रॉंग नंबर पर मिला फ्रेश माल

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मेरा नाम संजीव है मैं बीकानेर का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है। मैं एक छोटी सी दुकान चलाता हूं और यह दुकान मेरे मामा ने मुझे खुलवा कर दी थी क्योंकि हमारे घर की स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए मेरे मामा ही हमें आर्थिक रूप से मदद करते हैं। मेरे पिताजी की मृत्यु भी काफी समय पहले हो चुकी है, उसके बाद से मेरे मामा ने ही हमारे घर को संभाला है और उन्होंने ही हमें हर प्रकार की सहायता की है इसलिए मैं उनकी बड़ी इज्जत करता हूं। मेरी दुकान भी ठीक-ठाक चल जाती है जिससे कि मैं अपने घर का खर्चा निकाल लिया करता हूं,  इस दुकान से मुझे अपने घर खर्चा निकालने में कोई भी दिक्कत नहीं होती। मेरी मां हमेशा ही मुझे कहती है कि हमने तुम्हे बहुत ही छोटी उम्र में जिम्मेदारी के बोझ के तले दबा दिया, मैं हमेशा ही कहता हूं यह मेरी जिम्मेदारी है, मैं किसी भी प्रकार के बोझ के तले नही दबा हुआ हूं। मेरी दुकान भी अच्छी चलती है इसीलिए मैंने अब दो लड़कों को भी अपनी दुकान पर रख लिया है, वह लड़के बहुत अच्छे से काम करते हैं। मेरी बहन की शादी को भी काफी समय हो चुका है और उसमें भी मेरे मामा ने हमारी बहुत मदद की थी, शादी का आधा खर्चा उन्होंने ही उठाया था।

एक बार मैं अपनी दुकान में बैठा हुआ था तो मैं अपने एक पुराने दोस्त का नंबर मिला रहा था, मैंने जब वह नंबर मिलाया तो उसका नंबर नहीं लगा, मैंने सोचा शायद कहीं बिजी होगा क्योंकि मेरी काफी समय से उससे बात नहीं हुई थी और मैं सोच रहा था कि अपने पुराने दोस्त को याद कर लिया जाय। मैंने कुछ दिनों बाद जब उस नंबर पर फोन किया तो उस नंबर पर एक लड़की ने बात की, मैंने उसे कहा कि क्या गोविंद से बात हो सकती है, वह कहने लगी यहां कोई गोविंद नाम का व्यक्ति नहीं रहता। मैंने उसे कहा कि यह नंबर तो गोविंद का ही था, वह मुझे कहने लगी कि यह नंबर मैंने कुछ दिनों पहले ही लिया है, जब से मैंने यह नंबर लिया है तब से मेरे नंबर पर बहुत फोन आते हैं और सब लोग मुझे परेशान करते हैं, वह कहते हैं कि गोविंद से बात करवा दो।  मैंने उसे समझाया कि मैं गोविंद का दोस्त बोल रहा हूं और काफी समय से उससे मेरी बात नहीं हो पाई इसलिए मैंने सोचा कि मैं आज फोन कर लूं तो क्या पता गोविंद से मेरी बात हो जाए।

वह लड़की भी थोड़ा शांत होकर मुझसे बात करने लगी थी, मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने मुझे अपना नाम उर्मिला, बताया वह कहने लगी की मैं जयपुर में रहती हूं। वह लड़की मुझसे काफी शांत होकर बात करने लगी थी, उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारा क्या नाम है, मैंने उसे अपना नाम बताया और कहा कि मैं एक दुकान संभालता हूं और मैं बीकानेर का रहने वाला हूं, मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मेरी उस लड़की से इतनी बात हो जाएगी। जब हम दोनों के बीच अच्छी बातचीत होने लगी तो वह मुझे कहने लगी कि अभी मेरे पापा घर आ गए हैं, मैं तुमसे बाद में बात करती हूं। अगले दिन उसने मुझे फोन किया तो उस दिन मेरी उससे ज्यादा बात नहीं हो पाई, जब मैंने उसे कुछ दिनों बाद फोन किया तो वह मुझे कहने लगी कि मेरे पिताजी पुलिस में है और मुझे उनसे बहुत ज्यादा डर लगता है इसीलिए मैं किसी से भी फोन पर बात नहीं करती। पता नही मुझे उर्मिला से बात करना इतना अच्छा क्यों लगने लगा, मैं उसके बिना एक पल भी नहीं रह पाता था और मैं हमेशा ही उर्मिला का नंबर डायल कर दिया करता लेकिन कई बार वह फोन नहीं उठाती थी तो मैं समझ जाता कि उसके पिताजी शायद उसके साथ ही हैं, इसी वजह से वह फोन नहीं उठा रही है। दो-चार दिन छोड़ कर वह मुझे फोन कर लिया करती थी, जब वह मुझे फोन करती तो मैं उससे उसके हाल-चाल पूछ लेता लेकिन मैं उर्मिला को अच्छे से नहीं जान पाया था क्योंकि मेरी उससे इतनी ज्यादा बातचीत नहीं हुई थी। जब एक दिन मैंने उर्मिला से पूछा कि क्या आज तुम्हारे पास वक्त है तो वह कहने लगी हां आज मैं तुमसे बात कर सकती हूं क्योंकि मेरे पिताजी कि आज रात को ड्यूटी है इसलिए वह घर नहीं आएंगे तो मैं आज रात तुम से बात कर लूंगी। मैंने उस दिन उसे कहा ठीक है मैं रात को तुम्हे फोन करूंगा, मैं भी तब तक अपना काम कर लेता हूं और रात को ही तुमसे बात करूंगा।

जब रात को मैं उर्मिला से बात कर रहा था तो उर्मिला और मेरी उस दिन काफी देर तक बात हुई, मैंने उर्मिला से पूछा कि तुम क्या करती हो, तो वह कहने लगी कि मैं कॉलेज कर रही हूं। वह कहने लगी की मैं अपने पिताजी को देखकर बहुत डरती हूं, मैंने उसे पूछा कि तुम अपने पिताजी को देखकर क्यों डरती हो तो वह कहने लगी कि मेरी बहन ने लव मैरिज की थी और मेरे पिताजी लव मैरिज के बिल्कुल खिलाफ थे परंतु उसके बावजूद भी मेरी बहन ने हमारे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के से शादी कर ली जिसकी वजह से मेरे पिताजी बहुत गुस्सा हो गए और उसके बाद से उन्होंने मेरा भी फोन छीन लिया था, कुछ समय बाद ही उन्होंने मेरा फोन लौटाया। मैंने उसे पूछा कि यदि तुम्हारी बहन ने लव मैरिज कर ली तो उसमें दिक्कत वाली क्या बात है, वह मुझे कहने लगी कि मेरे पिताजी अभी पुराने ख्यालातों के हैं और वह बहुत ही गुस्से वाले व्यक्ति हैं, उन्हें वह लड़का बिल्कुल भी पसंद नहीं था इसलिए उन्होंने मेरी बहन से भी अपना रिश्ता खत्म कर लिया है और कहते हैं कि यदि तुम लोग भी उससे बात करोगे तो तुम लोग मुझसे बिल्कुल भी बात मत करना इसीलिए हमें बहुत डर लगता है, हम लोग उसके बाद से अपनी बहन से भी बात नहीं करते और मैं तो अपने फोन से दूर ही रहती हूं। जब भी वह घर पर आते हैं तो मैं अपने फोन को किनारे रख देती हूं, मुझे अपने पिताजी से बहुत ज्यादा डर लगता है।

मैंने उर्मिला को समझाया और कहा कि तुम्हें अपने पिताजी से डरने की आवश्यकता नहीं है, हर किसी की अपनी जिंदगी होती है और वह अपने हिसाब से अपनी जिंदगी को जीता है यदि तुम्हें भी अपने हिसाब से अपनी जिंदगी जीनी है तो तुम भी अपने पिताजी से इस बारे में बात किया करो। मैंने उस दिन उसे बहुत समझाया और उससे बात कर के मुझे अच्छा लग रहा था। उर्मिला भी मुझसे बात कर के बहुत खुश थी और कहने लगी कि मुझे तुमसे बात करते हुए अपनापन सा महसूस हो रहा है और मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं तुम्हें काफी समय से जानती हूं। मैंने उर्मिला से कहा कि मैं भी अब तुम्हारे बिना एक पल नहीं रह सकता हूं, मुझे लगता है कि जब तक मैं तुमसे बात नहीं करूंगा, तब तक शायद मेरा दिन पूरा नहीं हो पाता इसीलिए मैं तुमसे हमेशा ही बात करने की सोचता हूं लेकिन तुम मुझसे कम ही बात कर पाती हो। मैंने उर्मिला से कहा कि मैं तुमसे मिलना भी चाहता हूं, मुझे तुमसे मिलना है लेकिन हम लोग किस प्रकार से मिल सकते हैं, वह मुझे कहने लगी कि हो सकता है शायद मैं कुछ दिनों बाद बीकानेर आ जाऊं तो तुमसे वही मुलाकात हो जाए। मैंने उसे कहा चलो यह तो अच्छी बात है कि तुम बीकानेर आ जाती हो तो मैं तुमसे जरूर मिलूंगा। अब मेरी और उर्मिला की हमेशा ही बात होती है और वह भी मुझसे बात करें बिना नहीं रह सकती थी इसीलिए मुझे ऐसा लगने लगा कि शायद हम दोनों के बीच में अब प्यार होने लगा है। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उर्मिला कुछ दिनों बाद ही बीकानेर आ जाएगी और जब वह बीकानेर आई तो मैं बहुत ही खुश हुआ। मैंने जब उर्मिला को देखा तो उसका बदन देख कर मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा गया और मैंने उर्मिला को गले लगा लिया। जब उर्मिला मुझसे गले लगी तो उसके अंदर से भी उत्तेजना जागने लगी और वह कहने लगी कि हम दोनों कहीं अकेले में चलते हैं। मैं उस दिन उसे अपने घर पर ले आया और मैंने अपनी मां से भी उर्मिला को मिलवाया था।

जब मैंने उर्मिला को अपनी मां से मिलाया तो मेरी मां बहुत खुश हुई। उसके बाद मैं उसे अपने कमरे में लेकर चला गया। जब मैं उर्मिला को अपने कमरे में ले गया तो मैंने उसके गुलाब जैसे होठों को अपने होठो से छुआ तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी कई बरसों की इच्छा पूरी हो गई हो। मैंने काफी देर तक उसके होठों का रसपान किया। मैं जब उसके कपड़े उतारे तो उसके फिगर को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपने लंड को निकालते हुए उसकी गांड पर रगडना शुरू कर दिया। मैंने उसे नंगा किया और जब मैंने उसके स्तनों को चूसा तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा मैंने उसके स्तनों से खून भी निकाल दिया। वह मुझे कहने लगी कि अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा है तुम जल्दी से मेरी योनि के अंदर अपने 9 इंच मोटे लंड को डाल दो। मैंने जैसे ही अपने लंड को उर्मिला की योनि के अंदर डाला तो उसकी योनि से खून बाहर निकलने लगा। मैंने उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था और वह अपने मुंह से आवाज निकाल रही थी। वह मुझे कहने लगी तुमसे चुदने के लिए ही तो मैं इतनी दूर आई हूं। जब उसने मुझसे यह बात कही तो मैंने भी उसे और भी तेज गति से चोदना शुरू कर दिया। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और बड़ी तेज गति से उसे चोदने लगा। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे इतनी तेज तेज धक्के मार रहे हो कि मेरी चूत से जब तुम्हारा लंड टकरा रहा है तो मेरे शरीर से एक अलग ही प्रकार का करंट निकल रहा है। उर्मिला की योनि इतनी ज्यादा टाइट थी कि मैं ज्यादा समय तक उसकी योनि की गर्मी को नहीं झेल पाया। मैंने जब उर्मिला से कहा कि मेरा वीर्य गिरने वाला है उसने मुझे कहा कि तुम मेरे मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दो। मैंने जब उसके मुंह में अपने लंड को डाला तो उसने इतना अच्छे से सकिंग किया कि मेरा माल उसके मुंह के अंदर ही चला गया।

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