Category: जबरदस्ती की चुदाई

  • अनजान भाभी की जबरदस्त चुदाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कमल है और में असम का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 27 साल है. दोस्तों में आज आप सभी को मेरे साथ घटित हुई एक सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ, जिसमें मैंने एक भाभी को मुझसे दोस्ती करके चोदा, यह मेरी आज पहली कहानी है. अब में सबसे पहले अपने बारे में भी बता देता हूँ, में दिखने में एकदम ठीकठाक और मेरा रंग गोरा है और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों मेरी यह कहानी कुछ इस तरह की है, मुझे एक भाभी रास्ते में मिली.

    एक दिन ऐसे ही में फुटपाथ से घूमता हुआ कहीं जा रहा था तो रास्ते में थोड़ी देर बाद मुझे एक बहुत सुंदर भाभी जी मिली तो मैंने देखा कि उसका पूरा ध्यान मेरी ही तरफ था, वो मुझे देखकर थोड़ा सा मुस्कुरा रही थी और में भी उन्हें देखकर बहुत खुश था और अब मैंने भी अपना पूरा ध्यान उसकी तरफ लगा दिया. फिर में उसका पीछा करने लगा और वो जहाँ जाती में भी वहां पर उनके पीछे पीछे जाने लगा, कम से कम आधा घंटा उसके साथ ऐसे ही टाईम चला गया. फिर जाकर थोड़ा साहस करने के बाद मैंने उसके साथ थोड़ी बातें करना शुरू किया और उससे उसका नाम और उसकी तारीफ करने लगा.

    फिर उसके बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए बोला कि चलो हम कहीं बैठते है और फिर हम थोड़ी ही दूरी पर एक कॉफी शॉप में जाकर बैठ गए और अब हम दोनों एक साथ बैठकर कॉफी पीने लगे. हम दोनों कुछ घंटो में एक दूसरे के साथ ऐसे बातें करने लगे जैसे हम एक दूसरे को बहुत लंबे समय से जानते है, हम बहुत हंस हंसकर बातें करने लगे थे और वो भी मेरी हर बात का जवाब बहुत अच्छे से देने लगी थी. तभी हम लोगों ने अपना अपना फोन नंबर एक दूसरे को दे दिया.

    फिर उस दिन की कहानी उसी कॉफी शॉप पर हो गई और जाते जाते में उससे बोल गया कि में उसके फोन का इतंजार करूंगा और में उससे इतना कहकर वहां से चला गया, लेकिन मेरे मन में वो पूरी तरह से बस गई थी और में पूरे रास्ते उसके बारे में सोचता रहा. माफ़ करना दोस्तों में तो आप सभी को उसके बारे में बताना ही भूल गया. उसका नाम परी है और उसकी उम्र करीब 35 साल के करीब ही होगी, वो दिखने में एकदम अच्छी, उसका कलर दूध जैसा गौरा है, लेकिन उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं है और उसका फिगर बहुत मस्त है, उसका फिगर का साईज मेरे हिसाब से 36- 32- 38 होगा. उसके होंठ आकार में बड़े और बिल्कुल लाल लाल थे और जिसको देखते ही मेरा उसे किस करने का मन करता है. उसको देखकर बिल्कुल भी नहीं लगता कि वो शादीशुदा है और अब ज्यादा वक़्त बर्बाद किए बिना में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. फिर दूसरे दिन सुबह शायद करीब 10 बजे का समय था, तभी मेरे पास उसका फोन आ गया और उसने मुझसे पूछा कि तुम इस समय कहाँ हो? तो मैंने उससे बोला कि में अपने कमरे पर हूँ.

    फिर उसने मुझसे पूछा कि में फ्री हूँ क्या? तो मैंने बोला कि हाँ में फ्री हूँ तो उसने मुझे उसके साथ कहीं बाहर बाजार से कुछ खरीदने के लिए जाने को बोला. फिर मैंने तुरंत कुछ सोचे बिना झट से उसे हाँ बोल दिया और अब में जल्दी से तैयार होकर उसके बताए हुए पते पर पहुंच गया. फिर हम दोनों वहां से बाजार के लिए निकल पड़े और उसने वहां पर पहुंचकर जी भरकर खरीदारी की. उसने उस समय एक कुर्ती और लेगी पहन रखा था और जिसमें वो बहुत मस्त लग रही थी और उसके बूब्स को देखने पर मेरी ऐसी इच्छा हो रही थी कि में उसके बूब्स को यहीं के यहीं पकड़कर खा जाऊँ और अच्छी तरह से निचोड़ दूँ और उनका पूरा रस पी जाऊँ.

    फिर मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स पर अपना हाथ लगाना शुरू कर दिया था, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं बोला और मुझे मालूम नहीं था कि उसको इस बात का पता लगा है या नहीं? फिर कुछ देर बाद में फिर से मैंने अपना हाथ उसकी सेक्सी छाती पर लगाना शुरू किया और तब उसको मेरा हाथ अपने बूब्स पर महसूस हुआ और उसने यह सब जानकर भी ना जानने का नाटक किया. तब मुझे और जोश आ गया और ऐसे ही करते करते मैंने एक बार ज़ोर से हाथ लगा दिया, ताकि उसके बूब्स दब जाए और अब ऐसा ही हुआ. मैंने उसके मुलायम बूब्स को बहुत करीब से छूकर हाथ लगाकर महसूस किया, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा बस थोड़ा सा मुस्कुरा दिया और में उसकी इस हंसी का मतलब समझ चुका था.

    फिर हम दोनों करीब तीन घंटे बाद लौटकर आ गए और अपने अपने घर पर चले गये और घर जाने के बाद उसने मुझे फोन किया तो वो मुझसे थोड़ा ठीक से खुलकर बातें करने लगी और मुझसे ऐसे ही हालचाल पूछते पूछते मैंने बातों ही बातों में कुछ सेक्स की तरफ इशारा कर दिया, उसको भी अब पता लग रहा था कि में उससे किस बात का इशारा कर रहा हूँ और तभी शायद उसको भी जोश आ गया और अब उसने भी मेरे साथ सेक्सी बातें करनी शुरू कर दी.

    फिर हम दोनों ने फोन पर ही बहुत सारी बातें की और फिर हम लोगों ने फोन सेक्स भी किया. फिर मैंने एक बार मुठ मारी और उसने भी अपनी चूत में ऊँगली डालना शुरू किया और कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गये. फिर हमने फोन कट करके अपने अपने सामान बाथरूम में जाकर साफ कर लिए और फिर कुछ देर बाद उसका मेरे पास दोबारा फोन आ गया और अब हम लोगों ने मिलने का प्लान बनाया, मेरा विचार उसके घर पर जाने का था और अब हम दोनों एक अच्छे से मौके का इंतजार कर रहे थे और पूरे चार दिन बाद वो मौका आ गया.

    दोस्तों उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था और उसने अपनी तबियत खराब होने का बहाना बनाकर अपने परिवार वालों के साथ जाने से साफ मना कर दिया और इस बात का फायदा उठाकर उसने तुरंत अकेले होते ही मुझे फोन कर दिया. फिर में उस दिन उसके घर पर जाने को तैयार हो गया और तब तक हम लोग हर दिन बाहर मिलते रहे और मौका मिलने पर हम फोन सेक्स भी करते थे.

    दोस्तों अब आई मौके की बात तो जब में उसके घर पर पहुंचा तो उसने दरवाजा खोला और तुरंत वो मुझसे लिपट गई और उसने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और मेरे एक होंठ पर स्मूच किया. दोस्तों वाह क्या स्मूच था? में आसमान पर पहुंच गया था क्या मज़ा था? उसने उस समय मेक्सी पहनी हुई थी और उसके नीचे ब्रा नहीं पहन रखी थी, शायद मेरे आने के इंतजार में वो एकदम तैयार थी, उसने काली कलर की पेंटी पहन रखी थी. फिर उसने मुझे किस करने के कुछ देर बाद मुझसे पूछा कि क्या तुम चाय पियोगे?

    मैंने उससे बोला कि मुझे चाय नहीं चाहिए मुझे तो आपका दूध चाहिए. अब वो मुझसे एक बार फिर से लिपट गई और अब हम दोनों उसके बेडरूम में चले गये, बेडरूम में जाते ही मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और में उसके सामने आ गया. अब में उसको ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं के अंदर डालकर वो मेरे सलाइवा को चाट रही थी और में भी उसका पूरा पूरा साथ देता रहा, ऐसे ही हम दोनों अब बहुत गरम हो गए.

    फिर मैंने उसे किस करते करते उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था. फिर वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो, इतना ज़ोर ज़ोर से कर रहे हो क्या मेरे बूब्स को बाहर ही निकाल दोगे क्या? तब मैंने थोड़ा धीरे किया और उसके कपड़े उतारने लगा, कपड़े निकालकर में उसके पूरे शरीर को ऊपर से लेकर नीचे तक किस करने लगा और उसके जिस्म का एक भी ऐसा हिस्सा नहीं रह गया जहाँ पर किस करना बाकी रह गया हो. अब मैंने उसकी चूत पर एक जोरदार किस किया और अब में उसकी चूत और बूब्स से खेलने लगा, में उसके एक बूब्स को दबा रहा था और एक को चूस रहा था और चूस चूसकर मैंने उनके निप्पल को पूरे लाल कर दिए थे और ज्यादा ज़ोर से दबाने की वजह से उसके गोरे गोरे मोटे बूब्स भी अब लाल हो गए थे और वो मोन कर रही थी, आऔह उूुउऊ अयाया आआहाआह करके चिल्ला रही थी.

    फिर मैंने उठकर अपने मोबाइल पर एक अच्छा सा प्यार भरा गाना चला दिया, जिससे उसके चीखने की आवाज बाहर ना जाए और फिर में उसके पास आकर उसकी चूत को चाटने लगा और उसकी चूत में मैंने अपनी एक ऊँगली को डाल दिया और मैंने देखा कि उसने अपनी चूत को बहुत साफ कर रखा था और उस पर एक भी बाल नहीं था, मेरे करीब पांच मिनट तक चूत को चाटने के बाद वो अब झड़ने वाली थी. तभी उसने मुझसे बोला कि मेरा अब निकल रहा है और मैंने उसका रस पी लिया, वाह क्या स्वाद था उसका, मुझे बहुत अच्छा लगा. अब वो मेरे ऊपर आ गई और वो मेरे कपड़े खोलने लगी और वो एक एक करके ऐसे खोल रही थी कि जैसे वो आज मेरे कपड़े फाड़ देगी. फिर उसने मुझे जी भरकर किस किया और मेरे लंड से खेलने लगी और उसको हाथ में ले लिया और सहलाने लगी. फिर मैंने उससे बोला कि तुम इसे अपने मुहं में नहीं लोगी क्या? तब उसने मेरी यह बात सुनकर झट से लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर वो बहुत मज़े से लंड को चूसने लगी. दोस्तों वाह क्या मज़े से चूस रही थी, में तो एकदम मदहोश होने लगा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि में आज आसमान में हूँ और मुझे ऐसा महसूस कभी नहीं हुआ था.

    फिर उसने पांच मिनट लंड को चूसने के बाद मुझसे बोला कि मुझे अभी के अभी वो चाहिए, में अब और ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर सकती प्लीज मुझे तुम्हारा यह मेरे अंदर डालकर धक्के दो और मुझे संतुष्ट कर दो में बहुत समय से इसके लिए तरस रही हूँ प्लीज थोड़ा जल्दी करो. फिर मैंने तुरंत उसे अपने ऊपर से हटाकर बिस्तर पर एकदम सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फेलाकर सुला दिया था. अब मैंने एक ही जोरदार झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी उईईईई माँ में मर जाउंगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ में मर गई और उसने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए बोला.

    मैंने उसकी हालात देखकर एक बार थोड़ा बाहर निकाल दिया और अब में धीरे धीरे झटका लगाने लगा. ऐसी ही कुछ देर धीरे धीरे करने के बाद एक झटके में मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया उसके मुहं की बनावट को देखकर मुझे लग रह था कि उसको अब बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी उसने कुछ नहीं बोला और मेरा साथ दे रही थी वो ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी हाँ उफ्फ्फ्फ़ बेबी और ज़ोर करो बोलकर चिल्ला रही थी, हाँ चोदो मुझे ज़ोर से बोलकर चिल्ला रही थी उूआह आआयाया उह्ह्हह्ह माँ मर गयी में उफ्फ्फ्फ़ मर ऊईई और जोर से मारो. तब मैंने स्पीड को और भी बड़ा दिया था और वो तब मेरा साथ देने लगी थी और तभी उसने बोला कि उूईईईइ आह्ह्ह्ह.

    अब में भी झड़ने वाला था और तभी वो भी झड़ गई थी. तब ऐसे ही करीब 10 या 12 मिनट करने के बाद में झड़ने वाला था. फिर तभी मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो उसने बोला कि उसे मेरा पीना पानी है. तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकालकर उसके हाथ में थमा दिया उसने झट से उसे अपने मुहं में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी और तब तक में झड़ गया था और मेरा पूरा का पूरा वीर्य उसने पी लिया. उसने अब मेरा लंड चाट चाटकर पूरा साफ कर दिया और अब मैंने उसे एक ज़ोर से किस किया और हम एक साथ ही लेटे रहे और में उसके बूब्स को पकड़कर ही लेटा रहा. फिर आधे घंटे बाद हम लोगों ने फिर से एक बार और चुदाई की.

    उस दिन हम दोनों ने दो बार सेक्स किया और उसके बाद हम लोगो को जब भी मौका मिलता था तभी हम लोग चुदाई करते थे. मैंने उसको चोदकर बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट किया और वो मेरी चुदाई और चुदाई करने के तरीके से बहुत खुश थी. तभी तो उसने मुझे उसकी चुदाई के बहुत सारे मौके दिए और मैंने उन सभी मौकों का पूरा पूरा फायदा उठाया. दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी एक अनजान भाभी के साथ.

  • जयपुर की सेक्सी भाभी को चोदा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रॉकी है और में पंजाब का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है और में जयपुर के एक इंजिनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा हूँ. मेरी बॉडी एकदम फिट है और मेरी हाईट 6 फुट है और मेरे लंड का साईज़ 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों आप सभी मेरी यह कहानी पड़ने के बाद अपनी राय मेरी मैल आई डी पर भेज सकते है.

    दोस्तों यह आज की कहानी मेरी और मेरी मकान मालकिन भाभी की है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका फिगर 34-26-32 है, उनकी गांड और बूब्स इतने ज़्यादा उभरे हुए है कि उनको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए क्योंकि वो दिखने में बहुत हॉट सेक्सी है और जिस दिन से मैंने उन्हें देखा है में उसको चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था कि कहीं वो किसी को बता ना दे और जब भी वो घर के काम करती तो में उसको घूरकर देखता रहता था.

    बहुत बार मैंने उसके सुंदर, बड़े बड़े बूब्स के दर्शन भी किए और जब वो कुछ काम करने के लिए झुकती तो में उसके बूब्स को देखकर मन ही मन खुश होता और शायद उसको भी यह बात पता चल गई थी, लेकिन फिर भी उसने कभी किसी को कुछ नहीं कहा बहुत बार मैंने यह गौर किया कि वो मेरी तरफ हमेशा बहुत घूर घूरकर देखती है, लेकिन में इस बात को नॉर्मल समझता था और बहुत बार में उसके बूब्स और गांड को छू लिया करता और फिर ऐसा व्यहार किया करता जैसे यह सब मुझसे ग़लती से हो गया.

    दोस्तों अब ऐसे ही करते करते मुझे पूरा एक साल बीत गया और इस दौरान वो पेट से हुई और उन्होंने लड़के को जन्म दिया. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था और एक दिन जब में कॉलेज से लौटा तो पता चला कि भाभी के पति ने दिल्ली में एक शादी में जाने का प्लान बनाया है, लेकिन भाभी ने उस शादी में जाने से साफ मना कर दिया, क्योंकि उनका बच्चा अभी बहुत छोटा था. मुझे और मेरी भाभी को छोड़कर भैया ने जाने का रिज़र्वेशन करवा दिया.

    दो दिन बाद सब चले गये और जाते जाते भैया ने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का पूरा पूरा ध्यान रखना. मैंने उसने कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में उनका ध्यान रखूंगा और फिर में उनको स्टेशन छोड़कर आया और रात को घर आकर अपने कमरे में जाकर सो गया, क्योंकि अगले दिन मेरा एग्जाम था और में अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हुआ और अपने कॉलेज के लिए निकल पड़ा और जब में वापस लोटकर आया तो मैंने भाभी को बहुत बार आवाज़ दी, लेकिन वो नहीं आई और फिर में उनके रूम में चला गया. मैंने वहाँ पर जाकर उनके रोने की आवाज़ सुनी और अंदर जाकर मैंने देखा कि वो गाऊन पहने हुए है और बिस्तर पर उल्टा होकर लेटी हुई है. मैंने उनसे रोने का कारण पूछा तो वो कुछ ना बोली और फिर से ज़ोर से रोने लगी.

    फिर मेरे दोबारा पूछने पर वो मुझसे बोली कि वो कुछ देर पहले छत पर कपड़े सुखाने गई थी और जब वो सीडियों से नीचे उतर रही थी तो अचानक पैर फिसलने की वजह से नीचे गिर पड़ी और उनकी पीठ पर चोट लग गई है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने अपनी चोट पर कुछ लगाया? उन्होंने मना कर दिया और फिर में अपने कमरे में गया और एक दर्द खत्म करने की क्रीम लेकर आया और में उनसे बोला कि आप इसे लगा लो. वो मुझसे बोली कि वहां पर मेरा हाथ नहीं पहुँचेगा तो तुम खुद ही लगा दो. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी इस तरह लगाना तो बहुत मुश्किल होगा और आपके कपड़े बीच में रुकावट बनेगें. वो बोली कि कोई बात नहीं तू मेरे गाऊन को थोड़ा ऊपर उठा दे और फिर लगा दे. अब मैंने ऐसा ही किया और जब मैंने उनका गाऊन उठाना शुरू किया तो क्या में बताऊ दोस्तों वो क्या नज़ारा था. मैंने उनके पैर देखे एकदम गोरे गोरे और बिना किसी बाल के.

    फिर में और थोड़ा ऊपर की तरफ बड़ा तो मुझे उनकी जांघे दिखी, एकदम टाईट, चिकनी, सुंदर और मोटी. मेरा तो मन कर रहा था कि वहीं पकड़ कर उन्हें चाटने लग जाऊँ, लेकिन मैंने उस समय अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया फिर में थोड़ा और ऊपर बड़ा और अब में उनकी गांड तक पहुँच गया था. वाह क्या मस्त सेक्सी गांड थी, उसे देखकर मेरा दिल कर रहा था कि अभी उसकी पेंटी उतार कर यहीं पर उनकी गांड मार लूँ, लेकिन में बहुत मजबूर था. फिर में और ऊपर बड़ा और मैंने उसके गाऊन को इस बार गर्दन तक उठा दिया. अब मेरी भाभी मेरे सामने पीछे से पूरी नंगी थी और मैंने उसकी पीठ पर क्रीम लगाना शुरू किया और साथ में कई बार उसकी ब्रा की डोरी को हटाता. तभी उसने कुछ ही देर में मुझसे कहा कि अगर तुम्हे क्रीम लगाने में दिक्कत हो रही है तो इसे बीच से हटा दो.

    में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ, क्योंकि आज में जो सब कुछ चाहता था वो मेरे सोचने से ही पूरा होता जा रहा था और फिर मैंने उनके कहने पर उसकी ब्रा को खोल दिया और अब उसके बूब्स मुझे एक साईड से दिखने लगे थे और जब में उसकी पीठ पर क्रीम लगा रहा था तो बहुत बार मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को छुआ, महसूस किया और मैंने उसको सॉरी बोला, लेकिन वो कुछ ना बोली. अब वो हल्के हल्के सिसकियाँ लेने लगी.

    मुझको पता था कि वो अब गरम हो रही है और में धीरे धीरे अपने हाथ को उसकी कमर पर घुमाने लगा और वो सीहर उठी, लेकिन मैंने अंजान बनते हुए पूछा कि भाभी क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे जलन हो रही है. मैंने कहा कि मुझे देखने दो आपको कहाँ चोट लगी है? अब मैंने उसको सीधा किया और में उसके पैरों पर आ गया और फिर ऊपर की तरफ जाने लगा. जब में उसके घुटनो पर पहुँचा तो मैंने उससे पूछा कि चोट कहाँ है?

    वो बोली कि हाँ थोड़ा ऊपर अब में उसकी जाँघो को रगड़ने लगा वो और तेज सिसकियाँ लेने लगी. मैंने फिर से पूछा कि चोट कहाँ है? तो वो बोली कि थोड़ा और ऊपर है. अब में उसकी पेंटी पर आ गया और में अच्छा मौका देखकर उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा और अब वो और भी ज़ोर से आहें भरने लगी सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उससे एक बार और पूछा कि कहाँ है? तो वो आहें भरते हुए बोली कि हाँ आह्ह्हह्ह उईईईईइ माँ बस यहीं पर है. में उसकी पेंटी को उतारने लगा कि तभी वो बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे एक बार चेक तो करने दो कहाँ कितनी चोट लगी है?

    फिर मैंने उसकी पेंटी को पूरा उतार दिया और अब में उसकी प्यासी, गरम, तड़पती हुई चूत में अपनी एक उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह थोड़ा आगे हाँ और आगे करो ऊईईईईइ थोड़ा आगे की तरफ मुझे बहुत दर्द है. फिर में उसकी यह बात सुनकर एकदम जोश में आ गया और अब में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालने लगा. वो मुझसे बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि भाभी में आज इसकी सारी जलन मिटा दूँगा, लेकिन बस आप मेरी थोड़ी मदद करो और बीना हिले चुपचाप पड़ी रहो. उन्होंने ऐसा ही किया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, वो आहें भरने लगी और अपने बूब्स दबाने लगी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह तुम अब बस करो आईईईईईइ में अब और नहीं सह सकती.

    दोस्तों वो अब जोश में बिल्कुल पागल सी हो गई थी. वो अपनी चूत को मेरी जीभ की तरफ आगे बड़ा रही थी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और अब जब मुझको लगा कि वो पूरी तरह गरम हो गई है तो में सही मौका देखकर उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा.

    फिर मैंने उसको सीधा लेटाकर अपना लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा अंदर कर दिया. चूत गीली होने की वजह से लंड फिसलता हुआ सीधा बच्चेदानी से टकरा गया और वो चीख पड़ी. में कुछ देर बूब्स को सहलाता, मसलता रहा और कुछ देर बाद ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अब अपने चूतड़ को ऊपर उठा उठाकर मेरे लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी. दोस्तों में अगले दिन सुबह तक उन्हें लगातार चोदता रहा और मैंने उसको उस रात पांच बार चोदा. इस दौरान वो 8 बार और में 6 बार झड़ गया था और जब तक भैया वापस लौटकर नहीं आए में उसको हर रोज चोदता रहा और मैंने उसको लगभग घर के हर एक कोने में और हर एक तरह से चोदा और वो आज भी मेरी प्यारी भाभी है. में आज भी उसको मौका मिलने पर चोदता हूँ.

  • भाभी को गैर मर्द से चुदते हुए देखा, bhabhi cuckold story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है. मेरा एक दोस्त है जिसका नाम आकाश है और वो सरकारी विभाग में एक अच्छे पद पर है. मेरा उसके घर पर हमेशा आना जाना रहता है और उसकी बीवी का नाम दीपा है. उसकी उम्र लगभग 40, एकदम दूध जैसी गोरी बड़ी बड़ी मोटी गांड और उतने ही बड़े उसके बूब्स जो किसी बूढ़े आदमी का लंड खड़ा कर सकता है. वो दिखने में सुंदर, सुशील, एकदम सीधी है और किसी को भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वो औरत एक नंबर की चुदक्कड़ है. में उसे भाभी कह कर बुलाता हूँ और वो मेरे साथ बहुत खुलकर रहती है, फिर भी मुझे एक दिन भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगा कि इस औरत ने कई लोगो के लंड से जी भरकर खेला है.

    एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि तू तेरे दोस्त आकाश के घर पर ज़्यादा मत जाया कर तो मैंने पूछा कि ऐसा क्यों? तब उसने मुझे बताया कि उसकी औरत बहुत चालू है और अब तक कई लोगो ने उसे ठोका है और उनमे से ऐसे लोग भी है जो बुरा काम करते है जैसे कि गुंडे, चोरो और बड़े बड़े बदमाश के साथ उसके गलत संबध है और वो चुदाई के लिए कुछ भी कर सकती है.

    दोस्तों मुझे उसकी इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ, लेकिन अब मेरे मन में एक शक सा पैदा हुआ और मैंने उससे पूछा कि तुम यह सब कुछ कैसे जानते हो? तो उसने मुझे बताया कि में कई बार उसे चुदते हुए और कई बार उसकी खिड़की के बाहर से रात भर यह सब कुछ देख चुका हूँ और उसे नये नये लड़को को पटाकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है और अगर तुझे विश्वास नहीं है तो उसका पति जब भी अपने घर से बाहर जाता है तो तू देखना उसके घर पर कोई ना कोई नया आदमी रहता है और वो उससे जमकर चुदवाती है और उसे भी मज़ा देती है और वो मुझसे इतना कहकर वो चला गया.

    दोस्तों उसकी यह बात सुनकर मुझे भी कुछ कुछ याद आने लगा कि जब भी में उनके घर पर जाता था तो उसके मोबाईल पर बहुत बार कॉल आते थे और भाभी उससे बाद में बात करती हूँ यह कहकर काट देती थी और कई बार जब हम बाहर बैठकर बातें करती थी तो उसकी नज़र हमेशा बाहर आने जाने वाले पर टिकी रहती और कई बार वो मेरी तरफ देखकर भी मुझे कुछ इशारे करती थी. उस वक़्त में उन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था, लेकिन अब मेरे दोस्त की बातें सुनकर मुझे भाभी पर शक़ हुआ और अब मैंने कैसे भी करके मेरे शक़ को दूर करने की ठान ली और सही मौके का इंतजार करने लगा.

    एक दिन ऐसा मौका आ गया. मुझे पता चला कि आकाश अपने यूनियन के काम से दो दिन के लिए बैंगलोर जा रहा है. में उस दिन शाम को करीब 7 बजे उसके घर पर चला गया. आकाश उस वक़्त घर पर था और जाने की तैयारी कर रहा था. उसकी गाड़ी 8.00 बजे थी और हमे बातें करते करते 7.30 बज गये थे. उतने में आकाश के ऑफिस से कुछ दोस्त आए और आकाश को अपने साथ लेकर चले गये. फिर में और भाभी दोनों बातें करते रहे कि तभी मैंने गौर किया कि कुछ देर बाद भाभी का फोन बजा और भाभी ने फोन उठाया और फिर दूसरे कमरे के अंदर जाकर उन्होंने आहिस्ते से बात करनी शुरू कर दी.

    मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर सुना कि में कुछ देर में अपको फोन करूँगी तैयार रहना और वो फोन काटकर फिर उसी जगह आकर मेरे पास आकर बैठ गई जहाँ पर पहले वो बैठी हुई थी. वो अब मुझसे इधर उधर की बातें करने लगी, लेकिन में समझ गया कि यह मुझे जल्द से जल्द यहाँ से भगाना चाहती है और इसलिए में भी उनसे भाभी में अब जाता हूँ कहकर वहां से रवाना होने का नाटक करके थोड़ा दूर रुककर उसके घर की तरफ नज़र रखने लगा और जैसे ही वो अंदर गई तो में जल्द से जाकर उनके घर के पीछे की खड़की के पास जाकर बैठकर अंदर देखने लगा. तभी मुझे फोन पर बात करने की आवाज़ सुनाई दी और मैंने उसे किसी से बातें करते हुए सुना, वो कह रही थी जल्दी आ जाओ में तुम्हारा ही इंतजार कर रही हूँ.

    तभी उधर से किसी से कुछ कहने पर वो फिर से बोली कि ज़रा इधर उधर नज़र डालकर आना वैसे तो इस समय सभी लोग अपने घर पर ही रहते है और हमारे आस पास में कोई भी नहीं रहता है. फिर वो उधर से और कुछ सुनकर बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना में बाहर खड़ी रहती हूँ जब में अंदर आ जाऊं तो तुम घर में आ जाना और उन्होंने ठीक है कहकर फोन रख दिया और बाथरूम जाकर फ्रेश होकर बेडरूम में जाकर एक नीले रंग की चूड़ीदार सलवार पहनकर तैयार होकर बाहर आकर अब उसका इंतजार करने लगी.

    फिर कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक हट्टाकट्टा सा आदमी उसके घर के सामने रुककर इधर उधर देख रहा है, लेकिन बाहर अंधेरा बहुत था इसलिए मुझे उसका चेहरा ठीक से दिखाई नहीं दिया और देखते ही देखते वो भाभी का इशारा पाकर अंदर चला आया और भाभी ने बाहर आकर दरवाजे के पास रुककर इधर उधर देखकर दरवाजे को लगाया और अंदर चली आई में तुरंत उनकी खिड़की के पास जाकर उसके आगे का नजारा देखना लगा. वो आदमी देखने में एकदम काला सांड जैसा था, लेकिन बहुत हट्टाकट्टा था. उसे देखते ही लगता था कि वो कोई गुंडे किस्म का इंसान है और मैंने अब तक उसे अपने शहर में कभी नहीं देखा था और भाभी उसके सामने वाली सीट पर बैठ गई.

    फिर उसने कहा कि क्या मेडम घर तो बहुत अच्छा सज़ा रखा है बिल्कुल आपकी तरह एकदम सुंदर तो भाभी ने कहा कि धन्यवाद. तो उस बात पर उसने कहा कि इसमे धन्यवाद की क्या बात है? आप तो वैसे ही बहुत सुंदर हो तो भाभी ने कहा कि आप मेरी बिना वजह तारीफ कर रही हो. फिर उसने अपने साथ लाए हुए बेग से एक छोटी सी पुड़िया निकली और भाभी के हाथ में देते हुए कहा कि हमारे मिलन की खुशी में आपको मेरा पहला तोफा. भाभी ने कहा कि इसकी क्या ज़रूरत थी? वैसे भी तो आपके मेरे ऊपर बहुत सारे अहसान है, आपने मुझे जब भी में कहती हूँ पैसे दिए है और में आपकी वो उधारी चुकाने की कोशिश कर रही हूँ.

    यह बात कहकर वो उठकर अंदर चली गई और अंदर से एक विस्की की बॉटल और एक ग्लास और साथ में कुछ स्नेक्स लेकर आई और उसके सामने वाली टेबल पर रख दिए. यह सब देखकर उसने बोला कि क्या जल्दी भेजने का प्लान है क्या? अभी तो में आया हूँ. इस पर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं आप ग़लत मत समझना, मुझे तो आपका यहाँ पर आना बहुत अच्छा लगा रहा है और आपका जब जी करेगा तब चले जाना. मुझे दिल से कोई ऐतराज़ नहीं है. अब उसने कहा कि आप इतना दूर क्यों बैठी हो? थोड़ा नज़दीक बैठो ना.

    फिर भाभी उठकर उसके पास दीवान पर बैठ गई, तब उसने विस्की की बॉटल को खोला और एक पेग बना दिया और भाभी से कहा कि आप भी लो ना. फिर भाभी ने कहा कि मुझे इसकी आदत नहीं है, तो उसने कहा कि मेरे खातिर एक सीप लो ना प्लीज, में तुम्हारा झूठा पीना चाहता हूँ. तो भाभी ने उस ग्लास को मुहं से लगाकर एक सीप लिया और फिर उसे पीने को कहा. उसने एक ही झटके में पूरा ग्लास खाली कर दिया. फिर भाभी ने और एक पेग बनाया और खुद ने एक सीप लगाई और उसे दे दिया. उसने अब आहिस्ते आहिस्ते पीना शुरू कर दिया और कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा.

    फिर उसने भाभी से कहा कि इतने दिन हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती थी, लेकिन आज तुमने मुझे अकेले में मिलने का मौका दिया, क्यों तुम खुश हो ना मेडम? तो भाभी ने कहा कि मौका मैंने नहीं दिया बल्कि आपने खुद बनाया है, में इसकी अहसान मंद हूँ और में भी चाहती थी एक ऐसा इंसान जो मुझे केवल देखकर ही मेरे शौक पूरे करवाता रहे और मुझे खुश रखता रहे. में ऐसे आदमी को एक बार मेरे साथ खुलकर रहने का मौका नहीं दे दूँ तो मेरे जैसी मतलबी इंसान कोई नहीं होगी. तब उसने धन्यवाद मेडम कहा. तो यह बात सुनकर भाभी बोली कि मुझे मेडम मत कहा करो, मुझे मेरे नाम से पुकारा करो ठीक है. फिर उसने कहा कि ठीक है दीपा और फिर इस बीच उसने वो पेग भी खाली कर दिया था और भाभी से कहा कि आखरी टाईम तुमने साड़ी लेने के लिए पैसे लिए थे ना तो साड़ी ली क्या?

    फिर भाभी ने कहा कि हाँ अरे वो तो में बातों ही बातों में आपको दिखना ही भूल गई, में अभी दिखाती हूँ और हाँ बोलकर वो बेडरूम में चली गई और साड़ी लेकर आ गई. उसके हाथ में देकर पूछा कि कैसी है? वो साड़ी एक नीली रंग की थी और उस पर छोटी छोटी डिज़ाईन थी और वो दिखने में बहुत महंगी थी. वो साड़ी देखकर बोला कि बहुत अच्छी है और तुम पर खूब जमेगी और जब तुम इसे पहनोगी तो बिल्कुल परी जैसी लगोगी. तब भाभी ने कहा कि अच्छा तो में इसे पहनकर अभी आती हूँ. मैंने इसे अभी तक नहीं पहनी थी और सोचा था कि जब हम पहली बार मिलेंगे तब में इसे पहनूंगी, यह कहकर वो उठाने लगी. तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ा और उसे अपने सामने बैठाकर उससे कहा कि तुम अगर बुरा ना मनोगी तो में एक बात कहूँ?

    भाभी ने कहा कि मुझे आपकी कोई बात बुरी नहीं लगती है, कहो ना. तब उसने कहा कि तुम बहुत सुंदर हो और मैंने पहली बार जब आपको देखा था तो आपके बहुत नज़दीक आने की ठान ली थी. मुझे आपको देखकर ना जाने क्या हो जाता है? में आपसे बहुत प्यार करता हूँ प्लीज ना मत करना. तब भाभी बोली कि में सच कहूँ तो में अपने पति को बहुत चाहती हूँ और मैंने उनके अलावा आज तक किसी और को नहीं देखा, लेकिन मुझे जो भी पति से नहीं मिला वो आपने मुझे दे दिया. इससे में कुछ परेशानी में हूँ कि में हाँ कहूँ या ना, लेकिन एक बात है आप मुझे पसंद हो बस और कुछ नहीं. तब उसने कहा कि बस इतना बहुत है मेरे लिए, लेकिन क्या में तुमसे हाँ सुनकर ही रहूँगा.

    तब भाभी बोली कि में भी चाहती हूँ, लेकिन मेरी मजबूरी है कि में शादीशुदा हूँ और अगर किसी को पता चला तो मेरी और मेरे परिवार की बहुत बदनामी होगी. फिर वो बोला कि में किसी को खबर नहीं होने दूँगा और जब तुम कहोगी तब ही आपसे मिलूँगा, कोई ज़बरदस्ती नहीं करूँगा, अब तो बोलो प्लीज़. तभी भाभी ने कहा कि मुझे सोचने दो, लेकिन अब नहीं अभी में आपकी बहुत सेवा करना चाहती हूँ क्यों ठीक है? तब उसने कहा की ठीक है जैसी आपकी मर्ज़ी, लेकिन क्या मेरी एक बात तो मनोगी? तो भाभी ने पूछा कि कहो कौन सी बात? तब उसने कहा कि जो यह साड़ी है, में इस साड़ी को तुम्हे मेरे हाथों से पहनाना चाहता हूँ?

    अब भाभी बोली कि मुझे बहुत शर्म आती है, तभी उसने कहा कि क्या तुम मेरे लिए इतना भी नहीं करोगी? तो भाभी ने कहा कि ठीक है, लेकिन सिर्फ साड़ी ही बाकी सब में पहनूंगी. फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठकर अंदर चली गई. उससे कहा कि तुम इधर ही बैठना में बाकी सब पहनकर आती हूँ और यह कहकर वो बेडरूम में चली गई और थोड़ी देर में भाभी नीले कलर का ब्लाउज और उसी कलर का पेटीकोट पहनकर उसके सामने आकर खड़ी हो गई और वो भाभी को देखता ही रहा.

    यह देखकर भाभी ने कहा कि जल्दी से मुझे साड़ी पहनाओ मुझे अब बहुत शर्म आ रही है और फिर उसने साड़ी उठाई तो भाभी ने उसके एक पल्लू को अपने पेटीकोट में घुसाकर गोल गोल घूमने लगी और इस बीच उसने दो तीन बार भाभी के जिस्म को छूकर महसूस किया, लेकिन भाभी ने इसका कोई विरोध ना करते देख पूरी साड़ी पहनाने के बाद उसने भाभी के दोनों कंधो पर हाथ रखकर भाभी को दीवार के सहारे चिपकाकर खड़ा करके देखने लगा. भाभी बोली कि क्यों घूर रहे हो, क्या कभी कोई औरत नहीं देखी?

    फिर उसने कहा कि हाँ देखी जरुर है, लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं, तुम बहुत सुंदर लग रही हो और अब भाभी मुस्कुराकर अपना मुहं नीचे करके खड़ी हो गई. फिर उसने धीरे से भाभी के कंधो से हाथ नीचे सरकाते हुए भाभी की कमर तक लाकर धीरे से कमर को पकड़कर धीरे से दबाया और भाभी के मुहं से आहह्ह्ह उह्ह्ह्हह् की आवाज़ निकली और भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो उसने कहा कि में एक सुंदर औरत को जी भरकर देख रहा हूँ, क्या तुम्हे कोई ऐतराज़ है? अब भाभी ने कहा कि नहीं और फिर उसने भाभी को उठाया और दीवाना पर लाकर लेटा दिया.

    भाभी एकदम सीधा लेट गई और उसके आगे की हरक़त का इंतज़ार करने लगी और अब उन्हें देखकर लगता था कि भाभी जल्द से जल्द उससे चुदवाना चाहती थी, लेकिन नाटक कर रही थी और इस बीच वो भाभी के पास आकर लेट गया और लेटे लेटे ही उसने एक और पेग बनाया और भाभी से उसे पीने को कहा तो भाभी बैठ गयी और ग्लास पकड़कर एक सीप पीकर उसे दे दिया और फिर से उसी पोज़िशन में लेट गई और तब उसे भी अंदाजा लग गया कि यह भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ.

    फिर उसने वो सारी विस्की एक ही बार में खाली कर दी और ग्लास को टेबल पर रखकर भाभी के साथ लेट गया और भाभी से पूछा कि मेरे साथ सोकर तुम्हे कैसा लग रहा है? तो भाभी बोली कि मैंने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि में तुम्हारे साथ ऐसे अकेले में एक बिस्तर पर सो जाउंगी, लेकिन जो कुछ भी हो रहा है मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा है और तुमने मुझे इतना प्यार किया कि में अब पागल हो रही हूँ. तब उसने धीरे से भाभी का पेट सहलाया और कहा कि में तुम्हारी मर्ज़ी के बगैर कुछ भी नहीं करूँगा, क्योंकि मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो. फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि में तुम्हारी इसी बात के ऊपर फिदा हो गई हूँ.

    फिर उसने धीरे से भाभी का पल्लू थोड़ा साईड में किया और भाभी से कहा कि में तुम्हे किस करना चाहता हूँ तो भाभी ने कहा कि हाँ मेरा भी मन कर रहा है, लेकिन में मजबूर हूँ क्योंकि में एक शादीशुदा औरत हूँ, अगर मैंने ऐसा किया तो यह बिल्कुल ग़लत होगा. तब उसने कहा कि कुछ भी गलत नहीं होगा, जो कुछ भी होगा हम दोनों के बीच होगा और यहाँ पर तो कोई भी नहीं है.

    अब भाभी ने कहा कि लेकिन फिर भी मुझे बहुत शरम आ रही है और अब उसने भाभी को अपनी गोद में उठाया और सीधे दीवार पर सेट किया और कहा कि ठीक है अगर तुम्हे शर्म आ रही है तो एक काम करो. तुम यह साड़ी निकालो में तुम्हे उसी पोज़िशन में देखन चाहता हूँ. तो भाभी ने कहा कि आप ही ने पहनाई थी तो आप ही उतार दो. उसने ठीक है कहा और भाभी की साड़ी की गाँठ को खोल दिया और भाभी की साड़ी को उससे अलग कर दिया. अब भाभी पेटीकोट और ब्लाउज में थी और उसने भाभी को अपनी बाहों में ले लिया और ज़ोर से कसकर पकड़ा और अब भाभी के मुहं से आह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्ह बस आईईईइ बस में उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ पागल हो जाउंगी.

    अब उसने भाभी से पूछा कि कैसा लग रहा है? भाभी ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है और कसकर पकड़ो तब उसने भाभी को और कसकर पकड़ा और भाभी से कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान और फिर भाभी के मुहं से निकला हाँ बस मुझे ऐसे ही प्यार करना. भाभी के मुहं से यह बात सुनकर उसका जोश और भी बड़ गया और उसने भाभी से पूछा कि क्या तुम मेरे साथ एक बार फिर से बेड पर आ सकती हो? भाभी ने कहा कि क्यों नहीं? आज में आपकी एक बात भी नहीं ठुकराउंगी, तो यह बात सुनकर उसकी हिम्मत दुगनी हो गई और उसने अपनी पेंट और शर्ट को उतार दिया. अब भाभी ने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो?

    तब उसने कहा कि तुम्हे गर्मी चाहिए और अगर में कपड़े पहनूं तो कैसे गरम होगी? भाभी ने कहा कि मेरे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है तुम क्या करना चाहते हो? फिर वो बेड पर आकर लेट गई और वो भी भाभी के पास में आकर लेट गया और भाभी की कमर को पकड़कर आगे खींच लिया और कहा कि तुम बहुत सुंदर हो इतना ही नहीं तुम्हारा फिगर भी बहुत तगड़ा है. अब भाभी ने कहा कि आप भी बहुत हट्टेकट्टे हो और मुझे पहली बार ऐसा लग रहा है कि में किसी असली मर्द के साथ बिस्तर पर हूँ और भाभी ने उसे कसकर पकड़कर कहा कि तुम मुझे किस करना चाहते हो ना, लो तुम्हारी इच्छा पूरी कर लो, यह कहकर भाभी ने भी उसे कसकर पकड़ा और होंठो पर किस करने लगी. तो उसने भी भाभी को और कसकर पकड़ा ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और इस बीच उसने भाभी के सारे बदन को कपड़ो के ऊपर से सूंघ लिया और भाभी की नंगी गर्दन को और पेट को मसलने लगा और भाभी की गांड को कपड़ो के ऊपर से दबाता रहा था और अब भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज के ऊपर से खड़े होकर बाहर आने को तड़प रहे थे और इस तरह 10-15 मिनट किस करने के बाद भाभी ने कहा कि अब टाईम बहुत हो रहा है.

    फिर उसने कहा कि क्यों तुम इतना जल्दी मुझे भेजना चाहती हो? भाभी ने कहा कि अरे नहीं मेरे राजा, में तो खाना खाने की बात कर रही थी. फिर उसने कहा कि नहीं अभी मेरा खाना खाने का मूड नहीं है, मुझे ऐसा लग रहा है कि में बस तुम्हे ऐसे ही किस करता रहूँ. भाभी ने कहा कि अरे बाबा खाना भी खा लो, फिर हम वापिस करेंगे. तब उसने टाइम देखा और कहा कि अभी तो सिर्फ़ 9.45 हुये है और हम 10.30 बजे खाना खाएँगे, क्यों ठीक है?

    भाभी ने कहा कि ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, लेकिन मुझे एक बार बाहर देखकर आने दो और फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठ गई और बेडरूम जाकर अपने ऊपर मेक्सी डालकर दरवाजा खोलकर बाहर गई और कुछ देर खड़े रहकर देखा कि आस पड़ोस में कोई नहीं दिखा तो वो अंदर चली आई और उससे कहा कि अब कोई चिंता नहीं है, तुम रात भर मेरे साथ रुक सकते हो, यह बात कहकर वो अब उसके पास में आकर लेट गई. उसने भाभी से कहा कि तुम पहले जब लेटी थी तब मेक्सी नहीं थी, भाभी ने कहा कि वो मुझे पता है और बात यह कहते हुए भाभी अपनी मेक्सी उतार रही थी. तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ाकर कहा कि तुम इतना कष्ट क्यों ले रही हो? में हूँ ना कहकर उसने धीरे से कहा कि इसे अब रहने दो में इसके बदले तुम्हारा पेटीकोट उतार देता हूँ.

    फिर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं प्लीज मुझे शर्म आती है. उसने कहा कि तुम्हे शर्म आती है, लेकिन तुम उतारना चाहती हो ना? भाभी ने कुछ नहीं बोला और अपनी आखों से इशारा किया कि हाँ तो उसने भाभी का हाथ अपने अंडरवियर पर रखकर कहा कि तुम इसे छू लो तुम्हारी सब शर्म दूर हो जाएगी. दोस्तों पहले तो भाभी ने मना किया, लेकिन फिर भाभी ने धीरे से अपना हाथ उस पर रखा और कहा कि अरे बाप रे यह क्या है?

    उसने कहा कि इसे लंड कहते है तो भाभी ने कहा कि वो तो मुझे भी मालूम है, लेकिन इतना बड़ा और फिर कहा कि प्लीज मुझे कुछ मत करना. अब भाभी ने उसके लंड को कसकर पकड़ा और कहा कि सिर्फ़ पेटीकोट ही उतारना, उसने अब अपना अंडरवियर भी उतारा और पूरा नंगा हो गया. अब वो उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी, इस बीच उसने भाभी की मेक्सी को और पेटीकोट दोनों ऊपर उठाए और ज़ोर ज़ोर से भाभी की जांघे मसलने लगा और फिर भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और एक ही झटके में भाभी का पेटीकोट अलग करके फेंक दिया और उसकी जांघो को पागलों की तरह चाटता रहा चूमता रहा.

    अब ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार करने के बाद भाभी बोली कि अरे बस नीचे ही करते रहोगे या ऊपर भी करोगे. फिर वो ऊपर आ गया और उसने भाभी के बूब्स को ज़ोर दबाया भाभी अहहहहह चिल्लाई और कहने लगी कि हाँ बहुत मज़ा आ रहा है. अब उसने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और भाभी ने उसे निकालकर फेंक दिया और फिर उसने एक बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और दूसरे को दोनों हाथों से दबाने लगा और भाभी उसका लंड चूसने लगी. वो लंड चूसने का तरीका देखाकर हैरान होकर बोला तुम लंड चूसने ने माहिर हो या तुम्हे ऐसा लंड कभी भी नहीं मिला?

    भाभी बोली कि हाँ तुम सच कह रहे हो मेरे राजा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, बस अब रुका नहीं जाता, अब में पूरी तरह से तुम्हारी हो गई हूँ, अब में आपको नहीं रोकूंगी कहकर उन्होंने अपनी दोनों जांघे चौड़ी कर दी और कहा कि अब और मत तड़पाओ जल्दी से एक धक्का मारो प्लीज़. फिर उससे भाभी की चूत में दो उँगलियाँ घुसा दी और ऊपर से चूत को चाटने लगा. इसी तरह 5-10 मिनट चलाने के बाद उसने भाभी के दोनों पैरों को और भी चौड़ा किया और अपने लंड को भाभी की चूत पर सेट किया और दबाने लगा. फिर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहह्ह्ह्हह सीईईईईई क्या मर्द का लंड है आईईए अब रूको मत, जल्दी से अपनी गाड़ी चलाओ.

    फिर उसने पहले दो चार झटके हल्के से लगाए और थोड़ी देर बाद उसने रफ्तार पकड़ ली और धन धना धन चोदने लगा. भाभी उसका अपनी गांड उठा उठाकर साथ दे रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहहाह ऊओ उफुफूफूफुफ अहहहह्ह्ह्ह वाह कितना तगड़ा है रे तुम्हारा यह लंड, मेरी बहुत दिन की तमन्ना थी तेरे जैसे लंड से चुदने की और वो भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगता रहा और कहने लगा कि तू भी तो मस्त माल है लगता है कि तुझे जमकर चोदूं. फिर इस तरह 10-12 मिनट धक्के मारने के बाद उसने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ. तो भाभी ने कहा कि कोई समस्या नहीं है, अंदर ही डाल दो तो उसने सारा वीर्य भाभी के अंदर ही छोड़ दिया और वो भाभी के पास में लेट गया.

    फिर भाभी ने कहा कि में तैयार हूँ जितना चाहे चोद लो और अब भाभी उठी और उसका लंड मुहं में लेकर थोड़ी देर चूसकर उसे साफ कर दिया और फिर उसने धीरे से भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की गांड को सूंघने लगा और थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड निकाला और भाभी की गांड पर सेट किया और हल्के से एक धक्का मारा तो उसका लंड अंदर नहीं गया. फिर भाभी ने अपनी गांड को और भी चौड़ा कर दिया और उससे कहा कि अब धक्का मारो. तो उसने फिर से अपना लंड सेट किया और धीरे से धक्का दिया तो उसका आधा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहहहह आईईईईई की चीख निकली.

    फिर उसने भाभी को धक्का देना शुरू कर दिया और भाभी भी अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसका साथ देने लगी और यह सब देखकर उसने बोला कि तू गांड मरवाने में एक्सपर्ट है और भाभी मुहं से अचानक निकला पड़ा कि बहुत दिन के बाद ऐसा तगड़ा लंड मिला है. तो वो मन में हंसा और उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया. करीब 15-20 मिनट में उसने भाभी के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और दोनों एक दूसरे को लिपटकर सो गये. थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद भाभी ने कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो मुझे तुमसे चुदवाना अच्छा लग रहा है. यह बात हुए भाभी ने उसे एक किस किया और अब उसके लंड को मसलने लगी. तो उसने कहा कि तुम भी मस्त माल हो बहुत मज़ा देती हो में चाहता हूँ कि रोज़ तुम्हारी चुदाई करता रहूँ. अब भाभी ने कहा कि में भी चाहती हूँ, लेकिन में मजबूर हूँ, लेकिन एक बात कहती हूँ इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा में तुम्हे ज़रूर बुलाउगी मेरे राजा.

    फिर उसने कहा कि तुम तो चुदसी हो तुम कहती हो कि तुम्हारे पति का लंड तुम्हे अच्छा नहीं लगता तो तुम कैसे अपनी भूख मिटाती हो? तो भाभी ने कहा कि अगर में सच बता दूँ तो आप बुरा तो नहीं मानोगे. उसने कहा कि नहीं में बिल्कुल बुरा नहीं मानूँगा बता दो. तभी भाभी ने कहा कि मुझे पति से मज़ा नहीं मिलता इसलिए में तुम जैसे लोगों के साथ मज़ा लेती हूँ. फिर उसने पूछा कि बता दो और किस किस ने तुम्हे चोदा है? तो भाभी ने कहा कि दो लोगों ने मुझे पटाकर चोदा है. अब उसने कहा कि देखो तुम और झूठ बोल रही हो और में जानता हूँ कि तुम कम से कम 7-8 लोगो से चुद चुकी हो? तो भाभी ने कहा कि हाँ में चुदी हूँ और अब में तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ, प्लीज अब आ जाओ और फिर उसने एक बार फिर से भाभी को गरम किया, लेकिन इस बार एक लंबी चुदाई हुई. उसने भाभी को चार बार आगे से और दो बार पीछे से चोदा. इस तरह उन दोनों ने रात भर चुदाई की और बहुत मज़े किए.

  • दो परिवारों का मिलन

    हैल्लो फ्रेंड्स, में अपनी छोटी बहन सिमरन (उम्र 23 साल) को रोज चोदने लगा था और माँ उषा (उम्र 48 साल) को भी चोदता था, लेकिन थोड़ा कम, क्योंकि वो ज़्यादातर अपने ऑफिस के बॉस से चुदवा कर ही वापस आती थी वहाँ उन्हें प्रमोशन और मुझसे बड़ा 9 इंच का लंड जो मिलता था. मैंने नेट पर एक नया दोस्त बनाया, उसका नाम विशाल था और उसकी उम्र 21 साल थी, जो अपनी बहन गीता (उम्र 25 साल) और माँ संगीता (उम्र 45 साल) को अपने बाप (उम्र 46 साल) के साथ चोदता था .

    फिर हमने फोन पर बातें की और फिर बाद में गीता ने सिमरन से और मेरी माँ ने उसकी माँ से भी चुदाई की बातें की, तभी उसके बाप ने मेरी माँ से फ़ोन पर कहा बहन जी, आप तो हमारी फेमिली के बारे में जान ही चुकी हैं और हमें भी राज ने सिमरन और आपके बारे में बता दिया है, तो क्यों ना हम एक दिन मिल कर दोनों परिवार खुशियाँ मनायें, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे 2 परिवारों के 3 लंड और 4 चूत.

    माँ : भाई साहब मुझे कुछ सोचने का समय दीजिये.

    विशाल के पापा : जितना मर्ज़ी समय लीजिये, लेकिन भाई साहब ना कहिये, मेरा तो जानेमन तुम्हारी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है. विशाल, राज, सिमरन सब आपस में बात कर चुके हैं मेरी बीवी संगीता, तो कब से अपने नये बेटे राज से चुदवाने को मचल रही है. आप भी तो अपने बेटे राज को अपना पति मान चुकी हैं और मैंने सुना है सिमरन तो आजकल आपको घर में भाभी कहकर बुलाती है.

    माँ : ह्म्‍म्म्म…यह बात है तो आपके लंड महाराज की तो सेवा करनी ही पड़ेगी, ठीक है, जैसी आप सबकी मर्ज़ी, में राज से बात करके फाइनल तारीख तय करके आपको बताती हूँ.

    विशाल के पापा : अपनी बेटी को मेरे लंड का सलाम देना, थैंक्स जानेमन.

    माँ : बाय डियर.

    यह कहकर माँ ने फ़ोन रख दिया. माँ ने जब सारी बात मुझे और सिमरन को बताई, तो हम खुशी के मारे उछल पड़े और हम दोनों भाई-बहन ने माँ का मुँह चूम लिया. फिर सिमरन ने जींस के ऊपर से ही मेरे आधे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया और फिर शुरू हो गया चुदाई का एक नया दौर. फिर मैंने सिमरन की चूत मारी और उसने माँ की चूत को चाट कर शांत किया और चुदाई के बाद माँ बोली कि अगले शनिवार का दिन ठीक रहेगा, वो शाम को आकर हमारे साथ ही रात गुज़ार लेंगे और फाइनल प्रोग्राम बना कर मैंने विशाल को फ़ोन कर दिया कि शनिवार शाम को 8 बजे तक हमारे घर पहुँच जाना.

    फिर हमने नंगे बैठ कर ही फाइनल प्रोग्राम बनाया और फिर प्रोग्राम के अनुसार वो लोग शनिवार को ठीक टाइम से 15 मिनट पहले ही पहुँच गये और वो साथ में 2 वाईन की बोतल और खाना पैक करवा कर लाये थे, जैसे ही डोर बेल बजी सिमरन ने भाग के गेट खोला और विशाल को देखते ही उसने उसे हग किया और लिप किस किया. विशाल के पापा जिनका नाम अमित था, उन्होंने सिमरन को गोद में उठा लिया और पीछे से उसकी गांड को मसलते हुए अंदर ले आये.

    अंदर आते ही मैंने सबकी आपस में पहचान करवाई, जैसे ही मैंने दोनों माँ को आपस में मिलवाया तो वो आपस में लिप किस करके गले मिली और कहा कि मुबारक हो आपको यह नये लंडो की मस्ती और ये बोल कर दोनों हंसने लगी. फिर सिमरन और गीता ने भी किस किया, फिर सिमरन ने गीता का हाथ पकड़कर मेरी पेंट की चैन पर रख दिया और बोली यह लो गीता आपका वेलकम गिफ्ट, गीता बोली माल तो बड़ा ही ज़बरदस्त लग रहा है. उधर विशाल के पापा माँ के बूब्स दबा रहे थे, विशाल पीछे से माँ की पीठ पर किस कर रहा था.

    फिर विशाल की माँ संगीता बोली अरे रुको पहले डिनर तो कर लो, पूरी रात अपनी है, जमकर मस्ती करना. फिर मेरी माँ भी बोली हाँ यही ठीक रहेगा. फिर माँ, संगीता आंटी, सिमरन और गीता सभी किचन में चले गये. हमने ड्रॉइग रूम की टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा ली, उसमें 2 कपल की चुदाई का सीन चल रहा था. फिर विशाल बोला कि यार राज हम तो बाप बेटा आपस में खुले हुए हैं तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना? नहीं यार विशाल में भी अपनी माँ की चूत तक लंड चूस कर ही पहुंचा हूँ.

    विशाल : वो कैसे?

    में : मेरी माँ के बॉस माँ को खूब चोदते थे. जब कहीं जगह नहीं मिलती थी तो घर में ही माँ की बैंड बजाने लगे. जब मुझे पता चला तो वो बोले तू भी कर ले, ये माँ की मज़बूरी थी या वासना पता नहीं पर वो दो चार बार नाटक करके मान गयी.

    फिर बॉस ने एक शर्त रखी कि मुझे उनका लंड चूस कर अपनी माँ की चूत में डालना पड़ेगा. पहले तो अजीब लगा. फिर कुछ दिन के बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा. माँ की चूत से बॉस की मलाई खाने में तो जन्नत का मज़ा आता है.

    विशाल : वाऊऊउ.

    यह कह कर विशाल और उसके पापा ने अपने पजामे निकाल दिए. दोनों ने ही अन्दर अंडरवेयर नहीं पहना था. फिर मैंने भी अपने कपड़े और अंडरवेयर निकाल दिया, तो ब्लू फिल्म में एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था और दूसरा लड़का पहले लड़के को अपना लंड चुसवा रहा था और चुदने वाली लड़की दूसरी लड़की की गांड चाट रही थी. यह देख कर हमारे तीनों के लंड तन गये, मेरा और विशाल का लगभग एक ही साईज़ का था, लेकिन उसका ज़्यादा काला था और विशाल के पापा का हम दोनों से लम्बा और मोटा था. लगभग 9 इंच का तो होगा. फिर हम तीनों एक दूसरे के लंडो को देख ही रहे थे कि तभी सारी लेडीस अंदर आ गयी.

    संगीता : आज, तो तुम सब सब्र कर लो इन कामों से, इतनी मस्त रंडियों के होते हुए.

    विशाल : माँ अब आप तो जानती ही है कि पापा की रबड़ी कितनी टेस्टी है.

    गीता : वो तो है.

    में : डाइनिंग टेबल पर डिनर और ड्रिंक्स तैयार था, लेकिन हम सब आज नंगे हो कर डिनर करेंगे.

    गीता : ग्रेट आइडिया.

    सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, माँ और सिमरन की ब्रा अमित अंकल ने खोली और मैंने संगीता आंटी की पेंटी उतारी और उनकी शेव चूत पर किस किया. जब सब नंगे हो गये, तो सिमरन ने ड्रिंक्स सर्व करना शुरू किया और जल्दी ही सबने 2-2 पैक वोडका के गटक लिए, अब सब मस्ती मे आ चुके थे.

    सिमरन : माँ देखो, अमित अंकल का कितना सुंदर और तगड़ा है.

    माँ : हाँ बेटी, मुझे पता है तेरी चूत इसे लेने के लिए पानी छोड़ रही है.

    माँ ने एक उंगली सिमरन की चूत में डाली और सबको उसका पानी दिखाया, सिमरन माँ की राईट साईड में बैठी थी और अमित अंकल लेफ्ट में बैठे थे. उन्होंने माँ की उंगली को चूसना शुरू कर दिया और अपनी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी.

    अमित अंकल : सिमरन की चूत का टेस्ट तो राज सच में लाजवाब है, लेकिन तुम्हारी माँ की चूत भी बहुत गर्म महसूस हो रही है.

    डाइनिंग टेबल की दूसरी तरफ मेरे और विशाल के बीच में संगीता आंटी बैठी हुई थी. मैंने और विशाल ने उनका एक एक बूब्स हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. संगीता ने विशाल का और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सिमरन और अमित अंकल ने 1-1 पैक सबके लिए और बनाया. फिर हमने वो पिया और डिनर स्टार्ट किया.

    फिर डिनर करने के बाद हम बेडरूम में जाने लगे, तो माँ बोली कि क्यों ना यहीं फ्लोर पर गद्दे लगा कर सारे एक साथ सेक्स करें. तो अमित अंकल बोले गुड आइडिया, फिर मैंने और विशाल ने जब तक गद्दों की सेंटिंग की. तब तक अमित अंकल ने माँ की ऑयल मसाज करनी शुरू कर दी. सिमरन अंकल का लंड चाट रही थी, संगीता आंटी सिमरन की गांड चाटते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

    में : किसी को कंडोम की ज़रूरत तो नहीं है.

    गीता : हमारी फेमिली में तो सबको बिना कंडोम के ही पसंद है.

    माँ : में और गीता भी सेक्स करने के बाद आई-पिल लेते है तो बिना किसी चिंता के खुलकर मज़े लो बेटा.

    माँ का गोरा बदन ऑयल की मसाज के बाद चमक रहा था.

    विशाल : वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और बोल रहा था कि किसी को कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना.

    माँ : नहीं, बेटा बिल्कुल नहीं ये, तो मीठी यादें स्टोर करने का एक तरीका है. मुझ पर फोकस ज़रूर करना जब में तुम्हारे पापा का लंड चूसने लगूं.

    अमित अंकल : अब सब बातें ही करते रहोगे या फिर पहला राउंड शुरू किया जाये.

    सब नंगे, तो पहले से ही थे. फिर बारी बारी माँ ने और सिमरन ने अमित अंकल का लंड चूसना शुरू कर दिया. अमित अंकल ने माँ के बाल पकड़कर खींचे और बोले कि साली कुतिया तू मेरी रांड है. चूस मेरा लंड में आज तुझे माल पिलाऊंगा.

    सिमरन बोली जानू मुझे भी अपनी रांड बना लो, तो अमित अंकल ने माँ के मुँह से लंड निकालकर सिमरन के मुँह में डाल दिया, वो गप गप करके उसे चूसने लगी और माँ उनके लंड के अंडे सहलाने लगी. ऊधर गीता आंटी मेरा और विशाल का लंड चूस रही थी, वो एक का लंड मुँह में लेती तो दूसरे का लंड अपने हाथ से हिलाती, उनके मुँह से लार टपक रही थी और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में एक उंगली डालने की कोशिश कर रही थी.

    संगीता आंटी : मेरा कौनसा बेटा आज पहले अपनी माँ की चूत का उद्घाटन करेगा.

    विशाल : माँ ये हक़ तो मम्मी आज राज को ही मिलना चाहिए.

    संगीता : तुझे अपना वादा याद है ना विशाल?

    में : कैसा वादा?

    संगीता : विशाल ने जब तुम से मरवाने की बात की थी तो तुमने वादा किया था कि वो खुद तुम्हारा लंड पकड़कर चूसकर मेरी चूत में डालेगा.

    में : वाउ, विशाल आ जा जल्दी से.

    फिर विशाल ने मेरा लंड मुँह में लिया और संगीता ने जब तक अपनी टाँगें फैला दी. फिर विशाल ने उसकी चूत पर थूक दिया और फिर अपनी जीभ फेरने लगा, संगीता की फूली हुई चूत पूरी लाल हो चुकी थी. फिर विशाल ने मेरा लंड चूत पर लगाया और बोला बेस्ट ऑफ लक भाई, फिर मैंने संगीता की आँखों में वासना कैद की और देखा, जैसे उसकी आँखे कह रही हो कि जल्दी डाल मेरे कसम और मुस्कुराते हुए एक ही धक्के में मैंने 3 इंच लंड चूत में डाल दिया. ऊधर अमित अंकल सिमरन की चूत चोद रहे थे.

    उनके लंड की बड़ी साईज़ की वज़ह से सिमरन की आँखों में आसूं आ गये थे और माँ सिमरन के मुँह पर अपनी चूत देवी को रखे हुये थी. मैंने संगीता की चूत में धक्कों का तूफान मचा दिया और फिर संगीता ने विशाल को अपनी गांड में लंड डालने को कहा, फिर हमने पोज़िशन थोड़ी चेंज की ताकि वो लंड गांड में डाल सके.

    संगीता : घर पर भी जब मेरे पति मेरी चूत मारते है तो विशाल को गांड में ही जगह मिलती है, क्योंकि उनका लंड तो मेरी गांड में लेना मेरे बस की बात नहीं है. लेकिन गीता एक दो बार हिम्मत करके ले चुकी है और गीता सोफे पर बैठकर अपनी चूत में उँगलियों को अंदर बाहर कर रही थी और वीडियो रिकॉर्डिंग करते करते गीता भी अब तक पूरी गर्म हो चुकी थी. सिमरन अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर अमित अंकल ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और माँ को चाटने के लिए दिया.

    माँ : आपने मेरी बेटी का सही तरह से पूरा रस निकाला है अब अपनी इस रांड पर भी थोड़ा ध्यान दीजिये. यह कहकर माँ डॉगी पोज़िशन में आ गयी और फिर सिमरन ने अंकल की तरफ एक आँख मारी और अंकल का लंड माँ की गांड पर लगा दिया. फिर अंकल ने भी जल्दी से माँ के चूतड़ पकड़कर लंड अंदर धकेल दिया.

    माँ : साली कुतिया बता तो देती कि शेख साहब को इस बार दुबई से आने दे, तेरी गांड का मुरब्बा ना बनवाया, तो में भी तेरी माँ नहीं.

    अमित अंकल : जानेमन, हम क्या शेख साहब से कम है, देखती जाओ हमारे इस लंड महाराज का कमाल.

    माँ : अब धक्के लगाओ तब देखती हूँ.

    अंकल ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी माँ तो पहले ही अनुभवी थी, इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, वो अब खूब इन्जॉय कर रही थी और खुद लंड को पूरा गांड में लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. फिर सिमरन अंकल की गांड को चाटने लगी. अब गीता से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंकल ने माँ को चोदते हुए गीता के बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

    अब सिमरन ने अपनी उँगलियों से गीता की चूत मारनी शुरू कर दी. मुझे और विशाल को संगीता को चोदते हुए 10 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे तो में झड़ने वाला था. शायद विशाल भी झड़ने वाला था. मैंने पूछा जान कहाँ निकालूं तो संगीता बोली मेरे दोनों बेटों जहाँ लंड है वहीं निकालो.

    फिर हम दोनों ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक साथ संगीता की चूत और गांड में झड़ गये. गीता ने कैमरा हम पर ही फोकस किया हुआ था. जैसे ही 2 मिनट के बाद हमारा लंड सिकुड़कर बाहर निकला तो उसकी चूत और गांड में से वीर्य बाहर टपकने लगा. गीता ने कैमरा विशाल को दिया और एक परफेक्ट कुत्तिया की तरह चाटकर अपनी माँ की चूत और गांड से रसमलाई निकाल कर खाने लगी.

    उसकी मस्त गांड मुझे बुला रही थी उसके गुलाबी होल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऊधर अंकल भी सिमरन के मुँह में अपना माल झाड़ रहे थे और सिमरन ने सारा माल मुँह में ले लिया और फिर माँ से उसे शेयर करने लगी. उस रात हम सभी ने गांड और चूत की सेवा की और कब किसने किसकी सेवा की ये तो अब हमें भी याद नहीं रहा और सुबह के चार बजे हम वहीं सारे नंगे ही सो गये और हमने उस रात खूब मजा किया.

  • शादी की सालगिरह बेटे के साथ

    हेल्लो दोस्तों.. में ज्यादातर भाई बहन और माँ की कहानी पढ़ता हूँ. जिससे मुझे भी अपनी माँ को चोदने का मौका मिला.. इसलिये आज में अपना अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ.. जो कि मेरी माँ के साथ हुआ. ये एकदम सच्ची घटना है और मेरी कहानी पसंद आये.. तो मुझे मेल करे. मेरा नाम राजेश है और में 19 साल का हूँ. में प्राइवेट बी.कॉम कर रहा हूँ. मेरी फेमिली में 3 मेंबर है.. मेरे पापा, मम्मी और में. मेरे पापा सरकारी कर्मचारी है.

    पैसों के मामले में मेरा परिवार अच्छा ख़ासा है. मेरी माँ का नाम शारदा है और वो 40 साल की है और वो हमेशा साड़ी पहनती है.. मेरी माँ एकदम सेक्सी औरत है. 40 की उम्र में वो 32-33 की कामुक महिला लगती है और उनके बूब्स का साईज़ 38 है.. जो कि मुझे बाद में पता चला और जब वो चलती है.. तो उनकी गांड देखकर मेरा 6 इंच का लंड एकदम खड़ा हो जाता है और माँ की चुदाई करने का मन करता है.

    मेरे पापा का नाम विजय है और वो 43 साल के है. ये कहानी आज से 2 महीने पहले की है. मेरे घर में माँ पापा ग्राउंड फ्लोर पर रहते है और में फर्स्ट फ्लोर पर.. एक रात मुझे टॉयलेट लगी.. तो में ग्राउंड फ्लोर पर टॉयलेट करने आया और टॉयलेट ग्राउंड फ्लोर पर था. तब मुझे माँ पापा के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी. मैंने पास जाकर सुना.. तो वो माँ की सिसकारियों की आवाज़ थी. मुझे पता चल गया कि माँ पापा चुदाई कर रहे है.. मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया और टाईट हो गया. मेरा मन उनकी चुदाई देखने का हुआ.. तो मैंने चुपके से खिड़की से देखा कि अंदर एक ज़ीरो वॉट का बल्ब जल रहा था और हल्की रोशनी थी.. पर देखने के लायक काफ़ी थी..

    जैसे ही मैंने अंदर देखा.. तो दंग रह गया. पापा माँ की चूत में उंगली कर रहे थे और माँ सिसकारियाँ भर रही थी.. आआहह मर गई. मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है.. आहहह. सबसे ज़्यादा तो में ये देखकर दंग रह गया कि माँ ने एक मिनी स्कर्ट पहन रखी थी और एक ट्रान्स्परेंट टॉप जीन्स.. माँ को में आज तक साड़ी में देखता आया था.. वो मिनी स्कर्ट में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

    फिर 5 मिनट तक पापा माँ की चूत में उंगली करते रहे. फिर पापा ने धीरे धीर माँ की स्कर्ट निकाल दी और फिर टॉप भी उतार दिया. माँ को पूरा नंगा देखते ही मेरी हालत खराब हो गई. फिर पापा ने माँ को डॉगी स्टाइल में किया और अपना लंड माँ की गांड में डाल दिया. पापा का लंड लगभग 5 इंच का होगा. लंड अंदर जाते ही माँ को शुरू में थोड़ा दर्द हुआ और फिर वो मज़े लेने लगी और सिसकारियां भरने लगी.. आआहहह मार डाला तुमने. मेरे राजा कितना मज़ा आ रहा है और चोद इस रंडी को.. चोद मुझे में एक रांड हूँ.. आहह आहहहहह चोद दे मुझे और फिर 5 मिनट तक चोदने के बाद पापा झड़ गये.. लेकिन माँ की प्यास अभी बुझी नहीं थी.

    पापा थककर बेड पर लेट गये. फिर माँ ने कहा कि अभी तो मेरी चूत की बारी है.. उसे और शांत करो. पापा कहने लगे कि अब तेरी चूत नहीं मारूँगा.. तेरी चूत मारने में अब मज़ा नहीं आता.. सिर्फ़ गांड मारा करूँगा. तब माँ ने कहा कि क्या आप भी ना.. 4 महीनों से मेरी गांड ही मार रहे हो.. गांड को तो मार मारकर फाड़ दिया और मेरी चूत प्यासी ही रह जाती है.. इसे शांत करने के लिए मोमबत्ती डालनी पड़ती है.

    फिर पापा ने कहा कि बुरा क्यों मान रही हो मेरी जान.. तेरे लिए तो इतने मॉडर्न कपड़े लाता हूँ.. जिसमें टू औरत से लड़की जैसी लगती है.. इसे पहनकर तुझे मज़ा नहीं आता. तब माँ बोली कि कहाँ का मज़ा सिर्फ़ रात में चुदाई के वक़्त ऐसे छोटे कपड़े पहनती हूँ. दिन में तो पहन नहीं सकती और मन तो बहुत करता है.. पर राजेश जो रहता है.. वो अपनी माँ को ऐसे कपड़ो में देखकर क्या सोचेगा.. वरना मेरा बस चले.. तो पूरे दिन बिकनी में घूमती रहूँ.

    फिर पापा ने कहा कि चिंता मत कर मेरी रंडी.. किसी दिन राजेश को तेरे मामा के यहाँ भेज देते है.. तब पूरे दिन घर में अपना नंगा बदन लेकर घूमना. उस दिन तुझे पूरे दिन चोदूंगा और कल तेरे लिए कुछ और मॉडर्न सेक्सी कपड़े लाता हूँ. फिर पापा सो गये और माँ अपनी चूत में मोमबत्ती डालने लगी और सिसकारियां भरने लगी. उसके बाद में सीधा अपने कमरे में गया और माँ को सोचकर 3-4 बार मूठ मारी. उस रात अगले दिन मैंने माँ को चोदने का प्लान बनाना स्टार्ट किया.

    मुझे पता था कि पापा ने माँ की चूत कई महीनो से नहीं मारी.. तो माँ को भी चूत मरवाने का मन करता होगा. दोपहर में खाना खाने के बाद माँ और में टी.वी. देख रहे थे और टी.वी. में गाने आ रहे थे. मैंने माँ से कहा कि माँ ये फ़िल्मो में हिरोइन ऐसे मॉडर्न कपड़े पहनती है और आजकल की लड़कियां भी सब ऐसे ही कपड़े पहनती है.. तो आप कभी मोर्डन कपड़े ट्राई क्यों नहीं करती.. हमेशा साड़ी में रहती हो.

    फिर माँ ने कहा कि तू पागल हो गया है. अब इस उम्र में आकर तू मुझे जीन्स स्कर्ट पहनने को कह रहा है. फिर मैंने कहा कि माँ आपकी उम्र भले ही 40 हो.. लेकिन आप अभी भी एक लड़की लगती हो. माँ शरमाते हुए बोली कि झूठ बोलने के लिए में ही मिली हूँ तुझे. मैंने कहा कि झूठ नहीं.. सच कह रहा हू. माँ ने कहा कि शादी से पहले तो में ऐसे छोटे कपड़े पहना करती थी.. लेकिन शादी के बाद से नहीं.

    फिर मैंने कहा कि माँ मैंने आपकी अलमारी में मिनी स्कर्ट्स देखी थी. दोस्तों में जान गया था कि पापा के लाये हुए कपड़े माँ ने अलमारी में रखे होगें.. क्योंकि माँ अपने सारे कपड़े अलमारी में रखती थी.. इसका मतलब में क्या समझूँ. माँ एकदम चोंक पड़ी और बोली कि अरे वो तो तेरे पापा मेरे लिए लाये थे.. पर में पहनती नहीं और तू बड़ा ताक झाँक करने लगा है मेरे कमरे में. मैंने कहा कि नहीं माँ वो तो उस दिन यूँ ही. फिर माँ ने कहा कि चल ठीक है.. पर आगे से मत करना. मैंने कहा ठीक है माँ. फिर में माँ से बोला कि अगर आपके लिए कपड़े लेकर आये है.. तो आप पहनती क्यों नहीं? फिर माँ बोली कि मन तो करता है.. पर इस उम्र में शर्म आती है.. तेरे सामने ऐसे कपड़े पहनने में और फिर तू क्या सोचेगा मेरे बारे में.

    में बोला कि माँ ऐसी कोई बात नहीं और ये तो आजकल का फैशन है.. अगर आपका मन करता है.. तो पहन लिया करो मुझे कोई ऐतराज नहीं और अगर आप चाहे.. तो मुझे पहनकर दिखा सकती है. तब माँ बोली कि हट पगले.. अब जा और मुझे आराम करने दे. फिर उसके बाद में चला गया और माँ को गर्म करने की आगे की प्लानिंग बनाने लगा. उसके बाद मुझे माँ को गर्म करने में कोई सफलता नहीं मिली.

    में जब भी माँ से कहता कि मुझे पापा के लाये हुए कपड़े पहनकर दिखाओ ना.. तो माँ मना कर देती थी.. मेरे ज़्यादा फोर्स करने पर माँ मुझे डांट भी देती. फिर ऐसे ही एक महीना बीत गया.. दो दिन बाद माँ की शादी की सालगिरह थी. फिर तो मैंने पक्का सोच लिया था कि उस दिन तो माँ को चोदकर ही रहूंगा.

    फिर सालगिरह वाले दिन माँ पापा ने एक दूसरे को विश किया और फिर पापा काम पर चले गये. मैंने सुबह ब्रेकफास्ट के बाद माँ के कमरे में जाकर उन्हे विश किया और कहा कि माँ आज तो ये साड़ी मत पहनो.. आज तो पापा की लाई हुई मॉडर्न ड्रेस पहनो. माँ कहने लगी कि तू फिर इसी बात पर आकर अटक गया. मैंने कहा कि माँ प्लीज़.. आज तो पहन लो. आज आपकी शादी की सालगिरह है.. अगर आज भी नहीं पहनोगी.. तो फिर उन्हे लाने का क्या फायदा और फिर आपने भी कहा कि मेरा भी मन करता है मॉडर्न ड्रेस पहनने का..

    मेरे ज़्यादा कहने पर माँ मान गई और कहने लगी कि पापा को मत बताना. फिर माँ ने अपनी अलमारी खोली और में उसमे देखकर चोंक पड़ा.. एक तरफ तो साड़ी थी और दूसरी तरफ मिनी स्कर्ट्स, जीन्स, टॉप्स यहाँ तक की बिकनी भी थी..

    फिर मैंने माँ को बिकनी पहनने को कहा.. तो माँ ने मना कर दिया और बोली कि अब तू बाहर जा. फिर में बाहर आ गया.. मेरी साँसे तेज़ होने लगी.. मुझे लगने लगा कि आज काम बनने वाला है.

    फिर 10 मिनट बाद माँ ने आवाज़ लगाई.. जैसे ही में अंदर माँ के रूम में गया.. तो अपनी माँ को मिनी स्कर्ट्स में देखकर मेरा तो बुरा हाल हो गया और मेरा 6 इंच का लंड फनफनाने लगा और पेंट में तंबू बनकर खड़ा हो गया. माँ की गोरी नंगी जांघे एकदम मस्त लग रही थी.. जी तो कर रहा था कि अभी जाकर चोद दूँ इस साली रंडी को.. जिसने इतने महीनो से तड़पा रखा है. फिर मैंने किसी तरह उसको कंट्रोल किया.

    फिर माँ ने मुझसे कहा कि में कैसी लग रही हूँ.. तो मैंने कहा कि आप एकदम सेक्सी लग रही हो. आज आप इस ड्रेस को पूरे दिन घर में पहनना और हम आपकी शादी की सालगिरह सेलीब्रेट करेंगे. माँ ने कहा कि ठीक है.. तो बाजार से जाकर केक ले आया और माँ से केक काटने को कहा. माँ ने कहा कि अभी तेरे पापा को तो आने दे.

    मैंने कहा कि पापा जब आयेंगे.. तो एक केक और काट लेंगे.. फिलहाल तो ये काट लो. फिर माँ केक काटने लगी और में अपने मोबाइल से माँ के फोटो लेने लगा.. माँ ने मुझे केक खिलाया और मैंने भी.

    फिर मैंने माँ को बिकनी पहनने के लिए कहा.. तो माँ ने मना कर दिया कि मुझे शर्म आती है इतनी छोटी ड्रेस पहनने में.. मेरे ज़्यादा कहने पर माँ मान गई और कहा कि ठीक है तू बाहर जा.

    फिर में रूम के बाहर आ गया.. 5 मिनट बाद माँ बाहर आई.. तो उन्हे देखकर मेरा बुरा हाल हो गया. उन्होने 2 पीस पीले कलर की स्ट्रिंग वाली बिकनी पहन रखी थी. माँ का नंगा बदन देखकर में काबू में नहीं रहा और माँ की फोटो लेने लगा.. माँ मना करने लगी. मैंने कहा कि आप रोज़ रोज़ तो बिकनी पहनोगी नहीं.. जब मेरा मन करेगा तब आपकी फोटो देख लिया करूँगा. माँ ने कहा कि में इतनी अच्छी लगती हूँ तुझे.

    फिर मैंने हाँ बोला और माँ को बेड पर लेटने को कहा और माँ की फोटो लेने लगा. माँ को ऐसी हालत में देखकर में कंट्रोल खो बैठा और माँ के गले लग गया और कहने लगा कि माँ आप बड़ी सेक्सी लग रही है और माँ को जोरदार किस करने लगा. माँ पीछे हटी और कहने लगी.. ये क्या कर रहा है? में तेरी माँ हूँ. मैंने कहा कि माँ आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो.. में आपसे प्यार करता हूँ और आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ. माँ बोली तू पागल है क्या? ये पाप है.. माँ बेटे ऐसा नहीं कर सकते.. सुधर जा वरना अभी तेरे पापा को बताती हूँ.

    फिर में बोला कि माँ और आप भी तो यही चाहती है. मैंने देखा है कि रात को पापा आपकी सिर्फ़ गांड मारते है चूत नहीं.. आपका भी तो चूत मरवाने का मन करता होगा.. प्लीज़ मान जाओ और मैंने अपना खड़ा लंड बाहर निकालकर माँ के सामने रख दिया और कहा कि देखो क्या हाल बना दिया है आपने इसका.. माँ लंड को देखती ही रह गई. फिर माँ बोली कि तू अपने कमरे में जा और मुझे सोचने दे.

    फिर में ऊपर अपने कमरे में आ गया.. मुझे लगा कि काम लगभग बन गया. आधे घंटे बाद माँ मेरे कमरे में आई और बोली कि चल ठीक है.. लेकिन अपने पापा को ये बात मत बताना.. मेरा खुशी से ठिकाना नहीं रहा. फिर मैंने माँ को बिस्तर पर पटका और किस करने लगा. माँ भी बड़ी हवस के साथ मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने धीरे धीरे माँ की बिकनी उतार दी और माँ ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.

    फिर मैंने माँ को लंड चूसने को कहा और माँ मेरा लंड मुँह में लेकर बड़े मज़े से चूसने लगी. तभी में बड़बड़ाने लगा कि चूसो माँ और चूसो मेरा लंड.. बड़ा मज़ा आ रहा है.. आआहहहह चूसो और तेज़ आआहहाह. आपने कहाँ से सीखा इतना बढ़िया लंड चूसना. माँ बोली कि ये तेरे पापा की कृपा है और तू मुझे आज से माँ मत बोला कर.. मुझे शारदा कहकर बुलाया कर.. आज से में तेरी शारदा रंडी हूँ. में एक रांड हूँ.. में भी फिर तेज़ तेज़ आवाज़ में बोलने लगा.. चूस मेरा लंड.. शारदा रंडी, चुदक्कड़ औरत चूस, भोसड़ी वाली मेरी रंडी.. चूस. 5 मिनट बाद में झड़ गया और माँ के मुँह में ही सारा पानी निकाल दिया.

    फिर माँ के बूब्स की बारी आई.. उन्हे में बेसब्री के साथ चूसने लगा.. क्या मोटे मोटे बूब्स थे.. में तो जैसे जन्नत की सेर कर रहा था. फिर माँ ने सेक्सी आवाज़ में कहा कि अब और इंतज़ार मत करवा मेरे राजा.. चोद दे मुझे. इस रंडी की चूत कब से लंड की प्यासी है. इसकी तड़प मिटा दे और अब और देर ना कर.

    फिर मैंने अपना लंड माँ की चूत पर रखा और अंदर डालने लगा. लंड अंदर नहीं जा रहा था.. तो माँ ने कहा कि अभी तू बच्चा है एक ज़ोर का झटका मार. फिर मैंने बहुत ज़ोर लगाया और लंड आधा अंदर चला गया. माँ एकदम चीख पड़ी.. मर गई. मैंने कहा कि थोड़ी देर रुक जाऊं.. तो माँ बोली कि नहीं.. मेरे राजा तू रुक मत.. दर्द में ही तो मज़ा है. ये मेरी चुदक्कड़ चूत बहुत दिनों से चुदी नहीं है.. इसलिये फड़फड़ा रही है.. तू चोदना चालू रख. मैंने भी फिर तेज तेज धक्के मारने स्टार्ट किये.. चुदते हुए माँ बोल रही थी कि चोद मेरी चूत को फाड़ डाल.. बना दे इसका भोसड़ा. साली महीनो से चुदी नहीं है.. यहहहहहा हहा हाईईई.. कितना मज़ा आ रहा है. इतना मज़ा तो तेरे पापा भी नहीं देते.. बड़ा अच्छा चोद रहा है तू.. अहहहः मर गई.. चोद इस रंडी को चोद मादरचोद.. हे भगवान में कैसी माँ हूँ.. जो अपने बेटे से चुदवा रही है.. आआहहह ऑश आहहाह मर गई अहाहह.

    फिर मैं भी धक्के मारते हुए बोलने लगा कि हाँ मेरी रंडी शारदा आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा. बड़ी चुदास उठी है ना तुझे.. रंडी, बहन की लोड़ी ले चुदवा अपने बेटे से आहहहह शारदा मेरी शारदा मेरी रंडी शारदा.. अहहाः कितनी सेक्सी है तेरी चूत मारने में बड़ा मज़ा आ रहा है.. मेरी शारदा रंडी. माँ का नाम लेकर चोदने में मुझे और भी मज़ा आने लगा. फिर 10 मिनट तक चोदने के बाद में झड़ने वाला था.. तो माँ ने कहा कि मेरी चूत में ही झाड़ दे. मैंने ऑपरेशन करवा रखा है कुछ नहीं होगा.

    फिर मैंने माँ की चूत में ही झाड़ दिया. फिर 30 मिनट तक मेरी रंडी शारदा और में चुम्मा चाटी करते हूऐ एक दूसरे के जिस्म से लिपटे रहे और सिसकारियां भरते रहे. फिर मेरा लंड दोबारा खड़ा हुआ. फिर मैंने दोबारा शारदा को चोदने को बोला.. तो शारदा बोली कि ऐसे नहीं थोड़ा अलग अंदाज़ में करते है और आज मेरी शादी की सालगिरह है और हम दोनों की सुहागरात भी.. अब तू मेरा पति बनकर मुझे चोदेगा. तू यही रुक और आधे घंटे में मेरे कमरे में आ और मुझे बड़ा मज़ा आने लगा.. में आधे घंटे तक नंगा ही लेटा रहा. फिर में माँ के कमरे में गया और देखा.. तो माँ दुल्हन बनकर बेड पर बैठी है.

    मेरी रंडी माँ शारदा ने लाल कलर की साड़ी पहनी है.. जिसे उसने अपनी शादी के दिन पहनी थी. में बेड पर गया और माँ को बोला कि मेरी रंडी शारदा कितनी सेक्सी लग रही है तू और माँ को किस करने लगा. 5 मिनट तक चिपका चिपकी चलती रही. फिर मैंने माँ की साड़ी निकाल दी और फिर ब्लाउज और फिर पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया.. अंदर माँ ने एक नई बिकनी पहन रखी थी. मैंने वो भी उतार दी.. अब मैंने माँ की गांड मारने को कहा.. तो माँ ने कहा कि अभी गांड नहीं.. अभी तो मेरी चूत की प्यास भी नहीं बुझी है.. पहले मेरी चूत मार.

    फिर माँ मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी. माँ के बूब्स हवा में ऊपर नीचे होते हुये बड़े सेक्सी लग रहे थे. 5 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने माँ को नीचे किया और अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी.

    माँ की चीख निकलने लगी.. आहाह मार डाला मादरचोद भोसड़ी के मर गई में. फिर में भी बोलने लगा कि और चुदवा रंडी शारदा मुझसे.. बहन की लोड़ी, बड़ी प्यासी थी ना तेरी चूत.. ले अब इससे शांत करता हूँ ले भोसड़ीवाली ले रंडी बहनचोद चुदक्कड़ रांड. फिर धीरे धीरे माँ को और मज़ा आने लगा और बोलने लगी.. हाय कितना मज़ा आ रहा है अपने बेटे से चुदवाने में.. चोद डाला अहहा चुद गई शारदा अहहहः चोद अहहहः मिटा दे जन्मो की प्यास.. मेरे राजा में तेरी रंडी माँ हूँ. आज से तेरी रंडी शारदा आई लव यू बेटा और में भी कहने लगा कि आई लव यू टू मेरी रंडी.. अहहहा ओाहहः कितना मज़ा आ रहा है.. अपनी रंडी माँ को चोदने में.. शारदा, मेरी प्यारी शारदा, मेरी जान, मेरी रंडी शारदा.

    10-12 मिनट तक चोदने के बाद में झड़ गया.. माँ भी 2 बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने माँ को घोड़ी बनाया और उनकी गांड मारने लगा. मेरी रंडी माँ शारदा की गांड चूत से भी ज़्यादा टाईट थी. उसे चोदने में और भी मज़ा आने लगा.. तभी तो पापा माँ की सिर्फ़ गांड ही मारते थे और फिर भी माँ को बड़ा दर्द हुआ.

    इस बार तो वो कहने लगी कि आराम से चोद अपनी रंडी शारदा को.. तेरा लंड तेरे बाप से बहुत मोटा है. फिर में माँ को धीरे धीरे चोदने लगा. माँ भी लगातार सिसकारियां भर रही थी.. शारदा आऊहाहहः चोद डाला.. ओाओआहाए राम. मैंने अपने बेटे से ही चुदवा लिया.. कैसी रंडी माँ हूँ में हहह ओआहहो मर गई.. बड़ा मज़ा आ रहा है अपने बेटे से चुदवाने में अहहाह. फिर थोड़ी देर बाद में फिर से झड़ गया और बुरी तरह थक गया.

    1 घंटे तक हम ऐसे ही नंगे पड़े रहे तो माँ ने कहा कि मेरी आज तक ऐसी चुदाई नहीं हुई.. आज का जितना मज़ा कभी नहीं आया.. लव यू बेटा. फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बड़ा मज़ा आया.. मेरी रंडी लव यू टू शारदा. उसके बाद हमने कपड़े पहन लिए. मैंने माँ से कहा कि माँ अब आप घर में बिकनी मिनी स्कर्ट्स ही पहना करो.. तो माँ भी खुश हो गई.

    फिर माँ ने एक मिनी स्कर्ट और टी-शर्ट डाल ली.. शाम को पापा आये और माँ को स्कर्ट में देखकर बड़े खुश हुये और बोले कि क्या हुआ आज मिनी स्कर्ट.. तो माँ ने कहा कि आज हमारी शादी की सालगिरह जो है. फिर डिनर के बाद माँ पापा अपने कमरे में चले गये और में भी सो गया. उसके बाद माँ रात को पापा से गांड मरवाती है और दिन में उनकी चूत मारता हूँ. घर के बाहर वो मेरी माँ है और घर के अंदर वो मेरी रंडी है ..

  • दीदी ने मुझे जियाजी से चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में रायपुर के एक कॉलेज में पड़ती हूँ मेरे घर में मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ.. वैसे यह एक कहानी नहीं, यह मेरी एक सच्ची घटना है जिसने मेरे जीवन को एकदम बदल कर रख दिया और यह घटना उस समय की है जब मेरी और मेरे भाई की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी..

    मेरे मम्मी, पापा ने हमे मतलब मुझे और मेरे छोटे भाई को जो मुझसे 6 साल छोटा है घूमने की इजाजत दे दी कि तुम लोग अपनी बड़ी बहन काजल के यहाँ रहने जा सकते हो.. जिसकी शादी नागपुर में पिछले 5 साल पहले हुई थी और वो मेरे जीजाजी सुरेश के साथ एक छोटे से फ्लेट में रहती थी. तो मेरे जीजाजी मेरी कज़िन सिस्टर काजल को बहुत मारते थे और वो दारू भी बहुत पीते थे.. लेकिन फिर भी दीदी उनकी सब बात मानती थी और उन्हे बहुत प्यार करती थी और जब उन्हे पता चला कि हम दोनों आ रहे है तो वो बहुत खुश थी.

    फिर हम दोनों नागपुर स्टेशन पहुंचे तो देखा कि जीजाजी हमे लेने आए हुए थे और उनकी नज़र मुझ पर अटक गयी.. क्योंकि वो हम से बड़े दिनों के बाद मिल रहे थे. तो अब तक में एक छोटी सी बच्ची से एक जवान, खुबसूरत लड़की हो चुकी थी.

    फिर वो मेरे पास आए और उन्होंने मेरे माथे पर एक किस किया और मुझे गले लगाया और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया मेरे बूब्स एकदम उनके स्पर्श से टाईट हो गये और मेरे पूरे जिस्म में एक सनसनी दौड़ गयी और फिर उन्होंने सोनू को भी गले लगाया. फिर हम जैसे तैसे उनके घर पर पहुंचे.. जो बहुत दूर एक सुनसान इलाक़े में था.. लेकिन हमे काजल दीदी से मिलने पर बहुत ख़ुशी हुई.

    फिर हमने उन्हे बताया कि हम दो महीनों के लिए यहाँ पर आए है.. तो वो और भी खुश हो गयी. फिर जीजाजी ने कहा कि चलो तुम लोग फ्रेश हो जाओ थक गए होंगे.. अब वैसे सोनू को जैसे आज़ादी मिल गई हो वैसे ही उसने कहा कि में नहीं थका हूँ और में नीचे खेलने जा रहा हूँ और में सूटकेस से सामान निकालने लगी और जीजाजी काजल दीदी के साथ किचन की तरफ चले गये.. में कुछ उनके लिए सर्प्राइज़ लाई थी.. इसलिए चुपके से उनके पीछे गयी तो जीजाजी काजल दीदी को पकड़कर धीरे धीरे कह रहे थे कि यार नीलू तो बहुत मस्त माल बन गयी है और साली तो सही में आधी घरवाली होती है.. कहकर हंस रहे थे.

    फिर में तो उनकी यह सब बातें सुनकर पानी पानी हो गयी और फिर वापस रूम में चली गयी. मेरे जीजाजी कहीं कपड़े की दुकान पर नौकरी करते थे और हर दिन दोपहर में 2-3 घंटे के लिए घर आ जाते थे और फिर शाम को दुकान पर चले जाते थे. तो धीरे धीरे रात हो गयी थी और हम सब जब खाना खाने एक साथ बैठे हुए थे तो जीजाजी मुझे घूर घूरकर देख रहे थे और दीदी को कह रहे थे कि दो दिन बाद होली है.. नीलू को बहुत रंग लगाएँगे और सोनू को भी.. तो सोनू यह बात सुनकर बोला कि फिर तो बहुत मज़ा आएगा और जीजाजी सोनू के साथ प्लॅनिंग कर रहे थे और में, दीदी रूम में जाकर बिस्तर लगा रहे थे.

    मैंने दीदी से बोला कि दीदी यहाँ पर तो सिर्फ एक ही बेड है इस पर हम लोग कैसे सोएंगे? तो दीदी तपाक से बोली कि तू अपने जीजाजी के साथ बेड पर सो जाना और में, सोनू के साथ नीचे ज़मीन पर. तो में एकदम घबराकर बोली कि ना बाबा ना आप ही सोना जीजाजी के साथ और फिर हम सो गए.. लेकिन रात भर मुझे नींद नहीं आई एक तो बहुत मच्छर थे और उस पलंग की बहुत आवाज़ आ रही थी.

    फिर दूसरे दिन जीजाजी ने कहा कि शॉप की 6 दिन के लिए छुट्टियाँ है तो हम सब बहुत मज़े करेंगे और मेरी तरफ देखने लगे. तो इतने में मैंने कहा कि आज इसी बात पर खाना में बनाउंगी और दीदी मान गयी. फिर जीजाजी और दीदी कुछ बहुत धीरे धीरे बात कर रहे थे और में चुपके से सुन रही थी.. क्योंकि रूम किचन के बिल्कुल पास में था.. जीजाजी, दीदी को कह रहे थे प्लीज कुछ ऐसा करो कि नीलू एक बार मान जाए बहुत मज़ा आएगा. तो दीदी बोली कि बिल्कुल नहीं.. किसी को पता चल जाएगा तो मुसीबत आ जाएगी और जीजाजी बहुत ज़ोर दे रहे थे.

    दीदी बोली कि ठीक है में कोशिश करती हूँ और मैंने बस इतना ही सुना और में खाना बनाने लगी. तो दिन को हम सब खाना खाने बैठे तो जीजाजी मेरे खाने और मेरी तारीफों के पुल बांध रहे थे.. मैंने दीदी से बोला कि देखो जीजाजी मुझे छेड़ कर रहे है. तो दीदी हंसी और बोली कि साली के ऊपर तो जीजा का पूरा हक बनता है और में शरमा गयी और जैसे तैसे रात हुई.

    फिर जब हम सोने जा रहे थे.. जीजाजी बोले क्यों नीलू कल नींद तो अच्छी तरह से आई थी ना? और मैंने भी उन्हे छेड़ते हुए कहा कि आपकी वजह से नहीं आई. तो जीजाजी बोले कि मुझे पता है छोटा सा रूम है और तुम कल नीचे सोई थी.. लेकिन कोई बात नहीं आज में नीचे सो जाता हूँ और यह बात सुनते ही सोनू बोला कि में अकेले नीचे सो जाता हूँ आप तीनों ऊपर पलंग पर सो जाओ. तो यह बात सुनते ही में मना करने लगी.

    थोड़ी देर बाद काजल दीदी एक बहुत ही सेक्सी गहरे गले का बिना बांह वाला छोटा गाऊन पहन कर आई और मुझसे बोली कि तू ऊपर नहीं सोएगी तो में सोनू के साथ नीचे सो जाउंगी. तो यह बात सुनकर में मान गयी. मैंने भी एक ढीला ढाला आगे से खुला हुआ गाऊन पहना हुआ था. फिर पलंग के एक तरफ जीजाजी एक तरफ में और बीच में दीदी सोई हुई थी और सुबह जब में उठी तो सब सो रहे थे और में देखकर हेरान रह गयी.. मेरे गाऊन के सारे बटन खुले हुए थे और मेरी ब्रा पेंटी साफ साफ दिख रही थी और दीदी का भी गाऊन उतरा हुआ था और मेरी नजरें दीदी के बूब्स पर गई जो कि बहुत बड़े थे.. लेकिन मुझसे कम और उनके पेट पर एक आक्रति बनी हुई थी और चूत गीली थी. बिस्तर से भी कुछ महक आ रही थी. जीजाजी उस तरफ मुहं करके सोए हुए थे. तो में एकदम बहुत घबरा कर जल्दी से उठी अपना गाऊन ठीक तक किया और टॉयलेट में जाकर ज़ोर ज़ोर से फ्लश की आवाज़ करने लगी.. ताकि सब जाग जाए और फिर ऐसे ही हुआ.

    फिर उस दिन जीजाजी घर पर ही थे क्योंकि कल होली थी.. तो दीदी बोली कि हम लोग आज कुछ स्पेशल बनाते है और उस दिन हम दोनों सुबह से किचन में थे. तो बातों ही बातों में दीदी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो मैंने साफ मना कर दिया और फिर मैंने भी दीदी को छेड़ते हुए बोल ही डाला कि कल रात को क्या क्या किया आपने और जीजाजी ने.. मैंने हंसते हुए कहा? और आपने पेट पर वो आक्रति कहाँ से बनवाई.. वो बहुत अच्छी लग रही थी.

    दीदी हंसी और बोली कि क्या तूने कल वो सब कुछ देख लिया? तो मैंने कहा कि क्या? फिर दीदी बोली कि यह तो किसी भी रात मुझे नहीं छोड़ते है और आज तो यह कहकर गये है कि थोड़ा लेट हो जाएगा क्योंकि वो दारू पीकर आएँगे.. कल होली है ना इसलिए और वो आक्रति तेरे जीजाजी ने ही बनाई है.. उनके पास एक मशीन है और वो बोली कि क्या तुझे भी बनवानी है? तो में इनको बोल दूँगी और फिर मैंने मना कर दिया.

    फिर मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए पूछा कि दीदी क्या आप रोज़ सेक्स करती हो? तो दीदी बोली कि इसमे इतनी शरमाने वाली क्या बात है? इनका लंड ही इतना बड़ा सुडोल और मस्त है कि मुझसे रहा नहीं जाता और दीदी ने चान्स मारते हुए कहा कि तुझे भी सेक्स करना है क्या? और दीदी बोली कि तेरे बूब्स तो मेरे से भी बड़े है.. उन्होंने चिकोटी काटते हुए कहा और में वहाँ से भाग गयी.. लेकिन दिन भर मुझे कुछ कुछ हो रहा था. एक अजीब सी खुजली हो रही थी और मेरी चूत भी दिन भर एकदम गीली थी और में दीदी की बात को सोचे जा रही थी. फिर ऐसे ही दिन गुज़र गया..

    रात को दीदी ने बिस्तर लगा दिए और हमने अपने गाऊन भी पहन लिए और सोनू भी सो गया था. तो दीदी और में बात कर रहे थे.. दीदी बोल रही थी देखना यह पीकर आएँगे और इनका सब काम मुझे करना पड़ेगा और इतने में घंटी बजी और दीदी दरवाजा खोलने गई. तो जीजाजी थोड़ा लड़खड़ाते हुए अंदर आए और मुझसे बोले कि यार सॉरी वो कल होली है.. इसलिए दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी है. हम कल सुबह बात करते है और वो हैप्पी होली कहकर बिस्तर पर धम से गिर पड़े और में एकदम से डर गयी.

    फिर दीदी बोली कि देखा ना ऐसा ही करते है और दीदी नीचे झुककर उनके जूते, मोजे उतार रही थी तो एकदम साफ दीदी के बूब्स लटकते हुए नज़र आ रहे थे और उन्होंने जीजाजी की शर्ट को भी उतार दिया.. फिर बेल्ट निकालने लगी तो वो बड़ी मुश्किल से हिला हिलाकर निकली. फिर पेंट के हुक खोले और उसे उतारने की कोशिश कर रही थी और मुझे बोली कि नीलू मेरी थोड़ी मदद कर इनकी पेंट मुझसे नहीं उतर रही है. तो मैंने उनकी मदद की और उनकी पेंट उतर गई और अब जीजाजी सिर्फ़ अंडरवियर में थे.. जिसे में बहुत ध्यान से देखे जा रही थी और सोच रही थी कि दीदी अब मुझसे अंडरवियर भी ना उतारने के लिए कहे और जीजाजी के बदन से मेरी आँखें नहीं हट रही थी. क्या मस्त बॉडी थी उनकी सीना चौड़ा और अंडरवियर के अंदर कोई बहुत बड़ी सी चीज़ जो बाहर आने के लिए बेताब हो एसी नजर आ रही थी. तो अचानक से दीदी ने मुझे देख लिया कि में जीजाजी के लंड की तरफ देख रही हूँ और उन्होंने मुझसे कहा कि यह वही सांप है जो रोज़ मुझे डसता है.. क्या तुझे देखना है तो बता?

    तो में कुछ नहीं बोल पा रही थी और मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या जवाब दूँ? में बस देखे जा रही थी और इतने में देखते ही देखते दीदी ने अंडरवियर को एक झटका देकर खींच दिया और लंड को बाहर निकालकर सलहलाने लगी. तो में देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे डर लग रहा था कि कहीं जीजाजी उठ ना जाए?

    दीदी बोली देख इन्हे कितना मज़ा आ रहा है.. में तो बस देखे ही जा रही थी. उनका इतना बड़ा और मोटा था कि बस पूरी चूत गीली हो रही थी. फिर दीदी बोली कि तू भी एक बार इस सांप को पकड़कर देख कितना मज़ा आता है और उन्होंने मेरा हाथ खीचकर लंड पर रख दिया और बोली कि ऊपर नीचे करके देख कितना मज़ा आएगा. फिर मैंने जैसे ही हाथ रखा वो इतना गरम था और इतना मोटा, सख्त, लंबा कि मेरे पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ रही थी. मेरे हाथ रखने के कुछ देर बाद जीजाजी ने मुहं से आवाज़ निकाली और मैंने एकदम हाथ हटा दिया और सो गयी.

    दीदी ने लाईट बंद की और दीदी मेरे पास में लेटकर मेरे बूब्स को पकड़कर बोली कि क्यों नीलू सांप को देखने से इतनी घबरा रही हो कि ठंड के मारे तुम्हारी कंपकपी छूट रही है और अगर वो काट लेता तो क्या होता? वो हंस पड़ी और सो गयी.

    में रात भर सो नहीं पाई और मेरे दिमाग़ में अजीब अजीब ख़याल आ रहे थे. में उस मोटे और तगड़े लंड के बारे में सोच रही थी और अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि जीजाजी पूरे नंगे मेरे पास में सोए थे और दीदी हमारे बीच में नहीं थी और मेरे गाऊन के बटन भी खुले हुए थे.. जीजाजी मु मु मु कर रहे थे और अचानक से उन्होंने मेरे बूब्स नींद में पकड़ लिए और दबा रहे थे. बहुत सख्त हाथ थे उनके.. उन्होंने मेरे बूब्स को मसल मसल कर लाल कर दिया और मुझे भी मज़ा आ रहा था. तो मैंने सोचा कि यह तो मेरे जीजाजी है में इनके साथ कैसे यह सब कर सकती हूँ और दीदी के आने की आहट से में घबराकर उनसे अपने आपको छुड़ाकर उठ गयी और बाहर हॉल में आ गयी.

    दीदी हॉल में आई और बोली कि हैप्पी होली.. आज तो बहुत मज़ा आएगा और होली वाले दिन में बहुत घबराई हुई थी और जीजाजी उठ गये थे.. लेकिन में उनसे नज़रें चुरा रही थी और दीदी मंद मंद मुस्करा रही थी और सोनू तो सुबह से ही रंग के गुब्बारे और अपनी पिचकारी के साथ व्यस्त था. तो दीदी, जीजाजी कुछ धीरे धीरे कह रही थी.. शायद कल रात वाली बात के बारे में और फिर दीदी हॉल में आकर बोली कि जल्दी से पुराने कपड़े पहन ले वरना कोई भी रंग लगा देगा और फिर होली खेलकर हम सब खाना खाएगें.. आज मैंने चिकन लोलीपोप बनाया है और इतने में जीजाजी बोले लोलीपोप खाया नहीं चूसा जाता है.. तो सब हंसने लगे और में रूम में भाग गयी.. लेकिन पुराने कपड़े मेरे पास नहीं थे..

    मैंने दीदी से बोला कि उनके पास पुराने कपड़े है क्या? तो दीदी बोली कि हाँ है और उन्होंने मुझे एक लाल कलर का टॉप दिया जो बहुत टाईट था और एक स्कर्ट दी जो कुछ छोटी सी थी.

    फिर दीदी बोली कि यह मेरे हनिमून में इन्होने मुझे गिफ्ट दिया था.. तब में बहुत पतली दुबली थी और मैंने उसे पहन लिया और कांच में देखा तो मेरे बूब्स उसमे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे और कमर एकदम पतली और गांड पीछे से निकली हुई थी और मुझे बहुत शरम आ रही थी.. क्योंकि वो टॉप इतना टाईट था कि मेरी निप्पल उसमे से एकदम साफ नज़र आ रही थी और बड़ी मोटी मोटी लग रही थी. तो जीजाजी ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोले कि नीलू क्या सेक्सी दिख रही हो? मुझे तुम्हे देखकर अपने हनिमून की याद आ गयी.

    फिर दीदी बोली कि बस एक अंतर है मेरे बूब्स थोड़े छोटे थे.. इसके बहुत बड़े है और में नीचे मुहं करके किचन में चली गयी. तो जीजाजी, दीदी से कह रहे थे कि आज मेरा कैसे भी काम बनवा दो प्लीज और इतने में सोनू पूरा रंग डलवाकर आया और बोला कि बाहर उसे किसी ने रंग के ड्रम में डाल दिया और में उसे नहीं छोड़ूँगा. फिर उसने एक बाल्टी में बहुत गाढ़ा रंग बनाया और सब रंग डालकर बाहर जा रहा था. तभी जीजाजी ने कहा कि बस हो गयी होली.. तू अब कहीं नहीं जाएगा.. लेकिन वो सुनने वाला कहाँ था.

    तो जीजाजी उसे डांटते हुए बोले कि जाकर नहा ले और नीलू रंग उतारने में उसकी मदद कर दो.. तो सोनू बोला कि में कर लूँगा. तो जीजाजी गुस्से में उससे बोले कि चल जल्दी से अपने कपड़े उतार. इतने में सोनू बाथरूम में जाकर अपने सारे कपड़े उतारकर खड़ा था और जीजाजी बोले कि नीलू साफ करने में मदद करो और मैंने उसका लंड कभी नहीं देखा था वो भी ठीक ठाक था और में मन ही मन में जीजाजी के लंड के साथ उसकी तुलना कर रही थी और फिर रंग उतारने में व्यस्त हो गयी और नीचे बैठकर उसके पेट पर साबुन लगा रही थी. तो सोनू का लंड मेरे मुहं से छू रहा था. तभी जीजाजी पीछे खड़े थे वो बोले कि अब सब जगह से रंग उतर गया है और उन्होंने कहा कि लंड पर भी साबुन लगाओ और ऊपर नीचे करके रगड़ो. तो सोनू बोला कि में खुद ही कर लूँगा.

    फिर जीजाजी चिल्लाते हुए बोले कि चल लगवा साबुन और में साफ कर रही थी और ना जाने कब जीजाजी ने वो सोनू ने जो रंग भरी बाल्टी बनाई थी.. पीछे से मेरे ऊपर डाल दी और बोले हैप्पी होली. तो में ठंड में कांप रही थी और मेरी पूरी भीगी हुई थी स्कर्ट और टॉप चिपक गये और मेरे बूब्स तन गये थे.. गांड साफ नज़र आ रही थी और सोनू मज़े कर रहा था. तो वहाँ पर दीदी भी आ गयी और उन्होंने मुझे और भी रंग लगाया और जीजाजी को भी लगाया और रंग लगाते लगाते हम फ्लेट के बरामदे में आ गये और सोनू नीचे चला गया और जीजाजी, दीदी से बोले कि पकड़ो नीलू को.. आज में इसे अच्छी तरह रंग लगता हूँ और यह कहकर उन्होंने मुझे कमर पर और फिर अपना हाथ आगे बड़ाते हुए मेरे टॉप के अंदर बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाया में चिल्ला रही थी.. लेकिन वो दोनों हंस रहे थे और जीजाजी ने मेरी जांघो पर, गर्दन पर और सब जगह रंग लगाया. तो मैंने गुस्सा होकर अंदर रूम वाले टॉयलेट में अपने आपको बंद कर दिया.. फिर दीदी आई और बोली कि पगली क्या कोई ऐसे रोता है क्या रंग लगाने से? वो तेरे जीजाजी है चल अब खोल जीजाजी यहाँ पर नहीं है.

    फिर मैंने डर के मारे थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और में दीदी से बहुत नाराज़ हुई और बोली कि जीजाजी ने मेरे बूब्स पर इतने ज़ोर से नाख़ून लगाया है कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. क्या कोई ऐसे कोई करता है? तो काजल दीदी बोली कि चल में तेरा रंग उतार देती हूँ और यह कहकर वो मेरी स्कर्ट उतारने लगी तो में बोली कि में खुद ही कर लूँगी. तो वो बोली कि तू मेरा रंग उतार और में तेरा.. में बोली कि मुझे शरम आती है. तो वो बोली कि में तेरी बहन हूँ और तूने तो मेरा सब कुछ देख ही लिया है और मैंने भी देखा है फिर शरमाने की क्या बात है.

    फिर में मान गयी और अपनी स्कर्ट, टॉप को उतार दिया और दीदी भी ब्रा, पेंटी में थी और बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था क्योंकि बाथरूम बहुत छोटा था. तभी अचानक से जीजाजी रूम में आ गये और बोले कि मेरा भी रंग उतारो भाई और यह कहकर उन्होंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे और बाथरूम में आ गए. तो में बहुत हैरान हो गयी और में दीदी से बोली कि यह सब ठीक नहीं है.. मुझे बाहर जाना है.

    फिर दीदी ने कहा कि साली तू शरमाती बहुत है आज यह तेरी शरम उतारनी पड़ेगी और वो जीजाजी से बोली कि आप ही समझाओ इसे और दीदी बोली कि बाहर चल.. उन्होंने मेरी ब्रा उतार फेंकी और मेरे दोनों कपड़ो को जल्दी से खींचकर फाड़ दिया और जीजाजी ने अंदर आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. में छटपटा रही थी, चिल्ला रही.. लेकिन मुझे बचाने वाला वहाँ पर कोई नहीं था.

    फिर दीदी ने मेरे दोनों हाथ आगे से हाथ पकड़ लिए और जीजाजी पूरे नंगे हो गये थे और उनका लंड मेरी गांड को छू रहा था और वो मेरे बूब्स को दबाए जा रहे थे और दीदी साबुन को मेरे पैरों पर, जांघो पर, और मेरे पूरे बदन पर लगाए जा रही थी.

    तो जीजाजी मेरे पूरे बदन को सहला रहे थे और मानो मेरे जिस्म में हजारों बिजलियाँ दौड़ रही थी.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब तक दीदी मेरी पेंटी को नीचे गिरा चुकी थी और अपनी एक ऊँगली को मेरी चूत पर बार बार रगड़ रही थी और साबुन लगा रही थी. फिर कुछ देर बाद वो बहुत तेज़ी से अंदर बाहर अपनी ऊँगली करने लगी और जीजाजी ने मुझे इतने ज़ोर से पकड़ा हुआ था कि में छटपटा रही थी और दीदी से कह रही थी और करो अह्ह्ह ह्म्‍म्म्मा ओहूऊऊऊः करे जा रही थी.

    फिर जीजाजी मेरे सामने आए और उन्होंने मुझे ज़ोर से गले लगाया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहे थे. निप्पल को चूसे जा रहे थे और वो एक हाथ से अपनी ऊँगली को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे. तो मैंने उनका लंड देखा और बोला कि जीजाजी यह कितना बड़ा हो गया है और उस सख्त लंड की नसे भी दिखाई दे रही थी.

    फिर दीदी ने कहा कि नीचे बैठ जा और में नीचे बैठी.. तो वो बोली कि दोनों पैर को फैला और मैंने वैसे ही किया. फिर दीदी ने अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में और एक चूत में डालना शुरू किया और में जीजाजी का लंड पकड़कर सहला रही थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चूसो इसे.. फिर में ज़ोर ज़ोर से लंड की टोपी मुहं में अंदर बाहर कर रही थी और दीदी उतनी ही तेज़ी से मेरी चूत, गांड में उंगली कर रही थी और जीजाजी ज़ोर ज़ोर के झटके से मुहं में लंड दबा दबाकर अंदर बाहर कर रहे थे और में आहह उह्ह्ह कर थी थी. फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और मैंने बोला कि जीजाजी यह बहुत मोटा है.. लेकिन दीदी ने ऊपर से मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए थे और वो बोली कि सुरेश इस साली की चूत में लंड एक बार में अंदर जाना चाहिए. तो जीजाजी ने जोश ही जोश में मेरी चूत के अंदर लंड को इतनी ज़ोर से डाला कि मेरी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और आखों से आंसू बाहर आ गये.. में जोर से चीखी.. फट गई मेरी चूत, प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बचाओ माँ.. मेरी चूत फट गयी.

    दीदी मेरे बूब्स और निप्पल को नोंचे जा रही थी और जीजाजी अंदर बाहर लगातार करते रहे और में चिल्लाती रही.. फिर उसने मेरे पैर और फैला दिए और वो ज़ोर ज़ोर से झटके देकर लंड को अंदर डाले जा रहे थे. में उईई माँ उईईइइममाआ आवाज़ किए जा रही थी और ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.. लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं सुन रहे थे. तो दीदी ने कुछ इशारा किया और जीजाजी ने मुझे पीछे पलटा. तो दीदी ने साबुन उनके लंड पर लगा दिया और थोड़ा मेरी गांड पर रख दिया.

    तो में बोली कि दीदी पीछे नहीं जाएगा.. जितना करना है आगे ही कर लो प्लीज.. में आपका लंड और चूस देती हूँ.. लेकिन जीजाजी ने मेरी एक नहीं सुनी और बोले कि उठ कुछ नहीं होगा.. में बस धीरे धीरे धक्के दूंगा और कहने बाद दीदी ने मुझे झुकाया और जीजाजी को आँख मारी और जीजाजी ने ऐसा झटका मारा कि लंड मेरी गांड में घुसता चला गया और में बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन मेरी कोई नहीं सुन रहा था और दीदी हँसे जा रही थी. वो झटके पर झटके मारते चले गये और 10 -15 झटके के बाद में मरे जा रही थी और में अधमरी सी हो गयी थी और फिर जीजाजी जब झड़ गये तो उनका पूरा वीर्य मेरी गांड के अंदर चला गया और मुझे मेरी गांड में इतनी जलन हो रही था कि में क्या बताऊँ. फिर पूरी चुदाई होने के बाद दीदी ने मुझे नहलाया और बेड पर लेटा दिया.. में चल भी नहीं पा रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

    फिर अचानक से मेरी आखं लग गई और में करीब 4 घंटे बाद सोकर उठी तो मेरा दर्द ख़त्म हो चुका था. दीदी मेरे पास आई और पूछा कि मजा आया.. तो मैंने भी जवाब में एक स्माईल दे दी. दीदी ने खुश होकर मुझे गले से लगा लिया और बोली कि अब तो तेरी शर्म उतर चुकी है.. अब तू भी हमारे साथ चुदाई के मजे ले.. लेकिन ध्यान रखना कि यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए. में दीदी से बोली कि आप चिंता मत करो.. में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी.

    दोस्तों फिर उसके बाद तो में जीजाजी की दूसरी बीवी बन गई थी. दीदी और जीजाजी भी बहुत खुश थे. अब हम तीनों चुदाई के फुल मजे लेने लगे थे. सेक्स में ऐसा कोई काम नहीं था जो हमने नहीं किया हो. दीदी जीजाजी के लंड को पकड़कर मेरी चूत पर रखती और में अपनी चूत खोलकर उसे पूरी मस्ती के साथ स्वीकार करती थी. कभी दीदी मेरे सामने जीजाजी से चुदवाती तो कभी में उनके सामने जीजाजी के लंड पर कूदती. उन दो महीनों में मैंने अपनी चूत और गांड को जीजाजी से बहुत चुदवाया.. फिर दो महीने बाद हम अपने घर वापस लौट आये. आज मुझे मेरा जीवन बिना लंड के अधूरा लगता है.. क्योंकि दो महीने तक चुदवाने के बाद तो मेरी चूत को लंड का जोरदार चस्का लग चुका है. आज भी रोज जब मेरी चूत में आग लगती है तो मेरी दो उँगलियाँ चूत में जाती है और उसे ठंडी करके ही वापस बाहर आती है.

  • मामी और उसकी बेटी को एक साथ चोदा

    हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशान है और मेरी उम्र 24 साल है. में पुणे का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आपको मेरी मामी अंजू और मामी की लड़की निक्की के साथ चुदाई का अनुभव बताने जा रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुये सीधे कहानी पर आता हूँ. में इंजीनियरिंग Ist ईयर का स्टूडेंट हूँ. यह बात मेरी छुट्टियों की है..

    यह बात ऐसे शुरू हुई कि छुट्टियों के दौरान मैंने अंजू मामी को और निक्की को बहुत बार चोदा था.. लेकिन दोनों को साथ में चोदने का मौका तो नहीं मिला था. में उसी मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. वैसे तो 12वीं क्लास में अच्छे मार्क्स लाने की वजह से मेरा दाखिला इंजिनियरिंग कॉलेज में हुआ था और मैंने पास की सिटी में कॉलेज जॉइन किया था.

    फिलहाल कॉलेज पर आना जाना चालू हुआ.. वो कॉलेज मेरे मामा के घर के नज़दीक में ही था.. तो जब भी मुझे अवसर मिलता था तो में मामा के घर चला जाता था. दोस्तों एक बार निक्की को चोदते वक़्त मेरी अंजू मामी मतलब उसकी मम्मी ने देख लिया था और बाद में मैंने अंजू मामी के साथ भी ट्रेन में सेक्स किया था.. तो एक दिन ऐसे ही दोपहर में मामा के घर पहुँचा. शनिवार का दिन था..

    दोपहर के 2 बजे घर पहुँचा. घर में निक्की उसके रूम में अपनी चूत को सहला रही थी और मुझे बार बार फोन करके घर पर सेक्स करने को बुला रही थी. फिर जब में पहुँचा.. तो निक्की एक केले को अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी.. साथ ही साथ ब्लू फिल्म देखना भी जारी था. फिर में जैसे ही रूम में गया. मैंने सीधे जाकर निक्की के बेड पर उसे लंबा किस किया और उसके बूब्स दबाने लगा.. वो सेक्स की भावना से तड़प उठी और में उसे किस करता रहा और वो अपने एक हाथ से केले को उसकी चूत में डाल रही थी.

    फिर बाद में मैंने उसके हाथ से वो केला लिया और केले को खाने लगा और कुछ केला उसे भी खिला दिया. उसके बाद उसने सिर्फ नाईटी पहना हुआ था. फिर मैंने उसकी नाईटी को उसके शरीर से अलग कर दिया. अब निक्की मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. फिर में उसके बूब्स को चाटने लगा और एक हाथ से बूब्स दबाने लगा.. साथ ही साथ निक्की अपनी चूत पर मेरे लंड को सहलाने लगी. मुझे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने निक्की को बोला कि जाओ और अपने घर के गेट को लॉक लगा के आओ.. तो वो बोली कि आज माँ यानि अंजू मामी बाहर गयी है और जल्दी आने वाली नहीं है.

    फिर में गेट बंद करने बाहर गया.. तो मैंने अंजू मामी को फोन लगाया और बोला कि अंजू किधर है.. तो अंजू मामी ने रिप्लाई दिया कि वो किसी मीटिंग में व्यस्त है. फिर मैंने उससे बोला कि में अभी तुम्हे चोदना चाहता हूँ.. तो अंजू मामी बोली कि तुम इंतज़ार करो.. में 15 मिनट में घर आती हूँ.. तो में मन ही मन में बहुत ही खुश हो गया. आख़िरकार वो दिन आ ही गया कि जिस दिन में दोनों को साथ साथ चोदने का आनंद लेने वाला था और में गेट बंद करके अंदर आ गया. उस टाईम गेट की दूसरी चाबी अंजू मामी के पास थी.

    फिर मैंने अपने सेल फोन से उसे मैसेज किया कि में आज तुम दोनों माँ–बेटी की चूत फाड़ने वाला हूँ.. तो वहां से अंजू ने रिप्लाई किया कि में तैयार हूँ और फिर में अंदर आकर निक्की के पास बैठा और निक्की ने कुछ रोमेंटिक गाने चालू कर दिए और हमने साथ साथ डांस भी किया.

    उस दौरान 15-20 मिनट गुजर चुके होंगे.. तो अंजू मामी भी घर पहुँच गयी और वो अपने साथ कुछ खाने के लिए पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आई थी. आज अंजू अपनी बेटी के साथ मुझसे चुदने वाली थी.. वैसे तो निक्की इस बात से पूरी तरह अंजान थी कि में उसकी माँ अंजू को भी चोद चुका हूँ.. तो जैसे ही अंजू घर में अंदर आई.. तो उसने मुझे मिस कॉल कर दिया. उसके मिस कॉल को देखकर में समझ गया कि अंजू घर में आ चुकी है.. तो में पानी पीने के बहाने अंदर किचन में चला गया.. वहां जाते ही मैंने अंजू मामी को एक जोर से किस कर दिया. फिर उसने पूछा कि निक्की किधर है. फिर मैंने कहा कि तुम्हारी गुड़िया अंदर है.. तो हमने मिलकर एक प्लान बनाया कि निक्की को चोदते समय अंजू मामी हमे रंगे हाथ पकड़ेगी और बाद में कुछ तो सजा देगी.

    फिर यह प्लान बना के में अंदर चला गया.. मेरे अंदर जाते ही निक्की ने मेरी जीन्स निकाल दी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और लंड मुँह में लेकर आइसक्रीम जैसे चाटने लगी और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी और अपनी चूत पर वैसलीन लगा लिया और मेरे लंड पर भी वैसलीन लगा दिया. अब निक्की मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा एक झटके में निक्की की चूत में डाल दिया और जोरदार धक्के देने लगा. उस दौरान प्लान के मुताबिक अंजू मामी अंदर आ गई और सेक्स करते दौरान कुछ टाईम में पकड़े जाने से निक्की हड़बड़ा उठी और उसने जल्दी से उठकर अपनी नाईटी पहन ली. अंजू मामी हम दोनों को डांटने लगी.. उसकी इस हरकत से निक्की रोने लगी.

    में निक्की के पास गया और उससे अपनी बाहों में पकड़ लिया.. निक्की ने मुझे दूर कर दिया. अब अंजू मामी मुझे बोली कि में अभी तुम्हारी शिकायत तुमारे मामा और निक्की के पापा से करती हूँ. यह सुनकर निक्की की तो अब पूरी फट चुकी थी.. मेरे मामा स्वभाव के बहुत ही तेज थे और यह सुनकर दोनों को मार सकते थे. फिर मैंने प्लान के मुताबिक अंजू मामी को झूठी रिक्वेस्ट की और बोला कि वो ऐसा कुछ भी ना करे.. आप दूसरी कोई भी सजा दोगे तो वो हमें मंजूर है.. तो अंजू आंटी ने निक्की को डांटते हुये पूछा कि कबूल है? तो निक्की भी बोली कबूल है..

    फिर अंजू मामी ने मुझसे कहा कि यहाँ मेरे नज़दीक आओ.. तो में मामी के नज़दीक पहुँच गया.. फिर अंजू मामी ने मुझे कहा कि मेरे कपड़े उतारो. यह सुनकर निक्की हैरान हो गयी.. वैसे मैंने झट से अंजू मामी की साड़ी उसके बदन से उतार दी. बाद में उसने कहा कि मेरे ब्लाउज को अपने हाथ से खोलो. यह सुनकर निक्की के बूब्स दो गुना बड़े हो गये.. वो चुपचाप सब देख रही थी. फिर मैंने अपने हाथ से एक एक करके उसके ब्लाउज के हुक खोलना चालू कर दिया. इस दौरान अंजू मामी ने निक्की को डाटते हुये कहाँ कि उसकी नाईटी उतार दिया जाये.. तो निक्की ने झट से अपनी नाईटी उतार दी.

    अब मैंने भी उसके ब्लाउज के हुक खोल दिये. बाद में अंजू ने मुझे नज़दीक बुला के मेरे लिप्स पर किस कर दिया और मुझे ऑर्डर दिया कि जो तुम्हारा और निक्की का चुदाई प्रोग्राम चल रहा है.. वो चालू कर दो. फिर में निक्की के पास पहुँच गया. निक्की अब पूरी तरह से हैरान हो गयी थी.. उसकी माँ को क्या हो गया है? लेकिन वो ऑर्डर फॉलो करने के अलावा कुछ कर नहीं सकती थी.. वो झट से अपने बेड पर लेट गयी.

    मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. हमारा सेक्स प्रोग्राम निक्की के बेड पर चल रहा था.. वहां अंजू मामी पहुँच गयी. उसने अपनी ब्रा और पेंटी निकाल दी और अपनी गुड़िया की चुदाई देख के अपनी चूत में उंगली करने लगी. उसने मुझे ऑर्डर दिया कि उसकी ब्रा निकाल दो. फिर मैंने निक्की को चोदने के दौरान उसकी ब्रा को निकाल दिया और अंजू के बूब्स को चाटने लगा. अब निक्की को कुछ समझ नहीं आ रहा था. वैसे तो मेरा वीर्य उसकी चूत में निकलने ही वाला था.. तो अंजू मामी ने झट से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और में भी निक्की को किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा.. बाद में और अंजू मामी दोनों हंसने लगे.

    अब मैंने खुद ही सब सच्चाई निक्की को बता दी कि कैसे मैंने उसकी माँ को चोदा. यह सुनकर उसके मुँह पर भी एक चमक सी छा गयी. अब दोनों माँ-बेटी एक दुसरे को हग करने लगे. अब मेरा लंड दोनों की चूत और गांड मारने के लिए तैयार था.. वैसे तो अंजू मामी और निक्की दोनों ही सेक्सी टाईप की थी और दोनों ही मुझसे चुदने के लिए हमेशा तैयार थी.

    फिर हम तीनों लोगों ने साथ में पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक शेयर की. हम तीनो नंगे ही थे. अब निक्की मेरे लंड को चूसने लगी और में अंजू मामी को किस करने लगा. निक्की के चूसने के बाद मैंने अपना लंड अंजू मामी की चूत में डाल दिया और उसके क्रॉस साईड को अंजू मामी की गांड के बिल्कुल पास गांड करके निक्की को खड़ा कर दिया. अब इसकी वजह से निक्की और अंजू मामी की चूत बहुत ही नज़दीक आ गयी.. तो में एक शॉट निक्की की चूत में मेरा लंड डालता और दूसरा शॉट अंजू मामी की चूत में डालता.. इससे दोनों को भी बहुत ही मज़ा आता.

    अब निक्की अपनी गांड में उंगली करने लगी और अपनी उंगली को सूंघने लगी.. वैसे ही मामी ने भी करना शुरू कर दिया. दोनों की चूत मारने के बाद मैंने अंजू मामी को डॉगी स्टाईल में करके उनकी गांड मारी.. जिससे वो बहुत ही खुश हो गई थी. फिर मैंने निक्की की गांड भी उसी स्टाईल में मार दी और वो दोनों भी मेरी चुदाई से बहुत ही संतुष्ट हो चुकी थी. अब हम तीनों मिलकर रोज सेक्स धमाका करते है.

  • देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

    हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.

    दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.

    दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.

    दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.

    में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.

    वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.

    जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.

    मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.

    फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.

    वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.

    फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.

    में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.

    फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.

    फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.

    फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.

    फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.

    मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.

    मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.

    उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.

    फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.

    फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.

    फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.

    दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.

    अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.

    फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.

    गीता : हैल्लो, भाभी.

    में : हाँ गीता बोलो?

    गीता : अभी आप कहाँ पर हो?

    में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.

    गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.

    में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?

    गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.

    में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?

    गीता : हाँ ठीक है बाय.

    तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.

    फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.

    फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.

    फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.

  • देवर और उसके दोस्तों के साथ

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मधु है और में शादीशुदा हूँ और मेरी शादी तीन साल पहले राजीव के साथ हुई थी, हमारी शादीशुदा लाईफ ठीक ठाक चल रही थी. दोस्तों आज में आप सभी को अपने साथ हुई सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ और मैंने बहुत हिम्मत करके इस कहानी को आप सभी के लिए लिखा है.

    दोस्तों वैसे यह आज से दो साल पहले की बात है. मेरे पति कुछ ज्यादा गुस्से वाले है और वो सेक्स के दौरान कभी कुछ नहीं बोलते और ना ही प्यार जताते है, लेकिन फिर भी हमारी सेक्स लाईफ बहुत अच्छी है. परिवार में हम दोनों के अलावा मेरी सास और देवर रहते है और हमारी एक मध्यमवर्गीय फेमिली है, लेकिन जो भी दो साल पहले हुआ वो आम बात होगी, यह मुझे बिल्कुल भी नहीं लगता.

    दोस्तों यह बात मेरे देवर से जुड़ी हुई है. उसका नाम अनुज है और वो किसी अच्छे से कॉलेज में इंजिनियरिंग की पढ़ाई करता है, तो दोस्तों दो साल पहले मेरे कुछ कॉलेज फ्रेंड्स मुझसे मिलने को घर पर आए, मेरे पति को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी और सच बात बताऊँ तो मेरा कॉलेज में एक बॉयफ्रेंड तो था, लेकिन मेरी कभी भी उनके साथ सेक्स करने की हिम्मत नहीं हुई और उस दिन दोपहर में मेरी कॉलेज की दोस्त रेणु आई हुई थी.

    फिर उसने कुछ पुराने कॉलेज के टाईम के फोटो भी मुझे दिए, जो उसके पास थे. मेरे पति उस दिन घर पर नहीं थे और मेरी दोस्त ने मेरी कुछ किताबें और वो फोटो मुझे दिए. फिर मैंने उसे टेबल पर रख दिया और हम दोनों हमारी ही बातों में लगे रहे, शाम को मैंने देखा कि अनुज वो किताब और फोटो देख रहा था और मुझे उसमे ऐसी कोई भी गम्भीर बात नहीं लगी, लेकिन उसने मुझे बुलाया और पूछा कि भाभी यह कौन है?

    मैंने फोटो देखा तो मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, क्योंकि वो मेरा बॉयफ्रेंड था और भले ही मैंने कभी उसके साथ सेक्स नहीं किया हो, लेकिन छेड़छाड़ तो हर रोज होनी ही थी और वो फोटो भी कैसा जिसमे वो मेरे गालों को चूमता है और में उस फोटो को देखकर मन ही मन सोचने लगी कि हे भगवान मैंने इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया, तो अनुज ने फिर से पूछा कि हैल्लो भाभी कहाँ खो गयी? तो मैंने कहा कि यह तो मेरे कॉलेज का एक फ्रेंड है, लेकिन वो मेरी ख़ामोशी से मेरा डर जान गया था और वो अब तक समझ चुका था कि मेरे मन में क्या चल रहा है, मेरे चेहरे का रंग क्यों उड़ा हुआ है और मुझे इतना पसीना क्यों आ रहा है?

    फिर अनुज ने पूछा कि भाभी क्या यह आपका बॉयफ्रेंड था? तो मैंने भी थोड़ी हिम्मत करते हुए एकदम गुस्से से कहा कि तुम कितने बेशर्म हो, एसी बातें मुझसे करते हो? तो अनुज ने और भी बेफिक्र होकर कहा कि इसमे क्या है? क्या आप यह मानती है कि में यह बात मान लूँ कि शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? क्या भाभी आप भी अच्छा मज़ाक करती हो और आजकल तो 16 साल की लड़की भी वर्जिन मिलना बहुत मुश्किल है.

    मैंने उसे गुस्से से ज़ोर से एक थप्पड़ मार दिया और मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह सिर्फ़ मेरा दोस्त था और यह एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी के फोटो है तो वो भी बहुत गुस्से में था, लेकिन उसने कहा कि ठीक है अगर यह नॉर्मल पार्टी फोटो है तो में इसे भाई (यानी मेरे पति राजीव) को ही दे देता हूँ. फिर मैंने कहा कि मुझे दे दो, यह मेरी फ्रेंड्स ने मुझे दिए है, लेकिन अनुज ने उस फोटो को अपने पीछे करके बोला कि अगर कुछ नहीं है तो यह गुस्सा और नाटक कैसा? और तुम चाहो तो मुझे अब भी सच सच बता सकती हो.

    दोस्तों में अब बहुत बड़ी मुसीबत में थी, क्योंकि में अब उसे कुछ भी बताती हूँ तो भी में नहीं बच सकती और बताती हूँ तो भी में फंस जाऊँगी और वैसे अगर आम जन्मदिन फोटो होते तो मेरे पति यह कॉलेज टाईम के जन्मदिन पार्टी वाले फोटो देख भी लेते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन फोटो में जो मेरा बॉयफ्रेंड संदीप था, उसको मेरे पति बहुत अच्छी तरह से जानते है और हम कुछ महीने पहले मेरे पति के एक दोस्त की पार्टी में मिले थे और संदीप अब मेरे पति के ऑफिस के एक साथ में काम करने वाले दोस्त का दोस्त था और मैंने अपनी शान दिखाने के लिए मेरे पति से कहा था कि यह संदीप एक छटा हुआ बदमाश लड़का था और कोई भी लड़की उससे बात करने से डरती थी तो मेरे पति ने भी बताया था कि इन्ही बातो से परेशान होकर उनकी पत्नी (संदीप की वाईफ) भी तलाक का केस कर चुकी थी, तो अब इन सबके बाद अगर मेरे पति मेरा और संदीप का साथ यह फोटो देखते तो में उन्हे क्या जवाब देती और यह भी सही है कि अनुज को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मेरे पति को तो पता है और मैंने ही संदीप को एक बदमाश बताया था, में अब बहुत बुरी फंस चुकी थी.

    फिर मैंने अनुज से पूछा कि तुम चाहते क्या हो? तो अनुज ने हंसते हुए कहा कि मुझे तुम्हारे साथ मज़े करने है. फिर मैंने उसको फिर से एक और थप्पड़ मार दिया और कहा कि तुम बहुत बेशर्म हो और क्या तुम जानते हो कि में तुम्हारी भाभी हूँ, क्या तुम्हे इतनी तमीज़ भी नहीं है? तो अनुज अब बहुत गुस्से में था, उसका पूरा चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था और फिर उसने कहा कि देखो तुम मेरी भाभी हो, इसलिए मैंने यह थप्पड़ खा लिए और अब में इसे भाई को दे देता हूँ, अगर यह नॉर्मल फोटो है तो में भूल जाऊंगा कि मैंने तुमसे क्या माँगा और माफ़ कर दो और अब तो भाई को जो करना हो वो जाने, तो में अब लगभग रोने की हालत में थी.

    मैंने कहा कि प्लीज ऐसा मत करो तुम बहुत अच्छे हो प्लीज कुछ तो समझो, अब अनुज भी शांत हुआ, लेकिन उसने अपनी बात नहीं छोड़ी, उसने कहा कि में कहाँ आपसे जबरदस्ती कर रहा हूँ? और मैंने तो सिर्फ़ मज़े मस्ती करने की बात कही है और में कोई आपकी शादी नहीं तोड़ना चाहता और आखिर में हूँ तो तुम्हारा देवर ही ना? तो मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन यह बात उसने मुझसे बीच में रोककर बोला कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और सब कुछ अभी नहीं हम दो दिन बाद करेंगे.

    मेरे पति दूसरे दिन अपने ऑफिस के ट्रिप पर 15-20 दिनों के लिए बाहर जाने वाले थे और उस दिन मेरी सास भी घर पर नहीं थी और दो दिन बाद में बहुत अजीब सा महसूस कर रही थी, क्योंकि में जो काम करने की हिम्मत कॉलेज में नहीं कर पाई, आज उसी कॉलेज की एक फोटो ने मुझसे यह सब काम करने पर बहुत मजबूर किया था तो दो दिन बाद अनुज ने कहा कि भाभी तुम तैयार हो जाओ.

    मैंने पूछा कि कहाँ जाने के लिए?

    उसने कहा कि तो क्या आपको यह लगता है कि यहाँ घर पर यह सब करेंगे? आप भी चलो मेरे साथ और यह घर बार छोड़ो, अब हम बहुत मज़े मस्ती करेंगे और हम उसकी कार में उसके एक दोस्त के फार्म हाउस पर गये, मुझे लगा कि वहां पर सिर्फ हम दोनों ही थे, लेकिन जैसे ही दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि वहां पर उसके दो दोस्त नमित और आशीष भी थे और में उन्हे देखकर एकदम चकित रह गयी.

    मैंने अनुज को तुरंत साईड में बुलाकर पूछा कि क्या तुम पागल हो गये हो? तुमने सिर्फ हमारी बात की थी, क्यों अपने ही घर की इज़्ज़त बाहर उछालने पर तुले हुए हो? दोस्तों में सच में यह सब देखकर बहुत परेशान थी. फिर उसने कहा कि चिल्ला चिल्ला और ज़ोर से चिल्ला यह मेरे दोस्त है, भाई से कोई लेना देना नहीं और कोई कुछ नहीं कहेगा, क्योंकि उसकी खुद की बीवी, बहन और गर्लफ्रेंड को कई बार चोद चुका हूँ, तुम्हे इन सब बातों पर विश्वास करना होगा और अब यह झूठा प्यार व्यार का ड्रामा खत्म करो.

    फिर नमित आया और बोला कि अब इन बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो और बस मज़े मस्ती करो, मुझे पता है कि तुम्हे कुछ देर बाद मज़ा आने लगेगा. फिर वहीं पर उन सभी के सामने अनुज ने मुझे पीछे से एकदम से कसकर पकड़ लिया और वो मुझे स्मूच करने लगा, में कुछ बोलूं कुछ सोचूं उसके पहले ही यह सब होने लगा और उसने इतना कसकर पकड़ा था कि में उसका हाथ नहीं छुड़ा सकती थी, क्योंकि वो पूरे जोश में था. दोस्तों में अनुज के बारे में बताऊँ तो वो एक हेंडसम है और कई लड़कियों से उसके रिश्ते है (अब यह कोई बताने वाली बात तो रही नहीं थी) और डेली जिम में की वजह से वो बहुत फिट था और नमित भी हेंडसम लड़का है और आशीष भी.

    फिर स्मूच के दौरान ही मैंने आने वाले वक्त को समझ लिया और उसका कोई भी विरोध नहीं किया और अब नमित मेरे पीछे से मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरी छाती को दबाने लगा और आशीष ने अपनी शर्ट को निकाल दिया और अनुज के हाथों में से मुझे लेकर उसने स्मूच करना शुरू कर दिया. तो नमित और अनुज भी अपने अपने कपड़े उतारने लगे, अनुज ने मेरा टॉप थोड़ा ऊपर किया. दोस्तों मेरे बूब्स दिखने में और आकार में बहुत अच्छे गोल और बड़े बड़े है और में भी मन ही मन में जोश में थी.

    अनुज ने कहा कि ब्रा के ऊपर से ही यह एकदम मस्त सेक्सी दिख रहे है और फिर अंदर से कैसे होंगे. तो नमित भी बोला कि यह भाभी नहीं हॉट, सेक्सी बम है और अनुज ने कहा कि देख सेक्सी के निप्पल एकदम टाईट है. यह तो एकदम पूरी जोश से भरी हुई है. तो आशीष ने कहा कि देखो यह रसीले गुलाबी होंठ तो अंदर छुपी हुई चूत कितनी सेक्सी होगी? हम एक दूसरे के किस करने लगे, अनुज ने ही मेरी जीन्स को उतारा और पेंटी के ऊपर से चूत को हाथ लगाकर महसूस करने लगा, सूंघने लगा और एक ही झटके में उसने ही मेरी पेंटी भी उतार फेंकी और अब में बिल्कुल नंगी थी और मेरी एकदम चिकनी रसीली चूत उन सबके सामने लंड लेने को मचल रही थी और वो मेरी चूत को देखते ही रह गए.

    बाकी ने भी मुझे नंगा देखकर अपने कपड़े उतार दिए, लेकिन में सच में एकदम डर गयी, जब उन सबके लंड मेरे सामने एकदम तनकर खड़े हो गए और मेरे मुहं से निकल गया ओह नहीं यह तो कितने बड़े है? में यह सब कैसे कर सकती हूँ? दोस्तों आशीष का लंड लगभग 7 इंच का, नमित का भी उतना ही था और अनुज का 8 इंच लंबा था. दोस्तों अनुज का भाई और मेरा पति भी बहुत सेक्सी है, लेकिन यहाँ तो यह एक साथ तीन तीन. तो अनुज ने मेरा सर पकड़ा और उसने मेरे मुहं में उसका लंड एक धक्का दिया और घुसा दिया और वो बोला कि अब आज से तू मेरी भाभी नहीं रंडी मंधु है तुझे अब रंडियों की तरह चुदवाना है.

    नमित ने कहा कि आज से हम बहनचोद की जगह भाभीचोद बनेंगे. तो आशीष बोला कि साले में तो पहेल से ही मादरचोद हूँ और वो सभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. दोस्तों मैंने अपने पति के आलावा अब तक किसी और के साथ कुछ नहीं किया था, लेकिन आज पहली बार में ऐसा कर रही थी और मुझे नहीं पता था कि सेक्स में यह लोग इतनी गंदी गंदी और ऐसी ऐसी बातें भी करते है और में अनुज की इन सभी बातों से बहुत चकित थी, क्योंकि वो इतना कुछ बोल रहा था और जबकि उसका भाई तो एक शब्द भी नहीं बोलता.

    में अब अनुज और उसके दोस्तों के लंड को बारी बारी से चूस रही थी और उन सबके लंड एकदम तन गये थे और लगभग 20 मिनट तक चूसने करने के बाद अनुज ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. तो आशीष एकदम से मेरे बूब्स पर ही टूट पड़ा और अनुज ने मेरी चूत में धीरे धीरे उंगली डाली. उसने सबसे पहले एक और कुछ देर बाद में दो और सच में मेरी चूत भी बहुत भीग चुकी थी और फिर अनुज बोला कि क्यों मज़ा आ रहा है ना? नमित ने उसका लंड मेरे मुहं में डाल दिया और अब अनुज ने अपना तना हुआ लंड सीधा मेरी चूत में डाल दिया मुझे बहुत ज़ोर से धक्का लगा, जैसे किसी ने मेरी चूत में एक मोटा, गरम सरिया डाल दिया हो. में लंड के अंदर जाते ही एकदम दर्द से छटपटा उठी, मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी जांघो को पकड़ लिया.

    तभी नमित ने मेरे मुहं पर और ज़ोर से लंड को धक्का दिया ताकि उसका लंड उसका लंड अंदर रहे और मेरी चीख बाहर ना निकले. फिर अनुज तो और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और में सिसकियाँ ले रही थी उहहह्ह्ह अह्ह्ह सीईईईईइ दोस्तों सच में काश उसके भाई का लंड भी ऐसा ही होता, क्योंकि उसके लंड से मेरी चूत में दर्द, जलन होने के साथ साथ मेरी चूत में एक अजीब सा संतुष्टि का अहसास भी हो रहा था. उसके हर एक धक्के से मेरी चूत को जोश आ रहा था और मैंने भी नीचे से धक्के लगाए और अब बहुत देर तक चुदाई के बाद अनुज ने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और आशीष ने मेरी चूत में उसका लंड घुसा दिया और अब अनुज मेरे पूरे शरीर को चाट रहा था और नमित और अनुज दोनों बारी बारी से ज़ोर से अपना लंड मेरे मुहं में दिए जा रहे थे.

    अब आशीष भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और कुछ देर बाद में नमित ने अपना लंड मेरी चूत में डाला उहह अह्ह्ह्ह आईईईईईईईइ दोस्तों में सच में पिछले कई मिनट से लगातार चुद रही थी, जिसकी वजह से मेरी चूत की खुजली अब एकदम खत्म हो चुकी थी और मेरी चूत में जलन सी होने लगी थी. उनके ताबड़तोड़ धक्के मुझे पूरा हिला रहे थे और जबकि में घर पर ज्यादा से ज्यादा 5-6 मिनट तक चुदी हूँ और यहाँ तो ऑश अह्ह्ह्ह मेरे उह्ह्ह चुदने के सभी रिकोर्ड टूट गए, उनके लंड बहुत जोश से भरे हुए थे, लेकिन अब में सच में इस चुदाई से बहुत थकने लगी थी. तो अनुज अब बेड पर लेट गया और उसने मुझे उसके लंड पर बैठा दिया तो में एकदम से उठ गयी, लेकिन आशीष ने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़कर फिर से बैठा दिया.

    मैंने कहा कि नहीं प्लीज अब नहीं, छोड़ दो मुझे. नमित ने कहा कि क्या भाभी रंडी अब ज्यादा नखरे मत दिखाओ? हम आज तुम्हे असली जन्नत की सर करवाते है और अपने लंड पर बैठने के बाद ज़ोर से नीचे से धक्का दिया आहह्ह्ह्ह नहीं आईईइईई और नमित ने अनुज पर मुझे लेटाकर मेरी गांड में उसका लंड घुसा दिया ओहह्ह्ह अह्ह्ह नहीं बस करो छोड़ दो प्लीज अब छोड़ दो और फिर आशीष ने मेरा मुहं अपने लंड से बंद कर दिया. दोस्तों में तो जैसे हर एक जगह से चुद रही थी और अब कुछ कहने, करने की भी नहीं थी.

    तभी अनुज ने कहा कि हाँ ये ले मेरी रंडी ले और ले, नमित ने कहा कि ओह ऐसी रंडी मुझे पहले मिली होती तो में अब तक इसे चोदकर इसकी चूत का भोसड़ा बना चुका होता. दोस्तों उनकी एसी लगातार चुदाई से मेरी तो आखों से पानी निकल गया और अब में झड़ चुकी थी ओहहह प्लीज़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह अब तो बस करो.

    कुछ देर बाद ही आशीष ने झड़ने की शुरुआत की और उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और मेरा मुहं पकड़कर रखा ताकि उसका सारा माल मुहं के अंदर ही रहे और फिर अनुज ने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरी चूत में सब कुछ जाने दिया और नमित ने मेरी गांड में डाल दिया. दोस्तों ऐसी चुदाई मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी और कुछ देर बाद में चुदाई की और हम सभी बहुत थक गए, लेकिन लगातार पूरे दिन मुझे चोदते रहे और इस साल मुझे बेटा हुआ है, लेकिन यह इनमे से किसी का नहीं था. वो मेरे पति का ही है क्योंकि में उनसे सेक्स करने के बाद गर्भनिरोधक गोलियां लेना कभी नहीं भूलती, जिसकी वजह से मेरा बेटा मेरे पति के चुदाई करने से हुआ, लेकिन पिछले एक साल से अनुज हमारे साथ नहीं रहता और मैंने उसके भाई, मतलब कि मेरे पति के आलावा किसी और से कभी भी सेक्स नहीं किया, लेकिन आज भी में उस सेक्स को कभी नहीं भूल सकती.

  • बॉस की सेक्सी बीवी के साथ जबरदस्ती चुदाई की, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शहबाज़ है और मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों यह घटना मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है और जिसको में आज बहुत बार सोचकर आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह घटना तब की है जब में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक ऑटोपार्ट्स की दुकान में काम करता था और मेरे बॉस दुकान के मालिक मुझे छोटू बुलाते थे, उनकी उम्र करीब 36 या 37 साल थी और तब मेरी उम्र 22 थी, उनकी पत्नी जिसका नाम मेघा और वो बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत थी और उनकी एक बेटी भी थी.

    दोस्तों मेरे बॉस ने अपनी शादी बहुत देर से की थी और बॉस की बीवी की उम्र करीब 30-31 की थी, लेकिन वो अपने सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन से दिखने पर ऐसी बिल्कुल भी लगती ही नहीं थी कि वो इतनी उम्र की भी हो सकती है? दोस्तों मुझे अपने बॉस की दुकान के काम के साथ साथ उनके घर के काम भी छोटे बड़े सभी करने पड़ते थे, जैसे कि बॉस का उनके घर से दिन में खाना लेकर आना घर के लिए कोई भी सामान ले जाना और भी बहुत कुछ इससे मेरी और मेरे बॉस की पत्नी की बहुत अच्छी बनती थी, उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और में हमेशा उन्हें मजाक में बॉस ही बोलता था, लेकिन वो कभी भी मुझसे किसी भी बात पर नाराज नहीं होती थी.

    वो भी मुझे प्यार से छोटू ही बोलती थी और जब भी में उनके घर पर काम से जाता तो हम बहुत देर तक मस्ती मज़ाक करते, मुझे उनके फिगर के साईज का तो पता नहीं, लेकिन वो भरे बदन की थी और उनका रंग भी बिल्कुल गोरा था, हमारा मजाक इतना होता था कि जब भी में अपने बोस का खाना लेने जाता तो में उनसे मजाक में बोलता था कि आपके पापा ने खाना मंगवाया है तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हँसने लगती और मुझसे कहती कि तुम बहुत बदमाश हो गया है बहुत बड़ी बड़ी बातें करता है.

    एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे बोला कि छोटू में 20-25 दिन के लिए किसी जरूरी काम से अपने गाँव जा रहा हूँ तो तू क्या मेरे पीछे से दुकान सम्भाल लेगा? फिर मैंने बोला कि हाँ बॉस कोई बात नहीं आप आराम से बिना चिंता किए चले जाईये. फिर बॉस मुझसे बोले कि तेरी मेडम मेरे साथ नहीं जाएँगी, क्योंकि बेटी का स्कूल है तो इसलिए तू दुकान बंद करने के बाद मेरे घर पर ही रहना. फिर मैंने बोला कि जी बॉस. फिर बॉस बोले कि में कल सुबह ही निकल जाऊंगा तो तू दुकान पर ठीक समय पर आ जाना.

    फिर दूसरा दिन आया. मैंने दुकान खोली तब तक बॉस जा चुके थे और में पूरे दिन बिल्कुल अकेला था. फिर रात हुई और में अपने बॉस के घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद मेडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने दिन में खाना खाया था? फिर मैंने बोला कि जी बॉस हाँ मैंने दिन में खाना खा लिया था. फिर कुछ देर बाद मेडम ने खाना लगाया और हमने एक साथ ही बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम तीनो खा पीकर सो गये, में होल में ही सोया था और ऐसे ही तीन दिन गुजर गये सब कुछ एकदम ठीक ठाक था.

    उसके अगले दिन रात के करीब 2:30 बज रहे थे और मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी तो में पेशाब करने उठा और जब में वापस आया तो मेरी नज़र मेडम के रूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि रूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था तो मैंने सोचा कि शायद मेडम जाग रही है तो इसलिए में रूम के बहुत करीब गया और जैसे ही मैंने अंदर देखा तो देखकर मेरे होश उड़ गये और मेरी दोनों आँखे फैल गई, क्योंकि उस समय मेरी बॉस मेक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहला रही थी और आअहह उउफफफ्फ़ हनमम्म कर रही थी और मेरा मन किया कि में जाकर उनसे चिपक जाऊँ, लेकिन मेरी इतनी हिम्म्त नहीं हुई और में किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल करके या शायद उनसे डरकर में वापस आकर सो गया.

    फिर सुबह हुई और हम नाश्ता कर रहे थे, में अब चोर नज़र से मेडम को ही बार बार देख रहा था और तभी मेडम मुझसे बोली कि क्या बात है आज तुम बहुत चुपचाप हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और फिर पूरे दिन भर में दुकान पर जाने के बाद अपनी मेडम के बारे में ही सोचता रहा और सोचते सोचते मेरा लंड टाईट हो जाता और आज में रात को सोया ही नहीं बस उनके बारे में ही सोचता रहा और रात को करीब दो बजे में फिर से उठा और मेडम के रूम की तरफ जाकर देखा, लेकिन आज दरवाजा अंदर से बंद था तो में करीब गया और वहीं पर बैठ गया और कुछ देर बाद अंदर से फिर वही सिसकियों की आवाज़ आने लगी और में बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और ऐसे ही पूरे 6 दिन हो गये और मेरा मन अब अपनी मेडम को चोदने का बहुत कर रहा था और फिर वो रात आ गई, रात के 1 बज रहे थे और में दरवाजे के बिल्कुल पास ही था और मेडम की आवाज़ सुन रहा था. मैंने अब दरवाजे पर ज़ोर से हाथ मार दिया और जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया और फिर में मेडम से बोला कि क्यों आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मेडम बोली कि हाँ क्या हुआ में तो एकदम ठीक हूँ. फिर में बोला कि जी मेडम और फिर में जाकर हॉल में बैठ गया.

    फिर थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और मेडम बाहर आ गई. में उस समय सोफे पर बैठा हुआ था तो वहीं पर मेडम भी आकर बैठ गई और वो बोली क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे थे में डर गई थी? फिर में बोला कि मेडम मैंने आपकी आवाज़ सुनी तो मैंने सोचा कि शायद आपकी तबीयत खराब है. फिर मेडम बोली कि नहीं में एक सपना देख रही थी. मैंने पूछा कि कैसा सपना?

    मेडम बोली कि वो एक बहुत डरावना सपना था, अब में उनसे नाटक करने लगा क्या मेडम आप भी सपनो से डरती हो? अब वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मेडम क्या आप ज़्यादा डर गई हो? फिर मेडम बोली कि नहीं तो. फिर में बोला कि फिर आप बिल्कुल चुप क्यों हो? तो मेडम बहुत ही धीरे से बोली कि मुझे बहुत प्यास लगी है तो में तुरंत समझ गया, लेकिन फिर भी मैंने नाटक किया हाँ ठीक है में अभी पानी लाता हूँ और में उठकर पानी लाया और उनसे बोला कि यह लीजिए तो मेडम ने देखा तो मुझे हँसी आ गई.

    फिर मेडम मुझसे पूछने लगी कि तुम ऐसे हंस क्यों रहे हो? मैंने उनसे बोला कि लीजिए अपनी प्यास बुझा लीजिए, तभी मेडम ने मेरा एक हाथ खींचकर मुझे सोफे पर बैठा लिया और वो मेरी गर्दन को दबाकर मुझसे बोली कि क्या बात है तुझे बहुत हंसी आ रही है? प्यास नहीं जानते तुम या नाटक कर रहे हो? और अब मेडम के बूब्स मेरी छाती से टकरा गये में और पीछे हुआ और मेडम बैठ गई. फिर में बोला कि मेडम मुझे पता है कि आप क्या सपना देखती हो? अब मेडम ने हल्की सी स्माईल की और बोली कि क्या पता है?

    में बोला कि यही कि जो सपना आप देखती हो तो उससे आपको प्यास लग जाती है और फिर में ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और मेडम ने फिर मेरी गर्दन को दबाया और बोली कि ज्यादा हंस मत और इस बार उनके बूब्स मेरी छाती से पूरी तरह चिपक गये और मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा और मेरी नज़र मेडम के बूब्स पर गई और तभी वो उठने लगी तो मैंने देर ना करते हुए उनके गाल पर एक किस कर लिया तो वो पहले थोड़ा सा शरमाई.

    फिर हंसकर मेरे होंठो को चूमने लगी और अब मेडम सोफे पर एकदम सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गई. मैंने अपने दोनों पैर फैला लिया और मेडम मेरे पैर के बीच में आ गई और मेरा लंड उनकी उभरी हुई गीली चूत से दब रहा था और वो खुद जानबूझ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबा रही थी, में उन्हें ज़ोर से चिपकाए हुए था और हम दोनों ज़ोर से किस कर रहे थे.

    तभी में अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और फिर चूत को सहलाने लगा और मैंने धीरे से मेडम की चूत में एक चींटी काट ली और जिसकी वजह से वो उछल गई और में हँसने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि कमीने रुक में अभी तुझे बताती हूँ और यह बात कहकर उसने ज़ोर से मेरी छाती पर अपने दाँत से काट लिया और उस दर्द की वजह से में चिल्ला पड़ा तो उसने तुरंत मेरे मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर वो मुझसे बोली कि ज्यादा चिल्ला मत वरना में और भी ज़ोर से काट सकती हूँ.

    फिर हम दोनों सोफे से सीधे नीचे फर्श पर लेट गये और मेडम अब तक मेरे ऊपर चड़ी हुई थी और वो लगातार मेरे लंड पर अपनी चूत को मसल रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दोस्तों मेडम का वजन थोड़ा ज़्यादा था और अब मेडम मेरे ऊपर से हटी और पास में आकर बिल्कुल सीधा लेट गई और हम ऐसे ही नीचे लेटे हुए थे.

    फिर मेडम मुझसे बोली कि तुम कभी किसी को कुछ भी मत बोलना तो मैंने उनसे कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो कभी भी किसी को पता नहीं चलेगा और अब मेडम मेरी तरफ मुस्कुराई और में उसके ऊपर चड़ गया और अब में मेडम के ऊपर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ था, में उस समय नाईट पेंट पहने हुए था जिससे मेरा लंड मेडम की चूत से होते हुए उनकी जाँघो के बीच में घुस रहा था और अब हम किस कर रहे थे और में एक हाथ से मेडम का एक बूब्स बहुत ज़ोर से दबा रहा था, अब में मेडम की गर्दन को चूम रहा था और साथ ही एक बूब्स को दबा भी रहा था और जिसकी वजह से मेडम उह्ह्ह्ह ऑश आहह अफफफफफ छोटू अह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.

    अब मेडम ने मुझे अपने उपर से हटाया और वो खुद सोफे पर बैठ गई मेडम ने अपनी नाईट पेंट को उतार दिया उन्होंने अंदर काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी अब उसने अपने दोनों पैर फैला दिए और फिर वो मुझसे बोली कि चल अब आ जा जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे. फिर में सोफे के करीब गया और उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से हाथ फेरने लगा फिर मैंने पेंटी के ऊपर से ही चूत पर एक किस किया तो मेडम ने उफ़फ्फ़ स्सीईईइ करके अपनी दोनों आँखो को बंद कर लिया.

    फिर मैंने मेडम की पेंटी को उतारा और उनकी चूत को अपनी एक उंगली से सहलाने लगा फिर मैंने अपनी उंगली को चूत में घुसा दिया, जिसकी वजह से मेडम सिसकियाँ लेने लगी और आअहह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी. अब में उस बैचेन, तड़पती हुई, प्यासी चूत के पास अपना मुहं ले गया और अपनी जीभ से उनके चूत के दाने को सहलाने लगा और फिर मेडम मुझसे बोली कि उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह छोटू तू यह क्या कर रहा आईईइ है? अब में उनकी चूत को चाटने, चूसने लगा और में अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक घुसाकर चाट रहा था. मेरी मेडम अब मेरा सर पकड़कर अपनी चूत के ऊपर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी और वो आहह उफफ्फ़ उईईईई की आवाज़ निकाल रही थी.

    फिर थोड़ी ही देर में उसने मेरा सर अपनी चूत पर और भी ज़ोर से दबा दिया और अब उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर निकाल दिया जिसको में चूसने लगा और उसके बाद में उठा और अब हम दोनों पूरे नंगे हो गये थे मेरा लंड पूरा टाईट था. तो मेडम मेरा लंड देखकर मुझसे बोली कि साले कमीने तेरा कितना बड़ा है? मैंने कहा कि हाँ यह आपके लिए ही है, मेडम बोली कि अच्छा रुक में अभी तुझे बताती हूँ और वो अब मेरा लंड पकड़ कर ज़ोर से ज़ोर मसलने लगी में ऑश उफ्फ्फ बाप रे मेडम करने लगा. तो मेडम मुझसे बोली कि क्यों क्या हुआ बच्चू दर्द हो रहा है? में बोला कि क्या आज इसे तोड़ ही दोगी क्या?

    फिर मेडम हँसने लगी फिर वो बहुत आराम से मेरे लंड से खेलने लगी और में उसके एक बूब्स को दबाने तो दूसरे को चूसने लगा कुछ देर बाद में रुका और मैंने मेडम से बोला कि में एक मिनट में अभी वापस आता हूँ में जल्दी से पास वाले रूम में गया और दो तकिए लेकर आ गया और अब मेडम फर्श पर लेटी हुई थी और मैंने एक तकिए को मेडम की गांड के नीचे रख दिया मेडम की चूत बहुत मोटी थी और बहुत मस्त चूत थी.

    मैंने अब उनके दोनों पैर फैलाए और एक बार फिर से उनकी चूत को चाटने लगा मेडम सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि तू चूत को बहुत अच्छा चाटता है और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर और भी ज़ोर से उनकी चूत को चाटने लगा, लेकिन थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मेडम मुझसे बोली कि छोटू में गई और में ज़ोर से चाटने लगा.

    मेडम का फिर से पानी निकल गया जिसकी वजह से उनकी पूरी चूत गीली हो चुकी थी. में अब मेडम के दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़कर गीला करने लगा और मेडम उफफफ्फ़ आह्ह्ह्ह कमीने जल्दी से इसे अंदर डाल दे, कुत्ते तू यह क्या कर रहा है? थोड़ा जल्दी से डाल दे स्सीईईई आह्ह्ह् क्या बस ऐसे ही करता रहेगा?

    फिर मैंने उनकी तड़प को देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा मेडम की गीली चूत के मुहं पर रख दिया और एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया. मेडम उईईई उफ्फ्फफ्फ्फ़ कुत्ते साले तेरा बहुत बड़ा है थोड़ा मेरे ऊपर रहम कर आह्ह्ह्ह और अब में थोड़ा रुककर ऐसे ही अपने लंड को डाले कुछ देर रुका रहा.

    फिर मैंने मेडम के दोनों बूब्स को एक एक हाथ में पकड़ा और बूब्स को दबाते हुए बूब्स के बीच में अपनी जीभ से चाटने लगा और मेडम आअहह उफ्फ्फ्फ़ अर्ररर और हाँ तेज़ तेज़ सिसकियाँ लेती हुई बोली कि छोटू मुझे किस करो. अब में मेडम के ऊपर लेट गया और उनके गुलाबी होंठो को धीरे धीरे मज़े लेते हुए चूसने लगा.

    अब मैंने लंड को धीरे से थोड़ा बाहर किया और फिर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से मेडम की चीखने की आवाज़ मेरे मुहं में दबकर रह गई और अब में लगातार धक्के देकर अपनी मेडम की चुदाई करने लगा छप छप पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी. मेरी मेडम ऊऊहह एसस्स ऊओह मरी छोटू और ज़ोर से करो और उफ्फ्फ्फ़ मज़ा आ गया और बोलती रही करीब 20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और फिर हम एक साथ झड़ गये और में मेडम के ऊपर ही कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा जिसकी वजह से मेरा लंड अभी भी मेडम की चूत में ही था और धीरे धीरे सुकड़कर छोटा हो रहा था. फिर में उठा तो मेडम मुझसे मुस्कुराकर बोली कि क्या हुआ थक गया?

    मैंने बोला कि अभी कहाँ अभी तो पूरी रात बाकी है फिर हम उठकर बाथरूम में चले गये मेडम ने पेशाब किया और में उन्हें देख रहा था मैंने अब पेशाब करते हुए ही उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मेडम उछल पड़ी और हम हम दोनों हँसने लगे और फिर मेडम ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया और फिर हमने पानी चालू किया और अब हम भीगते हुए एक दूसरे को चूमने, चाटने लगे. मैंने मेडम को अब सीधा लेटा दिया और फिर उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा जिसकी वजह से पानी मेरे ऊपर से गिरकर मेडम की चूत पर टपक रहा था और मेडम ऊओह्ह्ह आअहह ह्म्‍म्म्म कर रही थी.

    अब मैंने अपनी मेडम के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चोदा और कुछ देर बाद मेडम मेरे ऊपर बैठकर मुझे चोद रही थी. उस रात हमने सिर्फ़ दो बार चुदाई की और फिर अगले दिन से कई बार रात में हम चुदाई करते और एक दिन मेरे बॉस का फोन आया कि उन्हे वापस आने में अभी 10-12 दिन और लगेंगे और इसलिए तक मेरे बॉस वहां पर नहीं थे तब तक हम पति पत्नी की तरह रहने लगे.

    हमने बहुत बार चुदाई के मज़े लिए और फिर जब मेरे बॉस वापस आए तो भी मेरी मेडम मेरे बॉस को फोन करती और उनसे कहती कि छोटू को घर पर भेज दीजिए उससे मुझे कुछ सामान मंगवाना है और इस बहाने से हम करीब 20 -25 मिनट तक बहुत मज़े से चुदाई कर लेते थे. दोस्तों मेघा मेडम से मेरा यह रिश्ता पूरे एक साल से भी ज़्यादा रहा और इस बीच हमने बहुत बार सेक्स किया. यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था जिसको मैंने बहुत मज़े के साथ बिताया.

  • मालकिन के साथ लंड की होली

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्णव है और में 24 साल का हूँ, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. में बाकी सबकी तरह झूठ नहीं बोलूँगा कि मेरा लंड 9 इंच का है, लेकिन जो इसे एक बार लेता है इसका दीवाना हो जाता है. में चंडीगढ़ में रहता हूँ, मुझे जॉब के लिए चंडीगढ़ आए हुए 2 महीने ही हुए थे, तो में रहने के लिए रूम देख रहा था. तो मुझे जहाँ रूम मिला, उस मकान मालकिन का नाम पूनम था, फिगर मस्त था, लगभग 36-30-34 होगा. मेरा पहली बार उन्हें देखकर लंड खड़ा हो गया था, अब में आपको पूनम के बारे में बता दूँ, वो एक तलाकशुदा लेडी है, उम्र करीब 30 साल होगी और उसके एक लड़का है और उसके फिगर का तो क्या कहना? फिर मैंने उनके यहाँ शिफ्ट किया और रहने लगा.

    फिर कुछ दिन में हमारी आपस में ठीक ठाक बात होने लगी, पूनम दिखने में मस्त और उसके बूब्स देखकर तो मेरा अपने ऊपर से कंट्रोल ही खो जाता और मेरा लंड पेंट फाड़कर बाहर निकलने को होता और उसे चोदने को होता. फिर मेरे दिमाग़ में उसे चोदने को लेकर चलने लगा और में प्लानिंग करने लगा कि कैसे उसे चोदा जाए? अब में रोज़ उससे मिलता और बातें करता. अब हम काफ़ी फ्रेंक हो गये थे, अब हम कभी-कभी मज़ाक में एक दूसरे को टच कर देते थे.

    मैंने देखा कि अभी होली के दिन वो उदास थी, में उसे होली विश करने गया था. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं तुम नहीं समझोगे, तो मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त हूँ और तुम अपना दुख सुख मुझसे शेयर कर सकती हो. तो वो मेरे पास आई और रोने लगी और मेरे कंधे पर सिर रख लिया और कहने लगी कि उसे पिछले साल की होली याद आ गई अपने पति के साथ मनाई हुई. तो मैंने कहा कि ऐसा क्या था उस होली में? जो इस होली में नहीं है. वो कहते-कहते रुक गई, फिर बोली कि कुछ नहीं. तो मैंने कहा कि तुम मुझे बताओ तो सही तभी तो वैसी ही होली मनायेंगे, अब उसकी आँखों में अचानक से चमक दिख रही थी, लेकिन वो बोली कि तुमसे नहीं हो पायेगा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है तुम कहो. फिर वो मेरे पास में बैठकर मेरी जांघ पर हाथ फैरने लगी और बोली कि लास्ट टाईम मैंने होली अपने पति के साथ बेड पर बंद रूम में मनाई थी. फिर बस उसके इतना कहने की देर थी और मैंने उसके लिप पर अपने लिप रख दिए और चूसने लगा कि तभी मुझे याद आया कि यहाँ उसका बेटा भी तो होगा. तो वो बोली कि वो होली खेलने गया है, तू आज यहाँ पिचकारी चलाना. बस फिर क्या था? हमने एक दूसरे को बाँहों में भरा और एक दूसरे के लिप चूसने लगे और में उसके बूब्स उसके कपड़ो के ऊपर से ही दबा रहा था, अब उसके बूब्स मेरे एक हाथ में आ ही नहीं रहे थे.

    फिर वो बोली कि बाहर से ही खेलेगा या इसका दूध भी पियेगा, बस फिर में उसके कपड़े उतारने लगा और वो मेरे कपडे उतारने लगी और कपडे उतरने के साथ उसका वो शरीर को सहलाना, किस करना, में कभी भूल नहीं सकता हूँ. फिर मैंने उसके कपडे उतारे, अब वो ब्रा और पेंटी में थी, वो क्या मस्त माल लग रही थी? अब में तो उसे देखते ही उसकी रसीली चूचीयों पर टूट पड़ा.

    अब में एक बूब्स चूस रहा था और एक हाथ से एक बूब्स दबा रहा था, पहले तो वो सॉफ्ट थे लेकिन फिर हार्ड होने लगे. अब में उसके निप्पल पर कभी काट देता तो वो सिहर उठती और आह्ह्ह आह्ह्ह की आवाज़ निकालती. फिर में उसके निप्पल के चारों और चाटता और अपनी जीभ से निप्पल को हिलाता. वो पागल हो रही थी और कह रही थी कि में तो तुझे बच्चा समझती थी, लेकिन तूने तो चूस कर ही ऐसी हालत कर दी, अब तो तू जल्दी से चोद दे और मत तड़पा.

    फिर मैंने कहा कि ऐसे कैसे चोद दूँ? अभी तो तुझे भी चूसना है, तो वो बोली कि क्या? तो मैंने कहा कि लॉलीपोप. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उस पर चॉकलेट का स्वाद लगाया और उसे चूसने को कहा, तो वो क्या मस्त चूस रही थी? अब उस एहसास से तो में पागल ही हो गया था और फिर में उसके मुँह में झड़ गया. फिर में उसकी चूत को सहलाने लगा और अब में उसकी चूत को चाट रहा था, तो वो मना कर रही थी, लेकिन जब उसे उसकी चूत पर जीभ का टच हुआ तो वो निढाल हो गई और मेरे मुँह में झड़ गई.

    फिर वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उसकी चूत को सहला रहा था, फिर वो कहने लगी कि अब रहा नहीं जाता, मेरी चूत को फाड़ दो और उसने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाया और कहा कि आजा मेरे राजा, ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया, अब से तू जब चाहे मुझे चोदना. फिर में उसकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा, तो वो तड़प उठी और सिसकियाँ भरने लगी, तभी मैंने पहला शॉट मारा और वो चिल्ला उठी, अभी मेरा लंड आधा ही उसकी चूत में गया था.

    फिर उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और आहें भरने लगी और आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह अर्णव, फुक मी हार्ड, जैसी आवाज़ें निकालने लगी, आज मुझे अपनी रांड बना ले और ये सब कहते हुए उसकी आँखो में दर्द से आंसू आ रहे थे, लेकिन वो चुदाई की प्यासी थी और कहने लगी कि डाल दे अपना पूरा लंड, आज मुझे अपना बना ले और उसकी ये सब बातें मुझे और भी गर्म कर रही थी.

    फिर मैंने एक शॉट और मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. फिर मैंने शॉट देने शुरू किए, में पहले धीरे-धीरे कर रहा था तो वो बोली कि जोर से चोदो और मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी कि आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे. अब ऐसे शब्द मुझे और भी उत्तेजित कर रहे थे. अब वो इस चुदाई में दो बार झड़ गई थी. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा और झड़ गया और उसके साथ लेट गया. फिर वो मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि आज तूने मेरी प्यास बुझा दी, ऐसे तो मेरे पति ने भी मुझे कभी नहीं चोदा. अब तो में उसे हर रात चोदता हूँ.

  • दूध वाली गर्लफ्रेंड का दूध पिया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रवीण है और मेरी उम्र 36 साल है. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इस वेबसाईट से बहुत कहानियाँ पड़ी है और उन्हें पढ़कर मेरा भी मन किया कि में भी अपनी एक कहानी लिखूं. मैंने अभी तक सेक्स का बहुत अनुभव किया है और यह कहानी एक सच्ची घटना है और आपको पसंद भी जरुर आएगी. दोस्तों उस दिन में अपने ऑफिस का कम खत्म करके मेरी गर्लफ्रेंड के घर गया, उसके घर पर उसका पति और उनका तीन साल का एक बच्चा था. मेरी गर्लफ्रेंड की शादी को 5 साल हो गये थे और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को मेरे आने की खबर भी नहीं दी थी. फिर मैंने वहाँ पर पहुंचकर घर के दरवाजे की घंटी बजाई तो उसके पति ने दरवाजा खोला और वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई. मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही सुंदर थी और वो दिखने में एकदम मधुबाला जैसी और फिर उसने मुझे दरवाजे पर देखकर अंदर बुलाया.

    फिर मैंने अंदर आकर देखा तो उसका पति कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहा था और मैंने उन्हें जाने के लिए बहुत मना किया, लेकिन वो बोले कि में अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने जा रहा हूँ और रात को थोड़ा देरी से आ जाऊंगा, लेकिन तुम कहीं जाना नहीं, हम आज रात को बैठकर पार्टी करेंगे. फिर वो कुछ देर बाद चला गया और उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लिए खाना गरम किया और मुझे खाना परोसने लगी और मेरे खाना खाते समय उसने मुझसे पूछा कि कैसे आना हुआ?

    फिर मैंने पलट कर जवाब दिया कि बस ऐसे ही और जब में वहां पहुंचा तब मुन्ना सो रहा था. फिर मेरी सफर की थकान के कारण उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम जल्दी से नहा लो और में तब तक घर की साफ सफाई करती हूँ. फिर में नहाने चला गया और तब मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाजा टूटा हुआ था. फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली कि हाँ यह कल ही टूटा है और इसे ठीक करवाना है. फिर में शरमाते हुए नहा रहा था तो तभी मुझे बच्चे के रोने की आवाज़ आई. दोस्तों उसका घर बहुत बड़ा था और वो बच्चा मेरे बाथरूम के सामने वाले बेडरूम में सोया हुआ था. उसने मुन्ने को उठाया और अपनी गोद में लेकर सुलाने लगी, वो ठीक मेरे सामने बैठी थी और वो मुझे नहाते हुए देख रही थी और मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी.

    तभी मैंने उसके चहरे पर हंसी देखी तो वो मुझे देखकर ही हंस रही थी. फिर में नाहकर बाहर आया तो मैंने देखा कि तब तक मुन्ना पलंग पर ही लेटा हुआ था और में मुन्ने के साथ खेल रहा था. उसने मुझे चाय बनाकर दी और फिर वो बाथरूम में कपड़े धोने चली गयी और वो शायद दोपहर में ही नहा चुकी थी मेरे आने से पहले, क्योंकि दरवाजा टूट गया था और अब मुन्ना खेलते खेलते सो गया.

    फिर में उसके कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठा और तब रात के दस बजे थे और वो बाथरूम से बाहर आ गई और फिर मुझसे कहने लगी कि प्रवीण सॉरी हाँ यार तुझे भूख लगी होगी, में जल्दी से खाना बनाती देती हूँ. फिर वो अंदर किचन में चली गयी और खाना बनाते हुये मुझसे बातें कर रही थी और तुम्हारे घर पर सब लोग कैसे है? अब उसके खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खा लिया. फिर हम टी.वी. देख रहे थे और थोड़ी देर बाद मुन्ना एक बार फिर से उठ गया, शायद उसे भूख लगी थी.

    फिर से उसने मुन्ने को खाना खिलाया और में सब बैठे बैठे देख रहा था, उसको पता चला कि में देख रहा हूँ, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी देर के बाद में मुन्ना के साथ खेल रहा था और वापस खेलते खेलते मुन्ना कब सो गया पता नहीं चला और वैसे ही पूरा टाईम कब ख़त्म हो गया पता ही नहीं चला, मेरी गर्लफ्रेंड और में टी.वी देख रहे थे और तब टी.वी. पर एक छोटी सी प्यार की कहानी फिल्म आ रही थी, लेकिन मुझे इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं पता था और फिल्म देखते देखते मेरा लंड कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और तब में केफ्री पहनकर बैठा हुआ था, इसलिए उसने मेरे लंड को देख लिया था और में भी उसके बूब्स को देख रहा था और वो मेरे लंड को देख रही थी. फिर तभी उसने मुझसे पूछा कि प्रवीण क्या तुझे दूध पीना है और वो भी भैसे का या मेरा?

    तब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया और तब जवाब में मैंने उसे तेरा दूध कह दिया, उसने दरवाजा बंद लिया था. फिर में भी सोने चला गया. दोस्तों में एक अलग कमरे में सोया हुआ था, लेकिन उस फिल्म को देखने के बाद मेरे मन में अब कुछ अलग से ख्याल आ रहे थे और फिर मेरा उसको देखने का नज़रिया बिल्कुल बदल सा गया था, थोड़ी देर बाद उसके कमरे से कुछ आवाज़ आने लगी.

    फिर में उठकर कमरे की तरफ चला गया तो कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला था और में छुपकर देख रहा था तो वो अपनी चूत को खुजा रही थी और थोड़ी देर बाद अपनी उंगली उसमें डाल रही थी और चिल्ला रही थी, अह्ह्हहह उह्ह्ह्हह्ह मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया, में भी उसको देखकर मुठ मारने लगा था और उसी हड़बड़ाहट में मेरे हल्के से धक्के से दरवाजा खुल गया तो वो जल्दी से उठ गई और में भी डर की वजह से बाथरूम में चला गया और पेशाब का नाटक करके बाहर आ गया और तब उसने गाऊन पहना हुआ था, शायद अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उसका गाऊन चूत के पास से थोड़ा गीला था और मेरा लंड भी केफ्री की वजह से खड़ा दिख रहा था और मैंने कुछ नहीं देखा और अपने बेडरूम में चला गया, लेकिन शायद उसको पता चल चुका था कि मैंने सब कुछ देख लिया है और वो भी मेरे खड़े लंड की वजह से उस रात में सो नहीं सकी और मेरे मन में अजीब अजीब ख़याल आने लगे थे. सुबह में जल्दी उठा ताकि में उसको नहाते हुआ देख सकूं. में छुपकर उसे देख रहा था, उसने अपने गाऊन को उतार दिया और उसने पेंटी नहीं पहनी थी और अब धीरे से ब्रा को खोल दिया तो वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके नहा रही थी, क्या सुंदर फिगर था? में देख रहा था कि अब वो कब मेरी तरफ पलटे और मुझे उसकी चूत और पूरे खुले बूब्स देखने को मिले? रात को में थोड़ा अंधेरा होने की वजह से ठीक से नहीं देख पाया था.

    तभी वो वापस मेरी तरफ घूम गई और में भी जल्दी से पीछे मुड़ा. दोस्तों मेरे रूम के पास ही बाथरूम था और बाथरूम के सामने उसका कमरा था और शायद उसको मेरी आहट लग चुकी थी तो इसलिए वो जानबूझ कर मेरे रूम में आ गई और मेरी तरफ देखने लगी और मेरे पास आकर मेरे सर पर बालों को सहलाती रही और अब मेरा लंड पूरी तरह से वापस खड़ा हो गया, अब मुझे उसके स्पर्श से कुछ अलग सा महसूस होने लगा और साथ ही साथ डर भी लगा, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था.

    मैंने सोने का नाटक किया तो फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गई. में उठकर जब नहाने चला गया तो वो मुझे कुछ अलग नज़र से देख रही थी, नहाने के बाद में टी.वी. देखने लगा, उसने चाय बनाई और मुझे दी. तभी मैंने उसे उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो तो दो दिन घर नहीं आने वाले है और उसने मुझे मुन्ने के साथ थोड़ी देर खेलने को कहा और मुस्कुराकर बाथरूम में कपड़े धोने चली गई और कपड़े धोने के बाद वो खाना बनाने लगी, तब में उठ गया था और उसने मुझे नाश्ता भी नहीं दिया था, मुझे अब बहुत भूख लगी थी और मैंने उससे कहा भी था तो इसलिए वो जल्दी खाना बनाने लगी और मुन्ने से खेलने के लिये उसने अब मुन्ने को किचन में नीचे अपने पास बैठा दिया और में मुन्ने के पास था, वो बहुत खुले दिल की थी यानी मॉडर्न जमाने की है और वो एम.बी.ए. कर चुकी थी. वो मुझसे बातें करने लगी, लेकिन वो कुछ अलग ही बातें थी, क्योंकि कल रात का परिणाम हम महसूस कर रहे थे. फिर उसने पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? मैंने कहा कि नहीं है और वो मुझे देखकर हंस पड़ी. फिर उसने पूछा कि तूने कभी किसी लड़की को किस किया है? फिर मैंने कहा कि नहीं अभी तक मुझे मौका नहीं मिला और में भी खुले मन से जवाब देने लगा और वो वापस मुस्कुराई. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम कल धीरे धीरे चिल्ला क्यों रही थी? वो बिल्कुल नहीं चौकी, क्योंकि उसने मुझे देख लिया था. फिर वो मेरी तरफ देखकर बोली कि तुम पहले मुझसे वादा करो कि तुम यह बात किसी को नहीं बताओगे, मेरे पति को भी नहीं? तो मैंने झट से हाँ कह दिया. फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी कुछ ज़रूरते ऐसी है कि वो पूरी नहीं हो रही थी. फिर मैंने पूछा कि कौन जरूरते? फिर वो बोली कि प्रवीण तुम वो सब समझते हो तो वो वापस मेरे पास आई और मुस्कुराई और मेरे सर के बालों को हिलाते हुए बोली कि तुम बहुत शरारती हो.

    दोस्तों अभी भी उसको खाना बनाने के लिए बहुत देर होने वाली थी तो वो मुझे देखती जाती और काम करती, शायद उसने मन में ठान लिया था कि वो मुझसे चुदवाकर ही रहेगी और में भी अब वही मौका ढूँढ रहा था. मैंने बहुत सारी सेक्स कहानियाँ पढ़ी थी और बहुत बार सेक्स भी किया था. फिर अचानक उसने पूछा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? में थोड़ा शरमाया. फिर उसने मुझसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया नहीं होगा इसलिए तुम क्या जानो इसकी प्यास को और मेरे पति हमेशा दारू पीने के लिए बाहर जाते है और फिर वो थोड़ी उदास हो गयी? और मेरे बहुत करीब बैठी रही. फिर उसने एक बूब्स को वापस आधा बाहर निकालकर मेरे मुहं में डाला तो में उसके मस्त मस्त निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और इन सब कामों से मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

    फिर उसकी नज़र उस पर पड़ी और वो मुझे पटाने लगी और बोली कि प्रवीण सेक्स में कोई रिश्ता नहीं होता है. एक लंड और चूत के बीच में कोई रिश्ते नहीं होते भाई, बहन, माँ और अब वो धीरे धीरे मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी, मेरा उधर ध्यान ही नहीं था और उस समय मैंने जीन्स पहनी हुई थी. फिर वो कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और मेरा पूरा ध्यान बूब्स पर था. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम हमेशा इस बूब्स से मुझे दूध पिलाओगी क्या? और वो मुस्कुराकर बोली कि में बारी बारी से बूब्स को बदल देती हूँ.

    फिर उसने मेरे लंड पर धीरे से मारा और कहा कि सचमुच तुम बड़े ही बदमाश हो. फिर उसने मुझे बोला कि चलो आओ इधर का थोड़ा दूध तुम पी लो तुम्हारी भी भूख दूर हो जाएगी और में जल्दी से उसके पास गया तो उसने अपने ब्लाउज के तीन बटन खोले और पहले बूब्स को अंदर कर दूसरे बूब्स को बाहर निकाला और मेरे सर को पकड़कर मेरे मुहं में अपने निप्पल को डाल दिया, में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसका दूध पीने लगा, उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा तो वो बोली कि थोड़ा धीरे धीरे पीना में कहाँ भागी नहीं जा रही हूँ?

    दो तीन मिनट बूब्स पीने के बाद वो बोली कि थोड़ा बाद में पीने के लिए रखती हूँ और इसे वापस पिला दूँगी. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हो गया तो वो बोली कि प्रवीण नाराज़ मत होना, मेरी प्यास बुझाते बुझाते में यह दूध तुम्हें पीने के लिए दूँगी और फिर में खुश हो गया और मेरी मुस्कुराहट को देखकर वो भी अब खुश हो गई, उसने मुझे बुलाया और तब उसने गाऊन ही पहना हुआ था और उसने गाऊन पर बूब्स के वहां पर एक चैन लगाई हुई थी ताकि वो बच्चे को दूध पिला सके. फिर उसने मुझे पास सोने को कहा और अपने एक बूब्स का निप्पल मेरे मुहं में डाल दिया और में वापस चूसने लगा. मुझे अभी तक पूरे के पूरे बूब्स नहीं दिखाए दे रहे थे और में उसका बहुत सारा दूध पी चुका था.

    फिर उसने मुझे पूछा कि कैसा लग रहा है मेरा दूध? फिर मैंने कहा कि में दूध को पीने के लिए मना करता वो भैस और गाय का, लेकिन जब मैंने यह दूध पिया तो मुझे दूध पीने में मज़ा आने लगा है, क्या मस्त स्वाद है इस दूध का? वो मुस्कुराकर बोली और चाहिए क्या? फिर मैंने कहा कि हाँ फिर वो दूसरे बूब्स को बाहर निकालने वाली थी, तब मैंने कहा कि जानू मुझे तुम्हारे पूरे बूब्स को देखना है. फिर वो मुझे बोली कि ठीक है प्रवीण तुम बहुत ही बदमाश हो. फिर उसने अपना गाऊन निकाला और तब उसने पेंटी के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था, उसने मुझे भी अपने कपड़े निकालने के लिए कहा. फिर उसने ही मेरी पेंट निकाली और टी-शर्ट भी, अब में भी सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसके बूब्स तो बिल्कुल मलिका के जैसे थे, उसकी निप्पल क्या मस्त दिख रही थी और वो ऊपर से नीचे पूरी गोरी बहुत सुंदर थी बिल्कुल मधुबाला जैसी, उसको देखकर हर एक का मन चोदने को करेगा.

    फिर उसने कहा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? क्या तुम्हे में पसंद नहीं आई? फिर मैंने उससे कहा कि तुम तो मधुबाला जैसे दिखती हो तो वो मुस्कुराई और मुझसे दूध पीने को कहा. में अब बहुत गरम हो चुका था और मेरा लंड 7.5 इंच का था, वो अब 9.5 इंच का हो गया था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसना शुरू किया और उस समय उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी, उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और फिर में जल्दी ही झड़ गया और मैंने मेरा वीर्य उसके हाथ पर डाल दिया और वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली कि प्रवीण आज से तुम मेरे पास ही सोना, जब तक मेरे पति नहीं आ आते.

    फिर में उससे लिपट गया और किस करने लगा. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को देखकर बोली कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है गधे के लंड के बराबर ही है. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हुआ और फिर वो बोली कि उदास होने की ज़रूरत नहीं है. फिर उसने मेरा लंड उपने हाथों में ले लिया और नीचे अपने घुटनो पर बैठ गई और मुझे बेड पर बैठा दिया. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड का स्वाद बहुत ही मीठा है और में मुस्कुराने लगा.

    फिर एक मिनट बाद वो ज़ोर ज़ोर चूसने लगी तो मैंने कहा कि मुझे बहुत दर्द होता है थोड़ा धीरे धीरे करो. फिर वो बोली कि प्रवीण कुछ सीखने के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है और फिर करीब चार पांच मिनट चूसने के बाद में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया. फिर मैंने उससे सॉरी कहा तो उसने कहा कि उसमें सॉरी कहने की ज़रूरत नहीं है और यह रस पीने के लिए तो में कब से राह देख रही थी, लेकिन मेरे पति तो कमजोर शरीर के कारण मुश्किल से एक दो बार में ही झड़ जाते थे तो मुझे रस पीने को नहीं मिलता था, इसलिए में कल अपनी चूत में अपने उंगली डालकर खुद को चोद रही थी और उंगली चाट रही थी और आज तुमने रस पिलाकर मेरी एक इच्छा पूरी की है.

    फिर उसने अपना गाऊन बाहर निकाला और वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी, क्या मस्त फिगर था उसका, मस्त गोरी गोरी जांघे थी और चूत के ऊपर उसने मस्त डिज़ाईन में बाल साफ किए थे और उसकी बहुत मस्त चूत थी. फिर उसने कहा कि प्रवीण अब तुम मेरी चूत को चाटना और मेरी दूसरी इच्छा को पूरा करना और उसने मेरे सर को अपनी चूत से लगाया. मैंने अब उसकी चूत को चूसना, चाटना शुरू किया और वो ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह आईईईई. फिर में डर गया और पीछे हट गया, तभी उसने कहा कि डरो मत प्रवीण मुझे मज़ा आ रहा है.

    फिर में और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसकी चूत की गरमी और खुशबू मुझे और जोश में लाने लगी. मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह्ह डार्लिंग तुम बहुत मस्त चूसते हो, हाँ और ज़ोर से मेरे पति को यह पसंद ही नहीं था, लेकिन तूने मुझे बहुत खुश कर दिया है और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्रवीण तुम बहुत अच्छे हो. फिर कुछ देर चूसने के बाद उसकी चूत भी झड़ चुकी थी और में उसकी चूत का पानी पी गया और चाट चाटकर मैंने पूरी चूत को साफ कर दिया और थोड़ी देर फिर हम दोनों चूमने लगे, उसके होंठ बहुत रसीले थे. फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत के पास लिया और अब उसे अपनी चूत में डालने को कहा. फिर में धीरे धीरे मेरे लंड को उसकी चूत में डालने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, लेकिन अभी तक मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था.

    फिर उसने कहा कि प्रवीण और ज़ोर लगाओ और चोद डालो अपनी इस गर्लफ्रेंड को और मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया और अब मेरा लंड चूत के अंदर आधा चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी, उसकी चूत से थोड़ा सा खून भी निकलने लगा. फिर मैंने डर के मारे लंड को बाहर निकाला. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? खून को देखकर वो बोली कि बहुत दिनों के बाद चुदने के बाद ऐसा ही होता है, प्रवीण तुम मत डरो, में हूँ डार्लिंग, प्लीज़ चोदो मुझे और अब मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू किया, दो तीन मिनट बाद मेरा पूरा लंड अंदर चला गया.

    दोस्तों उसकी चूत मुझे अच्छी लगने लगी, एक घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और वो मुझसे बहुत खुश हो गई और मुझे चूमने लगी, में थक चुका था, क्योंकि यह मेरा लंबे टाईम चलने वाला सेक्स था. तब उसने मुझसे कहा कि क्यों प्रवीण इतने में ही खुश हो गया? और चोदो अपनी डार्लिंग को मेरे पति जैसा कमजोर मत बनो. फिर उसके कुछ देर बाद में एक बार फिर में जोश में आ गया और उसको चोदने लगा, इस बार मेरी स्पीड बहुत ज्यादा थी और मैंने ज्यादा समय तक चोदा लगभग एक घंटे तक. मेरी डार्लिंग मुझसे बहुत खुश हो गई और इस बार वो जल्दी झड़ गई थी और थोड़ी देर बाद में भी. मैंने मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और जिससे उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और थोड़ा वीर्य बाहर भी आ चुका था.

    मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसे पूरी तरह से साफ कर दिया. फिर उसने मेरी तरफ पीठ करके अब अपनी गांड में लंड को घुसाने को कहा. सबसे पहले मैंने उसकी गांड अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. फिर अपनी उँगलियों को डालने लगा, उसकी गांड बहुत टाईट थी, शायद उसके पति ने उसकी गांड कभी नहीं मारी थी और इस बार वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्रवीण मेरी गांड की प्यास बुझा डाल, तीन चार मिनट उंगलियों को अंदर बाहर करने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया और एक ज़ोर से धक्का दिया और मेरा आधा लंड अंदर चला गया, मेरी रानी बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी और फिर मैंने दूसरे धक्के में ही मेरे लंड को बहुत अंदर डाला तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.

    फिर में धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, आधे घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और इस तरह मैंने उसकी उस रात में तीन बार गांड मारी और पांच बार चुदाई की. अब में बहुत थक गया था तो में हिल भी नहीं पा रहा था, मेरा पूरा बदन कांप रहा था और में अपने कमरे में जा नहीं सकता था, इसलिए उसने खुद मेरे कमरे में ले जाकर अपना दूध मुझे पिलाकर सुलाने लगी और हम दोनों उधर ही सो गए, हम दोनों नंगे ही सो रहे थे. फिर उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो, तुम बहुत अच्छे हो और तुमने आज मेरी सभी इच्छा पूरी की है.

    दोस्तों में बहुत थक चुका था तो उसने मुझसे अपने बूब्स को थोड़ी देर चूसने को कहा और वापस में उसका दूध पीने लगा, वो मुस्कुराई और बोली कि अब हम हर रोज ऐसे करते रहेंगे और अब में उसको हर रोज चोदने लगा था, लेकिन में उसकी वो बात कभी नहीं भूला जो उसने मुझसे कही थी कि सेक्स सिर्फ़ चूत और लंड का रिश्ता होता है उसमें कोई रिश्ते नहीं होते है. फिर एक दो महीने बाद ही वो मेरे घर पर आ गई थी, तब वो मुझे खींचकर एक अलग कमरे में लेकर गई जहाँ पर कोई भी नहीं था और मेरे होंठो को और गालों को चूमा. फिर मेरे कान में बोली कि तुम हमारे बच्चे के बाप बनने वाले हो. फिर वो बोली कि प्रवीण डरो मत यह बात में किसी से नहीं कहूँगी, क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ प्रवीण. दोस्तों तब में 23 साल में ही बाप बन चुका था. फिर मैंने उसको चूम लिया और बोला कि तुम मेरी सबसे अच्छी गर्लफ्रेंड हो और फिर हम दोनों मुस्कुराते रहें.

  • दक्षा आंटी ने करिश्मा को जबरदस्ती चुदवाया, jabardasti sex story

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते हैहैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विश है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ. दोस्तों यह घटना तीन महीने पुरानी है और यह घटना जानने से पहले यह काम जिसकी वजह से हुआ वो भी आप जरुर जान लीजिए, दोस्तों में दक्षा आंटी को चोद चुका था और में जिस आंटी को चोदकर संतुष्ट कर रहा हूँ और वो उनकी एक रिश्तेदार है, उसका नाम करिश्मा है और वो बहुत बढ़िया माल है.

    दोस्तों में आपको क्या बताऊँ एक बार करिश्मा ने दक्षा आंटी को अपनी समस्या बताई, वो दोनों एक दूसरे से अपनी सभी समस्याए कहते थे. उन्होंने बताया कि उसका पति उसे ठीक तरीक़े से संतुष्ट नहीं कर पाता और उसकी वजह से उसके जिस्म की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है और इस वजह से उनका मन हमेशा करता है कि क्यों ना किसी बाहर वाले से चक्कर चलाया जाए?

    फिर आंटी ने उनकी पूरी बात सुनकर उनको साफ मना कर दिया और उनसे कहा कि नहीं इस काम से उनकी बहुत बदनामी हो सकती है और फिर आंटी ने करिश्मा को रास्ता बताया कि उनकी नज़र में एक लड़का है, जो उन्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है. (दोस्तों जो कि में था) फिर करिश्मा ने उनकी पूरी बात सुनकर समझकर कहा, लेकिन यह बात गुप्त रहनी चाहिए. फिर आंटी ने उनसे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि अब यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच में ही रहेगी, किसी चोथे आदमी को कभी भी पता नहीं चलेगा और वैसे भी वो लड़का पूरा भरोसे के लायक है और चिंता की कोई बात नहीं है और अगर तुम चाहो तो में उससे तुम्हारी मुलाकात करवा दूँ?

    फिर करिश्मा ने कहा कि आज नहीं, दो दिन बाद मेरे पति अपने बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहे है और हम तभी यह काम करेंगे, लेकिन अभी मुझे उस लड़के को एक बार देखना है. फिर आंटी ने मुझे फोन करके वो सब कुछ काम जो मुझे करना था वो ठीक तरह से समझा दिया और फिर मुझे उसी दिन उनके घर बुलाया तो में उनके घर पर चला गया और फिर मैंने उस करिश्मा नाम की सेक्सी माल को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, क्योंकि वो कितनी गोरी थी.

    दोस्तों वो इतनी गोरी थी कि अगर थोड़ी देर में ज़ोर से उसका हाथ पकड़ लूँ तो एकदम लाल हो जाए. फिर वो मुझे घूर घूरकर मुझे देखने लगी और में उसे देखने लगा. वो साड़ी पहनकर आई थी, क्या हॉट, सेक्सी माल लग रही थी और अब आंटी ने फिर से बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यही है वो लड़का विश और यह बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को कब, क्या और कितना चाहिए? और वो थोड़ी देर तक मेरी तारीफ करती रही और उसके बाद करिश्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए मुझे अपनी समस्या खुलकर बताई और उसने आंटी को इशारा किया तो वो रूम में से उठकर बाहर चली गई और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में धीरे धीरे उसके गोरे, नरम हाथों को सहलाने लगा.

    फिर वो मुझे विस्तार में अपनी समस्या बताने लगी. उसने मुझसे कहा कि वो जब भी अपने पति के साथ सेक्स करती है तो उसका पति तो बहुत जल्दी झड़कर संतुष्ट हो जाता है, लेकिन तब तक करिश्मा संतुष्ट नहीं होती और उसका पति थककर सो जाता है और जिसकी वजह से करिश्मा की प्यास हमेशा अधूरी रह जाती है. फिर मैंने उसकी पूरी समस्या को सुनकर कुछ देर बाद मैंने सीधे उसके होंठो पर एक लंबी किस की तो उसे वो मेरी पहली किस इतनी मजेदार लगी कि मुझे उसकी आँखो में अब हवस साफ साफ दिखाई दे रही थी और उसके बाद में उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी एकदम मज़े में धीरे धीरे मोन करने की आवाज़े निकालने लगी, करीब बीस मिनट तक हमने ऐसा ही किया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि उसे मेरा लंड देखना है. फिर मैंने भी उसके सामने अपनी एक शर्त रखी और उससे कहा कि में अपना लंड तुम्हे जरुर दिखाऊंगा, लेकिन करिश्मा को उसे देखने के बाद अपने मुहं में भी जरुर लेना होगा और फिर वो मेरी कही बात को सुनकर तुरंत मान गई और वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, चलो दिखाओ.

    दोस्तों उसका मुझसे कहने का तरीका और चेहरे की उस शरारती हंसी को देखकर में मन ही मन समझ गया कि आज में इससे जो कुछ भी कहूँगा तो यह अपनी चुदाई मुझसे करवाने के लिए जरुर वो काम करेगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही बाहर निकाल लो और फिर उसने तुरंत मेरी ज़िप खोलकर मेरा टाईट खड़ा हुआ लंड देखने लगी, लेकिन वो तो पहले से ही अंडरवियर में तंबू बन गया था और उसने बड़े मज़े से उसे बाहर निकाल दिया और फिर देखती ही रह गई. फिर कुछ समय बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे क्या देख रही हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि मुझसे दक्षा बिल्कुल सही कहती थी कि एक तुम ही हो जो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हो और मेरी प्यास को पूरी तरह बुझा सकते हो. अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड अपने मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर बाद मेरे आंड को भी चूसने लगी और उसके बाद में उसकी साड़ी उतारने लगा.

    तभी वो मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं दो दिन बाद मेरे पति बिज़नेस के काम से बाहर जा रहे है और तब तुम मेरे घर पर आ जाना, हम वहीं पर अपना बाकी का काम करेंगे और फिर तुम जो भी मुझसे कहोगे वो में सब कुछ करूँगी. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा कहा सब कुछ ठीक है, लेकिन अभी में अपने इस खड़े लंड का क्या करूं, में अब इसे कैसे शांत करूंगा?

    फिर वो बोली कि में अभी तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे घर पर जाना है और दो दिन बाद ही सब कुछ होगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में दो दिन बाद तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और फिर जो में बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा? वो बोली कि ठीक है और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी और में अपने, उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और दीवार से लगाकर उसको एकदम टाईट वाली हग के साथ किस किया और फिर उसको जाने दिया और उसके जाने के बाद मैंने आंटी के बूब्स प्रेस करते हुए उनसे कहा कि यह आज मेरा लंड खड़ा करके चली गई है और अब उसका क्या करूं? अब इसे तुम्हे सुलाना पड़ेगा. फिर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, चलो में उसका अधूरा काम पूरा करती हूँ और फिर हम ने बड़े मज़े से चुदाई की और मज़े लिए.

    फिर दो दिन के बाद में करिश्मा के घर पर गया और उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो शायद अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर निकली होगी, क्योंकि उसके बाल भी पूरे भीगे हुए थे और थोड़े कपड़े भी. में उसके बारे में क्या कहूँ, वो दिखने में जन्नत की परी से कम नहीं लग रही थी, उसका वो गोरा बदन, वो बहुत देख रेख करके रखा हुआ फिगर, उसके वो गोरे और मुलायम बूब्स, उसकी वो गोरी गोरी कमर और उसका साड़ी पहनने का सेक्सी सा स्टाईल में तो उसे देखता रहा और मेरा मन कहने लगा कि यह वक़्त ऐसे ही यहीं थम जाए. फिर उसने मेरा ध्यान हटाते हुए मुझसे कहा कि क्यों तुम्हे अंदर नहीं आना?

    फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी सुंदरता को देखकर एकदम चकित हो गया था, हाँ अब चलो अंदर क्योंकि में आज तुम्हे छोड़ने वाला नहीं हूँ. फिर उसने भी कहा कि छोडूंगी तो में भी नहीं तुम्हे आज में तुम्हे आज पूरा खा जाउंगी, क्योंकि आज सालों के बाद मेरी प्यास बुझने जा रही है तो जल्दी करो, अब मुझसे देर बर्दाश्त नहीं होती, जल्दी करो और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो किचन में जा रही थी मेरे लिए ठंडा बनाने के लिए, लेकिन में उसे रोककर सोफे पर ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके जिस्म से खेलने लगा और उसके बालों में से कितनी अच्छी और मीठी खुशबू आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे वहीं पर ही इतना गरम कर दिया कि वो आवाज़े निकालने लगी और ज़ोर से साँसे लेने लगी.

    फिर में उठा और मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाकर दरवाजा बंद किया और उस पर चढ़ गया. दोस्तों में उसे करीब 15 मिनट तक लगातार किस ही करता रहा और उसके बाद उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा और फिर धीरे धीरे बड़े प्यार से उसके पूरे जिस्म को किस करते हुए में अब उसके एक एक करके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी देर में वो नंगी हो गई और उसके बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस करने लगी और उसी प्यार से उसने मुझे भी नंगा कर दिया और उसके बाद मेरे तने हुए लंड को उसके मुलायम मुलायम बूब्स के बीच में रखकर ऊपर नीचे करने लगी. दोस्तों मुझे उसके इन सभी कामों से बहुत मज़ा आ रहा था, उसके बहुत ही बड़े, एकदम गोल बूब्स थे.

    फिर उसके बाद में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को पागलों की तरह मसलने लगा और काटने लगा और उसे चूमने लगा और में उसके बूब्स से करीब बीस मिनट तक खेलता रहा और अब वो सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, आऊहह उफ्फ्फफ्फ् आहह वो इतनी गरम हो गई कि वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे इतना भी मत तड़पाओ ना जानू, में अब इतना बड़ा लंड अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो डार्लिंग, इसे मेरे अंदर डाल दो.

    फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया और उंगली करने लगा तो कभी चूसता तो कभी उंगली करता तो वो उसी में झड़ गई. उसके बाद में फिर ऊपर आकर चूत और बूब्स से खेलने लगा और थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिए रखे ताकि चोदने में मुझे ज्यादा मज़ा आए और अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैंने अपना 75% लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ में मर गई, मेरी चूत को फाड़ दिया.

    फिर मैंने महसूस किया कि करिश्मा को अब बहुत दर्द हो रहा था तो वो उसकी वजह से मचल रही थी और तड़प रही थी, उसकी आखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है तो इसलिए मुझे इतना लंबा, मोटा लंड लेने की आदत नहीं है, प्लीज़ थोड़ा आराम से करो ना, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज से पूरे दो दिनों तक में सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम मेरे हो. फिर मैंने भी अब थोड़ा होश से काम लिया और उसे थोड़ा प्यार करने लगा.

    फिर मैंने उसके बूब्स दबाए और उन्हें चूसने लगा और जैसे ही उसका दर्द कम हुआ और उसका ध्यान हटा तो मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया तो वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने पहले से ही अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया था तो जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली, लेकिन उसकी आँखो से आँसू बाहर जरुर निकले.

    अब करिश्मा मुझसे बहुत धीरे से कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे करो, उह्ह्ह्ह आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी, क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर किसी के हाथ में आ जाए तो क्या उसे कोई छोड़ता है भला? फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल शांत रहो और थोड़ी देर में सब दुःख दर्द ठीक हो जाएगा, मेरा इतना मोटा तुमने आज पहली बार लिया है और उसकी वजह से तुम्हे थोड़ा ज्यादा दर्द है और थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो जाएगा और मैंने अपनी चुदाई अब भी लगातार जारी रखी और कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और जिसकी वजह से उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियों की आवाज और आँख से आँसू निकल रहे थे, लेकिन में तो अब भी अपनी मस्ती में था.

    दोस्तों मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक चोदा होगा, उस बीच मैंने महसूस किया कि वो करीब दो बार झड़ गई. फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर हम दोनों पूरी तरह से बहुत मेहनत करने के बाद पसीने में भीगे हुए थे और हमे उसकी वजह से अब बहुत थकान महसूस हो रही थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि चलो आज हम साथ में नहाने चलते है, हम दोनों मस्ती करते हुए बाथरूम में गये और बाथटब में पानी भरकर उसमें भी हमने बहुत देर तक मस्ती मज़ा किया और उसके बाद हम नहाने लगे तो वहीं पर मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया और में उसको अपनी तरफ पलटकर उसको पागलों की तरह किस करने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी मेरे पास हो तो तुम ही बताओ मेरा जी कैसे भरेगा और में तो उसे हर रोज़ चोदता?

    फिर मैंने उसकी गांड अपनी तरफ की और उस पर लंड रगड़ने लगा. फिर आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मत मारो, क्योंकि मैंने अब तक किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है कि उसमें दर्द भी बहुत होता है. फिर मैंने उसे समझाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हे ज़रा भी दर्द नहीं होगा, लेकिन वो अब भी नहीं मान रही थी.

    फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किए और उससे कहा कि तुमने दो दिन पहले मुझसे कहा था कि जो में तुमसे कहूँगा तो वो सब तुम करोगी और आज अभी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है. फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वो मान गई. में जल्दी से नहाकर फ्री हुआ और अब में उसकी गांड के छेद पर वेसलीन लगाने लगा और मैंने अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाया.

    फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा ताकि उसे दर्द कम हो. फिर तीन उंगली और फिर एक जोरदार धक्के से मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, उह्ह्हह्ह विश प्लीज आईईईईई थोड़ा आराम से करो ना, में कहाँ भागी जा रही हूँ, में यहीं हूँ. दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा, करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो इसलिए मैंने करिश्मा को कहा कि आप अपना मुहं खोलिए ना और उसके मुहं खोलते ही मैंने उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया.

    अब में उसके मुहं में अपने लंड से धीरे धीरे झटके देता हुआ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उसने चाट चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का इतना मजा पूरी लाईफ में नहीं आया और उस दिन हम दोनों उसके घर में पूरे नंगे ही रहे और हमने बहुत मस्ती की.

    फिर उसी रात को हमने सुहागरात की भी तैयारी की और बेड को फूलों से सजाया, करिश्मा अपने शादी के जोड़े में दूध का ग्लास लेकर रूम में आई और वो पूरा रूम खुशबू वाली अगरबत्ती से महक रहा था और मोमबत्तियों से भी रोशन था. फिर हमने पति, पत्नी की तरह अपनी सुहागरात भी मनाई और उस रात को मैंने उसे दो बार चोदा और फिर सुबह जल्दी उठकर वो नहाकर मेरी लिए कॉफ़ी बनाकर मुझे उठाने आई तो में मन ही मन सोचने लगा कि मुझे हर रोज इतना मस्त माल ऐसे ही भीगे बालों और कॉफ़ी के साथ मुझे उठाए तो मेरी लाईफ किसी जन्नत से कम नहीं होगी.

    फिर मैंने उसको कितनी सारी किस और हग किए और उसके बाद नहाकर हम तैयार होकर शादीशुदा जोड़े की तरह प्यार करते हुए बाहर घूमने चले गये, हमने शॉपिंग की, फिल्म देखी और फिर रात को होटल में खाना खाकर घर वापस आए और फिर उसी रात को मैंने एक बार फिर से उसे तीन बार चोदा और वो तो मेरी उस चुदाई से इतनी खुश हो गई कि चुदाई खत्म होते ही उसने मुझसे कहा कि इतना मज़ा उसे अपनी पूरी लाईफ में अब तक कभी भी सेक्स करने में नहीं आया और उसने मुझे कसकर हग किया और किस करते हुए वो मुझसे कहने लगी कि आज के बाद मुझे जब भी कोई अच्छा मौका मिलेगा तो वो मुझे कॉल कर देगी और हम फिर से एक दूसरे में खो जाएँगे और मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज से इतना मस्त माल मेरा दीवाना हो गया हो और उसने फिर दक्षा को भी कॉल करके उसे मुझसे मिलाने की वजह से बहुत बार धन्यवाद कहा और अब करिश्मा ने कहा कि दक्षा तुम सही कहती थी कि विश बहुत अच्छे तरीक़े से जानता है कि एक औरत को क्या, कब और कितना मजा चाहिए और फिर मुझे जाना था, क्योंकि अब में लेट हो रहा था तो मैंने उससे इशारे से कहा कि अब में जा रहा हूँ.

    फिर मैंने उसे टाईट हग दिया, किस किया और उसके बूब्स दबाकर में वहां से अपने घर के लिए निकल गया और अब जब भी मुझे मौका मिलता है तो में दक्षा को और करिश्मा को उन्ही के घर पर जाकर चोद लेता हूँ, लेकिन अब तक करिश्मा को पता नहीं है कि में और दक्षा अकेले में पति, पत्नी की तरह रहते है. दोस्तों में जब भी उसका बेटा और पति किसी दूसरे शहर में जाते है तो हम दोनों पति, पत्नी की तरह ही रहते है और बहुत मज़े करते है.

  • मुझे बूढ़े ने चोदा दोस्त की शादी में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है और मैंने एक दिन थोड़ी ख़ुशी के लिए ज़िंदगी भर अपने आप में एक अज़ीब सी फीलिंग ले ली और अपनी नज़र में गिर गयी, काश वो दिन मेरी ज़िंदगी से निकल जाए, लेकिन जो समय बीत जाता है वो ख़त्म नहीं किया जा सकता, लेकिन आप लोग कहानी को पढ़े और देखे कि मैंने ऐसा क्या कर लिया था?

    ये मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है जो एक महीने पहले हुई थी. मेरी उम्र 28 साल है और मेरी शादी को 6 महीने हुए है. में अपनी दोंस्त की शादी में अपने पति (गणेश) के साथ गयी थी और फिर रात के 9 बजे हम लोगों ने खाना खाया और दोस्त से बोली कि हम लोग जा रहे है और फिर उसने बोला कि रुक जाओ सुबह चले जाना तो गणेश बोले कि तुम रुक जाओ में सुबह तुम्हें लेने आ जाऊंगा.

    फिर में रुक गयी और रात के 1 बजे मुझे नींद आने लगी तो में ऊपर सोने आ गई तो मैंने देखा कि सब रूम भरे है तो में हॉल में गयी तो हॉल में सब लोग सोए है और लास्ट में एक गद्दा खाली था और सब लोग चादर ओढ़े थे लेकिन मेरे पास कोई चादर नहीं थी. और मेरे बगल में कोई 60-62 साल का गावं का बूड़ा सोया था. फिर में वहीं लेट गयी और सो गयी. उस हॉल में ए.सी. था और मेरे बगल में कूलर चल रहा था तो वो हॉल काफ़ी ठंडा था.

    फिर रात में मुझे ठंड लगी तो में उस बूढ़े की तरफ़ सरकी तो उसने मुझे अपनी चादर ओढ़ा दी और में सो गयी. अब रात में मुझे लगा कि वो बूड़ा मेरी तरफ़ चिपक गया और मुझे अपनी तरफ़ पीछे खींचकर मुझे चिपका लिया. अब मुझे उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लगा तो अब में भी पीछे सरक गयी और मज़े लेने लगी कि बूड़ा क्या करता है? फिर उसने मेरी जांघ पर हाथ फैरते हुए मेरी साड़ी ऊपर कर दी और मेरी कमर पर अपना पैर रख दिया और मेरा ब्लाउज खोलने लगा और मेरे ब्लाउज के हुक खोलकर निकाल दिया. अब मुझे मज़ा आ रहा था और अब मुझे उसका स्पर्श गणेश से अच्छा लग रहा था.

    फिर वो मेरी ब्रा खोलने लगा और मेरा मुँह अपनी तरफ कर लिया और मुझे किस करते हुए मेरी ब्रा निकाल दी. फिर उसने मुझे अपना लंड पकड़ा दिया, वो केवल अंडरवियर में था तो अब में भी उसका लंड सहलाने लगी और उसने मेरी पेंटी निकाल दी. फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा तो अब में एकदम मस्त हो गयी और फिर अब वो मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी चूत पर हाथ फैरता हुआ अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाटने लगा तो अब में पागल सी हो गयी.

    तभी किसी ने लाईट जला दी तो में एकदम डर गयी और फिर लाईट बंद हो गयी. फिर मेरे बगल में जगह देखकर कोई लेट गया, क्योंकि में बूढ़े से चिपक गयी थी तो मेरे बगल में जगह हो गयी थी. अब इधर में घबरा रही थी और उधर वो बूड़ा नीचे मेरी चूत को चाट-चाटकर पागल कर रहा था. फिर मेरा ध्यान मेरे ब्लाउज और ब्रा पर गया तो मुझे याद आया कि मेरी ब्रा और ब्लाउज उस बिस्तर पर है तो अब में घबरा गयी और अब मेरा मन चुदाई से हटकर मेरे कपड़ो पर गया. फिर में उस बूढ़े को हटाने लगी तो वो बोलने लगा कि रूको और मुझे पकड़ लिया. अब में फंस गयी थी और अब मुझे बेचैनी सी होने लगी.

    फिर उधर वो पीछे वाला आदमी मेरी चादर में घुसने लगा और मेरी गांड पर हाथ फैरने लगा तो अब मुझे लगा कि वो समझ गया है कि बगल में क्या हो रहा है? अब मुझे लगा कि ज्योति आज तो तू मरी. फिर पीछे वाला आदमी मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखने लगा तो उसने धोती पहनी थी और फिर उसने अपनी धोती साईड में करके अपना लंड मेरे हाथ में थमा दिया. इधर वो पहले वाला बूड़ा मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा और अपना लंड मेरी चूत पर टिकाकर अंदर करने लगा.

    फिर एक दो बार तो उसका लंड फिसला, लेकिन तीसरी बार बूढ़े का लंड मेरी चूत में थोड़ा सा अन्दर घुस गया तो मेरे मुँह से आह्ह कि आवाज़ निकल गयी और में पीछे सरक गयी. फिर पीछे वाला आदमी अपना लंड मेरी गांड के छेद पर थूक लगाकर सेट करने लगा और अंदर करने लगा. अब मेरी गांड फटने लगी कि में कहाँ फंस गयी? अब मुझे पसीना आ गया था और इधर वो पहले वाला बूड़ा अपना लंड हिला-हिलाकर मेरी चुदाई करने लगा था. अब मुझे पीछे से दूसरे आदमी का डर था कि ये कौन है? और में उसका लंड मेरी गांड में नहीं घुसने दे रही थी. अब में अपनी गांड टाईट कर रही थी और वो पीछे पेलने में लगा हुआ था.

    इधर मुझे लगा कि वो पहले वाला बूड़ा झड़ने वाला है तो में उसे हटाने लगी, लेकिन उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और तीन चार धक्कों में झड़ गया, अब में रोने लगी थी, क्योंकि मुझे अभी बच्चा नहीं चाहिए था और गणेश तो हमेशा कंडोम का उपयोग करते थे.

    अब में इस चुदाई से परेशान होने लगी और उस बूढ़े ने अपना लंड निकालकर अपना अंडरवियर पहना और अलग हो गया. अब पीछे वाले आदमी ने मुझे दूसरी तरफ खींच लिया और चादर से बाहर कर दिया और मेरी टाँगे चौड़ी करके मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर अंदर करने लगा, उसका लंड बहुत मोटा था. अब मेरी चूत गीली होने के कारण उसका लंड झट से मेरी चूत में घुस गया, लेकिन वो लंबा लंड मुझे तब मालूम हुआ जब वो अंदर रुका और वो मेरे मुँह पर आकर किस करने लगा. फिर मैंने देखा कि उसने ड्रिंक किया है और वो भी बूड़ा है. अब ड्रिंक की वजह से वो अगल बगल ध्यान नहीं दे रहा था और ना ही डर रहा था. अब उसने मेरी चुदाई जोर-जोर से करनी शुरू कर दी.

    अब मुझे लगा कि वो भी झड़ने वाला है तो में उसे भी हटाने लगी, लेकिन वो मुझे कसकर पकड़कर चोदने लगा. और फिर थोड़ी देर में वो मेरी चूत में झड़ गया. फिर मैंने उसे तुरंत हटाया और अपना ब्लाउज ब्रा लिया और हॉल के बाथरूम में चली गयी. फिर जब में वापस आई तो हॉल की लाईट जल रही थी और फिर वो दोनों बूढ़े मुझे देखने लगे.

    फिर मैंने देखा कि वो दोनों बूढ़े बहुत गंदे थे और अब लाईट की वजह से और लोग भी आँख खोल रहे थे, इसलिए मैंने अपनी पेंटी को ढूंढना ठीक नहीं समझा और वहाँ से बाहर निकल गयी और मेरी दोस्त की माँ के पास आ गयी. अब वो मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी, लेकिन आदमी को एक ग़लती माफ़ होती है, अभी मेरे पीरीयड हो गये है और अब सब ठीक है. में इस चुदाई का आनंद तो नहीं ले सकी, लेकिन आपको मेरी कहानी में मज़ा आया होगा.

  • बेशर्म डॉक्टर के साथ क्लिनिक में मजा

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ. मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए. में यहाँ अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ तो पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ. में हरियाणा की एक अमीर फेमिली से हूँ तो मेरे पापा ने मुझे पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा और दिल्ली से 12वीं पास करके मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन ले लिया और बाद में कॉम्पीटिशन एग्जॉम की तैयारी करने लगा. में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जॉब कर रहा हूँ और अभी मेरी शादी नहीं हुई है तो में दिल्ली में अकेला रहता हूँ.

    ये बात 2007 की है, जब मैंने 12वीं पास करके कॉलेज में जाना शुरू किया था, तब में किराये के फ्लेट में अकेला रहता था. उस टाईम तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था, मेरा मन सेक्स करने का तो बहुत करता था, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वभाव का हूँ तो में कोई लड़की नहीं पटा सका तो अब बस में सिर्फ मुठ मारकर ही काम चलाता था. गर्मियों के दिन थे और मेरे लंड के आस पास के बाल बड़े हो गये थे, वैसे तो में अपने नीचे के बाल क्रीम से ही हटाता हूँ, लेकिन उस दिन मेरे पास क्रीम नहीं थी तो मैंने ब्लेड से ही बाल काटने की सोची.

    मुझे बाथरूम में गर्मी लग रही थी तो में जल्दी- जल्दी बाल काट रहा था तो अचानक ब्लेड से मेरे लंड के पास कट लग गया और उसमें से खून आने लगा. फिर मैंने बाहर आकर क्रीम लगाई तो थोड़ी देर में खून आना कम हो गया. फिर मैंने सोचा कि कट ज्यादा लगा है तो टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए. मेरे फ्लेट से थोड़ी ही दूरी पर 2-3 छोटे क्लिनिक है. फिर में जल्दी से नहाकर इंजेक्शन लगवाने चला गया. में क्लिनिक के अंदर गया तो वहाँ 3-4 मरीज ही बैठे थे और रिसेप्शन पर एक मोटी सी लड़की बैठी थी.

    फिर मैंने उससे कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है तो उसने पूछा क्या हो गया? फिर मैंने कहा कि कुछ खास नहीं बस ब्लेड से कट लग गया था और फिर उसने ज्यादा नहीं पूछा. फिर उसने मेरा नाम रजिस्टर में लिखा और इंतजार करने को बोला. मेरा डॉक्टर को दिखाने के लिए 4 नंबर पर नाम था, मरीज भी कम थे तो डॉक्टर भी सब को आराम-आराम से देख रहा था. फिर 20-25 मिनट के बाद मेरा नम्बर आया. फिर जब में डॉक्टर के कैबिन में अन्दर गया तो मैंने देखा कि वहाँ तो एक लेडी डॉक्टर बैठी थी, मुझे उसकी उम्र 35-40 साल के करीब लगी, वो ज्यादा तो सुंदर नहीं थी, लेकिन नॉर्मल थी और उसके फिगर का साईज़ 36 या 38 होगा.

    फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है, मुझे ब्लेड से कट लग गया था. फिर डॉक्टर ने पूछा कि कट हाथ में लगा है क्या? तो मुझे शर्म आने लगी. फिर मैंने गर्दन हिलाकर ना कहा. तब उन्होंने फिर पूछा तो कहाँ लगा है? फिर में थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोला, तब डॉक्टर ने कहा कि बताओ ना. फिर मैंने धीरे से कहा कि जी वो नीचे लगा है तो डॉक्टर को थोड़ी हंसी आई और कहा कि देखो शरमाओ नहीं में तो एक डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से क्या शर्माना? अब सही से बताओ.

    फिर मैंने कहा कि जी वो में नीचे के बाल साफ कर रहा था, तब मेरे उसके पास थोड़ा कट लग गया तो डॉक्टर के चेहरे पर फिर से एक अजीब सी स्माईल थी और मुझे तो वो साली चालू टाईप की लग रही थी. तभी उसने कहा कि पास वाले बेड पर लेटो (जिस पर लेटाकर डॉक्टर इंजेक्शन लगाते है) और मुझे दिखाओं कहीं जख्म ज्यादा गहरा तो नहीं है और ब्लडिंग पूरी तरह से रुकी है या नहीं और उसने खुद कुर्सी से उठकर दरवाजा जो बंद था, वो भी लॉक कर दिया और पर्दा लगा दिया.

    फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और कट देखने को बोला, मुझे शर्म आ रही थी तो में ना नुकर करने लगा. फिर डॉक्टर ने कहा कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो, ये बात मुझे चुभ गयी और मैंने लेटे-लेटे अपना पजामा और अंडरवियर थोड़ा सा नीचे कर दिया. फिर डॉक्टर ने मेरा पजामा पकड़कर और नीचे कर दिया और वो कमीनी मुस्कुराने लगी. मेरा तो शर्म से मुँह लाल हो गया था तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और चुपचाप लेटा रहा. फिर डॉक्टर ने अपने हाथों में बिना कुछ पहने ऐसे ही मेरा लंड पकड़ा और उसे थोड़ा साईड में करके कट को देखने लगी, उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ की उंगली कट पर लगा रखी थी, जिस हाथ से उसने मेरे लंड को पकड़ा था, वो कमीनी उस हाथ से अजीब-अजीब हरकत कर रही थी.

    मुझे तो बहुत हैरानी हो रही थी कि देखो साली कितनी बेशर्म औरत है? वो मेरे लंड को अपने हाथ से कभी टाईट पकड़ती तो कभी पूरी मुठी में ले लेती तो कभी मेरे लंड पर अपनी उंगलियां फेरती. इससे मेरी हालत ख़राब होने लगी थी, मतलब मेरा लंड खड़ा होने लगा था. फिर मैंने अपनी आँखे खोलकर देखा तो वो साली धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी. फिर उसने मुझसे कहा कि काफ़ी बड़ा है तो मैंने शरमाते हुए धीरे से पूछा जी क्या? फिर उसने कहा कि अरे तुम्हार कट और क्या? और जिस हाथ में मेरा लंड था, उसकी मुठी थोड़ी भींच दी. वो मेरे लंड पर अपने हाथ से कुछ हरकते कर रही थी. फिर उसने थोड़ा हँसते हुए पूछा कि ये कट कैसे लगा? फिर मैंने कहा कि जी वो में ब्लेड से अपने बाल काट रहा था तो जल्दी-जल्दी में लग गया.

    फिर उसने एकदम से पूछा कि अच्छा बाल काटकर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे थे क्या? फिर मैंने कहा कि नहीं मेम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. फिर वो बोली क्यों? तुम तो अच्छे स्मार्ट हो, बॉडी भी मस्त है और ये भी. (फिर उसने अपनी मुट्ठी में मेरा लंड थोड़ा दबा दिया, जो कि अब तक पूरा खड़ा हो चुका था) फिर स्माईल के साथ पूछा तो तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? मुझसे झूट मत बोलो, ये बाल किसी गर्लफ्रेंड के लिए ही साफ किए होगें. फिर मैंने कहा कि नहीं मेम में सच कह रहा हूँ, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, वो तो मुझे बड़े बाल अच्छे नहीं लगते इसलिए काट लिए थे.

    फिर उसने किसी दवाई से मेरे कट को थोड़ा साफ किया और उसके बाद कोई दवाई लगाई. अब दवाई लगाते टाईम भी उसने एक हाथ से मेरा खड़ा लंड ही पकड़ रखा था. अब ये तो कोई बेवकूफ़ भी समझ जाता कि ये औरत किस टाईप की है? और क्या चाहती है? मेरी लाईफ में पहली बार किसी ने मेरे लंड पर हाथ लगाया था और साथ ही वो मेरे लंड के साथ अजीब-अजीब हरकत कर रही थी.

    अब मुझे लगा कि में तो इसके हाथ में ही झड़ जाऊंगा और मेरी भी उस पर नियत ख़राब होने लगी थी. फिर उसने मेरा लंड थोड़ा ऊपर नीचे किया और मेरे से इधर उधर की बातें करने लगी. फिर उसने मेरा नाम पूछा और पूछा कि तुम क्या करते हो? कहाँ के हो? किस कॉलेज में पढ़ते हो? तुम्हें किस तरह की लड़कियां पसंद है? फिर जब में जवाब देता तो उससे डॉक्टर साहब या मेम कहता. फिर उसने कहा कि मेरा नाम पूनम गुप्ता है और तुम मुझे पूनम कह सकते हो, ये मेम-मेम क्या लगा रखा है? फिर उसने पूछा कि सेक्स के बारे में क्या सोचते हो? फिर मैंने कहा कि में समझा नहीं. फिर उसने कहा कि तुम्हारा मन नहीं करता ये सब करने का तो मैंने कहा बहुत करता है.

    फिर उसने पूछा तो कैसे काम चलाते हो? फिर मैंने कहा कि बस हाथ से ही कर लेता हूँ तो वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली कुछ कामों को खुद अपने हाथ में लेकर करने में उतना मज़ा नहीं आता है, जितना किसी और के हाथ से करवाने में आता है, इस बात पर मुझे भी हंसी आ गयी.

    अब मुझे लगा कि जब अगली इतनी बेशर्म है तो मुझे शर्मीला बनने की क्या ज़रूरत है? अब में भी थोड़ा फ्रेंक हो गया. मेरा लंड उसके हाथ में था तो सेक्स भी सर चढ़कर बोल रहा था. फिर मैंने कहा कि पूनम जी आज तक मुझे किसी दूसरे का हाथ मिला ही नहीं है तो बताओं में क्या करता? अब वो हँसते हुए बोली कि हाथ तो बहुत है बस मांगने वाला होना चाहिए, इतना सुनकर मुझे भी हंसी आ गयी और मैंने उसका लेफ्ट हाथ जो फ्री था, उसे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया. वो भी बिना कोई विरोध किए मेरी तरफ़ आ गयी. फिर मैंने उसे ठीक से पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया. उसका चेहरा मेरे चेहरे के पास था तो उसने अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ा और अपने लिप मेरे लिप पर रख दिए, मुझे तो बस मजा ही आ गया था.

    फिर थोड़ी देर में उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, क्या मस्त किस कर रही थी साली? फिर मैंने सोचा कि बेटा इसी का नाम अनुभव होता है. फिर उसने मेरे गालों पर किस किया, वो बेड छोटा था और उसकी टाँगे अभी भी नीचे ही थी तो अब में भी खड़ा ही हो गया और उसने मुझे दीवार से चिपका दिया और बोली कि सालो तुम हरियाणा वालों का हथियार भी कितना बड़ा और मोटा होता है ना. फिर मुझे हंसी आई और वो भी हंसने लगी. फिर वो मुझे किस करने लगी. मैंने अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए. फिर थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके कूल्हों पर नीचे चले गये. क्या मुलायम- मुलायम कूल्हें थे साली के? फिर में उसके मोटे-मोटे कूल्हों को बुरी तरह से दबा रहा था.

    फिर मैंने अपने हाथ ऊपर लाने शुरू किए और मेरे हाथ उसके बूब्स पर आ गये और सोचा कि भगवान ने भी बूब्स क्या मस्त चीज़ बनाई है? तभी तो ये लड़कियां इनको इतना बाहर निकाल-निकालकर चलती है साली. फिर उसने अपना एक हाथ आगे करके मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी, अब मेरी तो बुरी हालत थी. फिर उसने मेरा लंड हिलाते-हिलाते जब उसका हाथ एकदम से मेरे कट पर लगा तो मुझे बहुत दर्द हुआ और मैंने एकदम से आहह बोला. तब उसे भी थोड़ा होश आया. फिर उसने मुझसे सॉरी कहा और वो बोली कि हमें अन्दर ज्यादा टाईम हो गया है बाहर और भी मरीज आ गये होगें.

    फिर उसने धीरे से थोड़ा सा पर्दा हटाकर देखा तो बाहर 2 औरतें बैठी थी तो उसने कहा कि आज के लिए इतना ही काफ़ी है और अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए बोली कि ये मेरा नंबर है और शाम को इस नम्बर पर फोन करना और अब तुम जाओ. अब मेरा तो दिल ही टूट गया, हमारे हरियाणा में कहते है कि खड़े लंड पर किसी ने लाठी मार दी हो, ऐसा ही मुझे महसूस हुआ. में उससे फिर चिपक गया और कहा कि नहीं थोड़ा और थोड़ा और कहा कि बस 2 मिनट और 2 मिनट और फिर वो हंसने लगी और बोली कि तो तुम ऐसे नहीं मानोगे.

    फिर उसने मुझे सीधा खड़ा किया और खुद घुटनों पर बैठ गयी और अब मेरा लंड उसके चेहरे के पास था. अब में समझ गया कि ये रंडी क्या करने वाली है? फिर उसने प्यार से अपनी जीभ मेरे सुपाड़े पर लगाई तो मेरी तो जान ही निकलने लग गयी. फिर उसने आराम-आराम से अपनी जीभ आगे-आगे घुमाई, अब उसका एक हाथ मेरे अंडो से खेल रहा था तो में जन्नत की सैर कर रहा था, मुझे सच में लग रहा था कि कुछ काम किसी और के हाथ से करवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा है. फिर उसने धीरे-धीरे से मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले लिया, अब तो में पागल ही हो गया था. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके सर को जोर से पकड़ लिया था और धीरे-धीरे उसके मुँह में झटके लगाने शुरू कर दिए.

    अब मुझे लग रहा था कि में बस झड़ने वाला हूँ और वो वैसे ही प्यार से मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी. तभी मेरी बॉडी अकड़ने लगी और में अपना लंड उसके मुँह में अंदर धकेलने लगा, लेकिन उसने अपने हाथ से मेरे लंड को रोक रखा था और आधे से ज्यादा अंदर नहीं जाने दिया. फिर तभी में झड़ने लगा और मुझे लगा कि मेरा इतना वीर्य आज तक कभी भी नहीं निकला होगा. अब में बहुत देर तक उसके मुँह में झड़ता रहा और वो रंडी मेरा सारा माल पी गयी. फिर मेरे लंड में गुदगुदी सी होने लगी और मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया. फिर वो भी खड़ी हुई और स्माईल के साथ बोली कि अब मिली कुछ शांति. फिर मैंने धीरे से कहा डार्लिंग बस मज़ा ही आ गया. फिर वो बोली कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, फिल्म तो अभी देखनी बाकी है.

    फिर उसने कहा कि बहुत ज्यादा टाईम लग गया है, अब तुम जाओ और मेरे पास शाम को कॉल करो. फिर में आगे का प्लान बताती हूँ. अब टाईम ज्यादा हो गया है तो तुम्हारा इंजेक्शन भी कल ही लगाउंगी. फिर उसने मेरे गाल पर हल्का सा किस किया और बाय बोला. फिर मैंने उसे अपनी तरफ़ खींचकर हग किया और फिर धीरे से बिना आवाज़ किए दरवाजे का लॉक खोला और बाहर आ गया, बाहर मरीज बैठे थे तो में चुपचाप नीचे देखता हुआ क्लिनिक से बाहर आ गया.

  • मुझसे चुदने आई पेपर के बहाने

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और में मन में सोच रहा था कि कैसे स्टार्ट करूँ? फिर मैंने उससे पूछा कि तुम मुझे देखकर हमेशा स्माईल क्यों करती रहती हो, ये सुनते ही वो शर्माने लगी और बोली कुछ नहीं ऐसे ही. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने कहा कि नहीं है. फिर मैंने पूछा कि तुम्हें डर नहीं लग रहा क्या, यहाँ फ्लेट में मेरे साथ अकेली हो और कोई नहीं है. ये सुनते ही वो हंसने लगी और बोली डर कैसा? तुम विश्वास नहीं करोंगे कि में वैसे भी तुमसे ही मिलने आई थी. ये सुनते ही मुझे सिग्नल मिल गया और मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी और खींच लिया. फिर उसने दूर जाने की बहुत कोशिश तो की, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी, उसके लिप बहुत ही मुलायम और पिंक थे. उसे आज तक किसी ने किस नहीं किया था. फिर में जैसे ही किस करने के लिए उसके पास गया तो वो डर गई और उसने अपनी आखे बंद कर ली.

    फिर जैसे ही मैंने उसके लिप पर टच किया तो उसकी सासें बहुत तेज़ हो गई. फिर मैंने उसके लिप को 5 मिनट तक चूसा. फिर उसने मुझे रोक दिया और कहा कि लिप में दर्द हो रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि फर्स्ट टाईम किस में होता है तो वो मान गई और हम फिर से किस करने लगे. किस करते- करते में एक हाथ से उसके बूब्स भी दबा रहा था और मेरा हाथ रखते ही उसने झटके से मेरा हाथ हटा दिया, लेकिन वो किस करती रही, शायद वो अभी उसके लिए तैयार नहीं थी. फिर मैंने उसको गालों पर, गर्दन पर, पूरे चेहरे पर किस करना स्टार्ट किया तो वो गर्म होने लगी और उसके मुँह से धीरे-धीरे आवाज़े निकलने लगी. अब में समझ गया कि वो गर्म हो रही है. फिर मैंने उसके बूब्स पर टच किया, लेकिन इस बार उसने कुछ नहीं किया. ये देखकर मेरा हौसला और बढ़ गया और में उसके बूब्स दबाने लगा. उसके मुँह से आवाज़े निकल रही थी, आकाश धीरे- धीरे दबाओ बहुत दर्द हो रहा है प्लीज.

    फिर मैंने अपनी शर्ट उतार दी. मैंने शर्ट के नीचे कुछ नहीं पहना था. फिर मैंने उसको टॉप उतारने को कहा तो वो मना करने लगी, लेकिन मेरे थोड़ा जोर देने पर वो मान गई और उसने अपना टॉप उतार दिया. उसने अन्दर पिंक कलर की मॉडर्न टाईप ब्रा पहनी थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने उसको बेड पर लेटाया और किस करने लगा. मैंने उसके चेहरे से किस करते हुए उसकी नाभि तक किस किया. वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका ट्राउज़र उतार दिया, उसने अन्दर पिंक कलर की पेंटी पहनी थी. फिर मैंने उसकी जांघो को किस किया और किस करते-करते उसकी ब्रा पेंटी दोनों उतार दी.

    उसकी चूत क्लीन शेव थी, शायद उसने मॉर्निंग में ही शेव की थी, उसकी पिंक कलर की छोटी सी चूत देखकर मेरा लंड पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और वो शरमा कर अपनी चूत को पैरो के बीच में छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. फिर मैंने उसके पैरों को थोड़ा ओपन किया और उसके पैरो के बीच में आकर बैठ गया. फिर मैंने उसकी चूत के पास किस किया तो वो उत्तेजित हो गई और अब उसके मुँह से आवाज़े निकल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को किस किया और उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. शायद उसने एक बार पानी छोड़ दिया था और अब मेरा लंड भी अंडरवियर में पूरा तन गया था. फिर उसने देखा तो पूछा कि ये क्या है? फिर मैंने उसको बोला कि तुम खुद ही देख लो तो वो घबराते हुए मेरे पास आई और मेरा अंडरवियर उतारने लगी.

    फिर जैसे ही मेरा 6 इंच का लंड बाहर आया तो वो देखकर एकदम से डर गई और उसके मुँह से यही निकला, उई माँ इतना बड़ा. शायद उसने पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा था. फिर जब उसको पता चला कि इतना बड़ा लंड उसकी चूत में जाने वाला है तो वो बहुत ज़्यादा डर गई और आगे कुछ करने से मना करने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है अगर तुम नहीं चाहती हो तो हम सेक्स नहीं करेंगे, लेकिन बाकी तो कर सकते है ना. फिर उसको विश्वास हुआ तो उसने हाँ में अपना सर हिलाया. फिर मैंने धीरे से उसको बेड पर लेटाया और किस करना शुरू किया. किस करते-करते में उसकी चूत के पास पहुँच गया और उसकी चूत को चूसने लगा, जैसे ही मैंने चूसना शुरू किया तो वो एकदम से पागल हो गई और मेरा सर पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी.

    फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालने की कोशिश की तो जैसे ही मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत में डालना शुरू किया तो वो मना करने लगी और बोली कि प्लीज ऐसा मत करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज मान जाओ. सच दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर भी में उसकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी ही देर में उसको भी मज़ा आने लगा, 2 मिनट ही हुए थे कि उसका शरीर अकड़ने लगा और वो बेड पर ही झटके लेने लगी. फिर कुछ सेकेंड में ही वो झड़ गई और उसके झड़ते ही वो एकदम से शांत होकर बेड पर लेटी रही.

  • दोस्त के साथ फुल मज़े किए

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में वड़ोदरा गुजरात से हूँ. में दिखने में सुंदर हूँ तो गर्ल्स भी मेरी तरफ जल्दी ही आकर्षित हो जाती है, लेकिन में थोड़ा शर्मिला हूँ तो मैंने अभी तक किसी लड़की को रेस्पॉन्स नहीं दिया. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी कहानी बताता हूँ. ये बात अभी 15 दिन पहले हुई जब में अपने फ्रेंड से मिलने अहमदाबाद गया था. में वैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ, और में खुद अपने पैरो पर खड़ा हूँ. मैंने अपनी पढाई पुणे में पूरी की थी और उसके बाद मैंने एक कंपनी में जॉब की, वहाँ पर मेरी कई लड़कियों के साथ जान पहचान हुई और मेरी शर्म भी धीरे-धीरे गायब हो गयी.

    अब वहाँ पर एक लड़की थी, जो काफ़ी अच्छी थी और वो मेनेजमेंट में काम कर रही थी और मेरा उससे मिलना हुआ वो क्या सुंदर और मस्त लग रही थी? उसका फिगर मेरे हिसाब से 36-26-34 होगा. मुझे वो काफ़ी अच्छी लगी और उस टाईम ना तो मेरे दिमाग़ में कोई ग़लत ख्याल था और ना ही कुछ और था. फिर हमने 3 महीने तक साथ में काम किया और उसके बाद में वड़ोदरा में घर वापस आ गया, और वो राजस्थान की उदयपुर की रहने वाली थी और वो भी वापस अपने घर चली गई. उसके बाद हमारी फ़ेसबुक और व्हाट्सअप पर थोड़ी-थोड़ी बातें होती रहती थी और उसके घरवाले उसकी शादी करवाना चाहते थे और उसे शादी लेट करनी थी. फिर वो एम.बी.ए के लिए अहमदाबाद आ गयी. अरे में आपको उसका नाम तो बताना ही भूल गया, उसका नाम सीमा था, अब में वापस से स्टोरी पर आता हूँ.

    उसने मुझे एक दिन कॉल किया और बोली कि में अहमदाबाद में एम.बी.ए की पढाई के लिए आ रही हूँ तो वो मुझसे पूछने लगी कि कहाँ रहना सही होगा? और भी बहुत कुछ पूछने लगी. अब वो वहां पर नई थी तो उसे थोड़ा टेन्शन भी था. फिर उसने बाद में एक फ्लेट किराए पर लिया और अपना सारा सामान सही सेट कर दिया.

    मैंने उससे कहा कि में रविवार को फ्री हूँ, क्या तुम फ्री हो? फिर उसने कहा ठीक है आ जाओ. फिर में वड़ोदरा से सुबह 7 बजे की ट्रेन से अहमदाबाद के लिए निकला और फिर में वहाँ पर 10 बजे पहुंचा और फिर उसके बाद में बस से सीधा उसके फ्लेट तक पहुंचा. जब तक 12 बज गये थे और अब उसको अभी खाना बनाना था और फिर वो बातें करने लगी, क्योंकि हम 1 साल के बाद मिल रहे थे और फिर हमने पुरानी बातें और अभी की बातें की. अब वो घर से अहमदाबाद शिफ्ट होने पर थक गयी तो वो सुबह लेट उठी और उसे नहाना भी बाकी था तो अब वो नहाने चली गयी.

    फिर में उसके लेपटॉप में मूवी देखने लगा तो फिर मुझे आइडिया आया तो मैंने बाथरूम के होल से देखा, तो वो पूरी नंगी थी, लेकिन मुझे ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था तो में वापस से मूवी देखने लगा. इतने में वो नहाकर आ गयी और फिर बाद में मैंने उससे पूछा कि और मूवी कहाँ है? तो वो सीधा बाथरूम से आकर मेरे पास आई और बोली कि मूवी यहाँ पड़ी है. फिर मैंने अपनी छोटी हार्ड ड्राईव निकालकर मूवी कॉपी करना शुरू किया और वो कपड़े चेंज करने चली गई. फिर में भी उसके पीछे-पीछे गया तो उसने कहा कि क्या कर रहे हो? तो में बहाना बनाकर सीधा किचन की तरफ चला गया और पानी पी लिया. फिर वो कपड़े चेंज करके आई और फिर मैंने उससे बातें करनी शुरू कर दी तो मैंने उससे कहा कि 1 साल में कोई बॉयफ्रेंड बनाया या नहीं? तो वो बोली कि नहीं सिर्फ़ बहुत सारे दोस्त है. तो मैंने उससे कहा कि तुम तो शादी करनी वाली थी तो अब तुम एम.बी.ए क्यों करना चाहती हो? तो वो बोली कि अभी दोस्तों के साथ मज़े कर लेते है क्योंकि बाद में कुछ नहीं मिलेगा.

    अब तो में चौंक गया और मुझे लगा कि इसने पहले भी सेक्स किया हुआ है तो मैंने उससे कहा कि तो मज़े किस टाईप के? तो वो बोली सब टाईप के तो मैंने कहा कि और? तो उसने मेरी बात काट दी. फिर मैंने उससे कहा कि तुमको मूवी चाहिए तो वो हाँ बोली और मैंने सारी मूवी उसके लेपटॉप में डाल दी. फिर वो किचन में गयी तो मैंने पॉर्न मूवी चालू कर दी तो वो अचानक से पीछे आ गयी और बोली कि ये भी डाल देना. मैंने कहा कि पॉर्न मूवी डालने का क्या फायदा है? तो वो बोली कभी काम आ जाता है.

    मैंने कहा कि अगर तुम चाहों तो में मूवी का मज़ा सच में दे सकता हूँ, तो वो थोड़ा शरमाई और वापस अपने काम पर लग गयी. अब वो कपड़े धो रही थी तो में बोर हो रहा था. फिर में उसके पास गया और कहा कि बोलो क्या तुम्हें सच वाला अनुभव चाहिए? तो वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने सोचा कि अब में इसके साथ सेक्स करके ही रहूँगा. फिर मैंने उसके ऊपर पानी डाल दिया तो वो गीली हो गयी और गुस्सा होकर बोली कि अभी एक जोड़ी कपड़े ही बचे थे वो भी गीले कर दिए तो मैंने सिर्फ स्माइल दी.

    फिर वो कपड़े चेंज करने गयी और फिर वो सिर्फ़ रूमाल में आई, वो क्या मस्त लग रही थी? फिर मैंने उससे कहा कि थोड़ी देर में मेरी ट्रेन है और में वापस जाने वाला हूँ तो तुम बाद में कपड़े धो लेना. फिर उसने कहा ठीक है और मैंने सेक्सी मूवी चालू कर दी. अब वो थोड़ा शर्मा रही थी और फिर में उसके पास जाकर बैठ गया और उसके बूब्स पर धीरे से हाथ रखा तो वो बोली कि क्या कर रहे हो? तो मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और फिर मैंने उसके बूब्स को सहलाना चालू कर दिया. अब उसकी सांसे तेज़ हो रही थी और फिर मैंने उसका रूमाल खींच लिया तो अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी. फिर उसने कहा कि मुझे रूमाल वापस दो तो मैंने मना कर दिया और में फिर से उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो और ज़ोर से आहें भरने लगी थी.

    फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और अब वो मूवी देख रही थी. फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना चालू किया तो अब वो और आहें भरने लगी और मैंने उसकी पेंटी पर अपना हाथ रखा तो वो मना करने लगी, लेकिन फिर मैंने उसकी चूत को सहलाना चालू किया तो वो मना नहीं कर पाई और अब उसे भी मज़ा आने लगा था. अब में अपने कपड़े उतारने लगा और अंडरवियर में आ गया.

    फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया तो वो चौंक गयी कि ये इतना बड़ा और लंबा है, कैसे होगा? तो मैंने कहा तुम बस देखती जाओ. फिर उसके बाद में उसकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसने लगी. अब हम 69 की पोजिशन में थे और अब वो 2 बार झड़ चुकी थी. फिर आखिरकार वो मुझे कहने लगी कि अब जल्दी से डाल दो ज़्यादा देर मत करो तो मैंने अपना लंड ज़ोर से उसकी चूत में डाल दिया, तो वो शॉक हो गयी और कहा कि निकालो इसे बाहर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

    फिर मैंने धीरे-धीरे हिलना चालू किया तो अब उसको भी मज़ा आने लगा तो मैंने ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुदाई की. और अब वो भी खुश होकर बोली कि मैंने पुणे में एक दोंस्त से चुदवाया था, तब से में प्यासी थी और अब जाकर मुझे आराम मिला है और बोली कि अब में जब बोलूँ तब तुम अहमदाबाद आना और मेरी चूत की प्यास बुझाना.

    फिर मैंने काफ़ी देर तक सेक्स किया और फिर कुछ देर बाद में झड़ने वाला था तो उसने कहा कि मेरी चूत में ही डाल दो. फिर मैंने भी वैसा ही किया और अब उसकी प्यास बुझ गयी थी और मेरा भी काम हो गया था. अब शाम हो चुकी थी तो में नाश्ता बाहर से ले आया और फिर हमने नाश्ता किया और उसके बाद मैंने उसे उस पूरी रात में 3 बार चोदा और फिर मैंने हर तीन दिन में वहाँ उसके घर जाकर उसकी खूब चुदाई की.

  • सुमन को चोदा उसके ही घर में

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हैरी है और उम्र 25 साल, हाईट 5 फुट 10 इंच और मेरे लंड का साईज 8 इंच लम्बा है, में एक कंप्यूटर इंजीनियर हूँ और जॉब करता हूँ. में भुवनेश्वर उड़ीसा का रहने वाला हूँ और में एक पंजाबी फेमिली से हूँ. दोस्तों मैंने भी सोचा कि में भी अपनी एक सच्ची घटना आप सब के साथ शेयर करूँ. मुझे उम्मीद है कि आप सबको मेरी यह कहानी जरुर पसंद आयेगी. अब में आपका ज्याद टाईम ख़राब ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ.

    ये बात 3 महीने पहले की है. ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड सुमन की है वो एक स्कूल में टीचर है. में उससे रोज बात करता हूँ, और हमारे बीच फ़ोन सेक्स भी होता था, लेकिन कभी रियल सेक्स का मौका ही नहीं मिलता था, क्योंकि जहाँ हम रहते है वहाँ सब होटल में हमारी पहचान थी. फिर एक दिन रविवार का दिन था और में अपने कंप्यूटर पर स्टोरी पढ़ रहा था, तभी सुमन का कॉल आया.

    सुमन – क्या करे हो?

    में – कुछ नहीं घर पर ही हूँ.

    सुमन – हमसे मिलने आओंगे क्या? आज बहुत मन हो रहा है.

    में – कहाँ मिलना है? और कब?

    सुमन – मेरे घर पर आज कोई नहीं है और में बिल्कुल अकेली हूँ. पापा और मम्मी दीदी के घर गये है और वो शाम को आयेंगे, अभी 10 बज रहे है, तुम 11 बजे तक घर आ जाओंगे क्या?

    में – ठीक है, लेकिन तुम तो कॉलोनी में रहती तो हमें किसी ने देख लिया तो क्या करेगें?

    सुमन – कुछ नहीं होगा, तुम अपनी कार को मेरे घर के सामने पार्क करना और सीधा अंदर आ जाना. में दरवाजा खुला रखूंगी.

    में – ओके, में आता हूँ.

    फिर में तुरंत तैयार हुआ और अपनी कार लेकर निकल गया. सुमन का घर मेरे घर से 5 किलोमीटर की दूरी पर था. फिर मुझे जाते-जाते याद आया कि मैंने कंडोम तो लिया ही नहीं है.

    फिर मैंने एक दवाइयों की दुकान से कंडोम लिया और उसके घर चला गया और फिर कार को पार्क किया और सीधा उसके घर में अंदर घुस गया. फिर उसके घर में जाते ही सुमन ने एक स्माइल दी और दरवाजा बंद कर दिया और वो मेरे गले लग गई वो क्या दिख रही थी? वो लाल कलर की स्कर्ट और सफ़ेद कलर की टी-शर्ट पहने हुए थी और उसका फिगर 36-30-36 साईज का है. फिर सुमन मुझे अपने रूम में लेकर गई और ए.सी चालू किया और मुझे बैठने को कहा.

    फिर वो मेरे लिए सॉफ्ट ड्रिंक लेकर आई और मैंने पिया. अब जब में पी रहा था तो सुमन मेरी जांघो को सहला रही थी. फिर मैंने सॉफ्ट ड्रिंक पीते ही उसको किस करना शुरू किया और वो किस हमारे बीच 15 मिनट तक चली और साथ ही साथ मैंने उसके बूब्स को भी दबाना शुरू किया. अब उसके मुँह से आहह आह्ह्ह की आवाज़ निकल रही थी. फिर मैंने किस करते-करते उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और उसने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था. फिर मेरे पूछने पर बताया कि उसने मेरे लिए कुछ नहीं पहना था.

    फिर उसने मेरी शर्ट उतारी और उसकी स्कर्ट को भी उतार दिया, दोस्तों क्या बताऊँ? वो क्या दिख रही थी? उसके बड़े-बड़े बूब्स और उसकी गांड क्या लग रही थी? अब में और हैरान रह गया, क्योंकि उसने अपनी चूत को शेव किया था. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसको किस करने लगा और साथ ही साथ अपने एक हाथ से सुमन के बूब्स और अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा.

    अब वो भी पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी और आवाज़ निकाल रही थी आआआआआ मज़ा आ रहा है ऊऊऊऊऊऊउऊहह और करो, और करो, बोले जा रही थी. फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और फिर हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये. फिर में सुमन की चूत की तरफ गया और उसकी चूत को चाटने लगा और उसमे उंगली करने लगा. अब में सुमन की चूत को और जोर से चूस रहा था और वो अपने हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी. अब मेरा तो लंड लोहा हो गया था.

    फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये और वो मेरा लंड देखकर बोली कि तुम्हारा लंड कितना बड़ा है? मैंने कहा कि तुम्हें देखकर ये आज कुछ ज्यादा ही टाईट हो रहा है. अब सुमन ने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी और में सुमन की चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था. फिर 20 मिनट के बाद वो झड़ गयी और मैंने उसका सारा पानी पी लिया, क्या टेस्ट था, दोस्तों मज़ा आ गया?

    फिर 10 मिनट के बाद में भी झड़ गया और उसने मेरा सारा पानी पी लिया और अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ कर दिया. उसके बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे और सुमन ने मेरा लंड फिर से चूसना शुरू किया तो अब मेरा लंड 10 मिनट में फिर से तैयार हो गया था. फिर में उसके दोनों पैरो के बीच में आ गया और अपने लंड को सुमन की चूत के सामने लगाकर एक हल्का सा धक्का दिया तो वो छटपटा गई और उसकी आँखों में से पानी निकलने लगा.

    अब सुमन ने मुझे जोर से पकड़ लिया और में कुछ मिनट तक वैसा ही रहा और फिर एक जोर का धक्का दिया तो अब मेरा आधे से भी ज्यादा लंड उसकी चूत के अंदर चल गया और वो चिल्लाने लगी और प्लीज प्लीज निकालो इसे, बहुत दर्द हो रहा है बोल रही थी, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और एक और धक्का दिया तो मेरा पूरा का पूरा लंड सुमन की चूत में पूरा घुस गया. अब वो रो रही थी तो मैंने बोला कि बाबू बस दो मिनट की बात है, फिर तुम्हें भी मज़ा आयेगा.

    फिर 15 मिनट के बाद उसका दर्द कम हुआ और सुमन हहुउऊुउउम्म्म्ममम और जोर से, हमम्म्म में मर गई, आआआम्ममम की आवाज़ निकाल रही थी और अब पूरे कमरे में बस फच-फच आआआअहहुउऊउउ की आवाज़ आ रही थी और सुमन को इतना मज़ा आ रहा था कि अब वो अपनी गांड उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी थी. अब में भी उसको चोदता रहा और साथ ही साथ अब में उसके बूब्स को भी दबाता रहा.

    फिर सुमन 25 मिनट के बाद फिर से झड़ गयी और अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ. तो उसने कहा कि अन्दर मत झड़ना में तुम्हारा पानी अपने मुँह में लेना चाहती हूँ तो मैंने अपना लंड सुमन की चूत में से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा था और बेडशीट पर भी खून ही खून था.

    फिर सुमन ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और उसको चूसने लगी और मेरा सारा पानी सुमन ने पी लिया. फिर में सुमन के ऊपर ही सो गया और फिर कुछ देर के बाद मैंने टाईम देखा तो 2 बज रहे थे और उसके पापा और मम्मी 3 बजे तक आने वाले थे तो मैंने सुमन से कहा कि अब में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ. उसने मना कर दिया कि आज नहीं, लेकिन अगली बार ज़रूर मारना. शायद सुमन को बहुत दर्द हो रहा था.

    फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैंने उससे कहा कि अब कब मिलोगी? तो उसने कहा कि जैसे ही मौका मिलेगा में तुम्हें बता दूंगी. फिर में सुमन को किस करके घर वापस आ गया.

  • बीवी को शिमला में चुदवाया

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. उम्र 32 साल, हाईट 5 फुट 9 इंच, लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा और जिम बॉडी है. ये स्टोरी जून 2013 की है, में और मेरी पत्नी शिमला घूमने गये थे. हमारी शादी को करीब 8 साल हो चुके थे. अब में आपको अपनी पत्नी के बारे में बता दूँ, उसका नाम पूजा है. उम्र 30 साल, हाईट 5 फुट 6 इंच, साईज़ 34-28-36, एकदम गोरी, ठीक ठाक भरी हुई है, उसके बूब्स और गांड पर तो मैंने कितने लोगों को घूरते देखा है और मुझे इससे जलन नहीं होती बल्कि मज़ा आता है. पूजा काफ़ी सुंदर है, में और मेरी पत्नी सेक्स का भरपूर मज़ा लेते है. मुझे उसकी ब्रा-पेंटी उतारने से लेकर उसकी चूत चाटने तो कभी-कभी उसकी गांड चाटने में बहुत ही मज़ा आता है, ख़ास कर जब में उसकी गांड चाटता हूँ तो उसे सिग्नल मिल जाता है कि आज तो में उसकी गांड मार कर ही रहूँगा.

    पूजा भी कभी-कभी अपने आप ही मेरा लंड पकड़कर अपनी गांड में घुसवा लेती है. सच में मेरी पत्नी की गांड मारने का मन हर देखने वाले का करता होगा. पूजा को भी मेरा लंड चूसने में काफ़ी मज़ा आता है. कई बार वो अपनी मर्ज़ी से एकदम नंगी हो कर बिस्तर पर आ जाती है और मेरा लंड चूसने लग जाती है. हम सेक्स में हर तरीका अपनाते है. हमें इसमें काफ़ी मज़ा आता है. हम नेट पर पॉर्न भी देखते तो कभी-कभी सेक्स करते वक़्त में अपने दोस्तों की बीवीयों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो उसे कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन जब में उसको मेरे दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो वो मना कर देती, लेकिन उसे और मुझे सेक्स में इन बातों से बहुत मज़ा आता था.

    अब गर्मियों की छुट्टियों में हम अपने दोस्तों और बच्चो के साथ घूमने गये थे, लेकिन वहाँ भी कोई चान्स नहीं लगा. शायद वो इसके लिए राज़ी भी नहीं होती, क्योंकि वो मेरे सभी दोस्तों की बहुत इज़्ज़त करती थी, लेकिन सेक्स में उसका स्टाईल ही ऐसा था कि इस दौरान मेरी इच्छा होने लगी कि कोई मेरे सामने पूजा को चोदे. ऐसा काफ़ी टाईम तक चलता रहा. फिर एक दिन में मार्केट से वाइब्रेटर लेकर आया और रात को पूजा को सरप्राइज दिया. फिर जब में उसकी गांड मार रहा था तो मैंने वाइब्रेटर उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा तो पूजा आअहह आआआआआआअहह की आवाज़े निकालने लगी और एड्जस्ट करके अपने हाथ से पूरा का पूरा अंदर ले लिया. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, तभी में बोला.

    में : पूजा दूसरा लंड कैसा है?

    पूजा : बहुत अच्छा डार्लिंग.

    में : तुम्हें दो लंड एक साथ अच्छे लग रहे है?

    पूजा : हाँ बहुत.

    में : -सोचो, अगर इस रबड़ के लंड में इतना मज़ा आ रहा है तो असली लंड में कितना मज़ा आयेगा?

    पूजा : हटो, मुझे सिर्फ़ तुम्हारा ही चाहिए, ये ही काफ़ी है.

    में : मेरा क्या?

    पूजा : लंड आआआआआआअहह पूरा घुसाओ ना प्लीज और उसकी चूत से पानी गिरने लगा.

    फिर करीब 1 घंटा सेक्स करने के बाद हम सो गये. फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया कि क्यों ना में पूजा को कहीं उसकी पसंद की जगह पर घूमाने ले जाऊं? शायद कोई बात बन जाए. इसी दौरान एक मॉल में मुझे एक लकी ड्रॉ में एक फ्री ट्रिप शिमला जाने का कूपन मिला तो मैंने पूजा को इस बारे में बताया तो वो बहुत ही खुश हुई. पूजा को शिमला देखना था तो कुछ दिनों के बाद हमने शिमला जाने का प्लान बनाया और मैंने बुकिंग कर दी.

    अब हम अपने तय दिन पर सुबह 4 बजे दिल्ली से अपनी गाड़ी में निकले और सफ़र का मज़ा लेते हुए करीब 1 बजे शिमला रिसोर्ट पहुँच गये. शिमला रिसोर्ट काफ़ी बड़ा और शानदार था. रिशेप्शन पर हमें एक जवान सुंदर लड़का मिला, उसने अपना नाम संदीप बताया और हमें वेलकम कहा. फिर सारी बातें बताने के बाद वो हमें अपने रिसोर्ट के बारे में बताता हुआ हमें हमारे रूम तक ले गया.

    फिर उसने रूम का दरवाजा खोला, रूम अन्दर से काफ़ी अच्छा था. फिर वो हमें रूम की सुविधाओं के बारे में बता कर जाने लगा और जाने से पहले उसने अपना पर्सनेल मोबाईल नम्बर मुझे दिया और कहा कि कभी भी किसी चीज की ज़रूरत हो तो हम उसे कॉल कर सकते है. फिर उसने जाने से पहले एक मेंबरशिप पॉलिसी का भी ज़िक्र किया और बोला पहले आप आराम कर लीजिए फिर में आपको शाम को मिलता हूँ. संदीप काफ़ी स्मार्ट था, हाईट 6 फुट होगी वो काफ़ी गठीले शरीर का था.

    पूजा को भी उसका स्वभाव काफ़ी पसंद आया. अब हम दोनों रूम में अकेले थे. अब मुझसे रहा नहीं गया और हमने फटाफट सेक्स करना चालू कर दिया और थोड़ी देर के लिए सो गये. फिर शाम को हमें संदीप ने पूरा रिसोर्ट घुमाया. अब वो हमारे साथ काफ़ी फ्रेंड्ली हो गया था. में देख रहा था कि उसकी नज़र पूजा पर थी और मुझे ये सब अच्छा लग रहा था, जब बारिश का मौसम था इसलिए हमें काफ़ी सर्दी लग रही थी. फिर हम मॉल रोड़ गये और वहाँ से मैंने पूजा के लिए एक सेक्सी शॉर्ट नाईटी ली.

    अब में मार्केट में पूजा की गांड पर तो कभी बूब्स पर, टच किए जा रहा था. पूजा को ये अच्छा लग रहा था, लेकिन वो मुझे मना कर रही थी कि कोई देख ना ले. अब पूजा काफ़ी खुश थी तो मैंने एक छोटी बोतल विस्की की ले ली तो पूजा ने मना किया, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी. अब हम रिसोर्ट वापस आ गये. फिर करीब 8 बजे हमने लाईट डिनर भी लिया और अपने रूम में आ गये. अब रूम में आते ही मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर लिया तो पूजा मचलने लगी और मेरे से छूटकर उसने अपनी नई नाइटी ली और बाथरूम में जाने लगी. अब मैंने रूम का हीटर चालू कर दिया और संदीप को फोन मिलाया.

    संदीप : हैल्लो.

    में : हैल्लो संदीप, में विशाल बोल रहा हूँ रूम नम्बर ***

    संदीप : ओह, हैल्लो सर कहिए में आपके लिए क्या कर सकता हूँ?

    में : यार आप अपनी पॉलिसी के बारे में बता रहे थे तो क्या आप अभी हमारे रूम में आ सकते हो?

    संदीप : लेकिन, सर अभी तो में व्यस्त हूँ, क्या कुछ देर के बाद आ जाऊं?

    में : कितनी देर में?

    संदीप : मेरी ड्यूटी 9 बजे ख़त्म हो जायेगी, उसके बाद में बिल्कुल फ्री हूँ.

    में : ओके, तुम आ जाना मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है, में तुम्हारा इंतज़ार करूँगा, ओके बाय.

    इतने में पूजा भी फ्रेश होकर बाथरूम से नाइटी पहनकर निकली, वाउ क्या ग़ज़ब लग रही थी वो? उस नाइटी में उसकी भरी हुई सफेद जांघे काफ़ी सेक्सी लग रही थी. उस नाइटी के अन्दर साफ दिख रहा था कि उसने काले कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई है. फिर मैंने भी फटाफट अपने कपड़े उतारे और एक अपनी चड्डी और बनियान में बेड पर उसके साथ आ गया. फिर मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर कर इधर उधर किस करना शुरू कर दिया तो वो गर्म होने लगी. अब वो इस ट्रिप पर बहुत खुश थी, क्योंकि सिर्फ़ वहां हम दोनों ही थे और किसी की टेन्शन भी नहीं थी. फिर मैंने विस्की का एक पेग बनाया और पीने ही वाला था कि पूजा ने मुझे रोक लिया और कहा कि तुम ये मत पियो. (में शराब नहीं पीता ये तो ट्रिप पर सेक्स का मज़ा लेने के लिए ली थी) फिर मैंने पूजा को पीने के लिए मना लिया और एक पेग पूजा को पिला दिया. फिर थोड़ी देर में हम एक दूसरे पर टूट पड़े. अब मेरा हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और वो मेरे शरीर पर हाथ फैर रही थी.

    अब में उसकी नाइटी के अंदर हाथ डालकर कभी उसकी चूचीयाँ दबाता तो कभी उसकी चूत को सहलाता. अब वो सिसकियां भरने लगी थी, अब उसे थोड़ा विस्की का और थोड़ा सेक्स का नशा चढ़ रहा था. तभी मैंने एक और पेग उसे दे दिया और वो पी गयी, अब उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. अब में उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाट रहा था और अब वो आआआहह की आवाज़े निकाल रही थी. इतने में उसने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ा और सहलाने लगी. अब हम 69 पोजिशन में थे और में उसकी पेंटी को बिना उतारे एक तरफ करके उसकी चूत चाटने लगा. अब वो भी मेरा लंड निकाल कर चाटने लगी तो उसके मुँह से ऊऊम्म्म्म हह ऊमम हह की आवाज आ रही थी. अब में एक उंगली पूजा की चूत में और दूसरी उंगली उसकी गांड में अंदर बाहर कर रहा था. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी पूजा अपने मुँह में से लंड निकाल कर बोली.

    पूजा : क्या आप वाइब्रेटर लाए हो?

    में : नहीं, क्यों तुम्हें चाहिए?

    पूजा : नहीं बस, बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए.

    तभी डोर बेल बजी, मैंने देखा तो 9 बज चुके थे. शायद संदीप ही होगा, पूजा को अजीब लगा की कौन है? ऐसे माहौल में सारा मज़ा खराब हो गया था. उसे ये नहीं पता था कि मैंने उसके लिए क्या इंतज़ाम किया है? फिर मैंने पूजा से बोला कि तुम कंबल में ही रहो और में अभी आता हूँ और उसने कंबल से अपने आपको ढक लिया. फिर मैंने डोर ओपन किया तो देखा कि संदीप है. फिर मैंने उसे रूम में अंदर आने को कहा तो वो अंदर आ गया. फिर संदीप ने पूजा को भी हाय बोला और कहा कि मैंने आप लोगों को परेशान तो नहीं किया. फिर मैंने उसे बैठने के लिए कहा और वो उसी साईड में बैठ गया जिस साईड में बेड पर पूजा थी. अब पूजा को नशा चढ़ गया था तो उसने हमारी बातें 2-3 मिनट तक सुनी फिर वो अपना उदास चेहरा दूसरी तरफ करके लेट गई.

    अब में भी कंबल में था और अंदर से पूजा की गांड को सहला रहा था. अब संदीप ने मुझे फटाफट रिसोर्ट की मेंबरशिप के बारे में बताया और में बोला कि ये मेंबरशिप में लेने के लिए तैयार हूँ, लेकिन में इस ट्रिप को यादगार बनाना चाहता हूँ तो संदीप बोला थैंक यू सर, में आपकी हर मदद करने के लिए हाज़िर हूँज अब में अपनी पत्नी के बूब्स भी सहलाने लगा. ये सब संदीप महसूस कर रहा था कि कंबल के अंदर क्या हो रहा है? कंबल में हलचल हो रही थी और पूजा भी चुपके से मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी, लेकिन उसका मुँह दूसरी तरफ था. तभी में कंबल से उठा और जानबूझ कर संदीप के सामने ही पूजा के ऊपर से कंबल हटा दिया.

    अब मेरी पत्नी की गोरी-गोरी नंगी टांगे संदीप के सामने थी तो संदीप की आँखे खुली की खुली रह गयी. अब में उसके सामने ही अपने हाथ से उसकी गांड और कमर सहला रहा था. फिर मैंने संदीप का हाथ पकड़कर पूजा की गांड पर रख दिया, अब पूजा नशे में थी. फिर जब में 2 मिनट में बाथरूम से आया तब तक संदीप पूजा की गीली चूत पर भी हाथ फैर रहा था, कभी पेंटी के अंदर तो कभी पेंटी के बाहर हाथ फेर रहा था. फिर मैंने बेड पर आकर पूजा के मुँह के पास अपना लंड रख दिया और उसके मुँह पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब पूजा ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी और मुँह खोलकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया, वाह्ह अब की बार तो फीलिंग ही कुछ और थी. फिर मैंने पूजा को डॉगी स्टाइल में होने को बोला तो वो हो गयी. फिर संदीप ने भी अब पूजा की पेंटी एक तरफ करके उसकी हल्के बालों वाली चूत के दर्शन किए और उसे चाटने लगा. अब पूजा को भी बहुत मज़ा आने लगा था.

    अब मैंने संदीप को अपने कपड़े उतारने का इशारा किया तो उसने एक बार में ही सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया. अब उसका लंड देखकर में भी खुश हुआ. वो लगभग 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा होगा, वाह क्या लंड था उसका? अब पूजा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे इशारे में रिक्वेस्ट की वो जान गयी थी कि अब तो मना करने में कोई फ़ायदा नहीं है, बस अब तो चुदवाने में ही फ़ायदा है. फिर संदीप ने उसकी पेंटी उतार दी, क्या बात थी पूजा एक अजनबी मर्द के सामने बिल्कुल नंगी क्या लग रही थी? फिर मैंने भी उसकी ब्रा और अपनी चड्डी निकाल दी थी. अब हम तीनों रूम में बिल्कुल नंगे थे और अब रूम कुछ हमारी सिसकियों से तो कुछ हीटर से गर्म हो चुका था. अब संदीप अपना लंड पूजा की चूत पर रगड़ रहा था और साथ ही वो अपने लंड से मेरी पत्नी की चूत पर थप्पड़ भी लगा रहा था.

    अब वो पूजा की चूत पर अपना लंड रखता और हटा लेता. फिर पूजा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और आगे पीछे होकर संदीप के लंड को चूत में घुसवाने की कोशिश करने लगी. तभी पूजा ने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में घुसा लिया तो पीछे से संदीप ने भी जोरदार धक्का लगाया तो उसकी आआआहह की चीख निकल गयी. अब उसका लंड एक बार में ही पूरा अंदर चला गया था, चोद दो और चोदो, पूरा लंड घुसाना प्लीज़ संदीप प्लीज, पहली बार पूजा ने संदीप का नाम लिया था. अब वो पूरी तरह से दो-दो लंड का मज़ा लेना चाहती थी. इस तरह 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे मिशनरी पोजिशन में लेटाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब पूजा संदीप का लंड बड़े मज़े से चूस रही थी और में उसे चोद रहा था. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी गांड चाटने लगा तो पूजा समझ गयी कि अब उसकी गांड की बारी है. उसकी गांड पर मेरी जीभ लगते ही वो काँप उठी.

    फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसाया, अभी आधा ही लंड उसकी गांड में गया होगा कि वो दर्द महसूस करने लगी. वो बोली डार्लिंग धीरे से घुसाओ, में मर जाऊंगी, फिर में बोला कि मेरी रानी अभी तो मेरा आधा ही गया है जब संदीप का पूरा जायेगा तो क्या होगा? और वो स्माइल देने लगी. अब धीरे-धीरे मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और अपनी स्पीड तेज़ कर दी. वो आआआआआआआआआअहह डार्लिंग और तेज़ और तेज़ बोलने लगी. फिर करीब 15 मिनट तक धक्के लगाने के बाद में रुका और संदीप को नीचे से पूजा की चूत में लंड घुसाने के लिए बोला. अब संदीप लेट गया और पूजा उसके ऊपर बैठकर लंड अपनी चूत में लेने लगी और मैंने ऊपर से उसकी गांड में लंड घुसा दिया. अब पूजा को थोड़ी परेशानी होने लगी थी, लेकिन मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, आआआह्ह्ह्ह्ह प्लीज आज मेरी गांड और चूत दोनों फाड़ दो. मारो मेरी और मारो, मुझे जी भरकर चोदो, प्लीज फुक मी, आप तो चाहते ही थे ना कि में दो लंड एक साथ लूँ, अब तो खुश हो आप और चोदो मुझे. अब पूजा की गांड और चूत में से काफ़ी सारा पानी निकल रहा था.

    अब वो एकदम पागल सी हो गयी थी और झड़ने वाली थी तो वो बोली कि संदीप चोदो मुझे, में झड़ने वाली हूँ. इतने में ही उसकी चूत में से बहुत सारा पानी निकलने लगा, आआआआआआहह में गयीईईई और वो ढीली पड़ गयी. तभी हम भी झड़ने वाले थे. फिर मैंने संदीप की तरफ इशारा किया कि अंदर मत निकालना, पूजा के मुँह में निकालना. (पूजा को वीर्य का स्वाद काफ़ी अच्छा लगता है) फिर हम उठकर अपना लंड पूजा के मुँह के पास हिलाने लगे तो पहले में झड़ गया आआआआआआआअहह मेरा वीर्य पूजा के मुँह के अंदर और बाहर दोनों जगह फैल गया था. फिर संदीप का भी निकल गया. फिर पूजा हम दोनों का वीर्य पी गयी और पूजा ने हमारे लंड भी अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिए. अब हम तीनों के चेहरो पर खुशी थी और थोड़ी देर तक हम पूजा को अपने बीच में लेटाकर पड़े रहे. दोस्तों उस रात हमने 3 बार सेक्स किया था.

  • मजबूत लंड से सील तुड़वाई

    हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम चारू मेहता है और मेरी उम्र 22 साल और में अपनी बीकॉम की पढ़ाई गुजरात से कर रही हूँ, मेरे पापा एक सरकारी में टीचर है और मेरी माँ एक हाउस वाईफ है और मेरा एक छोटा भाई भी है. उसका नाम योगेश है और वो अभी अपनी 12th की पढ़ाई कर रहा है. मेरी हाईट 5.6 इंच मेरे फिगर का साईज 34-30-36 है और अभी तक मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद वो भी मुझे मिल ही गया. उसने पहली बार में ही मुझे अपने लंड का स्वाद चखा दिया. दोस्तों इस घटना के बाद मेरा जीवन बिल्कुल बदल गया और अब ज्यादा टाईम बर्बाद ना करते हुए में अपनी कहानी बताती हूँ.

    दोस्तों में जब कॉलेज में थी और अपने घर से दूर रहकर अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर रही थी, तब मेरे साथ मेरी बस में एक लड़का आता था, उसका नाम विशाल था और वो मुझसे दो साल बड़ा था. दोस्तों वैसे तो में कभी भी किसी से बात नहीं करती थी, लेकिन में उसे जानती थी क्योंकि रोज हम दोनों साथ में एक ही बस में सफ़र करते थे.

    एक दिन ऐसा हुआ कि में अपना पर्स अपने घर पर भूल गई और फिर जब बस में टिकट लेने के लिए मैंने बेग में देखा तो मुझे पता चला कि में पैसे साथ में नहीं लाई हूँ, विशाल यह सब देख रहा था और उसने दिन मेरे भी टिकट के पैसे दे दिए और फिर उस दिन से हम एक दूसरे से बातें करने लगे और जब में अपने कॉलेज के दोस्त के साथ कहीं बाहर घूमने जाती थी तो उसे भी अपने साथ बुला लिया करती थी, क्योंकि बातचीत करने के बाद से हमने अपना अपना मोबाईल नंबर भी एक दूसरे को दे दिया था. एक बार हम साथ में फिल्म देखने के लिए चले गये और मेरी पास वाली सीट पर विशाल बैठा हुआ था और दूसरी वाली सीट पर में और उसके पास वाली सीट पर मेरी दोस्त कोमल और उसका बॉयफ्रेंड बैठे हुए थे. फिर जब फिल्म शुरू हुई तो वो दोनों तो अपने में व्यस्त थे, आधे घंटे के बाद विशाल ने अचानक से मेरे हाथ पर हाथ रख दिया. मुझे भी अब अच्छा लगने लगा.

    फिर उसके बाद वो मेरे हाथ पर अपना हाथ फेरने लगा, लेकिन पता नहीं क्यों में उसे मना नहीं कर सकी? और फिर उसने मुझे अपनी और खींचा और एक लिप किस किया. दोस्तों मेरा वो पहला लिप किस था. मुझे भी अब बहुत अच्छा लगने लगा और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर क्या था? यह सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा और हम ऐसे ही एक दूसरे के बहुत नज़दीक आ गये. उसके बाद में हमारा हर रोज का घूमना फिरना और फिर किस करना लगातार हो गया. फिर एक दिन उसने मुझे अपने एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में बुलाया और मैंने भी उसे वहां पर आने के लिए हाँ कह दिया, तो वो मुझे उसके एक दोस्त के फ्लेट पर ले गया.

    मुझे लगा कि यहीं पर जन्मदिन की पार्टी होगी इसलिए विशाल मुझे यहाँ पर लाया है, लेकिन जब विशाल ने अपनी जेब से फ्लेट की चाबी निकालकर फ्लेट का ताला खोला तो मैंने देखा कि अंदर कोई नहीं था, तो में झट से समझ गई कि विशाल ने मुझसे झूठ बोला था कि उसके किसी दोस्त की जन्मदिन की पार्टी है और फिर मैंने तुरंत ही विशाल से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहाँ पर कोई नहीं है इसलिए में तुम्हे यहाँ पर लाया हूँ ताकि हम यहाँ पर शांति से बैठकर बात सकते है. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि चलो ठीक है और अब हम रूम के अंदर बैठे हुए थे और विशाल ने मेरा एक हाथ पकड़ा हुआ था.

    फिर विशाल ने कहा कि कितनी गर्मी है और यह बात कहकर उसने मेरा दुपट्टा खींच लिया. वैसे मैंने तो जींस और टी-शर्ट पहनी थी, लेकिन बाहर से यहाँ आने तक आते समय चेहरे को छुपाने के लिए वो दुपट्टा में साथ में लाई थी. तभी उसने एकदम से अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबा, सहला रहा था और अब में कुछ बोलूं उससे पहले उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और में तो उसके किस में लीन थी और वो मेरे बूब्स और निप्पल को ज़ोर देकर दबा रहा था और अब उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया, मैंने अंदर हरे रंग की ब्रा पहनी हुई थी और अब मुझे बहुत शरम आ रही थी, क्योंकि आज पहली बार में किसी लड़के के सामने ऐसे बैठी हुई थी और जब वो मेरी ब्रा को भी उतारने वाला था तो मैंने उससे कहा कि विशाल प्लीज ऐसा मत करो, हमको यह सब नहीं करना चाहिए.

    विशाल ने कहा कि में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ. मैंने कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ, लेकिन यह सब बिल्कुल गलत है, हमें यह सब अभी नहीं करना चाहिए, लेकिन वो तो अभी भी मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था और में उससे अब कुछ भी बोल ना सकी और मैंने उसको वो सब करने दिया जो वो मेरे साथ करना चाहता था और अब उसने मेरी ब्रा और जींस दोनों को उतार दिया और अब उसने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिए. अब वो मेरे सामने अंडरवियर और में उसके सामने अपनी पेंटी में थी. मेरी पेंटी अब अंदर से बिल्कुल गीली हो गई थी.

    फिर विशाल ने मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मुझे लगातार किस कर रहा था और फिर उसने अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया. मुझे बहुत रोमांच महसूस हुआ, क्योंकि यह सब मेरा पहली बार था और अब वो मेरी चूत पर अपना हाथ फेर रहा था. दोस्तों मेरी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो उसपर हाथ रगड़ रहा था और में उस अनुभव से छटपटा रही थी. फिर उसने मेरे एक हाथ को लेकर अपनी अंडरवियर में डाल दिया, जिसकी वजह से उसका तनकर खड़ा हुआ लंड मेरे हाथ में आ गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि इसके आगे मुझे क्या करना चाहिए?

    फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसे ऊपर नीचे करो, तो में जैसा वो कहता वो सब करने लगी और अब उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि वो अपनी उंगली को मेरी चूत में पूरी तरह अंदर घुसाता और फिर एकदम से पूरा बाहर की तरफ खींचता, उसके ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने से मेरी छोटी सी चूत अब धीरे धीरे फैलने लगी थी. फिर में भी पूरे जोश से उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरी चूत में से पानी निकल गया, लेकिन उसका अभी भी बाकी था.

    फिर उसने मुझसे कहा कि थोड़ा और ज्यादा स्पीड से करो तो मैंने उसकी अंडरवियर को उतार दिया और में अब और भी स्पीड से उसका लंड हिलाने लगी. उसका लंड शायद 7 इंच का था और अब कुछ ही देर बार उसका भी पानी निकल गया और थोड़ा सा मेरे हाथ पर गिरा तो मैंने देखा कि वो बहुत बदबूदार था. फिर मैंने अपनी जींस से उसको साफ कर दिया और अब हम दोनों बेड पर ऐसे ही पड़े रहे, थोड़ी देर बाद वापस विशाल मुझे छू रहा था, लेकिन मुझे भी अच्छा लग रहा था. में भी फिर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी और फिर विशाल मेरे ऊपर आ गया और अब उसने मेरी पेंटी को निकाल दिया.

    में उसके सामने बेड पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी. अब विशाल मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरी चूत में उगली डालने लगा. सबसे पहले उसने अपनी एक उंगली डाली और बाद में दो और बाद में तीन, मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर रोक दिया, वो मेरे ऊपर आ गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.

    मेरी यह चुदाई पहली बार थी और शायद उसकी भी इसलिए उसका लंड आसानी से अंदर जा नहीं रहा था. बहुत मेहनत के बाद उसका थोड़ा सा लंड चूत में चला गया, लेकिन मेरी तो एकदम बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और मुझे लग रहा था कि मेरी चूत से खून भी बहुत निकलेगा और अब में बहुत कोशिश कर रही थी कि विशाल अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल ले, लेकिन वो तो वैसे ही मेरे ऊपर लेटा रहा और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.

    फिर कुछ देर बाद मुझे थोड़ा सा दर्द कम हुआ और अब तक लंड आधा अंदर चला गया था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब दस मिनट में ही मेरी चूत से पानी निकल गया और अब में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती थी. फिर मैंने विशाल को बोला कि प्लीज तुम अब अपना लंड बाहर निकालो, लेकिन वो मना कर रहा था कि मेरा अभी निकला नहीं है. फिर मैंने उसे समझाया कि हम यह सब बिना कॉंडम के नहीं कर सकते, इस तरह करने से समस्या बहुत ज्यादा होती है. में तुम्हारा अपने हाथ से हिलाकर निकाल दूंगी.

    फिर वो मेरी बात मान गया और फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल दिया, तब मैंने देखा कि उसका लंड बहुत ही मोटा था और आगे से थोड़ा सा खून से भी गीला था जो मेरी चूत का था और फिर हम बाथरूम में गये और में विशाल के लंड को हाथ से हिलाने लगी और वो मुझे किस कर रहा था और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा रहा था. फिर थोड़ी ही देर में विशाल का वीर्य निकल गया और वो एकदम शांत हो गया. फिर हम दोनों ने हाथ पैर धोए और फ्रेश होकर अपने अपने कपड़े पहन लिए. विशाल ने मुझे एक गिफ्ट भी दिया जिसमे एक नई टी-शर्ट थी. मैंने उसको हग कर लिया और एक लंबी सी किस दी और उसके बाद हम वहां से निकल गये और वो मुझे मेरे घर तक छोड़ गया. तो दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई अपने बॉयफ्रेंड के साथ.