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  • बदचलन बहु को ससुर और पति ने रात भर एक साथ चोदा

    कहानी मैं खुद सूना रही हूँ, बदचलन ही खुद को ही कह रही हूँ। ये आपको तय करना है मैं बदचलन हूँ या सही हूँ। अगर मैं रात की पड़ोस के लड़के से चुदाई करवाते पकड़ी गई तो किसका दोष है। मेरा दोष है या हरामी पति का या दोगला ससुर का है। आप खुद तय करना। मैं तो एक एक बात आपको यहाँ पर बताउंगी क्या हुआ था उस रात। उस लड़के को मैंने चोदने के लिए कैसे बुलाया और फिर पकड़ी गई तो मुझे बाप बेटे ने मिलकर रात भर क्यों चोदा और क्या क्या हुआ। सब आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर बताउंगी।

    1 दिन की बात है मेरे पति और मेरे ससुर दोनों भटिंडा गए हुए थे मैं दिल्ली में रहती हूं भटिंडा इसलिए क्योंकि उन्हें कुछ जमीन जायदाद का काम था तो जाना जरूरी हो गया।  मेरे घर में मेरे अलावा और कोई नहीं है क्योंकि मेरे पति एकलौता का संतान है सास भी नहीं है। तुम्हें ही घर में एक औरत हूं जो घर को संभालते हो।  पर क्या बताऊं दोस्तों अपनी व्यथा में किसको सुनाऊं जब से शादी हुई तब से मेरा पति मुझे कुछ नहीं कर पाता है मेरा पति मुझे चोद नहीं पाता है  वह कुछ नहीं कर पाता मुझे।

    आप खुद बताइए सेक्स की भूख होती है और अगर भूख शांत नहीं होगा तो क्या करेगा वह इंसान तो इधर उधर मुंह मारे गए चाहे आदमी हो या औरत सेक्स तो चाहिए ही होता है जिंदगी में पर यह ऐसी चीज होती है कि लोग किसी को कह भी नहीं सकता।  इसलिए मेरा मन इधर उधर भटकने लगा मैं ढूंढने लगे किसी ऐसे इंसान को जो मुझे खुश कर सके जो मुझे चोद सके।

    मेरे पड़ोस में ही एक लड़का रहता है वो काफी हैंडसम है जिम जाता है स्टाइल मारता है और हैप्पी अच्छा तो मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगी और उसको कब्जे में भी ले ली।  उसके साथ सेक्स रिलेशन तो दो बार से बना था इसके पहले पर हां रोजाना मैं उससे चाहे तो जरूर करती थी व्हाट्सएप पर तो हम दोनों में काफी बातें खुल चुकी थी हम दोनों ने एक दूसरे को अपने अपने पिक्चर भी शेयर की थी मैं उनको कई सारे नंगी तस्वीरें भेजी थी।

    जब मैं नहाने जाती थी तभी वह भी नहाने जाता था और तभी मैं आपको वीडियो कॉल करते थे वह मेरे पूरे शरीर को देख सकता था मैं उसके पूरे शरीर को देख सकते थे उसका लंड  खड़ा होता था तो मुझे बहुत अच्छा लगता था और मेरी चूचियां बड़ी बड़ी जब वह देखता था तो आह आह  करता था।  यह सब बहुत अच्छा लग रहा था यह सब सिलसिला चल ही रहा था पर दोस्तों एक दिन मैं चाहते थे कि डर के नहीं खुलकर उसे चुदाई करवाऊं।

    प्लान बन गया कि मुझे पहले से ही पता था मेरे पति और ससुर दोनों जाने वाले हैं तो मैं आपको पहले ही बता दी।  पर वह किसी काम से बाहर चला गया था तो बात बन नहीं पाई।  शाम को दूसरे तीसरे दिन फोन आया उस लड़के का आज मैं फ्री हूं तुम्हारे ससुर और पति घर पर है क्या तुम्हें बोल दे वह लोग बस से आ रहे हैं  सुबह तक वह पहुंच जाएंगे क्योंकि वहां से चल चुके हैं फोन आया था उनका।

    तो मैं उसको टाइम दे दूं कि ठीक है तुम रात को 9:00 बजे आ जाना।  क्योंकि मुझे पता था मेरे ससुर और मेरा पति दोनों सुबह तक पहुंचेगा दिल्ली तो डर नहीं था मुझे तो मैं आपको 9:00 का टाइम दे दी और वह 9:00 बजे आ भी गया.

    जब अंदर आया तो मैं दरवाजा बंद कर दे और हम दोनों एक दूसरे के गले में झूमने लगे किस करने लगे वह मेरी चूचियां दबाता मैं उसका लंड  पकड़ता ऐसा ही चलता रहा।  जल्दबाजी नहीं करना चाहते थे क्योंकि टाइम था इसलिए मैं सोचा कि पहले अपने जिस्म को खूब हूं छिड़वाऊं  ताकि।  गरम हो जाओ उसके बाद आराम से सेक्स कर सकूं ताकि मैं भी खुश हो जाऊं जाने कि मैं भी संतुष्ट हो जाऊं और को भी संतुष्टि मिले इस वजह से  हम दोनों एक दूसरे को तुम रहे थे डांस कर रहे थे नंगे नाच रहे थे।

    धीरे-धीरे हम दोनों के अंतर्वासना जाग उठे और हम दोनों एक दूसरे के जिसमें को मुंह से छूने लगे चाटने लगे।  मैं गर्म हो चुकी थी वह भी काफी गर्म हो चुका था उसका लंड  मोटा हो चुका था खड़ा हो गया था मेरी चूत  पर काफी गीली हो गई थी अब बर्दाश्त के बाहर हो गया था।

    उसने मुझे कहा कि अब ले लो नहीं तो मेरा निकल जाएगा।  क्योंकि मैं उसके लंड  को आधे घंटे से चूस रही थी वह मित्रों को दबा रहा था मेरी गांड में उंगली कर रहा था मेरी चूत  में उंगली कर रहा था तो दोस्तों आप खुद सोचिए कौन सा ऐसा मर्द होगा इतना सहेगा।

    मुझे भी अब लंड  अपनी चूत  में चाहिए था तो मैं उसको बेडरूम में दे गई नीचे लेट गई पहले उसने फिर से चूत  चाचा और फिर अपना निकाल कर के  मेरी चूत  के ऊपर सेट किया और फिर पेल दिया जोर-जोर से।  मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि मोटा लंड  मिल रहा था मुझे तो मुझे बहुत सुकून मिला था ऐसा लग रहा था मैं स्वर्ग में हूं मुझे लगाता था तुम्हें तो जिस्म मैं बिजली दौड़ जाती थी।  मैं काफी ज्यादा काम हो गई थी गांड उठा रही थी।  गांड उठा उठा कर दी थी रात करीब 10:30 बज गए थे।

    तभी मेरे घर का बेल बजा, मैं हैरान थी इतनी रात को कौन आएगा मुझे पता था मेरे पति और ससुर आने वाले थे क्योंकि वह बस से आ रहे थे।  मुझे लगा कोई होगा तो गेट के बाहर से ही चला जाएगा तो मैं बस नाइटी ऊपर डाल दी अंदर कुछ भी नहीं पहने और फिर दरवाजे के पास गई दरवाजा जैसे खुली तो मैं दंग रह गई दोनों बाहर खड़े थे। मैं बोली आप लोग और इस समय तो बाहर सही बोले हां हां खुला दरवाजा जल्दी आ गया बस से नहीं आया.  क्योंकि यमुना बाजार वाले अपनी कार से आ रहे थे तो वह अकेले थे तो हम दोनों भी होने के साथ आ गए इसलिए हम लोग जल्दी पहुंच गए।  और वहां से भी 2 घंटा पहले निकल पड़े थे।

    मेरे पैरों के नीचे जमीन खिसक गई थी तभी वह लड़का भी कमरे से उठकर गेट के पास आ गया।  दरवाजा मैं कहां पर हूं खुली वह लड़का तुरंत बाहर निकल गया और चला गया मेरे ससुर और मेरे पति को सारा माजरा समझ आ गया था क्योंकि मेरी ब्रा और पेंटी वहीं पर थे  फर्श पर गिरे हुए।  और कंडोम का पैकेट टेबल पर पड़ा था मैं तुम्हारा दोस्त हूं बुधवार को सबसे पहले मेरी ब्रा और पेंटी को देखा फिर कंडोम के पैकेट को दिखा।

    फिर क्या था उन्होंने दोनों ने मुझे गालियां देना शुरु कर दिया बदचलन बोलना शुरु कर दिया।  मारने वाले थे वैसे मैंने बोल दे कि यह सब क्यों कर रहे हो क्योंकि तुम चोद नहीं पाते हो मुझे तुम मुझे खुश नहीं कर पाते हो।  यह करना पड़ा जब मुझे सेक्स की भूख है और तुम मुझे इस को पूरा नहीं कर रहे हो तो मैं क्या करूंगी। इतना सुनते ही वह दोनों और भी ज्यादा आग बबूला हो गए और गीत को बंद किया और दोनों मिलकर मुझे पकड़कर बेडरूम में लेकर आए और दोनों ने अपने अपने कपड़े खोलें और बोले आज इस साली की गर्मी को को हम खत्म कर देते है । इसको  लंड  चाहिए मोटा लंड  चाहिए।

    इसको चूत ** की भूख लगी है आज मैं इसकी गांड फाड़ देता हूं आज मैं उसकी चूत  फाड़ देता हूं और दोनों मिलकर मुझे चोदने लगे।  दोस्तों जैसा हो तो ना चोद रहे थे मुझे ऐसे ही चुदाई  चाहिए थी।  मैं खुश थे मैं नाराज नहीं थी पर अब तूने गुस्से में थे मैं उनसे का खूब मजे लिए तूने मुझे उलट-पुलट कर चोद रहे थे और मैं इसका मजे ले रहे थी।  भांड में जाए रिश्ते भाड़ में जाए नाते।  ससुर हो या कोई और मुझे आज चुदना था तो चुदना था। सच पूछिए तो वह लोग जैसा बोल रहे थे कि आज तेरी चूत  की गर्मी को खत्म करता हूं।  और तेरी चूत  मारता हूं तेरा गांड मारता हूं तो सच में यह सपना मेरा था कि कोई ऐसा ही करें मेरी चूत  फाड़ दी मेरी गांड फाड़े पर मुझे खुश करे।

    पूरी रात तो दोनों चोद नहीं पाए पर हम दोनों ने मिलकर मुझे कभी खुश कर दिया।  जिंदगी में पहली बार में संतुष्ट हो पाए थे क्योंकि मेरे पति का भी मर्दानगी की ललकार हो गया था इसलिए अपने लंड  को पहले जा रहा था,  मेरी चूत  में और ससुर को बहुत दिनों से चूत  नहीं मिला था इसलिए उसका भी मनोकामना पूरा हो गया और सच पूछिए तो हम तीनों का मनोकामना पूरा हो गया हम तीनों भी यही चाहते थे।

    मेरा पति चाहता था कि मैं उसको संतोष कर पाऊं मेरे ससुर को काफी दिन से छूट नहीं मिला था और मुझे कभी ऐसा लैंड नहीं मिला था और ऐसे किसी ने मुझे संतुष्ट नहीं किया था तो आज वह भी पूरा हो गया दोस्तों।

    खूब मजे ले  अब तो रोजाना चुदती हूँ चाहे वह पति हो या ससुर हो। कभी कभी गलत काम भी सही हो हो जाता है जैसा मेरे साथ हुआ। अब मैं संतुष्ट हूँ। चुदाई का मजा ले रही हूँ। वो दोनों भी खुश है मेरे से उन दोनों को कोई गीला शिकवा नहीं है। तीनो खुश खुशः रह रहे है। ये मेरी कहानी कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर। दूसरी कहानी जल्द ही पोस्ट करुँगी।

  • सुबह ससुर, दोपहर देवर, रातभर पति चोदता है मुझे

    कई बार इंसान कुछ ऐसी परिस्थिति में फंस जाता है, तब उसको पता ही नही होता है क्या सही हो रहा है क्या गलत। जी हां दोस्तों ये बात किसी और के लिए नहीं बल्कि मेरे लिए ही है। मैं आज अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ। कैसे एक परिवार के तीन लोग एक सीधी साधी लड़की को जिसको बहु बनाकर लाया और चुदाई करता है। सुबह से रात तक बारी बारी से।

    मैं यहाँ आपको शिकायत नहीं कर रही हूँ। मैं अपनी कहानी बता रही हूँ। ऐसा भी नहीं है की मुझे सही नहीं लग रहा है। मैं भी मजे कर रही हूँ। मुझे भी तीनो की चुदाई से कोई शिकायत नहीं है। पर ये सब कैसे हुआ आपको वही बताने जा रही हूँ। मैं चाहती हूँ आपका लंड खड़ा हो जाये और महिलाओं और लड़कियों की चूत गीली हो जाये। ये मेरी पहली कहानी है kamukta.app पर।

    असल में मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ। मेरी शादी एक बड़े घर में हुआ है शादी करवाने वाली मेरी सौतेली माँ है। उसने पांच लाख लेकर मेरी शादी करवाई है। तो आपको समझ आ गया होगा। या तो मैं अपने ससुराल से भाग जाऊं या जो हो रहा है उसी का फायदा उठाऊं और ज़िंदगी जिऊँ। दोस्तों इसी कसमकस में सोची की शायद मुझे यही सही रहेगा की मैं ससुराल में ही रहूं। अगर मैं भाग जाती हूँ तो यहाँ मुझे तीन चोद रहा है। पता नहीं कितने लोगों के बिस्तर को गर्म करना होगा हालात से लड़कर और जीने के लिए। और रही बात वापस हरियाणा जाने की जहाँ एक चुड़क्कड़ सौतेली माँ हो वो मुझे वह भी बेचेगी। तो बार बार और कई लोगों से बिकने से अच्छा है की एक घर में ही चुदवा लूँ।

    अब मैं आपको अपनी पूरी कहानी बता रही हूँ।

    शादी के बाद मैं अपने ससुराल आ गई। रात में पति ने मेरे साथ खूब रंगरेलियां मनाई मैं भी खूब गांड उठा उठा कर चुदवाई। रात में मेरी चूत का भोंसड़ा बना दिया। मेरी गांड फाड़ दी थी चुत मार कर। मैं भी तैस में आ गई और खूब कूदी उसके लंड पर और खूब मजे ली पूरी रात। पर जब वो ठंढा पड़ा और मैं कपडे पहन ली तब वो मुझे रूल समझाने लगा की मेरे घर का क्या रूल है। उसने एक बात बोला की तुम कभी भी मेरे पापा को और मेरे भाई को नाराज नहीं करोगी ? मैं भी तैस में आकर पूछ ली। नाराज क्या ? क्या वो मेरी चूत मांगेगे तो वो भी देनी पड़ेगी। तो मेरा पति बोला हां सब कुछ।

    मेरी सास नहीं है। वो पहले ही चल बसी शायद तीन तीनो ने चोद चोद कर ऊपर पहुंचा दिया था। 50 साल की उम्र के बच्चा होने वाला था। शायद इन तीनो का ही काम होगा, मैं इसके बारे में कुछ पूछी नहीं। मुझे लगा जो भी कह रहा है मेरा पति मान लेते हैं। आगे देखा जाएगा क्या करने है। पहले तो सौतेली माँ से ही मेरा पाला छूटा यही कम नहीं थी। रही बात ससुर का वो देख लुंगी और रही बात देवर का तो मजे लुंगी।

    सुबह मेरा पति अपने ड्यूटी पर चला गया क्यों की उसे जाना जरुरी था। देवर भी उठा और वो भी चला गया अपने काम कर रह गया घर में बूढा। मैं नहाने गई बाथरूम में। नहा कर जैसे बाहर आई और अपने कमरे में गई तो बूढा मेरी पलंग पर बैठा था। मैं पूछी की बाबूजी आप यहाँ? तो वो बोला क्यों नहीं बहुरानी ये घर ऐसा है कोई भी कही जा सकता है। एक चीज को हम लोग बाँट कर खाते हैं। एक की शादी हो गई अब आप एक की नहीं हो हम तीनो की हो।

    मैं सनझ गई, रात को जो मेरा पति बोला था वही हुआ। ससुर मुझे चोदने के लिए तैयार था। मैं बोली अभी मुझे बहुत दर्द हो रहा है। रात भर उन्होंने मेरी चूत का भोंसड़ा बना दिया है। दर्द कर रहा है। तो उन्होंने बोला इसका मैं ख्याल रखूंगा। मैं अभी नहीं चोदता हूँ। मैं तुम्हारी चूत में तेल लगा देता हूँ ताकि दर्द ख़तम हो जाये। मैं मना की पर उन्होंने कहा नहीं नहीं मुझे ये दर्द पसंद नहीं। मैं आता हूँ तेल गरम करके।

    तब तक मैं बाल झाड़ कर सिंदूर रही थी तभी ससुर जी। सरसों का गरम तेल ले आये और मुझे बोले लेट जा। मैं लेट गई। उन्होंने पेटीकोट ऊपर कर दिया। और पेंटी उतार दी। दोनों पैरों को फैला दिया और पहले चूत को सहला कर देखा और मुस्कराने लगे। बोले भगवान् में मेरी सुन ली। मैं भगवान् से माँगा रहा था की मुझे ऐसी बहू देना जिसके चूत में बाल नहीं हो। और ऐसा ही हुआ क्लीन है तुम्हरी चूत।

    उसके बाद वो तेल लगाने लगे। करीब पांच मिनट तक तेल लगाए मेरी चूत गीली होने लगी। चूचियां भी तन गई थी। मुझे ऐसा लग रहा था इनसे चुद जाऊं। तभी उन्होंने कह दिया बहु हौले हौले घुसाऊ। मैं बोली ठीक है।

    उन्होंने तुरंत धोती खोला और नीला अंडरवियर जो लाइन बाला होता है। खोल दिया और लैंड को हिलाने लगे और उसमे भी उन्होंने तेल लगा लिया और फिर से मेरी चूत में तेल लगा लिया और चूत पर लंड लगा कर घुसाने लगे। पर उनका लौड़ा घुस नहीं रहा था क्यों की दम नहीं था। खड़ा सही से नहीं हो रहा था। फिर उन्होंने हिलाया और फिर मेरी मुँह में दे दिया जब मैं थोड़े देर तक अपने मुँह में ली तो उनका लौड़ा मोटा और लंबा हो गया।

    अब वो मेरी चूत में घुसा दिए और करीब दस मिनट तक चोदे और सारा माल मेरे पेट पर गिरा दिए। मैं प्यासी ही थी अभी दर्द तो ख़तम हो गया था। अब दर्द नहीं हो रहा था। बाबूजी खेत चले गए। मैं सो गई क्यों की रात में चुदवा रही थी।

    करीब तीन बजे नींद खुली वो भी जब घर का दरवाजा कोई पीट रहा था। जाकर खोली तो देखि देवर जी थे।

    वो अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिए। और मुझे अपनी बाहों में ले लिए। मैं भी खुश खुश उनके बाहों में समा गई। क्यों की देवर जी को मैं पसंद करती थी वो मेरे लायक थे। वो मेरे होठ को चूसने लगे चूचियां दबाने लगे। मैं भी उनको किस करने लगी सहलाने लगी।

    वो मुझे बैडरूम में लेकर आये और मेरी ब्लाउज खोल दिए मैं खुद ही ब्रा खोल दी पेटीकोट भी उतार दी। ये सब देखकर बोले मुझे बहुत ख़ुशी हुई आप मेरे घर के कायदे कानून को बिना झिझक के अपना लिए हैं। आप रानी बनकर रहेंगे इस घर में।

    और वो मेरे ऊपर टूट पड़े मेरी चूचियां पिने लगे। दबाने लगे। होठ चूसने लगे। और फिर उन्होंने मेरी गांड चाटी और फिर चूत चाटने लगे। मैं बोली बस करो ऐसे चाटना अभी मुझे चोद दो। क्यों की ससुर जी मुझे गरम कर के चले गए। वो बोले अच्छा बाबूजी मजा ले लिए तो मैं बोली हां वो मुझे चोद दिए। तो देवर जी बोले और मैं ही पीछे रह गया।

    और उन्होंने में टांग को अलग अलग किया और मोटा लौड़ा मेरी चूत पर लगा कर पेल दिया। अब मुझे दर्द होने लगा था क्यों की देवर का लौड़ा काफी मोटा और लंबा था। वो चोदना शुरू किये तो मैं पानी पानी हो गई। खूब चोदा उठा पर पटक कर ऊपर से निचे से बैठ कर खड़े होकर। करीब एक घंटे तक उन्होंने चोदा मुझे आखिर उनका भी गिर गया।

    उन्होंने अपने जेब से एक सोने का चेन निकाला और मुझे दे दिया और बोले ये मेरे तरफ से।

    दोस्तों पहले तो सात दिन तक मुझे काफी दर्द हुआ था। क्यों की मेरी चूत नाजुक थी। पर अब मैं तैयार हो गई है तीन मर्द से चुदने को तो अब कोई बात नहीं है। खूब चुद रही हूँ मजे ले रही हूँ। मैं अपनी दूसरी कहानी भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने जा रही हूँ। आप जरूर पढियेगा।

  • बीवी और बहन चुद गई ट्रेन में

    incest sex हैल्लो फ्रेंड्स आज में आपको एक बार फिर से एक और नई स्टोरी जिसमे मेरी चुदक्कड़ बीवी और बहन है उनकी एक स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों वो सर्दी की रात थी। में, मेरी बीवी गीता और बहन पायल तीनों कहीं बाहर जा रहे थे। हमारी ट्रेन रात को 11 बजे थी और दूसरे दिन सुबह 8 बजे हमे ट्रेन से उतरना था। मेरी बीवी ने गहरे गले का ब्लाउज और काली कलर की साड़ी पहनी थी और उसने अंदर कोई ब्रा या पेंटी नहीं पहनी थी और ऊपर से लाल कलर की लिपस्टिक लगाई थी। फिर इन कपड़ो में वो पूरी रंडी दिख रही थी और उसके बूब्स आधे दिख रहे थे। फिर मेरी बहन ने टीशर्ट और स्लेक्स पहनी थी। फिर इस ड्रेस में मेरी बहन के बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.. उसने शायद ब्रा पहनी थी। फिर नीचे स्लेक्स में उसकी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी।
    फिर जब हम बाहर निकले तो मेरी बहन ने कहा कि भाभी आप तो ट्रेन में सभी मर्दो को मार ही डालोगी। फिर यह कहकर उसने मेरी बीवी के बूब्स पर चिकोटी ली। फिर मेरी बीवी आऊऊच कर गई और कहने लगी कि तू भी कुछ कम नहीं दिख रही.. इस सेक्सी स्लेक्स में तो तेरी गांड क्या खूब लग रही है.. कोई भी आदमी देखेगा तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा। फिर इतना कहकर मेरी बीवी ने पायल की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया। फिर में चुपचाप सुनता खड़ा था और मन ही मन कामुक हो रहा था। फिर इस तरह की बातें करते हुए हम लोग स्टेशन पर पहुँचे। फिर मैंने वहाँ पर देखा तो सारे आदमी मेरी बीवी और बहन की गांड को घूर- घूर कर देख रहे थे।

    फिर जब ट्रेन आई तो हम लोग अंदर चड़ गये और हमारी जगह पर बैठ गये। फिर थोड़ी देर बाद एक आदमी बहुत काला सा वहाँ पर आया और सामने आकर बैठ गया। वो बहुत मजबूत शरीर का था और उसने पायजामा पहना हुआ था। तभी उसने एक नज़र मेरे घर की दोनों औरतो पर डाल दी और वो दोनों पैर सीट पर रखकर बैठ गया। तभी उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था.. इस वजह से उसका मोटा लंड और बड़ी बड़ी झांटे पायजामे में से दिखाई पड़ रही थी।
    फिर थोड़ी देर बाद ट्रेन चल पड़ी लेकिन जनरन डिब्बे में हम सिर्फ़ चार लोग ही थे। मेरी बीवी खिड़की वाली सीट पर थी.. में बीच में और बहन मेरी सीधी साईड में बैठी थी। फिर सामने की सीट पर वो आदमी अपना लंड दिखता हुआ बैठा था। फिर मेरी बीवी और बहन बराबर उस आदमी के लंड की और देख रही थी। फिर वो आदमी भी मेरे घर की इज़्ज़त.. मेरी बहन और बीवी को बार बार घूर घूर कर देख रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और वो लंड को सहलाने लगा। उसका लंड पायजामा के अंदर कड़क हो गया था। फिर मेरी बीवी ने यह देखकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और उसने अपने दोनों बूब्स साड़ी के बाहर कर दिए। फिर एकदम बड़े बड़े सफेद बूब्स हवा में थे.. सिर्फ़ एक पतला सा गहरे गले का ब्लाउज ही उसको संभाले हुए था। तभी यह देखकर उस आदमी ने अपना पैर मेरी बीवी के दोनों पैरो के बीच लंबा कर दिया। तभी गीता ने अपना पैर लंबे करके उसके लंड के पास लगा दिया। तभी हाल ऐसा था कि उसका एक पैर गीता की चूत को और गीता का पैर उसके लंड को छू रहा था।
    फिर में बिलकुल अंजान बनकर यह सब देख रहा था। मेरी बहन भी यह सब देख रही थी। फिर उससे रहा नहीं गया। तभी उसने मुझसे कहा कि भैया आप मेरी सीट पर आ जाओ और मुझे बीच में बैठ जाने दो। फिर हम दोनों ने अपनी अपनी सीट बदल दी। फिर मेरी बहन ने अब खड़े होकर.. उस आदमी की तरफ गांड करके वो खड़ी हो गयी और ऊपर की बर्थ से कुछ समान उतारने करने की आक्टिंग करने लगी। तभी अचानक से ट्रेन का एक झटका लगा और मेरी बहन उस अंजाने आदमी की गोद में गिर पड़ी। तभी उस आदमी का लंड पहले से टाईट ही था। तभी ज़ोर से वो लंड मेरी बहन की बड़ी गांड से टकराया और मेरी बहन आअहह करके उसके ऊपर पड़ी। फिर उसने भी मेरी बहन को खड़ी करने के बहाने से उसके बूब्स पकड़ लिए और फिर उसका एक हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। फिर मेरी बहन सॉरी कहती हुई अपनी जगह पर बैठ गयी।
    फिर उस आदमी ने मौका देखकर दूसरा पैर भी मेरी बहन की चूत में घुसा दिया। फिर साले का एक पैर मेरी बीवी की चूत में और दूसरा पैर मेरी बहन की चूत में था। फिर मेरा लंड भी यह सब देखकर खड़ा हो गया था। फिर मैंने गीता की और देखा तो उसने मुझे कहा कि क्या आप सामने वाली सीट पर बैठ सकते हो? तभी मैंने पायल को कहा कि पायल तेरी भाभी को सीट पर सोना है.. चल हम सामने वाले भाई साहब के पास जाकर बैठ जाते है। फिर हम दोनों उसके पास जाकर बैठ गये। फिर मेरी बीवी हमारी सीट पर सो गयी। तभी उसने पीठ हमारी और की हुई थी.. इस पोज़ में मेरी बीवी की खुली हुई पीठ साफ साफ दिखाई पड़ रही थी और उसकी गांड भी मस्त उभरी हुई दिख रही थी।
    फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने कहा कि क्या में सामने आपकी बीवी की सीट पर बैठ सकता हूँ? तभी मैंने हाँ कह दी। तभी वो सामने गया और मेरी बीवी की गांड के पास जाकर बैठ गया। फिर कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ गीता की गांड पर रख दिया लेकिन गीता कुछ नहीं बोली। तभी उसकी हिम्मत खुल गयी और वो उसकी पतली कमर पर हाथ फैरने लगा और इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर गीता ने अब एक कंबल लेकर ओड़ लिया। फिर वो आदमी मेरी बीवी के बाजू में सो गया। फिर उसने भी कंबल ओड़ लिया था। अब एक ही कंबल में मेरी बीवी और एक अंजना आदमी था। फिर इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर अंदर उसने मेरी बीवी की साड़ी ऊपर करके अपना लंड पीछे से ही गीता की चूत में घुसेड़ दिया और फिर उसको चोदने लगा। फिर गीता चुपचाप लंड का मज़ा ले रही थी। फिर कुछ एक घंटे तक चोदने के बाद वो बैठ गया। फिर मेरी पत्नी कंबल के अंदर ही आधी नंगी पड़ी थी। फिर जब वो चुद चुकी तो उसने मुझे उठाया और कहा कि क्या आप मेरे साथ सो सकते है मुझे बहुत ठंड बहुत लग रही है। तभी वो आदमी खड़ा होकर मेरी सीट पर आ गया और फिर में मेरी बीवी के कंबल में चला गया। फिर वहाँ पर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत पूरी गीली हो गयी। फिर उस आदमी के वीर्य से गीता की चूत पूरी भर गयी थी।
    फिर में उल्टा हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। मेरी बीवी की चूत में से मैंने उस आदमी का सारा वीर्य चाट चाट कर साफ कर दिया। फिर उधर वो आदमी यह सब देख रहा था। फिर उसने अब ज़ोर से कंबल खींच दिया। तभी में उसे चूत में वीर्य चाटता हुआ दिखाई पड़ा। तभी उसने खुलेआम मेरी बहन की टी-शर्ट उतार दी। तभी पायल के बूब्स हवा में लहराने लगे। फिर उसने पायल के मुहं में अपना लंड घुसा दिया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुहं को वो फक फक करके चोदने लगा। फिर मेरी बहन के मुहं से ढेर सारा वीर्य बहकर गिर रहा रहा था। फिर वो मेरी बहन के बालों को पकड़कर अपना लंड घुसा रहा था। फिर हम चारों के बीच में कोई शरम नहीं थी। फिर इधर मैंने भी गीता का ब्लाउज निकाल दिया और अब उसके बूब्स भी हवा में लहरा रहे थे।

    दोस्तों आप सोचिए कितना हसीन पल था कि ट्रेन के एक डिब्बे में मेरी बहन और बीवी दोनों अपने बूब्स खुले रखकर एक पराए आदमी के साथ है वो भी मेरे सामने। फिर मेरा लंड तो यह देखकर तन सा गया था। फिर थोड़ी देर बाद मेरी बहन का मुहं चोदने के बाद उसने पायल को कुतिया बनाया और पीछे से उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। फिर पीछे से वो ज़ोर से मेरी इकलोती बहन की गांड मारने लगा और फिर पायल भी आहह आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी। तभी इधर में और गीता भी घोड़ी बनकर प्यारी बहन की चुदती हुई चूत के पास अपना मुहं ले गये और वहाँ पर किस करने लगे। फिर बीच बीच में वो आदमी अपना लंड मेरी बहन की गांड से निकलता तो मेरी बीवी और में उसके लंड को चूसने लगते.. कभी उसका लंड मेरे मुहं में तो कभी मेरी बीवी के मुहं में रहता था। फिर बाकी के टाईम में हम पति पत्नी किस करते थे। फिर करीब बीस मिनट बहन की गांड मारने के बाद वो बहन की गांड में ही झड़ गया।
    तभी उसने लंड को गांड से बाहर निकाला तो गीता ने उसे मुहं में लेकर बराबर चाट चाट कर साफ कर दिया और मेरे सामने मेरी बहन बहुत मस्त चुदी और वो भी एक पराए मर्द के लंड से और गांड से वीर्य टपकाती हुई खड़ी थी। फिर में उसकी गांड के पास अपना मुहं ले गया तभी पायल ने कहा कि देखो भैया आपकी इकलोती बहन की क्या हालत कर दी है इस पराए आदमी ने.. देखो भैया आपकी बहन की गांड देखो कैसी फाड़ दी है.. कैसी चोद चोदकर रंडी जैसी गांड बना दी है देखो भैया। तभी मैंने कहा कि बहना तू डर मत में तेरी चुदी हुई गांड को अभी चाट देता हूँ और मैंने मेरी प्यारी बहन की वीर्य से भारी हुई गांड चाटना चालू कर दिया। फिर गांड चाटकर हम तीनों ने कपड़े पहन लिए। फिर सुबह होते ही हम अपने स्टेशन पर उतर कर चले गये ।।