंने नज़र हटाते हुए कहा कि ऐसा मत करो. अब मैंने अपने सीधे हाथ को उनके पेट से सरकाते हुए उनके पेटीकोट के अंदर ले गया. मेरा हाथ उनकी चूत तक पहुंच गया था तो उन्होंने झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और शरमाते हुए मुझसे मना करने लगी, लेकिन मैंने ज़ोर से उनके हाथ को झटक दिया और उनकी चूत पर घने और घुंघराले बालों को हाथ में पकड़कर खींचा तो वो उछल पड़ी और उसके मुहं से आईईईईईईइ की आवाज़ निकल गयी. फिर मैंने उन्हे मेरी तरफ घुमाया और उनके ब्लाउज को मेरे सीधे हाथ से खोल दिया. अब मैंने ब्रा को एक झटके में बाहर निकाल दिया और अब उनके दोनों बूब्स बिल्कुल आज़ाद होकर ऊपर नीचे हिलने लगे. दोनों बूब्स पपीते के आकर के थे और भरे हुए थे. उन पर गोल काला धब्बा बहुत ही मादक लग रहा था, उनके निप्पल बड़े और बाहर को निकले हुये थे.

    फिर मैंने थोड़ा झुककर उनके निप्पल को मुहं में भरा और चूसने लगा. उनके गोरे गोरे बूब्स पर काले गोल घेरे में बड़े निप्पल बहुत सेक्सी लग रहे थे और उधर में एक हाथ से लगातार उनकी चूत को सहला रहा था. वो जोश से पागल हुई जा रही थी और अपने सर को दोनों कंधो पर झटके दे रही थी. उनके बाल उनके चेहरे पर गिर आए थे और चेहरा पूरा ढल गया था और करीब पांच मिनट तक निप्पल और बूब्स को चूसने के बाद में उठा और मैंने उनके बालों को पीछे करके उनके होठों को चूम लिया.

    मेरे इतना करते ही वो मेरे मुहं को अपने होठों में लेकर चूसने लगी. वो मुझे बहुत जानदार किस किए जा रही थी और अपनी जीभ को बार बार मेरे मुहं में अंदर तक डाल रही थी और में उनकी जीभ को चूस रहा था. करीब पांच मिनट चूमने और चाटने के बाद मैंने उनको खुद से अलग किया तो उन्होंने मेरे होठों पर हल्का सा दाँत से काट लिया. सासू माँ सेक्स की जबरदस्त भूखी और अनुभवी खिलाड़ी लग रही थी. अब मैंने उनको उठाकर ऊपर बैठा दिया और उनके पैरों को फैलाकर उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया. उनके गोरे पैरों के बीच काली झांटो में उनकी चूत बिल्कुल छुपी हुई थी. मैंने झांटो को हटाते हुए उनकी चूत के दर्शन किए और फिर नीचे बैठकर अपनी जीभ को उनकी चूत के होंठो पर सटा दिया. वो मदहोशी में पागल हो गयी और अपने दोनों हाथों से अपनी दोनों निप्पल को मसलने लगी.

    मैंने थोड़ी देर तक उनकी चूत के होंठो को चाटा और फिर हाथ से चूत को फैलाकर जीभ को अंदर डाल दिया. उनके मुहं से ऊईईईईईई माँ निकल पड़ा और वो सिसकारियाँ भरने लगी और में लगातार जीभ से उनकी चूत को चोदे जा रहा था. फिर मैंने उनकी चूत के ऊपरी दाने को दाँत से पकड़ा और चूसते हुए खींचा और फिर ज़ोर से छोड़ दिया. इस हरकत ने मेरी सास को और अधिक दीवाना बना दिया और उन्होंने मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत में और अंदर तक सटा दिया. उन्होंने अपनी जाँघो को मेरे सर पर जकड़ लिया, जिससे मेरा सर उनकी दोनों जाँघो में फंस गया और में लगातार उनकी चूत को चूस रहा था जैसे कोई मशीन लगी हुई है. अब उनकी चूत पूरी गीली हो गयी और तब मैंने अपने हाथ की दो उँगलियों को उनकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा. में अब पूरी रफ़्तार से उंगली से उनकी चूत को चोदने लगा और वो मादक आवाज़े निकालने लगी. ओह्ह्ह्हह माँ हे भगवान आहह उईईईईईईईईईई उफ्फ्फ्फ़ और मेरे पूरे हाथ पर उनकी चूत का पानी लगा हुआ था और तब मैंने हाथ को बाहर निकालते हुए उनके मुहं में दे दिया. जिसे सास ने आईसक्रीम के कोन की तरह चूसना शुरू कर दिया.

    अब तक मेरा पयज़ामा भी मेरे लंड के पानी से भीग चुका था और फिर मैंने पायज़ामा उतार दिया. दोस्तों मेरे लंड की लंबाई वैसे तो नॉर्मल 7 इंच है, लेकिन वो बहुत ही अधिक मोटा है और लगभग 4.5 इंच की गोलाई है और वैसे चुदाई करते समय सुधा ने भी कई बार मुझसे कहा है कि मेरा लंड बहुत मोटा है जिसके कारण उसे ओरल सेक्स करते वक़्त साँस लेने में बहुत दिक्कत होती है.

    मेरे लंड को देखकर पहले तो मेरी सास की आँखें चमक उठी, लेकिन उनके चेहरे के हावभाव जल्दी ही बदल गये. जब उन्होंने उसकी मोटाई देखी और फिर वो बोली कि बाप रे दामदजी आपको औजार तो बहुत मोटा है? मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको पसंद आया? तो वो मुहं से कुछ नहीं बोली बस शरमाकर हल्का सा मुस्करा गई. फिर मैंने पूछा कि मेरे ससुर का साईज़ क्या था? तो सास बोली आपका लगभग आधा ही था और यह बात सुनकर मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ और फिर मैंने कहा कि आपकी चूत में जाने को मेरा लंड बिल्कुल बैचेन है. फिर मैंने उन्हे नीचे उतारा और घुटने के बल बैठने को कहा तो उन्होंने वैसा ही किया. मैंने अपना लंड उनको हाथ में दे दिया तो वो उसे सहलाने लगी एक हाथ से वो मेरे लंड को ऊपर नीचे कर रही थी और दूसरे से मेरे दोनों आंडो को सहला रही थी.

    फिर मैंने उनके सर को पकड़कर अपने लंड पर सटा दिया तो उन्होंने झटके से सर पीछे खींच लिया. मैंने कहा कि मम्मी चूसो ना इसे, तो सासू माँ ने मना करते हुए कहा कि उन्होंने लाईफ में कभी भी लंड नहीं चूसा है. तो मैंने कहा कि रात आपने देखा नहीं सुधा कितने मज़े से मेरा लंड चूसती है तो यह बात सुनकर वो थोड़ा सा समझ गई, लेकिन अभी भी वो झिझक रही थी. उन्होंने जीभ बाहर निकाली और लंड के पास ले जाकर उसे बस छुआ. अब मैंने उनके बालों को एक हाथ से पकड़ा और पीछे खींचा जिससे उनकी गर्दन पीछे की तरफ झुक गयी. फिर मैंने लंड को दूसरे हाथ में लिया और उनके मुहं पर उसे थपकी देने लगा. लंड उनके होठों पर रगड़ने लगा और अब उनके पूरे चेहरे पर लंड मसलने लगा. वो थोड़ा तो मुहं खोलती, लेकिन लंड को अंदर नहीं लेती.

    फिर मैंने उनके बालों को ज़ोर से पीछे की तरफ खींचा और दर्द से उनका मुहं खुल गया और ठीक उसी वक़्त मैंने मेरा लंड उनके मुहं में डाल दिया और उनके चेहरे को आगे की तरफ दबाने लगा. उसने फिर से घबराकर लंड को बाहर निकाल दिया. मैंने वापस उनके मुहं पर लंड रगड़ा तो इस बार उन्होंने खुद ही मुहं खोल दिया और मैंने मौका देखते हुए लंड उनके मुहं में अंदर तक डाल दिया. अब मैंने उनके बालों को छोड़ दिया और दोनों हाथों से उनके कानो के पीछे ले जाकर उनके चेहरे को थामते हुए लंड उनके मुहं में आगे पीछे करने लगा. पहले तो मैंने धीरे धीरे लंड मुहं में घुसाया, लेकिन जब देखा कि सास अब नॉर्मल हो चुकी है तो मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अब मैंने उनके बालों को दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर से लंड उनके मुहं को चोदने लगा वो भी पूरी तबीयत से जीभ बाहर निकालती और सुपाड़े को चाट लेती.

    फिर करीब पांच मिनट तक उनके मुहं को चोदने के बाद उनका मुहं मेरे लंड के पानी और उनकी लार से भर चुका था. जैसे ही मैंने लंड को बाहर निकाला तो उनके मुहं से लार बाहर छूने लगी और उनके बूब्स पर गिरने लगी. उन्होंने चैन की साँस ली और ज़ोर ज़ोर से साँस लेने के कारण उनके दोनों बूब्स ऊपर नीचे उछल रहे थे, मैंने फिर लंड को उनके मुहं में डाल दिया और उनके मुहं की चुदाई को शुरू कर दिया. थोड़ी देर सासू माँ का मुहं चोदने के बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया.

    फिर सासू माँ ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ा और मेरे सुपाड़े को चूसने लगी. वो मेरा सुपाड़ा चूसे जा रही थी. बरसों की आग आज बुझाने का मौका मिला तो वो उसे छोड़ना नहीं चाहती थी. मेरा सुपाड़ा उनके चूसने के कारण बिल्कुल गरम होकर लाल हो चुका था. में लंड से निकल रहे उनके लार को उनके पूरे चेहरे पर मसलने लगा, उनका पूरा चेहरा भीग चुका था. तभी जैसे हमारे पूरे अरमानो पर पानी फिर गया. सुधा ने कमरे को खटखटाया में एकदम घबरा गया और अपना लोवर ऊपर करते हुए बाहर जाने लगा और मेरी सास भी बिना ब्रा के ही ब्लाउज को पहनकर खड़ी हो गई, उन्होंने मुहं धोया और सब्जी पकाने में जुट गयी.

    फिर में बाहर गया और दरवाजा खोला तो सुधा ने आँखें मसलते हुए कहा कि बाहर से दरवाजा क्यों बंद कर दिया था? तो मैंने कहा कि में टीवी पर फिल्म देख रहा था तो आवाज़ से तुम्हारी नींद खुल जाती इसलिए, वो मुस्कुराने लगी और मुझसे पूछा कि माँ किधर है? तो मैंने बिल्कुल अंजान बनते हुए कहा कि शायद किचन में खाना बना रही होगी? तो सुधा बाथरूम में गयी और फ्रेश होकर बाहर आई और सीधा किचन में चली गयी, सुधा ने सासू माँ से पूछा कि क्या कर रही थी माँ? तो उन्होंने कहा कि पहले तो पूजा की और अभी अभी किचन में खाना बनाने आई हूँ.

    फिर मैंने मन में सोचा कि सच ही तो कह रही है कामदेव की ही तो पूजा कर रही थी. तभी सुधा ने सास के ब्लाउज की तरफ देखकर कहा कि यह इतना भीगा हुआ क्यों है? में घबरा गया, क्योंकि ओरल सेक्स के कारण लार गिरने से उनके पूरे बूब्स गीले थे और सास ने उस पर ही ब्लाउज पहन लिया, लेकिन सासू माँ बहुत ही चालक खिलाड़ी थी.

    उन्होंने कहा कि सब्जी ढोते वक़्त भीग गया उसके बाद में टीवी देखने लगा और सुधा और मेरी सास किचन में ही खाना बनाने लगी और मैंने सोचा कि आज एक सुनहरा मौका हाथ से गया. फिर दोपहर का खाना हम तीनों ने साथ में खाया और टेबल पर में और मेरी सास बिल्कुल सामान्य व्यहवार कर रहे थे. सुधा को अंदाज़ा भी नहीं था कि अभी कुछ मिनट पहले ही उसका पति और उसकी अपनी माँ सेक्स के मज़े लूट रहे थे. टेबल के नीचे से मैंने सासू माँ का पैर रगड़ना शुरू कर दिया तो वो भी मेरे पैर को अपने पैर के नाख़ून से खुरचने लगी. मुझे समझ आ गया कि यह शेरनी अभी भूखी रह गई है, लेकिन जल्दी ही शिकार करेगी.

    फिर हमने खाना खत्म किया और सास किचन में बर्तन धोने चली गयी. सुधा भी हाथ धोकर अपने कमरे में चली गयी, लेकिन अब वो सोने वाली नहीं थी. मेरे हाथ से अच्छा मौका निकल गया. में किचन में गया और सासू माँ को बाहों में लेते हुए कहा कि मम्मी मुझे आपको चोदना है. तो उन्होंने झटके से मुझे अलग करते हुए कहा कि पागल मत बनो, सुधा जागी हुई है और उसे पता चल गया तो सब खत्म हो जाएगा. फिर मैंने पूछा कि फिर कब मिलेगा आपको चोदने का मौका? सास ने कहा कि आज रात को में रूम का दरवाजा खुला रखूँगी तुम सुधा को सुलाकर आ जाना, मैंने कहा कि अगर सुधा रात में जाग गई और उसने मुझे वहां पर नहीं पाया तो उसे शक हो जाएगा? तो इस पर सासू माँ ने कहा कि उसकी फ़िक्र मत करो, मेरे पास नींद की गोलियाँ है जो कभी कभी में भी लेती हूँ. में आज रात को उसे दूध के साथ मिलकर दे दूँगी. दोस्तों अब मुझे मेरी सास के दिमाग़ पर बहुत गर्व हुआ कि अपनी आग मिटाने के लिए यह बूढ़ी शेरनी कुछ भी कर सकती है, दोस्तों उस दिन के बाद तो में अपनी सास को अपनी बीवी बनाकर चोदने लगा.

  • ससुराल में हुई सेक्स परीक्षा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में 26 साल का हूँ. मेरी हाईट 6 फुट है और मेरे लंड का साईज 7 इंच है. मेरी शादी प्रिया के साथ तय हुई है, जो बिल्कुल गोरी है और 36-30-36 का फिगर वाली है. मुझे प्रिया ने बताया था कि शादी से पहले मुझे उसके घर पर एक परीक्षा पास करनी पड़ेगी. हालाकिं मैंने शादी से पहले भी प्रिया को कई बार चोदा था, अपनी सारी इच्छाओं को पूरा करते हुए ब्लू फिल्म देखकर, दारू पीकर, अपने 4-5 दोस्तों के साथ मिलकर आदि, उसको भी इन सब तरीक़ो से चुदने में बहुत मज़ा आता था, लेकिन शादी से पहले मुझे एक परीक्षा उसके घर पर पास करनी पड़ेगी, यह सुनकर मुझे बड़ा अजीब लगा.

    फिर कुछ दिनों पहले प्रिया के घरवालों ने मुझे बुलाया था कुछ प्रोग्राम था, जिसमें सिर्फ़ घर की औरतें ही रहती है. उस प्रोग्राम में उस दिन प्रिया, उसकी बहन शिवानी और स्वाती और उसकी माँ थी. फिर में वहां पहुंचा तब शाम के 7 बज रहे थे, मुझे बैठाया गया और फिर नाश्ता ले कर आए, फिर इधर उधर की बातें करने के बाद मुझे बताया गया कि उनके खानदान की एक परंपरा है जो लड़की शादी करके उनके परिवार में आती है, उसको पहले घर के सारे मर्दो से चुदवाना होता है, उसके बाद ही वो अपने पति से चुदवा सकती है और जो लड़का घर की बेटी से शादी करने वाला होता है, उसको भी पहले घर की सारी औरतों की भूख मिटानी होती है अगर वो ऐसा कर सका, तभी उसको लड़की की चूत मिलती है. जैसे ही मैंने यह सुना तो मेरा दिमाग़ काम करना बंद हो गया और में कुछ सोच समझ ही नहीं पाया.

    फिर 2 मिनिट के बाद जब दिमाग़ काम करना शुरू हुआ, तो मेरी आँखों के सामने स्वाती, शिवानी, प्रिया की माँ सबका नंगा शरीर घूम रहा था. अब इन सबके बारे में जल्दी से बता दूँ कि स्वाती की उम्र 22 साल है, फिगर 34-28-34, शिवानी 24 साल की है, फिगर 34-38-36, माँ 49 साल की है, फिगर 38-34-40 है. फिर मुझे चुप देखकर माँ ने पूछा कि क्या हुआ? शक़ हो रहा है क्या इतनी स्त्रियों को देखकर? चलो कोई बात नहीं, में सिर्फ़ देखूँगी कि तुम हमारी बेटी को खुश रख पाओंगे कि नहीं, लेकिन तुम्हें बाकी दोनों को (स्वाती और शिवानी) को तो चोदना पड़ेगा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, में बस यह शर्त रखना चाहता हूँ कि में चोदूंगा सबको, लेकिन अपने तरीके से, फिर मुझे बीच में कोई रोक टोक नहीं चाहिए, मेरी बात सुनकर सब लोग एक दूसरे की शक्ल देखने लगे. फिर माँ बोली कि ठीक है, जैसा तुम चाहो वैसे चोदो, बस इतना ध्यान रखना की स्वाती और शिवानी, दोनों वर्जिन है और तब मैंने कहा कि पहले आप सब लोग बिल्कुल नंगे हो जाओ.

    फिर सबने तुरंत अपने कपड़े ऊतार दिए, अपने सामने इतनी नंगी औरतों को देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो गया. सबकी चूत पर झाटें थी. वो में देखकर और पागल हो रहा था, मेरा अंदर का जानवर जाग रहा था और मेरा लंड आधा खड़ा हो चुका था. फिर मैंने तुरंत सबसे छोटी स्वाती को अपने पास बुलाया और अपने कपड़े ऊतार कर उसको घुटनों पर बैठाकर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया, उसने लंड मुँह में लेने से इनकार किया तो मैंने ज़ोर से थप्पड़ मार दिया. इस पर माँ ने कहा कि यह क्या कर रहे हो?

    मैंने कहा कि मेरा चुदाई करने का यही तरीका है, आप लोग सिर्फ़ देखिये और अपनी चूत में उंगली डालते रहिए. मेरा 7 इंच मोटा लंड मुँह में लेकर स्वाती की गांड फट गयी, वो लगभग रोने लगी थी, लेकिन मैंने अपना लंड उसके मुँह से नहीं निकाला, जब उससे नहीं रहा गया तो उसने मुझे पीछे धक्का मार दिया.

    उसी समय मैंने उसके खुले हुए मुँह में किस कर दिया. फिर उसको धक्का मारकर पलट दिया और उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और इसके पहले कि वो कुछ समझ पाती, मैंने एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया. साली सही में वर्जिन थी, लंड घुसते ही ज़ोर से चिल्लाई मादरचोद, तेरी माँ की चूत, कुत्ता साला, माँ चोद दी तूने भोसड़ी के, ऐसी गालियां सुनकर मुझे और मज़ा आने लगा और तेज़ी से उसके बाल पकड़कर उसको थप्पड़ मारते हुए चोदने लगा.

    फिर 3-4 मिनट ही चुदाई हुई होगी कि उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ढेर हो गयी. मेरा लंड तो अब गर्म होना शुरू हुआ था, उसकी चूत के पानी से, वो भीगा हुआ था. मैंने फिर देखा तो बिना बुलाए शिवानी आगे आ गई और खुद कुत्तिया की स्टाइल में तैयार होकर बोली मेरी गांड मार, में अपनी चूत कई बार चुदवा चुकी हूँ, उसकी चूत देखकर पता चल गया था कि वो सच कह रही है.

    फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर थूक डालकर अपना अंगूठा उसमें घुसाया तो वो चिल्ला पड़ी, ओह बहनचोद. फिर मैंने तुरंत अपना लंड उसके मुँह में देना चाहा तो वो लेने से इनक़ार करने लगी कि उस पर स्वाती की चूत का पानी है, लेकिन मैंने ज़बरदस्ती उसके मुँह में लंड घुसा दिया. काफ़ी देर तक चूसने के बाद मैंने उसकी गांड पर अपना लंड लगाया और इसके पहले कि वो कुछ कहे या समझे मैंने धक्का मार दिया, तो मेरा लंड वो संभाल ना सकी और नीचे गिर पड़ी, लेकिन में जानवर कहाँ रुकने वाला था? मैंने बेरहमी से उसकी चुदाई शुरू कर दी, वो ज़ोर-ज़ोर से रोने चिल्लाने लगी.

    फिर कुछ 4-5 मिनट चुदवाने के बाद शिवानी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया और वो बेहोश हो कर गिर पड़ी. इस समय मेरा माँ की शक्ल देखने का मन हुआ, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर डर की बजाए चुदासपन दिख रहा था. में समझ गया कि यह रंडियो का खानदान है जहाँ फ्री सेक्स का माहौल है, में भी खुश हो गया.

    अब माँ उठ कर आ गयी और बोली तेरे जैसा जानवर तो मैंने कभी नहीं देखा है, तेरे लंड से इतनी चूत चुदवाने के बावजूद तू लंड से भी जानवर है और फ़ितरत से भी. आ देखते है तू मेरा क्या हाल बनाता है? इस पर मैंने कहा कि आपके लिए तो ख़ास चुदाई है, जैसे आपने कभी भी नहीं की होगी.

    यह कहकर में लेट गया और उनको अपने मुँह पर बैठा लिया और चूत से निकले पानी और झांटो की मिली जुली गंध से में पागल हो गया था. मुझ पर शैतान सवार हो गया था यह सोचकर कि इतनी उम्र की गोरी गदराई औरत नंगी मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ रही है और मुझसे चुदने के लिए बेकरार है, में उनकी चूत चाट रहा था और वो आआअहह मादरचोद, तेरी माँ की चूत, रंडी की औलाद, साला भोसड़ी का, बहनचोद, ऊहह ऊहह में मर गयी, मेरी चूत से पानी निकल जायेगा कहकर चिल्लाती रही, आख़री में उनसे कंट्रोल नहीं हुआ और वो मेरे मुँह पर झड़ गयी और उसी के साथ मेरे मुँह में मूत दिया.

    अब वो उठी तो तुरंत मैंने धक्का मारकर उनको लेटा दिया और अपना लंड उनके मुँह में देकर उनका मुँह चोदने लगा. पहले तो वो मजे से अपने सारे अनुभव का फायदा उठाकर चूसती रही, लेकिन जब मैंने अपनी स्पीड तेज़ कर दी और लगातार चोदने लगा, तो वो तड़पने लगी और मुँह से लंड निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन ना निकाल पाई. आख़िर बहुत देर तक चोदने के बाद में उनके मुँह में झड़ गया और उस समय मेरा जितना वीर्य निकला था, वो देखकर में भी पागल हो गया था.

    फिर 5 मिनट का ब्रेक हुआ, उसके बाद फिर मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा. मैंने माँ को लेटाया और उनकी चूत और गांड दोनों चाटने लगा, उनकी गांड सूंघकर मेरा लंड बहुत तेज़ी से साँप की तरह फनफना कर खड़ा हो गया और काफ़ी देर चाटने के बाद में खुद लेट गया और उनसे अपनी गांड चटवाई. वो भी रंडी की तरह बड़े शौक से मेरी गांड के छेद में अपनी जीभ घुसाकर चाट रही थी. फिर मैंने उनके बूब्स को दबाया और उसको बहुत देर तक चूसा और वो मेरा लंड सहलाती रही.

    जब दोनों बिल्कुल तैयार हो गये तो मैंने उनको पीठ के बल लेटाया और उनके ऊपर चढ़ गया. एक झटके में सरसराते हुए पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया. फिर बहुत देर तक धक्के लगाने लगा और बहुत तेज़ी से लगाता रहा. इतनी तेज़ी से मैंने स्वाती या शिवानी दोनों में से किसी को नहीं चोदा था जितनी तेज़ी से माँ चुद रही थी.

    फिर करीब 12-15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उनको उठाया और कहा कि कुत्तिया वाली पोज़िशन में तैयार हो जाओ, वो उत्तेजित होकर तैयार हो गयी. फिर मैंने बिना थूक के उनकी गांड की छेद पर अपने लंड को लगाया और धक्के मारना शुरू हो गया. फिर एक हाथ से बाल और दूसरे से बूब्स पकड़कर, मैंने माँ को बिल्कुल सड़क की रंडी बना कर चोदा. वो भी बिल्कुल रंडी के रोल में आ चुकी थी और गंदी गंदी गालीयां दे रही थी, ओह मादरचोद, ऊऊऊऊओह, आराम से कुत्ते, ऐसा तो मेरे पति ने, ससुर ने, बेटे ने, जीजा ने, पड़ोसी ने, किसी माँ के लोड़े ने कभी नहीं चोदा.

    किसी का लंड ऐसा ताक़त वाला नहीं था, तू साला पक्का बचपन से ही अपनी माँ चोदता होगा, तेरी हवस से तेरी कोई बहन बच नहीं पाई होगी, तू बहनचोद बहुत बहुत रंडीबाज है, माँ चोद देता है तू चुदाई करने में, आआआअहह, आआररराम से चोद भोसड़ी के रांड की पैदाइश, जितना वो गाली दे रही थी, उतना में और भड़क रहा था और चोद रहा था.

    फिर 10-12 मिनट की ऐसी चुदाई के बाद जब मुझे लगा कि वो आधे होश में ही रह गयी है, इसके साथ ही मैंने अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी और फ़च फ़च की आवाज़ से उनकी चूत चोदने लगा, जिसके साथ ही अगले 2-3 मिनट बाद में भी माँ की चूत में ही झड़ गया. उसके बाद हम लोग उठे और माँ ने मेरा लंड चूसकर साफ किया और इस पूरी सेक्स सेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो रही थी. फिर इस सेक्स परीक्षा के बाद मुझे प्रिया से शादी करने की इजाजत मिल गई और में इस हवस के भूखे परिवार का एक हिस्सा बन गया.

  • बहुत अच्छे परिवार की असलियत

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 32 साल है. दोस्तों मेरी शादी को 10 साल हो चुके है और मेरी फेमिली में मेरे पापा 52 साल, मेरी मम्मी 49 साल और मेरी वाईफ 28 साल की है. दोस्तों में आप सभी को सबसे पहले यह बता दूँ कि मेरे मम्मी और पापा ने आज तक मुझसे ज्यादा बात नहीं की है.. वो मुझसे कोई भी ज़रूरत होने पर ही बात करते थे. मेरी मम्मी दिन भर पूजा पाठ और पापा अपने बिज़नेस में लगे रहते थे.

    फिर 22 साल की उम्र में मेरी शादी हुई और मुझे बहुत सेक्सी वाईफ भी मिली और मेरा जीवन बहुत मस्ती में गुजर रहा था. हाई सोसाईटी में रहना घूमना फिरना मज़े मस्ती करना.. तो अब में आपको बताता हूँ कि कैसे मेरी लाईफ में अचानक एक दिन बहुत बड़ा भूचाल आ गया.

    दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है.. जब में अपने किसी जरूरी काम से घर पर लौटा था.. उस समय दिन के दो बज रहे थे और मेरी वाईफ ने मुझे पानी लाकर दिया और जब मैंने उससे पूछा कि बाकी सब लोग कहाँ गए?

    वो बोली कि सब बाहर गये है और उस समय में थोड़ा मूड में था.. तो मैंने उससे कहा कि चलो आज मस्ती करते है और उसे अपने रूम में ले जाने लगा.. लेकिन उसने कहा कि रूम में तो हम रोज ही यह सब करते है.. आज हम किचन में करते है और फिर हम किचन में चले गए. किचन में एक टेबल थी.. वो उसी पर चड़ गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम नीचे ही रहो और वो अपनी साड़ी खोलने लगी और साड़ी को पूरा खोलने के बाद वो अपना ब्लाउज, फिर पेटिकोट, फिर ब्रा और आखरी में उसने अपनी पेंटी तक को उतार दिया.. लेकिन दोस्तों वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी.. जैसे कोई रंडी स्टेज पर प्रोग्राम कर रही हो और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि हम आज कुछ नया करते है.. जैसा कि हम नेट पर वीडियो देखते है.

    फिर में भी एकदम तैयार हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि में उसकी चूत के नीचे अपना मुहं करूं और जैसे ही मैंने उसकी चूत के पास मुहं किया.. तो उसने तेज़ी से अपनी पीली कलर की धार मेरे मुहं में छोड़ दी और में एकदम से चकित हो गया कि यह क्या कर रही है.. लेकिन तब तक उसका पीला पानी मेरे पूरे मुहं और शरीर में आ चुका था.

    फिर उसके बाद वो बोली कि तुम ऐसे घबरा क्यों रहे हो.. अभी तो स्टार्ट हुआ है. फिर मैंने कहा कि क्या बात है.. आज तुम इतनी रंगीन कैसै? तो वो बोली कि बस तुम देखते जाओ और उसने मुझे ऊपर आने को कहा और जैसे ही में ऊपर चड़ा.. तो वो मेरे लंड को चूसकर मेरा सारा माल झाड़ दिया और मेरा पूरा वीर्य पी गयी. अब में तो बहुत चकित हो गया कि इतने सालों में आज तक उसने कभी भी मेरा लंड नहीं चूसा था और आज इतना कुछ.. खैर उसके बाद हम रोज इस तरह का कुछ ना कुछ करते रहे और अब मुझे क्या मालूम था कि मेरी जिन्दगी में और भी बहुत कुछ होने वाला है.

    फिर कुछ दिनों के बाद एक रात को करीब दो बजे में अचानक नींद से उठा और पानी पीने लगा.. तो मुझे अपनी माँ की आवाज़ हॉल में सुनाई दी और बेड पर मेरी वाईफ भी नहीं थी और जैसे ही में हॉल के सामने पहुंचा.. तो मेरी वाईफ और पापा मम्मी तीनो एकदम नंगे थे और मेरी वाईफ डाइनिंग टेबल पर खड़ी है और पापा मम्मी नीचे खड़े है और वो उन दोनों पर मूत रही है.. वो उन्हे कह रही थी कि..

    वाईफ : अबे साले मादरचोद तेरे बेटे का लंड तो तुझसे भी पतला है.. इसलिए आज में तेरे साथ हूँ और तू साला नखरे कर रहा है.. चल अब सामने आकर मेरा मूत पी.

    मम्मी : बेटी मुझे भी थोड़ा सा पिला.. बहुत दिन हो गये तेरा मूत पिए.

    पापा : हाँ बेटी में तैयार हूँ और फिर वो उन दोनों पर मूतने लगी.

    पापा : बेटी अब नीचे आ.. मुझे तेरी चूत का स्वाद भी चखा.

    फिर पापा मम्मी उसे गोदी में उठाकर ज़मीन पर ले आए और पापा उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगे.. तो अचानक माँ ने उससे कहा.

    मम्मी : बेटी तू तो मेरे पति से चुदवा ले और अब अपना वादा पूरा कर और मेरे पति से मुझे छुटकारा दिला.. साला संजय को जब से पैदा किया है.. तब से उससे अपनी चूत को चटवाकर पागल हूँ.

    वाईफ : हाँ मम्मी जी.. आज आपका काम जरुर होगा और आप बिल्कुल भी चिंता मत करो.

    फिर उसके बाद मेरा बाप पागलों की तरह मेरी बीवी को चोदने लगा. फिर उसे चोदने के बाद संध्या ने एक रबर का लंड अपनी कमर पर बाँध लिया और मेरी मम्मी की चूत में डाल दिया और यह सब देखकर में भी अब तक एकदम पागल हो चुका था कि जो माँ दिन भर पूजा करती है.. कभी ऐसी भी हो सकती है.

    फिर मुझे भी कंट्रोल नहीं हुआ और में अंदर घुस गया.. मुझे देखकर सबके सब घबरा गए. तभी मेरी मम्मी उसी नंगी हालत में मेरे पास आई और कहने लगी कि बेटा घबरा मत.. अगर तुझे भी हमारे साथ आना है.. तो बोल.. नहीं तो तू यहाँ से चला जा. फिर मैंने कहा कि मम्मी आप ऐसी भी हो सकती हो.. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता. फिर वो बोली कि बेटा अभी तो यह शुरुवात है और तुझे पूरी बात कहां पता है. फिर मैंने कहा कि मतलब? तो उसने कहा कि में और तेरे पापा सेक्स में बहुत आगे आ चुके है और हमारी जो यह अमीरी है.. वो सेक्स की ही देन और जिस लड़की से तेरी शादी हुई है और यहाँ पर तेरी बीवी कोई नहीं है.. इसे तेरी शादी से पहले जब यह 18 साल की थी.. तब से तेरे पापा कई बार चोद चुके है और यह हमें दिल्ली में मिली थी और उसी दिन हमने सोच लिया था कि इसे तेरी वाईफ बनाकर लाएगें और फिर तुझे भी इसमे शामिल करेंगे.. ताकि तुझे भी दिक्कत ना हो.. वैसे में तेरे पापा और तेरी वाईफ हम तीनों बहुत सेक्स करते है.

    दोस्तों में यह सब सुनकर एकदम पागल हो चुका था.. अचानक से मेरा हाथ अपने आप मम्मी के बूब्स पर चला गया और जैसे ही मैंने उनके बूब्स को पकड़ा.. तो मेरी वाईफ मेरे बाप से बोली कि चल साले आज से तू मेरा पति और यह इसका पति है.. जो हमने सोचा था.. आज वो हो गया और वो रूम से चली गई.

    उसके बाद मैंने अपनी मम्मी को कहा कि बोलो.. तो मम्मी बोली और कहा कि आज से मम्मी नहीं किरण बुला मुझे और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. उफ़फ्फ़ मम्मी नहीं सॉरी किरण चूस चूस और ज़ोर से. फिर किरण बोली कि मूत बेटा आज मुझे तेरा मूत पिला और फिर में धीरे धीरे मूतने लगा और उसे हॉट ड्रिंक्स समझकर पीने लगी.

    उसके बाद वो मुझे अपनी चूत चुसवाने लगी.. क्या गांड, क्या चूत, क्या बॉडी एक औरत वो भी 50 साल के लगभग थी. वो भी भगवान की भक्ति में लगी रहती थी.. उसका असली रूप तो यह है.. जो कि सेक्स में अपने बेटे को पाने के लिये इतना सब कर चुकी थी और उसके बाद उसकी चूत में मेरा लंड जैसे ही गया.. वो चिल्ला उठी.. आहह अह्ह्ह्ह मादरचोद बना ही दिया तुझे अह्ह्ह हाँ बेटा चोद अपनी माँ को चोद चोद उफफफ्फ़ और अंदर डाल साले बहनचोद डालना उउउफफफ्फ़. फिर में 15 मिनट के बाद जैसे ही झड़ने वाला था..

    मैंने कहा कि किरण मेरा माल निकल रहा है.. तो वो बोली कि तो क्या हुआ अंदर ही डाल.. इसलिये आज तक मैंने ऑपरेशन नहीं करवाया कि एक ना एक दिन में तेरे बेटे को जन्म दूंगी और आज तक तेरी बीवी तेरे साथ इसलिए कंडोम लगाकर चुदाई करती थी.. ताकि उसका पहला बच्चा तेरे बाप से हो. आज वो भी माँ बन गई और में भी.

    फिर उसके बाद रात भर में अपनी मम्मी किरण को चोदता रहा और उधर मेरे पापा मेरी बीवी को और जब सुबह हुआ.. तो मेरे घर का पूरा माहोल ही बदल चुका था.. जो औरत सुबह जल्दी उठकर पूजा में बैठ जाती थी.. आज मैंने देखा कि वो आज एकदम नंगी ही डाइनिंग हॉल में घूम रही है और पापा मेरी बीवी की कमर में हाथ डालकर उससे कह रहे है.. संध्या तू साली इंडिया की पहली औरत होगी.. जिसे भगवान ने इतना सेक्सी फिगर दिया.. इसे कपड़ो में क्यों छुपाकर रखती है? आज से तू और तेरी सास दोनों घर पर नंगी रहा करो और अब हम सब कुछ घर पर ही करेंगे.. बाहर होटल में नहीं और फिर उसके बाद अब हम एक साथ ही घर पर चुदाई करते है.. लेकिन आज एक साल बाद मेरी माँ को भी एक बेटी और मेरी वाईफ को भी एक बेटी हो गयी है.. लेकिन उन दोनों को नहीं पता कि मेरी बहन मेरी बेटी है और मेरी बेटी मेरी बहन है.

  • दीदी और उसकी चुदक्कड़ सास

    हैल्लो दोस्तों, कैसे है आप सब? में आज बहुत दिनों के बाद कोई नयी कहानी पेश करने जा रहा हूँ. मुझे चुदाई का चस्का ही मेरी माँ और बुआ ने लगाया था और उन्होंने अपनी भोसड़ी में मुझे ऐसा घुसाया था कि आज तक मेरा उनकी भोसड़ी में ही घुसा रहने को जी चाहता है. हाँ कभी-कभी मेरी बड़ी दीदी भी अपना एक बच्चा पैदा की हुई चूत फैलाकर मुझसे चुदवा लेती है और जब से उसने मुझसे चुदवाया है, तब से वो अपने पति यानी कि जीजा जी का लंड अपनी चूत में लेना पसंद ही नहीं करती है. जब वो पिछली बार यहाँ आई थी, तब मैंने माँ और उसको एक साथ चोदा था, जिसके बारे में फिर कभी बताउंगा.

    अभी तो में फिलहाल उसकी सास के बारे में आप सबको बताने जा रहा हूँ कि कैसे इस बार मैंने उनकी सास को सैकड़ों धक्के दिए और उसकी भोसड़ी की चुदाई की? हाँ तो बहनों और भाइयों अपने लंड और चूत पर अपना हाथ रख ले. फिर इस बार जब में दीदी के ससुराल गया तो मैंने वहाँ दीदी और उनकी सास के अलावा एक हट्टे-कट्टे पहलवान जैसे आदमी को देखा, जिसकी उम्र 46-47 साल रही होगी और दीदी के ससुर और पति हर बार की तरह इस बार भी कहीं बाहर गये हुए थे.

    फिर मैंने दीदी से उस अजनबी के बारे में पूछा तो उसने बताया कि ये मामा जी है माँ के दूर के भाई लगते है, लेकिन असल में माँ जी इनके साथ खूब रंग रेलिया मनाती है, मैंने कई बार इन दोनों को खुद अपनी आँखों से चुदाई करते देखा है. अब मुझे तो यकीन ही नहीं आ रहा था, लेकिन जब दीदी ने बताया तो यकीन करना पड़ा, क्योंकि उसकी सास काफ़ी धर्म-कर्म वाली सीधी साधी औरत लगती थी.

    मैंने दीदी से कहा कि आपकी सास तो बहुत सीधी साधी लगती है. तो वो बोली कि हाँ बिल्कुल हमारी माँ जैसी ना और ये कहकर हम दोनों हँसने लगे. उनकी सास की उम्र भी हमारी माँ के जितनी ही थी, यानी कि 44-45 साल के करीब और उनकी बड़ी-बड़ी ठोस चूचीयाँ किसी का भी ध्यान अपनी तरफ खींच लेती थी. फिर मैंने दीदी से कहा कि क्या माँ जी मुझसे चुदवाएगी? तो दीदी हँसने लगी और बोली कि मुझे तो यकीन है कि वो चुदवा लेगी, लेकिन इस काम में पहल तुझको ही करनी पड़ेगी.

    फिर मैंने कहा कि अगर में इन दोनों को चुदाई करते वक़्त रंगे हाथ पकड़ लूँ तो मेरा काम बन सकता है. तो फिर दीदी बोली कि हाँ तब तो तेरा काम आसान हो जाएगा. फिर मैंने पूछा कि क्या माँ जी रोज़ रात को मामा जी से चुदवाती है?

    दीदी बोली कि नहीं रोज़ तो नहीं, लेकिन अब ये तो खुजली की बात है कभी-कभी वो दोनों दिन में ही शुरू हो जाते है और मैंने तो अक्सर उन दोनों को दिन में ही चुदाई करते देखा है और तब मुझे तुम्हारे लंड की बहुत याद आती है मेरे भाई और इतना कहकर दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी. फिर मैंने कहा कि हाय दीदी कोई देख लेगा, तो हम दोनों के बारे में क्या सोचेगा?

    दीदी बोली कि आज रात को तुझे मेरी प्यास बुझानी है, मेरी चूत रानी बहुत दिन से सुलग रही है, अब तू आया है तो इस पर मेहरबानी करके जाना. फिर मैंने कहा कि ठीक है दीदी, आज रात को ही तुम्हारी चूत चोदूंगा और तुम्हारी सास को भी रंगे हाथ पकडूँगा.

    फिर रात को हम लोग खाना खाने के बाद जल्दी ही अपने-अपने रूम में चले गये. मेरी मामा जी से हाय हैल्लो हुई थी और सासू माँ ने भी मुझे सीने से लगाया था, तब ही से उनकी चूचीयाँ अब तक मेरे सीने में चुभती हुई महसूस हो रही थी. फिर मैंने दीदी से पूछा कि क्या मामा जी माँ के रूम में ही सोते है? तो वो बोली कि नहीं, वो दोनों काफ़ी देर तक बातें करते है और फिर मामा जी गेस्ट रूम में जाकर सो जाते है. फिर थोड़ी देर के बाद हमें सासू माँ के रूम से हंसने खिलखिलाने की आवाज़ आने लगी.

    तो मैंने कहा कि दीदी लगता है आज मेरी किस्मत अच्छी है, अब बगल वाले रूम में चुदाई का प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है. अब आप ये बताओं कि आप अपनी सास की चुदाई कहाँ से देखती हो? फिर दीदी मुझे बाथरूम में लेकर गयी, वहाँ की एक खिड़की आंटी के रूम की तरफ खुलती थी और जिस पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता था. फिर मैंने देखा कि मामा जी साड़ी के ऊपर से ही माँ जी की चूचीयाँ दबा रहे थे और माँ जी अपने दोनों हाथ से मामा जी का लंड पजामे से बाहर निकालकर सहला रही थी और मामा जी का लंड खड़ा देखकर में और दीदी भी मस्त हो गये थे.

    फिर मामा जी ने माँ जी की साड़ी उतारकर एक तरफ फेंक दी और उधर दीदी ने मेरा लंड बाहर निकालकर सहलाना चालू कर दिया था, जिससे वो भी खड़ा होने लगा था. अब उनकी सास को मामा जी ने पूरी तरह से नंगा कर दिया था और उनकी चूत पर ढेर सारे बाल भी थे. फिर मामा जी बोले कि शोभा तुमने झाटें कब से नहीं बनाई? अगली बार बना लेना, मुझे बड़ी हुई झाटें अच्छी नहीं लगती है, इधर देखो मेरा लंड कितना चिकना-चिकना है.

    माँ जी बोली कि वक़्त ही नहीं मिल पाता है, पूरे दिन तो बहु घर में रहती है और जब फ्री होती हूँ तो तुम अपना मूसल लेकर चुदाई करने लग जाते हो. अब जल्दी भी करो या बातें ही करते रहोगे? अब मामा जी ने तुरंत ही अपना आसान संभाल लिया और अपने लंड का सुपड़ा माँ जी की बालों से भरी चूत के मुँह पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा तो माँ जी की चीख निकल पड़ी.

    अब उन्होंने अपने दोनों पैर मामा जी की पीठ से चिपका दिए थे और वो अपने चूतड़ उछालने लगी थी. अब इधर दीदी ने भी अपने सारे कपड़े उतार डाले और मुझसे बोली कि फटाफट मुझे चोदकर माँ जी के रूम में घुस जाओ, तब ही आज रंगे हाथ पकड़ पाओगे. फिर मैंने कहा कि आपको तो में बाद में भी चोद सकता हूँ, अगर मामा जी इतनी देर में झड़ गये तो सब गड़बड़ हो जाएगी.

    फिर इस पर दीदी बोली कि अरे मेरे भोले भाई में मामा जी को जानती हूँ, वो साला भड़वा पता नहीं क्या खाकर चुदाई करता है? वो बहुत देर तक टिकता है और माँ जी के पसीने छुड़वा देता है, तब तक तुम मुझको निबटा दोगे. तो मैंने कहा कि ठीक है दीदी तुम जानो, अगर आज में तुम्हारे चक्कर में आपकी सास को नहीं चोद पाया तो में आपकी चूत चोदने के बाद आपकी गांड भी फाड़ दूँगा और ये कहकर दीदी की एक टाँग अपने कंधे पर रख ली.

    अब वो एक पैर से खड़ी थी और में अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ रहा था. अब हम लोग माँ जी की घमासान चुदाई भी देख रहे थे. फिर मैंने एक धक्का मारा तो मेरा लंड दीदी की चूत में पूरा जा घुसा और फिर हम लोग भी धक्के लगाने लगे. अब चुदाई दोनों तरफ चालू थी, अब एक तरफ सास चुद रही थी तो दूसरी तरफ बहु चुद रही थी, लेकिन वहाँ पर आवाज़ें ज़्यादा माँ जी की ही आ रही थी, जिसका कारण था कि मामा जी बहुत जोरदार चुदाई कर रहे थे.

    अब एक पैर पर खड़े-खड़े दीदी थक गयी थी तो वो बोली कि राज मुझे अपनी गोद में उठा लो, में तो थक ही गयी हूँ. फिर उसके बाद मैंने दीदी को अपनी गोद में भर लिया और दीदी अपने चूतड़ उछाल-उछालकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी. अब उनके उछलने से उनकी बड़ी-बड़ी चूचीयाँ भी हिल रही थी, जिसे में अपने मुँह में भरकर चूस रहा था. अब दीदी आह आआआआ करके झड़ने लगी थी और कुछ धक्को के बाद में भी किनारे लग गया, मगर मामा जी थे कि अभी भी लगे हुए थे.

    फिर दीदी अपनी चूत को साफ करते हुए बोली कि देखा मैंने कहा था ना कि ये भड़वा साला झड़ता ही नहीं है, काश में भी इससे कभी चुदवा पाती. अब दीदी के मुँह से ऐसी बात सुनकर मुझे थोड़ी हैरानी हुई.

    मैंने कहा कि क्या आप मामा जी से चुदवाना चाहोगी? तो दीदी बोली कि हाँ क्यों नहीं? आख़िर कौन औरत अपनी चूत में मर्द का लंड ज्यादा देर तक डलवाना पसंद नहीं करेगी? तो मैंने कहा कि ठीक है अगर आज मेरा काम बन गया, तो में तुझे भी मामा जी की टाँगों के नीचे लाने का इंतज़ाम कर दूँगा.

    फिर इसके बाद मैंने अपना पजामा पहनकर माँ जी के रूम में जाने की तैयारी कर ली और में अचानक से दीदी की सास के कमरे में धड़ाक से दरवाज़ा खोलकर घुस गया और मुझे इस तरह आया देखकर सासू माँ के होश ही उड़ गये थे, लेकिन मामा जी अड़ियल किस्म के लग रहे थे, अब जहाँ सासू माँ ने अपने नंगे बदन को चादर में छुपा लिया था, वहीं मामा जी पूरी तरह से वैसे ही नंगे बैठे रहे थे.

    फिर सासू माँ झिझकते हुए बोली कि अरे राज बेटा तू यहाँ इस वक़्त? तुझे तो आराम करना चाहिए था ना? फिर में बोला कि आराम ही करने की कोशिश कर रहा था आंटी, लेकिन आप लोग सोने दो तब ना? इतनी ज़ोर-ज़ोर से धड़ाधड़ आवाजे आ रही थी कि में तो यही सोच रहा था कि कहीं चोर तो नहीं घुस आया और यहाँ आकर देखा तो नज़ारा ही बदला हुआ है.

    फिर मामा जी बोल पड़े कि हाँ बेटा में समझ गया तुझे यहाँ क्या चीज़ खींचकर लाई है? आख़िर तू है भी ना लंड धारी, बता चूत मारनी है ना इसकी? तो फिर मैंने झूठ का नाटक दिखाते हुए कहा कि मामा जी आप भी कैसी गंदी बातें कर रहे है, भला में आंटी से इस तरह का बर्ताव कैसे कर सकता हूँ? ये मेरी दीदी की सास है और मेरी मम्मी के बराबर है.

    मामा जी बोले कि अब नाटक मत कर और अपनी लूँगी उतारकर मैदान में आ जा. फिर में झिझकते हुए बेड की तरफ बढ़ा तो मामा जी ने लपककर मेरी लूँगी खोल दी जिससे में पूरा नंगा हो गया.

    अब मेरा लंड लटका हुआ था, जिसे मामा जी अपने हाथ से पकड़कर आंटी को दिखाते हुए बोले कि लो भाई अब आज तुम भी जवान लंड का मज़ा ले लो, तुम मुझसे चुदवा-चुदवाकर बोर हो गयी होगी, चलो अब तुम भी चादर हटाकर अपनी चूत इस बेचारे को दिखा ही डालो. फिर उन्होंने सासू माँ की चादर हटा दी और मुझसे बोले कि बेटा सारी शर्म को इसकी चूत में डालकर खुद भी इसकी चूत में घुस जाओ.

    अब में तो पहले से ही सासू माँ को चोदने की सोचकर आया था और जब रूम में आने के बाद उनका नंगा बदन देखा तो मुझे अपनी मम्मी की याद आ गयी, बिल्कुल वैसी ही बड़ी-बड़ी चूचीयाँ और उन पर उभरे हुए ब्राउन कलर के निप्पल्स तनकर लंबे शेप में थे, जिसे फ़ौरन अपने होंठ में दबाकर चूसने का मन हुआ. फिर मैंने आंटी की चूची पर बहुत आहिस्ता से अपना एक हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

    अब आंटी भी मुझसे शर्मा नहीं रही थी और तब मामा जी ने उनकी चूत पर अपना हाथ फैरते हुए कहा कि लो रानी ठीक से मज़ा लो, आज दो मर्द तुम्हें एक साथ मज़ा देंगे, में तुम्हारी चूत चूसता हूँ. जब तक तुम मुन्ने को थोड़ा दूध पिलाकर तैयार करो और मेरे मुँह को उनकी चूची की तरफ को बढ़ाते हुए बोले कि लो बेटा दूध पीकर अपने लंड में ताक़त लाओ, साली बहुत लंड मार औरत है. जब में दो बार पेलता हूँ, तब साली का पानी झड़ता है. अब ये सब बातें मेरी दीदी खिड़की से सुन भी रही थी और अंदर का माज़रा देख भी रही थी.

    में पहले से ही उनसे कहकर आया था कि मामा जी का लंड तेरी चूत में डलवाकर रहूँगा. फिर मैंने सासू माँ की चूचीयाँ अपने मुँह में भर ली और चूसने लगा और उधर मामा जी उनकी चूत अपने होंठो से चूस रहे थे. अब माँ जी की हालत खराब थी, फिर वो बेड पर लेट गयी और में उनके सिरहाने जाकर आराम से उनकी चूची पीने लगा और मामा जी उनकी चूत चूस रहे थे, जिससे उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी.

    फिर वो मुझसे बोली कि बेटा और ज़ोर से चूस, दबा-दबाकर चूस. अब में उनके साथ थोड़ी नरमी दिखा रहा था. फिर थोड़ी देर में आंटी पूरी तरह से गर्म गयी और मेरा लंड भी फंनफनाने लग गया तो मामा जी ने कहा कि बेटा अब अपना लंड इसकी चूत घुसेड़ डाल और इसकी चूत का भुर्ता बना डाल. अब मामा जी मम्मी के मुँह के पास जाकर बैठ गये और अपना लंड उनके होंठ पर फैरने लगे थे.

    अब में अपने लंड की टोपी को उसकी चूत से रगड़ रहा था. तब आंटी ज़ोर से बोली कि साले हरामी रगड़ता ही रहेगा या अंदर भी डालेगा. फिर उसके बाद मुझे भी गुस्सा आ गया और मैंने एक ही बार में अपना 8 इंच लंबा लंड उनकी सूखी चूत में अंदर तक घुसा दिया, जिससे उनकी जोरदार चीख निकल पड़ी आआईयईईईईईईईई आआआआआहह आआअहह हरामी मादरचोऊऊऊऊऊऊऊद, तेरी माँ को कुत्ता चोदे, बहन के लंड कहीं के इतनी ज़ोर से डाला जाता है क्या? पहले कभी चूत नहीं मारी क्या? हरामजादे.

    अब मुझे और गुस्सा आ गया था, तो मैंने और ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. अब सासू माँ मुझे गंदी-गंदी गालियाँ देने लगी थी. अब उनकी गालियों से माहौल और मस्त हो रहा था. फिर मामा जी ने जब देखा कि आंटी गालियाँ बक रही है तो तब उन्होने अपना लंड उनके मुँह में नहीं डाला और उनकी चूची को ज़ोर-ज़ोर से दबाकर मज़ा लेने लगे.

    तब तो आंटी और भी जल गयी और बोली कि अब भोसड़ी के बहनचोद तुझे भी मस्ती सवार हो गयी, जो मेरी मुलायम चूचीयों को आटे की तरह बेदर्दी से गूँथ रहा है, आराम-आराम से कर वरना कल तेरी बहु को बुलाकर इसका लंड अंदर घुसवा दूँगी, हरामी कहीं का, भोसड़ी वाला फ्री में चोदने को क्या मिल जाता है? तो अपनी औकात ही भूल जाता है. अब इधर मेरे धक्के जारी थे, तभी आंटी फिर दर्द से कराह उठी क्योंकि मैंने अपना पूरा लंड बाहर निकालकर फिर से अंदर घुसेड़ दिया था. अब ये सब देखकर दीदी की चूत भी गीली हुए जा रही थी, जो बाहर खिड़की से सब देख रही थी.

    फिर मामा जी ने अपना लंड आंटी के मुँह में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगे. अब में भी झड़ने के करीब आ गया था तो तब ही में झड़ गया और मामा जी ने मुझे धकेलकर तुरंत अपना लंड सटाक से उनकी चूत में डाल दिया और फटाफट चोदने लगे. अब में अपना लंड उनके मुँह में डाले हुए था और मामा जी आंटी की चूत चोद रहे थे.

    फिर कुछ देर में ही आंटी भी झड़ गयी और फिर मामा जी भी झड़कर एक तरफ लेट गये. अब में अभी भी आंटी के मुँह में अपना लंड डाले हुए था, तब ही मेरे लंड से पानी की बौछार होने लगी, जिसे आंटी बहुत मज़े लेकर चूसने लगी. फिर मैंने अपना थोड़ा सा रस उनके मुँह पर भी गिराया और ढेर सारा उनके बालों में और उनकी चूचीयों पर भी गिरा दिया, जिससे उनकी चूची चमक उठी. फिर आंटी बोली कि लड़के तेरे लंड का पानी तो बहुत रसदार है, तूने बेकार ही इसे बाहर गिरा दिया, भैय्या ज़रा अब तुम मेरी चूची पर गिरा रस चूसकर देखो, इसका पानी कितना मज़ेदार है?

    फिर मामा जी सासू माँ की चूचीयों पर सना हुआ मेरा रस चाटने लगे. फिर उसके बाद हम लोग वहीं बेड पर लेट गये. अब में बेचारी दीदी के बारे में सोच रहा था कि अब उनको अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा.

    तब मैंने यूँ ही सासू माँ से पूछा कि माँ जी आप कह रही थी कि मामा जी की बहु को मुझसे चुदवाओगी? क्या सही में आप मुझसे उनकी बहु को चुदवाओंगी? तो इतने में मामा जी बोल पड़े कि हाँ बेटा क्यों नहीं? तू मेरी बहु को चोद और में तेरी दीदी को चोदूंगा? क्यों तैयार है ना तू? फिर में गुस्सा दिखाता हुआ बोला कि कैसी बातें कर रहे है आप? आपको शर्म आनी चाहिए, आंटी जी आप भी कुछ नहीं बोल रही है ये दीदी के बारे में कैसी कैसी बात कर रहे है? तो मामा जी बोले कि भोसड़ी वाले अब बड़ी मिर्ची लग रही है, मेरी बहु को फ्री में चोदगा क्या?

    तब आंटी बोली कि बेटा इसमें बुरा क्या है? अपनी बहन को इनसे चुदवा देना, वैसे भी मेरा बेटा कई कई दिनों तक बाहर रहता है, तो वो बेचारी लंड की चाहत में तड़पति रहती है, मैंने कई बार उसको अपनी चूत में उंगली करते हुए देखा है. अब में तो चाहता ही यही था तो मैंने कहा कि ठीक है आंटी, अब आप कह रही है तो मुझे कोई हर्ज़ नहीं है. फिर चुदाई का दूसरे दिन का प्रोग्राम सेट हो गया, फिर इसके बाद किस तरह से मामा जी ने मेरे सामने मेरी बहन को चोदा? और मैंने उनकी बहु को और दीदी की सास ने मिलकर उनकी बहु को चोदा, इसके बारे में अगले पार्ट में बताउंगा ओके, तब तक अपने हाथ लंड पर रखे रहिए और अपनी चूत में उंगली डाले रहिए.

  • सास को चुदवाते हुए देखा

    हैल्लो दोस्तों, में आशु, एक बार फिर से आप सभी लोगों के लिए अपनी दूसरी कहानी लेकर आया हूँ जिसमें मेरी सासूजी ने अपनी चुदाई बड़े मज़े लेकर करवाई और चुदाई में उन्होंने पूरा पूरा साथ दिया वो बहुत खुश थी, लेकिन दोस्तों इस बार मैंने अपनी चुदक्कड़ सास की चुदाई के मज़े नहीं लिए और इस बार उसकी चुदाई उसी की बहन के लड़के ने की और उसको चोदकर बहुत मज़े लिए. में आज अपनी सास की उस सच्ची करतूत को आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ.

    दोस्तों आप सभी को मेरी सास ज्योति के बारे में तो याद होगा ही कि वो चुदाई की कितनी प्यासी है और उसको हमेशा लंड की याद सताती है वो इतनी उम्र होने के बाद भी हर एक कुंवारी चूत को अपने सामने फेल कर दे. उसका गोरा सेक्सी बदन हर किसी को अपना दीवाना बना दे, उसके बूब्स, गांड और कामुक चूत को देखकर किसी का भी लंड अपना पानी छोड़ दे वो अपने शरीर की बहुत देखरेख करती और बहुत सुंदर भी है आप जब भी उसको चुदाई के लिए कहोगे वो तुरंत बिना देर किए तैयार हो जाएगी, क्योंकि मेरे ससुरजी ने कभी भी उसको अच्छी तरह से चोदकर संतुष्ट नहीं किया था वो हमेशा प्यासी रही और इसलिए में भी मेरे ससुर जी की मौत के बाद उसका चुदाई का इशारा पाकर दो बार चोद चुका था.

    दोस्तों मैंने उसकी बहुत मज़े लेकर चुदाई की और उसकी चूत को शांत किया, पहली बार चुदाई पसंद आने पर मैंने उसको दोबारा भी चोदा इसलिए उसने मेरा पूरा साथ दिया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि वो क्या कभी ऐसा भी कर सकती है या वो अपनी चूत को शांत करवाने के लिए इतनी हद तक नीचे भी गिर सकती है.

    दोस्तों मेरे ससुर जी की मौत के चार महीने बाद अचानक से मुझे एक दिन अपनी कंपनी के काम से बाहर जाना पड़ा और कुछ दिन बाद मेरा काम खत्म हो जाने के बाद जब में वापस अपने घर आया तो मैंने देखा कि मेरे घर पर उस समय ताला लगा हुआ था, क्योंकि मेरी बीवी मेरी माँ के पास दिल्ली चली गयी थी, वैसे तो मुझे भी दिल्ली जाना था, लेकिन में अपनी सास को अपनी पत्नी के पीछे से अकेले में चोदने के मूड में था, इसलिए में वहीं पर रुका रहा और में मन ही मन अपनी सास की होने वाली चुदाई की बात को सोचकर बहुत खुश था और इसलिए मैंने उसी दिन दोपहर को दो बजे अपने ससुराल जाने का प्रोग्राम बना लिया और में बहुत खुश होता हुआ अपने ससुराल पहुँच गया.

    दोस्तों मेरे पास उस घर की एक और चाबी थी जिसकी मदद से में पहले भी अपने ससुराल में जाकर अपनी सास को चोद चुका था और वो चाबी मुझे मेरी सास ने ही दी थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि जब भी तुम्हारा मन करे तुम मेरी चुदाई करने यहाँ पर आ सकते हो.

    फिर मैंने चुपचाप घर का दरवाजा खोल दिया तभी मुझे अंदर की तरफ से कुछ आवाज़ आने लगी और में उस आवाज को सुनकर चुपचाप उसके बेडरूम के पास में पहुँच गया और फिर मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा, लेकिन वहाँ पर कोई भी नहीं था और तब मैंने महसूस किया कि वो आवाज़ें ड्रॉयिंग रूम से आ रही थी, इसलिए में उधर की तरफ चला गया. तो तब मैंने क्या देखा कि मेरी सास ज्योति उस समय अपनी बहन के लड़के अवी की बाहों में है और वो दोनों ख़ुशी से नाच रहे है और उस समय ज्योति बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसने काले रंग का एकदम टाइट सूट पहना हुआ था जिसमें से उसके बड़े बड़े बूब्स का आकार एकदम साफ दिखाई दे रहा था. अब मैंने देखा कि अवी अपना एक हाथ ज्योति की मटकती हुई कमर पर फिरा रहा था और वो बीच बीच में उसकी गांड को भी मसल रहा था इन सभी में ज्योति को भी बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर उसके बाद तो अवी ने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रख दिया और धीरे धीरे मसालते हुए वो मेरी सेक्सी सास के साथ मज़े लेने लगा, वो अपने हाथों से मेरी सास के सेक्सी बदन को मसलने लगा और मेरी सास भी उसके साथ पूरा मज़ा ले रही थी वो धीरे धीरे गरम होकर सिसकियाँ ले रही थी.

    कुछ देर बाद उसने मेरी सास के बूब्स को पकड़ लिए और अब वो उन्हे भी ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा दबाने लगा कि तभी ज्योति ने अपना सर उसके कंधे पर रख दिया और उसने अपनी दोनों बाहें उसी समय उसके गले में डाल दी. दोस्तों में उस समय उस कमरे के बाहर एक खिड़की के पास में खड़ा हुआ था और वो दोनों अंदर थे जहाँ से में उन्हे बहुत आराम से देख सकता था मुझे सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन वो दोनों मुझे नहीं देख सकते थे. तभी मेरी सास ने अपना चेहरा मेरी तरफ कर लिया और अवी ने अब उसको चूमना शुरू कर दिया और वो भी अवी को चूम रही थी दोनों बहुत गरम थे और पूरे जोश में आ चुके थे. वो एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे.

    उसने सही मौका देखकर तुरंत ज्योति की कमीज़ को उतार दिया, जिसकी वजह से वो एक पतली सी अंडरशर्ट में रह गई थी, लेकिन अवी ने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से ज्योति की उस अंडरशर्ट और उसके साथ साथ उसकी सलवार को भी उतार दिया जिसकी वजह से वो अब काले रंग की ब्रा और पेंटी में रह गई थी, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उसके गोरे गोरे बूब्स पर वो हल्के भूरे रंग के निप्पल पूरे तन गये थे, वो दूर से दिखने में बहुत आकर्षक नजर आ रहे थे.

    तभी अवी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो भी अब पूरा नंगा हो गया. फिर मैंने देखा कि उसका लंड बहुत बड़ा था और वो तनकर खड़ा हुआ बहुत अच्छा लग रहा था, अवी ने ज्योति की ब्रा, पेंटी को भी उतार दिया और उसको पूरी नंगी कर दिया, जिसको देखकर ऐसा लग रहा था कि ज्योति ने अपनी चूत की साफ सफाई अवी के लिए ही की थी. अब अवी ने उसको अपनी गोद में उठा लिया और वो उसको कमरे के बीच में पड़े लकड़ी की एक टेबल पर लेटा दिया, अब मेरी सास ज्योति उससे बोली कि में कब से तड़प रही हूँ.

    अब वो भी ज्योति को बुरी तरह से किस कर रहा था. फिर वो उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे से खेलने लगा जिसकी वजह से वो बुरी तरह से उसके बूब्स को मसलने लगा और निप्पल को रगड़ रहा था. वो अब मेरी सास के बड़े बड़े बूब्स को चूम रहा था और बीच बीच में उसकी चूत में अपनी एक उंगली भी डाल रहा था, जिसकी वजह से ज्योति जोश में आकर सिसकियाँ भर रही थी अह्ह्ह्हह्ह ऊआहह उफ्फ्फ्फ़ ज्योति ने अब उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसको सहलाने लगी. उस समय मेरी सास पूरी तरह नंगी थी और अवी ने उसके दोनों पैर पूरी तरह फैला दिए थे.

    अब वो जल्दी से उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और उसके बाद वो अपनी जीभ को उसकी चूत पर घुमाने लगा. फिर जैसे ही चूत पर जीभ का स्पर्श हुआ तो ज्योति एकदम से तड़प उठी और उसने अपने दोनों पैरों को और भी ज़्यादा फैला दिया ताकि उसका वो आशिक अच्छे से उसकी चूत को अंदर तक अपनी जीभ से चाट सके वो अब अपनी गांड को उठाकर सिसकियाँ भर रही थी, क्योंकि वो अब जल्दी से अपनी चूत को मरवाना चाहती थी, लेकिन अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी.

    अब अवी पूरी मस्ती में भरकर उसकी चूत को चाट रहा था और बड़े मज़े ले रहा था. वो अब झड़ने के करीब थी और जैसे ही वो झड़ी तो उसने अपने पैरों को बिल्कुल शांत पटक दिया और वो उसके सर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी चूत के मुहं पर रगड़ने लगी. दोस्तों मुझे हालाँकि अपनी सास की उस हरकत को देखकर गुस्सा तो आना चाहिए था, लेकिन मुझे अब बड़ा मज़ा आ रहा था में अपनी सास को उसकी नरम चूत चटवाते हुए देखकर बहुत खुश था.

    तभी मैंने देखा कि अवी का लंड अब पूरे तनाव में था और वो सांप की तरह फनफना रहा था और अब मुझे पता था कि इसके आगे क्या होने वाला था? अवी ने मेरी सास के दोनों पैरों को खोल दिया और उसके बाद वो नीचे झुक गया और चूत को अपनी जीभ से चखकर वो कहने लगा वाह मेरी जान तुम्हारी चूत का स्वाद बहुत अच्छा है वाह मज़ा आ गया. तभी ज्योति कहने लगी कि अवी मुझे लगता है कि मुझे भी अब तुम्हारा यह लंड चूसना चाहिए?

    अवी ने कहा कि बेबी में तुम्हे यहाँ पर नहीं चोदूंगा और उसने इतना कहने के बाद अपनी तीन उँगलियों को ज्योति की गीली चूत में एक ज़ोर का झटका देकर डाल दिया जिसकी वजह से ज्योति चीख उठी और वो खुद को संभाल नहीं पाई और जैसे ही अवी की उँगलियों ने चूत को स्पर्श किया वो दोबारा झड़ गयी और वो कहने लगी हे भगवान अवी अब में पूरी तरह से गीली हो गई हूँ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह अब तुम मुझे ज्यादा मत तड़पाओ आ जाओ जल्दी से चोद दो मुझे मेरी चूत को जमकर मार लो मुझे तुम्हारे इस लंड का जोश दिखा दो अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत को चोदकर आज इसका भोसड़ा बना दो, प्लीज मेरी प्यास को बुझा दो.

    अब अवी उसके दोनों पैरों के बीच में खड़ा हुआ था तो उसने अपने हाथ ज्योति के दोनों कूल्हों के नीचे फंसाए और मजबूत पकड़ बनाकर उसके कूल्हों को पकड़कर उसको अपनी तरफ खींच लिया और उसके बाद अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर उसके एक जोरदार झटके में लंड उस प्यासी खुली हुई चूत के पूरा अंदर था. लंड के चूत के अंदर जाते ही उस हल्के दर्द मज़े की वजह से मेरी सास ने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली.

    अब वो अपनी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लेने लगी और उधर अपनी सास को अपनी आखों के सामने चुदते हुए देखकर मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया था आआहहह्ह्ह आईईईईइ ऊऊहाहहहाहाह ज्योति चिल्ला रही थी, हाँ बस ऐसे ही धक्के दो और अंदर तक डालो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मुझे, तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो और मुझे तुम्हारा चोदने का तरीका अच्छा लगा, हाँ ऐसे ही चोदते रहो मुझे मेरी जान ऊऊईईईईई. अब में उनका वो खेल देख रहा था और अवी मेरी सास को जोश में आकर चोद रहा था.

    करीब 15 मिनट के बाद उसने अपने लंड से वीर्य की बारिश ज्योति की चूत में कर दी और फिर कुछ देर बाद वो अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर करीब दो मिनट तक वहीं पड़ा रहा. फिर वो बोला कि में तेरी अब दोबारा चुदाई करूंगा मेरी प्यासी कुतिया लंड की भूखी क्यों तुझे भी यही सब चाहिए था ना?

    ज्योति सिसकियाँ भरकर बोली ओह्ह्ह्ह हाँ प्लीज़ जल्दी से चोदो मुझे और वो मज़ा दो तुम बहुत अच्छे हो, अब उसने ज्योति को अपने दोनों हाथों और घुटनों पर खड़ा कर दिया जिसकी वजह से मेरी सास ज्योति अब उसके सामने अपनी चूत को फैलाकर एक चुदक्कड़ कुतिया बन गई थी और वैसे भी उसको इस तरह से अपनी चुदाई करवाना बड़ा पसंद था, इसलिए वो मन ही मन बहुत खुश थी. दोस्तों अब मेरा लंड अपनी सास को चुदते हुए देखकर पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था और मेरी सास की बहन का लड़का उसको चोद रहा था और में उनकी चुदाई को देख रहा था. अब उसने सासूजी के पीछे आकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और जब पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा तो उसके बाद वो धीरे धीरे धक्के देकर उसको चोदने लगा.

    अवी के मुहं से भी अब हल्की सी आवाज आ रही थी और उसका पूरा लंड मेरी सास की चूत में था. वो उसको अब गालियाँ देने लगा, ज्योति को यह सब बहुत पसंद था और मुझे शुरू से ही पता था कि वो बहुत बड़ी रंडी है साली कुतिया वो एक नंबर की छिनाल थी. अब अवी उससे पूछने लगा क्यों मेरी रंडी कैसा लगा मेरा लंड? मज़ा आया क्या तुझे मेरी चुदाई में कुतिया साली? वो भी कहने लगी बहनचोद चोद मुझे साले बहुत मज़ा आ रहा है हाँ ज़ोर लगाकर चोद अपनी प्यासी ज्योति को, जल्द ही वो दोनों एक के बाद एक झड़ गये और उसके बाद अवी ने उसको अपने गले से लगा लिया, लेकिन कुछ देर बाद ज्योति ने उसका लंड दोबारा पकड़ लिया और इस बार उसने अवी का लंड अपने मुहं में डाल लिया. वो लंड को चूसते हुए कहने लगी तुम इसको मेरे मुहं में झाड़ दो में तुम्हारे लंड का माल पीना चाहती हूँ और वो उसका लंड चूसने लगी.

    अब अवी भी उसके मुहं में अपने लंड को धक्के देकर चोदने लगा और थोड़ी देर के बाद उसने अपना लंड मेरी सास के मुहं में झाड़ दिया और मेरी सास का मुहं उसके वीर्य से भर गया जिसको वो तुरंत नीचे गटक गई. मुझे उसके चेहरे से उसकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी. वो लंड को अपने एक हाथ में पकड़कर लगातार अंदर बाहर करके उसको चूस रही थी जैसे वो लंड ना होकर कोई लोलीपोप था जिसको चूसने में उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.

    वो बिल्कुल एक अनुभवी रंडी की तरह लंड के मज़े ले रही थी और चूसते समय उसके चेहरे की बनावट और वो सिसकियों की आवाजे भी एकदम छिनालों जैसी ही थी उसने लंड को चाट चाटकर एकदम चमका दिया था. दोस्तों यह था मेरी सासु माँ की चुदाई का वो सच जिसको में पिछले कुछ समय से आप तक पहुँचाने की बात सोच रहा था.

  • सास को चुदवाते हुए देखा

    हैल्लो दोस्तों, में आशु, एक बार फिर से आप सभी लोगों के लिए अपनी दूसरी कहानी लेकर आया हूँ जिसमें मेरी सासूजी ने अपनी चुदाई बड़े मज़े लेकर करवाई और चुदाई में उन्होंने पूरा पूरा साथ दिया वो बहुत खुश थी, लेकिन दोस्तों इस बार मैंने अपनी चुदक्कड़ सास की चुदाई के मज़े नहीं लिए और इस बार उसकी चुदाई उसी की बहन के लड़के ने की और उसको चोदकर बहुत मज़े लिए. में आज अपनी सास की उस सच्ची करतूत को आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ.

    दोस्तों आप सभी को मेरी सास ज्योति के बारे में तो याद होगा ही कि वो चुदाई की कितनी प्यासी है और उसको हमेशा लंड की याद सताती है वो इतनी उम्र होने के बाद भी हर एक कुंवारी चूत को अपने सामने फेल कर दे. उसका गोरा सेक्सी बदन हर किसी को अपना दीवाना बना दे, उसके बूब्स, गांड और कामुक चूत को देखकर किसी का भी लंड अपना पानी छोड़ दे वो अपने शरीर की बहुत देखरेख करती और बहुत सुंदर भी है आप जब भी उसको चुदाई के लिए कहोगे वो तुरंत बिना देर किए तैयार हो जाएगी, क्योंकि मेरे ससुरजी ने कभी भी उसको अच्छी तरह से चोदकर संतुष्ट नहीं किया था वो हमेशा प्यासी रही और इसलिए में भी मेरे ससुर जी की मौत के बाद उसका चुदाई का इशारा पाकर दो बार चोद चुका था.

    दोस्तों मैंने उसकी बहुत मज़े लेकर चुदाई की और उसकी चूत को शांत किया, पहली बार चुदाई पसंद आने पर मैंने उसको दोबारा भी चोदा इसलिए उसने मेरा पूरा साथ दिया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि वो क्या कभी ऐसा भी कर सकती है या वो अपनी चूत को शांत करवाने के लिए इतनी हद तक नीचे भी गिर सकती है.

    दोस्तों मेरे ससुर जी की मौत के चार महीने बाद अचानक से मुझे एक दिन अपनी कंपनी के काम से बाहर जाना पड़ा और कुछ दिन बाद मेरा काम खत्म हो जाने के बाद जब में वापस अपने घर आया तो मैंने देखा कि मेरे घर पर उस समय ताला लगा हुआ था, क्योंकि मेरी बीवी मेरी माँ के पास दिल्ली चली गयी थी, वैसे तो मुझे भी दिल्ली जाना था, लेकिन में अपनी सास को अपनी पत्नी के पीछे से अकेले में चोदने के मूड में था, इसलिए में वहीं पर रुका रहा और में मन ही मन अपनी सास की होने वाली चुदाई की बात को सोचकर बहुत खुश था और इसलिए मैंने उसी दिन दोपहर को दो बजे अपने ससुराल जाने का प्रोग्राम बना लिया और में बहुत खुश होता हुआ अपने ससुराल पहुँच गया.

    दोस्तों मेरे पास उस घर की एक और चाबी थी जिसकी मदद से में पहले भी अपने ससुराल में जाकर अपनी सास को चोद चुका था और वो चाबी मुझे मेरी सास ने ही दी थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि जब भी तुम्हारा मन करे तुम मेरी चुदाई करने यहाँ पर आ सकते हो.

    फिर मैंने चुपचाप घर का दरवाजा खोल दिया तभी मुझे अंदर की तरफ से कुछ आवाज़ आने लगी और में उस आवाज को सुनकर चुपचाप उसके बेडरूम के पास में पहुँच गया और फिर मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा, लेकिन वहाँ पर कोई भी नहीं था और तब मैंने महसूस किया कि वो आवाज़ें ड्रॉयिंग रूम से आ रही थी, इसलिए में उधर की तरफ चला गया. तो तब मैंने क्या देखा कि मेरी सास ज्योति उस समय अपनी बहन के लड़के अवी की बाहों में है और वो दोनों ख़ुशी से नाच रहे है और उस समय ज्योति बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसने काले रंग का एकदम टाइट सूट पहना हुआ था जिसमें से उसके बड़े बड़े बूब्स का आकार एकदम साफ दिखाई दे रहा था. अब मैंने देखा कि अवी अपना एक हाथ ज्योति की मटकती हुई कमर पर फिरा रहा था और वो बीच बीच में उसकी गांड को भी मसल रहा था इन सभी में ज्योति को भी बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर उसके बाद तो अवी ने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रख दिया और धीरे धीरे मसालते हुए वो मेरी सेक्सी सास के साथ मज़े लेने लगा, वो अपने हाथों से मेरी सास के सेक्सी बदन को मसलने लगा और मेरी सास भी उसके साथ पूरा मज़ा ले रही थी वो धीरे धीरे गरम होकर सिसकियाँ ले रही थी.

    कुछ देर बाद उसने मेरी सास के बूब्स को पकड़ लिए और अब वो उन्हे भी ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा दबाने लगा कि तभी ज्योति ने अपना सर उसके कंधे पर रख दिया और उसने अपनी दोनों बाहें उसी समय उसके गले में डाल दी. दोस्तों में उस समय उस कमरे के बाहर एक खिड़की के पास में खड़ा हुआ था और वो दोनों अंदर थे जहाँ से में उन्हे बहुत आराम से देख सकता था मुझे सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन वो दोनों मुझे नहीं देख सकते थे. तभी मेरी सास ने अपना चेहरा मेरी तरफ कर लिया और अवी ने अब उसको चूमना शुरू कर दिया और वो भी अवी को चूम रही थी दोनों बहुत गरम थे और पूरे जोश में आ चुके थे. वो एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे.

    उसने सही मौका देखकर तुरंत ज्योति की कमीज़ को उतार दिया, जिसकी वजह से वो एक पतली सी अंडरशर्ट में रह गई थी, लेकिन अवी ने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से ज्योति की उस अंडरशर्ट और उसके साथ साथ उसकी सलवार को भी उतार दिया जिसकी वजह से वो अब काले रंग की ब्रा और पेंटी में रह गई थी, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उसके गोरे गोरे बूब्स पर वो हल्के भूरे रंग के निप्पल पूरे तन गये थे, वो दूर से दिखने में बहुत आकर्षक नजर आ रहे थे.

    तभी अवी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो भी अब पूरा नंगा हो गया. फिर मैंने देखा कि उसका लंड बहुत बड़ा था और वो तनकर खड़ा हुआ बहुत अच्छा लग रहा था, अवी ने ज्योति की ब्रा, पेंटी को भी उतार दिया और उसको पूरी नंगी कर दिया, जिसको देखकर ऐसा लग रहा था कि ज्योति ने अपनी चूत की साफ सफाई अवी के लिए ही की थी. अब अवी ने उसको अपनी गोद में उठा लिया और वो उसको कमरे के बीच में पड़े लकड़ी की एक टेबल पर लेटा दिया, अब मेरी सास ज्योति उससे बोली कि में कब से तड़प रही हूँ.

    अब वो भी ज्योति को बुरी तरह से किस कर रहा था. फिर वो उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे से खेलने लगा जिसकी वजह से वो बुरी तरह से उसके बूब्स को मसलने लगा और निप्पल को रगड़ रहा था. वो अब मेरी सास के बड़े बड़े बूब्स को चूम रहा था और बीच बीच में उसकी चूत में अपनी एक उंगली भी डाल रहा था, जिसकी वजह से ज्योति जोश में आकर सिसकियाँ भर रही थी अह्ह्ह्हह्ह ऊआहह उफ्फ्फ्फ़ ज्योति ने अब उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसको सहलाने लगी. उस समय मेरी सास पूरी तरह नंगी थी और अवी ने उसके दोनों पैर पूरी तरह फैला दिए थे.

    अब वो जल्दी से उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और उसके बाद वो अपनी जीभ को उसकी चूत पर घुमाने लगा. फिर जैसे ही चूत पर जीभ का स्पर्श हुआ तो ज्योति एकदम से तड़प उठी और उसने अपने दोनों पैरों को और भी ज़्यादा फैला दिया ताकि उसका वो आशिक अच्छे से उसकी चूत को अंदर तक अपनी जीभ से चाट सके वो अब अपनी गांड को उठाकर सिसकियाँ भर रही थी, क्योंकि वो अब जल्दी से अपनी चूत को मरवाना चाहती थी, लेकिन अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी.

    अब अवी पूरी मस्ती में भरकर उसकी चूत को चाट रहा था और बड़े मज़े ले रहा था. वो अब झड़ने के करीब थी और जैसे ही वो झड़ी तो उसने अपने पैरों को बिल्कुल शांत पटक दिया और वो उसके सर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी चूत के मुहं पर रगड़ने लगी. दोस्तों मुझे हालाँकि अपनी सास की उस हरकत को देखकर गुस्सा तो आना चाहिए था, लेकिन मुझे अब बड़ा मज़ा आ रहा था में अपनी सास को उसकी नरम चूत चटवाते हुए देखकर बहुत खुश था.

    तभी मैंने देखा कि अवी का लंड अब पूरे तनाव में था और वो सांप की तरह फनफना रहा था और अब मुझे पता था कि इसके आगे क्या होने वाला था? अवी ने मेरी सास के दोनों पैरों को खोल दिया और उसके बाद वो नीचे झुक गया और चूत को अपनी जीभ से चखकर वो कहने लगा वाह मेरी जान तुम्हारी चूत का स्वाद बहुत अच्छा है वाह मज़ा आ गया. तभी ज्योति कहने लगी कि अवी मुझे लगता है कि मुझे भी अब तुम्हारा यह लंड चूसना चाहिए?

    अवी ने कहा कि बेबी में तुम्हे यहाँ पर नहीं चोदूंगा और उसने इतना कहने के बाद अपनी तीन उँगलियों को ज्योति की गीली चूत में एक ज़ोर का झटका देकर डाल दिया जिसकी वजह से ज्योति चीख उठी और वो खुद को संभाल नहीं पाई और जैसे ही अवी की उँगलियों ने चूत को स्पर्श किया वो दोबारा झड़ गयी और वो कहने लगी हे भगवान अवी अब में पूरी तरह से गीली हो गई हूँ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह अब तुम मुझे ज्यादा मत तड़पाओ आ जाओ जल्दी से चोद दो मुझे मेरी चूत को जमकर मार लो मुझे तुम्हारे इस लंड का जोश दिखा दो अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत को चोदकर आज इसका भोसड़ा बना दो, प्लीज मेरी प्यास को बुझा दो.

    अब अवी उसके दोनों पैरों के बीच में खड़ा हुआ था तो उसने अपने हाथ ज्योति के दोनों कूल्हों के नीचे फंसाए और मजबूत पकड़ बनाकर उसके कूल्हों को पकड़कर उसको अपनी तरफ खींच लिया और उसके बाद अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर उसके एक जोरदार झटके में लंड उस प्यासी खुली हुई चूत के पूरा अंदर था. लंड के चूत के अंदर जाते ही उस हल्के दर्द मज़े की वजह से मेरी सास ने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली.

    अब वो अपनी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लेने लगी और उधर अपनी सास को अपनी आखों के सामने चुदते हुए देखकर मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया था आआहहह्ह्ह आईईईईइ ऊऊहाहहहाहाह ज्योति चिल्ला रही थी, हाँ बस ऐसे ही धक्के दो और अंदर तक डालो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मुझे, तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो और मुझे तुम्हारा चोदने का तरीका अच्छा लगा, हाँ ऐसे ही चोदते रहो मुझे मेरी जान ऊऊईईईईई. अब में उनका वो खेल देख रहा था और अवी मेरी सास को जोश में आकर चोद रहा था.

    करीब 15 मिनट के बाद उसने अपने लंड से वीर्य की बारिश ज्योति की चूत में कर दी और फिर कुछ देर बाद वो अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर करीब दो मिनट तक वहीं पड़ा रहा. फिर वो बोला कि में तेरी अब दोबारा चुदाई करूंगा मेरी प्यासी कुतिया लंड की भूखी क्यों तुझे भी यही सब चाहिए था ना?

    ज्योति सिसकियाँ भरकर बोली ओह्ह्ह्ह हाँ प्लीज़ जल्दी से चोदो मुझे और वो मज़ा दो तुम बहुत अच्छे हो, अब उसने ज्योति को अपने दोनों हाथों और घुटनों पर खड़ा कर दिया जिसकी वजह से मेरी सास ज्योति अब उसके सामने अपनी चूत को फैलाकर एक चुदक्कड़ कुतिया बन गई थी और वैसे भी उसको इस तरह से अपनी चुदाई करवाना बड़ा पसंद था, इसलिए वो मन ही मन बहुत खुश थी. दोस्तों अब मेरा लंड अपनी सास को चुदते हुए देखकर पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था और मेरी सास की बहन का लड़का उसको चोद रहा था और में उनकी चुदाई को देख रहा था. अब उसने सासूजी के पीछे आकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और जब पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा तो उसके बाद वो धीरे धीरे धक्के देकर उसको चोदने लगा.

    अवी के मुहं से भी अब हल्की सी आवाज आ रही थी और उसका पूरा लंड मेरी सास की चूत में था. वो उसको अब गालियाँ देने लगा, ज्योति को यह सब बहुत पसंद था और मुझे शुरू से ही पता था कि वो बहुत बड़ी रंडी है साली कुतिया वो एक नंबर की छिनाल थी. अब अवी उससे पूछने लगा क्यों मेरी रंडी कैसा लगा मेरा लंड? मज़ा आया क्या तुझे मेरी चुदाई में कुतिया साली? वो भी कहने लगी बहनचोद चोद मुझे साले बहुत मज़ा आ रहा है हाँ ज़ोर लगाकर चोद अपनी प्यासी ज्योति को, जल्द ही वो दोनों एक के बाद एक झड़ गये और उसके बाद अवी ने उसको अपने गले से लगा लिया, लेकिन कुछ देर बाद ज्योति ने उसका लंड दोबारा पकड़ लिया और इस बार उसने अवी का लंड अपने मुहं में डाल लिया. वो लंड को चूसते हुए कहने लगी तुम इसको मेरे मुहं में झाड़ दो में तुम्हारे लंड का माल पीना चाहती हूँ और वो उसका लंड चूसने लगी.

    अब अवी भी उसके मुहं में अपने लंड को धक्के देकर चोदने लगा और थोड़ी देर के बाद उसने अपना लंड मेरी सास के मुहं में झाड़ दिया और मेरी सास का मुहं उसके वीर्य से भर गया जिसको वो तुरंत नीचे गटक गई. मुझे उसके चेहरे से उसकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी. वो लंड को अपने एक हाथ में पकड़कर लगातार अंदर बाहर करके उसको चूस रही थी जैसे वो लंड ना होकर कोई लोलीपोप था जिसको चूसने में उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.

    वो बिल्कुल एक अनुभवी रंडी की तरह लंड के मज़े ले रही थी और चूसते समय उसके चेहरे की बनावट और वो सिसकियों की आवाजे भी एकदम छिनालों जैसी ही थी उसने लंड को चाट चाटकर एकदम चमका दिया था. दोस्तों यह था मेरी सासु माँ की चुदाई का वो सच जिसको में पिछले कुछ समय से आप तक पहुँचाने की बात सोच रहा था.

  • दामाद ने सास को चोदा किचन में साडी उठाकर

    Indian saas sex with damad sex story : ये मेरी कहानी है, मेरी सेक्स कहानी, मैं ही सास हु, मैं भेजी हूँ ये कहानी नॉनवेजस्टोरी डॉट कॉम. पर आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी बताउंगी कैसे कैसे क्या क्या हुआ था उस दिन कैसे दामाद ने मुझे चोद दिया था और मैं कुछ भी नहीं कर पाई। अब मेरी बेटी को ये बात पता चलेगा तो वो क्या कहेगी। सबसे बड़ी बात तो ये है ये पिछले महीने की बात है और इस महीने मेरा मेंस यानी माहवारी भी नहीं आई है। अब क्या होगा पता नहीं। इसलिए मैं अपना मन हल्का कर रही हूँ।

    मेरी बेटी की शादी हुए अभी मात्र 2 महीने हुआ है। वो लव मैरिज की है। मेरे पति नहीं है एक ही बेटी है। ग़ाज़ियाबाद में रहती हूँ। मेरा अपना फ्लैट है। मेरा दामाद दिल्ली में पढाई करता था अब उससे सरकारी नौकरी मिल गई है। वो भी ग़ाज़ियाबाद में। पहले तो वो किराये पर रहता था। पर अभी शादी के बाद से वो अब हमलोगों के साथ ही रहेगा.

    पर बात चुदाई की है उसने कैसे की चुदाई मेरी वही बताने जा रही हूँ।

    दोस्तों शादी के पहले से ही वो घर आता जाता था। काफी मिलनसार था। माँ की तरह मानता है। बहुत अच्छा स्वाभाव का है, इसलिए मैं बहुत ही जल्दी उसको अपने मन में बैठा ली कभी लगा ही नहीं की मेरे से अभी हाल की जान पहचान है। इसलिए वो मुझसे काफी हिल-मिल गया था। और जब से शादी हुई है तब से वो और भी ज्यादा दुलार बनने लगा है।

    जब भी कही बैठती थी वो निचे लेट जाता था मेरी गोद में सर रख देखा था। और सहलाने कहता था। मेरी बेटी को भी ये सब अच्छा ही लगता था वो कहती थी देख माँ तेरा लाडला आ गया है। पर उस दिन तो गजब हो गया दोस्तों जिस दिन मेरी चुदाई उसने की थी।

    मेरी बेटी एक ऑफिस में काम करती है वह की वो मार्केटिंग मैनेजर है। काफी अच्छी सैलरी है रुतवा है। कंपनी के काफी फैसिलिटी दी है उससे इस वजह से काम भी उससे ज्यादा ही करना पड़ता है। एक दिन वो सुबह ही ऑफिस के लिए तैयार हो गई और आठ बजे ही वो ऑफिस चली गई। दामाद का नाम राज है। तो राज लेट उठा था करीब नौ बजे। वो सोकर बाहर आया और मैं किचन में काम कर रही थी। वो आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया मैं उस समय रोटी बना रही थी। वो आकर पीछे से पकड़ लिया और कहने लगा मम्मी जी आप इतना काम क्यों करते हो। तो मैं बोली क्यों आज मेरी छुट्टी है क्या? आज तेरी छुट्टी है पर मेरी नहीं।

    और मैं रोटी बेलती रही, फिर वो अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया और बोला मम्मी जी आप बहुत ही ज्यादा अच्छी माँ हो। तो मैं बोली वो तो मैं हूँ ही। फिर वो बोला आप बहुत ही हॉट और सेक्सी हो। तो मैं बोली अड़तीस साल की हो गई हूँ। अब हॉट और सेक्सी नहीं हूँ। तो वो बोला नहीं नहीं आप बहुत ही ज्यादा सेक्सी हो। और धीरे धीरे वो मेरी चूतड़ में सट गया। और धीरे धीरे उसका लौड़ा खड़ा हो गया जो मुझे महसूस हो रहा था।

    पहले तो मुझे अच्छा नहीं लगा था। पर एक जवान लड़के का लंड सटटे ही मेरे बदन में भी हलचल होने लगी। मैं बोली क्यों राधिका खुश नहीं करती है क्या ? वो बोला वो तो मेरी बीवी है रोजाना एक ही चीज को खाकर बोर हो गया हूँ। तो मैं बोली मारूंगी ऐसा बोलेगा तो। वो तुम्हारी बीवी है। तो वो बोला मैं तो मजाक कर रहा था। वो बहुत ही अच्छी है।

    और फिर मेरा पेट पकड़ लिया पीछे से आगे हाथ करते हुए धीरे धीरे वो मेरी बूब पर आ गया मैं कुछ नहीं बोल पाई। क्यों की ये सब अच्छा लग रहा था मुझे। पति को गए हुए दस साल हो गए हैं। तो आप खुद सोचिये एक महिला जो जवान है और उसको लंड नहीं मिले तो क्या हाल होगा। वही मेरे साथ ही हुआ जब मुझे वो पकड़ा तो मैं अपने आप को संभाल नहीं पाई। और लम्बी साँसे लेने लगी। मैं रोटी बना छोड़ दी और उसके हाथ पर अपना हाथ रख थी उस समय उसका हाथ मेरी बूब पर था।

    वो समझ गया गया की मैं तैयार हो गई। उसने अब मेरी बूब को दबाना शुरू कर दिया। और पीछे से अपना लंड रगड़ना। मैं वैसे ही कड़ी रही और फिर रसोई का स्लैप पकड़ कर झुक गई। क्यों की मैं कामुक हो गई थी। उसके बाद वो मेरी साडी और पेटीकोट ऊपर कर दिया बड़ी सी चौड़ी गांड देखकर वो पागल हो गया वो बोला वाओ मम्मी जी। गजब और वो पहले मेरी चूतड़ को खूब चूमा और फिर मेरी पेंटी निचे कर दिया और मैं फिर पेंटी उतार दी। वैसे ही झुकी थी। तभी उसने अपना लौड़ा निकाला और मुझे और थोड़ा झुकने बोला

    और चूत पर अपना लंड सेट कर चूतड़ पकड़ कर जोर से घुसा दिया। उसने कहा बहुत टाइट है आपकी चूत जैसे की आपकी बेटी की है। तो मैं बोली चुदे हुए दस साल हो गया है। इसलिए फिर से अपनी पॉजिसन में आ गया है इसलिए टाइट है। और वो अपना लौड़ा अंदर बहार करने लगा। मैं हौले हौले से धक्के देने लगी। वो रह रह कर मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारता और जोर जोर से लंड घुसाता। मेरी मुँह से आ आ आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ ओह्ह ओह्ह की आवाज निकलने लगी।

    अब मैं खुल कर चुदना चाहती थी। आराम से लेट कर पुरे कपडे उतार कर। किचेन में वो मेरी साडी उठाकर करीब 15 मिनट तक चोदा फिर मैं बोली चलो बेडरूम में। हम दोनों बैडरूम में गए मैं अपना सारा कपड़ा उतार दी उसने भी बरमुंडा और जांघिया खोल दिया। और मैं लेट गई बेड पर वो मेरी चूचियों को पिने लगा। दबाने लगा मेरी निप्पल को दांत से काटने लगा। मैं मदहोश होने लगी। फिर वो निचे गया मेरी पैरों के बिच में बैठकर चूत चाटने लगा। मैं टांग अपना उसके दोनों कंधे पर रख दी वो मेरी चूत चाटने लगा।

    मैं उसके बाल पकड़पर अपने चूत में उसके फेस को रगड़ने लगी। अब मैं पूरी तरह से गरम हो गई थी। अब सिर्फ लंड चाहिए था वो भी जोर जोर से। वो अपना लंड मेरी छूट में घुसाया और मेरी चूचियों को मसल मसल कर जोर जोर से लंड मेरी चुत में घुसाने लगा। मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई थी। मैं जोर जोर से आह आह आह करने लगी और वो जोर जोर से चोदने लगा।

    उसके बाद मैंने उसको निचे की और मैं ऊपर जाकर उसके लंड को अपनी चुत में लेकर बैठ गई। पूरा लंड सटाक सा अंदर चला गया अब मैं जोर जोर से धक्के देने लगी फच फच फच की आवाज पुरे कमरे में गुज रही थी। वो मेरी चूचियां मसल रहा था। जोर जोर से ले रहा था। दोस्तों करीब तो मुझे दो घंटे तक चोदा और मैं खुलकर चुदी ऐसा तो अपने पति के साथ भी कभी नहीं चुदी थी जैसा उस दिन चुदी।

    फिर क्या था आगे से पीछे से घोड़ी बनकर लेट कर बैठकर जो मन में मेरे आया और उसके आया सभी पोज का इस्तेमाल किया। और फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम में नहाने चले गए।

    उस दिन के बाद से हम दोनों रोजाना चुदाई करते है। पर एक गलती हो गई है। मैं आजतक बिना कंडोम के ही चुदवाई हूँ तो इस महीने मेरा पीरियड मिस हो गया है। लगता है मैं पेट से हूँ। अब देखिये आगे क्या होता है। मैं आपको फिर से अपनी बात इस वेबसाइट पर बताउंगी।

  • सास की चूत के साथ गांड का स्वाद

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी आज की सच्ची घटना को सुनाने से पहले अपना परिचय दे देता हूँ. मेरा नाम रोशन और में मुंबई का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 32 साल है. में एक शादीशुदा हूँ और मेरी एक बच्ची भी है. दोस्तों मेरे साथ जो सब कुछ घटित हुआ है, वो सब कुछ एकदम सच है और यह कहानी मेरी अपनी है, जिसमें मैंने अपनी प्यासी कामुक सास की चुदाई करके उसको वो मज़े दे दिए, जिसके लिए उसने मुझसे अपनी चुदाई करवाने की बात सोची थी और मैंने उसकी प्यास को बुझाकर एकदम संतुष्ट कर दिया और उसकी चुदाई के मज़े के साथ साथ मैंने अपना बदला भी उससे ले लिया.

    दोस्तों मैंने अपनी शादी मेरी मम्मी की बहन की लड़की के बेटी से की थी, इसलिए में रिश्ते में उसका मामा था और मेरी सास का पति मेरे दूर के रिश्ते में मामा लगता था. भी हम लोगों की शादी हो गयी और मेरी शादी को पूरा एक साल हो गया था और मेरी पत्नी जिसका नाम साइमा, वो उस समय गर्भवती थी. हमारी शादी में मेरी पत्नी के परिवार में कुछ ग़लतफहमी की वजह से कोई बात हो गयी थी और अब में उसको अलग से दूसरा घर लेकर रखूंगा और में अपनी मम्मी पापा से अलग रहूँगा और इसके लिए मुझे पुलिस स्टेशन और कोर्ट तक जाना पड़ा, लेकिन आख़िर में वो मेरे पास ही मेरे घर में मेरी मम्मी, पापा और मेरे भाई बहन के बीच रहने आ गयी.

    मेरी पत्नी ने मेरे सेक्स के बारे में अपने घर में अपनी माँ (सास) को बताया था. दोस्तों में कितना बड़ा सेक्सी और चुदक्कड़ इंसान हूँ, मेरी सास की उम्र करीब 40 से 45 के बीच की होगी और उसका फिगर अब भी बहुत कमाल का है, उसका आकार 36-32-38 वो गोरी और दिखने में एकदम सेक्सी है. एक बार में उनके घर पर एक दिन के लिए रहने चला गया, क्योंकि वो बार बार मुझे आने के लिए बोलते थे कि आप आते नहीं, क्यों नहीं आते?

    मेरे घरवालों ने मुझसे कहा कि तुम एक दिन रहकर ही आ जाओ, लेकिन मेरा दिल उस घर पर जाने का बिल्कुल भी नहीं करता था, क्योंकि में एक बार जिससे झगड़ा करता हूँ, वहां पर मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता. अब घर से में एक दिन के लिए उनके घर पर पहुंच गया और में अपनी पत्नी और अपनी बच्ची के साथ वहां पर पहुंचा था. मुझे पता चला कि मेरे ससुर और मेरा साला उसी दिन अपने किसी जरूरी काम की वजह से अचानक पुणे जा रहे है, क्योंकि उसकी दादी बहुत बीमार है और जब तक वो दोनों वापस ना आ जाए, तब तक मुझे उन्होंने वहीं पर रुकने को कहा और मैंने भी उनको उनकी परेशानी को समझकर तुरंत हाँ कर दिया.

    अब दोस्तों मेरी सास तो हॉट सेक्सी थी और उनको भी पहले से मेरे सेक्स करने का अंदाज़, तरीका मालूम था और मेरी चुदाई की बातें सुनकर वो तो कब से इसी इंतज़ार में थी कि कब उनको सही मौका मिले, जिसका वो फायदा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई का मज़ा ले और आज उसको वो सही मौका मिल ही गया.

    अब रात को जब हम सोने चले तो वो कहने लगी कि हम सभी लोग ड्रॉयिंग रूम में एक साथ सोते है और हम सभी ने हाँ कह दिया और रात को सोने से पहले मेरी सास ने मेरी पत्नी को कॉफी पिलाई, जिसमें उसने पहले से ही एक नींद की गोली डाल दी थी और मेरी बच्ची छोटी थी, इसलिए उससे मेरी सास को कोई परेशानी डरने की बात नहीं थी और वैसे भी वो तो सो रही थी. दोस्तों यह सब मुझे पहले पता नहीं था, में अपनी पत्नी के पास में सो गया, जो कि मेरे एक तरफ सो रही थी और मेरे दूसरी तरफ जगह खाली थी और मेरी बच्ची मेरी पत्नी के पास में और मेरी सास मेरी बच्ची के पास में लेटी हुई थी.

    करीब आधी रात के बाद मेरी सास उठकर मेरे पास में आकर लेट गई और में उस दिन सफर की वजह से बहुत ज्यादा थका हुआ था और इसलिए में बड़ी गहरी नींद में था, इसलिए मुझे ऐसा लगा कि मेरे पास में मेरी पत्नी ही होगी और मैंने भी नींद में उसके अपना एक ऊपर हाथ रख दिया.

    कुछ देर बाद मेरी सास ने मेरा हाथ पकड़कर वो अपने बूब्स को सहलाने लगी और में उनकी इस हरकत की वजह से जाग उठा. तब मैंने देखा कि मेरा हाथ मेरी सास के एक बूब्स पर है और मेरी सास मेरा हाथ लेकर अपनी छाती को मसल सहला रही है. मैंने उनसे कहा कि शहनाज़ आपा आप यह क्या कर रही हो? तो उसने कहा कि मुझसे अब रहा नहीं जाता, जब से मेरी बेटी ने मुझे तुम्हारी चुदाई की बातें बताई है, तब से मेरा भी दिल तुझसे अपनी चुदाई करवाने को कर रहा है, इसलिए मैंने पहले से ही मेरी बेटी को आज उसकी कॉफ़ी में नींद की गोली देकर सुला दिया है और आज हमारे बीच में कोई भी नहीं आएगा.

    अब में उनकी बातें सुनकर मन ही मन सोचने लगा कि उनका यह विचार कोई इतना बुरा नहीं है? और इस बहाने में अपनी सास को बहुत जमकर इसकी चुदाई करके अपना पुराना बदला भी तो ले सकता हूँ और में उसकी वो बात मान गया.

    अब हम दोनों वहां से उठकर दूसरे पास वाले रूम में बेड पर आ गए, वहां पर मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया, कभी में उसके होंठो पर तो कभी गालो पर, कभी उसके गले पर और साथ साथ में अपने एक हाथ से उसके दोनों बूब्स भी ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और वो मेरे लंड को मेरी छोटी पेंट के ऊपर से ही मसल रही थी और उसको वो सहला रही थी. वो मेरा लंड तना हुआ महसूस करके कहने लगी कि आकार में बहुत बड़ा लगता है, यह तेरा लंड मेरी चुदाई करेगा तो तू सम्भलकर मुझे देख भालकर चोदना.

    मैंने उसको ऐसे ही झूठ में हाँ कह दिया, क्योंकि मुझे तो आज उसको बहुत जोरदार तरीके से रगड़कर चोदकर उससे अपना बदला लेना था और मैंने धीरे धीरे उसके एक एक कपड़े उतारने शुरू कर दिए, सबसे पहले मैंने उसकी साड़ी उतार दी और उसके बाद ब्लाउज को भी निकाल दिया. अब उसकी ब्रा का हुक खोलकर एक बार से मैंने उसके साथ चुम्मा चाटी शुरू कर दिया.

    दोस्तों में कभी उसके बूब्स को मसलता तो कभी उसके निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसता और में इतना ज़ोर से दम लगाकर मसल रहा था कि उसके मुहं से दर्द की वजह से आआह्ह्ह्हहहह प्लीज मुझे बहुत दर्द होता है, ऐसे मत करो कि आवाज़ ही सुनाई देती.

    मैंने उसके पेटिकोट को भी उतार दिया और उसके बाद पेंटी को भी पकड़कर नीचे खींच दिया और उसने मेरी पेंट को उतार दिया, जिसकी वजह से अब हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे और उसी समय मैंने उससे कहा कि शहनाज़ आपा तुम अब मेरा लंड को चूसो. तभी उसने मुझसे कहा कि उसने कभी भी कोई लंड नहीं चूसा.

    मैंने उससे पूछा क्या तुम्हें तुम्हारे पति ने कभी अपना लंड नहीं चुसवाया? तो उसने जवाब में ना कहा. उससे मैंने पूछा कि उन्होंने ने क्या कभी तेरी चूत को चाटा है? तो उसने से मना कर दिया और उसका यह जवाब सुनकर मैंने उसको उसी समय तुरंत बेड पर लेट जाने को कहा. दोस्तों उसने मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए अपनी चूत को पहले से ही साफ कर रखा था और वो एकदम चिकनी कामुक नजर आ रही थी. अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे.

    मैंने उससे कहा कि तुम मेरा लंड चूसो और इसके अंदर से जो कुछ भी निकले उसको तुम पी जाना और में तुम्हारी चूत को चूसता चाटता हूँ. पहले तो उसने ऐसा करने से मुझसे मना किया और हाँ कह दिया. मैंने जब उसकी चूत पर अपना एक हाथ घुमाया तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत उबल रही है और वो एकदम गरम गीली हो चुकी है और हम दोनों एक दूसरे को चूसने लगे, वो उफफफ्फ़ आह्ह्ह ऊऊऊ आवाज़े निकालने लगी. अब मुझे वो आवाज सुनकर ऐसा लगा जैसे कि मेरी पत्नी जाग जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं था, क्योंकि वो नींद की गोली के असर की वजह से गहरी नींद में सो रही थी. कुछ देर बाद जब में झड़ गया.

    तब उसने मेरा वीर्य पी लिया और मैंने अपनी जीभ से चाट चाटकर उसकी चूत का रस पी लिया और उसको पहली बार ऐसा मस्त मज़ा दिया और इसलिए उसने मुझसे कहा कि रोशन आज से पहले मैंने कभी इतना मज़ा नहीं किया और क्या चूसने से इतना मज़ा आता है, यह तो मुझे आज तक मालूम नहीं था, लेकिन आज मुझे यह सब कुछ तुम्हारे साथ करके बड़ा मज़ा आया. यह तुम्हारा खेल मुझे बहुत अच्छा लगा और अब में धीरे धीरे उसके गोरे गदराए प्यासे जिस्म से खेले जा रहा था और वो मेरे लंड को सहला रही थी, जिसकी वजह से मेरा लंड कुछ देर बाद एक बार से तनकर खड़ा हो गया. अब मैंने उससे कहा कि सासू माँ अब आप मेरे लंड के असली फटके झटके खाने के लिए तैयार हो जाओ.

    सबसे पहले मैंने अपनी दो उँगलियों को उसकी चूत में डालकर देखा तो मुझे उसकी चूत बहुत टाईट लग रही थी, क्योंकि उसने बहुत महीनो से सेक्स नहीं किया था, इसलिए मैंने मन ही मन में सोचा कि यह तो मेरे लिए बड़ा अच्छा है और मुझे ऐसी तनी हुई चूत को चोदने में आज बड़ा मज़ा आने वाला था और वैसा ही मज़ा मेरी सास को भी मिलने वाला था.

    मैंने सबसे पहले उसके दोनों पैरों को घुमाकर पूरा फैलाकर ऊपर की तरफ किया और उससे कहा कि तुम अब इनको कुछ देर ऐसे ही रखना और मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया भी रख दिया, जिसकी वजह से वो ऊपर की तरफ उठ जाए.

    उसके बाद मैंने अपना 6 का लंड उसकी चूत के मुहं पर रखा और में घिसने लगा, जिसकी वजह से वो अब धीरे धीरे मदहोश हुए जा रही थी और वो मुझसे कह रही थी, उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह प्लीज अब तू मुझे जल्दी से अपना यह लंड मेरी चूत के डालकर मुझे चोद दे, तेरे इस लंड ने मुझे बिल्कुल दीवाना बना दिया है, प्लीज चोद मुझे ज़ोर से और मेरी चूत की चटनी बना दे, फाड़ दे मेरी इस चूत को और इसकी प्यास को बुझा दे.

    अब उसके मुहं से यह सभी जोश भरी बातें सुनने के बाद मेरे लंड में एक अलग सा दम आ गया और मैंने एक ही झटके के साथ अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो अब उस दर्द की वजह से इतनी ज़ोर से चीखी और चिल्लाने लगी और मुझसे वो कहने लगी आईईईईई कुत्ते कमीने उफ्फ्फ्फ बाहर निकाल ले तू तेरा यह लंड आह्ह्हह्ह में मर गई रे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, में कहाँ मेरी बेटी की वो जोश भरी चुदाई की बातें सुनकर तुझसे अपनी कोमल बेचारी चूत को चुदवाने आ गई, आह्ह्ह्ह मादरचोद बाहर निकाल इसको मुझे मेरी लड़की ने तेरे चक्कर में कहाँ फंसा दिया और वो इतना सब कुछ कहते हुए ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

    मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स मसलने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से वो कुछ देर में ही अच्छा महसूस करने लगी और अब मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करना भी शुरू कर दिया था. तब मैंने देखकर महसूस किया कि अब मेरी सास को भी मेरे धक्कों में मज़ा आने लगा था और वो मेरे हर एक धक्के का जवाब अपनी गांड को उछाल उछालकर दे रही थी.

    मैंने कुछ देर बाद उसको अब अपनी तरफ से ज़ोर ज़ोर से झटके देने शुरू कर दिए थे और वो मुझसे कहे जा रही थी हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से धक्के दे मेरे राजा, तू आज फाड़ दे मेरी इस चूत को, मसल डाल, अच्छी तरह से रगड़ डाल, हाँ और ज़ोर से चोद दिखा मुझे तेरे लंड का पूरा ज़ोर, इसका वो दम जिसकी मैंने अपनी बेटी के मुहं से बड़ी तारीफे सुनी है, मुझे भी तू आज वैसे ही मज़े से और चोद मुझे.

    मैंने धक्के देते हुए उससे कहा कि मेरी रंडी छिनाल तू रुक जा आज में तेरी इस चूत को चोद चोदकर फाड़ दूंगा और में इसको पूरी तरह से सुजाकर रख दूँगा, जिससे जब भी तू मूतने भी जाए तुझे दर्द हो और तू मुझे याद करे, साली मादरचोद कुतिया बहुत चुदाई का शौक है ना तुझे, में आज वो सब बताता हूँ तू देखती जा आगे क्या क्या में तेरे साथ आज करूंगा साली रंडी ओह्ह्ह्ह आहहहह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से उऊहह आईईईईइ की आवाजे उसके मुहं से बाहर निकली जा रही थी.

    मैंने कुछ देर धक्के देने के बाद उससे कहा कि अब तू घोड़ी बन जा और वो मेरे कहते ही मेरे सामने घोड़ी बन गई. उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत में एक बार से डाल दिया और में उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो इस बीच करीब दो बार झड़ चुकी थी और अब पूरा रूम फच फछ फ़च की आवाज़ से गूंज रहा था, क्योंकि उसकी चूत ने बहुत सारा पानी बाहर निकाल दिया था और वो चूत से बाहर निकलकर उसकी जाँघो से बह रहा था.

    दोस्तों में भी अब झड़ने वाला था, इसलिए मैंने उससे पूछा कि में अपना यह गरम माल कहाँ निकालूं? तब उसने मुझसे कहा कि तू इसको मेरी प्यासी चूत के अंदर ही डाल दे और उसको शांत कर दे. में इसका मज़ा लेना चाहती हूँ.


    अब उसके मुहं से इतना सुनकर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स पकड़ लिया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसको चोदने लगा और मैंने दो चार धक्के देने के बाद अपना गरम लावा उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया. तब मैंने देखा कि वो मेरा पानी अपनी चूत के अंदर जाते ही एकदम तड़प उठी और वो मुझसे कहनी लगी, आईईईईई स्सीईईईइ मेरी चूत में बड़ी अजीब सी जलन हो रही है, प्लीज अब इसको बाहर निकालो.

    मैंने अपना लंड उसके कहने पर बाहर निकाल लिया. तब मैंने देखा कि मेरा लंड उसकी चूत के खून से, मेरे स्पर्म और उसकी चूत के पानी से तरबतर था और हम दोनों उसके बाद उठकर बाथरूम में चले गये और हम दोनों ने एक दूसरे की चूत और लंड को पानी डाल डालकर हम साफ करने लगे. अब करीब 15-20 मिनट के बाद मेरा लंड एक बार से तनकर खड़ा हो गया था, क्योंकि वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उसके बूब्स को मसल मसलकर उसको जोश में ला रहा था, जिसकी वजह से उसमें अब एक बार से सेक्स भर गया.

    अब मैंने से उसकी गीली गरम चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और उसको गरम करके चुदाई के लिए दोबारा तैयार किया और तब मैंने उससे कहा कि शहनाज़ आपा अब तुम थोड़ा अच्छी तरह से तैयार हो जाओ, क्योंकि में अब तुम्हारी गांड मारूँगा. उसने कहा कि नहीं मैंने सिर्फ़ अपने इस जीवन में दो या तीन बार ही ऐसा किया होगा, वो भी ज़बरदस्ती तुम्हारे ससुर ने मुझे चोदा था. में बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि उसमें कैसा और कितना दर्द होत्ता है, मुझे तेरे साथ वो सब नहीं करना और वैसे भी तेरा तो लंड भी बहुत मोटा होने के साथ साथ लंबा भी है, बस अब तू रहने दे कभी करना.

    अब मैंने उससे बहुत प्यार से समझाते हुए कहा कि प्लीज मुझे भी एक बार वो मौका दे दो ना, में एक बार और आपकी चुदाई करना चाहता हूँ और में आपको बहुत आराम से चोदूंगा और दोस्तों बहुत आग्रह मन्नतों के बाद वो मान गई और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.

    मैंने उससे कहा कि तू अब घोड़ी बन जा और अपना सर नीचे ज़मीन पर टिका दे और दोनों हाथों से अपने कूल्हों को फैलाकर मुझे अपनी गांड का छेद दिखा और उसके साथ साथ जब तुम संडास करने जाती हो ना, तब यह तुम्हारी गांड का छेद कैसे खुलता है, वैसे ही तुम ज़ोर लगाकर इसको खोलने की कोशिश करो, वरना इतनी टाईट गांड में अगर मैंने अपना लंड जबरदस्ती अंदर घुसा दिया, तो तुम दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगोगी. उसने वैसे ही किया और मैंने जानबूझ कर ज़ोर लगाकर अपना गीला लंड उसकी गांड में एक ही बार में पूरा जड़ तक डाल दिया और वो दर्द से बिलबिलाकर चीख पड़ी.

    मैंने जल्दी से उसके मुहं पर अपने एक हाथ रख दिया और उससे कहा कि धीरे बोलो वरना हमारे पड़ोसियों को भी पता चल जाएगा कि अंदर तुम्हारी चुदाई का काम चल रहा है और करीब दो मिनट के बाद वो उस दर्द से सम्भलकर मुझसे कहने लगी कि इतनी ज़ोर से धक्का देकर डालने के लिए तुमसे किसने बोला था? आह्ह्ह्हह्ह देख तूने यह क्या किया? मेरी जान निकाल दी आआईईईईईई मुझे बहुत दर्द हो रहा है. अब में दोबारा कभी भी तुझे मेरी गांड में तेरा लंड नहीं डालने दूँगी.

    मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसको चोदना शुरू किया और में बिना उसकी कोई बात को सुने लगातार धक्के लगाता रहा और मुझे उसके ऊपर चड़कर सवारी करने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी कुछ देर बाद मेरा साथ देने लगी.

    करीब बीस मिनट की उस चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और उसकी गांड खून से लबालब हो गयी थी और मेरे लंड के गरम वीर्य से उसकी गांड में ज्वालामुखी की तरह जल रहा था और यह सब उसने मुझे चुदाई के बाद में बताया. दोस्तों उस रात को मैंने अपनी सास को तीन बार चूत में अपना लंड डालकर चोदा और दो बार उसकी गांड भी मारी और उस ताबड़तोड़ चुदाई की वजह से उसकी चूत और गांड दोनों ही सुबह तक सूजकर पकोड़ा बन गयी थी और उसको चोदते चोदते कब सुबह हो गयी, हम दोनों को इस बात का पता भी नहीं चला.

    सुबह मैंने देखा कि वो ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी और उसके ऐसा चलने की वजह उससे मेरी पत्नी ने पूछा तो उसको बताया कि उसकी गांड के पास एक बड़ा सा फोड़ा हो गया है, इसलिए वो ऐसे चल रही है.

  • सासू माँ की तड़प

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    मेरा नामे राजेश है और मैं शादी शुदा लड़का हूँ. तो सबसे पहले मैं आप सब
    लंड वालो ओर चूत वालीओं को अपने खड़े लंड का नमस्कार देता हूँ तो अब मैं
    अपनी स्टोरी पे आता हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी मदर इन लॉ [सासू माँ] के
    बीच जो हुआ वो हकीकत है

    झूठ का 1 % भी नाम नही 100% सत्य है. हाँ मैं आपको बताना भूल गया मेरे
    लंड का साइज़ 10 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा जो मेरी सबसे बड़ी पहचान है
    मेरी शादी 23 साल की उम्र में हो गयी. वैसे मेरी बीवी काफ़ी खूबसूरत और
    भोली है पर चोदने में अपनी माँ से कोसों दूर है. मेरी मदर-इन-लो, जिन को
    की प्यार से में सासू माँ कहता हूँ,

    दिखने में एकदम माल और भगवान ने वासना तो कूट-कूट कर भरी है. मुझे अपनी
    किस्मत पर ऐकिन नहीं होता की मुझे कभी अपनी वासना की भूख मिटाने को अपने
    आस पास कोई कमी नहीं पड़ी. मेरी सास जिनका की नाम रामकौर है, में शादी
    के बाद से देखता आया हूँ वो बहुत सेक्सी लगती हैं.
    वो 4 बच्चो की माँ है पर दिखने मे अपनी 22 साल की बेटी की बड़ी बहिन लगती
    हैं. भगवान ने भी हर जगह में माँस (फ्लेश) दिया है वैसे तो जब मेरा
    रिस्ता उनकी बेटी से तय हुया था, तब से ही मुझे इशारों मैं किसी ने बताया
    था और एक आस दी थी, की बेटा तू बड़ा किस्मत वाला होगा अगर तू ये शादी के
    लिये हाँ कर देगा.

    शादी से ही मेरी सास का हमारे घर पर काफ़ी आना जाना था. मेरी नज़रें हर
    वक़्त उनके बोब्स पर टिकी रहती. माँ कसम क्या गोलाई हैं उनके बोब्स की.
    मेरे हाथ उन्हें पकड़ कर दबाने के लिए तरसते थे और मेरी जीब हमेशा उन्हें
    चूसने के लिये ललचाती रहती.

    जब में 21 साल का हुआ तो वो अपनी 19 साल की बेटी का रिश्ता मेरे लिये
    माँगा. मेरे परिवार वालो ने बिना हिचकिचाहट रिश्ता कबूल कर लिया और मुझसे
    आकर मेरी राय पूछी. मेरी नजर उनकी बेटी पर तो थी ही, जो की एकदम भोली-
    भाली और काफ़ी खूबसूरत थी, पर अभी उसका जिस्म माँ के जीतना खिला नहीं था.
    और बिना कोई हिचकिचाहट मैने भी रिश्ते के लिये हाँ कर दी. और फिर क्यों
    ना करता, बेटी के साथ उसकी माँ भी तो इतनी खूबसूरत थी.
    मेरा ससुर (फादर-इन-लॉ) बड़ा ही दुबला पतला इंसान है और दिखने मे काफ़ी
    कमज़ोर लगता है. मेरे ससुर का 30 साल की उम्र में काफ़ी भयंकर ऐक्सिडेंट
    हुआ था, जिसके कारण उनकी रीड की हड्डी में काफ़ी ख़तरनाक चोट लगी थी. अब
    उनकी कमर काफ़ी कमज़ोर हो गयी है और कोई भारी काम करने से दर्द होने लगता
    है.

    फिर हमारी शादी हो गयी. फिर शादी के बाद तो मैने खुलकर अपने ससुराल
    आना-जाना शुरू कर दिया. नॉर्मली, में फ़ोकट अपने ससुराल जाया करता था.एक
    दिन मैने ऑफीस से छूट्टी ली हुई थी और बीवी को बिना बताये सोचा की आज
    ससुराल हो कर आया जाये.

    बिना कोई फोन करे में 10:30 सवेरे- सवेरे अपने ससुराल पहुँच गया. मैने भी
    चुन कर अपना पहुचने का समय तय किया था. मेरा ससुर 9:30 बजे ऑफीस चला जाता
    है और मेरी दोनो साली अपने कॉलेज चली जाती है.
    जब मैने ससुराल पहुँच घंटी बजाई तो कुछ एक 10 मिनिट के बाद मेरी सास ने
    अंदर से आवाज़ लगाई, “कौन है… ?” मैने कहा, “में राजेश हूँ, आपका दामाद.”
    और उन्होने दरवाज़ा खोल दिया और उन्हें भीगा हुया देख मेरी आँखें चकाचोँद
    हो गयी. उन्होने, सिर्फ़ एक हाथ से टावल को पकड़ रखा था और उनके सारे
    शरीर पर पानी की बूंदे मोतियों की तरह चमक रही थी.
    मेरी सास बोली, “अरे तुम, इस वक़्त यहाँ”. में बोला, “क्यों इस वक़्त
    नहीं आ सकता क्या?” मेरी सास ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया, “अरे बेटा
    तुम तो इस घर के अकेले बेटे हो. आओ.. आओ.. अन्दर आओ.. यह तुम्हारा ही तो
    घर है.”

    पहली बार मैने अपनी सास की टांगे एकदम नंगी देखीं थी. बड़ी ही चिकनी थी.
    उनकी टांगे. उनके घने और लंबे बाल उनके चीतड़ों को छु रहे थे. मेरा लंड
    मेरी पेंट में मेरी चड्डी में एकदम सनसनाता हुआ एकदम खड़ा हो गया. में घर
    में घुस कर सीधा ड्रॉयिंग रूम में सोफे पर बैठ गया, ताकी अपनी सास के पैट
    को गौर से देख सकूँ. फिर वो दरवाज़ा बंद कर वापस मेरी तरफ चल कर आ रही थी
    तो में टकटकी लगाये उनके शरीर को देख रहा था.

    एकदम हूर परी लग रही थी. एक शादी शुदा लड़की की माँ होने के बावज़ूद भी
    उनके शरीर में वो कसक और उनकी चाल में ठुमक देख मेरा लंड अंदर झटपटा रहा
    था. मेरा लंड अंदर मेरी चड्डी में मुड़ गया था और बिना कुछ सोचे, मैने
    अपने हाथ से अपने लंड को सही किया. मेरे इस रिझान को देख उनके चेहरे पर
    एक खुशियों भरी मुस्कान आ गयी. मुस्कुराते हुए बोली , “क्या बात है आज
    सुबह- सुबह ससुराल चले आये. घर पर सब ठीक ठाक है.”
    मैने कसमसाते हुऐ कहा, “बस इधर से गुजर रहा था. मैने सोचा की आपसे मिलता
    चलूं.” अब तो मुझे अपनी सास की हर अदा पे प्यार आ रहा था. वो बोलीं, “में
    ज़रा नहा कर आती हूँ. तुम यहीं पर इंतज़ार करों. फिर कुछ दामाद की सेवा
    करती हूँ.”

    मैने कहा.. “ठीक है.., सासू जी…” फिर मैने नीचे झुक कर खाने की टेबल से
    एक मेंगज़ीन उठानें के बहाने सामना हुआ. जब में नीचे झुका, तो वो इठलाती
    हुयी. मेंरे काफ़ी नज़दीक से होते हुये अपने बेडरूम की तरफ धीरे-धीरे
    बड़ी. इसी दौरान, मैने झुके-झुके अपनी सास की नशीली टाँगों के दर्शन किए.
    फिर वो बेडरूम के दरवाज़े से मुड कर मेरी तरफ मुस्कुराती हुई देख कर
    बोलीं, “सब कुछ ठीक है ना. अगर कुछ चाहिये तो बिना झिझक ले लेना.” मैने
    कहा, “हाँ.. हाँ.. कोई दिक्कत नहीं मैं ले लूँगा, अगर कुछ चाहिए होगा
    तो.” और फिर वो अंदर चली गयी.

    वैसे तो मैने अपनी सास के बारे में बहुत बार फॅंटसाइज़ किया था. लेकिन सच
    में, वो इतनी मस्त होगी, कभी सपने भी नहीं सोचा था. बस, अब तो उनके शरीर
    को भोगने की एक तमन्ना दिल में बंध सी गई. मैगज़ीन तो मेने हाथ में पकड़ी
    थी, लेकिन मेरी आँखों पर मेरी सास के मस्त शरीर का नशा छाया हुआ था
    कुछ देर बाद में उठ कर उनके बेडरूम की तरफ बड़ा. और अंदर देखा की मेरी
    सास ने बाथरूम का दरवाज़ा ठीक तरह बंद नहीं किया था. कुछ हिम्मत कर में
    बाथरूम की तरफ बड़ा. दरवाज़ा ठीक से बंद ना होने के कारण, एक छोटे से
    दरार से बाथरूम का कुछ हिस्सा दिख रहा था. अंदर शावर की आवाज़ आ रही थी.
    मैने थोड़ा सा दरवाज़े को अंदर की तरफ ढकेला, तो मुझे शीशे में जो नज़ारा
    दिखा, उसे देख मेरा लंड तो जैसे पेंट को फाड़ बाहर निकलने को तेयार हो
    गया. मेरी सास, टॉयलेट सीट पर बैठ, एक हाथ से अपने चूत में एक लंबा सा
    बेंगन घुसा रहीं थी और दूसरे हाथ से अपना एक निप्पल पकड़ उसे मसल रहीं
    थी.

    अब तो मुझसे और रहा ना गया, और मैने अपने सारे कपड़े उतार लिये और सीधा
    बाथरूम का दरवाज़ा खोल अंदर घुस गया. मुझे नंगा देख मेरी सास को कोई शोक
    होने की जगह मुस्कुराने लगीं. अब मुझे यकीन हो गया, मेरी सास तो यही चाह
    रही थी.

    एकदम नंगी थी मेरी सास और में भी एकदम नंगा था. मैने सीधा अपना लंड पकड़ा
    और उनके सामने हिलानें लगा. वो बोली, “ऊई माँ.. सुना था.. पर इतना बड़ा
    और कड़क होगा मुझे तो बिल्कुल ऐकिन नहीं हो रहा.. है राम.. आज मेरी बरसों
    की तम्मना पूरी हो गयी.. बड़ी प्यासी है.. बेटा यह चूत.. तेरे लॅंड ने एक
    आस सी जगा दी.. पर आज तो मुझे यकीन हो गया की ऐसे लंड की तो कोई भी एक
    चूत भूक नहीं मिटा सकती..

    लगता है में कुछ ज्यदा ही बोल गयी हूँ.. है ना बेटा.. प्लीज़ आज मेरी
    बरोसों की भूख मिटा दो दामाद ज़ी..” मैने जवाब दिया, “सासू माँ.. जब से
    शादी हुयी है.. में तो आपके शरीर को खूब निहारा करता हूँ.. कोई नहीं कह
    सकता की आप मेरी बीवी की माँ हैं.. आप का तो हर अंग बोलता हुआ नज़र आता
    है..

    ऐसा लगता है की जवानी ने आपका साथ अब तक नहीं छोडा.. बल्की भगवान ने तो
    समय के साथ साथ आपको और भी माल बना दिया है.. मेरे तो दोस्त भी आपको देख
    अपनी लार टपकाते हैं.” वो बोली, “हाँ.. बेटा तेरे ससुर तो पहले से ही
    कमज़ोर थे.. और जब उनका ऐक्सिडेंट हुआ में तो सिर्फ़ 25 वर्ष की थी.. तब
    से अब तक कोई मर्द ने नहीं चोदा है मुझे.. मेरा तो एक बेटा है वो दुबला
    पतला और सबसे छोटा भी है…. अब मुझे दामाद के रूप मे बेटा मिल गया.. वो भी
    इतने लम्बे और मोटे लंड वाला..

    में बोल पड़ा, “लो.. ना.. इसे पकड़ लो सासू जी, अब कभी आपको इस बेंगन या
    खीरे की ज़रूरत नहीं पड़ने दूँगा.. आपने पहले कभी कहा होता.. तो भी में
    पीछे नहीं हटता.. में तो शादी के बाद से ही आपके शरीर का दीवाना था..
    आप जब भी मेरे सामने होती थी.. मेरा तो आपको भरपूर चोदने का मन करता था..
    आप चीज़ ही ऐसी हैं.” फिर मेरी सास ने आव देखा ना ताव.. सीधा मेरा लंड
    पकड़ लिया.. और उसे सहलाते हुई बोल पड़ी, “सच में बड़ा भारी है यार तेरा
    लंड.. बड़ी खुश किस्मत है मेरी बेटी.. की उसे ऐसा लंड मिला.. और तेरी
    सासू मा भी..”

    मैने अपनी सासू माँ के गीलें बालों में अपना हाथ डाला और उनके गेर्दन पर
    उनके कानों के नीचे अपने अंगूठों से सहलाते हुऐ ज़ोर से अपने तरफ खींच कर
    अपना होंठ उनके होठों पर रख अपनी जीभ उनके मूँह में डाल पागलों की तरह
    चूमने लगा.

    शायद मेरे ससुर ने मेरी सास को कभी ठीक से चूमा भी नहीं. मेरी सास भी
    अपनी जीभ मेरे मूँह में डाल मेरी जीभ को अपनी जीभ से रगड़ने लगी. एकदम
    गर्म होने लगी हमारी सासें. फिर अपनी जीभ को बाहर निकाल उनसे भी वही
    किया. एकदम पिंक थी मेरी सास की जीभ. मैने अपनी सास की जीभ को चारों तरफ
    से खूब चाटा…

    वो बोल पड़ी, “यह सब तूने कहाँ से सीखा.” मैने कहा, “मज़ा आ रहा है ना
    सासू माँ. सब ब्लू फिल्मों का असर हे.” फिर मैने अपनी सास की गर्दन को
    अपनी जीभ से चूमते हुये, उनके बोब्स पर ले गया, जोकि एकदम चट्टान की तरह
    सखत थे और एक बोब को एक हाथ में पकड़ दूसरे को चूसने लगा. वो ज़ोर से बोल
    पड़ी, “इन्हें तो तेरे ससुर ने कभी मज़ा ही नहीं दिया.

    आज इन्हें चूस–चूस के हताश कर दे.” मैने कहा, “तभी तो मेरी किस्मत मे
    इतने ठोस बोब्स हाथ लगे हैं. मेरी तो किस्मत ही अच्छी है, मुझे तो
    कुँवारी सास मिल गयीं. अब तो खूब मज़ा आ जाएगा. सच कहूँ सासू माँ जो नशा
    आपके इस जिस्म मे है, वो अभी आपकी बेटी में नहीं छाया. शायाद, इसलिये की
    आपने इसे काफ़ी बरसों से जमा किया है.”

    मेरी सास, “बस अब जल्दी कर बेटा.. अपना यह भारी भरकम लंड मेरी चूत में
    घुसा दे. बड़े सालो से लंड की प्यासी है तेरी सासू माँ की चूत. फाड़ दे
    ना इसको आज.” मैने अपना लंड लिया और अपनी सास की चूत के मुंह पर लगा
    दिया. कुछ देर उसे वहीं पर रगड़ा तो सासू माँ से रहा नही गया और उन्होने
    मेरे लंड को दबोच अपनी चूत में घुसाने की चेष्टा की.
    बड़ी मस्त थी. मेरी सासू माँ की चूत.फिर मैने अपनी दो उंगलियाँ नीचे ले
    जा सासू माँ की चूत को फैलाया, और अपने लंड को पहले 2 इंच अंदर धकेला, तो
    उनकी सिसकारी निकल पड़ी. उनके मूँह से निकल पड़ा, “ऊई.. माँ.. मेरी..
    हाय..हाय.. आई.. यह तो सच में फाड़ देगा. बड़ी बड़ी चूतों को भी..” मेरे
    मूँह से भी निकल पड़ा, “आप की चूत भी तो बड़ी टाइट है.. सासू माँ.. कभी
    चूदी नहीं ना.. आज इसे खोल देगा आपका यह दामाद बेटा..” फिर मैने बातों ही
    बातों में एक ज़ोर से धक्का लगाया, अपना आधा लंड अपनी प्यारी सासू माँ की
    चूत में घुसा दिया. मेरी सासू माँ ने “इसस्सश..” करते हुवे मुझे काट
    लिया.

    और फिर मेरी उत्तेजना और बड गयी.. और मेरी सासू माँ ज़ोर से चीख मेरी कमर
    मे अपनी उंगलियाँ घुसा दी.. “है.. दया.. आआअहह.. मर गयी राम.. ऊई माँ..
    काश 20 साल पहले ऐसा लंड मिला होता.. में आज इतना ना तड़पती.”
    और कुछ ही देर में मेरी सासू मा मेरे लंड की दीवानी होकर उस पर अपनी गरम
    और कसी चूत को से इतराने लगी.. उसने मुझे ज़ोर ज़ोर से काटा.. चूमा.. जो
    मेरी सासू माँ के जी मे आया उन्होंने मेरे शरीर के साथ किया.. और मुझे भी
    मज़ा आ रहा और साथ ही साथ अपने लंड पर नाज़ हो रहा था.. की मेरी सासू माँ
    की बरसों की प्यास बुझ रही थी..

    और फिर उस दिन मेरी सासू माँ ने मुझसे 4 बार चुदवाया और बाद मे खूब
    स्वादिष्ट खाना खिलाया. एक बार तो मैने उन्हें वहीं किचन में डाइनिंग
    टेबल पर लिटा कर भी चोद दिया खाना बनाते बनाते.
    उस दिन के बाद तो मैने और सासू माँ ने ब्लू फिल्में देखते हुये काफ़ी अलग
    अलग तरीके अपनाए. बड़ी ही भूखी थी वो. अब मुझे मालूम चल गया की एक भूखी
    औरत एकदम भूखी शेरनी की तरह होती है, जिसे चोदने में सबसे ज़्यादा मज़ा
    आता है. हाँ तो दोस्तो उसके बाद मैं अपनी सासू माँ को अक्सर चोदने चला
    जाता हूँ.

  • मना करती रही फिर भी दामाद जी ने मुझे चोद दिया कम्बल में

    वासना की आग जब शरीर में लग जाये तो रिश्ते भी नहीं दिखाई देते हैं। कई बार तो ऐसा हो जाता है की ना करते हुए भी चुदाई हो जाती है। जब बैठ कर सोचती हूँ क्या ये सही हुआ था या गलत हुआ था तो निष्कर्ष नहीं निकाल पाती हूँ की मेरे साथ सही हुआ था या गलत हुआ था। पर जब कुछ ऐसे रिश्ते बन जाते हैं जो दोनों के लिए भी सही होगा है या यूँ कहिये की बाहर मुँह मारने से अच्छा है घर में ही सेक्स की भूख मिटा लें। इसलिए मैं आज नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर अपनी कहानी आपलोगों को सुनाने जा रही हूँ। ताकि मैं आपको अपनी मन की बात सूना सकूँ और अपने दिल को हल्का कर सकूँ।


    पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। मेरे पति फ़ौज में थे पर अब नहीं हैं। मेरी एक बेटी है जो 20 साल की है। और मेरी उम्र मात्र 38 साल है। मैं अभी जवान हूँ सुन्दर हूँ अपने बॉडी को मैंटेन करके रखी हूँ। किसी भी अठारह साल की लड़की को मात दे सकती हूँ। इसी सब की वजह से कल रात चुद गई अपने दामाद से जो मेरे से ज्यादा छोटा नहीं है उसकी उम्र अठाइस है और मेरी अड़तीस। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ। आपको तो पता होगा दोस्तों देहरादून में कड़ाके की ठंढ पड़ रही है।

    मेरी बेटी को जॉब लगा है इसलिए वो ट्रेनिंग में गई है। कल रात दामाद जी आ गए वो मुंबई के रहने वाले हैं। मुंबई में ज्यादा ठंढ नहीं पड़ती इसलिए वो देहरादून की सर्दी में परेशां हो गए। उन्होंने रात में दो कंबल लिए फिर भी ठंढ नहीं जा रही थी। हम दोनों एक ही कमरे में सोये थे पर अलग अलग बेड पर मैं रोजाना की भांति नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की सेक्स कहानी को पढ़ रही थी। कल की हॉट कहानी ठंड का बहाना कर रजाई में आया और चोद दिया मेरा भाई ये कहानी पढ़कर मैं पागल हो गई थी। इतनी जबरदस्त सेक्सी कहानी थी इस वेबसाइट पर रहा नहीं गया और मैं अपने कपडे उतार कर अपनी चूचियाँ सहलाने लगी और चूत में ऊँगली करने लगी। पर पता ही नहीं चला कब आह आह आह की आवाज निकाल रही थी।

    मेरी मोअन सुनकर दामाद जी मेरे बेड पर आ गए वो समझ गए थे मैं क्या रही थी। उन्होंने झटके से कम्बल को हटा दिया मैं तो अंदर नंगी थी बड़ी बड़ी चूचियों छोटे छोटे निप्पल, मोटी जाँघे पतली कमर गोरा बदन खुले बाल थे। लिपस्टिक भी लगा राखी थी काजल मेरे आँखों को और भी कातिलाना बना रहा था। उन्होंने कहा मैं जब आपके पास हूँ तो अपने आप से क्या काम चलाना। ये कहकर उन्होंने अपना हाथ मेरी चूचियों पर फेरना शुरू कर दिया। पर मैं मना करने लगी। मुझे एकदम से लगा ये ठीक नहीं है। मैं नहीं चाहती थी की दामाद से मेरा सेक्स रिश्ता बने क्यों की आखिर वो मेरी बेटी के पति है और अपने बेटी के पति के साथ कैसे सेक्स कर सकती हूँ।



    पर उन्होंने नहीं माना और कंबल के अंदर आ गए और अपना लिप मेरे लिप से लॉक कर दिए। वो पागलों की तरह ऊपर से निचे जा रहे थे कभी मेरे होठ को चूसते कभी मेरे गर्दन को कभी बूब्स को दबाते कभी निप्पल रगड़गे कभी नाभि में ऊँगली करते कभी चूत सहलाते। दोस्तों पांच मिनट के अंदर मैं भूखी शेरनी की तरह हो गई। पहले तो मना किया पर अब चुदने के लिए राजी हो गई। और शायद इस कदर हो गई की अगर वो मुझे नहीं चोदता तो मैं नहीं छोड़ती।

    मैंने अपने बाहों में भर लिया और चूमने लगी फिर उसको निचे जाने को बोली अपना दोनों पैर फैला दी। और अपना चूत चटवाने लगी। मैं बार बार गरम पानी चूत से निकाल रही थी चूत मेरी गीली हो रही थी। पर वो चाट चाट कर साफ़ कर रहा था। फिर मैं ऊपर बुलाई और चूमने लगी। मैं अपना जीभ उसके मुँह में घुसा दी वो मेरी जीभ को चूसने लगा मैं और भी ज्यादा पागल हो गई और बोली अब नहीं अब देर मत करो मुझे चोद दो।

    अब क्या बताऊँ दोस्तों मोटा लंबा लौड़ा जैसे ही मेरी चूत में गया मैं कामुक हो गई तुरंत ही सिसकारियां निकलने लगी आह आह आह की आवाज कमरे में गूंजने लगी। बेड की आवाज भी मच मच कर रहा था। और फच फच करके मेरी छूट में लौड़ा जा रहा था।

    दोस्तों सच बताऊँ तो आज तक मेरी ऐसी चुदाई नहीं हुई थी। मेरा दिल बाग़ बाग़ हो गया था। मेरी चूत गीली हो गई थी चिपचिपा पानी जांघों पर भी लग गया था। फिर मैं खुद ऊपर गई और निचे दामाद जी अब उनका लौड़ा पकड़ कर खुद भी चूत में ली और बैठ गई। पूरा लौड़ा चूत में समा गया। अब जोर जोर से ऊपर से धक्के देने लगी। बड़ी बड़ी चूचियां हिल रही थी गांड चाप चाप कर रहा था। मेरी चूत में सट सट लौड़ा जा रहा था। पुरे शरीर में बिजली दौड़ रही थी। करीब ऐसे ही उन्होंने ऐसे ही मुझे एक घंटे तक चोदा फिर दोनों झड गए और एक दूसरे कोई पकड़ कर एक ही कंबल के अंदर सो गए।



    दोस्तों पूरी रात में करीब उन्होंने आठ बार चोदा आज मेरा कमर और चूत दर्द कर रहा है। होठ मेरे लाल हुए पड़े है दो तीन जगह बूब्स पर भी कटे निशान है उन्होंने वह पर दांत से काट लिया था। पर ये सभी दर्द अब मेरे लिए अच्छे है। मैं खूब एन्जॉय की अपने दामाद के साथ सेक्स। आज दोपहर में ही वो चले गए पर उन्होंने कहा अगले सप्ताह फिर आएंगे। मैं बेसर्बी से इंतज़ार कर रही हूँ। मैं जल्द ही दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लेकर आने वाली हूँ। धन्यवाद।

  • दामाद से प्रेगनेंट हो गई हूँ, बोली मैं भी चुदुँगी और मेरी बेटी भी

    मेरा नाम राधिका है मैं 38 साल की हूँ। मैं अपने बेटी की शादी 8 महीने पहले की हूँ। मेरी एक ही संतान है वो मेरी बेटी है। पिछले साल ही मेरे पति का देहांत हो गया एक्सीडेंट में। तो अपनी बेटी की शादी अठारह साल की उम्र में ही कर दी हूँ। मेरा और कोई नहीं है इसलिए दामाद जी अपने पास ही बुला लिए हैं अब हमलोग ग़ज़िआबाद में रहते हैं। शादी के तीन महीने बाद ही मेरी बेटी को जॉब लग गया है वो पुणे में सरकारी डिपार्टमेंट में जॉब करने लगी है वो जल्द ही अपना ट्रांसफर दिल्ली या ग़ज़िआबाद करवा लेगी इसलिए वह पुणे में ही लॉज में रह रही है। मैं यहाँ दामाद के साथ रहती हूँ। बेटी के साथ इसलिए नहीं जा पाई क्यों की कई बार वो अलग अलग शहर ट्रेनिंग के लिए चली जाती हैं।

    अब मैं आपको अपनी कहानी बता रही हूँ आखिर कैसे क्या हुआ की मैं दामाद जी से सम्बन्ध बना ली और फिर बात आगे तक निकल गई और मैं प्रेग्नेंट हो गई हूँ। कई बार सोचती हूँ इस बच्चे को जन्म दू पर सोचती हूँ मेरी बेटी क्या सोचेगी? इसलिए समझ नहीं आ रहा है आखिर क्या करूँ मैं। एक दिन की बात है दामाद जी का तबियत काफी ख़राब हो गया था। तुरंत हॉस्पिटल ले गई। हॉस्पिटल में करीब एक घंटे बाद छुट्टी दे दिया था हम दोनों घर आ गए थे।

    घर आकर मैं बाथरूम में नहाने चली गई। नहाकर निकली तो अपना गाउन पहन लिया था। और दामाद जी के कमरे में आई तो वो फुट फुट कर रोने लगे। वो कहने लगे मुझे मरना नहीं है मुझे मरना नहीं है। मैं बोली ऐसा क्यों बोल रहे हैं। आपको क्या हुआ थोड़ा दिक्कत था डॉक्टर ने दबाई दी है आप ऐसा मत कीजिये। पर वो रोने लगे। दोस्तों सच बताऊँ मैं काफी डर गई थी क्यों की मैंने कुछ ही महीने पहले ही मौत देखि थी अपने पति का। अब मेरा और सहारा नहीं है इसी सहारे के साथ ही अपना ज़िंदगी काटनी है। तो मैं उनको गले लगा ली अपने सीने से लगा ली।

    और फिर उन्ही के साथ ही लेट गई क्यों की मैं खुद ही डरी हुई थी। वो मेरे से चिपक कर सो रहे थे अचानक मेरे गाउन के कपडे का बेल्ट खुल गया और उनका मुँह मेरी दोनों चूचियों के बिच में आ गया। मैं फ़टाफ़ट बंद की और उठने लगी। तभी दामाद जी पकड़ लिए बोले मम्मी जी आप मेरे से क्यों शर्म कर रही हो आप मेरे साथ ही सोओ। मैं फिर से सो गई फिर वो बोले ऐसे नहीं जैसे आपने पहले सुलाया था वैसे। मैंने फिर से अपने सीने से लगा ली। अब उनकी हरकतें शुरू हो गई।

    वो धीरे धीरे करके मेरी चूचियों को सहलाने लगे। और फिर ये बढ़ता गया। मैं नर्भस होने लगी सोची ये सब ठीक नहीं है। फिर दूसरे तरीके से लगा की मैं ऐसा कुछ नहीं करूँ की दामाद जी नाराज हो जाये और इसका परिणाम कुछ गलत हो। तो मैं कुछ नहीं बोली और बात बढ़ता गया उन्होंने मेरे गाउन के बेल्ट को खोल दिया और मेरी चूचियों को बारी बारी से पीने लगे। मैं धीरे धीरे कम्फर्ट हो गई और मैं उनके बालों को सहलाने लगी।

    बात बढ़ी वो मेरे होठ को चूसने लगे किश करने लगे। वो फिर मेरे लम्बे बाल खोल दिए। और फिर मेरे होठ से लेकर मेरी पेट जांघ पैर फिर चूचियां मेरी चूत मेरी गांड को किश करने लगे। मैं पानी पानी होने लगी। मेरी वासना चरम पर आ गई। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी और काफी गरम भी हो गया था। मैंने उनके लौड़े को पकड़ ली और फिर अपने मुँह में ले ली। और चूसने लगी। वो मेरी बाल को पकड़पर अपने लौड़े को मेरी मुँह में डालते और निकालते, मुझे ये सब बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा। मैं चूस रही थी दामाद जी का लंड, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। उसके बाद वो मेरे दोनों पैरों के बिच में जाकर मेरी चूत में ऊँगली करने लगे। मैं अपने चूत से पानी छोड़ने लगी वो जीभ से चाटने लगे।

    दोस्तों वो मुझे इतना ज्यादा कामुक कर दिए क्या बताऊँ। फिर मैं बोली दामाद जी अब ऐसे काम नहीं चलेगा अब देर मत कीजिए। वो इतना सुनते ही मेरे दोनों पैरों को फैलाया और अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पर लगाई और जोर जोर डालने लगे। दोस्तों मेरी सुखी चूत फिर से हरी भरी हो गई थी। मैं मोयन करने लगी मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। आह आह आह आह की आवाज के अलावा और उफ़ उफ़ आउच ओह्ह और जोर से और जोर से निकल रही थी। जितना मैं ये सब शब्द बोलती वो और भी जयादा कामुक हो जाते। और फिर जोर जोर अपना लौड़ा मेरी चूत में डालने लगते, वो मेरी चूचियों को मसलते हुए जब मेरे होठ को चूमते थे और फिर जोर से चूत में लंड घुसाते था ऐसा लगता था जन्नत मिल गया है।

    मैं तुरंत ही उनको बोली दामाद जी अब मुझे कभी मत छोड़ना मैं अब आप साथ ऐसे ही रहूंगी। मैं भी चुदुँगी और मेरी बेटी भी हम दोनों ही आपसे सम्बन्ध बनाएंगे आप मुझे भी पत्नी बना लो। तो मेरे दामाद जी बोले जो बनना है बन जाओ चाहे मेरी माँ बन जाओ बहन बन जाओ मेरी बीवी बनो या मेरी सास अब तो मैं रोजाना चोदुंगा। क्यों की आपको चूत, चूचियां, गांड, जांघ, नाभि, होठ सब किसी जवान लड़की से कम नहीं है।

    और फिर दोस्तों यही सिलसिला चलता रहा रोज सास काम पत्नी ज्यादा हो गई अब इस महीने मेरा पीरियड नहीं आया जब किट लाकर चेक की तो पता चला प्रेग्नन्सी पॉजिटिव है। अब समझ नहीं आ रहा है क्या करूँ। पर इतना तो तय है दोस्तों मेरी ज़िंदगी में बहार आ गया है। मैं बहुत खुश हूँ।