Month: July 2020

  • बॉयफ्रेंड ने मेरी सील तोड़ी

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निहारिका है और में पटना की रहने वाली हूँ. आज में आप सभी के सामने अपनी भी एक सच्ची कहानी लेकर आई हूँ, यह कहानी मेरी और मेरे बॉयफ्रेंड की है. मेरी उम्र 20 साल है और में अभी अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूँ. मेरे फिगर का साईज 34-28-32 है और में दिखने में बहुत सेक्सी हूँ, मानो की कोई ब्लू फिल्म की हिरोइन हो. में ज़्यादातर जीन्स और शर्ट या टी-शर्ट पहनती हूँ. में जब कॉलेज जाती हूँ तो सब लड़के मुझे देखकर मेरे जिस्म के बारे में ना जाने क्या क्या कहते है?

    दोस्तों मेरा एक बॉयफ्रेंड है, जिसका नाम राज है. वो दिखने में अच्छा है और वो मुझसे एक साल बड़ा है. वो रोज सुबह और शाम को जिम जाता है, जिसकी वजह से उसका शरीर बहुत अच्छे आकार का है और कॉलेज की कई लड़कियाँ उससे बात करने के लिए या फिर उससे दोस्ती करने लिए मरती है, लेकिन वो मुझ पर फ़िदा है, क्योंकि में हूँ ही ऐसी और अब में आप सभी को और ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधे अपनी आज की कहानी पर आती हूँ.

    दोस्तों मैंने जब से अपने कॉलेज में नया नया एड्मिशन लिया था तब से मुझे वो बहुत पसंद था, लेकिन में उससे उस समय बात नहीं करती थी, लेकिन एक दिन वो खुद ही आगे होकर मेरे पास आया और मुझसे बोला कि मुझे लगता है कि आप यहाँ कॉलेज में नई नई आई हो? तो मैंने भी जवाब में कहा कि हाँ और फिर धीरे धीरे उसने मुझसे बातें करना शुरू किया और उसने कहा कि मेरा नाम राज है और में दूसरे साल में हूँ. तो मैंने उससे कहा कि मेरा नाम निहारिका है और फिर उस दिन से में और वो हम दोनों बातें करने लगे. फिर धीरे धीरे हमारी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई, तो हम दोनों बाहर घूमने जाने लगे और साथ में नाश्ता या फिल्म देखने जाने लगे. एक दिन उसने मुझसे बोला कि निहारिका तुम बहुत सुंदर हो और में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, तो मैंने भी जवाब में कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ. तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल पागल हो गया और मुझे बार बार धन्यवाद कहने लगा और फिर तो हम दोनों की फ़ोन पर देर रात तक बातें होने लगी. हम दोनों बहुत सारी प्यार की बातें करते थे और कई बार फ़ोन सेक्स भी करते थे.

    तभी एक दिन उसका जन्मदिन आया और हम दोनों अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने के लिए बाहर गये और हमने जन्मदिन मनाया और तब उसी शाम को उसने मुझसे मिलने के लिए कहा तो में उसे मिलने के लिए गई तो हम दोनों उस समय एक पार्क में बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे. तब उसने मुझसे कहा कि मेरा जन्मदिन का गिफ्ट कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि आज तुम मुझसे जो कुछ भी माँगोगे वो तुम्हे मिलेगा. तो उसने मुझसे कहा कि एक बार फिर अच्छी तरह से सोच लो क्योंकि जो में मांगूगा वो तुम्हे देना पड़ेगा? तो मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है बताओ तुम्हे मुझसे क्या चाहिए?

    तब उसने मुझसे शरारती मुस्कुराहट के साथ कहा कि आज मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है. दोस्तों वैसे मुझे भी उससे अब यही सब चाहिए था क्योंकि में उसकी बातों को सुन सुनकर उसकी तरफ पूरी तरह से आकर्षित हो चुकी थी और अब मेरी चूत उसके लंड के लिए तड़पने लगी थी. फिर मैंने थोड़ी देर सोचकर पहले उसे मना किया, जिससे उसे ऐसा लगे कि में मना कर रही हूँ और उसके थोड़ा बहुत मनाने पर जल्दी ही मान गई और फिर मैंने उसे हाँ कर दिया तो उसने मुझे वहीं पर अपने गले लगाया, मुझे चूमा और मेरे बूब्स को कपड़ो के ऊपर से हाथ लगाकर महसूस किया और फिर कुछ देर के बाद वो मुझे एक होटल में ले गया.

    वहां पर उसने एक रूम बुक किया तो में और वो दोनों रूम में चले गए. वहां पर रूम के अंदर जाते ही उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मुझे गले पर किस करने लगा और मेरे बूब्स को टी-शर्ट के ऊपर से ही दबाने, मसलने लगा और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे घुमाया और मेरे होंठो पर लिप किस करने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर किस करने के बाद उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया. दोस्तों मैंने उस समय काली कलर की ब्रा पहन रखी थी और फिर उसने अपनी शर्ट को भी उतार दिया और हम किस करने लगे और वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से पागलों की तरह पूरे जोश से दबा रहा था.

    फिर उसने कुछ देर के बाद मेरी ब्रा को भी उतार दिया और वो मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले गया और अपनी पेंट को उतारने लगा और फिर पेंट उतारने के बाद वो मेरे ऊपर आया और बोला कि तुम बाहर की तरह अंदर से भी बहुत सुंदर हो और आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो, तुम्हारे बूब्स दूध से भी ज़्यादा सफेद और रुई से भी ज्यादा मुलायम है. अब में उसके मुहं से मेरे जिस्म की तारीफ सुनकर और भी गरम हो रही थी. उसने मेरे हर एक अंग को छूकर महसूस करके उसके बारे में मुझे बताया.

    कुछ देर में वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे दोनों बूब्स को दबाने लगा और कुछ देर के बाद एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ में लेकर मसलने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे हल्का सा दर्द महसूस हो रहा था और में जोश से आअहहहह आईईईइ उफफ्फ्फ्फ़ कर रही थी. में धीरे धीरे मदहोश हो रही थी और फिर थोड़ी देर बूब्स चूसने के बाद वो थोड़ा नीचे की तरफ आकर मेरी नाभि चाटने लगा और मेरे पूरे पेट को चूमने व चाटने लगा और अब में बहुत गरम हो चुकी थी.

    फिर थोड़ी देर बाद वो उठा और मेरी जींस को खोलने लगा, मेरी जींस बहुत टाईट थी इसलिए उससे जल्दी नहीं निकल रही थी क्योंकि में हमेशा से ही सभी कपड़े ज़्यादा टाईट ही पहनती हूँ, जिसकी वजह से देखने वालों को मेरे जिस्म का हर एक अंग बाहर से ही बहुत अच्छी तरह से नजर आ जाता है. मेरी गांड, बूब्स, कमर का साईज पता चल जाता है और वो सब मुझे हमेशा घूरकर देखते है.

    फिर थोड़ी मुश्किलो के बाद उसने मेरी जींस को उतार ही दिया और फिर वो मेरी काली कलर की पेंटी को देखकर एकदम दंग रह गया, क्योंकि वो मेरी चूत पर एकदम चिपकी हुई थी और थोड़ी सी गीली भी थी और फिर उसने झट से मेरी पेंटी को उतार दिया और मेरी चूत को घूरकर देखने लगा मानो जैसे पहले कभी उसने चूत ही ना देखी हो? फिर वो मेरी दोनों टांगो को फैलाकर नीचे की तरफ आ गया. उसने मेरी चूत के दाने को पहले अपनी एक उंगली से छूकर देखा और उसने कहा कि तुम्हारी चूत तो अंदर से बिल्कुल गुलाबी, कोमल व मासूम दिख रही है और फिर वो मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और वो पूरी कामुक दिख रही थी.

    दोस्तों फिर वो मेरी चूत में अपनी पूरी जीभ को डाल रहा था और मेरे दाने को चूस रहा था जिसकी वजह से मुझे हल्का मीठा मीठा सा दर्द हो रहा था और में आअहह आईईई उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ कर रही थी. में पूरे जोश से सिसकियाँ ले रही थी और उसके सर को अपनी चूत के मुहं पर दबा रही थी और अपनी कमर को बेड से ऊँचा उठाकर उसकी जीभ को अपनी चूत की गहराई में घुसाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. तो कुछ देर के बाद वो मेरे ऊपर आ गया और मुझे किस करने लगा और उसके बाद वो मुझसे बोला कि में अब उसका लंड चूसू.

    फिर में उठी और उसकी अंडरवियर को उतारने लगी तो मैंने देखा कि उसका क्या मस्त मोटा और लंबा लंड था और में उसके लंड को देखकर एकदम डर भी गई, क्योंकि यह मेरी पहली चुदाई थी और मुझे आज पहली चुदाई में ही ऐसा लंड मिला जिसके बारे में कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी, क्योंकि मेरी चूत का मुहं बहुत छोटा था और वो बहुत टाईट थी, लेकिन फिर भी मैंने भगवान पर भरोसा किया और जो कुछ मेरे साथ होने वाला था सब कुछ उस पर छोड़ दिया.

    उसने मुझसे अपना लंड चूसने को कहा, दोस्तों मैंने सुना था कि लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है तो में उसका लंड मुहं में लेकर चूसने लगी, लेकिन यह सब मेरा पहली बार था तो मुझे कुछ अजीब सा भी लग रहा था और थोड़ी देर मैंने उसका लंड चूसा तो वो पागल सा होने लगा और वो मेरे मुहं में ही झड़ गया और उसने अपना पूरा गरम गरम वीर्य मुझे पिला दिया और में पी गई, लेकिन मुझे उसका स्वाद कुछ नमकीन सा लग रहा था.

    फिर थोड़ी देर किस करने के बाद में फिर से उसका लंड मुहं में लेकर चूसने लगी और फिर वो गरम हो गया और मुझे उसका पूरा लंड मुहं में डालना बहुत मुश्किल हो गया तो उसने मुझे कंडोम दिया और अपने लंड पर चड़ाने को कहा. फिर मैंने उसके खड़े लंड पर कंडोम लगाया और उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और चूत के मुहं पर लंड रख दिया और एक ज़ोर का झटका मारा तो लंड एकदम से फिसलकर रह गया. फिर मैंने लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर चूत के मुहं पर रखा और उसे धक्का देने का इशारा किया और फिर उसने एक दमदार धक्का दिया और लंड सरकता हुआ अंदर चला गया.

    मुझे बहुत ज़ोर से दर्द हुआ और में चिल्ला गई ऊईईईईई माँ थोड़ा धीरे अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह प्लीज धीरे करो. फिर उसने दूसरा झटका मारा तो आधा लंड मेरी चूत में चला गया और में ज़ोर से चिल्लाई आईईईईइ प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो. तो वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे होंठ को चूसने लगा और फिर एक और ज़ोर से झटका मारा जिससे पूरा का पूरा लंड मेरी चूत को फाड़कर मेरी चूत में समा गया और मेरी चूत से खून निकलने लगा और में दर्द से चिल्लाने लगी और वो मेरी चूत को फड़ता हुआ लगातार धक्के देकर चोद रहा था और में दर्द की वजह से रोने लगी, लेकिन वो मुझे अनसुना करता हुआ चोदे जा रहा था और फिर थोड़ी देर चुदाई के बाद वो झड़ने वाला था.

    फिर उसने कंडोम को निकालकर लंड को मेरे मुहं में डाल दिया और मेरे मुहं को चोदने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद उसने मेरे पूरे चेहरे और बूब्स पर अपना वीर्य गिरा दिया और थोड़े देर के बाद मुझसे अपना लंड चुसवाकर साफ कर दिया और उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटकर साफ किया और मुझे बाथरूम में ले जाकर नहलाया और मेरे सेक्सी जिस्म को साफ किया.

    फिर में और वो वहीं बेड पर लेट गये, उसके बाद में उसका लंड पकड़कर हिलाने लगी तो वो भी कुछ देर बाद फिर से अपना रंग दिखाने लगा और वो फिर से खड़ा हो गया और राज भी मुझे देखकर हंसकर मेरे बूब्स देखने लगा, दबाने लगा और वो मुझे फिर से चुदाई के लिए किस करके तैयार करने लगा और फिर में भी गरम होने लगी. में उठी और उसके लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और वो मेरे बालों को पकड़कर लंड को ज़ोर से धक्के देकर गले तक डालने लगा, जिसकी वजह से मेरी आंख से आंसू बाहर आने लगे और मेरी सांसे ऊपर नीचे होने लगी. फिर वो एकदम से उठकर खड़ा हुआ और मेरी गांड को चाटने लगा. मैंने उसकी तरफ देखा और में उसे मना करने लगी, लेकिन वो नहीं माना और वो मेरी गांड को चाट रहा था और थोड़ी देर गांड चूसने के बाद उसने अपनी एक उंगली को मेरी गांड में डाल दिया तो में एकदम ज़ोर से चीखने, चिल्लाने, आह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो आईईईईई मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज ऐसा मत करो, मैंने कभी भी ऐसा नहीं किया प्लीज छोड़ दो मुझे.

    मेरे यह सब कहने से उसको जैसे बहुत मज़ा आया. फिर वो वैसे ही और भी ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करने लगा और फिर थोड़ी देर गरम होने के बाद उसने अपने लंड पर कंडोम लगाकर लंड गांड पर टिका दिया और चुदने के लिए मुझे तैयार किया. फिर में घोड़ी बन गई और उसने लंड को मेरी गांड में डालने के लिए एकदम तैयार कर दिया और फिर उसने एक जोरदार धक्का मारकर लंड को गांड में डाल दिया, में चिल्लाने लगी तो उसने एक और झटका मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया और फिर एक झटका दिया तो पूरा का पूरा लंड गांड के अंदर रगड़ खाता हुआ चला गया.

    फिर मैंने उसको रुकने के लिए कहा तो वो थोड़ा रुक गया और वो अब मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरी चूत को सहलाने लगा. फिर में भी थोड़ी देर के बाद अपनी गांड हिलाने लगी, अब वो समाझ गया कि अब में तैयार हूँ और वो अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरी गांड मारने लगा और में आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ थोड़ा धीरे आईईईई कर रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने कहा कि हाँ और ज़ोर से करो हाँ और ज़ोर से. अब वो अपनी स्पीड को बडाकर और ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और करीब 15-20 मिनट के बाद वो झड़ने लगा. उसने अपना पूरा वीर्य कंडोम में ही निकाल दिया.

    फिर मैंने उसके कंडोम को उतारा और फिर उसने अपना लंड मेरी मुहं में डाल दिया. मुझे भी मज़ा आ रहा था, मैंने भी करीब 5 मिनट तक लंड चूसा और लंड चूसने के बाद में उठ गई और हम दोनों लेट गए.

    फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हम उठे और अपने घर चले गये, लेकिन अब मुझसे ठीक तरह से चला नहीं जा रहा था क्योंकि आज मेरी चूत और गांड दोनों ही चुदाई की वजह से बहुत दर्द कर रही थी और किसी तरह में माँ की नज़रो से बचकर अपने बेडरूम में जाकर सो गई और मैंने एक दर्द की गोली खा ली थी जिसकी वजह से मेरा दर्द थोड़ा कम हो गया था और सुबह जब में उठी तो राज का फ़ोन आया और उसने मुझसे पूछा कि मेरी तबीयत कैसी है, क्या दर्द हो रहा है?

    मैंने कहा कि नहीं कुछ ख़ास नहीं है तो उसने कहा कि ठीक है और बोला कि कल तुमने मुझे बहुत खुश करने वाला गिफ्ट दिया है और में तुमसे बहुत खुश हूँ, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. फिर मैंने भी कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और मैंने कुछ देर बाद फ़ोन रख दिया, लेकिन उसके बाद मेरी चुदाई लगातार जारी रही और उसने कई बार मुझे चोदकर संतुष्ट किया और में भी उसके साथ मज़े करती रही और अपनी चुदाई करवाती रही.

  • दोस्त की रंडी माँ और सेक्सी बहन

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है और मेरी उम्र 21 है. दोस्तों में शुरू से ही सेक्स का बड़ा ही दिवाना रहा हूँ और यह मेरी पहली स्टोरी है. दोस्तों यह एक सच्ची घटना है. मेरा एक दोस्त है उसका नाम विक्की है और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है. हम हमेशा साथ साथ घूमते और मेरा हमेशा विक्की के घर पर आना जाना लगा रहता था. उसके घर में उसकी माँ उनकी उम्र 37 साल, लेकिन वो दिखने में एकदम कड़क माल है. वो अपनी पतली कमर को मटकाती हुई चलती जिससे उसके बूब्स भी इधर उधर हिलते जिसे देखकर देखने वालों को बहुत मज़ा आता और वो अभी भी बिल्कुल जवान लगती है, उसकी बहन शीतल जो अभी 18 साल की है और अब वो धीरे धीरे जवान होने लगी है. उसके बूब्स, गांड उभरकर बाहर की तरफ दिखने लगे है उसके जिस्म का हर एक अंग दिखने में बहुत ही सेक्सी है और उसके पापा जो हमेशा घर से बाहर रहते थे, क्योंकि उनको जुआ खेलने की लत लग गयी थी और उन्हे भी लड़कियों का बहुत शौक था और वो ज़्यादा टाइम अपने घर से बाहर ही रहते और करीब दो तीन दिन के बाद अपने घर पर आते थे.

    तो दोस्तों में और विक्की एक दिन घूमने बाहर गए हुए थे और हमे घर पर आते आते बहुत रात हो चुकी थी और घर पर जाते वक़्त विक्की ने मुझसे कहा कि हमे बहुत रात हो चुकी है और अब तू घर पहुंचते ही आज मेरे घर पर सो जाना और कल सुबह निकल जाना. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और हम घर के लिए निकल चुके थे. हमें रात के करीब 2 बज चुके थे और फिर विक्की का घर आ गया. फिर मैंने अपनी कार को एक तरफ पार्क कर दिया और कार की आवाज़ सुनते ही सुनीता आंटी जाग गयी. उन्होंने दरवाजा खोला और में देखता ही रह गया. वो लाल कलर की एक मेक्सी में थी और वो मेक्सी भी गहरे गले की होने के कारण उनके बूब्स थोड़े थोड़े बाहर से नज़र आ रहे थे. मेरी तो उन्हे देखकर बहुत हालत खराब हो गयी. फिर हम अपने कमरे के अंदर गये और सोने लगे, लेकिन दोस्तों अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरी आखों के सामने उनके गोरे गोरे बूब्स आ रहे थे. आँखे बंद करते ही मुझे उनका सेक्सी जिस्म अपनी तरफ आकर्षित करने लगता और अब मेरा लंड तनकर एकदम खड़ा हो गया था और फिर किसी भी तरह मैंने कंट्रोल किया और सो गया.

    फिर सुबह सब लोग उठ गये थे और फिर जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि उस समय 11 बज गए थे. तभी आंटी मेरे पास आई और बोली कि सोनू तू कितना सोता है? मैंने कहा कि अभी भी मेरी नींद पूरी नहीं हुई है क्योंकि में बहुत थक चुका हूँ. फिर आंटी बोली कि ठीक है और थोड़ी देर सो जा, मैंने कहा कि ठीक है और में फिर से सो गया और में उसके बाद में 1 बजे उठ गया, लेकिन मुझे कोई भी नज़र नहीं आ रहा था.

    फिर में उठकर हॉल में चला गया तो मैंने देखा कि वहां पर आंटी टीवी देख रही थी, में उनके पास गया और उनसे पूछा कि सब कहाँ गये? तो वो बोली कि विक्की तो गावं चला गया उसके गावं के किसी रिश्तेदार की म्रत्यु हो गयी है और शीतल स्कूल गयी है और अब तू जाकर नहा ले में तेरे लिए खाना लगाती हूँ. फिर में बाथरूम में नहाने चला गया और में वहां पर जाकर अपने कपड़े उतारने लगा और मैंने टावल लगा लिया और ब्रश करने लगा और फिर मुझे बाथरूम में आंटी और शीतल की ब्रा और पेंटी नज़र आई. फिर मैंने दोनों की पेंटी उठाई और सूंघने लगा. दोस्तों में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि वो क्या महक थी? मेरा तो लंड फिर से खड़ा हो गया और में उन्हे सूँघते सूँघते अपना लंड हिला रहा था और फिर कुछ देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया.

    दोस्तों मेरे लंड से आज तक इतना पानी कभी भी नहीं निकला था. में तो बिल्कुल हैरान हो गया. फिर में नहाने लगा और नहाते वक़्त मेरे कपड़े पानी में गिर गये और पूरी गीले हो गये. मैंने आंटी को आवाज़ लगाई कि विक्की का कोई लोवर होगा तो आप मुझे वो दे दीजिए, मेरे कपड़े पानी में गिरकर पूरे गीले हो गये. फिर आंटी बाथरूम के पास आई और उन्होंने कहा कि विक्की तो अपने सारे कपड़े अपने साथ लेकर गया हुआ है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम टावल लगाकर ही बाहर आ जाओ. फिर में बाहर आ गया और मैंने आंटी से कहा कि मुझे शरम आ रही है और वो हंसने लगी और उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.

    फिर में हॉल में चला गया और खाना खाने बैठ गया और आंटी मेरे सामने बैठकर बातें करने लगी. में खाना खाने के बाद उठकर हाथ धोने जा रहा था कि तभी टावल सोफे में अटक गया और में उनके सामने बिल्कुल नंगा हो गया और फिर में तो शरम से पानी पानी हो गया और आंटी की नज़र मेरे लंड से हट ही नहीं रही थी. फिर मैंने जल्दी से अपना टावल उठाया और बेडरूम की तरफ भाग गया. तभी आंटी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी. में फिर से टावल लगाकर बाहर आ गया और आंटी की तरफ़ देखा तो वो मेरी तरफ देख रही थी और अब वो थोड़ी सी कामुक हो गयी थी.

    फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी प्लीज आपके पास कोई लोवर होगा ना, वो मुझे दे दो ना प्लीज. फिर आंटी ज़ोर से हँसी और मुझसे बोली कि सोनू चाहे तो तू ढूंड ले, लेकिन घर में तो तेरे नाप के कोई भी कपड़े नहीं है और अगर चाहे तो तू मेरी मेक्सी पहन ले, वैसे भी इस समय घर पर कोई नहीं है. अब में एकदम चुपचाप होकर कुछ सोच रहा था तो आंटी ने पूछा क्या हुआ तू इतना क्यों शरमा रहा है? तो मैंने कहा कि ठीक है आप लाकर मुझे दे दीजिए और फिर आंटी ने मुझे उनकी एक पुरानी मेक्सी दी, वो शायद उनकी हनिमून की थी, थोड़ी जालीदार थी, सफेद कलर की एकदम सेक्सी और में वो मेक्सी पहनकर आंटी के सामने आया और वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और अब मुझे भी हंसी आ रही थी. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों कैसा लग रहा है?

    मैंने कहा कि एकदम खुला खुला और हम दोनों हसने लगे और फिर आंटी झाड़ू लगाने लगी थी और में टीवी देख रहा था. अब उन्होंने अपनी मेक्सी के ऊपर के बटन खोल दिए थे और उनके पूरे निप्पल नज़र आ रहे थे और मेरा लंड उन्हे झूलते हुए देखकर खड़ा हो गया था. फिर आंटी झाड़ू लगाकर किचन में चली गयी और किचन से मुझे आवाज़ लगाई कि सोनू ज़रा इधर आना, मुझे वो डिब्बा निकालकर दे. मेरा लंड खड़ा था और अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. में वैसे ही उठकर किचन में चला गया और उन्हे डब्बा उतारकर दिया.

    तभी उनकी नज़र मेरे लंड पर गयी और मुझसे कहा कि अंदर क्या है? मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं वो बोली कि ज़रा अपने अरमानो पर काबू रख, मैंने कहा कि लेकिन कैसे रखूं? फिर वो मेरे पास आई उन्होंने मेरा लंड छुआ और कहने लगी कि वाह यह तो मेरी उम्मीद से बहुत बड़ा लगता है और फिर लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर हिलाने लगी और फिर मुझसे कहा कि चलो बेडरूम में चलते है. में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ.

    में बेडरूम में गया तो उन्होंने मुझे बेड पर बैठा दिया और मेरी मेक्सी को ऊपर किया और मेरा लंड देखने लगी और कहा कि हाए रे इतना बड़ा लंड? दोस्तों में तो उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर एकदम दंग रह गया और अब उन्हे अपनी चुदाई का बहुत जोश चढ़ गया था और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरी गोलियां चूसने, चाटने लगी और कहने लगी कि 12 साल के बाद आज में फिर से चाट रही हूँ. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों क्या अंकल आपको नहीं चोदते? तो उन्होंने बहुत गुस्से में कहा कि वो हरामी कुत्ता क्या मुझे चोदेगा? और उसके लंड से अच्छा है कि में किसी छोटे लड़के की नुन्नु चूस लूँ. मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उनके कपड़े उतार दिए और उनको बेड पर लेटाया.

    फिर आंटी ने कहा कि सोनू में बहुत सालो से भूकी हूँ, तू आज मुझे खुश कर दे, फिर तू जो मुझसे बोलेगा में वो सब करूंगी तुझे जो चाहिए वो दूँगी. फिर मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और कहा कि में शीतल को भी चोदना चाहता हूँ. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले तो वो थोड़ी नाराज़ हो गयी और उसने मुझसे कहा कि तू कितना बड़ा हरामी है सोनू, मैंने तो सोचा भी नहीं था कि तू अपने दोस्त की बहन की भी चुदाई करना चाहता है? तो मैंने कहा कि किसने सोचा था कि में कभी आपसे अपना लंड चुसवाऊंगा? फिर वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और फिर वो मान गयी.

    में खुश हो गया और फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और मैंने देखा कि उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे जिसकी वजह से उनकी चूत तो नज़र ही नहीं आ रही थी.

    मैंने उनसे कहा कि कभी आप अपनी चूत के बाल साफ नहीं करती? तो आंटी ने कहा कि में अब किसके लिए अपनी चूत के बालों को साफ करूं? और में ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा. फिर आंटी ने कहा कि चल अब आज तू खुद ही साफ कर दे. फिर मैंने उनकी चूत के सभी बालों को एक रेज़र की मदद से साफ किया और अब उनकी चूत तो 18 साल की लड़की तरह दिख रही थी एकदम कामुक, चिकनी, फूली हुई और जोश से भरी हुई. फिर मैंने उनकी चूत चाटी, उसका स्वाद बहुत नमकीन सा था, तभी उन्होंने कहा कि सोनू रुक ज़रा में अभी मूतकर आती हूँ और वो उठकर चली गई और जल्दी से वापस आ गयी और अब वो बड़ी खुश लग रही थी.

    फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे दबाते हुए अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा लंड बहुत मुश्किल से अंदर गया और फिर में चोदने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और में उन्हे लगातार चोदता रहा. चोदने के साथ साथ में उनके बूब्स को भी मसल रहा था जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी और मुझसे कह रही थी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और थोड़ा और पूरा अंदर आईईईईईईई तक जाने हाँ उह्ह्हह्ह्ह्ह.

    फिर थोड़ी ही देर के बाद मेरे लंड ने अपना वीर्य चूत के अंदर ही निकाल दिया और उसके कुछ देर बाद उनकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया और मेरे लंड के पानी से और उनकी चूत के रस से उनकी चूत पूरी भर गयी, जिसकी वजह से वीर्य एक एक बूंद करके बाहर टपकने लगा जिसने बेड पर गीला कर दिया. फिर में बहुत थक गया और में उनके पास में लेट गया.

    वो खड़ी होकर मुझे देख रही थी और उनकी चूत में से पानी टपक रहा था, उन्होंने कपड़े पहने और फिर मेरा गीला लंड चूसने लगी और अब 5 बजने वाले थे और शीतल अपने कॉलेज से आने वाली थी. फिर आंटी ने कहा कि तू नंगा ही सोने का नाटक कर में तेरी सेटिंग लगाती हूँ, में सोने का नाटक करने लगा और फिर कुछ देर के बाद शीतल आ गई और आंटी किचन में काम करने लगी.

    फिर शीतल रूम में आई और मेरे तनकर खड़े लंड को घूर घूरकर देख रही थी और फिर वो अपनी माँ के पास गयी और कहा कि सोनू बेडरूम में नंगा सोया है. फिर माँ ने उससे कहा क्या? चलो में भी देखती हूँ? और फिर वो दोनों मेरे पास आकर खड़ी हो गई, तो शीतल ने माँ से कहा कि माँ देखो ना इसका कितना बड़ा है? तो माँ ने कहा कि हाँ क्या तुम इसका चूसना चाहोगी? दोस्तों पहले तो वो मना कर रही थी फिर कुछ देर के बाद शीतल ने मेरा लंड पकड़ा और कहा कि माँ यह तो बहुत गरम है.

    फिर आंटी ने कहा कि इसे लंड कहते है और इसे चूसने से लड़कियां एकदम गोरी हो जाती है क्योंकि शीतल इतनी ज़्यादा गोरी नहीं थी इसलिए उसकी माँ ने उससे यह झूठी बात कही. उसकी माँ और उसमें ज़मीन आसमान का फ़र्क था. फिर शीतल ने माँ से पूछा कि क्या माँ तुमने कभी किसी का लंड चूसा था कि तुम इतनी गोरी हो गयी? तो माँ ने कहा कि हाँ में तेरे पापा का लंड हमेशा चूसती थी इसलिए में इतनी गोरी हूँ.

    फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और कुछ ही सेकिंड के बाद में जाग गया और शीतल एकदम से डर गई. फिर माँ ने उससे कहा कि कुछ नहीं बेटा तुम बिल्कुल भी मत डरो बस चूसती रहो. फिर मैंने कहा कि हाँ हाँ तुम तो चूसो फिर सुनीता आंटी ने शीतल के कपड़े उतार दिए और उसे नंगा किया और फिर खुद भी बिल्कुल नंगी हो गयी. में तो आज अपनी लाईफ में पहली बार एक साथ दो औरत से मज़े कर रहा था.

    फिर उसकी माँ ने शीतल को 69 पोजीशन में कर दिया और में उसकी चूत को चाट रहा था और शीतल लंड चूस रही थी और उसकी माँ मेरी गोलियां चाट रही थी. में तो जन्नत की सैर कर रहा था और फिर मैंने एक बार शीतल की चूत मारी. उसकी चूत मारने में मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो मेरी चुदाई के पहले तक वर्जिन थी, लेकिन अब एक फटी हुई चूत, जिसकी सील मैंने अपने लंड से तोड़ी. मेरी चुदाई से उसकी चूत ने अपना सारा रस खून के साथ साथ बाहर निकाल दिया. वो अपनी चूत के दर्द से तड़पती रही और उसकी माँ उसकी छाती को सहलाती रही और उसे चुप करवाती रही.

    फिर कुछ देर के बाद वो अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और अपनी गांड को हवा में उछाल उछालकर मेरा लंड लेने लगी और अब मुझे उसकी गांड भी मारनी थी, लेकिन आंटी ने मुझसे साफ मना कर दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि उसकी गांड अभी बहुत टाईट है, तूने इसकी चूत को चोदकर फाड़ दिया है तो आज इसकी गांड को छोड़ दे, उसका स्वाद तू कुछ दिनों के बाद में लेना वर्ना आज इसकी दोनों तरफ की चुदाई इसको ठीक से चलने भी नहीं देगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज आपकी गांड दे दो और फिर हंसते हुए आंटी मेरे लंड पर बैठ गई और मज़े लेने लगी. हम तीनों ने रात भर चुदाई के मज़े किए और तीन दिन तक वहां पर हमारे अलावा कोई भी नहीं था और हम तीन दिन तक बिल्कुल नंगे रहे और हम साथ साथ नहाते खाते पीते और नंगे ही सो जाते. दोस्तों वो दिन मेरी लाईफ के बड़े मज़े के दिन थे जिसमे मैंने उन दोनों को तीन दिन तक लगातार चोदा और बहुत मज़े किए.

  • किटी पार्टी में लेस्बियन चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनल है. मेरी शादी को 5 साल हो गये है और ज्यादातर मेरे पति ऑफिस के टूर में बिज़ी रहते है. मेरे बहुत सारी सहेलियां है, लेकिन कुछ सहेलियां काफ़ी करीब है जो कि एक दूसरे के घर पर किटी पार्टी ऑर्गनाइज़ करती है. वैसे भी टाईम पास के लिए कुछ तो चाहिए और हर 15 दिन में हम सभी के घर जाते है फिर खाना, पीना और मौज मस्ती और अब तो हम सब इतने खुल चुके है कि सभी को अपने सीक्रेट्स बताने में कोई झिझक नहीं होती और नॉटी बातें करने का मज़ा ही कुछ और होता है.

    एक बार हमेशा की तरह मेरे घर पर किटी पार्टी ऑर्गनाइज़ की गई. मैंने अपनी काम वाली बाई को हेल्प करने के लिया बुलाया था, लेकिन किसी कारण से वो नहीं आई थी और उसने अपनी छोटी बेटी कमला को भेज दिया था, जो अभी सिर्फ़ 19 साल की थी. उसकी माँ की जगह पर वो कभी-कभी घर का काम करने आती थी.

    किटी पार्टी में मेरी सारी सहेलियां आ गई और हम सबने बहुत इन्जॉय किया, लेकिन मेरी सबसे करीबी दोस्त श्रेया का ध्यान पता नहीं क्यों बार बार कमला पर जा रहा था? में समझ गई थी कि उसका इरादा क्या है? इसलिए पार्टी ख़त्म होने के बाद मैंने सीधा श्रेया से पूछ ही लिया कि क्या तू उस कमला को चोदना चाहती है? और श्रेया ने तुरंत हाँ कर दी. तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र कर में कुछ जुगाड़ करती हूँ और मैंने श्रेया को अपने बेडरूम में भेज दिया. जब कमला मुझे किचन में हाथ बंटा रही थी तब मैंने उससे कहा कि मेरा एक काम करेगी? हो सके तो तू श्रेया के सिर में थोड़ा तेल डाल कर मसाज कर दे, उसका बहुत तेज सिर दर्द हो रहा है.

    कमला मेरी बात का कभी मना नहीं करती थी तो वो मेरे बेडरूम में तेल लेकर गई और श्रेया को कहा मेडम जी सिर में दर्द हो रहा है, चलो में आपको मालिश कर देती हूँ. श्रेया को बस यही चाहिए था. मालिश करते-करते श्रेया ने कमला से कहा कि मेरी पीठ में काफ़ी दिनों से बहुत दर्द हो रहा है, तू इतनी अच्छी मालिश करती है ज़रा वहां पर भी कर दे.

    कमला तैयार हो गई और फिर श्रेया ने उसके सामने ही अपना टॉप और ब्रा निकाल दिया तो कमला देख कर थोड़ी शरमा गई, लेकिन जब श्रेया उल्टी सो गयी तो कमला अच्छे से मालिश करने लगी. उस वक़्त में सभी के लिए एक वोडका का पैक बनाकर ले आई और कहा कि जमकर मालिश हो रही है. फिर मैंने कमला को भी वोडका पीने के लिए फोर्स किया और उसे पसंद भी बहुत आया.

    अब कमला को थोड़ा-थोड़ा नशा होने लगा था तो श्रेया ने कहा अपनी मालिश तो पूरी कर ले और कमला के हांथो के पास अपने बूब्स ले आयी और मालिश करवाने लगी जिससे कमला थोड़ी गर्म हो चुकी थी. फिर धीरे-धीरे मैंने कमला के पैरो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और वो मदहोश होने लगी थी. मैंने और श्रेया ने माहोल और गर्म करने के लिए नॉटी बातें शुरू कर दी थी, तभी श्रेया ने कमला से पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो कमला बोली कि हाँ मुझे एक लड़का पसंद है.

    फिर हम समझ गयी थी कि अब वो खुल रही है इसलिए मैंने भी अब अपना टॉप निकाल दिया और ऐसे ही बातें करने लगी. फिर श्रेया धीरे-धीरे कमला के नज़दीक होती गयी और उसकी स्कर्ट में हाथ डाल दिया. कमला को मज़ा आ रहा था इसलिए वो कुछ नहीं बोली फिर श्रेया धीरे-धीरे ने अपना पूरा हाथ कमला की पेंटी में डाल दिया.

    अब कोई औपचारिकता नहीं बची थी. हम तीनों काफ़ी गर्म हो चुकी थी. श्रेया और कमला दोनों किस करने लगी थी और में भी कमला के कपड़े उतारने लगी थी और धीरे-धीरे मैंने कमला के पूरे बदन को चूमना चालू किया और उसके बूब्स दबाने लगी. कमला के मुँह से आह्ह्ह्ह आआआअ की आवाज़ निकलने लगी तभी श्रेया ने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी थी. अब कमला को हमने पूरा नंगा लेटा दिया और श्रेया उसकी चूत को चाटने लगी, में बूब्स की बड़ी शौकीन हूँ इसलिए में कमला के बूब्स मुँह में लेने लगी. कमला की तड़प से हमें पता चल गया था कि वो कितना मजा ले रही है. श्रेया को उसकी चूत बहुत पसंद आई थी. फिर मुझे भी अपनी चूत चटवाने का मन किया तो में कमला के मुँह के ऊपर जाकर बैठ गयी और कमला भी उसे जोर ज़ोर से चाटने लगी और मेरा सारा पानी निकलकर उसके मुँह में चला गया.

    अब श्रेया से रहा नहीं गया और वो अपने पर्स में से एक नकली प्लास्टिक का लंड निकालकर ले आई (वो जब भी मेरे घर आती है डिल्डो ज़रूर लाती है, आप समझ जायेंगे क्यों?) श्रेया ने डिल्डो बाँध कर कमला की चूत में घुसा दिया. मुझे पता था कमला ज़ोर से चीखेगी इसलिए मैंने पहले से ही कमला का सिर अपनी गोदी में ले लिया था और जब वो चिल्लाने वाली थी तो उसका मुँह दबा दिया.

    फिर श्रेया ने धीरे-धीरे डिल्डो अंदर डालना शुरू किया और कमला को भी चुदाने में मजा आने लगा. में पीछे से उसके बूब्स मसल रही थी, बस अब कमला का पानी निकलने वाला था और श्रेया ने ज़ोर-ज़ोर से चोदना चालू कर दिया था. फिर कमला की तड़प बहुत बढ़ने लगी थी और उसे देख कर हम दोनों की तड़प बढ़ रही थी और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रही थी. फिर कमला को चोदने के बाद अभी भी श्रेया का मन नहीं भरा था और उसकी प्यास बुझाने के लिए मैंने अपनी चूत को भी उसके आगे कर दिया. फिर उसने मुझे भी जमकर चोदा, जिसके बाद हम तीनों बहुत थक चुके थे और फिर एक दूसरे के साथ लिपट कर सो गये.

  • मजबूर पूर्वी और दो लंड

    हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली और सच्ची घटना है जो मेरी फ्रेंड के साथ घटित हुई और यह अभी कुछ समय पहले घटित हुई. दोस्तों में अहमदाबाद बड़ोदा का रहने वाला हूँ और यह स्टोरी मेरी एक बेस्ट फ्रेंड की है जिसका नाम पूर्वी है, हम दोनों स्कूल टाईम से साथ में है और कॉलेज में भी साथ रहे और पूर्वी एक सीधी साधी अच्छी लड़की है, लेकिन वो दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती है उसने अपने शरीर को बहुत सम्भालकर रखा है. उसके फिगर का साईज 34-30-32 है.

    दोस्तों हम जब 8th क्लास में थे तब उसको प्यार हो गया और उसका बॉयफ्रेंड बहुत अच्छा था. पहले तो मुझे ऐसा लगता था कि वो बहुत अच्छा है, लेकिन वो बस पूर्वी के पैसो के लिए ही उसके साथ था और उसके साथ सेक्स करने के लिए भी, लेकिन पूर्वी उसे अपने साथ ऐसा कुछ भी नहीं करने देती थी. तो यह कॉलेज की बात है जब हम कॉलेज में थे, तब एक दिन में पूर्वी से मिला तो मैंने देखा कि वो बहुत परेशान थी, वो बिल्कुल उदास गुमसुम होकर बैठी हुई थी और मेरे बहुत बार पूछने पर भी उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया और फिर वो कुछ देर बाद वहां से उठकर चली गई. तो उसके दो दिन बाद उसका मेरे नंबर पर कॉल आया और फिर उसने मुझसे कुछ पैसे उधार माँगे, लेकिन उसके मुझसे उधार माँगे हुए पैसे की राशि बहुत बड़ी थी जो में उसे नहीं दे सकता था इसलिए मैंने उससे पूछा कि उसको इतने पैसों की क्या जरूरत है, लेकीन वो फिर भी चुप रही और वो राशि थी 4 लाख रुपये. तो दो दिन के बाद वो मुझसे कॉलेज में मिली और वो मुझसे पूछने लगी कि क्या कोई हमे ब्याज पर पैसे देगा या नहीं? तो मैंने उससे फिर से पूछा कि तुम्हे इतने पैसे क्यों चाहिए? तब उसने बहुत उदास होकर एकदम धीरे से मुझे बताया कि मेरे बॉयफ्रेंड ने 11 लाख में एक फ्लेट ले लिया है.

    फिर मैंने पूछा कि तो तेरा 4 लाख में क्या होगा? फिर उसने मुझे बताया कि मैंने अपने घर से मेरी सारी ज्वैलरी चुराकर भी उसे दे दिया है और उसने उन सबको बेचकर 3 लाख रुपये पेमेंट भी कर दिया है, लेकिन अभी और बाकी 4 लाख रुपय उसे देने है. तो मैंने कहा कि फिर तो तुम्हे कोई भी बैंक लोन दे देगा, लेकिन तभी थोड़े ही दिन के बाद में पूर्वी ने मुझसे कहा कि उसके पास पैसे का इंतज़ाम हो गया है और अब सब काम ठीक हो जाएगा.

    फिर मैंने पूछा कि इतना पैसे तुम्हारे पास कहाँ से आया? तो उसने मुझे बताया कि उसको यह पैसा उसके किसी दोस्त ने दिया है, लेकिन अब मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल आने लगे कि उसको इतना पैसे कौन दे सकता है? क्या उसने फिर से कोई गलत काम तो नहीं किया या वो कोई गलत काम तो नहीं करने वाली? तो थोड़े दिन के बाद पूर्वी ने अचानक से कॉलेज में आना बंद कर दिया और इस बीच जब भी मैंने उसको फोन किया तो उसका मोबाईल भी स्विच ऑफ बता रहा था.

    तभी में एक दिन अपनी कार से अपने कॉलेज जा रहा था तो मुझे पूर्वी दो लड़को के साथ कार में बैठकर जाती हुई नजर आई, मैंने उसे देख लिया था, लेकिन उसने मुझे नहीं देखा था और में भी उनके पीछे पीछे चलने लगा. तो वो दोनों कुछ किलोमीटर चलने के बाद पूर्वी को लेकर एक फार्महाउस पर पहुंचे और में अपनी कार को रोड पर पार्क करके फार्म के पीछे तक पहुंचा और वहीं से में अंदर की तरफ कूद गया और फिर कमरे के अंदर झाँकने लगा. तभी वो लोग भी रूम में आ गये और पूर्वी से कहने लगे कि चल अब जल्दी से अपने कपड़े उतार.

    पूर्वी : प्लीज आप लोग मुझे जाने दो, में कहीं से भी आपके पूरे पैसों का इंतजाम कर दूँगी.

    पहला लड़का : तू अब क्या इंतजाम करेगी? हमने तेरे बॉयफ्रेंड को कल तक का टाइम दिया था, लेकिन उसने हमे हमारा पैसा ठीक समय पर नहीं दिया और उसकी हम लोगों से डील यही थी कि अगर में ठीक समय पर पैसे ना दे सका तो मेरी गर्लफ्रेंड तुम्हारी.

    दूसरा लड़का : चल अब ज्यादा नाटक मत कर और चुपचाप जल्दी से अपने कपड़े उतार वर्ना हम फाड़ देंगे.

    फिर उसने उससे ऐसा कहकर पूर्वी को अपनी बाहों में ले लिया और उसको किस करने लगा और फिर बेड पर ले गया और उन दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए, लेकिन पूर्वी साफ मना कर रही थी और में देखकर बहुत खुश हो रहा था कि आवाज से सती सावित्री दिखने वाली की आज चुदाई पक्की है और उतने में एक लड़का पूर्वी की जीन्स उतारने लगा और दूसरा ज़बरदस्ती अपने लंड को उसके मुहं में डालने लगा, लेकिन पूर्वी अब कुछ नहीं कर रही थी और वो हिल भी नहीं रही थी वो बस बिल्कुल लाचार बेड पर पड़ी हुई थी और उन लोगो ने जल्दी से उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब पहला लड़का पूर्वी की चूत की नाजुक नाजुक पंखड़ियों को अपने एक हाथ से फैलाकर पर अपने लंड को चूत के मुहं पर घिस रहा था तो पूर्वी बोली कि नहीं प्लीज मुझे जाने दो, मैंने यह सब पहले कभी भी नहीं किया, प्लीज मुझे छोड़ दो में तुम्हे तुम्हारा पैसे लोटा दूंगी, लेकिन प्लीज अभी मुझे जाने दो छोड़ दो मुझे.

    फिर वो मुस्कुराया और बोला कि अच्छा तो अब तक तुम्हारी चूत एकदम कुँवारी है? तो कोई बात नहीं आज में उसे फाड़ देता हूँ वैसे भी मैंने इससे पहले बहुत बार कुँवारी चूत को फाड़ा है और उसने बातों ही बातों में अचानक से एक ही झटके में अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया और जिसकी वजह से पूर्वी के मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकलने लगी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और अपने चूतड़ को पीछे की तरफ हटाकर लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन तभी दूसरे लड़के ने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया जिसकी वजह से उसकी आवाज दबकर रह गई, लेकिन अभी भी पूर्वी रो रही थी और दर्द से तड़प रही थी. उसकी आवाज उसके मुहं से बाहर नहीं आ सकती थी, लेकिन उसकी आँखों से बहते आंसू रुक नहीं रहे थे. वो दर्द से छटपटा रही थी और अब बेड पर उसकी चूत का खून फैला हुआ था. शायद अब पूर्वी की सिल टूट चुकी थी.

    फिर कुछ देर रुकने के बाद जब वो थोड़ा शांत हुई तो उसने धीरे धीरे लगातार झटके मारने शुरू किए, जिसकी वजह से पूरे रूम में फच फच की आवाज़ आ रही थी और अब वो दूसरा लड़का पूर्वी की गांड में अपना लंड डालने लगा और उन दोनों ने मिलकर पूर्वी की गांड और चूत को फाड़ दिया. वो उसके बूब्स को भी मसल रहे थे और कुछ देर के बाद उन्होंने अपनी अपनी चुदाई की स्पीड को बड़ा दिया. फिर पूर्वी ने अब उनका विरोध करना बंद कर दिया और अब उसे भी अपनी चुदाई में मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी, वो हल्की हल्की आवाज से मोन करने लगी और उनके हर एक धक्के से उसके पूरे जिस्म के साथ साथ बेड तक हिलने लगा था. उसकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी.

    फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक एक करके पूर्वी के अंदर ही झड़ गये और थककर उसके पास लेट गये और उन दोनों ने उस दिन थोड़ी थोड़ी देर का आराम करके उस दिन पूर्वी की 4-5 बार बहुत जमकर चुदाई की और दूसरे दिन फिर से आने को कहा और वो दोनों पूर्वी को कॉलेज के पास तक छोड़कर चले गये. फिर पूर्वी उनकी गाड़ी से उतरकर अपने घर जाने के लिए ऑटो के पास जा रही थी, लेकिन उससे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था. फिर में पूर्वी के पास अपनी कार लेकर गया और उसे बैठने को कहा और फिर पूर्वी ने कार में बैठते ही मुझे हग कर लिया और रोने लगी.

    फिर मेरे उसके रोने का कारण पूछने पर उसने मुझे बताया कि उसके बॉयफ्रेंड ने उन लोगों से कुछ पैसे उधार लिए थे और उस वजह से उसके बॉयफ्रेंड ने उसे उनके पास गिरवी रख दिया और वो मुझसे कह रही थी कि वो लोग मुझे अब हर रोज बुलाने वाले है. तो मैंने बिल्कुल अंजान बनते हुए उससे पूछा कि वो लोग तुम्हे कहाँ पर बुलाने वाले है? तो वो बोली कि वो लोग मुझे अपने फार्म हाउस पर बुलाते है. फिर मैंने एक बार फिर से एकदम अंजान बनते हुए पूछा कि लेकिन वहां पर क्यों? तो वो कुछ नहीं बोली और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो में बोला कि कल तुम मुझसे कॉलेज में मिलना और में वहां पर तुम्हे पैसे दे दूंगा और में पिछले एक दो दिन से बाहर गया हुआ था और मैंने उसको उसके घर के बार छोड़ दिया. वो धीरे धीरे चलती हुई अपने घर के अंदर चली गई और में उसे वहीं पर खड़ा देख रहा था. उनकी उस चुदाई ने उसकी चाल को ही बदलकर रख दिया.

    तो अगले दिन वो मुझसे मिलने आई और मैंने उसको 4 लाख रुपये दे दिए और कहा कि तुम यह पैसे उन्हे दे देना और फिर हम बाहर आ गए. मैंने वो पैसे उसके हाथ में दे दिए. फिर उसी शाम को उसके बॉयफ्रेंड का कॉल आया, लेकिन उसने उससे ज्यादा बात नहीं की. फिर कॉलेज के बाद में उसे उसके घर पर छोड़ने जा रह था तो पूर्वी ने उसके बॉयफ्रेंड को फोन करके बहुत देर तक गलियां दी और फिर उससे अपना ब्रेकअप कर लिया और फिर वो मुझसे बोली कि क्या तुम मेरे साथ फिल्म देखने चलोगे?

    मैंने झट से हाँ कर दिया और दूसरे दिन हम दोनों कॉलेज से बंक करके फिल्म देखने चले गये, फिल्म देखने के बाद हम दोनों ने बाहर ही एक रेस्टोरेंट में खाना खाया और उसने मुझे वहीं पर प्रोपज किया, लेकिन मैंने कहा कि में तुम्हे थोड़ा सोचकर बताऊंगा. फिर दूसरे दिन मैंने कहा कि हम कहीं बाहर घूमने चलते है तो उसने मुझे हाँ कहा फिर में उसको लेकर आबू घूमने गया और वहां पर जाकर मैंने उससे हाँ कहा. मैंने वहां पर एक होटल में हमारे लिए दो कमरे बुक करवाए थे, लेकिन पूर्वी बोली कि हम दोनों एक ही रूम में रहते है ना, उसमे क्या दिक्कत है?

    फिर हम दोनों एक ही रूम में गये, वो बेड पर जाकर बैठ गई, लेकिन अब वो मुझसे थोड़ा सा शरमा रही थी. तो मैंने एक अच्छा मौका देखकर उसे पीछे से पकड़ लिया और उसे गर्दन पर किस करने लगा. तो मेरे थोड़ी देर किस करने की वजह से वो बिल्कुल गरम हो गयी और अब वो मोन करने लगी. फिर मैंने उसको नीचे लेटाया और पहले कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाए, मसले और उसके बाद सही मौका देखकर एक एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए और साथ में अपने भी और उसके बाद मैंने उसके बूब्स को चूसना, चूमना शुरू किया जिसकी वजह से उसकी चूत ने गरम होकर मुझे उसकी चुदाई करने के लिए मजबूर किया.

    फिर मैंने उसकी चूत को कुछ देर चाटकर, चूसकर एक बार झड़ने पर मजबूर कर दिया और वो मेरे मुहं में झड़ गई और में उसकी चूत रस पी गया. फिर वो कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से हाँ प्लीज आईईईईईईई थोड़ा और अंदर डाल दो हाँ और ज़ोर से अह्ह्ह्ह. फिर मैंने भी कुछ देर चूसने के बाद अपना लंड उस कामुक चूत के मुहं पर रखा और एक ही जोरदार धक्के के साथ चूत के अंदर पहुंचा दिया.

    फिर वो ज़ोर से चीखने लगी अह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह प्लीज आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, प्लीज मेरी चूत पर आऊऊऊउ थोड़ा तो तरस खाओ. फिर मैंने अपनी चुदाई को धीरे धीरे धक्कों के साथ लगातार जारी रखा और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और उसके बूब्स को सहलाने, मसलने लगा. फिर उस दिन मैंने उसको वहीं पर दो बार चोदा. दोस्तों में आज तक उसकी चुदाई करता आ रहा हूँ.

  • जीजू के दोस्त के साथ होली

    हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरे जीजू के एक दोस्त मतलब कि मेरे बॉयफ्रेंड रोहन की है और यह स्टोरी होली के दिन हुई एक सेक्स की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ बहुत जमकर होली के मज़े लिये और अपनी चुदाई करवाई. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरी उम्र 21 साल और मेरे फिगर का साईज 34-28-32 है. दोस्तों में दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी हूँ, ऐसा में नहीं कहती हूँ, लेकिन मुझे भी मेरे बॉयफ्रेंड रोहन ने मेरी पहली चुदाई करते समय बताया और उसने जब मुझे देखा तो देखता ही रह गया और मुझे पाने और मेरी चुदाई करने के सपने देखने लगा और उसने बहुत जल्दी अपने सपने को मेरी बहन की शादी के समय पूरा भी कर लिया.

    वैसे हम लोग मेरी बहन की शादी में मिले थे और उसने बहुत कम समय में मेरे ऊपर अपना ऐसा जादू किया और उसके बाद हम लोग सभी से छुप-छुपकर मिलने लगे और शादी के समय हमने सही मौका पाकर एक बार चुदाई का मज़ा भी लिया और वैसे वो मेरे जीजू के परिवार के एक सदस्य जैसे ही है जिसकी वजह से हम दोनों पर किसी को शक भी नहीं और वो जीजू के बहुत ही करीबी दोस्त होने के कारण जीजू के घर पर भी बहुत ज़्यादा आया करते है. दोस्तों जब होली नज़दीक आ रही थी तो दीदी ने कुछ दिन पहले मेरे घर पर फ़ोन करके कहा कि मम्मी प्लीज आप इस बार निक्की को हमारे घर पर भेज दो ना, में चाहती हूँ कि वो इस बार की होली हमारे साथ ही मनाये.

    सॉरी दोस्तों में आप सभी को बताना ही भूल गई कि मेरे घर पर सभी लोग मुझे निक्की कहकर ही बुलाते है और वैसे भी एक दो दिन के बाद मेरे कॉलेज में होली की छुट्टियाँ लगने के कारण मेरी मम्मी ने भी मुझसे पूछकर हाँ बोल दिया और फिर में जाने के लिए मान गई और तब जीजू ने मुझे अपने घर पर लाने के लिए अपनी कार भेज दी और में अपना कुछ सामन पेक करके दीदी के घर पर चली गई. तो जब में वहां पर पहुंची तो मैंने देखा कि जीजू उस समय वहां पर नहीं है, सिर्फ़ दीदी और दीदी के सास, ससुर ही घर पर मौजूद थे तो मैंने उनका आशीर्वाद लिया और फिर दीदी से बातें करने लगी.

    कुछ देर के बाद जीजू भी आ गये और जीजू ने मुझे अपने घर पर आया हुआ देखकर वो बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक अच्छी खबर भी बताई कि अभी कुछ दिनों के बाद होली के दिन उनका एक बहुत अच्छा दोस्त रोहन भी यहाँ पर आने वाला है और वो भी हमारे साथ ही होली मनाएगा. जब मुझे यह बात पता चली तो में मन ही मन बहुत खुश हो गई और में ख़ुशी की वजह से उछल पड़ी, लेकिन तब तक मैंने रोहन को यह नहीं बताया था कि में भी जीजू के घर पर आई हुई हूँ और वो बात मैंने उससे छुपाकर रखी थी.

    में पूरी रात उसके आने की बातें सोच सोचकर जागती रही और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बहुत बेसब्री से इंतजार था, वो होली का दिन था. उस दिन में सुबह जल्दी उठ गई और मैंने अपने कमरे से बाहर आकर देखा कि रोहन हमारे घर पर आया हुआ है और वो जीजू के साथ बैठकर बाहर गार्डन में सुबह की चाय पी रहा था और जीजू से हंस-हंसकर बातें भी कर रहा था. फिर में उसे एक नजर देखकर खुश होकर दीदी के साथ सीधी किचन में चली गई, तो दीदी ने मुझसे बोला कि तुम अपनी यह नाईट ड्रेस चेंज कर लो, नहीं तो कोई भी तुम्हे इन्ही कपड़ो में रंग लगा देगा.

    फिर में उनकी यह बात सुनकर कमरे में कपड़े चेंज करने चली गई और कुछ देर के बाद बाहर आ गई. फिर में एकदम फ्रेश होकर जीजू और रोहन को नाश्ता देने बाहर गार्डन में चली गई. तभी रोहन अचानक मुझे देखकर एकदम दंग रह गया और फिर रोहन मुझसे बोला कि क्यों आप यहाँ पर कब आई? तो मैंने कहा कि में तो पिछले दो दिन से यहीं पर हूँ. फिर उसने कहा कि अब तो होली खेलने में बहुत मज़ा आएगा और यह बात कहते हुए उसने सभी से छुपकर मेरी तरफ आंख भी मारी, जिसका मतलब में समझ चुकी थी और में एकदम से शरमाई और अपनी आंखे झुकाए वहीं पर खड़ी रही. में मन ही मन बहुत खुश थी.

    दोस्तों मेरे जीजू को पहले से ही पता था कि मेरी और रोहन की बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन उन्हे यह नहीं पता था कि मेरा रोहन के साथ कुछ चक्कर भी चल रहा है या हम दोनों एक बार चुदाई का मज़ा भी ले चुके है. फिर हम लोग होली खेलने के लिए एकदम तैयार हो गये और दीदी भी नाश्ता करके होली खेलने के लिए तैयार हो गई. हम लोग अपने अपने हाथों में रंग लेकर तैयार हो गये तो मैंने सबसे पहले अपने जीजू को थोड़ा चेहरे पर रंग लगाया और तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और उसने मेरे चेहरे पर रंग लगाया और धीरे से सबकी नजरों से छुपकर मेरी गांड पर अपना एक हाथ रखकर दबा दिया. फिर रोहन ने दीदी को थोड़ा सा रंग लगाया और फिर जीजू, दीदी को पकड़कर एक बड़े से पेड़ के पीछे लेकर चले गये.

    तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और वो मुझसे बोला कि मुझे पहले से पता होता तो में कब का तुम्हे चोद देता और उन्होंने मुझे फिर से पकड़कर मेरी गर्दन पर रंग लगा दिया. उस दिन मैंने सफेद कलर की एकदम ढीली ढाली टी-शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी हुई थी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट में अपना एक हाथ डालकर मेरे बूब्स पर रंग लगा दिया और धीरे-धीरे मेरे बूब्स को मसाज किया, लेकिन तभी जीजू और दीदी आ गई और हम पहले जैसे एक दूसरे से अलग हो गये. फिर दीदी ने मुझे पकड़ लिया और जीजू ने मुझ पर सूखा रंग डाल दिया और बाद में पानी की एक बाल्टी लेकर मेरे सर पर पानी डाल दिया.

    में पूरी तरह से रंगो से रंग गई और मेरी गीली टी-शर्ट मेरे बूब्स से एकदम चिपक गई, जिसकी वजह से मेरे बूब्स का आकार साफ साफ दिखने लगा और में रंगो में रंगी हुई बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी. फिर रोहन ने दीदी और जीजू से बोला कि क्या में निहारिका को अपने साथ होली खेलने के लिए ले जा सकता हूँ? तब दीदी ने कहा कि अगर निहारिका तुम्हारे साथ जाना चाहती हो तो हमे उसमे किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है.

    मैंने झट से उन्हे हाँ बोल दिया और फिर में और रोहन दोनों उनकी कार में बैठकर वहां से चले गये और कुछ दूर आगे जाकर एक सुनसान जगह देखकर रोहन ने कार को रोक दिया और वो मुझे पकड़कर किस करने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और उसके साथ साथ मेरा जोश भी अब बड़ने लगा था और अब में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी. कुछ देर के बाद उसने मेरे बूब्स दबाए और बूब्स दबाने के कुछ समय बाद हम लोग उसके दोस्तों के पास गये. वहां पर रोहन के चार लड़के और तीन लड़कियाँ दोस्त हमें वहाँ पर मिले.

    हम लोगों ने उनके साथ कुछ देर तक होली खेली, बहुत मज़े किए और फिर रोहन मुझे वहां से लेकर चले गये और हम एक घर पर पहुंच गये. फिर मुझे पता चला कि यह घर रोहन का ही है, उसके घर पर कोई भी नहीं था इसलिए वो मुझे वहां पर लेकर गया था. फिर अंदर जाते ही रोहन ने दरवाजा बंद करके मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा और फिर मुझे बहुत ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी ब्रा को फाड़ दिया और मेरे बूब्स दबाने लगा. मेरे बूब्स रंगो से बिल्कुल लाल हो गए थे. तो रोहन अब मेरे बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा और थोड़ी देर बाद उनका मुहं अंदर से पूरा लाल हो गया था.

    फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम्हारा मुहं अंदर से एकदम लाल हो गया है? तो रोहन ने कहा कि तुम्हारे बूब्स है ही ऐसे कि में क्या कोई भी इन्हें बिना चूसे रह नहीं सकता, मुझे इनको चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उसने मेरी जीन्स को उतार दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा और थोड़ी ही देर के बाद मेरी चूत भी जोश में आकर पूरी गीली हो गई थी और अब में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर मैंने रोहन की टी-शर्ट को उतार दिया और थोड़ी देर किस करने लगी.

    फिर रोहन ने अपनी जीन्स को भी उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर मैंने कहा कि यह तो पूरा रंगो से लाल हो गया है में इसे कैसे चूस सकती हूँ. तो उसने कहा कि जब मैंने तुम्हारे बूब्स को चूस चूसकर अपना मुहं लाल कर लिया है तो क्या तुम मेरे लिए अपना मुहं लाल नहीं कर सकती? फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने बाहर थूका तो मेरे मुहं से लाल कलर का थूक बाहर आया.

    फिर रोहन ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड को चूत के ऊपर रखकर एक धक्का देकर अंदर डाल दिया आहहहहहहह थोड़ा धीरे प्लीज अह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईई धीरे करो. दोस्तों मुझे क्या दर्द हुआ में शब्दों में नहीं बता सकती और फिर रोहन ने धीरे धीरे झटके लगाने चालू कर दिए और में जोश से आआआअहह आआहहहह कर रही थी और थोड़ी देर बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा तो में अपनी गांड उछाल उछालकर चूत में लंड लेने लगी.

    फिर उसका लंड जब झड़ने वाला था तो उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकालकर मेरे मुहं में लंड डाल दिया और में उसे बहुत प्यार से चूसने लगी, तभी थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुहं में अपना गरम गरम वीर्य भर दिया और उसके स्पर्म से मेरा पूरा मुहं भर गया और में उसे पूरा गटक गई. फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर कुछ देर के बाद रोहन ने उठकर मुझे किस करना शुरु किया तो मैंने भी फिर से उसका पूरा पूरा साथ दिया और फिर में इसी बीच उनके लंड को पकड़कर धीरे धीरे हिलाने, सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे अपने लंड को चूसने को कहा तो में उठकर उसके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो पूरा लंबा और मोटा हो गया.

    फिर रोहन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो में झट से घोड़ी बन गई. अब रोहन ने मेरी गांड चाटना शुरू किया और मेरी गांड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर उसने लंड को धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गांड में डाल दिया, लेकिन जब उसका सुपाड़ा मेरी गांड में गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ और में चीखने चिल्लाने लगी आहहहहहह प्लीज रोहन बाहर निकालो अपना लंड आईईईई बाहर निकालो प्लीज, मुझे बहुत दर्द हो रहा है आऊऊऊऊ तुम चाहो तो मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो.

    फिर रोहन ने मेरी बात बिना सुने दूसरा झटका लगाया और लंड मेरी गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और में दर्द के मारे ज़ोर ज़ोर से रोने, चीखने, चिल्लाने लगी. तब जाकर रोहन थोड़ी देर रुका और अब जब मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ तो में अपनी गांड को हिलाने लगी. रोहन को अपना काम पूरा करने का इशारा मिल गया और अब वो मेरी गांड में पूरे जोश से झटके लगाने लगा और में भी प्यार से जोश में आकर आहहह्ह्ह्ह कर उह्ह्ह्हह्हह्ह हाँ मज़ा आ गया रोहन, हाँ और अंदर तक डालो, हाँ पूरा अंदर तक घुसा दो अपना लंड, कह रही थी.

    फिर रोहन ने करीब 20 मिनट अलग अलग पोज में मेरी गांड जमकर मारी और अब उसने झड़ते समय मेरी गांड में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया और कुछ देर के बाद अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी गांड मारने की कला को देखकर मुझे भी बहुत मज़ा आया. फिर उसने अब मेरे ऊपर एक बाल्टी पक्का रंग लेकर डाल दिया और अब में पूरी तरह से गुलाबी हो गई. फिर मैंने भी लाल रंग उसके ऊपर डाल दिया जिसकी वजह से में गुलाबी और वो लाल रंग से बिल्कुल रंगे हुए थे.

    फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और थोड़ी देर किस किया और उसने मेरे कपड़ो के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाया और मैंने भी थोड़ी देर करीब दस मिनट तक उसके लंड को पकड़कर हिलाया और फिर जब उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने मुझे नीचे बैठने का इशारा किया और मेरे मुहं में निकाल दिया मैंने उसे पी लिया और लंड को चाट चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपना चेहरा कपड़े से साफ किया. फिर में और रोहन दोनों उसकी कार में बैठकर मेरी दीदी के घर पर चले गये और होली के बाद में तीन दिन तक दीदी के घर पर ही रही और में उन तीन दिनों में रोहन से आठ बार चुदी. हम किसी भी बहाने को ढूंढकर अपने चुदाई के कार्यक्रम में व्यस्त हो जाते और हमने बहुत जमकर चुदाई की.

  • साले की बीवी के साथ नंगा खेल

    हैल्लो दोस्तों, यह आज से 2 महीने पहले की बात है. में छुट्टियों में मेरी बीवी को उसके मायके छोड़ने के लिए में मेरे ससुराल गया था और वहाँ मेरे सास, ससुर, बड़ा साला और उसकी पत्नी एकता (जो इस कहानी की हिरोईन है) और उसकी बेटी रहते है. में मेरी बीवी को वहाँ छोड़कर दूसरे दिन वापस आने वाला था और एकता का मायका भी मेरे शहर में ही था.

    मेरे बड़े साले ने कहा कि जीजा जी अगर आपको कोई प्रोब्लम ना हो तो एकता को भी अपने साथ ले जाओ तो मुझे वहां तक उसे छोड़ने नहीं आना पड़ेगा. तो मैंने हाँ कर दी और दूसरे दिन हमारी रात की बस थी और हमे स्लीपर कोच में सीट मिली थी. हम लोग ट्रेवल्स के ऑफिस पर आ गये और बस रात को एक बजे की थी तो हम लोग बस में चढ़ गये. पहले मैंने एकता से कहा कि तुम पहले चढ़ जाओ और उस टाईम उसने फिटिंग वाला पंजाबी सूट पहना था और वो मुझसे छोटी है इसलिए में उसे तुम कहता हूँ, तो मैंने उसे बर्थ पर चढ़ने में मदद की.

    अब तक मेरे मन में कोई ख्याल नहीं था, लेकिन जैसे ही मैंने उसे बर्थ पर चढ़ने में मदद की तो मेरा हाथ उसके कूल्हों को टच हुआ और मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया. मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने कोई मक्खन पकड़ा हो और फिर में भी बर्थ में चढ़ गया और बस हाइवे पर आते ही उसकी लाईट ऑफ हो गई.

    एकता ने मुझे कहा कि जीजू आपको सोना है तो सो जाओ, मुझे नींद नहीं आती है, में बैठी हूँ. तो में सो गया और फिर आधे घंटे के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि एकता भी सीधी होकर सो गई है. फिर मैंने आँख खोलकर देखा तो उसका दुपट्टा साईड में पड़ा था और उसके दोनों बूब्स उसकी सांस के साथ ऊपर उठते थे और फिर अचानक से मुझे छींक आई और एकता उठी तो वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, में तो उसे ही देखता रह गया, लेकिन कुछ कर नहीं पाया.

    फिर थोड़ी देर के बाद में भी एकता की पीठ की तरफ मुँह करके सो गया. फिर बस जैसे ही ब्रेक मारती या गढ्ढे में जाती तो मेरा शरीर एकता को टच हो जाता और में पागल सा हो जाता. फिर मैंने मौके का फायदा उठाया और उसके ज़्यादा करीब सो गया और मेरा लंड तनकर पूरा 9 इंच का हो गया था और वो एकता की गांड को टच कर रहा था.

    मेरी नींद उड़ चुकी थी और में तो आँख बंद करके मज़े ले रहा था और फिर अचानक मुझे नींद आ गई और थोड़ी देर के बाद जब आँख खुली तो एकता का दबाव मेरी तरफ बढ़ गया था और उसकी गांड मेरे लंड से एकदम चिपक गई थी और मेरे लंड के पानी से टोपा भी गीला हो गया था. फिर मैंने सोचा कि एकता तो नींद में है, तो में सीधा लेट गया और मेरी ट्राउज़र पेंट में तंबू बना हुआ था. फिर उतने में एकता भी मेरी तरफ मुँह करके सो गई और में भी लेटा हुआ था और मेरी आँख फिर लग गई.

    फिर थोड़ी देर के बाद मेरा हाथ उसके 36 साईज के बूब्स को टच हुए और उसका कोई जवाब नहीं आया, तो में जैसे तैसे उसे दबा देता था और उतने में होटल आया तो में ऐसे ही सीधा होकर सोने का नाटक करने लगा और भूल गया कि मेरा तंबू बहुत बड़ा है. फिर एकता उठी और वो तंबू देखकर देखती ही रह गई और उसने मुझे उठाया लेकिन में जानबूझ कर सोने की एक्टिंग करने लगा तो वो मेरा तंबू देखती रह गई और उतने में, में उठा और उससे पूछा कि क्या हुआ? क्या देख रही हो?

    वो मुस्कुराई और शरमा गई और कहा कि कुछ नहीं नीचे उतरो होटल आ गई है. फिर हम लोग नीचे ऊतरे और वापस चढ़ते वक़्त उसने मुझसे कहा कि जीजू में आपको मिस कॉल दूँ, तभी आप ऊपर आना. में सोच में पड़ गया और ओके कहकर नीचे ही खड़ा रह गया. फिर 7-8 मिनट के बाद एकता का मिस कॉल आया और में बस में चढ़ गया और मैंने उससे कुछ पूछा नहीं और कहा कि अब सीधा 2 घंटे के बाद अपने शहर पहुचेंगे तो तुम सो जाओ.

    फिर बस चालू हुई और लाईट बंद हुई और अब में एकता को चोदने की सोच रहा था, जो कि मुमकिन नहीं था और में सो गया. फिर अचानक 15 मिनट के बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ महसूस हुआ, तो मैंने देखा वो तो एकता का हाथ था और उसकी तरफ देखा तो वो सोई हुई थी. फिर वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, लेकिन इस बार वो मुझसे ज़्यादा नज़दीक सो गयी थी और मेरा लंड उसकी गांड को टच हो रहा था.

    तब मुझे लगा कि उसने पेंटी निकाल दी है और इसलिए मुझे थोड़ी देर बाद बस में आने को कहा, फिर में दूसरी तरफ मुँह करके सो गया. फिर हमारा शहर आया, तब रात के 4 बजे थे. फिर हम लोग बस से उतरे और मेरे घर आये और फिर मैंने घर से बाइक की चाबी ली और उसे उसके घर छोड़ने के लिए बाइक के पास गया, तो बाइक में पंक्चर था तो एकता बोली कोई बात नहीं सुबह छोड़ देना.

    फिर हम लोग घर में आए और कपड़े बदले और मैंने एकता से कहा कि तुम बेड पर सो जाओ, में नीचे सो जाता हूँ. तभी उसने हंसकर मेरी तरफ देखा और कहा कि क्यों बस में तो बड़े मज़े ले रहे थे जीजू? फिर में कुछ नहीं बोल पाया और वो मेरे पास आई, उसने गाउन पहन लिया था और बोली क्यों मैंने कुछ ग़लत कहा क्या?

    फिर मैंने उससे सॉरी कहा और बोला कि तुम्हारा शरीर मुझसे टच हुआ इसलिए में कंट्रोल नहीं कर पाया था. तब उसने कहा कि सॉरी क्यों? में भी तुम्हारा तंबू देखकर उसकी दीवानी हो गई हूँ. इतना कहते ही मैंने उसे एक लिप किस कर दिया और बेड पर लेटा दिया और उसे चूमने लगा और चूमते-चूमते कब हम दोनों नंगे हो गये पता ही नहीं चला.

    उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ा और बोली कि तुम्हारे साले साहब का तो सिर्फ़ 4 इंच का है और 5 मिनट में ही झड़ जाते है, मैंने बस में जब से तुम्हारा लंड देखा है तब से ही में सोच में थी कि जीजू के साथ ज़रूर नंगा खेल खेलूँगी.

    फिर मैंने उसके बूब्स चूसे तो उसके मुँह से.. आआआआआआहह निकल गई. फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत के पास आया और देखा तो उसकी एकदम कुंवारी चूत लग रही थी, बाल कम थे और वो गुलाबी थी. तो मैंने उस पर अपना मुँह रखते ही वो.. उईईईईईईईआआआआ करके चीख पड़ी और गांड उठाकर चूत चटवाने लगी.

    5 मिनट के बाद बोली कि जीजू जान अब मत तड़पाओ आ जाओ बना लो मुझे अपनी और में उसके ऊपर आ गया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे से धक्का मारा तो वीर्य की वजह से मेरा टोपा घुसा और वो चिल्ला उठी.. हाईईईइ मार डालल्ल्ल्ल्ल्ल्ला आआईई. फिर मैंने एक और झटका मारा और मेरा 9 इंच का लंड सीधा उसकी चूत में चला गया.

    फिर थोड़ी देर रुकने के बाद वो खुद ही अपने कूल्हें उठा-उठाकर चुदवाने लगी और पूरा रूम फ़च फ़च और आाआह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ से गूंजने लगा. फिर 30 मिनट के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उठने की कोशिश की तो उसने कहा कि नहीं अंदर ही डाल दो, आज ही मेरी सच्ची सुहागरात हुई है और में उसके अंदर ही झड़ गया.

    हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गये. सुबह 8 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि एकता मेरे लंड पकड़े हुए सोई हुई है और फिर से मेरा हथियार तैयार था तो वो उठी और मुझे एक किस किया. फिर मैंने उससे कहा कि चलो में तुम्हें घर छोड़ दूँ तो बोली पहले नहा लेते है तो मैंने पूछा क्या मतलब? तो वो बोली कि हम दोनों साथ में नहाते है और साथ में नहाकर हम तैयार हुआ और उसे उसके घर छोड़ आया.

  • बीवी का पहला मिलन

    हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को पहली बार अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा रहा हूँ वैसे मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना और सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और में बहुत सालों में बहुत सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ, वो मुझे बहुत अच्छी लगी और आज में उन कहानियों से प्रेरणा लेकर अपनी भी एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों अगर मुझसे इसमें कोई भी गलती हो जाए तो प्लीज मुझे माफ़ करना और अब में सीधा अपनी कहानी की तरफ बड़ता हूँ और थोड़ा बहुत अपना और अपनी पत्नी का आप सभी से परिचय करवा देता हूँ.

    दोस्तों मेरा नाम सचिन है. मेरी उम्र 24 साल है और मेरी शादी अभी एक साल पहले बरखा नाम की एक सीधी-साधी लड़की से हुई और हमारी शादी हमारे घरवालों की मर्जी से हुई थी इसलिए में और बरखा एक दूसरे से ज्यादा अच्छी तरह से परीचित नहीं थे और क्योंकि मुझे शादी के तुरंत बाद अपनी नौकरी के लिए बैंगलोर जाना था इसलिए हमारी सुहागरात थोड़ी देर से मनी और शादी के करीब 15 दिन बाद मैंने बरखा को बैंगलोर अपने पास बुलवा लिया और जब में उसे बैंगलोर एरपोर्ट पर लेने पहुंचा तो में उसे देखता ही रह गया. वो काली कलर की साड़ी में बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रही थी.

    फिर हम दोनों कार में बैठकर मेरे घर की तरफ चल दिए और मेरी नज़र पूरे रास्ते में बार बार उसी पर जा रही थी और फिर घर पर आने के बाद वो थोड़ा सा आराम करके सीधा बाथरूम में नहाने चली गई, क्योंकि वो बहुत लंबे सफर से आई थी, जिसकी वजह से वो बहुत थक गई थी. फिर जब वो कुछ देर तक अंदर ही रही और नहाकर बाहर आने वाली थी तब मैंने खाने का ऑर्डर एक पास के रेस्टोरेंट में दे दिया और फिर वो नहाकर बाथरूम से बाहर एक हल्के पीले कलर के सिंपल से सूट में मेरे सामने आई तो वो उस सूट में बहुत सी सुंदर लग रही थी और उसका पूरा बदन पानी की छोटी छोटी बूंदों से भरा हुआ था.

    उसके काले घने बालों से पानी की बूंदे टपक रही थी जो उसके सुंदर दिखने वाले जिस्म को और भी सुंदर बना रहा था. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया और खाना खाते हुए हमारी बातें शुरू हुई. दोस्तों उसकी आवाज़ में एक अजीब सी कशिश थी, जिसका में अब पूरी तरह से कायल हो चुका था और खाना खाने के बाद वो थोड़ी देर के लिए सो गयी और में अपने ऑफिस के कामों में लग गया. दोस्तों मैंने अपने ऑफिस से तीन दिन की छुट्टियाँ ले रखी थी, लेकिन फिर भी में अपना बचा हुआ थोड़ा सा ऑफिस का काम वहीं पर करने लगा.

    फिर वो शाम को 5 बजे उठी और मेरे पास आकर बैठ गयी. फिर मैंने उसकी तरफ देखा और अपना काम बंद कर दिया और फिर उससे उसकी पिछली जिन्दगी के बारे में पूछने लगा और वो मुझे बताती गई. दोस्तों वो मुझे बहुत ही दिल खुश लड़की लगी. फिर हम दोनों थोड़ी देर टहलने के लिए बाहर निकल पड़े और रात 8 बजे घर पर वापस आ गए. घर पर आने के बाद उसने मेरे और अपने लिए खाना बनाया और हम दोनों ने एक साथ में बैठकर खाना खाया. लेकिन दोस्तों वो कुछ ज़्यादा अच्छा खाना बनाना नहीं जानती थी तो जो भी था अच्छा था. खाना खाने के बाद हम अपने बेडरूम में चले गये. बरखा अभी भी उसी पीले कलर के सूट में थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी और हम दोनों एक बेड पर बैठे हुए थे, लेकिन दोनों बिल्कुल चुप थे.

    फिर मैंने धीरे से उसका हाथ अपने हाथ में लिया तो वो थोड़ा सा शरमा गई और फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और अब हम दोनों बिल्कुल चिपककर बैठे थे. फिर मैंने उसके गालो पर हल्का सा चुंबन लिया. वो हल्का सा मुस्कुराई और शरमाई भी और अब मैंने अपनी बाहें खोलकर उसे अपने सीने से लगा लिया. वो भी मेरे प्यार के नशे में मदहोश सी होकर मेरे सीने से सर लगाकर मेरी बाहों में सिमट सी गई और हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहे. फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, इसकी वजह से उसकी साँसे अब धीरे धीरे गरम होने लगी और अब उसकी साँसो की गरमी मुझे अपने चेहरे पर महसूस होने लगी थी. मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया. दोस्तों वो क्या ग़ज़ब का अहसास था? में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता. फिर उसने भी अब मेरा साथ देते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया और अब उसके हाथ मेरे बालों को सहला रहे थे और मेरे हाथ उसकी पीठ को.

    अब मैंने अपनी जीभ को उसके होंठो के बीच में डाल दिया और कुछ देर के बाद उसने अपनी जीभ को पूरी तरह से मेरे होंठो को समर्पित कर दिया और एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए हम दोनों फ्रेंच किस का आनंद ले रहे थे और बहुत देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे. फिर मैंने उसके सूट की डोरियों को खोलना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन और कंधो को धीरे धीरे चूमते हुए उसका सूट उतार दिया. वो अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में खड़ी हुई थी.

    फिर उसने भी अब धीरे धीरे मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और मेरे सीने को चूमने लगी और मेरे हाथ भी उसकी छाती पर चलने लगे थे. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके ऊपर लेट गया और में अपने दोनों हाथों से उसके नरम नरम, लेकिन बड़े बड़े बूब्स को दबा और सहला रहा था और वो अपनी मस्ती में बिल्कुल चूर होकर बहुत ही सेक्सी आहें भर रही थी.

    अब उसने मेरी शर्ट को भी उतार दिया था और उसके नरम मुलायम हाथ मेरी पीठ पर मुझे एक अलग सा अहसास दे रहे थे और अब हम दोनों अपने अपने जोश की चरम सीमा पर थे. फिर मैंने उसके स्तनो को चूमना शुरू किया और उसकी ब्रा को कंधो से सरकाकर बिल्कुल नीचे कर दी और अब उसके दोनों स्तन बिल्कुल नंगे हो चुके थे, मेरी इस हरक़त से वो हल्का सा शरमा गयी.

    फिर मैंने अपने होंठ उसके बूब्स पर चलाने शुरू कर दिए. मेरे ऐसा करने से बरखा अब धीरे धीरे और भी बहुत गरम होने लगी और ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईई प्लीज थोड़ा जल्दी करो उफ्फ्फ्फफ्फफ्फफ्. अब में उसके निप्पल को चूस रहा था और हल्के से बीच बीच में काट भी देता फिर मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को चूमते हुए उसके पेट को चूमना शुरू कर दिया और उसकी नाभी तक पहुँच गया और जैसे ही मैंने उसकी नाभी पर अपने होंठ रखे तो उसके मुहं से एक मीठी सी सिसकी निकली और फिर मैंने तभी उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. लेकिन मेरे ऐसा करते ही उसने अपने दोनों हाथ अपनी योनि पर रख लिए और वो हल्की हल्की सी आहें लेने लगी. फिर मैंने धीरे से उसके हाथों को योनि पर से हटाया और उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी योनि पर एक हल्का सा चुंबन लिया और अब उसकी योनि से बहते हुए पानी की वो खुशबू मुझे धीरे धीरे मदहोश कर रही थी और मैंने धीरे से उसकी सलवार को उसके जिस्म से अलग कर दिया.

    वो अब सिर्फ़ पेंटी में थी और अपनी दोनों आँखें बंद किए हुए मेरे सामने लेटी हुई थी. में उसके ऊपर से उठा और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया. वो और में अब सिर्फ़ अंडरवियर में थे. उसकी साँसें बहुत तेज तेज चल रही थी तो में उसके पास में लेट गया और उसके कान में धीरे से बहुत प्यार से पूछा कि क्या तुम तैयार हो? और फिर उसने धीरे से मुस्कुराते हुए अपनी दोनों आँखें खोली और मुझे अपनी बाहों में भरते हुए अपनी हाँ में अपना सर हिला दिया. फिर मैंने अब धीरे से उसकी पेंटी और अपनी अंडरवियर को उतार दिया और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और बरखा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया था.

    हमारे एकदम नंगे जिस्म एक दूसरे से ऐसे लिपटे हुए थे जैसे कि दो सांप आपस में लिपट जाते है. फिर इसके बाद मैंने उसकी योनि पर एक किस किया और फिर बहुत देर तक लगातार करता रहा और अब उसके हाथ भी मेरे लिंग को ढूँडने लगे थे और जैसे ही उसके हाथ ने मेरे लिंग को छुआ तो उसने तेज़ी से अपना हाथ वापस पीछे की तरफ हटा लिया, लेकिन फिर से धीरे से आगे की तरफ हाथ बढ़ाकर वापस उसे पकड़ लिया. उसके पकड़ने से मेरा लिंग और कड़क हो गया और मेरे सारे जिस्म में एक अजीब सी सिहरन सी दौड़ पड़ी. फिर उसने थोड़ी देर तक मेरे लिंग को सहलाया और जब मुझे लगा कि वो संभोग करने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी है तब मैंने अपना लिंग उसकी योनि के कोमल कोमल पंखुड़ियों जैसे होंठो के पास रख दिया.

    फिर मैंने जैसे ही लिंग को अंदर घुसाने के लिए हल्का सा ज़ोर लगाया तो लिंग वहां से फिसल गया, क्योंकि हम दोनों का यह पहली बार था और जब फिर से मेरे साथ ऐसा ही हुआ तो उसने खुद अपने एक हाथ से मेरे लिंग को अपनी योनि के मुहं पर पकड़कर रख लिया और मैंने जैसे ही ज़ोर लगाया. उसकी योनि हल्की सी खुली और मेरा लिंग थोड़ा सा अंदर चला गया. लेकिन जैसे ही लिंग, योनि के अंदर गया तो हम दोनों के मुख से हल्की सी दर्द भरी आह निकली. क्योंकि अभी तक लिंग ज़्यादा अंदर नहीं गया था इसलिए मैंने जल्दी ही दूसरा झटका लगाया जो थोड़ा तेज था और इस बार लिंग आधे से ज़्यादा अंदर चला गया.

    तो मेरे झटका मारते ही बरखा की आँखों में पानी आ गया और वो दर्द से करहा उठी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ आईईईईईई लेने लगी थी. वो मुझसे थोड़ा धीरे धीरे धक्के देने की गुहार करने लगी, क्योंकि इस बार उसकी झिल्ली फट चुकी थी इसलिए वो एकदम से अपने दर्द से तड़प उठी थी. उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था जिसकी वजह से उसके नाख़ून मेरे शरीर पर अपने निशान बनाने लगे थे. फिर मुझे अब अपने लिंग पर उसकी योनि की झिल्ली फटने की वजह से गरम खून का अनुभव होने लगा था और में अब एकदम से रुक गया और उसकी आँखों को चूमते हुए उसके आँसू को साफ किया और इसके बाद मैंने उसके होंठो को चूमा और फिर थोड़ी देर बाद जब वो ठीक हुई तो उसने अपने हाथ मेरी कमर पर लपेटते हुए मुझे आगे बढ़ने की अनुमति दी.

    फिर मैंने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया और मेरा लिंग धीरे धीरे उसकी योनि में अंदर बाहर होने लगा था और मेरे कुछ झटको के बाद ही वो भी मदहोश सी होने लगी, उसका दर्द अब धीरे धीरे जा चुका था और वो अब कमसिन आवाज़ें निकाल रही थी. उसने अपने दोनों पैरों को मेरे ऊपर लपेट लिया था और हल्के हल्के से खुद भी नीचे से उठने लगी थी. फिर करीब 5 मिनट बाद उसकी आवाज़ें तेज होने लगी और उसका जिस्म अकड़ने लगा.

    तभी उसकी योनि ने अपने रस की फुहार से मेरे लिंग को भिगो दिया और उसके ऐसा करने के कुछ सेकण्ड बाद मेरे बदन में भी तेज उफान सा आया और लिंग बहुत कड़क हो गया. मेरी कमर तेज़ी से चलने लगी और मेरे लिंग ने अपना काम कर दिया और अब हम दोनों एकदम संतुष्ट हो चुके थे और इसके बाद में उसके जिस्म को चूमते चूमते कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला और सुबह 8 बजे जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि बरखा वहां पर नहीं थी और में अभी भी नग्न अवस्था में ही था.

    फिर मैंने उठकर अपने कपड़े पहने तभी बरखा टावल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली, पानी की बूँदें उसके चेहरे पर हीरो के समान चमक रही थी. फिर वो मुझे देखकर मुस्कुराई में उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया इस बार उसने मुझे किस किया और फिर सीधा किचन में नाश्ता बनाने चली गयी. फिर हम दोनों ने एक साथ बैठकर नाश्ता किया और फिर हम दोनों बाहर घूमने निकल पड़े. उस दिन हम पूरा दिन घूमे फिल्म देखी और शाम के वक़्त केंडल डिनर किया.

    दोस्तों यह थी मेरी कहानी. में और बरखा एक दूसरे से बहुत खुश है. हमारी शादीशुदा जिन्दगी में अब बहुत प्यार आ गया है जो हमें कभी भी एक दूसरे से जुदा नहीं होने देता और अब हम एक दूसरे की एक कमी सी बन चुके है. हम एक दूसरे को बहुत प्यार करते है. में उसको बहुत प्यार से उसकी मर्जी से चोदता हूँ, जिसकी वजह से वो मुझसे बहुत संतुष्ट है.

  • स्टूडेंट की माँ की बुरी तरह से चुदाई

    हैल्लो मेरे प्रिय मित्रो, में राहुल आज आप सभी के सामने हाज़िर हूँ अपनी एक सच्ची कहानी लेकर और यह आप लोगों के लिए कहानी ही होगी, लेकिन यह मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है, जो अभी एक सप्ताह पहले मेरे साथ घटित हुई. में नौकरी करने के लिए दिल्ली गया और वहाँ पर एक रूम किराए पर ले लिया और नौकरी की तलाश करने लगा. कुछ दिन बाद वहाँ मुझे एक ट्यूशन पढ़ाने का मौका मिला. दोस्तों वो एक 8th क्लास का स्टूडेंट था और तीन चार दिन में ही उसे मेरी पढ़ाई समझ में भी आने लगी और वो वहाँ पड़ने लग गया.

    दोस्तों यह मेरी कहानी मेरे स्टूडेंट की नहीं, उसकी माँ के बारे में है और अब में आप सभी को उसकी मम्मी के बारे में भी बताता हूँ. उसकी मम्मी का नाम रेखा था, उसकी उम्र करीब 35-36 साल होगी और वो थोड़ी मोटी सी थी, लेकिन वो बहुत गोरी थी और उसके बूब्स उतने बड़े तो नहीं थे, लेकिन उस साली की गांड बहुत बड़ी थी और जिस दिन मैंने उसकी गांड को गौर से देखा तो उसी दिन से में उसकी गांड को चोदने के बारे में सोचने लगा. दोस्तों में आपको जो भी बताने वाला हूँ, वह बहुत सारे लोगों को लगेगा कि यह सब झूठ है, लेकिन में यह घटना इसलिए आप सभी को बता रहा हूँ, क्योंकि ऐसा मेरे साथ सच में हुआ और इतनी जल्दी में हुआ कि जिसकी उम्मीद खुद मैंने भी कभी नहीं की थी. दोस्तों आप सब यह तो जानते ही हो कि आज कल व्हाटसएप कितना चल रहा है तो मेरी चुदाई का श्रय भी व्हाटसएप को ही जाता है, क्योंकि रेखा आंटी मुझे हर रोज व्हाटसएप पर ही पूछती थी कि पढ़ाने कब तक आओगे?

    फिर में भी कभी कभी उससे ऐसे ही चेट कर लिया करता था. रेखा आंटी के घर पर हर दिन शाम को एक काम करने वाली बाई भी आया करती थी, उसके और मेरे आने का टाईम एक ही था और वो जब भी झाड़ू लगाती या जमीन पर पोछा लगाती तो झुकने के कारण उसकी गांड फैलकर इतनी चौड़ी हो जाती थी कि उसे देखकर में बिल्कुल पागल हो जाता था और मेरे मन में उसे भी चोदने के ख्याल आने लगते थे. फिर एक दिन हुआ यूँ कि अचानक से उसने आना बंद कर दिया और फिर तीन चार दिन तक आंटी ने कुछ नहीं बोला, लेकिन एक दिन वो बहुत गुस्से में थी, क्योंकि अब घर का सारा काम उन्हे खुद ही करना पड़ता था. फिर उस दिन जब में पढ़ाने के लिए उनके घर पर गया तो वो बहुत गुस्से में अपने बेटे को किसी बात के लिए डांट रही थी और फिर जब मुझे पूरी बात समझ में आई. फिर मैंने कहा कि उस कामवाली का गुस्सा आप इस पर क्यों उतार रही हो? यह कामवाली सभी ऐसी ही होती है, जब देखो तब बिना किसी को बताए छुट्टी मार लेती हैं. फिर रेखा आंटी कहने लगी कि बस वो एक बार आ जाए और फिर में उसे देखती हूँ. यह सुनकर मैंने भी कह दिया कि हाँ आंटी मुझे भी बताना हम दोनों अब उसे छोड़ेगे नहीं और उसने मुझे भी बहुत परेशान कर रखा है.

    तभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर आंटी बिल्कुल चौंक गई और वो मुझसे पूछने लगी कि क्या आपको कुछ कहा उसने? क्या बात है? तब मैंने बहाना बना दिया कि कुछ खास नहीं बस ऐसे ही, लेकिन आंटी ने फिर से पूछा कि ऐसा कैसे हो सकता है? उसने कुछ किया होगा या आपको कुछ बोला होगा, तभी तो आप ऐसा बोल रहे हो? फिर मैंने बोल दिया कि कुछ नहीं आंटी में अभी आपको नहीं बता सकता, कभी बाद में बता दूँगा और फिर में अपने घर पर वापस आ गया. फिर आंटी का व्हाटसएप पर एक मैसेज आया कि हाँ अब बताओ क्या बात है? फिर मैंने मन ही मन सोचा कि यार यह तो मेरे पीछे ही पड़ गई, लगता है कि अब इसको बोलना ही पड़ेगा? फिर मैंने भी मैसेज कर दिया कि कुछ नहीं आंटी और उसको में जब भी देखता हूँ तो मेरे मन में गलत गलत ख्याल ही आते है और अब में इससे ज़्यादा आपको और नहीं बता सकता.

    फिर कुछ देर तक आंटी का कोई मैसेज नहीं आया, लेकिन करीब 15-20 मिनट के बाद एक मैसेज आया कि क्या वो आपको पसंद आ गई है? तो यह मैसेज देखते ही में तो बहुत खुश हो गया कि लगता है कि अब अपना काम बन जाएगा और फिर मैंने बोल दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है, बस वो मुझे थोड़ी थोड़ी पसंद आ गई है. फिर तो दोस्तों में बता नहीं सकता कि उस दिन करीब तीन चार घंटे मेरी उससे चेटिंग होती रही और फिर आखरी में जब मैंने उसे गुड बाय कहा तो मुझे अपने आप पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक दिन में यह सब अचानक से कैसे हो गया? हमने उसकी काम करने वाली बाई को लेकर जो बात शुरू की थी और तीन चार घंटे में मैंने रेखा आंटी को अपने दिल की पूरी बात बता डाली कि आंटी मुझे कितनी पसंद थी और कैसे में हमेशा उनके बारे में सोचता रहता हूँ और वो सभी चीज़े जिनके कारण में उन पर आकर्षित हो गया था? मुझे उनसे क्या चाहिए था? वो सभी बातें मैंने उनको कह दी और फिर मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि वो इतनी आसानी से तैयार हो जाएगी.

    दोस्तों ऐसा भी नहीं था कि वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी और मेरे पूछने पर उसने बताया कि पता नहीं क्यों पिछले 6 महीने से उसे कोई नये तरह के सेक्स की आदत हो गयी थी और अब किसी नये साथी की तलाश थी, जिससे उसे कुछ नयापन मिल सके और उसकी कुछ दोस्त ने उसे बता दिया था कि नये नये लंड लेने में बहुत मज़ा आता है और तभी से वो इस बारे में बहुत सोचती रहती थी, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई थी कभी किसी से कुछ कहने की और जैसे ही मैंने पहल की तो उसने हाँ कर दिया, क्योंकि वैसे भी उसके परिवार में कोई ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, इसलिए वो पढ़े लिखे लोगों की बहुत इज्जत किया करती थी और जिस तरह में उसके बेटे को पढ़ाता था तो वो मेरी तरफ आकर्षित हो गयी थी.

    फिर उसके अगले ही दिन में तो सीधे सेक्स चेट पर आ गया और फिर तीन दिन बाद मैंने उसे सेक्स के लिए तैयार भी कर लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम दो दिन बाद ट्यूशन के टाईम से एक घंटा पहले आ जाना. फिर में एकदम ठीक वक़्त पर पहुंच गया और उस दिन उसके घर पर कोई नहीं था, जैसे ही उसने मुझे देखा तो वो मुस्कुरा उठी. मैंने जल्दी से दरवाजा लगाया और उसे बाहों में भर लिया और उसके होंठो से अपने होंठ सटाए और उसे चूमने लगा.

    फिर कुछ ही देर में वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और मैंने उसके होंठो को, उसकी जीभ को, उसके गले पर और उसके गाल को हर जगह जी भरकर किस किया और काटने भी लगा, इन सबसे वो मदहोश हुई जा रही थी और किस करने के बाद मैंने उससे बोला कि अब मुझसे नहीं रहा जाएगा, कमरे में चलो. फिर वो मुझे बेडरूम में ले गयी और फिर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए. दोस्तों उस दिन उसने सलवार सूट पहना हुआ था और जैसे ही उसका हाथ ऊपर करके मैंने सूट को उठाया तो उसके बूब्स बाहर निकल पड़े, क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी फिर मैंने दोनों चूचियों को मुहं में भरकर चूसना शुरू कर दिया और में ऐसे चूस रहा था, जैसे कोई छोटा बच्चा अपनी माँ का दूध पी रहा हो. फिर मैंने अपनी जीभ से उसके बूब्स को गीला किया और फिर वहां पर दाँत से काटने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी.

    फिर मैंने बहुत देर तक उसके बूब्स को मसला और जीभ से उसे सहलाता रहा और करीब दस मिनट के बाद मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर एक ही झटके में नीचे उतार दिया, माँ कसम उसकी जांघे देखकर तो में एकदम पागल हो गया, साली की क्या मोटी मोटी सुडौल जांघे थी और दूध जैसी चमक रही थी और अब मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरी नज़रो के सामने ऐसा गदराया हुआ बदन है. फिर मैंने उसकी जांघो को अपने दोनों हाथों से सहलाना शुरू किया और उस पर जीभ घुमाना शुरू किया और थोड़ी देर के बाद उसे पलट दिया. दोस्तों में आप सभी को कैसे बताऊँ कि उसकी गांड को देखकर तो में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गया, क्योंकि इतनी मोटी और गोरी गांड, मैंने कभी नहीं सोचा था और लड़कियों की गांड भगवान इतने प्यार से क्यों बनाता है? यह बात मेरी समझ से बाहर थी.

    फिर मैंने उसकी पेंटी को उतारा और उसकी गांड की दरार को देखकर तो मुझ पर नशा सा छा गया और मैंने जी भरकर उसकी गांड को जीभ से सहलाना शुरू कर दिया और उसकी गांड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा. फिर मैंने अपने बेग से एक तेल की बॉटल निकाली, जो कि में अपने साथ लेकर आया था और मैंने उसकी गांड की बहुत अच्छे तरीके से मालिश की और उसकी गांड पर दो तीन थप्पड़ भी लगाए.

    फिर मैंने उसे पलट दिया और अब मैंने उसकी चूत देखी, उसकी चूत पूरी साफ थी और जिसके कारण वो बड़ी सुंदर दिख रही थी और अब मैंने उसके पैरों को फैलाया और उसके पैरों को घुटने से मोड़ दिया. जिससे उसकी चूत बिल्कुल खुल गयी और फिर मैंने धीरे से उसकी चूत को किस किया और अपनी जीभ चूत के मुहं पर सटाई और जैसे ही मैंने मेरी जीभ उसकी चूत पर रखी तो वो एकदम तड़प उठी. फिर उसकी चूत में मैंने अपनी जीभ घुसाई और उसकी चूत को चाटने लगा और कुछ ही देर में उसकी चूत मेरे थूक से पूरी तरह से गीली हो गयी और अब में चाटने के साथ साथ चूत को दाँत से काटने भी लगा. तभी आंटी ने मेरे सर पर अपना हाथ रखा और मेरे सर को दबाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद में वहां से उठा और उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया, मेरी जान?

    फिर आंटी बोली कि उसने तो कभी सोचा ही नहीं था कि में इतना बड़ा खिलाड़ी निकलूंगा? और यह सुनकर मैंने कहा कि मेरी जानेमन अब तेरी बारी है और फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया. उसने मेरे तंबू जैसे तने हुए अंडरवियर को देखा और ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी. फिर मेरा अंडरवियर उतारा और मेरा विशाल लंड उसके सामने किसी काले साँप की तरह झूलने लगा और यह देखकर वो बोली कि बाप रे तुम तो पूरे छुपे रुस्तम हो, उसने अपना मुहं खोला और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी ही देर के बाद मेरा लंड एकदम पागल हो उठा और मैंने उसके सर पर हाथ रखकर उसके मुहं में लंड डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे तीन चार धक्को में ही आंटी का दम फूलने लगा और उसने खाँसते हुए मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और बोली कि प्लीज इतनी भी बेरहमी मत दिखाओ, मुझे थोड़ा आराम आराम से चूसने दो. फिर मैंने बोला कि ठीक है और फिर उसने आराम से बड़ी धीरे धीरे मेरे लंड को चूसा तो कभी लंड के चारो तरफ जीभ घुमा घुमाकर बड़े प्यार से मेरे लंड को चुदाई के लिए तैयार किया.

    फिर मैंने उनसे बोला कि अब चुदाई का वक़्त हो गया है, लेकिन वो तो कब से इसका इंतजार कर रही थी और मैंने उसे डॉगी पोज़िशन में हो जाने को बोला और फिर जैसे ही वो डोगी पोज़िशन में आई तो मैंने उसकी गांड पर ज़ोर से 4-5 थप्पड़ मारे. फिर उसकी गांड को हाथों से फैलाया और उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा और उसने भी अपनी गांड को हिलाकर सेट किया.

    फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया और अब मैंने अपना एक पैर उसकी कमर के पास रख दिया और उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से दबोचकर जमकर चोदने लगा, वो अपना सर पूरी तरह से नीचे झुकाकर चुदवा रही थी और में उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़कर चोदे जा रहा था और चोदते चोदते मैंने अचानक से अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. फिर मैंने लगातार कम से कम दस थप्पड़ मारे और अब वो गोरी गोरी गांड बिल्कुल लाल हो गयी और वो आह्ह्ह्हह्ह्ह् आईईईईईइ प्लीज थोड़ा धीरे मारो उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह कर रही थी और अब अपनी गांड खुद ही आगे पीछे करके मुझसे चुदवा रही थी. फिर मैंने आगे की तरफ झुककर उसके बूब्स को पकड़ लिया और उसके कान में बोला कि साली तू मुझे बहुत दिन से तड़पा रही थी, लेकिन आज तू मुझसे नहीं बचेगी.

    फिर यह बात सुनकर वो भी बोलने लगी कि हाँ कुत्ते में भी तो देखती हूँ कि कितना दम है तेरे लंड में, हाँ चोद साले जितना चोद सकता है चोद, तू आज जो चाहे कर ले, में तेरे लंड को आज देखती हूँ कि चुदाई के मैदान में कितनी देर टिक सकता है. फिर यह बात सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और मैंने उसके बाल पकड़कर उसे घोड़ी की तरह चोदना शुरू कर दिया. उसकी गांड से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी और मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था और थोड़ी देर तक और चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बेड पर लेटकर उसे मेरे लंड पर आकर बैठने को कहा.

    फिर वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आई और मेरे लंड को हाथों में लेकर उस पर अपनी चूत रखकर बैठ गयी, मेरा लंड उसकी चूत में गप से घुस गया और में उसकी मखमली गांड के नीचे हाथ रखकर उसकी गांड को ऊपर नीचे उठाने लगा और वो भी अपनी गांड ऊपर उठा उठाकर चुदवाने लगी. तभी अचानक मेरे लंड को जोश आ गया और मैंने इतनी तेज़ी से उसकी चूत में लंड डालना शुरू किया कि उसका पूरा बदन थरथराने लगा, वो काँपने लगी और सिसकियाँ भरने लगी और दो मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद में रुक गया और तब तक वो बहुत थक गयी थी. फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और फिर से बेड पर लेटाकर उसकी जांघो को फैलाया और पैरों के बीच में आकर उसकी चूत खोलने लगा.

    फिर यह सब देखकर वो बिल्कुल हैरान हो गयी और बोली कि अब और कितनी देर तक चोदेगा? क्यों आज फ्री की चूत मिल गई है तो चोदे ही जा रहा है? फिर मैंने बोला कि साली मेरा वीर्य तो अभी तक निकला ही नहीं तो तुझे ऐसे कैसे छोड़ दूँ? यह कहकर मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और उसके होंठो को जीभ में भरकर पूरी स्पीड से फिर से चोदना शुरू कर दिया, लेकिन अब वो बहुत बुरी तरह से कांप रही थी और आह्ह्ह्हह आईईईईई प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो, प्लीज अब मुझे छोड़ दो, कह रही थी और हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग चुके थे.

    तभी मैंने अपनी स्पीड डबल कर दी और धनाधन धक्के मारने शुरू कर दिए और करीब 20-25 धक्को के बाद उसकी चूत में अपना गरमा गरम लावा छोड़ दिया, उसकी चूत पूरी तरह से मेरे वीर्य से भर गई और में उसके ऊपर ही निढाल होकर लेट गया और पांच मिनट के बाद उसने मुझे हटाया और बाथरूम में चली गयी. फिर मैंने भी कपड़े पहने और फ्रेश होने के बाद नॉर्मल हो गया. दोस्तों यह घटना एक हफ्ते पहले मेरे साथ हुई, जिसने मुझे भरपूर चुदाई का सुख दिया.

  • शमा के साथ उसकी ननंद की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, में आपके लिए अपनी एक सच्ची स्टोरी लेकर आया हूँ. मेरी और शमा की लव स्टोरी आज तक चल रही है और आगे भी चलती रहेगी. ये बात आज से 7 महीने पहले की है जब में शमा के घर उसको चोदने के लिए गया था, उस वक़्त उसके ससुराल में कोई नहीं था सिर्फ़ उसकी ननंद थी, लेकिन वो भी कुछ काम से बाहर गयी थी और में बड़े मज़े से शमा को चोद रहा था और जिस रूम में हम चुदाई कर रहे थे, उस वक़्त कुछ अजीब सी आवाज़ आई, लेकिन हमने ध्यान नहीं दिया. जब दो भूखे गर्म जिस्म बड़े दिनों बाद मिलेंगे तो सोचो कैसे चुदाई कर रहे होंगे. फिर में अपने घर जाने के लिए सुबह निकल गया.

    फिर एक दिन शमा का मैसेज आया की बड़ी प्रोब्लम हो गई है तो में बोला कि क्या हुआ? तो शमा बोली कि मेरी ननंद को अपने बारे में पता चल गया है. तो में थोड़ा घबरा गया और मैने पूछा कि कैसे? तो शमा बोली कि जब हम दोनों चुदाई कर रहे थे तो उसने पीछे की साईड के दरवाज़े में से हमें देख लिया था और उसने सबूत के लिए फोटो भी निकाल रखी है. तो में बोला कि अब क्या करेंगे? तो शमा बोली कि तुम टेंशन मत लो, वो किसी को कुछ नहीं बतायेंगी, लेकिन उसने एक शर्त रखी है.

    तो में बोला कि क्या? शमा बोली कि वो हमारे साथ एक बार सेक्स करना चाहती है उसने मुझे खुद बोला है. फिर में बोला कि क्या? तो शमा बोली कि हाँ उसने कहा है जो तुझे मिलता है, वो उसे नहीं मिल रहा है उसका पति बहुत शांत है और तू जानती है एक औरत कैसे सहन कर सकती है. ये सुनकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया था. लेकिन में शमा से बोला कि लेकिन ये कैसे हो सकता है, में उसको कैसे चोद सकता हूँ. तो शमा बोली कि वो तो मुझे भी समझ में नहीं आ रहा है.

    फिर मैंने कहा कि ठीक है एक बार उसको भी खुश कर देता हूँ, लेकिन हम कब और कहाँ पर मिलेंगे? तो शमा बोली कि उसने वो सब इंतज़ाम कर लिया है, शनिवार को उसका घर खाली है में वहाँ आ जाउंगी, तुम भी आ जाना फिर हम सेक्स करेंगे तो मैंने कहा कि ठीक है.

    फिर शनिवार दोपहर को में उसकी ननंद के घर जाने के लिए निकल गया और शमा से संपर्क करके उस पते पर पहुँच गया. जब में उसके घर पहुंचा तो में हैरान और दंग रह गया. उसकी ननंद मेरे सामने पूरी तैयार होकर और सिल्की नाइटी में मेरे सामने आई तो में समझ गया था कि शमा ने ही उससे बोला होगा. फिर में अंदर गया और हाय हैल्लो किया, उसने तुरंत सब खिड़की दरवाज़े बंद कर दिए और हम तीनों के फोन स्विच ऑफ कर दिए. फिर शमा ने बात शुरू कि इसको हमारे साथ सेक्स करना है तो मैंने उसकी ननंद की तरफ देखा. उसकी उम्र 32 साल है और वो शादीशुदा है और उसको एक बच्चा भी है. वो दिखने में सांवली है लेकिन फिगर गर्म और भरा हुआ.

    फिर मैंने शमा को अपनी गोद में बैठाया और उसकी ननंद से बात शुरू की, क्या तुम्हें तुम्हारा पति खुश नहीं करता है? तो वो शरमा गई और बोली कि वो थोड़े व्यस्त रहते है और शांत भी रहते है और जब मैंने भाभी को और तुमको देखा तो में गर्म हो गई और तुम से चुदवाने की ख्वाइश मेरे दिल में आ गई. फिर मैंने शमा को उसके सामने स्मूच किया तो वो हमें देखकर अंदर ही अंदर गर्म हो रही थी. फिर वो उठी और सीधा मेरी पेंट पर टूट पड़ी और पागलों की तरह लंड को ऊपर से सहलाने लगी.

    मैंने कहा कि आराम से करो. फिर उसने शमा से कहा तुझे तो ये हमेशा मिलेगा. लेकिन मुझे तो सिर्फ़ एक बार ही मिलेगा. फिर मैंने उसको अपनी बाहों में लिया और उसको चूमने लगा. वो पागलों की तरह आआहहह्ह मम्मम्मम्मम करने लगी. फिर मैंने शमा से बोला कि तू थोड़ा साईड पर हो जा. लेकिन शमा नहीं मानी और शमा ने मेरी पेंट खोल दी और लंड को चूसने लगी, फिर उसकी ननंद ने मेरे बचे हुए पूरे कपड़े ऊतार दिए थे और खुद के कपड़े भी ऊतार दिए थे, उसके बूब्स एकदम बड़े-बड़े और भरे हुए थे, में भी पागलों की तरह उसके बूब्स चूसने और दबाने लगा. वो अहहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह कर रही थी और शमा भी साथ में उउह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह और आआहह की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी.

    फिर मैंने शमा को स्मूच किया और उसकी ननंद मेरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी. फिर में झड़ गया, लेकिन उसने सारा पानी अपने बूब्स पर छोड़ दिया. फिर मैंने उन दोनों से कहा कि थोड़ा रुको, फिर में खड़ा हुआ और शमा व उसकी ननंद दोनों को पलंग पर लिटाया और फिर मेरे दोनों तरफ गोरे-गोरे बदन. वो भी गर्म और प्यासे और मेरा खड़ा गर्म लंड. फिर मैंने शमा की चूत में उंगली डाली और लेफ्ट हाथ की उंगली उसकी ननंद की चूत में डाली.

    वो दोनों पागलों की तरह आअहहह्ह उह्ह्ह्ह प्लीज आआहहहह्ह्ह्ह कर रही थी, लेकिन में अपने काम को तेजी से कर रहा था. फिर मैंने उन दोनों की चूत में से उंगली निकाली और में सीधा लेट गया. फिर मैंने उसकी ननंद को अपने ऊपर बैठाया और अपना लंड उसकी चूत में घुसाने लगा. लेकिन पहले लंड थोड़ा घुसा क्योंकि उसकी चूत भी बहुत कड़क और टाईट थी. फिर मैंने ज़ोर से उछल कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया. वो एकदम से चिल्ला पड़ी अहहउऊफफफफफ बहुत दर्द हो रहा है. लेकिन में नहीं रुका और ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगा.

    फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी, शमा मेरे सामने खड़ी थी तो मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. वो भी आआहहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह करने लगी. मेरा तो दोस्तों सेंडविच बन गया था. फिर में झड़ गया और उसकी ननंद भी झड़ गई थी. फिर मैंने शमा को लंड चुसाया और शमा ने अपने तरीके से फिर से मेरा लंड खड़ा किया और मैंने शमा को आई लव यू बोल कर उसको उल्टा लेटाया और पीछे से चूत में लंड डालकर चोदने लगा. शमा भी चिल्ला रही थी आअहहह्ह्ह्हह ओह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह धीरे-धीरे, लेकिन में नहीं रुका और ज़ोर-ज़ोर से चुदाई कर रहा था और साथ में उसकी ननंद से स्मूच कर रहा था.

    फिर हम झड़ गये और फिर उन दोनों ने एक साथ बैठकर मेरा लंड बारी-बारी अपने मुँह में लिया और सारा पानी अपने बदन और बूब्स पर छोड़ दिया और इस तरह हमने चुदाई की और फिर हम सब ने अकेले अकेले बाथ लिया और खाया पीया और उसकी ननंद ने मुझे और शमा को थैंक्स बोला. बस यही थी मेरी कहानी, अब उसकी ननंद दुबई में रहती है और ना कभी उसका फोन आया और ना ही उसका कोई मैसेज आया. मेरी सिर्फ़ शमा के साथ बातचीत है और आज भी मेरा और शमा का रिश्ता बहुत मजबूत है.

  • बीवी का बदला

    हैल्लो दोस्तों मेरा नाम समीर है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने किसी और की बीवी से बदला लेने के लिए उसको चोद दिया, लेकिन वो सब काम उसकी मर्जी से हुआ, क्योंकि वो भी मुझसे यही चाहती थी कि में उसके पति के सामने उसे चोदकर उसका तड़पना, मचलना, मजबूरी उसके पति को दिखाऊँ, जिससे उसके पति को कुछ सिखने को मिले और वो सुधर जाए. दोस्तों एक दिन में अपनी पत्नी के साथ मार्केट में था, मेरी पत्नी का नाम अमृता है और वो दिखने में बहुत सुंदर है, लेकिन वो सेक्स की भूखी नहीं है, क्योंकि में उसको हर कभी चोदकर हमेशा संतुष्ट कर देता हूँ और वो मेरी चुदाई से हमेशा बहुत खुश रहती है. हमारी सेक्स लाईफ अब तक बहुत अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन उस घटना ने हमारा जीवन पूरा का पूरा बदल कर रखा दिया और अब आप सभी को थोड़ा विस्तार से वो घटना बता देता हूँ.

    एक दिन अमृता मार्केट में कुछ सामान खरीद रही थी तब में थोड़ा दूर खड़ा होकर एक स्टॉल पर चाय पी रहा था, अमृता उस भीड़ भरे मार्केट से गुजर रही थी और में उस पर पूरा पूरा ध्यान रख रहा था. उसने उस समय लाल कलर की साड़ी पहनी हुई थी और लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था. फिर कुछ देर बाद एक आदमी आया, वो करीब 6 फीट लंबा था और वो अमृता के पीछे से जाने लगा और कुछ देर के बाद ज्यादा भीड़ होने का फ़ायदा उठाकर उसने अमृता की छाती पर हाथ रख दिया और अब अमृता के बूब्स उस आदमी के हाथ में थे और फिर धीरे से उसने मेरी बीवी के बूब्स से होते हुए अपने हाथों को कमर पर लिए, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से अमृता उसे ठीक तरह से देख ना सकी और फिर कमर और गांड को दबाकर उसने अमृता के नीचे चूत तक अपनी उंगली को डाल दिया.

    में दूर खड़ा खड़ा सब कुछ देख रहा था, लेकिन मजबूर था और में कुछ भी नहीं कर सका. फिर उसने जाते हुए अमृता की तरफ पीछे मुड़कर देखा तो वो उसकी तरफ हंस रहा था, लेकिन अमृता कुछ नहीं बोली और इस बात को उसने मुझसे घर पर आकर भी नहीं कहा इसलिए मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया और मैंने अमृता को घर पर आते ही बहुत बुरी तरह से चोदा. मैंने उसको इतने जबरदस्त तरीके से कभी नहीं चोदा था और आज वो भी बहुत थक गई और फिर चोदने के बाद अमृता मुझसे बोली कि क्या बात है आज कुछ ज़्यादा ही जोश में हो?

    दोस्तों में उस समय बहुत गुस्से में था, मैंने कहा कि क्या में तुम्हारे लिए कभी कम पड़ता हूँ जो तुम उस आदमी से अपने बूब्स दबवा लेती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अमृता एकदम चकित हो गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और फिर वो बोली कि में उससे अपनी मर्जी से कभी कुछ नहीं करवाती हूँ वो खुद मुझे बहुत डराता, धमकाता है और जबरदस्ती मेरे साथ यह सब करता है. तो मैंने उससे पूछा कि क्या मतलब? तो अमृता बोली कि वो 4th कॉलोनी में रहने वाला रमेश है और मेरी तरफ ऐसे ही हमेशा घूरकर देखता है और उस दिन जब मेरी उससे पहली बार मुलाकात हुई तब वो हमारे घर पर आया था और फिर उसने मुझसे पानी माँगा तो मैंने किचन से लाकर उसे पानी दिया तब उसने अंदर आकर मुझे अचानक से पीछे से पकड़ लिया मेरे साथ ज़बरदस्ती करने लगा, उसने मुझे किस किया और मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर वो मुझसे बोला कि देती है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं और में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो उसने जाते जाते मुझसे बोला कि मैंने अगर यह बात किसी को बताई तो में तुझे जान से मार डालूँगा.

    दोस्तों मैंने बिल्कुल डरी और सहमी हुई सी अमृता को थोड़ा अपने करीब लिया और उसे अपनी बाहों में लेकर गले लगा किया और उसे चूमने लगा. मैंने उससे सॉरी कहा और उसने मुझे अपने गले लगाकर ठीक है कहा और अब में समझ गया कि मुझे अब क्या करना है? तो मैंने उस आदमी के बारे में सारी जानकारियां निकाली तो मैंने देखा कि उसके दो बच्चे है, लेकिन वो यहाँ पर नहीं रहते और वो यहाँ पर उसकी पत्नी खुश्बू के साथ रहता है और उसने अब तक अपनी कॉलोनी की कई औरतों को चोदा है. तो एक रात में उसके घर पर गया और दरवाजा खटखटाया, मैंने उस समय अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और मेरे एक हाथ में क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा था और फिर मैंने जैसा सोचा था वैसे ही हुआ रमेश कुमार ही उस समय दरवाजे पर था और फिर मैंने उसको झट से मुहं पर क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा लगाकर बेहोश कर दिया और 5 मिनट के बाद अंदर से आवाज़ आई कि कहाँ गए आप क्या हुआ? दोस्तों यह उसकी बीवी की आवाज थी और फिर उसके आने के डर की वजह से मैंने रमेश कुमार को एक कुर्सी से बाँध दिया और घर का दरवाजा अंदर से लगा दिया.

    फिर जब में कमरे के अंदर गया तो मैंने देखा कि खुश्बू ब्रा और पेंटी में ही सो रही थी और मैंने उसके पास में जाकर उसके मुहं पर अपना एक हाथ लगाया और फिर एकदम से उसके बदन पर गिरकर बोला कि ज्यादा ज़ोर से चिल्लाने, चिल्लाने की कोई ज़रूरी नहीं है, में यहाँ पर अपना हिसाब चुकता करने आया हूँ और फिर मैंने उसे बताया कि तुम्हारे पति ने एक बार मेरी पत्नी को ज़बरदस्ती से चोदा है और आज में उसे सबक सिखाना चाहता हूँ.

    फिर कुछ देर डरने के बाद खुश्बू ने मेरी पूरी बात सुनी और वो भी मुझसे चुदने के लिए बिल्कुल तैयार हो गई, क्योंकि उसे भी पता था कि उसका पति वैसा ही है जैसा मैंने उसे सब कुछ बताया और अब उसने देखा कि मैंने उसके पति को पूरा नंगा करके कुर्सी को बांध दिया है तो वो मुझसे बोली कि में उसे ऐसा दिखाउंगी कि तुम मुझसे यह सब ज़बरदस्ती कर रहे हो उसने मेरा पूरा पूरा साथ देने का वादा किया.

    फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब में भी पूरा नंगा हुआ तो खुश्बू ने देखा कि मेरा लंड भी साईज में बड़ा, मोटा और अच्छा है. फिर मैंने थोड़ा पानी रमेश कुमार के मुहं पर डाला तो वो अब धीरे धीरे अपने होश में आने लगा, लेकिन मुहं पर पट्टी बंधी होने के कारण वो कुछ बोल ना सका और बस चुपचाप देखता ही रहा और अब मैंने उसकी बीवी को चाकू दिखाकर उसकी बीवी के जिस्म को मसलना शुरू किया और उसके बूब्स को दबाया और करीब 15 मिनट तक लगातार उसकी बीवी के जिस्म के हर एक अंग को अंग को चाटा और उसके बूब्स को तो चूस चूसकर लाल कर डाले और अब बारी थी खुश्बू की चूत की, लेकिन दोस्तों उसकी चूत बिल्कुल उसके नाम की तरह थी एकदम नाजुक गुलाब की तरह उससे कामुक कर देने वाली खुश्बू निकल रही थी और वो अंदर से बहुत खुली हुई थी, लेकिन देखने से पता चला कि उसकी चूत चोदने में बहुत ज़बरदस्त थी और मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर एकदम लाल कर दिया था.

    वो सिर्फ़ ऑश ओहहहह आईईइ छोड़ दो मुझे प्लीज आह्ह्हह्ह मेरे साथ ऐसा मत करो कर रही थी. दोस्तों यह सब काम उसकी कुर्सी के ठीक सामने ही चल रहा था, लेकिन रमेश कुमार एकदम लाचार, मजबूर वो अपनी पत्नी को मुझसे चुदता हुआ देख सकता था, लेकिन उसकी कोई भी किसी भी तरह की मदद नहीं कर सकता था और हम दोनों भी यही चाहते थे और अब तक सब कुछ एकदम ठीक ठाक चल रहा था. फिर मैंने एकदम से उसकी बीवी के पैरों को पकड़कर एकदम से पूरी तरह से खोल दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और फिर मैंने चूत के मुहं पर लंड को रखकर एक ही जोरदार झटके से पूरा का पूरा लंड, चूत में उतार दिया.

    उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीखने के साथ साथ बहुत बार अजीब सी आवाजे भी निकाली उह्ह अफफ्फ्फ माँ ऑश ओहहह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो उह्ह्हह्ह्ह्ह वरना में मर जाउंगी, छोड़ दो मुझे, प्लीज अब बाहर करो, इसे मेरी चूत फट जाएगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में उसके बदन पर पड़ा रहा और मैंने उसको 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, उसके मुहं को चाटते हुए, उसके कान को काटते हुए, उसके बूब्स को दबाते मसलते हुए मैंने उसे लगातार धक्के देकर चोदा, क्योंकि दोस्तों मेरा चुदाई के समय झड़ने का समय उसके पति से बहुत ज़्यादा था. में बहुत देर तक उसकी चूत पर टिका रहा और अब उसकी चूत तो ढीली हो गयी और उसकी गरम गरम सांसे मुझे और भी जोश दे रही थी और उसके जिस्म की खुश्बू तो जैसे में उस समय जन्नत में था.

    दोस्तों अब उसको भी मेरे चुदाई करने से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन वो अपने पति को दिखने के लिए मेरे हर एक धक्के पर चीखती चिल्लाती रही जिससे उसे लगे कि यह सब काम जबरदस्ती हो रहा है और में उसे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया और में 5 मिनट तक उसके ऊपर ही लंड को चूत में डालकर पड़ा रहा.

    फिर खुश्बू मेरे कान में बोली कि वाह यार तुम तो बहुत अच्छा चोदते हो, लेकिन अब बस करो. तो मैंने कहा कि अभी तो एक बार और भी चुदाई होगी और फिर हम उठे और देखा तो रमेश कुमार का लंड भी उठा हुआ है और वो नज़ारा तो बहुत जबरदस्त था. मैंने फिर से मेरा लंड उसकी बीवी के मुहं पर रगड़ा उसके गुलाबी होंठो पर अपना पूरा लंड घुमा रहा था, लेकिन मैंने उसके मुहं में नहीं दिया कि कहीं वो काट ना ले और बीच में रखी हुई एक टेबल पर खुश्बू का एक पैर रख दिया और उसके ऊपर चढ़कर उसके पीछे से उसकी चूत में लंड को डाल रहा था.

    तभी खुशबू उफफफ्फ़ उफ़फ्फ़ ऑशओह उह्ह्ह प्लीज अब छोड़ दो मुझे कर रही थी और वो हर बार रमेश कुमार की आखों में देख रही थी और उसकी चूत को तो में पीछे से धक्के देकर फाड़ रहा था और बहुत देर बाद मैंने उसकी चूत में ही एक बार और अपना वीर्य डाला और फिर उसको बहुत देर तक रगड़ा. उसकी टाईट गांड में लंड डाला और अब में उसकी गांड को फाड़ रहा था, लेकिन खुश्बू बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. उसके बूब्स पर मेरे दोनों हाथ गोल गोल घूम रहे थे और रमेश अपना लंड खड़ा करके रो रहा था. तो दोस्तों मैंने इस बार झड़ने से पहले अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला और रमेश कुमार के मुहं पर झड़ गया और कपड़े पहनकर खुश्बू के कान में बोला कि अब तू उसे समझा देना कि मैंने आज तुझे क्यों चोदा?

    दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की एक सच्ची घटना जिसमे मैंने चुदाई के साथ अपना बदला पूरा किया और बहुत मज़े किए.

  • ड्राईवर ने ज़बरदस्ती की

    हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना है. मेरा नाम नुपुर है और में देहरादून में पढ़ती हूँ और मेरा फिगर 34-26-30 है. जब मेरे साथ ये घटना हुई तब में बस 19 साल की थी और तब में कॉलेज में पढ़ती थी और तब भी मेरे बूब्स अच्छे दिखते थे और उनका साईज़ 32 था. में आपको बता दूँ कि मेरा रंग गोरा है और हाईट 5 फुट 6 इंच है. जब ये घटना हुई तब में कॉलेज अपनी कॉलेज वेन से जाया करती थी और में हमेशा वेन में ड्राइवर की पास वाली सीट पर बैठा करती थी. मेरी वेन का ड्राइवर 26 साल का दुबला पतला सा लड़का था. वो हमेशा मुझे टोफ़ी और चॉकलेट दिया करता था. मुझे तब तक उसकी गंदी सोच के बारे में पता नहीं था, क्योंकि में बहुत शरीफ हुआ करती थी, लेकिन जब मेरे बूब्स बड़े हुए तब से उसकी सोच मेरे लिए कुछ और हो गई थी. मेरा घर हमेशा आख़िर में आता था तो वेन में ड्राइवर के साथ में अकेली रह जाती थी और सुबह के वक़्त भी कुछ समय तक में अकेली होती थी.

    एक दिन सुबह-सुबह में कॉलेज जाने के लिए लेट हो गई तो में जल्दी-जल्दी में अपने जूतों के फीते बांधना भूल गई और ऐसे ही वेन में बैठ गई और ड्राइवर ने मुझे स्माइल देकर दरवाज़ा खोला और में वेन में बैठ गई. जब में वेन में बैठी थी तब मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर हो जाती थी और मेरी जांघे दिखने लग जाती थी. फिर उस दिन भी ऐसा ही हुआ, ड्राइवर ने मेरे जूतों के फीते खुले देखे और बोला नुपुर तुम्हारे जूतों के फीते खुले है इसे बांध लो. फिर मैंने उससे कहा कि में कॉलेज में बाँध लूँगी. लेकिन उसने बोला कि कॉलेज में तुम फीते के कारण गिर जाओगी तो रूको में तुम्हारे फीते बाँध देता हूँ.

    यह कहकर उसने अपना एक हाथ मेरी जांघो पर रखा और झुककर फीते बाँधने लग गया, उसके झुकते ही उसने मुझसे मेरे पैर थोड़े फैलाने को बोला जिससे वो मेरे फीते आराम से बाँध सके. फिर मैंने भी अपने पैर थोड़े फैला दिए, जब मेरे पैर थोड़े से खुले तो ड्राइवर ने इस बात का फायदा उठाकर मेरी टांगो की जगह से मेरी पेंटी देखनी शुरू कर दी और जांघो पर अपना हाथ फैरने लग गया. मुझे यह सब ग़लत लगा तो मैंने उसका हाथ हटा दिया और अपने हाथों का एक साथ ज़ोर दिया ताकि वो मेरी पेंटी से मेरी चूत की फीलिंग ना ले सके, लेकिन वो फिर मेरे फीते बाँधने लग गया. फिर फीते बाँधकर उसने फिर से वेन चलानी शुरू कर दी और फिर बाकी बच्चो के घर से उन्हें लेने लग गया. में बहुत डरी हुई थी तो जब तक कॉलेज ना आया तब तक में वेन की खिड़की से बाहर ही देखती रही और ड्राइवर की तरफ नहीं देखा.

    मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसने ऐसा क्यों किया? बस एक गंदी सी भावना आ रही थी. फिर हम कॉलेज पहुंचे और कॉलेज में व्यस्त हो गए. फिर कॉलेज की छुट्टी के बाद में फिर से वेन में जाकर बैठ गई, फिर उसने सबको घर छोड़ दिया अब ड्राइवर और में हमेशा की तरह वेन में केवल में अकेली रह गयी थी, ड्राइवर के मुँह पर अजीब सी हंसी थी. फिर उसने मुझे टोफ़ी दी और मैंने वो रख ली, फिर वो मेरे बाहर देखने का फ़ायदा उठाते हुए उसने वेन लंबे रास्ते से ले ली और जब मैंने उससे पूछा कि ये दूसरे रास्ते से क्यों ले रहे हो?

    उसने कहा कि दूसरे रास्ते में ट्रेफिक जाम है तो वेन इस रास्ते से ले ली. वो टूटा फूटा रास्ता था तो वेन के झटको से मेरी स्कर्ट फिर से ऊपर हो गई, यह देखते ही ड्राइवर को पता नहीं क्या हुआ? और उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और मेरी जांघो को रगड़ने लग गया. फिर मैंने उसका हाथ हटाया तो उसने अपनी हवस वाली मुस्कान देते हुए फिर से अपना हाथ मेरी जाँघो पर रख दिया और रगड़ता हुआ थोड़ा ऊपर भी हाथ फेरने लग गया. मेरी हालत रोने जैसी हो गई थी, क्योंकि उसने मेरी जाँघो को बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था और में अपने दोनों हाथों से भी उसका हाथ नहीं हटा पा रही थी.

    फिर उसने अपना हाथ हटाकर मेरे लेफ्ट बूब्स को पकड़ लिया, मेरे बूब्स को उसने ऐसे पकड़ा कि मेरी चीख निकल गई और में चीखी आआआहह माँ. उसने फिर मेरी तरफ देखते हुए पूछा कि क्या में तुम्हारी पेशाब करने वाली जगह चेक कर सकता हूँ? ये सुनकर में रो पड़ी. फिर उसने वेन एक सुनसान इलाक़े में रोक दी और मेरे आंसूओं को मेरी छाती से अपनी ज़ुबान से लिक किया और मेरे होंठो पर स्मूच करनी शुरू कर दी और में अब भी रोये जा रही थी, लेकिन मैंने अपना मुँह बंद रखा हुआ था.

    फिर उसने अपने होंठ थोड़े पीछे किए तो इतनी देर से अपने होंठ बंद रखने के कारण मैंने रिलेक्स होने के कारण अपने होंठ थोड़े खोले, तभी झट से ड्राइवर ने मौके का फायदा उठाते हुए अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी और फ्रेंच किस करनी शुरू कर दी और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए. में मम्मी मम्मी कर रही थी, लेकिन उसने इस बात की परवाह ना करते हुए मेरे मुँह पर हाथ रखकर मुझे अपनी गोद में उठाया और मुझे पीछे की सीट पर लेटा दिया.

    फिर मैंने ड्राइवर से मुझे घर छोड़ देने को बोला, लेकिन वो कहने लगा कि तू जब से जवान हुई है तब से में तेरे बारे में सोच कर मुठ मारता हूँ, तो में तुझे कैसे जाने दूँ और चुपचाप हो जा नहीं तो यही जंगल में नंगी छोड़ जाऊंगा. फिर में डर गयी और उसने मेरी शर्ट उतार दी और ब्रा फाड़कर मेरे दोनों बूब्स को दबाया और सीधे बूब्स के निप्पल पर काटना शुरू कर दिया. में दर्द के मारे रो रही थी और मुझे जाने दो की पुकार लगा रही थी, लेकिन उसने मेरी एक ना सुनते हुए मेरी स्कर्ट निकाल फेंकी और पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को रगड़ने लग गया, मेरी चूत भी गीली हो गई थी. तब उसने मेरी काली पेंटी को फाड़ दिया.

    फिर मेरी चूत को देखकर बोला कि वाह क्या चिकनी चूत है तेरी? अब तैयार हो ज़ा औरत बनने के लिए. तो में डर गई क्योंकि मुझे नहीं पता था कि अब वो क्या करेगा? और में रोये जा रही थी, उसने मेरी चूत पर थप्पड़ मारे और चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने अपना लंड जो 7 इंच का था मेरी चूत के छेद पर टिकाया और एक धक्का मारा, लेकिन उसका लंड फिसल कर मेरे पेट पर आ गया.

    उसने फिर से लंड टिकाया और मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर से धक्का मारा और मेरी चूत फाड़ कर उसका लंड आधा अंदर घुस गया. मेरी दर्द के मारे चीख निकल गई में आआआअ मम्मी करके रोने लग गई, लेकिन वो जानवरों की तरह मेरे निपल्स पर काट रहा था और लंड घुसने के बाद उसने 1 मिनट तक अपने लंड को फिट किया और झटके मारना शुरू कर दिया और मेरी चीखे निकलनी शुरू हो गई. मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा था और खून निकल रहा था. लेकिन ड्राइवर मुझे जानवरों की तरह जोर-जोर से चोद रहा था.

    फिर उसने मेरी टांगे और चोड़ी की और 10 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना वीर्य मेरी चूत में भर दिया और लंड बाहर निकालकर मेरी चूत पर मारने लग गया. में अभी भी मरी हुई पड़ी थी और फिर ड्राइवर ने अपनी उंगली मेरी चूत में डालकर वो सारा पानी निकाला और पानी की बोतल से पानी पीकर कुछ देर लेट गया. फिर कुछ देर बाद उसने मुझे कपड़े पहनने को बोला और धमकी लगाई कि अगर मैंने किसी को बोला तो वो मेरा अपहरण करके रोज़ मुझे ऐसे ही चोदेगा. फिर मैंने डर के मारे उसे हौसला दिया कि में ये किसी को नहीं बताउंगी और उसने मुझे फिर घर छोड़ दिया. उस दिन में सारा दिन चल नहीं पाई और कमरे में बैठी रही और डर के मारे मैंने अपनी माँ को बोलकर वो वेन बदल ली, लेकिन अभी भी वो मुझे देखकर गंदे गंदे इशारे करता रहता है.

  • सास को चुदवाते हुए देखा

    हैल्लो दोस्तों, में आशु, एक बार फिर से आप सभी लोगों के लिए अपनी दूसरी कहानी लेकर आया हूँ जिसमें मेरी सासूजी ने अपनी चुदाई बड़े मज़े लेकर करवाई और चुदाई में उन्होंने पूरा पूरा साथ दिया वो बहुत खुश थी, लेकिन दोस्तों इस बार मैंने अपनी चुदक्कड़ सास की चुदाई के मज़े नहीं लिए और इस बार उसकी चुदाई उसी की बहन के लड़के ने की और उसको चोदकर बहुत मज़े लिए. में आज अपनी सास की उस सच्ची करतूत को आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ.

    दोस्तों आप सभी को मेरी सास ज्योति के बारे में तो याद होगा ही कि वो चुदाई की कितनी प्यासी है और उसको हमेशा लंड की याद सताती है वो इतनी उम्र होने के बाद भी हर एक कुंवारी चूत को अपने सामने फेल कर दे. उसका गोरा सेक्सी बदन हर किसी को अपना दीवाना बना दे, उसके बूब्स, गांड और कामुक चूत को देखकर किसी का भी लंड अपना पानी छोड़ दे वो अपने शरीर की बहुत देखरेख करती और बहुत सुंदर भी है आप जब भी उसको चुदाई के लिए कहोगे वो तुरंत बिना देर किए तैयार हो जाएगी, क्योंकि मेरे ससुरजी ने कभी भी उसको अच्छी तरह से चोदकर संतुष्ट नहीं किया था वो हमेशा प्यासी रही और इसलिए में भी मेरे ससुर जी की मौत के बाद उसका चुदाई का इशारा पाकर दो बार चोद चुका था.

    दोस्तों मैंने उसकी बहुत मज़े लेकर चुदाई की और उसकी चूत को शांत किया, पहली बार चुदाई पसंद आने पर मैंने उसको दोबारा भी चोदा इसलिए उसने मेरा पूरा साथ दिया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि वो क्या कभी ऐसा भी कर सकती है या वो अपनी चूत को शांत करवाने के लिए इतनी हद तक नीचे भी गिर सकती है.

    दोस्तों मेरे ससुर जी की मौत के चार महीने बाद अचानक से मुझे एक दिन अपनी कंपनी के काम से बाहर जाना पड़ा और कुछ दिन बाद मेरा काम खत्म हो जाने के बाद जब में वापस अपने घर आया तो मैंने देखा कि मेरे घर पर उस समय ताला लगा हुआ था, क्योंकि मेरी बीवी मेरी माँ के पास दिल्ली चली गयी थी, वैसे तो मुझे भी दिल्ली जाना था, लेकिन में अपनी सास को अपनी पत्नी के पीछे से अकेले में चोदने के मूड में था, इसलिए में वहीं पर रुका रहा और में मन ही मन अपनी सास की होने वाली चुदाई की बात को सोचकर बहुत खुश था और इसलिए मैंने उसी दिन दोपहर को दो बजे अपने ससुराल जाने का प्रोग्राम बना लिया और में बहुत खुश होता हुआ अपने ससुराल पहुँच गया.

    दोस्तों मेरे पास उस घर की एक और चाबी थी जिसकी मदद से में पहले भी अपने ससुराल में जाकर अपनी सास को चोद चुका था और वो चाबी मुझे मेरी सास ने ही दी थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि जब भी तुम्हारा मन करे तुम मेरी चुदाई करने यहाँ पर आ सकते हो.

    फिर मैंने चुपचाप घर का दरवाजा खोल दिया तभी मुझे अंदर की तरफ से कुछ आवाज़ आने लगी और में उस आवाज को सुनकर चुपचाप उसके बेडरूम के पास में पहुँच गया और फिर मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा, लेकिन वहाँ पर कोई भी नहीं था और तब मैंने महसूस किया कि वो आवाज़ें ड्रॉयिंग रूम से आ रही थी, इसलिए में उधर की तरफ चला गया. तो तब मैंने क्या देखा कि मेरी सास ज्योति उस समय अपनी बहन के लड़के अवी की बाहों में है और वो दोनों ख़ुशी से नाच रहे है और उस समय ज्योति बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसने काले रंग का एकदम टाइट सूट पहना हुआ था जिसमें से उसके बड़े बड़े बूब्स का आकार एकदम साफ दिखाई दे रहा था. अब मैंने देखा कि अवी अपना एक हाथ ज्योति की मटकती हुई कमर पर फिरा रहा था और वो बीच बीच में उसकी गांड को भी मसल रहा था इन सभी में ज्योति को भी बहुत मज़ा आ रहा था.

    फिर उसके बाद तो अवी ने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रख दिया और धीरे धीरे मसालते हुए वो मेरी सेक्सी सास के साथ मज़े लेने लगा, वो अपने हाथों से मेरी सास के सेक्सी बदन को मसलने लगा और मेरी सास भी उसके साथ पूरा मज़ा ले रही थी वो धीरे धीरे गरम होकर सिसकियाँ ले रही थी.

    कुछ देर बाद उसने मेरी सास के बूब्स को पकड़ लिए और अब वो उन्हे भी ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा दबाने लगा कि तभी ज्योति ने अपना सर उसके कंधे पर रख दिया और उसने अपनी दोनों बाहें उसी समय उसके गले में डाल दी. दोस्तों में उस समय उस कमरे के बाहर एक खिड़की के पास में खड़ा हुआ था और वो दोनों अंदर थे जहाँ से में उन्हे बहुत आराम से देख सकता था मुझे सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन वो दोनों मुझे नहीं देख सकते थे. तभी मेरी सास ने अपना चेहरा मेरी तरफ कर लिया और अवी ने अब उसको चूमना शुरू कर दिया और वो भी अवी को चूम रही थी दोनों बहुत गरम थे और पूरे जोश में आ चुके थे. वो एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे.

    उसने सही मौका देखकर तुरंत ज्योति की कमीज़ को उतार दिया, जिसकी वजह से वो एक पतली सी अंडरशर्ट में रह गई थी, लेकिन अवी ने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से ज्योति की उस अंडरशर्ट और उसके साथ साथ उसकी सलवार को भी उतार दिया जिसकी वजह से वो अब काले रंग की ब्रा और पेंटी में रह गई थी, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उसके गोरे गोरे बूब्स पर वो हल्के भूरे रंग के निप्पल पूरे तन गये थे, वो दूर से दिखने में बहुत आकर्षक नजर आ रहे थे.

    तभी अवी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो भी अब पूरा नंगा हो गया. फिर मैंने देखा कि उसका लंड बहुत बड़ा था और वो तनकर खड़ा हुआ बहुत अच्छा लग रहा था, अवी ने ज्योति की ब्रा, पेंटी को भी उतार दिया और उसको पूरी नंगी कर दिया, जिसको देखकर ऐसा लग रहा था कि ज्योति ने अपनी चूत की साफ सफाई अवी के लिए ही की थी. अब अवी ने उसको अपनी गोद में उठा लिया और वो उसको कमरे के बीच में पड़े लकड़ी की एक टेबल पर लेटा दिया, अब मेरी सास ज्योति उससे बोली कि में कब से तड़प रही हूँ.

    अब वो भी ज्योति को बुरी तरह से किस कर रहा था. फिर वो उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे से खेलने लगा जिसकी वजह से वो बुरी तरह से उसके बूब्स को मसलने लगा और निप्पल को रगड़ रहा था. वो अब मेरी सास के बड़े बड़े बूब्स को चूम रहा था और बीच बीच में उसकी चूत में अपनी एक उंगली भी डाल रहा था, जिसकी वजह से ज्योति जोश में आकर सिसकियाँ भर रही थी अह्ह्ह्हह्ह ऊआहह उफ्फ्फ्फ़ ज्योति ने अब उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसको सहलाने लगी. उस समय मेरी सास पूरी तरह नंगी थी और अवी ने उसके दोनों पैर पूरी तरह फैला दिए थे.

    अब वो जल्दी से उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और उसके बाद वो अपनी जीभ को उसकी चूत पर घुमाने लगा. फिर जैसे ही चूत पर जीभ का स्पर्श हुआ तो ज्योति एकदम से तड़प उठी और उसने अपने दोनों पैरों को और भी ज़्यादा फैला दिया ताकि उसका वो आशिक अच्छे से उसकी चूत को अंदर तक अपनी जीभ से चाट सके वो अब अपनी गांड को उठाकर सिसकियाँ भर रही थी, क्योंकि वो अब जल्दी से अपनी चूत को मरवाना चाहती थी, लेकिन अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी.

    अब अवी पूरी मस्ती में भरकर उसकी चूत को चाट रहा था और बड़े मज़े ले रहा था. वो अब झड़ने के करीब थी और जैसे ही वो झड़ी तो उसने अपने पैरों को बिल्कुल शांत पटक दिया और वो उसके सर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी चूत के मुहं पर रगड़ने लगी. दोस्तों मुझे हालाँकि अपनी सास की उस हरकत को देखकर गुस्सा तो आना चाहिए था, लेकिन मुझे अब बड़ा मज़ा आ रहा था में अपनी सास को उसकी नरम चूत चटवाते हुए देखकर बहुत खुश था.

    तभी मैंने देखा कि अवी का लंड अब पूरे तनाव में था और वो सांप की तरह फनफना रहा था और अब मुझे पता था कि इसके आगे क्या होने वाला था? अवी ने मेरी सास के दोनों पैरों को खोल दिया और उसके बाद वो नीचे झुक गया और चूत को अपनी जीभ से चखकर वो कहने लगा वाह मेरी जान तुम्हारी चूत का स्वाद बहुत अच्छा है वाह मज़ा आ गया. तभी ज्योति कहने लगी कि अवी मुझे लगता है कि मुझे भी अब तुम्हारा यह लंड चूसना चाहिए?

    अवी ने कहा कि बेबी में तुम्हे यहाँ पर नहीं चोदूंगा और उसने इतना कहने के बाद अपनी तीन उँगलियों को ज्योति की गीली चूत में एक ज़ोर का झटका देकर डाल दिया जिसकी वजह से ज्योति चीख उठी और वो खुद को संभाल नहीं पाई और जैसे ही अवी की उँगलियों ने चूत को स्पर्श किया वो दोबारा झड़ गयी और वो कहने लगी हे भगवान अवी अब में पूरी तरह से गीली हो गई हूँ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह अब तुम मुझे ज्यादा मत तड़पाओ आ जाओ जल्दी से चोद दो मुझे मेरी चूत को जमकर मार लो मुझे तुम्हारे इस लंड का जोश दिखा दो अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत को चोदकर आज इसका भोसड़ा बना दो, प्लीज मेरी प्यास को बुझा दो.

    अब अवी उसके दोनों पैरों के बीच में खड़ा हुआ था तो उसने अपने हाथ ज्योति के दोनों कूल्हों के नीचे फंसाए और मजबूत पकड़ बनाकर उसके कूल्हों को पकड़कर उसको अपनी तरफ खींच लिया और उसके बाद अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर उसके एक जोरदार झटके में लंड उस प्यासी खुली हुई चूत के पूरा अंदर था. लंड के चूत के अंदर जाते ही उस हल्के दर्द मज़े की वजह से मेरी सास ने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली.

    अब वो अपनी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लेने लगी और उधर अपनी सास को अपनी आखों के सामने चुदते हुए देखकर मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया था आआहहह्ह्ह आईईईईइ ऊऊहाहहहाहाह ज्योति चिल्ला रही थी, हाँ बस ऐसे ही धक्के दो और अंदर तक डालो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मुझे, तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो और मुझे तुम्हारा चोदने का तरीका अच्छा लगा, हाँ ऐसे ही चोदते रहो मुझे मेरी जान ऊऊईईईईई. अब में उनका वो खेल देख रहा था और अवी मेरी सास को जोश में आकर चोद रहा था.

    करीब 15 मिनट के बाद उसने अपने लंड से वीर्य की बारिश ज्योति की चूत में कर दी और फिर कुछ देर बाद वो अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर करीब दो मिनट तक वहीं पड़ा रहा. फिर वो बोला कि में तेरी अब दोबारा चुदाई करूंगा मेरी प्यासी कुतिया लंड की भूखी क्यों तुझे भी यही सब चाहिए था ना?

    ज्योति सिसकियाँ भरकर बोली ओह्ह्ह्ह हाँ प्लीज़ जल्दी से चोदो मुझे और वो मज़ा दो तुम बहुत अच्छे हो, अब उसने ज्योति को अपने दोनों हाथों और घुटनों पर खड़ा कर दिया जिसकी वजह से मेरी सास ज्योति अब उसके सामने अपनी चूत को फैलाकर एक चुदक्कड़ कुतिया बन गई थी और वैसे भी उसको इस तरह से अपनी चुदाई करवाना बड़ा पसंद था, इसलिए वो मन ही मन बहुत खुश थी. दोस्तों अब मेरा लंड अपनी सास को चुदते हुए देखकर पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था और मेरी सास की बहन का लड़का उसको चोद रहा था और में उनकी चुदाई को देख रहा था. अब उसने सासूजी के पीछे आकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और जब पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा तो उसके बाद वो धीरे धीरे धक्के देकर उसको चोदने लगा.

    अवी के मुहं से भी अब हल्की सी आवाज आ रही थी और उसका पूरा लंड मेरी सास की चूत में था. वो उसको अब गालियाँ देने लगा, ज्योति को यह सब बहुत पसंद था और मुझे शुरू से ही पता था कि वो बहुत बड़ी रंडी है साली कुतिया वो एक नंबर की छिनाल थी. अब अवी उससे पूछने लगा क्यों मेरी रंडी कैसा लगा मेरा लंड? मज़ा आया क्या तुझे मेरी चुदाई में कुतिया साली? वो भी कहने लगी बहनचोद चोद मुझे साले बहुत मज़ा आ रहा है हाँ ज़ोर लगाकर चोद अपनी प्यासी ज्योति को, जल्द ही वो दोनों एक के बाद एक झड़ गये और उसके बाद अवी ने उसको अपने गले से लगा लिया, लेकिन कुछ देर बाद ज्योति ने उसका लंड दोबारा पकड़ लिया और इस बार उसने अवी का लंड अपने मुहं में डाल लिया. वो लंड को चूसते हुए कहने लगी तुम इसको मेरे मुहं में झाड़ दो में तुम्हारे लंड का माल पीना चाहती हूँ और वो उसका लंड चूसने लगी.

    अब अवी भी उसके मुहं में अपने लंड को धक्के देकर चोदने लगा और थोड़ी देर के बाद उसने अपना लंड मेरी सास के मुहं में झाड़ दिया और मेरी सास का मुहं उसके वीर्य से भर गया जिसको वो तुरंत नीचे गटक गई. मुझे उसके चेहरे से उसकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी. वो लंड को अपने एक हाथ में पकड़कर लगातार अंदर बाहर करके उसको चूस रही थी जैसे वो लंड ना होकर कोई लोलीपोप था जिसको चूसने में उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.

    वो बिल्कुल एक अनुभवी रंडी की तरह लंड के मज़े ले रही थी और चूसते समय उसके चेहरे की बनावट और वो सिसकियों की आवाजे भी एकदम छिनालों जैसी ही थी उसने लंड को चाट चाटकर एकदम चमका दिया था. दोस्तों यह था मेरी सासु माँ की चुदाई का वो सच जिसको में पिछले कुछ समय से आप तक पहुँचाने की बात सोच रहा था.

  • रात में बहन की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करण है और में आज अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ. अब में आपका ज्यादा टाईम ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी शुरू करता हूँ. मेरी उम्र 19 साल है, में कॉलेज में पढ़ता हूँ और में एक पंजाबी लड़का हूँ.

    एक दिन जब मेरे चाचा जी का लड़का घर आया हुआ था तो तब हम सब भाई बहन एक साथ मूवी देख रहे थे. तब वहाँ मेरे चाचा जी का लड़का और मेरी बुआ की लड़की, मेरी ताई जी की लड़की थी. फिर हम रात को 1 बजे तक मूवी देखते रहे तो मेरे चाचा जी का लड़का मूवी देखता-देखता बेड पर ही सो गया.

    अब मेरी बुआ की लड़की साईड पर लेटी हुई थी और में उनके बीच में और ताई जी की लड़की सोफे पर ही सो गई थी. अब में और बुआ की लड़की नहीं सोए थे, तो तब उसने कहा कि मुझको नींद आ रही है, तुम टी.वी बंद कर दो. फिर मैंने उठकर टी.वी बंद कर दी.

    दोस्तों वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी और जो भी उसको देखता तो उसका लंड खड़ा हो जाता था. फिर थोड़ी देर के बाद हम सो गये, तब मेरी बीच में ही नींद खुल गई तो मैंने उसकी तरफ अपना मुँह किया तो में उसकी चूचीयाँ को देखने लगा और उसे देखते-देखते ही मेरा मन उसको चोदने का करने लगा. फिर तब मैंने सबकी तरफ देखा तो सब सोए हुए थे, तो तब मैंने पहले अपना एक हाथ उसके ऊपर रखा और उसकी तरफ अपना मुँह किया तो उसने कुछ नहीं कहा.

    फिर में अपना एक हाथ उसके पेट पर फैरने लगा तो उसने मेरा हाथ उठाकर नीचे कर दिया और में दूसरी तरफ अपना मुँह करके सोने लगा तो उसके 10 मिनट के बाद वो तड़पने लगी.

    अब उसने मेरे शरीर के साथ अपना शरीर टच कर दिया था. फिर जब मैंने उसकी तरफ अपना मुँह किया तो उसने कहा कि देख ले सब सो रहे है ना. फिर मैंने देखा कि सभी सो रहे है तो मैंने देर ना लगाते हुए उसकी चूचीयों को अपने हाथ से मसलने लगा और उसकी टी-शर्ट में अपना एक हाथ डालकर उसकी ब्रा ऊपर कर दी और उसकी टी-शर्ट को ऊपर करके उसकी चूचीयाँ अपने मुँह में डाल ली तो तब वो आआआहह ऊऊऊऊऊ करने लगी, अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने उसका लोवर नीचे किया तो उसने पेंटी नहीं पहनी थी.

    फिर मैंने उसके लोवर को नीचा करके उसकी चूत में उँगलियाँ करने लगा, तो उसने मेरा 9 इंच का लंड अपने हाथ में ले लिया और उसने कहा कि में इसको अपने मुँह में लेना चाहती हूँ, तो मैंने कहा कि ले लो. फिर वो नीचे होकर मेरे लंड को चूसने लगी और फिर वो चूसते-चूसते झड़ गई. फिर 10 मिनट की चुसाई के बाद उसने कहा कि अब डाल दो तो में अपना लंड उसकी चूत पर रखकर धक्के लगाने लगा और उसकी चूत बहुत टाईट थी तो उसको बहुत दर्द होने लगा. अब वो सिसकियाँ भर रही थी आआआआअहह, ऊऊऊऊओ सोनू में मर जाऊंगी, बस कर.

    फिर में जोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक चला गया. अब वो मेरे लिप्स पर किस करने लगी थी. फिर उसने कहा कि अपना लंड बाहर निकालकर मेरी चूत को चाटो, तो में उसकी चूत को चाटने लगा, तो वो फिर से झड़ गई. फिर तब मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसकी चूत में डाल दिया, तो उसने कहा कि अब कुछ मत कर ऐसे ही अंदर रहने दे. फिर मैंने उसकी गांड में अपनी उंगली डाल दी, तो उसने कहा कि नहीं बस नहीं, तो फिर में धक्के लगाने लगा. अब वो सिसकियाँ भर रही थी, अब उसकी आवाज ना निकले इसलिए में उसके लिप्स पर किस कर रहा था.

    अब में करीब 20 मिनट से लगातार उसकी चूत में धक्के लगा रहा था, अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे कहा कि कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि में मुँह में लेना चाहती हूँ और फिर वो नीचे हो गई, तो मैंने मेरा सारा स्पर्म उसके मुँह में ही गिरा दिया, तो वो मेरा सारा वीर्य चाट गई. अब उसके बाद वो मेरे लंड को ऐसे चाट रही थी जैसे कोई लॉलीपोप चूस रहा हो. अब उसके बाद से आज तक में उसकी चुदाई कर रहा हूँ और खूब मजे ले रहा हूँ.

  • अपनी छोटी बहन जस्सी को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम युवराज है और मैं फिर से आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. जैसा कि मैंने मेरी पिछली स्टोरी मे आपको बताया था कि कैसे मैंने अपनी बहन हरप्रीत को चोदा था? और अब मैं आपको बताऊंगा कि मैंने कैसे अपनी छोटी बहन जसप्रीत को चोदा? जस्सी भी हैप्पी की तरह बहुत सेक्सी है, अभी उसकी उम्र 21 साल है, लेकिन जब मैंने उसे पहली बार चोदा था तो वो 18 साल की थी.

    उसका साईज 32-26-32 है, गोरा रंग, हाईट 5 फुट 9 इंच, कोई भी उसे एक बार देख ले तो पागल हो जाए. अब हैप्पी को चोदने के बाद मेरा मन था कि मैं जस्सी को भी चोदूं, जब वो घर पर इधर उधर घूमती या काम करती तो उसके आधे नंगे बूब्स और ठुमकती हुई उसकी गांड देखकर तो मैं पागल ही हो जाता था. कभी-कभी तो मेरा मन किया कि मैं हैप्पी को बोलूं कि वो अब जस्सी को भी मेरे लिए तैयार करे, लेकिन फिर मैंने सोचा कि नहीं जस्सी को भी मैं खुद ही तैयार करूँगा.

    अब जब भी वो नहाने के लिए जाती तो मेरा मन करता कि मैं उसे नहाते हुए देखूं इसलिए मैंने बाथरूम के दरवाजे मे एक छोटा सा छेद कर दिया. फिर एक दिन जब घर पर कोई नहीं था, तो मैं इंतज़ार कर रहा था कि कब जस्सी नहाने के लिए जाएगी?

    फिर 1 बजे के करीब वो नहाने के लिए गयी तो मैं भी उसके पीछे से फटाफट दरवाजे के उस छेद पर अपनी आँखे टिकाकर बैठ गया. फिर पहले मेरी बहन ने अपनी जीन्स उतारी. उसकी गोरी टाँगे बहुत सेक्सी थी और जस्सी ने ब्लेक कलर की पारदर्शी पेंटी पहन रखी थी जिसे उसने अब उतार दिया था. अब वो नीचे से पूरी नंगी थी, उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे और उसे देखकर तो जैसे मेरे बदन मे बिजली सी मचल गयी थी. फिर जस्सी ने अपना टॉप उतारा और अब वो सिर्फ एक ब्लेक कलर की पारदर्शी ब्रा मे थी और फिर कुछ देर बाद वो भी नीचे उतर गयी.

    अब जस्सी पूरी नंगी थी और मैं बाहर अपना लंड पकड़कर बैठा सब देख रहा था. अब जस्सी के मोटे- मोटे बूब्स देखकर तो मैं पागल ही हो गया था. अब मेरा मन किया कि मैं दरवाजा तोड़कर अंदर चला जाऊं, फिर मैं वहाँ से उठकर अंदर अपने कमरे मे आ गया.

    अब जस्सी को नंगा देखने के बाद मैं पागल हो चुका था. फिर कुछ देर सोचने के बाद मैं वापस वहाँ गया और बाथरूम का दरवाजा नॉक किया, तो अंदर से जस्सी बोली कि क्या हुआ भैया? तो मैंने बोला कि साबुन चाहिए. तो वो बोली कि अच्छा 1 मिनट रुको, तो फिर उसने हल्का सा दरवाजा खोला और अपना हाथ बाहर निकालकर साबुन मेरी ओर बढ़ा दिया, लेकिन मुझे साबुन नहीं जस्सी की चूत चाहिए थी तो मैंने दरवाजे को थोड़ा धकेला और दरवाजा पूरा खुल गया और मैं अंदर आ गया.

    अब मुझे देखकर जस्सी फटाफट अपने आपको छुपाने लगी और बोली कि भैया ये क्या बत्तमीज़ी है? तू पागल हो गया है. अब उसने अपने एक हाथ से अपने बूब्स और एक हाथ से अपनी चूत छुपा रखी थी, अब वो टावल नहीं ले सकती थी क्योंकि टावल मेरे पास लटका हुआ था.

    फिर मैं बोला कि हाँ में पागल हो चुका हूँ, तेरी चूत के लिए पागल हूँ, अब वो पानी मे भीगी हुई ओर भी सेक्सी लग रही थी. अब वो डर गयी और डरी हुई आवाज़ मे बोली कि भैया तू ऐसा नहीं कर सकता, मैं तेरी बहन हूँ, ये हमारे रिश्ते को शोभा नहीं देता, प्लीज भैया तू बाहर चला जा मैं ये बात पापा, मम्मी को नहीं बताउंगी. फिर मैं बोला कि गुड ऐसी बातें पापा, मम्मी को नहीं बतानी चाहिए.

    अब वो रोने लगी थी, तो मैं उसके पास गया और बोला कि तू रो मत मैं तेरा भाई हूँ और तू अगर रोएगी तो मैं भी रो दूंगा और इसमें हर्ज ही क्या है? हम क़िसी को थोड़े ना पता चलने देंगे कि हमने ये सब किया है, ये बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी. फिर वो रोती-रोती अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गयी और मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और पूरा नंगा होने के बाद मैं भी उसके साथ नीचे बैठ गया और बोला कि देख अब मैं भी नंगा हो गया हूँ.

    अब उसने शर्म से अपना सिर नीचे झुका रखा था. फिर मैंने उसका सिर ऊपर उठाया और एक ज़ोर से किस कर दी, तो वो ओर तेज रोने लगी. फिर मैंने उसे फिर से किस किया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक वो चुप नहीं हुई. फिर मैंने उसके हाथ उसके बूब्स और चूत से हटाए और उसके बूब्स को मसलने लगा, तो वो जोर-जोर से आहें भरने लगी और बोली कि भैया आराम से करो दर्द हो रहा है. अब जैसे ही उसने ये बोला तो मैं ओर जोर-जोर से शुरू हो गया.

    अब मैं उसके बूब्स को चूसने लगा था, अब वो मदहोश सी हो चुकी थी और अब उसे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे वो किसी जन्नत में है. फिर उसके बूब्स चूसने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह मे डाल दिया और बोला कि इसे चूस. तो पहले तो उसने मना कर दिया, लेकिन फिर बाद मे वो मान गयी. फिर करीब 10 मिनट तक मैंने अपना लंड उसे चुसवाया और उसके मुँह मे ही अपने लंड का अमृत निकाल दिया और बोला कि इसे पी जा और वो मेरा पूरा अमृत अपने अंदर निगल गयी.

    फिर मैंने उससे बोला कि अब तू मेरा लंड चाटकर साफ कर. अब मेरे ये बोलते ही वो एक रांड की तरह मेरे लंड को चूसने लगी. फिर मैंने उससे बोला कि अब मैं तेरी चूत मारूँगा, फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक झटका दिया. तो वो दर्द से चिल्ला उठी और बोली कि नहीं भैया प्लीज ये मत करो बहुत दर्द हो रहा है.

    मैंने बोला कि अब एक दो शॉट्स की बात है, फिर बाद मे तुझे भी बहुत मज़ा आएगा और ये बोलते हुए मैंने एक झटका और मारा और फिर मैंने अपनी बहन की सील तोड़ दी. अब 3-4 झटकों मे ही मेरा 9 इंच लंबा लंड मेरी बहन की चूत में था, अब वो दर्द से चिल्ला रही थी. फिर मैंने उसकी चुदाई के साथ-साथ उसे किस करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे झटके मारने लगा.

    तो वो आहह उफफफ्फ़ उफफफ्फ़, नहीं, प्लीज कर करके चिल्ला रही थी, लेकिन कुछ ही देर के बाद वो भी मेरे झटको के मज़े लेने लगी और बोल रही थी कि फक मी, तुम दुनियाँ के सबसे अच्छे भाई हो, फक मी हार्ड. फिर करीब 15 मिनट के बाद मैंने अपनी बहन की चूत मे ही अपना अमृत छोड़ दिया और उसे कसकर गले लगा लिया.

    फिर उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और बोली कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि में कभी अपने भाई के साथ ये सब करुँगी, लेकिन आज जब ये हो गया तो मुझे बहुत शर्म आ रही है. फिर मैंने उसे किस करते हुए बोला कि इसमें कोई हर्ज़ नहीं है, तू ये मत सोच कि मैं तेरा भाई हूँ बस तू ये सोच कि मैं तेरा बॉयफ्रेंड हूँ और बॉयफ्रेंड के साथ ये सब करना चाहिए.

    फिर उसने मुझे कसकर गले लगाया और किस करती हुई बोली कि हाँ अब मेरा भाई ही मेरा बॉयफ्रेंड है और फिर हम एक साथ नहाए. फिर बाहर आने के बाद भी हमने 5 बार सेक्स किया, फिर जब रात को मम्मी, पापा और मेरी दूसरी बहन हैप्पी आई, तो हम अपने-अपने रूम में जाकर बैठ गये. अब जब भी मुझे कोई मौका मिलता है तो मैं अपनी दोनों बहनों को चोदता हूँ, लेकिन वो दोनों ही इस रिश्ते को एक दूसरे से छुपाती है.

  • मौसी की लड़की को रगड़कर चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राव है और में जालंधर का रहने वाला हूँ, लेकिन में आज कल में इंग्लेंड में रहता हूँ और मेरी उमर 29 है. गोरा रंग अच्छी सेहत और में दिखने में एकदम ठीकठाक हूँ. दोस्तों मेरी यह कहानी जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ करीब सात साल पहले की है जब में भारत में था तब यह मेरे साथ घटित हुई. दोस्तों मेरी मौसी की एक लड़की है उसका नाम जस्सी है और उसकी उमर मुझसे करीब दो साल छोटी है और जब मैंने उसको चोदा तब वो 20 साल की थी और उसके फिगर का आकार उस समय 34-28-36 था.

    वो दिखने में बहुत सुंदर गोरी बड़ी हॉट सेक्सी लगती थी. एक दिन वो हमारे घर पर एक सप्ताह के लिए रहने के लिए आ गई और उस समय वो अपनी छुट्टियाँ बिताने हमारे घर पर आई थी. तो एक दिन हम सभी लोग एक साथ बैठकर टीवी देख रहे थे तब मेरा ध्यान अचानक से उसके बूब्स पर चला गया जो उस समय बहुत सुडोल, उभरे हुए आकर्षक दिख रहे थे, लेकिन फिर एक नजर देखकर मैंने अपनी नजर को वापस टीवी पर लगा दिया और में वो फिल्म देखने लगा, लेकिन दोस्तों जब से वो हमारे घर पर आई थी में बार बार उसके बूब्स, गांड को ही देख रहा था और दो तीन बार उसने भी मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था और उस रात को टीवी देखते समय भी ठीक ऐसा ही हुआ मेरी नजर दोबारा उसकी तरफ चली गई और ऐसे ही उसको देखने लगा वो पहले तो मुझसे शरमाई, लेकिन बाद में तो वो मेरी तरफ देखकर थोड़ा सा मुस्कुरा गई और उसकी इस हरकत की वजह से मेरी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और अब में भी उसे बिल्कुल निडर होकर देख रहा था और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे मन में ना जाने क्या क्या चल रहा था? मेरी सोच अब उसके लिए बिल्कुल बदल सी गई थी.

    फिर रात को करीब 9 बजे मेरी मम्मी ने उसको बोला कि ज्यादा ठंड है तो तुम भी हमारे साथ इस रज़ाई में बैठकर टीवी देख लो क्या तुम्हे सर्दी नहीं लगती? तो वो बिना कुछ बोले मेरे पैरों की तरफ उस रज़ाई में बैठ गई और उसने रजाई को अपने पैरों के थोड़ा ऊपर तक ले लिया था जिसकी वजह से अब उसके नरम नरम पैर मेरे पैरों से छू रहे थे जिसकी वजह से में तो अब बिल्कुल पागल हो रहा था और उस वजह से मेरा लंड धीरे धीरे लंबा होने लगा और कुछ देर के बाद मैंने अपने पैर पर खुजली के बहाने से अपना एक हाथ उसके पैरों पर छू दिया, तो वो मेरी तरफ देखकर स्माइल देने लगी, जिसकी वजह से में मन ही मन खुश होने लगा था और में समझ गया कि यह अब मुझसे ज़रूर अपनी चुदाई करवाएगी और उसके बाद में रुक नहीं सका और में लेटने का नाटक करते हुए उस रज़ाई में घुस गया जिससे मेरा हाथ बड़ी आसानी से उसके पास जा सके.

    फिर उसने अपने पैरों को आधा खड़ा कर लिया और मैंने अपने दोनों पैर उसके पैरों के नीचे से आगे कर दिए, जिसकी वजह से अब मेरा हाथ उसके पैरों के पास जा सकता था. अब मैंने रज़ाई ठीक करने के बहाने उसकी गोरी गरम जांघ को छूकर मज़े लिए और वो एक बार फिर से मेरी तरफ मुस्कराई. फिर तभी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसने भी मेरा हाथ पकड़ लिया था जिसकी वजह से में अब आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था इसलिए मैंने थोड़ी देर उसका हाथ पकड़ने के बाद अपना 6 इंच का लंबा और इंच मोटा लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया.

    अब वो चुपचाप मेरा लंड अपने हाथ में पकड़कर धीरे धीरे अपना हाथ लंड के ऊपर नीचे करने लगी उसके हाथ का स्पर्श पाकर में जोश में आ गया और फिर मैंने भी अपने हाथ को धीरे से आगे बढ़ाकर उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत को छूकर महसूस करने लगा और तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम गरम बहुत गीली हो चुकी थी.

    करीब 11 बजे मम्मी पापा और सब लोग सोने अपने कमरे में चले गए, लेकिन हम दोनों तब भी वहीं पर लेटे रहे और हम दोनों रात को आने वाली फिल्म देखने के बहाने टीवी देखते रहे. फिर मम्मी ने जस्सी को बोला कि जब तुम्हे सोना हो तो तुम राव के साथ ही सो जाना, वो तेरा भाई है तो उसको कोई आपत्ति नहीं होगी और उनके इतना कहकर चले जाने के बाद मैंने उससे बोला कि जस्सी तू उठकर दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर दे. फिर उसने मेरे कहने पर तुरंत उठकर दरवाजा बंद करके लाइट को भी बंद कर दिया और अब हमारे रूम में हम दोनों ही थे और हल्की हल्की टीवी की रौशनी भी थी और फिर वो मेरे पैरों के पास बैठने लगी.

    तभी मैंने उससे कहा कि तुम अब मेरे साथ में लेट जाओ और मेरी बात को सुनकर वो थोड़ा सा हंसकर तुरंत मेरे पास में आकर लेट गई. अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत उसको अपनी बाहों में लेकर में उसके गुलाबी होंठो को किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ देते हुए मुझे अपनी बाहों में कस रही थी. फिर कुछ देर बाद एक हाथ से में उसके बूब्स को मसल रहा था जिसकी वजह से वो अब गरम होकर जोश में आकर सिसकियाँ लेने और अब में उसको किस कर रहा था हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

    तभी उसने अपने आप मेरे कुछ कहे बिना ही वो मेरा लंड अपने एक हाथ में पकड़कर हिलाने लगी और तभी करीब दस मिनट के बाद मैंने उसकी कमीज़ को उतार दिया और सलवार को भी उतार दिया तो उसने मेरा पजामा और टीशर्ट को भी उतार दिया उसके बाद मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और अपने एक हाथ से मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया में उसकी गरम चूत पर अपना हाथ फेरने लगा.

    अब वो भी मेरा अंडरवियर नीचे खींच रही थी इसलिए मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में लेकर हम दोबारा किस करने लगे. फिर में उसके बूब्स को मसलने लगा तो कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसकी साँसे अब तेज होने लगी थी और वो पूरे जोश में थी और फिर में उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर सक करने लगा जिसकी वजह से वो कसमसाने लगी और उसके बाद में उसके नरम मुलायम पेट पर किस करने लगा.

    कुछ देर बाद वो मेरे सर को पकड़कर अपनी प्यासी कामुक चूत की तरफ धकेलने रही थी और में समझ गया था कि वो अब मुझसे अपनी चूत को चटवाना चाहती है और इसलिए में धीरे धीरे अपना मुँह उसकी चूत के पास ले जाकर में उसकी चूत को चूमने लगा, लेकिन वो तो बिल्कुल बेसब्री होकर मेरा सर पकड़कर अपनी चूत में घुसेड़ रही थी और अब उसकी सिसकियों की आवाज़ें भी आने लगी थी वो सीईईईई आह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और अपने होंठो पर जीभ घुमा रही थी.

    फिर मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डालकर में उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा जिसकी वजह से वो बिल्कुल मदहोश होकर अपनी आखें बंद करके अपने कूल्हों को ऊपर कर रही थी. फिर मैंने अपनी दो उँगलियों को चूत में डालकर हिलाने लगा और उसके दाने को सहलाने लगा.

    करीब पांच मिनट तक लिक करने और ऊँगली से उसकी चूत को चोदने से वो एकदम से उछल पड़ी और उसके बाद में वो अचानक से ठंडी होने लगी और में उसकी हालत को देखकर तुरंत समझ गया कि उसकी चूत ने अब पानी छोड़ दिया है, वो अब झड़कर बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही तो में उसको होंठो पर किस करने लगा और थोड़ी देर के बाद वो भी मुझे किस करने लगी और मेरा साथ दोबारा देने लगी और अब वो मेरा मोटा लंड पकड़कर धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी.

    करीब तीन चार मिनट के बाद वो मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीभ को फेरने लगी. मुझे उसके ऐसा करने से बहुत मज़ा आ रहा था और में उसके सर पर अपना हाथ घुमाकर सहला रहा था. फिर जब थोड़ी देर के बाद मेरा लंड पूरी तरह से सरिये की तरह तनकर खड़ा हो गया तो मैंने उसको उसके दोनों पैरों को ऊपर करने के लिए कहा तो उसने मुझसे बोला कि ठीक है में अभी करती हूँ, लेकिन आप बहुत धीरे से डालना आपका लंड बहुत मोटा और लंबा है मुझे बहुत दर्द होगा. अब मैंने उससे पूछा कि क्या इससे पहले भी कभी तुमने अपनी चूत को चुदवाया है?

    वो बोली कि हाँ भैया में इससे पहले भी अपने एक बॉयफ्रेंड से अपनी चूत की चुदाई करवा चुकी हूँ, लेकिन अब मुझे सेक्स किए हुए बहुत समय हो चुका है और मेरी चूत अब किसी के लंड के लिए बहुत तरस रही हूँ प्लीज अब ज्यादा देर मत लगाओ और चोद दो मुझे और मुझे वो मज़े दे दो जिसके लिए मैंने अब तक इंतजार किया. मेरा बॉयफ्रेंड तो मुझे आधे रास्ते में ही धोखा देकर चला गया. अब आपसे मुझे वो सुख चाहिए प्लीज थोड़ा जल्दी से मेरी प्यास को बुझा दो.

    मैंने उसको बोला कि ठीक है तुम्हे दर्द तो होगा, लेकिन खून नहीं आएगा. अब में उसके पैरों के बीच में आकर उसके दोनों पैरों को ऊपर करके उसकी छाती के पास तक ले जाकर मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया तभी वो मेरी तरफ देखकर मुस्करा रही थी.

    अब मैंने उसके कंधो को पकड़कर धीरे धीरे दबाव डालते हुए अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया. अभी मेरे लंड का उसकी चूत में टोपा ही गया था कि वो मुझसे कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ आईईईईई माँ मर गई प्लीज़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊईईईइ माँ में मर जाउंगी आप इसके ऊपर कुछ लगा लो, सूखा लंड अंदर जाने में दर्द हो रहा है प्लीज बाहर निकाल लो इसको.

    फिर मैंने वैसे ही रुककर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और अपने मुहं से थूक बाहर निकालकर मैंने अपने लंड पर लगा लिया उसके बाद मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर दोबारा लगाया और में उसको बोला कि तुम तुम्हारे दोनों हाथों से अपने कूल्हों को खोल लो.

    अब उसने जैसे मैंने उससे कहा था वैसा ही किया और मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर फिसलकर जा चुका था और तब मैंने रुककर उससे पूछा कि क्यों अब तो तुम्हे दर्द नहीं हो रहा है ना?

    तब वो कहने लगी कि नहीं उसके बाद में मैंने अपने लंड से उसकी चूत में धीरे धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए और थोड़ी देर के बाद उसकी चूत भी अब जोश में आकर गीली हो गई थी जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक बिना किसी रुकावट के जाने लगा था और वो भी अब बहुत खुश होकर अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मुझे अपनी चुदाई करवा रही थी और मैंने उससे बोला था कि तुम अपने मुँह से कोई भी आवाज नहीं निकलना, इसलिए वो अपने होंठो पर अपनी जीभ को घुमा घुमाकर मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और करीब 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में पकड़कर कस लिया और में तुरंत समझ गया कि उसकी चूत ने दोबारा पानी छोड़ दिया है, लेकिन में अभी भी धक्के लगा रहा था और मेरा लंड हर एक धक्के से उसकी चूत के पूरे अंदर तक जा रहा था.

    में तो उस मज़े में पागल हो रहा था पूरे 45 मिनट तक उसको लगातार धक्के देकर चोदने के बाद मेरे लंड का पानी निकल गया, जिसको मैंने जस्सी की चूत में अंदर तक जाने दिया था.

    दोस्तों जस्सी उस चुदाई में करीब चार बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी. फिर में उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो जस्सी ने मुझसे कहा कि भाई मैंने अपनी चूत की चुदाई तो पहले भी बहुत बार करवाई है, लेकिन जितना मज़ा आज मुझे आपने चुदाई का दिया शायद वो मुझे दोबारा जिंदगी में भी ना मिले. आपने मुझे वो पूरा मज़ा दिया जिसके लिए मैंने आपसे अपनी चूत को चुदवाया है और आप बहुत अच्छी चुदाई करते हो, वाह मज़ा आ गया. फिर दोस्तों जस्सी हमारे घर पर पूरे दो सप्ताह तक रही और हम दोनों हर रोज रात को टीवी पर फिल्म देखने के बहाने एक साथ सोते और घरवालों के सो जाने के बाद चुदाई करते बहुत मज़े लिया करते.

  • मम्मी की चुदाई पापा की अनुपस्थित में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजन है और में दिल्ली से हूँ और आज जो स्टोरी में आप सभी चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ बिल्कुल सच है, जो कि आज से दो साल पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है, जिसने मेरी और मेरी माँ की जिंदगी को पूरी तरह से बदल ही दिया.

    अब में आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ और उस घटना को पूरे विस्तार से सुनाता हूँ. दस्तों मेरा नाम राजन है और में दिल्ली में रहता हूँ. मेरी उम्र इस वक़्त 22 साल है और में एक हर दिन जिम जाने वाला अच्छे स्वस्थ शरीर और अच्छा दिखने वाला एक लड़का हूँ.

    मेरे लंड का साइज़ 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है और मुझे ऐसा लगता है कि किसी भी औरत को संतुष्ट करने के लिए इतना सब कुछ होना ठीक है और में अपने माँ, बाप की एक इकलोती औलाद हूँ. मेरी मम्मी का नाम रानी है और उनकी उम्र अभी 48 साल है, मेरी मम्मी के फिगर का साईज़ 38-40-42 है, मेरी मम्मी थोड़ी सी मोटी जरुर है, लेकिन वो दिखने में बहुत सुंदर और उनके बूब्स एकदम गोरे, निप्पल का रंग हल्का भूरा है और उनका बदन एकदम गदराया हुआ है और उनके बाल बहुत लंबे काले है और वो ज़्यादातर सलवार सूट और घर में रहकर वो ज़्यादातर मेक्सी पहनती है.

    दोस्तों उस दिन हुआ यूँ कि वो एक दिन की बात है, मेरे पापाजी जो एक सरकारी विभाग में नौकर है, उन्हें अपने विभाग की किसी जरूरी मीटिंग की वजह से करीब एक सप्ताह के लिए कहीं बाहर जाना था. फिर मेरी माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तेरे पापा बाहर जा रहे है तो तू भी अब ज्यादातर समय घर में ही रहना, नहीं तो में पूरा दिन घर पर अकेली रहती हूँ.

    फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है मम्मी. दोस्तों क्योंकि में अपना ज़्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ घूमने फिरने में इधर उधर ही गुजार देता था, इसलिए उन्होंने मुझसे ऐसा कहा था और फिर उसके अगले ही दिन पापाजी सुबह 6 बजे ही अपने काम से बाहर चले गये, जब में सोकर उठा तो मैंने अपनी मम्मी से पूछा कि पापा कहाँ है तो वो मुझसे कहने लगी कि वो तो चले गये और फिर में उनकी यह बात सुनकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया और फिर नहाकर बाहर आकर में नाश्ता करने लगा.

    फिर मम्मी मुझसे कहने लगी कि बेटा अब जब तक तेरे पापा नहीं आएँगे तू मेरे ही साथ रहेगा और उनके मुहं से बात सुनकर मेरे मन में एक अजीब सी हलचल मच गई, क्योंकि मेरी मम्मी दिखने में बहुत सेक्सी है और उन्हें मैंने कई बार नहाते हुए भी देखा था और सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके बारे में सोचकर में बहुत बार मुठ भी मारता था.

    अब मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर उनसे कहा कि हाँ ठीक है मम्मी और में उठकर अपने रूम में चला गया और फिर में अपने लेपटॉप पर पॉर्न फिल्म देखकर अपनी मम्मी को याद करके मुठ मारने लगा था और तभी मेरे मन में एक विचार आया कि क्यों ना में आज अपनी मम्मी को नंगा देखूं और यह बात सोचकर में अपने रूम से बाहर आ गया तो मैंने देखा कि मम्मी वहां पर नहीं थी तो में मम्मी के रूम के पास चला गया और मैंने वहां पर भी देखा, लेकिन मम्मी वहां पर भी नहीं थी. फिर मैंने सभी जगह पर उनको ढूंढा तो देखा कि मम्मी उस समय बाथरूम में थी.

    अब मैंने मन ही मन सोचा कि आज मेरे पास बहुत अच्छा मौका है और में अपनी मम्मी को नहाते हुए देखता हूँ और फिर मैंने बाथरूम की खिड़की से अंदर की तरफ झांककर देखा तो मेरी मम्मी उस समय अपनी बर्गर जैसी फूली हुई मोटी चूत के बालों को साफ कर रही थी, वो सब देखकर मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और में अपने लंड को एक बार फिर से पकड़कर वो सब कुछ देखते हुए जोश में आकर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा था और फिर जब मैंने देखा कि मम्मी ने अपनी पूरी चूत के बालों को साफ कर दिया है तो वो अब एकदम मलाई की तरह चिकनी लग रही थी और अब मुझे वो सब देखकर मम्मी की चूत को चाटने का मन कर रहा था और अब मम्मी नहाने लगी थी.

    फिर में वहां से तुरंत हटकर अपने रूम में चला गया और उस दिन मैंने मम्मी को सोचकर उनके नाम की तीन बार मुठ मारी. मैंने अपने आपको शांत किया और रात को में बहुत ज्यादा थककर ना जाने कब सो गया. फिर अगले दिन में उठा और नहा धोकर मैंने नाश्ता किया और फिर में बाहर घूमने चला गया. उसके बाद जब में दोपहर को वापस आया तो मैंने देखा कि मम्मी उस समय घर का काम कर रही थी और में सीधा अपने कमरे में चला गया.

    मैंने सोचा कि में जाकर सो जाता हूँ, लेकिन मेरी मम्मी की चूत का वो सीन जो मैंने उनको नहाते हुए कल देखा था, तो अब वो मेरी आँखो के सामने से जा ही नहीं रहा था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना आज एक बार फिर से मम्मी की चूत के दर्शन किए जाए. फिर में अपने कमरे से बाहर आ गया और मैंने देखा कि मम्मी वहां पर नहीं थी, तो मैंने सोचा कि वो शायद बाथरूम में होगी. मैंने उनको वहां पर देखा, लेकिन वो तो वहां पर भी नहीं थी.

    फिर में चुपचाप दबे पैर मम्मी के रूम के पास चला गया और फिर मैंने हल्का सा दरवाजा खोलकर अंदर की तरफ देखा तो वो सब देखकर मेरे तो एकदम होश ही उड़ गये थे. उस समय मेरी मम्मी ने एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और उस मेक्सी को उन्होंने अपने बूब्स तक ऊपर किया हुआ था और वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और एक हाथ से अपनी उस तड़पती हुई चूत में अपनी एक मोटी वाली ऊँगली को अंदर डालकर लगातार आगे पीछे कर रही थी और मम्मी ने उस वक़्त काली पेंटी पहनी हुई थी, जो थोड़ा नीचे की तरफ सरकी हुई थी और उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद की हुई थी, वो उस समय पूरे जोश में थी.

    दोस्तों वो सेक्सी नजारा देखकर अब मेरा लंड तुरंत ही तनकर खड़ा हो गया और वो हल्के हल्के झटके देने लगा था और में अपने लंड को ट्राउज़र के ऊपर से ही सहलाने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने थोड़ी हिम्मत की और में अब दरवाजे से अंदर आकर खड़ा हो गया और मैंने बोला कि मम्मी क्या हुआ है आपको? तो मम्मी ने मेरी आवाज को सुनकर जल्दी से अपनी आखें खोली और उन्होंने अपने कपड़े ठीक करके वो मुझसे बोली कि बेटा तू कब आया?

    फिर मैंने उनसे कहा कि मम्मी में बस अभी आया तो मम्मी ने मुझसे पूछा कि क्यों तू तो अपने रूम में सोने गया था ना? मुझे लगा कि तू सो गया है.

    फिर मैंने कहा कि नहीं मम्मी मुझे अब बहुत भूख लगी है, इसलिए मैंने सोचा कि में आपसे खाने के लिए कुछ बोल दूँ, इसलिए में आपके पास चला आया. फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि तू चल बैठ जा, में तेरे लिए अभी खाना लाती हूँ, लेकिन उस समय मेरा लंड एकदम टाईट हो रहा था और माँ की नज़र भी मेरे लंड पर ही थी, जो मेरे ट्राउज़र में टेंट बन रहा था.

    फिर मैंने खाना खाया और में दोबारा अपने रूम में जाकर मम्मी के उसी सीन को याद करके मुठ मारने लगा था. फिर रात हुई में और मम्मी खाना खाकर टी.वी. देख रहे थे. तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि बेटा क्या में तुझसे एक बात पूछ सकती हूँ? मैंने कहा कि हाँ मम्मी पूछो? तो मम्मी ने मुझसे कहा कि क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा डर सा गया और डरते डरते मैंने उनको अपना जवाब दे दिया नहीं मम्मी.

    अब मम्मी मुझसे कहने लगी कि अरे तू मुझसे इतना डर क्यों रहा है, मुझे तू अपनी एक दोस्त समझकर यह सभी बातें कर सकता है. फिर मैंने उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा शांत होकर उनसे कहा कि मम्मी मेरी कुछ समय पहले एक गर्लफ्रेंड थी, लेकिन अब नहीं है. फिर मम्मी ने पूछा कि अब क्यों नहीं है? मैंने कहा कि उसको मेरे अलावा कोई और लड़का मिल गया, इसलिए हम दोनों का रिश्ता वहीं पर खत्म हो गया. अब मम्मी ने मुझसे पूछा कि क्यों तुझे कोई और लड़की क्यों नहीं मिली? फिर मैंने उनसे कहा कि नहीं मम्मी मैंने खुद ऐसा नहीं चाहा.

    तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि अच्छा चल अब यह बता कि तूने उसके साथ कुछ किया था या नहीं? तो मैंने उनकी बात को सुनकर उनसे पूछा कि क्या मतलब? फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि मतलब यह है कि तूने कभी उसे किस या स्मूच वगेरा किया या नहीं? दोस्तों अब में उनकी बात को सुनकर एकदम चुप बैठ गया और कुछ सोचने लगा. तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि तू इतना शरमा क्यों रहा है बताना?

    तब मैंने उनसे कहा कि हाँ मम्मी किया था तो वो थोड़ा सा मेरी तरफ मुस्कुराकर कहने लगी कि वाह बहुत अच्छा और तूने उसको बस किस ही किया था या कुछ और भी? फिर मैंने पूछा कि कुछ और क्या मतलब मम्मी? अब मेरी मम्मी मुझसे बिल्कुल खुलकर साफ साफ कहने लगी कि मेरे सामने तू ज्यादा नादान मत बन, मेरा मतलब है कि तूने उसके साथ सेक्स किया या नहीं?

    दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे तो पूरे होश ही उड़ गये और मुझे अपने कानों पर उनके कहे शब्दों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वो मुझसे यह क्या बात पूछ रही है? क्योंकि मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं सोचा था कि वो कभी क्या मुझसे यह सभी बातें भी पूछ सकती है? और अब मेरा लंड तो सीधा खड़ा होकर मेरे ट्राउज़र में ही टेंट बनाने लगा था तो मम्मी उसका खड़ा होते हुए देखकर शैतानी हंसी हंसने लगी थी और अब वो मुझसे कहने लगी कि तू मुझे अब एकदम सच सच बता. फिर मैंने भी खुलकर उनसे कह दिया कि हाँ मैंने उसके साथ सेक्स भी किया है और मेरे जवाब को सुनकर वो मुझसे कहने लगी कि चलो मेरा बेटा एक अनुभवी है.

    अब मम्मी ने मुझसे पूछा कि तुम दोनों ने आखरी बार सेक्स कब किया था? तो मैंने धीरे से कहा कि तीन महीने पहले तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तेरा अब मन नहीं करता सेक्स करने का? तो मैंने कहा कि हाँ कभी कभी मेरा मन करता तो है.

    अब मम्मी ने मुझसे पूछा कि फिर उस समय तू क्या करता है? तो मैंने कह दिया कि कुछ नहीं. फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि क्यों? अब मैंने उनसे कहा कि मेरे पास कोई है नहीं तो में क्या करूं? फिर मम्मी ने मुझसे पूछा कि तू अपनी संतुष्टि कैसे करता है? मैंने तुरंत कहा कि अपने हाथ से वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है, लेकिन ऐसा अपने हाथ से ज़्यादा मत किया कर, नहीं तो तेरा वो खराब हो जाएगा और वो टी.वी. देखने लगी.

    फिर मेरे मन में एक बहुत अच्छा विचार आ गया कि क्यों ना में भी मम्मी से ऐसी ही बातें पूछ लूँ, क्या पता बातों ही बातों में मम्मी मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हो जाए और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके मम्मी से कहा कि क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ? मम्मी ने कहा कि हाँ पूछो ना बेटा. मैंने उनसे कहा कि मम्मी आज मैंने कुछ देर पहले आपके कमरे में आकर देखा था कि आप कुछ कर रही थी तो आप ऐसा क्यों कर रही थी?

    मम्मी ने मुझसे वो बात सुनकर पहले मेरी तरफ मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि जैसे तू अपने हाथ से संतुष्टि प्राप्त करता है, ठीक वैसे ही में भी उस समय अपनी खुद की संतुष्टि प्राप्त कर रही थी और फिर मैंने उनसे कहा कि आपके पास तो पापा जी है. फिर भी आप ऐसा क्यों करती हो?

    मम्मी ने मुझसे कहा कि तेरे पापा को तो अपने काम से कभी फ़ुर्सत ही नहीं है और वो अगर मेरे साथ कुछ करते है तो वो दो मिनट से ज्यादा मेरे साथ कुछ भी नहीं करते. दोस्तों तब मुझे उनकी बातें सुनकर ऐसा लगा कि अब मेरे पास बहुत अच्छा मौका है, इसलिए मैंने उनसे कहा कि क्या मम्मी कभी आपका मन नहीं करता किसी और के साथ कुछ करने का?

    तभी उन्होंने मुझसे कहा कि हाँ करता है ना तेरे साथ सब कुछ करने का और उन्होंने मुझसे इतना कहकर अब मेरे खड़े हुए लंड पर अपना हाथ रख दिया और उसे कपड़ो के ऊपर से ही सहलाने लगी. फिर मैंने उनसे कहा कि लेकिन मम्मी आप मेरी माँ हो और में आपका बेटा?

    तभी मम्मी मुझसे कहने लगी कि बेटा क्या तू अपनी माँ की इस इच्छा को पूरी नहीं करेगा? क्या तू चाहता है कि में घर से बाहर कदम रखूं और किसी और से अपनी चुदाई करवाऊं? तो मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर मन ही मन सोचा कि मेरे पास यही मौका है और फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है मम्मी में आपको जरुर खुश करूँगा, लेकिन अगर पापा को इस बात का पता चल गया तो? तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि उन्हें क्या किसी को भी इस बात का पता नहीं चलेगा, तू मुझ पर भरोसा रख और अब हम तेरे पापा की गैर मौजूदगी में जमकर बहुत मज़े लिया करेंगे.

    फिर मैंने भी मम्मी के बूब्स पर हाथ फेरने शुरू कर दिए और मम्मी तुरंत उठकर मेरी गोद में बैठ गई और मम्मी ने उस समय लाल कलर की मेक्सी पहनी हुई थी. उन्होंने तुरंत उसको उतार दिया और अब सिर्फ़ मम्मी नीले कलर की ब्रा और नीले रंग की पेंटी में थी और मम्मी मेरी गोद में बैठकर मेरे होंठो को एकदम एक भूखी शेरनी की तरह चूस रही थी और एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी.

    फिर मम्मी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी छाती पर किस करने लगी और मेरे निप्पल पर जीभ लगाने लगी. फिर मैंने मम्मी की ब्रा को उतार दिया और मम्मी के मोटे मोटे 38 के साईज़ के बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा और बारी बारी से उन्हें चूसने लगा, जिससे मम्मी के मुहं से आअहह आईहह ऊऊहहहह की आवाज़ निकलने लगी.

    फिर मम्मी सोफे से नीचे जमीन पर बैठ गई और उन्होंने मेरा ट्राउज़र नीचे करके मेरे लंड को मेरे अंडरवियर के ऊपर से अपने दांतो की मदद से भूखी शेरनी की तरह काटने लगी और फिर वो जल्दी से मेरे लंड को बाहर निकालकर चूसने लगी, जिससे मेरे मुहं से आअहह उुउऊहह मम्मी हाँ आआहह की सिसकियाँ निकलने लगी थी और अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में स्वर्ग में आ गया हूँ और मम्मी मेरे लंड को कम से कम दस मिनट तक लगातार चूसती रही और फिर मैंने अहहहह हाँ उफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चूसो मम्मी वाह मज़ा आ गया की आवाज़ के साथ मैंने मम्मी के मुहं में अपना वीर्य निकाल दिया और जिसे मम्मी पी गयी.

    फिर मेरी मम्मी ने मेरे लंड को दो मिनट और चूसा, जिससे कि मेरा लंड खड़ा रहे और फिर मैंने मम्मी को सोफे पर लेटा दिया और में पेंटी के ऊपर से मम्मी की चूत को चाटने लगा और फिर मम्मी अपनी दोनों आँखे बंद करके सोफे पर पड़ी रही और आहह उूुुउऊँ माँ आहहह मर गई बेटा बहुत मज़ा आ रहा है, वाह बहुत मज़ा आ रहा है की आवाज़ करने लगी, आईईई बेटा चाट आज अपनी माँ की चूत को और चाट बेटा और चाट आआआहह मेरे शेर आज अपनी माँ की चूत की खुजली को मिटा दे मेरे लाल, जितना मस्त तेरा लंड है, उतनी ही मस्त तेरी जीभ है मेरे बेटे, मज़ा आ गया, ऐसा अनुभव तो मुझे आज तक तेरे पापा से भी नहीं मिला जो तूने मुझे दिया है.

    अब मैंने मम्मी की पेंटी को उतार दिया और मम्मी की चूत में दो उंगली डालकर मम्मी की चूत में अंदर बाहर करने लगा और चूत को चाटने लगा था, जिसकी वजह से मम्मी के मुहं से निकलती हुई सिसकियाँ अब और भी तेज़ हो गई, मम्मी आहहह उूुुउउउउ उऊईईईईइ में मर गई मेरी जान हाँ और चाट अपनी माँ की चूत आज मिटा दे इसकी सारी प्यास, बहुत अच्छा लग रहा है की आवाज़ करने लगी. फिर बस दस मिनट तक चाटने के बाद मम्मी का पानी झड़ गया, जिसको मैंने अपनी जीभ से चाटकर साफ कर दिया.

    फिर मैंने मम्मी को अपना लंड चूसने के लिए कहा और कुछ देर चूसने के बाद धीरे से मम्मी के पैर उठाकर में मम्मी की गरम चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा और धीरे धीरे म्‍म्मी की चूत में लंड डालने लगा, लेकिन तब मैंने महसूस किया कि मम्मी की चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से लंड ठीक तरह से अंदर जा ही नहीं रहा था.

    फिर मैंने पहले धीरे से संतुलन बनाकर लंड को चूत में डाला और उसके बाद में धीरे धीरे धक्के मारने लगा और मम्मी आहहहह उऊहहउूउउ उउफ्फ की आवाज़ कर रही थी. अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को थोड़ा तेज़ कर दिया और मम्मी के दोनों पैरों को उठाकर में तेज़ तेज़ धक्को के साथ मम्मी को चोदने लगा और मम्मी के बूब्स हिलते वक़्त एकदम जैली की तरह हिल रहे थे, तो में उन्हें हाथ से दबा रहा था और बीच बीच में चूस भी रहा था और मम्मी आआहहहह उफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई की आवाज़ करके मस्ती में चुदाई के मज़े ले रही थी.

    फिर मैंने मम्मी का एक पैर सीधा किया और एक पैर को कंधे पर रख लिया और मैंने एक बार फिर से धक्के मारने शुरू किए और हाँ मैंने मम्मी को कम से कम आधे घंटे तक लगातार चोदा. उसके बाद मैंने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाला और अब मम्मी मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मैंने अपना वीर्य उनके मुहं में डाल दिया.

    दोस्तों मैंने कुछ देर आराम किया, लेकिन उन्होंने मेरे लंड को लगातार चूसा, जिसकी वजह से लंड बहुत जल्दी तनकर दोबारा खड़ा हो गया. अब मैंने मम्मी को डॉगी स्टाईल में बैठा दिया और में खुद उनके पीछे आ गया.

    फिर मैंने कुछ देर मम्मी की चूत चाटी और फिर धीरे से लंड को अंदर डालकर मैंने अब दोबारा उनको धक्के मारने शुरू कर दिए और मम्मी उूउऊइई माँ मर गयी, उउऊइई माँ मर गयी कि आवाज़ करने लगी और आहहहह आईईइ वाह मेरे लाल तेरा लंड तो तेरे बाप से भी बहुत मस्त है, तेरे बाप की चुदाई तो कुछ भी नहीं है अच्छे लंड वाला तो मेरा बेटा है, हाँ चोद बेटा आज अपनी माँ को बहुत जमकर चोद आज तू मेरी चूत को सुजा दे मेरे बेटे, आज मुझे अपनी रंडी समझकर चोद और इतना चोद कि में मर जाऊं.

    अब में भी जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा, लेकिन अब कुछ देर धक्के देने के बाद में झड़ने वाला था, तो मैंने उनसे कहा कि मम्मी में अब झड़ने वाला हूँ और मैंने जल्दी से अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकालकर मम्मी के मुहं में डालकर अपना माल एक बार फिर से मैंने मम्मी के मुहं में डाल दिया. उसके बाद हम दोनों मम्मी के बेडरूम में चले गये और जाकर हमने बेड पर कुछ देर आराम किया.

    फिर मम्मी ने कुछ देर चूसकर मेरा लंड दोबारा खड़ा किया, इस बार वो मेरे ऊपर चढ़कर बैठ गई और लंड को अपनी चूत में सेट किया और धीरे धीरे उसको अपनी गीली चिकनी चूत में अंदर उतारती चली गई और पूरा अंदर पहुंच जाने के बाद वो अब धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी. मैंने उसकी कमर को पकड़ा और में भी नीचे से धक्के देने की कोशिश करने लगा. दोस्तों इस बार मैंने मम्मी को कम से कम बिना झड़े करीब 45 मिनट तक चोदा.

    उसके बाद हम दोनों बहुत ज्यादा थककर वहीं पर लेट गए. मैंने देखा कि उनकी चूत से कुछ चिपचिपा पानी निकल रहा था और वो सरकता हुआ उनकी जांघो पर जा लगा. दोस्तों वैसे उस रात मैंने मम्मी को कम से कम 6 बार चोदा और तब से लेकर आज तक जब भी हमे मौका मिलता है तो हम दोनों खुलकर सेक्स करते है.

  • विधवा मम्मी की कामुक नजर

    हैल्लो दोस्तों, में लाई हूँ एक मोटे लंड और चूत के रस से सराबोर कहानी जिसमें एक मम्मी अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए अपने लड़के को कैसे चुदाई का पाठ पढ़ाती है? में उसके बारे में बता रही हूँ और हाँ तो दोस्तों यह कहानी है एक 37 साल की विधवा औरत की जिनके पति अभी दो साल पहले भगवान को प्यारे हो गये और आप लोग तो जानते ही है कि इस उम्र में विधवा होना शरीर के लिए कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है और अगर औरत सुंदर हो तो और भी परेशानी ज्यादा होती है.

    पति के मर जाने के बाद रीमा (आंटी) के जवान जिस्म पर हर किसी ने नज़र रखना शुरू कर दिया था और बाहर के लोगों के साथ साथ अब उसके जेठजी भी अब खुद अपनी गंदी नजर उस पर रखने लगे थे जिसको रीमा बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी थी, क्योंकि उसके पति के पास बहुत पैसा था और वो सब रीमा के ही नाम कर गये थे इसलिए रीमा ने अपनी आबरू इज्जत चूत को बचाने की खातिर वो अपने लड़के के साथ अलग रहने लगी और धीरे धीरे उन्होंने अपने पति का कारोबार भी संभाल लिया था. वैसे तो उनके ऑफिस में भी सभी लोग उसके जवान जिस्म को घूरा करते थे, लेकिन हर किसी की उसके ऊपर नजर थी और इस तरह से करीब 7-8 महीने गुजर गये थे.

    दोस्तों अब रीमा को अक्सर रात को अपनी जवानी की प्यास तड़पाने लगती थी और उसका शरीर सम्भोग करने के लिए बहुत तरस रहा था. वैसे भी हर जिस्म की कुछ अपनी ज़रूरतें होती है और अब उसको रह रहकर अपने जेठजी की वो गंदी करतूते याद आती थी और वो अब मन ही मन सोचती थी कि वो बेकार ही यहाँ पर आ गयी अगर वो अपने उसी घर में रहती तो जेठजी कम से कम मेरे बूब्स को सहलाकर ही मज़ा दे देते और यही सब बातें सोच सोचकर वो अब अपने ही हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी थी, लेकिन दोस्तों अब अक्सर उसकी राते ऐसे ही करवटे बदलते हुए बीत जाती थी और रीमा का लड़का जो अभी पूरी तरह से जवान भी नहीं हो पाया था, लेकिन वो क्या है कि आज कल का माहोल ही कुछ ऐसा है कि छोटे छोटे बच्चे भी चूत और लंड के बारे में सब कुछ जानते है उसके साथ क्या किया जाता है सब कुछ समझते है और वैसे ही उसके मन में भी किसी जवान लड़की को देखकर उसको चोदने का ख्याल आता था और वो भी अक्सर अपने रूम में ब्लूफिल्म की सीडी लगाकर मुठ मारा करता था.

    फिर ऐसे ही एक दिन रात को रीमा अपनी चूत को अपने हाथ से सहलाने के बाद उंगली करके जब पेशाब करने को बाथरूम में जाने को उठकर अपने रूम से निकली तो उसको अपने पास वाले अपने बेटे के रूम से सिसकियों की आवाज़े आ रही थी, वो पहले तो कुछ देर बाहर खड़ी होकर दरवाज़े पर कान लगाकर सुनती रही और फिर कुछ देर बाद अंदर से सिसकने की वो आवाज़ अब और भी तेज़ होती गई.

    फिर रीमा ने रोशनदान से चड़कर देखा तो वो अंदर का वो नजारा देखकर बिल्कुल दंग रह गई थी, क्योंकि अंदर उनका बेटा जिसका नाम राजू था वो अपने बेड पर पूरी तरह से नंगा होकर लेटा हुआ था और उसके सामने टीवी पर बहुत ही गंदी सेक्सी फिल्म चल रही थी, जिसको देख देखकर वो अपने लंड को हाथ से सहलाता हुआ अपने मुहं से सिसकियाँ निकाल रहा था. दोस्तों अंदर का वो नज़ारा देखकर रीमा की चूत जो कि पहले से ही गरम थी.

    अब वो और भी ज़्यादा तड़पने लगी थी और उसका दिमाग़ बिल्कुल भनभना गया, वो झट से उस रोशनदान से नीचे उतारकर बाथरूम में जाकर पहले अपनी प्यासी चूत से छेड़ छाड़कर मूतने लगी और उसके बाद रीमा तुरंत वहां से बाहर निकलकर अपने कमरे में आकर बेड पर जाकर लेट गई और अब वो अपने बेटे और उसके लंड के बारे में सोचने लगी.

    दोस्तों उसके बाद तो फिर यह उसका हर रोज़ का काम हो गया था इसलिए रीमा हर रोज़ अपने बेटे को ब्लूफिल्म देखते हुए उस रोशनदान से झांककर देखती और कुछ ही देर में उसका लड़का मुठ मारकर कर सो जाता, तब वो भी अपने रूम में जाकर अपनी चूत में उंगली डालकर कुछ देर अंदर बाहर करने के बाद अपनी चूत को ठंडी करके सो जाती. उसको यह सब काम करने में अब बहुत मज़ा आने लगा था और करीब बीस दिन तक ऐसा ही चलता रहा.

    रीमा ने आख़िर बहुत सोच विचार करने के बाद अपने लड़के के साथ अपनी चुदाई करने का मन बना लिया था, क्योंकि उसने अब हर एक रिश्ते को ताक पर रख दिया और अब वो अपने बेटे से अपनी चूत को शांत करवाने की हर एक तरकीब सोचने लगी थी और उसको कैसे भी करके अपने बेटे के लंड को अपनी चूत के अंदर डलवाना था.

    दोस्तों अब उसने इसलिए जानबूझ कर घर में सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट पहनना शुरू कर दिया था और अपने ब्लाउज के वो ऊपर के दो बटन खुद अपनी गोरी नंगी छाती अपने बूब्स की झलक दिखाने के लिए खोलकर रखती थी. अब वो अक्सर अपने बेटे को खाना देते वक़्त अपनी साड़ी का पल्लू भी जानबूझ कर नीचे गिरा देती थी जिसकी वजह से राजू का ध्यान उसकी मम्मी के नंगे गोरे आकर्षक बूब्स की तरफ चला जाता था.

    फिर यह सब देखकर रीमा मन ही मन बहुत खुश होती थी, उसने अपने बेटे को अपने उस कातिल गोरे जिस्म को दिखाने उसके दर्शन करवाने में अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी. अब वो हमेशा अपने घर के कामों के साथ साथ उस काम को भी किया करती कभी नहीं भूलती. फिर एक दिन कॉलेज की छुट्टी थी और राजू घर पर ही था और उस समय रीमा नहाने के लिए बाथरूम में गयी हुई थी और वो टावल को जानबूझ कर अपने रूम में ही छोड़ आई थी और नहाने के बाद उसने राजू को आवाज़ दी. बेटा जरा तुम मुझे वो टावल पकड़ा देना और में उसको वहीं पर भूल आई हूँ, राजू टावल लेकर आया तो उस समय बाथरूम का दरवाजा हल्का सा भिड़ा हुआ था और रीमा ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर उसने टावल को पकड़ लिया और फिर उसने बाहर राजू की तरफ देखा तो वो अब अंदर झांकने को बड़ा बेकरार दिख रहा था.

    फिर रीमा उसकी वो बेकरारी देखकर बहुत खुश हो गई, लेकिन तभी उसने झट से दरवाज़ा बंद कर लिया और वो अपना गोरा बदन साफ करने लगी और राजू वहीं पर अपनी मम्मी के रूम में जाकर बैठ गया. फिर कुछ देर बाद रीमा वो टावल अपने गोरे बदन पर लपेटकर बाथरूम से बाहर आ गई और फिर अपने रूम में आने के बाद वो राजू से बोली कि अरे बेटा तू यहाँ बैठा है.

    दोस्तों अपनी मम्मी को राजू ने पहली बार टावल में देखा था और वो टावल भी इतना छोटा था कि उसकी वजह से उसके बूब्स भी पूरी तरह से नहीं ढक पा रहे थे और उसके घुटनों से ऊपर का हिस्सा भी अब उसको साफ नज़र आ रहा था. अब रीमा भी अपने बेटे को इस तरह से अपनी तरफ घूरकर देखते हुए अंदर ही अंदर बहुत खुश थी, लेकिन आज उसने कुछ और ही सोच रखा था और राजू अब उठकर अपने रूम में जाने को हुआ तो रीमा उससे बोली कि बेटा अब तू यहाँ पर है तो तू ज़रा सा तेल मेरी पीठ पर लगा दे आज कल बहुत तकलीफ़ रहती है.

    अब राजू यह बात सुनकर थोड़ा सा घबराने लगा तो रीमा कि बोली बेटा तू घबरा क्यों रहा है? ले में पीठ के बल लेट जाती हूँ और तू अपना मुहं उधर घूमा ले, क्योंकि टावल बहुत छोटा है और में बेड पर ऐसे ही लेट जाती हूँ सिर्फ़ पीठ के थोड़े से हिस्से को ही यह टावल ढक पाएगा और जहाँ तक मेरा शरीर खुला हुआ है तू वहाँ तक तेल लगा देना और फिर रीमा उससे इतना कहकर अब पीठ के बल लेट गयी और वो मन ही मन बहुत खुश थी.

    फिर राजू अपने दोनों हाथों में तेल लगाकर अपनी मम्मी की गरम पीठ के खुले हुए हिस्से में मालिश करने लगा और कुछ देर पीठ में मालिश करवाने के बाद रीमा उससे बोली कि बेटा अब ज़रा सा नीचे मेरी जांघों की तरफ भी बढ़ जा और हाँ इस टावल पर भी पूरा ध्यान देना कहीं वो हटने ना पाए नहीं तो में पीछे से भी पूरी नंगी हो जाउंगी, क्योंकि में आगे से तो पहले से ही हूँ.

    दोस्तों यह बात रीमा ने अपने बेटे से बहुत अलग तरह से कही थी, अब राजू अपने हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके जाघों की भी मालिश करने लगा और कुछ देर बाद मालिश करने के बाद रीमा उससे बोली कि बेटा तू ऐसा कर कि इस टावल को अब थोड़ा सा समेट दे और कुछ इस तरह से कि सिर्फ़ मेरे कूल्हें ही इससे ढके रह जाए और तू बाकी के पूरे हिस्से पर अच्छी तरह से मालिश कर दे.

    फिर राजू अपनी माँ की यह बातें सुनकर बिल्कुल सन्न रह गया और वो बहुत चकित था. तब रीमा उससे कहने लगी कि बेटा इसमे तू इतना क्यों शरमा रहा है? मैंने भी तो तेरी बहुत बार मालिश की है और फिर तू तो मेरा राजा बेटा है ना, क्या अपनी माँ को तकलीफ़ में तू देख सकेगा?

    अब राजू ने मम्मी के टावल को हटाकर सिर्फ़ उनके कूल्हों पर रख दिया और फिर उनके पूरे पीछे के हिस्से की मालिश वो करने लगा था जिसको करने में उसको बहुत मज़ा आ रहा था और इतनी देर में वो भी अब तक गरम हो चुका था और अब उसको भी अपनी मम्मी के बदन की मालिश करने में बहुत जोश आ रहा था. उसके लंड ने अपना आकार बदल लिया था, लेकिन अपने उस रिश्ते की वजह से वो ज़्यादा कुछ नहीं कर पा रहा था और वो अपनी मम्मी के इरादो से पूरी तरह अंजान था.

    उसके बाद जब वो पूरी तरह से गरम हो गया और रीमा ने देखा कि अब राजू की हालत ज्यादा खराब है तब वो उससे बोली कि बेटा अब बस बहुत हो गया अब तुम बाहर जाओ. दोस्तों वो पहले से ही बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि इस बात से राजू का मूड खराब हो जाएगा, लेकिन वो पूरी तरह से लोहा गरम देखकर ही उस पर अपना हथोड़ा मारना चाहती थी.

    अब राजू अपने रूम में चला गया और रीमा ने भी अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद जब जब रीमा से राजू की नज़रे मिली तो वो उनके बूब्स की तरफ ही घूरता ही रहा और अब रीमा अपने लड़के के लंड की तरफ देखा करती थी.

  • 4 साल बाद मिली बहन की चूत

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ. ये स्टोरी जो अब में आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वो मेरी और मेरी बहन के बारे में है. मेरी फेमिली में 7 लोग है. ये कहानी आज से 2 साल पहले की है, लेकिन इसकी शुरुवात 6 साल पहले हुई थी.

    अब में आपको अपनी बहन के बारे में बता दूँ, उसका नाम कोमल है और उसकी उम्र 20 साल है, थोड़ा सांवला रंग, लेकिन फिगर 34-28-36 है. उसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा, अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ.

    ये स्टोरी 6 साल पहले शुरू हुए थी जब में 12वीं क्लास में था. एक दिन में अपने लेपटॉप में ब्लू फिल्म देख रहा था और मुठ मार रहा था, मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी बहन मेरे पीछे खड़ी होकर सब देख रही थी. फिर उसने मुझसे पूछा कि भैया ये तुम क्या कर रहे हो? तो में डर गया, मुझे लगा कि वो अब सबको बता देगी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

    फिर उसने बोला कि उसे भी ये देखना है, उससे पहले मेरे मन में मेरी बहन के लिए कुछ भी गलत नहीं था, लेकिन उस दिन मुझे लगा कि मुठ मारने से अच्छा है कि सेक्स कर लिया जाए. फिर क्या था? अब में और कोमल दोनों ब्लू फिल्म देखने लगे.

    फिर में मौके का फ़ायदा उठाकर उसको किस करने लगा और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. अब में उसके बूब्स को दबा रहा था, कितने मस्त थे? कोमल उसके नाम जैसे. फिर उसने मुझे बोला कि घर पर सब है कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जायेगी इसलिए हम दोनों ने कंट्रोल किया, लेकिन जॉइंट फेमिली में होने के कारण अब हमें उससे आगे बढ़ने का कोई मौका नहीं मिलता था.

    फिर में अपनी पढाई के लिए बैंगलोर आ गया, लेकिन हमेशा कोमल को याद करता रहता कि कब मुझे कुछ करने को मिलेगा? फिर 4 साल के बाद एक दिन मेरी किस्मत फिर से खुली और मुझे कोमल का फोन आया कि वो किसी एग्जॉम के लिए बैंगलोर आ रही है, तो मेरा दिल तो खुशी से भर गया. फिर में उसे लेने स्टेशन गया, में एक रूम लेकर रहता था फिर हम रूम पर आए.

    अब मुझे ऑफिस के लिए जाना था तो मैंने उसको बोल दिया कि तुम आराम करो, हम शाम को मिलते है, लेकिन अब मेरा ऑफिस में मन कहाँ लगने वाला था? फिर में 5 बजे ऑफिस से निकला और मेडिकल स्टोर पर गया और कंडोम और विगोरा की गोली ली और फिर अपने रूम पर पहुँचा, लेकिन कोमल ने मेरे लिए तो सर्प्राइज़ तैयार कर रखा था.

    फिर जब मैंने डोर बेल बजाया तो कोमल ने दरवाजा खोला. उसने एक पिंक कलर का ड्रेस बिना ब्रा और पेंटी के पहन रखा था, तो में सीधा उस पर टूट पड़ा और उसको किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा.

    फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े निकाले तो वो मेरा लंड देखकर डर गई, मेरा लंड 8 इंच का है. फिर उसने कहा कि भैया आपका इतना बड़ा है अब तो बहुत ज्यादा मज़ा आयगा. अब में उसके बूब्स को चूस रहा था और वो मेरे लंड से खेल रही थी.

    फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला तो उसने मना किया, लेकिन मैंने दबाव दिया तो वो मान गई और मेरा लंड चूसने लगी. अब में तो पागल हो गया था और मुझे ऐसा लग रहा था कि उसको सालो का अनुभव हो. फिर में उसकी चूत को चाटने लगा तो वो मचल उठी और मौन करने लगी अहह भैया आअहह कम ऑन प्लीज आआ.

    फिर मैंने कंडोम निकाला और उसको अपने लंड पर पहनाने को दिया. फिर उसके पैरों को अपने पैरो पर रखा और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा, तो वो बोली कि भैया प्लीज डालो ना ऐसा मत करो, फिर मैंने एक धक्का मारा और मेरा पूरा 5 इंच लंड अंदर चला गया. फिर मैंने उससे पूछा कि तुमने पहले भी सेक्स किया है? तो उसने बताया कि उसने अपने बॉयफ्रेंड के साथ किया है.

    फिर मैंने पूरा ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. अब उसे दर्द होने लगा था, अब वो बाहर निकालो, प्लीज निकाल लो बोलने लगी थी, लेकिन अब में उसकी कहाँ सुनने वाला था. फिर मैंने धीरे-धीरे झटके मारना चालू किया.

    अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी और कहने लगी आअहह और ज़ोर से चोद दो अपनी बहन को, में तेरी रंडी हूँ और चोदो. अब ये सब सुनकर मुझे और जोश आ गया और में ज़ोर-जोर से झटके मारने लगा. फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में होने को बोला और उसे चोदने लगा और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा और फिर 20 मिनट के बाद में झड़ने वाला था. अब वो 2 बार झड़ चुकी थी और फिर में भी झड़ गया और उसके ऊपर ही सो गया.

    फिर हमने खाना खाया और उसके बाद में उसकी गांड पर हाथ फैरने लगा और उसको बोला कि मुझे तुम्हारी गांड बहुत पसंद है और मुझे इसको भी चोदना है तो उसने बोला कि उसने कभी गांड नहीं मरवाई है और बोलने लगी कि आपका लंड लेने पर मुझे इतना दर्द हो रहा है तो अगर आप मेरी गांड में अपना लंड डालोगे तो में मर ही जाउंगी.

    फिर में उसको समझाने लगा कि मज़ा आयेगा और बोला कि दर्द होगा तो में अपना लंड निकाल दूँगा. फिर उसने बोला कि ठीक है, लेकिन मुझे अभी कुछ ब्लू फिल्म देखनी है. मुझे ब्लू फिल्म देखे हुए बहुत टाईम हो गया है, तो में फिर उसे ब्लू फिल्म दिखाने लगा, जिसमें लड़का लड़की की गांड मार रहा था, तो मैंने उससे बोला कि उसको देखो कितना मज़ा आ रहा है, कितने मज़े से अपनी गांड में लंड ले रही है.

    फिर वो मान गई और मैंने उसकी गांड में तेल डाला और अपनी दो उँगलियाँ डाल दी ताकि उसकी गांड का छेद थोड़ा बड़ा हो जाए और लंड जाने में भी आसानी हो.

    फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रखा और एक धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया और वो चिल्ला उठी और बोली कि दर्द हो रहा है, लेकिन अब में उसकी कहाँ सुनने वाला था? फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया.

    फिर थोड़ी देर के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और अब वो भी मेरा साथ मौन करके देने लगी आहह और चोदो, ये गांड आज से आपकी है भैया. फिर 25 मिनट के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया और अब हम दोनों थक गए थे तो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर आराम करने लगे.

  • बहन चुदवाकर लंड की दीवानी बन गई

    हैल्लो दोस्तों, मेरी यह पहली कहानी है और में आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी यह कहानी बहुत पसंद आएगी. मेरा नाम आरव है और मेरा रंग बहुत गोरा है और में बहुत सुन्दर हूँ. में 29 साल का हूँ और मेरी हाईट 6 फीट है.

    दोस्तों मेरे घर में मम्मी, पापा, में और मेरी छोटी बहन है. मेरे पापा बैंक में नौकरी करते है और मेरी मम्मी हाउस वाईफ है और मेरी बहन का नाम पूजा है, वो 18 साल की है और 12वीं क्लास में पढ़ रही है, वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसका फिगर साईज 38-26-28 है और उसके बूब्स बहुत मस्त है.

    दोस्तों यह बात उन दिनों की है, जब में 12वीं क्लास में पढाई कर रहा था. फिर एक दिन में स्कूल से घर आया तो मेरे घर पर मेरी बहन के अलावा कोई नहीं था. फिर मैंने उससे पूछा कि सब कहाँ गये है? तो उसने कहा कि मामा के यहाँ से फोन आया था और मामा का एक्सीडेंट हो गया है, तो पापा मम्मी दोनों उन्हें देखने गये है.

    मैंने उससे पूछा कि मम्मी खाना बनाकर गई है या नहीं? तो उसने कहा कि हाँ बना दिया है. फिर मैंने उससे पूछा कि तुमने खाना खा लिया क्या? तो उसने कहा कि नहीं अभी नहीं खाया है, तो मैंने कहा कि चलो खा लेते है. अब खाना खाते वक़्त मैंने टी.वी चला ली और मूवी चलाकर देखने लगा, उस पर एक गर्मागर्म सीन आ रहा था.

    में आपको एक बात और बता दूँ कि हमारे घर में एकदम खुला माहौल है और अब वो सीन देखकर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था और मेरी पैंट में से बाहर आने की कोशिश करने लगा था.

    फिर हम जैसे ही खाना खाकर उठे तो मेरी बहन ने मेरी पैंट में से उभरा हुआ लंड देख लिया और थोड़ी देर तक देखती रही. फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ? क्या देख रही हो? तो वो शर्मा गई और किचन में चली गई. फिर रात को जब सोने का टाईम आया तो मैंने कहा कि आज घर में कोई नहीं है तो हम एक बेड पर ही सो जाते है तो उसने हाँ कर दी. में रात को लुंगी पहनकर सोता था.

    फिर रात को 2-3 बजे मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरी लुंगी में हाथ डालकर मेरे लंड को दबा रहा है, तो मैंने अपनी आँख खोलकर देखा तो दंग रह गया, वो मेरी बहन पूजा थी. अब उसका हाथ लगने से मेरा लंड खड़ा हो गया था, तो वो डरकर सो गई.

    फिर में उसके पास जाकर उसकी जाँघ पर अपना हाथ धीरे-धीरे फैरने लगा और अब मेरा हाथ उसकी जाँघ पर पड़ते ही वो घबरा गई और करवट लेकर सो गई.

    फिर मैंने वापस से अपना एक हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया, तो इस बार उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो में समझ गया की लाईन साफ़ है.

    फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे सहलाने लगा तो वो सोने का नाटक करती रही. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी तो मैंने उसके बूब्स को जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया. अब उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी थी आह आह आह और फिर वो एकदम से बोली कि भैया ये आप क्या कर रहे है?

    मैंने कहा कि वही जो तुम चाहती हो. फिर उसने मेरा हाथ हटाकर बोला कि ये ग़लत है, तो मैंने कहा कि तुम करो तो सही और हम करे तो ग़लत. फिर वो बोली कि मैंने क्या किया है? तो मैंने कहा कि भोली मत बनो, तुम ही तो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहला रही थी. फिर वो चौंककर बोली कि आप सब जानते थे कि में आपका हिला रही हूँ, तो मैंने कहा कि हाँ.

    फिर मैंने उससे कहा कि तुमने भूखे शैर को जगा दिया है और उसके लिप्स पर अपने लिप्स लगा दिए और उसे किस करने लगा, तो उसने मुझसे छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकामयाब रही. फिर में किस करते-करते उसके बूब्स दबाने लगा तो वो भी थोड़ी गर्म हो गई और फिर मुझे किस में जवाब मिलने लगा. फिर में अपना एक हाथ उसकी चूत पर लगाकर उसकी चूत को सहलाने लगा तो वो और गर्म हो गई.

    फिर मैंने उसकी मेक्सी उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और मेरे सामने शर्मा रही थी, तो मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि में पहली बार किसी के सामने इस तरह खड़ी हुई हूँ. दोस्तों उसका बदन देखने लायक था और वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी, अब वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी और में अपने पूरे कपड़े पहने हुआ था.

    फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे तो आपने सारे कपड़े उतारकर नंगी कर दिया और आपने सारे कपड़े पहन रखे है, अब में ये बात उसके मुँह से सुनकर हैरान रह गया था.

    फिर मैंने उससे कहा कि तुम ही मेरे सारे कपड़े उतार दो, तो उसने जल्दी से मुझे नंगा कर दिया और मेरा लंड देखकर हैरान रह गई और बोली कि आपका तो बहुत बड़ा है. फिर मैंने कहा कि पसंद आया तो वो बोली कि बहुत पसंद आया और फिर में उसके बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और वो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी.

    फिर में अपना एक हाथ उसकी चूत के पास ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. उसकी चूत बहुत ही टाईट थी और मेरी एक उंगली भी अंदर नहीं जा पा रही थी.

    फिर मेरी एक उंगली अंदर जाते ही उसके मुँह से आवाजे आनी शुरू हो गई उहह आ धीरे आह उहह. फिर उसने मुझसे कहा कि भैया मुझे कुछ हो रहा है तो मैंने उसे फटाफट लेटा दिया और उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड रखा और अंदर डालने लगा, लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में अंदर नहीं जा पा रहा था तो में तेल लेकर आया और उसकी चूत और अपने लंड पर लगाया.

    फिर में मेरा लंड उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा तो मेरे लंड का टोपा ही अंदर ही गया था कि वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और चीखने लगी और रोने लगी. फिर में रुक गया और उसके बूब्स दबाने लगा और उसे किस करने लगा. फिर थोड़ी देर में वो शांत हो गई तो मैंने फिर से धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया और उसे किस करने लगा.

    फिर थोड़ी देर के बाद मैंने एक ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया और मेरे लिप्स उसके लिप्स पर होने की वजह से उसके मुँह से चीख नहीं निकली. फिर मैंने उसे चोदकर अपने लंड को शांत किया और उस दिन के बाद से आज तक मैंने उसे जमकर चोदा है. अब तो वो भी मेरे लंड की दीवानी हो गई है.

  • माँ की ममता

    हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ और यह मेरा वो अनुभव है जिसको में अभी तक नहीं भुला सका, क्योंकि यह एक सच्ची कहानी है. दोस्तों इसलिए में भी चाहता हूँ कि इसको में आप लोगों तक पहुंचा दूँ और अपने मन की उस बात को बता दूँ जिसको में अपने मन में रखकर बैठा हूँ.

    दोस्तों में पिछले कुछ समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ जिनको पढ़कर मैंने अब तक बड़े मज़े किए, लेकिन अपनी कहानी को लिखकर आप तक पहुँचाने की हिम्मत मुझे आज मिली है और अब बिना समय खराब किए में अपनी कहानी को आगे बढ़ाता हूँ.

    दोस्तों यह बात तब की है जब में 10th क्लास में पड़ता था, एक दिन स्कूल में अपनी क्लास में एक बेंच के ऊपर से ऊँची कूद लगाते समय में ऐसे नीचे गिरा कि उस बेंच का कोना मेरे लंड और आंड के बीच में घुस गया जिसकी वजह से मुझे उस जगह से बहुत सारा खून निकला.

    में कुछ देर बाद अपने स्कूल से छुट्टी लेकर अपने घर पर पहुंच गया, उस दिन मेरे पापा घर पर नहीं थे, वो अपनी कंपनी के काम से कहीं बाहर गए हुए थे और उस वजह से मेरी माँ घर में अकेली थी, तो मैंने अपने घर पर पहुंचकर सारी बातें अपनी माँ को बताई तो वो मेरी बातें सुनकर बहुत ज्यादा घबरा गयी, इसलिए वो फटाफट से मुझे कमरे के अंदर में ले गई और उन्होंने तुरंत मेरी पेंट और अंडरवियर दोनों को ही उतारकर मुझे सीधा लेटा दिया.

    फिर वो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसको धीरे धीरे ऊपर नीचे करके देखने लगी और लंड के नीचे लगी उस चोट को देखकर वो डर गई और उसके बाद वो मुझे पास ही के डॉक्टर के पास ले गई.

    फिर डॉक्टर ने मम्मी से कहा कि यह जगह ऐसी है कि इस जगह पर ना तो टाँके लग सकते हैं और ना ही पट्टी हो सकती है इसलिए उसने दवाई लिख दी और उन्होंने माँ से कहा कि लगातार दस दिनों तक हर एक घंटे के बाद इस जगह को साफ करके यहाँ पर यह दवाई लगानी बहुत ज़रूरी है. फिर हम दोनों उनकी सभी बातें सुनकर अपने घर आ गए और घर आने के बाद माँ ने जल्दी से मेरे कपड़े उतार दिए और वो मेरा पूरा ध्यान रखने लगी.

    में सारा दिन और रात नंगा ही लेटा रहता और माँ हर एक घंटे के बाद वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उसकी साफ सफाई करती और फिर उस जगह पर दवाई लगा देती और रात में भी वो मेरे साथ ही सो जाती, लेकिन वो दवाई लगानी नहीं भूलती.

    इस तरह आठ दिन निकल गए, लेकिन उन्ही दिनों फोन पर मम्मी से डॉक्टर ने कहा कि कहीं इस चोट से मेरे लंड में अंधरूनी समस्या या लंड के उठने में कोई असर ना हो गया हो? तो डॉक्टर की वो बात सुनकर माँ बहुत टेंशन में आ गई और इस वजह से उस रात को जब हम दोनों सोने लगे तो माँ जानबूझ कर सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में बिस्तर में आ गई और उस समय उनके ब्लाउज के ऊपर वाले दो बटन भी खुले हुए थे, जिसमें से माँ के बूब्स मुझे साफ साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन थोड़ा दर्द होने की वजह से में उस तरफ इतना ध्यान नहीं दे पा रहा था जिससे माँ को और भी चिंता हो गयी.

    दूसरे दिन सुबह वो मुझे नहलाने के लिए बाथरूम में ले गई और अब में बाथरूम में तो पूरा नंगा खड़ा था और वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में ही बाथरूम के अंदर आ गई उन्होंने मेरे पूरे बदन पर साबुन लगा दिया और उसके बाद पानी डाला मुझे नहलाया और फिर वो मुझे वापस कमरे में ले गई और उसके बाद वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी, जिसकी वजह से मुझे कुछ कुछ हो रहा था. तभी उन्होंने अपनी ब्रा को उतार दिया, जिसकी वजह से उनके बड़े बड़े नंगे गोरे बूब्स मेरे सामने थे, जिसकी वजह से मेरे लंड को बहुत ज़ोर का झटका लगा.

    फिर वो अपनी ब्रा से मेरे लंड को सुखानी लगी मेरा लंड अब धीरे धीरे टाइट होकर अपना आकार बड़ा कर रहा था. उसके बाद माँ ने मेरे लंड को रगड़ना सहलाना शुरू कर दिया और फिर कुछ देर बाद वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, जिसकी वजह से मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था. फिर उन्होंने अपना पेटिकोट भी उतार दिया और वो मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठ गई, मेरा लंड जो अब तनकर 6 इंच का हो गया था पूरा का पूरा उनकी गीली गरम चूत में फिसलता हुआ अंदर जा चुका था और बहुत देर तक धक्के मारने के बाद मेरे लंड से वीर्य बाहर निकला और अब मेरी माँ की खुशी का कोई ठिकाना ना रहा, वो बहुत खुश नजर आ रही थी और मुझे उनके चेहरे से उनकी ख़ुशी का पता चल रहा था और उनका वो चेहरा देखकर में भी खुश था.

    फिर अपनी चूत से मेरे लंड को बाहर निकालकर उन्होंने चूमना शुरू कर दिया और दोबारा अपने मुहं में लेकर लंड को चूसने लगी थी, जिसकी वजह से अब मेरी भी हिम्मत बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी. फिर मैंने भी उस समय का ठीक ठीक फायदा उठाते हुए अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ाकर अपनी मम्मी के बूब्स को पकड़ लिए और तब मैंने महसूस किया कि वो बहुत मुलायम गरम थे और अब में उनको दबाने सहलाने लगा और फिर कुछ देर बाद उन्होंने अपने निप्पल को मेरे मुहं में लगा दिए और में उनके बूब्स को चूसने लगा.

    फिर कुछ देर बाद वो मुझे नीचे करके अपनी चूत को चटाने लगी और कुछ देर चाटने चूसने के बाद मेरा लंड एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया था.

    अब मैंने उनको नीचे लेटाकर अपना लंड चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का देकर पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा और कुछ देर लगातार धक्के के बाद मैंने अपने लंड का वीर्य दूसरी बार भी उनकी चूत में छोड़ दिया, लेकिन मेरा लंड अभी भी तनकर खड़ा था और यह देखकर माँ अब तुरंत पलटकर लेट गई और फिर मैंने अपना लंड उनकी टाइट गांड में डाल दिया और में धक्के देने लगा, लेकिन मेरे तीसरी बार झड़ जाने के बाद हम दोनों अब बहुत थक चुके थे, लकिन यह शायद हमारे उस काम की शुरुआत थी. दोस्तों यह था मेरा वो पहला सच्चा अनुभव जिसको में आप लोगों के लिए लेकर आया हूँ.