Category: माकन मालकिन की चुदाई

  • भाभी और किरायेदार का कामसूत्र

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम ऋषि है और अभी मेरी उम्र 25 साल है और मैंने अभी कुछ महीने पहले ही अपना कॉलेज खत्म किया है. दोस्तों में आज आपको अपनी लाईफ की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ और यह आज से 5 साल पहले की है. दोस्तों मैंने जब कॉलेज में दाखिला लिया था.. तब मुझे हॉस्टल नहीं मिल पाया और में दूसरे शहर से आया था और मुझे एक रूम की तलाश थी. फिर मुझे अपने घर वालों से पता चला कि मेरे एक दूर के रिश्ते से भैया और भाभी इसी शहर में है और उनको भी एक किरायेदार चाहिए था. तो बस में उनके यहाँ पर पहुंच गया और मैंने उन्हे अपने बारे में सब कुछ बताया और फिर उन्होंने मुझे एक रूम किराए पर दे दिया और हमारे बीच रूम का किराया भी तय हो गया.

    फिर एक महीने बाद में उनके यहाँ पर रहने के लिए चला गया और में हर रोज कॉलेज जाता और शाम को 6-7 बजे ही घर पर लौटकर आता. में जिनके घर पर रह रहा था वहां पर दो ही सदस्य थे भैया और भाभी. भाभी की उम्र 32 साल उनका फिगर क्या बताऊँ बहुत ही गजब था.. उसका साईज 38-27-35 था और वो दोनों अपनी लाईफ में बहुत व्यस्त थे. भैया रोज ऑफिस जाते थे और भाभी घर का काम और कोचिंग करती थी और में भी अपनी लाइफ में व्यस्त था.

    में कॉलेज से आता कपड़े चेंज करता, खाना ख़ाता और पढ़ता और देर रात को रोज ब्लूफिल्म देखना और सोने से पहले ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को हिलाना.. में यह सब करीब रात को रूम लॉक करके 2-3 बजे करता था और मुझे ऐसा करते-करते 6 महीने निकल गये. तो एक दिन मैंने कॉलेज में एक बहुत मस्त लड़की देखी.. उसकी गांड बड़ी ज़बरदस्त थी और मैंने उसी दिन उसको झुकते हुए देखा तो मुझे उसके पूरे बूब्स दिखाई दिए और बस उस दिन तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और में सोच रहा था कि एक बार वो मुझे मिल जाए तो में उसे बहुत चोदूंगा.. क्योंकि मैंने रोज लंड को हिला हिलाकर इतना जोश बड़ा लिया था कि में पूरे दिन भी उस लड़की को चोद सकता था और मेरा पानी भी अब जल्दी नहीं बल्कि आराम से निकलता था.

    फिर में उस दिन कॉलेज से जल्दी आया और सीधा रूम में घुसा.. अपने सारे कपड़े उतारे और उसको याद करके ज़ोर-ज़ोर से लंड को हिलाने लगा. उसकी क्या गांड और बूब्स थे और फिर कुछ देर बाद में झड़ गया और अपने सभी कामों से फ्री होकर सो गया. तो अगले दिन भी वैसी ही घटना हुई और में उसकी गांड, बूब्स को देखकर लंड को सहलाने लगा लेकिन तभी उस दिन मुझे भाभी का कॉल आया तो उनको किसी काम से कहीं जाना था और बोला कि घर पर कोई नहीं रहेगा. तो मैंने भी अपना दिमाग़ दौड़ाया और जिस टाईम भाभी ने बाहर जाने को बोला.. में उस टाईम पर घर पहुंच गया और सीधा अपने रूम में गया. अपने सारे कपड़े उतारे और ज़ोर से लंड को हिलाने लगा. उस दिन मैंने अपना रूम लॉक नहीं किया.. क्योंकि मुझे लगा कि भाभी चली गयी होगी. फिर जैसे ही में हिलाने के बाद बेड पर लेटा तो मुझे दरवाजा खुला हुआ मिला. लेकिन मुझे वहाँ पर कोई भी दिखाई नहीं दिया और जब मैंने बाहर देखा तो भाभी घर में ही थी.. में तो एकदम बहुत डर गया. तभी मैंने कपड़े पहने और बाहर गया और उनसे पूछा कि भाभी क्यों आप नहीं गये? तो उन्होंने मुझे शक की नज़रों से देखा और कहा कि अभी जा रही हूँ और मेरे साथ ऐसा व्यहवार किया कि जैसे उन्होंने कुछ नहीं देखा.. तो मुझे बहुत आराम मिला कि चलो उन्होंने कुछ भी नहीं देखा.

    फिर एक हफ्ते बाद भैया ऑफिस के काम से बाहर चले गये और भाभी घर पर ही थी.. में रोज की तरह कॉलेज गया लेकिन उस दिन में अपना मोबाईल घर पर ही भूल आया था और घर की एक चाबी मेरे पास भी थी. तो में वापस घर गया और घर में अंदर जाकर अपना मोबाईल लिया और में वापस ही आ रहा था कि तभी मैंने भाभी के रूम में देखा तो वो पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी और मसाज कर रही थी और उनको देखने के बाद तो बस मुझसे रहा ही नहीं गया.. मेरा लंड एकदम फड़फड़ाकर खड़ा हो गया और बोला कि बस अब तो मुझे यही माल चाहिए. मैंने यह सब सोचा और अपने आप से बोला कि यह सब ग़लत है लेकिन दिल है कि मानता ही नहीं.. उसकी प्यास बढती जा रही थी. फिर मैंने वापस घर में घुसने का नाटक किया ताकि भाभी को लगे कि में आ गया हूँ. सीधा अपने रूम में गया और रूम लॉक कर दिया और भाभी को सोचकर लंड को हिलाने लगा. उस दिन तो उनको सोच सोचकर मैंने बहुत बार मुठ मारी और ऐसा करीब 6 महीने तक चलता रहा.

    भैया हर 6 महीने में एक बार बाहर किसी काम से ज़रूर जाते और भाभी घर पर ही रहती थी. तो एक दिन रात को में ब्लू फिल्म देख रहा था तभी भाभी ने मेरे रूम का दरवाजा बजाया और बोली कि उन्हे नींद नहीं आ रही है तो वो मुझसे बात करने आ गई. तो मैंने ब्लू फिल्म बंद नहीं की थी.. बस आवाज बंद करके लेपटॉप की स्क्रीन बंद कर दी. फिर भाभी को तब शक तो हुआ जब उन्होंने मेरी पेंट में तना हुआ लंड देखा लेकिन एकदम देखते ही नज़र हटा ली. फिर मैंने उनको आकर बैठने को बोला और हम बातें करने लगे. भाभी मेरे बेड पर ही बैठी हुई थी और बात करते करते वहीं सो गयी. मेरे रूम में भी एक डबल बेड है लेकिन मुझे आदत थी कि में जब तक ब्लू फिल्म देखकर लंड को हिला नहीं लूँ मुझे नींद नहीं आती. तो मैंने चुपके से लेपटॉप चालू किया और पेंट के अंदर हाथ डालकर लंड को हिलाने लगा. लंड को हिलाने की वजह से बेड भी हिलने लगा और मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी सो रही थी लेकिन जब मैंने वापस देखा तो मुझे लगा कि भाभी मुझे चुपके से देख रही है लेकिन फिर उन्होंने ऐसा नाटक किया कि जैसे वो सो रही है.

    फिर मैंने बहुत देर तक लंड हिलाया और थककर सो गया और फिर रात को भाभी ने ग़लती से मेरे ऊपर हाथ रख दिया और फिर चुपके से लंड को छुआ और एकदम हाथ हटा दिया.. यह दिखाने के लिए कि यह सब ग़लती से हुआ है और पूरी रात सोने में निकाल दी और मैंने भी रात को ऐसे ही बहाने से एक बार उनकी चूत को छूआ और एक बार उनके बूब्स को भी छुआ. भाभी ने दोनों बार अजीब सी नज़रों से देखा.. वो रात तो ऐसे ही निकल गयी लेकिन अगले दिन में कॉलेज से जल्दी छुट्टी करके आ गया और घर में चुपके से यह देखने के लिए घुसा कि भाभी क्या कर रही है और जैसे में अपने रूम में अंदर घुसा तो मैंने देखा कि भाभी मेरे लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देखकर अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और बस यह सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी वहीं पर खड़ा होकर भाभी को देखकर अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया और फिर वहीं पर झड़ गया.

    उस दिन भाभी ने मुझे नहीं देखा था तो मैंने फिर रात का प्लान बनाया और में रात को भाभी के रूम में सिर्फ़ टावल में गया और बोला कि भाभी मेरे रूम में पानी नहीं आ रहा.. क्या में आपके बाथरूम को काम में ले सकता हूँ? तो भाभी ने बोला कि हाँ ले सकते हो. मैं उनके बाथरूम में नहाया.. तो मैने उनकी ब्रा और पेंटी देखी और उन्हे सूंघा.. क्या मस्त खुश्बू थी और उसने मुझे मदहोश कर दिया और में लंड को हिलाने लगा. फिर में बाथरूम से बाहर आया और मैंने अपने लंड को खड़ा कर रखा था और फिर मैंने अपना टावल जानबूझ कर गिरा दिया और भाभी के सामने अपना पूरा चिकना खड़ा लंड दिखाने लगा और ऐसा व्यहवार किया कि जैसे सब ग़लती से हुआ है.

    फिर में जानता था कि मेरे लंड को देखने के बाद उन्हे कभी चेन की नींद नहीं आएगी.. जब तक वो उसे अंदर नहीं लेगी और मैंने वहाँ से टावल उठाया और दौड़कर सीधा अपने रूम पर आ गया. फिर मैंने लाईट बंद की और सोने का नाटक करने लगा और मुझे लगा कि भाभी आज रात को मज़े लेने जरुर आएगी लेकिन वो नहीं आई और में जानता था कि वो ज्यादा दिन दूर नहीं रह पाएगी.. उनको मेरे लंड की प्यास लगी है और जब तक वो पूरी नहीं होगी.. वो रह नहीं पाएगी. फिर आखिर में वो दिन आ ही गया. अगले दिन रात को में जब सोने लगा तो वो रूम में आई और बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही और तुमसे कुछ बात करनी थी और वो बेड पर बैठ गई और कुछ देर बात करते हुए सोने का नाटक करने लगी.

    तो मैंने फिर से लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखी लेकिन आज लंड हिला नहीं रहा था और कुछ देर बाद बस सोने का नाटक किया. तो देर रात को भाभी ए.सी. की ठंड बढ़ने पर मेरी चादर में घुस गयी और फिर धीरे-धीरे उसने मेरे शरीर पर हाथ फेरना शुरू किया और नीचे को जाने लगी. फिर उसने धीरे से पेंट के ऊपर से लंड को छुआ और एकदम हाथ हटा लिया और फिर वो मेरी पेंट कि चेन खोलकर अंदर हाथ घुसाने लगी लेकिन मैंने कुछ नहीं बोला और सोने का नाटक करने लगा. मैंने पेंट के नीचे कुछ नहीं पहना था तो उनके हाथ में अब मेरा 7 इंच का लंड था. वो उसे छूकर हैरान हो गयी और मैंने उनके चहरे पर एक अजीब सी चमक देखी. तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ही झटके से पेंट उतार दी और फिर में उन पर चड़ गया और हमने बहुत देर तक चूमा और में उन्हे ऊपर से नीचे तक चूमता ही जा रहा था. फिर उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरी जान ले रहे थे. में उनको जितना चूसता.. वो उतने ही बड़े हो जाते और मैंने ऐसा महसूस कभी नहीं किया था.

    वो तो मदहोश हो रही थी और सिसकियाँ भरने लगी. उन्होंने मुझे अपनी गोरी-गोरी जांघो से जकड़ लिया और एकदम मुझसे लिपट गयी और पूरे जोश से मुझे चूमने लगी. तो हम दोनों के शरीर गरम होने लगे जैसे सूरज से आग निकल रही हो और में उनको चूमते-चूमते उनकी जांघो तक पहुंच गया और उनकी चूत चाटने लगा. कभी उसमे उंगली करता तो वो उछल पड़ती लेकिन उनको बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो मुझसे बोली कि तुम बहुत अच्छा करते हो.. मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया और जब से मैंने तुम्हारा लंड देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और में तो हर रोज उसके बारे में सोचती थी और बहुत पागल हो रही थी कि कब और कैसे मिलेगा? लेकिन आज वो मौका मुझे मिल ही गया. प्लीज उसको आज उतार दो मेरी चूत में.. घुसा दो अपना पूरा का पूरा लंड.. चोदो मुझे ज़ोर-ज़ोर से..

    मेरी प्यास बुझाने में मदद करो. मुझे कभी इतनी खुशी नहीं मिली.. आज मेरी खुशी पूरी करो. अब यह सब सुनकर मुझसे भी रहा नहीं गया.. में ओर भी जोशीला बन चुका था और मैंने उनको सीधा लेटाकर लंड चूत के मुहं पर रखा और पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में उनकी चूत में उतार दिया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और फिर वो धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी. फिर तो ऐसी चुदाई हुई कि रुकने का नाम ही नहीं था.. वो चिल्ला रही थी आआहह उह्ह्ह्ह और ज़ोर से और ज़ोर से मेरी जान आआहह मिटा दे मेरी प्यास.. मुझे अपनी बना ले तू.. फिर मैंने भी जोश में आकर धक्के देने शुरू किए और उसे चोदने लगा. वो मेरे हर एक धक्के के साथ पूरी तरह से हिल जाती और सिसकियाँ लेने लगी..

    उसकी वो सिसकियाँ मेरे अंदर और भी जोश भर रही थी और में जोर से धक्के देकर चोदे जा रहा था और झड़ने के करीब आकर मैंने उससे पूछा कि पानी कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि चूत के अंदर ही डाल दो.. मैंने वैसा ही किया और उस रात मैंने उसके साथ हर पोज़िशन में सेक्स किया. हम लोग रोज एक दूसरे को बहुत चोदते है.. कभी वो मेरे ऊपर तो कभी में उसके ऊपर और बहुत मज़े लेते है. कभी बाथरूम में, कभी टेबल पर, कभी स्टोर रूम में, वॉशिंग मशीन पर, छत पर, किचन में, कार में, सोफे पर, जमीन पर और हर कमरे में हम दोनों ने मज़े किए. कामसूत्र की भी सारी पोज़िशन्स ट्राई की और बालकनी में भी चुदाई का बहुत मज़ा आता है.

    मुझे उनके जैसा साथी कभी नहीं मिला और अब तो हम कभी-कभी चुपके से भैया के सामने एक दूसरे के दबाते है लेकिन भैया को कभी शक नहीं होता था और आज 5 साल हो गये.. हम आज भी बहुत मज़े करते है और भैया को पता भी नहीं.. अब तो वो कभी कभी भैया से जानबूझ कर झगड़ा करके सीधा मेरे रूम आ जाती है और दरवाजा अंदर से लॉक कर देती और मेरे साथ बहुत मज़े लेती है और सुबह शांति से बाहर जाती है और फिर भैया के साथ अच्छा व्यहवार करती. तो भैया को यह लगता है कि शायद वो मेरे रूम में सो रही थी लेकिन वो तो पूरी रात मुझसे चुदाई के मज़े लेती है ..

  • मकान मालकिन के बूब्स का टेस्ट

    हैल्लो दोस्तों, मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है. मेरा नाम आदित्य है और ये बात उन दिनों की है जब में इंजिनियरिंग की पढाई कर रहा था. मेरा एक दोस्त था लकी, वो एक रूम लेकर किराये पर रहता था और में भी ज्यादातर उसके रूम पर ही रहता था. हम लकी के मकान मालिक को भैया कहकर बुलाते थे और उनकी पत्नी का नाम सीमा था, वो बहुत ही मस्त थी और वो मकान मालिक बहुत मज़ाक करता था, वो दिलखुश इंसान था. एक बार की बात है और में कॉलेज गया हुआ था और दोपहर को वापस आया तो मैंने देखा कि घर पर सीमा भाभी नहीं है और भैया किसी लड़की को अपने घर लाए है.

    फिर मैंने अपने दोस्त से पूछा कि ये लड़की कौन है? तो मेरे दोस्त लकी ने बताया कि ये भैया की गर्लफ्रेंड है तो मुझे शॉक लगा कि शादीशुदा आदमी की गर्लफ्रेंड और वो भी उसके घर के अंदर हो और उसके बाद वो लड़की शाम को चली गई.

    फिर 2 दिन के बाद सीमा भाभी अपने मायके से वापस आई तो मैंने उनसे पूछा कि भाभी क्या भैया के कोई गर्लफ्रेंड है? तो भाभी रोने लग गई और बोली कि अब आदि आपसे क्या छुपाना? और उन्होंने मुझे सब कुछ सच-सच बता दिया.

    फिर वो बोली कि उसके पति उस लड़की को ही प्यार करते है और मुझे नहीं, कई सालों से तो उनको मुझे बिना टच किए हो गये है और अब वो अपना सारा दर्द बाहर निकाल रही थी. फिर मैंने बोला कि भाभी आप भी क्यों परेशान होती हो? आपकी मदद के लिए में हूँ ना, में आपका साथ दूँगा और उनके दिल के दर्द को फिर थोड़ा कम किया और भाभी को चुप कराया. फिर में भाभी से धीरे-धीरे खुलने लगा और में पहले तो भाभी से नॉर्मल ही बातें करता था. फिर धीरे-धीरे में भाभी से सेक्सी-सेक्सी बातें करने लगा.

    फिर एक दिन मैंने भाभी से पूछ ही लिया कि भाभी आपकी भी सुहागरात मनी होगी तो वो मुझे अजीब सी निगाहों से देखने लगी और हंसकर बोली कि हाँ. फिर मैंने पूछा कि बताओ भाभी कैसे-कैसे, क्या-क्या हुआ था? तो पहले तो वो मना करने लगी, रहने दो, छोड़ो. फिर मेरे जोर देने पर वो भी मान गई और बोली कि उस दिन मुझे बहुत दर्द हुआ था, जैसे चाकू से उंगली कटी हो वैसा दर्द होता है और जैसे ही जब लंड चूत में अंदर जाता था तो बहुत दर्द होता था और उन्होंने मुझे अपनी पूरी सुहागरात की बात बताई. अब मेरा लंड तो खड़ा हो गया था. फिर भाभी ने मेरी केफ्री के ऊपर से मेरे लंड को देखा और वो समझ गई कि आज लंड गर्म है और ये सब देखकर वो अपने रूम में चली गई. अब मुझे उस दिन का इंतजार था जिस दिन घर में कोई ना हो.

    फिर एक दिन में कॉलेज नहीं गया था और अपने रूम में ही था तो मैंने मन बना लिया था कि आज में भाभी को चोद कर ही रहूँगा. फिर उसके बाद भाभी के बच्चे तो स्कूल चले गये और भैया अपने काम पर चले गये थे. अब घर में, में और भाभी हम दोनों ही थे, बस फिर क्या था? फिर में मौका देखकर उनके रूम में चला गया और जाकर भाभी के बेड पर बैठ गया और भाभी से बोला कि भाभी मुझे आपसे बात करना बहुत अच्छा लगता है.

    फिर भाभी भी उस दिन मेरी केफ्री को देखकर सब समझ ही गई थी और मैंने अपना एक हाथ उनके हाथ पर रख दिया. फिर कुछ देर के बाद उन्होंने भी मेरा साथ दे दिया और मैंने अपने होंठ उनके होंठ की तरफ़ बढ़ाये तो उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और में उनको किस करने लगा. फिर वो भी कुछ देर के बाद चालू हो गई और अब वो भी मुझे किस करने लगी और बोली कि आई लव यू आदि, में बहुत दिनों से प्यासी हूँ और मुझे शांत कर दो. फिर क्या था? मैंने उनके कपड़े उतारे और उनके बूब्स पीने लगा, वाह्ह क्या टेस्ट था उनके बूब्स का?

    फिर उसके बाद मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा. उसके बाद मैंने अपनी 2 उंगलियाँ उनकी चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा. अब भाभी को हल्का सा दर्द और मजा दोनों आ रहा था, अब भाभी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने अपना अंडरवियर निकाला और अपना मोटा सा लंड उनकी चूत के ऊपर रखा और एक धक्का मारा तो वो चिल्लाने लगी और में रुक गया.

    फिर उसके बाद मैंने 5 मिनट तक उनको शांत किया, फिर मैंने दुबारा अपना लंड उसी जगह रखा और एक तेज धक्का मारा तो इस बार मेरा लंड पूरा अंदर जा चुका था और भाभी बहुत तेज चीख रही थी. फिर मैंने अपनी स्पीड चालू कर दी, अब भाभी को भी बहुत मजा आने लगा था. फिर 15 मिनट के बाद में झड़ गया और फिर मैंने भाभी से पूछा कि तुम थक तो नहीं गयी. फिर भाभी बोली कि इतना मज़ा आ रहा है और तुम कह रहे हो कि थक गयी क्या? आज तो में एकदम अच्छा महसूस कर रही हूँ.

    फिर में झड़ने के बाद उनके ऊपर ही लेटा रहा और हम दोनों बिना कपड़ो के एक दूसरो की बाँहों में लेटे रहे. फिर भाभी ने अपनी जीभ से मेरा लंड साफ किया और उसको अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. अब मेरा लंड दुबारा से भाभी को चोदने के लिए तैयार हो रहा था, अब धीरे-धीरे मेरा लंड बड़ा हो रहा था और मुझे फिर से मजा आ रहा था. फिर 10 मिनट तक भाभी ने मेरे लंड को आइस-क्रीम की तरह चूसा और उसके बाद मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर रखा और फिर से अपना काम शुरू किया.

    अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाज़ गूँज रही थी और अब भाभी आ अया अया कर रही थी. फिर कुछ देर के बाद में झड़ गया और इस तरह से हमने उस दिन 3 बार सेक्स किया. ये मेरा पहली बार सेक्स था, इससे पहले मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था. उस दिन के बाद में बहुत खुश हुआ और इस तरह से मैंने प्यासी भाभी की प्यास बुझाई और उसके बाद से हमें जब भी मौका मिलता है तो हम सेक्स करते है.

  • मालकिन के साथ लंड की होली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्णव है और में 24 साल का हूँ, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. में बाकी सबकी तरह झूठ नहीं बोलूँगा कि मेरा लंड 9 इंच का है, लेकिन जो इसे एक बार लेता है इसका दीवाना हो जाता है. में चंडीगढ़ में रहता हूँ, मुझे जॉब के लिए चंडीगढ़ आए हुए 2 महीने ही हुए थे, तो में रहने के लिए रूम देख रहा था. तो मुझे जहाँ रूम मिला, उस मकान मालकिन का नाम पूनम था, फिगर मस्त था, लगभग 36-30-34 होगा. मेरा पहली बार उन्हें देखकर लंड खड़ा हो गया था, अब में आपको पूनम के बारे में बता दूँ, वो एक तलाकशुदा लेडी है, उम्र करीब 30 साल होगी और उसके एक लड़का है और उसके फिगर का तो क्या कहना? फिर मैंने उनके यहाँ शिफ्ट किया और रहने लगा.

    फिर कुछ दिन में हमारी आपस में ठीक ठाक बात होने लगी, पूनम दिखने में मस्त और उसके बूब्स देखकर तो मेरा अपने ऊपर से कंट्रोल ही खो जाता और मेरा लंड पेंट फाड़कर बाहर निकलने को होता और उसे चोदने को होता. फिर मेरे दिमाग़ में उसे चोदने को लेकर चलने लगा और में प्लानिंग करने लगा कि कैसे उसे चोदा जाए? अब में रोज़ उससे मिलता और बातें करता. अब हम काफ़ी फ्रेंक हो गये थे, अब हम कभी-कभी मज़ाक में एक दूसरे को टच कर देते थे.

    मैंने देखा कि अभी होली के दिन वो उदास थी, में उसे होली विश करने गया था. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं तुम नहीं समझोगे, तो मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त हूँ और तुम अपना दुख सुख मुझसे शेयर कर सकती हो. तो वो मेरे पास आई और रोने लगी और मेरे कंधे पर सिर रख लिया और कहने लगी कि उसे पिछले साल की होली याद आ गई अपने पति के साथ मनाई हुई. तो मैंने कहा कि ऐसा क्या था उस होली में? जो इस होली में नहीं है. वो कहते-कहते रुक गई, फिर बोली कि कुछ नहीं. तो मैंने कहा कि तुम मुझे बताओ तो सही तभी तो वैसी ही होली मनायेंगे, अब उसकी आँखों में अचानक से चमक दिख रही थी, लेकिन वो बोली कि तुमसे नहीं हो पायेगा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है तुम कहो. फिर वो मेरे पास में बैठकर मेरी जांघ पर हाथ फैरने लगी और बोली कि लास्ट टाईम मैंने होली अपने पति के साथ बेड पर बंद रूम में मनाई थी. फिर बस उसके इतना कहने की देर थी और मैंने उसके लिप पर अपने लिप रख दिए और चूसने लगा कि तभी मुझे याद आया कि यहाँ उसका बेटा भी तो होगा. तो वो बोली कि वो होली खेलने गया है, तू आज यहाँ पिचकारी चलाना. बस फिर क्या था? हमने एक दूसरे को बाँहों में भरा और एक दूसरे के लिप चूसने लगे और में उसके बूब्स उसके कपड़ो के ऊपर से ही दबा रहा था, अब उसके बूब्स मेरे एक हाथ में आ ही नहीं रहे थे.

    फिर वो बोली कि बाहर से ही खेलेगा या इसका दूध भी पियेगा, बस फिर में उसके कपड़े उतारने लगा और वो मेरे कपडे उतारने लगी और कपडे उतरने के साथ उसका वो शरीर को सहलाना, किस करना, में कभी भूल नहीं सकता हूँ. फिर मैंने उसके कपडे उतारे, अब वो ब्रा और पेंटी में थी, वो क्या मस्त माल लग रही थी? अब में तो उसे देखते ही उसकी रसीली चूचीयों पर टूट पड़ा.

    अब में एक बूब्स चूस रहा था और एक हाथ से एक बूब्स दबा रहा था, पहले तो वो सॉफ्ट थे लेकिन फिर हार्ड होने लगे. अब में उसके निप्पल पर कभी काट देता तो वो सिहर उठती और आह्ह्ह आह्ह्ह की आवाज़ निकालती. फिर में उसके निप्पल के चारों और चाटता और अपनी जीभ से निप्पल को हिलाता. वो पागल हो रही थी और कह रही थी कि में तो तुझे बच्चा समझती थी, लेकिन तूने तो चूस कर ही ऐसी हालत कर दी, अब तो तू जल्दी से चोद दे और मत तड़पा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसे कैसे चोद दूँ? अभी तो तुझे भी चूसना है, तो वो बोली कि क्या? तो मैंने कहा कि लॉलीपोप. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उस पर चॉकलेट का स्वाद लगाया और उसे चूसने को कहा, तो वो क्या मस्त चूस रही थी? अब उस एहसास से तो में पागल ही हो गया था और फिर में उसके मुँह में झड़ गया. फिर में उसकी चूत को सहलाने लगा और अब में उसकी चूत को चाट रहा था, तो वो मना कर रही थी, लेकिन जब उसे उसकी चूत पर जीभ का टच हुआ तो वो निढाल हो गई और मेरे मुँह में झड़ गई.

    फिर वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उसकी चूत को सहला रहा था, फिर वो कहने लगी कि अब रहा नहीं जाता, मेरी चूत को फाड़ दो और उसने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाया और कहा कि आजा मेरे राजा, ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया, अब से तू जब चाहे मुझे चोदना. फिर में उसकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा, तो वो तड़प उठी और सिसकियाँ भरने लगी, तभी मैंने पहला शॉट मारा और वो चिल्ला उठी, अभी मेरा लंड आधा ही उसकी चूत में गया था.

    फिर उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और आहें भरने लगी और आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह अर्णव, फुक मी हार्ड, जैसी आवाज़ें निकालने लगी, आज मुझे अपनी रांड बना ले और ये सब कहते हुए उसकी आँखो में दर्द से आंसू आ रहे थे, लेकिन वो चुदाई की प्यासी थी और कहने लगी कि डाल दे अपना पूरा लंड, आज मुझे अपना बना ले और उसकी ये सब बातें मुझे और भी गर्म कर रही थी.

    फिर मैंने एक शॉट और मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. फिर मैंने शॉट देने शुरू किए, में पहले धीरे-धीरे कर रहा था तो वो बोली कि जोर से चोदो और मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी कि आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे. अब ऐसे शब्द मुझे और भी उत्तेजित कर रहे थे. अब वो इस चुदाई में दो बार झड़ गई थी. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा और झड़ गया और उसके साथ लेट गया. फिर वो मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि आज तूने मेरी प्यास बुझा दी, ऐसे तो मेरे पति ने भी मुझे कभी नहीं चोदा. अब तो में उसे हर रात चोदता हूँ.

  • मकान मालकिन की चाहत

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम फजल है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल है, दोस्तों आज में आप सभी को जो अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह मेरी एक सच्ची घटना है. दोस्तों में जिस घर में किराए से रहता था उसमे गरिमा आंटी जो मेरी मकान मालकिन है वो भी रहती है और उनकी उम्र करीब 34 साल है और उनके फिगर का साईज़ 34-28-36 है और वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और एक बहुत ही सेक्स औरत है और में हमेशा उनको देखते ही रहता था क्योंकि मुझे उनके वो बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स बहुत ज्यादा पसंद थे और उसकी वजह से में उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित था. में हमेशा उनके बूब्स को दबाना चाहता था और उन्हें छूकर महसूस करना चाहता था.

    एक दिन आंटी ने मेरे दरवाजे की घंटी को बजाया, लेकिन में उस समय सोया हुआ था तो में आंटी की आवाज सुनकर जल्दी उठा और मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया. मैंने देखा कि बाहर दरवाजे पर आंटी खड़ी हुई थी और उस समय मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ था जिसको आंटी ने भी देख लिया. वो मुझे नाश्ता देने के लिए आई थी और फिर वो मुझे देकर चली गई.

    एक दिन ऐसे ही चला गया और दूसरे दिन में आंटी के पास चला गया तो आंटी उस समय लाल कलर की साड़ी पहने हुए हुए सोफे पर बैठी हुई थी और उनके बच्चे अपने स्कूल का काम कर रहे थे. में अंदर आकर कम आवाज करके टीवी देखने बैठ गया और फिर कुछ देर बाद आंटी मुझसे बोली कि तू बैठ में तेरे लिए चाय लेकर अभी आती हूँ. तो वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई और कुछ देर में मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो अचानक से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया, वाह दोस्तों वो क्या नजारा था, वो बूब्स मेरे सामने आने को बिल्कुल बैताब थे तो में उन्हें अपने सामने देखते ही एक टक नजर से देखता ही रह गया. तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्यों ऐसे क्या घूर रहे हो? तो में एकदम से हड़बड़ा गया और उनके हाथ से चाय लेकर अपनी नज़र नीचे करके बैठ गया और चुपचाप चाय पीने लगा.

    फिर में कुछ देर बाद वापस बाहर आकर सिगरेट पीने के लिए बाहर निकल गया और बस उनके बारे में सोचने लगा और उनके बूब्स को अपनी आखों के सामने देखने लगा. रात को 11 बजे मेरे दरवाजे की घंटी बजी, लेकिन उस समय तक भी में सुबह वाली उस घटना के बारे में सोच रहा था और अब भी मेरा लंड थोड़ा थोड़ा सा खड़ा हुआ था. फिर मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि बाहर आंटी पर्पल कलर की मेक्सी में ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी. मैंने उनसे कहा कि हाँ आइए ना आंटी क्या चाहिए आपको? तो उन्होंने मुझसे थोड़ा ऊँची आवाज में पूछा कि तू सुबह ऐसे क्या देख रहा था? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गया और मैंने उनसे कहा कि सॉरी आंटी वो बस ऐसे ही मुझसे ग़लती से हो गया और में अब ऊपर से नीचे तक पूरी तरह पसीने से भीग चुका था.

    आंटी ने अब मुझसे बहुत नरम आवाज से कहा कि चलो कोई बात नहीं है तुम यहाँ पर बैठो. में उनके कहते ही तुरंत बैठ गया और अब आंटी मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि जी नहीं, दोस्तों में अचानक से बदले उनके इस स्वभाव से बहुत चकित था कि वो मुझसे अब यह सब क्या पूछ रही है? क्योंकि अब मैंने गौर किया था कि उनके चेहरे की बनावट और मुझसे बात करने का तरीका बिल्कुल बदल सा गया था और उनके चेहरे पर मुझे एक अजीब सी शरारती हंसी नजर आ रही थी.

    फिर आंटी ने मेरी बात सुनकर कहा कि ठीक, लेकिन क्या तुमने कभी किसे से सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि नहीं, दोस्तों अब मुझे उनकी बातों से इस बात का अंदाजा हो गया कि वो मुझसे क्या पूछना या मेरे मन में क्या है वो जानना चाहती है? तभी उन्होंने मुझसे कहा कि तू क्या मेरे साथ सेक्स करेगा?

    दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में तो जैसे सातवें असमान में उड़ने लगा और बहुत खुश होकर मन ही मन सोचने लगा कि जैसे कि वो खुद ही मेरे पास आज आ गई है मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए और अब मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए तुरंत ही आंटी को अपनी बाहों में जकड़कर किस करते हुए उनके बूब्स को उनकी मेक्सी में से ही दबाना शुरू कर दिया क्योंकि अब में इतना अच्छा मौका बिल्कुल भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था. वाह मज़ा आ गया मुझे उनके वो मुलायम बड़े बड़े बूब्स दबाकर. फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने आंटी की मेक्सी को खोल दिया और अपने भी कपड़े उतार दिए. तो आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई ब्लूफिल्म की सीडी है?

    फिर मैंने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई भी सीडी नहीं है, लेकिन में वो सब ऑनलाईन ही देखता हूँ तो मैंने एक मस्त सेक्सी फिल्म नेट पर लगा दी और अब मैंने जैसे अपना लंड पेंट से बाहर निकाला तो आंटी देखती ही रह गई और मुझसे कहने लगी कि वाह तेरा लंड तो इतना बड़ा और मोटा भी है, मुझे पता होता तो में पहले ही तुझसे चुदवा लेती, लेकिन अब में तुझसे हर रोज़ अपनी चुदाई करवाया करूंगी क्योंकि मेरा पति तो बाहर है और वो दो साल में एक बार आता है और वो उसका काम होने के बाद ही मुझे ऐसे ही छोड़कर सो जाता है और फिर में अपनी उंगली से ही काम चलाती हूँ, लेकिन अब तू आ गया है तो मुझे मज़ा आ गया और फिर वो इतना कहकर मेरा लंड चूसने लगी. वाह दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था और अब में उसके मुहं में मेरा लंड देकर में आसमान में उड़ रहा था. मुझे ऐसे महसूस हो रहा था और करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद में करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स को दबाता ही रहा.

    तभी आंटी मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोडा आहिस्ता आहिस्ता दबा मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    में : आंटी मुझे अब इनको चूसना और दबाना बहुत अच्छा लगता है, प्लीज आप मुझे आज कुछ भी मत कहो, में आज आपकी कोई बात नहीं सुनूंगा.

    आंटी : आह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईइ उईईईईईई माँ में मरी.

    अब आंटी ने मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी और में ना ना कहता रहा, लेकिन वो अब मुझसे अपनी चूत को ज़बरदस्ती चटवाना चाह रही थी. अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है प्लीज फजल आज डाल दे तेरा लंड मेरी इस भूखी चूत में. पिछले 15 महीने से नहीं चुदी हूँ, प्लीज आज बुझा दे इसकी प्यास, अब से में तेरी ही पत्नी बनकर रहूंगी आह्ह्ह्ह डाल. अब मैंने आंटी को सीधा लेटाकर उनकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर मेरा लंड चूत के मुहं पर रख दिया और फिर एक ज़ोर का धक्का देने के साथ ही लंड को चूत के अंदर डालने लगा जिसकी वजह से आंटी बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और फिर उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा कि कमीने इतने ज़ोर से मत कर, अब इसे बाहर निकाल दे कुत्ते आह्ह्ह में मर गई उइईईईईईई माँ बहुत दर्द हो रहा है मुझे उह्ह्ह बाहर निकाल इसे.

    दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो अब उस होने दर्द से कांप रही थी. में थोड़ा ऐसे ही रुका रहा और अब धीरे धीरे धक्का देने लगा, आंटी अब भी दर्द से करहा रही थी और सिसकियाँ लेकर मुझे गालियाँ देकर कह रही थी हाँ और ज़ोर से चोद दे कमीने, कुत्ते इस भूखी पुजारन को, आज से में तेरी ही हूँ, चोद दे आज इसकी प्यास बुझा दे उह्ह्ह्ह और आईईइ ज़ोर लगाकर दे. अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के दे रहा था और आंटी भी बहुत मस्त पूरी तरह जोश में आकर मस्ती में मुझसे चुदवा रही, वाह क्या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी तुमको चोदने का ख्याल बहुत दिनों से था, लेकिन आज में हक़ीक़त में तुम्हे चोद दूंगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था और फिर बीस मिनट के बाद मैंने उनसे कहा कि आंटी में अब झड़ने वाला हूँ तो में अपना माल कहाँ पर निकालूं? तो आंटी ने मुझसे कहा कि तू मुझे आज तेरा वीर्य पिला दे, मुझे आज उसे चखना है.

    फिर मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डालकर मुहं में झड़ गया और उस बीच में आंटी दो बार झड़ चुकी थी, वो कहने लगी कि वाह मज़ा आ आ गया. दोस्तों उस रात में उनके पास में लेट गया और थोड़ी देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने उनसे कहा कि आंटी अब हम कल करते है तो आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे तेरे साथ और भी गेम खेलना है. फिर उन्होंने चूसते चूसते मेरे लंड को एकदम से खड़ा कर दिया और मेरा लंड अब गरम सरीए की तरह खड़ा था और अब वो मेरे लंड पर बैठकर आहिस्ता आहिस्ता उछलने लगी और चीखते चिल्लाते हुए आहहह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह माँ मर गई कहती रही, जिसकी वजह से पूरे कमरे में अब फच फच की आवाज़ गूंज रही थी और करीब दस मिनट बाद आंटी उछलते उछलते अह्ह्ह्हह्ह उूईईईईईइई फजल आऊऊऊऊ कहते हुए झड़ गई और मेरे पास में लेट गई.

    अब में उठाकर एक बार फिर से चूत में लंड डालकर चोदने लगा क्योंकि में अभी भी नहीं झड़ा था और करीब दस मिनट तक में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा. आंटी का क्या? वो तो बस पड़ी हुई अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह उइईईईईईईईई फजल में मर गई हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आह्ह्ह्ह उईईईइ कहती रही और इस बीच हम दोनों ही एक साथ झड़ गए. उस समय में आंटी की चूत में ही झड़ गया और जब मैंने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त सुबह के 2:45 बज गए थे. तो आंटी ने कहा कि हम कल फिर से करेंगे और फिर वो चली गई.

    दोस्तों अब हमारा जब भी मन करे तो हम एक साथ पति पत्नी की तरह मस्ती करते है और में उनके साथ चुदाई के बहुत मज़े लेता हूँ, मैंने उनको दिन रात जब में बहुत बार चोदा और वो मुझसे चुदवाकर अपनी चूत की आग को शांत करती है.

  • मकान मालकिन की बहु की ठुकाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में अंबाला का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी आज की कहानी एक सच्ची घटना है, जिसे में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत अच्छी लगेगी.  दोस्तों मुझे सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और उन्ही बातों को सोचकर बहुत उम्मीद से मैंने आज अपनी कहानी लिखी है.

    दोस्तों में जब भी अपने ऑफिस जाता हूँ तो एक औरत मुझे हर रोज जाते हुए घूर घूरकर देखती है और जब मुझे इस बात का पता चला तब से में भी उसकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा देता. लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं था. दोस्तों वो दिखने में एकदम सेक्सी पटाखा लगती थी. उसके बड़े बड़े बूब्स अब मुझे उसकी तरफ आकर्षित करने लगे थे. वो हमेशा बड़े गले का सूट पहनकर और एकदम सजधज कर मेरा ही आने का इंतजार करती और मुझे देखकर अंदर चली जाती.

    फिर एक दिन वो मेरे ऑफिस के सामने से गुज़र रही थी तो मैंने उसे देख लिया और बाहर आकर रास्ते पर जानबूझ कर अपना आईडी कार्ड गिरा दिया और फिर उसने उस कार्ड को देख लिया. तो में वापस अंदर आकर अपना काम करने लगा.

    वो कुछ देर बाद उसी रास्ते पर वापस आई और कार्ड उठाकर ले गयी. उसके जाने के बाद में वापस बाहर आया तो मैंने देखा कि कार्ड अब रास्ते में नहीं पड़ा हुआ था और उसके बाद उसने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे हमारी बातें होने लगी. लेकिन कुछ समय के बाद मुझे पता चला कि वो एक शादीशुदा औरत है और फिर एक दिन बातों ही बातों में, मैंने उससे पूछा कि उसे मुझ में क्या पसंद आया? तो वो बोली कि आपका मस्त दिखने वाला शरीर और कुछ टाईम के बाद उसने बताया कि उसका पति बहुत शराब पीता है और हर रात को बहुत देरी से आता है और आकर सो जाता है. बाते करते-करते वो मेरे करीब आ गई और वो मुझे किस करना चाहती है. तो में समझ गया था कि अब वो मुझसे चुदना चाहती है.

    मैंने उससे बातों ही बातों पूछा तो उसने कहा कि हाँ में प्यासी हूँ और अब मुझे आपसे प्यार होने लगा है. अब में आपको मेरे बारे में बता दूं कि में एक बहुत अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ और में एक महीने में दो बार डिस्को जाता हूँ और जब भी में डिस्को में जाता हूँ, वहाँ पर अधिकतर लड़कियाँ मेरी दीवानी हो जाती हैं और अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. तो उसने मुझसे कहा कि आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो. मैंने कहा कि तो क्या करना चाहिए? उसने मुझे दोस्ती करने के लिए कहा और फिर मैंने भी थोड़ा सोचकर हाँ कह दिया. बहुत दिन तक हमारी बात होती रही. एक दिन उसने कहा कि हमारे घर का नीचे वाला हिस्सा खाली हो गया है, आप यहाँ पर रहने आ जाओ ना. मैंने कहा कि में कोशिश कर सकता हूँ, लेकिन पक्का नहीं है और दो तीन महीने तक ऐसे ही चलता रहा. तो एक दिन मैंने जाकर उसकी सासू माँ यानी मकान की असली मलिक से बात कर ही ली.

    मुझे पता चला कि वो हमारे ही गाँव के है और उन्होंने मुझे उनके घर किराए पर देने को कह दिया. तो इस पर वो, यानी मेरी छमिया तो इतनी खुश हुई कि आप पूछो ही मत और में वहां पर रहने आ गया. अब नीचे की मंजिल पर में रहता था और ऊपर वो सब और बीच में छत पर एक जाली लगी हुई थी जहाँ से ऊपर वाले नीचे का हिस्सा देख सकते थे और अब वो ज्यादा समय जाली के पास बैठी हुई रहती थी ताकि वो मुझे ज्यादा से ज्यादा समय तक देख सके. तो एक दिन सुबह में ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था कि तभी वो नीचे आ गई. मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि मम्मी (सासू जी) पड़ोस में बैठी हुई हैं और इस समय घर पर कोई भी नहीं है.

    मैंने झट से उसे मेरे कमरे में दरवाजे के पीछे लेकर किस करना शुरू कर दिया और वो एकदम से आहे भरने लगी, में उस समय अंडरवियर में था, मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया. में उसे दरवाजे के पीछे दीवार के सहारे खड़े खड़े किस कर रहा था और अपना लंड उसकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था. उसका चेहरा एकदम लाल हो गया, पूरा शरीर गरम हो गया और जैसे ही मैंने नीचे हाथ डाला तो इतनी सी देर में उसकी चूत भी गीली हो गई. में मन ही मन सोचने लगा कि ओह भगवान इतनी प्यासी चूत? और मैंने ऐसा बिल्कुल भी सोचा नहीं था. तो उसने मुझे बताया कि पिछले कई दिनों से उसके पति ने सेक्स नहीं किया, बस वो शराब पीकर सो जाता है और फिर सासू माँ के आने के डर से वो वापस भाग गई.

    तो रोज में जब नहाकर बाथरूम से निकलता तो अंदर से ही अपना लंड खड़ा करके नंगा ही निकलता और वो जाली में से रोज मेरे खड़े लंड के दर्शन किया करती और मेरे ऑफिस जाने से पहले वो कोई ना कोई काम का बहाना करके मुझे किस करने नीचे मेरे कमरे में ज़रूर आ जाती. लेकिन उसकी वासना अब रोज मेरा लंड देखकर बढ़ती ही जा रही थी. मेरा ऑफिस मेरे घर से कोई 200 मीटर की दूरी पर है और फिर एक दिन उसका मेरे फोन पर एक मैसेज आया कि सब मेरी ननद के घर पर गए हुए हैं और मैंने अपनी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर वहां पर जाने से साफ मना कर दिया.

    यह बात पढ़ते ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और मैंने ऑफिस में स्टाफ को कहा कि में एक दो घंटे में वापस आ रहा हूँ और फिर वहां से बाहर निकलने के बाद रास्ते में मैंने अपना मोबाईल स्विच ऑफ किया और अपनी बाईक से जल्दी से घर पहुँचा तो मैंने देखा कि वो बालकनी में खड़ी हुई थी और शायद मेरा इंतजार कर रही थी और मुझे देखते ही जल्दी से नीचे आ गई और दरवाजा खोला मैंने जल्दी से अंदर आकर दरवाजा बंद किया और उसे एक प्यार भरी झप्पी दी. मैंने महससू किया कि उसका शरीर एकदम तप रहा था.

    तो उसने मुझसे कहा कि जल्दी से करो, सासू माँ का फोन आया था कि वो लोग एक दो घंटे में आ जाएँगे. मैंने फटाफट अपने कपड़े उतारे और उसने भी अपनी सलवार को उतार दिया और वो मेरे बिस्तर पर लेट गई और फिर वो मुझसे बोली कि अब जल्दी जल्दी से काम ख़त्म करो. मैंने उसे देखा तो वो एकदम सीधी लेटी हुई थी और दोनों घुटने मोड़कर टाँगे फैला रखी थी. मैंने देखा कि उसने अपनी चूत पर पहले से ही बाल साफ कर रखे है.

    मैंने उसे एक हाथ पकड़ कर बिस्तर से उठाया और उसका कुर्ता भी उतारने लगा. तभी वो बोली कि इसे मत उतारो जल्दी से काम ख़त्म करो. तो मैंने उससे कहा कि काम तो होगा, लेकिन ठीक तरीके से होगा और जब इतना सब हो गया है तो इसे भी तसल्ली से पूरा करेंगे और मैंने उसका कुर्ता उतारा और फिर उसकी ब्रा को भी उतार दिया. एकदम नंगा करने के बाद मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला तो उसने साफ मना कर दिया. तो मैंने सोचा कि कोई बात नहीं. लेकिन मैंने उससे कहा कि क्या में उसकी चूत चूस सकता हूँ? तो वो बोली कि छी: यह क्या कर रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान इसी में तो मज़ा है.

    में उसके दोनों पैरों के बीच में आया और अपना मुहं उसकी चूत के छेद पर टिका दिया. उसे घर पर किसी के आने का डर भी लग रहा था लेकिन वो अब थोड़ी देर बाद सब कुछ भूल गई. मेरा मुहं उसकी रसीली चूत पर था और जीभ गरम चूत के अंदर. मेरे ऐसा करने से उसे मज़ा आ गया, वो अब धीरे धीरे नीचे से अपनी गांड को उठाने लगी और सिसकियाँ लेती हुई बोली कि आअहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरे पति ने कभी मुझे ऐसा आईईईईईइ मज़ा नहीं दिया, मेरी जवानी ऐसे ही जा रही है, जान में बहुत प्यासी हूँ, प्लीज अब मुझे अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह और मत तड़पाओ प्लीज, जल्दी से अंदर डाल दो ना. तो मैंने उससे पूछा कि क्या डाल दूँ?

    उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया लेकिन चुप रही और कुछ बोली नहीं. तो मैंने पूछा कि यह क्या है? तो वो एकदम शरमा गई और बोली कि आप ही बोलो यह गंदे गंदे नाम में नहीं बोलती, मुझे तो बहुत शरम आती है. तो मैंने कहा कि अगर यह कोई गंदी चीज़ है तो क्यों अब तक इस चीज़ के लिए मर रही हो, तड़प रही हो? और अब तुम जब तक नाम नहीं लोगी, में इसे अंदर नहीं डालूँगा और कुछ देर के बाद उसे कहना ही पड़ा. वो मुझसे बहुत शर्मिले स्वर में बोली कि प्लीज आपका मोटा लंड मेरी इस प्यासी चूत में डाल दो ना, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा.

    मैंने उससे पूछा कि तुम कसम खाकर एक बात बताना, तुम्हारे पति का लंड बड़ा है या मेरा? तो पहले तो वो कुछ देर नहीं बोली. लेकिन फिर बोली उनका लंड 4.5 इंच का है. तो मैंने कहा कि फिर तब तो तुम्हे मेरा लंड लेने में बहुत दर्द व तकलीफ़ होगी, तभी वो बोली कि दर्द के साथ मज़ा भी तो आएगा. तो मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर भिड़ा दिया और ऊपर से ही रगड़ने लगा.

    तो मेरे ऐसा करने से उसकी हालत तो और भी खराब हो चुकी थी. वो मेरी तरफ देखकर बोली कि प्लीज इतने धक्के इसे चूत के अंदर डालकर मारो ना, जिससे मुझे भी मज़ा आएगा. तो मुझे एकदम हंसी आ गई और मैंने धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में घुसाना शुरू कर दिया, वो कसमसाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी. लेकिन जब मेरा आधा लंड चूत के अंदर गया तो मुझे उसकी बात पर पक्का यकीन हो गया कि उसके पति का लंड वाकई में छोटा होगा, क्योंकि इतनी टाईट चूत वो भी एक शादीशुदा औरत की, तो में समझ गया और धीरे धीरे अपना लंड अंदर सरकाता गया और जब मेरा पूरा लंड अंदर गया तो उसने अपने होंठ अपने दाँतों से दबा लिए और मेरे पैरों को पकड़ कर दूसरी साईड में धक्का देने लगी. अब मेरा लंड उसकी चूत की सामने वाली दीवार से टकरा गया था.

    मैंने उससे पूछा कि क्यों दर्द हो रहा है क्या? तो वो कुछ नहीं बोली और फिर में धीरे धीरे से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा तो उसका दर्द बढ़ता गया, वो मुझे उसके चेहरे से महसूस हो रहा था. तभी में एकदम से रुक गया. लेकीन मुझे विश्वास नहीं हुआ कि उसे दर्द हो रहा है.

    फिर मैंने जोरदार धक्के लगाने शुरू किए और थोड़ी ही देर में वो ठीक हो गई और मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी क्योंकि अब मेरा वीर्य निकलने वाला था. में एकदम से रुक गया और उस पर लेट गया. फिर में उठा और फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो मस्त हो गई और उफफफफ्फ़ अह्ह्ह्हह करने आईईईईईइ लगी.

    फिर मैंने उसे गोद में उठाया और में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर बैठा लिया. तो उसने मुझे बताया कि वो हमेशा नीचे लेटे लेटे ही चुदी है और अब मैंने उसके कूल्हों पर अपने दोनों हाथों को टिकाकर उसे सहारा देना शुरू किया. वो आआहहह आईईईईइ करके मेरे लंड पर कूदने लगी और करीब 15-20 शानदार धक्कों के बाद मेरी हालत खराब हो गई. तो मैंने उससे कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ, बताओ कहाँ पर निकलूं? तो वो बोली कि अंदर मेरी चूत में सारा वीर्य डाल दो और फिर मैंने उसे वापस अपने नीचे लिया और उसके दोनों पैर अपने कंधे पर ले लिए और शानदार धक्के लगाने शुरू कर दिये, करीब 20-25 धक्कों के बाद में ज़ोर से बोला कि भाभी में अब झड़ रहा हूँ. तो वो बोली कि हाँ झड़ जाओ क्योंकि शायद अब में भी झड़ रही हूँ.

    उसकी चूत सिकुड़ने लगी और मेरा लंड और ज़्यादा मोटा हो गया. तो भाभी ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह और ज़ोर से धक्का दो, हाँ और ज़ोर से आअहह और फिर में बोला कि में अब अपना माल छोड़ रहा हूँ. तो वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर बोले जा रही थी अह्ह्ह्हह्ह और ज़ोर से मारो मेरे राजा आ जाओ में भी अब झड़ रही हूँ आआआअहहओह मेरे राजा आज मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझा दो, सारा पानी मेरी चूत में भर दो और में झड़ने लगा.

    मेरा वीर्य उसकी चूत में एक एक बूंद करके गिरा और उधर उसने भी अपना पानी छोड़ दिया. हम लोग करीब 30 मिनट तक चली इस धमाकेदार चुदाई से पसीना पसीना हो गये थे और में अपना लंड उसकी चूत में डाले हुए उसके बूब्स पर लेट गया. तभी वो बोली कि में इस तरह की चुदाई के लिए बहुत समय से तरस गई थी और उसके बाद उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और ऊपर भाग गई और मैंने भी अपने कपड़े पहने और ऑफिस के लिया चला गया. लेकिन इसके बाद हमने कई बार चुदाई की और बहुत मज़े किए. मैंने उसे हर एक तरीके से चोदा, जिसके बारे में वो कभी सोच भी नहीं सकती और हम दोनों ने एक दूसरे की जरूरते पूरी की.

  • माकन मालिक की बेटी प्रियंका को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शुभम है और में अभी एक कॉलेज में बीटेक का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक असली कहानी सुनाना चाहता हूँ और यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ, मेरी हाईट 5.10 इंच है और में अभी 21 साल का हूँ. अब हम लोग और टाईम खराब ना करते हुए अपनी कहानी पर आते है.

    यह बात उन दिनों की है जब में अपना 12th के पेपर दे चुका था और मैंने साथ ही साथ इंजिनियरिंग की तैयारी भी की थी तो मैंने अपना सेंटर भुवनेश्वर ही डाला था और में वहीं से अपनी पड़ाई कर रहा था और में वहां पर एक हॉस्टल में रहता था. लेकिन पढ़ाई ख़त्म होने के बाद मेरे कॉलेज वालों ने मुझसे मेरा रूम खाली करने के लिए बोला तो मैंने अपने लिए एक घर खोजना शुरू कर दिया और आप लोगों को पता ही होगा कि किसी भी अंजान लड़के को एक महीने के लिए घर मिलना बहुत ही मुश्किल है.

    फिर मेरी परेशानी को देखते हुए मेरे कॉलेज के एक सर ने मुझसे कहा कि उनके अपार्टमेंट में एक फ्लैट खाली पड़ा हुआ है लेकिन वो सिर्फ एक ही रूम का है. तो मैंने उनसे झट से हाँ कह दिया और फिर सर ने मकान मालिक से वो फ्लैट मुझे देने की बात की. लेकिन मकान मालिक साफ साफ मना कर रहा था और फिर मैंने सर से मकान मालिक का मोबाईल नंबर ले लिया.

    मैंने उनसे अपने पापा की आवाज में बात की और मैंने उनको अपनी बातों से अपनी तरफ झुका लिया और फिर में वहाँ पर अगले दिन ही अपना सामान लेकर चला गया. लेकिन मेरा रूम सबसे ऊपर वाली मंजिल पर था जिसमे मुझे अपना सामान ले जाने में बहुत दिक्कत हुई, लेकिन मैंने सब काम खत्म कर दिया और मैंने वहां पर जाते ही आंटी को 5000 रूपये रूम के किराए के हिसाब से दे दिए.

    आंटी ने मुझसे बोला कि अभी इसकी क्या ज़रूरत थी? मैंने बोला कि पैसे की ज़रूरत इस पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही लोगों को नहीं है उनमे से एक है कुबेर महाराज और दूसरी लक्ष्मी जी. तो उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा दिया और में अपने रूम में चला गया और मैंने देखा कि मेरा रूम बहुत अच्छा था. उसमे एक बालकनी, एक किचन और एक बाथरूम था और बालकनी को देखकर लग रहा था कि जैसे वो रूम अभी अभी किसी ने साफ किया था.

    तो में रूम में अंदर गया और दरवाजा बंद कर लिया फिर दस मिनट के बाद मुझे मेरे दरवाजे पर एक नॉक सुनाई दी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बहुत ही सुंदर लड़की वो लगभग मेरी उम्र की थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया, उसके भूरे भूरे बाल थे जो कि हवा के चलने से लहरा रहे थे, उसकी आँखें नीली थी, उसका रंग दूध की तरह सफेद था.

    उसने मुझसे कहा कि यह लो अपने कमरे की चाबी और रूम को कभी भी खुला छोड़कर जाने के लिए मना किया. तो मैं तभी समझ गया कि वो मकान मालिक की कुछ लगती है और तब मेरे दिल में उसके लिए कोई भी गलत बात नहीं थी और इसके बाद धीरे धीरे ऐसे ही दिन गुज़रते गये और में अपनी पढ़ाई करता रहा. लेकिन मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझ पर अपनी नजरें रखती है और में हमेशा अपनी बालकनी में ही पड़ता था और वो मुझे छत के ऊपर से पड़ते हुए देखती थी. तो एक दिन वो मुझसे आकर बोली कि क्यों ना में उनकी बेटी को भी पढ़ा दिया करूं क्योंकि उसका भी उसी समय एग्जाम था और फिर मैंने हाँ कर दिया.

    दोस्तों उसका नाम प्रियंका था और वो दिखने में बहुत सुंदर थी, उसके जिस्म को देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे, उसके बड़े बड़े बूब्स, बड़ी सी गांड मुझे अब अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी. में मन ही मन उसको चोदने के बारे में सोचने लगा था और अब मेरी आंटी से भी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और वो मुझे एक बहुत अच्छा लड़का मानती थी (में एक अच्छा बच्चा दिखता भी था. लेकिन किसी के अंदर से किसने देखा है) आंटी ने मुझे कई बार अपने घर पर खाने पर भी बुलाया और अब धीरे धीरे प्रियंका से मेरी बातचीत बढ़ने लगी.

    में उससे कई बार हंसी मजाक किया करता और वो मुस्कुराया करती और वो मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी और में उसे किसी भी बहाने से छेड़ता था और वो भी मुझे उसका जवाब देती थी. फिर वो धीरे धीरे मुझे रात रात भर अपनी पढ़ाई की समस्या के बहाने फोन करके मुझसे बात किया करती थी और मैंने लगभग एक हफ्ते में उसे 90% तक पटा लिया था. तो एक दिन मैंने सुना कि अंकल 15 दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे थे और उस समय में प्रियंका रातभर एक दूसरे से फोन पर बात किया करते थे, मैंने और उसने अपने अपने दिल की सभी बातें एक दूसरे से कह दी थी.

    फिर एक दिन आंटी को एक पार्टी में जाना था और वहां पर उनका जाना भी बहुत जरूरी था और उस समय घर पर अंकल भी नहीं थे और प्रियंका ने भी वहां पर जाने से साफ साफ मना कर दिया, क्योंकि उसके सर में बहुत दर्द था और उसकी वजह से आंटी को अब अकेले ही जाना पड़ा और फिर उनके जाने के कुछ देर बाद ही प्रियंका ने मुझे कॉल किया और वो मुझसे बोलने लगी कि उसे केमिस्ट्री में कुछ समझ में नहीं आ है, तो मैंने उससे कहा कि तुम ऊपर ही आ जाओ और जैसे ही वो ऊपर आई उसने दरवाजा बजाया और मैंने अपना दरवाजा खोला तो में उसे देखकर बहुत खुश हुआ, क्योंकि वो उस दिन बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसने लाल कलर की टॉप, काली कलर की केफ्री जीन्स पहनी हुई थी और वो भी एकदम टाईट जिसकी वजह से उसके बड़े गोल गोल बूब्स और बड़ी सी गांड का पूरा आकार दिख रहा था और उसने अंदर की तरफ ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी जिसकी वजह से उस दिन उसके बूब्स की निप्पल एकदम साफ साफ दिख रही थी.

    दोस्तों उसके फिगर का साईज़ 36-32-36 था तो मैंने उसे अंदर आने के लिए बोला और वो अंदर आ गई और पलंग पर बैठ गई. लेकिन उसका ध्यान भी अब पूरा मेरी तरफ था. तो मैंने कुछ देर बाद उसकी केमिस्ट्री की समस्या को खत्म कर दिया तभी अचानक वो मुझसे आकर लिपट गयी और पागलों की तरह मुझे किस करने लगी और में तो कोमा में चला गया था, दो मिनट तक में समझ ही नहीं पाया कि मेरे साथ यह हो क्या रहा है?

    फिर कुछ देर बाद मैंने भी उसका साथ दिया और में भी उसे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा. तो कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि हमे कोई इस तरह से देख लेगा तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. फिर उसने कहा कि अपार्टमेंट में कोई भी नहीं है सब लोग पार्टी में गए हुए है. फिर मैंने उसकी गर्दन को चूमा वो तो एकदम पागल सी हो गई. फिर मैंने उसके होंठो को धीरे धीरे अपने होंठो से दबाया और उसके बाद मैंने उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और उसने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया जो कि एकदम लोहे के सरिय की तरह सीधा और टाईट हो गया था.

    फिर मैंने उससे कहा कि क्यों तुम तो इस काम में बहुत अनुभवी लगती हो? तो उसने मुस्कुराकर कहा कि उसका यह पहला मौका है. फिर मैंने कहा कि में भी अभी तक वर्जिन हूँ. लेकिन आज रात के बाद नहीं रहूँगा तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और इतना कहने के बाद मैंने अपने एक हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके बूब्स दबाने मसलने लगा और टी-शर्ट के ऊपर से ही बूब्स को चूमने लगा. तो वो अब धीरे धीरे अहहउफफफफफ्फ़ आउुऊुकुऊउक्ककचह आईईईइईईइ की आवाजें निकालने लगी और उसके बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और उसके निप्पल को चूमने चूसने लगा और निप्पल के चारों तरफ मैंने अपनी जीभ को घुमाना शुरू कर दिया वो अब बिल्कुल गरम हो चुकी थी.

    फिर मैंने अपने और उसके बाकी के सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों एकदम नंगे हो गये और में अपना मुहं उसकी चूत के पास ले जाकर उसकी चूत का दाना चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को भी दबा रहा था और एक हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था. वो तो एकदम अपने होश खो बैठी और मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और वो इतनी अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही थी कि में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि में उस समय जन्नत की सैर कर रहा था और उसके कुछ देर बाद मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया.

    फिर उसकी दोनों जांघो को थोड़ा फैलाकर में वहाँ पर ठीक उनके बीच में बैठ गया और अब में उसकी गरम चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था और उसके बाद में उसके ऊपर चड गया और अपना पहला धक्का अपने पूरे दम और जोश के साथ लगाया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी. तो मैंने अपना मुहं उसके मुहं से सटा दिया और अगले धक्के पे धक्के मारे जिसकी वजह से मेरा लंड और थोड़ा चूत के अंदर गया और अब मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था और अब उसकी चूत से खून निकलने लगा था.

    फिर भी मैंने उसे लगातार करीब बीस मिनट तक चोदा और फिर में उसकी चूत में झड़ गया, लेकिन उस रात मैंने उसे पूरे तीन घंटे तक चोदा, उस दौरान में 2 बार झड़ चुका था और में अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ता गया और वो इस दौरान तीन बार झड़ गयी थी. फिर मैंने कुछ घंटो के बाद उसे उसके घर पर चोदा, वो मुझसे बहुत ज्यादा संतुष्ट थी, क्योंकि मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था और उसकी चूत में पूरा फिट आ गया. वो मुझसे उस दिन के बाद रोजाना चुदवाया करती थी.

  • मकान मालिक की बीवी की चुदाई

    हेल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रूपेश गुप्ता है. में पहले अपने बारे में बता दूँ.. मेरी लम्बाई 5 फीट 5 इंच है और मेरा शरीर स्लिम बॉडी और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मेरी पत्नी मुझसे पूरी तरह से संतुष्ट है.. हम प्रतिदिन सेक्स करते है और जिस रात हम सेक्स नहीं करते है.. तो उस रात हमको नींद नहीं आती है.

    मेरे मकान मालिक की बीवी का नाम वंदना है और उसकी उम्र 22 साल है और उसकी लम्बाई 5 फीट 2 इंच और फिगर 32-28-34 है.. उसका कलर सावंला है और वो बहुत सेक्सी भी है. ये कहानी है तब की है जब मेरी पत्नी मायके गई थी और में घर पर अकेला था और मकान मालिक और उनकी मम्मी भी घर पर नहीं थे. में शाम को ऑफिस से रात के 9 बजे घर आया और पत्नी के नहीं होने के कारण खाना बनाने की तैयारी करने लगा.. वंदना मेरे आने की आवाज़ सुनकर अपने कमरे से बाहर आई और पूछा कि क्या हो रहा है?

    में : खाना बना रहा हूँ.

    वंदना : आज आप मेरे साथ ही खाना खा लेना.. मैंने अपना और आपका खाना बना लिया है.. मेरे पति और मेरी सास भी बाहर गये है.

    में : ठीक है.. में फ्रेश होकर आता हूँ.. तब तक आप खाना लगाओ.

    फिर में बाथरुम में गया और फ्रेश होकर मैंने बिना बनियान और अंडरवियर के टी-शर्ट और पजामा पहन लिया और जब में बाथरूम से बाहर आया.. तो वंदना ने डिनर टेबल पर तैयार कर रखा था और खुद ने भी फ्रेश होकर नाईटी पहन ली. नाईटी के अन्दर पहनी गई ब्रा और पेंटी की लाइन दिखाई दे रही थी. में उसको इस रूप में देखकर उत्तेजित होने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि कैसे मुझे वंदना को चोदने का बहाना मिलेगा.

    फिर में मन ही मन उसको चोदने का प्लान बनाने लगा. हम दोनों डिनर करने के लिये डाइनिंग टेबल पर बैठ गये.. वंदना मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठी थी और जब वो झुककर खाने को अपने मुँह में रखती थी.. तो उसके झुकने से दोनों बूब्स के बीच की दरार 2 इंच दिखाई देती थी.. जो कि मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थी. मेरी नजरे उसकी लाईन पर ही थी और पजामे में मेरा लंड खड़ा होने लगा था.. अंडरवियर ना होने के कारण लंड का उभार बाहर से पता चल रहा था. मुझे अपनी नाईटी में झाकते हुये वंदना ने देख लिया और कहा कि क्या देख रहे हो?

    में : तुम बहुत सुंदर हो और..

    वंदना : और क्या?

    में : और सेक्सी भी.

    वंदना : लेकिन आपकी पत्नी तो मुझसे गोरी, अधिक सुंदर और सेक्सी भी है.

    में : हाँ.. लेकिन आज तो तुमने मेरी पत्नी को भी फेल कर दिया.

    वंदना : ऐसा क्यों? ये कहकर वो तेज़ी से हंसने लगी और कहा कि कई बार आपकी पत्नी ने मुझे अपनी सेक्स लाईफ के बारे में बताया है और ये भी बताया है कि आप कैसे उनकी चुदाई करते है और कितने तरीको को आप इस्तेमाल कर चुके है. में कब से इस मौके की तलाश में थी कि कब आपकी पत्नी और मेरे पति और सास बाहर जाये और में आपके साथ सेक्स करूँ. इतना कहकर वंदना ने मेरे होठों पर एक किस किया और कहा कि आप डिनर करने के बाद मेरे साथ यहीं रुक जाना.

    मैंने मन में सोचा कि मेरी तो लॉटरी लग गई.. कहाँ में वंदना को चोदने का प्लान बना रहा था और कहाँ वंदना खुद मुझसे चुदने को तैयार बैठी थी. डिनर करने के बाद हम दोनों साथ में बैठकर सेक्स की बातें करने लगे. में उसे सेक्स करने के और पत्नी को उत्तेजित करने के तरीके बताने लगा और उससे पूछा कि तुम्हारी सेक्स लाईफ कैसी चल रही है?

    वंदना : ख़राब.

    में : क्यों? तुम्हारे पति तो शरीर से बहुत शक्तिशाली दिखते है.

    वंदना : केवल दिखते है.. लेकिन वो है नहीं.. वो रात को मुझे उत्तेजित किये बिना मुझ पर चढ़ जाते है और कुछ धक्के लगाने के बाद पलटकर सो जाते है.. जबकि में सेक्स की आग में रात भर जलती रहती हूँ. जब आपकी पत्नी ने मुझसे बातें की.. तब से में आपसे चुदवाना चाहती थी.. लेकिन मौका नहीं मिल रहा था और आज रात को मौका भी है और दस्तूर भी.. आज में आपसे रात भर चुदवाउंगी.

    में : ठीक है लेकिन आप मुझे मेरे नाम से बुलाओ.

    वंदना : आप भी मुझे मेरे नाम से ही बुलाओगे.. इतना कहकर मैंने अपने होंठ वंदना के होठों पर रख दिये. वंदना के होंठ भट्टी के समान सुलग रहे थे. मैंने वंदना का ऊपरी होंठ चूसना शुरू कर दिया.. जबकि वंदना मेरा निचला होंठ चूस रही थी.

    होठों को चूसने के साथ साथ मेरे हाथ नाईटी के ऊपर से ही उसके बदन पर घूम रहे थे. वंदना ने अपने दोनों हाथों से मुझे बाँध रखा था. फिर मैंने वंदना के होंठ चूसते हुये एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे लगाया और दूसरा हाथ कमर के नीचे लगाकर उसे गोद में उठा लिया. वंदना ने अपने दोनों हाथ मेंरी गर्दन में डाल दिये.. में वंदना को लेकर उसके बेडरूम में गया और बेड पर बैठा दिया और लाईट चालू कर दी.

    वंदना : लाईट चालू क्यों की? मुझे शर्म आयेगी.

    में : शर्म कैसी.. जब चुदवाने का मज़ा लेना है तो पूरी तरह से मज़ा लो.

    इतना कहकर मैंने उसकी नाईटी खोली और नाईटी बेड के नीचे फेंक दी. वंदना ने लाल ब्रा और लाल पेंटी पहन रखी थी.. जिसमें उसका बदन बहुत सेक्सी लग रहा था. वंदना ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरा ऊपरी बदन पूरा नंगा कर दिया. मैंने वंदना को बेड पर लेटा दिया और उसके होंठ फिर से चूसने लगा.. मेरा एक हाथ ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी जांघे सहला रहा था.

    वंदना भी अपने दोनों हाथ मेरी नंगी पीठ पर फेर रही थी. मैंने अपनी जीभ से वंदना के होठों को खोलते हुये अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वंदना मेरी जीभ को अपने मुँह में पाकर पागल सी हो गई. फिर मेरी जीभ को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.

    फिर मैंने अपना हाथ वंदना की ब्रा में डाल दिया और निप्पल को अंगूठे और उंगली में लेकर मसलने लगा.. दूसरे हाथ से उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से रगड़ने लगा.. उसकी पेंटी गीली हो रही थी. उसकी जीभ चूसने के बाद में अपनी जीभ को वंदना के बदन के सफ़र पर ले चला और उसके गाल, गर्दन का कोई भी हिस्सा चाटने से नहीं छोड़ा. धीरे-धीरे में नीचे की तरफ चला और वंदना की ब्रा के हुक खोल दिये..

    वंदना के बूब्स और निप्पल देखकर मुझे एक बोतल का नशा आने लगा. फिर में वंदना के राईट बूब्स के निप्पल को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और लेफ्ट बूब्स के निप्पल को उंगली और अंगूठे से मसलने लगा. अब वंदना धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी और उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी.. में भी उसके दोनों निप्पल को बारी-बारी से चूस और काट रहा था.

    लगभग आधे घंटे तक उसके निप्पल काटने और चूसने के बाद मैंने फिर से अपने नीचे का सफ़र स्टार्ट किया. मेरी जीभ उसके सीने से होती हुई उसके पेट की और चली और जैसे ही मैंने उसकी नाभि में जीभ लगाई.. तो वो बोली कि आअहह ये मुझे क्या हो रहा है.. मेरा खुद पर से कंट्रोल ख़त्म हो रहा है और मेरे तन-बदन में आग लग रही है अब और कितना तड़पाओगे. अब सहन नहीं होता.. जल्दी से मुझे चोदो.. मेरी चूत को अब तुम्हारे लंड की प्यास लगी है.. मेरी चूत की प्यास बुझा दो और उसकी आग शांत कर दो.. लेकिन मेरा सफ़र जारी रहा और में उसकी नाभि से होता हुआ उसकी जांघ तक पहुंचा.

    फिर उसकी पेंटी की इलास्टिक को अपने दातों से पकड़कर नीचे खींचा और पेंटी को उसके पैरों से निकाल दिया. फिर मैंने वंदना के पैरों को चूमना शुरू किया.. उसके पैरों को चूमते हुये में उसकी जांघो को चूमता हुआ उसकी चूत की और बढ़ा. उसकी चूत के उपर हल्के-हल्के बाल थे.. जो कि बहुत मुलायम थे. वंदना के कोई बच्चा ना होने के कारण उसकी चूत बिल्कुल वर्जिन लड़की की तरह दिख रही थी.

    फिर मैंने वंदना की चूत को चूसना शुरू कर दिया और वंदना अपनी कमर को उठाकर अपनी चूत मेरे मुँह पर दबाने लगी. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूत के होठों को खोला और अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में फेरनी शुरू कर दी. मैंने अपने मुँह में थूक बनाते हुये उसके चूत के दाने को मुँह में भर लिया और उसके चूत के दाने को जीभ और दातों की सहायता से काटने लगा.

    मेरी जीभ से उस दाने को चूसने से वंदना कराह उठी और मुझसे बोली.. हाय.. आज तक मेरी चूत मेरे पति ने भी नहीं चूसी और ना ही इससे पहले ऐसी आग लगी.. आआहह.. प्लीज़ चाटते रहो.. मेरी चूत को चाटो और चूस-चूस कर मेरी चूत को लाल कर दो. इतना कहकर वंदना अपनी कमर उठाकर मेरे मुँह पर दबाने लगी और मेरा सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी. उसके दोनों पैर हवा में उठे हुये थे और वो मुँह से कराहने और सिसकियों के आलावा अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी. मैंने अपना मुँह उसकी जांघ से उठाकर कहा.. क्या तुम मेरा लंड चूसना पसंद करोगी?

    वंदना : लेकिन मुझे पता नहीं कि लंड कैसे चूसा जाता है?

    में : जैसे कोई बच्चा लोलीपॉप चूसता है.. वैसे ही.

    वंदना : ठीक है.. पोज़िशन बनाओ. में वंदना के ऊपर से उतरा और बेड पर लेट गया और वंदना को कमर से पकड़कर अपने मुँह पर वंदना की जांघे और वंदना का मुँह अपनी जांघो पर रख लिया. इस प्रकार हम दोनों 69 पोज़िशन में थे. वंदना ने मेरा पजामा खोला और अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड को चाटने लगी और जल्दी ही उसने मेरे लंड का टोपा अपने मुँह के अंदर कर लिया और जैसे बच्चे लोलीपॉप चूसते है.. वैसे ही मेरे लंड को चूसने लगी. उधर मैंने अपने दोनों हाथों के अंगूठे से वंदना की चूत के लिप्स खोले और अपनी जीभ उसकी चूत में फेरने लगा और जल्दी ही में वंदना की चूत के दाने को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

    फिर वंदना की गांड को अपनी उंगली से सहलाने लगा.. वंदना ने अपने मुँह से अजीब सी आवाजें निकाली और बोली.. में खल्लास होने वाली हूँ और मेरा पानी निकलने वाला है. इतना कहकर वंदना ने अपनी चूत को मेरे मुँह पर चिपकाकर पानी छोड़ दिया. में भी उसकी चूत से निकला पानी चाटने लगा.. वंदना की चूत का पानी चाटने के बाद में वंदना की कमर को पकड़कर पलट गया. अब वंदना मेरे नीचे थी और में उसके ऊपर.. लेकिन हमारी पोज़िशन अब भी 69 वाली थी.

    मेरे पलटने से मेरा पूरा लंड वंदना के गले तक घुस गया.. जिस कारण वंदना की आँखो से आसूं निकल आये.. लेकिन उसने मुझे लंड निकालने के लिये नहीं कहा. मेरा लंड अब उसके मुँह को चोद रहा था और मेरा मुँह उसकी चूत के दाने को चूस रहा था. लगभग 15 मिनट के बाद में वंदना के ऊपर से उतरा और अपनी पोज़िशन वंदना के पैरों के बीच मे बनाई.. वंदना अब अपने बूब्स अपने आप ही मसल रही थी और अपने निचले होंठ को अपने दातों से काट रही थी.

    मैंने वंदना के दोनों पैर अपने कंधो पर रखे और अपने लंड को वंदना की चूत पर लगाया.. मेरे एक झटका देते ही मेरा आधा लंड वंदना की चूत में घुस गया और वंदना के मुँह से एक तेज चीख निकल गई. वंदना ने कहा.. प्लीज़ धीरे करो.. तुम्हारा लंड तो मेरे पति से डबल मोटा है.. क्या मेरी चूत को फाड़ ही दोगे. फिर मैंने एक झटका दिया और मेरा पूरा लंड वंदना की चूत में घुस गया.

    फिर मैंने वंदना के होठों को अपने होठों में भर लिया और दोनों हाथों से वंदना के दोनों निप्पल मसलने लगा.. अब में धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. थोड़ी देर बाद वंदना को भी मज़ा आने लगा और वो अपने चूतड़ नीचे से उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी.. में अब अपने धक्को की स्पीड बड़ाने लगा. वंदना अब मुँह से बहुत तेज आवाजें निकाल रही थी और आह्ह्ह्ह कर रही थी.. आहह और तेज़ी से.. ऐसे तो मेरे पति कभी नहीं चोदते है. आज में जान गई कि आपकी पत्नी हमेशा आपका गुणगान क्यों किया करती है.. आप बहुत अच्छी तरह चूत को चूसते और चोदते है और आपको चोदने से पहले एक औरत को कैसे गर्म किया जाता है.. वो बहुत अच्छी तरह आता है.. आअहह चोदो.

    10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद मैंने वंदना की गर्दन व चूतड़ के नीचे हाथ लगाया और वंदना को लेकर पलट गया.

    अब में नीचे था और वंदना ऊपर.. वंदना मेरे लंड के ऊपर अपने चूतड़ को नचाते हुये मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी. वंदना ने झुककर मेरा एक निप्पल अपने दातों में फंसाया और अपनी जीभ से मेरे निप्पल को चूसने लगी. में भी वंदना के चूतड़ पकड़कर नीचे से धक्के लगा रहा था.. वंदना ने फिर मोनिंग किया.. आहह में फिर से खल्लास होने वाली हूँ. फिर इतना कहकर वंदना मेरे उपर निढाल होकर गिर गई.. लेकिन अभी भी मेरा पानी नहीं निकला था.. इसलिये मैंने वंदना से कहा कि मेरा पानी भी तो निकालो.

    वंदना : में बहुत थक गई हूँ.

    अब जैसे तुम चाहो वैसे अपना पानी निकाल लो. मैंने वंदना से कुत्तिया (डॉगी स्टाइल) बनने के लिये कहा.. वंदना अपने घुटनों और हाथों पर कुत्तिया बन गई. मैंने वंदना को बेड के किनारे खींचा और अपने आपको बेड के नीचे फ्लोर पर व्यवस्थित किया. फिर मैंने अपनी जीभ निकाल कर वंदना की चूत को चाटना शुरू कर दिया.. साथ ही अपनी एक उंगली वंदना की गांड में फेरने लगा.. जल्द ही वंदना फिर गर्म हो गई और अपनी चूत को मेरे मुँह पर चिपकाने की कोशिश करने लगी.

    फिर मैंने अपने लंड को वंदना की चूत पर रखा और एक तेज झटका दिया.. इस झटके से मेरा लंड वंदना की चूत में एक ही बार में पूरा घुस गया और में वंदना के चूतड़ पकड़कर धक्के लगाने लगा. फिर मैंने अपने हाथ से वंदना के चूतड़ों की दरार को खोला और वंदना की गांड सहलाने लगा. मैंने अपने हाथ की बीच की उंगली को वंदना के मुँह में डाल दिया और वंदना मेरी उंगली चूसने लगी.. जब मेरी उंगली पूरी तरह से गीली हो गई..

    फिर मैंने अपनी उंगली वंदना के मुँह से निकाली और वंदना की गांड सहलाने लगा. मैंने धक्के लगाते हुये वंदना की गांड पर थूका और अपनी गीली उंगली उसकी गांड में एक झटके से घुसेड़ दी.

    वंदना : क्या करते हो.. मेरी गांड में उंगली क्यों कर रहे हो.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ अपनी उंगली बाहर निकालो. फिर भी मैंने अपनी उंगली वंदना की गांड से बाहर नहीं निकाली और वंदना की चूत को अपने लंड से चोदते हुये उसकी गांड को भी उंगली से चोदता रहा.. जल्दी ही वंदना को अपनी गांड में उंगली का मज़ा आने लगा और वो बोली कि तुम तो डबल मज़ा देते हो.. मुझे नहीं पता था कि गांड में भी मज़ा आता है.

    में : क्या तुमने पॉर्न मूवी नहीं देखी है? में तो केवल उंगली कर रहा हूँ.. पॉर्न मूवी में तो पूरा लंड डाल देते है. में अपनी पत्नी को रोज रात में दो बार चोदता हूँ.. एक बार उसकी चूत और फिर उसकी गांड.. क्या तुम अपनी गांड चुदवाना चाहोगी?

    वंदना : अभी तो तुम मेरी चूत को चोदो.. गांड की बाद में सोचेंगे.

    इतना कहकर वंदना अपने चूतड़ तेज़ी से पीछे धकेलने लगी.. अब में समझ गया कि वंदना तीसरी बार खल्लास होने वाली है और अब में भी खल्लास होने की कगार पर था. फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी और वंदना से पूछा कि में अपना पानी कहां निकालूँ? तुम्हारी चूत में या तुम्हारे मुँह में.

    वंदना : अभी तो तुम मेरी चूत में पानी निकालो.. मुँह या गांड में तो बाद में निकालना. इतना कहकर वंदना चिल्लाने लगी.. आआअहह तेज तेज और तेज.. प्लीज़ अंदर तक डालो.. अपनी गोलियां भी मेरी चूत में डाल दो और मेरी गांड में भी अपनी उंगली की स्पीड तेज करो.. प्लीज़ आआह्ह्ह्ह में गई.

    इतना कहकर वंदना ने अपनी चूत मेरे लंड पर चिपका दी और में भी पूरी तरह उसके पीछे से चिपक गया. मेरे लंड से फव्वारा निकलने लगा और वंदना की चूत मेरे लंड के पानी से लबालब भर गई.. मेरे लंड का पानी वंदना की चूत के किनारो से बहने लगा और अब हम दोनों सीधे होकर लेट गये और वंदना ने अपना सर मेरे सीने पर रख लिया. इस थकावट वाली चुदाई के बाद हम दोनों सो गये. मैंने उस रात वंदना के साथ 3 बार सेक्स किया और अगले दिन में ऑफिस भी नहीं गया.

    फिर मैंने दिन में भी वंदना को 2 बार चोदा.. एक बार डाइनिंग टेबल पर और एक बार सोफे पर चोदा. दूसरी रात को मैंने वंदना की गांड भी मारी.

  • विधवा मकान मालकिन हूँ चुदाई की आदत लग गई है

    ज़िंदगी कभी कभी किस मोड़ पर ले आती है समझ नहीं आता है। जब एक औरत समाज की नजरों में विधवा हो और उससे सही से रहने चाहिए। पर अगर उस विधवा को सेक्स करने का चस्का लग जाये तो क्या करे। दोस्तों अपने आप को कितना समझाया पर शुरुआत में गलतियां हो गई थी पर ये गलतियां अब आदत बन गई है। आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से अपनी कहानी आपको बताने जा रही हूँ।



    मेरा नाम मीनू है मैं 32 साल की हूँ। मेरी एक बेटी है वो बहुत ही छोटी है। मेरे पति का देहांत पिछले साल हो गया है। उन्होंने कुछ अच्छा किया है तो बस एक ही चीज मकान तीन मंजिला बना दिए है। आज उसी से आने वाले किराये से ही घर चलता है। मैं अभी भरपूर जवानी में हूँ। किसी अठारह साल लड़की से कम नहीं हूँ। क्यों की मैंने अपना फिगर मेंटेन करके रखा है। जब पति थे तब भी अपने आप को बर्बाद नहीं की। अपने शरीर का खूब ख्याल रखा। पर अब मेरी जवानी को भोगने वाला कोई नहीं।

    दोस्तों मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की बड़ी फैन हूँ। रोजाना सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ। और वही से आदत लगा मुझे चुदाई का क्यों की शुरआत में तो कहानी पढ़कर अपने चूचियों को मसल लेती थी चूत सहला लेती थी। चुत में ऊँगली कर अपने आप को समझा लेती थी पर ये सब कितना दिन चलेगा। आपको भी दोस्तों सिर्फ मुठ मार के कितना दिन चला सकते हैं आपको भी चुदाई का मौक़ा मिलना चाहिए। जब तक आपको चूत नसीब नहीं हो रहा है तब तक। फिर भी लोग अपने लिए कोई ना कोई जुगाड़ बना ही लेते हैं। चाहे चुदाई बीवी की हो, भाभी की हो, गर्लफ्रेंड की हो, अपने परिवार में किसी के साथ हो या किसी रंडी के साथ हो।

    मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ पति के जाने के बाद छह महीने तक तो सोची नहीं सेक्स के बारे में। उसके बाद कहानियां पढ़ने लगी। फिर दो महीने तक ऐसे ही चूत सहला सहला कर निकाली। फिर मेरा एक किरायेदार आया सोनू , सोनू की उम्र चौबीस साल है, वो जिम में ट्रेनर है तो मैं मर मिटी उसके शरीर के बनावट पर, देखने में हैंडसम, लंबा भुजाएं चौड़ी दोस्तों किसी भी औरत का दिल धड़क जाये उसको देख कर। पर ये सब काम मेरे लिए आसान नहीं था. क्यों की कैसे उसे पटाती ये सोच कर मैंने नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कुछ कहानियां पढ़ी ताकि कोई आईडिया मिले और मिल भी गया।

    एक रात करीब दस बजे मैं उसके कमरे में गई उसका कमरा ऊपर के फ्लोर पर था। मैं सब्जी देने के बहाने लगी। और पहन रखी थी नाइटी जो की सिल्क की थी हलकी थी बिना बांह की, अंदर मैं ब्रा नहीं पहनी निचे पेंटी भी नहीं। अब मेरे अंग नाइटी के ऊपर से दिख रहे थे। मेरी चूचियां कितनी बड़ी है निप्पल कैसा है आप ऐसे ही फील कर सकते थे। जब चलती थी तो गांड मटकती थी और बिच में नाइटी गांड से सटती और चूचियां हिलती तो और भी सेक्सी लगती।

    दोस्तों जैसे ही उसने मुझे देखा उसकी आँखे मेरे बूब्स पर अटक गई मुँह खुला का खुला रह गया। ऊपर से निचे तक देखा वो तो पागल हो गया उठकर खड़ा हो गया। बोला भाभी आप तो मैं बोली बस सब्जी देनी आई हूँ। और सब्जी वही निचे रखने लगी झुक कर तो आगे से मेरी दोनों चूचियों उसको साफ़ दिखाई दी। वो एक टक मुझे देखने लगा तभी मैं मुड़कर जाने लगी तो मटकती गांड देखा। मैं समझ गई वो दीवाना हो गया है।

    उसके बाद वो बोला भाभी बैठो, मैं बोली रात ज्यादा हो रही है. बैठने का तो मन है पर कैसे बैठूं आपको सुबह जिम जाना पडेगा देर हो जाएगी। तो वो बोला अरे नहीं नहीं कल तो जिम वीकली ऑफ है। आप आराम से बैठ सकते हो। तो मैं बोली फिर क्या फायदा अगर आराम से बैठूं तो? तो बोला अरे मुझे बोलने नहीं आता है। आप जैसे चाहो वैसे रहो मुझे क्या तो मैं बोली सच में ? तो वो बोला हां हां इसमें मेरा क्या। तभी मैं बोली तो क्या आज रात मुझे खुश कर सकते हो।

    वो बोला भाभी आप क्या बोल रहे हों। दोस्तों मेरी धड़कन तेज हो गई थी। पता नहीं चल रहा था क्या कह रही हूँ। क्या सुन रही हूँ। मैं होश हवस खो दी थी उस समय मेरी दिल की धड़कन बढ़ रही थी। और फिर हिम्मत करके उसके करीब पहुंच गई और बाहों में भर ली। दोस्तों आँखें बंद हो गई थी और उससे लिपट गई थी। पहले वो थोड़ा सम्हला और फिर उसने भी मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं उसको चूमने लगी वो भी मुझे चूमने लगा वो मेरी चूचियों को दबाने फिर मेरी कामुकता चरम पर पहुंच गई। मैं चुदने को बेताब होने लगी थी पर फोरप्ले करवाना और करना चाह रही थी यानी की मैं उसके प्राइवेट पार्ट को चाटने और उससे अपनी चूत चटवाने को सोच रही थी। जो इसके कमरे में संभव नहीं था।

    मैं बोली आ जा निचे। दोस्तों वो कुत्ते की तरह मेरे पीछे भाग कर आया। जैसे की मैं रोटी देने वाली हूँ। दोस्तों उसके आते ही मैं रूम का दरवाजा बंद की और अपनी नाइटी उतार फेंकी और वो भी तब तक अपने कपडे उतार चुका था। वो खड़ा था मैं तुरत ही बैठ गई और उसका लौड़ा मुँह में ले ली और चाटने लगी। उसका लौड़ा करीब आठ इंच का था और तीन इंच मोटा था। गजब का सॉलिड लौड़ा था। फिर वो मुझे उठाकर पलंग पर लिटा दिया और फिर मेरी चूत चाटने लगा। जब वो मेरी चूत में जीभ लगाता मेरे तन बदन में आग लग जाती। दोस्तों मेरे रोम रोम सिहर रहे थे। मैं कामुक हो गई थी।

    उसके बाद उसने मेरे पुरे बदन पर पीठ पर गांड में चूत में कांख में कान में गर्दन में नाभि में चूतड़ में जांग पर ऊँगली में चूमने लगा और अपनी जीभ फिराने लगा ये कराना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं अंगड़ाइयां लेने लग रही थी मेरे होठ सुख रहे थे। मेरी चूत गीली हो गई थी चूचियां टाइट हो गई थी। मैं आह आह आह आह की आवाज निकलने लगी थी। और कह रही थी चोदो मुझे खूब चोदो आज मेरी चूत फाड़ दो, मेरी आग बुझा दो, मेरी चूचियों को खूब पियो जैसे कोई बच्चा पीता है दूध, वैसे ही चाटो, मेरी गांड चाटो मेरी चूत चाटो। वो तो पागल हो गया था।

    उसने अपने लौड़े को मेरी चूत पर सेट किया और जोर से घुसा दिया चूत में, दोस्तों इतना मोटा लौड़ा पहली बार मेरी चूत में गया था पति का भी इससे आधी था। फिर वो चोदना शुरू किया और मैं चुद्वाना, दोस्तों वो आगे से पीछे से खड़े होक कुतिया बना कर लिटा कर बैठा कर खूब चोदा, मेरे रोम रोम खिल गए थे। मुस्कुरा रही थी। अपनी चूचियों को मसल रही थी।

    दोस्तों हम दोनों पूरी रात एक दूसरे को खुश कर रहे थे। जो मर्जी जिसको कर रहा था वो वही कर रहा था। हम दोनों एक दूसरे को साथ दे रहे थे। रात भर चुदने के बाद मेरी चूत में सूजन आ गया था। पर मैं बहुत खुश थी आप पति की कमी महसूस नहीं हो रही थी।

    दोस्तों हम दोनों तीन महीने तक सेक्स किये, पर वो अब गाँव चला गया है। पर मुझे तो चुदाई की लत लग चुकी है. मैं समझ नहीं पा रही हु क्या करूँ। अब किसी और को पटाने वाली हूँ। दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ।