माँ चुदी सगे बेटे से, maa beta sex story

Mother Son Sex Kahani : कल जो हो गया आज मैं आपको वही बता रही हूँ। मैं भी चाहती हु आपको भी पता चले की कल क्या हुआ था और कैसे मैं खुद अपने बेटे से जाकर चुद गई। ये मेरी पहली कहानी है। मैं कहानियां लिखती नहीं हां मुझे पढ़ने का शौक है और मैं इसी वेबसाइट पर आती हूँ। रोजाना पर दोस्तों कल जो हो गया उसके बारे में एक एक पल की कहानी आपके सामने शेयर कर रही हूँ। ताकि आप भी मेरी चुदाई का मजा ले सके और जान सके की कैसे क्या और कब हुआ था।

मेरा नाम कविता है मैं 40 साल की हूँ। मैं अपने बेटे के साथ रहती हूँ जो की 21 साल का है। पति से तलाक हो गया है। बेटा इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा है मैं खुद बीटेक हूँ और एक कंपनी में अच्छी पोस्ट पर हूँ। दोस्तों मेरा किसी से कोई नाजायज रिश्ता नहीं रहा। मैं अपने पति के लिए लॉयल थी। पर कल मेरे कदम डगमगा गए और मैं वो कर गई वो शायद कोई माँ ऐसा नहीं करती है। पर मैं कर गई।

असल में बात ये है। की मैं सेक्सी हूँ मुझे सेक्स करना बहुत पसंद था। मैं रोजाना अपने पति के साथ सेक्स करती थी। पर पिछले साल से सब कुछ ख़तम हो गया। और मैं सिर्फ इंटरनेट की दुनिया तक सिमित रह गई। सेक्स कहानियां पढ़ ली सेक्स मूवी देख ली। फोटो देख ली और फिर खुद ही हस्थमैथुन कर के अपनी वासना को शांत कर कर ली। पर दोस्तों ये सब से मन नहीं भरता है किसी का। सेक्स की जगह सिर्फ सेक्स ही ले सकता है। क्या आप मेरी बात से सहमत हैं या नहीं ? फोटो देखने कहानियां पढ़ने से या हस्थमैथुन करने से थोड़ा शुकुन तो मिल सकता है पर किसी को वो मजा नहीं नहीं आएगा। इसलिए चुदाई का काम सिर्फ चुदाई से ही हो सकता है।

मैं और मेरा बीटा राज दोनों अलग अलग कमरे में सोते है. मैं तो अपना दरवाजा बंद आकर के सोती हूँ पर वो बचपन से ही अपने कमरे का दरवाजा खोल कर सोता है। मैं रात में नाईटी पहन कर सोती हूँ। ब्रा और पेंटी भी हमेशा से उतार कर ही सोती हूँ ताकि आराम मिले। तो सिर्फ एक नाइटी और अंदर कुछ नहीं। जब कहानियां पढ़ती हूँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर तब अपने नाईटी को ऊपर कर लेती हूँ और चूत सहलाती हूँ। चूचियां मलती हूँ दबाती हूँ। फिर जैसे जैसे जोश चढ़ता था फिर ऊँगली अपनी छूट में डालने लगती हूँ और फिर झड़ जाती हूँ फिर आराम से सो जाती हूँ।

मैं करीब पंद्रह दिन से देख रही थी की राज लेट तक सोता नहीं था। वो अपने लैपटॉप पर कुछ देखता रहता था। शुरू में लगा की वो पढाई करता है। पर वो पढाई नहीं करता था। क्यों की वो रात जब ज्यादा हो जाती थी और जब उससे लगता था की मैं सो चुकी हूँ तक वो हिलने लगता था। यानी की मूठ मारता था हस्थमैथुन करता था। और वो बहुत ज्यादा सेक्सी हो जाता था दांत पीसने लगता था। अकड़ जाता था और फिर बाद में आह आह आह यह करके अपने हाथ में वीर्य निकाल देता और फिर बाथरूम में साफ़ कर आता।

मैं रोजाना देखने लगी। पहले तो ये देखती थी की बेटा क्या करता है। जब पता चल गया वो लंड सोटता है यानी मूठ मारता है तब मैं भी इन्तजार करती और मजे लेने के लिए चुप कर खिड़की से देखती।

अब उसका भी एक टाइम होता था जो रात को 12:00 बजे के करीब एडल्ट मूवी देखना शुरू करता था और मैं उस समय खिड़की के पास आ जाते थे और पर्दे के पीछे से मैं उसको निहारते रहते थे उस समय में नंगे हो जाते थे ताकि मैं अपनी चुचियों को खूब अच्छे तरीके से दवा सकूं और मजे ले सकूं।  दोस्तों जब मैं अपने लाडले को मुठ मारते देखते थे तो मेरा पूरा शरीर झंझरा जाता था ऐसा लगता था उसको पकड़ लो जाकर उसके लंड  को  अपने मुंह में ले लो और खूब चाहता हूं इतना चाहता हूं जब तक उसका माल मेरे मुंह में चला ना जाए गिर ना जाए।  मैं काफी ज्यादा कामुक हो जाती थी पर मैं कुछ नहीं कर पाती थी क्योंकि रिश्ता ही ऐसा था कि मैं आगे भी नहीं बन सकती थी।

वापस आकर मैं अपनी चूत  में उंगलियां डालना शुरू कर दी थी और पूरे बिस्तर को मैं अस्त व्यस्त कर देते थे क्योंकि दोस्तों मेरे अंदर हो जाती थी कि मैं अपने आप को बर्दाश्त नहीं कर पाते थे कभी तकिया को दबाती कसके कभी बेडशीट को फिर से पकड़ लेती मेरे पूरे शरीर में आग दौड़ जाती थी गर्मी हो जाती थी मैं पागल होने लगे थे जब मैं उंगलियां डाल दी थी तब जाकर मैं झड़ती थी और फिर मैं ठंडा पानी पी कर शांत होती थी। पर मैं परेशान रहने लगी थी दिन भर सोचते रहती थी हमेशा मेरा मन हमेशा कामुक बना रहता था। मेरे अंतर्वासना भड़कते रहती थी।

पर ये  सब कितना दिन तक चलता है कितना दिन तक मैं इस आग को बुझा के रखती मेरे अंदर तो ज्वाला चल रही थी इसलिए मैं भी ठान ली जो भी होगा देखा जाएगा फिर मन भी नहीं  मानता था लगता था कि अगर उसने मना कर दिया तो वह क्या सोचेगा कि  मां ऐसे होते हैं यह सब सोचकर कभी मुझे डर भी लगता था और कभी लगता था कोई बात नहीं जो होगा देखा जाएगा वह भी तो परेशान हो रहा है मैं भी थोड़ी ना परेशान हो रही हूँ।

आग दोनों तरफ लगी हुई थी दोस्तों जवान था इसलिए वह जल्दी गर्म हो जाता था और मुझे लंड  नहीं मिल रहा था  इसलिए मैं भड़क जाते थे फिर हम दोनों खुद से ही शांत कर लेते थे।

1 दिन की बात है मेरे दोस्त के यहां कितनी पार्टी थी तो मैं वहां चली गई तो वहां पर दो-तीन दोस्त हमारे ऐसे हैं जो कि हम लोग शराब पीते हैं तो शराब दो दो पेग चल गया रात को 10:00 बजे आई अपने बेटे के लिए खाना बाहर से ही ले आई थी वह खा लिया और मैं अपने कमरे में  आ गई।  शराब का नशा उतरा नहीं था।  आज सबकी बातें जो मैं देखी थी 15 दिन से मेरे मन में घूम रहा था मेरा शरीर ना जाने क्यों पूरे दिन आज सेक्सी सेक्सी लग रहा था।  ऐसा लग रहा था काश कोई मुझे चोद देता आज तो कितना अच्छा रहता।

आज मैं मजे लेने के लिए पहले से ही तैयार थे कि आज मैं अच्छे से देखूंगी और अपनी वासना को खुद से ही शांत करूंगा दिन में एक लंबा बैगन भी रखी थी ताकि आज बैगन से ही काम चला लूँ। मेरा बेटा शुरू हो गया लैपटॉप खोला काफी देर तक दर्द देखा फिर भी अपना पेंट नीचे कर दिया घुटने तक जागना भी घुटन तक कर दिया अपना मोटा लंड  निकाल कर हाथ में ले लिया और थूक लगाया और धीरे-धीरे करके हिलाने लगा।  आज उसकी अदाएं कुछ और ही थी उसका लंड  भी आज बहुत मोटा दिख रहा था महिला भी बड़े सॉलिड तरीके से रहा था गर्मी थी ऐसी चल रहा था सपना बनियान खोल रखा था उसके गठीले बदन देखकर मैं पागल होने लगी।

छोटू से अपना लंड  को आगे पीछे करने लगा मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई दोस्त आज मैं रिश्ते को तार-तार कर देना चाहते थे मैं तुरंत ही अंदर चली गई और उसका लैपटॉप हटाकर उसके लंड  को पकड़ कर और पर बैठ गई पूरा लंड  उसका मेरी चूत  में चला गया उसके बाद में गांड हिला हिला कर अंदर करने लगे उसने काम मम्मी मैंने कहा चुप हो जा आज कुछ मत बोलना।  और मैंने अपना बूब्ज़ मुंह में डाल दिया और उसका हाथ भी अपने बूथ पर रख दिया और बोला मसल आज जो तुमको करना है कर।

उसका लंड  पहले से ही खड़ा था दोस्तों बस ऐसे ही मेरी चूत  के अंदर गया और भी मोटा हो गया लंबा हो गया जैसे ही वह मेरी चूचियों को दबाना शुरू किया मैं पागल होना शुरू हो गई अब तो जोर जोर से धक्के देने लगे उसका पूरा लंड  मेरी चूत  के अंदर समा रहा था मैं उसको किस करने लगी चूमने लगी अपना जीभ उसके मुंह में डालने लगी।  अब मैं जोर जोर से धक्के देने लगी और उसके बदन को चूमने लगे उसके बाद को चूमने लगे पागल की तरह मेरी चुचियों को दबाने लगा।  मैं आ कर रही थी वह भी मजे ले रहा था हम दोनों एक हो चुके थे हम दोनों दो शब्द भले ही थे पर आत्मा ही खो गई थी दोस्तों मजा आ गया था मैं पसीने पसीने हो गई थी पसीना पसीना हो गया था मेरी चूचियां बड़ी बड़ी गोल-गोल और उसे बहुत मारा था और मेरे गांड को पकड़कर अपनी तरफ खींचता और कस के धक्के देता पूरा का पूरा लंड  चूत  में समा जाता।

फिर वह मुझे लिटा दिया और दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया और बीच में लंड  चूत  में घुसा दिया उसके बाद जोर जोर दुख देता रहा फिर तो हम दोनों ने करीब 1 घंटे में कई सारे कामसूत्र के पोज आजमा दिए।

हम दोनों ही निढाल हो गए उसका खलास हो गया और मैं भी शांत हो गए हम दोनों एक साथ ही सो गए सुबह उठी।  मैं ऑफिस चली गई और मैं यह कहानी ऑफिस से ही लिखी हूं तो आज क्या होगा दोस्तों अब तुझे पता नहीं मैं अगले कहानी में आपको बताऊंगी कि फिर क्या हुआ था।  क्योंकि आज मैंने शर्म से उसे फोन पर बात नहीं किया उसने भी मुझे फोन पर बात नहीं किया जो हुआ था कल रात ही हुआ था आवाज क्या होगा घर जाने के बाद ही पता चलेगा मुझे। नॉनवेज पर यह मेरी पहली कहानी थी अगली कहानी जल्द ही लेकर आउंगी  तब तक के लिए धन्यवाद

4 thoughts on “माँ चुदी सगे बेटे से, maa beta sex story”

  1. Mai bhi apni maa ko chodna chahta hun.karib chaar saalon se mai maa ko seduce kr rha hun.. kyonki mai drta bahot hun kya krun mai

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