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  • जन्मदिन के बहाने चूत चुदाई

    दोस्तो, मेरा नाम अक्षय है और मैं हैदराबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है और मैं अभी अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी हाइट 6 फ़ीट है और वज़न 72 किलो है. रनिंग और कसरत करने से मेरा शरीर बिल्कुल फिट है. बाकी मैं अपने लंड के बारे में में क्या बताऊं, जिसने लिया है, वही जानती है. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, जो मेरे साथ कुछ महीने पहले घटी थी.

    हुआ ये कि मैं पढ़ाई के सिलसिले में शहर में रहता था, तो मैं शहर में एक रूम भाड़े पर लेकर रहता था. कुछ दिन तो ठीक से कट गए, पर कहते हैं ना कि शहर की हवा लगने में देर नहीं लगती. मेरे साथ भी यही हुआ, कुछ दिन बाद मेरी किस्मत चमकी और मेरे रूम के बगल में एक मेरे से सीनियर लड़की रहने के लिए आ गयी.

    उस लड़की का नाम पूजा था, वो अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी. उसके बारे में क्या बताना दोस्तो… लगता था कि ऊपर वाले ने उसे बड़ी ही तसल्ली से बनाया था. उसकी झील सी आंखें, पतली कमर, बड़े बड़े चूतड़, जब चलती तो ऐसे मटकती कि जान ही ले ले. ऊपर की तरफ देखिए तो बड़े ही आकर्षक बूब्स … जिन्हें देखकर तो उन्हें खा जाने का मन करता. उस पर उसके लंबे बाल.. उफ्फ पूरी माल लगती थी.
    अगर ऐसी हॉट लड़की को देखकर भी कोई अपने लंड को खड़ा ना कर सके, तो वो किस मर्द कहलाने लायक ही नहीं है.

    कुछ दिन तक मैं उसे सिर्फ छुप छुप कर ही देखता था, कभी हिम्मत ही नहीं हुई कि उससे सीधी नजर मिला लूँ.
    पर कुछ दिन बाद हम आपस में पढ़ाई के बारे में बातचीत करने लगे, इसके बाद धीरे धीरे हम दोनों आपस में अच्छे से घुल मिल गए. कभी मैं उसके रूम पर जाता, तो कभी वो मेरे रूम पर आती थी. मगर मुझे तो उसको चोदने की लग रही थी. इसलिए मैंने एक प्लान बनाया, मेरे पास उसका मोबाइल नंबर था.

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    मैंने दिमाग लगाया और एक नए सिम कार्ड से उस नम्बर से व्हाट्सअप शुरू किया और उसे हाय कहकर भेजा.

    फिर मैं सो गया, जब मैं अगली सुबह जागा, तो देखा कि उसका रिप्लाई आया था. वो मुझसे पूछ रही थी कि तुम कौन हो?
    मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त.
    फिर उसने मेरे बारे में जानने के लिए दो तीन दोस्तों के नाम से पूछा.
    मैंने कहा कि मैं इनमें से नहीं हूँ.
    तो उसने लिखा कि तो तुम कौन हो और मुझसे क्या चाहते हो?
    मैंने लिखा- मैं तुम्हारा दोस्त बनना चाहता हूँ.
    उसने कहा- क्यों?
    मैंने बताया- मेरी कोई भी गर्लफ़्रेंड नहीं है.
    उसने पूछा- गर्लफ़्रेंड बना कर उसका क्या करोगे?
    मैंने कहा- कुछ तो करूँगा.. आप पहले दोस्त तो बनिए.

    फिर उसने मुझे अपना फ़्रेंड बना लिया. हम रोज़ बातें करने लगे. धीरे धीरे वो मुझसे सेक्स की बातें करने लगी.

    इस तरह की बातों से जब वो गर्म हो जाती तो कहती कि मुझे चुदवाने का मन कर रहा है.
    तो मैंने कहा कि मैं तो आ नहीं सकता.. तुम हाथ से शांत हो जाओ.
    उसने बताया कि आज तक वो सिर्फ हाथ से ही करती आ रही थी, पर अब उसे मर्द का लंड चाहिए.

    कुछ दिन बाद वो मिलने की ज़िद करने लगी तो मैंने कहा- मिलकर क्या करोगी?
    उसने कहा कि और क्या करना है.. उस काम के सिवा?
    तो मैंने कहा- अगर उतना मन कर रहा है तो एक आईडिया बता सकता हूँ.
    उसने कहा- हां बताओ.
    मैंने कहा कि अगर तुम्हारे घर के अगल बगल कोई है, जो तुम्हें चोदने के चक्कर में हो.. तो उससे चुदवा लो इस तरह तुम्हारा काम बन सकता है.
    वो कहने लगी- ये कैसे हो सकता है.. मैं कैसे जानूंगी कि कोई पड़ोस वाला मुझे चोदना चाहता है.
    मैंने लिखा- ये तेरे लिए क्या बड़ी बात है.. जो भी तुझे पसंद हो उसे अपने रूप के जलवे दिखा कर फांस ले. बस फिर उसको चोदने की बात कर और चूत खोल दे.
    वो बोली- मैं किसको पटाऊं, मेरी समझ में ही नहीं आ रहा है?
    मैंने कहा- तेरे साथ कोई लड़का नहीं पढ़ता.. उसी पर जादू चला दे.

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    उसने मेरा ही नाम लेकर कहा- हां है तो एक घोंचू.. साला लगता तो है कि मुझे चोदने के चक्कर में है लेकिन उसने कभी मुझसे कहा नहीं है.
    मैंने लिखा- वो शायद डरता होगा. उसको अपने दूध दिखा और उसर सेक्सी बात कर.. हो सकता है कि वो मान जाए और तेरी आग बुझा दे.
    उसके दिमाग में घुस गया और वो चहकने की स्माइली भेजी और लिखा- ठीक है.. उसको अब देखती हूँ.

    अगले दिन से ही वो मेरे साथ अलग सा बर्ताव कर रही थी, जब वो चलती तो गांड ज्यादा ही मटकाने लगती और आज तो टॉप भी ढीला और गहरे गले का पहना हुआ था. उस टॉप को पहनकर वो मुझे झुक झुक कर अपने मम्मे दिखा रही थी. मैंने भी सोच रखा कि उसे तड़पाकर ही चोदूंगा.
    फिर दूसरे दिन उसने मुझे अपने घर पर शाम को सात बजे बुलाया और बताया कि आज उसका बर्थडे है.
    मैंने उसे विश किया और कहा कि तुमने बताया ही नहीं मैं गिफ्ट लेकर आता. चलो मैं अभी आता हूँ.
    मैं गिफ्ट लेने की कह कर जा ही रहा था कि उसने रोकते हुए आँख मारते हुए कहा- रुको यार, गिफ्ट भी ले लूँगी.. पर अभी मेरी सुनो.. आज रात का खाना तुम मेरे साथ ही खाना.
    मैंने भी मुस्कुरा कर ओके कहा और उसके घर से चला गया.

    आठ बजे रात को मैं अच्छे से सज कर पर्फ्यूम लगा कर अपने साथ कंडोम लेकर उसके घर चला गया.

    उसने केक काटा और मुझे खिलाया, मैंने उसको खिलाया. फिर मैंने उसे बताया कि इतने कम समय में मैं तो तुम्हारे लिए कोई गिफ्ट ही नहीं ला सका.
    तब उसने बोला- कोई बात नहीं, पर गिफ्ट तो तुम अभी भी मुझे दे सकते हो.
    मैंने पूछा- मैं क्या दे सकता हूँ?
    उसने कहा- आज मैं जो मांगूंगी, दोगे?
    मैंने कहा- मांग कर देखो.. मैं पक्का दे दूंगा.

    उसने मुझे सीधे कह डाला- मैं आज औरत बनना चाहती हूँ, क्या तुम मुझे औरत बना सकते हो.

    इतना सुनते ही मैं उस पर टूट पड़ा और उसको जोर से किस करने लगा. वो भी मुझसे लिपट गई और हम लोग दस मिनट तक तो एक दूसरे को टटोलते रहे. फिर मैं उसको उठाकर बिस्तर पर ले आया और किस करते हुए मैंने उसकी टॉप ब्रा और स्कर्ट उतार दी. वो अब सिर्फ पैंटी में थी. क्या मस्त कांटा माल लग रही थी. उसके बड़े बड़े मम्मों पर गुलाबी निप्पल मुझे बुला रहे थे कि आओ और हमको चूस लो.

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    मैं अगले ही पल उसके मम्मों पर टूट पड़ा और चूसने लगा. मैं एक हाथ उसकी पैंटी में डालकर उसकी चूत मसलने लगा. वो भी मेरा लंड मसलने लगी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना लंड उसके हाथ में दिया. साथ ही मैंने उसकी पेंटी भी उतार फेंकी.

    अब वो और मैं बिल्कुल नंगे थे, मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठकर उसकी चूत को चाटने लगा. इससे वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी. ‘आआआ उफ़्फ़फ़फ़ उम्म्ह… अहह… हय… याह… अमा उफ्फ हआ..’ ऐसे करते हुए मेरा सिर उसके चूत पर रगड़ने लगी और कहने लगी- चाटो आज ऐसे चाट चाट कर खा जाओ.
    वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी और ढीली हो गयी.

    इसके बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और वो मेरा लंड का टोपा चूमने लगी. थोड़ी देर बाद वो मेरा लंड जोर जोर से चूसने लगी, इससे मेरा पानी निकल गया. अब हम दोनों थोड़ी देर के लिए शान्त हो गए और एक दूसरे से खेलते हुए धीरे धीरे 69 पोजीशन में आ गए. कुछ पल की चुसाई के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.

    अब मैंने उसे सीधा लिटाकर उसके नीचे तकिया लगा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
    मैंने कहा- डार्लिंग पेल रहा हूँ.. क्या तुम तैयार हो?
    इससे वो और तड़पने लगी और कहने लगी- चाहे आज जो हो जाए.. तुम रुकना मत.. मैं कितनी भी चिल्लाऊं तुम रुकना मत.

    मेरे सामने एक कली फूल बनने को तैयार थी. मैंने अपना लंड का दबाव हल्के से डाला और एक जोर का झटका दे मारा. इस झटके से मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुस गया. उसकी झिल्ली फट चुकी थी और उसकी चुत में से हल्का सा खून आ रहा था. वो बड़ी मुश्किल से अपना दर्द छुपा रही थी. मैं भी यूं ही रुका रहा.

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    थोड़ी देर बाद उसने कमर हिलाकर साथ देना शुरू किया और अब मैं भी शुरू हो गया. उसे जोर जोर से चोदने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बना कर भी चोदा.

    फिर कुछ देर बाद मैं उसके चूतड़ों पर अपना पानी निकालकर शांत हुआ.

    उसने मेरे साथ चुदाई को बहुत एन्जॉय किया. उस रात हमने दो बार औऱ सेक्स किया और कुछ हफ्तों बाद मैंने उसकी गांड भी मारी.

    बाद में जब उसको मेरे बारे में पता चल गया कि मैंने ही उस से व्हाट्सएप पर बात की थी, तो उसने बताया कि वो उसका बेस्ट बर्थडे गिफ्ट था.

    इसके बाद हम जब तक साथ रहे, वो मुझसे खूब चुदवाती रही. फिर वो चली गयी, पर अभी भी कॉल करके फोन सेक्स से अपनी प्यास बुझवा लेती है.

    दोस्तो, मुझे रिप्लाई देकर बताएं कि मेरी इस हिंदी सेक्स स्टोरी के बारे में आपको क्या लगा.

  • टूशन स्टूडेंट की चुत मारी

    दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हु, इस कहानी में मेरे साथ जो लड़की है जिसकी चूत की सील मैंने तोड़ी आज मैं आपको अपने शब्दों में बयां कर रहा हु, आशा करता हु, की आपको ये मेरी कहानी एक कुंवारी लड़की को चोदने का जो एहसास होता है उसी के बारे मैं आपके सामने रख रहा हु, कैसे मैंने वो टाइट बूर में अपना लौड़ा डाला था, दोस्तों शायद ये मेरी ज़िंदगी का सबसे खुशनसीब पल था वो पहला से लेके पांचवे दिन तक. अब मैं आपको आपका टाइम खराब नहीं करते हुए मैं अपनी चुदाई की कहानी सूना रहा हु.



    मैं 36 साल का हु, मैं टीचर हु, और घर पे टूशन भी पढता हु, आज जो मैं कहानी आपको सूना रहा हु, वो मेरी एक स्टूडेंट की है, जिसका नाम सिमरन है, सिमरन अठारह साल की है, गजब की सुन्दर लड़की है, भगवान् ने क्या खूबसूरत चेहरा दिया है, उसकी छोटी छोटी चूचियाँ जिसपे हलके पिंक कलर के निप्पल गजब का लगता है, यार क्या बताऊँ चूचियाँ टाइट टाइट सी छोटी छोटी जब मेरे हाथ में आती है तो मेरा तन बदन में आग लग जाता है, और मेरा लौड़ा सलामी देने लगता है, मेरी धड़कन तेज हो जाती है और तुरंत ही उससे बाहों में भर लेता हु और उसकी जिस्म की गर्मी और तेज तेज साँसे जब मेरे शारीर को छूती है तब मुझे शकुन मिलता है.

    सिमरन मेरे बात विचार से काफी प्रभावित थी, वो मुझे अपना सब कुछ सौंपने के लिए धीरे धीरे तैयार हो गई, मुझे तो पहले लगता था ये गलत है पर मैं भी एक कुंवारी को चोदना चाहता था, क्यों की आपको तो पता है, हर मर्द की ये चाहत होती है की वो जो आज तक चुदी ना हो वैसी लड़की को चोदे, ऐसे तो मैं शादी शुदा हु, पर मुझे पता ही नहीं चला था की मेरी बीवी वर्जिन थी की चुदी हुई थी. मुझे हमेशा से लालसा होती थी की मैं किसी ऐसे लड़की से सेक्स सम्बन्ध बनाऊं जो पहले से कभी चुदी हुई ना हो.



    सिमरन का हाव भाव देखकर मुझे लगा की वो मुझे पसंद करती है, वो भी सिर्फ सेक्स सम्बन्ध बनाने के लिए, क्यों की उसका कहना था की मैं चाहती हु की मैं सेक्स को जान लु, फिर मैं अपनी पढाई पर ध्यान लगाऊं शायद वो सही बोल रही थी, फिर उसकी मुस्कान और हाव भाव ने मुझे उसको छूने के लिए प्रेरित किया और मैंने धीरे धीरे गाल से स्टार्ट करके होठ को छूने लगा, जब मैं उसके दोनों गुलाब की पंखुड़ी सी होठ को छूता था वो वो कहती थी, बस ना करो प्लीज, आप तो छु कर छोड़ देते हो और मैं परेशान रहती हु, मैं पूछता भी था की परेशान कैसे रहती हो तो वो लजा जाती थी, और कहती थी की मैं नहीं बोलूंगी… मुझे भी उसके होठ को छूना बहुत अच्छा लगता था, धीरे धीरे मैं उसके चूचियों पे हाथ फेरने लगा ऊपर ऊपर से, वो कुछ भी नहीं बोलती थी, मैं कभी भी जबर्दश्ती नहीं की थी, वो खुद ही चाहती थी की मैं उससे छुऊँ,

    एक दिन की बात है, मेरी पत्नी तीन चार घंटे के लिए बाहर गई थी, मैं उसके होठ को छुआ की वो मेरा हाथ पकड़ ली और अपनी नशीली आँखों से निहारने लगी, वो निहारते रही और मैंने उसके टॉप के ऊपर से मैंने हाथ घुसा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके रसीले होठ को चूसने लगा, वो भी मेरे होठ को डीप किश कर रही थी, मैंने अपने में सटा के उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने लौड़े से सटा लिया, तभी वो छटक कर गुम गई अब उसका गांड मेरे लौड़े के पास आ गया मैंने ऊपर से ही लौड़े को उसके गांड में रगड़ने लगा, वो व्याकुल हो गई और मेरे बाल को सहलाने लगी. तभी मैंने उसके केप्री में हाथ घुसा रही था तभी वो मुझे रोक दी, मेरे हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा क्यों तो बोली मैं अभी ये नहीं कर सकती. मैंने कहा ठीक है कुछ भी नहीं करना पर मुझे छूने तो दो. तो उसने कहा नहीं नहीं अभी मैं ठीक नहीं हु, मैंने कहा क्या तो बोली अरे आप समझ नहीं रहे हो. अभी तीन दिन ही हुए है. अभी दो दिन और बाकी है. मैं समझ गया की उसको माहवारी हुई ही. पर मैं खुश था चलो आज नहीं तो दो दिन बाद ही सही. मैंने उसको बेड पे लिटा दिया और टॉप को ऊपर कर दिया, और फिर चूचियाँ को दबाने लगा. क्रिकेट के बाल की तरह उसकी चूचियाँ थी, मैंने उसके चूच से खेलने लगा. वो भी मजे लेने लगी. फिर मैं होठ को भी चूसने लगा. और फिर दोनों पैर की ऊपर कर दिया और बिच में बैठ कर कपडे के ऊपर से ही लौड़ा रगड़ने लगा. वो खूब मजे ले रही थी और मैं भी मजे ले रहा था पर बर्दाश्त के बाहर हो रहा था. कुछ देर बाद मैं झुंझला गया, क्यों की मुझे चोदने का मन करने लगा था फिर मैं बाथरूम में जाके मूठ कार लिया.



    और फिर वापस आकर उसको हग किया, और किश किया, वो बोली किसी को कभी भी नहीं कहना, ये बात, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो. वो बहुत खुश थी. अब तो वो मेरे पास रोज ज्यादा समय तक पढाई करने लगी. और फिर मैं भी खूब मजे लेने लगा. उसके बाद मुझे तीन चार दिन के लिए कहनी जाना था, मैं और मेरी पत्नी दोनों चले गए, पर पत्नी वही रूक गई और मैं वापस आ गया, फिर सिमरन भी आने लगी. वो जैसे ही आई. मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और बेड रूम में ही उसको बुलाया और फिर हग कर के चूचियाँ दबाने लगा. और फिर उसके होठ चूसने लगा. वो मना नहीं कर रही थी. फिर मैं उसके बूर पे हाथ फेरने लगा और फिर मैंने अपने हाथ को अंदर कर दिया, ओह्ह्ह उसका बूर काफी गरम हो गया था, और पानी पानी हो चूका था. मैंने उसको बेड पर लिटा दिया, और फिर केप्री खोल दी. ऊपर से मैंने उसके कपड़े भी उतार दिए, मैंने उसके चूची को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. वो आह अहा उफ़ यह यह उफ़ आउच आ आए आए आ आ आ कर रही थी. मैंने उसके टांग को ऊपर कर दिया और उसके बूर को देखने लगा. मैंने पहले ही सोच लिया था की कभी जल्दबाजी नहीं करनी है. मैंने उसके बूर को चिर कर देखा तो अंदर कोई भी छेद नहीं दिखई दे रहा था. मैंने चिर कर भी देखा तो भी कुछ नहीं दिख रहा था, उसके बाद मैंने अपनी जीभ लगाईं वो उछल पड़ी. बोली नहीं नहीं मैंने कहा कुछ नहीं होगा चुप हो जाओ. फिर उसने मना कर दिया और उठ खड़ी हुई और अपना कपडा फिर पहन ली.

    मैं थोड़ा नाराज भी हो गया की ये क्या हो रहा है. वो बोली मुझे थोड़ा टाइम दो. अभी मैं इस लायक नहीं हुई हु, मैंने कहा क्यों नहीं हुई है यार यही तो राइट टाइम है. वो बोली थोड़ा और टाइम दो. मैं पहले अपने मन को तो समझा लु. मेरी एक सहेली किसी से सेक्स सम्बन्ध बनाई है वो बोली है की बहुत दर्द होता है. मुझे डर भी लग रहा है. मैंने समझाया कोई डर नहीं होनी चाहिए तुम्हे और भी मजा आएगा, वो बोली ठीक है. थोड़ा टाइम दो. मैं भी सोचा जल्दवाजी नहीं करनी है नहीं तो ये हाथ से निकल जाएगी. वो दूसरे दिन आई. मैं चुपचाप था, वो बोली नाराज हो क्या? मैंने कहा तुम काम ही यही करती है. नाराज कैसे ना होऊं, तो बोली मैंने किसी चीज के लिए मना किया, मैं चुप रहा वो मेरा सर उठा के मेरी आँखों में आँख डाल कर बोली. की नाराज क्यों हो रहे हो.

    मैंने उसके होठ को चूम या और फिर उसके चूचियों को दबाने लगा. फिर लिटा दिया और एक एक कपडे उतार दिए, वो शर्मा रही थी मैंने कहा ले तुम अपना मुंह ढक लो और वो अपने ही टॉप से अपने फेस को ढक ली और फिर मेरे सामने वो नंगी लेती रही मैं उसके बदन के एक एक हिस्से को निहार रहा था, ताकि मैं इस चीज को ज्यादा दिन तक याद रख पाऊं, फिर में उसके टांग को अलग अलग कर के उसके बूर को चिर कर फिर से देखा अंदर लाल, कोई भी छेद नहीं दिखाई दे रहा था. फिर मैंने कहा क्या मैं घुसा दूँ, और ये कहते कहते अपना मोटा लंड निकाल लिया वो चुप रही. मैंने फिर पूछा डालू वो चुप रही. फिर मैंने अपना लंड उसके बूर पे सेट किया और अंदर डालने की कोशिश करने लगा. उसका बूर एक दम साफ़ सुथरा था हलके बल्कि भूरे भूरे बाल थे, मुझे लग रहा था क्या इतनी छोटी सी जगह में मेरा लंड जाएगा. और मैं कोशिश करने लगा.



    वो कहे जा रही थी दर्द हो रहा है. दर्द हो रहा है. मैं दिलासा दे रहा था अभी दर्द कम हो जायेगा, और फिर से कोशिश करता पर मेरा लंड उसके बूर के अंदर नहीं जा रहा था, में करीब पांच मिनट कोशिश की पर मेरा लंड अंदर नहीं गया और फिर वो दर्द से उठ गई और आँख में आँशु लिए अपने कपड़े पहन ली. मैंने समझाया की पहली बार थोड़ा ऐसा लग रहा है फिर ठीक हो जायेगा, दूसरे दिन फिर वो आई और फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत पे रखा और इस बार करीब एक इंच अंदर गया और वो कहने लगी निकलो निकालो पर मैं नहीं मान और दूसरे धक्के में थोड़ा और, वो कराह रही थी छूटने की कोशिश कर रही थी पर मैं उसके जकड लिया और और फिर तीसरा झटका मारा और लंड उसके चूत में चला गया, वो दर्द से छटपटा रही थी मैं थोड़ा रूक गया और उसको भी शांत रहने बोला, करीब एक मिनट बाद मैंने फिर झटके दिए और उसके चूच को सहलाया, और उसके होठ पे किश किया, वो भी किश करने लगी और मैं धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.

    वो अपने होठ को अपने जीभ से चाट रही थी. और मैंने उसके कान के निचे चूम रहा था और हौले हौले झटके दे रहा था, फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है. वो बोली अब ठीक लग रहा है. मैं फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ाया और वो भी साथ देने लगी, पहले वो पीछे की तरफ खींच लेती थी पर अब वो थोड़ा थोड़ा आगे आगे झटके देने लगी. फिर करीब पांच मिनट बाद वो भी झटके देने लगी. और मैं भी जोर जोर से झटके देने लगा, करीब दस मिनट बाद मैंने झड़ गया और वो भी शांत हो गई. मैंने लंड निकाला तो देखा लंड में हल्का हल्का खून लगा हुआ था और फिर मैंने उसके बूर के पहाड़ कर देखा तो अंदर लाल लग रहा था, मुझे बिस्वास नहीं हो रहा था की इतना छोटा छेद में मेरा इतना मोटा लंड जायेगा.



    फिर क्या बताऊँ दोस्तों मैंने कई सारे इंटरनेट पे क्लिप देखी अठारह साल की लड़की की चुदाई का, पर मुझे सबसे अच्छा सिमरन की चुदाई ही लगा, अब रोज रोज नहीं बल्कि कभी कभी जब मेरी बीवी नहीं होती है घर पर मैं सिमरन को चोद लेता हु, मैं भी नहीं चाहता की रोज रोज से काम ख़राब हो जायेगा इसलिए मैं धीरे धीरे ही अपने ज़िंदगी का एन्जॉय करना चाहता हु, ये कहानी सच है, आप सभी दोस्तों को नॉनवेज स्टोरी पे मेरी कहानी पढ़ने का बहुत बहुत शुक्रिय.