Month: November 2020

  • चाय के साथ चूत का मज़ा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और में आगरा से हूँ. दोस्तों मेरी दादी का नया घर बन रहा था, वहां दिनभर काम चलता था, एक फ्लोर पूरा था और दूसरा बन रहा था तो रात को में अकेले वहीं सोता था. क्योंकि नीचे वाले फ्लोर में हम सामान शिफ्ट कर चुके थे, क्योंकि नीचे वाला फ्लोर पहले से बना हुआ था. दोस्तों इस स्टोरी की हिरोइन है मेरी पड़ोस वाली भाभी निकिता जो एक टीचर है, रंग सांवला, बाल घने और लंबे, चाल ऐसी कि होश उड़ जाए, चलते समय उनकी गांड ऐसे मटकती थी कि क्या बताऊँ? और बूब्स ऐसे कि बस उनका ब्लाउज फाड़ कर बाहर आ जाए. वो हुस्न की परी है और साड़ी में उनकी नाभि दिखती है वो बहुत गहरी है और पेट एकदम स्लिम है. उन्हें देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, उनका पति कुछ नहीं करता, उनकी लव मैरिज है और उनके कोई बच्चा नहीं है.

    दोस्तों एक दिन की बात है, काम चल रहा था तो बाहर से आवाज़ आई कि अजय, फिर में बाहर निकला तो मैंने देखा कि पड़ोस वाली भाभी थी. मैंने कहा कि क्या हुआ? तो भाभी बोली ज़रा काम था, तो मैंने कहा बोलिए, तो उन्होंने कहा घर में एक जगह से दीवार टूटी है तो आप अपने मिस्त्री से कहकर उसे ठीक करवा दो, छोटा काम है. फिर में अपने मिस्त्री को लेकर उनके घर गया और ज़रा सा काम था जो मिस्त्री ने कर दिया था. फिर में जाने लगा तो भाभी बोली कि रूको अजय चाय पी लो, तो मैंने कहा नहीं आप परेशान मत हो और फिर वो बोली अरे इसमें परेशानी की क्या बात है?

    मैंने उस दिन पहली बार उनसे बात की थी और फिर वो चाय लेकर बाहर आई और हम बात करने लगे. अब वो एकदम मस्त लग रही थी और अब एकदम से मेरी नज़र उनके चेहरे पर गयी और मैंने कहा कि भाभी आपको ये चोट कैसे लगी? तो वो बोली कि हो गयी थी, लेकिन वो गिरने जैसा निशान नहीं था और मैंने दुबारा भी नहीं पूछा, अब हम रोज़ बातें करते थे और अब में उनके घर कभी-कभी चाय भी पीता था. एक दिन मैंने उनसे पूछा कि आपके पति नहीं दिखते मैंने उन्हें बस एक बार ही देखा है.

    वो बोली कि वो दिनभर गायब रहते है और रात में आते है. मैंने कहा जॉब तो ऐसी ही होती है और अब उनकी आँखों में आसूं थे. फिर वो बोली वो कुछ नहीं करते और मेरी सैलेरी भी उड़ा देते है वो रात में पीकर आते है और झगड़ा करते है. फिर मैंने कहा भाभी में एक बात पूंछू तो वो बोली हाँ पूछो, मैंने कहा उस दिन वो घाव भी भैया की वजह से ही था ना? तो वो रोने लगी और बोली हाँ.

    फिर में उनके पास गया और उनको चुप करने लगा और पूछा कि वो ऐसा क्यों करते है? तो वो बोली उनको जॉब नहीं मिल रही है तो उसकी परेशानी है और एक प्रोब्लम है. तो मैंने कहा क्या? फिर वो बोली कि हमारे बच्चा नहीं है इस वजह से और कमी उनमें है. फिर मैंने कहा कि उन्हें तो आपकी इज्जत करनी चाहिए कि तब भी आप उनके साथ हो. अब वो रो रही थी और बोल रही थी कि मेरी ज़िंदगी में कोई सुख नहीं है, ना घर का, ना बच्चे का, ना पति का, फिर मैंने उन्हें चुप कराया.

    फिर दूसरे दिन उन्होंने दिन में चाय पीने के लिए मुझे आवाज़ लगाई तो में गया और हमारी बातें शुरू हो गयी. अब वो बोली कि तुम जब से मिले हो मुझे एक अच्छा दोस्त मिला है. फिर मैंने कहा कि मुझे भी आपसे बात करना बहुत अच्छा लगता है, भाभी आप इतनी सुंदर हो आपको कोई भी अच्छा लड़का मिल जाता. फिर भाभी बोली कि ये मेरा नसीब है और फिर मैंने कहा कि आप भैया को डॉक्टर के पास ले कर गयी. तो वो बोली हाँ डॉक्टर ने बोला कि कुछ नहीं हो सकता उनके वहां प्रोब्लम है और वो सेक्स भी नहीं कर सकते, अब में शॉक हो गया. फिर मैंने कहा मतलब आपने कभी सेक्स नहीं किया? तो वो बोली नहीं और शांत हो गयी.

    फिर वो एकदम से उठकर किचन में चली गयी और अब मुझे लगा कि उन्हें बुरा लग गया होगा तो में भी उनके पीछे-पीछे गया और मैंने देखा कि वो रो रही थी. फिर मैंने उन्हें सॉरी बोला और उन्हें चुप करके गले लगा लिया. उनके बूब्स मेरी छाती में दब रहे थे और में उन्हें चुप करने के लिए उनकी पीठ को सहलाने लगा. अब उन्होंने भी मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था और अब एकदम से मेरा लंड खड़ा हो गया. अब हम इतने करीब थे कि उनको शायद मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ता हुआ महसूस हुआ और उन्होंने मुझे और कसकर पकड़ लिया.

    फिर मैंने उनका चेहरा अपने हाथों में लिया और उन्हें किस करने के लिए आगे बड़ा तो उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और में उन्हें स्मूच करने लगा. अब वो एकदम से बेजान सी खड़ी थी, फिर उन्हें क्या हुआ? उन्होंने मुझे धक्का दिया और बोली कि यह गलत है फिर में भी चुपचाप वहाँ से चला गया.

    फिर दूसरे दिन दोपहर में भाभी ने मुझे चाय के लिए आवाज़ नहीं दी, वो मुझे रोज 1 बजे आवाज़ देती थी और आज 2 बज चुके थे तो मैंने सोचा कि वो नाराज़ है तो उन्हें कल के लिए सॉरी बोलना चाहिए. फिर में अंदर गया. उनका घर खुला था और वो कहीं नहीं थी, फिर में उन्हें ढूंढता हुआ उनके बेडरूम में गया, तो वो सो रही थी. रोज़ की तरह उनके पति घर पर नहीं थे, फिर मैंने देखा कि वो चादर ओढ़ कर सो रही थी. फिर में उनके पास गया और बेड पर बैठ गया. अब में उनके चेहरे को देख रहा था और वो मासूम सी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. अब में थोड़ा झुका और उनके लिप पर एक किस किया, अब बस में उस किस के बाद जाने ही वाला था कि भाभी ने करवट ली और चादर हट गया तो मेरी आँखे अब खुली की खुली रह गयी, क्योंकि भाभी पूरी नंगी थी.

    अब मैंने हिम्मत करके पूरा चादर हटाया तो उनके बूब्स ऐसे लग रहे थे, जैसे इनका रस आज निचोड़ लूँ? और उनकी चूत बिल्कुल क्लीन शेव थी और एकदम प्यारी सी छोटी सी थी. फिर मैंने मन बना लिया कि में आज इन्हें सारी ख़ुशी दे दूँगा. फिर में बाहर गया और दरवाज़ा बंद किया. फिर जब में वापस आया तो भाभी करवट ले चुकी थी और मुँह के बल सो रही थी.

    फिर मैंने उनकी पीठ पर किस किया और उनकी गांड को दबाता रहा और उन्हें पलट दिया. अब में उनके होंठो को किस कर रहा था और उनके बूब्स को मसल रहा था, ये करते-करते में उनकी गर्दन पर किस करने लगा. अब मैंने देखा कि उनके निप्पल खड़े हो गये है तो में उनके बूब्स को चूसने लगा और उनकी चूत को मसलने लगा. अब भाभी भी सिसकियाँ ले रही थी और भाभी सोने का नाटक कर रही थी. अब मुझे कुछ-कुछ समझ आ रहा था कि ये भाभी का बनाया हुआ प्लान था. अब ने उन्हें शर्मिंदा नहीं करना चाहता था तो में भी ऐसे बर्ताव करता रहा कि जैसे वो सो रही है.

    अब में उनकी नाभि के पास गया और उसे चूमने लगा तो भाभी की सिसकियाँ तेज होती जा रही थी और अब आआअहह उफफफफफफफफ्फ़ उउम्म्म्मममम की आवाज़े पूरे कमरे में गूंज रही थी. अब में उनके नीचे गया और उनकी चूत पर किस किया तो वो मचल गयी. अब में जीभ से उनकी चूत को चाट रहा था, चूस रहा था और अब वो पागल सी हो गयी थी और अपने बूब्स को मसल रही थी और मैंने जैसे ही उनकी चूत पर अपने दांतों से काटा तो वो सहम सी गयी और आँख खोलकर अपनी चूत पर मेरे सर को दबाने लगी.

    अब में समझ गया कि वो तैयार है फिर में उसके ऊपर आया और उनको किस किया अब वो मेरी जीभ को अपने मुँह में डालकर चूस रही थी. फिर मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया तो वो उसे सहलाने लगी और मैंने उनसे कहा कि इसे चूसो तो वो शर्माने लगी और बोली कि नहीं. फिर मैंने कमरे की लाईट को बंद कर दिया, अब कमरे में हल्की सी रोशनी थी और वो लेटी थी.

    फिर में उनके मुँह के पास गया और अपने लंड को उनके मुँह पर रखा और उनके लिप पर रगड़ने लगा. अब उन्होंने अपना मुँह खोलकर उसे चूसना शुरू कर दिया था और अब तो में बस जन्नत में था. अब भाभी ने अपनी बाहें फैलाकर मुझे अपनी तरफ आने का इशारा किया तो में उनके ऊपर आ गया और किस करने लगा. अब भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगी और अपनी चूत के छेद पर दबाने लगी तो मैंने जोर से धक्का मार दिया और अब मेरा आधा लंड चूत के अंदर था.

    भाभी की चूत एकदम टाईट थी तो उनकी आअहह निकल गयी और अब वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी. फिर मैंने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड अंदर कर दिया. अब तो वो मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ रही थी और अब में धक्के मारे जा रहा था और वो उउउहह आआआहह उम्म्म्ममम अजय, धीरे धीरे करो अजय प्लीज, आराम से करो, ऐसे बोल रही थी, अब वो झड़ चुकी थी और कमज़ोर सी हो गयी थी.

    अब में धक्के लगाए जा रहा था और फिर थोड़ी देर के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा कि मेरा निकलने वाला है तो में अपना लंड बाहर निकाल रहा हूँ. फिर उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और भाभी ने मुझसे कहा कि अंदर ही निकाल दो. अब मैंने अपना गर्म- गर्म पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया था और और हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर थोड़ी देर के बाद भाभी बाथरूम में गयी और वो अपनी चूत को धो रही थी. में भी उनके पीछे गया तो उन्होंने मेरे लंड को भी साफ किया.

    फिर हमने एक साथ शॉवर लिया और ओरल सेक्स किया. फिर हम सोफे पर आकर टी.वी देखने लगे. अब हमने कपड़े पहन लिए थे. फिर में जाने लगा तो भाभी बोली कि चाय पीते जाओ और किचन में जाकर चाय बनाने लगी, अब में भी उनके पीछे से गया और उनके पीछे से गर्दन पर किस करने लगा और उनके बूब्स मसलने लगा.

    अब भाभी फिर से गर्म हो गयी थी और मैंने उनकी मैक्सी ऊपर की और खड़े-खड़े ही उन्हें झुकाकर उनकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और उन्हें चोदना शुरू किया. अब वो भी अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी और अब मैंने उन्हें दीवार से चिपका दिया और उन्हें किस करने लगा और सामने से उनकी चूत में लंड डाल दिया. अब हम दोनों सीधे खड़े थे और ऐसे ही चुदाई कर रहे थे और किस कर रहे थे. अब में उनके बूब्स भी मसल रहा था. कुछ देर बाद में फिर से उनकी चूत में ही झड़ गया तो भाभी ने मुझे किस किया और बोली कि अजय आज तुमने मेरे सारे सपने पूरे कर दिए. फिर मैंने भी उन्हें गले लगाया. अब जब कभी भी हमें मौका मिलता है तो हम चुदाई करते हे.

  • मसाज के साथ चुदाई फ्री

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजू है और में इस साईट पर बहुत सारी कहानी पढ़ चुका हूँ, मुझे लगा कि मुझे भी अपनी लाईफ कि कुछ घटना आप लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए. में फर्स्ट टाईम अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ और कुछ ग़लती हो तो माफ़ करना. में दिल्ली में आयुर्वेद थेरेपिस्ट का काम करता हूँ, इस काम ने मुझे बहुत कुछ दिया है. 25 दिसम्बर 2010 को मुझे क्लिनिक जाना पड़ा, क्योंकि मेरे साथ काम करने वाले बाकी थेरेपिस्ट सारे चर्च गये थे. अब मुझे आधे दिन काम करना था, फिर उस दिन 11 बजे एक सुंदर सी एक लेडी आई, उनको डॉक्टर से मिलना था उस लेडी को चलने में काफ़ी प्रोब्लम हो रही थी तो मैंने उसे डॉक्टर के पास भेज दिया. फिर करीब 20 मिनट के बाद डॉक्टर ने मुझे अंदर बुलाकर बताया कि इन मेडम को स्पीनल मसाज और पीछे की साईड पोटाली मसाज देना है.

    फिर में उस लेडी को लेकर रूम में गया और कहा कि मेडम आपको अपना ऊपर का पूरा ड्रेस निकालना पड़ेगा नहीं तो आपकी ड्रेस तेल के कारण खराब हो सकती है. तो उसने कहा कि आप कैसे भी करो? लेकिन मेरा दर्द कम कर दो. फिर मैंने उसे पेट के बल लेटने को कहा और तो वो लेट गयी. अब उसके ऊपर सिर्फ़ एक टावल और नीचे सलवार था. फिर मैंने टावल को खोलकर गर्दन से पीठ तक ऑयल लगाया और मसाज करना शुरू कर दिया. फिर 10 के बाद उसकी गर्दन पर मेरे हाथ लगने के कारण उसके मुँह से कुछ आवाजे निकलने लगी तो मैंने सोचा कि दर्द के कारण होगा लेकिन थोड़े टाईम के बाद ऐसा लगा कि ये तो कुछ और हो रहा है. अब मुझे भी कुछ हो रहा था, अब में उसकी चूची साईड से टच करने लगा, अब उसके मुँह से बस म्‍म्म्ममम म्‍म्म्मममम आवाज़ निकल रही थी.

    अब मैंने उसकी पीठ मसाज स्टार्ट कर दी और उसको कहा कि ये आपका सलवार थोड़ा और नीच कर दूँ, तो वो मान गयी. अब मुझे उसके आधे चूतड़ नज़र आ रहे थे और कुछ देर तक मालिश करते-करते सलवार और नीचे कर दिया. अब में उसको पॉइंट मसाज देने लगा और पीठ पर मसाज करते-करते कभी मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला जाता. अब ये करते-करते मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था.

    मैंने सोचा अगर इसके घर जा कर मसाज करूँगा तो कुछ हो सकता हैं, फिर मैंने उससे पूछा कि मेडम अगर आप चाहें तो में आपके घर आकर भी मसाज कर सकता हूँ. तो उसने कहा ठीक है तुम अभी आ सकते हो, तो मैंने कहा कि में 1 बजे फ्री रहूँगा. फिर उसने ओके बोला और फिर मैंने पीठ मसाज के बाद उसकी बॉडी से ऑयल सॉफ किया और वो बाहर चली गयी, अब जाते-जाते उसने कहा कि वो मेरा बाहर इंतजार करेगी.

    अब उसके जाते ही में बाथरूम के अंदर घुस गया और उस लेडी को मन में सोचकर मुठ मारी तब जाकर मुझे कुछ आराम मिला, क्योंकि मेरे लंड का करीब 1 घंटे से बुरा हाल था. अब में 1 बजे बाहर निकला, तो वो लेडी मेरा इंतजार कर रही थी, फिर वो मुझे अपने घर ले गयी, उसका काफ़ी बड़ा मकान था. फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी, वहाँ 2 रूम हीटर थे, उसने उन दोनों को चालू कर दिया, क्योंकि सर्दी का टाईम था और उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बेड पर सीधा लेट गयी. फिर मैंने भी उसके पैरो की मसाज स्टार्ट की, अब मसाज करते-करते मेरा हाथ उसकी चूत को टच कर रहा था, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

    अब उसकी पेंटी थोड़ी गीली थी, ये सब देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया. अब में उसके पेट का मसाज कर रह था, अब में मसाज करते- करते कभी चूचि को भी दबाता और अब वो सिर्फ़ सिसकारियाँ ले रही थी. फिर मैंने कहा कि मेडम में ये ब्रा निकाल दूँ, तो उसने हाँ बोला और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया. अब उसके मोटे-मोटे बूब्स मेरे सामने थे और अब में ज़ोर-जोर से उसकी चूचीयों की मालिश करता रहा और उसके मुँह से हहाआअँ यसस्स आआआररम से मसस्स्स्स्सई की आवाज निकल रही थी.

    अब ये सब सुनकर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, अब मैंने धीरे-धीरे उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी चूत की मालिश करना स्टार्ट किया और उसकी चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. अब मैंने उसके निप्पल को चूस-चूस कर लाल कर दिया और उसके चूत के दाने को अपने हल्के हाथों से मसलना चालू किया. अब वो तो अपनी आँखे बंद करके सिसकारी ले रही थी, अब में धीरे-धीरे उसकी चूत में उंगली डालने लगा. ऐसा करते ही उसका पानी छूट गया और मेरा हाथ पूरा गीला हो गया तो मैंने कहा कि मेडम मुझे आपकी चूत को चाटना है, तो उसने हाँ में अपना सिर हिलाया. फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाला, उसकी चूत पर काफ़ी बाल थे और मुझे बालों वाली चूत बहुत पसंद है.

    फिर मैंने धीरे से उसकी चूत के दाने को चूसा और अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा, अब में उसकी चूत को चाटता रहा. फिर कुछ देर के बाद उसने फिर से आवाज़ निकालना स्टार्ट कर दिया ओूऊऊऊऊव सस्स्स्सस्स साआआअ वूऊव्व्व हूऊओ यससस्स. अब वो बोली कि राजू अब जल्दी से मुझे चोदो. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत की मेरे लंड से मालिश करने लगा. अब मुझसे सहा नहीं गया तो में अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा, उसकी चूत थोड़ी सी टाईट थी.

    मैंने उससे पूछा, तो उसने बताया कि उसका पति अमेरिका में जॉब करता है और साल में एक महीने के लिए वो आते है. अब में उसे आराम से चोदने लगा, अब उसकी चूत गीली होने के कारण और मजा आ रहा था. अब उसके मुँह सिर्फ़ एयए हहूऊ वूओव फुक ऊऊऊओ की आवाज़ निकल रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर ऊपर नीचे होने लगी.

    फिर कुछ देर के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर ही लेट गयी, मेरा अभी झड़ना बाकी था तो उसने मुझसे कहा कि उसकी गांड में लंड डालो और वो घोड़ी स्टाइल में हो गयी. अब उसकी पीछे से चूत और गांड देखकर मुझसे भी रहा नहीं गया, अब में फिर से उसकी चूत और गांड को चाटने लगा. अब उसके मुँह से आआआः ससहस की आवाज़ निकलने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद में उसकी गांड में लंड डालने लगा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट थी. फिर मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और धीरे-धीरे अंदर करने लगा, अब मेरा लंड थोड़ा सा अंदर जाते ही उसके मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गयी.

    थोड़ी देर तक रुकने के बाद मैंने एक जोरदार झटका देकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया. अब उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, फिर कुछ देर रुकने के बाद में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर कुछ देर के बाद उसको भी मज़ा आने लगा, अब वो खुद आगे पीछे होने लगी थी और में तेज़ी से उसकी गांड मारने लगा. फिर 10 मिनट के बाद मैंने मेरा वीर्य उसकी गांड में गिरा दिया और शांत होकर उसके ऊपर लेट गया. अब वो लेडी काफ़ी खुश थी, फिर उसने मुझे 2000 रुपये दिए और में करीब 6 बजे तैयार होकर वहाँ से चला गया.

  • दोस्त की बहन ने चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मन्नू है और मेरी उम्र 30 साल है. में शादीशुदा हूँ और राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है. दोस्तों किरण के परिवार में मम्मी, पापा, 2 बड़े भाई और एक भाभी है. ये बात 2005 की है, वैसे उसके घर मेरा बचपन से आना जाना था. में उसके भाइयों के साथ पढ़ाई भी करता था तो में बिना रोक टोक के आता जाता था. वैसे मैंने उसके छोटे भाई की एक बार गांड भी मारी थी और उसको लंड भी चुसवाया था.

    फिर एक दिन में उसके घर गया और न्यूज पेपर पढ़ने लगा, तभी वहां किरण आई और मेरे पास बैठ गई और न्यूज़ पढ़ने लगी. मैंने अचानक से महसूस किया कि उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा है. फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुराई. मैंने कहा कि तुम ये क्या कर रही हो, कोई आ जायेगा? तो वो बोली कि डरने की कोई बात नहीं है में तुमसे प्यार करने लगी हूँ, मेरा अब सब कुछ तेरा है, मेरी जवानी भी तेरी है, अब मेरी चाहत पूरी कर दो.

    मैंने कहा कि किरण ये तुम क्या कर रही हो? कोई आ गया तो हम दोनों की जिंदगी बर्बाद हो जायेगी. तुम कुँवारी हो फिर कौन तुमसे शादी करेगा? फिर वो बोली किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. भाभी दोपहर में हमेशा सोती है और माँ की तबीयत खराब है, पापा ड्यूटी पर है और भाई कॉलेज गये है. अब में डर रहा था तो मैंने उससे कहा कि ये ग़लत है वो कहने लगी कि में तुमसे प्यार करती हूँ और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.

    अब में समझ गया कि अब मेरी नहीं चलने वाली है, अगर अब में पकड़ा गया तो बहुत ग़लत हो जायेगा. फिर मैंने कहा कि चलो तुम्हारी माँ के रूम में चलते है तो वो मान गई. फिर हम उसकी माँ के रूम में चले गये. फिर में न्यूज पेपर पढ़ने लग गया और वो मेरे लंड को सहलाती रही. फिर 5-7 मिनट में मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और वो हंसने लगी. उसकी माँ ने पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कुछ नहीं माँ में चुटकुला पढ़ रही थी. उसकी माँ बीमार थी तो वो कंबल ओढ़कर वही सो रही थी.

    अब मैंने उसका हाथ छुड़ाना चाहा मगर वो गुस्सा हो गई और मेरे लंड को बाहर निकालकर मेरी मुठ मारने लगी. फिर 3-4 मिनट में ही मेरा वीर्य निकल गया और वो मेरे वीर्य को अपने हाथ पर लगाकर बाहर चली गई. फिर जब वो हाथ धोकर वापस आकर मेरे पास बैठी ही थी कि उसके बड़े भैया आ गये. वो मुझसे बातें करने लगी.

    फिर किरण ने चाय बनाई और हमें पिलाई. फिर में चाय पीकर अपने घर आ गया. फिर में शाम को वापस पढ़ाई के टाईम उसके घर गया तो वो मुझे देखते ही चहक उठी. अब जब में उसके घर पहुँचा तो वहां चाय बनी हुई थी. फिर उसने एक कप चाय मुझे दी और फिर मैंने चाय पीते-पीते पूरे घर पर नज़र डाली तो मुझे उन दोनों माँ बेटी के अलावा वहां और कोई नज़र नहीं आया. फिर मैंने चाय पीकर कप को प्लेट में रखा ही था कि उसकी माँ ने हमें कमरे में बैठकर पढ़ने को बोल दिया.

    अब में बुरी तरह फँस गया था, फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझे अंदर आने को बोला. अब में उसके साथ अंदर चल दिया. फिर हम बैठ गये. उसके सिर पर तो चुदाई का भूत सवार था. फिर मैंने उसे ये सब एग्जॉम के बाद करने का बोला, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी और मेरा लंड मेरी पेंट में से बाहर निकालने लगी. मैंने कहा कि किरण तेरी माँ आ जायेगी, वो बोली कि आने दो, मेरे साथ वो भी चुद लेगी, अब वो अपना होश खो बैठी थी.

    फिर मैंने समझदारी करते हुए अपना लंड खुद ही निकालकर उसके मुँह में डाल दिया. अब वो लोलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगी. अब उसकी माँ किचन में खाना बना रही थी और वो मेरा लंड चूसते- चूसते चोदने के लिए ज़िद करने लगी. मैंने उसे समझाया कि पढ़ाई के बाद में पूरी रात चोदूंगा. अब वो मेरे हाव भाव देखकर मान गई. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया. फिर मैंने उसे साफ करने को बोला तो वो मेरा लंड चाटने लगी, लेकिन उसे उल्टी आ गई थी.

    अब में बाहर आ गया और थोड़ी देर तक उसकी माँ से बात करने के बाद घर आ गया. फिर में पूरी रात किरण के बारे में सोचता रहा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि आज ये सब हो जायेगा. अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? एक तरफ मेरी प्यारी पत्नी, तो दूसरी तरफ एक कुँवारी चूत जो मुझे बुला रही थी कि आजा और मुझे चोद डाल. अब में इसी उलझन में 5-6 दिनों तक सोचता रहा और उसके घर नहीं गया.

    फिर एक दिन में अपने गार्डन में घूम रहा था. में आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि उसके घर को टच करता हुआ ही हमारा गार्डन है, जिसमें एक मकान भी बना है. अब में गार्डन में पानी देकर अपने मकान में चारपाई पर आँखे बंद करके लेटा हुआ था कि अचानक से मेरी आँखे खुल गई. अब किरण मेरे बगल में बैठी थी और में समझ गया कि अब क्या होने वाला है? अब मैंने अपने डर को भगा दिया था, लेकिन किरण को इस बात का एहसास नहीं होने दिया.

    अब में सुरक्षित था क्योंकि में उसके घर पर नहीं बल्कि वो हमारे गार्डन में थी और अब हम पकड़े भी गये तो मेरा क्या होगा? वैसे कोई मुझे ग़लत नहीं कह सकता था, क्योंकि मैंने शुरुवात नहीं की थी और दूसरी बात कोई मजबूर करे तो क्या किया जाए? फिर वो ये भी तो सोच सकती है कि में चुदाई नहीं कर सकता हूँ. अब में उसके अगले कदम का इंतजार कर रहा था.

    फिर उसने वहीँ से शुरुवात की जहाँ से पहली बार की थी, अब उसने मेरी पेंट निकाल दी और मेरे लंड को अंडरवियर में से निकालकर चूसने लगी. अब मैंने 2-3 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने भी बिना देरी किए उसको चारपाई पर पटका और उसे पूरा नंगा कर दिया. किरण की हाईट 5 फुट 2 इंच थी, वो साँवली सी लड़की थी. उसके बूब्स नींबू जैसे थे और उसका वजन 40-42 किलोग्राम से ज़्यादा नहीं था. अब उसके फिगर का आईडिया आप खुद ही लगा सकते है. वो पढ़ाई में तेज थी और उसने बी.एड किया हुआ था. ख़ैर आपको उससे क्या? मैंने पहली बार दूसरी नंगी चूत देखी थी. में पहली अपनी पत्नी की चूत देख चुका हूँ जो गहरी झांटो से ढकी हुई थी, मुझे ऐसा लगता था कि शायद 3-4 महीने से उसने बाल नहीं काटे थे.

    फिर मैंने अपने लंड पर अपना थूक लगाया और उसकी चूत के दरवाजे पर रखकर अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. फिर मैंने धीरे-धीरे अपना दबाव बढ़ाया, लेकिन उसकी चूत का दरवाजा खुल ही नहीं पा रहा था. अब वो बिल्कुल भी नहीं हिली. मैंने उसको बोला कि किरण अब में तेज धक्का लगाऊंगा तो तुम चीखना मत. उसने हाँ कर दी.

    मैंने खूब सारा थूक उसकी चूत में डाला और अपने लंड का सुपाड़ा अन्दर रखकर ज़ोर से उसकी चूत में अन्दर घुसाया तो उसकी चीख निकलने से पहले ही मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था. फिर मैंने 2 मिनट तक रुककर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और अब किरण का चेहरा देखने लायक था. साली 8-10 दिन पहले से मेरा लंड लेने के लिए उछल रही थी और अब रो रही है.

    अब मैंने लंड अन्दर बाहर करना चालू कर दिया था. सचमुच किरण की चूत कुँवारी ही थी. अब उसकी चूत खून से लाल हो गई थी. अब वो रोती रही, लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब में उसे चोदता जा रहा था. फिर 5-10 मिनट की चुदाई के बाद उसकी उूउउन्न्ह आआहह आआआअहह चालू हो गई. फिर करीब 10-15 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर अपना सारा वीर्य झाड़ दिया. अब वो 2-3 मिनट तक उठ भी नहीं पाई थी. अब मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत पर ही फैला दिया. फिर मैंने उसे हाथ पकड़कर उठाया और कुछ देर तक वो खड़ी रही और मुझसे बिल्कुल भी नहीं बोली और चली गई. मैंने फिर कई बार किरण को चोदा और एक बार तो मैंने उसे अपने बेडरूम में भी चोदा था.

  • चपरासी ने मेरी चूत की सील तोड़ी

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम देविका है और में 21 साल की हूँ. दोस्तों वैसे तो आम तौर पर सभी लड़कियाँ अपनी कहानी बताते हुए शरमाती है, लेकिन इसमे कैसी शर्म? दोस्तों में और लड़कियों जितनी सुंदर तो नहीं हूँ, लेकिन मेरा बदन बहुत सुंदर है और इसकी वजह से में कुछ लोगों के लिए अच्छी हूँ. मेरी लम्बाई भी कुछ ज़्यादा नहीं है में 5.2 लम्बाई की हूँ, लेकिन मेरा शरीर भरा हुआ है और मेरी छाती भी अच्छी है. मेरे कूल्हे भी बाहर निकले हुए है जिसकी वजह से हर कोई लड़का मेरी तरफ आकर्षित हो जाता है.

    दोस्तों यह बात पांच महीने पहले की है जब में पढ़ाई करती थी और मेरी सभी दोस्त के बॉयफ्रेंड थे, लेकिन मेरा कोई भी नहीं था और इसी कारण से में लड़को को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती थी. में बहुत तरीके काम में लिया करती जैसे लड़को से हंसी मजाक, बातें करना और अपने बूब्स का आकार दिखना, अपनी मटकती हुई गांड को दिखाना और इससे बहुत बार कई लड़के मेरी तरफ आकर्षित तो होते थे और मेरे जिस्म को घूर घूरकर देखते तो थे, लेकिन मुझे प्यार कोई नहीं करना चाहता था और अब में भी इस बात से परेशान आ गई थी, क्योंकि आख़िर में भी तो एक लड़की ही थी और मेरे सर पर तो बस किसी का साथ पाने का भूत सवार था और इस कारण से में कई लोगों के साथ सो चुकी हूँ. पहले तो मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, क्योंकि जो मुझे चाहिए था वो अब तक मुझे मिला ही नहीं था, लेकिन अब मुझे अच्छा लगता है तो हुआ यह कि साथ पाने के लिए में बहुत बैचेन हो गई थी.

    दोस्तों मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इसका नतीजा कैसा होगा और हमारे स्कूल के एक चपरासी की आँख मुझ पर थी, क्योंकि उसे तो बस मज़े करने के लिए एक खिलोना चाहिए था. उसकी उम्र करीब 40-42 साल थी और वो बिहार का रहने वाला था, लेकिन उसका शरीर बहुत गठीला था और वो थोड़ा मोटा भी था. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि वो मेरी इन सब हरकतो पर गौर किया करता है और उसे पता था कि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा और इसी बात का उसने फायदा उठाया.

    एक दिन जब में स्कूल से छुट्टी के वक़्त निकली तो उसने मुझसे कहा कि उसे मुझसे कुछ बात करनी है और में उसकी वो बात सुनने के लिए रुक गई, उस समय वहाँ पर कोई भी नहीं था और उसने मुझसे कहा कि उसे मालूम है कि में सच्चे प्यार की तलाश कर रही हूँ. उसके मुहं से यह बात सुनकर में एकदम से हैरान हो गई, लेकिन में उससे इसके आगे क्या कहती. फिर वो आगे बोला कि एक लड़का मुझे बहुत पसंद करता है और वो मुझसे मिलना चाहता है.

    दोस्तों मेरी तो जैसे खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और मुझे लगा कि मुझे अब सब कुछ मिल गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि यह चपरासी मुझे चोदना चाहता है और मेरी खुशी देखकर वो समझ गया कि में उसके शिकंजे में फंस गई हूँ. फिर उसने मुझसे कहा कि वो लड़का मुझसे मिलना चाहता है, मैंने पूछा कि कब? तो उसने कहा कि जब तुम्हे ठीक लगे.

    फिर मैंने कहा कि में शाम को ट्यूशन के लिए घर से बाहर जाती हूँ और आज में तुम्हारे पास आ जाउंगी, तब तुम मुझे उससे मिलवा देना. उसने कहा कि ठीक है और फिर में वहाँ से चली गई और उसी शाम को अपने घर से ट्यूशन के लिए निकल गई और अब स्कूल में चपरासी के घर पर उसके पास चली गई. फिर उसने मुझे अपने कमरे में बुला लिया उस समय वहां पर कोई भी नहीं था और वैसे वो शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चे बिहार में ही रहते थे और इसलिए उसका कमरा बिल्कुल खाली था, बस वहां पर एक चारपाई और कुछ कपड़े थे. तभी उसने मुझे बैठने को कहा और में ठीक उसके सामने बैठ गई, अब वो मुझे बहुत ध्यान से देखने लगा, उसकी नजरे मेरे जिस्म को खा जाने वाली थी और वो मुझे लगातार घूर रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि वो लड़का कहाँ है? तो उसने कहा कि वो मुझे आज एक सच बताना चाहता है और फिर उसने कहा कि कोई लड़का नहीं है, लेकिन वो खुद ही मुझे बहुत पसंद किया करता है.

    दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी साँसे एकदम से रुक गई मुझे और बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं और में बिल्कुल चुप रही. वो मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और तुम भी मेरे साथ बहुत खुश रहोगी. तभी मैंने उससे गुस्से में आकर साफ मना कर दिया और फिर में उठकर वहां से जाने लगी.

    फिर उसने कहा कि अगर तुम्हे किसी ने यहाँ से इस तरह जाते हुए देख लिया तो तुम बहुत बदनाम हो जाओगी, तभी उसकी बात को सोचकर में वहीं पर रुक गई और बहुत डर गई और मैंने उससे कहा कि अब में क्या करूं?

    उसने कहा कि अगर तुम मेरा साथ दो तो में तुम्हे चुपके से यहाँ से निकाल दूँगा और फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन इसके लिए मुझे क्या करना होगा? तो वो बोला कि में तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ और अपनी बीवी बनाना चाहता हूँ और तुम्हारे साथ वो सब करना चाहता हूँ जो सभी लोग अपनी बीवी के साथ करते है. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सभी लोगों का कुछ करने का क्या मतलब है? तो मैंने उससे बिना सोचे समझे कहा कि ठीक है, लेकिन प्लीज मुझे यहाँ से बाहर निकालो.

    फिर वो मेरे पास आया और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया में कुछ बोलती उससे पहले ही उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और अब मेरा मुँह बंद हो गया और वो मेरे बूब्स को मसलने लगा. मैंने उससे छूटने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन वो बहुत मजबूत था. फिर उसने मुझे छोड़ा और कहने लगा कि तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा एक बार मेरे साथ करो तो सही. फिर उसकी बातें सुनकर अब मेरा भी दिल उसके साथ कुछ करने का कर रहा था और मैंने भी उसे एक किस किया और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगा.

    फिर उसने मुझसे कहा कि अभी और भी बहुत सारे काम करने बाकी है, तुम अब जल्दी से अपने कपड़े उतार दो और उसने भी अब अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और जब मैंने पहली बार उसका लंड देखा तो में डर गई और उसे धीरे धीरे खड़ा और अपना आकार बदलते हुए देखकर में बहुत हैरान रह गई, लेकिन वो अभी भी पूरी तरह खड़ा भी नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी 6 इंच का था और मैंने उससे कहा कि क्यों तुम्हारा लंड इतना बड़ा है? और यह तो अभी पूरी तरह से खड़ा भी नहीं हुआ है.

    तभी उसने मुझसे कहा कि अब इसे खड़ा तो तू ही करेगी, मैंने पूछा कि वो कैसे? तो उसने कहा कि इसे अपने मुँह में लेकर, तभी मैंने कहा कि में कभी भी ऐसा नहीं करूँगी. तो उसने कहा कि अब कोई फायदा नहीं है तू तेरी जो मर्ज़ी पड़े कर ले, लेकिन तेरी बदनामी हो जाएगी. अब में बहुत डर गई थी और मुझे अब अच्छा भी लग रहा था और फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरा कामुक बदन देखकर वो तो पागल हो गया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि अगर में उसका पूरा पूरा साथ दूँगी तो सब कुछ एकदम ठीक रहेगा. फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, लेकिन अब मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था और मुझे भी धीरे धीरे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और में उसके लंड को धीरे से मुहं में लेकर चूसने लगी और अपनी जीभ से लोलीपोप की तरह चाटने लगी. मेरे तो मुँह में वो पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था और मुझे अपना पूरा मुहं जबरदस्ती खोलना पड़ रहा था.

    अब वो कुछ देर बाद और भी बड़ा हो गया, लेकिन उस चपरासी ने ज़बरदस्ती मेरे मुँह में अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया, लेकिन तभी उसने देखा कि मेरे मुँह में उसका लंड नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से मेरी सांसे रुकने लगी थी और मेरी आंख से आंसू बाहर आने लगे थे. फिर उसने कुछ ही देर बाद मुझसे कहा कि चलो तुम अब रहने दे. फिर उसने मुझे बिस्तर पर जाने को कहा और में वहाँ पर चली गई. फिर वो तेल ले आया और उसने थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर लगाया और बहुत अच्छी तरह मालिश करने लगा और फिर उसने अपनी एक उंगली को चूत में अंदर डाल दिया जिसकी वजह से तेल मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे ऐसा लगा कि कोई गरम गरम चीज़ मेरी चूत के अंदर चली गई हो, मुझे थोड़ा सा दर्द भी हुआ, लेकिन अब थोड़ी देर बाद मुझे उसके ऐसा करने से बहुत मज़ा आने लगा.

    फिर उसने अपनी दूसरी उंगली और फिर उसने अपनी तीसरी उंगली को भी अंदर डाल दिया. मुझे उसकी वजह से दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन कुछ देर बाद में वो दर्द मज़ा बन गया था और उसने अभी तक मेरी सील नहीं तोड़ी थी, शायद वो उसे अपने लंड के साथ ही तोड़ना चाहता था. फिर उसने मेरा सारा बदन अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया और अब उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर लगा दिया.

    मैंने उससे कहा कि यह अंदर नहीं जाएगा तो वो बोला कि चला जाएगा. फिर मैंने उससे कहा कि अगर मुझे कुछ हो गया तो? वो बोला कि तुम चिंता मत करो तुम्हे कुछ नहीं होगा, बस तुम थोड़ा धीरज रखो और अब में बिल्कुल चुप हो गई. फिर उसने अपना लंड अंदर डालना शुरू किया. अभी उसके लंड का सिर्फ टोपा ही थोड़ा अंदर गया था कि मुझे बहुत दर्द होने लगा में ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी सीईईईई अह्ह्ह्हह आईईईईइ प्लीज बाहर निकालो इसे उह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    फिर उसने मेरा मुँह अपने होठों को उन पर रखकर बिल्कुल बंद कर दिया और थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ा सा आराम मिला, मैंने सोच कि शायद अब लंड अंदर चला गया है और अब मज़ा आएगा? लेकिन जब मैंने अपना सर उठाकर नीचे की तरफ देखा तो में चौंक गई, क्योंकि अभी तक तो उसका पूरा लंड बाहर ही था तो मैंने उससे बहुत चकित होते हुए पूछा कि यह कब अंदर जाएगा? तो उसने एक और धक्का मारा और दो इंच लंड अंदर चला गया और अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत की सील टूट गई है और में दर्द के मारे बेहोश हो गई थी.

    में उस दर्द से छटपटाने लगी थी और जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि उसका लंड अब तक पूरा अंदर चला गया था और वो बहुत मस्ती से मेरे निप्पल को चूस रहा था. मैंने उससे दर्द से करहाते हुए कहा कि प्लीज अब इसे मेरी चूत से बाहर निकाल लो वरना में इसके दर्द से मर ही जाउंगी. फिर वो कहने लगा कि मेरी रानी आज अगर मैंने इसे अधूरे में बाहर निकाल लिया तो फिर कभी ऐसा मज़ा नहीं ले पाएगी और अगर आज ले लिया तो पूरी जिन्दगी बहुत मज़े करेगी, बस थोड़ा सा दर्द और होगा.

    फिर मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली और उसने फिर से अपने लंड का मेरी चूत पर ज़ोर से दबाव बनाना शुरू कर दिया और अब धीरे धीरे उसका लंड सरकता हुआ अंदर जा रहा था. फिर मैंने महसूस किया कि कुछ ही सेकिंड में उसका लंड फिसलता हुआ करीब दो इंच और अंदर चला गया और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर था और में तो दर्द के मारे तड़प रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि में तो आपकी बेटी जैसी हूँ अह्ह्ह्हह्ह प्लीज अब इसे बाहर उह्ह्ह्ह निकाल लो छोड़ दो मुझे. फिर उसने कहा कि अब तो तू मेरी पत्नी जैसी है और मेरे होने वाले बच्चे की माँ भी बनेगी और यह बात कहकर वो मुझे किस करने लगा और धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगा. वो मेरे दर्द की वजह से बहुत धीरे धीरे झटके मार रहा था.

    फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो वरना में मर जाउंगी. उसने कहा कि तुम्हे कुछ नहीं होगा तुम बस थोड़ा सब्र रखो और फिर उसने मुझे बिस्तर से उठाया, लेकिन मेरी चूत से लंड को बाहर नहीं निकाला और वो खुद बिस्तर पर लेट गया. अब में उसके ऊपर आ गई थी और उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाने लगा. दोस्तों मुझे अब दर्द के साथ साथ मज़ा भी आ रहा था वो ऐसा लगातार करता रहा और कुछ देर बाद मैंने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन वो अभी तक मेरी चूत में अपना लंड हिला रहा था.

    फिर उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ा और एक ज़ोर का झटका मारा तो मुझे लगा कि जैसे उसका लंड अब मेरे गले तक पहुंच गया और में फिर से बैहोश हो गई. फिर थोड़ी देर बाद बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे चूम रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था, लेकिन अब भी मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था और मेरी चूत से खून भी बहुत निकल रहा था, लेकिन में अब खुश भी थी कि मैंने अपनी दोस्तों में सबसे बड़ा लंड लिया है फिर चाहे वो किसी भी मर्द का था और जो उम्र में मेरे बाप के बराबर ही क्यों ना हो और अब मुझे भी उससे प्यार हो गया था और मुझे लगा कि सच में ही यह मेरा पति है.

    फिर उसने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया वो थोड़ा सा लंड बाहर निकालता और फिर धीरे से अंदर डाल देता अब मुझे ज़्यादा तकलीफ़ नहीं हो रही थी और मज़ा भी बहुत आ रहा था. फिर जब उसे लगा कि में उसके लंड को सहन कर रही हूँ तो वो और ज़्यादा लंड को बाहर निकालता और पूरे ज़ोर से अंदर डाल देता. उसके ऐसा करने से में तो बहुत मज़ा ले रही थी और धीरे धीरे उसने अपना सारा लंड बाहर निकालना शुरू कर दिया. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब तो में भी उसे किस कर रही थी और में इस बीच करीब दो बार और झड़ चुकी थी, लेकिन वो नहीं.

    फिर उसने मुझे चारपाई पर लेटा दिया और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा अब वो मेरे निप्पल चूस रहा था जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वो अपने मन की सारी हसरत पूरी करना चाहता हो, लेकिन मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि उसके बाद मेरी चूत का क्या हाल हुआ होगा? मुझे तो बस चुदवाने का जोश आ रहा था कि में इतनी ज्यादा उम्र के आदमी से इतनी छोटी उम्र में चुद रहीं हूँ और हम दोनों पसीने से एकदम भीग गये थे, लेकिन में पूरे जोश में थी. तभी उसने मुझसे कहा कि वो मुझे अब कुतिया बनाकर चोदना चाहता है. दोस्तों मैंने पहले से ही ब्लू फिल्म में वो सारी पोजीशन देख रखी थी और में तभी अपने दोनों घुटनो पर हो गई. फिर उसने पीछे से लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और मुझे उससे चुदने के बाद ऐसा लगा कि जैसे आज में पूरी हो गई हूँ. अब वो ज़ोर ज़ोर के धक्के मार रहा था और फिर उसने कहा कि वो अब झड़ने वाला है और उसने कहा कि वो मेरी चूत में ही झड़ना चाहता है ताकि उसका बच्चा मेरे पेट से जन्म ले.

    फिर मैंने कहा कि नहीं, इससे मेरी बदनामी हो जाएगी और अभी ठीक सही समय नहीं है और फिर उसने यह बात सुनकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरे मुँह में डाल दिया और अपना सारा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया और में एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह उसका सारा वीर्य पी गई. जब मैंने अपनी चूत को देखा तो में एकदम से चौंक गई क्योंकि वो बिल्कुल फट गई थी और मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन उसने मुझसे कहा कि तू चिंता मतकर यह अपने आप ठीक हो जाएगी और फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरी चूत से अभी भी थोड़ा थोड़ा खून आ रहा था.

    फिर उसने मुझे एक सफेद रंग की कोई चीज़ दी और मुझसे अपनी चूत पर लगाने को कहा तो उससे मेरी चूत का दर्द बिल्कुल कम हो गया और उसने कहा कि इससे सब ठीक हो जाएगा और फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे घर पर जाना है और दोबारा मिलने का वादा लेकर उसने मुझे अपने कमरे से चोरी से बाहर निकाल दिया और उसकी दी हुई दवाई की वजह से मेरा दर्द अब ठीक था, लेकिन फिर भी मुझे थोड़ी सी तकलीफ़ थी और में अपने घर पर आकर चुपचाप सो गई और सुबह उठकर जब स्कूल गई तो चपरासी दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था, उसने मुझसे मेरा हाल पूछा तो मैंने कहा कि में एकदम ठीक हूँ और उसने कहा कि हम जल्द ही मिलेंगे और में एक मुस्कुराहट के साथ अपनी क्लास में चली गई.

  • सुहागरात में पहली चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है. दोस्तों में बहुत पहले से ही सेक्स करने के लिए बहुत भूखा था और मुझे जब कोई भी कहानी पढ़कर अपने खड़े लंड को चुप करना होता तो में मुठ मारकर उसको शांत कर दिया करता था, क्योंकि मैंने शुरू से ही यह बात सोच रखी थी कि में अपनी शादी से पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं करूँगा और मेरा पहला सेक्स मेरी आने वाली पत्नी के साथ होगा.

    दोस्तों में अब रोज़ रात को मुठ मारता था और हमेशा इस बात का इंतज़ार करता था कि मेरी शादी कब होगी? में अपनी पत्नी के साथ मेरी पहली चुदाई के सपने अब हर समय देखने लगा था और मुझे अब हर जगह बस वो प्यारी सी चूत जिसमे मेरा लंड अंदर बाहर होता हुआ दिखने लगा था और एक दिन उस भगवान ने मेरे मन की बात को सुन लिया और एक दिन मेरी सगाई हो गई और अब जब भी में शादी से पहले फोन पर अपनी पत्नी से बात करता तो में उससे सेक्स के बारे में ही बात किया करता था और वो भी मुझसे बहुत गंदी गंदी बातें किया करती थी. दोस्तों में उसे हमेशा बताता रहता कि में उसके साथ सुहगरात के दिन बहुत ही बुरी तरह से चुदाई करूंगा, लेकिन दोस्तों वो मेरी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती थी इसलिए मैंने सोच रखा था कि मुझे उसे किस तरह चोदना था? अब आखिरकार मेरी शादी हो गई और सुहागरात की वो रात आ ही गई.

    दोस्तों उस दिन सुहागरात से पहले पहले ही मैंने जोश बड़ाने की कुछ गोलियां ले ली थी जिससे सेक्स करने की शक्ति बड़ जाती है. फिर में अपने रूम में गया तो मेरी पत्नी पहले से ही चुदाई करने के लिए तैयार बैठी हुई थी, मैंने रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. फिर में उसके पास गया और में उसे बेड पर लेटाकर उसके ऊपर लेट गया और फिर उसे किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और करीब 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही किस करते रहे.

    में उसकी जीभ को चूसता रहा और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. में ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मसलने लगा जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी, फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और वो अब काली कलर की ब्रा में थी और उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मुझे उन्हें झूलते हुए देखकर जोश चड़ गया और अब मैंने जानवरों की तरह उसकी ब्रा को खींचकर फाड़ दिया और फिर उसके बूब्स पर टूट पड़ा.

    दोस्तों मैंने उसके दोनों बूब्स को इतने ज़ोर से दबाया कि वो पूरी तरह से लाल हो गये थे और अब में धीरे धीरे उसे किस करते हुए नीचे तक पहुंच गया. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो सिर्फ़ अब काली कलर की पेंटी में थी मुझसे अब रहा नहीं गया और अब मैंने उसकी पूरी पेंटी को एक ही झटके में फाड़ दिया. वो अब मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, मैंने पूछा तो उसने मुझसे कहा कि उसे पहले से पता था कि आज उसकी चुदाई का दिन है इसलिए उसने आज ही साफ किए है.

    अब में उसकी चूत पर टूट पड़ा और कुत्ते की तरह उसकी चिकनी, प्यासी, चूत को चाटने लगा और चूसने लगा. अब वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी और फिर दस मिनट के बाद में अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरे यह सब करने के पांच मिनट बाद उससे रहा नहीं गया और उसने बेड पर अपना पानी निकाल दिया और वो झड़ गई. अब मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और उससे मेरा लंड चूसने को कहा पहले तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन फिर मेरे बहुत बार कहने पर वो मान गई और अब मेरा लंड चूसने लगी.

    दोस्तों मेरे लंड की साईज़ 8 इंच है इसलिए उसके मुहं में मेरा लंड बहुत मुश्किल से आया और मैंने फिर उसका सर पकड़कर लंड को धक्का दे दिया और अब में ज़ोर से लंड को उसके मुहं में अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से फच फच की आवाजें आने लगी. फिर मैंने उसे कुछ देर के लिए उठाया और कुछ देर बाद में उसे फिर से लेटाकर में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हुआ और वो ज़ोर ज़ोर से चीख उठी वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है की आवाज़े निकालने लगी.

    फिर मैंने कुछ देर उसके दर्द के कम होने का इंतजार किया और उसके बाद मैंने उसको धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया और अब उसकी चूत से खून टपकने लगा जिससे बेड और मेरा लंड पूरा लाल हो गया था और ज़ोर ज़ोर से फच फच की आवाज़े आने लगी और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और रोने लगी. फिर मैंने उसकी आवाज़ को रोकने के लिए उसकी ब्रा को उसके मुहं में डाल दिया और फिर में करीब 30 मिनट तक उसे ऐसे ही लगातार चोदता रहा और अब ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में बनाकर चोदना शुरू कर दिया. दोस्तों वो अब भी रो रही थी, लेकिन में फिर भी नहीं रुका और लगातार चोदता रहा. उसके कुछ देर बाद मैंने उसको खड़ा होकर चोदने की बात सोची और उसे खड़ा करके मैंने उसके एक पैर को ऊपर कर दिया और फिर उसे चोदता रहा. वो बेहोश होने लगी क्योंकि वो अब मेरे साथ चुदाई करते करते बहुत थक चुकी थी. फिर मैंने उसके गाल पर चार पांच थप्पड़ मारे तो तब वो होश में आई और अब में झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके मुहं में लंड को डालकर अपना पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया.

    दोस्तों उसने आज पहली बार मेरा वीर्य पिया था इसलिए उसने कुछ देर बाद उल्टी कर दी और इस तरह सुबह तक मैंने उसे करीब 6 बार थोड़ा रुक रुककर चोदा और मैंने उसकी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया था, लेकिन उसका रोना अब भी बंद नहीं हो रहा था औ वो लगातार रोती ही जा रही थी क्योंकि उसकी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसे एक दर्द कम करने की गोली दे दी जिससे वो कुछ देर बाद दर्द खत्म होने के बाद बिल्कुल शांत हो गई और सो गई. दोस्तों सुबह उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था इसलिए मैंने उसे दर्द की एक और गोली दे दी और फिर उस दिन जब में सुबह तैयार होकर बाहर गया तो सब लोग मुझ पर हंस रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि क्यों हंस रहे हो? तो उन्होंने कहा कि कल रात को तूने भाभी को छिनाल की तरह जमकर चोदा है. मैंने पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? तो उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे रूम तक भाभी की रोने और चीखने चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी और फिर में उनकी पूरी बात सुनकर वहां से भाग गया.

    दोस्तों मेरी शादी के 6 महीने हुए है और एक दिन भी ऐसा नहीं गया जिस दिन मैंने उसकी ठुकाई ना की हो, रविवार को में उसे दिन में तीन बार चोदता हूँ. अब उसके बूब्स ज्यादा बड़े बड़े आकार के होकर उसकी ब्रा से बाहर आने लगे है और अब तो वो खुद हर रात को मुझसे चुदवाती है. मैंने उसे किचन में, बेडररूम में, हॉल में, बाथरूम में, छत पर और हर एक जगह उसकी चूत में अपना लंड डालकर पूरी तरह से फाड़ दिया है. दोस्तों हर सप्ताह उसकी चूत के ऊपर थोड़े थोड़े बाल आ जाते है इसलिए में हर रविवार को उसकी चूत के बालों को साफ करता हूँ और उसके दोनों निप्पल को मैंने मुहं में ले लेकर बहुत लंबे बड़े कर दिए है और उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके निप्पल का आकार साफ साफ दिखाई देता है और जब भी घर पर कोई नहीं होता तो में उसको चोदने लगता हूँ और उसे पूरे घर में बिना कपड़ो के घुमाता हूँ और में भी अपने पूरे कपड़े उतारकर नंगा रहता हूँ. दोस्तों मैंने उसके आगे पीछे के दोनों छेद चोद चोदकर इतने बड़े कर दिए है कि उसमे अब दो लंड भी एक साथ आ जाते है.

  • दो परिवारों की सेक्स कहानी

    हैल्लो दोस्तों, आज की कहानी कुछ अलग है और यह दो परिवार की कहानी है और में आशा करता हूँ कि यह कहानी आपको जरुर पसंद आएगी. यह कहानी एक छोटे से शहर की है जो कि दो जोड़ो के बीच हुई एक अंजान चुदाई है, हितेश और उसकी पत्नी संजना, आशीष और उसकी पत्नी दिव्या के बीच की है.

    दोस्तों हितेश और संजना उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहते है और उनकी लाईफ बिल्कुल सही चल रही थी और हितेश ब्यौर में काम करता है तो उसकी वाईफ घर पर रहती है. हितेश अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता है और संजना भी उससे उतना ही प्यार करती है, लेकिन जिस तरह से एक आदमी की भूख सिर्फ़ प्यार ही नहीं होती तो उसी तरह हितेश भी था, उसे भी जिस्म की भूख थी और ऐसी कि जो सिर्फ़ एक जिस्म पूरा नहीं कर सकता था और हमेशा हितेश चाहता था कि वो ग्रूप सेक्स करे, लेकिन वो डरता था कि इससे उसके जीवन में बहुत मुश्किलें आ सकती थी और वो अपनी बीवी के साथ ग्रूप सेक्स करना चाहता था, लेकिन वो चाहकर भी ऐसा नहीं कर पा रहा था, क्योंकि संजना एक बहुत ही शरीफ़ और भगवान को मानने वालों में से थी और वो यह सब बिल्कुल ग़लत मानती थी और हितेश को यह बात पता थी.

    हितेश अपने दिल की इस इच्छा को कई हद तक मार चुका था और इस बीच एक दिन हितेश को पता चला कि उसे किसी काम से इंदौर जाना पड़ रहा है और उसे करीब तीन चार महीने लगेंगे, उसने संजना को भी यह सब बताया और दो दिन बाद वो इंदौर के लिए निकल पड़ा. फिर वहां पर जाकर उसने ऑफिस जाकर देखा और अपना काम करने लगा. एक दिन जब वो शाम को अपने ऑफिस से घर पर आ रहा था तो एक आदमी ने उसे पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा कि और आशीष क्या हाल है? हितेश उसकी यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया और फिर उसने कहा कि भाई साहब आपको कोई ग़लत फहमी हुई है और मेरा नाम हितेश है.

    फिर वो आदमी बोला कि में मज़ाक कर रहा हूँ और अब उसने मज़ाक में हितेश को गाली दे दी तो हितेश भड़क गया और उससे झगड़ा करके वहां से चला गया. फिर जब वो अपने रूम पर पहुंचा तो इस बारे में सोचने लगा और फिर उसे लगा कि हो ना हो मेरी ही शक्ल का एक और आदमी जिसका नाम आशीष है और वो इस शहर में रहता है. फिर हितेश सोचने लगा कि क्या यह आशीष नाम का बंदा क्या सही में मेरे जैसा ही दिखता है और अब हितेश के मन में भी उससे मिलने की इच्छा होने लगी. फिर हितेश ने इस बात को कुछ देर सोचकर अपने दिमाग से निकाल दिया, लेकिन कुछ दिनों के बाद वही आदमी उसे दोबारा दिखाई दिया और हितेश उसके पास चला गया और उससे पूछा कि और आप कैसे हो? तो उस आदमी ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा कि क्यों उस दिन तो मुझे पहचानने से भी इनकार कर रहे थे तो फिर आज कैसे पहचान लिया?

    हितेश : यार प्लीज मुझे माफ़ करना और उस दिन मेरा दिमाग़ थोड़ा खराब हो गया था, मेरे एक बॉस ने मेरी गांड में डंडा कर रखा है तो उस चक्कर में तुम पर गुस्सा निकल गया.

    वो आदमी : चल कोई बात नहीं यार तू भी ऐसे उदास हो जाता है, चल अब हम कोल्ड ड्रिंक पीते है.

    हितेश : कोल्ड ड्रिंक पीते हुए हितेश ने उससे कहा कि भाई मैंने तुम्हे एक मैसेज किया था तो तुमने उसका कोई जवाब नहीं दिया?

    वो आदमी : लेकिन मुझे तो तुम्हारा ऐसा कोई मैसेज नहीं मिला ( और अब वो अपना मोबाईल बाहर निकालकर उसमें मैसेज दिखाने लगा. )

    हितेश : क्यों दिखा? ( तो हितेश ने उसका मोबाईल लेकर आशीष का एक मैसेज खोला और उसका मोबाईल नंबर मन ही मन याद कर लिया. ) हाँ यार पता नहीं क्यों नहीं पहुंचा?

    फिर हितेश वहां से चला गया और अपने रूम पर आकर उसने उस नंबर की सभी जानकारियां निकलवाई और वो उसी काम को करता था तो उसे जानकारी निकालने में ज्यादा समस्या नहीं हुई और अब उसे आशीष के बारे में सब कुछ पता चल गया. दोस्तों आशीष एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था, उसकी एक पत्नी है और जिसका नाम दिव्या है, उनकी शादी को तीन साल हुए है और हितेश को उसके घर का भी पता चल गया था.

    अगले दिन उसने आशीष को फोन लगाया और उससे मिलने की बात कही तो आशीष मान गया और उसके अगले दिन वो एक होटल में मिले, हितेश वहां पर पहले ही पहुंच गया था और जब आशीष ने उसे देखा तो वो एकदम आशचर्यचकित हो गया और वो कहने लगा कि तुम तो एकदम मेरे जैसे ही लग रहे हो और मुझे ऐसा लग रहा है जैसे में कोई आईना देख रहा हूँ.

    हितेश : हाँ मुझे भी बिल्कुल ऐसा ही लग रहा है.

    आशीष : लेकिन तुम्हे यह कैसे पता कि में तुम्हारे जैसा ही दिखता हूँ?

    फिर हितेश ने आशीष को उस दिन वाली वो बात उसे पूरी विस्तार बता दी और उस दिन से वो दोनों एक बहुत अच्छे दोस्त हो गये, जाने से पहले हितेश ने आशीष को कहा कि तुम इसके बारे में किसी को कुछ नहीं कहना, हम लोगो को बेवकूफ़ बनाएँगे. फिर आशीष उसकी यह बात मान गया. फिर आशीष और हितेश गहरे दोस्त बन गये थे. एक दिन हितेश ने आशीष को खाना खाने के लिए अपने घर पर बुलाया और उन दोनों ने साथ में बैठकर बहुत दारू पी और बहुत मस्ती भी की और सेक्स के बारे में भी बातें की और ब्लूफिल्म भी देखी और ब्लूफिल्म देखते देखते आशीष, हितेश से बोला.

    आशीष : यार हितेश यह ग्रूप सेक्स में कितना मज़ा आता होगा ना?

    हितेश : भाई मुझे तो बिल्कुल भी पता नहीं, क्योंकि मैंने तो कभी ऐसा किया ही नहीं.

    आशीष : भाई हम अगली बार एक रंडी लेकर आते है. फिर हम मिलकर उसके मजे लेंगे.

    हितेश : हाँ ठीक है भाई हम दोनों उसके साथ मस्त मज़े करेगे.

    आशीष : ( फिर दुखी होकर बोला ) भाई में तो अपनी जिन्दगी से बहुत दुखी हो गया हूँ और मेरा मन करता है कि में कहीं भाग जाऊँ, यह दुनिया अब मुझे काटने को दौड़ती है.

    हितेश : हाँ भाई मेरा भी यही हाल है.

    फिर वो दोनों सो गए और अगले दिन रविवार था तो दोनों को ऑफिस जाने की कोई टेंशन नहीं थी, सुबह वो दोनों थोड़ा देर से उठे और फिर बातें करने लगे. फिर हितेश ने कहा कि यार रात को तुम्हे बहुत नशा हो गया था, क्या हुआ लाईफ में सब कुछ ठीक तो है ना? आशीष ने कहा कि नहीं यार में अब इस लाईफ से बहुत पक गया हूँ और इस लाईफ से कुछ दिनों की छुट्टी चाहता हूँ.

    हितेश ने कहा कि मेरे पास एक आइडिया है जिससे तू अपनी लाईफ से छुट्टी ले सकता है? तो आशीष ने कहा कि भाई मुझे मरना नहीं है. फिर हितेश ने कहा कि नहीं यार देख हम दोनों अपनी लाईफ एक दूसरे से बदल लेते है क्यों तू इस बारे में क्या कहता है?

    आशीष को हितेश की यह बात बहुत अच्छी लगी, लेकिन उसने एक शर्त रखी कि हितेश उसकी पत्नी को हाथ नहीं लगाएगा और हितेश ने भी यह आशीष को कहा कि वो उसकी पत्नी को हाथ नहीं लगाएगा और वो दोनों मान गए.

    फिर हितेश ने कहा कि उसको चार पाँच दिन में वापस देहरादून जाना है तो वो साथ चलने के लिए तैयार रहे. फिर कुछ दिनों के बाद हितेश ने आशीष को रेलवे स्टेशन पर बुलाया और उसे सब कुछ समझा दिया और आशीष ने भी उसे सब कुछ समझा दिया कि घर कैसा है कितने रूम है और प्यार से वो अपनी पत्नी को क्या कहता है और सारी बातें. फिर वो दोनों पब्लिक बाथरूम में गये और उन्होंने अपने कपड़े और बाकी की चीज़े बदल ली आईडी पास और बाकी चीज़े. फिर वहां से आशीष देहरादून के लिए निकल गया और हितेश, आशीष के घर के लिए.

    दोस्तों अब हितेश यह बात सोच रहा था कि वहां पर क्या होगा? हितेश जो अब आशीष बन चुका था और आशीष के घर पर पहुंच गया और फिर उसने घंटी बजाई, दिव्या ने दरवाज़ा खोला तो हितेश दिव्या को देखता ही रह गया और वो क्या एकदम गोरी चिट्टी और उसकी लम्बाई करीब 5.6 होगी और उसके मस्त उभरे हुए बूब्स, पतली कमर और मस्त गांड थी, उसका फिगर करीब 34-30-36 होगा और जिसने हितेश के होश बिल्कुल ही उड़ा दिए थे. फिर हितेश को वहीं पर खड़ा हुआ देखकर दिव्या ने उससे कहा कि अंदर भी आओगे या वहीं पर खड़े रहोगे? और तब हितेश को होश आया और अंदर जाते जाते उसे आशीष की वो शर्त याद आ गयी. ( तुम मेरी बीवी को हाथ नहीं लगाओगे )

    दिव्या : क्या बात है आप आज बड़ी जल्दी आ गए?

    हितेश : हाँ वो आज काम थोड़ा जल्दी खत्म हो गया था तो में जल्दी आ गया.

    दिव्या : आप फ्रेश हो जाए और में आपके लिए चाय और नाश्ता बना देती हूँ.

    हितेश : हाँ ठीक है.

    फिर हितेश बेडरूम में ना जाकर लिविंग रूम की तरफ जाने लगा तो दिव्या ने उससे कहा कि आप वहां पर कहाँ जा रहे है? तभी हितेश को होश आया और उसने बात को संभालने के लिए कहा कि वो कल मैंने एक फाइल रखी थी तो में वही ढूँढ रहा हूँ. फिर दिव्या ने कहा कि आप उसे बाद में ढूँढ लेना, पहले फ्रेश हो जाओ और अब हितेश ने थोड़ा ध्यान से पूरे घर को देखा और फिर बेडरूम में चला गया और कपड़े बदलकर बाथरूम में फ्रेश होने चला गया, वहां पर उसने देखा कि दिव्या की ब्रा, पेंटी पढ़ी हुई थी और अब हितेश अपने आपको रोक नहीं पाया और उसने दिव्या की पेंटी और ब्रा को हाथ में लेकर महसूस करने लगा और अब उसका नज़रिया बदलने लगा तो वो दिव्या के साथ सेक्स करने के बारे में सोचने लगा, लेकिन वो यह बात सोचकर भी डरता था कि कहीं आशीष भी उसकी पत्नी के साथ चुदाई ना कर दे?

    फिर उसे लगा कि वो भी कौन सा दूध का धुला होगा जो वो मेरी बीवी को नहीं चोदेगा और फिर यह बात सोचकर हितेश ने दिव्या की पेंटी को सूँघा और फिर वहीं पर रख दी और फ्रेश होकर वो वापस बेडरूम में आ गया, जहाँ पर दिव्या चाय और नाश्ता लेकर उसका इंतज़ार कर रही थी और वहां पर बैठकर वो दोनों चाय पी रहे थे और दिव्या अपनी कुछ बात बता रही थी, लेकिन हितेश का पूरा ध्यान तो दिव्या के उस जिस्म पर लगा हुआ था. दिव्या ने उस समय बड़े गले की ढीली मेक्सी पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उसकी छाती साफ साफ दिख रही थी और वो चाय की चुस्की के साथ साथ उसे निहार रहा था.

    तभी दिव्या ने पूछा कि है ना? तो हितेश ने कहा कि हाँ सही बात है, अब उनकी चाय खत्म हो गई थी और वो अब वहां से उठकर किचन में खाना बनाने के लिए चली गई और हितेश वहीं पर बैठा हुआ टी.वी. देखने लगा, लेकिन उसका पूरा ध्यान तो अब भी दिव्या पर ही था और वो सोच नहीं पा रहा था कि कहाँ से शुरू करूं? फिर रात का ख़ाना खाकर वो लोग सोने की तैयारी करने लगे और हितेश अपने आपको बहुत काबू में रखते हुए सोने लगा, लेकिन अब उसकी आखों में नींद कहाँ आनी थी?

    रात को करीब बारह बजे उससे जब रहा नहीं गया तो वो उठकर दिव्या के बदन को देखने लगा, उस समय दिव्या पीठ के बल सोई हुई थी तो उसकी सासों के साथ साथ उसके बूब्स भी लगातार ऊपर नीचे हो रहे थे, जो कि हितेश को और भी पागल बना रहे थे. अब उसने बहुत आराम से उसकी मेक्सी के ऊपर के तीनों बटन खोल दिए, दिव्या ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई था ( दोस्तों अधिकतर औरतें सोते समय अपनी ब्रा उतार देती है ) और अब हितेश के सामने उसके बूब्स बेपर्दा हो गये थे और जिसकी वजह से हितेश उन्हें बहुत आराम से देख पा रहा था और अब हितेश ने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे बूब्स को सहलाने, दबाने लगा और उसे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी दिव्या ने नींद में कहा कि आप यह क्या कर रहे है? हितेश ने तुरंत अपना हाथ उसके बूब्स से हटा लिया.

    फिर दिव्या ने उससे कहा कि प्लीज आप मुझे सोने दीजिए ना और यह कौन सा टाईम है? प्लीज कल कर लेना. फिर हितेश को एहसास हुआ कि वो तो अब आशीष है जो यह बात सोचकर बहुत खुश होकर उठकर बाथरूम में चला गया और मुठ मारकर दिव्या के साथ लिपटकर सो गया.

    फिर अगले दिन जब हितेश सोकर उठा तो उसने देखा कि तब तक दिव्या उठ चुकी थी और वो उसके लिए चाय बनाकर ले आई और अब वो उससे कहने लगी कि उठ गये आप, क्या बात है रात को बड़ा प्यार आ रहा था? हितेश ने तुरंत दिव्या का एक हाथ पकड़कर उसे अपने पास खींच लिया और उससे कहा कि क्या में अब तुमसे प्यार भी नहीं कर सकता? और वो दिव्या की गर्दन पर किस करने लगा. फिर दिव्या ने कहा कि छोड़िये आप भी ना सुबह सुबह क्या बात है आज कल जनाब के मिज़ाज़ थोड़े बदले बदले है और वो इतना कहकर वहां से चली गई.

    दोस्तों उस दिन रविवार था तो उसे कोई काम नहीं था और नाश्ता करने के बाद हितेश को रात की बात याद आई और वो तुरंत उठकर सीधा अब किचन में चला गया और उसने दिव्या को पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. फिर दिव्या ने कहा कि कल से देख रही हूँ जनाब बड़े आशिकाना हो रहे है क्या बात है? तो हितेश ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं बस ऐसे ही मुझे तुम पर प्यार आ रहा था और अब वो उसे अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाने लगा तो दिव्या ने कहा कि यहाँ खाना कौन बनाएगा? और जब वो कह रही थी तो उसने उसे किस करना शुरू कर दिया और अब दिव्या भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी.

    दिव्या को उसने बेड पर लेटा दिया और फिर वो उसके ऊपर लेट गया और उसके पूरे बदन पर किस करने लगा और अब उसने दिव्या की मेक्सी को उतार दिया और दिव्या के बूब्स को किस और सक करने लगा, जिसकी वजह से दिव्या पूरी तरह से धीरे धीरे गरम हो रही थी. अब हितेश उसकी पेंटी की तरफ गया और उसने उसकी पेंटी को एक ही जोरदार झटके में उतार दिया और वो उसकी चूत को चाटने लगा.

    फिर दिव्या ने कहा कि यह आप क्या कर रहे है? तो हितेश ने कहा कि इससे सेक्स करने में ज्यादा मज़ा आता है तो दिव्या को उसके मुहं से यह सब सुनकर बहुत अजीब सा लगा, लेकिन वो उस समय अंदर ही अंदर कामवासना की आग में जल रही थी तो इसलिए उसने कुछ भी नहीं कहा. अब हितेश उसकी चूत को चाट रहा था और फिर वो अपने पूरे कपड़े उतारकर दिव्या के ऊपर चढ़ गया और उसने अपना लंड दिव्या की चूत पर लगाकर एक ज़ोर का झटका मारा और अपना आधे से ज्यादा लंड दिव्या की चूत में उतार दिया और उस दर्द की वजह से दिव्या एकदम से सिहर कर रह गयी और फिर एक और जोरदार झटके के साथ हितेश का पूरा लंड दिव्या की चूत में था. अब हितेश ने लगातार झटके मारने चालू किए और पूरे कमरे में पच फच पछ और दिव्या के चीखने, चिल्लाने की आवाजे गूंजने लगी तो वो कुछ देर के धक्कों के बाद चूतड़ को उठा उठाकर अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद दिव्या का पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई, जिससे उसकी चूत और फिसलन भरी हो गयी.

    अब हितेश का लंड और भी तेज़ी के साथ आगे पीछे जाने लगा और हितेश ने भी अपनी धक्कों की रफ़्तार को बढ़ा दिया था और वो भी कुछ ही देर में उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर दिव्या ने उससे कहा कि आज कल आप बहुत जोश में आकर सेक्स करने लगे हो? और अब हितेश उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा और उसे एक बार फिर से चुदाई के लिए गरम करने लगा. फिर दिव्या ने कहा कि प्लीज अब छोड़ो भी, लेकिन हितेश नहीं रुका और वो दिव्या को लगातार किस करता रहा और उसने दिव्या को अब पेट के बल लेटा दिया और वो उसकी कमर को किस करने लगा और उसकी गांड को दबाने लगा, उसकी गांड में उंगली करने लगा. तभी दिव्या को यह सब बहुत अजीब लगा, क्योंकि आशीष कभी भी उसकी गांड को हाथ नहीं लगाता था और आज पहली बार उसकी गांड को कोई छू रहा था. फिर दिव्या ने तुरंत उससे कहा कि आप यह क्या कर रहे हो, प्लीज वहां पर मत करिए, लेकिन अब हितेश उसकी कहाँ सुनने वाला था? और वो उसके ऊपर लेट गया और दिव्या उससे बार बार मना करती रही नहीं वहां नहीं प्लीज प्लीज, लेकिन हितेश पर तो एक हवस सवार थी.

    फिर उसने अपने लंड पर थूक लगाकर उसकी गांड के मुहं पर अपना लंड लगाकर एक जोरदार झटका मारा, लेकिन लंड फिसल गया और दिव्या ने इससे पहले कभी गांड नहीं मरवाई थी तो इसलिए वो चिल्लाने लगी. फिर हितेश ने उससे कहा कि प्लीज जानू मुझे आज बस एक बार करने दो इसके बाद में कभी नहीं करूँगा, लेकिन दिव्या मना करने लगी और हितेश ने इस बार दोबारा अपना लंड गांड पर लगाकर एक ज़ोरदार झटका मारा और इस बार उसके लंड का सुपाड़ा दिव्या की गांड में था तो उस दर्द की वजह से दिव्या की चीख उसके मुहं में ही अटक गई और इस बीच हितेश ने एक और झटका मार दिया, जिसकी वजह से उसका आधे से ज्यादा लंड दिव्या की गांड में जा चुका था और उसकी गांड पूरी तरह से फट गई थी और अब उसकी गांड से खून भी निकलने लगा था और जिसकी वजह से दिव्या बेहोश सी होने लगी थी और दर्द के मारे उसकी आखों से आँसू बह रहे थे.

    फिर हितेश ने थोड़ा रुककर झटके मारने शुरू किए. कुछ देर बाद उसके हल्के हल्के धक्कों के साथ अब दिव्या भी अपनी गांड में उसके लंड के मज़े लेने लगी, लेकिन ज्यादा जोश में होने की वजह से कुछ ही देर बाद हितेश उसकी गांड में ही झड़ गया और थककर उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसकी गर्दन पर किस करता रहा. फिर हितेश ने दिव्या से बोला कि प्लीज तुम मुझे माफ़ कर दो. फिर दिव्या ने कहा कि आपने मेरे साथ ऐसा जबरदस्ती वाला काम क्यों किया और आप तो मेरे साथ कभी ऐसा नहीं करते थे? तो हितेश ने कहा कि प्लीज डियर मुझे माफ़ कर दो, में कुछ अलग तरह से सेक्स के मज़े लेने की कोशिश कर रहा था और मुझे लगा कि तुम मेरा कहा मनोगी नहीं तो इसलिए मैंने तुम्हारे साथ यह सब जबरदस्ती किया. फिर दिव्या ने कहा कि आप एक बार मुझसे पूछते तो सही और वो दोनों ऐसे ही वहीं पर लेटे रहे. दोस्तों में अपनी अगली कहानी में आप सभी को जरुर बताऊंगा कि आशीष ने कैसे संजना को चोदा, लेकिन तब तक में आपसे अलविदा लेता हूँ.
    हैल्लो दोस्तों, आप सभी का जय एक बार फिर से हाजिर है और आप सभी के सामने अपनी कहानी का अगला भाग लेकर. दोस्तों आशीष अब तक देहरादून पहुंच चुका था और वो आशीष के बताए हुए पते पर हितेश के घर चला गया और फिर उसने घंटी बजाई. संजना ने दरवाज़ा खोला आशीष उसे देखता ही रह गया. वो दिखने में बिल्कुल मस्त, गोरी पहाड़ी लड़की की तरह लग रही थी और उसका फिगर ना ज्यादा बड़ा था और ना ज्यादा कम था.

    अब संजना आशीष को हितेश समझकर उसे देखते ही गले लग गई उस वजह से आशीष थोड़ा सा सकपका सा गया कि वो अब क्या करे, लेकिन उसने ज्यादा दिमाग ना लगाते हुए उस भी अपने गले से लगा लिया, लेकिन तभी उसे अपना वो वादा याद आ गया (कि वो हितेश की पत्नी हो हाथ नहीं लगाएगा) और वो यह बात सोचकर तुरंत संजना से अलग हो गया और अपना सामान लेकर अंदर चला गया. इस बात से संजना को थोड़ा अटपटा सा लगा, लेकिन फिर उसने सोचा कि शायद सफ़र की वजह से वो थोड़ा ज्यादा थक गये होंगे और उसने कुछ नहीं बोला वो भी चुपचाप अंदर चली गई. फिर वो किचन में जाकर आशीष के लिए चाय और नाश्ता बनाकर ले आई. तो आशीष ने बाहर आकर उससे थोड़ी बहुत बात की ताकि संजना उससे ज्यादा सवाल ना करे.

    फिर कुछ घंटो के बाद रात का खाना खाने के बाद वो दोनों सोने की तैयारी करने लगे (हितेश और संजना सेक्स में एक दूसरे से हमेशा बहुत खुलकर बातें करते थे, लेकिन संजना ग्रूप सेक्स के लिए कभी भी राज़ी नहीं थी) तो संजना ने कहा कि आज मेरा बड़ा मन हो रहा है प्लीज चलो ना करते है कितने दिन भी तो हो गए है आज मेरा बड़ा मन कर रहा है. संजना के मुहं से यह बात सुनकर आशीष भी थोड़ा गरम हो गया, लेकिन फिर उसे अपनी वो शर्त याद आ गई और उसने एक बहाना बना दिया कि वो थक गया है और अब उसे बहुत नींद आ रही है और संजना ने भी मन ही मन सोचा कि रहने दो शायद सच में थके होंगे. अब अगले दिन से वो हितेश की लाईफ जीने लगा और उसे ऐसा करने में बड़ा मज़ा आ रहा था और वो इस बात का फायदा उठाकर पूरा देहरादून घूमता तो कभी कभी वो मसूरी भी चला जाता और बहुत मजे करता रहा, लेकिन वो भी अब थोड़ा थोड़ा संजना की तरफ खिंच रहा था, लेकिन उसने आपने मन को बहुत काबू में रखा हुआ था. एक सुबह सुबह जब आशीष उठा तो वो क्या देखता है कि संजना बाथरूम से सीधी बाहर निकलकर टावल लपेटकर बेडरूम में आ गई है और अब वो उसके सामने ही कपड़े बदल रही है. अब आशीष उसकी जवानी को देखकर बिल्कुल पागल होने लगा था, लेकिन वो कुछ करना नहीं चाहता था इसलिए वो वहां से उठकर बाहर चला गया और उसका ऐसा व्यहवार देखकर संजना को बहुत बुरा लगा, लेकिन आशीष सीधा बाथरूम में गया और वो संजना के नाम की मुठ मारने लगा और अपने आपको शांत करने लगा.

    फिर शाम को जब वो वापस आया तो संजना बहुत प्यार के मूड में थी और उसके अंदर आते ही उसने आशीष को तुरंत अपने गले से लगा लिया और फिर वो उसे जबरदस्ती प्यार करने लगी, लेकिन आशीष ने उसे दूर हटा दिया और आगे बढ़ गया. फिर संजना ने उसे और भी मनाने की कोशिश की और उसने आशीष को पीछे से पकड़ लिया और हग करने लगी, लेकिन आशीष ने उसे एक बार फिर से अपने से अलग कर दिया. अब तो संजना आशीष का उसके लिए ऐसा बर्ताव देखकर और भी उदास होने लगी थी और उसे पता नहीं चल रहा था कि आशीष उसके साथ ऐसा क्यों कर रहा था और वो भी अब अपनी पूरी जवानी उस पर उड़ेलना चाह रही थी, लेकिन आशीष था कि उसे पूरी तरह से नकार रहा था. फिर उसका ऐसा व्यहवार देखकर संजना तुरंत उसके आगे चली गई और अब उसने अपने बूब्स को खोलकर उससे कहा कि क्या हो गया है तुम्हे, मुझमें ऐसी क्या कमी है ध्यान से देखो में तुम्हारी वही पुरानी संजना हूँ?

    आशीष : हाँ में वो सब अच्छी तरह से जानता हूँ.

    संजना : तो तुम आज मुझसे ऐसा व्यहवार क्यों कर रहे हो, जैसे में कोई अजनबी हूँ?

    आशीष : ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा तुम सोच रही हो.

    संजना : फिर क्या बात है? मैंने तुम पर बहुत ध्यान दिया है और तुम्हे परखकर भी देखा है कि तुम जब से आए हो मुझे एक बार भी ध्यान से देख भी नहीं रहे हो?

    आशीष : क्यों देख तो रहा हूँ? तो तुम ही मुझे बताओ कि में कैसे देखूं?

    संजना : क्या देख रहे हो तुम मुझे प्यार क्यों नहीं करते, तुम्हे ऐसा क्या हो गया है?

    अब संजना ने आशीष का हाथ उठाकर जबरदस्ती अपने बूब्स पर रख दिया और कहा कि तुम मुझे प्यार करो में पूरी तरह से तुम्हारी हूँ. फिर आशीष ने जैसे ही उसके बूब्स छुए तो उसके बदन में जैसे कोई करंट सा दौड़ गया, लेकिन उसने कुछ सोचकर तुरंत अपना हाथ हटा लिया और वो वहां से घर छोड़कर चला गया और अपने पीछे संजना को रोता बिलखता हुआ छोड़ गया. अब संजना बिल्कुल भी समझ नहीं पा रही थी कि वो क्या करे? लेकिन उसने भी मन ही मन ठान रखी थी कि वो इस समय यमराज से भी अपने पति को लेकर ही रहेगी और रात के करीब दस बजे आशीष आया और आते ही वो सीधा अपने कमरे में जाकर सो गया, लेकिन संजना भी आज अपने पूरे प्लान के साथ तैयार थी और उसने आशीष के लेटते ही उसे प्यार करना शुरू कर दिया, वो कभी उसे किस करती तो कभी उसके लंड को रगड़ती. अब उसके यह सब करने से आशीष का अपने ऊपर से काबू भी धीरे धीरे खोने लगा था, लेकिन इसके बाद जो संजना ने किया उस काम से आशीष के सब्र का बाँध टूट गया और वो अब अपने काबू से बाहर हो चुका था, वो अब कामवासना की उस आग में जलने लगा था, क्योंकि संजना ने आशीष का लंड उसकी पेंट से बाहर निकालकर जबरदस्ती अपने मुहं में डाल लिया था और वो उसका लंड लोलीपोप की तरह बहुत मज़े लेकर चूसने लगी जिसकी वजह से आशीष एक बिना पानी के तड़पती हुई मछली जैसा हो गया था, लेकिन अब आशीष से ज्यादा देर रहा नहीं गया और उसने संजना के सर को पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा जिसकी वजह से संजना और तेज़ी से उसका लंड चूसने लगी और वैसे भी आशीष बहुत दिनों से सेक्स से बहुत दूर था तो वो दस मिनट लंड को चूसने में ही उसके लंड का लावा संजना के मुहं में अब पूरी तरह से फूट पड़ा और संजना उसे पी गयी.

    अब आशीष ने संजना की मेक्सी को उतारकर दूर फेंक दिया और उसने अपनी जीभ से उसके सारे बदन को नाप डाला, उसने ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जहाँ पर उसने उसे चूमा ना हो जैसे एक बांध टूटने के बाद पानी सभी जगह पर पहुंच जाता है ठीक उसी तरह आशीष संजना के पूरे कामुक जिस्म पर टूट पड़ा था. इस बीच उसका लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा होकर सांसे लेने लगा था और संजना की वो आहें उसके लंड को अपनी चूत में बुला रही थी. अब आशीष ने अपना लंड संजना की चूत के मुहं पर लगाकर एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसका आधे से ज्यादा लंड अब संजना की चूत में था और वो एकदम के चीखकर रह गई, लेकिन आशीष पर हवस अब इतनी बुरी तरह से हावी हो चुकी थी कि उसे संजना का दर्द से तड़पना, आहें, चीखे और अपनी वो शर्त कुछ भी याद नहीं थी और अब माहोल में आशीष के लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने की थप थप और संजना की चीखे पूरी तरह से घुली हुई थी. इस बीच आशीष का बदन अकड़ गया और वो संजना के अंदर ही झड़ गया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और वो दोनों उसी हालत में सो गया. सुबह आशीष की पहले नींद खुल गई उसने अपने आपको नंगी संजना के ऊपर पाया और फिर उसे लगा कि यह उसने क्या कर दिया? और वो वहीं पर बैठकर अपने आपको दोष देने लगा.

  • दोस्त की बहन की कामुकता

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और मेरी उम्र 22 साल, हाईट 5.8 इंच एकदम ठीक ठाक बॉडी, लेकिन में थोड़ा सा सांवला हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और उस लड़की की है जो मेरे सबसे अच्छे दोस्त की बड़ी बहन है. उनका नाम नेहा है और उसकी उम्र 26 साल, उसकी हाईट 5.4 इंच, भरा हुआ बदन, गोरा चेहरा, बूब्स का साईज़ 32 पेंटी का साईज 34 और कमर 30 की है. दोस्तों उसे देखते ही हर किसी का दिल करता है कि बस एक बार वो चोदने को मिल जाए. वो दूसरे शहर में एक प्राइवेट नौकरी करती है और वो अपने घर पर कभी कभी आती है, क्योंकि उसको हर दिन आने जाने में बहुत दिक्कत होती है.

    दोस्तों यह बात आज से कुछ दिनों पहले की है. उस समय मेरे दोस्त के पापा किसी दूसरे शहर में किसी काम से एक सप्ताह के लिए गये हुए थे और इसी बीच उसकी बड़ी बहन भी घर पर आ गई थी और वो भी दस दिनों के लिए और किस्मत भी देखो कि उसके घर पर समस्या भी उसी वक़्त आनी थी, मेरे दोस्त को मलेरिया हो गया और वो किसी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसी शाम को जब मैंने फोन किया तो फोन उसकी माँ ने उठाया और जब मेरी बात हुई तो मुझे पता लगा कि वो हॉस्पिटल में है और वो यह बात कहकर रोने लगी. फिर उसके बाद मैंने उन्हें थोड़ा समझाया और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि घर पर नेहा भी आई हुई है और वो हमारे लिए खाना बनाकर लेकर आएगी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि में खुद आपके लिए खाना लेकर आ जाऊंगा और में इस बहाने से आपसे भी मिल लूँगा. फिर उन्होंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने फोन रख दिया और में शाम के 7 बजे अपने दोस्त के घर पर पहुंचा और मैंने देखा तो दरवाज़ा अंदर से बंद था, लेकिन कुण्डी नहीं लगी थी तो मैंने उसे धीरे से धक्का देकर खोला और अंदर चला गया. फिर मैंने देखा कि घर में पहली मंजिल पर कोई नहीं था और उनका घर दो मंजिल का है, नीचे रसोई और दो रूम और ऊपर दो रूम मुझे बहुत ढूंढने पर भी नीचे कोई नहीं दिखा तो में ऊपर वाले रूम में देखने चला गया और अब में देखता ही रह गया.

    दोस्तों अब इसे संयोग कहे या जो मर्ज़ी पड़े वो कहे, क्योंकि वहां का नज़ारा ही कुछ ऐसा था कि नेहा पूरी नंगी थी और वो अपने लेपटॉप पर कोई सेक्सी फिल्म देख रही थी और उसने लेपटॉप को अपने पेट पर रखा हुआ था और अपने दोनों पैरों को फैलाकर चूत में उंगली कर रही थी, वाह दोस्तों उसकी चूत तो मेरे सामने एकदम साफ नज़र आ रही थी और उसमें वो लगातार उंगली डाल रही थी, मेरा तो यह सब देखकर ही लंड खड़ा हो गया था और अब पेंट के बाहर आने को उतावला हो रहा था और नेहा अपने काम में बहुत व्यस्त थी तो उसे अब तक बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि में उसे वहां पर खड़ा खड़ा देख रहा हूँ और जब उसने झड़ने के बाद लेपटॉप को बंद करने के लिए स्क्रीन को नीचे किया तो मुझे देखकर वो बिल्कुल चौंक गई और वो जल्दी से उठी और जल्दी से उसने अपनी टी-शर्ट औट केफ्री पहन ली, वो बहुत चकित थी और में भी उसी वक़्त नीचे आ गया.

    फिर वो भी नीचे घबराहट में आई और मुझसे बोली कि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं, में तो खाना लेने के लिए आया हुआ था और मेरी आंटी से फोन पर बात हुई और उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे खाना हॉस्पिटल लेकर जाना है. फिर उसने कहा कि तुम यहाँ पर आए, लेकिन तुमने दरवाजा क्यों नहीं बजाया? फिर मैंने कहा कि पहले से ही खुला हुआ था तो में अंदर चला आया और वो उस समय बहुत गुस्से में थी और घबराई हुई भी. अब में समझ गया कि उसके मन में क्या क्या चल रहा था? तभी मैंने उससे कहा कि आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और में यह बात बाहर किसी से नहीं कहूँगा. फिर वो मेरी तरफ देखने लगी, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि मैंने अभी खाना नहीं बनाया तो तुम रूको, में अभी बना देती हूँ और तब तुम ले जाना.

    फिर मैंने कहा कि में अभी जा रहा हूँ और में एक घंटे बाद आ जाऊंगा. फिर वो बोली कि रुक जाओ, उसने मुझे पैसे दिए और बोली कि अंडे लेकर आ जाओ. फिर में बाजार गया और बीस मिनट में अंडे लेकर आ गया और उन्होंने खाना बनाया और मुझे दे दिया और में उसे लेकर हॉस्पिटल चला गया, में पूरे रास्ते उस सीन के बारे में ही सोचता रहा कि आज मेरा दिल उस पर आ गया और अब में बस उसे चोदना चाहता था. फिर में हॉस्पिटल से खाली बरतन लेकर वापस आया और नेहा को दे दिए. मैंने रास्ते में ही एक आइडिया सोचा था. मैंने घर पर जाते ही नेहा से कहा कि तुम्हारी माँ ने मुझसे आज रात को यहाँ पर रुकने को बोला है तो उसे यह बात सुनकर थोड़ा अजीब सा लगा, लेकिन वो भी उस समय घर में अकेली थी, एक लड़की वो भी रात में बिल्कुल अकेली घर पर तो उसने भी झट से मुझे हाँ कह दिया और वो मुझसे बोली कि चलो खाना खा लो. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन उस वक़्त हमने खाने के आलावा कोई और बात नहीं की.

    फिर मैंने अपने घर पर फोन करके अपने घरवालों को बता दिया कि में आज घर पर नहीं आ रहा हूँ और अब में टेंशन फ्री था और नेहा ने अपनी मम्मी को कॉल नहीं किया. फिर उसने मुझे मेरे दोस्त के रूम में सोने को कहा और वो अपने रूम में चली गई, उसकी तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर मुझे लगा कि अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा वरना आज भी लंड बिना चूत में घुसे ही सो जाएगा, बहुत देर तक में सोने की नाकाम कोशिश करता रहा, लेकिन मुझे नींद नहीं आई और आती भी कैसे उस घर में आते ही मैंने एक बार पहले ही जन्नत जो देख ली थी और उस पर आज वो घर पर बिल्कुल अकेली थी. फिर में उठा और उसकी रूम की तरफ़ गया और दरवाजा खटखटाया.

    वो बोली कि कौन है? में बोला कि में शेखर तो उसने दरवाज़ा खोला और बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि कुछ नहीं बस मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि आपके पास बैठकर थोड़ा बात ही कर लेता हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है आ जाओ अंदर वैसे भी बाहर बहुत ठंड है. फिर मैंने पूछा कि आप क्या कर रही थी?

    फिर वो बोली कि में अपनी मैल चेक कर रही थी और हम दोनों उसके बेड पर एक रज़ाई में पैर रखकर बैठ गये और थोड़ी देर शांत रहने के बाद उसने कहा कि तुम यहाँ पर क्या ऐसे ही बैठने आए हो? तो में हंसने लगा और बोला कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. फिर उसने पूछा कि तो तुम मेरे भाई के बहुत अच्छे दोस्त हो? मैंने कहा कि हाँ तो वो बोली कि एक बात बताओ कि क्या उसकी कॉलेज में कोई गर्लफ्रेंड है? तो में एकदम सोच में पड़ गया कि बताऊँ या ना बताऊँ?

    फिर वो मुझे देखकर हंसने लगी और बोली कि कोई ज़रूरत नहीं तुम्हे बताने की मुझे उसके बारे में सब कुछ पता है और उसने मुझे वो सब बता रखा है तो मेरे दिमाग़ में अब एक सवाल आया और मैंने पूछा कि क्या आपको उसने सब कुछ बता रखा है? फिर वो बोली कि हाँ कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है और वो एक बार उससे मिली भी है.

    अब मैंने कहा कि ठीक है, तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने तुरंत जवाब दिया कि नहीं. फिर वो पूछने लगी कि क्यों नहीं है? मैंने कहा कि बस ऐसे ही और फिर मैंने भी बातों ही बातों में पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड? तो पहले उसने कुछ देर मेरी तरफ देखा और फिर बोली कि नहीं है. फिर मैंने पूछा कि क्यों नहीं है? आप मुझसे बिल्कुल भी झूठ मत बोलो आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना हो, में मान ही नहीं सकता.

    वो बोली कि क्यों में इतनी अच्छी भी नहीं लगती हूँ? मैंने कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती है तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी, लेकिन अब मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा था तो मैंने उससे कहा कि में आपसे एक बात कहूँ तो कहीं आप बुरा तो नहीं मानोगी? फिर वो बोली कि हाँ बोलो तो मैंने कहा कि देखिए आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और ना ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड, क्यों ना हम दोनों ही कपल बन जाते है? तभी उसने मुझे बहुत हैरानी से देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी सी स्माईल दी और बोली कि देखो में तुमसे उम्र में बड़ी हूँ और तुम्हारे दोस्त की बड़ी बहन भी हूँ और तुम मुझसे ऐसा कैसे बोल सकते हो?

    फिर में कुछ नहीं बोला और बिल्कुल चुपचाप कुछ सोचता रहा और अब तो में बस समझ गया था कि यह ऐसे ही बोलेगी और में सीधा अपनी बात पर आया और मैंने कहा कि आप आज शाम को क्या कर रही थी? वो मेरी यह बात सुनकर शर्मा गई और उन्होंने अपनी दोनों आँखे नीचे कर ली और बोली कि प्लीज तुम किसी से यह बात मत करना.

    मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आपसे एक बात जरुर कहूँगा कि आपको अब सेक्स की बहुत ज़रूरत है और में वो आपसे कर सकता हूँ और मुझे आपके साथ ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है. तभी वो बहुत गुस्सा होकर बोली कि तुम यह क्या बोल रहे हो और तुम्हे मुझसे इस तरह की बात करते हुये शर्म आनी चाहिए.

    अब में समझ गया था कि यह ऐसे सीधी तरह से नहीं मानेगी तो इसलिए मैंने उसे पकड़कर बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगा तो वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और थोड़ी देर उसने अपना विरोध जारी रखा और फिर मैंने उसे किस करना बंद किया और उससे बोला कि देखो नेहा आज हम दोनों घर पर बिल्कुल अकेले है और आज जो शाम को मैंने देखा और उसे देखने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि जिस चीज़ की ज़रूरत तुम्हे है वो में तुम्हे दे सकता हूँ और मुझे जिस चीज की जरूरत है वो तुम मुझे बहुत आसानी से दे सकती हो, इसमें हम दोनों का ही फायदा है और तुम चाहो तो सोचकर देख लो.

    फिर वो मुझे बहुत गुस्से से मुझे देख रही थी और बस चुपचाप मेरी बातों को सुने जा रही थी. मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उकसाया भी, लेकिन वो लगातार सुनती ही रही और कुछ नहीं बोली और फिर में वहां से बाहर जाने लगा तो तभी मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार और कोशिश की जाए? वो अब ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी तो में जाने के लिए उठा और जाने से पहले उसके पास गया तो उसने कोई हलचल नहीं की.

    मैंने उसे कमर से पकड़ लिया और उसके होंठो पर होंठ रखकर किस किया और इस बार उसने साथ नहीं दिया, लेकिन में किस करता रहा और मुझे पता था कि थोड़ी देर में जब लोहा गरम होगा तो मज़ा बहुत आएगा और में उसे चूमता रहा और धीरे धीरे अपने हाथ को उसके बूब्स पर ले गया और धीरे धीरे दबाने लगा और थोड़ी देर बाद उसने भी हरकत करनी शुरू कर दी और अब वो भी किस्सिंग में मेरा पूरा साथ देने लगी और उसके हाथ हरकत में आने लगे और मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लगी और अब में भी पूरा तैयार था. पहले मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. फिर मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी तो उसके सांवले रंग के निप्पल क्या मस्त लग रहे थे, उसके बूब्स एकदम टाईट थे, जैसे किसी ने आज तक कभी भी उनको दबाया ही नहीं था.

    अब हम दोनों किस करते रहे और में उसके बूब्स को दबाता रहा और मसलता रहा और अब मैंने उसकी केफ्री को उतारा तो मैंने देखा कि उसने तो पेंटी भी नहीं पहन रखी थी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, मुझे उसके चेहरे से पता लग रहा था कि वो अब सेक्स करने के लिए बहुत उत्तेजित हो गई है और वो उस मौड़ पर खड़ी थी कि वो खुद अब कुछ नहीं करना चाह रही थी, लेकिन वो सेक्स करने के लिए एकदम तैयार थी, क्योंकि मैंने बिना कुछ कहे सुने उसके दिल की बात समझ ली थी और मैंने अपने कपड़े खुद उतार दिए और में भी नंगा हो गया और अब हम दोनों ही एक दूसरे से सामने पूरे नंगे थे और अभी तक वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी.

    फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, उसने अपने दोनों पैरों को एकदम पूरा चिपका रखा था. फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे तो वो बेड पर दोनों आँखे बंद करके लेटी हुई थी तो में उसके ऊपर गया और उसके चेहरे के पास जाकर बोला कि नेहा प्लीज अब अपनी आँख खोलो और इस तरह से हम दोनों को सेक्स का मज़ा बिल्कुल भी नहीं आएगा.

    फिर उसने बोला कि नहीं शेखर मुझे बहुत शर्म आ रही है. फिर मैंने कहा कि मेरी जान अब हम दोनों बिल्कुल नंगे है और तुम्हे शर्म छोड़कर सेक्स में मेरा साथ देना चाहिए और फिर उसने जैसे ही आँखे खोली तो मैंने उसे देखा और उसने स्माईल दी और हम किस करने लगे. मेरा लंड तो पूरा टाईट हो चुका था.

    फिर मैंने उसे किस करने के बाद उसके बूब्स को चूसना, दबाना शुरू किया. अब में तो उसके बूब्स को दबाने और चूसने में मस्त था और वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ की आवाज़े निकाल रही थी, इन आवाज़ो से तो माहौल और भी गरम हो जाता है. फिर मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ को डाल दिया तो उसका पूरा बदन काँप गया और वो एकदम से सिहर गई और में थोड़ी देर उसकी नाभि को जीभ से चाटता रहा और उसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत के दर्शन किए. दोस्तों वाह क्या मस्त चूत थी और मुझसे तो रहा ही नहीं गया और में उसकी चूत के दाने को मुहं में लेकर चूसने लगा और वो आअहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करके करहाने लगी, में उसकी चूत को चाटे जा रहा था और वो तड़प रही थी. फिर पांच मिनट चूत चाटने के बाद में उठा और उसके पैरों को फैलाकर मैंने उसकी तरफ़ देखा तो वो मेरे चेहरे को देख रही थी.

    फिर जब हम दोनों की निगाहे मिली तो क्या बताऊँ दोस्तों उसकी स्माइल कैसी थी? फिर मैंने उससे पूछा कि क्या अब लंड डाल दूँ? फिर वो मुझसे बोली कि हाँ जल्दी से डाल दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है और में लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा तो उसकी आँखे फिर से बंद हो गई. फिर मैंने चूत के छेद पर लंड को रखकर एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया और वो दर्द से करहाने लगी और बोली कि प्लीज उह्ह्हह्ह शेखर थोड़ा आराम से करना वरना में मर जाउंगी, उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे से करो.

    फिर मैंने कहा कि मेरी जान तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो, बस मज़े करो और मैंने फिर एक बार उसे चूमा और चूमते हुए ही एक धक्का मारा और अब लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया तो वो दर्द से कराह रही थी और उसका बदन कांप रहा था और में लंड को चूत में डालकर थोड़ी देर उसे किस करता रहा और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और अब वो भी मज़े ले रही थी, उसका दर्द ख़त्म हो चुका था और अब मज़े की बारी थी. उसने अपने दोनों पैरों को पकड़कर मेरी कमर पर मजबूत कर लिया था और में धक्के मारे जा रहा था और किस किए जा रहा था और वो भी आहहहह आईईईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी और अब उसकी आवाज़ धीरे धीरे तेज़ होती जा रही थी. फिर करीब दस मिनट तक में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

    दोस्तों सच में मुझे उसकी चूत को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने अपने धक्के और भी तेज़ कर दिए और जब में वीर्य निकालने वाला था तो मैंने सुरक्षा के लिए अपना लंड, चूत से बाहर निकाल लिया, लेकिन तुरंत ही उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के अंदर डालकर बोली कि अंदर ही निकालो, कोई ख़तरा नहीं है और फिर मैंने जोरदार धक्को के साथ उसकी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया और उस वक़्त वो जैसे जन्नत में थी और उसकी चूत की गर्मी जैसे अब बिल्कुल शांत हो गई थी, लेकिन किसी भी चूत की गर्मी कभी शांत नहीं होती यह तो मुझे बहुत अच्छे से पता है और में उसके ऊपर ही निढाल हो गया, थोड़ी देर बाद में उठा और मेरा लंड उसकी चूत में ही था. वो स्माईल कर रही थी और मेरे बालों को सहला रही थी. मैंने उसे किस किया और उसने भी मेरा साथ दिया.

    फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके पास में लेट गया और हम दोनों पूरे नंगे लेटे हुए थे. फिर मैंने उससे पूछा कि जान कैसा लगा? तो वो मेरे ऊपर आई और मुझे किस करके बोली कि शेखर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम बहुत अच्छे हो. फिर मैंने भी कहा कि में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि एक बात बताओ तो वो बोली कि हाँ बोलो? तब मैंने उससे कहा कि मुझे यहाँ पर रुकने के लिए तुम्हारी माँ ने नहीं कहा था. मैंने वो तुमसे झूठ बोला था तो इस बात को सुनकर उसने मुझे किस किया और बोली कि बहुत अच्छा किया और अब जब तक मेरी फेमिली नहीं आ जाती तब तक तुम हर रात को यहाँ रह सकते हो जान. फिर मैंने उसे हग किया और एक बार फिर उससे पूछा कि एक बार और हो जाए तो वो हंसने लगी और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई की और रात भर जागते रहे और बातें करते रहे और तब तक जब तक उसकी फेमिली नहीं आई और बिना किसी को पता लगे, हम दोनों हर रात को चुदाई के मज़े करने लगे और अब भी जब हमे समय मिलता है तो हम सेक्स करते है.

  • जयपुर में फ्रेंड के साथ चुदाई

    हैलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 26 साल है और में जयपुर में जॉब करता हूँ. ये बात कुछ 3 साल पहले की है जब में कोचिंग लेता था. लालकोठी में बहुत सी कोचिंग है तो मैंने भी जॉइन कर ली थी. मैंने टैक्स की कोचिंग जॉइन की थी और एक अच्छे जानकार सर से में पढ़ रहा था. वहाँ एक प्रियंका नाम की लड़की आती थी. हम साथ में ही बैठते थे और फिर धीरे-धीरे हमारी दोस्ती अच्छी हो गयी और हम एक साथ टाईम बिताने लग गये. अब हम लोग रोज मिलते और कोचिंग के बाद घंटो बातें करते. फिर हमारे एग्जॉम आ गये और हम पढाई में व्यस्त हो गये और हमें पता ही नहीं चला कि कब हमारे एग्जॉम ख़त्म हो गये और अब हमारी दोस्ती भी कम हो गयी थी.

    एक दिन मुझे उसका मैसेज आया है कि उसकी सगाई फिक्स हो गयी और उसकी शादी नवम्बर में है. अब में बहुत खुश था कि चलो दोस्तों में किसी की तो शादी तय हुई. अब हम फिर से रोजाना बातें करने लग गये. और फिर उसने कहा कि वो मेरे साथ लोंग ड्राईव पर जाना चाहती है. फिर मैंने भी उसे हाँ कर दिया और हम लोग ड्राईव पर गये और उसने कहा कि वो बियर पीना चाहती है. फिर मैंने हाईवे पर जो ठेके होते है वहाँ से उसे बियर की एक बोतल लाकर दी. फिर उसने बियर पीनी स्टार्ट की, अब में ड्राईव कर रहा था और हम बातें भी कर रहे थे, अभी तक तो मेरे मन में उसके लिए ऐसा कुछ नहीं था.

    फिर उसे बियर थोड़ी चढ़ने लग गयी थी, शायद उसने बियर पहली बार पी थी. फिर वो अजीब सी बातें करने लग गयी कि राहुल मेरा फिगर कैसा है? में तुझे अच्छी नहीं लगती क्या? फिर मैंने इस बात को नॉर्मल ही लिया और फिर हमने बहुत बातें की और जब में उसे उसके घर उसे छोड़ने आया तो पता चला कि उसकी नानी की तबीयत खराब है और उसकी मम्मी नानी के वहाँ गयी हुई है.

    फिर हमने पड़ोसी से चाबी ली और घर के अंदर चले गये. फिर मैंने उसके लिए नींबू की शिकंजी बनाई और उसे पिला दी, अब वो थोड़ा नॉर्मल थी. फिर में वहाँ से निकल गया तो रात में उसका सॉरी का मैसेज आया तो मैंने कहा इट्स ओके. फिर उसने मुझे सुबह 11 बजे मैसेज किया कि में उसके घर पर आऊं, क्योंकि उसे कुछ काम है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और उसके घर पर चला गया. फिर में वहाँ गया तो पता चला कि वो अकेली है. उसने जब शर्ट और जीन्स पहन रखा था. फिर उसने मुझे सोफे पर बैठाया और मेरे बगल में आकर बैठ गयी.

    फिर उसने मुझे कल के लिए सॉरी कहा और बोली कि प्लीज कल की बात को भूल जाना. फिर मैंने हाँ कहा और हम बातें करने लग गये. फिर बातों ही बातों में हम एक दूसरे को प्यार से हिट करने लगे और फिर हम एक दूसरे के पीछे भागने लगे. फिर वो रूम में जाकर छुप गयी और में जब रूम में गया तो में उसे पकड़कर ला रहा था, तभी हमारा बैलेन्स बिगड़ गया और हम दोनों बेड पर गिर गये. अब में उसके ऊपर था और वो मेरे नीचे थी, अब हमें पता नहीं क्या हुआ? हमने एक दूसरे को गले लगा लिया और उसने मुझे गालों पर किस किया. अब मैंने भी उसे किस करना स्टार्ट कर दिया था, कभी गालों पर तो कभी आँखों पर तो कभी होंठो पर तो कभी गर्दन पर. फिर मैंने उसके बूब्स मसलना स्टार्ट कर दिए और अब वो तो एकदम मस्त हो गयी थी.

    फिर मैंने उसकी शर्ट के बटन को खोल दिया और उसकी शर्ट उतार दी और उसकी ब्रा भी खोल दी. फिर मैंने उसके बूब्स चूसने स्टार्ट कर दिए. उसके बूब्स का साईज़ 33-34 होगा और अब उसे मज़ा आने लगा था. फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी. मैंने अन्दर बनियान नहीं पहना था. फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और उसने मुझे हर जगह किस किया. फिर वो मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगी और अब मेरा लंड तो टाईट हो गया था. फिर उसने मेरी जीन्स का हुक खोला और मेरी जीन्स नीचे की और मेरी अंडरवियर भी खोल दी. अब मेरे लंड को देखकर वो बोली कि कितना बड़ा है? ये मेरी चूत में अन्दर कैसे जायेगा? फिर मैंने कहा कि पहले मेरा लंड मुँह में तो ले. अब वो मेरा लंड अपने मुँह में लेने लग गयी, वो ऐसे चूस रही थी जैसे कई सालों से इसकी प्यासी हो.

    फिर मैंने उससे कहा कि क्यों ना 69 पोज़िशन ट्राई करे? फिर हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और नंगे हो गये. अब वो बेड पर लेट गयी और में उसके ऊपर उल्टा लेट गया. अब में उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी. अब हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था. दोस्तों सोचो क्या सीन रहा होगा 69 पोज़िशन में? आज तक मैंने ये सीन ब्लू फिल्म में देखा था, लेकिन जब रियल में किया तो मज़ा ही आ गया. अब हम दोनों एक साथ झड़ गये.

    फिर उसने मेरा पूरा स्पर्म पी लिया और मैंने उसका पूरा पानी पी लिया. उसका रस एकदम टेस्टी था. फिर हम एक दूसरे के ऊपर आ गये और प्यार करने लग गये. फिर कुछ टाईम के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. फिर मैंने उससे कहा कि क्या अब में तुम्हारी चुदाई करूँ? तो उसने हाँ कर दी. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डालना चाहा, लेकिन उसकी चूत थोड़ी टाईट थी तो उसने कहा कि वो वर्जिन नहीं है. फिर मैंने वापस से ट्राई किया और मेरा लंड उसकी चूत में पूरा चला गया. फिर वो थोड़ी चिल्लाई तो मैंने धीरे धीरे करना स्टार्ट कर दिया. अब वो मौन करने लग गयी और अब वो अजीब-अजीब सी आवाज़ें निकाल रही थी और आहे भर रही थी.

    फिर उसने कहा कि उसके मंगेतर ने उसे होटल में बहुत बार चोदा है और अभी वो 10 दिन के लिए दिल्ली गया हुआ है, इसलिए वो मुझसे सेक्स करवा रही है और अपनी प्यास बुझा रही है. अब में भी ये बात सुनकर उसे और तेज-तेज चोदने लगा. अब तो उसे और मज़ा आने लग गया था और वो आ आ आ आ आ कर रही थी और बोल रही थी कि फुक मी, फुक मी हार्ड, फुक मी, जस्ट फुक मी हार्ड और तेज करो ना बस करता जा, प्लीज फुक मी, फुक मी बेबी, फुक बेबी.

    अब में और तेज़ी से उसे चोदने लगा तो अब वो बोलने लगी कि डाल और डाल पूरा डाल मेरे अंदर. अब उसने मुझे टाईट पकड़ लिया था और फिर वो झड़ गयी. अब में उसे चोदे जा रहा था और थोड़े टाईम के बाद में भी झड़ गया. फिर मैंने पूरा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया. फिर हम दोनों थक कर थोड़ी देर लेटे रहे, अब उसकी चूत में से मेरा और उसका पानी बाहर निकल रहा था और अब वो बहुत संतुष्ट लग रही थी. फिर में वहाँ से निकल गया. अब उसकी शादी हो चुकी है और उस दिन के बाद हमने कभी सेक्स नहीं किया और ना ही मैंने कभी उससे कहा और ना ही कभी उसने मुझसे कहा.

  • गन्ने के खेत में ठंडी ठंडी रेत में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्रांत है. दोस्तों मैंने निष्ठा नाम की एक लड़की को चोदा था और वो भी एक गन्ने के खेत में, क्योंकि वो मेरी खेत वाली पड़ोसन थी तो यह बात उस दिन की है, जब वो खेत पर अपने घर से बिल्कुल अकेली आई हुई थी. फिर मैंने देखा कि वो थोड़ी दूरी पर आगे की तरफ अपने खेत में ही झुककर सरसों का साग तोड़ रही थी और उसे इस तरह झुका हुआ देखकर मेरा देख लंड अकड़ रहा था और फिर मैंने पीछे से उसे आवाज़ देकर पूछा कि आज अकेले कैसे निष्ठा? तो वो बोली कि मेरे सभी घर वाले बुआ की लड़की की शादी में गये हुए है और इसलिए आज में घर पर अकेले ही हूँ.

    दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर तो साला मेरा दिमाग बिल्कुल शैतान हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि मेरे भाई आज तो मौका बहुत अच्छा था और ऊपर से वो भी आज कुछ ज्यादा ही मुझे स्माईल दे रही थी. फिर मैंने उससे पूछा कि निष्ठा क्या तेरे पास दराती है? तो वो बोली कि मेरे पास तो नहीं है, लेकिन वो कुए पर रखी हुई है. फिर मैंने कहा कि मेरा ट्रेक्टर स्टार्ट नहीं हो रहा है तो तू ट्रेक्टर के पास ले आ तो वो बोली कि में अभी लाती हूँ. फिर उसने मुझसे पूछा कि वहां पर कौन कौन है? मैंने कहा कि में भी आज एकदम अकेला ही हूँ. वो बोली कि ठीक है में अभी लाती हूँ, तुम चलो.

    दोस्तों सही में मुझे आज तो ऐसा लग रहा है कि जैसे सारी भगवान मेरा साथ दे रहा था, क्योंकि आज आप पास के खेतों में भी कोई भी नहीं नज़र आ रहा था, में ट्रेक्टर के पास आग के पास खड़ा था, जहाँ पर मेरा दूध भी गर्म हो रहा था जो कि मैंने अभी तक नहीं पिया था. फिर वो आई और मुझसे बोली कि ये ले लो दराती इसका क्या करना है? फिर मैंने उससे कहा कि यह तुम यहीं पर रख दो और मुझे तुम्हे कुछ दिखाना भी है. दोस्तों वहीं पास में ही एक गन्ने का खेत था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे साथ आओ गन्ने के खेत में, वहां कुछ है तो मुझे पता नहीं क्या है, वो भी बिना किसी दिक्कत के मेरे साथ चल पड़ी.

    जैसे ही वो गन्ने के खेत में घुसी और थोड़ा सा अंदर जाते ही मैंने उसे पीछे से कसकर पकड़ लिया तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो दीपक पागल हो गये हो क्या? में अपने भैया से बोल दूँगी. फिर मैंने कहा कि यार में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और तुम बड़ी सेक्सी और हॉट हो. फिर वो मुझसे बोली कि पसंद तो में भी तुम्हे करती हूँ, लेकिन यह कोई तरीका थोड़ी है यार? तो मैंने कहा कि आज मत रोको मुझे, कब से पागल हो रहा हूँ तुम्हारे लिए. फिर वो बोली कि तुम सही में पागल हो और किसी ने हमे यहाँ पर ऐसे देख लिया ना तो हम दोनों की पूरे गावं में इज़्ज़त उछल जाएगी. फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा और आज वैसे भी तुम्हारे घरवाले तो कोई भी नहीं है और मेरे घर वाले कोई आयेंगे भी नहीं.

    फिर मैंने उसे इतना कहने के बाद किस करना शुरू कर दिया और उसके कान के पीछे जो हल्के हल्के बाल थे कसम से उन्हें देखकर तो मेरा लंड और भी बिल्कुल पागल हो रहा था, में उसके बूब्स को भी धीरे धीरे दबाने लगा तो वो बोली कि मुझे दर्द हो रहा है जाने दो मुझे, क्या तुम्हे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती, एक अकेली लड़की देखी और बस टूट पड़े उस पर? फिर मैंने इतनी ही देर में उसे नीचे लेटा दिया और फिर उसे लगातार किस करने लगा और हम दोनों की इस हलचल से गन्ने भी हिल रहे थे और जिनसे आवाज़े आ रही थी, में उसके गले, होंठ, गाल और जांघो पर किस करने लगा और उसे भी अब बहुत अच्छा लग रहा था और वो भी अब मुझे कुछ भी नहीं कह रही थी, बस मेरे साथ मज़े ले रही थी.

    फिर कुछ देर के बाद वो डरती घबराती हुई मुझसे बोली कि हम दोनों इस समय बिल्कुल किनारे पर ही है और इस वजह से हमारी आवाज बाहर तक जा रही है और कोई हमें सुन लेगा तो हम दोनों के लिए बहुत बड़ी दिक्कत हो सकती है. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों तुम मुझे पसंद करती हो ना? तो वो बोली कि हाँ. फिर मैंने कहा कि तो भाग मत जाना, में अभी वहां से एक बोरी लेकर आता हूँ. फिर हम गन्ने के खेत में बहुत अंदर तक जाएँगे और में उससे इतना कहकर जल्दी से भागकर ट्रेक्टर के पास चला गया और वहां से मैंने जूट की एक बोरी ली और जल्दी से गरमा गरम दूध का डब्बा उठाया और तेज़ी से भागकर वापस खेत में आ गया. फिर मैंने वहां पर पहुंचकर देखा तो वो वहीं खड़ी हुई थी, मुझे देखकर वो बोली कि तू बड़ा जल्दी आ गया, हाँ तुझे लग रहा होगा कि में कहीं भाग ना जाऊँ और इसलिए भागता हुआ आ रहा है.

    फिर मैंने कहा कि अब ज्यादा बकचोदी मत कर, हम अब अंदर चलते है और अब हम दोनों अंदर गन्ने के खेत में जा रहे थे तो तभी वो बोली कि इस डब्बे में क्या है? फिर मैंने कहा कि इसमें दूध है मेरा छोटा भाई नवीन देकर गया था, अब हम दोनों खेत में बहुत अंदर तक आ गये थे तो वहां से आवाज़ बाहर जाने का मतलब ही नहीं बनता था. मैंने जल्दी से पैरों से आस पास से गन्ने के पेड़ तोड़े और फिर उन पर बोरी डाल दी और दूध का डब्बा वहीं रख दिया तो वो खड़ी खड़ी यह सब देख रही थी.

    अब मैंने उसे जल्दी से अपनी गोद में उठाया और बोरी पर लेटा दिया और उसका चेहरा एकदम सुर्ख लाल था साली पटाखा लग रही थी, मेरा लंड तो पिछले बहुत देर से फूलकर मोटा हो रहा था, अब में भी उसके पास में लेट गया और अपना एक पैर उसके ऊपर रखकर उसे किस कर रहा था और साथ साथ उसके बूब्स भी दबा रहा था और अब वो भी मुझे किस रही थी. दोस्तों वो साली एक बहुत छोटे से गावं की होने के बाद भी मुझे ऐसे किस कर रही थी जैसे वो साली दुबई में रहती हो. मैंने उससे कहा कि क्यों तुझे बहुत अच्छा किस करना आता है?

    फिर वो बोली कि तुझे क्या में चूतिया लगती हूँ? तो में बोला कि वाह बड़ा दम लग रहा है मेडम में? फिर वो बोली कि लड़ के देख ले कौन जितेगा? बस फिर तो में उस पर टूट पड़ा और उसने सलवार सूट पहना हुआ था और मैंने सलवार सूट पहना हुआ था और अब में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करते हुए उसकी चूत पर कपड़ो के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ने लगा और अब तक उसके बाल भी खुलकर बिखर गये थे और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया. मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलना चाहा तो उसने मेरे हाथ पकड़ लिए और बड़ी सेक्सी सी आवाज़ में बोली कि दीपक मुझे बहुत डर लग रहा है और मैंने आज तक यह सब किसी के साथ नहीं किया है.

    फिर मैंने उससे कहा कि ले तू तो अभी से ही हार मान गई. फिर वो बोली कि साले में अभी हारी नहीं हूँ और जब टाईम आएगा तो तू ही रोकर भागेगा, यह सब पहली बार हो रहा है तो इसलिए में डर रही हूँ और एक दिन वैसे मेरी भाभी ने मुझसे कहा था कि इन सब में पहली पहली बार में बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उससे कहा कि तू बिल्कुल भी मत डर, क्योंकि में बहुत आराम से करूँगा और मैंने उसका नाड़ा खोला और उसे थोड़ा नीचे सरकाकर देखा. फिर मैंने देखा कि उसने सलवार के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था, लेकिन उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे. दोस्तों उसकी चूत बहुत गोरी थी और जिसे देखते ही मेरा मन ललचाने लगा. मैंने अब उसकी चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर उसे किस करने लगा. दोस्तों वो तो अब समझो एकदम पागल सी हो गई और फिर मैंने उसकी पूरी सलवार को उतार दिया और उसकी चूत में एक उंगली डाली, लेकिन मैंने अब महसूस किया कि मेरी उंगली भी बहुत आसानी से चूत के अंदर नहीं जा रही थी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी और वो अभी तक वर्जिन थी. फिर में समझ गया कि अगर मैंने इसे अभी अपना लंड दिखाया तो यह मेरे लंड का आकार देखकर भाग जाएगी.

    फिर मेरे सर पर जो कपड़ा बंधा हुआ था वो मैंने उतारा और उसकी आँखो पर बांध दिया तो वो बोली कि अब यह सब किसके लिए? फिर मैंने कहा कि किस के लिए, क्या मेरी जान बहुत हॉट है और यह सब तो इसलिए कि जिससे तुम्हे और भी मज़ा आए. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और जिसकी वजह से बहुत हल्का हल्का पानी भी बाहर आ रहा था और उसकी चूत थोड़ी गीली भी हो रही थी और एक ऊँगली बहुत आराम से अंदर बाहर आने जाने लगी थी, उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत का छेद और थोड़ा साफ दिख रहा था. फिर मैंने उसकी चूत के मुहं पर जल्दी से अपना लंड रखा और फिर थोड़ा घिसने के बाद दूर हटा लिया. फिर वो बोली कि यह क्या था? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं मेरा हाथ था.

    फिर मैंने एक हाथ उसके पेट पर रखा और एक बीच की ऊँगली को उसकी चूत में तेज़ी से आगे पीछे करने लगा तो वो तभी मैंने महसूस किया कि अब उसका पेट भी काँप रहा था. फिर मैंने उसे बैठाया और उसका सूट भी उतार दिया, उसने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और ब्रा उतारकर मैंने उसे एक बार फिर से नीचे लेटा लिया और अब वो बस ब्रा में ही थी और पूरी नंगी थी. मैंने भी अपनी जेकेट को उतारा और साथ ही साथ सेंडो बनियान भी और उसके बूब्स से अपनी गरम गरम छाती लगा दी और फिर जैसे ही मेरी छाती उससे छुई तो वो मुझसे बोली कि दीपक मुझे आज पहली बार बड़ा अच्छा लग रहा है यार, क्या तुम मुझे बिना तरस खाए कुतिया की तरह चोद सकते हो? गौर से देखो कि मुझे मेरी शक्ल कुतिया से कितनी मिलती जुलती है और अगर तुम कहो तो में भौंककर भी दिखाऊँ?

    फिर मैंने उसके दोनों कंधो से उसकी ब्रा को भी नीचे किया और एक बूब्स को चूसने लगा तो वो मेरे सर पर अपनी उंगलियां फेरने लगी. फिर मैंने उसकी ब्रा को पूरी उतार दिया और अपना भी लोवर निकाला और साथ ही अंडरवियर भी निकाल दी, क्योंकि अब मुझसे भी रूका नहीं जा रहा था. दोस्तो मेरा लंड ज्यादा भी बड़ा नहीं है, लेकिन हाँ एक प्यासी तड़पती हुई बैचेन लड़की की चूत को चोदकर संतुष्ट करने के लिए एकदम फिट है और वो अब पूरी गरम हो चुकी थी. तभी मेरे दिमाग में आया कि यार डब्बे में गरमा गरम दूध भी तो रखा है.

    फिर मैंने दूध पिया और उसे भी पिलाया. दोस्तों अब गावं में शुद्ध, ताज़ा दूध होता है तो उसे पीने के बाद डब्बे में बहुत सारी मलाई बच गई थी तो वो मैंने नहीं खाई थी. फिर मैंने उसकी चूत पर मलाई रखी और उसे चाटने लगा और अब उसे और भी मज़ा आ रहा था. अब तो मानो वो पूरी ही काँप रही थी और सिसकियाँ भर रही थी और अब कुत्ते का खिताब तो मुझे पहले ही मिल चुका था. फिर मैंने कुत्ते की तरह सारी दूध की मलाई उसकी चूत से चाट ली और वो बार बार बोल रही थी दीपक यार अब जल्दी से मुझे चोद दो, में अब और इंतजार नहीं कर सकती और थोड़ा जल्दी करो.

    फिर में उसके ऊपर चड़ गया तो उसने मेरी छाती पर काटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागल सी हो गई थी और उसने अपनी आँखो से वो पट्टी भी निकाल दी थी और मेरा लंड उसकी चूत पर लगा था और वो नीचे से धक्के मार रही थी और वो बेसुध होकर पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी, उसके बाल भी बिखरे हुए थे और आँखो से आँसू बाहर आ रहे थे और इतनी गरम इतनी गरम सच में दोस्तों अब मैंने उसके दोनों हाथ फैलाए और कसकर पकड़ लिए और अपने दोनों पैरों से उसके दोनों पैरों को खोल दिया और अब में लंड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार था.

    फिर मैंने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा और थोड़ा सा दबाव दिया तो वो मुझसे पहले तैयार थी. वो मुझे नीचे से धक्के मार रही थी और पूरी चुद्दो लग रही थी और जबकि सच यह था कि वो अब तक वर्जिन थी और मैंने जब थोड़ा सा लंड अंदर डाला तो वो कसकर मुझसे चिपक गई और मैंने नीचे देखा तो लंड अभी पूरा अंदर भी नहीं गया था और उसकी चूत से खून बाहर आ रहा था, लेकिन वो फिर भी इन सब बातों से बेखबर होकर मज़े कर रही थी और फिर मैंने भी एक अच्छा मौका देखकर एक ही झटके में अपना सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी और मुझसे बोली कि अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ बाहर निकाल ले यार उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्ह्हह्ह माँ मेरी चूत फट गई, अब तो इसे बाहर निकाल ले उह्ह्हह्ह में अब इस दर्द को ज्यादा देर नहीं सह सकती, तू अभी इसे मेरी चूत से बाहर निकाल उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह.

    दोस्तों फिर मैंने उसकी एक ना सुनी और मैंने लगातार धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और में उसके पूरे जिस्म को सहलाने लगा. फिर वो थोड़ी देर चिखती, चिल्लाती रही और फिर कुछ देर के बाद उसे दर्द होना बंद हो गया तो वो भी अब अपनी चूत की चुदाई के मज़े अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करके लेने लगी और मुझसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने का इशारा करने लगी. दोस्तों मुझे गरम गरम दूध पीने से और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको हर एक तरीके से चोदा, कभी उसे कुतिया बनाकर चोदा तो कभी नीचे लेटाकर तो कभी खड़े खड़े धक्के देकर बहुत देर तक लगातार चोदता ही रहा. फिर करीब तीस मिनट चली और इस चुदाई में उसकी और मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी. फिर मैंने अपना गरम गरम वीर्य उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई को पूरा किया और जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा की उसकी चूत का खून मेरे लंड को पूरी तरह लाल कर चुका था.

    दोस्तों फिर जब हम उस गन्ने के खेत से बाहर निकले तो उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और फिर वो अपने खेत में चली गई. फिर मैंने उसे पीछे से जाते हुए देखा कि उसे अब चलने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी और शायद उसकी चूत में कुछ ज्यादा ही दर्द था. दोस्तों फिर मुझे उसे देखकर लगा कि मैंने सही माईने में बहुत ग़लत कर दिया, लेकिन उसके दूसरे दिन उसने मुझे मेरी चुदाई के लिए धन्यवाद कहा और उसने मुझसे कहा कि तुम अब जब भी चाहो मुझे चोद सकते हो, क्योंकि अब मेरे दिल और दिमाग से मेरी भाभी का दिया हुआ डर का भूत बाहर निकल चुका है और में अब चुदाई के नाम से कभी भी नहीं डरूँगी और फिर उसके बाद मैंने उसको उसकी मर्जी से बहुत बार चोदा और बहुत मज़े किए, क्योंकि वो अब हमेशा बिल्कुल बिंदास होकर मुझसे चुदवाने के लिए तैयार खड़ी रहती थी और में उसका एक इशारा पाकर उसकी चुदाई करने चला जाता था.

  • शिमला में एक अजनबी ने मेरी सील तोड़ी

    हैल्लो दोस्तों, सबसे पहले में आप सभी को अपने बारे में बता देती हूँ, मेरा नाम रितिका है और में 21 साल की हूँ. में चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ और में एक स्कूल में पढ़ती हूँ, मेरी हाईट 5.7 इंच है और में दिखने में भी बहुत सुंदर हूँ, मेरा रंग बहुत गोरा है और मेरा फिगर भी दिखने में बहुत अच्छा है. अब में आप सभी का ज़्यादा समय ना खराब करते हुए सीधा अपनी सच्ची घटना पर आती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपना पहला सेक्स अनुभव आप सभी चाहने वालों को सुनाने जा रही हूँ जिसके बाद मेरा सोचने, समझने का तरीका बदल गया. यह मेरी सच्ची घटना है और में उम्मीद करती हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी.

    दोस्तों यह बात एक साल पहले की है जब में 20 साल की थी और में अभी जवानी के उस दौर से गुजर रही थी जिससे सभी लड़कियां एक बार जरुर गुजरती है मेरे बूब्स, कमर, गांड, चूत मेरे जिस्म के हर एक अंग ने अपना आकार बदल लिया था और मेरी चूत पर बहुत सारे छोटे छोटे बाल उगने लगे थे, मेरे बूब्स की निप्पल अब थोड़ी थोड़ी बाहर नजर आने लगी थी और अपने गदराए हुए बदन का वो बदलाव में खुद महसूस करने लगी थी.

    दोस्तों वैसे तो में एक बहुत ही अच्छे घर की लड़की हूँ, लेकिन मैंने तब तक कभी भी कोई गलत काम नहीं किया था और मुझे मन में कभी कभी अपने जिस्म को देखकर कुछ कुछ होता था, लेकिन मेरी चूत अब तक कुंवारी थी और हर कोई उस समय मेरे जिस्म का बहुत पागल था क्योंकि में चेहरे से बहुत अच्छी दिखती थी और वैसा ही मेरा सेक्सी बदन भी था जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर ले. दोस्तों एक दिन हमारे स्कूल का टूर एक हिल स्टेशन के लिए जाना था और हम सभी ने निर्णय किया कि हम शिमला जाएँगे और वो हमारा तीन दिन का टूर था.

    फिर मैंने अपने घर पर इस बारे में बात की तो मेरे घर के सभी लोग खुशी खुशी मान गये क्योंकि हमारे सर भी हम लोगों के साथ जा रहे थे और मेरे घरवालों को मेरी फ़िक्र करने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं थी. फिर हमारा टूर शुरू हुआ और हम सभी ने वहां पर बहुत मज़े किये, लेकिन मुझे क्या पता था कि इस टूर के बाद मेरी लाईफ इस तरह बदल जाएगी? हम पांच घंटे के सफर के बाद शिमला पहुंच गये और वहां पर एक अच्छी सी होटल में हमारा रहने का इंतज़ाम किया गया था. वहां पर मेरे साथ मेरे रूम में दो और लड़कियाँ थी और हमारा रूम आखरी वाले रूम से पहले था. उस दिन हम सभी लोग बाहर घूमने चले गये, लेकिन उस दिन थोड़ा समय बीतने के बाद शाम होने वाली थी तो हम लोग जल्दी वापस आ गये. फिर जब हम अपने रूम में अंदर जा रहे थे तो हमने देखा कि आखरी वाला रूम जो हमारे पास साथ वाला रूम था उसमे एक अंकल अंदर जा रहे है वो दिखने से वहीं के लग रहे थे और उनकी उम्र करीब 45 साल की होगी और उनकी हाईट भी 6.6 होगी और वो थे भी बहुत हट्टे-कट्टे. हमें देखकर उन्होंने हमसे हैल्लो किया और थोड़ा सा हमारे बारे में पूछा (दोस्तों में उनकी बोली हुई इंग्लिश की बातें भी आप सभी को हिन्दी में ही बताउंगी जिससे आपको ज़्यादा मजा आएगा) फिर हमने उन्हे बताया कि हमारे स्कूल का टूर यहाँ पर आया हुए है, लेकिन मैंने देखा कि वो अंकल मुझे बातें करते समय बहुत ध्यान से देख रहे थे और उनकी आखें मेरे जिस्म को खा जाने वाली नजरो से घूर रही थी. फिर वो कुछ देर हमसे बात करने के बाद अपने रूम में चले गये और हम भी अपने रूम में चले गए, लेकिन उनका मुझे इस तरह से घूर घूरकर लगातार देखना बहुत अजीब भी लगा और मेरे दिल ही दिल में कुछ हुआ भी. फिर उसके अगले दिन हम सभी तैयार होकर होटल के बाहर आ गये, लेकिन कुछ देर बाद मुझे याद आया कि में अपना कुछ सामान अपने रूम में भूल आई थी और फिर में अपने सर से कहकर वो सामान लेने अपने रूम में आ गई और जब में अपने रूम में अंदर जा रही थी तभी मैंने देखा कि वो अंकल भी अपने रूम से बाहर आ गये और उन्होंने मुझसे हैल्लो कहा और फिर वो मुझसे कहने लगे कि उनकी बेटी भी दिखने में बिल्कुल मेरे जैसी ही है, लेकिन बस उसका रंग उसके पापा पर गया है.

    फिर उन्होंने मुझसे मेरे बारे में और भी बहुत कुछ पूछा, मुझे अब उनसे बात करके बहुत अच्छा लगने लगा. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझे एक तोहफा देना चाहते है, मैंने कहा कि हाँ दे दीजिए तो उन्होंने कहा कि उस तोफे के लिए मुझे एक दिन उनके साथ घूमना होगा और वो भी किसी को बिना बताए. अब मैंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता तो उन्होंने मुझसे कहा कि में तुम्हे अपनी बेटी समझकर यह बात कह रहा हूँ और मुझे बहुत देर तक समझाया. फिर मैंने कहा कि में अकेली आपके साथ नहीं रह सकती क्योंकि मेरे सर मुझे आपके साथ अकेला नहीं जाने देंगे. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि कल सुबह जब सभी लोग बाहर घूमने जाएँगे तो तुम किसी भी बीमारी का बहाना बनाकर यहीं पर रुक जाना और फिर हम साथ में चलेंगे. अब मैंने उनसे कहा कि ठीक है, कल देखेंगे क्या होता है? और उनसे यह बात कहकर मैंने रूम से अपना सामान लिया और फिर नीचे चली गई.

    दोस्तों उस दिन हमने बहुत मजे मस्ती किए और फिर रात को खाना खाकर सोने के लिए अपने अपने रूम में आ गये, लेकिन मुझे अब नींद नहीं आ रही थी क्योंकि में यह बात सोच रही थी कि में झूठ बोलूं या नहीं? फिर मैंने सोचा कि गिफ्ट तो मुझे जरुर लेना है, लेकिन में उनके साथ घूमने नहीं जाउंगी और में उनके साथ यहीं होटल में बैठकर बातें करूँगी. फिर अगले दिन जब सभी घूमने बाहर जा रहे थे तो मैंने अपनी सर से कहा कि मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है और में आज उनके साथ नहीं जा सकती.

    फिर मेरे सर ने मुझसे वहीं पर आराम करने के लिए कहा और फिर वो सभी चले गए और आधे घंटे के बाद मुझे अपने पास वाले रूम के दरवाजे की आवाज़ सुनाई दी तो में झट से बाहर आ गई और अब मैंने देखा कि वो अंकल बिल्कुल तैयार थे और उन्हे मुझे देखकर बहुत खुशी हुई. फिर उन्होंने मुझसे चलने के लिए बोला तो मैंने उन्हें सारा कुछ बता दिया, उन्होंने कहा कि ठीक है हम दोनों उनके रूम में बैठकर बातें करेंगे. अब में भी उनकी यह बात मान गई और में उनके रूम में चली गई तो उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मुझसे बैठने के लिए बोला. फिर उन्होंने मुझसे कोल्डड्रिंक पीने के लिए कहा, लेकिन मुझे जरा सा भी एहसास नहीं था कि उसमे बेहोशी की दवा हो सकती है. फिर मैंने उस कोल्डड्रिंक को पी लिया और में थोड़ी देर बाद बेहोश हो गई और जब मुझे होश आई तो मैंने देखा कि में बिना कपड़ो के बिस्तर पर पड़ी हुई थी और वो अंकल मेरे पास बैठे हुए थे.

    यह सब देखकर में एकदम से बहुत डर गई और में कहने लगी कि यह आपने मेरे साथ क्या किया? तो अंकल मुझसे हंसकर बोले कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया, लेकिन वो बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. अब मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने रूम पर जाना है, तो अंकल मुझसे बोले कि तुम प्लीज एक बार मेरे साथ सेक्स कर लो उसके बाद तुम अपने रूम पर चली जाना.

    फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज मुझे जाने दो, वो मुझसे बोले कि अगर तुम गई तो में तुम्हारी फोटो नेट पर अपलोड कर दूँगा प्लीज मेरे साथ एक बार सेक्स करो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिए मैंने तुम्हे अभी तक कुछ नहीं किया. दोस्तों अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था और अब में उनकी यह बात चुपचाप मान गई. अब अंकल ने मुझसे कहा कि तुम एकदम सीधी लेट जाओ पहले मुझे तुम्हे सेक्स के लिए तैयार करना है और फिर में उनके कहने पर बेड पर सीधी लेट गई अंकल मेरे दोनों पैरों के बीच में आकर बैठ गए और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे.

    दोस्तों मैंने महससू किया कि उनके हाथ इतने बड़े थे कि मेरे बूब्स उनके सामने छोटे लग रहे थे, लेकिन उनके मेरे बूब्स को दबाने से मुझे अब बहुत मजा आ रहा था और में मन ही मन अब बहुत खुश थी. फिर उन्होंने अपना मुहं मेरे एक बूब्स पर रख दिया और अब वो मेरे बूब्स को चूसने लगे में तो उनके ऐसा करने से जैसे एकदम सुन्न पढ़ गई, मुझे इतना मजा आया कि में शब्दों में नहीं बता सकती और पांच मिनट एक बूब्स को चूसने के बाद उन्होंने मेरा दूसरा बूब्स चूसना शुरू किया. वो इतनी ज़ोर से चूस रहे थे जैसे मेरा पूरा दूध आज ही पी जाएँगे.

    फिर वो उठकर मेरे पैरों के बीच में आ गये और अब वो मेरी चूत को सहलाने लगे जिसकी वजह से मुझे बहुत गुदगुदी हुई और में ज़ोर से हंसने लगी. अब उन्होंने अपना मुहं मेरी चूत पर रख दिया और मेरी चूत को चूसने लगे. जब उन्होंने अपनी जीभ पहली बार मेरी चूत में डाली तो अचानक से मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो और मुझे अब उनके यह सब करने से बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी चूत अब धीरे धीरे गीली भी हो रही थी. फिर उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ और अब मैंने उन्हें उंगली बाहर निकालने के लिए बोला तो वो मुझसे बोले कि तुम्हारा सब दर्द अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा और अब वो बहुत जल्दी जल्दी अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहे थे और अब मुझे भी बहुत मजा आने लगा था और मेरा दर्द धीरे धीरे खत्म होने लगा था. अब वो अपने कपड़े उतारने लगे और उनका शरीर दिखने में बहुत मस्त था जब उन्होंने अपनी अंडरवियर उतारी तो उनका वो करीब 6 इंच लंबा 3 इंच मोटा सांप जैसा काला लंड मेरी आखों के सामने आ गया वो दिखने में बहुत मोटा था मेरी कलाई जितना मोटा.

    अब अंकल मुझसे बोले कि चलो अब इसे चूसो. मैंने डरते हुए कहा कि यह तो बहुत बड़ा है और मेरे मुँह में नहीं जाएगा तो वो बोले कि यह तो अभी आधा है जब तुम इसे चूसोगी तो पूरा खड़ा हो जाएगा और तुम्हे भी बहुत मजा आएगा. फिर जब मैंने उनके लंड को अपने हाथ में पकड़ा तो मैंने महसूस किया कि वो बहुत गरम था और वो मेरे हाथों में पूरा ठीक तरह से आ भी नहीं रहा था और फिर में उसे अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपने मुँह के करीब ले गई.

    फिर उन्होंने मुझसे लंड को मुँह में लेकर चूसने को कहा में भी अब बहुत गरम हो चुकी थी और उनके साथ सेक्स करना चाहती थी इसलिए में उनकी सभी बातें एक एक करके मान रही थी. अब मैंने अपना पूरा मुँह खोला और लंड का टोपा धीरे से अंदर ले लिया, लेकिन वो और अंदर नहीं जा रहा था और इसलिए अंकल उसे ऐसे ही थोड़ा थोड़ा हिलाने लगे. कुछ देर बाद मेरे मुँह की गरमी से लंड अब और भी बड़ा होने लगा था. जब मैंने लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला तो वो 8 इंच लंबा हो गया और में तो उसका इतना बड़ा आकार देखकर एकदम से डर गई, लेकिन फिर मुझे देखकर अंकल हंसने लगे और अब वो मुझसे बोले कि अब यह तेरी चूत में जाएगा और में तुझे चोदूंगा.

    फिर मैंने उनसे कहा कि में इतना बड़ा और मोटा लंड नहीं ले सकती मुझे बहुत दर्द होगा और इससे मेरी चूत फट जाएगी, प्लीज अब मुझे जाने भी दो. फिर वो बोले कि तुम्हे इसे लेने में बहुत मजा आएगा, तुम एक बार इसे लेने की कोशिश तो करो और यह बात कहकर उन्होंने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया और अब मेरी चूत को चाटते हुए अपना सलाइवा छोड़ने लगे. उन्होंने बहुत सारा सलाइवा मेरी चूत पर निकाल दिया और फिर उन्होंने अपने लंड को अंदर जाने के लिए तैयार कर रखा था, लेकिन उनके बड़े मोटे लंड का और मेरी प्यारी छोटी चूत का कोई मुकाबला ही नहीं थी, मेरी चूत बहुत छोटी नाजुक सी थी जो अभी अभी जवान हुई थी.

    अब उन्होंने लंड को चूत के मुहं पर पकड़कर ज़ोर लगाया और फिर उन्होंने अपने लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन उस दर्द से मेरी तो जान ही निकल गई और में उन्हे अपने ऊपर से हटाने लगी, लेकिन वो इतने भारी थे में कुछ ना कर सकी, में बस उस दर्द से तड़पती रही. वो अब थोड़ा रुककर मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को चूसने लगे और थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. उन्होंने अभी और लंड अंदर नहीं डाला और वो बस उतना ही लंड अंदर बाहर करते रहे.

    फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने एक ज़ोर का झटका मारा और दो इंच लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया. उस दर्द के मारे मेरे मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गई, लेकिन अंकल ने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया और फिर चूसते रहे जिसकी वजह से मेरी चीखने चिल्लाने की आवाज़ बाहर नहीं निकल सकी. अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत से खून बाहर आ रहा था और अब में धीरे धीरे बेहोश होने वाली थी. अंकल मेरे बूब्स को लगातार मसल रहे थे और मुझे किस करते रहे, जिसकी वजह से मुझे अच्छा लगने लगा, में बहुत जोश में थी और अब थोड़ी देर के बाद मैंने भी उनका पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया और अब अंकल ने एक बार फिर से मेरी चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए. वो धीरे धीरे अपना लंड मेरे अंदर करते जा रहे थे और ऐसे करते करते उन्होंने मेरी चूत के अंदर अपना थोड़ा लंड और डाल दिया जिसकी वजह से मेरी जान निकली जा रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत आज दो हिस्सों में हो जाएगी.

    अब अंकल ने अपना लंड और अंदर नहीं डाला और वो लंड को अंदर बाहर करने लगे. मुझे लगा कि उनका सारा लंड अंदर चला गया है और मुझे खुद भी बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका इतना बड़ा लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर चला गया है. में अब जोश में आकर उछल उछलकर अंकल का साथ देने लगी थी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि देखा अंकल मैंने आपका सारा लंड अंदर ले लिया है तो वो कुछ नहीं बोले, बस मुस्कुराने लगे, लेकिन जब उन्होंने अपने लंड को बाहर निकालकर मुझे दिखाया तो में उसकी लम्बाई को देखकर एकदम से हैरान रह गई कि अभी भी लंड का एक हिस्सा बाहर है. उनका पूरा लंड खून से भरा हुआ था और जब मैंने अपनी चूत देखी तो में वो खून देखकर बहुत डर गई. मेरी चूत भी अब फट गई थी और मुझे उसे देखकर नहीं लगता था कि वो अब किसी और के लायक रह गई थी क्योंकि अंकल का लंड इतना मोटा था और उसने मेरी चूत को फाड़कर फैला दिया था. अब अंकल मुझसे बोले कि तुम बिल्कुल भी डरो मत, ऐसा कुछ नहीं है और ऐसा पहली बार चुदाई करते समय सभी के साथ होता है. फिर उन्होंने मुझे एक बार फिर से लेटा दिया और अब उन्होंने धीरे धीरे फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. में दर्द के साथ सिसकियाँ लेने लगी और अब अंकल ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और पूरा लंड बाहर निकालकर फिर से अंदर डाल दिया.

    दोस्तों उन्हे तो यह सब देखकर ही बहुत मजा आ रहा था कि वो आज अपने से इतनी छोटी उम्र की कुंवारी लड़की को चोद रहे थे और उसकी चूत को फाड़ रहे है और मुझे मन ही मन यह बात सोच सोचकर जोश आ रहा था कि मैंने आज पहली बार में ही इतना बड़ा लंड ले लिया था. अब अंकल पूरे ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल रहे थे और हम दोनों पसीने में पूरी तरह भीग गये थे. फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद अंकल मुझसे पूछने लगे कि क्या में अपना पूरा लंड अंदर डाल दूँ? तो मैंने झट से हाँ कह दी.

    फिर अंकल ने एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मुझे लगा कि उनका लंड जैसे मेरी गर्दन तक आ गया हो और मुझे लगा कि अब सारा लंड अंदर चला गया है और उस दर्द की वजह से में मर रही थी, लेकिन में पूरा लंड अंदर लेने के जोश में बस यह सब कुछ करवा रही थी और जब मैंने देखा तो अभी भी दो इंच लंड बाहर था. मुझसे बिना कुछ बोले अंकल ने एक और ज़ोर का झटका मारा और अब पूरा का पूरा लंड मेरे अंदर चला गया और में उस दर्द से एकदम से तड़प उठी, लेकिन अंकल की आँखों में इतनी हवस थी कि वो मुझे पागलों की तरह किस कर रहे थे. फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनसे कहा कि अंकल प्लीज अब करो ना मेरी चूत में और अंकल मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से पागल हो गये और अब उन्होंने पूरा लंड बाहर निकालकर मेरी चूत में डाल दिया, लेकिन अब मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हो रहा था और अंकल बहुत तेज तेज कर रहे थे. अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर दस मिनट करने के बाद अंकल ने मेरी चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया, उनके लंड से इतना वीर्य निकाला जैसे किसी घोड़े का होता है और वो मेरी चूत में पूरा भरकर बाहर बहने लगा जिसकी वजह से वो चादर वीर्य और मेरे खून से पूरी गीली हो चुकी थी और उसके बाद भी उन्होंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला. फिर वो मुझ पर ही लेट गये और मेरे चेहरे को चूमने लगे और मेरे बूब्स को मसलने लगे. फिर कुछ देर बाद में उनसे लिपटकर सो गई. उस वक़्त वो मेरे लिए सबसे अच्छे व्यक्ति थे.