प्रोमोशन के बहाने वैशाली को खूब चोदा

आप सभी पाठकों का दिल से स्वागत करता हूँ काफी समय से मैं इस वेबसाइट पर लोगों की सच्ची कहानियां पढ़ते आ रहा हूँ। आज में काफी खुश हूं जो मुझे भी इस प्लेटफॉर्म ने अपनी सच्ची कहानी सुनाने का मौका दिया। आज में आपको वैशाली के बारे में बताने वाला हूँ जो मेरे ऑफिस की जूनियर है, जिसे मेने प्रोमोशन देने के बहाने बहुत बार चोदा है। तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।



मेरा नाम रोहित है, ओर में मध्यप्रदेश के मंदसौर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 45 साल है ओर मेरी शादी को 20 साल हो चुके है। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे भी है। मेरी उम्र ज्यादा होने के बाद भी मुझे सेक्स में काफी ज्यादा रुचि रही है। मेरी वाइफ क्या मस्त माल है, लेकिन फिर भी मेरी नजर कम उम्र की लड़कियों पर ही टिकी रहती है। इतनी उम्र होने के बाद भी मुझे सेक्स में काफी ज्यादा रुचि है।

मैं एक कंपनी में एचआर हूँ ओर पूरी कम्पनी की ज्यादातर जिम्मेदारियां मेरे ही ऊपर होती है। मेरी कम्पनी में एक से एक हॉट लड़कियाँ काम करती हैं। मेरा पूरा दिन लड़कियों को घूरने में ही निकल जाता है। दरअसल मैं काफी समय से किसी लड़की को चोदने का उत्सुक हूँ लेकिन कम्पनी की कोई भी लड़की मेरे जाल में फंस ही नही रही है।



एक दिन कंपनी में जूनियर पोजिशन पर काम करने के लिए एक लड़की ने अप्लाई किया। वो लड़की क्या मस्त माल थी, उसे पूरी फुर्सत से बनाया गया था। उस लड़की का लंबा कद था, साथ ही उसकी गांड उसके कपड़ों से बाहर आती हुई दिख रही थी, जिसे देख कर मेरा लण्ड ही खड़ा हो गया था। वो चश्मे में एक दम गौरे बदन की किसी अप्सरा की तरह लग रही थी। मेने उसका इंटरव्यू लिया, इंटरव्यू में उसने अपना नाम वैशाली बताया था। मैं अपनी पूरी जिंदगी में किसी ऐसी ही भड़कती हुई जवान लड़की को चोदना चाहता था। इसलिए मेने अगले दिन से ही उसे जॉब के लिए बुला लिया था।

वैशाली ने अगले दिन से ही जॉब पर आना शुरू कर दिया था। वैशाली की उम्र महज 19 साल थी, लेकिन उसकी जवानी किसी 25 साल की लड़की की तरह उभर रही थी। कंपनी का हर लड़का उसे सेट करने की सोच रहा था। ऐसा लग रहा था, मानो उसके आने से कम्पनी में किसी का काम मे मन ही नही लग रहा हो। मुझे वैशालो के बड़े -बड़े बूब्स को देखने की आदत लग रही थी। वैशाली की ड्रेस के ऊपर उसके हल्के से क्लीवेज मेरी जान ही ले रहे थे। मैं किसी ना किसी बहाने उसके सामने से गुजरता रहता था।

मैं रोज़ाना किसी ना किसी बहाने वैशाली को ऑफ़िस में बात करने के लिए बुलाया करता था। वो मुझसे बात करती रहती थी, ओर मेरी नजरे उसकी बातों से हटकर उसकी चिकनी टांगों ओर बूब्स पर ही रहती थी। अब-तक वैशाली भी मेरे इरादों को भाप चुकी थी, लेकिन वह कुछ कर भी नही सकती थी।

एक बार वैशाली ओर हम साथ मे खड़े हुए थे, तब मैंने ऐसे ही बातों ही बातों में मजाकिया अंदाज़ में पूछ लिया “वैशाली क्या तुम्हारा ब्वॉयफ़्रेंड है?”



हां मेरा ब्वॉयफ़्रेंड है- उसने जवाब देते हुए कहा

मुझे सुनकर काफी जलन महसूस हुई, क्योंकि ऐसी भड़कती हुई जवानी का मजा में सबसे पहले लेना चाहता था। अगले दिन वैशाली काम कर रही थी, तभी मैं उसके पास से गुजरा तो मैने देखा कि वो काफी उदास लग रही है।

मेने उसे अपने ऑफ़िस में बुलाया और फिर वैशाली से उसकी उदासी का कारण पूछा। उसने जवाब देते हुए कहा “ मैं काफी परेशान हूँ मुझे पैसों की थोड़ी जरूरत है। मेरा ब्वॉयफ़्रेंड कुछ परेशानियों में पड़ गया है मुझे उसे कुछ पैसे देने होंगे।” मुझे इस सब मे वही मौका नजर आ रहा था, जिसका मुझे लंबे समय से इंतजार कर रहा था।

मेने वैशाली की तरफ बढ़ते हुए उसके हाथों पर अपना हाथ रखते हुए कहा “देखो मैं तुम्हारी इसमें थोड़ी मदद कर सकता हूँ।



कैसे? – वैशाली ने सवाल पूछते हुए कहा

“देखो मैं तुम्हारा जॉब प्रोमोशन कर सकता हूँ जिससे तुम्हें एडवांस में थोड़े पैसे मिल सकते है”। लेकिन तुम्हें मेरी भी थोड़ी मदद करनी होगी- मेने वैशाली के कंधों पर हाथ फेरते हुए कहा

वैशाली चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन फिर भी मुझसे सवाल किये जा रही थी कि “मैं आपकी मदद कैसे कर सकती हूं?”

“खैर तुम्हें नही करनी तो जाने दो” – मेने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा

“नही नही आप जो बोलोगे मैं वो करने के लिए तैयार हूँ”- वैशाली ने कहा



कम्पनी से जाते वक्त मेने वैशाली से कहा कि “चलो आज मै तुम्हें घर छोड़ देता हूं”। वैशाली मेरे साथ कार में ही थी, उसकी नंगी जांघों को देख कर मुझसे रहा नही गया और मेने उस पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में वैशाली की आंखे बंद ओर सांसे तेज हो चुकी थी। मैंने वैशाली से कहा “ अब तो तुम समझ ही गयी होगी कि मैं तुमसे किस तरह की मदद चाहता हूं।

अगले दिन ऑफ़िस में मेने वैशाली को उसका प्रोमोशन लेटर दे दिया था। वो काफी ज्यादा खुश थी। दिन भर ऑफ़िस में वैशाली को छोड़ने के ख्याल भर से ही मेरा लंड खड़ा हो जा रहा था। वो घड़ी अब ज्यादा दूर नही थी, जब में वैशाली को जी भर के चोदने वाला था।

ऑफ़िस से छुट्टी के बाद मेने पहले कॉन्डम ख़रीदा ओर फिर वैशाली को कार में बैठा कर एक सुनसान जगह पर कार ले गया। अब हमारी कार एक सुनसान जंगल खड़ी थी, ओर मैं बस यही सोच रहा था कि मैं कहा से शुरुआत करू।

मेने जैसे ही वैशाली की तरह देखा तो उसने बिना मुझसे कुछ कहे चुपचाप अपने कंधे पर से अपनी ड्रेस को थोड़ा नीचे कर दिया। शायद वो सोच रही थी कि मै उसके साथ ज्यादा कुछ नही करने वाला हूँ ओर हम जल्दी से यह सब खत्म कर के यहां से चले जायेंगे। लेकिन वो गलत सोच रही थी, आज में उसे इतनी आसानी से नही छोड़ने वाले था। आज में उसे जी भर के चोदने वाला था।



मेने वैशाली को देखते हुए उसे कस कर गले लगा लिया ओर उसके कंधे को चूमना शुरू कर दिया। इतनी ही देर में वैशाली के मुंह से आह आह की सिसकारियों की आवाजें आने लगी थी। में उसकी ड्रेस के ऊपर से दिख रहे बूब्स को चूमता जा रहा था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए मेने वैशाली के होंठ पर अपने होंठ रखते हुए चूमना शुरू कर दिया था। इस कार्यवाही से वो भी काफी उत्तेजित होती जा रही थी और मेरे होंठ को वह अपने दाँतों से हल्के से काटें जा रही थी। मैं उसके नर्म होंठो को लगातार चूमता ही जा रहा था। साथ ही धीरे-धीरे में अपना एक हाथ उसकी नंगी जांघों पर भी फेरता जा रहा था।

थोड़ी ही देर बाद मेने आगे बढ़ते हुए में उसको ऊपर से पूरा नंगा कर दिया था। और उसके बूब्स को पूरी तरह से आजाद कर दिया था। वह पने बूब्स को अपने हाथों से छुपा रही थी, जैसे कि उसे कोई उम्मीद ही नही हो कि मैं इतना आगे तक बड़ सकता हूँ। मेने धीरे से उसके बूब्स के ऊपर से उसका हाथ हटाया ओर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। मैं जोर-जोर से उसके बूब्स को मसलते हुए उसे चूसते हुए जा रहा था। और वैशाली की आह अम्मा आउच्च करती हुई तेज आवाज़ पूरी कार में गूंजती जा रही थी। मेने उसके बूब्स को चूसते हुए पूरी तरह से लाल कर दिया था। अब तक वैशाली भी अपनी उत्तेजना की आखिरी सीमा पर पहुंच चुकी थी, इसलिए उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो कितना ज्यादा आगे तक बढ़ चुकी है।

कुछ ही देर बाद मेने अपनी पेंट में से अपना कड़क ओर लम्बा औजार बाहर निकाल दिया। मेरे इतने बड़े लंड को देखकर तो जैसे चौक ही गयी थी, लेकिन अब तक वह ये भी समझ चुकी थी कि आज वो पूरी तरह से चुदने वाली है। मेने वैशाली को अपना लंड चूसने के लिए कहा। वैशाली ने मेरा लंड मुंह मे लेकर एक दम से बाहर निकाल दिया और कहने लगी कि”मुझे बहुत गंदा लग रहा है, मुझसे नही होगा”।

अरे ये तो सब करते है, थोड़ी देर बाद देखना तुम्हे मजा आने लगेगा- इतना कहकर मेने उसे फिर से अपने लंड की तरफ झुका दिया। वह मेरे आधे लंड को धीरे-धीरे अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी। तभी मेने वैशाली के मुंह को पकड़ कर पूरा लण्ड उसके मुंह के अंदर डाल दिया। और अपने लण्ड से उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया। मेरा लंड उसके मुंह के पूरा अंदर तक जा रहा था। धीरे-धीरे वो भी अब मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसे जा रही थी।



अब मैं वो शुरू करने जा रहा था, जिसकी उसे उम्मीद ही नही थी। मेने उसकी स्कर्ट को ऊपर करते हुए उसकी पैंटी को निकालना चाहा, लेकिन वो मुझे अपने हाथों से लागातर रोके जा रही थी। लेकिन मेने जैसे-तैसे कर के उसकी पैंटी को उतार ही दिया।

अब मेने आगे बढ़ते हुए अपनी उंगलिया उसकी योनी के अंदर डाल दी। मैं अपनी उंगलियों से तेजी से उसकी योनी को चोदे जा रहा था। आह आह आह करती हुई उसकी तेज आवाजें मेरे उत्साह को ओर भी बढाये जा रही थी। कुछ देर बाद मेने उसकी टांगे चौड़ी करते हुए उसे लेटा दिया ओर उसकी चुद को चाटते हुए उसे पीना शुरू कर दिया। वैशाली के मुंह से तेज उहहहह आह ओह्ह अम्म की आवाजें आ रही थी। मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपनी जीभ से उसकी योनी के बीज को चाटे जा रहा था। उसकी तेज आवाज पूरी कार में गूंजे जा रही थी।

कुछ ही देर बाद मेने गाड़ी में से अपना कॉन्डम निकाल ओर लंड पहन लिया और वैशाली की चुद को मारने के लिए आगे बढ़ने लगा। वैशाली ने अपनी चुद पर हाथ रख लिया और मुझे रोकने का प्रयास करने लगी लेकिन मेने भी उसके हाथ को हटाया ओर उसकी चुद की दीवार पर अपना लंड रखकर सीधा अपने लंड को उसकी चुद के अंदर पूरा का पूरा उतार दिया। मेरा लंड अंदर घुसते से ही वो चिल्लाते हुए रो पड़ी, लेकिन मेने उसे थोड़ा बहुत समझाकर अपना लंड उसकी चुद के अंदर बाहर करना जारी रखा। वैशाली की चुद में से हल्का सा खून बाहर आ गया था। और उसे चुदने में काफी दर्द हो रहा था। मैं अपना पूरा लंड उसकी चुद के अंदर बाहर किये जा रहा था और वह दर्द से चीखते हुए चुद रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर वैशाली को भी चुदने में मजा आने लगा। मैं उसे चोदे जा रहा था और वह भी अपनी योनी को मसले जा रही थी। कुछ देर बाद मैं कार में बैठ गया ओर वैशाली खुद ही मेरे ऊपर बैठ कर अपनी योनी को मेरे लंड से सेट कर के मेरे लंड को अपनी चुद के अंदर तक उतार दिया। और फिर उसने खुद से ही ऊपर नीचे होकर मजे से चुदना शुरू कर दिया। वो लगभग 15 मिनट तक आह आह आह की आवाज करते हुए ऐसे ही मुझसे चुदती रही इर फिर कुछ देर बाद उसकी चुद में से पानी बाहर आ गया। उसका पानी निकलता देख मैं भी काफी उत्साहित हो गया और तेजी से उसको चोदता गया और आख़िरकार मेरा भी पानी छूट गया।



उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने ओर फिर मेने वैशाली को उसके घर छोड़ दिया। उस दिन के बाद से मेने वैशाली को आगे प्रोमोशन देने के बहाने काफी बार चोदा ओर कई बार तो वो खुद मुझसे चुदने के लिए बोल देती है।

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