मेरी बहन को दोस्त ने बजाया

हैल्लो दोस्तों, आज में आप सबको एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो कि मेरी पहली कहानी है और वास्तविकता के साथ इसका कोई सम्बंद नहीं है. मेरा नाम राहुल है और में कोलकाता का रहने वाला हूँ. ये कहानी तब की है, जब में कोलकाता के एक कॉलेज से बी.टेक कर रहा था. मेरा बचपन का दोस्त आलम मेरे साथ स्कूल से लेकर कॉलेज तक एक साथ एक ही क्लास में पढ़ा था. हम दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि हम दोनों के परिवार भी बहुत ही नजदीक या यू मानों की रिश्तेदारों की तरह ही थे.

इस कहानी की हिरोइन मेरी दीदी है? वो मुझसे 8 साल बड़ी है यानी कि जो घटना अब में आपको बताने जा रहा हूँ, उस वक्त में 20 साल का था और दीदी 28 साल की थी. दीदी की शादी इस घटना के 2 साल पहले ही हो चुकी थी, लेकिन उन्हें तब कोई बच्चा नहीं था, क्योंकि उस टाईम दीदी सरकारी जॉब की तैयारी कर रही थी.

अब मै अपनी कहानी शुरू करता हूँ, में और मेरा दोस्त आलम हम दोनों का IIIrd ईयर ख़त्म हो चुका था और ट्रैनिंग के लिए हम दोनों दुर्गापुर गये थे, जहां के एक इंडस्ट्री में मेरे जीजू केमिकल इंजिनियर है. कम्पनी ने मेरे जीजू को एक मकान दे रखा था. फिर हम दोनों भी उनकी कमरे में रहने लगे, उनका मकान काफ़ी बड़ा था और वहाँ सिर्फ़ जीजू और दीदी ही रहते थे.

फिर हम जैसे ही वहाँ पहुँचे तो दीदी हमें देखकर काफ़ी खुश हुई. आलम मेरे बचपन का दोस्त था, इसलिए मेरी दीदी आलम को भी अपना भाई मानती थी और वो दीदी और जीजू के लिए मिठाई का पैकेट लेकर गया था. यह देखकर दीदी उसको डांटने लगी और बोली कि तू अभी बच्चा है, जब कमाने लगेगा तो दीदी पर खर्चा करना, बस यही नॉर्मल बात हुई.

फिर हमने फ्रेश होकर डिनर किया और जीजू बोले कि 1 महीने की ट्रैनिंग है . इसलिए तुम लोग बिंदास रहो, यहाँ वाई-फाई है अनलिमिटेड मूवी डाउनलोड करो, क्योंकि मेरी भी 1 महीने तक नाईट शिफ्ट है इसलिए तुम लोगों की पूछने वाला तुम्हारी दीदी के अलावा और यहाँ कोई नहीं होगा.

फिर दूसरे दिन सुबह 10 बजे से लेकर 5 बजे तक हमारा प्रशिक्षण चालू हुआ. उस टाईम पर गर्मी बहुत थी इसलिए हम लोग घर में नेकर और बिना शर्ट के घूमते थे. उस टाईम पर हम दोनों ही जिम करते थे इसलिए हम दोनों कि बॉडी बहुत आकर्षक और बहुत ही टाईट थी. आलम की बॉडी तो बहुत आकर्षक थी, वो देखने में भी काफ़ी स्मार्ट था. गर्मी कि वजह से मेरी दीदी भी सारा दिन स्लिपलेस नाइटी में रहती थी, वो दिखने में एकदम हिरोइन जैसी है. उनके फिगर का साईज 36-32-36 है और रंग गोरा, लंबे बाल.

दीदी जब भी साड़ी पहनती तो उनकी कमर और पेट दिखता था, जिसको देखते ही मेरे बदन में झनझनाहट होती थी. दीदी ब्लाउज भी काफ़ी टाईट पहनती थी, जिससे उनका बूब्स का साईज़ और शेप साफ़-साफ़ दिखता था और जब वो नाइटी में रहती थी, तो उनका पिछवाड़ा साफ़-साफ़ दिखता था.

अब दीदी जब भी झुकती थी, तो उनका पिछवाड़ा बहुत अच्छी तरह से दिखता था. आलम और में एक ही कमरे में सोते थे और दूसरे में दीदी सोती थी. एक बार रात को आलम टॉयलेट गया हुआ था, इसलिए मैंने ऐसे ही टाईम पास के लिए उसका मोबाईल लिया और फिर जब मैंने उसका मोबाईल चेक किया तो मेरे होश ही उड़ गये.

मैंने देखा कि उसके फोल्डर में दीदी के बहुत से हॉट वीडियो है, दीदी की साड़ी के पल्लू से उनकी नाभि तक का वीडियो, उनकी कमर का वीडियो, पीठ का वीडियो और नाइटी से निकला हुआ क्लीवेज का वीडियो भी था. अब जब मैंने ये सब देख लिया था तो मुझे आलम पर बहुत गुस्सा तो आया, लेकिन कुछ मिनट में मेरा लंड भी खड़ा हो गया और आलम के आने से पहले मैंने उन सब वीडियो को अपने मोबाईल में ट्रान्सफर कर लिया था.

फिर आलम जैसे ही आया तो मैंने उससे दीदी वाले वीडियो के बारे में पूछा तो वो घबरा गया और बोला कि भाई में आगे से ऐसा नहीं करूँगा, प्लीज दीदी और जीजू को ये बात मत बताना.

फिर आलम कुछ देर खामोश रहकर बोला कि दीदी जब झुकती है, तब तू भी तो अपनी आँखें फाड़कर देखता है, कसम ख़ाकर बोल तेरे दिल में कोई पाप नहीं है. अब इतना सुनकर में नर्वस हो गया और मैंने बोला कि फालतू की बात मत बोल.

कुछ देर तक खामोशी छा गयी और मैंने चुपके से अपना मोबाईल लिया और टॉयलेट में जाकर उन वीडियो को देख-देखकर मुठ मार रहा तो पता नहीं आलम को कैसे पता चल गया. फिर जैसे ही में कमरे में वापस लौटा तो आलम ने मुझसे पूछा कि तू उन वीडियो को अपने मोबाईल में लेकर उन्हें देखकर मुठ मारकर आया है ना. फिर मैंने बोला कि ऐसा कुछ नहीं है.

फिर आलम बोला कि मुझे पता चल गया, बता साले तेरे दिल में क्या है? तो में बोला कि भाई तू सही समझा. फिर आलम बोला कि भाई तेरी दीदी एकदम माल है और उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है.

मैंने बोला कि भाई इन वीडियो को देखकर तो में भी पागल हो गया. तब फिर आलम बोला कि में दीदी को चोदना चाहता हूँ, चल प्लान बनाते है. फिर मैंने बोला कि चोदना तो में भी चाहता हूँ, लेकिन डर लगता है तो आलम बोला कि में पहले में दीदी को पटाता हूँ.

फिर मैंने बोला कि भाई पहले तू पटा ले, उसके बाद मुझे भी मौका देना तो आलम बोला कि ओके. फिर दूसरे दिन शाम को जीजू के निकलने के बाद दीदी किचन में कुछ काम कर रही थी. इसलिए फिर आलम भी किचन में चला गया और बोला कि दीदी आज में आपकी मदद करता हूँ. फिर दीदी मान गयी और बोली कि कर ले, कर ले, अपनी पत्नी को खुश कर पाएगा खाना बनाकर.

आलम बोला कि में आपको हमेशा खुश करना चाहता हूँ और दीदी बोली कि चुपकर, शादी के बाद तो तू अपनी दीदी को भूल ही जाएगा. फिर दीदी ने पूछा कि वैसे तेरे कितनी गर्लफ्रेंड है? तो आलम बोला कि अभी तो एक भी नहीं है, सब भाग गयी. तब दीदी बोली कि क्यों? तो फिर आलम बोला कि में उनको कुछ ज़्यादा ही प्यार करता था और उनको वो प्यार सहन नहीं होता था, इसलिए भाग गई. फिर दीदी बोली कि प्यार सहन नहीं होता था? तो आलम बोला कि उनको दर्द काफ़ी होता था.

फिर दीदी ने कुछ देर के बाद बात को समझने की कोशिश की और फिर दीदी गुस्से से लाल हो गयी, तब फिर आलम ने वहाँ से निकल आना ही सही समझा. फिर रात को आलम ने मुझे अपना प्लान बताया. फिर दूसरे दिन रात को डाइनिंग टेबल पर हम तीनों बैठे हुए थे और आलम ने मुझे कुछ बात बोलने के लिए सिखाया था, तो मैंने बोला कि दीदी आलम की शादी करा दीजिए, वो रात को पता नहीं क्या क्या करता है? फिर आलम अभिनय करके बोला कि चुप हो जा किसी के सामने कुछ भी बोलता रहता है.

अब दीदी बात को बदलने के लिए बोली कि देखूंगी, कैसी लड़की चाहिए तुम्हें? तो आलम बोला कि एकदम आपकी जैसी. फिर दीदी बोली कि चुपकर मेरे जैसी अगर कोई होगी तो तेरे सारे पंख काट देगी. फिर उस रात को हम सब सो गये. फिर अगले दिन शाम को आलम फिर किचन में घुसा और बातों- बातों में ही दीदी से पूछा कि आपने

क्या जीजू के पंख काट दिये है? तब दीदी बोली कि बिल्कुल काट दिये है, इसीलिए तो तेरे जीजू ने मेरी वजह से ड्रिंक करना कम कर दिया और फ़िज़ूल खर्चा भी कम कर दिया है.

फिर आलम बोला कि इसीलिए तो मुझे भी आप जैसी ही बीवी चाहिए. फिर दीदी ने पूछा कि क्यों? आलम बोला कि क्योंकि आप बहुत सुंदर हो, संस्कारी हो, सुशील हो और आपका फिगर भी अच्छा है, इसलिए मुझे आपके जैसी ही बीवी चाहिए. फिर ऐसा सुनकर दीदी ने उसकी तरफ देखा और बोली कि तू आजकल बहुत ही बदल गया है और बेशर्म भी हो गया है.

आलम ने कहा कि दीदी में बड़ा हो रहा हूँ ना इसलिए खूबसूरती को मेरी आँखें पढ़ ही लेती है. फिर दीदी बोली कि ये सब तेरी गर्लफ्रेंड को सुनाना. फिर आलम ने पूछा कि दीदी एक बात कहूँ आप बुरा मत मानना, जीजू की रात को शिफ्ट जब चलती है तो आपको दुख नहीं होता?

दीदी बोली कि क्यों? ये तो अच्छा है ना, वो सारा दिन घर में रहते है और कोई काम हो तो वो हो जाता है. फिर आलम बोला कि फिर भी रात को तो ज़रूरत होती है ना, तब दीदी बोली कि मुझे भूत का डर नहीं है और चोर डकैत यहाँ ऐसे नहीं आ सकते, क्योंकि यहाँ सुरक्षा बहुत सख्त है.

फिर आलम ने बोला कि नहीं एक पत्नी की नज़र से सोचकर देखो, फिर दीदी बोली कि तू सच में बेशर्म हो गया है और फिर दीदी बोली कि रात की जरूरतें अगर दिन में ही मिल जाए तो रात को ज़रूरत नहीं पड़ती.

फिर आलम बोला कि नहीं दीदी में अपनी जानकारी के लिए पूछ रहा था, अगर मेरी भी शादी के बाद रात को शिफ्ट हो तो में क्या करूँगा? फिर हम लोगों ने खाना खाया और सो गये. फिर अगले दिन शाम को आलम ने किचन में दीदी से पूछा कि दीदी एक बात पूछनी है, तो दीदी ने कहा कि पूछो.

फिर आलम बोला कि मैंने सुना है कि कुछ औरतें शादी के बाद शारीरिक रूप से खुश नहीं हो पाती और वो तलाक दे देती है, यह सही है क्या? फिर दीदी ने कहा कि सब की अलग- अलग सोच होती है, मुझे नहीं पता है. फिर आलम ने पूछा कि दीदी आप जीजू से शारीरिक रूप संतुष्ट हो क्या? तब दीदी बोली कि आलम तू अब थप्पड़ खाएगा. यह सुनकर आलम कुछ देर तक खामोश रहा और दीदी भी खामोश रही.

फिर 5 मिनट के बाद आलम बाहर आया, जहाँ में टी.वी देख रहा था और मेरे कान में बोला कि इट्स एक्शन टाईम. अब यह सुनकर तो मेरी हालत खराब हो गयी थी और अब मुझे डर के मारे पसीना आ गया था. फिर आलम किचन में घुसा और अब वो दीदी को घूर रहा था, जब दीदी रोटी बेल रही थी और में किचन के बाहर छुपकर सब देख रहा था.

अचानक से आलम ने दीदी को पीछे से पकड़ लिया और फिर दीदी कि आवाज आई औच्च, फिर दबी हुई आवाज़ में बोली कि ये क्या बदतमीज़ी है? छोड़ो मुझे. फिर आलम ने उनको सीधा घुमाया और उनको अपने सीने मे जकड़ लिया. अब आलम उनकी गर्दन और गले को चूम रहा था. फिर दीदी ने छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और फिर उसने दीदी के गाल और कान पर भी किस किया और फिर लिप लॉक कर दिया. फिर दीदी ने अपने पूरे ज़ोर से उसको धक्का मारकर हटा दिया और कस कर एक थप्पड़ मारा.

अब आलम कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा और अब दीदी वहाँ से निकलने ही वाली थी कि आलम ने दुबारा हमला किया. इस बार उसने सीधे लिप लॉक करके एक हाथ से दीदी को जकड़ कर रखा और वो अपने दूसरे हाथ से उनकी चूचीयों को दबा रहा था. उसने इस बार बहुत देर तक दीदी को किस किया. फिर दीदी ने फिर से उसको धक्का मारा और अब आलम के चेहरे पर मुस्कुराहट थी.

फिर दीदी ने उसके सीने पर एक मुक्का मारा और फिर खुद ने ही उसके सीने से लिपटकर अपने लिप लॉक कर दिए. अब ये देखकर मेरा लंड तनतना उठा और फिर कुछ देर के बाद दीदी ने कहा कि ये सब ग़लत है जो हुआ सब भूल जाओ. फिर आलम वापस उनकी चूचीयों को मसलने लगा और उनकी नाइटी को निकालने की कोशिश कर रहा था.

दीदी बोली कि कोई देख लेगा और वो वहाँ से भाग गयी. फिर रात को सबने खाना खाया और अब घर में सन्नाटा छाया हुआ था और अब सब चुपचाप रोज़ की तरह सोने चले गये.

फिर मैंने आलम से कहा कि भाई तुझ में बहुत हिम्मत है कमाल कर दिया यार तूने, लेकिन हाथ आया मौका फिसल गया. अब शायद दीदी दुबारा ऐसा मौखा तुम्हे दे, क्योंकि दीदी तुझसे बहुत नाराज है. फिर आलम बोला कि देख भाई लास्ट में दीदी बोली थी कि कोई देख लेगा, इसका मतलब वो रात को अकेले में इज़ाज़त देगी. अब तू चुपचाप लेटा रह और अब में दीदी के रूम में जाता हूँ, लेकिन गेट लॉक नहीं करूँगा तुझे अगर देखना है तो तू छुपकर देख सकता है. फिर वो दीदी के कमरे में गया और उसने जाते वक्त टी.वी. को चालू किया.

उसने दीदी के कमरे में जाकर दीदी को बाहों मे जकड़ लिया. फिर दीदी ने कहा कि पहले दरवाजा बंद करो नहीं तो राहुल भी आ सकता है. फिर आलम बोला कि राहुल सो गया है और में उसके कमरे को लॉक करके आया हूँ और टी.वी. भी चालू करके आया हूँ. अगर वो जाग भी जाए तो कह दूंगा कि में टी.वी. देख रहा था.

दीदी बोली कि मुझे नींद आ रही है, में सोने जा रही हूँ. फिर आलम ने दीदी को खींचकर अपनी बाहों में समा लिया और अब वो उनकी गर्दन पर किस कर रहा था.

अब दीदी अपने बड़े-बड़े नाख़ून से उसकी पीठ को खरोंच रही थी. फिर उन दोनों ने अपने होंठ को आपस में चिपका लिया. फिर उसने दीदी की नाइटी का स्ट्रीप पकड़कर नीचे गिरा दिया. अब दीदी बस ब्लू कलर की ब्रा में थी और अब दीदी शर्म से लाल हो रही थी. फिर वो दीदी को पीछे की तरफ घुमाकर उनकी पीठ को चूमने लगा.

फिर दीदी लेट गयी और उसने दीदी की ब्रा को भी खोल दिया, क्या कमाल का फिगर है? मस्त टाईट चूचीयाँ, निपल ब्राउनिश था. अब आलम दीदी की चूचीयों पर किस कर रहा था.

फिर उसने निपल के चारों तरफ चाटा और फिर निपल को पूरा खींचकर चूसा और वो अपने एक हाथ से दूसरी चूची को दबाकर आलम उनके दोनों निपल को दोनों हाथों की उंगलियों से दबाने लगा और खींचने लगा और उनकी चूचीयों को काफ़ी मसल रहा था. अब ऐसा करीब आधे घंटे तक चला.

फिर उसने दीदी के मस्त गोरे-गोरे पेट को अपने होंठो से सहलाया, किस किया और फिर उनकी नाभि में अपनी जीभ से भी चूम लिया. फिर उसने धीरे-धीरे उनकी पेंटी उतारी उफफफफ्फ़ क्या चूत थी उनकी? बिल्कुल साफ और उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. उनकी चूत बहुत सुंदर थी. फिर आलम ने उनकी जांघो को अपने होंठो से सहलाया और फिर वो चूत के नज़दीक आया और उसने चूत के ऊपर किस किया. फिर उनकी चूत का चना जो बाहर की तरफ निकला रहता है, उसको अपनी जीभ से चाटता रहा.

अब दीदी बोली कि उम्म्म्म आलम प्लीज चाटो, इसको खूब चाटो, में बहुत तन्हा हूँ ऊम्‍म्म्मम उहह लव यू आलम. फिर आलम उनकी चूत के अंदर अपनी जीभ घुसाकर उससे खेल रहा था. फिर 15 मिनट के बाद दीदी बोली कि आलम में झड़ने वाली हूँ और दीदी झड़ गयी. फिर आलम ने अपना नेकर उतारा और आलम भी अपनी झाटों को बहुत साफ रखता है. आलम का लंड करीब 7 इंच लंबा और काफ़ी मोटा था. फिर जब दीदी ने उसका लंड देखा तो बोली कि आलम इसलिए तुम्हारी गर्लफ्रेंड भागती थी.

फिर दीदी ने आलम के अंडो को अपने मुँह में ले लिया, फिर धीरे-धीरे उसके लंड को किस किया और अपने मुँह में ले लिया. अब तो आलम के मुँह से निकला आआहह दीदी, धीरे-धीरे कीजिए और फिर दीदी ने ब्लोजॉब की रफ़्तार पकड़ ली. फिर कुछ देर के बाद आलम ने उनके मुँह के अंदर ही अपना पानी छोड़ दिया और दीदी ने उसको पी लिया.

आलम ने उनकी चूचीयों से खेलना शुरु किया और अब वो उनकी निप्पल को खींच रहा था मानो जैसे की गाय का दूध निकाल रहा हो. अब इतने में उसका लंड फिर से तैयार हो गया था. इसलिए उसने कुछ देर तक दीदी की चूत के ऊपर अपना लंड रगड़ा. फिर दीदी ने अपने हाथ से उसके लंड को पकड़कर अपनी चूत के अंदर डाल दिया और फिर करीब 10 मिनट के बाद दीदी फिर से झड़ गयी और 20 मिनट के बाद आलम ने भी दीदी की चूत के अंदर ही अपना माल गिरा दिया.

अब ऐसा लगातार 3 रात तक वो दोनों सेक्स करते रहे और में चुपचाप देखता रहा और अपना लंड हिलाता रहा. फिर एक दिन मैंने आलम से बोला कि तू तो मेरा नाजायज जीजा बन ही गया. अब मुझको भी कुछ दिला और फिर आलम बोला कि ठीक है, आज रात को तुझे भी मौका मिलेगा. फिर उसने रात को दीदी से कहा कि चलो आज अपनी आँखें बंद करके करते है.

पहले तो दीदी ने मना कर दिया, लेकिन बाद में दीदी भी मान गयी और आलम ने एक कपड़े से दीदी की आँखें पर पट्टी बांध दी और मुझसे कहा कि अपनी पेंट मत उतारना नहीं तो लंड की साईज की वजह से पकड़ा जाएगा. फिर में दीदी के पास गया और उनको चूमने लगा.

फिर मैंने उनकी चूचीयों को दबाया, चूसा और उनकी चूत में उंगली घुसाई, उनकी चूत चाटी और उनकी मलाई पी. अब ऐसा हर रोज़ रात को चलता रहा. अब आलम से मेरी दीदी अच्छी तरह से संतुष्ट है और जब भी दीदी बुलाती है तब आलम भागा चला जाता है.

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