Category: थ्रीसम चुदाई

  • मनाली में वाईफ का यादगार थ्रीसम

    हेल्लो दोस्तो मेरा नाम राज है में देहरादून में रहता हूं ये मेरी पहली कहानी है । मुझे आशा है कि आपको मेरी ये रियल स्टोरी अच्छी लगेगी । मेरी उम्र 38 है और मेरी वाइफ की उम्र 31 है उसका नाम रिया है। शादी से पहले मेरी दो गर्ल फ्रेंड थी। जो कि पहली गर्लफ्रैंड  7 साल तक रही और दूसरी 12 साल तक पर किसी से भी शादी नही हो पाई पर उन दोनों की चुदाई बहुत की मेने। 19 साल तक मे बहुत चुदाई कर चुका था। पर दूसरी वाली गर्लफ्रेंड मेरी ऐसी गांड फाड् कर गई कि मुझे बिल्कुल बर्बाद कर गई पैसे से भी मन से भी ओर फिजिकल भी में उससे बहुत प्यार करता था पर वो बहुत बड़ा धोखा दे कर गई । हर स्टोरी में सिर्फ सेक्स होता है पर मेरे भइयों आज में सबको सिर्फ एक ही बात कहूंगा।

    आदमी की किस्मत ओर औरत का चरित्र कभी भी बदल सकता है। इसलिए चुत को कभी दिमाग मे मत घुसने देना ये लोडे के लिए बनी है। इसलिए इसे बस लंड तक रखना। एक बात और कहना चाहूंगा कि लड़कियों की हमेसा इज्जत जरूर करना। हमेसा उसूल ये होना चाहिए की लो उसी से जो दे खुशी से । 

    आपको किस चीज़ से खुसी मिलती है। ये आप तय करेंगे इसका हक सिर्फ आपको है सही और गलत की क्या परिभाषा जो आपके मन को सही लगे वही सही है। लाइफ आपको एक बार मिली है आपको जो करना है इसी लाइफ में करना है फिर क्या सोचना बस आपको ये ध्यान रखना होता है कि आप मज़ा ले पर ध्यान रखे कि इस तरह से ले कि काम होने के बाद आप फ्री रहे बाहर जाए और लाइफ का मज़ा ले।

    अब में अपनी कहानी पर आता हूं में बहुत ही सेक्सी प्रवर्ति का हु मेरे पहले चोद खत्म होने के बाद मेरे मम्मी पापा ने मेरे से शादी के लिए पूछा मेने कह दिया कि आप जो भी कहोगे मुजे मंजूर है क्योंकि गांड  फट चुकी थी । जब मन की करने के बाद आदमी की गांड फट जाती है । तो लास्ट में मा बाप ही याद आते है। खैर मेरे लिए लड़की ढूंढने के काम शुरू हुआ। 

    भगवान जोड़ी भी सोच कर बनाता है आखिर मेरे लिए भी लड़की मिल गई। देहरादून से कुछ दूर ही मेरा रिस्ता हुआ लड़की मेरे से सात साल छोटी थी। सुंदर थी हल्की सी सावली थी। लंबाई 5″2 पर बॉडी बहुत मस्त थी फिगर 36 32 38बूब्स उठे हुए और गांड भी गोल एक दम मस्त।

    16 दिसम्बर 2015 में हमारी शादी हुई । सुहागरात पर हमने खूब चुदाई की पर वो शादी से पहले दो चार बार चुदी हुई थी पर चुत टाइट थी। शादी के दो तीन साल तो सेक्स में खूब मजा किया फिर वो मज़ा नही आता था। में लगातार अन्तर्वासना पर कहानियां पड़ता रहता था वही मेने वाइफ थ्रीसम की स्टोरी पढ़ी मेरे दिमाग मे रिया को चुदते देखने का मन करने लगा मेने प्लान बनाने सुरु कर दिए रिया की चुदाई करते समय मेने उसकी चुत में दो उंगली डाल दी और उसकी गांड में लोडा डालना सुरु कर दिया । फिर मेने एक दिन उसको बोल दिया।

    में -रिया यार अब चुदाई में इतना मज़ा नही आ रहा है ना।

    रिया-आप ऐसे क्यों बोल रहे हो कुछ कमी है क्या मुझमे ।

    मेने कहा नही यार वो बात नही है बस कुछ नयापन नही है अब तो वो बोली कि फिर क्या करना है। मेने कहा कही घूमने चलते है और वही मज़े करेंगे उसने कहा ठीक है। ऐसे ही कुछ दिन निकल गए फिर दिसम्बर में मैने मनाली जाने का प्रोग्राम बनाया। 12 दिसंबर को हम निकल गए मनाली के लिए मनाली पहुच कर हमने पूरा दिन आराम किया। शाम के समय हम घुमने के लिए  निकल गए।

    मनाली बाज़ार घूम रहे थे पर मेरे दिमाग में बस वही रिया की चुदाई करवाने का ख्याल चल रहा था । तभी एक लड़का हमारे पास आया।

    वो शिमला का रहने वाला था उसका नाम रवि था और मनाली में रोहतांग पास के लिए गाड़ी चलता था 5″7 इंच का गोरा फिट लड़का था । उसने हमसे कहा सर आप रोहतांग जाओगे क्या। फिर हमारी बात होनी सुरु हुई मेने उससे पैसे के पूछा वो मेरी वाइफ की और देख कर बोला 7000 रुपये देदेना कुछ देर बात करने के बाद वो सही रूपए में मान गया। 

    अगले दिन सुबह के टाइम वो गाड़ी लेकर हमारे होटल आ गया जो आल्टो थी। फिर हम तीनो गाड़ी में बैठ कर चल दिए । कुछ ही दूर जाने के बाद हम आपस मे बात करने लगे रवि भी अब हमसे बाते कर रहा था की हम कहा के रहने वाले है । 

    मेरी वाइफ भी उससे पूछ रही थी कि यहां ओर कोन सी जगह है घूमने के लिए रवि भी बात करता रहा। वो शादीशुदा था उसकी एक लड़की थी। अच्छा इंसान था। हम काफी घुलमिल गये मेने गौर किया रवि मेरी वाइफ रिया में काफी इंटरेस्ट ले रहा था और रिया भी अच्छे से बात कर रही थी । में समझ गया था कि मेरी इच्छा यहां पूरी हो सकती है। इसलिए में बार बार समान की शॉप पर रुक कर समान देखने लगता था ताकि उन दोनों को बात करने का मौका मिले। ओरत हो या आदमी अगर मोका मिले तो सब मज़ा लेने की सोचते है । शायद रिया के मन में भी यही बात आई में भी यही चाहता था की जो भी हो खुल कर हो । क्युकी चोरी करके रिश्ते में फुट पड़ सकती है । इसलिए मेने दोनों को छुट दी ताकि इस काम में खुल कर मजा आये आखिर हम रोहतांग पहुच गए बहुत बर्फ थी हमने रास्ते से कपडे ले लिए थे जो वहा मिलते है। में कुछ दूर बर्फ में चला मुझे ठण्ड लगने लगी में वही कोफ़ी पिने के लिए जो गाड़ी खड़ी  रहती है वहा चला गया । मेने रिया से कहा तुम दोनों बर्फ में घूम लो तो रवि ने रिया से का भाभी जी ऊपर की तरफ काफी अच्छी बर्फ है आप वहा चलिए रिया मेरी और देखने लगी ।

    में रिया के पास गया और उसके कान में बोल दिया देखो रिया हम यहाँ मज़ा लेने आये है । तुम दिल खोल कर मज़े लो यहाँ कोई नहीं है जो हमे जनता हो । ये बात सुन कर रिया की आखो में चमक सी आ गई । और वो रवि के साथ ऊपर बर्फ के पहाड़ो पर चड़ने लगी।

    अब वो फ्री माइंड हो कर रवि से बाते करते हुए ऊपर चढ़ रही थी। पुरे एक घंटे तक दोनों बर्फ मस्ती करते रहे। और बाते करते हुए निचे आ गए रिया ने बहुत सारी पिक क्लिक करवाई थी रवि से और अब रिया ठण्ड से ठिठुर रही थी। बर्फ के पानी से उसके कपडे भीग चुके थे । हम वापस गाड़ी में आ कर बैठ गए। रवि ने हीटर चला दिया । कुछ देर में गाड़ी गरम हो गई तो रिया ने वो कपडे उतर दिए जो वहा से लिए थे । अब वो टी-शर्ट और जींस में थी वो आगे रवि के पास फ्रंट शीट पर बैठी थी। रवि गाड़ी चला रहा था। फिर वो शॉप आ गई जहा से हमने कपडे लिए थे । 

    रवि ने मुझसे कहा आप कपडे वापस कर दीजिये मेने कहा ठीक है । में कपडे वापस करने के लिए उतरा और जब वापस आया तो देखा रवि और रिया कुछ बात आकर रहे थे । रवि ने रिया के बालो में हाथ डाला और कुछ बोला में गाड़ी के पास चला गया उन्होंने मुझे देखा और अलग हो गए। 

    में जाकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गया आगे रवि और रिया बैठे थे। मेने अपना मोबाइल निकला और उसे चलाने लगाे। रवि ने मुझे देखा की में मोबाइल चला रहा हे। फिर अपना हाथ रिया जी जांघ पर हलके से रख दिया । रिया ने उसकी और देखा उसकी आखो में एक नशा सा दिख रहा था। रिया ने अपना चहरा दूसरी तरफ घुमा लिया। रवि ने फ्रंट वाले शीशे से मेरी और देखा में मोबाइल में देखने का रवि ऐसे ही आराम आराम से उसकी जांघो को सहलाता रहा रिया ने अपनी आँखें बंद करली ओर उसका हाथ हटा दिया शायद वो गरम हो गई थी। रवि गाड़ी चलता रहा फिर बीच मे रिया ने कहा भूख लगी है । 

    तो रवि ने गाड़ी मैग्गी पॉइंट पर लेली में उतर गया । मेरे बाहर निकलते ही रिया ने रवि को कुछ कहा । और दोनों उतर कर खाने के लिए आ गये रिया ने आ कर मेरा हाथ पकड़ लिया। ओर मेरे पास बैठ गई। कुछ देर हमने खाना पिना किया । ओर फिर हम गाड़ी में बैठ गए रिया फिर आगे बैठ गई। हम लोग काफी थक चुके थे ओर शाम के 5 भी बज चुके थे मेने रवि से कहा सीधा होटल चलो अब थोड़ा आराम करेगे। थोड़ी देर बाद हम होटल पहुँच गए। 

    मेने रिया से कहा के अभी थोड़ा आराम कर लेते है रात को पार्टी करेंगे रिया बोली यहां तो कोई भी हमे नही जानता आप अपने लिए बियर ओर समान कैसे लेने जाओगे मेने कह दिया रवि का नंबर है। मेरे पास उसी को कॉल कर लूंगा। रिया के कहा ठीक है वो भी आपको कंपनी देदेगा मेने कहा हा और तुम्हे भी रिया ने मेरी ओर देखा और बोली अच्छा जी वो कैसे मेने कहा यार हम इतनी दूर आए है। ये पल यादगार होने चाहिए । अगर तुम मान जाओ तो हम खूब मस्ती कर सकते है। रिया मेरी बात समझ गई और बोली पर यार क्या आपको ये सब अच्छा लगेगा। मेने कहा कि में मिलकर मस्ती करने की बात कर रहा हु मेरा बहुत मन है। रिया बोली अगर आपकी खुशी है। तो मुजे कोई प्रॉब्लम नही है।

    ये कह कर रिया ने मेरे लिप्स पर किस्स किया और वाशरूम चली गई में सो गया और 1 घंटे बात उठा 7:30 बजे थे । मेने रवि को कॉल की उसने फ़ोन उठाया। मेने कहा कहा हो रवि उसने कहा यही 2 km दूर हु मेने कहा थोड़ा काम कर दोगे क्या रवि बोला हा बताइये क्या करना है मेने कहा थोड़ा सा समान लेकर आना था। तुम होटल आ जाओ फिर दिला लाओ उसने बोला भैया आप क्यों परेशान होते हो मुजे व्हाट्सएप दो जो समान लाना है।

    मेने कहा ठीक है ओर उसको समान के लिए रेडवाइन सिगरेट ओर समान सैंड कर दिया और लिख दिया कि आज रात तुम खाना हमारे साथ खाना इसलिए अपनी मर्जी से ओर समान ले आना। कुछ देर बाद रिया के मोबाइल की लाइट जली मेने देखा तो रवि का व्हाट्सएप मैसेज था। उसमे लिखा था आपके लिये क्या लाना है। ओर ऊपर कुछ मैसेज डिलेट थे। मेने रिया के मोबाइल से उसे सैंड कर दिया। अपनी पसंद से ले आना अच्छा सा कुछ उसने रिप्लाई किया आपको कोंन से फ्लावर पसंद है। मेने लिख दिया मुजे चॉकलेट पसंद है। उसने लिखा कुछ हो सकता है क्या हमारा भी मेने सैंड किया सब कुछ हो सकता है।

    उसने लिखा के आपके हस्बैंड भी तो है मेने लिखा उन्हें सब पता है। वो भी मस्ती करना चाहते है। उसने लिखा ठीक है। में पूरी तैयारी करके आता हूं। मेने सारे मैसेज डिलेट कर दिए। रिया वाशरूम से आई मेने उससे पूछा रवि ने तुमसे नंबर लिया था उसने कहा हा जब हम पहाड़ पर थे तब लिया था। मेने कहा ठीक है फिर मेने सोचा थोड़ा सेक्सी माहौल बना कर रिया के दिल की बात ली जाए रिया एक टॉप ओर लांग स्कर्ट पहन कर शीशे के सामने खड़ी थी। में उसके पीछे गया मेने कहा क्या बात तयारी कर रही हो रात के लिये। ओर पीछे से उसकी गर्दन पर किस्स करने लगा आराम आराम से उसके कान के लव को चूसने लगा। वो गरम होने लगी मेने रिया से कहा जान 

    आज जी भर कर मस्ती करना। रिया कहा हम्म मेने कहा बताओ ना कैसे करना है। उसने कहा जैसे आपको पसंद हो । मेने कहा बताओ ना रिया ने कहा आज मुजे मसल देना आप मेने कहा में या हम दोनों रिया शर्मा गई और मेरे सीने से लग गई । मेने कहा तुम तैयार हो ना दो लंड लेने के लिए रिया मेरे होंठ चूसने लगी वो बहुत गर्म हो गई। थी। मेने अपना लोअर नीचे किया और लंड रिया के हाथ मे दे दिया । वो लंड को मसलने लगी। कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद में वाशरूम चला गया और आराम से नहाया 9:30 बजे के करीब रवि ने डोर नॉक मेने डोर ओपन किया बाहर रवि खड़ा था दोनों हाथ मे समान के बेग लेकर मेने उसे अंदर आने के लिए कहा।

    रवि अंदर आ गया उसकी नज़र रिया को ढूंढ रही थी। फिर वो बोला भैया में सब समान ले आया हु ओर बताओ भाभी कहा है मेने कहा रूम के बाहर जो हल्का आ लोन होता है वहां है। तुम बैठो वो बैठ गया मेने समान देखा उसमे 4 बियर एक रेड वाइन चिप्स चिल्ली पनीर काफी खाने का सामान था। दूसरे बेग में एक पैकेट था मेने कहा ये क्या है। तो वो बोला कि गिफ्ट है भाभी जी के लिए मेने कहा अच्छा जी फिर रिया आ गई वो कपड़े बदल कर आई कैपरी ओर टी शर्ट में कैपरी में उसकी गांड क्या लग रही थी।

    वो आकर हमारे पास बैठ गई रवि बोला भाभी जी अच्छे लग रहे हो रिया ने आँखे नचा कर थैंक्यू कहा और समान देखने लगी मेने कहा यार जल्दी खाना लगाओ भूख लगी है। रिया खाना लगाने लगी में रवि को अपने साथ बाहर ले गया में सब कुछ खुल कर करना चाहता था इसलिए मैंने उसे बता दिया कि आज रात हम तीनों मिलकर फूल एन्जॉय करंगे वैसे वो फुल तैयारी से आया था। हम अंदर आ गए ओर खाने के लिए बैठ गए। मेने रेड वाइन निकली और ओपन करके तीन गिलास डाल दी। हमने गिलास हाथ मे ले लिये मेने रवि से कहा ये हमारी दोस्ती के नाम और हम पिने लगे । एक पेग रेड वाइन के बाद हमने बियर खोल ली और खाने के साथ बियर पीने लगे।

    मेरे मोबाइल की रिंग बजी मेने देखा तो हमारी शॉप से लड़को का कॉल था स्टॉक के लिए में बालकोनी में बात करने के लिए आ गया बाहर कमरे की खिड़की में शीशे ओर पर्दे लगे थे पर अंदर से सब दिख रहा था। ओर दरवाजा खुला था इसलिए आवाज भी आ रही थी।

    रवि ने रिया को अपनी बियर से पीने के लिए कहा रिया ने कहा नही यार इस पर रवि बोला प्लीज़ रिया इसका सुरूर अच्छा होता है। ओर रिया के बगल में बैठ गया रिया ने रवि की आखो में देखा और बियर पीने लगी वो भी चाहती थी कि उसकी आज अच्छे से चुदाई हो उसने आधी से ज्यादा बियर पी ली में बाहर से ये सब देख रहा था। रवि ने कहा आप तो अकेले पी रही हो मुजे भी तो पिलाओ रिया बोतल को रवि के हाथ मे देने लगी रवि ने कहा ऐसे नही अपने होठों से रिया के गाल लाल हो गए उसने आँखे बंद करली रवि मेरी वाइफ के होठों के पास अपने होंठ ले गया ओर हल्के से टच किये रिया ने अपना मुंह खोल दिया रवि उसके होंठ चूसने लगा बहुत आराम आराम से उसे बिल्कुल भी जल्दी नही थी और जो लड़की शादी से पहले चुदी हो उसके लिए ये डबल मजा हो जाता है रिया भी उसका पूरा साथ दे रही थी में अंदर आया मेने कहा यार अकेले अकेले सुरु हो गये।

    रिया ने दोनों हाथो से अपना मुंह ढक लिया मेने रिया से कहा रिया यार शर्माने का नही मज़ा लेने का टाइम है मेने रवि को इशारा किया कि मज़े करो और में अपनी बियर लेकर पीने लगा रवि अपने होठ रिया के कान के पास ले गया और गर्म सास उसे कान पर मारने लगा और इसके कान को चूसने लगा रिया ने अपने हाथ मुह पर से हटा लिए ओर उसका साथ देने लगी मेरा ऐसा मन कर रहा था कि अभी रिया की चूत का भोसड़ा बना दु चोद चोद कर पर में बैठ कर इसका मज़ा ले रहा था रवि ने रिया के बाल खोल दिये और उसके बालो में हाथ डाल कर उसके गले को चूसने चाटने लगा रिया मस्ती में आह आह आउच कर रही थी। 

    वो दोनों पैरों को आपस में रगड़ रही थी रवि अपने हाथ को रिया की कमर पर ले गया और पीछे से उसकी टीशर्ट ऊपर करके रिया की कमर पर हाथ रगड़ने लगा और अपनी जीभ उसके मुंह मे डाल दी दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे रवि ने पीछे से रिया की ब्रा खोल दी और उसकी टीशर्ट ऊपर करके उतारने लगा रिया का मुह वासना ओर शरम से लाल हो रहा था रिया ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए। रवि ने उसकी टीशर्ट ओर ब्रा उतार दी। रिया के बूब्स मस्त लग रहे थे। में भी उनके पास जा कर बैठ गया। रवि ने रिया के एक बूब्स को चूसना सुरु में मैने दूसरा बूब्स को पकड़ा और मुह में ले लिया रिया के मुह से आह निकल गई । मानली की ठंड में भी हमे गर्मी महसूस हो रही थी। रिया अब फुल गरम हो चुकी थी। रवि ने रिया के बूब्स को छोड़ कर उसके पेट को चाटना सुरु कर दिया ।

    रिया के मुह से ओह्ह प्लीज क्या कर रहे हो आह आह की आवाज आने लगी उसका पेट कांप रहा था शरीर के रोये खड़े हो गए थे। अब वो भी खुल कर बोल रही थी मज़े ले रही थी। रवि कैपरी के ऊपर से रिया की चुत पर हाथ फेरने लगा रिया ने नीचे पैंटी नही पहनी थी रवि नीचे बैठ गया और रिया के पैर के अंगूठे को चूसने लगा और आराम आराम से पैरों को चाटता हुआ ऊपर तक आ गया ओर नाभि को जीभ से कुरेदने लगा रिया से अब सहा नही जा रहा था उसकी चुत लगातार पानी छोड़ रही थी। कुछ देर ऐसे ही करने के बाद रवि ने उसकी कैपरी को ऊपर से पकड़ा ओर नीचे करने लगा रिया ने अपनी कमर को ऊपर करलिया रवि ने कैपरी नीचे तक खींच कर उतार दी रिया ने दोनों टाँगे आपस मे चिपका ली रवि ने दोनों पैरों को हाथ से खोला रिया ने चुत को बहुत अच्छे से साफ किया था बिल्कुल चिकनी हल्की सावली चुत देख कर रवि ने अपना मुँह चुत से लगा दिया रिया के मुँह से तेज सीत्कार निकल गई उसने मेरे हाथ को कस कर पकड़ लिया।

    रवि ने अपनी जीभ गोल बना कर रिया की चूत में डाल दी ठंड में गर्म जीभ जब चुत पर लगी तो रिया मस्ती में अपनी कमर ऊपर कर दी रिया मस्ती में बोलने लगी आह ह ह रवि चुसो ओर जोर से ओर उसका सिर पकड़ कर चुत पर दबाने लगी मेरा ओर रवि का लंड फटने को हो रहा था फूल टाइट मेने अपनी टीशर्ट ओर जीन्स उतार दी और नंगा हो गया और अपना लोडा रिया के मुह के पास ले गया रिया ने आराम से मेरा लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से चूसने लगी । मुजे देख कर रवि भी अपनी ट्राउज़र उतारने लगा उसने अपनी शर्ट और ट्राउज़र उत्तर दी और नंगा हो गया उसका लोडा भी मेरे जितना ही था पर आगे से कम मोटा ओर पीछे से काफी मोटा था पीछे से कम से कम 4 ” गोलाई होगी।

    जो लोग मुठ नही मरते ओर कम सेक्स करते है उनके लंड गोल ओर लंड की खाल ढकी रहती है। उसने रिया को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चुत आने मुँह पर लेली ओर चुत को गांड तक चाटने ओर चूसने लगा रिया ने रवि के लंड को देखा और आराम से हाथ मे ले लिया मेने कहा कैसा लग रहा है जान रिया बोली बहुत मज़ा आ रहा है और रवि के लंड के ऊपर जीभ फरने लगी और लण्ड ओर मुह में ले लिया अब दोनों 69 में एक दूसरे को चूसने में लगे हुए थे रिया के मुह में रवि का लोडा आ भी नही पा रहा था । कुछ देर चुसाई के बाद रवि खड़ा हुआ और अपनी ट्राउज़र की जेब से कामसुत्र का स्प्रे निकला ओर लवड़े पर स्प्रे करने लगा खुद यूज़ करके उसने वो मुजे दिया मेने भी अपने लोडे पर स्प्रे कर लिया ।

    रिया ने कहा ये क्या है मेने कहा बस देखती जाओ आज तेरी चुत का भोसड़ा बनने वाला है मेने कहा बताओ पहले किसका लोगी मेने रवि की ओर देखा तो वो आस से मुजे देख रहा था मेने पहले रवि को चुदाई के लिए कहा मेरे कहते ही रवि रिया के पास गया ओर अपने लंड पर थूक लगा कर रिया के ऊपर आ गया उसने रिया की चूत पर लण्ड को रगड़ना सुरु किया रिया तो मानो लण्ड लेने के लिए मेरी जा रही थी। रवि ने हल्का सा दबाव बनाया और लण्ड हल्का सा अंदर चला गया रवि ने फिर बाहर खिंच लिया फिर अंदर किया चुत पानी निकलने की वजह से चिकनी हो चुकी थी। रिया ने मेरा लण्ड मुह से निकाला और रवि की ओर देखा रिया ने कहा अंदर करो न रवि ने तेज़ झटका मारा रिया ने कहा आह माँ मर गई मेने पीछे जाकर देखा तो रवि का लण्ड रिया की चूत में आधा मोटाई तक घुस गया था।

    अब रवि ने अपनी कमर चलानी सुरु करदी वो आधा लण्ड बाहर निकलता फिर अंदर कर देता रिया अऊह आह आह आह कर रही थी । 10-15 धक्के लगते ही रिया की चुत से पानी आने लगा जिससे लोडा ओर गिला हो गया। अब वो थोड़ा और अंदर तक लंड पेलने लगा।10 मिनट तक रवि बहुत आराम से अंदर बाहर कर रहा था फिर उसने रिया के पैर अपने कंधे पर रख लिए जिसे रिया की गांड ऊपर हो गई और उसने अपना लण्ड चुत पर रख कर एक धक्का मारा लोडा अंदर घुस गया रिया मस्ती में आ गई और कमर को ऊपर उछलने लगी फिर रवि ऐसी चुदाई करनी सुरु की वो पूरा लोडा बाहर तक लाता ओर गप्प से अंदर कर देता रिया मज़े में बड़बड़ाने लगी आह चोदो उफ्फ ओर फ़ास्ट चोदो भोसड़ा बना दो आज मेरी चुत का मुश्किल से 5 मिनट की वाइल्ड चुदाई के बाद रिया जोर से चिल्ला पड़ी आह में छूट रही हु ओर बहुत सारा पानी उसकी गांड से होता हुआ बेड पर गिरने लगा।

    पर रवि का लण्ड अभी भी खड़ा था। रवि लेट गया और रिया को अपने ऊपर आने को बोला रिया रवि के ऊपर आयी और अपने हाथ से लण्ड को चुत पर सेट करके झटके से बैठ गई लण्ड घप से चुत में जड़ तक घुस गया मेने अपना लण्ड रिया के हाथ मे दे दिया उसने मेरे लण्ड को मुह में लेकर चूसना सुरु कर दिया एक मिनट लण्ड चुसाने  के बाद में रिया के पीछे आ गया वो समझ गई कि अब उसकी गांड फटने वाली है मेने उसकी गांड के छेद पर थूक लगाया और अपने लवड़े पर भी ओर उसकी गांड में लंड रख कर हल्का सा अंदर किया ठप्प से मेरे लण्ड का टोपा उसकी गांड में घुस गया मेने ओर अंदर कर दिया रिया ने पीछे हाथ करके मुजे रोक दिया।

    ओर लण्ड बाहर निकल दिया उसे दर्द हुआ था कुछ देर बाद फिर उसने कहा अब घुसाओ मेने फिर गांड पर लण्ड रख कर अंदर किया इस बार में लंड आधा घुसा दिया ऐसा लगा जैसे किसी ने लण्ड को मुट्ठी में भीच लिया हो मेने धक्के लगाने सुरु कर दिए नीचे से रवि झटके मारता ओर ऊपर से में रिया आह आह फाड़ो मेरी चुत को मेरी गांड को कर रही थी स्प्रे की वजह से हमारा लोडा झड़ने का नाम ही नही ले रहा था आधे घंटे तक हमने रिया को चोद चोद कर उसकी चुत ओर गांड का बुरा हाल कर दिया था वो पता नही कितनी बार झड़ी तब जाकर हम भी झड़ने को आ गए मेने अपना लोडा रिया के मुह में दे दिया और झड़ गया मेरे माल से रिया का मुह भर गया कुछ उसने अंदर ले लिया और कुछ निकल दिया रवि ने रिया की गांड में इतनी तेज़ तेज़ धक्के मारे की उसकी चीख़ निकल दी और उसकी गांड में ही झड़ गया इस तरह हमने वहां थ्रीसम के मज़े लिए अब हमारी लाइफ बिल्कुल बदल चुकी है हम वाइफ स्वैप करते है थ्रीसम करते है और लाइफ को फुल एन्जॉय करते है ।

    अपनी यादों को कहानी में उतारना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि हम उस अहसास को पूरी तरह से बया नही कर सकते आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी मुजे मेल जरूर में ओर भी स्टोरी आपके साथ शेयर करूँगा।

    मेरी ईमेल आई डी – [email protected]

  • भाभी के साथ उनकी फ्रेंड की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आप लोगों की सेवा में हाजिर हूँ. वैसे तो आप सब लोग जानते है कि मे मेरी भाभी और उनकी 2-3 दोस्त को चोद चुका हूँ. उस दिन मैंने भाभी की दोस्त अंजली की खूब चुदाई की और हम उनके घर पर बैठकर चाय पी रहे थे कि उनका फोन बजा तो अब वो ख़ुशी से उछल पड़ी. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि मेरी कज़िन आ रही है उसे लेने जाना है, वो भी हमारे साथ में कॉलेज में थी. अब इतना कहकर वो जल्दी से बोली कि एक काम करते है, मुझे अभी जाना है और में तुम्हें कल फोन करती हूँ तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर 3-4 दिन तक मेरी अंजली से कोई बात नहीं हुई तो मैंने मेरी भाभी से फोन करवाया तो अंजली बोली कि मेरा देवर आज कहीं जा रहा है, में थोड़ी देर बाद तुम्हें कॉल करती हूँ. अब इतना कहकर अंजली ने फोन रख दिया और फिर लगभग 2-3 घंटे के बाद अंजली का फोन आया कि हम शॉपिंग के लिए बाहर जा रहे है, तुम मुझे मॉल में मिलो.

    फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर लगभग 2 घंटे के बाद हम मॉल में मिले, उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत भाभी थी और वो बहुत ही क़यामत लग रही थी. फिर उन्होंने अपना नाम पूनम बताया और फिर भाभी ने मुझे उनसे मिलवाया कि यह मेरे देवर का दोस्त है. फिर पूनम बोली कि आपकी भाभी जी आपकी बहुत तारीफ कर रही है, पूनम काफ़ी खुले विचारों वाली औरत थी और वो 4-5 साल से लन्दन में रहती थी. अब हम लोगों की काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गयी थी और फिर हमने मॉल में काफ़ी शॉपिंग की और फिर में वहाँ से निकल गया.

    अब मैंने रात को पूनम का नाम लेकर 2 बार मूठ मार ली थी और अब में उससे मिलने के लिए बैचेन था और काफ़ी टाईम हो गया था और अब अंजली भाभी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. फिर लगभग 2 दिन के बाद अंजली भाभी का दोबारा फोन आया और बोली कि आज हमारे साथ मूवी देखने आओगे, तो मैंने कहा कि यार कब से तुम्हारे फोन का इंतजार कर रहा हूँ, तो उसने कहा कि तुम उसी मॉल में आ जाओ जहाँ हम पहले मिलते थे.

    फिर लगभग 2 बजे हम मॉल में मिले और फिर मैंने अंजली से कहा कि कितने दिन हो गये यार तुम्हें अपना लंड चुसवाये, कुछ जुगाड़ करो ना. फिर अंजली बोली कि यार जब से मेरी दोस्त आई है तब से मेरा देवर कही बाहर जाता ही नहीं है और मेरी दोस्त पूनम के साथ वो दिन में 2-3 बार चुदाई करता है.

    फिर मैंने कहा कि क्या यार? इस दूसरे देवर का भी कुछ ध्यान रखो. फिर अंजली बोली कि मैंने उससे तेरी बात की है और मुझे पता है कि वो मना नहीं करेगी, लेकिन यार ये मेरे घर पर ही संभव होगा. हम पूनम की बात कर रहे थे कि तभी पूनम कुछ शॉपिंग करके स्टोर में से बाहर आई और उसके साथ अंजली भाभी के देवर भी थे. फिर वो मुझे देखकर बोली अरे यार तुम यहाँ क्या कर रहे हो?

    मैंने कहा कि यार में यहाँ मूवी देखने आया था और यहाँ पर भाभी को देखा तो उससे बात करने लगा. अब पूनम ने मेरे सामने देखकर स्माइल दी और ऐसे बर्ताव किया कि जैसे वो मुझसे पहली बार मिल रही है. फिर अब मुझे मालूम हुआ कि अंजली भाभी ने ही उसे मना किया होगा कि उसके देवर के सामने मुझे नहीं जानती ऐसे बर्ताव करना है. फिर अंजली बोली कि चलो सब साथ में नाश्ता करते है और अब हम साथ में रेस्टोरेंट में गये. अब भाभी का देवर ऑर्डर करने के लिए काउंटर पर गया और अब हम साथ में बैठकर बात कर रहे थे.

    फिर मैंने कहा कि भाभी कुछ करो ना यार, तो अंजली बोली कि पूनम को मेरा देवर काफ़ी पसंद आ गया है. फिर पूनम बोली कि मुझे तो तुम्हारे सारे देवर पसंद है. अब मुझे उसकी बातों से लगा कि वो बहुत ही चालू और सेक्सी औरत है. तभी मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा कि कुछ हमारा भी ध्यान रखो.

    तभी अंजली बोली कि मेरा देवर 2-3 घंटे के लिए कही जायेगा तो तुम्हारा कुछ काम होगा. फिर पूनम ने कहा कि उसे भी साथ में बुला देते है और ज़ोर से हंस पड़ी. तभी अंजली बोली यार अगर मेरे देवर को पता चला कि में उसके साथ चुदवाती हूँ तो मेरा घर में रहना मुश्किल हो जायेगा, प्लीज यार. तभी पूनम बोली एक काम करती हूँ, में तुम्हारे देवर को बाहर भेजने का प्लान करती हूँ और फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही बात करते रहे.

    फिर हम सब नाश्ता कर रहे थे कि तभी पूनम भाभी अंजली के देवर राज से बोली कि अरे राज मेरा एक छोटा सा काम है, क्या तुम करोगे? फिर राज ने कहा कि अरे पूनम भाभी आपके लिए तो जान भी हाजिर है. फिर पूनम बोली कि मेरी फ्रेंड मेरे लिए कुछ कपड़े लाई है, क्या तुम अभी जाकर ले आओगे? तो राज ने कहा कि ज़रूर तो अब अंजली भाभी ने मेरे पैर पर अपना पैर दबाया. फिर पूनम भाभी बोली में उनका एड्रेस आपको देती हूँ तुम वहाँ पहुँच कर मुझे कॉल करना. फिर राज ने कहा कि ठीक है, अब इतना कहकर राज ने कहा कि तुम मेरी भाभी को घर पर छोड़ देना में आधे घंटे में पहुंचता हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर इतना कहकर राज गाड़ी लेकर पूनम की दोस्त के घर के लिए निकल गया और में अंजली भाभी और पूनम भाभी मुस्कुराते हुए उसे गाड़ी तक छोड़ने गये. अब वो जैसे ही निकला तो हम तीनों ज़ोर- ज़ोर से हँसे और फिर मैंने कहा कि पूनम भाभी थैंक्स यार, तो उसने एक सेक्सी स्माइल दी और बोली कि तुम दोनों का मैंने काम कर दिया, अब चलो जल्दी घर चलो. अब हम सब अंजली भाभी के घर पर बैठे थे, तो पूनम बोली तुम लोग मज़े करो और में अन्दर बैठती हूँ.

    तभी अंज़ली बोली कि अरे यार मेरा देवर आ गया तो हमें बहुत परेशानी होगी और मेरा घर से निकलना भी बंद हो जायेगा. तभी पूनम भाभी ने अपनी दोस्त को फोन किया और बोली कि कोई लड़का तुम्हारे यहाँ मेरे कपड़े लेने आ रहा है, जैसे ही वो तुम्हारे घर पहुँचता है तो तुम मुझे कॉल करना.

    फिर थोड़ी देर में पूनम भाभी कि दोस्त का फोन आया तो पूनम ने फोन पर उसको सब समझा दिया कि उसे क्या बोलना है? उसको बोलना कि कपड़े सही होने के लिए दिए है और 1-2 घंटे के बाद टेलर के वहाँ लेने जाना है, ऐसा कहकर तुम अपने यहाँ उसे 2-3 घंटे तक बैठाना और जब वो वहाँ से निकल जाए तो तुरंत मुझे फोन करना, अब उसकी दोस्त ने कहा कि ठीक है. फिर पूनम बोली लो अब तुम्हारा देवर मेरी दोस्त के घर पर है और अब तुम मज़े करो, में अन्दर बैठती हूँ. फिर जैसे से ही पूनम दूसरे रूम में गयी तो में दरवाजा बंद करके उसको चूमने लगा. अब अंजली बोली शांति से करो यार, फिर मैंने कहा कि नहीं बहुत दिनों के बाद तुम्हारे इन बड़े-बड़े बूब्स को चूस रहा हूँ.

    अब उसका हाथ मेरे लंड के ऊपर था और वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी. फिर वो तुरंत मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और अब वो मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी. अब हम दोनों अपनी मस्ती में थे और तभी पूनम रूम से बाहर आई तो उसको पता नहीं था कि हम हॉल में ही चुदाई कर रहे थे. अब अंजली भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया था, फिर वो एकदम से आई और बोली कि क्या यार तुमको शर्म है या नहीं, तो में थोड़ा शरमाया.

    फिर अंजली बोली कि तुम तो रोज मेरे सामने ही चुदवाती हो, तो तुमसे कैसी सी शर्म? अब इतना कहकर वो फिर से मेरे लंड को चूसने में लग गयी और पूनम भाभी अपने रूम की और चली गयी. फिर मैंने भाभी को इशारे में बताया कि पूनम से बोलो कि कंपनी दे. तभी भाभी ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा कि पूनम तुम्हारा देवर अकेला पड़ रहा है उसे कंपनी चाहिए. फिर पूनम रूम से बाहर आई और बोली कि किसे कंपनी चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे चाहिए.

    फिर उसने कहा कि तुम अभी बच्चे हो तो मैंने कहा कि ट्राई कर लो. तभी अंजली बोली कि कर लो फिर ऐसा मौका नहीं मिलेगा. फिर मैंने हाथ बढ़ाकर उसे बुलाया तो उसने कहा कि रहने दो बाद में कभी. फिर अंजली ने उसका हाथ पकड़कर खींचा और उसके बाजू में बैठा दिया. अब मेरे सामने 2 सेक्सी लेडीस अपना मुँह खोले खड़ी थी.

    फिर अंजली अपने मुँह से मेरा लंड निकालकर पूनम के मुँह की और ले गयी. फिर पूनम ने एक ही झटके में पूरा लंड उसके मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, कभी अंजली मेरे लंड को अपने मुँह में लेती तो कभी पूनम मेरे लंड को अपने मुँह में ले रही थी. तभी अंजली भाभी बोली कि तुमसे चुदे हुए बहुत दिन हो गये है, आज मेरी गांड और चूत दोनों अपने पानी से भर दो. अब भाभी अपनी पूरी चूत फैलाकर मेरे लंड को अपनी चूत में डलवा रही थी और उसकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.

    अब में काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से उसको चोद रहा था और अब में बीच-बीच में पूनम की चूत में भी अपना लंड डाल देता था, पूनम भाभी भी एक नंबर की चुदासी औरत थी. फिर पूनम भाभी ने कहा कि तुम अभी तुम्हारी भाभी की चुदाई करो, में दूसरी बार में चुदवाउंगी. अब वो भी पूनम भाभी की चूत में उंगली डाल-डाल कर उसे एक साथ 2 लंड का मज़ा दे रही थी.

    अब मैंने अंजली भाभी को उल्टा करके अपनी उंगली को उनकी गांड में डाल दिया था और अब वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड हिला-हिलाकर मेरा लंड ज़्यादा से ज़्यादा अन्दर लेकर चुदवा रही थी. अब पूरे हॉल में फच फच की आवाज़ आ रही थी. अब मेरा निकलने वाला था तो मैंने कहा कि कहाँ निकालूं? तो भाभी बोली कि तुम्हारा लंड मेरी गांड में से निकाल कर मेरी चूत भर दो. फिर मैंने भाभी को ज़ोर-ज़ोर से चोदकर अपना सारा पानी भाभी की चूत में डाल दिया और कुछ देर तक उनके ऊपर ही पड़ा रहा. फिर दूसरी बार में मैंने पूनम भाभी को चोदा.

  • दो परिवारों का मिलन

    हैल्लो फ्रेंड्स, में अपनी छोटी बहन सिमरन (उम्र 23 साल) को रोज चोदने लगा था और माँ उषा (उम्र 48 साल) को भी चोदता था, लेकिन थोड़ा कम, क्योंकि वो ज़्यादातर अपने ऑफिस के बॉस से चुदवा कर ही वापस आती थी वहाँ उन्हें प्रमोशन और मुझसे बड़ा 9 इंच का लंड जो मिलता था. मैंने नेट पर एक नया दोस्त बनाया, उसका नाम विशाल था और उसकी उम्र 21 साल थी, जो अपनी बहन गीता (उम्र 25 साल) और माँ संगीता (उम्र 45 साल) को अपने बाप (उम्र 46 साल) के साथ चोदता था .

    फिर हमने फोन पर बातें की और फिर बाद में गीता ने सिमरन से और मेरी माँ ने उसकी माँ से भी चुदाई की बातें की, तभी उसके बाप ने मेरी माँ से फ़ोन पर कहा बहन जी, आप तो हमारी फेमिली के बारे में जान ही चुकी हैं और हमें भी राज ने सिमरन और आपके बारे में बता दिया है, तो क्यों ना हम एक दिन मिल कर दोनों परिवार खुशियाँ मनायें, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे 2 परिवारों के 3 लंड और 4 चूत.

    माँ : भाई साहब मुझे कुछ सोचने का समय दीजिये.

    विशाल के पापा : जितना मर्ज़ी समय लीजिये, लेकिन भाई साहब ना कहिये, मेरा तो जानेमन तुम्हारी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है. विशाल, राज, सिमरन सब आपस में बात कर चुके हैं मेरी बीवी संगीता, तो कब से अपने नये बेटे राज से चुदवाने को मचल रही है. आप भी तो अपने बेटे राज को अपना पति मान चुकी हैं और मैंने सुना है सिमरन तो आजकल आपको घर में भाभी कहकर बुलाती है.

    माँ : ह्म्‍म्म्म…यह बात है तो आपके लंड महाराज की तो सेवा करनी ही पड़ेगी, ठीक है, जैसी आप सबकी मर्ज़ी, में राज से बात करके फाइनल तारीख तय करके आपको बताती हूँ.

    विशाल के पापा : अपनी बेटी को मेरे लंड का सलाम देना, थैंक्स जानेमन.

    माँ : बाय डियर.

    यह कहकर माँ ने फ़ोन रख दिया. माँ ने जब सारी बात मुझे और सिमरन को बताई, तो हम खुशी के मारे उछल पड़े और हम दोनों भाई-बहन ने माँ का मुँह चूम लिया. फिर सिमरन ने जींस के ऊपर से ही मेरे आधे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया और फिर शुरू हो गया चुदाई का एक नया दौर. फिर मैंने सिमरन की चूत मारी और उसने माँ की चूत को चाट कर शांत किया और चुदाई के बाद माँ बोली कि अगले शनिवार का दिन ठीक रहेगा, वो शाम को आकर हमारे साथ ही रात गुज़ार लेंगे और फाइनल प्रोग्राम बना कर मैंने विशाल को फ़ोन कर दिया कि शनिवार शाम को 8 बजे तक हमारे घर पहुँच जाना.

    फिर हमने नंगे बैठ कर ही फाइनल प्रोग्राम बनाया और फिर प्रोग्राम के अनुसार वो लोग शनिवार को ठीक टाइम से 15 मिनट पहले ही पहुँच गये और वो साथ में 2 वाईन की बोतल और खाना पैक करवा कर लाये थे, जैसे ही डोर बेल बजी सिमरन ने भाग के गेट खोला और विशाल को देखते ही उसने उसे हग किया और लिप किस किया. विशाल के पापा जिनका नाम अमित था, उन्होंने सिमरन को गोद में उठा लिया और पीछे से उसकी गांड को मसलते हुए अंदर ले आये.

    अंदर आते ही मैंने सबकी आपस में पहचान करवाई, जैसे ही मैंने दोनों माँ को आपस में मिलवाया तो वो आपस में लिप किस करके गले मिली और कहा कि मुबारक हो आपको यह नये लंडो की मस्ती और ये बोल कर दोनों हंसने लगी. फिर सिमरन और गीता ने भी किस किया, फिर सिमरन ने गीता का हाथ पकड़कर मेरी पेंट की चैन पर रख दिया और बोली यह लो गीता आपका वेलकम गिफ्ट, गीता बोली माल तो बड़ा ही ज़बरदस्त लग रहा है. उधर विशाल के पापा माँ के बूब्स दबा रहे थे, विशाल पीछे से माँ की पीठ पर किस कर रहा था.

    फिर विशाल की माँ संगीता बोली अरे रुको पहले डिनर तो कर लो, पूरी रात अपनी है, जमकर मस्ती करना. फिर मेरी माँ भी बोली हाँ यही ठीक रहेगा. फिर माँ, संगीता आंटी, सिमरन और गीता सभी किचन में चले गये. हमने ड्रॉइग रूम की टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा ली, उसमें 2 कपल की चुदाई का सीन चल रहा था. फिर विशाल बोला कि यार राज हम तो बाप बेटा आपस में खुले हुए हैं तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना? नहीं यार विशाल में भी अपनी माँ की चूत तक लंड चूस कर ही पहुंचा हूँ.

    विशाल : वो कैसे?

    में : मेरी माँ के बॉस माँ को खूब चोदते थे. जब कहीं जगह नहीं मिलती थी तो घर में ही माँ की बैंड बजाने लगे. जब मुझे पता चला तो वो बोले तू भी कर ले, ये माँ की मज़बूरी थी या वासना पता नहीं पर वो दो चार बार नाटक करके मान गयी.

    फिर बॉस ने एक शर्त रखी कि मुझे उनका लंड चूस कर अपनी माँ की चूत में डालना पड़ेगा. पहले तो अजीब लगा. फिर कुछ दिन के बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा. माँ की चूत से बॉस की मलाई खाने में तो जन्नत का मज़ा आता है.

    विशाल : वाऊऊउ.

    यह कह कर विशाल और उसके पापा ने अपने पजामे निकाल दिए. दोनों ने ही अन्दर अंडरवेयर नहीं पहना था. फिर मैंने भी अपने कपड़े और अंडरवेयर निकाल दिया, तो ब्लू फिल्म में एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था और दूसरा लड़का पहले लड़के को अपना लंड चुसवा रहा था और चुदने वाली लड़की दूसरी लड़की की गांड चाट रही थी. यह देख कर हमारे तीनों के लंड तन गये, मेरा और विशाल का लगभग एक ही साईज़ का था, लेकिन उसका ज़्यादा काला था और विशाल के पापा का हम दोनों से लम्बा और मोटा था. लगभग 9 इंच का तो होगा. फिर हम तीनों एक दूसरे के लंडो को देख ही रहे थे कि तभी सारी लेडीस अंदर आ गयी.

    संगीता : आज, तो तुम सब सब्र कर लो इन कामों से, इतनी मस्त रंडियों के होते हुए.

    विशाल : माँ अब आप तो जानती ही है कि पापा की रबड़ी कितनी टेस्टी है.

    गीता : वो तो है.

    में : डाइनिंग टेबल पर डिनर और ड्रिंक्स तैयार था, लेकिन हम सब आज नंगे हो कर डिनर करेंगे.

    गीता : ग्रेट आइडिया.

    सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, माँ और सिमरन की ब्रा अमित अंकल ने खोली और मैंने संगीता आंटी की पेंटी उतारी और उनकी शेव चूत पर किस किया. जब सब नंगे हो गये, तो सिमरन ने ड्रिंक्स सर्व करना शुरू किया और जल्दी ही सबने 2-2 पैक वोडका के गटक लिए, अब सब मस्ती मे आ चुके थे.

    सिमरन : माँ देखो, अमित अंकल का कितना सुंदर और तगड़ा है.

    माँ : हाँ बेटी, मुझे पता है तेरी चूत इसे लेने के लिए पानी छोड़ रही है.

    माँ ने एक उंगली सिमरन की चूत में डाली और सबको उसका पानी दिखाया, सिमरन माँ की राईट साईड में बैठी थी और अमित अंकल लेफ्ट में बैठे थे. उन्होंने माँ की उंगली को चूसना शुरू कर दिया और अपनी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी.

    अमित अंकल : सिमरन की चूत का टेस्ट तो राज सच में लाजवाब है, लेकिन तुम्हारी माँ की चूत भी बहुत गर्म महसूस हो रही है.

    डाइनिंग टेबल की दूसरी तरफ मेरे और विशाल के बीच में संगीता आंटी बैठी हुई थी. मैंने और विशाल ने उनका एक एक बूब्स हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. संगीता ने विशाल का और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सिमरन और अमित अंकल ने 1-1 पैक सबके लिए और बनाया. फिर हमने वो पिया और डिनर स्टार्ट किया.

    फिर डिनर करने के बाद हम बेडरूम में जाने लगे, तो माँ बोली कि क्यों ना यहीं फ्लोर पर गद्दे लगा कर सारे एक साथ सेक्स करें. तो अमित अंकल बोले गुड आइडिया, फिर मैंने और विशाल ने जब तक गद्दों की सेंटिंग की. तब तक अमित अंकल ने माँ की ऑयल मसाज करनी शुरू कर दी. सिमरन अंकल का लंड चाट रही थी, संगीता आंटी सिमरन की गांड चाटते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

    में : किसी को कंडोम की ज़रूरत तो नहीं है.

    गीता : हमारी फेमिली में तो सबको बिना कंडोम के ही पसंद है.

    माँ : में और गीता भी सेक्स करने के बाद आई-पिल लेते है तो बिना किसी चिंता के खुलकर मज़े लो बेटा.

    माँ का गोरा बदन ऑयल की मसाज के बाद चमक रहा था.

    विशाल : वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और बोल रहा था कि किसी को कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना.

    माँ : नहीं, बेटा बिल्कुल नहीं ये, तो मीठी यादें स्टोर करने का एक तरीका है. मुझ पर फोकस ज़रूर करना जब में तुम्हारे पापा का लंड चूसने लगूं.

    अमित अंकल : अब सब बातें ही करते रहोगे या फिर पहला राउंड शुरू किया जाये.

    सब नंगे, तो पहले से ही थे. फिर बारी बारी माँ ने और सिमरन ने अमित अंकल का लंड चूसना शुरू कर दिया. अमित अंकल ने माँ के बाल पकड़कर खींचे और बोले कि साली कुतिया तू मेरी रांड है. चूस मेरा लंड में आज तुझे माल पिलाऊंगा.

    सिमरन बोली जानू मुझे भी अपनी रांड बना लो, तो अमित अंकल ने माँ के मुँह से लंड निकालकर सिमरन के मुँह में डाल दिया, वो गप गप करके उसे चूसने लगी और माँ उनके लंड के अंडे सहलाने लगी. ऊधर गीता आंटी मेरा और विशाल का लंड चूस रही थी, वो एक का लंड मुँह में लेती तो दूसरे का लंड अपने हाथ से हिलाती, उनके मुँह से लार टपक रही थी और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में एक उंगली डालने की कोशिश कर रही थी.

    संगीता आंटी : मेरा कौनसा बेटा आज पहले अपनी माँ की चूत का उद्घाटन करेगा.

    विशाल : माँ ये हक़ तो मम्मी आज राज को ही मिलना चाहिए.

    संगीता : तुझे अपना वादा याद है ना विशाल?

    में : कैसा वादा?

    संगीता : विशाल ने जब तुम से मरवाने की बात की थी तो तुमने वादा किया था कि वो खुद तुम्हारा लंड पकड़कर चूसकर मेरी चूत में डालेगा.

    में : वाउ, विशाल आ जा जल्दी से.

    फिर विशाल ने मेरा लंड मुँह में लिया और संगीता ने जब तक अपनी टाँगें फैला दी. फिर विशाल ने उसकी चूत पर थूक दिया और फिर अपनी जीभ फेरने लगा, संगीता की फूली हुई चूत पूरी लाल हो चुकी थी. फिर विशाल ने मेरा लंड चूत पर लगाया और बोला बेस्ट ऑफ लक भाई, फिर मैंने संगीता की आँखों में वासना कैद की और देखा, जैसे उसकी आँखे कह रही हो कि जल्दी डाल मेरे कसम और मुस्कुराते हुए एक ही धक्के में मैंने 3 इंच लंड चूत में डाल दिया. ऊधर अमित अंकल सिमरन की चूत चोद रहे थे.

    उनके लंड की बड़ी साईज़ की वज़ह से सिमरन की आँखों में आसूं आ गये थे और माँ सिमरन के मुँह पर अपनी चूत देवी को रखे हुये थी. मैंने संगीता की चूत में धक्कों का तूफान मचा दिया और फिर संगीता ने विशाल को अपनी गांड में लंड डालने को कहा, फिर हमने पोज़िशन थोड़ी चेंज की ताकि वो लंड गांड में डाल सके.

    संगीता : घर पर भी जब मेरे पति मेरी चूत मारते है तो विशाल को गांड में ही जगह मिलती है, क्योंकि उनका लंड तो मेरी गांड में लेना मेरे बस की बात नहीं है. लेकिन गीता एक दो बार हिम्मत करके ले चुकी है और गीता सोफे पर बैठकर अपनी चूत में उँगलियों को अंदर बाहर कर रही थी और वीडियो रिकॉर्डिंग करते करते गीता भी अब तक पूरी गर्म हो चुकी थी. सिमरन अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर अमित अंकल ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और माँ को चाटने के लिए दिया.

    माँ : आपने मेरी बेटी का सही तरह से पूरा रस निकाला है अब अपनी इस रांड पर भी थोड़ा ध्यान दीजिये. यह कहकर माँ डॉगी पोज़िशन में आ गयी और फिर सिमरन ने अंकल की तरफ एक आँख मारी और अंकल का लंड माँ की गांड पर लगा दिया. फिर अंकल ने भी जल्दी से माँ के चूतड़ पकड़कर लंड अंदर धकेल दिया.

    माँ : साली कुतिया बता तो देती कि शेख साहब को इस बार दुबई से आने दे, तेरी गांड का मुरब्बा ना बनवाया, तो में भी तेरी माँ नहीं.

    अमित अंकल : जानेमन, हम क्या शेख साहब से कम है, देखती जाओ हमारे इस लंड महाराज का कमाल.

    माँ : अब धक्के लगाओ तब देखती हूँ.

    अंकल ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी माँ तो पहले ही अनुभवी थी, इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, वो अब खूब इन्जॉय कर रही थी और खुद लंड को पूरा गांड में लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. फिर सिमरन अंकल की गांड को चाटने लगी. अब गीता से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंकल ने माँ को चोदते हुए गीता के बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

    अब सिमरन ने अपनी उँगलियों से गीता की चूत मारनी शुरू कर दी. मुझे और विशाल को संगीता को चोदते हुए 10 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे तो में झड़ने वाला था. शायद विशाल भी झड़ने वाला था. मैंने पूछा जान कहाँ निकालूं तो संगीता बोली मेरे दोनों बेटों जहाँ लंड है वहीं निकालो.

    फिर हम दोनों ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक साथ संगीता की चूत और गांड में झड़ गये. गीता ने कैमरा हम पर ही फोकस किया हुआ था. जैसे ही 2 मिनट के बाद हमारा लंड सिकुड़कर बाहर निकला तो उसकी चूत और गांड में से वीर्य बाहर टपकने लगा. गीता ने कैमरा विशाल को दिया और एक परफेक्ट कुत्तिया की तरह चाटकर अपनी माँ की चूत और गांड से रसमलाई निकाल कर खाने लगी.

    उसकी मस्त गांड मुझे बुला रही थी उसके गुलाबी होल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऊधर अंकल भी सिमरन के मुँह में अपना माल झाड़ रहे थे और सिमरन ने सारा माल मुँह में ले लिया और फिर माँ से उसे शेयर करने लगी. उस रात हम सभी ने गांड और चूत की सेवा की और कब किसने किसकी सेवा की ये तो अब हमें भी याद नहीं रहा और सुबह के चार बजे हम वहीं सारे नंगे ही सो गये और हमने उस रात खूब मजा किया.

  • बहुत अच्छे परिवार की असलियत

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 32 साल है. दोस्तों मेरी शादी को 10 साल हो चुके है और मेरी फेमिली में मेरे पापा 52 साल, मेरी मम्मी 49 साल और मेरी वाईफ 28 साल की है. दोस्तों में आप सभी को सबसे पहले यह बता दूँ कि मेरे मम्मी और पापा ने आज तक मुझसे ज्यादा बात नहीं की है.. वो मुझसे कोई भी ज़रूरत होने पर ही बात करते थे. मेरी मम्मी दिन भर पूजा पाठ और पापा अपने बिज़नेस में लगे रहते थे.

    फिर 22 साल की उम्र में मेरी शादी हुई और मुझे बहुत सेक्सी वाईफ भी मिली और मेरा जीवन बहुत मस्ती में गुजर रहा था. हाई सोसाईटी में रहना घूमना फिरना मज़े मस्ती करना.. तो अब में आपको बताता हूँ कि कैसे मेरी लाईफ में अचानक एक दिन बहुत बड़ा भूचाल आ गया.

    दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है.. जब में अपने किसी जरूरी काम से घर पर लौटा था.. उस समय दिन के दो बज रहे थे और मेरी वाईफ ने मुझे पानी लाकर दिया और जब मैंने उससे पूछा कि बाकी सब लोग कहाँ गए?

    वो बोली कि सब बाहर गये है और उस समय में थोड़ा मूड में था.. तो मैंने उससे कहा कि चलो आज मस्ती करते है और उसे अपने रूम में ले जाने लगा.. लेकिन उसने कहा कि रूम में तो हम रोज ही यह सब करते है.. आज हम किचन में करते है और फिर हम किचन में चले गए. किचन में एक टेबल थी.. वो उसी पर चड़ गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम नीचे ही रहो और वो अपनी साड़ी खोलने लगी और साड़ी को पूरा खोलने के बाद वो अपना ब्लाउज, फिर पेटिकोट, फिर ब्रा और आखरी में उसने अपनी पेंटी तक को उतार दिया.. लेकिन दोस्तों वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी.. जैसे कोई रंडी स्टेज पर प्रोग्राम कर रही हो और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि हम आज कुछ नया करते है.. जैसा कि हम नेट पर वीडियो देखते है.

    फिर में भी एकदम तैयार हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि में उसकी चूत के नीचे अपना मुहं करूं और जैसे ही मैंने उसकी चूत के पास मुहं किया.. तो उसने तेज़ी से अपनी पीली कलर की धार मेरे मुहं में छोड़ दी और में एकदम से चकित हो गया कि यह क्या कर रही है.. लेकिन तब तक उसका पीला पानी मेरे पूरे मुहं और शरीर में आ चुका था.

    फिर उसके बाद वो बोली कि तुम ऐसे घबरा क्यों रहे हो.. अभी तो स्टार्ट हुआ है. फिर मैंने कहा कि क्या बात है.. आज तुम इतनी रंगीन कैसै? तो वो बोली कि बस तुम देखते जाओ और उसने मुझे ऊपर आने को कहा और जैसे ही में ऊपर चड़ा.. तो वो मेरे लंड को चूसकर मेरा सारा माल झाड़ दिया और मेरा पूरा वीर्य पी गयी. अब में तो बहुत चकित हो गया कि इतने सालों में आज तक उसने कभी भी मेरा लंड नहीं चूसा था और आज इतना कुछ.. खैर उसके बाद हम रोज इस तरह का कुछ ना कुछ करते रहे और अब मुझे क्या मालूम था कि मेरी जिन्दगी में और भी बहुत कुछ होने वाला है.

    फिर कुछ दिनों के बाद एक रात को करीब दो बजे में अचानक नींद से उठा और पानी पीने लगा.. तो मुझे अपनी माँ की आवाज़ हॉल में सुनाई दी और बेड पर मेरी वाईफ भी नहीं थी और जैसे ही में हॉल के सामने पहुंचा.. तो मेरी वाईफ और पापा मम्मी तीनो एकदम नंगे थे और मेरी वाईफ डाइनिंग टेबल पर खड़ी है और पापा मम्मी नीचे खड़े है और वो उन दोनों पर मूत रही है.. वो उन्हे कह रही थी कि..

    वाईफ : अबे साले मादरचोद तेरे बेटे का लंड तो तुझसे भी पतला है.. इसलिए आज में तेरे साथ हूँ और तू साला नखरे कर रहा है.. चल अब सामने आकर मेरा मूत पी.

    मम्मी : बेटी मुझे भी थोड़ा सा पिला.. बहुत दिन हो गये तेरा मूत पिए.

    पापा : हाँ बेटी में तैयार हूँ और फिर वो उन दोनों पर मूतने लगी.

    पापा : बेटी अब नीचे आ.. मुझे तेरी चूत का स्वाद भी चखा.

    फिर पापा मम्मी उसे गोदी में उठाकर ज़मीन पर ले आए और पापा उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगे.. तो अचानक माँ ने उससे कहा.

    मम्मी : बेटी तू तो मेरे पति से चुदवा ले और अब अपना वादा पूरा कर और मेरे पति से मुझे छुटकारा दिला.. साला संजय को जब से पैदा किया है.. तब से उससे अपनी चूत को चटवाकर पागल हूँ.

    वाईफ : हाँ मम्मी जी.. आज आपका काम जरुर होगा और आप बिल्कुल भी चिंता मत करो.

    फिर उसके बाद मेरा बाप पागलों की तरह मेरी बीवी को चोदने लगा. फिर उसे चोदने के बाद संध्या ने एक रबर का लंड अपनी कमर पर बाँध लिया और मेरी मम्मी की चूत में डाल दिया और यह सब देखकर में भी अब तक एकदम पागल हो चुका था कि जो माँ दिन भर पूजा करती है.. कभी ऐसी भी हो सकती है.

    फिर मुझे भी कंट्रोल नहीं हुआ और में अंदर घुस गया.. मुझे देखकर सबके सब घबरा गए. तभी मेरी मम्मी उसी नंगी हालत में मेरे पास आई और कहने लगी कि बेटा घबरा मत.. अगर तुझे भी हमारे साथ आना है.. तो बोल.. नहीं तो तू यहाँ से चला जा. फिर मैंने कहा कि मम्मी आप ऐसी भी हो सकती हो.. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता. फिर वो बोली कि बेटा अभी तो यह शुरुवात है और तुझे पूरी बात कहां पता है. फिर मैंने कहा कि मतलब? तो उसने कहा कि में और तेरे पापा सेक्स में बहुत आगे आ चुके है और हमारी जो यह अमीरी है.. वो सेक्स की ही देन और जिस लड़की से तेरी शादी हुई है और यहाँ पर तेरी बीवी कोई नहीं है.. इसे तेरी शादी से पहले जब यह 18 साल की थी.. तब से तेरे पापा कई बार चोद चुके है और यह हमें दिल्ली में मिली थी और उसी दिन हमने सोच लिया था कि इसे तेरी वाईफ बनाकर लाएगें और फिर तुझे भी इसमे शामिल करेंगे.. ताकि तुझे भी दिक्कत ना हो.. वैसे में तेरे पापा और तेरी वाईफ हम तीनों बहुत सेक्स करते है.

    दोस्तों में यह सब सुनकर एकदम पागल हो चुका था.. अचानक से मेरा हाथ अपने आप मम्मी के बूब्स पर चला गया और जैसे ही मैंने उनके बूब्स को पकड़ा.. तो मेरी वाईफ मेरे बाप से बोली कि चल साले आज से तू मेरा पति और यह इसका पति है.. जो हमने सोचा था.. आज वो हो गया और वो रूम से चली गई.

    उसके बाद मैंने अपनी मम्मी को कहा कि बोलो.. तो मम्मी बोली और कहा कि आज से मम्मी नहीं किरण बुला मुझे और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. उफ़फ्फ़ मम्मी नहीं सॉरी किरण चूस चूस और ज़ोर से. फिर किरण बोली कि मूत बेटा आज मुझे तेरा मूत पिला और फिर में धीरे धीरे मूतने लगा और उसे हॉट ड्रिंक्स समझकर पीने लगी.

    उसके बाद वो मुझे अपनी चूत चुसवाने लगी.. क्या गांड, क्या चूत, क्या बॉडी एक औरत वो भी 50 साल के लगभग थी. वो भी भगवान की भक्ति में लगी रहती थी.. उसका असली रूप तो यह है.. जो कि सेक्स में अपने बेटे को पाने के लिये इतना सब कर चुकी थी और उसके बाद उसकी चूत में मेरा लंड जैसे ही गया.. वो चिल्ला उठी.. आहह अह्ह्ह्ह मादरचोद बना ही दिया तुझे अह्ह्ह हाँ बेटा चोद अपनी माँ को चोद चोद उफफफ्फ़ और अंदर डाल साले बहनचोद डालना उउउफफफ्फ़. फिर में 15 मिनट के बाद जैसे ही झड़ने वाला था..

    मैंने कहा कि किरण मेरा माल निकल रहा है.. तो वो बोली कि तो क्या हुआ अंदर ही डाल.. इसलिये आज तक मैंने ऑपरेशन नहीं करवाया कि एक ना एक दिन में तेरे बेटे को जन्म दूंगी और आज तक तेरी बीवी तेरे साथ इसलिए कंडोम लगाकर चुदाई करती थी.. ताकि उसका पहला बच्चा तेरे बाप से हो. आज वो भी माँ बन गई और में भी.

    फिर उसके बाद रात भर में अपनी मम्मी किरण को चोदता रहा और उधर मेरे पापा मेरी बीवी को और जब सुबह हुआ.. तो मेरे घर का पूरा माहोल ही बदल चुका था.. जो औरत सुबह जल्दी उठकर पूजा में बैठ जाती थी.. आज मैंने देखा कि वो आज एकदम नंगी ही डाइनिंग हॉल में घूम रही है और पापा मेरी बीवी की कमर में हाथ डालकर उससे कह रहे है.. संध्या तू साली इंडिया की पहली औरत होगी.. जिसे भगवान ने इतना सेक्सी फिगर दिया.. इसे कपड़ो में क्यों छुपाकर रखती है? आज से तू और तेरी सास दोनों घर पर नंगी रहा करो और अब हम सब कुछ घर पर ही करेंगे.. बाहर होटल में नहीं और फिर उसके बाद अब हम एक साथ ही घर पर चुदाई करते है.. लेकिन आज एक साल बाद मेरी माँ को भी एक बेटी और मेरी वाईफ को भी एक बेटी हो गयी है.. लेकिन उन दोनों को नहीं पता कि मेरी बहन मेरी बेटी है और मेरी बेटी मेरी बहन है.

  • दीदी ने मुझे जियाजी से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में रायपुर के एक कॉलेज में पड़ती हूँ मेरे घर में मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ.. वैसे यह एक कहानी नहीं, यह मेरी एक सच्ची घटना है जिसने मेरे जीवन को एकदम बदल कर रख दिया और यह घटना उस समय की है जब मेरी और मेरे भाई की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी..

    मेरे मम्मी, पापा ने हमे मतलब मुझे और मेरे छोटे भाई को जो मुझसे 6 साल छोटा है घूमने की इजाजत दे दी कि तुम लोग अपनी बड़ी बहन काजल के यहाँ रहने जा सकते हो.. जिसकी शादी नागपुर में पिछले 5 साल पहले हुई थी और वो मेरे जीजाजी सुरेश के साथ एक छोटे से फ्लेट में रहती थी. तो मेरे जीजाजी मेरी कज़िन सिस्टर काजल को बहुत मारते थे और वो दारू भी बहुत पीते थे.. लेकिन फिर भी दीदी उनकी सब बात मानती थी और उन्हे बहुत प्यार करती थी और जब उन्हे पता चला कि हम दोनों आ रहे है तो वो बहुत खुश थी.

    फिर हम दोनों नागपुर स्टेशन पहुंचे तो देखा कि जीजाजी हमे लेने आए हुए थे और उनकी नज़र मुझ पर अटक गयी.. क्योंकि वो हम से बड़े दिनों के बाद मिल रहे थे. तो अब तक में एक छोटी सी बच्ची से एक जवान, खुबसूरत लड़की हो चुकी थी.

    फिर वो मेरे पास आए और उन्होंने मेरे माथे पर एक किस किया और मुझे गले लगाया और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया मेरे बूब्स एकदम उनके स्पर्श से टाईट हो गये और मेरे पूरे जिस्म में एक सनसनी दौड़ गयी और फिर उन्होंने सोनू को भी गले लगाया. फिर हम जैसे तैसे उनके घर पर पहुंचे.. जो बहुत दूर एक सुनसान इलाक़े में था.. लेकिन हमे काजल दीदी से मिलने पर बहुत ख़ुशी हुई.

    फिर हमने उन्हे बताया कि हम दो महीनों के लिए यहाँ पर आए है.. तो वो और भी खुश हो गयी. फिर जीजाजी ने कहा कि चलो तुम लोग फ्रेश हो जाओ थक गए होंगे.. अब वैसे सोनू को जैसे आज़ादी मिल गई हो वैसे ही उसने कहा कि में नहीं थका हूँ और में नीचे खेलने जा रहा हूँ और में सूटकेस से सामान निकालने लगी और जीजाजी काजल दीदी के साथ किचन की तरफ चले गये.. में कुछ उनके लिए सर्प्राइज़ लाई थी.. इसलिए चुपके से उनके पीछे गयी तो जीजाजी काजल दीदी को पकड़कर धीरे धीरे कह रहे थे कि यार नीलू तो बहुत मस्त माल बन गयी है और साली तो सही में आधी घरवाली होती है.. कहकर हंस रहे थे.

    फिर में तो उनकी यह सब बातें सुनकर पानी पानी हो गयी और फिर वापस रूम में चली गयी. मेरे जीजाजी कहीं कपड़े की दुकान पर नौकरी करते थे और हर दिन दोपहर में 2-3 घंटे के लिए घर आ जाते थे और फिर शाम को दुकान पर चले जाते थे. तो धीरे धीरे रात हो गयी थी और हम सब जब खाना खाने एक साथ बैठे हुए थे तो जीजाजी मुझे घूर घूरकर देख रहे थे और दीदी को कह रहे थे कि दो दिन बाद होली है.. नीलू को बहुत रंग लगाएँगे और सोनू को भी.. तो सोनू यह बात सुनकर बोला कि फिर तो बहुत मज़ा आएगा और जीजाजी सोनू के साथ प्लॅनिंग कर रहे थे और में, दीदी रूम में जाकर बिस्तर लगा रहे थे.

    मैंने दीदी से बोला कि दीदी यहाँ पर तो सिर्फ एक ही बेड है इस पर हम लोग कैसे सोएंगे? तो दीदी तपाक से बोली कि तू अपने जीजाजी के साथ बेड पर सो जाना और में, सोनू के साथ नीचे ज़मीन पर. तो में एकदम घबराकर बोली कि ना बाबा ना आप ही सोना जीजाजी के साथ और फिर हम सो गए.. लेकिन रात भर मुझे नींद नहीं आई एक तो बहुत मच्छर थे और उस पलंग की बहुत आवाज़ आ रही थी.

    फिर दूसरे दिन जीजाजी ने कहा कि शॉप की 6 दिन के लिए छुट्टियाँ है तो हम सब बहुत मज़े करेंगे और मेरी तरफ देखने लगे. तो इतने में मैंने कहा कि आज इसी बात पर खाना में बनाउंगी और दीदी मान गयी. फिर जीजाजी और दीदी कुछ बहुत धीरे धीरे बात कर रहे थे और में चुपके से सुन रही थी.. क्योंकि रूम किचन के बिल्कुल पास में था.. जीजाजी, दीदी को कह रहे थे प्लीज कुछ ऐसा करो कि नीलू एक बार मान जाए बहुत मज़ा आएगा. तो दीदी बोली कि बिल्कुल नहीं.. किसी को पता चल जाएगा तो मुसीबत आ जाएगी और जीजाजी बहुत ज़ोर दे रहे थे.

    दीदी बोली कि ठीक है में कोशिश करती हूँ और मैंने बस इतना ही सुना और में खाना बनाने लगी. तो दिन को हम सब खाना खाने बैठे तो जीजाजी मेरे खाने और मेरी तारीफों के पुल बांध रहे थे.. मैंने दीदी से बोला कि देखो जीजाजी मुझे छेड़ कर रहे है. तो दीदी हंसी और बोली कि साली के ऊपर तो जीजा का पूरा हक बनता है और में शरमा गयी और जैसे तैसे रात हुई.

    फिर जब हम सोने जा रहे थे.. जीजाजी बोले क्यों नीलू कल नींद तो अच्छी तरह से आई थी ना? और मैंने भी उन्हे छेड़ते हुए कहा कि आपकी वजह से नहीं आई. तो जीजाजी बोले कि मुझे पता है छोटा सा रूम है और तुम कल नीचे सोई थी.. लेकिन कोई बात नहीं आज में नीचे सो जाता हूँ और यह बात सुनते ही सोनू बोला कि में अकेले नीचे सो जाता हूँ आप तीनों ऊपर पलंग पर सो जाओ. तो यह बात सुनते ही में मना करने लगी.

    थोड़ी देर बाद काजल दीदी एक बहुत ही सेक्सी गहरे गले का बिना बांह वाला छोटा गाऊन पहन कर आई और मुझसे बोली कि तू ऊपर नहीं सोएगी तो में सोनू के साथ नीचे सो जाउंगी. तो यह बात सुनकर में मान गयी. मैंने भी एक ढीला ढाला आगे से खुला हुआ गाऊन पहना हुआ था. फिर पलंग के एक तरफ जीजाजी एक तरफ में और बीच में दीदी सोई हुई थी और सुबह जब में उठी तो सब सो रहे थे और में देखकर हेरान रह गयी.. मेरे गाऊन के सारे बटन खुले हुए थे और मेरी ब्रा पेंटी साफ साफ दिख रही थी और दीदी का भी गाऊन उतरा हुआ था और मेरी नजरें दीदी के बूब्स पर गई जो कि बहुत बड़े थे.. लेकिन मुझसे कम और उनके पेट पर एक आक्रति बनी हुई थी और चूत गीली थी. बिस्तर से भी कुछ महक आ रही थी. जीजाजी उस तरफ मुहं करके सोए हुए थे. तो में एकदम बहुत घबरा कर जल्दी से उठी अपना गाऊन ठीक तक किया और टॉयलेट में जाकर ज़ोर ज़ोर से फ्लश की आवाज़ करने लगी.. ताकि सब जाग जाए और फिर ऐसे ही हुआ.

    फिर उस दिन जीजाजी घर पर ही थे क्योंकि कल होली थी.. तो दीदी बोली कि हम लोग आज कुछ स्पेशल बनाते है और उस दिन हम दोनों सुबह से किचन में थे. तो बातों ही बातों में दीदी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो मैंने साफ मना कर दिया और फिर मैंने भी दीदी को छेड़ते हुए बोल ही डाला कि कल रात को क्या क्या किया आपने और जीजाजी ने.. मैंने हंसते हुए कहा? और आपने पेट पर वो आक्रति कहाँ से बनवाई.. वो बहुत अच्छी लग रही थी.

    दीदी हंसी और बोली कि क्या तूने कल वो सब कुछ देख लिया? तो मैंने कहा कि क्या? फिर दीदी बोली कि यह तो किसी भी रात मुझे नहीं छोड़ते है और आज तो यह कहकर गये है कि थोड़ा लेट हो जाएगा क्योंकि वो दारू पीकर आएँगे.. कल होली है ना इसलिए और वो आक्रति तेरे जीजाजी ने ही बनाई है.. उनके पास एक मशीन है और वो बोली कि क्या तुझे भी बनवानी है? तो में इनको बोल दूँगी और फिर मैंने मना कर दिया.

    फिर मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए पूछा कि दीदी क्या आप रोज़ सेक्स करती हो? तो दीदी बोली कि इसमे इतनी शरमाने वाली क्या बात है? इनका लंड ही इतना बड़ा सुडोल और मस्त है कि मुझसे रहा नहीं जाता और दीदी ने चान्स मारते हुए कहा कि तुझे भी सेक्स करना है क्या? और दीदी बोली कि तेरे बूब्स तो मेरे से भी बड़े है.. उन्होंने चिकोटी काटते हुए कहा और में वहाँ से भाग गयी.. लेकिन दिन भर मुझे कुछ कुछ हो रहा था. एक अजीब सी खुजली हो रही थी और मेरी चूत भी दिन भर एकदम गीली थी और में दीदी की बात को सोचे जा रही थी. फिर ऐसे ही दिन गुज़र गया..

    रात को दीदी ने बिस्तर लगा दिए और हमने अपने गाऊन भी पहन लिए और सोनू भी सो गया था. तो दीदी और में बात कर रहे थे.. दीदी बोल रही थी देखना यह पीकर आएँगे और इनका सब काम मुझे करना पड़ेगा और इतने में घंटी बजी और दीदी दरवाजा खोलने गई. तो जीजाजी थोड़ा लड़खड़ाते हुए अंदर आए और मुझसे बोले कि यार सॉरी वो कल होली है.. इसलिए दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी है. हम कल सुबह बात करते है और वो हैप्पी होली कहकर बिस्तर पर धम से गिर पड़े और में एकदम से डर गयी.

    फिर दीदी बोली कि देखा ना ऐसा ही करते है और दीदी नीचे झुककर उनके जूते, मोजे उतार रही थी तो एकदम साफ दीदी के बूब्स लटकते हुए नज़र आ रहे थे और उन्होंने जीजाजी की शर्ट को भी उतार दिया.. फिर बेल्ट निकालने लगी तो वो बड़ी मुश्किल से हिला हिलाकर निकली. फिर पेंट के हुक खोले और उसे उतारने की कोशिश कर रही थी और मुझे बोली कि नीलू मेरी थोड़ी मदद कर इनकी पेंट मुझसे नहीं उतर रही है. तो मैंने उनकी मदद की और उनकी पेंट उतर गई और अब जीजाजी सिर्फ़ अंडरवियर में थे.. जिसे में बहुत ध्यान से देखे जा रही थी और सोच रही थी कि दीदी अब मुझसे अंडरवियर भी ना उतारने के लिए कहे और जीजाजी के बदन से मेरी आँखें नहीं हट रही थी. क्या मस्त बॉडी थी उनकी सीना चौड़ा और अंडरवियर के अंदर कोई बहुत बड़ी सी चीज़ जो बाहर आने के लिए बेताब हो एसी नजर आ रही थी. तो अचानक से दीदी ने मुझे देख लिया कि में जीजाजी के लंड की तरफ देख रही हूँ और उन्होंने मुझसे कहा कि यह वही सांप है जो रोज़ मुझे डसता है.. क्या तुझे देखना है तो बता?

    तो में कुछ नहीं बोल पा रही थी और मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या जवाब दूँ? में बस देखे जा रही थी और इतने में देखते ही देखते दीदी ने अंडरवियर को एक झटका देकर खींच दिया और लंड को बाहर निकालकर सलहलाने लगी. तो में देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे डर लग रहा था कि कहीं जीजाजी उठ ना जाए?

    दीदी बोली देख इन्हे कितना मज़ा आ रहा है.. में तो बस देखे ही जा रही थी. उनका इतना बड़ा और मोटा था कि बस पूरी चूत गीली हो रही थी. फिर दीदी बोली कि तू भी एक बार इस सांप को पकड़कर देख कितना मज़ा आता है और उन्होंने मेरा हाथ खीचकर लंड पर रख दिया और बोली कि ऊपर नीचे करके देख कितना मज़ा आएगा. फिर मैंने जैसे ही हाथ रखा वो इतना गरम था और इतना मोटा, सख्त, लंबा कि मेरे पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ रही थी. मेरे हाथ रखने के कुछ देर बाद जीजाजी ने मुहं से आवाज़ निकाली और मैंने एकदम हाथ हटा दिया और सो गयी.

    दीदी ने लाईट बंद की और दीदी मेरे पास में लेटकर मेरे बूब्स को पकड़कर बोली कि क्यों नीलू सांप को देखने से इतनी घबरा रही हो कि ठंड के मारे तुम्हारी कंपकपी छूट रही है और अगर वो काट लेता तो क्या होता? वो हंस पड़ी और सो गयी.

    में रात भर सो नहीं पाई और मेरे दिमाग़ में अजीब अजीब ख़याल आ रहे थे. में उस मोटे और तगड़े लंड के बारे में सोच रही थी और अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि जीजाजी पूरे नंगे मेरे पास में सोए थे और दीदी हमारे बीच में नहीं थी और मेरे गाऊन के बटन भी खुले हुए थे.. जीजाजी मु मु मु कर रहे थे और अचानक से उन्होंने मेरे बूब्स नींद में पकड़ लिए और दबा रहे थे. बहुत सख्त हाथ थे उनके.. उन्होंने मेरे बूब्स को मसल मसल कर लाल कर दिया और मुझे भी मज़ा आ रहा था. तो मैंने सोचा कि यह तो मेरे जीजाजी है में इनके साथ कैसे यह सब कर सकती हूँ और दीदी के आने की आहट से में घबराकर उनसे अपने आपको छुड़ाकर उठ गयी और बाहर हॉल में आ गयी.

    दीदी हॉल में आई और बोली कि हैप्पी होली.. आज तो बहुत मज़ा आएगा और होली वाले दिन में बहुत घबराई हुई थी और जीजाजी उठ गये थे.. लेकिन में उनसे नज़रें चुरा रही थी और दीदी मंद मंद मुस्करा रही थी और सोनू तो सुबह से ही रंग के गुब्बारे और अपनी पिचकारी के साथ व्यस्त था. तो दीदी, जीजाजी कुछ धीरे धीरे कह रही थी.. शायद कल रात वाली बात के बारे में और फिर दीदी हॉल में आकर बोली कि जल्दी से पुराने कपड़े पहन ले वरना कोई भी रंग लगा देगा और फिर होली खेलकर हम सब खाना खाएगें.. आज मैंने चिकन लोलीपोप बनाया है और इतने में जीजाजी बोले लोलीपोप खाया नहीं चूसा जाता है.. तो सब हंसने लगे और में रूम में भाग गयी.. लेकिन पुराने कपड़े मेरे पास नहीं थे..

    मैंने दीदी से बोला कि उनके पास पुराने कपड़े है क्या? तो दीदी बोली कि हाँ है और उन्होंने मुझे एक लाल कलर का टॉप दिया जो बहुत टाईट था और एक स्कर्ट दी जो कुछ छोटी सी थी.

    फिर दीदी बोली कि यह मेरे हनिमून में इन्होने मुझे गिफ्ट दिया था.. तब में बहुत पतली दुबली थी और मैंने उसे पहन लिया और कांच में देखा तो मेरे बूब्स उसमे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे और कमर एकदम पतली और गांड पीछे से निकली हुई थी और मुझे बहुत शरम आ रही थी.. क्योंकि वो टॉप इतना टाईट था कि मेरी निप्पल उसमे से एकदम साफ नज़र आ रही थी और बड़ी मोटी मोटी लग रही थी. तो जीजाजी ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोले कि नीलू क्या सेक्सी दिख रही हो? मुझे तुम्हे देखकर अपने हनिमून की याद आ गयी.

    फिर दीदी बोली कि बस एक अंतर है मेरे बूब्स थोड़े छोटे थे.. इसके बहुत बड़े है और में नीचे मुहं करके किचन में चली गयी. तो जीजाजी, दीदी से कह रहे थे कि आज मेरा कैसे भी काम बनवा दो प्लीज और इतने में सोनू पूरा रंग डलवाकर आया और बोला कि बाहर उसे किसी ने रंग के ड्रम में डाल दिया और में उसे नहीं छोड़ूँगा. फिर उसने एक बाल्टी में बहुत गाढ़ा रंग बनाया और सब रंग डालकर बाहर जा रहा था. तभी जीजाजी ने कहा कि बस हो गयी होली.. तू अब कहीं नहीं जाएगा.. लेकिन वो सुनने वाला कहाँ था.

    तो जीजाजी उसे डांटते हुए बोले कि जाकर नहा ले और नीलू रंग उतारने में उसकी मदद कर दो.. तो सोनू बोला कि में कर लूँगा. तो जीजाजी गुस्से में उससे बोले कि चल जल्दी से अपने कपड़े उतार. इतने में सोनू बाथरूम में जाकर अपने सारे कपड़े उतारकर खड़ा था और जीजाजी बोले कि नीलू साफ करने में मदद करो और मैंने उसका लंड कभी नहीं देखा था वो भी ठीक ठाक था और में मन ही मन में जीजाजी के लंड के साथ उसकी तुलना कर रही थी और फिर रंग उतारने में व्यस्त हो गयी और नीचे बैठकर उसके पेट पर साबुन लगा रही थी. तो सोनू का लंड मेरे मुहं से छू रहा था. तभी जीजाजी पीछे खड़े थे वो बोले कि अब सब जगह से रंग उतर गया है और उन्होंने कहा कि लंड पर भी साबुन लगाओ और ऊपर नीचे करके रगड़ो. तो सोनू बोला कि में खुद ही कर लूँगा.

    फिर जीजाजी चिल्लाते हुए बोले कि चल लगवा साबुन और में साफ कर रही थी और ना जाने कब जीजाजी ने वो सोनू ने जो रंग भरी बाल्टी बनाई थी.. पीछे से मेरे ऊपर डाल दी और बोले हैप्पी होली. तो में ठंड में कांप रही थी और मेरी पूरी भीगी हुई थी स्कर्ट और टॉप चिपक गये और मेरे बूब्स तन गये थे.. गांड साफ नज़र आ रही थी और सोनू मज़े कर रहा था. तो वहाँ पर दीदी भी आ गयी और उन्होंने मुझे और भी रंग लगाया और जीजाजी को भी लगाया और रंग लगाते लगाते हम फ्लेट के बरामदे में आ गये और सोनू नीचे चला गया और जीजाजी, दीदी से बोले कि पकड़ो नीलू को.. आज में इसे अच्छी तरह रंग लगता हूँ और यह कहकर उन्होंने मुझे कमर पर और फिर अपना हाथ आगे बड़ाते हुए मेरे टॉप के अंदर बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाया में चिल्ला रही थी.. लेकिन वो दोनों हंस रहे थे और जीजाजी ने मेरी जांघो पर, गर्दन पर और सब जगह रंग लगाया. तो मैंने गुस्सा होकर अंदर रूम वाले टॉयलेट में अपने आपको बंद कर दिया.. फिर दीदी आई और बोली कि पगली क्या कोई ऐसे रोता है क्या रंग लगाने से? वो तेरे जीजाजी है चल अब खोल जीजाजी यहाँ पर नहीं है.

    फिर मैंने डर के मारे थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और में दीदी से बहुत नाराज़ हुई और बोली कि जीजाजी ने मेरे बूब्स पर इतने ज़ोर से नाख़ून लगाया है कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. क्या कोई ऐसे कोई करता है? तो काजल दीदी बोली कि चल में तेरा रंग उतार देती हूँ और यह कहकर वो मेरी स्कर्ट उतारने लगी तो में बोली कि में खुद ही कर लूँगी. तो वो बोली कि तू मेरा रंग उतार और में तेरा.. में बोली कि मुझे शरम आती है. तो वो बोली कि में तेरी बहन हूँ और तूने तो मेरा सब कुछ देख ही लिया है और मैंने भी देखा है फिर शरमाने की क्या बात है.

    फिर में मान गयी और अपनी स्कर्ट, टॉप को उतार दिया और दीदी भी ब्रा, पेंटी में थी और बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था क्योंकि बाथरूम बहुत छोटा था. तभी अचानक से जीजाजी रूम में आ गये और बोले कि मेरा भी रंग उतारो भाई और यह कहकर उन्होंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे और बाथरूम में आ गए. तो में बहुत हैरान हो गयी और में दीदी से बोली कि यह सब ठीक नहीं है.. मुझे बाहर जाना है.

    फिर दीदी ने कहा कि साली तू शरमाती बहुत है आज यह तेरी शरम उतारनी पड़ेगी और वो जीजाजी से बोली कि आप ही समझाओ इसे और दीदी बोली कि बाहर चल.. उन्होंने मेरी ब्रा उतार फेंकी और मेरे दोनों कपड़ो को जल्दी से खींचकर फाड़ दिया और जीजाजी ने अंदर आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. में छटपटा रही थी, चिल्ला रही.. लेकिन मुझे बचाने वाला वहाँ पर कोई नहीं था.

    फिर दीदी ने मेरे दोनों हाथ आगे से हाथ पकड़ लिए और जीजाजी पूरे नंगे हो गये थे और उनका लंड मेरी गांड को छू रहा था और वो मेरे बूब्स को दबाए जा रहे थे और दीदी साबुन को मेरे पैरों पर, जांघो पर, और मेरे पूरे बदन पर लगाए जा रही थी.

    तो जीजाजी मेरे पूरे बदन को सहला रहे थे और मानो मेरे जिस्म में हजारों बिजलियाँ दौड़ रही थी.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब तक दीदी मेरी पेंटी को नीचे गिरा चुकी थी और अपनी एक ऊँगली को मेरी चूत पर बार बार रगड़ रही थी और साबुन लगा रही थी. फिर कुछ देर बाद वो बहुत तेज़ी से अंदर बाहर अपनी ऊँगली करने लगी और जीजाजी ने मुझे इतने ज़ोर से पकड़ा हुआ था कि में छटपटा रही थी और दीदी से कह रही थी और करो अह्ह्ह ह्म्‍म्म्मा ओहूऊऊऊः करे जा रही थी.

    फिर जीजाजी मेरे सामने आए और उन्होंने मुझे ज़ोर से गले लगाया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहे थे. निप्पल को चूसे जा रहे थे और वो एक हाथ से अपनी ऊँगली को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे. तो मैंने उनका लंड देखा और बोला कि जीजाजी यह कितना बड़ा हो गया है और उस सख्त लंड की नसे भी दिखाई दे रही थी.

    फिर दीदी ने कहा कि नीचे बैठ जा और में नीचे बैठी.. तो वो बोली कि दोनों पैर को फैला और मैंने वैसे ही किया. फिर दीदी ने अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में और एक चूत में डालना शुरू किया और में जीजाजी का लंड पकड़कर सहला रही थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चूसो इसे.. फिर में ज़ोर ज़ोर से लंड की टोपी मुहं में अंदर बाहर कर रही थी और दीदी उतनी ही तेज़ी से मेरी चूत, गांड में उंगली कर रही थी और जीजाजी ज़ोर ज़ोर के झटके से मुहं में लंड दबा दबाकर अंदर बाहर कर रहे थे और में आहह उह्ह्ह कर थी थी. फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और मैंने बोला कि जीजाजी यह बहुत मोटा है.. लेकिन दीदी ने ऊपर से मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए थे और वो बोली कि सुरेश इस साली की चूत में लंड एक बार में अंदर जाना चाहिए. तो जीजाजी ने जोश ही जोश में मेरी चूत के अंदर लंड को इतनी ज़ोर से डाला कि मेरी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और आखों से आंसू बाहर आ गये.. में जोर से चीखी.. फट गई मेरी चूत, प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बचाओ माँ.. मेरी चूत फट गयी.

    दीदी मेरे बूब्स और निप्पल को नोंचे जा रही थी और जीजाजी अंदर बाहर लगातार करते रहे और में चिल्लाती रही.. फिर उसने मेरे पैर और फैला दिए और वो ज़ोर ज़ोर से झटके देकर लंड को अंदर डाले जा रहे थे. में उईई माँ उईईइइममाआ आवाज़ किए जा रही थी और ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.. लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं सुन रहे थे. तो दीदी ने कुछ इशारा किया और जीजाजी ने मुझे पीछे पलटा. तो दीदी ने साबुन उनके लंड पर लगा दिया और थोड़ा मेरी गांड पर रख दिया.

    तो में बोली कि दीदी पीछे नहीं जाएगा.. जितना करना है आगे ही कर लो प्लीज.. में आपका लंड और चूस देती हूँ.. लेकिन जीजाजी ने मेरी एक नहीं सुनी और बोले कि उठ कुछ नहीं होगा.. में बस धीरे धीरे धक्के दूंगा और कहने बाद दीदी ने मुझे झुकाया और जीजाजी को आँख मारी और जीजाजी ने ऐसा झटका मारा कि लंड मेरी गांड में घुसता चला गया और में बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन मेरी कोई नहीं सुन रहा था और दीदी हँसे जा रही थी. वो झटके पर झटके मारते चले गये और 10 -15 झटके के बाद में मरे जा रही थी और में अधमरी सी हो गयी थी और फिर जीजाजी जब झड़ गये तो उनका पूरा वीर्य मेरी गांड के अंदर चला गया और मुझे मेरी गांड में इतनी जलन हो रही था कि में क्या बताऊँ. फिर पूरी चुदाई होने के बाद दीदी ने मुझे नहलाया और बेड पर लेटा दिया.. में चल भी नहीं पा रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

    फिर अचानक से मेरी आखं लग गई और में करीब 4 घंटे बाद सोकर उठी तो मेरा दर्द ख़त्म हो चुका था. दीदी मेरे पास आई और पूछा कि मजा आया.. तो मैंने भी जवाब में एक स्माईल दे दी. दीदी ने खुश होकर मुझे गले से लगा लिया और बोली कि अब तो तेरी शर्म उतर चुकी है.. अब तू भी हमारे साथ चुदाई के मजे ले.. लेकिन ध्यान रखना कि यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए. में दीदी से बोली कि आप चिंता मत करो.. में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी.

    दोस्तों फिर उसके बाद तो में जीजाजी की दूसरी बीवी बन गई थी. दीदी और जीजाजी भी बहुत खुश थे. अब हम तीनों चुदाई के फुल मजे लेने लगे थे. सेक्स में ऐसा कोई काम नहीं था जो हमने नहीं किया हो. दीदी जीजाजी के लंड को पकड़कर मेरी चूत पर रखती और में अपनी चूत खोलकर उसे पूरी मस्ती के साथ स्वीकार करती थी. कभी दीदी मेरे सामने जीजाजी से चुदवाती तो कभी में उनके सामने जीजाजी के लंड पर कूदती. उन दो महीनों में मैंने अपनी चूत और गांड को जीजाजी से बहुत चुदवाया.. फिर दो महीने बाद हम अपने घर वापस लौट आये. आज मुझे मेरा जीवन बिना लंड के अधूरा लगता है.. क्योंकि दो महीने तक चुदवाने के बाद तो मेरी चूत को लंड का जोरदार चस्का लग चुका है. आज भी रोज जब मेरी चूत में आग लगती है तो मेरी दो उँगलियाँ चूत में जाती है और उसे ठंडी करके ही वापस बाहर आती है.

  • मामी और उसकी बेटी को एक साथ चोदा

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशान है और मेरी उम्र 24 साल है. में पुणे का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आपको मेरी मामी अंजू और मामी की लड़की निक्की के साथ चुदाई का अनुभव बताने जा रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुये सीधे कहानी पर आता हूँ. में इंजीनियरिंग Ist ईयर का स्टूडेंट हूँ. यह बात मेरी छुट्टियों की है..

    यह बात ऐसे शुरू हुई कि छुट्टियों के दौरान मैंने अंजू मामी को और निक्की को बहुत बार चोदा था.. लेकिन दोनों को साथ में चोदने का मौका तो नहीं मिला था. में उसी मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. वैसे तो 12वीं क्लास में अच्छे मार्क्स लाने की वजह से मेरा दाखिला इंजिनियरिंग कॉलेज में हुआ था और मैंने पास की सिटी में कॉलेज जॉइन किया था.

    फिलहाल कॉलेज पर आना जाना चालू हुआ.. वो कॉलेज मेरे मामा के घर के नज़दीक में ही था.. तो जब भी मुझे अवसर मिलता था तो में मामा के घर चला जाता था. दोस्तों एक बार निक्की को चोदते वक़्त मेरी अंजू मामी मतलब उसकी मम्मी ने देख लिया था और बाद में मैंने अंजू मामी के साथ भी ट्रेन में सेक्स किया था.. तो एक दिन ऐसे ही दोपहर में मामा के घर पहुँचा. शनिवार का दिन था..

    दोपहर के 2 बजे घर पहुँचा. घर में निक्की उसके रूम में अपनी चूत को सहला रही थी और मुझे बार बार फोन करके घर पर सेक्स करने को बुला रही थी. फिर जब में पहुँचा.. तो निक्की एक केले को अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी.. साथ ही साथ ब्लू फिल्म देखना भी जारी था. फिर में जैसे ही रूम में गया. मैंने सीधे जाकर निक्की के बेड पर उसे लंबा किस किया और उसके बूब्स दबाने लगा.. वो सेक्स की भावना से तड़प उठी और में उसे किस करता रहा और वो अपने एक हाथ से केले को उसकी चूत में डाल रही थी.

    फिर बाद में मैंने उसके हाथ से वो केला लिया और केले को खाने लगा और कुछ केला उसे भी खिला दिया. उसके बाद उसने सिर्फ नाईटी पहना हुआ था. फिर मैंने उसकी नाईटी को उसके शरीर से अलग कर दिया. अब निक्की मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. फिर में उसके बूब्स को चाटने लगा और एक हाथ से बूब्स दबाने लगा.. साथ ही साथ निक्की अपनी चूत पर मेरे लंड को सहलाने लगी. मुझे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने निक्की को बोला कि जाओ और अपने घर के गेट को लॉक लगा के आओ.. तो वो बोली कि आज माँ यानि अंजू मामी बाहर गयी है और जल्दी आने वाली नहीं है.

    फिर में गेट बंद करने बाहर गया.. तो मैंने अंजू मामी को फोन लगाया और बोला कि अंजू किधर है.. तो अंजू मामी ने रिप्लाई दिया कि वो किसी मीटिंग में व्यस्त है. फिर मैंने उससे बोला कि में अभी तुम्हे चोदना चाहता हूँ.. तो अंजू मामी बोली कि तुम इंतज़ार करो.. में 15 मिनट में घर आती हूँ.. तो में मन ही मन में बहुत ही खुश हो गया. आख़िरकार वो दिन आ ही गया कि जिस दिन में दोनों को साथ साथ चोदने का आनंद लेने वाला था और में गेट बंद करके अंदर आ गया. उस टाईम गेट की दूसरी चाबी अंजू मामी के पास थी.

    फिर मैंने अपने सेल फोन से उसे मैसेज किया कि में आज तुम दोनों माँ–बेटी की चूत फाड़ने वाला हूँ.. तो वहां से अंजू ने रिप्लाई किया कि में तैयार हूँ और फिर में अंदर आकर निक्की के पास बैठा और निक्की ने कुछ रोमेंटिक गाने चालू कर दिए और हमने साथ साथ डांस भी किया.

    उस दौरान 15-20 मिनट गुजर चुके होंगे.. तो अंजू मामी भी घर पहुँच गयी और वो अपने साथ कुछ खाने के लिए पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आई थी. आज अंजू अपनी बेटी के साथ मुझसे चुदने वाली थी.. वैसे तो निक्की इस बात से पूरी तरह अंजान थी कि में उसकी माँ अंजू को भी चोद चुका हूँ.. तो जैसे ही अंजू घर में अंदर आई.. तो उसने मुझे मिस कॉल कर दिया. उसके मिस कॉल को देखकर में समझ गया कि अंजू घर में आ चुकी है.. तो में पानी पीने के बहाने अंदर किचन में चला गया.. वहां जाते ही मैंने अंजू मामी को एक जोर से किस कर दिया. फिर उसने पूछा कि निक्की किधर है. फिर मैंने कहा कि तुम्हारी गुड़िया अंदर है.. तो हमने मिलकर एक प्लान बनाया कि निक्की को चोदते समय अंजू मामी हमे रंगे हाथ पकड़ेगी और बाद में कुछ तो सजा देगी.

    फिर यह प्लान बना के में अंदर चला गया.. मेरे अंदर जाते ही निक्की ने मेरी जीन्स निकाल दी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और लंड मुँह में लेकर आइसक्रीम जैसे चाटने लगी और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी और अपनी चूत पर वैसलीन लगा लिया और मेरे लंड पर भी वैसलीन लगा दिया. अब निक्की मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा एक झटके में निक्की की चूत में डाल दिया और जोरदार धक्के देने लगा. उस दौरान प्लान के मुताबिक अंजू मामी अंदर आ गई और सेक्स करते दौरान कुछ टाईम में पकड़े जाने से निक्की हड़बड़ा उठी और उसने जल्दी से उठकर अपनी नाईटी पहन ली. अंजू मामी हम दोनों को डांटने लगी.. उसकी इस हरकत से निक्की रोने लगी.

    में निक्की के पास गया और उससे अपनी बाहों में पकड़ लिया.. निक्की ने मुझे दूर कर दिया. अब अंजू मामी मुझे बोली कि में अभी तुम्हारी शिकायत तुमारे मामा और निक्की के पापा से करती हूँ. यह सुनकर निक्की की तो अब पूरी फट चुकी थी.. मेरे मामा स्वभाव के बहुत ही तेज थे और यह सुनकर दोनों को मार सकते थे. फिर मैंने प्लान के मुताबिक अंजू मामी को झूठी रिक्वेस्ट की और बोला कि वो ऐसा कुछ भी ना करे.. आप दूसरी कोई भी सजा दोगे तो वो हमें मंजूर है.. तो अंजू आंटी ने निक्की को डांटते हुये पूछा कि कबूल है? तो निक्की भी बोली कबूल है..

    फिर अंजू मामी ने मुझसे कहा कि यहाँ मेरे नज़दीक आओ.. तो में मामी के नज़दीक पहुँच गया.. फिर अंजू मामी ने मुझे कहा कि मेरे कपड़े उतारो. यह सुनकर निक्की हैरान हो गयी.. वैसे मैंने झट से अंजू मामी की साड़ी उसके बदन से उतार दी. बाद में उसने कहा कि मेरे ब्लाउज को अपने हाथ से खोलो. यह सुनकर निक्की के बूब्स दो गुना बड़े हो गये.. वो चुपचाप सब देख रही थी. फिर मैंने अपने हाथ से एक एक करके उसके ब्लाउज के हुक खोलना चालू कर दिया. इस दौरान अंजू मामी ने निक्की को डाटते हुये कहाँ कि उसकी नाईटी उतार दिया जाये.. तो निक्की ने झट से अपनी नाईटी उतार दी.

    अब मैंने भी उसके ब्लाउज के हुक खोल दिये. बाद में अंजू ने मुझे नज़दीक बुला के मेरे लिप्स पर किस कर दिया और मुझे ऑर्डर दिया कि जो तुम्हारा और निक्की का चुदाई प्रोग्राम चल रहा है.. वो चालू कर दो. फिर में निक्की के पास पहुँच गया. निक्की अब पूरी तरह से हैरान हो गयी थी.. उसकी माँ को क्या हो गया है? लेकिन वो ऑर्डर फॉलो करने के अलावा कुछ कर नहीं सकती थी.. वो झट से अपने बेड पर लेट गयी.

    मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. हमारा सेक्स प्रोग्राम निक्की के बेड पर चल रहा था.. वहां अंजू मामी पहुँच गयी. उसने अपनी ब्रा और पेंटी निकाल दी और अपनी गुड़िया की चुदाई देख के अपनी चूत में उंगली करने लगी. उसने मुझे ऑर्डर दिया कि उसकी ब्रा निकाल दो. फिर मैंने निक्की को चोदने के दौरान उसकी ब्रा को निकाल दिया और अंजू के बूब्स को चाटने लगा. अब निक्की को कुछ समझ नहीं आ रहा था. वैसे तो मेरा वीर्य उसकी चूत में निकलने ही वाला था.. तो अंजू मामी ने झट से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और में भी निक्की को किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा.. बाद में और अंजू मामी दोनों हंसने लगे.

    अब मैंने खुद ही सब सच्चाई निक्की को बता दी कि कैसे मैंने उसकी माँ को चोदा. यह सुनकर उसके मुँह पर भी एक चमक सी छा गयी. अब दोनों माँ-बेटी एक दुसरे को हग करने लगे. अब मेरा लंड दोनों की चूत और गांड मारने के लिए तैयार था.. वैसे तो अंजू मामी और निक्की दोनों ही सेक्सी टाईप की थी और दोनों ही मुझसे चुदने के लिए हमेशा तैयार थी.

    फिर हम तीनों लोगों ने साथ में पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक शेयर की. हम तीनो नंगे ही थे. अब निक्की मेरे लंड को चूसने लगी और में अंजू मामी को किस करने लगा. निक्की के चूसने के बाद मैंने अपना लंड अंजू मामी की चूत में डाल दिया और उसके क्रॉस साईड को अंजू मामी की गांड के बिल्कुल पास गांड करके निक्की को खड़ा कर दिया. अब इसकी वजह से निक्की और अंजू मामी की चूत बहुत ही नज़दीक आ गयी.. तो में एक शॉट निक्की की चूत में मेरा लंड डालता और दूसरा शॉट अंजू मामी की चूत में डालता.. इससे दोनों को भी बहुत ही मज़ा आता.

    अब निक्की अपनी गांड में उंगली करने लगी और अपनी उंगली को सूंघने लगी.. वैसे ही मामी ने भी करना शुरू कर दिया. दोनों की चूत मारने के बाद मैंने अंजू मामी को डॉगी स्टाईल में करके उनकी गांड मारी.. जिससे वो बहुत ही खुश हो गई थी. फिर मैंने निक्की की गांड भी उसी स्टाईल में मार दी और वो दोनों भी मेरी चुदाई से बहुत ही संतुष्ट हो चुकी थी. अब हम तीनों मिलकर रोज सेक्स धमाका करते है.

  • सगी बहनों को पिलाया लंड जूस

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रशीद है और में जम्मू से हूँ में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ और जो स्टोरी में आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, वो बिल्कुल सच्ची कहानी है, तो में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ.

    मेरे दो बहनें है एक मुझसे छोटी है और उसको हम प्यार से छोटी बोलते है और एक मेरी बड़ी दीदी जो एक मस्त माल है. मेरी दीदी के ऊपर मेरी हमेशा नज़र थी, उनके फिगर का साइज़ 36-32-36 है और वो दिखने में एक पटाखा थी और मैंने छोटी को सेक्स के बारे में बचपन से ही सिखा दिया था और हम दोनों सेक्स से संतुष्ट भी थे और छोटी और में बिल्कुल पति-पत्नी की तरह ही घर में रहते थे और मेरी माँ हाऊसवाईफ है और पापा सरकारी कर्मचारी है. वो दोनों हमेशा काम में व्यस्त रहते है और छोटी और में हमेशा मेरे रूम में सेक्स करते थे.

    मैंने छोटी को हमेशा मेरे लंड का जूस पीने के लिए बोला था और वो बहुत भोली है और मैंने उसको यह बोला था कि अगर वो मेरे लंड का जूस नही पियेगी तो भविष्य में बहुत प्रोब्लम आ सकती है. वो पिछले 3 साल से मेरे लंड का जूस हर रात को दूध में मिला कर पीती थी और माँ 2 दूध के ग्लास छोटी के हाथ में देती थी और छोटी हमेशा मेरे रूम में ले कर आती थी और में अपना दूध पी कर छोटी को रात में बिना कंडोम के चोदता था और सारा जूस छोटी के दूध के ग्लास में मिला देता था और वो भी बहुत जल्दी पी लेती थी और अब तो उसकी आदत हो गई है.

    एक दिन क्या हुआ? पापा ऑफिस के काम से बाहर गये हुए थे और माँ एक बाबा के प्रवचन सुनने के लिए बाहर गई हुई थी. तभी पूरे घर की जिम्मेदारी मेरी बड़ी बहन ले रही थी, तो हमेशा माँ दूध देने के लिए छोटी को भेजती थी. दीदी को कुछ भी पता नहीं था और अचानक दीदी ऊपर मेरे कमरे में आई, तो देखा कि छोटी बहुत हंस रही है. दीदी ने सोचा कि क्या बात है? तो दीदी ने खिड़की से देखा, छोटी पूरी नंगी थी और में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था.

    दीदी यह देखकर बहुत गुस्सा हो गई और कुछ नहीं बोली और आगे क्या हो रहा है देखने के लिए वो वहीं रुकी रही. फिर सब ख़त्म होने के बाद मैंने छोटी से बोला कि छोटी अब तेरा जूस पीने का टाईम हो गया है. तुम्हारा दूध का ग्लास लाओ तभी छोटी ने कपड़े पहने और दूध का ग्लास लाने के लिए दरवाजा खोला, तो दीदी बाहर खड़ी थी और शरमा भी रही थी, क्योंकि में नंगा था और छोटी को चोदने के कारण मेरे लंड पर पानी लगा हुआ था, तो बड़ी दीदी बोली तुम लोग यह सब करने के लिए एक साथ सोते हो तुम दोनों कैसे भाई बहन हो.

    फिर छोटी ने दीदी से बोला कि पता है दीदी, सॉरी, लेकिन भैया मुझे पिछले 3 साल से चोदते आ रहे है और में उनके लंड का पानी पीती हूँ, ताकि मुझे भविष्य में कोई प्रोब्लम ना हो. दीदी मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी मैंने, तो सोचा आज तो मेरी वॉट लग गई. दीदी ने बोला में आज माँ को बताऊँगी कि तुम लोग क्या करते हो.

    हम दोनों ने दीदी के पैर पकड़कर माफी माँगी और में अभी भी नंगा था. तभी दीदी ने बोला कि तूने ऐसी हिम्मत कैसे की बड़ी बहन के होते हुए, तभी मैंने बोला कि दीदी में समझा नहीं? दीदी बोली कि तू आज तक छोटी को जो करता आ रहा है, वो आज से मेरे साथ भी करेगा और हम दोनों दूध में मिला कर तेरा पानी पीयेगें. मेरी तो लॉटरी लग गई थी, अब तो ज्यादा जूस निकालना पड़ेगा.

    फिर दीदी, छोटी और में नीचे गये और हम दोनों ने दीदी को चोदने के लिए तैयार किया. में दीदी को नहाने के लिए बाथरूम में ले गया और वहाँ उनके होंठ और चूत को पानी के साथ चाटने लगा. दीदी मेरी पहली चुदाई में पागल हो गई थी, वो बार बार मेरे बाल पकड़कर उनके बूब्स को मसल रही थी. फिर मैंने दोनों बहनों को सुहागरात के लिए तैयार किया और फिर दोनों को नहला कर सफ़ेद ब्रा और पेंटी पहना दिया. फिर दीदी 4 ग्लास दूध गर्म के लाई.

    दीदी ने मुझसे बोला कि अब हम आज कुछ अलग करेंगे तू हमारी चूत का पानी अपने दूध के ग्लास में मिला कर पी. मैंने बोला ठीक है आप की मर्ज़ी. दीदी और छोटी ने अपनी चूत से पानी निकालकर मेरे दूध के ग्लास में डाल दिया और मैंने उसको पी लिया. उसके बाद मैंने छोटी से बोला कि देख तुझे में 3 साल से चोद रहा हूँ, तो आज में दीदी को संतुष्ट करूँगा, तू हमारा साथ देना. तभी छोटी हमारे नीचे अपनी जीभ से मेरे लंड और दीदी की चूत चाट रही थी.

    फिर दीदी बोली की मेरी चूत साफ कर और दीदी ने छोटी को बोला कि मुझे ऊपर आकर किस कर, में दीदी की चूत में उंगली डालकर सेक्स करने लगा और दीदी और छोटी दोनों पागलों की तरह किस कर रहे थे. तभी मैंने अपना लंड बिना कंडोम के दीदी की चूत में डाल दिया, दीदी चिल्लाने लगी कि क्या कर रहा है? रशीद मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    तभी छोटी बोली दीदी दर्द पहले पहले होगा, उसके बाद तो मज़ा ही मज़ा है. फिर मैंने दीदी को बहुत चोदा और दीदी पागलों की तरह चिल्ला रही थी और सिसकियाँ निकाल रही थी. फिर मैंने दीदी से बोला कि आप की गांड दिखा दो, मुझे चोदना है. फिर दीदी ने अपनी गांड पीछे कर दी, मैंने ज़ोर से धक्का दिया और चोदने लगा और दीदी बोलने लगी कि ऱशीद आज तूने मेरा दिल जीत लिया.

    अब तू मुझसे जैसा बोलेगा में वैसा ही करुँगी. में आज से तेरी गुलाम हूँ और मैंने दीदी से बोला कि आपको मेरा लंड चाटना है, दीदी बोली कि उसके लिए तो में कब से बेताब हूँ, ला दे और लंड को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी. फिर दीदी बोली कि चल रशीद मुझे और छोटी को दूध पीना है और हमें तेरे इस गर्म पानी से दूध पीला दे.

    मैंने बोला कि दीदी अगर असली दूध पीना है, तो अपना मुँह खोलो और यह गर्म पानी पी लो, इसमें दूध की कोई ज़रूरत नही है और छोटी और दीदी दोनों मेरा लंड चूसने लगी और मेरे लंड का पूरा पानी पी गई. उस दिन से मेरे बेडरूम में छोटी या बड़ी बहन में से एक जरुर होती है और में अब कंडोम का इस्तेमाल करता हूँ और अपनी दोनों बहनों की चुदाई करके उन्हें संतुष्ट करता हूँ और में भी मजे लेता हूँ.

  • देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.

    दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.

    दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.

    दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.

    में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.

    वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.

    जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.

    मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.

    फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.

    वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.

    फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.

    में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.

    फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.

    फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.

    फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.

    फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.

    मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.

    मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.

    उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.

    फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.

    फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.

    फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.

    दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.

    अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.

    फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.

    गीता : हैल्लो, भाभी.

    में : हाँ गीता बोलो?

    गीता : अभी आप कहाँ पर हो?

    में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.

    गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.

    में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?

    गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.

    में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?

    गीता : हाँ ठीक है बाय.

    तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.

    फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.

    फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.

    फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.

  • देवर और उसके दोस्तों के साथ

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मधु है और में शादीशुदा हूँ और मेरी शादी तीन साल पहले राजीव के साथ हुई थी, हमारी शादीशुदा लाईफ ठीक ठाक चल रही थी. दोस्तों आज में आप सभी को अपने साथ हुई सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ और मैंने बहुत हिम्मत करके इस कहानी को आप सभी के लिए लिखा है.

    दोस्तों वैसे यह आज से दो साल पहले की बात है. मेरे पति कुछ ज्यादा गुस्से वाले है और वो सेक्स के दौरान कभी कुछ नहीं बोलते और ना ही प्यार जताते है, लेकिन फिर भी हमारी सेक्स लाईफ बहुत अच्छी है. परिवार में हम दोनों के अलावा मेरी सास और देवर रहते है और हमारी एक मध्यमवर्गीय फेमिली है, लेकिन जो भी दो साल पहले हुआ वो आम बात होगी, यह मुझे बिल्कुल भी नहीं लगता.

    दोस्तों यह बात मेरे देवर से जुड़ी हुई है. उसका नाम अनुज है और वो किसी अच्छे से कॉलेज में इंजिनियरिंग की पढ़ाई करता है, तो दोस्तों दो साल पहले मेरे कुछ कॉलेज फ्रेंड्स मुझसे मिलने को घर पर आए, मेरे पति को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी और सच बात बताऊँ तो मेरा कॉलेज में एक बॉयफ्रेंड तो था, लेकिन मेरी कभी भी उनके साथ सेक्स करने की हिम्मत नहीं हुई और उस दिन दोपहर में मेरी कॉलेज की दोस्त रेणु आई हुई थी.

    फिर उसने कुछ पुराने कॉलेज के टाईम के फोटो भी मुझे दिए, जो उसके पास थे. मेरे पति उस दिन घर पर नहीं थे और मेरी दोस्त ने मेरी कुछ किताबें और वो फोटो मुझे दिए. फिर मैंने उसे टेबल पर रख दिया और हम दोनों हमारी ही बातों में लगे रहे, शाम को मैंने देखा कि अनुज वो किताब और फोटो देख रहा था और मुझे उसमे ऐसी कोई भी गम्भीर बात नहीं लगी, लेकिन उसने मुझे बुलाया और पूछा कि भाभी यह कौन है?

    मैंने फोटो देखा तो मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, क्योंकि वो मेरा बॉयफ्रेंड था और भले ही मैंने कभी उसके साथ सेक्स नहीं किया हो, लेकिन छेड़छाड़ तो हर रोज होनी ही थी और वो फोटो भी कैसा जिसमे वो मेरे गालों को चूमता है और में उस फोटो को देखकर मन ही मन सोचने लगी कि हे भगवान मैंने इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया, तो अनुज ने फिर से पूछा कि हैल्लो भाभी कहाँ खो गयी? तो मैंने कहा कि यह तो मेरे कॉलेज का एक फ्रेंड है, लेकिन वो मेरी ख़ामोशी से मेरा डर जान गया था और वो अब तक समझ चुका था कि मेरे मन में क्या चल रहा है, मेरे चेहरे का रंग क्यों उड़ा हुआ है और मुझे इतना पसीना क्यों आ रहा है?

    फिर अनुज ने पूछा कि भाभी क्या यह आपका बॉयफ्रेंड था? तो मैंने भी थोड़ी हिम्मत करते हुए एकदम गुस्से से कहा कि तुम कितने बेशर्म हो, एसी बातें मुझसे करते हो? तो अनुज ने और भी बेफिक्र होकर कहा कि इसमे क्या है? क्या आप यह मानती है कि में यह बात मान लूँ कि शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? क्या भाभी आप भी अच्छा मज़ाक करती हो और आजकल तो 16 साल की लड़की भी वर्जिन मिलना बहुत मुश्किल है.

    मैंने उसे गुस्से से ज़ोर से एक थप्पड़ मार दिया और मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह सिर्फ़ मेरा दोस्त था और यह एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी के फोटो है तो वो भी बहुत गुस्से में था, लेकिन उसने कहा कि ठीक है अगर यह नॉर्मल पार्टी फोटो है तो में इसे भाई (यानी मेरे पति राजीव) को ही दे देता हूँ. फिर मैंने कहा कि मुझे दे दो, यह मेरी फ्रेंड्स ने मुझे दिए है, लेकिन अनुज ने उस फोटो को अपने पीछे करके बोला कि अगर कुछ नहीं है तो यह गुस्सा और नाटक कैसा? और तुम चाहो तो मुझे अब भी सच सच बता सकती हो.

    दोस्तों में अब बहुत बड़ी मुसीबत में थी, क्योंकि में अब उसे कुछ भी बताती हूँ तो भी में नहीं बच सकती और बताती हूँ तो भी में फंस जाऊँगी और वैसे अगर आम जन्मदिन फोटो होते तो मेरे पति यह कॉलेज टाईम के जन्मदिन पार्टी वाले फोटो देख भी लेते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन फोटो में जो मेरा बॉयफ्रेंड संदीप था, उसको मेरे पति बहुत अच्छी तरह से जानते है और हम कुछ महीने पहले मेरे पति के एक दोस्त की पार्टी में मिले थे और संदीप अब मेरे पति के ऑफिस के एक साथ में काम करने वाले दोस्त का दोस्त था और मैंने अपनी शान दिखाने के लिए मेरे पति से कहा था कि यह संदीप एक छटा हुआ बदमाश लड़का था और कोई भी लड़की उससे बात करने से डरती थी तो मेरे पति ने भी बताया था कि इन्ही बातो से परेशान होकर उनकी पत्नी (संदीप की वाईफ) भी तलाक का केस कर चुकी थी, तो अब इन सबके बाद अगर मेरे पति मेरा और संदीप का साथ यह फोटो देखते तो में उन्हे क्या जवाब देती और यह भी सही है कि अनुज को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मेरे पति को तो पता है और मैंने ही संदीप को एक बदमाश बताया था, में अब बहुत बुरी फंस चुकी थी.

    फिर मैंने अनुज से पूछा कि तुम चाहते क्या हो? तो अनुज ने हंसते हुए कहा कि मुझे तुम्हारे साथ मज़े करने है. फिर मैंने उसको फिर से एक और थप्पड़ मार दिया और कहा कि तुम बहुत बेशर्म हो और क्या तुम जानते हो कि में तुम्हारी भाभी हूँ, क्या तुम्हे इतनी तमीज़ भी नहीं है? तो अनुज अब बहुत गुस्से में था, उसका पूरा चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था और फिर उसने कहा कि देखो तुम मेरी भाभी हो, इसलिए मैंने यह थप्पड़ खा लिए और अब में इसे भाई को दे देता हूँ, अगर यह नॉर्मल फोटो है तो में भूल जाऊंगा कि मैंने तुमसे क्या माँगा और माफ़ कर दो और अब तो भाई को जो करना हो वो जाने, तो में अब लगभग रोने की हालत में थी.

    मैंने कहा कि प्लीज ऐसा मत करो तुम बहुत अच्छे हो प्लीज कुछ तो समझो, अब अनुज भी शांत हुआ, लेकिन उसने अपनी बात नहीं छोड़ी, उसने कहा कि में कहाँ आपसे जबरदस्ती कर रहा हूँ? और मैंने तो सिर्फ़ मज़े मस्ती करने की बात कही है और में कोई आपकी शादी नहीं तोड़ना चाहता और आखिर में हूँ तो तुम्हारा देवर ही ना? तो मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन यह बात उसने मुझसे बीच में रोककर बोला कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और सब कुछ अभी नहीं हम दो दिन बाद करेंगे.

    मेरे पति दूसरे दिन अपने ऑफिस के ट्रिप पर 15-20 दिनों के लिए बाहर जाने वाले थे और उस दिन मेरी सास भी घर पर नहीं थी और दो दिन बाद में बहुत अजीब सा महसूस कर रही थी, क्योंकि में जो काम करने की हिम्मत कॉलेज में नहीं कर पाई, आज उसी कॉलेज की एक फोटो ने मुझसे यह सब काम करने पर बहुत मजबूर किया था तो दो दिन बाद अनुज ने कहा कि भाभी तुम तैयार हो जाओ.

    मैंने पूछा कि कहाँ जाने के लिए?

    उसने कहा कि तो क्या आपको यह लगता है कि यहाँ घर पर यह सब करेंगे? आप भी चलो मेरे साथ और यह घर बार छोड़ो, अब हम बहुत मज़े मस्ती करेंगे और हम उसकी कार में उसके एक दोस्त के फार्म हाउस पर गये, मुझे लगा कि वहां पर सिर्फ हम दोनों ही थे, लेकिन जैसे ही दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि वहां पर उसके दो दोस्त नमित और आशीष भी थे और में उन्हे देखकर एकदम चकित रह गयी.

    मैंने अनुज को तुरंत साईड में बुलाकर पूछा कि क्या तुम पागल हो गये हो? तुमने सिर्फ हमारी बात की थी, क्यों अपने ही घर की इज़्ज़त बाहर उछालने पर तुले हुए हो? दोस्तों में सच में यह सब देखकर बहुत परेशान थी. फिर उसने कहा कि चिल्ला चिल्ला और ज़ोर से चिल्ला यह मेरे दोस्त है, भाई से कोई लेना देना नहीं और कोई कुछ नहीं कहेगा, क्योंकि उसकी खुद की बीवी, बहन और गर्लफ्रेंड को कई बार चोद चुका हूँ, तुम्हे इन सब बातों पर विश्वास करना होगा और अब यह झूठा प्यार व्यार का ड्रामा खत्म करो.

    फिर नमित आया और बोला कि अब इन बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो और बस मज़े मस्ती करो, मुझे पता है कि तुम्हे कुछ देर बाद मज़ा आने लगेगा. फिर वहीं पर उन सभी के सामने अनुज ने मुझे पीछे से एकदम से कसकर पकड़ लिया और वो मुझे स्मूच करने लगा, में कुछ बोलूं कुछ सोचूं उसके पहले ही यह सब होने लगा और उसने इतना कसकर पकड़ा था कि में उसका हाथ नहीं छुड़ा सकती थी, क्योंकि वो पूरे जोश में था. दोस्तों में अनुज के बारे में बताऊँ तो वो एक हेंडसम है और कई लड़कियों से उसके रिश्ते है (अब यह कोई बताने वाली बात तो रही नहीं थी) और डेली जिम में की वजह से वो बहुत फिट था और नमित भी हेंडसम लड़का है और आशीष भी.

    फिर स्मूच के दौरान ही मैंने आने वाले वक्त को समझ लिया और उसका कोई भी विरोध नहीं किया और अब नमित मेरे पीछे से मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरी छाती को दबाने लगा और आशीष ने अपनी शर्ट को निकाल दिया और अनुज के हाथों में से मुझे लेकर उसने स्मूच करना शुरू कर दिया. तो नमित और अनुज भी अपने अपने कपड़े उतारने लगे, अनुज ने मेरा टॉप थोड़ा ऊपर किया. दोस्तों मेरे बूब्स दिखने में और आकार में बहुत अच्छे गोल और बड़े बड़े है और में भी मन ही मन में जोश में थी.

    अनुज ने कहा कि ब्रा के ऊपर से ही यह एकदम मस्त सेक्सी दिख रहे है और फिर अंदर से कैसे होंगे. तो नमित भी बोला कि यह भाभी नहीं हॉट, सेक्सी बम है और अनुज ने कहा कि देख सेक्सी के निप्पल एकदम टाईट है. यह तो एकदम पूरी जोश से भरी हुई है. तो आशीष ने कहा कि देखो यह रसीले गुलाबी होंठ तो अंदर छुपी हुई चूत कितनी सेक्सी होगी? हम एक दूसरे के किस करने लगे, अनुज ने ही मेरी जीन्स को उतारा और पेंटी के ऊपर से चूत को हाथ लगाकर महसूस करने लगा, सूंघने लगा और एक ही झटके में उसने ही मेरी पेंटी भी उतार फेंकी और अब में बिल्कुल नंगी थी और मेरी एकदम चिकनी रसीली चूत उन सबके सामने लंड लेने को मचल रही थी और वो मेरी चूत को देखते ही रह गए.

    बाकी ने भी मुझे नंगा देखकर अपने कपड़े उतार दिए, लेकिन में सच में एकदम डर गयी, जब उन सबके लंड मेरे सामने एकदम तनकर खड़े हो गए और मेरे मुहं से निकल गया ओह नहीं यह तो कितने बड़े है? में यह सब कैसे कर सकती हूँ? दोस्तों आशीष का लंड लगभग 7 इंच का, नमित का भी उतना ही था और अनुज का 8 इंच लंबा था. दोस्तों अनुज का भाई और मेरा पति भी बहुत सेक्सी है, लेकिन यहाँ तो यह एक साथ तीन तीन. तो अनुज ने मेरा सर पकड़ा और उसने मेरे मुहं में उसका लंड एक धक्का दिया और घुसा दिया और वो बोला कि अब आज से तू मेरी भाभी नहीं रंडी मंधु है तुझे अब रंडियों की तरह चुदवाना है.

    नमित ने कहा कि आज से हम बहनचोद की जगह भाभीचोद बनेंगे. तो आशीष बोला कि साले में तो पहेल से ही मादरचोद हूँ और वो सभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. दोस्तों मैंने अपने पति के आलावा अब तक किसी और के साथ कुछ नहीं किया था, लेकिन आज पहली बार में ऐसा कर रही थी और मुझे नहीं पता था कि सेक्स में यह लोग इतनी गंदी गंदी और ऐसी ऐसी बातें भी करते है और में अनुज की इन सभी बातों से बहुत चकित थी, क्योंकि वो इतना कुछ बोल रहा था और जबकि उसका भाई तो एक शब्द भी नहीं बोलता.

    में अब अनुज और उसके दोस्तों के लंड को बारी बारी से चूस रही थी और उन सबके लंड एकदम तन गये थे और लगभग 20 मिनट तक चूसने करने के बाद अनुज ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. तो आशीष एकदम से मेरे बूब्स पर ही टूट पड़ा और अनुज ने मेरी चूत में धीरे धीरे उंगली डाली. उसने सबसे पहले एक और कुछ देर बाद में दो और सच में मेरी चूत भी बहुत भीग चुकी थी और फिर अनुज बोला कि क्यों मज़ा आ रहा है ना? नमित ने उसका लंड मेरे मुहं में डाल दिया और अब अनुज ने अपना तना हुआ लंड सीधा मेरी चूत में डाल दिया मुझे बहुत ज़ोर से धक्का लगा, जैसे किसी ने मेरी चूत में एक मोटा, गरम सरिया डाल दिया हो. में लंड के अंदर जाते ही एकदम दर्द से छटपटा उठी, मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी जांघो को पकड़ लिया.

    तभी नमित ने मेरे मुहं पर और ज़ोर से लंड को धक्का दिया ताकि उसका लंड उसका लंड अंदर रहे और मेरी चीख बाहर ना निकले. फिर अनुज तो और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और में सिसकियाँ ले रही थी उहहह्ह्ह अह्ह्ह सीईईईईइ दोस्तों सच में काश उसके भाई का लंड भी ऐसा ही होता, क्योंकि उसके लंड से मेरी चूत में दर्द, जलन होने के साथ साथ मेरी चूत में एक अजीब सा संतुष्टि का अहसास भी हो रहा था. उसके हर एक धक्के से मेरी चूत को जोश आ रहा था और मैंने भी नीचे से धक्के लगाए और अब बहुत देर तक चुदाई के बाद अनुज ने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और आशीष ने मेरी चूत में उसका लंड घुसा दिया और अब अनुज मेरे पूरे शरीर को चाट रहा था और नमित और अनुज दोनों बारी बारी से ज़ोर से अपना लंड मेरे मुहं में दिए जा रहे थे.

    अब आशीष भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और कुछ देर बाद में नमित ने अपना लंड मेरी चूत में डाला उहह अह्ह्ह्ह आईईईईईईईइ दोस्तों में सच में पिछले कई मिनट से लगातार चुद रही थी, जिसकी वजह से मेरी चूत की खुजली अब एकदम खत्म हो चुकी थी और मेरी चूत में जलन सी होने लगी थी. उनके ताबड़तोड़ धक्के मुझे पूरा हिला रहे थे और जबकि में घर पर ज्यादा से ज्यादा 5-6 मिनट तक चुदी हूँ और यहाँ तो ऑश अह्ह्ह्ह मेरे उह्ह्ह चुदने के सभी रिकोर्ड टूट गए, उनके लंड बहुत जोश से भरे हुए थे, लेकिन अब में सच में इस चुदाई से बहुत थकने लगी थी. तो अनुज अब बेड पर लेट गया और उसने मुझे उसके लंड पर बैठा दिया तो में एकदम से उठ गयी, लेकिन आशीष ने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़कर फिर से बैठा दिया.

    मैंने कहा कि नहीं प्लीज अब नहीं, छोड़ दो मुझे. नमित ने कहा कि क्या भाभी रंडी अब ज्यादा नखरे मत दिखाओ? हम आज तुम्हे असली जन्नत की सर करवाते है और अपने लंड पर बैठने के बाद ज़ोर से नीचे से धक्का दिया आहह्ह्ह्ह नहीं आईईइईई और नमित ने अनुज पर मुझे लेटाकर मेरी गांड में उसका लंड घुसा दिया ओहह्ह्ह अह्ह्ह नहीं बस करो छोड़ दो प्लीज अब छोड़ दो और फिर आशीष ने मेरा मुहं अपने लंड से बंद कर दिया. दोस्तों में तो जैसे हर एक जगह से चुद रही थी और अब कुछ कहने, करने की भी नहीं थी.

    तभी अनुज ने कहा कि हाँ ये ले मेरी रंडी ले और ले, नमित ने कहा कि ओह ऐसी रंडी मुझे पहले मिली होती तो में अब तक इसे चोदकर इसकी चूत का भोसड़ा बना चुका होता. दोस्तों उनकी एसी लगातार चुदाई से मेरी तो आखों से पानी निकल गया और अब में झड़ चुकी थी ओहहह प्लीज़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह अब तो बस करो.

    कुछ देर बाद ही आशीष ने झड़ने की शुरुआत की और उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और मेरा मुहं पकड़कर रखा ताकि उसका सारा माल मुहं के अंदर ही रहे और फिर अनुज ने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरी चूत में सब कुछ जाने दिया और नमित ने मेरी गांड में डाल दिया. दोस्तों ऐसी चुदाई मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी और कुछ देर बाद में चुदाई की और हम सभी बहुत थक गए, लेकिन लगातार पूरे दिन मुझे चोदते रहे और इस साल मुझे बेटा हुआ है, लेकिन यह इनमे से किसी का नहीं था. वो मेरे पति का ही है क्योंकि में उनसे सेक्स करने के बाद गर्भनिरोधक गोलियां लेना कभी नहीं भूलती, जिसकी वजह से मेरा बेटा मेरे पति के चुदाई करने से हुआ, लेकिन पिछले एक साल से अनुज हमारे साथ नहीं रहता और मैंने उसके भाई, मतलब कि मेरे पति के आलावा किसी और से कभी भी सेक्स नहीं किया, लेकिन आज भी में उस सेक्स को कभी नहीं भूल सकती.

  • पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय है और मेरी उम्र 29 साल है और मेरी बीवी पूजा की उम्र 22 साल है मेरा एक बेटा है जिसकी उम्र 7 महीने की है. दोस्तों पूजा मेरी पत्नी बहुत ही अच्छे फिगर की है उसके फिगर का साईज 32-30-34 है और वो बहुत सेक्सी है और जो कोई भी उसे देखता है तो बस देखता ही रह जाता है क्योंकि वो दिखने में भी बहुत हॉट सेक्सी लगती है.

    दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और हमारा फ्लेट तीसरी मंजिल पर है और मेरे फ्लेट के ठीक नीचे दूसरी मंजिल पर मेरी कंपनी में ही काम करने वाला रोहन (उम्र करीब 30 साल) रहता है. दोस्तों वो दिखने में जितना अच्छा है उतना ही झगड़ालु भी है और उसका उसकी बीवी से आए दिन किसी ना किसी छोटी छोटी बातों पर झगड़ा होता रहता है, वैसे उनका एक लड़का भी है जिसकी उम्र एक साल है और हमारा रिश्ता एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा है. किरन हमेशा अपने पति रोहन से और पड़ोसियों से मेरे और पूजा के रिश्ते को लेकर बात करती रहती थी और कहती थी कि इन दोनों की जोड़ी कितनी अच्छी है जिसमें कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं होता और यह एक दूसरे का कितना ख्याल रखते है और वो यह बात भी कहती थी कि मेरी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि अगले जन्म में मुझे भगवान विनय भाई साहब जैसा पति दे.

    अब में आप सभी को अपनी असली कहानी के बारे में बताता हूँ यह घटना करीब एक साल पहीले की है और वो मार्च का महीना था और होली आने वाली थी. किरन अक्सर हमारे बेटे को खिलाने के लिए अपने घर पर ले जाया करती थी और में उसे वापस लेने के लिए कभी कभी उसके घर पर चला जाता था, लेकिन आज कल कुछ दिनों से मैंने किरन को गौर करके देखा था कि वो मेरी तरफ कुछ अलग नज़र से देखती है, वो मेरी तरफ मुस्कुराती, वो उसकी नज़रें बहुत देर तक मेरे ऊपर ही टिकाए रखती है और जब में उससे अपने बेटे को उसकी गोदी से लेता तो वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर खुद जबरदस्ती छूने का प्रयास करती थी. मुझे उसका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत बदला बदला सा लगने लगा था.

    एक दिन मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि चलो में भी देखता हूँ कि इसका इरादा क्या है? उस दिन जब मैंने अपने बेटे को उसकी गोदी से लेने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया तो मैंने भी जानबूझ कर अपने बेटे को अपनी तरफ नहीं लिया. में बस किरन का मेरे बेटे को छोड़ने का इंतजार करता रहा और मेरा हाथ कम से भी कम दस सेकेंड तक उसके 32 के बूब्स को स्पर्श करता रहा, लेकिन उनके नहीं दिया, अब मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई थी और फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया. अब में अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए उनसे बोला कि भाभी जी बेटा दो में घर ले जाता हूँ. तो इस पर किरन मुस्कुराते हुए शरारती अंदाज़ में मुझसे बोली कि हाँ ले लो आपको कौन मना कर रहा है? तो में अब समझ गया कि वो आज अलग मूड में है, मैंने फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया तब भी उसने बेटा नहीं दिया और दो कदम पीछे हो गई और फिर से चिड़ते हुए बोली कि ले लो अपना बेटा.

    में फिर से आगे की तरफ बढ़ा और मैंने उससे इस बार छीना झपट करने की कोशिश की और इस छीना झपट में मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को बहुत बार छुआ, दबाया, सहलाया और उस दिन के बाद से आए दिन जब भी रोहन घर पर नहीं होता था तो वो मेरे बेटे को मुझे ऐसे ही देती, मुझे भी अब इस काम में बहुत मज़ा आने लगा था और में समझ गया था कि वो अब मुझसे चुदना चाहती है. फिर एक दिन तो हद ही हो गई उसने मुझे मेरे होंठो पर किस कर दिया, लेकिन में भी यही चाह रहा था कि कुछ उसकी तरफ से ऐसा हो क्योंकि में खुद आगे होकर पहल नहीं करना चाहता था. फिर जैसे ही उसने मुझे किस किया तो मैंने उसको अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया और फिर उसने मौका देखकर मेरे बेटे को पास ही पड़ी एक चारपाई पर लेटा दिया और फिर मुझसे चिपक गई.

    तभी मैंने उससे कहा कि बाहर का दरवाजा खुला हुआ है और अगर कोई आ अंदर गया तो तुम उससे क्या कहोगी? अब वो तुरंत मुझे छोड़कर बाहर चली गई और फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया और इस बार मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी साड़ी को खोल दिया, उसका गदराया हुआ बदन बहुत मस्त था. उसकी कमर बहुत पतली थी, लेकिन फिर भी उसके बूब्स खड़े खड़े और 32 साइज़ के थे. अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसके एक एक बूब्स को चूसता रहा. मेरे पास ज्यादा समय नहीं था और में उसके घर पर ज्यादा समय रुक भी नहीं सकता था. मैंने उसको बोला कि किरन अभी डर है कि कोई भी यहाँ पर आ सकता है और पूजा भी सोचेगी कि में इतनी देर यहाँ पर कैसे रुक गया, हम इसके आगे फिर कभी करेंगे और में जल्दी से वहाँ से अपने बेटे को लेकर बाहर निकल गया.

    फिर इसके बाद अगले दिन में अपने प्लान के मुताबिक अपने ऑफिस से जल्दी घर पर आ गया और सीधे किरन के घर में चला गया और मैंने उसको पहले से ही बता दिया था कि में ऑफिस से सीधे तुम्हारे पास आ जाऊंगा.

    फिर बेडरूम के अंदर पहुँचते ही वो बेड पर लेट गई और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिया और साथ में उसके भी कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों के बदन पर अब कोई कपड़ा नहीं था और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुहं में लेकर बुरी तरह से चूसने लगी जैसे कि वो कब से इसकी बहुत प्यासी है और थोड़ी देर बाद मैंने उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा और जब उनसे मेरा दिल भर गया तो फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया वो अब बहुत गरम हो चुकी थी और इसके बाद वो मुझसे बोली कि विनय अब आ जाओ थोड़ा जल्दी करो और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना 7.5 इंच लंबा लंड उसकी चूत में डाल दिया, उसने मुझे बुरी तरह से चूमना चाटना शुरू कर दिया और फिर मुझसे बोली कि विनय तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और में हमेशा से चाहती थी कि मुझे तुम्हारे जैसा पति मिलता, लेकिन अब कोई बात नहीं मैंने आज तुम्हारा प्यार तो पा ही लिया है और उसने मुझे फिर से जकड़ लिया वो नीचे से उछल उछलकर ज़ोर लगा रही थी जिसकी वजह से में बहुत गरम हो गया था और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया था और अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अब हम दोनों करीब 10-15 मिनट ऐसे ही एक दूसरे को सहलाते रहे.

    यह सब काम ऐसे ही लगातार दो तीन दिन तक चलता रहा और यह शायद पांचवे दिन की बात होगी, में उस दिन किरन की चुदाई करने के बाद उसके जिस्म को सहला रहा था और वो मुझसे बातें कर रही थी. तो बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके पति रोहन को सेक्स के अलावा और कुछ नहीं सूझता और सेक्स खत्म होने के बाद उसे मुझसे कुछ मतलब नहीं और वो मेरी कोई परवाह नहीं करता है और वो आए दिन मेरी पिटाई भी करता है, वो दूसरों की पत्नियों के बारे में ख़ासकर मेरी पत्नी पूजा के बारे में कुछ ना कुछ गलत बातें बोलता रहता है.

    फिर मैंने उससे पूछा कि वो क्या बोलता है? तो किरन बोली कि बस ऐसे ही तो मैंने उससे फिर से ज़ोर डालकर पूछा वो क्या बोलता है बताओ तो सही? फिर किरन बोली कि वो कहता है कि तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छा माल है मुझे एक रात के लिए मिल जाए तो मुझे मज़ा ही आ जाए और वो आपकी बीवी पूजा के लिए तो अक्सर बोलता रहता है और वो मुझसे कहता है कि अगर इससे (पूजा से ) बदली हो जाए तो में तुझ जैसी को आज ही बदली कर लूँ. अब तुम ही बताओ कि में ऐसे पति के साथ कैसे गुज़ारा करूँ? मैंने बोला कि यार वो बहुत बेकार आदमी है कम से कम कोई भी अपनी बीवी के सामने ऐसा तो नहीं बोलता है और वैसे तुम में ऐसी क्या कमी है? में तो कहता हूँ कि अगर में शादीशुदा नहीं होता तो में अभी तुमसे शादी कर लेता और तुम्हे उससे तलाक़ दिला देता.

    फिर वो बोली कि क्या तुम सही में सच कहते हो? अब में बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और इतनी ही देर में रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. दोस्तों वो शायद इसी बात का इंतजार कर रहा था कि में कुछ बोलूं उसने अपनी दूसरी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आकर चुपके से हमारी सभी बातें सुन रहा था. अब वो मुझसे बिल्कुल अलग लहजे में आवाज बदलते हुए बोला तो आप इन मेडम से शादी करोगे कर लो और में तो इनको कब से छोड़ने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मुझे भी तो कोई चाहिए में आपकी बीवी से काम चला लूँगा आप अपने पास हमेशा ले लिए इस चुदक्कड़ को रख लो और फिर रोहन अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाते हुए बोला कि में तुम्हारे घर पर जा रहा हूँ पूजा के पास ठीक है.

    फिर में उससे बोला कि रूको, क्या तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है? इस बात पर रोहन बोला कि हाँ मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है, तुम मेरी बीवी की चूत को चोदोगे तो में किसकी चूत को चोदूंगा. दोस्तों में अब बहुत डर गया था, क्योंकि में आज रंगे हाथों पकड़ा गया था और इस पर में उससे बोला कि तुम पहले मेरी बात सुनो अभी ऐसे कुछ नहीं होगा और में तुम्हें पूजा की चूत दिलवाने की पूरी पूरी कोशिश करूँगा, लेकिन मुझे उसके लिए थोड़ा सा समय दो. तो उसने बोला कि ठीक है, लेकिन कब तक का समय?

    मैंने उससे कहा कि मुझे करीब 10 -15 दिन चाहिए और फिर उसने बोला कि ठीक है. फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ कि मुझे जानबूझ कर रोहन ने अपनी बीवी किरन से फंसवाया था. रोहन ने अपनी बीवी से बोला था कि तू विनय को फँसा ले और उसके साथ मज़े कर, अगर तू मुझे इसकी बीवी की चूत दिलवा देगी तो में तुझसे अच्छा व्यहवार करूँगा, बस एक बार मुझे उसकी चूत दिलवा दे और किरन ने जानबूझ कर रोहन की बातों में आकर मुझे फंसाया था.

    अब कुछ दिनों के बाद होली आने वाली थी और होली के लिए ही मैंने एक प्लान बनाया था. किरन ने होली से एक दिन पहीले ही मेरी बीवी पूजा को कहा कि कल का दिन का खाना और रात का खाना किरन के घर पर होगा और होली वाले दिन रोहन ने प्लान के मुताबिक घर पर एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरकर बाथरूम में रखा हुआ था. फिर होली वाले दिन करीब 11 बजे में और पूजा, रोहन के घर पर पहुँच गए. उन्होने हमें अपने कमरे में बैठाया और रोहन एक रंग का डब्बा लेकर आया और बोला कि भाभी जी पहले कुछ नाश्ता हो जाए या फिर होली खेले? तो पूजा बोली कि देखो भाई साहब में तो होली बहुत ही कम खेलती हूँ, आप इनके ही यह पूरा रंग लगा दो.

    फिर इस बात पर में जानबूझ कर तुरंत बोला कि पूजा तुम होली खेलो या ना खेलो, में तो इन दोनों के साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा क्योंकि एक साल बाद होली का त्योहार आता है और फिर भी ना खेले तो क्या फ़ायदा? रोहन में तो आज किरन भाभी के साथ बहुत होली खेलूँगा, अब यह तुम्हारी सरदर्दी है कि तुम पूजा को होली खेलने के लिए तैयार करो. अब पूजा मेरी तरफ आँख निकाल रही थी कि में रोहन को क्यों भड़का रहा हूँ? तो रोहन बोला कि अब तो मुझे विनय की तरफ से भी हाँ हो गई है और में तो भाभी जी आपके साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा, अब आप यह बताओ कि हम होली अभी खेलें या कुछ खाने के बाद? दोस्तों पूजा को बहुत अच्छी तरह से पता था कि रोहन बहुत जिद्दी किस्म का है और यह अब नहीं मानेगा. फिर पूजा बोली कि भाई साहब में तो वैसे कभी खेलती नहीं हूँ, लेकिन आप प्लीज़ थोड़ा ही रंग लगाना में यह बात सुनते ही बोला कि भाई पहले थोड़ा कुछ खा लो इतने में ही किरन भांग डली हुई लस्सी लेकर आ गई और फिर हम सबने एक एक ग्लास पिया, किरन ने पूजा को जो ग्लास दिया था उसमे भांग कुछ ज़्यादा डाली हुई थी, उसके बाद उसने आज जो भी आइटम खाने के लिए घर पर बनाए थे उनमे भांग डाली हुई थी.

    अब में थोड़ी देर बाद बोला कि क्यों रोहन अब होली खेलना शुरू हो जाए? तो वो बोला कि ठीक है हो जाए, इस पर किरन बोली कि यहाँ खेलकर क्या मेरा पूरा घर खराब करोगे, रंग बड़ी मुश्किल से साफ होता है तुम बाथरूम में चलो हम वहाँ पर खेलेंगे. तो इस बात पर रोहन मुझसे बोला कि विनय पहले तुम किरन के साथ होली खेलो, उसके बाद में भाभी के साथ खेलूँगा. अब मैंने किरन की कलाई पकड़ी और उसको बाथरूम की तरफ़ ले गया, उनके रूम से बाथरूम साफ साफ दिखाई देता था मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसमे एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरा हुआ रखा था उसे देखते ही पूजा रूम से बोली कि अरे यह क्या इतना बड़ा रंग से भरा हुआ ड्रम? आप लोगों ने तो पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है में तो होली नहीं खेलूँगी. फिर विनोद बोला कि भाभी जी आज तो खेलना ही पड़ेगा या तो प्यार से नहीं तो ज़बरदस्ती और इतनी ही देर में मैंने किरन को उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसमे कूद गया में अब उसके चेहरे और गले पर रंग लगा रहा था और वो भी जानबूझ कर बहुत मज़े ले लेकर खेल कर रही थी ताकि पूजा भी यह देखे कि उसका पति मेरे साथ कैसे मज़े से होली खेल रहा है. फिर विनोद भी उसके साथ ऐसे ही होली खेलेगा और अब मैंने जानबूझ कर पूजा को दिखाने के लिए उसके बूब्स के नीचे झुककर रंग लगाया और रंग लगाते लगाते मैंने किरन का कुर्ता आगे से पकड़कर फाड़ दिया था और अब उसका ब्रा वाला पूरा हिस्सा आगे से दिख रहा था और में उसके साथ करीब 20-25 मिनट तक ऐसे ही इधर उधर हाथ घुसाकर रंग लगाकर होली खेलता रहा और जब हम दोनों ड्रम से बाहर निकले तब तक पूजा को नशा होने लगा था और फिर हम दोनों ड्रम से बाहर निकलकर वहीं बाथरूम में ही बैठ गये ताकि बाहर के कमरों का फर्श खराब ना हो.

    फिर इसके बाद मैंने विनोद और पूजा को आवाज़ लगाई आ जाओ अब तुम दोनों, मेरी इस बात पर पूजा कमरे से ही बोली कि क्यों विनय तुमको मैंने इतनी बुरी तरह से होली खेलते कभी नहीं देखा? तो मैंने कहा कि तो आज देख लिया ना, प्लीज अब आ जाओ. दोस्तों उस समय पूजा थोड़ा गुस्से में थी क्योंकि उसको अच्छी तरह से पता था कि अब रोहन भी उससे बुरी तरह से होली खेलेगा.

    अब विनोद पूजा की कलाई पकड़ते हुए बोला कि चलो ना भाभी जी और फिर उसकी इस बात पर पूजा उससे कि बोली रोहन भाईसाहब प्लीज आप बाहर ही मेरे चेहरे पर रंग लगा लो में इतना होली कभी नहीं खेलती, लेकिन उसने कुछ नहीं सुना और उसने पूजा को गोदी में उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसके अंदर कूद पड़ा. अब पूजा चुपचाप सीधी खड़ी हो गई और वो बड़े ही प्यार से पूजा के बदन पर रंग लगाने लगा फिर उसने बड़े ही प्यार से बोला कि भाभी जी आपके गाल तो बहुत ही गुलाबी है, में आज इनको और भी गुलाबी कर देता हूँ और उसने पूजा के गालों को सहलाते हुए रंग लगाया और वो साथ साथ पूजा की तारीफ़ भी कर रहा था और रंग भी लगा रहा था.

    फिर कुछ देर बाद वो उसके गले पर रंग लगाकर और अब रोहन पूजा का कुर्ता भी मेरी तरह फाड़ने लगा, लेकिन पूजा ने गुस्सा होने का नाटक किया, लेकिन फिर भी रोहन ने आख़िरकार उसका कुर्ता फाड़ ही दिया और उसके बदन से पूरा अलग कर दिया. पूजा को अब नशा होने लगा था और अब में भी किरन को लेकर उस ड्रम में कूद गया, लेकिन उसमें जगह थोड़ी कम थी इसलिए हम एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गये थे और अब मैंने अपनी बीवी को पकड़ा और उसकी ब्रा को कंधो से पूरा नीचे उतार दिया.

    अब पूजा मेरे ऊपर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और फिर वो मुझसे बोली कि विनय प्लीज इन लोगों के सामने तो कम से कम कुछ शरम करो. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि किस बात की शर्म? आज होली है और इसमे कोई शर्म नहीं होती और फिर में उसके बूब्स को रगड़ने लगा और इधर रोहन ने भी किरन के साथ ठीक वैसा ही किया जैसा मैंने पूजा के साथ किया और अब रोहन पूजा को बहुत बुरी तरह से घूरकर देख रहा था. फिर मैंने अपनी बीवी को और भी गरम करने के लिए उसकी चूत में हाथ डाल दिया, वो मेरा हाथ बाहर निकालने के लिए नीचे की तरफ झुककर अपना पूरा ज़ोर लगाकर बहुत प्रयास करने लगी, लेकिन मैंने उसकी चूत में से अपनी उंगली को बाहर नहीं निकाला और इधर किरन को रोहन ने पकड़ा और किरन की सलवार पानी के अंदर ही उतार दी किरन अब सिर्फ़ पेंटी में थी.

    तभी पूजा को मेरे बेटे के रोने की आवाज़ सुनाई दी तो पूजा मुझसे बोली कि विनय बेटा रो रहा है प्लीज अब तो छोड़ो मुझे बहुत हो चुकी होली, अब बच्चों का भी कुछ ख्याल करो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अभी तो मौसम बना है और बच्चा भी रोने लगा, तो में उससे बोला कि अभी तो हमारी होली शुरू हुई है तुम यहीं रुको में बच्चे को चुप करवाता हूँ. तो में ड्रम से बाहर निकला और मैंने रोहन को बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम पूजा को देखना कहीं वो इस ड्रम से बाहर ना निकल जाए.

    फिर मैंने एक टावल में अपने बेटे को गोद में ले लिया और उसे सुलाने की कोशिश करने लगा और फिर मैंने बाथरूम की तरफ देखा कि पूजा वहां से भागने की फिराक में थी और में रोहन को चिल्लाते हुए बोला कि देखो रोहन, पूजा बचकर भागना चाहती है और इतने में रोहन ने पूजा को पीछे से अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया. अब पूजा के दोनों बूब्स रोहन के हाथ में थे और उसका तनकर खड़ा हुआ लंड पूजा की गांड में था. वो ऐसे नाटक करते हुए मेरी तरफ आवाज़ लगते हुए बोला कि विनय जल्दी आओ भाभी जी भागना चाहती है.

    फिर में उससे बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम उसे छोड़ना नहीं और अब किरन पूजा को आगे से पकड़ने लगी और रोहन पूजा के बूब्स को हाथ से रगड़ने लगा और बोला कि क्यों भाभी जी बहुत जल्दी है भागने की अभी तो होली शुरू हुई है? अब मैंने कुछ देर बाद अपने बेटे के सोते ही उसे दोबारा से रोहन के बेटे के पास ही सुला दिया और अब मैंने रोहन से बोला कि अरे यार तुम्हारे पास और कोई रंग नहीं है क्या? इन लोगों को सिर्फ़ गुलाबी कलर से ही रंगना है क्या?

    फिर वो बोला कि हाँ है वहां पर फ़्रिज़ के पास कुछ और पाउच भी रखे हुए है, हरे और पीले कलर के वो सब ले आओ और अब में वो पाउच ले आया और मैंने पूजा को ड्रम से बाहर निकाल लिया और वहीं बाथरूम में उसे लेटा दिया. फिर मैंने हरा कलर लिया और अपने दोनों हाथ पर लगाकर पूजा के बूब्स पर लगाया और अब उसकी सलवार को उतारने लगा, लेकिन वो मुझसे साफ मना करती रही और मैंने उसकी सलवार उतारकर उसकी पेंटी के अंदर हाथ डालकर हरा रंग लगाया और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा. मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को पूरा उतारा और वहीं पर अपने कपड़े उतारकर लंड उसकी चूत में घुसा दिया, यह सब देखकर पूजा शरम के मारे मरी जा रही थी, लेकिन शायद वो नशे के कारण कुछ नहीं बोल रही थी. फिर किरन और रोहन भी हमारे पास ही बाथरूम के फर्श पर लेट गये और किरन तो पहले से ही पेंटी में थी. रोहन और किरन भी वहीं फर्श पर चुदाई करने के लिए बिल्कुल तैयार हो गये.

    दोस्तों हम दोनों जोड़ियों के बीच में सिर्फ़ एक फिट का फासला था. पूजा ने अपना सर शर्म की वजह से रोहन के दूसरी तरफ कर रखा था तो मैंने उसका सर पकड़कर रोहन की तरफ कर दिया और मैंने अपना एक हाथ किरन के बूब्स को दबाने, मसलने में लगा दिया. फिर रोहन ने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ पूजा के बूब्स पर रख दिया, लेकिन पूजा ने उसका कोई विरोध नहीं किया. अब हम अपनी अपनी बीवियों की चूत एक दूसरे के सामने मार रहे थे और हमारे हाथ पास एक दूसरे कि बीवियों पर थे. अब शायद पूजा को भी इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपने हाथ से किरन को अपनी तरफ सरकाया और उसके होंठो को चूसने लगा, लेकिन में अभी भी पूजा को धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और मैंने जैसे ही किरन के होंठो को आज़ाद किया तो रोहन ने भी पूजा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया, लेकिन पूजा उससे कुछ नहीं बोली और अब वो बिल्कुल चुपचाप उसका साथ देने लगी.

    अब मुझे लगा कि लोहा गरम है क्योंकि रोहन के लिए पूजा कोई भी विरोध नहीं कर रही है मैंने तुरंत उसे इशारा किया और हम दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी बीवियों की बदली कर ली और बस फिर क्या था. रोहन ने बिल्कुल भी देर किए बगैर ही अपना लंड पूजा की चूत में पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया और अब वो उसके होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो से चूमने, चूसने लगा. दोस्तों रोहन सेक्स के मामले में पहले से ही बहुत कुछ सीखा हुआ था और यह सब मुझे किरन ने बोला था और आज वैसे भी उसे वो औरत मिल गयी थी जिसके लिए वो बहुत प्यासा था. फिर मैंने पानी का फव्वारा चला दिया जिसका पानी उनके ऊपर ही गिर रहा था. रोहन उसकी चूत के पास बैठ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डालने लगा. फिर पूजा भी अब अपने चूतड़ उठाने लगी और अपनी कमर को हिलाने लगी उसको यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उसने रोहन को हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया और अब में समझ गया कि वो अब रोहन के साथ चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गयी है.

    फिर रोहन ने एक बार उसकी जमकर चुदाई की और मैंने किरन की. उसके बाद हम चारों साथ साथ नहाए. फिर रोहन ने पूजा को अपनी गोदी में बैठाकर उसके बदन से रंग छुड़ाया और मैंने किरन के जिस्म से. फिर उसके बाद करीब तीन बजे हम लोगों ने खाना खाया और सो गये. अब भी किरन सोती रही, लेकिन हम तीनों की नींद एक साथ रात को 8 बजे टूटी, क्योंकि हमारे बच्चे रो रहे थे और अब तक हमारा नशा भी कम हो गया था. पूजा और किरन अभी भी पूरी नंगी थी और पूजा शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी क्योंकि अब उसका नशा दूर हो गया था. वो रोहन और मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी.

    फिर रोहन मेरे और अपने बेटे के लिए किचन से बॉटल में दूध लेकर आया और पूजा ने दोनों बच्चो को दूध पिलाकर सुला दिया क्योंकि किरन अभी तक सो रही थी. फिर मैंने और रोहन ने मिलकर एक बार फिर से पूजा को चोदा, थोड़ी देर तो पूजा शरमाती रही, लेकिन फिर एक दो मिनट के बाद पूजा भी हमारे साथ खुलकर अपनी चुदाई का मज़ा लेने लगी.

    रोहन बहुत सेक्स का भूखा है यह मुझे मेरी पत्नी ने बताया भी और आज अपनी आखों से मैंने देखा भी, क्योंकि में दो बार में ही किरन के साथ थक जाता था, लेकिन रोहन चार बार के बाद भी पूजा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा. फिर उसके बाद हम सो गए और जब मैंने सुबह उठकर देखा तो रोहन मेरी बीवी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था, लेकिन में अपने कपड़े पहनकर अपने घर पर चला आया और मेरे आने के कुछ देर बाद मेरी बीवी भी आ गई.

    दोस्तों अब जब भी हमारा दिल होता है तो हम एक दूसरे के घर पर कभी भी घुस जाते है और फिर दूसरे दिन सुबह ही निकलते है. हम एक दूसरे की बीवियों को बहुत मज़े लेकर चोदते है और बहुत मज़े करते है. दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की एक सच्ची कहानी.

  • दक्षा आंटी ने करिश्मा को जबरदस्ती चुदवाया, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते हैहैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते है.

  • मेरी बीवी का डबल धमाल

    हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपनी बीवी की चुदाई की एक सच्ची दास्ताँ सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मेरी बीवी ने अपनी चूत बहुत को जमकर चुदवाया और में उसकी चुदाई को बस दर्शक बनकर देखता रहा. वैसे मुझे उसे गरम करना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि वो बहुत ही सेक्सी है और उसकी चूत को हर कोई पाने के लिए तरसता है क्योंकि वो है ही कुछ ऐसी चीज, बिल्कुल हॉट सेक्सी और में भी उसकी चूत बहुत दीवाना हूँ और वो भी बहुत बड़ी चुदेल, लंड की प्यासी है. आज में उसकी एक चुदाई का ताज़ा ताज़ा किस्सा आप सभी को सुनाऊंगा.

    तो दोस्तों उस सुबह जब मेरी आँख खुली तो लगभग दस बज रहे थे और में सोफे पर सोया हुआ था और ठीक मेरे सामने बेड पर मेरी बीवी नंगी सोई हुई थी. उसके दोनों पैर कुछ फैले हुए थे इसलिए उसकी चूत भी कुछ खुली खुली सी दिख रही थी, लेकिन चूत के अंदर अभी भी थोड़ा थोड़ा सा सफेद माल नज़र आ रहा था जो उसकी पिछली रात की होने वाली जमकर चुदाई को साफ साफ बता रहा था और वो चूत से बहकर चादर पर भी फैला हुआ था और उस चादर में चार जगह वीर्य के दाग दिखाई दे रहे थे जिसमे से एक तो बहुत ताज़ा था बाकी कुछ कुछ सूखने लगे थे और उसकी दाईं जाँघ पर अंकित अपना पैर रखकर सो रहा था और उसका एक हाथ मेरी बीवी के बूब्स पर था. वो करवट लेकर सोया हुआ था इसलिए उसका लंड बिल्कुल भी नहीं दिख रहा था और बाईं तरफ उदित था, वो सीधा सोया हुआ था.

    मेरी बीवी का हाथ उसके लंड के पास था शायद वो उसे सहलाते हुए सो गई थी और खड़ा होने पर उसका लंड करीब नौ इंच का हो जाता है, लेकिन अभी बहुत छोटा लग रहा था. मैंने अंदाज़ा लगाने की कोशिश की आख़िरी बार किसने चोदा होगा, यानी मेरी बीवी की चूत में जो माल दिख रहा है वो अंकित का है या उदित का उस बात का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल था क्योंकि वो दोनों रात भर बारी बारी से मेरी बीवी को चोद रहे थे. कल उदित अचानक बाज़ार में हमे मिल गया था और उसे देखकर मेरी बीवी मचल गई और मुझसे कहने लगी कि उसे आज रात के लिए बुला लो.

    फिर मैंने उससे कहा कि डार्लिंग पिछले एक हफ्ते से रोज तुम दूसरों से चुदवा रही हो और आज तुमने मुझसे चुदवाने का वादा किया था. तो उसने मुझसे कहा कि डार्लिंग तुम कल मुझे चोद लेना, देखो ना उदित भाई साहब कितने दिनों के बाद मिले है, में तो अब तक उनके लंड का स्वाद ही भूल गई हूँ. दोस्तों मेरी बीवी उदित के लंड की बहुत दीवानी है वो उसका लंड बहुत चूसती है और उससे चुदवाती भी है और गांड भी मरवाती है. वो उससे कहती है कि आप मेरे पास आए है तो में आपको एक बूँद भी माल वापस लेकर जाने नहीं दूँगी और आपको अपनी दोनों गोलियाँ मेरे ऊपर ही खाली करनी पड़ेगी.

    मैंने उदित से कहा कि यार राजश्री आज तुझे बुला रही है, तभी उसने इशारा किया कि उसके साथ उसका एक दोस्त भी है और उसका नाम अंकित है और में अंकित को नहीं जानता था, लेकिन मेरी बीवी ने फ़ौरन इशारा किया और मुझसे कहा कि हाँ ठीक है आप उसे भी बुला लो. फिर उदित ने मुझे थोड़ा अलग ले जाकर कहा कि यार मुझे पता नहीं यह हमारे इस खेल में शामिल होगा या नहीं? लेकिन दोस्तों में अपनी बीवी को जानता हूँ कि वो उसे भी अपने कातिल जिस्म का दीवाना जरुर बना सकती है इसलिए मैंने कहा कि यार तुम उस बात की चिंता बिल्कुल छोड़ दो और तुम दोनों आ जाओ बाकी सब कुछ राजश्री सम्भाल लेगी. इस बीच मेरी बीवी समझ गई कि उदित थोड़ा हिचकिचा रहा है. फिर वो उसके पास गई और उसके लंड पर हाथ घुमाते हुए बोली कि अगर आप घर पर नहीं आ सकते तो यहाँ गाड़ी में ही आ जाइए, मुझे थोड़ा चूस तो लेने दीजिए.

    तभी अंकित ने उसे उदित का लंड सहलाते हुए देखा तो वो एकदम से चौंककर मेरी तरफ देखने लगा. मैंने हंसते हुए उसकी तरफ आँख मारी और कहा कि यार गाड़ी में आ जाओ कम से कम देखने का मज़ा तो ले लो. अब उदित और मेरी बीवी गाड़ी में पिछली सीट पर बैठ गये में और अंकित अगली सीट पर बैठकर पीछे मुड़कर उनके कामों नज़ारा देखने लगे जो वो अब इसके आगे करने वाले थे. फिर मेरी बीवी ने जल्दी से अपना ब्लाउज और ब्रा को ऊपर खींचकर बूब्स को बाहर निकाल दिया और फिर उदित की पेंट की ज़िप को खोलकर लंड को बाहर निकाला और बिल्कुल पागलों की तरह उसके लंड को चूसने लगी.

    अंकित यह सब बहुत ध्यान से लेकिन बहुत चकित होकर देख रहा था. फिर मैंने अंकित से कहा कि अब तुम भी चाहो तो उसके बूब्स को दबा सकते हो और मेरे मुहं से यह बात सुनकर उसके मन से डर एकदम दूर चला गया. अब अंकित उसके बूब्स को दबाने लगा लेकिन वो अब भी थोड़ा नर्वस था. उसको समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है.

    फिर मेरी बीवी मज़े ले लेकर लंड चूस रही थी और फिर उसने कहा कि भाई साहब घर पर ही चलिए ना, अंकित भाई साहब भी तो कुछ मज़ा लेंगे. मेरी बीवी के मुहं से यह बात सुनकर वो दोनों फ़ौरन तैयार हो गये और हम सब घर पर आ गये. जब वो दोनों घर पर आए तो मैंने उन्हे व्हिस्की का एक एक गिलास भरकर थमा दिया और मेरी बीवी फ़ौरन अपने कपड़े बदलकर बिल्कुल पतली सी मेक्सी को पहनकर आकर उदित के पास में बैठ गई. उसने अंदर ब्रा, पेंटी नहीं पहन रखी थी और मेक्सी में से उसके बूब्स साफ साफ झलक रहे थे. उसके ठीक सामने अंकित बैठा हुआ था और बीच में एक छोटी सी सेंटर टेबल रखी हुई थी.

    तभी अचानक मेरी बीवी ने कहा कि भाई साहब आपके गाल पर कुछ लगा हुआ है और वो उठकर थोड़ा आगे को झुककर अंकित के गाल सहलाने लगी और उसके इस तरह से झुकने से अब उसके बूब्स मेक्सी के बड़े गले से बाहर निकलकर अंकित को बिल्कुल साफ साफ दिखने लगे थे. तभी उसके गालों को सहलाकर वो थोड़ा और झुकी और उसके होंठो को चूमने लगी. अंकित का एक हाथ पकड़कर उसने उसे अपनी छाती पर रख दिया और अब अंकित उसके बूब्स को सहलाने लगा और उधर उदित ने मेक्सी के नीचे से हाथ घुसाकर उसके चूतड़ को सहलाना शुरू कर दिया.

    मेरी बीवी ने अंकित के गाल पर अपना गाल रगड़ते हुए कहा कि भाई साहब आप अब बिल्कुल भी संकोच ना करो और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बूब्स को आराम से अपना समझकर दबाइए और फिर वो दोबारा से उसके होंठो को चूमने लगी. अब अंकित उसके दोनों बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा और उदित शायद उसकी चूत को चोदने की कोशिश कर रहा था और अब राजश्री ने अपने दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला दिया जिसकी वजह से उदित उसकी चूत तक बहुत आसानी से पहुँच गया और वो अब उसकी चूत को हल्के हल्के हाथ से सहला रहा था.

    दोस्तों जैसा वो सब कुछ चाहती थी अब शायद वो सब उसके साथ हो रहा था क्योंकि उसके चेहरे की शरारती हंसी यह बात मुझे बता रही थी कि वो उन दोनों के काम से बहुत खुश थी.

    तभी उदित के ऐसा करने के थोड़ी ही देर में मेरी बीवी अपना पूरा धैर्य अब खो बैठी और अब उसने एक ही झटके में अपनी मेक्सी को उतारकर मेरे ऊपर फेंक दिया और वो अब बिल्कुल नंगी हो गई. उसने थोड़ा आगे की तरफ आकर अंकित के मुहं में अपना एक निप्पल घुसाकर बोली कि चलिए ना भाई साहब बेडरूम में चलते है. अब मुझसे ज्यादा देर रुका नहीं जाता. फिर अंकित उसके बूब्स को चूसते हुए उसके चूतड़ को सहलाने लगा, मेरी बीवी ने एक अच्छा मौका देखकर उसकी पेंट की ज़िप को खींचकर खोल दिया और फिर अपने हाथ को अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी, लेकिन बैठे हुए यह सब करना बहुत मुश्किल था और आख़िर में वो उसके सामने ज़मीन पर बैठ गयी और उसने उसके दोनों पैरों को फैलाया.

    फिर ज़िप में हाथ घुसाकर लंड को बाहर निकाल लिया और अब लंड के बाहर आते ही वो उसे चूसने लगी. अंकित यह सब देखकर एकदम भोचक्का सा मुझे देख रहा था क्योंकि मेरी बीवी मेरे सामने बिल्कुल नंगी होकर उसका लंड चूस रही थी. मैंने मुस्कुराकर उसे आँख मारी और अब उदित भी धीरे धीरे मुस्कुरा रहा था. मैंने कहा कि यार अंदर बेडरूम में आ जाओ. फिर तुम बहुत आराम से सब कुछ कर सकते हो और फिर हम चारों बेडरूम में आ गए और उदित ने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारकर दूर फेंके और बेड पर आ गया, लेकिन अंकित को अभी तक अपने कपड़े उतारने का मौका नहीं मिला था. क्योंकि यहाँ आकर बेड पर उसे बैठाकर मेरी बीवी फिर उसका लंड चूसने लगी थी.

    फिर उदित ने उसके दोनों पैरों को फैलाया और फिर चूत को चाटने लगा और अब अंकित को ठीक मौका लगा और उसने भी फटाफट अपने सारे कपड़े उतार फेंके और मेरी बीवी से चिपककर उसे चूमने लगा. मेरी बीवी ने उदित से कहा कि भाई साहब अब आप इधर आइए और अंकित भाई साहब को भी ज़रा मेरा स्वाद चखने दीजिए.

    फिर उदित ने अपना लंड राजश्री के मुहं पर रख दिया जिसे वो फ़ौरन चाटने लगी. उधर अंकित अब उसकी चूत चाट रहा था और मेरी बीवी चुदवाने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी थी और आख़िर में मुझे ही कहना पड़ा कि अंकित भाई अब बहुत हुआ, अब आगे के काम की शुरूवात भी करिए. अंकित तुरंत उठा और अपना लंड उसने मेरी बीवी की चूत पर रखा और लंड का चूत पर दबाव बनाते हुए उसे चूत के अंदर घुसाने लगा और अब वो पूरा ज़ोर लगाकर बहुत मज़े लेकर मेरी बीवी को चोद रहा था और मेरी बीवी भी बहुत मस्त होकर चुदवा रही थी और साथ ही उदित का लंड चूस रही थी. मेरी बीवी ने फिर से कहा कि भाई साहब आप बिल्कुल भी हिचकिचाईएगा नहीं और अगर आप चाहें तो उसके नीचे दूसरा छेद है आप उसका भी इस्तेमाल कर सकते है.

    अब अंकित ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और चूत से अपने लंड को बाहर निकालकर उसने अब गांड में अपने लंड को डाल दिया और फिर मुझे देखकर बोला कि यार तेरी बीवी तो बहुत मस्त है. तभी उदित ने उसके मुहं से लंड को बाहर निकाला और नीचे आकर कहा कि यार अब थोड़ा मुझे भी चोदने दो. में कब तक इसके मुहं में अपना लंड हिलाता रहूँगा. मुझे भी तो इसकी चूत को अपने लंड का मज़ा देने दो. अब अंकित अपनी जगह से हटा गया और उदित ने मेरी बीवी की चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया. अंकित ने मेरी बीवी के मुहं पर अपना लंड रख दिया, वो अब उसे चूसने लगी और थोड़ी देर में अंकित ने कहा कि डियर थोड़ा सम्भल जाओ क्योंकि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है और अब उसने मेरी बीवी के मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू किए.

    मेरी बीवी ने फ़ौरन कहा कि आप बिल्कुल मत हिचकिचाईए भाई साहब जहाँ आपका मन करे आप वहाँ पर अपना वीर्य निकाल दीजिए क्योंकि मेरे लिए तो यह माल अमृत समान है. फिर दो मिनिट बाद अंकित उसके मुहं में ताबड़तोड़ धक्कों के साथ झड़ने लगा और मेरी बीवी बहुत मज़े लेकर उसका गरम गरम वीर्य चूसकर चाटकर साफ करने लगी. अब उदित ने भी जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में से बाहर निकालकर गांड में डाल दिया और अब उसने अपने धक्कों की स्पीड को बड़ा दिया था. शायद वो भी अब झड़ रहा था और कुछ देर झड़ने के बाद वो दोनों एकदम शांत होकर मेरी बीवी के आस पास में लेट गये, लेकिन अब भी उन दोनों के हाथ मेरी बीवी के जिस्म पर इधर उधर घूम रहे थे और मेरी बीवी के दोनों हाथ उनके लंड को मसलने में लगे हुए थे.

    मैंने अपने बीवी से पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि हाँ बहुत लेकिन अभी में इन्हे छोड़ने वाली नहीं हूँ. यह दोनों यहाँ से अपना एक बूँद माल भी वापस लेकर नहीं जा सकते. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है डार्लिंग, तुम आज रात भर इन दोनों से जी भरकर चुदवाना और फिर रात भर वो दोनों बारी बारी से और बार बार उसे चोदते रहे. वो कभी गांड मारते रहे तो कभी चूत और बारी बारी से अपना लंड भी उससे चुसवाते रहे और में सोफे पर लेटा लेटा उसको चुदवाते हुए देखता रहा और मुझे पता ही नहीं चला कि में कब सो गया और कब सुबह हुई.

    तो दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की कहानी जिसमे वो पूरी रात चुदती रही और में उसकी चुदाई को देखता रहा.

  • बीवी को चुदते हुए देखा – [Part 1]

    हेलो दोस्तों.. मैं अरमान आप सभी के सामने अपनी दूसरी कहानी लेकर आया हूँ और मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी भी आप सभी को मेरी कहानी बहुत पसंद आएगी.. आज मैं आपको बताने जा रहा हु कि किस तरह से मेरी बीवी छवि कैसे पड़ोस वाले अंकल से चुदने लगी? आज मैं आपको उनके सेक्स एनकाउंटर के बारे में बताने जा रहा हूँ और मुझे यकीन है यह आपको ज़रूर पसंद आएगी.

    दोस्तों, मेरे अन्दर एक अजीब सी कशिश है और मुझे अपनी बीवी छवि को किसी और से चुदते हुए देखने का कितना मन करता है? इसलिए मैंने यह एक आईडिया निकाला.. यह आईडिया मुझे एक ऑफिस से आया जहाँ पर मैं कुछ काम से गया था. मैं केबिन में बैठा था और मैंने देखा कि जो भी लोग ऑफिस में आ रहे है उन्हें मैं देख सकता था.. लेकिन कोई केबिन के अंदर नहीं देख सकता था. तो मैंने बोला कि सर यह आपने अच्छा करवाया है कि आप सब पर नज़र रख सकते हो.. लेकिन आपको कोई नहीं देख सकता. तो उन्होंने मुझे बताया कि इसको टू वे कांच बोलते है.. जिससे हम बाहर वाले को देख सकते है.. लेकिन बाहर वाला हमे नहीं देख सकता. फिर रात को सोते वक्त जब मैं मेरे बेडरूम में गया तो मैं आईने के सामने खड़ा था और मुझे आईडिया आया कि अगर मैं भी यहाँ पर टू वे कांच फिट करवा दूँ तो बेडरूम के अंदर क्या हो रहा है? मैं आसानी से देख सकता हूँ.. लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मेरी बीवी को पता चले इसलिए मैं मौका ढूँढ रहा था कि जब छवि घर पर ना हो. तो मैं यह काम करवा सकता हूँ और मुझे जल्द ही ऐसा मौके मिल भी गया.. यह अगस्त की बात थी.. जब मेरी बीवी छवि अपने भाई के घर करीब 7-8 दिन राखी बाँधने के लिए गयी थी.

    तो उसी समय मैं कांच वाले की दुकान पर गया और मैंने डेमो देख लिया और मैंने कहा कि मुझे ऑफिस में कांच फिट करवाना है. तो उन्होंने मुझे डेमो दिखाया और मैंने 4×4 का बड़ा टू वे कांच ले लिया कटिंग करवाकर बिल्कुल उसी साईज़ का जैसा मेरे बेडरूम में नॉर्मल कांच था ताकि छवि को शक ना हो कि कांच क्यों चेंज हो गया? वो कांच फर्निचर में स्क्रू से फिट किया हुआ था जो मैं भी बदल सकता था.. लेकिन उसके पीछे की दीवार को 4×4 की साईज़ में काटना था ताकि मैं स्टोर रूम से अपना बेडरूम देख सकूँ वो काम थोड़ा मुश्किल था और मैं नहीं चाहता था कि किसी को भी इस बात की भनक लगे कि मैं क्या करवा रहा हूँ? मैंने घर पर एक लेबर को बुलाया और उसे बताया कि मुझे यहाँ पर दरवाजा बनवाना है 4×4 का तो दीवार को गिराकर मुझे यहाँ पर जगह करवानी है. तो उसने मुझे बताया कि साहब उसमे 3-4 दिन लग जाएगे..

    मैंने कहा कि नहीं मुझे दो दिन में पूरा काम चाहिए अगर तुम चाहो तो मैं डबल पैसा देने के लिए तैयार हूँ और तुम देर रात तक काम करके उसे पूरा करो. तो वो मान गया.. मुझे जैसे भी हो सके छवि के आने से पहले जल्दी काम ख़त्म करवाना था और उसके लिए मैं उसे डबल पैसा देने को तैयार था और उसने दो दिन मैं काम पूरा कर दिया और फिर मैंने कलर वाले के यहाँ से जो मेरी दीवार पर कलर था वैसा ही लाकर लगा दिया और फिर मैंने वो नॉर्मल कांच की जगह टू वे कांच को फिट करना चालू किया और मैंने टू वे कांच फिट करवा दिया फिर मैंने पूरे फर्नीचर को वैसे का वैसा सेट कर दिया जैसा पहले था और मैंने वो नॉर्मल कांच को स्टोर रूम के कोने में रख दिया.

    वैसे हमारे स्टोर रूम में कोई जाता नहीं और छवि तो कभी अकेली अंदर नहीं जाती क्योंकि उसे छिपकली से बहुत डर लगता है और मैं ही एक साल में एक बार दीवाली के टाईम सफाई करने जाता हूँ वरना तो वैसे ही बंद पड़ा रहता है.. वैसे उसमे कुछ खास समान नहीं पड़ा है, कुछ पुराना फर्निचर और जैसे टीवी, एक पुरानी साईकल, पानी के पाईप, एक पुराना लकड़ी का बेड है और कुछ पुराने बर्तन और कपड़े पड़े रहते है. जो कभी काम में नहीं आते.. वो सब ऐसे ही पड़े है.. इसलिए वो कमरा हमेशा बंद ही रहता है और उसका दरवाजा हमारे घर के पीछे है इसलिए ज्यादातर कोई उस पर ध्यान नहीं देता.. लेकिन मैंने उसी का ही फ़ायदा उठाया और यह प्लान बनाया था जिससे मैं छवि को दूसरो के साथ सेक्स करते हुए खुलकर देख लूँ और उसे शक भी ना हो.

    छवि करीब 6 अगस्त को जल्दी सुबह आ गयी और मुझे उसका कॉल आया कि मैं स्टेशन पर आ गयी हूँ. तो मैं उसे लेने चला गया और फिर वो आकर बेड पर लेट गयी और मैं भी उसके पास लेट गया. तभी थोड़ी देर के बाद मैंने उसके ऊपर हाथ डाला.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर मैं धीरे धीरे उसके बूब्स पर हाथ ले गया.. लेकिन उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोली कि अरमान मैं बहुत थक गयी हूँ प्लीज मुझे थोड़ा आराम करने दो. तो मैंने सोचा कि 7-8 दिन से चुदी नहीं है तो ना नहीं कहगी.. लेकिन उसने साफ माना कर दिया. तो मैंने भी कुछ नहीं कहा करीब 8.30 हुए और मैंने छवि से कहा कि क्या टिफिन बना दोगी मुझे ऑफिस जाना है? तो उसने कहा कि अरमान मैं थक गयी हूँ तुम प्लीज आज होटल से मँगवाकर खा लेना.. तो मैंने कहा कि ठीक है और मैं ऑफिस चला गया.. लेकिन ऑफिस में मेरा मन नहीं लगा और मैंने बॉस से सरदर्द और चक्कर का बहाना करके छुट्टी ले ली और मैं 11.00 बजे घर आ गया.

    फिर मैंने देखा कि घर का दरवाजा अभी भी बंद था और मैंने देखा कि छवि अभी उठी नहीं थी. मैं धीरे से घर के पीछे चला गया और धीरे से स्टोर रूम का दरवाजा खोलकर अंदर चला गया और मैंने टू वे कांच से देखा तो अंदर बेडरूम की सारी खिड़कियां बंद होने के कारण बहुत अँधेरा था.. लेकिन थोड़ा थोड़ा दिख रहा था. छवि अभी तक वही कपड़े पहने सो रही थी और मैंने स्टोर रूम में जो बेड था उसे नीचे गिराया और कुछ पुराने गद्दे पड़े थे उसमे से एक को उठाकर उसके ऊपर डाल दिया और आराम से बैठा और उसके उठने का इंतजार करता रहा. फिर करीब 12:15 के आस पास उसके मोबाईल पर किसी का कॉल आया और उसकी आँख खुल गयी और उसने बस थोड़ी सी ही बात की और कहा कि हाँ वो पहुंच गयी है और फिर फोन रख दिया शायद वो मेरी सास का फोन था.. लेकिन उस कॉल ने मेरा काम कर दिया और छवि को नींद से जगा दिया था.

    फिर वो थोड़ी देर ऐसे ही बेड पर पड़ी रही और थोड़ी देर बाद वो बेड से उठी और उसने लाईट चालू की.. वो सलवार और कमीज़ पहने हुए थी और उठकर उसने सलवार का नाड़ा टाईट किया और कांच के सामने आकर खड़ी हो गयी और बाल बनाने लगी मुझे इस साईड से तो ऐसा ही लगा कि वो मुझे देख रही है. तो मैं थोड़ा डर रहा था.. लेकिन वो मुझे देख नहीं पा रही थी और वो बाल बनाकर दूसरे रूम में चली गयी. फिर मैं आराम से बैठ गया करीब एक डेढ़ घंटे के बाद वो नहा धोकर फ्रेश हो गयी और खाना खाने के बाद वापस बेडरूम में आई.. उसने हल्के गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी और कंप्यूटर चालू किया और अपने मैल चेक किए फिर याहूँ मैसेंजर पर लॉग इन किया. तभी थोड़ी ही देर मैं उसके मोबाईल पर कॉल आया और उसने बात की वो किसका कॉल था मुझे पता नहीं चला.. लेकिन उसने जो बोला वो मैं आपको बताता हूँ.

    छवि : हाँ मैं आज सुबह ही आई हूँ.. हाँ करीब 6.30 के आस पास.. नहीं वो ऑफिस गये है. अभी नहीं, अभी नहीं मैं बहुत थक गयी हूँ. तो ठीक है मैं थोड़ी देर में आपको कॉल करती हूँ. फिर उसने थोड़ी देर बाद मुझे कॉल किया.. लेकिन मैं बात नहीं कर सकता था क्योंकि अगर वो सुन लेती तो प्राब्लम हो जाती इसलिए मैंने कॉल काट कर दिया और मैंने उसे मैसेज किया कि छवि मैं अपने बॉस के साथ एक मीटिंग में था और अब हम ऑफिस के काम से बाहर जा रहे है आने में थोड़ा टाईम लगेगा.. शायद 7-8 बज जाएगे. फिर उसका जवाब आया कि ठीक है और मैंने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ उसने तुरंत ही किसी नंबर पर मिस कॉल किया और फिर उसके मोबाईल पर कॉल आया और उसने बातें कि जो एक साईड मैंने सुनी वो आपको बताता हूँ.

    छवि : हाँ मैंने उनको कॉल किया और वो तो शाम को 7-8 बजे आएगे.. हाँ ठीक है आना है तो आ जाओ और उसने कॉल रख दिया. फिर 10 मिनट बाद मेन दरवाजे पर बेल बजी और छवि कंप्यूटर से उठकर दरवाजा खोलने गयी और फिर वापस कंप्यूटर पर बैठ गयी और आवाज़ लगाई कि दरवाजा बंद करके आना. फिर मैंने देखा कि वही पंजाबी अंकल भूपेन्द्र सिंह बेडरूम में आए और बेड पर बैठ गये और छवि ने कंप्यूटर चालू छोड़ दिया और पीने को पानी लाकर दिया और पास में बैठ गयी. तो अंकल ने छवि को जांघ पर हाथ घुमाया और बोले कि डार्लिंग कितने दिन के बाद आई हो और आज भी आने को मना कर रही थी. फिर छवि ने बोला कि नहीं मैं सफर के कारण थक गयी थी इसलिए मना किया था. तो वो बोला कि चलो मैं तुम्हारी थकान उतार देता हूँ.. छवि ने कहा कि वो कैसे? तो वो बोले कि बस तुम पूछो मत मैं तुम्हारी सारी थकान उतार दूँगा और तुम जाकर यह जग, ग्लास किचन में रखकर आओ.

    तो वो रखकर वापस आई और अंकल ने उसे बाहों में भर लिया और चूमना शुरू कर दिया और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गये और बातें करने लगे. तो अच्छा बताओ कैसे मेरी थकान उतारोगे? तो वो बोले कि क्या सचमुच थक गयी हो? तो छवि बोली कि हाँ बाबा सच में सफर करके आई हूँ और सुबह 6.30 बजे ही आई. तो अंकल बोले कि ठीक है एक काम करो कोई पुरानी बेडशीट हो तो वो लेकर आओ. छवि ने पूछा कि पुरानी क्यो? तो वो बोले कि तुम लेकर तो आओ और छवि अंदर से एक पुरानी बेडशीट लेकर आई और अंकल ने उसे डबल बेड पर बिछा दिया और बोले कि अब तुम लेट जाओ.. छवि लेट गयी और फिर अंकल ने जो कांच के पास ड्रॉयर है खोला और उसमें से तेल की बॉटल निकाली.

    छवि : यह क्यों निकाला?

    अंकल : थोड़ी तुम्हारे पैरों को मसाज कर देता हूँ तो थकान मिट जाएगी.

    छवि : हाँ ठीक है.

    फिर छवि ने अपनी साड़ी घुटनों तक ऊपर कर दी और फिर अंकल ने थोड़ा तेल उसके पैरों पर डाला और हाथ घुमाने लगे और छवि को एक हफ्ते से किसी मर्द ने छुआ नहीं था इसलिए वो थोड़ी मचलने लगी. फिर अंकल ने धीरे धीरे घुटनों तक हाथ लगाया और फिर उसे बातों में उलझाए रखा और घुटनों से ऊपर उसकी जांघ पर हाथ घुमाना शुरू किया तो छवि ने कसकर बेडशीट पकड़ ली.. मुझे टू वे कांच से साफ दिख रहा था कि वो कितनी तड़प रही थी.

    अंकल : साड़ी निकाल दो ना.

    छवि : हाँ निकाल रही हूँ.

    तो छवि ने साड़ी पेटिकोट और ब्लाउज सब निकाल दिया और वो अब सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी और पीठ के बल बेड पर लेटी हुई थी. अंकल ने उसकी जांघो पर थोड़ा तेल डाला और मसाज शुरू किया छवि तड़पने लगी, अंकल ने धीरे से एक हाथ उसकी पेंटी पर लगाया.

    अंकल : यह वही है ना जो पहली बार मैंने दी थी.

    छवि : हाँ वही है.

    अंकल : बहुत पसंद है?

    छवि : हाँ.

    अंकल : तो फिर उतार दो इसे वर्ना तेल से खराब हो जाएगी.

    छवि : अहहा बड़ा दिमाग़ लगाते हो उतरवाने के लिए.

    अंकल : तेरे जैसी कमसिन जवानी के लिए तो कुछ भी लगाना पड़े कोई हर्ज नहीं.

    छवि : ठीक है फिर तुम्ही निकाल दो वैसे भी तुम्हारी ही दी हुई है ना.

    अंकल : ठीक है.

    अंकल ने पेंटी की दोनों साईड की लेस खोल दी और छवि को बोला कि थोड़ा ऊपर उठो ताकि वो बाहर निकाल दे और अंकल ने पेंटी को निकालकर साईड में रख दिया और छवि छाती के बल लेट गयी.

    अंकल : क्यों क्या हुआ डार्लिंग शरमा गयी?

    छवि : नहीं जी वो मैं कह रही थी कि ब्रा की लेस भी खोल ही दो.

    अंकल : बड़ी समझदार हो.

    छवि : साथ में तुम जैसा हट्टा कट्टा तगड़ा मर्द हो तो समझदार बनाने में कोई हर्ज नहीं और दोनों हंस पड़े.

    छवि अब बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और अंकल उसके पास बेड पर बैठे थे. फिर अंकल बेड से उठे और नीचे आ गए और कांच के सामने आकर अपनी टी-शर्ट निकाल दी और पेंट को भी निकाल दिया. मैंने साफ देखा कि अंडरवियर में उनका लंड तनकर एकदम लंबा और मोटा हो गया था.. वो अंडरवियर पहनकर ही छवि के पास बैठ गये और फिर तेल की बॉटल को हाथ में लिया और उसकी पीठ पर तेल डाला और फिर बॉटल साईड में रखकर दोनों हाथों से उसकी पीठ मालिश करने लगे और छवि ने तकिये को कसकर पकड़ा हुआ था. फिर अंकल धीरे धीरे हाथ को छवि की गांड पर चलाने लगे और तेल लिया और छवि के दोनों चूतड़ो पर थोड़ा तेल डाला और हाथ से रगड़ने लगे. तभी थोड़ी ही देर मैं मैंने देखा कि छवि की गांड एकदम चमक मारने लगी और अंकल उसके चूतड़ को कभी मसलते तो कभी दबाते..

    लेकिन वो इतने मस्त चमक रहे थे कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. मेरा तो लंड तनकर एकदम टाईट हो गया था और बस अब निकल ही जाए और मेरा भी मन कर रहा था कि मैं भी जाकर ऐसी मुलायम मुलायम गांड को मसाज दूँ. अंकल ने फिर ने उससे कहा कि तुम अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठाओ और छवि ने थोड़ी सी ऊपर उठाई और धीरे धीरे वो डॉगी स्टाईल में हो गयी. तो उसकी गांड मस्त दिख रही थी.. अंकल ने फिर से उसके चूतड़ो पर तेल डाला.. लेकिन इस बार वो तेल उनके दो चूतड़ो के बीच में से धीरे धीरे नीचे उतरने लगा. तो अंकल बड़ी वाली उंगली को दोनों चूतड़ो के बीच में से नीचे ले गये और उंगली को छवि की गांड के छेद में डाल दिया.. उसने कसकर तकिये को पकड़ लिया और दातों से तकिये को काटने लगी.

    तो उससे मुझे पता चल गया कि उसको सेक्स की बहुत इच्छा हो गयी थी. तभी थोड़ी देर तक अंकल ने उंगली को छेद में अंदर बाहर किया और वो मज़े लेती रही. अंकल ने फिर उंगली बाहर निकाली और छवि की चूत पर तेल वाले हाथ रगड़ने लगे.. वो सिसकियां ले रही थी आह मम्मी आअहह बहुत तड़पा रहे हो आप और यह कहकर छवि पलट गयी और पीठ के बल लेट गयी. तो अंकल अपने तेल वाले हाथ उसकी जाँघो पर फिराने लगे.. कभी वो चूत के ऊपर छूते.. तो कभी उंगली चूत में घुसाते और मैं सब कुछ साफ साफ देख रहा था.

    फिर छवि ने अंकल का हाथ पकड़ लिया.. जिस हाथ से वो उसकी चूत के साथ खेल रहे थे और इशारे से कहा कि बस अब रहने दो नहीं तो निकल जाएगा. तो अंकल ने रहने दिया. फिर अंकल ने हाथ हटा लिया.. लेकिन उनका लंड तनकर इतना मोटा हो गया था कि वो रुकने वाले नहीं थे. फिर उन्होंने छवि के बूब्स के ऊपर तेल डाला और बूब्स को मसलने लगे.. छवि ने उनके हाथ रोके.. लेकिन अंकल धीरे धीरे बूब्स मसलते रहे और मैंने देखा कि छवि के बूब्स मस्त चमकदार हो गए थे. अंकल ने उसकी निप्पल को थोड़ा मसला तो छवि खड़ी हो गयी और अंकल को रोक दिया.. अंकल ने कहा क्या हुआ? वो बोली कि कुछ नहीं और फिर लेट गयी. मुझे पता चल गया कि तो अब छवि रह नहीं पाएगी.

    छवि ने अपना हाथ अंकल की जांघों पर फेरना शुरू किया. अंकल का लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था.. लेकिन अभी तक वो अंडरवियर के अंदर ही था. तो उन्होंने छवि को अपनी आखों से इशारा करते हुए उनका अंडरवियर निकालने को कहा. छवि ने पहले उसके ऊपर हाथ फिराया और अंकल के सामने देखकर थोड़ी सी स्माईल दी और दांतो के बीच में होंठ को थोड़ा सा काटा और ऐसा इशारा दिया जैसे अभी वो पूरा लंड लेना चाहती है. फिर अंकल बेड पर लेट गये और छवि उनकी जांघो पर बैठ गयी और उसने धीरे से अंकल का अंडरवियर उतारा और मैंने साफ साफ देखा कि अंकल का लंड करीब 6-7 इंच लंबा और तगड़ा हो गया था. छवि ने अंडरवियर निकालकर साईड में रख दी और अपने दोनों हाथों से उनका काला मोटा तगड़ा लंड पकड़ा..

    लेकिन फिर भी वो छवि के हाथों में नहीं समा रहा था और वो उसे पकड़कर हिलाने लगी और हिलाते टाईम छवि की तेल वाली चमकदार गांड ऊपर नीचे हो रही थी और वो अंकल की जांघो से दब रही थी और यह सब देखकर मेरा तो निकलने ही वाला था.. लेकिन मैंने रोक दिया और मैंने सोचा कि थोड़ी देर और रुक जाता हूँ तो मज़ा आएगा और मुझे कांच में से ऐसे दिख रहा था जैसे कि मेरे सामने मेरी बीवी की ब्लू फिल्म चल रही हो और मैं बेड पर बैठे बैठे अपना लंड हिला रहा था …

    दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में …

    धन्यवाद …

  • दोस्त की रंडी माँ और सेक्सी बहन

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है और मेरी उम्र 21 है. दोस्तों में शुरू से ही सेक्स का बड़ा ही दिवाना रहा हूँ और यह मेरी पहली स्टोरी है. दोस्तों यह एक सच्ची घटना है. मेरा एक दोस्त है उसका नाम विक्की है और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है. हम हमेशा साथ साथ घूमते और मेरा हमेशा विक्की के घर पर आना जाना लगा रहता था. उसके घर में उसकी माँ उनकी उम्र 37 साल, लेकिन वो दिखने में एकदम कड़क माल है. वो अपनी पतली कमर को मटकाती हुई चलती जिससे उसके बूब्स भी इधर उधर हिलते जिसे देखकर देखने वालों को बहुत मज़ा आता और वो अभी भी बिल्कुल जवान लगती है, उसकी बहन शीतल जो अभी 18 साल की है और अब वो धीरे धीरे जवान होने लगी है. उसके बूब्स, गांड उभरकर बाहर की तरफ दिखने लगे है उसके जिस्म का हर एक अंग दिखने में बहुत ही सेक्सी है और उसके पापा जो हमेशा घर से बाहर रहते थे, क्योंकि उनको जुआ खेलने की लत लग गयी थी और उन्हे भी लड़कियों का बहुत शौक था और वो ज़्यादा टाइम अपने घर से बाहर ही रहते और करीब दो तीन दिन के बाद अपने घर पर आते थे.

    तो दोस्तों में और विक्की एक दिन घूमने बाहर गए हुए थे और हमे घर पर आते आते बहुत रात हो चुकी थी और घर पर जाते वक़्त विक्की ने मुझसे कहा कि हमे बहुत रात हो चुकी है और अब तू घर पहुंचते ही आज मेरे घर पर सो जाना और कल सुबह निकल जाना. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और हम घर के लिए निकल चुके थे. हमें रात के करीब 2 बज चुके थे और फिर विक्की का घर आ गया. फिर मैंने अपनी कार को एक तरफ पार्क कर दिया और कार की आवाज़ सुनते ही सुनीता आंटी जाग गयी. उन्होंने दरवाजा खोला और में देखता ही रह गया. वो लाल कलर की एक मेक्सी में थी और वो मेक्सी भी गहरे गले की होने के कारण उनके बूब्स थोड़े थोड़े बाहर से नज़र आ रहे थे. मेरी तो उन्हे देखकर बहुत हालत खराब हो गयी. फिर हम अपने कमरे के अंदर गये और सोने लगे, लेकिन दोस्तों अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरी आखों के सामने उनके गोरे गोरे बूब्स आ रहे थे. आँखे बंद करते ही मुझे उनका सेक्सी जिस्म अपनी तरफ आकर्षित करने लगता और अब मेरा लंड तनकर एकदम खड़ा हो गया था और फिर किसी भी तरह मैंने कंट्रोल किया और सो गया.

    फिर सुबह सब लोग उठ गये थे और फिर जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि उस समय 11 बज गए थे. तभी आंटी मेरे पास आई और बोली कि सोनू तू कितना सोता है? मैंने कहा कि अभी भी मेरी नींद पूरी नहीं हुई है क्योंकि में बहुत थक चुका हूँ. फिर आंटी बोली कि ठीक है और थोड़ी देर सो जा, मैंने कहा कि ठीक है और में फिर से सो गया और में उसके बाद में 1 बजे उठ गया, लेकिन मुझे कोई भी नज़र नहीं आ रहा था.

    फिर में उठकर हॉल में चला गया तो मैंने देखा कि वहां पर आंटी टीवी देख रही थी, में उनके पास गया और उनसे पूछा कि सब कहाँ गये? तो वो बोली कि विक्की तो गावं चला गया उसके गावं के किसी रिश्तेदार की म्रत्यु हो गयी है और शीतल स्कूल गयी है और अब तू जाकर नहा ले में तेरे लिए खाना लगाती हूँ. फिर में बाथरूम में नहाने चला गया और में वहां पर जाकर अपने कपड़े उतारने लगा और मैंने टावल लगा लिया और ब्रश करने लगा और फिर मुझे बाथरूम में आंटी और शीतल की ब्रा और पेंटी नज़र आई. फिर मैंने दोनों की पेंटी उठाई और सूंघने लगा. दोस्तों में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि वो क्या महक थी? मेरा तो लंड फिर से खड़ा हो गया और में उन्हे सूँघते सूँघते अपना लंड हिला रहा था और फिर कुछ देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया.

    दोस्तों मेरे लंड से आज तक इतना पानी कभी भी नहीं निकला था. में तो बिल्कुल हैरान हो गया. फिर में नहाने लगा और नहाते वक़्त मेरे कपड़े पानी में गिर गये और पूरी गीले हो गये. मैंने आंटी को आवाज़ लगाई कि विक्की का कोई लोवर होगा तो आप मुझे वो दे दीजिए, मेरे कपड़े पानी में गिरकर पूरे गीले हो गये. फिर आंटी बाथरूम के पास आई और उन्होंने कहा कि विक्की तो अपने सारे कपड़े अपने साथ लेकर गया हुआ है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम टावल लगाकर ही बाहर आ जाओ. फिर में बाहर आ गया और मैंने आंटी से कहा कि मुझे शरम आ रही है और वो हंसने लगी और उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.

    फिर में हॉल में चला गया और खाना खाने बैठ गया और आंटी मेरे सामने बैठकर बातें करने लगी. में खाना खाने के बाद उठकर हाथ धोने जा रहा था कि तभी टावल सोफे में अटक गया और में उनके सामने बिल्कुल नंगा हो गया और फिर में तो शरम से पानी पानी हो गया और आंटी की नज़र मेरे लंड से हट ही नहीं रही थी. फिर मैंने जल्दी से अपना टावल उठाया और बेडरूम की तरफ भाग गया. तभी आंटी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी. में फिर से टावल लगाकर बाहर आ गया और आंटी की तरफ़ देखा तो वो मेरी तरफ देख रही थी और अब वो थोड़ी सी कामुक हो गयी थी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी प्लीज आपके पास कोई लोवर होगा ना, वो मुझे दे दो ना प्लीज. फिर आंटी ज़ोर से हँसी और मुझसे बोली कि सोनू चाहे तो तू ढूंड ले, लेकिन घर में तो तेरे नाप के कोई भी कपड़े नहीं है और अगर चाहे तो तू मेरी मेक्सी पहन ले, वैसे भी इस समय घर पर कोई नहीं है. अब में एकदम चुपचाप होकर कुछ सोच रहा था तो आंटी ने पूछा क्या हुआ तू इतना क्यों शरमा रहा है? तो मैंने कहा कि ठीक है आप लाकर मुझे दे दीजिए और फिर आंटी ने मुझे उनकी एक पुरानी मेक्सी दी, वो शायद उनकी हनिमून की थी, थोड़ी जालीदार थी, सफेद कलर की एकदम सेक्सी और में वो मेक्सी पहनकर आंटी के सामने आया और वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और अब मुझे भी हंसी आ रही थी. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों कैसा लग रहा है?

    मैंने कहा कि एकदम खुला खुला और हम दोनों हसने लगे और फिर आंटी झाड़ू लगाने लगी थी और में टीवी देख रहा था. अब उन्होंने अपनी मेक्सी के ऊपर के बटन खोल दिए थे और उनके पूरे निप्पल नज़र आ रहे थे और मेरा लंड उन्हे झूलते हुए देखकर खड़ा हो गया था. फिर आंटी झाड़ू लगाकर किचन में चली गयी और किचन से मुझे आवाज़ लगाई कि सोनू ज़रा इधर आना, मुझे वो डिब्बा निकालकर दे. मेरा लंड खड़ा था और अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. में वैसे ही उठकर किचन में चला गया और उन्हे डब्बा उतारकर दिया.

    तभी उनकी नज़र मेरे लंड पर गयी और मुझसे कहा कि अंदर क्या है? मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं वो बोली कि ज़रा अपने अरमानो पर काबू रख, मैंने कहा कि लेकिन कैसे रखूं? फिर वो मेरे पास आई उन्होंने मेरा लंड छुआ और कहने लगी कि वाह यह तो मेरी उम्मीद से बहुत बड़ा लगता है और फिर लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर हिलाने लगी और फिर मुझसे कहा कि चलो बेडरूम में चलते है. में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ.

    में बेडरूम में गया तो उन्होंने मुझे बेड पर बैठा दिया और मेरी मेक्सी को ऊपर किया और मेरा लंड देखने लगी और कहा कि हाए रे इतना बड़ा लंड? दोस्तों में तो उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर एकदम दंग रह गया और अब उन्हे अपनी चुदाई का बहुत जोश चढ़ गया था और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरी गोलियां चूसने, चाटने लगी और कहने लगी कि 12 साल के बाद आज में फिर से चाट रही हूँ. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों क्या अंकल आपको नहीं चोदते? तो उन्होंने बहुत गुस्से में कहा कि वो हरामी कुत्ता क्या मुझे चोदेगा? और उसके लंड से अच्छा है कि में किसी छोटे लड़के की नुन्नु चूस लूँ. मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उनके कपड़े उतार दिए और उनको बेड पर लेटाया.

    फिर आंटी ने कहा कि सोनू में बहुत सालो से भूकी हूँ, तू आज मुझे खुश कर दे, फिर तू जो मुझसे बोलेगा में वो सब करूंगी तुझे जो चाहिए वो दूँगी. फिर मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और कहा कि में शीतल को भी चोदना चाहता हूँ. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले तो वो थोड़ी नाराज़ हो गयी और उसने मुझसे कहा कि तू कितना बड़ा हरामी है सोनू, मैंने तो सोचा भी नहीं था कि तू अपने दोस्त की बहन की भी चुदाई करना चाहता है? तो मैंने कहा कि किसने सोचा था कि में कभी आपसे अपना लंड चुसवाऊंगा? फिर वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और फिर वो मान गयी.

    में खुश हो गया और फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और मैंने देखा कि उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे जिसकी वजह से उनकी चूत तो नज़र ही नहीं आ रही थी.

    मैंने उनसे कहा कि कभी आप अपनी चूत के बाल साफ नहीं करती? तो आंटी ने कहा कि में अब किसके लिए अपनी चूत के बालों को साफ करूं? और में ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा. फिर आंटी ने कहा कि चल अब आज तू खुद ही साफ कर दे. फिर मैंने उनकी चूत के सभी बालों को एक रेज़र की मदद से साफ किया और अब उनकी चूत तो 18 साल की लड़की तरह दिख रही थी एकदम कामुक, चिकनी, फूली हुई और जोश से भरी हुई. फिर मैंने उनकी चूत चाटी, उसका स्वाद बहुत नमकीन सा था, तभी उन्होंने कहा कि सोनू रुक ज़रा में अभी मूतकर आती हूँ और वो उठकर चली गई और जल्दी से वापस आ गयी और अब वो बड़ी खुश लग रही थी.

    फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे दबाते हुए अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा लंड बहुत मुश्किल से अंदर गया और फिर में चोदने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और में उन्हे लगातार चोदता रहा. चोदने के साथ साथ में उनके बूब्स को भी मसल रहा था जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी और मुझसे कह रही थी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और थोड़ा और पूरा अंदर आईईईईईईई तक जाने हाँ उह्ह्हह्ह्ह्ह.

    फिर थोड़ी ही देर के बाद मेरे लंड ने अपना वीर्य चूत के अंदर ही निकाल दिया और उसके कुछ देर बाद उनकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया और मेरे लंड के पानी से और उनकी चूत के रस से उनकी चूत पूरी भर गयी, जिसकी वजह से वीर्य एक एक बूंद करके बाहर टपकने लगा जिसने बेड पर गीला कर दिया. फिर में बहुत थक गया और में उनके पास में लेट गया.

    वो खड़ी होकर मुझे देख रही थी और उनकी चूत में से पानी टपक रहा था, उन्होंने कपड़े पहने और फिर मेरा गीला लंड चूसने लगी और अब 5 बजने वाले थे और शीतल अपने कॉलेज से आने वाली थी. फिर आंटी ने कहा कि तू नंगा ही सोने का नाटक कर में तेरी सेटिंग लगाती हूँ, में सोने का नाटक करने लगा और फिर कुछ देर के बाद शीतल आ गई और आंटी किचन में काम करने लगी.

    फिर शीतल रूम में आई और मेरे तनकर खड़े लंड को घूर घूरकर देख रही थी और फिर वो अपनी माँ के पास गयी और कहा कि सोनू बेडरूम में नंगा सोया है. फिर माँ ने उससे कहा क्या? चलो में भी देखती हूँ? और फिर वो दोनों मेरे पास आकर खड़ी हो गई, तो शीतल ने माँ से कहा कि माँ देखो ना इसका कितना बड़ा है? तो माँ ने कहा कि हाँ क्या तुम इसका चूसना चाहोगी? दोस्तों पहले तो वो मना कर रही थी फिर कुछ देर के बाद शीतल ने मेरा लंड पकड़ा और कहा कि माँ यह तो बहुत गरम है.

    फिर आंटी ने कहा कि इसे लंड कहते है और इसे चूसने से लड़कियां एकदम गोरी हो जाती है क्योंकि शीतल इतनी ज़्यादा गोरी नहीं थी इसलिए उसकी माँ ने उससे यह झूठी बात कही. उसकी माँ और उसमें ज़मीन आसमान का फ़र्क था. फिर शीतल ने माँ से पूछा कि क्या माँ तुमने कभी किसी का लंड चूसा था कि तुम इतनी गोरी हो गयी? तो माँ ने कहा कि हाँ में तेरे पापा का लंड हमेशा चूसती थी इसलिए में इतनी गोरी हूँ.

    फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और कुछ ही सेकिंड के बाद में जाग गया और शीतल एकदम से डर गई. फिर माँ ने उससे कहा कि कुछ नहीं बेटा तुम बिल्कुल भी मत डरो बस चूसती रहो. फिर मैंने कहा कि हाँ हाँ तुम तो चूसो फिर सुनीता आंटी ने शीतल के कपड़े उतार दिए और उसे नंगा किया और फिर खुद भी बिल्कुल नंगी हो गयी. में तो आज अपनी लाईफ में पहली बार एक साथ दो औरत से मज़े कर रहा था.

    फिर उसकी माँ ने शीतल को 69 पोजीशन में कर दिया और में उसकी चूत को चाट रहा था और शीतल लंड चूस रही थी और उसकी माँ मेरी गोलियां चाट रही थी. में तो जन्नत की सैर कर रहा था और फिर मैंने एक बार शीतल की चूत मारी. उसकी चूत मारने में मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो मेरी चुदाई के पहले तक वर्जिन थी, लेकिन अब एक फटी हुई चूत, जिसकी सील मैंने अपने लंड से तोड़ी. मेरी चुदाई से उसकी चूत ने अपना सारा रस खून के साथ साथ बाहर निकाल दिया. वो अपनी चूत के दर्द से तड़पती रही और उसकी माँ उसकी छाती को सहलाती रही और उसे चुप करवाती रही.

    फिर कुछ देर के बाद वो अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और अपनी गांड को हवा में उछाल उछालकर मेरा लंड लेने लगी और अब मुझे उसकी गांड भी मारनी थी, लेकिन आंटी ने मुझसे साफ मना कर दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि उसकी गांड अभी बहुत टाईट है, तूने इसकी चूत को चोदकर फाड़ दिया है तो आज इसकी गांड को छोड़ दे, उसका स्वाद तू कुछ दिनों के बाद में लेना वर्ना आज इसकी दोनों तरफ की चुदाई इसको ठीक से चलने भी नहीं देगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज आपकी गांड दे दो और फिर हंसते हुए आंटी मेरे लंड पर बैठ गई और मज़े लेने लगी. हम तीनों ने रात भर चुदाई के मज़े किए और तीन दिन तक वहां पर हमारे अलावा कोई भी नहीं था और हम तीन दिन तक बिल्कुल नंगे रहे और हम साथ साथ नहाते खाते पीते और नंगे ही सो जाते. दोस्तों वो दिन मेरी लाईफ के बड़े मज़े के दिन थे जिसमे मैंने उन दोनों को तीन दिन तक लगातार चोदा और बहुत मज़े किए.

  • मजबूर पूर्वी और दो लंड

    हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली और सच्ची घटना है जो मेरी फ्रेंड के साथ घटित हुई और यह अभी कुछ समय पहले घटित हुई. दोस्तों में अहमदाबाद बड़ोदा का रहने वाला हूँ और यह स्टोरी मेरी एक बेस्ट फ्रेंड की है जिसका नाम पूर्वी है, हम दोनों स्कूल टाईम से साथ में है और कॉलेज में भी साथ रहे और पूर्वी एक सीधी साधी अच्छी लड़की है, लेकिन वो दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती है उसने अपने शरीर को बहुत सम्भालकर रखा है. उसके फिगर का साईज 34-30-32 है.

    दोस्तों हम जब 8th क्लास में थे तब उसको प्यार हो गया और उसका बॉयफ्रेंड बहुत अच्छा था. पहले तो मुझे ऐसा लगता था कि वो बहुत अच्छा है, लेकिन वो बस पूर्वी के पैसो के लिए ही उसके साथ था और उसके साथ सेक्स करने के लिए भी, लेकिन पूर्वी उसे अपने साथ ऐसा कुछ भी नहीं करने देती थी. तो यह कॉलेज की बात है जब हम कॉलेज में थे, तब एक दिन में पूर्वी से मिला तो मैंने देखा कि वो बहुत परेशान थी, वो बिल्कुल उदास गुमसुम होकर बैठी हुई थी और मेरे बहुत बार पूछने पर भी उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया और फिर वो कुछ देर बाद वहां से उठकर चली गई. तो उसके दो दिन बाद उसका मेरे नंबर पर कॉल आया और फिर उसने मुझसे कुछ पैसे उधार माँगे, लेकिन उसके मुझसे उधार माँगे हुए पैसे की राशि बहुत बड़ी थी जो में उसे नहीं दे सकता था इसलिए मैंने उससे पूछा कि उसको इतने पैसों की क्या जरूरत है, लेकीन वो फिर भी चुप रही और वो राशि थी 4 लाख रुपये. तो दो दिन के बाद वो मुझसे कॉलेज में मिली और वो मुझसे पूछने लगी कि क्या कोई हमे ब्याज पर पैसे देगा या नहीं? तो मैंने उससे फिर से पूछा कि तुम्हे इतने पैसे क्यों चाहिए? तब उसने बहुत उदास होकर एकदम धीरे से मुझे बताया कि मेरे बॉयफ्रेंड ने 11 लाख में एक फ्लेट ले लिया है.

    फिर मैंने पूछा कि तो तेरा 4 लाख में क्या होगा? फिर उसने मुझे बताया कि मैंने अपने घर से मेरी सारी ज्वैलरी चुराकर भी उसे दे दिया है और उसने उन सबको बेचकर 3 लाख रुपये पेमेंट भी कर दिया है, लेकिन अभी और बाकी 4 लाख रुपय उसे देने है. तो मैंने कहा कि फिर तो तुम्हे कोई भी बैंक लोन दे देगा, लेकिन तभी थोड़े ही दिन के बाद में पूर्वी ने मुझसे कहा कि उसके पास पैसे का इंतज़ाम हो गया है और अब सब काम ठीक हो जाएगा.

    फिर मैंने पूछा कि इतना पैसे तुम्हारे पास कहाँ से आया? तो उसने मुझे बताया कि उसको यह पैसा उसके किसी दोस्त ने दिया है, लेकिन अब मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल आने लगे कि उसको इतना पैसे कौन दे सकता है? क्या उसने फिर से कोई गलत काम तो नहीं किया या वो कोई गलत काम तो नहीं करने वाली? तो थोड़े दिन के बाद पूर्वी ने अचानक से कॉलेज में आना बंद कर दिया और इस बीच जब भी मैंने उसको फोन किया तो उसका मोबाईल भी स्विच ऑफ बता रहा था.

    तभी में एक दिन अपनी कार से अपने कॉलेज जा रहा था तो मुझे पूर्वी दो लड़को के साथ कार में बैठकर जाती हुई नजर आई, मैंने उसे देख लिया था, लेकिन उसने मुझे नहीं देखा था और में भी उनके पीछे पीछे चलने लगा. तो वो दोनों कुछ किलोमीटर चलने के बाद पूर्वी को लेकर एक फार्महाउस पर पहुंचे और में अपनी कार को रोड पर पार्क करके फार्म के पीछे तक पहुंचा और वहीं से में अंदर की तरफ कूद गया और फिर कमरे के अंदर झाँकने लगा. तभी वो लोग भी रूम में आ गये और पूर्वी से कहने लगे कि चल अब जल्दी से अपने कपड़े उतार.

    पूर्वी : प्लीज आप लोग मुझे जाने दो, में कहीं से भी आपके पूरे पैसों का इंतजाम कर दूँगी.

    पहला लड़का : तू अब क्या इंतजाम करेगी? हमने तेरे बॉयफ्रेंड को कल तक का टाइम दिया था, लेकिन उसने हमे हमारा पैसा ठीक समय पर नहीं दिया और उसकी हम लोगों से डील यही थी कि अगर में ठीक समय पर पैसे ना दे सका तो मेरी गर्लफ्रेंड तुम्हारी.

    दूसरा लड़का : चल अब ज्यादा नाटक मत कर और चुपचाप जल्दी से अपने कपड़े उतार वर्ना हम फाड़ देंगे.

    फिर उसने उससे ऐसा कहकर पूर्वी को अपनी बाहों में ले लिया और उसको किस करने लगा और फिर बेड पर ले गया और उन दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए, लेकिन पूर्वी साफ मना कर रही थी और में देखकर बहुत खुश हो रहा था कि आवाज से सती सावित्री दिखने वाली की आज चुदाई पक्की है और उतने में एक लड़का पूर्वी की जीन्स उतारने लगा और दूसरा ज़बरदस्ती अपने लंड को उसके मुहं में डालने लगा, लेकिन पूर्वी अब कुछ नहीं कर रही थी और वो हिल भी नहीं रही थी वो बस बिल्कुल लाचार बेड पर पड़ी हुई थी और उन लोगो ने जल्दी से उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब पहला लड़का पूर्वी की चूत की नाजुक नाजुक पंखड़ियों को अपने एक हाथ से फैलाकर पर अपने लंड को चूत के मुहं पर घिस रहा था तो पूर्वी बोली कि नहीं प्लीज मुझे जाने दो, मैंने यह सब पहले कभी भी नहीं किया, प्लीज मुझे छोड़ दो में तुम्हे तुम्हारा पैसे लोटा दूंगी, लेकिन प्लीज अभी मुझे जाने दो छोड़ दो मुझे.

    फिर वो मुस्कुराया और बोला कि अच्छा तो अब तक तुम्हारी चूत एकदम कुँवारी है? तो कोई बात नहीं आज में उसे फाड़ देता हूँ वैसे भी मैंने इससे पहले बहुत बार कुँवारी चूत को फाड़ा है और उसने बातों ही बातों में अचानक से एक ही झटके में अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया और जिसकी वजह से पूर्वी के मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकलने लगी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और अपने चूतड़ को पीछे की तरफ हटाकर लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन तभी दूसरे लड़के ने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया जिसकी वजह से उसकी आवाज दबकर रह गई, लेकिन अभी भी पूर्वी रो रही थी और दर्द से तड़प रही थी. उसकी आवाज उसके मुहं से बाहर नहीं आ सकती थी, लेकिन उसकी आँखों से बहते आंसू रुक नहीं रहे थे. वो दर्द से छटपटा रही थी और अब बेड पर उसकी चूत का खून फैला हुआ था. शायद अब पूर्वी की सिल टूट चुकी थी.

    फिर कुछ देर रुकने के बाद जब वो थोड़ा शांत हुई तो उसने धीरे धीरे लगातार झटके मारने शुरू किए, जिसकी वजह से पूरे रूम में फच फच की आवाज़ आ रही थी और अब वो दूसरा लड़का पूर्वी की गांड में अपना लंड डालने लगा और उन दोनों ने मिलकर पूर्वी की गांड और चूत को फाड़ दिया. वो उसके बूब्स को भी मसल रहे थे और कुछ देर के बाद उन्होंने अपनी अपनी चुदाई की स्पीड को बड़ा दिया. फिर पूर्वी ने अब उनका विरोध करना बंद कर दिया और अब उसे भी अपनी चुदाई में मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी, वो हल्की हल्की आवाज से मोन करने लगी और उनके हर एक धक्के से उसके पूरे जिस्म के साथ साथ बेड तक हिलने लगा था. उसकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी.

    फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक एक करके पूर्वी के अंदर ही झड़ गये और थककर उसके पास लेट गये और उन दोनों ने उस दिन थोड़ी थोड़ी देर का आराम करके उस दिन पूर्वी की 4-5 बार बहुत जमकर चुदाई की और दूसरे दिन फिर से आने को कहा और वो दोनों पूर्वी को कॉलेज के पास तक छोड़कर चले गये. फिर पूर्वी उनकी गाड़ी से उतरकर अपने घर जाने के लिए ऑटो के पास जा रही थी, लेकिन उससे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था. फिर में पूर्वी के पास अपनी कार लेकर गया और उसे बैठने को कहा और फिर पूर्वी ने कार में बैठते ही मुझे हग कर लिया और रोने लगी.

    फिर मेरे उसके रोने का कारण पूछने पर उसने मुझे बताया कि उसके बॉयफ्रेंड ने उन लोगों से कुछ पैसे उधार लिए थे और उस वजह से उसके बॉयफ्रेंड ने उसे उनके पास गिरवी रख दिया और वो मुझसे कह रही थी कि वो लोग मुझे अब हर रोज बुलाने वाले है. तो मैंने बिल्कुल अंजान बनते हुए उससे पूछा कि वो लोग तुम्हे कहाँ पर बुलाने वाले है? तो वो बोली कि वो लोग मुझे अपने फार्म हाउस पर बुलाते है. फिर मैंने एक बार फिर से एकदम अंजान बनते हुए पूछा कि लेकिन वहां पर क्यों? तो वो कुछ नहीं बोली और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो में बोला कि कल तुम मुझसे कॉलेज में मिलना और में वहां पर तुम्हे पैसे दे दूंगा और में पिछले एक दो दिन से बाहर गया हुआ था और मैंने उसको उसके घर के बार छोड़ दिया. वो धीरे धीरे चलती हुई अपने घर के अंदर चली गई और में उसे वहीं पर खड़ा देख रहा था. उनकी उस चुदाई ने उसकी चाल को ही बदलकर रख दिया.

    तो अगले दिन वो मुझसे मिलने आई और मैंने उसको 4 लाख रुपये दे दिए और कहा कि तुम यह पैसे उन्हे दे देना और फिर हम बाहर आ गए. मैंने वो पैसे उसके हाथ में दे दिए. फिर उसी शाम को उसके बॉयफ्रेंड का कॉल आया, लेकिन उसने उससे ज्यादा बात नहीं की. फिर कॉलेज के बाद में उसे उसके घर पर छोड़ने जा रह था तो पूर्वी ने उसके बॉयफ्रेंड को फोन करके बहुत देर तक गलियां दी और फिर उससे अपना ब्रेकअप कर लिया और फिर वो मुझसे बोली कि क्या तुम मेरे साथ फिल्म देखने चलोगे?

    मैंने झट से हाँ कर दिया और दूसरे दिन हम दोनों कॉलेज से बंक करके फिल्म देखने चले गये, फिल्म देखने के बाद हम दोनों ने बाहर ही एक रेस्टोरेंट में खाना खाया और उसने मुझे वहीं पर प्रोपज किया, लेकिन मैंने कहा कि में तुम्हे थोड़ा सोचकर बताऊंगा. फिर दूसरे दिन मैंने कहा कि हम कहीं बाहर घूमने चलते है तो उसने मुझे हाँ कहा फिर में उसको लेकर आबू घूमने गया और वहां पर जाकर मैंने उससे हाँ कहा. मैंने वहां पर एक होटल में हमारे लिए दो कमरे बुक करवाए थे, लेकिन पूर्वी बोली कि हम दोनों एक ही रूम में रहते है ना, उसमे क्या दिक्कत है?

    फिर हम दोनों एक ही रूम में गये, वो बेड पर जाकर बैठ गई, लेकिन अब वो मुझसे थोड़ा सा शरमा रही थी. तो मैंने एक अच्छा मौका देखकर उसे पीछे से पकड़ लिया और उसे गर्दन पर किस करने लगा. तो मेरे थोड़ी देर किस करने की वजह से वो बिल्कुल गरम हो गयी और अब वो मोन करने लगी. फिर मैंने उसको नीचे लेटाया और पहले कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाए, मसले और उसके बाद सही मौका देखकर एक एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए और साथ में अपने भी और उसके बाद मैंने उसके बूब्स को चूसना, चूमना शुरू किया जिसकी वजह से उसकी चूत ने गरम होकर मुझे उसकी चुदाई करने के लिए मजबूर किया.

    फिर मैंने उसकी चूत को कुछ देर चाटकर, चूसकर एक बार झड़ने पर मजबूर कर दिया और वो मेरे मुहं में झड़ गई और में उसकी चूत रस पी गया. फिर वो कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से हाँ प्लीज आईईईईईईई थोड़ा और अंदर डाल दो हाँ और ज़ोर से अह्ह्ह्ह. फिर मैंने भी कुछ देर चूसने के बाद अपना लंड उस कामुक चूत के मुहं पर रखा और एक ही जोरदार धक्के के साथ चूत के अंदर पहुंचा दिया.

    फिर वो ज़ोर से चीखने लगी अह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह प्लीज आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, प्लीज मेरी चूत पर आऊऊऊउ थोड़ा तो तरस खाओ. फिर मैंने अपनी चुदाई को धीरे धीरे धक्कों के साथ लगातार जारी रखा और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और उसके बूब्स को सहलाने, मसलने लगा. फिर उस दिन मैंने उसको वहीं पर दो बार चोदा. दोस्तों में आज तक उसकी चुदाई करता आ रहा हूँ.

  • दोस्त की बीवी और माँ को चोदा

    हैल्लो दोस्तों.. सभी रीडर्स को मनोज का प्यार.. में अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ. दोस्तों यह घटना आज से करीब दो साल पहले की है. उस टाईम में अपने घर से दूर एक शहर में रहता था और वहाँ पर मेरा एक दोस्त है.. उसका नाम सन्नी और उसकी शादी को उस समय तीन साल से भी ज़्यादा वक़्त हो चुका था लेकिन उसके घर में कोई भी बच्चा नहीं हुआ था. उस बात से मेरा दोस्त सन्नी और उसकी वाईफ रवीना और उसके घरवाले सन्नी की माँ संजू आंटी और उसके पापा संदीप अंकल.. सब लोग बहुत परेशान थे. फिर उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि सन्नी में कुछ प्राब्लम है और इसीलिए वो बच्चा पैदा नहीं कर सकता लेकिन किसी और का वीर्य रवीना की चूत के अंदर डाला जाए तो वो गर्भवती हो सकती है और फिर यह बात सुनकर उसके घरवाले और भी परेशान हो गये और उन्होंने इस बारे में बहुत सोचा कि रवीना कैसे माँ बने.

    फिर उसी समय सन्नी की माँ ने रवीना को माँ बनाने के लिए मेरा नाम लिया.. तभी सारे लोग चकित हो गये और फिर उन्होंने सबको मना भी किया और सन्नी भी अच्छी तरह से जानता था कि में किसी को भी चोदकर माँ बना सकता हूँ.. क्योंकि उसे मेरे और स्नेहा भाभी की कहानी और उनकी चूत में मेरा लंड और स्नेहा भाभी की चुदाई के बारे में पता था और उसे यह भी पता था कि स्नेहा भाभी का बेटा मेरा बेटा है तो वो भी इसके लिए मान गया.

    लेकिन वो सोचने लगा कि इस बारे में कैसे मुझे बताए और उसकी बीवी को प्रेग्नेंट करने के लिए मना सके. दोस्तों अब आप लोग सोच रहे होंगे कि सन्नी की माँ ने मेरा नाम क्यों लिया.. इसके पीछे भी एक कहानी है और में जब कॉलेज में था तो उस टाईम मैंने सन्नी की माँ को भी चोदा था. वैसे में उनके बारे में ऐसा नहीं सोचता था लेकिन संजू आंटी ने मुझे खुद उनको चोदने के लिए मजबूर किया और मौका दिया था.

    में तो था ही चुदक्कड़ और उस पर कोई मुझे ऐसा मौका दे तो में कैसे उसे छोड़ सकता था.. तो सबके हाँ करने के बाद सन्नी और रवीना मेरे घर पर मुझसे मिलने के लिए आए.. उसके साथ सन्नी की माँ और पापा भी थे तो में अचानक उन सबको देखकर बहुत चकित हो गया. मैंने सन्नी से पूछा कि अरे वाह! यह तो कमाल हो गया और आज कैसे मेरी याद आई? तो उसने कहा कि मुझे तुझसे कुछ काम है और इस काम में तेरे सिवाए मेरी कोई मदद नहीं कर सकता.

    फिर यह बात सुनकर बिना कुछ जाने मैंने सन्नी से कहा कि दोस्त यह भी कोई कहने की बात है.. अगर दोस्त दोस्त के काम नहीं आएगा तो और कौन आएगा.. तू बोल साले मुझे क्या करना है तो उसने कहा कि हम अभी तो आए है बाद में आराम से बात कर लेंगे. फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और तुम लोग फ़्रेश हो जाओ.. में कुछ खाने का इंतज़ाम करता हूँ तो यह बात सुनकर रवीना ने कहा कि अरे इसकी आप चिंता मत कीजिए.. में और माँ है ना हम सब कुछ कर देंगे. फिर में अपने कमरे में गया और कुछ मिनट में संजू आंटी भी मेरे पीछे पीछे मेरे कमरे में आ गई और अंदर आते ही उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया और मुझसे लिपट गयी और वो कहने लगी कि में बहुत दिनों के बाद आज तुम्हारी बाहों में आई हूँ और आज मेरे दिल को बहुत सुकून मिला है.. में आज तक तुम्हे और तुमसे चुदवाए हुए वो सारे पल नहीं भूल पाई.. तुम्हारे जाने के बाद में कब से तुमसे चुदवाने के लिए तरस रही हूँ और क्या तुम आज मेरी चूत की आग को नहीं बुझाओगे.

    फिर इतना कहकर वो मुझे किस करने लगी तो मैंने कहा कि देखों मेरी जान अभी तो घर पर सब लोग है तो में कैसे तुम्हे चोद सकता हूँ और तुम तो जानती ही हो मुझे ऐसे जल्दी जल्दी चुदाई करना अच्छा नहीं लगता और शायद तुम्हे भी ऐसे चुदवाने में वो सुख नहीं मिलेगा.

    थोड़ा सब्र करो में तुम्हे बाहर होटल में ले जाऊंगा और में वहाँ पर जमकर तुम्हारी चूत, गांड को चोदूंगा और इतना कहकर मैंने उन्हे किस किया और बाहर आ गया. रवीना किचन में जाकर हम सब के लिए लंच बनाने लगी और उसने बहुत ही जल्द खाना बना लिया और हम सब बैठकर खाने लगे.. खाते खाते सब लोग मुझसे वो बात कहने की कोशिश करने लगे. लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई और सब लोग चुपचाप खाना ख़ाकर कमरे में जाकर आराम करने लगे.

    फिर संजू आंटी ने एक प्लान बनाया.. जिससे उनकी भी चुदाई हो जाए और उन सबका यहाँ आने का काम भी पूरा हो जाए.. उन्होंने अंकल और सन्नी से कहा कि वो मेरे साथ बाहर जाएँगी और मुझसे बात करेंगी तो यह बात सुनकर सब लोग मान गये तो आंटी मेरे रूम में आई और मुझसे गले लगकर कहा कि चलो मैंने प्लान बना लिया है.. अब हम दोनों साथ साथ बाहर चलेंगे और मेरी इतने दिनों की तुमसे चुदने की तमन्ना पूरी हो जाएगी.. अब चलो ना.. देर मत करो और मैंने सबको मना लिया है.

    फिर में उनकी बात मानकर निकल पड़ा और हम दोनों मेरे ऑफिस के गेस्ट हाउस में गये.. वहाँ पर जाते ही आंटी शुरू हो गई और में भी उनको जमकर चोदने लगा और यह सिलसिला बहुत लंबा चला.. में उनको दिन के 3.30 से लेकर रात के करीब 10 बजे तक चोदता रहा और इस बीच उन्होंने मुझे सन्नी की वाईफ को चोदकर माँ बनाने के बारे में कहा तो यह बात सुनकर में तो बहुत हैरान हो गया.. क्योंकि किसी को छुपकर चोदना और सबकी जानकारी होते हुए चोदना पड़ा अजीब सा लगा.

    फिर पहले तो मैंने साफ मना कर दिया.. क्योंकि रवीना जो थी तो वो बहुत ही अच्छी और शर्मीली लड़की थी और मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचा था और अब अचानक मुझे उसे चोदना पड़े तो अच्छा नहीं है.. लेकिन एक अनुभवी औरत तुम से यह बात कहे.. वो भी एसी पोज़िशन में जब तुम उसकी चूत में डूबे हुए हो तो कोई मना कैसे कर सकता है और मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया तो आंटी ने तुरंत घर पर फोन करके सबको यह बात बता दी और हम दोनों करीब 10.30 बजे घर पर आए.

    फिर उसी रात रवीना को मेरे साथ सोने के लिए भेज दिया और वो बेचारी डरी हुई सहमी सी मेरे कमरे में आई तो उसे देखकर उसे हाथ लगाने की मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और इस चक्कर में मैंने पूरी रात बिना सोए गुजार दी और उसे छुआ तक नहीं.. तो सुबह जब सबको यह बात पता चली तो सब लोग टेंशन में आ गये और आंटी जी ने बाहर घूमने जाने का एक प्लान बनाया और वो भी स्लीपर कोच बस में.

    फिर मैंने उसी रात के 5 टिकट बुक किए लेकिन मुझे पता नहीं चला कि कब सन्नी ने जाकर एक टिकट रद्द करवा दिया और यह भी आंटी जी का प्लान था तो उनके प्लान के मुताबिक जब में अपनी बर्थ में जाकर सोने लगा तो आंटी जी मेरे पास आई और बोली कि रवीना को में अपने साथ सुला दूँ और जब मैंने उनसे पूछा कि उसकी बर्थ का क्या हुआ तो वो मुझसे झूठ बोलने लगी.. लेकिन में समझ गया कि यह सब पहले से ही प्लान किया हुआ है. फिर जब से मुझे रवीना को माँ बनाने की बात का पता चला है.. में अंकल और सन्नी से आँख मिलाकर बात नहीं कर पाया हूँ लेकिन में क्या करूं? मजबूरी थी और मैंने रवीना को अपने साथ सुलाया. फिर बस चलने लगी लेकिन अभी भी मेरी हिम्मत उसे छूने की नहीं हो रही थी. फिर आधे घंटे बाद रवीना खुद मेरे सीने पर सर रखकर लेट गयी और में उसकी हालत को समझ सकता हूँ.. बेचारी एक बच्चे के लिए यह सब कर रही है और मैंने भी कुछ नहीं सोचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने देखा कि वो रो रही थी तो मैंने उससे पूछा कि बताओ कि में उसकी बच्चे की चाहत को पूरी कर दूँ.

    उसकी बात सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और में उसके भीगी हुई आँखों को चूमने लगा.. ऐसा करने के बाद रवीना की हिम्मत और बढ़ गयी और वो मेरी पेंट के ऊपर हाथ रखकर सहलाने लगी और में उसके बूब्स को दबाने लगा. दोस्तों रवीना एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी.. रंग थोड़ा संवला था लेकिन फिगर कमाल का था.. बड़े बड़े बूब्स और कमर का तो क्या कहना?

    फिर में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा और मैंने उसके ब्लाउज के बटन को खोल दिया और बूब्स को चूसने लगा तो वो सीईईईईईइ अहह करते हुए मेरे बालों में उंगली फेरने लगी और अब हम दोनों गरम होने लगे तो रवीना ने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाला और एक हाथ से हिलाने लगी और में उसके बूब्स चूसते हुए साड़ी के अंदर हाथ डालकर चूत को छूने लगा और मैंने महूसस किया कि उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई है तो में समझ गया कि वो आराम से चुदवा सके.. इसलिए उसने पेंटी नहीं पहनी हुई है और उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे.. जिसको हाथ लगाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और में उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा तो उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया और वो आआहह उह्ह्ह्ह करने लगी और में उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. वो तड़पने लगी और कुछ देर बाद झड़ गयी.

    फिर उसने मुझे चोदने को कहा तो मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे ऐसे चोदना अच्छा नहीं लगता. फिर पहले तो वो नहीं मानी और फिर मेरे बार बार कहने के बाद वो मान गयी तो इस तरह हम दोनों रात भर एक दूसरे के हथियार को पकड़ कर सहलाने लगे.

    फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा तो वो तुरंत मेरे पैर की तरफ घूम गयी और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और में उसके मुहं को चोदने लगा.. रवीना बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी.. क्योंकि सन्नी जो है वो बहुत अच्छी तरह चोदता है और उसने रवीना की सभी तरह से चुदाई की हुई थी और उसको हर एक स्टाईल सिखा भी रखी थी. फिर रवीना के बहुत देर तक लंड चूसने के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और मेरा सारा वीर्य उसने पी लिया. ऐसा करते करते सुबह के 6.30 बज चुके थे और हम लोग पहुँच गये.

    फिर वहां पर उतरने के बाद रवीना सन्नी के पास गयी और उसे सब कुछ बता दिया तो वो सुनकर कहने लगा कि वो मेरे साथ ही रहे. हमने एक होटल में तीन रूम बुक किए.. एक आंटी और अंकल के लिए दूसरा सन्नी के लिए और तीसरा मेरे और रवीना के लिए. हम रात भर सोए नहीं थे तो हमे बहुत थकान महसूस हो रही थी और हम अपने अपने कमरे में चले गये.. रवीना मेरे साथ रूम में गयी. में बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और रवीना भी जाकर फ्रेश होकर आ गई और अब मेरा भी उसे चोदने का और उसे भी चुदवाने का मूड था. वो अपने बालों को गीला करके एक लाल कलर का नाईट गाउन पहनकर आ गई.

    मैंने जब उसे देखा तो देखता ही रह गया.. दोस्तों में बता नहीं सकता कि उस नाईट गाउन में रवीना क्या क़यामत लग रही थी और वो धीरे से मेरे पास आई और अपने बालों को मेरे चहरे पर हिलाया तो पानी टपकने लगा. दोस्तों में एक टावल में था तो उसने मुझे पकड़कर बेड के ऊपर बैठाया तो मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और चूमने लगा तो उसने मेरे सर को पकड़कर अपने पेट पर दबा लिया और मुहं से शीईईईइ आह्ह्ह्हहऊऊ करने लगी.. ऐसा करते ही मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और टावल में तंबू बन गया. फिर रवीना मेरी गोद में बैठ गयी और में उसके होंठो को चूमने लगा और मैंने चूमते चूमते उसको गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया और मैंने जैसे ही उसके गाउन के ऊपर का बटन खोला तो दो बड़े बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और में उनके ऊपर टूट पड़ा. दोस्तों में उस वक़्त बस में बहुत अंधेरा होने की वजह से उसके जिस्म की किसी भी चीज़ को देख नहीं पाया था. लेकिन अब लाईट में उसके शरीर का हर एक हिस्सा मेरे सामने आने लगा और उसके मुहं से लगातार सिसकियों की आवाज़ आने लगी.. अहहहह और ज़ोर से चूसो मेरे बूब्स को अह्ह्हहह.

    दोस्तों उसके बूब्स बहुत बड़े थे.. उन्हे चूसने में और दबाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर में उसके ऊपर चड़कर आँखों में आँखें डालकर जीभ को चाटने लगा और उसकी आँखों में एक अजीब सा नशा था.. जो मुझे और पागल बना रहा था और रवीना मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों उस टाईम एक ऐसी दुनिया में खो गये थे.. जहाँ से हमे कुछ भी और सुनाई, दिखाई नहीं दे रहा था. हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे की जीभ चाटने में मस्त हो गये और उस टाईम मैंने जाना कि रवीना कितनी सेक्सी और हॉट लड़की है और वो एक मर्द को खुश करने में माहिर थी. फिर में किस करते करते नीचे की तरफ आने लगा और जैसे ही में उसके पेट तक पहुँचा तो उसकी तड़प भी बढ़ने लगी और मेरे दिमाग़ ने भी काम करना बंद कर दिया था और मुझे सिर्फ़ रवीना और उसका हॉट जिस्म दिख रहा था. फिर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे सर को पेट के ऊपर दबाने लगी और मैंने मौका देखकर उसके गाउन को उतार फेंका और देखा कि अंदर उसने कुछ नहीं पहना था.

    फिर मेरी नज़र उसकी चूत पर गयी तो चूत के ऊपर छोटे छोटे बाल थे और जो चूत की शोभा बढ़ा रहे थे.. मैंने उसके पैरों को फैलाया तो चूत के पूरे दर्शन मिल गए. शादी के तीन साल बाद भी उसकी चूत फूली हुई थी तो मैंने धीरे से चूत का मुहं खोला तो अंदर बिल्कुल लाल कलर दिख रहा था और मैंने चूत के दाने को उंगली से थोड़ा गीला करके छुआ तो रवीना के शरीर में करंट सा दौड़ गया और मैंने बिना रुके चूत को चाटना शुरू कर दिया तो वो शईई ऊई माँ करने लगी और मेरे सर पर हाथ फेरती रही.

    उसकी चूत पहले से ही गीली हो गयी थी तो मुझे रस भरी चूत को चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था लेकिन रवीना मेरे चूत चाटने का पूरा मजा ले रही थी. फिर मैंने चूत में एक उंगली डाल दी और चाटने लगा.. चूत के अंदर बहुत गरम था और कुछ देर चूत चाटने के बाद रवीना मुझे अपनी दोनों जांघो के बीच में दबाने लगी और चिल्लाने लगी ऊहह अह्ह्ह करते करते झड़ने लगी. अब मुझे उसकी चूत के पानी को पीने में बहुत मज़ा आ रहा था. में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा तो वो और भी तड़प उठी और उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा था. फिर पूरा झड़ने के बाद रवीना उठी और मुझे बेड पर लेटाकर मेरा टावल निकालकर लंड को चूसने लगी. वो लंड चूसने में माहिर थी और वो मेरे सुपाड़े को दांत से काट लेती. जिससे मेरे अंदर करंट दौड़ जाता और में पीछे से उसकी चूत को सहला रहा था.. जिस कारण वो भी बहुत गरम हो गयी. फिर अचानक वो उठी और मेरे लंड पर बैठ गयी लेकिन मेरा लंड सन्नी के लंड से थोड़ा बड़ा और मोटा था.. वैसे सन्नी का लंड भी बड़ा था और वो रवीना को बहुत चोदता था.

    फिर रवीना झट से मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और दर्द से चीख पड़ी और एकदम खड़ी हो गयी तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान थोड़ा आराम से चूत में डालो.. बहुत मज़ा आएगा और उसके बाद वो धीरे से मेरे लंड पर बैठी और ऊपर नीचे होने लगी. रवीना मेरी तरफ मुहं करके बैठी थी और मैंने उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से तेज़ी से धनाधन चोदने लगा और में जानबूझ कर उसे बहुत देर तक बिना रुके तेज़ चोदने लगा तो वो चिल्लाने लगी.. ऊहह माँ मर गई रे आह्ह्ह ज़रा थोड़ा धीरे करो उफफफ्फ़ लेकिन मैंने नहीं सुना और मग्न होकर चोदने लगा. वो ज़्यादा दर्द के कारण मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे रुकने के लिए कहा..

    मैंने उससे पूछा कि क्यों मेरी जान मज़ा नहीं आया तो वो बोली कि तुम तो बहुत ही खतरनाक स्टाईल से चोदते हो.. सन्नी भी मुझे तड़पा तड़पाकर चोदता है और मुझे लगता है कि तुम दोनों दोस्त एक ही स्कूल से चोदने की ट्रैनिंग लेकर आए हो. फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुवात हुई है आगे आगे देखो होता है क्या?

    फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और में उसके पीछे पास में लेट गया.. उसके एक पैर को मैंने ऊपर उठाया और लंड को चूत में घुसाकर चोदने लगा.. उसकी चूत टाईट तो नहीं थी लेकिन वो बहुत ही सेक्सी थी और मेरा चोदने में पूरा साथ दे रही थी.. इस कारण मुझे उसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो चीखकर झड़ गयी लेकिन में बिना रुके चोद रहा था और चूत से पानी निकलने लगा. मेरे लंड के अंदर बाहर जाते हुए चूत से फच फच की आवाज़ निकल रही थी और पूरे कमरे में गूँज रही थी. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा.. रवीना को बहुत दर्द हो रहा था और वो चिल्ला रही थी.. आह ज़रा धीरे ऑश अह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बेबी? सन्नी गांड नहीं मारता क्या? तो उसने कहा कि मारते तो है लेकिन बहुत कम. फिर मैंने कहा तो आज में तुम्हारी गांड की ऐसी हालत करूँगा कि अगली बार से बड़ा डंडा डाल दो तब भी कुछ नहीं होगा और में उसके बूब्स को पकड़कर चोद रहा था.

    फिर मैंने हर स्टाईल में उसकी गांड मारी और उसे गोद में उठाकर उसकी गांड मारने लगा. ऐसा करने से मेरा लंड गांड में दबकर पूरा अंदर जाने लगा तो रवीना चिल्ला उठी. ऐसे नहीं प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है अहह प्लीज़. तो मैंने उसकी बात मानकर उसे नीचे उतार दिया तो वो बेड पर बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में लेकर खेलने लगी और मुहं में डालकर चूसने लगी.. में नीचे खड़ा था तो मैंने उसका सर पकड़ा और लंड को गले तक घुसाकर मुहं चोदने लगा और जैसे ही मेरा लंड गले तक जाता.. वो अह्ह्ह्ह करके उल्टी करने लगती.. लेकिन में नहीं रुका और उसका मुहं चोदने लगा.

    फिर उसी पोज़िशन में मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और गांड को थोड़ा बेड से बाहर किया.. दोनों पैरों को फैलाकर हाथ में पकड़ा और चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा. रवीना मज़े ले लेकर चुदवा रही थी और उसके मुहं से लगातार आह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो निकल रही थी और मुझे भी उसे ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और में लंड पूरा बाहर निकालकर फिर से फ़च से अंदर डाल देता तो रवीना चीख पड़ती.. उफफफ्फ़ अह्ह्ह माँ और हर धक्के के साथ उसकी चूत और मुहं दोनों में से आवाज़ें निकल रही थी और यह आवाज़ें सुनकर मेरे अंदर और जोश आता और में तेज़ और तेज़ चोदने लगा.

    फिर में बहुत देर चोदता रहा था और रवीना चुदवा रही थी और दोनों बहुत थक चुके थे लेकिन हम दोनों ने हार नहीं मानी. फिर मैंने उसे उसी पोज़िशन में चूत में लंड डाले हुए गोद में उठाया और बेड पर लेटाकर चोदने लगा. रवीना इतनी थक चुकी थी कि वो मुझे अपने ऊपर खीचकर बाहों में जकड़ कर चुदवा रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में बांध रखा था और मेरे हर धक्के के साथ वो मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाती. मैंने उसके बूब्स को चूस चूसकर लाल कर दिए.. निप्पल भी एकदम लाल हो गए थे और में झड़ने वाला था तो मैंने चोदने की स्पीड और बढ़ा दी.. उसके मुहं में अपना मुहं रखकर चूसने लगा.

    तभी रवीना झड़ गयी और अब उसके साथ साथ में भी झड़ गया और में सारा माल उसकी चूत में भरने लगा.. वो चिल्ला रही थी और में भी हाँफ रहा था.. क्योंकि हमारी चुदाई एक घंटे से ज़्यादा टाईम तक चली और में लंड की आखरी बूँद निकलने तक धक्का मार मारकर चोदता रहा. फिर जब मेरा पूरा माल निकल गया तो में उसी हालत में उसके ऊपर पड़ा रहा. रवीना भी बहुत थक गयी तो वो भी ऐसे ही पड़ी रही. फिर 30 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गये. थकान के कारण हम दोनों एक दूसरे की बाहों में कब सो गये पता भी नहीं चला.

    फिर जब नींद खुली तो उस समय दोपहर के 1.30 बजे थे और हम दोनों उठे तो रवीना सन्नी के रूम में गयी और उसे सारी बातें बता दी. फिर संजू आंटी ने मुझसे पूछा तो मैंने भी उन्हे सब कुछ बता दिया तो वो लोग बहुत खुश हो गये और उस रात मैंने रवीना की फिर से जमकर चुदाई की और अगले दिन सबने कहा कि वो लोग मुझे और रवीना को अकेला छोड़कर घर चले जाएँगे.. क्योंकि बच्चा तो ऐसे एक बार चोदने से नहीं होगा और जब तक रवीना गर्भवती नहीं होती.. वो मेरे साथ रहेगी.

    फिर वो लोग चले गये में और रवीना वहाँ पर दो दिन और रही और फिर हम मेरे घर आ गए.. उसके बाद में रवीना को दिन रात चोदने लगा. उसे जितना भी चोदो और चोदने का मन करता. फिर 19-20 दिन चोदने के बाद पता चला कि वो गर्भवती है.. यह बात सुनकर सब लोग बहुत खुश हो गये.. सन्नी आया और रवीना को अपने साथ ले गया. लेकिन जब रवीना गयी तो मुझे बड़ा बुरा लगा और मेरे साथ साथ रवीना को भी.. क्योंकि इन कुछ दिनों में हम दोनों पूरी दुनियाँ को भूलकर सिर्फ़ चुदाई करते रहे और उसके और मेरे बीच एक लगाव हो गया था और वो जाते जाते बहुत रोई लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था.

    फिर एक दिन अचानक मुझे फोन आया कि रवीना का बच्चा गिर गया है और इस घटना से सन्नी के घर वाले बहुत दुखी हो गये और ऐसा लगा कि जैसे उनके सारे सपने बिखर गये.. लेकिन एक महीने बाद संजू आंटी ने फिर से रवीना को मेरे साथ रहने के लिए भेज दिया और हमारी लाईफ स्टाईल फिर से चेंज हो गयी.

    फिर से हम वही मस्ती मज़ाक से साथ साथ ज़बरदस्त चुदाई करने लगे लेकिन पता नहीं क्यों इस बार रवीना को गर्भवती होने में बहुत टाईम लगा और रवीना को गर्भवती होने में पूरा दो महीनों से भी ज़्यादा समय लगा था. मैंने सन्नी से कहा कि यार तू इसे मेरे पास ही रहने दे.. यहाँ पर डॉक्टर को और सभी सुविधायें है और इसलिए वो घर में रहकर ही अपना चेकअप करवाती रहेगी.. तू रवीना का ख़याल रखने के लिए सिर्फ़ संजू आंटी को भेज दे.. तो सन्नी ने वैसा ही किया और संजू आंटी मेरे पास रहने के लिए आ गई और उनके आने के बाद मुझे फिर से एक बार मौका मिल गया उनको चोदने का. जब रवीना सो जाती थी तो में आंटी को चोदता तो ऐसा रोज़ चलता रहा और वो लोग मेरे पास करीब 9 महीने रहे.

    फिर रवीना की डिलीवरी हुई और उसको एक बेटा हुआ तो यह देखकर सारे लोग बहुत खुश थे और डिलीवरी के बाद भी एक महीने तक वो लोग मेरे पास रहे और फिर अपने घर चले गये. आज रवीना और मेरा बेटा करीब दो साल का है और में आज भी रवीना को बहुत याद करता हूँ.. क्योंकि बच्चा होने के बाद मैंने उसे फिर कभी हाथ नहीं लगाया. वो तो चाहती थी कि में उसे फिर से चोदूं लेकिन मैंने अपने दोस्त के लिए उसे ना कह दिया.

  • बीवी और अपनी बहन को रांड बनाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मुजीब है और मेरी फेमिली में मेरे मम्मी पापा, में और मेरी छोटी बहना सलमा रहते है. मेरी उम्र 20 साल है और मेरी प्यारी रंडी बहन करीब 18 साल की होगी, वो मस्त माल है और रंग गोरा है. में उसे जब वो छोटी थी तब से दबा रहा हूँ. आज तो वो जवान हो गयी है, बड़े-बड़े बूब्स उठ चुके है, बड़ी-बड़ी गांड पीछे से निकलती है.

    अभी थोड़े दिन पहले ही उसने पहली बार ब्रा पहननी शुरु की है, उसकी इच्छा थी कि उसे पहली बार ब्रा उसके भैया ही पहनाए, क्योंकि अंदर जो माल आया है, उसके पीछे भैया का ही हाथ है. में उसे बहुत बार मेरी गोद में बैठा चुका हूँ और मैंने कई बार उसकी जीभ चूसी है, वो साली गुड़िया रानी बहुत मीठी है. में हमेशा से उसका चहिता हूँ और उसे जो चाहिए जैसे चाहिए में उसे देता हूँ और उसे कभी कमी नहीं होने देता हूँ.

    अभी थोड़े दिन पहले ही उसका बर्थ-डे था, तो उसने मुझे बताया कि अब माँ मुझसे कहती है कि ब्रा पहन लूँ बहुत खराब दिखता है, तो मैंने बोला कि ओके दीदी में तुझे लाकर दूँगा या हम दोनों साथ में जाकर खरीदेंगे. फिर वो बहुत खुश हो गयी और बोली कि भैया ये मेरे मन की बात थी कि में पहली बार ब्रा तुम्हारे हाथ से ही पहनूं. यह थोड़े दिन पहले की बात है और मेरे घरवालों ने मेरी सगाई करने का इरादा किया. फिर मेरी माँ ने बताया कि अब तुम समझदार हो गये हो, तुम्हारे लिए कोई लड़की देखनी पड़ेगी.

    मुझे मेरी बहन की सहेली सना बहुत पसंद है और उसे में मेरी रांड बनाना चाहता हूँ, वो बात मेरी रंडी बहन सलमा को भी मालूम है और कभी-कभी में मेरी बहन को सना बोलकर ही बात करता हूँ.

    अब तो मेरी सगाई हो चुकी है और मेरी डार्लिंग सना मेरी रांड बन चुकी है और बार-बार मेरे घर आती जाती रहती है और सना को सब मालूम है कि में सना और सलमा दोनों का दीवाना हूँ और मुझसे पहले मेरी रंडी बहन ने ही उसे सब बता दिया था कि हम दोनों के बीच में ये सब चल रहा है और उसे ये सब मंज़ूर था. फिर जब कई बार घर पर कोई नहीं होता या मेरे कमरे में वो दोनों होती है, तो में उन दोनों को साथ-साथ में चूमता हूँ और अपनी बाँहों में लेता हूँ और कभी-कभी तो उन दोनों को एक साथ किस करता हूँ, वो दोनों मेरी रांड है.

    यह थोड़े दिन पहले की ही बात है मेरे मम्मी और अब्बू किसी काम से बाहर गाँव गये हुए थे. अब घर पर सिर्फ़ में और मेरी बहन सलमा थे, तो हमने प्रोग्राम बनाया कि क्यों ना आज भाभी को यहाँ बुलाया जाए? और आज़ादी के साथ दोनों को रांड बनाया जाए, ऐसी मेरी बहन की ख्वाइश थी, तो में बोला कि हाँ तू उससे पहले पूछ ले. फिर उसने फ़ोन घुमाया और उससे बात की और बातों-बातों में बताया कि आज हम दोनों घर पर अकेले है, आपका क्या प्रोग्राम है? आप आ जाए तो और मज़ा आयेगा.

    फिर वो बोली कि कैसा मज़ा? तो उसने बताया कि आज भैया हम दोनों को एक साथ माँ बनाएँगे. तो वो चौक गयी और पूछने लगी कि क्या? तो वो बोली कि अब समझा करो आज हम दोनों एक साथ भैया की दुल्हन बनेंगे, तुम तैयार हो? और फिर उन दोनों ने मिलकर आपस में बातें की और प्रोग्राम बनाया. फिर सलमा बोली भैया भाभी मान गयी है अब तैयारी करो. अब वो आएंगी, तो तुम्हें उसे कुछ गिफ्ट देना पड़ेगा और मुझे भी गिफ्ट देना पड़ेगा, में भी तो तुम्हारी ही जान हूँ. फिर में बोला कि हाँ, लेकिन दीदी अभी टाईम कम है और मुझको ज़्यादा से ज़्यादा टाईम तुम दोनों के साथ बिताना है, आज में तुम दोनों को खा जाऊंगा.

    वो बोली कि ओके भैया मेरे पास मेरी एक नयी ब्रा और पेंटी है अगर आपको उसे गिफ्ट करना हो तो बोलो. फिर में बोला कि ओके जान और तुम्हें क्या दूँगा? तो वो बोली कि भैया मुझे एक डिल्डो चाहिए. जब तुम भाभी के साथ होंगे तो मुझे तुमको याद करके मेरी चूत में डालना पड़ेगा. फिर में बोला कि वो कहाँ मिलेगा? तो उसने बताया कि शायद भाभी के पास है. आप उससे कहिए कि वो लेकर आए और फिर आप मुझे वो गिफ्ट कर देना और जब मौका मिले तो भाभी को दूसरा दिला देना. फिर में बोला कि हाँ जान तुम्हारी बात तो ठीक है, लेकिन तुम ही जरा सना को बता दो कि वो डिल्डो लेकर आए. फिर पहले तो वो आनाकानी करने लगी, लेकिन फिर मेरे कहने पर उसने सना को फ़ोन पर बताया कि वो साथ में हथियार लेकर आए.

    दोस्तों अब मुझे तो बहुत जल्दी थी कि कब वो रांड आए और में उसे खा जाऊं और वो भी मेरी रंडी बहन के सामने. फिर मैंने सलमा को बताया कि हम हर रोज साथ में रहते है, लेकिन आज एक खास दिन है और आज प्लीज तुम मेरे लिए सजना जैसे कि आज तुम्हारी सुहागरात है और तुम्हें तुम्हारे पति को खुश करना है. फिर वो मेरे सामने सब ड्रेस रखने लगी और बोली कि आज आप बताइए में तुम्हारे लिए कैसे तैयार होऊं? तो फिर मैंने मेरे हाथों से मेरी रांड बहन सलमा को सजाया.

    अब वो मेरी गोद में बैठी थी और मेरी माँ के जो गहने थे, वो उसे मेरे हाथ से पहनाए और साथ में उसे खूब चूसा, नाक में नथ पहनाई, पैर में पायल, कमर में सिल्वर चैन बांधी और खासकर उसको नंगा करके उसकी चूत के जो लिप्स होते है उस पर लिपस्टिक लगाई और बोला कि जब मेरा लंड तेरे होंठ चूसेगा तो तेरी लाली से लाल हो जाना चाहिए, तो वो मुस्कुराने लगी.

    थोड़ी देर में डोर बेल बजी, तो सलमा बोली कि जाओं भैया दुल्हन को लेकर आओ. फिर में बोला कि नहीं तुम जाकर भाभी को मेरे रूम में लेकर आओ. अब उन दोनों रंडियो की आपस में पहले ही बात हो गयी थी. फिर मैंने देखा तो वो भी एकदम कड़क माल बनकर आई थी और दुल्हन जैसे कपड़े उसके साथ छुपाकर लेकर आई थी.

    वो बोली कि आज मेरी ननंद मुझे अपने भैया के लिए तैयार करेगी. फिर जब मैंने उन दोनों हसीनाओं को देखा तो मेरे होश उड़ गये. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि कहाँ से शुरू करूँ? अब मेरा लंड तन चुका था. फिर मेरी बहन बोली कि भाभी ये देखो, वो तो अभी से तैयार हो गया, अभी तो दुकान भी नहीं खुली है. फिर मैंने उन दोनों को दबोच लिया और अपनी बाँहों में भरकर बारी-बारी से उन दोनों को खूब चूसा.

    फिर तभी मेरी बहन मुझसे अलग हुई और मेरी रांड सना को भी अलग किया और बोली कि में भाभी को सजाकर आपके सामने पेश करती हूँ, आप थोड़ी देर इंतज़ार करिएगा. अब मेरा तो दिमाग ही काम नहीं कर रहा था. फिर में उठकर अंदर गया तो मैंने देखा कि वो दोनों एक दूसरे से लिपटी थी और एक दूसरे को चूस रही थी.

    में उन दोनों के सामने जाकर बैठ गया और उन दोनों को देखने लगा, तो वो दोनों मेरे सामने देखकर मुस्कुराने लगी और एक दूसरे को चाटने लगी. अब में जहाँ बैठा था, वहाँ सना का पर्स पड़ा था तो मैंने उसे उठाया और देखने लगा, तो वो मुझे ना बोलने लगी, लेकिन मैंने पर्स को खोलकर देखा तो उसके अंदर बड़ा सा रबड़ का लंड था जैसे घोड़े का होता है.

    मैंने उसे बाहर निकाला, तो मेरी बहन मुझसे माँगने लगी कि देखो भैया मुझे ये चाहिए और आप भाभी को दूसरा दिला देना. अब वो दोनों खिलखिला रही थी और एक दूसरे को चूस रही थी. फिर तभी मैंने उठकर मेरी बहन की गांड पर रबड़ का लंड मारा, तो वो ज़ोर से चिल्लाई उूहू भैया क्या कर रहे हो? और फिर में वापस आकर अपनी जगह पर बैठ गया.

    अब उन दोनों का प्यार चालू था, तो तभी मेरी बहन मेरी रांड सना को लेकर मेरे पास आई और मेरा लंड निकालकर चूसने लगी. अब कभी ये तो कभी वो, अब वो दोनों बारी-बारी से मेरा लंड चूस रही थी, तो कभी वो दोनों मिलकर दोनों साईड से मेरे लंड पर अपनी जीभ फैरती. अब में उन दोनों की गांड पर हाथ फैर रहा था और कभी चूत पर भी अपना हाथ मार देता था.

    तभी मेरी रांड सना ने उठकर उस लंड की बेल्ट बाँधकर उसे पहन लिया और मेरी बहन के पीछे से उसे टच करने लगी. अब मेरी बहन एकदम मस्त हो गयी थी और घूमकर उसका रबड़ का लंड चूसने लगी. अब मेरा लंड उसके हाथ में था, अब वो दोनों गर्म हो गयी थी. फिर तभी मेरी बहन ने उसकी भाभी का लंड मुझे ऑफर किया, भैया भाभी का लंड चूसोगे? तो मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ा और उसे ऊपर करके उसकी चूत को चूसने लगा. अब वो पागल हो गयी थी.

    अब मेरी बहन मेरा लंड चूस रही थी और उसे चूसकर बिल्कुल कड़क करके मेरी रांड सना की चूत में डालने के लिए उसे कुतिया बनाया, तो मैंने धीरे से मेरी रांड सना की चूत में अपना लंड डाल दिया और झटके मारना लगा.

    तभी मेरी प्यारी बहन कुतियाँ बनकर उसके बूब्स चूसने लगी. अब उसकी गांड मेरे नज़दीक़ थी तो मैंने उसकी गांड पकड़कर उस पर ज़ोर से काटा, तो वो ज़ोर से उछली, तो मैंने उसे पकड़कर दबोच दिया. अब मेरा लंड सना की चूत में था और में मेरी बहन की चूत पीछे से चाट रहा था.

    थोड़ी देर के बाद मैंने मेरी कुतिया रांड की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और मेरी बहन से बोला कि तुम उसे चूसो, में तुम्हारी भाभी की चूत चूसूंगा और फिर मैंने खूब चूत चुसाई की. फिर बाद में मेरी बहन बोली कि भैया ये तैयार है अब इसे भाभी की चूत में डालो. फिर में बोला कि तू ही पकड़कर अपनी भाभी की चूत में डाल दे, तो तब उसने पकड़कर उसे गले लगाया.

    फिर मैंने बहुत कसकर मेरी रांड सना को चोदा और उसे चरमोत्कर्ष तक ले गया. अब जब वो झड़ने वाली थी, तो मैंने मेरा लंड बाहर निकालकर उसे कुतिया बनाकर उसकी गांड में घुसाकर उसकी चूत को पूरी तरह से दबोचकर खूब चूसा और उसकी चूत का पूरा पानी पी गया. फिर जब मैंने उसे छोड़ा, तो वो मेरी बहन के पास अपनी चूत फैलाकर बोली कि कि तू भी इसे चूस.

    फिर सलमा भी अपनी भाभी की चूत चाटने लगी. अब वो कुतिया जैसी होकर चूत चाट रही थी और में फिर से धीरे से पीछे जाकर उस पर चढ़ गया और ज़ोर से झटके मारकर मेरी रांड की चूत में मेरा लंड घुसेड़ दिया. अब वो चिल्लाने लगी थी कि भैया में मर गयी उईईईईईईई माँ, में मर जाउंगी, भैया छोड़ो मुझे.

    तब मेरी रांड ने उसके बूब्स चूसे और अपने बूब्स उससे चुसवाए. फिर सना बोली कि आराम से मारो अपनी बहन की चूत, वो कहीं भागी नहीं जा रही है. फिर में बोला कि वो क्यों डार्लिंग? और फिर मैंने उसे दबोच लिया. अब मेरा लंड मेरी बहन की चूत में था और अब में धक्के मार रहा था और मेरे मुँह में मेरी रांड सना की चूत थी. फिर जब मेरी बहन झड़ने की करीब आई तो उसने बताया कि वो झड़ने वाली है, तो मैंने मेरी जीभ से उसका पानी पिया और मेरी रांड को भी किस करके पिलाया. दोस्तों इस तरह से मैंने उन दोनों रंडियों को यानि मेरी बहन और बीवी को चोदा और खूब मजा किया.

  • मां बहन कि चुदाई खेत में

    (Ma Bahan ki chudai khet me)
    दोस्तों मेरा नाम रामू है हम लोग बहुत गरीब है और अपने गांव में छोटे से घर में रहते हैं हम तीन लोग है घर में मै 20 साल मां 36 और बहन 18 साल है मेरा 2 एकड़ ज़मीन है जिस में गन्ने का खेती कर के हम तीनो का गुजरा होता है खेत में एक झोपड़ी है जिस में हम आराम करते है और रात में सोते है मेरी मां का नाम कामनी है बहन का मुन्नी अब आते हैं कहानी में ###

    मेरे बस एक मोबाइल था 4g उस में मै रोज चुदाई फिल्म देखता और लंड हिलाता और चूत अभी तक नहीं मिला था मेरे खेत के बगल में राजन का खेत था उस का बाप सहर में काम करता था और ओ अपनी मां रुक्मणि बहन सन्नो के साथ खेत में काम करता हम से हमेशा झगड़ा होता उस से खेत में पानी को लेकर सरकारी पम्प था हम दोनों के खेत के बीच में एक दिन मै अपने खेत में काम कर रहा था तो राजन के खेत की तरफ गया तो हम को कुछ आवाज सुनाई दिया मै ने सोंचा की साला राजन मेरा गन्ना चुरा रहा है हम आहिस्ते आहिस्ते आगे गए तो देखा कि राजन अपनी 17 साल की बहन का लहंगा उपर कर के चूत में लंड रगड़ रहा है बूब्स दबा रहा है हम ने अपना मोबाईल से वीडियो बनाने लगा राजन बोला मेरी जान एक बार चूत में डाल ने दे कब तक तड़पाएगी सन्नी बोली भईया मां को कहीं भेज दो दो दिन के लिए तब आराम से चोदना मेरा पहला है चुदने के बाद चल नहीं पाऊंगी।

    तब मां को जवाब देना मुश्किल होगा तब राजन बोला एक बात बोलूं तू बुरा मत मानना मेरा मन मां को भी चोदने का करता है मां का चूत भी लंड को तरसता होगा और अगर मां को चोद ले ना तुम को मां के सामने भी चोद सकता हूं सन्नी राजन को धक्का मर के अलग किया और बोली तुम मां के बारे में तुम ऐसा सोचते हो राजन बोला जब एक भाई बहन चुदाई करना चाहते है तो मां को क्यों नहीं चोद सकता मां को भी लंड की कमी महसूस होती होगी और मां रोज अपने चूत में उंगली करती है में ने देखा है और मां को चोदना चताहा हूं तुम्हारे लिए और बद्राश नहीं होता आज ही मन को चोदना है जब मां खाना लेकर आएगी तब तुम घर चली जाना सन्नो बोली ठीक है भईया और राजन सन्नो चूत चाट ने कहा सन्नो कमर हिला कर झड़ गई राजन सन्नो का चूत रस पी गया दोनों झोपडी की तरफ जाने लगे।

    मै भी अपने खत आगया मां और बहन दोनों खाना ले आई मै ने खाना खाया और मां को बोला मां तू दोनों आराम करो हम पम्प का कुछ सामान लाने घर जाता हूं पम्प में पेसर काम है वासर कट गया है दोनों झोपड़ी में आराम करने गई हम कर राजन के झोपडी के पीछे छुप गया राजन की मां आई दोनों खाना खाया रुक्मणि बोली सन्नो को किया हुआ ओ घर चलीगई राजन बोला लगता है सन्नो का तबीयत खराब है खाना खा कर दोनो आराम करने लगे रुक्मणि को नींद आगया राजन अपनी मां का लहंगा उठा कर चूत देखने लगा हम ने फिर वीडियो बनाया फिर राजन उठ कर अपने लन्ड में सरसो का तेल लगाया और आहिस्ते आहिस्ते अपनी मां का दोनों पैर को घुटनों मोड़ कर चूत में लंड लगा कर धक्का मर के लंड चूत में डाल दिया रुक्मणि आंख खोल और चीखी तब राजन ने अपनी मां का मुंह बंद कर के तबा तोड़ चुदाई करने लगा कुछ देर बाद रुक्मणि भी अपना कमर हिलाने लगी रुक्मणि को भी मजा आने लगा।

    तब राजन ने अपना हाथ हटाया रुक्मणि बोली बेटा ये किया कर रहा राजन बोला मां तुम्हारा दुख हम से देखा नहीं गया तुम राज चूत में उंगली करती हो तुम को लंड चाहिए और हम को चूत इस में हम दोनों का फायदा है पर बेटा हम मान बेटा है मां बेटा आपस में चुदाई नहीं करते राजन मां आप को नहीं मालूम आज कल सब से पहला चूत मां बहन का ही चोदते हैं इस में बदनामी का डर नहीं होता ये देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया हम ने सोचा कि आज तो चूत चोदना ही है कुछ देर में राजन माल अपनी मां के चूत में छोड़ दिया रुक्मणि भी झड़ गई हम जल्दी से बाहर आ कर झोपडी में गए राजन अभी भी ऊपर था और उस का लंड चूत में था हम को देख कर दोनो का जैसे हाठ फेल हो गया दोनों हम को ही देख रहे थे हम ने बोला मजा आया कि नहीं मान बेटा चुदाई में राजन जल्दी इस उठा और लुंगी लपेटा रुक्मणि भी कपड़ा ठीक किया दोनों मेरा पैर पकड़ ने लगे किसी को मत बोला नहीं तो हम बदनाम हो जाएंगे।

    दोनों को बिठाया और हम भी बैठ गए मै ने बोला कब से चल रहा है दोनों रोने लगे बोले आज पहला था मै बोला आज पूरे गांव वाले को मालूम पड़ जाए गा की एक मां बेटा आपस में चुदाई करते है आचनाक राजन बोला कोई भी तुम्हारे बात का अकिन नहीं करेगा हम बोल देंगे कि तुम ने मेरी के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की है मै हंसा और दोनों की चुदाई वीडियो दिखया रुक्मणि बोली बेटा तू भी मेरे बेटे जैसा है हम को बदनाम मत कर तू जो बोलेगा हम करेंगे मै बोला जब आप ने हम को बेटा बोला है तो मै भी बेटा वाला काम करूंगा तुम को चुदुंगा राजन चीख उठा रुक्मणि बिलो राजन तुम बाहर जाओ मैं बोला नहीं राजन अही रहेगा दोनों मिल कर करेंगे राजन कुछ नहीं बोला हम ने रुक्मणि को लिटा कर चूत देखा चूत में राजन का माल था।

    मै बोला चूत को साफ कर ओ बाहर जा कर धो कर आई हम ने लिटा कर चूत देखा मस्त चूत था मै बोला चाची मेरा ये पहला चूत है जो आज अपना कुंवारा पन तुम को दे रहा हूं मै ने लंड चूत में डाल दिया मेरा लन्ड राजन से बड़ा था मै चोदने लगा और राजन को ही नंगा कर दिया देखा राजन का भी लंड खड़ा था मै करीब 20 मिनट चोदा और माल चूत में डाल दिया फिर राजन को बोला अब तू चोद राजन भी चोदा हम सब साफ़ कर के आए मै बोला राजा बुरा मत मैं मै ने तेरी मां का चूत लिया है मै भी तुम को एक चूत दूंगा रुक्मणि बोली कों है में रुक्मणि का बूब्स दबाते हुए बोला चाची तुम मेरा एक काम कर दो मै भी अपनी मां को चोदना चाहता हूं तुम मां को पटा ने में मेरी मदद करो और राजन मै भी अपनी मां का चूत तुम को दूंगा ये मेरा वादा है राजन खुस ही गए मै बोला चाची एक बार और दो ना तो चाची बोली रात में पैखाना करने जाएंगे तो राजन को भी साथ ले आएंगे तुम भी आजना खेत में चुदाई हो जाएगा।

    अभी घर जाना है सन्नो का तबीयत खराब है चाची उठ कर जाने लगी और बोली राजन आज से तुम दोनों दोस्त बन जाओ तुम दोनों के साथ मजा आया रामू तुम्हारा 8 इंच का लन्ड से मजा आया अब तुम दोनों का लंड हम को रोज चाहिए फिर ओ चली गई हम ने बोला राजन नाराज है किया राजन कुछ नहीं बोला मैं बोला एक और तोफा लेना है तुम से और तुम को भी एक तोफा देना है राजन बोला किया मै बोला सन्नो का चूत ये सुन कर ओ बहुत बिगड़ गया मै बोला जादा मत बोला नहीं तो सारा वीडियो नेट में डाल दूंगा मै ने दोनों भाई बहन का वीडियो दिखाया ओ डर गया मै बोला देख डर मत मै भी तुम को अपनी बहन मुन्नी का कुवारा चूत तुम को दूंगा मै भी मुन्नी का चूत चाट ता हूं पर जगह नहीं होने के कारण चोदा नहीं मां के डर से राजन मुन्नी का सुन कर खुश हो गया 16 साल का चूत मिलेगा मै ने झूट बोला कि मै अपनी बहन को पटा लिया है।

    हम दोनों अपनी मां बहन का बात करते करते दोनों का लन्ड खड़ा हो गया मै बोला चाची होती या मेरी मां होती तो कितना मजा आता हैं दोनों राजन का चुदाई विडियो देखा और लंड हिलाने लगे मेरा राजन का गांड मारने का मन हो गए मै बोला एक काम करेगा राजन बोला किया बोल कोई जुगाड़ है तो बोल मै बोला ये देख मै गांडू चुदाई वीडियो देखने लगा मेरे मोबाइल में बहुत था ये देख कर राजन राजी हो गया हम दोनों नंगा हो गए और राजन का लन्ड हिला ने लगे राजन मेरा हिलाने लगा मैं ने राजन को पेट के पल लिटाया और अपने लन्ड में तेल लगा कर गांड में लंड गलने लगा राजन का को दर्द हुआ फिर भी ओ बर्दास्त किया हम ने लंड पूरा डाल कर चोदने लगा फिर राजन को खड़ा किया और झुका के चोदने लगा और एक हाथ से राजन का लन्ड हिलाने लगा राजन को मजा आने लगा।

    हम चोदते चोदते अपना माल राजन के गांड में डाल दिया मेरा माल अपने गांड में पा कर ओ बी झड़ गया हम अलग हुए मै बोला अब तू चोद हम को ओ बोला यार तीन बार मेरा झड़ गया है अब खड़ा नहीं होगा मै बोला चल बाद में कर लेना हम दोनों घर आ गए मै अपने घर गया तो देखा मी मां और बहन आ गई है बहन चित सोई है है और एक पैर मुड़ा है जिस से बहन का जांघ देख रहा है मै ने झुक के देखा बहन ने चड्डी नहीं पहना है या घर आ कर खोल दिया होगा बहन का चूत दिख रहा था हल्का हल्का बाल था रेशम के जैसा मेरा हालत खराब हो गया मेरा मुठ मारने का होने लगा मैं बाथरूम की तरफ गया जो आनगं के कोने में टीन का बना था दरवाजे के पास जब गया तो मां की आवाज आने लगी में ने एक छेद से देखा तो मां पूरी नंगी थी और अपने चूत में उंगली कर रही थी मै ने अभी भी मां बहन को गलत नजर से नहीं देखा था पर आज जो भी हुआ अब एक नसा हो गया था कि मां और बहन को चोदना है किसी भी हाल में मै रूम में आया मां आई मां बोली बेटा कब आया जा नहा ले।

    मै नहा धो के मुन्नी को हो बोला नहीं ले मां बोली बेटा आज रात में पानी देना होगा खेत में मै खाना बनाती हूं तू जरा राजन के घर जाओ उस की मां आई थी कुछ काम था तुम से मै चाई पी कर राजन के घर गया रुक्मणि देख कर बोली तुम दोनों खेत में इंतेज़ार करो हम आते है राजन बोला मेरा और मन नहीं है मै बोला साले तू ने सन्नो को अगर चोदा तो याद रखना राजन बोला यार तीन बार माल गिरा है मेरा अब खड़ा नहीं होगा और सन्नो का चूत पहला तुम को ही मिलेगा कल खेत में मै बाहर गए कुछ देर में रुक्मणि आई बगल में एक बाजरे का खेत था हम दोनों अन्दर गए मै तो लिपट गया रुक्मणि भी बहुत खुश थी हम ने लिटाया और चूत चाट ने लगा उस मेरा लंड भी चटा मै ने अपना लन्ड रुक्मणि के चूत में डाल दिया और चोदने लगा रुक्मणि बोली इतना जल्दी किया है आराम से चोद मै बोला चाची खेत जाना है मनी देने चाची बोली खेत में मनी देना है या अपनी मां के खेत में देना और चाची हंस ने गई मै चोदता हा और अपना माल चूत में डाल दिया चाची बोली आज लगता है।

    तुम को तुम्हारी मां का चूत भी मिल जाएगा मै बोला कैसे चाची आज हम लोगों का चुदाई तुम्हारी मां ने देख लिया है और सारा बात भी सुना है तुम्हारी मां पम्प में आई थी तुम को ढूंने जब हम घर आए तब तुम्हारी मां ने हम को बहुत गाली दिया फिर हम ने समझाया कि देख तेरे पति को मेरे 10 साल हो गया है अपनी जवानी बर्बाद मत कर मै अपने बेटे से 2 साल से चुद रही हूं तू भी चुद अपने बेटे से घर की बात घर में रहेगी तुम्हारी मां गाली दे कर अपने घर चली गई हम ने झूठ बोला कि हम दो साल से चुद रही हूं तुम्हारी मां को पटाने के लिए आज तू मार खाएगा या फिर चूत खाएगा अपनी मां का मान का चूत का खयाल आते ही मै चाची को हुमच हुमच के चोदने लगा और चूत में मनी डाल दिलाया चाची बोली देख राजन का लन्ड काम चलने लायक है पर तेरे लंड का जवाब नहीं मेरे बेटे का कारण तेरा लंड मिला हम को अब जा मां को चोद पर हम को भूलना है मै बोला एक और काम है पर अभी नहीं कल बताऊंगा ____ समाप्त बाकी कहानी पार्ट 2 में

  • पति पत्नी और औलाद का सुख

    मेरा नाम कोमल है और मेरी उम्र 30 साल है। मैं एक कंपनी में बहुत अच्छी नौकरी करती हूँ। मेरे पिता कुछ समय पहले तक इसी कंपनी में महाप्रबंधक थे जिसकी वजह से मुझे नौकरी ढूंढने में कोई परेशानी नहीं हुई।
    अब वो सेवा निवृत्‍त हो चुके हैं। मगर उनकी वजह से मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई।

    जब मैंने आफिस ज्‍वाइन ही किया था, तभी धीरज नाम का एक और लड़का भी इसी आफिस में मेरी तरह ही नया नया लगा था। उससे मेरी कुछ बातचीत होने लगी। उसको मैंने नहीं बताया था कि मेरे पापा इसी कम्पनी में महाप्रबंधक हैं। धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ने लगी। वो मुझसे दो साल बड़ा था. उसके माता पिता किसी दूसरे शहर में रहते थे और वो यहाँ पर नौकरी करने के लिए ही आया था और हमारे शहर में एक किराये का मकान लेकर रहता था। हम दोस्त ज़रूर बने मगर हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं था जिससे कोई कुछ कह सकता। हमारा मिलना जुलना और लंच भी बस आफिस तक ही था। और हम लंच भी एक साथ ही किया करते थे.

    धीरज एक मिडिल क्‍लास परिवार से था, उसने मुझे बताया कि वो एक मिडल क्लास के परिवार से है और उसके कुछ रिश्तेदार तो बहुत ही ग़रीब हैं. उसकी बहन की शादी एक बहुत अच्छे परिवार में हुई थी जहाँ किसी किस्म की कोई दिक्कत नहीं थी मगर उसके जीजा को शादी के कुछ समय बाद व्यापार में बहुत ही नुकसान हो गया था जिसकी वजह से उनको अब गुज़ारा करना भी मुश्किल होता है. वो कभी कभी उनकी सहायता के लिए कुछ रुपये भेज देता है. उसके मुक़ाबले में मेरी माली हालत कहीं अच्छी थी.

    धीरज बहुत ही मेहनती था और कुछ ही समय में वो कंपनी में उच्‍च पद पर आ गया।
    अब क्योंकि मैं उससे रोज़ ही मिलती जुलती थी धीरे धीरे मैंने खुद को पाया कि मैं उसको चाहने लगी हूँ मगर मैंने कभी उससे जाहिर नहीं होने दिया क्योंकि मुझे नहीं पता था कि वो मेरे बारे में क्या सोचता है. अगर मैंने कुछ पहल दिखाई और उसने मना कर दिया तो मैं उससे फिर नज़र नहीं मिला पा सकूँगी.

    जब मेरे पापा सेवानिवृत्‍त हुए तब उसे पता लगा कि मैं उनकी बेटी हूँ।
    उसने तब मुझसे कहा कि मैंने उसे पहले क्यों नहीं बताया इस बारे में तो मैंने उससे कहा- मैं अपनी दोस्ती के बीच तुमसे यह नहीं बताना चाहती थी कि मेरा परिवार कौन सा है जिससे तुम यह ना समझो कि मैं अपनी पारिवारिक पृष्‍ठ भूमि तुमको जता रही हूँ. मैंने उसको अहसास दिलाया कि मेरे लिये हमारी दोस्‍ती ज्‍यादा मायने रखती है।

    कुछ दिन बाद उसने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारे माता-पिता ने तुम्हारी शादी अभी तक कहीं पक्की नहीं की?
    मैंने कहा- मेरे पिता तो बहुत जल्दी कर रहे हैं मगर मैं ही नहीं मानती.
    उसने पूछा- क्यों क्या हुआ?
    मैंने कहा- मुझे एक लड़के से प्यार हो चुका है.
    “तब क्यों नहीं अपने पिता से कहकर उससे शादी पक्की कर लेती हो.”

    मैंने कहा- मुझे नहीं पता कि वो लड़का मेरे बारे में क्या सोचता है.
    उसने कहा- महामूर्ख होगा जो तुम जैसी को ना करेगा.
    मैंने कहा- मैं क्या कर सकती हूँ … मैं उससे पूछ कर अपनी दोस्ती ख़त्म नहीं करना चाहती. अगर उसके दिल में कोई और लड़की हुई तो?
    उसने मुझसे कहा- तुम मुझे उसका नाम बताओ, मैं उससे बात करने की कोशिश करता हूँ.
    मैंने कहा- अगर काम बनता हुआ तो भी नहीं बनेगा, वो यह सोचेगा कि तुम मेरे बहुत नज़दीक हो और वो बिदक जाएगा.
    यह सुनकर उसने कहा- बात तो तुम सही कह रही हो.

    फिर वो बोला- मेरी भी किस्मत देखो, जिसे मैं चाहता हूँ वो किसी और को चाहती है.
    मैंने पूछा- कौन है वो खुश नसीब जिसे तुम चाहते हो?
    वो बोला- छोड़ो … अब बताना भी ठीक नहीं होगा.
    मैंने कहा- क्यों, मैं क्या किसी को बताने जा रही हूँ?
    उसने कहा- नहीं, मैं अब कुछ नहीं बता सकता.
    मैंने कहा- तुम्हें उसकी कसम होगी, जिसको तुम सब से ज़्यादा प्यार करते हो … अगर नहीं बताओगे तो.
    उसने कहा- ठीक है, मैं आज नहीं बता सकता क्योंकि आज मेरे दिल बहुत उचाट हो गया है मगर कल बता दूँगा.

    अगले दिन वो आफिस में नहीं आया मगर मेरी टेबल पर एक लिफ़ाफ़ा पड़ा था जिस पर मेरा नाम लिखा था। उसे खोलकर देखा तो उसमें बस दो लाइन ही लिखी हुई थी- कोमल जी, मैं आपको चाहता था मगर जब मुझे पता लगा कि आप किसी और की होने वाली हैं तो मैं कैसे आपको बताता। क्योंकि आपने मुझे यह पूछा है, सिर्फ इसलिये मुझे यह सब मजबूरी में लिखना पड़ रहा है क्योंकि आपने मुझे कसम दे कर यह पूछा है।
    पढ़कर मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा, मैंने उसी समय उसको फोन किया और बोली- इतने दिन तक क्यों तरसाया मुझे? आपको नहीं पता मैंने अपने माता पिता को कितनी बार शादी से इन्कार किया तुम्हारी खातिर! मुझसे कई बार उन्होंने पूछा था कि अगर कोई लड़का है तुम्हारी नज़र में तो बता दो, हम बिना झिझक तुम्हारी शादी वहीं कर देंगे.
    उसने कहा- मैं डरता था कि कहीं तुम्हारे घर वाले मुझे अपने परिवार का हिस्सा ना बनाना चाहें।
    मैंने उसे रोते हुए कहा- बहुत तरसाया है तुमने मुझे. क्या यही समझा था तुमने मुझे आज तक?

    अगले दिन जब वो ऑफिस में आया तो मैंने उससे कहा- मुझे नहीं करनी कोई भी बात, तुमने मुझे बहुत रुलाया है.
    उसने कहा- मेरी अपनी मजबूरी थी, मैं भी तुम्हें नहीं खोना चाहता था, अगर तुम्हारी तरफ से हाँ ना होती तो!
    खैर गिले शिकवे होने के बाद मैंने उससे कहा- ऑफिस के बाद किसी जगह बैठकर खुलकर बात करेंगे.

    ऑफिस के बाद हम किसी रेस्टोरेंट में चले गये और वहाँ बैठकर मैंने उससे पूछा- तुम्हारे घर वाले मुझे दिल से अपना मानेंगे ना?
    उसने कहा- इस बात की तुम चिंता ना करो, बस अपने घर वालों को यही बात मेरे बारे में पूछो.
    उससे मैंने कहा- तुम अभी चलो मेरे घर पर … सब कुछ तुम्हारे सामने ही बोलूंगी, तुम्हें पता लग जाएगा।
    उसने कहा- नहीं, कल चलूँगा आज नहीं. मुझे अपना मनोबल बना कर तुम्हारे साथ चलना है.
    अगले दिन हम दोनों घर पर आए तो मेरे पापा ने ही दरवाजा खोला और उसे देखकर पूछा- हेलो धीरज, कैसे हो? तुम्हारी अगली प्रमोशन हो गई या नहीं? मैं तो पूरी सिफारिश करके आया था।
    उसने पूरे अदब से जवाब दिया और बोला- सर, आपकी मेहरबानी है. वो तो बहुत दिन पहले ही हो चुकी है।

    पापा ने कहा- आओ आओ अंदर आकर बात करते हैं.
    पापा ने उससे पूछा- और सुनाओ कैसे काम चल रहा है. अगर मेरे लायक कोई काम हो तो बताओ. मुझे खुशी होगी करने में तुम जैसे लायक लड़के के लिए!

    इतने में मैं बोली धीरज को देखकर बोली- बोलो ना पापा से कि मेरी प्रमोशन तो अब आपके ही हाथ में है.
    पापा कुछ समझ नहीं पाए और हैरानी से मुझे देखने लगे.
    फिर उन्होंने धीरज से कहा- बोलो क्या बात है?
    मगर धीरज अभी झिझक रहा था.

    तब मैंने कहा- पापा, यह आपसे कुछ माँगने आया है.
    पापा ने कहा- अब मैं क्या दे सकता हूँ सिवा इसके कि कम्पनी में कोई सिफारिश करनी हो तो!
    मैंने कहा- नहीं पापा, यह आपकी लड़की का हाथ माँगने के लिए आया है.
    यह सुन कर पापा ने मुझसे कहा- तो यही है वो … जिसके लिए तुम आज तक मेरा कहना नहीं मान रही थी?

    फिर उन्होंने मेरी मां को आवाज़ लगा कर कहा- सुनाती हो … जल्दी से आओ यहाँ पर!
    जब माँ आई तो पापा बोले- मुबारक हो, तुम्हाऱी इच्छा पूरी हो गई. इनसे मिलो!
    धीरज की तरफ इशारा करते हुए बोले- ये हैं तुम्हारी बेटी की पसंद जिसके लिए इसने हमें इतना तंग किया है.

    मेरे पापा ने धीरज से कहा- मेरी खुशनसीबी होगी अगर तुम जैसा लड़का मेरा दामाद बने तो. मगर यह रिश्ता तभी पक्का हो सकता है जब तुम्हारे माँ बाप इसके लिए राज़ी हों तो!
    धीरज ने कहा- ठीक है, मैं कल या परसों ही बुलवा लेता हूँ. मगर सर, वो साधारण तरह से रहने वाले हैं, उन्‍हें आपके घर पर आने में कुछ झिझक हो सकती है.
    मेरा पापा ने कहा- जब वो तुम्हारे पास आयें तब मुझे बताना, हम लोग उनसे मिलने के लिए आएँगे.

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    दो दिन बाद मेरे माँ बाप ने धीरज के मां बाप से मिल कर हमारा रिश्ता पक्का कर दिया.

    अब धीरज जो मुझसे हमेशा दूरी बनाकर रखता था मेरे बहुत ही करीब आने लगा। जब भी हम लोग अकेले होते थे वो मेरे गालों को चूम लेता। धीरे धीरे गालों से अब वो मेरे होंठों को भी चूमने लगा। मैं भी उसका उसी तरह से जवाब देती।

    एक दिन उसने मेरे मम्मों को कपड़ों के ऊपर से दबा दिया। जब मैंने कुछ विरोध किया तो “क्या करूँ अब ये बेईमान दिल नहीं मानता।” कहते हुए उसने अबकी बार मेरे उभारों को पूरी तरह से सहलाना शुरू कर दिया।
    मैंने नारी सुलभ लज्‍जा दिखाते हुए उससे कहा- ये सब ठीक नहीं है, जो करना हो, शादी के बाद करना।
    जवाब मिला- शादी में तो अभी एक महीना पड़ा है, तब तक कुछ तो करने की इजाजत दे दो।

    क्योंकि अंदर से मेरा भी दिल तो करता था कि मैं भी उसकी बाहों में सिमट जाऊं, मैंने कहा- ठीक है मेरे कपड़े उतारे बगैर जो चाहो कर सकते हो.
    उसने कहा- ठीक है मगर अपनी बात पर कायम रहना.
    मैंने कहा- मैंने सोच समझ कर ही कहा है और इस पर मैं कायम रहूंगी.

    अब वो बिना कपड़े उतारे अपना हाथ मेरी शर्ट के अंदर डाल कर मेरे मम्मों को दबाने लगा और उनकी निप्पल से खेलने लग गया.
    कुछ देर बाद मैंने कहा- बस अब बंद करो, मुझे कुछ होने लगा है. मैं और सह नहीं पाऊँगी.

    अबकी बार उसने मेरी पेंटी के अंदर हाथ डाल कर मेरी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
    मैंने उससे कहा- तुम वकीलों की तरह से मेरे शब्दों को ना लो वरना मैं तुमसे शादी से पहले मिलना ही बंद कर दूँगी। तुम जानते हो कि जब मैंने तुमसे कहा था ‘कपड़ों को उतारे बिना’ तो इसका मतलब यह नहीं था कि तुम अपना हाथ कपड़ों के अंदर डालकर जो चाहो करो।
    तब वो बोला- ठीक है, मगर मुझे डराओ नहीं कि तुम मुझे शादी से पहले मिलोगी भी नहीं.
    मैंने कहा- अगर इसी तरह से करोगे तो मुझे मजबूरी में करना पड़ेगा.
    उसने सहम कर कहा- अच्छा बाबा, अब नहीं करूँगा। मगर कपड़ों के ऊपर से तो इज़ाज़त है ना?

    इसी तरह से हम लोग एक दूसरे से मिलते वो मेरे बूब्स को कपड़ों के ऊपर से ही दबाता रहा और कई बार टाँगों के बीच भी सहला देता तो मुझे अच्‍छा लगता। मैं भी उसकी पैन्ट के ऊपर से उसके हथियार को दबा देती थी।

    इसी तरह से एक महीना बीत गया और हमारी शादी हो गई।
    शादी के बाद आखिर हमारे प्रथम मिलन की रात भी आ गई, हमने एक दूसरे से अनेक कसमें वादे किये। वो तो मुझे अपने आगोश में लेने को उतावला था।
    जब उसके उतावलेपन को मैंने देखा तो उससे कहा- मैं अब पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ ही रहूंगी, क्यों जल्दी मचा रखी है. मैं पूरी तरह से तुम्हें समर्पण कर दूँगी. मगर मुझ से पहले एक वायदा करो कि चाहे कोई कुछ भी कहे, तुम मुझसे पूछे बिना कोई अंतिम फैसला नहीं करोगे जिसमें तुम्हारी और मेरी जिंदगी की बात हो.
    उसने कहा- यह भी कोई कहने की बात है? मैं जिंदगी में कोई भी फैसला तुमसे बिना सलाह लिए नहीं करूँगा.

    उसके बाद उसने मुझे अपने आगोश में ले लिया और मेरे कपड़े उतारने लगा.
    मेरे अन्‍दर की हया ने धीरज से कमरे की लाईट बन्‍द करने का अनुरोध किया।
    जिसको ठुकराते हुए वो बोला- आख़िर मैं भी तो देखना चाहता हूँ कि मेरे चाँद की रोशनी कैसी है उस पर यह रोशनी पड़कर कैसे लगती है।

    अब धीरज मुझे पूरी नंगी करके मेरे मम्मों को दबा दबाकर उसकी घुंडियों को चूसने लगा। मैंने भी बिना शर्माये उसका लंड पकड़ लिया जो पूरे शवाब पर था और अपना जलवा दिखाने को पूरी तरह से तैयार था।
    कुछ देर बाद वो बोला- सुनो मेरी प्राण प्रिय, अब मैं और तुम मिलकर एक जिस्म बन जायेंगे।

    यह कहते हुए उसने अपनी तलवार को मेरी म्‍यान पर रख दिया और ज़ोर से अंदर डालने की कोशिश की। मगर म्यान का मुँह बहुत छोटा था और तलवार का मुँह बड़ा था मगर तलवार तो फिर तलवार ही होती है उसने जबरदस्‍ती उसे म्यान में डालने की कोशिश की आखिर में उसकी जबरदस्‍ती कामयाब हई और म्यान का मुँह फट गया खून बहने लगा और तलवार अंदर जाने लग गई।
    मै कहती रही- बहुत दर्द हो रहा है, ज़रा धीरे से करो.
    उसने कहा- बहुत तरसाया है तुमने मुझे, जब भी मैंने तुम्हें ज़रा सा हाथ लगाने की कोशिश की. तुम कभी कुछ और कभी कुछ बोलती रही. आज तो मुझे पूरा अधिकार है तुमसे पूरी तरह से मिलने का … मेरा हर एक अंग तुम्हारे अंग अंग तो भेदता हुआ आज तुमसे मिलेगा.

    उसने अपना हथियार पूरा अंदर कर के मुझे अपनी बांहों से जकड़ लिया. फिर उसका शरीर मेरे साथ घमासान करने लग गया. मैं मीठे मीठे दर्द से कराह रही थी। पर आज वो पूरे अधिकार से मुझ पर सवार था। थोड़ी मेहनत के बाद उसने अपना लावा मेरे अन्‍दर उड़ेल दिया। उसके गरम लावे की एक एक बूंद मेरे अन्‍दर अंग अंग तक ठंडक पहुंचा रही थी। आखिरी बूंद तक निचुड़ जाने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला।

    उसके बाद हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे का अंग अंग अच्‍छी तरह धोकर साफ दिया और बिस्‍तर पर आकर फिर से एक दूसरे की बांहों में समा गये।
    धीरज रात भर मेरा बैंड बजाने के मूड में था। सच यह था कि मेरा दिल भी चाहता था कि जिस चुदाई को मैं महीनों से तड़प रही थी उसकी सारी कसर धीरज आज ही पूरी कर दे।

    इस तरह से हम दोनों फिर से एक दूसरे के साथ थे. अबकी बार 69 में होकर हम लोगों ने एक दूसरे को पूरी तसल्ली से चूसा और दोनों का पानी जब निकला तो दोनों ने ही अपने अपने मुँह में लेते हुए पी लिया.
    इसके बाद उसने मुझे पूरी रात सोने नहीं दिया और मेरे शरीर से अच्छी तरह से खिलवाड़ करता रहा. ऊपर से तो मैं कह रही थी कि अब छोड़ो भी ना … मगर मेरा दिल यही चाहता था कि यह करता ही रहे … करता ही रहे.

    जिंदगी की गाड़ी यूँ ही चल रही थी। मेरा पति रोज ही मेरी चुदाई करता रहा मगर कोई बच्चा नहीं ठहरा।
    आख़िर एक दिन मेरी सास ने मेरे पति से पूछ ही लिया- मुझे पोते या पोती का मुँह कब दिखाओगे?
    यह सुनकर मुझे लगा कि कहीं ना कहीं किसी ना किसी में तो कोई कमी है। मैंने बिना पति से कहे अपनी जाँच एक डॉक्टर से करवाई तो पाया कि मैं मां नहीं बन सकती। कुछ कमी है मुझमें!
    जब मैंने डॉक्टर से पूछा कि इसका कोई इलाज तो होगा?
    तब उसने कहा- जहाँ तक मैं समझती हूँ, बहुत मुश्किल है. हम तुमसे पैसे ऐंठने के लिए तुम्हारा इलाज़ करेंगे मगर कोई परिणाम नहीं निकलेगा.

    मेरा दिल टूट गया। जब मैंने धीरज को ये बताया तो वो भी बहुत परेशान हुआ। कुछ दिनों बाद यह बात मेरी सास तक भी पहुँच गई। अब तो वो मेरे पति को मेरे विरुद्ध भड़काने लगी। यहाँ तक की उसको मुझसे तलाक़ लेकर दूसरी शादी करने के लिए भी कहने लगी.

    जब मैंने यह सुना तो मैंने अपने पति से कहा- सुनो, अगर तुम चाहो तो मुझे तलाक़ दे सकते हो मैं उसमें कोई रोड़ा नहीं बनूँगी. हां मुझे बहुत अफ़सोस होगा कि मैं तुमसे दूर हो जाऊँगी.
    मेरे पति ने कोई जवाब नहीं दिया, कुछ भी नहीं कहा.
    मगर उसकी चुप्पी मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही थी। अब वो मेरे साथ रात को कुछ भी नहीं करता था। मैं भी कुछ नहीं बोल पाती। मैं शर्म के मारे उनसे कुछ नहीं कहती थी कि आओ, मुझे तुम्हारे लंड की ज़रूरत है, मेरी चूत इस का इंतजार कर रही है. पता नहीं वो किस मिट्टी का बना हुआ था, मेरे साथ सोते हुए भी मुझे हाथ भी नहीं लगाता था.

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    आख़िर मैंने ही फैसला कर लिया कि मैं अब इसके साथ नहीं रहूंगी और रोते रोते धीरज को अपनी बात कह दी। मगर इसका भी उस पर कोई असर नहीं हुआ।

    धीरज ने चुपचाप अपनी बदली भी शहर की दूसरी शाखा में करवा ली। अब मुझसे सिवा घर पर मिलने के अलावा और कोई समय नहीं मिलता था और घर पर वो मुझसे कोई बात नहीं करते थे। दुखी होकर एक दिन मैं ही अपने पिता के घर चली आई, उनसे कहा कि मैं कुछ दिन आपके साथ रहना चाहती हूँ.

    अभी मुझे पिता के घर आये कुछ ही दिन हुए थे कि मुझे पता लगा मेरी ननद जिसका एक 6 महीने का बच्चा भी था अपने पति के साथ किसी दुर्घटना में चल बसी। दुर्घटना में सारा परिवार परलोक सिधार गया मगर बच्चे को कुछ भी नहीं हुआ, उसे तो एक खरोंच तक नहीं आई.
    इस हादसे को सुनकर मेरा पति जल्दी से पहुँचा और ननद आदि के अन्तिम संस्‍कार के बाद उस बच्‍चे को अपने साथ अपने घर ही ले आया क्योंकि मेरी ननद की आर्थिक दशा बहुत खराब थी, उसके ससुराल में भी कोई ऐसा नहीं था जो बच्चे को संभाल सके.

    इस दुःख की घड़ी में मैं भी ससुराल आ गयी.
    अब छह महीने का बच्चा जो कुछ दिन पूर्व सबकी आँखों का तारा होना चाहिए था, रोड़ा बन गया. दबी ज़ुबान से सब कह रहे थे कि यह भी अगर उनके साथ ही चला जाता तो अच्छा था. अब इसको कौन संभालेगा. मेरी सास और ससुर अपनी उमर को देखते हुए यह ज़िम्मेदारी नहीं ले सकते थे.
    आखिर यही सोचा गया कि इसे किसी अनाथ आश्रम में भेज दिया जाए.

    जब मैंने देखा की यह क्या हो रहा है, तब मैंने सभी से सामने यह कह सुनाया- नहीं, यह बच्चा किसी अनाथ वनाथ आश्रम में नहीं जाएगा. आज से यह मेरे बेटा बन कर रहेगा. मैं कल ही किसी वकील से मिल कर इसे गोद लेने की पूरी क़ानूनी करर्वाही करती हूँ. अगर मेरा निर्णय आप लोगो को पसंद ना आया हो तो भी मैं इसे अपने साथ ही रखूँगी और मैं कोई अलग मकान लेकर इसे पालूंगी. ईश्वर ने मेरी गोद में इसे डाला है अब यह बिन माँ का बच्चा नहीं है, इसकी माँ मैं हूँ. आज के बाद इसे कोई बिन माँ का बच्चा नहीं कहेगा.

    मेरी बात सुन कर सब लोग जो वहाँ पर थे, मेरा मुँह देखने लग गये. मेरी सास और ससुर और पति को यकीन ही नहीं हो रहा था जो मैंने कहा था.
    मेरी सास ने मुझसे सबके जाने के बाद कहा- बहू मुझे नहीं पता था कि मेरे घर पर तुम जैसे बहू आई है. पता नहीं किस जन्म के किए कर्मों का फल ईश्वर ने मुझे दिया है जो तुम जैसे बहू मिली है. इतनी बड़ी ज़िमेदारी एक पल में तुमने ले ली यह जानते हुए भी कि ये बच्चा अभी इतना छोटा है जिसे पालना बहुत मुश्किल होगा.
    मैंने कहा- मां जी, अगर यह बच्चा मेरा होता और मैं अपनी ननद की जगह मैं होती तो क्या होता? यही सोच कर मैं बहुत डर गई.

    क्योंकि घर पर कई रिश्तेदार आए हुए थे मेरी ननद की मौत का सुन कर इसलिए मेरा पति मेरे पास नहीं आया.

    दूसरे दिन क्योंकि बच्चा अभी माँ का दूध पीने का आदी था, इसलिए मैंने सुबह सुबह ही किसी दुकान से माँ के दूध का सब्स्टिट्यूड लाकर दूध पिलाया और वो उसे बहुत मज़े से पीने लगा जैसे वो उसकी माँ का दूध हो.

    उसी दिन मैंने एक वकील को बुलाकर उससे कहा- इस बच्चे को मैं गोद ले रही हूँ, इसके पूरे क़ानूनी कागज बनवाइए ताकि कभी कोई अड़चन ना आए.
    इस तरह से मैं अब उस बच्चे में पूरी तरह से खो गई. ऑफिस से मैंने कुछ दिन की छुट्टी ले ली जब तक कि कोई आया पूरे दिन के लिए उसकी देख भाल के लिए ना मिल जाए.

    अब मैं अपने पति से कोई खास बात भी नहीं करती थी। बल्कि अगर यह कहा जाए की एक ही छत के नीचे जैसे दो अंजान हस्तियाँ रहती हों, हम ऐसे ही रहते थे।

    कुछ दिन बाद रात को सोते हुए मेरे पति ने मेरे मम्मों को दबाया तो मैंने कहा- छोड़ो … बच्चा जाग जाएगा, बहुत मुश्किल से सोया है.
    यह सुन कर वो बोले- आख़िर बच्चे के अलावा भी तो कोई और है इस घर में!
    मैंने कहा- वो कोई और तब कहाँ था जब मुझे डॉक्टर ने बताया था कि मैं माँ नहीं बन सकती? मैं तो अब भी वही हूँ, मैं आपको कोई बच्चा भी नहीं दे सकूँगी.
    इस पर वो बोला- अब ताने मारना छोड़ो. तुम्हें नहीं पता कि मैं किन हालातों से गुज़रा हूँ जब से मुझे तुमने यह सब बताया था. तुमने तो बहुत आसानी से कह दिया कि तुम मुझे तलाक़ देकर कोई दूसरी शादी कर लो. उधर मेरे माँ और बाप तो कितने पुराने ख़यालात के हैं. मैं उनसे कुछ भी कहकर उनका दिल नहीं दुखाना चाहता था और जब तुमने भी कुछ ऐसा बोल दिया तो मुझे अपने आप से ही बहुत घृणा होने लगी. कभी तुमने सोचा था कि जो तुम मुझसे बोल रही हो, उसका मुझ पर क्या असर होगा. मैं कई दिन तक रात को नहीं सो पाया था और अंदर ही अंदर घुटता रहा था. ना मैं तुमसे कुछ कहने लायक था और ना ही माँ बाप से. मगर उस दर्दनाक हादसे और उसके बाद जो तुमने किया वो मुझे बहुत हैरान कर देने वाला था. मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था की तुम ऐसे भी कर लोगी. उसी रात मैंने माँ से कहा ‘माँ, देखा जिसे तुम मुझ से दूर करना चाहती थी, उसने आज तुम्हारी बेटी की बच्चे की बिना किसी झिझक के अपना बना लिया. और एक तुम हो जो मेरी बीवी से मुझको दूर कर रही थी.

    यह सब सुन कर मुझे बहुत रोना आया और मैं अपने पति के सीने से लग कर रोते हुए बोली- तुमने मुझे कभी कुछ कहा क्यों नहीं?
    उसने जवाब दिया- तुम्हारी बात सुनकर मुझे ऐसा लगा था कि शायद तुम भी मुझसे अलग रहना चाहती हो. वरना कोई भी लड़की इस तरह से नहीं कहती. मेरा दिल बहुत टूट गया था. मैंने देखा कि वो भी रो रहा था.
    मैंने उसकी आँखों के आँसुओं को पौंछते हुए उससे कहा- अब सब भूल जाओ, भगवान ने एक हंसता खेलता बेटा हमारी गोद में डाल दिया है.
    यह कहकर मैंने उस का लंड जोर से पकड़ कर दबाया और बोली- इसके बिना तुम्हें नहीं पता कि मेरी रातें कितनी मुश्किल से बीती हैं.

    उसने एक हाथ को मेरे मम्मों और दूसरे को मेरी चूत पर रख कर बोला- मैं हर दिन इनके बिना कैसे रहता था, मैं ही जानता हूँ. आज भी जब मैंने हाथ लगाया तो तुमने बुरी तरह से झटक दिया. मैंने कहा- नहीं धीरज, मैं तो कई दिन से चाहती थी कि तुम्हारा हाथ इनको जोर जोर से दबाए और तुम्हारा लंड मेरी चूत में जाए … मगर मैं कैसे कहती जब तुम मुझसे बात ही नहीं करते थे.
    धीरज ने उसी समय अपना लंड निकाल कर मेरी चूत में डाला और मुझे जितनी भी जोर से चोद सकता था चोदा और बोला- कोमल, अब पिछली कसर पूरी निकालनी पड़ेगी.
    उस रात उसने मुझे चार बार चोद कर मेरी चूत को खुश किया.

    जब वो सुबह उठने को हुआ तो मैंने उसे अपने पास खींच कर उस का लंड अपने मुँह में लेकर अच्छी तरह से चूसा, तब तक … जब तक कि उसका पूरा लावा नहीं निकला.
    मैंने कहा उसको- मैं भी तुम्हें इस काम में निराश नहीं करूँगी. अगर मेरी चूत रोती रही है तो तुम्हारा लंड भी रोता रहा है, अब हम दोनों का ही यह फ़र्ज़ है कि एक दूसरे का पूरा ख्याल रख कर उनको खुश करते रहें.

  • फेसबुक फ्रेंड ने अपनी बीवी की चुदाई करवायी full story

    फेसबुक पर दोस्त बने एक आदमी की बीवी की चुदाई की मैंने … उसने अपनी बीवी की फोटो भी डाल रखी थी. मैंने उसकी बीवी की तारीफ़ की तो वो गुस्सा हो गया. लेकिन बाद में …

    नमस्कार दोस्तो … मेरा नाम निहाल सिंघानिया है. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, इसलिए मुझे अगर कुछ ग़लती हो जाए, तो माफ़ कर दीजिएगा. मैं पहले अपने बारे में कुछ बता देता हूँ. मैं पांच फिट सात इंच का 22 साल का एक जवान लड़का हूँ. मेरा रंग गोरा है और बॉडी भी ठीक-ठाक है. मेरे लंड का साइज़ छह इंच है. मेरी पहली चुदाई से पहले मेरे जीवन में बहुत सी लड़कियां आईं, लेकिन मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया. क्योंकि शुरू में मैं बहुत शरमाता था … जिसके चलते मैं उनके साथ कुछ कर ही नहीं पाया.

    पर मेरी पहली चुदाई के बाद से तो मैं खुला हवसी बन गया हूँ. अब तो मैं जिसकी भी बड़ी चुची या गांड देखता हूँ, उसका दीवाना बन जाता हूँ. चाहे वो कोई लड़की हो या भाभी.

    ये कहानी मेरी पहली चुदाई की है, जो बस एक साल पहले हुई थी.

    मैं फ़ेसबुक की अपनी प्रोफाइल पर हमेशा सेक्सी भाभी या लड़कियों की तस्वीर डाला करता था.

    एक दिन मुझे एक मैसेज आया, जिसमें लिखा हुआ था कि आपकी और मेरी पसंद बहुत मिलती है, क्या हम दोस्त बन सकते हैं.

    मैंने उस आदमी की प्रोफाइल चैक की, उसका नाम राकेश (बदला हुआ नाम) था. उसकी प्रोफाइल में उसकी और उसकी बीवी की कुछ तस्वीरें थीं. मैं उसकी बीवी को देखते ही अपना लंड मसलने लगा. क्योंकि उसकी वाइफ बहुत ज़्यादा हॉट लग रही थी.

    मैंने उसके साथ दोस्ती की और हमारी बात शुरू हुई. उसने बताया कि वो और उसकी बीवी एक कंपनी में काम करते हैं. उन दोनों की उम्र पैंतीस साल है.

    धीरे धीरे मैंने बात को उसकी बीवी की तरफ मोड़ दी. मैंने उससे पूछा की तुम्हारी बीवी की उम्र 35 तो बिल्कुल नहीं लगती.
    इस पर वो हंसने लगा और बोला- तो कितनी लगती है?
    मैं चुप हो गया.

    उसने अपनी बीवी का नाम काव्या (बदला हुआ नाम) बताया था. अगले मैसेज में मैंने उससे बोल दिया कि तुम्हारी बीवी बहुत सुंदर है.
    उसने पूछा- सिर्फ़ सुंदर?
    मैंने बोल दिया- मस्त माल है, देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
    उधर से उसका मैसेज आया- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बीवी के बारे में ऐसा बोलते हुए?

    दोस्तो, उस वक़्त सच में मेरी डर के मारे गांड फट गयी कि कहीं ये किसी से कोई शिकायत ना कर दे, इसलिए मैंने तुरंत उसे सॉरी का मैसेज किया.
    उधर से उसका मैसेज आया- ठीक है, पर दुबारा ऐसा मत बोलना.

    उसके बाद वो ऑफलाइन हो गया, लेकिन मैंने उसकी बीवी की पिक्चर सेव करके रख ली. उस रात मैंने काव्या की फोटो देखते हुए उसके नाम की मुठ मारी. मुझे सच में उसे चोदने का मन होने लगा.

    अगली दिन सुबह राकेश का गुड मॉर्निंग का मैसेज आया. हमारी बात शुरू हुई, तो उसने पूछा कि तुम्हें मेरी बीवी में क्या अच्छा लगा?
    मैंने लिखा- खुल कर सच बोलूँ?
    उसने हामी भर दी, तो मैंने बोला कि मुझे तो सबसे ज़्यादा लड़कियों की चुचियां पसंद हैं और तुम्हारी बीवी की चुचियां तो सच में बहुत मस्त हैं.
    उसने कहा कि हां, ये तो सच है, मैं खुद उसकी चुचियों का दीवाना हूँ.
    मैंने हिम्मत करके उसका फिगर पूछ लिया, तो उसने बताया कि उसकी बीवी का फिगर 36-30-38 का है.

    दोस्तो, मैं तो ये सुनते ही पागल हो गया और बोला- मुझे तुम्हारी बात पर बिल्कुल भरोसा नहीं है.

    उसने तुरंत ही मुझे उसकी बीवी की चार फोटो भेज दीं.

    मैं तो उसकी बीवी के लिए पागल हो गया. मैंने उसको बोला कि तुम बहुत भाग्यशाली हो यार … जो तुम्हें ऐसी सेक्सी बीवी मिली है.
    उसने पूछा- अगर ये तुम्हें मिल जाए तो तुम क्या करोगे?
    मैं समझ गया कि ये अपनी बीवी को चुदवाना चाहता है. मैंने सीधे बोल दिया कि मैं तो इसके साथ सेक्स करने के लिए कुछ भी कर जाऊंगा.

    मेरा ये मैसेज पढ़ कर वो हंसने लगा उसने कहा- तुम कहां रहते हो?
    मैंने बता दिया कि मैं पटना में रहता हूँ.

    उसने बताया कि वो और उसकी बीवी दोनों कुछ हफ्ते बाद पटना कुछ काम से आने वाले हैं. अगर उसकी बीवी मान गयी, तो वो मुझे उससे मिलवा भी देगा.

    उसकी बात सुनकर मैं सच में बहुत खुश हुआ और उसके बाद से हम दोनों रोज उसकी बीवी, काव्या को लेकर गंदी और कामुक बातें करने लगे. वो मुझे रोज काव्या की तस्वीरें देता था, लेकिन कभी उसने मुझे उसकी एक भी न्यूड फोटो नहीं दी.

    आख़िर वो समय आ ही गया. उसने मुझे मैसेज किया कि मैं और काव्या आज पटना पहुंचेंगे और काम ख़त्म होने के बाद सात बजे तुमसे मिलेंगे, तुम सात बजे तक स्टेशन के पास आ जाना.

    मैंने उस दिन शेव किया, थोड़ी ज़्यादा एक्सर्साइज़ की, लंड की मालिश की और अच्छे से तैयार होकर मिलने स्टेशन पहुंच गया. मैंने रास्ते में काव्या के लिए कुछ फूल भी ले लिए थे.

    स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसने बताया कि वो हनुमान मंदिर के पास एक कैब में मेरा वेट कर रहा है.

    मैं जब वहां गया, तो वो बाहर खड़ा था और उसकी बीवी अन्दर बैठी हुई थी. उसने मुझे गले लगाया.

    फिर वो अपनी बीवी से बोला- काव्या, देखो आ गया तुम्हारा आशिक़.
    उसके बाद उसकी बीवी बाहर निकली. उफ्फ़. … इतने बड़े दूध …

    मेरी उफ़फ्फ़ से आप समझ गए होंगे कि वो कैसी होगी. सच में दोस्तो, कल्पना करो कि एक मस्त गोरी लड़की, जिसकी चुचियां 36 की और गांड 38 की हो, तो वो क्या लगती होगी.

    काव्या ने एक सिल्वर कलर का स्लीवलैस और बैकलैस, गहरे गले वाला ब्लाउज पहना हुआ था, जिसके अन्दर से उसके आधे चुचे और वाइट कलर की ब्रा की थोड़ी सी डिज़ाइन दिख रही थी.
    आपको ये सुनकर क्या लगता है कि वो कैसी लग रही होगी.

    इतना ही काफ़ी नहीं था, उसने उसके ऊपर एक मस्त पारदर्शी ब्लैक नैट की साड़ी नाभि से ऊपर बांध कर पहनी हुई थी. उसके गोरे गाल, मस्त गहरी नाभि और गुलाबी होंठ, काले लंबे खुले हुए बाल थे.

    अगर मैं उसकी खूबसूरती बताने लगूं, तो पूरी कहानी उसी में चली जाएगी.

    मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हुआ कि मैं इतनी गजब की सेक्सी महिला से मिल रहा हूं.

    उसने मुझसे बोला- कहां खो गए? क्या रात भर यहीं रुके रहना है?
    काव्या ने हंसते हुए मुझे आंख मार दी, उसके साथ राकेश भी हंसने लगा.

    मैंने उसे सॉरी बोला और स्माइल के साथ उसको फूल दे दिए.
    उसने कहा- वाउ. … ब्यूटीफुल..
    मैंने भी मौक़ा देखकर बोल दिया- आपसे ज़्यादा नहीं..
    काव्या ने बोला- अच्छा जी … मेरे साथ फ्लर्ट कर रहे हो, आप तो कुछ ज़्यादा ही एड्वान्स निकले.

    हम दोनों एक दूसरे की आंखों में बस देखते जा रहे थे कि तभी राकेश बोला- क्या यार निहाल … काव्या के लिए फूल और मेरे लिए?
    मैंने बोला- तुम्हारे लिए तो तुम्हारी इतनी खूबसूरत बीवी है और क्या जान लोगे बच्चे की?

    इसके बाद हम तीनों हंसने लगे.

    मैं बोला- चलो, कहीं बैठ कर कुछ खाते हैं, मुझे बहुत भूख लगी हैं.
    उसके बाद हम तीनों कैब में बैठ गए.

    मैं आगे की सीट पर बैठने लगा, तो राकेश ने बोला- यार तुम भी … ये क्या कर रहे हो, तुम पीछे बैठो, मैं आगे बैठ जाता हूँ.

    मैं भी खुशी खुशी पीछे बैठ गया.

    कैब चल दी और मैं और काव्या पीछे बात करने लगे.

    काव्या ने पूछा- निहाल, तुम दिखने में तो बहुत अच्छे हो, तुमने तो बहुत गर्लफ्रेंड पटाई होंगी ना?
    मैंने बोला- नहीं यार … मैंने आज तक किसी लड़की को प्रपोज़ तक नहीं किया.
    काव्या ने बोला- अच्छा जी … तो जनाब सीधा सेक्स करते हैं?
    ये कह कर उसने मुझे आंख मार दी.

    मैंने बोला- नहीं नहीं, जब गर्लफ्रेंड ही नहीं बनी … तो सेक्स कैसे करूंगा.
    इसके तुरंत बाद ही काव्या ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला- कैसी लड़की चाहिए तुम्हें?

    मैं समझ गया कि ये साली बहुत चालू माल है. मैंने भी झट से उसकी जांघों पर हाथ रख दिया और बोला कि अब बता के क्या फायदा? अब तो आपकी शादी हो गयी है.
    वो हंसने लगी और बोली- तुम बिल्कुल पागल हो और लकी भी. हो सकता है कि आज तुम्हारी किस्मत तुम्हें कुछ दिला ही दे.

    इसी तरह की बातें चल रही थीं कि तभी कैब एक बढ़िया से रेस्टोरेंट के बाहर जा रुकी. हम तीनों उतरे … उसके बाद अन्दर जाकर पहले काव्या बैठी. इस बार मैं बिना किसी के कुछ बोले उसके साथ जा के बैठ गया.

    मैंने राकेश से बोला- तुम सामने वाली कुर्सी पर बैठ जाओ.

    उसके बाद राकेश ने ऑर्डर करने लगा तो उसने मुझसे पूछा, तो मैंने बोला कि जो तुम्हें मन है, ऑर्डर कर दो.
    काव्या ने भी यही कहा, क्योंकि टेबल के दूसरी तरफ मैं उसका हाथ पकड़ कर बैठा हुआ था.

    उसके बाद खाना आया, हम तीनों बात करते हुए खा रहे थे और बीच बीच में मैं काव्या के साथ मस्ती भी कर रहा था. क्योंकि मुझे पता चल चुका था कि राकेश को इस बात से कोई परेशानी नहीं है.

    इसी बीच मैंने जानबूझ कर अपना मोबाइल नीचे गिरा दिया और उसे उठाने के लिए जब मैं नीचे झुका, तो मैंने टेबल के नीचे से ही काव्या की साड़ी हल्की ऊपर करके उसकी टांगों को हौले से चाट दिया.

    इससे काव्या चौंक गयी और उसके मुँह से निकल गया- उफफ्फ़ …
    राकेश ने पूछा- क्या हुआ जान? आर यू ओके?
    काव्या ने बोला- हां, कुछ नहीं, जीभ कट गयी थी.

    फिर मैं बाहर निकला, तो काव्या ने चुपके से मुझे डांटा. उसके बाद खाना खा कर राकेश ने बिल दे दिया और हम तीनों बाहर आ गए.

    राकेश ने बोला- चलो यार निहाल … आज मेरे साथ रुक जाओ.
    मैंने बोला- यार, घर पर क्या बोलूँगा … नहीं रुक सकता, सॉरी!
    इसके बाद काव्या ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला- रुक जाओ ना निहाल.

    इसके बाद मैं तो क्या, दुनिया का कोई भी मर्द मना नहीं कर सकता था.
    मैंने बोला- ठीक है, चलो.

    उसके बाद हम तीनों उसके होटल आ पहुंचे. राकेश ने रिसेप्शन पर ही एक दारू के लिए बोल दिया, जो कि बहुत महंगी थी.

    ऊपर आकर हम तीनों बेड पर बैठ गए.

    राकेश ने बोला कि मैं बाथरूम से आता हूँ, फिर उसके बाद तुम दोनों भी फ्रेश हो लेना.

    जैसे ही वो बाथरूम में गया, मैंने काव्या को खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और ज़ोर से उसको अपने सीने से लगा लिया.

    काव्या मुझे हटाने की कोशिश करने लगी और बोली- ये क्या कर रहे हो यार. मेरा पति देख लेगा, तो नाराज़ हो जाएगा.
    मैंने कहा- अभी तो राकेश फ्रेश होने गया है, जब तक वो आता है, तब तक तो करूंगा ही.

    उस वक़्त काव्या मेरे सीने पर थी, उसकी चुचियां मेरे सीने पर दबी हुई थीं. मुझे उसके चूचुकों का अहसास हो रहा था. उसके बाद मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया.

    अब मेरा चेहरा उसके चेहरे के बिल्कुल पास था. हमारी आंखें मिली हुई थीं, हमारे होंठ थरथरा रहे थे और हम दोनों एक दूसरे की गर्म सांसों को महसूस कर सकते थे.

    उसके बाद मैंने धीरे से काव्या के सुर्ख लाल होंठों को अपने होंठों की क़ैद में दबा लिया और उसे किस करने लगा.

    हम दोनों एक दूसरे में डूब चुके थे कि तभी राकेश की आवाज़ आई- काव्या, ज़रा मेरा तौलिया देना.
    राकेश की आवाज सुनते ही एकदम से हम दोनों होश में आए और काव्या बोली- हटो, मुझे जाने दो.

    मैंने बोला- तौलिया की जगह उसे तुम अपनी साड़ी खोल कर दे दो … उसी से पौंछ लेगा.
    मैं फिर से उसे किस करने लगा.
    काव्या ने मुझे धक्का दिया और बोला- हट बदमाश … पहले मुझे तौलिया देने दो.
    वो उठ कर तौलिया देने चली गयी.

    काव्या ने आवाज़ लगाई- राकेश, ये लो तौलिया.

    तब तक मैं काव्या के पीछे चिपक कर खड़ा हो गया था और इससे पहले कि काव्या कुछ बोलती, राकेश ने दरवाज़ा खोला और बोला- थैंक्यू … मैं बस अभी आया, फिर तुम भी फ्रेश हो जाना.

    जब वो अपनी बीवी से बात कर रहा था, मैं काव्या के पीछे खड़ा होकर चुपके से अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ रहा था.

    लेकिन बेचारी काव्या कुछ बोल नहीं पा रही थी. मैंने ज़ोर से उसके चूतड़ों पर च्यूंटी काट दी, तो वो चिहुंक उठी- आअहह.
    राकेश ने पूछा- क्या हुआ?
    काव्या ने बोला- कुछ नहीं, बस थक गयी हूँ.

    उसके बाद राकेश ने दरवाज़ा बंद कर लिया. इधर काव्या मुझे गुस्सा दिखाने लगी- क्या कर रहे थे तुम? अगर राकेश देख लेता तो?
    मैंने बोला- देख लेता तो क्या? उसको भी पता है कि उसकी बीवी को देखकर कोई भी रुक नहीं सकता.

    इतना बोल कर मैंने उसको दीवार से चिपका दिया, उसके दोनों हाथों को ऊपर करके पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हम दोनों एक दूसरे की जवानी का रस पी रहे थे. मैं तो जैसे उसके होंठों को खा जाना चाहता था.

    अब मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और मेरे हाथ छोड़ते ही उसने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल कर मुझे और ज़ोर से अपने पास खींच लिया. वो ज़ोर ज़ोर से मुझे किस करने लगी.

    इधर जैसे ही मेरे हाथ आज़ाद हुए, मैंने पहले तो उनको उसके पेट पर रखा, उसकी नाभि में उंगली डाली, उसकी कमर को सहलाया और फिर मेरे हाथ धीरे धीरे ऊपर आने लगे.

    अब मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया, वैसे ही मुझे उसके उठे हुए गोल, मुलायम और सफेद चुचे दिखने लगे और मेरा दिमाग़ खराब होने लगा. मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों से उसकी चुचियां पकड़ लीं और एकदम ज़ोर से दबा दीं.

    उसके मुँह से निकला- आअह्ह्ह …
    मैंने पूछा- क्या हुआ?
    उसने बोला- यार, धीरे धीरे करो ना, प्यार से … मुझे दर्द हुआ.

    मैंने फिर से उसकी चुचियां मसल दीं और बोला- साली, इतने दिन से अपने पति से चुद रही है और अभी भी तुझे दर्द हो रहा है … नाटक करती है.

    मैंने फिर से उसके मम्मों को मसल दिया.

    वो फिर से तड़फ कर बोली- आअह्ह्ह … राकेश कभी मेरी चुचियां इतनी ज़ोर से नहीं मसलता … इसलिए मुझे दर्द हुआ कमीने.
    मैंने बोला- तो आज तू थोड़ा दर्द भी सहना सीख ले.

    मैं उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को चाटने लगा, जिससे उसका पूरा ब्लाउज मेरे थूक से गीला हो गया और वो गर्म गर्म सांसें लेने लगी.
    उसकी गर्म और गहरी सांसों के चलते उसकी चुचियां और तेजी से ऊपर नीचे हो रही थीं, जिसे देख के मेरा लंड पूरा टाइट हो गया. मैंने अब उसके पेट पर अपना मुँह रखा और चाटने लगा.

    ‘आअहह … उफ्फ़ निहाल … आहह उम्म्म्मम मज़ा आ गया … आअहह तुम तो सच में कमाल हो आहह..’ काव्या के मुँह से बस यही सब निकल रहा था. मैंने अपनी जीभ उसके नाभि में डाली और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा, जिसके बाद उसकी सिसकारी और ज़्यादा बढ़ गईं.

    अब मैं उसके ब्लाउज को खोलने ही वाला था कि तभी मुझे लगा कि कोई हमें देख रहा है. मैंने पीछे देखा, तो राकेश खड़ा था और हम दोनों को ही देख रहा था.

    काव्या ने जैसे ही राकेश को देखा, वो तुरंत उठ कर खड़ी हो गयी और अपनी साड़ी ठीक करते हुए बोली- सॉरी राकेश … प्लीज़ तुम मुझे ग़लत मत समझना, ये सब बस जोश जोश में हो गया. आई एम रियली सॉरी.

    तो राकेश उसके पास गया और उसे गुस्से से देखने लगा, काव्या को लगा कि अब तो वो बहुत बुरी फंस गई.
    लेकिन तभी राकेश हंसने लगा और बोला- इतना क्यों डर रही हो यार. अगर मुझे गुस्सा ही करना होता, तो मैं पिछले पांच मिनट से तुम दोनों का ये खेल नहीं देख रहा होता. मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था और ये मेरा और निहाल का पहले से प्लान था. उसने कहा था कि मैं अपनी बीवी की चुदाई करवाना चाहता हूँ.

    फिर वो मेरी तरफ देख कर बोला- क्या यार निहाल … कम से कम मेरे आने तक तो रुक जाते, मुझे भी तो मज़ा लेने देते.
    राकेश फिर से हंसने लगा.

    मैं बोला- यार क्या करूं राकेश, तेरी बीवी है ही इतनी मस्त कि मुझसे बिल्कुल कंट्रोल भी नहीं हुआ. मैं तो बस अभी इसे नंगी करने ही वाला था.
    ये सुन कर राकेश बोला- तो अब कर दो इसे नंगी … मैंने मना थोड़े ही किया है.

    उसका ऐसा कहना था कि मैं फिर से काव्या के ऊपर टूट पड़ा और उसे दीवार से लगा कर उसके पल्लू को हटा कर उसके ब्लाउज खोलने लगा और उसे किस करने लगा.

    काव्या भी अब मेरा खुल कर साथ दे रही थी और राकेश सामने कुर्सी पर बैठ कर हम दोनों को मस्ती करते हुए देख रहा था.

    अभी मैंने काव्या के ब्लाउज के सिर्फ़ दो ही बटन खोले थे कि तभी दरवाज़े की घंटी बजी.
    अब तक आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने और राकेश ने मिलने का प्लान बनाया और मिलने के बाद मैं और काव्या, एक दूसरे के प्यार में डूबे हुए थे. राकेश कुर्सी पर बैठ कर अपनी बीवी को मेरे साथ प्यार करते हुए देख रहा था. मैंने उसकी बीवी काव्या के ब्लाउज के दो बटन खोले ही थे कि तभी किसी ने दरवाज़े की घंटी बजा दी.

    अब आगे:

    जैसे ही घंटी बजी, मेरा मूड खराब हो गया. मैंने गुस्से में बोला- यार, जैसे ही तेरे ब्लाउज को खोलने लगता हूँ, वैसे ही कोई ना कोई आ जाता है.
    काव्या हंस कर बोली- सच में यार, उफ्फ़ … अभी तो मज़ा आना शुरू ही हो रहा था कि पता नहीं कौन आ गया. राकेश, जाओ देखो ना कौन है.

    उसके बाद मैं बाथरूम में चला गया और काव्या भी अपने कपड़े ठीक करके बैठ गयी.

    राकेश ने दरवाज़ा खोला, तो सामने वेटर खड़ा था.

    वो बोला- सर, आपने ये मँगवाई थी.
    राकेश ने बोला- हां लाओ.

    राकेश ने उसको कुछ टिप देकर वापस भेज दिया. अन्दर आकर उसने अभी बॉटल को खोला ही था कि मैं भी बाथरूम से बाहर आ गया. मैं उस समय सिर्फ़ टी-शर्ट और तौलिया में था.

    राकेश ने बोला- आओ, आओ निहाल. बॉटल की शुरूआत तुम ही करो.

    मैं गया और काव्या के बगल में बैठ गया. उसके गले पर चूमा लेने लगा और बोला- शराब क्या पीऊँगा अब … तेरी इस बीवी में तो इससे भी ज़्यादा नशा है.

    इसके बाद मैंने काव्या को अपनी गोदी में बैठा कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. काव्या ने मुश्किल से अपने होंठों को आज़ाद किया और बोली- तुम दोनों तो फ्रेश हो गए, अब मुझे भी होने दो.

    फिर वो भी तौलिया और कुछ कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गयी. मैं और राकेश साथ में बैठ कर पीने लगे.

    धीरे धीरे राकेश को नशा चढ़ने लगा. उसने मुझसे पूछा- यार निहाल … तू जब मेरी बीवी को चूम रहा था और चाट रहा था, तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे तो लग रहा था कि कब तुम उसको नंगी करके चोदोगे.
    मैंने बोला- साले राकेश … अगर वो वेटर नहीं आया होता, तो अभी तक तेरी बीवी मेरे नीचे लेट कर चूत चुदवा रही होती.

    वो ये सुनकर अपने लंड पर हाथ फेरने लगा.

    मैंने बोला- क्या किस्मत है तेरी यार … ऐसी मस्त बीवी तो बहुत नसीब से मिलती है. स्वर्ग की अप्सरा से भी ज़्यादा मस्त माल है साली. इसको तो अगर बाज़ार में बेचने जाएंगे, तो लोग कितने भी रुपये देने के लिए तैयार हो जाएंगे.
    राकेश बोला- उफफ्फ़ … तेरी इन्हीं रसीली बातों ने तो मुझे और मेरी बीवी को तेरा गुलाम बना दिया है. अब तो बस तो उसे चोद कर अपनी रांड बना ले.
    मैं बोला- चिंता मत कर दोस्त. आज के बाद तेरी बीवी सिर्फ़ मेरा लंड माँगेगी.

    मेरे ऐसा कहने के बाद राकेश बोला- मुझे कम से कम अपना लंड तो दिखा.
    मैंने अपना तौलिया खोल दिया. मेरा लंड तो उसकी बीवी की वजह से टाइट भी था और थोड़ा गीला भी हो गया था.

    उसने बोला- यार, तेरा लंड भी तो मेरे जितना ही है … बस थोड़ा ज़्यादा मोटा है.
    मैंने बोला- हां … मेरा लंड भी छह इंच का ही है, लेकिन मेरी टाइमिंग बहुत ज़्यादा है. अभी देखना कैसे तू अपने हाथ से लंड हिलाता रह जाएगा और मैं तेरे सामने तेरी बीवी को अपनी बीवी बना कर पेलूंगा.

    अभी राकेश मेरा लंड सहला ही रहा था कि तब तक काव्या बाहर आ गयी.

    उफ्फ़ … क्या कयामत लग रही थी काव्या. उस टाइम को याद करके अभी भी मेरा लंड बहकने लगता है. उसने काले रंग की ट्रान्स्पेरेंट एक मॉडर्न नाइट ड्रेस पहनी हुई थी और उसके अन्दर उसकी सफेद ब्रा बिल्कुल साफ़ साफ़ दिख रही थी.

    मेरा लंड राकेश के हाथ में देख कर वो बोली- ये क्या राकेश? तुम्हें भी चाहिए क्या निहाल का लंड?
    ये कह कर वो हंसने लगी.

    उस वक़्त वो बहुत प्यारी लग रही थी. मैंने बोला- देख राकेश … ये तुझे चिढ़ा रही है … जाकर इसको पकड़ कर ले आ और मेरी गोदी में बैठा दे.

    राकेश उठा और उसने काव्या के बालों को पकड़ कर उसको खींचते हुए मेरी गोद में लाकर बैठा दिया.

    काव्या बोली- आहह … मैं तो खुद से आ जाती … फिर ऐसा क्यों किया निहाल.
    मैंने बोला- बेबी, जब तेरा पति तुझे खुद मेरी गोदी में बैठा रहा है, उसमें ज़्यादा मज़ा है.

    उसके बाद मैंने एक गिलास उठाया और उसको दारू से भर के काव्या को दिया.

    काव्या वो दारू का गिलास एक बार में ही पूरा पी गयी. फिर वो मेरे गले के चारों तरफ हाथ डाल कर मेरे होंठों को किस करने लगी. मैं भी उसके होंठों को चाटने लगा. मेरा एक हाथ उसके दूध पर था और दूसरा उसकी गांड पर.

    उधर राकेश चुपचाप कुर्सी पर बैठ कर हम दोनों को एक दूसरे के होंठों के साथ खेलते हुए देख रहा था. कभी मैं काव्या के होंठों को चूसता … और कभी वो मेरे होंठों को चूसती.

    इस वक्त मैं नीचे से नंगा था, इसलिए मेरा लंड उसकी गांड पर टकरा रहा था. मेरे लंड से थोड़ा थोड़ा पानी भी निकलने लगा था.

    उधर काव्या भी बहुत गर्म हो गयी थी और बार बार ‘आअहह … उफफ्फ़ … हइईए निहाल … यार आआहह..’ बोल रही थी और मेरे होंठों को चूस रही थी.

    हम दोनों कम से कम बीस मिनट तक ऐसे ही खेलते रहे थे, मुझे तो उसके होंठ छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था.

    जब उससे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था, तो उसने कहा- निहाल, उफफ्फ़ … अब ये खेल का बस करो. … अब चलो ना बेड पर चलते हैं, मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.
    राकेश ने भी बोला- हां यार निहाल, मैं भी अब अपनी काव्या को चुदवाते हुए देखना चाहता हूँ … जल्दी करो.

    मैंने काव्या को उठा कर बेड पर पटक दिया और फिर उसके पेट पर दारू गिरा कर चाटने लगा. मेरे ऐसा करते ही काव्या तड़पने लगी और उसने चादर को अपनी मुट्ठियों में दबा लिया. वो ज़ोर ज़ोर से सांस लेने लगी. जिससे उसकी चुचियां हवा में पर्वत की तरह उठने बैठने लगीं और वो सिसकराने लगी.

    ‘आआहह … ओह माँआ … मत करो ऐसा … आहह..’

    फिर मैंने भी देर ना करते हुए उसकी नाइट ड्रेस खोल दी और काव्या मेरे सामने सिर्फ़ सफेद ब्रा और पेंटी में लेटी हुई थी. मेरा तो मन हुआ कि अभी के अभी उसकी पेंटी फाड़ कर लवड़ा उसकी गीली चूत में घुसा दूं … लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया. क्योंकि मैं उसको और तड़पाना चाहता था.

    उस समय उसकी सांसें बहुत तेज़ चल रही थीं और इसी वजह से उसकी चुचियां बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थीं. ये सीन देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं बस उसकी चूचियों को ही देख रहा था.

    फिर वो उठी और उसने मुझे पकड़ कर अपने ऊपर गिरा लिया और ताबड़तोड़ मेरे होंठों और गालों और गर्दन पर चुम्मियों की बरसात कर दी. वो अब पागलों वाली हरकत करने लगी थी. लेकिन मैंने अपने आपको उससे अलग किया. क्योंकि मेरा खेल तो अभी बाकी था.

    उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को खोला और जब मैंने उसकी चुचियां देखीं, तो क्या बोलूं यार. मैंने जैसा सोचा था, ये तो उससे भी अच्छी थीं. एकदम हंस सी सफेद चुचियां, जिसके निप्पल एकदम कड़े हो गए थे. भूरे रंग के मस्त निपल्स, काव्या की हर एक सांस के साथ ऊपर नीचे होती उसकी 36 की गोरी मोटी चुचियों पर चमक रहे थे.

    मुझे मालूम है कि काव्या का ये रूप सोच कर ही आप लोगों का लंड खड़ा हो गया होगा.

    ये देख कर मैं भी नहीं रुका और मैंने उसकी चुचियों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया. मैं कभी दाईं चुचि को चूसता, तो कभी बाईं को. जब दाईं वाली चूसता, तो बाईं वाली को मसलता और जब बाईं वाली को चूसता, तो दाईं वाली को मसलता. कभी कभी मैं दोनों चुचियों को एक साथ सटा कर चाटने की कोशिश भी करता था, लेकिन चूचों के बड़े साइज़ के चलते मैं पूरी तरह से ऐसा नहीं कर पा रहा था.

    उधर मेरा खेल देख कर राकेश का लंड एक बार पानी छोड़ चुका था और काव्या की चूत भी पानी पानी हो रही थी.

    मुझे यकीन है कि जो आदमी अभी काव्या की जगह अपनी बीवी के साथ ऐसा होते हुए सोच रहा होगा, उसके लंड का हाल भी बहुत बुरा हो गया होगा … हैं ना दोस्तों …

    अब मैंने काव्या की चुचियों पर एक थप्पड़ मारा … वो दर्द से तड़प गयी.

    काव्या- आअह्ह्ह … मार क्यों रहे हो … यार … दर्द हो रहा है ना.
    मैंने बोला- मैं तेरी चुचियों को तैयार कर रहा हूँ.
    उसने पूछा- किसलिए?
    मैंने बोला- अभी मैं तेरी चुचियों को चोदूंगा.

    फिर मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसकी दोनों चुचियों के बीच में रख कर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा.

    मुझे ऐसा करते देख कर राकेश बोला- उफफ्फ़ यार निहाल … मैंने तो अपनी बीवी के बारे में कभी ऐसा सोचा ही नहीं था. तुमने तो सच में मुझे एक रंडी का पति बना दिया है.
    मैं बोला- साले … तेरी बीवी रंडी नहीं है … ये तो अब मेरी जान बन गयी है.

    ये सुन कर काव्या बोली- ह्म्म्म्म … आहह … सच बोला निहाल तुमने. आज तक मैं इसी प्यार के लिए तरस रही थी और तुम्हारे इस ज़ोश ने तो मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया है. आज से मैं तुम्हारी जान नहीं, तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ … उफफ्फ़ …

    दोस्तो, उसकी चुचियों को चोदते हुए मुझे दो तीन मिनट ही हुए थे लेकिन चूंकि ये मेरा पहली बार था … इसलिए मुझे लगा कि मेरा अब निकल जाएगा, इसलिए मैंने जल्दी से अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा.

    मेरा पूरा लंड उसकी मुँह में जा रहा था और मैं ज़ोर ज़ोर से उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को रंडी की तरह चोद रहा था.

    बस दो मिनट के बाद मेरा लंड एकदम कड़ा हो गया. मैंने पूरा लंड उसके मुँह में एकदम अन्दर तक डाल दिया और झड़ने लगा.

    इतना ज़ोर ज़ोर से मैं कभी भी मुठ मारते हुए भी नहीं झड़ा था, ऐसा लग रहा था, जैसे आज में अपने लंड का पूरा माल उसी के मुँह में गिरा दूँगा.

    मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से उसके मुँह में झटके ले रहा था और थोड़ी देर बाद जब मेरा पूरा माल निकल गया, तो मैं काव्या के ऊपर गिर गया. उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और तुरंत बाथरूम में चली गयी.

    जब वो वापस आई, तो उसने बोला- छीई … पहली बार किसी ने मेरे मुँह में गिराया है. मैंने तो राकेश को भी ऐसा नहीं करने दिया था, मेरा मुँह दुखने लगा, तुम मेरे मुँह में एकदम राक्षस की तरह से कर रहे थे.

    मैं बोला- कसम से काव्या, आज तक इतना मज़ा नहीं आया. जब तेरे मुँह में इतना मज़ा आया, तो तेरी चुत में कितना आएगा.

    उसके बाद मैंने काव्या को बेड पर गिराया और 69 की पोज़िशन में आ गया.

    अब मैं काव्या की चूत और जांघों को चाट रहा था और काव्या मेरे लंड और अंडों से खेल रही थी. मैंने ज़ोर ज़ोर से काव्या की चूत चाटना शुरू कर दिया. चाटना क्या … खाना बोलो. मुझे तो बस ऐसा लग रहा था कि उसकी चुत में घुस जाऊंगा. चूंकि काव्या पहले से ही बहुत गर्म थी, इसलिए अब उसने मेरा लंड चूसना बंद कर दिया और तड़पने लगी.

    ‘ओह्ह्ह निहाल … आअह्ह मेरी जान … उम्म्ह… अहह… हय… याह… … मेरा निकलने वाला है … आह्ह्ह्ह …’

    मैंने जीभ के साथ साथ अपनी एक उंगली भी उसकी चूत में डाल दी और दूसरी उंगली से उसकी चूत के दाने को मसलने लगा.
    ऐसा करने के बाद काव्या, तो क्या कोई भी लड़की का पानी निकल लाएगा. तुरंत ही काव्या एकदम ज़ोर से चिल्लाई- आअहह … माँआ … मर गयी मैं … आहह … मैं आई.

    बस उसके बाद तो दोस्तो, लगा जैसे किसी ने पानी का बाँध खोल दिया हो. इतना पानी तो मेरा भी नहीं निकला था. मैं हटने लगा, तो उसने मेरा चेहरा ज़ोर से अपनी चुत के पास दबा लिया और तब तक नहीं छोड़ा, जब तक वो शांत नहीं हो गयी.

    उसकी चूत का पानी मेरे मुँह में कम गया … लेकिन मेरे चेहरे पर पूरा फैल गया.

    मेरा चेहरा देख कर राकेश हंसने लगा और बोला- हाहहाहा … इतना पानी तो काव्या कभी नहीं निकालती … तेरा तो पूरा चेहरा ही भीग गया है. जाओ, जाकर बाथरूम में साफ़ कर लो.

    मैं बाथरूम में गया. इधर काव्या को तो लग रहा था कि उसे कोई होश ही नहीं है. वो बस बेसुध लेटी हुई थी.

    जब तक मैं बाथरूम गया था, तब तक राकेश बेड पर आ गया था. वो अब नंगी काव्या के साथ खेलना शुरू कर चुका था. चूंकि उसका लंड खड़ा था, इसलिए उसने थोड़ी देर काव्या को किस किया. जब काव्या भी वापस उसको किस करने लगी, तो उसने काव्या की टांगों को फैला कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.

    जब मैं वापस आया, तब तक काव्या भी गर्म हो गयी थी और राकेश उसे चोद रहा था. मैं कुर्सी पर बैठ गया और उन दोनों को देख कर शराब पीने लगा.

    अब राकेश ने काव्या को उल्टा किया और उसको कुतिया बना दिया.

    राकेश पीछे से काव्या को चोद रहा था और बोल रहा था- साली कमीनी … बहुत मज़ा ले रही थी निहाल के साथ. रंडी बनने का बहुत शौक है ना तुझे, अब ले मेरा लंड और चुद कुतिया की तरह.

    ऐसी ही गंदी गंदी बात करते हुए राकेश उसे ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और अब काव्या भी शुरू हो गयी थी.
    काव्या- यार निहाल … देख, अभी तो ये साला बहुत जोश से चोद रहा है … लेकिन ज़्यादा देर तक नहीं रह पाएगा. साला हमेशा मुझे उंगली डाल कर शांत करता है.

    मैं बस उन दोनों की चुदाई को देख रहा था. उन दोनों की मस्ती वाली गंदी बात सुन रहा था.

    सच में दोस्तो, असलियत में ऐसी बात सुनने में बहुत मज़ा आता है. मुझे यकीन है कि आप लोगों को भी असलियत में ऐसी गंदी गंदी बात करके सेक्स करने में बहुत मज़ा आता होगा. अपने विचार मुझे ज़रूर बताएं.

    अब जैसा कि काव्या ने कहा था. कोई दो तीन मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद राकेश का पानी निकल गया और वो वहीं बेड पर लेट कर हांफने लगा.

    उसके बाद काव्या बोली- देखा साले … तेरा दम निकल गया न … इसीलिए मैं निहाल के साथ मज़े ले रही थी क्योंकि तुझसे तो कुछ होता नहीं है.

    थोड़ी देर बाद राकेश नीचे आ गया और मुझसे बोला- जा यार … अब तो इस साली की गर्मी तू ही शांत कर सकता है.

    मैं तो कब से तैयार था. मुझे आता देख कर काव्या मुस्कुराने लगी. मैं बेड पर गया, तो काव्या ने मेरा लंड चूस कर खड़ा कर दिया और फिर खुद ही चूत फैला कर लेट गयी.

    वो चूत पर हथेली बजाते हुए बोली- आ जा मेरे राजा … आज अपनी दीवानी को अपना शिकार बना ले. आज मेरी चुत की भी गर्मी शांत कर दे मेरे यार.
    उसकी ऐसी बात सुन कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

    अब मुझसे भी इंतज़ार नहीं हुआ और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर बोला- धीरे धीरे पेलूं या एक बार में डाल दूं?
    वो बोली- जैसे तेरी मर्ज़ी. अब तो मैं तेरी गुलाम हूँ.

    मैंने देर नहीं की … और उसके कमर को पकड़ कर एक ज़ोर का धक्का दिया. चूंकि मेरा लंड राकेश से बस एक इंच ही बड़ा है और शायद उतना ही ज़्यादा मोटा भी, इसलिए लंड घुसवाते वक़्त उसको ज़्यादा दर्द नहीं हुआ. चूंकि उसकी चुत बहुत गीली भी थी, इसलिए मेरा लंड भी एकदम फिसलते हुए उसकी चुत में घुस गया.

    अब हम दोनों प्यार में खो गए और एक दूसरे के बदन के साथ खेलते हुए और अलग अलग तरीकों से चुदाई चालू हो गई. धकापेल चुदाई के बाद काव्य झड़ गई. उसके कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया.

    मैंने काव्या को उस रात तीन बार चोदा. सुबह काव्या ने जाते वक़्त मुझे एक खूबसूरत सी घड़ी गिफ्ट दी.

    वो बोली- धन्यवाद निहाल … तुमने मुझे जितना प्यार दिया, उतना किसी ने नहीं दिया था.

    मैंने भी उसे गले से लगा लिया और बोला- तुम भी बहुत प्यारी हो काव्या. तुम्हारी जैसी लड़की से मिल कर बहुत मज़ा आया. उम्मीद करता हूँ कि हम दोबारा ज़रूर मिलेंगे.

    उसके बाद राकेश बोला- बिल्कुल मिलेंगे दोस्त … मैं हमेशा तुम्हारे टच में रहूँगा.

    मैं उन दोनों से गले मिला और उसके बाद वो दोनों वापस निकल गए. उसके बाद भी मैं काव्या से मिल चुका हूँ. एक बार अकेले भी मिला था. लेकिन वो सेक्स कहानी अगली बार लिखूंगा

    मुझे ज़रूर बताइएगा कि आपको मेरी ये चुदाई कहानी कैसी लगी. आप लोगों के मेल का मुझे इंतज़ार रहेगा. धन्यवाद.
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