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  • देवर ने की भाभी की चूत चुदाई

    दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं थोड़ी प्यासी औरत हूँ. वैसे मेरे पति तो मुझे चोदते ही हैं लेकिन मुझे और ज्यादा चुदवाने का मन करता है. मेरा अन्दर बहुत सेक्स है. मेरे पति जब भी मुझे चोदते हैं तो वो जल्दी झड़ जाते हैं जबकि मैं और सेक्स के लिए तड़पती रहती हूँ.
    मेरी सेक्स की तड़प ने ही मुझे अपनी चूत में उंगली करने के लिए मजबूर कर दिया और मैं अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करती हूँ. मेरा मन जब नहीं लगता है तो कभी कभी अन्तर्वासना सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ जिससे मुझे बहुत अच्छा लगता है.

    मैं आप अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ जो मेरे और मेरे देवर की है.
    जब पति से चुदकर मेरी चूत को शांति नहीं मिली तो मैं अपने देवर से अपनी चूत शांत करवाने लगी. वो भी क्या दिन थे जब मैं अविवाहिता थी तो मुझे बहुत लंड मिलते थे चुदवाने के लिए … लेकिन ससुराल में तो डर लगता है. किसी का लंड अपनी चूत में लेने से! अगर मेरे ससुराल वालों को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी.
    वैसे मैं मौका देख कर किसी न किसी को पटा लेती हूँ और उससे चुदवा लेती हूँ. ज्यादातर लोग तो मुझे ही पटाते हैं मुझे चोदने के लिए. और मैं भी अपने जिस्म का बहुत ध्यान रखती हूँ.

    मेरे पति थोड़ा पैसा भी कम कमाते हैं और मेरा देवर मेरे पति से ज्यादा पैसा कमाता है. वैसे मुझे यह पता था कि मेरा देवर मुझे शुरू से ही पसंद करता था क्योंकि वो हमेशा मेरे लिए कुछ न कुछ बाजार से लाता रहता था, मुझे त्योहार पर उपहार भी देता था.
    मैं अपने देवर को कभी गलत नजरिये से नहीं देखती थी. मैं भी अपने देवर को बहुत मानती थी. मेरे पति मुझे अच्छे से नहीं चोद पाते थे या मैं ही थोड़ा ज्यादा चुदासी थी कि मुझे अपने पति के लंड के अलावा भी दूसरे के लंड से चुदवाने का मन करता था.

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    मैं अपने देवर से पहले से ज्यादा बातें करने लगी. मैं जब भी अपने देवर को सुबह में चाय देने जाती थी तो उनका खड़ा लंड देखती थी.

    एक दिन देवर ने मुझे उनका खड़ा लंड देखते हुए देख लिया और बोले- भाभी क्या हुआ, आपको कुछ चाहिए?
    मेरे देवर अपने लंड की तरफ देख कर मुझसे बातें कर रहे थे. मेरे देवर ने पहली बार मुझसे डबल मीनिंग में बात की थी.

    अब तो उसी दिन से हम दोनों लोग गंदे गंदे मजाक करने लगे. अब तो मेरे पति जब जॉब करने जाते थे तो मैं घर का सारा काम करके अपने रूम में आराम से सोती थी. दोपहर में मेरा यही काम था कि मैं दोपहर में सोती थी.

    एक दिन मैं दोपहर में अपने रूम में सो रही थी. उस दिन मेरे देवर अपने जॉब पर नहीं गए थे. मैं सोते समय अपनी साड़ी खोल एक ब्लाउज और पेटीकोट में सोती हूँ. इससे मुझे सोने में आराम रहता है और नींद भी अच्छी आती है. मैं रात को भी ब्लाउज और पेटीकोट में ही सोती हूँ.
    मैं अपने रूम में दोपहर को सो रही थी और मेरी पेटीकोट मेरे जांघों तक आ गयी थी. मेरी पेंटी दिख रही थी और मैं सो रही थी. मेरा देवर मेरे कमर में आकर मेरी पेंटी को देख रहे थे. मैं जब थोड़ा नींद में उठी तो देखा कि मेरा देवर मेरी पेंटी को बहुत ध्यान से देख रहा है.

    मैंने अपने देवर की तरफ देखा तो मेरा देवर मुझे देख कर मुस्कुराने लगा और बोलने लगा- भाभी, आप सोते समय बहुत सेक्सी लगती हो. आप कभी मेरे साथ भी सो लिया करिए.
    मैं अपने देवर की डबल मीनिंग बात समझ गयी. मैं समझ गयी कि मेरा देवर भी मुझे चोदना चाहता है. मेरी उभरे हुए चुचे और बड़ी गांड जो थोड़ी सी उभरी हुई है.

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    मेरा देवर मेरे जिस्म को देख कर दीवाना हो गया. मेरा देवर मेरे जिस्म की तारीफ करने लगा- भाभी आप बहुत सुन्दर हो. भईया तो आपको खूब रात में प्यार करते होंगे.
    मैं यह बात सुनकर थोड़ा उदास हो गयी क्योंकि मुझे अपने पति से चुदाई का सुख नहीं मिल पाता था जैसा मैं चाहती थी. वैसा मेरा पति मुझे नहीं चोदता था.

    मेरे देवर मेरे पास आया और बोला- भाभी क्या बात है. आप मुझे बताओ मैं हूँ न आपकी सहायता करने के लिए!
    मैंने अपने देवर को बताया- मेरे पति को अब ज्यादा मुझमे रूचि नहीं है. मेरे पति अब मुझसे ज्यादा प्यार नहीं करते हैं जैसा वो पहले करते थे.

    मेरा देवर यह बात सुनकर बोला- भाभी मैं हूँ ना आपका देवर … मैं आपसे प्यार करूँगा.
    मैं और मेरा देवर हम दोनों लोग एक दूसरे से नज़रें मिलाकर बात कर रहे थे. मेरा देवर मुझे देख कर थोड़ा हवस भरी नजरों से मुझसे बातें कर रहा था.
    मेरे सास और ससुर दोनों लोग बाहर गए हुए थे.

    मेरा देवर मुझसे बातें करते करते मुझे किस करने लगा. मैं भी अपने देवर के बालों में अपना हाथ फिराने लगी और हम दोनों लोग एक दूसरे को किस करने लगे. हम दोनों लोग एक दूसरे को बहुत अच्छे से किस कर रहे थे और मेरा देवर मेरे होंठों को चूस रहा था. मेरा देवर मुझे किस करते करते मेरी चूची को मेरे ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा.

    मैं भी अब चुदासी हो गयी थी और मेरे अन्दर की सेक्स की बहार आ गयी थी. मेरे देवर ने मेरी ब्लाउज निकाल दी और उसके बाद वो मेरे ब्रा को भी निकाल कर मेरी बड़ी बड़ी चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा. मेरे पति तो मेरी चूची को ठीक से चूसते भी नहीं थे.

    मेरे देवर ने मेरी दोनों चूची को बहुत देर तक चूसा और उसके बाद वो मेरी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, मेरी पेटीकोट को निकाल दिया और मैं उसके सामने बस एक पेंटी में थी. मेरा देवर भी अपने कपड़े निकालने लगा और वो भी कुछ देर के बाद नंगा हो गया.

    देवर ने मेरी पेंटी को निकाल कर मुझे एकदम नंगी कर दिया और मुझसे बोलने लगा- भाभी, मैं आपको बहुत पहले से पसंद करता था लेकिन आपके साथ ये सब करने की हिम्मत नहीं होती थी. मैं आपको बहुत पहले ही चोदना चाहता था. मेरा भाई बहुत किस्मत वाला कि उसको आप जैसे खूबसूरत बीवी मिली है.

    मेरा देवर मेरी चूत को सूंघने लगा लगा और मेरी चूत को सूंघने के बाद वो मेरी पेंटी को भी सूंघने लगा. मेरा देवर मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. वो मेरी चूत की दरार को बहुत देर तक अपनी जीभ से चाटता रहा और उसके बाद वो मेरी चूत को खोलकर मेरी चूत को अन्दर तक चाट रहा था. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी, मेरा देवर मेरी चूत के पानी को पी रहा था और मेरी चूत को चाट रहा था.

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    मेरे देवर ने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा जिससे मेरे अन्दर की सेक्स की आग बाहर निकल गयी और मुझे अपने देवर से चुदवाने का मन करने लगा. मैं अपने देवर को बोलने लगी- आप मेरी चूत कब तक चाटोगे? मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोदो! प्लीज मुझे अब मत तड़पाओ.

    मेरा देवर मेरी चूत को चाट रहा था और मेरी चूत से अब थोड़ा ज्यादा पानी निकलने लगा और मैं एक बार झड़ गयी.

    मेरा देवर मेरी चूत चाटने के बाद अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मेरी चूत के पानी से मेरे देवर का लंड भी भीग गया था और उसके बाद मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. मेरे देवर का लंड मेरी चूत में जाते ही मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मेरी प्यासी चूत को लंड मिल गया था और हम दोनों लोग सेक्स करने लगे. मेरा देवर मेरी गर्दन पर किस कर रहा था और मेरे गर्दन को चाट रहा था. मेरी देवर मुझे चोदते चोदते मेरी चूची चूस रहा था.

    हम दोनों लोगों का कामुक जिस्म एक दूसरे से मिल रहा था. मैं क्या बताऊँ कि मुझे अपने देवर से चुदवाने में कितना मजा आ रहा था. वो भी बहुत जोश से मुझे चोद रहा था. मैं उसके नीचे थी वो मेरे ऊपर था और अपना लंड मेरी चूत में डाल कर अपना लंड अन्दर बाहर कर रहा था.

    चुदाई से हम दोनों की आवाज भी निकल रही थी. जब उसका लंड मेरी चूत में जा रहा था तो चट चट की आवाज आ रही थी. हम दोनों की चुदाई से पूरे कमरे में गर्मी हो गई थी.

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    अचानक मेरे देवर ने मुझे चोदते चोदते अपना लंड बाहर निकल दिया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और मैं अपने देवर के लंड को चूसने लगी. मैं अपने मुलायम होंठों से अपने देवर का लंड चूस रही थी और वो मुझे अपना लंड चुसवा रहा था और अपनी आँखें बंद करके लंड चुसवाने का मजा ले रहा था.

    कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. हम दोनों चुदाई कर रहे थे और हम दोनों के पसीने से बिस्तर भी भीग गया था. साथ में बिस्तर भी गर्म हो गया था. इस बार मेरा देवर मुझे बहुत ताकत के साथ चोद रहा था. वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल रहा था और बाहर निकाल रहा था.

    हम दोनों लोग सेक्स करते करते थोड़ा थक गए लेकिन हम दोनों की सेक्स करने की आग और बढ़ती जा रही थी. हम दोनों चुदाई करते करते एक दूसरे के होंठों को भी कभी कभी चूस रहे थे. मेरा देवर मुझे चोद रहा था और मैं कामवासना भरी आवाजें निकाल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

    हम दोनों देवर भाभी एक दूसरे को जोर से पकड़ कर चुदाई कर रहे थे. मेरा देवर मुझे जोर जोर से चोदने लगा और मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर अपने देवर से चुदवाने लगी. हम दोनों लोग चुदाई करते करते चरम सीमा पर पहुँच गए और हम दोनों चुदाई करते करते झड़ गए. हम दोनों का पानी निकल गया और हम बिस्तर पर थक कर सो गए.
    हम दोनों की कब नींद लग गयी, हमें पता भी नहीं चला.

    अब हम दोनों लोग शाम को सो कर उठे, चुदाई करने के बाद मैं बहुत फ्रेश महसूस कर रही थी. मैं जल्दी से अपनी साड़ी पहनने लगी क्योंकि अब मेरे सास ससुर का आने का समय हो गया था. मेरे सास ससुर खेत में काम करने जाते हैं और शाम को घर आते हैं. मैंने और मेरे देवर ने एक दूसरे को किस किया और उसके बाद अपने अपनी साड़ी पहन कर घर का काम करने लगी.

    उस दिन के बाद से तो मैं और मेरा देवर हम दोनों का जब भी चुदाई करने के मन करता था और जब भी हम दोनों घर में अकेले रहते थे तो चुदाई करते थे. मेरा देवर कभी कभी रात में मुझे बाहर बुलाकर मेरी चूची चूसता था और मेरी चूत में उंगली करता था.

    मेरी चूत तो हमेशा लंड लेने के लिए तैयार रहती है और जब हम दोनों को चुदाई करने के मौका नहीं मिलता था तो हम दोनों लोग रात छत पर जाकर चुदाई करते थे. मेरा देवर मुझे छत पर ले जाता था और मुझे छत पर चोदता था.

    आप सब को मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी. आप मुझे मेल करके बतायें. आप मेरी कहानी पर फीडबैक देंगे तब भी मुझे पता चलेगा कि मेरी कहानी आपको कैसी लगी.

  • बड़ी बेहन ने मूठ मरते हुए पकड़ा – Bhai Bahan Sex Stories In Hindi

    Hindi Bhai Bahan Sex Stories – हाय दोस्तो मेरा नाम साहिल है, मैं दिल्ली में रहता हू, मैं एक मेडिकल स्टूडेंट हू और मेरी एज 21 साल है, मेरे घर में मेरे पापा मेरी मम्मी और मेरी दो बेहन हैं, एक मुझसे 2 साल बड़ी जिसका नाम सबा है और एक मेरी ट्विन सिस्टर है जिसका नाम अनाम है.




    मेरी मम्मी का नाम शमा है वो बॅंक में जॉब करती हैं, उन्होने शादी के बाद अपना ग्रॅजुयेशन पूरा किया और फिर बॅंक में जॉब करने लगी, मेरे पापा का नाम ज़ाकिर है और वो एक ट्रेडिंग कंपनी में बीडीएम हैं.

    सबा मुझसे बड़ी है पर मैं उसे नाम से ही बुलाता हू, वो दिखने मे बोहोत अछी है और फिगर भी अछा है, एक बार उसकी ब्रा देखी थी तो उसका साइज़ शायद 32 है, (आई थिंक अब बढ़ गया है लॉल), वो भी मेडिकल स्टूडेंट है और मेरे ही कॉलेज में मेरी सीनियर है, अनाम बीकॉम कर रही हैं और वो भी दिखने में एक दम मस्त है पर मुझे सबा ज़्यादा सेक्सी लगती है क्यूकी वो चश्मिश है और उसके बूब्स भी मस्त हैं.




    10थ क्लास तक मुझे सेक्स के बारे में ज़्यादा कुछ नही पता था, पर 11थ में जब मैं आया तो मेरी दोस्ती कुछ कमिने दोस्तो से हुई जिनके पास सेक्स से रिलेटेड बातें करने के अलावा कुछ नही था.

    फिर मुझे एक फ्रेंड ने पॉर्न कॉमिक्स के बारे मे बताया जिसमे एक भाभी सब के साथ सेक्स करती है, मैने फिर वो पढ़ना शुरू कर दी और जब उसकी फ्री कॉमिक्स ख़तम हो गयी तो मैं सेक्स स्टोरीस पढ़ने लगा और फिर मुझे इन्सेस्ट स्टोरीस के बारे में पता चला, फिर ना चाहते हुए भी इसमे इंटेरेस्ट बढ़ता गया.




    फिर मैने दूसरी इन्सेस्ट कॉमिक्स भी आधी लेकिन इन्सेस्ट स्टोरीस में ज़्यादा मज़ा आता था और रोज़ स्टोरीस पढ़ के मास्टरबेट किया करता था, रोज़ का यही शेड्यूल था की स्कूल जाने से पहले और स्कूल से आने के बाद रोज़ स्टोरीस पढ़के मूठ मारता था.

    जब मैं 12थ में आया तो मैं इसका अडिक्ट हो चुका था और अपनी दोनो बहनो के बारे में इमॅजिन कर मूठ मारता था, और कभी कभी तो मम्मी के बारे में सोच के, लेकिन ये भी जानता था की ये इमॅजिनेशन बस इमॅजिनेशन या मेरी फॅंटेसी ही रहेगी क्यूकी ना तो मेरी बहनें मेरी जैसी थी ना ही मेरी मम्मी.




    एक दिन मेरे स्कूल में कुछ ऐसा हुआ के मुझे उसी वक़्त मूठ मारने का दिल हुआ, मेरी एक फ्रेंड निशा का बिर्थडे था और वो उस दिन एक स्कर्ट और टॉप पहन के आई थी, वो दिखने मे तो थी ही पटाखा लेकिन स्कूल ड्रेस में कभी उसका सही फिगर पता नही चला था.

    लेकिन इस ड्रेस में तो उसे देख के लड़को का तो खड़ा हो ही गया था शायद लड़कियो की चुत भी गीली हो गयी होगी, मेरा तो दिल किया की उसे अभी चोद दू लेकिन मेरे दिल करने से क्या होता है, करना तो वोही हैं अपना हाथ जगन्नाथ.




    फिर मैने सोचा की बाथरूम में जाके निशा को अपने ख़यालो में उसकी स्कर्ट उपर कर के चोदता हू, पर जब मैं बाथरूम जाने लगा तो लड़के समझ गये और कुछ गर्ल्स भी जो आसपास थी वो मुझे देखने लगी की इधर निशा का बिर्थडे सेलेब्रेट हो रहा है और मैं बाथरूम? फिर मैने कहा मैं हॅंडवास्ष कारके आता हू, लेकिन हालत खराब थी फिर निशा का केक खा के उसे हाथ मिला के बिर्थडे विश किया.

    फिर मैने सोचा यार इसका हाथ इतना सॉफ्ट हैं तो इसके दूध और चुत कैसी होगी इतने में निशा बोली, “साहिल हाथ घर लेके जाएगा क्या” फिर मैने हस्ते हुए उसका हाथ छोड़ा लेकिन अब तो सब आउट ऑफ कंट्रोल था आख़िरकार मुझसे रहा नही गया और मैने लंच में ही घर आने का सोचा.




    घर की एक चाबी मेरे पास रहती थी और एक चाभी मम्मी के पास, मम्मी हम लोगो के स्कूल और कॉलेज जाने के बाद बॅंक के लिए निकलती थी और पापा उन्हे छोड़ते हुए ऑफीस चले जाते थे, अनाम और मैं स्कूल से साथ आया करते थे और सबा शाम को 5 बजे तक आया करती थी.

    मैने अपना बॅग उठाया और अपने फ्रेंड्स हेडक का बोल के घर जाने का बोल के अनाम की क्लास की तरफ चला गया, उसकी क्लास अलग होती थी कॉमर्स सेक्षन में और मेरी बायो में, मैं उसकी क्लास के बाहर गया और उसकी फ्रेंड नेहा से बोला की अनाम को भेज दो, नेहा क्लास मे जाके वापस आई और बोली की अनाम वॉशरूम गयी है, मैं वही खड़ा रहा.




    थोड़ी देर बाद अनाम अपना ट्यूनिक ठीक करते हुए आई और मुझसे पहले नेहा और मैने एक दम से एक साथ बोलता इतनी देर लगती है क्या? फिर एक दम से हसने लगे और मैने अनाम से बोला की मुझे हेडक हो रहा मैं घर जा रहा हू तुम और नेहा साथ में आजाना.

    वो बोली मेरे पास पेन किल्लर है दू क्या? मैने कहा नही मैं घर जाके सोउँगा, और मैने उसे पूछा तेरे पास पेन किल्लर कहा से आई तू क्यू खाती है? वो बोली खानी पड़ती है और दोनो अपनी हसी छुपाते हुए क्लास में चली गयी, फिर मैं बाद में समझा की मैं कितना स्टुपिड क्वेस्चन किया वो भी अपनी बहन से.

    फिर मैं घर जाने के लिए मुड़ा और मैने सोचा की क्यू ना एक बार और निशा को देख लिया जाए क्यूकी इतनी देर में मेरा लंड थोड़ा सा सॉफ्ट होना शुरू हो गया था.

    फिर मैं क्लास में वापस आया बाइक की चाबी ढूँडने के बहाने और देखा की निशा एग्ज़ॅक्ट मेरी सीट के पास खड़ी है, मैं ए उसके शोल्डर पे हटने का इशारा किया और वो हस्ते हुए हट गयी और बोली वापस आ गया ? मैने कहा चाबी नही मिल रही वो देखने आया हू, और अपनी डेस्क में चाबी ढूँडने आ गया और छुपी हुई निगाओ से निशा के बूब्स और गॅंड देख रहा था.



    फिर मुझे आइडिया आया और मैने जेब से चाबी निकाल के चुपचाप से निशा के पैर के पास डाल दी, और फिर ढूँडने का नाटक करने लगा, फिर निशा ने कहा नही मिली क्या ? मैं नही का इशारा किया और ढूँडने लगा और निशा भी देखने लगी और मैं उसके पास आ गया इतने में वो उसे चाबी दिखी और वो एक दम से झुकी उसे उठाने के लिए लेकिन जैसा मैने सोचा था वैसा नही हुआ उसने अपनी स्कर्ट पीछे से सही करते हुए चाबी उठाई और मैं उसकी पैंटी नही देख पाया लेकिन फिर भी मैने उसकी गोल गॅंड आछे से देखी और फिर उसने मुझे चाबी दी और बोली घर जाके सो जाना और हस्ते हुए बाइ कहा.

    अब मेरा लंड फिर उरूज़ पे था और मैं सीधे घर गया, टाला खोला सीधे अपने रूम में गया और फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिए और लॅपटॉप में स्टोरी पढ़ने के लिए मैने देसीकाहानी.नेट खोली और फ्रेंड की चुदाई की कहानी पढ़ने लगा और अपने लंड को सहलाता रहा, मेरा 7 इंच का लंड (अब 8.5 का है ) पूरा लाल और मोटा हो गया और एक दम टाइट और एक एक नस दिख रही थी.

    मैं स्टोरी पढ़ रहा था और साथ में लंड सहलाता जा रहा था और लंड से प्रेसुर निकल रहा था जिसे मैं पूरे लंड पे मालता जा रहा था और लंड बिलकुल चमकदार और लाल दिख रहा था जिसे अगर निशा देखती तो शायद मु मे लेके चूसने लगती.

    मैं ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगा और आँखें बंद कर के निशा के बूब्स और गॅंड के बारे में सोचने लगा मैं उसके बूब्स दबा रहा हू और वो मेरे लंड पकड़ के हिला रही है तभी एक दम से मुझे आवाज़ आई साहिल !!!!!!!!




    जब मैने आँखें खोली तो मेरे सामने सबा खड़ी थी.

    मेरी तो हालत खराब हो गयी, एक तो मैं पूरा नंगा उप्पर से मेरा लंड खड़ा और वो भी मेरे हाथ में, वो बोली क्या कर रहा था और उसकी निगाहें मेरे लंड पर थी.

    मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी डॉट नेट पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

    मैने पहले तो लंड पे से अपना हाथ हटाया और उसके सवाल का जवाब तो मेरे पास था पर उसे क्या बोलता मैने चादर से लंड ढकते हुए बोला तुम आज जल्दी कैसे आगाई?

    वो बोली क्यू मैं जल्दी नही आ सकती, अछा हुआ आज मैं जल्दी आगाई, अब मम्मी को बताउन्गि की तू कॉलेज से रोज़ जल्दी आके ये गंदा काम करता हैं, मैने कहा नही अपी आज पहली बार जल्दी आया हू, बोली अब सबा से अपी बन गयी, तू कुछ भी बोल ले मैं मम्मी को ज़रुरू बताउन्गि.

    मेरी तो वॉट लग गयी थी क्यूकी सबा ने मुझे रंगे हाथ पकड़ा था अब वो मम्मी से बोलती और मम्मी पापा से, मेरी तो मरने वाली थी.

    इसके आगे की बेहन की चुदाई की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए और अपना फीडबॅक ज़रूर दें, थॅंक्स फॉर रीडिंग, मेरी मैल आईडी है

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  • ससुर जी का घोड़े जेसा लंड – Hindi Sex Stories

    Hindi Sex Stories – Sasur Ji Ka Ghode Jesa Lund दोस्तो मेरी उमर 26 साल की है मेरी शादी हो चुकी है मेरे पति एक मार्केटिंग कंपनी मे जॉब करते है इस लिए वो ज़्यादातर घर से बाहर ही रहते है. अभी मेरी शादी को सिर्फ़ 3 साल हुए है और ये कहानी दोस्तो आज से करीब 2 साल पहले की है. मेरे घर मे मेरे सास ससुर और मेरी एक 18 साल की ननद रहती है. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस




    मेरी शादी को 3 साल हो चुके है और अभीतक मैं 25-30 बार ही सेक्स किया है क्योकि मेरे हज़्बेंड के पास इतना टाइम नही होता. इसलिए मैं और मेरी चूत चुदाई के लिए तड़पति रहती है. एक दिन की बात है मैं अपने रूम मे बैठकर .वी पर कुछ देख रही थी तभी मुझे प्यास लगी और मैं किचन मे से पानी पीने के लिए जाने लगी. जब मैं किचन मे जा रही थी तभी मुझे अपने ननंद के रूम मे से कुछ आवाज़े सुनी, मैने उसके रूम की विंडो मे से चुपके से देखा तो मैं पूरी तरह से हैरान रह गई.

    मैने देखा की मेरी ननंद नंगी नीचे ज़मीन पर पूरी नंगी लेटी हुई है और हमारा कुत्ता उसकी चूत को चाट रहा है और वो कुत्ते के लंड को अपने हाथ मे लेकर ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे कर रही है और कुछ ही देर बाद वो कुत्ते के सामने कुत्ति बन गई और कुत्ता उसके उपर पीछे से चढ़ गया और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लग गया. मुझसे ये सब देखा ना गया इसलिए मैं वाहा से हट गई.




    करीब 15 मिनिट बाद मेरी ननंद के रूम मे से कुत्ता बाहर आया और उसके पीछे से मेरी ननंद भी आ गई. मैने उसे सॉफ सॉफ बता दिया की मैने उसे ये सब करते हुए देख लिया है. वो मेरे सामने रोने लग गई पर मैने उसे समझाते हुए कहा तुम कोई अपना बॉयफ्रेंड बना लो ऐसे जानवर से ऐसे काम करवाना ठीक नही है.

    तब मेरी ननंद ने कहा – भाभी मैं बॉयफ्रेंड तो बना लून पर आदमी का तो कुत्ते से भी ज़्यादा बड़ा होता है इसलिए मुझे डर लगता है.




    मैं – नही इतना भी बड़ा नही होता जितना तुम समझ रही हो.

    मेरी ननद – नही भाभी मैने देखा है इस लिए मैं कह रही हूँ.




    मैं – अछा किस का देख लिया है तूने, कही हॉर्स का तो नही देख लिया.

    मेरी ननंद – नही भाभी मैने डॅड का देखा है उनका लंड तो हॉर्स से बड़ा है कसम से इतना लंबा और मोटा लंड तो मैने आज तक नही देखा.




    ननंद के मूह से ऐसी बातें सुनकर मेरी चूत मे खुज़ली होनी शुरू हो गई. मुझे तो पता ही नही था की मेरे घर मे जबरदस्त चुदाई का समान है. अब मुझे किसी भी हालत मे ससुर जी का लंड देखना था बस मुझे एक आछे से मोके की तलाश थी.

    और मुझे जल्दी ही एक . मिल गया. उस दिन मेरे सारे घरवाले किसी शादी मे 2 दिन के लिए चले गये. घर मे मैं और मेरे ससुर थे. जब रात हुई तो मैने ससुर जी के दूध मे नींद की मेडिसिन घोल कर दे दी. दूध पीते ही उन्हे नींद आनी शुरू हो गई. पर फिर भी मैं करीब 30 मिनिट बाद ही उनके रूम मे गई. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस




    मैने अंदर जाते ही ससुर जी को बहोत हिलाया जब वो नही उठे तो मैं समझ गई अब रास्ता सॉफ है, मैं जल्दी से उनकी धोती साइड मे करी और अंडरवेर का नाडा खोल कर उनका लंड बाहर निकाल लिया. उनका लंड देख कर तो मेरी आँखों मे एक अलग सी चमक आ गई. मेरी ननंद सच मे सच कह रही थी, मेरे ससुर का लंड सच मे काफ़ी बड़ा और मोटा था वो कमाल की बात तो ये थी की अभी लंड बैठा हुआ था तो भी वो कितना ख़तरनाक लग रहा था.

    मैने अपने दोनो हाथो से लंड को पकड़ कर उपर नीचे करने लग गई और पता नही कब खुद ही मेरे होंठ लंड के पास आ गये और उसे चूमने लग गये. अब मैं लंड को अपने मूह मे लेकर चूसने लग गई और नीचे से उपर तक लंड को अपनी ज़ुबान से चाटने लग गई. तभी अचानक लंड मे एक करेंट सा लगा और लंड खड़ा होना शुरू हो गया. देखते ही देखते लॅंड 5 इंच से 14 इंच का हो गया.




    मेरी आँखें खुली की खुली रह गई और मेरी खुशी का कोई ठिकाना नही था. सच मे लंड काफ़ी शानदार लग रहा था. अब तो मेरी ज़ुबान लंड को चाटने मे लगी हुई थी. लंड को देखकर अब मेरी चूत मे खुज़ली होनी शुरू हो गई थी. मैं उठी और अपनी सारी और पेटिकोट उतार सीधा लंड के उपर आ गई और लंड को अपने हाथ मे पकड़ अपनी चूत पर रगड़ने लग गई. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था. मैं इतने बड़े लंड को चूत मे कैसे लूँगी इसके बारे मे सोच रही थी और लंड को अपनी चूत पर लगा कर नाप रही थी. मैने देखा की लंड अगर चूत मे जाता है तो वो मेरे पेट तक आता है.

    मुझे अब डर सा लगने लग गया इस लिए अब मैने जाने का फ़ैसला किया. मैं जैसे ही लंड के उपर से उठने लगी तभी मेरी कमर को किसी ने ज़ोर से पकड़ लिया. मैं एकदम बहोत डर गई, मैने देखा तो ससुर जी जाग चुके थे और उन्होने ही मुझे पकड़ा हुआ था.

    ससुर – बहू अब लंड को नाप तो लिया है तुमने अब . अपनी चूत मे भी ले लो ना तुम्हे बहोत मज़ा आएगा.

    मैं उन्हे अपने को छुड़वाने की कोशिश करी पर उन्होने एक दम मुझे बेड पर दे मारा और मेरे उपर आ कर बहोत बुरी तरह मेरे बूब्स को मसलने लग गये. मेरे आँखे बंद होनी शुरू हो गई क्योकि अब मैं मदहोश सी होनी शुरू हो गई थी. तभी ससुर जी ने मेरा ब्लाउस पकड़ा और खींच कर फाड़ दिया और मेरे नंगे बूब्स को एक एक करके अपने मूह मे लेकर चूसने लग गये.

    मुझे बहोत मज़ा आने लग गया मैं पागल सी होने लगी थी क्योकि आज तक मेरे बूब्स मेरे पति ने भी नही चूसे थे. ससुर जी अब मेरी चूत मे उंगलिया कर रहे थे. मेरी चूत गीली होनी शुरू हो गई थी. मुझे सच मे बहोत मज़ा आ रहा था. तभी ससुर जी नीचे गये और मेरी चूत को अपनी ज़ुबान से चाटने लग गये. जैसे ही उनकी ज़ुबान मेरी चूत पर लगी वैसेही मेरे पूरे जिस्म मे करेंट सा दौड़ने लग गया. अब मेरे एक हाथ मे उनका लंड था जिसे मैं ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे कर रही थी.

    अचानक ही ससुर जी ने मेरे हात से लंड ले लिया और खुद ही अपना लंड मेरी चूत के उपर रगड़ने लग गये मेरी चूत के दाने के उपर लंड पूरी स्पीड मे उपर नीचे हो रहा था. मैं पूरी तरह से पागल हो चुकी थी क्योकि आज तक ऐसा मज़ा कभी नही मिला था. करीब 2 मिनिट बाद ही मेरी चूत ने काफ़ी सारा पानी बाहर निकाल दिया.

    ससुर जी – बहू ये क्या है अभी तो मेरा लंड तेरी चूत के अंदर गया भी नही और तेरी चूत ने पहले ही जवाब दे दिया. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस

    उनके मूह से ऐसी बातें सुनकर मैं शर्मा गई और मैं धीरे से बोली – ससुर जी अब प्लीज़ आप मेरी चूत को आछे से चोद दे मुझे बहोत परेशान करती है.

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    ये सुनते ही ससुर जी ने मेरे होंठो को चूसा और नीचे जाकर मेरी चूत को फिरसे चाटने लग गये. अब की बार वो अपनी ज़ुबान मेरी चूत के दाने पर घुमा रहे थे जिससे मेरे मूह से अब आहह आहह की मस्ती से भरी आवाज़े निकल रही थी.

    ससुर जी अब अपनी दो उंगलिया मेरी चूत मे उतार दी और ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे कर रहे थे और साथ मे ही उपर से मेरी चूत के दाने को चाट रहे थे. एक साथ दो हमले मेरी चूत सहन ना कर पाई और करीब एक मिनिट मे ही मेरी चूत ने फिर अपना सारा पानी निकल दिया.

    मैं – ससुर जी अब क्यो आप मुझे तड़पा रहे हो प्लीज़ जल्दी से अब आप अपना लंड मेरी चूत मे डालो और मेरी प्यास को भुजा दो प्लीज़.

    मैने उनके लंड को हाथ मे पकड़ा तो मैने देखा की ये तो इतना मोटा है की ये मेरे हाथ मे नही आ रहा है ये तो मेरी चूत के चितड़े चितड़े कर देगा. मेरे चेहरे पर इस परेशानी के भाव देख कर ससुर जी बोले – मेरी बहू तू फिकर ना कर आज इस लंड को अपनी चूत मे ले फिर, आज के बाद तू किसी दूसरे के लंड को देखेंगी भी नही.

    मैं – पर ससुर जी आज आप मेरी चूत की आछे से चुदाइ करना ये साली मुझे बहोत तंग करती है.

    ये सुनते ही ससुर जीने मेरी तरफ देखकर हल्की सी स्माइल करी और अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैं समझ गई की अब ये क्या चाहते है मैने झट से अपना मूह खोल दिया और ज़ोर ज़ोर से लंड को आछे से चूसने लगी.

    ससुर जी तभी मेरा सिर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे को अपने लंड से चोदने लग गये. अब उनका लंड मेरे गले के अंदर जा रहा था जिससे मुझे सांस लेने मे बहोत दिक्कत आ रही थी पर वो रुके नही और करीब 5 मिनिट तक मेरे मूह ऐसे ही बे- रहमी से चोदते रहे.

    अब उन्होने अपना लंड मेरे मूह से निकाला और मेरी चूत पर रखकर और थोड़ासा ज़ोर लगा कर अपने लंड का आगे वाला हिस्सा पहले मेरी चूत मे उतारा और बाद मे फिर एक ज़ोर से धक्का लगा कर करीब 4-5 इंच तक लंड मेरी चूत मे उतार दिया. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस

    लंड अंदर जाते ही मेरी जान निकल गई मैं उनके नीचे एक मछली की तरह तड़प रही थी. अब ससुर जी बहोत पुराने खिलाड़ी थे और धीरे धीरे मेरी चूत मे अपना लंड अंदर बाहर करते रहे. अब उन्होने मेरी गॅंड के नीचे मे पिल्लो रखा जिससे अब मेरी चूत उपर उठ गई और अब तो ससुर जी ने अपना लंड मेरी चूत मे एक दम डाला और उपर नीचे करने लग गये. अब ससुर जी मेरे उपर आ गये और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत को चोदने लग गये.

    ससुर जी ने अब अपना बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के से अपना पूरा 14 इंच का लंड एक ही बार मे मेरी चूत मे उतार दिया. अब मैने अपनी दोनो टाँगे उपर उठा ली और अपनी गॅंड उठा उठा कर अपने ससुर जी का लंड अपनी चूत मे लेने लग गई. ससुर जीने मेरी दोनो टाँगो को अपने मोढ़े पर रख लिया और ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदने लग गये. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था मैं अपनी दोनो आँखें बंद कर के ससुर जी के हर धक्के का मज़ा ले रही थी.

    करीब 20 मिनिट की इस घमासान चुदाई के बाद अचानक मेरा पूरा जिस्म अकड़ गया मेरी चूत ने ससुर जी के लंड पर अपने पानी की बारिश कर दी और 2 मिनिट बाद ही ससुर जी ने भी अपना सारा पानी मेरी चूत मे ही निकाल दिया. मुझे बहोत ज़ोर से पेशाब आ रहा था पर मुझसे उठा तक नही जा रहा था इस लिए ससुर जी मुझे अपनी गोद मे उठाकर बाथरूम मे ले गये और मैने उनके सामने बाथरूम किया क्योकि उन्होने मेरी चूत मे से निकलते पेशाब को देखना था.

    मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँही चलता रहे.

    मेरी चूत से निकलते गरम गरम पीले पीले पेशाब को देखकर ससुर जी फिर से गरम हो गये और अपना लंड मेरे मूह मे डाल कर फिर से मेरे मूह को चोदने लग गये. फिर ससुर जीने मुझे टाय्लेट की सीट पर बिताया और मेरी दोनो टाँगे उपर कर के मेरी चूत और गॅंड दोनो मारी. आज मेरी चूत और गॅंड दोनो आछे से फट चुकी थी और मेरी बहोत ज़्यादा बुरी हालत हो चुकी थी. बेस्ट इंडियन सेक्स स्टोरीस

    उस दिन से मैं रोज रात को अपने ससुर जी से चुदति हूँ, एक दिन मेरी ननंद ने मुझे और अपने डॅड से सेक्स करते देख लिया और फिर मैने अपने साथ उसे भी ले लिया. अब हम तीनो इस सेक्स लाइफ के पूरे मज़े लेते है.

    मुझे उम्मीद है आप को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी पढ़ने के लिए आप का बहोत बहोत शुक्रिया, मेरी मैल आईडी है

    [email protected] मुझे Hangout पे मैसेज करिये , मई रिप्लाई जरूर करुगा !

  • होली मे भाभी की खेत मे चुदाई – Bhabhi Ki Chudai Sex Stories

    Bhabhi Ki Chudai Sex Stories – Holi Me Bhabhi Ki Khet Me Chudai नमस्कार दोस्तो मैं प्रेम आप सभी चुत वालीयो को लंड से नमस्कार करता हू. और लंड वालो को अपने आप करलेणा.

    तो अब मैं स्टोरी पे आता हू इस . जब मैं होली पे गाव गया तो 3 साल बाद गया था क्यो की किसी भी होली मे छुट्टी नही किया करता था . जब मैं गाव गया तो सब लोग काफ़ी खुश हुए.



    ट्रेन का थका हारा मैं उस दिन सो गया और रात को 9 बजे जागा जब पापा हमे जगाने आए तो उस रात खाना खाकर फिर से सो गये.



    शुबह उठा छत पे गया एक्सर्साइज़ करने को तो देखा की मेरे बगल वाले छत पे एक औरत सो रही है तो मैने सोचा चाची या कोई दीदी होंगी. तो मैने ध्यान नही दिया और मैं अपने काम मे मस्त हो गया थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे देख रहा है तो मैं पलट कर देखा तो देखता ही रह गया..

    वो ना तो चाची थी और ना ही दीदी सो मैं उन्हे देखता ही रहा वो देखने मे एक से कोई पर जैसी लग रही थी गोल चेहरा सुरहिदार गर्दन 34 के बूब्स देखने मे एकदम परी ही है वो तीखे नयन नक्श तो मैं उन्हे कम से कम 2 मिनिट तक घूरता रहा फिर वो खुद ही बोली की क्या आप प्रेम है.



    तो मैने हा मे जबाब दिया तो उन्होने बताया की मैं टीपू की भाभी हू तो मुझे ध्यान आया की टीपू भैया की शादी हो गई है और ये उन्ही की वाइफ है तो मैं उन्हे नमस्ते किया और थोड़ा बोहोत बात हुई और वो चली गई की अब हम चलते है काम करना है दोपहर मे ज़रूर आईएगा मैं आपका इंतजार करूँगी सो मैं भी अपने काम मे मशकुल हो गया.

    फिर हम शाम को खेत की तरफ़ घूम रहे थे की भाभी आती हुई दिखाई दी तो मैं भी भाभी के पास आगया तो भाभी ने कहा क्या कर रहे हो अकेले अकेले तो मैने कहा घूम रहा हू तो वो बोली चलो हमारे खेत की तरफ चलो तो मैं चल दिया और रास्ते मे बाते हुई और हसी मज़ाक भी हुई.



    फिर हम खेत मे पहुच कर घास भी साथ मे काटे और खूब हसी मज़ाक हुई बातो ही बातो मे हम सेक्स पे आगये और वो कहने लगी की भैया के शहर जाने के बाद तो हर रोज उंगली ही करती हू.

    तो मैने कहा की क्या गाव मे कोई मर्द आपको नही मिलता इसपे वो कहने लगी नही यहा रहने वालो पे कोई भरोसा नही हैं. दो महीना पहले शंभू की बीबी को गाव मे सब लोग जानते है की 15 लोगो से चुदवाति है हर कोई जानता है इसके कारण उसे घर मे ताने पड़ते है.



    तो हमसे मिलवा दो उसे तो वो बोली की क्यो तो मैं बोला मैं भी उन्हे चोदना चाहूँगा तो वो बोली ठीक है पर हमारी एक शर्त है मैं बोला क्या ये बात आप किसी से नही बताओगे तो मैं बोला ठीक है. फिर वो कहने लगी क्या हम दोनो भी कर सकते है पर आपको किसी को नही बताना होगा तो मैं राज़ी हो गया..

    और कहा मैं तो यहा सिर्फ़ 10 दीनो के लिए ही आया हू अगर आप हमे बिज़ी रखेंगे तो क्या बात है तो वो राज़ी भी हो गई कहने लगी की जब से वो अगये है 1.5 साल हो गये नही आए है तो मैं तब से प्यासी ही हू सुबह आपको देखा तभी से सोच रही थी की कल होली से पहले अपना चुत चुदवा लू.



    तो होली मे ज़्यादा मज़ा आएगा तो हमने खेत मे ही उनके साथ शुरू होगया वो कहने लगी यहा नही गन्ने के खेत मे चलो फिर हम दोनो वाहा पहुचकर आराम से अपने कपड़े उतारे और वो अंडर गारमेंट एक भी नही पहनी हुई थी और उनकी चुचिया एक दम सक्थ थे तो मैने उनसे पूछा की इतना टाइट कैसे हैं.

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    वो बोली की शादी के बाद मुश्किल से 20-30 बार चुदि हू तो क्या आप का चुतताड़ भी टाइट होगा ना तो वो बोली की शहर मे रहते हो तो चुत चोदना तो जानते ही होगे फिर क्या है. तुम मुझे आछे से चोदना ताकि मैं तुम्हारी रंडी बन सकु.



    तो मैने कहा आपको ऐसा चोदुन्गा की आप हमे जीवन भर नही भूल पाएँगी. सो मैने उनके होट पे लीप किस करने लगा तो वो गरम होने लगी और बोलने लगी की प्लीज़ प्रेम मुझे मेरे चुत को रगाडो और उंगली डालो तो मैं उनकी चुत को रगड़ने लगा.

    फिर उनकी होट से लेकर चुत तक खूब चाटता रहा और वो बोलती रही आज तक वो इतना प्यार नही किए आज से मैं तुम्हारी रखेल हू तुम्हे जब भी दिल करे मुझे बो देना मैं आ जाउन्गि.

    तो फिर मैं उन्हे किस करने लगा और उनके चुचि और चुत दोनो को मसलने लगा तो वो बहुत ही जल्दी झड़ गई और फिर भी मैने चूमना और चूसना चालू रखा और लगभग 5 मिनिट बाद वो फिर से बोली की प्लीज़ जल्दी से हमे चोद दीजिए नही तो मैं पागल हो जाउन्गि..

    मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

    सो तब मैं अपना अंडरवेर उतारा तो वो देखकर बोली की बापरे इतना लंबा और मोटा उनका तो 4 इंच का है आप का तो 7 इंच का लगता है और मोटा भी बहुत है तो मैं बोला इससे कुछ नही होता आपको बहुत मज़ा आएगा तो वो बोली प्लीज़ धीरे से डालना मुझे बहुत दर्द होगा तो मैने थूक उनकी चुतपे लगाया और लंड अंदर डाल दिया एक ही झटके मे तो वो रो पड़ी ये देख मैं रुक गया तो वो बोली तुम चोदो फिर मैं भी उनको चोदने लगा.

    लगभग 20 मिनट चोदनेके बाद हम झड़ने के करीब पहुचे तो मैने उनसे पूछा कहा निकालु तो वो बोली बाहर निकालो तो मैने बाहर निकाल दिया वो तब तक 4 बार झड़ चुकी थी वो शांत हो कर वही पड़ी रही और कहने लगी आप जाओ मैं पीछे से आती हू फिर मैं वाहासे निकल गया और वो लगभग 5 मिनट बाद घर की तरफ जाती दिखी.

    दोस्तो आगे की कहानी बाद मे लिखूंगा सो दोस्तो ये कहानी आपको कैसे लगी आप हमे ज़रूर बताइएगा।

    email id है [email protected]