मामी सेक्स स्टोरी: प्यासी चूत की सफाई और चुदाई

इस मामी सेक्स स्टोरी हिंदी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी चाची की भाभी यानि मेरी मामी को चोदा. एक दिन फोन पर मामी से बात हुई. उनकी सेक्सी आवाज सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

मेरे प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्ते, मेरा नाम दीपू वर्मा है। मेरी उम्र 28 वर्ष है और मेरी लंबाई 5 फीट 10 इंच है. ऊपर वाले की कृपा से मैं एक अच्छी पर्सनेलिटी का मालिक हूँ। मैं उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का रहने वाला हूँ और लखनऊ में रहता हूँ।

यह हिंदी मामी सेक्स स्टोरी आज से दस वर्ष पहले की है तब मेरी उम्र 20 वर्ष की थी.

मुझे आंटी व भाभियां ज्यादा पसंद हैं सेक्स के मामले में, क्योंकि इनकी चूत चाहे जितनी चोदो, जैसे चोदो वैसे चुदने को तैयार रहती हैं वो.
मेरी हिंदी कहानी की नायिका मेरी मामी है (मेरे चाचा के साले की बीवी) जिनकी उम्र उस समय 27 वर्ष की थी और उनका स्किन कलर गेंहुआ, कद मीडियम जो कि रहा होगा 36-34-38 के करीब. पूरी तरह से गदरायी हुई माल थी. मेरी मामी को एक 4 साल की बेटी थी।

यह बात उन दिनों की है जब मैं पढ़ाई करने के दौरान दशहरे की छुट्टियों में अपने घर गया हुआ था. उस दिन मैं ऐसे ही घर पर टाइम पास कर रहा था कि मेरी चाची आयी और कहने लगी कि दीपू जरा अपने मामा के यहां फोन लगा दे. मेरे फोन में बैलेंस नहीं है.

मैंने फोन लगा दिया और वहां से एक प्यारी सी आवाज में हैल्लो हुई. मैंने भी जवाब में हैल्लो किया.
मैंने कहा- मैं दीपू बात कर रहा हूं, मामा जी घर पर हैं क्या?

उधर से जवाब आया- क्यों, अपने मामा से ही बात करेंगे क्या, हमसे बात नहीं करेंगे?
मैंने कहा- जी मैंने आपको पहचाना नहीं, आप कौन बात कर रही हो?
वो बोली- मैं तुम्हारी मामी बात कर रही हूं.

मैंने कहा- नमस्ते मामी जी. आप चाची से बात कर लीजिये, मैं आपसे थोड़ी देर के बाद बात कर लूंगा.
इतना कह कर मैंने चाची को फोन पकड़ा दिया.
चाची मेरी मामी से बात करने लगी.

सात या आठ मिनट तक चाची और मामी आपस में एक दूसरे से बातें करती रहीं. उसके बाद फोन कट हो गया. मैंने फोन उठा कर एक तरफ रख दिया. उसके बाद मैं अपने कुछ काम में लग गया.

लगभग 20 मिनट के बाद फिर से मेरा फोन बजने लगा. मैंने फोन उठा कर देखा तो कोई अन्जान नम्बर से कॉल आ रही थी. उस नम्बर से पहले कभी कॉल नहीं आयी थी. मैंने फोन रिसीव करके हैलो किया. वहां से वही प्यारी सी आवाज आई. मैंने पहली बार में पहचान लिया कि यह तो वही पहले वाली आवाज है जिससे मेरी बात अभी कुछ देर पहले ही हुई थी.

मैंने कहा- मामी जी!
वो बोली- अरे वाह, तुमने तो पहचान लिया मुझे.
मैं बोला- कहिये क्या बात है.
वो बोली- मैं तो बस ऐसे ही तुमको परेशान करने के लिए फोन कर रही थी. मुझे लगा कि तुम मेरी आवाज को नहीं पहचान सकोगे.

उनको छेड़ते हुए मैंने कहा- अरे मामी जी, कहीं मुझे परेशान करने के चक्कर में आप खुद परेशान न हो जाओ.
वो बोली- अरे मैं तो चाहती हूं कि तुम मुझे परेशान करो. वैसे भी भान्जे का मामी पर आधा हक होता है. मैं तो तुम्हें पूरा हक दे रही हूं. तुम जितना चाहे मुझे परेशान कर सकते हो.

मैंने कहा- सोच लो मामी जी. अगर मैं परेशान करने लगा तो फिर कहीं आपको पीछे न हटना पड़े.
वो बोली- अरे तुम परेशान तो करो, मैं तो 2 इंच आगे खिसक आऊंगी लेकिन पीछे नहीं जाऊंगी इंच भर भी. चाहे तुम कितना भी परेशान करके देख लो. कितना भी जोर (धक्का) लगा कर देख लो.

मामी की आवाज से पता लग रहा था कि वो लेटी हुई थी और अंगड़ाई ले रही थी. वो मुझे उकसाने की बातें कर रही थीं. डबल मीनिंग बातें करते हुए मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था. एक तो मामी की आवाज बहुत मधुर थी और दूसरी तरफ वो मीठी मीठी बातें करके जैसे मुझे उत्तेजित करना चाह रही थी.

फिर उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा- अच्छा, ये नम्बर किसका है?
मैंने कहा- मेरा ही है. क्यूं क्या हुआ? आप ऐसे क्यों पूछ रही हो?
वो बोली- कुछ नहीं, बस ऐसे ही पूछ रही हूं. आप ये बताओ कि आप मेरे यहां पर क्यों नहीं आते हैं? कभी मुझसे बात भी नहीं करते हैं. मैं आपकी सगी मामी नहीं हूं इसलिए नहीं आते हो क्या मुझसे मिलने?

मैंने कहा- नहीं मामी जी, ऐसी कोई बात नहीं है. मेरे पास आपका नम्बर नहीं था. इसलिए आपसे कभी बात नहीं हो पाती थी.
वो बोली- ठीक है, अब तो नम्बर भी मिल गया है. अब देखूंगी कि कितनी बार फोन करोगे मेरे पास!
मैं बोला- जब तक आप करने दोगी, तब तक करता रहूंगा.

इस बार मैंने भी डबल मीनिंग से मामी को उत्तेजित करने की कोशिश की. मैं तो जानता था कि मामी फोन के बारे में बात कर रही है लेकिन मेरा मकसद उसकी चुदाई करने से था क्योंकि मामी की बातों से मुझे पूरा यकीन हो चला था कि मामी की चूत की प्यास बार-बार उनको मुझे उनके पास बुलाने के लिए कह रही है.

मेरी इस बात पर मामी ने कहा- देख लो भान्जे, तुम थक जाओगे करते-करते अगर मैंने दे दिया तो.
मामी ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित करते हुए कहा.
मैंने कहा- पहले आप दीजिये तो सही, उसके बाद देखेंगे कि मैं थकूंगा कि नहीं.

यहां पर मेरा मतलब मामी के फोन नम्बर से नहीं बल्कि मामी की चूत से था. मुझे पूरी उम्मीद हो चली थी कि मेरी मामी सेक्स स्टोरी अब तैयार है.
वो बोली- ठीक है तो फिर तय रही. मेरा यही नम्बर है. जब आप को टाइम मिले तब कीजिये। ठीक है बाबू, मैं आपसे बाद में बात करूंगी।

उसके बाद मैं मामी जी के बारे में सोच-सोच कर उत्तेजित होने लगा कि मामी की बातों से ऐसा लग रहा है कि पटाऊंगा तो चूत चोदने को मिल जाएगी।

मामी की चूत चुदाई के बारे में सोचते हुए दिन निकल गया। बार बार उनकी डबल मीनिंग बातें सोच कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था. मन कर रहा था कि एक बार जाकर मुठ मार लूं. फिर नहीं मारी. ऐसे ही सोचते-सोचते रात में डिनर किया. रात का खाना खाने के बाद फिर मैं सोने की तैयारी कर रहा था लेकिन मामी के साथ हुई कुछ बातों को याद करके उत्तेजित हो गया और मेरा लंड बिल्कुल खड़ा होकर सलामी देने लगा.

मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और वापस आकर अपने बेड पर लेट कर मैं अपने तने हुए लंड पर हाथ फिराने लगा. मामी की चूत व चूचों की कल्पना करने लगा. मेरा लंड एकदम फटने वाला हो चुका था. मन कर रहा था कि अगर अभी मामी पास में होती तो उसकी चूत को चोद चोद कर फाड़ देता.

अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने अपना लोअर निकाल दिया अपने अंडरवियर में हाथ डाल कर आंखें बंद कर लीं और मामी के बारे में सोचते हुए लंड को मसलने लगा. धीरे-धीरे मेरी हवस और बढ़ने लगी और मैंने लंड पर तेजी से हाथ चलाना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने कल्पना करते हुए मामी के कपड़े उतारने शुरू कर दिये.

मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड पर चल रहा था. मैं अपने लंड की मुट्ठ मारने लगा. फिर सोचा कि ऐसी सूखी कल्पना करने से बेहतर तो मामी को फोन ही कर लूं और मामी की आवाज सुनते हुए अपना लंड को हिलाऊं.
फिर मैंने सोचा कि अभी तो मामा ही मेरी मामी की चूत को चोदने में लगा हुआ होगा. इसलिए मैंने फोन को वापस रख दिया.

मैं ऐसे ही कल्पना करते हुए मामी को नंगी करने लगा और तेजी के साथ लंड पर हाथ चलाते हुए मुट्ठ मारने लगा. दो-तीन मिनट हो गये थे लंड को हिलाते हुए कि मेरे फोन की रिंग बजने लगी और मैंने देखा तो मामी के ही नम्बर से फोन आ रहा था.

मैंने हैल्लो किया तो मामी बोली- अभी तक सोये नहीं हो?
मैं बोला- नहीं, नींद नहीं आ रही थी.
वो बोली- क्यूं, नींद क्यों नहीं आ रही है?
मैंने कहा- किसी की याद आ रही थी.
वो बोली- गर्लफ्रेंड को याद कर रहे हो क्या?

हंसते हुए मैंने कहा- नहीं मामी, अभी तो मैं सिंगल ही हूं.
वो बोली- फिर इतनी रात को किसकी याद में खोए हुए हो?
मैंने कहा- सच कह दूं.
वो बोली- हां, अब बता भी दो.
मैंने कहा- मामी, आपकी ही याद आ रही थी.

वो बोली- अच्छा, तो फिर फोन कर लेते?
मैंने कहा- नहीं बस इसलिए नहीं किया कि आप और मामा जी अभी लगे हुए होगे.
वो बोली- क्या?
मैंने कहा- बातों में लगे हुए होगे आप दोनों इसलिए नहीं किया.
वो हंसते हुए बोली- अच्छा, मैं तो कुछ और ही समझ गई थी.

फिर मामी बोली- वैसे इतनी रात को मुझ बुढ़िया को याद किसलिए कर रहे थे तुम?
मैंने कहा- अरे मामी, अमरूद जितना पका हुआ हो उसका मिठास उतना ही ज्यादा होता है.
मामी बोली- अरे वाह, तुम तो कहावतें भी जानते हो. ऐसे होशियार लड़के की एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है. मुझे तो सोच कर आश्चर्य हो रहा है.

मैंने कहा- क्या करूं मामी, कोई ऐसी मिली ही नहीं जो मेरे मन की बात समझ सके. मगर अब सोच रहा हूं कि एक तो बना ही लूं. कम से कम रात में बात करते हुए उसके साथ टाइम पास तो हो जाया करेगा.
मामी बोली- तो फिर बना लो. इसमें इतना सोचने की क्या बात है.
मैंने कहा- मामी बना तो लूं, लेकिन!
वो पूछने लगी- लेकिन क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं, जाने दो.

वो बोली- इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगी.
मैं बोला- अगर मैं जबरदस्ती करने लगा तो?
वो बोली- अच्छा जी, सीनाजोरी करोगे अपनी मामी के साथ?
मैंने कहा- जी बिल्कुल, आपने पूरा हक दिया हुआ है मुझे.
मामी बोली- हां, ये तो है.

मैं बोला- अच्छा छोड़िये इन बातों को. आप बताइये कि आपने इस टाइम कैसे फोन किया. आपको भी नींद नहीं आ रही है क्या?
वो बोली- हां भान्जे, मैं भी ऐेसे ही तनहा लेटी हुई हूं.
मामी की बात सुनकर मेरा लंड फिर से झटके देने लगा और मैं लंड को सहलाने लगा.
मैंने कहा- तो मुझे ही बुला लेती अपने पास, या मामा के डर से नहीं बुलाओगे?

मामी बोली- अरे नहीं, तुम्हारे मामा तो अलग बेड पर सोते हैं.
मैं बोला- तो फिर मुझे कहां पर सुलाओगी?
वो बोली- जहां तुम्हारा मन करे वहां सो जाना.
मैंने कहा- अपने ऊपर सुला लोगी क्या?

ये कहते हुए मेरे मुंह से सिसकारी सी निकल गई. मैं तेजी से अपने लंड की मुठ मार रहा था.
वो बोली- सुला तो लूं लेकिन वो जगह तो तुम्हारे मामा की जगह है सोने के लिए.

मैंने कहा- तो थोड़ी सी जगह मुझे भी दे देना वहीं साथ में?
मामी भी अब हंसते हुए बोली- तुम्हारी बातों से तो लग रहा है कि तुम्हें कुछ और ही चाहिए. लगता है कि भान्जा अब जवान हो गया है.
मैं बोला- तो जो आप समझी हो वही दे दो.
मामी बोली- क्या चाहिए मेरे राजा को!
अब मामी भी उत्तेजित होकर बातें करने लगी थी और मामी के स्वर में एक कसक सी महसूस हो रही थी.

उसकी बात का जवाब देते हुए मैंने कहा- जो मामा जी को देती हो वही …
वो बोली- अगर वो दूंगी तो कितना करोगे?
मैंने कहा- जितना आप साथ दोगी, उतना ही करूंगा.
अब मुझे भी पूरा जोश चढ़ गया था और दोनों ही सेक्स चैट पर उतर आये थे.

अब मामी ने और खुल कर पूछते हुए कहा- सच बताओ अब, कितनी देर तक कर लेते हो?
मैंने कहा- सच कहूं तो मामी कभी मैंने इसका अनुभव नहीं किया है क्योंकि मैंने अभी तक किसी के साथ नहीं किया है. मुझे इसका अंदाजा और तजुरबा नहीं है.

मामी बोली- अनुभव तो मैं दे दूंगी. तुम आगे तो बढ़ो.
मैंने कहा- मैं तो कर रहा हूं.
वो तपाक से बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने बात पलटते हुए कहा- मतलब मैं तो आगे बढ़ रहा हूं.

मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड की मुठ मार रहा था. बहुत मजा आ रहा था.
मेरी उत्तेजना में मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं. उधर मामी के स्वर भी भारी से लग रहे थे. कुछ देर तक ऐसे ही मामी के साथ सेक्स की बातें करते रहने के कारण मेरा वीर्य निकलने वाला था.

मैंने तेजी से अपने लंड की मुठ मारते हुए मामी से बातें करना जारी रखा. जोश में आकर मैंने मामी को आई लव यू बोल दिया. उधर से मामी ने भी लव यू टू कह दिया. इतना सुनकर एकदम से मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगी.

मेरे लंड से वीर्य निकल कर मेरी जांघों पर टिकी मेरी गोलियों तक बहने लगा. मैंने शांत होकर ऐसे ही अंडरवियर को ऊपर कर दिया और फिर मामी को गुड नाइट बोल कर सो गया.

मामी से बातें करते हुए मेरे लंड की प्यास तो कुछ समय के लिए शांत हो गई थी लेकिन उस रात मैंने मामी की चूत की प्यास को बहुत तेज कर दिया था. मामी की चूत प्यासी हो चुकी थी. जिसकी प्यास बुझाने के लिए मामी ने फिर क्या किया वो मैं मामी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में बताऊंगा.
में आपने पढ़ा कि मेरी मामी ने रात को फोन पर बातें करते हुए मुझे उत्तेजित कर दिया. अब हम दोनों सेक्सी बातें करने लगे. मामी से बातें करते हुए मैंने मामी को चोदा अपनी बातों से … अपने लंड की मुठ मारी और उधर मामी की चूत को भी गर्म कर दिया.

मैंने अपने लंड का माल निकाल दिया था लेकिन मामी की चूत अभी प्यासी रह गई थी. मैं मामी से बात करते हुए मुठ मार कर सो गया. उस दिन मैंने उनको आई लव यू भी बोल दिया था जोश में.

मामी भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए जैसे पूरी तरह से तैयार थीं. उस दिन के बाद तो रोज हम दोनों के बीच में फोन पर सेक्सी बातें होने लगीं.
एक दिन सेक्स चैट करते हुए मैंने मामी को खुले शब्दों में चोदने की बात कह दी.

उनको भी मेरी बात का जरा भी बुरा न लगा. बल्कि वो कहने लगी- ठीक है चोद लेना … मगर एक वादा करना पड़ेगा तुमको!
मैंने पूछा- बोलो मेरी सेक्सी मामी. आपके लिए तो मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं.
वो बोली- जब तक तुम्हारी शादी नहीं हो जाती, तब तक तुम्हें मेरी चूत को चोदना पड़ेगा.
मैंने कहा- अरे आप एक बार चूत चोदने का मौका तो दो. मैं आपकी चूत को फाड़ न दूं तो कहना.
वो बोली- ठीक है. तो फिर सही मौके इंतजार करो और तैयार रहो.
मैंने कहा- जी बिल्कुल मैं तो तैयार हूं.

अब मामी और मेरे बीच में लंड और चूत जैसी बातें खुल कर होने लगी थीं. मामी ने भी बोल दिया था कि जितना खुल कर बात करेंगे उतना ही मजा आयेगा. इसलिए हम दोनों रोज रात को फोन पर गन्दी बातें करते हुए एक दूसरे को मजा देते थे.

काफी दिन ऐसे ही बीत गये थे. मगर अभी तक हम दोनों को मुलाकात करने का मौका नहीं मिल पाया था. मैं भी मामी की चूत को चोदने के लिए बुरी तरह से तड़प रहा था. उधर मामी भी मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़प रही थी.

एक दिन सुबह ही अचानक मामी का फोन आ गया.
मामी बोली- मेरे राजा, अगर तुमको मामी की चूत मारनी है तो आज शाम तक मेरे घर पर पहुंच जाना. आज मौका अच्छा है.
मैं बोला- ठीक है मामी जी. मैं शाम तक आपके घर पर पहुंच जाऊंगा.

उस दिन मैं सोचने लगा कि अब बढ़िया मौक़ा है … अब मामी को चोदा तो चोद लिया … नहीं तो पता नहीं मौक़ा मिले ना मिले!
अब घर वालों के सामने क्या बहाना किया जाये कि मैं मामी की चूत मारने के लिए जा सकूं. अगर सीधा ही कहूंगा कि मैं मामी के पास जा रहा हूं तो मां सौ सवाल करने लगेगी. इसलिए मैंने पढ़ाई का बहाना कर दिया.

मैंने मां से कहा- मुझे अपने एक दोस्त के यहां पर कुछ जरूरी काम से जाना है. मेरे कॉलेज का कोई प्रोजेक्ट है तो मैं रात को वहीं पर रहूंगा.
पढ़ाई की बात सुन कर मां ने कोई सवाल नहीं किया. मैं खुश हो गया. मैंने तुरंत मामी के घर जाने की तैयारी कर दी.

शाम के 6 बजे तक मैं मामी के घर पहुंच गया. उन्होंने जब दरवाजा खोला तो मैं उनको देखता ही रह गया. वो बिल्कुल तैयार होकर बैठी थी. मामी ने हल्के गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी और उस पर काला ब्लाउज था. वो एकदम हीरोइन के जैसी दिख रही थी.

मामी ने मुझे अंदर बुला लिया.
कुछ देर तक हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.
मैंने पूछा- मामा जी कहां गये आज?
वो बोली- वह काम के सिलसिले में एक सप्ताह के लिए बाहर चले गये हैं.

मैंने पूछा- और आपकी बेटी?
मामी ने कहा- उसको मेरी मां अपने घर लेकर चली गई. कल ही मेरी मां आई थी. तुम्हारे मामा तो एक दिन पहले ही चले गये थे लेकिन बच्ची कल ही अपनी नानी के साथ गई है.

खुश होते हुए मैंने कहा- वाह, फिर तो मजा आयेगा. लेकिन आपने मुझे कल ही क्यों नहीं बुलाया?
मामी ने कहा- मेरी मां कल शाम तक घर पर ही थी इसलिए नहीं बुलाया. लेकिन तुम बड़े उतावले हो रहे हो.

मैं बोला- हां मेरी रानी, तुम्हारी चूत चोदने के लिए मैं तो जैसे बरसों से प्यासा हूं.
वो बोली- हां मेरे राजा, मैंने भी तुम्हारी प्यास बुझाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है.

उनकी बात पर मैंने पूछा- आपने क्या खास तैयारी की है?
वो बोली- तुम खुद ही देख लेना.
मैंने कहा- लगता है आपने कोई सरप्राइज़ रखा है मेरे लिये.
वो बोली- हां बिल्कुल.

मैंने कहा- तो फिर देर किस बात की है?
वो बोली- पहले कुछ खा लेते हैं उसके बाद शुरू करेंगे.
इतना कह कर वो उठ कर किचन में चली गई और केले का शेक बना कर ले आई.
मैंने कहा- इस टाइम पर शेक?

वो बोली- हां, तुम्हारे केले को एनर्जी देने के लिए बनाया है.
मैं बोला- मेरे केले में बहुत एनर्जी है.
इस बात पर मामी बोली- वो तो रात में पता चल ही जायेगा मेरे राजा.
मैंने कहा- रात का इंतजार कौन करेगा मेरी रानी.

इतना कह कर मैंने मामी को बांहों में भर लिया. उसके होंठों पर होंठ रख दिये और दोनों ही एक दूसरे से लिपटते हुए एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे. मैंने मामी की साड़ी को उतारना शुरू कर दिया तो उसने मुझे रोक दिया.

पीछे हट कर बोली- पहले शेक पी लो.
तब तक मैं खाना तैयार कर लेती हूं. हमारे पास पूरी रात है अभी.
मेरा लंड मेरी पैंट में तन गया था. मामी ने उस पर हाथ फेरते हुए कहा- ये तो अभी से उतावला हो रहा है.
मैंने कहा- बस मामी, आपकी चूत का रस पीना चाहता है ये.

वो बोली- हां मेरे राजा, पहले खाना खायेंगे फिर सब कुछ करेंगे.
इतना बोल कर वो किचन में चली गई.

मैंने भी शेक का गिलास गटक लिया. मामी के पीछे ही मैं भी किचन में चला गया. वो खाना बना रही थी. मैंने पीछे से जाकर मामी की गांड पर लंड को लगा दिया.

उसको बांहों में भर कर उसकी गांड पर लंड को रगड़ने लगा. उसके चूचों को दबाने लगा.
मामी ने बेलन दिखाते हुए कहा- इससे मारूंगी. अभी मुझे खाना बनाने दो.
मैंने मामी की गांड पर लंड को सटाते हुए कहा- मेरा बेलन भी तैयार है मेरी रानी. चलो बेलन-बेलन खेलते हैं.

मामी ने पलट कर मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ कर खींच दिया. उसको हाथ में भींच कर उसका माप लेते हुए बोली- तुम्हारा बेलन तो वाकई कड़क है. क्या ये मेरी पाव रोटी को अच्छी तरह बेल पायेगा?
मैंने कहा- एक बार अपनी पाव रोटी के दर्शन तो करवाओ. उसको चोद-चोद कर लाल न कर दे तो कहना.
वो बोली- ठीक है. पहले खाना खा लेते हैं.

हम दोनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया.
मामी ने अपने हाथ से मुझे खाना खिलाया. मैं मामी के चूचों की क्लिवेज को ही ताड़ रहा था. उसके बाद मामी किचन में बर्तन रख कर वापस आ गयी.

मैंने कहा- बस मामी, अब और इंतजार नहीं हो रहा है. अब जल्दी से मेरे पास आ जाओ.
वो बोली- हां मेरे राजा. मैं भी इतनी ही बेचैन हूं. लेकिन उससे पहले तुम्हें एक और काम करना पड़ेगा.
उनकी बात पर मैंने पूछा- अब कौन सा काम रह गया है?

झांट साफ़ करके मामी को चोदा
वो बोली- मेरी भट्टी पर थोड़ी सी घास रह गई है. पहले उसको साफ कर दो.
मैंने कहा- आह्ह … अभी कर देता हूँ उसकी सफाई.
इतना कहने पर वो बोली- ठीक चलो, रूम में अंदर.

मामी मुझे अपने रूम में ले गई. अंदर जाते ही मैंने मामी को चूसना शुरू कर दिया. उनके चूचों को दबाना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ देने लगीं. फिर मामी ने अलग होकर अपनी साड़ी को खोलना शुरू किया.

मैंने कहा- ये काम भी मैं ही कर देता हूं.
वो बोली- ठीक है.
मैंने पास जाकर मामी की साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया. फिर उसके ब्लाउज के हुक खोल कर उसके ब्लाउज को अलग कर दिया.
उसने नीचे से काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसमें उसके चूचे भरे हुए थे.

मामी की ब्रा को उतारते ही उनके चूचे एकदम से हवा में झूल गये. मैंने उनको हाथों में भर लिया और फिर उनके चूचों को पीने लगा. मामी मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूचों में दबाने लगी.
उसके बाद मैंने मामी के पैटीकोट को भी खोल दिया. अब मामी केवल पैंटी में रह गई थी.

जब मैं पैंटी को उतारने लगा तो मामी ने मुझे रोक दिया. फिर वो पास ही के स्लैब से रेजर और क्रीम लेकर आ गयी.
मामी ने अपनी पैंटी उतारी तो मैं देख कर हैरान रह गया. उसकी चूत के ऊपर के बाल आधे कटे हुए थे और आधे वैसे ही छोड़ दिये थे.

मैंने कहा- आपने इसे पूरी साफ क्यों नहीं किया?
वो बोली- तुमसे ही करवाना था.
मैं बोला- अच्छा जी, ठीक है. सफाई और चुदाई दोनों ही मजे से कर दूंगा.

फिर वो अपनी टांगों को खोल कर बेड पर बैठ गई. मैं मामी की टांगों के बीच में बैठ गया. मैंने मामी की चूत पर क्रीम लगा दी. उसके बाद झाग बनने पर मैंने रेजर से मामी की चूत को साफ करना शुरू कर दिया.

दो मिनट में ही मामी की चूत बाल रहित हो गई. उसकी चूत से उत्तेजना के मारे पानी निकलने लगा था. मैंने मामी की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. वो सिसकारियां लेने लगी. मैंने उंगली से मामी को चोदा.

उसके बाद मैंने मामी की चूत में जीभ डाल दी और उसको तेजी से अंदर तक साफ करने लगा. मामी के मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगीं -उम्म्ह … अहह … हय … ओह … बस करो … आराम से … मेरे राजा.’
मैं कई मिनट तक मामी की चूत को चाटता रहा और इस बार जीभ से मामी को चोदा.

जब उनसे रहा न गया तो उसने मुझे पीछे धकेला और उठ कर मेरे कपड़े उतारने लगी. मामी ने दो मिनट के अंदर ही मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया.

नंगा होने के बाद उसने मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाते हुए मेरे होंठों को चूसा. मामी के हाथ मेरे लंड को सहलाते हुए उनके होंठ मेरे होंठों से लार को खींच रहे थे. मैं भी मामी के चूचों को कस कर दबा रहा था.

उसके बाद मामी ने मुझे नीचे बेड पर बैठा दिया. अब वो मेरी टांगों के बीच में आ गई और मेरे लंड को मुंह में भर लिया. मेरे लंड को तेजी से चूसने लगी. मेरे मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं. दो मिनट तक मामी ने मेरे लंड को चूसा और फिर मैं उठ गया.

मैंने मामी को बेड पर पटक दिया. उनकी टांगों को चौड़ी कर दिया. फिर अपने लंड को उनकी चूत पर लगा दिया और उनके ऊपर लेटता चला गया. मेरा लंड मामी की प्यासी और गीली चूत में उतर गया. अब पल भर भी इंतजार किये बिना मैंने मामी की चिकनी चूत में लंड के धक्के लगाना शुरू कर दिया.

“आह्ह … मेरी रानी … मेरी चुदक्कड़ मामी … तुम तो बहुत गर्म चूत की मालकिन हो!”
वो सिसकारते हुए बोली- हां मेरे राजा, अपने लंड से मेरी इस प्यासी चूत की प्यास बुझा दो. मैं बहुत दिनों से मस्त चुदाई का मजा लेना चाह रही थी. तुम फोन पर ही मेरी चूत को गीली कर देते थे. आज जाकर इसको तेरा लंड नसीब हुआ है मेरे राजा.

मैं तेजी से मामी की चूत को चोदने लगा. पांच-सात मिनट तक चुदाई करने के बाद मैंने मामी को घोड़ी बनने के लिए कह दिया. मैंने बहुत से पोर्न वीडियो में ये पोजीशन देखी हुई थी. इसलिए मेरे लंड की तमन्ना थी कि मैं मामी की चूत में अपना पानी इसी पोजीशन में निकालूं.

अपनी इच्छा मामी को बताई तो वो झट से घोड़ी बन गई.

Mami Ko Choda
Mami Ko Choda
मैंने मामी की चूत पर लंड को रगड़ा और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया. मामी की चूत में लंड को घुसा कर तेजी से उसकी चुदाई करने लगा.
अब हम दोनों ही चुदाई के नशे में मदहोश हो चुके थे. मामी की चूत को चोदते हुए बहुत मजा आ रहा था. पूरे कमरे में आह्ह … ओहह् जैसी कामुक आवाजें गूंज रही थीं. पांच मिनट के बाद ही मेरे लंड का पानी निकलने के कगार पर पहुंच गया.

मैंने मामी से बिना पूछे ही तीन-चार जोर के झटके लगाये उसकी पानी छोड़ रही चूत में अपना माल गिरा दिया. मामी की चूत तो अपने जवान लंड के गर्म वीर्य से भर दिया मैंने.

उसके बाद हम दोनों ही बिस्तर पर गिर गये. उस रात मैंने मामी की चूत की सफाई के साथ ही जम कर चुदाई भी करी. रात भर मामी की चूत को 3-4 बार चोदा. सुबह तक मामी की चूत सूज कर लाल हो गई थी. उस दिन सुबह ही हम दोनों सोये.

रात भर की चुदाई के बाद दोनों थक गये थे. उस दिन दोपहर तक मैं सोता ही रहा.

दोपहर को मां का फोन आ गया कि मैं अब तक घर नहीं पहुंचा हूं.
मैंने कहा- अभी थोड़ा काम बाकी है मां. शाम तक आ जाऊंगा.
उठने के बाद मैंने एक बार फिर से मामी को चोदा और मैं अपने घर चला गया.

मैं फिर अगले दिन पढ़ाई का बहाना बना कर मामी की चुदाई करने पहुँच गया. इस तरह एक सप्ताह तक मैंने मामी की प्यासी चूत को अपने लंड से चोदा और अच्छी तरह शांत किया.

उसके बाद मामा जी वापस आ गये. फिर मेरे कॉलेज भी खुल गये थे. इसलिए हम दोनों को मौका नहीं मिल सका. मगर जब भी कभी मामी जी घर पर नहीं होते तो मेरी मामी मुझे बुला लेती थी और हम चुदाई के जमकर मजे लेते थे. जब भी मामी ने बुलाया, मैं मामी के घर गया और मामी को चोदा पूरे मजे से!

तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अपनी चुदक्कड़ मामी को चोदा, उनकी चूत की सफाई और चुदाई दोनों ही कर डाली.

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