मम्मी की चुदाई पापा की अनुपस्थित में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजन है और में दिल्ली से हूँ और आज जो स्टोरी में आप सभी चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ बिल्कुल सच है, जो कि आज से दो साल पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है, जिसने मेरी और मेरी माँ की जिंदगी को पूरी तरह से बदल ही दिया.

अब में आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ और उस घटना को पूरे विस्तार से सुनाता हूँ. दस्तों मेरा नाम राजन है और में दिल्ली में रहता हूँ. मेरी उम्र इस वक़्त 22 साल है और में एक हर दिन जिम जाने वाला अच्छे स्वस्थ शरीर और अच्छा दिखने वाला एक लड़का हूँ.

मेरे लंड का साइज़ 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है और मुझे ऐसा लगता है कि किसी भी औरत को संतुष्ट करने के लिए इतना सब कुछ होना ठीक है और में अपने माँ, बाप की एक इकलोती औलाद हूँ. मेरी मम्मी का नाम रानी है और उनकी उम्र अभी 48 साल है, मेरी मम्मी के फिगर का साईज़ 38-40-42 है, मेरी मम्मी थोड़ी सी मोटी जरुर है, लेकिन वो दिखने में बहुत सुंदर और उनके बूब्स एकदम गोरे, निप्पल का रंग हल्का भूरा है और उनका बदन एकदम गदराया हुआ है और उनके बाल बहुत लंबे काले है और वो ज़्यादातर सलवार सूट और घर में रहकर वो ज़्यादातर मेक्सी पहनती है.

दोस्तों उस दिन हुआ यूँ कि वो एक दिन की बात है, मेरे पापाजी जो एक सरकारी विभाग में नौकर है, उन्हें अपने विभाग की किसी जरूरी मीटिंग की वजह से करीब एक सप्ताह के लिए कहीं बाहर जाना था. फिर मेरी माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तेरे पापा बाहर जा रहे है तो तू भी अब ज्यादातर समय घर में ही रहना, नहीं तो में पूरा दिन घर पर अकेली रहती हूँ.

फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है मम्मी. दोस्तों क्योंकि में अपना ज़्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ घूमने फिरने में इधर उधर ही गुजार देता था, इसलिए उन्होंने मुझसे ऐसा कहा था और फिर उसके अगले ही दिन पापाजी सुबह 6 बजे ही अपने काम से बाहर चले गये, जब में सोकर उठा तो मैंने अपनी मम्मी से पूछा कि पापा कहाँ है तो वो मुझसे कहने लगी कि वो तो चले गये और फिर में उनकी यह बात सुनकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया और फिर नहाकर बाहर आकर में नाश्ता करने लगा.

फिर मम्मी मुझसे कहने लगी कि बेटा अब जब तक तेरे पापा नहीं आएँगे तू मेरे ही साथ रहेगा और उनके मुहं से बात सुनकर मेरे मन में एक अजीब सी हलचल मच गई, क्योंकि मेरी मम्मी दिखने में बहुत सेक्सी है और उन्हें मैंने कई बार नहाते हुए भी देखा था और सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके बारे में सोचकर में बहुत बार मुठ भी मारता था.

अब मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर उनसे कहा कि हाँ ठीक है मम्मी और में उठकर अपने रूम में चला गया और फिर में अपने लेपटॉप पर पॉर्न फिल्म देखकर अपनी मम्मी को याद करके मुठ मारने लगा था और तभी मेरे मन में एक विचार आया कि क्यों ना में आज अपनी मम्मी को नंगा देखूं और यह बात सोचकर में अपने रूम से बाहर आ गया तो मैंने देखा कि मम्मी वहां पर नहीं थी तो में मम्मी के रूम के पास चला गया और मैंने वहां पर भी देखा, लेकिन मम्मी वहां पर भी नहीं थी. फिर मैंने सभी जगह पर उनको ढूंढा तो देखा कि मम्मी उस समय बाथरूम में थी.

अब मैंने मन ही मन सोचा कि आज मेरे पास बहुत अच्छा मौका है और में अपनी मम्मी को नहाते हुए देखता हूँ और फिर मैंने बाथरूम की खिड़की से अंदर की तरफ झांककर देखा तो मेरी मम्मी उस समय अपनी बर्गर जैसी फूली हुई मोटी चूत के बालों को साफ कर रही थी, वो सब देखकर मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और में अपने लंड को एक बार फिर से पकड़कर वो सब कुछ देखते हुए जोश में आकर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा था और फिर जब मैंने देखा कि मम्मी ने अपनी पूरी चूत के बालों को साफ कर दिया है तो वो अब एकदम मलाई की तरह चिकनी लग रही थी और अब मुझे वो सब देखकर मम्मी की चूत को चाटने का मन कर रहा था और अब मम्मी नहाने लगी थी.

फिर में वहां से तुरंत हटकर अपने रूम में चला गया और उस दिन मैंने मम्मी को सोचकर उनके नाम की तीन बार मुठ मारी. मैंने अपने आपको शांत किया और रात को में बहुत ज्यादा थककर ना जाने कब सो गया. फिर अगले दिन में उठा और नहा धोकर मैंने नाश्ता किया और फिर में बाहर घूमने चला गया. उसके बाद जब में दोपहर को वापस आया तो मैंने देखा कि मम्मी उस समय घर का काम कर रही थी और में सीधा अपने कमरे में चला गया.

मैंने सोचा कि में जाकर सो जाता हूँ, लेकिन मेरी मम्मी की चूत का वो सीन जो मैंने उनको नहाते हुए कल देखा था, तो अब वो मेरी आँखो के सामने से जा ही नहीं रहा था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना आज एक बार फिर से मम्मी की चूत के दर्शन किए जाए. फिर में अपने कमरे से बाहर आ गया और मैंने देखा कि मम्मी वहां पर नहीं थी, तो मैंने सोचा कि वो शायद बाथरूम में होगी. मैंने उनको वहां पर देखा, लेकिन वो तो वहां पर भी नहीं थी.

फिर में चुपचाप दबे पैर मम्मी के रूम के पास चला गया और फिर मैंने हल्का सा दरवाजा खोलकर अंदर की तरफ देखा तो वो सब देखकर मेरे तो एकदम होश ही उड़ गये थे. उस समय मेरी मम्मी ने एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और उस मेक्सी को उन्होंने अपने बूब्स तक ऊपर किया हुआ था और वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और एक हाथ से अपनी उस तड़पती हुई चूत में अपनी एक मोटी वाली ऊँगली को अंदर डालकर लगातार आगे पीछे कर रही थी और मम्मी ने उस वक़्त काली पेंटी पहनी हुई थी, जो थोड़ा नीचे की तरफ सरकी हुई थी और उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद की हुई थी, वो उस समय पूरे जोश में थी.

दोस्तों वो सेक्सी नजारा देखकर अब मेरा लंड तुरंत ही तनकर खड़ा हो गया और वो हल्के हल्के झटके देने लगा था और में अपने लंड को ट्राउज़र के ऊपर से ही सहलाने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने थोड़ी हिम्मत की और में अब दरवाजे से अंदर आकर खड़ा हो गया और मैंने बोला कि मम्मी क्या हुआ है आपको? तो मम्मी ने मेरी आवाज को सुनकर जल्दी से अपनी आखें खोली और उन्होंने अपने कपड़े ठीक करके वो मुझसे बोली कि बेटा तू कब आया?

फिर मैंने उनसे कहा कि मम्मी में बस अभी आया तो मम्मी ने मुझसे पूछा कि क्यों तू तो अपने रूम में सोने गया था ना? मुझे लगा कि तू सो गया है.

फिर मैंने कहा कि नहीं मम्मी मुझे अब बहुत भूख लगी है, इसलिए मैंने सोचा कि में आपसे खाने के लिए कुछ बोल दूँ, इसलिए में आपके पास चला आया. फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि तू चल बैठ जा, में तेरे लिए अभी खाना लाती हूँ, लेकिन उस समय मेरा लंड एकदम टाईट हो रहा था और माँ की नज़र भी मेरे लंड पर ही थी, जो मेरे ट्राउज़र में टेंट बन रहा था.

फिर मैंने खाना खाया और में दोबारा अपने रूम में जाकर मम्मी के उसी सीन को याद करके मुठ मारने लगा था. फिर रात हुई में और मम्मी खाना खाकर टी.वी. देख रहे थे. तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि बेटा क्या में तुझसे एक बात पूछ सकती हूँ? मैंने कहा कि हाँ मम्मी पूछो? तो मम्मी ने मुझसे कहा कि क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा डर सा गया और डरते डरते मैंने उनको अपना जवाब दे दिया नहीं मम्मी.

अब मम्मी मुझसे कहने लगी कि अरे तू मुझसे इतना डर क्यों रहा है, मुझे तू अपनी एक दोस्त समझकर यह सभी बातें कर सकता है. फिर मैंने उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा शांत होकर उनसे कहा कि मम्मी मेरी कुछ समय पहले एक गर्लफ्रेंड थी, लेकिन अब नहीं है. फिर मम्मी ने पूछा कि अब क्यों नहीं है? मैंने कहा कि उसको मेरे अलावा कोई और लड़का मिल गया, इसलिए हम दोनों का रिश्ता वहीं पर खत्म हो गया. अब मम्मी ने मुझसे पूछा कि क्यों तुझे कोई और लड़की क्यों नहीं मिली? फिर मैंने उनसे कहा कि नहीं मम्मी मैंने खुद ऐसा नहीं चाहा.

तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि अच्छा चल अब यह बता कि तूने उसके साथ कुछ किया था या नहीं? तो मैंने उनकी बात को सुनकर उनसे पूछा कि क्या मतलब? फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि मतलब यह है कि तूने कभी उसे किस या स्मूच वगेरा किया या नहीं? दोस्तों अब में उनकी बात को सुनकर एकदम चुप बैठ गया और कुछ सोचने लगा. तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि तू इतना शरमा क्यों रहा है बताना?

तब मैंने उनसे कहा कि हाँ मम्मी किया था तो वो थोड़ा सा मेरी तरफ मुस्कुराकर कहने लगी कि वाह बहुत अच्छा और तूने उसको बस किस ही किया था या कुछ और भी? फिर मैंने पूछा कि कुछ और क्या मतलब मम्मी? अब मेरी मम्मी मुझसे बिल्कुल खुलकर साफ साफ कहने लगी कि मेरे सामने तू ज्यादा नादान मत बन, मेरा मतलब है कि तूने उसके साथ सेक्स किया या नहीं?

दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे तो पूरे होश ही उड़ गये और मुझे अपने कानों पर उनके कहे शब्दों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वो मुझसे यह क्या बात पूछ रही है? क्योंकि मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं सोचा था कि वो कभी क्या मुझसे यह सभी बातें भी पूछ सकती है? और अब मेरा लंड तो सीधा खड़ा होकर मेरे ट्राउज़र में ही टेंट बनाने लगा था तो मम्मी उसका खड़ा होते हुए देखकर शैतानी हंसी हंसने लगी थी और अब वो मुझसे कहने लगी कि तू मुझे अब एकदम सच सच बता. फिर मैंने भी खुलकर उनसे कह दिया कि हाँ मैंने उसके साथ सेक्स भी किया है और मेरे जवाब को सुनकर वो मुझसे कहने लगी कि चलो मेरा बेटा एक अनुभवी है.

अब मम्मी ने मुझसे पूछा कि तुम दोनों ने आखरी बार सेक्स कब किया था? तो मैंने धीरे से कहा कि तीन महीने पहले तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तेरा अब मन नहीं करता सेक्स करने का? तो मैंने कहा कि हाँ कभी कभी मेरा मन करता तो है.

अब मम्मी ने मुझसे पूछा कि फिर उस समय तू क्या करता है? तो मैंने कह दिया कि कुछ नहीं. फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि क्यों? अब मैंने उनसे कहा कि मेरे पास कोई है नहीं तो में क्या करूं? फिर मम्मी ने मुझसे पूछा कि तू अपनी संतुष्टि कैसे करता है? मैंने तुरंत कहा कि अपने हाथ से वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है, लेकिन ऐसा अपने हाथ से ज़्यादा मत किया कर, नहीं तो तेरा वो खराब हो जाएगा और वो टी.वी. देखने लगी.

फिर मेरे मन में एक बहुत अच्छा विचार आ गया कि क्यों ना में भी मम्मी से ऐसी ही बातें पूछ लूँ, क्या पता बातों ही बातों में मम्मी मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हो जाए और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके मम्मी से कहा कि क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ? मम्मी ने कहा कि हाँ पूछो ना बेटा. मैंने उनसे कहा कि मम्मी आज मैंने कुछ देर पहले आपके कमरे में आकर देखा था कि आप कुछ कर रही थी तो आप ऐसा क्यों कर रही थी?

मम्मी ने मुझसे वो बात सुनकर पहले मेरी तरफ मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि जैसे तू अपने हाथ से संतुष्टि प्राप्त करता है, ठीक वैसे ही में भी उस समय अपनी खुद की संतुष्टि प्राप्त कर रही थी और फिर मैंने उनसे कहा कि आपके पास तो पापा जी है. फिर भी आप ऐसा क्यों करती हो?

मम्मी ने मुझसे कहा कि तेरे पापा को तो अपने काम से कभी फ़ुर्सत ही नहीं है और वो अगर मेरे साथ कुछ करते है तो वो दो मिनट से ज्यादा मेरे साथ कुछ भी नहीं करते. दोस्तों तब मुझे उनकी बातें सुनकर ऐसा लगा कि अब मेरे पास बहुत अच्छा मौका है, इसलिए मैंने उनसे कहा कि क्या मम्मी कभी आपका मन नहीं करता किसी और के साथ कुछ करने का?

तभी उन्होंने मुझसे कहा कि हाँ करता है ना तेरे साथ सब कुछ करने का और उन्होंने मुझसे इतना कहकर अब मेरे खड़े हुए लंड पर अपना हाथ रख दिया और उसे कपड़ो के ऊपर से ही सहलाने लगी. फिर मैंने उनसे कहा कि लेकिन मम्मी आप मेरी माँ हो और में आपका बेटा?

तभी मम्मी मुझसे कहने लगी कि बेटा क्या तू अपनी माँ की इस इच्छा को पूरी नहीं करेगा? क्या तू चाहता है कि में घर से बाहर कदम रखूं और किसी और से अपनी चुदाई करवाऊं? तो मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर मन ही मन सोचा कि मेरे पास यही मौका है और फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है मम्मी में आपको जरुर खुश करूँगा, लेकिन अगर पापा को इस बात का पता चल गया तो? तभी मम्मी ने मुझसे कहा कि उन्हें क्या किसी को भी इस बात का पता नहीं चलेगा, तू मुझ पर भरोसा रख और अब हम तेरे पापा की गैर मौजूदगी में जमकर बहुत मज़े लिया करेंगे.

फिर मैंने भी मम्मी के बूब्स पर हाथ फेरने शुरू कर दिए और मम्मी तुरंत उठकर मेरी गोद में बैठ गई और मम्मी ने उस समय लाल कलर की मेक्सी पहनी हुई थी. उन्होंने तुरंत उसको उतार दिया और अब सिर्फ़ मम्मी नीले कलर की ब्रा और नीले रंग की पेंटी में थी और मम्मी मेरी गोद में बैठकर मेरे होंठो को एकदम एक भूखी शेरनी की तरह चूस रही थी और एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी.

फिर मम्मी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी छाती पर किस करने लगी और मेरे निप्पल पर जीभ लगाने लगी. फिर मैंने मम्मी की ब्रा को उतार दिया और मम्मी के मोटे मोटे 38 के साईज़ के बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा और बारी बारी से उन्हें चूसने लगा, जिससे मम्मी के मुहं से आअहह आईहह ऊऊहहहह की आवाज़ निकलने लगी.

फिर मम्मी सोफे से नीचे जमीन पर बैठ गई और उन्होंने मेरा ट्राउज़र नीचे करके मेरे लंड को मेरे अंडरवियर के ऊपर से अपने दांतो की मदद से भूखी शेरनी की तरह काटने लगी और फिर वो जल्दी से मेरे लंड को बाहर निकालकर चूसने लगी, जिससे मेरे मुहं से आअहह उुउऊहह मम्मी हाँ आआहह की सिसकियाँ निकलने लगी थी और अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में स्वर्ग में आ गया हूँ और मम्मी मेरे लंड को कम से कम दस मिनट तक लगातार चूसती रही और फिर मैंने अहहहह हाँ उफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चूसो मम्मी वाह मज़ा आ गया की आवाज़ के साथ मैंने मम्मी के मुहं में अपना वीर्य निकाल दिया और जिसे मम्मी पी गयी.

फिर मेरी मम्मी ने मेरे लंड को दो मिनट और चूसा, जिससे कि मेरा लंड खड़ा रहे और फिर मैंने मम्मी को सोफे पर लेटा दिया और में पेंटी के ऊपर से मम्मी की चूत को चाटने लगा और फिर मम्मी अपनी दोनों आँखे बंद करके सोफे पर पड़ी रही और आहह उूुुउऊँ माँ आहहह मर गई बेटा बहुत मज़ा आ रहा है, वाह बहुत मज़ा आ रहा है की आवाज़ करने लगी, आईईई बेटा चाट आज अपनी माँ की चूत को और चाट बेटा और चाट आआआहह मेरे शेर आज अपनी माँ की चूत की खुजली को मिटा दे मेरे लाल, जितना मस्त तेरा लंड है, उतनी ही मस्त तेरी जीभ है मेरे बेटे, मज़ा आ गया, ऐसा अनुभव तो मुझे आज तक तेरे पापा से भी नहीं मिला जो तूने मुझे दिया है.

अब मैंने मम्मी की पेंटी को उतार दिया और मम्मी की चूत में दो उंगली डालकर मम्मी की चूत में अंदर बाहर करने लगा और चूत को चाटने लगा था, जिसकी वजह से मम्मी के मुहं से निकलती हुई सिसकियाँ अब और भी तेज़ हो गई, मम्मी आहहह उूुुउउउउ उऊईईईईइ में मर गई मेरी जान हाँ और चाट अपनी माँ की चूत आज मिटा दे इसकी सारी प्यास, बहुत अच्छा लग रहा है की आवाज़ करने लगी. फिर बस दस मिनट तक चाटने के बाद मम्मी का पानी झड़ गया, जिसको मैंने अपनी जीभ से चाटकर साफ कर दिया.

फिर मैंने मम्मी को अपना लंड चूसने के लिए कहा और कुछ देर चूसने के बाद धीरे से मम्मी के पैर उठाकर में मम्मी की गरम चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा और धीरे धीरे म्‍म्मी की चूत में लंड डालने लगा, लेकिन तब मैंने महसूस किया कि मम्मी की चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से लंड ठीक तरह से अंदर जा ही नहीं रहा था.

फिर मैंने पहले धीरे से संतुलन बनाकर लंड को चूत में डाला और उसके बाद में धीरे धीरे धक्के मारने लगा और मम्मी आहहहह उऊहहउूउउ उउफ्फ की आवाज़ कर रही थी. अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को थोड़ा तेज़ कर दिया और मम्मी के दोनों पैरों को उठाकर में तेज़ तेज़ धक्को के साथ मम्मी को चोदने लगा और मम्मी के बूब्स हिलते वक़्त एकदम जैली की तरह हिल रहे थे, तो में उन्हें हाथ से दबा रहा था और बीच बीच में चूस भी रहा था और मम्मी आआहहहह उफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई की आवाज़ करके मस्ती में चुदाई के मज़े ले रही थी.

फिर मैंने मम्मी का एक पैर सीधा किया और एक पैर को कंधे पर रख लिया और मैंने एक बार फिर से धक्के मारने शुरू किए और हाँ मैंने मम्मी को कम से कम आधे घंटे तक लगातार चोदा. उसके बाद मैंने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाला और अब मम्मी मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मैंने अपना वीर्य उनके मुहं में डाल दिया.

दोस्तों मैंने कुछ देर आराम किया, लेकिन उन्होंने मेरे लंड को लगातार चूसा, जिसकी वजह से लंड बहुत जल्दी तनकर दोबारा खड़ा हो गया. अब मैंने मम्मी को डॉगी स्टाईल में बैठा दिया और में खुद उनके पीछे आ गया.

फिर मैंने कुछ देर मम्मी की चूत चाटी और फिर धीरे से लंड को अंदर डालकर मैंने अब दोबारा उनको धक्के मारने शुरू कर दिए और मम्मी उूउऊइई माँ मर गयी, उउऊइई माँ मर गयी कि आवाज़ करने लगी और आहहहह आईईइ वाह मेरे लाल तेरा लंड तो तेरे बाप से भी बहुत मस्त है, तेरे बाप की चुदाई तो कुछ भी नहीं है अच्छे लंड वाला तो मेरा बेटा है, हाँ चोद बेटा आज अपनी माँ को बहुत जमकर चोद आज तू मेरी चूत को सुजा दे मेरे बेटे, आज मुझे अपनी रंडी समझकर चोद और इतना चोद कि में मर जाऊं.

अब में भी जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा, लेकिन अब कुछ देर धक्के देने के बाद में झड़ने वाला था, तो मैंने उनसे कहा कि मम्मी में अब झड़ने वाला हूँ और मैंने जल्दी से अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकालकर मम्मी के मुहं में डालकर अपना माल एक बार फिर से मैंने मम्मी के मुहं में डाल दिया. उसके बाद हम दोनों मम्मी के बेडरूम में चले गये और जाकर हमने बेड पर कुछ देर आराम किया.

फिर मम्मी ने कुछ देर चूसकर मेरा लंड दोबारा खड़ा किया, इस बार वो मेरे ऊपर चढ़कर बैठ गई और लंड को अपनी चूत में सेट किया और धीरे धीरे उसको अपनी गीली चिकनी चूत में अंदर उतारती चली गई और पूरा अंदर पहुंच जाने के बाद वो अब धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी. मैंने उसकी कमर को पकड़ा और में भी नीचे से धक्के देने की कोशिश करने लगा. दोस्तों इस बार मैंने मम्मी को कम से कम बिना झड़े करीब 45 मिनट तक चोदा.

उसके बाद हम दोनों बहुत ज्यादा थककर वहीं पर लेट गए. मैंने देखा कि उनकी चूत से कुछ चिपचिपा पानी निकल रहा था और वो सरकता हुआ उनकी जांघो पर जा लगा. दोस्तों वैसे उस रात मैंने मम्मी को कम से कम 6 बार चोदा और तब से लेकर आज तक जब भी हमे मौका मिलता है तो हम दोनों खुलकर सेक्स करते है.

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