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  • मनीषा भाभी की चूत को लंड खिलाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 20 साल है. मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह मेरे सेक्स अनुभव की पहली सच्ची कहानी है. जिसमे मैंने मेरी पड़ोस वाली भाभी जी के साथ जमकर सेक्स किया और अपनी और उनकी जिस्म की आग को ठंडा किया. मेरा लंड 7 इंच बड़ा है और यह दो साल पहले की बात है जब में 12th क्लास में था. दोस्तों मेरे पास के मकान में एक भाभी रहती है, उसका नाम मनीषा है. उनकी उम्र 30 साल है और वो बहुत सेक्सी है और उसका फिगर 34-28-36 है. जिसको देखकर में हमेशा उसको चोदने के बारे में सोचता था.

    उसके घर में उसके पति और एक उसका लड़का रहता है, उसका लड़का अभी दो साल का है. में उसके घर पर रोज आया जाया करता था. मनीषा के बूब्स बहुत मस्त और बड़े सेक्सी थे. जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स झूलते रहते थे. यह देखकर कोई भी मचल जाए और वो हमेशा आधी बांह का ब्लाउज पहनती थी. उसमें से उसके बूब्स पूरे बाहर की तरफ दिखते थे तो उन्हे देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता और फिर एक दिन वो मेरे घर पर मेरी माँ को मिलने आई और तब में भी घर पर ही था, तभी उसका साड़ी का पल्लू फिसलता हुआ नीचे गिर गया, तो वो एकदम साड़ी के पल्लू को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुकी तो ऐसा लग रहा था कि उससे बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे है.

    उसने पल्लू उठाते हुए मुझे देख लिया और में तो बस उनके बड़े बड़े बूब्स को देखकर एकदम पागल सा होने लगा था, तो उसने मुझे एक हल्की सी स्माइल दी और उस दिन से उसे महससू होने लगा कि में उसको छुपकर देखता हूँ, तो वो भी जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा देती थी. में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और सोचता कि काश में इसको चोद सकता और फिर में ऐसा सोचकर अपने घर पर आकर उनके नाम की मुठ मारता था और में उसके बड़े बड़े बूब्स और गांड के बारे में सोच सोचकर मुठ मारा करता था.

    तो एक दिन की बात है, में उसके घर पर गया वो घर पर एकदम अकेली थी और शायद बाथरूम से नहाकर अपने रूम में आकर कपड़े पहन रही थी. उस वक़्त उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी ही पहनी हुई थी. तो में उसे घूरकर देखता ही रह गया और शायद उसने भी मुझे देख लिया था, लेकिन फिर कुछ देर बाद में वहां से चला गया और फिर में कुछ दिन तक उसके घर पर नहीं गया. तो एक दिन उसने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम घर पर क्यों नहीं आते हो? लेकिन में बहुत देर तक चुप रहा और उसके बार-बार पूछने के बाद मैंने उससे कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ उसकी वजह से में आने से डरता था.

    उसने मुझसे बोला कि तुम वो बात किसी को मत बताना और फिर उस दिन से वो मुझसे बहुत करीब हो गयी. में जब भी उसके घर पर जाता तो वो जानबूझ कर सेक्सी स्माइल देती और अब वो भी मुझसे चुदना चाहती थी, वो सब मुझे उसकी हरकतों से महसूस होने लगा था. वो अधिकतर समय मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती, मुझे अपने बूब्स दिखाने की कोशिश किया करती थी. तो एक दिन जब में माँ के किसी काम से उसके घर पर गया तो मैंने देखा कि उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैंने भी जानबूझ कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी नहीं बजाई और उसके घर के अंदर चला गया.

    मैंने देखा कि घर पर कोई भी नहीं है और शायद वो उस समय बाथरूम में थी तो में चुपचाप सोफे पर जाकर बैठ गया और मैंने देखा कि वहां पर टेबल के नीचे एक किताब रखी हुई थी और जब मैंने उसको उठाकर देखा तो उसमे सेक्सी फोटो थे, सभी फोटो सेक्सी एक्शन में थे और अधिकतर नंगे आदमी के फोटो थे और उसमे आदमी के बड़े बड़े लंड थे, उन्हे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को बड़े बड़े लंड ज्यादा पसंद है और मैंने सोचा कि शायद मेरा नंबर लग जाएगा, क्योंकि मेरा लंड भी बहुत बड़ा था. फिर मैंने उस किताब को वहीं पर रख दिया. भाभी बाथरूम में थी तो में उसकी तरफ चल पड़ा और सोचा कि बाथरूम में उसे नहाते हुए देखा जाए और में उसे देखने लगा और जब मैंने बाथरूम में चुपके से देखा तो भाभी पूरी नंगी होकर नहा रही थी. तब तो वो और भी हॉट, सेक्सी दिख रही थी और वो अपने सारे बदन पर साबुन लगा लगाकर अपने बूब्स और चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी.

    तो यह सब देखकर मेरा लंड टाइट होकर खम्बे जैसा पूरी तरह खड़ा हो गया और वहां पर भाभी अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी और हल्की हल्की मोन कर रही थी और फिर वो उंगली को ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी, तो में समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और तब में वहां से हट गया और यह देखकर में तुरंत मेरे घर पर आ गया और बाथरूम में जाकर लंड को बाहर निकाला और मुठ मारने लगा और अब में समझ चुका था कि भाभी को क्या चाहिए और में यह बात सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोद सकूँ और एक दिन वो फिर से दोबारा बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी, तो में फिर से बाथरूम की तरफ चला गया और एकदम से दरवाजा खोला तो वो मुझे देखकर एकदम से चकित रह गयी. लेकिन मनीषा को सेक्स की भूख थी इसलिए उसने मुझे झट से अंदर खींच लिया और मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि गौरव में तुमसे चुदना चाहती हूँ और फिर वो मुझे किस करने लगी. तो मुझसे भी रहा नहीं गया और अब में भी उसको किस करने लगा और उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में उंगली करने लगा.

    मेरे ऐसा करने से उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकियाँ लेने लगी व मोन करने लगी. में उसको कुछ देर तक चूमता चाटता रहा और फिर मेंने उसको अपनी बाहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए. वो मुझे देखकर बहुत खुश हो गई. तो मैंने फिर धीरे से उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके बूब्स पर अपनी पकड़ मजबूत करके उसको अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और तभी भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज थोड़ा ज़ोर कम लगाओ. तो मैंने भाभी को अपनी बाहों में भरकर कसकर जकड़ लिया और भाभी भी मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थी.

    मैंने उनके दोनों होंठो को अपने होंठो के बीच में लेकर चूसने लगा. भाभी भी मेरी बाहों में अधनंगी खड़ी खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी बूब्स को मेरी छाती से दबा रही थी और फिर मुझे नंगा देखकर मनीषा भाभी हंसकर बोली कि तुम नंगे बहुत अच्छे दिखते हो और तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बहुत ही सुंदर लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको एक बार अपनी चूत में लेकर चुदवाना जरुर चाहेगी. तो में अब भाभी के पास गया और उनको अपनी बाहों में लेकर उनसे कहा कि मुझे कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हो या नहीं? तब भाभी बोली कि अरे तुम अभी भी नहीं समझे, में तो तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना चाहती हूँ जब से तुमने मुझे ब्रा पेंटी में देखा था और अब जल्दी से तुम मुझे चोद दो, मेरी चूत में आग लगी हुई है और वो मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी.

    में भाभी के एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर किसी बच्चे की तरह दूध पीने लगा और दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ में लेकर मसलने, दबाने लगा. तो भाभी भी अब तक पूरी तरह से गरम होकर जोश में आ गयी थी, उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़कर मुझको बेड पर धक्का देकर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी.

    तभी थोड़ी देर के बाद वो बोली कि वैसे तुम्हारा लंड बहुत ही सेक्सी है और आज मेरी चूत बहुत मज़े ले लेकर इस लंड से चुदेगी और अब तुम बिल्कुल चुपचाप पड़े रहो, क्योंकि अब मुझे तुम्हारे लंड का पानी चखना है. तो में बोला कि ठीक है भाभी, जब तक आप मेरा लंड का स्वाद चखोगी तब तक में भी आपकी चूत के स्वाद का आनंद उठाऊंगा, आइए हम दोनों 69 पोज़िशन पर पलंग पर लेटते और फिर हम दोनों पलंग पर एक दूसरे के पैर की तरफ मुहं करके लेट गये.

    फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर कर लिया और भाभी ने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होंठो से लगाकर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर उसे अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. दोस्तों तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कभी कभी उसको अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटने लगी. लेकिन मुझे अपने लंड को उनसे चुसाते हुए अब रहा नहीं गया और फिर मैंने उनके सर के बालों को पकड़कर अपने लंड को भाभी के मुहं में एक जोरदार धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया.

    भाभी लंड को अपने मुहं से बाहर निकालते हुए एक रंडी की तरह बोली, कि वाह मेरे राजा अभी और ज़ोर से डालो अपने लंड को मेरे मुहं में, और बाद में इसको इसी तरह मेरी प्यासी, तड़पती हुई चूत में डालना है और अब मैंने भी भाभी को जो कि मेरे ऊपर लेटी हुई थी, उसके दोनों पैर को फैला दिए और अब मेरी आँखो के सामने उनकी झांटो वाली एकदम गुलाबी चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरे लंड को खाने के लिए एकदम तैयार थी.

    में अपनी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. वो बहुत आसानी से अंदर तक जा रही थी और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन तभी भाभी ज़ोर से बोली कि अरे क्यों ऐसे टाईम बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को तुम्हारी यह छोटी सी उंगली नहीं चाहिए, उंगली तो मेरे पास भी है, उसे तो तुम्हारा वो बड़ा सा मोटा लंड चाहिए और उससे पहले तुम इसको अपनी जीभ से चोदो, बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो अब तुम्हारा लंड खाने की लिए तरस रही है.

    तो मैंने कहा कि क्यों इतनी चिंता कर रही हो भाभी, में अभी आपकी चूत से मेरे लंड का मिलन करवा देता हूँ. लेकिन उससे पहले में आपकी चूत का रस तो चखकर देखूं कि मेरी भाभी की गरम चूत का स्वाद कैसा है और वैसे मैंने सुना है कि सुंदर और सेक्सी औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है. तो भाभी बोली कि ठीक है जो मर्ज़ी में आए वो करो, यह चूत अब तुम्हारी ही है, तुम इसका जैसे चाहो वैसे मजा ले लो. लेकिन हाँ एक बात और जब हम एक दूसरे को चोदने के लिए तैयार है और एक दूसरे की चूत और लंड चाट रहे है, चूस रहे है तब यह आप आप का क्या राग लगा रखा है, तुम अब मुझको मेरा नाम लेकर पुकारो और यह आप आप की राग छोड़ो और फिर मैंने देखा कि उनकी चूत लंड लेने के लिए खुल और बंद हो रही है और अपनी लार बहा रही थी और उनकी चूत बाहर और अंदर से बिल्कुल रस से भीगी हुई थी.

    फिर मैंने जैसे ही अपनी जीभ को भाभी की चूत में अंदर डाला तो वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वाह क्या चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो इसे और ज़ोर से चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को और अंदर तक अपनी जीभ घुसा दो अह्ह्ह मेरी चूत के दाने को भी चाटो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह बहुत मज़ा आ रहा है और में अब झड़ने वाली हूँ और इतना कहते ही भाभी की चूत ने गरम गरम मीठा रस छोड़ दिया, जिसको में अपने जीभ से चाट चाटकर पूरा का पूरा पी गया और उधर भाभी ने अपने मुहं में मेरा लंड लेकर उसको बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही मिनट के बाद में भी भाभी के मुहं में झड़ गया और मेरे लंड का रस भाभी के मुहं के अंदर चला गया और वो उसे पूरा का पूरा पी गयी. अब भाभी का चेहरा कामुकता से चमक रहा था.

    उनको अब अपनी चुदाई की बहुत जल्दी थी और फिर वो मुस्कुराती हुई बोली कि चूत चुसवाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन में अब अपनी चूत कि चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ. अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिए तैयार करो और मेरी चूत में डाल दो, अब मुझसे रहा नहीं जाता. तो मैंने भाभी को पलंग पर चित करके लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर घुटने तक लाकर मोड़ दिया और फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा खोलकर उनकी चूत के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

    मनीषा भाभी अब बिल्कुल ही पागल हो रही थी वो चीखने चिल्लाने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी और कह रही थी कि चोद दो मेरी चूत को औऊऊऊऊ आईईईईईईइ फाड़ डालो आज अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरी इस चूत को, हाँ और ज़ोर से धक्का दो अह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को आज चोद चोदकर भोसड़ा बना दो, और ज़ोर से, हाँ और ज़ोर से धक्का दो.

    फिर मैंने भी जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड मनीषा भाभी के चूत में घुसा दिया और मेरा लंड बहुत आसानी से उनकी चूत में चला गया क्योंकि वो एक बच्चे की माँ थी और उस समय उनकी चूत बहुत गीली थी. मेरा लंड अंदर जाते ही वो पागलों की तरह चीखने, चिल्लाने लगी ऊऊऊओहआअहह और ज़ोर से चोदो आज इस चूत का सारा पानी निकाल दो ओहह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरी जान चोदो मुझे. उनकी यह बातें बार बार सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और में जल्दी जल्दी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और कुछ देर चोदने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठकर मेरे लंड की घुड़सवारी करने लगी और मनीषा भाभी बहुत मस्त घुड़सवारी कर रही थी. वो फिर से कहने लगी कि चोद दे आज इस रंडी को, बुझा दे प्यास इस चूत की, यह इस लंड की बहुत दिनों से प्यासी है.

    मुझे यह बात सुनकर और जोश चढ़ रहा था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से उसको चोदना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफ्फ़ और ज़ोर से चोदो कह रही थी और फिर करीब 45 मिनट तक लगातार चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और बहुत थककर मनीषा के ऊपर लेट गया. लेकिन मेरा लंड अब भी उसकी चूत में ही था. तो कुछ देर बाद में उठा और बाथरूम चला गया और साफ करके बाहर आ गया. लेकिन भाभी अब भी वहीं पर पड़ी हुई अपनी गीली चूत में उंगली कर रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी बाथरूम चली गई और उस दिन मैंने उनको दो बार और चोदा. लेकिन उस दिन से आज तक मुझे जब भी टाईम मिलता है तो में मनीषा भाभी को रोज चोदता हूँ.

  • Bhabhi ki xxx chudayi || भाभी ने की लंड पर सर्जिकल स्ट्राइक | Hindi Xxx Sex Story

    Bhabhi Ne Ki Lund Per Surgical Strike – भीआईपीचोटी के पाठको, आप सबको विशाल का नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है तो कोई भूल हो तो क्षमा कर देना।

    जैसे कि मैंने आपको बताया मेरा नाम विशाल है, मैं गुजरात में रहता हूं। मेरी उम्र 19 साल की है। मेरा 7 इंच लम्बा लंड किसी भी चूत की गर्मी बुझाने के लिए काफी है।
    यह कहानी मेरी ममेरी भाभी के साथ हुई चुदाई पर आधारित है। तो अब सब लौंडे अपने अपने लवडे को पकड़ कर बैठ जाएं और सब लड़कियां एक एक खीरा अपने पास रख लें।
    बात तब की है जब मैं अपने मामा के यहां गया था। मामा के परिवार में मामी, मेरा भाई, भाभी और उनकी एक प्यारी सी बेटी है।
    मैं थोड़ा शर्मिला लड़का था इसलिए भाभी से पहले बहुत कम बात करता था।

    मेरी भाभी के बारे में थोड़ा बता दूँ। भाभी एक गजब की फिगर की मल्लिका हैं और उनका हुस्न भी किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी है। उनका फिगर 36-30-36 का है । वो जब भी चलती हैं तो उनकी मटकती गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है।

    मेरे मामा की फैक्ट्री है तो मामा और भाई सुबह चले जाते हैं और दोपहर को खाना खाने के लिए आते हैं और फिर से चले जाते हैं. फिर रात को लेट करीब दस ग्यारह बजे के आसपास आते हैं।
    एक दिन की बात है मामा और मामी किसी काम के लिए मेरे नाना के यहां गांव गए थे और अपनी पोती को भी साथ ले गए थे। घर में सिर्फ भाई भाभी और मैं हम तीन ही बचे थे।

    उस दिन सुबह को भाई जल्दी फैक्ट्री पर चले गए था। वैकेशन के चलते मैं सुबह देर से उठता था। उस दिन जब मेरी नींद खुली तो मेरा उस्ताद अपनी मस्ती में खड़ा था, मैं नींद में उसे मसल रहा था।

    लेकिन मुझे पता नहीं था कि भाभी वहीं बाजू में खड़ी खड़ी मेरी हरकतें देख रही थी.
    जब मेरी आंख खुली तो मैंने भाभी को मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर से घूरता पाया। जब हमारी आंख मिली तो मैंने तुरंत अपना हाथ हटा लिए, लेकिन भाभी मेरी ओर देखकर हंसने लगी और वो वहां से चली गई।

    भाभी जब भी झाड़ू पौंछा लगाती तो मैं उनके गहरे गले के टॉप में से उनके बड़े बड़े मम्मे घूरता। उस दिन मैं सोफ़ा पर बैठ कर अपने फोन में कुछ कर रहा था, तभी भाभी आ गई और मेरे पास बैठ गई। हम ऐसे ही बात करने लगे, तभी भाभी ने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
    तो मैंने मना कर दिया और फिर हम बातों में मशगूल हो गए।

    एक दिन बाद जब भाभी झाड़ू लगा रही थी तब मैं उनके मम्मे घूरे जा रहा था, तभी भाभी ने मुझे पकड़ लिया और कहा- अब तो देवर जी, आप कोई लड़की ढूंढ ही लीजिए।
    भाभी की इस बात से मैं झेंप गया।

    बाद में मैं पढ़ने ऊपर के रूम में चला गया क्यूंकि छुट्टी के बाद मेरे एग्जाम स्टार्ट होने वाले थे। भाभी ऊपर रूम में अपना काम निपटा कर आई और बोली- मैं मार्केट जा रही हूं कुछ सामान लेने के लिए!
    मैंने कहा- ठीक है।

    मार्केट से आने के बाद भाभी नहाने के लिए चली गई। नहाने के बाद वो नीचे टीवी देखने चली गई। उस वक्त मुझे शरारत सूझी। मैं चुपके से भाभी के कमरे में गया जो ऊपर के माले पर ही था और वहां जा के भाभी की पेंटी और ब्रा ले ली और उसे मैं सूंघने लगा।
    कमाल की खुश्बू आ रही थी भाभी की पेंटी से।

    पैंटी पर मैंने देखा कि कुछ चिपचिपा लगा हुआ था। वो भाभी का कामरस था।
    मैं उसे चाटने लगा। थोड़ा खारा स्वाद था मगर मस्त था।

    इस सब चक्कर में मैंने अपना खड़ा लंड शॉर्ट्स में से बाहर निकाला और ब्रा उस पर लपेट के मुठ मारने लगा और पेंटी भी चाट रहा था.
    मुझे दरवाजा बंद करने का खयाल नहीं आया और तभी भाभी आ गई, उन्होंने मुझे इस हालत में देखा और जोर से बोली- क्या कर रहे हो यह तुम?
    मैं डर गया और भाभी से माफी मांगने लगा.

    लेकिन मेरी सोच से उलट भाभी मेरे करीब आई और अचानक से मेरा लौड़ा चूसने लगी। भाभी के इस अचानक वार के लिए मैं तैयार नहीं था। पहली बार किसी लड़की ने मेरा लौड़ा मुंह में लिया था तो पूरे शरीर में अचानक से करेंट दौड़ गया।
    मैं आंखें बंद करके मजे ले रहा था। भाभी गपागाप मेरा लंड चूसे जा रही थी। दोस्तो, उस अहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

    दस पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ गया और भाभी मेरा सारा रस गटक गई, चूस चूस कर उन्होंने मेरा सारा माल खाली कर दिया।

    मेरा माल पीने के बाद भाभी बोली- देवर जी, आपका लंड तो बहुत ही मस्त है और माल भी टेस्टी है।
    भाभी ने इतना बोल लिया कि नीचे से दरवाज़े की बेल बजी।
    भाभी बोली- लगता है तुम्हारे भैया आ गए!
    और अपने आप को ठीक करके वह वहां से निकल गई।

    बाद में भैया मुझे खाने के लिए आवाज दी तो मैं नीचे चला गया। हम तीनों ने खाना खाया और भैया खाना खाने के बाद पंद्रह-बीस मिनट में फैक्ट्री लिए निकल गए।
    बाद में भाभी वाशबेसिन में बर्तन साफ करने लगी। मैं पानी पीने के बहाने किचन में गया और भाभी को पीछे से पकड़ लिया।
    भाभी ने इस हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी इसलिए मैंने अपना लौड़ा भाभी की गांड की दरार में घुसा दिया और घिसने लगा। मैंने मेरे हाथ भाभी के बड़े बड़े स्तनों पर रख दिये और उन्हें दबाने और मसलने लगा।

    भाभी बोली- क्यों देवर जी, पहले तो शरमाते थे और अब सब शर्म निकल गई?
    तो मैंने कहा- ये सब आपका ही किया-धरा है।
    इस बात से भाभी हंसने लगी और कहा- जाइए ऊपर रूम में… मैं अभी काम खत्म करके आती हूं.
    तो मैं मन मार के ऊपर चला गया।

    करीब दस मिनट बाद भाभी आई। उनके आते ही मैंने उन पर हमला कर दिया और उन्हें किस करने लगा। भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं किस करते करते उनके मम्मे मसलने लगा. तभी भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी तो मैं भी उसे चूसने लगा।

    किस करते करते मैं उनके कुर्ते के अंदर हाथ डाल कर मम्मे दबाने लगा। अब मैंने भाभी का कुर्ता उतार दिया। कुर्ता उतरते ही उनके 36 इंच साइज़ के बड़े बड़े मम्मे मेरे सामने थे। मैं उन पर टूट पड़ा, एक को हाथ से दबाता और एक को मुंह से चूसता रहा। बड़े और नर्म नर्म मम्मे चूस कर मज़ा आ गया।
    तकरीबन 15 मिनट तक मैं मम्मे चूसता रहा।

    अब बारी उनकी नाभि की थी। भीआईपीचोटी की कहानियां पढ़ पढ़ कर मुझे यह पता लग गया था कि औरतें नाभि और गर्दन पर किस करने से बहुत जल्दी गर्म होती हैं।
    मैं नाभि पर और उनके नरम पेट पर किस करने लगा। किस करते करते मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार में घुसा दिया और पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा।

    फिर मैं अचानक खड़ा हुआ और फटाक से उनकी सलवार को खींच कर उतार दिया। अब भाभी मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी।
    आह दोस्तो क्या नज़ारा था।
    तभी भाभी बोली- ये तो नाइंसाफी है देवर जी, मुझे नंगी करके आप खुद कपड़ों में हैं. तो मैंने कहा कि आप खुद उतार दीजिए।
    तब भाभी खड़ी हुई और मुझे किस करने लगी।

    किस करते करते मेरा टीशर्ट उतार दिया और मुझे बेड पर धकेल दिया। अब अधनंगी भाभी मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगी।
    उनकी चूत सीधे मेरे लंड पर थी तो वो भी खड़ा हो गया था। किस करते करते वो नीचे की तरफ आगे बढ़ी और मेरे शॉर्ट्स उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था और भाभी सिर्फ़ पैंटी में।
    चड्डी को मेरा लंड खड़ा करके तम्बू बना रहा था, यह देखकर भाभी बोली- आप के छोटे उस्ताद तो बहुत बड़े हैं।

    उसके बाद भाभी ने मेरी चड्डी को खींच कर निकाल दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी। उनके मुंह से आवाजें आ रही थी।

    तभी मैंने भाभी के सर को पकड़ लिया और नीचे से धक्के देने लगा। दस-पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद में जब मैं झड़ने को आया तो मैंने भाभी का सर अपने हाथों से लंड पर दबा दिया और एक धक्का दिया तो मेरा लंड सीधा उनके गले में रुका और मैंने अपना माल भाभी के मुंह में झाड़ दिया और भाभी मजे से सारा माल पी गई।

    अब मेरी बारी थी। भाभी को मैंने बेड पर धकेल दिया और उनकी नर्म और चिकनी जांघों को सहलाने और चूमने लगा। धीरे धीरे मैं ऊपर बढ़ता गया और बाद में पेंटी के ऊपर से ही भाभी की चूत चाटने लगा और मौका देखते ही जब भाभी ने अपनी गांड ऊपर की तो फटाक से पेंटी को निकाल दिया।

    अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी। मैं भाभी की जांघों के पास आया और उनकी चूत निहारने लगा। उनकी चूत क्लीन शेव्ड थी और बड़े होंठों के साथ गुलाबी थी।
    मैं पागलों की तरह चूत चाटने लगा।

    इसी बीच मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी चूत के अन्दर डाल दी और भाभी आहें भरने लगी- हाँ चाटो विशाल अपनी भाभी की चूत और जोर से।
    और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी।

    थोड़ी देर की चुसाई और चटाई के बाद भाभी अपने चरम पर पहुंच गई और झड़ने लगी। मैं सारा पानी चाट कर पी गया नमकीन थोड़ा खट्टा स्वाद था भाभी के पानी का।

    अब हम फिर किस करने लगे। किस करते करते भाभी मेरे लंड और टट्टे सहलाने लगी। सहलाते सहलाते उन्होंने मेरे लंड को फिर से खडा कर लिया।

    मैं फिर से नीचे आ गया और भाभी की चूत में उंगली करने लगा। भाभी की सिसकारियां निकलने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और कहने लगी- मुझसे अब रहा नहीं जाता, चोद दो अपनी भाभी को।
    तो मैंने भाभी की टांगों को फैलाया और उनकी चूत पर लंड का टोपा घिसने लगा।

    भाभी और तड़पने लगी और कहने लगी- अब नहीं रहा जाता, प्लीज़ चोद दो मुझे।
    तो मैंने छेद पर लण्ड टिका कर धक्का दिया, एक बार में अपना पूरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड चूत में घुसा दिया।
    भाभी चीखने लगीं- मार डाला तूने विशाल… एक झटके में कोई इतना बड़ा लंड डालता है?

    कुछ पल रुकने के बाद मैं भाभी को चोदने लगा, धीरे धीरे अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और भाभी भी सिसकारियां लेते लेते बड़बड़ा रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह ह्ह… जोर से चोदो अपनी भाभी को… आह्ह… उम्म्म।

    पंद्रह मिनट की धक्का पेल चुदाई के बाद मैं झड़ने को हुआ तो भाभी को बताया.
    तो भाभी ने कहा- अन्दर ही झाड़ दो!
    मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा, तभी भाभी का पानी फूट पड़ा और उसकी गर्मी से मैं भी झड़ने लगा। झड़ने के बाद में भाभी के पास ही लेट गया और उनके मम्मों से खेलने लगा।

    भाभी को मैंने पूछा- आज सुबह आपने एकदम से मेरा लंड क्यों मुंह में ले लिया था?
    तो उन्होंने कहा- मैं बहुत दिनों से देख रही थी कि आप मेरे मम्मे और गांड को ताड़ते थे और मुझे भी चेंज के लिए नया लंड चाहिए था. पर आप रहे बहुत शर्मीले, इसलिए मुझे पता था कि आप तो कोई पहल नहीं करेंगे, इसलिए मैंने आपके लंड पर हमला कर दिया।

    इस बात पर मैं भी मजाक के मूड में बोला- भाभी, आपकी इस सर्जिकल स्ट्राइक से तो मेरा लंड ढेर हो गया।
    और हम दोनों हसने लगे।

    बाद में मेरा फिर से मूड बनने लगा तो भाभी को कहा- भाभी, एक और राउंड हो जाए!!
    तो भाभी ने भी बात पर हामी भर दी।

    मैंने एक बार और भाभी की तरह तरह की पोजिशन में चुदाई की।

    इसके बाद तो जैसे हमारे बीच चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ और अब भी मैं जब अपने मामा के घर जाता हूं तो कम से कम एक बार तो भाभी की चुदाई करता ही हूं।
    दोस्तो, मेरी यह कहानी कैसी लगी यह मुझे मेल करके जरूर बताना।
    आपका दोस्त विशाल।
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