छत पर भैया ने चोदा रात भर, मैं भी दे बैठी चूत और चूचियां पूरी रात

हेलो दोस्तों मेरा नाम राधिका है आज मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रही हूं यह कहानी बहुत ही ज्यादा सेक्सी है। इस कहानी को मैं आपके सामने kamukta.app पर शेयर कर रही हूं। यह मेरी पहली कहानी है इसके पहले मैंने कभी कहानियां नहीं लिखी थी पर मैं इस वेबसाइट पर कहानियां जरूर करती हूं रोजाना। इसलिए मैं आज आपसे शेयर कर रही हूं।

मेरी उम्र 19 साल है मैं जवान लड़की हूं देखने में बहुत खूबसूरत हूं और तुम मेरी हॉबी है मैं इंटरनेट चलाती हूं एडल्ट मूवी देखती हूं टिक टॉक पर सेक्सी मूवी बनाती हूं। मेरे दीवाने ऑल ऑफ इंडिया क्योंकि मैं हमेशा टिक टॉक पर सिर्फ मेरी दिखाई देती है इसलिए आज तक कोई मुझे पहचानता नहीं है।

आज मैं आपको कहानी सुनाने जा रही हूं या यूं कहिए कि लिखने जा रही हूं वह मेरे और मेरे भाई के बीच संबंध का है। दोस्तों कई बार ऐसी जिंदगी में बातें हो जाती है जो सबसे तो नहीं शेयर की जा सकती है आप तो सबको यह बता नहीं सकती पर हां कहीं ऐसे जगह शेयर करने के लिए है। जहां पर आप अपना मन को हल्का कर सकती है क्योंकि गलतियां तो गलतियां होती है इसको मैं गलतियां भी नहीं मानती जब मन किया तो मैंने कर लिया कोई बात नहीं है।

कहानी पर आती हूं। कल रात की ही बात है मेरे यहां शादी थी लोग शादी में बिजी थे रात काफी हो गई थी सोने का जगह नहीं था सब लोग अपना-अपना सोने का इंतजाम कर चुके थे पर मैं सोने का इंतजाम नहीं कर पाई थी जब छत पर चढ़ी तो जगह नहीं था। छत की मोंटी पर जगह था जहां पर मेरा भाई जो मेरे से मात्र 1 साल बड़ा है उतना बिछावन लगा रखा था उसने बोला राधिका ऊपर ही आजा आज नहीं सो जा मुझे भी लगा सो जाना चाहिए मैं तुरंत ऊपर चढ़ा लकड़ी का सीढ़ी था ऊपर पहुंच गई।

हवा अच्छी चल रही थी। हम दोनों भाई बहन पास पास ही सो गए थे बीच में मात्र 2 फीट का जगह छूटा हुआ होगा। धीरे चलने लगी मैं पूछ बैठी भैया क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। उसने बोला हां है पर वैसी वाली नहीं है मैं आगे रिश्ते की बात करो बस वह खेलने खाने की चीज है। तो मैं पूछिए खेलने खेलने क्या होता है। तब बस आजकल गर्लफ्रैंड क्यों बनाते हैं गर्लफ्रेंड सिर्फ लोग। मजे लेने के लिए बनाते हैं मैं भी वही किया हूं मजे लेता हूं बात खत्म। तो मैं क्या आप उसके साथ सेक्स करते हो। उसने हां में सर हिला दिया। अब मैं और भी पूछने लगी कहां जाकर क्या करते हो कहां करते हो कोई देखता नहीं है उस लड़की के घर वाले ख्याल नहीं रखते हैं ऐसे कई सारे प्रश्न वह भी सब को जवाब देने लगा ऐसे वह जवाब दे रहा था जैसे कि मैं उसके दोस्त हूँ।

फिर मैंने एक बात पूछूं एक बात बताओ बुरा तो नहीं मानोगे तू नहीं किसी को बोलोगे तो नहीं तो उसने बोला हां हां कोई बात नहीं बोलो बोलो मैं क्यों बताऊंगा। मैं पूछी भैया आजकल जो कहानियां करती हूं। भाई के रिश्ते के बारे में भी कहानियां होती है घर वाले के बारे में भी कहानियां होती है क्या कि सही क्या कोई अपनी बहन के साथ सेक्स संबंध बना सकता है।

तो उसने कहा हां क्यों नहीं आजकल तो यह चल ही रहा है। मेरे चार दोस्त हैं चारों दोस्त में से दो ने अपने बहन के साथ ही सेक्स संबंध बनाया। फिर मैं पूछे और दो क्यों नहीं बनाया उसने बोला दो कि बहन ही नहीं है। और वह हंसने लगा। तो मैं पूछी क्यों तुम्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि तुम भी अपने बहन के साथ रिश्ता बनाओ। तो वह बोला कभी मौका ही नहीं मिला।

तो मैं बस तुम्हें मौका तो क्या तुम मेरे सेक्स कर सकते हो। मेरी तरफ देखने लगा देखते देखते वह मेरे करीब आ गया मैं उसके करीब आ गई उसने मेरे पर हाथ रखा मैं भी उसके होंठ कब मिल गए दोस्तों पता नहीं और बात बढ़ गई हम दोनों का लिप लॉक हो चुका था। शरीर को सहलाने लगा था मैं भी उसके शरीर को सहलाने लगी थी धीरे-धीरे वह मेरी बूब को पकड़ लिया। दबाने लगा अब मेरे अंदर करंट दौड़ने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

उसने अपना लौड़ा मुझे पकड़ा दिया जैसे ही उसके लौड़े को मैं सहलाने लगी। मेरी चूत से अपनी निकलने लगी तभी उसने मेरी पेंटी में हाथ घुसा दिया। जैसे ही उसका हाथ चूत तक पहुंचा वैसा ही उसके मुँह से वाओ की आवाज आई। उसके बोला बहन तेरी चूत तो काफी गरम हो चुकी है। गीली भी हो गई है। तो मैं बोली हां लंड की चाह में गीली हो गई है। तो उसने कहा फिर देर किस बात की। रात काफी हो गई है सब लोग सो भी गए है और जहा हम दोनों सोये है वह कोई देख भी नहीं सकता इसलिए कोई डर भी नहीं है।

धीरे धीरे उसने भी अपने कपड़े उतार लिए और मैं भी अपने कपडे खोल दी। वो मेरे ऊपर चढ़ गया। हलकी हलकी हवा आ रही थी। चारों और सन्नाटा था। आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे। क्यों की मैं सब देख पा रही थी मैं निचे थे। पैर अपना फैला दी। वो मेरे ऊपर चढ़ गया मेरे होठ को चूसने लगा। मेरी बड़ी बड़ी चूचियां मसलने लगा। मैं आह आह आह करने लगी। मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ रहा था। होठ बार बार सुख रहे थे। चूत मेरी गीली हो रही थी।

उसने अपना लौड़ा मेरी चूत पर लगाया और जोर से घुसा दिया। गीली होने की वजह से लौड़ा तुरंत हि अंदर चला गया। दर्द हो रहा था पर ज्यादा नहीं। पहली बार चुद रही थी। पर पहले भी बैगन डालती थी इसलिए ज्यादा कुछ लगा भी नहीं। दर्द भी नहीं हो रहा था। वो अंदर बाहर करने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था मैं जन्नत में पहुंच गई हूँ। मैं अब गांड गोल गोल घुमाने लगी और निचे से हौले हौले धक्के देती।

तो वो जोर जोर से धक्के देता। ज्यादा शोर नहीं कर सकती थी क्यों की निचे कई लोग सोये थे। तो मुँह बंद कर के ही मजे ले रही थी। ऐसा लग रहा था जोर जोर से अपनी बात कह सकूं चुदवा सकूँ पर ये सब संभव नहीं था। फिर भी जोर जोर से वो ले रहा था और मैं भी पुरे ताकत से अंदर घुसा रही थी उसका लंड। वो मेरी चूचियां मसल रहा था।

दोस्तों करीब आधे घंटे तक वो मुझे चोदता रहा और मैं मजे लेती रही। फिर वो झड़ गया अपना सारा माल निचे गिरा दिया। क्यों की वो कंडोम भी नहीं पहना था। उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपडे पहन लिए और फिर से वो मुझे चूमने लगा। रात कैसे कट गई पता ही नहीं चला। पूरी रात जागती रही। अपने जिस्म को उसके हवाले कर दी थी और उसने अपना जिस्म मेरे हवाले। दोनों मजे ले रहे थे। पूरी रात में हमने दो बार चुदाई की थी और बाकी के समय सहला रहे थे और जी भर के दोनों एक दूसरे को चुम रहे थे और एक दूसरे की जिस्म का नाप ले रहे थे।

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