एक रात मैं रोज की तरह अपनी मां के साथ सो रहा था. अचानक मुझे पेशाब लगी और मैं पेशाब करने के लिये उठा तो देखा कि मां गहरी नींद में थी और अपने पैरों को मोड़ के सो रही थी. जिस वजह से मुझे उसकी छोटे – छोटे बालों से भरी रसीली चूत देखने को मिल गई. एक बार जो मेरी नज़र उस पर गई तो मैं उसे देखता ही गया. हालांकि, डर की वजह से मैं और कुछ नहीं कर सका. फिर थोड़ी देर बाद करने गया. वहां मैंने पेशाब करने के बाद मां के नाम की मुठ मारी.
फिर उस रात मैंने आगे बढ़ाने की सोची. रात में बहुत ज्यादा ठंड पड़ी थी. मैं और मां एक ही रजाई में सो रहे थे. ठंड की वजह से मां मेरी तरफ घूम कर मुझसे चिपक कर सो रही थी. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं इसी उधेड़बुन में था कि कैसे आगे बढूं? इसी बीच उनका एक पांव मेरी कमर पर आ गया था, जिस वजह से मुझे उनकी नंगी चूत दिखने लगी थी.
यह देख मैंने बिना ज्यादा हिले – डुले मां की जांघों पर अपने हाथ फेरना शुरू कर दिया और फिर धीरे – धीरे उनकी चूत तक पहुंच गया. उनके चूत के बालों में हाथ फिराने के साथ – साथ मैं उनकी चूत को भी सहला रहा था. मेरी मां के चूत से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी. जिससे मेरा अपने ऊपर से नियंत्रण कम होता जा रहा था. फिर धीरे से मैंने अपना पजामा नीचे किया और मेरा 7 इंच लम्बा लंड बाहर निकला. दोस्तों, मेरा लंड अब तक खड़ा होकर एक दम कड़क हो चुका था. फिर मैं अपने लंड को मां की चूत पर घिसने लगा. जिस वजह से मेरे लंड से थोड़ा – थोड़ा पानी आने लगा था और मां चूत भी गीली हो गयी.
यह देख जब मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया तो मैंने मां की चूत के छेद पर अपना लंड रखा और धीरे से दबा दिया. दोस्तों, पापा के देहांत के बाद से मां ने चुदाई नहीं की थी, इसलिए उनकी चूत का छेद बहुत ज्यादा टाइट था. फिर मैंने थोड़ा और जोर लगाया तो मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में अंदर चला गया.
फिर मैंने मां की ओर देखा. वो अभी भी अपनी आंख बंद किए गहरी नींद में सो रही थी. फिर मैंने अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाला. लंड फच्च की आवाज के साथ बाहर निकल आया. उसके साथ थोड़ा पानी भी बाहर आ गया लेकिन ज्यादातर पानी उनकी चूत की गुफा में समा गया था. फिर मैंने मां की चूत को साफ करने के लिए अपना मुंह उनकी चूत पर ले गया और जुबान से चाट कर उसे साफ कर दिया. चूत साफ करने के बाद मैंने मां की नाइटी को ठीक किया और उनके पास सो गया.
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