प्यारी सी आयुषी को घोड़ी बना कर चोदा

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरव हैं और मैं आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत करता हूँ कहानियों की इस दुनिया में। सबसे पहले में इस मंच का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा, जो उन्होंने मुझे यहां पर अपनी असली कहानी सुनाने की अनुमति दी। तो चलिए अब मैं शुरू करता हूँ।

तो कहानी की शुरुआत भोपाल से होती है जहां पर हम रह रहे थे, तभी अचानक से मेरे पिता का इंदौर में ट्रांसफर हो जाता है। अब हमें कुछ ही दिनों में इंदौर निकलना था तो हम सब कुछ तैयारियाँ कर के इंदौर के लिए निकल गए थे। मैं इतने समय से भोपाल में रह रहा था, इसलिए इंदौर में मेरे लिए सबकुछ नया था।



मेरी उम्र अभी 19 साल है और मैं एक साधारण सा लड़का हूँ जिसे ज्यादा फैशन में रहने का शौक नही हैं। मैं एक सिम्पल सा दिखने वाला लड़का हूँ लेकिन पढ़ाई के मामले में देखा जाए तो मैं काफी ज्यादा होशियार हूँ।

इंदौर आने के बाद मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, अपने लिए एक बढ़िया सा स्कूल देखना जहां पर मैं अपनी 12वी की पढ़ाई अच्छे से पूरी कर सकूँ। काफी दिनों तक खोजने के बाद आख़िरकार मुझे के अच्छा स्कूल मिल गया था। कुछ दिनों तक घर के पुरी तरह से सैटल हो जाने के बाद मेने अब स्कूल जाना भी शुरू कर दिया था।

मैं पढ़ाई में काफी अच्छा हूँ और मुझे साइंस के सबजेक्ट में काफी ज्यादा रुचि हैं इसलिए मेने साइंस सब्जेक्ट ले रखा था। में काफी दिनों से लगातार स्कूल जा रहा था, और मुझे काफी ज्यादा अच्छा भी लग रहा था। एक दिन मेरे स्कूल एक स्पेशल क्लास थी, जिस वजह से साइंस ओर कॉमर्स के बच्चों को एक साथ एक ही क्लास में बैठाया गया था।

मैं उस दिन अपनी क्लास में बैठा हुआ था, तभी क्लास में कॉमर्स के बच्चे अंदर आते हैं। मैं पहली बार कॉमर्स के बच्चों को देख रहा था। तभी एक लड़की क्लास के अंदर आती हैं जिसे देखकर तो मेरा दिमाग ही खराब हो जाता हैं। कॉमर्स की वो लड़की किसी परी की तरह लग रही थी, मेरा दिल ओर दिमाग मानो उससे हटने को तैयार ही नही था।

अभी तक क्लास टीचर क्लास में नही आई थी और मैं बस उस लड़की को बैठा-बैठा घूर ही रहा था। तभी कॉमर्स के कुछ लड़के क्लास में आते हैं और उस लड़की को घूर कर देखने लगते हैं। वो लड़के कुछ देर बाद उस लड़की के पास जाकर उससे कुछ बातें करने लगते हैं और मैं यह सब दूर से खड़े होकर देखने लगते है।

कुछ देर बाद वो लड़की उन लड़कों के साथ किसी दूसरी क्लास में अकेले चली जाती हैं और में बस खड़ा-खड़ा ये सब देखता ही रह जाता हूँ। कुछ देर बाद में उस लड़की की एक फ्रेंड के पास गया और उससे पूछा कि “ जब यहां पर क्लास लग रही हैं तो आपकी फ्रेंड उन बुरे लड़कों के साथ क्यों चली गयी?



उसकी लड़की की फ्रेंड ने मुझे जवाब देते हुए कहा कि “ वो लड़के बहुत बुरे हैं पता नही वो मेरी फ्रेंड के साथ क्या करें आप जल्दी से जाकर उसे यहां लेकर आ जाये”

अब मुझे उस लड़की की चिंता होने लग गयी थी, इसलिए में फटाफट दूसरी क्लास में जाकर उस लड़की बुलाने के लिए चला गया। जैसे ही मैं क्लास में पहुंचा मेने देखा कि वो लड़की क्लास में खड़ी हुई है और वह लड़के उसे चिल्ला रहे हैं जिस वजह से उसका मुंह रोने जैसा हो गया था।

मैंने कुछ लोगों से उसका नाम पता किया था, इसलिए मैंने उसे आवाज़ लगाकर कहा “हेल्लो आयुषी उधर क्लास लग रही हैं सब लोग तुम्हें बुला रहे है तुम यहाँ पर क्या कर रही हो?

हम तो बस खड़े-खड़े बस बातें कर रहे थे उस -लड़की ने मुझे जवाब देते हुए कहा

यह सुनकर मैं हैरान ही रह गया था। मैंने सोचा कि मैं इस लड़की की मदद कर दु, लेकिन ये तो कह रही हैं कि हम सब बातें कर रहे हैं। मैं वहां से जैसे ही लौटने लगा एक लड़के ने मुझे पीछे से पकड़ कर रोक लिया और मुझसे कहने लगा कि “साले बहुत शाना बन रहा है आज तक किसी की हिम्मत नही हुई हमें कुछ बोलने की ओर तू यहां पर हमें परेशान करने आ गया।

मेने भी कह दिया कि “अबे जा जो उखाड़ना हैं उखाड़ ले में तुम जैसे छपरी लोगों से नही डरता हूँ।

तभी उन में से एक लड़के ने मुझे कहा कि “तू हमें बाहर मिल फिर तुझे दिखाते है”।

मेने उस दिन सोच लिया था कि अब से मैं किसी भी लड़की की मदद नही करूँगा, जब तक कोई लड़की खुद मुझसे मदद नह मांगती। तभी मेरी छुट्टी होती हैं और मैं स्कूल के मैदान में खड़े होकर अपने दोस्तों से बात कर रहा होता हूँ तभी वो लड़के मेरे पास आते हैं और मेरी शर्ट पकड़ कर मुझसे कहते है कि “साले आज बहुत उछल रहा था तू?



मैं बहुत डर गया था, स्कूल में नया होने के कारण मेरे ज्यादा दोस्त भी नही थे। बस कुछ दो से तीन दोस्त थे जो वहां खड़े-खड़े मुझे देख रहे थे, लेकिन कुछ नही बोल रहे थे। मैं अब तक समझ चुका था कि कोई भी इस दुनिया मे किसी का नही होता है। कुछ देर बाद उन लोगों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया और फिर वह तीनों वहां से चले गए। उनके जाने के बाद मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि “भाई कहा तू उस लड़की के चक्कर मे पड़ रहा हैं वो साली तो रंडी है।”

अब मेरा दिमाग ओर भी घूम गया था, मेने सोचा कि कोई किसी लड़की को ऐसे कैसे बोल सकता है।

अगले दिन मैने अकेले रहना ही शुरू कर दिया। अगले दिन में जैसे ही स्कूल गया मैने उस लड़की को लायब्ररी में देखा। हम दोनों लायब्ररी में अकेले थे उस लड़की ने जैसे ही मुझे देखा वो चलते हुए मेरे पास आ गयी और मुझसे पूछने लगी कि “आप का नाम क्या है??

मेरा नाम गौरव हैं- मैन जवाब देते हुए कहा

तभी वो लड़की मुझसे कहने लगी कि “वो लड़के बहुत बुरे हैं वो तुम्हारे साथ कुछ कर ना दे इसलिए मैंने तुमसे कुछ नही कहा।

इतना कहकर वो मुझे देखकर मुस्कराने लगी। तभी मैने ऐसे ही मजाक में कहा दिया कि “तुम्हारे लिए तो मैं किसी से भी लड़ सकता हूँ।

अच्छा सच मे – उस लड़की ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया

हां बिल्कुल सच-मैंने जवाब दिया

वो लड़की मुस्कुराने लगी और फिर अचानक से उनसे मेरे होंठ पर होंठ रखकर मुझे चुम लिया और फिर थोड़ा चूमने के बाद वो लड़की वहां से चली गयी।

मैं बहुत घबरा गया था, पर पता नही क्यू मुझे ये सब काफी अच्छा लग रहा था। शायद में उस लड़की से प्यार करने लग गया था। अगले दिन में फिर स्कूल गया और उस दिन लंच ब्रेक के चलते सभी बच्चे क्लास से बाहर गए हुए थे, लेकिन में किसी काम से अभी भी क्लास में ही बैठा हुआ था।

अचानक से आयुषी मेरी क्लास के अंदर आयी और उसने क्लास के अंदर से दरवाज़ा लगा दिया। मैने उससे कहा कि “ किसी को पता चला कि हम दोनों अन्दर है तो वे लोग क्या सोचेंगे”।

वो लोग कुछ नही सोचेंगे- उस लड़की ने मेरी तरफ कदम बढ़ाते हुए कहा

वो मेरे पास आयी और खड़ी हो गयी, ओर में भी उसके पास जाकर खड़ा हो गया। इससे पहले की में उसे कुछ कहता उसने मेरे होंठों पर उंगलिया रख कर मुझे चूप करवा दिया, ओर फिर उंगलियों को हटाते हुए मुझे जोर से चूमना शुरू कर दिया। चूमते हुए हम एक बेंच पर जाकर बैठ गए और एक दूसरे को चूमने लगे। चूमते-चूमते मैंने उसके बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया था। वो बहुत गहरी सांसे ले रही थी, उसे काफी मजा आ रहा था। और में भी पहली बार किसी लड़की के बूब्स को इस तरह से दबा रहा था तो मुझे भी काफी मजा आने लग गया था। कुछ ही देर में वो लड़की दरवाज़ा खोल कर वापस चली गयी।



अब तक मुझे भी यह लगने लगा था कि आयुषी मुझे पसंद करने लगी है। लेकिन मेरे दिमाग में बस यही बात घूम रही थी कि आखिर इतनी हॉट और खूबसूरत लड़की मुझे क्यों पसंद करती है।

कुछ ही दिनों बाद आयुषी ओर मेरी काफी अच्छी बातचीत होने लग गयी थी। हम दोनों एक दूसरे को काफी पसंद करने लग गए थे।

एक दिन आयुषी ओर मेने घूमने का मन बनाया और हम दोनों पहाड़ी इलाके पर नज़ारा देखने के लिए घूमने चले गए थे। हम पहाड़ पर काफी घुमें- फिरे ओर हमने वहां पर राजा महाराजाओं के किले देखे मुझे सच मे काफी अच्छा लग रहा था।

इतने में ही घूमते-घूमते हमे पता ही नही चला कि हम कब एक जंगली इलाके में चले गए थे। जंगल मे हम काफी दूर तक आ चुके थे, अब तक जंगल मे पूरी तरह से सन्नाटा हो गया था। तभी आयुषी बीच मे ही रुक गयी और मेरी तरफ आकर मुझे चूमने लगी। मेने भी अपने हाथ से अपना बैग नीचे गिरा दिया और आयुषी को चूमने लगा।

आयुषी को चूमते हुए मेने अपना हाथ उसकी टी शर्ट के अंदर डाल दिया था और अपने हाथों से उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया था। अचानक से आयुषी ने मुझे चूमते हुए मेरी शर्ट को खोल दिया और उसे नीचे की तरफ फेंक दिया, अब तक मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है। लेकिन मुझे पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स करने मे मजा रहा था।

मैं आयुषी को चूमता जा रहा था और वो मेरी नंगी पीठ पर अपना हाथ फेरते हुए मुझे चुम रही थी। में उसके नरम हाथों की वजह से काफी ज्यादा उत्तेजित होता जा रहा था। कुछ ही देर बाद मुझे भी काफी मजा आने लग गया और मैने भी आयुषी की टॉप को उतार कर जमीन पर फेंक दिया। अब वो केवल ब्रा में थी, लेकिन उसके बूब्स काफी टाइड ओर लाजवाब थे। कुछ ही देर में हम दोनों जमीन पर बैठकर एक दूसरे को बस चूमते ही जा रहे थे।

थोड़ी देर बाद आयुषी ने मेरी पेंट को भी उतारना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में मेरी पेंट को आधा खोलकर उसने मेरे लंड को निकालकर चूसना शुरू कर दिया। मेरे मुंह से जोर की आवाज आई “आहहहह आयुषी ये क्या कर रही हो?

आयुषी मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह बस चूसे जा रही थी, ओर मुझे काफी मजा आ रहा था। मुझसे भी बिल्कुल रहा नही गया, मैन थोड़ी ही देर में आयुषी की ब्रा को खोलकर उसे ऊपर से नंगा कर दिया और उसके बूब्स को चूसने लगा। मैं पहली बार इतने टाइड बूब्स को अपने हाथ से पकड़कर चूस रहा था, जिससे मुझे काफी मजा आ रहा था।

थोडी ही देर में मेरा कड़क ओजार उफान पकड़ रहा था। मैंने कुछ ही देर में आयुषी को घोड़ी बनाया और उसकी स्कर्ट के नीचे से उसकी पैंटी को उसके घुटने तक उतार दिया। अब मेने बिना देरी किये अपने कड़क लंड को एक ही बार मे उसकी चुद में उतार दिया। उसके मुंह से जोर को आउच्च, ओह्ह कर के चीख निकल गयी। फिर मेने आयुषी की गांड को पकड़कर अपने लौड़े को उसकी चुद में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। आयुषी आह आह आह कर की आवाज में चुद रही थी और में भी अपनी पूरी रफ्तार में उसे चोदे जा रहा था।

मेने कुछ ही देर में आयुषी का पानी निकाल दिया था। लेकिन वो अभी भी चुदने की बहुत भूखी थी। मैं भी घपाघप अपना पूरा लंड उसकी चुद में डालते हुए उसे चोदे जा रहा था। कुछ ही देर बाद आयुषी के साथ-साथ मैं भी झड़ गया था। उस दिन मेने अपना गाढ़ा वीर्य आयुषी की चुद में ही ढोल दिया था।



फिर हम दोनो वहां से चले गए अगले दिन जब हम वापस मिले तो आयुषी फिर से अपने दोस्तों में जाकर मिल गयी थी। उसने मुझे कहा कि हम दोबारा कभी बात नही करेंगे। मैं समझ गया था कि आयुषी बाकी लड़कियों से अलग हैं वो काफी अच्छी लड़की थी लेकिन उसमें हवस की प्यास काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी और इसलिए वो हमेशा नए लोगों को अपना शिकार बनाती रहती थी।

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