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  • गाँव की लड़की को चोद दिया

    हेल्लो दोस्तों, आप सभी कैसे है? आशा करता हूँ ठीक होंगे| चलिये आज मैं आपको मेरे जीवन की एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताता हूँ जो मेरे साथ हांल ही में कुछ ही समय पहले बीती है|



    सबसे पहले मैं बता देता हूँ कि मेरा नाम आदित्य है, और मैं इंजीनियरिंग का छात्र हूँ|मैं अभी एक होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ, जो की पूरी तरह से लड़कों का है| यह एक मुख्य कारण है कि जब भी मैं छुट्टियों में बाहर जाता हूँ तो मेरा ध्यान लड़कियों की तरफ काफी ज्यादा आकर्षित होने लगता है|

    पता नहीं क्यों पर लड़कियों को देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगता है, और शायद ऐसा इसलिये की मेरी उम्र थोड़ी ज्याद हो गयी है, लडको के होस्टल में पढने की वजह से हम लड़कियों से अभी तक इतना घुल मिल नहीं पाये है जिस वजह से मेरा हवस काफी ज्यादा आगे बढ़ चुका है|

    अभी मेरी उम्र महज 23 साल है, लेकिन अभी तक मेने किसी भी लड़की को नहीं चोदा है, और बस मुट्ठ मारकर ही अपना काम चला रहा हूँ| तो चलिये अब कहानी की तरफ बढ़ते है| तो बात उस समय कि है जब मैं अपने घर वालो के साथ छुट्टियों में अपने गाँव गया हुआ था|

    हर इंसान की तरह कम उम्र में मुझे भी लड़कियों में कुछ ख़ास रुची नहीं थी, लेकिन जैसे ही मैं बड़ा हुआ मुझे बस एक लड़की पटा कर उन्हें छोड़ने की इच्छा थी|तो भाइयों मैं जैसे ही गाँव में पहुंचा तो देखा कि यहाँ का माहौल अभी भी ज्यादा कुछ बदला नहीं था सब कुछ वैसा का वैसा ही था|

    मैं अपनी दादी के पास बैठ कर कुछ देर बाते ही कर रहा था कि कुछ ही देर में एक लड़की हमारे पास आई और मेरी दादी से कहने लगी कि “अरी ओ दादी, मम्मी ने आपके हाथ का थोडा अचार मंगवाया है”|

    उस लड़की का ध्यान जैसे ही मुझ पर गया वो थोडा शर्मा गयी, लेकिन मेरा ध्यान तो उसके बड़े-बड़े बूब्स पर ही ठहर गया था| मेरी दादी ने जैसे ही उसे अचार दिया वो मुझे देखते हुए मुस्कुराते हुए वहां से चली गयी थी| वो बस 4 मिनट के लिए ही मेरे सामने खड़ी हुयी थी, और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा लंड खड़ा होकर सलामी देने लग गया था|

    मुझे उस लड़की के बारे में याद है उस लड़की का नाम शालिनी था|जब में छोटा था तो अक्सर गाँव आया करता था और शालिनी और मैं एक दूसरे के साथ खेला करते थे| अब मैं काफी समय बाद गाँव आया हुआ था, इसलिये शालिनी की उम्र के हिसाब से उसके उभरे हुए बूब्स देखकर तो मैं हैरान ही रह गया था|


    शालिनी की उम्र यहीं कोई 19 साल होगी, वो हमारे पास में ही रहती थी| गाँव में आये मुझे कुछ घंटे ही बीते थे, कि रात कब हो गयी मुझे पता ही नहीं चला था| मैं सोने की लिये जा चुका था, लेकिन शालिनी को छोड़ने के ख्याल मेरे मन में आ रहे थे और इस वजह से में चाह कर भी नहीं सो पा रहा था|

    मैं अपना मन शांत करने के लिए तुरंत बाथरूम गया और शालिनी के नाम की मुट्ठ मारकर वापस सोने के लिए चला गया, लेकिन अब मेने ये ठान लिया था, कि किसी भी तरीके से अब शालिनी को चोदना है|

    अगले ही दिन मैं सुबह जल्दी उठ गया था, क्योकि मेने पता किया था कि शालिनी रोजाना सुबह स्कूल के लिए निकलती है| जैसे हुई सुबह शालिनी अपने स्कूल के लिए निकली मेने उसे रास्ते पर ही रोक लिया और उससे बाते करना शुरू कर दिया|

    और शालिनी तुम काफी बड़ी हो गयी हो – मेने बात शुरू करते हुए कहा

    हां बड़ी तो हो गयी हूँ वैसे तुम कैसे हो बड़े समय बाद गाँव में आये हो?- शालिनी ने जवाब देते हुए कहा

    मैं भी बढ़िया हूँ, बस पढाई करने लगा हूँ तो समय कम मिलता है – मेने बात को जारी रखते हुए कहा

    बातों ही बातों में मुझे समझ आ गया था कि शालिनी को मैं पसंद आ गया हूँ उसने रास्ते पर ही मुझसे अपना फोन नम्बर माँगा और मेने तुरंत ही उसे अपना फोन नम्बर दे दिया| जब मेने उससे पूछा की मेरा फ़ोन नम्बर क्यों चाहिए तो उसने कहा की बस ऐसे ही कुछ काम हुआ तो और कोई बात नहीं है|

    कुछ दिन ऐसे ही बीत गए फिर के दिन शालिनी का फोन आया और वो मुझसे शहर के बारे में पूछने लगी और वहां के वातावरण और लड़कियों के बारे में बातें करने लगी थी|मुझे लग रहता कि शालिनी मुझसे कुछ कहना चाहती है पर वो शायद खुल कर कह नहीं पा रही है|

    फिर कुछ देर बाद शालिनी को यहाँ वहां की बाते करते हुए और थोड़ा हंसी मजाक करते हुए हिम्मत आई और उसने मुझे कह दिया की “वो मुझसे प्यार करती है’|

    मैं अचानक से ऐसा सुनकर हैरान ही रह गया और मेने भी उससे कह दिया की मुझे भी उससे प्यार है फिर हम दोनों ने मिलकर बहुत बात की, लेकिन पता नहीं क्यूँ उससे बात करते-करते मेरा लंड खड़ा हो गया था|

    अगले दिन से शालिनी और मैं चुपके से मिलने लगे और एक दुसरे से बातें करने लगे| हम दोनों के बीच अब काफी नजदीकियां काफी ज्याद बढ़ने लगी थी|और शालिनी के बड़े चुचे तो मेरे दिमाग से हटने का नाम ही नहीं ले रहे थे|

    एक दिन शालिनी और मेने मिलने का प्लान बनाया और हम दोनों पास में ही एक खेत में शालिनी के फ़ार्म हाउस पर आ गए| शालिनी ने चुपके से घर से फ़ार्म हाउस की चाबी ले ली थी , जीससे की हम दोनों फ़ार्म हाउस में रहकर थोडा ज्यादा समय एक-दूसरे एक साथ बिता सकें|



    कुछ ही समय बाद हम दोनों फ़ार्म हाउस में चले गए और खुल कर एक दुसरे से बातचीत करने लगे| मेरा ध्यान अभी भी शालिनी के बूब्स की तरफ जा रहा था| शालिनी भले ही गांव में रह रही थी. लेकिन उसकी खूबसूरती काफी ज्यादा लाजवाब थी|

    कुछ देर बाद मेने मुझसे बिलकुल भी रहा नहीं गया और अचानक से ही मेने शालिनी के बूब्स को हल्के से दबा दिया| मेने जैसे ही बूब्स को दबाया तो शालिनी ने एक गहरी सांस ली और अपनी आँखे बंद कर ली और फिर से आँखे खोल कर कहने लगी “ये तुम क्या रहे हो आदित्य? मुझे अजीब लग रहा है|

    “मुझे माफ़ कर देना शालिनी मेने पहली बार किसी लड़की से इस तरह अकेले में मिलकर बात की है इसलिये मुझसे रहा ही नहीं गया था|”

    “शालिनी कहने लगी कि चलो कोई बात नहीं” और उसके बस इतना कहने पर ही हम दोनों दुबारा एक दुसरे से बातचीत करने में लग गए थे| लेकिन इस बार हम दोनों ही एक दुसरे से ठीक से बात नहीं कर पा रहे थे, इस बार पता नहीं क्यूँ शालिनी का ध्यान मेरे होंठों पर जा रहा था और वह हर बार बोलने में अटक रही थी|

    कुछ देर बाद हम दोनों को चूप हो गए और एक दूसरे की तरफ देखने लगे| इस बार हम दोनों ही अचानक से एक दुसरे के करीब आये और फिर हमने एक दुसरे के होंठ पर होंठ रख कर धीरे-धीरे चूमना शुरू कर दिया|

    मैं शालिनी को चुमते हुए धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा था, उसके बूब्स काफी टाइड थे, जिसे दबाने में मुझे अलग ही तरह के आनन्द का अनुभव हो रहा था| कुछ ही देर में शालिनी ने अपने होठ पीछे किये और जोर-जोर की सिस्कारियां केने लग गयी थी|

    अब में काफी जोश में आ चुका था, मेने धीरे से सहलानी की सलवार को पकड़ा और उसे बाहर निकालने लगा, तभी शालिनी ने मुझे रोकते हुए कहा “ये तुम क्या कर रहे हो, हमें अभी शायद ये सब नहीं करना चाहिए’|

    लेकिन मैं भी अब कहा रुकने वाला था, मेने शालिनी को कहा देखो कुछ नहीं होगा ऐसा तो सब लोग करते है” और ऐसा कहकर मेने शालिनी की सलवार निकाल कर अलग रख दी|

    शालिनी को ऐसा देखकर मेरा लंड देखते ही दखते काफी ज्याद बड़ा हो गया था, और शालिनी को पागल कुते की तरह चोदने के लिए बेताब था| मेने कुछ ही देर में शालिनी की ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया| मैं उसके बूब्स को मसलते हुए चूस रहा था और इस दौरान शालिनी ने सिस्कारियां लेते हुए अपनी आँखे बंद कर ली थी|

    अब कुछ ही देर बाद मेने शालिनी को खड़ा किया और उसके सभी कपडे खोलकर कुछ ही मिनटों में उसे नंगा कर दिया| शालिनी की गांड काफी मोती थी, मैं उसकी गांड पर हाथ रख कर उसे मसलने लग गया था|

    अब मैं भी अपने कपडे उतार कर पूरी तरह नंगा हो गया था, मेने शालिनी को पकड़ा और उसे एक घास के ढेर पर ले जाकर सुला दिया और फिर उसकी टांगों को चोड़ी कर के उसकी चुद में एपीआई उंगलिया डालकर उसे उँगलियों से ही चोदना शुरू कर दिया था|

    शालिनी की “””आह्ह्ह्ह अम्म्मा उम्म्म मर गयी रे””” की आवाज पुरे फ़ार्म हाउस में गुज रही थी| अब जाकर मेने उसकी चुद को चाटना शुरू कर दिया था और इस दौरान वो मेरे सर पर अपने हाथ से मुझे किसी बच्चे की तरह प्यार कर रही थी|



    अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था, मेने अपने लंड को उसकी चुद में प्रवेश करवाने के लिए तैयार किया और धीरे से टोपे तक ही अपने लंड को उसकी चुद में आधा डाल दिया|

    आधा लंड घुसने पर ही शालिनी झटपटा गयी थी, और चीखने लग गयी थी|मैं धीरे-धीरे अपने आधे लंड को उसकी चुद में अंदर-बाहर किये जा रहा था और शालिनी को भी उसमे मजा आ रहा था| शालिनी की चुद काफी टाइड थी, मुझे ऐसा लग रहा था मानों उसकी चुद ने मेरे लंड को दबोच लिया हो|

    कुछ देर बाद मेने अपनी रफ़्तार को बढाते हुए पुरे लंड को एक साथ शालिनी की गर्म चुद में उतार दिया और वह चीखने लगी “अईई अम्मा उम्म्म ओह्ह्ह आह आह” अब शालिनी जबर्दत दर्द के साथ चुद रही थी, और मुझे पीछे की तरफ धकेल रही थी|

    कुछ देर तक चोदने के बाद शालिनी को भी मजा आने लगा था और वह मुझे देख कर मुस्कुराने लग गयी थी| मेने घास के उपर ही शालिनी की टांगों को अपने कंधे के ऊपर लिया और फिर अपनी पूरी रफ्तार से मशीन की तरह उसे चुदना शुरू कर दिया था|

    थोड़ी ही देर में शालिनी का पानी बाहर आ गया लेकिन में फिर भी अपनी रफ्तार से चोदे जा रहा था| कुछ 14 मिनट तक उसे चोदने के बाद मेने अपना गर्म वीर्य शालिनी की ही चुद में छोड़ दिया था|

    जैसे ही मेने अपना लंड बाहर निकाल उसमें शालिनी का पानी और मेरा वीर्य चिपका हुआ था| मेने अपना लंड साफ़ किया और फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने कपडे बदल केर वहन से घर जाने का फैसला किया|

    कुछ दिन बाद हम गाँव से घर आ गये थे, मेरी शालिनी से अभी भी रोजाना बात हुआ करती थी| मेने उसे पूरी तरह से अपने चंगुल में फंसा लिया था अब मैं बस महीनों में 1 या 2 बार उसे चोदने के लिए गाँव आना जाना करता रहता हूँ|



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  • भाई को नींद में चोदने की आदत है

    मेरे मम्मी पापा दोनों निचे फ्लोर पर सोते हैं और मैं और मेरा छोटा भाई दोनों ऊपर फ्लोर पर सोते हैं हम दोनों बचपन से ही एक कमरे में सोते हैं पर जब से मेरी चूचियां बड़ी होने लगी तो मम्मी उसी कमरे में दो बेड लगा दी थी फिर तब से हम दोनों अकेले अकेले सोने लगे। शुरआत में तो ठीक नहीं लगा था क्यों की हम दोनों की आदत थी टांग पर टांग चढ़ा कर सोने की पर जब से अकेले हो गए तब से तकिये के साथ ही सोना पड़ा था।

    काल रात की बात है। हमदोनो अपने अपने बेड पर करीब 11 बजे चले गए थे। मेरा भाई जल्दी सो गया था और मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियाँ पढ़ रही थी और अपनी चूचियों को दबा रही थी। और संयोग की बात देखिये एक कहानी हॉट लगी तो मैंने पाने सारे कपडे उतार दिए और चादर ओढ़ ली थी और अंदर ही मुँह कर के सेक्स कहानियां पढ़ रही थी और अपनी चूचियाँ दबा रही थी और अपने चूत को सहला रही थी। पर जैसे ही कहानियां ख़तम होने को आई मेरे शरीर में आग सी लग गई थी। ऐसा लग रहा था कोई मुझे चोद दे। पर करती क्या मैंने अपना बिच की ऊँगली अपने चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगी। चूत गीली हो गई थी सफ़ेद क्रीम की तरह कुछ निकल रहा था। मैं पसीने पसीने हो गई थी। मेरे शरीर में झनझनाहट होने लगी थी।

    ठीक उसकी समय मेरा भाई नींद में ही चलकर आया। और मुझे दो बार टटोला मैं चादर अपने फेस पर से हटाई तो देखि वो निचे खड़ा है। आँखे बंद है लौड़ा पकड़ रखा था अपने हाथों में लौड़ा भी बड़ा हो गया था मोटा भी था। और होठ ऐसे कर रहा था जैसे की उसने अपना लंड चूत में डाल दिया हो। उसको शायद ये पता भी नहीं था वो क्या कर रहा है। वो सिसकारियां ले रहा था। लौड़ा हिला रहा था। मैं थोड़े देर उसको देखि वो बेड के निचे ही खड़ा था।

    उसको देखकर मेरी धड़कन और बढ़ने लगी जैसे कोई गलत काम करने जाते हैं तो कैसे धड़कने बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार हो गया था। मैं सोची क्यों ना चुदवा ही लूँ। उठकर बैठ गई उसके हाथ पकडे और अपने तरफ खींच लिया। नजदीक हुआ। मैं बैठ कर ही उसका लौड़ा पकड़ ली और मुँह में ले ली, खिड़की से स्ट्रीट लाइट आ रही थी, सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मैं और भी ज्यादा गरम होने लगी थी। वो भी अपने आप को मुझे सौंप दिया था। फिर मैं उसके हाथ पकड़ी और लेट गई मेरे सारे कपडे पहले से ही उतारे हुए थे।

    वो बेड पर चढ़गया और मैं अपना टांग फैला दी। वो मेरी टांगो के बिच में बैठ गया पर कुछ भी नहीं कर रहा था। वो चुपचाप बैठा हुआ था। वो नींद में था पर उसका लौड़ा खड़ा था, मुझे लगा की इससे ज्यादा बड़ा मौक़ा मुझे नहीं मिलेगा अपनी चूत की भूख मिटाने को, मैंने तुरंत ही उसको अपने पर लिटा लिया और उसका लौड़ा पकड़ पर अपने चूत पर लगा लिया। तभी वो धक्के देने लगा। वो नींद में बड़बड़ा रहा था की चोदने दो मुझे, वो जोर जोर से धक्के देने लगा, मेरी चूत के अंदर तक उसका लौड़ा जा रहा था। मैं निचे से ही धक्के लगाने शुरू की, अब दोनों तरफ से धक्के लग रहे था। उसका हाथ पकड़ पर अपनी चूचियों पर रख दी। वो अब मेरी चूचियों को भी मसलने लगा था।

    दोस्तों मेरी चूत गीली हो गई थी मजे ले रही थी सिसकारियां निकल रही थी , मेरे मुँह से आह आह आह की आवाज निकल रही थी। बेड भी चों चों की आवाज कर रहा था, मैं सचमुच में जन्नत में थी। मजे से चुदवा रही थी और मेरा भाई मुझे चोद रहा था।

    मैंने उसको चूमना शुरू किया अब वो अपना जीभ मेरे मुँह में डाल दिया, मेरे होठ चूसने लगे, मैं भी उसको चूमने लगी एक तरफ से वो चोद रहा था और दोनों के लिप लॉक था। उसके बाद मैंने उसके सर को निचे किया अपनी बूब्स के पास और मैं अपने बूब्स को पकड़ कर उसमे मुँह में अपना निप्पल दे दिया, अब वो एक छोटे बच्चे की तरफ मेरी चूचियों को चूसने लगा। अब तो मेरी वासना और भड़क गई, अब और तेजी से मुझे चोदने लगा और मैं भी निचे से धक्के देने लगी।

    तभी उसका सारा माल मेरी चूत में समा गया और मैं अब उसको जोर से पकड़ी और अंगड़ाई ली और मैं भी झड़ गई। वो करीब पांच मिनट कर वैसे ही लेटा रहा। उसका लौड़ा धीरे धीरे ढीला हो गया और छोटा हो गया। मैं अपना गांड खिसकाई और उसका लौड़ा बाहर आ गया। उसको मैं हौले से उठाई वो खड़ा हो गया और मैं पकड़ कर उसको उसके बेड पर सुला दी और उसके पेंट और जांघिये ठीक से पहना दी और ओढ़ा दी।

    और अपने बेड पर आकर सो गई। दोस्तों ऐसा मौक़ा फिर मिलेगा की नहीं आपको अपनी दूसरी कहानी में बताउंगी ये कहानी बिलकुल नई है इसलिए मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर शेयर कर रही हूँ। आशा करती हूँ आपको भी बहुत मजा आया होगा। तब तक के लिए धन्यवाद।