Mother Son Sex Kahani : कल जो हो गया आज मैं आपको वही बता रही हूँ। मैं भी चाहती हु आपको भी पता चले की कल क्या हुआ था और कैसे मैं खुद अपने बेटे से जाकर चुद गई। ये मेरी पहली कहानी है। मैं कहानियां लिखती नहीं हां मुझे पढ़ने का शौक है और मैं इसी वेबसाइट पर आती हूँ। रोजाना पर दोस्तों कल जो हो गया उसके बारे में एक एक पल की कहानी आपके सामने शेयर कर रही हूँ। ताकि आप भी मेरी चुदाई का मजा ले सके और जान सके की कैसे क्या और कब हुआ था।
मेरा नाम कविता है मैं 40 साल की हूँ। मैं अपने बेटे के साथ रहती हूँ जो की 21 साल का है। पति से तलाक हो गया है। बेटा इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा है मैं खुद बीटेक हूँ और एक कंपनी में अच्छी पोस्ट पर हूँ। दोस्तों मेरा किसी से कोई नाजायज रिश्ता नहीं रहा। मैं अपने पति के लिए लॉयल थी। पर कल मेरे कदम डगमगा गए और मैं वो कर गई वो शायद कोई माँ ऐसा नहीं करती है। पर मैं कर गई।
असल में बात ये है। की मैं सेक्सी हूँ मुझे सेक्स करना बहुत पसंद था। मैं रोजाना अपने पति के साथ सेक्स करती थी। पर पिछले साल से सब कुछ ख़तम हो गया। और मैं सिर्फ इंटरनेट की दुनिया तक सिमित रह गई। सेक्स कहानियां पढ़ ली सेक्स मूवी देख ली। फोटो देख ली और फिर खुद ही हस्थमैथुन कर के अपनी वासना को शांत कर कर ली। पर दोस्तों ये सब से मन नहीं भरता है किसी का। सेक्स की जगह सिर्फ सेक्स ही ले सकता है। क्या आप मेरी बात से सहमत हैं या नहीं ? फोटो देखने कहानियां पढ़ने से या हस्थमैथुन करने से थोड़ा शुकुन तो मिल सकता है पर किसी को वो मजा नहीं नहीं आएगा। इसलिए चुदाई का काम सिर्फ चुदाई से ही हो सकता है।
मैं और मेरा बीटा राज दोनों अलग अलग कमरे में सोते है. मैं तो अपना दरवाजा बंद आकर के सोती हूँ पर वो बचपन से ही अपने कमरे का दरवाजा खोल कर सोता है। मैं रात में नाईटी पहन कर सोती हूँ। ब्रा और पेंटी भी हमेशा से उतार कर ही सोती हूँ ताकि आराम मिले। तो सिर्फ एक नाइटी और अंदर कुछ नहीं। जब कहानियां पढ़ती हूँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर तब अपने नाईटी को ऊपर कर लेती हूँ और चूत सहलाती हूँ। चूचियां मलती हूँ दबाती हूँ। फिर जैसे जैसे जोश चढ़ता था फिर ऊँगली अपनी छूट में डालने लगती हूँ और फिर झड़ जाती हूँ फिर आराम से सो जाती हूँ।
मैं करीब पंद्रह दिन से देख रही थी की राज लेट तक सोता नहीं था। वो अपने लैपटॉप पर कुछ देखता रहता था। शुरू में लगा की वो पढाई करता है। पर वो पढाई नहीं करता था। क्यों की वो रात जब ज्यादा हो जाती थी और जब उससे लगता था की मैं सो चुकी हूँ तक वो हिलने लगता था। यानी की मूठ मारता था हस्थमैथुन करता था। और वो बहुत ज्यादा सेक्सी हो जाता था दांत पीसने लगता था। अकड़ जाता था और फिर बाद में आह आह आह यह करके अपने हाथ में वीर्य निकाल देता और फिर बाथरूम में साफ़ कर आता।
मैं रोजाना देखने लगी। पहले तो ये देखती थी की बेटा क्या करता है। जब पता चल गया वो लंड सोटता है यानी मूठ मारता है तब मैं भी इन्तजार करती और मजे लेने के लिए चुप कर खिड़की से देखती।
अब उसका भी एक टाइम होता था जो रात को 12:00 बजे के करीब एडल्ट मूवी देखना शुरू करता था और मैं उस समय खिड़की के पास आ जाते थे और पर्दे के पीछे से मैं उसको निहारते रहते थे उस समय में नंगे हो जाते थे ताकि मैं अपनी चुचियों को खूब अच्छे तरीके से दवा सकूं और मजे ले सकूं। दोस्तों जब मैं अपने लाडले को मुठ मारते देखते थे तो मेरा पूरा शरीर झंझरा जाता था ऐसा लगता था उसको पकड़ लो जाकर उसके लंड को अपने मुंह में ले लो और खूब चाहता हूं इतना चाहता हूं जब तक उसका माल मेरे मुंह में चला ना जाए गिर ना जाए। मैं काफी ज्यादा कामुक हो जाती थी पर मैं कुछ नहीं कर पाती थी क्योंकि रिश्ता ही ऐसा था कि मैं आगे भी नहीं बन सकती थी।
वापस आकर मैं अपनी चूत में उंगलियां डालना शुरू कर दी थी और पूरे बिस्तर को मैं अस्त व्यस्त कर देते थे क्योंकि दोस्तों मेरे अंदर हो जाती थी कि मैं अपने आप को बर्दाश्त नहीं कर पाते थे कभी तकिया को दबाती कसके कभी बेडशीट को फिर से पकड़ लेती मेरे पूरे शरीर में आग दौड़ जाती थी गर्मी हो जाती थी मैं पागल होने लगे थे जब मैं उंगलियां डाल दी थी तब जाकर मैं झड़ती थी और फिर मैं ठंडा पानी पी कर शांत होती थी। पर मैं परेशान रहने लगी थी दिन भर सोचते रहती थी हमेशा मेरा मन हमेशा कामुक बना रहता था। मेरे अंतर्वासना भड़कते रहती थी।
पर ये सब कितना दिन तक चलता है कितना दिन तक मैं इस आग को बुझा के रखती मेरे अंदर तो ज्वाला चल रही थी इसलिए मैं भी ठान ली जो भी होगा देखा जाएगा फिर मन भी नहीं मानता था लगता था कि अगर उसने मना कर दिया तो वह क्या सोचेगा कि मां ऐसे होते हैं यह सब सोचकर कभी मुझे डर भी लगता था और कभी लगता था कोई बात नहीं जो होगा देखा जाएगा वह भी तो परेशान हो रहा है मैं भी थोड़ी ना परेशान हो रही हूँ।
आग दोनों तरफ लगी हुई थी दोस्तों जवान था इसलिए वह जल्दी गर्म हो जाता था और मुझे लंड नहीं मिल रहा था इसलिए मैं भड़क जाते थे फिर हम दोनों खुद से ही शांत कर लेते थे।
1 दिन की बात है मेरे दोस्त के यहां कितनी पार्टी थी तो मैं वहां चली गई तो वहां पर दो-तीन दोस्त हमारे ऐसे हैं जो कि हम लोग शराब पीते हैं तो शराब दो दो पेग चल गया रात को 10:00 बजे आई अपने बेटे के लिए खाना बाहर से ही ले आई थी वह खा लिया और मैं अपने कमरे में आ गई। शराब का नशा उतरा नहीं था। आज सबकी बातें जो मैं देखी थी 15 दिन से मेरे मन में घूम रहा था मेरा शरीर ना जाने क्यों पूरे दिन आज सेक्सी सेक्सी लग रहा था। ऐसा लग रहा था काश कोई मुझे चोद देता आज तो कितना अच्छा रहता।
आज मैं मजे लेने के लिए पहले से ही तैयार थे कि आज मैं अच्छे से देखूंगी और अपनी वासना को खुद से ही शांत करूंगा दिन में एक लंबा बैगन भी रखी थी ताकि आज बैगन से ही काम चला लूँ। मेरा बेटा शुरू हो गया लैपटॉप खोला काफी देर तक दर्द देखा फिर भी अपना पेंट नीचे कर दिया घुटने तक जागना भी घुटन तक कर दिया अपना मोटा लंड निकाल कर हाथ में ले लिया और थूक लगाया और धीरे-धीरे करके हिलाने लगा। आज उसकी अदाएं कुछ और ही थी उसका लंड भी आज बहुत मोटा दिख रहा था महिला भी बड़े सॉलिड तरीके से रहा था गर्मी थी ऐसी चल रहा था सपना बनियान खोल रखा था उसके गठीले बदन देखकर मैं पागल होने लगी।
छोटू से अपना लंड को आगे पीछे करने लगा मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई दोस्त आज मैं रिश्ते को तार-तार कर देना चाहते थे मैं तुरंत ही अंदर चली गई और उसका लैपटॉप हटाकर उसके लंड को पकड़ कर और पर बैठ गई पूरा लंड उसका मेरी चूत में चला गया उसके बाद में गांड हिला हिला कर अंदर करने लगे उसने काम मम्मी मैंने कहा चुप हो जा आज कुछ मत बोलना। और मैंने अपना बूब्ज़ मुंह में डाल दिया और उसका हाथ भी अपने बूथ पर रख दिया और बोला मसल आज जो तुमको करना है कर।
उसका लंड पहले से ही खड़ा था दोस्तों बस ऐसे ही मेरी चूत के अंदर गया और भी मोटा हो गया लंबा हो गया जैसे ही वह मेरी चूचियों को दबाना शुरू किया मैं पागल होना शुरू हो गई अब तो जोर जोर से धक्के देने लगे उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा रहा था मैं उसको किस करने लगी चूमने लगी अपना जीभ उसके मुंह में डालने लगी। अब मैं जोर जोर से धक्के देने लगी और उसके बदन को चूमने लगे उसके बाद को चूमने लगे पागल की तरह मेरी चुचियों को दबाने लगा। मैं आ कर रही थी वह भी मजे ले रहा था हम दोनों एक हो चुके थे हम दोनों दो शब्द भले ही थे पर आत्मा ही खो गई थी दोस्तों मजा आ गया था मैं पसीने पसीने हो गई थी पसीना पसीना हो गया था मेरी चूचियां बड़ी बड़ी गोल-गोल और उसे बहुत मारा था और मेरे गांड को पकड़कर अपनी तरफ खींचता और कस के धक्के देता पूरा का पूरा लंड चूत में समा जाता।
फिर वह मुझे लिटा दिया और दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया और बीच में लंड चूत में घुसा दिया उसके बाद जोर जोर दुख देता रहा फिर तो हम दोनों ने करीब 1 घंटे में कई सारे कामसूत्र के पोज आजमा दिए।
हम दोनों ही निढाल हो गए उसका खलास हो गया और मैं भी शांत हो गए हम दोनों एक साथ ही सो गए सुबह उठी। मैं ऑफिस चली गई और मैं यह कहानी ऑफिस से ही लिखी हूं तो आज क्या होगा दोस्तों अब तुझे पता नहीं मैं अगले कहानी में आपको बताऊंगी कि फिर क्या हुआ था। क्योंकि आज मैंने शर्म से उसे फोन पर बात नहीं किया उसने भी मुझे फोन पर बात नहीं किया जो हुआ था कल रात ही हुआ था आवाज क्या होगा घर जाने के बाद ही पता चलेगा मुझे। नॉनवेज पर यह मेरी पहली कहानी थी अगली कहानी जल्द ही लेकर आउंगी तब तक के लिए धन्यवाद
दोस्तो, मेरा नाम अक्षय है और मैं हैदराबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है और मैं अभी अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी हाइट 6 फ़ीट है और वज़न 72 किलो है. रनिंग और कसरत करने से मेरा शरीर बिल्कुल फिट है. बाकी मैं अपने लंड के बारे में में क्या बताऊं, जिसने लिया है, वही जानती है. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, जो मेरे साथ कुछ महीने पहले घटी थी.
हुआ ये कि मैं पढ़ाई के सिलसिले में शहर में रहता था, तो मैं शहर में एक रूम भाड़े पर लेकर रहता था. कुछ दिन तो ठीक से कट गए, पर कहते हैं ना कि शहर की हवा लगने में देर नहीं लगती. मेरे साथ भी यही हुआ, कुछ दिन बाद मेरी किस्मत चमकी और मेरे रूम के बगल में एक मेरे से सीनियर लड़की रहने के लिए आ गयी.
उस लड़की का नाम पूजा था, वो अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी. उसके बारे में क्या बताना दोस्तो… लगता था कि ऊपर वाले ने उसे बड़ी ही तसल्ली से बनाया था. उसकी झील सी आंखें, पतली कमर, बड़े बड़े चूतड़, जब चलती तो ऐसे मटकती कि जान ही ले ले. ऊपर की तरफ देखिए तो बड़े ही आकर्षक बूब्स … जिन्हें देखकर तो उन्हें खा जाने का मन करता. उस पर उसके लंबे बाल.. उफ्फ पूरी माल लगती थी.
अगर ऐसी हॉट लड़की को देखकर भी कोई अपने लंड को खड़ा ना कर सके, तो वो किस मर्द कहलाने लायक ही नहीं है.
कुछ दिन तक मैं उसे सिर्फ छुप छुप कर ही देखता था, कभी हिम्मत ही नहीं हुई कि उससे सीधी नजर मिला लूँ.
पर कुछ दिन बाद हम आपस में पढ़ाई के बारे में बातचीत करने लगे, इसके बाद धीरे धीरे हम दोनों आपस में अच्छे से घुल मिल गए. कभी मैं उसके रूम पर जाता, तो कभी वो मेरे रूम पर आती थी. मगर मुझे तो उसको चोदने की लग रही थी. इसलिए मैंने एक प्लान बनाया, मेरे पास उसका मोबाइल नंबर था.
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मैंने दिमाग लगाया और एक नए सिम कार्ड से उस नम्बर से व्हाट्सअप शुरू किया और उसे हाय कहकर भेजा.
फिर मैं सो गया, जब मैं अगली सुबह जागा, तो देखा कि उसका रिप्लाई आया था. वो मुझसे पूछ रही थी कि तुम कौन हो?
मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त.
फिर उसने मेरे बारे में जानने के लिए दो तीन दोस्तों के नाम से पूछा.
मैंने कहा कि मैं इनमें से नहीं हूँ.
तो उसने लिखा कि तो तुम कौन हो और मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने लिखा- मैं तुम्हारा दोस्त बनना चाहता हूँ.
उसने कहा- क्यों?
मैंने बताया- मेरी कोई भी गर्लफ़्रेंड नहीं है.
उसने पूछा- गर्लफ़्रेंड बना कर उसका क्या करोगे?
मैंने कहा- कुछ तो करूँगा.. आप पहले दोस्त तो बनिए.
फिर उसने मुझे अपना फ़्रेंड बना लिया. हम रोज़ बातें करने लगे. धीरे धीरे वो मुझसे सेक्स की बातें करने लगी.
इस तरह की बातों से जब वो गर्म हो जाती तो कहती कि मुझे चुदवाने का मन कर रहा है.
तो मैंने कहा कि मैं तो आ नहीं सकता.. तुम हाथ से शांत हो जाओ.
उसने बताया कि आज तक वो सिर्फ हाथ से ही करती आ रही थी, पर अब उसे मर्द का लंड चाहिए.
कुछ दिन बाद वो मिलने की ज़िद करने लगी तो मैंने कहा- मिलकर क्या करोगी?
उसने कहा कि और क्या करना है.. उस काम के सिवा?
तो मैंने कहा- अगर उतना मन कर रहा है तो एक आईडिया बता सकता हूँ.
उसने कहा- हां बताओ.
मैंने कहा कि अगर तुम्हारे घर के अगल बगल कोई है, जो तुम्हें चोदने के चक्कर में हो.. तो उससे चुदवा लो इस तरह तुम्हारा काम बन सकता है.
वो कहने लगी- ये कैसे हो सकता है.. मैं कैसे जानूंगी कि कोई पड़ोस वाला मुझे चोदना चाहता है.
मैंने लिखा- ये तेरे लिए क्या बड़ी बात है.. जो भी तुझे पसंद हो उसे अपने रूप के जलवे दिखा कर फांस ले. बस फिर उसको चोदने की बात कर और चूत खोल दे.
वो बोली- मैं किसको पटाऊं, मेरी समझ में ही नहीं आ रहा है?
मैंने कहा- तेरे साथ कोई लड़का नहीं पढ़ता.. उसी पर जादू चला दे.
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उसने मेरा ही नाम लेकर कहा- हां है तो एक घोंचू.. साला लगता तो है कि मुझे चोदने के चक्कर में है लेकिन उसने कभी मुझसे कहा नहीं है.
मैंने लिखा- वो शायद डरता होगा. उसको अपने दूध दिखा और उसर सेक्सी बात कर.. हो सकता है कि वो मान जाए और तेरी आग बुझा दे.
उसके दिमाग में घुस गया और वो चहकने की स्माइली भेजी और लिखा- ठीक है.. उसको अब देखती हूँ.
अगले दिन से ही वो मेरे साथ अलग सा बर्ताव कर रही थी, जब वो चलती तो गांड ज्यादा ही मटकाने लगती और आज तो टॉप भी ढीला और गहरे गले का पहना हुआ था. उस टॉप को पहनकर वो मुझे झुक झुक कर अपने मम्मे दिखा रही थी. मैंने भी सोच रखा कि उसे तड़पाकर ही चोदूंगा.
फिर दूसरे दिन उसने मुझे अपने घर पर शाम को सात बजे बुलाया और बताया कि आज उसका बर्थडे है.
मैंने उसे विश किया और कहा कि तुमने बताया ही नहीं मैं गिफ्ट लेकर आता. चलो मैं अभी आता हूँ.
मैं गिफ्ट लेने की कह कर जा ही रहा था कि उसने रोकते हुए आँख मारते हुए कहा- रुको यार, गिफ्ट भी ले लूँगी.. पर अभी मेरी सुनो.. आज रात का खाना तुम मेरे साथ ही खाना.
मैंने भी मुस्कुरा कर ओके कहा और उसके घर से चला गया.
आठ बजे रात को मैं अच्छे से सज कर पर्फ्यूम लगा कर अपने साथ कंडोम लेकर उसके घर चला गया.
उसने केक काटा और मुझे खिलाया, मैंने उसको खिलाया. फिर मैंने उसे बताया कि इतने कम समय में मैं तो तुम्हारे लिए कोई गिफ्ट ही नहीं ला सका.
तब उसने बोला- कोई बात नहीं, पर गिफ्ट तो तुम अभी भी मुझे दे सकते हो.
मैंने पूछा- मैं क्या दे सकता हूँ?
उसने कहा- आज मैं जो मांगूंगी, दोगे?
मैंने कहा- मांग कर देखो.. मैं पक्का दे दूंगा.
उसने मुझे सीधे कह डाला- मैं आज औरत बनना चाहती हूँ, क्या तुम मुझे औरत बना सकते हो.
इतना सुनते ही मैं उस पर टूट पड़ा और उसको जोर से किस करने लगा. वो भी मुझसे लिपट गई और हम लोग दस मिनट तक तो एक दूसरे को टटोलते रहे. फिर मैं उसको उठाकर बिस्तर पर ले आया और किस करते हुए मैंने उसकी टॉप ब्रा और स्कर्ट उतार दी. वो अब सिर्फ पैंटी में थी. क्या मस्त कांटा माल लग रही थी. उसके बड़े बड़े मम्मों पर गुलाबी निप्पल मुझे बुला रहे थे कि आओ और हमको चूस लो.
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मैं अगले ही पल उसके मम्मों पर टूट पड़ा और चूसने लगा. मैं एक हाथ उसकी पैंटी में डालकर उसकी चूत मसलने लगा. वो भी मेरा लंड मसलने लगी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना लंड उसके हाथ में दिया. साथ ही मैंने उसकी पेंटी भी उतार फेंकी.
अब वो और मैं बिल्कुल नंगे थे, मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठकर उसकी चूत को चाटने लगा. इससे वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी. ‘आआआ उफ़्फ़फ़फ़ उम्म्ह… अहह… हय… याह… अमा उफ्फ हआ..’ ऐसे करते हुए मेरा सिर उसके चूत पर रगड़ने लगी और कहने लगी- चाटो आज ऐसे चाट चाट कर खा जाओ.
वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी और ढीली हो गयी.
इसके बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और वो मेरा लंड का टोपा चूमने लगी. थोड़ी देर बाद वो मेरा लंड जोर जोर से चूसने लगी, इससे मेरा पानी निकल गया. अब हम दोनों थोड़ी देर के लिए शान्त हो गए और एक दूसरे से खेलते हुए धीरे धीरे 69 पोजीशन में आ गए. कुछ पल की चुसाई के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
अब मैंने उसे सीधा लिटाकर उसके नीचे तकिया लगा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
मैंने कहा- डार्लिंग पेल रहा हूँ.. क्या तुम तैयार हो?
इससे वो और तड़पने लगी और कहने लगी- चाहे आज जो हो जाए.. तुम रुकना मत.. मैं कितनी भी चिल्लाऊं तुम रुकना मत.
मेरे सामने एक कली फूल बनने को तैयार थी. मैंने अपना लंड का दबाव हल्के से डाला और एक जोर का झटका दे मारा. इस झटके से मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुस गया. उसकी झिल्ली फट चुकी थी और उसकी चुत में से हल्का सा खून आ रहा था. वो बड़ी मुश्किल से अपना दर्द छुपा रही थी. मैं भी यूं ही रुका रहा.
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थोड़ी देर बाद उसने कमर हिलाकर साथ देना शुरू किया और अब मैं भी शुरू हो गया. उसे जोर जोर से चोदने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बना कर भी चोदा.
फिर कुछ देर बाद मैं उसके चूतड़ों पर अपना पानी निकालकर शांत हुआ.
उसने मेरे साथ चुदाई को बहुत एन्जॉय किया. उस रात हमने दो बार औऱ सेक्स किया और कुछ हफ्तों बाद मैंने उसकी गांड भी मारी.
बाद में जब उसको मेरे बारे में पता चल गया कि मैंने ही उस से व्हाट्सएप पर बात की थी, तो उसने बताया कि वो उसका बेस्ट बर्थडे गिफ्ट था.
इसके बाद हम जब तक साथ रहे, वो मुझसे खूब चुदवाती रही. फिर वो चली गयी, पर अभी भी कॉल करके फोन सेक्स से अपनी प्यास बुझवा लेती है.
दोस्तो, मुझे रिप्लाई देकर बताएं कि मेरी इस हिंदी सेक्स स्टोरी के बारे में आपको क्या लगा.
दोस्तों एक दिन की बात है, में उस दिन अपने कमरे में बैठकर किताब पढ़ रहा था कि तभी अचानक से कुछ गिरने की बहुत ज़ोर से आवाज़ आई। मैंने अपने कमरे से बाहर निकलकर देखा तो मेरी माँ के हाथ से दूध नीचे गिर पड़ा, क्योंकि उनका पैर फिसल गया था, लेकिन वो नहीं गिरी थी और उसके बाद वो उसे साफ करने लगी, तो मैंने उनसे कहा कि लाओ में इसको साफ कर देता हूँ, वो बोली कि नहीं में सब साफ कर दूँगी और जब वो साफ करने लगी तो मैंने देखा कि जो उनके बूब्स है वो उनके घुटनों से दबकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हे ब्लाउज के अंदर के ब्रा ने पकड़ रखा था और वो बैठी हुई जो दूध गिर गया था उसको साफ कर रही थी। में वो सब देखकर पागल सा हो गया था और जैसे ही मैंने उनके उठे हुए बूब्स देखे, तो मेरे मन में जाने कैसे कैसे विचार आने लगे। मेरी माँ की लम्बाई 5.6 और उनके बूब्स का आकार 38 था और बाकी का आकार आप अपने आप सोच सकते है। मेरी माँ दिखने में बिल्कुल अच्छी, लेकिन थोड़ी सी मोटी जरुर थी। फिर जिस दिन से मैंने माँ को उस हालत में देखा में अब माँ कि चुचिया का दूध पीना चाहता था और मुझे एक दिन वो सही मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बहुत इंतजार था। एक दिन मेरी माँ बाथरूम में कपड़े धो रही थी, वो दोपहर का समय था और में उस समय अपनी पढ़ाई कर रहा था। फिर इतने में माँ ने मुझे आवाज़ लगाई तो में तुरंत उठकर उनके पास चला गया और वो मुझसे कहने लगी कि तुम बाजार जाकर कुछ समान ले आओ और जैसे ही में उनके कहने पर बाजार की तरफ गया तो कुछ दूर जाकर मैंने देखा कि मेरी जेब में तो पैसे ही नहीं थे और ना ही पर्स था, इसलिए में वहीं से अपने घर के लिए वापस मुड़ गया और फिर अपने घर पर पहुंच गया।
अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई, लेकिन उसका कुछ असर नहीं हुआ और तभी बाहर खड़े हुए मैंने मन ही मन में सोचा कि दाल में कुछ काला ज़रूर है, इसलिए मैंने अपनी जेब से दूसरी चाबी निकालकर दरवाजा खोल लिया और जैसे ही मैंने दरवाज़ खोला तो देखा कि मेरी मम्मी उस समय बाथरूम में नहा रही है। फिर मैंने बाथरूम के बाहर से आवाज़ देकर उनसे पूछा कि पैसे कहाँ है? तो वो बोली कि अलमारी से ले लो। मैंने उनकी बात पर तुरंत हाँ भर दी, लेकिन फिर में बाथरूम के ज्यादा पास चला गया और जो मैंने उस समय देखा तो में देखता ही रह गया। मेरी मम्मी के शरीर पर केवल ब्लाउज और ब्रा ही थी। उनकी साड़ी और पेटीकोट एक तरफ उतरे हुए रखे थे और उस समय मेरी माँ अपनी चूत पर मालिश कर रही थी, क्योंकि उन्होंने अभी अभी नहाते समय अपनी चूत के बाल साफ किये थे।
यह सब देखकर मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो गया और पेंट से बाहर आने लगा। में वहां से कुछ देर बाद चला गया, क्योंकि मेरे दिमाग़ ने वो सब देखकर अब बिल्कुल काम करना बंद कर दिया था। फिर जब में सामान लाकर अपने घर पर पहुंचा तो में तुरंत बाथरूम में पेशाब करने चला गया और अब रह रहकर मुझे वो द्रश्य याद आ रहे थे जिनकी वजह से में पागल हो रहा था। फिर जैसे ही में कमरे में पहुंचा तो माँ मुझसे कहने लगी कि क्या बात है तुम आज बहुत परेशान से नजर आ रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं वैसे ही। दोस्तों में अपनी माँ को कैसे बताता कि मेरे मन में क्या बात है? माँ बोली कि चल में तुझे सर में तेल लगाकर मालिश कर देती हूँ जिससे तेरी थकान दूर हो जाएगी। फिर मैंने कहा कि ठीक है और मैंने झट से जाकर उनकी गोद में जाकर अपना सर रख दिया और लेट गया।
मुझे उनके बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे और वो मेरी मालिश करती रही और कुछ देर बाद माँ ने मुझसे कहा कि मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे है, लेकिन मेरे पैरों में तेल कौन लगाएगा? तो मैंने कहा कि आप मुझे दो में लगा देता हूँ, वो बोली कि नहीं में खुद लगा लूँगी और अब उनका हाथ मेरे सर पर बड़े प्यार से धीरे धीरे मालिश कर रहा था कि तभी अचानक से वो कुछ लेने के लिए नीचे झुकी तो उनके बूब्स मेरे मुहं में आ गए। मैंने उन पर अपनी जीभ को लगा दिया और मेरी यह हरकत मेरी माँ को पता चल गई। फिर में थोड़ा सा घबरा गया, तो वो मुझसे पूछने लगी कि तूने यह क्या किया? मैंने कहा कि कुछ नहीं, लेकिन माँ को कुछ और ही मंजूर था। शायाद वो मेरे मुहं से कुछ सुनना चाहती थी और उनकी शरारती मुस्कान को देखकर मुझे कुछ हिम्मत आई में टीवी देख रहा था कि उसमे कुछ देर बाद अचानक से एक स्मूच करने का द्रश्य आ गया।
मेरी माँ भी पहले से गरम थी, क्योंकि उन्होंने अभी अभी अपनी चूत के बाल साफ किए थे और उसके साथ वो अपनी चूत को पहले ही रगड़कर गरम कर चुकी थी। अब वो मुझसे बोली कि क्या तू अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कहीं बाहर घूमने नहीं जाता? तो मैंने कहा कि वो एक महीने से बाहर गयी है, अब वो हंसते हुए बोली कि तेरी बात कहाँ तक पहुँची? मैंने कहा कि कहीं नहीं मतलब वो कुछ करने से बहुत ज्यादा डरती है। फिर माँ बोली कि ठीक बात है, लेकिन अगर ग़लती से कुछ हो गया तो? तभी मैंने तुरंत उनसे पूछ लिया कि क्या? दोस्तों में अपनी माँ की शर्म को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहता था। अब वो मुझसे बोली कि तू अब ज्यादा भोला मत बन, मुझे सब पता है कि तू मेरी कही सभी बातें अच्छी तरह से समझ चुका है। तभी मैंने डरते हुए उनसे एक बात बोली कि माँ में अपने मन की एक सच्ची बात बताऊं? कि तुम मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगती हो और फिर मेरी बात को सुनकर माँ बोली कि धत तू बिल्कुल पागल जैसी बातें क्यों करता है? तो मैंने बोला कि नहीं में सब सच कह रहा हूँ, वो भी अब गरम होने लगी थी और वो बोली कि तुझे मुझमें क्या क्या अच्छा लगता है? मैंने कहा कि आपकी आँखे और स्माइल, वो दोबारा पूछने लगी कि चल अब सही बता झूठ क्यों बोलता है?
फिर मैंने बोला कि में आपको एक बात बताऊं? अभी कुछ देर पहले मैंने आपको बाथरूम में अपनी आखों से देखा था कि आप क्या कर रही थी? अब वो मुझसे झूठ बोलती हुई बोली कि नहीं तू झूठ बोलता है, चल बता में क्या कर रही थी? मैंने कहा कि आप उस समय बाथरूम में खड़ी हुई थी और नीचे से पूरी नंगी थी और आपने अपनी चूत के बाल साफ किये थे और उसके बाद आप चूत की मालिश कर रही थी। दोस्तों वो मेरी यह पूरी बात को सुनकर एकदम डर गयी और अब वो मेरे ऊपर झूठा गुस्सा करने लगी। फिर मैंने उनसे कहा कि जब मैंने आपको उस हालत में देख ही लिया तो अब किस बात का गुस्सा? फिर वो मेरी बात सुनकर थोड़ा सा शांत हो गयी और फिर मैंने सही मौका देखकर तुरंत उनसे कहा कि मुझे अब आपका ऊपर का हिस्सा भी देखना है और उसके साथ में नीचे का भी, वो मेरी इस बात को सुनकर एक बार फिर से आग बबूला हो गई और अब वो उठने लगी तो मैंने उन्हे पकड़ते हुए बिस्तर पर लेटा दिया और अब में उनके ऊपर बैठ गया। वो कहने लगी कि तुझे पता है कि यह सब क्या कर रहा है? तो मैंने कहा कि मुझे बस आप एक बार दिखा दो में कभी कुछ नहीं मांगूगा।
दोस्तों वो मेरी बात से बहुत नाराज़ होने लगी, लेकिन शायद वो कुछ देर बाद धीरे धीरे ठंडी भी होने लगी थी। पहले तो वो कुछ नहीं बोली, लेकिन फिर उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में जैसा कहूँगी तू वैसा ही करेगा? तो मैंने तुरंत कहा कि हाँ ठीक है और फिर उन्होंने कहा कि जब तक में ना कहूँ तू मुझे कहीं भी हाथ नहीं लगाएगा, मैंने बोला कि हाँ ठीक है और सबसे पहले उन्होंने मुझसे कहा कि तू अब पेटीकोट उतार तभी मैंने बहुत खुश होकर मन ही मन सोचा कि शायद आज सारा काम मुझे ही करना पड़ेगा और मैंने जैसे ही उनका ब्लाउज उतारकर अपनी चकित नजरों से देखा तो उनके बूब्स उनकी ब्रा को फाड़कर बाहर आने के लिए तड़पने लगे और में बाहर की तरफ झूलते हुए गोरे गोरे बूब्स को लगातार घूर घूरकर देखने लगा। तभी माँ बोली कि चल अब तू जल्दी से मेरी ब्रा को भी उतार दे और मैंने जैसे ही उनकी ब्रा को उतारा तो उनके बूब्स झट से कूदते हुये बाहर आ गए और यह देखकर में तो पागल हो गया और में अब उन पर टूट पड़ा और उन्हे दबाने लगा। अब माँ मेरी उस हरकत की वजह से नाराज़ हो गयी और उठने लगी, लेकिन मेरे वजन और दबाने की वजह से वो निकल ना पाई और वो दोबारा बिस्तर पर गिर गयी। फिर कुछ देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा था, पहले तो में बूब्स को दबाता ही रहा, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी हिम्मत बढ़ने लगी तो मैंने जल्दी से एक बूब्स की निप्पल को अपने मुहं में पूरा भर लिया और अब में बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से उन्हे अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी।
फिर मैंने सही मौका देखकर अब में अपने एक हाथ से उनकी चूत को छूने लगा और उन्होंने मेरा थोड़ा सा विरोध किया, लेकिन कुछ देर बाद वो ज़ोर से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और में उनकी गोरी चिकनी कामुक चूत को लगातार सहलाता रहा और उसमे अपनी एक ऊँगली डालकर चूत की गरमी को महसूस करने लगा था, जिसकी वजह से वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर मैंने मौका देखकर उनसे कहा कि मुझे अब कुछ और भी चाहिए, तो वो कहने लगी कि अब तो मैंने तुम्हे अपना सब कुछ दे दिया है, तुम्हे मुझसे अब क्या चाहिए? दोस्तों शायद वो सब कुछ मेरे मुँह से कहलवाना चाहती थी, इसलिए मैंने भी कहा कि जिसके आपने बाल साफ किया है वो। फिर वो कहने लगी कि अब यह सब तेरा ही है, जो तुझे चाहिए वो सब ले ले। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने सबसे पहले उनकी साड़ी को खोल दिया, लेकिन एक अजीब सी बात यह थी कि मैंने महसूस किया कि उन्होंने अपना पेटीकोट ठीक तरह से नहीं बांधा था, क्योंकि वो भी मेरे हल्का से खीचने पर ही तुरंत निकल पड़ा, शायद वो भी पहले से सेक्स के लिए तैयार होकर आई थी।
फिर मैंने कुछ देर उनकी चूत को चूसा उसके बाद चूत पर थोड़ी सी क्रीम लगाई तो वो बोली कि अभी इसे इसकी ज़रूरत नहीं है और वो इतना कहकर खड़ी हो गई और अपने घुटनों के बल बैठ गयी। उसके बाद मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर पहले कुछ देर हिलाती रही और उसके बाद चूसने लगी। में फिर से अपनी माँ की चूत और बूब्स का नज़ारा देखने लगा और फिर मैंने धीरे से अपनी माँ की गोरी चमकीली चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से माँ को मस्ती चड़ने लगी और वो मुझसे बोली कि राजू प्लीज़ पहले अपना वो काम पूरा करो उफ्फ्फ्फ़ नहीं तो में पहले ही गीली हो जाउंगी आह्ह्हह्ह मुझसे अब ज्यादा देर नहीं रुका जाएगा और माँ ने यह बात कहकर अपनी दोनों आँखें बंद कर ली। फिर मैंने शावर को माँ चूत के ऊपर वाले हिस्से पर ले जाकर स्विच को चालू कर दिया और माँ बोली कि राजू शावर को धीरे धीरे रोक रोक कर चलाओ, तुम्हारे हाथ से मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही है। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और 6-7 बार शावर को उनकी चूत पर घुमाने पर चूत का पूरा मैदान पहले भी ज्यादा साफ हो गया माँ बहुत ही गरम हो गई थी और उस वजह से मुझको मेरा काम बीच में रोकना पड़ा।
फिर मैंने देखा कि माँ की गांड और चूत के बीच के हिस्से में कुछ बाल रह गये थे और वो बाल थोड़े लंबे भी थे, तो मैंने माँ से बोला कि आप अपने पैरों को ऊपर छत की तरफ करो। फिर उन्होंने ठीक वैसा ही किया और अब मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर मैंने उनकी चूत और गांड के बीच के हिस्से के बाल भी एकदम अच्छी तरह से साफ कर दिए। अब जब साफ सफाई का काम खत्म हो गया तो माँ मुझे देखने लगी और वो पूछने लगी क्यों इसके आगे क्या इरादा है, चल अब ज़रा नज़दीक आ जा और माँ ने मेरे लंड को पकड़ लिया। अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था, लेकिन माँ बोली कि यह ऐसे खड़ा नहीं होगा, इसको सहारे की ज़रूरत है में माँ का मतलब नहीं समझ सका था और में उनको देखने लगा थी वो बोली कि अरे मुझे भी पता है कि टेड़े लंड को कैसे सीधा किया जाता है और जब लंड सीधा नहीं जाता तो उसको टेढ़ा कैसे चूत में लिया जाता है? वो बोली कि राजू डार्लिंग में तुम्हारी समस्या को बहुत अच्छी तरह से समझ गई हूँ, तुम बस सीधे लेट जाओ और अब में उनके कहने पर बेड पर एकदम सीधा लेट गया और उन्होंने अपना मुहं मेरी झाटों के पास में ले जाकर जीभ से चाटना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से अब मेरी जोश ज्यादा बढ़ गया था और मेरा लंड भी आकार में ज्यादा बड़ा होने लगा।
फिर कभी वो बीच बीच में मेरे लंड पर भी अपनी जीभ घुमा देती और कहती कि अरे यह खंबा ही तो मुझे पार ले जाएगा यही तो पुलिस का जवान है जो हमको आज जंग के मैदान तक ले जाएगा और उसके बाद उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने मुहं में ले लिया और किस करने लगी। अब तो मेरा लंड फनफनाने लगा था और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और और चूसने लगी, लेकिन वो बहुत धीरे से आराम से यह सब काम कर रही थी। फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे में आज चुदाई से पहले का अनुभव देती हूँ, तू में जैसा कहूँ ठीक वैसा करना इससे तुझको चुदाई करने में आसानी होगी, वैसे तुझे पहले से पता तो होगा कि जब तक औरत भी अंदर ना ले तब तक चूत में लंड आसानी से नहीं जाता है, लेकिन इस स्टाइल में तुझको ऐसा मज़ा आएगा जैसे किसी ढीली चूत वाली रंडी की चुदाई कर रहा हो।
फिर मैंने कहा कि हाँ मेरे दोस्तों ने मुझे ऐसा बताया था कि पहली बार में ज़ोर लगाना पड़ता है, लेकिन ब्लूफिल्मों में तो एक चूत में दो दो लंड घुस जाते है। दोस्तों अब मेरी झिझक एकदम दूर हो गयी थी और में चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गया था और अब में संध्या को अपनी माँ नहीं एक रंडी की तरह ही देख रहा था, वो बोली कि तू ऐसा कर सीधा खड़ा हो जा और बाकी सब कुछ में देख लूँगी। अब में खड़ा हो गया तो मेरा लंड एकदम सीधा तनकर खड़ा हो गया, उन्होंने तुरंत नीचे बैठकर मेरे आधे लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर मुहं बाहर निकालकर बोली कि अब जब तेरा लंड मेरे मुहं में होगा तू यह सोचना जैसे मेरा मुहं मेरी चूत है और तू मुझे चोद रहा है। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है संध्या डार्लिंग उन्होंने मेरे तरफ देखकर मुस्कुरा दिया और एक हल्का सा किस मेरे लंड के टोपे पर ले लिया। फिर वो बोली कि चल अपनी पहली चुदाई के लिए तैयार हो जा और उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने होंठों के बीच दबा लिया।
माँ कि चुचिया
अब मेरा लंड पूरे जोश में था और मैंने धीरे से अपना लंड उनके मुहं के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो एम्म्म उफफ्फ्फ्फ़ की आवाज़ करने लगी। फिर मैंने लंड को पीछे किया और इस बार मैंने ज़रा ज़ोर से आगे को धक्का दे दिया तो वो मुझे पीछे की तरफ धकेलने लगी, इससे मुझे पूरा मज़ा नहीं आया और मैंने उनके सर को बालों के साथ पीछे से पकड़ लिया और चुदाई वाली स्टाइल में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करना शुरू कर दिया। अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा और फिर में समझ गया कि अगर में किसी ढीली चूत वाली रंडी को चोद रहा होता तो मुझे कैसा मज़ा आता। फिर करीब एक मिनट बाद उन्होंने मेरा लंड पकड़कर एक झटका देकर अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और वो हाफते हुए बोली कि बस अब और नहीं, नहीं तो तेरा पूरा वीर्य मेरे मुहं में आ जाएगा और अब वैसे मेरी चूत भी गीली होने को है। फिर में बहुत जोश में होने की वजह से बड़ा परेशन सा हो गया और चुदाई की मस्ती बीच में रुकने की वजह मेरे लंड का सारा वीर्य लंड से बाहर आ गया और में अपने लंड को कंट्रोल नहीं कर पाया। फिर वो हंसने लगी और बोली कि राजू वैसे तो मुझे इसे अपने मुहं में लेना था, लेकिन डार्लिंग मुझे यह पसंद नहीं है, में सीधी-साधी चुदाई में ही हमेशा खुश रहती हूँ और तेरे पापा को भी सेक्स का यह तरीका बिल्कुल भी पसंद नहीं है, तू भी मुझको रंडी मत समझना, मैंने केवल आज तक बस तेरे पापा से ही अपनी चुदाई करवाई है और उनके अलावा बाहर और किसी से नहीं।
फिर उसके बाद में उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तेरा लंड तो फिर से ढीला हो गया और अब उन्होंने फिर से अपने हाथों, मुहं और होंठो के जादू से उसको दो तीन मिनट में फिर से तैयार कर दिया और मैंने भी अब पूरी तरह से किला फ़तह करने की इच्छा से उनके शरीर को नापना शुरू कर दिया। मैंने उनके पैरों पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया और उनके पैर बड़े ही मुलायम और चिकने थे। मुझे लगता है कि वो अपने पूरे बदन का बहुत ख्याल रखती है और मैंने अब तक अंदर जाने वाले दरवाजे पर दस्तक नहीं दी थी और में आज उनको पूरा मस्त कर देना चाहता था और मैंने अपने लंड को पूरे कंट्रोल में रखा और में उनके शरीर को अभी भी अपने होंठो, उंगलियों और हाथों से ही सहला रगड़ रहा था, जिसकी वजह से वो थोड़ा थोड़ा गरम होने लगी थी और फिर वो बोली कि राजू अब आ भी जा यार प्लीज़ मत तड़पा जालिम, जल्दी से मेरे ऊपर आ जा प्लीज आह्ह्ह्ह।
फिर मैंने कहा कि बस थोड़ा सा और इतंजार करो, में तैयार हो रहा हूँ बस एक मिनट रुक जाओ में भी आता हूँ और फिर मैंने उनकी चूत पर अपना हाथ रखकर कहा कि संध्या यह क्या है? तो वो बोली कि इसे औरत का लंड कहते है यह औरत की मस्ती का बटन है, अगर तुझे किसी औरत को चोदना है और वो तैयार ना हो तो बस इस बटन पर हाथ फेर दे, वो तुझसे चुदवाए बगैर नहीं मानेगी। फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आज में तुम्हारा बटन ऐसा दबाऊँगा कि सारे फ्यूज़ उड़ जाएँगे, वो मेरी बातें सुनकर मस्ती में आकर हंसने और चिल्लाने लगी। मैंने उनके दोनों पैरों को दूर करते हुए उनकी जांघो को अपनी कमर की तरफ़ किया और दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया और उनके चूतड़ को दोंनो हाथों से धकेलते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले गया और पूरे ज़ोर का धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उनकी चूत में समा गया और मेरी तो चीख निकल गयी, लेकिन उनको कुछ तसल्ली हुई और वो मेरे अगले धक्के का इंतज़ार करने लगी। फिर मैंने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया। अब मैंने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो तो पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मेरे साथ अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी।
में तो सातवें आसमान पर था, लेकिन उनका पूरा ध्यान इस बात पर था कि कहीं मेरा माल बीच में ही नहीं निकल जाए, वो शुरू से ही चुदाई को लंबा करना चाह रही थी। फिर वो बोली कि पूरा अंदर तक डाल दे अपना लंड, हाँ ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मुझे बहुत मज़ा आता है, उसकी आवाज़ मुझे अच्छी लगती है। अब वो भी ज़ोर ज़ोर से अपने पेट और चूत बीच के हिस्से पर मस्ती में ज़ोर ज़ोर से धक्के देती, तो में भी ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा वो बोली कि अच्छा, तुझे भी अब बहुत मस्ती आ रही है? वाह मुझे भी मज़ा आ गया। आज बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है, कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए आईईईईईईईई सस्स्स्स्सस्स उह्ह्हह्ह। अब में भी बहुत जोश के साथ धक्के देकर चुदाई कर रहा था और मैंने कहा कि में आज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा, अब तू पापा से चुदाई करवाना भूल जाएगी, हर वक़्त वो मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी। फिर वो आह्ह्हहह ऊईईईईईईई वाह क्या मज़ा आ रहा है चोद मुझे और ज़ोर से आउउउ ज़ोर से और तेज, में भी बोला हाँ मेरी जान।
फिर वो बोली कि राजू मुझे चुदाई का तो मज़ा लेते हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन मैंने आज तुमको जोश में करके जो तुमसे अपनी चुदाई करवाई, ऐसा पहली बार हुआ है। में अब तक यह जानती थी कि आदमी ही गरम करते है, लेकिन मैंने पहली बार किसी मर्द को शुरू से गरम करके अपनी चुदाई करवाई है और वो चिल्ला रही थी वाह बहुत अच्छा राजू मज़ा आ गया उऊम्म्म्मम आआअहहउहह म्म्म्ममम। फिर अचानक जब मुझे लंड पर कुछ तरल का फील होने लगा वो बोली कि राजू अब धीरे कर दे, तूने मेरा तो पानी निकाल दिया। अब मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा सा कम कर दिया और अब में थकने भी लगा था। अब अचानक मेरा सारा दबाव मेरे लंड के रास्ते उनकी चूत की घाटी में समा गया और में एकदम से सुस्त हो गया और मेरा लंड भी शांत हो गया। फिर वो और में एक दूसरे के ऊपर लेट गये। फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड संध्या की चूत से बाहर निकाल लिया और देखा तो वो एकदम मूँगफली की तरह सिकुड़ गया था और माँ उसे देखकर हंसने लगी और वो बोली कि देख मैंने तेरे लंड का क्या हाल कर दिया राजू।
अब मैंने माँ से कहा कि मेरी बड़ी इच्छा हो रही है कि एक बार आपकी गांड मारूं, अगर तुम बुरा ना मानो तो शुरू कर दूँ? तो माँ बोली कि अबे कहाँ तो तुझसे चुदवाने के लिए मुझे तुझको कितना तैयार करना पड़ा और कहाँ तू अब मेरी गांड मारने की भी सोचने लगा। अबे सारा काम एक दिन में ही कर देगा और फिर टाइम देख क्या हो गया है? सुबह के 5.00 बज रहे है और अगर तेरी ज्यादा ही इच्छा है तो में तुझको पूर्वाभ्यास करवा देती हूँ और इतना कहकर वो उल्टा होकर लेट गयी और उनके बड़े बड़े कुल्हे के बीच उनकी गांड का छेद मुझे नज़र नहीं आया, लेकिन उनके कुल्हे बड़े मस्त थे। जब वो पूरी तरह से गरम हो गयी तो बोली कि चल अब शुरू हो जा, तो वो ऊपर आई और मैंने उनके दोनों पैर फैलाए और अपना 6 इंच का लंबा लंड उनकी गांड पर रख दिया और हल्का सा दबाया तो वो करहाने लगी। फिर मैंने हल्की सी स्पीड बढाई तो वो कहने लगी कि आस्स्स्स्सस्स साले तेरा तो ओह्ह्ह्ह बड़ा जबरदस्त लंड है, तूने तो अपने बाप को पीछे कर दिया। फिर मैंने कहा कि अगर कहो तो में तुम्हे रोज इस तरह खुश कर दूंगा, तो वो बोली कि में तेरी माँ हूँ, पहले अब जल्दी से तू मुझे शांत कर दे। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और यह कहकर अपनी धक्को की स्पीड को तेज कर दिया, वो मज़े की वजह से चिल्लाने लगी और हम दस मिनट तक यह बातें करने लगे और जब में शांत हुआ तो वो उठकर सीधा बाथरूम में चली गयी और नल को खोलकर नहाने से टब में नीचे बैठ गयी और मुझे आवाज़ दी। में गया तो देखा कि वो टब में बैठी हुई है और मेरी तरफ हाथ बढ़ा रही है, तो में भी उसमे जाकर समा गया और हमने वहां पर भी बहुत मस्ती की ।।
मेरा नाम पिंकी शर्मा है। मैं 19 साल की हूँ सीधी सादी हूँ, पर हुस्न की मल्लिका हूँ। मेरे गोर गोर गाल लाल लाल होठ मदमस्त मेरी चाल और उभरे हुए चूतड़, मध्यम साइज की मस्त चूचियां और पतली कमर किसी को भी दीवाना बना दे। पर मुझे पता नहीं था एक दिन मेरा भाई ही दीवाना हो जाएगा और मुझे चोद देगा। आज मैं आपको अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ।
मैं उदयपुर में रहती हूँ, मेरा भाई कल ही दिल्ली से उदयपुर आया वो दिल्ली में पढता है। मेरे से तीन साल बड़ा है। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुले विचार के हैं हम दोनों भाई बहन की तरह कम बल्कि एक दोस्त की तरह ज्यादा रहते हैं। माँ पापा दोनों ही इंडियन एयरलाइन्स में काम करते हैं। वो दोनों भी घर पर बहुत कम रहते हैं। मैं ज्यादातर अकेली रहती हूँ।
कल की ही बात है हम दोनों भाई बहन खाना खाकर सोने चले गए इस बार मम्मी गलती से अपने ट्रंक (बड़ा बक्सा) का चाभी अपने साथ ही ले चली गई और रजाई और विछावन उसी में होता है। बस मेरे लिए एक रजाई बाहर था। और भाई अचानक ही आ गया था। पर एक पतला कंबल बाहर थे। वो वही लेके सो गया।
मैं रात के करीब दस बजे नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ने लगी। कल जो एक नई कहानी जो बड़ी ही मस्त थी “ससुर ने मुझे शादी के दूसरे दिन जम कर चोदा” पढ़कर ऐसा लगा की मुझे भी कोई चोद दे। रोज की तरह मैं अपने चूत को सहलाते हुए कहानियां पढ़ी पर कल की कहानी बहुत सेक्सी थी इसलिए जोश में आ गई और मैं अपना ऊपर का कपड़ा उतार दी ब्रा भी खोल दी ताकि अपने चूचियों को सहला सकूँ। और वही कर रही थी मैं अपने चूचियों को सहला कर अपने चूत में ऊँगली कर रही थी और जब मेरी वासना थोड़ी कम हुई तो शांत हो गई और सोने लगी।
तभी मेरा भाई मेरी बेड पर आ गया और फिर मेरी रजाई में घुस गए और बोला मैं भी तुम्हारे साथ ही सोऊंगा क्यों की ठंढ लग रही थी उस कंबल में. पर मैं थोड़ी परेशान हो गई कोण की मैं नंगी थी अंदर। पर अब कुछ कर भी नहीं सकती थी। वो तभी मेरे पीठ पर हाथ रखा तो देखा मेरे बदन पर कपडे नहीं हैं। वो हाथ से सहलाया। मैं सीधी हो गई उसने डायरेक्ट मेरी चूचियों पर हाथ रख दिया। और फिर रख कर हाथ हटा ही नहीं रहा था।
मैं उसका हाथ हटा दी। पर वो फिर से मेरी छाती पर हाथ रखा और इसबार वो दबाने लगा। मेरे जिस्म से वासना की धुआँ निकलने लगा थोड़े ही देर में मुझे अच्छा लगने लगा और मैं टाँगे फैला दी और पेंटी उतार दी। अब वो मेरी चूत को भी सहलाने लगा। अब मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी। वो अब मेरे करीब आ कर अपना होठ मेरे होठ पर रख दिया। वो मेरी होठ को चूसने लगा किस करने लगा। मैं अपना जीभ उसके मुँह में घुसा दी। अब तो वो पागल हो गया। वो वाइल्ड होकर मेरी चूचियों को दबाया होठ चूसे और फिर निप्पल मुँह में लेकर वो चूसने लगा।
मैं पागल हो रही थी। जिस्म में घंटियां बजने लगी थी करंट दौड़ रहा था पुरे शरीर में। वो मेरे ऊपर चढ़ गया और ऊपर से जीभ लगाता हुआ चूत तक पहुंचा और फिर चूत को चाटने लगा। मैं मदहोश हो गई थी। मैं अपना पैर अलग कर ली और चटवाने लगी। मैं बार बार चूत में पानी छोड़ रही थी वो अपने जीभ से चाट रह था। मैं सिसकारिआं ले रही थी आह आह आह आह कर रही थी।
तभी वो रजाई हटा दिया और फिर मेरे पैरों को अलग अलग कर अपना लौड़ा चूत में रगड़ा और फिर थोड़ा थूक लगाकर घुसेड़ दिया। मैं कराह उठी तकिये दबोच ली अपना होठ खुद ही काटने लगी दॉंतो से। बार बार मेरे होठ सुख रहे थे। और फिर शुरू हुई मेरी चुदाई। दोस्तों वो मेरी चूचियों को दबोचते हुए चोदने लगा और मैं भी उसको हेल्प करने लगी।
अब दो जिस्म एक जान हो गए थे ऐसा लगा रहा था वो मेरे में समा गया था। लौड़ा अंदर बाहर हो रहा था। हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे। जब वो चूमना चाहता मैं खुद उसे चूमने लगती। जब वो झटके देता मैं भी झटके देती।
दोस्तों इस तरह करीब एक घंटे वो मुझे चोदा फिर हम दोनों ही झड़ गए। और फिर दोनों एक ही रजाई में सो गए। कल से आजतक वो मुझे आठ बार चोद चुका है। अब बस वो मुझे बुला ही रहा है। कह रहा है आज गांड का उद्घाटन करूंगा। जो भी होगा कल फिर बताउंगी। अब जा रही थी हूँ।
मेरे मम्मी पापा दोनों निचे फ्लोर पर सोते हैं और मैं और मेरा छोटा भाई दोनों ऊपर फ्लोर पर सोते हैं हम दोनों बचपन से ही एक कमरे में सोते हैं पर जब से मेरी चूचियां बड़ी होने लगी तो मम्मी उसी कमरे में दो बेड लगा दी थी फिर तब से हम दोनों अकेले अकेले सोने लगे। शुरआत में तो ठीक नहीं लगा था क्यों की हम दोनों की आदत थी टांग पर टांग चढ़ा कर सोने की पर जब से अकेले हो गए तब से तकिये के साथ ही सोना पड़ा था।
काल रात की बात है। हमदोनो अपने अपने बेड पर करीब 11 बजे चले गए थे। मेरा भाई जल्दी सो गया था और मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियाँ पढ़ रही थी और अपनी चूचियों को दबा रही थी। और संयोग की बात देखिये एक कहानी हॉट लगी तो मैंने पाने सारे कपडे उतार दिए और चादर ओढ़ ली थी और अंदर ही मुँह कर के सेक्स कहानियां पढ़ रही थी और अपनी चूचियाँ दबा रही थी और अपने चूत को सहला रही थी। पर जैसे ही कहानियां ख़तम होने को आई मेरे शरीर में आग सी लग गई थी। ऐसा लग रहा था कोई मुझे चोद दे। पर करती क्या मैंने अपना बिच की ऊँगली अपने चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगी। चूत गीली हो गई थी सफ़ेद क्रीम की तरह कुछ निकल रहा था। मैं पसीने पसीने हो गई थी। मेरे शरीर में झनझनाहट होने लगी थी।
ठीक उसकी समय मेरा भाई नींद में ही चलकर आया। और मुझे दो बार टटोला मैं चादर अपने फेस पर से हटाई तो देखि वो निचे खड़ा है। आँखे बंद है लौड़ा पकड़ रखा था अपने हाथों में लौड़ा भी बड़ा हो गया था मोटा भी था। और होठ ऐसे कर रहा था जैसे की उसने अपना लंड चूत में डाल दिया हो। उसको शायद ये पता भी नहीं था वो क्या कर रहा है। वो सिसकारियां ले रहा था। लौड़ा हिला रहा था। मैं थोड़े देर उसको देखि वो बेड के निचे ही खड़ा था।
उसको देखकर मेरी धड़कन और बढ़ने लगी जैसे कोई गलत काम करने जाते हैं तो कैसे धड़कने बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार हो गया था। मैं सोची क्यों ना चुदवा ही लूँ। उठकर बैठ गई उसके हाथ पकडे और अपने तरफ खींच लिया। नजदीक हुआ। मैं बैठ कर ही उसका लौड़ा पकड़ ली और मुँह में ले ली, खिड़की से स्ट्रीट लाइट आ रही थी, सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मैं और भी ज्यादा गरम होने लगी थी। वो भी अपने आप को मुझे सौंप दिया था। फिर मैं उसके हाथ पकड़ी और लेट गई मेरे सारे कपडे पहले से ही उतारे हुए थे।
वो बेड पर चढ़गया और मैं अपना टांग फैला दी। वो मेरी टांगो के बिच में बैठ गया पर कुछ भी नहीं कर रहा था। वो चुपचाप बैठा हुआ था। वो नींद में था पर उसका लौड़ा खड़ा था, मुझे लगा की इससे ज्यादा बड़ा मौक़ा मुझे नहीं मिलेगा अपनी चूत की भूख मिटाने को, मैंने तुरंत ही उसको अपने पर लिटा लिया और उसका लौड़ा पकड़ पर अपने चूत पर लगा लिया। तभी वो धक्के देने लगा। वो नींद में बड़बड़ा रहा था की चोदने दो मुझे, वो जोर जोर से धक्के देने लगा, मेरी चूत के अंदर तक उसका लौड़ा जा रहा था। मैं निचे से ही धक्के लगाने शुरू की, अब दोनों तरफ से धक्के लग रहे था। उसका हाथ पकड़ पर अपनी चूचियों पर रख दी। वो अब मेरी चूचियों को भी मसलने लगा था।
दोस्तों मेरी चूत गीली हो गई थी मजे ले रही थी सिसकारियां निकल रही थी , मेरे मुँह से आह आह आह की आवाज निकल रही थी। बेड भी चों चों की आवाज कर रहा था, मैं सचमुच में जन्नत में थी। मजे से चुदवा रही थी और मेरा भाई मुझे चोद रहा था।
मैंने उसको चूमना शुरू किया अब वो अपना जीभ मेरे मुँह में डाल दिया, मेरे होठ चूसने लगे, मैं भी उसको चूमने लगी एक तरफ से वो चोद रहा था और दोनों के लिप लॉक था। उसके बाद मैंने उसके सर को निचे किया अपनी बूब्स के पास और मैं अपने बूब्स को पकड़ कर उसमे मुँह में अपना निप्पल दे दिया, अब वो एक छोटे बच्चे की तरफ मेरी चूचियों को चूसने लगा। अब तो मेरी वासना और भड़क गई, अब और तेजी से मुझे चोदने लगा और मैं भी निचे से धक्के देने लगी।
तभी उसका सारा माल मेरी चूत में समा गया और मैं अब उसको जोर से पकड़ी और अंगड़ाई ली और मैं भी झड़ गई। वो करीब पांच मिनट कर वैसे ही लेटा रहा। उसका लौड़ा धीरे धीरे ढीला हो गया और छोटा हो गया। मैं अपना गांड खिसकाई और उसका लौड़ा बाहर आ गया। उसको मैं हौले से उठाई वो खड़ा हो गया और मैं पकड़ कर उसको उसके बेड पर सुला दी और उसके पेंट और जांघिये ठीक से पहना दी और ओढ़ा दी।
और अपने बेड पर आकर सो गई। दोस्तों ऐसा मौक़ा फिर मिलेगा की नहीं आपको अपनी दूसरी कहानी में बताउंगी ये कहानी बिलकुल नई है इसलिए मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर शेयर कर रही हूँ। आशा करती हूँ आपको भी बहुत मजा आया होगा। तब तक के लिए धन्यवाद।