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  • मनीषा भाभी की चूत को लंड खिलाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 20 साल है. मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह मेरे सेक्स अनुभव की पहली सच्ची कहानी है. जिसमे मैंने मेरी पड़ोस वाली भाभी जी के साथ जमकर सेक्स किया और अपनी और उनकी जिस्म की आग को ठंडा किया. मेरा लंड 7 इंच बड़ा है और यह दो साल पहले की बात है जब में 12th क्लास में था. दोस्तों मेरे पास के मकान में एक भाभी रहती है, उसका नाम मनीषा है. उनकी उम्र 30 साल है और वो बहुत सेक्सी है और उसका फिगर 34-28-36 है. जिसको देखकर में हमेशा उसको चोदने के बारे में सोचता था.

    उसके घर में उसके पति और एक उसका लड़का रहता है, उसका लड़का अभी दो साल का है. में उसके घर पर रोज आया जाया करता था. मनीषा के बूब्स बहुत मस्त और बड़े सेक्सी थे. जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स झूलते रहते थे. यह देखकर कोई भी मचल जाए और वो हमेशा आधी बांह का ब्लाउज पहनती थी. उसमें से उसके बूब्स पूरे बाहर की तरफ दिखते थे तो उन्हे देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता और फिर एक दिन वो मेरे घर पर मेरी माँ को मिलने आई और तब में भी घर पर ही था, तभी उसका साड़ी का पल्लू फिसलता हुआ नीचे गिर गया, तो वो एकदम साड़ी के पल्लू को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुकी तो ऐसा लग रहा था कि उससे बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे है.

    उसने पल्लू उठाते हुए मुझे देख लिया और में तो बस उनके बड़े बड़े बूब्स को देखकर एकदम पागल सा होने लगा था, तो उसने मुझे एक हल्की सी स्माइल दी और उस दिन से उसे महससू होने लगा कि में उसको छुपकर देखता हूँ, तो वो भी जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा देती थी. में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और सोचता कि काश में इसको चोद सकता और फिर में ऐसा सोचकर अपने घर पर आकर उनके नाम की मुठ मारता था और में उसके बड़े बड़े बूब्स और गांड के बारे में सोच सोचकर मुठ मारा करता था.

    तो एक दिन की बात है, में उसके घर पर गया वो घर पर एकदम अकेली थी और शायद बाथरूम से नहाकर अपने रूम में आकर कपड़े पहन रही थी. उस वक़्त उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी ही पहनी हुई थी. तो में उसे घूरकर देखता ही रह गया और शायद उसने भी मुझे देख लिया था, लेकिन फिर कुछ देर बाद में वहां से चला गया और फिर में कुछ दिन तक उसके घर पर नहीं गया. तो एक दिन उसने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम घर पर क्यों नहीं आते हो? लेकिन में बहुत देर तक चुप रहा और उसके बार-बार पूछने के बाद मैंने उससे कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ उसकी वजह से में आने से डरता था.

    उसने मुझसे बोला कि तुम वो बात किसी को मत बताना और फिर उस दिन से वो मुझसे बहुत करीब हो गयी. में जब भी उसके घर पर जाता तो वो जानबूझ कर सेक्सी स्माइल देती और अब वो भी मुझसे चुदना चाहती थी, वो सब मुझे उसकी हरकतों से महसूस होने लगा था. वो अधिकतर समय मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती, मुझे अपने बूब्स दिखाने की कोशिश किया करती थी. तो एक दिन जब में माँ के किसी काम से उसके घर पर गया तो मैंने देखा कि उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैंने भी जानबूझ कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी नहीं बजाई और उसके घर के अंदर चला गया.

    मैंने देखा कि घर पर कोई भी नहीं है और शायद वो उस समय बाथरूम में थी तो में चुपचाप सोफे पर जाकर बैठ गया और मैंने देखा कि वहां पर टेबल के नीचे एक किताब रखी हुई थी और जब मैंने उसको उठाकर देखा तो उसमे सेक्सी फोटो थे, सभी फोटो सेक्सी एक्शन में थे और अधिकतर नंगे आदमी के फोटो थे और उसमे आदमी के बड़े बड़े लंड थे, उन्हे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को बड़े बड़े लंड ज्यादा पसंद है और मैंने सोचा कि शायद मेरा नंबर लग जाएगा, क्योंकि मेरा लंड भी बहुत बड़ा था. फिर मैंने उस किताब को वहीं पर रख दिया. भाभी बाथरूम में थी तो में उसकी तरफ चल पड़ा और सोचा कि बाथरूम में उसे नहाते हुए देखा जाए और में उसे देखने लगा और जब मैंने बाथरूम में चुपके से देखा तो भाभी पूरी नंगी होकर नहा रही थी. तब तो वो और भी हॉट, सेक्सी दिख रही थी और वो अपने सारे बदन पर साबुन लगा लगाकर अपने बूब्स और चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी.

    तो यह सब देखकर मेरा लंड टाइट होकर खम्बे जैसा पूरी तरह खड़ा हो गया और वहां पर भाभी अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी और हल्की हल्की मोन कर रही थी और फिर वो उंगली को ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी, तो में समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और तब में वहां से हट गया और यह देखकर में तुरंत मेरे घर पर आ गया और बाथरूम में जाकर लंड को बाहर निकाला और मुठ मारने लगा और अब में समझ चुका था कि भाभी को क्या चाहिए और में यह बात सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोद सकूँ और एक दिन वो फिर से दोबारा बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी, तो में फिर से बाथरूम की तरफ चला गया और एकदम से दरवाजा खोला तो वो मुझे देखकर एकदम से चकित रह गयी. लेकिन मनीषा को सेक्स की भूख थी इसलिए उसने मुझे झट से अंदर खींच लिया और मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि गौरव में तुमसे चुदना चाहती हूँ और फिर वो मुझे किस करने लगी. तो मुझसे भी रहा नहीं गया और अब में भी उसको किस करने लगा और उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में उंगली करने लगा.

    मेरे ऐसा करने से उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकियाँ लेने लगी व मोन करने लगी. में उसको कुछ देर तक चूमता चाटता रहा और फिर मेंने उसको अपनी बाहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए. वो मुझे देखकर बहुत खुश हो गई. तो मैंने फिर धीरे से उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके बूब्स पर अपनी पकड़ मजबूत करके उसको अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और तभी भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज थोड़ा ज़ोर कम लगाओ. तो मैंने भाभी को अपनी बाहों में भरकर कसकर जकड़ लिया और भाभी भी मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थी.

    मैंने उनके दोनों होंठो को अपने होंठो के बीच में लेकर चूसने लगा. भाभी भी मेरी बाहों में अधनंगी खड़ी खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी बूब्स को मेरी छाती से दबा रही थी और फिर मुझे नंगा देखकर मनीषा भाभी हंसकर बोली कि तुम नंगे बहुत अच्छे दिखते हो और तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बहुत ही सुंदर लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको एक बार अपनी चूत में लेकर चुदवाना जरुर चाहेगी. तो में अब भाभी के पास गया और उनको अपनी बाहों में लेकर उनसे कहा कि मुझे कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हो या नहीं? तब भाभी बोली कि अरे तुम अभी भी नहीं समझे, में तो तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना चाहती हूँ जब से तुमने मुझे ब्रा पेंटी में देखा था और अब जल्दी से तुम मुझे चोद दो, मेरी चूत में आग लगी हुई है और वो मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी.

    में भाभी के एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर किसी बच्चे की तरह दूध पीने लगा और दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ में लेकर मसलने, दबाने लगा. तो भाभी भी अब तक पूरी तरह से गरम होकर जोश में आ गयी थी, उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़कर मुझको बेड पर धक्का देकर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी.

    तभी थोड़ी देर के बाद वो बोली कि वैसे तुम्हारा लंड बहुत ही सेक्सी है और आज मेरी चूत बहुत मज़े ले लेकर इस लंड से चुदेगी और अब तुम बिल्कुल चुपचाप पड़े रहो, क्योंकि अब मुझे तुम्हारे लंड का पानी चखना है. तो में बोला कि ठीक है भाभी, जब तक आप मेरा लंड का स्वाद चखोगी तब तक में भी आपकी चूत के स्वाद का आनंद उठाऊंगा, आइए हम दोनों 69 पोज़िशन पर पलंग पर लेटते और फिर हम दोनों पलंग पर एक दूसरे के पैर की तरफ मुहं करके लेट गये.

    फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर कर लिया और भाभी ने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होंठो से लगाकर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर उसे अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. दोस्तों तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कभी कभी उसको अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटने लगी. लेकिन मुझे अपने लंड को उनसे चुसाते हुए अब रहा नहीं गया और फिर मैंने उनके सर के बालों को पकड़कर अपने लंड को भाभी के मुहं में एक जोरदार धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया.

    भाभी लंड को अपने मुहं से बाहर निकालते हुए एक रंडी की तरह बोली, कि वाह मेरे राजा अभी और ज़ोर से डालो अपने लंड को मेरे मुहं में, और बाद में इसको इसी तरह मेरी प्यासी, तड़पती हुई चूत में डालना है और अब मैंने भी भाभी को जो कि मेरे ऊपर लेटी हुई थी, उसके दोनों पैर को फैला दिए और अब मेरी आँखो के सामने उनकी झांटो वाली एकदम गुलाबी चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरे लंड को खाने के लिए एकदम तैयार थी.

    में अपनी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. वो बहुत आसानी से अंदर तक जा रही थी और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन तभी भाभी ज़ोर से बोली कि अरे क्यों ऐसे टाईम बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को तुम्हारी यह छोटी सी उंगली नहीं चाहिए, उंगली तो मेरे पास भी है, उसे तो तुम्हारा वो बड़ा सा मोटा लंड चाहिए और उससे पहले तुम इसको अपनी जीभ से चोदो, बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो अब तुम्हारा लंड खाने की लिए तरस रही है.

    तो मैंने कहा कि क्यों इतनी चिंता कर रही हो भाभी, में अभी आपकी चूत से मेरे लंड का मिलन करवा देता हूँ. लेकिन उससे पहले में आपकी चूत का रस तो चखकर देखूं कि मेरी भाभी की गरम चूत का स्वाद कैसा है और वैसे मैंने सुना है कि सुंदर और सेक्सी औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है. तो भाभी बोली कि ठीक है जो मर्ज़ी में आए वो करो, यह चूत अब तुम्हारी ही है, तुम इसका जैसे चाहो वैसे मजा ले लो. लेकिन हाँ एक बात और जब हम एक दूसरे को चोदने के लिए तैयार है और एक दूसरे की चूत और लंड चाट रहे है, चूस रहे है तब यह आप आप का क्या राग लगा रखा है, तुम अब मुझको मेरा नाम लेकर पुकारो और यह आप आप की राग छोड़ो और फिर मैंने देखा कि उनकी चूत लंड लेने के लिए खुल और बंद हो रही है और अपनी लार बहा रही थी और उनकी चूत बाहर और अंदर से बिल्कुल रस से भीगी हुई थी.

    फिर मैंने जैसे ही अपनी जीभ को भाभी की चूत में अंदर डाला तो वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वाह क्या चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो इसे और ज़ोर से चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को और अंदर तक अपनी जीभ घुसा दो अह्ह्ह मेरी चूत के दाने को भी चाटो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह बहुत मज़ा आ रहा है और में अब झड़ने वाली हूँ और इतना कहते ही भाभी की चूत ने गरम गरम मीठा रस छोड़ दिया, जिसको में अपने जीभ से चाट चाटकर पूरा का पूरा पी गया और उधर भाभी ने अपने मुहं में मेरा लंड लेकर उसको बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही मिनट के बाद में भी भाभी के मुहं में झड़ गया और मेरे लंड का रस भाभी के मुहं के अंदर चला गया और वो उसे पूरा का पूरा पी गयी. अब भाभी का चेहरा कामुकता से चमक रहा था.

    उनको अब अपनी चुदाई की बहुत जल्दी थी और फिर वो मुस्कुराती हुई बोली कि चूत चुसवाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन में अब अपनी चूत कि चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ. अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिए तैयार करो और मेरी चूत में डाल दो, अब मुझसे रहा नहीं जाता. तो मैंने भाभी को पलंग पर चित करके लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर घुटने तक लाकर मोड़ दिया और फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा खोलकर उनकी चूत के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

    मनीषा भाभी अब बिल्कुल ही पागल हो रही थी वो चीखने चिल्लाने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी और कह रही थी कि चोद दो मेरी चूत को औऊऊऊऊ आईईईईईईइ फाड़ डालो आज अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरी इस चूत को, हाँ और ज़ोर से धक्का दो अह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को आज चोद चोदकर भोसड़ा बना दो, और ज़ोर से, हाँ और ज़ोर से धक्का दो.

    फिर मैंने भी जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड मनीषा भाभी के चूत में घुसा दिया और मेरा लंड बहुत आसानी से उनकी चूत में चला गया क्योंकि वो एक बच्चे की माँ थी और उस समय उनकी चूत बहुत गीली थी. मेरा लंड अंदर जाते ही वो पागलों की तरह चीखने, चिल्लाने लगी ऊऊऊओहआअहह और ज़ोर से चोदो आज इस चूत का सारा पानी निकाल दो ओहह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरी जान चोदो मुझे. उनकी यह बातें बार बार सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और में जल्दी जल्दी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और कुछ देर चोदने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठकर मेरे लंड की घुड़सवारी करने लगी और मनीषा भाभी बहुत मस्त घुड़सवारी कर रही थी. वो फिर से कहने लगी कि चोद दे आज इस रंडी को, बुझा दे प्यास इस चूत की, यह इस लंड की बहुत दिनों से प्यासी है.

    मुझे यह बात सुनकर और जोश चढ़ रहा था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से उसको चोदना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफ्फ़ और ज़ोर से चोदो कह रही थी और फिर करीब 45 मिनट तक लगातार चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और बहुत थककर मनीषा के ऊपर लेट गया. लेकिन मेरा लंड अब भी उसकी चूत में ही था. तो कुछ देर बाद में उठा और बाथरूम चला गया और साफ करके बाहर आ गया. लेकिन भाभी अब भी वहीं पर पड़ी हुई अपनी गीली चूत में उंगली कर रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी बाथरूम चली गई और उस दिन मैंने उनको दो बार और चोदा. लेकिन उस दिन से आज तक मुझे जब भी टाईम मिलता है तो में मनीषा भाभी को रोज चोदता हूँ.

  • तीनो बहनों ने बारी बारी से चुदवाया मुँह बोले भैया से

    हेलो दोस्तों मेरा नाम मोनिका है मेरी छोटी बहन का नाम ज्योति है और उस से छोटी बहन का नाम रानी है आज मैं अपनी एक सेक्स कहानी सुनाने जा रहे हो यह कहानी बहुत मजेदार है जब भी मैं उस वाकए को याद करते हो तो अभी मेरी चूत गीली हो जाती है मेरा मन डोल जाता है मुझे लगता है कि काश वो रात फिर से आ जाए कैसे हम तीनों बहनों ने उस रात को मजे लिए थे दोस्तों मजा आ गया था आज मैं आपको भी अपनी यह बात शेयर कर रही हूं।



    यह कहानी आज से 4 साल पहले की है उस समय में 22 साल की थी और मेरे से दोनों बहने एक 1 साल छोटी थी। हम तीनों भरपूर जवानी में थे तीनों एका पर से एक थे हॉट मॉडल की तरह हम तीनों लगते थे मेरा एक छोटा भाई था वह लल्ला था बेकार था ना पढ़ाई करता था मन दिखाई करता था पर हम तीनों बहनों ने खूब पढ़ाई करें उस समय भी हम तीनों अपने क्लास में अब्बल आते थे. मेरी मां एक दुकान चलाती थी पापा का एक छोटा सा बिजनेस था वही करते थे।

    हम तीनों मिलजुल कर रहते थे पर एक जो सबसे ज्यादा बात खटकती थी वह यह थी कि मेरी मां थोड़ी पुराने ख्याल की थी और मेरे पापा भी मेरी मम्मी से हमेशा नीचे रहते थे यानी की मम्मी हमेशा डांटते रहती थी तो यहां पर मम्मी का चलता था मेरे पापा का नहीं चलता था पुराने ख्यालात की होने के कारण वह हम लोग को ज्यादा छूट नहीं देती थी फैशन में कोई कमी नहीं करने देती थी कपड़े एक से एक देती थी। पर वह किसी लड़के से बात करने देना नहीं चाहती थी वह सोचती थी कि शायद हम लोगों को पटा लेगा और भगा के ले जाएगा इसलिए वह हमेशा अपने मन में यह सभी बातें सोचते रहती थी।

    अब मैं सीधे कहानी पर आती हूं।

    उस समय मैं दिल्ली किराए पर रहती थी। मेरे सामने वाले मकान में एक लड़का रहता था वह भी करीब 22 साल का ही था वह दिल्ली में पढ़ाई करने आया था पर वह शादीशुदा भी था शायद जिस साल उसकी शादी हुई थी उसी शायद उसी साल हो दिल्ली आ गया था पढ़ने उसमें हम लोग बात नहीं करते थे बस घर में ही बात करते थे कि वह भैया हैं जो वहां रहते हैं पर एक दिन आश्चर्य हुआ जब उनके बीवी गांव से आ गई। भैया आप पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करने लगे थे और एक गांव की जो लड़की आई थी यानी कि उनकी बीवी वह सीधी साधी थी हम तीनों बहनों का भैया के बीवी के साथ दोस्ती हो गई अब जब भैया बाहर होते थे और मेरी मां दुकान पर जाते थे तो हम लोग कभी उनके घर चले जाते थे या वह मेरे घर आ जाती थी ऐसे वह घंटों बातें करते रहते थे धीरे-धीरे बात बड़ी भैया भी घर आने लगे।

    मेरी मम्मी भी उनको काफी पसंद करने लगी मेरी मम्मी उनको बेटा कहते थे हम लोग भैया कहते थे। ऐसा तीन चार महीने तक चला और भैया की वाइफ गांव चली गई क्योंकि वह प्रेग्नेंट हो गई थी और मम्मी मेरी पापा के साथ अलीगढ़ चले गए थे क्योंकि हम लोग ऐसे अलीगढ़ के ही रहने वाले हैं। क्योंकि मेरे मामा जी का काफी तबीयत खराब था इसलिए मम्मी और पापा वही चले गए बोले कि थोड़ा टाइम लगेगा तुम लोग ठीक से रहना।

    दोस्तों एक दिन की बात है मैंने भैया को रात को अपने घर पर बुलाई के भैया आज खाना भी खा लेना खाना खाने करीब 9:00 बजे के करीब आए और हम लोग फिर बातचीत करने लगे बातचीत करते-करते रात के करीब 11:00 बज गए थे . शनिवार का दिन था तो इसलिए जल्दी बाजी भी नहीं थी क्योंकि दूसरे दिन छुट्टी का दिन था मैंने उनको कहा कि भैया आप रात को यहीं सो जाओ अब आप क्या जाओगे सुबह जाना चाहते हम तीनो बहने चाहते थे वह रात को उस समय हम तीनों के मन में कोई बात नहीं थी ना तो चाहते थे कुछ.

    रात को धीरे धीरे करके मेरे दोनों बहने सोने चली गई मैं और भैया दोनों बातचीत करने लगे बातचीत करते करते पता नहीं कहां से कहां घूमा और हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए वह मेरे करीब आकर बैठ गए उनको निहारने लगी और अब वह मुझे चूमने लगे पता ही नहीं चला मैं रोक भी नहीं पाई और धीरे-धीरे अपना हाथ, मेरी चूचियों पर रख दिए।

    और वह दबाने लगे यह मेरा पहला एक्सपीरियंस था किसी लड़के के द्वारा मेरे बूब्स को छूना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था बदन में आग लग गई थी ऐसा लग रहा था कि इससे अच्छा और कुछ दुनिया में हो ही नहीं सकता मेरी सांसे तेज चलने लगी थी मेरी सांसे गरम-गरम निकलने लगी थी मैंने होंठ सूखने लगे थे मैं मदहोश हो रही थी ऐसा लग रहा था कि यह कौन सा नशा है यह बिल्कुल नया था दोस्तों मेरे लिए धीरे-धीरे वो मेरे होंठ को चूसने लगे मेरे हाथों को पकड़ने लगे अपनी अंगुलियां मेरे अंगुलियों में फंसाने लगे मेरे बालों को सहलाने लगे मेरे गर्दन को चूमने लगे मेरे बूब्स को दे दे दे दे दबाने लगे मेरी सांसे तेज होने लगी मैंने दोनों बहनों को देखा तो वह दोनों सो चुकी थी वह खड़े हो गए मैं भी खड़ी हो गई और दोनों एक दूसरे का हाथ थामे हुए अपने बेडरूम में चली गई।

    वहां जाकर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए अपने भी सारे कपड़े उतार दें वह मेरे बूब्स को दबाने लगे मेरे निप्पल को उंगलियों से रगड़ने लगे मेरे होंठ को चूसने लगे दोस्तों उस समय मेरा होंठ गुलाबी हो गया था मेरे बूब्स तन गए थे आंखें लाल हो गई थी गाल गुलाबी हो गया था उन्होंने जब मेरी पेंटी खोलने शुरू की तो मुझे थोड़ा खराब लगा खराब का मतलब यहां पर यह है कि मुझे लाज लगने लगा, मैं शर्म आ रही थी घबरा रही थी पर मुझे सेक्स करने का भी मन था तो मैं उनको मना नहीं की और फिर अपनी पेंटी को खोलने दिया जैसे ही उन्होंने मेरी बहन खोलें। मेरी चूत को देखकर वह देखते ही रह गए क्योंकि उसी दिन मैंने शेव की थी और बिल्कुल टाइट थी। क्योंकि मैं वर्जिन थी।

    उन्होंने मेरी चुत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे रोम रोम खिल गए थे मेरे पूरे शरीर में आग लग गई थी पहला एक्सपीरियंस वह भी चुत चटवाने का गजब लग रहा था। मैं अपने दोनों पैरों को फैला दें ताकि वो आराम से इसका मजा ले सकें। मेरी छूट से पानी निकलने लगी थी.उस पर से वह मेरे बदन को चले जा रहे थे कभी वह मिली चूतड़ को चलाते कभी मेरे होंठ को चूसते कभी मैंने बूब्स को दबाते और लगातार मेरी चूत को चाटे जा रहे थे.

    उसके बाद उन्होंने मेरी दोनों पैरों को फैला दिया और अपना लौड़ा निकाल कर मेरे हाथ में रख दिया। उनका लौड़ा काफी मोटा था काफी लंबा था उस समय काफी गर्म लग रहा था। मैं तीन चार बार आगे पीछे करें पर मुझे चूत की गर्मी परेशान करे थे मुझे लग रहा था कि इसका सही जगह मेरी चूत है.

    मैंने कहा भैया देर मत करो मेरी वासना को शांत करो मेरी चुदाई करो. उन्होंने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रखा और जोर से अंदर घुसा दिया मैं दर्द से कराह उठी थी क्योंकि खेद बहुत छोटा था मैं पहली बार चुदाई कर रही थी भयानक दर्द से मैं तड़पने लगी थी वह मुझे सहलाने लगे थे मेरे बूब्स को सहलाने लगे थे मेरे होंठ को छूने लगे थे धीरे-धीरे में शांत हुई उन्होंने फिर से दूसरा धक्का दिया अब मेरी चूत थोड़ा-थोड़ा खून निकलने लगा था मैं डर गई थी पर उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार होता है तुम्हें शांत हुई।

    उन्होंने जब तीसरा झटका दिया तो उनका पूरा लौड़ा मेरी चूत के अंदर समा गया। दोस्तों अब वह धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगे मैं भी नीचे से होले होले झटके देने लगे झटके से और भी ज्यादा काम हो रहे थे और उसे कामुक आवाज निकाल रहे थे। मेरे सिसकारियां भी बंद नहीं हो रही थी मेरे मुंह से गरम गरम सांसे नाक से गर्म गर्म सांसे निकल रही थी मैं उस समय मुंह से सांस लेने लगी थी दोस्तों मुझे देते थे तो मेरे मुंह से सिर्फ आवाज निकलती थी।

    अब मैं ज्यादा कामुक हो गई थी मैं भी जोर जोर से चुदना चाह रही थी वह जोर जोर से धक्के दे रहे थे और मैं मजे ले रही थी मेरे बाल बिखर गए थे मेरी आंखें लाल हो गई थी मेरे काजल फैल गए थे मेरे लिपस्टिक दोस्तों मैं एक नंबर की चुदक्कड़ लग रही थी.

    1 घंटे तक उन्होंने मुझे कभी आगे से कभी पीछे से कभी उठाकर कभी बैठा कभी खुद ऊपर कभी मैं ऊपर कभी घोड़ी बनकर कभी कुत्तिया बनके खूब चुदी। और फिर थोड़ी देर में शांत हो गई।

    मैं उठकर कपड़े पहने और जैसे ही कमरे से बाहर गई तुम्हें देखी मेरी दूसरी बहन खिड़की से सब नजारा देख रही थी क्योंकि हम लोग लाइट भी बंद नहीं किए थे दोस्तों मेरी बहन बोली कि दीदी तुमने तो मजे ले ले मुझे भी मजे लेने दो मैं बोली ठीक है मैं तुम्हारे बेड पर जा रही हूं सोने अब तो मजे ले लो उसके बाद मैं सोने चली गई और मेरी बहन उनके पास चली गई मेरी बहन को देखते हैं वह बोले आप तो बोले हां जैसे आपने मेरे दीदी के साथ किया है वैसा मेरे साथ भी कर।

    और फिर उनके साथ जाकर सो गई तुरंत तो वह मेरी बहन को चोद नहीं पाए थे करीब आधे घंटे बाद मैं खुद खिड़की से जाकर जाकर देखी तो मेरी बहन मेरे से भी ज्यादा सेक्सी हो कर चुद रही थी वह तो मुंह से ऐसे आवाज निकाल रही थी कि मानो सनी लियोन सेक्स कर रही हो। मेरे से भी उसकी चूचियां बड़ी बड़ी थी उसके जांग भी काफी मोटे थे गांड भी काफी मोटी थी।

    वह मेरे से ज्यादा सेक्सी थी उसके बाद कमर तक थे दोस्तों को पूरे बाल को खोल ली थी बेड पैसे लेती हुई थी मानो चुदाई की देवी सो रही हो। भैया तो मेरे से भी ज्यादा उसको चोद रहे थे क्योंकि वह सेक्सी दिख रही थी इसलिए बेड के आवाज चू चू कर रहा था एक हाय हाय कर रहे थे एक उफ़ कर रही थी। दोस्तों ऐसा नजारा शायद मुझे कभी जिंदगी में देखने और सुनने को भी मिलेगा यह तो शुक्र है कि आपको मैं नॉनवेज story.com पर अपनी कहानी सुनाने जा रहे अन्यथा आप को भी यह नसीब नहीं होता यह मेरी सच्ची कहानी है।

    जब मेरी बहन और भैया दोनों झड़ गए थे। तब मैं सोने चली गई वह दोनों साथ ही सोए थे मैं भी काफी थक गई थी जब सुबह नींद खुली तुम्हे देखे मेरी सबसे छोटी बहन वह खिड़की पर खड़े होकर उन दोनों को सोते देख रहे थे वह दोनों अभी तक नहीं सोए हुए थे। वह आकर मेरे से बोली कि दीदी यह क्या हो रहा है क्या आपने भी मजे लिए हैं तो मैं बोली हां छोटी थी उसके बाद इसने लिया है मेरी छोटी बहन क्यों दी थी मेरे नसीब में नहीं है क्या मुझे लगा कि क्यों नहीं जब दोनों बहन चुद क्योंकि थे तो इसको भी चुदना चाहिए मैं बोली ठीक है एक काम कर आज दोपहर का रख ले। मैं और ज्योति दोनों मार्केट जाते कुछ सामान लाना है।

    भैया का खाना बना देती हूं रुक जाएंगे और हम तीनों की चुदाई करेंगे। वह मान गई रानी बोली ठीक है दीदी आप जल्दी जल्दी नहा लो और इन दोनों को भी उठाओ यह दोनों भी तैयार हो जाएंगे नाश्ता बनाओ हम चारों मिलकर नाश्ता करते हैं और आप दोनों मार्केट चले जाओ ताकि मैं दिन में इनके साथ रंगरेलियां मना सकूं। ऐसा ही हुआ था दोस्तों हम चारों मिलकर नाश्ता की भैया भी यही नाश्ता किए संडे का दिन था तो उनको कुछ काम भी नहीं था और कोई काम भी रहता तो कौन करता है।

    यार जहां पर तीन-तीन चूत मिल रही हो कौन छोड़ता है इसको हम दोनों बहन मार्केट चले गए जब उधर से आए तो मैंने देखा रानी चुद रही थी। हम दोनों ने अंदर जाकर देखा क्योंकि मेन गेट की चाबी मेरे पास थी मैं गेट खोल कर अंदर गई वह हम दोनों बहनों से भी ज्यादा अलग अलग तरीके से चुदवा रही थी हम दोनों तो दंग रह गए।

    जब दोनों शांत हो गए हैं लेट गए तब हम दोनों बहन अंदर गए अब हम तीनों बहन उनको चूमने लगे चाटने लगे और मजे लेने लगे दोस्तों फिर हम तीनों ने प्लान बनाया। कि कल भी हम लोग छुट्टी करते हैं आज रात को खूब मजे लेते हैं ऐसा ही हुआ दोस्तों उस रात को भी हमने खूब मजे लिए तीनों ने अब एक साथ सेक्स किया वह बारी-बारी से हम तीनों को चोदते रहे क्योंकि वह शाम को ही मार्केट से टेबलेट ले आए थे। रात को उन्होंने चार टैबलेट खाया था।

    और हम तीनों को खूब खुश किया था आज भी वह दिन जब याद आता है तो मजा आ जाता है दोस्तों काश ऐसा दिन फिर आता पिछले साल ही मेरी शादी हो गई है पर जब भी मेरा पति मुझे चोदता तो ख्वाब में उनको जरूर याद करती हूं क्योंकि वैसा चुदाई आज तक नहीं हो पाई है। आशा करती हूं मेरी यह कहानी आपको अच्छी लगी होगी हो सकता है