Month: November 2021

  • बस के स्लीपर में भाभी की चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, में सुमित उम्मीद करता हूँ कि आप सभी चाहने वाले इस पर रोजाना नयी नयी कहानियाँ पढ़कर अपनी सेक्स की आग को और हवा दे रहे हो. दोस्तों वैसे में भी बहुत अच्छी तरह से समझता हूँ कि सेक्सी कहानियाँ पढ़ने से चुदाई की इच्छा इतनी बढ़ जाती है और उस वक़्त जो भी चूत सामने मिले मन करता है कि उसी को चोद दूँ और इस वजह से ही लोग किसी भी रिश्ते की परवाह किए बगैर सिर्फ़ चुदाई के बारे में सोचते है और अपने अंदर जल रही उस सेक्स की आग को ठंडा करते है. दोस्तों में भी कामुकता कहानियाँ बहुत समय से पढ़ता आ रहा हूँ और यह सभी कहानियाँ पूरे बदन में लगी आग को और भी भड़का देती है.

    दोस्तों अब में अपने बारे में बताता हूँ, में मिस्टर सुमित एक बंगाली लड़का हूँ और में वेस्ट बंगाल के कोलकाता शहर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 29 साल है. में शादीशुदा हूँ और मेरी बहुत ही अच्छी, सुंदर एक पत्नी है और मेरे तीन लड़के है. दोस्तों में अपनी शादीशुदा जिन्दगी में बहुत मज़े करता हूँ, लेकिन बात तो अब वो थी कि सभी बोलते है और बहुत अच्छी तरह से जानते भी है कि एक मर्द को जितनी भी बार चूत, चुदाई करने को मिल जाए उसकी चोदने की भूख कभी कम नहीं होती, लंड कुछ देर बाद दोबारा खड़ा होकर एक प्यासी चूत में जाने के लिए एक बार फिर से तैयार हो जाता है.

    दोस्तों मेरे साथ भी बिल्कुल कुछ ऐसा ही है. में भी चुदाई करने का बहुत दीवाना हूँ और मुझे कोई भी प्यासी चूत मिल जाए तो में उसे चोदकर अपने लंड का दीवाना बना देता हूँ और ऐसा मैंने बहुत बार किया है. मेरे लंड से चुदकर हर एक चूत को बहुत संतुष्टि मिल जाती है. दोस्तों मैंने ऐसा अपने पड़ोस में रहनेवाली कुछ भाभियों को और अपनी तीन भाभियों को बड़े ही प्यार से पटाकर चोदा है, लेकिन हाँ मैंने कभी भी अपने बीच में बनी रिश्ते की दीवार को नहीं गिराया है.

    दोस्तों में आप सभी के सामने अपनी एक पड़ोस की भाभी की चुदाई की कहानी बता रहा हूँ जिसे चोदने की मेरी इच्छा बचपन से थी जो कि अब फरवरी के महीने में पूरी हुई. दोस्तों मेरी भाभी इतनी सुंदर तो नहीं है कि जो भी उसे देखे उसका लंड भाभी को चोदने के लिए खड़ा हो जाए, लेकिन पता नहीं क्यों फिर भी में उसे हमेशा से ही चोदना चाहता था.

    पहले तो वो दुबली पतली सी थी और उसकी वो छोटी छोटी चूचियाँ मुझे बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन अब वो समय के साथ साथ थोड़ी मोटी हो चुकी है और मोटे होने साथ साथ अब उसके चूतड़, बूब्स ने भी अपना आकार बदल लिया है जिसकी वजह से में उस जिस्म का बिल्कुल दीवाना हो चुका हूँ और अब उसका शरीर पहले से भी बहुत अच्छा दिखता है मतलब अब तो वो और भी चुदासी और सेक्सी लगती है. अब उसकी चुचियाँ भी बहुत बड़ी हो गयी है बिल्कुल गोल गोल, लेकिन हाँ मोटी औरतों की झूलती हुई चूचियों की तरह नहीं बल्कि एकदम टाईट है.

    दोस्तों जैसा कि आप लोग सेक्सी कहानियों को पढ़कर सोचते होंगे कि भाभियों को अपनी बातों में फंसाकर चोदना बहुत आसान होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है अगर ऐसा होता तो में कब का अपनी भाभी को चोद देता और मुझे उनकी चूत मिलने में इतना लंबा समय नहीं लगता और मेरे मन की इच्छा बहुत पहले ही पूरी हो चुकी होती, लेकिन उसे चोदने का मौका मुझे इस बार मेरी अच्छी किस्मत से मिल ही गया और मैंने उसे एक बस के स्लीपर कोच में चोदा.

    दोस्तों इस बार कुछ ऐसा हुआ कि बस में हमे एक बहुत लंबा सफर तय करना था और मेरी अच्छी किस्मत से मुझे बस में एक भी सीट खाली नहीं मिली तो हमें मजबूरी में एक स्लीपर लेना पड़ा जिसकी वजह से में तो मन ही मन बहुत खुश था, लेकिन भाभी अब थोड़ा अच्छा महसूस नहीं कर रही थी और में उनकी इस बैचेनी की वजह भी बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था. मुझे पता था कि अब उनके मन में क्या क्या चल रहा होगा और वो क्या सोच रही है? अब हम दोनों अपना सामान ठीक जगह पर रखकर बस के स्लीपर पर अपनी सीट पर चढ़कर बैठ गये और मैंने स्लीपर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और फिर में लेट गया, लेकिन भाभी अब भी बैठी हुई थी.

    फिर कुछ देर बाद बस चलने लगी और बाहर बहुत अंधेरा सा छा गया और अब में भाभी की पीठ पर अपना हाथ घुमा रहा था और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे अच्छी तरह से पता था कि मेरे ऐसा करने से भाभी गरम हो ही जाएगी, अब उससे पहले मेरा लंड उन्हें चोदने के लिए तैयार हो गया. मैंने कुछ देर बाद भाभी को लेटने के लिए कहा लेकिन भाभी नहीं मानी, ना जाने उनके मन में क्या चल रहा था? और अब मैंने उसे तुरंत जबरदस्ती पकड़कर अपने ऊपर खींचकर अपने साथ लेटा लिया और इसी खींचातानी में उसकी साड़ी का पिन खुल गया, जिसको वो अब लगाने लगी.

    मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और कहा कि रहने दो ना भाभी अब रात में इसे लगाकर क्या होगा? तो भाभी ने उसे वैसे ही छोड़ दिया और वो अब मेरे साथ लेट गई, दोस्तों जैसा कि में पहले भी कई बार उनके बूब्स का बहुत मज़ा ले चुका था तो में बिल्कुल निडर होकर अब अपना एक हाथ उसके बूब्स पर घुमाने लगा और भाभी मुझे ऐसा करने से कभी नहीं रोकती थी और आज भी उन्होंने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका था.

    अब में धीरे धीरे भाभी के ब्लाउज के एक एक बटन खोलने लगा और फिर उसकी नंगी चूचियों को दबाने लगा, भाभी हल्का हल्का उउउहह आआहह करने लगी थी, लेकिन में तो पूरे मूड में था. में अपने पैरों से भाभी की साड़ी को ऊपर खींचने लगा और उसके पैरों पर अपने पैर रगड़ने लगा, क्योंकि मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो मेरे ऐसा करने से बहुत जल्दी गरम हो जाएगी, लेकिन जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी साड़ी के अंदर डाला और उसकी पेंटी को हाथ लगाया तो भाभी अचानक से उठकर बैठ गई.

    अब वो मुझे यह सब करने से रोकने लगी और मुझसे कहने लगी कि क्या तुम्हे पता भी है कि तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो थोड़ा अपने आप पर कंट्रोल करो और चुपचाप सो जाओ? दोस्तों में आज रुकना नहीं चाहता था और मुझे तो आज कैसे भी उस चूत के दर्शन करने थे जिसको में इतने सालों से अपने सपनों में मेरे लंड से चुदता हुए देख रहा था तो फिर आज में कैसे पीछे हटता? अब मेरे ऊपर तो उसकी चुदाई का भूत सवार था.

    फिर मैंने भाभी से बोला कि भाभी प्लीज़ ऐसा मौका मुझे और कभी नहीं मिलेगा, प्लीज़ आज मुझे मत रोको और मुझे वो सब करने दो जो में करना चाहता हूँ प्लीज, लेकिन भाभी मेरे इतना कहने समझाने के बाद भी नहीं मान रही थी, लेकिन दोस्तों में भी मन ही मन ठान चुका था कि जो भी होगा देखा जाएगा. फिर में उसकी जांघों को धीरे धीरे मसलने, सहलाने लगा जिसकी वजह से भाभी अब धीरे धीरे कसमसा रही थी और में समझ चुका था कि वो कुछ समय जरुर लगाएगी, लेकिन चुदने को जरुर तैयार हो जाएगी और उस बात का फायदा उठाते हुए मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसकी गरम, पेंटी पर रखा तो मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी अब भीग चुकी थी और अब में समझ गया कि भाभी भी गरम हो चुकी है, लेकिन वो मुझे अपनी चूत को चोदने नहीं देना चाह रही थी.

    फिर मैंने घड़ी में टाईम देखा तो मेरे पास अभी और कुछ घंटे ही बचे थे और इस बीच मुझे उनकी चुदाई के काम को पूरा भी करना था जो मेरे लिए बहुत मुश्किल था, लेकिन नामुमकिन नहीं था. फिर में अपना हाथ धीरे धीरे उसकी पेंटी पर चूत के ऊपर से रगड़ने लगा और अब मैंने महसूस किया कि भाभी का बदन अकड़ रहा था और वो ऊपर के मन से मना भी नहीं कर रही थी.

    अब में धीरे धीरे उसकी पेंटी को नीचे खींचने लगा और फिर मैंने पेंटी को पूरा नीचे उतार दिया और अब में अपने हाथ से उसकी उस बालों से भरी चूत को रगड़ने, सहलाने लगा वाह दोस्तों मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उसकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी और अब में अपनी एक उंगली से उसकी चूत को चोदने लगा और भाभी हल्की आवाज़ के साथ उुउऊहह आआहह ऊओफफफ्फ़ ऊऊफफह करने लगी. दोस्तों मैंने भी कुछ देर बाद सही मौका देखा और अपनी पेंट को उतार दिया और साथ ही साथ अपनी अंडरवियर को भी, क्योंकि मेरा लंड तो उस चूत को चोदने के लिए कब से तैयार खड़ा था और वो चूत आज मेरे हाथ में थी जिसको चोदना अब मेरा सबसे बड़ा सपना था.

    अब में भाभी के ऊपर आ गया और मैंने दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड धीरे से धक्का देकर भाभी की चूत में डाला और जैसे ही मेरा लंड भाभी की चूत में गया तो भाभी ने ज़ोर से कसकर मुझे पकड़ लिया और सिसकियाँ भरने लगी. मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए भाभी की बहुत अच्छी तरह से चुदाई कर डाली. फिर में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देता रहा और वो मेरे लंड के अंदर बाहर होने के साथ साथ सिसकियाँ लेने लगी. बस मैंने करीब बीस मिनट तक चुदाई का पूरा मज़ा लिया और मैंने अपना वीर्य चूत में डाल दिया, लेकिन कुछ बाहर भी निकला जिसको भाभी ने साफ किया.

  • पति ने मुझे नये लंड से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, में ललित आपके लिये एक मस्त कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों उस समय बच्चों की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और में तैयार होकर अपने ऑफिस चला गया, ऑफिस पहुंचने के कुछ देर बाद मेरे पास रोहित का फोन आया जो लखनऊ में रहता है और वो मेरा कज़िन है, मुझसे करीब 10 साल छोटा है. तो वो मुझसे बोला कि ललित भैया कैसे है आप और क्या घर में सब ठीक है? तो मैंने उसको अपना जवाब देते हुए उससे सबका हाल चल पूछा और बोला कि आज मेरी याद कैसे आई?

    रोहित मुझसे बोला कि भैया में और सोनिया कुछ दिन दिल्ली घूमने के लिए आ रहे है अगर आपको कोई तकलीफ़ ना हो तो हमें दिल्ली के दर्शन करवा देना क्योंकि सोनिया मुझसे कई बार बोल चुकी है, लेकिन मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी नहीं मिलती. तो मैंने कहा कि यह भी कोई पूछने के बात है, इस बहाने से बच्चे भी खुश हो जाएँगे और अभी उनकी छुट्टियाँ भी है इस बहाने से हम सब घूम लेंगे.

    फिर हम दोनों ने कुछ देर इधर उधर की बातें करके फोन कट कर दिया और शाम को जब मैंने घर पर आकर प्रिया को बताया कि रोहित और सोनिया दिल्ली घूमने के लिए आ रहे है तो प्रिया मुझसे बोली कि रोहित को हमारी अब याद आई है उसकी शादी को एक साल हो गया है और वैसे भी में उसको कितनी बार बुलाने के लिए फोन कर चुकी हूँ, लेकिन वो हर बार मुझसे आने का वादा करता है, लेकिन कभी आता नहीं है, क्यों वो लोग कब आ रहे है? फिर मैंने कहा कि वो लोग परसो आ जाएँगे और में जाकर उन्हें स्टेशन से लेने चला जाऊंगा.

    प्रिया बोली कि हाँ हम उनके लिए कुछ खरीद भी कर लेते है, शादी के बाद पहली बार वो हमारे यहाँ पर आ रहे है. फिर हमारे बीच यह सब बातें चलती रही और फिर में शुक्रवार को उन्हे लेने स्टेशन चला गया, स्टेशन पर रोहित मेरे गले लगा और सोनिया ने मेरे पैर छुए.

    मैंने सोनिया से मजाक में हंसकर कहा कि सोनिया तुम मुझे इतनी जल्दी बुजुर्ग मत बनाओ तो हम सब हंसने लगे और घर पर आकर बच्चे भी सोनिया चाची से घुल मिल गये और दो दिन तक हम सबने बहुत मस्ती की एक रात इंडिया गेट घूमने के बाद हम घर पर पहुंचे तो हम सभी बहुत थक चुके थे तो रोहित और सोनिया अपने कमरे में चले गये और हम दोनों और हमारे बच्चे भी अपने अपने रूम में चले आए. फिर कुछ देर लेटकर आराम करने के बाद प्रिया मुझसे कहने लगी कि में उनसे पूछती हूँ कि किसी को कॉफी पीनी है?

    मैंने उससे कहा कि क्यों तुम उन्हे परेशान करती हो, पिछली तीन रातों से हम 2 बजे तक जाग रहे है और उनकी शादी को अभी एक साल हुआ है और उनकी अपनी प्राइवेट नाईट लाईफ है, उन्हे भी वो सब मज़े करने दो. प्रिया मेरी यह बात सुनकर हंस पड़ी और वो मुझसे बोली कि हाँ वो सब मुझे भी पता है, लेकिन जिस दिन सोनिया आई थी उसी दिन से उसके पीरियड आ गये थे और आज उसका आखरी दिन है. मैंने पूछा कि प्रिया क्या अभी इन दोनों ने फेमिली प्लान नहीं किया? तो प्रिया बोली कि हाँ सोनिया ने मुझे कल सुबह बताया था कि वो अब प्लान कर रहे है क्योंकि रोहित चाहता था कि एक साल तक सिर्फ़ हम दोनों एक दूसरे को समझे.

    फिर मैंने उससे कहा कि इसका मतलब रोहित बहुत समझदार है तो प्रिया ने मेरी चुटकी ली और बोली कि हाँ तुम्हारे परिवार में सारे मर्द समझदार है और फिर हम दोनों हंसने लगे. फिर प्रिया उनसे कॉफी के लिए पूछने उनके रूम की तरफ चली गयी और वो करीब 10 मिनट के बाद आई तो वो मुझसे बोली कि ललित वो लोग तो अभी से शुरू हो गये है.

    मैंने कहा कि तीन दिन रुक गये है बस वो ही बहुत है और तुम क्या मज़े ले लेकर देख रही थी? तो प्रिया ने तुरंत मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी पेंटी में डाल दिया तो मुझे महसूस हुआ कि प्रिया की चूत पूरी गीली थी, मैंने उससे पूछा कि क्यों तुमने ऐसा क्या देखा? तो प्रिया ने कहा कि तुम भी देखकर आ जाओ और में चुपके से गया और खिड़की के पास से अंदर देखा तो रोहित उस समय बेड पर खड़ा हुआ था और सोनिया उस समय पूरी नंगी थी और वो बेड पर अपने घुटनों के बल बैठकर रोहित का लंड चूस रही थी, दोस्तों रोहित का लंड बहुत मोटा था और सोनिया का बदन भी इतना गोरा था कि ज़रा सा दाग भी दूर से दिख जाए और उसके बिल्कुल कसे हुए बूब्स थे.

    फिर रोहित बोला कि सोनिया अब तुम उल्टी हो जाओ और में आज तुम्हे पीछे से चोदूंगा. सोनिया बोली कि आज पूरी मस्ती से चोदना, जल्दी मत निकालना. दोस्तों में यह सब शब्द सोनिया के मुहं से सुनकर बहुत हैरान रह गया कि जो लड़की इतनी मासूम सी दिखती है वो बिस्तर पर इतनी तेज़ बातों से तो बहुत बड़ी रांड लगती है. तभी मेरे पीछे से प्रिया भी आ गई और वो बहुत धीरे से मुझसे बोली कि ललित देखो रोहित का कितना मोटा है? और सोनिया उसका कितने आराम से ले रही है शायद उसे मोटे आकार का लेने में बहुत मज़ा आ रहा होगा.

    मैंने उससे कहा कि क्यों रोहित पर दिल आ गया? तो प्रिया ने मेरी तरफ देखा और उस समय उसकी आँखो में वासना भरी हुई थी. मैंने उससे कहा कि आज तुम मुझसे काम चलाओ, फिर देखता हूँ कि रोहित को कैसे तैयार करूं? उस रात प्रिया ने मुझे रोहित बनाकर चुदवाया. मैंने सुबह सुबह सबको उठाकर मंदिर जाने के लिए बोला और कहा कि सभी लोग जल्दी से तैयार हो जाओ, तभी प्रिया बोली कि तुम सब मंदिर जाओ में तुम्हारे लिए लंच तैयार करती हूँ.

    दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि रोहित किसी भी मंदिर नहीं जाता और फिर वही हुआ रोहित बोला कि में भी नहीं जाऊंगा और वो प्रिया को बोला कि भाभी, लेकिन में आपकी खाना बनाना में मदद ज़रूर करूँगा और फिर हम सब मंदिर के लिए निकल गये. रास्ते में मैंने प्रिया को एक मैसेज किया कि आज तुम्हारा रास्ता बिल्कुल साफ है. तो प्रिया ने भी मुझे ठीक है लिखकर मैसेज भेज दिया. फिर हम करीब 3 बजे घर पर वापस आए तो मैंने प्रिया को इशारे से हाल जानने की कोशिश की तो उसने स्माइल देकर अच्छे संकेत दिए और अब में तुरंत समझ गया कि मेरा काम हो गया है और फिर उसी रात तक हम सब मस्ती, हँसी मज़ाक करते रहे और रोहित ने भी अपने स्वाभाव से यह बिल्कुल जाहिर नहीं होने दिया कि हमारे पीछे से क्या तूफान आया था.

    फिर में कुछ देर बाद फ्री होकर प्रिया से बोला कि प्रिया सुनाओ मेरे पीछे से तुमने क्या क्या किया? मज़ा लूटा या नहीं? तो प्रिया ने तुरंत अपनी टी-शर्ट को उठाकर मुझे दिखाया कि देखो रोहित ने किस तरह अपने दातों से काट काटकर मेरे बूब्स पर निशान बना दिए है. तो मैंने उससे कहा कि ऐसे नहीं, मुझे पूरी कहानी विस्तार से सुनाओ क्या क्या हुआ?

    प्रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और पूरी नंगी हो कर बेड पर आ गयी और वो मुझसे बोली कि तुम भी अपना लंड बाहर निकाल लो और अपनी बीवी की चुदाई की कहानी सुनो. फिर मैंने भी उसकी चूत में उंगली डाली और कहा कि तुम्हारी चूत तो अभी भी गीली है क्या मन नहीं भरा? तो प्रिया बोली कि नहीं, आग तो रोहित ने शांत की थी, लेकिन जब तक तुम से ना चुदवाऊँ मेरी नियत नहीं भरती.

    फिर प्रिया बोली कि तुम्हारे जाने के बाद मैंने रोहित को चाय दी और में नहाने चली गयी और फिर रोहित को आवाज़ देकर कहा कि रोहित किचन में गेस बंद कर दो और तुम भी नहा लो, में बस दो मिनट में बाथरूम से बाहर आ रही हूँ और फिर एकदम से मैंने ज़ोर से बाल्टी को फेंकी और साथ में चिल्लाई तो रोहित भागकर बाथरूम तक आया और बोला कि भाभी क्या हुआ?

    मैंने गिरने का नाटक किया और दरवाज़ा खोला, में तब तक जमीन पर ही बैठी रही और मैंने उस समय सिर्फ़ टावल लपेटा हुआ था. फिर मैंने रोहित से बोला कि देखते क्या हो मुझे उठाओ और बेड पर लेटा दो, रोहित ने कुछ हिचकिचाते हुए मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, इतने में मैंने रोहित के चेहरे पर पसीना देखा और तभी मैंने रोहित से कहा कि तुम मेरे पैरों को मोड़ो और फिर रोहित ने भी मेरा एक पैर घुटने से मोड़ दिया जिसकी वजह से पूरा टावल उतर गया और में उसके सामने पूरी नंगी हो गई और रोहित मुझे लगातार घूर घूरकर देखता रहा, वो मेरे पूरे जिस्म को बस देखे ही जा रहा था और मैंने भी रोहित का हाथ पकड़कर उसे अपनी कमर पर दबाने को कहा. तब उसे थोड़ा होश आया और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और मुझे चूमने लगा.

    करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे को सहलाते रहे और तभी मैंने अपना हाथ उसकी पेंट में डालकर उसका लंड पकड़ लिया और पेंट को खोलकर लंड को मुहं में ले लिया और चूसने लगी. अब रोहित ने भी मेरे बाल पकड़ लिए और सिसकियाँ लेने लगा और वो मुझसे बोला कि भाभी सोनिया को लंड चूसना नहीं आता, आप तो इस काम में बहुत अनुभवी लगती हो. अब में भी हंसते हुए बोली कि हाँ में और भी बहुत कामों में अनुभवी हूँ. तभी रोहित बोला कि प्लीज भाभी अपने पैर खोलो और मुझे दर्शन तो करवाओ, फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों किसके दर्शन? तो रोहित बोला कि चूत के तो मैंने अपने दोनों पैर खोल दिए और उससे कहा कि हाँ लो कर लो दर्शन और इसकी आग को भी शांत कर दो. फिर रोहित ने कहा कि भाभी इसकी आग शांत करने के लिए ही तो भैया ने मुझे यहाँ पर रोका था.

    उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे तो एकदम से झटका लगा, रोहित मुझसे बोला कि भाभी मुझे सब पता है. रात को भैया ने छत पर मुझे बुलाया और ड्रिंक करते हुए अपने बारे में सब बता दिया और उन्हे भी यकीन था कि में मान जाऊंगा, क्योंकि शादी से पहले भैया के साथ मैंने लखनऊ में हमारी पड़ोसन को बहुत बार चोदा था.

    भैया ने आपको अपना तो बताया होगा, लेकिन मेरे बारे में नहीं बताया होगा कि में उनके साथ था. तभी मैंने सोनिया को भी सब कुछ बता दिया क्योंकि सोनिया से में कुछ नहीं छुपाता हूँ और हम अलग अलग तरीके से सेक्स का मज़ा लेते है और हमने प्लान किया आपको चकित करने का और इसमे सोनिया भी हमारे साथ थी. तभी मैंने रोहित को लेटा लिया और अपनी चूत उसके मुहं पर रखकर बोली कि अब चुप हो जाओ और मेरी चूत की आग अपनी जीभ और लंड से बुझाओ और फिर रोहित ने भी करीब 10 मिनट तक मेरी चूत को चाटकर मेरा दो बार पानी निकाला और उसके बाद मैंने अपनी चूत उसके लंड पर रख दी और में खुद ही उछल उछलकर उसके लंड से चुदने लगी.

    तभी रोहित मुझसे बोला कि भाभी कुछ गंदा बोलो, मुझे पता है कि तुम्हे चुदते हुए गंदा बोलना बहुत अच्छा लगता है. तो मैंने कहा कि हाँ रोहित, तू आज फाड़ दे मेरी चूत अपने लंड से, में तेरी रंडी हूँ और मुझे भाभी नहीं बल्कि रंडी बोल, मुझे गालियाँ दे, अपनी कुतिया बनाकर मुझे चोद, में मानती हूँ कि मेरी चूत सोनिया की तरह टाइट नहीं है, लेकिन मुझे चुदाई का अनुभव सोनिया से बहुत ज्यादा है.

    रोहित बोला कि हाँ साली रंडी वो तो मुझे पता है और मुझे यह भी बहुत अच्छी तरह से पता है कि तुम्हारे साथ रह रहकर सोनिया भी पूरी रंडी बन जाएगी. अभी भी वो रंडी पेंटी नहीं पहनकर गई है और जहाँ कहीं भी उसे कोई अच्छा मौका मिलेगा वो भैया का लंड ले लेगी. फिर में भी चुदते हुए उससे बोली कि हाँ ललित भी उसे चोदकर ही आएँगे जब वो मुझे बिना बताए तुम्हारा लंड दिलवा सकते है तो सोनिया की चूत कैसे नहीं चोदेंगे, उसके बाद तो हमने आधा घंटा अलग अलग पोज़िशन में चुदाई के मजे लिए और आख़िर में मैंने रोहित से बोला कि अपना पानी मेरी चूत और मुहं में डालना. फिर रोहित मुझसे बोला कि भाभी एक साथ में दोनों में कैसे गिराऊंगा?

    मैंने फिर से उसको कहा कि तुम मुझे चोदते हुए भाभी मत बोलो, तुम थोड़ा सा पानी मेरी चूत में गिराना और फिर मेरे मुहं में डाल देना, चल अब आ जा अपने झटके शुरू कर दे. फिर रोहित भी पूरे जोश में आ गया और बोला कि हाँ ले साली रंडी, कुतिया ले हाँ ले, उसका वीर्य निकल गया और तभी कुछ वीर्य चूत में गिराते हुई में उठ गयी. फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और 5 मिनट तक चूस चूसकर पूरा साफ कर दिया.

    फिर पूरी कहानी ललित को सुनाने के बाद ललित ने मुझे उल्टा किया और बोला कि तूने मुझे अपनी आप बीती सुनाई, अब में तुझे सोनिया की चुदाई कार में कैसे की वो दिखाता हूँ और ललित ने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और उसने मुझे करीब 20 मिनट इतनी बुरी तरह से चोदा कि मेरा बहुत हाल बुरा हो गया, तो सोचो कि सोनिया का क्या हाल हुआ होगा? दोस्तों यह था हमारा सेक्स अनुभव मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को इसे पढ़कर जरुर मज़ा आया होगा.