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  • देवर ने की भाभी की चूत चुदाई

    दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं थोड़ी प्यासी औरत हूँ. वैसे मेरे पति तो मुझे चोदते ही हैं लेकिन मुझे और ज्यादा चुदवाने का मन करता है. मेरा अन्दर बहुत सेक्स है. मेरे पति जब भी मुझे चोदते हैं तो वो जल्दी झड़ जाते हैं जबकि मैं और सेक्स के लिए तड़पती रहती हूँ.
    मेरी सेक्स की तड़प ने ही मुझे अपनी चूत में उंगली करने के लिए मजबूर कर दिया और मैं अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करती हूँ. मेरा मन जब नहीं लगता है तो कभी कभी अन्तर्वासना सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ जिससे मुझे बहुत अच्छा लगता है.

    मैं आप अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ जो मेरे और मेरे देवर की है.
    जब पति से चुदकर मेरी चूत को शांति नहीं मिली तो मैं अपने देवर से अपनी चूत शांत करवाने लगी. वो भी क्या दिन थे जब मैं अविवाहिता थी तो मुझे बहुत लंड मिलते थे चुदवाने के लिए … लेकिन ससुराल में तो डर लगता है. किसी का लंड अपनी चूत में लेने से! अगर मेरे ससुराल वालों को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी.
    वैसे मैं मौका देख कर किसी न किसी को पटा लेती हूँ और उससे चुदवा लेती हूँ. ज्यादातर लोग तो मुझे ही पटाते हैं मुझे चोदने के लिए. और मैं भी अपने जिस्म का बहुत ध्यान रखती हूँ.

    मेरे पति थोड़ा पैसा भी कम कमाते हैं और मेरा देवर मेरे पति से ज्यादा पैसा कमाता है. वैसे मुझे यह पता था कि मेरा देवर मुझे शुरू से ही पसंद करता था क्योंकि वो हमेशा मेरे लिए कुछ न कुछ बाजार से लाता रहता था, मुझे त्योहार पर उपहार भी देता था.
    मैं अपने देवर को कभी गलत नजरिये से नहीं देखती थी. मैं भी अपने देवर को बहुत मानती थी. मेरे पति मुझे अच्छे से नहीं चोद पाते थे या मैं ही थोड़ा ज्यादा चुदासी थी कि मुझे अपने पति के लंड के अलावा भी दूसरे के लंड से चुदवाने का मन करता था.

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    मैं अपने देवर से पहले से ज्यादा बातें करने लगी. मैं जब भी अपने देवर को सुबह में चाय देने जाती थी तो उनका खड़ा लंड देखती थी.

    एक दिन देवर ने मुझे उनका खड़ा लंड देखते हुए देख लिया और बोले- भाभी क्या हुआ, आपको कुछ चाहिए?
    मेरे देवर अपने लंड की तरफ देख कर मुझसे बातें कर रहे थे. मेरे देवर ने पहली बार मुझसे डबल मीनिंग में बात की थी.

    अब तो उसी दिन से हम दोनों लोग गंदे गंदे मजाक करने लगे. अब तो मेरे पति जब जॉब करने जाते थे तो मैं घर का सारा काम करके अपने रूम में आराम से सोती थी. दोपहर में मेरा यही काम था कि मैं दोपहर में सोती थी.

    एक दिन मैं दोपहर में अपने रूम में सो रही थी. उस दिन मेरे देवर अपने जॉब पर नहीं गए थे. मैं सोते समय अपनी साड़ी खोल एक ब्लाउज और पेटीकोट में सोती हूँ. इससे मुझे सोने में आराम रहता है और नींद भी अच्छी आती है. मैं रात को भी ब्लाउज और पेटीकोट में ही सोती हूँ.
    मैं अपने रूम में दोपहर को सो रही थी और मेरी पेटीकोट मेरे जांघों तक आ गयी थी. मेरी पेंटी दिख रही थी और मैं सो रही थी. मेरा देवर मेरे कमर में आकर मेरी पेंटी को देख रहे थे. मैं जब थोड़ा नींद में उठी तो देखा कि मेरा देवर मेरी पेंटी को बहुत ध्यान से देख रहा है.

    मैंने अपने देवर की तरफ देखा तो मेरा देवर मुझे देख कर मुस्कुराने लगा और बोलने लगा- भाभी, आप सोते समय बहुत सेक्सी लगती हो. आप कभी मेरे साथ भी सो लिया करिए.
    मैं अपने देवर की डबल मीनिंग बात समझ गयी. मैं समझ गयी कि मेरा देवर भी मुझे चोदना चाहता है. मेरी उभरे हुए चुचे और बड़ी गांड जो थोड़ी सी उभरी हुई है.

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    मेरा देवर मेरे जिस्म को देख कर दीवाना हो गया. मेरा देवर मेरे जिस्म की तारीफ करने लगा- भाभी आप बहुत सुन्दर हो. भईया तो आपको खूब रात में प्यार करते होंगे.
    मैं यह बात सुनकर थोड़ा उदास हो गयी क्योंकि मुझे अपने पति से चुदाई का सुख नहीं मिल पाता था जैसा मैं चाहती थी. वैसा मेरा पति मुझे नहीं चोदता था.

    मेरे देवर मेरे पास आया और बोला- भाभी क्या बात है. आप मुझे बताओ मैं हूँ न आपकी सहायता करने के लिए!
    मैंने अपने देवर को बताया- मेरे पति को अब ज्यादा मुझमे रूचि नहीं है. मेरे पति अब मुझसे ज्यादा प्यार नहीं करते हैं जैसा वो पहले करते थे.

    मेरा देवर यह बात सुनकर बोला- भाभी मैं हूँ ना आपका देवर … मैं आपसे प्यार करूँगा.
    मैं और मेरा देवर हम दोनों लोग एक दूसरे से नज़रें मिलाकर बात कर रहे थे. मेरा देवर मुझे देख कर थोड़ा हवस भरी नजरों से मुझसे बातें कर रहा था.
    मेरे सास और ससुर दोनों लोग बाहर गए हुए थे.

    मेरा देवर मुझसे बातें करते करते मुझे किस करने लगा. मैं भी अपने देवर के बालों में अपना हाथ फिराने लगी और हम दोनों लोग एक दूसरे को किस करने लगे. हम दोनों लोग एक दूसरे को बहुत अच्छे से किस कर रहे थे और मेरा देवर मेरे होंठों को चूस रहा था. मेरा देवर मुझे किस करते करते मेरी चूची को मेरे ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा.

    मैं भी अब चुदासी हो गयी थी और मेरे अन्दर की सेक्स की बहार आ गयी थी. मेरे देवर ने मेरी ब्लाउज निकाल दी और उसके बाद वो मेरे ब्रा को भी निकाल कर मेरी बड़ी बड़ी चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा. मेरे पति तो मेरी चूची को ठीक से चूसते भी नहीं थे.

    मेरे देवर ने मेरी दोनों चूची को बहुत देर तक चूसा और उसके बाद वो मेरी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, मेरी पेटीकोट को निकाल दिया और मैं उसके सामने बस एक पेंटी में थी. मेरा देवर भी अपने कपड़े निकालने लगा और वो भी कुछ देर के बाद नंगा हो गया.

    देवर ने मेरी पेंटी को निकाल कर मुझे एकदम नंगी कर दिया और मुझसे बोलने लगा- भाभी, मैं आपको बहुत पहले से पसंद करता था लेकिन आपके साथ ये सब करने की हिम्मत नहीं होती थी. मैं आपको बहुत पहले ही चोदना चाहता था. मेरा भाई बहुत किस्मत वाला कि उसको आप जैसे खूबसूरत बीवी मिली है.

    मेरा देवर मेरी चूत को सूंघने लगा लगा और मेरी चूत को सूंघने के बाद वो मेरी पेंटी को भी सूंघने लगा. मेरा देवर मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. वो मेरी चूत की दरार को बहुत देर तक अपनी जीभ से चाटता रहा और उसके बाद वो मेरी चूत को खोलकर मेरी चूत को अन्दर तक चाट रहा था. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी, मेरा देवर मेरी चूत के पानी को पी रहा था और मेरी चूत को चाट रहा था.

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    मेरे देवर ने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा जिससे मेरे अन्दर की सेक्स की आग बाहर निकल गयी और मुझे अपने देवर से चुदवाने का मन करने लगा. मैं अपने देवर को बोलने लगी- आप मेरी चूत कब तक चाटोगे? मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोदो! प्लीज मुझे अब मत तड़पाओ.

    मेरा देवर मेरी चूत को चाट रहा था और मेरी चूत से अब थोड़ा ज्यादा पानी निकलने लगा और मैं एक बार झड़ गयी.

    मेरा देवर मेरी चूत चाटने के बाद अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मेरी चूत के पानी से मेरे देवर का लंड भी भीग गया था और उसके बाद मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. मेरे देवर का लंड मेरी चूत में जाते ही मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मेरी प्यासी चूत को लंड मिल गया था और हम दोनों लोग सेक्स करने लगे. मेरा देवर मेरी गर्दन पर किस कर रहा था और मेरे गर्दन को चाट रहा था. मेरी देवर मुझे चोदते चोदते मेरी चूची चूस रहा था.

    हम दोनों लोगों का कामुक जिस्म एक दूसरे से मिल रहा था. मैं क्या बताऊँ कि मुझे अपने देवर से चुदवाने में कितना मजा आ रहा था. वो भी बहुत जोश से मुझे चोद रहा था. मैं उसके नीचे थी वो मेरे ऊपर था और अपना लंड मेरी चूत में डाल कर अपना लंड अन्दर बाहर कर रहा था.

    चुदाई से हम दोनों की आवाज भी निकल रही थी. जब उसका लंड मेरी चूत में जा रहा था तो चट चट की आवाज आ रही थी. हम दोनों की चुदाई से पूरे कमरे में गर्मी हो गई थी.

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    अचानक मेरे देवर ने मुझे चोदते चोदते अपना लंड बाहर निकल दिया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और मैं अपने देवर के लंड को चूसने लगी. मैं अपने मुलायम होंठों से अपने देवर का लंड चूस रही थी और वो मुझे अपना लंड चुसवा रहा था और अपनी आँखें बंद करके लंड चुसवाने का मजा ले रहा था.

    कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. हम दोनों चुदाई कर रहे थे और हम दोनों के पसीने से बिस्तर भी भीग गया था. साथ में बिस्तर भी गर्म हो गया था. इस बार मेरा देवर मुझे बहुत ताकत के साथ चोद रहा था. वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल रहा था और बाहर निकाल रहा था.

    हम दोनों लोग सेक्स करते करते थोड़ा थक गए लेकिन हम दोनों की सेक्स करने की आग और बढ़ती जा रही थी. हम दोनों चुदाई करते करते एक दूसरे के होंठों को भी कभी कभी चूस रहे थे. मेरा देवर मुझे चोद रहा था और मैं कामवासना भरी आवाजें निकाल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

    हम दोनों देवर भाभी एक दूसरे को जोर से पकड़ कर चुदाई कर रहे थे. मेरा देवर मुझे जोर जोर से चोदने लगा और मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर अपने देवर से चुदवाने लगी. हम दोनों लोग चुदाई करते करते चरम सीमा पर पहुँच गए और हम दोनों चुदाई करते करते झड़ गए. हम दोनों का पानी निकल गया और हम बिस्तर पर थक कर सो गए.
    हम दोनों की कब नींद लग गयी, हमें पता भी नहीं चला.

    अब हम दोनों लोग शाम को सो कर उठे, चुदाई करने के बाद मैं बहुत फ्रेश महसूस कर रही थी. मैं जल्दी से अपनी साड़ी पहनने लगी क्योंकि अब मेरे सास ससुर का आने का समय हो गया था. मेरे सास ससुर खेत में काम करने जाते हैं और शाम को घर आते हैं. मैंने और मेरे देवर ने एक दूसरे को किस किया और उसके बाद अपने अपनी साड़ी पहन कर घर का काम करने लगी.

    उस दिन के बाद से तो मैं और मेरा देवर हम दोनों का जब भी चुदाई करने के मन करता था और जब भी हम दोनों घर में अकेले रहते थे तो चुदाई करते थे. मेरा देवर कभी कभी रात में मुझे बाहर बुलाकर मेरी चूची चूसता था और मेरी चूत में उंगली करता था.

    मेरी चूत तो हमेशा लंड लेने के लिए तैयार रहती है और जब हम दोनों को चुदाई करने के मौका नहीं मिलता था तो हम दोनों लोग रात छत पर जाकर चुदाई करते थे. मेरा देवर मुझे छत पर ले जाता था और मुझे छत पर चोदता था.

    आप सब को मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी. आप मुझे मेल करके बतायें. आप मेरी कहानी पर फीडबैक देंगे तब भी मुझे पता चलेगा कि मेरी कहानी आपको कैसी लगी.

  • रात को गलती से ससुर जी ने चोद दिया

    मैं २४ साल की हूँ। घर में पति के अलावा मेरी सास और ससुर रहते हैं। शादी के आठ साल हो गए पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है। सास ससुर और पति मुझे बहुत प्यार करते हैं। मैं राजस्थान की रहने वाली हूँ। कल रात कैसे ससुर जी ने मुझे गलती से चोद दिया वही बताने जा रही हूँ। ये कहानी मेरी सच्ची कहानी है। जब से ये वाकया मेरे साथ हुआ है तब से सोच रही हूँ क्यों ना अपने मन को हल्का कर लूँ अपनी कहानी कहकर। ये बात किसी और को बताती तो शायद अच्छा नहीं रहता इसलिए मैं सोची की क्यों ना नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर ही अपनी पूरी कहानी आप सभी दोस्तों को बताऊँ। क्यों की मैं भी इस वेबसाइट पर रोजाना आती हूँ आप सबों की सेक्स कहानियां पढ़ने के लिए।

    कल रात को करीब 10 बजे की बात है। मेरी सास पड़ोस में जागरण हो रहा था वो वही गई थी बोली थी की बाबूजी को बता देने के लिए क्यों की वो मार्किट गए हुए थे। और मेरे पति अपने दोस्तों के साथ हरिद्वार गए थे। शाम को कपडे धोई थी तो मेरे सारे कपडे गीले थे इसलिए रात को मैंने माँ जी का ही घागरा पहन ली थी। मेरे कपडे और माँ जी के कपडे का नाप एक जैसा ही है तो सोची क्यों ना पहन लेती हूँ। माँ ही बोली थी तू मेरे कपडे पहन ले।

    मैं अंधरे में ही खाट पर पड़ी मसाले डब्बे में रख रही थी लाइट नहीं मैं झुक कर अपना काम कर रही थी। तभी मुझे पीछे से पकड़ लिए मुझे लगा की शायद पति देव आये हैं तो मैं चुपचाप ही रही थोड़े गुस्से दिखा रही थी इसलिए कुछ भी नहीं बोली। उन्होंने घागरा उठाने लगे तो लगा रोकना ठीक नहीं है चार दिन से बाहर थे। मैं काम करते रही बिना कुछ बोले और उन्होंने मेरी घागरा उठा दी मैं झुकी हुई थी। तभी उन्होंने अपना लंड निकाला और फिर मेरी चूत में डाल दिया। और जोर जोर से धक्के देने लगे मुझे चोदने लगे। उनका लंड मोटा था और काफी टाइट भी था तो मैं कुछ बोलने ही वाली थी की उन्होंने बोला चुप रह बहु आ जाएगी, चोदने दे मुझे। मुँह से शराब की बू आ रही थी। मैं समझ गई की बाबूजी हैं और मुझे माँ जी समझ कर चोद रहे हैं। तभी मैं एक झटके से खड़ी हो गई।

    बोली बाबूजी आप ?? वो बोले बहु तुम ??? अब क्या बताऊँ दोस्तों मैं काठ की तरह हो गई थी। लग रहा था क्या करूँ क्या बोलूं, वो भी अपना लंड धोती के अंदर करते हुए चुपचाप खड़े हो गए। लड़खड़ाती आवाज से बोले गलती हो गई बहु मुझे ऐसा नहीं करने चाहिए था। मुझे लगा की आपकी सास है तो सोचा की जब तक आप कही और हो तब तक मैं चोद लूँ आपने कपडे भी उन्हीं के पहने हुए हो तभी लगा की आपकी सास है।

    तो मैं बोली वो जागरण में गए हैं। और वो अभी तक हरिद्वार से नहीं आये हैं। तो ससुर जी ने पूछा की जागरण कब ख़तम होगा तो मैं बोली पूरी रात की जागरण है कलाकार भी आये हैं झांकी भी निकलेगी खाना पीना भी वहीँ है माँ बोली सुबह ही आउंगी। और मैं वह से चली गई। और बोली हाथ मुँह धो लो खाना निकालती हूँ मैं रसोई में चली गई वो हाथ मुँह धोकर खाना खाने आ गए मैं खाना दे दी। वो चुपचाप खाना खा लिए उसके बाद मैं भी खाना निकाल कर खा ली। मैं सारा काम आकर कर। उनके लिए दूध और दबाई लेकर उनके कमरे में गई वो चुपचाप कुछ सोच रहे थे।

    जैसे मैं अंदर गई वो बेड पर बैठ गए। तकिये के निचे से उन्होंने एक सोने का कंगन निकाला और मुझे दे दिया उन्होंने बोला पहन ले। आज ही मैंने किसी से ख़रीदे हैं उसको पैसे की जरुरत थी २ लाख का कंगन मुझे सिर्फ एक लाख में मिल गया है। तू पहन ले मैं तो तुम्हारे सास के लिए लाया था पर अब तू रख। मैं खुश हो गई। बोली माँ जी कुछ बोलेगी तो नहीं तो उन्होंने कहा नहीं नहीं मैं कह दूंगा मैंने दिया है मुझे शौक था बहु को देने के लिए।

    उन्होंने कहा पर बहु ये बात किसी को बताना नहीं जो अभी एक घंटे पहले हुआ था। नहीं तो हम दोनों की नाक कट जाएगी। मैं बोली ना बाबूजी आप चिंता नहीं करो मैं किसी से नहीं कहूँगी आपने तो मेरी मुँह ही बंद कर दिया है कंगन को देकर। इतना बोलते ही बाबूजी बोले तो फिर आज कोई घर में नहीं है सिर्फ आज के लिए तू मेरे साथ सो जा। ऐसे और भी कंगन ला कर दूंगा। मैं सोची चोदना था तो उन्होंने चोद ही लिया अब तो बस एक रात की बात है मुझे और भी कंगन मिल जायेंगे तो क्यों ना और भी चुदवा लूँ। मैं बोली पर बस आज रात के लिए।

    बाबूजी बोले हां हां बिलकुल आज रात के लिए ही बस. असल में जब मैंने तुम्हारे चूत में लंड घुसाया तो तेरा चूत काफी टाइट था और तुम्हारे सासु माँ का चूत काफी ढीली है। जब मैं तुम्हे चोद रहा था तो लगा था इतनी टाइट चूत कैसे हो गई तो सोचा हो सकता है शराब के नशे में ऐसा लग रहा हो। मुझे तो ऐसी टाइट चूत के लिए दस कंगन भी देने पड़े तो कोई बात नहीं मैं तैयार हूँ। उसके बाद मैं बाहर गई में दरवाजा बंद की तभी बाबूजी वह आ गए और मुझे अपनी बाहों में ले लिए। बाबूजी बड़े ही शरीर से मजबूत है और मुछे बड़ी बड़ी रखते हैं सच बताऊ तो साठ साल में भी वो सभी जवान लड़के को फेल करने वाले हैं। क्यों की मैंने अपने सास को चुदते देख चुकी हूँ कैसे वो उस दिन कह रही तो छोड़ दो मुझे छोड़ दो।

    दोस्तों उसके बाद क्या बताऊँ मैं खुद ही उनको अपने कमरे में ले गई। और फिर अपनी घागरा चोली उतार दी उन्होंने भी धोती पगड़ी और करता उतार दिया। उनका लंड मोटा हो गया था। काफी लंबा भी था। वो मुझे पकड़ लिए और मेरी चूचियों को पीने लगे। मैं उनके बाल पकड़ पर सहलाने लगी। फिर वो मुझे निचे बैठा दिए और अपना लौड़ा मेरी मुँह में दे दिए। मैं उनके लंड को चूसने लगी वो आह आह करने लगे। वो मेरे बाल को पकड़कर अपने लौड़े को मेरे मुँह में अंदर बाह्रर करने लगे. करीब पांच मिनट के बाद वो मुझे बेड पर जाने बोले।

    मैं बेड पर लेट गई। वो निचे ही खड़े रहे और मुझे खींच कर अपने पास लाये मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और अपना लौड़ा निकला कर घुसा दिए। वो बोले आज मुझे रोकना नहीं पूरी रात क्या पता मौक़ा मिलेगा की नहीं। और वो मुझे चोदने लगे। दोस्तों वो जोर जोर से धक्के दे रहे थे और पूरा पलंग हिल रहा था चों चों की आवाज आ रही थी। वो मेरी चूचियों को मसल रहे थे और जोर जोर से धक्के दे रहे थे।

    उसकी बाद मैं फिर से सीधी हो गई अब वो पलंग पर आ गए और मेरे ऊपर चढ़ गए होठ ही चूस रहे थे और लौड़ा घुसाए जा रहे थे। दोस्तों क्या बताऊँ पहली बार मुझे मोटा लौड़ा से चुदने का सौभाग्य प्राप्त हुआ क्यों की पति का लौड़ा छोटा है। मैं भी खूब मजे ले ले कर चुदवाने लगी। वो फिर मेरी गांड मारने लगे। पहले तो दर्द हो रहा था पर उन्होंने तुरंत ही घी लगा दिए मेरी गांड पर और वो अपनी लंड पर अब उनका लंड मेरी गांड में आराम से जाने लगा था वो फिर मेरी गांड मारने लगे थे। मेरा गोरा बंद और गोल गोल बड़ी मोटी गांड और वो भी जवान लड़की की देखकर मचल गए थे। वो कह रहे थे मुझे जन्नत मिल गया है.

    बहु तू कितनी अच्छी हो। और वो गांड मार रहे थे। अब मुझे जोर से चुदवाने का मन करने लगा. क्यों की मेरी काम वासना जाग्रित हो गई थी। मैं उनको कहा आज पूरी रात मुझे चोदो। और अब मैं खुद से उनके लौड़े को अपनी चूत में ले ली और चुदवाने लगी जोर जोर से। पलंग और तेज से चों चों करने लगा। और ससुर बहु की कामुकता भरी बाते और दोनों की सिसकारियां निकलने लगी। एक दूसरे को पूरा सपोर्ट कर रहे थे। और फिर उन्होंने जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया और फिर एक लम्बी आवाज निकालकर पूरा माल मेरी चुत में डाल दिए। और फिर दोनों उसकी बेड पर सो गए।

    हम दोनों तब उठे जब माँ जी मेन गेट से बुला रही थी। हम दोनों जल्दी उठे सुबह के करीब पांच बज गए थे वो अपने कमरे में चले गए सोने का नाटक करने और मैं दरवाजा खोली।

    इस तरह से उन्होने चुदाई की शुरआत गलती से की थी और फिर पूरी रात की चुदाई हो गई थी। आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम मेरी कहानियां पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.